diff --git "a/train.csv" "b/train.csv" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/train.csv" @@ -0,0 +1,37752 @@ +folksong,language +"प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +जान्दा जाह ना आवीं फेर , +ओत्थे बेपरवाही ढेर , +ओत्थे डहल1 खलोन्दे शेर , +तूँ वी फँधिआ जावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +खूह विच्च यूसफ पायो ने , +फड़ विच्च बाज़ार विकायो ने , +तूँ कौडी मुल्ल पवावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +नेहुँ ला वेख जुलेखाँ लए , +ओत्थे आशक तड़फण पए , +मजनूँ करदा है है है , +तूँ ओत्थों की ल्यावेंगा ? +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +ओत्थे इकनाँ पेवस्त2 लुहाइदे , +इक्क आरेआँ नाल चिराईदे , +इक्क सूली पकड़ चढ़ाईदे , +ओत्थे तूँ वी सीस कटावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +घर कलाल दा तेरे पासे , +ओत्थे आवण मस्त प्यासे , +तूँ वी जीअ ललचावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +दिलबर हुण ग्यौं कित लौ3 , +भलके की जाणा की हो , +मस्ताँ दे ना कोल खलो , +तूँ वी मस्त सदावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा । +बुल्लिआ गैर शरा ना हो , +सुक्ख दी नींदर भर के सौं , +मुँहों ना अनलहक्क4 बगो5 , +चढ़ सूली ढले गावेंगा । +प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा , पिच्छों पछतावेंगा ।",panjabi-pan +"बन्दोनी +तरी नानी नानी नार रे , नानी तरी नानी नाना रे नान । +दूधदूध माँ गोड़े धोबायबे , घीवय मा पाव परवारबे । +कोने बंदाबे हथियार रे , +घोरिया कोने बन्दावे श्रगार । +कैय दिना पूजही हथिया रे घोरिया , +कैय दिना पूजहीं श्रंगार । +तरी नानी नानी ना रे , नानी तरी नानी नाना रे नान । +दूधदूध मान गोड़े धोबायबे , घीवय मा पाव परवारबे । +शब्दार्थ गोड़ेपैर , धीवयघी , हथियाहाथी , घोरियाघोडा , कैयकितने , पूजहीपूरेंगेरहेंगे । +दुल्हन जब अपने मातापिता से विदाई के समय आशीर्वाद लेने जाती है तब दुल्हन कहती है हे माँपिता आज तुम मेरे पैर पानी से मत धोना । आज तुम मेरे पैर दूध और घी से धोना । तुम आज मुझे आशीर्वाद या विदागी क्या दोगे ? माँ कहती है – बेटी तुम्हें मैं क्या विदाई दूँगी । तुझे मैं एक हाथी और एक बड़ा घोडा बिदागी विदाई में दूँगी । उन पर सारा क्षृंगार सजावट की सामग्री तुम्हारे पिता देंगे । बेटी कहती है माँ ये हाथीघोडा मुझे कितने दिन साथ देंगे या ये कब तक मेरे साथ रहेंगे । +तब माँ कहती तुम्हारा कहना ठीक है । एक चीज मैं और देना चाहती हूँ । मेरा ��हनने का सारा क्षृगार सोनेचाँदी के आभूषण वस्त्रादी सब मैं तुझे देना चाहती हूँ । बेटी ने कहा ये भी कितने दिन साथ देंगे ? तब माँ कहती है बेटी तू चिंता मत कर , हाथीघोड़े जब तक हैं , तब तक तो तेरे साथ रहेंगे । यह क्षृंगार सुहाग तेरे सब दिन साथ रहेगा । इससे बढ़कर हमारा आशीर्वाद तुम्हारे साथ हमेशा रहेगा ।",baiga-mis +"10 +बाप करे पयार ते भाई वैरी डर बाप दे हथों पये संगदे ने +गुझे मेहणे मारदे सप वांगूं उसदे कालजे नूं पये डंगदे ने +कोई वस ना लगदा कड छडन देंदे मेहणे रंग बरंग दे ने +वारस शाह एह गरज है बहुत पयारी होर साक ना सैन ना अंग दे ने",panjabi-pan +"281 +अवे सुनी चाका सुआह ला मुंह ते जोगी होयके नजर भवा बैठों +हीर सयाल दा यार मशहूर रांझा मौजां मन्न के कन्न पड़ा बैठों +खेड़े यार लै गए मुंह मार तेरे सारी उमर दी लीक लवा बैठों +तेरे बैठयां वयाह लै गए खेड़े दाड़ी परे दे विच मुणा बैठों +जदों डिठया चाआ ना कोई लगे ए बूहे नाथ दे अंत नूं जा बैठों +मंग छडीए नहीं जे जान होवे बली वधरा छड हया बैठों +अमल ना कीतो ई गाफला ओए ऐवें कीमियां उमर गवा बैठों +वारस शाह तरयाक1 दा थां नाहीं हथीं जहर तूं खा बैठों",panjabi-pan +"विदाई गीत +पीपर्या पाणिन माली पर ताड़ेनो पाते रो । +याहयणी तारो वाजो मांगो , मीन मकी भालूँ वो । +पीपर्या पाणिन माली पर , बोरिनो झीकरो । +झीकरेझीकरे आव वो , याहयणी पाणि मी वताड़ूवो । +पीपर्यापानी नामक गाँव के पठार पर ताड़ के पत्ते हैं । समधन से कहना है कि तेरा बाजा माँगता हूँ , नहीं तो तेरी मक्का की रखवाली नहीं करूँगा । आगे कहा गया कि पठार पर बेर के काँटे हैं तू काँटो से होकर आ , मैं तुझे पानी बता दूँगा ।",bhili-bhb +"माँगे टीका लाड़ो माँगे, ए वोही न लाये बने +माँगे1 टीका लाड़ो2 माँगे3 ए वोही4 न लाये बने5 । +अच्छी नइहर बाली माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने ॥ 1 ॥ +नाको बेसर लाड़ो माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने । +अच्छी भइया पेयारी माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने ॥ 2 ॥ +कानो बाली6 लाड़ो माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने । +अच्छी अब्बा पेयारी माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने ॥ 3 ॥ +हाथों कँगन लाड़ो माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने । +हाथों पहुँची7 लाड़ो माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने । +अच्छी नइहर वाली माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने ॥ 4 ॥ +जाने8 सूहा9 लाड़ो माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने । +अच्छी भइया पेयारी माँगे , वोही रँग काहे न लाये बने ॥ 5 ॥",magahi-mag +"ऐसी चुंदड��िया लाओ मेरे बाबा +ऐसी चुंदड़िया लाओ मेरे बाबा वाऊ पै रतन जड़ाइये +आधी चुनड़िया पै मानक मोती आधी पै रतन जड़ाइये +चुनड़ी ओढ़ लाजो बैठी है चौक पै केस लिये छिटकाये +अब का सरम रही है मेरे बाबला बैठी हूं चारों दल जोड़ कै +एक आपु दल दूजा बापु दल तीजा दल राजा भातिये +चौथा दल साजन का लड़का मुकुट बांध घर आइये +ऐसी चुंदड़िया लाओ मेरे बाबुल वाऊ पै रतन जड़ाइये",haryanvi-bgc +"285 +भेत दसना मरद दा कम्म नाहीं मरद सोई जो वेख दम घुट जाए +गल जीऊ दे विच जो रहे खुफिया काउं वांग पैखाल1 ना सुट जाए +भेत दसना किसे दा भला नाहीं भावें पुछ के लोक नखुट जाए +वारस शह ना भेत संदूक खुले भावें जान दा जंदरा टुट जाए",panjabi-pan +"महेंदी ते वावी मालवे ने +मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . . +नानो दिअर्यो लाडको ने काइन लाव्यो मेहँदी नो छोड़ रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . . +मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . . +वाटी कूटी ने भर्यो वाटको ने भाभी रंगों तमारा हाथ रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . +मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . . +हाथ रंगीने वीरा शु करूं रे एनो जोनारो परदेस रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे +मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . . +लाख टका नू रोकडा रे कोई जाजो दरिया पार रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . +मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे +मेहँदी रंग लाग्यो रे . . . .",gujarati-guj +"इनी धरती आदो नींपज्यो आदा का चिकणा ते पान जी +इनी धरती आदो नींपज्यो , आदा का चिकणा ते पान जी । +इनी कूक दुल्लवजी नींपज्या , माँगऽ माँग छे कन्या को दानजी । +कन्या को दान ते बाबुल बहोत दोयलो , +मूरख सी दियो नी जाय । +लड़की कांय खऽ पाळई रे बाबुल , कांय खऽ पोसी , +कांय खऽ पायो जी काचो दूध । । +माया खऽ पाळई रे बाबुल , माया खऽ पोसी , +माया खऽ पायो काचो दूध जी । +चरवो भी दियो रे बाबूल , गंगाळ भी दीनी , +तो भी नी समझ्या दयालजी ।",nimadi-noe +"आल्हा ऊदल +बीड़ा पड़ गैल बघ रुदल के रुदल बीड़ा लेल उठाय +मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ाम +जलदी आल्हा के बोलवावल भाइ चलव हमरा साथ +करों बिअहवा सोनवा के दिन रात चले तलवार +गड्गन धोबी दुरगौली के बावन गदहा ढुले दुआर +मुड्गर लाद देल गदहा पर लड़वयौ आफत काल +दानी कोइरी बबुरी बन के सिहिंन लाख घोड़े असवार +चलल जे पलटन बघ रुदल के जिन्ह के तीन लाख असवार +रातिक दिनवाँ का चलला में धावा पर पहुँचल बाय +डेरा गिरावे दुरगौली में डेरा गिरौले बाय +जोड़ गदोइ रुदल बोलल भैया सुनीं आल्हा के देल बैठाय +नौ सौ सिपाही के पहरा बा आल्हा के देल बैठाय +रुदल चल गैल इंद्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल बनाय +एत्तो बारता बा रुदल के नैना गढ़ के सुनीं हवाल +भँटवा चुँगला बा नैना के राजा इंदरमन के गैल दरबार +रुदल के भाइ अल्हगं है दुरगौली में डेरा गिरौले बाय +तीन लाख पलटन साथन में बा आल्हा के तैयारी बाय +हाथ जोड़ के भँटना बोलल बाबू इंदरमन के बलि जाओं +हुकुम जे पाऊँ इंदरमन के आल्हा के लेतीं बोलाय +एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा बड़ मड्गन होय जाय +जेह दिन लैबव आल्हा के तेह दिन आधा राज नैना के देब बटवाय",bhojpuri-bho +"फुल गजरा ओ दाई बर +फुल गजरा ओ दाई बर , फुल गजरा । +गुथौँ महामाई के बर , फुल गजरा ॥ +काहेन फूल के गजरा , अव काहेन फूल के हार । +काहेन फूल के माथे मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +चंपा फूल के गजरा , चमेली फूल के हार । +मोंगरा फूल के माथे मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +कौन माइ बर गजरा , अव कोन माइ बर हार । +कोन माइ बर माथ मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥ +बुड़ी माइ बर गजरा , अव मंझली माइ बर हार । +सीतला माइ बर माथ मकुटिया , सोला हो सिंगार ॥ +माइ बर फूल गजरा ओ दाई बर फुल गजरा । +गुथौँ हो मालिन के अंगना , फुल गजरा ॥",chhattisgarhi-hne +"आज दिन सोने का कीजो महाराज +आज दिन सोने का कीजो महाराज +सोने को सब दिन , रूपों की रात , +मोती के कलसे भराऊँ महाराज ॥ आज दिन . . . +आज बहूरानी मेरे घर में है आई +नौबतनगाड़े , बजवाऊँ महाराज ॥ आज दिन . . . +हरेहरे गोबर अँगना लिपाऊँ +बंदनवारें बँधवाऊँ महाराज ॥ आज दिन . . . +सखीसहेलिन सबकू बुलवा के +मंगलगीत गवाऊँ महाराज ॥ आज दिन . . . +साजसिंगार बहू को करवा के +राईनोन उतारूँ महाराज ॥ +आज दिन सोने को कीजे महाराज् ॥",braj-bra +"336 +तेरियां सेलियां तों असीं नहीं डरदे कोई डरे ना भीलदे साग कोलों +ऐवें मरीदा जानसे एस पिंडों जिवें खिसकदा कुफर है बाग कोलों +सिर कज के तुरेंगा झब जटा जिवें सप उठ चलदा डांग कोलो +ऐवें खपरी सुट के जाएंगा तूं जिवें धाड़वी खिसकदा काग कोलों +मेरे डिठया गई है जान ते���ी जिवें चोर दी जान झलांग1 कोलों +तेरी टोटड़ी2 फरकदी सप वांगू आ रन्नां दे डरी उपांग3 कोलों +ऐवें खौफ पैसी तैनूं मारने दा जिवें सूकदा पैर उलांग कोलों +वारस शाह इस जोगी दी चोग मुकी पानी मंगदे नेजे दी सांग कोलों",panjabi-pan +"रणिहाट नी जाणू गजेसिंह, हल जोता का दिन, गजेसिंह +रणिहाट नी जाणू गजेसिंह , हल जोता का दिन , गजेसिंह +छिः दारु नी पेणी गजेसिंह , रणिहाट नी जाणू , गजेसिंह +हौंसिया छै बैख गजेसिंह , बड़ा बाबू को बेटा , गजेसिंह +त्यरा कानू कुंडल गजेसिंह , त्यरा हातू धगुला , गजेसिंह +त्वे राणी लूटली गजेसिंह , रणिहाट नी जाणू , गजेसिंह +तेरो बाबू मारेणे गजेसिंह , राणिहाट नी जाणू गजेसिंह +बैरियों का बदाण गजेसिंह , सांपू का डिस्याण , गजेसिंह +बड़ा बाबू को बेटा गजेसिंह , दरोलो नी होणो , गजेसिंह +मर्द मरी जाँदा गजेसिंह , बोल रई जांदा , गजेसिंह ।",garhwali-gbm +"नन्हीं-नन्हीं बुँदियाँ (सावन-गीत) +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे +सावण का मेरा झूलणा +एक सुख देखा मैंने अम्मा के राज में +हाथों में गुड़िया रे , सखियों का मेरा खेलणा +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे… +एक सुख देखा मैंने , भाभी के राज में +गोद में भतीजा रे गळियों का मेरा घूमणा +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे… +एक सुख देखा मैंने बहना के राज में +हाथों में कसीदा रे फूलों का मेरा काढ़णा +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे… +एक दु : ख देखा मैंने सासू के राज में +धड़ी धड़ी गेहूँ रे चक्की का मेरा पीसणा +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे… +एक दुख देखा मैंने जिठाणी के राज में +धड़ी धड़ी आट्टा रे चूल्हे का मेरा फूँकणा +नन्हींनन्हीं बुँदियाँ रे +सावण का मेरा झूलणा",khadi_boli-mis +"बसन्ती रँगवाय दूंगी +बसन्ती रंगवाय दूँगी जा लाँगुरिया की टोपी ॥ +जो लाँगुर तौपै कपड़ा नाँयें , जो लाँगुर तौपे . . . +कपड़ा तोय दिवाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥ +बसन्ती रंगवाय दूँगी . +जो लाँगुर तोपे सिमाई नायें , जो लाँगुर , +सिमाई मैं मरवाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥ +बसन्ती रंगवाय दूँगी . +जो लाँगुर तोपे कुर्ता नायें , जो लाँगुर , +दुपट्टा फारि सिमाय दूँगी , जा लाँगुरिया की टोपी . . . ॥ +बसन्ती रंगवाय दूँगी .",braj-bra +"तालरिया मगरिया .. +तालरिया मगरिया रे मोरू बाई लारे रया +आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे यो म्हाने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो ���े धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +कुण थाने बोल्या रे मोरू बाई बोलणा +कुण तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरां वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो रे धोरां वालो देश बीरो बिण्जारो रे +सासूजी बोल्या रे मोरू बाई ने बोलणा +नळदल तो दिनी झिणी गाळ बीरो बिण्जारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +बीरो बिण्जारो रे मोरू ने लागे प्यारो रे +आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे +आयो रे धोरा वाळो देश बीरो बिण्जारो रे",rajasthani-raj +"जच्चा मेरी भोली +जच्चा मेरी भोली –भाली री +के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री +सासनणद की चुटिया फाड़ै +आई गई का लहँगा री +के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री +ससुर –जेठ की मूछैं फाड़ै +आए गए का खेस उतारै +के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री +जच्चा मेरी भोली –भाली री +मैं याणीस्याणी मेरा घर न लुटा दियो +मैं याणीस्याणी मेरा घर न लुटा दियो । +सासू की जगह मेरी अम्मा को बुला दियो +मैं याणीस्याणी मेरा घर न लुटा दियो +सासू का नेग मेरी अम्मा को दिला दियो +बक्से चाबी मेरी चोटी मैं बाँध दियो +मैं याणीस्याणी मेरा घर न लुटा दियो । +ननद की जगह मेरी बहना को बुला दियो +ननदण का नेग मेरी बहना को दिला दियो +मैं याणीस्याणी मेरा घर न लुटा दियो ।",khadi_boli-mis +"लमाना लमाना लमाना बेटा +लमाना लमाना लमाना बेटा +लमाना लमाना लमाना बेटा +लमाना बेटा लमाना रे +लमाना बेटा लमाना रे +चोखा चावल पीला रे हल्दी +चोखा चावल पीला रे हल्दी +पीली रे हल्दी न्यूता भेज्यो +पीली रे हल्दी न्यूता भेज्यो +आजा रे काका केन भुलायो बेटा +आजा रे काका केन भुलायो बेटा +आजा रे काका केन भुलायो रे +आजा रे काका केन भुलायो रे +सोने की जाजोम बिछायो बेटा +सोने की जाजोम बिछायो बेटा +रुपे की जाजोम बिछायो रे +रुपे की जाजोम बिछायो रे +बिछायो बिछायो बिछायो बेटा +बिछायो बिछायो बिछायो बेटा +आजा रे काकाकेन बैठायो रे +आजा रे काकाकेन बैठायो रे +आजा रे काका ने बैठायो रे बेटा +आजा रे काका ने बैठायो रे बेटा +रामा रे रुमाय लियो रे +रामा रे रुमाय लियो रे +रामा रे रुमाय लियो रे बेटा +रामा रे रुमाय लियो रे बेटा +बातो रे चीतो बोलियो रे +बातो रे चीतो बोलियो रे +बातो रे चीतो बोलियो रे बेटा +बातो रे चीतो बोलियो रे बेटा +पान रे बीड़ा पिलायो रे +पान रे बीड़ा पिलायो रे +पान रे बीड़ा पिलायो रे +लमाना लमाना लमाना बेटा +लमाना लमाना लमाना बेटा +लमाना बेटा लमाना रे +लमाना बेटा लमाना रे +स्रोत व्यक्ति मांगीलाल , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"अंगिका बुझौवल +बन जरेॅ , बनखंड जरेॅ +खाड़े जोगी तप करेॅ । +दीवाल , भीत +फूलेॅ नै फरै ढकमोरै गाछ । +ढिबरी +हीलेॅ डोरी , कूदेॅ बाथा । +डोरीलोटा +फूल नै पत्ता , सोझे धड़क्का । +पटपटी मोथा जाति का एक पौधा +मीयाँ जी रोॅ दाढ़ी उजरोॅ +मकरा नाँचै सूतोॅ बढ़ेॅ । +ढेरा सें सुथरी की रस्सी बाँटना +जोड़ा साँप लटकलोॅ जाय +सौंसे दुनिया बन्हलोॅ जाय । +रस्सी +छोटकी पाठी पेट में काठी +पाठीकाठी रग्गड़ खाय +सौंसे गाँव दिया जराय । +दियासलाई +उथरोॅ पोखर तातोॅ पानी +ललकी गैया पीयेॅ पानी । +दिया +करिया हाथी हड़हड़ करेॅ +दौड़ेॅ हाथी चकमक बरेॅ । +बादल बिजली +झकमक मोती औन्होॅ थार +कोय नै पावै आरपार । +आकाश और तारे +नेङड़ा घोड़ा हवा खाय +कुदकी केॅ छप्पर चढ़ि जाय । +धुआँ +जल काँपै , तलैया काँपै +पानी में कटोरा काँपै । +जल में चाँद की परछाँही",angika-anp +"103 +मलकी जाए के वेहड़े विच पुछदी ए वेहड़ा केहड़ा भाइयां सावयां1 दा +साडे माही दी खवर है किते अड़ियो किधर मारया गया पछोतावयां दा +जरा हीर कुड़ी उहनूं सददी ए रंग धोवंदी पलंघ देयां पावयां दा +रांझा बोलयां सथरो मन्न आकड़ एह जे पिआ सरदार नथावयां दा +सिर पटे सफा कर सोए रिहा जिबे बालका मुन्नया बावयां दा +वारस शाह जयों चोर नूं मिले वाहर2 उमे साह मरे मारया हावयां दा",panjabi-pan +"गड़ौ है हिंडोला नौलख बाग में +गड़ौ है हिंडोला नौलख बाग में जी , +ऐजी जहाँ झूले कुँवरि निहाल । 1 । +लम्बे2 झोटा दे रही ऊदा भाट की जी । +एजी कोई आय रही अजब बहार । 2 । +सात सहेली झूलें मिल संग में जी , +ऐजी कोई गावत राग मल्हार । 3 । +घुमड़ि 2 के बादल गरजते जी , +ऐजी कोई नहनीनहनी पड़त फुहार । 4 । +रिमझिम 2 मेहा बरसते जी । +ऐजी कोई सीरीसीरी चलति बयारि । 5 । +कोकिल बैनी गावें कामिनी जी , +ऐजी कोई आनंद बढ़े अपार । 6 । +मोर पपीहा बोलत बाग में जी +ऐजी कोई कोयल रही है पुकार । 7 । +अधिक सुहावनो सावन मास है जी । +ऐजी जाकी शोभा अपरम्पार । 8 ।",braj-bra +"सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +दुक्खाँ सुक्खाँ कीता एक्का , ना कोई सहुरा ना कोई पेक्का , +दरद विहूणा1 पई दर तेरे , तूँ हैं दरद हन्झाई2 दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +कढ्ढ कलेजा करनीआँ बेरे3 , एह भी नहीं लाएक तेरे , +होर तौफीक4 नहीं विच्च मेरे , पीओ कटोरा पाणी दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +हुण क्यों रोन्दे नैण निरासे , आपे ओड़क फाही फासे , +हुण ताँ छुट्टण औखा होया , चारा नहीं निमाणी दा । +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा । +बुल्ला सहु प्या हुण गज्जे हश्क दमामा सिर ते वज्जे , +चार दिहाड़े गोएल वासा5 , ओड़क कूच नक्कारे दा , +सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों तन दा लहू छाणीदा ।",panjabi-pan +"जागो वशी वारे ललना-जागो मोरे प्यारे +जागो वंशी वारे ललनाजागो मोरे प्यारे +रजनी बीती भोर भयो है , +घरघर खुले किवाड़े । जागो . . . +गोपी दही मथत सुनियत है , +कंगना के झनकारे । जागो . . . +उठो लाल जी भोर भयो है , +सुर नर ठांड़े द्वारे । जागो . . . +ग्वाल बाल सब करत कोलाहल +जयजय शब्द उचारे । +माखन रोटी हाथ में लीन्हीं , +गउवन के रखवारे । जागो . . . +मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर +शरण मैं आई तिहारे । जागो . . .",bundeli-bns +"सरद दुलइया +कीनें कीकौ चुरा लओ चैन रे ? +मीठी पीरा जा कीकी देंन रे ? +नैनूँ की कान्हा नें करबे चोरी , +कौनउँ गुजरिया की गागर फोरी । +बचौ न काँसतिनूका कोरौ +दई सारस नें लम्बी तान रे ; +देखौ सरद जुन्हइया को सान रे । +नौनी दुलइया धरनि सकुच्याबै , +दूलाअकास मगन मुस्क्याबै । +सेंमरगिँदउआसे बदरा उड़उड़ +धीरेंधीरें डुला रए चौंर रे ; +उठी हियरा में मीठी हिलोर रे । +मनइँमनें मुसक्या रइँ रानी ; +भऔ नदिया कौ निरमल पानी । +सोंन मछरिया अत छनकीली +मचलें घुँघटा में प्यासे नैन रे ; +मन देखत भऔ बेचैन रे । +धान गरब सें भर इठलाई , +कनकछरी नइ भारन भाई । +ताल तलइयन के ऐना में +चोखे रूपेसी चिलकै रैन रे ; +मुखसोभा खिली है पुरैन रे । +जुनरी के भुंटा भए गदरारे , +सहजइँ करत हैं वारेन्यारे । +चाल हंस की लख मतवारी +रिसिमुनियैन कौ टूटै ध्याँन रे , +जौ है सरद दुलइया कौ मान रे ।",bundeli-bns +"201 +दुर्रे1 शरह दे मार उधेड देसां करां उमर खिताब दा नयां हीरे +घत कखां दे बिन मैं साड़ सुटां तैनूं वेखसी पिंड गरां हीरे +अखीं मीट के वकत लघा मोईए एह जोबना बदलां छां हीरे +खेड़े करीं कबूल जे खैर चाहवें छड चाक रंझेटे दा नां हीरे +वारस शाह हुण आसरा रब्ब दा ए जदों विटरे2 बाप ते मां हीरे",panjabi-pan +"निमंत्रण +भावनाओं के रिश्ते में रचा आमंत्रण , जो देवता , प्रकृति के समस्त उपादान , स्वजनों के साथ साथ सभी वर्ग एवं वर्ण के उन सभी लोगों को आमंत्रित करता है जो किसी न किसी नाते सहयोगी बनकर जीवन में आते हैं . +प्रात जो न्युतुं में सुरीज , सांझ जो न्युतुं में चन्द्रमा +तारण को अधिकार ज्युनिन को अधिकार किरनन को अधिकार , +समायो बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये +ब्रम्हा विष्णु न्युतुं मैं काज सुं , गणपति न्युतुं मैं काज सुं +ब्राह्मण न्युतुं मैं काज सुं , जोशिया न्युतुं मैं काज सुं , ब्रह्मा न्युतुं मैं काज सुं , +विष्णु श्रृष्टि रचाय , गणपति सिद्धि ले आय , +ब्राह्मण वेड पढाए , जोशिया लगन ले आय , +कामिनी दियो जलाय , सुहागिनी मंगल गाय , +मालिनी फूल ले आय , जुरिया दूबो ले आय , +शिम्पिया चोया ले आय +दिन दिन होवेंगे काज सब दिन दिन होवेंगे काज , +समायो बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये +बढ़या न्युतुं मैं काज सूं , शंख घंट न्युतुं मैं काज सूं +सब दिन दिन होवेंगे काज , +समायो बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये +बाजनिया न्युतुं मैं काज सूं , बहनिया न्युतुं मैं काज सूं , +भाई बंधू मैं न्युतुं मैं काज सूं , सब दिन दिन होवेंगे काज , +समायो बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये +बढया चोका ले आय , शंख घंट शब्द सुनाय , +बाजनिया बाजो बजाय , आन्गानिया ढहत लगाय , +बहनियाँ रोचन ले , भाई बंधू शोभा बढ़ाय +अहिरिणी दहिया ले आय , गुजरिया दूधो ले आय , +हलवाई सीनी ले आय , तमोलिया बीढो ले आय , +सब दिन दिन होवेंगे काज , +समायो बधये न्युतिये , आज बधये न्युतिये",kumaoni-kfy +"खोल उधली की कांगना +खोल उधली की कांगना , तेरी माए बाहण का भागना +खोल रानी के डोरियां तेरी मां बाहण गोरियां",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +लड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल बवन्तर हाथ +पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जाय +नाता नव् राखब एह भैया के +जेतना जे गहना बा देहन के डोला में देल धराय +बावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल ब्यालिस हाथ +पड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी मार +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव डाले पाँव +सात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल सतासी रात +सात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव सोनवा हटे बनाय +घैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन लेल अली के नाम +जौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर लेल बचाय +दोसर तेगा हन मारे कँगना पर लेल बचार +तेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर लेल बचाय +कूदल बहुरिया ओजनी से कूदल बवन्तर हाथ +पकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती में देल गिराय +लै के दाबल ठेहुना तर राजा राम राम चिचियाय +पड़ल नजरिया समदेवा के स���देव रोवे जाय बेजार +हाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा बात मनाव +पहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिर +एतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी बड़ मोहित हाय जाय",bhojpuri-bho +"503 +अनी भरो मुठी हाय हाय मुठी एस बिरहों दे ढिड विच सूल होया +लहर पेढूयों उठ के पवे सीने मेरे ढिड दे विच डंडूल1 होया +तलब डुब गई सरकार मेरी मैंनूं इक न दाम वसूल होया +लोक नफे दे वासते लैन तरले मेरा मन वही चैढ़ मूल होया +अम्ब बीज के दुध दे नाल पाले वी तती दे अंत बंबूल2 होया +खेढ़यां विच ना परचदा जिउ मेरा शाहद3 हाल दा रब्ब रसूल होया",panjabi-pan +"काला दाम्मन चक्कर काटै +काला दाम्मन चक्कर काटै +जम्फर करै कमाल मेरा +ज्यादा मत ना बोलिये +मारूंगी हरिया रूमाल मेरा",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +घैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलाय +जौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +लोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल पराय +तब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बात +पलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनान +चलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव राड़ +एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जाय +तूँ सोनवा के कर जव बिअहवा काहे बैढ़बव राड़ +एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जाय +सुनीं बारता समदेवा के +काँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँस +तेगा के माँड़ो छ्ँवौले बा +नौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठाय +सोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में +पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझार +जाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझार +मूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझार",bhojpuri-bho +"हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर +हो जाओ हो जाओ दयाल महामाई अबकी बेर +सोरह गऊ के मैया गोबर मंगाये मोरी माता +तो रुचरुच भुवन लिपाये मोरी माता +तो मुतियन चौक पुराये मोरी माता +तो चंदन के पलना डराये मोरी माता । +अबकी बेर +चंदन पटरी डराओ मोरी माता +चौमुख दिया जलाओ मोरी माता +अबकी बेर +अपने ललन खों कंठ लगायें मोरी माता +अबकी बेर",bundeli-bns +"चीकन मटिया कोड़ि मँगाएल +‘‘आगि लागे परभु चुनरिया , वलकवा के हाँसुल हे । +बजर पड़े चढ़न के घोड़वा , नइहर कइसे तेजब हे ॥ ’’ +अँगना जे लिपली1 दहादही2 माड़ो3 छावली हे । +ताहि चढ़ि भइया निरेखे4 ���हिनी चलि आवल हे ॥ 1 ॥ +मचिया बइठल मोरा धनिया5 त धनिया सुलच्छन6 हे । +धनिया , आवऽ हथिन7 बाबा के दुलारी , गरब8 जनि बोलहु हे ॥ 2 ॥ +आवहु हे बहिनी , आवहु , मोरा चधुराइन हे । +बहिनी , बइठहु बाबा चउपरिया9 मंगल दस गावह , गाइके10 सुनावहु हे ॥ 3 ॥ +गाएब11 हो भइया गाएब , गाइ के सुनाएब हे । +भइया , हमरा के का देवऽ दान , लहसि12 धरवा जायेब हे ॥ 4 ॥ +गावहु , ए ननद गावहु , गाइके सुनावहु हे । +ननदो , जे तोरा हिरदो13 में समाए14 लेइके15 घरवा जाहुक16 हे ॥ 5 ॥ +हमरा के दीहऽ चुनरिया , बलकवा के हाँसुल17 हे । +भउजी , प्रभु के चढ़न के घोड़वा , लहसि घर जाएब हे ॥ 7 ॥ +कहाँ पाएब लाली चुनरिया , बलकवा के हाँसुल हे । +ननदो , कहवाँ पाएब चढ़न के घोड़वा , लउटि18 घरवा जाहु हे ॥ 7 ॥ +रोइत जाइह19 ननदिया , बिलखइत जाहइ भगिनवाँ न हे । +हँसइत जाहइ ननदोसिया , भले रे मान20 तोड़ल हे ॥ 8 ॥ +चुप रहु चुप रहु , धनिया , मोर चधुराइन हे । +हम जएबो राजा के नोकरिया , दरब21 लेइ22 आएब23 हे ॥ 9 ॥ +तोहरा ला24 लएबो चुनरिया , बलकवा के हाँसुल हे । +अपना ला चढ़न के घोड़वा , नइहर बिसरावहु25 हे ॥ 10 ॥ +आगि लागे परभु चुनरिया , बलकवा के हाँसुल हे । +बजर26 परे चढ़न के घोड़वा , नइहर कइसे27 तेजब28 हे ॥ 11 ॥",magahi-mag +"माता डूंगर खटकी म्हें सुण्यो +माता डूंगर खटकी म्हें सुण्यो +सुन्नो घड़े रो सुनार +मोरे कसूम्बो रगमग्यो +सोनी घड़जे ईश्वर राम को मंूदड़ो +म्हारी रणु बाई दो नौसरियो हार +सोनी हार की छोलण ऊतरे +म्हारा सुभद्रा बई हो तिलक लिलाट +गोरे कसुम्बो रगमग्यो",malvi-mup +"हमनी के रहब जानी दूनू हो परानी +हमनी के रहब जानी दूनू हो परानी +अंगना में कींचकाँच दुअरा पर पानी +खाला ऊँचा गोर पड़ी चढ़ल बा जवानी +देशविदेश जाल‍ऽ टूटही पलानी +केकरा पर छोड़के जालऽ टूटही पलानी +कहत महेंदर मिसिर सुनऽ दिलजानी +केकरा से आग मांगब , केकरा से पानी",bhojpuri-bho +"सागुन सागुन डो डोंगरा सागुन +सागुन सागुन डो डोंगरा सागुन +सागुन सागुन डो डोंगरा सागुन +डोंगरा सागुन केन न्यूता कूले +डोंगरा सागुन केन न्यूता कूले +चोखा चावली डो पीला हल्दी +चोखा चावली डो पीला हल्दी +पीला हल्दी डो न्यूता कूले +पीला हल्दी डो न्यूता कूले +जामुन जामुन डो गाडा जामुन +जामुन जामुन डो गाडा जामुन +गाडा जामुन केन न्यूता कूले +गाडा जामुन केन न्यूता कूले +चोखा चावल डो पीला हल्दी +चोखा चावल डो पीला हल्दी +पीला हल्दी डो न्यूता कूले +पीला हल्दी डो न्यूता कूले +स्रोत व्यक्ति कालूराम , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"अमे महियारा रे गोकुल गाम ना +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना , +म्हारे नहीं वेचवा ने जावा . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +मथुरा नि वाट महि वेचवा ने निसरी , +नटखट ऐ नंदकिशोर मांगे छे दाळजी , +म्हारे दाळ देवा ने लेवा . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +मावडी जसोदा जी कानजी ने वारो , +दुखड़ा झीले हज़ार नंदजी नो लालो , +म्हारे दुःख सहवा ने कहवा . . . . . . . . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना . +जमना ने तीरे कानो वासली वगाडतो , +भुलावे भान शान ऊंघ थी जगाडतो , +म्हारे सखी जोवा ने जावा . . . . . . महियारा रे गोकूळ गाम ना , +अमे महियारा रे गोकूळ गाम ना .",gujarati-guj +"उलान्या मास ऐगे, खुदेड़ वगत +उलान्या मास ऐगे , खुदेड़ वगत , +बार रितु बौडी ऐन , बार फूल फूली गैन +औंदौ की मुखड़ी न्याल्दू , +जांदौं की पिल्वाड़ी । +एक दाणी चौलू बोदी , मैं उमली औं , +निरमैतीण छोरी बोदी , मैं मैंत जौं +भग्यान्यौं का भाग होला , +जौंका पीठी जौंला भाई +मैत बोलाला , रीत जणाला +जौं दिशौं ध्याण्यो का गोती होला मैती , +तौ दिशौं ध्याणी मैत जाली देसु +सरापी जायान माँजी , विधाता का घर +जनी कनी पुतरी चुली माँ जी , +एक विराली पालदी +कुत्ता पालदो , पैरो जागा देन्दो । +केक पाली होलू माँ जी , +मैं निरासू सी फूल ।",garhwali-gbm +"वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली , +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली । +कीता मुड़के पाणी पाणी , +भिज गया मेरा सूट जापानी , +पिघले गर्मी नाल जवानी , +मखणा नाल जो पाली , +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली । +रंग मेरा जिवें अंब सिन्दूरी , +कूले हथ्थ जिओं घ्यो दी चूरी , +फूँक भरा ए पख्खा खजूरी , +तलियां दी जड़ गाली , +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली । +रूप मेरे दा जे लैणा नज़ारा , +सुण वे पिंड देया लम्बड़दारा , +मन्न लै आखा ना ला लारा , +कहन्दीऊ हीर सियाली , +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली । +बिजली दे पख्खेयाँ लाईयां बहारां , +सुखी शहर दियाँ सब मुटियारां , +झल्लन पखियाँ पिंड दीआं नारां , +आये न बिजली हाली , +वे लै दे मैंनू मखमल दी पख्खी घुंगुरुँआं वाली ।",panjabi-pan +"लिछमन के बाण लगा रै सक्ती लिछमन कै +लिछमन के बाण लगा रै सक्ती लिछमन कै । +ऐसा रै होय कोई बीरा नै जिवाले +आधा राज सबाई धरती , लिछमन कै । +कै तो जिवाले स��ता रै सतबंती +कै तो जिवाले हनुमान जती , लिछमन कै । +क्यों तै जिवाले सीता रै सतबंती , +क्यां तै जिवाले हनुमान जती , लिछमन कै । +सत तै जिवाले सीता रै सतबंती , +बूटी तै जिवाले हनुमान जती , लिछमन कै ।",haryanvi-bgc +"ए मेरी पतरी कमर नारो झुब्बादार लाइयो +ए मेरी पतरी कमर नारो झुब्बादार लाइयो +झुब्बादार लाइयो करेलीदार लाइयो +ऐ मेरी पतरी कमर . . . . . +तुम सहर बरेली जाइयो , आच्छा सा सुरमा लाइयो +लगाइयो अपने हाथ , नारी झुब्बादार लाइयो +ऐ मेरी पतरी कमर . . . . +तुम सहर बनारस जाइयो , बढ़िया सी साड़ी लाइयो +बन्धाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो +ऐ मेरी पतरी कमर . . . +तुम मथुरा जी को जाइयो , अच्छे पेरा लाइयो +खवाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो +ऐ मेरी पतली कमर . . . +तुम बिन्दराबन को जाइयो , आच्छौ सो लहंगो लाइयो +पहनाइयो अपने हाथ , नारो झुब्बादार लाइयो +ऐ मेरी पतली कमर . . .",haryanvi-bgc +"सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी +पु सड़के सड़के जान्दिये मुटिआरे नी +कंडा चुबा तेरे पैर बांकिये नारे नी । +कौन कड्डे तेरा कांडड़ा मुटिआरे नी , +कौन सहे तेरी पीड़ बांकिये नारे नी । +स भाबो कड्डे मेरा कांडड़ा सिपाईया वे , +वीर सहे मेरी पीड़ मैं तेरी मेहरम नायों । +पु खुअे ते पाणी भरेंदिये मुटिआरे नी , +पाणी दा घुट पिआ , बांकिये नारे नी । +स अपना भरया न दवां सिपाईया वे , +लज्ज पई भर पी , मैं तेरी मेहरम नायों । +पु घड़ा तेरा जे भन्न देयां मुटियारे नी , +लज्ज1 करां टोटे चार , बांकिये नारे नी । +स घड़ा भजे कुम्ह्यारां दा सिपाईया वे , +लज्ज पट्टे दी डोर मैं तेरी मेहरम नायों । +सस्स वड्डे वेले दी टोरियें सुण नूअड़िये +आयियों शामां पा नी भोलीए नूअड़िये । +स उच्चा लम्मा गाबरू सुण सस्सोड़िये , +बैठा झगड़ा पा नी भोलिए सस्सोड़िये । +सस्स ओ तां मेरा पुत्त लग्गे सुण नूअड़िये +तेरा लागदा ए खौंद2 नी भोलीए नूअड़िये3 । +भर कटोरा दुधे दा नी सुण नूअड़िये , +जाके खौंद मना नी भोलीए नूअड़िये । +पु तेरा आंदा मैं न पियाँ मुटिआरे नी , +खुई वाली गल सुणा नी बांकिये नारे नी ओ । +स निक्की हुन्दी नू छड्ड गया सिपाईया वे , +हुण होइयां मुटिआर मैं ता तेरी मेहरम होई । +सौ गुनाह मैनूं रब बख्शे सिपाईया वे , +इक बख्शेंगा तू , मैं तेरी मेहरम4 होई ।",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +दहू भगवान गरदौआ झोॅर +बकरी भागतै जैबोॅ घोॅर । +हम्में बाबू मचोल पर +लेद्धोॅ छौड़ा हेठ में । +चान मामू चान मामू खुरपा देॅ । +सेहो खुरपा कथ�� लेॅ ? +घसवा गढ़ावै लेॅ । +सेहो घसवा कथी लेॅ ? +गइया खिलावै लेॅ । +सेहो गइया कथी लेॅ ? +दहिया जमावै लेॅ । +औंटल गेल , पौटल गेल +कोठी तर जनमायल गेल +जोरन आनै गेलाँ छी गोबर माखी ऐलाँ छी +नया पोखर गोड़ धोलाँ , पोठिया मछली पैलाँ । +चूल्हा लगाँ गेलाँ , पाकै वास्तें देलाँ +चूल्हा में छेलै बुबुआ +सेहो काटलकै बुबुआ । +चाँन मामू , चाँन मामू चाभी देॅ । +सेहो चाभी कथी लेॅ ? +घरवा खोलबावै लेॅ । +सेहो घरवा कथी लेॅ ? +गेहुँमा निकालै लेॅ । +सेहो गहुँमा कथी लेॅ ? +अटवा पिसवावै लेॅ । +से हो अटवा कथी लेॅ ? +पुड़िया पकावै लेॅ । +सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? +भौजो के पटवौ लेॅ । +सेहो भौजो कथी लेॅ ? +नूनू के जन्मौ लेॅ । +सेहो नूनू कथी लेॅ ? +गुल्लीडंटा खेलै लेॅ । +गुल्लीडंटा टूटी गेल +नूनू बाबू रूसी गेल । +नानी गेलौ पानी भरेॅ +भात भेलौ गील +भात नै खैबोॅ भुजा भुजी दे +भुज्जा भेलौ कुटुरमुटुर +बहू करी दे +बहू भेलौ धुमधाम +टका फेरी दे +टका भेलौ गड़बड़ +आबेॅ बेलें पापड़ ।",angika-anp +"पड़दा ओल्है जच्चा बोलै राजन उरै बुलाओ जी +पड़दा ओल्है जच्चा बोलै राजन उरै बुलाओ जी +राजन उरै बुलाओ जी +झूमदा झामदा राजन आया हम नै क्या फरमाओ जी +हम नै क्या फरमाओ जी +सूंठ तो सठवा की ल्यावो खांड तो खंडवा की ल्यावो +घीव तो सुरही का ल्यावो मेवा तो काबुल का ल्यावो +गून्द तो अजमेरी ल्यावो इतना सौदा ल्यावो जी +इतना सौदा ल्यावो जी +सौदा ल्याय आंगण बिच ऊम्या सौदा किसने सौंपा जी +सौदा किसनै सौंपा जी +सास नणद का नहीं भरोसा भीतर ही लै जाओ जी +भीतर ही लै जाओ जी +दोनूं मिलकै फोड़न लाग्गै सूंठ भड़ाभड़ फोड़ी जी +सूंठ भड़ाभड़ फोड़ी जी +दोनूं मिलके पीसण लाग्गै भारी चाकी फेरी जी +भारी चाकी फेरी जी +दोनूं मिलकै लाडू बांधै बड़े बड़े लाडू बांधै जी +बड़े बड़े लाडू बांधै जी +लाडू बान्धै पति जीभ सम्भालै इक लाडू दबकावै जी +इक लाडू दबकावै जी +सुन सुण जी म्हारे राजदिवाने चोरी ना खट्टयावै जी +चोरी ना खट्टयावै जी +राजा जी जाय बजार में बैठे आ आ लड़ैं बिलाई जी +आ आ लड़ैं बिलाई जी +प्यार मित्तर न्यू उठ बोले या के कुबध कमाई जी +या के कुबध कमाई जी +म्हारी धण नै बेटा जाया लाडूडा बन्धवाया जी +लाडूडा बन्धवाया जी +ये लडै मेरी सुसरी बिलाई हमनै ना चखाया जी +हम नै ना चखाया जी",haryanvi-bgc +"काजर काय पे दइये कारे +काजर काय पे दइये कारे । +बारे बलम हमारे । +साँज भये ब्यारी की बैराँ +करें बिछोना न्यारे । +जब छुव जात अनी ज��वन की +थर थर कँपत विचारे । +का काऊ खाँ खोर ‘ईसुरी’ +फूटे करम हमारे ।",bundeli-bns +"86 +हीर ढाह के आखया मियां चाचा चूरी देह जे जीऊणा लोड़ना एं +नहीं ते मारके जिंद गवा देसों मैंनूं किसे ना हटकणा होड़ना एं +बन्ह हथ ते पैर लटका देसां लड़ लड़कियां नाल की जोड़ना एं +चूरी देह खां नाल हया आपे वारस शाह दे नाल अजोड़ना एं",panjabi-pan +"तन कौ कौन भरोसों करनैं +तन कौ कौन भरोसों करनैं । +आखिर इक दिन मरनैं । +जौ संसार ओस कौ बूँदा , +पवन लगै सें ढुरनें । +जौ लों जी की जियन जोरिया +जी खाँ जे दिन भरनें । +ईसुर ई संसारै आकें । +बुरै काम खों डरनें ।",bundeli-bns +"गुनी जनन सें +या तौ सब कृपा तुम्हार आय । +मैंने कुछ डरेपरे रोरा +जब गाँस बए जाघनताघन , +तुम ओखें मन्दिर कहन लगे +थापो देबी कौ सिंघासन ; +यौ धुजानारियल तुम जानों +मोरौ कन्नी कौ कार आय । +मैंनें माटी में डार दए +कुछ रकतपीसना के दानें , +तब चनाचरपटा मुठीमुठी +तुमनें हीरामुतियाँ मानें ; +यौ घटीमुनाफा तुम जानों +मोरौ अँधरौ रुजगार आय । +जब गमइँगाँव की भासा में +मैंनें अपनौ जी बहराओ +तब सुखदुख के इन बोलन में , +तुमनें कुछ अपनोंसौ पाओ ; +जेखें तुम कबिता कहन लगे +वा हिरदे कै उलछार आय ।",bundeli-bns +"एके तेल चढ़गे कुँवरि पियराय +एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +दुवे तेल चढ़गे महतारी मुरझाय । । +तीने तेल चढ़गे फूफू कुम्हलाय । +चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय । । +पांचे तेल चढ़गे भईया बिलमाय । +छये तेल चढ़गे भउजी मुसकाय । । +साते तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +हरदी ओ हरदी तैं साँस मा समाय । । +तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमरेंव । +मंगरोहन ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव । ।",chhattisgarhi-hne +"अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे +अँगना बहारइत1 चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । +चेरिया , बबुआ जी के पारु न हँकरवा , 2 महलिया में कुछो काम हे ॥ 1 ॥ +पोथिया जे बिगलन3 बबुआ दुअरवे पर , 4 अवरो दलनवा5 पर हे । +मचिया बइठल तुहूँ भउजी , त सुनहऽ बचन मोरा हे ॥ 2 ॥ +भउजी , कउची6 महलिया कुछो काम , त हमरा बोलावल जी । +बबुआ , भइया जी के पारु न हँकरिया , त दरदे बेयाकुल जी ॥ 3 ॥ +भइया , रउरा महलिया त कुछो काम , भउजी बोलावले जी । +पसवा त फेंकलन परभु जी बेलवा तरे , अउरो बबूर तरे हे । +भनसा7 पइसल तुहूँ धनियाँ , कउन काम हमरा बोलऽवलऽ जी ॥ 4 ॥ +डाँर मोरा फाटे करइले8 जोगे , ओटिया चिल्हकि मारे हे । +सामी , लामीलामी केसिया भसम9 लोटे , धरती अन्हार लागे हे ॥ 5 ॥ +अतना बचनियाँ परभु जी सुनलन , त दे���ी जी मनावन चललन हे । +देबी जी , तिरिया पर होहु न सहइया , अब न तिरिया पास जइबो हे ॥ 6 ॥ +पहिले जे धनियाँ मोरा महितऽ , त अउरो में चूमि लेती हे । +धनियाँ , मगही ढोली10 पनवा चभइती , 11त जँघिया बइठइती हे । +धनियाँ , लाली रे रजइया हम ओढ़उती , त कोरबा12 ले के सुतती हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"तारा री चुंदरी +बईसा रा बीरा , जयपुर जाजो जी +आता तो लाइ जो , तारा री चुंदरी . . . +सुन्दर गौरी , पोत बतावो जी +कसिक ल्यावा , तारा री चुंदरी . . . +बईसा रा बीरा , हरा हरा पल्ला जी +कसुमल रंग की , तारा री चुंदरी . . . +म्हारी मिरगा नैनी , ओढ़ बतावो जी +कसिक सोवे , तारा री चुंदरी . . . +बईसा रा बीरा , ननद हटीली जी , +ओढ़न नहीं दे , तारा री चुंदरी . . . +म्हारी चंदा बदनी , ओढ़ बतावो जी , +महेला में निरखा , जाली री चुंदरी . . . +बाईसा बीरा , जयपुर जाजो जी , +आता तो लाइ जो , तारा री चुंदरी , +महेला में निरखा , जाली री चुंदरी",rajasthani-raj +"काहे कटोरी तेरा उबटन हाँ जी बेटी, काहे कटोरी है तेल +काहे1 कटोरी तेरा उबटन हाँ जी बेटी , काहे कटोरी है तेल । +सोने कटोरी है तेरा उबटन , और रूपे कटोरी है तेल ॥ 1 ॥ +कौन लगावे तेरा उबटन , हाँ जी बेटी , कौन लगावे तेल । +दादी लगावे उबटन हाँ जी बेटी , नानी लगावे तेल ॥ 2 ॥ +सहानी लाड़ो2 कौम लगावे तेल । +अम्माँ , लगावे तेल हाँ जी लाड़ों , चाची लगावे तेल ॥ 3 ॥ +बाली3 भोली कौन लगावे तेल । +हाँ जी बेटी , कौन लगावे उबटन , कौन लगावे तेल ॥ 4 ॥",magahi-mag +"कोसिका-कोसिका पुकारै +कोसिकाकोसिका पुकारै +कोसिका मैया लोभीत हे +अबरो के लहरा समेटोॅ +कोसिका मैया लोभीत हे +हम्में कैसे लहर समेटवै , +ऐलै मुख्य भादो हे +सातो बहिन झूमर खेलबै , +आँठमें बरेला भैया हे +गंगागंगा पुकरौं , गंगा मैया लोभीत हे +अबरो के लहरा समेटोॅ , गंगा मैया लोभीत हे +हम्में कैसे लहरा समेटवै , ऐलै मुख्य भादो हे +सातो बहिन झूमर खेलबै आँठवे बरेला मैया हे ।",angika-anp +"बारात के रास्ते का गीत +उभो रे मयदान मा , उभो रहयो रे बेना । +बइं ना वाटे , उभो रहयो रे बेना । +बणवि ना वाटे , उभो रहयो रे बेना । +भाइ ना वाटे , उभो रहयो रे बेना । +भोजाइ ना वाटे , उभो रहयो रे बेना । +फुवा वाटे , उभो रहयो रे बेना । +फुइ ना वाटे , उभो रहयो रे बेना । +गांवल्या वाटे , उभो रहयो रे बेना । +बना रुक गया है , क्यों रुका ? उसकी बहन पीछे रह गई थी , इसलिए रुका । इस प्रकार सम्बन्धियों के नाम लेकर गाते हुए गीत आगे बढ़ता चला जाता है ।",bhili-bhb +"ओ रघुबर न कोउ विपत्ति के साथी +ओ रघुबर न कोउ विपत्ति के साथ�� +एक विपत्ति राजा दशरथ पड़ गई +राम लखन वनवासी ओ रघुबर . . . +दूसरी विपत्ति श्री राम पे पड़ गई +वनवन फिरत उदासी । रघुबर . . . +तीसरी विपत्ति रावण पे पड़ गई +लंका जली दिन राती । रघुबर . . . +चौथी विपत्ति रावण पे पड़ गई +थाहि लगी जन घाती । रघुबर . . .",bundeli-bns +"गोखुला में बाजले बधइया तो अउरो बधइया बाजे हे +बधैया +गोखुला में बाजले बधइया1 तो अउरो बधइया बाजे हे । +ललना , जलमल सीरी2 नंदलाल , नंद घर सोहर हे ॥ 1 ॥ +सोने के हँसुआ बनायम , 3 गोपाल नार4 छीलम5 हे । +ललना सोने के चौकिया6 बनायम , किसुन नेहलायम7 हे ॥ 2 ॥ +पीयरे8 बस्तर9 अंग पोछम , पीतामर पहेरायम10 हे । +पइरबा11 में पइजनी पहरायम , गोपाल के नेहलायम हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"58 +उठीं सुतया सेज असाडड़ी तों लम्मा सुसरी वांग की पया हैं वे +राती किते उनींदरा कटो ई ऐडी नींद वाला लुड़ गया हैं वे +सुन्नी देख नखसमड़ी सेज मेरी कोई आलकी आन ढह पया हैं वे +इके ताप चढ़या जिन्न भूत लगे इके डैण किसे भख लया हैं वे +वारस शाह तूं जींवदा घूक सुत्तों इके मौत आई मर गया हैं वे",panjabi-pan +"हरी जरी जरकस की अंगिया +हरी जरी जरकस की अंगिया +ऊपर हाल हजारी +नजरबन्द म्हे किया हो राज +म्हारा बना छे जी राज +पांव तेरे मखमल का मोजा +मेंदी राची पांव +अंग तेरे अतलस रा जामा +सीना मोती चूर +कमर तेरे सवा लाख खा पटका +पटके में मोहर पचास +दुलमेन बहोत अजाब +गले तेरे सवा लाख की कंठी +जरद जनोई कंठी +कान तेरे दरिया पार रा मोती +सीस तेरे जरतार रा चीरा +पेंचों पेंच गुलाल +सीस तेरे फूलन्दा सेहरा +सिर झालारिया मोड़ +चढ़न तेरे सवा लाख री तेजी +फलाणा राम भये असवार +पीछे तेरे बेहाल रे ढोला +नाजो रूप सरूप",malvi-mup +"म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी +म्हें थांने पूछां म्हारी धीयड़ी +म्हें थांने पूछां म्हारी बालकी +इतरो बाबा जी रो लाड़ , छोड़ र बाई सिध चाल्या । +मैं रमती बाबो सो री पोल +मैं रमतो बाबो सारी पोल +आयो सगे जी रो सूबटो , गायड़मल ले चाल्यो । +म्हें थाने पूंछा म्हारी बालकी +म्हें थाने पूंछा म्हारी छीयड़ी +इतरों माऊजी रो लाड़ , छोड़ र बाई सिध चाल्या । +आयो सगे जी रो सूबटो +हे , आयो सगे जी रो सूबटो +म्हे रमती सहेल्यां रे साथ , जोड़ी रो जालम ले चाल्यो । +हे खाता खारक ने खोपरा +रमता सहेलियां रे साथ +मेले से हंसियों लेइ चाल्यों +हे पाक्या आवां ने आबंला +हे पाक्यां दाड़म ने दाख +म्लेइ ने फूटर मल वो चाल्यो +म्हें थाने पूंछा म्हारी धीयड़ी +इतरों बापा जी रो लाड़ , छोड़ने बाई सिध चाल्यो ।",rajasthani-raj +"कहमां बहै मैया कमलेश्वरी +कहमां बहै मैया कमलेश्वरी , +कहमां बहै माता कोसिका । +अलापूर बहै माता कमलेश्वरी , +तिरहुत बहै माता कोसिका । +दया करू माया करू +कोसिका माय , चंडालिनी +नगरक लोग करै छै किलोल । ।",angika-anp +"चिरइयाँ बोलन लगीं +पिया जागउ भई भिनुसार +चिरइयाँ बोलन लगीं",kanauji-bjj +"15 +रांझा आखदा भाबियो वैरनो नी तुसां भाइयां नालों विछोड़या जे +खुशी रूह नूं बहुत दिलगीर करके तुसां फुल गुलाब दा तोड़या जे +सके भाइयां नालों विछोड़ मैंनूं कंडा विच कलेजे दे पोड़या जे +भाई जिगर ते जान सां असीं अठे वखो वख न चाए विछोड़या जे +नाल वैर दे रिकतां छेड़ भाबी , सानूँ पिटणा होर चमोड़िया जे +जदों साफ हो टुरनगियां वल जन्नत वारस शाह दी सांग न मोड़या जे",panjabi-pan +"माखन की चोरी छोड़ि कन्हैंया +अरे माखन की चोरी छोड़ि कन्हैंया , +मैं समझाऊँ तोय ॥ टेक ॥ +बरसाने तेरी भई सगाई , नित उठि चरचा होय । +बड़े घरन की राज दुलारी , नाम धरैगी मोय ॥ +अरे माखन की . ॥ +मोते कहै मैं जाऊँ गइयन पै , रह्यौ खिरक पै सोय । +काऊँ ग्वालिन की नजर लगी या दई कमरिया खोय ॥ +अरे माखन की . ॥ +माखनमिश्री लै खावे कूँ क्यों है सुस्ती तोय । +कहि तो बंशी नई मँगाय दउँ कहि दै कान्हा मोय । +अरे माखन की . ॥ +नौलख धेनु नन्द बाबा के नित नयो माखन होय । +फिर भी चोरी करत श्याम तैनें लाजशरम दई खोय ॥ +अरे माखन की . ॥ +ब्रजवासी तेरी हँसी उड़ावें घरघर चरचा होय । +तनक दही के कारन लाला लाज न आवै तोय ॥ +अरे माखन की . ॥",braj-bra +"जन्में हैं राम अजुध्या मैं +जन्मे हैं राम अजुध्या मैं कुसल्या जी के +दाई बी आवै , होलर जणावै +होलर जणाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +सासू बी आवै , चावल चढ़ावै +चावल चढ़ाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +जिठाणी बी आवै , पिलंग बिछावै +पिलंग बिछाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +नणदल बी आवै , सतिए लगावै +सतिए लगाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +देवर बी आवै , बंसी बजावै +बंसी बजाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +नायण बी आवै , नगर बुलावै +नगर बुलाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से +बाहमण बी आवै , नाम धरावै +नाम धराई नेग मांगै राजा दसरथ जी से",haryanvi-bgc +"विदाई का गीत +१ . +खेलत रहलीं सुपली मउनिया , आ गइले ससुरे न्यार । +बड़ा रे जतन से हम सिया जी के पोसलीं , सेहु रघुवर लेले जाय । +आपन भैया रहतन तऽ डोली लागल जइतन , बिनु भैया डोलिया उदास । +के मोरा साजथिन पौती पोटरिया , के मोरा देथिन धेनु गाय । +आमा मोरे साजथिन पावती पोटरिया , बाबाजी देतथिन धेनु गाय । +केकरा रोअला से गंगा नदी बहि गइलीं , केकरे जिअरा कठोर । +आमाजी के रोअला से गंगाजी बहि गइलीं , भउजी के जिअरा कठोर । +गोर परूँ पइयाँ परूँ अगिल कहरवा , तनिक एक डोलिया बिलमाव । +मिली लेहु मिली लेहु संग के सहेलिया , फिर नाहीं होई मुलाकात । +सखिया सलेहरा से मिली नाहीं पवलीं , डोलिया में देलऽ धकिआय । +सैंया के तलैया हम नित उठ देखलीं , बाबा के तलैया छुटल जाय । +२ . +राजा हिंवंचल गृहि गउरा जी जनमलीं , शिव लेहले अंगुरी धराय । +बसहा बयल पर डोली फनवले , बाघ छाल दिहलन ओढ़ाय । +3 +बर रे जतन हम आस लगाओल , पोसल नेहा लगाय +सेहो धिया आब सासुर जैती , लोचन नीर बहाय +जखन धिया मोर कानय बैसथिन , सखी मुख पड़ल उदास +अपन सपथ देहि सखी के बोधल , डोलिया में दिहले चढाय . लोचन नीर बहाय . . . +गाम के पछिम एक ठूंठी रे पाकरिया , एक कटहर एक आम +गोर रंग देखि जुनी भुलिहा हो बाबा , श्यामल रंग भगवान . लोचन नीर बहाय . . .",bhojpuri-bho +"केही केरे सिर सोहे सोने क छतुरिया +केही केरे सिर सोहे सोने क छतुरिया , केहिया सिर ना +रामा ढुरेला पसीनवा केहिया सिर ना +राम जी के सिर सोहै सोने क छतुरिया , लखन सिर ना +रामा ढुरेला पसीनवा लखन सिर ना +सीता आवो मोरे देवरा अंगन मोरे बैठो , के मैं पोंछी देउ ना +तोहरे सिर का पसीनवा मै पोंछि देउ ना +लक्ष्मण सिर का पसीनवा तु जनि पोंछौ भौजी , के धूमिल होइहैं ना +तोहरी चटकी चुनरिया धूमिल होइहैं ना +सीता चुनरी त हमरी धोबीया घरे जैहैं , के लखन ऐस ना +कहाँ देवरा मैं पैहों के लखन ऐस ना",awadhi-awa +"89 +मांउ हीर दी ते लोक करन चुगली तेरी मलकिए धीउ बेआब1 है नी +असीं मासियां फुफियां लज मोइयां साडा अंदरों जी कबाब है नी +चाक नाल दे नेहुं लगाया सू अठे पहर रहिंदी गरकाब2 है नी +तेरी कुड़ी दा मगज है बेगमां दा वेखो चाक जोउ फिरे नवाब है नी +वारस शाह मुंह उंगलियां लोक घतन चढ़ी हीर नूं लोढ़े दी खराब3 है नी",panjabi-pan +"538 +सहती आखदी बाबला जाह आपे सैदा आप नूं वडा सदांवदा ए +नाल किबर1 हंकार दे मसत फिरदा नजर तले ना किसे नूं लयांवदा ए +सांहे वांगरां सिरी फिहांवदा ए अगों आकड़ां पया वखांवदा ए +जा के नाल फकीर दे करे आकड़ गुसे गजब नूं पया वधांवदा ए +मार नूंह दे दुख हैरान कीता अजू घोड़ी ते चढ़के धांवदा ए +यारो उमर सारी जटी ना लधी रहया सोहनी ढूंढ़ ढूंढ़ावदा ए +वारस शाह जवानी विच मसत रहया वकत गए ताईं पछोतांवदा ए",panjabi-pan +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 4 +कलपीकलप ���रथरी ये +रानी संग में आय +देख तो भरथरी पूछत हे +सामदेई ये ओ +बानी बोलत हे राम +भेद नई जानँव +सुन जोड़ी मोर बात +सोनपलंग कइसे टूटे गा , कइसे टूटे गा , भाई ये दे जी । +तब तो बोलय भरथरी ह +कोन जानत हे ओ +भेद ल देतिस बताय +जानी लेतेंव कइना +ए दे बोलत हे न +भरथरी ह ओ +सामदेई ये न , सुन्दर बानी बताय +सुन राजा मोर बात +ये दे अइसे विधि कर बानी ओ , दाई बोलय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा में +सुनिले भगवान +कइसे विधि कर का बोलय +सुनिले राजा मोर बात +करले भोगविलास +आज पहिली ये रात +मोर बारम्बार मानुष चोला ओ , नई आवे ओ , भाई ये दे जी । +सोने पलंग कइसे टूटिस हे +रानी हॉसे ह ओ +तेकर भेद बता देबे +मैं हर नई जानँव राम +छोड़ दे ओ बात +ओला तुमन सुरता झन करव ओ , झन करव ओ , भाई ये दे जी । +मोर हरके अऊ बरजे ल नई मानय +सुनिले भगवान +कइसे विधि कर का बोलय +सुनिले राजा मोर बात +रामदेई जानत हे राज +वोही देहि बताय +सोन पलंग कइसे टूटे गा , कइसे टूटे गा , भाई ये दे जी । +मन मा गऊर करके +भरथरी ये ओ +देख तो दीदी अब सोचत हे +सुनिले भगवान +का तो जोनी ये न +मैं कमायेंव ह राम +रानी संगे में हो +सुख नइये गिंया +मोर कइसे विधि राजा सोचय , भाई सोचय ओ , भाई ये दे जी । +जाई के बइरी ह बइठत हे +मोर कछेरी ये ओ +भरे कछेरी , दरबार मा +एक ओरी मोर बइठे हे +मोर चियां ये ओ +दुए ओरी पठान ए न +तीन ओर ये राम गोंड़गिराईओ +सुन्दर लगे दरबार , दरबार ओ +भरथरी ये न , +चल बइठे दीदी +मोर कइसे विधि कर मन म भाई गुनय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +सुनिले भगवान +एक महीना , दू महीना गुजरत हे +चारे महीना ओ +लगे पाचे के छांय +दस महीना मा ना +दिल्ली सहर मा +मोर रानी के ओ +सुन्दर गोदी मा न +बालक होवय ओ , बाई होवय ओ , भाई ये दे जी । +जब बोलय मोर मानसिंग +सुन कइना मोर बात +दिल्ली सहर मां +मैं बइठे हँव +भरथरी ल ओ +छठी निमंतरन +देई देवॅव कइना +सुनिले नारी मोर बात +जब सोचत हे ना +मोर कइना ये ओ +मेंहर नई जानँव राम +तैंहर ये दे जोड़ी +मोर छठी के निमंतरन भेजय ओ , धवनिया ओ +कइसे धवनिया ल भेजत हे +मोर मानसिंग ओ +धवनिया ह रेंगना ल +कइसे रेंगत हे +सांप सलगनी राम +मीथी दुरंगिनी ओ +हरिना के दीदी +मोर निच्चट ये ना +कुकुर लुरंगी ये राम +मोर बाघे के मार बघचोपी ओ +तले आवय ओ , भाई ये दे जी । +छुटे हे कारी पसीना ओ +चले आवत हे ओ +देख तो दीदी धवनिया ह +भरे कछेरी न +मोरा राजा के ओ +भरथरी ये न +गद्दी मा बइठे हे राम +मोर धवनिया ये ओ +ओतके बेरा न , चल आई के न +मोर ���रे जोहार , पत्र देवत हे राम +बाची लेवॅव गिंया , मोर रानी ह ओ +चल भेजे ह न +मोर आशीष अऊ पैलगी ओ , ये दे भेजे ओ , रानी ये दे जी । +चारो मुड़ा खबर भेजत हे +मोर भरथरी ओ +कइसे छठी निमंतरन म +सबे सइना ल न +मोर लिए सजाय +एक डंका मा ओ +मोर होगे तइयार +दुसरैया ए ना +मोर होय हुसियार +मोर तीने डंका में निकलगे ओ , ये निकलगे ओ , भाई ये दे जी । +घोड़ा वाला घोड़ा मा चघे +हाथी वाला ये ओ +हाथी मा होय सवारे न +पैदल वाला ये ओ +रथ हाके गिंया +सायकिल वाला ए न +चल रेंगना हे +मोर गद्दी वाला , गद्दी चाले ओ , भाई चाले ओ , भाई ये दे जी । +बग्घी वाला बग्घी मा जावे +टांगा वाला ये ओ +देख तो दीदी टांगा खेदत हे +सबे सइना ए ना +मोर रेगे भइया +जऊने समय में ना +लुसकैंया ए ओ +मोर ढुरकी अ रेंगना ल रेगे ओ +भाई रेगे ओ , भाई ये दे जी । +आघू हाथी पानी पीयत हे +पाछू के हाथी ये ओ +ये दे दीदी चिघला चॉटय +जेकर पीछू ओ +फुतकी चॉटय हे न +चले जावय भैया +मोर सेना ए ओ +लावे लसगर ये न +फौजफटाका ओ +मोर घटकतबाजत जावे ओ , चल जावे ओ , भाई ये दे जी । +मेड़ों म पहुँचगे भरथरी +मोर जाई के ओ +देखतो दीदी तम्बू तानत हे +हाथी वाला हर ओ +गेरा देवे गिंया +मोर घोड़ा वाला +मोर दाना ए ओ +मोर चना के दार फिलोवय ओ , +ये फिलोवय ओ , भाई ये दे जी । +येती बर देखत हे मानसिंग +सैना हर आगे ओ भरथरी के +मोर मेड़ों म ओ +तम्बू ताने हे ना +कइसे करँव भगवान +मॅयहार कइसे के पूर्ति ल करॅव ओ +कइना गुनय ओ , भाई ये दे जी । +नई पुरा पाह्व में सेना बर +खाईखजेना +नई तो पुरा पाहव मैं +ओढ़ना अऊ दसना +बोली बोलत हे ओ , मोर मानसिंग +सुनिले नारी मोर बात +तोरे सहारा मा भेजेंव , भाई भेजे ओ , भाई ये दे जी । +थारी मं फूल ल धरिके +रानी चलत हे ओ +देख तो दीदी मोर मंदिरे म +मोर मंदिर म ओ +रानी जाइके न +चल भजत हे राम +होगे परगट न +मानले बेटी मोर बात +पूरा करके गिंया +तोर का मनसे हे तेला मांगा ओ , मॅयहर दिहा ओ , भाई ये दे जी । +भाखा चुकोवत हे ये दे ओ +सरसती ये ओ +जऊने समय भाखा चुकोवत हे +भाखा चुकी गे ओ +मांग ले बेटी तॅय +तोला देवॅव वरदान +तोर जोगे हर पूरा होगे ओ , भाई बोले ओ , भाई ये दे जी । +भरथरी आये हे सैना +मोर लेके दाई +मोर घर में कुछू तो नइ ए ना +सबै सेना के ओ +पूरती करदे दाई +पईंया लागत हॅव न +मोर लाजे ल ये दे बता दे , ये बचाबे ओ , भाई ये दे जी । +हाथी वाला बर हाथी ओ +मोरा गेर ल ओ +कइसे के बाद मँ भेजत हे +पूरती करिहँव बेटी +तैंहर जाना कइना +मोर घर म आके पलंग म ओ मोर बइठे ओ , भाई ये दे जी । +रइयत मन बर ये दे ओ +बगरी ल गिंया +बिन आगी पानी के मढ़ा देबे +मोर कलेवा ओ +सुख्खा म नी खवाय +घोड़ा वाला बर ना +मोर दाना ये राम +जब भरथरी न +मन म गुनत हे ओ +रामदेई ए ना +चल नई साजे ओ +ये दे साजे गिंया +मोर सारी के अव्बड़ होवे ओ , मोर नेम ओ , भाई ये दे जी । +बड़ अक्कल वाली ये रानी ये +देख तो भगवान +साते मँ कैसे आ बइठे हे +मनेमन मँ भरथरी हर , मोर गुनत हे ओ +बिन आगी पानी के बनावत हे +सबे सइना के न +मोर सोहाग ओ +चल बनाई के न +मोर सुन्दर कलेवा खवावय ओ , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"मानसरोवर थारो बाप हो रनादेव +मानसरोवर थारो बाप हो रनादेव , +भर्योतुर्यो भण्डार थारो ससरो हो रनादेव । +बहती सी गंगा थारी माय हो रनादेव , +भरीपूरी बावड़ी थारी सासू हो रनादेव । +सरावण तीज थारी बईण हो रनादेव , +कड़कती बिजळई थारी नणंद हो रनादेव । +गोकुल को कान्ह थारो भाई हो रनादेव , +तरवरतो बिच्छू थारो देवर हो रनादेव । +गुलाब को फूल थारो बाळो हो रनादेव , +झपलक दीवलो थारो जँवई हो रनादेव । +कवळा की केळ थारी कन्या हो रनादेव , +बाड़ उपर की वांजुली थारी दासी हो रनादेव । +पळा वाळई नार थारी सौत हो रनादेव । +उगतो सो सूरज थारो स्वामी हो रनादेव ।",nimadi-noe +"आमार मनेर मानुष, प्राण सइ गो (भाटियाली) +आमार मनेर मानुष , प्राण सइ गो +पाइगो कोथा गेले । +आमि याबो सेइ देशे +से देशे मानुष मिले । । +यदि मनेर मानुष पेतेम तारे हद मझारे +बसाइताम अति यतन कइरे । . । +आमि मनसुते माला गेंथे +दिताम ताहार गले । । +भेवे छिलाम मने मने , से याबे ना आमार छेड़े , +आरे आपन बइले । +से ये फाँकि दिये गेलो चले , +ऐ कि छिल मोर कपाले । । +इसी प्रकार यह गीत दैहिक अथवा काया संबंधित है +आरे मन माझि , तोर बैठा नेरे , +आमि आर बाइते पारलाम ना । +आमि जनम भइरा बाइलाम बैठा रे +तरी भाइटाय रय , आर उजाय ना । । +ओरे जंगीरसी यतइ कसि , +ओ रे हाइलेते जल माने ना । +नायेर तली खसा गुरा भांगारे , +नाव तो गावगयनि माने ना । ।",bengali-ben +"अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया +अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया , +अरे घूंघटा भीगे तो भिजन दे अरे अंखिया ले चल बचाई पिया , +अरे नथ भीजे तो भीजन दे . . . अरे होंठवां ले चल बचाई पिया +अरे चोलीया भीजे तो भीजन दे अरे जुबना ले चल बचाइ पिया . +अरे लहंगा भीजे तो भीजन दे . . . अरे जंघिया ले चल बचाइ पिया",khadi_boli-mis +"सो जा बारे वीर +सो जा बारे वीर +वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर +तातीताती पुरी बनाई +ओई में डारो घी +पी ले मोरे बारे भइया +मो�� जुड़ाय जाए जी +सो जा बारे वीर +बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर +एक कटोरा दूध जमाओ +और बनाई खीर +ले ले मोरे बारे भइया +मोर जुड़ाय जाए जी +सो जा बारे बीर +बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर +बरा पे डारो पालना +पीपर पे डारी डोर +सो जा मोरे बारे भइया +मैं लाऊँ गगरिया बोर +सो जा बारे वीर +वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर",bundeli-bns +"म्हारै आंगणा बाजा बाजिया जी मंकारा +म्हारै आंगणा बाजा बाजिया जी मंकारा , पछोकड़ री म्हारै धर्या हे निसान । +बधावा मैं सुना जी मकारा म्हारा सोहरा गढ़ा का चौधरी जी मकारा । +म्हारी सासड़ री म्हारी घर की सै मैड़ , बधावा जी मैं सुनां जी मकारा ।",haryanvi-bgc +"काला बहल जुड़ाइयां मैं +काला बहल जुड़ाइयां मैं थलस तलै नै आइयां +क्यों कर जीऊं काले कै ब्याह दइयां +काला घर मैं बड़ियां ये कड़ी करंजै पड़ियां +क्यों कर जीऊं काले कै ब्याह दइयां +भूरा बहल जुड़ाइयां मैं झट दै बेहल मैं आइयां +क्यों कर जीऊं काले कै ब्याह दइयां +भूरा घर मैं बड़ियां सत्तर दीवे बलियां +काले के दो जाये जणों भूंड गिरड़ ते आये +क्यों कर जीऊं काले कै ब्याह दइयां +भूरे कै दो जाये जणो चांद सूरज दो आये +क्यों कर जीऊं काले कै ब्याह दइयां",haryanvi-bgc +"बाबू हवले हवले जइयो ससुर के गलिया +बाबू हवले हवले1 जइयो2 ससुर के गलिया । +तुमरे सेहरे ऊपर खिली है , अनार कलिया । +अनार कलिया जी , गुलाब कलिया ॥ 1 ॥ +बाबू हवले हवले जइयो , साले की गलिया । +तुमरे सेहरे पर फूली है , अनार कलिया । +बाबू लाड़ो3 लेते अइयो4 अब्बा की गलिया ॥ 2 ॥",magahi-mag +"विदाई गीत +सासु बोलाड़े बनी जरा बोलजे । +बनी बोल बिराणो लागे । +माई बोलाड़े वेगि बोल नानी बनड़ी । +बोल पियारो लागे । +सेसरो बोलाड़े धीरेबोल नानी बनड़ी । +बोल बिराणो लागे । +मायके से लड़की को शिक्षा दी गई है कि मायके वाले आवाज दें तो जल्दी और जोर से बोलना । ससुराल वाले आवाज दें तो धीरे से और शांतस्वभाव से बोलना । मायके वालों की आवाज प्यारी लगती है , ससुराल वालों की आवाज पराई लगती है ।",bhili-bhb +"आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी छठी-पूजन +आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी1 वयठहुँ आय । +बबुआ के घोँटी2 देहु बतलाय ॥ 1 ॥ +बचा3 महाउर4 आउर5 जायफर6 । +सोने के सितुहा7 रूपे8 के काम । +जसोमती घोँटी देल चुचकार ॥ 2 ॥",magahi-mag +"मेरी बीबी सोवै अटरिया +मेरी बीबी सोवै अटारिया पहने है झुमके बालियां +बीबी सोई सोई उठ जागियां अपने बाबा दादा से बर मांगिया +बाबुल एक कहा मोरा कीजिये मुझे राय रतन बर द��जियो +बेटी रायरतन सिर सेहरा जैसे बागों में खिल रहा केवड़ा +बेटी मत कर मन पछतावड़ा तेरी अम्मा गोरी बाबल सांवला +बेटी आप किसन भी सांवले रुक्मण का रंग ऊजला",haryanvi-bgc +"हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के । +ताऊ भी रहसा बाबा भी रहसा , +रहसा सब परिवार मेरे ललना का , +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के । +जीजा जी रहसा मामा भी रहसा , +रहसा सब परिवार मेरे ललना का , +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के । +बूआ लाई उसका कुर्ता टोपी , +फूफा लाया गलहार मेरे ललना का , +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के । +मामी तो लाई उसका घोड़ा डोला , +मामा लाया जोड़े साथ मेरे ललना के , +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के । +नाना आये उस पै मोहरें बारीं , +नानी ने भेजी मोती माल मेरे ललना की , +हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के ।",haryanvi-bgc +"571 +इस पद्य में अलगअलग देशों के नाम हैं +रब्बा उह पाई कहर शहर उते जेहड़ा घर फरऔन डुबाया ई +जेहड़ा कहर होया नाजल जिकरी ते उहनूं घत शरांह दराया ई +जेहड़ा पायके कहर ते सुट तखतों सुलेमान तों भठ झूलकाया ई +जेहड़े कहर दे नाल फिर शाह मरद इक नफरतों कतल कराया ई +जेहड़े कैहर दा युनस ते पा बदला ओहनूं डगरे तों निगल वायाई +जेहड़े कैहर ते सबक दी पकड़ कीती इसमाईल नूं जिबा कराया ई +जेहड़े घतक गजब ते बड़ा गुसा यूसफ खूह दे विच पवाया ई +जेहडे कहर दे नाल यजीदां तों मजलूम हुसैन कुहाया ई +ओहो कहर घती इस शहर उते सिर इतलयां दे जेहड़ा आया ई",panjabi-pan +"518 +हुकम हीर दा माउं तों लया सहती गल गिनी सू नाल सहेलियां दे +होइयां तयार दोवें ननान भाबी नाल चढ़े नी कटक अखेलियां दे +छडपासना तुरक बाजार चलो राह मार दे ने अठखेलियां दे +वारस शाह कसतूरी दे मिरग छुटे थइ पइआं शरीर मथेलिआं दे",panjabi-pan +"हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री +हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री +सद नूणी मक्खन की लाइयो री +तू अपने हाथ खिलाइयो री +हो बरसाने वाली कदम्ब नीचे आइयो री +जो तेरी द्यौरजिठाणी लड़ैगी +एक की लाख सुणाइयो री +जो तेरा बाला कन्थ लड़ैगा +तू हम से परीत लगाइयो री +चन्द्र सखी भज बाल किरसन छवि +तू हर के चरण चित लाइयो री +हो बरसाणे वाली कदम्ब नीचे आइयो री",haryanvi-bgc +"लमटेरा की तान +हमारे लमटेरा की तान , +समझ लो तीरथ कौ प्रस्थान , +जात हैं बूढ़ेबारे ज्वान , जहाँ पै लाल धुजा फहराय । +नगनग देह फरकबै भइया , जो दीवाली गाय । । +दिवारी आई है , +उमंगै लाई है । +आज दिवारी के दिन नौनी लग��� रात अँधियारी , +मानों स्याम बरन बिटिया नैं पैरी जरी की सारी । +मौनियाँ नचै छुटक कैं खोर , +कि जैसें बनमें नाचैं मोर , +दिवारी गाबैं करकर सोर , कि भइया बिन बछड़ा की गाय । +बिन भइया की बहिन बिचारी गली बिसूरत जाय । । +भाई दौज आई है , +कि टीका लाई है । +आन लगे दिन ललित बसन्ती फाग काउ नैं गाई । +ढुलक नगड़िया बजी , समझ लओ कै अब होरी आई । । +बजाबैं झाँजैं , झैला , चंग , +नचत नरनारी मिलकें संग , +रँगे तन रंग , गए हैं मन रंग , कहरवा जब रमसइँयाँ गाय । +पतरी कम्मर बूँदावारी , सपनन मोय दिखाय । । +अ र र र र होरी है , +स र र र र होरी है । +गाई चैतुअन नैं बिलवाई , चैत् काटबे जाबैं । +सौंनेचाँदी को नदियासी पिसी जबा लहराबैं । । +दिखाबैं अम्मन ऊपर मौर , +मौर पर गुंजारत हैं भौंर , +कि मानौ तने सुनहरे चौंर , मौर की सुन्दर छटा दिखाय । । +चलत लहरिया बाव चुनरिया , उड़उड़ तन सैं जाय । । +गुलेलें ना मारौ +लँयँ का तुमहारौ +गायँ बुँदेला देसा के हो , ब्याह की बेला आई । +ब्याहन आए जनक जू के घर , तिरियन गारी गाई । । +करे कन्या के पीरे हाँत , +कि मामा लैकें आए भात , +बराती हो गए सकल सनात , बिदा की बेला नीर बहाय , +छूट चले बाबुल तोरे आँगन , दूर परी हौं जाय । । +खबर मोरी लैयँ रइयो , +भूल मोय ना जइयो । +बरसन लागे कारे बदरा , आन लगो चौमासौ । +बाबुल के घर दूर बसत हैं , जी मैं लगो घुनासौ । । +उमड़ो भाईबहिन कौ प्यार , +कि बिटिया छोड़ चलीं ससुरार । +है आ गओ सावन कौ त्यौहार कि भइया राखी लेव बँदाय । +माँगैं भाबी देव , नौरता खाँ फिर लियो बुलाय । । +और कछु नइँ चानैं , +हमें इतनइँ कानैं ।",bundeli-bns +"बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो +बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो +जई चोप्यो हो दसरथ दरबार +सहेली ऐ आंबो मोरियो +बड़ को गोड़ थरू थांबर हुई रयो +वाकी डाली हो गई असमान +सहेली ऐ आंबो मोरियो +बड़ की डाली जो डाली हीरा जड़िया +बड़ का पत्ता राज मोती रा लूम +बड़ खे देखन रामलछमन आविया +उनका सांते हो तैतीस करोड़ देवता +बड़ खे देखन हो सीता माता आविया +उनका सांते हो राधारूकमारी जोड़ +बड़ को बीज इन्द्रासन से आवियो +जई चोप्यो फलाणा राम दरबार +बड़ देखण आई उनका भाईभतीजा री जोड़ +बड़ देखण आई देराणीजेठाणी री जोड़",malvi-mup +"जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे +जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे +जारे राजा जारे राजा राजा नीली घोड़ा के सिंगारो रे +चलो मायू चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेवो +चलो मायू चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेवो +नहीं रे बेटा नहीं रे बेटा बेटा मोरो घेरु रे सूना है रे +नहीं रे बेटा नहीं रे बेटा बेटा मोरो घेरु रे सूना है रे +चलो डायनी माय चलो मायू माय तेरे लेने सवारी ना लायो +चलो डायनी माय चलो मायू माय तेरे लेने सवारी ना लायो +हारे बेटा हारे बेटा बेटा मोरो मुसरा रे ठाड़ी लेवो +हारे बेटा हारे बेटा बेटा मोरो मुसरा रे ठाड़ी लेवो +चलो वो डायनी माय चलो मायू माय तेरा मूसरा वो साड़े बारा +चलो वो डायनी माय चलो मायू माय तेरा मूसरा वो साड़े बारा +चलो वो डायनी माय चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेरे +चलो वो डायनी माय चलो मायू माय मेरी रानी को निभाई लेरे +एको जा जाय धरती डालो माय एकी जा पाय आगशो डाले +एको जा जाय धरती डालो माय एकी जा पाय आगशो डाले +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा +ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा । +कुछ नहीं ज़ोर घिङाणा1 । +गए सो गए फेर नहीं आए , +मेरी जानी मीत प्यारे । +मैं बाज्झों पल रहिन्दे नाहीं , +हुण क्यों असाँ विसारे । +विच्च कबराँ दे खबर न काई , +मार केहा झुलाणा । +ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा । +कुछ नहीं ज़ोर घिङाणा । +चित्त पाया ना जाए असाथों , +उभ्भे साह ना रहिन्दे । +असीं मोयाँ दे परले पार होए , +जीविंदेआँ विच्च बहिन्दे । +अज कि भलक तगादा2 सानूँ , +होसी वड्डा कहाणा । +ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा । +कुछ नहीं ज़ोर घिङाणा । +ओत्थे मगर प्यारे लग्गे , +ताँ असीं एत्थे आए । +एत्थे सानूँ रहण ना मिलदा , +अग्गे कित वल्ल धाए । +जो कुझ अगलिआँ दे सिर बीती , +असाँ भी ओह टिकाणा । +ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा । +कुछ नहीं ज़ोर घिङाणा । +बुल्ला एत्थे रहण ना मिलदा , +रोन्दे पिटदे चल्ले । +इक्क नाम धन्नी दा खरची है , +होर पया नहीं कुझ पल्ले । +मैं सुफना सभ जग भी सुफना , +सुनणा लोक बिबाणा3 । +ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा । +कुछ नहीं ज़ोर घिङाणा ।",panjabi-pan +"पोखरी का हीत, जय जश दे +पोखरी का हीत1 , जय जश दे , +तेरा जाति2 आयो जय जश दे +भेंटुली3 क्या लायो , जय जश दे , +सोवन4 धुपाणी5 लायो जय जश दे +मोत्यों6 भरी थाल लायो जय जश दे , +जाति तेरा आयो जय जश दे +पोखरी का हीत जय जश दे",garhwali-gbm +"हँसि हँसि लिखथ पाँती बाँचहु हो भइया +हँसि हँसि लिखथ1 पाँती2 बाँचहु3 हो भइया । +चंपा के चोरवा4 के दीहऽ5 तूँ सजइया ॥ 1 ॥ +रउदा6 में रहतन जयतन रउदाइए । +घममा7 में रहतन जयतन पिघलाइए ॥ 2 ॥ +सरदी के मारे चोर जयतन सरदाइए । +अँचरा में बाँधब रहतन लोभाइए ॥ 3 ॥",magahi-mag +"धण पिआ मताए मताइआं जी +धण पिआ मताए मताइआं जी +जी पिआ कहो तो चीठी लिख गेरां +मेरा राजिड़ा +कहो तो सांडिआं भेजां जी +जी पिआ चीठी तो मजले मजले जा +मेरा राजिड़ा +सांडिआ जावै तावली जी +जी पिआ न्योंदूंगी बाप मेरे कै सीम +मेरा माईजाया +सीम सधै की पीपली जी +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के खेत +हाली हल बीरा जोतिआ रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के बाग +बांगा मैं कोल झिंगारिआ रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के कंुआ +कुंआ बठांदी झीमरी रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के ताल +ताल बणंदी बीरा धोबणी रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के गोरा +गोरा बठांदी बीरा गऊ चरै रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे के गाल +गाल बठांदी बीरा भंगणा रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे की परस +परसे पचे लोग बीरा +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे की पोल +पोल बठांदी रातां देई मेरी मां +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे की रसोई +रसोइए बठांदी बीरा बाह्मणी रे +रे बीरा न्योंदूंगी बाप मेरे का मुढला +मुढले बैठी भाबी आपणी +गोद खिलंदा भतीजड़ा जी +रे बीरा न्योंदूंगी रातां देई मायड आपणी +ताई चाचिआं का बीरा झूकमकारे +रे बिरा न्योंद्या कोए सब परवार +मेरा माई जाया +भूल चली छोटी बहनड़ी जी +हे बेबे बाहवड़ बाहवड़ मां की जाई +हे बहनड़ मेरी +हम न सिख बुध दे चलो जी +रे बीरा सिख बुध देइए न जाय +मेरा माई जाया +सिख सरीरे बीरा ऊपजै जी +रे बीरा ल्याइयो मेरे तीवल पचास +मेरा माई जाया +आंगी सिरकै बीरा डेढ सै जी +रे बीरा ल्याइओ मेरे मोहर पचास +मेरा माई जाया +रोक रुपइए बीरा पानसै जी +रे बीरा ल्याइओ मेरे काँसण की जेट +मेरा माई जाया +बीच ठणकदा रे बीरा बेल्वा जी +रे बीरा ल्याइया मेरै टोकणै दो चार +मेरा माई जाया +बीच खुड़कदा बीरा कडछा जी +रे बीरा ल्याइओ मेरै म्हेसां को लार +रे बीरा ल्याइयो मेरै चोलां की पोट +मेरा माई जाया +हरे हरे मूंग दिसावरी जी +रे बीरा ल्याइयो मेरै गोआं की लार +तलै चूंघते बाछड़ा जी +रे बीरा इतणा तो ले घर आइओ +मेरा माई जाया +या घर रहियो बीरा आपणे जी +हे बेबे इब कै तो इतणा ना हो +मेरा माई जाया +हे किस विध आवै तेरे भातिआं जो +रे बीरा मेरे आंगण राए चन्दन का पेड़ +मेरा माई जाया +झट रै चढूं झट उतरू जी +रे बीरा कद की रे देखूं थी बाट +मेरा माई जाया +कद सीक आवै मेरे भातिआं जी +रे बीरा छोटी नणदल बोले से बोल +मेरा माई जाया +फिट भाबी तेरे भातिआं ज��� +रे बीरा छोटा देवर राख्या सै मान +मेरा माई जाया +वे आए भाबी तेरे भातिआं जी +रे बीरा सिर पर मटकी धरी ए उठा +मेरा माई जाया +सरवर पाणी बीरा मैं गई जी +रे बीरा तै कित लाई सै वार +मेरा माई जाया +सब तै पैले बीरा न्योंदिआ जी +हे बेबे मायड़ नै लाई सै वार +मेरी अम्मां जाई +तेरा ए भात सिजोबंदे जी +हे बेबे दरजी नै लाई सै वार +मेरी अम्मां जाई +तेरा दामण सीमदे जी +हे बेबे लीलगर ने लाई सै वार +तेरा चूंदड़ रगांवदे जी +हे बेबे मणिआर ने लाई सै वार +तेरी चूड़िआं जुड़ांवदे जी +हे बेबे सुनरे नै लाई सै वार +तेरा अगड़ घ्ज्ञड़ावले जी +हे बेबे भावज नै लाई सै वार +अपणा कंवर सिंगारदे जी +हे बीरा रांधूंगी चावल का भात +मेरा माई जाया +अपणै घर का बीरा टोकणा जी +हे बीरा जीमण बेठे देवर जेठ +मेरा माई जाया +उझल पड्या मेरा टोकणा जी +रे बीरा रांधूंगी अपणे घर का भात +मेरा माई जाया +बाबल का घर का बीरा टोकणा जी +रे बीरा जीमण बैठ्या +भातिआं का पेट पंसेरा +कड़छा बाज्या मेरै टोकणै जी +के बीरा खाई थी उड़दां की दाल +मेरा माई जाया +हग ए भर्या मेरा ओबरा जी +रे बीरा उठ्या ए आधड़ी सी रात +मेरा माई जाया +मूसल मार्या बीरा कांख मैं जी +रे बीरा मूसल मेरा दे कै बी जा +मेरा माई जाया +देवर जेठाणियां का सीर का जी +ऐ बेबे जाऊंगा कीकरिआं कै देस +मेरी मां की जाई +मूसल ल्याऊ बेबे साल का जी +रे बीरा मूसल तै और भतेरे +मेरा माई जाया +देवर जिठाणी बोली मारैंगी जी",haryanvi-bgc +"इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए +इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए +इक अलफों दो तिन्न चार होए , +फेर लक्ख करोड़ हजार होए , +फेर ओत्थों बाझ शुमार होए , +इक अलफ दा नुक्ता न्यारा ए । +इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए । +क्यों पढ़ना ऐं गड्ड किताबाँ दी , +क्यों चाना ऐं पंड अजाबाँ1 दी , +हुण होयों शकल जलादाँ दी , +अग्गे पैंडा मुशकल भारा ए । +इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए । +बण हाफज़2 हिफज़3 कुरान करें , +पढ़ पढ़ के साफ ज़बान करें , +फिर नेआमताँ4 विच्च ध्यान करें , +मन फिरदा ज्यों हलकारा ए । +इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए । +बुल्ला बी बोहड़ दा बोएआ सी , +ओह बिरछ वड्डा जाँ होएआ सी , +जद बिरछ ओह फानी होएआ सी , +फिर रैह गया बी अकारा ए । +इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए ।",panjabi-pan +"विवाह गीत +बेनी तारी हवेली मा हवा निहि लागे वो । +हवा निहि लागे वो बेनि पंखो ढुलाइ दे । +पंखो नि चाले तो बेनी रेडियो चालादू दे । +बेनी तारी हवेली मा हवा निहि लागे । +बनी तेरी हवेली में हवा नहीं लग रही है , पंखा चला दे । पंखा नहीं चले तो रेडियो चालू कर दे ।",bhili-bhb +"540 +छड देस जहान उजाड़ मली अजे जट नहीं पिछा छडदे ने +असां छडया एह ना मूल छडन वैरी मुढ कदीम तो हड दे ने +लीही पई मेरे उते झाड़यां दी पास जान नाही पिंज गड दे ने +वारस शाह जहान तों अक पए कल फकीर हुण लद दे ने",panjabi-pan +"दारौ आऔ देस सें, परौं धोर्रा आन +दारौ आऔ देस सें , परौं धोर्रा आन , +हमने आदर दे करौ , तनक खवइया जान । +तनक खवइया जान , रोटियँन पैं धी धरकें , +छै छिटिया भरदार , दई दो बेला भरकें । +बाल मुकुन्दै लिखा , ईसुर पठओ उरानों , +तीन सेर खा गओ आन कें मनका दानों ।",bundeli-bns +"हालत एक गरीब किसान की +हालत एक गरीब किसान की कवि नरसिंह +कात्तिक बदी अमावस थी और दिन था खास दीवाळी का +आंख्यां कै म्हां आंसू आगे घर देख्या जिब हाळी का । +कितै बणैं थी खीर , कितै हलवे की खुशबू ऊठ रही +हाळी की बहू एक कूण मैं खड़ी बाजरा कूट रही । +हाळी नै ली खाट बिछा , वा पैत्यां कानी तैं टूट रही +भर कै हुक्का बैठ गया वो , चिलम तळे तैं फूट रही ॥ +चाकी धोरै जर लाग्या डंडूक पड़्या एक फाहळी का +आंख्यां कै म्हां आंसू आगे घर देख्या जिब हाळी का ॥ +सारे पड़ौसी बाळकां खातिर खीलखेलणे ल्यावैं थे +दो बाळक बैठे हाळी के उनकी ओड़ लखावैं थे । +बची रात की जळी खीचड़ी घोळ सीत मैं खावैं थे +मगन हुए दो कुत्ते बैठे साहमी कान हलावैं थे ॥ +एक बखोरा तीन कटोरे , काम नहीं था थाळी का +आंख्यां कै म्हां आंसू आगे घर देख्या जिब हाळी का ॥ +दोनूं बाळक खीलखेलणां का करकै विश्वास गये +मां धोरै बिल पेश करया , वे लेकै पूरी आस गये । +मां बोली बाप के जी नै रोवो , जिसके जाए नास गए +फिर माता की बाणी सुण वे झट बाबू कै पास गए । +तुरत ऊठकै बाहर लिकड़ ग्या पति गौहाने आळी का +आंख्यां कै मांह आंसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥ +ऊठ उड़े तैं बणिये कै गया , बिन दामां सौदा ना थ्याया +भूखी हालत देख जाट की , हुक्का तक बी ना प्याया +देख चढी करड़ाई सिर पै , दुखिया का मन घबराया +छोड गाम नै चल्या गया वो , फेर बाहवड़ कै ना आया । +कहै नरसिंह थारा बाग उजड़ग्या भेद चल्या ना माळी का । +आंख्यां कै मांह आंसू आगे घर देख्या जब हाळी का ॥",haryanvi-bgc +"कबीरो किन भरमायो, अम्माँ महारो +कबीरो किन भरमायो , अम्माँ महारो +१ कबीरा की औरत कहती सासु से +ऐसो पुत्र क्यो जायो +खबर हुती मख नीच काम की +ब्याव काहै को करती +कबीरो किन भरमायो , अम्माँ महारो +२ कबीरा की माता कहती कबीर से +तुन म्हारो दुध लजायो +खबर हुती मख गर्भवाँस की +दुध काहे को पिलाती +कबीरो किन भरमायो , अम्माँ महारो",nimadi-noe +"18 +भाबी आखदी गुंडया मुंडया वे साडे नाल की रिक्तां चाइयां नी +वली जेठ ने जिहना दे फतू देवर डुब मोइयां ओह भरजाइयां नी +घरो घरी विचारदे लोक सारे सानूं केहियां फाहिआं पाइयां नी +वारस गल न बनेगी नाल साडे परना लया स्यालां दीयां जाइयां नी",panjabi-pan +"मेरी सांझे तील दिखा दई कर दिया मकर कसार +मेरी सांझे तील दिखा दई कर दिया मकर कसार +मैं बखते बहैल बिठा दई कर दई लम्बे राह +बादल तैं बादल अड़ रहा नन्ही पड़ैं फुहार +बेहल का परदा भीजै री बुलदां का भीजै सिंगार +पति का साफा भीजै री मेरे भी लगैं बौछार +मेरी भी चूंदड़ी भीजै री पति का हरा रूमाल",haryanvi-bgc +"तुम म्हारी नौका धीमी चलो +तुम म्हारी नौका धीमी चलो , +आरे म्हारा दीन दयाला +१ जाई न राम थाड़ा रयाँ , +जमना पयली हो पारा +नाव लावो रे तुम नावड़ा +आन बैगा पार उतारो . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +२ उन्डी लगावजै आवली , +उतरा ठोकर मार +सोना मड़ाऊ थारी आवली +रूपया न को रास . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +३ निरबल्या मोहे बल नही , +मोहे फेरा घड़ावो राम +म्हारा कुटूंम से हाऊ एकलो +म्हारो घणो परिवार . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +४ बिना पंख को सोरटो , +आरे पंछी चल्यो रे आकाश +रंग रूप वो को कुछ नही +लग भुख नी प्यास . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +५ कहत कबीर धर्मराज से , +आरे हाथ ब्रम्हा की झारी +जन्म . जन्म का हो दुखयारी +राखो लाज हमारी . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . .",nimadi-noe +"सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे +सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे +ठेंगनि लागल बूढ़ी माय हे । +खाय लेहु आरे शनू दही चूड़ा भोजन हे +पीवि लेहु गंगा जल नीर हे +चाढ़ि लेहू आरे रानू पाट केेर डोलिया हो । +तब करू कोसी असनान हे । +ककरा पर छोड़वै गे बुढ़िया बालक तिरिया हे +कैसे करबै कोसी असनान हे । +भाई पर छोड़िह हे रानू अन्न धन सम्पत्ति हे +बहिन पर छोड़िह बूढ़ी माय हे । +बूढ़ि माय पर चोड़िह रानू बालक तिरिया हे +तब करू कोसी असनान हे +गौनमा के धोतिया गे बुढ़िया मलिनो ने भेलै , +कैसे करबै कोसी असनान हे +जाति के बरनमा से बुढ़िया +कहि के सुनाब हे +तब करबै कोसी असनान हे +हमहु जे छियै रे रानू बाभन कुल बेटिया हे +नाम थिकै कोसिका कुमारि हे । +कौनरे कुलके तू थिकही रे रानू +किअ थिकौं तोहरो नाम रे । +जाति के जे थिकियै हे बुढ़िया +कानू ते कन्हैया हे +नाम थिफै रानू सरदार हे । +कान्ह कोदरिया हे रानू हाथ वसूलिया हे +झट करू कोसी असनान हे ।",angika-anp +"करमा गीत-2 +हौरे हौरे । धीच वेनी भुजा डारे +मांग में तो सेंदूरा बिराजे +धीच वेनी भुजा डारे +हाजी पैर के पयरी ललकारे धीच +पिंडरी चुरुवा ललकारे धीच +जांध के जंधिया ललकारे धीच +कनिहा लहंगा ललकारे धीच +छाती के चालिया ललका धीच +गला सुतली ललकारे धीच +नाक नथुली ललकारे धीच +माध के मधोचा ललकारे धीच",chhattisgarhi-hne +"सामण आया हे मां मेरी मैं सुण्या जी +सामण आया हे मां मेरी मैं सुण्या जी +हां जी कोए आई है नवेली तीज +पड़ी ए पंजाली हरियाल बाग में जी +ले लो बांदी पटड़ी ए झूल +कोए चलो तो म्हारे साथ जी +भले ए घरां की कंवर निहाल +बांगां ना जाइयो बैरण झूलणै +थम नै तो लाडो झूलण रा चाव +झूला घला द्यां अपणै बाग में जी +तेरी तो रोकी अम्मां मेरी ना रहूं जी +हां जी कोए सब कोए झूलण नै जांय +पड़ी ए पंजाली हरियल बाग में जी +एक डस झूले बाह्मण बाणिये जी +हां जी एक डस रांघड़ और राजपूत +बिच बिच झूले कंवर निहालदे जी",haryanvi-bgc +"म्हारे आंगण कीचड़ा +म्हारे आंगण कीचड़ा +बे किन डोल्या पाणी +म्हारी हथलाड्डो नहाई बे +नाण डोल्या पाणी +आया सामजी ढै पड्या बे +उन की टांग निताणी +टांग निताणी के करै बे +गोडे पडग्या पाणी +पड़ी ए पड़ी ललकारे बे +जनूं दल्लो राणी +मोरी म्हं को लीक्ड्या बे +जणूं सामण का पाणी +धम्मड़ धम्मड़ कूटी बे +जणूं धान्नां की घाणी",haryanvi-bgc +"जय जय राजस्थान +गोरे धोरां री धरती रो +पिचरंग पाणा री धरती रो , पीतल पातल री धरती रो , मीरा करमा री धरती रो +कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान . . . +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +कोटा बूंदी भलो भरतपुर अलवर अर अजमेर +पुष्कर तीरथ बड़ो की जिणरी महिमा चारूं मेर +दे अजमेर शरीफ औलिया नित सत रो फरमान +रे कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान . . . . +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +दसो दिसावां में गूंजे रे मीरा रो गुण गान +हल्दीघाटी अर प्रताप रे तप पर जग कुरबान +चेतक अर चित्तोड़ पे सारे जग ने है अभिमान +कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +उदियापुर में एकलिंगजी गणपति रंथमभोर +जैपुर में आमेर भवानी जोधाणे मंडोर +बीकाणे में करणी माता राठोडा री शान +कितरो कितरो रे करा म्हें बखान कण कण सूं गूंजे जय जय राजस्थान +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +आबू छत्तर तो सीमा रो रक्षक जैसलमेर +किर्ने गढ़ रा परपोटा है बांका घेर घूमेर +घर घर गूंजे मेड़ततणी मीरा रा मीठा गान +कितरो कितरो रे करां म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +राणी सती री शेखावाटी जंगळ मंगळ करणी +खाटू वाले श्याम धणी री महिमा जाए न वरणी +करणी बरणी रोज चलावे बायेड़ री संतान +कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां +गोगा पाबू , तेजो दादू , झाम्बोजी री वाणी +रामदेव की परचारी लीला किण सूं अणजाणी +जैमल पन्ना भामाशा री आ धरती है खान +कितरो कितरो रे करा म्हें बखाण , कण कण सूं गूंजे , जय जय राजस्थान +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर कुंचा भई धर मंजलां +धर मंजलां भई धर मंजलां",rajasthani-raj +"देवी के दिवाले बड़ी भीर +देवी के दिवालें बड़ी भीर , +चलो तो दर्शन करबे । +कौना लगा दई मैया बेला चमेली , +कौना ने लाल अनार । चलो . . . +देवी लगा दई मैया बेला चमेली , +लंगुरे ने लाल अनार । चलो . . . +कांहे के गोडूं भैया बेला चमेली , +काहे के लाल अनार । चलो . . . +कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली , +खुरपन लाल अनार । चलो तो +काहे के सींचूं मैया बेला चमेली , +काहे से लाल अनार । चलो . . . +दुधुअन सीचूं मैया बेला चमेली , +अमृत लाल अनार । चलो तो दर्शन करबे । +देवी के दिवाले बड़ी भीर , चलो तो दर्शन करबे ।",bundeli-bns +"नाना म्हारा का ठुमक्या पांय +नाना म्हारा का ठुमक्या पांय , +ठुमुक ठुमुक भाई वाड़ी मऽ जाऽय । +वाड़ी मऽ का वनफल तोड़ तोड़ खाय , +एतरा मंऽ आई गई मालेण मांय । +मालेण मांय नऽ छोड़ई लिया झगा नऽ झूल , +रड़ऽ कुढ़ऽ रे म्हारो नानो भाई । +रस्ता मऽ मिली गई भूआ मांय , +क्यों रड़ऽ रे म्हारा नारा भाई । +नाना भाई नऽ तोड़ी लिया कमल का फूल , +मालेंण मांय नऽ छोड़ई लिया झगा नऽ झूल । +लऽ वो , मालण मांय , थारा कमल का फूल , +दऽ म्हारा नाना का झगा नऽ झूल ।",nimadi-noe +"मेरी मालन रंगीली गून्थ लायी री सेहरा +मेरी मालन रंगीली गून्थ लायी री सेहरा गून्थ लायी री +कहां तो बोया केवड़ा री कहां तो बोया गुलाब री +किनारे किनारे बोया केवड़ा री क्यारी में बोया गुलाब री +किन ये डाल झुकाइयां री और किन ये बीने हैं फूल री +मेरी मालन छबीली . . . +माली ने डा��� झुकाइयां री और मालन ने बीने हैं फूल री +गून्था ए गून्था वारी ला हां धरा ए चंगेरी के बीच री +मेरी मालन छबीली . . . +सिर धर मालन निसरी री मेरठ के तखत बजार री +लोग महाजन पूछिया अरी कर सेहरे का मेल री +मेरी मालन छबीली . . . . +यौं तो लगे या मे डेढ़ सौ री , और लाल लगे लख चार री +उड़ने तो लगी चिड़कली जी कूकन लागे मोर री +मेरी मालन छबीली . . . +किन यह सेहरा मंगाइयां री और किस के घर में जाय री +. . . का बेटा . . . का पोता ब्याहियां उन घर जाये री +मेरी मालन छबीली . . .",haryanvi-bgc +"दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +जाचक खड़े साह्मणै , बिप्पर खड़े साह्मणै +कहै करण तम राणी धोरै जाओ +ओ ऊंचा स्ािान दूर नहीं साह्मणै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +दूर देस्यां के हम हारे थके भोत होए हैरान +कहै करण मेरी ढाल पकड़ा इतणा कर द्यो इहसान +तुम्हारे मुख कै साह्मणै बिपर खड़े साह्मणै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +के नौकर हम तेरे बाप के क्यूं धराया दानी नाम +कह करण इब गया है परण जी बुरी करी करतार नै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +रिसक पिसक कै ढाल सरकाई तोड़े चौंपे के दांदे +लेओ बिप्पर दान थम पधारो अपणै धाम नै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +धो के तो देओ हम नै दान गावैगे हम संसार मैं +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +मार्या करण नै बाण गंगा चढ़ आई साह्मणै +गंगा मैं धो के दिया दान पधारो अपणै धाम नै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै +कहे किरसन तैं देख ले यो सै दान का मान +तुम्हारे मुख कै साह्मणै बिप्पर खड़े साह्मणै +दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै",haryanvi-bgc +"अंगिका फेकड़ा +औका बौका , तीन तड़ौका +लौआ लाठी , चन्नन काठी । +बाग रे बग डोलडोल +सम्मर में करेला फूले +एक करेला नाम की ? +आई बिआई फूलेॅ पानेॅ पचकी जा । +धान कूटेॅ धनियाँ , बैठोॅ बभनियाँ +केला के चोप लेॅ केॅ दौड़ेॅ कुम्हैनियाँ । +अट्टापट्टा , नूनू केॅ पाँच बेट्टा +कोय गेलै गाय चराय लेॅ , कोय गेलै भैंसी में +नूनू हाथोॅ में दूधभात +गसगस खैलकै । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्दन काठी । +बाग रे बग डोलडोल +पनिया चुभुक । +चौबे चकमक दूबे नवाब +पांडे पंडित , मिसिर चमार । +चौधरीमौधरी काठ के दीया +चौधरी +छियाछिया । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्नन काठी । +चल गे बेटी गंगा पार +गंगा पार से आनबौ रेल +रेल गेलो चोरी , +टलो कटोरी +इरिचमिरिच मरचाइन क��ॅ झावा +हाथी दाँत सबुर नै पावा । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्नन काठी +चल चल बहिनो पार गे +पारोॅ सें करेली लान +पक्कापक्का हम्में खाँव +कच्चाकच्चा तोहें खो +पकड़ बुच्ची कान गे । +पुड़िया रे पुड़िया +घीयोॅ में चपोड़िया । +माथ पर धुम धाम +पकड़ कनेठिया ।",angika-anp +"करूं कढ़ाई गुलगुला सेढल माता धोकन जाय +करूं कढ़ाई गुलगुला सेढल माता धोकन जाय । +इब म्हारी सेढल माता राज्जी होय । +दादी दायला फूल्या नहीं समाय ।",haryanvi-bgc +"भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो +भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो +बजर सन गात हे । +मोंछ रानू बँहिगा , सनसन आवे हे । +जब तूँ आहे कोसिका हमो डुबइबे +आनब हम अस्सी मन कोदारि । +अस्सी मन कोदरिया रे रानो , +बेरासी मन बेंट +आगूआगू धसना धाय । ।",angika-anp +"अरजी बरजी करइ छोटकी ननदिया +अरजी बरजी1 करइ छोटकी ननदिया । +आइ रे गेलइ इहमा2 मास रे फगुनमा3 ॥ 1 ॥ +जो तोंहे जइहऽ भउजी , अपन कोहबरवा । +भइया से कहि मोरा , रखिहऽ नेअरबा4 ॥ 2 ॥ +नहीं माँगू थारी5 लोटा , नहीं माँगू धनमा । +एक हम माँगू भउजी , सिर के सेनुरबा । +एक हम माँगू भउजी , तोहरो सोहगबा ॥",magahi-mag +"रामलला नहछू +आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो । +रामलला कर नहछू गाइ सुनाइय हो । । +जेहि गाये सिधि होय परम निधि पाइय हो । +कोटि जनम कर पातक दूरि सो जाइय हो । । १ । । +कोटिन्ह बाजन बाजहिं दसरथ के गृह हो । +देवलोक सब देखहिं आनँद अति हिय हो । । +नगर सोहावन लागत बरनि न जातै हो । +कौसल्या के हर्ष न हृदय समातै हो । । २ । । +आले हि बाँस के माँड़व मनिगन पूरन हो । +मोतिन्ह झालरि लागि चहूँ दिसि झूलन हो । । +गंगाजल कर कलस तौ तुरित मँगाइय हो । +जुवतिन्ह मंगल गाइ राम अन्हवाइय हो । । ३ । । +गजमुकुता हीरामनि चौक पुराइय हो । +देइ सुअरघ राम कहँ लेइ बैठाइय हो । । +कनकखंभ चहुँ ओर मध्य सिंहासन हो । +मानिकदीप बराय बैठि तेहि आसन हो । । ४ । । +बनि बनि आवति नारि जानि गृह मायन हो । +बिहँसत आउ लोहारिनि हाथ बरायन हो । । +अहिरिनि हाथ दहेड़ि सगुन लेइ आवइ हो । +उनरत जोबनु देखि नृपति मन भावइ हो । । ५ । । +रूपसलोनि तँबोलिनि बीरा हाथहि हो । +जाकी ओर बिलोकहि मन तेहि साथहि हो । । +दरजिनि गोरे गात लिहे कर जोरा हो । +केसरि परम लगाइ सुगंधन बोरा हो । । ६ । । +मोचिनि बदनसकोचिनि हीरा माँगन हो । +पनहि लिहे कर सोभित सुंदर आँगन हो । । +बतिया कै सुधरि मलिनिया सुंदर गातहि हो । +कनक रतनमनि मौरा लिहे मुसुकातहि हो । । ७ । । +कटि कै छीन बरिनिआँ छाता पानिह�� हो । +चंद्रबदनि मृगलोचनि सब रसखानिहि हो । । +नैन विसाल नउनियाँ भौं चमकावइ हो । +देइ गारी रनिवासहि प्रमुदित गावइ हो । । ८ । । +कौसल्या की जेठि दीन्ह अनुसासन हो । +नहछू जाइ करावहु बैठि सिंहासन हो । । +गोद लिहे कौसल्या बैठी रामहि बर हो । +सोभित दूलह राम सीस पर आँचर हो । । ९ । । +नाउनि अति गुनखानि तौ बेगि बोलाई हो । +करि सिँगार अति लोन तो बिहसति आई हो । । +कनकचुनिन सों लसित नहरनी लिये कर हो । +आनँद हिय न समाइ देखि रामहि बर हो । । १० । । +काने कनक तरीवन , बेसरि सोहइ हो । +गजमुकुता कर हार कंठमनि मोहइ हो । । +कर कंचन , कटि किंकिन , नूपुर बाजइ हो । +रानी कै दीन्हीं सारी तौ अधिक बिराजइ हो । । ११ । । +काहे रामजिउ साँवर , लछिमन गोर हो । +कीदहुँ रानि कौसलहि परिगा भोर हो । । +राम अहहिं दसरथ कै लछिमन आन क हो । +भरत सत्रुहन भाइ तौ श्रीरघुनाथ क हो । । १२ । । +आजु अवधपुर आनँद नहछू राम क हो । +चलहू नयन भरि देखिय सोभा धाम क हो । । +अति बड़भाग नउनियाँ छुऐ नख हाथ सों हों +नैनन्ह करति गुमान तौ श्रीरघुनाथ सों हो । । १३ । । +जो पगु नाउनि धोवइ राम धोवावइँ हो । +सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो । । +अतिसय पुहुप क माल रामउर सोहइ हो । । +तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो । । १४ । । +नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो । +पदुमपरागमनिमानहुँ कोमल गातहि हो । । +जावक रचि क अँगुरियन्ह मृदुल सुठारी हो । +प्रभू कर चरन पछालि तौ अनि सुकुमारी हो । । १५ । । +भइ निवछावरि बहु बिधि जो जस लायक हो । +तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो । । +राजन दीन्हे हाथी , रानिन्ह हार हो । +भरि गे रतनपदारथ सूप हजार हो । । १६ । । +भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो । +परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो । । +तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो । +होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो । । १७ । । +गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो । +रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो । । +हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो । +नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो । । १८ । । +दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो । +कोटिन्ह दीन्हेउ दान मेघ जनु बरखइ हो । । +रामलला कर नहछू अति सुख गाइय हो । +जेहि गाये सिधि होइ परम निधि पाइय हो । । १९ । । +दसरथ राउ सिंहसान बैठि बिराजहिं हो । +तुलसिदास बलि जाहि देखि रघुराजहि हो । । +जे यह नहछू गावैं गाइ सुनावइँ हो । +ऋद्धि सिद्धि कल्यान मुक्ति नर पावइँ हो । । २० । ।",awadhi-awa +"दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे +दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे +आई नव प्रभात +गवाँराँ गीगां हंस ल्यो रे +गयी अंधारी रात +नवाँ नवाँ हो झाड़ हाथ ले +सोत्डला में चालो चालो +खेतडला में चालो +अब हिम्मत , अब हिम्मत , अब हिम्मत , +की है बात रे +आयो नव प्रभात +कान खोल के सुण लो जवानो +धरती सोणा निपजे रे , +मेहनत सूँ , मेहनत सूँ , मेहनत सूँ +निपजे रे +गयी अंधारी रात +दिन उग्यो कूकड़ी बोले रे +आयो नव प्रभात",rajasthani-raj +"260 +चेलयां गुरु दा हुकम परवान कीता जा सुरग दियां सिरियां मेलियां ने +सब तिंन सौ सठ जां भवे तीरथ वाच गुरां मंतरां कीलियां ने +नौ नाथ बवंजड़ा वीर आए चैसठ जोगनी नाल रसीलियां ने +छे छती ते दस अवतार आए विच आबहयात दे झीलियां ने",panjabi-pan +"मलिया के अँगनवाँ चननवाँ केरा गाछ +मलिया के अँगनवाँ चननवाँ केरा गाछ1 । +ताहि तर2 सुगवा3 सगुनवा4 ले ले ठाढ़ ॥ 1 ॥ +पहिला सगुनवाँ माइ हे , मलिया के देल । +सोने के मउरिया5 लाइ मड़वा धराय ॥ 2 ॥ +दूसरे सगुनवाँ माइ हे , कुम्हरा6 के देल । +सोने के कलसवा लाइ मड़वा धराय ॥ 3 ॥ +तीसरे सगुनवाँ माइ हे , बम्हनवाँ के देल । +सोने के पतरबा7 लाइ मड़वा धराय ॥ 4 ॥ +चउथे8 सगुनवाँ माइ हे , बेटी के बाबा के देल । +अपनी दुलहिनियाँ आनि चउका बइठाय ॥ 5 ॥ +पँचवाँ सगुनवाँ माइ हे , बेटा के बाबा के देल । +अपन दुलहवा आनि चउका बइठाय ॥ 6 ॥ +गरजे लागल कारी बदरिया , बरसे लागल मेघ । +भीजे लागल दुलहा दुलहिन , जोड़ले सनेह9 ॥ 7 ॥ +दुलहिन पुछये दुलहवा साधु10 बात । +कइसेकइसे11 सजल12 जी परभु अपन बरियात13 ॥ 8 ॥ +धोयले धोयले कपड़ा रँगलरँगल दाँत । +छयले छयले गभरू14 सजल बरियात ॥ 9 ॥ +दुलहा जे पूछये दुलहिनियाँ साधु बात । +कइसे कइसे सीखल धानि राम रसोई15 ॥ 10 ॥ +बतिसो हँड़ियवा जी परभू , छप्पन परकार । +बाबा घरे सिखली जी परभू राम के रसोई ।",magahi-mag +"मुबारिक सादी हो बनड़े ये घोड़ी नाचती आई +मुबारिक सादी हो बनड़े ये घोड़ी नाचती आई +तेरे बाबा हजारी नै बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे ताऊ हजारी ने बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे मन पसंद बनड़े ये घोड़ी क्यूं नहीं आई +मुबारिक सादी हो बनड़े ये घोड़ी नाचती आई +तेरे बाब्बू हजारी नै बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे चाचा हजारी नै बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे मन पसंद बनड़े ये घोड़ी क्यूं नहीं आई +मुबारिक सादी हो बनड़े ये घोड़ी नाचती आई +तेरे फूफा हजारी नै बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे मौसा हजारी ने बड़ी दूरों से मंगवाई +तेरे मन पसंद बनड़े ये घोड़ी क्यूं नहीं आई",haryanvi-bgc +"गुदना हरें गोद गुदनारी +गुदना हरें गोद गुदनारी । +कसकत बाँय हमारी । +हातन में लिख गुर गोविन्दा , +हिरदें कुँज बिहारी +गालन में लिख छब मोहन की । +फूलन फूल हजारी । +माथैं लिख दे गोबर धन की , +मूरत , प्रान प्यारी । +ईसुर चीन लये राधा ने , +ठाँडे हसत बिहारी ॥",bundeli-bns +"सोना के ढकनी में हरदी परोसल +सोना के ढकनी1 में हरदी परोसल2 । +उपरे3 लहलही दूभ4 हो , सिरवा5 हरदी चढ़ावे ॥ 1 ॥ +पहिले चढ़ावे बराम्हन अप्पन6 । +तब सकल परिवार हो , सिरवा हरदी चढ़ावे । +सोना के ढकनी में हरदी परोसन । +उपरे लहलही दूभ हो , सिरवा हरदी चढ़ावे ॥ 2 ॥ +पहिले चढ़ावे बाबा जे अप्पन । +तब सकल परिवार हो , सिरवा हरदी चढ़ावे ॥ 3 ॥ +पहिले चढ़ावे चच्चा जे अप्पन । +तब सकल परिवार हो , सिरवा हरदी चढ़ावे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"114 +सुलतान भाई आया हीर संदा आखे मां नूं घिऊ नूं ताड़ अम्मां +असां फेर जे बाहर एह डिठीसुटां एसनूं जान थीं मार अम्मां +तेरे आखयां सतर1 जे ना बैठी फेरां एसदी धौन तलवार अम्मां +चाक वड़े नाहीं साडे विच बेहड़े नहीं डकरे करांगे चार अम्मां +जेकर धी ना हुकम विच रखियाई सभ साड़ सुटां घर बाहर अम्मां +वारस शाह जेकर धी बुरी होवे रोहड़ दे समुंदरों पार अम्मां",panjabi-pan +"दिया-बत्ती हुओ रे मिलाप बय लड़ी सांजुली +दियाबत्ती हुओ रे मिलाप , बय लड़ी सांजुली । । +गौआबछुआ हुओ रे मिलाप , बय लड़ी सांजुली । । +पंछीबच्चा हुओ रे मिलाप , बय लड़ी सांजुली । । +रातदिन हुओ रे मिलाप , बय लड़ी सांजुली । । +राजारानी हुओ रे मिलाप , बय लड़ी सांजुली । ।",nimadi-noe +"पनिया कैसे जाऊ सावरिया मै +पनियां कैसे जाऊ सांवरिया मैं , +रसिया रोके मोखों डगरिया में । +घूंघट की ओर चोट तक मारे , +कांकरिया घाले गगरिया में । रसिया . . . +केसरिया रंग अबीर अरगजा , +भरिभरि डारे चुनरिया में । रसिया . . . +लख या हाल हंसे नर नारी , +दे दे ताल बजरिया में । रसिया . . . +कंचन कुँअरि करी बदनामी , +नाहक अवध नगरिया में । रसिया . . .",bundeli-bns +"घड़ी एक घोड़ीलो थोबजे रे सायब बनड़ा +घड़ी एक घोड़ीलो थोबजे रे सायब बनड़ा +दाऊजी से मिलवा दो रे हठीला बनड़ा +दाऊजी से मिलकर काई करो वो सायब बनड़ी +दो न पालकड़े पाँव +चालो घर आपणा",malvi-mup +"माय में एकली जासेवो +माय में एकली जासेवो +माय में एकली जासेवो +तू काहे को एकली रे बेटा +तू काहे को एकली रे बेटा +उजला कपड़ा साथ चलिया +उजला कपड़ा साथ चलिया +आमा हांडी साथ चलियो +आमा हांडी साथ चलियो +घर का पूसो रे साथ चलियो +घर का पूसो रे साथ चलियो +स्रोत व्���क्ति सीताराम बैठ , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"काय को दिवलो मैया, काय की बाती +काय को दिवलो मैया , काय की बाती +काय की लागी जगाजोत +सुन्ना को दिवलो , मैया रूपा की बाती +कपूर की लागी जगाजोत +पाँवा ने बिछिया सोवता ए माय +थारा अनबट से लागी रयो बाद",malvi-mup +"174 +हीरमाउं देनाल आ लड़न लगी तुसां साक कीता नाल जोरियां दे +कदों मंगया मुनस मैं तुध कोलों बैर कढया ने लाल घोरियां दे +हुण करें वलाए क्यों असां कोलों एह कम्म ना हुंदे ने चोरियां दे +जेहड़े होन विआकुल चा लावंदे ने इटां बारियां दीयां विच मोरियां दे +चाए चुगद1 नूं कंूज दा साक दितो परी बधीया ई गल ढोरियां दे +वारस शाह मियां गनां जग सारा मजे चख लै पोरियां पोरियां दे",panjabi-pan +"प्रभु तोरी महिमा परम अपारा +प्रभु तोरी महिमा परम अपारा +जाको मिले न कोऊ पारा । । +सबरे जगत खों आप रचावें +सबके हो तुम पालन हारा । +प्रभु तोरी महिमा . . . । +कैसो सूरज गरम बनायो +कैसो शीतल चांद उजारा । +प्रभु तोरी महिमा . . . । +जुदाजुदा नभ के तो ऊपर +चमकत कैसे हैं धु्रवतारा । +प्रभु तोरी महिमा . . . । +उन प्रभु खों तुम भज लो प्यारे +कर लो अपनो बेड़ा पार । +प्रभु तोरी महिमा . . . ।",bundeli-bns +"पड़तालीओ हुण आशक केहड़े? +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ? +नेंहु लग्गा मत्त गई गवाती । +‘नहन1 अकबर’ ज़ात पछाती । +साई शाह रग तों भी नेड़े । +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ? +हीरे तूँ मुड़ राँझा होई । +एह गल्ल विरला जाणे कोई । +साईं चुक्क पवण सभ झेड़े । +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ? +लै बराताँ रातीं जागे । +नूर नबी दा बरसन लागे । +ओह वेख असाडे वेहड़े । +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ? +‘अनलहक’2 केहा उन लोकाँ । +मनसूर न देंदा आपे होका । +मुल्लाँ बन बन आवन पेड़े । +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ? +बुल्ला सहु शरा ते काज़ी है । +हकीकत ते भी राज़ी है । +साई घर घर निआओं निबेड़े । +पड़तालीओ हुण आशक केहड़े ?",panjabi-pan +"घामू घामू तीसो तीसो एजेकेन जा आबा +घामू घामू तीसो तीसो एजेकेन जा आबा +मिया मिलटो धारना सुभान सुभाये +घामू घामू तीसो तीस एजेकेन जा आबा +मिया मिलटो गाधी लियेन सुभाये +घामू घामू तीसो तीसो एजेकेन जा आबा +मिया मिलटो मिगरी चुटी सुभाये +घामू घामू तीसो तीसो एजेकेन जा आबा +मिया मिलटो भानी टालान सुभाये +भानी टालान चोजेमा सुभाये कौन जा +इंज सांटी किमीन भी का भागायेन +घरना सुभान चोजेमा सुभान कौन जा +इंज सांटी कौन भी का भागायेन +स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्���े , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"ए परदेसी चाल्या जाइये +ए परदेसी चाल्या जाइये , घर बूझे सै मारे नै +ए मेरी मां बाम्हण कै जारी बाबल नम्बरदारी मैं +ए मेरी भाभी माण्डे पोवै , दाल रघैं म्हारे हारे मैं +ए मेरा बीरा ढोल जिमावै , जले की नजर चुबारे मैं +ए मेरी माता लत्ते दिखावै , बैली करदी बाड़ै मैं",haryanvi-bgc +"इंज सेनेवा सेनेवा जा राजा गावां सिरेन +इंज सेनेवा सेनेवा जा राजा गावां सिरेन +इंज सेनेवा सेनेवा जा राजा गावां सिरेन +गाना बजना जा सेने बोले +गाना बजना जा सेने बोले +बाकीमा सेने इयां रानी गावां सिरेन +बाकीमा सेने इयां रानी गावां सिरेन +गाना बजना डो बाकी सेने +गाना बजना डो बाकी सेने +गाँव का लोग जले डो रानी गावां सिरेन +गाँव का लोग जले डो रानी गावां सिरेन +गाना बजना डो बाकी सेने +गाना बजना डो बाकी सेने +जलने वालों को जलन दे राजा +जलने वालों को जलन दे राजा +बोलने वालों को बोलन दे राजा +बोलने वालों को बोलन दे राजा +गावां सिरेन गाना बजना जा इंज सेने +गावां सिरेन गाना बजना जा इंज सेने +बाकीमा सेने इयां डो रानी +बाकीमा सेने इयां डो रानी +बालेमा बोले इयां बारेन डो डो डो मारे +बालेमा बोले इयां बारेन डो डो डो मारे +बाकीमा सेने इयां डो रानी आमा जाने इयां जाने +बाकीमा सेने इयां डो रानी आमा जाने इयां जाने +कलंगी बारे डो हाजे बोले +कलंगी बारे डो हाजे बोले +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग +पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग +बधावा जी हमारे नित नया +हमारा नहीं जी तुम्हारी माय का भाग +जिन जाये हैं गिरदां वाले पूत +जिन जाये हैं अर्जुन जैसे पूत +बधावा जी हमारे नित नया",haryanvi-bgc +"तैं चौड़ा तैं चीकणा +तैं चौड़ा तैं चीकणा +तैं बिरमा का पूत +तेरी डाली सींज कै +सदा पावै हम सुख +जोआं की क्यारी चणै भरी +उसने सींजे राधा प्यारी +पीपल सींजन मैं चाली +कुल अपणे की लाज +पीपल सींज्या हर मिले +एक पंथ को काज",haryanvi-bgc +"वर निकासी के समय का गीत +बना क्यों रे खड़ो दलगीरी से +थारा समरथ दादाजी थारा सांत +लाल क्यों रे खड़ो दलगीरी से +थारा समरथ काकाजी थारा सांत ।",malvi-mup +"एक पईसा के भाजी ला +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में +पररा में केरा संतरा धरके , बईठे रइथस कोर कोर में +एक बेर लेवैया हा दु बेर आथे , हँसत रइथ��� तोर संग में +खटमेचिया टुरा हा मेछा ला एठियाके +खटमेचिया टुरा हा मेछा ला एठियाके , पईसा देथे आँखी मार के +गोई बजार में +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में +गोड मा हे मेंहदी , झमके मुंदरी , खोपा के मोगरा महके +बंगला के पान खाये , मुंहे रचाये , छंड़त है लुगरा तोर मुड़ के +हरियर भाटा ला आघु मा रख दे , कड़हा भाटा ला पानी छिच दे +गोई बजार में +एक पईसा के भाजी ला , दू पईसा बेचे गोई +गोंदली ला रखे जी मां डार के +अवो मची अम्मा वो , अवो पेड़ हम्मा वो +बईठे मरारिन बजार में",chhattisgarhi-hne +"आल्हा ऊदल +जान छोड़ देल इंदरमन के जब सोनवा देल जवाब +केतना मनौलीं ए भैया के भैया कहा नव मनलव मोर +रात सपनवाँ सिब वाबा के +एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा के के भैल अँगार +सोत खनाबों गंगा जी के सिब के चकर देब मँगवाय +फूल मँगाइब फुलवारी से घरहीं पूजा करु बनाय +तिरिया चरित्तर केऊ ना जाने बात देल दोहराय +करे हिनाइ बघ रुदल के +ऊ तो निकसुआ है सोंढ़ही के राजा झगरु देल निकाल +सेरहा चाकर पर मालिक के से सोनवा से कैसे करै बियाह +पाँचो भौजी है सोनवा के संगन में देल लगाय +मुँगिया लौंड़ी के ललकारे लौंड़ी कहना मान हमार +जैसन देखिहव् सिब मंदिर में तुरिते खबर दिहव् भेजवाय +मूरत देखे सिब बाबा के सोनवा मन मन करे गुनान +लौंड़ी लौंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं +फूल ओराइल मोर डाली के फुलवारी में फूल ले आ वह जाय +एतनी बोली लौंड़ी सुन के लौंड़ी बड़ मंगन होय जाय +सोनक चंपा ले हाथन माँ फुलवारी में जेमल बनाय +बैठल राजा डेबा ब्राहमन जहवाँ लौंड़ी गेल बनाय +कड़खा बोली लौंड़ी बोलल बाबू सुनीं रजा मोर बात +कहाँ के राजा चलि आइल फुलवारी में डेरा देल गिराय",bhojpuri-bho +"नीला लिजा ऐबेरे डो नीला कण्टी रानी +नीला लिजा ऐबेरे डो नीला कण्टी रानी +नीला पार डोंगरा डो डोयराये +इयां नी सोना ढाना बारी कोनकिन्जा राजा +राजा जा जेमा सिरेन बाये +मिया का साला जेवा डो रानी +रानी डो माय डो बामेरान बाये +आजोमेजा राम भगवान इयां +कोन किन्जकेन डो चाले +अमाका टगली उरीये डो नीला कण्टी रानी +रानी डो नीला पार डोंगरो डो डोयराये +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"छिंगुनिया के छल्ला +छिंगुनिया के छल्ला पे तोहि का नचइबे , +नथुनियाँ , न झुलनी , न मुँदरी जुड़ी , +आयो लै के कनैठी अंगुरिया को छल्ला +इहै छोट छल्ला पे ढपली बजइबे +कितै दिन नचइबे , गबइबे , खिजइबे +कसर सब निकार लेई , फिन मोर लल्ला +कबहुँ गोरिया तोर पल्ला न छोड़ब , +चिपक रहिबे बनिके तोरा पुछल्ला +करइ ले अपुन मनमानी कुछू दिन +उहै छोट लल्ला तुही का नचइबे +भये साँझ आवै दुहू हाथ खाली +जिलेबी के दोना न चाटन के पत्ता , +मेला में सैकल से जावत इकल्ला , +सनीमा के नामै दिखावे सिंगट्टा +हमहूँ चली जाब देउर के संगै +उहै ऊँच चक्कर पे झूला झुलइबे +काहे मुँहै तू लगावत सबन का +लगावत हैं चक्कर ऊ लरिका निठल्ला +उहाँ गाँव माँ घूँघटा काढ रहितिउ , +इहाँ तू दिखावत सबै मूड़ खुल्ला +न केहू का हम ई घरै माँ घुसै देब , +चपड़चूँ करे तौन मइके पठइबे +लरिकन को किरकट दुआरे मचत , +मोर मुँगरी का रोजै बनावत है बल्ला , +इहाँ देउरन की न कौनो कमी +मोय भौजी बुलावत ई सारा मोहल्ला +छप्पन छूरी इन छुकरियन में छुट्टा +तुहै छोड़ , कहि देत , मइके न जइबे +मचावत है काहे से बेबात हल्ला , +अगिल बेर तोहका चुनरिया बनइबे , +पड़ी जौन लौंडेलपाड़न के चक्कर +दुहू गोड़ तोड़ब घरै माँ बिठइबे +छिंगुनियाके छल्ला पे . . .",bhojpuri-bho +"हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो +हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो +काँचा तिली के तेल +कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +कांचा तिली के तेल +ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +दाई आनय तिली के तेल +कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +कोन देवय अंचरा के छाँव +फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +दाई देवय अँचरा के छाँव +रामलखन के मोर तेल चढ़त थे +बाजा के सुनव तुमन तान",chhattisgarhi-hne +"गौं गौं पंचायत करा, अर सुधारा पाणी जी +गौं गौं पंचायत करा , अर सुधारा पाणी जी , +सुख से उठलीबठली , राणीबौराणी जी । +न करा मुकदमा भायों , करा आपस मा मेल जी , +कोर्ट माँ पड्यां रला , बेचला लोणतेल जी । +अच्छो काम करा भायों , नी खेलणू जुवा जी , +गलीगल्यों पड्यां रला , बोलला बोई बुबा जी । +पंचू मा जैक बोला , घूस जरा नी खाणी जी , +सहीसही निसाब कर्णू , बालबच्चों जाणी जी । +अपणी छ खेती , अपणू छ राज जी , +मेल से रणो भाई , आजाद आज जी । +डाली बोटी लगावा , वणा बग्वान जी , +जागू जागू मोटर पौंछा , देवा श्रमदान जी ।",garhwali-gbm +"सीता राम सुमर लेवो +सीता राम सुमर लेवो , +आरे तजी देवो सब काम +१ सपना की संपत भई , +आरे बाध्यो जगराज +भोर भई उठ जागीयाँ +आरे जीनका कोण हवाल . . . +सीता हो राम . . . +२ बिगर पंख को सोरटो , +आरे उड़ी चलीयो रे आकाश +रंग रुप वो को कछु नही +आरे वोक भुख नी ���्यास . . . +सीता हो राम . . . +३ वायो सोनो नही निपजे , +आरे मोती लग्या रे डाल +भाग बिना रे मोती ना मीले +तपस्या बीन राज . . . +सीता हो राम . . . +४ राजा दशरथ की हो अयोध्या , +आरे सिर जाया रघुबीरा +माता हो जीनकी कोशल्याँ +आरे लक्ष्मण बलवीरा . . . +सीता हो राम . . . +५ अनहद बाजा हो बाजीया , +आरे सतगुरु दरबार +सेन भगत जा की बिनती +राखो चरण आधार . . . +सीता हो राम . . .",nimadi-noe +"242 +नाथ वेख के बहत मलूक चंचल अहल तबा1 ते सोहना छैल मुंडा +कोई हुसन दी कान उशनाक2 सुंदर अते लाडला मां ते बाप सदा +किसे दुख ते रूस के उठ आया अते किसे दे नाल पै गया धंदा +नाथ आखदा दस खां सच मैंथे तूं तां केहड़े दुख फकीर हुंदा",panjabi-pan +"9 +मौजू चौधरी पिंड दी पांध1 वाला चंगा भाइयां दा सरदार आहा +अठ पुत्र दो बेटियां तिसदिआं सन वडा टबर अते परिवार आहा +भले भाइआं विच प्रतीत उसदी मंनिआ चोंतरे विच सरकार आहा +वारस शाह एह कुदरतां रब्ब दीयां ने धीदो नाल उस बहुत पयार आहा",panjabi-pan +"डेगेन केन इयां आयोम लियेन +डेगेन केन इयां आयोम लियेन +धरती चोजा लियेन डेगेन केन इयां आयोम +धरती चोजा लियेन टेगेन +धरती शेषनांगे फन लियेन टेगेन इयां बेटा +धरती शेषनाग न फन लियेन टेगेन +शेष नागो टोलेमा डेगेन केन इयां आयोम +शेष नागा टोलेमा टेगेने +शेष नागो शंकर गला हार आरुकेन इयां बेटा +शेष नागो शंकर गला हार आरुकेन +शेष नागो टोलेमा टेगेन इयां आयोेम +शंकर भगवान टोलेमा टेगेना इयां आयोम +शंकर भगवान टोलेमा टेगेने के +शंकर भगवान पर्वत टेगेन केन इयां बेटा +गंगा जमुना रे टोलेमा टेगेन केन इयां आयोम +गंगा जमुना टोलेमा टेगेने +गंगा जमुना शंकर भगवान ऊबा गोठी टेगेन +आसमा जे शक्ति टेगेन के इयां आयोम +आसमा जे शक्ति टेगेन +आसमा ऐजा शक्ति टेगेन इयां बेटा +आसमा ऐजा शक्ति टेगेन +स्रोत व्यक्ति राधा , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"449 +सहती आखया पेट ने खुआर कीता कणक खा बहिश्त थी कढया ए +आई मैल तां जनत तों मिले धके रसा आन उमैद दा वढया ए +आख रहे फरिशते कणक दाना नहीं खावना हुकम कर छडया ए +सगों आदम ने हव्वा नूं खुआर कीता साथ उसदा एस ना छडया ए +वारस किसे दा असां ना बुरा कीता ऐवें नाम जहान तों छडया ए",panjabi-pan +"186 +मुंडे मास चावल दाल दहीं धगड़ एह माहियां पालियां राहियां नूं +सभा चूहड़े चपड़े रज रहे राखे जेहड़े सी सांभदे वाहियां नूं +कासे चाक चोबर सीरी डंगरां नूं दहीं मुखपा जिउ दिसन बिलाइयां नूं +दाल शोरबा रसा मठा मंडे डूमां ढोलियां कंजरां नाइयां नूं",panjabi-pan +"जौ गीवहां को उबटणों राय चमेली का तेल +जौ गीवहां को उबटणों राय चमेली का तेल +अत लाडो बैठ्यो उबटणै +मैल झड़े झड़ मैं पड़े नूर चढै गोरे अंग +अत लाडो बैठ्यो उबटणै +आ मेरी मायड़ देख ले तम देख्या सुख होय +अत लाडो बैठ्यो उबटणै +आ मेरी भुआ देखल्यो तमने आरतड़ा रो चाव +अत लाडो बैठ्यो उबटणै",haryanvi-bgc +"खड़े ने खप्पर धारणी +खड़े ने खप्पर धारणी +देवी जगदम्बा +थारे मदरो प्यालो हाथ +सदा मतवाली ओ +थारा पावां ने बिछिया सोवता वो +देवी जगदम्बा +थारी अनबट से लागी रयो बाद",malvi-mup +"भाँवर गीत +मारो कवचड़ा पर , ढेड्या दासे झुणी । +कवच आजड़ झांजड़ करे , ढेड्या दासे झुणी । +पुर्यो चुली मेकण आयो , पुरयो धड़धड़ कांपे वो । +विवाह के दिन फेरे के समय दूल्हे का छोटा भाई दुल्हन के लिए चोली लेकर दुल्हन के घर में जाता है । स्त्रियाँ कहती हैं ले लड़के मेरा कवच का घर है , भागना मत । कवच हिलती है तुझे लग जाएगी , भागना मत । वह लड़का जो चोली देने के लिये आया है , थरथर काँप रहा है ।",bhili-bhb +"घर घर लन्दन मेमां रोवैं +घर घर लन्दन मेमां रोवैं । +गांधी बन गिया गले का हार । +सरकार खड़ी सै घुटने टेके । +थोथे उस के बाजैं हथियार । +हाहाकार मचे लन्दन में । +भैणा अब रूठ गये करतार । ।",haryanvi-bgc +"लोक गीत +नीलो सो नीलो काइ धुंधे राणी । +हुर्या नी नीलो पांख धुंधे राणी । +कालो चो कालो काइ धुंधे राणी । +कागला नी पांखे वो धंुधे राणी । +धवलो चो धवलो काइ धुंधे राणी । +बगल्या नी धवलो पांख धंुधे राणी । +धंुधा रानी को सम्बोधित कर गीत है । प्रश्नोत्तर के रूप में इस गीत में कहा गया +है कि नीलानीला क्या है ? उत्तर है तोते के पंख । कालाकाला क्या है ? कौवे के +पंख । सफेदसफेद क्या है ? बगुला के पंख ।",bhili-bhb +"349 +असीं भूत दी अकल गवा दईए सानूं ला भबूत डरावना एं +त्रिंजणं देखने वहुटियां छैल कुड़ियां ओथे किंगनी तार वजावना एं +मेरी भाबी दे नाल तूं रमज मारें भला आप तूं कौन सदावना एं +ओह पई हैरान है नाल जहमत1 घड़ी घड़ी क्यों पया अकावना एं +ना तूं वैद ना मांदरी ना मुलां झाड़े गैब दे कासनूं पावना एं +चोर चूहड़े वांग है तन्न तेरी पई जापदी सिर फुडावना एं +कदे भूतना होयके झंड खोले कदे जोग धारी बन आवना एं +इट सिट फगवाड़ ते कवार गंदल एह बूटियां कढ वखावना एं +दारू ना किताब ना हथ शीशी आख काहे दा वैद सदावना एं +जाह घरों असाडयों निकल भेखी नहीं जटां दी जूह सुहावना एं +खोह बावरी खपरी भन तोडूं अते होर की लीक लुआवना एं +रन्नां बलम बाऊर2 दा दीन खोहया वारस शाह तूं कौन सदावना एं",panjabi-pan +"विघण हरण गणराज है +विघण हरण गणराज है , +शंकर सुत देवाँ +कोट विघन टल जाएगाँ , +हारे गणपति गुण गायाँ . . +विघण हरण . . . +शीव की गादी सुनरियाँ , +ब्रम्हा ने बणायाँ +हरि हिरदें में तुम लावियाँ , +सरस्वति गुण गायाँ . . . +विघण हरण . . . +संकट मोचन घर दयाल है , +खुद करु रे बँड़ाई +नवंमी भक्ति हो प्रभु देत है +गुण शब्द की दाँसी . . . +विघण हरण . . . +गण सुमरे कारज करे , +लावे लखं आऊ माथ +भक्ति मन आरज करे , +राखो शब्द की लाज . . . +विघण हरण . . . +रीधी सीधी रे गुरु संगम , +चरणो की दासी +चार मुल जिनके पास में , +हारे राखो चरण आधार . . . +विघण हरण . . .",nimadi-noe +"अंगिका फेकड़ा +निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ +नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ । +नूनू माय , हे नूनू माय +नूनू कथी लेॅ कानै छौं +अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ +दादादादी हज्जर लेॅ +पितिया महज्जर लेॅ +चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न +खोपोॅ बीकै छोॅछोॅ मन्न । +की खैबे रे बनरा ? +दालभात खैबौ गे दीदी । +केना सुतवे रे बनरा ? +कोला में सुतवौ गे दीदी । +पाप लिखतौ रे बनरा +गंगा नहैवे गे दीदी । +सरदी होतौ रे बनरा +हरदी फाँकवोॅ गे दीदी । +खोखी होतौ रे बनरा +खोखमल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी । +रे नूनू कथी के +अचनपचन बेलना के +मायबाप ससन्ना के +दादादादी हज्जर के +पितिया महज्जर के +हम्में खेलौनिया जाफर के +फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के । +ताय पूड़ी ताय +केके पकाय +नूनू पकाय +नूनुहैं खाय । +नूनू के माय आवोॅआवोॅ +भरी कंटरी खीर बनावोॅ +आपने लेल्हेॅ थार भरी +नूनू के देल्हौ कटोरा भरी +वही लेॅ नूनू रूसल जाय +बापेपितियें मिली बौसल जाय +बापें बौसल हाथीघोड़ा +पितियें बौंसल दूध कटोरा ।",angika-anp +"79 +बेले रब्ब दा नाम लै जा वड़िया होया धुप दे नाल जहीर1 मियां +ओहदी नेक साइत2 रूजू आन होई मिले राह जांदे पंज पीर मियां +रांझा वेखके तबहा फरिशतियां दी पंजां पीरां दी पकड़दा धीर मियां +काई नढड़ी सोहणी बखश छडो तुसीं पूरे हो रब्ब दे पीर मियां +हीर बखशी दरगाह थीं तुध तांहीं सानूं याद करीं पवे भीड़ मियां",panjabi-pan +"पड़ते अकाल जुलाहे मरे +पड़ते अकाल जुलाहे मरे , और बीच में मरे तेली +उतरते अकाल बनिये मरे , रुपये की रहगी धेली +चणा चिरौंजी हो गया , अर गेहूं होगे दाख +सत्रह भी ऐसा पड़ा , चालीसा का बाप",haryanvi-bgc +"माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन +माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन +माय मायटेन आकोय जा हे सरावेन +बाबा टेन आको��े +बाबा टेन आकोये +आमा मायनी वन गोम जा हे सरावेन +आमा मायनी वन गोम जा हे सरावेन +आमा वनी वन गोमे +आमा वनी वन गोमे +अन्धड़ी माय कानी गोम जा हे सरावेन +अन्धड़ी माय कानी गोम जा हे सरावेन +अन्धा बाका केन गोमे मारे +अन्धा बाका केन गोमे मारे +स्रोत व्यक्ति चिरौंजीलाल , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव +दूर दिसावर सै आई नणंदिया , भाई भतीजे के चाव +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +दस के तो हंसली दस क कडूले यो ही री भाभी नेग मेरा +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +टाट की अंगिआ मूंज की तगिआ , यो ही बीबी जी नेग तेरा +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +लेणा होए तो ले ले नणंदिया , नहीं तो करूंगी बुरा हाल +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +मेरी री आंगण गां का खूंटा , उसमें पड़या है मोटा रस्सा +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +रस्से से बांधूं नणद हठीली , रेसम से बांधूं तेरा भइआ +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +कस कर बांधूं नणद हठीली , ढीला सा बांधूं तेरा भइआ +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +आधी सी रात निकल रहे तारे , नणद गई है खूंटा पाड़ +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +सास नणद की पूछण लागी , क्या कुछ बहुअड़ नेगी +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +संग की सहेली पूछण लागी , के कुछ ल्याई भैण नेग +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ +गां बांधण नै ल्याई हूं खूंटा , सामण झूलण नै रस्सा +हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ",haryanvi-bgc +"अरे भैया रघुबीर भात सवेरे ल्याइयो +अरे भैया रघुबीर भात सवेरे ल्याइयो +मेरे सीस में किलफां ल्याइयो , मेरा टीका रतन जड़ाइयो +गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो +मेरे हाथ में दस्तबन्द ल्याइयो , मेरी चूड़ियां रतन जड़ाइयो +गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो +मेरे पैरों में पायल ल्याइयो , मेरे बिछवे रतन जड़ाइयो +गले की ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो +मेरे अंग ने साड़ी ल्याइयो , मेरी चुन्दड़ी को गोरखरू लगाइयो +गले को ल्याइयो जंजीर भारत सवेरे ल्याइयो",haryanvi-bgc +"आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +आमा उरान चौडी डो इयां कोन्जई +दूसरा उरान बाने डो इयां कोन्जई +दूसरा उरान बाने डो इयां कोन्जई +सैताना उरान माडी ना बसायो मारी बेटी +सैताना उरान माडी ना बसायो मारी बेटी +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"होली गीत +होळी आज न काल , होळी चली रे लोल ॥ +होळी को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +पड़ी को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +पांचम को मोटो तिवार , होळी चली रे लोल ॥ +सांतव की सीतळा पुजाई , होळी चली रे लोल ॥ +होली आजकल है । होली का त्यौहार समाप्त होने चला है । होली का त्यौहार बड़ा है । पंचमी और सप्तमी को रंग से होली खेलते हैं । पूर्णिमा के दूसरे दिन धुलेन्डी पर होली की धूम मचती है । सप्तमी के दिन शीतला पूजन और छठ के दिन बना हुआ भोजन करते हैं । सप्तमी का दिन होली का अन्तिम दिन होता है ।",bhili-bhb +"178 +हीरे कहर कीतो रल नाल भाइयां सभा खुलक1 तूं चा गवाइयां नी +जे तूं अंत एहो पिछा देवना सी एडिआं मेहनतां काहे कराइयां नी +एहा हद हीरे तेरे नाल साडी महल चाढ़ के पौड़ियां चाइयां नी +तैं तां वयाह दे हार शिंगार बधे अते खेड़यां घरीं वधाइयां नी +खाह कसम सौगंद तैं घोल पीती एह दसीं तूं पूरीयां पाइयां नी +बाहों पकड़ के टोर चा कढ देसों ओवें तोड़ नैनां जिवें लाइयां नी +यार यार थीं जुदा हुण दूर कीचै मेरे बाब तकदीर लिखाइयां नी +वारस शाह ठगिओ दगा दे के जेहियां कीतयां सो असां पाइयां नी",panjabi-pan +"केसर भई राधिका रानी +केसर भई राधिका रानी , +गलन गलन मिहकानी । +चम्पा , जुही केतकी बेला +ललत बेल लिपटानी +जिनसें भौत तड़ंगें उठतीं +ज्यों गुलाब कौ पानी । +ईसुर किसनचन्द मधुकर नें +लइ सुगन्द मनमानी ।",bundeli-bns +"सुहाग मांगण गई आं +सुहाग मांगण गई आं +गोरा पारबती के आगै +गोरा बनड़ा है हरियाला +नया नवेला सत मतवाला +अरी मैं ना जाणू +चोलीचुन्नी हो के लाग्या +ऐ री मैं ना जाणू +फूल चमेली होके लाग्या +ए री मैं ना जाणूं +मिसरी मेवा हो के लाग्या",haryanvi-bgc +"सियाजी बाढ़ऽ हथिन अँगना +सियाजी बाढ़ऽ हथिन1 अँगना , माता निरखै2 हे । +माइ हे , अब सीता बियाहन जोग3 सीता जोग बर चाही हे ॥ 1 ॥ +हाँथ काय4 लेहु बराम्हन धोबिया , काँखे5 पोथिया हे । +चलि जाहो नगर अजोधेया , सीता जोग बर चाही हे ॥ 2 ॥ +काहाँ से बराम्हन बाइला6 काहाँ घाइला7 हे । +कउन8 रिखी9 कनेया कुआँरी , कउन बर चाही हे ॥ 3 ॥ +जनकपुर से हम बराम्हन आइलूँ10 अजोधेया घायलूँ हे । +जनक रिखी कनेया कुआँरी , राम बर चाही हे ॥ 4 ॥ +केरे11 उरेहल12 सिर मटुका13 तिलक चढ़ावल हे । +अहे , केरे सजत बरियात , कउन सँग जायत हे ॥ 5 ॥ +जनक उरेहल सिर मुटुका , तिलक चढ़ावल हे । +अहे , दसरथ सजत बरियात , भरथ सँग जायेता14 हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"बाजरे की रोटी पोई रे हालिड़ा +बाजरे की रोटी पोई रे हालिड़ा , बथुए का रांध रै साग +आठ बलधां का रै हालिड़ा नीरणा चार हालिड़ा की छाक +बरसन लागी रे हालिड़ा बादली +सास नणद का ���े हालिड़ा ओलणा इब कूण उठाये छाक +कसकै तै रे बांधो गोरीधन लाऊणा झटदे उठाल्यो छाक +ड्योलै तै ड्योला रे हालिड़ा मैं फिरी कितै ना पाया थारा खेत +ऊंच्चे चढ़कै गोरीधण देख ले म्हारे धोले बलध कै टाल +पाछा तैं फिर कै रे हालिड़ा देख ले , कोई बोझ मरै छकियार +किसाक जाम्या रे हालिड़ा बाजरा किसीक जाम्मी सै जुआर +लाम्बे तै सिरटे गोरीधण बाजरा , मुड़वां सिरटै जुआर +कै मण बीघे निपजै रे हालिड़ा बाजरा , कै मण बीघे जुआर +नौ मण बीघे निपजा गोरी बाजरा , दस मण बीघे जुआर +अपणै घड़ाले रे हालिड़ा गोखरू मेरी भंवर की नाथ",haryanvi-bgc +"खोय देत हो जीवन बिना काम के भजन करो कछु राम के +खोय देत हो जीवन बिना काम के , भजन करो कछु राम के । +जी बिन देह जरा न रुकती , +चाहो अन्त समय में मुक्ती +ऐसी करो जतन से जुक्ती , +ध्यान करियों सबेरे न तो शाम के । भजन . . . +लख चौरासी भटकत आये , +मानुष देह कठिन से पाये , +फिर भी माने न समुझायें , +गलती चक्कर में फंसे बिना राम के । भजन . . . +ईश्वर मालिक से मुंह फेरे , +दिल से नाम कभऊं न टेरे , +वन के नारि कुटुम्ब के चेरे , +कोरी ममता में फंसे इते आन के । भजन . . . +छोड़ो मात पिता और भ्राता , +जो हैं तीन लोक के दाता , +करियो उन ईश्वर से नाता , +क्षमा करिहें अपराध अपना जान के । भजन . . .",bundeli-bns +"नागरजा +सारा गोकुल वासी करद छया +तै इन्द्र की पूजा । +कठा होई गैन तब सब स्ये +कनो बोद तब इन्द्र को बालक +केकूँ होलू जाज यो हल्ला ? +आज गोकुल का लोक , +सुण मेरा बाला करदा इन्द्र की पूजा । +तब बोलदू कृष्ण भगवानछोड़ा इन्द्र कीपूजा । +आज से करला गोवर्धन पूजा । +लाया गएपूजा को समान , +थालू परात मा मेवा मिष्टान , +षट् रस मीठ रस भोजन , +बार पकवान , बाबन व्यंजन । +घी दूध नैवेद , दीप , धूप , दान , +जौ तिल हवन , पिठैं टीका चंदन । +तब पूछदू कृष्ण भगवान : +इन्द्र क्या कभी तुम दरसन भी देंद ? +तब बोलदा गोकुल का लोक +नी देन्दू इन्द्र , दर्शन नी देन्दू । +तब तुम इन्द्र की पूजा छोड़ा हमेशाक +करी तब त्वैन लीला इनी कृष्ण +गोबर्धन फूटी , उपजे नारैण1 , +जौंका गात पीताम्बर , +भुजा मा मणिबन्ध , +सिर मोर मुकुट , हाथ बांसुली । +दर्शन देंदू दीनों कू दयाल , +मगन होई गैन गोकुल का वासी । +तब इन्द्र माराजा इनो वोद : +ब्रज वासियोंन आज मैं पूजा नी लगाए । +जा मेरा मेघो , ब्रज मा जावा , प्रलै मचावा +तबरी ही गरजीन मेघ घनघोर , +बिजली कड़के , सरग गिड़के , +बज्र तड़ातड़ तड़केन । +कंपी गये नौखंड धरती थर थर +हा हा मचीगे त�� गोकुल मा , +हे कृष्ण तिन यो क्या करे ? +कृष्ण भगीवान् तब बोलदा बैन +गोकुल का लोगू कायरो नी होणू । +तब ऊन गोबर्धन आंगुली मा धरयाले +गोकुल मा नी पड़े पानी को छीटो । +तब सोचदो इन्द्र क्या ह्वै ह्लो आज ? +क्या तै गोकुल ह्वैगे कृष्ण अवतार +तब इन्द्र माराजन साथ लिन्या +तेतीस करोड़ देव , कामधेनु गाई +चलदा चलदा ऐग्या गोकुल मांज । +कृष्ण भगवान गाई चरौंदा छया , +बंसी बजौदा छा , पृथी मोहदा छा । +कुछ ग्वाल आग छा , कुछ छा पीछ , +गौऊन विर्याँ छा , कृष्ण भगीवान । +तभी करी इन्द्रन गौ को स्वरूप , +बार बार तब परिक्रमा करदू । +ज जै कार करदा पंचनाम देव , +इना रैन कृष्ण भगवान , +गर्वियों गर्व चलैन , +छलियों का छल",garhwali-gbm +"अजहू न आयल तोहार छोटी ननदी (कजली) +बरसत सावन तरसत बीता , कजरी के आइन बहार । छोटी ननदी० । । +सब सखि झूला झूलन सावन मां गावत कजरी मलार । छोटी ननदी० । । +पीपी रटत पपीहा नाचत , मोर किए किलकार । छोटी ननदी० । । +प्रिया प्रेमघन बिन एको छन लागैना जियरा हमार । छोटी ननदी० । । +' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के सितम्बर 1945 के अंक से",khadi_boli-mis +"372 +छोटी उमर दियां यारियां बहुत मुशकल पुतर महरां दे खोलियां चारदे ने +कन्न पाड़ फकीर हो जान राजे दरद मंद फिरन विच बार दे ने +रन्नां वासते कन्न पड़ा राजे सभो जात सफात1 नघार दे ने +जिन्हां रन्नां दे नेक नसीब होवन सजन आ बैठन कोल यार दे ने +धन माल सभो सिर वख करदे दीद बाझ2 आशक दीदे मारदे ने +वारस शाह जां ज़ोक3 लगे गदा जौहर निकलन असल तलवार दे ने",panjabi-pan +"बिटिया के बाप-मताई +जब सैं मौड़ी भई माते कमैं , सूख ठठेरौ हो रए , +उदक परैं , रातें ब नींद न सुख की सो रए । +ईसुर तुमनें बुरई बिदै दई , कओ कीसैं कन जाबैं , +घर में नइयाँ चून चनन कौ , कैसें ब्याव रचाबैं । +ऊसई घर में तंगी परबै , दोदो दिन के फाँके , +कोउ नई सूदै बात करै , कै को तुम आहौ काँके । +दानौ नइयाँ , मुलकन केरे , गोऊँचना चानें ते , +ब्याज झार नई पाऔ पैल कौ , साव बुरई मानें ते । +हराँहराँ स्यानी भई बिन्नू , घानन लगीं कँदेला , +कबऊँकबऊँ ओरी के पैरै , चूरा और पटेला । +भूकि भली बने रए माते , ऊ बिटिया के काजैं , +अब जी खौं गंठ्यावन बिदी जाबुरए करें चाय साजै । +काँसैं ल्यायँ रुपइया उनसौं , ऐंठें लरकाबारे , +ऐसे भोरेभारे उनकैं , झक नई पाबैं द्वारे । +जी की थानक राखी बिटिया , बा प्रानन से प्यारी , +तनक देर के काजैं कैसँउ , करी न जाबै न्यारी । +माँगेसस्ते बैं���खर्च दए , अपने दोई बैला , +नइँतर साव कका रए उनखौं , कैउ दिना के टैला । +गानें धर दओ कुआकटीं कै , जोरजार कैं भन्ना , +पूरी करी माँग समधी की , तौऊ न जाबैं मन्ना । +अपनी प्यारी सामलिया के , पीरे हाँत करे फिर , +तातेखारे असुवा जाबैं , टपटप आँखन सैं गिर । +मौं ढाँकें घूँघट में रो रई बे मातैन बिचारीं , +अरे और की हो गई मौड़ी , आँखें करीं फरारीं । +अपने आँगन में खेलत ती , भरत हती किलकइयाँ , +ऊके नन्ना फिरत रात ते , लएँ सबरे में कइयाँ । +अरे और की हो गई मौड़ी , अब कओ कबैं दिखानैं , +भूँकप्यास नइँ आँसी साँसऊ , इँ मौड़ी के लानें । +रोरो कै रईं अब कओ कैसें , इऐ गरे सैं छोड़ैं , +करैं फिरैं नेचौ मौ माते , सेत पिछौरा ओड़ैं । +बिदा करी बिटिया की उन्नें , घर में नइयाँ खैबे , +अब कऔ कैसी करें बिचारे , ठौर बचो नई रैबे । +खाबे नईं भरपेट मिलै उर , ऊ बिटिया खौ हीड़ैं , +कै नइँ कछु काऊ सें पाबें , भीतर उठैं भपँूडै़ । +लगो घुनीतासौ भीतर हुन , कोउ नइँ धीर धरइया , +बेई बुढ़ापे की मौड़ी ती , खेबेवारी नइया । +नाज कितैं सैं रओ तो घर में , नइँ रई गड्इकुपरिया , +उठ नइँ पायँ सैं परे सैं कैसऊँ , डकरा और डुकरिया । +पानी तक नई दैबेवारो , तलफतलफ कै मर गये , +माते उर मातैन बिचारे , हीड़तहीड़त घुर गये । +उनकी प्यारी बिटिया उनखौं , मिली न मरती बैराँ +ऊके बिना उनन के काजैं , सूनऊसूनौ गेराँ । +उऐ पठैबे भरी न हामी , बुरए करे बतकारे , +मीत कड़े पड़सा के कोरे , बिटिया के घर बारे ।",bundeli-bns +"सावां गीत +सब याही आया वोते एक याही नी आया +लाव कटोरी काटो नाक , लाव विचारा नो ढाकूं नाक +डांडेडांडे उतरवो बाई छछूंदरी , +कालगान चोटी कातरवो बाई छछूंदरी +सावां लाने वालों के लिए गीत में कहा गया है कि सभी समधी भाई हैं , कटोरी +लाओ इनकी नाक काटूँ और कटी हुई नाक ढाँक दूँ । छछूंदर से कहती है कि +तू छत की लकड़ियों के सहारे नीेचे उतर । सावां लाने वालों में से किसी की चोटी +कतर डाल ।",bhili-bhb +"157 +तुसीं घल देहो तां अहसान होवे नहीं चल मेला असीं आवने हां +गल पलड़ा पा के वीर सभे असी रूठड़ा वीर मनावने हां +असां आयां नूं जे तुसी नाह मोड़ो तदों पयेपक पकावने हां +नाल भाइयां पिंड दे पैंच सारे वारस शाह नूं नाल लै जावने हां",panjabi-pan +"विवाह -गीत - सोवत रहीं अटरिया झझक +सोवत रहीं अटरिया झझक उठ बैठीं +मईया केकरे दुआरे बाजन बाजे केकर होत है बियाह +मईया जे बेटी बुलावैं गोद बैईठावें +हसि कै बोलैं बेटी तोहरे दुआरियां बाजन बाजे ���ुहरहि होत है बियाह +नाही सीख्यौ मोरी मईया गुन ग्रस्थापन नाही सीख्यौ राम रसोय +सास ननद मोरा भैया गरियैहैं मोरे बूते सहयू न जाय +सिख लेहू मोरी बेटी गुन ग्रस्थापन सिख लेहू राम रसोय +सास ननद तोहरी भैया गरियहियें ले लिहो अचरा पसार",awadhi-awa +"253 +जोग करन सो मरन थीं होए असथिर जोग सिखीए सिखना आया ई +निहचा धार के गुरु दे सेव करिये एह भी जोगियां दा फरमाया ई +नाल सिदक यकीन दे बन्न तकवा धन्ने पथरों रब्ब नूं पाया ई +मैल दिल दी धो के साफ कीती तुरत गुरु ने रब्ब मिलाया ई +बचा सुनो इस विच कलबूत खाकी सचे रब्ब ने थां बनाया ई +वारस शाह मियां हमाओसत1 जापे सरब्ब मय भगवान नूं पाया ई",panjabi-pan +"जीवन श्री जगन्नाथ जाल सें निनोरौ +जीवन श्री जगन्नाथ जाल सें निनोरौ । +थाकें ना हातपाँव , कोऊ ना घरै नाँव , +चलत फिरत चलौ जाँव , घोरूआ न घोरों । +जीवन श्री . . . +बानी रहै बान तान , इज्जत के संग सान , +दीनबन्धु दीनानाथ रै गऔ दिन थोरों । +जीवन जौ . . . +हाँत जोर चरन परत , चरनामृत घोय पियत +जियत राँम देखोंना , दूसरे को दोरौं । +जीवन श्री . . . +ईसुरी परभाति पड़त , आवरदा सोऊ बड़त , +कीचड़ में सनौ मऔ , नीर ना बिलोरों । +जीवन श्री . . .",bundeli-bns +"राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत +राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत मोहर हम पचास लेवां +हां जी हां । +राजा जी जै थारे जन्मैगी घी ओढां हम चुंदड़िया +हां जी हां । +राजा जी कौल बचन कर लो जी याद मोहर पचास हम लेवां +हां जी हां । +दाइए पूत जन्मा हमारी नार , तेरा दाई क्या रे लेया +हां जी हां । +राजा जी दोए बरस की सै बात दाई कै पैरां फेर पड़ो +हां जी हां । +राजा जी मेंह अन्धेरोड़ी रात चतर दाई कैसे चले +हां जी हां । +दाइए छिन्न भिन्न बरसैं मेह , ओढो थारी घाघरी +हां जी हां ।",haryanvi-bgc +"दूरि गमन से अयलन कवन दुलहा +दूरि गमन1 से अयलन कवन दुलहा , दुअराहिं भरि गेल साँझ2 हे । +केने3 गेल , किआ भेल सुगइ कवन सुगइ , कोहबर के करू न विचार हे ॥ 1 ॥ +एक हम राजा के बेटी , दूसरे पंडितवा के बहिनी , हम से न होतइ बिचार हे । +अतना बचनियाँ जब सुनलन कवन दुलहा , घोड़े पीठे भेलन असवार हे ॥ 2 ॥ +अतना बचनियाँ जब सुनलन कवन सुगइ , +पटुक4 झारिए झुरिए5 उठलन कवन सुगइ । +पकड़ले घोरा6 के लगाम हे । +अपने तो जाहथि7 जी परभु , ओहे रे तिरहुत देसवा , +हमरा के8 सौंपले जाएब जी ॥ 3 ॥ +नइहर में हव9 धनि , माय बाप अउरो सहोदर भाई , +ससुरा में हव छतरीराज10 हे ॥ 4 ॥ +बिनु रे माय बाप , कइसन हे नइहर लोगवा , बिनु सामी नहीं ससुरार हे । +किआ11 क��म देथिन12 जी परभु , माय बाप अउरो सहोदर भाई , +चाहे काम देथिन छतरीराज हे ? ॥ 5 ॥",magahi-mag +"इण्‍डूणी +म्हारी सवा लाख री लूम +गम गयी इण्डूणी +औ इण्डूणी रे कारणे +म्हारी सासू ताना देय +गम गयी इण्डूाणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारो ससुरा रूसो जाय +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +गयी नणद कुंआ में कूद +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारो देवर लड़े लड़ाई +गम गयी इण्डूणी +ओ इण्डूणी रे कारणे +म्हारी जेठाणी बोले बोल +गम गयी इण्डूणी",rajasthani-raj +"111 +सिर बेटियां दे चा जुदा करदे जदों गुस्सयां ते बाप आंवदे नी +सिर वढके नदी विच रोहड़ दें दे मास कां कुते बिले खांवदे नी +समी जान जलाली ने रोहड़ दिती कई डूम1 ढाडी पए गांवदे नी +औलाद जेहड़ी आखे ना लगे मापे उसनूं मार मुकांवदे नी +जदों कहर ते आंवदे बाप जालम बन्ह बेटियां भोरे पांवदे नी +वारस शाह जे मारिये बदां तांई देवे खून ना तिन्हां दे आवंदे नी",panjabi-pan +"सेन्दुर सम्भाल के उथईहा ए सुन्दर बर +सेन्दुर सम्भाल के उथ ईहा ए सुन्दर बर +सेन्दुर सम्भाल के उथईहा ए सुन्दर बर । +माता पिता कन्यादान तोह्के कैले हो +आंखी के पुतरी बनैहा ए सुन्दर बर । +मात पिता अपनी प्यारी बिटिउआ के +आंखी के पुतरी बनैहा ए सुन्दर बर ।",bhojpuri-bho +"दसरत को लछीमन बाल जीत +दसरत को लछीमन बाल जीत । +चौदा बरस तपोवन रहियो , ताप नि लाग्यो एक रती । +चौदा बरस हिमाचल रहियो , जाड़ो नि लाग्यो एक रती । +चौदा बरस सीता संग रहियो , पाप नि लाग्यो एक रती । +खोला किवाड़1 , चला मठ भीतर +दर्शन देओ लाई , अंबे झुलती रहों +गाय को गोबर चोपड़ माटी +चौका देवत माई अंबे झुलती रहो",garhwali-gbm +"होली खेलू आज किसन +होली खेलूं आज किसन , +प्यारे होली खेलूं । +आवत महल तुम्हें गह लूंगी +सगले सखन से कर न्यारे । होली . . . +लेहों काड़ कसर पिया सगरी +बन प्रमोद तुमने रंग डारे । होली . . . +देखों लाल आज तुम कैसे +रसिया अजब बने बारे । होली . . . +राधा दुलारी जान नें पावें +रसिया अजब बने न्यारे ।",bundeli-bns +"452 +वफादार ना रन जहान उते लांदी शेरदे नक विच नथ नाहीं +गधा नहीं कुलद1 मनखट2 खोजा अत खसरयां दो काई कथ नाही +नामरद दी वार ना किसे गावी अते बुजदिलां दी काई सथ नाही +जोगी नाल ना रन्न दा टुरे टूना रोज रोज थी चड़े अगथ नाही +यारी सोंहदी नही सोहागना नूं रंडी रन्न दे सोहदी नथ नाही +वारस शाह ओह आप है करनहारा इहना धदयां दे कुझ हथ नाही",panjabi-pan +"482 +हीर हो रूखसत1 रांझे यार कोलों आख सहतिए मता पकाइए नी +ठूंठा भन्न फकीर नूं कढया ई किवें उसनूं खैर भी पाइए नी +वहन लोहड़े पया वेड़ा शोहदयां2 दा नाल करम दे बनड़े लाइए नी +मेरे वासते उसने लए तरले किवे उसदी आस पुचाइए नी +तैनूं मिले मुराद ते असां माही दोवे आपने यार हडाइए नी +होया मेल जों चिरी विछुनयां दा यार रजके गले लगाइए नी +बांकी उमर रंझेटेदे नाल जालां जिवें मेरा भी मेल मिलाइए नी +जीउ आशकां दा अरश हक दा ए किवे उसनूं ठंड पवाइए नी +एह जोवना ठग बाजार दा ए सिर किसे दे एह चड़ाइए नी +शैतान दियां असीं उसताद रन्नां कोई आ खां मकर3 फैलाइए नी +बाग विच ना जांदियां सोहदियां हां किवें यार नूं घरी लिआइए नी +गल घत पला मुह घाह लै के पैरो लग के पीर मनाइए नी +वारस शाह गुनाह दे असी लदे चलो कुल तकसीर4 बखशाइए नी",panjabi-pan +"हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी +हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी +कहे के खंभ लगवाए कहे की लगी डोरियाँ प्यारी +सोने के खंभ लगवाए रेशम लगी डोरियाँ प्यार +हिंडोला . . . +कहाँ से आये शयाम बनवारी कहाँ से आई राधिका प्यारी +गोकुल से आये बनवारी मथुरा आइ राधिका प्यारी +हिंडोला . . . +कि झोंका धीरे से दे ओ हमें दर लगता भारी +दरो मत राधिका प्यारी हमें तो तुम जान से प्यारी +हिंडोला . . .",awadhi-awa +"ए जी जित बांटे झोली भर फूल +ए जी जित बांटे झोली भर फूल उड़े पड़ सो रहे भगवान +ए जी बरसै सै रिम झिम मेघ बाहर भीज्जै एकले भगवान +ए जी थारै धौरे साथियां का साथ कैसे डरपो एकले जी भगवान +ए जी म्हारै चौंतरे पग ना देय लीप्या पोता ऊपड़ै भगवान +ए जी इतनी सी सुण कै नै किसन महलां ऊतरे भगवान +ए जी एक चणा दोय दाल दलै पाच्छै ना मिले भगवान +ए जी एक दही सूजै दूध फटे पाच्छै ना मिले भगवान +ए जी एक पुरुष दूजी नार लडें़ पाच्छै रत्न मिले भगवान +ए जी एक चणा दूजी दाल पीसे पाच्छै रत्न मिले भगवान +ए जी एक दही दूजै दूध बिलोय पाच्छै ना मिले भगवान +ए जी एक पुरुष दूजी नार मनाए पीछै मनै ए भगवान +ए जी रोवै राधा जार बेजार आंसू गेरै मोर ज्यूं भगवान +ए जी राधे रूस्से बारम्बार किसन रूस्से ना सरै भगवान",haryanvi-bgc +"छैला +जिकुड़ि1 धड़क धड़क कदी । +अपणि नी छ बाणी । । +छैला2 की याद करी +उलरिगे3 पराणी4 । । +पखन जखन सरग5 गिड़िके +स्यां स्यां के बिजुलि सरके +ढाडु6 पड़ं तड़तड़ के +रुण झुण के पाणी । । +छैला की याद करी +उलरिगे पराणी । । +बीच मुलक देश अहो +कनु कै जी ज्यू त सहो । +की जो क्या ब्यूत7 कहो । +छि मैं छवीं8 नि लाणी । । +जिकुड़��� धड़क धड़क कदी । +अपणि नी छ बाणी । । +छैला बणि की उदास , +लैंदी दौं गरम स्वास ? +बणिगे तन को कबास9 , +कंदुड़ि10 छन बयाणी11 । +छैला की याद करी +उलरिगे पराणी । । +हिरहिर के बथो12 औंद +क्वी नी पर खबर लौंद +कनु कै जी शान्त होंद +पापि यो पराणी ? +धड़क धड़क जिकुड़ि कदी +अपणि नी छ बाणी । । +झट अब घर जौलो +इनु इनु वीं भेंट ल्यौलो +मन हे , तू क्यां कु लोलो +करदि काचि13 गाणी ? +छैला की याद करी +उलरिगे पराणी । । +घर की तू जोत छई +कुल मां उपोत छई +सुन्दर जनु फुलीं जई +छै तु दिल कि राणी । +जिकुड़ि धड़क धड़क कदी +अपणि नी छ बाणी । । +फ्यूली14 की कली जनी +क्वां सो स्यो वदन तनी +औंदो हा याद जनी , +तरस दो पराणी । +छैला की याद करी +उलरिगे पराणी । । +डांड्यों15 बसदी हिलांस16 +रुकदो दौं किलै स्वांस +खांदी क्या चुचा , फांस ? . . .",garhwali-gbm +"बुल्ला की जाणाँ मैं कौण! +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +ना मैं मोमन1 विच्च मसीताँ , +ना मैं विच्च कुफर2 दीआँ रीता , +ना मैं पाकाँ3 विच्च पलीताँ4 +ना मैं मूसा ना फरऔन । +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +ना मैं अंदर वेद किताबाँ , +ना मैं विच्च भंगाँ ना शराबाँ +ना विच्च रिन्दाँ मस्त खराबाँ , +ना विच्च जागण ना विच्च सौण । +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +ना विच्च शादी5 ना गमनाकी6 , +ना मैं विच्च पलीती7 पाकी8 , +ना मैं आबी ना मैं खाकी , +ना मैं आतिश ना मैं पौण । +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +ना मैं अरबी ना लाहौरी , +ना मैं हिन्दी शहर नगौरी , +ना हिन्दू ना तुरक पशौरी , +ना मैं रहिन्दा विच्च नदौण । +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +ना मैं भेद मज़हब दा पाया , +ना मैं आदम हव्वा जाया , +ना मैं आपणा नाम धराया , +ना विच्च बैठण ना विच्च भौण । +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण +अव्वल आखर आप नूँ जाणाँ , +ना कोई दूजा होर पछाणा , +मैत्थों होर ना कोई सिआणा , +बुल्ला शाह खड़ा है कौण ? +बुल्ला की जाणाँ मैं कौण",panjabi-pan +"277 +धाया टिलयों राह लै खेड़यां दा चलया मींह जिउं आंवदा उठ उते +काबा रख मथे रब्ब याद करके चढ़या खेड़यां दी सजी गुठ उते +नशे नाल झुलारदा मसत जोगी जिवें सुंदरी झूलदी उठ उते +चिमटा खपरी फांवड़ी डंडा कूंडा भग पोसत चा वधी सू पिठ उते +एवें सरकद आंवदा खेड़यां नूं जिवें फौज चढ़ आंवदी लुट उते +वैराग सन्यास जिउं लड़न चले रख हथ तलवार दी मुठ उते +वारस शाह वढ़या जूह खेड़यां दी साईं होया रंझेटे दी पिठ उते",panjabi-pan +"429 +उन्हां छुटदियां हाल पुकार कीती पंजसत मुशटंडियां आ गईयां +वांग काबली कुतियां गिरद होइयां दा दा अललह��साब1 लगा गईयां +उन्हां अक के धक्के रख अगे घरों कढ के ताक चढ़ा गईयां +धके दे के सट पलट उसनूं होड़ा बड़ा मजबूत फसा गईयां +बाज तोड़के ताबयों2 लाहयों ने माशूक दी दीद हटा गईयां +सूबेदार तगयार3 नूं ढा छठया वडा जोगी नूं वायदा पा गईयां +अगे वांग ही नवीयां फिर होइयां वेख भड़कदी ते तेल पा गईयां +घरों कढ अरूडी तेसुटया ने बहिश्तों कढ के दोजके पा गईयां +जोगी मसत हैरान हो दंग रहया केहा जादूड़ा घोल पिला गईयां +अगे ठूठे नूं झूरदा खफा हुंदा उते होर पसार बना गईयां +वारस शाह मियांनवां सिहर4 होया परियां जिन्न फरिशते नूं ला गईयां",panjabi-pan +"एक दिन करो सिंगार नार ने +एक दिन करो सिंगार नार ने तीहर पहर ली , +सीसो लियो हाथ रेख दो नैनन बीच गही । +लगा लियो अखियन में कजरा , +या ढब ले रहो झिमार उठै ज्यों सावन को बदरा । +नार इक सुआ सारी है , +इत उत के चोटी परी लगे जैसे नागिन कारी है । +आए रहे अंगिया पै जलसा , +पीछे के चोटी बन्धी धरे दो सोरन के कलसा । +नार में सोने की हंसली , +हार हमेर गुलीबन्द एक माला मोतिन की असली । +करै इस पायल झनकारो , +झांझन चूरी सोठ करूला गोटे पै नारो +रचा लई हाथन में मेंहदी +मांगन में भरयो सिन्दूर धरी दो माथे पे बैंदी । +पहर लई अंगलिन में गूंठी , +जब लगी बिरह की भूख नार की फिर देही टूटी । +गुदा लिया टूण्डी पे मोरा , +हंसन की लगतार बीच में सारस को जोरा ।",haryanvi-bgc +"नागरजा +हे बिष्णु तब दूदी पेण लैगे , +हे देव जी विष तेरा घिचा पर +अमृत त बणीगे । +पूतना हेरदी रै यशोदा को बालीक , +अभी मरदो तभी छ मरदो । +निराशे गए वा जब दूद्यौं दूँद नी रयो +तब बोलदेहे दीदी यशोदा , +अपणा बालक तू फुँडो1 गाडीयाल2 । +तब विष्णु भगवान वीं की छाती पर चिपटीन +पूतना को सारो खून चूसयाले +तब पूतना बणैयाले आम जनी गुठली , +बांज जनो बकल +बराँदी3 तैं तरांदी4 पूतना रागसेण , +भगवान वा मारी तिने । +छया धेनु का चरैया हे मोहन , +ह्वैल्या द्वारिकानन्दन हे मोहन । +छया वसुदेव का जाया हे मोहन , +ह्वैंल्या देवकी का लाडा हे मोहन । +छई दई को दूपकी , हे मोहन , +ह्वैल्या दूद की बिराली हे मोहन । +त्वैकू बार मास होला हे मोहन , +बोण घोर से प्यारा हे मोहन । +तेरी नौसुन्या मुरुली हे मोहन , +एक भौण5 मा मिलौंद हे मोहन । +औदू बाँसुली बजौंदू हे मोहन । +यूँ चीडू की बणायों हे मोहन , +तेरी बार बीसी धेनु हे मोहन , +ओडू नेडू औंदन , हे मोहन । +त्वै बिना ग्वैरू की , हे मोहन , +सभा नी शोभदी हे मोहन । +चला ग्वाल बाल भायों , तुम खेला गेंदुवा6 , +सोना को गेन्दुवा मेरो , विष्णु पटन मढ़यूँ छ । +सोना को बण्यू छ , चांदी का घुँघर । +हे प्रभु सोवन गेन्दुवा तेरो हाथ नी लियेंदू , +भ्वां नी धरेन्दू +तब खेलण जाँा सब कुंज वन मा , +कुंज वन मा खिल्या बार भाँति का फूल । +अनमन भाँति की औदे फूल की वासिनी , +भौंरा छन गुँजणा , मारी7 रूणाणी छन , +कि अनमन भाँति की केसर लेला । +सारा कुंज वन मा खेल गेन्दुवा । +ब्रज की गुजन्यों संग खेल गेन्दुवा +छट छुटे गेंदुवा जमुना मा गिरिगे । +वीं गैरी8 जमुना माछीन9 धूल्याले10 । +तब विष्णु भगीवान धावड़ी11 लगौंदा । +ग्वाल बाल सब घर बोड़ी ऐन , +जिया को बालीक जभुनी छाला छुटिगे । +तब जिया जसोमती इना बेन बोदी +हे प्रभो , मेरो बाला जमुना छाला रैगे । +सबूका बाला घर ऐन , मेरो कृष्ण नी आयो । +जागदी रै गये त्वै स्या राणी सत्यभामा । +काली नाग रंदो तैं गरी जमुना , +हे मेरा कृष्ण नाग डसी जालो । +कृष्ण भगीवान इना रैन बली , +गाडी दिने गेन्दुवा , साधी लिने नाग +भेंटद भाँटद छन गेन्दुवा कृष्ण भगवान , +अनमन भाँति को खेल लाँद गोविन्द । +ओडू12 नेडू ऐगे कातिक मास , +कातिक मास बगवाली13 ऐन , जोन्याली14 रात +बग्बाल्यों का खेल मधुवन मा , +रचला रास राधिकोंका संग । +सात सई15 गुजरी , आठ सई राणी , +नौ सई आछरी16 तेरी मोहन +रूप को रौंसिया छई , फूलू को हौंसिया । +राधिकौंका संग खेल बोल , +करदो रास पोथल्यों17 को ख्याल +तब गुजरी बोदीन , मोहन मायादार , +हाथी मिलैक खेल लौला । +तब मोहन नारेणन मोहन रूप धरे , +मोहन रूप धरे गाडे मोहन मुरली +तब सभी राधिका राम , मोहित होई गैन , +कि चित होइगे चंचल देव्यो , +मन होइगे उदास । +ये मुरल्यान हमारो मन मोहित देव्यो । +तब गुजन्यों का साथ हाथी मिलैक , +नाचदो मोहन कालिया नाच । +जोन्याली रातू मा तब पूरणमासी की +खिलदी जोन छन कई मधुवन मा । +चल दीदी18 भुल्यों , ल्यूला असीनान , +कठा होई गैन राम जी की गुजरी । +राम जी की गुजरी खट की आछरी । +चला दीदी भुल्यों जमुना का छाला19 , +तब तउँ देव्योंन शृंगार सजाये , +दांतुड़ी मंजैन जई जसो फूल , +स्यूंदोली20 गाडीन21 देव्योन धौली22 जसो फाट , +हाथ की पौंछी पैरीन , गला की कंठी , +रमछम बाजेन देव्यों , खुटौं23 का घूंघर । +रमकदी छमकदी गैन वीं नीली जमुना , +वीं गैरी जमुना देव्यों , जमुनी छाला । +जमुनी का छाला देव्यों , ल्यूला असीनान +कपड़ी गाड़ीक देव्यों , भुयाँ24 धरी देवा , +नंगी ह्वैन गुजरी , जल मा गैन । +तबरी ए गैन विष्णु भगवान , +नंग�� गुजरी देखेन तौन , +देो कपड़यों को ढेर जमुनी छाला +लीला पुरुष छा भगवान , +कपड़ी उठैक डाला चढ़ी गैन । +मोहन नारेण गाड़े तब मोहन मुरली , +तीन ताल मुरली आज सुणौंदा । +नंगी गुजरियों सूणे मोहन बांसुली , +चकोर की बच्ची सी तपराण25 लै गैन । +तब देखे डाला मा तौन नारैण , +हे कनो भाग ह्वैलो शरम खांदीन । +तब धरे देव्योंन दूद्यों26 मती27 हाती28 +ओ नंगी गुजरी जल मां बैठेन । +हाथ जोड़दाा मोहन , माथो नवौंदा , +हमारा वस्तरदी द्या , रख्याला लाज । +मुलमुल हैंसदा तब मोहन छलिया , +रतन्याली आंख्योंन मोहित ह्वैग्या । +क्यक गुजन्यों , नंगी गै छई जल मा ? +आज बटी29 देव्यों नंगी न नह्यान",garhwali-gbm +"कहे जनकपुर के नारि राम से +कहे जनकपुर के नारि राम से , चलहुँ भमन1 हमारी कि हाँ जी । +आबल महल हमर रघुनन्नन , अति भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 1 ॥ +कंचन थारी कंचन केर झारी , लावल गंगाजल पानी कि हाँ जी । +चरन पखारि चरनोदक लीन्हे , है बड़ भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 2 ॥ +जे मन लागे सीरी राम ललाजी , देवे सखिन सभ2 गारी कि हाँ जी । +जनकपुर के भाग3 उदे4 भेल , धन धन5 भाग हमारी कि हाँ जी ॥ 3 ॥ +बासमती6 चाउर7 के भात बनावल , मूँग रहड़8 के दालि कि हाँ जी । +कटहर , बड़हर , सीम आउ लउका , करइला के भुँजिया बनाये कि हाँ जी ॥ 4 ॥ +भाँजी , तोरइ , बैंगन आउ9 आलू , सबके अचार परोसे कि हाँ जी । +बारा , बजका , दिनौरी , तिलौरी , आउ कोहड़उरी परोसे कि हाँ जी ॥ 5 ॥ +भभरा , पतौड़ा , पापर , निमकी , सबहिं भाँति सजायो कि हाँ जी । +गारी गावत सभ मिलि नारी , राम रहल मुसकाइ , कि हाँ जी ॥ 6 ॥ +राउर10 पितु रसरथ हथ11 गोरे , तूँ कइसे हो गेल कारे कि हाँ जी । +तोहर मइया बहुत छिनारी , तूँ परजलमल पूत कि हाँ जी ॥ 7 ॥ +बहिनी तोर साधु सँधे12 इकसल13 फूआ के कउन ठेकाना कि हाँ जी । +सात पुस्त14 तोर भेलन छिनारी , तुहूँ छिनार के पूत कि हाँ जी ॥ 8 ॥ +गारी परम पियारी हइ रघुबर , सुनूँ सुनूँ परेम के गारी कि हाँ जी । +मुसुकत राम मुसुके भाइ लछुमन , धन धन भाग हमार कि हाँ जी ॥ 9 ॥ +भोजन करि के किये अचमनियाँ , दीन्हें खरिका झारी कि हाँ जी । +पोंछ हाथ रेसम के रूमलिया , बइठल सेज सँभारि कि हाँ जी ॥ 10 ॥ +एतबर15 उमर16 हमारी जी नारी , नइ खायो ऐसी जेमनारी17 कि हाँ जी ॥ 11 ॥",magahi-mag +"जिनकौ सेर-सवेरे खइये +जिनकौ सेरसवेरे खइये , +जिये बिसेख डरइये । +नौदस माँस गरम में राखौं । +जिनैं पीठ ना दइये । +नरनारी को कौन बलाबल , +जिनकी संगत गइये । +सब जग रूठौरूठौ रन दो , +राम न रूठौ चइये । +ईसुर चार भुजा बारे खाँ , +का दो भुजा निरइये ।",bundeli-bns +"535 +जोगी रख के अणख दे नाल गैरत कढ अखियां रोह थी फुटया ई +एह हीर दा वारसी ही बैठा चा डेरयों सुआह विच सटया ई +सने जुतियां चैंक दे विच आवे साडा धरम ते नेम सभ पटया ई +लुट पुट के माल नखुटया ए कुट फाट के खोह विच सुटया ई +खेड़ा बोलदा नीर पलट अखी जेहा बानिया शहर विच लुटया ई +पकड़ सैदे नूं नाल फाहुड़ियां दे चोर यार वांगूं ढाह कुटया ई +दोवे बन्ह बांहां सिरों लाह पटका गुनाहगार वांगूं पकड़ छटया ई +शाना1 भंन के कुट चकचूर कीता लिंग भन्न के संघ नूं घुटया ई +वारस शाह खुदाए दे खौफ कोलों साडा रोंदयां नीर नखुटया ई",panjabi-pan +"सतपुरुस रतन +ऊ देस धन्न , वा भूम धन्न , औतरे जहाँ सतपुरुष रतन , +जनमानसनिधि , धरती के धन । +सबके सुख के लानें जिननें +निज कौ सुखबैभौ त्याग दओ , +धरती के भाग जगाबे खें , +बैकुंठउ सें बैराग लओ । +परहित में जिननें तपा तपे +झेले बरसा , आँधी , हिमार , +परदुख में नैनूँसे पिघले +ज उतरे बनकै मंगधार । +जिनको संगत में डरोपरो बन गओ गिलारौ लौ चन्दन , +बन गईं रपरियाँ नन्दन बन । +दिखकै समाज को दुरगत जे +व्याकुल हो बिलखबिलख रोए , +मानुस कौ पतन जिन्हें अखरी +जे रहे जगत , जब सब सोए ; +सूलन की सेजें अँगया कै +मंगलचौके नित रहे रचत , +रह गए अकेले , पै न झुके +पी गए हलाहल हँसतहँसत ; +भर गए जगत में नई जोत , आहुतिसी अरपन कर तनमन । +उनसें को कैसें होत उरिन ? +आगम की कूँख जलम जिननें +अन्यायी की रस्ताा छेड़ी , +बौछार जुलम जल्लादी की +बलिदानी बाँहन पै एड़ी ; +गजरा न गुलामी के पहिरे +फाँसी कौ फंदा चूम लओ , +जिनकी भसमी की छाप अमिट +रच गई अमर इतिहास नओ । +जिनके पदचिन्हन की धूरा , बन क्रान्ति धँसी खोरनखोरन , +ऊँघत ज्वानी खें झकझोरन । +मैरा सें लैकै महलन लौ +झनकार उठत जिनकी बानी , +पाखान हिएउ के सोतन सें +रसयात नेहकरुनाघानी । +जिनके बोलन की डोर पकर +बज उठत बाँसुरीरमतूला , +रसरँग बरसत झोपड़ियन से +निकरत बन राजकुँवर दूला ; +जग जात जननि के रखवारे , करतीं रनभेरीं घननघनन ; +जुगसाके गूँजत घरनघरन । +ऊ देस धन्न वा भूम धन्न , +औतरे जहाँ सतपुरुस रतन ।",bundeli-bns +"195 +आतशबाजियां छुटियां फुल झड़ियां नाले छुटियां वांग हवा मियां +हाथी मोर ते चकिया झाड़ छुटे ताड़ो ताड़ पटाखया पा मियां +सावन भादरों कुजियां खडियां ने टिंड चूहयां दी करे ता मियां +महिताबियां दे टोटके चादरां सन देन चकियां वडे रसा मियां",panjabi-pan +"जशोदा के महलन बेग चलो री +जशोदा के महलन बेग चलो री । +महल के अंदर बेग चलो री । +बंदनवारे बंदे अति सोहें +लगी आम की धौरें । जशोदा . . . +सोने के कलश धरे अति सोहें +उनहू की ऊंची पौरें । जशोदा . . . +अरे हाथ गुलेरी एड़िया महावर +नाइन फिरी दौड़ीदौड़ी । जशोदा . . . +कोई सखी गावे कोई बजावे +कोई नाचें दै दै तारी । जशोदा . . . +कोई सखी गोरी कोई कारी +कोई सखी लड़कौरी । जशोदा . . .",bundeli-bns +"लग रही आस करूँ ब्रजवास +लग रही आस करूँ +भजन करूँ और ध्यान धरूँ , छैया कदमन की मैं ॥ +सदा करूँ सत्संग मण्डली सन्त जनन की मैं ॥ लग . +पलकन डगर बुहार रेणुका ब्रज गलियन की मैं । +अभिलाषी प्यासी रहें अँखियां हरि दरसन की मैं । +भूख लगै घरेघर तै भिक्षा करूं द्विजन की मैं । +गंगाजल में धोय भेट धरूँ नन्दनन्दन की मैं ॥ +शीतल प्रसादहि पाय करूँ शुद्धी निज मन की मैं । +सेवा में मैं सदा रहूँ नित ब्रज भक्तन की मैं ॥ +ब्रज तज इच्छा करूँ नहीं बैकुण्ठ भवन की मैं । +‘घासीराम’ शरण पहुँचे गिरिराजधरन की मैं ॥",braj-bra +"आई निबिया पइ घाम +आयी निबिया पइ घाम +घमाबइँ सजनी",kanauji-bjj +"पांच मोहर लई मारूजी बाग सिधारिया +पांच मोहर लई मारूजी बाग सिधारिया +बागां में कसुम्बो मोलायो +म्हारा हंजा मारू घांट रंगायो +घांट जो पेरी मारूणी तम घर जो आया +नणदल मसलो जो बोली +केवो भावज भारा बापरंगायो , के थारी माय पठायो +म्हारा हंजा मारू घांट रंगायो +ससरा कमाया बईजी , सासू ने संगच्या +आलीजा भंवरा ने रंगायो +घांट जो पेरी मारूणी सेज सिधारी +सोकड़ की नजरां जो लागी +मुखड़े नी बोले , मारूणी नजरां नी देखे +सायधन को सायबो बिलखत फिरे +इन्दौर शहर को बैद बुलांवा +तारूणी की नबज बतावां +कोटाबूंदी की मारूजी जाण बुलांवा +मारूणी पे झाड़णी नखांवा +मोहरमोहर को मारूणी झाड़नी नखावां +रूपईया से नजर हेड़ांवा +नजरां हो देखे , मारूणा मुखड़े हो बोल्या +सायधन को सायबो हरकत फिरे +अपणा शहर में मारूणी शक्कर बटांवा +अपणा शेर में मारूणी नारेल बटांवा +मारूणी का जी की बधई ।",malvi-mup +"गहूँ काटणनीळो तरबूजो केतरो सुहावणो लगऽ +गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं रे साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी भौजाई खऽ भेजो , +उनकी रसोई हम रांधा साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी देराणी खऽ भेजो , +उनको पाणी हम भरां साहेबजी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं । +गहूँ काटणऽ म्हारी सौतऽ भेजो , +हम सेजां हम सोवां साहेब जी , गहूँ काटणऽ नहीं जाऊं ।",nimadi-noe +"जय-जय शीतला माई की जय-जय बोलो +जयजय शीतला माई की जयजय बोलो +गंगा के नीर मैया कैसे चढ़ाय दूं +मछली ने लियो है जुठार , की जयजय बोलो +मिठया के पेड़ा मैया कैसे चढ़ाय दूं । +चींटी ने लिये हैं जुठार की जयजय बोलो +बगिया के फूल मैया कैसे चढ़ाय दूं +भौंरे ने लिये हैं जुठार , की जयजय बोलो +घर की रसोई मैया कैसे चढ़ाय दूं +बालक ने लिये हैं जुठार , की जयजय बोलो",bundeli-bns +"जूड बेटी माय सुसुनावा +जूड बेटी माय सुसुनावा +आवकजा मारग सूसून डोगे +मारगा सूसून चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो काली ग्वाली किटी टालान +कोन सूसून डोगे +कोन सूसन चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो ऊरग टालो कोन जाया सूसन डोगे +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"झिम्मा +रुणझूण पाखरा जा माझ्या माहिरा । । हू हू । । +तिथ घराचा दरवाजा । चंदनी लाकडाचा +पेशवाई थाटाचा । त्यावरी बैस जा । । हू हू । । +माझ्या माहिरा अंगणी । बघ फुलली निंबोणी +गोडी दारात पुरवणी । त्यावरी बैस जा । । हू हू । । +माझ्या माहिरीचा । त्यावरी बैस जा । । हू हू । । +माझ्या माहिरीचा । झोपाळा आल्याड बांधियला +फुलांनी गुंफियला । त्यावरी बैस जा । । हू हू । । +माझ्या माहिरी मायबाई । डोळे लावुनी वाट पाही +तिला खुशाली सांगाया जा । माझ्या माहिरी पाखरा जा । । हू हू । ।",marathi-mar +"हे लठ्याली तू कैकी बौराण छ? +हे लठ्याली1 तू कैकी बौराण छ ? +धुँवाँसी धुपली2 , पाणी सी पतली , +केलासी गलखी , नौण3सी गुँदगी , +दिवा जसी जोत , कैकी बौराण छ ? +इनी मेरी होंदी जिकुड़ी4 मा सेंदी5 । +बादल सी झड़ी , दूबला6 सी लड़ी , +भीमल सी सेटकी7 लाबू8 सीठेलकी , +फ्यूँली9 कीसी कली , कैकी बौराण छ ? +नाक मा छ तोता , जीभ मा क्वील , +आँख्यों माआग , गालू मा गुलाब । +हुड़कीसी कमर , कैकी बौराण छ ? +इनी मेरी होंदी , हथगुली मा10 सेन्दी । +बाँदू11 मा की बाँद चाँदू मा की चाँद । +चीणा12 जसी झम13 , पालिंगा14 सी डाली । +हिंसर कीसी डाली , कैकी बौराण छ ? +घास काटद काटद , बणी छ गितांग15 +हे लठ्याली दादू , कैकी बौराण छ ?",garhwali-gbm +"बने दूल्हा छवि देखो भगवान की +बने दूल्हा छवि देखो भगवान की , +दुल्हन बनी सिया जानकी । +जैसे दूल्हा अवधबिहारी , +तैसी दुल्हन जनक दुलारी , +जाऊ तन मन से बलिहारी । +मनसा पूरन भई सबके अरमान की । दुल्हन बनी . . . +ठांड़े राजा जनक के द्वार , +संग में चारउ राजकुमार , +दर्शन करते सब नरनार +धूम छायी है डंका निशान की । दुल्हन बनी . . . +सिर पर कीट मुकुट को धारें , +बागो बारम्बार संभारे , हो रही फूलन की बौछारें । +शोभा बरनी न जाए धनुष बाण की । दुल्हन बनी . . . +पण्डित ठांड़े शगुन विचारें , +कोऊकोऊ मुख से वेद उचारें । +सखियां करती हैं न्यौछारें , +माया लुट गई है हीरा के खान की । दुल्हन बनी . . . +कह रहे जनक दोई कर जोर , +सुनियोसुनियो अवधकिशोर , +कृपा करो हमारी ओर । +हमसे खातिर न बनी जलपान की । दुल्हन बनी . . .",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +पानी पीयो मद पीयों भौजी अन गौ के माँस +तब ललकार सोनवा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं +फगुआ खेलावह मोर देवर के इन्ह के फगुआ देह खेलाय +घौरै अबिरवा सिब मंदिर में +केऊ तो मारे हुतका से केऊ रुदल के मैसे गाल +भरल घैलवा है काँदो के देहन पर देल गिराय +धोती भीं जल लरमी के पटुका भींजल बदामी वाल +मोंती चूर के डुपटा है कीचर में गैल लोटाय +बोले राजा बघ रुदल बाबू डेबा सुनी बात हमार +रण्डी के चाकर हम ना लागीं तिरिया में रहों लुभाय +भैं तो चाकर लोहा के सीता राम करे सो होय +बीड़ा मँगावल पनवाँ के भर भर सीसा देल पिलाय +पढि पढि मारे लौंड़ी के टिकुली टूक टूक उड़ जाय +भागल लौंड़ी है सोनवा के लौंड़ी जीव ले गैल पराय +लागल कचहरी इंदरमन के बँगला बड़े बड़े बबुआन +ओहि समन्तर लौंड़ी पहुँचल इंदरमन अरजी मान हमार +आइल रजा है बघ रुदल के डोला घिरावल बाय +माँग बिअहवा सोनवा के बरियारी से माँगै बियाह +है किछू बूता जाँघन में सोनवा के लावव छोड़ाव +मन मन झड़खे रजा इंदरमन बाबू मन मन करे गुनान +बेर बेर बरजों सोनवा के बहिनी कहल नव मानल मोर",bhojpuri-bho +"आओ राधा नहाण चलां मेरे राम +आओ राधा नहाण चलां मेरे राम । +म्हारा तो नहीं ए चलान +दूधां मैं रम रही मेरे राम । +दूधां का कैसा हे गमान , +आवै बिलाई पी जावै हरे राम ।",haryanvi-bgc +"बई को कोणस राय रा आया सामे ओबरा +बई को कोणस राय रा आया सामे ओबरा +बई को कोणस राय आई सामे पोल +बाजा बले अंबुलो बहुफल्यो +बई वो मोटा राय रो आयो सामे ओबरो +बई वो नाना राय री आई सामे पोल +बई वो कांकी बऊ की राम रसोई नीपजे +बई वो कांकी बऊ को जीमे परवार +बई वो छोटी बऊ री राम रसोई नीपजे +बई वो बड़ी बऊ को जीमे परवार ।",malvi-mup +"अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ खिरकिया अनार जी +अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ1 खिरकिया2 अनार जी । +दरोजे3 पर रोपलूँ नौरँगिया , बगीचवे में आम जी ॥ 1 ॥ +अँगना में फूलल4 नेमुआ , खिरकिया अनार जी । +दरोजे पर फरल5 नौरँगिया , बगीचवे में आम जी ॥ 2 ॥ +अँगना के नेमुआ हइ खट्टा , हइ मिट्ठा अनार जी । +खटमिठ लगे नौरँगिया , मीठेमीठे आम जी ॥ 3 ॥ +हम खायम6 नेमुआ के निमकी , सइयाँ जी अन���र जी । +ननदी के देबइ नौरँगिया , होरिलवा के आम जी ॥ 4 ॥",magahi-mag +"हेठ वगे दरिया ते ऊपर मैं खड़ी +हेठ वगे दरिया +ते ऊपर मैं खड़ी , +मेरे वीरे लवाया बाग +खिड पई चंबा कली , +चंबा कली न तोड़ +वीर मेरा मारुगा , +वीरा मेरा सरदार +बैठे कुर्सी ते , +भाबो मेरी परधान +बैवे रत्ते पीढ़े , +रत्तड़ा पीढ़ा चीकदा +भाबो नु उड़ीकदा , +भाबो कोलों आइयाँ , +झग्गा चुन्नी लेआइयाँ ।",panjabi-pan +"207 +काज़ी मां ते बाप करार कीता हीर रांझने नाल वयाहुनी ए +असां ओसदे नाल चा सिदक कीता गल गोर1 दे तीक निभाहुनी ए +अन्त रांझे नूं हीर परना देनी कोई रोज दी एह पराहुनी ए +वारस शह ना जानदी मैं कमली खोरश2 शेर दी गधे ने डाहुनी ए",panjabi-pan +"अँखिया भइल लाले लाल +अँखिया भइल लाले लाल +इचिएक सूते द बलमुआ । +अँखिया लाले लाल , +अरे , तनिएक सूते द बलमुआ +राति भरि संइयाँ बइठल बीते +होत भिनुसारे मलब गुलाल +भर फागुन तोहे सूतहूँ ना देबि +चइत सूतिह दिन राति । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"पलँग ऊपर चाँदनी की जोत, मैं ना रे जानो +पलँग ऊपर चाँदनी की जोत1 मैं ना2 रे जानो3 । +नइहर वाली लाड़ो4 है अनमोल , मैं ना रे जानो । +अम्माँ पेयारी लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 1 ॥ +टीका हो तो पलँगे पर पहनइहो5 । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +नइहर वाली लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 2 ॥ +बेसर हो तो पलँगे पर पहनइहो । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +भइया पेयारी लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 3 ॥ +बाली6 हो तो पलँगे पर पहनइहो । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +अब्बा पेयारी लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 4 ॥ +कँगन होतो पलँगे पर पहनइहो । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +अम्माँ पेयारी लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 5 ॥ +अँगूठी हो तो पलँगे पर पहनइहो । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +अम्माँ पेयारी लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 6 ॥ +सूहा7 हो तो पलँगे पर पहनइहो । +पलँगे ऊपर चाँदी की जोत , मैं ना रे जानो । +नइहर वाली लाड़ो है अनमोल , मैं ना रे जानो ॥ 7 ॥",magahi-mag +"चन्दा तेरो चान्दणे कोयली बोले +चन्दा तेरो चान्दणे कोयली बोले +खेलण जोगी है रात राजा कोयली बोले +ननद भौजाई खेलण निकली खेल खाल के घर बावड़ी +घर तो बैठा लणिहार राजा कोयली बोले +‘कहां गई तेरी मां कहां गया तेरा बाप राजा कोयली बोले’ +‘कोई पीहर गई मेरी मां दिल्ली गया मेरा बाप राजा कोयली बोले’ +‘के तो ल्यावे तेरी मां क�� तो ल्यावे तेरो बाप राजा कोयली बोले’ +‘चून्दड़ी तै ल्यावे मेरी मां कपड़ा तै ल्यावै मेरो बाप राजा कोयली बोले’",haryanvi-bgc +"ऐं माय डो ऐ माय डो इयां बानी +ऐं माय डो ऐ माय डो इयां बानी +ऐं माय डो ऐ माय डो इयां बानी +सोना गोला डो छाले बोले +सोना गोला डो छाले बोले +ऐ बेटा जा ऐ बेटा आमा बानी +ऐ बेटा जा ऐ बेटा आमा बानी +सोना गोला भाई बटवाड़ा +सोना गोला भाई बटवाड़ा +जा ढाये बोले +जा ढाये बोले +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा बानी +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा बानी +सोना गोला चोज माठेन जा घाले बोले +सोना गोला चोज माठेन जा घाले बोले +बेटा आमानी जा बालको जा बेटा बोलो +बेटा आमानी जा बालको जा बेटा बोलो +ऐ माय डो ऐ माय डो माय इयां बानी +ऐ माय डो ऐ माय डो माय इयां बानी +काली ग्वाली डो घाल बोले +काली ग्वाली डो घाल बोले +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा बानी केंडे ग्वाली +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा बानी केंडे ग्वाली +काका बाबा डाई बटवाड़ा जा डाये बोले +काका बाबा डाई बटवाड़ा जा डाये बोले +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा नीडो ना वाले को +ऐ बेटा जा ऐ बेटा बेटा आमा नीडो ना वाले को +चोफार टेमा घाले बोले +चोफार टेमा घाले बोले +स्रोत व्यक्ति गंगू बाई , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया +लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया +चन्ना कंदा तूं मरिया अख वे +साडे आटे दे विच हथ वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया +चन्ना वेख के न साडे वाल हस वे +साडी माँ पइ करेंदिये ए शक वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलों दी रुस के न लंग माहिया +गल्लां गोरियां ते काला काला तिल वे +सन्नू अज पिछवाड़े मिल वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया +गल्लां गोरियां ते काला काला तिल वे +साड़ा कड़ के लेगया दिल वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया +तेरी माँ ने चाडया साग वे +असां मंग्या ते मिलया जवाब वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया +तेरी माँ ने चाड़ियाँ ए गंदालां +असां मंगियाँ ते पैगयिया दंदलान अनवां +लट्ठे दी चदार उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया +तेरी माँ ने चेद्य ए खीर वे +अस्सां मांगी ते पैगई पीढ वे +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया +साड़े दिल विच की की वासियां +न तूं पुछियाँ ते न असी दसियाँ +लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया +आवो सामणे कोलो दी रुस के न लंग माहिया",panjabi-pan +"268 +नाथा जिऊंदयां मरन है खरा औखा साथों ऐडे ना वायदे होवने ने +असी जट नाड़ीयां1 करन वाले असां कचकड़े नांह परोवने ने +अखीं कन्न पड़ाय के खवार होए सारी उमर दे दुख दुखोवने ने +साथों खपरी2 नाद3 ना जाए सांभे असां अंत नूं ढगड़े जोवने ने +रन्नां नालों जो वरजदे चेलयां नूं एह गुरु ना बन्न के दोवने ने +रन्नां देन गाली असीं चुप करीए एडे सबर दे पैर किस धोवने ने +हस खेडना तुसां चा मने कीता असां धुप दे गोहे ना ढोवने ने +वारस शाह कहे अंत आखरत नूं कटे जावने ने मटे घोवने ने",panjabi-pan +"रीना दशहरी +री रीना , माय ओ , री रीना रे माय मैया मोरे । +री रीना , माय ओ , री रीना रे माय मैया मोरे । +पहली मैं गायेंव रे माय , मैया मोरे , धरती क सेवा माय । मैया । +दूसरा मैं गायेंव रे माय , मैया मोरे , ठाकुर देव सेवा रे माय । मैया । +तीसरा मैं गायेंव रे माय , मैया , खेरीमाई सेवा रे माय । मैया । +चौथे मैं गायेंव रे माय , मैया मोरे , चाँदसूरज सेवा रे माय । मैया । +पाँचवा मैं गायेंव रे माय , मैया मोरे , चारों खूटक देवता सेवा रे माय । मैया । +भरहूवा नी काट्य रे माय , मैया मोरे , नागा बैगा रे माय । मैया ॥ +खूटन काटे रे माय , मैया मोरे , खूटल पूरी नागर रे माय । मैया । +सांतनी काटे रे माय , मैया मोरे , सातन पुरी नागर रे माय । मैया । +सरैनी काटे रे माय , मैया मोरे , शरणपुरी नागर रे माय । मैया । +छावनी काटे रे माय , मैया मोरे , धवलपुर नागर रे माय । मैया । +तीनसना काटे रे माय , मैया मोरी , तिसलपुरी नागर रे माय । मैया । +हरनी काटे रे माय , मैया मोरे , हरनपूरी नागर रे माय । मैया । +बीजनी काटे रे माय , मैया मोरी , बजलपुर नागर रे माय । मैया । +भरहुया मोड़ी बैठे रे माय , मैया मोरी , नागा बैगा रे माय । मैया । +तेखर पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय किसान रे माय । मैया । +ओखर पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय आगरिया रे माय । मैया । +ताखार पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय अहीरा रे माय । मैया । +ओखर पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय पनिका रे माय । मैया । +ताखर पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय पठारी रे माय । मैया । +ताखर पाछू बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय पठारी रे माय । मैया । +ओखर पाछू ��ैठे रे माय , मैया मोरे , जातय पठारी रे माय । मैया । +छव नगरी बैठे रे माय , मैया मोरे , जातय तेली तमेरी रे माय । मैया । +तेली तमेरी रे माय , मैया मोरे , बहोतय चिवड़ई रे माय । मैया । +चारोनी खूटे रे माय , मैया मोरे , खीला ठोकाए रे माय । मैया । +बसी गय बसी गय रे माय , मैया मोरे , अवधपूरी शहर रे माय । +शब्दारथ – गायेंवगाते हैंस्मरण करते हैं , भरहुआएक पेड़ , साजन सजन का वृक्ष , नागा बैगाबैगाओं का पूर्वज , धावनीधावड़ा , तेखरउसके , चारोनी खूँटचार दिशाएँ , खीलाकील । +हे माँ सबसे पहले हम धरती माता का सुमिरण करते हैं । उसके बाद गाँव और गाँव की सरहद की रक्षा करने वाली देवी खेरमाई का स्मरण हैं । गीत गाते हैं । चौथे स्थान पर हम चाँद और सूरज को याद करते हैं , जो सबका अंधकार दूरकर प्रकाश देते हैं । पाँचवे स्थान पर चारों दिशाओं के रखवाले दिक्पाल देवताओं को स्मरण करते हैं । गीत गाते हैं उनकी सेवा करते हैं । +इसके पश्चात नागा बैगा ने पेड़ काटकर धरती जोतने के लिये साधन बनाया । उसी से हल और उस की बची हुई लकड़ी के खूँटे से औज़ार बनाये और धरती में बीज उगाना प्रारम्भ किया । जिन लोंगो ने सजन का पेड़ काटा , उन्होने सजन का सुंदर हल बनाया । जिन्होने सरई का पेड़ काटा उन्होने सरई का देवरूप हल बनाया । कईयों ने धावन के पेड़ को काटकर कठोर हल बनाया । कई ने हरनी वृक्ष को काटकर हरनी जैसा हल्का हल बनाया । बीजनी के पेड़ काटकर बीजा जैसा मजबूत हल बनाया । बीजा की लकड़ी से ही हल का जुआ बनाया । भरूआ का पेड़ काटकर नागा बैगा ने पहलेपहल घर बनाया । गाँव बसाया इसके बाद गोंड जाति के किसान लोग बसे । फिर लोहे के औज़ार बनाने वाले अगरिया बसे । इसके बाद गायभैंस चराने वाले अहीर , कपड़े बुनने वाले पनिका , मेहनतमजदूरी करने वाले पथरी , फिर बाजे बजाने वाले ढुलिया बसे । इसके बाद नगर में घोड़े पालने वाले आये , और सबसे अंत में तेल पेरने वाले तेली तथा पान उगाने वाले तंबोली बसे । तेलीतंबोली भी नगर के लिये बहुत आवश्यक जातियाँ हैं । इनके बिना कोई गाँव नहीं बस सकता । फिर गाँव या नगर के चारों कोनों में नागा बैगा ने गाँव की सुरक्षा के लिए अभिमंत्रित लोहे की कीले थोक दी । इस प्रकार अवधपुरी की तरह पूरा सुरक्षित बैगा गाँव बस गया । आवश्यकता के अनुरूप पृथवी पर कर्म के मुताबिक जातियाँ बनती चली गई ।",baiga-mis +"तोहर मउरी हवऽ नव लाख के +तोहर मउरी हवऽ नव लाख के । +जरा जइहऽ1 काँटेकुसे बच के ॥ 1 ॥ +नदी नाले से चलिहऽ सँम्हर के2 । +जरा लाड़ोसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला से रहिहऽ सँम्हर के ॥ 2 ॥",magahi-mag +"बाजरा कहे मैं बड़ा अलबेला +बाजरा कहे मैं बड़ा अलबेला +दो मूसल से लड़ूँ अकेला +जो तेरी नाजो खीचड़ा खाय +फूलफाल कोठी हो जाए । +भावार्थ +' बाजरा कहता है , मैं बड़ा अलबेला हूँ । दो मूसलियों से अकेला ही लड़ लेता हूँ । यदि तेरी कोमलांगी पत्नी मेरी +खिचड़ी खाएगी तो वह भी फूलफूल कर कोठरी सरीखी दिखाई देने लगेगी ।",haryanvi-bgc +"अंगिका फेकड़ा +औका बौका , तीन तड़ौका +लौआ लाठी , चन्नन काठी । +बाग रे बग डोलडोल +सम्मर में करेला फूले +एक करेला नाम की ? +आई बिआई फूलेॅ पानेॅ पचकी जा । +धान कूटेॅ धनियाँ , बैठोॅ बभनियाँ +केला के चोप लेॅ केॅ दौड़ेॅ कुम्हैनियाँ । +अट्टापट्टा , नूनू केॅ पाँच बेट्टा +कोय गेलै गाय चराय लेॅ , कोय गेलै भैंसी में +नूनू हाथोॅ में दूधभात +गसगस खैलकै । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्दन काठी । +बाग रे बग डोलडोल +पनिया चुभुक । +चौबे चकमक दूबे नवाब +पांडे पंडित , मिसिर चमार । +चौधरीमौधरी काठ के दीया +चौधरी +छियाछिया । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्नन काठी । +चल गे बेटी गंगा पार +गंगा पार से आनबौ रेल +रेल गेलो चोरी , +टलो कटोरी +इरिचमिरिच मरचाइन केॅ झावा +हाथी दाँत सबुर नै पावा । +औकाबौका , तीन तड़ौका +लौआलाठी , चन्नन काठी +चल चल बहिनो पार गे +पारोॅ सें करेली लान +पक्कापक्का हम्में खाँव +कच्चाकच्चा तोहें खो +पकड़ बुच्ची कान गे । +पुड़िया रे पुड़िया +घीयोॅ में चपोड़िया । +माथ पर धुम धाम +पकड़ कनेठिया ।",angika-anp +"गोना करैले रानू कोबरा बसैले +गोना करैले रानू कोबरा बसैले +ओ कोबरा में सूतलि निचित । +माय तोरा हंटौ बाप तोरा घोपौ +जनु जाह कोसी असनान । । +काँख लेल धोतिया रानू हाथ लेल लोटवा +चलि भेला कोसी असनान । । +एक कोस गेला रानू दुई कोस गेला +तीजे कोस कोसी केर धार +एक डूब देलैन रानू दुई डूव देलैन +तीजे डूव धसना खसाय । । +अस्सी मन कोदरिया कोसी माय +चैरासी मन डाँट । +जोड़ा एक पाठी कोसी माय +तोहरा चढ़ैबौ हे , +बकसि देहु रानू केर परान । ।",angika-anp +"राजा गर्मी के मारे अंगिया भीजै हमारी +राजा गर्मी के मारे अंगिया भीजै हमारी +कुछ गर्मी से कुछ सर्दी से दूजा जोर जवानी का +कोठे चढ़न ते देवर बुलावै आजा राज दुलारी +अंगिया भीजै हमारी +मैं कैसे आऊं मेरे छोटे से देवरिया +कदम कदम हुआ भारी +अंगिया ���ीजै हमारी +बारां बरस पिया चाकरी से आए रोवै राज दुलारी +अंगिया भीजै हमारी",haryanvi-bgc +"पलग पर रोय रहयो मेरो नदलाला +पलंग पर रोय रहयो , मेरो नंदलाला +बुला दो सासो को , बुला दो सासो को +दादी कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो जिठनी खों , बुला दो जिठनी खों +वो ताई कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो ननदी को , बुला दो ननदी को +बुआबुआ टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . . +बुला दो देवर को , बुला दो देवर को , +वो चाचा कह टेर रहयो , मेरो नंदलाला । पलंग . . .",bundeli-bns +"बन्ना जी मैं तो राज घर सै आई +बन्ना जी मैं तो राज घर सै आई +बन्ना जी तेरे बाबा की ऊंची हवेली +बन्ना जी तेरे बाबल की ऊंची हवेली +बन्ना जी मैं तो चढ़ती चढ़ती आई +बन्ना जी मैं तो राज घर सै आई +बन्ना जी तेरी दादी बड़ी लड़ाकी +तेरी अम्मा का तेज मिजाज +बन्ना जी मैं तो डरती डरती आई",haryanvi-bgc +"बुन्देलखण्ड के किसान +हम किसान बुन्देलखण्ड के हमें भूम या प्यारी है , +ई धरती पै जलमजुगन सें हमनें काया गारी है । +जब औरन नें गंगाजल सें अपनी बगियाँ सींचीं जू , +तब पाठिन की जर सें हमनें स्रम की झिरें उलीचीं , जू ; +निज की बिपदा तनक न सेंटी , हमें पिरानी परपीरा , +अपने दौरें मुरम बिछाई , बाँट दए बाहर हीरा ; +मुरकाडुभरी भोग लगाकै , परसी सदा सुहारी है । +जब तुम ऊँघत बैठेबैठे , खस की टटियन में प्यारे , +तब हम भेंटत लपटघाम खें , दौरदौर कै उघरारे ; +साखन सें चल रही तपस्या , तपा तपत हो गए कारे , +अब हम ठाँडे़ रहत पछारूँ , जहाँ जुरत गोरेनारे ; +जहाँ कसौटी होत हिए की , बस वहाँ जीत हमारी है । +खेतन में जुन बहुएँबिटियाँ , मनभावन सावन गातीं , +समय परे पै बेइ अवन्नती , दुर्गा , देवल बन जातीं ; +का चीन्हें इतिहास हमें यौ , टरकत पकरें बैसाखी , +कितने पले हमाए दोरें जमुननरमदा हैं साखी ; +पिरलै की रातन में हमनें जियनजोत उजयारो है । +जिननें सोसण करो हमारौ , बचीं न उनकीं रजधानी , +डेरा लद गए अँगरेजन के , बिला गए राजारानी ; +काअत पेट दलाल आज जुन कारे धन के मतवारे , +आउन चहत काल की आँधी , उड़ जैहें सब अबढारे ; +अपनी तौ हर नए भोर के स्वागत की तइयारी है । +हम किसान बुन्देलखण्ड के , हमें भू या पयारी है । ।",bundeli-bns +"मावां ते धियां रल बैठियाँ नी माये +मावां ते धियां रल बैठियाँ नी माये , +कोई कर दियाँ कोल कलाप +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +मावां ते धियां दी दोस्ती नी माये , +कोई टूट दी ए कैहरां दे नाल , +नि कनका लमियाँ ध��यां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां विसृयाँ +दूरों ते आये सां चल के नी माये , +तेरे दर विच रहीयां खलो , +वीरन न पूछिया सुख सूनेहा माये , +भाभियाँ ने दिता न प्यार , +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां विसृयाँ +डोली नू आयीं अर्का नी माये , +मेरे सालू नू आया नी लंगार , +आगे तां मिलदी सी नित नी माये , +हूँ दित्ता इ कानू बिसार . . +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +कोठे ते चढ़ के वेखदी नी माये , +कोई वेखदीयां वीरे दा राह , +दूरों तां वेखन मेरा वीर पया आये , +मेरे आया इ साह विच साह , +नि कनका लमियाँ धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +जींद निमानी पाये होक्के भरदी , +तेरे बिना मेरा कोई न दर्दी . . . +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +बूए ते बहिंदी आँ सामणे नी माये , +नी मैं लवां भरावां दा नाम , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +किसे गवान्डन ने दसया नी माये , +के तेरा आया ए पियु ते भराह , +मन विच आया कि छेड़दियाँ नी माये , +मेरे हाँ नू लगिय इ च , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +भाभियाँ वांग सहेलियां नी माये , +मेरे वीरान दी तनदी चानण , +भाभियाँ मारण जन्द्रे नी माये , +मेरा हुन कोई दावा वी न , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . . +मिटटी दा बुत में बनऔनी माये , +उसदे गल लग के रोनीयाँ +मिट्टी दा बुत न बोल्दा नी माये +ओहदे गल लगन दा हाल कहाँ , +कनका लमियाँ नी धियां क्यूँ जामियाँ नी माये , +कनका निसृयाँ धियां क्यूँ बिसृयाँ माये . . . .",panjabi-pan +"बाजरे की रोटी पोई रै हलिड़ा +बाजरे की रोटी पोई रै हलिड़ा +बथुए का रांधा रै साग +आठ बलधां का रै हलिड़ा नीरणा +बार हलिड़ा की छाक +बरसन लागी रै हलिड़ा बादली",haryanvi-bgc +"पाँच बधावा म्हारे आविजाजी +पाँच बधावा म्हारे आविजाजी +कई हरी जमेरी जी +कई पांचा री नवीनवी भांत +रस की हरी जमेरी जी +पेलो बधावो म्हारे आवियोजी +भेजो म्हारा ससरा दो पोल ।",malvi-mup +"208 +कुरब्ब1 विच दरगाह दे तिनां नूं जे जेहड़े हक देनाल नकाहीअन गे +जेहड़े छड के हुकम बे हुकम होए विच हाविए दोजखां डाहीअन गे +म���ं बाप दे हुकम विच चलन नाल शौक दे ओह विआहीअन गे +जेहड़े नाल तकबरी2 करन आकड़ बांग बकरे ईद दे ढाहीअन गे +तन पाल के जिनां खुदरूई3 कीती अगे अग्ग दे आकबत4 डाहीअन गे +वारस शाह मियां जेहडे बहुतस्याने काग वांग उह पलक विच फाहीअन गे",panjabi-pan +"कहँवाँ ही कृष्ण जी के जनम भयेल +कहँवाँ1 ही कृष्ण जी के जनम2 भयेल , 3 भयेल , 4 कहँवाँ ही बजे हे बधावा , जसोदा जी के बालक । +मथुरा में कृष्ण के जनम भयेल , गोकुला ही बाजे हे बधावा ॥ 1 ॥ +काहे के छूरी कृष्ण नार कटायब , काहे खपर असनान । +सोने के छूरी कृष्ण नार कटायब , रूपे खपर असनान ॥ 2 ॥ +नहाय धोआय कृष्ण पलंग सोवे , काली नागिनी सिर ठारा5 । +का तुम नागिन ठारा भई , हम है त्रिभुवन नाथ ॥ 3 ॥",magahi-mag +"102 +चूचक आखया जा मनाए उसनूं वयाह तीक तां मही चराए लईए +जदों हीर डोली पाए तोर दिती रूस पवे जवाब तां चाए दईए +सडे पीउ दा कुझ ना लाह लैंदा सभा टहिल टकोर करा लईए +वारस शाह असीं जट सदा खोटे इक जटका फंद वी ला लईए",panjabi-pan +"256 +गैबत1 करन बेगानड़ी अत औगन सते आदमी एह गुनाहगार हुंदे +चोर चुगल किरतघन ते झूठ बोले लूती लांवदे सतवां यार हुंदे +असां जोग नूं नहीं गल पहन बहना तुसी कासनूं ऐडे बेजार हुंदे +वारस जिन्हां उमैद ना तांघ काई कम्म तिन्हां दे आकबत2 पार हुंदे",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +एक मटर पैलेॅ छी +एँड़िया तर नुकैलेॅ छी +सातो गोतनी पीसै छै +एक गोतनी रूसली +केकरा लेॅ ? +बुढ़वा लेॅ । +बुढ़वा गेलोॅ छै बारी +कौआँ नोचै छै दाढ़ी +छोड़ , छोड़ रे कौआ +अब नै जैबौ बारी +हाथी पर हथमान भैया +घोड़ा पर रजपूत +डोली पर बिहौती कनियाँ +खोपोॅ हुएॅ मजबूत । +एक तारा दू तारा +मदन गोपाल तारा +मदना के बेटी बड़ी झगड़ाही +अक्का गोलगोल , पक्का पान +शिवोॅ के बेटी कन्यादान +काना रे कनतुल्लातुल्ला +पीपर गाछी मारे गुल्ला +साँप बोले कोंकों , कबुत्तर माँगे दाना +हम्में तोरोॅ नाना । +आव आव रे पर्वत सुगा +अण्डा पारीपारी देॅ जो । +तोहरा अण्डा आग लागौ +नूनू आँखी नीन गे +आव रे कौआ उचरी केॅ +नूनू खैतोॅ कुचरी केॅ +आव रे कौआ ओर सें +नूूनू खैतोॅ कौर सें । +नूनू के माय कुछुए नै खाय +ऐंगन एत्तेॅ गो रोटी खाय +पानी पियैलेॅ पोखर जाय +पोखरी के कछुआ लेलक लुलुआय +वहाँ के पियासली कुइयाँ जाय +कुइयाँ के बेंगवा लेल लुलआय +वहाँ के पियासली गंगा जाय +गंगा माँता दिएॅ आशीष +चिर युग जिएॅ नूनू लाख बरीस +लाख बरिस के खुण्डाखुण्डी +लाख बरिस के नूनू हमरोॅ ।",angika-anp +"देख कै ने गांधी का चरखा +दे��� कै ने गांधी का चरखा । +अंगरेजां का था दिल धड़का । । +बालक बुड्ढे अर नर नारी । +सब नै तान चरखे की पियारी । । +चरखे नै जादू दिखलाया । +सुदेसी का पाठ सिखलाया । ।",haryanvi-bgc +"गोरी गोर बियासनी बच्ची मोरनी ए +गोरी गोर बियासनी बच्ची मोरनी ए +गोरे बाबुल की धीय बच्ची मोरनी ए +हाय हाय बच्ची मोरनी ए +के रे रोऊं सराह कै बच्ची मोरनी ए +के रे सुहावन बोल +किन तेरा डिब्बा खोलियां किन तेरा किया सिंगार +हिय बधूं उस माय का कैसे किया सिंगार +आंखों पट्टी देय ली छाती वज्र किवाड़ +इस जानी का बाहुड़ै वहां गया ना बाहुड़ै +अपने घर बैठ +जब तैं घर ते नीकली मन्दे हो गए सौन +मन्दे सौन न जाइयो जाइयो सकुन विचार +आगे मिल गई लाकड़ी उल्टे घड़े पनिहार +छींकत मंजा ढाइयां उट्ठी दामन चीर +काल अचानक मारिया पहरे बैठे बार",haryanvi-bgc +"सोहाग माँगे गई बेटी, हजरत बीबी दरवाजे +सोहाग माँगे गई बेटी , हजरत बीबी दरवाजे । +बीबी देहु न सोहाग बाली1 भोली का सोहाग । +नइहर वाली का सोहाग रे । +मैं ना जानूँ , टोना कैसे हो के2 लगा ॥ 1 ॥ +बेली चमेली हो के लगा , दाना मरुआ3 हो के लगा । +सोने संदल4 हो के लगा , मैं ना जानूँ । +टोना कैसे होके लगा , मैं ना जानूँ ॥ 2 ॥ +सोहाग माँगे गई बेटी , दादा दरवाजे । +दादी देहु न सोहाग , बाली भोली का सोहाग । +अच्छी लाड़ो का सोहाग रे । +टोना कैसे होके लगा , मैं ना जानूँ ॥ 3 ॥ +बाईं नैना होके लगा , दाहिने मोढ़े5 होके लगा । +मैं ना जानूँ , टोना कैसे होके लगा ॥ 4 ॥ +सोहाग माँगे गई बेटी नाना दरवाजे । +नानी देहु न सोहाग , अपनी लाड़ो का सोहाग । +नइहर वाली का सोहाग रे । +मैं ना जानूँ , टोना कैसे होके लगा ॥ 5 ॥ +सोहाग माँगे गई बेटी अब्बा दरवाजे । +अम्माँ देहु न सोहाग , बाली भोली का सोहाग । +मैं ना जानूँ , टोना कैसे होके लगा ॥ 6 ॥",magahi-mag +"धरती माता नै हर्‌यो कर्‌यो +धरती माता नै हर्यो कर्यो +गऊ के जाये नै हर्यो कर्यो +जीव जंत के भाग नै हर्यो कर्यो +ढाणा खेड़े नै हर्यो कर्यो +जमना माई नै हर्यो कर्यो +धना भगत को हर तै हेत +बिना बीज उपजायो खेत +बीज वच्यो सो सन्तां नै खायो +घर भर आंगन भर्यो",haryanvi-bgc +"तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो +तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो . . . । +तुम तो श्याम पीओ दूध के कुल्हड़ , +मेरी तो पानी पै गुजर , पानी पै गुजर हो । +तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो . . . । +आप तो श्याम रक्खो दोदो लुगाइयाँ , +मेरी तो आपी पै नज़र , आपी पै नज़र हो । +तुम तो श्याम बड़े बेख़बर हो . . . ।",khadi_boli-mis +"555 +हाए हाए मुठी ���त ना लईया दिती अकल हजार जोगेटया वे +वस पयों तूं वैरियां डाढयां दे की वाह है मुशक लपेटया वे +जेहड़ा खिंडया विच जहान सारे नहीं जावना मूल समेटया वे +राजा अदली है तखत ते अदल करदा खड़ी बांह कर कूक सुखरेटया वे +बिना अकल दे नहीं सभ हसाब होसी तेरे नाल ही मीपां रंझेटया वे +नहीं हूर बहिश्त दा हो जांदी गधा जरी देनाल लपेटया वे +असर सुहबतां दे कर जान गलबा जाह राजे दे पास जटेटया वे +वारस शाह मियां तांबा हाय सोना जदों कीमिया दे नाल भेटिया वे",panjabi-pan +"568 +रांझा आखदा जाह की वेखनी ए बुरा मौत थीं इह विजोग है नी +पए धाड़वी लुट लै चले मैंनूं इह दुख की जानदा लोग है नी +मिली रांझे नूं हीर ते सवाह मैंनूं तेरे नाम दा असां नं रोग है नी +बुकल लेफ दी जफियां वहुटियां दियां एह रुत सयाल दा भोग है नी +शौकन रंन गवांढ कपतयां दा भले मरद दे बाब1 दा रोग है नी +खुशी किव होवन मरद फुल वांगूं घरी जिन्हां दे नित दा सोग है नी +तिन्हां विच जहान की मजा पाया गल जिन्हां दे रेशटा2 जोग है नी +जेहड़ा बिनां खुराक दे करे कुशती ओस मरद नूं जानिए फोग है नी +आसमान ढह पवे ते नहीं मरदे बाकी जिन्हां जहान ते चोग है नी +कूंज कां नूं मिले ते शोर पैंदा वारस शाह एह धुरों संजोग है नी",panjabi-pan +"गिनायतो गिनायतो रे +गिनायतो गिनायतो रे +माण्डरा लिखने वाला गिनायतो रे +गिनायतो गिनायतो रे +पातल सीने वाला गिनायतो रे +गिनायतो गिनायतो रे +चावल सीमे वाला गिनायतो रे +चिवना पूजने वाला गिनायतो रे +गिनायतो गिनायतो रे +हल्दी पूजने वाला गिनायतो रे +खिचड़ी पूजने वाला गिनायतो रे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे",korku-kfq +"375 +भला दस खां जोगिया यार साडा हुण केहड़ी तरफ नूं उठ गया +वेखां आप हुण केहड़ी तरफ फिरदा अते मुझ गरीब नूं कुठ1 गया +रूठे आदमी घरां विच आन मिलदे गल समझ जा बधड़ी मुठ2 गया +घरां विच पैंदा गुनां सजनां दा यार होर नाहीं किसे गुठ गया +घर यार ते ढूंढ़दी फिरे बाहर किते महल ना माड़ियां उठ गया +सानूं चैन आराम ते सबर नाहीं सोहणा यार जदोकणा रूठ गया",panjabi-pan +"एती जाथोँ त ओती जाथस +एती जाथोँ त ओती जाथस , ओती जाथॉ त दोती ओ +एती जाथो त ओती जाथस , ओती जाथॉ त दोती ओ +कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय +मोला झोल्टुराम बना देहे ओ । +मोला झोल्टुराम बना देहे ओ +झोल्टु के झोली मा का का चीज , लौँग सुपारी धथूरा के बीज । +झोल्टु के झोला ला लेगे चोर , झोल्टु कुदावथे धोती छोर ॥ +एती देखव ते ओती देखव , ��ती देखव ते दोती ओ +छ्त्तीसगढ के मोहनी जरी मोला पिया देहे रे , हाय +मोला सुखडू राम बना देहे ओ +मोला झोल्टुराम बना देये हो +तोर मया म मै जोगी बनेव , सोला बछर के मै माला जपेँव । +का कहाव मैं ह काला बताँव , तोला बलावव के ओला बलाँव ॥ +तोर मया म मै जोगी बनेव , सोला बछर के मै माला जपेँव । +का कहाव मैं ह काला सुनाव , तोला बालावव के ओला बलाँव ॥ +एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ +सात भाँवर के सात नचनिया , मोला नचा देहे रे , हाय +मोरा फोकटू राम बना देहे ओ +मोरा फोकटू राम बना देहे ओ +तोर जवानी के नशा मोला , गाँजा पीयेँव मे तोला तोला । +का कहाव मैं ह काला बताँव , तोला बलावव के ओला बलाँव +आरी लेजेव के बारी लेजव , बारी लेजव के दुवारी ओ । +बत्तीस दिन के खाना पीना मोला छोड़ा देहे ओ , हाय +मोरा फोकटू राम बना देहे ओ +एती देखव त ओती देँखँव , ओती देखँव ते दोती ओ +एती लेजाव कि ओती लेजाव , ओती लेजाव के दोती ओ +कोन नजर के जादु मँतर मार देहे मोला ओ , हाय +मोला झोल्टुराम बना देहे ओ ।",chhattisgarhi-hne +"आल्हा ऊदल +भोग चढ़ाइब अदमी के देबी अरजी मानव् हमार +एतनी बोली देबी सुन गैली देबी जरि के भैली अँगार +तब मुँह देबी बोलली बबुआ सुनीं रुदल महराज +बेर बेर बरजों बघ रुदल के लरिका कहल नव् मनलव् मोर +मरिया राजा नैना गढ़ के नैंनाँ पड़े इन्दरमन बीर +बावन गुरगुज के किल्ला है जिन्ह के तिरपन लाख बजार +बावन थाना नैना गढ़ में जिन्ह के रकबा सरग पताल +बावन दुलहा के सिर मौरी दहवौलक गुरैया घाट +मारल जैबव् बाबू रुदल नाहक जैहें प्रान तोहार +पिण्डा पानी के ना बचबव् हो जैबव् बन्स उजार +एतनी बोली रुदल सुन गैल तरवा से लहरल आग +पकड़ल झोंटा है देबी के धरतो पर देल गिराय +आँखि सनीचर है रुदल के बाबू देखत काल समान +दूचर थप्पर दूचर मुक्का देबी के देल लगाय +लै के दाबल ठेहुना तर देबी राम राम चिचियाय +रोए देबी फुलवारी मैं रुदल जियरा छोड़व् हमार +भेंट कराइब हम सोनवा सें +एतनी बोली रुदल सुन के रुदल बड़ मंगन होय जाय +प्रान छोड़ि देल जब देबी के देबी जीव ले चलल पराय +भागल भागल देबी चल गैल इन्द्रासन में पहुँचल जाय +पाँचों पण्डु इन्द्रासन में जहवाँ देबी गैल बनाय",bhojpuri-bho +"हुण किस तों आप लुकाईदा +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +किते मुल्लाँ हो वलेंदे हो , +किते राम दुहाई देंदे हो । +किते सुन्नत मज़हब दसेंदे हो , +किते मत्थे तिलक लगाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +तुसीं हुण मैं सही सिआते हो , +हर सूरत नाल पछात हो । +जाते हो ते जाते हो , +कोई वल छल होर विखाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +तुसीं सभनीं भेखीं थीन्दे हो , +मैनूँ हर जा तुसीं दिसीन्दे हो । +आप मधकर1 आपे पीन्दे हो , +आपे आप तों आप चुकाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +हुण पास तुहाडे वस्सांगे , +ना बेदिल हो के नस्सांगे । +सभ भेत तुहाडे दस्सांगे , +क्यों मैनूँ अग्गना लाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +मैं मेरीहै ना तेरी है , +एही अन्त पाप दी ढेरी है । +एह ढेरी होणी खेरी है , +हुण ढेरी नूँ नाच नचाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +जो याद तुआडी करदा है , +सो मरना तों अग्गे मरदा है । +ओह माया भी तैत्थों डरदा है , +मत मोयाँ नूँ मुड़ कुहाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +वाह , जिसपर करम आवेहा है , +तहकीक ओह कीते जेहाहै । +सच्च सही रवाएत एहा है , +तेरी नज़र महर तर जाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +विच्च भाँबड़2 बाग लवाया ए , +जड़ विच्च आप विखाया ए । +तैंजाँ अलफों मीम बणाया ए , +ताँ बातन की बतलाईदा +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +बाहिर ज़ाहिर डेरा पाओ , +आपे डहों ढोल वजाएओ । +जग ते आपणा आप जणाओ , +फिर अबदुल्ला दे घर धाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +लै हमा ओसत अगहा पाया , +ऐस हमा ओसत ने अकल वंजाया3 । +जे कोई तैनूँ वेखण आया , +आपे तूँ ही तूँ हो जाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +बिन्द्राबन विच्च गऊआँ चरावें , +मक्के दा हाजी बण जावें । +लंका चढ़ नाद वजावें , +वाह वाह क्या रंग बण बण जाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +इस अज़ाँ4 ओसत धाड़ा पाया , +पढ़ पढ़ पंडत नाम बणाया । +दिल ते इक्को अलफ टिकाया , +सो दुआ गंज लुकाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +यूसफ खूहों दे विच्च पाओ , +यूनस मच्छी तों निगलाओ । +साबर केहड़े घाट बहाओ , +फिर ओहनाँ नूँ तख़त चढ़ाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +किते चोर बणे काजी हो , +किते मिंबर5 ते बाहि माअज़ी6 हो । +किते तेग बहादर गाज़ी हो , +आपे आपणा कटक7 बणाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +तूँ ही हाज़र नाले न्यारा , +नाहीं न्यारा ऐवें लारा । +जे तैं आखाँ ना ही प्यारा , +ताँ ऐह घर घर कौण ध्याईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +बेली अल्ला वाली मालक हो , +तुसीं आपे आपणे सालक8 हो । +आपे खलकत हो आपे खालक हो , +आपे अमर मारूफ9 कराईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +जे अल्ला इनसान पढ़ाया ए , +ताँ आप नूँ भला छपाया ए । +दल चौदाँ तबक10 बणाया ए , +किते लम्माँ झगड़ा पाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +मनसू�� तुसाँ वल्ल आया सी , +तुसाँ सूली पकड़ चढ़ाया सी । +ओह मेरा भाई बाबल जाया सी , +दे खूम्बहा मेरे भाई दा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ? +बुल्ला सहु ते मैं माएल हाँ , +तब कर तिनाएत साएल हाँ । +एह साएल का मैं घायल हाँ , +घाएल थों आप छपाईदा । +हुण किस तों आप लुकाईदा ?",panjabi-pan +"मैं मुशताक दीदार दी +घुँघट ओहले ना लुक सोहणिआ , +मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । +जानी बाझ दीवानी होई , +टोकाँ करदे लोक सभ्भोई । +जे कर यार करे दिलजोई , +मैं ता फरिआद पुकारदी हाँ । +मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । +मुफ्त बिकान्दी बान्दी जान्दी , +मिल माहीआ जिन्द ऐवें जान्दी । +इकदम हिजर नहीं मैं सहिन्दी , +मैं बुलबुल इस गुल्ज़ार दी हाँ । +मैं मुश्ताक दीदार दी हाँ । +घुँघट ओहले ना लुक सोहणिआ , +मैं मुशताक दीदार दी हाँ ।",panjabi-pan +"बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बोहत सताई ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बालक छोड्डे रोवते रै तन्नै बोहत सताई रे +डालड़ी में छोड्या पीसणा +अर छोड्डी सै लागड़ गाय +नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +कातनी में छोड्या कातना +अर छोड़ै सैं मां अर बाप +नगोड़े ईखड़े तन्नै बोहत सताई रे +बहोत सताई ईखड़े रे तन्नै बोहत सताई रे +बालक छोड्डे रोवते तन्नै बोहत सताई रे",haryanvi-bgc +"लाडो मँगणा हो +लड़की की इच्छाएँ +लाड्डो मँगणा हो सो माँग +राम रथ हाँक दिए । +मैं तो माँगूँ अयोध्या का राज +ससुर राजा दशरथ से । +लाड्डो मँगना हो सो माँग +राम रथ हाँक दिए । +मैं तो माँगूँ कौशल्या –सी सास +देवर छोटे लछमन से । +लाड्डो मँगना हो सो माँग +राम रथ हाँक दिए । +मैं तो माँगूँ श्रीभगवान +पलंगों पै बैठी राज करूँ । +लाड्डो मँगना हो सो माँग +राम रथ हाँक दिए ।",khadi_boli-mis +"कान्हा बरसाणे में आ जाइयो बुलागी राधा प्यारी +कान्हा बरसाणे में आ जाइयो बुलागी राधा प्यारी +जो कान्हा तू राह न जाने डोले डोले आ जाइयो +बुलागी राधा प्यारी +ताता पानी धरिया ततेरा , तेरी गर्ज पड़े तो नहा जाइयो +बुलागी राधा प्यारी +पतली ते पतली पोई फुलकियां तेरी गर्ज पड़े तो खा जाइयो +बुलागी राधा प्यारी",haryanvi-bgc +"74 +किहें डोगरां जटां दे नयाऊं जाणे परहे विच दलावर लाइयां दे +पाड़ चीर के जानदा किवें देसो लड़या कासनूं नाल एह भाइयां दे +किस गल तों उठ के रूठ आया की कर बोलया नाल भरजाइयां दे +वारस शाह ना इस तों नफा दिसदा किवें छड आया माल गाइयां दे",panjabi-pan +"तोरे ददा बाबू देसपति के राजा अउ काहे गुन रहे गा कुँवारा +तोरे ददा बाबू देसपति के ���ाजा +अउ काहे गुन रहे गा कुंवारा +हरदी के देस दीदी +हरदी महंगा भइगे , अउ परी सुकाल भइगे +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +करसा के देस दीदी +करसा महंगा भइगे , बिजना सुकाल भइगे +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +हरदी के देस दीदी +चाउंर महंगा भइगे , अउ पर्ण भइगे सुकाल +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +करसा के देस दीदी +मंगरोहन महंगा भइगे , गुड़रा भइगे सुकाल +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा",chhattisgarhi-hne +"बना थारो देश देख्यो नी मुलुक देख्यो +बना थारो देश देख्यो नी मुलुक देख्यो , +काई थारा देश की रहेवास +बनड़ाजी धीरा चलो , धीरा धीरा चलो जी सुकुमार , +बनड़ाजी धीरा चलो । । +बनी म्हारो देश माळवो , मुलुक निमाड़ , +गाँवड़ा को छे रहेवास । +बनी तुम घर चलो घर चलो जी सुकुमार , +बनी तुम घर चलो । । +बना थारो देश देख्यो , नी मुलुक देख्यो , +काई थारा देश को पणिहार । +बनड़ाजी धीरा चलो , धीरा धीरा चलो जी सुकुमार , +बनड़ाजी धीरा चलो । । +बनी म्हारा घर घर कुवा , न चौक वावड़ी +गाँव मऽ रतन तळाव । +बनी तुम घर चलो जी सुकुमार , +बनी तुम घर चलो । । +बना थारो देश देख्यो , नी मुलुक देख्यो , +काई थारा देश को जीमणार । +बनड़ाजी धीरा चलो , धीरा धीरा चलो जी सुकुमार , +बनड़ाजी धीरा चलो । । +बनी म्हारा ज्वार तुवर का खेत घणा , +घींव दूध की छे भरमार । +बनी तुम घर चलो , घर चलो जी सुकुमार , +बनी तुम घर चलो । । +बनी थारो देश देख्यो नी मुलुक देख्यो , +काई थारा देश को पेरवास । +बनड़ाजी धीरा चलो , धीरा धीरा चलो जी सुकुमार , +बनड़ाजी धीरा चलो । । +बनी म्हारो घर भर रहेट्यो चलावण्यो , +काचळई लुगड़ा को छे पेरवास , +बनी तुम घर चलो , घर चलो जी सुकुमार , +बनी तुम घर चलो । । +बना थारो देश देख्यो नी मुलुक देख्यो , +काई थारा घर को रिवाज । +बनड़ाजी धीरा चलो , धीरा धीरा चलो जी सुकुमार , +बनड़ाजी धीरा चलो । । +बनी म्हारी काकी भाभी छे अति घणी , +माताजी का नरम सुभाव । +बनी तुम घर चलो , घर चलो चलो जी सुकुमार , +बनी तुम घर चलो । ।",nimadi-noe +"हरे हरे हरे दादा बसवा कटइहा, ऊँचे-ऊँचे मडवा छवइहा हो +हरे हरे हरे दादा बसवा कटइहा , ऊँचेऊँचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो दादा , सजन लोग छेकले दुवार हो +हरे हरे हरे नाना बसवा कटइहा , ऊँचेऊमचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो नाना , सजन लोग छेकले दुवार हो +हरे हरे हरे बाबा बसवा कटइहा , ऊँचेऊँचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो बाबा , सजन लोग छेकले दुवार हो +हरे हरे हरे चाचा बसवा क���इहा , ऊँचेऊँचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो चाचा , सजन लोग छेकले दुवार हो +हरे हरे हरे मामा बसवा कटइहा , ऊँचेऊँचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो मामा , सजन लोग छेकले दुवार हो +हरे हरे हरे भैया बसवा कटइहा , ऊँचेऊँचे मडवा छवइहा हो +ऊँचेऊँचे मडउवा तले बैठिह हो भैया , सजन लोग छेकले दुवार हो",bhojpuri-bho +"तुमको मैं टोना करूँगी रे +तुमको मैं टोना करूँगी रे , बाली1 भोली का दुलहा ॥ 1 ॥ +सेहरे में टोना भेजा , सेहरा बाँधि2 आया रे , मेरा असला3 दमदवा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , बाली भोली का दुलहा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , मेरा नेवता4 दमदवा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , मेरा झुकता5 दमदवा ॥ 2 ॥ +जोड़े में टोना भेजा पेन्हि6 आया रे , मेरा असला दमदवा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , मेरा भोला दमदवा ॥ 3 ॥ +मोजे में टोना भेजा , मोजा पेन्हि आया रे , मेरा नेवता दमदवा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , बाली भोली का दुलहा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , मेरी लाड़ो का दुलहा । +तुझको मैं टोना करूँगी रे , मेरा दुलरा दमदवा ॥ 4 ॥ ।",magahi-mag +"पूजा गोवर्धन की करि लै +अरी तेरे सब संकट कटि जायें , पूजा गोवर्धन की करिलै ॥ टेक +अड्डे पै भीर बड़ी हो , मोटर नाँय एक खड़ी हो । +अरी तू चल दै चालम चाल , +पूजा गोवर्धन की करिलै ॥ अरी . +जा मानसी गंगा नहियो , गिर्राज कूँ माथ नवइयो । +और फिर परिकम्मा कू जाय , +पूजा गोवर्धन की करिलै ॥ अरी . +परिकम्मा में मिलें भिखारी , दीजो भिक्षा उनकूँ डारी । +अरी तू पुन्य बड़ौ ही पाय , +पूजा गोवर्धन की करिले ॥ अरी . +मन्दिर जो बीच पड़िंगे , पइसा एकएक चढ़िंगे । +अरी तू दर्शन करती जाय , +पूजा गोवर्धन की करिले । अरी . +जब आवै पूछरी को लौठा , बिन खाय जो पड़ौ सिलौठा ॥ +अरी वाय चरनन सीस झुकाय , +पूजा गोवर्धन की करिलै ॥ अरी . +जब राधाकुण्ड कूँ जाबें , वहाँ दोनों कुण्ड में नहावैं । +अरी तेरे पाप सभी धुल जाँय , +पूजा गोवर्धन की करिलै ॥ अरी . +तू लौट गोवर्धन आवै , श्रम तेरौ सब हर जावै , +अरी जब मानसी गंगा नहाय , +पूजा गोवरधन की करिलै ॥ अरी . +पूजा कौ थाल सजइयो , बर्फी को भोग लगइयो । +मुकुट गिर्राज कू शीश नवाय , +पूजा गोवरधन की करिलै ॥ अरी . +गिरिराज से ध्यान लगावे , मन वांछित फल तू पावे ॥ +अरी चह ‘नन्दन’ कहत सुनाय , +पूजा गोवरधन की करिलै ॥ अरी .",braj-bra +"बस देख ली आजादी हामनै म्हारे हिन्दुस्तान की +बस देख ली आजादी हामनै म्हारे हिन्दुस्तान की । +सबतैं बुरी हा��त सै आज मजदूर और किसान की । । +न्यूं कहो थे हाळियाँ नै सब आराम हो ज्यांगे +खेतों में पानी के सब इंतजाम हो ज्यांगे । +घणी कमाई होवैगी , थोड़े काम हो ज्यांगे +जितनी चीज मोल की , सस्ते दाम हो ज्यांगे । +आज हार होगी थारी कही उलट जुबान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +जमींदार कै पैदा होज्याँ , दुख विपदा में पड़ज्याँ सैं +उस्सै दिन तैं कई तरहाँ का रास्सा छिड़ज्या सै । +लगते ही साल पन्द्रहवाँ , हाळी बणना पड़ज्या सै +घीदूध का सीच्या चेहरा कती काळा पड़ज्या सै । +तीस साल में बूढ़ी होज्या आज उमर जवान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +पौहमाह के महीने में जाडा फूक दे छाती +पाणी देती हाणाँ माराँ चादर की गात्ती । +चलैं जेठ में लू , गजब की लगती तात्ती +हाळी तै हळ जोड़ै , सच्चा देश का साथी । +फिर भी भूखा मरता , देखो रै माया भगवान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥ +बेईमानी तै भाई आज धार ली म्हारे लीडर सारों नै +रिश्वत ले कै जगहां बतावैं आपणे मिन्तर प्यारों नै । +कर दिया देश का नाश अरै इन सारे गद्दारों नै +आज कुछ अकल छोडी ना हाळी लोग बिचारों मैं । +आज तो कुछ भी कद्र नहीं है एक मामूली इंसान की । +सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥",haryanvi-bgc +"अब कैसे जाऊँ लाड़ो, सामने खड़ी रे लाल +अब कैसे जाऊँ लाड़ो1 सामने खड़ी रे लाल । +माँगो टीका पेन्ह लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो दिल में बसी रे लाल ॥ 1 ॥ +नाको बेसर पेन्ह लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो , दिल में बसी रे लाल ॥ 2 ॥ +कानो बाली पेन्ह लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो , दिल में बसी रे लाल ॥ 3 ॥ +हाथों कँगन पेन्ह लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो , अँखिया लड़ी रे लाल ॥ 4 ॥ +गले माला पहन लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो , अँखिया लड़ी रे लाल ॥ 5 ॥ +हाथों पहुँची2 पेन्ह लाडो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो , दिल में बसी रे लाल ॥ 6 ॥ +जान3 सूहा4 पेन्ह लाड़ो , सामने खड़ी रे लाल । +अब कैसे जाऊँ लाड़ो सामने खड़ी रे लाल ॥ 7 ॥",magahi-mag +"आयो परदेसी सूबटो ले ग्यो टीली में +आयो परदेसी सूबटो ले ग्यो टीली में सूं टाल एकलड़ी क्यों चाली हे +इतनो बाबाजी रोहेत इतनो ताऊ जी रोहेत एकलड़ी क्यों चाली हे +इतनो मामा जी रोहेत इतनो फूफा जी रोहेत एकलड़ी क्यों चाली हे +आयो परदेसी सूबटो ले ग्यो टोली में सूं टाल एकलड़ी क्यों चाली हे",haryanvi-bgc +"ऊंचा रेड़ा काकर हेड़ा विच विच बोदी केसर +ऊंचा रेड़ा काकर हेड़ा विच विच बोदी केसर +ब्याहे ब्याहे राज करेंगे रांडा का पणमेसर +छोटे छोरे कै न जांगी , बालम याणे कै न जांगी , +देस बिराणै कै न जांगी +कासण बांटे , बासण बांटे , साझे रहा बरौला +यो भी क्यों न बांटा रांड के घर में देवर मौला +छोटे छोरे कै न जांगी . . . +कासण बांटे , बासण बांटे , साझे रह गई थाली +यो भी क्यों न बांटी रांड के घर में ननदल चाली +छोटे छोरे कै न जांगी . . . +सौड़ बांटी , सौड़िया बांटा , साझै रह गई रजाई +यो भी क्यों न बांटी रांड के रातों मरी जड़ाई +छोटे छोरे कै न जांगी . . . +घर बांटा घरबासा बांटा साझै रह गई मोरी +यो भी क्यों न बांटी रांड के रातों हो गई चोरी +छोटे छोरे कै न जांगी . . .",haryanvi-bgc +"टीके पै लग रही चांदनी +टीके पै लग रही चांदनी , झूमर पै लग रही चांदनी +तुम देखो जी बने हमारी बीबी लाडली +बून्दों पै लग रही चांदनी , माला पै लग रही चांदनी +तुम देखो . . . +डोले पे लग रही चांदनी , जोड़ी पै लग रही चांदनी +घर में खिल गई चांदनी , सेजों पै हंस गई चांदनी +तुम देखो . . .",haryanvi-bgc +"होरी खेली न जाय +नैनन में पिचकारी दई , मोय गारी दई , +होरी खेली न जाय , होरी खेली न जाय ॥ टेक +क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी , ठाड़ौ मुस्काय ॥ होरी . +नेक नकान करत काहू की , नजर बचावै भैया बलदाऊ की । +पनघट सौ घर लौं बतराय , घर लौं बतराय ॥ होरी . +औचक कुचन कुमकुमा मारै , रंग सुरंग सीस ते ढारै । +यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय , सुनि सासु रिसियाय ॥ होरी . +होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै , सालिगराम कौन याहि हटकें । +अंग लिपटि हँसि हा हा खाय ॥ होरी .",braj-bra +"राजा ऊँचा है चंवरो चब खंडियो +राजा ऊँचा है चंवरो चब खंडियो +जे पर ढ़ाली नवरंगी खाट +हर बोलो दीवानजी रा कूंकड़ा +जे पर पोढ़िया फलाणाजी हो राम +बऊँ लाड़ी थारो नाम जगावजे हो +जागोजागो केसरिया नाम +हरि बोलो दीवानजी रा कूंकड़ा +राजा जागी ने पाग सँवारिया +उनकी पागां पर मोतिया रा लूम +हीरा केरा लूम +राजा ऊँचा हो चंवरो चवखंडियो +जे पर ढाली है टूटी टाटी खाट +जे पर पोढ़िया फलाणा राम भाँड +बाई थारो नाम जगावजे +जागोजागो नावीड़ा नाम +नावी जागी ने चींदो संवारिया +चींदा पे ऊँदरा रा लूम , बिच्छूरा लूम",malvi-mup +"मैं तो बीस बरस की होली +मैं तो बीस बरस की होली ईबना सादी का विचार +नाई ब्राह्मण गए , दिल्ली के बाजार +उन नै सारी दुनियां देखी कोई ना जोड़ी का भरतार +एक दिल्ली में बूढ़ा बैठ्या तख्त बिछाए +भाई मेरी सादी करदै , ले ले ढाई हजार +वाने डाढ़ी मूछ कटाई हो ग्यो बूढे तैं जवान +बेटी फेरे ले ले तेरे करमण के भार +मेरी दादी फेरे ले ले तेरी जोड़ी का भरतार",haryanvi-bgc +"329 +एह मिसाल मशहूर जहान अंदर करम रब्ब दे जेड ना मेहर है नी +हुनर झूठ कमान लाहोर जेही ते कावरू1 दे जेड ना सेहर है नी +चुगली नहीं दिपालपुर कोट जेही नमरूद2 दे थां बे मेहर है नी +नकश चीन ते मुशक दा खुतन3 जेहा यूसुफ जेड ना किसे दा चेहर है नी +मैं तां तोड़ शाहदरे दे कोट सटां तैनूं दम खां काम दी वेहर है नी +बात बात तेरी विच हैन कामन वारस शाह दा सेअर की सेहर4 है नी",panjabi-pan +"लाडो दूर मत खेलण जा हे +लाडो दूर मत खेलण जा हे +सजन इब आवेंगे +वे तो आवेंगे घोड़े असवार +डोलै में तनै ले जावेंगे +मैं तो कूद पडूंगी बाबा जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी बाबल जी की गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे +मैं तो कूद पड़ूंगी ताऊ जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी चाचा जी गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे +मैं तो कूद पडूंगी मौसा जी की गोद +मैं तो कूद पडूंगी फूफा जी की गोद +फेर क्यूंकर ले जेंगे",haryanvi-bgc +"घरी घरी पै ईसुरी, घरी सौ दृगन दिखात +घरी घरी पै ईसुरी , घरी सौ दृगन दिखात , +मुईयाँ बाँके छेल की , नजर न भूलत रात । +ऑखियाँ तरसें यार खाँ कबै नजर मिल जाय , +नजर बचा के ईसुरी रजऊ बरक कड़ जाय । +तरै तरै के करत हैं , तेरे ऊपर प्यार , +हमहँ अकेले एक हैं , रजऊ की दमके यार । +घातें सबई लगाँय हैं , घर खोरन की कोद , +ईसुर डूबे रसरँगन , और न पावै सोद ।",bundeli-bns +"चलै तो दर्शन करि आवैं +देवी मैया कौ जुड़ौ है दरबार , +लँगुरिया चलै तो दर्शन करि आबें ॥ टेक +बाग तमाशे हम गये , देख बाग तमाशे . . . +डाली डाली पै लगी हैं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +ताल तमाशे हम गये , देख ताल तमाशे हम गए . . . +घाट घाट पै लगा दयीं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +कुआ नहाने हम गये , कुआ पै नहाने . . . +गगरी गगरी पै लगी वहाँ तस्वीर ॥ लँगुरिया . +महल तमाशे हम गये , देख महल तमाशे . . . +खिड़की2 पै लगा दयीं तस्वीर ॥ लँगुरिया . +सेज पौढ़न जब हम गये , सेज पौढ़न . . . +तकिया 2 पै लगी वहाँ तस्वीर ॥ लँगुरिया .",braj-bra +"बाना गीत +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +बना तारो फुवो नी आयो , तारा राज मा । +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +बना तारो फुई नी आवी , तारा राज मा । +झिनिझिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा । +छोटे पत्तों वाली इमली के फूल आ रहे हैं , ऐसे में ब्याह हो रहा है । गीत में दूल्हे से पूछा गया है कि दूल्हे राजा तेरे राज में बुआ , फूफा और बहिन नहीं आई हैं ।",bhili-bhb +"देवी गीत-देबी अंगन मोरे आयीं +देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +काऊ देखि देबी मगन भईं हैं काऊ देखि मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +सेनुर देख देबी मगन भईं हैं बिंदिया देख मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +चूडिया देख देबी मगन भईं हैं कंगना देखि मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +लहंगा देखि देबी मगन भईं हैं चुनरी देखि मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +पायल देखि देबी मगन भईं हैं बिछिया देखि मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +रानी देखि देबी मगन भईं हैं बालक देखि मुस्कानी +निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ +देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ",awadhi-awa +"हो दिल्ली में बिक रही छींट +हो दिल्ली में बिक रही छींट छींट लेते आइयो +मेरठ में चलै मसीन वहीं सिलवाइयो +रास्ते में म्हारा गाम वहीं डट जाइयो +मेरा बाबा काढ़ै धार , नमस्ते करियो +मेरी अम्मा फेरे हाथ नीचे को नव जाइयो +मेरी भाभी की बजनी टूम बिदक मत जाइयो",haryanvi-bgc +"पानड़ पानड़ दिया बलऽ +पानड़ पानड़ दिया बलऽ , +थारा दिवलड़ा की लागी जागजोत रे , +आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो । +ओंकार देव की मैया पूछऽ वातूली , +तू खऽ आज कूणऽ निवत्यो पूत रे , +आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो । +मखऽ निवत्यो छे , अमुक भाई की माय , +जिमाड़्या छे दही अरू भात रे । +आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो ।",nimadi-noe +"अँगना में बतासा लुटायम हे, अँगना में +आँख अँजाई +अँगना में बतासा1 लुटायम2 हे , अँगना में ॥ 1 ॥ +सासू जे ऐतन3 देवोता4 मनौतन5 । +उनका के पीरी6 पेन्हायम7 हे , अँगना में ॥ 2 ॥ +देवोतो मनावे में कसरमसर8 करतन9 । +धीरे से पीरी उतार लेम हे , अँगना में ॥ 3 ॥ +गोतिनी जे ऐतन पंथ10 रँधौतन11 । +उनको के पीरी पेन्हायम हे , अँगना में ॥ 4 ॥ +पंथ रँधावे में कसरमसर करिहें । +धीरे से पियरी उतार लेम हे , अँगना में ॥ 5 ॥ +ननद जे ऐतन आँख अँजौतन12 । +उनको के कँगना पेन्हायम हे , अँगना में ॥ 6 ॥ +आँख अँजौनी में कसरमसर करतन । +धीरे से कँगना उतार लेम हे , अँगना में ॥ 7 ॥ +यह गीत मुस्लिमपरिवारों में भी प्रचलित है , लेकिन दोनों में भाषा के साथ रस्मरिवाजों में अंतर है । दे . खंड 4 , गीत सं . 6",magahi-mag +"गोचर हे नगर के बराम्हन, पोथिया बिचारहु हे +गोचर1 हे नगर के बराम्हन , पोथिया बिचारहु हे । +आजु कन्हइया जी के मूँडन2 नेओता3 पेठाएब4 हे ॥ +अरिजनि5 नेओतब , बरिजनि6 अउरो7 द��आदिन8 लोग हे । +नेओतब कुल परिवार , कन्हइयाजी के मूंड़न हे ॥ 2 ॥ +काहे लागि रूसल9 गोतिया10 लोग , अउरो गोतिनी11 लोग हे । +काहे लागि रूसले ननदिया , मँड़उआ12 नहीं सोभले हे ॥ 3 ॥ +का13 ले14 मनएबो15 गोतिया , का ले गोतिनी लोग हे । +अहे , का ले मनएबो ननदिया , मँड़उआ मोर सोभत हे ॥ 4 ॥ +बीरा16 मनएबो गोतिया , सेनुर17 ले गोतिनी लोग हे । +अहे , बेसरि ले मनएबो ननदिया , मँड़उआ मोर सोभत हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"टूरीनी हरीन झूडी डोर जनी +टूरीनी हरीन झूडी डोर जनी +सुबान डोर जनी रोसवा +टूरीनी हरीन झूडी डोर जनी +सुबान डोर जनी रोसवा +चोजमा सन्टी डोरानी रोसावा +चोजमा सन्टी डोरानी रोसावा +कडैया सन्टी वाडो रजनी रोसवा +कडैया सन्टी वाडो रजनी रोसवा +स्रोत व्यक्ति शिवनारायण , ग्राम बंदी",korku-kfq +"एक घोड़ी नजारे ते आई +एक घोड़ी नजारे ते आई उसके दादा ने रास बुलाई हो राम +घोड़ी की चाल सवा सलड़ी । । +घोड़ी होठां नै मरकावै बनड़े ने खान सिखावै हो राम +घोड़ी की चाल सवा सलड़ी । । +घोड़ी आखियां नै मरकावै बाले बनड़े नै सैन सिनावै हो राम +घोड़ी की चाल सवा सलड़ी । । +घोड़ी पायां ने मरकावै बाले बनड़े ने चाल सिखावै हो राम +घोड़ी की चाल सवा सलड़ी । । +एक घोड़ी नजारे ते आई उसके दादा ने राम बुलाई हो राम +घोड़ी की चाल सवा सलड़ी । ।",haryanvi-bgc +"मलिया के बाघ में बेलिया फूले हे फुलवा, +मलिया के बाघ1 में बेलिया2 फूले हे फुलवा , +चमेलिया फूले हे फुलवा । +तहवाँ हे कवन सुगइ झारे3 लामी4 केसिया ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल आबे कवन दुलहा । +अरे लपकि धइले छयला5 दहिन मोरा हे बहियाँ ॥ 2 ॥ +छोडू़ छयला , छोडू़ छयला , दहिन मोरा बहियाँ । +फूटि जइहें संखाचूड़ी , मुरुकि6 जइहें बहियाँ ॥ 3 ॥ +फूटे दहु संखाचूड़ी , नाहि मुरुकि बहियाँ । +फेनो7 के पेन्हयबो सुगइ , लाली लाली हे चूड़िया । +अरे फेनो के पेन्हयबो सुगइ , सोने के है कँगना ॥ 4 ॥ +कहाँ तूहूँ पयबो परभु , लाली लाली चूड़िया । +कहाँ तूहूँ पयबो परभु , सोने के कँगना ॥ 5 ॥ +अम्माँ पउती8 पयबो सुगइ , लाल लाल चूड़िया । +सोनरा घर पयबो सुगइ , सोने के कँगना ॥ 6 ॥ +जब हम होयबो9 कवन साही के बेटिया । +अरे लातहुँ10 न छुअबो छयला , लाली लाली चूड़िया ॥ 7 ॥ +जब हम होयबो कवन साही बहिनियाँ । +अरे लातहुँ न छुअबो छयला , सोने के कँगना ॥ 8 ॥ +जब हम होयबो कवन साही के बेटवा । +अरे जोर11 से पेन्हयबो सुगइ , लाली लाली चूड़िया ॥ 9 ॥ +जब हम होयबो कवन साही भतीजवा । +अरे जोर से पेन्हयबो सुगइ , सोने के कँगना ॥ 10 ॥",magahi-mag +"71 +बाप हम के प��छदा कौन हुंदा एह मुंडड़ा किस सरदार दा ए +हथ लाया पिंड ते दाग पैंदा एह महीं दे नहीं दरकार दा ए +सुघड़ चतर ते अकल दा कोट नढा महीं बहुत सम्भाल के चारदा ए +हिके नाल पयार दे हूंग दे के सोटा सिंग ते मूल ना मारदा ए +माल आपणा जान के सांभ लयावे कोई कम्म ना करे विगार दा ए +वसे नूर अल्लाह दा मुखड़े ते मुंहों रब्ब ही रब्ब चितारदा ए",panjabi-pan +"302 +सानूं नांह अकाउंदी भात खानी खड क्रोध दा हमी ना हूतने हां +जे आपने दा ते आ जाईए खुली झंड सिर ते असीं मूतने हां +घर मेहरां दे कासनूं असां जाना सिर महरीयां दे असीं भूतने हां +वारस शाह मियां भठ बाल भांबड़ उलटे रात नूं होयके झूटने हां",panjabi-pan +"वाह वाह छिन्ज पई दरबार। +वाह वाह छिन्ज पई दरबार । +खलक तमाशे आई यार । +असाँ अज्ज की कीता ते कल्ल की करना , +भट्ठ असाडा आया । +ऐसी वाह क्यारी बीजी , +जो चिड़िआँ खेत वन्जाया । +मगर पीआ दे जेहड़े लग्गे , +उठ चल पहुता तार । +वाह वाह छिन्ज पई दरबार । +इक्क अलाम्भा सइआँ दा , +दूजा है संसार । +नंग नामूस एत्थों दे एत्थे , +लाह पगड़ी भूएं मार । +वाह वाह छिन्ज पई दरबार । +नड्ढा गिरदा बुड्ढा गिरदा , +आपो आपणी बार । +की बीवी की बाँदी लौंढी , +की धोबी मुटिआर । +अमलाँ सेती होण निबेड़े , +नबी लँघावे पार । +वाह वाह छिन्ज पई दरबार । +बुल्ला सहु नूँ वेक्खण आवे , +आपणा भाणा करदा । +जूनो गूनी भांउे घड़दा , +ठीकरिआँ कर धरदा । +एह तमाशा वेख के , +चल अगला वेख बाज़ार । +वाह वाह छिन्ज पई दरबार । +खलक तमाशे आई यार ।",panjabi-pan +"ऐ गाड़ीवाला रे +ऐ गाड़ीवाला रे , ऐ गाड़ीवाला रे +पता देजा रे पता लेजा रे +पता देजा पता लेजा गाड़ीवाला रे +तोरे नांव के तोरे गाँव के पता देजा +जिया जागत रहिबे रे बईरी , +भेजबे कभू ले चिट्ठिया , +काया माया के नाच नचाये +मया के एक नजरिया +ऐ गाड़ीवाला रे , ऐ गाड़ीवाला रे +पता देजा रे पता लेजा रे",chhattisgarhi-hne +"पुरुबा के अबलन एक गो मोसाफिर से +पुरुबा के अबलन1 एक गो2 मोसाफिर से , बइठी गेलन हमरो अँगना , रे गोरिया । +कउन तूँ हहु3 सुन्नर , कहमाँ तूँ जाहु4 से , केकर तूँ खोजहूँ मकनमा , रे गोरिया ॥ 1 ॥ +हम हिओ5 तोहर सरहज , बारे ननदोसिया से , करि दहु6 ननद के गमनमा , रे गोरिया । +हमर ननद हथिन7 बारी सुकमरिया8 से , कइसे करियो तोहरो गमनमा रे गोरिया ॥ 2 ॥ +रहु रहु मोरा ननदोसिया पहुनमा से , होवे दहु ननद जुवनिया9 रे गोरिया । +करि देबो तोरा ननदोसिया गबनमा से , होवे दहु छतिया नवरँगिया10 रे गोरिया ॥ 3 ॥ +आवे दहु , आवे दहु ��ास रे फगुनमा से , करि देबो तोहरो गमनमा , रे गोरिया । +एकारसी11 अइहऽ12 ननदोसिया जे हमरा से , दोआरसी13 के करब मरजदबा14 रे गोरिया । +तेरोदसी15 के करबो बिदइया16 रे गोरिया ॥ 4 ॥ +एक कोस गेलइ डारी17 दोसर कोस गेलइ से , तेसरे18 डँड़िया पइसी19 पूछे एक बतिया20 रे गोरिया । +बघिया21 में डँड़िया के भेलइ दुपहरिया22 से , रसे रसे गरमी गँवावहु23 रे गोरिया ॥ 5 ॥",magahi-mag +"जाट का मैं लाडला +जाट का मैं लाडला तिरखा लगी सरीर +अगन लगी बुझती नईं , बिना पिए जलनीर +बिना पिए जलनीर , रस्ते में कुयाँ चुनाया +किस पापी ने यै जुल्म कमाया , उस पै डोल ना पाया +भावार्थ +' मैं जाट पिता का लाड़ला पुत्र हूँ , मुझे प्यास लगी है । मेरे मन में जो आग लगी है वह बिना पानी पिए नहीं +बुझेगी । हालाँकि रास्ते में पक्का कुआँ बना हुआ है लेकिन न जाने किस पापी ने यह ज़ुल्म किया है कि उस पर +डोल नहीं रखा है ।",haryanvi-bgc +"इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । +कुनफअकूनो1 अग्गे दीआँ लगिआँ , +नेहु ना लगड़ा चोर दा , +आप छिड़ जान्दा नाल मज्झी दे , +सानूँ क्यों बेलिओं मोड़ीदा ? +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । +राँझे जेहा मैनूँ होर ना कोई , +मिन्नताँ कर कर मोड़ीदा । +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । +मान वालिआँ दे नैण सलौने , +सूहा दुपट्टा गोरी दा । +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा । +अहिद2 अहिमद3 विच्च फरक ना बुल्लिआ , +इक रत्ती भेत मरोड़ी दा । +इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा ।",panjabi-pan +"404 +चीना खैर देना बुरा जोगियां नूं मछी भाबड़े1 नूं मास बाहमणा नी +कैंफ2 भगत काजी तेल खंघ वाले वढ सुटना लौंग पलामणा3 नी +जहर जीऊंदे नूं अन सन वाले पानी हलकयां नूं धरन साहमणा नी +वारस शाह जिउं संखिया जूहियां नूं संख मुलां नूंराग जयों बाहमणा नी",panjabi-pan +"काला डोरिया कुंडे नाल अडया ओये +काला डोरिया कुंडे नाल अडया इ ओये +के छोटा देवरा भाभी नाल लड़या इ ओये +छन्ना चूरी दा ना मक्खन आँदा इ +लै जा भत्ता ऐ मेरा पौला खाँदा इ +छोटे देवरा तेरी दूर बलाई वे +के न लड़ सोणया तेरी इक भरजाई वे +कुकडी ओ लैणी जेड़ी आंडे देंदी ए +सौरे नहीं जाणा सस्स ताने देंदी ए +कुकडी ओ लैणी जेड़ी कुडकुड़ करदी ए +सौरे नहीं जाणा सस्स बुड़बुड़ करदी ए +सुथना छीट दियाँ मुल्तनों आईयाँ ने +माँवाँ आप्नियाँ जिन्हा रीझाँ लाईयाँ ने +सुथना छीट दियाँ मुल्तानों आईयाँ ने +सस्सा बगाणीआं जिन्हा गलों लवाईयाँ ने +काला डोरिया कुंडे नाल अडया इ ओये , +के छोटा देवरा भ���भी नाल लड़या इ ओये",panjabi-pan +"बागां मैं दुख सै बगीचां मैं दुख सै +बागां मैं दुख सै बगीचां मैं दुख सै +पेड़ कटै ए जद डालिआं मैं दुख सै +न्यूं मत जाणै ए बेबे +तालां मैं दुख सै ए कलिआं मैं दुख सै +ताल सुखए जद मछिआं मैं दुख सै +न्यूं मत जाणै ए बेबे +राणी मैं दुख सै रोहतास मैं दुख सै +भंगी घर पाणी भरै राजा मैं दुख सै +न्यूं मत जाणै ए बेबे +राम मैं दुख सै ए लिछमन मैं दुख सै +सीता हड़ी ए जद रावण मैं दुख सै +न्यूं मत जाणै ए बेबे",haryanvi-bgc +"हँस हँस के बाल सँवारे घूँघट खोले लाल बना +हँस हँस के बाल सँवारे घूँघट खोले लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा टीका देख लोभाना1 लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा मोतिया देख लोभाना लाल बना । +हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 1 ॥ +अरी ए अम्माँ , मेरा बेसर देख लोभाना , लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा चुनिया2 देख लोभाना , लाल बना । +हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 2 ॥ +अरी ए अम्माँ , मेरा कँगन देख लाभाना , लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा पहुँची देख लोभाना , लाल बना । +हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 3 ॥ +अरी ए अम्माँ , मेरा हँसुली देख लोभाना , लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा हरवा3 देख लोभाना , लाल बना । +हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥ 4 ॥ +अरी ए अम्माँ , मेरा सूहा4 देख लोभाना लाल बना । +अरी ए अम्माँ , मेरा छापा देख लोभाना , लाल बना ॥ 5 ॥ +अरी ए अम्माँ , मेरी सूरत देख लोभाना , लाल बना । +हँस हँस के बाल सँवारे , घूँघट खोले लाल बना ॥",magahi-mag +"542 +जोगी चलया रूह दी कला हिली तितर बोलया शगन मनावने नूं +ऐतवार ना पुछया खेड़यां ने जोगी आंदा ने सीस मुनावने नूं +वेखो अकल शऊर जो मारया ने तामा1 बाज दे हथ फड़ावने नूं +भुखा खंड ते खीर दा होया राखा रंडा घलया साक कावने नूं +सप्प मकर दा परी दे पैर लड़या सुलेमान2 आया झाड़ा3 पावने नूं +राखा जवां दे ढेर दा गधा होया अन्हा घलया हरफ4 लिखावने नूं +नियत खास करके उहनां सद आंदा मियां आया है रन्न खसकावने नूं +उन्हां सप्प दा मांदरी5 सद आंदा सगों आया सप्प लड़ावने नूं +वसदे झुगड़े चैढ़ करावने नूं मुढों पट वूटा लैंदे जावने नूं +वारस बंदगी वासते घलया ए आ लगा ए पहनने खावने नूं",panjabi-pan +"140 +कैदो लथड़ी तफड़ी खून वंिदे कूक बाहुड़ी ते फरयाद मियां +मैंनूं मारके हीर खबार कीता पैंचो पिंड दयो देहो खां दाद मियां +कफनी पाड़ बादशाह दे जा दसां मैं तां पटसुटां बुनयाद मियां +मैं बोलनों न रि���ा सच पिछे झगी कूक कीता बे आबाद मियां +चो झगड़िये चल के नाल चूचक एह गल न जाये बरब्बाद मियां +वारस शाह अहमकां1 नूं बिना फट खाधे नहीं आंवदा इशक स्वाद मियां",panjabi-pan +"विदाई गीत +सासरे केलवता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +माय के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बास के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +भाइ के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +भोजाइ के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बहणिस् के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +बणवि के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +फुवाक के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +फुई के छुड़वता घणो बुदो , लागसे वो लाड़ी । +विदाई हो रही है आँगन में पहुँचने पर वर पक्ष की महिलाएँ गीत में कह रही हैं लाड़ी तुझे ससुराल अच्छा नहीं लगेगा । माता , पिता , भाई , भावज , बहिन , बहनोई , फूफा और बुआ को छोड़ते हुए तुझे अच्छा नहीं लगेगा ।",bhili-bhb +"ऊना सा पाणी ठंडा वई रया रे +डळी बाई ना आंगणे चार खुणी बावड़ी +चार खुण्यो कुंड +कणे म्हारो नीर झकोल्यो +रूणीजा रा देव रामदेव जी नीर झकोल्यो +वणे असनान करिया +सुगणा बई रा आंगणे चम्पो मोगरो +कणे चंपो मरोड़ियो +रूणीजा रा देव रामदेव जी +वणाए चंपो मरोड़ियो",malvi-mup +"सिउजी जे चललन पुरबी बनीजिआ +सिउजी जे चललन पुरबी1 बनीजिआ2 गउरा देइ भेलन3 संघ साथ हे । +फिरु फिरु4 गउरा हे , हमरी बचनियाँ , मरि जइबऽ भुखवे पियास हे ॥ 1 ॥ +भुखवे पियसवे सिउजी तोर पर5 तेजम6 भँगवा धतुरवा के लगि जइहें निसवा7 हे । +गउरा सुन्नर रस बेनियाँ डोलइहें हे ॥ 2 ॥ +सिउजी के भींजले8 जमवा से जोड़वा9 गउरा पर एक बुनियो10 न परे हे । +सासु लिपलका11 सिउजी धँगहूँ12 न पवली , ननदिया जी के एको उतरबो13 न देली हे । +ओहे गुने14 ना एको बुनियो न परे हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"जच्चा तो मेरी भोली भाली री +जच्चा तो मेरी भोली भाली री +जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री +चार कनस्तर घी के खागी ढाई मण पक्का बूरा री +जच्चा तो मेरी पाणी ना मांगे री +जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री +सांप मार सिरहाणे धर लिया बीच्छू मार बगल मैं री +जच्चा तो मेरी मच्छरों तै डरदी री +जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री +आए गयां का लहंगा पाड़े सास नणंद की चुटिया री +जच्चा तो मेरी लड़ना ना जाणै री +जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री +जेठ सुसर की काण ना मानै देवर तै राड़ जगावै री +जच्चा तो मेरी सरम हजारी री +जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री",haryanvi-bgc +"तेलचघी +1 +तोरे ददा बाबू देसपति के राजा +��उ काहे गुन रहे गा कुंवारा +हरदी के देस दीदी +हरदी महंगा भइगे , अउ परी सुकाल भइगे +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +करसा के देस दीदी +करसा महंगा भइगे , बिजना सुकाल भइगे +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +हरदी के देस दीदी +चाउंर महंगा भइगे , अउ पर्ण भइगे सुकाल +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +करसा के देस दीदी +मंगरोहन महंगा भइगे , गुड़रा भइगे सुकाल +इही गुन रहेंव ओ कुंवारा +2 +पहार ऊपर +पहार ऊपर मोर धानर बाजे +पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल +कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +कोन तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े +ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +दाई तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े +3 +सुरहिन गइया के गोबर मंगाले ओ +हाय , हाय मोर दाई खूंट धर अंगना लिपा ले ओ +खूंट धर अंगना लिपा ले ओ +हाय , हाय मोर दाई मोतियन चौंक पुरा ले ओ +मोतियन चौंक पुरा ले ओ +हाय , हाय मोर दाई सोने के कलसा मंढ़ाले ओ +सोने के कलसा मंढ़ाले ओ +हाय , हाय मोर दाई सोने के बतिया लगा ले ओ +सोने के बतिया लगा ले ओ +हाय , हाय मोर दाई सुरहिन घीव जला ले ओ +4 +हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो +कांचा तिली के तेल +कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +कांचा तिली के तेल +ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो +दाई आनय तिली के तेल +कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +कोन देवय अंचरा के छांव +फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो +दाई देवय अंचरा के छांव +रामलखन के मोर तेल चढ़त थे +बाजा के सुनव तुमन तान +5 +कहां रे हरदी , कहां रे हरदी +भई तोर जनामन , भई तोर जनामन +कहां रे लिए अवतार +मरार बारी , मरार बारी +दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन +बनिया दुकाने दीदी लिएंव अवतार +कहां रे पर्रा , कहां रे पर्रा +भई तोर जनामन , भई तोर जनामन +कहां रे पर्रा तैं लिए अवतार +सिया पहार ऐ , सिया पहार ऐ +दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन +कंड़रा के घरे मैं लिएंव अवतार +हमरे हमरे दुलही राय बड़ सुकुमारी +पेरि देबे तेलिया ओ कांचा तिली के तेल +6 +एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +दुवे तेल चढ़गे महतारी मुरझाय । । +तीने तेल चढ़गे फूफू कुम्हलाय । +चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय । । +पांचे तेल चढ़गे भईया बिलमाय । +छये तेल चढ़गे भउजी मुसकाय । । +साते तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +हरदी ओ हरदी तैं साँस मा समाय । । +तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमरेंव । +मंगरोहन ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव । । +7 +एक ���ेल चढ़गे +एक तेल चढ़गे , हो हरियर हरियर +हो हरियर हरियर +मंड़वा मे दुलरू तोर बदन कुम्हलाय +रामेवोलखन के +रामेवोलखन के दाई तेल वो चढ़त हे +दाई तेल वो चढ़त हे +कहवा के दियना दीदी करथे अंजोर +आमा अमली के +आमा अमली के दाई सीतल छईहां +दाई सीतल छईहां +कर देबे फूफू तोर अंचरा के छांव +दाई के अंचरा +दाई के अंचरा वो अगिन बरत हे +हो अगिन बरत हे +फूफू के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय +काकी के अंचरा +काकी के अंचरा दाई अगिन बरत हे +दाई अगिन बरत हे +मामी के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय +डोंगरी पहारे +डोंगरी पहारे दीदी घनरा चलत हे +दीदी घनरा चलत हे +पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल +रामेवोलखन के +रामेवोलखन के दाई तेल वो चढ़त हे +दाई तेल वो चढ़त हे +पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल +हमरे दुलरवा +हमरे दुलरवा नई बांधे मऊरे +नई बांधे मऊरे +नई सहे तेलिया मोर राई सरसो के तेल",chhattisgarhi-hne +"रामी +‘बाटा गोड़ाई1 क्या तेरो नौं2 छ , बोल , बौराणि3 कख तेरो गौंछ4 ? ’ +‘बटोहीजोगी न पूछ मैकू । केकु पुछदि , क्या चैंद दवैकू ? +रौतु5 की बेटि छौ , रामी नौछ । सेटु की ब्वारि छौं , पालि गौछ । +मेरा स्वामी न भी छोड़ी घबर । निर्दयी ह्वे गैने मई पअर । +ज्यूरा6 का घर नी जगा मैकू । स्वामि विछोह होयूं च जैंकू । +रामी तैं स्वामी को याद ऐगे । हायकूटिल7 छूटण लैगे । +‘चल , बौराणी , छैलू8 बैठी जौला । आपड़ी खैरी9 उखीमू लीला । ’ +‘जा , जोगी , अपड़ा बाठा लागण । मेरा सरील ना लऊ आगअ । +जोगी ह्वेकी भी आंखी नि खूली । छैलू बैठलि त्यरि दीदीभूली । ’ +‘बौराणी गाली नी देणी भोतअ । करव रैंद गौंको सयाणो रौतअ ? ’ +जोगी न गौं मा अलंक लाई । भूखो छौं , भोजन देवा मई । +बूडडी माइ तैं दया ऐगे । खेतु से ब्बारी बुलौण लैगे । +‘घअर और ब्वारी तू । झट कैकअ । घर मू भूखो चअ साधु एकज । ’ +‘सासु जी , कैकू बुलाये रौलअ10 । ये जोगी लगीगै आज बौलअ11 । +ये जोगी कू नि पकांदू रोटी । गालि देने येन खोटीखोटी । +ये पापी जोगी शरम नीचअ । कैकुतैं आये हमारा बीचअ ? “ +‘अपड़ी ब्वारी समझऊ भाई । भूखो छौं , मात बणावा जाई । ’ +रामि रुसाड़ों12 झुलयोण लैगे । स्वामी की याद भी औण लैगे । +‘मा लू का पात मा धारे मातअ । भी तेरा भात नी लांदु हाय । +रामी का स्वामी की थालि माजअ भात दे , रोटि मै खैलो आज । ’ +”खांदु छै जोगी तअखाई लेदा । नी खांदो जोगी तअजाई लैदी । +भतेरा जोगी झोलीऊ ल्हीकअ । रोजाना घूमि निपौंदा भीकअ । “ +जोगी न आखीर भेद खोले । बूडडी माई से इनो बोले । +”मैं छऊं माता तुम्हारी जायो । आज नौ साल से घअर आयों । “",garhwali-gbm +"ऊपर बादर घर्राएँ हों (कुआँ-पूजन) +ऊपर बादर घर्राएँ हों , +नीचे गोरी धन पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा ससुर सों , +अँगना में कुइआ खुदाय हो +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा जेठा सों , +अँगना में पाटें जराय हो , +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +जाय ओ कइऔ उन वारे देउर सों , +रेशम लेजे भूराय हों +तुमारी बहू पनिया खों निकरी । +अरे ओ जाय ओ कइऔ उन राजा ननदो‍उ सों , +मुतिखन कुड़ारी गढ़ाए हों , +तुमारी सारज पनिया खों निकरी । +जाय जो क‍इऔ उन राजा पिया सों , +सोने का घड़ा बनवाए हों , +तुमारी धनि पनिया खों निकरी । +भावार्थ +आसमान में बादल गरज रहे हैं +गोरी पानी भरने के लिए कुएँ पर जा रही है । +वह अपने ससुर से विनति करती है +क्यों न घर के आँगन में ही कुआँ खुदवा दिया जाए +जिससे कि वह आराम से पानी भर सके । +अपने जेठ से वह कहती है कि +वे आँगन में पाट लगवा दें , +देवर से कहती है कि +वे रेशम की डोरी ला दें , +नन्दोई से कहती है कि +मोती की कुड़री गढ़वा दें , +पति से कहती है +मेरे लिए सोने का कलश बनवा दो +तुम्हारी पत्नी पानी भरने जा रही है ।",bundeli-bns +"विवाह - गीत - बाबा जे बेटी बुलावें +बाबा जे बेटी बुलावें जांघ बैठावे +बेटी कौन कौन सुख पायु महसे कहो अर्थाये +सोने के कटोरवा बाबा हमरा भोजँव दुधवा हमरा अस्नान +सोने की पलंगिया बाबा हमरी सेजरिया भुईया मै लोटहूँ अकेल +उसर जोत बेटी काकर बोयों न जान्यो तित की मीठ +नगर पैईठ बेटी तोरा बार दूँढयों नहि जान्यो करमा तोहर",awadhi-awa +"मड़वा न सोभले कलसवा बिनु +मड़वा न सोभले कलसवा बिनु , अवरो1 पुरहरवा2 बिनु हे । +मड़वा न सोभले गोतियवा3 बिनु , अवरो सवासिन4 बिनु हे ॥ 1 ॥ +चउका चनन कइसे बइठब , अपना पुरुखवा5 बिनु हे । +अरबे6 दरबे7 कइसे लुटायब , अपना पुतरवा8 बिनु हे ॥ 2 ॥ +लाल पियर कइसे पेन्हब , अपन धिया9 बिनु हे । +इयरी पियरी कइसे पेन्हब , अपना नइहरवा10 बिनु हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"तीतर रै तूं बामै दाहने बोल +तीतर रै तूं बामै दाहने बोल , चढ़ते जमाई का सूण मणाइये जी मैं का राज +कोयल हे तूं बागां में जा बोल , चढ़ते जमाई नै सबद सुणाइये जी मैं का राज +सूरज हे तूं बादल में बड़जा , चढ़ते जमाई नै लागै घामड़ा जी मैं का राज +बादल रे तू झीणा बरस , चढ़ती लाडो की भीजै नौरंग चूंदड़ी जी मैं का राज +आंधी हे तूं झीणी झीणी चाल , चढ़ते जमाई का गरद भरै कपड़े जी मैं का राज +टी��ी हे तूं ऊंची नीची हो , चढ़ते जमाई की दीखै पंचरंग पागड़ी जी मैं का राज",haryanvi-bgc +"इक दिन जा बैठी सो डार के पटा +इक दिन जा बैठी सो डार के पटा +ईने बना दये , बिना नोन के भटा +तनक चीखो तो +मतारी मोरी , बोलो तो , कैसी जा ढूंड़ी दुलईया +एक दिन जा बैठी सो ले रई पुआर +और खीर मे लगा दओ हींग को बघार +तनक सूँघो तो +मतारी मोरी , बोलो तो , कैसी जा ढूंड़ी दुलईया +इक दिन जा बैठी सो कर रई सिंगार +और ओंठ मे लगा लओ ईने पाँव को महार +तनक देखो तो +मतारी मोरी , बोलो तो , कैसी जा ढूंड़ी दुलईया",bundeli-bns +"वर शृँगार गीत +पागा बांधो रे बेना , पाघा बांधो । +तिलो कुण सवारेगा , तिलो कुण सवारेगा । +धुति पेहरो रे बेना , धुति पेहरो । +धुति कुण सवारेगा । धुति कुण सवारेगा । +धुति भाइ सवारेगा , धुति भाई सवारेगा । +झूल पेहरो रे बेना , झूल पेहरो । +झूल कुण सवारेगा , झूल कुण सवारेगा । +मुजा पेहरो रे बेना , मुजा पेहरो । +मुजा कुण सवारेगा , मुजा कुण सवारेगा । +मुजा भाई सवारेगा , मुजा भाइ सवारे । +मुजड़ि पेहरो रे बेना , मुजड़ि पेहरो । +मुजड़ि कुण सवारेगा , मुजड़ि कुण सवारेगा +मुजड़ि बणवि सवारेगा , मुजड़ि बणवि सवारेगा । +तरवार धेरा रे बेना , तरवार धरो । +तरवार बणवि सवारेगा , तरवार बणवि सवारेगा । +मोड़ बांधो रेबेना , मोड़ बांधो । +मोड़ कुण सवारेगा , मोड़ कुण सवारेगा । +मोड़ बइं सवारेगा , मोड़ बइं सवारेगा । +दूल्हे से कहा गया कि पगड़ी बाँधो , पगड़ी का तिल्ला कौन व्यवस्थित करेगा ? उत्तर में गाया जाता है कि तिल्ला भाई व्यवस्थित करेगा । इसी प्रकार सभ शृँगार को व्यवस्थित करने वालों के नाम लेते हैं । मौर को बहिन बाँधती है ।",bhili-bhb +"आ जैहो बड़े भोर दही लै के (कार्तिक स्नान का गीत) +आ जैहो बड़े भोर दही लै के , आ जैहो बड़े भोर । । टेक । । +नें मानो कुड़री धर राखो , मुतियन लागी कोर । +नें मानो मटकी धर राखो , सबरे बिरज कौ मोल । +नें मानो चुनरी धर राखो , लिख है पपीहरा मोर । +नें मानो गहने धर राखो , बाजूबंद हमेल । +चंद्रसखी भज बालकृष्ण छब , छलिया जुगलकिशोर ।",bundeli-bns +"सरग भवन्ति हो गिरधरनी एक सन्देशो लई जाव +सरग भवन्ति हो गिरधरनी , एक सन्देशो लई जाव । । +सरग का अमुक दाजी खऽ यो कयजो , +तुम घर अमुक को ब्याव । । +जेम सरऽ ओमऽ सारजो हो , हमारो तो आवणोनी होय । । +जड़ी दिया बज्र किवाड़ , अग्गळ जड़ी जड़ी लुहा की जी । ।",nimadi-noe +"सिर पर दोगढ़ ठा नणद री +सिर पर दोगढ़ ठा नणद री ठाले नेजू बाल्टी +हमतो चलैंगे थारे साथ भाव�� री ना ठावैंगे नेजू बाल्टी +उल्टी दोगढ़ तार बिखेरी मैं तो भीतर बड़ कै रो पड़ी +कोरा सा कागज मंगा दिखे मनै लिख कै गेरा अपणे बीर पै +दिया डाकिये के हाथ डाकिये रे जा दिये मेरे बीर नै +काली सी मोटर जोड़ दिखे री वो तो आण डटा धमसाल मैं +साची बताए मौसी के दुख दिया मेरी बाहण ने +काम करे ना एक मेल सिंह कहूं तो आवै खाण ने +साची साच बता बसन्ती के दुख दिया तेरे गात ने +काम करूं दिन रात मेल सिंह रोट्टी ना देंदी खाण ने +गठडी मुठडी बांध बसन्ती होले मेरी साथ ने +हम तो चले अपणे देस नणद री लोटदी फिरो धमसाल में +चाली जाइए मेरी भावज दिखे री में तो हट के ब्याहूं अपणै बीर ने +नौ सौ बीघे जमीन बसन्ती आधी राम करा लिये +नाम कराऊं ना मूल मेल सिंह बासी रोटी दे दिये ।",haryanvi-bgc +"मोर के मजुरवा केरा नाया कोहबर +मोर के मजुरवा1 केरा2 नाया कोहबर । +गंगा जमुनी3 बिछामन भेलइ हे ॥ 1 ॥ +ताहि पइसी सुतलन दुलहा दुलरइता दुलहा । +जवरे4 भये दुलरइतिन सुघइ5 हे ॥ 2 ॥ +ओते सुतूँ , ओते सुतूँ दुलरइतिन सुघइ हे । +घामे6 रे चदरिया मइला होय रे , नाया कोहबर ॥ 3 ॥ +एतना बचनियाँ जब सुनलन दुलरइता सुघइ हे । +चलि भेजन अपन नइहरवा रूसि7 हे ॥ 4 ॥ +अँतरा8 में मिललन दुलरइता भइया हे । +काहे बहिनी बिदइया भेलऽ हे । +परपूत9 बोलऽ हे कुबोली बोली हे ॥ 6 ॥ +बाँधल10 केसिया भइया , खोलाइ देलन हे । +संखा चुड़िया11 फोड़ाइ12 देलन हे । +कसमस चोलिया फराइ13 देलन हे ॥ 7 ॥ +घुरू घुरू14 बहिनी , नइहरवा चलूँ हे ॥ 8 ॥ +खोलल केसिया भइया बँधाइ देलन हे । +कसमस चोलिया सिलाइ देलन हे ॥ 9 ॥ +संखा चूड़िया पेन्हाइ देलन हे । +छिनारी पूता15 के बन्हाइ देलन हे ॥ 10 ॥",magahi-mag +"20 +सिधा हो रोटियां खा जटा अतां कास नूं एडीयां चाइयां1 नी +घर बाहर वसार खवार2 होइयां झोकां प्रेम दीयां जिहना नूं लाइयां नी +जुलफां कालियां कुंडियां नाग काले जोकां हिक ते आन बहाइयां नी +वारस शाह एह जिहनां दा चंद देवर घोल घतिआं सभ भरजाइयां नी",panjabi-pan +"मेरा सुसरा बरजै हे बहू! +मेरा सुसरा बरजै हे बहू मत नौतो अपणा भैया , +मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया । +मेरा जेठा बरजै हे बहू मत नौतो अपणा भैया , +मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया +देवर बरजै हे भाभी मत नौतो अपणा भैया , +मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया +मेरा राजा बरजै हे गोरी मत नौतो अपणा भैया , +मेरा हीवड़े का जीवड़ा मिसरी का कूजा भैया",haryanvi-bgc +"प्यारे बिन मसलत उठ जाणा +प्यारे बिन मसलत उठ जाणा , +तूँ कदे ताँ होए सिआणा । +कर लै चावड़1 चार दिवाड़े , +थीसें अंत निमाणा । +जुल्म करें की लोक सतावें , +क्यों कीओ उलट कहाणा । +जिस बाटे दा माण करें तूँ , +सो भी संग ना जाणा । +खामोश शहर नूँ वेख हमेशा , +सारा जग इस माहि समाणा । +भर भर पूरे लंघावे डाढा , +मलकुल2 मौत मुहाणा । +ऐथे जितने हैन सभ तिन ते , +मैं गुनाहगार पुराणा । +बुल्ला नौ दुश्मण तेरे नाल बुरे , +विच्च हुण दुश्मन बल ढाणा । +महिबूब रबानी करे असानी , +दिलों खौफ जाए मलकाणा ।",panjabi-pan +"बनी ए बाबा उमराओ मंगाओ हीरां की चूड़ी +बनी ए बाबा उमराओ मंगाओ हीरां की चूड़ी +पतली चूड़ी ठीकमठीक , उन में जड़े नगीने बीस +बनी है यारे गोरे से पोंहचे पै सोहणे हीरां की चूड़ी +बनी ए बापू जी उमराओ , मंगाओ हीरां की चूड़ी +पतली चूड़ी ठीकमठीक , उन में जड़े नगीने बीस +बनी यारे गोरे से पोंचे पै सोहणे हीरां की चूड़ी +बनी ए ताऊ जी उमराओ मंगाओ हीरां की चूड़ी +पतली चूड़ी ठीकमठीक , उन में जड़े नगीने बीस +बनी है यारे गोरे से पोंहचे पै सोहणे हीरां की चूड़ी",haryanvi-bgc +"374 +हीर उठ बैठी पते ठीक लगे अते ठीक नशानियां सारियां ने +एह तां जोतशी पंडत आन मिलया बातां आखदा खूब करारियां ने +पते वंझली दे एस ठीक दिते ओस मझी भी साडियां चारियां ने +वारस शाह एह इलम दा धनी डाढा खोल कहे निशानियां सारियां ने",panjabi-pan +"33 +मसजद बैबुलअतीक1 मिसाल आहीखाने काबिउं डोल उतारीया ने +गोया अकसा दे नाल दी भैण दुई शायद संदली नूर उसारीया ने +पढ़न फाजल ते दरस दरवेश मुफती खूब कढ हलहोन प्रकारीया ने +तालीम मीजान2 ते सरफ बिहाई सरफ मीर भी याद पुकारीया ने +काज़ी कुतब ते कनज अनवा बारां मसऊद दीयां जिलद सवारीया ने +खानी नाल मजमूआ सुलतानियां दे अते हैरतुल फिका नवारीया ने +फितावि बरहिना मनजूम शाहां नाल जु़बदयां हिफज3 करारीया ने +मुआरजुल नबुवता खुलासियां नूं रोजा नाल इखलास पसारीया ने +जरादियां ने नाल शरह4 मुलां ज़िन्नानियां नहव5 नतारीया ने +करन हिफज कुरान तफसीर दौरां गैर शरह नूं धुरयां मारीयां ने +इक नजम दे दरस हरकरन पढ़दे नाम हक ते खालक बारीया6 ने +गुलिसतां बोसतां नाल बहार दानिश तूतीनामा ते राजक बारीया ने +मुनशाजब ते अबुल फज़लां शाहू नामिऊ राफत बारीआं ने +किरानुल सादैन दीवान हाफज वारिस शाह ने लिख सवारीया ने",panjabi-pan +"घोलो री नंणद मेंहदी के पात +घोलो री नंणद मेंहदी के पात रगड़ रचाओ मेंहदी जी राज +नणद रचाए हाथ और पां हम नै रचाई चिटली आंगली ज�� राज +झूठी सी रची हाथ और पां जुलम रची सै चिटली आंगली जी राज +नहा ले री धो ले कर ले सिंगार पट्टी झूला ले सच्चे मोतियां की राज +होली री भावज म्हारे री साथ आज मिला दूं बीरा आपणै ते जी राज +खोलो रे बीरा बजर किवाड़ सांकल खोलो लोहे सार की जी राज +नहीं खुले बजर किवाड़ सांकल खुले ना लोहे सार की जी राज +रिमझिम बरसै सै मींह बाहर भीजै तेरी गोरड़ी जी राज +खुल गए बजर किवाड़ सांकल खुल गई लोहे सार की जी राज +लई धण हेवड़े कै ला आंसू तो पूंजै पंच रंग चीर कै जी राज +जीवो जी नणदल थारे बीर सदा सुहागण म्हारी नणदली जी राज +द्यूँगी री नणदल बुगचे की तील छटे महीने सीधा कोथली जी राज",haryanvi-bgc +"दो डूंगर विच पाट +दो डूंगर विच पाट +किण घर जास्या माता पामणा +जास्यां , जास्यां ईश्वरजी दरबार +रणू बाई देगा माता वेसणो +बेसन देस्यां भम्मरिया रा पाट +घूघरिया रा घाट ओढ़ा वस्यां +जीमण देस्यां दूध ने भात +खीर खांड गपरनी जिमाइस्यां",malvi-mup +"हमरा चान लागे लू +तू देख जनि चान , हमरा चान लागे लू । +मचा देबू कहियो तूफान लागे लू । +मत करिह सिंगार , मिली ओरहन हजार +तोहके देखे खातिर मेला में हो जायी मार +रूप के तू बड़हन दुकान लागे लू । +केहू आपन दौलत करेला निछावुर +सुधबुध केहू खो के बनि जाना बाउर +तूर देबू सबकर गुमान लागू लू । +हंसि हंसि के जन आज बिजुरी गिराव +अभिज्ञात जी के जनि पागल बनाव +अंगड़ाई ले लू कमान लागे लू ।",bhojpuri-bho +"चवरी गीत +वधू पक्ष सोनानि पालकि मा बठि वो मारी बेनी । +सोनानी पालकी वासे । +कुकड़ डालगा मा बठोरे , डाहेला लाड़ा , +कुकड़ डालगो कटके । +वधू पक्ष सोनानि पालकि मा बठो रे बेना , +सोनानी पालकी वासे । +कुकड़ डालगा मा बठोरे , डाहेला लाड़ा , +कुकड़ डालगो कटके । +चावरी में दूल्हादुल्हन बैठे हैं , दोनों पक्ष की महिलाएँ गीत गाती हैं । वधू पक्ष की महिलाएँ कहती हैं दुल्हन सोने की पालकी में बैठी है , सोने की पालकी खुशबू दे रही है । बूढ़ा दूल्हा मुर्गेमुर्गी के डाले पिंजरा में बैठा है , पिंजरा कटकटा रहा है । वर पक्ष की ओर से कहा गया है दूल्हा सोने की पालकी में बैठा है , पालकी खुशबू दे रही है , बूढ़ी दुल्हन मुर्गेमुर्गी के डाले में बैठी है और डालगा पिंजरा कटकटा रहा है ।",bhili-bhb +"ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +ओडासी पड़ोसी तू के ओ बेटी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +तेरे तो घर में लिखियो +तेरे तो घर में लिखियो +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +बेटी के दियो पहाड़ा देशी +स्रोत व्यक्ति राजकुमार , ग्राम भाटपरेठिया",korku-kfq +"बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच +बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच +सातुन के मुख ऊजरे मेरी डाबर नैनी त्यारों मैलो क्यों भेख +सातुन के ढोला घर रहे रे बिटाऊ ढोला हमरे गये परदेस +संग चलो ते ले चलून मेरी डाबर नैनी चलो न हमारे साथ +सोने सूं कर दूं पीयरी मेरी डाबर नैनी चांदी सेत सपेत +आग लगाऊं तेरी पीयरी रे बिटाऊ ढोला मौछन बड़ो अंगार +डाढी तो जराऊं तेरे बाप की रे बिटाऊ ढोला जरी जाइयो सेत सपेत +उन पीयन की हम गोरड़ी रे बिटाऊ ढोला तुम से भरें कहार +एक बिटाऊ ढोला यूं कहै मेरी सासुल रानी चलो न हामरे साथ +कैसे तो बिन के कापरे मेरी बहुअल रानी कैसे सुरत उनिहार +धौरे ते बिन के कापरे मेरी सासुल रानी लौहरे देवर उनिहार +वेही तुम्हारे साहबा मेरी बहुअल रानी गई क्यूं ना बिन के साथ +भाजूं तो पहुंचूं नहीं मेरी सासुल रानी हेला देते आवै लाज",haryanvi-bgc +"पोथिया पढ़इते तोहिं परभुजी, त सुनहऽ बचन मोरा हो +‘तिलरी राउर मइया पेन्हो , आउर बहिनिया पेन्हो हे । +हो परभुजी , हमहुँ न काली कोयलिया , तिलरिया हमरा ना सोभे हे ॥ ’ +पोथिया पढ़इते1 तोहिं परभुजी , त सुनहऽ2 बचन मोरा हो । +परभुजी , हमरा झुलनियाँ3 केरा साध , झुलनियाँ हम पहिरब4 हो ॥ 1 ॥ +बोलिया तो , अहो धनि , बोललऽ , बोलहुँ न जानलऽ हे । +धनियाँ , कारी रे कोयलिया अइसन5 देहिया , झुलनियाँ तोरा न सोभे हे ॥ 2 ॥ +बोलिया त , अहो परभु , बोललऽ , बोलहुँ न जानलऽ हे । +परभुजी , कारी के रे सेजिया जनि जइहऽ , साँवर होइ जायेब6 हे ॥ 3 ॥ +मचिया बइठल तोहिं सासुजी , सुनहऽ बचन मोरा हे । +सासुजी , बरजहुँ7 अपन बेटवा , सेजिया हमर जनि अवथुन , 8 , साँवर होइ जवथुन9 हे ॥ 4 ॥ +बहुआ10 छोरि देहु माँग के सेनुरवा , नयना भरि काजर हे । +बहुआ , बरजब अपन बेटवा , सेजिया तोहर न जयतन11 हे ।",magahi-mag +"जन्म गीत +वांझा घर पाळनो बंधाड्रयो , भगवान बाळो आप्यो । । +बाळा का दाजी आव परदा लगाड़ दे , बाळ के छिपाई दीजो । । +भगवान बाळो आम्यो । +वांझा पार पाळनो बंधाड्रयो , भगवान बाळो आप्यो । +बाळा का मामा आओ , अरदा खोलि दीजो परदा खोलि दीजो । । +बाळा के वताई देजो , भगवान बाळो आप्यो । । +वांझा घर पाळनो बंधाड्रयो , भगवान बाळो आप्यो । । +भगवान ने बाँझ के घर बालक को जन्म दिया और पालना बँधवाया । +बालक के दादा आओ और परदे लगाकर बालक को छिपा दो ताकि +किसी की नजर न लगे । आगे मामा से कहा गया है किमामा आओ +और परदे खोलकर बालक को दिखाओ ।",bhili-bhb +"जी हो आज म्हारो पटसाळ सूनो लगऽ +जी हो आज म्हारो पटसाळ सूनो लगऽ +नहीं आया म्हारा दशरथ बाप , +हरकत पगरण आरंभियो । +जी हो आज म्हारो पाळणो सूनो लगऽ +नहीं आई म्हारी कौशल्या माय , +हरकत पगरण आरम्भियो । +जो हो आज म्हारो मण्डप सूनो लगऽ +नहीं आया म्हारा रामलछमण बीरा , +हरकत पगरण आरम्भियो । +जी हो आज म्हारी आरती सूनी लगऽ +नहीं आई म्हारी सुभद्रा बेण , +हरकत पगरण आरम्भियो ।",nimadi-noe +"75 +लायक होय के मामले दस देंदा मुनसिफ1 होए वढे फाहे फेड़यां दे +बाही घत के कहीं दी पार लावे हथों कढ देंदा खोज झेड़यां दे +धाड़ा धाड़ दी मोहर दवांवदा ए हुंद पांवदा विच बखेड़यां दे +सभा रही रहुंनी नूं सांभ लयावे अखीं विच रखे वांग हेड़यां2 दे +वारस शाह है शेर जवान रांझा पिछे पौंदा ए हाड़यां पेड़यां दे",panjabi-pan +"पाई खुदा के घर की कीनैं? +पाई खुदा के घर की कीनैं ? +की खाँ मरनै जीनैं ? +बिघ ललाट के अच्छर ऐसे , +लिखे ना काऊ चीनैं । +एकन खाँ धन वान करत हैं , +एकन को धन छीनैं । +ईसुर ऐसे कलम करत है +अल्ला ख्याल नवीनैं ।",bundeli-bns +"तैं कित पर पाओं पसारा ए? +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +कोई दम का एहना गुज़ारा ए । +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +इक्क पलक छलकदा मेरा ए । +कुझ कर लै एहो वेला ए । +इक्क घड़ी गनीमत दिहाड़ा ए । +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +इक्क रात सराँ दा रहणा ऐं । +एत्थे आकर फुल्ल ना बहणा ऐं । +कल्ल सभ दा कूच नकारा1 ए । +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +तूँ ओस मकानों आया ऐं । +एत्थे आदम2 बण समाया ऐं । +हुण छड्ड मजलस कोई कारा ए । +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +बुल्ला सहु एह भरम तुमारा ए । +सिर चक्केआ परबत भारा ए । +ओह मंज़ल राह ना खाहड़ा ए । +तैं कित पर पाओं पसारा ए ? +तैं कित पर पाओं पसारा ए । +कोई दम का एहना गुज़ारा ए ।",panjabi-pan +"ऊंची हे दोघड़, नीचा ए बारणा +ऊंची हे दोघड़ , नीचा ए बारणा +मैं समझाऊं समझ म्हारी लाडा +सोहरे के घर जाना हे होगा +जोहड़ बिराणा कुआं बिराणा +नीची तरफ लखाणा हे होगा +बड़ा हे कुणबा बड़ा परवार +भीत्तर बड़ के जीमणा होगा +सासूससूरे की टहल बजाणा +पति अपणे का हुकम बजाणा",haryanvi-bgc +"झपसी में चढ़लूँ अटरिया, लाल हलना +झपसी1 में चढ़लूँ अटरिया , लाल हलना । +पर गेल2 ननँदी नजरिया3 लाल हलना ॥ 1 ॥ +काहे4 तोर भउजो हे मुँह पियरायल , लाल हलना । +काहे बदन झमँरायल5 बतावहु , 6 लाल हलना ॥ 2 ॥ +तोहर7 भइया मोरा सोंटा8 बजौलन9 लाल हलना । +ओही10 से मुँह मोर पीयर11 हइ , लाल हलना ॥ 3 ॥ +छोटकी ननदिया मोर बैरिनियाँ , लाल हलना । +मइया से लुतरी12 लगाबल , लाल हलना ॥ 4 ॥ +बहुआ जे भेलन गरभ से , रे मोर लाल हलना । +हाथी आउ13 घोड़ा लुटायम , रे मोर लाल हलना ॥ 5 ॥ +जो होरिलवा लेतइ14 जलमिया , लाल हलना । +सोना आउ चानी लुटायम , मोर लाल हलना ॥ 6 ॥ +लेलक15 होरिलवा जलमिया रे , मोर लाल हलना । +पेटी16 के कुंजी हेरायल17 रे मोर लाल हलना ॥ 7 ॥",magahi-mag +"लोक गीत +हातेम् आरस्यो पिपले व पाय मा झांजुर झलके व । +हातेम् आरस्यो पिपले व पाय मा झांजुर झलके व । +जाणे वाली पछि फिरे वो , जाणे वाली पछि फिरे वो । +सुबुन बुंद हात वा गुजरी , सुबुन बुंद हात वो गुजरी । +फिरिफिरि नेंद वो , खेतेम् रहित्यु खड़ कमली भोजाइ । +कहयुं मिं खेतेम् रहिग्यू खड़ वो कमली भोजाइ । +कहयुं मिं खेतेम् रहिग्यू खड़ वो कमली भोजाइ । +फिरिफिरि नेंद वो , खेतेम् रहित्यु खड़ कमली भोजाइ । +हाथ में दर्पण चमक रहा है , पैर में पायजेब चमक रहे हैं । ओ जाने वाली पीछे मुड़ , जाने वाली पीछे मुड़ । सभी के हाथों में गूजरी हैं । फिरफिर कर घास उखाड़ , खेत में खरपतवार रह गया है वो कमली भावज । फिरफिर कर घास उखाड़ खेत में खरपतवार रह गया है वो रूमा भावज । फिरफिर कर घास उखाड़ खेत में खरपतवार +रह गया है वो राली भावज । इस प्रकार से निंदाई कर रहे लोगों के नाम लेलेकर गीत आगे बढ़ता जाता है ।",bhili-bhb +"मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया +मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया मैं तो दावा करूंगी अदालत में +बाजरे की रोटियां चने का साग तुझे जेलों का पानी पिला दूं रसिया +मैं तो दावा करूंगी अदालत में +तेरा नई दिल्ली का मुकदमा आगरे पहुंचा दूं तुझे सिमले की जेल करा दूं रसिया +मैं तो दावा करूंगी अदालत में +ससुर को पेस करूं जेठे को पेस करूं छोटे देवर की दे दूं गवाही रसिया +मैं तो दावा करूंगी अदालत में +मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया , मैं तो दावा करूंगी अदालत में",haryanvi-bgc +"सोरही गइया के गोबरे आँगन गहागहो लीपल हे +सोरही गइया के गोबरे आँगन गहागहो लीपल हे । +गजमोती1 चउका पुरायम2 त राम अइहें दोंगा करे हे ॥ 1 ॥ +लालिय3 पट केर जाजिम , झारि4 बिछायम5 हे । +काटब खरही6 के बाँस त कोहबर बनायम7 हे ॥ 2 ॥ +चनन खाट बिनायम8 झालर लगायम हे । +मानिक दियरा बरायम , राम अइहें दोंगा करे हे ॥ 3 ॥ +केकर सोभहे पगड़िया , त केकर चुनरिया सोभे हे । +रामजी के सोभहे पगड़िया , त सिया के चुनर सोभे हे ॥ 4 ॥ +जोड़े जोड़े होवहे9 मिलान10 ल��न अगुआयल11 हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"पियवा, हो पियवा, तू ही मोरा साहेब हो पियवा +पियवा , हो पियवा , तू ही मोरा साहेब हो पियवा । +पियवा , जे बघिया1 एक लगइत , टिकोरवा2 हम चखती हो ॥ 1 ॥ +धनियाँ , हे धनियाँ , तूहीं मोरा सुन्दर हे धनियाँ । +धनियाँ , बेटवा जे एक बियइतऽ सोहरवा हम सुनती हे ॥ 2 ॥ +बेटवा जे होअ हे करम से जे ऊ राम बूझथ3 हे । +बघिया जे होअ हे आदमी से , आउर मानुस से ॥ 3 ॥ +ओरिया4 काटि नेहयलन , सुरूज गोड़वा लगलन हे । +हमें पर आदित होअ न देआल , पियवा मोरा ओलहन5 हे ॥ 4 ॥ +आधी राति गइले , पहर राति , होरिल जलम ले ले हे ॥ 5 ॥ +अँगना बहारइत6 चेरिआ , सुनहु बचन मोरा हे । +चेरिया , प्रभुजी के सेजिया डँसाव त पियवा सुनिहें सोहर हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"विवाह गीत +पिपलियो पान झलके वो नानी बेनुड़ी , पिपलियोपान झलके । +मनावर्यो हाट जासुं वो नानि बेनुड़ी । +खारिक खोपरों लावसुं वो नानि बेनुड़ी । +बागुन हाट जासूं वो नानि बेनुड़ी । +खर्यादाल्या लावसुं वो नानुड़ि बेनी । +जोबट्यो हाट जासूं वो नानुड़ि बेनी । +माजम ने हार काकणिं , लावसुं वो नानुड़ि बेनी । +पीपल का पान चमक रहा है छोटी बनी । मनावर के हाट जावेंगे छोटी बनी और +खारकखोपरा लाएँगे । बाग के हाट जायेंगे और सेवचने जायेंगे । जोबट के हाट +जाएँगे और माजम व हारकंगन लाएँगे ।",bhili-bhb +"132 +कई रोज नूं मुलक मशहूर होसी चोरी यारी जो ऐब कुआरियां नूं +जिनां बाण है नचने कुदने दी रखे कौन रंनां हैं सयारियां नूं +उस पा भुलाउड़ा ठगया ए कम पहुंचया बहुत खुआरियां नूं +जदों चाक उधाल लै जाए नढी तदों झूरसो बाजियां हारियां नूं +वारस शाह मियां जिनां लाइयां नी सोई जाणदे डारियां यारियां नूं",panjabi-pan +"चहका +१ . +सिया डाले राम गले जय माला , सिया डाले राम गले जय माला । +रामचन्द्र दुलहा बनि आए । दुलहा बनि आए , दुलहा बनि आए । +आरे लछुमन होऽऽ , बने सोहबाला , सिया डाले . . . +२ . +केदली बन भौंरा रस माते , के दली बन भौंरा रस माते । +केकरा गृहे जन्मे सिया जानकी , अरे केकरा हो , +केकरा गृह में पारवती , केदली बन भौंरा रस माते । +केइएँ विवाही सिया जानकी , +केइएँ विवाही पारबती , केदली बन भौंरा रस माते । +राजा जनक गृहे सिया जानकी , अरे राजा होऽऽ , +राजा हिवंचल के पारबती , केदली बन भौंरा रस माते । +३ . +वर दऽ हो भवानी , इहे मगन हम मांगी ले । +रामचन्द्र ऐसो कंत , लखन ऐसो देवर ज्ञानी , इहे मंगन . . . +राजा दसरथ ऐसो सुसर , सास कोसिल्या रानी , इहे मंगन . . . +राजा अयोध्या सरजुग जल निर्मल पा��ी , इहे मंगन . . . +४ . +तनि भरि दऽ गगरियाऽ हो श्याम कहे बृजनारि । +हमसे चढ़ा जात नाहि मोहन , जमुना ऊँच अरारी , +पाव धरत हमरो जीउ डरऽवत , +दूजे पाव में पायल भारी , कहे बृजनारि ।",bhojpuri-bho +"मुरली +हमार मुरली भइल बा चोरी , मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई । +सूतल रहलीं कदम के छैयां धर बंसी सिरहानी , +एतने में आ गइल निदिया बैरी , हो गइल मुरली के हानी , +मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई । +ओहि मुरली में प्राण बसल बा छछन जिअरवा मोरी , +जैसे हम हईं तोहरो दुलरुआ ओइसहीं मुरलिया मोरी , +मुरलिया दिखलाइ दऽ ए भाई ।",bhojpuri-bho +"मिट्टी दा बावा (1) +मिटटी दा मैं बावा बनाणीआं +उत्ते चा दिन्नी आं खेसी +वतनां वाले माण करन +की मैं माण करां परदेसी +मेरा सोहणा माही , आजा वे +बूहे अग्गे लावां बेरीआं +गल्लां घरघर होंण तेरीआं ते मेरीआं +वे तू शकल दिखा जा वे +मेरा सोहणा माही , आजा वे +बूहे अग्गे पाणी वगदा +साडा कल्लआं दा जी नईओं लगदा +सानूं गल नाल लाजा वे +मेरा सोहणा माही , आजा वे",panjabi-pan +"या ब्रज मे कछु देखो री टोना +या ब्रज में कछु देखो री टोना । +ले मटकी सिर चली गुजरिया +आगे मिले नन्द जी को छोना । या ब्रज . . . +दधि को नाम बिसर गयो प्यारे +लेले रे कोई श्याम सलोना । या ब्रज . . . +वृन्दावन की कुंज गलिन में , +आँख लगाय गयो मन मोहना । या ब्रज . . . +मीरा के प्रभु गिरधर नागर , +सुन्दर श्याम सुंदर है सलोना । या ब्रज . . .",bundeli-bns +"कते जल बहै छै मेया कमोॅहे-लेसरी +कते जल बहै छै मेया कमऽहेलेसरी +हे कते जल बहै छै कोसी धार +ठेहुना जल बहैयै मैया कमलेसरी हे +अगमे जल बहे कोसी धार +से हे अगम जल +कहमां नहैले कोसी माय +कहाँ लट झारले +कहमां कैले सोलहो सिंगार +बराछतर से अइले माय कोसिका बाटहि नहैले +गहबर कैले सोलहो सिंगार +जीरबा सन के दँतबा गे कोसीमाय +सिहारी फाड़ल माथ हे +चानन काटि मैया +खाट देबौ घोराय गे सोना से +डँड़बा देबौ छराय गे सोना से +अगिया लगेबौ रे सेवक तोर डँरकस +रानू सरदार छिये हमर लोग ।",angika-anp +"कोन मा कोन डो हरि जा कोन हरि जा कोन केन चोजा +कोन मा कोन डो हरि जा कोन हरि जा कोन केन चोजा +कोन मा कोन डो हरि जा कोन हरि जा कोन केन चोजा +मा झूड़ी हो बागे +मा झूड़ी हो बागे +रेशोमा डोरा डो कोसा नी नीजा झान्डा कू पालेना झूडी हो बागे +रेशोमा डोरा डो कोसा नी नीजा झान्डा कू पालेना झूडी हो बागे +आलायो झुलायो हरि जा डाई हरि जा कोन केन झूडी हो बागे +आलायो झुलायो हरि जा डाई हरि जा कोन केन झूडी हो बागे +आलायो झुलायो रमुटी ड��� बाई रमुटी डो कोन केन झूडी हो बागे +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"145 +मुंह उंगलां घत के कहनसभे कारे करन थीं एह ना संगदा ए +साडियां मंमियां टोंहदा छेड़ गलां पिछों होएके सुथणां सुंघदा ए +सानूं कठियां करें ते आप पिछों सान होएके टपदा रिंगदा ए +नाल बन्न के जोग नूं जोअ देंदा गुतां बन्न के खिचदा टंगदा ए +तेड़ां लाह घाई ते फिरे भौंदा भऊं भऊं मूतदा ते नाले त्रिंगदा ए +वारस शाह उजाड़ विच जाय के ते फुल साढियां कनां दे सुंघदा ए",panjabi-pan +"अरी ए लाड़ो अब ना जइहों +अरी ए लाड़ो1 अब ना जइहों , तेरा टीका2 अजब अनमोल । +माँगे लाड़ो के टीका सोभे , मोतिया लागे हीरे लाल । +ए गोरी अब ना जइहों , तेरा टीका अजब अनमोल ॥ 1 ॥ +नाके लाड़ो के बेसर3 सोभे , चुनिया4 लागे हीरे लाल , +चुनिया अजब बहार । +ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका बड़ा अनमोल ॥ 2 ॥ +काने5 लाड़ो के बाली6 सोभे , झुमका लागे हीरे लाल । +झुमका अजब बहार । +ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका गजब अनमोल ॥ 3 ॥ +गले लाड़ो के माला सोभे , सिकड़ी लागे हीरे लाल । +सिकड़ी अजब बहार । +एक लाड़ो अब ना जइहों , तेरा टीका अजब अनमोल ॥ 4 ॥ +जाने लाड़ो के सूहा7 सोभे , छापा8 अजब बहार । +घूँघट लगे हीरे लाल , घूँघट अजब बहार ॥ 5 ॥ +ए लाड़ो अब ना जइहों , तेरी सूरत अजब अनमोल । +एक लाड़ो अब ना जइहों , तेरी अँखिया बड़ी अनमोल ॥ 6 ॥",magahi-mag +"458 +करामात है कहर दा नाम रन्ने केहा घतयो आन वसूरया ई +करे चावड़ा चिवड़ा1 नाल मसती अजे तीक अनजानां नूं घूरया ई +फकर आखसन सोई कुझ रब्ब करसी एवें जोगी नूं ला वडूरया ई +वारस पंज पैसे रोक लगा धरयो खंड चावला दा थाल पूरया ई",panjabi-pan +"दस पाँच सखिया मिली, चलली बजरिया रामा +दस पाँच सखिया मिली , चलली बजरिया1 रामा । +ओहि2 ठइयाँ3 टिकुली रे , भुलायल हो राम ॥ 1 ॥ +कहमा4 महँग5 भेलइ6 टिकुली सेनुरवा रामा । +कहमा महँग भेलइ , बालम हो राम ॥ 2 ॥ +लिलरे7 महँग भेलइ , टिकुली सेनुरवा रामा । +सेजिए महँग भेलइ , बालम हो राम ॥ 3 ॥ +कहमा जो पयबइ8 हम , टिकुली सेनुरवा रामा । +कहमा पयबइ अपन बालम हो राम ॥ 4 ॥ +बजरे9 में पयबइ हम , टिकुली सेनुरवा रामा । +ससुरे पयबइ अप्पन बालम हो राम ॥ 5 ॥ +के मोरा लाइ देतइ10 टिकुली सेनुरवा रामा । +करे मिलयतइ11 अप्पन बालम हो राम ॥ 6 ॥ +देओरा12 मोरा लाइ देतन टिकुली सेनुरवा रामा । +सतगुरु मिला देतन बालम हो राम ॥ 7 ॥ +कहत कबीर दास पद निरगुनियाँ हो रामा । +संत लोग लेहु न बिचारिय13 हो राम ॥ 8 ॥",magahi-mag +"जावा गैल्याण्यों, तुम मैत जावा +जावा गैल्याण्यों , तुम मैत जावा , +मेरो रैबार , माँजी मू लि जावा । +मालू भैंसी को खटो दई , +बई मा बोल्यान रोणीकि छई । +बाबाक बोल्यान देखीक जाई , +सासु सैसरों समझाई आई ।",garhwali-gbm +"थोड़ा-सा नीर पिला दै +थोड़ासा नीर पिला दै , बाकी घाल मेरे लोटे मैं +अरे तूँ भले घराँ की दीखै , तन्ने जन्म लिया टोटे मैं +तू मेरे साथ होले गैल , दामण मढ़वा दिऊँ घोटै मैं +भावार्थ +' थोड़ासा पानी मुझे पिला दे , बाकी मेरे लोटे में डाल दे । अरी ओ , तू तो भले घर की लगती है , लेकिन +ऐसा लगता है जैसे तेरा जन्म बड़े ग़रीब घर में हुआ है । चल , मेरे साथ चल । मैं तेरे लहंगे को गोटे से मढ़वा +दूंगा ।",haryanvi-bgc +"बदली टलन गदलीकेन +बदली टलन गदलीकेन +बदली टलन गदलीकेन +बदली टलन गदलीकेन हुई +बदली टलन गदलीकेन हुई +लाबा जोबेन लचकेन +लाबा जोबेन लचकेन +लाबा जोबेन लचकेन हुई +लाबा जोबेन लचकेन हुई +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"मैं चली पिया पेकड़े +मैं चली पिया पेकड़े +तुसी मगरे ही आ जाइओ +मैं ता मिलांगी उत्थे बेबे जी नू +तुसी बापू जी नु मिल आइओ +मगरों करयोजी तुसी पेरीपैणा +पहलां लै जाणा सुणा आइयो +मैं कहूँगी जी मैं नहीं जाना +किते छड्ड के ना जाइओ +थोड़ा बहुता उत्थे मैं रोऊँगी वी +तुसी ऐंवीं ना घबरा जाइओ",panjabi-pan +"आज भई मोरे मन की, सुनो सैंया +आज भई मोरे मन की , सुनो सैंया +सासो न आवे हमारो का बिगरे , +चरुजा चढ़ाई बच जैहें , सुनो सैंया । आज . . . +तुम उठके पिया चूल्हा जलइयो , +हम चरुआ धर लैहें , सुनो सैंया । आज . . . +जिठनी न आवे हमारो का बिगरे , +लड्डू बंधाई बच जैहें , सुनो सैंया । आज . . . +तुम उठ के पिया मेवा ले अइयो , +हम लड्डू बांध लैहें , सुनो सैंया । आज . . . +ननदी न आवें हमारो का बिगरे , +संतिया धराई बच जैहें , सुनो । सैंया . . . +तुम उठके पिया गोबर ले आइयो , +हम संतिया धर लैहें , सुनो सैंया । आज . . . +पड़ोसन न आवे हमारो का बिगरे , +सोहर गबाई बच जैहें , सुनो सैंया । आज . . . +तुम उठके पिया ढोलक बजइयो , +हम सोहर गा लैहें , सुनो सैंया । आज . . .",bundeli-bns +"81 +हीर चाए भता खंड खीर मखन मिएं रांझे दे पास लै जांवदी ए +तेरे वासते जूह मैं भाल थकी रो रो अपना हाल सुनांवदी ए +कैदों ढूंढ़दा खोज नूं फिरे भौंदा वास चूरी दी बेलयों आंवदी ए +वारस शाह मियां वेखो रंग लंगी एह शैतान दी कलहि जगांवदी ए",panjabi-pan +"कियौ महारास प्रभु बन में +कियौ महारास प्रभु बन में , वृन्दावन गुल्म लतन में ॥ +बन की शोभा अति प्यारी , जहाँ फूल र���ी फुलवारी । +सोलह हजार ब्रजनारी , द्वै द्वै न बीच एक गिरिधारी ॥ +झ़ड़ताथेताथेई नचत घूँघरू बजत झूम झन झनन । +सारंगी सनन करत तमूना तनन ॥ +सप्त सुरन सों बजत बाँसुरी , शोर भयौ त्रिभुवन में । वृ . +बंशी को घोर भयौ भारी , मोहे सुन मुनि तपधारी । +जड़ पशु पक्षी नरनारी , शिवसमाधि खुल गई तारी ॥ +झड़ सुन जमुना जल भयौ अचल , सिथिल भये सकल । +जीव बनचारी , मनमोहन बीन बजाय मोहिनी डारी ॥ +जहाँ के तहाँ थिर रहे परी धुन बंशी की श्रवनन में । वृ . +जब उठ धाये त्रिपुरारी , जमुना कहै रोक अगारी । +गुरु दीक्षा लेओ हमारी , जब करौ रास की त्यारी ॥ +झड़ नहीं पुरुषकौ अधिकार , सजाशृंगार नारि बनजाओ । +तब महारास के दरशन परसन पाओ । +जमुना के बचन सुने , शिव जान गये सब मन में ॥ वृ . +जब खाय भंग कौ गोला , जमुना में धोय लियौ चोला । +गोपी बन गये बंभोला , यों नवल नार अनबोला ॥ +झड़ जहाँ है रह्यौ रास विलास , पहुंच गये पास , भये अनुरागे +शिव शंकर सखियन संग नाचने लागे । +भूल गये कैलाश वास , हर है रहे मगन लगन में । वृ . +गोपिन संग नृत्य कर्यो है , हिरदे आनन्द भर्यो है । +जब शिव पहिचान पर्यौ है , गोपेश्वर नाम धरयौ है ॥ +झड़सब गोपी भई प्रसन्न , धन्य प्रभु धन्य मधुर बीनाकी +कर महारास निशि कीनी छै महीना की । +‘घासीराम’ कृपा सों छीतर बस रह्यौ गोवरधन में ॥ वृ .",braj-bra +"कथा खेत-खरयानन की +तुम डिल्ली कीं बातें करौ बड़े भइया , +हमें करन दो सेवा अपने गाँवन की ; +तुम कारन पै मलकौ मालपुआ गुलकौ , +हमें कहन दो कथा खेतखरयानन की । +इन गावन में अपने पुरखा रहत हते , +ठाँड़ी कर गए छायबनाय मड़इयँन कों ; +रातरात सोई गीले में महतारी , +पालपोस स्यानों कर गइ सब भइयन कों । +खेतन की माटी सरसक्क पसीना सें , +दोदो बीघा भूम सकल सम्पदा हती ; +कोहरीं , चना , मुसेला धमके काम करो , +घी कीं चुपरीं बाँटत रहे खबइयन कों । +देखौ कभउँ जाय कें उन रौगड़ियन पै , +अभउँ डरी है धूरा उनके पाँवन की । +इन गाँवन में बारे सें उचकेकूँबे , +हिलमिल खेले खेल , बनाए घरघूला ; +तलातलइयाँ सपरे , खेतन में लोटे , +दिनदिन भर सावन में झूलत ते झूला । +ज्वानी अपओंबिरानो लैकें चढ़ आई , +आँतहिलोरो भइया तब बैरी बन गओ ; +घूरे पै गारीगुल्ला मुड़कटइ भई , +फाँसी पै टँग गए मतइयाँ मनफूला । +उन दोउन के लरका जूझ करइयाँ हैं , +लै लई है सौगन्ध उन्हें समझावन की । +गाँवन के त्योहार लगत हैं तेरहिंसे , +अब न भरै कोउ स्वाँग न बजत नगाड़े हैं , +ज्वानन की कढ़ आईं कुथरिय��ँ पेटन कीं , +और पथनवारे बन गए अखाड़े हैं , +अब न गाँव की बेटी सबकी बहिन रही +अब न गाँव के लरका ऊके भइया हैं ; +कढ़न न पाबैं हारखेत बहुएँ बिटियाँ +गैलघाट में ऐसे चरित उभाँड़े हैं । +हमें बेंदुलाचढ़वइया बन जानें है , +चन्द्रावल की धरीं भुजरियाँ सावन कीं ।",bundeli-bns +"550 +डाची शाह मुराद दी आन रिंगी ऊतों बोलया साई संवारीए नी +शाला ढुक आवे हुश ढुक नेड़े आ चड़ी कचावे ते डारीए नी +मेरी गई कतार कुराह घुथी कोई सेहर कीती टूने हारीए नी +दाई सूई दी बोतड़ी एह डाची घिन छिक पलाने दी लाड़ीए नी +वारस शाह बहिश्त दी मोरनी तूं एह फहरशतयां ऊंठ ते चाड़ीए नी",panjabi-pan +"509 +पिहढ़े घतके कदी न बहे बूहे असीं एहते दुख विच मरांगे नी +एहदा जिउना पलमदा पिंड साडे असीं एह इलाज की करांगे नी +सोहनी रन्न बाजार ना वेचनीए वयाह पुत दा होरद करांगे नी +मुलां वैद हकीम लै जान पैसे कहियां चटियां गैब दियां भरांगे नी +वहुटी गभरू दोहां नूं बाढ़ अंदर असी बाहरों जंदरा जड़ां नी +सैदा ढाह के एस तों लए लेखा असी चीकनों मूल न डरांगे नी +शरमिंदगी जग दी सहागे जरा मुंह परां नूं होर दे करांगे नी +कदी चरखड़ा डाह ना छोप कते असी मेल भंडार की करांगे नी +वारस शाह शरमिंदगी एस दी तों असीं डुब के खूह विच मरांगे नी",panjabi-pan +"373 +जिस जट दे खेत नूं अग्ग लगी ओह रहिवां1 वढके गाह लया +लावेहार2 राखे विदा होए ना उमैद हो के जट राह लया +जेहड़े बाज तों काउं ने कूंज खोही सबर शुकर कर बाज फना लया +दुनियां छड उदासियां पैहन लइयां सयद वारसों हुण वारस शाह होया",panjabi-pan +"नागरजा +सभा लैगे1 द्वारिका , सभा लैगे गोविन्द , +सोवन2 द्वारिका होली , सभा लैगे गोविन्द । +सभा बैठी गैन , तेतीस करोड़ देवता , +सभा बैठी गैन , सोल सोऊ राणी । +इनो रइ भगीवान , गर्वियों का गर्व चलैन , +पाप्यों का मोचद पाप , बिर्बलियों को छै बल । +राण्यों को रौंसिला3 छई , फूलू कू हौंसिया4 । +धनि पारबरम , मैं लेन्दू तेरु नऊं , +तेरो नऊं लेन्दू , सांझ सबेर । +तेरो नऊं लीक संकट कटेन्दी , बिप्ता बंटेंदी , +दुख होन्दू दूर , काया होंदी कंचन । +इना रैन भगीवान् राँडू का मालिक , +छोरौं का बाप , अनाथू का नाथ । +नंगा देखी खाणू नी खायो , +भूखा देखी वस्त्र नी लायो । +तिन लिने जन्म देवकी का कोख , +देवकी का कोख कंसकोट राजा मा +वैरियों की भूमि , मामा की मथुरा । +माता तेरी देवकी , पिता वसुदेव । +सुण्याला5 कंसू तुम देवकी का आठवां गर्भ , +होण कंसू को छै । +एक गर्भ होये तौन नदी स���ंप करे , +दूजो गर्भ होये तौन नदी सौंप करे , +तीजों चौथो पांचों सातों गर्भ होये , +तौन नदी सौंप करे । +तब ह्वेन भगवान आठवाँ गर्भ । +तेरी जिया6 देवकी एको लगे मास , +तेरी जिया देवकी दूजो लगे मास । +कंस कोट राजा मां बुरो ठाण्याले , +कंस कोट लग अब शीशा को मेलाण7 +सौ मन शीशा की गागर बणैले । +चलीगे देवकी तब निकट जमुना , +ल्यौ वैणी8 देवकी गागर भरी । +नौ दिन नौ राती गागर नी भरेणी , +भरेण क भरेगी , मैं कनै उठौलू ? +कायरी होइगे देवकी राणी , +इन रया भगवान निर्धन्यों का धनी , +गर्वियों का गर्व करदू चूर । +तै दिन भगवान , निरणी को बालो , +सु गर्भ छुई लांदो , +सुन जिया कायरो नी होणू । +तै दिन देवकी राणी गागर उठौंदी । +इनी माया तेरी भगवा +कनी ह्वैगे गागर बुरांस कोसी फूल । +ल्या भाई कंसू ई गागर उठावा , +सुणीक ंस पिछुंडा9 ढलीग्या10 । +दस मास लैगे श्यामल भगवान , +वीं देवकी लैगे बैठण्या वेदन , +पिता वसुदेव तौन बंदीगिरै घरीले । +भदर मास छयो , शुक्ल पक्ष , +रोहणी नक्षत्र छयो बुधबार । +कई पैरादार छा धर्यां , सुण्याला पैरादोरु11 तुम +जु होलू गर्भ तै करिया हाजिर । +वसुदेव सुणीक इनो कुरोध लांदो , +सुण्याला कंसू तुम +बैठीक विनत , उठीक अरज । +न लया कंसू तुम कन्या को पातक । +तब भगवान पृथ्वी पैदा नी होंदा , +तेरी जिया छई कलीबेकली । +मैं त मेरी माता पृथ्वी पैदा होन्दू +तू कायरी ना होई मेरी जिया । +तब कृष्ण द्वारिकानाथ पैदा होई गैन । +देवता सभी खुश होइन , पिता की बेड़ी टूटीन । +चली आयो स्यो देवकी का पास , +क्या होये राणी तेरा गर्भ ? +तब भगवान इनो बोदः +सुणा सुणा मेरा मात पितौं मेरी अरज , +मैं कू लीजा पिता जी धौ12 बै का पास । +नंदू मौसा का त डेरा । +तै वक्त भगवान उठैले पिता न , +रस्ता लगी गैन , आईन अधवार । +निकट जमुना आईन । +तब भगवान का चरण छूण , +जमुना अथाह होई गैगे । +पिता वसुदेव को उत्सा ख्वैगे13 । +कनु14 कैक रे बाला मैंन पार ली जाणी ? +सुणा मेरा पिता जी कायरो नी होई । +कृष्ण बालो घनश्याम खुटी बढ़ौंद , +चरण चूमीक जमुना जी घटी गैन । +चलदा चलदा तब स्ये पहुँच्या +नंदू का बांजा15 बैराट16 । +जनम का औता17 था स्ये , कर्म का नाटा18 । +तै दिन बोदो नन्दू मौसा +ये बांजा बैराट बाला +क्या खालू19 तू , क्या त पेलो20 ?",garhwali-gbm +"हवा बहे रसे-रसे घुमड़इ कजरिया +हवा बहे रसेरसे घुमड़इ कजरिया , +जिया कहे चलचल पिया के नगरिया । +जहिया से सइँया मोरा गेलन विदेसवा , +आवे न अपने न भेजे कोई सनेसवा । +लिलचा के रह जाहे लल��ल नजरिया . +जिया कहे चलचल पिया के नगरिया । +जाड़ा जड़ाई गेलई सउँसे ई देहिया , +गरमी में सब जरई सबरे सनेहिया । +जियरा डेराय रामा छाय घटा करिया +जिया कहे चलचल पिया के नगरिया ।",magahi-mag +"विवाह - 1 +गावे गाना ला । +सीसे नागिन बहिस गा धरती माता ला । +धरती माता बहिस आने दाई ला । +आने दाई समोखिम सारे दुनिया ला +चाँद सूरज नर नारी दोनों देयथ उजेला ला । +हौ रेहौ रे जल रानी पावन बरोवय रे डीओएस । +कच्चा सुपाड़ी फोड़े माँ फोटाहीं । +लगे हरा माया छोड़े माँ छूटाहीं । +पानेला खावय खैर नहीं आय । +तै तो गाय ले ददरिया बैर नहीं आय । +शब्दार्थ – सीसेसिर पर , बहिसढोना , थामना , अनेदाईअन्नमाता , समोखिसपोषित , बरोबयबहना , फोटा ही फूटे , छूटे ही छूटे , बैरदुश्मनी , गा ले आयहै । +यह भाँवर गीत है । इसे भाँवर फिराते समय गाँव की और बारात में आई महिलाएँ एक साथ गाती है । महिलाएँ गीत में कहती है धरती माता को शेष नाग अपने फन पर धारण किए हुए है । और धरती माता अन्नपूर्णा माई को धारण किये हुए हैं । अन्नमाता सारी दुनिया को अपने में समेटे है । पोषित करती हैं । चाँदसूरज दोनों स्त्रीपुरुष सारे संसार को प्रकाश देते हैं । उजाला भरते हैं । जल रानी हवा को चलने के लिये मजबूर करती हैं । उसी से ठंडीठंडी हवा बहने लगती हैं । उसी से पानी में लहरे पैदा होती हैं । +कच्ची सुपारी को फोड़ने में कोई देर नहीं लगती हैं । लेकिन पक्की सुपारी को फाड़ने जरा मुश्किल लगता है । इसी तरह तुम्हारी मायाममता देशप्रेम भी बड़ी मुश्किल से छूटती है । जिस प्रकार पान खाने से होंठ लाल हो ही जाते हैं , उसी प्रकार प्रेम के ददरिया गाने में कोई रोकटॉक नहीं है , कोई दुश्मनी नहीं है । इसी गीत को सारे बाराती आँगन में बैठकर सुनते हैं और गाने वालों को ‘वाहवाह’ करके शाबाशी देते हैं । फिर उत्साह में एकएक ददरिया झड़ते लगने हैं ।",baiga-mis +"सखी चुनवत पान मोहन प्यारे के +सखी चुनवत पान मोहन प्यारे के ॥ 1 ॥ +जबे जबे हरिजी खरही1 चुनावे । +गारी सुनावे मनमान2 मोहन प्यारे के ॥ 2 ॥ +ले खरही हरि , टटर3 बिनैबो4 देतन तोर मइया दोकान5 । +जोग के बीरा6 सखियन देलन , हर लेलन हरि के गेयान ॥ 3 ॥",magahi-mag +"274 +तूं तां जोग लया नाल साहिबी दे खुशी नाल गुमान दे आ लीतो +भले मिलदयां टिले ते आन चढ़यो जोग गल दे नाल तूं पा लीतो +कोई पाए भुलावड़ा ठगयो ई सिर गुरु दे जादडू पा लीतो +वारस शाह तों जोग दा लया झाड़ा हिक अगे तूं जोग नूं ला लीतो",panjabi-pan +"वेक्खो नी शाह अनायत साईं +वेक्खो नी शाह अनायत साईं +मैं नाल करदा किवें अदाईं । +कदी आवे कदी आवे नाहीं , +त्यौं त्यौं मैनूँ भड़कण भाहीं । +नाल अल्लाह पैगाम सुणाईं , +मुक्ख वेक्खण नूँ तरसाईं । +वेक्खो नी शाह अनायत साईं । +बुल्ला सहु केही लाई मैनूँ , +रात हनेर उठ तुरदी नै नूँ । +जिस औझड़ तों सभ कोई डरदा , +सो मैं ढूँढा चाईं चाईं । +वेक्खो नी शाह अनायत साईं । +मैं नाल करदा किवें अदाईं ।",panjabi-pan +"मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह हे +मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह1 हे । +ललना , फेर2 नहीं करबइ परसंग , 3 जलम मोर अकारथ4 हे ॥ 1 ॥ +परबइ जमुन दह जाइ , घसिए जयबइ अहे5 दहे हे । +ललना , करबइ न बसुदेवो संग , जलम न सोवारथ6 हे ॥ 2 ॥ +सखी दस आगे भेल , दस सखी देवोकी के पाछे भेल हे । +देवोकी , करूँ बसुदेवो जी के संग , जलम होयतो सोवारथ हे ॥ 3 ॥ +पहिला पहर राति सुतली , 7 सपन एक देखली हे । +ललना , हरियर8 केरवा9 के थंभ , दुवारी10 केतो11 रोपि गेलइ हे ॥ 4 ॥ +दूसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे । +ललना , हरियर तुलसी के बिरवा , दुवारी केतो रोपि गेलइ हे ॥ 5 ॥ +तीसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे । +ललना , कोरबे12 नरकोरवा13 नरकोरबा में दहिया14 दुवारी केतो रखि गेलइ हे ॥ 6 ॥ +चउठे15 पहर जब बीतल , सपन एक देखली हे । +ललना सामर16 कुमर एक सेजिया पर केउ मोरा रखि गेल हे ॥ 7 ॥ +एतना सपन जब सुनलथि , बसुदेवो हँसि बोलथी हे । +जलम लेतन17 जदुनाथ , जलम भेल सोवारथ हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"ईसुरी की फाग-20 +पग में लगत महाउर भारी +अत कोमल है प्यारी +आद रती कौ लांगा पैरें +तिल की ओढ़ें सारी +खस खस की इक अंगिया तन में +आदी कोर किनारी +रती रती के बीच ' ईसुरी ' +एक नायिका ढारी । +भावार्थ +ईसुरी ने रजऊ के सुकुमारपन के वर्णन में अतिशयोक्ति अलंकार का अनूठा प्रयोग किया है । देखिए — ईसुरी कहते हैं कि प्रिया अति कोमल और सुकुमार है । महावर लगने से पैर नहीं उठते । उसके लंहगे का वजन आधी रत्ती भर है और जो साड़ी ओढ़ी है उसका वजन तिल के बराबर है । उसने जो चोली पहनी है वो खसखस यानि पोस्त के दाने की है जिसकी किनारी भी आधी है यानि बेहद बारीक है । इस तरह नायिका का रूप रत्तीरत्ती से ही ढला है ।",bundeli-bns +"कर देस की रकसा चाल +कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के +सुन दुसमन ने सीमा तेरी , +चारां तरफ से आकै घेरी , +क्या इस का नहीं ख्याल , लाल मेरे सज धज के +कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के +जिस दिन के लिये तन्नै दूध पिलाया , +वो दिन लाडल�� आज सै आया , +कर दे दिखा कमाल , लाल मेरे सज धज के +कर देस की रकसा चाल , लाल मेरे सज धज के +भूरे की माता बोलती सुण भूरा मेरा +ये सोलह सौ पद्मनी तेरे खड़ी चौफेरा +तनें देवर देवर कह रही क्यों मुखड़ा फेरा +रे राणी आंसू गेरै मोर ज्यों हिया लरजै मेरा +तोड़ बगादे कांगणा पकड़ो समसेरा +गौरी साह के दलां में रह ब्याह होजा तेरा +सांग्यां होजा आरता तलवारां फेरा +बैरी थाते तै के हुआ भाई था तेरा +सेर गढ़ां के पकड़िये तूं रहा भगेरा +तूं ओढ़ै ना चूंदड़ी मनें दे चीरा +मैं पडूं दलां में टूटके मार ढादूं ढेरा",haryanvi-bgc +"हार सै सिंगार छोरियो कुरता ढीला हे +हार सै सिंगार छोरियो कुरता ढीला हे +किसी सखस नै मोहली चन्द्रो बोल रसीला हे +सुनरे के नै हार घड्या था ज्योड़ा बाट लिया +बेरा ना कद मिलणा होगा छोरा नाट लिया +चलो हे छोरियो छोडण चालो उल्टी बोहड़ ले +जिस साले नै गरज पड़ैगी हाथ जोड़ ले +आ जा जीजा बैठ पिलंग पै दुखसुख की बतला ले +मैं तेरी छोटी साली जीजा बढ़िया सूट सिमा दे ।",haryanvi-bgc +"पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु +पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु +पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु +रामा सरिका बोले रे बेटा म्हारो कलेजा टूटे +पेप रे पाला जोमेडो में माडो इयां बेटी +रेपे रेपे मांडिये +पान सुपारी जोमे डो इयां बेटी +रेपे रेपे मांडिये +काली ग्वाली किटी टाला +डून्डा ओड़ा टेगेन डो माय मारे +डून्डा ओड़ा टेगेन डो माय मारे +डून्डा ओड़ा चूटी तीये +रामा चाचू बनजा बेटा +आमा रानी का बोली वा जा बेटा मारे +स्रोत व्यक्ति जगनसिंह , ग्राम झापा",korku-kfq +"पल्लो लटके +अँखियों में छोटेछोटे सपने सजाइके +बहियों में निंदिया के पंख लगाइके +चँदा में झूले मेरी बिटिया रानी +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +यही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में +मैंने यही मोती पाया जीवन नदिया में +ममता लुटाऊं ऐसी मच जाए धूम +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +निंदिया के संगसंग राजा कोई आएगा +बिंदिया लगाएगा रे माला पहनाएगा +लेगा फिर प्यारेप्यारे मुखड़े को चूम +चाँदनी रे झूम , हो , चाँदनी रे झूम . . . +आ : पल्लो लटके रे म्हारो पल्लो लटके २ +ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके +कि : गोरी जियो भटके रे म्हारो जियो भटके २ +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके +आ : इस खातिर से तेरे द्वार लियो मैं ने पल्लो डार २ +पर छाती में ना सीधो लागे म्हार�� नैन कटार +ज़रा सा आ ज़रा सा ऊँ +ज़रा सा टेढ़ो हो जा बालमा म्हारो पल्लो लटके . . . +कि : मूंगे जैसे लाले होंठ मोती जैसे गोरे गाल २ +ज़रा सा घुंघटा ऊपर फेर दिखादे मो को भी ये माल +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके . . . +आ : मैं हूँ जिस बस्ती की हूर नगर गुलाबी है मशहूर २ +? ? ? ? ? +कि : गोरी हँस के बैया डाल यही पे दिखला तू ? ? ? ? ? ऊर +ज़रा सा ऊँ ज़रा सा आ +ज़रा सा सीधो हो जा ज़ालिमा म्हारो जियो भटके . . .",rajasthani-raj +"मड़वा डगमग खरही बिनु +मड़वा डगमग1 खरही2 बिनु , कलसा पुरहर बिनु हे । +मन मोरे डगमग नइहर बिनु , अप्पन सहोदर बिनु हे ॥ 1 ॥ +मड़वहिं बइठल गोतिया लोग , भनसा3 गोतिनिया लोग हे । +तइयो नहीं मन मोरा हुलसल4 अप्पन नइहर बिनु हे ॥ 2 ॥ +इयरी पियरी कइसे पेन्हब , अप्पन नइहर बिनु हे । +चउका चनन कइसे बइठब , अप्पन जयल5 बिनु हे । +अरप दरप6 कइसे बोलब , अप्पन पुरुख बिनु हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"ठनाठनी +बस्ती सें दूर अलग जनवासौ अनवासो +वारइ सें जान परै जैसें कुछ तनातनी , +गोलन की भड़ाभट्ट , चकरी की चक्कमक्क +हाँतिन की टनाटन्न , घोड़न की हिनीनिनी । +रब्बीरमतला सँग ढोलन की धमाधम्म +झाँझन की झमाझम्म फरकावै कनीकनी , +मंगल समाज यौ , कि पल्टन कौ साजबाज ? +लरका कौ ब्याव है कि समधी सें ठनाठनी ?",bundeli-bns +"भोला भोला का बात बनायो +भोला भोला का बात बनायो +भोला भोला का बात बनायो +भोला भोला का दारु पिलायो +ओर समदी काये रोजेना आयो +गल्ला नापियो पाइ से नापियो खोटी में रखियो +पैसा गिनाया ताली में गिनायो पेटी में रखियो +भोला भोला का बात बनायो +भोला का सगाई जुड़ायो +ओ समदी काये रासेना आयो +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"अंगिका फेकड़ा +अट्टापट्टा नुनु केॅ सात बेटा +राजा , पाता , सीत , वसन्त , कुतवा +अड़गड़ मारो बड़गड़ जाऊँ , पानी पीये +पोखरिये जाऊँ +बबुआ कहै काँखी तर जाऊँ +ओ ना मा सी धं +गुरूजी पढ़ंग +कुइयाँ में काँटोॅ +गुरूजी नाँटोॅ । +नैहरा में कै बार गांगो +सतसत बेरी +अॅ ससुरारी मंे कै बार माँगों +एके बेरी । +उर्र बकरिया घाँस खो +चुक्का लेॅ बथान जो +चुक्का गेलौ फूटी +दूध लेलकौ लूटी । +रौदा उगोॅ गोसांय रौदा उगोॅ +तोरी बहुरिया जाड़ें मरेॅ +हमरी बहुरिया रौदा सेकेॅ । +रौदा उग रे बभना +मुरगी देबौ चखना +बिलैया देवौ कोर +काली माँय केॅ दीया बारबै +सगरे ई ंजोर । +रौदा छेकले बौध लागतौ +गोला बरद के पीज रोटी खैबे । +जाड़ा ऐल छै , पाड़ा ऐल छै +ओढ़ गुदड���ी । +बुढ़िया के दमाद ऐल छै +मार मुँगड़ी । +मामू हो मामू , डोॅर लागै छै +केकरोॅ डोॅर , बेटी केकरोॅ डोॅर ? +बाघ छै , बघिनियाँ छै +झुनझुन कटोरवा खेलै छै +सिकियो नै डोलै छै +भौजी माथा पर कमलोॅ सेनूर +भैया माथा पर कमलोॅ के फूल +उठोॅ हे भौजी पीन्होॅ पटोर +हम नै पिन्हबोॅ भंगा पटोर +आनभौं कचिया दागभौं ठोर +गुआगुआ केॅ पोछभौं लोर ।",angika-anp +"तेरा हर्या पीपल सौंपल डाली भौं पड़ै +तेरा हर्या पीपल सौंपल डाली भौं पड़ै +एक आरतड़े की मैं सार न जाणूं क्यूंकर कीज्या बटणां आरता +एक दूर देसां तै मेरी नणन्द आई आरता समझाईयां +एक डाल छोटा पेड़ मोटा कर दे सुहागण आरता +तेरे हाथ कसीदा गोद भतीजा कर दे सुहागण आरता +तेरे हाथ लोटा गोद बेटा कर दे सुहागण आरता +तेरे हाथ तोरी गोद छोरी कर दे सुहागण आरता +छोरियां ने मकर कसार बहुआं ने खाटी राबड़ी +द्योत्यां ने खेलणे , पोते हांडै रोवते +लीपै ते पोत म्हारी धीयड़ , हाग हाग दाबै म्हारी कुल बहू +छोरियो तम अपणे घर जाओ , बेल बधावै म्हारी कुल बहू",haryanvi-bgc +"तिकसा चढ़ौनी +तर नानी नानी नानरी नानी , तरी नानी नाना रे नान । +तरी नानी नानी नानरी , तरी नानी नाना रे नान । +दैया दैया अंगरियाअंगरी चढ़ जारे , +तिकसा दबरीना सिल चढ़ही जाय । दाई 2 +घुटवानाघुटवा चढ़ जा रे । +तिकसा जंगहियाना सिल चढ़ही जाय । दाई 2 +कहि ना –छतिया चढ़ जा रे , +तिकसा माथे मा सिल चढ़ही जाय । दाई 2 +छतिया ना – छतिया चढ़ जा रे , +तिकसा माथे मा सिल चढ़ही जाय । दाई 2 +कहाँ है तिकसा टोरे जनामन , +कहाँ टोरे थान दाई । दाई 2 +कोयल काछोरे टोरे जनामन , +सिल समदूर है टोरे थान दाई । दाई 2 +शब्दार्थ –सिलचढ़हीअच्छी तरह से लग जा , घुटवाना घुटने , कनिहाकमर , जंगहियानाजाँघों पर , जनामनजन्म , थानस्थान , कोयली कछारबहुत दूर । +तिकसा चढ़ौनी दूल्हादुल्हन को तिकसा लगाने का गीत है । इस गीत में सहेली सुआसिन महिलाएँ सामूहिक रूप से गीत गाते हुए अंगों के नाम लेलेकर उन अंगों आर हल्दी लगाती हैं । +ऐ तिकसा सबसे पहले तू दुल्हन के पैर की ऊंगलियों पर चढ़ जा । फिर पैर पर , घुटनों पर , फिर जाँघों पर , फिर कमर के हिस्सों पर , फिर छाती पर , इसके पश्चात माथे पर चढ़ जा । इस प्रकार एकएक अंग पर तिकसा सुवासिनों द्वारा लगाया जा रहा है । +एक सुवासिन पूछती है – ऐ हल्दी तुम्हारा जन्म कहाँ हुआ है । तुम्हारा जन्म कहाँ है ? दूसरी सुवासिन गाती है – अरी सहेली हल्दी का जन्म कोयली कछार में हुआ है , उसका ज��्म स्थान समुद्र के पार दूर देश में है ।",baiga-mis +"आ मिल यार +आर मिल यार सार लै मेरी , +मेरी जान दुःखाँ ने घेरी । +अन्दर ख्वाब विछोड़ा होया , +खबर ना पैंदी तेरी । +आर मिल यार सार लै मेरी । +सुं´े बन विच्च लुट्टी साइआँ , +सूर पंगल1 ने घेरी । +आर मिल यार सार लै मेरी । +मुल्लाँ जज़ी सानूँ राह बतावण , +देण भरम दे फेरी । +एह ताँ ठग्ग जगत दे , +जिह लावण जाल चुफेरी । +आर मिल यार सार लै मेरी । +करम शरा दे धरम बतावण , +संगल पावण पैंरी । +ज़ात मज़हब एह इशक ना पुच्छदा , +इशक शरा दा वैरी । +नदिओं पार मुल्क सज्जण दा , +लहवो2 लअब3 ने घेरी । +आर मिल यार सार लै मेरी । +सतगुर बेड़ी फड़ी खलोती , +तैं क्यों लाई आ देरी ? +बुल्ले शाह सहु तैनूँ मिलसी , +दिल नूँ देह दलेरी । +आ मिल यार सार लै मेरी । +प्रीतम पास ते टोलणा किसनूँ , +भुल्ल ग्यों सिखर दुपहरी । +आ मिल यार सार लै मेरी । +मेरी जान दुःखाँ ने घेरी ।",panjabi-pan +"कुवां पाणी कसी जाऊँ रे नजर लगी जाय +कुवां पाणी कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । +नजर लगी जाय , हवा लगी जाय । । +म्हारा साहेबजी का बाग घणा छे , +फुलड़ा तोड़णऽ कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । +म्हारा साहेबजी का कुवां घणा छे , +पाणी भरणऽ कसी जाऊँ रे , नजर लगी जाय । +नजर लगी जाय , हवा लगी जाय । ।",nimadi-noe +"नइहर वाली लाड़ो बलवा अपन सँवार +नइहर वाली लाड़ो बलवा अपन सँवार । +माँगो का टीका और सोभे मोतिया । +हाँ जी लाड़ो , बलवा अपन सँवार ॥ 1 ॥ +अम्माँ प्यारी लाड़ो , बलवा अपन सँवार । +सहानी1 लाड़ो बलवा अपन सँवार ॥ 2 ॥ +नाकों में बेसर और सोभे चुनिया2 । +हाँ री लाड़ो , बलवा अपन सँवार । +भोली लाड़ो बलवा अपन सँवार ॥ 3 ॥ +कानांे में झुमका और सोभे बलिया3 । +हाँ री लाड़ो , बलवा अपन सँवार ॥ 4 ॥ +जानो का सूहा4 और सोभे छापा5 । +हाँ जी लाड़ो , बलवा अपन सँवार ॥ 5 ॥",magahi-mag +"हाथों जरी का रूमाल बन्ना री मेरा मेवा ल्याया +हाथों जरी का रूमाल बन्ना री मेरा मेवा ल्याया +आया तो आया बन्ना नीलगरनी की गलियां +नीलगरनी हुई कुरबान बन्ना मेरी साड़ी ल्याया +बन्ना री . । । +आया तो आया बन्ना मोची की गलियां +मोचन हुई कुरबान बन्ना मेरा जूता ल्याया +बन्ना री . । । +आया तो आया बन्ना दरजी की गलियां +दरजन हुई कुरबान बन्ना मेरा जोड़ा ल्याया +बन्ना री . । । +आया तो आया बन्ना सुसरे के अंगना +सासू हुई कुरबान बन्ना मेरा ब्यावहन आया +बन्ना री . । । +आया तो आया बन्ना चौरी डिग बैठा +बन्नो हुई कुरबान बन्ना मेरा सुन्दर आया । +बन्ना री . । । +आया तो आया ��न्ना सलोक सुनाने आया +सब ही हुए कुरबान बन्ना मेरा पंडित आया +बन्ना री . । ।",haryanvi-bgc +"कँगना भी बदलूँ, पहुँची भी बदलूँ +कँगना भी बदलूँ , पहुँची भी बदलूँ , पिया बदल कोई लेवे । +चदरिया न बदलूँ हमर1 हरिअर2 चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 1 ॥ +झाँझ भी बदलूँ , लरछा3 भी बदलूँ , पिया बदल कोई लेवे +चदरिया न बदलूँ , हमर हरिअर चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 2 ॥ +कंठा भी बदलूँ , हयकल4 पिया बदल कोई लेवे । +चदरिया न बदलूँ , हमर हरिअर चद्दर बुटेदार , चदरिया न बदलूँ ॥ 3 ॥",magahi-mag +"आ गई रे बरसात सुहानी +आ गई रे बरसात सुहानी +चारऊ ओर भई हरियाली , +धरती ने पहिरी चूनर धानी । आ गई . . . +झूला पड़ गओ डालीडाली +आम पे बोले कोयल रानी । आ गई . . . +रिमझिमरिमझिम मेहा बरसे , +ताल तलैयन भर गयो पानी । आ गई . . . +दादुर मोर पपीहा बोलो , +कैसी प्यारी ऋतु ये लुभानी । आ गई . . .",bundeli-bns +"पिताजी काहे को (बिदाई गीत) +पिताजी काहे को ब्याही परदेस… +हम तो पिताजी थारे झाम्बे की चिड़िया +डळा मारै उड़ जाएँ , +काहे को ब्याही परदेस… +हम तो पिताजी थारे खूँटे की गउँवाँ +जिधर हाँको हँक जाएँ , +काहे को ब्याही परदेस… +हम तो पिताजी थारे कमरे ईंटें , +जिधर चिणों चिण जाएँ , +काहे को ब्याही परदेस…",khadi_boli-mis +"रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री +रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री +री जच्चा राणी सोच मत करणा +दाईये बुलावैगा जेठ तुम्हारा +री जच्चा राणी फिकर मत करणा +दीवला बालेगी सास तुम्हारी +री जच्चा राणी सोच मत करना +पीलंग बिछावैगी जेठाणी तुम्हारी +री जच्चा राणी सोच मत करना +थाल बजावैगी दुराणी तुम्हारी +री जच्चा राणी सोच मत करना +चूची धुवावैगी नणन्द तुम्हारी +री जच्चा राणी सोच मत करना +सथिये लगावैगी बामणी तुम्हारी +री जच्चा राणी सोच मत करना +होम करावैगा ससुरा तुम्हारा +री जच्चा राणी सोच मत करना",haryanvi-bgc +"237 +साडी खैर है चाहुंदे खैर तेरी फेर लिखो हकीकतां सारियां जी +पाक रब्ब ते पीर दी मेहर बाझों कौन कटे मुसीबतां भारियां जी +मौजू चैधरी दा पुत चाक होके चूचक सयाल दीयां खोलयां1 चारियां जी +दगा देके आप चढ़ जान डोली चंचल हारियां एह कुआरियां जी +सप रसियां दे करन मार मंतर तारे देंदियां जे हेठ खारियां जी , +पेके जटां नूं मार फकीर करके लैण सौहरे जा घुमकारियां जी +आप नाल सुहाग दे जो रहन पिछे ला जावन पिचकारियां जी +सरदारां दयां पुतरां चाक करके आप मलदियां जा सरदारियां जी +वारस शाह ना हारदियां असां कोलौं रा��े भोज थीं एहना हारियां जी",panjabi-pan +"जरमन ने गोला मार्‌या +जरमन ने गोला मार्या +जा फूट्या अम्बर में +गारद में सिपाही भाजे +रोटी छोड़ गए लंगर में +उन बीरां का के जीणा +जिन के बालम छः नम्बर में",haryanvi-bgc +"हरी ए झंजीरी मनरा न पहरूं +हरी ए झंजीरी मनरा न पहरूं +मनरा हरा ए म्हारा राजा जी का बाग , सुलतानी जी का बाग +मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का +काली ए झंजीरी मनरा न पहरूं +मनरा काला ए म्हारा राजा जी का सिर , सुलतानी जी का सिर +मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का +धोली ए झंजीरी मनरा न पहरूं +मनरा धोला ए म्हारा राजा जी का दांत , सुलतानी जी का दांत +मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का +पीली झंजीरी ए मनरा न पहरूं +मनरा पीला ए म्हारा राजा जी का कापड़ा , सुलतानी जी का कापड़ा +मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का +सरबै झंजीरी ए मनरा मैं पहरूं +यो मेरा राजा जी का सर्व सुहाग , सुलतानी जी का सर्व सुहाग +मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का",haryanvi-bgc +"416 +जे तूं पोल कढावना नहीं आह ठूठा फकर दा चा भनाईए कयों +जे तैं कुआरियां यार हंढावना सी तां फिर मापयां कोलों छिपाईए कयों +खैर मंगीए ते भन्न देन कासा1 असीं आखदे मुंहों शरमाईए कयों +भरजाइयां नूं मेहना चाक दा सी यारी नाल बलोचदे लाईए कयों +बोती हो बलोचां दे हथ आईए जढ़ कुआर दी चा भनाईए कयों +वारस शाह जां आकबत2 खाक होना एथे अपनी शान वधाईए कयों",panjabi-pan +"दादा लखिया की बदशाही +दादा लखिया1 की बदशाही , सहानी2 लाड़ो3 के मेहँदी रचाई ॥ 1 ॥ +नाना लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी लगाई ॥ 2 ॥ +बाबा लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई ॥ 3 ॥ +चाचा लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई । +भइया लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई ॥ 4 ॥",magahi-mag +"प्रेम विवश भगवान शबरी घर आये +प्रेम विवश भगवान शबरी घर आये , +लम्बेलम्बे झाडू शबरी डगर बटोरी , +एही डगरिया आयें , राम शबरी घर आये । प्रेम . . . +कुश की चटइया शबरी झाड़ बिछाई , +आशन लगाये भगवान , शबरी घर आये । प्रेम . . . +काठ कठिवता शबरी जल भर ल्याई , +चरण पखारूँ मैं भगवान , शबरी घर आये । प्रेम . . . +मीठीमीठी बेर शबरी दौना भर ल्याई , +भोग लगावे भगवान , शबरी घर आये । प्रेम . . . +तुलसीदास आस रघुबर की , +शिव री बैकुण्ठ पठाये , शबरी घर आये । प्रेम . . .",bundeli-bns +"567 +हीर खोह खेड़े चले वाहो दाही रांझा रहया मुंह कज हैरान यारो +उजड़ जाए कि निघरे गरक होवेवेहल दए ना जिमी असमान यारो +खेप मारिए खेतड़ी सणें बोहल हक अमलियां दे रूड़हे जान यारो +डेरां वेख के मीर शिकार रोवन हथो जिन्हां दिओं बाज उडजान यारो +उन्हां होश ते अकल रहिंदी सिरीं जिनहांद पैन व दान यारो +हीर लाह के घुंड हैरान होई सती चिखा दे विच मैदान यारो +तिख दिदड़ा वांग महांसती1 दे मल खड़ी सी इशक मैदान यारो +चुप मिसल है बोलनों रही जटी दिनां रूह दे जिवे इनसान यारो +विच ओढने सहम दे नाल छपी जिवे विच किरबान कमान यारो +वारस शाह दोवें परेशान होए जिवे फड़े लाहौल शैतान यारो",panjabi-pan +"अंगिका बुझौवल +तर खमेरी ऊपर झण्डा +जेकरोॅ पात सहस्सर खण्डा । +ओल +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में मकइया +फरै में लदबद , खाय में मिठैइया । +पानी के सिंघाड़ा +चलोॅ पाँचो भाय पाण्डव चरका पथलोॅ के पार करी दीहोॅ । +अंगुरीदाँत +एक मुट्ठी नारोॅ +सौंसे घरोॅ छारोॅ । +सिन्दूर +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी , बीच में सड़कवा +फरेॅ लागलै काली माय , छोड़ी देलकै बन्दूकवा । +सलाम +चार कबूतर चार रंग +भाड़ी में ढूकेॅ एके रंग । +पान +हेती टा चुकड़ी में तीन बचवा +किरीन के धाव लागल उड़ बचवा । +अंडी +इती टा भालमियाँ +हेत्तेॅ ठो पुछड़ी +सूई +आँखीतर गुजुरगुजुर +गुजुर तर फें फें +फें फें तर फदर फदर +सुनेॅ तेॅ कें कें +आँख , नाक , मुख , कान +एक महल में दू दरवाजा +ऐलै लटकन मारोॅ पटकन +नाक +बाप रे बाप +ऊपर से गिरलै बड़का चाप +घोॅर भागलै दुआर दै केॅ +हम्में कोन दै केॅ भागवै रे बाप +जालमछली +तोॅर टाटी ऊपर टाटी +बीच में नाचेॅ गोली पाठी +जीभ +चार कबूतर चार रंग +भाँड़ी में ढूकेॅ तेॅ एक्के रंग +पान , सुपारी , चूना , कत्था +सूतसूत पर आग बरेॅ +लेकिन सूत एक नै जरेॅ +बिजली का तार +घोटोॅ घोटोॅ डिबिया +लाल लाल बिबिया +मसूर +लाल हाथी उजरोॅ सूँढ़ +बूटकी अँकुरी +तोॅर गदगद ऊपर फेन +तेकरोॅ बेटा रतन सेन +भात",angika-anp +"तनि एक अइपन लिखलूँ हम कोहबर +तनि एक1 अइपन2 लिखलूँ हम कोहबर । 3 +ताहि पइसी4 सुतलन5 दुलहा दुलरइता दुलहा । +जबरे6 दुलहिनियाँ सुघइ7 साथे हे हरी । +लिखलूँ हम कोहबर8 मनचित लाय हे हरी ॥ 1 ॥ +एक पहर बितलइ , दोसर पहर बितलइ हे । +भे गेलइ9 फरिछ10 बिहान11 सुरुज किरिन छिटकल हे हरी ॥ 2 ॥ +दादी जे पइसी कोहबर दुलहा जगावे हे । +भे गेलो फरिछ बिहान , सुरुज किरिन छिटकल हे हरी ॥ 3 ॥ +उठि उठि जगबथि राम के सीता देइ हे । +उठूँ परभु12 भे गेलो बिहान , उठहुँ परभु कोहबर हे हरी ॥ 4 ॥ +हम तोहिं पूछूँ हे ��ीता देइ दुलहिन हे । +कइसे चिन्हलऽ13 भे गेलो बिहान , कहहु सिरी राम हे हरी ॥ 7 ॥ +भेल फरिछ परभु , कउआ14 डार बोले जी । +गउआ दुहन घर घर आवे , सुनहु मोर सामी हे हरी ॥ 6 ॥ +मोर माँगे मोतिया सभ परभु बदरंगे भेल । +एही से15 चिन्हलूँ भेल बिहान , उठहु रघुनन्नन हे हरी ॥ 7 ॥",magahi-mag +"मंगलाचार मंगलाचार बड़ा सरकार बड़ा दरबार +मंगलाचार मंगलाचार बड़ा सरकार बड़ा दरबार । +राज मुहल्ली राज मुसद्दी , जुगजुग जीवै राजाधिराज । +माराज बोलाँदा बद्रीनाथ जै जै कार जै जै कार +पूरबी पच्छिम घाट को राज बड़े , +उत्तरी दक्षिणी घाट को राज बढ़े , +बेटी बेटान को राज बढ़े नाती पूतान को राज बढ़े , +कुल का दिव्वा सब पर नेह करे , +दाता धाता गुण से भरपूर करे , +ग्यानी पंडित सदा गरीब रये , छत्री का हथ रच्छा को सस्त्र रये , +मूसा1 घाँड2 पैरावै दुलाँ3 बैठे , कागा घाँड पैरावे देस फिरे , +घुंड घुंडौ4 की दाल , कमर कमर5 को भात , +चक्खल चक्खल6 जागिर माँ , +जै सिरी7 ठाकरो जै जै कार सामन्या8 ठाकरो सामन्या सा ।",garhwali-gbm +"गांधीजी के बारे में +गांधी ने अंगरेज भजाया । +अर भारत का मान बचाया । +गंगा जल का लोट्टा । +गांधी काट गिया टोट्टा । । +जल भर्या लोट्टा चांदी का । +यू राज महात्मा गांधी का । । +देसी घी की भरी से कोल्ली । +गांधी बाब्बू की जै बोल्ली । । +भरी थाली यो चांदी की । +जय बोलो महात्मा गांधी की । । +नया जेवड़ा महं कोल्ली । +गांधी जी की जय बोल्ली । । +सेर बाजरा झोली में । +झंडा टंग रह्या पोली में । । +कोरा घड़वा नीम तले +आजादी की जोत जले ।",haryanvi-bgc +"अम्माँ बाबे दी भलिआई +अम्माँ बाबे दी भलेआई , ओह हुण कम्म असाड़े आई । +अम्माँ बाबा चोर दो राहाँ दे , पुत्तर दी वडेआई । +दाणे उत्तों गुत्त बिगुत्तीघ्ज्ञर घर पई लड़ाई । +असाँ कज्जीए तदाहींजाले , जहाँ कणक आहना टरघाई । +खाए खैराँ ते फाटीए जुम्माँ , लटी दस्तक लाई । +बुल्ला तोते मार बागाँ थीं कड्ढे , उल्लू रहण उस जाई । +अम्माँ बाबे दी भलेआई , ओह हुण कम्म असाड़े आई ।",panjabi-pan +"आई सोहाग की रात सखी +आई सोहाग की रात सखी । +माँगे1 लाड़ो के टीका सोभे , मोतिया की आई बहार । +बहार सखी , आई सोहाग की रात ॥ 1 ॥ +नाक लाड़ों के बेसर सोभे , चुनिये2 की आई बहार । +बहार सखी , आई सोहाग की रात ॥ 2 ॥ +कानो लाड़ांे के बाली3 सोभे , झुमके की आई बहार । +बहार सखी , आई सोहाग की रात ॥ 3 ॥ +गले लाड़ो के माला सोभे , हँसुली4 की आई बहार । +बहार सखी , आई सोहाग की रात ॥ 4 ॥ +जाने5 लाड़ो के सूहा6 सोभे , छापे की आई बहा��� । +बहार सखी , आई सोहाग की रात ॥ 5 ॥",magahi-mag +"बलमा घर आयो फागुन में +बलमा घर आयो फागुन में २ +जबसे पिया परदेश सिधारे , +आम लगावे बागन में , बलमा घर… +चैत मास में वन फल पाके , +आम जी पाके सावन में , बलमा घर… +गऊ को गोबर आंगन लिपायो , +आये पिया में हर्ष भई , +मंगल काज करावन में , बलमा घर… +प्रिय बिन बसन रहे सब मैले , +चोली चादर भिजावन में , बलमा घर… +भोजन पान बानये मन से , +लड्डू पेड़ा लावन में , बलमा घर… +सुन्दर तेल फुलेल लगायो , +स्योनिषश्रृंगार करावन में , बलमा घर… +बसन आभूषण साज सजाये , +लागि रही पहिरावन में , बलमा घर…",kumaoni-kfy +"लम्बी नाड़ लटकमा चोटी +लम्बी नाड़ लटकमा चोटी साफा बान्धै मेरा राजा हे +पट्ठे बाह्वै तेल रमावै सोकण तै बतलावै हे +सांझ पड़े महलों में आवै बिजली सी वे पाटे हे +उठ सवेरे चाकी झो देई कुएं में पड़न की ध्या लेई हे +पीसछाण दोघड़ धर लई हम पानी भर लावां हे +पहले तो बहू रोटी खाले फिर पानी भर लाइयो हे +तुम खावो थारा बेटा खुआओ मेरी सासू हे +दोघड़ मेली घाट में फेर चारों तरफ लखाई ए +नार गम्म गम्म कूवे मैं जान टका सी खो देई ए +सासू भी रोवै सुसरा भी रोवै बलमा नै रुधन मचा दिया हे +सासू तो मेरी ये दुख देखे मने रे पीसना दे गई रे +सुसरा तो मेरा ये दुख रोवै बालक बोहड़िया मर गई रे +बलमा तो मेरा ये दुख रोवै मेरी बैटरी बुझ गई रे",haryanvi-bgc +"आयो महीनो भादों को +आयो महीनो भादों को । +मन समझादूं1 बौत2 । +या मिली जादों स्वामी जी +या प्रभु देदो मौत ।",garhwali-gbm +"गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया +गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया1 मोतिया उपजायब हे । +गंगा रे जमुनवाँ के रेतिया , सोनवाँ उपजायब हे ॥ 1 ॥ +जब मैं जनतों कवन बरूआ , तुहूँ पंडित होयबऽ हे । +तुहूँ बराम्हन होयबऽ हे । +कंचन थाल भराइ के , सोनवाँ भीखी2 देयब3 हे । +मोतिया भीखी देयब हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"हम तोंही पूछही दुलारी धनी, अउरो अलारी धनी हे +हम तोंही पूछही दुलारी धनी , अउरो अलारी1 धनी हे । +ललना , कउन कउन रँग तोरा भाबे , त कहिके सुनाबहु हे ॥ 1 ॥ +अमवा जे फरलइ2 घउद3 सूर्य , इमली झबद4 सयँ हे । +परभु जी , नरियर फरले बहुत सूर्य , ओही मोरा मन भावे हे ॥ 2 ॥ +हम तोंही पूछही दुलारी धनी , अउरो अलारी धनी हे । +कउन तोरा अभरन भावे , से कही के सुनाबहु हे ॥ 3 ॥ +साड़ी मोरा भाव हे कम त , ललसवा5 कुसुम रँग चूनर हे । +ललना , चोली मन भावे हे साटन फूल , आउ6 जे नई भावे हे ॥ 4 ॥ +हम तोंही पूछही अलारी धनी , अउरो दुलारी धनी हे । +ललना , कउन रंग सेजिया तो भावए , कहि ���े सुनाबहु हे ॥ 5 ॥ +सोनन7 के चारो पउआ , 8 रेसम लागल डोरिये हे । +पिया , मन भाव हे रंगल सेजिया , होरिला बिनु नहीं सोभे हे ॥ 6 ॥ +ओते9 सुतूँ , 10 ओते सुतूँ राजा बेटा , अउरो साहेब बेटा हे । +ललना , बड़ा रे जतन के होरिलबा , पसेना चुए लागल हे ॥ 7 ॥ +चुए देहु , 11 चुए देहु पसेनवाँ , से कुरता सियायब हे ॥ 8 ॥ +कहाँ से दरजी बोलायब , कहाँ रे कलीगर12 हे । +ललना , कइसन कुरता सिलायब , बाबू पहिरायब हे ॥ 9 ॥ +पटना से दरजी बोलायब , गाया13 के कलीगर हे । +ललना , हरियर कुरता सिलायब , बाबू पहिरायब हे ॥ 10 ॥",magahi-mag +"फाग गीत +एक तो खाती रा बेटा , म्हारो काम करजे रे । +भाएलो परणीजे तोरण हकड़ो घड़े जे रे । +लीला डांडा रो । +हाँ रे लीला डांडा रो मोर ने पपीहा वाळो रे , +लीला डांडा रो । +एक लड़की सुतार के पुत्र से आग्रह करती है कि एक काम मेरा करना , मेरा प्रेमी ब्याह करने जा रहा है , उसके लिये हरी लकड़ी का छोटा तोरण घड़ना और उस पर मोरपपीहे घड़कर लगाना ।",bhili-bhb +"झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री +झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री +आं री कोए संग सुहेली च्यार +झूलण जांगी ए मां मेरी बाग में री +कोए पंदरां की मां मेरी कोए बीस की री +आं री को संग सुहेली च्यार +झूलण जंगी ए मां मेरी बाग में री +कोए गोरी ए मां मेरी कोए सांवरी री +आं री कोए संग की सहेली च्यार +झूलन जांगी हे मां मेरी बाग में री",haryanvi-bgc +"विवाह गीत +हांव ते काठी विछण गयली व झारी वणझारी । +हांव ते काठी विछण गयली व झारी वणझारी । +काला विछु ने चढकायो व झारी वणझारी । +काला विछु ने पटकायो व झारी वणझारी । +मिं ते काठी विछण गयली व कालो विछु ने चटकायो । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो जेठ उतारे मारी जेठाणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो देवर उतारे मारी देवराणी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो सेसरो उतारे मारी सासूजी कुरकाय व झारी वणझारी । +मारो सेसरो उतारे मारी सासूजी कुरकाय व झारी वणझारी । +मायो सायबो उतारे विछु सेड़ो सेड़ो उतरे व झारी वणझारी । +मायो सायबो उतारे विछु सेड़ो सेड़ो उतरे व झारी वणझारी । +मिं ते काठी विछण गयली , काला विछु ने चटकायो व झारी वणझारी ॥ +मैं तो काठी चुनने को गई थी । काले बिच्छू ने काटा । मेरा जेठ उतारे , मेरी जेठानी नाराज होती है । मेरा देवर उतारे , मेरी देवरानी नाराज होती है । मेरे ससुर उतारे , मेरी सास नाराज होती है । मेरे स्वामी उतारते हैं , तो बिच्छू सरसर उतरता है ।",bhili-bhb +"रँगीला टोना दुलहे को लगेगा +रँगीला टोना दुलहे को लगेगा , छबीलाटोना दुलहे को लगेगा । +यह रे टोना दादी बीबी करेंगी , यह रँगीला टोना , सेहरे1 में लगेगा ॥ 1 ॥ +यह रे टोना नानी बीबी करेंगी , रँगीला टोना जोड़े2 में लगेगा । +छबीला टोना दुलहे को लगेगा ॥ 2 ॥ +यह रे टोना अम्माँ बीबी करंेगी , रँगीला टोना बीड़े3 में लगेगा । +छबीला टोना दुलहे को लगेगा ॥ 3 ॥ +यह रे टोना भाभी बीबी करेंगी , रँगीला टोना मोंढ़े4 में लगेगा । +छबीला टोना पलकों में लगेगा , रिझौना5 रिझौना टोना , दुलह को लगेगा ॥ 4 ॥",magahi-mag +"98 +रांझा सुट खूंडी उतों लाह भूरा छड चलिया सभ मंगवाड़े मियां +जेहा चोर नूं खुरे दा खड़क पहुंचे छड जावंदा सन्न दा पाड़ मियां +दिल चाया देस ते मुलक उतों उहदे भा दा बोलया हाड़1 मियां +तेरियां कटियां कटदे मिलन सभे खड़े खोलियां नूं कोई धाड़ मियां +तेरी धी नूं असीं की जानदे हां तैनूं आवंदी नजर देहाड़ मियां +मैंनूं महीं दी कुझ परवाह नाहीं नढी पई सी एस रिहाड़ मियां +मंगू मगर मेरे हथों आंवदा ए महीं अपनियां महर जो ताड़ मियां +घुट बहें चराई तै मइयां दी सही कीता ई कोई कराड़ मियां +मझीं चारदयां नूं होए बरस बारां अज उठयो अंदरों साड़ मियां +बही खतरी दी रही खतरी थे लेखा गया है होए पहाड़ मियां +तेरी धी रही तेरे घर बैठी झाड़ा मुफत दा लया ई झाड़ मियां +हट भ्रे भकुन्ने नूं सांभ लया कढ छडयो नंग कराड़ मियां +वारस शाह अगे पूरी नाह पइयां पिछों आया सैं पड़तने पाड़ मियां",panjabi-pan +"210 +काज़ी आखदा एह जो रोड़ पका हीर झगड़यां नाल ना हारदी ए +ल्याओ पढ़ो नकाह मूंह बन्न इसदा मता कोई फसाद गुजारदी ए +छड मसजदां डेरियां विच वढ़दी छड बकरियां सूरियां चारदी ए +वारस शाह मधानिएं हीर जटी इशक दहींदा घिउ नितारदी ए",panjabi-pan +"गंगा असननियाँ चललन दुलरइता दुलहा हे +बाबा फुलवरिया लवँग1 केर गछिया , अरे दह2 । +जुहिया फुलल कचनरिया , अरे दह ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल आवइ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । +कते3 दूर हइ4 ससुररिया , अरे दह । +कइसन हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 2 ॥ +धीरेबोलूँ , धीरे बोलूँ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । +नजिके5 बसहइ6 ससुररिया , अरे दह । +काँच7 कली हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 3 ॥",magahi-mag +"बाना गीत +बाना तने हाताना भोरी लाँ दलड़ा लाग्या रेऽऽऽ +हजारी बालक बनेड़ा बाना तने बानो कुकके वालो । +काई वतणवारे हजारी बालक बनेड़ा +बाना तने बानो कुकके वाले । +हाथाना भोरी लाद लड़े लाग्यानो रे +हजारी बालक बनेड़ो । +बानाजी तमने केड़ा ना कन्दौरा दले लाग्या रेऽऽऽ +हजारी बालक बनेड़ा . . . । +स्रोत व्यक्तिमांगीलाल सोलंकी +दूल्हे तेरे हाथ में मेरी भँवरी दुल्हन है । उससे तेरा मन मिल गया है । तू तो हजारों में एक है । तुझे अब हम क्या बतलायें ? तेरे से मेरी दुल्हन का दिल लग गया है । तेरे कमर का कन्दौरा भी उसे पसन्द आ गया है । उस पर भी उसका दिल आ गया है ।",bhili-bhb +"250 +एस जोग दे वाइदे बहुत औखे नाद अलेख ते सुन्न वजावना ओए +ताड़ी1 लाइके नाथ वल ध्यान धरना दसवे दुआर सवास चढ़ावना ओए +जन्मे आय दा हरख2 ते सोग छडे नही मोयां गयां पछोतावना ओए +नाम फकर दा बहुत असान लैना खरा कठन है जोग कमावना ओए +धो धाए के जटा नूं धूप देना सदा अंग भबूत रमावना ओए +उदयान3 बासी जती सती जोगी झात स्त्री ते नाहीं पावना ओए +लख खूबसूरत परी हूर होवे जरा जीउड़ा नहीं भरमावना ओए +कंद मूल ते पोसत अफीम बचा नशा खाइके मसत हो जावना ओए +जग खाब खयाल दी बात जानी हो कमलयां होश भुलावना ओए +काम क्रोध ते लोभ हंकार मारन जोगी खाक दर खाक4 हो जावना ओए +मेले साधां दे खेलीभा देश पछम नवां नाथां दा दरशन पावना ओए +घत मुंदरां जंगलां विच रहना बिन किंग5 ते संख वजावना ओए +रन्नां घूरदा गांवदा फिरे वहशी तैथों औखड़ा जोग कमावना ओए +वारस जोग है कम नरासयां दा तुसां हक दाराह बतावना ओए",panjabi-pan +"काँकर उप्पर काँकरी (भात का गीत) +काँकर ऊपर काँकरी , मेरी मैया रे जाए +मैं थारै आई पावहणी +जो मेरा रखोगे मान रे , मेरी मैया रे जाए +मान राखैगी तेरी मायड़ी +जिसकी तू लाडो धीयड़ रे +मायों के राखै न रहै +बीरणों की लम्बी पंसाल रे , मेरी मैया रे जाए +जिब हम घर के नित छोटे +जिब क्यूं नी करा था बुहार , मेरी मैया री जाए +इब तुम घर के लखपति +इब हमनै कर्या बुहार रे राम , मेरी मैया रे जा +फलसे का गाड्डा बेच कै , मेरी मैया रे जाए +तौं मेरे मँढ़ा चढ़ आइ रे +फलसे का गाड्डा ना बिकै , मेरी मैया री जाइ +फलसे की सोभा जाइ रे राम +खूँटे की भुरिया बेच कै मेरी मैया रे जाए +तौं मेरे मँढा चढ़ आवै +खूँटे की भुरिया ना बिकै +खूंटे की सोभा जाइ रे , मेरी मैया री जाए +भावज का हँसला बेचकै +तौं मेरे मँढा चढ़ आवै तौं मेरे मँढा चढ़ आवै +भावज का हँसला ना बिकै +हँसला तो बहू के बाप का , मेरी मैया री जाए",khadi_boli-mis +"सारी चोर-बोर कर डारी +सारी चोरबोर कर डारी , +कर डारी गिरधारी । +गिरधारी पकरन के काजैं । +जुर आईं ब्रजनारी । +नारी भेस करौ मोहन कौ । +पैराई तन सारी । +सारी पैर नार भए मोहन , +नाचें दैदै तारी +तारी लगा ग्वाल सब हँस रय +ईसुर कयँ बलहारी ।",bundeli-bns +"ऐसी बोलो कौनऊँ बानी +ऐसी बोलो कौनऊँ बानी । +ना काऊ की जानीं । +सगुन मैं होय , ना निर्गुन में । +नाहिं बेदन में धानी । +ना आकासैं नंपातालैं , +नई देवतन जानी । +ना भूतन में ना प्रेतन में , +ना जल जीब बखानी +कयें ईसुरी जोड़ मिला दो । +जब जानैं हम ज्ञानीं ।",bundeli-bns +"93 +माए रब्ब ने चाक घर घलया सी तेरे होननसीब जे धुरों चंगे +एहो जेहे जे आदमी हथ आवण सारा मुलक ही रब्ब तों दुआ मंगे +जेहड़े रब्ब कीते कम होए रहे सानूं मांउ कयों गैब दे दें पंगे +कुल सयानयां मुलक नूं मत दिती तेग मेहरियां1 इशक ना करो नंगे +नांह छेड़िये रब्ब दयां पूरयां नूं जिनंहां कपड़े खाक दे विच रंगे +जिन्हां इशक दे मामले सिरीं चाये वारस शाह ना किसे तों रहन संगे",panjabi-pan +"हे इयां माय हाँ हे बा ऐनी कोनजई पराय डो माय +हे इयां माय हाँ हे बा ऐनी कोनजई पराय डो माय +हे इयां माय हाँ हे बा ऐनी कोनजई पराय डो माय +हाँ हे इयां माय हाँ , ऐनी कोनजई चोज गेटी +हाँ हे इयां माय हाँ , ऐनी कोनजई चोज गेटी +डाके माय हाँ , ये इयां बा हाँ , इनी कोनजई चूज गेटी +डाके माय हाँ , ये इयां बा हाँ , इनी कोनजई चूज गेटी +डाके बा हाँ , ये इयां बा हाँ , ये इयां डाई डो डाई +डाके बा हाँ , ये इयां बा हाँ , ये इयां डाई डो डाई +इनी बोकोजई , टियांटेन का आमा बोकोजई ढाने डाई हाँ +इनी बोकोजई , टियांटेन का आमा बोकोजई ढाने डाई हाँ +स्रोत व्यक्ति परसराम , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"ऊंचा डाना बटि, बाटा-घाटा बटि +ऊंचा डाना बटि , बाटाघाटा बटि , +ऊंचा ढूंगा बटि , सौवा बोटा बटि , +आज ऊंणे छे आवाज , +म्यर पहाड़ , म्यर पहाड़ । +ऊंचा पहाड़ को देखो , डाना हिमाला को देखो , +और देखि लियो , बदरीकेदार +म्यर पहाड़ +यांको ठंडो छू पांणि , नौवाछैया कि निशानी , +ठंडीठंडी चली छे बयार +म्यर पहाड़ +जयजय गंगोतरी , जयजय यमनोतरी , +जयजय हो तेरी हरिद्वार +म्यर पहाड़ +तुतरी रणसिंहा तू सुण +दमुआ नंगारा तू सुण +आज सुणिलै तू हुड़के की थाप +म्यर पहाड़ , म्यर पहाड़",kumaoni-kfy +"बना-बननी +मीना जडी बिंदी लेता आवजो जी , बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी । +आवजो आवजो आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी । +माथ सारु बीदी लाव्जो माथ सारु टीको , +माथ सारु झूमर लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी । +गल सारु हार लाव्जो गल सारु नेकलेस , +गल सारु पेंडिल लेत�� आवजो जी , बना पैली पेसेंजेर सी आवजो जी । +हाथ सारु चूड़ी लाव्जो हाथ सारू कंगन , +हाथ सारु बाजूबंद लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजेर सी आवजो जी +पांय सारु चम्पक लाव्जो , पांय सारु बिछिया , +पांय सारु मेहँदी लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी । +अंग सारु साडी लाव्जो , अंग सारु पैठनी , +अंग सारु चुनार्ड लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी । +आवजो आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी ।",nimadi-noe +"गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा +गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा , +सोने के कलसे में । +मैं बी तेरे संग चलूंगी , +गांधी के जलसे में",haryanvi-bgc +"128 +अम्मां चाक बेले असीं पींघ झूटां कहे गैब दे तोतने बोलनी एं +गंदा बहुत मलूक मुंह झूठड़े दा ऐडा झूठ दहाड़ क्यों तोलनी एं +शोलह नाल गुलाब दे त्यार कीता विच पयाज क्यों झूठ दा घोलनी एं +गदों किसे दी नहीं चुरा आंदी दानी होइके गैब1 क्यों तोलनी एं +अन सुणदियां नूं चा सुणाया ई मोए नाग वांगूं विस घोलनी एं +वारस शाह गुनाह की असां कीता ऐडे गैब दे कूड़ क्यों फोलनी एं",panjabi-pan +"पितर नेवतौनी +ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि । +ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि । +इसी तरह ठाकुर बाबा , सुरुज , खिरलिच , काली , दुर्गा , चन्द्रमा , अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ोंमकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है । +दुआरी छेंकौनी गीत +छोड़ींछोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे +मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे । +अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे +कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे +तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे । +दुल्हे का उत्तर +अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे +काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे । +काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे ।",bhojpuri-bho +"ओहो चणे वाले रे गलियों में आ के सोर किआ +ओहो चणे वाले रे गलियों में आ के सोर किआ +बाबा बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है +दादी बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है +चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ +आहो चणे वाले रे . . . +बापू बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है +अम्मा बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है +चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ +आहो चणे वाले रे . . . +ताऊ बन्ने का बड़ा कमाऊ , भर भर थैली लाता है +ताई बन्ने की बड़ी चटोरी , भर भर डोने खाती है +चाटा पत्ता फेंक दिया रे , गलियों में आ के सोर किआ +आहो चणे वाले रे . . .",haryanvi-bgc +"कैसे चीर बड़ायो प्रभू ने +कैसे चीर बड़ायो प्रभू ने , +सभी देख बिसमायो +१ कौरव पांडव मिल आपस में , +जुवा को खेल रचायो +डाल कपट का पासा सकुनी न +पांडव राज हरायो . . . +प्रभू ने . . . +२ द्रुपद सुता को बीच सभा में , +नगन करण को लायो +पकड़ केश वो खईचण लाग्यो +तुम बिन किनको सहारो . . . +प्रभू ने . . . +३ दुःशासन ने पकड़ केश से , +चीर बदन से हटायो +खैचतखैचत अन्त नी आयो +अम्बर ढेर लगायो . . . +प्रभू ने . . . +४ भीष्म द्रोण दुर्योधन राजा , +मन मे सब सरमाये +पालन करता हरी की शरण में +तिनको कौन दुखाये . . . +प्रभू ने . . .",nimadi-noe +"नीकौ नई रजऊ मन लगवौ +नीकौ नई रजऊ मन लगवौ , +एइ सें करत हटकवौ । +मन लागौ लगजात जनम खाँ , +रौमंई रौंम कसकवौ । +सुनतीं , तुमे सऔ ना जै हैं , +सब सब रातन जगवौ । +कछु दिनन में होत कछु मन +लगन लगत लै भगवौ । +ईसुर जे आसान नहीं है +प्रान पराये हरवौ ।",bundeli-bns +"उतरहि दिस से नैया एक आयल हे +उतरहि दिस से नैया एक आयल हेऽ +हिंगुर रंगल दुनू मांगि हेऽ +नैयो नै छियै बनिजरबो नै छियै हेऽ +बिनु रे खेबैया नैया आबै हेऽ +कहाँ गेलऽ किया भेलऽ रैया रनपाल हो +जल्दी से देहु नैया कात लगाय हो +किए तहूँ छिही गे बुढ़िया +दैतनी जे भूतनी गे +निसिभाग राति पाड़ै छै हाक गे +नहि हम छिये बेरीबरबा +दैतनी जे भूतनी रे +नहि हम भूतनी पिसाचनी रे +जाति के जे छिकियै बैरीबरबा +बराहमन कुल बेटिया रे +लोक कहै छै कोसिका कुमारि रे +जब तहूँ पुछले बेरीबरवा जातिया ठेकान रे +कहि दहि अपनो नाम ठेकान रे +जाति के छियै माय कोसिका +जाति के मलाह गे +मायबाप रखलक माय कोसिका +कोहला दे देव नाम गे +पहिलुक पूजा कोहला देव , +तोहरे देबअ हो +चलऽ कोहला देव हमर साथ हो +माय हमर आन्हरि कोसिका +बाप काया कोढ़ि गे +हमे कौना जइबौ संग साथ गे +माय के आँखि देबौ , +बाप के काया देबौ बनाय हो +चलू कोहला वीर हमर संग साथ हो +गोड़ तोरा लागै छी माय कोसिका +दुह कर जोड़ि हे +विपत्ति बेरिया होहु ने सहाय हे ।",angika-anp +"569 +बर वकत1 जे फजल2 दा मींह वसे बरा कौन मनावदा रूठयां नूं +लब यार दे आबहयात बाझों कौन जिंदगी बखशदा कठयां नूं +लब यार दे आबहयात बाझों कौन जिंदगी बखशदा कठयां नूं +दोवे राह फिराक दे मार लए करामात मनांवदी रूठयां नूं +आह सबर दी मार के शहर साडो बादशाह जाणे असां मुठयां नूं +बाझ सेजणां पीड़ वंडावयां दे नित कौण मनांवदा रूठयां नूं +बिनां तालयां3 नेक दे कौन मोड़े वारस शाह दे नाल आ फुटयां नूं",panjabi-pan +"बेरहिं बेरहिं तोरा बरजों कवन दुलहा +बेरहिं बेरहिं1 तोरा बरजों2 कवन दुलहा , बन बिरिदा3 जनि जाहु हे । +बन बिरिदा एक देव बरिसल4 भींजि जइहें5 चन्नन तोहार हे ॥ 1 ॥ +हाँथी भींजल , घोड़ा भींजल , भींजल लोक बरियात हे । +हँथिया उपरे भींजल कवन दुलहा , चन्नन भरले6 लिलार हे ॥ 2 ॥ +डाँड़ी भींजल , डोरी भींजल , भींजल सबजी ओहार हे । +डँड़िया भीतरे भींजल कवन सुगइ , सेनुर भरले लिलार हे ॥ 3 ॥ +झिहिर झिहिर नदिया बहतु हैं , ओहि7 में कवन सुगइ नेहाय हे । +हँथिया उपर बोलल कवन दुलहा , हरवा8 दहि मति9 जाय हे ॥ 4 ॥ +ई हरवा मोरा ऐरिन बैरिन , ई हरवा मोरा परान के अधार हे । +ई हरवा मोरा बाबा के हलइ10 ई हरवा मोरा परान के अधार हे ॥ 5 ॥ +अपन मउयिा सम्हारहु11 ए दुलहा , घामा12 लगत कुम्हलाए हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"आई गेन ॠतु बौड़ी दाईं जनो फेरो, झुमैलो +आई गेन ऋतु बौड़ी दाई जनो फेरो , झुमैलो +ऊबा देसी ऊबा जाला , ऊंदा देसी ऊंदा , झुमैलो +लम्बीलम्बी पुगड़्यों माँ र . . र . शब्द होलो , झुमैलो +गेहूँ की जौ की सारी पिंग्ली होई गैने , झुमैलो +गाला गीत वसन्ती गौं का छोरा ही छोरी , झुमैलो +डांडी काँठी गूँजी ग्येन ग्वैरू को गितूना , झुमैलो +छोटी नौनानौनी मिलि देल्यूँ फूल चढ़ाला , झुमैलो +जौं का भाई रला देला टालु की अँगूड़ी , झुमैलो +मैतु बैण्युँ कु अप्णी बोलौला चेत मैना , झुमैलो +भावार्थ +' वसन्त ऋतु लौट आई , फसल माँड़ते समय बैलों के चक्कर के समान , झुमैलो +ऊपर देश वाले ऊपर जाएंगे , नीचे देश वाले नीचे , झुमैलो +लम्बीलम्बी क्यारियों में किसानों की र . . र . ध्वनि होगी , झुमैलो +गेहूँ और जौ के सादे खेत पीले हो गए हैं , झुमैलो +वसन्ती गीत गाएंगे , गाँव के लड़केलड़कियाँ , झुमैलो +छोटीबड़ी पहाड़ियाँ गूँज उठी हैं ग्वालों के गीतों से , झुमैलो +छोटे बालकबालिकाएँ मिलकर दहलीजों पर फूल चढ़ाएंगे , झुमैलो +जिसके भाई होगा , अंगिया और ओढ़नी का उपहार देगा , झुमैला +और मायके बुलाएगा बहिन को चैत्र माह में , झुमैलो '",garhwali-gbm +"अप्पन बलेमु जी के बुझा लेबइ हे सखिया +अप्पन1 बलेमु2 जी के बुझा3 लेबइ हे सखिया । +अप्पन सइयाँ जी के समुझा लेबइ हे सखिया ॥ 1 ॥ +काहे के बाजुबन4 काहे के टिकुली हे । +काहे के नथिया झमकयबइ5 हे सखिया ॥ 2 ॥ +सोने के बाजुबन , रूपे के टिकुलिया हे । +परेम6 के नथिया झमकयबइ हे सखिया ॥ 3 ॥ +कथि के सेजिया कथि के रे झालर । +कथि के बेनिया7 डोलयबइ8 हे सखिया ॥ 4 ॥ +परेम के सेजिया , परेम के झालर । +परेम के बेनिया डोलयबइ हे सखिया ॥ 5 ॥ +सोने रूप सइयाँ मोरा ���रेम पियासल । +हम धनि परेम पियासी हे सखिया ॥ 6 ॥ +अध राति ले9 हम रँग रस बिलसली10 । +कउनी मोरा अँखिया झँपायल11 हे सखिया ॥ 7 ॥ +भारे उठि देखली सइयाँ मोरा भागल । +सइयाँ के कहाँ जाइ खोजूँ हे सखिया ॥ 8 ॥ +रने बने खोजलूँ राहे बाटे घुमलूँ । +कउन सइयाँ के बतावे हे सखिया ॥ 9 ॥ +बटिया में मिललन सतगुरु हमरा । +ओहि सइयाँ से मिलवलन हे सखिया ॥ 10 ॥",magahi-mag +"मामा रे मामा सुमुदुरा मामा +मामा रे मामा सुमुदुरा मामा +मामा रे मामा सुमुदुरा मामा +बानजा को दिये पहाड़ा देशी +बानजा को दिये पहाड़ा देशी +कोरा रे काकेजो लिखियो रे बानेजा +कोरा रे काकेजो लिखियो रे बानेजा +बानजा के दियो पहाड़ा देशी +बानजा के दियो पहाड़ा देशी +स्रोत व्यक्ति नन्हेलाल , ग्राम झल्लार",korku-kfq +"तिलकी परन तिलन सें हलकी +तिलकी परन तिलन सें हलकी , +बाँय गाल पै झलकी । +मानौ चुई चाँद के ऊपर । +बुंदकी जमना जल की । +मानों फूल गुलाब के ऊपर , +उड़ बैठन भई अलकी । +के गोविन्द गुराई दै कैं । +बैठ गये कर छलकी । +जी में लगी ईसुरी जी के , +दिल के दाब अतल की ।",bundeli-bns +"बेगी कीमड़ा खोले डो रानी +बेगी कीमड़ा खोले डो रानी +बेगी कीमड़ा खोले डो रानी +रानी डो बेगी कीमड़ा खोले +रानी डो बेगी कीमड़ा खोले +इयानी राजा ऊरान बन जा जोगी +इयानी राजा ऊरान बन जा जोगी +अरे जोगी मैं कैसी बेगी कीमड़ा खोले +अरे जोगी मैं कैसी बेगी कीमड़ा खोले +इयानी राजा ऊरान बने जा जोगी +इयानी राजा ऊरान बने जा जोगी +चोफरा टेमा बेगी कीमड़ा खोले +चोफरा टेमा बेगी कीमड़ा खोले +हाथ का झल्ला पायं का मचूरा पहचान कर वो रानी +हाथ का झल्ला पायं का मचूरा पहचान कर वो रानी +रानी डो बेगी कीमड़ा खोले +रानी डो बेगी कीमड़ा खोले +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"425 +सहती सने लौंडी1 हथ पकड़ मोहली जैंदे नाल छडें़दियां चावले नूं +गिरद आन होई वांग जोगनां देखूब फंड चाढ़ी ओस रावले नूं +खपर सेलियां तोड़के गिरद होईयां ढाह घतयो ने सोहने सावले नूं +अंदर वाड़के हीर नूं मार कुंडा बाहर कुटयो खूब लटवावले नूं +घड़ी घड़ी नालों इको मार मारी उन्हां तकयासी इस लावले नूं +वारस शाह मियां नाल मुहलयां दे ठडा कितो ने कस उतावले नूं",panjabi-pan +"26 +खबर भाइयां नूं लोकां ने जा दिती धीदो रुस1 हजारयों चलया जे +हल वाहण ओस तों होए नाहीं मार बोलियां भाबियां सलया जे +पकड़ राह तुरया हंझू नयन रोवन जिवें नदी दा नीर उछलया जे +वारस शाह दे वासते भाइयां ने अधवाटयां राह आ मलय�� जे",panjabi-pan +"279 +तूं तां चाक सयालां दा नाम धीदो छड खरच पो1 गल हंकर दे जी +महीं चूचके दीयां जदों चारदा सैं जटी मानदा सैं विच बार दे जी +तेरा मेहना हीर सयाल ताईं खबर आम सी विच संसार दे जी +नस जाह एथों मार सुटनिगे खेड़े सच ते झूठ नितारदे जी +देस खेड़यां दे जरा खबर होवे जान तखत हजारे नूं मारदे जी +भज जाह खड़े मतां लाध करनी प्यादे बन्न लै जान सरकार दे जी +मार चूर कर खटनी हड गोडे मलक गोर2 अजाब3 कहार दे जी +वारस शाह जयों गोर विच हड कड़कन गुरजा नाल आसी गुनहगार दे जी",panjabi-pan +"पड़ै बुन्दियां भरैं क्यारी समय बरसा लगे प्यारी +पड़ै बुन्दियां भरैं क्यारी समय बरसा लगे प्यारी +बनै के सीस पै मौड़ा तेरे गजरों पै मैं वारी +बने की सास साली सभी झरोखे झांकती देखीं +बना घोड़े चढ़ा जाता छवि उसकी पै सब वारीं +पड़े बुंदियां . . . +बने के अंग पर जामा तेरे सेहरे पै मैं वारी +बने के हाथ की अंगूठी तेरी घड़ियों पै मैं वारी +बने के पैर में जूता तेरी चाली पै मैं वारी +बने के संग मैं बनड़ी तेरी जोड़ी लगे प्यारी +पड़ैं बन्दियां . . .",haryanvi-bgc +"हिलाँसी +आज हिलाँसी1 बड़ी सबेरी , +कख2 से तु उड़िकी चलि आई ? +बाटु3 भुलीं या मेरा घर से , +रैबारू4 बणिकी तैं आई +औन्दी5 छै चुप कैकी औन्दी , +किलै6 सुणाई अपणी बोली ? +आज अणमणो7 छौं दिनभर मैं , +लगीं छ मन पर भारी गोली । +2 . +भुलन बैठि छौं जब सब कुछ , +मैं बिसराई खुद8 तिन बौड़ाये9 । +बच्चौं की प्यारा सजनू की +तरफ किलै सुरता10 दौड़ाये ? +बोलबोल प्यारा पहाड़ से +क्याक्या खबर अरी तू लाई ? +एकएक करिकी तैं सुणऊ +वख11 की सब बातैं मैं थाई12 । +3 . +अजौं13 रयों14 छौ कि सूखिगे +गदनौं15 को सेल्वाणी16 पाणी ? +डालीबुटली17 मौलि18 गैन क्या +कतनि19 होइने आमू की दाणी20 ? +दुफरा21 मा अब बजौन्द की ना +अलगोजा क्वी उलारु22 पराणी23 ? +ग्वैर24 गोरु माल्ही जाँदान क्या +तुमड़ों25 पर लटकैकी पाणी ? +4 . +हौर26 सुणो तू मेरा घर पर आई +छै क्या कुछ बिपता27 सी ? +म्यरी28 सैंजड्ा29 देखि होली तिन30 +छाई ह्वली जैं31 परैं उदासी । +रोज लोगु की नजर बचैकी +ह्वली बगौणी32 ज्वा33 द्वी आँसू । +जाणदू छौं म्यरी हिलाँसी +प्राण च वीं34 को भारी क्वाँसू35 । +5 . +हाल बतैकी झटपट उड़िजा , +बात बतैदे सारा घर की । +निर्दय छन यख पकड़ि लेन्दान , +ये बात होईं या भारी डर की । +उड़ जा तू अपणी डाँड्यूँ36 मा , +पे गंगा को ठंडो पाणी । +फेर37 ना ऐ38 यख ना तू बोली , +होण दे मेरो निठुरो पराणी । +6 . +यख को क्या रैबार39 ल्हि जैली , +कैदी छौं कुछ बोलि नि सक���ू । +बन्धन से ज्यादा दुनियाँ मा , +हैको40 कुछ दुख होइ नि सकदू । +ये बन्धन तोड़णू कू तैं ही , +ये सब दुख सन41 मैं सहणू छौं । +भूखप्यास गर्मीसर्दी को , +कष्ट भूलि की भी रहणू छौं । +7 . +पर जरूर तू इथगा42 बोली , +बड़ो सुखी छौं याद ना कैने । +औलो43औलो ईं आशा पर , +अपणा मन ब्यलमाई44 रैने । +घबड़ाई की कुछ नी होन्दो , +कटदी जाला यख का ये दिन । +जनु कुछ भी हँसदो रोन्दो ।",garhwali-gbm +"वर्षा का गीत +खयड़ी न बयड़ी रेलछेल पाणी , इड्ला ना घेर पर पाणी निहिं । +वारिस वो मेघ बाबा , ढुडी व ढुडी व ॥ +खयड़ी न बयड़ी रेलछेल पाणी , इड्ला ना घेर पर पाणी निहिं । +वारिस वो मेघ बाबा , ढुडी व ढुडी व ॥ +चोखा अतरी विजली , सुपड़ा अतरो बुलावो । +गाजण्यों काहाँ मरीग्यो , +वारिस वो मेघ बाबा , ढुडी व ढुडी व ॥ +टूटलास् खाटलाय पड़ी तो मांगती , पाणी दे वो पाणी दे । +नोण दे वा मीरी दे , कुयडू पान्यो काइ करि खाऊँ , +ढूडी व ढूडी व ॥ +जब फसल बोने के बाद वर्षा रुक जाती है और फसलें सूखने लगती हैं तो लोग +रात्रि में एकत्रित होकर ग्राम में निकलते हैं । प्रत्येक घर जाकर गीत गाकर अनाज , +नमक , मिर्च माँगते हैं और दूसरे दिन एकत्रित सामग्री से उज्ज्वणी मनाते हैं । उज्ज्वणी +करने से वर्षा हो जाती है यह विश्वास है । इसमें जो गीत गाया जाता है उसे ढूडी +खेलना कहते हैं । प्रत्येक घर की महिला सुपड़े में पानी लेकर ढूडी वालों पर फेंकती है । +गीत में कहा गया है +पहाड़पहाड़ियों पर खूब वर्षा हो रही है , इडला के घर पानी नहीं है । हे बादल बाबा +बरस जा । नाले सूख गये , लावातीतर प्यासे मर रहे हैं । हे बादल बरसो । बहुत +छोटी बिजली चमक रही है , सूप के समान बादल हैं । हे गरजने वाले बादल कहाँ +कर गया ? हे मेघ बाबा बरसो । +माँगती के घर के सामने जाकर गीत में कहा गया है +टूटी हुई खटिया पर माँगती पड़ी है , माँगती पानी दे । नमक दे और मिर्च दे , कोरी रोटी +किस प्रकार खाऊँ ?",bhili-bhb +"नया घर नया कोहबर नया नींद हे +नया घर नया कोहबर नया नींद हे । +नया नया जुड़ल सनेह , सोहाग के रात , दूसर नया नींद हे ॥ 1 ॥ +सासु जे पइसि जगाबए , नया नींद हे । +उठऽ बाबू , भे गेल बिहान , सोहाग के रात , दूसर नया नींद हे ॥ 2 ॥ +सासु जे अइसन बइरिनियाँ , नया नींद हे । +आधि रात बोलथिन1 बिहान , सोहाग के रात , दूसर नया नींद हे ॥ 3 ॥ +लाड़ो2 जे जाइ जगाबए , नया नींद हे । +उठऽ3 परभु , भे गेल बिहान , सोहाग के रात , दूसर नया नींद हे ॥ 4 ॥ +चेरिया जे अँगना बहारइ , नया नींद हे । +दीया4 के ब���ती धुमिल भेल , अइसे5 हम जानली बिहान । +सोहाग के रात , दूसर नया नींद हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"एक रोटी को बैल बिका +एक रोटी को बैल बिका अर पैसा बिक गया ऊंट +चौतींसा नै खोदिया भैंस गाया का बंट +चौंतीसा ने चौंतीसा मारै जिये वेश कसाई +औह मारै तकड़ी अर उस ने छुरी चलाई",haryanvi-bgc +"मिली-जुली चलहु चुमावन, सुनहु सिवसंकर हे +मिलीजुली चलहु चुमावन , सुनहु सिवसंकर हे । +आजु हुइ राम के बियाह , सुनहु सिवसंकर हे ॥ 1 ॥ +दसपाँच सखिया बारिय भोरे1 अउरो बड़ सुन्नर हे । +हाथ लेले सोने के थार2 सुनहु सिवसंकर हे ॥ 2 ॥ +चुमवल मइया कोसिला मइया , अवरो तीनों मइया हे । +आज अजोधेया में उछाह3 सुनहु सिवसंकर हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"मैं तो सोय रही सपने में +मैं तो सोय रही सपने में , मोपै रंग डारौ नन्दलाल ॥ +सपने में श्याम मेरे घर आये , ग्वाल बाल कोई संग न लाये , +पौढ़ि पलिका पै गये मेरे संग , टटोरन लागे मेरौ अंग , +दई पिचकारी भरभर रंग ॥ +दोहा पिचकारी के लगत ही मो मन उठी तरंग +जैसे मिश्री कन्द की , मानों पी लई भंग ॥ +मानो पी लई भंग , गाल मेरे कर दिये लाल गुलाल ॥ 1 ॥ +खुले सपने में मेरे भाग , कि मेरी गई तपस्या जाग , +मनाय रही हंसिहंसि फाग सुहाग । +दोहा हंसहंसि फाग मनावत , चरन पटोलत जाउँ +धन्यधन्य या रैन कू , फिर ऐसी नहिं पाउँ ॥ +फिर ऐसी नहि पाउँ , भई सपने में माला माल ॥ 2 ॥ +इतने में मेरे खुल गये नैना , देखूँ तो कछु लैन न दैना । +पड़ी पलिक पै मैं पछितात , कि मीड़त रह गई दोनों +हाथ । मन की मन में रह गई बात । +दोहा मन की मन में रह गई , है आयौ परभात । +बज्यौ फजर कौ गंजर , रहे तीन ढाक के पात ॥ +तीन ढाक के पात , रहीकंगालिन की कंगाल ॥ 3 ॥ +होरी कौ रस रसिकहि जानें , रसकूँ कूर रहा पहिचाने । +जो रस देखौ ब्रज के मांहि , सो रस तीन लोक में नांहि , +देखके ब्रह्मादिक ललचाँय ॥ +दोहा ब्रह्मादिक ललचावते , धन्यधन्य ब्रजधाम । +गोबरधन दसबिसे में , द्विजवर घासीराम ॥ +द्विजवर घासीराम , सदा ये कहैं रसीले ख्याल ॥ 4 ॥",braj-bra +"सब के वरदिया कोसीमाय +सब के वरदिया कोसीमाय +पार उतरि गेलै , +हमरो हे बरद कोसीमाय +उसरे में मझाई हे हमरो बदर । +जब हम आगे बहिना पार देवी +उतारि गे तोहरो बरद +बहिना गे हमरा के की देवे इनाम । +जब हम आहे मलहा बसबै ससुररिया , +तब छोटकी ननदी देवौ इनाम रे मलहा +छोटकी ननदिया हे कोसीमाय देवौ इनाम । +छोटकी ननदिया वहिना +हमरो हे वहिनिया हे +कैसे कोसीमाय लेबौ इनाम हे । +कोसीमाय सांचले हे यौवन +हमरो यौवन हे कोसी माय +विष के अग���रल +मलहा छुबैत मरि जेबै रे । ।",angika-anp +"पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए +पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए , +अब पीआ किस नूँ कहीए ? +हिजर1 वसल2 हम दोनों छोड़े , +अब किस के हो रहीए ? +पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए , +अब पीआ किस नूँ कहीए ? +मज़नू लाल दीवाने वाँगूं , +अब लैला हो रहीए । +पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए , +अब पीआ किस नूँ कहीए ? +बुल्ला सहु घर मेरे आए , +अब क्यों ताने सहीए ? +पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए , +अब पीआ किस नूँ कहीए ?",panjabi-pan +"नवमी गीत +१ . +हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी , +मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी । +जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी जाउयदि +मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी । +२ . +नीमिया के डाढ़ मइया गावेली हिंडोलवा कि झूलिझूलि ना । +झूलतऽ झूलतऽ मइया के लगली पिअसिया कि चलि भइली ना +मलहोरिया दुआर , मइया चलि भइली ना +सुतल बाड़े कि जागल रे मलिया +बूँद एक आहि के पनिया पिआव कि बूँद एक +कइसे में पनिया पिआईं मैया +कि बालका तोहार मोरे गोद +लेहु नाहि मालिनी बालका , सुताव सोने के खटोलवा कि बूँद एक +मोहिके पनिआ पिआव । +एक हाथ लेहली मालिन झँझरे गड़ुअवा +दोसरे हाथ सिंहासन +जइसन मालिन हमरे जुड़वलू ओहिसन पतोहिया जुड़ास , +धिअवा जुड़ास धीया बाढ़ो ससुरे , पतोह बाढ़ो नइहर +मइया केकरा के दीले असीस । +धीया बाढ़ो ससुरा , पतोह बाढ़े नइहर +३ . +मइया के दुआरे हरियर पीपर +लाल धजा फहराई ए माया +मोहिनी भवानी जगतारन माया +अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई +हमके सेनुरा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी +पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम +हमके पुतवा भीख देई ए माया , मोहिनी भवानी . . . +४ . +कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी +मइया पकवल रोटिया सेराई गइले , रउरा चरन में , +उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा +चलतऽ बटिया बिलम लगले +कहाँ रहनी ए मइया . . .",bhojpuri-bho +"476 +चैधराइयां छड के चाक बनयां मही चार के अंत नूं चोर होए +कौल कवारियां दे लोहड़े मारियां दे उधल हारियां दे वेखो होर होए +मां बाप करार कर कोल हारे कम्म खेढ़यां दे जोरों जोर होए +राह सच दे ते कदम धरन नाहीं जिन्हां खोटयां दे दिल खोर होए +तेरे वासते मिले हां कढ देसों असीं अपने देस दे चोर होए +वारस शाह ना अकल ते होश रहियां मारे हीर दे सेहर दे मोर होए",panjabi-pan +"रसिया रग भर-भर जिन मारो +रसिया रंग भरभर जिन मारो , +पिचकारी दृगन तक न मारो । +न गहो छैल गैल बिच बहियां , +पैयां पडूं मैं बलिहारी । पिचकारी . . . +जो सुन पैहें सास ननद मोरी , +सुन रूठ जै���ें पिया प्यारो । पिचकारी . . . +चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि , +चरण कमल पे बलिहारी । पिचकारी . . .",bundeli-bns +"गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा +चक्कर मा घोड़ा , नई छोड़व मैं जोड़ा +झुलाहूँ तोला वो , हाय झुलाहूँ तोला वो +नदिया मा डोंगा , नई छोड़व मैं जोड़ा +तौराहूँ तोला वो , हाय तौराहूँ तोला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +चक्कर मा घोड़ा , नई छोड़व मैं जोड़ा +झुलाहूँ तोला वो , हाय झुलाहूँ तोला वो +नदिया मा डोंगा , नई छोड़व मैं जोड़ा +तौराहूँ तोला वो , हाय तौराहूँ तोला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +संगी जउहरिय नई छोड़ही तोर संग गोरी वो +गोरी वो , गोरी वो , गोरी वो +संगी जउहरिय नई छोड़ही तोर संग , में बन जाहूं चकरी , तैं उड़बे पतंग +चटभइंया बोली तोर निक लागे वो , तोर बोलीठोली हा गुरतुर लागे वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +तरिया के पानी लागे है बनी गोरी वो +गोरी वो , गोरी वो , गोरी वो +तरिया के पानी लागे है बानी , दुरिहा घुजके भरबे , कर छेड़कानी +बेलबेल्हा टुरा घटौन्दा के तीर , बइठे बजावत रइथे सिटी +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो +गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा , नई देखेंव खल्लारी मेला वो",chhattisgarhi-hne +"चारों सखी चारों ही पनियां को जायें +चारों सखी चारो ही पनियां को जायें +कुएं पर चढ़ के चारों करें बिचार +अरी सखी तुझे कैसे मिले भर्तार +एरी पतले कुंवर कन्हैया हम पाये भर्तार +सखी बीस बरस के हैं वे सचमुच राज कुमार +सखी फूटा पर भाग्य हमारा +अस्सी बरस के हमें मिले भर्तार +वे ज्यों ही उठते गड़गड़ हिलती नाड़ +सूनी अटरिया बिछी सेजरिया हमें बुलावैं पास +सखी बाबा सा लागै री हमें सेज लगे उदास +सखी ताऊ सा लागै री हमें दिया सरम ने मार +भाग्य में लिखा हमारे था अरी नहीं किसी का दोष",haryanvi-bgc +"64 +तुसां जेहे माशूक जे थीन राजी मंगू1 नयनां दी धार विच चारीये नी +नयनां तेरियां दे असीं चाक होये जिवें जीऊ मन्ने तिवें सारीये नी +किथों गल कीजे नित नाल तुसां कोई बैठ विचार विचारीये नी +गल घत जंजाल खंगाल मोरें जा त्रिजणी बड़ें कुआरीये नी",panjabi-pan +"बान डो बनवासी का घेरु माय भेरिया जाजोम व���ले +बान डो बनवासी का घेरु माय भेरिया जाजोम वीले +भेरिया जाजोम बीले डो माय सोने कि दिवा वाले +सोने कि दिवा डो माय सोने कि दिवा उजाला में +कैनिया कुंवर खेले डो माय राजा खुडुमा खुडु हासे जाजोम बीले +रीटा जाजोम बीले डो माय कासे की ढिवा बाले +कासे कि ढिवा उजारेनी सीटा मीनू ख्याले +सीटा मीनू ख्याले डो मारा राजा जाम लान्जे +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ? +तेल तिलाँ दे लड्डू ने , +जलेबी पकड़ मँगाई । +डरदे नट्ठे कन्द शकर तों , +मिशरी नाल लड़ाई । +काँ लगड़ नूँ मारन लग्गे , +गद्दों दी गल्ल लाल । +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ? +हो फरिआदी लक्ख पतिआँ ने , +लूण ते दस्तक लाई । +गुलगलिआँ मनसूबा बद्धा , +पापड़ चोट चलाई । +भेडाँ मार पलंघ खपाए , +गुरगाँ1 बुरा अहवाल2 । +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ? +गुड़ दे लड्डू गुस्से हो के , +पेड़िआँ ते फरेआदी । +बरफी नूँ कहे दाल चने दी , +तूँ हैं मेरी बादी । +चढ़ सहे शहनेआँ ते नच्चण , +लग्गे वड्डी पई धमाल । +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ? +शक्कर खंड कहे मिशरी नूँ +मेरी वेख सफाई । +चिड़वे चने एह करन लग्गे , +बदाने नाल लड़ाई । +चूहिआँ कन्न बिल्ली दे कुतरे , +हो हो के खुशहाल । +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ? +बुल्ला सहु हुण क्या बतावे , +जो दिसे सो लड़दा । +लत्त बलत्ती गुत्त बगुत्ती , +कोई नहीं हत्थ फड़दा । +वेक्खो केही कयामत आई , +आया खर दजाल । +कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल ?",panjabi-pan +"263 +देवां सिखिया1 रब्ब दी याद दसी गुरु जोग दे भेत नूं पाईए जी +नहा धो के चा भबूत मलीए अते किस वत अंग वटाईए जी +सिंगी फौड़ही खपरी हथ लै के पहले रब्ब दा नाम धयाईए जी +नगर अलख वजाइके जा वड़ीए पाप जान जे नाद बजाईए जी +सुखी दवार वसे जोगी भीख मांगे देई दुआ असीस सुनाईए जी +इस भांत दे नगर दी भीख लै के मसत लटकदे दुआर को आईए जी +वडी माउं ही जान के करो निसख छोटी भैन मिसाल बनाईए जी +वारस शाह यकीन दी गल चगी सभो हक दी हक ठहराईए जी",panjabi-pan +"आध पाव बाजरा कूट्टण बैठी +आध पाव बाजरा कूट्टण बैठी +उछल उछल घर भरियो सैतान बाजरा +आध पाव बाजरा पकावण बैठी +खदक खदक हंडिया भरियो सैतान बाजरा",haryanvi-bgc +"मोरी बिनती सुनो महरानी भवानी बिनती सुनो... +मोरी बिनती सुनो महरानी भवानी । बिनती सुनो . . . +कष्ट निवारो संकट काटो , +दुख टारो महरा���ी भवानी बिनती सुनो । बिनती सुनो . . . +कितने भक्त हैं तारे तुमने , +मोह तारो महरानी भवानी । बिनती सुनो . . . +ना हम जाने आरती पूजा , +ना भक्ति महरानी भवानी । बिनती सुनो . . . +कैसे तुम्हारे दरशन पाऊं , +कैसे चरण दबाऊं महरानी । बिनती सुनो . . . +अपनी शक्ति दिखाओ मैया , +शरण तुम्हारे आऊँ भवानी । बिनती सुनो . . .",bundeli-bns +"कनयारी फूले डो माय +कनयारी फूले डो माय +कनयारी फूले डो माय +कनयारी फूले डो माय बेआ का जोवेना रे +कनयारी फूले डो माय बेआ का जोवेना रे +बेटी का डीयो डो माय +बेटी का डीयो डो माय +बेटी का डीयो डो माय टापी न पेला रे रे +बेटी का डीयो डो माय टापी न पेला रे रे +जंगेला चलो डो माय +जंगेला चलो डो माय +जंगेला चले डो माय दुनिया न देखी से हो +जंगेला चले डो माय दुनिया न देखी से हो +बेटी का डूकी डो माय +बेटी का डूकी डो माय +बेटी का डूकी डो माय भगवाना जाने से हो +बेटी का डूकी डो माय भगवाना जाने से हो +स्रोत व्यक्ति संगीता , ग्राम मकड़ाई",korku-kfq +"बाबू, दादी पूछतूँ ह घड़ी रे घड़ी +बाबू , दादी पूछतूँ ह1 घड़ी रे घड़ी । +बाबू कइसन2 बनल हौ3 ससुर के गली ॥ 1 ॥ +मामा4 का तूँ पूछऽ हऽ5 घड़ी रे घड़ी । +मामा , सोने के मढ़ल ससुर के गली ॥ 2 ॥ +बाबू , झुट्ठो बड़ाई हमरा से करी । +कादो कीचड़ भरल हे ससुर के गली ॥ 3 ॥ +बाबू , भूल गेलऽ आपन बाबू के गली ॥ 4 ॥",magahi-mag +"म्हारा अगवाड़े आम्बो मोरियो +म्हारा अगवाड़े आम्बो मोरियो +पिछवाडे़ है छाई राजा गजबेल +बधांवोजी म्हें सुण्यो +म्हारा ससराजी गांव गरसिया +सासूजी हो राज अरथ भंडार +बधावोजी म्हें सुण्यो +म्हारा जेठ बाजूबन्द बेरखा +जेठाणी हो राजा बेरखा रा लूम +म्हारा देवर दांती को चूड़लो +देराणी है राजा चूड़ला री चोप +म्हारी नणदल कसूमल कांछली +नणदोई हो राजा कांछलीरा बंद +म्हारी धीमड़ को राजा हाथ मूंदड़ी +जमाई हो राजा मूंदड़ी रो कांच +म्हारो पुत्र हो राजा कुल ही को दीवलो +कुलबऊ है राजा दिवलारी जोत +म्हारा सायबा सिरही का सेहरा +सायधन हो राजा पांव की पेजार +बधाबोजी म्हें सुण्यो +हीरा वारूँ वो बऊ पड़ तमारी जीब पे +बखाण्यो हो म्हारों सोई परिवार +मोती वारूँ हो सासूजी तमारी कूख पे +तमने जाया हो राज अर्जुनभीम +बधावोजी म्हें सुण्यो ।",malvi-mup +"126 +झगड़ डूम ते फतू कलाल दौड़े भोला चूहड़ा ते झंडू चाक मियां +जा हीर अगे धुम घतीया ने बची कही उडाई आ खाक मियां +तेरी मां तेरे उते बहुत गुस्से बाप करेगा मार हलाक मियां +रांझा जा तेरे सिर आन बन��� नाले आखदी मारीए चाक मियां +सियालां फिकर कीता तेरे मारने दा गिणे आपनूं बहुत चलाक मियां +तोता अम्ब दी डाली ते करे मौजां ते गुलेलड़ा पौस पटाक मियां +चुल्हीं सियालां ने अज न अग पाई सारा कोड़मा बहुत गमनाक मियां +वारस शाह यतीम दे मारने नूं चढ़ी सब झनाउं दी ढाक मियां",panjabi-pan +"पाँच सुपारी बाँटु री, अब नेवतब कुल-परिवार, लालजी के मूरन हे +पाँच सुपारी बाँटु1 री , अब नेवतब2 कुलपरिवार , लालजी के मूरन हे । +पाँच सुपारी बाँटु री , मोरे अलख हुलरुए3 के मूरन हे ॥ 1 ॥ +अब बम्हना बसे जे बनारस , अब हजमा कुरखेत4 लालजी के मूरन हे । +ए सवासिन5 बसे ससुर घर , अब किन6 रे परिछेबाल7 लालजी के मूरन हे ॥ 2 ॥ +अब बम्हना के चिठिया पेठाइय , अब हजमा के पकरि मँगाइय , लालजी के मूरन हे । +ए सवासिन के डोलिया फनाइय8 उहे रे परिछेबाल , लालजी के मूरन हे ॥ 3 ॥ +नव मन गेहुँमा9 मँगाइय , अब नेवतब कुल परिवार , लालजी के मूरन हे । +नव मन घिआ10 मँगाइय , अब नेवतब कुल परिवार , लालजी के मूरन हे ॥ 4 ॥ +नव थान11 कपड़ा मँगाइय , हम नेवतब सब परिवार , लालजी के मूरन हे । +पहिला अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय12 लालजी के मूरन हे ॥ 5 ॥ +दूसरा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +तीसरा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे ॥ 6 ॥ +चउथा13 अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +हजमा के लुलुहा14 कटाइय , नउनिया के देहु बनवास , लालजी के मूरन हे ॥ 7 ॥ +पँचमा अस्तुरा नउआ फेरिय , हमर लाल उठल छिहुलाय , लालजी के मूरन हे । +हजमा के सोनवा गढ़ाइय , नउनिया के लहरापटोर15 लालजी के मूरन हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"ए बेबे गोरे गोरे देवर जेठ +ए बेबे गोरे गोरे देवर जेठ +काले काले तेरे भातिआं जी +ए बेबे गिरदां आले देवर जेठ +ओछे ओछे तेरे भातिआं जी +ए बेबे पंठा आले देवर जेठ +गंजे गंजे तेरे भातिआं जी",haryanvi-bgc +"एक दिन ले दुय दिन, दुय दिन ले आँट दिन +एक दिन ले दुय दिन +दुय दिन ले आँट दिन +धनकुल मँडालो होय रानी चो +धनकुल मँडालो होय +धनकुलसेवा करे रानी +धनकुलपुजा करे +आँट दिन ले पँदरा दिन +पँदरा दिन ले मयना दिन +धनकुल मँडालो होय रानी चो +धनकुल मँडालो होय +धनकुलसेवा करे रानी +धनकुलसेवा करे +छय मइना होए रे भगवान +सालडेड़ साल होये परभू +धनकुल मँडालो होय रानी चो +धनकुल मँडालो होय +धनकुलसेवा करे रानी +धनकुलपुजा करे +मने बिचार रानी करे +दिले धोका रानी करे +हे राम भगवान बले रानी +ब��प रे दइया बले +नाना पयकार होले बले +मयँ बानाबिसा होले +काईं नामना निंहाय बले +काईं किरती निंहाय बले +जिव रत ले खायँदे बले +मोचो करले नाव निंआय +एके किरती करले जाले +एक किरती करले जाले +जुगजुग नाव रएदे बले +मोचो किरती बाड़ुन जायदे +बाजे बसुन जात राजारानी +सेज बसुन जात +सुना राजा राजरपती +सुना राजा देसरपती +बाते सुनुन जाहा राजा +गोठ मानुन जाहा +काईं नामना निंहाय राजा +मचो काईं किरती निंहाय +एके किरती करले जाले +एक किरती करले जाले +जुगजुग नाओ रएदे राजा +किरती बाढ़ुन जायदे +काय किरती आय रानी +आले मोके साँग +सुना राजा राजरपती +सुना राजा देसरपती +तुलसी मँडाउन दिहा राजा +मके तुलसी मँडाउन दिया +तुलसीसेवा करें राजा +मयँ तुलसीपुजा करें +काईं बले नाओ रएदे राजा +जुगजुग नाओ होयदे राजा +रानी हट मताय राजा के +रानी टेको मताय +दतुन नई चाबे रानी +अन नई खाए +भुकेभुके बले रानी आसे +भुकेभुके रानी आसे +बाँजा राजा दखे बाबा +बाँजा राजा दखे +रानी के काए बले राजा +सुना रानी बले +तिनपुर टेकहिन आइस रानी +बड़ा उपइन आस रानी +टेक मताउन जास रानी +हट मताउन जास +दतुन नई चाबिस रानी +अन नई खाइस +तिनपुर रोना तुय रोइस रानी +तिनपुर रदना धरिस रानी +तिनपुर हट मतास रानी +तिनपुर टेको मतास +भुक ने मरुन जासे रानी +तुय भुके मरुन जासे +दतुन चाबुन जा रे रानी +अन खाउन जा रे रानी +तुलसी मँडाउन दइँदे रानी +तुके तुलसी मँडाउन दयँदे +रानी सुनुन जाय बाबा +खँड मुचकी मारे +मुचमुचमुचमुच रानी हाँसे +मुचमुचमुचमुच रानी हाँसे +दतुन चाबुन जाय रानी +अन खाउन जाय +एक दिन ले दुय दिन +दुय दिन ले आँट दिन +दतुन चाबलो होय रानी चो +अन खादलो होय +बाजे बसुन जात राजारानी +सेज बसुन जात +सुना राजा बाँजा राजा +सुना राजा बाँजा राजा +पँजिआरमाहाले जाहा राजा +पँडितमाहाल जाहा +पँडित बलाउन आना राजा +मके तुलसी मँडाउन दयदे +सुने राजा बाँजा राजा +सुने राजा बाँजा राजा +बाबू के काए बले राजा +सुन बाबू बले +उपरभवने जा बाबू +तुय साहादेव पँडित के आन +आपलो जाको बले धरो बाबू +आपन साजू धरो बाबू +एक डँडिक एवो बाबू +मके तुलसी मँडाउन दयदे +रानी हट मताय बाबू +रानी टेक मताय +सुने बाबू झोलू पाइक +सुने बाबू झोलू पाइक +हरबर तियार होय बाबू +जलदी तियार होय +आपन साजू पिंदे बाबू +आपन जाको धरे +हाते बेद बले बाबू धरे +पाँए खड़ऊ बाबू पिंदे +राजामाहाल छाँडे बाबू +जातेजाते जाय +रुमझुमरुमझुम रेंगे बा��ू +एक कोलाट मारे +जाए बाबू झोलू पाइक +जाए बाबू झोलू पाइक +मोकोड़ीमाहाले जाय बाबू +मोकोड़ीमाहाल अमरे +माँडो मोंगरा उबे बाबू +बाई हंका मारे +बाई सुनुन जाये बाबा +घर ले बाहिर होय परभू +बाबू के काए बले बाई +सून बाबू बले +काय कामे इलिस बाबू +आले मोके साँग +सुन बाई पदमकड़ी +सुन बाई पदमकड़ी +सुत लमाउन दे बाई +मके ताग लमाउन दे +उपरभवने जायँ बाई +मयँ उपरभवने जायँ +सुन बाबू झोलू पाइक +सुन बाबू झोलू पाइक +कइसे सुत लमायँ बाबू +मयँ कइसे तागो लमायँ +बालबचा गागोत बाबू +लोलोबालो गागोत +तुचो पिला के लाई दयँदे +तुचो पिला के खेलाते रएँदे +सुत लमाउन दे बाई +मके ताग लमाउन दे +बाई सुनुन जाय बाबा +सरसर सुतो लमाय",chhattisgarhi-hne +"मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी +मेरा मन ते रपटा पैर फूट गई झारी +मेरा फट गया दखिनी चीर उलझ गई सारी +मेरी सखी पड़ी बीमार मेरी ड्योढ़ी में +एक बड़ा है गोपाल बैद बनवारी +जंगल की बूटी डाल फिरे झोली में +अरी बुलाओ गोपाल बैद बनवारी +राधा ने घूंघट काढ़ नबज दिखलायी +तेरे ताप नहीं नहीं कोई बिमारी +तू करवाले अपना ब्याह दूर होय बिमारी +राधा हो गई आग यह बात सही नहीं गई +वह बोली झट से सत्य तुम कान्ह सुनाई +तुम्हारे पतले पतले हाथ चांद सा मुखड़ा +करवालो तुम्हीं ब्याह बांध के सेहरा",haryanvi-bgc +"नीमिया रे कडुआइन, सीतल बतास बहे हे +नीमिया रे कडुआइन1 सीतल बतास बहे हे । +ताहि तरे ठाढ़2 दुलरइता दुलहा , नयना दुनो लोर3 ढरे हे ॥ 1 ॥ +घर से बाहर भेलन दुलरइता दादा , काहे बाबू लोर ढरे हे । +किया बाबू आजन बाजन थोड़ा भेल , साजन4 घुमइला5 भेल हे ॥ 2 ॥ +माइ के जनमल दुलरइता भइया , सेहु न जोरे6 जयतन हे । +पाँचो भइया पाँचो दहिन बहियाँ7 जइहें , जौरे बहनोइया जइहें हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"पाँच बधावा म्हारे आविया +पाँच बधावा म्हारे आविया +सक्कर रा सीरा +पांचा री नवीनवी भांत होवे मेदारी पूरी +थारा भरोसे मैं तो पोरई दाखां री लौंजी +पेलो बधावे म्हारे आविया शक्कर रा सीरा +भेजो म्हारा ससरारी पोल मेदारी पूरी +थारा भरोसे मैं तो पोरई दाखांरी लौंजी ।",malvi-mup +"इशक अव्वल दा +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा । +अव्वल दा रोज़ अज़ल1 दा । +विच्च कड़ाही तल तल जावे , +तलेआँ नूँ चा तलदा । +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा । +मोएआँ नूँ एह वल वल मारे , +दलिआँ नूँ चा दलदा । +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा । +क्या जाणा कोई चिणग पई है , +नित्त सूल कलेजे सल्ल दा । +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा । +तीर इशक दा लग्गा जिगर विच्च , +हिलाएआँ वी नहीं हलदा । +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा । +बुल्ला सहु दा नेहुँ अनोखा , +रलाएआँ भी नहीं रलदा । +नी मैनूँ लगड़ा इशक अव्वल दा ।",panjabi-pan +"खोली देवा खोली देवा, ए दौड़ पड़दा +वरपक्ष की ओर से +खोली देवा खोली देवा , ए दौड़ पड़दा1 +देखू मैं कन्या को रूप । +कन्या पक्ष का उत्तर +हमारी कन्या छ गौरी स्वरूप , तुमारो बन्दड़ा श्याम स्वरूप । +केन होय केन होय श्याम स्वरूप , +बन्दड़ा पर लगे जेठ की धूप । +वरपक्ष की ओर से +खोली देवा खोली देवा , ए दौड़ पड़दा , +देखूँ मैं कन्या को रूप । +कन्या पक्ष का उत्तर +हमारी कन्या छ सावित्री स्वरूप , +तुमारो बन्दड़ा , चमार सी कालो । +बन्दड़ा पर लगे , जेठ की धूप ।",garhwali-gbm +"रसिया रस लूटो होली में +रसिया रस लूटो होली में , +राम रंग पिचुकारि , भरो सुरति की झोली में +हरि गुन गाओ , ताल बजाओ , खेलो संग हमजोली में +मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में +होरी के ई धूमि मची है , सिहरो भक्तन की टोली में +संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया",bhadrawahi-bhd +"बखरी रैयत है भारे की +बखरी रैयत है भारे की , +दई पिया प्यारे की । +कच्ची भीत उठी माटी की , +छाई फूस चारे की । +वे बन्देज बड़ी बे बाड़ा , +तई पै दस व्दारे की । +किबारकिवरियाँ एकऊ नइयाँ , +बिना कुची तारे की । +‘ईसुर’ चाँय निवारों जिदना , +हमें कौंन बारे की ।",bundeli-bns +"प्रश्नोत्तर में जोगीरा +मित्रो भेद बताओ महावीर उस लंका के , +जो दहन किया गढ़ लंका के ना । +कवन बात पर महावीर ने भेष बनाया बन्दर का ? +कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का ? +पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का ? +कौन तरफ से गये महावीर , भेद जो पाये अन्दर का ? +विभीषण से मुलाकात हुआ कब , दिन रहा कि रात ? +जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का । +कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को ? +कौन दूत ने खबर दिया था , जाकर सभा में रावन को ? +उसी दूत का नाम बता दो , आज सभा में धावन को । +परी रहा कि देव रहा , कि था लड़का उ ब्राह्मन का ? +पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा , था किस निस्चर का बेटा ? +फूंका घर वो पहले किसका , महावीर ने जाकर के ? +नर नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके ? +रहा कौन समय ओ बेरा , उसने पूंछ कै दफे फेरा ? +गुजरा कै दिन शंका का , जो दहन किया गढ़ लंका का । +गोरे काले मरे थे कितने , बिगे गये उठा करके ? +हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके । +किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का ? +उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का ? +वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का । +कहे शिवनन्दन खोलो भेद , दिल से हटाकर संका का । +जो दहन किया था लंका का ।",bhojpuri-bho +"मायमौरी +1 +देव धामी ल नेवतेंव +उन्हूं ल न्योत्यों +जे घर छोड़ेन बारेन भोरेन +ता घर पगुरेन हो +माता पिता ल नेउतेन +उन्हू ल नेउतेन +2 +हाथे जोरि न्यौतेंव मोर देवी देवाला +हो देवी देवाला +घर के पुरखा मन होओ सहाय… +बिनती करेंव मंय माथ नवायेंव +हो माथ नवायेंव +कर लेहो एला स्वीकार… +3 +ठाकुर देवता के पईयां परत हव वो +पईयां परत हव के दुलरू के होई हव सहाय +हो देवता दुलरू के होई हव सहाय +वो तो दुलरू के होई हव सहाय +हो देवता दुलरू के होई हव सहाय +संकर देवता के पईयां परत हव वो +पईयां परत हव के दुलरू के होई हव सहाय +हो देवता दुलरू के होई हव सहाय +वो तो दुलरू के होई हव सहाय +हो देवता दुलरू के होई हव सहाय",chhattisgarhi-hne +"पिया पतले जी पतंग जैसे पैर +पिया पतले जी पतंग जैसे पैर +सिखर दुपहरी मत आइयो मोरे बालमा +ये जल जाए जी पतंग जैसे पैर +पिया पतले जी . . . +सई सांझ मत आइयो मोरे बालमा +ओहो जागे जी नणद और सास +पिया पतले जी . . . +आधी आधी रात मत आइयो मोरे बालमा +ओहो जागे जी ड्योढी का पहरेदार +पिया पतले जी . . . +सास गई बाप कै नणद गई सोहरै +ओहो अब होई जी मिलण आली रात +पिया पतले जी . . . +सास आई सोह्रे नणद आई बाप कै +अब होई जी बिछोड़ै आली रात +पिया पतले जी . . .",haryanvi-bgc +"भारत सिरताज हमारा, भगतसिंघ प्यारा +भारत सिरताज हमारा , भगतसिंघ प्यारा । +चूमि लियो तू फाँसी के फंदा , +धूम्रपान मचे हाहाकारा । । टेक । । +ई अंगरेज अधम अभिमानी , +देखत देखत देस उजारा । । टेक । । +जीयो भगतसिंघ मस्त रहो तुम , +चमकत गगन सितारा । । टेक । । +गावत फाग इयादि परत है , +भींजत आँखि हमारा । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"379 +सहती आखया एह मिल गए दोवें लई घत फकीर बलाइयां1 नी +एह वेख फकीर निहाल होई जड़ियां एस नूं घत पिवाइयां नी +आखे हीर नूं मगज खपा नाहीं नी मैं तेरियां लवां बलाइयां नी +एस जोगड़े नाल तूं खोज नाही अनी भाबीए घोल घुमाइयां नी +मता घत जादू मते करे कमली गलां एसदे नाल की लाइयां नी +एह न खैन ना भिछया लवे दाने किथों कढीए दुध मलाइयां नी +डर आंवदा भूतने वांग इस तों किसे थां दियां एह बलाइयां नी +लै के खैर ते जा फरफेजिया2 वे अतां रावला केहियां चाइयां नी +फिरे बहुत पखंड खलारदा तूं उथे केहियां वललियां3 चाइयां नी +वारस शाह फकीर दी अकल किथे ए�� तां पटियां4 इशक पढ़ाइयां नी",panjabi-pan +"रेलिया बैरन पिया को लिये जाये रे +रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे , +रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे । +जौन टिकसवा से बलम मोरे जैहें , रे सजना मोरे जैहें , +पानी बरसे टिकस गल जाए रे , रेलिया बैरन । । +जौने सहरिया को बलमा मोरे जैहें , रे सजना मोरे जैहें , +आगी लागै सहर जल जाए रे , रेलिया बैरन । । +जौन सहबवा के सैंया मोरे नौकर , रे बलमा मोरे नौकर , +गोली दागै घायल कर जाए रे , रेलिया बैरन । । +जौन सवतिया पे बलमा मोरे रीझे , रे सजना मोरे रीझें , +खाए धतूरा सवत बौराए रे , रेलिया बैरन । ।",bhojpuri-bho +"कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ? +‘कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ ? ’ +”कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ ? +देखी भलो ऐन सैवो तेरो मलेथ । “ +”ढलकदी1 कूल2 मेरा मलेथ +गाँऊ मुड़े को धारो मेरा मलेथ +पालिंगा3 को बाड़ी मेरा मलेथ +छोलिंग बिजोरा4 मेरा मलेथ +गांयियों को गुठधार5 मेरा मलेथ +भैंस्यों का खरक6 मेरा मलेथ +बैजूका बांदूका7 लड़का8 मेरा मलेथ +वैखूका9 डसक10 मेरा मलेथ +देखी भलो ऐन सैवो मेरा मलेथ । “",garhwali-gbm +"261 +दिन चार बना सुका मुंदरां बाल नाथ दी नजर गुजारियां ने +गुस्से नाल विगाड़ के गल सारी डरदे गुरु तो चा सवारियां ने +जोरावरां दी गल है बहत औखी जान बुझके बदी वसारियां ने +गुरु केहा सो ओहनां प्रवान कीता नरदां पुठियां ते बाजी हारियां ने +घुट वट के सम्म बुकुंम1 नसुम्भ होई काई गल ना मोड़के सारियां ने +लया उसतरा गुरु दे हथ दिता जोगी करन दी नीत चा उजाड़ियां ने +वारस शाह हुण हुकमदी पई पुठी लख वैरियां ठग के मारियां ने",panjabi-pan +"ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले +ऊंची सी अटारी मेरी पानै फूले छाई री कटै कैसे रात +पानै फूले छाई मेरी सासू खाट बिछाई री कटै कैसे रात +सासू खाट बिछाई सासू सोवण खंदाई री कटै कैसे रात +सोवण खंदाई मैं तो दूध कटौरा लेगी री कटै कैसे रात +दूध कटोरा लेगी राजा पीठ मोड़ के सोग्या री कटै कैसे रात +पीठ मोड़ कै सोग्या मैं तो धाल खटोला सोई री कटै कैसे रात +आधी सी रात मैं तो नीचै उतर आई री कटै कैसे रात +नीचै उतर आई सासू पीसण लागई री कटै कैसे रात +पीसण खंदाई मेरा हाथ पकड़ कै खींच्या री कटै कैसे रात +हाथ पकड़ कै खींच्या मन्ने सड़सड़ मारण लाग्या री कटै कैसे रात +आज्या री सासू मन्नै तैं ए छुड़ाइयो री कटै कैसे रात +पीट पाट के कुणे गेरी सेर पेड़े ल्याया री कटै कैसे रात +सेर पेड़े ल्याया मन्नै छाई पेड़े खाए री कटै कैसे रात +ढ़ाई पेड़े खाए फेर लोटा झारी ल्याया री कटै कैसे रात +लोटा झारी ल्याया मन्नै डेढ़ चलू पीई री कटै कैसे रात +डेढ़ चलू पीई मेरै जाडा चढदा आया री कटै कैसे रात +जाडा चढदा आया मन्नै सोड़ सोडिए ओढै री कटै कैसे रात +गरमी चढगी आई मेरे पंखा ढोलण लाग्या री कटै कैसे रात +पंखा ढोलण लाग्या इतणै दिन लिकड़ आया री कटै कैसे रात +दिन लिकड़ आया री सासू के पैर दाबे री कटै कैसे रात",haryanvi-bgc +"कौण आया पैहन लिबास कुड़े +कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? +तुसीं पुच्छो नाल इखलास1 कुड़े । +हत्थ खुंडी मोडे कम्बल काला , +अक्खिआँ दे विच्च वसे उजाला , +चाक नहीं कोई है मतवाला , +पुच्छो बिठा के पास कुड़े । +कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? +चाकर चाक ना इस नूँ आखो , +एह ना खाली गुज्झड़ी2 घातों , +विछड़िआ होया पैहली रातों , +आया करन तलाश कुड़े । +कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? +ना एह चाकर चाक कहींदा , +ना इस ज़र्रा शौक महीं दा , +ना मुश्ताक है दुध दहीं दा , +ना उस भुक्ख प्यास कुड़े । +कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? +बुल्ला सहु लुक बैठा ओहले , +दस्से भेद ना मुख से बोले , +बाबल वर खेड़ेआँ तो टोले , +वर माँहढा3 माँहढे पास कुड़े । +कौण आया पैहन लिबास कुड़े ? +तुसीं पुच्छो बिठा के पास कुड़े ।",panjabi-pan +"292 +घर आ ननाण ने गल कीती भाबी इक जोगी नवां आया नी +कन्नी ओसदे दरशनी मुंदरां ने गल मेखला1 अजब सहाया नी +फिरे ढूंढ़दा विच वेलीयां दे कोई ओसने लाल गवाया नी +नाले गांवदा ते नाले रोंवदा ए वडा ओसने रंग मचाया नी +हीरे किसे रजवंस2 दा ओह पुतर रूप तुध थीं दून सवाया नी +विच त्रिंजणां गाउंदा फिरे भौंदा अंत उसदा किसे ना पाया नी +फिरे वेखदा वौहटियां छैल3 कुड़ियां मन किसे ते नांह भरमाया नी +काई आखदी प्रेम दी चाट लगी ताहिओं उसने सीस मुनाया नी +कहन तखत हजारे दा एह जोगी बाल नाथ तों जोग लिआया नी +वारस शाह एह फकर तां नहीं जोगी हीर वासते कन पढ़ाया नी",panjabi-pan +"पहले आवै री माता जुलजुली +पहले आवै री माता जुलजुली +पाछे हलहल ताप +सच्ची सेढ़ मसाणिया +हाड़ खिणै खिणै माता निकले +मोती की हुणियार +सच्ची सेढ़ मसाणिया +मेर करेगी री माता आपणी +पाल्ले जूं झड़ जाय +सच्ची सेढ़ मसाणिया +तन्नै ध्यावै री माता दो जगे +एक पुरुस दूजी नार +सच्ची सेढ़ मसाणिया +पुरस करेगा री माता बिनती +वा धण लागै तेरे पांय +सच्ची सेढ़ मसाणिया",haryanvi-bgc +"आली मनमोहन के मारै +आली मनमोहन के मारै । +जमना गैल बिसारें । +जब देखो तब खड़े कुंज में । +गहें कदम की डारैं । +��ो कोऊ भूल जात है रास्ता +बरबस आन बिठारैं । +जादौं नई हँसी काऊसों । +जा नइ रीत हमारैं । +ईसुर कौन चाल अब चलिये , +जे तो पूरौ पारें ।",bundeli-bns +"म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी +वररा दादाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा काकाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +गुँथी लावो म्हारी मालण स्याम सेवरो ओर +भली चंपे की कलियाँ गुंजामें गुंजो लाल जमेरी +ओरज मीठी दाखड़ली सेजा में मीठा गरी गीडोला । +वररा वीराजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा मामाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +गुँथी लावो म्हारी मालण स्याम सेवरो ओर भली +भली चंपे की कलियाँ गुंजा में गुंजो लाल जमेरी +ओरज मीठी दाखड़ली सेजा में मीठा गरी गींडोला । +वररा फूफा वररा जीजाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +वररा मासाजी वीणे फूल हो म्हारा राइवर जोगो सेवरोजी . . . +इसी तरह परिवार के विभिन्न रिश्तेदारों के नाम जोड़तेजोड़ते गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup +"नैना परदेसी सें लरकें +नैना परदेसी सें लरकें । +भऐ बरवाद बिगर कैं । +नैनाँ मोरे सूरसिपाही । +कवऊं न हारे लरकें । +जे नैना बारे सें पाले , +काजर रेखैं भरकें । +ईसुर भींज गई नइ सारी , +खोवन अँसुआ ढरकें ।",bundeli-bns +"185 +मठी होर खजूर पराकड़ी भी भरे टोकरे नाल समोसयां दे +अंदरसे कचौरियां अते लुची बड़े खंड दे खिरमयां खोमयां दे +पेड़े नाल खताइयां गोल गुप चुप बदानयां नाल पलोसयां दे +रांझा जोड़के परे फरयाद करदा वेखो खुसदे साक बेदोसयां दे +वारस शाह नसीब ही पैन झोली करम ढहन नाहीं नाल रांसियां दे",panjabi-pan +"कहमा ते बहैये मैया कमलेसरी हे +कहमा ते बहैये मैया कमलेसरी हे +हे कमला बहै छै बलान । +कहमा मैया बहै कोसीधार । । +अलापुर बहै मैया , मैया कमलेसरी हे +तिरहुत बहै छै मैया बलान +मैया धरमपुर बहै छै कोसीधार हे । +किअ दय समदव मैया मैया कमलेसरी हे , +मैया हे किय दय समदव बलान हे । +पानफूल दयसमदव मैया मैया कमलेसरी हे +मैया हे परवा दय समदव बलान हे । +पाठी दय समदव मैया , कोसीधार हे मैया हे पाठी दय ।",angika-anp +"बीबी दूर खेलण मत जा +बीबी दूर खेलण मत जा +साजन आज आवेंगे +लाडो दूर खेलन मत जा +साजन आज आवेंगे +मैं तो खेलूं अपने बाबा जी की पोली +बाबल जी की पोली +साजन आज आवेंगे +लाडो गिरद गई असमान +हात्थी के होद्दे आवेंगे +नाई का दूध पखालों उनके पैर +भोजन देइओ खान नै +नाई का झाड़ बिछाईयो उनकी खाट +���ुसामद करिओ भोत घणी +बीबी दूर खेलन मत जा +साजन आज आवेंगे",haryanvi-bgc +"चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है +चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है +ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है टेक +सासू भी आवै दिवला चसावै +दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है चुप . . . +जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै , +पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . +नणदल भी आवै सतिये लगावै +सतिये लगाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . +देवर भी आवै बंसी बजावै +बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . . +दाई भी आवै होलर जणावे , +होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है चुप . . .",haryanvi-bgc +"गारी गावे जनकपुर की नारिया +गारी गावें जनकपुर की नारियां , +दूल्हा श्री रामजी बने +जनक पहुंचे है जाय , विनती कीन्ही समुझाय +कुंअर दीजे पठाय , +हां हो गई कलेऊ की तैयारियां । दूल्हा . . . +करके सुन्दर वे शृंगार , आये अपने हैं ससुरार +लिये आरती सबईं उतार +रानी लाई हैं पूजा की थालियां । दूल्हा . . . +दिये उनको आदर सम्मान , लिये वे हैं सबके जजमान +सबने उनसे की पहिचान +कहो कैसे तुम्हारी महारानियाँ । दूल्हा . . . +आई सोने की थार , परसो व्यंजन बहुत प्रकार +भोजन करते चारों कुमार +सासो परसती है पूड़ीकचौड़ियां । दूल्हा . . .",bundeli-bns +"हमरे हु नन्दलाल चली आना ननदिया +हमरे हुए नन्दलाल , चली आना ननदिया । +चांदी के गहने न लाना ननदिया , +सोने के हमरे रिवाज री । चली . . . +सूती कपड़े न लाना ननदिया , +रेशम के हमरे रिवाज री । चली . . . +काठ का पलना न लाना ननदिया , +चन्दन का हमारे रिवाज री । चली . . . +लड़के बच्चे न लाना ननदिया , +अकेले का हमरे रिवाज री । चली . . . +रुपये पैसे न मांगो ननदिया , +खाली जाने का रिवाज री । चली . . . +हमरे हुए नन्दलाल . . . ।",bundeli-bns +"बिच्छू उतारने का मंत्र +धवलिया विछु कातर वालियो , +कालो विछु कातर वालियो , +निलो विछु कातर वालियो , +कापलियो विछु कातर वालियो , +छेन्डीयो विछु कातर वालियो , +लहरियो विछु कातर वालियो , +जहरीयो विछु कातर वालियो , +काली गाय कपन चड़ी , +एक विछी खुट चड़ीयो , लाव मारी पिछे , +माराती नि उतरे तो बारह हनुमान नि दुहाई , सोगन्ध +माराती नि उतरे तो मारा गुरू की दुहाई , सोगन्ध +माराती नि उतरे तो बारह भिलट की दुहाई , सोगन्ध ।",bhili-bhb +"डूब चलो दिन माय साझ भई मदिर मे +डूब चलो दिन माय , सांझ भई मंदिर में । +काहे के मैया दियला बने हैं +काहे की डारी जोत । सांझ भई मंदिर में +सोने के मैया दियला बने हैं , +रूपे की डारी जोत । सांझ . . . +कौन सुहागन दियरा जारें , +��ौना ने डारी जोत । सांझ . . . +सीता सुहागन दियरा जारे , +रामा ने डारी जोत । सांझ . . . +कहां बनी मैया तोरी मडुरिया , +कौना भयो रखवार , सांझ . . . +ऊंचे पहाड़ मैया बनी मडुरिया , +लंगुरा भये रखवार । सांझ . . . +सुमिरसुमिर मैया तोरे जस गाऊं , +चरणन की बलिहार । सांझ . . .",bundeli-bns +"हम त माँगली आजन बाजन +हम त माँगली आजन बाजन , सिंघा1 काहे लाया रे । +परिछन के बेरिया2 बनूक3 काहे लाया रे ॥ 1 ॥ +हम त मँगली हाथी घोड़ा , मोटर काहे लाया रे । +भोंपू भोंपू मोटर बोले , कान घबराया रे ॥ 2 ॥ +हम त रहली दुलहा परिछत , जियरा ललचाया रे । +घुर फुर कर गोला छोड़े , जियरा घबराया रे ॥ 3 ॥ +परिछन के बेरिया पिहतौल4 काहे लाया रे । +लाजो न लागे समधी , नाम को हँसाया रे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"239 +बुझी इशक दी अग नूं वा लगी समां आया ए शौक जगावने दा +बाल नाथ दे टिले दा राह फड़या मता जागया कन्न पड़ावनेदा +पटे वाल मलाइयां दे नालपाले वकतआया सू रगड़ मुनावने दा +जरम करम तयाग के ठान बैठा किसे जोगी दे हथ वकावने दा +बुंदे सोने दे लाह के चाअ चढ़या कन्न पाड़ के मुंदरां पावने दा +किसे ऐसे गुरदेव दी टहल करीए वल सिखीए रन्न खिसकावने दा +वारस शाह मियां एहनां आशकां नूं फिकर जरा ना जिंद गुवावने दा",panjabi-pan +"लाड़ो को लाल बुलावे यह बाजूबन झूमता +लाड़ो1 को लाल बुलावे यह बाजूबन2 झूमता । +सहाना3 लाल बोलावे , यह बाजूबन झूमता । +हजरिया लाल बोलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 1 ॥ +माँगो4 टीका पेन्ह के तुम मेरी सेज पर चलि आबो । +लाड़ो को लाल बुलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 2 ॥ +नाको बेसर पेन्ह के तुम मेरी सेज पर चलि आबो । +सहाना लाल बुलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 3 ॥ +कानो बाली पेन्ह के तुम मेरी सेज पर चलि आबो । +हजरिया लाल बुलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 4 ॥ +गले हार पेन्ह के तुम मेरी सेज पर चलि आबो । +लाड़ो को लाल बुलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 5 ॥ +हाथों कँगन पेन्ह के तुम मेरी सेज पर चलि आबो । +लाड़ों को लाल बुलावे , यह बाजूबन झूमता ॥ 6 ॥",magahi-mag +"पग में लगत महाउर भारी +पग में लगत महाउर भारी , +अत कोमल है प्यारी , +आद रती को लाँगा पैरें । +तिलकी औड़ें सारी । +खसखस की इक अँगिया तन मैं +आदी कौर किनारी +रती रती के बीच ईसुरी , +एक नायका ढारी ।",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +एत्तो बारता बा रुदल के आल्हा के सुनीं हवाल +केत्ता मनौलीं बघ रुदल के लरिका कहल नव मानल मोर +बावन कोस के गिरदा में बघ रुदल डिगरी देल पिटवाय +लिखल पाँती बघ रुदल तिलरी में देल पठाय +तेली बनियाँ चलल तिलरी के लोहन में आफत काल +पाँती भेजवो नरबर गढ़ राजा मेदनी सिंह के दरबार +चलल जे राजा बा मेदनी सिंह मोहबा में पहुँचल जाय +आइल राजा मकरन्ना गढ़ मोरंग के राज पहुँचल वाय +चलल जे राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय +आइ राजा डिल्ली के सुरजन सिंह +बुढ़वा सैयद बन्नारस के नौं नौ पूत अठारह नात +ओनेहल बादल के थमवैया लोहन में बड़ चण्डाल +मियाँ मेहदी है काबुल के हाथ पर खाना खाय +उड़ उड़ लड़िहें सरगे में जिन्ह के लोथ परी जै खाय +चलल जे राजा बा लाखन सिंह लाखन लाख घोड़े असवार +नौ मन लोहा नौमनिया के सवा सौ मन के सान +उन्ह के मुरचा अब का बरनौ सौ बीरान में सरदार +आइल राजा बा सिलहट के भूँमन सिंह नाम धराय +जेत्ता जे राजा बा लड़वैया रुदल तुरत लेल बोलाय +जेत्ता जे बा लड़वैया जिन्ह के सवा लाख असवार +एत्तो बारता बा राजा के रुदल के सुनीं हवाल",bhojpuri-bho +"सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम +सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम +आगे किसन हर मिल गए राधे तैं कित चाली हो राम +थारी तै बरजी नार हूं म्हारी सास खुंदाई हो राम +जिब पिरभू धोरे भया सीली बाल चलाई हो राम +केले बरगी कामनी राधे थर थर कांबी हो राम +जिब पिरभू नरै दया ए आई काली कम्बली पूंचाही हो राम +काली कम्बली न औढ़ैं हम तो कालै हो ज्यां हो राम +जिब पिरभू नै दया ए आई पीली साड़ी पूंचाही हो राम +तम चिर जीओ बेटा नंद के म्हारा मान बधाया हो राम",haryanvi-bgc +"गाली गीत +तारि माय नो काम कुण करसे वो बूढ़ी लाड़ि । +करसे करसे ने घड़िक रड़से वो मारि बूढ़ी लाड़ि । +तारि माय ना रूटा कुण करसे वो बूढ़ी लाड़ि । +करसे करसे ने घड़िक रड़से वो मारि बुढ़ि लाड़ि । +दुल्हन से वर पक्ष की महिलाएँ गीत में कह रही हैं कि बूढ़ी लाड़ी तेरी माँ का काम कौन करेगा ? वही करेगी और थोड़ी देर रोएगी । तेरी माँ की रोटियाँ कौन बनाएगा ? वही बनाएगी और थोड़ी देर रोएगी ।",bhili-bhb +"धवळो घोड़ो ने जीन कस्या +धवळो घोड़ो ने जीन कस्या +रामदेव भया असवार +फ्लाणा राम आड़ा फरीग्या +रामदेव जी रेवो आज नी रात +गेल्या हुवा रे भोळा मानवी +परजा जोवे हमारी बाट +पवन पंथी हमारा चालणा +जल मांय रैवां रात",malvi-mup +"देसां मैं देस हरियाणा +देसां मैं देस हरियाणा । +जित दूध दही का खाणा ।",haryanvi-bgc +"523 +सद मांदरी खेड़यां लख आंदे फकर वैद ते नाल मदारियां दे +तिरयाक अकबर अफलातून वाला दारू वडे फरग पसारियां दे +जिनहां जात हजारे दे सप कीले घत आंदे ने विच पटारियां दे +गडे लख त���विज ते धूप हरमल सूत आंदे ने कंज कुआरियां दे +कोई अक चवा खवा गंडे नागदौण1 ते पान सुपारियां दे +तेल मिरच ते बूटियां दुध पैसे घिओ देंदे ने नाल खुआरियां दे +वारस शाह सपाधियां पिंड बधे खेड़यां जोर लाए जरां जारियां दे",panjabi-pan +"228 +त्रुटे कहर कलूर1 सिर ततड़ी दे तेरे बिरहौं फिराक ने कुठियां मैं +सुन्नी त्राट कलेजे दे विच धानी नहीं जिउना मरन ते रूठियां मैं +चोर पैन रातीं घर सुतयां दे देखो दिहें बाजार विच मुठियां मैं +जोगी होइके आये जे मिले मैंनूं किसे अम्बरों कहर दे त्रुटियां मैं +नहीं छड घर बार उजाड़ बैसां नहीं वसना ते नहीं वुठियां मैं +वारस शाह मियां प्रेम चिठियां ने मार पटियां फटियां कुठियां मैं",panjabi-pan +"163 +हीर पुछके आपने माहीए नूं लिखवा जवाब चा टोरया ई +तुसां लिखया ते असां वाचया ई सानूं वावदयां ही लगा झोरया ई +असां धीदो नूं चा महींवाल कीता कदी टोरना तेनहीं लोड़या ई +कदे पान ना वल फेर ते पहुंचे शीशा चूर होया किसे जोड़या ई +गंगा गइयां न हडियां मुड़दियां ने गए वकत नूं किसे ना मोड़या ई +हथों छुटके तीर ना कदे मिलदे वारस छडना ते नहीं छोड़या ई",panjabi-pan +"बन्ना ए कित बाजा रे बाजिया +बन्ना ए कित बाजा रे बाजिया , +बन्ना ए कित घरा रे निसान छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +तेरी बंदड़ी रे कह्वै रै बन्ना , +तूंए सबेरी सबेरी आय छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बंदड़ी गहणा घड़ावण मैं गया , +सुनरे ने ला दई बार रे छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बंदड़ा गहणा घड़ावै तेरा दादा जी तेरा ताऊ जी , +तूं तड़कै ए तड़कै आय छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बन्नी कपड़ा बिसावण मैं गया , +बणिया नै ला दई बार छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बन्दड़ा कपड़ा बिसावै तेरा बाबल जी तेरा काका जी , +तूं सबेरी ए सबेरी आय छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बंदड़ी मैंहदी बिसावण मैं गया , +पंसारी नै ला दई वार छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बंदड़ा मैंहदी बिसावै तेरा बीर जी तेरा मामा जी , +तूं रै सबेरी ए सबेरी आय छोटा छेल उतर्या बाग मैं । +बन्ना ए कित बाजा रे बाजिया , +बन्ना ए कित धरा रे निसान छोटा छेल उतर्या बाग मैं ।",haryanvi-bgc +"अमुक भाई वालई खऽ राखड़ी भरात +अमुक भाई वालई खऽ राखड़ी भरात , +पिया हमखऽ दे राखड़ी घड़ई देव , असी गरमी से । +उंढालई सेज पिया मोहे न सुहाये , +जुदा जुदा पलंग तुलई देव , असी गरमी से । +चौमासा की सेज पिया मोहे न सुहाये , +पिया हमखऽ ते पियर पहुँचई देव , असी गरमी से । +स्याला की सेज पिया बहुत रसालई , +पिया हमखऽ ते हिया सी लगई लेव , इनी गरमी से ।",nimadi-noe +"181 +हीर आखया ओसनूं कुड़ी करके बुकल विच लुका लिआया जे +आमो साहमणे बैठ के करां झेड़ा तुसीं मुनसफ1 हो मुकाया जे +मेरे माओं ते बाप तों करो पड़दा गल किसे ना मूल सुनाया जे +जेहड़े होन सचे सोई छुट जासन रत्न झूठियां नूं चाए लाया जे +मैं आख थकी ओस कमलड़े नूं लै के उठ चल वकत घुसाया जे +मेरा आखना ओस ना कन्न कता हुण कासनूं डुसकना लाया जे +वारस शाह मियां एह वकत घुथा किसे पीर नूं ना हथ आया जे",panjabi-pan +"259 +धुरों हुंदड़े कावसां1 वैर आये बुरियां चुगलियां अते बखीलियां ओए +मैंनूं तर्स आया वेख जुहद2 एहदा गलां मिठियां बहुत रसीलियां ओए +पानी दुध विचों कढ लैन चातर जदों छिल के पांवदे तीलियां ओए +गुरु आखया मुंदरां झब ल्यायो छड दयो गलां अठखीलियां ओए +नहीं डरन हुन मरन थीं भैर आशक जिन्हां सूलियां सिरां ते झीलियां ओए +वारस शाह फिर नाथ ने हुकम कीता कढ अखियां नीलियां पीलियां ओए",panjabi-pan +"करमा गीत-3 +हां हां रे रतन बोइर तरी रे +गड़े है मैनहरी कांटा +रतन बोइंर तरी रे । +ओही मा ले नहकयं डिंडवारे , छैलवा +हेर देबे मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +कांटा हेरवनी का भूर्ती देबे , +हेर दहे मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +ले लेबे भइया थारी भर रुपइया , +हेर देबे मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +थारी भर रुपइया तोरे धर भावय +नइ हेंरव मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +ले लेबे भइया लहुरि ननदिया । +हेर देबे मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +लहुरि ननदिया तोरे धर भावय +नइ हेंरव मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे । +ले लेबे , छैलवा मोरे रस बुंदिया +हेर देहंव मैनहरी कांटा +रतन बोइर तरी रे ।",chhattisgarhi-hne +"साधो किस नूँ कूक सुणावाँ। +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ , +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +किते रामदास किते फतह मुहम्मद , +एहो कदीमी शोर । +मुसलमान सड़न तो चिढ़दे , +हिन्दू चिढ़दे गोर1 । +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ । +दोवें आपो विच्च लड़दे भिड़दे , +नित्त नित्त करदे खोर2 । +चुक गए सभ झगड़े झेड़े , +निकल प्या कोई होर । +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ । +जिस ढूँढ़ पाया तिस पाया , +नाहीं झुर झुर होया मोर । +पीर पीराँ बगदाद असाडा , +मुरशद तखत लाहौर । +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ । +ओस सी सभ इक्को कोई , +आप गुड्डी आप डोर । +जेहड़ा लेख मत्थे दा लिखेआ , +कौण करे भन्न तोड़ । +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ । +ओहा आप साईं जिसनूँ भाल लए , +मैनूँ ओसे दी गत ज़ोर ��� +तुसीं पकड़ लवो ताँ मैं दस्सणाँ हाँ , +बुल्ला शाह दा चुगलीखोर । +साधो किस नूँ कूक सुणावाँ ।",panjabi-pan +"नगरी नगरी द्वारे द्वारे +नगरी नगरी द्वारे द्वारे +ढूंढूं रे सांवरिआ +सीस बन्नै के सेरा सोए +लड़िओं पे नजरिआ +नगरी नगरी . . . +कान बन्नै के मोती सोए +सच्चयां पे नजरिआ +नगरी नगरी . . . +गल्ल बन्नै के तोड़ा सोए +टिकड़ै पर नजरिआ +नगरी नगरी . . . +हाथ बन्नै के घड़िआं सोए +गुट्ठी पै नजरिआ +नगरी नगरी . . . +पैर बन्नै के जूता सोए +चलगत पै नजरिआ +नगरी नगरी . . . +सेज बन्नै के बनडी सोए +जोड़ी पै नजरिआ +नगरी नगरी . . . +हेठ बन्नै के लील्ली सोए +महफिल पै नजरिआ +नगरी नगरी . . .",haryanvi-bgc +"बाड़ी मोरी अबही उमरिया +बाड़ी मोरी अबही उमरिया +आ विधाता दिनवा धई दिहलें ऐ राम . . . +सजना सेयान हम नदान , +त कइसे के गवनमां जाइब ऐ राम +बाबा मोरा अइसन निरमोहिया +न मन में विचरवा कइले ऐ राम +माई मोरा हिया के कठोर +त घरवा से निकाली दिहली ऐ राम +नइहर में कुछउ न सिखलीं +पिया के घर का करब ऐ राम +कुसुम रंग पेन्हली चुनरिया +त लाल रंग चादर मिलल ऐ राम . . . +डोलिया में हमके बिठाई के +कहार चार लागी गइले ऐ राम +सुसुकिसुसुकि माई रोवेली +त सखी फुका फारी रोवे ऐ राम +धनी अब भइली ससुरइतीन +लउटी फिर न आइब ऐ राम +दास ऐ कबीर , निर्गुण गावेलन +गाके समझावेले ऐ राम . . .",bhojpuri-bho +"मैं तोर गुन जानि गयूँ ए नान गुटकी +मैं तोर गुन जानि गयूँ ए नान गुटकी +दाल बनाईं भात बनाईं और बनाईं फुलकी , +सारा जेवना जेई के भर्तार पति के आगे ठुनकी +मैं तोर गुन . . . +लौंग इलाइची बीरा खाईं आवै लागीं हिचकी , +सीसा लै के मुंह निहारें गाल होई गे सुट्की +मै तोर गुन . . . +मारी गईं पीटी गईं कोने जाए सुसकी , +तनिक नैना ओट भएँ बांधे लागी पुटकी +मैं तोर गुन . . . +सेज सुपेती दासन पाइन संझवय से खसकी , +सारे पलंग पर अपना सोवैं पिया का काटें चुटकी +मैं तोर गुन . . .",awadhi-awa +"267 +खाह रिज़क हलाल ते सच बोलीं छड देह तूं यारियां चोरियां ओए +तोबा कर तकसीर मुआफ तेरी जेहड़ियां पिछलियां सफान घोरियां ओए +ओह छड चाले गवार पुने वाले चुन्नी पाड़ के कीतियां मोरियां ओए +पिछा छड जटा कौतां सांभ लइयां जो सी पाड़ियां खड दियां बोरियां ओए +जो अराहकां1 जोत रत्ना लईए जेहड़ियां अरलियां2 भंनियां तोड़ियां ओए +धोये धोये के मालकां वर लइयां जेहड़ियां चाटियां कीतियां खोरियां ओए +रौले विच तैं रेढ़या कम चोरी कोई खरचियां नाहीं बोरियां ओए +छड सब बुरायाइयां पाक हो जा ना कर नाल जगत दे जोरियां ओए +तेरी आजज़ी इजज़3 मंजूर कीता ताहियें मुंदरां कन्न विच सोरियां ओए +वारस शाह ना आदतां जांदियां ने भावे कटिए पोरियां पोरियां ओए",panjabi-pan +"बाजूबंद री लूम +टूटे बाजूडा री लूम लड़ उलझी उलझी जाए +टूटे बाजूबंद री लूम लड़ उलझी उलझी जाए +कोई पंचरंगी लहेरिया रो पल्लो लहेराए +धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया +झालो सहयो नही जाए +टूटे बाजूडा री लूम लड़ उलझी उलझी जाए +टूटे बाजूबंद री लूम लड़ उलझी उलझी जाए +कोई पंचरंगी लहेरिया रो पल्लो लहेराए +धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया +झालो सहयो नही जाए +लागी प्यारी फुलवारी आतो झूम झूम जाए +ल्याई गोरी रो संदेशो घर आओ नी सजन +बैरी आंसुडा रो हार बिखर नही जाए +कोई चमकी री चुंदरी में सळ पड़ जाए +धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो नी बयारिया +झालो सहयो नही जाए +धीरे चालो नी बायरिया हौळे हालो री बयारिया +झालो सहयो नही जाए",rajasthani-raj +"आल्हा ऊदल +निकलल पलटन लहरा के बाबू मेघ झरा झर लाग +झाड़ बरुदन के लड़वैया साढ़े साठ लाख असवार +चलल जे पलटन है लहरा के सिब मंदिर के लेल तकाय +बावन दुआरी के सिब मंदिर बावनों पर तोप देल धरवाय +रुदल रुदल घिराइल सिव मंदिर माँ +जरल करेजा है रुदल के घोड़ा पर फाँद भेल असवार +ताल जो मारे सिब मंदिर में बावनों मंदिर बिरल भहराय +बोलल राजा लहरा सिंह रुदल कहना मानव हमार +डेरा फेर दव अब एजनी से तोहर महाकाल कट जाय +नाहिं मानल बघ रुदल बाबू सूनीं धरम के बात +बातन बातन में झगड़ा भैल बातन बढ़ल राड़ +बातक झगड़ा अब के मेटे झड़ चले लागत तरवार +तड़तड़ तड़तड़ लेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल दुइ दल कान दिलह नाहिं जाय +झाड़ बरुदन के लड़वैया सै साठ गिरल असवार +जैसे बढ़इ बन के कतरे तैसे कूदि काटत बाय +आधा गंगा जल बहि गैल आधा बहल रकत के धार +ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार +ढलिया बहि बहि कछुआ होय गैल तरुअरिया भैल धरियार +छूरि कटारी सिंधरी होय गैल धै धै तिलंगा खाय +नब्बे हजारन के पलटन में दसे तिलंगा बाँचल बाय",bhojpuri-bho +"150 +चूचक आखदा अखीं विखा मैंनूं मुंडी1 लाह सुटां गुंडे मुंडयां दी +हक अयां तराह मैं तुरत माही साडे देस ना थां है गुंडयां दी +सिर दोहां दे वढ के अलख लाहां असीं सथ ना परे हां गुंडयां दी +कैदो आखया वेख फड़ावना हां भला माखड़ी एहनां लुंडयां दी +एस हीर दे बिरछ दी भंग लैसां सेहली वटसां चाक दे जुंडयां दी +��खीं वेख के फेर जे ना मारो तदों जानसों परे दे बुंडयां दी +वारस शाह मियां एथों खेड़ पौंदी वेखो बुंडयां दी अते मुंडयां दी",panjabi-pan +"439 +आकी हो बैठे असीं जोगीअड़े जाह ला लै जोर हो लावना ई +असी हुसन ते हो मगरूर बैठे चार चशम दा कटक लड़ावना ई +लख जोर तूं ला जे लावना ए असां बदीयों बाझ ना आवना ई +सुरमा अखियां दे विच पा के ते असां वडा घमंड दखावना ई +रुख देके यार पयारड़े नूं सैदा रांझे दे नाल लड़ावना ई +ठंडा होए बैठा सैदा वांग दहसर1 सोएन लंक नूं उस लुटावना ई +रांझे कन्न पड़ायके जोग लया असां जजीया जोग ते लावना ई +वारस शाह बाग विच जा बैठा असां हासला बाग दा पावना ई",panjabi-pan +"विवाह गीत +वाण्या मा गुई ने घाघरों ते लाई । +चुलि झुणि पेहरे वो नानी वो बेनी । +पटवा मा गुई ने रिबिन लाई । +तू झुणि गूथे वो नानी वो बेनी । +पटवा मा गूई ने कांगसो ते लाई । +तू झुणि चिचरे वो नानी वो बेनी । +पटवा मा गूई ने चून्या ते लाई । +तू झुणि बांथे वो नानी वो बेनी । +सखी सासरे चली जायेगी , इस गुस्से में गीत गाया गया है । +बनिये के यहाँ गई थी और घाघरा लाये । तू चोली मत पहनना अर्थात् फेरे के लिए तैयार मत होना । पटवा के यहाँ से रिबिन लायी , तू मत गूँथना । पटवा के यहाँ से कंघी लायी , तू बालों में कंघी मत करना । मोती लाये हैं , तू मत बाँधना ।",bhili-bhb +"अहे मोरा पिछुअड़ा लवँगिया के गछिया +अहे मोरा पिछुअड़ा1 लवँगिया के गछिया2 । +लवँग चुअले3 सारी रात हे । +अहे लवँग चुनि चुनि सेजिया डँसवलों । +बीचे बीचे रेसम के डोरा हे ॥ 1 ॥ +अहे ताहि पइसि4 सुतले , दुलहा कवन दुलहा । +जउरे सजनवा केरा धिया हे । +अहे ओते ओते5 सुतहु कवन सुगइ । +तोरा गरमी मोरा ना सोहाय हे ॥ 2 ॥ +अहे अतिना6 बचनियाँ जब सुनत कवन सुगइ । +रोअत नइहरवा चलि जाय हे । +अहे मोरा पिछुअड़वा मलहवा रे भइया । +मोहि के7 पार उतारऽ हे ॥ 3 ॥ +अहे राति अमल8 बहिनी अतही9 गँवावऽ10 । +भोरे11 उतारब पार हे ॥ 4 ॥ +अहे भला जनि बोलइ भइया , मलहवा भइया । +तोरो बोली मोहिं न सोहाय हे । +अहे चान12 सुरुज अइसन अपन परभु तेजलों13 । +तोहरो के सँग नहीं जायब हे ॥ 5 ॥ +अहे एके नइया आवले लवँग इलाइची । +दोसरे नइया आवे पाकल पान हे । +अहे तीसरे नइया आवलें ओहे पनखउका14 । +उनके साथ उतरव पार हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"विरह गीत +माथे नी हयणी ढली गई , +कहां लग भालुं तारी वाट रे । +हाथ रंगीली लाकड़ी , +रही गई ढोलिहा हेट रे । +चूल्हा पर खिचड़ी सेलाई गई , +कहां लग भालुं तारी वाट रे । +सींका पर चूरमो सेलाई ग्���ो , +कहां लग भालुं तारी वाट रे । +मारो रावलियो कुकड़ो तो , +रावलियोरावलियो जाये रे । +राजा नी रानी जागसे , +तो टोपसे ढोलिड़ा हेट रे ॥ +प्रियतमा अपने प्रियतम का इन्तजार कर रही है । वह कहती है हिरणी आसमान में उदित होने वाले तीन तारे , जिन्हें देखकर समय का अनुमान लगाया जाता है ढल गयी है अर्थात् आधी रात हो गयी है , अभी तक प्रिय घर नहीं आये , मैं कब तक राह देखूँ ? उनके लिए रखी खिचड़ी और सींके पर रखा चूरमा भी ठण्डा हो गया है । प्रेयसी , प्रिय के विरह में इतनी व्याकुल हो गयी है कि मुर्गे को टोकनी में बन्द करना ही भूल गयी ।",bhili-bhb +"कृष्ण ने कैसौ जुलम गुजारौ +कृष्ण ने कैसौ जुलम गुजारौ , मेरी चूँदर पे रंग डारौ ॥ टेक +रस्ता लई रोक हमारी , मारी भरभरकै पिचकारी , +उत्पात करौ है भारी , कीनी कैसी हुशियारी । लई अकेली +घेर , न कीनी देर , श्याम गयौ आई , मो भोरी सखी की एक +पेश नहीं खाई । गयौ पिछारी ते ऊधम करके मोते +बजमारौ । मेरी . ॥ अब मोकूँ घर जानों , वहाँ लड़े सास +सच मानो , जल्दी ते बताय बहानों , जाते मिले न मोय +उरिहानो , चोली में पड़ गये दाग , तुरन्त गयौ भाग , कियौ +छल यानै , ऐसौ जसुदा कौ लाल एक नहीं मानें । जब देखूँ +तब खड़ौ अगारी , रस्ता रोक हमारौ ॥ मेरी . ॥ ये नित +नये फैल मचावै , नांय दहसत मन में खावै , लै ग्वालन कू +संग आवै , मेरे लाल गुलाल लगावै । कहते में आवै लाज , +कहूँ कहा आली , सखी सुन प्यारी । मेरौ लीनों अंग टटोर +झटक लई सारी । रंग बिरंगी करी कुमकुमा तान बदन पै +मारौ ॥ मेरी . ॥ अब सब मिल सलाह बनाऔ , मोहन कूँ +यहाँ बुलाऔ , ज्वानी को मजा चखाओ , सब बदलौ लेऔ +चुकाय सभी हरसाय , करौ जाकी ख्वारी , कर सोलह सिंगार +हंसौ दै तारी । ‘नारायण घनश्याम’ भयौ घटघट कौ +जानन हारौ ॥ मेरी . ॥",braj-bra +"चलो मनवा उस देश को +चलो मनवा उस देश को , +हंसा करत विश्राम +१ वा देश चंदा सुरज नही , +आरे नही धरती आकाश +अमृत भोजन हंसा पावे +बैठे पुरष के पासा . . . +चलो मनवा . . . +२ सात सुन्न के उपरे , +सतगरु संत निवासा +अमृत से सागर भरिया +कमल फुले बारह मासा . . . +चलो मनवा . . . +३ ब्रह्मा विष्णु महादेवा , +आरे थके जोत के पासा +चैदह भवन यमराज है +वहां नहीं काल का वासा . . . +चलो मनवा . . . +४ कहत कबीर धर्मदास से , +तजो जगत की आसा +अखंड ब्रह्मा साहेब है +आपही जोत प्रकाशा . . . +चलो मनवा . . .",nimadi-noe +"गोखड़ा ऊपर गोखड़ो, जां मेंदी को झाड़ +गोखड़ा ऊपर गोखड़ो , जां मंेदी को झाड़ +हो मेंदी म्हें बोई हो राज +छोटो देवर लाड़लो +वो मेंदी को रखवाल +हो मेंदी म्हें बोई हो राज +नानी नणदल लाड़ली +वां मेंदी चूंटन जाय +लसरलसर मेंदी बाटूं +झबियां झोला खाय +देवर की राची चीटी आँग की +भावज रा दोई हाथ +मेंदी लगाया पाणी चली +सामे मिल्या नाय +हँस्या था , पण बोल्या नी +मन में राख्यो दाव +बेड़ो लाई परंडी मेल्यो +घर मे मची रार +धम धमा धम होणे लाग्यो +छोरो पाड़े चीख +छोरा की टूटी टांगड़ी +छोरी को कचड़घाण +पाड़पड़ोसण बेनली , म्हारो छोरो छानो राख +मैं कई राखूं , बेनूली , घरघर मची रार +म्हारी सासू ने यूं कयो , बऊ पोल में दीवो मेलजे +हूँ भोली ने यूँ सुण्यो , बऊ सोड़ में दीवो मेलजे +सोड़ बले , सासू बले , म्हारो हियो हिलोड़ा लेय +म्हारी सासू ने यूं कयो , बऊ भैस खे कुंडो मेलजे +हूँ भोली ने यूँ सुण्यो , बऊ जेठ खे कुंडो मेलजे +गोखड़ा ऊपर गोखड़ा , जेपे कालो नाग +खाई थी , पण बच गई , परण्या थारा भाग",malvi-mup +"गरि परवत से चलल माता कोसिका +गिरि परवत से चलल माता कोसिका , चलि भेलै गंगा स्नान +घड़ी एक पहुँचवै माता कोसी गंगा घाट । +निशि भाग राति माता कोसिका करै छियै किलोल , +से लावू नैया दियौ गंगाजी के घाट पर । +से माता निशि भाग राति में +किए करै छै किलोल +की छियै दैतनीकी छियै भूतनी । +नै छी हम दैतनी , नै हम भूतनी , +जाति के हम छी बाम्हन , +बाप राखलक कोसिका नाम । +कल जोड़ि माता करै छी परनाम +टुटले नैया टुटले पतवार । +कोना करब गंगा के पार । +सोना से मढ़ाय देवौ दूनू मांगि , +रूपा से मढ़ेबो करूआरि +सात दिन सात राति माता कोसिका +झलहेर खेलवैये । +सात दिन सात राति माता कोसिका +खेललो झलहेर , +से मांग रे मलहा इनाम । +जो लागि कोसिका ने करवे सत परिनाम , +तो लागि नै मांगवो इनाम । +एक सत के लिये दोसर सत केलियै +तेसर सत केलियै परिनाम +घर में माता छै अंधी +बुढ़िया नाच हमरा पद बांझ दे छोड़ाय +माता के हेतो आँखि दई लोचना +तोराके बांझ पर देव छोड़ाय +कल जोड़ि मिनती करै छी माता कोसिका , +रन बेरि कोसिका होहु ने सहाय ।",angika-anp +"आगे गुरु पासे चेला +आगे गुरु पासे चेला +आगे गुरु पासे चेला +कतरी डाटेन टोलेमा गुरु मारे +कतरी डाटेन टोलेमा गुरु मारे +जाजह बांधो टीकरा बांधो +जाजह बांधो टीकरा बांधो +कतरी डाटेन टोले मा जा गरु मारे +कतरी डाटेन टोले मा जा गरु मारे +जाजह बांधो सिवाड़ बांधो +जाजह बांधो सिवाड़ बांधो +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +जाजह बांधो सिवाड़ बांधो +जाजह बांधो सिवाड़ बांधो +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +आगे गुरु पासे चेला +आगे गुरु पासे चेला +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +खिला को बांधो मुटवा बांधो +खिला को बांधो मुटवा बांधो +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +कतरी डाटेन टोले मा जा गुरु मारे +स्रोत व्यक्ति सकून बाई , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"आओ फकीरो मेले चलीए +आओ फकीरो मेले चलीए , +आरफ का सुण वाजा रे । +अनहद शब्द सुणो बहु रंगी , +तजीए भेख प्याज़ा रे । +अनहद वाजा सरब मिलापी , +नित्त वैरी सिरनाजा रे । +मेरे बाज्झों मेला औतर , +रूढ़ ग्या मूल व्याजा रे । +करन फकीरी रस्ता आशक , +कायम करो मन बाजा रे । +बन्दा रब्ब भ्यों इक्क मगर सुक्ख , +बुल्ला पड़ा जहान बराजा रे ।",panjabi-pan +"202 +रले दिलां नूं पकड़ विछोड़ देंदे बुरी बान है तिनांह हतिआरयां नूं +नित शहर दे फिकर गलतान1 रहिंदे एहो शामत है रब्ब दयां मारयां नूं +खावन वढियां नित ईमान वेचन एह मार है काज़ियां सारयां नूं +रब्ब दोजखां नूं भरे पा बालन केहा दोश है असां विचारयां नूं +वारस शाह मियां बनी बहुत औखी नाहीं जानदे सां इनहां कारयां नूं",panjabi-pan +"हम तुमसे पूछे रानी रुकमणि +हम तुमसे पूछें , ए रानी रुकमणि । +कृष्ण वर कैसे पायें , मोरे लाल । हम . . . +चार महीना तो घुमड़ जल बरसो , +हम उरिया तरें ठांड़े मोरे लाल । हम . . . +चार महीना के जाड़े परत हैं , +हमने गंगा नहाई मोरे लाल । हम . . . +चार महीना की गरमी पड़त है । +पंचवटी तप कीन्हें मोरे लाल । हम . . . +इतने तप हम किये हैं माया , +जब कृष्ण वर पाये मोरे लाल । हम . . .",bundeli-bns +"438 +रांझा वांग ईमान शराबियां दे जुदा होयके पिंड थी बाहर रहया +नैनां तेरयां जट नूं कतल कीता चाक होय के खोलया चार रहया +अंत कन्न पड़वा फकीर होया घत मुंदरां विच उजाड़ रहया +ओहनूं वतन ना मिले तूं सतर खाने थक टुटके अंत नूं हार रहया +तैनूं चाक दी आखदा मुलक सारा एवें उसनूं मेहना मार रहया +शकरगंज मसऊद मैंदूद वांगूं ऊहना नफस1 दी हिरस नूं मार रहया +सिधा नाल तवकली2 ठल बेड़ा इके विच डुबा इके पार रहया",panjabi-pan +"लचिका रानी +दूसरा खण्ड +रम्मा सुनोॅ आगू के वचनमो रे ना +रम्मा सुनोॅ सब भाई , बहिन धरि धियनमो रे ना +रम्मा लचिका के आगू रोॅ बचनमो रे ना +रम्मा जाय पहुँचलै पापी राजवो रे ना +रम्मा शिव मंदिरवा के नगीचवो रे ना +रम्मा घुसियैलो छेलै जहाँ रानी लचिको रे ना +रम्मा कानै छेलै कपरवा धुनिधुनि रे ना +रम्��ा वहाँ जायके बोले पापी राजवो रे ना +रम्मा चल्लोॅ आवोॅ मंदिर से बहरवो रे ना +रम्मा आपनोॅ तों चाहोॅ कुशलवो रे ना +रम्मा अगर नै ऐभौ बहरवो रे ना +रम्मा काटी देवौ तोरोॅ सिरवो रे ना +रम्मा सुनीकेॅ राजा के बचनमो रे ना +रम्मा बौले सुनीकेॅ लचिका रनियो रे ना +रम्मा सुनोॅ हमरो अरजबो रे ना +रम्मा केना हम्में निकलबै बहरवो रे ना +रम्मा भीजलोॅ हमरोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा झलकतै हमरोॅ सभे अंगवो रे ना +रम्मा निकलै में लागै हमरा शरममो रे ना +रम्मा घटवा पर हमरोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा लानी केॅ देभौ हमरोॅ अगुओ रे ना +रम्मा तबेॅ पीन्ही केॅ निकलबै बहरवो रे ना +रम्मा सुनि केॅ लचिका के बतियो रे ना +रम्मा लानी केॅ देलकै राजा नुग्गासाया बुलाऊजवो रे ना +रम्मा सब चीज पीन्हीं निकललै बहरबो रे ना +रम्मा चल्लोॅ गेलै राजा के समनमो मेें रे ना +रम्मा राजा भेलै खुशिया मगनमो रे ना +रम्मा राखलेॅ छेलै उड़न खटोलवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ बैठलकै उपरवो रे ना +रम्मा पापी राजा भेलै आनन्दवो रे ना +रम्मा लैकेॅ चली देलकै सथवो रे ना +रम्मा जतना छेलै लश्करियो रे ना +रम्मा सब गेलै राजा के नगरियो रे ना +रम्मा बरपपा के सुनो अब जिकरियो रे ना +रम्मा भारी हल्ला होलै गढ़ के भीतरवो रे ना +रम्मा रूदन पीटन पड़ी गेलै महलियो रे ना +रम्मा प्रीतम सिंह के रोवै महतरियो रे ना +रम्मा छाती पीटीपीटी कहै बचनियो रे ना +रम्मा नाश होलै कुलखनदनमो रे ना +रम्मा पूतोहो के करनमो रे ना +रम्मा केतना घर भेलै मोसमतवो रे ना +रम्मा सबके धोएैलै सिर सिन्दुरवो रे ना । +रम्मा छोड़ी केॅ गेलै आपनोॅ ललनमो रे ना +रम्मा गेलै हठ करि पोखिरियो रे ना +रम्मा धनजन करलकै संहरवो रे ना +रम्मा करनि के पैलकै फलवो रे ना +रम्मा महीना दिनो के रहै ललनमो रे ना +रम्मा आवेॅ सुनोॅ वहाँ के हलवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना +रम्मा खटोलबा के उपरवो रे ना +रम्मा जबेॅ पहुँचलै गाँव के नजदीकवो रे ना +रम्मा दस कोस रहलै फसिलवो रे ना +रम्मा पड़ी गेलै वहाँ कममो रे ना +रम्मा लागलोॅ रहै वहाँ पचरंग बजरवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ लैकेॅ वहाँ रजवो रे ना +रम्मा पहुँचलै जायकेॅ ठिकनमो रे ना +रम्मा उतारलकै वहाँ उड़नखटोलवो रे ना +रम्मा जुटी गेलै पलटनियो रे ना +रम्मा करै लागलै सब लोग दतबनमो रे ना +रम्मा बोलै लचिका तबेॅ बचनियो रे ना +रम्मा सुनि लेॅ राजा हमरोॅ बचनमो रे ना +रम्मा यहाँ तनवाय देहोॅ तम्बुकवो रे ना +रम्मा आपनोॅ मकानमा तांय रे ना +रम्मा हम्मे चलबै तम्बुकबा भीतरबो रे ना +रम्मा यहाँ सें करलेॅ जैबै दनमो रे ना +रम्मा देहोॅ तहूँ मंगाई केॅ समनमो रे ना +रम्मा करवे हम्मे तबेॅ दतनमो रे ना +रम्मा तोहरे हाथो सें पियबै हम्में पनियो रे ना +रम्मा धीरेंधीरें चलबै तोहरोॅ घरबो रे ना +रम्मा दिन भरी में चलबै पाव भर रसतवो रे ना +रम्मा नाहीं मानबै बीचोॅ एक्को बतियो रे ना +रम्मा मारी देभौ तों हमरोॅ जनमो रे ना +रम्मा यहेॅ छौं हमरोॅ कहनामो रे ना +रम्मा तबेॅ होतौं तोहरोॅ इच्छा पूरनमो रे ना +रम्मा सुनी केॅ रानी के बचनमो रे ना +रम्मा राजा कहै मीठी बोलियो रे ना +रम्मा तुरंते होय जैतै सब काममो रे ना +रम्मा राजा कही केॅ एतना बचनमो रे ना +रम्मा बौलेलकै सब नौकरबो रे ना +रम्मा राजा देलकै सबकेॅ हुकुममो रे ना +रम्मा जल्दी सें तनाबै तम्बुकवो रे ना +रम्मा दस कोस यहाँ सें मकनमो रे ना +रम्मा घर तक तानी दै तम्बुकवो रे ना +रम्मा तम्बुकवा तानै सब नौकरवो रे ना +रम्मा राजा कहैलेॅ गेलै खबरवो रे ना +रम्मा सगरो तनाय गेलै तम्बुकवो रे ना +रम्मा दस कोस रसतवा लागै दस बरसवा दिनमो रे ना +रम्मा राजा तबेॅ बोलाबै दीवनमो रे ना +रम्मा जल्दी सें जैभौ तों नगरियो रे ना +रम्मा खंजाची केॅ देहोॅ खबरियो रे ना +रम्मा सुनी केॅ राजा के बचनमो रे ना +रम्मा वहाँ सें चल्लै दीवनमो रे ना +रम्मा गेलै खजांची के पसबो रे ना +रम्मा कहि देलकै राजा के हुकुममो रे ना +रम्मा खजांची देलकै तुरंते समनमो रे ना +रम्मा एैले तबेॅ लैकेॅ दिवनमो रे ना +रम्मा रानी केॅ देलकै सब समनमो रे ना +रम्मा तबेॅ करेॅ लागलै रानी दानमो रे ना +रम्मा दान करतें हुवेॅ चल्लै डगरियो रे ना +रम्मा चली देलकै राजा के दरबरियो रे ना +रम्मा दिन भरि में चलै रती भर जमीनमो रे ना +रम्मा मनमा में करिकेॅ विचरवो रे ना +रम्मा हमरे खातिर कुल होलै नशवो रे ना +रम्मा येहो सोचतें चल्लै मनमो रे ना",angika-anp +"लिपि-पोति देलूँ अँगनमा, अँगनमा सोहामन हे +लिपिपोति देलूँ अँगनमा1 अँगनमा सोहामन2 हे । +गजमोती चउका3 पुरावल4 सोने कलस धरी हे ॥ 1 ॥ +आजु हे रामजी के बियाह , चलहुँ मंगल गामन5 हे । +जुगजुग जीथिन6 सीतादेइ7 अवरो8 सीरीराम दुलहा हे ॥ 2 ॥ +भोगथिन9 अजोधेया के राज , तीनों लोक सुन्नर हे । +जुगजुग बढ़े अहिवात , जे मंगल गावत हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"बधाये नन्द के घर आज सुहाये नन्द के घर आज +बधाये नन्द के घर आज , सुहाये नन्द के घर आज । +टैरो टैरो सुगर नहनिया , घरघर बुलावा देय +बधाये . . . +अपनेअपने महलिन भीतर , सब सखि करती सिंगार +पटियां पारे , मांग संवारे , वेंदी दिपत लिलार । +बधाये . . . +आवत देखी सबरी सखियां , झपट के खोले किवाड़ +बूढ़नबड़ेन की पइयां पड़त हूं , छोटेन को परणाम । +बधाये . . . +बाबा नन्द बजारे जइयो , साड़ी सरहज खों ले आओ +पहिनो ओढो सबरी सखियां , जो जी के अंगे भाये । +बधाये . . . +पहिन ओढ़ ठांड़ी भई सखियां , मुख भर देतीं आशीष +जुगजुग जिये माई तेरो कन्हैया , राखे सभी को मान । +बधाये . . .",bundeli-bns +"मेरी पींघ तले री लांडा मोर +मेरी पींघ तले री लांडा मोर +रे बीरा बारी बारी जां +मैं तो लाऊंगी मेरे बीरै के हाथ +रे बीरा बारी बारी जां +मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली , सामण री आया गूंजता +जाऊंगी री मेरी बेब्बे के देस , सामण री आया गूंजता +किसीयां के दुख में बेब्बे दूबली +किसीयां नै बोल्ले सैं बोल , सामण री आया गूंजता +सासड़ के दुःख में बीरा दूबली +नणदी नै बोले सैं बोल , सामण री आया गूंजता +नणदी ने भेजांगे बेब्बे सासरै +सासू नै चक लगा राम , सामण री आया गूंजता",haryanvi-bgc +"76 +तेरा आखया असां मनजूर कीता मझीं देह संभाल के सारियां नी +खबरदार रहे मझीं विच खड़ा बेले विच मुसीबतां भारियां नी +रोला करे नाहीं नाल खधिया1 दे एस कदे नाहीं मझी चारियां नी +मत खेड रूझे खड़ियां जाण2 मझीं होण पिंड दे विच खुआरियां नी",panjabi-pan +"ससरा अबोले, सासू अबोले +ससरा अबोले , सासू अबोले +किनी पत मंदरियां आवां हो +जेठ अबोले , जेठानी अबोले +किनी पत मंदरिये आवां हो +सास मनावां , ससरा मनावां +डंकारा समूचे आया हो +जेठ मनावां जेठानी मनावां +तेलसिन्दूर लई आवां हो +देवर अबोले , देवराणी अबोले +देवर मनावां , देवराणी मनावां +फलड़ा लई ने आवां हो +यो मड़ गाजे , भेरूजी नौबत बाजे +पुत्र अबोले , कुलबऊ अबोले +पुत्र मनावां , कुलबऊ मनावां +घीखिचड़ी लई ने आवां हो +मो मड़ गाजे , भैरूजी नौबत बाजे +नणंद अबोले , पनदोई अबोले +नणंद मनावां , नणदोई मनावां +आरती लई ने आवां हो +स्वामी अबोले , सोकड़ अबोले +किनी पत मंदरिये आवां हो +स्वामी मनावां , सोकड़ मनावां +रूपयो नारेक लई ने आवां हो",malvi-mup +"रसिया को नारी बनाओ री +रसिया को नारी बनाओ री , रसिया को नारी बनाओ री । +कटि लहंगा गले माहीं कंचुकी , चुंदरी सीस उढ़ओ री +रसिया को नारी बनाओ री । +गाल गुलाल आंखिन में अंजन , बैंदी भाल लगाओ री +रसिया को नारी बनाओ री । +नारायण तब तारी बजा के , जसुमति पास नचाओ री +रसिया को नारी बनाओ री ।",haryanvi-bgc +"488 +भाबी अज जोबन तेरे लहर दितो जिवें नदी दा नीर उछलया ए +कुफल1 जंदरा तोड़ के चोर वड़या अज बीड़ा कसतूरी दा हलया ए +सुहा घगरा लहरां दे नाल उडे वेग बद दोचंद हो चलया ए +सुरखी होंठां दी किसे ने चूप लई अंब सगना मोड़ के घलया ए +कस्तूरी दे मिरग जिस ढाह लए कोई नवां हीरा आन मलया ए +वारस शाह तैनूं पिछों आन मिलीया इक नवां ही कोई सहड़या ए",panjabi-pan +"मालिन के अँगना कसइलिया के गछिया +मालिन के अँगना कसइलिया1 के गछिया2 रने बने3 पसरल4 डार5 हे । +घर से बाहर भेले दुलहा दुलरइते दुलहा , तोड़ हइ6 कसइलिया के डार हे ॥ 1 ॥ +घर से बाहर भेले दादा दुलरइते दादा , मालिन ओलहन7 देवे हे । +देखो बाबू साहब तोहरे8 पोता9 तोड़े हे10 कसइलिया के डार हे ॥ 2 ॥ +लड़िका रहइते मालिन बरजतियइ11 छयला बरजलो न जायगे । +देबो गे अगे मालिन डाला12 भर सोनमा , डाला भर रूपवा , तोड़े दे कसइलिया के डार गे ॥ 3 ॥ +हमरा दुलरइते दुलहा कसइलिया के भूखल , तोड़े हइ कसइलिया के डार गे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"पियवा, त पियवा से पातर पियवा, सुनहु बचन मोरा हे +पियवा1 , त पियवा से पातर2 पियवा , सुनहु बचन मोरा हे । +पियवा , एक पेड़ अमवा3 लगवतऽ त फलवा हम खइती हे ॥ 1 ॥ +धनिया , जे तुहुँ सुघरि धनिया , सुनहु वचन मोरा ए । +धनिया , एक तुहुँ बेटवा पझइतऽ4 त सोहर हम सुनती हे ॥ 2 ॥ +उठि उठि चलि भेलन बिपर5 धरे , अउरो से विपर धरे हे । +विपर , तोहरे चरन धोइए पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 3 ॥ +पुरुब के चनमा6 पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 4 ॥ +उहँउ7 से चलि भइली सासु लगे , अउरो से सासु लगे हे । +सासुजी , रउरेहुँ चरन धोइ पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 5 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 6 ॥ +उहँउ से चलि भेलन गोतनी से , अउरो गोतनी लगी हे । +गोतनी रउरे चरन धोइ पीतूँ , पुतर एक होयतो हे ॥ 7 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +बहुआ , तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 8 ॥ +उहँउ से चललन ननदी लगी , अउरो ननदी लगी हे । +ननदी तोहरो चरन धोइ पीयबो , पुतर एक होयतो हे ॥ 9 ॥ +पुरुब के चनमा पछिम होय , सुरुज पछिम उदे हे । +भउजो , तरसि तरसि जीउ जयतो , पुतर कहाँ पयबऽ हे ॥ 10 ॥ +नहाइधोआइ8 ठाढ़ा भेल9 सुरुज गोड़ लागल हे । +सुरुज , हम पर होअन देयाल , 10 पिया हो ताना मारल हे ॥ 11 ॥ +आधी रात गयली पहर रात , अउरो पहर राती हे । +बीचे राती ललना जलम भेल , महल उठे सोहर हे ॥ 12 ॥ +आबह बिप्र आबह चउकि11 चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल12 नंदलाल , तोहर गोड़ पूजब हे ॥ 13 ॥ +आवह सासु , तूँ आवह , जाजिम चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल नंदलाल , तोहर पाँव पूजब हे ॥ 14 ॥ +आवह गोतनी , तूँ आवह , मचिया चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल मोरा लाल , तोहरो पाँव पूजब हे ॥ 15 ॥ +आवह ननदो , तूँ आवह , चटइया चढ़ि बइठह हे । +तोहरे कहल मोरा लाल , तोहरो पियरी पहिरायब हे ॥ 16 ॥",magahi-mag +"शबरी के खट्टे मीठे बेर बेर बड़े मीठे लगे +शबरी के खट्टे मीठे बेर , बेर बड़े मीठे लगे । +एक दिन शबरी जंगल गई थी , जंगल गई थी । +ले आई खट्टे मीठे बेर , बड़े मीठे लगे । +एक मुट्ठी बेर शबरी रामजी को दीन्हीं +रामजी ने खाय लिये बेर , बेर बड़े मीठे लगे । +एक मुट्ठी बेर शबरी लखन जी को दीन्हीं । +फेंक दिये उनके बेर , बेर बड़े खट्टे लगे । +वही बेर बनें थे , पर्वत पे बूटी । +आये लखन के काम बेर . . .",bundeli-bns +"नए आलू आये बिकन बंगले में +नए आलू आये बिकन बंगले में +सास नहीं घर में , ससुर नहीं घर में +मैं अलबेली , बलम लश्कर में +डालो गले बिन वैयां +हमार जिया ना माने +बेलम शौकीन मिले मेरी गुईयां",malvi-mup +"आसा की जोत +रैंन अँदिरिया गैल भुलानी ; +हिलबिलान हो गई जिँदगानी । +मिरगा ढूँड़ रए कस्तूरी , +आसा होत न उनकी पूरी । +भरत चौकड़ीं देख मरीची +कितनी नाप लई है दूरी । +सेंतमेंत हो रई नादानी ; +हिलबिलान हो रई जिँदगानी । +कौन घरी में भाँवर पारी , +घिरी बदरिया कारीकारी । +धुरुब तरइया देख न पाए +कैसें गैल मिलै अबढारी ? +थेबौ खात फिरत अग्यानी ; +हिलबिलान हो गई जिँदगानी । +दूर बजत कऊँ ढोलनगारे , +बैरे हो गए कान हमारे । +बेबस होकें सबई तराँ सें +भटक रए नित मारेमारे । +चीर दए नभथल औ पानी , +हिलबिलान हो रई जिँदगानी । +आसा तौऊ पैले पार , +कैसें कोऊ मानें हार । +हार न मानी जब मकरी नें , +गिरगिर चढ़त रई हरदार । +चढ़ीचढ़ी मकरन्दो रानी ; +इक दिन पार लगै जिँदगानी ।",bundeli-bns +"310 +अजू धी रखी धाड़े मार लपर मुशटंडड़ी त्रिंजणी घुमदी ए +करे आन बेअदबी जोगियां1 दी अते मिलदियां महीं नूं चुमदी ए +लाह सेलियां मारदी जोगियां नूं सुते वलवले दिलां दे टुमदी ए +फिरे नचदी शोख बुरहान घोड़ी नांह कतदी नांह तुमदी ए +सरदार है लूहकां लाहकां दी पीहन डोहलदी ते तौन लुमदी ए +वारस शाह दिल आंवदा चीर सुटां बुनयाद एह जुलम दी खुबदी ए",panjabi-pan +"56 +पकड़ लए झबेल ते बन्ह मुशकां मार छमकां लहू लुहान कीते +मेरे पलंघ ते आन सवालिया जे मेरे बैर दे तुसां सामान की��े +कुड़ीए मार ना असां बेदोशियां नूं कोई असां ना एह महमान कीते +चंचल हारीए रब्ब तों डरीं मोइए अगे किसे ना ऐड तुफान कीते",panjabi-pan +"कैसे दर्श मै पाऊ मैया बिराजी पहाड़ पे +कैसे दर्श मैं पाऊं , मैया बिराजीं पहाड़ पे +मैया दुआरे एक कन्या पुकारे +दे दो वर घर जाऊं , मैया बिराजीं पहाड़ पे । कैसे . . . +मैया दुआरे एक बालक पुकारे +दे दो विद्या घर जाऊं , मैया बिराजीं पहाड़ पे । कैसे . . . +मैया दुआरे एक निर्धन पुकारे +दे दो धन घर जाऊं , मैया बिराजीं पहाड़ पे । कैसे . . . +मैया दुआरे एक भक्त पुकारे +दे दो दर्श घर जाऊं मैया बिराजीं पहाड़ पे । कैसे . . .",bundeli-bns +"द्वारे से राजा आए, मुस्की छांटत आए +साभार : सिद्धार्थ सिंह +द्वारे से राजा आए , मुस्की छांटत आए , बिरवा कूचत आए हो +रानी अब तोरे दिन नागिचाने , बहिनिया का आनी लावों हो +हमरे अड़ोस हवे , हमरे पड़ोस हवे , बूढी अईया घरही बाटे हो , +राजा तुम दुई भौरा लगायो त वहे हम खाई लेबै , ननदी का काम नहीं हो +हम तो सोचेन राजा हाट गे हैं , हाट से बजार गें हैं हो +राजा गएँ बैरिनिया के देस , त हम्मै बगदाय गए हो +छानी छपरा तूरे डारें , बर्तन भडुआ फोरे डारें , बूढा का ठेर्राय डारे हो +बहिनी आए रही बैरन हमारी , त पर्दा उड़त हवे हो +अंग अंग मोरा बांधो , त गरुए ओढाओ , काने रुइया ठूसी दियो हो , +बहिनी हमरे त आवे जूडी ताप , ननदिया का नाम सुनी हो +अपना त अपना आइहैं , सोलह ठाईं लरिका लैहै , घर बन चुनी लैहैं , कुआँ पर पंचाईत करिहैं हो +बहिनी यह घर घलिनी ननदिया त हमका उजाड़ी जाई हो . . .",awadhi-awa +"मनौती गीत +श्री आंकार जी +ऊँचो माळो डगमाळ टोंगलया बूड़न्ती जवार । । +काचा सूत की ऊँकार देव की गोफण बणाई . . . । । +हरमीधरमी का होर्याचिरल्या उड़ी जाजो , +ने पापी को खाजो सगळो खेत । । +ओंकारेश्वरजी का महल ऊँचा है और घुअने डूब जायें , उतनी बड़ी ज्वार है । +कच्चे सूत की आंकारजी की गोफन बनाई । धर्मात्मा लोगों के खेतों के तोते उड़ +जाना और पापी का सारा खेत चुग जाना ।",bhili-bhb +"भूरे की माता बोलती सुण भूरा मेरा +माना की माता बोलती मेरा माना आइये +बेटा बादसाह के दलां में तू सन्मुख जाइये +तेग झमकती देख के भय मत ना खाइये +लोथा ऊपर लोथ पड़ै मत एडी ठाइये +रतनसिंह के नाम पर सम्मुख मर जाइये +जै तूं आवै भाज के मुंह मत दिखलाइये +अच्छा सा जोगी देख कै जा कान पड़ाइये +ठेकरा ले लीये हाथ में मांगिये अर खाइये +और घणी रे माना के कहूं +मां के दूध कै मत लाणा लाइये",haryanvi-bgc +"548 +निकल कोठयों तुरत तयार होया सहती आन हजूर सलाम कीता +बेड़ा ला बने असो आजजां दा रब्ब फजल तेरे उते आम कीता +मेरा यार मलावना वासता ई असां कम्म तेरा सरंजाम1 कीता +भाबी हथ फड़ायके टोर दिता कम खेड़यां दा सभ खास आम कीता +शरम मापयां दी सभो रोड़ दिती ससी नाल जिवें आदम जाम कीता +जो कुझ होवनी ने सीता नाल कीती अते दहसरे नाल जो राम कीता +वारस शाह आप जिस ते मेहरबान होवे उथे फजल ने आय कियाम कीता",panjabi-pan +"मंडवा कटोनी +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +काहिन लागय टंगली दाई , काहिन लागय बेंट । +काहिन लागय टंगली दाई , काहिन लागय बेंट । +सोने लागय टंगली दाई , रूपे लागय बेंट । +सोने लागय टंगली दाई , रूपे लागय बेंट । +दुई बोतल दारू दाई , जाँवर सोंहारी । +दवड़ी भरे बासी दाई , तबेला भर दाड़ । 2 +हलबूर की तलबूर , दोसी होओ लियारी । 2 +होवत तियारी दोसी , बड़ा झेलो लागया । 2 +एके डगा सारय दोसी , दूवय डगा सारय । 2 +पोहचना लागय दोसी , भौंरापहड़े । +निवतों कि निवतों दोसी , सारई को मढ़ो । 2 +निवतों कि निवतों दोसी , डोसी साल्हे को साजन । 2 +निवतों कि निवतों दोसी , बासीं कन्या । 2 +साड़े नी काहय दाई , मय मढ़ो होहूँ । 2 +साल्हेनी काहय दाई , मैं साजन हो हूँ । 2 +बासीं कन्या काहय मैं संग हो हूँ । 2 +शब्दार्थ –टंगली कुल्हाड़ी , बेंट बेंतडांडमूठ , जाँवरजोड़ा , सोंहारी पूड़ी , बासीभात , दाड़दाल , हलबरतलबरजल्दीजल्दी , सारई सरई , साजनमगरोही । +लोहे की कढ़ाई जिसमे लकड़ी की बेंत लगी है । दो बोतल मंद दारू राखी । बाँस की एक टोकनी में दालभात और दो पूड़ी रखी और वे वृन्दावन भौंरा पहाड़ पर मंडप की लकड़ी काटने चल पड़े । वहाँ पहुँचकर दोसी ने मड़िया के आटे से चौक पूरा , होमधूपदीप जलाया । अगरबत्ती जलाई । पूड़ी चढ़ाई और मंद चुहाई हाथ जोड़कर जंगल के सारे देवीदेवताओं का स्मरण किया । मंडप के काटने की अनुमति माँगी । आते और लौटते समय किसी प्रकार की कोई बाधा न आए , इसके लिये देवीदेवताओं से प्रार्थना की । +गीत में कहा गया है । हे माँ कुल्हाड़ी किससे बनी है और उसकी बेंत मूठ किस वस्तु की लगी है । माँ कहती है तुम लोग जिस शुभ कार्य के लिये जंगल जा रहे हो , वह कुल्हाड़ी सोने की बनी है और उसकी बेंट चांदी की लगी है । साथ में एक दौनी मटकी भरकर बासी भात और तबेले में दाल तुम्हारे खाने के लिये रख दी है । ऐ दोसी तुम भी जल्दी जल्दी करो । तैयार होने म��ं देर लगती है । इसलिये फटाफट तैयार हो जाओ । हम सब लोग मंडप की लकड़ी काटने को जाने के लिये तैयार हैं । तब दोसी जल्दी करता है और बड़ेबड़े डग भरता चलता है । गीत में तो यहाँ तक कहा गया है कि एक पैर निकालते ही , दोसी दूसरे पैर में भौरा पहाड़ पर पहुँच गया । +गीत गाने वाली महिलाएँ दोसी से आग्रह करती हैं कि तुम सबसे पहले सरई , साल्हे और बासिन कन्या बाँस को आमंत्रित करो । तब सरई , साल्हे जिसका साजन मंगरोही बनाया जाता है , और बासिन कन्या कहती है हम तुम्हारे आमंत्रण को स्वीकार करते हैं और तुम्हारे साथ चलते हैं । तब मंडप काटने वाले लकड़ी काटकर काँधे पर रखकर घर ले जाते हैं । +बैगा आदिवासियों का जंगल और वनस्पति से कितना गहरा और सम्मानीय रिश्ता है । यह इस गीत में देखने योग्य है । पेड़ को काटने के पहले उसकी पूजा और उससे काटने की अनुमति ली जाती है । यही नहीं उन्हें विवाह में शामिल होने का आमंत्रण तक दिया जाता है । यही कारण है कि हजारों सालों से जंगल बचे रहे",baiga-mis +"चुलमाटी +तोला साबर धरे ला , तोला साबर धरे ला +तोला साबर धरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +तोला पर्रा बोहे ला , तोला पर्रा बोहे ला +पुरुष – सुनत हस सुवासिन +स्त्री – सुनत हावव +तोला पर्रा बोहे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +तोला माटी कोड़े ला , तोला माटी कोड़े ला +स्त्री – सुनत हस सुवासन +पुरुष – अरे ददा रे +तोला माटी कोड़े ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +तोला माटी झोंके ला , तोला माटी झोंके ला +तोला माटी झोंके ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे +तोला धोती पहिरे ला , तोला धोती पहिरे ला +स्त्री – बने सम्हाल के पहिरबे +पुरुष – छुटत हे +तोला धोती पहिरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे +तोला लुगरा पहिरे ला , तोला लुगरा पहिरे ला +पुरुष – अरे बने सम्हाल के पहिन ले सुवासिन +स्त्री – कईसे मोला पहिरे ल नई आही का +पुरुष – अरे लुगरा के छोर ह घिसलत हे +स्त्री – अरे एमा तोला का जलन जात हे +तोला लुगरा पहिरे ला , नई आवय मित धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं ��छोरा ल भींच धीरे धीरे +धीरे धीरे तैं कछोरा ल भींच धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे +धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे",chhattisgarhi-hne +"289 +ओथे झल मसतानियां करे गलां सुखत सुनो कन पाटयां भारयां दे +करां कौन तारीफ मैं खेड़यां दी झुंड फिरन चैतरफ कवारियां दे +मार आशकां नूं चा करन बेरे नैन तिखड़े नोंक कटारियां दे +देन आशकां नूं तोड़े नाल नैना नैन रहन नाहीं बुरयारियां दे +एस जौवने दीयां वनजारियां नूं मिले आन सुदागर यारियां दे +सुरमा खुल दंदासड़ा सुरख मेंहदी लुट लए नी हट पसारियां दे +नयनां लाल कलेजड़ा झिक कढन दिसन भोलड़े मुख विचारियां दे +जोगी वेखके आन चैगिरद होइयां छुटे फिरन विच नाग पटारियां दे +ओथे खोल के अखियां हस पैंदा जित्थे वेखदा मेल कवारियां दे +आन गिरद होइयां बैठा विच जोगी बादशाह जयों विच अमारियां दे +वारस शाह ना रहन नचलड़े ओ जिन्हां नरां नूं शौक ने नारियां दे",panjabi-pan +"पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा +पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा । +हरी जरी की टोपली बजार तक डोलेगा । +दादा कह के बोलेगा दादी की गोद खेलेगा । +पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा । +ताऊ कहके बोलेगा ताई की गोद खेलेगा । +पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा ।",haryanvi-bgc +"कहाँ के तूँ तो बराम्हन बरुआ +कहाँ के1 तूँ तो बराम्हन बरुआ2 । +कहँवाँ बिनती तोहार , माई हे ॥ 1 ॥ +कवन साही3 सम्पत सुनि आएल हो बरुआ । +कवन देइ4 दुआर5 धरि टाड़6 माई हे ॥ 2 ॥ +माँगले बरुआ धोती से पोथी , माँगले पीयर जनेऊ , माई हे । +माँगले बरुआ हो चढ़न के घोड़वा , माँगले कनिया कुआँर7 माई हे ॥ 3 ॥ +तिरहुत के हम बराम्हन बरुआ , कवन पुर में विनती हमार माई हे । +कवन साही सम्पत सुनि अइली हो बरुआ , +कवन देइ दुआर धइले ठाड़ हे ॥ 4 ॥ +देबों में बरुआ हो धोती से पोथी , देबों में पियर जनेऊ , माई हे । +देबों में बरुआ हो चढ़न के घोड़वा , एक नहीं कनियाँकुआँर , माई हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"निहाली गीत +काचा रे सूते ने , जाले विणाउं रे ढेड्या । +नाइं रे विणे ने , लाते जमाउं रे ढेड्या । +ऊंडा रे तलाव मा , माछलि पकड़ाऊं रे ढेड्या । +नांइ रे पकड़े ते , लाते जमाउं रे ढेड्या । +तुमसे कच्चे सूत की जाल बनवाऊँ , नहीं ���ुने तो लात जमा दूँगी । गहरे तालाब में तुमसे मछली पकड़वाऊँ , नहीं पकड़ पाये तो लात जमा दूँगी ।",bhili-bhb +"तारागीन तारागीन तारागीन +तारागीन तारागीन तारागीन +तारागीन तारागीन तारागीन +बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन +बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन +इयां मिसीक टारा नजा बोको जा +इयां मिसीक टारा नजा बोको जा +आखिरी बल्ला तारागीन +आखिरी बल्ला तारागीन +कूक बानेगा जूरना बोको जाटीकी बनेगा जूरना +कूक बानेगा जूरना बोको जाटीकी बनेगा जूरना +तारागीन तारागीन तारागीन +तारागीन तारागीन तारागीन +बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन +बोको जा आखिरी बल्ला तारागीन +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"147 +वार घतियां कौन बलाए कुता दुरकार के परां ना मारदे हो +असां भईअड़े पिटियां हथ लाया तुसीं एतनी गल न नितारदे हो +फरफेजियां मकरियां ठकरियां नूं 1 मूंह ला के चा विगाड़दे हो +मुठी मुठी हां ऐड अपराध पैंदा धीयां सद के परहे विच मारदे हो +एह लुचा मुशटंइड़ा असीं कुड़ियां अजे सच ते झूठ नितारदे हो +पुरूष होय के पढियां नाल घुलदा तुसीं गल की चा निघारदे हो +वारस शाह मियां मरद सदा झूठे रन्नां सचियां सच की तारदे हो",panjabi-pan +"सुहाग मांगण दादी पै गई +सुहाग मांगण दादी पै गई +सुहाग मांगण अम्मां पै गई +दादी भर द्यो ने मांग सिंदूर +सुहाग हम नै तुंए देगी री +अम्मां भर द्यो नै मांग सिंदूर +सुहाग हम नै तुंए देगी री +हथ मैंहदा भइआ चूड़ा +बीबी सीस डोरी री +भर ल्यो नै मोतियन तै मांग +सुहाग थम नै रब देगा री ।",haryanvi-bgc +"बुड्या जवाई +1 . +बुढ्याकू बेटि क्या देणि छ +मुणडमा आपदा लेणि छ , +वर्ष द्वी मांज मरि जाँदो छै +छोरि1 कू रांड करि जांदो छ । +2 . +मुर्खलो2 खोसि जब रोंदी वा +दुःख का बैन यना बोदि वा , +बाबा जी तुमन क्यों सैंत्यो मैं +फेंकणया होइ कनु व्वेकु मैं । +3 . +माजि तिन कोखि क्यों राख्यो मैं +होंद ही केकु नी फेंक्यो मैं , +केकुतैं लाड़ करि पालयो मैं +फेर ये दुःख मां डाल्यों मैं । +4 . +त्वेन जो बेटि नी जाण्यों मैं +गोरू या भैंससी जारयों मैं , +पन्द्रसौ लेणिछै त्वैमेरी +यांकुही होइ तू मां मेरी । +5 . +धर्मदी कर्म नीजाण्यों जो +जात्यादी रूपभी नीमान्यों जो , +शोचदा वर्ष मैनौकी छौं +साठ का बुढ्या कू दीने छौं । +6 . +बेचितैं पुडांड़ि3 अर कूडी4 कू +पन्द्रसौ दीनि त्वे पापी कू , +बाबा जी त्वेकू ह्वै सौकारी +मेरारै भाग मा जीलारो । +7 . +कीराकी होइ दै जो काले +चाँदिसी चमकदी वो वाले , +��ारादी छड़ा छन सी मैकू +दैव यनु ना करी तू कैकू । +8 . +माजि तिन थैलि पर दीने डीठ +बेटिकू फेरी जो यनि पीठ , +त्वेकू वा थेली ही रई जान +लोक परलोक ना हो यो यान । +9 . +कै घड़ी दिन्या तिन मैंकु बांद +वर्ष का बीच ह्वैग्युं राँड , +त्योंखि भी मैकू तैंनीछ आज +दैव ही रखलो मेरी लाज । +10 . +गैणा जो लोगु का पर थारी +तौं की भी बात रै दिन चारी +नाक पर मुर्खलो रये मेरा +स्योभि छै मासमा गये डेरा । +11 . +मार अर गालि देंदान सोरा +सैसुरी मैतिनी क्वीभि मेरा , +पूछरो आज नी क्वीभि मैकू +बाबा जी रोण मिन क्या आज त्वेकू । +12 . +क्वीभि शुभ काम जब होंदान +मैकू तैं क्वीभिनी बोदान , +सभी मा बैण वख जांदिन +गीत अर मांगल गाँदिन । +13 . +कब्बि जो भूलिकी गैगी मैं +राँड निर्लज्ज बस ह्वैगी मैं , +मैकु तैं डैणा सब बोदान +देखि मैं खाण जनु औंदान । +14 . +राँड कू बारनी त्यौहार +राँड कू केकुछौ शृंगार , +राँड ह्वै डोमू से भि नीच छ +राँड को जगतमा क्वीभि नीछ । +15 . +मुख भी स्वामि को नी देख्यो +सुख संसार को नी देख्यो , +स्वीणा नी देखे सुख की रात +लाण औं खाणकी क्या बात । +16 . +बालि ही राँड मैं ह्वैग्यूं जो +जन्म की दुःखिया रैग्यू जो , +दोष यां माँग नी क्वी मेरो +बाबा जी पाप छ यो तेरो । +17 . +दुखि ये चित्त की हड्कार +रोणु बी पीटणू फिड्कार , +कल्लो तै बंश को संहार +जागलो तब्बि यो संसार । +18 . +थैलि कै काम जो ऐ जाली +भैंसि वा भेल कू ह्वै जाली , +मुकद्मा जोर को लै जालो +थैली ”योगीन्द्र“ वो खैजालो ।",garhwali-gbm +"सासु मोरा मारे राम बाँस के छिऊकिया +सासु मोरा मारे राम बाँस के छिऊकिया +मोर ननदिया रे सुसुकत पनिया के जाय +छोटेमोटे पातर पियवा हँसि के ना बोले +मोर ननदिया रे से हू पियवा कहीं चलि जाय +गंगा रे जमुनवा के चिकनी डगरिया +मोर ननदिया रे पैयाँ धरत बिछलाय +कहत महेंदर श्याम इहो रे पुरुबिया +मोर ननदिया रे पिया बिनु रहलो ना जाय",bhojpuri-bho +"आपणो संग रलाईं प्यारे +आपणो संग रलाईं प्यारे , +आपणो संग रलाईं । +पहिलों नेंहु लगाया सी तैं , +आपे चाई चाई । +मैं लाा ए कि तुध लाया , +आपणी ओड़ निभाई । +आपणो संग रलाईं प्यारे । +राह पवाँ ताँ धाड़े बेले , +जंगल लक्ख बलाईं । +भौंकण चीते ते चित्त मुचित्ते1 , +भौंकण करन अदाईं । +आपणो संग रलाईं प्यारे । +पार तेरे जगतार चढ़ेआ , +कन्ढे लक्ख बलाईं । +हौल दिले दा थर थर कम्बदा । +बेड़ा पार लंघाईं । +आपणो संग रलाईं प्यारे । +कर लई बंदगी रब्ब सच्चे दी , +पवण कबूल दुआईं । +बुल्ले शाह ते शाहँ दा मुखड���ा , +घुँघट खोहल विखाईं । +आपणो संग रलाईं प्यारे ।",panjabi-pan +"ईसुरी की फाग-1 +तुम खों छोड़न नहि विचारें +भरवौ लों अख्तयारें +जब ना हती , कछू कर घर की , रए गरे में डारें +अब को छोड़ें देत , प्रान में प्यारी भई हमारें +लगियो न भरमाए काऊ के , रैयो सुरत सम्भारें +ईसुर चाएँ तुमारे पीछें , घलें सीस तलवारें",bundeli-bns +"बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +बायरान ओडे ऊडारी आमा मुवार डोडोवा +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +इयां मुवार चोज डोगेवा अम्बरा की सांईबे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"ऊधौ रूप राधकाजू कौ +ऊधौ रूप राधकाजू कौ , +कृस्न बिछुरतन सूकौ । +मन उड़जात तिनूका नाँई +मन्द मन्द में फूँकौं । +गदिया पलंग गदेला त्यागो +परवौ है अब भू कौ । +भुगतै मिटें , करौ कछु हू है , +कछू पाय आगंूकौ । +ईसुर पार लगत ना बँदरा +फिरत डार कौ चूकौ ।",bundeli-bns +"जन्म के गीत-3 +पहली गनेश पद धावों +मैं चरन गभावों +ललना विघन हरन जन नायक +सोहर के पद ल गावत हो +एक धन अंगिया के पातर +दुसर हे गर्भवती ओ +ललना अंगना में रेंगत लजाय +सास ल बलावन लागे हो +ननद मोर ओसरिया में ओ +ललना , र्तृया मोर सूत है महल में +मैं कैसे के जगवंव वो +झपकि के चढ़ों में अटरिया +खिरकी के लागू लेके ओ +ललना , छोटका देवर निरमोहिला +बंसी ल बजावत हवै ओ +मन मन गुने रानी देवकी +मन मं विचारन लागे ओ +ललना ऐही गरभ मैं कैसे +वचइ लेत्यौं ओ +सात पुत्र राम हर दिये +सबो ल कंस हर ले लिस औ +ललना ऐही गरभ अवतारे +मैं कैसे बचइ लेत्यौं औ +धर ले निकरे जसोदा रानी +मोर सुभ दिन सावन ओ +ललना , चलत हवै जमुना असनाने +सात सखी आगू सात सखी पीछू ओ +सोने के धइला मूड़ मं लिये +रेसम सूत गूड़री हे ओ +ललना , चलत है जमुना पानी +सात सखी आगू सात सखी पीछू ओ +कोनो सखी हाथ पांव छुए +कोनो सखी मुँह धौवै ओ +कोनो जमुना पार देखै +देवकी , रोवत हवै ओ +धेरिधेरि देखै रानी जसोदा +मन में विचारन लागे ओ +कैसे के नहकों जमुना पारे +देवकी ल समझा आत्यों ओ +न तो दिखे , घाट घठौना +नइ दिखै नवा डोंगा वो +ललना , कैसे नहकों जमुना पारे +जमुना , ल नहकि के ओ +मर रो तें मत रो देवकी +मैं तोला समझावत हैं वो +ललना , कैसे विपत तोला होए +काहे दुख रोवत हवस ओ +कोन तोर सखा पुर में बसे +तोर कोन धर दुरिहा है ओ +ललना कोन तोर सइयां गए परदेसे +तैं काहे ��ुख रोवत हवस ओ +न तो मोर सखा पुर में बसै +न तो मोर धर दुरिहा ओ +न तो मोर र्तृया गए परदेसे +गरभ के दुख ला रोवत हवौं वो +सात पुत्र राम हर दिये +सबेल कंस हर लिस वो +ललना आठे गरभ अवतारे +मैं कैसे बचइले बौं बो +चुप रह तै चुप रह देवकी +मैं तोला समझावत हावों ओ +मोरे गरभ तोला देहौं +तोर ला बचाइ लेहौं वो +नून अऊ तेल के उधारी +पैसा कौड़ी के लेनी देनी ओ +बहिनी कोख के उधारी कैसे हो है +मैं कैसे धीरज धरौं ओ +एक मोर साखी है चन्दा +दुसर सुरज भाइ ओ +ललना , साखी है चन्दा भाइ +सुन ले देवकी रानी ओ +ऐसे करार कैसे बाधौं +धीरज धरौं ओ +ललना देवकी जैसे रामनामे +तुही ए गरभ ल उबारब ओ । +पहिलो महीना देवकी ल होवे +दुसर महीना होवे ओ +ललना , तिसर महीना देवकी ल होगे +तब मन सकुचावय हो +चार महीना देवकी ल होगे +तब गरभ जना परय हो +ललना , पिवर मुंह ड्डलड्डल दिखे +तब अठौ अंग पिवरा दिखे ओ +पांच महीना देवकी ल होगे +तब सास ह पुछन लागे ओ +देवकी ह पेट अवतारे +दुखसुख बतावरन लागे ओ +छठे महीना देवकी ल होंगे +तब ननद हंस के कहय ओ +होतिस भतिजा वा अवतारे +तब सुमंगल गात्यों ओ +सात महीना देवकी ल होंगे +तब सास परिखन लागे हो +ज्योंनी अंग मोर फरकत हे +बेटवा के लच्छन हवै ओ +आठ महीना देवकी ल होगे +तब आठों अंग भरि गए ओ +कैसे के लुगरा सम्हारौं +दरद व्याकुल करे हो +नव दस महीना देवकी ल होंगे +तब सुइन ल बला देवै ओ +ललना , उठिगे पसुरीपसुरी के पीरा +दरद में वियाकूल भये हो +भादो के रतिहा निसि अंधेरिया +पानी बरसन लागे ओ +ललना , बाहर मं बिजुरी चमके +गरजना करन लागै ओ",chhattisgarhi-hne +"पढ़ो रे पोपट राजा राम का +पढ़ो रे पोपट राजा राम का , +सीता माई न पढ़ायाँ +१ भाई रे पोपट थारा कारणा , +खासा पिंजरा बणायाँ +उसका रंग सुरंग है +उपर चाप चड़ायाँ . . . +पढ़ो रे पोपट . . . +२ भाई रे पोपट थारा कारणा , +खासा महल बणायाँ +ईट गीरी लख चार की +नर रयण नी पायाँ . . . +पढ़ो रे पोपट . . . +३ भाई रे पोपट थारा कारणा , +खासा बाग लगायाँ +चंपा चमेली दवणो मोंगरो +वामे केवड़ा लगायाँ . . . +पढ़ो रे पोपट . . . +४ भाई रे पोपट थारा कारणा , +खासा कुँवा खंडाया +कुँवा खडया घणा मोल का +पाणी पेण नी पायाँ . . . +पढ़ो रे पोपट . . . +५ अनहद बाजा हो बाजीया , +आरे सतगुरु दरबार +सेन भगत जा की बिनती +राखो चरण अधारँ . . . +पढ़ो रे पोपट . . .",nimadi-noe +"हल्दी गीत +कुणे कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । +कुणे कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । +बावो कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । +माय कह्यो ने गुदड्ये बठी ���ो बेनी । +भाइ कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । +भोजाइ कह्यो ने गुदड्ये बठी वो बेनी । +बाने बिठाते समय एक गुदड़ी गादी बिछाते हैं , उस पर दूल्हादुल्हन को बिठाते हैं । दुल्हन से पूछती हैं कि तुमसे किसने कहा और जो तू गादी पर बैठ गई ? उत्तर में गाते हैं कि पिता ने कहा और गादी पर बैठी । माँ ने कहा , भाई ने कहा और भौजाई ने कहा , तब गादी पर बैठी ।",bhili-bhb +"होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले +होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले +ओ कोन खेले रे होली के फाग +किस बीरे के हाथ में मोतियां की माला +किस बीरा के हाथ में गुलाब की छड़ी +होली खेलो रे होली खेलो रे ऋतु फागुन की",haryanvi-bgc +"माय चली कैलाश को +माय चली कैलाश को , +आरे कोई लेवो रे मनाय +१ पयलो संदेशो उनकी छोरी न क दिजो +आरे दूजा गाँव का लोग . . . . +माय चली . . . +२ तिसरो संदेशो उनका छोरा न क दिजो +चवथो साजन को लोग . . . . +माय चली . . . +३ हरा निला वास को डोलो सजावो +उड़े अबिर गुलाल . . . . +माय चली . . . +४ कुटुंब कबिलो सब रोई रोई मनाव +आरे मुख मोड़ी चली माय . . . . +माय चली . . . +५ बारह बोरी की उनकी पंगत देवो +आरे उनकी होय जय जयकार +माय चली . . .",nimadi-noe +"अखरे गोबर से सासु अंगना नीपलियै +अखरे गोबर से सासु अंगना नीपलियै +ओहि चढ़िनाहियाबहु भैया के बटिया , +सासु जेबै नैहरबा ओहि चढ़ि ना । +काटबै सामल सीकिया , +बेढयै जमुनमा ओहि चढ़ि ना । +सासु जेबै नैहरबा ओहि चढ़ि ना । । +एक चेहरि खेबल रे मलहा दुई चेहरि खेबले +तेसर चेहरि डूबलै भैया के बहिनो है कि । +ओहि चढ़ि ना । +अम्मा जे सुनतै रे मलहा कोसी घंसि मरतै रे कि , +बाबा जे सुनतै रे मलहा धरती लोटेतै हे कि , +भैया जे सुनतै रे मलहा जाल बाँस खिरेतै रे कि +भौजी जे सुनतै रे मलहा भरि मुँह हँसतै रे कि +भने ननदो डूबली रे की । +ओहि चढ़ि ना ।",angika-anp +"बाबू के मउरिया में लगले अनार कलिया +बाबू के मउरिया1 में लगले अनार कलिया2 । +अनार कलिया हे , गुलाब झरिया3 । +बाबू धीरे से चलिहऽ ससुर गलिया ॥ 1 ॥ +बाबू सरहज से बोलिहऽ अमीर4 बोलिया । +बाबू धीरे से चलिहऽ ससुर गलिया ॥ 2 ॥ +बाबू के दोरवा5 में लगले अनार कलिया । +अनार कलिया हे , गुलाब झरिया । +बाबू धीरे से चलिहऽ ससुर गलिया ॥ 3 ॥ +बाबू के अँगुठी में लगले अनार कलिया । +अनार कलिया हे , गुलाब झरिया । +बाबू धीरे से चलिहऽ ससुर गलिया । 4 ॥",magahi-mag +"384 +भाबी जोगी दे वडे कारने नी गलां नहीं सुनियां कन्न पाटयां दीयां +रोक बन्ह पल दुध दही पीवन वडिया चाटिया जोड़दे आटयां दीयां +गिठ गिठ नाखुन वाले रिछां वांगू पलमन लछियां लागड़ा पाटयां दीयां +वारस शाह एह मसत के पाट लथा रगां किरलयां वाग हनगाटयां दीयां",panjabi-pan +"खुलपित +मेरी विचारी तिन जीवन मा +खैरी ही खैरी खैने ॥ +रात नि खुल्दी घास पाणि कै , तू पुगड़ों1 मा जान्दी +भूखीतीसीथकींपितीं , दवफरम घौरउ आन्दी , +रुखा सूखा द्वी गफ्रा2 खाया , बोणूं फिर चली जान्दी , +घासैबिठगी , लखड़ा गडोली , ढै ढै मण की लान्दी , +उकलि3उन्दारी4 कटदीनपदी +जीवन का दिन गैने ॥ +जीबन घिसिगे माटे दगड़ी , भाग बिदेसू ही रैगे , +जौंकि कुयेड़ी सैरी मंथा , सौंण बाखदो ऐगे , +ओल पचैन तिन रुड़यूं5 का , पूसौ देखे फालो , +दिनद्वफरा भी गैंणा गणन , उज्यलो बेखी कालो , +रैगे लौंकी जिकुड़ि कुयेड़ी , +आंखि भ्वरीं ही रैने ॥ +कागा बसदा , ब्बल्दी आला , लोलि6 आग भी भभरान्दी , +रोज ससेंई मौन बुथ्योन्दी , चिट्ठी ही ऊंकी आन्दी , +भुंचे गई तू सोच फिकरमा , जीवन का दिन कम होन्दा , +मोरि नि सकदी , बिग्चि नि सकदी , आख्यूं का खुलदनच्यूंदा , +सौंजड़या तेरी क्वी परदेसू +क्वी अपड़ा मैतू ऐने ॥",garhwali-gbm +"आम अमलिया की नन्ही-नन्ही पतियाँ +आम अमलिया की नन्हीनन्ही पतियाँ +निबिया की शीतल छाँह +वहि तरे बैइठीं ननद भौजाई +चालैं लागि रावन की बात । +तुम्हरे देश भउजी रावन बनत है +रावन उरेह दिखाव +तो मैं एतना उरैहौं बारी ननदी +जो घर करो न लबार +भावार्थ +आम और इमली की नन्हींनन्हीं पत्तियाँ हैं +नीम की शीतल छाया है +उसी के नीचे बैठी हैं ननद भौजाई +तभी रावण की बात चलने लगी । +' हे भावज , तुम्हारे देश में रावण बनता है +रावण का चित्र खींचकर दिखाओ । ' +' चित्र तो मैं अवश्य खींचकर दिखाऊँ , प्यारी ननद +यदि घर में तुम इसकी चर्चा नहीं करो । '",bundeli-bns +"हाथ जोड़ौ गुरु जी परणाम +हाथ जोड़ौ गुरु जी परणाम , +पैले1 माया हरि को परणाम , +जौन उपजाई सकल संसार । +जुवार2 लगोंदू देवी जी पार्वती , +जींका सत से होये अनिधि पुराण । +जुवार लगोंदू गुरु जी गोरख +हाथ जोड़िक अरज गुरु जी गोरख । +मैंक देण गुरु जी सकल संसार , +चँद सूरज देण पौण3 पाणी4 +मैंक देण गुरुजी विधना5 को भार ।",garhwali-gbm +"जन्म दियो रे हरी नाम ने +जन्म दियो रे हरी नाम ने , +आरे खुब माया लगाई +१ मृत्यु की माया आवीया , +आरे सब छोड़ी रे आस +जम आया रे भाई पावणा +आन मारे सोटा को मार . . . +जन्म दियो रे . . . +२ रोवता बालक तुम न छोड़ीयाँ , +आरे माथा नई फेरीयो हाथ +दुःशमन सरीका हो देखता +झुरणा दई हो जाय . . . +जन्म दियो रे . . . +३ बारह दिन जन्मी स���ी , +आरे पुरण जन्म की भक्ति +नेम धरम से हो तु भया +कैसा उतरा हो पार . . . +जन्म दियो रे . . . +४ कोप किया रे मन माही , +आरे घरघर आसु बहावे +हंसा की मुक्ती सुधार जो +गया पंछी नही आवे . . . +जन्म दियो रे . . . +५ हस्ता बोलता पंछी उड़ी गया , +आरे मुरख रयो पछताय +झान मीरदिंग घर बाजी रया +सिंग बाजे द्वार . . . +जन्म दियो रे . . .",nimadi-noe +"तोपेड़ तेन आठी थालो +तोपेड़ तेन आठी थालो +तोपेड़ तेन आठी थालो +कोम तेन आठी डो बेईनी पारोमे +कोम तेन आठी डो बेईनी पारोमे +चुरु तेन डा डो +चुरु तेन डा डो +बानी तेन जोम दो बेईनी ईदी ये +बानी तेन जोम दो बेईनी ईदी ये +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम माथनी",korku-kfq +"360 +सहती गज के आखदी छड जटा खोह सब नवालियां सटियां नी +होर सब जातां ठग खधियां नी पर एस वेहड़े विच जटियां नी +असां एतनी गस मलूम कीती एह जटियां मुलक दियां डटियां नी +डुमां रावल कुतयां जोगियां दियां जीभां धुरों शैतान ने चटियां नी +पर असां वी जिन्हां नूं हथ लाया ओह बूटियां जड़ां तों पटियां नी +पोले ढिड ते अकल दी मार बहुती चाहां पीन त्रबेहियां खटियां नी",panjabi-pan +"363 +तेरी तबा1 चलाक है छैल छिदर2 चोरां वांग की सेलियां सिलियां नी +पैरीं बिलियां होण फरिंदीयां दे तेरी जीभ हरयारिए बिलियां नी +केहा रोग है दस इस वौहटड़ी नूं अते मारदी है टरपलियां नी +किते एसनूं चा मसान घते पड़ ठोकियां सार दियां किलियां नी +सहंस धूप अते होर फुल हरमल हरे सरिह दियां छमां गिलियां नी +झब करां मैं जतन झड़ जान कामनअनी कमलियो होना ढिलियां नी +हथ फेरके धूप ते करां झाड़ा फेरे नैन ते मार दे खिलियां नी +रब्ब वैद पका घर घलया जे फिरो ढूंढ़दे पूरब दिलियां नी +वारस शाह परेम दी जड़ी घती अखीं हीर दियां कचियां पिलियां नी",panjabi-pan +"बनी का सासरिया सी हो +बनी का सासरिया सी हो +बनी जी टीका आई र्ह्याज +, टीको पेर्यों क्योनी +राज बना जी न +काई हट मांड्यो +राजम्हारी सकलाई रो +तोड़ो , म्हारी बिंदी रो +अकोडो , म्हारा दुई हथ +लसरा मोती , तुम पर वारू +म्हारो जीव बनी जी न काई +हट मांड्यो राज बनी का +सासरिया +सी हो . . . . . . . . . . . . बनी का +सासरिया सी हो बनी जी +हार आई रह्याज , बनी का +सासरिया सी हो बनिजी +कंगन आई र्ह्याज , बनी का +सासरिया सी हो बनी जी +चम्पक आई +रह्याज , बनी का सासरिया +सी हो बनी जी चुन्द्ड आई +र्ह्याज , चूंदर पेरो +क्यो नी राज बनी +जी न काई हट मांड्यो +राजम्हारी साकलाई रो +तोड़ो , म्हारी बीदी रो +अकोडो , म्हारा +दुई हथ लसर मोती , तुम पर +वारू म्हारो जीव , बनी जी +न कई हट मांड्यो राज ।",nimadi-noe +"भाँवर +काट करीला रे गाधे बिजना , +काट करीला रे गाढ़े बिजना , +ले उत्तर के किंजर भंवरी आँगना माँ रे । +सीचे ला जावय पकड़य धीवरी चेनी अँगरी । +सीचे ला जावय पकड़य धीवरी चेनी अँगरी ॥ +किंजर भंवरी अँगना मा रे । +पथरा के भीठी माटी के नहाड़ोर । +गारी बोली दय ले माया ला झिना तोर । +काट करीला रे गाधे बिजना ले । +काट करीला रे गाधे बिना ले । +ले उत्तर के किंजर भँवरी अँगना माँ रे । +शब्दार्थ करीलाएक बाँस का नाम हरा बाँस , गाधे बिजनापर्राबिजना , किंजरघूमना , भँवरभाँवरफेरे , धीवरीमछली , चेनी अंगरीछोटी ऊँगली , भीठीभीत या दीवार , माटी के नहाड़ोरमिट्टी के बने चिन्ह या अलंकरण , मायाममता , झिनामत । +भाँवर फेरे लगाते समय इस ददरिया गीत को गाया जाता है । गीत गाने वाली महिलाएँ गा रही हैं हे दूल्हादुल्हन तुम करीला बाँस से बने पर्रा बिजना बाँस का बोल आसन से उतरकर आँगन में बने मंडप के नीचे घूमो । भाँवर फिर लो । +मछली पकड़ने गये और चेनी अँगरी यानी सबसे छोटी ऊँगली के बराबर मछली पकड़ी । अरे । दुल्हादुल्हन तुम पर्रा बिजना से उतरकर भाँवर फिर लो । +देखो पत्थर की दीवार पर मिट्टी के नोहडोर यानी मिट्टी से सुंदरसुंदर उद्रेखण अलंकरण बनाये गये हैं । दूल्हादुल्हन पर्राबिजना से उतरकर जरा भाँवर फिर लो । मुझे भले ही गाली दे लो , लेकिन इस प्रेम या ममता को मत तोड़ना या भूलना । बहन जरा इस गीत को धीरेधीरे से गाना । प्यार से ही गाना । +अरे । दुल्हादुल्हन पर्राबिजना से उठकर अपने भाँवर पूरे कर लो । गीत चलता रहता है । और दूल्हादुल्हन दोसी और सुआसा के मदद से भाँवर पूरा करते हैं । इस समय दोसी , दूल्हा और सुआसा पर्राबिजना में दुल्हन को बैठाकर फेरा घुमाते है । इसे ‘कुँवाराकुंवारी भाँवर’ कहते हैं , जिसमें दूल्हा हाथ लगाता है ।",baiga-mis +"अंगिका बुझौवल +बन जरेॅ , बनखंड जरेॅ +खाड़े जोगी तप करेॅ । +दीवाल , भीत +फूलेॅ नै फरै ढकमोरै गाछ । +ढिबरी +हीलेॅ डोरी , कूदेॅ बाथा । +डोरीलोटा +फूल नै पत्ता , सोझे धड़क्का । +पटपटी मोथा जाति का एक पौधा +मीयाँ जी रोॅ दाढ़ी उजरोॅ +मकरा नाँचै सूतोॅ बढ़ेॅ । +ढेरा सें सुथरी की रस्सी बाँटना +जोड़ा साँप लटकलोॅ जाय +सौंसे दुनिया बन्हलोॅ जाय । +रस्सी +छोटकी पाठी पेट में काठी +पाठीकाठी रग्गड़ खाय +सौंसे गाँव दिया जराय । +दियासलाई +उथरोॅ पोखर तातोॅ पानी +ललकी गैया पीयेॅ पानी । +दिया +करिया हाथी हड़हड़ करेॅ +दौड़ेॅ हाथी चकमक बरेॅ । +बादल बिजली +झकमक मोती औन्होॅ थार +कोय नै पावै आरपार । +आकाश और तारे +नेङड़ा घोड़ा हवा खाय +कुदकी केॅ छप्पर चढ़ि जाय । +धुआँ +जल काँपै , तलैया काँपै +पानी में कटोरा काँपै । +जल में चाँद की परछाँही",angika-anp +"प्रेमी पथिक +चंदा आधा सरग1 पर थै2 सर्कणी बादल्यूँ मा , +काँसी की सी थकुलि3 रड़नी खत्खली4 खूल्यूँ मा । +निन्यारे5 थे निजन बण का नौवत्या गीत गाणी , +शर्दे रातै शरदि लगणी , शीतली पौन पाणी । +बस्ती धोरा6 कखि मि थइ नी गैर भी जंगली थौ , +डालौं7 परथौ बथौं8 लगणू होंद सुँस्याटसी थौ । +धुधू धूधू धुरकि पुरको धुर्कणूसी जनू थौ , +नेडू औणू धमकि धमकी धम्कदो भारि स्यूँ थौ । +हे हे बृन्दा गजब कनि ह्वै बज्र पड़नू सफा धो , 9 , +तेरो निर्णै कुछ भित निह्वै दुख सबसे बड़ो यो । +सच्ची सादी चतुर गहिरो सत्य संकल्प वाली , +हिर्दै सौंपे मइ मु तिन जो ओ कनो कष्ट पाली । +कदों कदों मनहिं मन मा याद बृन्दा कि सारी । +देख्णो साम्णे बिसरि पड़गे स्यू कि भैंभी तवारी । +क्या दौं जाणे डुकरि भागेगे शेर तो फाल10 काटी , +नन्दू चल्लै फिरभि बणिगे एकदौ संग भाटी । +मन्मा मुखैनी मुख मा मनै नी , +तू पूरि कन्कै मइं बोलु त्वेम्बी , +ताँचै त देवी सब बात मेरी , +मन्मा टटोली तरखि छाणि ल्हे ली । +जो कत्कली की खुद11 कल्वलीसी , +लग्णी च वा बोलिहि नी सकेंदी । +कथ्णा हि गौंक्रा करु पर्त ज्यू को , +गुंडी त वा खोलिहि नी सकेंदी । +गोरोसी मुख सुर्जकान्तमणिसी किर्णून थौ12 चस्कणू , +जां की झूलन फुलवाडि परथौ पीलो उद्यो13 दम्कण । +लम्बा लोलक दिप्प था कंदुड़14 का मोती जड्या झूलणा +दर्पन सी गलवाड़ियों15 पर थमा दुद्वी बण्या सूझणा । +थै बाँई नकदोड़ि मा चमकणो फूली सुहाणी कनी , +हीरा की कणि ठोंठ मा यकतरैं तोता कि थामी जनी । +छोटी लाल पिठाई की टुपुकि सी बेंदी थई भालकी , +सोना का जनि जंत्र या सजदि थै टीकी धरीं लालकी । +जाँखे थे मृग बालि बीसि रिगणी16 पाणी न गैथै मर्ये , +हब्रे17 सूरज देखणी हबरि18 वा थै सोचणी प्राण मा , +कीदौ उभ्र गर्जन का च किचदौं ब्रह्माण्ड का ध्यान मा । +दुद्वी चूड़ि बरीक हाथु पर थै सोना कि सादी कनी , +लच्छे रेशम की मृणालु पर छै फूलू पिछाड़ी जनी । +बायाँ हाथ की अंगुली पर छई भिन्ना भई मुंदरी , +खोद्यूँ थौ नउँ हिन्दि मा टकटकी वृन्दावती सुंदरी । +दैणा हाथ न चौंठि मा कलम की मुख्ड़ी छुआई उड़ैं , +बायाँ हाथ न दाबि ���ागज धर्यू अर्दोन धारी फुडैं । +कूर्ती पैरियूं आसमानि अलगीं छाती तई दीखणी , +देची ही जनि दिव्य मन्दिर बिटे संसार पलींखणी । +पोंछे सूरज धार19 का पिछनई बृन्दा खड़ीकीखड़ी , +देख्दी सामणि म्वाँ फंडो नजर तो फुंल्वाड़ि दी परपडी । +को दौं यो , कनु धूर्त बैठिक तई पुछ्याँ ही बिना , +मनमा सोचदि ह्वैक तैं पिरपिरी20 यो चोर होलो किना ।",garhwali-gbm +"तूँ आया है +बेली जित घर तेरा फेर होया , +ओह जल थल माटी ढेर होया , +तन राख उड्डी ताँ ढेर होया । +इशक मैत्थों आया है । +तूँ आया है , मैं पाया है । +जकड़ीए सिर कलवत्र दित्तो ई , +यूसफ हट्टो हट्ट विकेओ ई , +इबराहीम चिखा विच्च पाएओ ई । +ऐ कौण क्या लै आया है +तूँ आया है , मैं पाया है । +इकनाँ दे पोश लुहाईदा , +इक्क आरिआँ नाल चिराईदा , +इक्क सूली चाए दिवाईदा । +कर किस गल्ल दा सधराया है । +तूँ आया है , मैं पाया है । +बुल्ला सहु दे कारन करन कर , +तन भी एह मन आ हरन कर , +विच्च दिल दे लोहा मारन कर । +लोहार किन अटकाया है । +तूँ आया है , मैं पाया है ।",panjabi-pan +"यासोदा तेरे लाल ने मेरी दी है मटकिया फोड़ +यासोदा तेरे लाल ने मेरी दी है मटकिया फोड़ +तनक नहीं सरमावे दिखे तेरा नन्द किसोर +हाथ पकड़ कर झटका मारा नहीं चले कुछ जोर +मक्खन का तो मक्खन खाया रास्ता लिया रोक +क्या बना लें इस छलिया का ऐसा चित चोर",haryanvi-bgc +"सदा थिर रहियो जी अविचल रहियो +सदा थिर रहियो जी अविचल रहियो जी लाडो तेरी जोड़िया ? +बाबा बोई हैं बाबल बोई हैं सुहागों की क्यारियां +चाचा बोई हैं भय्या बोई हैं सुहागों की क्यारियां +मामा बोई हैं जीजा बोई हैं सुहागों की क्यारियां +दादी सींचे री अम्मा सींचे री लोटा भर झारियां +चाची सींचे री भाभी सींचे री लोटा भर झारियां +मामी सींचे री जीजी सींचे री लोटा भर झारियां +अविचल रहियो जी सदा थिर रहियो जी लाडो तेरी जोड़ियां +लाडो हे तेरे गोझे में गुड़धाणी , तुम बोलो इमरत बाणी , हे राजा की ।",haryanvi-bgc +"निवाड़ो तो निवाड़ो +निवाड़ो तो निवाड़ो +निवाड़ो तो निवाड़ो +निवाड़ो रे आबा दाई काली बऊके निवाड़ो +निवाड़ो रे आबा दाई काली बऊके निवाड़ो +हजार रुपया दहेज दिया काली बऊके निवाड़ो +हजार रुपया दहेज दिया काली बऊके निवाड़ो +निवाड़ो तो निवाड़ो +निवाड़ो तो निवाड़ो +निवाड़ो रे आवा दाई काली बऊके निवाड़ो +निवाड़ो रे आवा दाई काली बऊके निवाड़ो +स्रोत व्यक्ति चिरौंजीलाल , ग्राम कुकड़ापानी",korku-kfq +"मन्नू हरिया +वन्दना +लागी गेलै अजमतिया हो गोसैंया , फिरै धरमोॅ के व्येॅ हो वार +माया रचना रचै बाबा हो , अलख भग हो वान +एन्होॅ माया रचलकै बाबा हो , त्रिलोकी भग हो वान +दोनों कर जोड़ी केॅ बाबा हो , लबीलबी करियौं पर हो नाम +हम्में निरबुधिया बाबा हो , करौं धरमोॅ के व्येॅ हो वार +सम्मुख दर्शन दियहवोॅ बाबा हो , भगतिया के हो नजर +हम्में भक्ति के भगत हो बाबा , जपभौं रोजेरोज भगति के +हरि हो नाम +जिनगी में जब तक काया बचतौं बाबा हो +जपभौं हरिहरि हो नाम +भुललोॅचुकलोॅ दाता निरंजन , हमरोेॅ हाजरियो निर हो माय । +दोहा +गुरू ब्रह्मा अनादि का , हृदय में ध्यान लगाय +हाथ में लेखनी पकड़ के चरण शीष नवाय +कियो विचार मन में यह , लिखूँ हरिया डोम का गीत +‘प्रभात’ लिख दियो सुनी केॅ हरिया डोम का गीत +गाथा वाचक जो मुझे जनायो , लिख दियो कागज पे अमृत । +हो , हो यहो गाथा छेकै जोति भगत के समय रोॅ हो भाय +जखनी कि जोति जाय छेलै करै लेॅ भगति हरि हो नाम +जोति आरो हरिया डोम दोनों नें चराबै छेलै +एक्के साथें बरेलवा वन में हो सूअर +दोनों बचपन रोॅ छेलै लंगोटिया संगी हो साथी +वही समय में मिललै दोस्त लंगोटिया हरिया डोमा हो भाय +वहीं पलोॅ में दाता निरंजन आपनोॅ सूअर हरिया डोमा केॅ सौंपे +आरो चललै करै लेॅ भगति हरि हो नाम +हरिया डोमा गछी लेलकै जोति के सूअर हो चराय +मजकि डोमा नें जोति सें करलकै एक्के कौल हो करार +हो , रे भाय जोति , तों जे जाय छैं , भगति करै लेॅ जाय छैं +यै भगति के आधाआधी फल बाँटै लेॅ पड़तौ +कहेॅ तेॅ लागलै जोति नें हरिया केॅ समुहो झाय +हे रे भाय हरिया , तोरोॅ यहो बात हम्में स्वीकार करी लेलियौ +है बात बोली चललै करै लेॅ भगति हरि हो नाम +जबेॅ जोति भगति तपस्या करी केॅ घुरलै आपनोेॅ घर हो वार +आपनोॅ दोस्तोॅ के वादा निभाबै लेली +धरी लेलकै दोस्तोॅ के घरोॅ के हो डगर +एक्के कोसे चललै दोसरो कोसे तेसरी चौथोॅ हो कोसेॅ +पहुँची गेलै हरिया के हो द्वार +जोति नें पहुँची केॅ दाता निरंजन , आधाआधी बाँटी +देलकै पंथ हो गोसाँय +तबेॅ दुन्हू दोस्तें अपनाअपनी घरोॅ पर , सेवेॅ लागलै +पंथ आरो हो गोसाँय +पंथ आरो गोसाँय के सेवा सुश्रसा करतेॅकरतेॅ , +डोमा केॅ हो गेलै धन अपरम हो पार +डोमा केॅ भगति सें रिझलै , पंथ आरो हो गोसाँय +डोमा केॅ जाँचे लेॅ , ऐलै सुरपुर सें एक दिना +पंथ आरो हो गोसाँय +पंथ आरो गोसाँय दाता निरंजन , पहुँची गेलै हरिया डोमा +घरोॅ के हो नगीच +डोमा घरोॅ के नगीच चराबै छेलै एक गैधोरैय नें हो ��ाय +पंथ आरो गोसाँय दाता निरंजन माया करलकै विस हो तार +पंथे नें ब्राह्मण रूप धरि केॅ पूछलकै धोरैय सें +हरिया डोम के हो घोॅर +गैधोरैय नें हाथोॅ के इशारा सें देलकै डोमा के घर हो बतलाय +आरो पूछेॅ लागलै , हों बाबा तों तेॅ लागै छोॅ कोय महान हो पुरुष +तोहें बाबा कहिनें खोजै छोॅ , हरिया केॅ हो +हौ तेॅ छेकै जाति के हो बाबा डोम +ब्राह्मण नें धौरैय केॅ कहै समु हो झाय +जोॅन दिनमा सें हम्में आपनोॅ गुरू सें , दीक्षा लेलेॅ छियै रे धोरैय +वही दिनमा सें हम्में जातिपाती के नै करै छियै रे वरण । +एतना कहीकही केॅ ब्राह्मण चललोॅ गेलै हरिया डोमा के हो द्वार +हौ दिना हो दाता निरंजन , सूपडलिया बेचै गेलोॅ छेलै +डोमडोमनियाँ सूजागंज हो बाजार +आरो घरोॅ के जोगबारी में छोड़ी देनें छेलै +आपनोॅ बेटा रणजीत हो कुमार +रणजीत कुमार आपनोॅ संगीसाथी साथें +खेलै छेलै गुल्ली डंडा के हो खेल +ब्राह्मण भेष धरी , पंथेॅ , दाता निरंजन , +पारेॅ लागलै हरिया डोमा केॅ हो हाँक +हाँक सुनी केॅ दाता निरंजन , गुल्लीडंडा छोड़ी केॅ ऐलै +रणजीत हो कुमार +ब्राह्मण केॅ देखी केॅ दाता निरंजन , दोनोॅ कर जोड़ी केॅ +रणजीत करै पर हो णाम +ब्राह्मण नें मनोॅ सें आशीष दै छै , रणजीत हो कुमार +फिनू रणजीत द्वारी पर सें घुरी आवै छै धरेॅ हो ऐंगन +घरोॅ सें दाता निरंजन रणजीत नें निकालें छै +बट्टू सें पैसा , डाला सें अरबा मोती हो चौर +रणजीत नें द्वारी पर आबी केॅ चौर आरो पैसा दियेॅ लागलै +लीयोॅलीयोॅ हो बाबा , भीक्छा हो हमार +भीक्छा देखतै दाता निरंजन , ब्राह्मण नें रणजीत केॅ +कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें बलकबा हम्में नै लेबौ भीक्छा आरो नै छोड़बौ रे द्वार +हम्में रास्ता में एकादशीद्वादशी बरत करनें छियै आरो +बरत निस्तार करी केॅ तोरा द्वारी पर ऐलोॅ छियौ रे बलकवा +हमरा सात दिनरात बिती गेलोॅ छौ +बिनू अन्नेपानी के रे बलकवा +सें तों रे बलकवा हमरा पनियाँ रे पिलाव +कुछु देर सोची केॅ रणजीत कुमारें कहलकै हो भाय +सुनोॅसुनोॅ हो बाबा , सुनोॅ हमरोॅ हो वचन +हे हो बाबा , हम्में छेकां जाति के डोम +सें तों डोमोॅ जाति घरोॅ रोॅ जल केना करभो हो ग्रहण +सुनेंसुनें रे बलकवा , सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +जोॅन दिनां से गुरू सें दीक्षा लेलेॅ छियै रो बलकवा +वही दिनमां सें हम्में जातिपाजी केॅ नै राखै छियै वरण +एतना सुनी केॅ रणजीत नें ब्राह्मण केॅ कहै समु हो झाय +हो बाबा तोरानी रोॅ कृपा सें हम���ा छै अनेॅधनोॅ रोॅ बौछार +हो बाबा तोरा मनोॅ में जे खाय के हुवै , हौ बतलाय देॅ हो बाबा +हमरा घरोॅ में कोय चीजोॅ के कमी नै छै हो बाबा +एतना सुनी केॅ ब्राह्मण नें बलकवा केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे बलकवा , सुनेॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +हमरा दैवैं लिखलेॅ छै रे बलकवा , हरिया हाथोॅ सें भोजन रे सुसार +एतना बातोॅ पर रणजीत नें ब्राह्मण केॅ कहै समु हो झाय +आजु के दिनां हो बाबा हमरोॅ मायबाप गेलोॅ छै +सूपडलिया बेचै लेॅ सूजागंज हो बाजार +एतना सुनी केॅ ब्राह्मण नें रणजीत केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे बलकवा , सुनें हमरोॅ रे वचन +जल्दी सें तों बोलाबैं रे बलकवा , बाजारोेॅ से आपनोॅ माय रे बाप +एतना वचन सुनी केॅ रणजीत नें ब्राह्मण केॅ कहै समु हो झाय +हे हो बाबा हम्में केना केॅ जैबोॅ हो बाजार +हमरा मायबाबू नें रखलेॅ छै घरोॅ के ही जोगवार +हो बाबा घरोॅ सें जों एक्को सामान चोरी होय जेतै तेॅ +हमरोॅ पीठी के चमड़ा हो उदार +सुनेंसुनें रे बलकबा , सुनेॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +जों तोरा घरोॅ सें एक्कोॅ सामान चोरी होतौ तेॅ +हम्में तोरा देबौ दोबर हो लगाय +जल्दी सें तों जाबें रे बलकबा आपनोॅ माय बाबू रोॅ रे पास +एतना सुनी केॅ रणजीत नें माय रोॅ देलोॅ बाँसुरी निकाली केॅ +फुँकलेॅफुँकलेॅ बाजारोॅ रोॅ डगर धरलकै हो भाय +यै बाँसुरी रोॅ करामत छेलै दाता निरंजन +विपत्ती के धड़ियाँ में आवाज +जों है बाँसुरी कुमार रणजीत नें फूँकै छेलै तेॅ +आवाज पहुँची जाय छेलै मायबाबू रोॅ पास +बाँसुरी फूँकतै दाता निरंजन , माय दौड़ली चललोॅ हो आबै +जेना कि लेरुआ के डकरतैं गैया खमशली चललोॅ हो आबै +डोमनियाँ नें बाँसुरी के आवाज सुनतै हरिया केॅ कहै समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो स्वामीनाथ , सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +कोन विपतिया पड़लै हो स्वामीनाथ +जे सुनाय पड़ै छै बाँसुरी के आवाज +जल्दी सें समेटोॅ हो स्वामीनाथ , सूपेॅ आरो हो डलिया +जल्दी सें चलोॅ हो स्वामीनाथ महलोॅ केरोॅ हो ओर +हरियाँ कहै डोमनियाँ केॅ समु हो झाय +सुनेंसुनें सतवरती गे , सुनेॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +रोजेरोजे के येहे खबरिया , तेॅ सूपवा केना केॅ बिकतौ +जबेॅ सौदा बिकेॅ लागै छौ गे , तेॅ रोजेरोजे के यहेॅ हो लीला +जेना लागै छौ तोरा जुगा केकरौ आरो बेटा नै रहेॅ +हे हो स्वामीनाथ दोसरा रोॅ बेटा नाचगान करै छै +हमरोॅ हो बेटा स्वामीनाथ , करै छै भगति हरि हो नाम +आबेॅ तेॅ यही बातोॅ पर उठलै द��न्हू जीवोॅ में हो लड़ाय +असरा देखतेंदेखतें हो आबी गेलै मायबाबू लुग रणजीत हो कुमार +डोमनियाँ के नजर पड़तैं दौड़ी केॅ रणजीत केॅ हिरदय हो लगाय +कोन बिपतिया पड़लौ रे बेटा जे तोंआबी गेलें रे बाजार +आहो नहीं मोरा मारलकै माता जी कोय संगी हो साथी +नहीं मोरा मारलकै बाबूजी हितुवन हो समाज +रणजीत नें कहलकै मायबाबू केॅ समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो मोरा जन्मदाता , सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +आपनोॅ दरवाजा पर एलोॅ छौं एक संत मेह हे मान +वहीं संतेॅ खोजै छौं तोरोॅ मुल हे कात +नै तेॅ भीक्छा लै छौं हो बाबूजी , नै छोड़ै छौं हो द्वार +यही संतेॅ कहे छौं , तोरोॅ बाबू केॅ हाथोॅ सें करबौ भोजन हो आधार +एतना सुनतै तीनोॅ प्राणी चललै आपनोॅ हो महल +घर पहुँचतै हो दाता निरंजन , करलकै ब्राह्मण सें मुल हे कात +हरिया नें दोनोॅ कर जोड़ी केॅ ब्राह्मण केॅ करै पर हे णाम +मनोॅ सें आशीषबा दै छै ब्राह्मणनें हरिया डोम केॅ हो भाय +जियेंजियें रे हरिया , तोरोॅ काया अमर भई हो जाय +सुनेंसुनें रे हरिया , सुनेॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +सुनै में हमरा ऐलोॅ छो रे हरिया +तों आजु दिनां बड़ी धरमतमा होलोॅ छै रे +यही लेॅ हम्में ऐलोॅ छियौ तोरोॅ रे द्वार +सात दिनरतियाँ पर हम्में अन्नपानी रोॅ +एकादशीद्वादशी वरत तोड़नें छियै रे +से तों आय खिना शुद्ध माँस भोजन रे कराव +एतना सुनतैं दाता निरंजन , हरिया आचरजोॅ में पड़ी गेलै रे भाय +एतना वचन सुनतैं हरिया ऐलै महलोॅ में डोमनिया केरोॅ हो पास +तबेॅ दुन्हू जीवेॅ मिली केॅ करै लागलै ब्राह्मण के भोजन के विचार +हरिया केॅ डोमनियाँ नें कहै समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो स्वामीनाथ , सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +हे हो स्वामीनाथ बिहानी हम्में सुअर चराय खिनी जंगलोॅ में +देखलेॅ छेलियै गाय के खाल उदारलोॅ हो माँस +आभी तांय हो स्वामीनाथ , कोय कौआकुत्ता नै खैलेॅ होतै हो +चलोॅचलोॅ हो स्वामीनाथ , होकरे सुचा माँस काटी केॅ लानी लैबै +डोमनियाँ के बेहवार देखी दाता निरंजन , ब्राह्मण नें माया करलकै +आपनोॅ बिस हो तार +ब्राह्मण नें हो दाता निरंजन , गौ माता के मरलोॅ देहोॅ पर +देलकै अमृत छिड़ हो काय +अमृत छिड़कतैं दाता निरंजन , गैया उठि केॅ चरेॅ लागलै हो भाय +जबेॅ डोमनियाँ के नजर पड़लै गैया पर , +तेॅ देखै छै गैया केॅ उठि केॅ चरतें हो भाय +है देखी केॅ डोमनियाँ रुकी गेलै हो भाय +डोमनियाँ केॅ रुकतें देखी डोमा पूछेॅ लागलै हो भाय +तबेॅ तेॅ डोमनियाँ के मुँहोॅ के बोली खतम होय गेलै हो भाय +सुनोॅसुनोॅ स्वामीनाथ सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +यहेॅ गैया हो स्वामीनाथ देखलेॅ छेलियै हम्में मरलोॅ हो +एतना सुनतैं डोमा नें डोमनियाँ केॅ कहै समु हो झाय +हेगे सतवरती तों हमरा ठगी रहलोॅ छैं गे +चलेंचलें गे सतवरती सैरा दोहा गे घाट +हम्में सूअरी केॅ पानी पिलाय खिनी देखलेॅ छियै +एक ठो गे लहास +होकरे शुद्ध माँस काटी केॅ भोजन गे बनाय +होंहों दाता निरंजन , दोनों जीव मिली केॅ चललै +सैरा दोहा किनार +जबेॅ दोनों जीव मिली केॅ गेलै सैरा दोहा हो किनार +वही कालोॅ में दाता निरंजन , माया करलकै विस हो तार +माया विसतार करी केॅ दाता निरंजन लहाशोॅ पर अमृत +देलकै छिड़ हो काय +अमृत छिड़कतैं दाता निरंजन , लहासें उठि केॅ जपेॅ लागलै +हरि हो नाम +जबेॅ नदी किनार पहुँचलै तेॅ डोमा पड़ी गेलै +आचरजोॅ में हो भाय +तबेॅ तेॅ डोमनियाँ कहै लागलै डोमा केॅ समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो स्वामीनाथ तों कहिनें रुकी गेलोॅ हो +डोमा कहै लागलै डोमनियाँ केॅ समु हो झाय +सुनेंसुनें गे सतवरती सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +हम्में देखलेॅ छेलियै गे सतवरती , है मनुखोॅ केॅ मरलोॅ गे +अखनी देखी रहलोॅ छियै गे , जपी रहलोॅ छै हरिहरि हो नाम +हेकरोॅ मतलब छै गे सतवरती , है कोय ब्राह्मण नै छेकै +है छेकै कोय पंथेॅ हो गोसाँय +जे कि हमरा जाँचै लेॅ आइलोॅ छै द्वार +आबेॅ दोनोॅ प्राणी निराश होय केॅ लौटी चललै +आपनोॅ हो महल +रास्ता में लौटी केॅ दुन्हू जीवें करेॅ लागलै +मने मन हो विचार +हरिया कहै डोमनियाँ केॅ समु हो झाय +सुनेंसुनें गे सतवरती , सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +हमरा मारी केॅ गे सतवरती दहीं ब्राह्मण केॅ भोजन हो कराय +तों गे सतवरती आपनोॅ बेटा लैकेॅ गुजरबसर गे करिहैं +हमरा जुगा गे सतवरती ढेरी मिलतौ गे डोम +एतना सुनी केॅ डोमनियाँ डोमा केॅ कहै समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो स्वामीनाथ सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +हमरै मारी केॅ हो स्वामीनाथ ब्राह्मण केॅ देहोॅ भोजन हो कराय +आपनें रही केॅ करिहोॅ राजपाट आरो जीवन हो बसर +हमरा जुगा हो स्वामीनाथ अनेको मिलतौ हो डोमनियाँ +ई सब बातचीत करतेंकरतें पहुँची गेलै हो महल +मायबाबू के पहुँचतें बालक रणजीत भी ऐलै ऐंगन +मायबाबू केॅ झगड़तें देखी बालक रणजीत पूछै हो भाय +कथी लेॅ झगड़ै छोॅ देहोॅ हमरा बत हो लाय +एतना बोल सुनी केॅ हरिया कहै रणजीत केॅ समु हांे झाय +सुनेंस���नें रे दुलरुवा बेटा , सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +हम्में कहै छियै रे बेटा , हमरा मारी केॅ ब्राह्मण केॅ दहीं +भोजन हो कराय +माय कहै छौ रे बेटा , हमरा मारी केॅ दहोॅ भोजन हो कराय +मायबापोॅ के बात सुनी केॅ रणजीत नें मायबापोॅ केॅ +कहै समु हो झाय +सुनोेॅसुनोॅ हो मोरा जन्मदाता सुनोॅ परेमोॅ साधु हो भाव +सुनोॅसुनोॅ हो पिताश्री , आदमी नें गाछ लगाय छै छाया के लेली +बेटा पैदा करै छै सुखोॅ के लेली +बाबूजी हो , बाबू मरला सें लोग सूअर हो कहाबै +माताजी मरला सें लोग टूअर हो कहाबै +से हो तोरानी मरला सें हमरा भारी दुःख ही होतै +यै लेली हो बाबू , तोरानी हमरा मारी केॅ ब्राह्मण केॅ भोजन +देहोॅ हो कराय +एतना सुनी केॅ हरिया नें कहै समु हो झाय +जबेॅ हमरानी तीनों प्राणी मरै लेॅ छोॅ तैयार +तेॅ चलें ब्राह्मण के हो नगीच +तीनों प्राणी हो दाता निरंजन +हाथ जोड़ी केॅ खड़ा होलै ब्राह्मण के हो नगीच +तीनोॅ प्राणी केॅ खड़ा देखी केॅ ब्राह्मण नें हरिया केॅ +कहै समु हो झाय +कीयेॅ रे हरिया भोजन तैयार होलै की नै रै +कीयेॅ रे हरिया तोरोॅ भोजन कराय के मन नै छौ की रे +एतना सुनी केॅ हरिया नें ब्राह्मण केॅ कहै समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो ब्राह्मण सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +तोरोॅ जेकरोॅ माँस खाय के इच्छा हुवेॅ , होकरा आज्ञा देॅ हो बाबा +एतना बोल सुनी केॅ ब्राह्मण नें हरिया केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे हरिया सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +आभी रणजीत बालक छै शुद्ध रे , हेकरा मारी केॅ भोजन रे कराव +आरो सुनी ले रे हरिया , जों रणजीत केॅ मारै खिनी एक्को बूँद +लोर गिरलौ तेॅ हम्में भोजन नै करबौ रे +एतना बोल सुनी रणजीत खुशी सें नाँची उठलै हो भाय +तबेॅ दोनों प्राणी हाथोॅ में हथियार लैकेॅ +रणजीत केॅ काटै लेॅ होय गेहो तैयार +दुन्हू मिली केॅ एक्कैं छबोॅ में देलकै सिर अलग करी हो भाय +फिनू दुन्हू नें मिली केॅ माँस बनाबेॅ लागलै हो भाय +यही बीचोॅ में हरिया मशाला लानै लेॅ गेलै हो बाजार +एतनै में डोमनियाँ मने मन करै हो विचार +अकेल्ले बाबा नें कत्तेॅ खैतै हो माँस +येहेॅ विचार करी केॅ डोमनियाँ नें सिरा राखी लेलकै हो चोराय +कुच्छु देरोॅ रोॅ बाद हरिया मशाला लैकेॅ ऐलै हो ऐंगन +फिनु मशाला बाँटी केॅ माँस चढ़लकै चूल्हा पर हो भाय +डोमनियाँ के बेहवार देखी दाता निरंजन +ब्राह्मण नें माया करलकै हो विसतार +पाँच मन जलावन जरी गेलै , नै सिझलै हो माँस +माँस नै सिझतेॅ देखी केॅ दाता निरंजन +हरिया गेलै ब्राह्मण के हो पास +ब्राह्मण के नगीच जाय केॅ दाता निरंजन +हरिया नें कहै लागलै ब्राह्मण केॅ समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो बाबा , सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +पाँच मन जलावन जरी गेलै बाबा +नै सीझै छै हो माँस +एतना बोल सुनी दाता निरंजन ब्राह्मण नें हरिया केॅ +कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे हरिया सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +है बात हमें पोथीपतरा देखी केॅ ही बताबेॅ पारौं +आरो ब्राह्मण नें पोथीपतरा उलटाबै लागलै हो भाय +पोथीपतरा देखी केॅ दाता निरंजन हरिया केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे हरिया , सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +तोरोॅ रे जनानी रे हरिया , बेटा रोॅ सिर राखलेॅ छौ चोराय +यहीं रे कारणें सें नै सीझै छौ माँस +मनुखोॅ रोॅ सिरा ही तेॅ शुद्ध माँस होय छै रे हरिया +एतना बोल सुनी केॅ हरिया गेलै आपनोॅ हो ऐंगन +ब्राह्मण के कहलोॅ हरिया नें डोमनियाँ केॅ कहै समु हो झाय +तों गे डोमनियाँ बेटा रोॅ सिरा राखलें छै चोराय +सें तों निकाली केॅ मूसल सें सिरा चूरी केॅ माँस हो बनाव +आरो चूरै खिनी एक्को बूँद आँसू नै गिरौ +तबेॅ सिझतौ सब ठो गे माँस +एतना सुनी केॅ सिरा निकाली केॅ मुसल सें चुरेॅ लागलै हो +फिनू सिरा चूरी केॅ नैका बरतन में चढ़ैलकै चूल्हा पर हो भाय +एतन्हौं पर जबेॅ माँस नै सिझलै तेॅ फिनू गेलै हरिया +ब्राह्मण के हो पास +सुनोॅसुनोॅ हो ब्राह्मण सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +सिरबा मूसल में चूरलिहौं , तय्यो नै सीझै छौं हो माँस +सुनेंसुनें रे हरिया , सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +हे रे हरिया , तों कहै आपनोॅ जनानी केॅ बायाँ गोड़ +चुल्ही में देतौ तबेॅ सिझतौ रे माँस +एतना बोल सुनी केॅ हरिया दौड़लोॅ गेलै हो ऐंगन +ऐंगना में जाय केॅ डोमनियाँ केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें गे सतवरती सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +तोरा बाबा नें कहै छौ , बामा गोड़ चूल्ही में गे लगाय लेॅ +तबेॅ गे सतवरी सिझतौ माँस हो आहार +एतना बोल सुनी केॅ सतवरती कहै छै +हमरोॅ बेटा मरलोॅ , हम्मूँ मरि केॅ काया अमर करी हौ लों +एतना कही केॅ सतवरती नें आपनोॅ गोड़ देलकै +चुल्ही में हो लगाय +गोड़ चूल्ही में देतैं हो दाता निरंजन +माँस सीझी केॅ होय गेलै हो तैयार +माँस सिझतैं दाता निरंजन +हरिया गेलै एक थरिया में परोसी केॅ विजय हो कराय +वही समय में दाता निरंजन , पूछै छै ब्राह्मण नें हो भाय +सुनेंसुनें रे हरिया , कै थरिया में लगैंने छै रे भोजन +हरिया नें कहै छै ब्राह्मण केॅ समु हो झाय +हम्में एक्के थरियाँ में खाली तोरा बास्तें लगैनें +छियौं हो भोजन +एतना सुनी केॅ ब्राह्मण नें कहै छै हरिया केॅ समु हो झाय +सुनेंसुनें रे हरिया सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +तो लगाभैं रे हरिया चार थरिया में +तीन प्राणी तोहें आरो एक हमरोॅ रे लगाव +एतना बोल सुनी हरिया ब्राह्मण केॅ कहै समु हो झाय +सुनोॅसुनोॅ हो ब्राह्मण , सुनोॅ परेमोॅ के साधु हो भाव +हम्में तेॅ आपनोॅ बलकबा केॅ मारि केॅ भोजन करलिहौं +हो तैयार +जबेॅ तोरा बेटा नै छै रे तेॅ तोरा हाँ ने करबौ रे भोजन +जेकरा घरोॅ में बेटा नै रहै छै , हौ होय छै जग रोॅ रे पापी +आरो जौंने निरवंशी हाँ भोजन करतै , वहो होतै जग रे पापी +यही पलोॅ में हरिया के अज्ञानोॅ रोॅ पर्दा हटलै रे भाय +आरो कहै लागलैमोरा बेटा खेलै लेॅ गेलोॅ छै बहार +से तों हो बाबा भोजन करोॅ हो सुसार +यही बातोॅ पर ब्राह्मण नें हरिया केॅ कहै समु हो झाय +सुनेंसुनें रे हरिया सुनें परेमोॅ के साधु हो भाव +पहिलें तों रे हरिया , चार थरिया में भोजन हो लगाव +चार थरिया में भोजन लगाय केॅ तों हकारोॅ +दैकेॅ बोलाव आपनोॅ बेटा +तबेॅ हम्में करबौ भोजन रे सुसार +हरियाँ नें द्वारी के डेढ़िया पर सें +हकारोॅ दै लेॅ गेलै हो बहार +यही बीचोॅ में ब्राह्मण आलोपित भई हो जाय +हरिया केॅ हकारोॅ देतैं दाता निरंजन +बलकवा दौड़लोॅ चललोॅ ऐलै +तबेॅ देखै छै ब्राह्मण के कोय पता नै हो ठिकानोॅ +तबेॅ डोमाडोमनियाँ के ज्ञानोॅ रोॅ पुड़िया +खुललै हो भाय +वही दिनमां सें तनोॅमनोॅ आरो धनोॅ सें +करेॅ लागलै भगति हरि हो नाम +हो दाता निरंजन आरो फैललै वही दिनाँ सें +धरमोॅ के पर हो चार +वै दिनां सें डोमा बेसीये गावै भगति हरि हो नाम +आरो डोमनियाँ बजाबै करेॅ हो ताल +यही बीचोॅ में कुमार रणजीत उछलीउछली +गाबै भगति हरि हो नाम +डोमडोमनियाँ के भगति देखी +होय गेलै सगरो धरमोॅ के पर हो चार ।",angika-anp +"जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां +जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां , +के वड्डे हो के डाके मारदा , जग्गया +के तुर परदेस गयों वे बूहा वज्जया , +जग्गा , जमया ते मिलन वधाईयां +के सारे पिंड गुड वण्डया , जग्गया , +के तुर परदेस गयों वे बूहा वज्जया , +जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा , +मैं इक थाईं दो जम्मदी , जगया +के टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वज्जया +जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया , +ते भैण दा सुहाग चुमके , मखना , +के क्यों ���ुर चले गयों बेडा चखना , +जग्गा मारया बोड़ दी छांवे , +के नौ मण रेत भिज गयी , पूरना +के माँ दा मार दित्ताइ पुत्त सूरमा , +जग्गा , जमया ते मिलन वधाईयां",panjabi-pan +"42 +चिड़ी चूकदी नाल जां टुरे पांधी पइयां चाटियां विच मधानियां नी +उठ गुसल दे वासते जा पुजे सेजां जिनां ने रात नूं मानियां नी +रांझे कूच कीता आया नदी उते साथ लदया पार मुहानियां नी +वारस शाह मियां लुडन बड़ा लोभी कुपा शहद दा लदया बानियां नी",panjabi-pan +"पिपरी लेके सासु खड़ी, पिपरिया पीले बहू +पिपरी1 लेके सासु खड़ी , पिपरिया पीले बहू । +हो जयतो2 होरिलवा ला3 दूध , पिपरिया पीले बहू ॥ 1 ॥ +पिपरी पीते मोरा होठ हरे , मोरा कंठ जरे हे । +हिरदय कमलवा4 के फूल पिपरिया मैं न पिऊँ ॥ 2 ॥ +पिपरी जेके भउजी खड़ी , चाची खड़ी । +पुरतो5 होरिलवा के साध , पिपरिया पीले बहू ॥ 3 ॥ +पिपरी पीते मोरा आँख जरे , नयना लोर6 ढरे । +पिपरी न कंठ ओल्हाय7 पिपरिया मैं न पिऊँ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"हाथी पड़घौनी +कोने बनावै हथिया रे घोरिया , कोने चढे असेवार दाई +कोने बनावै हथिया रे घोरिया , कोने चढ़े असेवार । +बैरी बनावै हथिया रे घोरिया , दादा चढ़े असेवार दाई 2 +कोने बनावै हथ घोरिया सम्हारों , कोने हाथे तलेवार दाई 2 +धीरेधीरे लड़बी रे दादा , पाँवक पनही बिछल झै जाय । +शब्दार्थ – हथियाहाथी , कोनेकौन , असेवारअसवार , डेरीना बाये , जौनी दायें , लड़बीलड़ना , पनहीजूते । +बारात आने के बाद हाथ पड़घौनी की रीत है , जिसमें तीन खटिया कम्बल , रस्सी आदि से हाथी बनाया जाता है । इस हाथी को चार लोग कंधे पर उठाकर चलते हैं । जिसके ऊपर दुल्हन के भाई को बैठाया जाता है । जिसे हाथी पर नचाया जाता है । तब यह पड़घौनी गीत गाया जाता है । गीत में दुल्हन पूछती है हे दाई इस हाथी को किसने बनाया है । इस पर कौन बैठा है । किसने सवारी की है । किसी दुश्मन ने इस हाथी को बनाया है । मेरा भाई इस पर सवार हुआ है । +हे भाई तुम कौन से हाथ से हाथी सम्हालोगे और कौन से हाथ में तलवार रखोगे । भाई कहता है बहन मैं बाँयें हाथ से हाथी पकडूँगा और दायें हाथ में तलवार पकडूँगा । दुल्हन कहती है । देख भाई जरा धीरे से लड़ना । तुम्हारे पैर का जूता कहीं फिसल न जाय ।",baiga-mis +"मैं नाहीं दधि खायौ +मैया मैं नाहीं दधि खायौ , मोय झूठो दोष लगायौ ॥ टेक ॥ +ये ग्वालन जुरिमिलि के मैया , मोकू नाच नचाती हैं । +दे दे तारी हँसे और मोय बकनी बात सिखाती हैं ॥ +लीनौ पकरि मोय वन वन में जो कहुँ अकेलौ पायौ ॥ मैया . +जो मैं आयो भाजि तो मैया ये मन में खिसियाती हैं । +तंग कराइबे मोकू ये झूठौ उरहानौ लाती हैं ॥ +इनके संग तनकहू मैंने ऊधम नहीं मचायौ ॥ मैया . +जो तू मानें झूठ पूछ लैं मनसुख मेरौ गवाही है । +कब लूटौ मैंने दधि इनको झूठी बात बनाई है ॥ +हैं मदमाती ज्वानी में ये अपनों ऐब छिपायौ ॥ मैया . +कैऊ दिना या चिमिचिमयाने मैया मोकूँ मारौ है । +पूछ ले याते मैया तू अरी मैंने कहा बिगारौ है । +‘घासीराम’ ने दंगल में रसिया ये कथिके गायौ ॥ मैया .",braj-bra +"मंडवा ईटा सुबाये ऐकली जा राजा +मंडवा ईटा सुबाये ऐकली जा राजा +मंडवा ईटा सुबाये ऐकली जा राजा +हिटटु इयां किबला हेजेवा ऐनटेन कोरा बारेन +हिटटु इयां किबला हेजेवा ऐनटेन कोरा बारेन +डोयरा माजा राजा मारे +डोयरा माजा राजा मारे +आमा गलजा डाई बानेजा आम बारेन बोकजई बाने +आमा गलजा डाई बानेजा आम बारेन बोकजई बाने +बाकीमा झूरना इयां माडो रानी +बाकीमा झूरना इयां माडो रानी +जेमा हिमटो टोले माजा राजा जेमा हिमटो टोले बाजा राजा मारे +जेमा हिमटो टोले माजा राजा जेमा हिमटो टोले बाजा राजा मारे +बाकी मा झूरना इयां डो रानी +बाकी मा झूरना इयां डो रानी +गावां कुरकू जोड़ा टोले गावां कुरकू हिमटो टोले डो रानी मारे +गावां कुरकू जोड़ा टोले गावां कुरकू हिमटो टोले डो रानी मारे +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"आल्हा ऊदल +पलटन चल गैल रुदल के मँडवा में गैल समाय +बैठल दादा है सोनवा के मँड़वा में बैठल बाय +बूढ़ा मदन सिंह नाम धराय +प्रक बेर गरजे मँडवा में जिन्ह के दलके दसो दुआर +बोलल राजा बूढ़ा मदन सिंह सारे रुदल सुनव बात हमार +कत बड़ सेखी है बघ रुदल के मोर नतनी से करै बियाह +पड़ल लड़ाइ है मँड़वा में जहवाँ पड़ल कचौंधी मार +नौ मन बुकवा उड़ मँड़वा में जहवाँ पड़ल चैलिअन मार +ईटाँ बरसत बा मँड़वा में रुदल मन में करे गुनान +आधा पलटन कट गैल बघ रुदल के सोना के कलसा बूड़ल माँड़ों में +धींचे दोहाइ जब देबी के देबी माँता लागू सहाय +घैंचल तेगा है बघ रुदल बूढ़ा मदन सिंह के मारल बनाय +सिरवा कट गैल बूढ़ा मदन सिंह के +हाथ जोड़ के समदेवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओं +कर लव बिअहवा तूँ सोनवा के नौ सै पण्डित लेल बोलाय +अधी रात के अम्मल में दुलहा के लेल बोलाय +लै बैठावल जब सोनवा के आल्हा के करै बियाह +कैल बिअहवा ओह सोनवा के बरिअरिया सादी कैल बनाय +नौ सै कैदी बाँधल ओहि माँड़ों में सभ के बेड़ी देल कटवाय +जुग जुग जीअ बाबू रुदल तोहर अमर बजे तरवार +डोला निकालल जब सोनवा के मोहबा के लेल तकाय +रातिक दिनवाँ का चलला में मोहबा में पहुँचल जाथ",bhojpuri-bho +"कहवाँ के कोहबर लाल से गुलाब हे +कहवाँ के कोहबर लाल से गुलाब हे । +कहवाँ के कोहबर पान से छवावल हे ॥ 1 ॥ +अँगना के कोहबर लाल हे गुलाब हे । +भीतर के कोहबर पान से छवावल हे ॥ 2 ॥ +सेहु पइसी1 सुतलन दुलरइते बाबू राजा हे । +जबरे भइ सुतलन पंडितवा केरा धिया हे ॥ 3 ॥ +ओते2 सुतूँ , ओते सुतूँ , ससुर जी के बेटवा हे । +नइहर के चुनरी मइल3 जनु होवइ हे ॥ 4 ॥ +एतना बचन जब सुनलन दुलरइते बाबू राजा हे । +भीतर के सेजिया बाहर कर देलन हे ॥ 5 ॥ +गरजे लगल बादल बरसे लगल बुंद हे । +देहरी लगल दुलहा रोदना पसारे4 हे ॥ 6 ॥ +खोलु धनि , खोलु धनि , सोबरन केवाड़ हे । +आजु के रतिया सुहावन करि देहु हे ॥ 7 ॥ +कइसे हम खोलूँ परभु , सोबरन केवड़िया हे । +हमरा बाबू से दहेज मत लिहऽ5 हे । +हमरी अम्माँ से जयतुक6 मत लिहऽ हे ॥ 8 ॥ +तोहरो बाबू से दहेज नहीं लेबो7 हे । +तोहरी अम्माँ से जयतुक नहीं लेबो हे ॥ 9 ॥ +हमरी अम्माँ से जबाव मति करिहऽ8 हे । +तोहरी अम्माँ से जबाब मति करबो हे ॥ 10 ॥ +लाख अरजिया जी परभु , लेखो9 मत लिहऽ हे । +अरथ भंडार10 परभु , सौंपि हमरा दिहऽ हे ॥ 11 ॥",magahi-mag +"बरात निकासी +गांवे अवधपुर ले चले बरतिया चले बरतिया की +गांवे जनकपुरी जाये वो दाई +गांवे जनकपुरी जाये +गांवे जनकपुरी जाये वो दाई +गांवे जनकपुरी जाये +कौने चढ़त हे गाड़ी अउ घुलवा +गाड़ी अउ घुलवा +कौने चढ़य सुख पलना वो दाई +कौने चढ़य सुख पलना +कौने चढ़य सुख पलना वो दाई +कौने चढ़य सुख पलना +रंगे चढ़त हे गाड़ी अउ घुलवा +गाड़ी अउ घुलवा +भरत चढ़य सुख पलना वो दाई +भरत चढ़य सुख पलना +भरत चढ़य सुख पलना वो दाई +भरत चढ़य सुख पलना +काकर सिर मा चांवर डोलत हे +चांवर डोलत हे +कौने टिपत हावे बाने वो दीदी +कौने टिपत हावे बाने +कौने टिपत हावे बाने वो दीदी +कौने टिपत हावे बाने +राजा दसरथ के सिर में चांवर डोलत हे +चांवर डोलत हे +लखन टिपत हावे बाने वो दीदी +लखन टिपत हावे बाने +लखन टिपत हावे बाने वो दीदी +लखन टिपत हावे बाने +राजा जनक के पट पर भांठा +पट पर भांठा +तम्बू लगे हे तनायें वो दाई +तम्बू लगे हे तनायें +तम्बू लगे हे तनायें वो दाई +तम्बू लगे हे तनायें",chhattisgarhi-hne +"बरत करो रे नर एकादशी को +बरत करो रे नर एकादशी को +रामजी का नाम बिन गती कसी +सूरज सामे झूटो न्हाके +जल में कुल्ला वे करसी +इन करणी से हुवा कागला +करा��करां करता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +पणघट ऊपर ऐड़ी निरखे +पर निन्दिया तो वे करसी +इन करणी से हुवा डेंडका +टर्राटर्रा वे करसी +बरत करो रे नर एकादशी +डेली बैठी पाग संवारे +पर घर चुगली वे करसी +इन करनी का हुवा कूतरा +घरेघरे भूकता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +पांच जणा मिल हतई करन्ता +पांची चुगली वे एकरसी +इन करणी का हुवा हीजड़ा +घरेघरे नचता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +ग्यारस का दल माथो न्हावे +बारस का दन तिल वे खासी +इन करणी का हुवा गधकड़ा +गलीगली रेंकता फिरसी +बरत करो रे नर एकादशी +अन्न को दान , वस्तर को दान +कन्या दान वे करसी +इन करणी से हुवा कुंवर जी +पाल की पड़न्ता वे फिरसी +मीरां के प्रभु गिरिधर नागर +हरि के चरनां चित वे धरसी",malvi-mup +"बेबे हे करम्यां की गत न्यारी +बेबे हे करम्यां की गत न्यारी +मेरे तै कही नहीं जावै +किसे के फिरते इधर उधर नै +कोए कोए तरसै एक पुतर नै +पर बन कुछ न पावै +बेबे हे . . . +कोए कोए ओढ़े सीड दुसाले +उसके बस्तर घणे निराले +किसै नै पाटै बी ना पावै +बेबे हे . . . +कोए कोए सोवै रंग महल मैं +उस के नौकर रहें टहल मैं +किसै के छान नहीं पावै +बेबे हे . . .",haryanvi-bgc +"539 +अजू बन्ह खड़ा हथ पीर अगे तुसी लाडले परवरदगार1 दे हो +तुसी फकर अलाह दे पीर पूरे विच रेख2 दे मेख3 नूं मारदे हो +होवे दुआ कबूल पयारयां दी दीन दुनी4 दे कम सवारदे हो +अठे पहर खुदा दी याद अंदर तुसी नफस5 शैतान नूं मारदे हो +हुकम रब्ब दे थी तुसी नहीं बाहर पीर खास हजूर दरबार दे हो +मेरी नूंह नूं सप्प दा असर होया तुसी कील मंतर सप्प मारदे हो +रूढ़े जान बेड़े औगनहारयां दे फजल6 करो ते पार उतारदे हो +तेरे चलयां नूंह मेरी जीउंदी ए डुबन लगयां नूं तुसी तारदे हो +वारस शाह दे उजर7 मुआफ करने बखशनहार बंदे गुनाहगर दे हा",panjabi-pan +"368 +घरों सखना फकर ना डूम जाये अनी खेड़यां दिए मगखोरीए नी +कोई बड़ी असां तकसीर1 है कीती सदा हुसन दा बखश लै गोरीए नी +जो कुझ सरे सो फकर नूं खैर दीजे नहीं देय जवाब चा टोरीए नी +वारस शाह कुझ रब्ब दे नाम देईए नहीं आजजां दा कुझ जोगीए नी",panjabi-pan +"राजा बोया गरिया छोहरवा रे +राजा बोया1 गरिया2 छोहरवा रे । +बदमवाँ मोरा मन भावे रे ॥ +अँगना में लेमु3 बोया , दुअरे4 अनार बोया जी , राजा बोया गरिया ॥ 1 ॥ +अँगने में लेमु फला , दुअरे अनार फला जी । +राजा फला है छोहरवा , बदमवाँ , बदमवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 2 ॥ +अँगने का लेमु पका , 5 दुअरे अनार पक्का । +पका है गरिया , छोहरवा , बदमवाँ , ब��मवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 3 ॥ +अँगने का लेमुआ तोड़ा , दुअरे अनार तोड़ा । +राजा तोड़ा है गरिया , छोहरवा , बदमवाँ , बदमवाँ मोरा मन भावे जी ॥ 4 ॥ +गैलूँ6 मैं बिंदाबने , 7 हुँएँ हैं नंदलाल । +होरिलवा मोरा मन भावे रे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"आयो आयो चौमासा त्वैक जागी रयो +आयो आयो चौमासा त्वैक जागी रयो । +मैं पापणीं सदा मन भरी रयो । +मेरा स्वामी को मन निठुर होयो । +घर बार छोड़ीक विदेश रयो । +हाई मेरा स्वामी जी मैंने क्या खायो । +तुमरी प्रीति से न्यारी होयो ।",garhwali-gbm +"मुरलिया बाजे जमुना तीर +मुरलिया बाजे जमुना तीर +बंशी बाजी जमुना तीर +हाथों के गहिने राधा पैरों में पहिने +ओढ़ आई उल्टा चीर रे । मुरलिया . . . +संग की सहेली मैंने कुआओं पे छोड़ी +छोड़ आई कुल की रीति रे । मुरलिया . . . +सास ननद मैंने सोवत छोड़ी +छोड़ आई साजन और बीर । मुरलिया . . . +ऐसे प्रेम रंगे सब मोहन +बिनती करूं मैं रघुबीर । मुरलिया . . .",bundeli-bns +"उंकार देव न लिख्या कागज दई भेज्या +उंकार देव न लिख्या कागज दई भेज्या , +तू रे ईरा , बेगा रे घर आव +हम कसां आवां म्हारा उंकार देव , +हमारा माथऽ नारेळ की मान । +नारेल चढ़ावऽ थारो माड़ी जायो , +तू रे ईरा , बेगा रे घर आव ।",nimadi-noe +"राधा चली गई मेले +राधा चली गई मेले +स्याम जी रह गए अकेले +इस मेले में के के बिकत है +नींबू नुरंगी केले +स्याम जी रह गये अकेले +तात्ता सा पाणी साबण की टिकिआ +न्हा कै नुहा कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +स्याम जी रह गए अकेले +तात्ती सी पूरी अर गुलदाणा +खा कै खिला कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +दमड़ी के तीन पान बीड़ा लगाया +चाव कै चबा कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +सीसै की बोतल मीनैं का प्याला +पी के पिला के चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +राधा चली गई मेले +फूलों की सेज मोती झालर के तकिए +सो कै सुला कै चले गए +स्याम जी रह गए अकेले +इस मेले में के के बिकत है +नींबू नुरंगी केले +स्याम जी रह गए अकेले",haryanvi-bgc +"551 +सहति लई मुराद ते हीर रांझा रवां1 हो चले लाड़े लाड़ियां नी +रातोरात गए लैके बाज कूंजां सिरिया नागां दियां शिहां2 लताड़ियां नी +आपो धाप लैके वाहोदाही नसे जयों बघयाड़ां ने तडियां पाड़ियां नी +जड़ा दीन इमान दी कटते नूं एह महरियां तेज कुहाड़ियां नी +मियां जिन्हां वेगानड़ी नार रावी3 मिलन दोजखी4 ताओ चवाड़ियां नी +वारस शाह नाइयां नाल जग बधां आप मुनवायके खेड़यां दाड़ियां नी",panjabi-pan +"576 +लै के चलया अपने देस ���ले चल नढिए रब्ब दिवाई ए नी +चैधरानिए तखत हजारे दिए पंजां पीरां नूं वत घिणाईए नी +कढ खेड़यां तों रब्ब दिती ए तूं अते मुलक पहाड़ पहुंचाईए नी +हीर आखया ऐव जे जा वड़सां रन्नां आखसन उधली आईए नी +घत जादुड़ा देयों ने परी ठगी हूर आदमी दे हत्थ आईए नी +वारस शाह परेम दी जड़ी घती मसतानड़ी चा बनाईए नी",panjabi-pan +"463 +जाह खोल के वेख जो सिदक आवे किहा शक दिल आपने पाइयो नी +कहयां असां जे रब्ब तहकीक करसी केहा आन के मगज खपाइयो नी +जाह वेख विशवास जे दूर होवे केहा दरदढ़ा आन मचाइयो नी +शक मिटें जे थाल नूं खोल वेखें वारस मकरकी आन फैलायो नी",panjabi-pan +"रंग में रँग दई +रंग में रँग दई बाँह पकरि लई , लाजन मर गई होरी में , +इकली भाज दई होरी में , हुरमत लाज गई होरी में ॥ रंग . +चूँदर रंग बोरी होरी में , पिचकारी मारी होरी में , +ह्वैके स्याम निसंक अंक भुज भरि लई होरी में । रंग में . +गाल गुलाल मल्यौ होरी में , मोतिन लर तोरी होरी में , +लोक लाज खूँटी पे कान्हा धर दई होरी में । रंग में . +बरजोरी कीन्ही होरी में , ऐसी बुरी भई होरी में , +‘घासीराम’ पीर सब तन की हर लई होरी में । रंग में .",braj-bra +"ननदी अँगनमा चनन केरा हे गछिया +ननदी अँगनमा1 चनन ेकरा2 हे गछिया । +ताहि चढ़ि बोलय कगवा कुबोलिया ॥ 1 ॥ +मारबउ3 रे कगवा हम भरल बढ़निया4 । +तोहरे कुबोली बोली पिया5 गेल परदेसवा +हमरा के छोड़ि गेल अपन कोहबरवा ॥ 2 ॥ +काहे लागी मारमें6 गे भरल बढ़निया । +हमरे बोलिया औतन7 पिया परदेसिया ॥ 3 ॥ +तोहरे जे बोलिया औतन पिया परदेसिया । +दही भात मिठवा8 खिलायम9 सोने थरिया10 ॥ 4 ॥ +उड़ि उड़ि कगवा हे गेलइ नीम गछिया । +धम से पहुँची गेलइ पिया परदेसिया ॥ 5 ॥",magahi-mag +"उमके जोबन जियरा जरि गइले हो +उमके जोबन जियरा जरि गइले हो , +सैंया बयरागी निकल गइले हो । । टेक । । +किया ओही देसवा में टेसो ना फूले , +किया बने अमँवा मोजरि गइले हो । । टेक । । +किया ओही देसवा में मोरवो ना बोले , +किया ए पपीहरा मरि गइले हो । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"आल्हा ऊदल +किरिया धरावल जब लहरा सिंह रुदल जियरा छाड़व हमार +नैंयाँ लेब बघ रुदल के +एतनी बोली बघ रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय +फिर के चलि भेल बघ रुदल लहरा दोसर कैल सरेख +खैंचल तेगा जब लहरा सिंह बाबू लिहल अली के नाम +जौं तक मारल बघ रुदल के देबी झट के लिहल बचाय +बरल करेजा बघ रुदल के रुदल कूदल बवन्तर हाथ +जौं तक मारल लहरा के भुँइयाँ लोथ फहराय +भागल फौदिया जब लहरा के जब नैना गढ़ गैल पराय +लागल कचहरी इंदरमन के जहाँ तिलंगा पहुँचल जाय +बोलै तिलंगा लहरा वाला राजा इंदरमन जान बचाई मोर +एतनी बोली सुनल इंदरमन बाबू मन में करे गुनान +पड़ गलै बीड़ा इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय +हाथी मँगावल भौंरानंद जिन्ह के नौं मन भाँग पिलाय +दसे तिलंगा ले साथन में सिब मंदिर पहुँचल जाय +घड़ी पलकवा का चलला में सिब मंदिर पहुँचल जाय +बाँधल घोड़ा रुदल के पलटन पर पड़ गैल दीठ +घीचै दोहाइ जब देबी के देबी प्रान बचावव मोर +आइल देबी जंगल के बनस्पती देबी पहुँचल आय +घोड़ा खोल देल बघ रुदल के घोड़ा उड़ के लागल अकास +रुदल सूतल सिब मंदिर में जहवाँ घोड़ा पहुँचल बाय",bhojpuri-bho +"बाबे तेरे की दोय क्यारियां +बाबे तेरे की दोय क्यारियां बाग लगवाइये म्हारा छैल बन्ना +काची कलियां तोड़ कै सुवा साफा रंगवाइये म्हारा छेल बन्ना +सुवा साफा बांध कै सुसराल बिग जाइये म्हारा छेल बन्ना +साली तुम्हारी गाभरू धीमे बतलाइये म्हारा छेल बन्ना +सासू तुम्हारी हांडणी जरा सीख देता आइये म्हारा छेल बन्ना",haryanvi-bgc +"तेरो रंग बदल्यूँ च है रे जमाना! +तेरो रंग बदल्यूँ च है रे जमाना +दुनिया का देख ढंग , चड्यूँ च कच्चो रंग । +भेद भौ कुछ नी च , सब एक समाना +छै रुप्या को कोट सिलैले तब चलदो बाँगो , +जेब मा वेका धेला नी च चुफ्लो वे को नाँगो +कली होक्का साँदी रख्या , बीड़ी पेन्दा ज्यादा , +कोणा पर बीड़ी सुलगै , रजै फुंके आदा +नौना को भैंसो ब्यायूँ , बुड्या लग्यूँ च सास , +ब्वारी करदी सैर फैर , सासू काटदी घास +सासू कर्दी कूटणी पीसणी ब्वारी ह्वैगे सयाणी , +नौनों मू चा को गिलास , बुड्या मू पंज्वाणी । +जोंखी मूंडी फुंडू धोली , चिफ्ली करी दाड़ी , +घर की जनानीक धोती नी , रंडीक लौंदा साड़ी +हात पर बीड़ि लीले , गिच्चा पर पान , +बुड्या बुड्योंन जोंखी मूंडी , हम भी होन्दा ज्वान",garhwali-gbm +"105 +रांझा आखदा हीर नूं मां तेरी सानूं फेर मुड़ रात दी चंबड़ी ए +मियां मन लै उसदे आखने नूं तेरी हीर पयारी दी अंबड़ी ए +किते जाइए उठ के घरीं बहीए अजे वयाह दी विथ ते लंबड़ी ए +वारस शाह इस इशक दे वनज विचों किसे पले न बधड़ी दमड़ी ए",panjabi-pan +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 2 +का तो भगवान हर महिमा +तोर बुझे ल ओ +ए दे जोगी तोला भेजे हे +झनी जाबे बेटा +मिरगा मार राम +डोंगरीबहार मा +बघुआ भालू ओ +जिहां रहिथे लाला +मोर हरके अऊ बरजे ल माना ओ +जोगी माना ओ , बाई ये दे जी । +हरके अऊ बरजे ल नई मानय +सुनिले दाई बा�� +बैकुंठ के भगवाने हर +मोर छले ल ओ +ओहर भेजे दाई +मोला तीर कमंछा ल दे दे ओ +रानी दे दे ओ , रानी ये दे जी । +घोड़ घोड़सार मा जाइके +भरथरी ये ओ +देख तो दीदी घोड़ा साजत हे +बारा भंजन के +बीच अंगना मा ओ +घोरा लाइके न +सम्हरा के गिंया +घोड़ा दुलदुलिया +बारा मरद के , साज के कसे हे न +मोर चिकमिक चिकमिक दिखय ओ +बाई घोड़ा ओ , भाई ये दे जी । +घोड़ा दुलदुलिया ल लाई के +लिलि हंसा घोड़ा +अंगना मं लान खड़ा करत हे +तीर कमंछा दाई +मोला दे देबे ओ +मय हरके अऊ बरजे नई मानव ओ +नई मानव ओ , भाई ये दे जी । +साये गुजर ले उतर के , चले आवत हे ओ +तीर कमंछ ल दे वत हे +भरथरी ये राम +चल धरत हे न +तीर कमंछा ल ओ +मोर घोड़ा मा होय सवार ओ , +सवार ओ , भाई ये दे जी । +आगूआगू मिरगा दौड़य +जैखर पीछू मा ओ +देख तो दीदी भरथरी ये +सांप सलगनी ओ +दीदी दुरंगिनी न +हरिना के उचार +कुकुर ढुरकी ये ओ +बागचोपी ए न +मोर मारत हे मिरगा सपेटा ओ +ये सपेटा ओ , भाई ये दे जी । +जेकर पीछू मा भरथरी +चले जावत हे ओ +देख तो दीदी कुकुर ढुरकी ये +बारापाली के न +पथरा के ओधा +जेमा जाई के न , मोर मिरगा ये न +चल पहुंचत हे राम +मोर छै कोरी छै आगर मिरगीन +चल बइठे हे ओ , भाई ये दे जी । +छै आगर छै कोरी मिरगिन मन +ये दे बइठे हें ओ +काल मिरगा पहुंचगे +सुनिले भगवान +रानी बोलत हे न +सिंघलदीप के ओ +तिलक रानी ये न +सुनिले राजा मोर बात +छुटे कारी ये ओ +मोर पछीना ए न +तोला का तो दुःख जोड़ परे ओ +मोला बता दे ओ , भाई ये दे जी +जऊने समय कर बेरा मा +मोर मिरगा ये ओ +देथे मिरगिन के जवाब ला +सुनिले मिरगिन बात +काल मिरगा ये राम , मोला आये हे ओ +एक जोगी ये न +ओ कुदावत ओ +मोर चोला ल लेबे बचाय ओ , +ये बचाये ओ , भाई ये दे जी । +जब बोलय मोर मिरगिन ह +सुनिले जोगी बात +कहना वचन ल ओ मान जाबे +छै आगर छै कोरी मिरगिन +माल छटवां निमार +मोर काला मिरगा मत मारव ओ +जोगी मारव ओ , भाई ये दे जी । +कहना वचन जोगी नई मानय +सुनिले भगवान +देख तो बेटा भरथरी ये +गऊ मारे मा ओ +हैता लगथे न +तिरिया मोर राम +पाप परथे ओ +छतरी के पिला , रनबर रेगे राम +मय हर छतरी जोनी ये दे धरेंव ओ +भाई धरेंव ओ , रानी ये दे जी । +काला मिरगा ला मारिहँव +तिरिया मारँव ओ +भारी पाप मोला पिरथे +भरथरी ये न +एके गांछ गिंया मोर मारत हे ओ +दसरैया ए राम । मोर तीने गांछ मा +मोर छाती ओ । मोर बन ओ । +ओदरत हे ओ , ओदरत हे ओ , भाई ये दे जी । +राम अऊ राम ल कहिके +मोर मिरगा ये ओ +देखतो जमीन मा गिरिगे +सुनिले भगवान +मोर रानी ये ओ +छै आगर छै कोरी +मो�� गरुगोहारे ल पारँय ओ +चल रोवय ओ , चल रोवय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +सुनिले भगवान +गाजे के बैरी पराई ये +जोड़ी छुटय ओ +रानी कलपत हे न +मोर भरथरी ओ +मोर घोड़ा मा राम +काला मिरगा ल न , चल लादत हे राम +मोर घरे के रद्दा पकड़य ओ , ये पकड़य ओ , भाई ये दे जी । +एक कोस रेंगय दुसर कोस +तीसर कोस ओ +गोरखपुर के गुरु का आवे +गोरखपुर के गुरु +चले आवत हे राम +भरथरी ये न +जेला देखय दीदी +मोर घोड़ ले ये दे उतरय ओ +ये उतरय ओ , भाई ये दे जी +चरन छुए के आस ये +सुनिले गुरु मोर बात +कहना वचन मोर मान जाबे +गुरु बोलत हे न +गोरखनाथ ये ओ +गोरखपुर के गुरु +सुनले भरथरी बात +तोला लगे सरापे मिरगिन के ओ , +ये मिरगिन के ओ , भाई ये दे जी । मिरगिन के लगे सरापे ह +मोर चरण ल हो +तुमन ये दे झन छुआ +भरथरी ये ओ +जोगी ल भरे जवाब +सुनले गुरू मोर बात +कहना मानो राम +मोरमा दोष नईये +भगवान ये ओ +मोर महिमा बुझे माया मिरगा ओ +ये भेजाये ओ , भेजाये ओ , जोगी ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा म +सुनिले गुरु मोर बात +कइसे कटिही मोर पाप +जोगी भरे जवाब +गोरखपुर के न +मोर गुरु ये ओ +सुनले जोगी मोर बात +भरथरी ये न +मन तउरत है राम +धरधर दीदी , चल रोवत हे ओ +मोर जइसे विधि कर बेरा में , गुरु बोलय ओ , भाई ये दे जी । +साते जोनी सात महिमा ये +सात बुझे ल ओ +तैंहर ये दे बन जाबे +दुनिया मा ये दे एक सत रहिही +मान जाबे जोगी , तैंहर जोगी बन जाबे +जोगी भेखे ल न +धरि लेबे लला +डोंगरी मं गिया । मोर तपसिया +करिबे ओ , जोगी बोलय ओ , भाई ये दे जी । +सिंग दरवाजा म भरथरी +चला आवथे ओ +देख तो दीदी मोरा घोड़ा मा +सिंग दरवाजा मा आइके +भरथरी ये ओ । देखतो दीदी मोर घोड़ा मा +खड़ा होवय अगिंया +फुलवारानी ओ , मोर सोंचत हे न +मोर गौरा बदन काला हो गय ओ +दाई हो गय ओ , भाई ये दे जी । +जग मा अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निसान +का विधि के गारी देवत हे +भरथरी ये ओ । मोर घोड़ा ल न +बारामरद के । मोरे अंगना मा राम +खड़ा करिके न +मोर मिरगा ल ए दे उतारे ओ , ए उतारे ओ , भाई ये दे जी । +सुनले दाई मोर बात ल +पइंया ठेंकत हँव ओ +आर्सिवाद मोला दे देबे +कहना नई मानेंव राम +गलती करेंव दाई +क्षमा कर देबे ओ +मैंहर जोगी के रूप ल धरॅव ओ , बाई ये दे जी । +दुनिया मा एक नारी हे +मोर माता ए ओ +बाल ब्रह्मचारी ओ मय रहिहंव +भरथरी ये न । मोर भरे जवाब +फुलवारानी ओ । समझावत हे न +सुनले बेटा मोर बात +मोर एक बेटा । मोर कइसे असुभ दियना +बारे ओ , बाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा म +सुनिले भगवान +का दुःख ला गोठियावॅव मय +भरथरी ये ओ +बीच अंगना म राम +चल बइठे हे न +फुलवारानी ओ । सुनिले बेटा मोर बात +मोर कइसे के होय गुस्सा ओ , चल बोल ओ , भाई ये दे जी । +काला मिरगा ल लाये हस +सुनिले बेटा बात +का मिरगिन दिये सरापे न +हाल दिये बताय +मिरगिन न दाई +मोला गारी ये ओ +मोला दे हे सराप भरभर ये न +दुःख ल बतावॅत ओ , बतावॅत ओ +भाई ये दे जी । +जबधन बोलत हे भरथरी +सुनिले दाई बात +का दुःख ला गोठियावव ओ +गऊ मारे मा ओ +हैता लगथे दाई +तिरिया के मय । जोड़ी छोड़ा पारेंव न",chhattisgarhi-hne +"पाणी पिला दे भरतार +पाणी पिला दे भरतार +तिसाई मर गी खेत मैं +कोड्डी तो हो के पी ले नार +पाणी तो भर रह्या लेट मैं +क्यूं कर पिऊं भरतार +छोरट ते मेरे पेट में +न्यूं तो बता दे मेरी नार +किस ने तौं घाली खेत मैं +बड़िये जिठाणी चकचाल +जेठै ने घाली खेत मैं",haryanvi-bgc +"भीम हरकतो आयो रे राजा +भीम हरकतो आयो रे राजा +गोकुल से लायो रे राजा . . . . +भीम हरकतो आयो रे राजा +१ पाँचई पांडव बैठीयाँ महेल म , +बीच म कोतमा माय +पहला सगून तो हुआ रे मुझको +यदुपति दर्शन पायो रे राजा . . . +भीम . . . +२ बहुत प्रेम से पुछण लाग्यो , +कैसे हो भीम भाई +जात सी तो भोजन पाया +मोये दियो विश्वास रे राजा . . . +भीम . . . +३ रल्ली मुझसे पुछण लाग्यो , +अली की रे विपता बताई +एक वचन मुझसे ऐसो सुणायो +बारह बरस वन जाओ रे राजा . . . +भीम . . . +४ हतनापुर से मालुम हुई , +भीम नायळ दई आया +दास धनजी को स्वामी सावळीयो +राखो लाज रघुराई रे राजा . . . +भीम . . .",nimadi-noe +"बाना गीत +गुदड़ये बठो रे बानो कागते वाचे । +इनी धड़े फुवो , पली धड़े फुई । +विच मा बठो रे बानो , कागते वाचे । +इनी धड़े भाई , पत्नी धड़े भोजाई , +विच मा बठो रे बानो , कागते वाचे । +इनी धड़े बनवी , पत्नी धड़े बइण +विच मा बठो रे बानो कागद वाचे । +गद्दी पर बैठा हुआ दूल्हा कागज पढ़ रहा है । दूल्हे के एक तरफ फूफा बैठा है और दूसरी तरफ फूफी बैठी है । बीच में दूल्हा कागज पढ़ रहा है । इस ओर भाई तथा उस ओर भौजाई बैठी है । इस ओर बहन और उस ओर बहनोई बैठा है । बीच में बैठा बना कागज पढ़ रहा है ।",bhili-bhb +"130 +अम्मां बस कर गालियां दे नाही गाली दितयां वडा सराप आवे +नीह रब्ब दी पटनी बहुत बुरी धीयां मारयां बड़ा अजाब1 आवे +लै जाये मैं भईयड़ा पिठड़ी नूं कोई गैब ते सूल दा ताप आवे +वारस शाह ना मुड़ांगी रांझणे तों भावें बप दे बाप दा बाप आवे",panjabi-pan +"कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +आहि रे बालम चिरई , आहि रे बालम चिरई । +बनबन ढुँढली दरदर ढुँढली ढुँढली नदी के तीरे +सांझ के ढुँढली रात के ढुँढली ढुँढली होत फजीरे +जन में ढुँढली मन में ढुँढली ढुँढली बीच बजारे +हियाहिया में प‍इसि के ढुँढली ढुँढली विरह के मारे +कवने अँतरे में सम‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +गीत के हम हर कड़ी से पुछलीं पुछलीं राग मिलन से +छंदछंद लय ताल से पुछलीं पुछलीं सुर के मन से +किरनकिरन से जाके पुछलीं पुछलीं नल गगन से +धरती और पाताल से पुछलीं पुछलीं मस्त पवन से +कवने सुगना पर लोभ‍इलू आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई । +मंदिर से मस्जिद तक देखलीं , गिरिजा से गुरुद्वारा +गीता और कुरान में देखलीं , देखलीं तीरथ सारा +पंडित से मुल्ल तक देखलीं , देखली घरे कसाई +सगरी उमिरिया छछलत जियरा , कैसे तोहके पाईं +कवने बतिया पर कोहँइलू , आहि रे बालम चिरई +कवने खोतवा में लुक‍इलू आहि रे बालम चिरई ।",bhojpuri-bho +"ये मोरांगी डो ये मोरांगी आमानी +ये मोरांगी डो ये मोरांगी आमानी +ये मोरांगी डो ये मोरांगी आमानी +ये मोरांगी डो ये मोरांगी आमानी +उरा टोले मा अरुकेन डो मोरांगी रे +उरा टोले मा अरुकेन डो मोरांगी रे +इयां उरा कजलीवन डो बिंदरावनेन नी आरु मारे +इयां उरा कजलीवन डो बिंदरावनेन नी आरु मारे +इयां उरा कजलीवन डो बिंदरावनेन नी आरु मारे +ये मोरांगी डो ये मोरांगी +ये मोरांगी डो ये मोरांगी +सूबा नी पडूबे इया कूरई डो अजूमे मारे +सूबा नी पडूबे इया कूरई डो अजूमे मारे +सूबा नी पडूबे इया कूरई डो अजूमे मारे +ये झलजा जा ये झलजा +ये झलजा जा ये झलजा +मिया नी गीड़ी आमा सूसून नी घाले मारे +मिया नी गीड़ी आमा सूसून नी घाले मारे +मिया नी गीड़ी आमा सूसून नी घाले मारे +ये मोरांगी डो ये मोरांगी सूसूना जागा डो +ये मोरांगी डो ये मोरांगी सूसूना जागा डो +ये मोरांगी डो ये मोरांगी सूसूना जागा डो +डोगे डो मिया का खाटा नी बोचोगे मारे +डोगे डो मिया का खाटा नी बोचोगे मारे +डोगे डो मिया का खाटा नी बोचोगे मारे +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"सावां गीत +तारो माटी रामस्यो धवल्याधुरी मंगाया । +खांड्यामेंड्या क्यांे लाया रे । +बइल्या छोड़बइल्या छोड़ ढेड्या । +तारो माटी रामस्यो चाउलचोखा मंगाया । +टेमरा क्यों लायो रे ढेड्या । +तारो माटी रामस्यो सकर मंगाड़ी , +गूले क्यों लायो रे ढेड्या । +तार�� माटी रामस्यो घींवे मंगाइयो । +तेले क्यों लायो रे ढेड्या । +सावां लाने वाले से स्त्रियाँ कहती हैं रामसिंह ने अच्छे सफेद और सुन्दर बैल +जोतकर लाने को कहा था । तुम सींग टूटे , सींग मुड़े बैल क्यों लाये हो ? इन बैलों +को छोड़ दो । रामसिंह ने चावल बुलाये थे , तुम टेमरू ले आये । शक्कर बुलाई थी , तुम गुड़ ले आये । घी मँगवाया था , तुम तेल क्यों ले आये ? इस तरह विभिन्न भोज्य सामग्रियों के लिए कहा जाता है ।",bhili-bhb +"221 +जदों गानड़े दे दिन पुज गये लसी मुंदरी खेडने आइयां ने +सैदा लाल पीड़े उते आन बैठा कुड़ियां वहुटड़ी पास बहाइयां ने +पकड़ हीर दे हथ परात पाए बाहां मुरदयां वांग पलमाइयां ने +वारस शाह मियां नैणां हीर दयां ने वांग बदला छैहबरां लाइयां ने",panjabi-pan +"100 +माए चाक तराहयां बाबे चाए एस गल उते बहुत खुशी हो नी +रब्ब उसनूं रिज़क है देणहारा कोई उसदे रब्ब ना तुसी हो नी +मझीं होण खराब विच बेलयां दे खेल दस केही बुस बुसी हो नी +वारस शाह औलाद न माल रहसी जिहदा हक खुथा ओह तां हो नी",panjabi-pan +"347 +छेड़ खुंदरां भेड़ मचावना एं सेकां लिंग तेरे नाल सोटयां दे +असीं जटियां मुशक पलटियां हां नक पाड़ सुटे जिन्नां झोटयां दे +जदों मूहलियां पकड़ के गिरद होइयां पिसते कढिये टीनयां कोटयां दे +जट जुटके कुटिये नाल सोटे एह अलाज नी चितड़ां मोटयां दे +लपर शाह दा बालका शाह भखड़ तैथे वल है ऐड लपोटयां दे +वारस शाह रोडा सिर कन्न पाटे एह हालचोरां यारां खोटयां दे",panjabi-pan +"छोटा टोना बड़ा लोना गे माई +छोटा टोना बड़ा लोना1 गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना । +टोनवा बाबुल2 जी के देस गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना ॥ 1 ॥ +अपने बने से मैं पनियाँ भरइहों3 रे । +बिन ऊभन4 बिन डोल गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना । +टोनवा बाबुल जी के देसे गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना ॥ 2 ॥ +अपने बने से मैं भात पकइहों5 रे । +बिन हाँड़ी बिन डोइ6 गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना । +सासु को काहे का मलोल7 गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना ॥ 3 ॥ +अपने बने से मैं धान कुटइहों8 रे । +बिन उखली9 बिन मूसल गे माई , मैं नहीं जानूँ टोना ॥ 4 ॥",magahi-mag +"बगिया में ठाढ़ा भेल कवन बेटी +बगिया1 में ठाढ़ा भेल कवन बेटी , बगिया सोभित लगे हे । +बाँहि2 पसार मलिनिया कि आजु फुलवा लोर्हब3 हे ॥ 1 ॥ +धीर धरु अगे मालिन धीर धरु , अवरो4 गँभीर बनु हे । +जब दुलहा होइहें कचनार5 तबे फुलवा लोर्हब हे ॥ 2 ॥ +मँड़वाहिं ढाढ़ा भेल कवन बेटी , मड़वा सोभित लगे हे । +बाँहि पसार कव�� दुलहा , आजु धनि हमर6 हे ॥ 3 ॥ +धीर धरु अजी परभु , धीर धरु , अवरो गंभीर बनु हे । +जब बाबू करिहन7 कनेयादान , तबे तोहर होयब हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"मोती बारे हैं, बेर बेर मोती बारे हैं +मोती बारे हैं , बेर बेर1 मोती बारे हैं । +दादा के घोड़े चढ़ि आए नवसा2 दुलहा । +दादी दरवाजे लगि खड़ी हैं , मोती बारे हैं ॥ 1 ॥ +नाना के घोड़े चढ़ि आए नवसा दुलहा । +नाना के हाथी चढ़ि आए नवसा दुलहा । +नानी दरवाजे लगि खड़ी हैं , मोती बारे हैं ॥ 2 ॥ +अब्बा के घोड़े चढ़ि आए नवसा दुलहा । +अम्मा दरवाजे लगि खड़ी हैं , मोती बारे हैं ॥ 3 ॥ +चाचा के घोड़े चढ़ि आए नवसा दुलहा । +चाची दरवाजे लगि खड़ी हैं , मोती बारे हैं ॥ 4 ॥ +भइया के घोड़े चढ़ि आए नवसा दुलहा । +भाभी दरवाजे लगि खड़ी हैं , मोती बारे हैं ॥ 5 ॥",magahi-mag +"राँझा जोगीड़ा बण आया +ऐस जोगी दी की निशानी , +कन्न विच्च मुन्दराँ गल विच्च गानी । +सूरत इस दी यूसफ सानी , +इस अलफों अहल1 बणाया । +राँझा जोगीड़ा बण आया । +रांझा जोगी ते में जोगिआणी , +इस दी खातर भरसाँ पाणी । +ऐवें पिछली उमर विहाणी , +ऐस हुण मैनूँ भरमाया । +राँझा जोगीड़ा बण आया । +बुल्ला सहु दी एह गल बणाई , +प्रीत पुराणी शोर मचाई । +एह गल्ल कीकूँ छप छुपाई , +नी तख्त हजारेओं धाया । +राँझा जोगीड़ा बण आया । +वाह सांगी सांग रचाया ।",panjabi-pan +"रूप तेरा चन्दा-सा खिल रिया +रूप तेरा चन्दासा खिल रिया , +बे ने घढ़ी बैठ के ठाली +कर तावल वार भाजरी , +जिसी दारू माँ आग लाग री +कलियाँदार घाघरी , +पतली कम्मर लचकत चाली । +भावार्थ +' तेरा रूप चांद की तरह खिलाखिलासा है । लगता है , भगवान ने तुझे फ़ुरसत में बैठ कर गढ़ा है । यह +सुनकर युवती वहाँ से भाग कर दूर चली गई । ऐसा लगा जैसे शराब में आग लग गई हो । कलीदार लहंगा पहने +वह अपनी पतली कमर को लचकाती हुई वहाँ से चली गई । '",haryanvi-bgc +"161 +जदों खत दिता लिया कासदे ने नढी हीर ने तुरत फड़ाया ए +सारे मामले अते मिलाप सारे गिला लिखया वाच सुनाया ए +घलो मोड़के दयोर असाडड़े नूं मुंडा रूस हजारयों आया ए +हीर सद के रांझणे यार ताईं सारा मामला खोल सुणाया ए",panjabi-pan +"भाग हमारा जागीयाँ +तुम म्हारी नौका धीमी चलो , +आरे म्हारा दीन दयाला +१ जाई न राम थाड़ा रयाँ , +जमना पयली हो पारा +नाव लावो रे तुम नावड़ा +आन बैगा पार उतारो . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +२ उन्डी लगावजै आवली , +उतरा ठोकर मार +सोना मड़ाऊ थारी आवली +रूपया न को रास . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +३ निरबल्या मोहे बल नही , +मोहे फेरा घड़ावो राम +म्हा���ा कुटूंम से हाऊ एकलो +म्हारो घणो परिवार . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . . +४ बिना पंख को सोरटो , +आरे पंछी चल्यो रे आकाश +रंग रूप वो को कुछ नही +लग भुख नी प्यास . . . . +म्हारी . . . . . . . . +५ कहत कबीर धर्मराज से , +आरे हाथ ब्रम्हा की झारी +जन्म . जन्म का हो दुखयारी +राखो लाज हमारी . . . . +तुम म्हारी . . . . . . . .",nimadi-noe +"मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +जब की तुम संग परीत लगाई । +जद वसल वसाल बणाईएगा , +ताँ गुँगे का गुड़ खाईऐगा , +सिर पैर ना अपणा पाईएगा । +एह मैं होर ना किसे बणाई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +होए नैण नैणाँ दे बरदे , +दरशन सैआँ कोहाँ तों करदे +पल पल दौड़न ज़रा न डरदे । +तैं कोई लालच घत भरमाई +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +हुण मैं वाहदत विच्च घर पाया , +वासा हैरत1 दे संग आया , +मैं जम्मण मरण वंजाया । +अपणी सुध बुध रही ना काई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +डौं डौं इशक नगारे वजदे , +आशक जाण उते वल्ल भजदे , +तड़ तड़ तड़क गए लड़ लजदे । +लग्गा इशक ताँ शरन सिधाई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +बस कर त्यारे बहुते होई , +तेरा इशक मेरी दिलजोई , +मैं बिन मेरा साक ना कोई । +अम्मा बाबल भैण ना भाई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +कदी हो असमानी बैंहदे हो , +कदी इस जग ते दुक्ख सैंहदे हो , +कदे मगन होए रैंहदे हो । +मैं ताँ इशके नाच नचाई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +बुल्ला सहु असीं तेरे प्यारे हाँ , +मुक्ख देक्खण दे वणजारे हाँ , +कुझ असीं वी तैनूँ प्यारे हाँ । +की महीओं घोल घुमाई । +मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई । +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर , +नी मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +कीहनूँ कूक सुणावाँ नी , +मेरी बुक्कल दे विच्च चोर । +चोरी चोरी निकल ग्या , +जगत विच्च पै ग्या शोर ।",panjabi-pan +"विधना करी देह न मेरी +विधना करी देह न मेरी , +रजऊ के धर की देरी । +आवत जात चरन की घूरा +लगत जात हर बेरी । +लागी आन कान के ऐंगर , +बजन लगी बजनेरी । +उठत चात अब हाट ईसुरी +बाट भौत दिन हेरी ।",bundeli-bns +"भोर भेल बेटी उठल अम्माँ आगे खड़ा भेल हे +भोर भेल1 बेटी उठल अम्माँ आगे खड़ा भेल हे । +कउन पुर्बीला2 अम्माँ चूक भेल , सामी3 पइली4 मूरख हे ॥ 1 ॥ +किया बाबू , दान दहेज जौतुक5 कुछ कम भेल हे । +किया बाबू , धिया हे कुमानुख6 मुखहुँ न बोली बोले हे । +काहे मन थोड़7 भेल हे ॥ 2 ॥ +न सासु , दान दहेज जौतुक कुछ कम भेल हे । +न सासु , धिया हे कुमानुख , मुखहुँ न बोली बोले हे ॥ 3 ॥ +अस्सी कोस से अयली रहिये8 फेदायल9 हे । हे । +आजु हम धानि के संबोधब10 धानि के मनायब हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो +घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो +घोड़ा सरीका चमके होय तो भायर निकालो +समदन भायर निकालो +समदन भायर निकालो +हथ्थी सरीका डोले हो तो घर में रखी लेव +हथ्थी सरीका डोले हो तो घर में रखी लेव +घर में रखी लेव समदन घर में रखी लेवे +घर में रखी लेव समदन घर में रखी लेवे +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम बंदी",korku-kfq +"बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा जीरा खोदियो रे राजा मारे +बारा झीरा डो खोदियो रे +बारा झीरा डो खोदियो रे +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो जा राजा बोले +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो जा राजा बोले +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो रे +चोज सांटी बारा झीरा खोदियो रे +बारा जीरा गांजा बीजो बिडेवाडो रानी मारे +बारा जीरा गांजा बीजो बिडेवाडो रानी मारे +बारा झीरा गांजा बीजो बीडे बोले +बारा झीरा गांजा बीजो बीडे बोले +गांजा बीजो चोज कामू हाजेवाला राजा बोले +गांजा बीजो चोज कामू हाजेवाला राजा बोले +गांजा बीजो जा चोज सांटी हाजे बोले +गांजा बीजो जा चोज सांटी हाजे बोले +गांजा पाला मलाटीये वा डो रानी मारे +गांजा पाला मलाटीये वा डो रानी मारे +गांजा पाला डो मलाटीवा +गांजा पाला डो मलाटीवा +गांजा नासा नूनू वाडो रानी मारे +गांजा नासा नूनू वाडो रानी मारे +गांजा नासा डो नून बोले +गांजा नासा डो नून बोले +ढिका भेरे कजलीबन बिन्दाराबन +ढिका भेरे कजलीबन बिन्दाराबन +गिटीज केनजा राजा मारे ढिका भेरे +गिटीज केनजा राजा मारे ढिका भेरे +कजलीबनन बिन्दराबनन गिटीज केरे +कजलीबनन बिन्दराबनन गिटीज केरे +स्रोत व्यक्ति सिटारा बाई , ग्राम रोशनी",korku-kfq +"अंगिका बुझौवल +एक मुट्ठी राय देल छिरयाय +गिनतेंगिनतें ओरो नै पाय । +तारा +काठ फरै कठ गुल्लर फरै +फरै बत्तीसी डार +चिड़िया चुनमुन लटकै छै +मानुष फोड़ीफोड़ी खाय । +सुपाड़ी +एक चिड़ियाँ ऐसनी +खुट्टा पर बैसनी +पान खाय कुचुरमुचुर +से चिड़ियाँ कैसनी । +जाताँ +सुइया एन्हों सोझोॅ +माथा पर बोझोॅ । +ताड़गाछ +सुइया एन्हों सोझोॅ +डाँड़ा पर बोझोॅ । +मकई के पेड़ +तनी टा छौड़ी जनम जहरी +तेकरा पिन्हला लाल घंघरी । +मिरचाय +जबेॅ हम छेलाँ काँच कुमारी +तब तक सहलाँ मार +अब हम पहनला लाल घंघरिया +अब नै सहबौ मार । +हड़िया +कारी गाय लरबर +दूध करेॅ छरभर । +मेघ +टिपटिप टि���नी , कपार काहे चुरती +टाकुर माँगुर रात काहे बूलती । +महुआ +तनी टा भाल मियाँ +बड़का ठो पुछड़ी । +सुईया +तनी टा मुसरी +पहाड़ तर घुसरी । +सुईया +सब्भे गेलोॅ हटिया +धुम्मा रहलोॅ बैठलोॅ । +कोठी +हेबेॅ ऐलोॅ +हेबेॅ गेलोॅ । +नजर +कारी गाय पिछुआडैं ठाड़ी । +टीक +जब हम छेलाँ बारी भोरी +तब हम पीन्हला दोबर साड़ी +जब हम होलाँ जोख जुआन +कपड़ा फाड़ी देखेॅ लोगलुगान । +भुट्टा",angika-anp +"नानो म्हारो नानो म्हारो करती थी घींव घड़ा मऽ भरती थी +नानो म्हारो , नानो म्हारो करती थी घींव घड़ा मऽ भरती थी । +घींव का घड़ा न कोरा छे , नाना का मामाजी गोरा छे । +नानो म्हारो जीमऽ तवंऽ कसो करां , अम्बा रोटी रसऽ करां +रस मंऽ पड़ी गयो काकरियो , नाना का मामाजी ठाकरियो । +ठाठ करऽ , ठकराई करऽ , नानो म्हारो बठी नऽ राज कर । +राज करी नंऽ परवारऽ नी , नाना की मांय धवाड़ऽ नी । +हात रे भाई रे",nimadi-noe +"मान उतारने का गीत +सेली माता ने कोरा कागद देय भेज्या , +कि मानवाला केतरिक दूर । +सेली माता ने कोरा कागद देय भेज्या , +कि मानवाला केतरिक दूर । +आई वा आवाड़ माता आइ रहया , +बोकड़ा की करूं वो सेमान । +सेली माता नी साकड़ी सयरी ते , +डोलता आवे ससवार । +काई वाटे ली वो राजल बेटी अवगढ़ मान , +बेटा सारू ली वो माय अवगढ़ मान । +भूल्याचुक्या वो माता माफ करजो , +बोकड़ा की छूट्या वो हामु मान । +बोकड़ा वाला रे भाई भारूड़ । +इनि वाटे बोकड़ा झुणि लावे । +बोकड़ा नी लोभी मारी सेली माता , +तारा बोकड़ा जासे पयंताल । +सेली माता ने कोरा कागद देय भेज्या , +कि मानवाला केतरिक दूर । +शीतला माता ने कोरा कागद पहुँचाया है कि मन्नत देने वाले कितनी दूर हैं । आ रहा हूंँ अभी , वो माता आ रहा हूँ । बकरा लाने की तैयारी कर रहा हूँ । शीतला माता का रास्ता सँकरा है इसलिए घोड़े लड़खड़ाते आ रहे हैं । राजल बेटी ऐसी औघड़ मान किसलिए ली ? पुत्र प्राप्ति हेतु ली । वो माता भूलचूक माफ करना । माता बकरे की मान ली थी , वह दे दी है । हे भारुड़ भाई बकरे वाले इस रास्ते बकरे मत लाना । मेरी शीतला माता बकरे की लोभी हैं । तेरे बकरे पाताल में चले जायेंगे ।",bhili-bhb +"मोला जान देना रे सनानना मोर +मोला जान देना रे सनानना मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हा हा मोला जावन देना रे अलबेली मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो नई जा���ंव मैं हा अपन मनके या +अपन मनके +नई जावंव मेंहा अपन मनके या +अपन मनके +सुने ला परही मोला जनजन के +सनानना मोर +अबड़ बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो चंदा रे उवे सुरुज लाली का या +सुरुज लाली का +चंदा रे उवे सुरुज लाली का या +सुरुज लाली का +चिंता ला झन करबे आवत हंव काली रे +सनानना मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +हो उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम +अरे बुड़ती के घांम +उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम +बुड़ती के घांम +जोगी गुफा मेंहा रईथंव बैतल हे मोर नाम +सनानना मोर +अबड़ बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना +आहा मोला जावन देना रे अलबेली मोर +अतेक बेरा होगे मोला जान देना +मोला जान देना रे अलबेला मोर +दाई मोला गारी दिही जान देना",chhattisgarhi-hne +"कामना पूरी करो माई कामना पूरी करो माई +कामना पूरी करो माई , कामना पूरी करो माई । +पूरना पूरी करो माई । +के माई मोरी काहे को तेरो मंदिर +काहे के लगे खम्भे री माई । पूरना . . . +के माई मोरी , सोने को तेरो मंदिर +रूपे के चारो , खम्भा री माई । पूरना . . . +के माई तेरों , काहे को लागे भोग +काहे को भरी , झाड़ी री माई । पूरना . . . +के माई मोरी , दाख चिरौंजी को भोग +गंगा जल झाड़ी भरी माई । पूरना . . . +औ माई मोरी , निर्धन खों धन दीजो +कोढ़िन खों काया री माई । पूरना . . . +कै माई मोरी , सबकी खबर है लीजो +अरज मोरी सुनियो री माई । पूरना . . .",bundeli-bns +"मैया तेरे लाला को लागी नजरिया +मैया तेरे लाला को लागी नजरिया +माथे पे चंदा इनके बना दो , +मोहन माला गले पहना दो +डालो गले में पुतरिया , इन्हें लागी नजरिया । मैया . . . +रेशम का धागा कमर पहिरा दो +मोरो के पंखों की झालर लगा दो +जाने न दो इन्हें कोऊ की बाखरिया । मैया . . . +सोने की थाली में दीपक उजारो +मेवा सुपाड़ी नारियल धारो +सूनो न छोड़ो इन्हें अपनी सजेरिया । मैया . . .",bundeli-bns +"किनका बाड़ी रोपबै कोसी माय +किनका बाड़ी रोपबै कोसी माय +ऐली फूल हे चमेलिया +किनका हे बाड़ी कोसी माय +अढ़हुल हे फूल +बाबा बाड़ी रोपबै कोसी माय +ऐली फूल हे चमेलिया +भइया हे बाड़ी रोपबै कोसी माय +अढ़हुल फूल हे +कौने डाला तोरब कोसी माय हे +ऐली फूल हे चमेलिया +हे मैया कौने हे डाला +तोरब अढ़हुल फूल हे +सोने डाला तोरब कोसी माय +ऐली फूल हे चमेलिया +रुपा हे डाला तोरबै कोसी माय +अढ़हुल फूल हे +कौन सूत गूथब हे कोसी माय +ऐली फूल हे चमेलिया +हे मैया कौन हे सूत गूथबै +अढ़हुल फूल हे +लाले सूता गूथब हे कोसी माय +ऐली फूल हे चमेलिया +हे मैया पीले हे सूत , कोसी माय गूथबै +अढ़हुल फूल हे ।",angika-anp +"उतारू +तरी नानर नानी , तरी नानार नानी , +तर नार नानी , खेल रे गबेल खेलन हम रे । +केखर आँगन झालरी , +केखर आँगन झालरी , +केखर छीतल छाय खेल रे +राजा के आँगन झलरी , +राजा के आँगन झलरी , +रानी क छीतल छाय खेल रे +दै हो सास कुदरी , +दै हो सास कुदरी , +हम हड़द खनन जान ॥ खेल रे +दै हो सास मुसरी , +दै हो सास मुसरी , +हम हड़द कटन जान खेल रे +दै हो सास सुपरी , +दै हो सास सुपरी , +हम हड़द पछनन जान खेल रे +दै हो सास खोरली , +दै हो सास खोरली , +दै हो सास खोरली , +हम हड़द खेलन जान खेल रे । +तरी नानार नानी , तर नार नारी , +खेल रे गज़बेल खेलन हम रे । +शब्दार्थ केखरकिसके , झलरीझिलमिल , छीतलशीतल , कुदरीकुदाली , हड़दहल्दी , मुसरीमूसल , सुपलीसूपा , खोरलीकटोरा , गज बेलपिचकारी , होली । +हम भरभर पिचकारी होली खेल रहे हैं । आज किसका घर आँगन खुशियों से झिलमिला रहा है । किसके आँगन में आज ठंडी छाँव गहरा गई है । अरे यह तो अमूक राजा का आँगन खुशियों से झिलमिल मिला रहा है , उसकी रानी के आँगन में ठंडी छाँव फैली है । यहीं होली खेलने का मन है । बहू कहती है सासु जी हमें कुदाली दे दो । हम हल्दी खोदने जायेंगे । हमें मूसल दे दो । हम हल्दी कूटनेपीसने जाएँगे । हमें सूपा दे दो , जिससे हल्दी को पछीटेंगे , बुहारेंगे । सासू जी हमें कटोरे दे दो । उसमें हल्दी घोलकर होली खेलने जायेंगे ।",baiga-mis +"पैसा ऐसी चीज राजा घरै नहीं आवैं +पैसा ऐसी चीज राजा घरै नहीं आवैं +कि अरे महला पुराने होई गें +टपकन लगी बूँद , राजा घरै नहीं आवैं +कि अरे ननदी सयानी होई गईं +मानै नहीं बात , राजा घरै नहीं आवें +कि अरे देवरा सयाने होई गें +पकड़न लगे बांह , घरै नहीं आवैं +कि अरे हमहूँ पुरानी होई गईं +पाकन लगे बार , राजा घरै नहीं आवैं",awadhi-awa +"255 +जोगी हो लाचार जां मेहर कीती तदों चेलयां बोलियां मारियां ने +जीभा साण चढ़ाय1 के गिरद होए जिवें तिखियां तेज कटारियां ने +बेख सोहना रंग जटेटड़े दा जोग देन दियां करन त्यारियां ने +जोग देन ना मूल नमाणयां नूं जिनां कीतियां मेहनतां भारीयां ने +ठरक मुंडयां दे लगे जोगियां नूं मतीं2 जिन्हां दियां रब्ब ने मारियां ने +वारस शाह खुशामदां3 सोहनयां दियां गलां हकदियां नांह नितारियां ने",panjabi-pan +"झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय +झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय +उत क्यूँ ना बरसो बादली जित म्हारा बीरा री देस +उत मत मरसे ए बादली जित म्हारा पिया परदेस +तम्बू तो भीजै तम्बू की रेसम डोर +चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय +वै लस्करियां न्यूँ कहो थारी घर बाहण का ब्याह +काला पीला जो कापड़ा कोए कन्या द्यो परणाय +चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय +वै लस्करियंा न्यूँ कहो थारी माय मर्यां घर आय +माय नै दाबो बालू रेत में ऊपर सूल बबूल +चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय +वे लस्करियां न्यूँ कहो थारै कुंवर हूयो घर आय +कोठी चावल घी घणो बैठी कुंवर खिलाय +चार टकां दें गांठ का जे कोए लसकर जाय +वे लस्करियां न्यूँ कहो थारी जोय मर्या घर आय +जोय नै दाबो चम्पा बाग में ऊपर साल दुसाल +झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय",haryanvi-bgc +"फूली जालो काँस ब्बै, फूली जालो काँस +फूली जालो काँस1 ब्बै , फूली जालो काँस , +म्योलड़ी2 बासदी ब्बै , फूलदा बुराँस +हिंसर की काँडी ब्वै , हिंसर की काँडी , +मौली3 गैन डाली ब्बै , हरी ह्वैन डाँडी4 । +गौड़ी देली दूद ब्बै , गौड़ी देली दूद , +मेरी जिकूड़ी5 लगी ब्बै , तेरी खूद6 । +काखड़ी को रैतू ब्वै , काखड़ी को रैतू , +मैं खूद लगी ब्बै , तू बुलाई मैतू7 । +दाथुड़ी को नोक ब्बै , दाथुड़ी की नौक , +वासलो कफू ब्बै , मैत्यों8का चौक +सूपा भरी देण ब्बै , सूपा भरी देण , +आग भमराली ब्बै , भैजो9 भेजी लेण10 । +टोपी धोई छोई ब्बै टोपी धोई छोई , +मैत्या डाँड देखी ब्बै , मैं आँदो रोई +झंगोरा की बाल ब्बै , झंगोरा की बाल , +मैत को बाटो देखी ब्बै , आँखी ह्वैन लाल",garhwali-gbm +"मियन मूठीढाना बोको बारुनी मुठीढाना +मियन मूठीढाना बोको बारुनी मुठीढाना +मियन मूठीढाना बोको बारुनी मुठीढाना +बोको टारो बानी डानजो बोका सा आलम बूमकी कठिये +बोको टारो बानी डानजो बोका सा आलम बूमकी कठिये +मिइनी चोको बोको साले रीनी चोकीन +मिइनी चोको बोको साले रीनी चोकीन +बोका साले अनी चोकेज बोको आले मेड्डा जोरो +बोका साले अनी चोकेज बोको आले मेड्डा जोरो +बान गोजू डोडू बोको मानी गोजू डागी +बान गोजू डोडू बोको मानी गोजू डागी +बोका डंडा डुसमन करनी डाये +बोका डंडा डुसमन करनी डाये +बोग भगवान के बकीमा दोषो +बोग भगवान के बकीमा दोषो +बोको चाँद सूरजो केन बाकीमा दोषो +बोको चाँद सूरजो केन बाकीमा दोषो +बोको डंडी डुसमन करनी डाये +बोको डंडी डुसमन करनी डाये +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"मेरे टांडै मैं सोला सै राणी +मेरे टांडै मैं सोला सै राणी +पर तेरै सिकल की नहीं सै +तैं तो चाल मेरे ए टांडे मैं राणी +ओड़ै बिछ रहे पिलंग जरी के +तेरे आग लागै टांडै कै जले +बल जाइयो हो पिलंग जरी के +तेरी गठड़ी में दाम कोन्या जले +तैं तो ठगदा फिरै सै जगत नै +मेरी गठड़ी मैं दाम भतेरे +दिन छिपदे ए ले ल्यूंगा फेरे +पर तिरिआ ना अपणी होवै नार +चाहे कितणे ए लाड लडाले +काग्गा ना हंसा होवै जले +चाहे चारों बेद पढाले",haryanvi-bgc +"दिल्ली की दलाली +दिल्ली की दलाली +तेरा पल्ला लटके +छोरे बजावैं बांसली +तों खड़ी मटकै",haryanvi-bgc +"लिपि पोति अयलो कोठरिया, चननवाँ छिरकि अयलों हे +लिपि पोति अयलो1 कोठरिया , चननवाँ छिरकि2 अयलों हे । +ए ललना , घुमि फिरि अयलन3 रघुनन्नन , सेजिया मोहि डँसि4 देहु हे ॥ 1 ॥ +सोनहिं के मोरा नइहर , ओरियनि5 , ओलती6 चुए हे । +ए ललना , सातहिं7 भइया के हम बहिनियाँ , सेजियवा हम कइसे8 डाँसब9 हे ॥ 2 ॥ +एतना बचन राजा सुनलन10 , सुनहुँ न पवलन11 हे । +ए ललना , चढ़ि गेलन घोड़े असवार12 , मधुबन जायब13 हे ॥ 3 ॥ +एतना बचन धनि14 सुनलन , सुनहुँ न पवलन हे । +ए ललना , धरि लेलन घोड़े के लगाम , हमहुँ जोउरे जायब हे ॥ 4 ॥ +सोनहिँ के तोरा नइहर , ओरियनि मोती चुए हे । +ए धनि , सातहिँ15 भइया के तुहूँ बहिनियाँ , कइसे तुहूँ बन जयबो16 सेजिया डाँसब हे ॥ 5 ॥ +फिरहुँ फिरहुँ ए राजा जी , फेनुकै17 सेजिया डाँसब हे ॥ 6 ॥ +लिपि पोति अयलो कोठरिया , चननवा छिरकि अयलों हे । +ए ललना , डाँसि जे देलो18 लाली पलँगिया , सोवहु राजा रघुनन्नन हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"काली ग्वाली खिटी टालान +काली ग्वाली खिटी टालान +काली ग्वाली खिटी टालान +रेइनी जाम्बू सुबुकेन बल कुयेरा +रेइनी जाम्बू सुबुकेन बल कुयेरा +रेइनी जाम्बू चूटी लियेन +रेइनी जाम्बू चूटी लियेन +रमा चाचू का भूली वाजा बेटा मारे +रमा चाचू का भूली वाजा बेटा मारे +रमा चाचू बनजा बेटा +रमा चाचू बनजा बेटा +अमा रानी का भूली वाजा बेटा मारे +अमा रानी का भूली वाजा बेटा मारे +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"जेवर की झंकार नै डोब दिया +जेवर की झंकार नै डोब दिया हरियाणा +सगा सगी तैं कहण लाग्या मैं तेरी छोरी ब्याह कै ले ज्यांगा +वा बोलै तू मेरी छोरी ना ब्याह सकदा +तेरे पास टूम घणी घालण नै कोन्या +इतनी सुण कै सगा बोल्या इतना के मेरा घाट्टा सै +बीस तीन के गूदड़ गाभे तीस बीस की खाट सै +तीन सौ की झोटी घरां करै तो अरडाट सै +मैं तेरी छोर��� ब्याह कै ले ज्यांगा +चाहै कितना कर लिये धिंकताणा +जेवर की झंकार ने डोब दिया हरियाणा",haryanvi-bgc +"ढोटका उटू बबा जोम +ढोटका उटू बबा जोम +ढोटका उटू बबा जोम +ढोटका उटू बबा जोम +ढोटका उटू बबा जोम +डे जुडी म बकी मडी +डे जुडी म बकी मडी +डे जुडी म बकी मडी +डे जुडी म बकी मडी +स्रोत व्यक्ति परसराम , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"गोया तो वचली पीपली रे +गोया तो वचली या पीपल रे वीरा जाँ चड़ जोउँ थारी वाट +माड़ी जाया चूनड़ लाया गोया तो वचली पीपल रे वीरा . . . +लावो तो सगला सारू लावजो रे वीरा नी तो रे रीजो हमारा देस +जामण जाया चूनड़ लावो । +संपत होय ओ आवजो रे वीरा नी तो रे रीजो तमारे देस +जामण जाया चूनड़ लावो । +संपत थोड़ो रे रिण घणो वो बेन्या पचाँ में राखूँ थारी सोब +जामण जाया चूनड़ लावो । +काँकड़ वचली या पीपली रे वीरा जाँ चड़ जोउँ थारी वाट +माड़ो जाया चूनड़ लावो । +लावो तो सगला सारू लावजो रे वीरा नी तो रे रीजो तमारे देस +जामण जाया । +संपत थोड़ो ने रिण घणो वो बाई पचाँ में राखूँ थारी सोब +माड़ी जाई चूनड़ लावाँ ।",malvi-mup +"घरवा से इकसल जसोदा रानी, सुभ दिन सामन हे +घरवा से इकसल1 जसोदा रानी , सुभ दिन सामन2 हे । +ललना , जमुना के इरि झिरि3 पनियाँ सोहामन हे ॥ 1 ॥ +सात पाँच मिललन सँघतिया4 से सोने घइला5 माथे लेलन हे । +गावहिं मंगल गीत , देखत सुर मोहहिं हे ॥ 2 ॥ +केउ सखी मुँह धोवे , केउ सखी हँसि हँसि पानी भरे हे । +ललना , केउ एक पार तिरियवा कपसि6 लोर7 ढारइ हो ॥ 3 ॥ +नइ8 हकइ9 नावोड़िया10 अउरो मलहवा भइया हे । +ललना , केहि विधि उतरब पार , तिरिया एक रोवइ हे ॥ 4 ॥ +बाँधि के काँछ कछौंटा11 अउर छाती12 घइला लेइ हे । +जाइ जुमल13 जमुना पार , काहे गे तिरिया रोवहिं गे ॥ 5 ॥ +की14 तोर नइहर15 दूर कि सासुर16 दुख पड़ल हे । +तिरिया , की तोर कंत बिदेस कवन दुख दुखित हे ॥ 6 ॥ +नइ मोरा नइहर दूर , न सासुर दुख पड़ल हे । +नइ मोरा कंत विदेश , कोख17 दुख दुखित हे ॥ 7 ॥ +सात पुतर दइब18 देलन , कंस सभ हर लेलन हे । +ललना , अठवें गरभ नगिचायल19 सेकरो20 भरोसा नइ हे ॥ 8 ॥ +चुप रहुँ , चुप रहुँ देवोकी , त सुनह बचन मोरा हे । +अपना बलक मोरा दींहऽ त हम पोसपाल देबो हे ॥ 9 ॥ +नौन , 21 चाउर22 तेल पइँचा23 भेल , सभे , चीज पइँचा भेल हे । +कोखवा उधार नइ सुनली , कइसे धीरजा बाँधव हे ॥ 10 ॥ +किया24 साखी25 सुरजवा त किया साखी गंगा माता हे । +ललना , किया साखी सुरुज के जोत , धरम मोर साखी हथि हे ॥ 11 ॥ +हो गेल26 कौलकरार27 बचन हम पालब हे । +लाख देतन मोरा कंस तइयो28 नई मानब हे ॥ 12 ॥ +आयल भादो के रात , किसुन29 पख30 अठमी हे । +लिहलन किसुन अवतार , सकल जग जानहु हे ॥ 13 ॥ +खुल गेल बजर केवाँड़ , पहरु31 सभ सूतल32 हे । +देवोकी ले भागलन जसोदा के द्वार , महल उठे सोहर हे ॥ 14 ॥ +जो एहि मंगल गाबहिं गाइ सुनावहिं हे । +जलमजलम33 अहियात34 पुतर फल पावहिं हे ॥ 15 ॥",magahi-mag +"उठो म्हारा गोरा लाड़ा +उठो म्हारा गोरा लाड़ा +सुफल भ्याना +आंगणे नावीड़ो झारी लई ऊबो +नावीड़ा तो कई फलाणी बईरो कंत +फलाणा राम नावीड़ा , झोरी लई ऊबा +अंगणे भंगीड़ो झाडू दई दयो जी +भंगीड़ो तो कई है , फलाणी बई रो दास +फलाणा राम भंगी झाडू दई रयाजी +जागो हो म्हारा गोरा लाड़ा , सुफल भिळानो +आंगणे भिस्तीड़ो पाणी छिटकी रयो +भिस्तीड़ो कई फलाणी बई रो चाकर +फलाणा राय भिस्ती , पाणी छांटी रया +आंगणे कठाळियो हलदी लई आयोजी +आंगणे तम्बोली बिड़ला लई ऊबोजी +आंगणे मालीड़ो हार लई ऊबोजी +आंगणे हलवईड़ो सिरनी लई ऊबोजी +आंगणे मोचीड़ा मोजड़ी लई ऊबोजी",malvi-mup +"दगड़ू नि रैणू सदानि दगड़्या (खुदेड़ गीत) +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि +तेरु बाटू तेरा अगाड़ि , मेरु बाटू मेरा अगाड़ि +कख ल्हिजालू कुज्याणी दगड़्या , कख ल्हिजालू कुज्याणी दगड़्या +दगड़ू नि रैणू सदानि . . . दगड़्या . . . दगड़ू नि रैणू सदानि +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि +सुख मां दुख मां मिली जुली , दिन जू गैनी वी अपड़ा +सुख मां दुख मां मिली जुली , दिन जू गैनी वी अपड़ा +मेरी उंठड़्यूं मां हैंसी तेरी , तेरु दरद मेरा जिकुड़ा . . . +तेरु दरद मेरा जिकुड़ा . . . +अपणू परायू नि जाणि दगड़्या , अपणू परायू नि जाणि दगड़्या +दगड़ू नि रैणू सदानि . . . दगड़्या . . . . दगड़ू नि रैणू सदानि . . . +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि +कांडा लग्यां ईं उमर उंद , नरकै कि गाई बिराणी सी +कांडा लग्यां ईं उमर उंद , नरकै कि गाई बिराणी सी +बगत नि रुकि हथ जोड़ी जोड़ी , बगदू राई पाणी सी . . . +बगदू राई पाणी सी . . . +पौणू सि आई या ज्वानि दगड़्या , पौणू सि आई या ज्वानि दगड़्या , +दगड़ू नि रैणू सदानि . . . दगड़्या . . . . दगड़ू नि रैणू सदानि . . . +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि +रईं सईं बि कटि जाऊ जू , यनि समळौण देजा आज +रईं सईं बि कटि जाऊ जू , यनि समळौण देजा आज +दगड़्या भोळ कख तू कख मी , आखिरी बेर भ्येंटे जा आज +आखिरी बेर भ्येंटे जा आज . . . +बगण दे आंख्यूं कू पाणि . . . दगड़्या . . . बगण दे आंख्यूं कू पाणि . . . दगड़्या +दगड़ू नि रैणू सदानि . . . दगड़्या . . . . दगड़ू नि रैणू सदानि . . . +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि +बोझ हिया कू भुयां बिसैजा , भूलीं बिसरीं छ्वीं बत लैजा +बोझ हिया कू भुयां बिसैजा , भूलीं बिसरीं छ्वीं बत लैजा +औ दगड़्या सुख दुख बांटि ल्योला , जिकुड़ी अदला बदली कैजा +जिकुड़ी अदला बदली कैजा . . . +दुख से हार नि मानि दगड़्या . . . दुख से हार नि मानि दगड़्या . . . +दगड़ू नि रैणू सदानि . . . दगड़्या . . . . दगड़ू नि रैणू सदानि . . . +तेरु भाग त्वे दगड़ि , मेरु भाग मै दगड़ि ।",garhwali-gbm +"अवध नगरिया से अयले बरियतिया हे +अवध नगरिया से अयले बरियतिया हे । +परिछन चलु मिली जुली साजु सब सखिया हे ॥ 1 ॥ +साजी लेहु डाली डुली1 बारी लेहु2 बतिया3 हे । +पान फूल दूध दही अछत भरी लुटिया4 हे ॥ 2 ॥ +मकुनी5 जे हथिया के जरद6 अमरिया7 हे । +ताही चढ़ी आवल हमर अलबेलवा हे ॥ 3 ॥ +हथिया वो घोड़वा के बनवल हइ सिंगरबा8 हे । +ताही चढ़ी चारो दुलहा सोभत असवरबा9 हे ॥ 4 ॥ +जामा साजे जोड़ा साजे साजल गले हरवा हे । +हथवा रूमाल सोभे माथे मनिन10 मउरिया हे ॥ 5 ॥ +सासु के अँखियाँ लगल मधुमछिया11 हे । +कइसे में परिछों दमाद अलबेलबा हे ॥ 6 ॥ +आरती करइतो सुधि बुधि नहीं आवे हे । +आनन्द मंगल तेही छन सब गावे हे ॥ 7 ॥ +राम रूप छकिछकि पावे दरसनमा हे । +उँटवा नगाड़ा बाजे बाजे सहनइया हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"192 +डारां खूबां दीयां मेलणां दे मेल आइयां हूरपरी दी होश गवांदियां ने +लख जटियां मुशक पलटियां ते आण पदमनी वाग सुहांदियां ने +बारां जात ते सत सनात1 ढुकी रंग रंग दीयां सूरतां आंदियां ने +परीजात जटेटियां नैण खूनी नाल हेक महीन दे गानदियां ने +उते भोछन सन पंज पलिए2 दे अते लुंगियां तेड़ झनादियां ने +नाल आरसी मुखड़ा देख सुन्दर खोल आशकां नूं तरसांदियां ने +इक खेल चादरां कढ छाती उपर वाड़यां झातियां पांदियां ने +इक वांग बसातियां3 कढ लाटू वीराराध4 दी नाफ5 दिखांदियां ने +इक ताड़ी मारदियां नचदियां ने इक शौहदियां घाड़ियां गांदियां ने +इक गायके कोइयां काग होइयां इक राह विच दोहरे लांदियां ने +इक आखदी मोर ना मार मेरा इक विच मसोलड़ा6 गांदियां ने +वारस शाह जिउ शेरगड़ कपट मेटन लख सगतां जिआरातां आंदियां ने",panjabi-pan +"डूंडो +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो । +खेलेल्यो क्या धुनार ? +डांड पड़यूं खूंडो ॥ +बौलि गैने यै छलार +नीं दिखंद वार पार । +कथैं दौं छ छांद धार +थाति नी छ खूंटो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकण छ डूंडो । +उरड़ो उठिगे अथाह , +मिटिगे सब धूप छांह , +भूलि गैने सभी थाह +बाड��� , भीत , मूंडो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +लोगु की छ कच्चि आस , +तू परेख ले सहास +चलनी नी जुगेती खास +टुटमणो न टूणो । +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +बढिगे बढिगे नयार +हे धुनार , कख छ पार ? +त्वै मू अब क्या छ सर ? +कनै रहण ज्यूंदो ? +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥ +नीलो हँसण अकाश +ऐगे यौ औत पास , +लगीं जोर की छ ढास +रींग पड़े डूंडो +हिरिरि , हिरिरि बगद गाड +ढलकणू छ डूंडो ॥",garhwali-gbm +"जोगिन भई राधिका गोरी +जोगिन भई राधिका गोरी । +अवै उमर है थोरी । +बाजन लगी चमीटा चुटकी । +नईं लाज ना चोरी । +अंग भभूत बगल मृगछाला , +डरी कँदा पै झोरी । +ईसुर जाय हटी सौं कइयौं , +पालागन है मौरी ॥",bundeli-bns +"हे खड़िआं थी सिरस तलै +हे खड़िआं थी सिरस तलै मेरे सिर गोबर की हेलां +हे वै आवें थे च्यार जणे वे संझा मेरे बीरे +हे मैं भाजूं थी मिलण जुलण मेरा टूट्या नोसर हारा +रे तौं चुगदे रे चिड़ी चिड़कले कित ते आया बनजारा +हे आगम तै आए चिड़ि चिड़कले पाछम तै बनजारा +हे खड़ियां थी सिरस तलै मेरे सिर गोबर की हेलां",haryanvi-bgc +"सूजैं इन आँखन अलबेली +सूजैं इन आँखन अलबेली +जग मैं रजऊ अकेली । +भरकें मूठ गुलाल , धन्न वे , +जिनके ऊपर मेली । +भागवान जिनने पिचकारी , +रजऊ के ऊपर ठेली । +ई मइनाँ की आवन हम पै , +मिली , मसा के झेली । +अपकी बेराँ उननें ईसुर +फाग सासरें खेली ।",bundeli-bns +"हे फुलड़े तो बीन्हण +हे फुलड़े तो बीन्हण म्हारी चलीए लाडली बाबल की फुलवाड़िआं +हे एक फूल बीन्हा लाडो देा फूल बीन्हे तीजै मैं भरी ए चगेरिआं +हे आगे तो मिल गया साजन का री बेटा लइए डपट्टे छाइओ +हे सुण सुण हो जान के हो बेटे हम सां अखन कवांरिआं +हे अखन कवांरी लाडो बड़ परवारी रूप घणा गुण आगली +हे जद मेरा लक्खी बाबल ब्याह ए रचावै जब रे चलूंगी तेरी साथ में +हे फुलड़े तो बीन्हण . . .",haryanvi-bgc +"हथ करघे का कपड़ा पावैं +हथ करघे का कपड़ा पावैं +गांधी का फरमाण बजावैं +गरीब जुलाहां के कुंबनां नै +रोटी कमान का काम दिलावैं",haryanvi-bgc +"मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें +मैंडे के नीचे लाडो दो जणें खेलें +एक सुसरा एक बाप +कुणसा है राह्या कुणसा है जीत्या +किसियो के लग रहे दाव +बाबल हार्या सुसरा जीत्या +बन्दड़े के लग रहे दाव +बाबल तेरा लाडो उस दिन हार्या +जिस दिन जनमी थी धी +टूटी खटोली तेरी मायड़ सौवे +तेरा बाप फिरै उदास +चौसठ दीवे बाल धरे थे +फेर बी घोर अंधेर +सुसरा तेरा लाडो उस दिन जीत्या +जिस दिन जनम्यां था पूत +लाल पिलंग तेरी सासड़ सोई +तेरा ससुर खर्चे दाम +एक कज दीवला बाल धर्या था +च्यारूं कूट उजाला",haryanvi-bgc +"484 +ससे मल दल सुटिए वाग फुलां झोकां तेरियां मानियां बेलियां नी +किसे जोम1 भरे फड़के नपिए तू धड़के कालजा पौंदिया त्रेलियां नी +किसे लई हुशनाक ने जीत बाजी पासा लायके बाजीयां खेलया नी +सूबेदार ने किले नूं ढो तोपां कारस जोर रईयतां मेलियां नी",panjabi-pan +"ससुरे परलोक क चुनरी नैहरवा संसार धूमिल भई +ससुरेपरलोक क चुनरी नैहरवा संसार धूमिल भई +राजा जी परमात्मा जैहें पहिचानि , करब हम कौन बहाना +आवा गवन . . . +मोरे पिछवारे रंगरेजवा बेटौना गुरु +बीरन लागौ हमार , करब हम कौन बहाना +आवा गवन . . . +एक बोर मोरी बोरौ चुनरिया ज्ञान , +भक्ति और कर्म के आलोक से मेरी आत्मा की शुद्धि कर दो +राजा न पावें पहिचानि , करब हम कौन बहाना +आवा गवन . . . +संकरी गलिय होई के डोला जो निकरा +छूटा जो आपन देस , करब हम कौन बहाना +आवा गवन . . . +आवा गवन नगिच्याय करब अब कौन बहाना",awadhi-awa +"पांच पंचास की नाथ घड़ाई +पांच पंचास की नाथ घड़ाई +पड़गी लामनी पहरन ना पाई +सांज ताहीं करी लामनी +सांज पड़ै घरां डिगराई +आगै सासड़ लड़ती पाई +देखा क्यूंना काम बखत क्यूं ना आई +सास मिरी नरै मक्की री सुकाई +ढाई सेर की कूंडी बखत उठ कै +आधी पीस कै कंथा धोरै आई +के सोवै हो कै जागै नणदी के भाई +मक्की मत बोइए हो कलावती के भाई +डिगगी धरण ठिकाने नहीं आई +सास मर जागी नणद घर जागी +तेरे मेरे राज में मक्की छूट जागी",haryanvi-bgc +"बिन मिलती जोट मिलाई +बिन मिलती जोट मिलाई +मरियो मात पिता अन्यायी बिन मिलती जोट मिलाई +देस बिराणा बालम याणा जानें ना सार हमारी +ऊंट के गल में बूट बांध दिया खारी खारी खारी +मरियेा मात पिता अन्यायी बिन मिलती जोट मिलाई",haryanvi-bgc +"झूला डरो कदम की डार +झूला डरो कदम की डार , +झूला झूलें नंद कुमार । +काहे को जो बनो हिंडोला , +काहे की जोती चार । झूला . . . +चंदन काठ को बनो हिंडोला , +रेशम जोती चार । झूला . . . +का जो झूलें को जो झुलावे , +को जो खैंचे डोर । +झूला झूलें नंदकुमार । झूला . . . +राधा झूलें कृष्ण झुलावें , +सखियां मिचकी घाल । झूला . . .",bundeli-bns +"बीरा थे दाम्मण भल ल्याईओ +बीरा थे दाम्मण भल ल्याईओ +चुन्दड़ी पर रतन जड़ाईओ +म्हारा रिमक झिमक भाती आईओ +बेस्सर थे भल ल्याइओ +झूमर पर रतन जड़ाईयो +म्हारा रिमक झिमक भाती आईओ +बोरलै पै रतन जड़ाईयो +म्हारा रिमक झिमक भाती आईयो",haryanvi-bgc +"दुख देते मात पिता को वे नहीं ध��म के लाल जी +दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी +खल होंदे ना सरमांदे करदे हैं उलटे धंदे +कंस नै मात पिता किए अंधे दीनै भोरै मैं रे डाल जी +दुख देते . . . +रावण दुरयोधन सिसुपाला करा सबी कुटम का गाला +नहुस बी कर गए चाला लिए जूड़ रिसी ततकाल जी +दुख देते . . .",haryanvi-bgc +"गोरे-गोरे गालों पै जंजीर +गोरे गालों पै जंजीरौ मति डारै लाँगुरिया ॥ टेक +ससुर सुनें तो कुछ ना कहेंगे , +सास देख देगी तसिया ॥ गोरे गालों पै . +जेठ सुनें तो कुछ न कहेंगे , +जिठनी देख देगी तसिया ॥ गोरे गालों पै . +देवर देखे तो कुछ ना कहेंगे , +दौरानी देख देवै तसिया ॥ गोरे गालों पै . +नन्दोई सुनें तो कुछ न कहेंगे , +ननद देख देगी तसिया ॥ गोरे गालों पै .",braj-bra +"78 +मखण खंड पराउंठे खाह मियां मझीं छेड़ रे रब्ब दे आसरे ते +हस खेड रंझेटिआ जाल मियां गुजर आवसी दुध दे कासड़े ते +हीर आखया रब्ब रजाक1 तेरा मियां जाईं ना लोकां दे हासड़े ते +मझीं छेड़ देवीं झल विच झंगडे2 दे आप हो बहीं इक पासड़े ते",panjabi-pan +"गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा +गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा +गूंगड़ा देशो नीला जोवेड़ा +रुन्डो रुन्डो टे जाटीये डो बेटा मारे +रुन्डो रुन्डो टे जाटीये डो बेटा मारे +रुन्डो रुन्डो जाटीये अरिको +अमा कंकार गाडा कोरा इयानी बेदी डाय वोडा माय मारे +रुन्डो रुन्डो जाटि अरिको +खिटी खोरा बा कंकार इयानी बेदी डाय माडो माय मारे +स्रोत व्यक्ति बालकराम सिलाले , ग्राम झल्लार",korku-kfq +"तुम मोरी बात बिगाड्यो बारे रसिया +तुम मोरी बात बिगाड्यो बारे रसिया +मन भरे का जात मंगौबे हाथ भरे क चकिया +पिसौबे बारे रसिया पिसौबे बारे रसिया , +सोलह सेर पिसना पिसौबे बारे रसिया +हाथ बढ़निया लिहे बगल छिटनिया +झारौबे बारे रसिया झरौबे बारे रसिया , +झाँसी वाली लैन झरौबे बारे रसिया +हाथे मा हथकड़ी डरौबे पांए मा पैजनिया +देखौबे बारे रसिया देखौबे बारे रसिया , +कानपुर का जेहल जेल देखौबे बारे रसिया",awadhi-awa +"झिमरी-झिमरी डा नी बारेन +झिमरीझिमरी डा नी बारेन +घामावा जा सारावेन बेटा +झिमरीझिमरी डा नी बारेन +घामावा जा सारावेन बेटा +उनरी ऊसरी बाकी चूचूम गांगा ऐली आयोम +उनरी ऊसरी बाकी चूचूम गांगा ऐली आयोम +ताला आरागे चूचूम कू गांगा ऐली आयोम +ताला आरागे चूचूम कू गांगा ऐली आयोम +कुलड़ा झूरी लिवीच लोकेच आसुड़े +कुलड़ा झूरी लिवीच लोकेच आसुड़े +आमा जापाय ऊरागा तालाटेन +आमा जापाय ऊरागा तालाटेन +केने केरसा डोडो वाजा ��ारावेन बेटा +केने केरसा डोडो वाजा सारावेन बेटा +सोना लकड़ी खांडा ऐजा सारावेन बेटा गाडा किनारे +सोना लकड़ी खांडा ऐजा सारावेन बेटा गाडा किनारे +इडी के कुजा सारावेन बेटा सोना कोरी खांडा मारे +इडी के कुजा सारावेन बेटा सोना कोरी खांडा मारे +स्रोत व्यक्ति नन्हेलाल , ग्राम झल्लार",korku-kfq +"490 +किसे केहे नपीढ़ नपीढ़िए तूं तेरा रंग है तोरी दे फुल दानी +ढाकां तेरियां किसे मरोढ़ियां नी एह कम होया हिलजुल दा नी +तेरा लक किसे पायमाल कीता धका कुल वजूद विच खुलदा नी +वारस शाह मियां एहो दुआ मंगे वारा खुलदा जावे अज कुल दा नी",panjabi-pan +"निमन्त्रण +एक नेवतो देजो गुणेसा घेर । +एक नेवतो देजो गुणेसा घेर । +एक नेवतो देजो सबेरा धड़ । +महादेव बाबो आवसे । +एक नेवतो देजो सबेरा धड़ । +ते उकार देजो आवसे । +एक नेवतो देजो सबेरा धड़ । +ते गंगा ने गवरां आवसे । +एक नेवतो देजो सबेरा धड़ । +ते लालबाईफुलबाई आवसे । +एक नेवतो देजो सबेरा धड़ । +ते चाँदसूरज आवसे । +एक निमंत्रण गणेशजी के घर देना । एक निमंत्रण महादेवीजी को , एक निमंत्रण +ओंकारदेव को और एक निमंत्रण गंगागौरा को देना । एक निमंत्रण लालबाई +फूलबाई को और एक निमंत्रण चाँदसूरज को देना , वे सभी अवश्य ही आएँगे ।",bhili-bhb +"जेहि बन सीकियो न डोलइ, बाघ गुजरए हे +जेहि बन सीकियो1 न डोलइ , 2 बाघ गुजरए3 हे । +ललना , ताहीतर रोवे सीता सुन्दर , गरभ अलसायल4 हे ॥ 1 ॥ +रोवथी सीता अछन5 सँय , अउरो छछन6 सँय हे । +ललना , के मोरा आगेपाछे7 बइठतन , के8 रे सिखावत9 हे ॥ 2 ॥ +बन में से इकसलन10 बनसपति , 11 सीता समुझावल हे । +ललना , सीता हम तोरा आगेपाछे बइठब , केसिया सँभारब12 हे ॥ 3 ॥ +हम देबो सोने के हँसुअवा , 13 हमहीं होयवो डगरिन हे ॥ 4 ॥ +आधी रात बीतलइ पहर रात , बबुआ जलम लेल हे । +ललना , जलमल तिरभुवन नाथ , तीनहुँ लोक ठाकुर हे ॥ 5 ॥ +जलम लेहल बाबू अजीधेया त अउरो रजधानी लेत हे । +बाबू जीरवा14 के बोरसी15 भरयतूं , 16 लौंगिया पासँध देती हे ॥ 6 ॥ +जलमल ओही कुंजन बन अउरो सिरीस बन हे । +बबुआ , कुसवे17 ओढ़त18 कुस बासन19 कुसवे के डासन20 हे ॥ 7 ॥ +अँचरा फारिय21 के कगजा , कजरा22 सियाही भेल हे । +ललना , कुसवे बनइली23 कलमिया , लोचन24 पहुँचावहु हे ॥ 8 ॥ +पहिला लोचन रानी कोसिला , दोसर केकइ रानी हे । +ललना तेसर लोचन लहुरा25 देवर , रामहिं जनि जानहि हे ॥ 9 ॥ +चारी चौखंड26 के पोखरिया , राम दँतवन करे हे । +ललना , जाइ पहुँचल उहाँ27 नउआ , त कहि के सुनावल हे ॥ 10 ॥ +कोसिलाजी देलन पाँचों टुक28 जोड़वा , 29 केकई रानी अभरन हे । +ललना , लछुमन देलन मुंदरिया , 30 रामजी पटुका31 देलन हे ॥ 11 ॥ +कहले सुनल सीता माँफ करिह , अजोधेया चलि आवह हे । +फटतइ32 धरतिया समायब , 33 अजोधेया नहीं आयब हे ॥ 12 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +बज पड़ गैल आल्हा पर ओ पर गिरे गजब के धार +जब से ऐलों इन्द्रासन से तब से बिदत भैल हमार +पिल्लू बियायल बा खूरन में ढालन में झाला लाग +मुरचा लागि गैल तरवारन में जग में डूब गैल तरवार +आल्हा लड़ैया कबहीं नव् देखल जग में जीवन में दिन चार +एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा खुसी मंगन होय जाय +खोलै अगाड़ी खोलै पिछाड़ी गरदनियाँ देल खोलाय +जीन जगमियाँ धर खोले सोनन के खोलै लगाम +पीठ ठोंक दे जब घोड़ा के घोड़ा सदा रहव कलियान +चलल जे राजा डेबा ब्राहमन घुड़ बेनुल चलल बनाय +घड़ी अढ़ाई का अन्तर में रुदल कन पहुँचल जाय +देखल सूरत घुड़ बेनुल के रुदल बड़ मंगन होय जाय +देहिया पोंछे जब घोड़ बेनुल के रुदल हँस के कैल जनाब +हाथ जोड़ के रुदल बोलल घोड़ा सुन ले बात हमार +तब ललकारें रुदल बोलल डेबा मंत्री के बलि जाओ +घोड़ा बेनुलिया तैयारी कर जलदी बोल करव् परमान +घोड़ा पलाने डेबा ब्राहमन रेसम के भिड़े पलान +चोटी गुहावे सोनन से चाँदी खील देल मढ़वाय +पूँछ मढ़ावल हीरा से महराजा सुनीं मोर बात +सात लाख के हैकलवा है घोड़ा के देल पेन्हाय +एतो पोसाक पड़ल घोड़ा के रुदल के सुनी हवाल",bhojpuri-bho +"लचिका रानी +दूसरा खण्ड +रम्मा सुनोॅ आगू के वचनमो रे ना +रम्मा सुनोॅ सब भाई , बहिन धरि धियनमो रे ना +रम्मा लचिका के आगू रोॅ बचनमो रे ना +रम्मा जाय पहुँचलै पापी राजवो रे ना +रम्मा शिव मंदिरवा के नगीचवो रे ना +रम्मा घुसियैलो छेलै जहाँ रानी लचिको रे ना +रम्मा कानै छेलै कपरवा धुनिधुनि रे ना +रम्मा वहाँ जायके बोले पापी राजवो रे ना +रम्मा चल्लोॅ आवोॅ मंदिर से बहरवो रे ना +रम्मा आपनोॅ तों चाहोॅ कुशलवो रे ना +रम्मा अगर नै ऐभौ बहरवो रे ना +रम्मा काटी देवौ तोरोॅ सिरवो रे ना +रम्मा सुनीकेॅ राजा के बचनमो रे ना +रम्मा बौले सुनीकेॅ लचिका रनियो रे ना +रम्मा सुनोॅ हमरो अरजबो रे ना +रम्मा केना हम्में निकलबै बहरवो रे ना +रम्मा भीजलोॅ हमरोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा झलकतै हमरोॅ सभे अंगवो रे ना +रम्मा निकलै में लागै हमरा शरममो रे ना +रम्मा घटवा पर हमरोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा लानी केॅ देभौ हमरोॅ अगुओ रे ना +रम्मा तबेॅ पीन्ही केॅ निकलबै बहरवो रे ना +रम्मा सुनि केॅ लचिका के बतियो रे ना +रम्मा लानी केॅ देलकै राजा नुग्गासाया बुलाऊजवो रे ना +रम्मा सब चीज पीन्हीं निकललै बहरबो रे ना +रम्मा चल्लोॅ गेलै राजा के समनमो मेें रे ना +रम्मा राजा भेलै खुशिया मगनमो रे ना +रम्मा राखलेॅ छेलै उड़न खटोलवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ बैठलकै उपरवो रे ना +रम्मा पापी राजा भेलै आनन्दवो रे ना +रम्मा लैकेॅ चली देलकै सथवो रे ना +रम्मा जतना छेलै लश्करियो रे ना +रम्मा सब गेलै राजा के नगरियो रे ना +रम्मा बरपपा के सुनो अब जिकरियो रे ना +रम्मा भारी हल्ला होलै गढ़ के भीतरवो रे ना +रम्मा रूदन पीटन पड़ी गेलै महलियो रे ना +रम्मा प्रीतम सिंह के रोवै महतरियो रे ना +रम्मा छाती पीटीपीटी कहै बचनियो रे ना +रम्मा नाश होलै कुलखनदनमो रे ना +रम्मा पूतोहो के करनमो रे ना +रम्मा केतना घर भेलै मोसमतवो रे ना +रम्मा सबके धोएैलै सिर सिन्दुरवो रे ना । +रम्मा छोड़ी केॅ गेलै आपनोॅ ललनमो रे ना +रम्मा गेलै हठ करि पोखिरियो रे ना +रम्मा धनजन करलकै संहरवो रे ना +रम्मा करनि के पैलकै फलवो रे ना +रम्मा महीना दिनो के रहै ललनमो रे ना +रम्मा आवेॅ सुनोॅ वहाँ के हलवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ लै गेलै लक्ष्मीपुर के रजवो रे ना +रम्मा खटोलबा के उपरवो रे ना +रम्मा जबेॅ पहुँचलै गाँव के नजदीकवो रे ना +रम्मा दस कोस रहलै फसिलवो रे ना +रम्मा पड़ी गेलै वहाँ कममो रे ना +रम्मा लागलोॅ रहै वहाँ पचरंग बजरवो रे ना +रम्मा लचिका केॅ लैकेॅ वहाँ रजवो रे ना +रम्मा पहुँचलै जायकेॅ ठिकनमो रे ना +रम्मा उतारलकै वहाँ उड़नखटोलवो रे ना +रम्मा जुटी गेलै पलटनियो रे ना +रम्मा करै लागलै सब लोग दतबनमो रे ना +रम्मा बोलै लचिका तबेॅ बचनियो रे ना +रम्मा सुनि लेॅ राजा हमरोॅ बचनमो रे ना +रम्मा यहाँ तनवाय देहोॅ तम्बुकवो रे ना +रम्मा आपनोॅ मकानमा तांय रे ना +रम्मा हम्मे चलबै तम्बुकबा भीतरबो रे ना +रम्मा यहाँ सें करलेॅ जैबै दनमो रे ना +रम्मा देहोॅ तहूँ मंगाई केॅ समनमो रे ना +रम्मा करवे हम्मे तबेॅ दतनमो रे ना +रम्मा तोहरे हाथो सें पियबै हम्में पनियो रे ना +रम्मा धीरेंधीरें चलबै तोहरोॅ घरबो रे ना +रम्मा दिन भरी में चलबै पाव भर रसतवो रे ना +रम्मा नाहीं मानबै बीचोॅ एक्को बतियो रे ना +रम्मा मारी देभौ तों हमरोॅ जनमो रे ना +रम्मा यहेॅ छौं हमरोॅ कहनामो रे ना +रम्मा तबेॅ होतौं तोहरोॅ इच्छा पूरनमो रे ना +रम्मा सुनी केॅ रानी के बचनमो रे ना +रम्मा राजा कहै मीठी बोलियो रे ना +रम्मा तुरंते ह��य जैतै सब काममो रे ना +रम्मा राजा कही केॅ एतना बचनमो रे ना +रम्मा बौलेलकै सब नौकरबो रे ना +रम्मा राजा देलकै सबकेॅ हुकुममो रे ना +रम्मा जल्दी सें तनाबै तम्बुकवो रे ना +रम्मा दस कोस यहाँ सें मकनमो रे ना +रम्मा घर तक तानी दै तम्बुकवो रे ना +रम्मा तम्बुकवा तानै सब नौकरवो रे ना +रम्मा राजा कहैलेॅ गेलै खबरवो रे ना +रम्मा सगरो तनाय गेलै तम्बुकवो रे ना +रम्मा दस कोस रसतवा लागै दस बरसवा दिनमो रे ना +रम्मा राजा तबेॅ बोलाबै दीवनमो रे ना +रम्मा जल्दी सें जैभौ तों नगरियो रे ना +रम्मा खंजाची केॅ देहोॅ खबरियो रे ना +रम्मा सुनी केॅ राजा के बचनमो रे ना +रम्मा वहाँ सें चल्लै दीवनमो रे ना +रम्मा गेलै खजांची के पसबो रे ना +रम्मा कहि देलकै राजा के हुकुममो रे ना +रम्मा खजांची देलकै तुरंते समनमो रे ना +रम्मा एैले तबेॅ लैकेॅ दिवनमो रे ना +रम्मा रानी केॅ देलकै सब समनमो रे ना +रम्मा तबेॅ करेॅ लागलै रानी दानमो रे ना +रम्मा दान करतें हुवेॅ चल्लै डगरियो रे ना +रम्मा चली देलकै राजा के दरबरियो रे ना +रम्मा दिन भरि में चलै रती भर जमीनमो रे ना +रम्मा मनमा में करिकेॅ विचरवो रे ना +रम्मा हमरे खातिर कुल होलै नशवो रे ना +रम्मा येहो सोचतें चल्लै मनमो रे ना",angika-anp +"सूती थी रंग महल में +सूती थी रंग महल में , +सूती ने आयो रे जन जाणु , +सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे +सुपने में आग्या जी , म्हारी नींद गवाग्या जी +सूती है सुख नींदा में म्हाने तरसाग्या जी +सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे +तब तब महेला ऊतरी , +गई गई नन्दल रे पास , +बाईसा थारो बिरो चीत आयो जी +पूछे भाभी गेली बावली , बीरोजी गया है परदेस , +सुपने तो तने झुटो ही आयो रे +देखो ननद थारी भाईजी की बातां , +लाज शरम नहीं आवे , +सुपने के बाहने नैणां से नैण मिलाग्या जी +सुपने में आग्या जी , म्हारी नींद गवाग्या जी , +सूती है सुख नींदा में म्हाने तरसया गया जी , +सुपना रे बैरी नींद गवाईं रे",rajasthani-raj +"जिदना मन पंछी उड़ जानैं +जिदना मन पंछी उड़ जानैं , +डरौ पींजरा रानैं । +भाई ना जै हैं बन्द ना जैहें । +हँस अकेला जानें । +ई तन भीतर दस व्दारे हैं +की हो के कड़ जाने । +कैवे खों हो जै है ईसुर । +एैसे हते फलाने ।",bundeli-bns +"आमानी माय केन लीला साडी +आमानी माय केन लीला साडी +आमानी माय केन लीला साडी +ऐ बेरे जा राजा +ऐ बेरे जा राजा +शेर बाजारे घुमीया रे +शेर बाजारे घुमीया रे +इयानी मायकेन पाप मांडी मंडिकेन्डो रानी +इयानी मायकेन पाप मांडी मंडिकेन्डो रानी +शेर बाजार घुमायो रे +शेर बाजार घुमायो रे +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"काय को दिवला मैया काय की बाती +काय को दिवला मैया काय की बाती +काय की लागी जगाजोत वो अनन्दी +तेरे भवन पे मैया , नौबत बाजे +नौबत बाजे मैया , वो मढ़ गाजे +धरम धजा फहराय वो जगतारन +तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे +पाँव में तेरे मैया बिछिया बी सोहे +अनबट की लागी जगाजोत वो महाकाली +अंग को मैया तेरे सालू बी सोहे +ओढ़न की लागी जगाजोत वो अनन्दी +तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे",malvi-mup +"लूटन चलो श्याम की अमरैया +लूटन चलो श्याम की अमरैयां । +कहना कन्हैया प्यारे जन्म लियो हैं +हां कहना बाजे बधैयां लूटन . . . +मथुरा कन्हैया प्यारे जन्म लिवो हैं +गोकुल बाजे बधैयां । लूटन . . . +कहां तो बाजे ढोलक मंजीरा +कहां बाजे शहनैयां । लूटन . . . +मथुरा बाजे ढोलक मंजीरा +गोकुल बाजे शहनैयां । लूटन . . .",bundeli-bns +"466 +करे जिन्हां दी रब्ब हमायतां नी हक तिन्हां दा खूल मामूल1 कीता +जदों मुशरिकां2 आन सवाल कीता तदों चन्न दो खन्न3 रसूल कीता +कढ पधरो ऊठनी रब्ब सचे करामात पगम्बरी मूल कीता +वारस शाह जां कशफ4 वखा दिता तदों जटी ने फकर कबूल कीता",panjabi-pan +"135 +सइयां नाल रलके हीर मता कीता खिंड पुंडके गलियां मलियां नी +कैदो आन याजदों फलहे अंदर खबरां तुरत ई हीर नूं घलियां नी +हथीं पकड़ कांवा वांग शाह परियां गुसा खाइके लारियां जलियां नी +कैदो घेर जयों गधा घुमयार पकड़े लाह सेलियां पकड़ पथलियां नी +घाड घाड ठठयार जोपौन धमकां धाई छबियां मोहलियां1 नीचलियां नी",panjabi-pan +"राजा थें तो जागो ने जागो जी +राजा थें तो जागो ने जागो जी +जागो हो नणंद बई रा बीर +सुन्ना रा सेहरे रंग लागो +राज थारा पांव रा मौजा +मेंदी बाली म्हारा राज +गुलाबी चुड़िले रंग लागो",malvi-mup +"विदाई गीत +तारा बासे ना घर मा काइ बात । +लागि वो गुरिया लाड़ि , चाल मारे देस । +तारा बासे ना घर मा काइ बात । +तारी माई ने कोई बात करो , +वो गोरी लाड़ी , चाल मार देस । +तारो भाई ने काई बात करो । +वो गोरी लाड़ी , चाल मारा देस । +वर पक्ष की ओर से वधू को कहा गया है तुम अपने माँ , पिता और भाई से क्या बात कर रही हो , मेरे देश में चलो , वहाँ तुम्हारी प्रतीक्षा हो रही है ।",bhili-bhb +"रखडी ऊपर रखडी जाण +रखडी ऊपर रखडी जाण +आगे बोरलो +जाण आगे बोरलो +आगाँ सरको जी पंडत का +बेटा भरवा द्यो चरी +आगाँ सरको जी ज्योश्याँ +रा बेटा भरवा द्यो चरी",rajasthani-raj +"राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे +राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे , दोनूं बन खण्ड मैं जां , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +एक बन चाले रामा दो बन चाले रामा , तीजै मैं लग आई प्यास , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +जोहड़ बी रीते रामा कुएं भी रीते , रीता सारा बनबास +हेरी मन्नै राम मिले भगवान +छोटा सा छोरा गऊए चरावै , एक घूंट पाणीड़ा पिला , +हेरी मन्नै राम मिले भगवान",haryanvi-bgc +"बरस्या बरस्या रे झंडू मूसलधार +बरस्या बरस्या रे झंडू मूसलधार लाल पड़ौसिन का घर ढह पड़ा । +चाल्या चाल्या रे झंडू सिर धर खाट लाल पड़ौसिन के सिर गूदड़ा । +खोलो खोलो रै गौरी म्हारी बजर किवाड़ सांकल खोलो लोहसार की +म्हारी भीजे री गौरी पंचरंग पाग लाल पड़ौसिन के सिर चूंदड़ी +दे दो रे छोरे बुलदां का पाल लास लसौली झंडू पड़ रहे जी",haryanvi-bgc +"मैं वो सुतारियारी बेटी, बखी थी वो बेन +मैं वो सुतारियारी बेटी , बखी थी वो बेन +इनी सेरिया हाटड़लो मत मांड , म्हारी ऐ बेन +छोड़ दो हटीला भेरू म्हारो फाटे वीर +फाटे म्हारो चीर , भेरूजी टूटे म्हारो हार +टूटे म्हारा बाजूबंद रा लू , म्हारी ऐ बेन +छोड़ दो कालामतवाला , छोड़ दो कासी रा वासी",malvi-mup +"मेरे सीस पै घड़ा घड़े पै झारी +मेरे सीस पै घड़ा घड़े पै झारी +पतली जी पाणी जाए नार सांवलड़ी +कोए काहे बटेऊ जाय कुएं पै पाहुचा +कोए बूझण लाग्या नार बात सांवलड़ी +गोरी एक घूंट पाणी पिलाय दूर का प्यासा +मेरा संग अकेला जाए पाणिडा पिला दे +मैं तो क्यूंकर पाणिडा पिलाऊं +नहर जल भारी कूएं का जल खारी रे +मेरी सास बड़ी जल्लाद खसम मेरा खूनी रे +कोए इतणी सी सुण के बात मुसाफिर जा जादू डार्या रे +मेरी नेजू के नो टूक डोल उत रह ग्या रे +तैं चाल म्हारे घरां पिलाद्यूं तनै पाणी रे +तेरी भोत करूं मिजबानी म्हारे घरां चाल रे +मैं क्यूंकर घर ने चालूं सुण मेरी बात हे +तेरी सास बड़ी जल्लाद खसम तेरा खूनी रे +तैं भर बैदे का भेस गली में आइयो रे +मैं जाय पडूँ बेमार तुरत बुलवाऊं रे +सासू उठ जलदी सी घड़ा तार सास मैं मरी री +मेरा उठ्या कमर मैं दरद पेट मेरा दूखै री +सुण ले सासू बात पिरान मेरे चाले री +गलियां में हांडे बैद नबज दिखलादे री +इतनी सी सुण के बात सास दौड़ी गई री +गलिआं में पोंहची जाय बैद तै बोली हे +चाल रे बैदा म्हारे घर ने तन्नै लेण नै आई रे +मेरी बहू पड़ी बेमार नबज तुम देखो रे +कोए बहू का पकड्या हाथ नबज उसनै देखी रे +मेरा मिट्या कमर का दरद सास मैं राजी री +बैदे नै देदे फीस सास मैं ��च्छी री +लेके नै अपनी फीस बैद घर गया रे +बहू किस पै धोए पैर अर किस पै झुकाई तन्ने पटिआं +बहू किस पै पाड़ी मांग सुणा द्यो हे बहु बतिआं +सासू मन पै धोएै पैर दिल पै पटिआं +बहूं ज्यों कै चाल्लो चाल जमाणा खोटा +तेरा सुसर बसैं परदेस बालम तेरा छोटा",haryanvi-bgc +"किनका के एहो दूनूँ कुवँरा जनक पूछे मुनि जी से +किनका1 के एहो2 दूनूँ कुवँरा3 जनक पूछे मुनि जी से ॥ 1 ॥ +गाई के गोबर अँगना निपावल , गजमोती चउका पुरावल4 । +धनुस देलन ओठगाँई5 जनक पूछे मुनि जी से ॥ 2 ॥ +जे एहो धनुस करत तीन खंड , सीता बियाह घरवा ले जायत हो । +किनका के एहो दूनूँ कुवँरा , जनक पूछे मुनि जी से ॥ 3 ॥ +उठला सिरी रामचन्दर धनुस उठवला । +धनुस कयला6 तीन खंडा , जनक पूछे मुनि जी से ॥ 4 ॥ +भेलो7 बियाह , चलल राम कोहबर8 मुनि सब जय जय बोले । +अब सिय होयल9 बियाह , जनक पूछे मुनि जी से ॥ 5 ॥",magahi-mag +"अणा बाने केसर उड़ीरयो +ऊना सा पाणी ठंडा वई रया रे +रामदेव जी रूणीजा में रे +ऊना सा भोजन ठंडा वई रया रे +रामदेव जी रूणीजा में रे +सुन्ना की झारी , गंगाजल पाणी +रामदेव जी रूणीजा में रे +सोने की सार , जड़ावे का पांसा +रामदेव जी रूणीजा में रे +पक्के जो पान , कलाई का चूना +रामदेव जी रूणीजा में रे",malvi-mup +"कुझ कत्त कुड़े +कुझ कत्त कुड़े ना वत्त कुड़े , छल्ली लाह भरोटे घत्त कुड़े । +जे पूणी पूणी कत्तेंगी , ताँ नंगी मूल ला वत्तेंगी । +सौ वरिआं दे जे कत्तेंगी , ताँ काग मारीगा झुटकुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . । +विच्च गफलत जो तैं दिन जाले1 कत्तके कुझ ना लेओ सँभाले । +बाझों गुण सहु आपणे नाले , तेरी क्यों कर होसी गत्त2 कुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . । +माँ पिओ तेरे गन्ढी3 पाजिआँ , अजे ना तैनूँ सुरताँ आइआँ । +दिन थोड़े ते चाअ मकाइआँ , ना आसे पेके वत्त कुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . । +जे दाज विहूणी जावेंगी , ताँ किसे भली ना भावेंगी । +ओत्थे सहु नूँ किवें रीझावेंगी , कुझ लै फकराँ दी मत्त कुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . । +तेरे नाल दीआँ दाज रंगाए नी , ओहनाँ सूहे सालू पाए नी । +तूँ पैर उलटे क्यों जाए नी , ओत्थे जाए ताँ लग्गे तत्त कुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . । +बुल्ला सहु घर आपणे आवे , चूढ़ा बीड़ा4 सभ सुहावे । +हुण होसी ताँ गल लावे , नहीं रोसे नैणी रत्त कुड़े । +कुझ कत्त कुड़े . . . . . . ।",panjabi-pan +"वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो +वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो +वे तो लईगया फलाणा राम चोरी हो +देख्यादेख्या फलाणी बाई चोरी हो +उनखे बांदिया फलाणी बाई चोरी हो +उनखे बांदिया मोया की डोरी हो +धीरयाधीर या उनखे सालाजी सेरी हो +अब तो छोड़ पनोती गोरी वो +मैं तो कदी नी करूँ पापड़ चोरी वो",malvi-mup +"बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो +बीरथा जलम हमारो गुरुजी म्हारो +१ एक क्षण खोया दूजा क्षण खोया , +तीजा म सरण आयो +वन में तो गाय भैस चराये +जंगल बास कियो . . . +गुरुजी म्हारो . . . +२ राज पाट धन माल सब त्यागू , +म्हारा कंठ म प्राण आयो +चरण धोवो रे चरणामत लेवो +चलत आयो गस्त . . . +गुरुजी म्हारो . . . +३ झट मनरंग न गोद उठायो , +मस्तक हाथ फिरायो +राम नाम का शब्द सुणाया +राम नाम लव लागी . . . +गुरुजी म्हारो . . .",nimadi-noe +"मोटी सी साड़ी ल्या दै हो +मोटी सी साड़ी ल्या दै हो +जिसकी चमक निराली . . . +जलियाँवाला बाग का जलसा +डायर फायर करता हो +भारत का बदला लेने को +लंदन में शेर विचरता हो +डायर मारया , खुद मरया +गया ना वार कती खाली +मोटी सी साड़ी ल्या दै हो +जिसकी चमक निराली . . . .",haryanvi-bgc +"बुल्ले शाह की सीहरफी - 2 +अलफ आपणे आप नूँ समझ पहले , +किस वास्ते है तेरा रूप प्यारे । +बाझ आपणे आप दे सही कीते , +रहेओं विच्च दसौरी दे दुःख भारे । +होर लक्ख उपाओ ना सुक्ख होवे , +पुच्छ सिआणे ने जग्ग सारे । +सुक्ख रूप अखंड चेतन हैं तूँ , +बुल्ले शाह पुकारदे वेद चारे । +बे बन्ह अक्खीं अते कन्न दोवें , +गोशे1 बैठ के बात विचारीए जी । +छड्ड सिआणपाँ जग्ग जहान कूड़ा , +कहेआ आरफाँ दा दिल धारीए जी । +पैरीं जा जंजीर बे खाइशी दे , +ऐस नफस2 नूँ कैद कर डारीए जी । +जान जान देवें जान रूप तेरा , +बुल्ले शाह एह खुशी गुज़ारीए जी । +ते तंग छिद्दर3 नहीं विच्च तेरे , +जित्थे कक्ख ना इक्क समावंदा है । +ढूँढ़ वेख जहान दी ठौर4 कित्थे , +अन हुंदड़ा5 नजरीं आँवदा है । +जिवें ख्वाब दा खयाल होवे सत्तिआँ नूँ , +तराँ तराँ दे रूप विखालदा है । +बुल्ला शाह ना तुध थीं कुझ बाहर , +तेरा भरम तैनूँ भरमाँवदा है । +से समझ के बैठ जहान अंदर , +तूँ ताँ कुल इसरार जहान दा है । +तेरे डिठिआं दिसदा सभ कोई , +नहीं कोई ना किसे पछाणदा है । +तेरा खयाल एहो हर तराँ दिसे , +जिवें बाल बेताल कर जाणदा है । +बुल्ले शाह फाहे तौण बावरे नूँ , +फसे आप आपे फाही ताणदा है । +जीम जीवणा भला कर मन्निआँ तैं , +डरें सरन थीं एह अगयान भारा । +इक्क तूँ ही ताँ जिन्द जहान दी हैं , +घटा कासे जूँ मिलें सभ माहों न्यारा । +तेरे जेहा ना दूसर कोई , +आदि अंत बाझों लगे सदा प्यारा । +बुल्ला शाह सँभाल तूँ आप ताईं , +तूँ ताँ अमर हैं सदा नहीं मरन वाला । +चे चानणा कुल जहान दा तूँ , +तेरे आसरे होएआ व्योहार सारा । +तूँ ही सभ की आँख मैं वेखदा हाँ , +तुझे सज्झद6 चानणा और अँधारा । +नित्त जागणा सोवणा खाब सेती , +एह ते होए अग्गे तेरे कई वारा । +बुल्ला शाह प्रकाश सरूप तेरा , +घट्ट वद्ध ना हो तूँ इक्क सारा । +हे हिरस7 हैरान कर सुट्टिआ तूँ , +तैनूँ अपणा आप भुलाया सू । +पातशाहिओं सुट्ट कंगाल कीता , +कर लक्ख तों कक्ख वखया सू । +मध मत्तड़े8 शेर नूँ तंद कच्ची । +पैरीं पा के बन्ह बहाया सू । +बुल्ले शाह तमासड़ा होर वेक्खो , +लै समुन्दर नूँ कुजड़े पाया सू । +खे ख़बर ना आपणी रक्खदा ऐं , +लग्ग खयाल दे नाल तूँ खयाल होएआ । +ज़रा खयाल नूँ सुट्ट बे खयाल हो तूँ , +जिवें रहे ना उठ्ठ जागिया ना सोएआ । +तदों देख खाँ अंदरों कौण जागे , +नहीं घास में छुप हाथी खलोएआ । +बुल्ला शाह जो गले दे विच्च गहणा , +फिरे ढूँढदा तिवें मैं आप खोहिआ । +दाल दिलों दिलगीर ना होएँ मूलों , +दूजी चीज ना पैदा तहकीक कीजे । +अव्वल जाँ सहुबत करे आशकाँ दी , +सुखन तिन्हाँ दे आबेहयात पीजे । +चश्म जिगर हो मलन हो रहे तेरे , +नहीं सूझता तिन्हाँ को साफ कीजे । +बुल्ला शाह सँभाल तूँ आप ताईं , +तेहैं एक अनंद में सदा जी जे । +जाल ज़रा नाँ सुक्क तूँ रक्ख दिल ते , +हो बे शक तू हैं खुद खसम जाईं । +जिवें सिंघ भुलाए बल आपणे नूँ , +चरे घास मिल अजान साईं । +पिच्छों समझ बल गरजिओं अजामारे , +भएआ सिंघ दा सिंघ कुझ भेद नाहीं । +तैसी तूँ भी तराँ कुछ अबर धारे , +बुल्ला शाह सँभाल तूँ आप ताईं । +रे रंग जहान दे देखदा हैं , +सोहणे बाझ दीदार दे दिसदे नीं । +जिवें होत हबाब बहुरंग दे जी , +अंदर आब9 दे जरा विच्च फिसदे नीं । +आब खाक आतश बात भए इकट्ठे , +देख अज के कल्ल विच्च खिसकदे नीं । +बुल्ला शाह सँभाल के वेख खाँ तूँ , +दुःख सुक्ख सभे एह किसदे नीं । +जे ज़ोर नहीं जाणे आवणे दा , +ओत्थे कोह वाँग हमेश अडोल है सी । +जिवें बद्दलाँ दे तले चंद चलदा , +लग्गा बालकाँ नूँ वड्डा भोल है सी । +चल्ले मन इन्दरी प्रान दे आदिक , +दिसे देखणेहार अडोल है सी । +बुल्ला शाह सँभाल खुशहाल है जी , +ऐन आरफाँ दा एहो बोल है जी । +सीन सितम करना ऐं जान अपणी ते , +भुल्ल आप थीं होर कुझ होवणा जी । +सोईओ लिखिआ शेअर चितेरिआँ10 ने , +सच्च जाा के बालकाँ रोवणा जी । +जरा सैल नहीं वेख भुलना ऐं , +लग्गा चिकड़ों जान क्यों धोवणा जी । +बुल्ला शाह जंजाल11 नहीं मूल कोई , +जाण बुज्झ के भुल्ल खलोवणा जी । +शीन शुबहा नहीं कोई ज़रा इस में , +सदा अपणा ���प सरूप है जी । +नहीं ज्ञान अज्ञान की ठौर ऊहा , +कहाँ सूरमें छाओं और धूप है जी । +पड़ा सेज है माहिमैं सही सोया , +कूड़ा सुखन कारंग अरूप है जी । +बुल्ला शाह सँभाल जब मूल देक्खाँ , +ठौर ठौर मैं आप सरूप है जी । +सुआद सबर करना आया नबी उत्ते , +देख रंग ना दिल डोलाईए जी । +सदा तुखम दी तरफ निगाह करनी , +पात फूल की ओर ना जाईए जी । +जोई आए और अटक रहे नाहीं , +सो कौण दानश12 जीव लाईए जी । +बुल्ला शाह सँभाल दुःख खंड चाखी , +जिसे दुःख फल तिसे क्यों खाईऐ जी । +जुआद ज़रूर मगरूर को छोड़ दीजे , +नहीं और कुछ एह ही पछानणा ई । +जा सों उट्ठिआ ताँ ही के बीच डाले , +होए अडोल देक्खो आप चानणा ई । +सदा चीज़ ना पैदा हो देखीए जी , +मेरे मेरे कर जीअ मैं जानणा ई । +बुल्ला शाह सँभाल तूँ आप ताईं , +तूँ ताँ सदा अनंद मैं छानणा ई । +तोए तौर महबूब दा जिन्हाँ डिट्ठा , +तिन्हाँ दूई तरफों मुक्ख मोड़ेआ ई । +कोई लटक प्यारे दी लुट्ट लीती , +हटे नाहीं ऐसा जी जोड़िआ ई । +अठ्ठे पहर मस्तान दीवान फिरदे , +ओहनाँ पैर आलूद13 ना बोझिआ ई । +बुल्ला शाह ओह आप महबूब होए , +शोक यार दे कुफर सभ तोड़िआ ई । +ज़ोए ज़ाहर जुदा नहीं यार तै थीं , +फिरे ढूँढदा किसनूँ दस्स मैनूँ । +पहिलों ढूँढणे हार नूँ ढूँढ़ खाँ जी , +पिच्छों प्रतच्छ घरे विच्च रस तैनूँ । +मत्त तूँहीएँ होवें आप यार सभदा , +फिरें ढूँढदा जंगलाँ विच्च जिहनूँ । +बुल्ला शाह तूँ आप महबूब प्यारा , +भुल्ल आप थीं ढूँढदा फिरे कीहनूँ ? +ऐन ऐन है आप बिना नुक्ता , +सदा चैन महबूब दिलदार मेरा । +इक्क वार महबूब नूँ देक्खाँ , +और देक्खणे हार है सभ केहड़ा । +उस तों लक्ख वहशत कुरबान कीते , +पहुँचा होए बेगम चकाए जेहड़ा । +बुल्ला शाह हर हाल विच्च मस्त विरदे , +हाथी मत्तडे तोड़ जं़जीरा घेरा । +गै़न ग़म ने मार हैरान कीता , +अठे पहर मैं प्यारे नूँ लोडींदी साँ । +मैनूँ खावणा पीवणा भुल्ल गिया , +रब्बा मेल जानी हत्थ जोड़दी साँ । +सइआँ छड्ड गइआँ मैं इकल्लड़ी नूँ , +अंग साक नालों नाता तोड़दी साँ । +बुल्ला शाह जब आप नूँ सही कीता , +तब मैं सतड़ी अंग न मोड़दी साँ । +फे फिकर गिया सइओं मेरीओ नी , +मैं ताँ आपणे आप नूँ सही कीता । +कूड़ी देह सिहुँ नेहों चुकाया मैं +ख़ाक छाण के लाल नूँ फोल लीता । +देख धूहें दे धौलरे14 जग्ग सारा , +सुट्ट पाया है जीआ ते हार जीता । +बुल्ला शाह अनंद आखंड सदा , +लक्ख आपणे आप आबेहयात पीता । +काफ कौण जाणे जानी जान दे नूँ , +आप जानणेहार एह कुल दा ए । +परतक्ख दी आदि परमान जे ते , +सिद्ध कीते जिस्दे नहीं भुल्लदा ए । +नेत नेत कर बेद पुकारदे नी , +नहीं दूसरा ऐस दे तुल दा ए । +बुल्ला शाह सँभाल जद आप देक्खा , +सदा सहंग15 प्रकाश होए झुलदा ए । +गाफ गुज़र गुमान ते समझ बैह के , +हंकार दा आसरा कोई नाहीं । +बुद्ध आप संघात चढ़ देखीए जी , +पड़ा कान पखान ज्यों भुम माहीं । +आप आत्मा ज्ञान सरूप सत्ता , +सदा नहीं फिरदा खड़ा एक जाँहीं । +बुल्ला शाह बबेक बिचार सेती , +खुदा छोड़ खुद होए खसम साईं । +लाम लग्ग आक्खे जाग खा सोया , +जाण बुज्झ के दुःख क्यों पावना ऐं ? +ज़रा आप ना हटें बुरेआइआँ तों , +मसले कड्ढ लोक सुणावनाँ ऐं । +काग16 विष्ट17 जीवन को जाण तजे , +संताँ विखे मोड़ क्यों चित्त लुभावनाँ ऐं । +बुल्ला शाह ओह जानणेहार दिल दा , +करें चोरिआँ साध सदावनाँ ऐं । +मीम मौजूद है हर जाह मौला , +तिस देख क्या भेख बणाया सू । +जिवें एक ही तुखम18 बहु तराँ दिसे , +तिवें आपणा आप भुलाया सू । +मैह आपणे अपणे खयाल करदा , +नर नार होए चित्त मिलाया सू । +बुल्ला शाह ना मूल थीं कुझ होया , +सो जाने जिसे जनाया सू । +नून नाम अरूप उठा दीजे पिछ , +असत अर भांत परेआ साँच है जी । +जोई चित्त की चितवनी विच्च आवे , +सोई जान तहकीक कर कार है जी । +तों बिन की बरत काहैं तूँ साक्खी , +तूँ जान रूप में है जी । +बुल्ला शाह जे भूप19 अचल्ल बैठा , +तेरे अग्गे प्रतिकृति का नाच है जी । +वा वझत एह हक्क ना आवणा ई , +इक्क पलक दे लक्ख करोड़ देवें । +जतन करें ताँ आप अचाह होवें , +तूँ ताँ पहर अठ्ठे विखे रस सेवें । +कूड़ बिपार कर धूड़ सिर मलसें , +चेत्तन्न मन देवें जड़ काच लेवें । +बुल्ला शाह सँभाल तूँ आप ताईं , +तूँ ताँ अनंत लग्ग देह मैं कहाँ मेवें । +हे हर तराँ होवे दिलदार प्यारा , +रंग रंग दा रूप बणाया ई । +कहूँ आप को भूल रंजूल20 होया , +कहूँ उरध भरमाए संताया ई । +जदों आपणे आप में प्रगट होया , +सदानन्द21 के माहिं समाया ई । +बुल्ला शाह जे आहदे थाँ अत्त सोई , +जिवें नीर मैं नीर मिलाया ई । +अलफ अज्ज़ बणिआ सभ्भे कच्च मेरा , +शादी गमी थीं पार खलोया मैं । +भया दूर भरम , मरम पाया मैं , +डर काल का जीआ ते खोया मैं । +साध संगत की दया तेभाअ निरमल , +घट घट विच्च तन सुक्ख सोया मैं । +बुल्ला शाह जद आप नूँ सही कीता , +जोई आदि थाँ अंत फिर होया मैं । +ये यार पाया सइओं मेरीओ नी , +मैं ताँ आपणा आप गुआए के नी । +रही सुध ना बुध जहान केरी , +थक्की बिरत22 आनन्द मैं आएके नी । +अठ्ठे आम बिसराम ना काम कोई , +धुन ज्ञान की भ���ह जलाएके नी । +बुल्ला शाह मुबारकाँ लक्ख देवो , +बहीए शांत जानी गल लाएके नी ।",panjabi-pan +"सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +बारह जीरा लाये माडो सेटी रानी +बारह जीरा लाये माडो सेटी रानी +सेटी राजा जा सेटी राजा +सेटी राजा जा सेटी राजा +बारह जीरा चोज कमिया हेजे मा जा सेटी राजा +बारह जीरा चोज कमिया हेजे मा जा सेटी राजा +सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +बारह जीरा माय आबा आंगूल वाडो सेटी रानी +बारह जीरा माय आबा आंगूल वाडो सेटी रानी +सेटी राजा जा सेटी राजा +सेटी राजा जा सेटी राजा +इली गांजा उबून येन जा सेटी राजा +इली गांजा उबून येन जा सेटी राजा +सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +इनी गांजा उबनू लकेनडो सेटी रानी +इनी गांजा उबनू लकेनडो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +इनी गांजा बाचा टीयडो सेटी रानी +इनी गांजा बाचा टीयडो सेटी रानी +सेटी राजा जा सेटी राजा +सेटी राजा जा सेटी राजा +इनी गांजा चोजा कमिया ऐजे माजा सेटी राजा +इनी गांजा चोजा कमिया ऐजे माजा सेटी राजा +सेटी रानी डो सेटी रानी +सेटी रानी डो सेटी रानी +इली गांजा महादेवा पीयला डो नूनू वाडो सेटी रानी +इली गांजा महादेवा पीयला डो नूनू वाडो सेटी रानी +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"390 +हीर आखदी एस फकीर नूं नी केहा घतयो गैर दा वायदा नी +इनां आजजां नूं पई मारनी ए एस जीवने दा क्या फायदा नी +अल्ला वालयां नाल की बैर चायो भला कुआरीए एह बुरा कायदा नी +पैर चुम्म फकीर दे टहल कीजे एस कम्म विच खैर दा जायदा1 नी +पिछों फड़ेंगी कुतका जोगिड़े दा कौन जानदा केहड़ा जायदा नी +वारस शाह फकीर जे होण गुसे खौफ शहर नूं कहर वबाय2 दा नी",panjabi-pan +"47 +दोहां बाहां तों पकड़ रंझेटड़े नूं मुड़ आण बेड़ी विच चाढ़या ने +तकसीर1 मुआफ कर आदमी दी मुड़ आण बहिश्त विच वाड़या ने +गोया ख्वाब दे विच अजराइल2 डिठा ओहनूं फेर मुड़ अरश ते चाढ़या ने +वारस शाह नू तुरत नुहाए के ते बीबी हीर दे पलंघ ते चाढ़या ने",panjabi-pan +"एक जाट और एक जाटणी बालक बनायो +एक जाट और एक जाटणी बालक बनायो +काई खोट बाबा ने बालक पे धप्प जमायो +बालक रोमत रोमत अपनी महतारी पै आयो +क्यों बालक मार्यो बालम बड़े दुखन्तु जायो +या में मेरो साझा ना है सुन आच्छा मारूंगा +अबे तबे बोलेगी दारी तोहे भी झारूंगा +तीन महीने लौं मोहे सूखी लियो हवकाई +उठे कमर में दरद देख मेरे पीछे बैठी दाई +मेरे बड़े परेखे आवैं मारैं माल लुगाई +कुनबा तो खाबे चुपरी चीकनी तने गोला खांड उड़ाई +इन मालन में आग लगादे तूं दो इक बालक करले +खबरदार जो तने बालक के हाथ लगायो +हरसुख कहै या में मेरो साझो घणो बतायो",haryanvi-bgc +"एक बार आओजी जवाईजी पावणा +एक बार आओजी जवाईजी पावणा +थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना +सासूजी ने मालुम होवे म्हारे भाई आज होयो +म्हारे घरे से मौक्ळो काम सासूजी मने माफ़ करो . . . +एक बार आओजी जवाईजी पावणा . . . +थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना +सुसराजी ने मालूम होवे बाप म्हारो सेहर गयो +म्हारे घर से लारलो काम +सुसराजी मने माफ़ करो +एक बार आओजी जवाईजी पावणा . . . +थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना +साळीजी ने मालुम होवे साढुजी ने भेजू हूँ +म्हारा साढुजी नाचेला सारी रात +साळीजी मने माफ़ करो +एक बार आओजी जवाईजी पावणा . . . +थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना +बुवाजी ने मालुम होवे म्हारे भी बुवाजी आया +बुवासासुजी ने जोडू लंबा लंबा हाथ बुवाजी मने माफ़ करो +एक बार आओजी जवाईजी पावणा . . . +थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना +लाडीजी बुलावे तो लाडोजी भी आवे है +मैं तो जाऊंला सासरिये आज साथिङा मने माफ़ करो +एक बार आओजी जवाईजी पावणा . . . +थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना . . . . +थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना . . . +थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना . . . . +थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना . . . +थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना . . .",rajasthani-raj +"लाडो पूछै बाबा से ए बाबा +लाडो पूछै बाबा से ए बाबा +मैं किस बिध देखण जाऊं +रंगीला आ उतर्या बागां मैं +हाथ टोकरियां फूलां की हे लाडो +मालणिया बन कर जाओ +रंगीला आ उतर्या बागां मैं +कच्ची कच्ची कलियां तोड़ लीं +अर मैं रिपट पड़ी री +मुखड़ा देख गया बागां मैं +बोल गया बतलाए गया +री म्हारे सावै धरी बनड़ी के +नजर लगाए गया बागां मैं",haryanvi-bgc +"क्या कहूं रानी! तुम्हारा भाग +क्या कहूं रानी तुम्हारा भाग तुम्हीं हमारा बंस बधाया जी +धन्य बहूरानी जी जिन जाया . . . ज्ञानी जी +धन्य धन्य हमारा भाग जी मिली तुम बहूरानी जी +क्या कहूं रानी तुम्हारा भाग . . . +धन्य . . . बहूरानी जिन जाया हमारा लाल ज्ञानी जी +क्या कहूं रानी तुम्हारा भाग . . .",haryanvi-bgc +"मान उतारने का गीत +खोलोखोलो वो माता खोलो वो किंवाड़ । +खोलोखोलो वो माता खोलो वो किंवाड़ । +तारा आँगणें ��ो माता नर्याल वो दुइ चार । +तारा आँगणें वो माता नर्याल वो दुइ चार । +खोलोखोलो वो माता खोलो वो किंवाड़ । +खोलोखोलो वो माता खोलो वो किंवाड़ । +तारा आँगणे वो माता बुकड़ा वो दुइ चार । +तारा आँगणे वो माता बुकड़ा वो दुइ चार । +खोलोखोलो वो माता खोलो वो किंवाड़ । +हे माता1 दरवाजा खोलो । हे माता तेरे आँगन में दोचार नारियल हैं । हे माता तेरे आँगन में दोचार बकरे हैं । माता को भेंट के लिए दोचार नारियल और दोचार बकरे लेकर आये हैं ।",bhili-bhb +"सुख नींदरा म क्यो सोयो मुसाफीर +सुख नींदरा म क्यो सोयो मुसाफीर +१ पंथी रे उबा पथ के उपर , +तेरा साथी कोई ना ही +गठरी बांदी सीर पर धरी +कर चलने की सुध . . . +मुसाफीर . . . +२ वाटवाट बंद रे मोहरीयाँ , +हरिया देख मती भुल +चलने की तु कर ले तईयारी +रहने की सब झुट . . . +मुसाफीर . . . +३ माता पिता सुत बन्धु जना रे , +पनघट की ये नारी +सब मिलकर ये छोड़ जायेगे +सपना के दिन चार . . . +मुसाफीर . . . +४ कहेत कबीरा सुणो भाई साधु , +सुमरो श्रीजन हारा +राम नाम बिना मुक्ती नी होयगा +बहुत पड़ेगा मार . . . +मुसाफीर . . .",nimadi-noe +"म्हारे आज जलवाय की रात हो रसिया +म्हारे आज जलवाय की रात हो रसिया +लई दो बाला चूनड़ी +म्हारा पावां सारू बिछिया घड़ाव हो रसिया +अनबट रतन जड़ाव हो रसिया +म्हारा एड़िया सारू तोड़ा घड़ाव +सांकला रतन जड़ाव +म्हारा बईरां सारू चूड़ीलो चिराव +सोयटी सासे छंद लगाव +म्हारा बांव सांरू बांवठिया घड़ाव +बाजूबंद झबिया लगाव +चुड़िला खे चीम लगाव +म्हारा लगा सारू माला घड़ाव +गलूबंद रतन जड़ाव +म्हारा काना सारू झाला घड़ाव +झुमका से मीना लगाव +म्हारा मुखड़ा सारू बेसर घड़ाव +छागो बिजली लगाव +सीस सारू सीस फूल घड़ाव +अड़ सारू सालू रंगावो +अंगिया रतन जड़ावो +पेठणी से पदर लगाव ।",malvi-mup +"ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +साठ कळी रो घाघरो जी , कळी कळी में घेर +पैर बिचारा निसरे रुपया रो हो गयो ढेर +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +म्हे ढोला थाने घणी कही जी भक्तन के मत जाई , +टको लगावे गाँठ को जीरो लगाकर आई , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +म्हे ढोला थाने घणी कही जी परदेसां मत जाये , +परदेसां की नारियां में मत न प्रीत लगाए , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे ��े काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला +जयपुर के बाज़ार में , पड्यो पेमली बोर , +नीची हुर उठावन लागी , पड्यो कमर में जोर , +ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे +ओ ढोला",rajasthani-raj +"जिनको बजत हुकुम को बाजा +जिनको बजत हुकुम को बाजा । +कान रीत में आजा । +हम खाँ जान देब द्द बैंचन । +भग रोकन नई साजा । +करो फिराद जावगे पकरे । +रोकें सें गम खाजा । +जानत नई बृजभान कुँअर खाँ , +जिसकी सकल समाजा , +चौरासी बृज कोस ईसुरी , +हियाँ राधका राजा ।",bundeli-bns +"गुजरती माय डो गुजरती माय मारे +गुजरती माय डो गुजरती माय मारे +गुजरती माय डो गुजरती माय मारे +मा डो खोकनार ऊरान टूटा ऊरान जोड़ा टियेन +मा डो खोकनार ऊरान टूटा ऊरान जोड़ा टियेन +गुजरती बेटा जो गुजरासा बेटा मारे +गुजरती बेटा जो गुजरासा बेटा मारे +बेटा आमका सान्टी टूटा ऊरान जा जूड़ा टिये +बेटा आमका सान्टी टूटा ऊरान जा जूड़ा टिये +गुजरती माय डो गुजरती माय मारे +गुजरती माय डो गुजरती माय मारे +माय डो खोकनार ऊरान टूटा ऊरान जोड़ा टियेन +माय डो खोकनार ऊरान टूटा ऊरान जोड़ा टियेन +स्रोत व्यक्ति अनिता , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"हाय हाय मेरा खिवैया +हाय हाय मेरा खिवैया +क्या होनी क्या होइयां हाय हाय मेरा सिरताज हा +नदी आई पहाड़ की चढ़ गई गगन गम्भीर +हाय हाय मेरा खिवैया +पहले डूबे मोचड़े सूं घोड़े असवार +हाय हाय मेरा खिवैया +मेरा भाई मल्लाह का नय्या पार उतार +हाथ की दूंगी मूंदड़ी गल का नौलख हार +मल का साथ मिला हुआ फेर मिलन का नांय +सब सब सूए वालियां रांडी मोल न तोल +सब सब पूतां वालियां रांडी भौंरा देश +ज्यों ज्यों मल सड़ ऊभरै त्यों त्यों भारी होय +रांड गली का टोरड़ा मन माने ठुकराय +रंग महल से ऊपरी सीस महल ना जाय +बेसर टूटी सेज पै बिछए रतन जड़ाय +रतड़ा पलंग निवार का खड़ी सूए के पास +क्या तुम सूए सो रहे क्या तुम भरे गुमान +सूता होय जगाय ले रूठा होये मनाय +मौत न बस की होय होंगे कौने मालवै +या सरवर की पोल +सुरगी उट्ठे दामड़े रंडिया मोल न तोल +क्या तुम संशय ऊतरे क्या तुम गढ़े सुनार +आज पड़े हो धूल में कीन्हीं क्या करतार +वहां का गया ना बाहुड़े उन राहों ना जाइयो +उन राहों जम रही धूल +आवते का मुख देखियां जावते की बस पीठ +पीठ दिखाए न सरै तुम बिन पड़ी पुकार +हमारी पुकारां ना सुनी ठाडा ले गया मार +की ठाड़े की बीनती ये दिन मांगे लेय +मांगे दिन तो ना मिले मांगे मिल गई मौत",haryanvi-bgc +"ऐसी के जल्दी मचाई हरियाली +ऐसी के जल्दी मचाई हरियाली +रासन में सादी कराई हरियाली +बीबी मात्थे तुम्हारे अीका +बिन्दी पै रतन जड़ाई हरियाली +रासन में सादी कराई . . . +बीबी गल तुम्हारे नकलिस +लोकिट पै रतन जड़ाई हरियाली +रासन में सादी कराई . . . +बीबी हाथ तुम्हारे कंगणा +मंहदे पै रतन जड़ाई हरियाली +रासन में सादी कराई . . . +बीबी पैर तुम्हारे जूता +चलगत पै रतन जड़ाई हरियाली +रासन में सादी कराई . . .",haryanvi-bgc +"387 +तेरे मौर लौंदे फाट खान उते मेरी फुरकदी अज मुतैहर1 है नी +मेरा कुतकां2 लवे ते तेरे चुतड़ अज दोहां दा वडड़ा भेत है नी +चिबड़3 वांग तेरे बिउ कढ सुटां तैनूं आया है जोर दा कहर है नी +एस भेड दे खून तों किसे चिड़ के नाहीं मार लगया कदी शहर है नी +उजाड़े खोर गधे वांगूं कुटिएगी तैनूं वढड़ी किसे दी विहर4 है नी +वारस शाह ए मारदी रन्न कुती किसे छडावनी वेहड़े ते कहर है नी",panjabi-pan +"काला शाह काला +काला शाह काला , मेरा काला ई सरदार +गोरेआं नु दफा करो , मैं आप तिल्ले दी तार +काला शाह काला . . . +सस्ड़ीए तेरे पंज पुत्तर , दो ऐबी दो शराबी +जेहड़ा मेरे हाण दा ओ खिड़आ फुल्ल गुलाबी +काला शाह काला . . . +सस्ड़ीए तेरे पंज पुत्तर , दो टीन दो कनस्तर +जेहड़ा मेरे हाण दा ओ चला गया ए दफ्तर +काला शाह काला . . .",panjabi-pan +"216 +तैनूं हाल दी गल मैं लिख घलां तुरत हो फकीर तै आवना ईं +किसे जोगी दा जा के बनी चेला सवाह लाके कन पड़वावना1 ईं +सभो जात सफात बरबाद करके अते ठीक तैं सीस मुणावना ईं +तू ही जीउंदियां दईं दीदार सानूं असां वत न जीउंदियां आवना ईं +यारी तोड़ निभावनी दस सानूं वारस एह जहान छड जावना ईं",panjabi-pan +"मैं अंग्रेजी पढ़ गई बालम +मैं अंग्रेजी पढ़ गई बालम खाना नहीं बनाऊंगी +नहीं चूल्हे पर रखूं देगची आंच ना बारूंगी +पतली फुलकिया पोए न बालम तुझे न खिलाऊंगी +न चक्की पर रखूंगी पसीना कोर ना डालूंगी +गोरमैंट से बात करूंगी तनखाह पाऊंगी +तेरे सा मजूर पलंग बिछावै गद्दा लाऊंगी",haryanvi-bgc +"पांच बधावा म्हारे आविया +पांच बधावा म्हारे आविया +पांचों री नवीनवी भांत +घड़ा मारूजी पेलो बधावो कांकड़े आवियो +कांकड़िया रे म्हारा खेतघणा घड़ामारू +धंवला तो धोरी म्हारयां हल बावे +दूसरो बधावो बागां में आवियो +नारेलांरी लागी लटालूम +दाखचारोल्यां म्हारायां बहुफले +तीसरो बधावो ड्योढ़ी पे आवियो +हस्ती झूले छे दरबार घड़ा मारूजी +बांदिया लखेना तेजन जौ चरे +चौथो बधावो रसोई में आवियो +��ीमे म्हारा आलीसा रो सांत +घीव कचोले , दूद वाटके +पांचवों बधावो ओवरी में आवियो +सायधन जायो छे पूत घड़ा मारूजी +नौबत बाजी , सक्कर बांटजो",malvi-mup +"मोती बेराणा चंदन चौक में हो राज +मोती बेराणा चंदन चौक में हो राज +केसे सोरूँ ने कसे संकचूं हो राज +किनि विधि करूँ हो जुवाब म्हारा राज +मोती बेराणा जी चंदन चौक में हो राज +चिमटी बीणूं , ने पस मां सांकचूं +नैना ने करूँगी जुवाब म्हारा राज +मोती बेराणा हो चंदन चौक में हो राज",malvi-mup +"रइयो करन हार से डरते +रइयो करन हार से डरते । +पल में परलै परते । +पल में धरती बूँद न आवै , +पल में सागर भरतें । +पल में बिगरे बना देत हैं । +पल मैं बने विगरते । +तृन सें बज्रबज्र से तिनका । +तिल सें बज्जुर करते । +ईसुर कयें करता की बातें । +बिरलें कोई नजरते ।",bundeli-bns +"नदिया किनारे जी हरी हरी दुभिया +नदिया किनारे जी हरी हरी दुभिया । +गइया चरावे हीरालाल जी ॥ 1 ॥ +कारी गाय सुन्नर1 ऐसो लेरू2 । +दुधवा पियत हीरालाल जी ॥ 2 ॥ +सोने के सेहला3 गढ़ा दऽ मोरे बाबा । +अउर जड़ा दऽ हीरालाल जी ॥ 3 ॥ +सोने के सेहला बाबू मरमो4 न जानूँ । +कइसे जड़इबे हीरालाल जी ॥ 4 ॥ +तोहरो ससुर जी के साँकर गलिया । +झरि जयतो सेहला के फूल जी ॥ 5 ॥ +आगे आगे जइतन बाबा5 जी साहेब । +सेकर6 पीछे मामा7 सोहागिन जी । +जेकर8 पीछे जइतन छोटकी बहिनिया । +चुनि लेतन सेहला के फूल जी ॥ 6 ॥",magahi-mag +"बोया बोया री मां मेरी बणी +बोया बोया री मां मेरी बणी आला खेत खेत रूखाली मैं गई +राही राही री मां मेरी दो पंछी जायं एक गोरा एक सांवला जी +गोरा जी मां मेरी राही जा सांवल म्हारे खेत में री +‘के रे सांवल भूला सै राह के तेरी ब्याही बाप कै जी +‘ना मैं है सुन्दर भूला सूं राह न मेरी ब्याही बाप कै जी’ +‘हम तै हे सुन्दर तेरे लगवाल बाप तेरे के साजना जी’ +‘तेरे कैसे रे सांवल तीन सौ साठ बाप मेरे के मेहनती जी’ +‘तेरी कैसी हे सुन्दर तीन सौ साठ बाप मेरे की झीमरी जी’",haryanvi-bgc +"पाती किशन चन्द की आई +पाती किशन चन्द की आई , +छाती से चिपकाई । +हातनहात लै गोपिन नैं , +राधा जुबै गुवाई । +परी देय में फिर से स्वाँसा , +मरी खाल जी आई । +अब हम पै भगवत भए सूदे । +ऊधौ जू की ल्याई । +समाचार लिख दये ईसुरी , +सबने बाँच सुनाई ।",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट +रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमार +तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजार +तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमार +आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय +सादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाह +जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोर +एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोर +थर थर काँपें कुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमार +बरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डाल +भार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमार +भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनाय +बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनाय +लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लाग +चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनाय +पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़ +केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बाय +ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बाय +लै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं बात हमार +आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बाय +माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह",bhojpuri-bho +"घेरनी बादला बिटकेन जा +घेरनी बादला बिटकेन जा +इयां बेटा इया बूलून चोजा डानी चोंडोयेन +ऐ रानी डो ऐ रानी डोइयां रानी +इयां माय केन बड़ा भोजन के लाये +ऐ राजा जा ऐ राजा इयां राजा +आमा माय के मोनय ढीना सारेज ढाने जेवा +ऐ रानी डो ऐ रानी डो इयां रानी इयां माय के बरु +ऐ राजा जा ऐ राजा इयां राजा +आमा माय के अला पूनी चीनी पूनी के लाये +ऐ रानी डो ऐ रानी डो इयां रानी कटारी +ईली रानी इयां केलेजा सो बोगे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"मत करो मन को उदास (बिदाई गीत) +बिदाई गीत 3 +मत करो मन को उदास +मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी । +दादस अपनी को मैं दादी कहूँगी +मेरी अम्मा दादी न आवैगी याद , +मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी । +सासू को अपनी माता कहूँगी +मेरी अम्मा तुम न आओगी याद , +मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी । +ससुरे को अपने पिताजी कहूँगी +पिता नहीं आएँगे याद , +मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी । +नणदिया को अपनी बहना कहूँगी +मेरि अम्मा बहना न आएगी याद , +मेरी अम्मा फिर से मिलूँगी ।",khadi_boli-mis +"सास री भार्या सा दामण सिमा +सास री भार्या सा दामण सिमा +चक्कर काट्टे कली कली +सास री हर्या सा कुड़ता सिमा +जेब्बां में राखूं टेम घड़ी +बहू न्यूं तो साच बता +के करैगी टेम घड़ी +सास री मैं फौजी की नार +हर दम चीहै टेम घड़ी ।",haryanvi-bgc +"219 +यारो ठग सयालां तहकीक1 जानो धीयां ठगनियां सब सिखांवदे ने +कौल हार जवानां दे साक खोवन पयोंद2 होर धिर लांवदे ने +पुत वेख सरदारां दे मोह लैदे एहनूं ��हींदा चाक बनंवदे ने +दाड़ी शेख दी छुरा कसाइयां दा बैठ परे3 विच पैंच सदांवदे ने +जट चोर ते यार ते राह मारन डडियां4 मोहदे सन्नां लांवदे ने +वारस शाह एह जट नी सभ खोटे वडे ठग ए जट झनांदे ने",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +गज भर धरती घट जैहें प्रक चोट करों दैब से मार +तब तो बेटा जासर के नैं याँ पड़े रुदल बबुआन +चल गैल रुदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनाय +लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रुदल पहुँचे जाय +सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के मोंढा देल धरवाय +सात गलैचा के उपर माँ रुदल के देल बैठाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू डेबा ब्राहमन के बलि जाओं +लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चलीं हमरा साथ +एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होई जाय +जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनीं रुदल बबुआन +जहवाँ पसीना है रुदल के तहवाँ लोधिन गिरे हमार +डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमार +बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लावव् हमरा पास +चल गैल डेबा गढ़ पिअरी से तबल खास में पहुँचल जाय +बावन कोतल के बाँधल है बीच में बाँधल बेनुलिया घोड़ +ओहि समंदर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय +जोइ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुनव् बात हमार +भैल बोलाहट बघ रुदल के +लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चलव् हमरा साथ +एतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा के भैल अँगार +बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओं",bhojpuri-bho +"बाबा देस जांदा परदेस जाइयो +बाबा देस जांदा परदेस जाइयो म्हारी जोड़ी का बर ढूंडियो +लाडो देस जांदा परदेस जांगा , ढूंडिया सै फूल गुलाब का +ताऊ देस जांदा परदेस जाइयो म्हारी जोड़ी का वर ढूंडियो +लाडो देस जांदा परदेस जांगा , ढूंडिया सै फूल गुलाब का +मामा देस जांदा परदेस जाइयो म्हारी जोड़ी का वर ढूंडियो +लाडो देस जांदा परदेस जांगा , ढूंडिया सै फूल गुलाब का +भाई देस जांदा परदेस जाइयो म्हारी जोड़ी का वर ढूंडियो +लाडो देस जांदा परदेस जांगा , ढूंडिया सै फूल गुलाब का",haryanvi-bgc +"काला डांडा पीछ बाबा जी +काला डांडा पीछ बाबा जी +काली च कुएड़ी +बाबाजी , एकुली मैं लगड़ी च ड . . र +एकुलीएकुली मैं कनु कैकी जौलो +भावार्थ +' काले पहाड़ के पीछे , पिताजी +काला कुहरा छा रहा है । +पिताजी , मुझे अकेले में डर लगता है । +अकेलेअकेले मैं ससुराल कैसे जाऊंगी ? '",garhwali-gbm +"अतिकौ पिवइया सुलफा गाँजे कौ +रे लँगुरिया अति कौ पिवइया सुलफा गाँजे कौ , +जाकी खोल दऊँगी मैं पोल ॥ लँगुरिया . +मेरौ झूमर बेच सुलफा ले आयौ . +और हरवा ��ौ करि आयौ मोल ॥ लँगुरिया . +मेरे हरवा कूँ बेच सुलफाा ले आयो , +और पेन्डल कौ करि आयौ मोल ॥ लाँगुरिया . +इसी तरह जेवरों के नाम लेते जाते हैं +जाने सभी कुछ बेचौ सुलफा गाँजे कूं +और मोसे है बोलत बोल ॥ लँगुरिया .",braj-bra +"तुलसां माता तैं सुख दाता +तुलसां माता तैं सुख दाता +बिडला सीजूं तेरा +तैं कर निस्तारा मेरा +किरसन जी का कांधा दइओ +पीताम्बर की धोती दइओ +बैकुंठ का बासा दइओ +हो ज्या निस्तारा मेरा +बिडला सीजूं तेरा",haryanvi-bgc +"317 +आय आय मुहानयां जदों कीती चहुं कन्नी जां पलम के आ गए +सचो सच जां फाट नूं तयार होए जोगी होरी भी जिउ चुग गए +वेखो फकर अलाह दे मार जटी उस जटी नूं वायद पा गए +जदों मार चैतरफ तयार होई ओदों आपना आप खिसका गए +इक फाट कढी सभे समझ गइयां रन्नां पिंड दियां नूं राह पा गए +जदों खसम मिले पिछे वाहरां दे तदों धाड़वी घोड़े दुड़ा गए +हथ ला के बरकती जुआन पूरे करामात ही जाहरा विखा गए +वारस शाह मियां पटे बाज छुटे जान रख के चोट चला गए",panjabi-pan +"माता पिता ने धरम डिगा दिया +माता पिता ने धरम डिगा दिया महाराणा तैं डर कै +पति का परेम भुलावण लाग्यी क्यों धिंगताणा कर कै +अपनी मां के संग थी मीरा पूजा बीच निगाह थी +एक वर पूजण गया मंदिर में बारात सजी संग जा थी +मैं बोली कौण कित जा सै समझ लावण आली मां थी +न्यूं बोली बनड़ा बनड़ी ल्यावे जिसने पति की चाह थी +मैं बोली मेरा पति कौन झट हाथ लगाया गिरधर कै +पति का परेम . . . +नाम सुणा जब गिरधर जी का आनंद हो गई काया +बीरबानी ने पति बिना अच्छी लागै ना धन माया +उसका परेम ठीक हो जा सै जिस ने ज्यादा परेम बढ़ाया +खुद माता के कहने से मैंने गिरधर पति बनाया +करूं परीति सच्चे दिल तै परेम बीच में भर कै +पति का परेम . . .",haryanvi-bgc +"राम लखन दोऊ भैया ही भैया +राम लखन दोऊ भैया ही भैया , +साधू बने चले जायं मोरे लाल । । +चलतचलत साधू बागन पहुंचे । +मालिन ने लए बिलमाए मोरे लाल । राम लखन . . . +घड़ी एक छाया में बिलमायो साधू । +गजरा गुआएं चले जाओ मोरे लाल । राम लखन . . . +जब वे साधू तालन पहुंचे +धोबिन ने लए बिलमाए मोरे लाल । राम लखन . . . +चलतचलत साधू महलन पहुंचे । +रानी ने लए बिलमाए मोरे लाल । +घड़ी एक छाया में बिलमायो साधू । +महलन के शोभा बढ़ाओ मोरे लाल । राम लखन . . .",bundeli-bns +"गगा को मान बड़ा भारी +गंगा को मान बड़ा भारी , +चलो बहनों मुक्ती सुधारी । +तारन के लाने सहज में न आई , +तप करके भागीरथ निकारी । चलो दीदी . . . . +गंगा की धार शम्भू रोकी जटन म���ं +भोला शिवत्रिपुरारी । चलो दीदी . . . . +तीरथ व्रत ऐसे चारों तरफ हैं +गंगा की महिमा है न्यारी । चलो दीदी . . . . +जावे के लाने कछु अड़चन नैयां +दिन भर चले मोटर गाड़ी । चलो दीदी . . . . +गंगा जी जावें परम गति पावें +मन में विश्वास करो भारी । चलो दीदी . . . . +गंगा जी जावे खों सब कोई विचारे +भागों से मिले तारन हारी । चलो दीदी . . . .",bundeli-bns +"मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई +मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई +भान मैं तन्नै बूझूं संझा कैं तेरे भाई +मेरे पांच पचास भतीजे नौ दस भाई +भान कैयां का ब्याह रचाया कितने की सगाई +पांचा का तो ब्याह रचाया दसां की सगाई ।",haryanvi-bgc +"जल भर ले हिलोरें हिलोर रसरिया रेशम की +जल भर ले हिलोरें हिलोर रसरिया रेशम की +अरर जल भर ले हिलोरे हिलोर +रेशम की रसरी तब नीकी ल़ागे +सोने की गगरिया होय रसरिया रेशम की +सोने की गगरी तब नीकी लागे +सुघड़ महरिया होय रसरिया रेशम की +सुघड़ महरिया तब नीकी लागे +साथे में छैला होय रसरिया रेशम की +साथे म छैला तब नीको लागे +गोदी म ललना होय रसरिया रेशम की +सुघड़ महरिया तब नीकी लागे +सत् रंग चुनरी हारसरिया रेशम की +सतरंग चुनरी तब मीको लागे +मखमल का लहंगा होय रसरिया रेशम की +मखमल का लहंगा तब नीको लागे +सब अंग गहना होय रसरिया रेशम की",awadhi-awa +"125 +मलकी आखदी सद तूं हीर तांई झब हो तूं औलिया नाईया वे +अलफू मोचिया मौजमा वागिया वे ढुडू माठिया भज तूं भाईया वे +वारस शाह माही हीर नहीं आई मेहर मंगूआं दी घरों आईंया वे",panjabi-pan +"माता गांधी बड़ों भागी छ +माता गांधी बड़ों भागी छ , +देश सेवा को अनुरागी छ । +बकरी को दूद सी खाँदू छ । +खादी को लाणू वो लाँदू छ , +पन्द्रह अगस्त हमू दिलेगी बो , +अंग्रेज सणी भगेगी बो , +आजादी हमू दिलेगी , बो । +राजू किसाणू दिलेगी , बो । +”ह्वे जाणो मेंबर सची , प्यारा कांग्रेस मा , +तिरंगो सो झंडा देखे , भायो बाजारु मा । “ +क्रांतिकारियों को आता देखकर किसान कह उठता है +चला भाई देखि ओला , गांधी की पलटन दा । +अगणे गांधी सूबेदार , पिछने जबाहीर दा । +पेलि तिरंगो झंडा उठे , लन्दन का बची दा । +जौन तिरंगो झंडा छीने , अंग्रेजों को मोरी दा । +मोतीलाल को वीर जवाहर , भारत को राजा दा ॥",garhwali-gbm +"मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो +मिली जुली गावे के बधइया , बधइया गाव सोहर हो +आज क्रिशन के होइहे जनमवा , जगत गाई सोहर हो ॥ +नन्द बाबा देवे धेनू गैया लुटावे धन यशोदा मैया हो +यहवा घर घर बाजता बधै���ा , महलिया उठे सोहर हो ॥",bhojpuri-bho +"अंगिका फेकड़ा +अटकनमटकन , दहिया चटकन +बर फूले , करेला फूले +इरिचमिरिच मिरचाय के झावा +हाथी दाँत समुद्र के लावा +लौआ लाठी चन्दन काठी +मार पड़ोकी पाँजड़ तोड़ । +कागजपत्तर +कलम दवात +इटा पाटी +सोने के टाट +टाट गिरा दे +पूरे आठ । +चिल्लर पटपट , गंगा हो लाल +हथिया सूढ़ ठुट्ठोॅ पीपर पतझाड़ +कौआ कानोॅ , तेली बेमानोॅ +मियाँ ढोलकिया , फूस कन्हैया । +अलिया गे झलिया गे +बाप गेलौ पुरैनिया गेे +लानतौ लाललाल बिछिया गे +कोठी तर छिपैयेैं गे +बालू में नुकैयैं गे +झमकलझमकल जैहियें गे +सास केॅ गोड़ेॅ लगिहें गे +ननदी केॅ ठुनकैहियैं गे । +सुइया हेराय गेल +खोजी दे नै तेॅ मैया मारबे करतौ ना । +अट्टा ऐन्होॅ , पट्टा ऐन्होॅ +धोबिया के पाट ऐन्होॅ +कुम्हरा के चाक ऐन्होॅ +बीचोॅ गामोॅ में मुकद्धम मुखिया +बनी जइहोॅ तोंय राजा बेटा +गोड़ोॅ लागोॅ , ठाकुर जी केॅ , धरती धरमोॅ केॅ +साठी माय केॅ । +बाप कहाँ गेल छौ ? +ढाका बंगाला । +कीकी लानतो ? +पूड़ीमिठैइया । +हमर्हौ देबे ? +नै रे भैया । +चिकना भरभर , चिकना भरभर । +ताय पुड़ी ताय +के के पकाय +नूनू पकाय +नुनूहैं खाय । +गाय गेलौ रनेॅ बनेॅ +भैंस गेलौ बीजू वनेॅ +कानी भैंसियाँ धान खाय छै +राजा बेटा हाँक दै छै +घूबे तेॅ घूर गे +धान फूसूर । +करिया झुम्मर खेलै छी +लीख पटापट मारै छी । +बीजू रे बन्धवा +कै चन्दवा ? +एक चन्दवा । +घोघो रानी कतना पानी +अतना पानी , अतना पानी ?",angika-anp +"ऐज डो बावोन अलम लंडा मडीवा +ऐज डो बावोन अलम लंडा मडीवा +ऐज डो बावोन अलम लंडा मडीवा +ऐज डो बावोन अलम लंडा मडीवा हुई +ऐज डो बावोन अलम लंडा मडीवा हुई +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"तरइयाँ भींज चलीं +नइँ आए , सजनि भरतार , तरइयाँ भींज चलीं । +गए सजबन के जुद्ध लरन खों , +अभय अजयगढ़ बिजय करन खों , +अभिमानिन के मान दरन खों , +बाँद कमर तरवार ; तरइयाँ भींज चलीं । +सजन हमाए समर जुझारू , +धरत कभउँ नइँ पावँ निछारू , +अरिअन पै जब होत उतारू , +करत बार पै बार ; तरइयाँ भींज चलीं । +बदरा उठतइ लखे धुँआँ के , +सुँनत रई घनघोर धमाके , +तरवारन के खनक खनाके , +वीरन की ललकार ; तरइयाँ भींज चलीं । +काऊ कौ नइँ गउत गहेसौ , +जइसों लगतइ अधिक अँदेसौ , +अबै तलक नइँ मिलो सँदेसौ , +जीत भई कै हार ; तरइयाँ भींज चलीं । +हेरतहेरत बाट पिया की , +मलिन भई जर जोत दिया की , +बढ़न लगी है जरन जिया की , +भए फीके सिंगार , तरइयाँ भींज चलीं । +तबइँ सुनाने विजय नगारे , +हुँदकत घुड़ला आए दुआरे , +‘मित्र’ धना दए खोल किबारे , +सजा सुकंचन थार ; तरइयाँ भींज चलीं । +तुरतइँ राई नोंन उतारो , +हरख हरद कौ तिलक समारो , +गरें हार कमलन कौ डारो , +परछन लओ उतार , तरइयाँ भींज चलीं ।",bundeli-bns +"विवाह गीत (गाली) +बयड़ी आडल ढुलकी वाजे हो । +बांगड़ भड़के झुणी वो । +तारो माटी रामस्यो आवे वो , +बांगड़ भड़के झुणी वो । +तारा माटी नो मांडवो वो , मांडवे नाचण आइ । +हामु हजार भर्या ने , हामु मांडवे आइ । +तारा माटी नो मांडवो वो , मांडवे नाचण आइ । +बारात दुल्हन के यहाँ आती है तब मंडप में वर पक्ष की औरतं भी नाचती है । +वधू पक्ष की औरतें गालियाँ गाती हैं । +टेकरी की आड़ पीछे में ढोलक बज रही है तुम भड़कना मत । यह मंडप रामसिंह का है । तुम्हारे लाड़ले का है जो तुम मांडवे में नाचने को आ गईं ? उत्तर में वर पक्ष की औरतें गीत में कहती हैं कि हमने दहेज में लड़की के पिता को एक हजार रुपये दिये तब हम नाचने को आई हैं ।",bhili-bhb +"दादा जीए, दादी जीए, आउर सभ लोग +दादा1 जीए , दादी2 जीए , आउर3 सभ लोग । +मोरे लाला के गोरेगोरे गाल ॥ 1 ॥ +कुरता चूमूँ , टोपी चूमूँ , चूमूँ उनकर गाल । +मोरे लाला के भुअरेभुअरे4 बाल ॥ 2 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +बावन गज के धोती बाँधे खरुअन के चढ़ल लँगोट +अस्सी मन के ढलिया है बगल में लेल लगाय +तीस मन के जब नेजा है हाथन में लेल लगाय +बाँक दुआल पड़ल पंजड़ तक तर पल्ला पड़ल तरवार +छप्पन छूरी नौ भाला कम्मर में ढुले बनाय +बूता बनाती गोड़ सोभै जिन्ह का गूँज मोंछ फहराय +बावन असरफी के गल माला हाथन में लेल लगाय +भूजे डण्ड पर तिलक बिराजे परतापी रुदल बीर +फाँद बछेड़ा पर चढ़ गैल घोड़ा पर बैल असवार +घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीर +दुइए घोड़ा दुइए राजा नैना गढ़ चलल बनाय +मारल चाबुक है घोड़ा के घोड़ा जिमि नव् डारे पाँव +उड़ गैल घोड़ा सरगे चल गैल घोड़ा चाल बरोबर जाय +रिमझिम रिमझिम घोड़ा नाचे जैसे नाचे जंगल के मोर +रात दिन का चलला माँ नैना बढ़ लेल तकाय +देखि फुलवारी सोनवा के रुदल बड़ मगन होय जाय +डेबा डेबा के गोहरावे डेबा सुनव् बात हमार +डेरा गिरावव् फुलवारी में प्रक निंदिया लेब गँवार +बड़ा दिब्य के फुलवारी है जहवाँ डेरा देल गिराय +घुमि घुमि देखे फुलवारी के रुदल बड़ मंगन होय जाय +देखल अखाड़ा इन्दरमन के रुदल बड़ मंगन होय जाय",bhojpuri-bho +"रेशमा डोरा घोड़ा पलंगो +रेशमा डोरा घोड़ा पलंगो +अजे बीले आजे सुबाय +रेशमा डोरा घोड़ा पलंगो +अजे बीले आजे सुबाय +रेशमा डोरा घोड़ा पलंगो +अजे बीले आजे सुबाय +इयाँ पलंगो बाने जा बेटा +आमा रानी का पलंगो रे +आमा रानी का पलंगो रे +आमा रानी का पलंगो रे +स्रोत व्यक्ति जगनसिंह , ग्राम झापा",korku-kfq +"अहो सगुनि अहो सगुनि, सगुने बियाह +अहो सगुनि1 अहो सगुनि , सगुने2 बियाह । +मैं तो जनइति3 गे4 सगुनी , होयतो बियाह ॥ 1 ॥ +अरे काँचे बाँसे डलवा5 गे सगुनी , रखती बिनाय6 । +अरे आपन बेटा दुलरइता दुलहा , रखती चुमाय7 ॥ 2 ॥ +मैं तो जनइति गे सगुनी , होयतो बियाह । +अरे अपन बेटी दुलरइतिन बेटी रखती छिपाय ॥ 3 ॥ +रखे के न रखलऽ जी बाबा , लड़िका से बारी8 । +अरे अब कते9 रखबऽ जी बाबा , सुबुधि सेयानी10 ।",magahi-mag +"इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा +इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा +म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा +म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा +म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा +म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा +म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा +म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा +इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा +म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा",rajasthani-raj +"हम नहीं पूजबइ बरहिया, भइया नहीं अयलन हे +हम नहीं पूजबइ1 बरहिया , 2 भइया नहीं अयलन हे ॥ 1 ॥ +अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे । +चेरिया , देखि आवऽ हमरो बीरन भइया , कहुँ चलि आवत हे ॥ 2 ॥ +दूरहिं घोड़ा हिंहिंआयल , 3 पोखरिया4 घहरायल5 हे । +गली गली इतर6 धमकी गेल , 7 भइया मोरा आयल हे ॥ 3 ॥ +मचिा बइठल तोहें सासुजी , सुनहऽ बचन मोरा हे । +अब हम पूजबो बरहिया , भइया मोर आयल हे ॥ 4 ॥ +सासुजी , कहँमाहि8 धरियई9 दउरिया , 10 कहाँ रे ई11 सोठाउर12 हे । +सासुजी , कहाँ बइठइअइ13 बीरन भइया , देखतो सोहावन हे ॥ 5 ॥ +कोठी14 काँधे रखिहऽ दउरिया , कोठिल15 बीच सोठाउर हे । +बहुआ अँचरे16 बइठइहऽ बीरन भइया , देखत सोहावन हे ॥ 6 ॥ +ओहरी17 बइठल दुलरइतिन ननदो , मुँह चमकावल हे । +जे कछु कोठिया के झारन , 18 अँगना के बाढ़न19 हे । +भउजी सेहे लेके अयलन बीरन भइया , देखते गिलटावन20 हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"बेरहिं बेरी कोइल रे, तोहिं बरजों हे +बेरहिं बेरी1 कोइल2 रे , तोहिं बरजों3 हे । +कोइल रे , आज बनवाँ4 चरन5 जनि जाहु । +अहेरिया6 रजवा चलि अयतन7 हे ॥ 1 ॥ +अयतन तऽ आवे दहुन अहेरिया रजवा हे । +अहे सोने के पिंजरवा चढ़ि बइठम8 हे । +अहेरिया रजवा का9 करतन10 हे ? ॥ 2 ॥ +बेरहिं बेरी बेटी तोहिं बरजों हे । +बेटी दुअरे खेलन जनि जाहु । +कव�� दुलहा चलि अयतन हे ॥ 3 ॥ +अयतन तऽ आवे दहुन कवन दुलहा हे । +अहे सोने पलकिया चढ़ि बइठम हे । +कवन दुलहा का करतन हे ? ॥ 4 ॥ +एक कोस गेल11 डाँड़ी12 दुइ कोस हे । +अहे अम्मा रोवथि13 छतिया फाड़ि हे । +गोदिया14 बेटी , आजु सुन्ना15 भेल हे ॥ 5 ॥ +दुइ कोस गेल डाँड़ी , तीन कोस हे । +अहे चाची रोवथि छतिया फाड़ि हे । +सेजिया आजु बेटो , सुन्ना भेल हे ॥ 6 ॥ +तीन कोस गेल डाँड़ी , चार कोस हे । +अहो भउजी16 रोवथि छतिया फाड़ि हे । +भनसा17 ननदी आजु सुन्ना भेल हे ॥ 7 ॥ +चार कोस गेल डाँड़ी , पाँच कोस हे । +अहे सखी सब रोयथिन छतिया फाड़ि हे । +सलेहर18 आज सखी सुन्ना भेल हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"ऊंची तेरी खाई ऊंचा नीचा कोट +ऊंची तेरी खाई ऊंचा नीचा कोट +ढाणां बसै बाबा भूमिया की ओट +काहे का दिवला काहे की बात +काहे का घी बलै सारी रात +अगड़ चन्दन का दिवला निर्मल बात +सुरही का घी बलै सारी रात +तेरी बाबा भोमिया उत्तम जात +जू जन्मा छट्ट चौदस की रात +बेटियां का बाबा माईयर बाप +बहुआं का सै बाबा रिछापाल",haryanvi-bgc +"ओ नये नाथ सुण मेरी बात +ओ नये नाथ सुण मेरी बात , +या चन्द्रकिरण जोगी तनै तनमनधन तै चाव्है सै +नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै +मेरे कैसी नारी चहिये तेरे कैसे नर नै , +बात सुण ध्यान मैं धर कै २ +दया करकै नाचिये मोर , मोरणी दो आंसू चाव्है सै +नीचे नै कंमन्द लटकार्ही चढ्ज्या क्यूँ वार लगावै सै",haryanvi-bgc +"विरह +आयो चैतर मास , सुणा दौं मेरी ले सास +वणवणूडें1 सबी मौली2 गैन , चीटें3 मौली गैन घास +स्वामी मेरो परदेस गै तो , द्वी तीन होई गैन मास +अज्यूं4 तई5 कुछ सुणी6 निमणी , ज्यूं7 को ह्वेगे उत्पास8 +जौंका स्वामी घरू छन , तौंको होयुं छ विलास +रंगविरंगे चादरे ओढ़ीओढ़ी , अड़ोसपड़ौस सुहास ।",garhwali-gbm +"बधाए आए अँगना लिपाए रखती रे +बधाए आए अँगना लिपाए रखती रे ॥ 2 +जो मैं ऐसो जानती , ससुरजी आयेँगे आज , +ससुरजी लिए , हुक्का मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती , जेठजी आयेँगे आज , +जेठजी लिए चाय बनाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती देवर जी आयेँगे आज , +देवर जी लिए रंग मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती , नंदेऊ आयेँगे आज , +नंदेऊ लिए पान मँगाए रखती रे । बधाए . . . +जो मैं ऐसो जानती राजाजी आयेँगे आज , +राजाजी लिए पलंग सजाए रखती रे । बधाए . . .",braj-bra +"अंगिका बुझौवल +तोहरा कन गेलाँ +लेॅ केॅ बैठलाँ । +पीढ़ा +तोहरा कन गेलाँ +खोली केॅ बैठलाँ । +जूत्ता +चानी हेनोॅ चकमक , बीच दू फक्का +जे नै जानेॅ , जे नै जानेॅ ओकरोॅ हम्में कक्का । +दाँत +हिन्हौ टट्टी , हुन्हौ टट्टी +बीच में गोला पट्टी । +जीभ +हाथ गोड़ लकड़ी पेट खदाहा +जे नै बूझै ओकरोॅ बाप गदहा । +नाव +फरेॅ नै फूलै , ढकमोरै गाछ । +पान +जड़ नै पत्ता , की छेकोॅ ? +अमरलत्ता +तोहरा घरोॅ में केकरोॅ पेट चीरलोॅ । +गेहूँ +चलै में रीमझीम , बैठै में थक्का +चालीस घोॅर , पैतालीस बच्चा । +रेल +खेत में उपजै , हाट बिकाबै +साधूब्राह्मण सब कोय खाबै +नाम कहैतें लागै हस्सी +आधा गदहा , आधा खस्सी । +खरबूजा +लाल गे ललनी , लाल तोरोॅ जोॅड़ +हरिहर पत्ता , लाल तोरोॅ फोॅर । +खमरूआ +राग जानै गाना नै जानै +गाय ब्राह्मण एक्को नै मानै +जों कदाचित जंगल जाय +एक हापकन बाघौ केॅ खाय । +मक्खन +हमरोॅ राजा केॅ अनगिनती गाय +रात चरै दिन बेहरल जाय । +तारा +हिनकी सास आरो हमरी सास दोनों माय घी +तोहें बूझोॅ हम्में जाय छी । +ससुरपुतोहू +साँपोॅ हेनोॅ ससरै , माँड़ रं पसरै +सभै छोड़ी केॅ नाक केॅ पकड़ै । +पोटा +एक गाछ मनमोहन नाम +बारह डार , बारह नाम । +बरस , दिन , तिथि +एक जोगी आवत देखा +रंगरूप सिन्दूर के रेखा +रोज आबै , रोज जाय +जीवजन्तु केकरो नै खाय । +सूरज",angika-anp +"हल्दी गीत +बेनी तारो पीठी रोलो , कुण चोलसे ? +बेनी तारो पीठी रोला , े कुण चोलसे ? +बेनी तारो पीठी रोलो , तारि भोजाइ चोलसे । +बेनी तारो पीठी रोलो , तारि बहणिस चोलसे । +बेनी तारो पीठी रोलो , तारि फुई चोलसे । +बनी तुझे हल्दी कौन लगायेगा ? हे बनी तुम्हारी भौजाई , बहन और बुआ तुम्हें हल्दी लगाएँगी ।",bhili-bhb +"भानु भौंपेलो +हिंडवाणी कोट मा रन्दो1 छयो2 हंसा हिंडवाण , +वो त होलो अनमातो3 धनमातो4 +जैकी बार5 छन तिवारी , बत्तीस नीमदरी6 , +मट्टी जसो अन्न होलो , ढुंग्यों7 जसो धन , +बार छन बेटा जैका , अठार छन नाती । +तब हिण्डवाणी कोट मा पड़े , बार बरस को अकाल , +देखा बड़ा पेड़ा , न लायान भूक , +छोटा न पड्यान दूख । +हिण्डवाणी कोट मा , कनी तराइ8 मचीगे , +रोन्दा छन , बराँदा9 भूखन नौना , +देखीदेखीक , जिकुड़ी चिरेन्दी । +बत्तीसू कुटूम तैकू , भूखन चचलाण10 लैगे , +बड़ो आदमी छयो , हंसा हिण्डवाण , +वैकू शरम ऐगे , अपणा आँसू पीगे । +कै मू अपणी , विपता कया लाण , +कै मू मैंन अब , मांगणक जाण ? +विता का दिनू , अपणा भी होंदा पराया । +गाडे़11 वैन तब , खोड12 की लगोठी13 , +मिठो जैर14 डाली , दिने बत्तीस कुटुम । +तब बत्तीसों कुटुम , वैको स्वर्गवास ह्वैगे , +अफू भी ढकी गै राजा , तिवारी का अडासा15 । +वे को बैटा भानू , मामाकोट छयो जायँ +तब लौटी आये , हिण्��वाणी कोट मा , +सूनो चौक देखे वैन , सूनकार तिवारी , +घूमद ऊं बार तिवारियों , बाईस निमदारियों , +तब देखीन वैन , अपणू बत्तीसों कुटम +जागू16 जागू मू मरियूं । +तब चाखुड़ी17 सी रीटदो18 , भानू भौपेलो , +रौंदू छ बराँदू , कपाल फोड़ीफोड़ी । +कै मा नी सुणाँद , बदनामी की डर , +लोक बोलला , रजा की कुटमदारी , भूखन मरी गए । +शरम को मारो छौ वो , विपता को हारो , +बत्तीस कुटम को वैन , एकू भारो लगाये , +तब लीगे ऊं रविछाला19 मुंग । +चिता बणाई वैन , अपणी जिकुड़ी +सल मा जगदी देखे फूकेन्दी । +तब चिता कों राखो लीक , भानु भौपेलो , +ऐगे हिण्डवाणी कोट माँग +सूनी तिवारी वै , तब खाण औन्दीन , +तब बोल्द वो , भानू भौंपेलो : +मैंन यख रैक , क्या त करण ? +तब उतान्याँ वैन , राजों का कपड़ा , +बणाये मालू20 की झगली , मालू की टोपली21 , +छोड़याली तब वैन , हिण्डवाणी कोट । +तब राजपाट छोड़ीक , शैरू 22 शैरू घूमद , +एक शैर छोड़ी राजा , दूसरा शैर जान्द +दूसरा शेर छोड़ी , तीसरा चौथा शेर जान्द । +छठा शेर मा जाँद , कालूनी कोट मा , +कालूनी कोट मा , रन्दो छयो सजू कलूनी । +तब सजु कलूनी मा , भानू जदेऊ23 लगौद , +रजा तेरी बलया जौलू , मैं छऊँ गरीब छोरा , +गरीब छोरा छऊँ , मैं नौकर धन्याल । +छारा , नौकर धरलू , तिन तनखा क्या लेण ? +गरीब छोरा छऊँ , रोटी दियान कपड़ा । +तउ सोचदू सजू , अछू नौकर मिले , +त्वई लैख24 काम , डाँडू की मरूडी25 हमारी , +डाँडों की करूड़ी , घास काटण की नौकरी । +तब फेंक्याले वैन , मालू की झूली टोपली , +सजून दिन्या , फट्यांपुराणा बस्तर । +तब सामल पांजायाले , बतैले डाँडा को बाटो , +वे डाँडा मरूड़ी बैठा , घास काटण । +तब भानु भौपेलो गैगे , वीं डाँडा मरोड़ी , +सजू कलूनी की छई , एक नोनी अमरावती , +नोनी अमरावती , छई सुघर तरुणी । +वींन देखे , छोरा एक औन्द , तब बोदे : +मैंन पैले बोल्याले , छोरा आँगण छूत न करी । +मैं तेरा ब्वई26 बुवान27 , नौकर भेजेऊँ , +ई डाँडा मरूड़ी , मैन घास काटण । +तू अबी लोटी जा , धसेर छोरा , +यख मर्द का नौं28 , माखो29 नी औन्दी । +वा ज्योंज्यों ना करदी , छोरा अगाड़ी औन्दो , +तब अमरावती , भौत गुस्सा ऐगे ; +न औ न औ छोरा , मैं आज +चाँदू30 बेन्दू31 बेलों32 मू , तेरी श्किार खेलौण । +वा ज्योंज्यों ना करदी , छोरा अगाड़ी औन्दो +कैको होलो यो , निरभागी छोरा , +कै अभागी माँ की , होली कोख सूनी ? +तब चढ़े वीं , सिंहणी को रोष +खोल्या वींन , चाँदू बेन्दू बेला । +लम्बालम्बा सिंग छा ऊँका , बड़ा बड़ा आँखा , +पड़ी गेन वो , वैकी धाद33 । +दौड़दो छ दौड़दो छोरा , वि���ता को मारो , +तब एक बिरछ , मारदो अंग्वाल । +इना छया , चाँदू बेन्दू बेला +वै बिरछ सणी , जड़ उखाड़ कर्ण लैग्या । +तब छोरा तै चढ़ी , छैत्री को जोश , +सची होलू मैं हिंडवाण वंश को जायो , +एक ही मुठीन चाँदू बेन्दू फोत34 होई जान । +तब एक एक , मुठ्यों मा ही +वैन चाँदू बेन्दू , चित्त करीया लौन । +हकदक रैगे तब , अमरावती रौतेली , +यो छोरा होलू , मालू35 मा को माल । +तब पूछदी वा , नौं गौं छोरा को , +हे छोरी मैं छऊँ , हिंडवाणी कोट को रौतेलो , +हंसा हिण्डवाड को बेटा , छऊँ मैं भानु भौपेलो । +किस्मत को मारो छऊँ , बिता को हारो , +आज बण्यू छऊँ , तेरो घास काटदारो । +तब बोदे राणी अमरावती +राजों कू रोतूलू होलू तू , पर मैं",garhwali-gbm +"सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो जे जा सूरजो +सूरजो ढाजा ढाजा टेन निकालो जा सुरजो +सूरजो ढाजा ढाजा टेन निकालो जा सुरजो +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली आमा डीपो गऊवा डो सरेली +सरेली आमा डीपो गऊवा डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली चारी कोना उंझाले डो सरेली +सरेली चारी कोना उंझाले डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली डो सरेली +सरेली मोनई डीनाये ओर गाडा हो नुय +सरेली मोनई डीनाये ओर गाडा हो नुय +सूरजा जा सूरजा +सूरजा आमा डीपो गऊवा जा सूरजा +सूरजा आमा डीपो गऊवा जा सूरजा +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"आरे ओ, ओरे सुजन नाइया (भाटियाली) +आरे ओ , ओरे सुजन नाइया +कोन वा देशे याओ रे तुमि , सोनार तरी बाइया । । +कोन वा देशे बाड़ी तोमार , कोन वा देशे याओ । । +एइ घाटे लगाइया नाओ , आमार लइया याओ । । +सोनार तरी , रंगेर बादाम , दिवाछ उड़ाइया । +पुबाली बातासे बादाम उड़े रइया रइया । । +रंग देखिया एइ अभागी कान्दे घाटे बइया । +सोतेर टाने कलसी आमार गेल रे भसिया । । +आइस आइस सुजन नाइया , कलसी देओ धरिया । । +कि धन लइया याइब घरे , शून्य आमार हिया । ।",bengali-ben +"हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा +हम तोरा पूछिला1 कवन अलबेलवा । +के रे2 सम्हारे बाबू के एहो रँगल मउरिया ॥ 1 ॥ +मलिया के जलमल3 बँगाली बहनोइया । +ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल मउरिया ॥ 2 ॥ +हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा । +के रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जोड़वा4 ॥ 3 ॥ +दरजिया के जलमल बँगाली बहनोइया । +ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जोड़वा ॥ 4 ॥ +हम तोरा पूछिला कवन अलबेलवा । +के रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जुतवा ॥ 5 ॥ +चमरा के जलमल बँगाली बहनोइया । +ओही रे सम्हारे बाबू के एहो रँगल जुत��ा ॥ 6 ॥",magahi-mag +"हल्दी गीत +एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय । +दुए तेल चढ़गे महतारी मुरझाय । । +तीने तेल चढ़गे फुफु कुम्हलाय । +चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय । । +पांचे तेल चढ़गे भइया बिलमाय । +छये तेल चढ़गे भऊजी मुसकाय । । +साते तेल चढ़गे कुवरि पियराय । +हरदी ओ हरदी तै सांस मा समाय । । +तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमुरेव +' मंगरोहन ' ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव । ।",chhattisgarhi-hne +"कन्नी बुन्दे सोहणे, सिर ते छ्त्ते सै मणाँ दे (जांगली ढोला) +कन्नी बुन्दे सोहणे , सिर ते छत्ते सै मणाँ दे +उत्थे देवीं बाबला , जित्थे टाल्ह वणाँ दे +बहाँ चढ़ कचावे , कराँ सैल झनाँ दे +हिकनाँ नूँ वर ढहि पहुते , पुन्ने हिकना दे +झोली पये बाल थणाँ दे +भावार्थ +' कानों में सुन्दर बालियाँ हैं , सिर पर सौसौ मन के केश , +हे पिता , मेरा विवाह वहाँ करना , जहाँ बड़ीबड़ी टहनियों वाले ' वण ' वृक्ष हों । +मैं ऊँट की काठी पर चढ़ बैठूँ , चनाब नदी की सैर करूँ । ' +फिर किसीकिसी को वर प्राप्त होने का वचन मिल गया +और स्तनों से दूध पीते बालक उनकी झोली में आ गए ।",panjabi-pan +"350 +असां मेहनतां डाढियां कीतियां नी गुंडीए खचरिये लुचिये जटीए नी +करामात फकीर दी देखनी एं खैर रब्ब तों संग सुपतीए नी +कन्न पाटयां नाल ना जिद कीजे अन्ने खूह विच झात न घतीए नी +मसती नाल तकबरी रात दिने कदी होश दी अख परतीए नी +कोई दुख ते दर्द ना रहे भोरा भाड़ा मेहर दा जिनां नूं घतीए नी +पढ़ फूकिगे इक अजमत सैफी1 जिन्न ते भूत दी पटीए नी +तेरी भाबी दे दुखड़े दूर होवन असी मेहर दे चा पलटीए नी +वारस मिठड़ा बोल ते मोम हो जा त्रिखा बोल ना काहली जटीए नी",panjabi-pan +"पांच बधावा म्हारे आविया मारूजी +पांच बधावा म्हारे आविया मारूजी +पांचां री नवीनवी भांत लसकरिया +दक्खन मत जावेजी , दक्खन की चाकरी या आकरी +निपट नरबदा रो घाट लसकरिया +थाने तो बाला लागे रोकड़ा मारूजी +म्हाने तो वाला लागो आप +पेलो बधावो म्हारे यां आवियो +भेजो ससराजी री पोल",malvi-mup +"लागा झुलानिया प धक्का +लागा झुलानिया प धक्का , बलम कलकत्ता पहुंची गए +कैसे क मति मोरी बैरन होई गई +कीन्ह्यो मैं हठ अस पक्का , बलम कलकत्ता . . . +लागे जेठानिया के बोल बिखै ज़हर से +लागा करेजवा में लुक्काआग , बलम कलकत्ता . . . +रेक्सा चलायें पिया तांगा चलायें +झुलनी के कारण भयें बोक्का पागल , बलम कलकत्ता . . . +बरहें बरिस झुलनी लई के लौटें , +देहिंयाँ हमारि भै मुनक्का , बलम कलकत्ता . . . +लागा झुलानिया प धक्का बलम कलकत्ता पहुँची गए",awadhi-awa +"सामण आया हे सखी सामण के दिन चार +सामण आया हे सखी सामण के दिन चार +उन के ते सामण के करै जिनके बुलद न बीज +तड़के ते जाँगी लक्खी बाप कै ल्याउंगी बुलद अर बीज +बुड्ढा ते दीन्हा ढांढिया बोदी तो दे दी जवार +हांक्या ना चाल्या बाबुल ढांढिया बोई ना जामी जवार +खूंटी ते बांधो बेटी ढांढिया कोठी ते घालो हे जवार +टग टग तै चाल्या बेटी ढांढिया सण जू जामी जवार",haryanvi-bgc +"मोसे भुअन चढ़ो न जाय लगुरिया +मोसे भुअन चढ़ो न जाय लंगुरिया +ऐसी धमक लगे पायल की । +मेरे ससुरा चले देवी दर्शन खों +लिये ध्वजा नारियल हाथ लंगुरिया , +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरा जेठा चले देवी दरशन खों । +लिये लाल चुनरियां हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरे देवरा चले देवी दरशन खों । +लिये हार फूलन के हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की । +मेरे साजन चले देवी दरशन खों । +लिये गोद ललनवा हाथ लंगुरिया । +ऐड़ी धमक लगे पायल की ।",bundeli-bns +"प्रभात को परब जाग, गो सरूप पृथ्वी जाग +प्रभात को परब1 जाग , गो सरूप पृथ्वी जाग +धर्म सरुपी अगास2 जाग , उदयंकारी काँठा3 जाग । +भानुपँखी गरड़ जाग , सत लोक जाग । +मेघलोक जाग , इन्द्रलोक जाग । +सूर्यलोक जाग , चन्द्रलोक जाग , +तारालोक जाग , पवनलोक जाग । +ब्रह्मा का वेद जाग , गौरी का गणेश जाग । +हरो भरो संसार जाग , जन्तु जीवन जाग , +कीड़ीमकोड़ी जाग , पशुपक्षी जाग । +नरनारैण जाग , मरदऔरत जाग , +दिन अर रात जाग , जमीनआसमान जाग । +शेष समुद्र जाग , खारी समुन्द्र जाग , +दूदी समुद्र जाग , खैराणी समुद्र जाग । +घोर समुद्र जाग , अघोर समुद्र जाग , +प्रचंड समुद्र जाग , श्वेतबंध रामेसुर जाग । +ह्यूँ हिंवालू4 जाग पयालू5 पाणी जाग , +गोवर्धन पर्वत जाग , राधाकुंड जाग । +बाला बैजनाथ जाग , धौली दिप्रियाग जाग , +हरि हरद्वार , काशी विश्वनाथ जाग । +बूढ़ा केदार जाग , भोला शम्भूनाथ जाग , +कालसी कुमौंऊ जाग , चोपड़ा चौथान जाग । +फटिंग का लिंग जाग , सोवन की गादी जाग ।",garhwali-gbm +"इन घर की मैंड़ी ऊंचे बंके बार +इन घर की मैड़ों ऊंचे बंके बार +जम जम सादीसोहिले हम गांवैं मंगलचार +मंगल करै बधावड़ इस रे सुहावने बार +मोतियन चौक पुराय कै सुवरण सतिये देय +रंगमहल तै उतरो सिर सालू चक डोर +हाथ कसीदा रंगला गोद जडूलें पूत +गल सोहै मोतियन की माल +बिछुए तम्हारे बाजने बेटियो घड़े सुघड़ सुनार +बाबुल बीर घड़ाइया तुम पाहिनो मन चित्त लाय +पायल तुम्हारी बाजनी , बहुओ�� घड़ी सुघड़ सुनार +सारे भाई चौधरी नीके सारे बरकतदार +सारे घरचैं बोरियां तुम्हारी धन्य धन्य हे माय +मखमल जूता पहर के घूमो बागों बीच +या सोवो दरबार में या भाइयों के बीच +तुम्हारे बार लाला नीम झलोरे ले +आंगन तख्त बिछा हुआ तुम्हें बेटों का सुख +जंवाई का सुख , पोते , नाती , भाई भतीजे का सुख +ऊंचे तुम्हारे चौंतरे लाला , ऊंचे तुम्हारे नाम +मोती तुलें तराजुओं तुम्हारे हस्ती घोड़े घूमें बार +बाहें हरी हरी चूड़ियां बहुओ , अचल रहे सुहाग +नाक की बेसर यों लसै , ज्यों तारों में चांद +नौ दरवाजे अगलेनी के चांदी के बड़ किवाड़ +पोते बेटे लाडले तेरे खेलें चौपड़ बार",haryanvi-bgc +"यारी बेवकूपन सें करबौ +यारी बेवकूपन सें करबौ , +होत सुगर कौ मरवौ । +बिना ज्ञान मूरख ना जानें । +बनवौ और बिगरवौ , +अपुनयाई में बन हैं कैसें +एकई गैल डिगरवौ ? +जरिया कैसो जार ईसुरी +मुसकिल परे निनरवौ ।",bundeli-bns +"527 +अजू आखया सैदया जाह भाई एह वौहटियां बहुत पयारियां ने +जाह बन्ह के हथ सलाम करना तुसां तारियां खलकतां सारियां ने +अगे नजर रखीं सारा हाल असीं अगे जोगिड़े दी करीं जारियां ने +सानूं बनी है हीर नूं सप्प लड़या खोल कहीं हकीकतां सारियां ने +आखीं रब्ब दे वासते चलो जोगी सानूं पइयां मुसीबतां भारियां ने +जोगी मार मंतर करो सब हाजर जाह लया मना तूं वारियां ने +वारस शाह उथे नहीं फुरे मंतर जिथे इशक ने दंदियां मारियां ने",panjabi-pan +"मृत्यु गीत +टेक अरे थारो बहुत दिन म आयो दाव , +म्हारा हंसा समली न चौपट खेल रे । +चौक1 अरे चोपट मांडि सान मेरे हंसा खेलर्यो +घड़ि चार रे , अरे हंसा खेलर्यो घड़ी चार रे , +समली न चोपट खेलो मेरे हंसा , जो युग मांडिया को दाव +म्हारा हंसा समली न चोपट खेल । +चौक2 चार खाणी की चोपट , बणी रे हंसा चौरासी +घर को यो दाव रे , अरे हंसा चौरासी घर को यो दाव रे , +अरे जीत तो सुर पुर मरे जासे +नहिं तो फिर चौरासी म जाय , म्हारा हंसा समली न खेल +चौक3 चौरासी घर की चौरासी सार हंसा ब्रह्मा न फासो यो डालियो रे , +अरे हंसा ब्रह्मा ने यो फासो डालियो रे , +सम्हली ने सार चलो रे मेरे हंसा +यो ताकीर्यो यमराज मेरे हंसा , समली न चोपट खेल रे , +अरे यारो बहुत दिन म दाव आयो रे , समली न चोपट खेल । +छाप कहे कबीरा सुणो धरमदास ये पंथ हे निरवाणी रे +यहि रे पंथ की करो रे परीक्षा , थारो हांसो गये सतलोक +मेरे हंसा समली न चोपट खेल । +अरे मानव चौरासी लाख योनियों के बाद तुझे यह मानव जन्म प्राप्त ह��आ है , +यह अवसर तुझे बहुत वर्षों बाद प्राप्त हुआ है । इस पवित्र योनी में बहुत सम्हलकर +चौपड़ खेल , मतलब यह है कि इस काया पर दाग मत लगने दे । +अरे मानव छान में बरामदे में चौपड़ बिछी है , चार घड़ी खेल रहा है । यह संसार +अल्प समय के लिए मिला है , इसमें सम्हलकर खेलो , अगर चूक गए तो अवसर चूक +जाओगे । अर्थात् भक्ति कर अच्छे कार्य करो , इस काया पर कलंक न लगने दो । चार +खानों की चौपड़ खेलने की चौकड़ी बनी है , उसमें चौरासी घर हैं । अरे जीत गया तो +स्वर्ग में जायेगा और हार गया तो फिर चौरासी लाख योनियों में भटकना पड़ेगा , इससे +तू सम्हलकर चल । चौपड़ में चौरासी घर हैं , चौरासी सार हैं । ब्रह्माजी ने यह पासा डाला +है । सम्हलकर सार चलो यमराज ताक रहा है । मानव बहुत दिन में अवसर तेरे हाथ आया +है । चूक गया तो यमराज ले जायेगा और नरक में डालेगा । +कबीरदासजी कहते हैं धरमदास सुनो यह पंच निरवाणी है , इस पंथ की परीक्षा करो , तेरा +हंसा सतलोक में गया , हंसा सम्हलकर खेलो ।",bhili-bhb +"गाली गीत +काकड़ी नो डीरो टरका करे । +आइणि नो माटि टरका करे । +काकड़ी नो डीरो टरका करे । +मंगली नो माटी टरका करे । +काकड़ी नो डीरो टरका करे । +सुमली नो लाड़ो टरका करे । +ककड़ी का डीरा टरटर कर रहा है , समधन का पति टर्रा रहा है । ककड़ी का डीरा टरटर कर रहा है , मंगली का खसम टर्रा रहा है । ककड़ी का डीरा टरटर रहा है , सुमली का पति टर्रा रहा है ।",bhili-bhb +"142 +मैंनूं मार के उधलां मुंज कीता झुगी लाए मुआतड़े साड़ियां ने +दौर भन्न के कुटके साड़ मेरे पैवंद जुलियां फोल के पाड़ियांने +भन्न कुटीया मेरी अफीम लुटी मेरी बावनी चाए उजाड़ियां ने +धाड़ेमार धड़वैल एह माल लुटण मेरा मुलख लुटिया ऐनां लाड़िया ने +झूठियां सचियां चुगलियां मेल के ते घरोघरी तूं लूतिया1 सुनावना एं +पिउ पुतरां नूं यार यार कोलों मावां धीयां नूं पाड़ वखावना एं +तैनूं बान है बुरा कमावने दी ऐवें टकरां पया लड़ावना एं +परां जा शाह जटा पिछा छड साडा एवड कास नूं पिआ अकावनाएं",panjabi-pan +"मृगनैनी तेरौ यार +मृगनैनी तेरौ यार नवल रसिया , मृगनैनी ॥ टेक +बडत्रीबड़ी अँखियन नैनन कजरा 2 +तेरी टेड़ी चितवन मेरे मन बसिया ॥ मृगनैनी . +अतलस को याकौ लँहका सोहै 2 +झूमक सारी मेरे मन बसिया , मेरे मन . . . ॥ +छोटीछोटी अंगुरिन मूंदरी सोहै । +याके बीच आरसी मन बसिया , ओ मन . . . ॥ मृगनैनी . +बाँह बरा बाजूबन्द सोहै 2 +हियरे हार दिपत छतिया , ओ दिपत ॥ +रंगमहल म���ं सेज बिछाई 2 +यापै लाल पलंग पँचरंग तकिया , ओ पचरंग . . . ॥ मृगनैनी . +‘पुरुषोत्तम प्रभु’ देख विवश भये 2 +सबै छाँड़ि ब्रज में बसिया , ओ ब्रज में . . . ॥ मृगनैनी .",braj-bra +"तेरो हरयो ए पीपल संपुल +तेरो हरयो ए पीपल संपुल फलियो बैलड़ी फलछाइयो +एक दूर देसां ते मेरी भुआ ए आई कर बड़ गोतण आरतो +एक दूर देसां ते मेरी भाणलए आई कर मेरी मां की जाई आरतो +एक आरता को मैं भेद ना जाणू कै विध कीजो भैण्यो आरतो +एक हाथ लोटो गोद बेटो कर मेरी मां की जाई आरतो +एक हाथ कसीदो गोद भतीजो कर बड़ गोतण आरतो +एक आरता की गाय लैस्यां और ज अलल बछेरियां +उस गाय को हम दूधो री पीवां अलल बछेरी म्हारो पिव चढ़ै +वा तो इतणो सो लैकै बाई घरवी चालो दे मेरी मां की जाई असीसड़ो +तम तो लदियो रे बधियो मेरी मां का रे जाया फलियो कड़वा नीम जूँ +तेरी सास नणद रत्न बूझण लागी कैरे ज लाग्यो बहुअड़ आरतो +पान तो रै कै पचास लाग्या सुपारी तो लागी पूरी ड्योढ़ सै",haryanvi-bgc +"माता समुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो +माता समुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो । +माता झबर झबर रथ हिलोळा लेय , +रत्नाकर अम्बो मौरियो । +माता रथ मऽ सी राणी रनुबाई काई बोलऽ +माता कुणऽ म्हारो आणो लई जाय +माता दूर का अमुक भाई मानवी हो +माता ऊ तुम्हारो आणो लई जाय +माता सुन्दर की झबर सुहाणी लागऽ हो । ।",nimadi-noe +"मिलकें रजऊ बिछुर जिन जाऔ +मिलकें रजऊ बिछुर जिन जाऔ , +पापी प्रान जियाऔ । +जब सें चरचा भई जावे कीं , +टूटन लगों हियाऔ । +अँसुआ चुअत जात नैनन सौं +रजऊ पोंछ लो आऔ । +ईसुर कात तुमाये संगै , +मेरौ भऔ बियाऔ ।",bundeli-bns +"मेरे दादा के पछवाड़े आले आले बांस खड़े +मेरे दादा के पछवाड़े आले आले बांस खड़े +समधी का लड़का नादान आंगन मोरे तप करे +अन्दर से निकली भर मोती का थाल ले +ले रे सज्जन के लड़के अंगना मोरा छोड़ दे +क्या करने तेरे मोती क्या करनी ये थालिया +तुम्हारे घर कन्या कुमारी हमें परणाय दो",haryanvi-bgc +"इक मेरी अख काशनी +नी इक मेरी अख काशनी , +दूजा रात दे उन्नींद्रे ने मारेआ , +शीशे ते तरेड़ पै गयी , +वाल वौंदी ने धयान जदों मारेआ , +इक मेरी अख . . . . +इक मेरी सस्स चंदरी , +भैड़ी रोही दे किकर तों काली , +गल्लेकथ्थे वीर भुन्नदी +नाले दवे मेरे माँपयां नू गाली , +नी क़ेहडा उस चंदरी दा , +नी मैं लाचीयाँ दा बाग उजाड़आ , +इक मेरी अख काशनी . . . +दूजा मेरा दियोर निकड़ा , +भैड़ा गोरियाँ रन्ना दा शौंकी , +ढुक ढुक नेह्ड़े बैठदा , +रख सामणे रंगीली चौंकी , +नी इस्से गल तों डरदी , +अजे तीक वी न घुण्ड नूँ उतारया , +इक मेरी अख काशनी . . . +तीज़ा मेरा कंत ज़िम्वे , +रात चानड़ी च दुध दा कटोरा , +फिकड़े सिन्दूरी रंग दा , +ओदे नैणा च गुलाबी डोरा , +नी इको गल माड़ी उसदी , +लाईलग नु है माँ ने विगाडिया ।",panjabi-pan +"365 +मान मतिए रूप गुमान भरिए भैड़े कारीए गरब गहेलीए नी +एडे फंद फरेब ने याद तैनूं किसे वडे उस्ताद दी चेलीए नी +एस हुसन दी ना गुमान करीए मान मतीए गरब1 गहेलीए नी +तेरी भाबी दी नहीं प्रवाह सानूं वडी हीर दिये अंग सहेलीए नी +मिले सिर नूं ना विछोड़ दईए सगों विछड़े सिरां नूं मेलीए नी +केहा वैर फकीर दे नाल चायो पिछा छड अनोखिए लेलीए नी",panjabi-pan +"87 +अधी डुल पई अधी खोह लई चून1 मेल के परे विच लयांवदा ए +कहया मन्नदे नहीं सउ मूल मेरा चूरी पलयों खोल विखांवदाए +नहीं चूचके नूं कोई मत देंदा पढी मार के नहीं समझांवदा ए +चाक नाल इकलड़ी जाय बेले अज कल कोई लीक लांवदा ए +जिस वेलड़े महिर ने चाक रखया ओस वेलड़े नूं पछोतांवदा ए",panjabi-pan +"528 +सैदें मार बुकल पचाड़की1 बधी जुती झाड़के डांग लै कड़कया ए +वाहो दाह चलया खड़ी बांह करके वांग कटकूं2 माल ते सरकया ए +काले बाग विच जोगी दे जा वड़या वेखके जट नूं तड़कया ए +खड़ा हो माही मुंढे खान आवे नाल भांवड़े शोर कर मड़कया ए +सैंदा संग के खड़ा थर थर कंबे उसदा अंदरों कालजा धड़कया ए +चली रब्ब दे वासते जोगिया ओए खार विच कलेजे दे अड़कया ए +जोगी पुछया कीह बनी तैनूं एस हाल आवे जट बड़कया ए +जटी वड़ी कपाह विच बन्ह झोली काला नाग अजगैब3 दा लड़गया ए +वारस शाह जो रन्नां आ जमा होईयां सप झाड़ बूटे किते बड़गया ए",panjabi-pan +"म्हारे बंदड़े का सोन्हा जामां +म्हारे बंदड़े का सोन्हा जामां +ऊपर धार बंधी री बटणां की । +चाची ताई मंगल गावैं सारे बगड़े की , +लोंग बखेर हे बाहण बंदड़े की । +चाचे ताऊ मामे फूफे री बराती , +चढ़ गई झाज बनी के सुसरे की ।",haryanvi-bgc +"भजमन राम सिया भगवानै +भजमन राम सिया भगवानै , +कछू संग नइँ जानै , +धन सम्पत सब माल खजानौ , +रैजें येई ठिकानैं । +भाई बन्द उर कुटुम कबीला , +जे स्वारथ सब जानैं । +कैंड़ा कैसौ छोर ईसुरी , +हँसा हुयें रवानै ॥",bundeli-bns +"मेंहदी गीत +खेड़िखड़ि काइ रेते कर्या । +खेड़िखड़ि काइ रेते कर्या । +जड़ि गुयो मेहंदी नो बीज । +हात रंग्या पाय रंग्या । +जड़ि गुयो मेहंदी नो बीज । +रंग चुवे । +हे बनी जमीन मंे हल चलाकर , मेहंदी का बीज ढूँढा । बीज बोया , तब जाकर मेहंदी का पौधा तैयार हुआ । वही मेहंदी हमने तेरे हाथपैर में लगा दी है । देखो मेहंदी का रंग कैसे खिल रहा है ?",bhili-bhb +"कोई बरसन लागी काली बादली! +कोई बरसन लागी काली बादली +"" डौलै तै डौलै , हालीड़ा , मैं फिरी +मन्ने किते न पाया थारा खेत । "" +बरसन लागी काली बादली +"" कोई चार बुलदांका , हालीड़ा , नीरना +दोए जणिएँ की छाक "" +बरसन लागी काली बादली +"" कितरज बोया , हालीड़ा , बाजरा ? +कोई कितरज बोई जवार ? "" +बरसन लागी काली बादली +"" थलियाँ तै बोया , गोरी धन , बाजरा , +कोई डेराँ बोई जवार "" +बरसन लागी काली बादली +भावार्थ +' देखो , काली बदली बरसने लगी है । "" अजी ओ किसान , मैं मेंड़मेंड़ पर घूमीफिरी , तुम्हारा खेत मुझे कहीं +नहीं मिला । "" और काली बदली बरसने लगी है । "" चार बैलों के लिए मैं भूसा लाई हूँ , दो आदमियों के पीने +लायक छाछ । "" और काली बदली यह बरसने लगी है । +"" गोरी धन , ज़रा किसी ऊँची मेड़ पर चढ़ कर निहारो , मेरे गोरे बैल के गले में बड़ी घंटी भी तो बज रही है । "" +फिर काली बदली बरसने लगी है । +"" अजी ओ किसान , किस तरफ़ तुमने बाजरा बोया है ? और कहाँ बोई है जवार ? "" काली बदली बरसने लगी +है । +"" गोरी धन , ऊपर के खेत में बाजरा बोया है और्नीचे के खेत में जवार । "" और काली बदली बरसने रही है । '",haryanvi-bgc +"आपसे हो म्हारो लखपति बाप +आपसे हो म्हारो लखपति बाप , +साड़ी लावसे रेशमी जी । । +हऊं नापूँ तो हात पचास , +तोलूँ तो तोला तीस जी । । +हऊँ धरूँ तो तरसऽ म्हारो जीवड़ो , +पेरूँ तो खिरऽ मोतीड़ा जी । । +आवसे हो म्हारो लखपति बाप , +साड़ी लावसे रेशमी जी । ।",nimadi-noe +"नाचइ नदिया बीच हिलोर +नाचइ नदिया बीच हिलोर +वनमां नचइ बसंती मोर +लागै सोरहों बसंत को +सिंगारु गोरिया । +सूधे परैं न पाँव +हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं +बयस बावरी मुँहु बिदुराबै +को गीता कौ बाँचै +चिड़िया चाहै पंख पसार +उड़िबो दूरि गगन के पार",kanauji-bjj +"भजन +रूसी भगवान राजा घर पावणों आयो ॥ +रूसी भगवान साते शेर लायो ॥ +राजाराणी को एक लड़को रइयो तो रे राम ॥ +रूसी भगवान पावणो आयो राम । +राजारानी दालबाटी की मिजवानी दी राम ॥ +रूसी भगवान ने शेर वाटे लड़के के मिजवानी मांगी राम । +नइ तो भूख्या वापिस जावां जी । +राजरानी लड़के की मिजवानी दी राम ॥ +राजारानी ने लड़के को आरी से काटा राम +नाहर के मिजवानी दे दी राम +राजारानी चार थाली परोसी राम । +रूसी भगवान बोल्या एक थाली और परोसो राम ॥ +राजारानी बोल्या एक आपकी , एक नाहर की राम , +एक म्हारी और एक राणी की राम । +पांचवी थाली किकावाटे जी +र��सी भगवान बोल्या लड़के को बुलाओ राम +राजाराणी बोल्या लड़के को तो काटा राम +कहाँ से आवेगा राम ॥ +भगवान बोल्या तुम बाहर जाओ राम । +तुम्हारा लड़का गेंद खेल रहा राम ॥ +राजाराणी खुसी हुया ने बाहर पहुँच्या राम । +गेंद खेलता बाला के देख्यो ने घरे लाया राम ॥ +सभी ने भगवान को भोग लगाया जी ॥ +राजा मोरध्वज के यहाँ भगवान शेर लेकर परीक्षा लेने के लिए गये , और उनके अतिथिसत्कार की परीक्षा ली थी । यह एक प्रसिद्ध कथा है , जिसमें भगवान ने राजा के पुत्र का माँस शेर को खिलाने को कहा । राजा ने अपने पुत्र को आरे से चीरकर शेर के समक्ष परोसा । भगवान रूपी साधु की परीक्षा में राजारानी सफल हुए । लड़के +को भगवान ने जीवित कर दिया । भगवान भक्तों की परीक्षा भी लेते हैं , क्योंकि बहुत से भक्त ढांेगी होते हैं , दिखावे के लिए भक्ति और दानपुण्य करते हैं ।",bhili-bhb +"जीतू बगडवाल +जीतू व शोभनू होला , गरीबा का बेटा , +माता त सुमेरा छई , दादी फ्यूँली जौसू । +दादा जी कुंजर छया , भुली1 शोभनी छई , +जाति को पंवार छयो , जीतू अकलि गँवार , +बगूड़ी2 जैक भौजी , होंई गैन बगड्वाल +राज मानशाइन दिने , कमीणा3 को जामो4 , +गौ मुंडे5 को सेरी6 दिने , गौ मथे7 को धारो8 +जीतू रये दादू , मादू9 उदभातू10 +राणियों कू रौसिया11 , रये फूल को हौंसिया । +अणव्याई12 बेटियों कू , ठाकुरमासो13 खाये , +बांजा14 घटू15 को , वैन , भग्वाड़ी16 उगाये , +ऊं बांजो17 भैंस्यों को , पालो18 लिने परोठो19 , +जीतू रये भैजी , राजौं को मुसद्दी । +बगुड़ ऐगे भैंजी , उल्यामुल्या20 मास , +तब जितेसिंह राजा , धाविड़ी21 लगौंद +ओडू़22 नेडू़23 औंदू , मेरा भुला शोभनू +सोरासरीक भुला , सब सेरा सैंक लैन , +कि मलारी को सेरो हमारो +बाँजो रैगे त , बाँजो मेरा दादू । +तू जायौदू भुला24 , जोशी25 का पास , +गाड़ीक लऊ , सुदिन सुवार +सुदिन सुवार लौणा , लुंगला26 को दिन । +पातुड़ी की भेंट धरे , सेला चौंल पाथी27 , +धुलेंटी28 की भेंट धरे , सोवन29 को टका । +चलोगे शोभनू तब , बरमा30 का पास , +जाईक माथो नवौन्दो , सेवा लगौंदो +पैलगु पैलगु मेरा बरमा । +चिरंजी जजमान मेरा । +भैंर31 गाड़32 बरमा , धुलेटी33 पातुड़ी , +धुलेटी पातुड़ी गाड , सुदिन सुवार । +गाडी याले बरमान , धुलेटी पातुड़ी , +देखद देखद बरमा , मुंडली34 ढगडयोंद35 , +तेरी राशि नी जूड़दो जजमान +तुमारी बतैन्दी बल , वा वैण36 शोभनी , +शोभनी क हाथ जूड़े , लुंगला को दिन । +लुंगला को दिन , छै गते अषाढ़ । +वावैण मेरी रन्दी , कठैत का गाऊं +चूला कठूड़ तै , बा��का वनगड़ । +सोचदू सोचदू तब , घर ऐगे शोभनू +पौंछीगे37 तब , जीतू का पास +खरो मानी जदेऊ38 , मेरा जेठापाठा भैजी , +तेरी राशि नी जूड़े दिदा39 लुंगला40 को दिन । +हमारी बतैंछ41 भैजी , वा वैणा शोभनी +शोभनी का हात जूँडे , लुंगला को दिन । +जीतू भिभड़ैकै42 उठे तब , गए माता के पास , +हे मेरी जिया , हमारी राशि नी जूड़े , लुंगला को दिन +मैं त जाँदू माता , शोभनी बैदौण43 । +तू छई जीतू , बावरो44 बेसुवा45 , +शोभनी बैदौण जालौ , तेरा भुला शोभनू । +भुला शोभनू होलू माता , बालो अलबूद46 , +मैं जौलू माता , शोभनी बैदौण । +न्यूतीक बुलौलो , पूजीक पठोलो47 । +नी जाणू जीतू , त्वैक48 ह्वैगे असगुन , +तिला बाखरी तेरी , ठक49 छयू50 दी । +नि लाणी जिया51 , त्वैन इनी छुँई52 , +घर बोड़ी53 औलो , तिला मारी खोलो । +भैर54 दे तू मेरो , गंगाजली जामो55 , +मोडुवा56 मुन्डयासो57 दे दूँ , आलमी इजार +घावड्या बाँसुली दे दूँ , नौसुर मुरुली । +न जा मेरा जीतू , कपड़ो तेरो झौली58 ह्वैन मोसी59 , +आरस्यो60 को पाग तेरो , ठनठन टूटे । +त्वैक तई ह्वैगे , जीतू यो असगुन +माता की अड़ैती61 जीतू , एक नी माणदू , +लैरेन्द62 पैरेन्द तब , कांठो63 मा कोसी सूरीज64 , +गाड़ कोसी माछो , सर्प कोसी बच्चा , +बाँको वीर छयो , जीतू नामी भड़ , +राजौं को माण्यु छयो , रूप् को भर",garhwali-gbm +"चउका चढ़ि बइठलन कवन बाबू +चउका1 चढ़ि बइठलन कवन बाबू । +जाँघ ले ले धिया बइठाइ हे ॥ 1 ॥ +ए राम , असरे पसरे2 चुनरी भींजल ना । +रउरा परभुजी बेनियाँ3 डोलावऽ ना ॥ 2 ॥ +कइसे बेनियाँ डोलाऊँ हे सुगइ । +ताकत होइहें4 बाबूजी तोहार हे ॥ 3 ॥ +चलु चलु सुगइ हमर देसवा । +उहँई5 देबो बेनियाँ डोलाइ ना ॥ 4 ॥ +चउका चढ़ि बइठलन कवन चच्चा । +जाँघ ले ले धिया बइठाइ हे ॥ 5 ॥ +ए राम , असरे पसरे चुनरी भींजल ना । +रउरा परभुजी बेनियाँ डोलावऽ ना ॥ 6 ॥ +कइसे बेनियाँ डोलाऊँ हे सुगइ । +ताकत होइहें चच्चा तोहार हे ॥ 7 ॥ +चलु चलु सुगइ हमर देसवा । +उहईं देबो बेनियाँ डोलाइ ना ॥ 8 ॥",magahi-mag +"54 +केही हीर दी करे तारीफ शायर मथे चमकदा हुसन महताब1 दा जी +खूनी चूडियां रात जिउं चंद दुआले सुरख जिउं रंग शराब दा जी +नयन नरगसी मिरग ममोलड़े2 दे गलां टहकियां फुल गुलाब दा जी +भवां वांग कमान लाहौर दिसन कोई हुसन ना अंत हिसाब दा जी +सुरमा नैनां दी धार विच फब रिहा चड़या हिंदते कटक पंजाब दा जी +खुली विच त्रिंजनां लटकदी ए हाथी फिरे जिउं मसत नवाब दा जी +चेहरे सोहणे ते खत खाल बणदे खुशखत जिउं हरफ किताब दा जी +जेहड़े देखणे दे मुशताक आए वडा फाइदा इहनां दे बाब द��� जी +चलो लैलतुल कदर3 दी करो जिआरत वारस शाह एह कम सबाब4 दा जी",panjabi-pan +"मेरा री हरियाला बन्ना लाख करोड़ी +मेरा री हरियाला बन्ना लाख करोड़ी । +बाग बेच बागीचे बेचूं अर बेचूंगी अंबिया +अंबिया में की गुठली बेचूं तो बाबल की जाई +मेरी री . . . । +महल बेचूं दुमहिल बेचूं और बेचूंगी अटारी +अटारी में की खिड़की बेचूं तो बाबल की जाई +मेरी री . . . । +जब यह मांगे रो रो पैसा तब यह सासू तेरा +अब यह लाता भर भर थेली अब यह बन्ना मेरा +मेरी री . . . । +जब यह मांगे रो रो रोटी तब यह सासू तेरा +अब यह लावे भर भर दौने अब यह बन्ना मेरा +मेरी री . . . । +जब यह पहने कुर्ता टोपी तब यह सासू तेरा +अब यह पहने नीची धोती अब यह बालम मेरा +मेरी री . . . । +देवी धाई दुर्गा धाई जब यह बेटा पाला +अब बहू विधाता ऐसी आई अपना कर बैठाला +मेरी री . . . । +क्यों सासू तू देवी धाई क्यों धाई तू दुर्गा +पंचों दीन्हां हमने लीन्हा तूने क्या कर दीन्हा +मेरी री . . . ।",haryanvi-bgc +"ऐसा काला तूं बना रे +ऐसा काला तूं बना रे . . . . . . जैसी उड़द की दाल +दाल होय तो धोय लूं तेरा रंग न धोया जाय रे",haryanvi-bgc +"फलाणे की बहु का घागरा +यहां किसी का भी नाम लिया जा सकता है जिसे सींठने दिये जाते हैं की बहू का घागरा +धोबी धोए रे छिनाल +रे धइआं +धौंदे धौंदे बह गया +खड़ी रोवै रे छिनाल +रे धइआं +म्हारा . . . अपने पक्ष के किसी पुरुष का नाम न्यू कहै +क्यूं रोवै रे छिनाल +रे धइआं",haryanvi-bgc +"रसीले नैन गोरी के रे +रसीले नैन गोरी के रे +चलो एक नार पानी को रे +मिला एक छेल गबरू सा रे +किसे तुम देख मचले हो रे +किसे तुम देख अटके हो रे +सूरत तेरी देख मचला हूं रे +जोबन तेरा देख अटका हूं रे +कहां तेरे चोट लागी है रे +कहां तेरे घाव भारी है रे +हिवड़े में मेरे चोट लागी है रे +कलेजे मेरे घाव भारी है रे +आओ ना मेरी सेज पर गोरी रे +रसीले नैन गोरी के रे",haryanvi-bgc +"432 +घूआं हूंझदा रोयके आह मारे रब्बा मेलके यार विछोड़यो कयों +मेरा रढ़े जहाज सी आन लगा बने लायके फेर मुड़ बोढ़यों कयों +कोई असां थी वडा गुनाह होया साथ फजल दा लदके मोड़यों कयों +वारस शाह इबादतां छडके ते दिल नाल शैतान दे जोड़यो कयों",panjabi-pan +"बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै +बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै , गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ महल मालिया थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई टूटी टपरी म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ कामधेनवा थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई भैंस पाडड़ी म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ हाथी घोड़ा थारै । थारी बरोबरी म्हें करोस , कोई ऊंट टोरड़ा म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ भाला बरछी थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई जेली गंडासी म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ रतनागर सागर थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई ढाब भर्या है म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +ऐ तोसक तकिया थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई पाटी गूदड़ी म्हारै +गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै +आ राधा रानी थारै । थारी बरोबरी म्हें करांस , कोई एक जाटणी म्हारै +बनवारी हो लाल कोन्या थारै सारै , गिरधारी हो लाल कोन्या थारै सारै",haryanvi-bgc +"नन्द के द्वार मची होरी +बाबा नछ के द्वार मची होरी ॥ टेक +कै मन लाल गुलाल मँगाई , कै गाड़ी केशर घोरी । +दस मन लाल गुलाल मँगाई , दस गाड़ी केशर घोरी । 1 । +कौन के हाथ कनक पिचकारी , कौन के साथ रंग की पोरी । +कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी , मनसुख हाथ रंग की पोरी । 2 । +कै री बरस के कुँवर कन्हैया , कै री बरस राधा गोरी +सात बरस के कुँवर कन्हैया , पाँच बरस की राधा गोरी । 3 । +घुटुवन कीच भई आँगन में , खेलैं रंग जोरी जोरी +चन्द्रमुखी भजु बालकृष्ण छवि बाबा नंद खड़े पोरी । 4 ॥",braj-bra +"राम भजन कर भाई रे निगुरा +राम भजन कर भाई रे निगुरा , +नाव किनारा आई रे निगुरा +१ पैसा सरीका टिपारा , +जीसमे अंडा धरावे +आट मास गरब म रइयो +करी किड़ा की कमाई . . . +रे निगुरा . . . +२ इना नरक से बाहर करो , +कळु की हवा खावा +हाथ जोड़ी न कलजुग म आयो +प्रभु क पल म भुलायो . . . . +रे निगुरा . . . +३ बाल पणो तुन खेल म गमायो , +जवानी म भरनींद सोयो +दास कबीरजा की बजीर पड़ी रे +अब कह क्यो पछताई . . . . . +रे निगुरा . . . +४ आयो बुड़ापो न लग्यो रे कुड़ापो , +लकड़ी लिनी हाथ +पाव चल तो ठोकर खावे +जरा सुद नही पाई . . . . . . +रे निगुरा . . .",nimadi-noe +"मीठी थूली ओ सायबा दूद से +मीठी थूली ओ सायबा दूद से +जेको अजब सवाद +लाडू पेड़ा हो सायबा लापसी +जेको बड़ो रे सवाद +गोदी भरी हो सायबा पूत से +जेको अनन्द उछाव +मेलां फूले हो सायबा केवड़ो +जेकी आवे परमल बास ।",malvi-mup +"पत रखियो सब जन की मोरी मैया पत... +पत रखियो सब जन की मोरी मैया । पत . . . +मैया के मड़पे चम्पा धनेरो । +महक भरी फुलवन की । +मोरी मैया . . . +मैया के मड़ पे गौयें धनेरी +बाढ़ भई बछड़न की । +मोरी मैया . . . +मैया के मड़ में भक्त बहुत हैं +भीड़ भई लड़कन की । +मोरी मैया . . . +मैया के मड़ में जज्ञ रचो है +हवन होय गुड़ घी को । +मोरी मैया . . .",bundeli-bns +"ओ कान्हा मोरी भर दो गगरिया +ओ कान्हा , मोरी भर दो गगरिया +भर दो भरा दो , सर पे धरा दो +ओ कान्हा , बतला दो डगरिया । ओ कान्हा . . . । +गोकुल नगर में लगी है बजरिया +ओ कान्हा , मोह ला दो चुनरिया । ओ कान्हा . . . । +कोई नगर से वैदा बुला दो +झड़वा दो अरे मोरी नजरिया । ओ कान्हा . . . । +मैं तो रंग गई , कान्हा रंग में +सूझे न मोहे , कोई डगरिया ।",bundeli-bns +"विवाह गीत +वधू पक्ष तारा माटीनो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि । +तारा लाडा नो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि । +तारा ढुकण्यानो मांडवो वो , मांडवे आइ बठि । +वर पक्ष से हामु रूप्या भर्याने , हामु मांडवे आइ । +हामु हजार भर्याने , हामु मांडवे आइ । +वधू पक्ष तारा माटीनो मांडवो , मांडवे आइ बठि । +वर पक्ष तारा माटी ना रूप्यावो , रूप्या खाइ बठि । +तारा लाडाना रूप्यावो , रूप्या खाइ बठि । +वधू पक्ष की महिलाएँ गीत में कहती हैं कि तेरे खसम का मंडप है जो आकर +बैठ गई ? वर पक्ष से उत्तर दिया गया है कि हमने रुपये दिये हैं इसलिए मंडप +में आई हैं , हमने हजार रुपये दिये और मंडप में आये हैं ।",bhili-bhb +"माँगे चार मिलें ना भाई +माँगे चार मिलें ना भाई । +बिन पूरब पुन्याई । +बिन पुरब को पुन्य मिलै ना , +बिरथाजात बड़ाई +बिन पूरब के पुन्य मिलै ना +जे सरीर सुखदाई । +बिन पूरब के पुन्य मिलै ना +सुन्दर नार सुहाई +बिन पूरब के पुन्य ईसुरी +कौनें सम्पत पाई ?",bundeli-bns +"खम्मा मारा नंदजी ना लाल +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी +हूँ तो रे सूती थी मारा शयन भवन मां +सांभळ्यो मोरली नो राग +मोरली क्यां रे वगाडी +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी . . . +भर नींदर माथी झबकी ने जागी +भूली गई हूँ तो भान शान +मोरली क्यां रे वगाडी +खम्मा मारा नंदजी ना लाल +मोरली क्यां रे वगाडी . . .",gujarati-guj +"कोई नी मिल्यो म्हारा देश को +कोई नी मिल्यो म्हारा देश को , +आरे केक कहूँ म्हारा मन की +१ देश पति चल देश को , +आरे उने धाम लखायाँ +चिन्ता डाँकन सर्पनी +काट हुंडी हो लाया . . . +कोई नी . . . +२ मन को हो चहु दिश छोड़ दे , +आरे साहेब ढूँढी लावे +ढूँढे तो हरि ना मिले +आरे घट में लव हो लागे . . . +कोई नी . . . +३ लाल कहू लाली नही , +आरे जरदा भी नाही +रुप रंग वाको कछु नही +आरे व्यापक घट माही . . . +कोई नी . . . +४ पाणी पवन सा पातला , +आरे जैसे सुर्या को घाम +जैसे चंदा की हो चाँदणी +आरे साई हैं मेरो राम . . . +कोई नी . . . +५ पाव धरन को ठोर नही , +आरे मानो मत मानो +मुक्ती सुधारो जीव की +आर�� जीवन पयचाणो . . . +कोई नी . . .",nimadi-noe +"मैं तो पाडूं थी हरी हरी दूब +मैं तो पाडूं थी हरी हरी दूब बटेऊ राही राही जा था +तूं तो बहुत सरूपी नार गैल मेरी चालै ना +मैं तो एक कहूंगी बात बटेऊ तूं सुणता जा +तेरै मारूंगी जूत हजार बटेऊं तूं गिणता जा +मेरे बाबुल के घर का बाग मेवा तो रुत की सै +मेरे भाई भतीजे साठ कुआं म्हारा घर का सै",haryanvi-bgc +"566 +काज़ी खोह दिती हीर खेड़यां नूं यारो एह फकीर दगौलिया1 जे +विचों चोर ते यार ते लुचा लुंडा वेखो बाहरूं वली ते औलिया जे +दगेदार ते झागडू कलाकारी बनी फिरे मुशायख2 मौलिया जे +वारस दगे ते आवे तां सफ गाले अखीं मीट बहि जापे औलिया जे",panjabi-pan +"यारौ पर नारी से बरकौ +यारौ पर नारी से बरकौ । +येइ हुकुम है हरकौ । +ई कलजुग कौ जाल कठिन है । +रहवौ बड़ी खबर कौ । +जिनके संगै परी भांवरैं । +जोड़ा नारी नर को । +जो सुख चाहौ घरी भरेकौ । +मिटे जनम को खटकौ । +ईसुर स्याम आस सब छोड़ौ +भजन करौ रधुवर कौ ।",bundeli-bns +"251 +तुसी बखशना तां जोग किरपा दान करदयां ढिल ना लोड़ीए जी +जेहड़ा आस करके डिगे आन दुआरे जी ओसदा चा ना तोड़ीए जी +सिदक बनके जेहड़ा आ चर्ण लगे पार लाईए विच ना बोड़ीए जी +वारस शाह मियां जैंदा कोई नाहीं मेहर उसतों नांह विछोड़ीए जी",panjabi-pan +"उठा गढ़वालियों +उठा गढ़बालियों , अब त समय यो सेण1 को नीछ । +तजा यीं मोहनिद्रा कू अजौं तैं जो पड़ीं ही छ । +अलो अपणा मुलक की यीं छुटावा दीर्घ निद्रा कु , +सिरा का तुम इनी गेहरी खड़ा मां जींन गेर याल्यें । +अहो तुम मेर2 त देखा , कभी से लोग जाग्यां छन , +जरा सी आंखत खोला कनो अब धाम चमक्यूं छ । +पुराणा वीर , व ऋषियों का भला वृतान्त कू देखा , +छपाई ऊँ बड़ीं की ही सभी सन्तान तुम भी त । +स्वदेशी गीत कू एक दम् गुंजावा स्वर्ग तैं भायों , +भला डौंरू कसालू3 की कभी तुम कू कभी नी छ । +बजावा ढोलसणसिंघा , सजावा थौल4 कू सारा +दिखावा देशवीरत्व भरीपूरी सभा बीच । +उठाला देश का देवतौं सणी , बांका भडू कू भी । +पुकारा जोर से भायों घणा मंडाण5 की बीच । +करा प्यारों । करा कुछ त लगा उद्योग मां भायों , +किलै तुम सुस्त सा बैठ्यां छया ई और क्या नी छ ? +करा संकल्प कू सच्चा , भरा अब जोश दिल् मां तुम , +अखाड़ा मां वणा तु सिंह गर्जा देश का बीच । +प्रचारा धर्म विद्या कू , उड़ावा झूट छल सारा +फुरावा सर्व गुण शक्त् यों , करा ज्यांमा बड़ाई छ । +बजावा सत्य कौ डंका सबू का द्वार पर जैक +भगावा दुःख दारिण करा शिक्षा भली जोछ ।",garhwali-gbm +"आया आया री सास��़ सामण +आया आया री सासड़ सामण मास डोर बटा दे री पीली पाट की +आया तो बहुअड़ री आवण दे जाय बटाइयो अपने बाप कै +आया आया री सासड़ सामण मास पटड़ी घड़ा दे चन्दन रूख की +आया तो बहुड़ री आवण दे जाय घड़ाइयो अपणे बाप कै +आया आया री सासड़ सामण मास हमनै खंदा दे री म्हारे बाप कै +इब तो बहुअड़ री खेती का काम फेर कदी जाइयो री अपणे बाप कै",haryanvi-bgc +"मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम +मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम +बड़े भाग मानस तन पाया सुर दुरलब सब ग्रंथांे नै गाया +राम भजन का करतब बणाया तज द्यो छोटे काम +बिरथा मत डोलो रे जै जै सीता राम +राम नाम है रतन अमोला संत जन्यां नै खूब टिटोल्या +एक रत्ती अर बावन तोला पूरे कर दे काम +हिरदै मैं तोलो रै जै जै सीता राम +आठ परकार काम नै त्यागो भगवत भगती मैं तम लागो +सोए भोत दिनां तै जागो कोडी लागै ना दाम +त्यार तम हो ल्यो रे जै जै सीता राम +इष्ट धरम आसरम का राखो मुख तै झूठ कदे ना भाखो +गाम गाम हो आसरम लाखों बने देस हरी धाम +पाप को धो ल्यो रे जै जै सीता राम +गऊ बैल्यां की सेवा करल्यो सेवा करके पार उतरल्यो +ईसवर भगती मैं चित धरल्यो ले ईसवर का नाम +आसरम खोलो रै जै जै सीता राम",haryanvi-bgc +"गाँव बस्ती हे चारी करईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया का +सुन्ना हबाय निचट अमरईया अच्छा +गाँव बस्ती हे चारी करईया हाँ हाँ +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +पास आ हे तीर में बलावव कईसे या +पास आ हे तीर में बलावव कईसे या +दुरिहा ले देखत रईतेंव संगवारी होरे +दुरिहा ले देखत रईथव संगवारी +गोठियावव कईसे या +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया गउव +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया गउवकी +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार कर��ंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +रटहा रे डारा ह फलकथे वो +रटहा रे डारा ह फलकथे वो +तोर सुध जाथे मोला संगवारी +तोर सुध जाथे मोला संगवारी +चोला तरसथ वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया ईमान से +गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +हाँ हाँ हाँ हाँ +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +नरवा के पानी ह नदिया में जाय +नरवा के पानी ह नदिया में जाय +तोला कईसे बतावव संगवारी होरे +तोला कईसे बतावव संगवारी +ऐ मोर आँसू ह बोहाय +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया अच्छा +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +तेल अउ हरदी ला धर लेबो वो +तेल अउ हरदी ला धर लेबो वो +उहीं आमा में गिंजर लेबो भाँवर +उहीं आमा में गिंजर लेबो भाँवर +बिहाव कर लेबो वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +हाँ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +गाँव बस्ती हे चारी करईया गउवकी +सुन्ना हबाय निचट अमरईया अच्छा +गाँव बस्ती हे चारी करईया हूँ +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +गाँव बस्ती हे चारी करईया +सुन्ना हबाय निचट अमरईया +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य +ऐ दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधिया�� करौंदा चले आहूं य +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आबे वो +दिन बुड़ती होही मुंधियार करौंदा चले आहूं य",chhattisgarhi-hne +"चाय पी पी के दूध घी की कर दई महगाई +चाय पी पी के दूध घी की कर दई महंगाई । +बड़ी आफत जा आई । +बेंचे दूध घरे न खावें , लड़का वारे बूंद न पावें । +चाहे पाहुन लो आ जावें +देवी देवता लो होम देशी घी के न पाई । । बड़ी . . . +घर को बेंचे मोल को धरते , रिश्तेदारों से छल करते , +जे नई बदनामी से डरते , +डालडा से काम चले हाल का सुनाई । बड़ी . . . +घी और दूध के रहते भूखे , जब तो बदन परे हैं सूखे , +भोजन करत रोज के रूखे +स्वाद गोरस बिना भोजन को समझो न भाई । बड़ी . . . +देशी घी खों हेरत फिरते , चालीस रुपया सेर बताते , +डालडा तो खूब पिलाते , +बेईमानी की खाते हैं खूब जे कमाई । बड़ी . . . +जब से चलो चाय को पीना , जिनखों मिले न धड़के सीना +आदत वालों का मुश्किल है जीना , +सुबह शाम उनको परवे न रहाई । बड़ी . . . +अपना बने चाय के आदी , चालू स्पेशल को स्वादी , +कर दई गौरस की बरबादी । +बीच होटल में जहाँ देखो चाय है दिखाई । बड़ी . . .",bundeli-bns +"अपने ओसरवां कोशिल्या रानी राम के उलारेली +अपने ओसरवां कोशिल्या रानी राम के उलारेली राम के दुलारेली हो +आरे उलटी उलटी राम के देखेली देखत नीक लागेला +भीखिया मांगत दुई ब्राह्मण रानी से अरज करें +रानी कवन कवन तप कईलू त राम गोदी बिहसेले +माघ ही मॉस नहईलीं अगिनी नाही तपली हो +ए ब्राह्मन जेठ नाही बेनिया दोलावली त राम गोद बिहसेलें हो +कातिक मॉस नहईलीं तुलसी दियना बरीलें हो +ए ब्राह्मन कातिक में आवलाँ के दान कईलीं त राम गोदी बिहसेलें हो +भूखल रहलीं एकादशी त द्वादशी के पारण करीं +ए ब्राह्मण भूखले में विप्र के जेववलीन त राम गोद बिहसेलें हो",bhojpuri-bho +"ठंडे से केले के नीचे नींद बड़ी आवे री +ठंडे से केले के नीचे नींद बड़ी आवे री +जब री सासू मेरी पीसन ने खन्दावे +बाबुल की पनचक्की मोहे याद बड़ी आवे री +जब री जेठाणी मोहे रोटी ने खन्दावे +बाबुल की बाह्मनिया मोहे याद बड़ी आवे री +जब री ननद मोहे पाणी ने खन्दावे +बाबुल की झीमरिया मोहे याद बड़ी आवे री +ठंडे से केले के नीचे नींद बड़ी आवे री",haryanvi-bgc +"मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी +मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी +मैं तुम ते पूछूं हो मेरे राजा कैसी लगै पनिहारी +जैसी दूध पै जमे मलाई मेरी गोरी ऐसी लगै पनिहारी +मेरे राजा . . . +मैं तमतै पूछूं हो मेरे राजा कैसे लगै घरआली +जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरी गोरी ऐसी लगै घरआली +मेरे राजा . . . +लिखलिख चीट्ठी बीरण पै भेजूं मेरे राजा आ गए बीरण हजारी +मेरे राजा . . . +मैं तमतै पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै पनिहारी +जैसी चुभच्चै मैं आवै बदबोई मेरे साला ऐसी लगै पनिहारी +मेरे राजा . . . +मैं तमतैं पूछूं हो मेरे जीजा कैसे लगै मेरी बहणां +जैसी दूध पै आवै मलाई जी साला ऐसी लगै थारी बहणां +मेरे राजा . . . +मैं थम तै पूछूं जी मेरे राजा अब कैसी तेरी मत मारी +मैं तम तै बोलूं हे मेरी गोरी अब डरदै की मत मारी +मेरे राजा भीजै मेरी चम्पा साड़ी",haryanvi-bgc +"कांटो लागो रे देवरिया +कांटो लागो रे देवरिया मो पै संग चलो न जाय +अपने महल की मैं अलबेली +जोबन खिल रहे फूल चमेली धूप लगे कुम्हलाय +कांटो लागो रे देवरिया मो पै संग चलो न जाय +आधी राह हमें ले आयो +रास्ता छोड़ कुरस्ता ध्यायो +सास नणद तें पूछ न आयो +चलत चलत मेरी पिंडली दुखानी सिगरी देह पिराय +कांटो लागो रे देवरिया मो पै संग चलो न जाय",haryanvi-bgc +"585 +अफसोस मैंनूं आपणी नाकसीं1 दा गुनाहगार नूं हशर दे सूर दा ए +एना मोमनां खौफ ईमान दा ए अते हादियां बैंत मंसूर दाए +सूबेदार नूं तलब सपाह2 दा ए अते चाकरां काट कसूर दा ए +सानूं शरम ईमान वा खौफ रहिंदा जिव मूसा नूं खौफ कोहतूर3 दा ए +इन्हां गाजियां4 करम बहिश्त होवे ते शहीदां नूं वायदा हूर दा ए +एवे बाहरों शान खराब विचों जिवे ढोल सुहांवदा दूर दा ए +वारस शाह वसनीक जंडयालड़े दा ते शगिरद मखदूम कसूर दा ए",panjabi-pan +"46 +सैईं वंझीं चनाब दा अंत नाहीं डुब मरेंगा ठिल्ल ना सजना ओ +चाहड़ मोढयां ते तैनूं पार लाइए कोई जान तूं ढिल ना सजना ओ +साडी अकल शहूर1 तूं खस लीती रिहा कख दा वॅल ना सजना ओ +वारस शाह मियां तेरे चौखने2 हां साडा कालजा सॅल ना सजना ओ",panjabi-pan +"मैया शख बजत मिरदग आरती की बिरिया... +मैया शंख बजत मिरदंग आरती की बिरियां . . . +ढोल नगाड़े तुरही बाजे , बाजत ढप उर चंग +आरती की बिरियां । मैया . . . +झांझ खंजरी झूला तारे , झालर ढोलक संग +आरती की बिरियां । मैया . . . +डमरू श्रंगी उर रमतूला , धुन गूंजत तिरभंग +आरती की बिरियां । मैया . . . +शिव सनकादिक नारद विष्णु , रह गये ब्रह्मा संग +आरती की बिरियां । मैया . . . +सुर किन्नर गंधर्व अप्सरा , सबई इक रंग +आरती की बिरियां । मैया . . .",bundeli-bns +"जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +जोगनी मा जोगनी जोगनी से डो आयोम +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आयोम टोने कोराटेन डो जोगनी सेने +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आमानी डोडोगेन जोगनी से डो आयोम +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +आयोम इयां ढाढागेन डो रानी मारे +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +माय नी बिसी खालीये जा बेटा +बेटा जोगनी टावटेन जा आम सेने +बेटा जोगनी टावटेन जा आम सेने +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"330 +कोई असां जेहा वली सिध नाहीं नजर आंवदा जुग जहूर जिहा +दसतार रजवाड़यों1 खूब आवे अते बाफता2 नहीं कसूर जिहा +कशमीर जिहा कोई मुलक नाहीं नहीं चानना चंद दे नूर जिहा +अगे नजर दे मजा माशूक दा ए अते ढोल सुहांवदा दूर जिहा +नहीं रंन कुलकड़े दुध जेही नाही जलजला3 हशेर दे तूर जिहा +सहती जेडना होर झगड़ेल कोई अते सोहना होर ना हर जिहा +खेड़यां जेड ना नेक नसीब कोई कोई थाऊं ना बैतुल4 मामूर जिहा +सहिती जेड ना भला कोई बुरा नाहीं जो कम फतूर जिहा +हिंग जेड ना होर बदबू कोई बासदार ना होर कचूर जिहा +वारस शाह जिहा गुनाहगार नाहीं कोई ताउ ना गरम तंनूर5 जिहा",panjabi-pan +"कहमाँहि दुभिया जनम गेलइ जी बाबूजी +कहमाँहि1 दुभिया2 जनम गेलइ जी बाबूजी , +कहमाँहि पसरल3 डाढ़4 हो । 1 ॥ +दुअराहिं5 दुभिया जनम गेलउ6 गे7 बेटी , +मड़वाहिं8 पसरल डाढ़ हे ॥ 2 ॥ +सोनमा9 ऐसन10 धिया11 हारल12 जी बाबा । +कारकोचिलवा13 हथुन दमाद हे ॥ 3 ॥ +कारहिंकार14 जनि घोसहुँ15 गे बेटी , +कार अजोधेया सिरी राम हे ॥ 4 ॥ +कार के छतिया16 चननमा सोभइ17 गे बेटी । +तिलक सोभइ लिलार18 हे ॥ 5 ॥ +कार के हाथ बेरवा19 सोभइ गे बेटी । +मुखहिं सोभइ बीरा20 पान हे ॥ 6 ॥ +मथवा में सोभइ चकमक21 पगड़िया । +गलवा22 सोभइ मोतीहार हे ॥ 7 ॥ +ऐसन23 बर के कार काहे24 कहलऽ । +कार हथिन सिरी राम हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"343 +कारसाज है रब्ब ते फेर दौलत सभ मेहनतां पेट दे कारने नी +पेट वासते फिरन अमीर दर दर सयद जादयां ने गधे चारने नी +पेट वासते हूर ते परीजादां जान जिन्न ते भूत दे वारने नी +पेट वासते सब खराबियां ने पेट वासते खून गुजारने नी +पेट वासते फकर तसलीम1 तोड़न समझ लै सभ रन्ने गवारने नी +एस जिमीं नूं वांहदा मुलक मुका एथे हो चुके वडे कारने नी +गाहुनहोर ते राहक2 नी होर एहदे खांवद हीर है होर दम मारने नी +मेहरब्बान जे होण फकीर इक पल तुसां जहे करोड़ लख तारने नी",panjabi-pan +"देन्णा होई जाया बें सेळी धरती +देन्णा होई जाया बें सेळी धरती +देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ +देन्णा होई जाया बें माईऽऽमडूली +देन्णा होई जाया बें रितू बसंता +देन्णा होयां देवताओं उलामुला मासा +देन्णा होयां देवताओं चुलामुला बारा +ऋतू बौडी औगया बै दाई जसो फेरो +ऋतू बौडी औगया बै बारूणी बगत +उलापैटा मासा बै बौडी कै नी औना +ऋतू फेरी बसंता बै फेर बौडी औगे +सूकुओ का सनणा बै मौली कै नी औना +हरी भरी सनणा बै फेर मौळी औगे +कनु औगे दयाल्तायों चौपन्थी चौखाळ +मौळणाऊ लैगे बै चांचर की धूप +ऋतू चाडों बासना ऋतू ऋतू बोना +ऋतू चाडी बासनी मैतामैता बोनी +ओखाडा की फाग्यूं माँ कफ़ूणा बासलों +सान्योंसान्यों बासा बै घुघूती घूरली +सैळा जैटा बारां बै सैळी सूरी बासा +माळनो की घुघूती पराबतूं आगे",garhwali-gbm +"वे इशका मारिआ ई +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +इशक हुराँ दे वधे अडम्बर । +इशक ना छुड्डदा पीर पैगम्बर । +इशक ना छुपदा बाहर अन्दर । +इशक कमाया शरफ कलन्दर । +बाराँ बरस पाणी विच्च ठारीआँ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +आदम कणकों मनाँ कराएओ । +पिच्छे चा शैतान दौडाएओ । +कल्ल बैहश्तों जिमीं रूलाएओ । +भला पसार पसरेआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +मूसा नूँ कोह तूर1 पठाएओ । +इसराईल नूँ ज़िब्हा2 कराएओ । +यूनस मच्छली तों निगलाएओ । +की ओहनाँ नूँ रूतबा चाढ़िआ ई ? +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +मनसूर नूँ चा सूल दित्ता । +राहब दा कढवाएओ पित्ता । +सरमद दा की औगुण डिा ? +फेर ओहनाँ कम्म की सारिआ ई ? +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +यूसफ नूँ विच्च खूहे पायो । +भाइआँ नूँ इल्ज़ाम दिवायो । +ख्वाब जुलेखाँ नूँ दिखलायो । +फिर उस नूँ तख्त चाढ़िआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +फरऊन ने खुदा कहाया । +ईसा नाल अशतंड3 जगाया । +नील नदी विच्च ओह डुबाया । +खुदीओं कर तुध मारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +नमरूद4 ने वी खुदा कहाया । +जिस ते रब्ब ने तीर चलाया । +मच्छर तों उसनूँ मरवाया । +कारूँ जिमीं निघराया ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +आपे चा अमाम बणाया । +उसदे नाल यज़ीद5 लड़ाया । +चौधीं तबकीं शोर मचाया । +सिर नेजे ते चाढ़िआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +फौजाँ मेल मंगाईआँ भाइआँ । +मुशकाँ चूहिआँ तों टुकवाइआँ । +डिट्ठी कुदरत तेरी साइआँ । +मैं सिर तेरे तो वारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +लंका चढ़ के नाद बजायो । +लंका राम कोलों लुटवायो । +हरनाकश कित्हा बैहशत बणायो । +ओह विच्च दरवाजे मारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +दित्ता दहसिर लई बेचारी । +तद हनूँवंत ने लंका साड़ी । +रावण दी सभ चा अटारी । +ओड़क रावण मारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +कैरो पांडों करन लड़ाइआँ । +उठाराँ खूहणिआँ तदों खपाइआँ । +मारन भाई सक्किआँ भाइआँ । +की ओत्थे नेआँ नितारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +गोपिआँ नाल की चज्ज कमायो । +मक्खण काहन तो लुटवायो । +राजे कंस नूँ पकड़ मँगायो । +बोदिओं पकड़ पछाड़िआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +इशक लैला दे धुम्माँ पाईआँ । +तद मीआँ मजनूँ अक्खिआँ लाईआँ । +इशक ने धाराँ आप चुंघाईआँ । +खूहे ते बरस गुज़ारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +इशक होरीं हीर पर आए । +तद मीआँ राँझे कन्न पड़वाए । +साहिबाँ नूँ विआहवण आए । +सिर मिरजे दा वारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +रस्सी नूँ चा थलीं रूलायो । +सोहणी कच्चे घड़े डुबायो । +रोडे दे सिर गिल्हा जो आयो । +पुरषे कर कर मारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +मुगलाँ ज़हर प्याले पीते । +भूरेआँ वाले राजे कीते । +कुल अशराफ फिरन चुप्प कीते । +भला ओहनाँ नूँ झाड़िआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +बुल्ला शाह फकीर विचारा । +कर चल्लिआ कूच नगारा । +जग विच्च रोश्न नाम हमारा । +नूरों सूरज उतारिआ ई । +रहु रहु वे इशका मारिआ ई । +कहु किस नूँ पार उतारिआ ई । +राँझा जोगीड़ा बण आया +राँझा जोगीड़ा बण आया , +वाह साँगी साँग रचाया । +ऐस जोगी दे नैण कटोरे , +बाजाँ वांगूँ लैंदे डोरे । +मुक्ख डिठिआँ दुःख जावण झोरे , +इन्हाँ अब्बीआँ लाल वन्जाया6 ।",panjabi-pan +"403 +चीना रब्ब ने रिजक बना दिता ऐब घरीना त्रखड़ी जुखयां दा +अन्न चीने दा खाईए नाल लसी सुआद आंवदा टुकड़यां रूखयां दा +बनन पिंनीयां एसदे चावलां दीयां माई बाप है नगयां भुखयां दा +वारस शाह मियां नवां नजर आया एह चालड़ा लुचयां खुचयां दा",panjabi-pan +"ना छेड़री कामनी, कड़ जान दै विचारे खों +ना छेड़���ी कामनी , कड़ जान दै विचारे खों , +गैल के चलइया खों बीच ना उतार लैं । +जा बारी सी उमर में लंक में कलंक लगौं , +थौरे से जीवन में पूरब तौ सुधार लै । +जीवन दे जुआतन खों जोवन ना दिखारी , +नैकें चल बेला , तन कंदेला सभारलै । +कात व्दिज ‘ईसुर’ सुख सासरे खों राखिये , +सबरौ मजा मान मायके मैं न मारलै ।",bundeli-bns +"हारा रे मोरे भाई नाथ मै +हारा रे मोरे भाई नाथ मै , +हारा रे मोरे भाई +१ एक बंद ढूंढा सकल बंद ढूंढा , +ढूंढत ढूंढत हारा +तीरथ धाम हम सब ढूंढी आया +प्रभू मिले घटमाही . . . +नाथ मै हारा रे . . . +२ नही मेरा यारा नही मेरा प्यारा , +नही मेरा बन्धू भाई +तुम बिन मोहे कोण उभारे +लेवो बाव पसारी . . . +नाथ मै हारा रे . . . +३ प्राण बाण सब छुटण लागे , +मन भयो भय भारी +प्रेम कटारी लगी हिरदे मे +ऊबौ हुयो नही जाय . . . +नाथ मै हारा रे . . . +४ नही हम इस पार नही हम उस पार , +सागर भरीयो अपार +बिना मंऊत यो शीर डुबत है +कुंज डुब्यो जल माही . . . +नाथ मै हारा रे . . . +५ दिन दयाल कृपा करो हम पर , +गरीब नू काज सुधारो +कहत कबीरा सुणो भाई साधू +जोत म जोत समाणी . . . +नाथ मै हारा रे . . .",nimadi-noe +"अरै मैं बुरी कंगाली धन बिन +अरै मैं बुरी कंगाली धन बिन कीसी रै मरोड़ ? +भोगा , बुरी रै कंगाली , धन बिन कीसी रै मरोड़ +धनवन्त घरां आणके कह जा +निरधन ऊँचीनीची सब सह जा +सर पर बंधाबंधाया रह जा +माथे पर का रै मोड़ । +अरै मैं बुरी कंगाली धन बिन कीसी रै मरोड़ +निरधन सारी उमर दुख पावे +भूखा नंग रहके हल बाहवे +भोगा , बिना घी के चूरमा +तेरी रहला कमर तै रै तोड़ +अरै मैं बुरी कंगाली धन बिन कीसी रै मरोड़ +भावार्थ +' बुरी है ग़रीबी , धन के बिना कैसा नखरा ? मैं सब भोग चुका हूँ , गरीबी बुरी बला है । धन के बिना कोई +नखरा नहीं किया जा सकता । धनी ग़रीब के घर आकर , जो चाहता है कहकर चला जाता है । ग़रीब व्यक्ति उसकी +हर ऊँचीनीची बात सह जाता है । धन के बिना तो सर पर बंधी पगड़ी का भी कोई मोल नहीं रह जाता । अरे मैं +सब झेल चुका हूँ । बहुत बुरी है ये कंगाली । धन के बिना कोई सुख नहीं पाया जा सकता है । ग़रीब व्यक्ति सारी +उमर दुख पाता है । वह भूखानंगा रह कर हल चलाता है और खेत जोतता है । अरे ओ भोगा , क्या किया तूने ? +बिना घी की रोटी का जो चूरमा चूरा तूने कपड़े में बांध कर अपनी कमर पर लटका रखा है , वह तेरी कमर +का बोझ बनकर उसे तोड़ रहा है । अरे , मैं यह बुरी कंगाली ख़ूब झेल चुका हूँ । पैसे के बिना जीवन में कोई सुख +नहीं है । '",haryanvi-bgc +"तरो रिरम वोजा डाई टरोव गोगाठ +तरो रिरम वोजा डाई टरोव गोगाठ +बोजा डाई टरोब गोगाठ +टरोब गोगाठ वोजा डाई टरोब गोगाठ +टरोब बीली जो ऐन डाई डागा टाटोम +ये मेन्डाई डागा टा टाम +जामुनि हिटो जीरा डो बकजे रा बन डानी +नुये डो बोकजई रा बन डानी +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"मैया राणी! मसाणी सेढ मनाहीं सां +मैया राणी मसाणी सेढ मनाहीं सां +मैया जै मेरी परोब सीख तो मर कंडबारो धोकसां +मैया दरिया बहवै तेरे बार मलमल न्हाय सां +मैया किक्करियंा को बाग तेरे बार छांय बलाई सां +मैया काली सी कुत्ती तेरे बार टळूक गिराई सां +मैया काला सो गधो तेरे बार दाल चराई सां",haryanvi-bgc +"पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +ओ तने सिल पे बटांऊं हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +क्यारियां में बाऊं केवडो़ खेताँ में बाऊं हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +माथा पे ल्याई केवडो़ झोळी में ल्याई हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +सासूजी ने भावे केवडो़ सुसराजी ने भावे हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +जेठजी ने भावे केवडो़ जेठाणी ने भावे हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +देवेरजी ने भावे केवडो़ देवरानी ने भावे हरियो पोदिनो +ओ लुळ ओ झुक +ओ लुळ जाई रे हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना +ओ तने सिल पर बटांऊं हरिया पोदीना +ओ झुक जाई रे हरिया पोदीना",rajasthani-raj +"मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना +मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । +मेरी सास बुलाई ना मेरो नार छुआओ ना । +मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । +तेरी सास बुला दूंगा तेरी नार छुआ दूंगा । +मैं तो हरदम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार । +मेरी जेठाणी बुलाई ना मेरो पलंग निवायो ना । +मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना । +तेरी जेठाणी बुला दूंगा तेरो पलंग निवा दूंगा । +मैं तो हर दम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार ।",haryanvi-bgc +"मुने एकली जानी ने +मुने एकली जाणी ने कान ऐ छेडी रे . . . . +मारो गरबो ने मेली ने हालतों था . . +नही तो कही दऊँ यशोदा ना कान माँ . . . +मुने एकली जाणी ने कान ऐ काने छेडी रे . . +बेडलुं लैने हूँ तो सरोवर गई थी . . +पाछी वडी ने जोयु तो बेडलुं चोराई गयू +मारा बेडला नो चोर मारे केम लेवो ���ोळी +पछी कही दऊँ यशोदा ना कान माँ . . . +मुने एकली जाणी ने काने छेडी रे . . +मुने एकली जाणी ने काने छेडी रे . .",gujarati-guj +"ईसुरी की फाग-3 +मोरी रजऊ से नौनों को है +डगर चलत मन मोहै +अंग अंग में कोल कोल कें ईसुर रंग भरौ है । +मन कौ हरन गाल कौ गुदना , तिल सौ तनक धरौ है । +ईसुर कात उठन जोबन की , विरहा जोर करौ है । +भावार्थ +मेरी रजऊ से सुन्दर कौन है ? रास्ते चलते मन मोह लेती है । ईश्वर ने उसके अंग अंग को तराश कर रंग भरा है । +उसके गाल का गुदना छोटे तिलसा लगता है । देखो , ईसुर उभरते यौवन को विरह कैसे सता रहा है ?",bundeli-bns +"468 +जो कुझ तुसी फरमांओ सो जाए आखां दिल जानथी चेलड़ी होइआं मैं +तैनूं पीर जी भुल के बुरा बोली भुली विसरी आन विगोइआं मैं +तेरी पाक जबान दा हुकम लैके कासिद1 होयके आन खलोइआं मैं +वारस शाह दे मोजजे साफ कीती नहीं मुढ दी वढी बदखोइआं मैं",panjabi-pan +"तोरे पाव परत महामाई हो मोरी अरज सुनो +तोरे पांव परत महामाई हो , मोरी अरज सुनो +माया के तेरे भरे हैं खजाने , +धन दौलत मैया कछु न चाने +बिनती सुनो हमारी हो मोरी अरज सुनो . . . +दुष्ट दलन जगदम्बा भवानी , +तो सम नहिं मैया कोऊ दानी +करो कृपा हर्षायी हो । मोरी . . . +नाहिं चाहो मैया महल अटारी +इतनी है बस बिनय हमारी +रहो चरन चितलाई , हो +मोरी अरज सुनो . . . +सेवक की रक्षा करो माता +बिनय सुनो तुम मेरी माता +जीवन ज्योति जलाई हो । मोरी अरज . . .",bundeli-bns +"फाग गीत +बदिंल्या घड़इदो देवर , घर में थारो सारो रे ॥ +दाम तो परण्या रा लाग्या , नाव थारो रे कि देवर म्हारो रे ॥ +कि देवर म्हारो रे , हरिया रूमाल वाळो रे , कि देवर म्हारो रे ॥ +एक भाभी लाड़ से देवर से कहती है कि घर में मुझे तेरा सहारा है , मुझे बिन्दी घड़वा दें । ब्याह में पैसे तो मेरे पति के लगे , किन्तु नाम तेरा है । मेरा देवर हरे रूमाल वाला है । इसका दूसरा अर्थ भी लगाया जा सकता है ।",bhili-bhb +"छापक पेड़ छिउलिया,त पतवन धन बन हो +छापक पेड़ छिउलिया त पतवन धन बन हो +ताहि तर ठाढ़ हरिनवा त हरिनी से पूछेले हो +चरतहीं चरत हरिनवा त हरिनी से पूछेले हो +हरिनी की तोर चरहा झुरान कि पानी बिनु मुरझेलू हो +नाहीं मोर चरहा झुरान ना पानी बिनु मुरझींले हो +हरिना आजु राजा के छठिहार तोहे मारि डरिहें हो +मचियहीं बइठली कोसिला रानी , हरिनी अरज करे हो +रानी मसुआ तो सींझेला रसोइया खलरिया हमें दिहितू न हो +पेड़वा से टांगबी खलरिया त मनवा समुझाइबि हो +रानी हिरिफिरि देखबि खलरिया जनुक हरिना जिअतहिं हो +जाहू हरिनी घर अपना खलरिया ना देइबि हो +हरिनी खलरी के खंझड़ी मढ़ाइबि राम मोरा खेलिहें नू हो +जबजब बाजेला खंजड़िया सबद सुनि अहंकेली हो +हरिनी ठाढ़ि ढेकुलिया के नीचे हरिन बिसूरेली हो",bhojpuri-bho +"केकरा चौंर जलम जदुनन्नन, केकरा बंस बढ़िये गेल माई +केकरा1 चौंर2 जलम जदुनन्नन , केकरा बंस बढ़िये गेल माई । +नाना के चौंर जलम जदुनन्नन , दादा3 के बंस बढ़िय गेलइ माई ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल आवे भइया , बहिनी धयलन4 लगाम गे माई ॥ 2 ॥ +छठी5 पूजन भइया साठ रुपइया , आँख अँजन6 सोने थारी7 माँगब । +पान खवैया8 पनबट्टा माँगब , पिरकी9 बिगन10 उगलदान । +आपु11 चढ़न भइया डोला12 माँगब , स्वामी चढ़न घोड़ा गे माई ॥ 3 ॥ +जेकरा से13 अगे14 बहिनी एतना न होवे , से कइसे15 बहिनी बोलावे गे माई ॥ 4 ॥ +हम जेा जनती ननद , दीदी अइहें नश्हर जाके पझैती16 गे माई । +जब तोहें भउजी नइहर जयतऽ , नइहर आके नचइती गे माई ॥ 5 ॥",magahi-mag +"हो गाड़ी वाला रे +हो गाड़ी वाला रे . . +पता दे जा रे , पता ले जा रे गाड़ी वाला +पता दे जा , ले जा गाड़ी वाला रे +तोर गांव के तोर काम के +तोर नाम के पता दे जा +पता ले जा रे +पता दे जा रे गाड़ी वाला +का तोर गांव के नाव दिवाना डाक खाना के पता का +नाम का थाना कछेरी के तोरे +पारा मोहल्ला पता का +को तोरे राज उत्ती बुड़ती रेलवाही पहार सड़किया +पता दे जा रे पता ले जा रे गाड़ी वाला +मया नई चिन्हे देसी बिदेसी मया के मोल न तोल +जात बिजाति न जाने रे मया , मया मयारु के बोल +कायामाया सब नाच नचावे मया के एक नजरिया +पता दे जा रे +पता ले जा रे गाड़ीवाला . . +जीयत जागत रहिबे रे बैरी +भेजबे कभुले चिठिया +बिन बोले भेद खोले रोवे , जाने अजाने पिरितिया +बिन बरसे उमड़े घुमड़े , जीव मया के बैरी बदरिया +पता दे जा रे +पता ले जारे गाड़ी वाला . . . +पता दे जा , ले जा गाड़ी वाला रे +तोर गांव के तोर काम के +तोर नाम के पता दे जा +हो गाड़ी वाला रे . .",chhattisgarhi-hne +"आज अगन बीच कन्हैया मचला ठाने +आज अंगन बीच कन्हैया मचला ठाने । +हमें खेलने हेतु गगन को चंदा चाने । आज . . . +भांतिभांति के नये खिलौने , +एकएक से नौनेनौने , +माने न छलिया एक , +हो गगन को चंदा चाने । आज . . . +माता यशोदा गोद बिठाये , +भांति भांति के खेल खिलाए , +माने न नटखट एक हो , +गगन को चंदा चाने । आज . . . +कांसे को एक थार मंगाओ , +थोड़ा जल उसमें भरवाओ । +दियो है चन्द्र दिखाय हो , +गगन को चंदा चाने । आज . . .",bundeli-bns +"और जाल सब भिणभिणी तूं क्यों हे हरियाली +और जाल सब भिणभिणी तूं क्यों हे हर��याली +के तूं माली सींचिया के तेरी जड़ पैंताल +न मैं माली सींचिया न मेरी जड़ पैंताल +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +मेरे तले जाहर सो रहा सूत्या है वो चादर ताण +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +मूंधे हुए बिलौवणे रीती है ये जा चकिहार +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +ठाणां रांभै बाछडू डहरां री वे लागड़ गाय +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +के सोवै मेरे लाड़ले ? डहरां रे वे तेरी लागड़ गाय +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +जाहर उठा भड़क कै टूटे री पिलंगा के साल +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +पांचों ल्यावो कापड़े तीनों ल्यावो हथियार +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +सीम सिमे पर नावड़या ल्याया री वो गऊ छुटाय +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +अर्जुन मार्या बड़तले सर्जुन री वो सरवल पाल +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +खाई के ओल्हे मौसी खड़ी कहदे रे बीरा मन की बात +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +उठ उठ री मां हाथ धुवा मारे री मौसी के लाल +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +बुरी करी रे मेरे लाडले मारे रे मौसी के लाल +वारी मेरा जाहर मिल गइयां +मौसी करदी ऊतणी भावज रे तनें करदी रांड +वारी मेरा जाहर मिल गइयां",haryanvi-bgc +"अंगिका फेकड़ा +लुक्खी बनरिया दालभात खो +सैंया बोलैलकौ पटना जो । +सुनरी जैती धरमपुर हाट +माय लेॅ साड़ी , बहिनी लेॅ चोली +पीसी लेॅ रतनारी साड़ी +वियोग मरेॅ नूनू के चाची +रहोॅरहोॅ चाची , धीरज बान्होॅ छाती +तोहरा देभौं चाची गुड़ोॅ के चक्की । +हा हुस रे सुगना । +तोहरा मचान पर के छौ ? +भैया छै , भौजी छै । +की करै छौ ? +कोठी पारी बैठली छै । +भैया मारै भौजी केॅ +भौजी रूसल जाय छै +घुरोॅ हे भौजी घुरोॅघुरोॅॅ +पहिनोॅ लुंगा नया पटोर +तोरोॅ भैया बड़ा कठोर । +चान मामू , चान मामू कचिया दे +कचिया कुटबाय लेॅ । +सेहो कचिया कथी लेॅ ? +घसवा गढ़ावै लेॅ । +सेहो घसवा कथी लेॅ ? +बैलवा खिलावै लेॅ । +सेहो गोबर कथी लेॅ ? +ऐंगना निपावै लेॅ । +सेहो ऐंगनां कथी लेॅ ? +गेहूँमा सुखावै लेॅ । +सेहो गेहुमा कथी लेॅ ? +पुड़िया छकावै लेॅ । +सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? +नूनू केॅ जिम्हावै लेॅ । +बाबू हो भैया हो +सुगां फोकै छौं धान हो +केॅ मोॅन ? +बीस मोॅन । +बीसू राय के बेटवा +लाला पगड़िया मथवा +भैया ऐलै घोड़ी पर +भौजी ऐलै खड़खड़िया पर +टुनटुनमा ऐलै छितनी पर +भैया केॅ देलियै लोटबे पानी +भौजी केॅ देलियै कटोरबे पानी +टुनटुनमा केॅ देलियै चुकुड़बे पानी +भैया सुतलै सीरा घोॅर +भौजी सुतलै भनसा घोॅर +टुनटुनमा सुतलै चुलही पिछुआड़ ।",angika-anp +"इक्को रंग कपाई दा +इक्को रंग कपाई दा । +सभे इक्को रंग कपाही दा , +इक आपे रूप वटाई दा । +अरूड़ी ते जे गद्दों चरावै , +सो भी वागी गाई दा । +सभ नगराँ विच्च आपे वस्से , +ओहों मेहर सराई1 दा । +हरजी आपे हर जा खेले , +सद्दया चाईं चाईं दा । +बाज बहाराँ ताँ तूँ वेखें , +थीवें चाक अराईं2 दा । +इशक मुश्क दी सार की जाणे , +कुत्ता सूर सराईं दा । +बुल्ला तिस नूँ वेख हमेशाँ , +एह दरसन साईं दा ।",panjabi-pan +"भजन +टेक हारे सतगुरू का भरम नी पायो रे , +लियो रतन कोख अवतार रे । +चौक1 आठ मास नव गर्भ रयो रे । +हंसा कोन पदारथ लायो रे । +आरे हंसा कोन पदारथ लायो रे । +कितना पुन से आयो मोरे हंसा , +ऐसो काई नाम धरायो रे । +लियो रतन कोख अवतार रे । +चौक2 दान पुन प्रणाम कियो रे हंसा , +वइ काया संग लायो रे । +इतना पुन से आयो मोर हंसा , +ऐसो हीरा नाम धरायो रे । +लियो रतन कोख अवतार रे । +चौक3 तीनी पण तुन धुल म गमायो हंसा , +हजुव नि समझ्यो गंवार रे । +अरे हंसा हजुव नि समझ्यो गंवार रे । +बइण भाणिज तुन वलकी नी जाण्यो । +थारो रगीसर को अवतार रे । +लियो रतन कोख अतवार रे । +चौक4 जहाज पुरानी नंदी वव गयरी , केवटियो नादान रे । +आरे हंसा केवटियो नादान रे । +धर्मी राजा पार उतरियो , ऐसो पापी गोता खाय रे । +लियो रतन कोख अतवार रे । +कइये कमाली कबिर सा री लड़की ये निरबाणी । +अरे हंसा ये पंथ है निरबाणी । +गऊ का दान तुम देवो मेरे हंसा हो , तेरा धरम उतारेगा पार । +लियो रतन कोख अवतार । +हाँ , मनुष्य तूने सतगुरू का भेद नहीं पाया , तूने रत्न की कोख से अवतार लिया है । माँ की कोख को रतन कोख कहा गया है । +आठ नौ माह त माँ के पेट में रहा , कौन सा पदार्थ लाया ? अरे मानव तू जान ले कितने पुण्य से मानव रूप में आया , ऐसा कौन सा नाम रखा है ? +तूने पूर्व जन्म में जो भी दानपुण्य और अराधना की , वही इस काया शरीर के साथ लाया है । इतने पुण्य से तू आया है और हीरा नाम रखा है । मानव को हीरा माना है जैसे धरती माता की कोख से बड़े प्रयत्न के बाद हीरा बाहर निकलकर संसार के लोगों के सामने आता है , वैसे ही माता की कोख से मनुष्य आता है । +अब मनुष्य के बुढ़ापे को कहा है कि बालपन , किशोर , युवावस्था तीनों पन धूल में गमा दिये अर्थात्तूने अपनी मुक्ति के लिए कुछ नहीं किया । अरे गँवार बुढ़ापा आ गया , तू अभी तक नहीं समझा । बहनभाणिजी को तूने नहीं पहचाना अर्थात् तूने नहीं पहचाना अर्थात् तूने बहनभाणजी को दान नहीं दिया । तेरा जन्म व्यर्थ गय�� । +भजन में बहनभाणजी को दान देने की प्रेरणा दी गई है । +अरे मानव जिस प्रकार जहार पुरान हो और नदी गहरी हो और नाविक नादान नासमझ हो , उसमें धरम करने वाले राजा मनुष्य पार हो जाते हैं और पापी लोग नदी में गोते खाया करते हैं । +कबीरजी की लड़की कमाली कहती है कि अरे मानव गौ का दान करो तो वह धरम तुझे पार उतार देगा । भजन में गौदान की महत्ता प्रतिपादित की गई है ।",bhili-bhb +"हमने बुलाये सुथरे सुथरे भूंडे भूंडे आये री +हमने बुलाये सुथरे सुथरे भूंडे भूंडे आये री +हमने बुलाये लम्बे लम्बे मोटे नाटे आये री +हमने बुलाये बड़े घरो के ओछे ओछे आये री +हमने बुलाये गोरे गोरे काले काले आये री +हमने बुलाये हाथी के हौदे गधे चढ़ के आये री +छाज का है चंवर डुलाया झाडू का है सेहरा री",haryanvi-bgc +"संग चलूँगी उड़ने जहाज में +वारे लाँगुरिया संग चलूँगी उड़ने जहाज में , +कोई बैठूँ ना मोटर कार ॥ टेक ॥ +वारे लाँगुरिया वा दिन गयौ तू भूलिकै , +कोई लिख2 भेजे तैंने तार ॥ 2 ॥ +वारे लाँगुरिया अब न आऊँ तेरे फन्दे में , +कोई लीजो सोच विचार ॥ 3 ॥ +वारे लाँगुरिया वायदे तिहारे झूठे पड़ि रहे , +अब है गई हूँ मैं हुशियार ॥ 4 ॥ +वारे लाँगुरिया ‘प्रभु’ तौ बिठावै उड़ने जाहज में , +वोई बेड़ा लगावे पल्लीपार ॥ 5 ॥",braj-bra +"घर घर डोलऽहे नउनियाँ, त हाथ ले महाउर हे +घर घर डोलऽहे1 नउनियाँ , 2 त हाथ ले महाउर3 हे । +राजा , मोरा तूँ रँगा दऽ पियरिया4 महल उठे सोहर हे ॥ 1 ॥ +जसोदा जी नंद के बोलाय के सभे हाल पूछल हे । +राजा , गुनी5 सभ अधिको न जाँचथि , हिरदा जुड़ाइ देहु6 ना ॥ 2 ॥ +नंद कयलन धनदान से7 मन हरखायल हे । +गेयानी गुनी सभ भेलन नेहाल8 अउरो कुछ चाहिए हे ? ॥ 3 ॥ +किया तोरा चाह हउ9 नउनियाँ , माँगु मुँह खोली खोली गे । +नउनियाँ , देबऊ में अजोधेया के राज , आउरो कछु चाहही10 गे ॥ 4 ॥ +हँसि हँसि बोलहइ नउनियाँ त सुनहु बचन मोरा हे । +राजा हम लेबो सोने के सिकड़िया , अजोधेया राज की करब हे ? ॥ 5 ॥ +जसोदा जी देलकन11 सिकड़िया , रोहन12 गल हाँसुल13 हे । +राजा देलन पाट पिताम्बर , महल उठे सोहर हे ॥ 6 ॥ +आवहु नयना14 से गोतनी अउरो सभ सुन्नर15 हे । +गावहु आज बधइया , महल उठे सोहर हे ॥ 7 ॥ +बूढ़ीं सूढ़ी देलकन असिसववा जुअहु16 पूत पंडित हे । +ललना , सुनरी के नयना जुड़ायल लोग बाग हरखित हे ॥ 8 ॥ +जे इह सोहर गावल , गाइ सुनावल हे +ललना जलम जलम अहियात , पुतर फल पावल हे ॥ 9 ॥",magahi-mag +"मैं चूहड़ेटड़िआँ वे +मैं चूहड़ैटड़िआँ1 वे सच्चे साहेब दी सरकारों । +ध्यान दा छज्ज ज्ञान का हाडू , +बुरे अमल नित्त झाड़ो रहाउ । +हाकम काज़ी मुफ्ती जाने , +सात्थों धारखती2 वगाचों । +तउ बाज्झू मेरा होर ना कोई , +कै पै जाए पुकारों । +रातीं देहो एहो मँगदी , +दूर ना कीचै दरबारों । +बुल्ला सहु इनायत करके , +हुण खबर मिले दीदारों ।",panjabi-pan +"छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर आरसी । +थारी बेटी राज करेगी , हम पढ़ांगे फारसी । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर लोटा । +ऐसे घर में ब्याहवण आए , जड़ै पाणी का भी टोटा । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर बदाम । +एक सखि नै छोड़ के , मैं सब नै करूं प्रणाम । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर तोता । +जगदेव के ब्याहवण आया , आत्मा राम का पोता । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर केसर । +सासू मेरी पारवती , सोहरा परमेसर । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर खीरा । +थारी बेटी नै न्यूं राखूं , ज्यूं अंगूठी में हीरा । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर बाली । +दूजा छन्न मैं तद सुनाऊं , जब हाथ जोड़ै मेरी साली । । +छन्न पक्कियां छन्न पक्कियां , छन्न के ऊपर आला +बटुए से मुख आली साली मेरी , सोह्णा सा मेरा साला । ।",haryanvi-bgc +"जानै कौन जमानों आऔ +जानै कौन जमानों आऔ , +गाँठन माल गमाओं +भोजन वार बरक्कत गइँयाँ +खाऔ जौन कमाऔ +अपनी मूँड जेरिया बाधें । +फिरत लोग सब धाओ । +सतजुग की वा राय चली गई , +बिन बँयै काटौ गाऔ । +ईसुर कलस कुलीनन के घर +कलजुग कलसा छाऔ ।",bundeli-bns +"536 +खेड़ा खाए के मार ते भज पया वाहो दाह रोंदा घर आंवदा ई +एह जोगिड़ा नहीं जे धाड़ कोई हाल आपना खोल्ह सुणांवदा ई +एह कांवरू1 देस दे सेहर जाने वडे लोहड़े ते कहर2 कमांवदा ई +ए दिओ उजाड़ विच आन लथा नाल घुरकियां3 जिंद गवांवदा ई +नाले पढ़े कुरान ते दे बांगां चैंकी पांवदा संख वजांवदा ई +वारस मार ते कुट तहिबार4 कीता पिंडा खोहलके जट वखांवदा ई",panjabi-pan +"सुणिये मेरे मिन्त कथा +सुणिये मेरे मिन्त कथा । +पंजे गाड़ दिये होणी ने हे होणी बलवान धंसी जा सरवण के घर में +आते ही डिगा दी बुध आण के उस तिरिया की पल में +कुमत्त राणी की बन आई । +सोना को टका दियो हाथ जाय कुम्हरा ते बतलाई +सुण प्रजापत बात समझले बरतन एक बणा दे ऐसा भीतर हो परदा +सुणिये मेरे मिन्त कथा । +ले हंडिया प्रजापत आयो काम करी चितराई को +पंजे गाड़ दिये होनी ने दोष नहीं ईमे काई को +एक में रंधती खटी मेहेरी एक में रंधती खीर +करके सोच कहे यू अंधा या कैसी तकदीर +सकीमी सरवण में आई । +बहुत गए दिन बीत मेहेरी खट्टे की खाई +सरवण ने सुणो जवाब रही ना बाकी +सुण अंधे माई बाप दोजखी पापी +खीर तनें सब दिन ते खाई हुयो तूं अंधा दुखदाई +वाको थाल आप ले लीनो अपनो दियो पिता +सुणिये मेरे मिन्त कथा । +एक ग्राम लियो मुख भीतर थाल पटक दियो धरती में +कुल में घात चला रही तिरिया तू ना चूकी करणी में +सुण तिरिया बदकार अक्ल की मारी +तूं एकली काग उड़ाये पड़ी रह लानत की मारी +ऐसे वचन कहे सरवण ने सरवण बन को जा +सुणिये मेरे मिन्त कथा । +हरे हरे बांस कटा के इसने कावड़ बनवाई +नंगे कर लिये पैर सुरत जने बन खंड की लाई +आ गयो सागर ताल नीर भर लीयो +दसरथ ने मार्यो बाण जुलम कर लीयो +सांस ना सरवण की भटकी बात तो बहुत जबर अटकी +भयानो दसरथ को आयो । +मेरी सुणिये दसरथ बात पिता रह गयो तिसायो +ले पाणी दसरथ आयो ठाकुर नाम सुता +सुणिये मेरे मिन्त कथा ।",haryanvi-bgc +"सासू बी बहरी सुसरा भी बहरा +सासू बी बहरी सुसरा भी बहरा बहरा सै घर वाला रै +उन बहरां मैं मैं बी बहरी चारूआं का बाजा न्यारा रै +एक राहे बटेऊ न्यूं उठ बोल्या टेसन की राही बता दे रै +धोले के तो लगे पानसै गौरे के ढाई से दे सैं रै +इतणै मैं रुटिहारी आई बलदां का मोल लगै सै रै +नूण मिरच तेरी मां नै गैर्या हम नै क्यूं गाली दै सै रै +रोटी दे कै घर नरै आई सासू तै राड़ मिचाई रै +नूण मिरच तै तन्नै गेर्या मन्नै गाली दिवाई री +हमनै तै बहू बेरा कोन्नी तेरै सुसरै नै पूछूंगी +डांगर चरा के सुसरा आया बहू पीहर जाण नै कह सै रै +कौण कहे कालर में चरा ल्याया डहरां में चर कै आई सै +सासू बी बहरी सुसरा बी बहरा , बहरा सै घर वाला रै",haryanvi-bgc +"खातिर कर लै नई गुजरिया +खातिर कर लै नई गुजरिया , रसिया ठाड़ौ तेरे द्वार ॥ टेक +ये रसिया तेरे नित न आवै , +प्रेम होय जब दर्शन पावै , +अधरामृत कौ भोग लगावै । +कर मेहमानी अब मत चूकै , समय न बारम्बार ॥ 1 ॥ +हिरदे कौं चौका कर हेली , +नेह कौ चन्दन चरचि नवेली , +दीक्षा लै बनि जइयो चेली । +पुतरिन पलंग बिछाय पलक की करलै बन्द किबार ॥ 2 ॥ +जो कछु रसिया कहै सौ करियो , +सासससुर को डर मत करियो , +सोलह कर बत्तीस पहरियो । +दै दै दान सूम की सम्पति , जीवन है दिन चार ॥ 3 ॥ +सबसे तोड़ नेह की डोरी , +जमुना पार उतर चल गोरी , +निधरक खेलौ करियो होरी । +श्याम रंग चढ़ि जाय जा दिना है जाय बेड़ा पार ॥ 4 ॥",braj-bra +"मिनती से बोलले गउरा देइ, सुनहु महादेव हे +मिनती1 से बोलले गउरा देइ , सुनहु महादेव हे । +मोरा नइहरवा में जग2 होले , जग देखे जायम3 हे ॥ 1 ॥ +मिनती से बोलथिन4 महादेव , सुनहु गउरा देइ हे । +बिना रे नेवतले5 गउरा जनि6 जाहु , तोहरो7 आदर नाहिं हे ॥ 2 ॥ +केकरो8 कहलिया9 गउरा नाहिं कएलन10 अपने चलि गेलन हे । +नाहिं चिन्हे11 माए बाप , नाहिं चिन्हे नगर के लोगवा हे ॥ 3 ॥ +एक त चिन्हले12 बहिनी गाँगो13 उठि अँकवार14 कइले हे । +बिना रे नेवतले बहिनी आएल , तोहरो आदर नाहिं हे ॥ 4 ॥ +कने15 गेल , किया भेल16 बराम्हन , अगिनी कुंड खानहु17 हे । +जब रे बराम्हन कुंड खनलन18 गउरा कूदि पड़लन हे ॥ 5 ॥ +जब रे गउरा कूदि पड़लन , महादेव धावा चढ़लन19 हे । +मिनती से बोललन सासु , सुनहु महादेव हे ॥ 6 ॥ +मोरा घर आजु जग होले20 जग जनि भाँड़हु21 हे । +गउरा के बदल22 गउरा देहब , फिनु शिव परिछब23 हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"230 +मीएं रांझे मुलां नूं जा कहया चिठी लिखो जा सजनां प्यारयां नूं +तुसां सौहरे जा अराम कीता असीं ढोए हां सूल अगयारयां नूं +अग भड़क के जिमीं असमान साड़े चा लिखया जे दुखां सारयां नूं +मैंथों ठग के महीं चरा लइयां रन्नां सच ते तोड़दियां तारयां नूं +गिला वेखो जयों यार ने लिखया ए सजन लिखदे जिवें प्यारयां नूं +वारस शाह ना रब्ब बिना तांघ काई किवें जितीए पासयां हारयां नूं",panjabi-pan +"नक्बेसर कागा ले भागा +नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , +उड उड कागा मोरी बिंदिया पे बैठा . . . बिंदिया पे बैठा . +अरे मोरे माथे का सब रस ले भागा , नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , +उड उड कागा मोरे नथुनी पे बैठा अरे नथुनी पे बैठा . +मोरे होंठ्वा का सब रस ले भागा , +नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , +उड उड कागा मोरे चोलिया पे बैठ , अरे चोलिया पे बैठा . . . . +अरे जुबना का सब रस ले भागा , अरे जोबना का सब रस ले भागा +नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा , +उड उड कागा मोरे करधन पे बैठा अरे साये पे बैठा , +अरे मेरी बुरीयो का सब रस ले भागा मोरा +अरे नक्बेसर कागा ले भागा +अरे मोरा सैंयां अभागा ना जागा ,",bhojpuri-bho +"चन्ना वे तेरी मेरी चानड़ी +चन्ना वे तेरी मेरी चानड़ी , +तारया वे तेरी मेरी लो , +नी ओ ओ तारया वे तेरी मेरी लो , +चन्न पकावे रोटियाँ , +तारा करे रसो , +नी ओ ओ तारा करे रसो , +चन्न दियाँ पक्कियाँ खा लईयाँ , +तारे दियाँ रह गईयाँ दो , +नी ओ ओ तारे दियां रह गईयाँ दो , +सस ���े मैनू आख्या , +घ्यो विच आटा गो , +नी ओ ओ घ्यो विच आटा गो , +घ्यो विच आटा थोडा पया , +सस्स मैनू गलियाँ देवे , +नी ओ ओ सस्स मैनू गलियाँ देवे , +न दे सस्से गलियाँ , +एथे मेरी कौन सुणे , +नी ओ ओ एथे मेरी कौन सुणे , +बागे विच मेरा बापू खड़ा , +रो रो नीर भरे , +नी ओ ओ रो रो नीर भरे , +न रो बापू मेरेया , +इत्थे मेरा कौन सुणे , +नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे , +बागे विच मेरा वडा भराह , +रो रो नीर भरे , +नी ओ ओ । +रो रो नीर भरे । +न रो वीरा आपने । +इत्थे मेरा कौन सुणे । +नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे । +न रो माये मेरिये । +इत्थे मेरा कौन सुणे । +नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे । +चन्न दियाँ पक्कियाँ खा लईयाँ , +तारे दियाँ रह गईयाँ दो । +नी ओ ओ तारे दियाँ रह गईयाँ दो",panjabi-pan +"विवाह गीत +तू ते नहाई ले वो गोरी बनी । +तारा पाट ना नीचे नीर उहे । +तू ते सापड़ि तेरे सापड़ी ले बूढ़ा लाड़ा । +हामु कुकड़ो नी खीजे , बुकड़ो नि खाजे । +नंदी धड़े हामु बाम्हण्या रे । +हंइ मंगलि ठगारी ठगि देसे रे । +नंदी धड़े हामु बाम्हण्या रे । +हामुंग दितल्यो ठगारो ठगि देसे रे । +हामु दितल्यो वाली के ली लेसुं रे । +गोरी बनी को गीत में कहा गया है कि तू स्नान कर ले , तेरे पाट के नीचे पानी बह रहा है । दूल्हे को यहाँ स्नान नहीं कराते हैं , पर गीत में कहा गया है कि तू स्नान कर ले बूढ़ा दूल्हा । हम मुर्गा बकरा नहीं खाते हैं हम बामण्या जाति के हैं । बामण्या गोत्र के लोग मुर्गा बकरा नहीं खाते हैं । अब ठगोरी मंगली हमें ठग लेगी । हमें दितल्या ठग लेगा । हम दितल्या की पत्नी को ले लेंगे ।",bhili-bhb +"116 +काज़ी आखदा खौफ खुदाई दा कर मापे जिद चढ़े चा मारनी गे +तेरी किआड़ीयों1 जीभ कढा सुट्टण मारे शरम दे खून गुजारनी गे +जिस वकत दिता असां चा फतवा उस वकत ही मार उतारनी गे +वारस शाह कउं तरक2 बुरयाइया नूं नहीं अग दे विच निधारनो गे",panjabi-pan +"माय तोरा हँटो गे कोसिका +माय तोरा हँटो गे कोसिका +बाप तोरा बोधो से मति जाह सौरा असनान । +अंगना में आगे कोसिका कुइयाँ खुनाय देबौ +नित उठि करिहे असनान । +हँटलो ने माने कोसी बोधलो ने माने +वलि भेलै कोसिका सोरा असनान । +जाहि घाट आगे कोसिका +करै गो असनानताहि घाट अहिरा पड़रू नमावै । +घाट छोड़ू बाट छोड़ू पूत अहिरा +तिरिया जानि हम करब असनान +पालट के नूआ अहीरा घर ही बिसरलौ +तिरिया जाति हम करब असनान । +हमरो चदरियाकोसिका पहिरि करू हे असनान +अगिया लगेवौ अहिरा तोहरो चदरिया +बजर खसैबो तोहर चदरिया +ती��ले भीजले जेवै अपन घर दुआर ।",angika-anp +"जीतू बगडवाल +पैठीगे1 तब जीतू , बैणी2 का गऊँ3 , +राणी पटूड्या तब , तैकी4 गाली देन्दी । +जाँदू होई मेरा स्वामी , औंदू ना होई , +स्याली5 का खातर तू , पैटी वैणी बैदोण6 +विदा लिने जीतून , रस्ता लगे वो , +चल्दू रै वो ऊँची तौं घैड़ियों7 , +ऊँची घैड़ियों चढ़े जीतू गैरी8 त पाख्यों9 , +कलबली10 कुलै11 छै वख , देउदार छा स्वाणा , +हँया डाँला छा , फूलून जना ढक्याँ +पौंछी गये जीतू , रैथल12 की थाती , +घड़ांदी13 दोफरी छई , तढांदो14 घाम , +तड़ांदा घाम मा , जीतू सेल15 बैठोगे । +तमाखू पीयाले तैन , साध्यान16 लीयाले , +हौंस्यारी17 पराण वेो , उलारिया18 गए । +हाथ गाडयाले19 वैन20 , नौसुर21 मुरली , +नौसुर मुरली धरे , धावड़या बाँसुली । +बावरो छयो जीतू , उलारिया ज्वान22 , +मुरली को हौंसिया छयो , रूप् को रौंसिया । +घुराये23 मुरली वैन , डाँडी24 बीजीन25 काँठी26 , +वणा का मिरगून , चरणू छोड़ी दिने , +पंछियोंन छोड़ी दिने , मुख को त गालो । +कु होल चुचों स्यो , धावडया27 मुरल्या28 , +तैकी मुरली मा क्या , मोहनी होली । +बिजी गैन बिजी , खैट की आछरी29 , +जीतू की आँख्यों मा , जनो शीशो30 चमलाणी31 । +छमछम घूँघर बजीन , जीतू की आँखी मुंजीन32 , +क्वी बैणी बैठीन , आँख्यों का स्वर , +क्वी बैणी बैठीन , कन्दूड्यों33 का घर । +छालो पिने लोई34 , आलो खाये मास पिंड , +पन्द्र35 पचीसी जीतू , रैंथल थाती रैगे । +अख्हर जवानी जीतू , भुंचण36 नी पायो । +तिन नी माणो जीतू , माता की अड़ैती37 , +फँसी गए कनो , आछन्यों का घेरा । +सुमिरण करदो जीतू बगूड़ी भैंरो38 , +कख हैवैली मेरी , कुलदेवी भवानी ? +आज मैं पर ऐगी , विपदा भारी , +बीच बाटा मा कनी होये , मेरी मोल39 की मरास40 । +दैणो41 ह्वैगे तब , जीतू को बगूड़ी भैरों , +नौ वैणी आछरी तब , छूटी गैन । +तब जीतून ऊँ देन्दु , दिन्या धरम42 +आज मैं जाँदू बैणी वैदोण , +छै गते आषाढ़ लंगला को दिन । +तै दिन तुम मेरी , तैं मोल पुंगड़ी आन । +तब मन ह्वैगे उदास , जीतू , +चित्त ह्वैगे चंचल । +तब पौंछी गए जीतू , बैणी का गऊँ +मिली गये वीं बैणी शोभनी । +तब आये वा , स्याली43 त वरुणा । +सेवा मेरी पौंछे , वीं स्याली वरुणा +सेवा मैं खरी लाँदूँ , भैना44 बगीड्वाल । +तेरी खातर छोड़े , स्याली बाँकी बगूड़ी , +बांकी बगूड़ी छोड़े , राण्यों की दगूड़ी45 । +छतीसू कुटुम्ब छोड्यो , बतीसू परिवार +घिटुड़ियों46जसो रत्थ47 छोड़े , चकौरू जसी टोली । +तेरा बाना48 छौड़े मैन भैना +दिन को खाणो , रात की सेणो । +तेरी माया49 न स्यालीं , जिकूड़ी50 लपेटीं , +कोर���कोरी खाँदो , तेरी माया को मुंडारो51 । +जिकुड़ी कौ त्वै52 , पिलैक अपणी +परौसणू53 छौं तेरी , माया की डाली । +अब त मरीक ही , मिटलो स्याली , +त्वै54 मेंजे को हेत55 । +यू डाँड्यूँ मा तेरी , फूल फूलला , +झपन्याली होली बुराँस डाली । +रितु बौड़ी औली , दाँई जसो56 पेरो , +पर तेरी मेरी भेंट स्याली , +कु जाणी57 हौंदी कि नी होंदी ? +बौड़ीक ऐ गए जितू , तैं बाँकी बगूड़ी , +ओडूं58 नेडूं ऐगे , लुंगला को दिन , +घटू की रिगाई ह्वैगे , सामल59 की पिसाई । +चौखम्भ्या तिवारी जितू , होये मंगलाचार । +मुड़ायूं60 गुड़ाखू61 पैट्यो62 , घुंघरियालो63 होका64 , +पौंछी गए बल्दू की जोड़ी , मलारी65 का सेरा66 , +तब जोतेण लैग्या जीतू , का घौला67 त बुल्ला68 । +मलारी का सेरा , शुरू होइगे रोपण , +सेरू सैंक ऐगे तैं , मोल पुँगड़ी । +एक फाट उंडो लीगे , जीतू एक फाट फुंडो , +फीकू ह्वै गए ज्यू , जीतू जी को । +तबे69 , वीं मोल पुंगड़ी70 छुटे घेंटुडी71 रथ , +मलेऊ72 सी भिड़को73 । +नौ बैणी आछरी74 ऐन बार वैणी भराड़ी75 , +क्वी बैणी बैठीन , कन्दूडयों का घर , +क्वी बैणी बैठीन , आंख्यों का स्वर । +छालो पिने लोई आलो खाये मासपिण्ड । +अगुंडो छयो जीतू , पछिडू फरकी , +स्यूँ 76 बल्दू जोड़ी जीतू , डूबी गए , +मलारी का सेरा , जीतू खोई गए । +अल्हर जवानी जीतू , मुंचण77 नो पाए , +लाखडू78 सी ताबू79 होये , पिंडालूसी भाड़ +बत्तीसू कुटुम्ब तेरो , तै मलारी सेरा रैगे , +बावरो नी होन्दू जीतू , नी होन्दू विणास80 ।",garhwali-gbm +"कुतली चूरगी मोरई जपय +कुतली चूरगी मोरई जपय +कुतली चूरगी मोरई जपय +कुतली चूरगी मोरई जपय हुई +कुतली चूरगी मोरई जपय हुई +कुतली चूरगी मोरई जपय हुई +कुतली चूरगी मोरई जपय हुई +डिजकेन का सासावा +डिजकेन का सासावा +डिजकेन का सासावा +डिजकेन का सासावा +स्रोत व्यक्ति शिवराज पालवी , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"मैं आई थी मीठियां की लालच +मैं आई थी मीठियां की लालच +फीकी दे भुला दई । +मैं आई थी गेहुआं की खात्तर +बाजरा की दे भुला दई । +मैं आई थी घणियां की खात्तर +दो दो दे भुला दई ।",haryanvi-bgc +"सुन्दर सेत सरद को चन्दा +सुन्दर सेत सरद को चन्दा । +रास रचौ गोविन्दा । +सेत उठाई सेत बिछाई । +सेत चाँदनी बन्दा । +सेतइ कली टिकुली सी दमकैं , +अली करै आनन्दा । +जेवर सेतसेत पोसाखैं । +सेत सुमन को कन्दा । +ईसुर सेत सुपेती को सुख , +किसन चन्द मकरन्दा ।",bundeli-bns +"राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं +राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं +बेराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियो , म्हारी फूल चिटिय�� +नवी नारंगी रो खेल बतादूं रसिया . . . मीठी खरबूजो +राजी राजी बोल बनी तो तीमणियौ पैराधूं +बैराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियों . . . म्हारी फूल चिटियों +नई नारंगी रो खेल बता दू रसिया . . . मीमो खरबूजों ।",rajasthani-raj +"तुम द्यावता +तुम द्यावता मीं दासी , +तुम रोज रोज सोदा1 होन्दा , +मी होन्दी जान्दी बासी । +तुम राली मां घाँडी +तुम दिप्प हिरेन्दो जै मुखनी +मी काँचे च्ची हाँडी । +तुम स्वाती मीं चोली , +तुम पूर्ण रूप छाँ भंडारा , +मीं रोज तिसाली लोली । +तुम पराण मी काया , +तुम योगी छा उच्च विरागी , +मीं धूल भरा छौं माया । +तुम डाली मीं दाणी , +तुम जीवन का , नव अंकुरा , +मीं छौं रस वालो पाणी +तुम गौं स्वरूप मीं तैलो +तुम अपराध्यूँ की छिमा छयाँ +मीं बगत बगत को गैलो ।",garhwali-gbm +"हमारी द देओ आरसी +हँसके माँगे चन्द्रावली हमारी दे देओ आरसी ॥ टेक +मनसुख नें मुख देखन लीनी जी । +हाथन में चलती कर दीनी जी ॥ +चली कछु बानें ऐसी चाल कि देखत रह गईं सब ब्रजबाल , +लायकैं दीनी तुम्हें गुपाल । +दोहा दीनी तुमको लायकैं , दीजै हमें गहाय । +बिना आरसी जाऊँगी , घर में सास रिस्साय ॥ +घर में सस रिस्याय , होत दीखे तकरार सी ॥ हँसके . +तो तौ ग्वालिन चढ़ रही सेखी जी । +नाहिं आरसी मैंने तेरी देखी जी ॥ +चोरि मनसुख ने कब कर लई , लायके मोकू कब क्यों दई । +आरसीदार अनौखी भई ॥ +दोहा तुही अनौखी आरसी , ब्रज में पहिरनहार । +जोवन ज्वानी जोर से , है रही तू सरसार ॥ +है रही तू सरसार नार खिल रही अनार सी ॥ हँसके . +तू तौ ओढ़े लाला कम्बल कारौ रे । +कहा आरसी कौ परखनहारौ रे ॥ +मुकुट मुरली कुण्डल को मोल , मेरी आरसी बनी अनमोल । +बोलत क्यों है बढ़बढ़ के बोल ॥ +दोहा बढ़बढ़ के बोलै मती , जनम चराये ढोर । +घरघर में ते जायके , खायौ माखन चोरि ॥ +खायौ माखन चोरि , लाल तुम बड़े बनारसी ॥ हँसके . +चन्द्रावलि चतुराई दिखावै जी । +आप शाह मोय चोर बताबै जी ॥ +जात गूजर दधि बेचनहार , अपनी रही बड़ाई मार । +आरसी दऊँ मानलै हार ॥ +दोहा हार मानके कहेगी , मुझ से जब ब्रजनार । +धमकी ते दुंगो नहीं , चाहें कहै हजार ॥ +चाहंे कहै हजार बोल , तेरौ कौन सिपारसी ॥ हँसके . +चन्द्रावलि मन में मुस्काई जी । +तुरत आरसी श्याम गहाई जी । +आरसी दै दीनी नन्द नन्द , ग्वालिनी चली मान आनन्द +कृष्ण कौ बुरौ प्रीत को फन्द ॥ +दोहा बुरौ प्रीत कौ फन्द है , साँचे मन से प्रेम +प्रेमिन के बस आयके , बिसर जाय सब नेम +‘घासीराम’ जीत गये मोहन , ग्वालिन हार सी ॥ हँसके .",braj-bra +"सं��न अयलन सम गहँकी, गुरु हाट लगवलन हे +संतन अयलन सम1गहँकी2 गुरु हाट लगवलन हे । +भाव उठल पँचरँग के , सभे सौदागर हे । +हम बेपारी3 निरगुन नाम के , हाटे चले न हो भाइ ॥ 1 ॥ +सत सुकरीत4 हइ पलना , सम देल गल5 डंडी जी । +गेयान दसेरा6 बान्ह के7 पूरा करके रक्ख जी । +सौदा करे संतन चललन , आगे रोकइ जमराइ8 ॥ 2 ॥ +मोजरा9 माँग हइ नाम के हो , हम तो बनिजारा । +हम तो बेपारी निरगुन नाम के हो लाऊँ नाम के माला । +सतगुरु बसथिन सतलोक में हो , उनखर10 छबि देखहु भाइ ॥ 3 ॥ +देखि छबि जमवा11 कायल भेल हो , मथवा देलक नेवाय । +कहल कबीर पुकार के हो सुनहु संत समाज । +जे जे सौदा करे नाम के हो , ओहि पूँजी हो भाइ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"229 +कुड़ियां जा वलाया रांझने नूं फिरे दुख ते दरद दा लदया ई +आय घिंन सुनेहड़ा सजनां दा तैनूं हीर प्यारी ने सदया ई +तेरे वासते मापयां घरों कढी असां सैहरा पेईड़ा रदया ई +झब होए फकीर ते पहुंच मैंथे , उथे झंडड़ा कास नूं गड़िया ई",panjabi-pan +"बीच ही समुन्द्र कोसी माय +बीच ही समुन्द्र कोसी माय +बोदिला भासल जाय हे +सोलह हाथ के सड़िया हे कोसी माय +बन्हि लेलोॅ हे +हेलिए गेलोॅ बीचला हे समुन्द्र हे +हेलिए जे डुबिए हे कोसी माय +बोदिला उपर कइलें +से हो बोदिला मांगे छअ बिआह हे +हमें तोरा पुछिओ रे बोदिला +जतिया ते ठेकान रे +तहूँ मांगे हमरों से बिवाह रे +हमहूँ जे छिकिये गे कोसिका +ओछि जाति चमार हे +हमें मांगियो तोरो से विवाह हे +कथी ले खियोलियो रे बोदिला +दूध भात कटोरबा रे +पोसिपालि कइलियो जबान रे +तहूँ जे कइलें रे बोदिला +जातियो कुल हरण रे ।",angika-anp +"67 +मैंनूं बाबले दी कसम रांझिया वे मरे मां जे तुध थीं मुख मोड़ां +तेरे बाझ तुआम1 हराम मैंनूं तुध बाझ ना नेण नाल नैण जोड़ां +खुआजा खिजर2 ते बैठके कसम खाधी थीवां सूर जे प्रीत दी रीत तोड़ां +कोहढ़ी होइके नैण प्राण जावन तेरे बाझ जे कौंत मैं होर लोड़ां",panjabi-pan +"म्हारो मीठो लागै खीचड़ो +म्हारो मीठो लागै खीचड़ो । +म्हारो चोखो लागे खीचड़ो । । मीठो खीचड़ो । । +छुलक्यो छांढ़यो बाजरो । +म्हें दली ए मूंगा की दाल । । मीठो खीचड़ो । । +खदबद सीझै बाजरो । +कोई लथपथ सीझै दाल । । मीठो खीचड़ो । । +दूध खिचड़ी खावा बैठ्या । +कोई तरसै म्हारी जाड़ । । मीठो खीचड़ो । ।",haryanvi-bgc +"खिल रहा चान्द लटक रहे तारे +खिल रहा चान्द लटक रहे तारे चल चन्दरावल पाणी +कैसे भर लाऊं जमना जल झारी +सासड़ की जाई मेरी ननद हठीली रात ने खंदा दई पाणी +कैसे भर लाऊं जमना जल झारी +उरले घाट मेरा घड़ा न डूबे परले किसन मुरारी +कैसे भर लाऊं जमना जल झारी +क्यांहे की तिरी ईंढली गुजरिया प्यारी क्यांहे की जल झारी +कैसे भर लाऊं जमना जल झारी +अन्दन चंदन की ईंढली कन्हैया प्यारे सोने की जल झारी +कैसे भर लाऊं जमना जल झारी",haryanvi-bgc +"करमा +मोर लालू गोदी मा बिराजय , +आँगन गलीखोर खेलय रे । टेक +आठ महना मोर लालू पेट भीतर खेलय । +नौ कहना माँ मोर लालू गोदी माँ बिराजय ॥ +आँगन गली खोर खेलय रे । +चार महना मा मोर लालू छतिक भारे स लगय । +नौ महना मा मोर लालू बैठकी सीखय ॥ +आँगन गली खोर खेलय रे । +एक बैगा महिला के विवाह के बाद बहुत दिनों तक कोई बा बच्चा नहीं हुआ । उसने मानमनौती की , तब भी उसकी गोद खाली ही रही । अंत में वह एक बैगा गुनिया के पास गई । गुनिया वेदाई की । उसे खाने के लिये जंगल की जड़ीबूटी दी । तब उसे नौ महीने में प्रौढ़ावस्था में पुत्र प्राप्त हुआ । उसने उसका नाम ‘लालू’ रखा । +बैगा माँ नवजात शिशु से खेल रही है । कभी वह बच्चे को दोनों हाथों में लेती हैं और कभी छाती से लगाती हैं और कभी गोद में लेती है । ऐसा करके खुशी और प्यार से बच्चे को नचाती है और गीत गाती है । +मेरा लालू बेटा गोद में आ गया है । जब वह बड़ा हो जाएगा तो आँगन और गली में खेलने जाएगा । आठ महीने लालू मेरे पेट में रहा , वहाँ हाथ पैर चलाये । अब नौ महीने बाद मेरा लालू मेरी गोद में आ गया है । अब आठ महीने तक मेरा गोलू पेट के बल चलेगा । और नौ महीने में तो वह बैठने लगेगा । इसी गीत को बच्चे के जन्म के तीन माह बाद ‘बरहों’ के समय बैगा महिलाएं सामूहिक रूप से भी गाती हैं और मिलकर दारू पीती हैं ।",baiga-mis +"319 +जोगी हीर दे सौहरे जा वड़या भुखा जट जिउं फिर लालोरदा जी +आया खुशी दे नाल दहचद होके सूबेदार जिउं नवां लाहौर दा जी +धुस दे के वेहड़े विच आ वड़या कड कीता सू सन ते चोर दा जी +अनी खेड़यां दी पयारी वौहटीए नी हीरे सुख है चा टकोरदा जी +वारस शाह अगे हुण पई फाहवी शगन होया है जंग दे शोर दा जी",panjabi-pan +"पहचान +फिरै फिपयानौं रोज , बारा मैंड़े भाँड़ रहो +हुलिया पै हीन भाव जैसें करो पाप है , +गरब , गरूर , चालबाजीभरी बातें सुन +पियत कुनैन कैसौ घूँट चुप्पचाप है , +जन्मतिथी , बंसबेल , रूपरंग , कारबार , +कहाँ कैसौ मोलभाव , बस एइ जाप है , +जेके ऐसे हालचाल देखौ निज देस बीच +बिना कहैं जान लेव बिटिया कौ बाप है ।",bundeli-bns +"ओ कोकिला रे... (भटियाली) +ओ कोकिला रे . . . +आमार निभानो आगुन ज्वले मोर स्वरे । । +देख���े तोर रूपेर किरण , +मने पड़े बन्धुर वरण । +आमार दुटो मनेर कथा शोन , कोकला रे । । +पड़ले नयन काल रूपे +पराण आमार उठे क्षेपे । +आमार ए व्यथा कि बुझबे अपरे । ।",bengali-ben +"बीबी तेरे बाबा जी खड़े +बीबी तेरे बाबा जी खड़े +रामरथ हांक दिया +बीबी मांगणा हो सोए मांग +अभी तो तनैं मिल सकदा +मैं तो बर मांगूं भगवान +देवर छोटे लछमन से +मैं तो मांगू कुसल्या बरगी सास +ससुर राजा जसरथ से +मैं तो मांग अजुध्या जी का राज +तख्त बैठी हुकम करूं",haryanvi-bgc +"इक नुकता यार पढ़ाया ए। +इक नुकता यार पढ़ाया ए । +इक नुकता यार पढ़ाया ए । +ऐन गैन दी हिक्का1 सूरत , +हिक्क नुकते शोर मचाया ए । +इक नुकता यार पढ़ाया ए । +सस्सी दा दिल लुट्टण कारन , +होत पुनूँ बण आया ए । +इक नुकता यार पढ़ाया ए । +बुल्ला सहु दी जात ना कोई , +मैं सहु अनायत2 पाया ए । +इक नुकता यार पढ़ाया ए । +ऐन गैन दी हिक्का सूरत , +हिक्क नुकते शोर मचाया ए । +इक नुकता यार पढ़ाया ए ।",panjabi-pan +"दृगन मन बस गये री मोरे गुइया +दृगन मन बस गये , री मोरे गुइयां +कै मोरी गुइयां , दशरथ राज दुलारे +गैल इत कड़ गये , री मोरी गुइयां । दृगन मन . . . +कै मोरी गुइयां , हांथ सुमन के दौना , +लतन बिच छिप रहे , री मोरी गुइयां । । दृगन मन . . . +कै मोरी गुइयां तक तिरछी सैनन +विहंस कछु कह गये , री मोरी गुइयां । । +कै मोरी गुइयां कंचन प्राण पियारे , +चोर चित लै गये , री मोरी गुइयां । दृगन मन . . .",bundeli-bns +"टुक बूझ कौण छप आया है +टुक बूझ कौण छप आया है । +एह आया छप्पका छप्पकाया है । +कित्त इस नूँ किस नूँ अड़ना ऐं , +गुलिस्ताँ1 बोस्त2 पढ़ना ऐं , +ऐवें बेमूजब3 क्यों मरना ऐं । +किसे उलटा भेत पढ़ाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +जिस नाह दरदी बात सही , +उस प्रेम नगर ना झात पई , +भाल कित मुई कित डुब मुई । +आह क्यों जिन्दाए जाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +दुआ दूर करो कोई शोर नहीं , +सभ तुरक हिन्दू कोई होर नहीं , +सभ साध लिखो कोई चोर नहीं । +हरि घट घट बीच समाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +पलास4 मनिन्द5 बणाओ रे , +तन पात पात लुटाओ रे , +मुक्ख काला कर विखलाओ रे । +इस सिआही रंग लगाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +जो कहेआ नामनजूर होया , +दूआ ना कहेआ मनजूर होया +जिस दस्सआ सो मनसूर होया । +ओह सूली पकड़ चढ़ाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +इस दुक्ख सों किचरक भागेगा , +रो सौ के फिर तूँ जागेगा , +फिर उठदा रोवण लागेगा । +किस गफलत मार सवाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +है विरली बात बतावण की , +तुम समझो दिल ���र लावण की , +इक्क बात बतलाऊँ पावण की । +ओह कौण जो बणा बणाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +तुझे कसब6 फुकर7 ताकीद किया , +दुःख तन आरफ8 बाअजीद9 किया , +कर जोहई कुतब10 फरीद किया । +किसे मेहनत नहीं पाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +इक्क रब्ब दा नाम खज़ाना है , +मंग चौराँ याराँ दानाँ है , +उस रहमत दा खसमाना है । +संग खौफ रफीक11 बणाया है । +टुक बूझ कौण छप आया है । +जेहड़े मन लागा नहीं दुआ रे , +यह कौण कहे मन मोया रे , +इनायत सभ तन होया रे । +फेर बुल्ला नाम धराया है । +टुक बूझ कौण छप आया है ।",panjabi-pan +"ऊ जे जब रे गोहुम केरे ओबटन +ऊ जे1 जब2 रे गोहुम केरे ओबटन3 राई4 सरसो के तेल , अउरो5 फुलेल । +से बेटा बइठल ओबटन6 दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 1 ॥ +लगवलऽ7 मइयो8 सोहागिन , हाँथ कँगन डोलाय , नयना घुमाए । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 2 ॥ +लगवल चाची सोहागिन , हाँथ कँगन डोलाय , नयना घुमाय । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 3 ॥ +लगवल फूआ9 सोहागिन , हाँथ कँगना डोलाए , नयना घुमाए । +से बेटा बइठल ओबटन , दुलरइता बइठल ओबटन ॥ 4 ॥",magahi-mag +"आया अयोध्या वाला कुवर दो +आया अयोध्या वाला कुवर दो +१ राजा जनक तो जग में हो ठाड़ा +शोभा वर्णी न जाई +उठ सभा दल देखण लागी +उग्या भवन का तारा . . . +कुवर दो . . . +२ यो रे धनुष कोई सी हाले न डोले , +लख जोधा आजमाया +रावण सरीका पड्या खिसाणा +भवपती गरब हरायाँ . . . +कुवर दो . . . +३ लक्ष्मण सुणो बंधु रे भाई , +गुरु की नी आज्ञा पाई +डावी भुजा सी धरणी क तोकु +धनुष की कोण बिसात . . . +कुवर दो . . . +४ गुरु की आज्ञा पाई राम न , +चरणो म शीश नमाया +इनी रे भूमी पर है कोई योद्धा +धनुष का टुकड़ा उड़ाया +कुवर दो . . . +५ सिता रे ब्याही न राम घर आया , +घरघर आनंद छाया +माता कौशल्या न आरती सजाई +राम बधाई घर लाया . . . +कुवर दो . . .",nimadi-noe +"चौमासो +सावन लाग्यो भादवो जी +यो तो बरसन लाग्यो मेह , बनिसा +मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे +म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए , बनिसा +मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे +म्हारी उगण लागी जवार , बनिसा +मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे +म्हारी काटू�� मैं काटूं जवार , बनिसा +मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी +म्हारी कोठा में पड़गी जवार , बनिसा +मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे +म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे +म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए , बनिसा +मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे +झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे . . . +झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे . . .",rajasthani-raj +"एक माय का पाँची ही पूतां +एक माय का पाँची ही पूतां +पांची का मता जुदाजुदा +पेलो पंडित के , में कासीजी जाऊँ +गंगा में न्हाऊँ , बिस्वनाथ भेंटूं +जेका धरम से में उद्धरूँ +दूसरो पंडित के में उज्जण जाऊँ +अवंती में न्हाऊँ , महाकाल भेंटूं +जेका धरम से में उद्धरूँ +तीसरो के में बाग लगाऊँ +तुलसा परणाऊँ , बामण जिमाऊँ +जेका धरम से में उद्धरूँ +चौथे पंडित के में बेण परणाऊँ +भाणेज परणाऊँ , जात जिमाऊँ +जेका धरम से में उद्धरूँ +पांचवों पंडित कईये नी जाणे +पेट भरी ने धंदो करूँ +हरहर जिवड़ा तू रयो रे उदासी +रयो रे लुभासी +बरत न कियो रे एकादशी +बरत एकादशी , धरम दुवादसी +तीरथ बड़ो रे बनारसी +एकादशी ना डाड़े जीमे छें थूली +अंतकाल प्रभु मारग भूली +एकादशी ना डाड़े जीमे छे खिचड़ी +अंतकाल प्रभु मेले बिछड़ी +एकादशी ना डाड़े पोड़ेढोले +अंतकाल प्रभु अवगत डोले +व्दासी ना डाड़े जीमे छे भाजी +अंतकाल प्रभु नइ्र छे राजी +व्दासी ना डाड़े जीमे छे कांसे +अंतकाल प्रभु मेले सांसे +व्दासी ना प्रभु डाड़े जीमे छे चोखा +अंतकाल प्रभु मारग सीधा +घी बिना धरम ना होय हो पंडित जी +पत्र बिना कुल ना उद्धरे +घृत बिना होम ना होय हो पंडित जी +तिल बिन ग्यारी न होय +मीरा के प्रभु गिरधर नागर +हरि चरणा चित लागी",malvi-mup +"रंग रंगीली भोत रंग भीनी +रंग रंगीली भोत रंग भीनी +उस धनाबऊ रे हाथ राचन दो मेंदी +उस मोड़ादे रे हाथ राचन दो मेंदी +पेलो मास गोरी धन लाओ +आल भोले मनजाय +राचन दो मेंदी मोड़ादे रे हाथ",malvi-mup +"गौतम नार सिला कर डारी +गौतम नार सिला कर डारी +मुर्गा बांग दगे की दे गया , बांग दगे की न्यारी +गौतम ऋषि जी के न्हाने की तैयारी । +गौतम ऋषि जी ने जब न्हान संयोया , बोली यमुना माई , +कौन रे पापी आन जगाई , मैं तो सोऊं थी नग्न उघारी , +क्या री माता भूल गई ह��� , भूलत बात बिसारी , +मैं गौतम ऋषि भगत तुम्हारा । +तूं तो रे भोले भूल गया है , भूलत बात बिसारी , +तेरे तो रे भोले घर हो रही है जारी +कुछ गौतम ऋषि न्हाये कुछ न्हान न पाये , कांधे धोती डारी , +जब गौतम ऋषि ड्योड़ी आये , ड्योढ़ी चन्दरमा पाये , +दे मिरगछाला जा उन मस्तक मारी , +गौतम नार सिला कर डारी ।",haryanvi-bgc +"रच्छा करी बटुकनाथ भैरों +रच्छा करी बटुकनाथ भैरों , +चौड़िया नारसिंह , वीर नौरतिया नारसिंह । +ढौंढिया नारसिंह , चौरंगी नारसिंह । +फोर मंत्र ईश्वरो वाच । +ऊं नमो आदेश , गुरु कौं आदेश +प्रथम सुमिरौं नादबुद1 भैरों , +द्वितीय सुमिरौं ब्रह्मा भैरों , +तृतीय सुमिरों मछेन्द्रनाथ भैरों , +मच्छ रूप धरी ल्यायो । +चतुर्थ सुमिरौं चौरंगी नाथ , +विंधा उत्तीर्ण करी ल्यायों । +पंचमें सुमिरों पिंगला देवी , +षष्ठे सुमिरौं श्री गुरु गोरख साई , +सप्तमे सुमिरौं चंडिका देवी +या पिंडा2 को छल करी , छिद्र करी , +भूत , प्रेत हर ले स्वामी +प्रचंड बाण मारि ले स्वामी +सप्रेम सुमिरौ नादबुद भैरों , +तेरा इस पिंडा को ध्यान छोड़ादे +इस पिंडा को भूत , प्रेत , ज्वर उखेल3 दे स्वामी +फिर सुमिरौं दहिका देवी , +इस पिंडा को दग्ध बाण उषेल दे स्वामी +अब मैं सुमिरौं कालिपुत्र कलुबा वीर , +द्यू लो तोई स्वामी गूगल को धूप , +कलुवा वीर आग रख पीछ रख +सवा कोस मू रख , पाताल मू रख +फीली फेफ्नी को मास रख , +मुंड को मुंडारो उखेल , +मुंड को जर उखेल +पीठी को सलको उखेल , +कोरवी की धमाक उखेल , +बार बिथा , छत्तीस बलई4 तू उखेल , रे बाबा +मेरी भक्ति , गुरु की शक्ति , सब साचा +पिंडा राचा , चालो मंत्र , ईश्वरो वाच +फोर मंत्र , फट् स्वाहा , +या बिक्षा नी आन दूसरी बार ।",garhwali-gbm +"तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार +तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार , +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो जागो न हो बहुवर चीर संवारो +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो देवो न हो बहुवर बाजुबन्द खील , +विहाणो हो श्यामसुहावणो । +तुम तो देवों न हो बहुवर कपिला गाय , +विहाणो हो श्यामसुहावणो ।",nimadi-noe +"अगे, अगे चेरी बेटी, तोँहु देखि आहु गे माइ +अगे , अगे चेरी बेटी , तोँहु1 देखि आहु2 गे माइ । +कइसन3 समधी बाबू , महला उठावे गे माइ । +इँटवा चुनिए चुनि4 महला उठावे गे माइ । +चुनमे5 चुनेटल6 चारों घटिया बनावे गे माइ ॥ 1 ॥ +अरे , अरे हजमा , तोंहुँ देखि आहु गे माइ । +कइसन समधी भँड़ुआ , सजे बरियात गे माइ । +धोइले7 धोइले कपड़ा , रँगल बतीसो दाँत गे माइ । +छैले छैल�� गभरू8 सजल बरियात गे माइ ॥ 2 ॥ +बइठल समधी बाबू जाजिम बिछाय गे माइ । +जँघिया दुलरइतिन बेटी लट छिटकावे गे माइ । +बीड़वा9 जे फेंकलन दुलहा , बीड़वो न लेथिन10 गे माइ । +हँसथिन न बोलथिन , दुलहिन मुँहमो न खोलथिन गे माइ ॥ 3 ॥ +किनकर11 गुमानी12 धनि , मुँहमो न बोले गे माइ । +किनकर गुमानी बेटी , बीड़वो न लेइ13 गे माइ । +परभु के गुमानी धनि , मुँहमो न बोले गे माइ । +बाबा के दुलरइतिन बेटी , बीड़बो न लेइ गे माइ ॥ 4 ॥ +बाबा तोर देखलूँ दुलहा , टट्टर14 घर खाड़ा गे माइ । +भइया तोर देखलूँ लोकदिनियाँ15 सँघे साथे गे माइ । +चाचा तोर देखलूँ तमोलिन के पास गे माइ । +कइसे के करियो16 दुलहा तोहर बिसवास गे माइ । +तुहूँ त हकहु17 दुलहा बड़ रँगरसिया18 गे माइ ॥ 5 ॥",magahi-mag +"मेरौ वारौ सौ कन्हैंया +मेरौ बारौ सो कन्हैंया कालीदह पै खेलन आयो री ॥ टेक +ग्वालबाल सब सखा संग में गेंद को खेल रचायौरी ॥ मेरौ . +काहे की जाने गेंद बनाई काहे को डण्डा लायौरी ॥ मेरौ . +रेशम की जानें गेंद बनाई , चन्दन को डण्डा लायौरी । मेरौ . +मारौ टोल गेंद गई दह में गेंद के संग ही धायौरी ॥ मेरौ . +नागिन जब ऐसे उठि बोली , क्यों तू दह में आयौरी ॥ मेरौ . +कैं तू लाला गैल भूलि गयो , कै काऊ ने बहकायौरी ॥ मेरौ . +कैसे लाला तू यहाँ आयो , कैं काऊ ने भिजवायोरी ॥ मेरौ . +ना नागिन मैं गैल भूल गयो , ना काऊ ने बहकायौरी ॥ मेरौ . +नागिन नाग जगाय दे अपनों याहीकी खातिर आयौरी ॥ मेरौ . +नाँय जगाये तो फिर कहदे ठोकर मारि जगायौरी ॥ मेरौ . +हुआ युद्ध दोनों में भारी , अन्त में नाग हरायौ री ॥ मेरौ . +नाग नाथि रेती में डारौ फनफन पे बैंन बजायौरी ॥ मेरौ . +रमनदीप कूँ नाग भेज दियौ फनपै चिन्ह लगायौरी ॥ मेरौ . +‘घासीराम’ ने रसिया कथिके , भर दंगल में गायौरी ॥ मेरौ .",braj-bra +"ओजी पांच बधावा म्हारे आवियाजी +ओजी पांच बधावा म्हारे आवियाजी +ओजी पांचां री नवीनवी भांत +नारेळ म्हारा बार , सुपारी म्हारे ऑगणे जी +होजी चारोली चौबारिये रे मांय +दाख म्हारा मेहल में जी ।",malvi-mup +"37 +घर रब्ब दे मसजदां हुंदियां ने एथे गैर शरह नहीं वाड़ीये ओए +कुता अते फकीर पलीत होवे नाल दुर्रिआं1 बन्नके मारीये ओए +तारक हो सलवात2 दा पटे रखें लब्बों वालया मार पछाड़ीये ओए +नीवां कपड़ा होवे तां पाड़ दईये लमां होन दराज तां साड़ीये ओए +जेहड़ा फका असूल दा नहीं वाकफ ओहनू चा सूली उते चाड़ीये ओए +वारस शाह खुदा दे दुश्मनां नूं दूरों कुतियां वांग दुरकारीये ओए",panjabi-pan +"खुनुर खुनुर सुर मे�� बाजे +खुनुर खुनुर +खुनुर खुनुर सुर में बाजे +चुटकी चटक बोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +रुनझुन रुनझुन सुनगुन सुनगुन +थिरक थिरक के बोले +थिरक थिरक के बोले +रुनझुन रुनझुन सुनगुन सुनगुन +थिरक थिरक के बोले +थिरक थिरक के बोले +मांदर थाप थाप सुन नाचे +मांदर थाप +मांदर थाप थाप सुन नाचे +नवरस नवरंग घोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +कैसन हे तोर सांचा खांचा +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे तोर सांचा खांचा +कैसन हे सिरजैया +कैसन हे सिरजैया +चाल चलत कनिहा मटके सखि +चाल चलत +चाल चलत कनिहा मटके सखि +ताना मारे ठोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +सुर के बही धनी सुर बैहा +सुर के सुर म बोले +सुर के सुर म बोले +सुर के बही धनी सुर बैहा +सुर के सुर म बोले +सुर के सुर म बोले +अवघट घाटबाट नइ चिन्हे +अवघट +अवघट घाटबाट नइ चिन्हे +संग संगवारी डोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +खुनुर खुनुर +खुनुर खुनुर सुर में बाजे +चुटकी चटक बोले रे बैरी पैरी ल +छी +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +पैरी ल चिटको सरम नइ लागे या +बैरी पैरी ल चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे +चिटको सरम नइ लागे",chhattisgarhi-hne +"कुँवार मास मैया थपणा थपत है +कुँवार मास मैया थपणा थपत है +कारतिक खेले गाय हो मैया +कारतिक मास मैया परब दिवाली +अगइन अनधन होय +पोस तुसरिया , माह भदोरिया +फागुण खेले फाग +चैतेज मास मैया चित् उठ लागे +वैशाखे फूली फूलवास +जैठे जो मास मैया तपना तपत है +आषाढ़ बोले चतुरक मोर +सावण मास मैया रिमझिम बरसे +भादव गेर गम्भीर",malvi-mup +"ईसुरी की फाग-23 +ऐसी हती रजउ की सानी +दूजी नईं दिखानी । +बादशाह कै बेगम नइयाँ +ना राजा घर रानी । +तीनऊ लोक भुअन चौदा में +ऐसी नईं दिखानीं । +ईसुर पिरकट भईं हैं जग में +श्री वृषभान भुबानी । +भावार्थ +महाकवि ' ईसुरी ' का अपनी प्रेयसी ' रजऊ ' से मिलन नहीं हो पाया । इस वियोग में ' रजऊ ' के रूप की प्रशंसा करते हुए वे कहते हैं — मेरी ' रजऊ ' की ऐसी शान थी कि उसके जैसी दूसरी नहीं दिखाई दी । बादशाह की बेगम और राजा की रानी भी वैसी नहीं हो सकती । तीनों लोक और चौदह भुवनों में भी ऐसी कोई नहीं दिखती । +ऐसा लगता है मानो ���जऊ के रूप में वृषभान कुमारी यानि राधा जी ही प्रकट हो गई हैं ।",bundeli-bns +"संझा बोलत माई हे किनकर घरे जाग +संझा बोलत माई हे किनकर1 घरे जाग2 ॥ 1 ॥ +कथि केर3 धियवा4 कथि केर बात5 । +कथि केर दियवा6 जरइ7 सारी रात ॥ 2 ॥ +सोने केर दियवा , कपासे केर बात । +सोरही गइया8 के घियवा , जरइ सारी रात ॥ 3 ॥",magahi-mag +"चिर्मी +चिरमी रा , +चिरमी रा , +चिरमी रा डाणा चार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चढ़ती ने दीखे मेड्तो +उतरती ने दीखे अजमेर +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा +उतरती ने चमक्यो नोसर हार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +चिरमी बाबोसा री लाडली सा +चिरमी बाबोसा री लाडली सा +या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा +म्हे तो ओडूं वार त्यौहार +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा +काईँ नीचले डाला भरतार . . . +वारि जाऊं चिरमी ने . . . +के वारि जाऊं चिरमी ने +के वारि जाऊं चिरमी ने +के वारि जाऊं चिरमी ने",rajasthani-raj +"थारो काई काई रूप बखाणूँ रनुबाई +थारो काई काई रूप बखाणूँ रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारी अगळई मूंग की सेंगळई रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारो सिर सूरज को तेज रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारी नाक सुआ की रेख रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारा डोला निंबू की फाक रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारा दाँत दाड़िम का दाणा रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारा ओंठ हिंगुळ की रेख रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारा हाथ चम्पा का छोड़ रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारा पांय केळ का खंब रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । । +थारो काई काई रूप बखाणूं रनुबाई , +सौरठ देस सी आई ओ । ।",nimadi-noe +"घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी +घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी +आगे फोज मुगल पठान की चन्दो पकड़ी जाये जी +उड़दी जान्दी चिड़िया एक सन्देसा ले जाये जी +बाप मेरे नै नूं कहो थारी धी पकड़ी जाये जी +घुड़ला ले ल्यो डेढ़ सौ ऊंट ले ल्यो लख चार जी +बेटी छोड़ो चन्दरावली बाई राजकंवार जी +हम ना छोड़े चन्दरावली रानी बनै राजकंवार जी +घर जा बाबल आपणे राखूं तेरी मैं लाज जी +मुगल ने पीठ फिराई ओ तम्बू में ला दई आग जी +तम्बू जल गया जल गयी चन्दरावली राजकंवार जी +तारा पीहर अर सासरा तरी चन्दरावली राजकंवार जी",haryanvi-bgc +"445 +आ सहतीए वासता रब्ब दा ई नाल भाबियां दे मिठा बोलीए नी +होईए पीड़ वंडावड़े शहदियां दे जहर बिछूआं वांग ना घोलीए नी +कम बंद होवे पर��ेसियां दा नाल मेहर दे गंड नूं खोलीए नी +तेरे जही ननान हो मेल करनी जिऊ जान भी उस तों घोलीए नी +जोगी चल मनाईए बाग विचों हथ बन्न के मिठड़ा बोलीए नी +जो कुझ कहे सो सिरे ते मन लईए गमी शादियों मूल ना डोलीए नी +चल नाल मेरे तूं तां भाग भरीए मेल करनीए विच वचोलीए नी +वारस शाह मेरा ते रांझे दा मेल होवे खंड दुध दे विच चा घोलीए नी",panjabi-pan +"फलाणा राय का मेल पे सारस बोली रई +फलाणा राय का मेल पे सारस बोली रई +पिया म्हने भम्मर घड़ाव +गेली हुवा गोरी मूरख गंवार +भम्मर तो कई पेरणो +भम्मर पेरी ने पाणी नीकलां +देख हमारा देवरजेठ , देख चतर सायबा ।",malvi-mup +"284 +तुसीं अकल दे कोट अयाल हुंदे लुकमान हकीम दसतूर है जी +बाज भोर बगला अते लौंग कालू शाही शीहनी1 नाल कसतूर है जी +लोहा पशम पिसत डबा मौत सूरत सबजा होर शाबान मनजूर है जी +पंजे बाज जेहे रक वांग नीचे पौंचा वजया मगर सभ दूर है जी +चक सीह वांगूं गज नींह वांगूं मैंनूं दंद मारन हड चूर है जी +किसे पास ना खोलना भेत पाई जो आखयो कुझ सब मनजूर है जी +आ पया परदेस विच कम मेरा हीर लई इको सिर दूर है जी +वारस शाह हुण बनी है बहुत औखी अगे सुझया कहर कलूर है जी",panjabi-pan +"122 +फलहे कोल जिथे मंगू बैठदा सी ओथे चाल हैसी घर नाइयां दा +मिठी नाएण घरां संदी खसमनी सी नाई कम करदे फिरन साइयां दा +घर नाइयां दे हुकम रांझने दा जिवें साहुरे हुकम जवाइयां दा +चा भा मिठी फिरन वालयां दी बाग खुलदा1 लेफ तुलाइयां दा +मिठी सेज वछाई के फुल पूरे उते आंवदा कदम खुदाइयां दा +दोवं हीर रांझा रातीं करन मौजां मझीं खान खढ़ियां सिर साइयां दा +घड़ी रात रहिंदी हीर घर जांदी रांझा भाउ पुछांवदा धाइयां दा +आपो अपनी कार विच रुझ जांदे बूहा फेर ना देखदे नाइयां दा",panjabi-pan +"अगवाड़े तो बई जी रा बीरा +अगवाड़े तो बई जी रा बीरा +पिछवाड़े नणदोई जी +हिरतीफिरती बातां पूछूँ +के लाया नणदोई जी +जीमवाने घेवर लाया +खेलवाने चौपड़ जी +ओड़वाने सालू लाया +ओड़ी सालाहेली जी +बिछिया घड़ावे म्हारा सगा नणदोई जी +अनबट की साई उनका साका से लगाई जी",malvi-mup +"चपटी भरी चोखा +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो +हे श्रीफल नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . +सामे नी पोळ थी मालिडो आवे . . . . +ऐ गजरा नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . . . . +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो . . . . . . +सामे नी पोळ थी डोसिडो आवे . . . . +ऐ चुंदरी नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . . . . +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो . . . . +सामे नी पोळ थी कुम्भारी आवे . . . +ऐ माता नो गरबो लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . . . . +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो . . . . +सामे नी पोळ थी सुथारी आवे . . . . +ऐ बाजट नी जोड़ लई ने लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . . . . +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो . . . . +चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो . . . . +हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने . . . . .",gujarati-guj +"नाँय माने मेरौ मनुआं +मैं तो गोवर्धन कू जाउँ मेरी बीर नाँय माने मेरौ मनुआ ॥ +नाय मानैं मेरौ मनुआं , अरी वीर नाँय मानें मनुआं ॥ मैं तौ . +नाँय चहिएँ मोय पार परौसिन , नाँय चहिएँ . . . +इकलीदुकली धाऊँ मेरी बीर ॥ नाय मानें . +सात सेर की करूँ कढइया , सात सेर की . . . +अरी मैं तो पूरीपुआ बनाऊँ मेरी वीर +नाँय मानें मेरौ मनुआं । मैं तौ . +टोसा बाँध बगल में राखूँ , टोसा बाँध . . . +अरी मैं तो मन आवे वहाँ खाऊँ मेरी वीर , +नाँय माने मेरौ मनुआं । मैं तौ . +सात कोस की दउँ परिक्रमा , सात कोस की . . . +अरी मैं तो मानसी गंगा नहाऊँ मेरी वीर , +नाँय माने मेरौ मनुआ । मैं तौ . +श्री गिरिराज पै दूध चढ़ाऊँ , श्री गिरिराज पै . . . +अरी बर्फी कौ भोग लगाऊँ मेरी वीर , +नाँय मानै मेरौ मनुआ ॥ मैं तौ .",braj-bra +"आल्हा ऊदल +जिब ना बाँचल मोर देवी के सोनवा जान बचाई मोर +नाम रुदल के सुन के सोनवा बड़ मगन होय जाय +लौंड़ी लोंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड़ी बात मनाव +रात सपनवाँ में सिब बाबा के सिब पूजन चलि बनाय +जौन झँपोला मोर गहना के कपड़ा के लावव् उठाय +जौन झँपोला है गहना के कपड़ा के ले आवव् उठाय +खुलल पेठारा कपड़ा के जिन्ह के रास देल लगवाय +पेनहल घँघरा पच्छिम के मखमल के गोट चढ़ाय +चोलिया पेन्हे मुसरुफ के जेह में बावन बंद लगाय +पोरे पोरे अँगुठी पड़ गैल सारे चुरियन के झंझकार +सोभे नगीना कनगुरिया में जिन्ह के हीरा चमके दाँत +सात लाख के मँगटीका है लिलार में लेली लगाय +जूड़ा खुल गैल पीठन पर जैसे लोटे करियवा नाग +काढ़ दरपनी मुँह देखे सोनवा मने मने करे गुनान +मन जा भैया रजा इन्दरमन घरे बहिनी रखे कुँआर +वैस हमार बित गैले नैनागढ़ में रहलीं बार कुँआर +आग लगाइब एह सूरत में नेना सैव लीं नार कुँआर +निकलल डोलवा है सोनवा के सिब का पूजन चलली बनाय +पड़लि नजरिया इंदरमन के से दिन सुनों तिलंगी बात +कहवाँ के राजा एत बरिया है बाबू डोला फँदौले जाय +सिर काट दे ओह राजा के कूर खेत माँ देओ गिराय",bhojpuri-bho +"पिताजी की गोदी बठी रनुबाई विनवऽ +पिताजी की गोदी बठी रनुबाई विनवऽ । +कहो तो पिताजी हम रमवा हो जावां । +जावो बेटी रनुबाई रमवा जावो , +लम्बो बजार देखि दौड़ी मत चलजो । +ऊच्चो वटलो देखि जाई मत बठजो , +परायो पुरूष देखी हसी मत बोलजो । +नीर देखी न बेटी चीर मत धोवजो , +पाठो देखि न बेटी आड़ी मत घसजो , +परायो बाळो देखी हाय मत करजो , +सम्पत देखी न बेटी चढ़ी मत चलजो । +विपद देखी न बेटी रड़ी मत बठजो , +जाओ बेटी रनुबाई , रमवा जावो ।",nimadi-noe +"फाग गीत +मारा आँगना मा भाँगड़ी नु झाड़ +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू । +सासरा मा मारी सासुरी नु दख +पीयरा मा आऊ मारी आई नु लाड़ +मारी आई जी नु लाड़ । +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू +मारा आँगना मा भाँगड़ी नु झाड़ +सासरा मा जाऊँ मारा सुसरा नु दख +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू . . . । +पीयरा मा आऊँ बाजी नु लाड़ +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू . . . . . । +सासरा मा जाऊँ मारी ननदी नु दख +पीयरा मा आऊँ मारी भाभी मोल्या +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू . . . . । +सासरा मा जाई मारा देवर नु दख +पीयरा मा आवी मारा भाइ नु लाड़ +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू +मारा आँगना मा भाँगड़ी नु झाड़ । +ढोला मारुजी पीवे रे तम्बाकू +पत्नी कहती है कि उसके आँगन में भाँग का पेड़ है । उसके पति भाँग और तम्बाकू पीपीकर मस्त रहते हैं । अब मैं क्या करूँ ? ससुराल में मेरी सासु दुःख देती है और मायके में माँ लाड़प्यार मैं क्या करूँ ? कहाँ जाऊँ ? +ससुराल में जाती हूँ तो मेरे ससुर दुुःख देते हैं और मायके में बाप का प्यार मेरे पति तो भाँग और तम्बाकू में मस्त रहते हैं । ससुराल मैं जाती हूँ तो मुझे ननद की ओर से दुःख है और मायके में भाभी का व्यवहार ठीक नहीं , मैं क्या करूँ ? ससुराल में मुझे देवर की ओर से दुःख है और मायके में भाई का प्यार मैं क्या करूँ ? मुझे +कहाँ जाना चाहिए ?",bhili-bhb +"नारंगी दामन वाली जच्चा, गोद में बच्चा ले +नारंगी1 दामन वाली जच्चा , गोद में बच्चा ले । +गोद में बच्चा ले री जच्चा , गोद में बच्चा ले ॥ 1 ॥ +माँग जच्चा के टीका सोभे , मोतिया लहरा ले रे जच्चा , मोतिया लहरा ले । +हजरिया2 बैैठा पास में , हँस हँस के बीड़ा ले ॥ 2 ॥ +नाक जच्चा के बेसर सोभे , चुनिया लहरा ले । +हाँ जी , चुनिया लहरा ले , चुनिया लहरा ले । +हजरिया बैठा पास में , केसरिया3 बैठा पास में , हँस हँस के बीड़ा ले ॥ 3 ॥ +कान जच्चा के बाली सोभे , झुमका लहरा ले , हाँ जी , झुमका लहरा ले । +केसरिया बैठा पास में , हँस हँस के बीड़ा ले ॥ 4 ॥ +हाय जच्चा के कँगना सोभे , चुड़िया लहर��� ले , हाँ जी , चुड़िया लहरा ले । +हजरिया बैठा पास में , केसरिया बैठा पास में , हँस हँस के बीड़ा ले ॥ 5 ॥",magahi-mag +"बर खोजन जब चललन बाबा हे, हाँथ गुलेल +बर खोजन1 जब चललन बाबा हे , हाँथ गुलेल2 मुँह पान हे । +पुरूब खोजलन3 पछिम खोजलन , खोजलन मगह मनेर4 हे ॥ 1 ॥ +खोजइते खोजइते गेलन अजोधेया नगरी , मिलि गेलन राजकुमार हे । +राजा दसरथजी के चारियो बेटवा , हमें घर सीता कुँआर हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"मैं तुझे पूछूँ लाड़ो बीबी, एके बाल नव कँगही +मैं तुझे पूछूँ लाड़ो बीबी , एके1 बाल नव कँगही2 । +किनने3 तेरा बाल सँवारा है ? ॥ 1 ॥ +दादी जो मेरी कवन दीदी बीबी , एके बाल नव कँगही । +वही दादी बाल सँवारा है ॥ 2 ॥ +मैं तुझे पूछूँ लाड़ो बीबी , एके बाल नव कँगही । +किनने तेरा बाल सँवारा है ? ॥ 3 ॥ +नानी जो मेरी कवन नानी बीबी , एके बाल नव कँगही । +वही नानी बाल सँवारा है ॥ 4 ॥",magahi-mag +"रे पंछी! +रे पंछी तिसना की डाँगन में भटकत मुकते दिन बीते । +फल की इच्छा सैं बिरछन की +मुलकन देखी डारडरइयाँ , +करमन सैं जो मिले , उनें दए +छोड़ , तकीं फिर तालतलइयाँ । +सबरइँ धाली चौंच , तोउ रए पेट अरे रीते के रीते । +अपने जातपाँत के पंछिन +खौं कर पीछें आँगें दौरे , +कितनन खौं घायल कर पंजन , +बिदोबिदो समुदा में बोरे । +तइ पै तेरी मरी न मंसा , इतने करम करे तैं लीते । +संसारी के वन में आए , +भारीभारी पंखनबारे , +उड़तउड़त पंखा सब झर गए +पार न पाऔ तब मन हारे । +तइ पै तैं कउतइ , जा जग में हम सौं निठुआँ अनचीते । +जासैं जो सैजइ मिल जाबै , +बइमें तिरपत हो कै रइए । +‘मित्र’सत्रु कौ भेद भुला कै , +परमेसुर को कीरत गइए । +जिनकौ जुरौ सत्त सें नातौ बेई रन जीवन कौ जीते ।",bundeli-bns +"माटी कुदम करन्दी यार +माटी कुदम करन्दी यार । +माटी जोड़ा माटी घोड़ा , माटी दा असवार । +माटी माटी नूँ दौड़ाए , माटी दा खड़कार । +माटी कुदम करन्दी यार । +माटी माटी नूँ मारन लग्गी , माटी दे हथिआर । +जिस माटी पर बहुतीमाटी , तिस माटी हंकार । +माटी कुदम करन्दी यार । +माटी बाग बगीचा माटी , माटी दी गुलज़ार । +माटी माटी नूँ वेक्खण आई , माटी दी ए बहार । +माटी कुदम करन्दी यार । +हस्स खेड मुड़ माटी पाओं पसार । +बुल्ला एह बुझारत बूझें , लाह सिरों भुँए मार । +माटी कुदम करन्दी यार ।",panjabi-pan +"ढोलर बाज्यो रे, बाज्यो रे +ढोलर बाज्यो रे , बाज्यो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी , +नान्हीनान्ही बूँद पड़े छे +म्हारो लहरयो भीज्यो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी , +ढोलर बाज्यो रे , बाज्यो रे +सई��ों आई सावण तीज सुहावणी +कदम्बा की डाल पे +ढोलर घाल्यो , हीदड चाल्यो +हरिया बन की कोयल बोले +लागे चोखो भलो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी , +ढोलर बाज्यो रे , बाज्यो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी +आपस में हिलमिल झूला +झोंटा दे द्यो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी , +ढोलर बाज्यो रे , बाज्यो रे +सईयों आई सावण तीज सुहावणी",rajasthani-raj +"केहा झेड़ा लायो ई? +आ सज्जण गल लग्ग असाडे , +केहा झेड़ा लायो ई ? +सुत्तेआँ बैठेआँ कुझ ना डिट्ठा , +जागदेआं सहु पायो ई । +कुम्ब बि इजली शमस1 बोले , +उल्टा कर लटकायो ई । +इशकन इशकन लग्ग विच्च होइआँ , +दे दिलास बिठायो ई । +मैं तैं काटी नहीं जुदाई , +फिर क्यों आप छुपायो ई । +मज्झिआँ आइआँ माही ना आया , +फूक बिरहों डुलायो ई । +ऐस इशक दे वेक्खे कारे , +यूसफ खूह पवायो ई । +वाँग जुलैखा विच्च मिशर दे , +घुँघट खोल रूलायो ई । +रब्बएअरनी मूसा बोले , +तद कोह तूर जलायो ई । +लन तरानी2 झिडकाँ वाला , +आपे हुक्म सुणायो ई । +इशक दीवाने कीता फानी , +दिल यतीम बणायो ई । +बुल्ला सहु घर वसिआ आ के , +शाह अनायत पायो रे । +आ सज्जण गल लग्ग असाडे , +केहा झेड़ा लायो ई ।",panjabi-pan +"मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय +मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय +जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार +जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल +मन खोल के मांगो . . . +तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार +कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल +मन खोल के मांगो . . . +बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार +बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल",haryanvi-bgc +"सींकी के बढ़निया गे बेटी +सींकी के बढ़निया1 गे बेटी , सिरहनमा2 लाइ गे रखिहऽ । +भोरे भिनसरवा3 गे बेटी , अँगनमा बाढ़ी4 गे लइहऽ ॥ 1 ॥ +सेहो बढ़नमा5 गे बेटी , करखेतवा6 जाइऽ गे बिंगिह7 । +सेहू जनमतइ8 गे बेटी , कदम जुड़ी9 छँहियाँ ॥ 2 ॥ +सेहू तरे10 उतरइ गे बेटी , सतपँचुआ11 के जनमल12 दमदा । +लँगटवा13 के जनमल दमदा ॥ 3 ॥",magahi-mag +"राजा के अगनवा चन्दन का विरवा +राजा के अँगनवा चन्दन का बिरवा +अछर बिछर ओखी डार हो +वो ही तरे पूरे बबुआ सोना संकल्पै +डारे लागे सुधर सुनार हो +गढ़ सोनरा तुम आंगन कंगन +गढ़ सुनरा सोलह सिंगार हो +इतना पहिन बेटी चौक में बैठी +भरहि मोतियन मांग हो +सोनवा पहिन बेटी मण्डप में आई +आवे लागे मोतियन आंसू हो +कि मोरी बेटी अन धन कम है +कि है रमैया वर छोट हो +कौन बात बेटी मण्डप में रोई +आवे लागे मोतियन आसू हो +नाहीं तो मोरे बाबुल ध��� अन कम है +नहीं है रमैया वर छोट हो +आज की रैन बाबुल तुम्हारा देशवा +कल परदेहिया के देश हो +राजा के अगनवा चन्दन के विरवा . . . ।",bundeli-bns +"भादों की अँधेरी, झकझोर +भादों की अँधेरी , झकझोर1 । +ना बास ना बास , पापी मोर । +डुलदो2 तू क्यों , पापी प्राणी । +स्वामी बिना मैक , बड़ी खडरी3 । +विश्वासी मन जो , औंद भारी । +भादों की बरसात जग रूझ4 । +मन की मेरो ना , आग बुझ । +स्वामी बिना झूठी , लाणीं खांणी5 । +मनु की मनुमा , रई गांणी6 ।",garhwali-gbm +"रजमतिया के चिट्टी +छोटकी गोतिनिया के तनवा के बतिया , +पतिया रोईरोई ना , लिखावे रजमतिया । +सोस्ती श्री चिट्टी रउरा भेजनी तेमे लिखल , +सोरे पचे अस्सी रोपेया , भेजनी तवन मिलल +ओतना से नाही कटी , भारी बा बिपतिया । पतिया . . . +छोटकी के झूला फाटल , जेठकी के नाहीं , +बिटिया सेयान भइल , ओकरो लूगा चाही , +अबगे धरत बाटे कोंहड़ा में बतिया , पतिया . . . +रोज रोज मंगरा मदरसा जाला , +एक दिन तुरले रहे मौलवी के ताला , +ओकरा भेंटाइल बा करीमना संघतिया । पतिया . . . +पांडे जी के जोड़ा बैला गइलेसऽ बिकाइ , +मेलवा में गइले त पिलवा भुलाइल , +चार डंडा मरले मंगरू , भाग गइल बेकतिया । पतिया . . . +जाड़ा के महीना बा , रजाई लेम सिआइ , +जाड़ावा से मर गइल दुरपतिया के माई , +बड़ा जोर बीमार बा भिखारी काका के नतिया । पतिया . . . +कबरी बकरिया रातभर मेंमिआइल , +छोटका पठरुआ लिखीं कतना में बिकाई , +दुखवा के परले खिंचत बानी जँतिया । पतिया . . .",bhojpuri-bho +"588 +हीर रूह ते चाक कलबूत जानो बालनाथ एह पीर बनाया ई +पंज पीर ने पंज खवास1 तेरे जिन्हां थापना तुध नु लाया ई +काज़ी हक झंवेल ने अमल तेरे अयाल मुनकिर नकीर2 ठहराया ई +कोठा गैर दा अते अजराईल खेड़ा जेहड़ा लैंदा ई रूह नूं धाया ई +सइयां हीर दीयां घर बार तेरा जिन्हां नाल पैवंद3 बनाया ई +कैंदों लंगा शैतान मलऊन4 जानों जिसने विच दीवान फड़ाया ई +बांग हीर दे बन्ह लै जान तैनूं किसे नाल ना साथ लदाया ई +जेहड़ा बोलदा नातका5 वंझली दा जिस होश दा राग सुनाया ई +सहती मौत ते जिसम है यार रांझा उन्हां दोहां ने भेड़ मचाया ई +शैहवत भाबियां ते भुख रवेल बांदी जिन्हां जन्नतों बाहर कढाया ई +जोगी तारक6 बणया कन्न पाड़ जिसने सभ अंग भबूत रमाया ई +दुनियां जाण एवे जिवे झंग पेके गैर कालड़ा बाग बनाया ई +त्रिंजन एह बदअमलियां तेरियां ने कढ भिशत थीं दोजखी पाया ई +ओह मसीत है माऊ दा शिकम7 बंदे जिस विच शबरोज8 लंघाया ई +अदली राजा ते नेक ने अमल तेरे जिस हीर ईमान दिव���या ई +वारस शाह मियां बेड़ा पार तिन्हां जिन्हां रब्ब दा नाम धिआया ई",panjabi-pan +"435 +करामात लगायके शहर फूकां जड़ां खेड़यां दियां मुढों पट सुटां +फौजदार वांगूं दयां फूक अगा कर मुलक नूं चैड़ चपट सुटां +नाल फौज नाही पकड़ कुआरियां नूं हथ पैर ते नक कन कट सुटां +सहती हथ आवे पकड़ चूंडियां तों वांग टाट दी तपड़ी छट सुटां +पंज पीर जे बोहड़न आन मैंनूं दुख दरद कजीअड़े पट सुटां +हुकम रब्ब दे नाल मैं काल जीभा मगर लग के दूत नूं चट सुटां +होवे पार समुंदरों हीर जटी बुकां नाल समुंदर नूं छट सुटां",panjabi-pan +"नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते +नन्द ते भाबो रल मिल बेठियाँ ते +करदियाँ कोल कलाप +जे मेरे घर लड़का होया नी नणदे देसा में फुलजडियाँ +वीरन दे घर लड़का जे होया +लोक वदइयां दे +लोक वदायियाँ लै जे बैठे वे राजे +भैण वदायियाँ दे +भैण वदायियाँ नहीं जे लैंदी वे लोको +मंगदीये फुलजडियाँ +फुलजडियाँ वडे शावां दे घर नी भैणे +साडे नहीं फुलजडियाँ +ओ गई ओ गई रुस वे गई ए भैणा +ओ गई ए अटकों पार +वीरन ने फुलजडियाँ दित्तियां वे लोको +आन्दिसू भैण मना",panjabi-pan +"320 +सच आख तूं रावला कहे सहती तेरा जिऊ केहड़ी गल लोड़दा ए +वेहड़े वड़दयां रिकतां छेड़ीयां ने कंडा विच कलेजे दे बोड़दा ए +बादशाहां दे बाग विच नाल चावड़ फिरे फुल गुलाब दा तोडदा ए +वारस शाह नूं शुतर1 मुहार बाझों डांग नाल कोई भुण मोड़दा ए",panjabi-pan +"501 +राह जांदड़ी झोटे ने ढाह लई साहन थल एथल के मारियां नी +हबों हबो व गायके भन्न चूढ़ा पाट सुटियां चुन्नियां सारियां नी +डाढा माढ़यां नूं ढाह मार करदे अन्न जोरावरां अगे हारियां नी +नस चली सां ओंस नूं वेखके मैं जिवें वरां तों जान कवारियां नी +सीना भन्न के भनयो सू पासयां नूं दोहां सिंगां उते उस चाढ़ियां नी +मेरे करम सन आन मलंग मिलयां जिस जीवंदी पिंड विच वाड़ियां नी +वारस शाह मियां गल नवी सुनी हेड़ी1 हरत मैं ततड़ी दहाडियां2 नी",panjabi-pan +"हे मेरी सांझी तेरी चम्पा फूली +हे मेरी सांझी +तेरी चम्पा फुली आंगी कुरबान सांझी +हो मेरा सुसरा +तेरी डाढी लिकड़ा कचरा कुरबान सांझी +हे मेरी सासू +तेरे गिण गिण तोडूं पांसू कुरबान सांझी +हे मेरी नणदी +तेरी तोड़ घड़ा लूं अणदी कुरबान सांझी +सांझी चाली सांझ नै +गैल बसंता पूत +और सब चीज सिर पर धरी +बगल में मारा सूत",haryanvi-bgc +"तीजां का त्योहार रितु सै सामण की +तीजां का त्योहार रितु सै सामण की +खड़ी झूल पै मटकै छोह् री बाहमण की +क्य��ं तैं ऊंची पींघ चढ़ावै +क्यूं पड़ कै सै नाड़ तुड़ावै +योह् लरजलरज के जावै डाल्ही जामण की +तीजां का त्योहार रितु सै सामण की",haryanvi-bgc +"सो जा वा रे वीर तुम तो सो जाओ वा रे वीर +सो जा वा रें वीर , तुम तो सो जाओ वा रे वीर । +बीरन की बलैयां ले गईं जमुना के तीर । । +वर पे डाले पालना , पीपल पे डारी डोर । +जो लों कन्हैंया सोवन लागे ऊपर बोली मोर । +सो लो मोरे लाड़ले , तुम जब लो होने भोर । +आवतजावत झोंका देहों , कबहूं न टूटे डोर । +माई गई है मायके , बीरन गये ससुराल । +भैया गयें हैं चाकरी , भाभी ठांढ़ी द्वार । +तातीताती खीर बनाईं , जामे डारो घी । +दो कौर खा लो लाड़ले , ठण्डो पड़ जाये जी ।",bundeli-bns +"लाडो सोई सोई उठि जांगियां +लाडो सोई सोई उठि जांगियां +अपने बाबा जी से वर मांगियां +या तो बाबा मुझे चन्दा दे दो +या तो फूल गुलाब का +बाबा हमें चन्द्र सलोना दे दो +बाबा हमें साजन के घर भेजो",haryanvi-bgc +"अरे ए मियाँ बँदरे, सहानी नइया लागी +अरे ए मियाँ बँदरे1 सहानी2 नइया3 लागी । +कोठे चढ़ि अम्माँ देखे जी , सहाना माली आया । +सहाना सेहरा लाया रे ॥ 1 ॥ +अरे ए मियाँ बँदरे , नवेली नइया लागी । +अरी ए खेलवड़िये4 सहानी नइया लागी ॥ 2 ॥ +कोठे चढ़ि दादी देखें जी सहाना दरजी आया । +अरे ए मियाँ बँदरे , सहाना जोड़ा लाया रे , सहाना जोड़ा लाया ॥ 3 ॥ +कोठे चढ़ि नानी देखें जी , सहाना तँमोली आया जी । +सहाना बीड़ा लाया जी , सहाना बीड़ा लाया । +अरे ए मियाँ बँदरे , सहाना बीड़ा लाया ॥ 4 ॥ +कोठे चढ़ि अम्माँ देखें जी , सहाना डोला आया । +सहाना डोला आया जी , सहानी लाड़ो आई । +अरी ए मियाँ बँदरे , सहानी नइया आई ॥ 5 ॥",magahi-mag +"233 +कैद आबखुरदी1 खिची वांग किस्मत कोइल लंका दे बाग दी गई दिल्ली +मैंना लई बंगालयों चाक कमले खेड़ा पया अजगैब2 दी आन बिल्ली +चुसती आपने पकड़ना हार हिमत हीर नाहिओं इशक दे विच ढिल्ली +कोई जाईके पकड़ फकीर कामल फकर मारदे विच रजा किल्ली +वारस शाह मसतानड़ा ही लिला सेली गोदड़ी3 पहन हो शेख चिल्ली",panjabi-pan +"बालेमा बालेमा बालेमा जा +बालेमा बालेमा बालेमा जा +बालेमा बालेमा बालेमा जा +बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे +बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे +बालेमा सिर जगह सिर सोटकेन जा बालमा रे +बालेमा सिर जगह सिर सोटकेन जा बालमा रे +बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे +बालेमा जा सिलसिल पाटा नाइयो जा बालमा रे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"योई पीयर, योई सासरो वो जगदम्बा +योई पीयर , योई सासरो वो जगदम्बा +योई दुखियारो विश्राम +पाँवों ने बिछिया सोवताए माय +थारा अनबट से लागी रयो बाद",malvi-mup +"अणा कोलाला ना बीरा गऊँड़ा हांगणा +अणा कोलाला ना बीरा गऊँड़ा हांगणा +बरोठा नी पाकी मसूर +कमला बई नी सेरी बीरा हांकड़ी +यो थो मदनलालजी नो भोको परवार +रे सौदागर बीरा धणी रे घुमर से बीरा आविया +आंवा कटाडूं रे बीरा आमळी +लम्बी बंदाडूं पटसाल",malvi-mup +"ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +ओलेडा रानी ओलेडा आले नागा फगायें +बारी पारे लाडी सनान केडो +बारी पारे लाडी सनान केडो +बारी पारे लाडी सनान केडो +आले नागा फगायें +आले नागा फगायें +आले नागा फगायें +स्रोत व्यक्ति चिरौंजीलाल , ग्राम कुकड़ापानी",korku-kfq +"मेरी बन खंड को कोयल बन खंड छोड़ कहां चली +मेरी बन खंड को कोयल बन खंड छोड़ कहां चली +मेरे ताऊ ने बोले हैं बोल बचन की मारी मैं चली +मेरी बन खंड की कोयल बन खंड छोड़ कहां चली +मेरे बाबुल ने बोले हैं बोल बचन की मारी मैं चाली",haryanvi-bgc +"411 +बोली हीर मियां पा खाक1 तेरी पिछे टुटियां असीं परदेसनां हां +पयारे विछड़े चोप2 ना रही काई लोकां वांग ना मिठियां मेसनां हां +असीं जोगीया पैरां दी खाक तेरी नहीं झूठियां ते मल खेसनां हां +नाल फकर दे करां बराबरी कयों असींजटियां हां कि कुरेसनां3 हां",panjabi-pan +"ऐसे कपटी श्याम +ऐसे कपटी श्याम कुंजन बन छोड़ चले उधो ३ +जो मैं होती जल की मछरिया +श्याम करत स्नान चरण गह लेती मैं उधो ऐसे कपटी 2 +जो मैं होती चन्दन का बिरला +श्याम करत श्रृंगार मैथ बिच रहती मैं उधो ऐसे कपटी 2 +जो मैं होती मोर की पांखी +श्याम लगाते मुकुट मुकुट बिच रहती मैं उधो ऐसे क पटी 2 +जोमें होती तुलसी का बिरला +श्याम लगाते भोग थल बिच रहती मैं उधो ऐसे कपटी 2 +जो मैं होती बांस की पोली +श्याम छेड़ते राग अधर बिच रहती मैं उधो ऐसे कपटी2 +जो मैं होती बन की हिरनिया +श्याम चलते बाण प्राण तज देती मैं उधो ऐसे कपटी 2",braj-bra +"बागां में मेंहा बरसै सरवर पै मेंहा बरसै +बागां में मेंहा बरसै सरवर पै मेंहा बरसै +मत बरसै इन्दर मेरी मां का जाया बरसै +माला पै रंग बरसै चम्पा पै रंग बरसै +मत बरसै इन्दर राजा थाली में बीरा बरसै",haryanvi-bgc +"224 +गई उमर ते वकत फिर नहीं मुड़दे गए करम ते भाग न आवंदे ने +गई गल जबान थीं नहीं मुड़दी गए रूह कलबूत1 ना आंवदे ने +गई जान जहान थीं छड जुसा कई हो��� सयाने फरमांवदे ने +मुड़ एतने फेर जे आंवदे ने रांझे यार होरी मुड़ आंवदे ने +अगे वाहियों चा गवायो ने हुन इशक थीं चा गवांवदे ने +रांझे यार होरां एह थाप छडी किते जा के कन्न पड़वांवदे ने +इके अपनी जिंद गवाउंदे ने इके हीर जटी बन्न लयांवदेने +वेखो जट हुण फंद चलांवदे ने बन चेलड़े घोन हो आंवदे ने +वारस शाह मियां सानूं कौन सदे भाई भाबियां हुनर चलांवदे ने",panjabi-pan +"देवी मैया के दरस कूँ +देवी मैया के दरस कूँ घर से निकरौ लाँगुरिया ॥ टेक +माथे तिलक सिंदूर कौ रे टोपी पहरी लाल , +पीरे कुरता पै पड़ी रे गल फूलन की माल ॥ देवी . +झण्डा सोहै हाथ में रे बाजत मुख से बैन , +काजर कटीली डार कै री खूब चलावत सैन ॥ देवी . +मेंहदी रच रही हाथ में रे घड़ी कलाई सोह , +ठुमक 2 कै वो चलै री दिल कूँ लेवे मोह ॥ देवी . +जोगिन ठाड़ी राह में रे भरिभरि देखै नैन , +मन तिरपत हे गयौ हमारौ ऐसी उसकी कैन ॥ देवी .",braj-bra +"सोन्ना रूपा का घड़ा घड़ीला +सोन्ना रूपा का घड़ा घड़ीला , +रेशम लम्बी डोर हो , झालरियो । । +रनुबाई गंगा भरिया , जमुना भरिया , +जाय कवेरी झकोळ हों , झालरियो । । +बेटी म्हारी , पहिलाज आणऽ ससराजी आया , +काळो घोड़ो लाया हो , झालरियो । । +पिताजी अबको आणो पछो फिरई देवो , +हम खेली लेवां फूल नऽ पाती हो , झालरियो । । +बेटी म्हारी , दूसराज आणो जेठजी आया , +धौळो घोड़ो लाया हो , झालरियो । । +पिताजी अबको आणो पछो फिरई देवो , +हम खेली लेवां फूल नऽ पाती हो , झालरियो । । +बेटी म्हारी , तीसराज आणो देवरजी आया , +छैल बछेरी लाया हो , झालरियो । । +पिताजी अबकी आणो पछो फिरई देवो , +हम खेली लेवां फूल नऽ पाती हो , झालरियो । । +बेटी म्हारी , चवथाज आणो धणियेरजी आया , +हँसलो घोड़ो लाया हो , झालरियो । । +पिताजी अबको आणो पछो फिरई देवो , +हम खेली लेवां फूल नऽ पाती हो , झालरियो । । +बेटा म्हारी , ससरो भी फिरी गयो , जेठ भी फिर गयो , +देवर भी फिरी गयो । +हाड़ा राव को कुँवर कन्हैयो । । +ओ नी पाछऽ फिरऽ हो , झालरियो । । +पिताजी जळ जमुना को काळो पाणी , +देखी नऽ डर लागऽ हो , झालरियो । । +बेटी म्हारी , नाव लगावसे , डोंग्या चलावसे , +पार उतारी लई जासे हो , झालरियो । । +पिताजी चैतबैसाख की घाम पड़ऽ नऽ , +म्हारी कड़ी को बाळो कोम्हलासे हो , झालरियो । । +बेटी म्हारी छतरी लगावसे , तम्बू तणावसे , +छावळऽ छावलऽ लई जासे हो , झालरियो । ।",nimadi-noe +"जेहि बन सिंकियो ना डोलइ +जेहि बन सिंकियो ना डोलइ , बाघ सिंह गरजइ हे । +तेहि बन चललन , कवन चच्चा , अ��गुरी धरि कवन बरुआ हे ॥ 1 ॥ +पहिले जे कटबउ1 मूँजवा2 मूँज के डोरी चाहिला हे । +तब कय कटबउ परसवा , परास डंडा चाहिला हे । +तब कय मारबउ मिरगवा , गिरिग छाल चाहिला हे ॥ 2 ॥ +जेहि बन सिंकियो न डोलइ , बाघ सिंह गरजइ हे । +तेहि बन चललन कवन भइया , अँगुरी धरि कवन बरुआ हे ॥ 3 ॥ +पहिले जे कटबउ मूँजवा , मूँज के डोरी चाहिला हे । +तब कय कटबउ परसवा , परास डंडा चाहिला हे । +तब कय मारबउ मिरिगवा , मिरिग छाल चाहिला हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"505 +बारां बरस दी औड़ सी मिह बुठा लगा रंग फिर खुशक बगिचियां नूं +फौजदार तगयार बहाल होया बांझ तंबूयां अते गलिचियां नूं +बाहियां सुकियां सबज मुड़ फेर होइयां एस हुसन जमीन नूं सचियां नूं +वारस वांग किशती परेशान हां मैं पानी पहुंचया नूंह दे टिचियां नूं",panjabi-pan +"सती बोली आमा सती अले सती गले माडो +सती बोली आमा सती अले सती गले माडो +बोलो हो सती सती रानी आमा सती गले माडो +सती सती रानी आमा सती आले सती गले माडो +सती डो ये सती रानी आमा सती गले मा सती बोले डो +सती सती राजा इयां सती चोजा लेन कोमरावा जा +सती बोले ये सती सती रानी इयां सती चोज लाने कोमरावा जा +सती मारे ये सती सती राजा इयां नी सती +लाने इयां नी अठली डोगे बोले ये सती +सती राजा इयां अठली वारा दिवा लापके इयां सती +सती मारे ये सती सती राजा इयां अठली वारा +दिवा लापके जा इयां सती सती बोले रे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"दरवाजा पे नौबत बाजे +दरवाजा पे नौबत बाजे +लाल म्हारे भोत नीको लागे +दाई हमारे मन भावे +आवतो सो दीनड़ झेले +लाल म्हारे भोत नीको लागे +सासू हमारा मन भावे +वे कुंवर पठोला में झेले +वे जोठाणी हमारे मन भावे +वे चखेते फूंको धरावे +लाल मोय भोत नीको लागे +वे देराणी हमारे मन भावे +वे दस दन रसोई निपाये +वे कोणा में खाट बिछावे +लाल मोय भोत नीको लागे +वे नणंद हमारे मन भावे +वे कंवळे ते सांतीपूड़ा लावे +वे पड़ोसन हमारे मन भावे +वे दस दिन मंगल गावे +वे ढोली हमारे मन भावे +वे अँगना में ढ़ोल घोरावे +वे जोसी हमारे मन भावे +वे ललना को नाम धरावे ।",malvi-mup +"179 +रांझे आखया मूंहों की बोलना ए घुट वट के दुखड़ा पीवना ई +मेरे सबर दी दाद जे रब्ब दिती खेड़े हीर सयाल ना जीवना ई +सबर दिलां दे मार जहान पटन उच्ची कासनूं असां बकीवना ई +तुसीं कमलियां इशक थीं नहीं वाकफ नेहुं लावणा निंम दा पीवना ई +वारस शाह जे चुप थीं दाद पाईए उची बोलयां वहीं विहीवना1 ई",panjabi-pan +"राई राई राई बोको राई घाट��� गोना घाटो बेडेजे +राई राई राई बोको राई घाटो गोना घाटो बेडेजे +राई राई राई बोको राई घाटो गोना घाटो बेडेजे +गोना घाटो बेडेजे बोको सारी गागंड़ा सारी मकड़ाई फिरीयो +गोना घाटो बेडेजे बोको सारी गागंड़ा सारी मकड़ाई फिरीयो +रुपयो झोला कान्डोयो बोको सारी मकड़ाई सारी गागंड़ा फिरीयो +रुपयो झोला कान्डोयो बोको सारी मकड़ाई सारी गागंड़ा फिरीयो +सारी गागंड़ा फिरीयो बोको बा सूरतो बन डूंगू +सारी गागंड़ा फिरीयो बोको बा सूरतो बन डूंगू +राई राई राई बोको राई घाटो गोना घाटो बेडेजे +राई राई राई बोको राई घाटो गोना घाटो बेडेजे +गोना घाटो बेडेजे सारी गांगड़ा सारी मकड़ाई फिरीयो +गोना घाटो बेडेजे सारी गांगड़ा सारी मकड़ाई फिरीयो +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"172 +चूचके फेर के गंढ1 सदाए घले आबन चौधरी सारयां चकरां दे +हथ देह रुपया पले पाए शकर सवाल पोंदे छोहरां2 बकरां3 दे +कहया लागियां सन नूं सन4 मिलया तेरा साक होया नाल ठकरां5 दे +धरया ढोल जटेटियां देहुं वेलां छने लिऔंदियां आनयां शकरां दे +रांझ हीर सुनया दलगीर होए दोवें देण गाली नाल अकरां6 दे",panjabi-pan +"203 +जेहड़े छड के राह हलाल दे नूं तकन नजर हराम दी मारिअन गे +कबर विच वहा के मार गुरजी सभे पाप ते पुन्न नतारिअन गे +रोज हशर दे एह गुनहगार सभे घत अग दे विच नघारिअन गे +उस वकत ना किसे साथ रलना खाली जेब ते दसत ही झाड़िअन गे +वारस शाह एह उमर दे लाल मोहरे इक रोज नूं आकबत1 हारियन गे",panjabi-pan +"आकाशो में तो चाँद सूरजो धरती में तो राम भगवान +आकाशो में तो चाँद सूरजो धरती में तो राम भगवान +जा भगवान इयें कीनी चोयमा गाले +धरती में तो चाँद सूरजो आकाश में तो राम भगवान +जा भगवान इय केन नी चोयामा गाले +मायटेने भी फुरी जा भगवान , बाँटे ने भी पूरी जा भगवान +जा भगवान इंके न भी चोयामा गाले +बा केन भी डोढूँजा भगवान जा माय केन भी डोढूँजा भगवान +जा भगवान इयें केन ने चोयामा गाले +पीठो में तो भाई नहीं है खोक में तो बैठा नहीं है +जा भगवान इयेकेन ने चोयामा गाले +खोक में तो बैठा नहीं है पीठो में तो भाई नहीं रे +हा रे भगवान इयेकेन चोयामा गाले +पीठ में तो काका नहीं रे , पीठ में तो काकी नहीं रे +जा भगवान इयेकेन चोयामा गाले +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"लोक गीत +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरा तारे पुश्यानु का���ई काम रेऽऽऽ । +सोरा मारे पुश्यानु बड़ी मोआरेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरी तमे परण्या के कुँवारा रेऽऽऽ । +सोरी तमे परण्या के कुँवारा रेऽऽऽ । +धेर मा मारा बापा ने जाई केथु रेऽऽऽ । +बापा हमुँ परण्या के कुँवारा रेऽऽऽ । +बापा हमुँ परण्या के कुँवारा रेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +बेटी तमे नानां थां परण्याया रेेऽऽऽ । +बेटी तमे नानां थां परण्याया रेेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +सोरी तारे घड़ुले छे , घुँघर माल रेऽऽऽ । +छोरी तूने अपने घड़े को घुँघरू बाँधकर सजा रखा है । छोरा तेरे इस प्रकार पूछने का क्या मतलब है ? छोरी मुझे इस प्रकार तुझे पूछने से बहुत मजा आता है । छोरी तू शादीशुदा है कि कुँवारी है ? छोरा घर जाकर मैं अपने बाप से पूछँगी कि मैं शादीशुदा हूँ कि कुँवारी ? छोरी तूने अपने घड़े को घुँघरू बाँधकर सजा रखा है । बेटी तू छोटी थी , तभी मैंने तेरी शादी कर दी थी । छोरी तूने अपने घड़े को घुँघरू बाँधकर सजा रखा है ।",bhili-bhb +"भरोसौ +ठाँड़ो आज +भरोसे की बीता भर धरती पै +मानुस । +अपने गेरँऊँ +आई नदीसौ देख समुन्दर +पलछिन सोसत , +बूड़ न जाबै +पाँवतरे की धरती +दंदफंद औ चालफरेबी के +पानूँ में +उतै +दूबरौ और बिचारौ +एक भरोसौ +दिन बूड़े कौ सूरजसौ हो +हराँहराँ +आँखनसामूँ सें +हिलबिलानसौ हो रऔ ।",bundeli-bns +"कहमाँ गमोलँ तोहूँ एता दिन सिवजी +कहमाँ गमोलँ1 तोहूँ एता2 दिन सिवजी , पियरी3 जनेउआ कहाँ पावल4 हे । +गेलियो5 हम गेलियो गउरा तोहरो नइहरवा , बराम्हन रचल धमार6 हे । +एता दिन हमें गउरी सासुर7 गमउली8 सुखे9 सुखे गेल ससुरार हे ॥ 1 ॥ +तुहूँ गमौलऽ सिउजी अइसे से ओइसे , नयना काजर कहाँ पाव10 जी । +गेलियो हम गउरा हे तोहरो नइहरवा , सरहजवा रचल धमार हे । +ओहु जे11 सरहोजिया हे उमिर के12 काँचल13 दिहलन कजरा लगाय हे ॥ 2 ॥ +तोहूँ जे हकऽ14 सिउजी अइसे से ओइसे , पियर धोतिया कहाँ पाव जी । +गेलियो से गेलियो गउरी तोहरो नइहरवा , सरवा15 रचल धमार हे । +सरहजवा हथी गउरी काँचे से बुधिया16 देलन धोतिया रँगाय हे ॥ 3 ॥ +कहमाँ गमवलऽ सिउजी मास पखवरवा17 पउआँ18 कहाँ भराव जी । +गेलियो हम गेलियो गउरा तोहरो नइहरवा , नउआ19 रचल धमार हे । +नउआ जे हकइ20 गउरा ओहु छोट जतिया21 भरि देलक22 हमरा के पाँव हे ॥ 4 ॥ +कहमाँ से अयलऽ सिउजी एता मोटरी23 लेके24 कहमाँ पयलऽ25 कलेउ26 हे । +��ेलियो जे हम गउरा तोहरो नइहरवा से , सासुजी देलन सजाय हे । +एक खइँचा27 देलन गउरा पुआ28 पकमनमा , दुइ खइँचा लाइ29 मिठाइ हे ॥ 5 ॥ +एतना जे सुनलन गउरा गेंठरी उठवलन , धरि देलन कोठिया30 के साँधेकंधे पर हे । +हमर नइहरवा सिउजी सब दिन उरेहल31 काहे गेलऽ32 ससुरार हे ॥ 6 ॥ +सास ससुरवा गउरा हथी गँगाजलिया33 सार34 सरहज कमल फूल हे । +ससुरा के लोग हथी लाइ मिठइया , रोज जायब ससुरार हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"तू पाणी पाणी कर रह्या बटेऊ +तू पाणी पाणी कर रह्या बटेऊ राजा का सै डोल +राजा से डोल मांग ले बटेऊ पीले जल नीर +बटेऊ बटेऊ मत करै मैं तो लागूं तेरा बीर +तेरे राजी भाई भतीजे मरगी तेरी मांय +कहो तो बाणा बदलूं हो बीरा हो लूं तेेरी गैल +क्यांह नैं बाणा बदले हे बेबे होले मेरी गैल +नदियां तै पार उतर गई बीरा दीख्या नां गांव +बीरा बीरा मत कर हो गोरी लागूं तेरा भरतार +धोखे मैं दे कै मारी हो जुल्मी जाइयो तेरा नास +मेरे छोरां छोरी रोवैं हो बैरी रोवै मेरा भरतार +तेरे हो जैं छोरा छोरी हो गोरी मैं तेरा भरतार +महलां सै तले नै उतरो री अम्मां चन्दा सी नार +तूं किस की जाई ल्याया रे बेटा किस की सै नार +राजा की जाई ल्याया री अम्मां मेरी सै नार +कूएं पै नीर भरे थी अम्मां हो ली मेरे साथ +धोखे में दे कर मारी बुड्ढिया जाइयो री इसका नास +मेरे सासू सुसरा ढूंढै री बुड्ढिया ढूंढै भरतार",haryanvi-bgc +"मंडप +मंडप निमाड़ी लोक गीत +म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी दो बार +म्हारा स्स्राजी गाँव का राजवाई म्हारो बाप दिली केरों राज । ज्डाको लाग्यो रे . . . +म्हारी सासु सरस्वती नदी वय , महारी माय गंगा केरो नीर ज्डाको लाग्यो रे . . . +महारी नन्द कड़कती बिजलई , महारी बैन सरावन तीज । ज्डाको लाग्यो रे . . . +म्हारो देवर देवुल आग्डो , म्हारो भाई गोकुल केरो कान्ह । ज्डाको लाग्यो रे . . . +म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी",nimadi-noe +"323 +कच कवारिये लोहड़े दीये मारीए नी टूने हारीए आख की आहनी ए +भलयां ना बुरी काहे होवनी एं काई बुरी ही फाउनी फाहनी ए +असां भुखयां आन सवाल कीता केहियां गैब दियां ढुचरां डाहनी ए +विचों पकीए छैल उचकीए नीराह जांदड़े मिरग पई फाहनी ए +गल हो चुकी फेर छेड़नी ए होर शाख नूं मोड़ की वाहनी ए +घर जान सरदारां दे भीख मंगे साडा अरश1 दा किंगरा ढाहनी ए +केहा नाल परदेसियां वैर चायो चैंचल हारिये आख की आहनी ए +राह जांदड़े फकर खहेड़नी एं ढगी वाहरिये साहनां नूं ड��हनी ए +घर पईअड़े2 धरोहियां फेरियां नेआ नीहरिए संग क्यों डाहुनी ए +जा शिकार दरया विच खेड मोईए केहियां मूत विच मछियां फाहुनी ए +वारस शाह फकीर नूं छेड़नी एं अखीं नाल क्यों खखरां लाहुनी ए",panjabi-pan +"सिंगाजी- +ऊँचो माळो डगमाळ , टोंगल्या बूडन्ती ज्वार +कााचओ सूत की मेहताब देव की गोफण बणाई , +राधा राणी होर्या टोवण जाई । +हरम्याधरम्या का होर्या उड़ी जाजो , +ने पानी को खाजो सगळो खेत । । +सिंगाजी महाराज का महल ऊँचा है । कच्चे सूत की देव की मेहताब तथा गोफण +बनाई है । ज्वार घुटनों के ऊपर तक बड़ी है । राधा रानी तोते उड़ाने जाती हैं । धर्मात्मा +का खेत छोड़ देना और पापी का खेत चुग लेना ।",bhili-bhb +"297 +रसम जग दी करो अतीत साईं साडियां सूरतां वल ध्यान कीजो +अजू मेहर दे वेहड़े नूं करो फेरा सहती सोहणी ते नजर आन कीजो +वेहड़ा महर दा चलो विखा लयाईये जरा हीर दी तरफ ध्यान कीजो +वारस वेखीए घरां सरदारी ढयां नूं अजे साहिबो नहीं गुमान कीजो",panjabi-pan +"कोई सात जणी पाणी जायं री +कोई सात जणी पाणी जायं री कोई कुएं रही मंडलाए +री मनै बदो महीनो फागण को +एरी एरी कोई अगली के कांटो लागियो +फिर सातों रही मंडराए री मनै बदो महीनो फागण को +एरी एरी कैं तैरो कांटो काढियो कैं तेरो पकड़ो पांय +री मनै बदो महीनो फागण को +एरी एरी कोई नाई का ने कांटो काढियो मेरा देवर पकड़ो पांय +री मनै बदो महीनो फागण को +एरी एरी कोई नाई का ने देसो परगनो कोई देवर बहण ब्याह +री मनै बदो महीनो फागण को",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +कौड़ी लागे फुलवारी के मोर कोड़ी दे चुकाय +तब ललकारे डेबा बोलल मुँगिया लौंड़ी के बलि जाओं +हम तो राजा लोहगाँ के दुनियाँ सिंघ नाम हमार +नेंवता ऐली समदेवा के उन्ह के नेंतवा पुरावन आय +एतनी बोली जब सुन गैले लौंड़ी के भैल अँगार +करे हिनाइ बघ रुदल के +सेरहा चाकर पर मालिक के रुदल रोटी बिरानी खाय +कत बड़ सोखी बघ रुदल के जे सोनवा से करे खाय बियाह +जरल करेजा है बघ रुदल के तरवा से बरे अँगार +लौंड़ी हो के अतर दे अब का सोखी रहा हमार +छड़पल राजा है बघ रुदल लौंड़ी कन पहुँचल जाय +पकड़ल पहुँचा लौंड़ी के धरती में देल गिराय +अँचरा फाड़े जब लौंड़ी के जिन्ह के बंद तोड़े अनमोल +हुरमत लूटे ओहि लौंड़ी के लौंड़ी रामराम चिचियाय +भागल लौंड़ी हैं सोनवा के फुलवारी से गैल पराय +बठली सोनवा सिब मंदिर में जहवाँ लौंड़ी गैल बनाय +बोले सोनवा लौंड़ी से लौंड़ी के बलि जाओं +केह से मिलल अब तूँ ���हलू एतना देरी कैलू बनाय +तब ललकारे लौंड़ी बोलल रानी सोनवा के बलि जाओ +देवर आइल तोर बघ रुदल फुलवारी में जुमल बनाय +जिव ना बाँचल लौंड़ी के सोनवा , जान बचावव हमार",bhojpuri-bho +"166 +नी मैं घोल घती एहदे मुखड़े तों पाओ दुध चूरी एहदा कूत है नी +इललिल दीयां जलियां पौंदा ए जिकर हयू ते लायभूत1 है नी +नहीं भाबियां ते करतूत काई सभे लड़न नूं होई मजबूत है नी +जदों तुसां ते सी गाली देंदियां साओ एहतां ऊतनी2 दा कोई ऊत है नी +भारया तुसां दे मेहनयां गालियां दा एह तां सुक के होया तबूत3 है नी +सौंप पीरां नूं झल विच छेड़ महीयां एहदी मदद ते खिजर ते लूत4 है नी +वारस शाह फिरां ओहदे मगर लगा अज तीक ओ रिहा अछूत है नी",panjabi-pan +"नद्दी नद्दी दिया बळऽ रे काई जनावर जाय +“नद्दी नद्दी दिया बळऽ रे , काई जनावर जाय , +हरणी को पिलको ढोर चरावण जाय । +ला ओ माय बकेड़ी । """,nimadi-noe +"नाते रिस्ते सम्पदा, सजन सलौनौं गात +नाते रिस्ते सम्पदा , सजन सलौनौं गात , +ईसुर जा सिंसार में , सबई अखारत जात । +मरम न जानें जौ जगत , लाखन करौ उपाय , +ईसुर सोसत रात हैं , ईसुर एक सहाय । +साँसन को सब खेल है , मन जिन लेव उसाँस , +ईसुर राधा रटत रऔ , चारक लगनें बाँस । +मानस मन माया फँसौं , सबकौ बेरी काम , +ईसुर काम आवै नहीं , हड़रा , मज्जा चाम ।",bundeli-bns +"पहले पहर को सपनो सुनो मोरी सासो जी महाराज +पहले पहर को सपनो , सुनो मोरी सासो जी महाराज । +राम लखन दोऊ भइया , अंगन बिच तप करें महाराज । +ननदी लयें बेला भर तेल , सांतिया लिख रही महाराज । +भौजी बैठी मांझ मंझौटे , हार नौने गुह रही महाराज । +इतने में आ गई बारी ननदी , विहंस के बोलिये महाराज । +भौजी हुए लालन तुम्हारे , हार हम लै लैहें महाराज । +चूमो बैयां तुम्हरी हथुरिया , घिया गुड़ मुँह भरो महाराज । +सुनो बारी ननदी हमारी , हार तुम लै लियो महाराज ।",bundeli-bns +"राइ जमाइन दादी निहूछे देखियो रे कोइ नजरी न लागे +राइ1 जमाइन2 दादी निहूछे3 देखियो रे कोइ नजरी न लागे । +सँभरियो4 रे कोइ नजरी न लागे ॥ 1 ॥ +राइ जमाइन मइया निहूछे , देखियो रे कोइ नजरी न लागे । +सँभरियो रे कोइ नजरी न लागे ॥ 2 ॥ +राइ जमाइन चाची निहूछे , देखियो रे कोइ नजरी न लागे । +सँभरियो रे कोइ नजरी न लागे ॥ 3 ॥ +राइ जमाइन भउजी निहूछे , देखियो रे कोई नजरी न लागे । +सँभरियो रे कोइ नजरी न लागे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"कहमाँहि किसुन जी जलम लेलन +कहमाँहि किसुन1 जी जलम लेलन , कहमाँहि बाजत बधावा2 +सुनहु जदुनन्नन3 हे । +मथुराहिं किसुनजी जलम लेलन , गोखु���ा4 में बाजत बधावा , +सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 1 ॥ +कयराहिं5 काटीकुटी खँम्हवा6 गड़ावल7 छोटेमोटे +मँड़वा बनावल , सुनहु । +खरही8 काटीकुटी9 मड़वा छवायबइ10 मँड़वा में कलसा +धरयबइ11 सुनहु ॥ 2 ॥ +ओकरा12 में भरबई13 गंगा पानी , ओकरा में धरबइ कसइलिया14 सुनहु । +ओकरा में धरबइ पलबिया15 ओकरा में धरबइ पनफूलवा16 सुनहु ॥ 3 ॥ +बारबइ17 हम मानिक दियरा18 झलमल करतइ19 दियरा , सुनहु जदुनन्नन हे । +मँड़वहिं रखबइ20 हरदिया , पूजबइ हम गउरीगनेसवा21 सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 4 ॥ +उपरे22 अनंद पितर लोग , अब बंश बाढ़ल मोर , सुनहु जदुनन्नन हे । +मँड़वहिं हो गेल इँजोर23 सुनहु जदुनन्नन हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"बागों की अजब बहार +बागों की अजब बहार , सहाना बना बागों में उतरा । +सहाने अब का मैं सेहरा सँम्हारूँ , लाले बने का मैं सेहरा सँम्हारूँ । +लड़ियों की अजब बहार , बागों की अजब बहार ॥ 1 ॥ +लाड़ो1 का दुलहा बागों में उतरा , सहाने बने का मैं जोड़ा सँम्हारूँ । +जोड़े में लगे हीरा लाल , लाड़ो का बना बागों में उतरा ॥ 2 ॥ +सहाने बन का मैं बीड़ा सँम्हारूँ सुरखी2 में लगे हीरा लाल । +लाड़ो का बना बागों में उतरा , सुरखी की अजब बहार । +केसरिया बना बागों में उतरा ॥ 3 ॥ +सहाने बने की मैं लाड़ो सँम्हारूँ , घूँघट में लागे हीरे लाल । +लाड़ो का बना बागों में उतरा , सूरत की अजब बहार । +केसरिया बना बागों में उतरा ॥ 4 ॥",magahi-mag +"पानी भरावन 2 +गाई डारे झिरझिर , नदी नय भरे घयला रे हाथ । +पापी है नंदी आगू , पवन पाछू पानी रे । +पानी ला पीवय पसर करे के , तय जो गावस ददरिया । +कसर करी के धीरे गाईले । +कौआ के पानी झीकीझीकी होय , +दूरिया के माया देखी के देखा होय । +धीरे गाई ले । +शब्दार्थ –नन्दीनदी , नय भरे न भरे , घयलागागर , आगू आगे , पाछू पीछे , पीवयपसर करीखूब पानी पीना , दूरिहादूर के । +दुल्हन की सहेली पानी भरके लौटते समय यह ददरिया गाती है । अरे सहेली समुद्र के पानी में बड़ीबड़ी लहरें उठ रही थी । पानी बहुत हिलडुल झिलमिल रहा था । लहरें पानी ही भरने नहीं दे रही थी । पानी में गागर डूब ही नहीं रही थी । क्योंकि पापी पवन बहुत तेज़ गति से चल रहा था , उसके पीछेपीछे पानी लहर बन के चल रहा था । +पानी तो खूब पीना चाहिए और ददरिया गाने में कोई कमी या कसर नहीं रखना चाहिए । कुएँ से पानी भरते समय भी कुएँ के पानी को झकेलना या हिलानाडुलाना पड़ता है । इसी प्रकार देखादेखी भी मन में हिलोरे या माया पैदा होती है । दूर के ढ़ोल सुहावने होते हैं ।",baiga-mis +"पानी भारेन जाऊसे वो मोरी मायू +पानी भारेन जाऊसे वो मोरी मायू +घर का सासू घाघर रोके +भागी भागी से आई से जावा मारो बेटी +भागी भागी के आई जा +मैं कैसी आऊंसे वो मोरी मायू +रास्ता में मिले होय तो सोटी न मारे +रोटी पावन जाऊंसे वो मोरी मायू +घर का जिठानी चूला न रोके +भागी भागी से आई से जावा मारो बेटी +भागी भागी के आई जा +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"63 +घोल घोल घत्ती तैंडी वाट उतों बेली दस खां किधरों आवना है +किसे मान मत्ती घरों कढिया तूं जिस वासते फेरियां पौणा है +कौण छड आयों पिछे मेहर वाली जिस वासते तूं पछोतौणा है +कौण ज़ात ते वतन नाम की साइओं दा अते जात दा कौण सदावना है +तेरे वारने होनिआं मैं चौखने मंगू बाबले दा चार लिआवना है +मंगू बाबले दा ते तूं चाक मेरा एह भी फंध लगे जे तूं लावना है +वारस शाह चहीक1 जे नवीं चूपें सभे भुल जानीं जेहड़ियां गावना है",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +चलोॅ हे हिरनी माय फूल तोड़ै लेॅ +फूलोॅ के गाछ तर ऐल्हौं जमाय +बेटी केॅ लेल्हखौं डोली चढ़ाय +ज्यौंज्यौं डोलिया डुलकल जाय +त्यौंत्यौं बेटी हकरल जाय +बोॅर बैठलोॅ बरोॅ तर +कनियाँय बैठली पीपरोॅ तर +बरोॅ केॅ लागलै दाँती +कनियाँय धूनेॅ छाती । +कनियाँय मनियाँय झिंगाझोर +कनयाँय माय केॅ लेॅ गेल चोर +दौड़ोॅ हो शहर के लोग । +झरिया ऐलै बुनरिया ऐलै +करका मेघ लगैलेॅ ऐलै +डाला कुण्डा घोॅर करोॅ +बेटी केॅ विदा करोॅ । +औठीपौठी लौका +बीच में गू खौका । +पांड़े पड़ोकी चुटिया में तेल +पांड़े के धियापुता खेलेॅ गुलेल +पांडे़ ढबढबढब । +यद्दू बेचेॅ कद्दू , बंगाली बेचेॅ पान +यद्दू के एक बेटा , सेहो गाड़ीमान +यद्दू दूर गेलेॅ हो । +अथरोबथरो सीमा गेली सीम तोड़े +नीमा गेली नीन तोड़े , दा बूढ़ी भात +अभी गोबरे हाथ । +ऊबु पान फूल पत्ता +गुलाबी रंग कच्चा +कटोरी में के आगिन +बुझाय देॅ मोरी भौजी । +ओ ना मा सी धं +गुरूजी पढ़ंग +चटिया लंग +बाजे मृदंग । +तार काटूँ , तनकुन काटूँ +काटूँ रे बनखज्जा +हाथी पर से घुंघर बोले +टन देॅ केॅ राजा +राजा के रजोली बेटी +भैया के दुपट्टा +हिच्च मारौं , घिच्च मारौं +चीचे हेनोॅ बच्चा ।",angika-anp +"बाबा के दुलरुआ कवन बाबू हे +बाबा के दुलरुआ कवन बाबू हे । +बन बीचे महल उठाइ माँगय हे ॥ 1 ॥ +बन बीचे महल सजाइ माँगय हे । +महल बीचे जंगला1 कटाइ माँगय हे ॥ 2 ॥ +महल बीचे सेजिया डसाइ माँगय हे । +सासु जी के बेटिया सोलाइ2 माँगय हे ॥ 3 ॥ +हंसराज3 घोड़ा ��हेज माँगय हे । +दुलरुआ सरवा4 खवास5 माँगय हे ॥ 4 ॥ +छोटकी सरिया6 लोकदिनियाँ7 माँगय हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए +बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए , +ललना कवना चेली के लोभवलु त , +गरभ रहि जाले नू ए । +पुत मोरे बसेले अयोध्या , पतोहिया गजओबर ए , +ए सासु भंवरा सरीखे प्रभु अइले , +गरभ रहि जाले नू ए । +मोरे पिछुअरवा पटेहरवा भइया , तूहू मोरे हितवा नू ए , +बिनी द ना रेशमऽ के जलिया त , +छैला के भोराइवि हे । +बिनि देहले रेशमऽ के जलिया , रेशमडोरिया लगाई देहले ए +लेहि जाहु रेशम के जलिया , छैला के भोरावऽहु ए । +सुतल बाड़ू कि जागलऽ सासु , +चिन्ही लऽ आपनऽ पुतवा अछरंगवा मत लगावऽहु ए । अछरंगदोष",bhojpuri-bho +"गंढाँ +दूजी खोलूँ क्या कहूँ , +दिन थोड़े रहिन्दे । +सूल सभ रल आवंदे , +सीने विच्च बहिन्दे । +झल्लवलल्ली मैं होई , +तन्द कत्त ना जाणा । +जंझ ऐवें रल आवसी , +ज्यों चढ़दा ठाणा । +तेरा गंढीं खुल्लिआँ नैण लहू रोन्दे । +होया साथ उतावला , धोबी कपड़े धोन्दे । +सज्जण चादर ताण के सोया विच्च हुजरे1 । +अजे भी ना ओह जागेआ दिन कितने गुज़रे । +बाई खोहलो पहुँच के हभ मीराँ2 मल्काँ । +ओहना डेरा कूच है मैं खोहलाँ पल्काँ । +आपणा रैहणा की कराँ केहड़े बाग दी मूली । +खाली जग्ग विच्च आए के सुफने पर भूली । +इक्क इक्क गंढ नूँ खोल्हिआँ इकत्ती होइआँ । +मैं किस पाणीहार3 हाँ एत्थे केतिआँ रोइआँ । +मैं विच्च चतर खडारसाँ दाअ प्या ना कारी । +बाज़ी खेडाँ जित्त दी मैं एत्थे हारी । +कर बिसमिल्ला खोहलीआँ मैं गंढाँ चाली । +जिस आपणा आप वंझाया सो सुरजन आवे । +जंझ सोहणी मैं भाँवदी लटकन्दा वाली । +जिस नूँ इश्क है लाल दा सो लाल हो जावे । +अकल फिकर सभ छोड़ के सहुनाल सिधाए । +बिन कहणों गल्ल गैर दी असाँ याद ना काए । +हुण इन्न अल्लाह आख के तुम करो दुआई । +पीआ ही सभ हो गया अबदुल्ला4 नाहीं ।",panjabi-pan +"231 +तैनूं चाअ सी वडा वयाह वाला भला होया जे झब वहीजिए1 नी +एथों निकल गईए भलयां दिनां वांगू अते सौहरे जा पतीजिए नी +रंग रतीए वौहटिए खेडयां दिए कैदो लंगे दिए गुंड भतीजिए नी +चुलियां पा पानी दुखां नाल पाली करमक2 सैदे दे मापयां बीजिए नी +कासद3 हीर नूं आखया जायके ते खत चाक दा लिखया लीजिए नी",panjabi-pan +"धोबी के गीत +कवना पोखरवा में झिलमिल पनिया कि कवना पोखरवा सेवार , +कवना पोखरवा में चेल्हवा मछरिया कि केहो बिगे महाजाल । +राम पोखरवा में झिलमिल पनिया कि लछुमन पोखरवा सेवार , +सीता पोखरवा म��ं चेल्हवा मछरिया कि रावन फेंके महाजाल । +लाल घोड़वा पर लाल चढ़ि अइले कि उजर घोड़वा भगवान , +सोने पलकिया में सीता चढ़ि अइली कि चँवर डोलावे हनुमान ।",bhojpuri-bho +"सावन सुअना माँग भरी +सावन सुअना माँग भरी बिरना तो चुनरी रँगाई अनमोल । +माता ने दीन्हेगउ नौ मन सोनवाँ तौ ददुली ने लहर पटोर । । +भैया ने दीन्हेगउ चढ़न को घेड़वा , भौजी मोतिन को हार । +माता के राये ते नदिया बहति है , ददुली के रोये सागर पार । । +भैया के रोये टुका भीजत है , भौजी के दुइदुइ आँस ।",awadhi-awa +"चउका चढ़ि बइठलन कवन साही +चउका चढ़ि बइठलन कवन साही , राजा रघुनन्नन हरि । 1 +पूजहऽ पंडित जी के पाओ2 सुनहु रघुनन्नन हरि ॥ 1 ॥ +पाओं पुजइते सिर नेवले3 राजा रघुनन्नन हरि । +देहऽ पंडितजी हमरो असीस , सुनहु रघुनन्नन हरि ॥ 2 ॥ +दुधवे नहइह4 बाबू पुतवे पझइह5 रघुनन्नन हरि । +चउका चढ़ि बइठलन कवन साही , राजा रघुनन्नन हरि । +पूजहऽ चाचा जी के पाओं सुनहु रघुनन्नन हरि ॥ 4 ॥ +पाओं पुजइते सिर नेवले , राजा रघुनन्नन हरि । +देहऽ चच्चा जी हमरो असीम , सुनहु रघुनन्नन हरि ॥ 5 ॥ +दुधवे नहइह बाबू , पुतवे पझइह , रघुनन्नन हरि ॥ 6 ॥ +चउका चढ़ि बइठलन कवन साही राजा रघुनन्नन हरि । +पूजहऽ चाची जी के पाओं , सुनहु रघुनन्नन हरि ॥ 7 ॥ +पाओं पुजइते सिर नेवले , राजा रघुनन्नन हरि । +दुधवे नहइह बाबू पुतवे पझइह , रघुनन्नन हरि ॥ 9 ॥",magahi-mag +"पाँच बधावा म्हारे ये भल आया +पाँच बधावा म्हारे ये भल आया +आया तो कई ऐ म्हारा देस में +पेलो बधावो म्हारा ससरा घर भेज्यो +दूसरो बधावो म्हारा बाप क्यां +तीसरो बधावो म्हारा जेठ क्यां भेज्यों +चौथो बधावो म्हारा बीर क्यां +पाँचबो बधावो धन री कूंख से लाणी +जासे सरब सुख होय हो +ससरा सपूतां सूं सरंबद रेस्यां +बापरे बल आपने +सासू सपूती सूं सरबद रेस्यां +माय रे बल आपने +देवरजेठ सूं सदबद रेस्यां +लाज रे बल आपने +देराणीजेठाणी सूं सदबद रेसयां +काम रे बल आपने +ननंद भानेजां सूं सदबद रेस्या +बुगचा रे बल आपने +स्वामी सपूतां सूं सदबद रेसयां +रूप रे बल आपने +भरभर नैनां आज सूती +धीय बोलाई सासरे +नवरंग पेलो आज पेरियो पूत परण घर आविया +सुखदेव टूटिया , इच्छा पूरी +मन मनोरथ पाविया ।",malvi-mup +"गजराई नै टेर लगाई गज घंटा दिया बजाई +गजराई नै टेर लगाई गज घंटा दिया बजाई +बचा दिए उन के प्राण गरड़ चट्ढ आइयो जी भगवान +द्रोपदा नैं टेर लगाई उन की साड़ी तुएं बढ़ाई +मार्या दुसासन का मान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान +नरसी ने दान कर्या था सरसै मैं भात भर्या था +कर दिया हुंडी का भुगतान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान +दास तेरा कहवाऊं कर दरसण खुसी हो जाऊं +राख्यो मेरी तरफ को ध्यान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान",haryanvi-bgc +"सास गारी देवे +सास गारी देवे , ननंद मुंह लेवे , देवर बाबू मोर । +संइया गारी देवे , परोसी गम लेवे , करार गोंदा फूल । +केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो ॥ +आए बेपारी गाड़ी म चढ़िके । +तो ल आरती उतारव थारी म धरिके हो ॥ करार . . +. +टिकली रे पइसा ल बीनी लेइतेंव । +मोर सइकिल के चढ़इया ल चिन्ही लेइतेंव ग ॥ करार . . . +राम धरे बरछी लखन धरे बान । +सीता माई के खोजन बर निकलगे हनुमान ग ॥ करार . . . +पहिरे ल पनही खाये ल बीरा पान । +मोर रइपुर के रहइया चल दिस पाकिस्तान ग ॥ करार . .",chhattisgarhi-hne +"चली गई माल दुलारी तजी न थारी +चली गई माल दुलारी तजी न थारी +सोयो पाव पसारी तजी न थारी +१ जिसकी जान थारा पास नही रे , +सोना क दियो रे गमाईहो रामा +भरम भंभू का उठण लाग्या +नोटीश प नोटीश जारी . . . +तजी न थारी . . . +२ बृम्ह कचेरी म बृम्ह का वासा , +गीत का मुजरा लेईहो रामा +नव नाड़ी और बावन कोठड़ी +अंत बिराणी होय . . . +तजी न थारी . . . +३ जब हो दिवानी ने दफ्तर खोला , +नही शरीर नही श्वासहो रामा +माता छटी ने डोर रचीयो है +रती फरक नही आव . . . +तजी न थारी . . . +४ हिम्मत का हाल टुटी गया रे , +रयि हमेशा रोई +सतगुरु राखा अभी ले जाजो +नही तो चैरासी का माही . . . +तजी न थारी . . . +५ कहत कबीर सुणो भाई साधो , +यो पद है निरबाणीहो रामा +यही रे पंथ की करो खोजना +रही जासे नाम निसाणी . . . +तजी न थारी . . .",nimadi-noe +"जगमग राज रा भोजा +जगमग राज रा भोजा +जगमग राज री मेंदी +जगमग राज री पेरण री चतराई हो +ऐसा म्हारा राज जमई जी , सासरिया में सोवे जी +सासरिया में सोपे जमई जी , सासू लाड़ लड़ावे जी +जगमग राज रा जामा , ने जगमग राज री केसर +जगमग राज री पेरण री चतराई जी +जगमग राज राकड़ा , जगमग राज री पोंची +जगमग राज री कंठी , जगमग राज री डोरा +जगमग राज रा मोती , जगमग राज री चूनी +जगमग राज री पेरण री चतराई हो",malvi-mup +"मति मारौ श्याम पिचकारी +मति मारौ श्याम पिचकारी , अब देऊँगी मैं गारी ॥ टेक +भीजैगी लाज नई मेरी अँगिया , चूँदरि बिगरैगी न्यारी । +देखैगी सास रिसायेगी मोपै , संग की ऐसी हैं दारी , +हँसेंगी दैदै तारी ॥ मति मारौ . +घाटबाट सब सों अटकत हौ , लैलै रारि उधारी । +कहाँ लौं तेरी कुचाल कहौं मैं , एकएक ब्रजनारी , +जानति करतूत तिहारी ॥ मति मारौ . +मूठि अबीर न डारौ दृगन मे��� , दूखेंगी आँखि हमारी । +‘नारायण’ न बहुत इतराबौ , छाँड़ौ डगर गिरधारी , +नयेनये तुम हो खिलारी ॥ मति मारौ .",braj-bra +"किस नींद सूत्या मेरा लक्खी ओ दादा +किस नींद सूत्या मेरा लक्खी ओ दादा +चार दल थारै ऊमहे +एक दल आप दल दूजा बाप दल +तीजा दल घर के भातिआ +चौथे दल ऊधली का री जाया +मौड बांध के बन्ना आइया +किस नींद सूत्या मेरा लक्खी ओ बाबल +चार दल थारै ऊमहे +एक दल आप दल दूजा बाप दल +तीजा दल घर के भातिआ +चौथे दल ऊधली का री जाया +मौड़ बांध के बन्ना आइया",haryanvi-bgc +"मियाँ बँदरे को लागि जइहें चोट रे +मियाँ बँदरे1 को लागि जइहें2 चोट रे । +कँगनवाँ मैं ना पेन्हू रे ॥ 1 ॥ +ए नइहर वाली अस्सी मुहर का कँगना तुम्हारा । +पाँचे मोहर की है कील3 रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे ॥ 2 ॥ +ए नइहरवाली , कँगना , तुम्हारा , राते उतारो । +भारे पेन्ह रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे । +मियाँ बँदरे को लागि जइहें चोट रे , कँगनवाँ मैं ना पेन्हूँ रे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"पहिला दरद जब आयल सासु के बोलबल हे +पहिला दरद जब आयल सासु के बोलबल हे । +सासु , मिलि लेहु बाड़ा छछन1 से , बाड़ा ललक से हे ॥ 1 ॥ +अब सोंठ पीपर नहीं पीबो , पियरी2 ना पेन्हबो हे । +पिया के सेज न जायबो , पिया के सुध लीहट तूँहीं ॥ 2 ॥ +दूसरा बेदन जब आयल , गोतनी के बोलावल हे । +गोतनी , मिलि लेहु बाड़ा छनन से , बाड़ा ललक से हे ॥ 3 ॥ +अब सोंठ पीपर नहीं पीबो , पियरी ना पेन्हबो हे । +पिया के मुँह न देखबो , पिया मन बोधिहऽ तूंहीं ॥ 4 ॥ +तेसरा बेदन जब उठल , ननद के बोलावल हे । +ननदो , मिलि लेहु बाड़ा छछन से , बाड़ा ललक से हे ॥ 5 ॥ +अब सोंठ पीपर नहीं पीबो , पियरी न पेन्हबो हे । +पिया सँग अब न सुतबों , सुतिहऽ अब तूँहीं ॥ 6 ॥ +चउठा दरद जब आयल , जलमल नंदलाल हे । +अब त सासु हम जीली3 छछन से , जीली ललक से हे ॥ 7 ॥ +अब सोंठ पीपर हम पीबो , पियरी हम पेन्हबो हे । +अब पिया पास हम जयबो , पिया के बोला देहु हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"अरू तू रे जगत जग जागिया +अरू तू रे जगत जग जागिया +अरू जागिया छे चारी देव +हो रंग बोल वे सुन्नारा कुँकड़ा +अरू काशी रा विश्वनाथ जागिया +अरू उज्जैन रा महाकाल देव +अरू इन्दौर रा इन्द्रनाथ जागिया +अरू भंवरासा रा भंवरनाथ जागिया +अरू आष्टा रा अजपाल देव +अरू तू रे जगत जग जागिया +अरू जागिया छे चारी राव +छज्जा से फलाणा राव जागिया +अरू बऊ रे फलाणी बऊ रो कंत +महल अटारी से जागिया फलाणा राव +पालकी से फलाणा राव जागिया +अरू जागिया छे चारी भांड +मोरी में से फलाणा राव जागिया +नारदे में से फलाणा राव जागिया +संडास में से फलाणा जमई जागिया +बेटी फलाणा रा गुलाम",malvi-mup +"विदाई गीत +तारा घर मा हिरे भर्यो हिडोलो , +हिचणे वालि काहाँ चालि वो बेनी । +तारा भाइ काजे हेलिमेलि लेजी वो , हिचणावालि , +काहाँ चालि वो बेनी । +तारि भोजाइ के हेलिमेलि वो हिचणावालि , +बेनी काहाँ चालि वो । +तारा बावा के हेलिमेलि लेजी वो हिचणावालि , +बेनी काहाँ चालि वो । +तारि माय काजे हेलिमेलि लेजि वो हिचणावालि , +बेनी काहाँ चालि वो । +वरवधू को विदा करते समय यह गीत गाया जाता है +वधू से कहा गया है कि तेरे घर मंे रेशम जड़ित झूला है , उसमें झूलने वाली बनी अब कहाँ चली ? जाते समय भाई से मिल लेना , भावज से मिल लेना , पिता से मिल लेना और माता से मिल लेना ।",bhili-bhb +"मथुरा के लोगवा +आवत है नन्दलाल के हाथी , तूरत डार मीरोरत छाती , +ए नन्दलाल धका जनि दीहऽ धुक्की जनि दीहऽ । +मथुराजी के लोगवा बड़ा रगरी , फेरत है सिर के गगरी , +भींजत है लहँगा चुनरी , बान्हत है टेढ़का पगरी ।",bhojpuri-bho +"बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +हारो नीलो मंडवा ईटा पान बीड़ा जा आम ढोये +हारो नीलो मंडवा ईटा पान बीड़ा जा आम ढोये +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +साभा टाला जा पान बीड़ा जा आम टूले +साभा टाला जा पान बीड़ा जा आम टूले +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +सिलसिल पाठा आंगुलेजा बालेमा रे +सिलसिल पाठा आंगुलेजा बालेमा रे +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +सीर जगा सिर सोटकेन जा बालेमा रे +सीर जगा सिर सोटकेन जा बालेमा रे +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +बालेमा बालेमा बालेमा जा बालेमा +आढा राटो खेबरा बानेजा बालेमा रे +आढा राटो खेबरा बानेजा बालेमा रे +स्रोत व्यक्ति झीमू बाई , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी +आयोआयो चैतडल्या रो मास जी , +जँवारा जतन कर राखज्यो जी । ईसरदासजी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी , +जँवारा जतन कर राखज्यो जी । बहू ओ गोराँदे रे चुडले रे माँय जी , +जँवारा जतन कर राखज्यो जी बेटा जी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी , +जँवारा जतन कर राखज्यो जी । बहू रे चुडले रे माँय जी , +जँवारा जतन कर राखज्यो जी ।",nimadi-noe +"जी हो ए ही रे दिवलो इन्द्र लुहार नऽ घड़ियो +जी हो ए ही रे दिवलो , इन्द्र लुहार नऽ घड़ियो +जेमऽ पु��व्यो सवा घड़ो तेल , सोन्ना की डांडी दिया हो बळऽ +जी हाँ ए ही रे दिवलो , मजघर मऽ धर्यो , +मजघर बठी म्हारी सदासुहागेण माय , +सोन्ना की डांडी दिया हो बलळऽ +जी हो ए ही रे दिवलो , मनऽ आरती मऽ धर्यो , +आरती धरऽ म्हारी सदासुहागेण बैण , +सोन्ना की डांडी दिया हो बलळऽ +जी हो ए ही रे दिवलो , मनऽ पटसाळ मऽ धर्यो , +पटसाल खेलऽ म्हारा नारा ताना बाळ , +सोन्ना की डांडी दिया हो बलळऽ +जी हो ए ही रे दिवलो , मनऽ सभा मऽ धर्यो , +सभा मऽ बठ्या छे समधी लोग , +सोन्ना की डांडी दिया हो बलळऽ",nimadi-noe +"नौ नौ नौरते संझा माई के +नौ नौ नौरते संझा माई के +सोलां कनागत पितरां के +उठ माई बैठ माई खोल दे पाट +मैं आई तने पूजण ने +पूज पिछोकड़ कै फल लागे +भाई भतीजे पूरे पंचास +कड़वी कचरी कड़वी बेल +पूत फलियां तेरी बेल +मक्का देरी मक्का द +तेरे आये बोहड़िआ धक्का दे",haryanvi-bgc +"आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला) +आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते +दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते +तेरीयाँ मन्नताँ +जीवें ढोला +मंजी बाण दी +ढोले दीया ' रमजां ' मैं सब्बे जाणदी +भावार्थ +' आओ ढोला , इन रास्तों पर +मैं खानकाहपीर की समाधि पर दीया जलाए रखती हूँ +तेरी मनौती मानती हूँ +जीते रहो ढोला +बान की बुनी हुई खाट है +ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ '",panjabi-pan +"526 +खेड़यां आखया केहड़ा घलीए जी जेहड़ा डिगे फकीर दी जा पैरीं +साडी करीं वाहर नाम रब्ब दे जी कोई फजल दा पलड़ा आ फेरी +सारा खोल के हाल अहवाल दसी नाल भिहरियां बरकतां विच डेरी +चलो वासते रब्ब दे नाल मेरे कदम घतयां फकर दे होन खेरी +दाम लायके हीर वयाह आंदी जंतर जोड़ के गए सा विच देरी +बैठ कोड़में1 गल पका छडी सैदा घलीए रलन ना ऐरी गैरी +जिवें जानसैं तिवें लया उसनूं करो मिन्नतां लावना हथ पैरी +वारस शाह मियां तेरा इलम होया मशहूर है जिसन इनस2 तैरी",panjabi-pan +"किधर तै आई दाई किधर ते आया नाई +किधर तै आई दाई किधर ते आया नाई +किधर तै आई नणंद बीजली +या तेरी मां की जाई +भीतर आजा मेरी नणंदी लगूंगी तेरे पाएं +के मांगेगी दाई माई के मांगेगा नाई +के मांगेगी नणंद बीजली +या तेरी मां की जाई +भीतर आजा . . . +पांच रपइए दाई मांगै सवा रपइया नाई +पच्चीस मांगे नणंद बीजली +या तेरी मां की जाई +भीतर आजा . . . +पांच रपइए दाई ने देद्यो सवा रपइया नाई +एक अठन्नी नणंद बीजली +या तेरी मां की जाई +भीतर आजा . . .",haryanvi-bgc +"इना सखर खानामाअी चीकणी +इना सखर खानामाअी चीकणी +बेलू को अन्त न पार +सरोवर सिग भरियो जी +इना सरोवर फलाणा राम दातण करे +फलाणी बेन को विश्राम +सरोवर म्हारों सिग भरियोजी +फलाणा राम दामाद दातुण करे +फलाणी जेकू दामाद की बेन को विश्राम",malvi-mup +"492 +भाबी अखियां दा रंग रतवना तैनूं हुसन चड़या अनआंवदा नी +अज धिआन तेरा असमान उते तैनूं आदमी नजर ना आंवदा नी +तेरे सुरमे दियां धाड़ियां धूड़ पइयां जिवे कटक है माल तें आंवदा नी +राजपूत मैदान विच लढ़न तेगां अगे ढाडीयां दा पुत्तर गांवदा नी +रूख होर दा होर अज दिसे तेरा चाला नवां कोई नवां आंवदा नी",panjabi-pan +"पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे । +कौन महीना तेरो जनम भयो हैं , +कौने नाम धरायो । गजानन . . . +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूले रहे । +भर भादों में जनम भयो गणपति नाम धराओ । +गजानन . . . +को जो झूले को जो झुलावें +को जो बलैया लेय । गजानन . . . +गणपति झूले गौरा झुलावें +शम्भु बलैयां लेय । गजानन . . . +पार्वती के पुत्र गजानन पलना झूल रहे ।",bundeli-bns +"हुआ नगर सब सूना +हुआ नगर सब सूना , बनो मेरी पाहुनिया रे +दादी रानी ने ऐसे पाला , जैसे घी की गागरिया रे +ताई रानी ने ऐसे पाला , जैसे घी की गागरिया रे +बाबा राजा ने ऐसे निकाला , जैसे जल की माछुलिया रे +ताऊ राजा ने ऐसे निकाला , जेसे जल की माछुलिया रे",haryanvi-bgc +"25 +केहा भेड़ मचाया ई कचया वे मत्था डाहया ई सौंकनां वांग केहा +जाह सजरा कम्म गवा नाहीं हो जासीया जोबन फेर बेहा +रांझे खा गुस्सा सिर धौल मारी केही चबड़ी उस नूं जिवें लेहा +रांझा हो गुस्से उठ रवां1 होया भाबी रख ओह तां नांह रेहा +हत्थ पकड़ के जुतियां मार बुकल रांझा हो टुरया वारस शाह जेहा",panjabi-pan +"जुरि आयौ दल रसिया गोरी को +जुरि आयौ दल रसिया गोरी को , जुरि आयौ रे ॥ टेक +इत राधा सिर छत्र बिराजै , उत मोहन गिरधारी कौ । +इत ‘राधा जय’ गावैं सहचरी , उतगावै बनवारी कौ ॥ जुरि . +हमरी राधा रूप की रासी , रस कौ रास बिहारी कौ । +हमरी राधा वृन्दावन रानी , हमरौ राज बिहारी कौ ॥ जुरि . +झांझ ढप अप अप जै बोलत , जै राधा जै मुरारी कौ । +प्रेम उमड़घुमड़ दलआवत , साँवरी गोरी जोरी कौ ॥ जुरि .",braj-bra +"544 +कुड़ियां आखया जा के हीर ताईं अनी वहुटीए अज वधाईए नी +मिली आबेहयात पिआसयां नूं हुण जोगियां दे हथ हाईए नी +तैनू दोजख दी आंच है दूर होई रब्ब विच बहिश्त दे पाईए नी +पूरे रब्ब ने मेल की तारीए नी मोती लाल दे नाल पुराईए नी +वारस शाह कहु हीर दी सस तांई अज रब्ब ने चैड़ कराईए नी",panjabi-pan +"सासु जे गेलन दाल दरे हे, ननद जे गेलन पानी भरे +सासु जे गेलन दाल दरे1 हे , ननद जे गेलन पानी भरे । +हमें प्रभु छेकलन2 डेउढ़िया , 3 अब धनि असगर4 हे ॥ 1 ॥ +सासु जे अयलन दाल दर के , ननद जे अयलन पानी भर के हे । +बहुआ , काहे तोर मुँहवा पियरायल , देह दुबराएल5 हे ॥ 2 ॥ +लाज सरम के बात सासु कहलो न जाय , सुनलो न जाय । +सासुजी , तोहर बेटा छेकलन डेउढ़िया , त बहियाँ मुरूकि6 गेल हे ॥ 3 ॥ +जब हम जनती धनि कि लउरी7 बारी , 8 अउरो दुलारी बारी । +लरिके9 में गवना करइती , बिदेस चलजइती बिरहिआ नहीं सुनती हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"मेरी सास ने सात जाये +मेरी सास ने सात जाये मेरे करम में बोन्ना री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +एक मेरे मन में ऐसी आवै पाथ धरूं पथरावै मैं +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +नान्ही नान्ही बूंद पड़ैं थी चमक आया पथवारे में री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +एक मेरे मन में ऐसी आवै गेर आऊं कुरड़ी पै +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +जोर सोर की आंधी आई चमक आया कुरड़ी मैं री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +एक मेरे मन में ऐसी आवै खारी मैं धर बेच आऊं री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +आगै मिल ग्या हरिअल पीपल उसके बांध आई री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +घर में आकै देखण लागी बोन्ने बिना उदासी री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +ऊपपर चढ़कै देखण लागी पीपल पाड़ैं आवै री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा +बोन्ने का तो बोन्ना आया मुफ्ती इंधन ल्याया री +मुलक हंसणा री जगत हंसणा",haryanvi-bgc +"ए बहू आई असल गंवार +ए बहू आई असल गंवार या तो सासू की गैल लड़ै सै +सासू कहण लागी बहू उठ कै तैं पीस ले +चूल्हा कासण और बुहारी उठ कै नै देले नै +रोटी पोणी पाणी भरणा पड़ी पां पसार कै +काया मेरी बा ने घेरी सांस ल्यूं मूं पाड़ कै +बहू झुंझलाई बूढ़ी मारी है पछाड़ कै +भाजो रै नगरी के लोगो बूढी बोली ललकार कै +बुढिआ पड़ी ए पड़ी ससडै सै बहू सास की तरफ सरके सै +ऐ बहू आई असल गंवार . . . +पड़ी थी पुकार बूढ़ा आया लाठी उठाय कै +ओछे रे कुटम की ओछी बड़गी घर में आय कै +जाणू था मैं सन्तो तन्नै ल्याया था घर ब्याह कै +बहू झुंझलाई मूसल ल्याई सै उठाय कै +मूसल उठाया बुढै के मार्या हे उठाय कै +आडी खड़ी खाट बूढ़ा कूद गया सुसाय कै +सिर फूट्या गोडै फूटे पड्या धरण में आय कै +ऐ बहू आई असल गंवार . . . +बाहर तै जद आया भौंदू रोण लागी कलहारी नार +नर के मैं नाए ब्याही जीओ क्यूं मरे भरतार +बुढिआ नै गाली दीनी बूढ़ा गया लाठी मार +धमकी दे चाल्ली मन्नै न्यूं हे पडूंगी कूएं में जाय कै +हो मैं बोली ना सरम की मा���ी हो पति कुलां की रख दई थारी +ऐ बहू आई असल गंवार . . . +नार का सिखाया भौंदू जा पकड़ी बूढी की नाड़ +पोली मैं तो बूढ़ी पीटी मुक्के मारे दोए चार +कित ग्या तलाकी बूढा इबे द्यून उन्ने सुधार +गद्धमगध बूढी पीटी जा पकड़ी बूढ़े की नाड़ +के मैं जींदा नहीं जाणा इबे देऊं तन्नै मार +पूत तो सपूत दीजो हरदम रह सेवा में तैयार +इसे तै पूत तै न दूरे राखो करतार +ऐ बहू आई असल गंवार . . .",haryanvi-bgc +"ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच डो ऐ कपुलिच +आमा कूड़ी गंगा जमुना बाकी चचबुज कपुलिच +आमा कूड़ी गंगा जमुना बाकी चचबुज कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +इयां कीन नी बाड़ा बाड़ा लेखा मायडो कपुलिच +इयां कीन नी बाड़ा बाड़ा लेखा मायडो कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +ऐ कपुलिच ऐ कपुलिच +आम केननी सुन्दर गोवन नी जेवांजा कपुलिच +आम केननी सुन्दर गोवन नी जेवांजा कपुलिच +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"चरखा चन्नण दा +नी मैं कत्तां परीतां नाल , चरखा चन्नण दा +शाव्वा चरखा चन्नण दा +नी ए विकदा ए वडे बज़ार , चरखा चन्नण दा +शाव्वा चरखा चन्नण दा +नी ए घड़ी ए किसे सुनार , लज्ज लोहे दी +शाव्वा चरखा चन्नण दा +चरखा कूकर देंदा शाव्वा +कूकर लगी कलेजे शाव्वा +इक मेरा दिल पया धडके शाव्वा +दूजे कंगण छणके शाव्वा +माँ मेरी मैंनू चरखा दित्ता , विच चरखे दे मेखां +माँ राणी मैनू याद पई आवे , जद चरखे वल वेखां +चरखा चन्नण दा . . . +चरखे दा मैं रंग की आखां , रंग आखां सुनहरी +बाबल मेरे हथ जो फड़या , ते रोया भरी कचहरी +चरखा चन्नण दा . . . +उचचे बनेरे कां पया बोले , मैं चरखे तंद पावां +वे कांवां मेरा वीर जे आवे , तैनु कुट कुट चूरीआं पावां +चरखा चन्नण दा . . .",panjabi-pan +"राजा दसरथ जी पोखरा खनावले +राजा दसरथ जी पोखरा खनावले , घाट वँन्हावले हे । +कोसिला जी डँड़िया फँनावले1 राम नेहबावले2 हे ॥ 1 ॥ +मँड़वहि3 झगड़े धोबिनियाँ , निछावर4 थोड़ अहे हे । +रघुबर के नेहलइया5 हमहीं गजहार6 लेबो हे ॥ 2 ॥ +जनु तोहें झगडूँ धोबिनियाँ , निछावर थोड़ अहे हे । +राम बिआहि7 घर अइहें , त तोरा गजहार देबो हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"फाग गीत +नेणा में काजलियो छोरी , लालाड़ी में टीकी रे ॥ +भएलो परदेस बैठो , लिख दो चिठी रे , वेगो आवे रे ॥ +हाँ रे वेगो आवे रे , फागण रो मीनो एलो जाए रे , +मीनो फागण रो । +प्रेयसी के नयनों में काजल लगा है और ललाट पर टीकी लगी है । वह कहती है प्रेमी पदरेश में बैठा है , पत्र लिख दो , जल्दी आये , ��्योंकि फाल्गुन मास व्यर्थ ही बीत रहा है ।",bhili-bhb +"म्हारी ऐ मंगेतर +बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे +के झीणे घूँघट में दीखे है मुखडो सोवनों रे +म्हारी ऐ मंगेतर काजळ वाळी +सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +सुरमे वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नही जवाब नही +सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर नथणी वाळी +मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं जवाब नहीं +मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर कुरती वाळी +चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं जवाब नहीं +चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर चुडियों वाळी +घड़ियों वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं रे जवाब नहीं +घड़ियों वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नही +म्हारी ऐ मंगेतर लहेंगे वाळी +धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नही +जवाब नहीं जवाब नहीं +धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +म्हारी ऐ मंगेतर नखरेवाळी +गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं +जवाब नहीं के जवाब नहीं +गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं",rajasthani-raj +"लागल करेजवा में गोली हो, सुनि कोइलर के बोली +लागल करेजवा में गोली हो , सुनि कोइलर के बोली । । टेक । । +छलकि छलकि जाला रस के गगरिया । +चलल दुलुम भइले रहिया डगरिया । +जहें तहें करेला ठिठोली हो , नवछटियन के टोली । । टेक । । +भरिभरि के मारे देवरा फिचुकारी । +भींजि के लथपथ हो गइले सारी । +मसकि गइल हमार चोली हो , कइसे खेलीं होली । । टेक । । +झिरीझिरी बहेला बेयार मधुआइल । +कुफुरेला जीव मोर पियवा न आइल । +दुअरा लगाइल केहू डोली हो , जइसे उड़नखटोली । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"नौ दुर्गा मेरे अंगना खड़ी +नौ दुर्गा मेरे अंगना खड़ी +नीहोर तोरे पैयाँ पड़े +कया देख मैया अंगना हो आई +कया देख मुसकाई +नीहोर तोरे पैयां पड़े +दूधां देख मैया अंगना हो आई +पूतां देख मुसकाई +नीहोर तोरे पैयां पड़े +पाँवां ने तेरे बिछिया सोवता +अनबट देख मुसकाई +नोहोर तोरे पैयां पड़े",malvi-mup +"राम अर लछमण दशरथ के बेटे +राम अर लछमण दशरथ के बेटे +दोनों बणखंड जाएँ . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +एक बण चाल्ये , दो बण चाल्ये +तीजे में लग आई प्यास . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +ना अड़े कूआँ , ना अड़े जोहड़ +ना अड़े सरवर ताल . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +हर के घर तै उठी ब���लिया +बरस रही झड़ लाए . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +भर गए कूएँ , भर गए जोहड़ +भर गए सरवर ताल . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +छोटासा छोरा गउएँ चरावै +पाणी तो प्याओ नंदलाल . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +भर के लोटा पाणी का ल्याया +पिओ तो श्री भगवान . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +तेरा पाणी हम जब पीवांगे +नाम बताओ माय अर बाप . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +पिता अपने का नाम ना जाणू +सीता सै म्हारी माँ . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +चाल भई लड़के उस नगरी में +जित थारी सीता माँ . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +खड़ीखड़ी सीता केश सुखावै +हरे रूख की छायँ . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +ढक ले री माता इन केशां ने +बाहर खड़े श्रीराम . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +इस माणस का मुखड़ा ना देखूँ +जीव तने दिया बणवास . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +पाट गई धरती समा गई सीता +खड़े लखावें श्रीराम . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +भाजलुज के चोटा पकड़्या +चोटे में हरीहरी घाम . . . हे जी कोई राम मिले भगवान +राम की माया राम ही जाणे +भज लो जय जय राम . . . हे जी कोई राम मिले भगवान",haryanvi-bgc +"332 +अदल बिना सरकार है रूख अलफ रन्न गधो उह वफादार नाहीं +नाज बिना है कचनी बाझ जिहा मरद गधा है अकल दा यार नाहीं +सबर जिकर इबादतां बाझ जोगी दमां बाझ जीवन दरकार नाहीं +शरम बाझ मुछां बिना अमल दाढ़ी तलख बाझ फौजां भरमार नाहीं +अकल बाझ वजीर सलवात मोमन ते दीवान हिसाब शुमार नाहीं +वारस रन्न फकीर तलवार घोड़ा चारे थोक एह किसे दे यार नाहीं",panjabi-pan +"नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नैं +नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नैं +कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का +कमला नै ल्यावै उसका बाप +कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का +औरां की छोह्रियां पहरै सैंडल +कमला पहरै काले सूट +कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का +औरां की छोह्रियां पहरै फराकां +कमला पहरै काले सूट +कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का +नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नै +कमला नै ल्यावै उसका बाप +कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का",haryanvi-bgc +"खाना खायोनी +काटो रे बाबा हरा को नागर , काटो बीजा जुआँड़ी । +फाँदी रे बाबा कारी बैलन को नागर जोतो कयलीकछार । +एक खूटे बोयो मनरूसी ढाने , एक खूटे मूँगा उरीदा । +एक पान हो गय मनरूसी धाने , दुई पाने मूँगा उरीदा । +बालेनी निकड़य मनरूसी धाने , फाड़य मूँगा उरीदा । +होवाना लागय मनरूसी धाने , होवाय मूँगा उरीदा । +नो यो दाई मनरूसी धाने , नो यो मूँगा उरीदा । +बोझानी बाँधी मनरूसी धाने , ���ाँधो मूँगा उरीदा । +मीडो रे बाबा मनरूसी धाने , मीडो मूँगा उरीदा । +उड़वायो बाबा मनरूसी धाने , उड़वायो मूंगा उरीदा । +रासीनी बाँधाय मनरूसी धाने , उड़वायो मूँगा उरीदा । +रासेनी डूमों मनरूसी धाने , डूमों मूँगा उरीदा । +कओटी माँ भरो मनरूसी धाने , भरो मूँगा उरीदा । +हेडो ओ दाई मनरूसी ढाएँ , हेडो मूँगा उरीदा । +घाँटो यो दाई मनरूसी धाने , निमाड़ो मूँगा उरीदा । +कूटो दाई मनरूसी धाने , दाड़ो मूँगा उरीदा । +मनरूसी धानाक भाटे रंधाबी , मूँगा उरीदा के दास । +तूमा फूलेयस भाटे रंधाबी , कुमढ़ा फूलस दाड़े रंधाबे । +झै नानबी संगही गरबादक , पानी तोर संगहीक हाठे धूमलाही । +नान बायो संगही दुदमरीक , पानी तोर संगही हाठे उजड़ाही । +कोनेना हाथे केंवरी उठाबी , कोने हाथे आँसुनी पोचकी । +जौनी ना कौर हाथे केंवरी उठाबी डेरी हाथे आँसूना पोछनी ॥ +शब्दार्थ – पानापता , मींडोगहाईउड़ाकर , रासढेर , निमाड़ो बिनलो , तूमालौकी । +थाली में हर प्रकार का बैगा भोजन परोसा और माँ दुल्हन को बड़े प्यार से खाना खिला रही है । दुलहन माँ से कहती है माँ पिताजी को कहो । हर्रा की लकड़ी को काटें । उसका हल बनाएँ । बीजा की लकड़ी का जुआ बनाएँ । काले बैलों को जोतकर खेत में हल चलाएँ । अपना खेत कयलीकछार में है । उसी खेत में परिवार के लिये फसल उगाये । माँ तुम पिताजी से कहनाहल जोतने के बाद खेत में एक कोने में मनरूसी धान चावल बोएँ । एकएक कोने में मूँग और उड़द बोएँ । दुल्हन के पिता ने वैसा ही किया । खेत में बोये मूँग , उड़द बोएँ । दुल्हन के पिता ने वैसा ही किया । खेत में बोये मूँग , उड़द और धान के पौधों में पहले अंकुर फूटे । फिर ताने से एक पत्ता , दूसरा पत्ता , इस तरह पौधों की बालियों में बीज भर गये । तब बेटी कहती है माँ जाओ , तुम खेत घूम आओ । धान मूँग , उड़द उग आये हैं । उनमें दाने बैठ गये हैं । अब जल्दी करो । फसल को काटकर ले आओ । बेटी के कहने पर माँ खेत में फसल देखने गई । उसने देखा फसल उग गई है । उसने फसल कटाई की । उसके पिता फसल का बोझ बाँधकर घर ले आए । सभी अनाज की उन्होने जल्दी से गहराई की । अनाज निकाल आया । सारा अनाज कोठियों में बाहर दिया गया । तब बेटी कहती है माँ अब तुम जल्दी से धान की कुटाई करो । मूँग , उड़द की दाल बनाओ । और जल्दी से खाना बनाओ । माँ ने जल्दीजल्दी सारा काम किया और खाना बनाया । चावलदाल बनाई । आँगन में कई तरह की सब्जियाँ लौकीकुम्हड़ा भी फली है ��� उनकी सब्जी बनाओ । माँ ने दुल्हन को भोजन परोसा । भोजन करने के लिये एक सहेली ने दुल्हन के हाथ नर्मदा के पाने से धूलाये । तब दुल्हन कहती है नहीं सखि मेरे हाथ नर्मदा के पानी से नहीं धूलेंगे । मेरे हाथ तुम दूध से ही धुलवाओ । तब उसकी सहेली दुल्हन के हाथ दूध से ही धुलवाती है । फिर दुल्हन अपने हाथ से रूचि पूर्वक भोजन करती है ।",baiga-mis +"बोये चले थे भंवर जी पीपली +बोये चले थे भंवर जी पीपली +हांजी कोए हो गई घुमर घुमेर +बैठण की रुत चाले चाकरी",haryanvi-bgc +"नहडोरी +1 +दाबे बर ले दे दाई खांडे तलवारे +घामे बर छतरी तनाय +कोन गांव ला टोरंव दाई +कोन गांव ला फोरंव +कोन गांव ले लानों बिहाय +रायपुर ला टोरंव +रायगढ़ ला फोरंव +नवागढ़ ले लानों बिहाय +चढ़त बेरा धरम के +उतरत बेरा लगिन के +धरम धरम जस ले ले +फेर धरम नइ मिले +2 +नहडोरी के एक गीत ‘दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया’ ये गीत ल अलगअलग जगा म अलगअलग गावत सुने ला मिल जाथे । ये गीत ह दाई अउ बेटा के बातचीत के रूप म हे जेमां बेटा ह दाई कर बिहाव बर रुपया मांगथे । +जैसे कि कुछ जगा म गाये जाथे … +दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया +सुन्दरी ला लातेंव मंय बिहाये ओ दाई +सुन्दरीसुन्दरी बाबू तुम झन रटिहौ +गा सुन्दरी के देश बड़ा दूरै रे भइया +तोर बर लाहवं दाई रंधनी परोसनी +ओ मोर बर घर के सिंगार ओ दाई +गोड़े बर रुपमुचा पनही +छांव बर छतरी तनाय , हांहां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाव +लाये बर देबे इक तलवारी चढ़ेबर +लीली हंस घोरी , हां हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाय +अउ कुछ जगा म गाये जाथे … +दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपैया +सुन्दरी ला लातेंव बिहाय +सुन्दरी सुन्दरी रटन धरे बाबू +सुन्दरी के देस बड़ दूर +तोर बर लनिहों दाई रंधनि परोसनि +मोर बर घर के सिंगार +पांव बर ले दे दाई रुचमुच पनही +चढ़े बर दे दे लिलि हंसा घोड़ा +भूख बर जोर दे दाई भुखहा कलेवना +प्यास बर गंगा जल +3 +देतो देतो दाई अस्सी वो रुपैया के +सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय +कि अवो दाई सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय +सुंदरी सुंदरी बाबू तुम झन रटिहव के +सुंदरी के देस बड़ा दूर +कि अग बाबू सुंदरी के देस बड़ा दूर +मोर बर लाबे बेटा रंधनी परोसनी के +तोर बर घर के सिंगार +कि अग बेटा तोर बर घर के सिंगार +तैं तो हाबस दाई बड़ा वो अबुधनिन के +मांगत हस दूध के तैं मोल +कि अवो दाई मांगत हस दूध के तैं मोल +तोर बर लानिहंव दाई पानी भरईया के +मोर बर घर के सिंगार +कि अवो दाई मोर बर घर के सिंग���र +पांव बर लेते दाई बजनी वो पनही के +चढ़े बर लीली हंसा घोड़ा +कि अवो दाई चढ़े बर लिलि हंसा घोड़ा",chhattisgarhi-hne +"414 +खैर फकर नूं अकल दे नाल दीजे हथ सभल के बुक उलारिए नी +कीजे ऐड हकार ना जोबने दा मान मतीए मस्त हंकारीए नी +कीजे हुसन दा मान ना भाग भरीए छल जासिया रूप विचारीए नी +ठूठा भन्न फकीर दा पटयो ई शाला यार मरे रन्ने डारीए नी +मापे मरन हंकार भज पवे तेरा अनी पिटन दीए वणजारीए नी",panjabi-pan +"ठुमुक-ठुमुक नाच रह्यो श्याम आगन मे झाक रही मैया +ठुमुकठुमुक नाच रह्यो श्याम , आंगन में झांक रही मैया । +मैया को देख हँसो श्याम , शरम गयेा बारों । कन्हैया . . . +सर पे बंधो मोर मुकुट , मोहन ने उतार दियो +हाथों में बाजूबंद , मोहन ने डार दियो +कर न सकूं मैं बयान , शरम गयो बारों । कन्हैया . . . +कमर में करधोनी , मोहन ने उतार दई +पीताम्बर पट की किनारी भी फाड़ दई +अंगना में लोट गयो , श्याम शरम गयो बारों । कन्हैया . . . +दौड़ी आई मैया , झट गोद में उठाय लियो +आंचल से आंसु पोंछ , गोद में बिठाय लियो +चंदा को देख हँसो श्याम , शरम गयेा बारों । कन्हैया . . .",bundeli-bns +"भँगिया पिसयते महादेओ, सुनहऽ बचन मोरा हे +भँगिया पिसयते महादेओ , सुनहऽ बचन मोरा हे । +देओ , 1 तोरा धनी दरद बेयाकुल , तोरा के बोलावथु2 हे ॥ 1 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , सुनहु न पओलन हे । +बुढ़उ बैल पीठी भेलन असवार , कहाँ रे धनी बेआकुल हे ॥ 2 ॥ +सउरी में से बोलथी गउरा3 देई , सुनहऽ बचन मोरा हे । +देओ , लाज सरम केरा बतिया , तोरा से कहियो केता4 हे ॥ 3 ॥ +मारहे पँजरवा5 में पीर से डगरिन बोलाइ देहु हे ॥ 4 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , बुढ़वा दिगम्बर हे । +बुढ़उ बैल पीठ भेलन असबार , कहाँ रे बसे डगरिन हे ॥ 5 ॥ +बाट जे पूछहथ6 बटोहिआ त कुइआँ पनिहारिन7 हे । +इहाँ त सहरबा के लोग , काहाँ रे बसे डगरिन हे ॥ 6 ॥ +ऊँची चउपरिया8 पुर9 पाटन10 आले11 बाँस छावल हे12 +दुअरे चननवा के गाछ , उहाँ रे बसे डगरिन हे ॥ 7 ॥ +डगरिन डगरिन पुकारथि , 13 डगरिन अरज करे हे । +के मोरा खोलहे14 केवरिया15 त रतन जड़ल हकइ16 हे ॥ 8 ॥ +हम हिअइ17 देओ महादेओ , हम तोरा टाटी खोली हे ॥ 9 ॥ +की18 तोरा माय कि मउसी , कि सगर19 पितिआइन20 हे । +की तोरा घर गिरथाइन21 दरद बेआकुल हे ॥ 10 ॥ +नइ मोरा माय से मउसी , से सगर पित्त्आिइन हे । +मोरा धनि दरद बेयाकुल , तोंहि के बोलावथु हे ॥ 11 ॥ +पैरे ही पैरे22 नहीं जायब , पैर दुखायत23 हे । +आनि देहु मोरा सुखपाल , 24 ओहि रे चढ़ि जायब हे ॥ 12 ॥ +एतना बचन जब सुनलन बुढ़वा दिगंबर हे । +चलि भेलन बैल असवार , घरहि घ��रि25 आयल हे । +एक त जाति के डगरिन , बोलऽहइ26 गरब सयँ27 हे । +माँग हकइ संझा28 सुखपाल ओहि29 रे चढ़ि जायब हे ॥ 14 ॥ +एक त सिवजी दलिद्दर , 30 जलम के खाके31 भाँड़े32 हे । +सिव , लेइ जाहु संझा सुखपाल , ओहिरे चढ़ि आवत हे ॥ 15 ॥ +डड़ियहि33 आवथी डगरिन , चाउँर डोलत आवे हे । +चनन से अँगना लिपायल सुघर डगरिन पग धरे हे ॥ 16 ॥ +घड़ी रात बीतल , पहर रात , अउरो आधिए रात हे । +लेलन गनेस औतार , महल उठे सोहर हे ॥ 17 ॥",magahi-mag +"मथुरा मे जन्मे नद के कुमार... +मथुरा में जन्मे नंद के कुमार . . . +खुल गई बेड़ी खुल गये किवाड़ +जागत पहरुआ सो गयें द्वार । मथुरा . . . +गरजे ओ बरसे घटा घनघोर +ले के वासुदेव चले गोकुल के द्वार । मथुरा . . . +बाढ़ी वे जमुना आई चरणन लाग +छू के चरणाबिंद हो गई पार । मथुरा . . . +देवकी के मन में आनंद अपार +गोकुल में हो रहो मंगलचार । मथुरा . . .",bundeli-bns +"बेटी चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी +बेटी चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +नी जाईये , चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +मैं तां खड़ी सां बाबल जी दे पास , +बाबलजी तों आस , +बाबल वर लोड़ीये , +नी बेटी कियो जया नी लाडो , +कियो जया वर लोडिये , +वे बाबल ज्यों तारयाँ विचों चान , +चान्नां विच्चों कान्ह , +कन्हयिया वर लोडिये , +बेटी चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +नी जाईये , चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +मैं तां खड़ी सां भैया जी दे पास , +भैयाजी तों आस , +भैया वर लोडिये , +नी बहना कियो जया नी लाडो , +कियो जया वर लोडिये , +वे भैया , ज्यों तारयाँ विचों चान , +चान्नां विच्चों कान्ह +कन्हयिया वर लोडिये । +बेटी चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +नी जाईये , चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +मैं तां खड़ी सां चाचाजी दे पास , +चाचजी तों आस , +चाचा वर लोडिये , +नी बेटी कियो जया नी लाडो , +कियो जया वर लोडिये , +वे चाचा ज्यों तारयाँ विचों चान , +चान्नां विच्चों कान्ह , +कन्हयिया वर लोडिये । +बेटी चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +नी लाडो , चन्नण दे ओले ओले क्यों खड़ी , +मैं तां खड़ी सां मामाजी दे पास , +मामा जी तों आस , +मामा वर लोड़ीये , +नी बेटी कियो जया नी लाडो , +कियो जया वर लोडिये , +वे मामा ज्यों तारयाँ विचों चान , +चान्नां विच्चों कान्ह , +कन्हयिया वर लोडिये ।",panjabi-pan +"चोला माटी के हे राम +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +चोला माटी के हे हो +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +द्रोणा जइसे गुरू चले गे +करन जइसे दानी संगी , करन जइसे दानी +बाली जइसे बीर च��े गे , रावन कस अभिमानी +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +कोनो रिहिस ना कोनो रहय भई आही सब के पारी +एक दिन आही सब के पारी +काल कोनो ल छोंड़े नहीं राजा रंक भिखारी +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +भव से पार लगे बर हे ते हरि के नाम सुमर ले संगी +हरि के नाम सुमर ले +ए दुनिया मा आके रे पगला जीवन मुक्ती कर ले +चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +चोला माटी के हे हो +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे +हाय चोला माटी के हे राम +एकर का भरोसा , चोला माटी के हे रे",chhattisgarhi-hne +"276 +जेहड़े पिंड विच आवे तां लोक पुछण एहतां जोगड़ा बालड़ा छोटड़ा ई +कन्नीं मुंदरां एस नूं ना फबन एहदे तेड़ ना बन्ने लंगोटड़ा ई +सत जनम के हमी हां नाथ पूरे कदे वाहया नहीओं जोतड़ा ई +दुख भंजन नाथ है नाम मैं तां घनंतर वैद दा पोतरा ई +जे कोई असां दे नाल दम मारदा ए एस जग तों जायगा औतरा ई +हीरा नाथ है वढा गुरदेव साडा चले उसदा पूजने चैतरा ई +वारस शाह जो आज्ञा लै साढी दुध पुतरां दे नाल सौतरा ई",panjabi-pan +"राम के मथवा लुटिरिया, देखत नीक लागय हे +आँख अँजाई +राम के मथवा1 लुटिरिया , 2 देखत नीक3 लागय हे । +ललना , ब्ररह्मा जे दिहले लुटुरिया , अधिको छबि लागय हे ॥ 1 ॥ +राम के माथे तिलकवा , तिलक भल सोभय हे । +ललना , चन्नन दिहले बसिट्ठ , 4 अधिको छबि लागय हे ॥ 2 ॥ +राम के अँखिया रतनारि , काजर भल सोभय हे । +ललना , काजर दिहले सुभदरा , 5 देखत नीक लागय हे , अधिको छबि लागय हे ॥ 3 ॥ +राम के पाँव पैजनियाँ , पाँव भल सोभय हे । +ललना , ठुमुकि चलले अँगनवाँ , देखत नीक लागय हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे +पांचां पै तनै लई मांग कै सुकरम भोत कमाऊंगा +दूसर भगती करूं परेम तै हर के दरसन पाऊंगा +नित रहूं हरी का पाली क्यूं धरदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +याहदी ब्याह्दी दूत भेज के पांचो तनै समझाते हैं +करणा हो सो कर ले रे बंदे कार करे दिन आते हैं +घर खो सै न ततकाल क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +पांचों पंच करेंगे दावा लेखा हो दरबार रे +जिब तेरे पै मार पड़ेगी झूठा पड़ै करार रे +झूठा का मुखड़ा काला रे क्यूं करै झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +जिन खातर तैं पच पच मरदा वे सब धौरे धर जांगे +जिब तेरे पै बखत पड़ैगा सारै धोखा कर जांगे +तब होगा देस निकाला क्यूं ध��दाा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . . +तेरै देखत कितणे हो लीए हो हो कै सब चले गए +ना कोए रह्या ना कोए रहण पाया काल चाक्की में दले गए +चातर दलन आला क्यूं करदा झूठी मेर रे +या पंचाती धरमसाला . . .",haryanvi-bgc +"मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी बागां में जाऊं तो माली ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी तालां पै जाऊन तो धोबी ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै +हेरी सेज पे जाऊं तो बलमा ललचै +मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै",haryanvi-bgc +"गांधी था सत का मतवाला +गांधी था सत का मतवाला । +सत का था उस नै परण पाला । । +सचाई हाथ तै दी ना जाणे । +चाहे प्राण पड़े थे गवांणे । । +सत के बल पै अमरता पाई । +सांच नै आंच ना लागण पाई । ।",haryanvi-bgc +"हात रे भाई रे! +हात रे भाई रे +नाना की मांय पाणी खऽ गई , घर मऽ कुतरा कोंडी गई । +कुतरा भूकसे होलई पर , नानों म्हारो सोवसे झोलई पर । +आवों चिड़ीबाई दौड़ करी , नानो म्हारो सोवसे सौड़ करी । +आवो चिड़ीबाई परात मऽ , नानो म्हारेा जासे बरात मंऽ । +आवो चिड़ीबाई करूँ थारो याव , +कथील को मूंदड़ो नऽ जुरूंग को हार +बाजरा को खीचड़ो नऽ मसूर की दाल , +आवों चिड़ीबाई करूँ थारों याव । +हात रे भाई रे",nimadi-noe +"मनख्या बाघ +लोगूँ कु खेती कु काम नी होये पूरू1 , +यो निभागी बाघ होईगे शुरू +एकी2 जागान3 बल हैकी4 जागा जाँद , +जनानी चोरीक नौनोऊँ छ खाँद +कनो निरभागी यो बाग गीजी5 , +हमारी आँखी आँसुन भीजी +एकी जनानी वैन मारे धाड़ो , +मैं कू बाड़ी पकौण को करे भाड़ो । +तैं को मालिक बवराँदो6 भौत , +ये पापी बागक कब औली मौत ? +तै डाँडा का ऐंच दुगड़ी गौऊँ , +तख बुडड़ी मारे वैन गौं का सौऊँ +तै बागन पकड़े बुडड़ी की गली , +ब्वारी की पकड़ी छै वीं की नली +खाण दे बुडड़ी की ऐगे खैर , +हम बाग की डर नी औंदा भैर7 +तौं द्वारू तैं अब झट लावा , +घमछंदे भायों रोटी खावा +ऐंसू का साल नी कैकी खैर , +हम बाग की डर नी औंदा भैर +डरदामरदा औंदान वो घर , +विरालों देखीक लगदी छ डर +रुमसूम्या8 बगत जु कुकर भूक्या , +इना नामी वंधू जु ओबरा9 लूक्या +ओबरा लूक्या रऊसी10 माछा , +पोटगा मा डर का नरसिंह नाच्या",garhwali-gbm +"हमाओ बीघन कौ परिवार +हमाओ बीघन कौ परिवार +चलाबैं कैसें हम करतार +दयानिध कर दो बेड़ा पार । +तनकसौ घर भारी किल्लूर +डरन के मारैं रत हम दूर +एक जौ चटा चाट रओ चाट +एक जौ पड़ा पटक रओ खाट । +एक जौ खड़ौ खुजा रऔ खाज +एक जो मुरा , मुरा रऔ प्याज +एक जौ सिड़ी सुड़क रऔ नाक +एक जौ चड़ौ टोर रओ छाज +एक जे लला बुआ रए लार +मताई कानों करै समार +हारकैं रोउन अँसुबा ढार +काए खौं पबरौ जौ परिवार । +एक जौ खड़ी खाट पै खड़ौ +एक जौ फिरत स्थाई में भिड़ौ +कढ़ोरा अलमारी सें कड़ौ +लल्तुआ लालटेन पै चड़ौ । +चतुरिया चूले ऊपर चड़ी +चाट रइ हँड़िया में की कड़ी +रमकुरा जात खुजाउत मुड़ी +सिमइयँन की वीनत है सुड़ी । +एक जे लला लगा रए लेट +एक जे नंगधुरंगे सेट +कड़त आ रओ मटकासौ पेट +पेट पै रोटी धरें चपेट । +एक कौ जौनों हम मौं धोउत +दूसरौ मौड़ा तीनों रोउत +रात भर इनखौं ढाँकत फिरत +बता दो फिर हम काँसें सोउत ? +घुरत रत तन ज्यों घुरतइ राँग +बढ़त जा रइ डाड़ी की डाँग +तौउ जे मौड़ीमौड़ा करत +गरम कपड़न की रोजइ माँग । +रखा लए लम्बेलम्बे बार +निकरतइ घर सें पटियाँ पार +बुआ दो प्रभू तेल की धार +खुपड़ियाँ कर लेबें सिंगार । +कुटुम में कैसें किऐ पढ़ायँ +फीस खौ पइसा काँसै ल्यायँ ? +जेब की खौंप न भरबा पाई +नओ कुरता काँसैं सिलवाये ? +कभउँ नइँ नोंन , कभउँ नइँ मिर्च +चलै कैसें जा घर कौ खर्च ? +लिड़इ के काल लिबउवा आए +और सँग में दो धुंगा ल्याए , +न घर में नैकऊ बचो अचार , +डरी डबला में सेरक बार , +आजकल की दएँ दैत उधार ? +काए सें राम करें सत्कार ? +बढ़त गइ हर सालै सन्तान +न आओ दोउ जनन खौं ग्यान +आज देरी पै पटकत मूँड़ +चटत जा घरीघरी पै जान +करा जनसंख्या कौ बिस्तार +बने हम हाय देस के भार । +दयानिध कर दो बेड़ा पार ।",bundeli-bns +"269 +छड चोरियां यारियां दगा जआ बहुत औखियां एह फकीरियां ने +जोग जालना सार दा तकला ए एस जोग विच बहुत जहीरियां ने +जोगी नाल नसीहतां हो जांदे जिवें ऊठ दे नक नकीरियां ने +तूंबा खपरी सिमरना नाद सिंगी चिमटा भन्ग नलयेर1 जंजीरियां ने +छड त्रीमतां झाक हो जोगी फकर नाल जहान की सीरियां ने +वारस शाह एह जट फकीर होया नहीं हांदियां गधे तों पीरियां ने",panjabi-pan +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 6 +कोठा मँ बछिया हर आजे ओ +चोला छोड़त हे +देख तो दीदी पूंछी पटक के +नरिया के गिंया +मोर आंसू ल ओ +नीर गिरथे राम +बछिया के दीदी +जब रामराम कहिके चोला ओ बाई छोड़य ओ , भाई ये दे जी । +जब भरथरी लेगी के +मोर फेंकत हे ओ +देख तो दीदी भांठा मा +माटी देई के ना +चले आवत हे +पांच जोनी ये ओ , धरि लिहे गिंया +मोर कइसे विधिकर बोलय ओ भाई बोलय ओ , भाई ये दे जी । +जऊने समय कर बेरा मा +तीने महिना म ओ +देखतो दीदी जनम धरत हे +मोर बिलाई के +चल पेट म न +मो कोठी म अवतार लेई लेवय ओ , लेई लेवय ओ , भाई ये दे जी । +मेऊँमेऊँ नरियावत हे +सुनिले भगवान +काने खबर भरथरी +मोर आवाज ये ओ +जेला सुनत हे न +खोजतखोजत गियां +चले जावत हे ओ +मोर कोठी म न +मोर गोड़ा तरी चल बइठे ओ , चल देखय ओ , भाई ये दे जी । +फाट जातीस धरती हमा जातेंव +दुख सहे नई जाय +का तो जनम जोगी धरेहॅव +दुख परिगय राम +हाल देना बताय +ओही जनम के , मोर सारी येन +वचन पियारी राम +मोर सोने पलंग कइसे टूटिस ओ , रानी हांसिस ओ , भाई ये दे जी । +सुनिले भरथरी मोर बात +छय जोनी ये ओ +आज मय हर धरि लिहेंव +सात जोनी मे न +तोला देहॅव बताय +मोर बिलाई ए ओ +गोड़ा तरी दीदी +सतपुर के न +नाम लेई के मोर चोला ल ये दे छोड़य ओ +भाई छोड़य ओ , रानी ये दे जी । +सात जोनी अवतारे मा +मॅय बताहॅव कहय +देख तो दाई मोर बोलत हे +भरथरी हर ओ +कइसे जावत हे न +मोर लहुटी आवय +रंगमहल म , रंगमहल म , भाई ये दी जी । +खोजतखोजत राजा नई पावय दीदी +बइहा बरन भरथरी ये +मोर दिखत हे न +मोहिनी ये सुरत +मोर कइसे विधि कर +काला ओ तक होगे ओ , रानी ये दे जी । +साते अवतारी मँ जावत हे +देख तो रानी ये ओ +काखर कोख मँ जनम +मॅयहर लेहॅव गिंया +मन म सोचत हे न +ये दे खोजे बर हंसा ओ जीव जावय ओ , भाई ये दे जी । +गढ़नरुला के राजा जेकर +रानी ये न +जावय रानी हर +सुन राजा महराज के +एके महीना ये ओ +दूसर महीना मोर +दस महीना के छइहां ओ बाई लागय ओ , भाई ये दे जी । +दसे महीना हर होवत हे +ए दे रानी ल राम +देखतो अवतारे ल लेवत हे +मोर कइना ये ओ +गढ़नरुले मा +डंका बाजत हे राम +आनंद मंगल मनाय +मोर देवता मन +फूल बरसावय ओ , बरसावय ओ , भाई ये दे जी । +साधू सन्यासी +जयजय कार करॅय +देख तो दीदी रंगमहल म +फौज पटक्का ये न +ये दे फुटत हे राम +आनंद मंगल ये ओ +दरबार में न +जेकर होवय हीरा +मोर कइना जनम +रानी लेवय ओ , भाई लेवय ओ , रानी ये दे जी । +एके महीना +होवत हे +मोर कटोरी म +दूधे पीयत हे कइना हर +दूसर महीना , पलंगों में खेलय +तीन महीना में राम +किलकारी देवय +मोर चारपांच महीना ओ , गुजरे ओ , भाई ये दे जी । +साते महिना ये +आठे ये मड़ियावत हे ओ +धीरेधीरे खेल बाढ़य +गलीअंगना म +खेलत हावय कइना +धूरखावत हे राम , धूर बाढ़त हे ओ +मोर साल भर के होवय ओ , ये दे होवय ओ , भाई ये दे जी । +मोहिनी होय बरोबर +कइसे दिखत हे न +देखतो दीदी रुपदेई +गढ़नरुले म न +मोर आनंद राम +मंगल करत हे ओ +मोर साल दू साल बीते ओ , ये दे बीते ओ , भाई ये दे जी । +आठ बच्छर के होवत हे +नव बच्छर के राम +बारा बच्छर के छइंहा ये +कइना होगे गिंया +भरथरी ये न +खोजतखोजत ओ +चले आवय दीदी +मोर राजा ये न +रंगमहल मँ आइके बोले ओ , ये दे बाले ओ , भाई ये दे जी । +सुनले कइना मोर बात ल +ओही जनम के ओ +तँय तो हीरा मोर सारी अस +ए ही जनम ओ +राजकुमारी बने +छय जनम तोर पाछू धरेंव +भेद नई तो बताय +मोला भेद ल देते बताय ओ , बताई ओ , भाई ये दे जी । +सोने पलंग कइसे टूटिसे +रानी हाँसिसे ओ +जेकर भेद बता देते +सुन लेतेंव कइना +जीव हो जातिस शांत +आनंद मंगल ओ +करी लेतेंव कन्या +मोर अइसे बानी +हीरा बोलय ओ भरथरी ओ , भाई ये दे जी । +तब तो बोलत हावय कइना हर +सुनले भांटो मोर बात +ओही जनम के +तोर सारी अॅव +ए ही जनम म +राजकुमारी अव न +मय तो बने भांटो +अभी नई तों कहॅव +मोर जियत खात होई +होई जावय ग , भाई ये दे जी । +जऊने दिन मोर विहाव +होई जाहय भांटो +गवना कराके , ले जाही न +चले आबे भांटो +तोला देहॅव बताय +मोर अइसे बानी हीरा बोलय ग , ये दे बोलय गा , भाई ये दे जी । +सोने पलंग कइसे टूटिसे +रानी हाँसिसे ओ +जेकर भेद ब +अतका वचन ल सुनके +भरथरी ह ओ +लोटी आवे रंगमहल म +अपन दरबार मँ आके बोलथे राम +सुन दाई मोर बात +साते जनम ओ सारी लेइस हवथ +भेद नई तो बताय +अइसे बानी हीरा बोलय गा , ये दे बोलय गा , भाई ये दे जी । +जेकर बीच मँ सामदेई +बानी बोलत हे राम +सुनले जोड़ी मोर बात ल +घर मँ आये हों +जे दिन गउना कराय +बन किंजरत हव न +पाछू परे हव राम +अपन सारी के ओ +भेद तोला नई बताय ओ , बताय ओ , रानी ये दे जी । +तुम तो बनेबने बुलथव +घर म मय हँव ओ +कइसे कलपना ल का कहँव +भगवाने गिंया +जेला गुनत हे नाम +भरथरी के ना +मति हर जाबे न +मोर रंगमहल मं आनन्द मंगल मनावॅव ओ , भाई ये दे जी । +एतीबर रुपदेई रानी के +मंगनी होवत हे राम +देख तो दीदी दिल्ली सहर म +चले आवय हीरा +मंगनीजंचनी होई जावय बेटा +ये दे रचे बिहाव +मोर आनन्द मंगल मनावे ओ , ये मनावे ओ , भाई ये दे जी । +गढ़ दिल्ली बरात ये +चले आवत हे राम +राजा मानसिंह धरिके +गढ़नरुलै न रुपदेई ल राम +ए बिहा के न +आनन्द मंगल मनावॅव ओ +दाई मोर सजे बराती आगे ओ , बैरी आगे ओ , भाई ये दे जी । +काने खबर परथे +भरथरी के ओ +देखतो दीदी घोड़ा साजत हे +बारामरद के घोड़ा साजा के न +भरथरी ये राम +चले जावॅव गिंया +गढ़नरुले म ओ +मोर जाई के बोलत हे बानी ओ , दाई बानी ओ , भाई ये दे जी । +सुनले कइना मोर बात ल +हाल दे दे बताय +बात पूछे चले आये हॅव +भरथरी के न +बोली सुनथे राम +रुपदेई ये ओ +एदे सुन्दर मधुर बानी ओ , दीदी बोलय ओ , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"ऐसी भक्ति साधू मत किजीये +ऐसी भक्ति साधू मत किजीये , +जग मे होय नी हाँसी +१ अन्त काल जम मारसे +गल दई देग फाँसी . . . . +. . . . . . . . . . ऐसी भक्ति . . . . . . +२ जो मंजारी ने तप कियो , +खोटा व्रत लिना +घर से दीपक डाल के +आरे मूसाग्रह लिना . . . . +. . . . . . . . ऐसी भक्ति . . . . . . +३ जो हो लास पिघल चली , +पावक के आगे +ब्रज होय वहा को अंग . . . +. . . . . . . . . . ऐसी भक्ति . . . . . +४ देखत का बग उजला , +मन मयला भाई +आख मिची ऋषी जप करे +मछली घट खाई . . . . +. . . . . . . . . ऐसी भक्ति . . . . . . +५ ग्रह ने गज को घेरिया , +आरे कुंजरं दुंख पाया +हरी नाम उचारीया +आरे तुरंत ताल छुड़ाया . . . +. . . . . . . . ऐसी भक्ति . . . .",nimadi-noe +"लामणु लान्दरिय किति लामण जाणे +लामणु लान्दरिय1 किति2 लामण जाणे , +डोडी3 के भित्तर किती फीमेर दाणे4 । +लाऊँ5 लामण , लाऊँ देवोरा बुंगा , +कोई शुण टीर कोई शुण वाडवा तुंगा । +लाऊँ लामण जाण कीणई जाला",garhwali-gbm +"जुनख्यालि रात च छोरी +जुनख्यालि1 रात च छोरी । +कनै हैंसि तू ? +गाड2 पाणि अफ नि पेंदि +फल नि खाँदा डाला +अन्न तैं भि भूख लगद +तीस मेघमाला । +हर फूल जो स्वाणो3 +स्वाणे ही नि होंदो +बात को अन्ताज होंद +निस्तुको नि होंदो । +छूँ लगाई लाख , मगर +छपछपि छू लगद क्वी +औखियों मा दुनिया बसद +दिल भितर बसद क्वी +गाड द्यखण पड़द पैले +स्वाँ कु मरद फाल4 +भक्क कख मरेंद भौं5 कै +बाँद6 पर अँग्वाल7 । +भूको ब्वद वलि गदनी +अधणो ब्वद पलि गदनी । +अपणा दिलै मी जणदू +त्यरि जिकुड़ो8 कन च कनी ।",garhwali-gbm +"प्यारा यार मनावाँगी +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +इस टुणे नूँ पढ़ फूकाँगी , +सूरज अगन जलावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +अक्खिआँ काजल काले बादल , +भवाँ1 से आग लगावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +और बसात2 नहीं कुझ मेरी , +जोबन धड़ी गुन्दावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +सत्त समुन्दर दिल दे अन्दर , +दिल से लहर उठावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +बिजली होकर चमक डरावाँ , +मैं बादल घिर घिर जावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +इशक अँगीठी हरमल3 तारे , +सूरज अगन चढ़ावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी । +ना मैं ब्याही ना मैं कँवारी , +बेटा गोद खिड़ावाँगी । +बुल्ला लामकान4 दी पटड़ी उत्ते , +बह नाद बजावाँगी । +टुणे कामन करके नी मैं प्यारा यार मनावाँगी ।",panjabi-pan +"में तो अकेली म्हारो घर न लुटाय दीजो +में तो अकेली म्हारो घर न लुटाय दीजो +घर न लुटाय दीजो , बन न कराय दीजो +सासू सुणें तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +ललना खेलावन म्हारा मा���ा खे बुलाव दीजो +जेठाणी सुणे तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +रसोई निपावन म्हारी काकी खे बुलाय लीजो +नणंदी सुणे तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +सांतीपुड़ा मांडण म्हारी बून्या बुलाय लीजो +पड़ोसन सुणे तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +मंगल गावण म्हारी सखियां बुलाय लीजो +ढोली सुणे तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +ढोली म्हारा पीयर से बुलाय लीजो +जोसी सुणे तो पिया उन्हें मत आवन दीजो +जोसी म्हारा पीयर से बुलाय लीयो ।",malvi-mup +"मथवा जे आयल महादेव बड़े बड़े जटा +मथवा1 जे आयल2 महादेव बड़े बड़े जटा । +कँधवा3 जे आयल महादेव बघिनी के छला4 ॥ 1 ॥ +घर से बाहर भेली5 सासु मनाइन6 । +गोहुमन सरप छोड़ल फुफकारी ॥ 2 ॥ +किया7 सासु किया सासु गेल डेराइ । +तोरा लेखे8 अहे सासु गेहुमन साँप । +मोरा लेखे अहे सासु गजमोती हार ॥ 3 ॥ +कथिकेरा9 दियवा , कथिकेरा बाती । +कथिकेरा तेलवा , जरेला10 सारी राती11 ॥ 4 ॥ +जरु12 दीप जरु दीप चारो पहर राती । +जब लगि दुलहा दुलहिन खेले जुआसारी13 ॥ 5 ॥ +जर गेल दियवा सपुरन14 भेल बाती । +खेलहुँ न पयलऽ15 दुलरुआ16 चारो पहर राती ॥ 6 ॥ +तोरहिं जँघिया17 हो परभु , निंदो18 न आवे । +बाबा के जँघिया हो परभु , निंद भल आवे ॥ 7 ॥ +बाबा के जँघिया हे सुघइ19 दिन दुइचार । +मोरा जँघिया हो सुघइ , जनम सनेह20 ॥ 8 ॥",magahi-mag +"कहवाँ में रोपबई हरी केबड़ा अहो रामा +कहवाँ में रोपबई हरी केबड़ा अहो रामा +कहवाँ में रोपबई बेइलिया अहो रामा । +नइहरा में रोपबई हरी केबड़ा अहो रामा +ससुरा में रोपबई बेइलिया अहो रामा । +पनिए पटयबई हरी केबड़ा अहो रामा +दूधवे पटयबई बेइलिया अहो रामा । +काँचे सूते गुँथबई हरी केबड़ा अहो रामा +रेसम सूते गुँथबई बेइलिया अहो रामा । +के मोरा पेन्हतन हरी केबड़ा अहो रामा +के मोरा पेन्हतन बेइलिया अहो रामा । +भइया मोरा पेन्हतन हरी केबड़ा अहो रामा +सइयाँ मोरा पेन्हतन बेइलिया अहो रामा ।",magahi-mag +"हीरा मोती का गंज पड़िया +हीरा मोती का गंज पड़िया +आता सा फलाणा राम फिसल पड़िया +दौड़तासा छोटा भई ने झेल लिया +घणीखमा हो दादा म्हारा घणीखमा +काय की तमखे दादा फिकर पड़ी +हमखे काव करने की फिकर पड़ी +वे तो दालकड़ी का गंज पड़िया +आतासा जमई जी फिसल पड़िया +दौड़तीसी बईरां ने झेल लिया +घणीखमा हो म्हारा राज घणीखमा +काय की फिकर तमखे पड़ी +संडास सोरने की फिकर हमखे पड़े",malvi-mup +"हाथ सेंनुरवा गे बेटी, खोंइछा जुड़ी पान +हाथ सेंनुरवा गे बेटी , खोंइछा1 जुड़ी2 पान । +चलली दुलरइती गे बेटी , दादा दरवाज3 ॥ 1 ॥ +सुतल4 हल5 जी दादा , उठल चेहाय6 । +कवन संजोगे गे बेटी , अयली दरवाज ॥ 2 ॥ +अरबो7 न माँगियो जी दादा , दादी के सोहाग ॥ 3 ॥ +लेहु दुलरइते गे बेटी , अँचरा8 पसार ॥ 4 ॥ +अँचरा के जोगवा9 गे दादी , झरिय झुरि जाय । +मँगिया10 के जोगवा गे दादी , जनम अहियात11 ॥ 5 ॥",magahi-mag +"सोहर +साभार : सिद्धार्थ सिंह +चलो चली सखिया सहेलिया त हिलि मिलि सब चली हो +सखी जमुना का निर्मल नीर कलस भरि लाई हो +कोउ सखी हाथ मुख धोवें त कोउ सखी घैला बोरै हो +अरे जसुदा जी ठाढ़ी ओनावै कन्हैया कतौ रोवें हो +घैला त धरिन घिनूची पर गेडुरी तखत पर हो +जसुदा झपटि के चढ़ी महलिया कन्हैया कहाँ रोवै हो +चलो चली सखिया सहेलिया त हिलि मिलि सब चली हो +सखी जसुदा के बिछुड़े कन्हैया उन्हें समुझैबे हो +कई लियो तेलवा फुलेलवा आँखिन केरा कजरा हो +जसुदा कई लियो सोरहो सिंगार कन्हैया जानो नहीं भये हो +नीर बहे दूनो नैन दुनहु थन दूधा बहे हो +सखी भीजै चुनरिया का टोक मैं कैसे जानू नहीं भये हो",awadhi-awa +"288 +रांझे अगे अयाल ने कसम खाधी नगर खेड़यां दे जा धसया ए +यारो कौन सरदार गरां केहड़ा अते लोक कदोकना1 वसया ए +अगे पिंड दे खूह ते भरन पानी कुड़ियां घतिया हस खड़खसिया2 ए +यार हीर दा भावें तां एह जोगी किसे भाग भरी चा दसया ए +पानी पी नढा छज्ञवें घाट बूटी सुन पिंड दा नाम खिड़ हसया ए +एहदा नाम है रंगपुर खेड़यां दा किसे लभया ते नहीं दसया ए +अरी कौन सरदार है भाज खानी सखी शूम3 केहा नाम जसया ए +अजू नाम सरदार है पुत सैदा जिसने हक रंझेटे दा खसया ए +सिंगी खपरी बन्ह तयार होया लंग4 चा फकीर ने कसया ए +कदी लए हुलां5 कदी झूलदा ए कदी रो पया कदी हसया ए +वारस शाह कसान जिउं होण राजा मींह औड़6 दे दिनां विच वसया ए",panjabi-pan +"विवाह -गीत - घुमची बरन मै सुन्नर +घुमची बरन मै सुन्नर बाबा मुनरी बरन करिहांव +हमरे बरन बर ढुंढयो मेरे बाबा तब मोरा रचहू बियाह +इहड़ खोज्यो बेटी बीहड़ खोज्यो , खोज्यों मै देस सरिवार +तोहरे जोगे बेटी बर कतहूँ न पायों अब बेटी रह्हू कुवाँरि +इहड़ खोज्यो बाबा बीहड़ खोज्यो , खोज्यों तू देस सरिवार +चार परगिया पै नग्र अयोध्या दुइ बर राम कुवाँर +उहे बर माँगै बेटी अन धन सोनवा बारह बरद धेनू गाय +उहे बर माँगै बेटी नव लाख दायज हथिनी दुवारे कै चार +नहीं देबो मोरे बाबा अन धन सोनवा बारह बरद धेनू गाय +नहीं देबो मोरे बाबा नव लाख दायज तब बर हेरौ हरवाह",awadhi-awa +"आल्हा ऊदल +नौ सौ तोप चले सरकारी मँगनी जोते तीन हजार +बरह फैर ��े तोप मँगाइन गोला से देल भराय +आठ फैर के तोप मँगाइन छूरी से देल भराय +किरिया पड़ि गैल रजवाड़न में बाबू जीअल के धिरकार +उन्ह के काट करों खरिहान +चलल जे पलटन इंदरमन के सिब मंदिर पर पहुँचल जाय +तोप सलामी दगवावल मारु डंका देल बजवाय +खबर पहुँचल बा रुदल कन भैया आल्हा सुनीं मोर बात +करव तैयार पलटन के सिब मंदिर पर चलीं बनाय +निकलल पलटन रुदल के सिब मंदिर पर पहुँचल बाय +बोलल राजा इंदरमन बाबू रुदल सुनीं मोर बात +डेरा फेर दव एजनी से तोहर महा काल कट जाय +तब ललकारे रुदल बोलल रजा इंदरमन के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बढ़ैबव राड़ +पड़ल लड़ाइ है पलटन में झर चले लागल तरवार +ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार +भुँइयाँ पैदल के नव मारे नाहिं घोड़ा असवार +जेत्ती महावत हाथी पर सभ के सिर देल दुखराय +छवे महीना लड़ते बीतल अब ना हठे इंदरमन बीर +चलल ले राजा बघ रुदल सोनवा कन गैल बनाय +मुदई बहिनी मोर पहुँच वाय",bhojpuri-bho +"मोर झूल तरी गेंदा +बाग बगीचा दिखे ल हरियर , बाग बगीचा दिखे ल हरियर +दुरूग वाला नई दिखे बदे हव नरियर +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे ना +चांदी के मुँदरी किनारी कर ले +चांदी के मुँदरी किनारी कर ले +मैं ह रइथव दुरूग में चिनहारी कर ले +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे वो +पीपर पाना डोलत नइये +पीपर पाना डोलत नइये +का होगे टुरी ल बोलत नइये +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे वो +नवा सड़कीया रेंगे ल मैना , नवा सड़कीया रेंगे ल मैना +चार दिन के अवईया लगाये महीना +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे गा +पांच के लगइया पचीस लग जाए +पांच के लगइया पचीस लग जाए +बिना लेगे नई छोड़व पुलिस लग जाए वो +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे वो +गाय चराये हियाव करिले +गाय चराये हियाव करिले +दोस्ती मा मजा नईये बिहाव करले +मोर झूल तरी +मोर झूल तरी गेंदा इंजन गाड़ी सेमर फूलगे +सेमर फूलगे अगास मन चिटुको घड़ी नरवा मा +नरवा मा अगोर लेइबे गा",chhattisgarhi-hne +"ये ही लँड़ भँइसुरा के, लामा लामा टाँग रे +ये ही लँड़ भँइसुरा1 के , लामा लामा2 टाँग3 रे । +ये ही टाँगे लँघलक4 मँड़वा5 हमार रे ॥ 1 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के6 आँख रे । +ये ही आँखे देखलक7 गउरी8 हमार रे ॥ 2 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के हाँथ रे । +ये ही हाँथे छुअलक9 गउरी हमार रे ॥ 3 ॥ +ये ही लँड़ भँइसुरा के , बड़के बड़के दाँत रे । +से ही दाँते हँसलक10 मड़वा हमार रे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"दस गल रुपीया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपीया +दस गल रुपीया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपीया +ढामा मखान सुईनी केन ईखी +ऊरानी जोजलोम मखान रे बलेमा जल्डी सेने जा +गल रुपया ढामा मखान सुईनी केन ईखी गल रुपया ढामा +मखान सुईनी केन ईखी +चेचेरेज नी नाड़ी मखान रे बालेमा जल्डी सेने जा +गल रुपीया ढामा मखान धोबन केन ईखी +गुदड़ी नी टाटम मखान रे बालेमा चट्टो सेने जा +मोनुवा नोटो मखान नायन केन ईखी +नेरुखो नी चेरेज मखान रे बलेमा चट्टो सेने जा +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"मानो बचन हमारो रे,राजा +मानो बचन हमारो रे , राजा , +मानो बचन हमारो +१ भिष्म करण दुर्योधन राजा , +पांडव गरीब बिचारा +पाचँ गाँव इनक दई देवो +बाकी को राज तुम्हारो . . . +रे राजा . . . +२ गड़ गुजरात हतनापुर नगरी , +पांडव देवो बसाई +दिल्ली दंखण दोनो दिजो +पुरब रहे पिछवाड़ो . . . +रे राजा . . . +३ किसने तुमको वकील बनाया , +कोई का कारज मत सारो +राज काज की रीती नी जाणो +युद्ध करी न लई लेवो . . . +रे राजा . . .",nimadi-noe +"495 +कही छिंज1 घती अज तुसां भैणां खुआर कीता जे मैं निघर जांदड़ी नूं +भइआं पिटड़ी कदों मैं गई किते किओं उडाया जे मैं मुनसखांदड़ी2 नूं +छज छाननी घत उडाया जे मापे पिटड़ी ते लुड जांदड़ी नूं +सैदे खेड़ी दे ढिड विच सूल होया सदन गई सां मैं किसे मांदरी3 नूं",panjabi-pan +"कवन साही अइसन लाली दरवजवा +कवन साही अइसन1 लाली दरवजवा , मानिक जड़ले केवाँड़ हे । +कवन दुलहा अइसन बड़ा दुलरूआ , खेलले पासा2 जोड़ हे ॥ 1 ॥ +कवन भँडु़आ अइसन लाली दरवजवा , मानिक जड़ले3 केवाँड़4 हे । +कवन दुलहा अइसन बड़ा दुलरूआ , खेलले पासा जोड़ हे ॥ 2 ॥ +अँखवा5 जनि6 मटकइह7 दुलहा , धरती जनि लइह8 डीठ हे । +देखन अइहें9 ससुरारी के लोगवा , कइसन सुन्नर दमाद हे ॥ 3 ॥ +अँखिया दुलरुआ के आमि10 के फँकवाँ11 नकवा सुगवा के ठोर हे । +जइसन झलके अनार के दाना , ओइसन12 दुलरूआ के दाँत हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"किसिआं बान्ना हे न्योंदिए +किसिआं बान्ना हे न्योंदिए +घर किसि���ं के हे जा +यू बनवाड़ा हे न्योंदिए +सिरी राम बन्ना हे न्योंदिए +घर राम जी के हे जा +यू बनवाड़ा हे न्योंदिए +फीडे मारे हे मोचड़े +चाले हे नान्हड़ी चाल +चादर ओढ़े ए तीन पटी +बैठ भाईआं के हे बीच +यू बनवाड़ा हे न्योंदिए",haryanvi-bgc +"जी पहला मास जै लागिया, दूध दही मन जाय +जी पहला मास जै लागिया , दूध दही मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +दूजा मास जै लागिया , मेरा निबुआं में मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +तीजा मास जै लागिया , मेरा बेरा में मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +चौथा मास जै लागिया , मेरा लाडूआं ने मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +पांचवां मास जै लागिया , मेरा खरी पूडां में मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +छटा मास जो लागिया , मेरा गूंद गिरी मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +सातवां मास जै लागिया , मेरा फलियां में मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +आठवां मास जै लागिया , मेरा धाणी में मन जाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया । +नौवां मास जै लागिया , मेरा होलड़ सबद सुणाय , +मेरे अंगणा में अमला बो दिया ।",haryanvi-bgc +"बिन्दी तो तुम पैरो हो बनीजी +बिन्दी तो तुम पैरो हो बनीजी , +तुमखऽ बन्दड़ाजी बुलावऽ । । +थारा रंगमहल कसी आऊं रे बना , +म्हारा झाँझरिया की रूणुकझुणुक , +म्हारा पिताजी सुणी लीसे । +थारा पिताजी की गाळई हो बनी , +मखऽ बहुतज प्यारी लागऽ । ।",nimadi-noe +"अच्छे लीला गोद मेरी +अच्छे लीला गोद मेरी सोक लिलिहारी +नाक पै बुलाक गोद रथ कौ सो पैय्या +गालन को झुकादे दोनों लंग को पपैय्या +होठों में बना दे एक कोयल कारी +अच्छे लीला गोद मेरी . . .",haryanvi-bgc +"काटा बान डो खोबा बान जा भगवान +काटा बान डो खोबा बान जा भगवान +काटा बान डो खोबा बान जा भगवान +इयां माई डो इयां बा नी चोजा ये ऐन डो +इयां माई डो इयां बा नी चोजा ये ऐन डो +झाडी जा बान राडी बान डो झाडी बान +झाडी जा बान राडी बान डो झाडी बान +इयां माई इयां बा नी चोजा ये ऐन डो +इयां माई इयां बा नी चोजा ये ऐन डो +ऐ भगवान जा ये भगवान ईनी जा कोरा डो डो मारे +ऐ भगवान जा ये भगवान ईनी जा कोरा डो डो मारे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"विदाई +गवाए गाना ला , धीरे गाय ले दाई तो । +कहाय लढ़ाना बेटी , दादा कहाय हूसिया । +भाई तो कहाय पिंजड़ा का मैना । +का बोली दैके निकाल गय । +पानी ला पीवत पीवत भरा ले । +तै तो आवाजाही करबे जीवन भरा ले । +कौन बना आमा , कौने तो बना जाम । +कोने बन खा निकले ल���न सिया राम । +धीरे गाय ले दाई तो कहाय । +लढ़ाना बेटी दादा कहाय हूसियार । +भाई तो पिंजरा का मैना का बोली +दै के निकाल गय । +शबदार्थ – लढ़ानालाड़ली , बोलीवचन , पीवतपीवतपीपीकर , आवाजाहीआनाजाना , जीवन भरा , जीवन भर , बनावनजंगल । +विदाई के समय माँपिता और भाई कहते है । पहले माँ कहती है गीत जरा धीरे गाना । आज मेरी लाड़ली इकलौती बेटी तू गोदी छोड़कर कहाँ जाती हो ? पिता कहते हैं मेरी होशियार बेटी आज तुम ससुराल जा रही हो । भाई कहता है ओ मेरी पिंजरे की मैना बहन तू आज मुझे क्या वचन आशीर्वाद देकर जा रही हो । +बेटी कहती है इस घर का पानीपीते मैं इतनी बड़ी हुई हूँ । तुम लोंगो ने मुझे अच्छा खिलापिलाकर बड़ा किया है । अच्छे संस्कार दिये है । जिंदगी में आनाआना तो लगा रहेगा । कौन से वन में आम का पेड़ लगता है और कौन से वन में जाम के फल लगते हैं । यह न आम के और न जाम के पेड़ को मालूम है । आम और जाम को क्या मालूम था कि एक दिन राम जैसे राजा सीतालक्ष्मण सहित वन में आकर वन के फल आम , जाम और बेर खायेंगे । रामसीता और लक्ष्मण को भी वनवास जाना पड़ा । +इसी तरह मुझे कभी न कभी ससुराल जाना ही पड़ता । इसलिए तुम सब फिक्र मत करो । मुझे खुशीखुशी विदाई दे दो । विदाई का समय है , जरा धीरेधीरे भरे गले से विदाई गीत गाना । मेरे भी आँखों में आँसू थम नहीं रहे हैं , तुम सब सुखी रहना ।",baiga-mis +"494 +अज किसे भाबी तेरे नाल कीती चार यार फड़े गुनहगारियां नूं +भाबी अज तेरे नाल ओह बनी दुध हथ लगा दुधा धारियां नूं +तेरे नैनां दियां नोकां दे खत बने वाढी मिलदीयां है जिवें कटारियां नूं +हुकम होर दा होर अज हो गया अज मिली पंजाब कंधारियां नूं +तेरे जोबन दा रंग किस लुट्ट लया हनुमान जियो लंक उतारयां नूं +हथ लग गई सैं किसे यार ताईं जियों कसतूरी दे भाओ बपारियां नूं +तेरी त्रकड़ी दियां कसां ढिलियां ने किसे तोलिया लौंग सपारियां नूं +चूड़े बिड़े ते हार शिंगार टुटे ठोकर लग गई मिना कारियां नूं +वारस शाह जिन्हां मलें अतर शिशें उन्हां की करना फौजदारियां नूं",panjabi-pan +"नीम्ब के लागी निम्बोली दादा हो +नीम्ब के लागी निम्बोली दादा हो +समधी की रीतगी न्यौली दादा हो +कन्या नै दो परणाय दादा हो +जांडां के लागी झींझ दादा हो +समधी नै आ गई नींद दादा हो +कन्या नै दो परणाय दादा हो +आकां कै लागै डोडे दादा हो +समधी के जुड़ गये गोडे दादा हो +कन्या नै दो परणाय दादा हो",haryanvi-bgc +"हाथ में मेहंदी मांग सिन्दूरवा +हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा +बर्बाद कजरवा हो गइले +बाहरे बलम बिना नींद ना आवे +बाहरे बलम बिना नींद ना आवे +उलझन में सवेरवा हो गइले +बिजुरी चमके देवा गर्जे घनघोर बदरवा हो गइले +पापी पपीहा बोलियाँ बोले पापी पपीहा बोलियाँ बोले +दिल धड़के सुवेरवा हो गइले +बाहरे बलम बिन नींद न आवे +उलझन में सुवेरवा हो गइले +आ . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . +अरे पहिले पहिले जब अइलीं गवनवा +सासू से झगड़ा हो गइले +बाकें बलम पर . . . अहा अहा +बांके बलम परदेसवा विराजें +उलझन में सुवेरवा हो गइले +हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा +बर्बाद कजरवा हो गइले",bhojpuri-bho +"जन्म के गीत-2 +ननदी बोलयेंव उहू नइ आइस +ननदी हो हमार का करि लेहव । +बहिनी बलाके कांके मढ़ई बोन +हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । +ननदोइ बोलयेंव उहू नइ आइस +भोटो बला के नरियर फोरा ले बोन +हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । +जेठानी बोलायेंव उहू नइ आइस +जेठानी हो हमार का करि लेहव । +भौजी बला के , सोंहर गवाबोन +हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । +जेठ जो बोलायेंव उहू नइ आइस +जेठ हो हमार का करिलेहव । +भाई बला के बन्दुक छुटबई लेबोन +हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । +ससुर बोलायेंव उहू नइ आइस +ससुर हो हमार का करिलेहव । +बापे बला के नाम धरइ ले बोन +हम छबीली सबे के काम पड़बोन । । +सासे बोलायेंव उहू नइ आइस +सासे हो हमार का करिलेहव । +दाई बला के टुठू बधवइबोन +हम छबीली सबे के काम पड़िबोन । ।",chhattisgarhi-hne +"जादू सो कर गई हेरन में +जादू सो कर गई हेरन में +दुरवारी दृग की फेरन मैं । +जों मरतेज , तेज चितवन कौ , +सो नइँयाँ समसेरन में । +उड़त फिरत जैसें मन पंछी +गिरत बाज के घेरन में । +जब कब मिलत गैल खोरन में , +तिरछी नजर तरेरन में । +कहत ईसुरी सुन लो प्यारी , +तनक सेन की टेरन मैं ।",bundeli-bns +"481 +अवल पैर पकड़े एतकाद कर के फेर नाल कलेजे दे लग गई +नवां तौर अजूबे दा नजर आया वेखो जाल पतंग ते अग गई +कही लग गई , चिंनग जग गई , खबर जग गई वज तलग गई +यारो ठगां दी रेवडी हीर जटी मुंह लगदयां यार नूं ठग गई +लगां मसत हो कमलियां करन गलां दुआ किसे फकीर दी वग गई +अगे धूंआं धुखंदड़ा जोगीड़े दा उतों फूक के छोकरी अग गई +यार यार दा बाग विच मेल होया गल हिजर दी दूर अलग गई +वारस टुटयां नूं रब्ब जोड़दा ए वेखी कमले नूं परी लग गई",panjabi-pan +"हाथ सिन्होरबा गे बेटी +हाथ सिन्होरबा1 गे बेटी , खोंइछा2 दुब्भी पान । +चली भेली दुलारी गे बेटी , दादा दरबार ॥ 1 ॥ +सुत्तल3 हला4 जी दादा , उठला चेहाय5 । +किया6 लोभे अइला7 गे बेटी , दादा दरबार ॥ 2 ॥ +अरबो8 न माँगियो जी दादा , दरब9 दुइ चार । +एक हम माँगियो जी दादा , दादी के सोहाग ॥ 3 ॥ +मचिया बइठली जी दादी , दहिन10 लटा11 झार । +लेहु दुलरइते गे बेटी , अँचरा पसार ॥ 4 ॥ +अँचरा के जोगवा12 गे दादी , झुरिये झुरि13 जाय । +मँगिया सेनुरबा गे दादी , जनम अहियात14 ॥ 5 ॥",magahi-mag +"पुरबा जे बहै छै झलामलि हे कोसी +पुरबा जे बहै छै झलामलि हे कोसी , +पछिया बहै छै मधुर । +अंगना में कुँइयाँ खनाय दियो कोसिका , +बाँटि दियो रेशम के डोर । +झटपट अंगिया मंगाय दियो कोसिका माय , +भैरव भैया भुखलो न जाय । +साठी धान कूटि के भतवा रान्हलियै , +मुंगिया दड़रि के कैलो दालि । +जीमय ले बैठलै भैरव छोटे भइया , +कोसी बहिन बेनिया डोलाय । +बेनिया डोलावैत बहिनो चुवलै पसीना , +नैन से ढरै मोती लोर । +जनु कानु जनु खिझु कोसिका हे बहिनो , +तोरो जोकर डोलिया बनाय । +घर पछुअरवा में बसै छै कहरवा , +कोसी जोकर डोलिया बनाय । +झलकैत जेती सुसुरारि ।",angika-anp +"उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +उड़दो उड़दो तावी पार उड़दो +डाडा रे तावी फेरे उड़दो +डाडा रे तावी फेरे उड़दो +सोने की गोपनी मारयो +सोने की गोपनी मारयो +नीला होरिया दानादाना +नीला होरिया दानादाना +डाडा रे नीला होरिया दानादाना +डाडा रे नीला होरिया दानादाना +ऊपर तेरे मण्डवा नीचे तेरे जोदेड़ा +ऊपर तेरे मण्डवा नीचे तेरे जोदेड़ा +डाडा रे नीचे तेरे जोदड़ा रे +डाडा रे नीचे तेरे जोदड़ा रे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"देह से हो हंसा निकल गया +देह से हो हंसा निकल गया , +हंसा रयण नी पाया +१ पाँच दिन का पैदा हुआ , +छटी की करी तैयारी +आधी रात का बीच म +छटी लिखी गई लेख . . . +देह से . . . +२ सयसर नाड़ी बहोत्तर कोटड़ी , +जामे रहे एक हंसा +काडी मोडी को थारो पिंजरो +बिना पंख सी जाय . . . +देह से . . . +३ चार वेद बृम्हा के है , +सुणी लेवो रे भाई +अंतर पर्दा खोल के +दुनिया म नाम धराई . . . +देह से . . . +४ गंगा यमुना सरस्वती , +जल बहे रे अपार +दास कबिर जा की बिनती +राखौ चरण आधार . . . +देह से . . .",nimadi-noe +"नथली के जुलमी तोता +नथली के जुलमी तोता हालै झूलै मत रे +ऐसी बेहोस करी रे रस टपकै लगी झड़ी रे +या है पीले अधर भरी रे रसता भूले मत रे +फल कच्चे पक्े होते वे झूठे करे नपूते +ढोला तूं छोड़ अछूते सबे गबूरे मत रे",haryanvi-bgc +"श्रमिक बोल +१ . +बोलीबोलऽ , चोली खोलऽ , +चोली के भीतर , लाल कबूतर , +खाए के मांगे , सबुज दाना , +धरधर लेइयें पर , पांजर मोटा , +खइबऽ सोटा , धर धरेसी , +ध के पेसी , पेसन वाला , +है मतवाला , ढिलवा भैया , +करे ढिलाई , ओकर मउगी , करे सगाई । +२ . +हाथ भरो जी हैसा , +जोर करो जी हैसा , +जोर जुगुती हैसा , +हो छुट्टी हैसा , +छुट्टी होना हैसा , +मौज उड़ाना हैसा , +मौजेदारी हैसा , +साव मदारी हैसा , +घामघमैला हैसा ।",bhojpuri-bho +"जाय जगावहु कवन पितर लोग, भेलन पोता +जाय जगावहु1 कवन2 पितर लोग , भेलन पोता । +पोता भेल बंसबाढ़न , 3 बहु4 जुड़वावस5 ॥ 1 ॥ +देइ घालऽ6 सोने के हँसुअवा , होरिला नार काटस7 ॥ 2 ॥ +भोंरहिं राम जनम ले लें साँझहि लछुमन हो । +आधे राते भरथ भुआल , मोरे रे राम जनम ले ले हो ॥ 3 ॥ +दियवा8 खोजन गेलूँ , 9 दियवो न मिलल , दियरवो10 न मिलल । +ललना , हिरवा11 के करबो12 अँजोर , 13 मोरे राम जनमु ले लें ॥ 4 ॥ +हँसुआ खोजन गेलूँ , हँसुओ न मिलल । +सोने छुरिये राम नार काटब , मोरे राम जनम ले लें ॥ 5 ॥",magahi-mag +"हम तो दरदे बेयाकुल, ननदिया के हाँसी बरे +हम तो दरदे1 बेयाकुल , ननदिया के हाँसी2 बरे3 । +सासु तोर पइयाँ4 परू5 रूसिनिया6 के बिदा करूँ । +छिनरिया7 के बिदा करूँ , सतभतरी8",magahi-mag +"भाई +ऊँचो माळो रे कमल भाई रे , +टोंगल्यो बूडन्ती ज्वार । । +काचा रे सूत की कमल भाई की गोफण , +सुशीला होर्या टोवण जाई । । +हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , +न पापी को खाजो सगळो खेत । । +गीत गाने वाली ने स्वयं के भाई के नाम से गाया है कि भाई का महल ऊँचा है , ज्वार घुटने के ऊपर है । कच्चे सूत की भाई की गोफन बनाई हुई है । सुशीला भाभी तोते उड़ाने जाती है । धरमी का खेत छोड़कर पापी का सारा खेत चुग लेना ।",bhili-bhb +"नाचो डी टेन हाजे डाई नाचो डी टेन हाजे +नाचो डी टेन हाजे डाई नाचो डी टेन हाजे +नाचो डी टेन हाजे डाई नाचो डी टेन हाजे +नाचो डी टेन हाजे डाई नाचो डी टेन हाजे +आमा कोन डो आमा किमिन +हल्दी घाटो चोखा चावल मेंढा +बोकरा समाले जे ढाई +आमा बोको आमा किमिन हल्दी घाटी चोखा +आमा रानी आमा कोन की हल्दी +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठ , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"अहिंसा परम धरम कहलाया +अहिंसा परम धरम कहलाया । +तय तियाग का मारग दिखलाया । । +सादा जीवन उच्च विचार । +बेड़ा इस तै होवै पार । । +गांधी बाब्बू का योह् नारा । +देस नै लाग्या था अति पियारा । ।",haryanvi-bgc +"अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़ +अंबर बरसा बड़ा चिवा मेरी सासड़ राणी कोई नीम्ब झलार ले +सात जणी का झूमटब मेरी सासड़ राणी कोई सात्यों री पाणी नां जां +राहे मसाफर जांदड़ा मेरी सासड़ ��ाणी कोई जांदे ना पानी पला +मेरा तो पाणी बिस भर्या सुण जाण वाले कोई कोई पीउंदेउ मरजा +म्हारतां घर के गारडू कोई पीयांगे जहर उतार +जो थारे घर के गारडू सुण सालू वाली कोई हम से क्यूं घडला उठाय +घडला उठाएऊ सास ते सुण सालू वाली कोई अपणा तो हाल बता +छह्या के बालम घर रहे सुण सालू वाली लिया म्हारे साथ +साथ जायों मत ना रहे सुण चीरे वाले कोई दो कुल खावेंगी लाज +घडला उठा घर आ गई सुण सासड़ राणी कोई सुणियों जी हमारी बात +राहे मसाफर मिल्या सुण सासड़ राणी बातां मां लग गई देर +कैसे सो गाबरू सुण बहुवड़ राणी कोई कैसी सूरत होणहार +तकड़ा सो गाबरू सुण सासड़ राणी कोई जेठ सूरत होणहार +बें तो तेरे बालमा सुण बहुवड़ मेरी कोई कस क्यों ना पकड़ी तां बां +कोठा चढ़ का देखले सुण बहुवड़ मेरी कोई नेड़ा गये या दूर +आखां ते दीखा नेड़ा सासड़ मेरी पैरां ते कोस पचास",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +निकलल पलटन लहरा के बाबू मेघ झरा झर लाग +झाड़ बरुदन के लड़वैया साढ़े साठ लाख असवार +चलल जे पलटन है लहरा के सिब मंदिर के लेल तकाय +बावन दुआरी के सिब मंदिर बावनों पर तोप देल धरवाय +रुदल रुदल घिराइल सिव मंदिर माँ +जरल करेजा है रुदल के घोड़ा पर फाँद भेल असवार +ताल जो मारे सिब मंदिर में बावनों मंदिर बिरल भहराय +बोलल राजा लहरा सिंह रुदल कहना मानव हमार +डेरा फेर दव अब एजनी से तोहर महाकाल कट जाय +नाहिं मानल बघ रुदल बाबू सूनीं धरम के बात +बातन बातन में झगड़ा भैल बातन बढ़ल राड़ +बातक झगड़ा अब के मेटे झड़ चले लागत तरवार +तड़तड़ तड़तड़ लेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल दुइ दल कान दिलह नाहिं जाय +झाड़ बरुदन के लड़वैया सै साठ गिरल असवार +जैसे बढ़इ बन के कतरे तैसे कूदि काटत बाय +आधा गंगा जल बहि गैल आधा बहल रकत के धार +ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार +ढलिया बहि बहि कछुआ होय गैल तरुअरिया भैल धरियार +छूरि कटारी सिंधरी होय गैल धै धै तिलंगा खाय +नब्बे हजारन के पलटन में दसे तिलंगा बाँचल बाय",bhojpuri-bho +"73 +पुतर तखत हजारे दे चौधरी दा रांझा जात दा जट असील है जी +एहदा बीबड़ा1 मुख ते नयन निम्मे बड़ी सोहणी एस दी डील है जी +मथा एसदा चमकदा नूर भरया सखी2 जीउ दा , नहीं बखील है जी +गल सोहणी परदे विच करदा खोज लाएक ते नयायों वकील है जी",panjabi-pan +"बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू +बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू +बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा ��ाकू +बोडो सोलड़ई बोडो बोलडई गांगुल गाडा काकू +इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे +इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे +इंजनी बागो सोलड़ीया काजा आमा रानी कीला लियाटेन डो डो मारे +बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई +बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई +बाकी हिगरा सोलड़ई काडो इयां रानी केन मीया का मागेन मोनई +टूकड़ा डो आरु मारे +टूकड़ा डो आरु मारे +टूकड़ा डो आरु मारे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"राजा दशरथ के चारो लाल दिन-दिन प्यारे लगे +राजा दशरथ के चारों लाल दिनदिन प्यारे लगें +अंगना में खेलें चारों भैया , +चलत घुटरुअन चाल , दिनदिन प्यारे लगे । राजा . . . +खुशी भई है तीनऊ मैया । +दशरथ खुशी अपार , दिनदिन प्यारे लगे । राजा . . . +गुरू की दीक्षा लेके उनने +मारे निशाचर तमाम , दिन दिन प्यारे लगें । राजा . . . +स्वयंबर भयो जनक नगर में +ब्याहे चारोंभाई , दिनदिन प्यारे लगें । राजा . . . +ब्याह के आये अवध नगर खों +खुशी भये नर नारि , दिनदिन प्यारे लगें । राजा . . .",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +नाम रुदल के सुन गैले सोनवा बड़ मंड्गन होय जाय +जे बर हिछलीं सिब मंदिर में से बर माँगन भेल हमार +एतो बारता है सोनवा के रुदल के सुनीं हवाल +घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीर +घोड़ा उड़ावल बघ रुदल सिब मंदिर में पहुँचल जाय +घोड़ा बाँध दे सिब फाटक में रुदल सिब मंदिर में गैल समाय +पड़लि नजरिया है सोनवा के रुदल पड़ गैल दीठ +भागल सोनवा अण्डल खिरकी पर पहुँचल जाय +सोने पलंगिया बिछवौली सोने के मढ़वा देल बिछवाय +सात गलैचा के उपर रुदल के देल बैठाय +हाथ जोड़ के सोनवा बोलल बबुआ रुदल के बलि जाओ +कहवाँ बेटी ऐसन जामल जेकरा पर बँधलव फाँड़ +बोले राजा बघ रुदल भौजी सोनवा के बलि जाओं +बारह वरिसवा बित गैल भैया रह गैल बार कुँआर +किला तूड़ दों नैना गढ़ के सोनवा के करों बियाह +एतनी बोली रानी सोनवा सुन गैल सोनवा बड़ मंड्गन होय जाय +भुखल सिपाही मोर देवर है इन्ह के भोजन देब बनाय +दूध मँगौली गैया के खोआ खाँड़ देल बनवाय +जेंइ लव जेंइ लव बाबू रुदल एहि जीबन के आस +कड़खा बोली रुदल बोलल भौजी सोनवा अरजी मान हमार +किरिया खैलीं मोहबा गढ़ में अब ना अन गराहों पान",bhojpuri-bho +"माझे माझे दियरा परिये गेल +माझे माझे दियरा परिये गेल +लागी गेल कमला फूल । +नान���ही नान्ही डलिया बुनाबिहे छौड़ी मलनिया , +तोड़ली हे कमला फूल । +कोन फूल ओढ़न कोन फूल पहिरन +कोन फूल हे सिंगार । +एली फूल ओढ़न बेली फूल परिहन , +चमेली फूल कोसिका के हे सिंगार ।",angika-anp +"315 +जटी बोलके दुध दी कसर कढी सब अड़तने पड़तने पाड़ सुटे +पुने दादे पड़दादे जोगीड़े दे सभे टगने ते साक चाढ़ सुटे +जोगी रोह दे नाल खढ़ लत घती धरौल मारके दंद सब झाड़ सुटे +जटी जिमी ते पटड़े वांग ढठी जिवें वाहरू फड़के धाढ़ सुटे +वारस शाह मियां जिवें मार तेसा फरहाद ने चीर पहाड़ सुटे",panjabi-pan +"परथम गनेस पद बंदि के, कुसल मनावहु हे +परथम गनेस पद बंदि के , कुसल मनावहु हे । +ललना , बिघन हरन गननायक , सोहर गावहु हे ॥ 1 ॥ +परथम मास जब बीतल1 , दोसर नियरायल2 हे । +ललना , तेसर मास जब आयल , चित फरियाल3 हे ॥ 2 ॥ +चउठा मास चढ़ि आयल , पचमा बितिये4 गेल हे । +ललना , छठे मास निरायल , गरम जनायल5 हे ॥ 3 ॥ +सतमा मास जब आयल , अठमा नियरायल हे । +ललना , नवमा मास जब आयल , होरिला6 जलम7 भेल हे ॥ 4 ॥ +भादो के रइनी8 भेयामन , 9 बिजुली चमक उठे हे । +ललना , तेहि छन परगटे नंदलाल , महल उठे सोहर हे ॥ 5 ॥ +चन्नन लकड़ी कटायम10 , मंगल गायम11 हे । +ललना , अरबे12 से दरबे13 लुटायम , सभ सुख पायम14 हे ॥ 6 ॥ +सासु के देम15 तीसी तेलवा , ननद केरा गड़ी16 तेल हे । +गोतनी के तेलफुलेत , गोतिनियाँ के देललेल17 हे ॥ 7 ॥ +सासु के देम खटोलवा18 , ननदी मचोला19 देम हे । +ललना , गोतनी के लाल पलँगिया , हमहुँ पइँचा20 लेम21 हे ॥ 8 ॥ +सासु के देम इयरिपियरि22 ननदिया के साड़ी देम हे । +ललना , गोतनी के लहँगापटोर23 , हमहुँ कबहुँ24 पइँचा लेम हे ॥ 9 ॥",magahi-mag +"मेरी बिचारी +बालापन1 से ही मिन2 गैल्या3 , सदा दुख का दीन बितैने , +खोटीखारी4 लोखू5 की सुणिने , इथैंउथैं6 की ठोकर खैने । +हूँद7 कंपिकी कटीने रात , रूड़ो8 डाल्यूँ9 का छैल10 बितैने , +वर्षा ऋतु मा दिवरों उनाये , कई एक चिन्ता तब ऐने । +2 . +कभी कबड्डी गिलिडंडा ही , खेलिखेलिकी दीन गँवैने , +पढ़िलिखि छौं फिर कविता कैने , ओरपोर11 का ध्यान मिटैने । +इना मयाल्दू12 त्वै ये की भी , द्वी छूवी13 त्वैमा कभि नि लगैने , +अपणा दुख का दुखड़ा सुणैकी , रोज त्यारा भी आँसू बगैने । +3 . +कभी खूब सी आँगड़ी14 चदरी , धोती मैं त्वै कुनी ल्हायो , +मेरा मोर15 तिन अरो बिचारी , कभी पेट भरि खाणु नि खायो । +हँसुलीधगुली16 दूर रई पर , एक सूत भी मिन17 नि गढ़ायो18 , +त्यरा19 नाक को मुरखलु20 तक भी , पापी पेट की भेंट चढ़ायो । +4 . +लाईंपैरीं21 देखि बिराणी22 , कभी त्वै कु तैं डाह नि आयो , +अलाणि23 चीज ल्हाँ , फलाणि24 ल्हाँ , बोलकि मेरो ज्यू25 नि जलायो । +जाणदू छौं मैं कभी एक दिन भी , त्वै सन सुख नि दे पायो , +किन्तु त्वै सनै रत्ती भर भी , पछतावा याँ को नि आयो । +5 . +ऐ26 छौ त्वै सन सुखी करण को , मैं मु27 जब कुछ समय बिचारी , +हाय विधाता निष्ठुर त्वै सन , छिनण लग्यूँ छ मैं से प्यारी । +चोट लगैकी भारी मन पर , जाणी छै तू अरी अगाड़ी28 , +जै29 ले , कखी जग्वाली30 मैं सन , औलो मैं भी त्यरा पिछाड़ो31 ।",garhwali-gbm +"मेहँदी तोड़न चली हैं अरूसा बेटी, दुलहे ने पकड़ी है बाँह +मेहँदी तोड़न चली हैं अरूसा1 बेटी , दुलहे ने पकड़ी है बाँह । +दुलहा लगावें बाईं कानी अँगुलिया , मेरी लाड़ो लगावें +दोनों हाथ , मेहँदी मेरी रे ॥ 1 ॥ +दुलहा सुखावेें घड़ी रे पहरिया , मोरी लाड़ो सुखावें सारी रात । +लगावे उमराव2 मेहँदी मेरी रे , लगावे सरदार मेहँदी रे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"मैं हूर परी बाँगर की +मैं हूर परी बाँगर की , मन्ने फली खा लई सांगर की +मेरी के बूझे भरतार +म्हने छोड़ न जइए , अपना कपटी दिल समझइए +ओ भर बुरा बनियाँ से प्यार +भावार्थ +' मैं बाँगर की हूर हूँ । एकदम परी सरीखी लगती हूँ । मैं सींगरे की फलियाँ खा खा कर पली हूँ । प्रियतम , +आख़िर मुझे क्या समझते हो तुम ? मुझे छोड़ कर न जाओ , प्रिय । इस कपटी दिल को अपने समझाओ , प्रिय । +ओ देखो न , तुम्हारे प्रति मेरे मन में बुरी तरह से प्यार जाग रहा है ।",haryanvi-bgc +"रामचन्दर चललन बियाह करे +रामचन्दर चललन बियाह करे , रिमिझिमि बादल हे । +अरे रिखियन1 खबरि जनावउ2 कहाँ दल उतरत3 हे ॥ 1 ॥ +परिछे बाहर भेली सासु त , सोना के डलनि4 लेले हे । +अहे , किनकर5 आरती उतारू , कउन बर सुन्नर हे ॥ 2 ॥ +साम6 बरन7 सिरीराम , त गोरही8 लछुमन हे । +सिरी रामचन्दर के आरती उतारूँ , ओहि बर सुन्नर हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"एमन समाज कबे गो सृजन हबे (बाउल) +एमन समाज कबे गो सृजन हबे +ये दिन हिन्दुमुसलमान बौद्धखृष्टान जातिगोत्र नाहि रबे । +शोनाय लोभेर बुलि +नेबे ना केओ काँधेर झुलि , +इतर आतरफ बलि +दुरे ठेले ना देबे । । +आमिर फकीर हये एक ठाँइ +सबार पाओना पाबे सबाइ , +आशरफ बलिया रेहाइ , +भवे केओ येनाहि पाबे । । +धर्मकुलगोत्रजातिर , +तुलबे ना गो जिगिर , +केंदे बले लालन फकिर +केबा देखाये देबे ।",bengali-ben +"तिरिया एक चतर पर बहना +तिरिया एक चतर पर बहना । कजरे भरी राखती नैंना । +गोरी बाको बदन चाल बैरिन की मतवारी । +पतरी पतरी कमर थोंद ही गोला गुदकारी ।",haryanvi-bgc +"199 +हीरे रूप दा कुझ वसाह नाहीं मान मतीए मुशक पलटिए नी +नबी हुक��� निकाह फरमा दिता रद फअनकहू मन लै जटिए नी +कदी दीन असलाम दे राह टुरिए जड़ कुफर दी तिले तों पटिए नी +जेहड़े छड हलाल हराम तकन विच हाविए दोजखी सटिए नी +खेड़ा हक हलाल कबूल कर तूं वारस शाह बन बैठिए वहुटिए नी",panjabi-pan +"91 +हीर आणके आखदी हस के ते अना झाल नी अंबड़ीये मेरीये नी +तैंनूं डूंघड़े खूह विच चा बोड़ां गल्ला नूं पिटयो बचड़ीये मेरीये नी +धी जवान जे किसे दी बुरी होवे चुप कीतियां चा नबेड़ीए नी +तैनूं वडा उदमाद1 आ जागिया ई तेरे वासते मणुश सहेड़ीए नी +धी जवान जे निसे दी बाहर जाण लगे वस तां खूह नघेरीये नी +वारस शाह जीउंदे होण जे भैन भाई चाक चोबरां नांह सहेड़ीए नी",panjabi-pan +"झोलै मैं डिबिआ ले रह्या +झोलै मैं डिबिआ ले रह्या +हाथ्यां मैं ले रह्या रूमाल +पति हो तेरी कित की त्यारी सै +बहाण मेरी सुनपत ब्याही सै +हे री तीज्यां का बड़ा त्युहार +सिंधारा लै कै जाऊंगा +टेम गाड्डी का हो रह्या सै +हे री घंटी बाज रही खड खड +गाड्डी सिर पर आ रही सै +मिठाई सतपकवानी सै +हे री सासड़ तौली खाट बिछाए +बीर मेरा भाज्या आवै सै +बीरा मेरा सिर पुचकारै सै +मैं लेई गोड्यां के बीच बिठा +बीर नैणां में आसूँ ल्या रह्या सै +हे री मेरी सासड़ भरदी नां हां +बीर मेरा आंख्यां नै आ रह्या सै +जेठ मेरा सान्नी काटै सै +मेरा देवर काढै धार +पति मेरा पलटण में जा रह्या सै",haryanvi-bgc +"पांच बरस की ब्याह के उठ गए +पांच बरस की ब्याह के उठ गए परदेस सुनो रै राजा भरथरी +बारह बरस में रै राजा बाहवड़े आए सैं बागां के बीच +सुनो रै राजा भरथरी +बागां के उठे रै जोगी चल पड़े आए हैं माता दरबार +सुनो रै राजा भरथरी +भिच्छा तै घालो री माता तावली जोगी खड़े तेरे बार +सुनो रै राजा भरथरी +भिच्छा तै घालूं रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा लाल +सुनो रै राजा भरथरी +भूली फिरै सै री माता बावली तूं सै जनम की बांझ +सुनो रै राजा भरथरी +माता ने छल कै जोगी चल पड़ा आया सै भाण के बार +सुनो रै राजा भरथरी +भिच्छा तै घालू रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा बीर +सुनो रै राजा भरथरी +भूली फिरै सै है भैणा बावली तूं सै जन्म की एक +सुनो रै राजा भरथरी +भैणां ने छल के जोगी चल पड़ा आया सै तिरिया के पास +सुनो रै राजा भरथरी +भिच्छा तै घालूं रै जोगी तावली तेरी सूरत मेरा नाथ +सुनो रै राजा भरथरी +भूली फिरै सै राणी बावली तूं सै फेरां की रांड +सुनो रै राजा भरथरी +गल मैं तै घालूं जोगी ओढण ईब चालूं तेरी साथ +सुनो रै राजा भरथरी +हाथ क��� तै बांधा रे जोगी कांगणा सिर कै तै बांधा मोड़ +सुनो रै राजा भरथरी +रोवत बांध रे तिरिया कांगणा छीकत बांधा मोड़ +सुनो रै राजा भरथरी",haryanvi-bgc +"विवाह निमंत्रण गीत - अरे अरे करा भवरवा +अरे अरे करा भवरवा करिया तोहरी जतिया +भवरा आजु मेरे काज परोजन नेवत दई आओ +अरगन नेवत्यो परगन नेवत्यो अउर नानियाउर +एक नहीं नेवत्यो बीरन भईया जेन्से बैर भये +सास भेटै आपन भईया नन्दा बीरन भईया अरे बाजरा कै +फाटै हमरी छतिया कही उठी भेटू अपने बीरन बिनु +अरे अरे करा भवरवा करिया तोहरी जतिया +भौरा फिर से नेवत्य दै आओ बीरन मोरे आवें",awadhi-awa +"121 +रांझे आखया आउ खां बैठ हीरे कोई खूब तदबीर बनाइए नी +माओं बाप तेरे दिलगीर हुंदे किवें ओहनां ते बात छपाइए नी +मिठी नायन नूं सद के गल कीजे जे तूं कहें तेरे घर आइए नी +मैं सयालां दे वेहड़े वड़ां नाहीं मैथों हीर नूं नित पुचाइए नी +दिने रात तेरे घर मेल साडा साडे सिर अहिसान चढ़ाइए नी +हीर पंज मोहरां हथ दितियां नी किवें मिठीए डौल बणाइए नी +कुड़ीयां पास ना खोहलणा भेत मूले गल जीउ दे विच लुकाइए नी +वारस शाह छुपाइए खलक1 कोलों भावें आपणा ही गुड़ खाइए नी",panjabi-pan +"बनी ए थारे बाबा जी से कहियो +बनी ए धारे बाबा जी से कहियो रंगावै पंचरंगी चूंदड़ी +पोत सत संगत मंगवाइयो गोटा ग्यान गोरखरू लगाइयो +बूटी राम नाम गिरवाइयो ओढ़ो ओढ़ो ए सुहागण पति भरतारी चूंदड़ी +बनी ए थरे ताऊ जी से कहयो रंगावै पंचरंगी चूंदड़ी +पोत सत संगत मंगवाइयो गोटा ग्यान गोरखरू लगाइयो +बूटी राम नाम गिरवाइयो , ओढ़ो ओढ़ो ए सुहागण पति भरतारी चूंदड़ी +बनी ए थरे बाब्बू जी से कहयो रंगावै पंचरंगी चूंदड़ी +पोत सत संगत मंगवाइयो गोटा ग्यान गोरखरू लगाइयो +बूटी राम नाम गिरवाइयो , ओढ़ो ओढ़ो स सुहागण पति भरतारी चूंदड़ी",haryanvi-bgc +"गणेश वन्दना +परतम सुमरो राम आओ म्हारा गणपति देवता । +परतम सुमरो राम आओ म्हारा गणपति देवता । +सुपड़ा दाळा तुम्हारा कान , आओ म्हारा गणपति देवता । +सुपड़ा दाळा तुम्हारा कान , आओ म्हारा गणपति देवता । +दिवला दाळा तुम्हारा कान , आओ म्हारा गणपति देवता । +दिवला दाळा तुम्हारा कान , आओ म्हारा गणपति देवता । +धारण ढाळा तुम्हारा पांय , आओ म्हारा गणपति देवता । +धारण ढाळा तुम्हारा पांय , आओ म्हारा गणपति देवता । +कंकु चोखा ती तुम्हारी पूजा करां , आओ म्हारा गणपति देवता । +कंकु चोखा ती तुम्हारी पूजा करां , आओ म्हारा गणपति देवता । +सर्वप्रथम गणेशजी आपका स्मरण करते हैं , आपके कान सूपड़े के समान , आँखें +दीपक के समान और पैर खम्भों के समान हैं । कुंकुमचावल से आपकी पूजा करें , +आप पधारिये ।",bhili-bhb +"आल्हा ऊदल +लड्गे तेगा लेल इंदरमन बाबू कूदल बवन्तर हाथ +पड़लि नजरिया है सोनवा के जिन्ह के अंत कोह जरि जाय +नाता नव् राखब एह भैया के +जेतना जे गहना बा देहन के डोला में देल धराय +बावन बज के धोती बाँधे सोनवा कूद गैल ब्यालिस हाथ +पड़लं लड़ाइ बहिनी भैया बाबू पड़ल कचौंधी मार +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोले जिन्ह के खटर खटर तरवार +सनसन सनसन गोली उड़ गैल जिन्ह जिमी नव डाले पाँव +सात दिन जब लड़ते बीतल बीत गैल सतासी रात +सात हाथ जब धरती गहिरा पड़ गैल जबहुँ नव सोनवा हटे बनाय +घैंचल तेगा रजा इंदरमन जे दिन लेल अली के नाम +जौं तक मारे ओह सोनवा के जूड़ा पर लेल बचाय +दोसर तेगा हन मारे कँगना पर लेल बचार +तेसर तेगा के मारत में सोनवा आँचर पर लेल बचाय +कूदल बहुरिया ओजनी से कूदल बवन्तर हाथ +पकड़ल पहुँचा इंदरमन के धरती में देल गिराय +लै के दाबल ठेहुना तर राजा राम राम चिचियाय +पड़ल नजरिया समदेवा के समदेव रोवे जाय बेजार +हाय हाय के समदेव धर बेटी सोनवा बात मनाव +पहले काट पिता का पाछे काट भैया के सिर +एतनी बोली सोनवा सुन गैल रानी बड़ मोहित हाय जाय",bhojpuri-bho +"क्यांहे तै न्योदूं बाबल राजा +क्यांहे तै न्योदूं बाबल राजा +क्यांहे तै चाचे ताऊ +भंवरा क्यांहे तै न्योंदूं हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +भेली न्योंदूं बाबल राजा +दलिए चाचे ताऊ +भंवरा मिसरी के कूजे हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +क्यांहे मैं आवै बाबल राजा +क्यांहे मैं चाचे ताऊ +भंवरा क्यांहे मैं आवै हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +रेलां में आवै बाबल राजा +मोटर चाचे ताऊ +भंवरा हाथी कै होदे हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +काहें उतारूं बाबल राजा +काहें चाचे ताऊ +भंवरा काहें उतारूं हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +परसे उतारूं बाबल राजा +परसे चाचे ताऊ +भंवरा खस खस के बंगलै हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +मेरै पटडै की शोभा मेरी मां का जाया +जिस तै मैं ऊजली +मेरे पंचा की सोभ्या हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +क्यांहें मैं न्हावै बाबल राजा +क्यांहें चाचे ताऊ +भंवरा क्याहें न्हावै हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +गंगा मैं न्हावै बाबल राजा +जमना चाचे ताऊ +भंवरा हरकी तो पैड़ी हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +ए मेरे पटडै़ की सोभ्या हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +क��� रै जै खावै बाबल राजा +कै रै चाचे ताऊ +के रै जै जीमै हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +लाड्डू जलेबी बाबल राजा +बरफी चाचे ताऊ +भंवरा मुथरा के पेडे हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +के रै जे पीवै बाबल राजा +के रै चाचे ताऊ +भंवरा के रै जै पीवै मेरी मां का जाया +जिस तै मैं ऊजली +पाणी पीवै बाबल राजा +पाणी चाचे ताऊ +भंवरा दूध कटोरे मेरी मां का जाया +जिस तै मैं ऊजली +के रै जै ल्यावै बाबल राजा +के रै चाचे ताऊ +भंवरा के रै जे ल्यावै हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +रोक रुपैए बाबल राजा +तीवर चाचे ताऊ +भवरा पीलड़ी मोहर हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली +रे मेरे पटडै की सोभ्या हजारी बीरा +जिस तै मैं ऊजली",haryanvi-bgc +"भागीरथ ने करी तपस्या +भागीरथ ने करी तपस्या , +गंगा आन बुलाई मोरे लाल । +सरग लोक से गंगा निकरी , +शंकर जटा समानी मोरे लाल । भागीरथ . . . +शंकर जटा से निकली गंगा +जमुना मिलन खों धाईं मोरे लाल । भागीरथ . . . +मिलती बिरियां गंगा झिझकी +हम लुहरी तुम जेठी मोरे लाल । भागीरथ . . . +हम कारी तुम गोरी कहिये +तुमरोई चलहै नाम मोरे लाल । भागीरथ . . . +इतनी सुनके गंगा उमड़ी +दोई संग हो गईं मोरे लाल । भागीरथ . . . +जो कोऊ संगम आन नहाहै , +तर जैहें बैकुंठ मोरे लाल । भागीरथ . . .",bundeli-bns +"जनी जनिहा मनइया +जनी जनिहा मनइया जगीर मांगात +ई कलिजुगहा मजूर पूरी शीर मांगात +बीड़ीपान मांगात +सिगरेट मांगात +कॉफीचाय मांगात +कपप्लेट मांगात +नमकीन मांगात +आमलेट मांगात +कि पसिनवा के बाबू आपन रेट मांगात ।",awadhi-awa +"चैत मास तिथि नौमी, त रामा जग्य रोपन्ही रे +चैत मास तिथि नौमी , त रामा जग्य रोपन्ही रे +अरे बिनु सितला जज्ञि सून , त को जज्ञि देखै रे +सोने के खडउन्हा बशिष्ट धरे , सभवा अरज करैं रे +रामा सीता का लाओ बोलाई , त को जज्ञि देखै रे +अगवां के घोड़वा बसिष्ठ मुनि , पिछवां के लछिमन रे +दुइनो हेरैं लागे ऋषि के मड़ईयाँ , जहां सीता ताप करैं रे +नहाई धोई सीता ठाढ़ी भई , झरोखन चित गवा रे +ऋषि आवत गुरु जी हमार , औ लछिमन देवर रे +गंगा से जल भर लाइन , औ थार परोसें रे +सीता गुरु जी के चरण पखारें , त माथे लगावैं रे +इतनी अकिल सीता तुम्हरे , जो सब गुन आगरि रे +सीता अस के तज्यो अजोध्या , लौटि नहि चितयू रे +काह कहौं मैं गुरु जी , कहत दुःख लागे सुनत दुःख लागे रे +गुरु इतनी सांसत रामा डारैं , की सपन्यो न आवैं रे +ऐसा त्याग किया राम ने मेरा की सपने में भी नहीं आते +सुधि करैं रामा वही दिनवां , की जौने दिना ब्याह करैं रे +रामा अस्सी मन केरा धनुस , त निहुरी उठावैं रे +सुधि करैं रामा वही दिनवां , की जौने दिना गौना लायें रे +रामा फुल्वन सेजिया सजावें , हिरदय मा लई के स्वावै रे +सुधि करैं रामा वही दिनवां , की जौने दिना बन चले रे +रामा हमका लिहिन संग साथ , साथ नहीं छोडें रे +सवना भादौना क रतिया , मैं गरुए गरभ से रे +गुरु ऊई रामा घर से निकारें , लौटि नहीं चितवहि रे ? +गुरु जी का कहना न मेटबे , पैग दस चलबे रे +गुरु फाटै जो धरती समाबे , अजोध्या नहीं जाबै रे +गुरु फेर हियें चली औबे , राम नहीं देखबै रे",awadhi-awa +"जमुना किनरवा जीरवा जलमि गेलइ +जमुना किनरवा1 जीरवा जलमि गेलइ हे । +फरी फूरी2 ओरझ3 हे ॥ 1 ॥ +हथिया चढ़ल आथिन4 दुलरइता दुलहा हे । +जिनखर5 पगिया रँगे रँगे हे । +जिनखर अभरन6 रसे रसे7 हे ॥ 2 ॥ +नदिया किनारे धोबिया धोवे लगल हे । +सूखे देलक कदमियाँ तरे हे ॥ 3 ॥ +हँसि हँसि पुछथिन कवन दुलहा हे । +केकर बेटी के चुनरिया सुखइन हे । +केंकर धिया के केचुअवा8 सुखइन हे ॥ 4 ॥ +जिनखर चुनरी रँगे रँगे हे । +जिनखर केचुआ अमोद बसे हे ॥ 5 ॥ +कवन पुर के हथिन दुलरइता बाबू हे । +उनखर बेटी के चुनरिया सुखइन हे । +उनखर धिया के केचुअवा सुखइन हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"नाया रे जोमन सइयाँ लवलन पनियाँ भेजल हो राम +नाया रे जोमन1 सइयाँ लवलन2 पनियाँ भेजल3 हो राम । +सिर लेले सोनेे गेंडुरिया4 गेडुर सिर गागर हो राम ॥ 1 ॥ +देखलूँ हम कुइयाँ केरा5 रीत6 अलि घबड़ायल हो राम । +कुइयाँ पर भेलइ बड़ा भीर , घयली7 मोर टूटल हो राम । +का लेके होबइ8 हजूर9 बाँह मोर टूटल हो राम ॥ 2 ॥ +सास मोर सूतलइ कोठरिया , ननद कोठा ऊपर हो राम । +सामी मोरा सूतलन अगम घर , कइसे उनखा10 जगइती11 हो राम ॥ 3 ॥ +उठुउठु ननदी अभागिन , भइया के जगावहु हो राम । +पाँच चोर घरवा में घूसल , परान के बचावहु हे राम ॥ 4 ॥ +नहिं उठइ ननदी अभागिन , भइया के जगावइ हो राम । +पाँचो चोर घरवा में घूसल , नहीं परान बाँचत हो राम ॥ 5 ॥ +सुखिया12 हइ13 संसार , सुखे रे नीन सोवइह14 हो राम । +दुखिया दास कबीर , हरि के नाम गावत हो राम ॥ 6 ॥",magahi-mag +"चक्ले मैं राछ घलादो री चकले में +चक्ले मैं राछ घलादो री चकले में +रलदू न पीसण लादो री चकले में +पीसैगा मोटा मारूंगी सोटा +चलदे का पाडूं लंगोटा री चकले में +चकले में राछ घलादो री चकले में",haryanvi-bgc +"वेद छाड़ा फकिरे एइ धारा बाउल) +माने ना केताबकोरान नबीर तरीक छाड़ा । +मसरेक तरीक धरे , चन्द्रसूर्य पूजा करे , +पंचरस साधन करे , चन्द्र भेदी यारा । । +सरल चन्द्र , गरल चन्द्र , ���ोहिणी चन्द्र धारा +रसबीज मिल करे पार करछे तारा । । +सब चूल माथाय जटा , काय सिद्दि भाँग घोंटा , +कथा कय एलो मेलो , बुझा याय ना सेटा । । +तादेर भंगी देखे लोक तुले याय गानेर बड़ घटा । +ए दीन रसिक बले बेतरीक से आउलबाउल नेड़ा ।",bengali-ben +"चरखो तो ले ल्यूँ, भँवरजी, रांगलो जी +चरखो तो ले ल्यूँ , भँवरजी , रांगलो जी +हाँ जी ढोला , पीढ़ा लाल गुलाल +तकवो तो ले ल्यूँ जी , भँवरजी , बीजलसार को जी +ओ जी म्हारी जोड़ी रा भरतार +पूणी मंगा ल्यूँ जी क बीकानेर की जी +म्होरे म्होरे री कातूँ , भँवर जी , कूकड़ी जी +हाँ जी ढोला , रोक रुपइये रो तार +म्हे कातूँ थे बैठा विणज ल्यो जी +ओ जी म्हारी लल नणद रा ओ वीर +अब घर आओ प्यारी ने पलक न आवड़े जी +गोरी री कमाई खासी राँडिया रे +हाँ ए गोरी , कै गांधी कै मणियार +म्हे छाँ बेटा साहूकार रा जी +ए जी म्हारी घणीए प्यारी नार +गोरी री कमाई सूँ पूरा न पड़े जी +भावार्थ +' एक रंगीला चरखा ले लूंगी मैं , ओ प्रियतम अजी ओ ढोला , एक लालगुलाल पीढ़ा ले लूंगी । उत्तम , पक्के लोहे का , ओ प्रियतम मैं तकला ले लूंगी । अजी ओ , मेरी जोड़ी के भरतार बीकानेर से पूनियाँ मंगवा लूंगी , एकएक मोहर के दाम से कातूंगी एकएक कूकड़ी पूनी । अजी ओ ढोला , एकएक रुपए का होगा एकएक धागा । मैं कातूंगी और तुम बैठे इसका व्यवसाय करना । अजी ओ , मेरी लाल ननद के भाई जल्दी घर आओ , तुम्हारी प्यारी को अब पल भर भी चैन नहीं । ' +' स्त्री की कमाई खाएगा कोई नामर्द , या कोई इत्र बेचने वाला , या कोई मनिहार , ओ रूपवती मैं तो साहूकार का बेटा हूँ । हे मेरी बहुत प्यारी नारी पत्नी की कमाई से काम नहीं चलता । '",rajasthani-raj +"गैलारौ +जीकौ +ओर न छोर +ऐसी है गैल , +गैल गहें चलो जात +हेरौ , वौ गैलारौ । +किदना निगौ ? +कोऊ नइँ जानत +बस निगत सबइ नें देखौ , +मानों +चका होय गाड़ी कौ , +भमत जात है ऐसें +जैसें पथरा ढँड़कत +चूना पीसत की चकिया कौ । +लीलाधौरा +खैंचत जिऐ समै के बैला +और संग में +पिसत जात है दिन चूनासे +हराँहराँ सब +जिँदगानी के ।",bundeli-bns +"जरमन तेरा जाइयो राज +जरमन तेरा जाइयो राज , +आज ना तडकै +तन्ने मारे बिराने लाल +जहाज भरभर के +मैं किस पर करूँ सिंगार +कालजा धड़के +भावार्थ +' अरे जरमन तेरा राज ख़त्म हो जाए , आज ही या कल सुबह तक तू सत्ता में न रहे । अरे तूने कितने ही +पराए बेटों को मार डाला । वे हमारे पति थे जो जहाजों में भरभर कर मोरचों पर ले जाए गए थे । हाय मैं +शृंगार करूँ भी तो कैसे ? मेरा तो कलेजा धड़क रहा है '",haryanvi-bgc +"हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा +हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा +के सरिआ मारू के होलरा हो ललणा +धी रै जणै तेरी अगड़ पड़ोसण देवर जेठानी +तैं जणेगी ललणा +केसरिआ मारू . . . . . . . +ये नो ये दस मास होए सै जाम दिश ललणा +केसिरआ मारू . . . . +अन्य संबंधियों के नाम लेकर इसे आगे बढ़ा लिया जाता है",haryanvi-bgc +"राखें मन पंछी ना रानें +राखें मन पंछी ना रानें , +इक दिन सब खाँ जानें ? +खालो पीलो , लैलो दैलो , +ये ही लगै ठिकानें , +कर लो धरम कछूबा दिन खाँ , +जा दिन होत रमानैं । +ईसुर कई मान लो मोरी , +लगी हाट उठ जानैं ।",bundeli-bns +"कर कत्तण वल ध्यान कुड़े +नित्त मत्तीं देन्दी माँ धीआँ , +क्यों फिरनी ऐं ऐंवें आ धीआँ , +नी शरम हया ना गवा धीआँ , +तूँ कदी ताँ समझ नादान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +चरखा मुफ्त तेरे हत्थ आया , +पल्लिओं नहीओं कुझ खोल गवाया , +नहीओं कदर मेहनत दा पाया , +जद होया कम्म आसान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +चरखा बणिआ खातर तेरी , +खेडण दी कर हिरस थोरेड़ी , +होणा नहीओं होर वडेरी , +मत कर कोई अज्ञान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +चरखा तेरा रंग रंगीला , +रीस करेन्दा सभ कबीला , +चलदे चारे कर लै हीला , +हो घर दे विच्च आवादान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +इस चरखे दी कीमत भारी , +तूँ की जाणे कदर गवारी , +उच्ची नज़र फिरें हंकारी , +विच्च आपणे शान गुमान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +मैं कूकाँ कर खलिआँ बाहीं , +ना हो गाफल समझ कदाई , +ऐसा चरखा घड़ना नहीं , +फेर किसे तरखाण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +एह चरखा तूँ क्यों गवाया , +क्यांे तूँ खेह दे विच्च रूलाया1 , +जद दा हत्थ तेरे एह आया , +तूँ कदे ना डाहिआ आण कुड़े । +नित्त मत्तीं देण वलल्ली नूँ , +इत भोलीकमली झल्ली नूँ , +जद पवेगा वखत इकल्ली नूँ , +तद हाए हाए करसी जाण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +मुढों2 दी तूँ रिज़क विहूणी , +गोहड़िओं नाँ तूँ कत्ती पूणी , +हुण क्यों फिरनी ए निम्मोझूणी , +किस दा करें गुमान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +डिंगा तक्कला रास करा लै , +नाल शताबी बाएड़ पवा लै , +ज्यों कर वगे तिवें वगा लै , +मत कर कोई अज्ञान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +अज घर विच्च नवीं कपाह कुड़े , +तूँ झब झब वेलणाा डाह कुड़े , +रूँ वेल पिंजावण जाह कुड़े , +मुड़ कल्ल ना तेरा जाण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +तेरे नाल दीआँ सभ सइआँ नी , +कत्त पूणिआँ सभना लइआँ नी , +��ैनूँ बैठी नूँ पिच्छे पइआँ नी , +क्यों बैठी ऐं हुण हैरान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +दीवा आपणे पास जगावीं , +कत्त कत्त सूत भर वट्टी पावीं , +अक्खीं विचों रात लंघावीं , +औखी कर के जान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +राज पेक्का3 दिन चार कुड़े , +ना खेडो खेड गुज़ार कुड़े , +ना हो वेहली कर कार कुड़े , +घर बार ना कर वीरान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +तूँ सुतिआँ रैण गुज़ार नहीं , +मुड़ औणा4 दूजी वार नहीं , +फिर बैहणा ऐस भंडार नहीं , +विच्च इक्को जेडे हाण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +तूँ सदा ना पेक्के रैहणा ए , +ना पास अंबड़ी5 दे बैहणा ए , +ना अंत विछोड़ा सैहणा ए +वस्स पएंगी सस्स ननाण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +कत्त लै नी कुझ कता लै नी , +हुण ताणी तंद उणालै नी , +तूँ आपणा दाज रंगा लै नी , +तूँ तद होवें परधान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +जद घर बेगाने जावेंगी +मुड़ वत्त ना ओत्थों आवेंगी , +ओत्थे जा के पछतावेंगी , +कुझ अगदों कर समिआन कुड़े । +अज्ज ऐडा तेरा कम्म कुड़े , +क्यों होई ए बे गम कुड़े , +की कर लैणा उस दम्म कुड़े , +जद घर आए मेहमान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +जद सभ सइआँ टुर जाउणगीआँ , +फिर ओत्थों मूल ना आउणगीआँ , +आ चरखे मूल ना डाहुणगीआँ , +तेरा त्रिंझण प्या वीराण कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +कर माण ना हुसन जवानी दा , +प्रदेस6 ना रैहण सिलानी7 दा , +कोई दुनिआँ झुठी फानी8 दा , +ना रैहसी नाम निशान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े । +इक औखा वेला आवेगा , +सभ साक सैण भज जावेगा , +कर मदद पार लंघावेगा , +ओह बुल्ले दा सुलतान कुड़े । +कर कत्तण वल ध्यान कुड़े ।",panjabi-pan +"गौरीबाई +मिठउवा है ई कुआ कौ नीर , +छाँयरी पीपर कौ गंभीर , +मिटा ले तनिक घाम की पीर , ओ पानी पीले गैलारे , +तनिक बैठ के तुम सुस्ता लेव , जानै फिर जा रे । +क्वाँर कौ घामौ हे , +औ सूरज सामौ है । । +को ठाकुर तुम आए कितै सें , और तुम्हें काँ जानें , +मोखाँ ऐसौ लगत , होव तुम जैसें जानैंमानैं , +पसीना बैठौ बिलमा लेव , +और दोदो बातें कर लेव , +न आँगें पानी मिलै पसेव , हौ प्यासे मजलन के मारे । +और हम का करिए सत्कार , +गाँव के मूरख अपढ़ गँवार , +गड़ई भर जल हाजिर , +करै तुम खाँ सादर । । +हम तौ हैं ग्वालन की बेटी , हारपहारन रइए +गइयनबछलन सें बाबू जी , मन की बातें कर लइए , +हमारे गुइयाँ छ्योलसगौन +करै बातैं हम बे रएँ मौन , +दुक्ख मन कौ जानत है कौन , रहैं मन ऐसइँ समझा रे । +आज जानें का मन में आई , और तुमसें इतनी बतयाई । । +लाज सब टोरी है , +करी मुँहजोरी है । । +माँजी गड़ई निकारो गगरा जब बा पानी ल्याई , +मैंने पूछौ ‘नाव तुम्हारौ’ , बोली ‘गौरीबाई’ , +न देखे ऐसे निछल सनेह +जा मैंने जब सें धरी है देह , +उमड़ आए आँखन मैं मेह , तौ टेढ़ौ मुँह करकै टारे । +बोली ‘तुमसौ लम्बौ ज्वान , हतो भइया मोरौ मलखान । +पुलिस नें माड़ारो ; +दुखी घर कर डारो । । ’ +फिर मैं बोलो , ‘बिन्ना तौरौ ब्याव भओ कै नइयाँ ? ’ +झुक गए नैन , तनिक मुसक्यानी , फिर भर दई तरइयाँ , +तुरत मैं बोलो‘गौरीबाई , +आज सें मैं हौं तोरौ भाई’ +नेह की नदियासी भर आई , खुसी सैं नैना कजरारे । +चूम लए मैंने ऊकैं पाँव , बताओ अपनौ नाँव औ गाँव , +और बा लिपट्याई , +फिर बोली हरखाई । । +‘मोरी उमर तुमैं लग जाबै , भाभी रहै सुहागन , +दूधनपूतन फलौ , खेलबैं चन्दासूरज आँगन , +लौट आई मोरे घर दोज +मनाहौं मैं अब सावन रोज , +मोरी जनमजनम की खोज , करो तुम पूरी भइया रे । +रहत तो औरन के मन भार , बिना सारे की है ससुरार । । +दुक्ख सब मिट गए हैं , +कैं भइया मिल गए हैं । । ’",bundeli-bns +"पिया मेरी किलफां ले जा +पिया मेरी किलफां ले जा , भर्या बाहण के भात +मैं कैसे जाऊं नौतन ना आई मेरे भात +हो उसनै कोई न जाणै हम ने तकेगा संसार +है तनक सी ने भैया लिया रे समझाए +पिया मेरा झूमर ले जा , भर्या बाहन के भात +मैं कैसे जाऊं नौतन ना आई मेरे भात +हो उसने कोई न जाणै हम ने तकेगा संसार +है तनक सी नै भैया लिया रे समझाए +पिया मेरा गुलबन्द ले जा , भर्या बाहन के भात +मैं कैसे जाऊं नौतन ना आई मेरे भात +हो उसने कोई न जाणै हम ने तकेगा संसार +है तनक सी नै भैया लिया रे समझाए",haryanvi-bgc +"कुरड़ी कूड़ा मां गेरती, कुरड़ी लागी आग +कुरड़ी कूड़ा मां गेरती , कुरड़ी लागी आग +जोबन झरवै मां एकला +धोती आई सूकती यो बाहमण आया लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +नां जां नां जां मां सासरे इस बाहमणे की साथ +जोबन झरवै मां एकला +लाठी आई बाजती यो ससुरा आया लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +नां जां नां जां मां सासरे इस बुड्ढे के साथ +जोबन झरवै मां एकला +हाथी आया झूमता पिया आए लणिहार +जोबन झरवै मां एकला +जां गी जां गी मां सासरे इस प्रीतम के साथ +जोबन झरवै मां एकला",haryanvi-bgc +"273 +जोगी नाथ तों खुशी लै विदा होया छुटा ब्राजज्यों तेज तरारयां नूं +इक पलक विच कम हो गया उसदा लगी अग फेर चेलयां सारयां नूं +मुड़के रांझणे इक जवाब दिता उन्हां चेलयां हैंस्यारयां1 नूं +भले कर्म होवण ताहींए जोग पाईढ मिले जोग न करमां दयां मारयां नूं +असीं जट अनजान थीं फस गए करम कीतो सू असां नकारयां नूं +वारस शाह अल्ला जदों करम2 करदा हुकम हुंदा ए नेक सतारयां नूं",panjabi-pan +"कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे +कउने बाबू के मड़वा लगल फुलवरिया हे । +कउने देइ1 के कोहबर नाचहइ2 मलहोरिया3 हे । +आजु सुदिनमा दिनमा नाचइ मलहोरिया हे ॥ 1 ॥",magahi-mag +"214 +लै वे रांझया वाह मैं ला थकी मेरे वस थीं गल बे वस होई +काज़ी मापयां भाइयां बनन तोरी मैंडी तैंडड़ी दोसती बस होई +घरी खेड़यां दे नहीं वसना में साडी उन्हां दे नाल खरखस होई +जां जीवांगी मिलांगी रब्ब मेले हाल साल तां दोसती वस होई +वारस शाह तों पुछ लै लेख मेरे होनी हीर निमाणी दी सस होई",panjabi-pan +"43 +रांझे आखया पार लंघा मियां मैनूं चाढ़ लै रब्ब दे वासते ते +असीं रब्ब की जाणदे भैण भाड़ा बेड़ा ठेहलदे लब्ब दे वासते ते +असां रिज़क कमावना नाल हीले बेड़ा खिंचदे ढब्ब दे वासते ते +हथ जोड़के मिन्नतां करे रांझा तरला करां मैं झब्ब दे वासते ते +वारस रूस आया नाल भाइयां दे मिन्नतां करां सबब दे वासते ते",panjabi-pan +"रैबार +पौन तू प्राण मेरी , दासि छौमें भि तेरी । +जैं दिशा भौंर1 मेरो , तैं दिशा भारी फेरो । +देखि स्वामी को डेरो , बोलि रैबार2 मेरो । +भौंर तू प्राण मेरो , केशरू को रसिया । +बागों को तू कसिया , फूलु को छू हसिया । +कै3 विराणी हि जाई4 , देखिकी तू ना भूल । +भौर अलसीगे5 तेरो , यो गुलाबी सी फूल । +भौर की आश धरी , फूली गुलाब कली । +भौर विदेशु रम्यों , नी छ या बात भली । +खूब मैदान बड़ा , बाटामां त्वै मिलला । +हौंसिया6 लोग रंदा7 , सेठुका गांऊ भला । +सेरो8 चोसरसी बिछयूं , चौकोण्यों चारि गाउ । +नैर सीं कूल भली , पट्टि चौरास नाऊं । +नौर नोट्याल9 रहंदा , खूब ज्यूंदीको सेरो । +नैणिकी कूल भली , जा गड्यालू10 को डेरो । +किलकिलेश्वर छै तखी11 मैति12 मादेव मेरो । +‘महन्तयोगीन्द्र’ पूरी राखला ध्यान तेरो ।",garhwali-gbm +"हो गई स्याम बिछुरतन जीरन +हो गई स्याम बिछुरतन जीरन , +बृज में एक अहीरन । +कल नई परत काल की ढूँड़त , +कालिन्दी कै तीरन । +भरमत फिरत चित्त नई ठौरें , +उठत करेजें पीरन । +हमरौ जनम बिगार चले गये +डारकें मोहजँजीरन । +वन वन व्याकुल फिरत ईसुरी +राधा भई फकीरन ।",bundeli-bns +"झुला दो रघुबर के पालने री +झुला दो रघुबर के पालने री । +झुलाओ मोरे हरि के पालने री । +कै गोरी आली सबरे बृज की संखियां , +घेर लए हरि के पालने री । झुला दो . . . +कै मोरी आली कोरी मटुकिया क��� दहिया , +जुठार गयो तोरो श्यामलो री । झुला दो . . . +कै मोरी आली तू गूजरी मदमाती , +पलना मोरो झूले लाड़लो री । झूला दो . . .",bundeli-bns +"563 +रांझा आखदा पुछो खां एह छापा किथों दामन नाल चमेड़या जे +राह जांदड़े किसे ना पैन चंबड़े एह भूतना किथों सहेड़या जे +सारे मुलक एह झगड़दा पया फिरदा किसे हटकया ते नहीं होड़या जे +वारस शाह कुसंभे दे फोग वांगूं ओहदा उड़का रसा नचोड़या जे",panjabi-pan +"गोंदा फुलगे मोरे राजा +हो गोंदा फुलगे मोरे राजा +गोंदा फुलगे मोर बैरी +छाती मं लागय बान +गोंदा फुलगे +हो गोंदा फुलगे मोरे राजा +गोंदा फुलगे मोर बैरी +छाती मं लागय बान +गोंदा फुलगे +गोंदा फुलगे मोरे राजा +ठाढ़े हे बैरी टरत नई ये +हो ठाढ़े हे बैरी टरत नईये +मोर आंखी के पिसना +मोर आंखी के पिसना मरत नईये +गोंदा फुलगे +गोंदा फुलगे मोरे राजा +गोंदा फुलगे मोर बइरी +छाती मं लागय बान +गोंदा फुलगे +हो गोंदा फुलगे मोरे राजा हा हा +पूनम के चंदा लजा के मर जाए +पूनम के चंदा लजा के मर जाए +तोर रूप आज रतिहा +तोर रूप आज रतिहा गजब गदराए +गोंदा फुलगे +गोंदा फुल गे मोरे राजा +गोंदा फुल गे मोर बैरी +छाती मं लागय बान +गोंदा फुलगे +हो गोंदा फुलगे मोरे राजा +होहो ओहो अहा अहा अहा +सुआ नही बोले ना बोले मैना +हो सुआ नही बोले ना बोले मैना +मैं तरसत हव सुनेबर तोरेच बैना +गोंदा फुलगे +गोंदा फुल गे मोरे राजा +गोंदा फुल गे मोर बैरी +छाती मं लागय बान +गोंदा फुलगे +हो गोंदा फुलगे मोरे राजा +हो हा हहा हा",chhattisgarhi-hne +"335 +असीं सहतीए डरिये ना मूल तैथों तिखे दीदड़े1 तैंडड़े सार2 दे नी +हाथी नहीं तसवीर दा किला ढाहे शेर फवियां3 तों नहीं हार दे नी +कहे कावां दे ढोर ना कदी मोए भूंड अखियां कदे ना मारदे नी +फट हैन लड़ाई दे असल ढाई होर कूड़ पसार पसार दे नी +इके मारना इके ते आप मरना इके नठ जाना अगे सार दे नी +हिंमत सुसत बरूत4 शुकीन भारे ओह गभरू किसे न कार दे नी +बन्ह तोरिये जंग नूं एक करके सगों अगलयां नूं पिछों मारदे नी +सड़न कपड़े होन तहकीक काले जेहड़े गोशटी5 हीन लुहार दे नी +झूठियां सेलियां नाल ना जोग हुंदा पथर गले ना लान फुहार दे नी +खैर दितयां माल ना होवे थोड़ा बोहल थुड़े ना चुगे गुटार6 दे नी +जदों चूहड़ेनूं जिन्न चा करे खजल झाड़ा करीदा नाल पैज़ार7 दे नी +तैं तां फिकर कीता साडे मारने दा तैनूं वेख लै यार हुण मारदे नी +जेहा करे कोई तेहा पांवदा ए सचे वायदे परवदगार दे नी +वारस शाह मियां रन्न भौंकनी नूं फकर पा जड़ियां8 चा मारदे नी",panjabi-pan +"म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो +गौरी की नर्म हथेली पर छाले पड़ गए हैं , वह काम नहीं कर सकती . . . पर उसे जयपुरिया लहरिया दुपट्टा व मधुपुरिया घाघरा तो चाहिए . . . +म्हारी गुदली हथेली मं छालो पड़ गयो +मधुआ म्हारो जी +मैं पलो नहीं काटूँ सा +घास नहीं खूदे से महं सूँ +परले नहीं कटे से +म्हारी भोली सूरत +काली पड़ गी +मधुआ म्हारो जी +रखड़ी भी ले लो थे +थारी बेगडी भी ले लो +म्हाने जेपुरिया लहरयो मंगवादो +मधुआ म्हारो जी +जुटड़ा भी ले लेलो जी +थारा बिछुआ भी ले लो +म्हाने मधुआपुर सूं घाघरा मंगवादो +मधुआ म्हारो जी",rajasthani-raj +"भर डोंगर मऽ झूला बंध्या हो +भर डोंगर मऽ झूला बंध्या हो , +म्हारी रनुबाई झुलवा जाय जी । +झुलतऽ झुलतऽ तपेसरी आया , +हम खऽ ते भिक्षा देवो जी । +थाल भरी मोती राणी रनुबाई न लिया , +ये भिक्षा तुम लेवा जी । +काई करूँ हो थारा माणक मोती , +अन्न की भिक्षा देवो जी । +खेत नी वायो , खळो नी घायो , काय की भिक्षा देवाँ जी । +आवसे रे चईत को महीनो , जासां हमारा पीयर जी । +लावसा रे गहुँआ की बाळद , तव जाई भिक्षा दीसां जी ।",nimadi-noe +"कहमा रे हँसा आवल, कहमा समाएल हो राम +कहमा रे हँसा1 आवल2 कहमा समाएल3 हो राम । +कउन गढ़ कयलक4 मोकाम5 कहाँ रे लौटि जायत हो राम ॥ 1 ॥ +निरगुन से हंसा आवल , सगुना समायल हो राम । +बिसरी गयल हरिनाम , माया में लपटायल हो राम ॥ 2 ॥ +नया रे गवनमा के आवल , पनियाँ के6 भेजल हो राम । +देखल कुइयाँ के रीत , से जिया घबड़ायल हो राम ॥ 3 ॥ +डोलवो7 न डोलहइ8 इनरवा9 रसरिया10 त छूटल हो राम । +देखल कुइयाँ के रीत , हिरा मोरा काँपे हो राम ॥ 4 ॥ +सास ननद मोरा बयरिन11 गगरी फूटल हो राम । +का लेके12 होयबइ13 हजूर14 से आजु नेह टूटल हो राम ॥ 5 ॥ +सास मोरा सुतल अटरिया , ननद कोठा ऊपर हो राम । +सामी मोरा सुतलन अगमपुर , कइसे के जगायब15 हो राम ॥ 6 ॥ +लटवा16 धुनिए धुनि17 माता रोवइ । +पटिया18 लगल बहिनी हो राम । +बहियाँ पंकड़ि मइया रोवइ , से आज नेह टूटल हो राम ॥ 7 ॥ +चारि जना खाट उठावल , मुरघट19 पहुँचावल हो राम । +जँगला20 से लकड़ी मँगावल , काया के छिपावल हो राम ॥ 8 ॥ +फिन21 नहीं अयबइ22 इ नगरिया । +मनुस चोला न पायम23 हो राम ॥ 9 ॥",magahi-mag +"लेहु हजमा सुबरन कसैलिया +लेहु1 हजमा सुबरन कसैलिया2 नेवतियो3 लावऽ चारो धाम हे । +गया से नेवतिहऽ4 गजाधर5 नेवतिहऽ , नेवतिहऽ बीर हनुमान हे । +गंगा में नेवतिहऽ गंगा मइया नेवतिहऽ , नेवतिहऽ सीरी जगरनाथ6 हे । +धरती से नेवतिहऽ सेसरनाथ7 हे ॥ 1 ॥ +गाा से अयलन8 गजाधर अयलन , अयलन सीरी जगरनाथ हे । +गंगा से गंगा मइया अयलन , अयलन बीर हनुमान हे । +धरती से अयलन सेसरनाथ हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 9 +धरय चिमटा भरथरी +पांच पिताम्बर ओ +का तो गोदरी ल ओढ़त हे +टोपी रतन जटाय +देखतो पहिरत हे +भरथरी रेंगना रेंगय राम +कोसेकोसे के तो रंेगना ये +एक कोस रेंगय +दूसर कोस , दसे कोस बइरी का रेंगय +बीस कोसे ये ओ +तीस कोसे के अल्दा म +गढ़ उज्जैन राम +जिहां हबरत हे भरथरी +धुनि लेवय जमाय +का तो बइठत हे धुनि मँ +डंका देवय पिठाय +सुन लेवा रानी +गढ़ उज्जैन के ओ , सुनले रानी भीख ले आवा ओ , भाई ये दे जी । +अतका बानी न रानी सुनत हे +रंगमहल मँ राम +साते बइरी सतखंडा ये +सोला खण्ड में ओगरी +बत्तीस खंड अधियारे न +साये गुजर म ओ +जाई बइठे सामदेई +नैना देखय निकाल +का तो झरोखा ले झाँकय +धुनि लेहे रमाय +भरथरी राजा ह बइठे हे +जोगी के धरे भेख +तऊने ले देखत हे सामदेई , राजा ये दे जी । +रंगमहल ले आवत हे +थारी मोहर ये ओ +धरे हावय रानी सामदेई +आंगन म हीरा +बारापाली के साये गुजर ले ओ +नहकत चले आवय सामदेई +भरथरी मेर आय +जऊने मेर धुनि रमाय हे +बानी बोलत हे राम +सुनले राजा मोर बात ल +जोग साधे ह हो +जोग ल बइरी तु छोड़ देवा +कऊने कारण राजा पर के नारी मोर बिहाव करेव +रंग महल म ओ +काबर लाये हव तुँ राजा , भाई ये दे जी । +अतका बात ल सुनके +भरथरी ये राम +का तो बोलत हावय बाते ल +सुनले रानी मोर बाते ल +का गत होतिस बाचतेंव +करम बाँचे नई जाय +मोर करम जोगी लिखे हे +सुनले कइना मोर बात +जोग साघ लिहेंव कहत हॅव +बानी बोलत हे राम +नई तो मानत हावय रानी ये +सुन राजा मोर बात +राजपाट ये दे तोला न +दस लाख ये ओ +हाथी ल तोला मय का देवॅव +बीस लाखे बइरी सेना +सुबह मंगा देहव ये दे अंगना म +कथरी देहव सिलाय +टोपी म रतन जड़ देवॅव +धुनि लेवॅव रमाय अंगना मँ बइठ जावा तुम जोगी , भाई ये दे जी । +झन जावा गोरखपुर म +जोगी झन बना राम +अइसे बोलत हे रानी हर +नई तो मानत हे बात +अब तो बोलय भरथरी हर +सुनले रानीमोर बात +जोगे ल न तो मय छोडॅ़व +भीख दे दे कइना +अइसे बानी ल रानी बोलत हे +सुनले राजा मोर बात +घर के नारी मय तुँहरे अॅव +जोग झन साधा ओ +रंगमहल मँ आनन्द करॅव +राज पाट तुँहार +धन दौलत के हे का कमी +हीरा मोती जवरात +छय आगर छरू कोरी सइना हे +रंगमहल मँ आज +कतका सजाये हे रंगमहल +बानी बोलत हे राम , नई तो मानय भरथरी ह , भाई ये दे जी । +का तो भरथरी समझावत हे +जोगी रुपे ल वो +आज तो कइना ��ँय धरेंव +राज छोड़ देहॅव ओ +ना तो चाही मोला धनदौलत +ना तो लतका सजाव +ना तो हाथीघोड़ा चाही वो +ना तो चाही नारी +ना तो मोला घर के तिरिया +मोला जोग चाही +अइसे बानी ल रानी ल बोलत हे +गुरु गोले हे ओ +भीख माँगे तोर अंगना म आयेंव +भीख दे दे कइना +अइसे बानी ल रानी ल का बोलय , भाई ये दे जी । +दे देबे दाई भीख ल +मुख से निकला हे राम +जेला सुनय सामदेई हर +मुर्च्छा खावत हे राम +का तो भुईयाँ मं गिरय +घर के जोड़ी ह राम +का तो भुईयाँ म बइरी गिरत हे +घर के जोड़ी ये ओ +कइसे दाई कहिसे +भेदे जानिस हे का +अइसे गुनत हावय सामदेई +भिक्षा दे दे कइना +बेटा कहिके थारी ल +झोला भंडार दे हमार +अइसे बानी ल राजा बोलत हे , रामा ये दे जी । +का तो रानी बानी बोलत हे +सुन चम्पा मोर बात +घर के राजा ल समझावव ओ +बात नई सुनत न +अइसे बानी ल कइसे कहॅव मॅय +चम्पा बोलत हे राम +सुनले रानी मोर बाते ल +भरथरी के ओ +बहिनी हावय कहिके बोलत हे +गढ़नराकुल म +आज जेला बला लेवा रानी ओ , भाई ये दे जी । +लेके जावत हे राम +का तो धवनिया ह दौड़त हे +एक कोसे रेंगय +दुई कोस बइरी +तीन कोस , दस बीसे ओ +तीस कोस के ओ अल्दा म +नराकुल सहर म ओ , जाई हबरत हे +देख तो ओ +ए धवनिया ये राम +लिखे पाती ल बाँचत हे +पहली पाती ल +बइरी का बाँचय +जेमा लिखे जोहार +तेकर पाछू लिखत हे +भइया तुँहरे ओ +मिरगिन बइरी , मिरगा मारे +मिरगिन के लागे सराप +जोग साधे हवय भरथरी +पाती बाचत हे राम +कलपीकलप रानी +मैना ये +बइरी रोवत हे राम +काय धन करॅव उपाय ल +आज तीज तिहार +जब तो भइया लेनहार ये +नई तो आये दीदी , मिरगा के लागे सराप ये , रामा ये दे जी । +सुनले बेटा गोपीचंद रे आज +ममा तुहार +मिरगा सराप में का लगे +धुनि देहे रमाय +जोग ल साधे बइठे हे +घर के अँगना हमार +चल ना बेटा समझाये ल +भरथरी के ओ +भांचा आवय गोपीचंद +संग मा मैना ये राम +देख तो दीदी कइसे आवत हे +गढ़ उज्जैन म आज का बाधी चल रेंगत हे , राम ये दे जी । +घोड़ा ल साजत हे +गोपीचंद ये राम +बारा मरद के साज ल कसय +रेंगना रेंगत हे राम +मंजिलमंजिल के तो रंगना +मंजिल नहकत हे चार +का तो हटरी बजारे ल +बइरी नहकत हे ओ +कदली के बइरी कछारे ल +कइसे नहकत हे राम +देखतो दीदी रथ भागत हे +लस्कर साजे हे राम +जावत हे रानी का गुनय +मैना ये दीदी +गोपीचंद जेकर संग म +चले आवत हे राम +गढ़ उज्जैन मँ आई के , रामा ये दे जी । +का तो पड़ाव ल डालत हे +गांव के मेंढ़ में ओ +कइसे विधि गोपीचंद ये +का तो पड़ावे ल डालत हे +गोपीचंद ये ओ +जेकर माताम���ना रानी ये +चले आवय दीदी +घर म पहुँचे हे के +कहय सामदेई +सुनले मोर बाते ल +भइया तुॅहार जोग साधे +समझा दे न ओ , घर के तिरिया रानी बोलत हे , रानी ये दे जी । +अतका बानी ल सुनत हे +मैना रानी ये ओ +भइया के तीरे म जावत हे +भइया सुनले न बात +काबर भइया तॅय जोगी बने +मिरगा लगे सराप +सुनले न बहिनी मैना ओ +एक बहिनी अस ओ +एक आंखी के तारा अस +सुन मोर बात +कइसे बानी तोला का कहॅव +गुरु गोरखनाथ के बात मोला लागे हे +भीख माँगे ल ओ +घर म आयेंव हॅव +भीख नई देवय ओ +तॅय तो समझा दे सामदेई ल +बेटा कहिके भीख दे देतीस बहिनी ओ , भाई दे दी जी । +अतका बानी ल सुनत हे +मैना ये राम +का तो धरती बइरी फाट जातिस +नारी न ल माता कहत हे +मोर भइया ये ओ +मिरगा के लागे सरापे ह +देख तो साधत हे जोग +घर के बात ल मोर नई मानय +गोपीचंद ल ओ +मैना रानी का बोलय +सुन बेटा मोर बात ला +जावा समझाव ग ममा ल +ये दे आज गा तुँहार +अइसे बानी ल बोलत हे +गोपीचंद ह ओ +ममा ल देय समझाये ना +सुनले ममा मोर बात +जोग ल तुम ममा छोड़ देवो +जोग साधे के हो +आज तुँहार दिन नइ तो हे +अइसे बोलत हे राम +जेला सुनत हवय भरथरी +सुनले भांचा हमार +पईयां लागव बारम्बार ग +जोग नई छोड़ॅव ना +अइसे बानी ल भरथरी ह बोलत हे राम , रामा ये दे जी । +न तो हरके ल मानत हे +न तो बरजे ल राम +न तो मॉनय भरथरी ये +गोपीचंद ये ओ +जेकर माता मैना रानी +सामदेई ल ओ +जाके दीदी समझावत हे +सुनले रानी मोर बात +भइया ल दे देवा भीखे न +छतरी के जनम नई तो छेड़ॅय बइरी जोग ल +कइसे देवत हे ओ +थारी म मोहर धरत हे +कथरी ल हीरा +पांच पिताम्बर के लावत हे +टोपी रतन जटाय +देख तो दीदी हाथी लावत हे +ये दे हाथी म ओ +हीरा मोती ल बइरी लादत हे +लस्कर ल सजाय +देख तो दीदी बइरी मोर सइना ये +कइसे साजि के ओ +कइसे दीदी चलि आवत हे ओ +भिक्षा ले लव राजा अइसे बानी ल हीरा का बोलेय , रानी ये दे जी । +भीख ल द्यरे भरथरी +रेंगना रेंगय राम +तेकर पाछू सामदेई +चले जावय दीदी +सगे म जेकर रेंगत हे +रेंगना रेगय ओ +लस्कर सजाय हावय रानी +जेकर पाछू म +चले जावत हे गढ़ उज्जैन के ओ +छय लाख छय कोरी सेना ये +चले जावत हे संग +गोरखपुर के डहर +का तो पानी ल बइरी पियत हे +पाछू के सैना ये ओ +चिखला चाटंत बइरी जावत हे +गोरखपुर मँ राम +जाके डेरा ल बइरी डारय ओ , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"बनि गए नन्द लाल लिलिहारी +दोहा श्री राधे से मिलन को , कियो कृष्ण विचार । +बन्शी मुकुट छिपायके , घरौ रूप लिलहारि ॥ +बनि गये नन्दलाल लिलहारी , लीला गुदवा��� लेओ प्यारी । +लहँगा पहन ओढ़ सिर सारी । +अँगिया पहरी जापै जड़ी किनारी ॥ +शीश पै शीश फूल बैना , लगाय लियौ काजर दोऊ नैना । +पहन लियो नखशिख सौं गहना +दोहा नखशिख गहनों पहिर कै , कर सोलह सिंगार । +बलिहारी नैद नन्दन की , बनि गए नर से नारि ॥ +बन गए नर से नारि कि झोली कंधा पै डारी ॥ 1 ॥ +धरी कन्धा झोली गठरी । +गैल बरसाने की पकरी ॥ +महल वृषभान चले आये , नहीं पहचान कोऊ पाये । +श्याम अति मन में हुलसाये ॥ +दोहा महल श्री वृषभान के , दई आवाज लगाय । +नन्दगाम लिलहार मैं , कोउ लीला लेउ गुदाय ॥ +लीला लेउ गुदाय गरी मैं हूँ गोदनहारी ॥ 2 ॥ +राधिका सुन लिलिहारिन बैन । +लगी ललिता से ऐसे कहन ॥ +बुलाओ लिलिहारिन कूँ जाय , मैं यापै लीला गुदाय । +बिसाखा लाई तुरत बुलाय । +दोहा लिलिहारिन कौ रूप लखि , श्री वृषभान कुमारि । +हंसहंस के कहने लगी , लई पास बैठारि ॥ +लीला मो तन गोद सुघड़ कैसी गोदनहारी ॥ 3 ॥ +शीश पे लिखदै श्री गिरधारी जी । +माथे पै लिख मदनमुरारी जी ॥ +दृगन पै लिखदै दीनदयाल , नासिका पै लिखदै नन्दलाल । +कपोलन पे लिख कृष्णगुपाल । +दोहा श्रवन पै लिख साँवरौ , अधरन आनन्दकन्द । +ठोड़ी पै ठाकुर लिखो , गल में गोकुलचन्द ॥ +छाती पै लिख छैल , दोऊ बाहन पे बनवारी ॥ 4 ॥ +हाथ पै हलधर जू को भैया जी । +उंगरिन पै आनन्द करैया जी ॥ +पेट पे लिख दै परमानन्द , जाँघ पै लिख दै जैगोविन्द । +नाभि पे लिख दै श्री नन्दनन्द । +दोहा घोंटुन में घनश्याम लिख , पिडरिन में प्रतिपाल । +चरनन में चितचोर लिख , नख पै नन्द को लाल । +रोम रोम में लिखो रमापति , राधाबनवारी ॥ 5 ॥ +लीला गोद प्रेमगश आयौ जी । +तनमन कोा सब होश गमायौ जी ॥ +खबर झोलीडंडा की नाँय , धरन पै चरन नाँय ठहराँय । +सखी सब देखत ही रह जाँय । +छन्द देखत सखी सब रह गई , झगरौ निरखकर फंद को । +बीसौ बिसै दीखे सखी , छलिया है ढोटा नन्द कौ । +अँगिया में वंश छिप रही , राधे ने लई निहारकैं । +हे प्यारी हे प्यारी कही भेंटे हैं भुजा पसार कें । +‘घासीराम’ जुगल जोड़ी पै , बारबार बलिहारी ॥ 6 ॥ +बन गए नन्दलाल . ॥",braj-bra +"फागुन के आइल बहार हो बलमुआ +फागुन के आइल बहार हो बलमुआ +छोड़ द नोकरिया घरे आव , आहे घरे आव । । टेक । । +घरहिं खिअइबो तोहे पूरी मिठइया +ऊपर से तोहके सेजिया सूताइब +हींक भरि जिअब लहालोट हो , बलमुआ +छोड़ द नोकरिया घरे आव , आहे घरे आव । । टेक । । +कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से",bhojpuri-bho +"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “राजा का जोगी वेष में आना” +घोड़ा रोवय घोड़े��ार मा , घोड़ेसार मा या , हाथी रोवय हाथीसार मा +घोड़ा रोवय घोड़ेसार मा , घोड़ेसार मा वो , हाथी रोवय हाथीसार मा +मोर रानी ये वो , महलों में रोवय +मोर रानी ये या , महलों में रोवय +येदे धरती में दिए लोटाए वो , ऐ लोटाए वो , भाई येदे जी +येदे धरती में दिए लोटाए वो , ऐ लोटाए वो , भाई येदे जी +सुन लेबे नारी ये बाते ला , मोर बाते ला या , का तो जवानी ये दिए हे +सुन लेबे नारी ये बाते ला , मोर बाते ला वो , का तो जवानी ये दिए हे +भगवाने ह वो , मोर कर्म में ना +भगवाने ह या , मोर कर्म में ना +येतो काये जोनी मोला दिए हे , येदे दिए हे , भाई येदे जी +येदे काये जोनी दिए हे , येदे दिए हे , भाई येदे जी +– गाथा – +ऐ रानी सामदेवी रइथे ते रागी हौव +राजा भरथरी के वियोग में हा +मुड पटक पटक के रोवत रिथे रोवत थे +अउ कलपत रिथे हौव +किथे हे भगवान हा +मोर किस्मत फूट गे फूट गे +अतका बात ला सुन के पारा परोस के मन आथे हौव +आथे त रानी सामदेवी ल पूछथे हा +रानी हौव +तोला का होगे हौव +ते काबर रोवत हस हा +तब रानी सामदेवी रहाय ते बतावत हे का बतावत हे +– गीत – +बोली बचन मोर रानी हा , मोर रानी हा वो , सुन बहिनी मोर बाते ल +बोली बचन मोर रानी हा , मोर रानी हा या , सुन बहिनी मोर बाते ल +मोर माँगे के या , येदे सेन्दुर नईये +मोर माथे के वो , येदे टिकली नईये +में ह जन्मों के होगेंव रांडे वो , भाई येदे जी +में ह जन्मों के होगेंव रांडे वो , भाई येदे जी +भाई रोवे गुजराते हा , गुजराते हा वो , बुलबुल रोवे रानी पिंगला के +भाई रोवे गुजराते हा , गुजराते हा या , बुलबुल रोवे रानी पिंगला के +बारा कोस के वो , फुलवारी रोवय +बारा कोस के ना , फुलवारी रोवय +उहू जुलुम होगे सुखाये वो , भाई येदे जी +उहू जुलुम होगे सुखाये वो , भाई येदे जी +– गाथा – +दोनों हाथ ला जोड़ के रानी सामदेवी किथे रागी हौव +बहिनी हो हा +मोर मांग के सेन्दुर मिटागे हौव +मोर माथ के टिकली मिटागे मिटागे +में जन्मों के रांड होगेंव रांड होगेंव +सब झन पूछथे , ये बात कइसे होइस रानी हौव +तब बताथे हा +जे दिन मोर राजा इहां ले गिस हौव +तो कहिस हावय हा +जब तक के में जिन्दा रहूँ हौव +तब तक ये तुलसी के बिरवा हराभरा रही हा +अउ जब तक ये तुलसी के बिरवा हराभरा रही , समझ जबे में जिन्दा रहूँ जिन्दा रहूँ +अउ तुलसी के बिरवा सुखा जही हौव +त में मर जहूं मर जहूं +यही तुलसी के बिरवा ला मोला निशानी देके गिस हे बहिनी हो हौव +आज ये तुलसी के बिरवा सुखा गे हा +मोर करम फुट गे हौव +आज इ��ी मेर के बात इही मेर के रइगे रागी हा +राजा भरथरी राहय तेन बिनती करत अपन घर ला आवत हे हा +– गीत – +बिनती करे राजा भरथरी +राजा भरथरी या , आवत थे अपन घरे ला +येदे घरे में वो , पहुँचत हबाय ये द्वार में +येदे द्वार में या , लिली घोड़ी ला देखत हाबे ना , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +मन में सोंचे लिली घोड़ी हा +लिली घोड़ी हा वो , राजा भरथरी ला देखी के +में ह आये हव गा , राजा ऐ इंदर पठाये हे +मोला कोने बेटा देही ए गांवे काहथे , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +गुस्सा होवय लिली घोड़ी हा +लिली घोड़ी हा वो , राजा भरथरी ला देखी के +वो दे काहत ना , का ये बतावव ये तोला ना +अइसे बोलत हे वो , लिली ये घोड़ी हा आगे ना , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +– गाथा – +अब ये राजा भरथरी राहय ते , अपन दरवाजा में पहुँचथे रागी हौव +जब दरवाजा में पहुँचथे , तब एक लिली घोड़ी नाम के हा +वो घोड़ी वो दरवाजा में बइठे रिहिस बइठे राहत हे +वो इंदर भगवान के हौव +भेजे हुवे लिली घोड़ी रिथे हा +गुस्सा हो के लिली घोड़ी किथे राजा हौव +तें तो योगी होगेस हा +ना तोला घोड़ा चाहिए हौव +ना तोला हाथी चाहिए हा +अब तें तो योगी होगेस हौव +अउ इंदर भगवान भेजे हे तोर खातिर हा +मोला लगाम कोन दिही हौव +अइसे कइके राजा भरथरी के सामने में हा +लिली घोड़ी रहाय तेन प्राण त्याग देथे प्राण त्याग देथे +– गीत – +आगे चले राजा भरथरी , राजा भरथरी या , देखथ रइये किसाने ला +आगे चले राजा भरथरी , राजा भरथरी वो , देखथ रइये किसाने ला +कोनों चिन्हे नहीं , येदे योगी ला या +कोनों चिन्हे नहीं , येदे योगी ला वो +वो ह डेहरी में धुनी जमाये हे , ये जमाये हे , भाई येदे जी +वो ह डेहरी में धुनी जमाये हे , ये जमाये हे , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne +"झाँझ वाजऽ मिरधिंग वाजऽ म्हारो हार हिलोळा लेय +झाँझ वाजऽ मिरधिंग वाजऽ , म्हारो हार हिलोळा लेय । +बेसर वाळई छोरी हो , तू म्हारी गली मत आव । +थारी बेसर छे हळकणई , म्हारा प्रभुजी को खोटो स्वभाव । । +तूसी वाळई छोरी हो , तू म्हारी गली मत आव । +थारी तूसी छे झळकणई , म्हारा प्रभुजी को खोटो ���्वभाव । ।",nimadi-noe +"कैसे क दरसन पाऊँ +कैसे क दरसन पाऊँ +मैया तेरी सकड़ी दुवरिया +सकड़ी दुवरिया मैया , चंदन किवड़िया +धरम धजा फहराय +मैया तेरी सकड़ी दुवरिया +देवी के द्वारे एक निरथन पुकारे +देव माया घर जाऊँरी +मैया तेरी सकड़ी दुवरिया +देवी के द्वारे एक अंधा पुकारे +देव नयन घर जाऊँरी +देवी के द्वारे एक बाँझ पुकारे +देव पुत्र घर जाऊँरी +देवी के दारे एक कुष्ठा पुकारे +देव काया घर जाऊँरी +मैया तेरी सकड़ी दुवरिया",malvi-mup +"आले आले बँसवा कटावलूँ +आले आले1 बँसवा कटावलूँ , डढ़िया2 नबि नबि3 जाय । +से जीरा छावल कोहबर ॥ 1 ॥ +सेहे4 पइसि5 सूतल6 दुलहा दुलरइता दुलहा । +जबरे7 सजनमा केर धिया , से जीरा छावल कोहबर ॥ 2 ॥ +ओते8 सुतूँ9 ओते सुतूँ , दुलहिन , दुलरइतिन दुलहिन । +पुरबी चदरिया10 मइला होय जयतो , से जीरा छावल कोहबर ॥ 3 ॥ +एतना बचनियाँ जब सुनलन , दुलहिन सुहबे । +खाट छोड़िए भुइयाँ11 लोटे हे , से जीरा छज्ञवल कोहबर ॥ 4 ॥ +भनसा12 पइसल तोहे13 बड़की सरहोजिया14 । +अपन ननदिया के बौंसावह15 से जीरा छज्ञवल कोहबर ॥ 5 ॥ +उठूँ मइयाँ16 उठूँ मइयाँ , जाऊँ कोहबरवा । +अपन सँम्हारू17 लामी केस , से जीरा छावल कोहबर ॥ 6 ॥ +कइसे उठूँ , कइसे उठूँ भउजी हे । +छिनारी पूता18 बोलहे19 कुबोल , से जीरा छावल कोहबर ॥ 7 ॥ +कने20 गेल21 कीया22 भेलऽ23 छिनारी के भइया हे । +हमर ननदिया रूसवल24 से जीरा छावल कोहबर ॥ 8 ॥",magahi-mag +"जायगो हऊ जाणी रे मन तूक +जायगो हऊ जाणी रे मन तूक +१ पाँच तत्व को पींजरो बणायो , +जामे बस एक प्राणी +लोभ लालूच की लपट चली है +जायगो बिन पाणी . . . +रे मन तू . . . +२ भुखीयाँ के कारण भोजन प्यारा , +प्यासा के कारण पाणी +ठंड का कारण अग्नी हो प्यारी +नही मिल्यो गुरु ज्ञानी . . . +रे मन तू . . . +३ राज करन्ता राजा भी जायगा , +रुप निखरती राणी +वेद पड़न्ता पंडित जायेगा +और सकल अभिमानी . . . +रे मन तू . . . +४ चन्दा भी जायगा सुरज भी जायगा , +जाय पवन और पाणी +दास कबीर जी की भक्ति भी जायगा +जोत म जोत समाणी . . . +रे मन तू . . .",nimadi-noe +"नदी देखों नदी देखों नदी तिलजुगबा कोसी गो देखि +नदी देखों नदी देखों नदी तिलजुगबा कोसी गो देखि +मैया जीवो थर थर काँपे , कोसी गो देवी । +सगरे समैया कोसी माय उठि बैठि गमैलियैगे मैया भादो मासे +साजले बारात कोसी माय गे देवी । +जब तहूँ आहे कोसिका सलहेस देखले आवैत +घाटे घाटे , नैया राखले छपाय , कोसी गो देवी । +जब तहूँ आहे कोसिका नैया छपैले +हाथी चढ़ि भैया उतरव पार +कोसी गो देवी । +जब तहूँ आहे सूड़िया हाथी चढ��ि उतरबे +माझे धारेहाथी देबौ डुवाय +माझे धारे । +जब तहूँ आहे कोसिका हाथी दूड़ैव +सीरा में बान्ह देवो बन्हाय +मैया कोसी गे देवी । +जब तहूँ आहे सूड़िया बान्ह बन्हैव +तोड़िकेसमुख धार देवो बनाय । +घाट बाट चढ़यो मैया दशोनहा पान +घर गेनेदेबौ पाठी कटाय । +बेर तोरा परलौ लाखें लाख कबूल वे +घर गेने जेवै बिसराय । +मैया कोसी गे देवी । +जातो मोरा जेतौ , प्रानो तन हततै +तैयो न विसख तोर नाम । +तोही जितले मैया , हमें हारलो , +दे मैया पार उतारि । +मैया कोशी गे देवी ।",angika-anp +"कन्यादान गीत +ठाटी म ठण को वाज्यो , हिवड़ो सवायो जी । +बनी पुई आवें ती , अड़ी जाजी वो । +बनी डूबी आपे ते , छोड़ देजी वो । +बनी बइण आवे ते , अड़ी जाजी वो । +बनी बुकड़ी आपे ते छोड़ि देजी वो । +बनी भाई आवे ते अड़ी जाजी वो +बनी गाय आपे ते छोड़ि देजी वो । +यह गीत बारात रवाना होने से पूर्व जब दुल्हन को भेंट ओपी दी जाती है , उस समय गाया जाता है । दुल्हन को भेंट देने के अवसर पर गाये जाने वाले कन्यादान गीत में कहा गया है बनी , बुआ आए तो अड़ जाना , बहन आए तो अड़ जाना और भाई आए तो अड़ जाना । ये लोग तुझे भैंस , गाय या बकरी दें तो छोड़ देना ।",bhili-bhb +"मोरे जोबना में +मोरे जोबना में दुइदुइ अनार . . . +हे सइयाँ . . . अ . . . दूनों तोहार . . . +भगवान किरिया . . . सियाराम किरिया . . .",bhojpuri-bho +"346 +जेही नियत है तेही मुराद मिलीया घरो घरी छाई सिर पावना एं +फिरे भौंकदा मंगदा खवारहुंदा लख दगे पखंड कमावना एं +सानूं रब्ब ने दुध ते दहीं दिता असां खावना ते हंडावना एं +सोना रूपड़ा1 पहन के असीं बहिए वारस शाह क्यों जीभ रमावना एं +गधा उदरका2 नाल ना होय घोड़ी शाह परी ना होए यरोपीए नी +गोरे रंग दे नाल तूं जग मुठा विचों गुनाह दे कारने पोलीए नी +वेहड़े विच तूं कंजरी वांग नचे चोरां यारां दीए विच वचोलीए नी +असांपीर कहया तुसां हीर जाता भुल गई हैं समझ विच भालीए नी +अंत एह जहान छड जावना ए ऐडे कुफर अपराध ना तोलीए नी +फकर असल अलाह दी हैन सूरत अगे रब्बदे झूठ ना बोलीए नी +हुसन मतीए बोबके3 सोन चिड़ीए नैनां वालिये शोख ममोलीए नी +तैंढा भला थीवे साडा छड पिछा अबा जिऊनीए आलीए भोलीए नी +वारस शाह केती गल होए चुकी मूत विच ना मछीयां टोलिए नी",panjabi-pan +"सजन बड़ा रे बईमान है +सजन बड़ा रे बईमान है , +दगा दिया परदेशी +१ काया जीव से कह रही , +सुन ले प्राण अधार +लागी लगन पिया मत तोड़ो +मैं तो तेरे पास . . . +सजन बड़ा रे . . . +२ जीव काया से कह रही , +सुण ले काया मेरी बात +अष्ट पहेर दिन रेन के +प्रित बाळ पणा की . . . +सजन बड़ा रे . . . +३ तुम राजा हम नग्र है , +फिरी गई राम दुवाई +तुम तो पुरुष हम कामनी +कीस मद मे रहते . . . +सजन बड़ा रे . . . +४ मैं पंछी परदेस का , +मेरी मत कर आस +देख तमाशा संसार का +दुजो करो घर बार . . . +सजन बड़ा रे . . . +५ चार दिन का खेलणा , +खेलो संग साथ +मनरंग स्वामी यो कहे +मेरी मत कर आस . . . +सजन बड़ा रे . . .",nimadi-noe +"पराती +१ . +हाथे लिहली खुरपी गड़ुअवे जुड़ पानी +चलली मदोदर रानी दावना छिरके पानी +टूटि गइले खुरपी , ढरकि गइले पानी +रोयेली मदोदर रानी , कवना छिनारी के बेटा रहलन फुलवारी +हम ना जननी ए रनिया राउरे फुलवारी +केकर घोड़वा माई रे ओएडेंगोएड़ें जाय +केकर धोड़वा माई रे सोझे दउड़ल जाए +ससुर भसुर के घोड़वा ओएड़ेगोएड़े जाय +कवना दुलहवा के घोड़वा माई रे सोझे उदड़ल जाय +रोयेली कवन सुभई मटुकवे पोंछे लोर +हँसेले कवन दुलहा , मुँहे खाले पान । +२ . +मोर पिछुअरवा रे घन बंसवरिया +कोइलर बोले अनबोल , +सुतल रजवा रे उठि के बइठऽले +पसिया के पकड़ लेइ आउ रे +हँकड़हु डँकड़हु गाँवचकुदरवा +राजा जी के परे ला हँकार ए +कि राजा मारबि कि डांड़बि कि नग्र से उजारबि ए +नाहिं हम मारवि नाहिं गरिआइबि +नाहिं हम नग्र से उजारबिए । +जवना चिरइया के बोलिया सोहावन , +उहे आनि देहु रे । +डाढ़ि डाढ़ि पसिया लगुसी लगावे , +पाते पाते कोइलर लुकासु रे , +जेहिसन पसिया रे लवले उदबास , उदबासबेचैनी +मुओ तोर जेठका पूतऽ ए । +तहरा के देब चिरई सोने के पिंजड़वा +खोरन दुधवा आहार रे । +जेहिसन पसिआ रे हमें जुड़वले +जिओ तोर जेठका पुतऽ रे । +३ . +हम तेहि पूछिले सुरसरि गंगा , काहे रउआ छोड़िले अरार हे । +पिया माछर मारे ला बिन रे मलहवा , +ओहि मोरा छोड़िले अरार रे । +डालावा मउरिया लेके उतरे कवन समधी , +सोरहो सिंगार ले के उतरे कवन भसुर , +ओहि मोरा ढबरल पानी । +४ . +ए जाहि रे जगवहु कवन देवा , जासु दुहावन । +ए दुधवा के चलेला दहेंडिया त , +मठवा के नारी बहे । +ए हथवा के लिहली अरतिया त , +मुँह देखेली सोरही सनेही । +ए जहि रे जगवहु कवन देही , जासु दुहावन । +ए हथवा के लिहली अरतिया , त +सोरही सनेही आरती निरेखेली ए । जाहिरे . . . +५ . +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए । +गाई के घीव धूम हूम कराइबि , +आकासे चली जास ए । +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे । +देबऽ सतरजिया बिछाई ए । +गाई के गोबर . . कब जग उगरिन होसु ए । +आईं ना काली माई , बइठीं मोरे अंगनवाँ हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए , +गाई के घीव धूम हम कराइबि , +कब जग उगरिन होसु हे ।",bhojpuri-bho +"मोह न छोड्यो मोर महतारी +मोह न छोड्यो मोर महतारी +एक कोखि के भैया बहिनिया +एकहि दूध पियायो महतारी +मोह न . . . +भैया के भए बाजै अनद बधैया +हमरे भए काहे रोयो महतारी ? +मोह न . . . +भैया का दिह्यो मैया लाली चौपरिया +हमका दिह्यो परदेस महतारी +मोह न . . . +सँकरी गलिय होई के डोला जो निकरा +छूटा आपन देस महतारी +मोह न . . .",awadhi-awa +"पाँच पतासे पान्या का बिड़ला +पांच पतासे पान्या का बिड़ला +लै सैयद पै जाइओ जी +जिस डाली म्हारा सैयद बैठ्या +वा डाली झुक जाइयो जी +पांच पतासे पान्या का बिड़ला +लै माता पै जाइयो जी +जिस डाली म्हारी माता बैठी +वा डाली झुक जाइयो जी +पांच पतासे पान्या का बिड़ला +लै देवी पै जाइओ जी +जिस डाली म्हारी देवी बैठी +वा डाली झुक जाइयो जी",haryanvi-bgc +"वैहसाँ जोगी दे नाल +मैं वैहसाँ जोगी दे नाल माए नी , मत्थे तिलक लगा के । +मैं वैसाँ रैहसाँ हरगिज़ होड़े , कौण कोई मैं जान्दी नूँ मोड़े । +मैनूँ मुड़ना ताँ मुहाल होया नी , +सिर ते मेहना चा के । +जोगी नहीं कोई दिल दा मीता , +भुल्ल गई मैं प्यार कीता । +मैनूँ रही ना कुझ सँभाल नी , +उस चा दरशन पा के । +इस जोगी मैनूँ कोहिआँ लईआँ , +हाऊँ कलेजे कुण्डिआँ पाईआँ । +इशके दा पाइओ सु जाल नी , +मिी बात सुणा के । +इस जोगी नूँ मैं खूब पछाता , +लोकाँ मैनूँ कमली जाता । +लुट्यो सू झंग स्याल नी , +कन्नीं कुन्दराँ पा के । +जे जोगी घर आवे मेरे , +चुक्क जावण सभ झड़े झेड़े । +लावाँ मैं सीने दे नाल नी , +लक्ख लक्ख शगन मना के ।",panjabi-pan +"कुइयाँ असथान पर मुँजवा के थलवा +कुइयाँ1 असथान पर मुँजवा के थलवा । 2 +मूँज चीरे चललन , बरुआ कवन बरुआ ॥ 1 ॥ +चिरथिन3 कवन चच्चा मूँज के हे थलवा । +मूँज चीरे चललन बाबा हो कवन बाबा ॥ 2 ॥ +तहाँ4 कवन बरुआ लोटिपोटि रोवलन5 । +भुइयाँ लोटि रोवलन , दहु बाबा हमरो जनेऊ हो ॥ 3 ॥ +झरलनझुरलन6 जाँघ बइठवलन7 । +देबो बाबू तोहरो जनेऊ हो ॥ 4 ॥",magahi-mag +"बराम्हन नेवतब, बराम्हनी नेवतब +बराम्हन नेवतब1 बराम्हनी नेवतब । +नेवतब , पोथिया सहिते2 चलि आवऽ , माई हे । +कब हम देखम3 रामजी जनेउआ , कब हम देखम +किरिस्न4 जनेउआ , माई हे ॥ 1 ॥ +कुम्हरा5 नेवतब , कुम्हइनियाँ6 नेवतब । +नेवतब , कलसा सहिते चलि आवऽ , माई हे । +कब हम देखम रामजी जनेउआ , कब हम देखम +किरिस्न जनेउआ , माई ह ॥ 2 ॥ +हजमा नेवतब , हजमिनियाँ नेवतब । +नेवतब , छुरवा समेते चलि आवऽ , माई हे । +कब हम देखम रामजी जनेउआ , कब हम देखम +किरिस्न जनेउआ , माई हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"कन्यादान गीत +बेनि भाई आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +भाइ पइस्या आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि काको आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +काको बुकड़ि आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि बणवि आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +बणवि करोंदि आले तिं , छुड़ि देजी वो । +बेनि बहणिस् आवे तिं , अड़ि जाजी वो । +बहिण छल्लो आले तिं , छुड़ि देजी वो । +वधू पक्ष वाले कन्यादान करते हैं और दुल्हन से गीत में कहा गया है कि हे बनी भाई कन्यादान के लिए आए तब उसे पकड़ लेना , जब रुपये दे तब छोड़ना । काका आएँ तक उन्हें पकड़ लेना , बकरी दें तब छोड़ना । बहनोई आएँ तो उन्हें भी पकड़ लेना , करोंदी दें तब छोड़ना । बहन आए तो उसे भी पकड़ लेना , छल्ला दें तब छोड़ना ।",bhili-bhb +"ओरै धोरै धरी दातनां +ओरै धोरै धरी दातनां +ये भरपाई तेरी साथनां +ओरै धोरे धरी दातनां +जीवो भरपाई तेरी साथना",haryanvi-bgc +"दादा मियाँ लगाइन घनी बगिया +दादा मियाँ लगाइन1 घनी बगिया । +मेवा तोड़ तोड़ खइहे , मेरे लाल बने2 ॥ 1 ॥ +ससुर भँडुए की साँखरी गलिया । +दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने ॥ 2 ॥ +दादा मियाँ की ऊँची दलनियाँ3 । +जहाँ सासु को नचइहो4 मेरे लाल बने ॥ 3 ॥ +बाबा मियाँ लगाइन घनी बगिया । +मेवा तोड़ तोड़ खइहे , मेरे लाल बने ॥ 4 ॥ +साले भँडु़ए की साँखरी गलिया । +दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने ॥ 5 ॥",magahi-mag +"अंगिका बुझौवल +एक मुट्ठी राय देल छिरयाय +गिनतेंगिनतें ओरो नै पाय । +तारा +काठ फरै कठ गुल्लर फरै +फरै बत्तीसी डार +चिड़िया चुनमुन लटकै छै +मानुष फोड़ीफोड़ी खाय । +सुपाड़ी +एक चिड़ियाँ ऐसनी +खुट्टा पर बैसनी +पान खाय कुचुरमुचुर +से चिड़ियाँ कैसनी । +जाताँ +सुइया एन्हों सोझोॅ +माथा पर बोझोॅ । +ताड़गाछ +सुइया एन्हों सोझोॅ +डाँड़ा पर बोझोॅ । +मकई के पेड़ +तनी टा छौड़ी जनम जहरी +तेकरा पिन्हला लाल घंघरी । +मिरचाय +जबेॅ हम छेलाँ काँच कुमारी +तब तक सहलाँ मार +अब हम पहनला लाल घंघरिया +अब नै सहबौ मार । +हड़िया +कारी गाय लरबर +दूध करेॅ छरभर । +मेघ +टिपटिप टिपनी , कपार काहे चुरती +टाकुर माँगुर रात काहे बूलती । +महुआ +तनी टा भाल मियाँ +बड़का ठो पुछड़ी । +सुईया +तनी टा मुसरी +पहाड़ तर घुसरी । +सुईया +सब्भे गेलोॅ हटिया +धुम्मा रहलोॅ बैठलोॅ । +कोठी +हेबेॅ ऐलोॅ +हेबेॅ गेलोॅ । +नजर +कारी गाय पिछुआडैं ठाड़ी । +टीक +जब हम छेलाँ बारी भोरी +तब हम पीन्हला दोबर साड़ी +जब हम होलाँ जोख जुआन +कपड़ा फाड़ी देखे��� लोगलुगान । +भुट्टा",angika-anp +"लहँगा बेसाहन चललन कवन दुलहा +लहँगा बेसाहन1 चललन कवन दुलहा , पएँतर2 भेल3 भिनसार हे । +हँसि पूछे बिहँसि पूछे , सुगइ , कवन सुगइ , कहाँ परभु खेपिल4 रात हे ॥ 1 ॥ +आम तर5 रसलों6 महुइआ7 तर बसलों , चंपा तर खेपली रात हे । +काली कोइल कोरा8 पइसि सुतलों , बड़ा सुखे खेपली रात ॥ 2 ॥ +डाँढ़े डाँढ़े9 पसिया10 कोइल बझवले11 पाते पाते12 कोइल छपाए13 हे । +जइसन पसिया रे उदवसले14 हम जएबो आनंद बन हे । +ओहि रे आनंदबन अमरित फल खएबों , बोलबों15 गहागही16 बोल हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"पाँच बधावा पिया न हो गढ़ रे सुहाना हो +बधावा बधाई गीत +पॉँच बधावा पिया न हो गढ़ रे सुहाना हो , +पॉँच बधावा जो आवत हम देख्या . . . . . . . . . . . +की प्य्लो बधावो पिया न हो , +ससरा घर भेजो हो , दुसरो बधावो सहोदर बाप घर +की तिस्रो बधावो पिया न हो जेठ घर भेजो हो , +चोथो बधावो सहोदर वीरा घर +की पांच्वो बधावो पिया न हो कूख सुलेखनी , +जिन्ना बतायो रे धन को सोय्लो . . . . . . +की अम्बा जो वन की पिया नहो , +कोयल बोल्या हो , चलो सुआ चलो सुआ , +अम्बा वन आमली +की वर्स नी र्ह्य्सा पिया न हो , +मास नी र्ह्य्सा हो +काचा ते वन फल गदराया +की माची बसंत पिया न हो , +मोठी बैण बोल्या हो छोटी बैण बोल्या हो , +चलो पिया चलो पिया , +वीरा घर पावना , +की वर्स नी र्ह्य्सा पिया न हो मास नी र्ह्य्सा +पिया न हो +आठ जो दिन का वीराजी घर पावना +की सोननो नी लयनो पिया न हो , रुप्पो नी लयनो हो , +छोटी भाव्जियारो ग्यनो चित्त लाग्यो",nimadi-noe +"पेलो मास जो लागियो ये +पेलो मास जो लागियो ये +धनारायणी आल भोले मन जाय +अनोखा धनराणी , ऐके धनराणी +मजला मजला आप +पेले मजल थारे लापसी ऐके धनराणी +दूसरे मजल बूरा खांड +तीसरे मजल थारे खोपरो +चौथ दाड़िम दाख",malvi-mup +"सखिया चलो चले दरशन खो +सखियां चलो चलें दरशन खों , +बृज में झूल रहे गोपाल । +को जो झूले को जो झुलावें , +को जो खेंचे डोर । बृज में झूल रहे गोपाल । +राधा झूलें कृष्ण झुलावें , +सखियां खैंचे डोर । ब्रज में झूल रहे गोपाल । +काहे को तोरो बनो हिंडोला , +काहे की लागी डोर । ब्रज . . . +चन्दन काठ को बनो हिंडोला , +रोशम लागी डोर । ब्रज . . . +चहुं दिशि छाई कारी बदरिया , +पवन चलत झकझोर । झूला . . .",bundeli-bns +"बहरी के कोहबर लाल गुलाब हे +बहरी1 के कोहबर लाल गुलाब हे । +भीतर के कोहबर पनमें2 छवावल हे ॥ 1 ॥ +ताहि पइसी3 सुतलन4 सजन के बेटा जी । +जबरे5 लगके6 सुतलन दुलरइता देवा के बेटी जी ॥ 2 ॥ +गरजे लागल मेघवा , बरसे लागल मेघ जी । +भींजे लागल दुलह��� दुलहिन , जुटल7 सनेह जी ॥ 3 ॥ +खोलूँ धनि , खोलूँ धनि , अपन घूँघुट जी । +तोहर मुहँमाँ8 लगहे9 बड़ सोहामन10 जी ॥ 4 ॥ +जब रउरा11 मुहँमाँ लगे सोहामन जी । +काहे12 हमर बाबा से माँगलऽ दहेज जी ॥ 5 ॥",magahi-mag +"आज बागां मैं ए जीजी जगमगी +आज बागां मैं ए जीजी जगमगी +आया मेरी मां का जाया बीर +हीरा बन्द ल्याया चून्दड़ी +ओढूं तो हीरा मोती झड़ पड़ै +डिब्बै बसै तो ललचे जिया +सादी क्यूं ना ल्याया चून्दड़ी +क्यूं ललचाया अपणा जिया +तनै और भतेरी ल्या द्यां चून्दड़ी",haryanvi-bgc +"जच्चा ने बच्चा जाया है, दिन खुसी का आया है +जच्चा ने बच्चा जाया है , दिन खुसी का आया है । +जच्चा तेरी सासू आवेगी , वो चरुवा चढ़ाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी । +जच्चा तेरी जिठानी आवेगी , वो परदा टंकाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी । +जच्चा तेरी दौरानी आवेगी , वो पलंग बिछाई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम से रार मचायेगी । +जच्चा तेरी नन्दल आवेगी , सतिये धराई नेग मांगेगी । +तुम उनका नेग दिला देना , नहीं तुम से रार मचायेगी ।",haryanvi-bgc +"65 +हथ बधड़ी रहां गुलाम तेरी सने त्रिंजणी नाल सहेलियां दे +होसन नित बहार दे रंग गूहड़े विच बेलयां देनाल बेलियां दे +सानूं रब्ब ने यार मिला दिता भुल गये पयार अलबेलियां दे +दिहें बेलियां दे विच करीं मौजां राती खेडसां विच हवेलियां दे",panjabi-pan +"कैसे के दर्शन पाऊ मैया तोरी सकरी दुअरिया +कैसे के दर्शन पाऊं मैया तोरी सकरी दुअरिया । +सकरी दुअरिया , मैया चंदन किबरियां । कैसे . . . +मैया के दुआरे एक कन्या पुकारे +दे दो वर घर जाऊं री , मैया तोरी सकरी दुअरिया । +मैया के दुआरे एक बालक पुकारे +दे दो विद्या घर जाये रे , मैया तोरी सकरी दुअरिया । +मैया के दुआरे एक निर्धन पुकारे +दे दो धन घर जाये रे , मैया तोरी सकरी दुअरिया । +मैया के दुआरे एक बांझन पुकारे +देव बालक घर जाये री , मैया तोरी सकरी दुअरिया । +मैया के दुआरे एक भक्त पुकारे +दे दो दर्श घर जाये रे , मैया तोरी सकरी दुअरिया ।",bundeli-bns +"मुरली बाज उठी अन घाताँ +मुरली बाज उठी अन घाताँ , +मैनूँ भुल्ल गइआँ सभ बाताँ । +लग गए अनहद बाण न्यरे , +छुट्ट गए दुनिआँ दे कूड़ पसारे , +असीं मुख देखण दे वणजारे , +दूइआँ भुल्ल गइआँ सभ बाताँ । +मुरली बाज उठी अन घाताँ । +असाँ हूण चंचल मिरग फहाया , +ओसे मैनूँ बन्न बहाया , +हरफ दुगाना ओसे पढ़ाया , +रह जइआँ दो चार रूक���ताँ1 । +मुरली बाज उठी अन घाताँ । +बुल्ला शाह मैं तद बिरलाई , +जद दी मुरली काहन बजाई , +बौरी होई ते तैं वल्ल धाई , +कहो जी कितवल्ल दसत बराताँ । +मुरली बाज उठी अन घाताँ ।",panjabi-pan +"शकुनाक्षर - शकुनादे +ये वो शगुन के आखर हैं जो कुर्मंचालीय संस्कृति में हर शुभ कार्य में बांचे जाते हैं . कुर्मांचल की परम्पराएं अनंत काल से शंख घंट की ध्वनि एवं भरे हुए कलश को शगुन का पर्याय मानती आई हैं . कुल वधुओं के अखंड सौभाग्य एवं उनकी हरी भरी गोद के प्रति अपनी समस्त शुभकामनाएं संजोए है यह शगुन गीत +शकूनादे शकूनादे काजये , +आती नीका शकूना बोल्यां देईना , +बाजन शंख शब्द , +देणी तीर भरियो कलश , +यातिनिका , सोरंगीलो , +पाटल आन्च्ली कमले को फूल सोही फूल मोलावंत गणेश , +रामिचंद्र लछीमन जीवा जनम आद्या अमरो होय , +सोही पाटो पैरी रैना , +सिद्धि बुद्धि सीता देही +बहुरानी आई वान्ती पुत्र वान्ती होय",kumaoni-kfy +"कुटकी जोम सकप सकप +कुटकी जोम सकप सकप +कुटकी जोम सकप सकप +कुटकी जोम सकप सकप +साना बाम्बू लकप लकप +साना बाम्बू लकप लकप +साना बाम्बू लकप लकप +स्रोत व्यक्ति सुलोचना , ग्राम नानी मकड़ाई",korku-kfq +"भानु भौंपेलो +बार बरस को बाटो , तीन रोज मा काटदो । +तख छयो वो माँकाली घोड़ो +रागसी घोड़ौं की पंगत1 बँधी छई । +मांकाली2 घोड़ो मरा सगन्ध3 सूंगद , +हे छोरा , कै राज को छई ? +कै बैरीन भरमाए , घर की नारीन सन्ताये । +हे मांकाली घोड़ा , मैं कू मदत दियाल , +मैं पर चढ़ीं छ , गुरु ज्ञानचन्द की सेना , +त्वै द्योलों , सोवन की जीण , +त्वै द्योसों , काँसी का घूँघर । +आज घोड़ा तिन भाई होण । +तेरा बाबू दादान मैं जांती नी सक्यो , +तू कखन मैं जीतण आई ? +घोढ़ो निकालद , हातहात की जीभ , +बैत4 बेत का दाँत । +तब गाड़े भानू भौंपेलान , बेतुना5 की छड़ी , +साधण लै गए माँकाली घोड़ो । +मारी मछुली उलार , +ओ जै लग वीं काली बादुली । +कनो रैगे नौ दिन , नौ राती अगास मा । +एक वेत टूटे , हैको6 निकाले मालन , +घोड़ा पर पसीना ऐगे , नीला दाग पड़ी गैन । +ये घोड़ा मैं बिना मान्याँ नी छोंड़ौं , +मैं छऊँ हिण्डवाणी वंश को जायो । +तब बोलदू मांकाली घोड़ो +अफू जौलूँ अस्वार , अब पाये मैंन । +पृथी मा ऐगे तब , घोड़ो मांकाली । +हे घोड़ा तिन , सच्चो भाई होण , +दुश्मनू की फौज मारी देण । +तब राजी ह्वैगे मांकाली घोड़ी , +कालूनी कोट मा जाण कू तैं । +ज्ञानीचन्द की बरात अड़ी छै +तुम्हारा शैर7 मा नी जूड़दत , +हम अपणा शैर मा जुड़ौला । +लड़ीझगड़ीक ऊन ते���ां8 रोज , +लाडी अमरावती , वेदी मा गाडयाले । +आम जसी दाणी छै , दिवा जसी जोत , +पूनो जसी चाँद बाँदू9 मा की बाँद । +मैन पैले10 बोल्याले ज्ञानचन्द , मैं न छुई : +मैं राणी छऊँ , भानु भौंपेला की । +छै मैंना की माँगी छै , कना बैन वोदे । +मैंन पैले बोल्याले ज्ञानचन्द , मैं न छुईं , +लम्बीलम्बी टाँगी तेरी मड़ोई तोड़ला । +बेदी का अग्वाड़ी11 पिछाड़ी , डाले वींन बरछ्यों को घेर , +कै भी अमरा भितर नी औण देंदी । +तब उड़ी औंद मांकाली घोड़ो भानू लीक12 , +मारदू भानु भौंपेलो , घोड़ी पर चाबुक +मारयाले वीन माछीसी उछाट । +तब का जायान क्या होण , +जब ज्ञानचन्द दगड़े , मेरी राणी फेरो फेन्याली । +झटपटमा छयो घोड़ो सरपठ चलणू +अफू तैं समाली13 नीं सक्यों +पड़ी गये वो बरछियों का घेरा मा । +चुभीत बरछी जिकुडी मा , +भानु भौंपेलो स्वर्गवास होये । +वैको छौ हिरक्यालो14 पराणी , +जिन्दगी ज्यान15 ह्वै , तरुणैं को विणास16 । +वैकी मिट्टी दुश्मनू कामणे रैगे , +रोंदी बराँदी17 तब अमरावती +कनो देव मैं कू तैं रूठे ? +तब मलासदी18 वै सेयों19 मुखड़ी वीं का माता +हे बेटा , मेरो कसूर नीं , +विधाता की लेखी मेटो नी सकेंदी +जाँद तब विधाता चित्रगुप्त पवन रेखा +जख होला पंचनाम देव , पांच पाण्डव , +मामी पार्वती होली जख +तैको20 पौन21 विधाता की सभा जाँदो +हे मेरा विधाता मौत सबू की होंदी , +पर मेरी मिट्टी दुश्मन का सामणे रैगे +तब भगवान विष्णु दया औंदी , +पाँच पाण्डव पौणा22 पैट्या , +कुन्दी दुरपती मंगल्वैन23 पैटी24 +ऐ गैन देवता कालूनी कोट । +भानु भौंपेला मा ऊँन शरील धन्याले , +तब वो जीतू25 होइगे , +इनी26 जीती27 होयान सुणदी28 सभाई । +तब माल घोड़ी मांकाला मांकली चढ़ीगे , +पकड़े पट पाखुड़ी वैने अमरावती की , +ऐंच चाड्याले +घोड़ा मू मंडल29 वैन वो दलबदल , +बैरी को मालन , तब एक नी रखे , +मान्या गए सजू कालूनी भी +तब सासु औन्दी वेका पास +अपणो भलो करे , मेरो करे बुरो +अपणी जोड़ी बाँधे , मेरी जोड़ी मारे +सासू जी बेटा दीक बेटा छऊँ +मन्याँ को क्वी नी , बच्याँ की दुनिया +तब सजीगे अमरावती को , औलासरी डोला , +राजा की सजी जेबर पालंकी +बाज्या ढोल दमौंरूं गायेन्दा माँगल , +चार दिन पुरुषू को नाम , +मालू का पवाड़ा रै गैन ।",garhwali-gbm +"339 +असां जादूड़े घोलके सभ पीते करां बाबरे जादूआं मालयां नूं +राजे भोज1 जेहे कीते चा घोड़े नहीं जानदा साडयां चालयां नूं +सिर कप रसालू2 नूं वखत पाया घर मकर3 होया सीता वासते भेद वखालयां नूं +रावन लंक लुटायके गि���द4 होया सीता वासते भेद वखालयां नूं +सके भाइयां नूं करन नफर5 राजे अते राज बहांवदे सालयां नूं +यूसफ बंद6 विच पा जहीर7 कीता ससी बखत पाया ऊठां वालयां नूं +रांझा चार के मही फकीर होया हीर मिली जे खेड़यां सालयां नूं +रोडा8 वढ के डकरे नदी पाया तूं जलाली9 दे देख लै चालयां नूं +फोगू उमर10 बादशाह खुआर होया मिली मारवन11 ढोल दे रालयां नूं +वली वलम बउर12 ईमान दिता देख डोबया बंदगी वालयां नूं +महींवाल ते सोहणी रहे ऐवें होर पुछ लै इशक दे चालयां नूं +अठारां खूहनी कटक13 लड़ मोए पांडो डोबडाब के खूनियां गालयां नूं +रन्नां सचयां नूं करन चा झूठे मकर नाल विछा निहालयां नूं +वारस शाह तूं जोगिया कौन हुणे ओड़क भरेंगा साडयां हालयां नूं",panjabi-pan +"जब से मन मोहन बिछुरे हैं +जब से मन मोहन बिछुरे हैं , +भारी कसट परे हैं । +दिन ना चैन रात ना निंदिया , +खानपान बिसरे हैं । +भूसन बसन सवह हम त्यागे , +जे तन जात जरे हैं । +ईसुर स्याम सौत कुवजा पै , +जोगिन भेष धरे हैं ॥",bundeli-bns +"तळै खड्या क्युं रुके मारै चढ्ज्या जीने पर कै +तळै खड्या क्युं रुके मारै चढ्ज्या जीने पर कै , +एक मुट्ठि मनै भिक्षा चहिए देज्या तळै उतर कै । +सुपने आळी बात पिया मेरी बिल्कुल साची पाई , +बेटा कह कै भीख घालज्या जोग सफ़ल हो माई । +बेटा क्युकर कहूँ तनै तू सगी नणंद का भाई , +उन नेगां नै भूल बिसरज्या दे छोड पहङी राही ॥ +पिया सोने के मन्नै थाळ परोसे जीम लिये मन भर कै , +राख घोळकै पीज्यां साधू हर का नाम सुमर कै ॥ तळै खड्या क्युं रुके मारै . . . . .",haryanvi-bgc +"नणद ते भाबी रल बैठीआं (2) +नणद ते भाबी रल बैठीआं , जीआ कीते सू कौल करार +जे घर जम्मेगा गीगड़ा1 नी , बीबा देवांगी फुलचिड़िआं2 +अध्धी अध्धी रात , पिछला ई पहर , भाबो ने गीगड़ा जी जम्मेआ +लै दे नी भाबो फुलचिड़िआं , अड़ीऐ पूरा होया नी करार +ना तेरे बाप घड़ाईआं नी बीबी , ना तेरे वडड़े वीर +फुलचिड़िआं बादशाहां दे वेहड़े , बीबा साडे ना फुलचिड़िआं +तेवरां विच्चों तेवर चंगेरा , पीया सो मेरी नणदी नू दे +तेवरबेवर घर रख्ख भाबो , मैं लैणीआं फुलचिड़िआं +गहणिआं विच्चों गहणा आरसी , वे पीया सो मेरी नणदी नू दे +आरसीपारसी रख्ख छड्ड भाबो , नी मैं लैणीआं फुलचिड़िआं +मझ्झां दे विच्चों बूरी चंगेरी पीया , सो मेरी नणदी नू दे +कालीयांबूरीयां घर रख्ख भाबो , मैं तां लैणीआं फुलचिड़िआं +रुस्सी रुस्सी नणदी ओह गयी वे पीया , लंग्ग गयी दरिया +दराणीआंजेठाणीआं पुछण लग्गीआं , वधाई दा की मिलिया +अड़िओ वीर तां मेरा राजे दा नौकर , भैणो भैण रुथड़ी मनाई +थाल भरया सुच्चे मोतिआं नी भेणे , उप्पर फुलचिड़िआं +लै नी बीबी दे असीसां अड़िऐ , पूरा ते होया ई करार +भाईभतीजा मेरा जुगजुग जीवे , मेरी भाबो दा अल्लड़ सुहाग",panjabi-pan +"206 +लिखया विच किताब कुरान दे जी गुनाहगार खुदा दा चोर है नी +हुकम माउ ते बाप दा मंन लैना जेहड़ा राह तरीकत1 दा ज़ोर है नी +जिन्हां ना मनया पछोतावणगे पैर देखके झूरदा मोर है नी +जो कुझ माउं ते बाप ते असीं करीए ओथे तुध दा कुझ ना ज़ोर है नी",panjabi-pan +"वर निकासी +धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । +बइंने पछल रहिग्यो मारा राजबना । +धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । +बणवि ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । +धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । +भाइ ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । +धीरा मा धीरो चाले मारा राजबना । +भोजाइ ना पछल रहिग्यो मारा राजबना । +मेरा राजा बना धीरे चलने वालों से भी धीरे चल रहा है । बहन से पीछे रह गया , बहनोई से , भाई से और भौजाई से पीछे रह गया ।",bhili-bhb +"मोरा पिछुअड़वा बबुरी के गछिया +मोरा पिछुअड़वा1 बबुरी2 के गछिया3 , +हाँ जी मालिन , बबुरी फुलले कचनरवा । +से फूल लोढ़ले4 दुलहा कवन दुलहा , +हाँ जी मालिन , गूँथि जे दहु5 निरमल हरवा6 ॥ 1 ॥ +से हार पहिरले दुलहा कवन दुलहा , +हाँ जी मालिन , पेन्हि चलले ससुररिया । +बीचे रे कवन पुर में घेड़ा दउड़वलन7 +हाँ जी मालिन , टूटि जे गेल निरमल हरवा ॥ 2 ॥ +पनिया भरइते तोंहिं कुइयाँ पनिहारिन , +हाँ जी मालिन , चूनि जे देहु निरमल हरवा । +येहु निरमल हरवा बाबू , माइ रे बहिनी चुनथुन8 +अउरो चुनथुन पातर9 धनियाँ ॥ 3 ॥ +माइ रे बहिनी चेरिया घर घरुअरिया10 +पातरी धनि हथिन11 नइहरवा । +मँचिया बइठले तोहिं अजी सरहजिया , +हाँ जी मालिन , कउना12 हिं रँगे पातर धनियाँ ॥ 4 ॥ +जनि13 रोउ14 जनि कानू15 अजी ननदोसिया , +हाँ जी मालिन , सामबरन16 मोर ननदिया । +येहो सरहजिया माइ हे जँगली छिनार , +हाँ जी मालिन , दूसि17 देलन पातर धनियाँ ॥ 5 ॥",magahi-mag +"आई री सासड़ सामणिया री तीज +आई री सासड़ सामणिया री तीज सीढ़ी घड़ा दै चन्दन रूख की +म्हारे तो बहुअड़ चन्दन ना रूख जाए घड़ाइए अपणै बाप के +अपणी नै दे दी पटड़ी अर झूल म्हारे ते दिया सासड़ पीसणा +फोडूँरी सासड़ चाकी के पाट बगड़ बिखेरू तेरा पीसणा +आया री सासड़ माई जाया बीर मन्नै खंदा दे री मेरे बाप कै +इबकै तो बहुअड़ मौका है नांह कातक पाछे जाइयो अपणे बाप कै +कातक पाछे सासड़ बीरे का ब्य��ह जबतिक जांगी बैरण दूसरे +सुण सुण रे बेटा बहुअड़ के बोल ओछे घरां की बोले बोलणे +कहो तो मां मेरी देवां हे बिडार कहो तो घालां धण के बाप कै +कहो तो मां मेरी जोगी हो जां कहो तो कालर घालूं झौंपड़ी +क्यां न रे बेटा जोगी हो जाय क्यां न रे घालै कालर झौंपड़ी +क्यां न तो बेटा दे रे बिडार न तो घालै धण के बाप कै +तेरी री दुःख में द्यूँगा बिडार तेरे दुःख में घालूँ धण के बाप कै +या धण जनमेगी पूत बेल बधेगी तेरे बाप की +या धण कुएं पणिहार सोभा लगेगी तेरे बाप की +या धण जनमेगी धीय लाड़ जामई आवै पांहुणे",haryanvi-bgc +"पहिली गवन के मोला देहरी बैठाये +पहिली गवन के मोला देहरी बैठाये +न रे सुआ हो छाँडि चले बनिजार +काकर संग खेलहूँ , काकर संग खाहूँ +काला राखों मन बांध , न रे सुआ हो +छाँडि चले बनिजार +खेलबे ननद संग सास संग खाबे +छोटका देवर मन बांध न रे सुआ हो +छाँडि चले बनिजार +पीवरा पात सन सासे डोकरिया +नन्द पठोहूँ ससुरार न रे सुआ हो +छोटका देवर मोर बेतवा सरीखे कइसे +राखों मन बांध न रे सुआ हो +छाँडि चले बनिजार . . . +तोर अँगना म चौरा बंधा ले +कि तुलसा ल देबे लगाय +नित नित छुइबे नित नितं लीपबे +कि नित नित दियना जलाय +तुलसा के पेड़ ह हरियर हरियर +कि मोर नायक करथे बनिजार +जब मोर तुलसा के पेड़ झुर मुर जाही +कि मोर नायक गये रन जूझ न रे सुआ हो नायक",chhattisgarhi-hne +"अंगिका फेकड़ा +घुघुआ घू , मलेल फूल +घुघुआ मना , उपजल धना +सब धान खाय गेल सुग्गा मैना +मन्ना रे मन्ना लब्बोॅ घर उठेॅ +पुरानोॅ घर बैठेॅ । +अटकनमटकन , दहिया चटकन +खैरा गोटी रस रस डोले +माघ मास करेला फूले +नाम बताव के तोहें गोरी +जमुआ गोरी +तोहोरोॅ सोहाग गोरी +लाग लगावेॅ , खीर पकावेॅ +मिट्ठोॅ खीर कौनें खाय +दीदी खाय , भैयाँ खाय +कान पकड़लेॅ बिनू जाय । +झाँयझूँ खपड़ी धीपेॅ +लाबा फूटेॅ , महुआ टुभुक । +कन्ना गुजगुज , महुआ डार +कहिया जैभेॅ गंगा पार +गंगा पार में खेती के आढ़ +तेलियाँ मारथौं चढ़ले लात +हमरोॅ हाथ लाल , हमरोॅ हाथ लाल । +कन्ना गुजगुज , महुआ डार +केके जैभेॅ गंगा पार +गंगा पार में बाघ छै , बघनिया छै +सिकरी डोलाबै छै +गंगा पार में उपजल धान +धीया पूता के काटबै कान । +अड़गड़ मारूँ , बड़ घर मारूँ +बासी भात खेलिखलि खाँव । +नूनू खाय दूध भत्ता , बिलैयाँ चाटेॅ पत्ता +चाटलेॅचाटलेॅ गेल पिछुआड़ +झाँझीं कुत्ती लेल लिलुआय +वहाँ से आयल गंगा माय +गंगा मैया दिएॅ आशीष +जीयेॅ नूनू बाबू लाख बरीस +नया घोॅर उठो पुरानोॅ घोॅर खसो । +हरदी के दग दग +माँटी के बेसनोॅ +हम नै जैबोॅ +मामू के ऐंगनोॅ +मामू के बेटी +बड़ झगड़ाही +माँगेॅ थारी +दिएॅ कढ़ाही ।",angika-anp +"बादरु गरजइ बिजुरी +बादरु गरजइ बिजुरी चमकइ +बैरिनि ब्यारि चलइ पुरबइया , +काहू सौतिन नइँ भरमाये +ननदी फेरि तुम्हारे भइया । । +दादुर मोर पपीहा बोलइँ +भेदु हमारे जिय को खोलइँ +बरसा नाहिं , हमारे आँसुन +सइ उफनाने तालतलइया । +काहू सौतिन . . . । । +सबके छानीछप्पर द्वारे +छाय रहे उनके घरवारे , +बिन साजन को छाजन छावइ +कौन हमारी धरइ मड़इया । +काहू सौतिन . . . । । +सावन सूखि गई सब काया +देखु भक्त कलियुग की माया , +घर की खीर , खुरखुरी लागइ +बाहर की भावइ गुड़लइया । +काहू सौतिन . . . । । +देखिदेखि के नैन हमारे +भँवरा आवइँ साँझ–सकारे , +लछिमन रेखा खिंची अवधि की +भागि जाइँ सब छुइछुइ ढइया । +काहू सौतिन . . . । । +माना तुम नर हउ हम नारी +बजइ न एक हाथ सइ तारी , +चारि दिना के बाद यहाँ सइ +उड़ि जायेगी सोन चिरइया । +काहू सौतिन . . . । ।",kanauji-bjj +"162 +भाइयां भाबियां चा जवाब दिता मैंनूं वतनथीं चा त्राहयो जे +भूएं खोह के बाप दा लया विरसा मैंनूं अपने गलों चा लाहयो जे +मैंनूं मार के बोलियां भाबियां ने कोई सच दा कौल निभायो जे +मैंनूं दे जवाब चा कढयो जे हल जोड़ क्यारड़ा वाहयो जे +रत्न रन्न खसमां मैंनूं ठिठ कीता मेरे अरश दा किंगरा1 ढाहयो जे +नित बोलियां मारदियां जाह सयालों मेरा कढना देश थीं चाहयो जे +असीं हीर सयाल दे चाक लगे जटी मेहर दे नाल दिल फाहयो2 जे +हुण चिठियां लिख के घलियां जे जदों खेतरी दा राखा चाहयो जे +वारस शाह समझा जटेटियां नूं साडे नाल केहा मथा डाहयो जे",panjabi-pan +"366 +हीर कन्न धरया एह कौन आया कोई एह तां है दरदखाह मेरा +जेहड़ा भौर ताजन मैंनूं आखदा है अते गधा बनाया सू चा खेड़ा +मतां कन्न पड़वाके मिएं रांझे घत मुंदरां ते लया राह मेरा +वारिस शाह मत कन्न पड़ाए रांझा घत मुंदरां मंनया हुकम तेरा",panjabi-pan +"बारा धारा डो सोला धारा टाला आयोम आमा पालंगो बिले मारे +बारा धारा डो सोला धारा टाला आयोम आमा पालंगो बिले मारे +इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का पालंगो रे +इयां पालंगो बाने जा बेटा आमा रानी का पालंगो रे +आमा रानी जा बेटा कौने टालान केने केसरा डोडो मारे +आमा रानी जा बेटा कौने टालान केने केसरा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय केन चोज सांटी कैने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय केन चोज सांटी कैने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय नी जन्मा जेलोमी ईले डो रानी +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माय नी जन्मा जेलोमी ईले डो रानी +इयां मायकेन चुजा केने केरसा डोडो मारे +इयां मायकेन चुजा केने केरसा डोडो मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माया सेवा रेवा डाये मारे +ऐ रानी डो ऐ रानी इयां माया सेवा रेवा डाये मारे +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"जिद्दिन लाडो तेरा जन्म हुआ है +जिद्दिन लाडो तेरा जन्म हुआ है जन्म हुआ है +हुई है बजर की रात +पहरे वाले लाडो सो गए लग गए चन्दन किवाड़ +गुड़ की पात तेरी अम्मां वह पीवै +टका भी खरचा न जाय +सौ सठ दिवले बिटिया बाल धरे हैं तो भी गहन अंधेर +जिस दिन लल्ला तेरा जन्म हुआ है हुई है स्वर्ग की रात +सूतों के पलंग लल्ला अम्मां बी पौढे सुरभि का घृत मंगाय +बूरे की पात तेरी अम्मां तो पीवै +बाबल लुटावै दाम +एक दिवला रे लल्ला बाल धरा है चारों ही खूंट उजाला +जिद्दिन लल्ला तेरा जन्म हुआ है हुई है स्वर्ग की रात +घर बी सून्ना आंगन बी सूना लाडो चली पिता घर तियाग +घर में तो उस के बाबल रोवैं अम्मां बहिन उदास +कोठे के नीचे से निकली पलकिया निकली पलकिया +आम नीचे से निकला है डोला भय्या ने खाई है पछाड़ +कोयल शब्द सुनाम +खेल क्यूं ना ले लाडो कौले की गुड़िया मिल क्यों ना ले संग की सहेली +कैसे खेलूं रे बाबा कौले की गुड़िया अब कैसे मिल लूं संग की सहेली +सासू के जाये ने झगड़ा है डाला अब नहीं मिलने हार जी +माय कहै मेरी नित उठ आइयो बाबल कै छठे मास +भैया कहै जीजी काज परोजन या भतीजे के भये +क्या आऊं रे बाबा काज परोजन या भाभी के जाये +क्या आऊं रे बाबा सावन की तीजो क्या रे भतीजों के ब्याह +डोले के पीछे बाबा भी चलिया रथ का पकड़ा है डांड +मेरी तो बेटी रे समधी महलों की बांदी हम तेरे बंदे गुलाम +ऐसा बोल ना बोल मेरे लायक समधी +तुम्हारी तो बेटी मेरे महलों की रानी तुम हमारे सिर के ताज",haryanvi-bgc +"दो खरबूजे एक से क्या जी +दो खरबूजे एक से क्या जी दो खरबूजे रस भरे दोनों लाल गुलाल +दोनूं समधी एक से कोए एक हीरा एक ऊंचे साजनों जी लाल +बन्ना आया मैं सुण्या क्या जी कूदूं कलियर कोट +पुरजा पुरजा उड़ गया मेरे रतिए न लागी ऊंचे साजनों जी चोट +ऊतर बन्ना घोड़िए क्या जी देख सुसर की जी पोल +सोना तुल्ले हे तराजुए एक हाथी घूमै ऊंचे साजनों जी बाहर +बन्ना बन्नी ले चले क्या जी समधी ले चले दान +बराती फीके पड़ गए उनकी किन्हे��� न पूछी भड़वे जानके जी बात",haryanvi-bgc +"माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर +माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर । +लोकाँ दे भाणे चाक चकेचा , +साडा रब्ब गफ्फूर +माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर । +जीहदे मिलण दी खातर चश्मा , +बहिन्दीआँ सी नित्त झूर । +माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर । +उठ गई हिजर जुदाई जिगरों , +जाहिर दिसदा नूर । +माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर । +बुल्ला रमज़ समझ दी पाईआ , +ना नेड़े ना दूर । +माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर ।",panjabi-pan +"मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो +मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ अवरो से चन्दन हो +रामा सुघर बडइया मारे छेवर लालन जी के पालन हो ॥ +रामा के गढउ खडउवा लालन जी के पालन हो , +रामा जसुमती ठाढ़ी झुलावैं लालन जी के पालन हो ॥ +झूलहु ए लाल झूलहु अवरो से झूलहु हो +रामा जमुना से जल भरि लाईं त झुलवा झुलाइब हो ॥ +जमुना पहुँच न पावों घडिलवौ ना भरिलिउं हो +रामा पिछवाँ उलटि जो मैं चितवौं पहल मुरली बाजल हो ॥ +रान परोसिन मैया मोरी अवरो बहिन मोरी हो +बहिनि छवहि दिना के भइने लाल त मुरली बजावल हो ॥ +चुप रहु जसुमति चुप रहु दुसमन जनि सुनै हो +बहिनी ईहैं त कंस के मारिहैं औ गोकुला बसैहैं हो ॥",bhojpuri-bho +"532 +सैदा आखदा रोंदड़ी पई डोली चुप करे नाहीं हतिआरड़ी1 ओए +वडी जवान बाला कोई परी सूरत तिन कपड़े वडी मुटिआरड़ी ओए +जे मैं हथ लावां सिरों लाह लैंदी चा घतदी चीख चिहारड़ी2 ओए +हथ लावण पलंग नूं मिले नाहीं खौफ खतरियो3 रहे निआरड़ी4 ओए +मैंनूं मारके आप नित रहे रोंदी एस डौल ही रहे कुआरड़ी5 ओए +नाल सस ननाण दे गल नाही पई मचदी नित खुआरड़ी6 ओए +असां ओसनूं मूलना हथ लाया कोई नागर7 लोथ है भारड़ी8 ओए +ऐवे गफलतां विच बरब्बाद कीती वारस शाह एह उमर पयारड़ी ओए",panjabi-pan +"रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली +रुकुमिनी लिपी अईली पोति अईली छतीस दियना बारि अईली हो +आरे बीनू रे होरील के ओबरिया त झहर झहर करे +एक रे पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो +आरे पांचही आम के घवदिया खोईन्छा कहू डालेला +दूसरा पहर रुकुमिनी सूतली त सपन एक देखेली हो +आरे कोरी नदीयवा के दहिया जंगलवा कहू धईल +तीसरा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली +आरे लाल बरन के घुनघुनावान सेजीयावा पर धईल . +चौथा पहर रुकुमिनी सूतेली सपन एक देखेली हो +आरे सावरेन वरन के होरीलवा सेजीयवा पर खेलेला हो",bhojpuri-bho +"183 +खेड़यां साहा कढाएया बेहमनां तों भला थित महूरत ते वार ���ियां +नावीं सावनों रात सी वीर वारी लिख घलया एह दिन वार मियां +पहर रात नूं आन नकाह लैना ढिल लावनी ना जिनहार1 मियां +उत्थे खेड़यां पुज समान कीता होये सियाल वी तुरत नयार मियां +वारस शाह सरबालड़ा नाल होया हथ तीर गानाते तलवार मियां",panjabi-pan +"पिळो रंगावो जी +पाँच मोहर को साहिबा पिळो रंगावो जी +हाथ बतीसी गज बीसी गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +दिल्ली सहर से साईबा पोत मंगावो जी +जैपर का रंगरेज बुलावो गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +पिला तो पल्ला साईबा बन्धन बन्धाऊँ जी +अध बीच चाँद चपाऊँ गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी +रंग्यो ऐ रंगायो जच्चा होया संजोतो जी +पण बेरे माएं पकडायो जी गाढा मारूं जी +पिळो रंगावो जी +पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा पाटे पर बैठी जी +दयोराणी जेठाणी मुखड़ो मोड्यो गाढा मारूं जी +पिळो रंगवो जी +पिळो तो औढ़ म्हारी जच्चा सर्वर चाली जी +सारो ही सहर सरायो गाढा मारू जी +पिळो रंगावो जी",rajasthani-raj +"308 +इस पद्य में अलगअलग जातियों की औरतों के बारे में वारिस शाह बताता है । +जिथे त्रिंजणां दे घुमकार पैंदे कतन बैठ के लख महरेटियां ने +खतरेटियां अते बमनेटियां ने तरसेटियां अते जटेटियां ने +लोहारियां लौंग सुपारियां ने सुंदर खेजना ते रंग रेटियां ने +अरोड़ियां मुशक विच बोड़ियां ने फुलयरियां छेल सुखरेटियां ने +मुनयारियां ते पखीवारियां ने सुंदर तेलनां नाल मछेटियां ने +पठानियां चादरां तानियां ने पशतो मारदियां नाल मुगलेटियां ने +बंजारियां सुघड़ सयानियां ने बरवालियां नाल मचेटियां ने +रावलानियां बेटियां बानियां दियां जटां वालियां नाल ढटेटियां ने +चगड़ानियां नायनां मीरजादां नाल सोंहदियां होर डुमेटियां ने +गडीलना छैल छबीलना ने ते कलालनां भाबड़े बेटियां ने +बाजीगरनियां नटनियां कगराना वोरा राधना राम जटेटियां ने +नेचे बन्नणा डूमना धाईं कुटी आतशबाजनां नाल भलवाणेदिआं ने +खटाकनां ते नेचे बंदना ने चूड़ेगरनियां ते कमगरेटियां ने +बहुरूपना राजना जिलदामां बरवालियां नाल नमेटियां ने +पूरबानियां हबशनां रंगरेजां ते बैरागना नाल ठठरेटियां ने +लबानियां मोचना कंगहाना राज बेटियां अते वटेटियां ने +कागज कुट दबगरनियां वरद बैगन हाथीवाननां नाल वलोचेटियां ने +बांकियां गुजरियां डोगरना छैल बनियां राजपूतना राजे दियां बेटियां ने +पकड़ अचला जोगी नूं ला गली वेहड़े वाड़ के घर लै बैठियां ने +वारस शाह जीजा विच हो बैठा दवाले बैठियां सालियां जेठियां ने",panjabi-pan +"409 +झाटा पटके मेढियां खोह सुटूं गुतों पकड़के देऊं विलावड़ा1 नी +जे तां पिंडदा खौफ वखावनीएं लिखां पशम2 ते एह गिरावड़ा नी +तेरा असां दे नाल मुदापड़ा ए नहीं होवना सहज मिलावड़ा नी +लत मारके छडूंगा चाए कुबन3 कढ आई ए ढिड जिउं तावड़ा नी +सने बांदी कुआरी दे मिझ कढूं निकल जाणगिआं सहिती दीयां चावड़ा नी +हथ लगे तां सटूंगा चीर रन्ने कढ लऊंगा सारियां कावड़ा नी +तुसीं त्रैए घुलाटड़ा जानना हां कडूं दोहां दा पोसत पोसतावड़ा नी +वारस शाह दे मोढयां चढ़ीए तूं निकल जाये जवानी दा चावड़ा नी",panjabi-pan +"543 +भला होया भैणा हीर बची जानो मन मन्ने दा वैद हुन आया नी +दुख दरद गए सभे हीर वाले कामल वली ने फेरड़ा पाया नी +जेहड़ा छड चुधराइया चाक होया वत उसने जोग कमाया नी +जैंदा वंजली दे विच लख मंतर एह अल्लाह ने वैद मिलाया नी +शाखां रंग बिरंगियां होण पैदा सावन माह जिऊं मींह वसाया नी +नाले सहती दे हाल ते रब्ब तुठा जोगी दिलां दा मालक आया नी +तिनां धिरां दी होई मुराद पूरी धुआं एस चरोकना लाया नी +एहदी फुरी कलाम अज खेड़यां ते इसमे आजम1 ते असर कराया नी +महमान जियों आंवदा लैन वहुटी अगे सहुरयां पलंघ वछाया नी +वीराराध2 वेखे एथे कोई हुंदा जग धूड़ भलांवड़ा पाया नी +मंतर हक ते पुतलियां दो उडन अल्लाह वालयां खेल रचाया नी +खिसकू शाह होरी अज आन बैठे तंबू आन उघालूयां लाया नी +दुआ मार बैठा जोगी मुदतां दा अज खेड़यां ने खैर पाया नी +कखों लख चा करे खुदा सचा दुख हीर दा रब्ब गवाया नी +उन्हां सिदकियां दी दुआ रब्ब सुनी उस वांढड़ी दा यार आया नी +भला होया जे किसे दी आस पुनी रब्ब बिछड़या यार मिलाया नी +सहती आपने हथ अखतिआर लैके डरा डूंमां दी कोठड़ी पाया नी +रन्नां झट मोह लैन शाहजादयां नूं वेखो इफतरा कौन बनाया नी +आपे धाड़वी दे अगे माल दिता पिछों उसदे ढोल बजाया नी +भलके ऐथे ना होवसन दोवे कुड़ियां सानूं सगन एहां नजर आया नी +वारस शाह शैतान बदनाम करसू लूण थाल दे विच भुनवाया नी",panjabi-pan +"तेरे दुलहे ने लाया सोहाग, सोहागिन तेरे लिए +तेरे दुलहे ने लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 1 ॥ +माँगो1 का टीका बने ने लाया । +मोतिये में लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 2 ॥ +नाको का बेसर बने ने लाया । +चुनिये2 में लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 3 ॥ +कानो3 की बाली बने ने लाया , +झुमके में लाया सोहाग । +तेरे नौसे4 ने लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 4 ॥ +गले का माला बने ने लाया । +हँसुली में लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए । +तेरे नीसे ने लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 5 ॥ +जानो5 का सूहा6 बने ने लाया । +छापे में लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए । +तेरे नौसे ने लाया सोहाग , सोहागिन तेरे लिए ॥ 6 ॥",magahi-mag +"माले पुले बेटी डो माले पुले बेटी +माले पुले बेटी डो माले पुले बेटी +बेटी आमा डाई डाई +तावी पारोम टेन आजे आजे डो +होड़ा साई डो साई बोले +माले पुले बेटी डो +माले पुले बेटी +बेटी आमा डाई डाई +बेटी डाई आजे टायन बेटी डो +बोकजई इले डो मिले डो सूटोये +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"दे डालो हो मोड़ादे म्हारी झबिया हो राज +दे डालो हो मोड़ादे म्हारी झबिया हो राज +झबियां में लागा आदा +म्हारी सगी ननंद रा दादा +झबियां में लागा आखा +म्हारी सगी नणंद रा काका +झबियां में लागा आंबा +म्हारी सगी नणंद रा मामा +झबियां में लागा हीरा +म्हारी सगी नणंद रा बीरा +झबिया में लागा मोती +म्हारी सगी नणंद रा गोती ।",malvi-mup +"निरंकार +ओंकारं सतगुरू प्रसाद , +प्रथमे ओंकार , ओंकार से फोंकार , +फोंकार से वायु , वायु से विषंदरी1 , +विषंदरी से पाणी , पाणी से कमल , +कमल से ब्रह्मा पैदा होइगे । +गुसैं2 को तब देव ध्यान लैगे , +जल का सागरू मा तब गुसैं जी न , +सृष्टि रच्याले । +तब देन्दो गुसैं ब्रह्मा का पास +चार वेद चौद शास्तर , अठार पुराण , +चौबीस गायत्री । +सुबेर पढद बरमा , स्याम भूली जांद । +अठासी हजार वर्ष तब ब्रह्मा , +नाभि कमल मारैक वेद पढ़दो । +तब चारवेद , अठार पुराण , चौबीस गायत्री +वैका कंठ मा आइ गैन । +वे ब्रह्मज्ञानी तब गर्व बढ़ी गये +वेद शास्त्रों को धनी होईग्यूं , +मेरा अग्वाड़ी कैन होण ? +मैं छऊँ ब्रह्मा सृष्टि को धनी । +तब चले ब्रह्मा गरुड़ का रस्ता , +पंचनाम देवतो की गरूड़3 मा सभा लगीं होली +बूढ़ा4 केदार की जगा बीरीं होली । +सबूक न्यूतो दियो वैन गसांई नी न्यतो । +वे जोगी कू हमन जम्मानी न्यूतण , +स्यो त डोमाणा5 खै औंद , स्यो त कनो जोगी होलो +तब पूछदो ब्रह्माकु होलो भगत । +नारद करद छयो गंगा माई की सेवा । +पैलो भगत होलू कबीर कमाल तब को भगत होलू +तब को भगत होलू रैदास चमार +बार वर्ष की धुनी वैकी पूरी ह्वै गए । +तब पैटदू ब्रह्मा गंगा माई का पास +तुम जाणा छया ब्रह्मा , गंगा माई का दरसन +मेरी भेंट भी लिजावा , माई कू देण +एक पैसा दिन्यो वेन ब्रह्मा का पास , +तब झिझड़ांद ब्रह्मायो रेदास चम���र +कनकैक6 लिजौजू7 ये की भेंट ? +तब बोलदो रैदास भगत +मेरी भेट कू ब्रह्मा , गंगा माई हाथ पसारली , +मेरी भेंट कू ब्रह्मा , गंगा माई वाच8 गाडली9 +चली गये ब्रह्मा तब गंगा माई का पास , +नहायेधोये ब्रह्मा , छाला10 खड़ो होई गये : +धावू11 मारे वैन , गंगा न वाच12 नी गाड़ी । +तब उदास ह्वैगे ब्रह्मा , घर बौड़ीक13 आए , +रैदास की भेंट वो भूली गए +अथवाट आये ब्रह्मा ओखा फूटी गैन , +गंगा माई जयें देखद , आंखा खुली जांदन +तब याद आये ब्रह्मा रैदास की भेंट +धौबी तब धों गया माई का छाला +रैदास की भेट छ दीनी या माई । +रैदास को नौ सूणीक तब , +गंगा माई न वाच दियाले । +रैदास होलो मेरो पियांरो भगत +एक शोभनी14 कंकण गंगा माईन गाडयो +ब्रह्मा मेरी ई समूण15 तू रैदास देई +ब्रह्मा कामन कपट ऐगे , लोभ धमीरो , +यो शोभनी कंकण होलू मेरी नौनी16 जुगन17 +तब रैदास का घर का घाटा +ब्रह्मा लौटीक नी औंदो +पर जै भी बाटा जाँद रैदास खड़ो ह्वै जांद +ब्रह्मा गंगा माई की मैं सम्पूण दीईं होली +त्वैकू बोल्यूँ रैदास +व्याखुनी18 दां मैंन तेरा घर औण । +सुणदो रैदास तब परफूल19 ह्वैगे , +सुबेरी बिटे20 गौंत21 छिड़कंदो , +घसदो छ भितरी , लीपदो छ पाली22 । +आज मेरा डेरा गंगा माई न औण । +वैकू चेला होलू जल कुँडीहीत , +जादू मेरा हीत बद्री का बाड़ा , केदार की कोण्यों , +ली आवो मैकू अखंड बभूत +देवतों न सूणे रैदास की बात , +जोगी हीत तब पिंजड़ा बन्द करयालें +इन होलो सत जत को पूरो , +जोगी पाखुड़ी23 बणी उड़ी जांदो",garhwali-gbm +"311 +लागे हथ जे पकड़ पछाड़ सटों तेरे नाल करसां तां तूं जानसै वे +हिक हिक कसां भन्न लिंग तेरे तदों राब नूं खूब पछानसै वे +वेहड़े वड़े तां भन्नांगी टिंड तेरी तदों शुकर बजा लयानसै वे +गदे1 वांग जा जूड़ के घड़ां तैनूं तदों छट तदबीर दी छानसै वे +सहती उठ के घरां नूं घूक चली मंगन आवसें तां मैंनूं जानसै वे +वारस शाह वांगू तेरी करां खिदमत मौज सजनां दी तदां मानसै वे",panjabi-pan +"म्हारों बालूड़ों ग्यो तो सासरे +म्हारों बालूड़ों ग्यो तो सासरे , जरमरियो +काईं काईं लायो रे वीरा डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो +लाड़ी आयो ने अनुअर डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो +बेड़ो लायो ने थाली डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो +लोटो लायो ने लोटी डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो +सीरस लायो ने ढ़ाल्यो डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो +म्हारो बालूड़ो ग्यो तो सासरे . . . जरमरियो ढ़ोलो +काईं काईं लायो रे वीरा डायजिये . . . जरमरियो ढ़ोलो ।",rajasthani-raj +"पितर नेवतौनी +ये सरगऽ में बसेले बर्हम बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि । +ये सरगऽ में बसेले महादेव बाबाऽ , उन्हउ के नेवतबि । +इसी तरह ठाकुर बाबा , सुरुज , खिरलिच , काली , दुर्गा , चन्द्रमा , अछैबट सभी देवता एवं उनकी पत्नी देवी का और सभी कीड़ोंमकोड़ों का भी आवाहन किया जाता है । +दुआरी छेंकौनी गीत +छोड़ींछोड़ीं सखी सबे रोकल दुआर हे +मोर दुलहा बाड़े लड़िका नादान हे । +अहिरा के जात हंउअन बोली पतिशाह हे +कइसे में छोड़ीं सखी रोकल दुआर हे +तोर दुलहा बाड़े सखी लड़िका नादान हे । +दुल्हे का उत्तर +अहिरा के जात हईं बोली पतिशाह रे +काहे के बाबा तोर गइले पूजन रे । +काहे के भइया तोर गइले बोलावे रे ।",bhojpuri-bho +"328 +नैना हीर दियां वेख के आह भरदा वांग आशकां अखियां मीटदा ए +जिवें खसम कुपतड़ा रन्न गुंडी कीता गल नूं पया घसीटदा ए +रन्नां गुंडियां वांग फरफेज1 करदा तारन हारड़ा लगड़ी परीत दा ए +घत घगरी बहे एह वढा ठेठर2 उसतादड़ा किसे मसीत दा ए +चूंडियां वखियां विच एह वढ लैंदा पिछों आपणी वार एह चीकदा ए +इके खैर हथा नहीं एह रावल इके चेलड़ा किसे पलीत दा ए +ना एह जिन्न ना भूत न रिछ बांदर ना एह मुनया किसे अतीत दा ए +वारस शाह परेम दी ज़ील3 न्यारी न्यारा अंतरा इशक दे गीत दा ए",panjabi-pan +"गोरे सुंदर मुख पर बारि के पढ़ डालो री टोना +गोरे सुंदर मुख पर बारि के पढ़ डालो री टोना1 । +सुन बेटी के दादा , सुन बेटी के नाना । +दादा गाफिल2 मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना । +नाना गाफिल मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना ॥ 1 ॥ +सुन बेटी के बाबा , सुन बेटी के चच्चा । +बाबा , गाफिल मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना । +चाचा , गाफिल मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना ॥ 2 ॥ +गोरे सुंदर मुख पर बारि के पढ़ डालो री टोना । +सुन बेटी के भइया , सुन बेटी के मामा । +भइया गाफिल मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना ॥ +मामा गाफिल मत रहो , चैन से पढ़ डालो री टोना ॥ +गोरे सुंदर मुख पर बारि के पढ़ डालो री टोना ॥ 3 ॥",magahi-mag +"अब हम गुम्म हुए +अब हम गुम्म हुए , प्रेम नगर के शहर । +आपणे आप नूँ सोध रेहा हाँ , +ना सिर हाथ ना पैर । +एत्थे पकड़ लै चल्ले घराँ थीं , +कौण करे निरवैर +खुदी खोई आपणा आप छीना , +तब होई कुल खैर । +बुल्ला सहु दोहीं जहानीं , +कोई ना दिसदा गैर । +अब हम गुम्म हुए , प्रेम नगर के शहर ।",panjabi-pan +"रसराज +सुनकै पराई पीर गल जाय नैनूँघाईं +एइ आय आदमी के हिरदे की सरबस , +भुलै निजी रागरंग , बना देत बिस्वरूप +मूल सुर तंत्रिका सें जोर देत बरबस ; +छीन करै छुद्र भ��ब , दिब्ब छबि प्रगटाबै +बस करैं बज्रधारी बिना तीरतरकस , +और सब रस आयँ दरबारी सहनासे +छत्रपति स्वामी एक साँचौसौ करुन रस ।",bundeli-bns +"पातर-पातर गोरिया के पतरी कमरिया +पातरपातर गोरिया के पतरी कमरिया +मोर सँवरिया रे पतरी डगरिया धैले जाय +पातर लपलप गोर पतरी अंगुरिया +मोर सँवरिया रे लचकत पनिया के जाय +सड़िया के आरीआरी गोटवा के जारी +मोर सँवरिया रे मटकत रहिया के जाय +गावेले महेंदर मिसिर दूहो रे पुरुबिया +मोरे सँवरिया रे , देखते में जिया ना अघाय ।",bhojpuri-bho +"428 +दोवें मरद सवारियां रावले ने पंज सत पहौड़ियां लाइयां सू +गलांह पुट के चोलियां करे लीरां हिकां भन्न के लाल कराइयां सू +नाले तोड़ झंझोड़ के पकड़ गुतों दोवें वेहड़े दे वचि भवाइयां सू +खोह चूंडियां गलां ते मार नौहदर दो धौन दे मुढ चा लाइयां सू +जेहा रिछ कलंदरां घोल हुंदा सोटे चितड़ी ला नचाइयां सू +गिटे लक ठकोर के पकड़ तरगो1 दोवें बांदरी वांग टपाइयां सू +जोगी वासते रब्ब दे बस कर जाह हीरे अंदरों आख छुडाइयां सू",panjabi-pan +"बेटी के दादा सौदागर रे टोनमा +बेटी के दादा सौदागर रे टोनमा1 । +हथिया चढ़ल जोग2 बेचथी रे टोनमा ॥ 1 ॥ +बेटा के बाप भँडुहवा3 रे टोनमा । +गदहा चढ़ल जोग खरीदथी4 रे टोनमा ॥ 2 ॥ +चउका5 चढ़ल बेटी बिहँसथी रे टोनमा ॥ 3 ॥",magahi-mag +"माटी खनौनी +1 . +तारी नानी नानर नाई , तारी नानारे नान । +तारी नानी नानर नानी , तारी नानारे नान । +पूरो कि पूरो दोसी , चार खूटक चौंका दाई +पूरो कि पूरो दोसी , चारी खूटक चौका । +देवयो कि देयो दोसी , हुमे ग्रास । +तरपो कि तरपो दोसी , फुल मंद के छक दाई +तरपो कि तरपो दोसी , फुल मंद के छाक । +निवतो कि निवटों दोसी , कारी बीमोरा दाई +निवतो कि निवतो दोसी , काटी बिमोरा । +का सबद सूनी दीमी , तै केंवरी दै दै दाई +का सबद सूनी दीमी , तै केंवरी दै दै । +माटी माँगें आँही , कहके तै केंवरी दै दै दाई +माटी माँगें आँही , कहके तै केंवरी दै दै । +खोलो कि खोल देमी , कूची केंवरिया दाई +खोलो कि खोलो दीमी , कूची केंवरिया । +शब्दार्थ –हुमेगरासहोमधूपदीप , फुल मंद छाकदारू से भरा दोना , तरपोतर्पण करो , निवतोआमंत्रित करो , बिमोराबमीठा , केंवरीदरवाजा । +माटी खनौनी माँगर माटी रस्म का एक अंग है , जिसमें सुआसीने और दोसी पूर्व दिशा की ओर घर से गाँव बाहर जाकर मिट्टी खोदकर लाते हैं । पूर्व दिशा में दीमकों द्वारा बनाया गया बमीठा है । उस बमीठा के समीप पहुँचकर दोसी और गीतकारिन महिलाएँ जुव��र के आटे से चौक पूरती हैं । धूप , दीपअगरबत्ती जलाती हैं । धरती माता , ठाकुर देवता और माता महरानी का सुमिरण किया जाता है । मंद दारू चुहाई जाती है । मड़िया के आटे की रोटी चढ़ाई जाती है और कोरा धागा लपेटा जाता है । फिर सब लोग हाथ जोड़कर विनती करते हैं हे धरती माता , ठाकुर देव , माता महरानी आज हम लोग विवाह के लिये माँगर माटी लेने आए हैं । माटी खोदने आए हैं । तुम हमें कुदाल चलाने की अनुमति दो । +दोसी तुम चारों कोनों में कुदाल चलाओ और मिट्टी खोदो । दोसी हमने हूम धूप , दीपअगरबत्ती से सबकी पूजा कर दी है । मंद भी चूहा दी है । अब तुम दीमक के बनाए हुए बमीठे को भी विवाह में आमंत्रित कर लो । दीमक तुम हमें मिट्टी लेने दो । अपने दरवाजे बंद मत करो । हम तो शुभ कार्य के लिये थोड़ी सी नेग की मिट्टी लेने आए हैं । हम तुमसे मिट्टी माँग रहें हैं । दीमक कहती है – मेरे द्वार खुले हैं , तुम जितनी चाहो , उतनी मिट्टी ले जाओ । +2 . +गाई दारे मंगरोही माटी , गोड़ धोई ले रेउउ । +कहय धन रे उमरडारा , साटो जनमला सुधारे उउ । +जोडनी : सेमी के ढेखरा तुम्हारे अंगना चीन्ही लयहें रेउउ । +दाऊ जवानी रेंगना , धीरे गायले उउ । +मंगरोही माटी , गोड़ धोई ले रेउउ । +कहय धल रे उमर डारा , सातो जनमाला सुधा रेउउ । +पथरा के मीढ़ी माटी के नहाडोर , गारी बोली भला दयले । +माया ला झिना तोर , धीरे गाय ले उउ । +मंगरोही माटी , गोड़ धोई ले रेउउ । +कहय धन रे उमर डारा , सातो जनमाला सुधा रेउउ । +शब्दार्थ –उमरडाराअमर वृक्ष की डाल , ढेखरासूखी लकड़ी , चीन्हीपहचान , मीढ़ीदीवार , नोहडोरमिट्टी से बने अलंकण , टोरतोड़ । +माँगर माटी लाते समय दुल्हन की सहेलियाँ ददरिया गाती हैं , जो रास्ते में चलती हैं , कहती है माँगर माटी ददरिया गा दिया है , माँगर माटी ले आये है । अब सब सहेली , पानी से अपने पैर धो लो । हम कहते हैं , इस डूमर के वृक्ष की डालियाँ धन्य हैं , जो मंडप में काम आती हैं । ये सातों जन्मों का उद्धार करने वाली हैं , सेमी वृक्ष की सूखे ठूँठ भी आँगन में गाड़ दिया है उसी के सहारे हमारे आँगन में सेमी की बेल चढ़ेगी । उसको हमने अच्छी तरह से जान लिया है , पहचान लिया है । जैसेजैसे बेल ठूँठ पर लपेटती चले जाएगी । बढ़ती चली जायगी । वैसेवैसे दुल्हन की जवानी निखरती जागी । बेल चढ़ने के लिये सहारे की जरूरत होती है । +पत्थर की दीवार में मिट्टी से नोहडोरा उभरे भित्ति उद्रेखण सुंदर लगते हैं । मैंन��� पत्थरों की दीवार में नोहडोरा दाल दिये है , मुझे गाली भले ही दे देना । लेकिन तुम मुझसे माया ममता का रिश्ता मत तोड़ना । +यह दादरिया गातेगाते ‘माँगरमाटी’ को आँगन में एक कोने में रख देते हैं ।",baiga-mis +"29 +भाइयां बाझ न मजलसां सोंहदियां ने अते भाइयां बाझ बहार नाहीं +भाई मरन ते पैंदियां भज बाहां बिना भाइयां परे प्रवार नाहीं +लख ओट है भाइयां वसंदयां दी भाइयां गयां जेही कोई हार नाहीं +भाई ढाहुंदे भाई उसारदे ने वारस भाइयां बाझों बेली यार नाहीं",panjabi-pan +"ऐसो करम मत किजो रे सजना +ऐसो करम मत किजो रे सजना +गऊ ब्राम्हण क दिजो रे सजना +१ रोमरोम गऊ का देव बस रे , +ब्रम्हा विष्णु महेश +गऊ को रे बछुओ प्रति को हो पाळण +क्यो लायो गला बांधी . . . . +रे सजना ऐसो . . . +२दुध भी खायो गऊ को दही भी जमायो +माखण होम जळायो +गोबर गोमातीर से पवित्र हुया रे +छोड़ो गऊ को फंदो . . . +सजना ऐसो . . . +३ सजन कसाई तुक जग पयचाण , +धरील माँस हमारो +सीर काट तेरे आगे धरले +फिर करना बिस्मलो . . . +सजना ऐसो . . . +४ तोरण तोड़ू थारो मंडप मोडू , +ब्याव की करु धुल धाणी +लगीण बखत थारो दुल्लव मरसे +थारा पर जम पयरा दिसे . . . +सजना ऐसो . . . +५ कबीर दास न गऊवा मंगाई , +जल जमुना पहुचाई +हेड़ डुपट्टो गऊ का आसु हो पोयचा +चारो चरो न पेवो पाणी . . . +सजना ऐसो . . .",nimadi-noe +"कौन रंग हीरा कौन रंग मोती +कौन रंग हीरा कौन रंग मोती +कौन रंग ननदी बिरना तुम्हार ? +लाल रंग हीरा पियर रंग मोती +सँवर रंग ननदी बिरना तुम्हार +फूट गए हिरवा बिथराय गए मोती +रिसाय गए ननदी बिरना तुम्हार +बीन लैहौं हीरा बटोर लैहौं मोती +मनाय लैहौं ननदी बिरना तुम्हार +भावार्थ +' किस रंग का हीरा है किस रंग का मोती ? +हे ननद , किस रंग के हैं तुम्हारे भैया ? +लाल रंग का हीरा है पीले रंग का मोती है +साँवरे रंग के हैं तुम्हारे भैया +हीरा फूट गया मोती बिखर गए +हे ननदी , तुम्हारे भैया रूठ गए +हीरों को चुन लेंगे , मोती बटोर लेंगे +हे ननदी , तुम्हारे भैया को मना लेंगे । '",bundeli-bns +"जाहि दिन अगे बेटी, तोहरो जलम भेल +जाहि दिन अगे1 बेटी , तोहरो जलम भेल । +नयनमा2 न आयल सुखनीन3 हे ॥ 1 ॥ +नीदो न आबे बेटी भूखो न आबय । +तारा गिनइते भेल बिहान4 हे ॥ 2 ॥ +पुरूब खोजलूँ , पच्छिम खोजलूँ , +खोजलूँ सहर बिहार5 हे । +एक नहीं खोजलूँ दुलरइता बाबू के डेरवा6 +जाहाँ हथी7 राजकुमार हे ॥ 3 ॥ +दादा के हाथ में गेडु़आ8 जे सोभए , +दादी के हाथे कुस डाढ़9 हे । +काँपन लागे बाबा कुस के गेडु़अवा , +काँपन लागे कुस ��ाढ़ हे ॥ 4 ॥ +आल10 में ताख पर गुड़िया रोवे , +रोवे लागल टोलवा परोस हे । +जारे जारे11 रोवथि बाबा दुलरइता बाबा , +बनवे12 के कोइल13 चलल जाय हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"144 +कुड़ियां सद के पैचों ने पुछ कीती लंगा कासनूं ढाह के मारया जे +बाझ ऐवें तकसीर1 गुनाह लुटया इके कोई गुनाह नितारया जे +हाल हाल करदा परे विच बैठा एडा कहर ते खून गुजारया जे +झुगी साड़ के मार के भन्न भांडे एस फकर नूं मार उजाड़या जे +कहो कौन तकसीर फकीर अंदर फड़े चोर वांगूं ढांह मारया जे +वारस शाह मियां पुछे छोहरियां नूं अग लाए फकीर कयों साड़या जे",panjabi-pan +"उड़े हो गुलाल रोली हो रसिया +उड़े हो गुलाल रोली हो रसिया केसर कस्तूरी की चमचाई +उड़े हो गुलाल रोली हो रसिया +भर पिचकारी मेरे माथे पै मारी बिन्दी की आब उतारी हो रसिया +आज बृज में होली हो रसिया +भर पिचकारी मेरे मुखड़े पै मारी बेसर की आब उतारी हो रसिया +आज बृज में होली हो रसिया +भर पिचकारी मेरे छाती पै मारी माला की आब उतारी हो रसिया +आज बृज में होली हो रसिया +भर पिचकारी मेरे हाथां पै मारी गजरे की आब उतारी हो रसिया +आज बृज में होली हो रसिया +भर पिचकारी मेरे पायां पै मारी बिछुवा की आब उतारी हो रसिया +आज बृज में होली हो रसिया",haryanvi-bgc +"106 +रांझा हीर दी मां दे लग आखे छेड़ मझियां झल नूं आंवदा ए +मंगू वाड़ दिता विच झांगड़ी1 दे आप नहायके रब्ब धयांवदा ए +हीर सतुआं दा घरों घोल छन्ना देखो रिज़क रंझेटे दा आंवदा ए +मेरा मरन जीउण तेरे नाल मियां सुन्ना लो पया भस पांवदा ए +पंजां पीरां दी आमद तुरत होई हथ बन्न सलाम करांवदा ए",panjabi-pan +"सपने में आए भरतार +सपनौ तौ देखौ बहना मेरी रात में जी +ऐजी कोई सपने में आये भरतार ॥ 1 ॥ सपनौ तौ . +घोड़ा है बाँधो बहना मेरी थान पै री +ऐरी मेरे आये हैं महल मझार ॥ 2 ॥ +पाँचों उतारे पियाजी ने कापड़े जी +एजी कोई खोलि धरे हथियार ॥ 3 ॥ +अचकपचक तो पलका पै पग धरौजी +ऐजी मैं लीनी झटकि जगाय ॥ 4 ॥ +उंगली पकरि के बैठी मोय कर लई जी +एजी कोई हँसि हँसि पूछी बात ॥ 5 ॥ +प्रेम तौ बाढ़ौ जागो रस काम कौ जी +ऐसी मेरे डाली है गले में बाँह ॥ 6 ॥ +इतने ही में नैना मेरे खुल गये जी +एजी यहाँ ते कित गये दाबादार ॥ 7 ॥ +कहनि सुननि तो बहना कछु ना भई री +एजी कोई रूठि गये भरतार ॥ 8 ॥ +प्यारे पिया बिन बहना कल ना पड़े जी , +एजी मोय सामन नाँहि सुहाय ॥ 9 ॥ +कर्म लिखौ सो बहना मेरी है गयो री +एजी जाकौ कोई नाहैं मेंटनहार ॥ 10 ॥",braj-bra +"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “रानी से चम्पा दासी के लिए विनती” +अब ये दासी राहय ते रागी हौव +सबझन ल किथे हा +मोर बात तो तुमन सुन लौ सुन लौ +बहिनी हो हा +तुमन तो मोर बात सुनलव हौव +भईया हो हा +तुमन तो मोर बात सुनलव हौव +चम्पा दासी के कोई बात नई सुनय रागी हा +बस ओला फांसी में लेगेबर हौव +तैयार रिथे हा +एकादशी के उपास रिथे हौव +छै दिन के वो खाना नई खाय राहय हा +तब सब सखी सहेली , रानी सामदेवी ल किथे हा +– गीत – +बोले बचन मोर सखीमन , मोर सखीमन या +सुन ले रानी मोर बाते ल +बोले बचन मोर सखीमन , मोर सखीमन वो +सुन ले रानी मोर बाते ल +एकादशी के वो , ये उपासे हावय +एकादशी के ना , वो उपासे हावय +येदे छै दिन कुछ खाए वो , भाई येदे जी +येदे छै दिन के कुछ नई खाए वो , भाई येदे जी +लोटा ल देवत हे रानी हा , मोर रानी ह वो +आमायेझरीबर भेजथे +लोटा ल देवत हे रानी हा , मोर रानी ह वो +सोनायेझरीबर भेजथे +चम्पा दासी दीदी , उहाँ पहुँचत थे या +चम्पा दासी दीदी , उहाँ पहुँचत थे वो +येदे रोवन लागत थे वोदे वो , भाई येदे जी +येदे रोवन लागत थे वोदे वो , भाई येदे जी +– गाथा – +चम्पा दासी के सब सखी सहेली राहय ते रागी हौव +जाकर के रानी सामदेवी ल किथे हा +दोनों हाथ में विनती करके किथे हौव +रानी हा +एकबार हमर बात रखलेव रखलेव +वो ह एकादशी के उपास हे हौव +छै सात दिन होगे कुछ खाए नईये हा +अउ खाली पेट में ओला फांसी मत चढ़ा हौव +अउ ओला गुस्सा आ जथे रागी हा +धरा देथे लोटा ला हौव +अउ सोनाझरी के हा +तरियाबर भेज देथे हौव +अब ये चम्पा दासी राहय तेन हा +धिरे धिरे जा थे हौव +रोवत रिथे हा +– गीत – +पहुंचन लागत थे दासी हा , मोर दासी हा वो +सोनायेझरीबर के तीरे में , येदे तोरे में या +गंगा ये मइया ल देखत थे , येदे देखय दीदी +बोलन लागथे दासी हा , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +गंगाच मइया में उतरत थे , मोर उतरत थे वो +चम्पा ये दासी ह आजे ना , येदे आजे दीदी +विनती करय जल देवती के , जल देवती के वो +सुमिरन करय भोलानाथ के , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +घुटुवा ले पानी ह आवत थे , येदे आवय दीदी +माड़ी ले पानी ह आ गेहे , येदे आगे हे वो +मनेमने दासी सोचत थे , येदे सोचय दीदी +देखन लागथे भोला ला , भाई येदे जी +राजा बोलथे वो , करले अमर राजा भरथरी +येदे काहथे वो , करले अमर राजा भरथरी +बाजे तबला निशान , करले अमर राजा भरथरी , भाई येदे जी +– गाथा – +अब ये चम्पा दासी राहय ते रागी हौव +लोटा ल धर लेथे हा +सोनाझरी के तीरे में पहुंच गे हौव +गंगा मइया में उतरथे हा +घुटुवा ले पानी आ जथे हौव +ओकर बाद माड़ी तकले हा +जब माड़ी तकले आथे त किथे हे भोलेनाथ हौव +में तोर सामने में हौव हा +तें मोरबर दया कर हौव +में तोला अंचरा मे पुजहूँ हा +भोलेनाथ हौव +अइसे किके ओकर प्रार्थना करथे हा",chhattisgarhi-hne +"पांच बाधावा म्हारे यां आवियाजी +पांच बाधावा म्हारे यां आवियाजी +पांचां री नवी , नवी भांत लसकरिया कम्मर कसिया +भम्मर लारां लई चलोजी +लारां चलो तो दासी थेंई बाजोजी +घर हो केसरिया री नार +सीता लंखी , आंबा बरनी , बादल बरनी +मारूणी हठ छोड़ोजी",malvi-mup +"उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +उजड़ा खेड़ान रहनी जाल डो काटा आरगा जानोम +डो रानी एजे रहनी जाल ईटा डो रानी +डो रानी एजे रहनी जाल ईटा डो रानी +आलो आचारा बीले डो आलो आचार बीले +आलो आचारा बीले डो आलो आचार बीले +इंज बागोन बागोन राजा इयां बानी डीडोवा +इंज बागोन बागोन राजा इयां बानी डीडोवा +जा राजा ईयन शरोम ऐजेवा +जा राजा ईयन शरोम ऐजेवा +शडी रुपया ईवन रानी मानी गालां ईयन +शडी रुपया ईवन रानी मानी गालां ईयन +डो रानी आमेन चोजा शरोम ऐजेवा +डो रानी आमेन चोजा शरोम ऐजेवा +स्रोत व्यक्ति लक्ष्मण पर्ते एवं सुकिया बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"विदाई गीत +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +एक इटड़ी नो तारो भीतड़ी वो लाड़ी । +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +एक सड़का नो तारो नीपणो वो लाड़ी , +पांच डांडानी तारी झोपड़ी वो लाड़ी । +दुल्हन अपने पिता के घर से जब विदा होती है , तब वर पक्ष की महिलाएँ ये गीत गाती हैं लाड़ी से कहा है कि तेरा घर पाँच डाण्डे का है अर्थात् बहुत छोटा है । एक ईंट की दीवार है । घर में जगह कम है एक बार में झाड़ू लग जाती है ।",bhili-bhb +"सोह्‌रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै +सोह्रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै +सास मेरी चाली मनै झूठे ताने मारे सै +छेल छुट्टी आया मनै लील्ये लोट दिखावै सै +नोटां नै के फूक्कूं मनै सारा कुणबा तास्सै सै +गेल तेरी चालू पलटन मा भरती हो जूं +व्हां चालें बम्ब के गोले तौं डर डर के मर ज्यागी +वे आवैंगे सिपाही जोबन न कडै लकोवेगी",haryanvi-bgc +"नानी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो +न���नी नानी पापड़ी ने हाथ में चट्टियो +यूं दे भणे बाल ब्रहमचारी +भजो भैरवानन्द आनन्द कारी +फलाणा राम का रजपाल बाबा भेरू +फलाणी बऊ त भई बाप बाबा भेरू +फलाणा जमई छड़ीदार बाबा भेरूरा",malvi-mup +"बहै छै पुरबा झिलमिल +बहै छै पुरबा झिलमिल +हे कोसी माय +पछिया बहै छै मधुर +अँगना में कुँइयाँ खनाय दियौ माय कोसिका +बाँटि दियौ रेशम के डोर +झट से अगिया मँगाय दियो कोसी माय +भैरब भैया भुखलो न जाय +साठी धान कुटि के भातबा रान्हलियै +अरहरमुँगिया के केलौं दालि +जीमय ले बैठलै भैरब छोट भैया +बहिन कोसिका बेनिया डोलाय +बेनिया डोलाबैत चुबै छै पसीना +नैना से ढरे मोती लोर +जनु कानुखिझु बहिन हे कोसिका +तोरो ले डोलिया हे बनायब +घर पछुअरबा में बसै छै कहरबा +कोसिका झलकैत जेती ससुरारि ।",angika-anp +"524 +दरद हीर ते दारू होर करदे फरक पवे ना लोड़ विच लुड़ी जे नी +रन्नां वेखके आंहदियां जहर पानी कोई साईत ही जिउंदी कुड़ी जे नी +हीर काख दी जहर जे खिंड चली जिबें कालजा चीर दी लुरी जे नी +मर चली जे हीर सयाल भावे भली बुरी उथे आन जुड़ी जे नी +जिस वेले दी सूरती जे इस सुधी भागी हो गई पुड़ी जे नी +वारस शाह सदाईए वैद रांझा जिस ते दरद असाडे दी पुड़ी जे नी",panjabi-pan +"गढ़ू सुम्याल (सुमरियाल) +खिमासारी1 हाट रन्दो , गढ़ू2 स्यो सुमन्याल3 , +मालू4 मा को माल होलो , वो सुमन्याल +तरवर्यिा5 माल होलू , गढ़ू त सुमन्याल +जैका बाबू दादान , तरवार मारे , +वेको बेटा भी , तरवार मारी लालो +खिमासारी हाट मा , पड़े धुरमी6 अकाल , +तड़की तड़फी मरीन , लोक उखड़7सा माछा8 , +जागू9जागू पड़ीन , डाला कासा गेंडा10 +स्वागीण11 रांड ह्वैन , कोली12 का मरीन बाला13 , +ज्वाती14 नी भुंचा15 कैन , जिन्दगीनी भोगी +तड़ीतपड़ीकरीं , कमाई सब खाई याले , +भूख मरण लैगे , गढ़ू सुमन्याल +चल मेरी जिया16 , लीला देई , +आरुणी17 जंगल जौला , जड़ीबूटी खौला +माता लीक तब गढ़ू , माल ऐगे आरुणी जंगल , +जिया लीला देईतब , बोलण लै गए : +कनो कलोबलो18 वण छ , देखदौं मेरा गढू़ , +सुणदौ19 , दीपीकोट20 मा रन्दो , तुमारो बड़ा21 दीपू , +तू लीजा वख22 , मेरी नौ लाख हँसुली23 , +अपणा बड़ा24 मुँगै25 , भैंसी लीओ मोल +आरुणी जंगल मा , दूध पर दिन बितौला +तिन ठीक बोले मेरी जिया , +धरे गढू़ मालन , नौ लाख हँसुली , +जाई लगै ते , दीपीकोट मा +ओ मेरी जदेऊ26 मान्यान , तुम मेरा बड़ा जी +खिमासारी हाट मा , पड़ीगे अकाल +मेरी जियान दिने , या नौ लाख हँसुली , +तुम देवा बड़ा जी , मैं भैंसी दुधाल +दीपू बडान तब , गढू़ की आदर क��े खातर +पकाये मालक27 , निरपाणी की खीर । +सुतपुल्या28 घीऊ29 दिने , पौंडल्या30 दई , +खिलायेपिलाये वैन , गढू़ सुमन्याल +तब दीपून मन्सूबा ठाणो , मन्त्र किराये , +बुलाया तब वैन , वैका सात लड़ीक , +हे मेरा बेटों , ये मारी द्यान , +नितर31 येई32 छुटेड़33 , भैंस क्वी द्यान +बाटा लैग्या स्ये , दीपू का साती सपूत , +तब बोलदू दीपू , जा मेरा गढ़ू़ माल , +डाँडा34 मरुढ़ो35 होली , लैंदी36 भैंसी +तब अगाड़ी फुल्डू , बाटा लगे गढ़ू माल , +साती भायों का मन मा , कपट सूझीगे +गाडीन37 साती , गंगलोड़ी38 हात , +पर विधाता की , माया देखा , +तब गढ़ू सुमन्याल की , भुजा नलकदाब39 , +आँखी फफराँदी40 , तब वा वैकी +क्या जी होई होलो , यो सगुन , +तब घूमीक पिछाड़े , देखद गढ़ू सुमन्याल +भलू करे भायों , तुमून मैं नी मारयों , +तुम साती भाई मेरा , कौजाड़ा41 मुंगक42 नी छा +तब चली गैन , वीं डाँडा मरोड़ी , +दिखाए साती भयोंन भैंसी एक छुटेड़ +या च मेरा दिदा43 , भैंसी दुधाल , +सात पथा सबेर देंदी या , सात पथा साँज +उठै गढ़ू मालन , भैंसी कखरियाली44 धरीले , +रौंड़दों45दौड़दो , आरुणी जंगल ऐगे , +ले मेरी जिया , तेरा जिठाणा को दिन्यूँ भैंसो । +तब कायरी46 होन्दी , जिया47 लीला दे , +छोड़ दी पथेणा48 नेतर49 । +इना भैंसा मा गै , मेरी नौ लाख हँसुली , +सती होली मैं , आपणी माता की जाई , +सते होला जु , पंचनाम देवता +त ई भैंसी पर , दूद आई जान +तब आरुणी जंगल वा , जड़ी खलौंदी बूटी , +भैंसी पर दूध , पैदा ह्वैगे +गढ़ू माल तब , चैन की निन्द सेंद , +भैंसी चरोंद , दूद घुटक पेंद +आरुणी जंगल होलू , भलो रौंत्यालु50 , +डाँडी51 काँठी52 जनी , मन मोहदी । +गढ़ू सुमन्याल होलू , उलान्या53 मुरल्या54 , +मुरली त होली वैकी , जनी जादून भरी +तै जंगल मा रन्दी छई , सुरमा एक रौतेली , +रोज मोहन मुरली सुणदी , +मन मा मन्सूबा गणदी55 +इनी तैकी मुरली , अफू56 कनो होलू ? +तब वींको चित्त , ह्वैगे चंचल , मन ह्वैगे उदास , +दीदी भुल्यों मा , कना वैन बोदी : +जावा दीदी भुल्यों , तुम घर जावा , +मेरी माँ मु बोल्यान , सुरमा बाघन खैयाले । +जावा मेरी दगड्याण्यों57 , तुम घर जावा , +मेरी माँ मु बोल्यान , सुरमा भेल58 पड़गे । +जावा मेरी जोड़ी सौंजड्यों59 , मैत60 जावा , +मेरी मां मु बोल्यान , सुरमा गाड61 बगगे62 । +बाबरो ह्वैगे पराण , मुरल्या की खोज पैठीगे63 , +मरणू होई जान , मैन मुरल्याक जाणा । +गढ़ू माल होलू , तानियो64 मा को तानी , +सुरमा देखीक , मुरली छिणै देन्द । +नौ दिन नौं रात , ह्वैगीन मुरल्या की खोज , +पर रौतेलीन , कखी मुरल्या नी पा���ो । +दसवाँ रोज देखेणे , गढू स्यो सुमन्याल , +काँठा मा कोसी सुरीज , शेर कोसी बच्चा । +ढकुली65 ढवौन्दी सुरमा , माथो नवौंदी : +मैं तुमारी राणी छौं प्रभु , तुम मेरा पराणी +लीगे तब गढू वीं तै , जीया का पास",garhwali-gbm +"मृत्यु गीत +पवाँ फाटियो ने सुरिमल उगिया राम । +पवाँ फाटियो ने सुरिमल उगिया राम ॥ +सास नणद क कइ क मीराबाई लात नहिं मारना राम । +सास नणद क कइ क मीराबाई लात नहिं मारना राम ॥ +उनको नाके गदड़ी को अवतार व , मीरा बाई राम । +उनको नाके गदड़ी को अवतार व , मीरा बाई राम ॥ +गदड़ी तो रूखड़े लुलाइ रा , मीराबाई राम । +गदड़ी तो रूखड़े लुलाइ रा , मीराबाई राम ॥ +सासू नणद क जूठो भोजन नि देणू राम , मीरा बाई राम । +सासू नणद क जूठो भोजन नि देणू राम , मीरा बाई राम ॥ +वको नाखसे मांजरी को अवतार राम , मीरा बाई राम । +वको नाखसे मांजरी को अवतार राम , मीरा बाई राम ॥ +मांजरी ते घेरघेर दूध दहि उष्टो चाटे राम , मीरा बाई राम । +मांजरी ते घेरघेर दूध दहि उष्टो चाटे राम , मीरा बाई राम ॥ +मीरा बाई कहे राम भजो रे राम । +आपणी देराणीजेठाणी का कारा नहिं करनु रे राम । +वको नाखसे कुतरी नो अवतार व राम । +कुतरी बणिन घरेघर भुखसे रे राम । +घरवाळा कथि छिपिन नि खाणूं राम । +वको नाखसे वागळी नो अवतार राम । +वागळी ते औंधी झाड़े लटके रे राम । +जिना मुहंडे खाय पलाज मुहंडे हागे रे राम । +मीरा बाई कहे राम भजो रे राम ॥ +इस गीत में महिलाओं ने महिलाओं से कहा है कि भगवान राम का भजन करो +उसी में कल्याण है । सवेरा हुआ और सूर्योदय हुआ । राम का भजन करो । अपनी +सास व ननद को लात नहीं मारना , नहीं तो भगवान गधी का अवतार देगा , गधी +बनकर घूरे पर लोटोगी । सासननद को जूठा भोजन न खिलाना , नहीं तो भगवान +बिल्ली का अवतार देगा , बिल्ली बनकर घरघर के दूधदही के बर्तन व जूठा चाटना +पड़ेगा । अपनी देरानीजेठानी की बुराई नहीं करना , नहीं तो भगवान कुत्ती का अवतार +देगा और घरघर भूँकोगी । अपने पति से छिपकर नहीं खाना , नहीं तो भगवान चमगादड़ +का अवतार देगा , दिन में नहीं दिखेगा और पेड़ पर औंधी लटकी रहोगी , एक ही मुँह +से खाओगी और उसी से मल त्याग करोगी । मीरबाई का कहना है कि राम का भजन करो ।",bhili-bhb +"नौमण सौंठ, सवामण अजमो +नौमण सौंठ , सवामण अजमो +येंई धमाधम खांडो पियाजी +कोई लोग सुणेगा +सासू सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +दौड़ियादौड़िया आवेगा , तो ललना खिलावेगा +ललना खिलावेगा , तो दिन दस रेगा +दिन दस रेगा , तो घण���घणो खावेगा +जापो बिगाड़ी घर जावेगा +पियाजी कोई लोग सुणेगा +माता सुणेगा , तो दौथ्ड़यादौड़िया आवेगा +दौड़ियादौड़िया आवेगा , तो ललना खिलावेगा +ललना खिलावेगा , तो दिन दस रेगा +दिन दस रेगा , तो थोड़ाथोड़ा खावेगा +जापो सुधारी घर जावेगा +जेठानी सुणेगी , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +दौड़ियादौड़िया आवेगा , तो फूंको धरेगा +फूंको धरेगा , तो नेग मांगेगा +जापो बिगाड़ी ने घर जावेगा +काकी सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +जापो सुदारी ने घर जावेगा +देराणी सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +दौड़ियादौड़िया आवेगा , तो रसोई निपावेगा +दिन दस रेगा , खाट बिछावेगा +नेग लई ने जापो बिगाड़ेगा +जापो बिगाड़ी ने घर जावेगा +भाभी सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +जापो सुदारी ने घर जावेगा +नणंद सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +जापो सुदारी ने धर जावेगा । +नणंद सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +दौड़ियादौड़िया आवेगा , तो सांतीपूड़ा लावेगा +नेग लई ने जापो बिगाड़ेगा +बेन आवेगा , तो जापो सुदारेगा +पड़ोसण सुणेगा , तो दौड़ियादौड़िया आवेगा +आवेगा तो मंगल गावेगा +पेड़ा मांगी ने घर जावेगा +सखियां सुणेगा , तो दौड़ी आवेगा +जापो सुदारेगा ।",malvi-mup +"कैसी तौबा है +तौबा ना कर यार , कैसी तौबा है +नित्त पढ़दे इसतगफार , कैसी तौबा है +सावीं दे के लवो सवाई , +ड्योढिआँ ते बाजी लाई , +एह मुसलमानी कित्थे पाई , +एह तुहाडी किरदार , कैसी तौबा है +जित्थे ना जाणा तूँ ओत्थे जाएँ , +हक्क बेगाना मुक्कर खाएँ , +कूड़ किताबाँ सिर ते चाएँ , +एह तेरा इतबार , कैसी तौबा है +मुँहों तौबा दिलों ना करदा , +नाही खौफ खुदा दा धरदा , +इस तौबा थीं तौबा करीए , +ताँ बखशे गफ्फार , कैसी तौबा है +बुल्ला सहु दी सुणे हकायत1 , +हादी2 पकड़ेआ होई हदायत3 , +मेरा मुरशद शाह अनायत , +ओह लँघाए पार , कैसी तौबा है",panjabi-pan +"विवाह गीत +सोनार्यो कांटो मारा नाक मा रे । +चूड़िलो चमके मारा हात मा रे । +चांदी ना झेला मारा मंुड मा रे । +चूड़िलो चमके मारा हात मा रे । +चांदी नो हार मारा गला मा रे । +चूड़िलो चमके मारा हात मा रे । +चांदी ना विछा मारा पाय मा रे । +चूड़िलो चमके मारा हात मा रे । +चांदी ना हाटका मारा हात मा रे । +चूड़िलो चमके मारा हात मा रे । +हे सखी मेरी नाक में सोने का काँटा , हाथ में चूड़ा चमक रहा है । मेरे सिर पर चाँदी का झेला , गले में हार , पाँव में बिछिया और हाथ में हटका सुशोभित है । इन सभी में हाथ का चूड़ा खू�� चमक रहा है ।",bhili-bhb +"एके तेल चढ़ेंगे-2 +एक तेल चढ़गे +एक तेल चढ़गे , हो हरियर हरियर +हो हरियर हरियर +मंड़वा मे दुलरू तोर बदन कुम्हलाय +रामेवोलखन के +रामेवोलखन के दाई तेल वो चढ़त हे +दाई तेल वो चढ़त हे +कहवा के दियना दीदी करथे अंजोर +आमा अमली के +आमा अमली के दाई सीतल छईहां +दाई सीतल छईहाँ +कर देबे फूफू तोर अँचरा के छाँव +दाई के अँचरा +दाई के अँचरा वो अगिन बरत हे +हो अगिन बरत हे +फूफू के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय +काकी के अँचरा +काकी के अँचरा दाई अगिन बरत हे +दाई अगिन बरत हे +मामी के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय +डोंगरी पहारे +डोंगरी पहारे दीदी घनरा चलत हे +दीदी घनरा चलत हे +पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल +रामेवोलखन के +रामेवोलखन के दाई तेल वो चढ़त हे +दाई तेल वो चढ़त हे +पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल +हमरे दुलरवा +हमरे दुलरवा नई बांधे मऊरे +नई बांधे मऊरे +नई सहे तेलिया मोर राई सरसो के तेल",chhattisgarhi-hne +"भीलट देव- +ऊँचो माळो भीलट देव डगमाळ , +टोंगल्यो बूड़न्ती ज्वार । । +काचा सूत की भीलट देव की गोफण , +मालू राणी होर्या टोवण जाई । । +हरमीधरमी का होर्या उड़ी जाजो , +न पापी को खाजो सगळो खेत । । +भीलट देव का महल ऊँचा है , ज्वार घुटने के ऊपर तक है । काचा सूत की भीलट देव की गोफण बनाई । मालू की रानी तोते उड़ाने जाती हैं । धरमी का खेत छोड़ देना और पापी का पूरा खेत चुग जाना । भीलट देव की पत्नी मालू रानी माना है ।",bhili-bhb +"लाई फोड़ोनी +तरी नानी नानी नानरे नानी , तरी नानी नानारे नान । +तरी नानी नानी नानरे नानी , तरी नानी नानारे नान । +ढिमीरिना टूरिना होतेव , ओ दाई फोड़तेव चना को लाई । +हो ए , ओ दाई , भूमनिया टूरिया फोड़ थौ लोड़ा को लाई ॥ +नय तिपाय दाई खपरी तुम्हारे , नय फूटय को लाई । +शब्दार्थ – टूरियालड़की , होतेवहोती , लाईधनीतिलीबिओरी चने का फूटामक्का की धानी या लाई जो भाड़ में सेकी जाती हैं । +दुल्हन माँ की गोद में बैठती है । और लाई फोड़ रही है । माँ से कहती है अगर मैं ढीमर की लड़की होती तो चना की लाई फोड़ती , लेकिन मैं तो बैगा लड़की हूँ , इसलिए मुझे मक्का की लाई धानी फोड़नी पड़ रही है । ऐसा कहते वह रोने लगती हैं । उसे देखकर दुल्हन की माँ भी रोने लगती है । माँ कहती है बेटी यह बताकर तूने मुझे ही रूला दिया । तू फिक्र मत कर , तेरा विवाह अच्छे तरीके से होगा । तेरे पिता तेरे विवाह की सारी व्यवस्था कर रहे हैं । तुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है ।",baiga-mis +"सामण का महीणा मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै +सामण का महीणा मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै +मन नै समझाऊं तो बी बैरी जोबन तरसै +तीजां के दिनां की तो थी आस बड़ी भारी +ऐसे में भी न आए मैं पड़ी दुखां की मारी +सामण का महीना मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै +मन नै समझाऊं तो बी बैरी जोबन तरसै",haryanvi-bgc +"499 +अड़ियो कसम मैंनूं जे यकीन करो मैं निरोल बेगरज बेदोसियां नी +जेहड़ी आप विच रमजां सुनांदियां हो नहीं जानदी मैं चापलोसियां नी +मैं तां पेकियां नूं पई याद करां पई पाउनियां नित ओसिआं नी +वारस शाह क्यों तिन्हां अराम आवे जेहड़ियां इशक दे ता विच लूसियां नी",panjabi-pan +"ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे +ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे +थारे पीहर में गोरी धन कौन पियारा +नींबू पाकन लागे । +एक पियारा अपना बाबुल भी कहिये +दूजी तो पियारी मेरी लाड लडन्ती माय +एक पियारा मुझे अपना बीरन लागे +दूजी दुलारी हमें लाल भवजिया +नींबू पाकन लागे । +इन रे बातों गोरी धन खारी भी लागी +देंगे तुम्हें मन से बिसार +फूल फूलन लागे । +ढोला मारूनी दोनों बातां नी लागे +ससुराल में गोरी धन कौन पियारा +नींबू पाकन लागे । +एक पियारा हमें सौहरा जी कहिये +दूजी पियारी हमें सास सपूती जी +फूल फूलन लागे । +एक पियारी हमें अपनी नन्दल लागे +दूजा प्यारा हमें नन्दी का बीर +फूल फूलन लागे । +इन बातों में गोरी हमें प्यारी भी लागे +देंगे तुम्हें अगड़ घड़ाय +फूल फूलन लागे ।",haryanvi-bgc +"382 +बुरियां खौफ फकीर दे नाल पाइयां अठखेल बुरयार उटकिया ने +रातब खायके बीचरन1 विच तिले मारन लत अराकियां2 बकियां न +इक भौंकदी दूसरी करे टिचकरां एह ननाण भाबी दोवे सकियां ने +एथे कई फकीर जहीर3 होए खैर देंदियां देंदियां अकियां ने +जिन्हां डबियां पायके सिरी चाइयां रन्नां तिन्हां दियां उसकियां ने +नाले ढिड खुरकन नाले दुध रिड़कन अते चाटियां कीतीयां लकियां ने +झाटा खुरकदियां खंघदियां नक सुनकन मारन वाउके4 चाढ़के नकियां ने +लोड़ हई जे चगियां होवने दी वारस शाह तों लओ दो फकियां ने",panjabi-pan +"चौपर है राजन के लानैं +चौपर है राजन के लानैं +जिनै जगीरी खानैं । +बड़े भोर सें बिछो गलीचा +ठान ओई की ठानैं । +निस दिन तार लगी चौपर की , +मरे जात भैरानें । +कात ईसुरी जुरकै बैठत +लबरा केऊ सयाने ।",bundeli-bns +"362 +केही वैदगी आन जगायो ई किस वैद नेदस पढ़ायों वे +वांग चैधरी आनके वैद बनयों किस चिठियां घल सदायों वे +सेली टोपियां पह��� लंगूर वांग तूं तां शाह भोला1 बन आयों वे +वडे दगे ते फंध फरेब पढ़यों ऐवें पाड़ के कन्न गवायों वे +ना तू जनयां ना फकीर रहयों ऐवें मुंदके घोन करायों वे +बुरे दिनां भैड़ियां वादियां नी अज रब्ब ने ठीक कुटायों वे +वारस शाह कर बंदगी रब्ब दी तूं जिस वासते रब्ब बनायों वे",panjabi-pan +"बाबा के अँगना लवँग केर गछिया +बाबा के अँगना लवँग केर गछिया1 । +फूल चुअए2 चारो कोना , रे मेरो टोना ॥ 1 ॥ +फूल चुन चुन तबीज3 बनैलों4 । +बान्हू5 दुलरइता दुलहा बाजू6 रे मेरो टोना ॥ 2 ॥",magahi-mag +"हमखो तो चिन्ता हो रही +हमखों तो चिन्ता हो रही , +पिया कैसे मनाऊं सबको । +सासो हमारे घर आयेंगी पिया , +चरूआ चढ़ाई नेग मांगेंगी पिया । +कैसे मनाऊं उनको । हमखों . . . +काहे की चिन्ता तुम करो धना , +चरूआ चढ़ाई नेग मांगेंगी धना । +अपने नैहर के कंगना , +तुम देना पहिनाय उनको । हमखों . . . +जिठानी हमारे घर आयेंगी , भला +लड्डू बंधाई नेग मांगेंगी +अपने नैहर के झुमका जिठनी , +रानी को देना पहिनाय । हमखों . . . +ननदी हमारे घर आयेंगी , +भला छठिया धराई नेग मांगेंगी +अपने नैहर के कंगना , +ननदी रानी को देना पहिनाय । हमखों . . . +देवर हमारे घर आयेंगे धना , +बंशी बजाई नेंग मांगेगे धना । +तुम देना मनाय उनको । हमखों . . .",bundeli-bns +"412 +नवी नोचिए गुझिए यारने नी कारे हथीए चाक दिये पयारीए नी +पहले कम सवार हो बहे नियारी बेली घर लै जाए तूं डारीए नी +आप भली हो बहें ते असीं बुरियां करे खचरपो1 रूप शिंगारीए नी +आ जोगी नूं लईं छुडा साथों तुसां दोहां दी पैज सवारीए नी +वारस शाह हथ फड़े दी लाज हुंदी साथ करीए ते पार उतारीए नी",panjabi-pan +"525 +इस पद्य में संपों की बहुत सारी किस्मों का ब्यान है +सहती आखया फरक ना पवे मासा ए सप ना कील ते आंवदे ने +काले बाग विच जोगीड़ा सिध दाना जिदे कदम पया दुख जांवदे ने +बाशक नाग करूंडीए मेद तछक छिबे तितरे सीस निवांवदे ने +कलगीदार ते उडना भूंड नाले असराल खराल डर खांवदे ने +तेपूरड़ा बूरड़ा फनी फनियर सब आन के सीस निवांवदे ने +मनीदार ते सिरे खड़बीए भी मंतर पढ़े ते कील ते आंवदे ने +घंगूरियां दामियां बस बसाती रतवाड़ियां कोझियां छांवदे ने +खंजूरिया तेलिया बनत करके चंगा फनवारिया कोइ चा चांवदे ने +काई दुख ते दरद ना रहे भोरा जादू जिन्न ते भूत सब जांवदे ने +मिले उस नूं कोई ना रहे रोगी दुख कुलां दे उस तों जांवदे ने +राव राज ते देवते वैद परियां सब उस तों हथ वखांवदे ने +होर वैदगी वैद लगा थके वारस शाह होरी हुण आंवदे ने",panjabi-pan +"मृत्यु गीत +टेक दल खोलो कमल का फूल हंसा , सायब रे न मिलावण ना होय रे । +चौक1 गऊ न का दूध नीबजे रे हंसा , दूध का दही होय रे । +आरे हंसा दूध न का दही होय रे । +मयड़ो रोळो माखण नीबजे रे , ऐसो फिर नहिं दहिड़ो होय +सायब रेन मिलावण होय । +चौक2 फूल फूलियो गुलाब को हंसा , भँवरो गयो लोभाय रे , +आरे हंसा भँवरो गयो लोभाय रे । +कलीकली भँवरो गुँजी रह्यो हंसा , +एसो फूल गयो कुम्हलाय । +सायब रे न मिलावण ना होय रे । +चौक3 पाटियां पाड़ी रूड़ा प्रेम की रे हंसा , सोभती बिंदिया सजाई रे । +आरे हंसा रे न मिलावण ना होय रे । +चूंदड़ ओढ़ कोई प्रेम की रे , वकि मुक्ति का होय कल्याण , +सायब रेन मिलावण ना होय रे । +चौक4 नंदी किनारे घर कर्यो हंसा , नहावत निरमल नीर रे । +आरे हंसा नहावत निरमल नीर रे । +धरमी राजा पार उतरिया , ऐसो पापी गोता खाय +सायब से मिलावण ना होय रे । +छाप कइये कमाली कबिर सा की लड़की , ऐसा खत अमरापुर पाया । +हंस कमल दल का फूल खोलो , भगवान से मिलना न हो । गौ से दूध उत्पन्न +होता है , दूध से दही बनता है , छाछ बनाई , मक्खन निकाला , उसके बाद दही नहीं +हो सकता , इसी प्रकार समय खो दिया फिर भगवान से मिलना नहीं हो सकता । +गुलाब का फूल खिला , उस पर भँवरा लुभाया । कलीकली पर भँवरा गुंजार करता +रहा और ऐसा करते फूल मुरझा गया । इस प्रकार ऐसा करते हुए अरे मानव उस +फूल के समान तेरी जिन्दगी खत्म हो गई । भगवान का भजन न किया , इससे +भगवान का सामीप्य नहीं हुआ । फिर चौरासी लाख योनियों में भटकना पड़ेगा । +अरे हंसा जीव महिलाओं को सम्बोधन किया गया है स्नान किया , सिर के +बालों की पाटियाँ प्रेम से पाड़ी । ललाट पर सुन्दर बिन्दी लगाई , इससे भगवान का +सामीप्य नहीं मिलता है । अरे भगवान से लगन की चूनरी ओढ यानी भगवान +का भजन भी कर , जिससे मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो । आनन्दपूर्वक जीवन के साथ +भजन भी कर । +अरे जीव नदी के किनारे घर बनाया और खूब निर्मल जन से स्नान किया , किन्तु +धर्म नहीं किया ? धम्र करने वाले पार उतर गए अर्थात् इस संसार रूपी नदी से +पार उतर गये । तात्पर्य यह कि मुक्ति पा गये और पापी बीच में ही गोते खाते हैं । +कबीरदासजी की पुत्री कमाली कहती है कि धर्म करने वालों को अमरापुर की प्राप्ति +होती है ।",bhili-bhb +"176 +हीरे इशक ना मूल सवाद दंदा नाल चोरियां अते उधालियां दे +किड़ा1 पौंदियां मुठे हा देस विचों किस्से सुने सन खूनियां गालियां दे +ठगी नाल ���ैं महीयां चरावा लइयां एह राह ने रनां दियां चालियां दे +वारस शाह सराफ सभ जाणदे नी ऐब खोटयां पैसयां वालियां दे",panjabi-pan +"अँगना में चकमक, कोहबर अँन्हार +अँगना में चकमक , कोहबर अँन्हार1 । +नेसि2 देहु दियरा3 होयतो4 इँजोर गे माइ ॥ 1 ॥ +पान अइसन पतरी , सुहाग बाढ़ो5 तोर । +साटन6 के अँगिया समाय7 नहीं कोर8 गे माइ ॥ 2 ॥ +केंचुआ9 के चोरवा भइया , देहु न बँधाय । +रउदा10 में बाँधल भइया , रहतन रउदाय11 । +अँचरो में बाँधब भइया रहतन लोभाय ॥ 3 ॥",magahi-mag +"238 +रांझे आखया लुटदी हीर दौलत जरम1 गालिए तां भेत पा लईए +रंग होर वटाय के जा वड़ीए नाल हीर दे अंग लगा लईए +इक होवना रिहा फकीर मैथों जरा इतना भी वस ला लईए +मखन पालया चिकना नरम पिंडा जरा सवाह दे विच रला लईए +किसे जोगी तों सिखीए सेहर2 कोई चेले होए के कन्न पड़ा लईए +अगे लोकां दे झगड़े बाल सेके जरा आपने नूं चिनग ला लईए +अगे झंग सयालां दी सैर कीती जरा खेड़यां नूं झोक3 ला लईए +उथे खुदी गुमान मनजूर नाहीं सिर वेचीए तां भेत पा लईए +वारस शाह महबूब नूं तदों पाईए जदों आपना आप गवा लईए",panjabi-pan +"हिरणी हरि क पुकारे जंगल मऽ +हिरणी हरि क पुकारे जंगल मऽ +१ हिरणी रे बन म घुमण लागी , +पार्दी न फन्द लगायो +चौ तरफा से घेरो हो नाख्यो +हिरणी क राम अधारो . . . +जंगल मऽ . . . +२ जब रे पार्दी न फन्द लगायो , +न चल्यो हिरणी का पास +हिरणी बिचारी मन घबराणी +न पार्दी क ढ़सी गयो नाग . . . +जंगल मऽ . . . +३ मन म रे पार्दी ऐसा डरा रे , +न खौब रयो पछताई +चौ तरफा सी आग लगी रे +न हिरणी क ली रे बचाई . . . +जंगल मऽ . . . +४ हिरणी जब निकल हो आई , +आई प्रभू का द्वार +प्रभू जी सी कर अरदास +न हरी जी न लाखी लाज . . . +जंगल मऽ . . . +५ कहत कबीर सुणो भाई साधू , +एक पंथ निरबाणी +जनमजनम की दासी तुम्हारी +न रवा प्रभू जी की साथ . . . +जंगल मऽ . . .",nimadi-noe +"बाजा है नघारा रणजीत का है +बाजा है नघारा रणजीत का है जणू हाक्यम आया । +अपणी सीमा ना छोड़ कै हे म्हारी सीमी आया +अपणी बेबे न छोड़ के हे म्हारे ब्याहवण आया ।",haryanvi-bgc +"आई है फूलों की बहार +आई है फूलों की बहार , बधाई होवै । +पहली बधाई याके , बाबा कू होवै । +दादी न गाए मंगला चार , बधाई होवै । आई है फूलों . . . +दुजी बधाई याके , ताऊ कू होवै । +ताई ने गाए मंगलाचार , बधाई होवै आई है फूलों . . . +तीजी बधाई याके , चाचा कू होवै । +चाची ने गाए मंगलाचार , बधाई होवै । आई है फूलों . . . +चैथी बधाई याके , फूफा कू होवै । +बुआ ने सतिए लगाए बधाई होवै । आई है फूलों . . . +पाँचवीं बधाई याके , नाना कू होव�� । +नानी ने भेजो छुछक आज , बधाई होवै । आई है फूलों . . . +छटी बधाई याके , मामा कू होवै । +मामी ने गाए मंगलाचार , बधाई होवै । आई है फूलों . . . +सातवीं बधाई याके , बाबुल कू होवै । +आँगन में छाई खुशियाँ आज , बधाई होवै । +आई है फूलों की बहार , बधाई होवैं ।",braj-bra +"नणन्द भावज का था प्यार दोनों रल कातती +नणन्द भावज का था प्यार दोनों रल कातती +काढो नणन्द लाम्बे लाम्बे तार दोनों रल बतलावती +जै नणन्दल हो जायगी धी दयांगे गल का झालरा +जै नणदल हो ज्यागा पूत दयांगे री जगमोतियां +दर्द ऊठे आधी रात सुरत सुरत गई नणन्द मैं +नाई बेटा बेग बला ल्यादे रे मेरी नणन्द नै +कै रै नेाई के बात क्या मिस आ गया +थारे जीजी होया सै भतीजा तनै लेण आ गया +उठी नणन्द आधी रात ने दिन लिकाड्या आपणे देस मैं +देख नणन्द जी का रूप भावज मेरी हंस पड़ी +आरी नणन्द मेरी बैठ मूढ़ा री घालूं बैठण नै +मुड़ तुड़ लागूं तेरे पाएं भतीजा तेरी गोद मैं +ले ल्यो नणन्द गल का झालरा लिखो कोले साथियां +झालरे ने पहरै मेरी भावज ल्यांगे री जगमोतियां +लै ल्या नणन्द हार सिंगार लिखो री कोले साथियां +सिंगार करैगी मेरी भावज ल्यांगें री जगमोतियां +ले ल्यो नणन्द रूंढी भैंस लिखो कोले साथियां +रूंढी ने दुवै मेरा भाई ल्यांगे री जगमोतियां +ले ल्यो नणन्दल ठाडी घोड़ी लिखो कोले साथियां +घोड़ी पै चढ़ैगा मेरा बाबल ल्यांगे री जगमोतियां +ले ल्यो नणन्दल धौले नारे लिखो कोले साथियां +नार्यां ने जोड़े मेरा बीर ल्यांगे री जगमोतियां +जलाओ हठीली का बीर , हठीली हठ कर रही +तड़क धड़क बोल्या सै बीर दे दे नै जगमोतियां +जीओ मेरी मां का जाया बीर मेरा री मन राखियां +बीरा मेरा री घर का सेर , भावज घर की कूतरी +बीरा मेरा सिर का मोड़ , भावज मेरी पांयां खौंसड़ी",haryanvi-bgc +"होजी कचेरी रा पड़दा खोल दो +होजी कचेरी रा पड़दा खोल दो +देखण दो फलाणा राज रा भीम +होजी उन राया रो कई देखणो +वे तो नमी रया हो उनके चीरां रे भार +बधावोजी म्हें सुण्यो +होजी रसोई रा पड़दा खोल दो +म्हने देखण दो साजनिया री धीय +बधावोजी म्हें सुण्यो +होजी उन राणी रो कई देखणो +वे तो नमी रया उनका चुड़िला रा भार +नानी बऊ दबीरया केसरिया रे भार +बधावो जी म्हें सुण्यो ।",malvi-mup +"हलबल हलबल नदी बह सै +हलबल हलबल नदी बह सै +रायजादा न्हाण सिंजोया जी राज +गैर बखत मत न्हाओ रायजादा +कठिन कठारो होय सै जी राज +सांझ बखत थम रायजादा न्हाओ +रायजादा बात सुगन को होय सै जी राज +किसीयां को सै रतन कचोड़ी +किसयां का सै मोतीडारां हार जी राज +समधी को सै रतन कचौड़ी +बन्ना जी का सै मोतीडारां हार जी राज +हार सोहबे हीबड़े के ऊपर +मोतीडा लेंगा झिलारा जी राज",haryanvi-bgc +"लंगुरिया - १ +करिहां चट्ट पकरि के पट्ट नरे में ले गयो लांगुरिया ॥ टेक ॥ +आगरे की गैल में दो पंडा रांधे खीर , चूल्ही फ़ूंकत मूंछे बरि गयीं फ़ूटि गयी तकदीर ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में एक लम्बो पेड खजूर , ता ऊपर चढि के देखियो केला मैया कितनी दूरि ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में एक डरो पेंवदी बेर , जल्दी जल्दी चलो भवन को दरशन को हो रही देर ॥ करिहां ॥ +आगरे की गैल में लांगुर ठाडो रोय , लांगुरिया पूरी भई भोर भयो मति सोय ॥ करिहां ॥",bhadrawahi-bhd +"मँड़वा बइठल बाबा, दुलरइता बाबा +मँड़वा बइठल बाबा , दुलरइता बाबा , चकमक मानिकदीप1 हे । +कनेयादान के अवसर आवल , बराम्हन कयल हँकार2 हे ॥ 1 ॥ +झाँपि झँूपि लवलन3 मइया दुलरइतिन मइया , +रखल बाबा केर जाँघ हे । +जब रे दुलरइता बाबा मुँहमा उघारल , +साजन रहल निरेखि हे ॥ 2 ॥ +का हथी4 सीता हे सुरुज के जोतिया , +का हथी चान के जोत हे । +अइसन5 सुनर कनेया कइसे मोरा भेंटल , +धन धन हको6 मोरा भाग हे ॥ 3 ॥ +कुसबा ले काँपथि बेटी के बाबू , +कइसे करब कनेया दान हे । +तोड़ी देहु तोड़ी देहु करहु बियहवा , +तोड़ी देहु जिया जंजाल हे । +कुइयाँ7 खनउली आउ बेटी बियाहली , +तनिको न करहु बिचार हे ॥ 4 ॥ +बेद भनइते8 बराम्हन काँपल , काँपी गेल कुल परिवार हे । +हमर धियवा पराय घर जयतन , अब भेल9 पर केर आस हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"मनौती गीत +जाजम राळी भाई खड़ा रहिया , कुण हेड़ऽ मन की भरात । +पाँची पांडव मऽ रहिया उनका लखपति भाई । । +उऽ हेड़ऽ मन की भरात । । +पगलिया मांडिया बेन खड़ा रहिया , कुण हेडे़ऽ मन की भरात । +पांची पांडव मा रहिया . . . मारा जाया बिराजे । । +उऽ हेड़ऽ मन की भरात । । +महादेव जी को मान देने पहुँचे , वहाँ बैठने के लिए जाजम बिछाई । सभी लोग +जो मानता देने आए हैं उनमें से कौन अपने मन की इच्छा पूरी करेगा यानी +कौन पूजाअर्चना कर महादेवजी को भेंट देगा ? +गीत में कहा गया है किबालक के मामा भेंट देकर अपने मन की इच्छा पूर्ण +करेंगे । वैसे जो भी मान में आमंत्रित हैं सभी पूजाअर्चना भगवान की करते हैं +और भेंट देते हैं । बालक को भी यथाशक्ति भेंट देकर प्रसन्नता प्रकट करते हैं ।",bhili-bhb +"गोबर से लिपलूँ अँगना, हरबोबिन लाल +गोबर से लिपलूँ1 अँगना , हरबोबिन लाल । +बिछवा2 रेंगल3 जाय हे , हरगोबिन ला��� ॥ 1 ॥ +ओने से4 अयलन दुलरइतिन छिनरो हे , हरगोबिन लाल । +काट लेलक5 छिनरो के बिछवा हे , हरगोबिन लाल ॥ 2 ॥ +कउन बइदा6 के बोलाऊँ हे , हरगोबिन लाल । +कउन ओझा के गुनाऊँ हे , हरगोबिन लाल ॥ 3 ॥ +ओने से अयलन कवन रसिया हे , हरगोबिन लाल । +जरा एक7 जगहा8 देखाऊँ हे , हरगोबिन लाल ॥ 4 ॥ +इसे के जगहा देखाऊँ हे , हरगोबिन लाल । +लहँगा में बिछवा समायल9 हे , हरगोबिन लाल ॥ 5 ॥",magahi-mag +"देखो सावन में हिंडोला झूलैं (कजली) +देखो सावन में हिंडोला झूलैं मन्दिर में गोपाल । +सोना रूपा बना हिंडोला , पलना लाल निहार । +भीड़ भई है भारी , दौड़े आवैं , नर और नार । +फूल काँच मेहराब जु लागी पत्तन बांधी डार । +"" कजली कौमुदी "" से जिसके संग्रहकर्ता थे श्री कमलनाथ अग्रवाल +' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के जुलाई 1945 के अंक से",khadi_boli-mis +"सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ +सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ । +नइ1 मोरे राजा , तोर2 मइया से काम मोरे नइ । +नइ मोरे राजा , तोर बहिनी से काम मोरे नइ । +मोरा त उठल3 हे4 पीर , ले आबऽ5 धाई6 के ॥ 2 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +लै डुबावत बा आल्हा के गंगा में डुबावत बाय +फाँद बछेड़ा पर चढ़ गल गंगा तीर पहुँचल बाय +पड़ल लड़ाई है छोटक से +तड़तड़ तड़तड़ तेगा बोला उन्ह के खटर खटर तरवार +जै से छेरियन में हुँड्डा पर वैसे पलटन में पड़ल रुदल बबुआन +जिन्ह के टॅगरी धै के बीगे से त . चूरचूर हाये जाय +मस्तक भरे हाथी के जिन्ह के डोंगा चलल बहाय +थापड़ भोर ऊँटन के चारु सुँग चित्त होय जाय +सवा लाख पलटन कर गल छोटक के +जौं तक मारे छोटक के सिरवा दुइ खण्ड होय जाय +भागल तिलंगा छोटक के राजा इंदरमन के दरबार +कठिन लड़ंका बा कघ रुदल सभ के काट केल मैदान +एत्ता बारता इंदरमन के रुदल के सुनौं हवाल +लैं उतारल बजड़ा से धरती में देल धराय +आखा खोल के रुदल देखे छाती मारे ब के हाथ +लै चढ़ावल पलकी पर दुरगौली में गैल बनाय +एत्तो बारता बा आल्हा के इंदरमन के सुनीं हवाल +बीड़ा पड़ गैल इंदरमन के राजा इंदरमन बीड़ा लेल उठाय +मारु बाजा बजवावे बाजा बोले जुझाम जुझाम +एकी एका दल बटुरे दल बावन नब्बे हजार +बावन मकुना खोलवाइन एकदंता तीन हजार",bhojpuri-bho +"381 +पते डाचियां दे पूरे लांवना एं देंदा मेहने शामतां दौड़ियां वे +मथा डाइयो ई नाल कुआरियां दे तेरियां लौंदियां जोगियां मौरियां वे +तेरी जीभ मवेसियां हथ आलत अते चितड़ी लड़दियां धौरियां वे +खैर मिले सो लए ना नाल मसती मगे दुध ते पान फलौ���ियां वे +इक देन आटा इक टुक चपा भर देन ना चाटियां कोरियां1 वे +एस अन्न नूं ढूंढ़दे ओह फिरदे चढ़न हाथीयां ते होन चोरियां वे +वडे कमलयां दी असां भंग झाड़ी एथे केहियां वललियां सोरियां वे +सोटा वडा इलाज कुपतयां दा तेरियां वारस भैड़ियां दिसदीयां तौरियां वे",panjabi-pan +"424 +भला कुआरीए सांगक्यों लावनी ए चिबे होठ क्यों पई बनावनी ए +भला जोगी नूं पई भरमावनी ए अते जी क्यों पई लमकावनी ए +लगे वस तां हुणे कटवानी ए सड़ी होई क्यों लूतियां लावनी ए +ऐडी लटक दे नाल क्यों करे गलां सैदे नाल नकाह पढ़ावनी ए +वारस शाह दे नाल उठ जाह ऊधल केहियां पई बुझारतां पावनी ए",panjabi-pan +"विवाह गीत +चिकल्या घर जाओ बना , +चिकल्या घर जाओ बना । +तरवार विसाई ने वेधा घर आवो बना । +वाणिला घर जाओ बना । +पाधां विसाई ने वेधा घर आवो बना ॥ +इस गीत में दूल्हे से कहा गया है कि तुम सिकलीगल तलवार बनाने वाले के घर जाओ और तलवार लेकर जल्दी घर आओ । महाजन के यहाँ जाओ और पगड़ी लेकर जल्दी घर आओ ।",bhili-bhb +"जाग नी मेरी बाल कन्या +जाग नी मेरी बाल कन्या , +जाग रुकमणी राणीये । +कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , +कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , +बाबल तां वर घर नहीं लेआयेया , +बाबल तेरा दान करदा , +लै गडवे इशनान करदा , +मोतियाँ बाबल चौक पूरदा , +बाबल तां वर घर लै आयेया । +जाग नी मेरी बाल कन्या , +जाग रुकमणी राणीये । +कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , +कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , +भईया तां दाजो नहीं लैआएया +भईया तेरा दान करदा , +लै गडवे इशनान करदा , +मोतियाँ भईया चौक पूरदा , +भईया दाज लै के आयेया । +जाग नी मेरी बाल कन्या , +जाग रुकमणी राणीये । +कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , +कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , +चाचा तां गुलियान नहीं लैएया +चाचा तेरा दान करदा , +लै गडवे इशनान करदा , +मोतियाँ चाचा चौक पूरदा , +चाचा गुलियान लै आयेया । +जाग नी मेरी बाल कन्या , +जाग रुकमणी राणीये । +कीकण जागां मेरेया भोलेया लोका , +कीकण जागां मेरेया लखेया देसा , +मामा तां चूड़ा नहीं लेएया । +मामा तेरा दान करदा , +लै गडवे इशनान करदा , +मोतियाँ मामा चौक पूरदा , +मामागु चूड़ा लै के आयेया ।",panjabi-pan +"152 +जदों लाल कचौरी नूं खेड सइयां सभो घरो घरी उठ चलियां नी +रांझा हीर नयारड़े हो सुते कंधीं नदी दीयां महियां मलियां नी +पए वेख के दोहां इकठयां नूं टंगां लंडे दियां तेज हो चलियां नी +परे विच कैदो आन पग मारे चलो वेख लौ गलां अवलियां ने",panjabi-pan +"पाणी मऽ की पगडण्डी हो माता ब्याळु मऽ की वाट जी +पाणी मऽ की पगडण्डी हो , माता ब्याळु मऽ की वाट जी । +रनुबाई पीयर संचरिया जी , माता सई नऽ ली संगात जी । +एक सव तो माता वांजुली , ओ , दुई सव बाळा की माय जी , +वाळा की माय थारी सेवा कर हो , वाझ नऽ संझो द्वार जी । +हेडूँ कटारी लहलहे हो , म्हारो ए जीव तजूँ थारा द्वार जी , +उभी रहो , उभी रहो , वांजुली हो , +माता मखऽ ढूँडण दऽ भंडार जी । +सगळो भंडार हऊं ढूँडी आई , +थारा करमऽ नी तानो बाल जी ।",nimadi-noe +"ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री +ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री +हां जी कोए डालें डालें पात +क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री +सासू रंगाई हे मां मेरी चूंदड़ी री +अल्ले तो पल्ले हे मां मेरी खोंसड़े री +हां जी कोए बीज नणद के बोल +क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री",haryanvi-bgc +"316 +जट वेख के जटी नूं कांग कीती वेखो मरी नूं रिछ पथलया जे +मेरी सैआं दी मेहर नूं मार जिंदे तिलक मेहर दी सथ नूं चलया जे +लोकां बाहुड़ी ते फरयाद कूके मेरा झुगड़ा चैड़ कर चलया जे +पिंड विच एह आन बला वड़ी जहां जिन पकवाड़ विच मलया जे +पकड़ लाठियां गभरू आन ढुके वांग काढवे कटक दे टलया जे +वारस शाह जिवें धूंआं सरकया तों बदल पाटके घटा हो चलया जे",panjabi-pan +"परस बठंता अपना बाबल बुज्झा +परस बठंता अपना बाबल बुज्झा कहो तो कात्तक न्हाल्यूं हो राम +कातक न्हणा बेटी बड़ाए दुहेल्ला लाइयो बाग बगीचे हो राम +दूध घमोड़ती अपनी मायड़ बुज्झी कहो तो कात्तक न्हाल्यूं हो राम +कात्तक न्हाणा बेटी बड़ाए दुहेल्ला सिंच्चो धरम की क्यारी हो राम +धार काढ़ता अपना बीरा बुज्झा कहो तो कात्तक न्हाल्यूं हो राम +कात्तक न्हाणा बेब्बे बड़ाए दुहेल्ला ले ले न गोद भतीजा हो राम +पीसणा पीसती अपनी भावज ओ बुज्झी कहो तो कात्तक न्हाल्यूं हो राम +कात्तक न्हाणा ननदल बड़ाए दुहेल्ला काढो ना कसीदा हो राम",haryanvi-bgc +"इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले बाबल जागे पुण करने दा वेला , +बाबल पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाल लिआवे वरघर पुण कने दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले भैया जागे पुण करने दा वेला , +भैया पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाल लिआवे दाजो पुण करने दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले चाचा जागे पुण करने दा वेला , +चाचा पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाले ��ैआवे गुलियाँ पुण करें दा वेला । +इस वेले कौण कौण जागे पुण करने दा वेला , +इस वेले मामा जागे पुण करने दा वेला , +मामा पुण करे दान करे गंगा दा इसनान करे , +नाले लै आवे चूड़ा पुण करने दा वेला ।",panjabi-pan +"काची अम्बली गदराई सामण मैं +काची अम्बली गदराई सामण मैं +बुड्ढी री लुगाई मस्ताई फागण मैं +कहियो री उस ससुर मेरे नै +बिन घाली लेजा फागण मैं +कहियो री उस बहुए म्हारी नै +चार बरस डट जा पीहर मैं +कहियो री उस जेठ मेरे नै +बिन घाली लेजा फागण मैं +कहियो री उस बहुए म्हारी नै +चार बरस डट जा पीहर मैं +कहियो री उस देवर मेरे नै +बिन घाली लेजा फागण मैं +कहियो री उस भावज म्हारी नै +चार बरस डट जा पीहर मैं",haryanvi-bgc +"कात्यक बदी अमावस आई +कात्यक बदी अमावस आई दिन था खास दिवाली का +आंख्यां के म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का +सबी पड़ोसी बच्चां खात्तर खील खिलोने ल्यावें थे +दो बच्चे हाली के बैट्ठै उन की ओर लखावें थे +रात कूच की बची खीचड़ी घोल सीत में खावें थे +दो कुत्ते बैट्ठे मगन हुए उनकी ओर लखावें थे +तीन कटोरे एक बखोरा काम नहीं था थाली का +आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का +कहीं कहीं तो खीर पके कहीं हलुवे की मंहकार ऊठ री +हाली री बहू एक ओड़ ने खड़ी बाजरा कूट री +हाली बैठ्या खाट बिछा कै पांयतांकानी टूट री +हुक्का भर के पीवण लाग्या चिलम तलै तै फूट री +चाकी धोरे डंडूक पड़ा था जर लाग्या एक फाली का +आंख्यां कै म्हें आंसू आग्ये देख्या घर जद हाली का",haryanvi-bgc +"उदना रेख करम में खाँची +उदना रेख करम में खाँची । +होन हार सो साँची । +जैसी लिखी भाग में भाबई +आन अगारूॅ नाँची । +पक्की मौत होत पाँवँन की +उबै गिनो ना काँची । +राखी बात आपविघ हाँतन +आन बदे मैं बाँची +साजी बुरई ईसुरी चर्चा +सिनसारी में माँची ।",bundeli-bns +"बिरही कौ बसकारौ +परचा रइ पुरबइया तनमन में आग , +सैरे की तान लगै ईसुर की फाग । +बरत नए गाबे नें झुलसा दए गाँव , +दहक उठे अबा घने मेघन की छाँव । +जोगीबैरागी के डगमग भए पाँव , +अलबेली आगी कौ अलबेलौ दाँव । +कौसिक से रिसी आज गा रए विहाग , +मियाँ की मलार लगै ज्यों दीपक राग । +धरनी तिलोत्तमा ने कर लऔ सिंगार , +मुसकाए नारायन , देवता बलहार । +अरुन अगन मुख सोहैसूरज सी झार , +गौरासुत देवतन के सेना आधार । +गरबीले बाहन की बानी दई आग , +बदरा के हिऐ पैठ गूँजी बन राग । +ज्वालामुख पर्वत ज्यों फूट परौ आज , +लरम नए पत्तन पै आगी कौ राज । +जग्गहुवन करबे खों ���ै साकिल नाज , +आहूती खेतन में दई सज कें साज । +मित्र बरुन भूले सब तप औ बैराग ; +तखतन घृताची खौं उमड़ौ अनुराग । +गरमी सें रार रोर कामरूप काम , +इन्द्रधनुष मोरमुकुट धर लए घनश्याम । +रिसीमुनी देवता लों तलफें निज धाम , +ई सें तौ सियरौ गऔ जेठमास घाम । +कनकन में पैठ गई जीवन की आग ; +सैरे की तान लगै ईसुर की फाग ।",bundeli-bns +"मेरे सिर पै बंटा टोकणी +मेरे सिर पै बण्टा टोकणी , मेरे हाथ में लेज्जू डोल +मैं पतळी –सी कामिनी , मेरे हाथ में लेज्जू डोल +एक राहे मुसाफ़िर मिल गया +छोरी प्यासे को दो पाणी पिलाय +मैं परदेसी दूर का । +छोरे ना मेरी डूबै डोलची +छोरे ना मेरा निवै सरीर +मैं पतळी –सी कामिनी … +छोरे किसके हो तुम पावहणे +छोरे किसके हो लेवणहार , +मैं पतळी –सी कामिनी , … +छोरी बाप तेरे का मैं पावहणा +छोरी तेरा हूँ लेवणहार , +मैं पतळी –सी कामिनी , … +छोरे अब मेरी डूबै डोलची , +अब मेरा निवै सरीर +मैं पतळी –सी कामिनी … +छोरी अब कैसे डूबै तेरी डोलची +छोरी अब कैसे निवैं सरीर , +तू पतलीसी कामिनी +छोरे डुबकडुबक डूबी डोलची +छोरे तुड़ –मुड़ निवै सरीर , +मैं पतळी –सी कामिनी …",khadi_boli-mis +"तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या! +भाई को बहन से मिलने ससुराल जाने को कहा जा रहा है कि हे भैय्या तुम्हारी बहन तो ससुराल में फ़िक्र करते हुए कमज़ोर हो गई है जाओ मिल आओ . . . +तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या +नीन्दडली में सूत्याँ राज । +थारी तो माँ की जाया +सासरियो में झूरे राज , +झूरेगी झूर मरे , +कोई काल्ड़ो काग उडावे राज +उड़ रे म्हारो काल्ड़ो कागो , +जे मेरो वीरो आवै राज +आवैगों आधी रात , +पिलंगन ताजन सूती राज +ऊठी छी वीर मिलन , +न टूटयो बाई रो हारो राज +हारो तो फेर पुओसां , +वीरान सूँकद मिल्स्याँ राज , +चुग देगी सोन चिड़ी +और पो देगो बणजारो राज , +कैठे की सोन चिड़ी +न कैठे को बणजारो राज , +दिल्ली की सोन चिड़ी +और जेपुर को बणजारो राज , +के मांगे सोन चिड़ी +और के मांगे बणजारो राज , +घी मांगे सोन चिड़ी +न गुड मांगे बणजारो राज , +घी देस्याँ सोन चिड़ी +और गुड देस्याँ बणजारो राज , +तूं क्यों रायाँ का भैय्या +नीन्दडली में सूत्याँ राज",rajasthani-raj +"फाग गीत +जसोदा पूछेरे म्हारा कानजी ने देख्या ओ ॥ +बरसाणा वजार माहे दड़िया रमर्या ओ , +चटियो हाथ में ॥ +हाँ रे चटियो हात में गोपियाँ गूलाल वारे ओ , +चटियो हाते में ॥ +माता यशोदा किसी से पूछ रही है कि मेरे कृष्ण कन्हैया को देखा है ? उत्तर मिलता है कि कन्हैया बरसाणा के बाजार में गेंद खेल रहा है और डंडा हाथ में है तथा गोपियाँ कन्हैया पर गुलाल की वर्षा कर रही हैं ।",bhili-bhb +"मैं तोहे पूछूँ रे भवरिला +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब रस काहे का होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +रस अम्बो , रस आमली , +सब रस लिम्बुआ को होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब रंग काहे का होय , +रंग छापा रे रंग चूनड़ी , +सब रंग कुसुमळ होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ +मैं तोहे पूछूँ , रे भवरिला , +सब सुख काहे का होय , +सुख सासरो , सुख मायक्यो , +सब सुख पुत्र को होय , +रटणऽ करो रे अपणा देश मऽ",nimadi-noe +"आलमा ऊरान सिल्ला माजा बेटा +आलमा ऊरान सिल्ला माजा बेटा +आलमा ऊरान सिल्ला माजा बेटा +सिल्ला लियेन नाइडो हिडायेन +सिल्ला लियेन नाइडो हिडायेन +सिल्ला लियेन चोजमा नाइ डाले डो आयोम +सिल्ला लियेन चोजमा नाइ डाले डो आयोम +स्रोत व्यक्ति नानी बाई , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"साहवरेआँ घर जाणा +सदा मैं साहवरेआँ घर जाणाँ , नी मिल लओ सहेलड़ीओ । +तुसाँ वी होसी अल्ला भाणा , नी मिल लओ सहेलड़ीओ । +रंग बरंगी सूल उपट्ठे , +चंझड़ जावण मैनूँ । +दुक्ख अगले मैंनाल लै जावाँ , +पिछले सौपाँ किहनूँ । +इक विछोड़ा सइआँ दा , +ज्यों डारों कूंज विछुन्नी । +मापेआँ ने मैनूँ एह कुझ दित्ता , +इक्क चोली इक्क चुन्नी । +दाज एहना दा वेखके हुण मैं , +हन्झू भर भर रून्नी । +सस्स ननाणाँ देवण ताने , +मुश्कल भारी पुन्नी । +बुल्ला सहु सत्तार1 सुणीन्दा , +इक वेला टल जावे । +अदल2 करे ताँ जाह ना काई , +फज़लो3 बखरा पावे । +सदा मैं साहवरेआँ घर जाणाँ , नी मिल लओ सहेलड़ीओ । +तुसाँ वी होसी अल्ला भाणा , नी मिल लओ सहेलड़ीओ ।",panjabi-pan +"344 +रब्ब जेड ना कोई है जग दाता जिमीं जेड ना किसे दी साबरी वे +मझी जेड ना किसे दे होन जेरे राज हिंद पंजाब ना बाबरी1 वे +चंद जेड ना चलाकां2 न सद कोई हुकम जेड ना किसे दी काबरी वे +बुरा कसब ना नौकरी जेड कोई याद हक दे जेड अकाबरी3 वे +मौत जेड ना होर है सखत कोई ओथे किसे दी नहियों नाबरी4 वे +रन्न वेखनी ऐब फकीर ताई भूत वांग सिरां उते बाबरी वे +वारस शाह शैतान दे अमल तेरे दाढ़ी हो गई शेख़ दी झाबड़ी5 वे",panjabi-pan +"21 +अठखेलया1 अहंल2 दीवानया वे थुकां मोढयां दे उतों सटना एं +चीरा बंन के भंबड़े3 वाल चोपड़ विच त्रिंजणा फेरियां घतना एं +रोटी खांदयां लून जे पवे थोड़ा चा अंगणे विच पलटना एं +कम करें नाहीं हच्छा खाएं पहनें जढ़ आपने आप नूं पटना एं",panjabi-pan +"जशोदा तेरो लाल री वशी मे देवे गारी +जशोदा तेरो लाल री वंशी में देवे गारी । +जब हम जावें नीर भरन खों , रोके गैल हमारी । +जशोदा . . . +जब हम जावें दही बेंचन खों , मांगे दान मुरारी । +जशोदा . . . +जब हम जावें जल भरने खों , फोरे गगर हमारी । +जशोदा . . . +वाके गुण में कहा सुनाऊं , लाज लगत है भारी । +जशोदा . . . +तुम बरजो अपने कान्हा खों , न तो तजिहैं पुरी तिहारी । +जशोदा . . .",bundeli-bns +"बाँके बजैं पैजनाँ धुनके +बाँके बजैं पैजनाँ धुनके । +परे पगन में उनके । +सुन तन रौमरौम कड़ आवत , +धीरज रहत ना तनके । +खेलत फिरत गैल खोरन मेंख +सुर मुख्त्यार मदन के । +करने जोंग लोग कुछनाते , +लुट गये बालापन के +ईसुर कौन कसायन डारे , +जे ककरा कसकन के ।",bundeli-bns +"डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई +डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई +डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई +डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई +डा डा डारोमेन चना न की डाड़ी डोबाई +आदि रात कोयल बोले डोबाई +आदि रात कोयल बोले डोबाई +आदि रात कोयल बोले डोबाई +पछी रात मुरगा ना बोले +पछी रात मुरगा ना बोले +स्रोत व्यक्ति शांति , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"जूड बेटी माय सुसुन वा +जूड बेटी माय सुसुन वा +जूड बेटी माय सुसुन वा +आवकजा मारग सुसुन डोगे +आवकजा मारग सुसुन डोगे +मारगा सूसून चोजमा डोगे आयोम +मारगा सूसून चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो काली ग्वाली किटी टालान कोना सुसुन डोगे +आयोम काडो काली ग्वाली किटी टालान कोना सुसुन डोगे +कोना सूसून चोजमा डोगे आयोम +कोना सूसून चोजमा डोगे आयोम +आयोम काडो ऊरग टालो कोनजीया सुसुन डोगे +आयोम काडो ऊरग टालो कोनजीया सुसुन डोगे +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"भड़ौनी व गारी गीत +1 +समधी के लिए गीत +बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे +झालापाला लुगरा लाने , जरय तुंहर नाक रे +दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे +बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डराये रे +मेंछा हावय लाम लाम , मुंहू हावय करिया रे +समधी बिचारा का करय , पहिरे हावय फरिया रे +मेंछा हावय कररा कररा , गाल हे तुंहर खोधरा रे +जादा झन अतियाहव समधी , होगे हावव डोकरा रे +2 +समधिन के लिए गीत +बरा खाहूं कहिथव समधिन , कहां के बरा पाबे रे +हात गोड़ के बरा बना ले , टोर टोर के खाबे रे +खाये बर मखना पिराये बर पेट रे +का लइका बिआए समधिन हंसिया के बेंट रे +पातर पातर मुनगा फरय , पातर लुरय डार रे +पातर हवय समधीन छिनारी , ओकर नइये जात रे +खीरा फरिच जोंधरी फरिच , फरिच हावय कुंदरू रे +समधिन दारील हम नचाबोन , गोड़ में बांधही घुंघरू रे +डमरू हावय दफड़ा हावय , ओला हम बजवाबो रे +हमर समधिन दारी ला , बजनिया संग नचवाबो रे +कोदो के हवै दुई दुई झंसा , रैला चना के दुई दार +समधिन के हवय तीनि बहिनिया , कोन त अकल छिनरिया +बड़की ऐ लबरी छुटकी हे बपुरी , मंझली हे छिनरिया +छुटकी रे बपुरी कुछु नई जानय , खोजि खोजि करे लगवारा +3 +दुल्हा राजा के लिए गीत +आमा पान के बिजना , हालत झूलत आथे रे +किसबिन के बेटा हर , बरात लेके आथे रे +करिया करिया दिखथव दुलरू , काजर कस नई आंजेव रे +तोर दाई गेहे पठान घर , घर घर बासी मांगेच रे +सुंदर हवस कहिके दुलरवा , हमला दियेव दगा रे +बिलवा हावय मुंहू तुंहर , नोंहव हमर सगा रे +आमा पान के पुतरी , लिमउआ छू छू जाय रे +दुल्हा डउका दुबर होगे , सीथा बिन बिन खाये रे +4 +बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे +बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे +जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तोरे नाक रे +जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तोरे नाक रे +दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे +दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे +बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे +बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे +मेंछा हावे कररा कररा , गाल तुंहर खोधरा रे +मेंछा हावे कररा कररा , गाल तुंहर खोधरा रे +जादा झन अटियाव समधी , होगे हावव डोकरा रे +जादा झन अटियाव समधी , होगे हावव डोकरा रे +नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे +नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे +आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे +आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे +नदिया तीर मा आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे +नदिया तीर मा आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे +मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे +मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे +5 +हमका जानी हमका जानी , दुरूग भिलई के पानी रे +हमका जानी हमका जानी , दुरूग भिलई के पानी रे +आये हे बरतिया मन हा , मारत हे उदानी रे +आये हे बरतिया मन हा , मारत हे उदानी रे +बड़े बड़े रमकलिया चानी , भीतरी में गुदा भराये वो +बड़े बड़े रमकलिया चानी , भीतरी में गुदा भराये वो +हमर समधिन चटक चंदैनी , कनिहा ल मटकाय वो +हमर समधिन चटक चंदैनी , कनिहा ल मटकाय वो +नदिया तीर के पटवा भाजी , पटपट पटपट करथे रे +नदिया तीर के पटवा भाजी , पटपट पटपट करथे रे +आये हे बरतिया मन हा , मटमट मटमट करथ��� रे +आये हे बरतिया मन हा , मटमट मटमट करथे रे +चटकत मटकत रेंगे समधिन , घेरीबेरी बिजरावय वो +चटकत मटकत रेंगे समधिन , घेरीबेरी बिजरावे वो +पाटी पारे मांग संवारे , कोई नई सहरावय वो +पाटी पारे मांग संवारे , कोई नई सहुंरावे वो +नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे +नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे +आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे +आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे +आंखी करे लिबिर लाबर , मुंहू हाबे करिया वो +आंखी करे लिबिर लाबर , मुंहू हाबे करिया वो +हमर समधिन मन हा , पहिरे हाबे फरिया वो +हमर समधिन मन हा , पहिरे हाबे फरिया वो +नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे +नदिया तीर के खोटनी भाजी , उलवा उलवा दिखथे रे +आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे +आये हे बरतिया मन हा , मुड़वा मुड़वा दिखथे रे +नदिया तीर के लुदवा मछरी , लूदलूद लूदलूद करथे वो +नदिया तीर के लुदवा मछरी , लूदलूद लूदलूद करथे वो +दुलहि नोनी के बहिनी मन हा , मुचमुच मुचमुच करथे वो +दुलहि नोनी के बहिनी मन हा , मुचमुच मुचमुच करथे वो +नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे +नदिया तीर के बांमी मछरी , सलमल सलमल करथे रे +आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे +आये हे बरतिया मन हा , तलमल तलमल करथे रे +सुंदर हावन कहिके समधिन , हमला दियेव दगा वो +सुंदर हावन कहिके समधिन , हमला दियेव दगा वो +जालापाला मुंहू हावय , नोंहो हमर सगा वो +जालापाला मुंहू हावय , नोंहो हमर सगा वो +नदिया तीर में आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे +नदिया तीर में आये बरतिया , चिंगरी भूंज भूंज खाये रे +मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे +मेछा जरगे फोरा परगे , रायपुर काबर आये रे +खीरा फरिस जोंधरा फरिस , फरिस हावे कुंदरू वो +खीरा फरिस जोंधरा फरिस , फरिस हावे कुंदरू वो +समधिन दारील हमुं नचाबो , गोड़ म बंधा के घुंघरू वो +समधिन दारील हमुं नचाबो , गोड़ म बंधा के घुंघरू वो +खोकसी धरि मोंगरी धरि , अउ धरि केंवई रे +खोकसी धरि मोंगरी धरि , अउ धरि केंवई रे +हमर समधिन मन हा , डरे हे लेवई रे +हमर समधिन मन हा , डरे हे लेवई रे +आमा आमा ल खाये समधिन , गोंही ल बचाये वो +आमा आमा ल खाये समधिन , गोंही ल बचाये वो +हमर मन बर खोर मा , सजरी बिछाये वो +हमर मन बर खोर मा , सजरी बिछाये वो +आमा जानी आमा जानी , डोंगरगढ़ के पानी रे +आमा जानी आमा जानी , डोंगरगढ़ के पानी रे +आये हे बरतिय�� मन हा , मारत हे फुटानी रे +आये हे बरतिया मन हा , मारत हे फुटानी रे +हउंला हउंला पानी लाने , कौवा ह जुठारे वो +हउंला हउंला पानी लाने , कौवा ह जुठारे वो +ठउका के बेरा में समधिन हा , बात ल बिगड़े वो +ठउका के बेरा में समधिन हा , बात ल बिगड़े वो +कांवर कांवर पानी लाने , कौवा ह जुठारे रे +कांवर कांवर पानी लाने , कौवा ह जुठारे रे +हमर समधि मन ला , डंडा मा सुधारे रे +हमर समधि मन ला , डंडा मा सुधारे रे +हरियर हरियर डोंगर दिखथे , पिंयर पिंयर बांस वो +हरियर हरियर डोंगर दिखथे , पिंयर पिंयर बांस वो +हमर समधिन छेना बिनत हे , नई लागे एला लाज वो +हमर समधिन छेना बिनत हे , नई लागे एला लाज वो +बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे +बने बने तोला जानेंव समधी , मड़वा में डारेंव बांस रे +जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तुंहर नाक रे +जालापाला लुगरा लानेंव , जरगे तुंहर नाक रे +हे डमरू हावे दफड़ा हावे , ओला हम बजवाबो वो +डमरू हावे दफड़ा हावे , ओला हम बजवाबो वो +हमर समधिन ला , बजनिया संग नचवाबो वो +हमर समधिन ला , बजनिया संग नचवाबो वो +दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे +दार करे चांउर करे , लगिन ला धराये रे +बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे +बेटा के बिहाव करे , बाजा ल डर्राये रे",chhattisgarhi-hne +"काहे को तेरी ओबरी +काहे को तेरी ओबरी , काहे का जड़ाए किवाड़ +सच्चा हनुमान बली +अगड़ चन्दन की ओबरी , चन्दन जड़ाए किवाड़ +सच्चा हनुमान बली +केरै चढ़े तेरै देहरै , केरै तुम्हारी भेंट +सच्चा हनुमान बली +सवाए तो मण को रोट सै , सवाए रुपय्या की भेंट +सच्चा हनुमान बली +बैरीड़ा तो मारकै दफै करो , छोरा कै सिर सै जीत +सच्चा हनुमान बली",haryanvi-bgc +"मोरे मन बसे राम और सीता मोरे... +मोरे मन बसे राम और सीता । मोरे . . . +मोर मुकुट मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो कलगिन बीच राम और सीता । मोरे . . . +चंदन खोरे मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो टिपकिन बीच राम और सीता । मोरे . . . +नैनन सुरमा मोरे ठाकुर जी खों ‘सोहे’ , +सो माला बीच +राम और सीता । मोरे . . . +पानन बिरियां मोरे ठाकुर जी खों सोहे , +सो लाली बीच राम और सीता । मोरे . . .",bundeli-bns +"32 +वाह ला रहे भाई भाबियां भी रांझा रूस हजारयों धाया ई +भुख नंग नूं झागके पंध करके रातीं विच मसीत ते आया ई +हथ वंझली पकड़ के रात अधी औथे रांझे नूं मजा भी आया ई +रन्न मरद न पिंड विच रिहा कोई घेरा गिरद मसीत ते पाया ई +वारस शाह मियां पंड झगड़ियां दी पिच्छे मुलां मसीत दा आया ई",panjabi-pan +"बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी +बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी +बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी +बाये कोयलि बाये कोयलि आले देशो बो डी +आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी +आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी +आपे देशो बाये कोयलि आले देशो बी डी +आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये +आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये +आपे साड़ी बाये कोयलि आले साड़ी उरीये +आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये +आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये +आपे चाँदी बाये कोयलि आले चांदी उरीये +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"94 +मलकी आखदी चूचका बणी औखी सानूं हीर दयां मेहणयां खवार कीता +ताहना देण शरीक ते लोक सारे चौतरफिओं ख्वार संसार कीता +वेखो लज सयालां दी लाह सुटी नढी हीर ने चाक नूं चाक कीता +जां मैं मत दिती अगों लड़न लगी लज लहाके चशमां नूं चार कीता +कढ चाक नूं खोह लै महीं सभे असां चाक तों जीउ बेजार कीता +इके थी नूं चा घड़े डोब करीए जानो रब्ब ने चा गुनाहगार कीता +झब विआह कर थी नूं कढ देसों सानूं ठिठ है एस मुरदार कीता +वारस शाह नूं हीर खराब कीता नाहीं रब्ब साहिब सरदार कीता",panjabi-pan +"275 +जदों करम अलाह दा करे मदद बेड़ा पार हो जाए निमानयों दा +लैणा करज़ नाहीं बूहे जा वहीए केहा तान है असां नितानयां दा +मेरे करम सवलड़े आन जागे खेत जंमया भुंनयां दानयां दा +वारस शाह मियां वडा वैद रांझा सरदार है सभ सिआनयां दा",panjabi-pan +"आरी के हेंठे-हेंठे लगि गेल फुलवारी +आरी1 के हेंठेहेंठे2 लगि गेल फुलवारी । +कान्हर3 बछरू चरावल हे ॥ 1 ॥ +फेरू फेरू4 अहो कान्हर , अपनी बछरुआ । +चरि जएतन5 घनी फुलवारी हे । +येली6 चरि जइहें , बेली7 चरि जइहें , चंपा ममोरले8 डाढ़ हे ॥ 2 ॥ +काहे से9 गाँयब10 हो कान्हर फल के मउरिया11 । +काहे से गाँथब हो कान्हर चंपाकली हरवा । +दुलहा दुलहिन चौका चलि बइठल , बाम्हन वेद उचारल हे ॥ 3 ॥ +हँसि हँसि पूछल दुलहा कवन दुलहा । +कउने हथुन12 बाबू तोहार हे , कउने हथुन अम्मा तोहार हे ॥ 4 ॥ +जिनका डँरवा13 में पिअरी14 धोतिया सोभे , +ओहे15 हथि बाबूजी हमार हे । +जेकर हँथवा में सोने के कँगना सोभे , +ओही हथि अम्मा हमार हे ॥ 5 ॥ +कामर16 ओढ़न , कामर डाँसन17 ओहि हथिन चच्चा हमार हे । +जिनकाहि सोभे परभु लहरापटोरवा , ओहि हथिन चाची हमार हे ॥ 6 ॥ +धीरे से अइहें गंभीरे चुमइहें18 ओही हथिन बहिनी हमार हे । +जिनका मुँहवाँ में लहालही19 बिरवा20 ओहि हथिन भइया हमार हे ॥ 7 ॥ +अइंठलिजोइंठलि21 ओठ ममोरलि22 ओहि हथिन भउजी हमार हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"म्हारा हरिया ए जुँवारा राज +म्हारा हरिया ए जुँवारा राज कि लाँबातीखा सरस बढ्या , +म्हारा हरिया ए जुँवारा राज कि गँऊ लाल सरस बढ्या , +गोरईसरदासजी का बाया ए क बहु गोरल सीँच लिया , +गोर कानीरामजी का बाया ए क बहु लाडल सीँच लिया , +भाभी सीँच न जाणोँ ए क जो पीला पड गया , +बाइजी दो घड सीँच्या ए क लाँबातीखा सरस बढ्या , +म्हारो सरस पटोलो ए क बाई रोवाँ पैर लियो , +गज मोतीडा रो हारो ए क बाई रोवाँ पैर लियो , +म्हारो दाँता बण्या चुडलो ए क बाई रोवाँ पैर लियो , +म्हारो डब्बा भरियो गैणोँ ए क बाई रोवाँ पैर लियो , +म्हारी बारँग चूँदड ए क बाई रोवाँ ओढ लेई , +म्हारो दूध भरयो कटोरो ए क बाई रोवाँ पी लियो , +बीरा थे अजरावण हो क होज्यो बूढा डोकरा , +भाभी सैजाँ मेँ पोढो ए क पीली पाट्याँ राज करे ।",nimadi-noe +"155 +मही छड माही उठ जाए भुखा उहदे खाने दी खबर ना किसे कीती +भता फेर ना किसे ल्यावणा ए एदूं पिछली बाबला हो बीती +मसत होय बेहाल ते महर कमला जिवें किसे अबदाल1 ने भंग पीती +किते एसनूं झब वयाह देईये एहो महर दे जीऊ दे विच सीती",panjabi-pan +"खिटी का खिटी टाला कलमी आमे वोचोकेन जा +खिटी का खिटी टाला कलमी आमे वोचोकेन जा +बाला कुवेरो काली कुबेरा खिटी टाला कल्मी अम्बे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा सिपीर सिपीर कोयो ऐचकेन डेई अम्बे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा सिपीर सिपीर कोयो ऐचकेन कल्मी आमे बोचोकेन जा +बाला कुवेरा कैरी आमे शाला की जा +बाला कुवेरा मिया पाडा राजा जोजे मिया पाडा +रानी जोपे राजा मनसा पुराकीजा +वाला कुवेरा मिया पाडा रानी जोपे मिया पाडा +राजा जोपे रानी मन्सा जूरा की जा वाला कुवेरा +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"138 +पाड़ चुनियां सुथनां कुडतियां नूं चक वढ के चीकदा चोर वांगू +वते फिरन परावर जयों चंद दवाले गिरद पायलां पांदियां मोर वांगू +शाहूकार दा माल जयों विच कोटांदवाले चौंकियां फिरन लहौर वांगू +वारस शाह अगयारियां भखदियां दी एहदी प्रीत जो चंद चकोर वांगू",panjabi-pan +"पिया हो गये तबाह सट्टा हार के फिरन लगे हाथ झार के +पिया हो गये तबाह सट्टा हार कें , फिरन लगे हाथ झार कें +सबरी मिटा गृहस्थी डारी , +घर में बचे न लोटा थारी , रोवे लड़कन की महतारी । +गहना जेवर सब लै गए उतार कें फिरन लगे . . . +रुपया पैसे सबरे हारे , लड़का बिटिया फिरें उघारे , +अब तो फिरें हाथ पसारे । +खाना खरचा खों बल प�� उधार कें । फिरन लगे . . . +हम तो समझा समझा हारे , करजा ऊपर से कर डारे , +उलझन में हैं प्राण हमारे । +कछु घर में न बचो सब हार के । फिरन लगे . . . +अच्छेअच्छे सब पछतावें , सट्टा जुआं से पार न पावें , +सबकी नजरन से गिर जावें । +काम करियो तुम सोच विचार के । फिरन लगे हाथ झार के । +पिया हो गये तबाह . . . ।",bundeli-bns +"अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सत +अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सतबहिनी +बिरछन पे चिकचिक , किरैयन में किचकिच , चोंचें नचाइ पियरी पियरी +चिरैयाँ सतबहिनी +एकहि गाँव बियाहिल सातो बहिनी , मइके अकेल छोट भइया , +' बिटियन की सुध लै आवहु रे बिटवा ' कहि के पठाय दिहिल मइया +' माई पठाइल रे भइया , मगन भइ गइलीं चिरैंयाँ सतबहिनी ' +सात बहिन घर आइतजाइत , मुख सुखला , थक भइला , +साँझ परिल तो माँगि बिदा भइया आपुन घर गइला +अगिल भोर पनघट पर हँसिहँसि बतियइली सतबहिनी +हमका दिहिन भैया सतरँग लहंगा , हम पाये पियरी चुनरिया , +सेंदुरबिछिया हमका मिलिगा , हम बाँहन भर चुरियाँ +भोजन पानी कौने कीन्हेल अब बूझैं सतबहिनी +का पकवान खिलावा री जिजिया ? मीठ दही तू दिहली ? +री छोटी तू चिवरा बतासा चलती बार न किहली ? +तूतू करिकरि सबै रिसावैं गरियावैं सतबहिनी +भूखापियासा गयेल मोर भइया , कोउ न रसोई जिमउली , +दधिरोचन का सगुन न कीन्हेल कहि कहि सातों रोइली , +उदबेगिल सब दोष लगावैं रोइरोइ सतबहिनी +' तुम ना खबाएल जेठी ? ' , ' तू का किहिल कनइठी ? ' इक दूसर सों कहलीं +एकल हमार भइया , कोऊ तओ न पुछली सब पछताइतत रहिलीं +साँझ सकारे नित चिचिहाव मचावें गुरगुचियाँ सतबहिनी",khadi_boli-mis +"बेल्ला ले रही दूध का +अलगाव का दर्द +बेल्ला ले रही दूध का +मुट्ठी मैं ले रही बूरा +बैट्ठे होकै पीलो जी राजा +सगी नणदी के बीरा । +बेला रख दो दूध का +मुट्ठी का रख दो बूरा +सच्चमसच बताओ मेरी गोरी +क्यों रोई थी रात मैं ? … +सच्चमसच बताऊँ मेरे राजा +छोड़ चले परदेस नैं… +सुसरा धोरै रहियो ओ गोरी +सुसरा सूबेदार सै +सुसरा धोरै कोन्नै रहती +सासू का घरबार सै… +जेट्ठा धोरै रहियो ओ गोरी +जेट्ठा थाणेदार सै … +जेट्ठा धोरै कोन्नै रहती +जेठाणी लड़ै दिन –रात सै… +देवरा धोरै रहियो ओ गोरी +देवरा थारा प्यार सै… +देवरा का क्या अतबार सै … +पीहर मैं चली जइयो ओ गोरी +पीहर थारा गाम सै +पीहर मैं ना जाऊँगी जी राजा जी +भाईभौजियों का राज सै … +कुएँ मैं गिर जइयो ओ गोरी +कुआँ थारे बार सै +कुएँ मैं ना डूबूँ जी राजा जी +कुएँ की म्हारै आण सै… +म्���ारी गेलौं चलियो वै गोरी +तू मेरी प्यारी नार सै +थारी गेलौं जाऊँगी राजा जी +तुम मेरे भरतार सै …",khadi_boli-mis +"अरे निऊँ रौवै बूढ़ बैल +अरे निऊँ रौवे बूढ़ बैल , +म्हने मत बेचै रे , पापी +तेरे कुल कोल्हू में चाल्या +नाज कमा कै तेरे घरां घाल्या +इब तन्ने कर ली है बज्जर की छाती । +तेरा बज्जड़ खेत मन्ने तोड्या , +गडीते न मुँह मोड्या , +इब मेरी बेचै से माटी । +मेरी रै क्यों बेचै से माटी ? +अरे निऊँ रौवै बूढ़ बैल । +भावार्थ +अरे यूँ रो रहा है बूढ़ा बैल ' मुझे बेच मत , ओ पापी मैं तेरे सारे परिवार के कोल्हू में जुता हूँ यानी तेरे +परिवार को पालने के लिए सारे काम मैंने किए हैं । तेरे घर को मैंने अनाज से भर दिया और अब तूने अपना +हृदय वज्र के सामान सख़्त बना लिया है । मैंने पूरी तरह से बंजर तेरे खेत को भी जोतजोत कर उपजाऊ बना +डाला । गाड़ी छकड़ा या बैलगाड़ी में जुतने से भी मैंने तुझे कभी इंकार नहीं किया । और अब तू मेरी मिट्टी +मेरी यह वृद्ध देहबेचने जा रहा है । अरे भाई , क्यों बेच रहा है तू मेरी यह मिट्टी ? ' बूढ़ा बैल यह कहकह +कर रो रहा है ।",haryanvi-bgc +"जै हिन्द, अखीडू की साई, नेता जी, जै हिन्द +जै हिन्द , अखीडू की साई , नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , बर्लिन पौंछीन नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , आजादी ताई नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , आरसी को ऐना नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिटलर मिलीक नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सिंगापुर गैना नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिन्द लुबा गड़ी सरी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सिंगापुर जैक नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , फौज खड़ी करी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , कपड़ो की गाजी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , नेता जी लगै नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हिन्द , प्राण की बाजी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , फाँडी जाली ऊन नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , सुफल फलीगे नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , तुमारो खून , नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , बाखरा की गूदी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , धनि ऊँ मात पितौंक जै हिन्द , +जै हिन्द , जौन पिलाये दूदी नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , लगोठी का बाद नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , त्वैन लड़े लड़ै नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , हम होया आजाद नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , धातु गड़े पारो नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , मा गुंजीगे नेता जी , जै हिन्द , +जै हिन्द , को नारो नेता जी , जै हिन्द , +सड़की को सूत , सुमन , सडकी को सूत ले , +��ीरी मा पैदा ह्वैगे , सुमन , सुमन सपूत ले",garhwali-gbm +"रणू रौत (रावत) +तेरो आज मेरा द्यूर1 नाश होण , +तिन त बोले दिदा माल दूण मरीगे । +तब राणी उन्डू2 देखदी फुण्डू3 , +झंक्रू सेकुली4 बन्द करील । +रणू धाई लगौन्द राणी राणी +मेरा वास्ता राणी अमल5 भन्याल । +मैं छऊँ राणी नौ बेली6 को भूको , +मैंक बणौ राणी निरपाणी की खीर । +दई दूद जु छयो खैली छौ झंकरुन , +तैन छंछेड़ी7 पकैले अर बोले +आवा स्वामी भोरजन होइगे । +रणू रौत देखद छँछेड़ी को थाल , +तैका सिर का बाल खड़ा होइ गैन । +मैं माल की दूण ही केक8 नी मन्यो ? +मैंक तई रांड केक पकाए खट्ठो भोजन ? +रणू रौत न खैंचे शमशेर , +आज रांड का टुकड़ा टुकड़ा करदौं । +झंकरु तब कम्पण लैगे थरथर +सेकूली9 को तालो खकटाणा10 लैगे । +तब पूछन्द रणू रौत भिमला , +सेकुली पर तिन क्या चीज छ धरे ? +सेकुली पर स्वामी बिराली का बच्चा । +भ्वां गाड दौं मेरी राणी , ऊँ दूद भात खलौला । +जनो कदों रणू सेकुली पर मार , +झंक्रू भायीक ओबरा11 लूकद । +ओबरा रन्दी छई राणी अमरावती +तब झंक्रू नानी का खुटू12 मा पड़द , +अलै जांदू13 बलै नानी मैं सनी14 बचौ । +राणी अमरावती तब वै लुकौन्दी । +बबराँदोखलांदो रणू रौत तब , +पौछन्द मां का मास । +बतौ मेरी जिया मेरी जनानी को जार । +यख नी आये कुई मेरा रणू , +त्वैन सुपिनो त नी देखे । +देखदौं कनी छन तेरी होई लाल आंखी , +केक15 तै तिन या तलवार हात लिने ? +घर मू लड़नक होन्दो शेर । +जा मार खोड़16 की लगोटी17 , +अपणी तरवार म्याना पर धर । +जनानी का खातिर तू भाई न मार , +तेरी पीठ सूनी होली । +भाई का खातिर राणी न मार , +तेरी सेज सूनी होली +जु तू इनु छई वीर , मेरा रणू त सूण , +तुमारा बाबू की माँगणी बोलीं छै , +स्या राणी स्यूंसला । +आज तैंको डोला मेघू कलूणी छ लिजाणू । +सूण्या जिया18 का बचन , +रणू रौत खड़ो होई गए +तू इनु क्या बोनी मेरी माँ जी , +मेघू कलूनी मैं ज्यूंदा19 नी छोड़ौं । +तब झंक्रू भी वैका साथ ह्वेगे +दिवालीखाल सजीं छै बरात । +तख तौंन सब बराती मारी दिनेन । +मेघू कलूणी लुकी गए बोटगा20 का पेट । +झंक्रून बोलेदिदा , तमाखू खाण बैठ्याल । +भुला , बिराणो पाणी बैरी , राणी बैरी , +विराणो रस्ता बेरी होन्द । +हम यख मू तमाखू नी खांदा , +हम केकी डर छै दिदा , +जु तुमू छ त पीठी मिलैक बैठला , तू उण्डू21 देख , मैं फुण्डू22 । +मेघू कलूणी तोंका23 तौं दोबणू24 छौं , +तैन लुकीक एक बाण इनु मारे +जु रणू की छाती घुसे +झंक्रू की छाती भैर25 आये । +पकोड़ा सी दुये छेदेइ गेन , +हरीं आंखी ह्वैन तौंकी पिंगला केस , +दुयौं का पराण उडी गैन । +तब औन्द मेघू स्यूंसला का पास +मारदो लात वीं का डोला पर । +तब स्यूं सला इना बैन बोदी : +मैंन रन्त26 नी दिने रैबार27 , +जना अफू आई छया वो , उना अफू मरि गैन । +तुम छन मेरा सिर का भरता +पर अधर्मा न होयान । +यूं दुई मालू की गाति28 करी देवा मुगति । +लगाये द्वि मालू को एकी बोज , +रवि छाला29 वैन ऊंकी30 चिता रंचे +देखदी रै हेरदी पैली स्यूंसला , +फेर छट उछले चिता बढ़ो गये , +द्वि मालू का बीच वा सती होई गये । +उण्डु हेरद फुण्डो मेघू कलूणी , यो मैक तैं क्या होये ? +सेयूं सी जागे वो , चेत आयो ?",garhwali-gbm +"केकर रोवले गँगा बही गेल, केकर रोवले समुन्दर हे +केकर1 रोवले गँगा बही गेल , केकर रोवले समुन्दर हे । +केकर रोवले भिजलइ चदरिया , केकर अँखिया न लोर2 हे ॥ 1 ॥ +अम्माँ के रोवले गँगा बही गेल , बाबूजी के रोवले समुन्दर हे । +भइया के रोवले भिंजले चदरिया , भउजी के अँखिया न लोर हे ॥ 2 ॥ +कवन कहल बेटी रोज रोज अइहें , कवन कहले छव मास हे । +कवन कहले भउजी काज परोजन3 कवन कहले दूरि जाहु4 हे ॥ 3 ॥ +अम्माँ कहले बेटी रोज रोज अइहें , बाबूजी कहले छव मास हे । +भइया कहले बहिनी काज परोजन , भउजी कहलन दूरि जाहु हे ॥ 4 ॥ +का तोरा भउजी हे नोन5 हाथ देली , न देली पउती6 पेहान7 हे । +का तोरा भउजी हे चूल्हा चउका रोकली , काहे कहल दूरि जाहु हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"हमखों बिसरत नई बिसारी +हमखों बिसरत नई बिसारी , +हेरन हँसन तुमारी । +जुबन बिसाल चाल मतवारी , +पतरी कमर इकारी । +भांेय कमान बान से तानैं , +नजर तरीछी मारी । +‘ईसुर’ कात हमारे कोदै +तनक हेरलो प्यारी ।",bundeli-bns +"डाभ कटाओ हे +डाभ कटाओ हे +डाभ कटाय कै +जेवड़ी बंटाओ हे +जेवड़ी बंटाय के पिलंग भराओ हे +पिलंग भराए कै देवां नै सुआओ हे ।",haryanvi-bgc +"169 +आखो रांझे देनाल वयाह देवां इके बनड़े चा मंगाईए जी +हथी आपणी किते समान कीजे जान बुझ के लीक ना लाईए जी +भाइयां आखया चूचका एस मसलत1 असीं आखदे ना शरमाईए जी +साडा आखया जे कर मन्न लयें असीं खोहल के चाए सुनाईए जी +वारस शाह फकीर प्रेम शाही हीर उस तों पुछ मंगाइए जी",panjabi-pan +"जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे +जेठ बइसखवा के पुरइन लहरलहर करे , +ताहि कोखी धिअवा जनमली त पुरुख बेपछ परले ए । बेपछविपक्ष +मइले ओढ़न , मइले डासन , कोदो चउरा पंथ भइले , +रेंडवा के जरेला पसंगिया , निनरियो नाहि आवेले ए । +लाले ओढ़न , लाल डासन , बसमती चउरा पंथ भइले , +चनन के जरेला पसंगिया , निनरिया बलु आवेले ए । +सासु के देबऽ रेडिय तेल , ननद के तिसिए तेल , +गोतिन के देबऽ फुलेल तेल , हम गोतिन पाइंच ए । +सासु जे आवेली गावत , ननद बजावत हे , +गोतिन आवेली बिसमाधम मुदइया मोरे जनमऽलन , +सासु के डासबऽ खटिअवा , ननद के मचिअवा नू ए । +गोतिन के लाली पलंगिया हम गोतिन पाइंचए",bhojpuri-bho +"फगवा माँगन का गीत +तू बोल रे कोरा कागद , बोल रे होळि वाळा ॥ +नारी बायर की घूगर माळ लीगया होळिा वाळा ॥ +तू बोल रे केसरिया भइया , बायर को रखवाळो ॥ +थारी बायर के घूगर माळा , तोकि गया होळि वाळा ॥ +तू बोल रे कोरा कागद बोल रे हाळि वाळा ॥ +तू बोल रे रणछोड़ भइया , तू बायर को रखवाळो ॥ +थारी बायर के घूगर माळा , तोकि गया होळि वाळा ॥ +होळी से झोळी बांध राति चुनरिया ॥ +गांग्या रे थारी नार रात चुनरिया ॥ +गेरिया में रमती मेल , राती चुनरिया ॥ +कुणकुण क कयगा बाप , राती चुनरिया ॥ +मांगिया क कयगा बाप , राती चुनरिया ॥ +गौरा क कयसे माय , राती चुनरिया ॥ +गौरा क कयसे माय , राती चुनरिया ॥ +सुरेश भइया क हाट म देख्यो माथऽ कड़ब् को भारो ॥ +तू कोरे कागज बोल होली खेलने वाले बोल जिस व्यक्ति से फगवा माँगते हैं महिलाएँ उसे घेर लेती हैं और फगवे में जो रुपये लेना है उससे कबूल करवाती हैं कि बोल कितने रुपये देगा और गीत गाती जाी हैं । वह रुपये देना कबूल करता है तब उसे छोड़ती हैं । कितने रुपये देगा ? तेरी पत्नी की घूगरमाल होली वाले ले गये । +आगे नाम लेकर कहती हैं कि केसरिया तू पत्नी की रखवाली करता है और तेरी पत्नी की घूगरमाला होली खेलेने वाले उठाकर ले गये । आगे दूसरे व्यक्ति को पकड़कर घेरती हैं और गीत में कहती हैं अरे रणछोड़ तू पत्नी का रखवाला है तेरी पत्नी की घूगरमाला होली वाले उठा ले गये । +माँगिया तेरी पत्नी लाल चूनरी वाली है । लाल चूनर से होली का झूला बाँध । गेंरिया होली खेलने वालों में लाल चूनरी वाली को खेलने भेज । गेंरिया में पेट रह गया , लाल चूनरी वाली का , उसका बालक किसकिस को पिता कहेगा ? माँगिया को पिता कहेगा या गौरां को । बेटा लाल चूनरी वाली का । +सुरेश को कड़बी का भारा लेकर देखा सुरेश भी होली खेलने वालों में है , उसे घेरकर कहा गया है । भारा नहीं चढ़ा तो रोते हुए देखा । +इस प्रकार होली खेलते हुए फगवा माँगती है । हँसीमजाक के रूप में ये गीत गाये जाते हैं , कोई बुरा भी नहीं मानता है , खुश होते हैं , क्योंकि बुरा न मानो होली है ।",bhili-bhb +"आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे +आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे +मत जइयो री अकेली कोई पनघट पे +आज ठाड़ो री बिहारी जमुना तट पे . . .",braj-bra +"राम लक्ष्मन बरी बूमकी +राम लक्ष्मन बरी बूमकी +राम लक्ष्मन बरी बूमकी +बनेबासी ओलेन्डो माय बोले +बनेबासी ओलेन्डो माय बोले +हनुमानजी राधो ये म्याका बुजाटेन +हनुमानजी राधो ये म्याका बुजाटेन +टुलकेनडो माय बोले +टुलकेनडो माय बोले +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"दुराणी जिठानी बाबुल बोली हो मारैं +दुराणी जिठानी बाबुल बोली हो मारैं +के नरसी पत्थर ल्यावै हो राम +सास नणदी बोली हो मारैं +के नरसी तील पहरावै हो राम +देवर जेठ बोली हो मारैं +के नरसी मोहर ल्यावै हो राम +तेरा जमाई बोली हो मारै +के नरसी अरथां में आवै हो राम +काणी सी धोबण बोली हो मारै +के नरसी सुरमा ल्यावै हो राम +भेली कसार लेकर हरनन्दी चाली +हो ली सिरसागढ़ की राही हो राम +बूझे सैं उसनै हाली पाली +नरसी भगत कित पावै हो राम +काका ताऊ कै चाली हे जा +नरसी भगत अस्तल में पावै हो राम +कूण किसै के काका ताऊ +नरसी के मैं जांगी हो राम +बूझी सैं उस नै कुएं की पणिहार +नरसी कै मैं जांगी हो राम +दूरे तैं हरनन्दी देखी आंवती +नरसी भगत खड़े होगे हो राम +दोनां हाथां सिर पुचकारा +हे ईसर तेरी माया हो राम +बेटी तैं दई राम जी बेटा बी दिए +आज मनै बहुत रंज आया हो राम +बेबे भी दई भाई बी दिए +आज मन्ने भाती भी चाहिए हो राम +टुट्टी सी गाड्डी बुड्डे से नारे +आप नरसी गड़वाला हो राम +टूटगी गाड्डी बैठगे नारे +खड़े लखावै नरसी भगत हो राम +धौल धौले नारे बाजणां सा रथ +आप किरसन गडवाले हो राम +आ पोंह्चा बाजणां सा रथ +आप किरसन जी भाती हो राम +चार घड़ी लग तील बरसी +पहरो मेरी नणदी हो राम +चार घड़ी लग मोहर बरसी +बरतो मेरे देवर जेठ हो राम +चार घड़ी लग पत्थर बरसे +महल बणाओ सारी दुनिया हो राम +चार घड़ी लग सुरमा बरसा +सारो काणी धोबिन हो राम +द्योराणी जिठाणी बूझण लागी +कुणसा हे हरनन्दी तेरा भाई हो राम +ओरां के आवैं भाई भतीजे +मेरे किरसन जी आए हो राम",haryanvi-bgc +"वाकी वळेण नद्दी बहे म्हारी सई हो +वाकी वळेण नद्दी बहे म्हारी सई हो , +सेळा जामुण की रे छाया । । +व्हाँ रे बालुड़ो पाती तोड़ऽ +रनुबाई डुबीडुबी न्हावऽ । +न्हावतज् न्हावतज् धणियेरजी नऽ देख्यो , +कसी पत दीसो हो जवाब । । +हाथ जोड़ी नऽ सीस नवां म्हारी सई हो , +नैणां सी दीसां जवाब । ।",nimadi-noe +"गाड़ी तलै मनै जीरा बोया +गाड़ी तलै मनै जीरा बोया , हां सहेली जीरा ए +जीरे के दो फंुगल लागी , हां सहेली फुंगल ए +फुंगल कै मनै गऊ चराई , हां सहेली गऊ ए +गऊ का मनै दूध काढ्या , हां सहेली दूध ए +दूध की मनै खीर बणाई , हां सहेली खीर ए +खीर तै मनै बीर जिमाए , हां सहेली बीर ए +बीरे नै मनै चूंदड़ उढ़ाया , हां सहेली चून्दड़ ए +चून्दड़ ओढ़ मैं पाणी चाली , हां सहेली पाणी ए +पानी ल्यांदे दो कांटे लागे , हां सहेली कांटे ए +काटा लाग मेरै आंसू आए , हां सहेली आंसू ए +आंसू लै मनै चून्दड़ तै पूंझे , हां सहेली चून्दड़ ए +चून्दड़ नपूते में धाबे पड़गे , हां सहेली धाबे ए +धाबे ले मनै धोबी कै गेर्या , हां सहेली धोबी ए +धोबी नपूते न धोला कर दिया , हां सहेली धोला ए +धोला ले मनै लीलगर के गेर्या , हां सहेली लीलगर ए +लीलगर नपूते ने लीला कर दिया , हां सहेली लीला ए +लीला लै मनै दरजी के गेर्या , हां सहेली दरजी ए +दरजी नपूते ने कोथला सीम दिया , हां सहेली कोथला ए +कोथले मैं मनै सास घाली , हां सहेली सास ए +सास घाल में बेचण चाली , हां सहेली बेचण ए +बेच बाच के टके ल्याई , हां सहेली टके ए +टके का मनै चूड़ा पहर्या , हां सहेली चूड़ा ए +चूड़ा मेरा चिमकै , सास मेरी बिलसे ए ।",haryanvi-bgc +"कान पङा लिये जोग ले लिया +कान पङा लिये जोग ले लिया , इब गैल गुरु की जाणा सै । +अपणे हाथां जोग दिवाया इब के पछताणा सै ॥ +धिंग्ताणे तै जोग दिवाया मेरे गळमैं घल्गि री माँ , +इब भजन करुँ और गुरु की सेवा याहे शिक्षा मिलगी री माँ । +उल्टा घरनै चालूं कोन्या जै पेश मेरी कुछ चलगी री माँ , +इस विपदा नै ओटूंगा जै मेरे तन पै झिलगी री माँ ॥ +तन्नै कही थी उस तरियां तै इब मांग कै टुकङा खाणा सै । +अपणे हाथां जोग दिवाया इब के पछताणा सै ॥",haryanvi-bgc +"पहिला सगुनमा तिल-चार हे, तब कय डटारेवो पान हे +पहिला सगुनमा तिलचार हे , तब कय डटारेवो पान हे । +देहु गन1 दुलरइते बाबा के हाथ , सगुनमा भल हम पयलूँ हे । +लगनियाँ भेलइ उताहुल , सगुनमा भल2 हम पयलूँ हे ॥ 1 ॥ +कानीकानी3 चिठिया लिखथिन दुलरइते बाबू , अहे भाँमर4 नदिया अइलइ5 तूफान हे । +लंगनियाँ अलइ उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 2 ॥ +सुपती6 खेलइते तूहें दुलरइते बहिनों हे , बहिनी भाँमर +नदिया देही न मनाई हे । +लगनियाँ मोर उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 3 ॥ +पुजबो7 में भाँवर नदिया , सेनुरे पिठार8 अहे भइया भउजी +उतरे देहु पार हे । +लगनियाँ अलइ उताहुल , सगुनमा भल हम पयलूँ हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"साथिया पुरावो +हे रणचंडी दुर्गा चामुंडा +करता सवनी रखवाली +हे माजी करता सवनी रखवाली +हे महिसासुर मर���दिनी अम्बिका जै जै माँ गबर वाली +जै जै माँ आरासुर वाली +खेडब्रह्मा ना खोले रमता बाला घुमे बहुचर वाली +गरबे रमवा ने आवो +बाल साहू विनवे माँ पवावाली माँ जै जै माँ गबर वाली . . . +साथिया पुरावो द्वारे , दिवडा प्रग्टावो राज +आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली +जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे . . . +वान्झिया नो मेलो पाले रमवा राजकुमार दे +खोळा नो खुन्दनार दे +कुंवारी कन्या ने मनगम्तो भरतार दे +प्रीतमजी नो प्यार दे +निर्धन ने धन धान आपे +राखे माड़ी सवनी लाज +आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली +साथिया पुरावो द्वारे , दिवडा प्रग्टावो राज +आज मारा आँगने पधारशे माँ पावावाली +जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे . . .",gujarati-guj +"मुड़ मुड़ डालै झूलती सुनहरी ढोला +मुड़ मुड़ डालै झूलती सुनहरी ढोला +सात जणी कै साथ +बड़ का तो डाला टूट गया +हेरी मेरी सासड़ राणी +साथण्यां का बिछडूया साथ +और सखी सब बाह्वड़ी +हे मेरी बहुअड़ राणी +तैं कित ला दई बार +बाटें तो जांदा बटेऊ +हेरी मेरी सासड़ रानी +झगड़े ते ला दई बार",haryanvi-bgc +"सूरज कौंल (सूरज कुँवर) +जाँदी मऊ कू बेटा अडयी नि लांदी । +बिराणा देशा को बेटा गारो बैरी होन्दा , +नि जाणो कुंवर मेरा बैरयूंकी भकौणा । +मान जा सूरजू बेटा माता की अड्याई1 , +दानों2 कू बोलियूं बाला ओला3 को सवाद । +तेरो होलो सूरजू बाला भिमलो बजार +कनि होली कुंवर तेरी नौरंगी तिवारी । +तेरि खोली गणेश वाला मुख च झूमदो , +तेरी भुली सुरजी बाला दणमण4 रोंदा । +कुदेलो5 दिदाजी6 भीमली को दैजो7 , +को ऋतु जणाली , को बसन्त बौडाली । +मिन जांणा सुरजी भुली8 ताता लूहागढ़ , +मी ल्हौलो सुरजी त्वीकू मल्यागिरी सोनो । +मल्यागिरि सोना की त्वीकू सोन चूड़ी गडौलो । +त्वी को लौलो सुरजी भुली भिमली को दैजो । +घर बौडी येजौली द्यीलो सरनामी दैजो । +त्वी ऋतु जणौलो त्वी बसन्त बौडोलो । +आज का भोल भुलो भौं कुछ ह्वेजैन , +मरदू को बचणो भुली चार दिन हुन्द । +त्वीतई9 जिया10 ब्वै बाला बुझौणो बुझौंद , +मान्याला सुरजू बेटा दाना11 की अडज्ञयीं12 । +त्वी सणी कुंवर बाला नयो ब्यो करुंला , +नयो ब्यो करुंला नाम जोतरा धरुंला । +तेरी तिल्लू बाखरी बेटा छटपट छयूंदा13 । +निल्हेणो सूरजू तिना जोतरा को भामो । +मैंन जाणा इजा ब्वै आज भोटन्त का राज , +मौरणो ह वैजाना इजा जोतरा का बाना14 +नयो ब्यऊ करीली तू सूरत कौक ल्हैली , +घर बौड़ी येजौजू इजा तिलू मारी खौलो , +भैं15 कुछ ह्वैजैन जाण बालु���ी भीटन्त । +त्वी तई इजा ब्वै बाला बुझौंणी बुझौंद , +तू जांदी सूरजू गुरु गोरख का पास , +बागुरी गोरख तेरी रकसा16 करलो । +जैलागे सूरजू गुरु गोरख की धुनी , +गोरख की धुनी होला नौ नाथ की सिद्धी । +बारा नाम बैरागी सोल नाम संन्यासी । +गोरख का पास बाला अलक लगौंद , +तू बोल सूरजू बाला कै काम को आयो । +मैसणी देदणा गुरु सांबर17 की विद्या । +बोकासी18 जाप देणा पंजाबी चुंगटी । +तै दिन गोरख त्वी कू समझौंण लागे , +तेरो माता को छई बेटा तु येको येकन्तू । +मान्याल सूरजू बाला भोटन्त नी जाणों , +सुपीना की बात जन बगड़ का माछा +जो गैना भोटन्त बाला घर बौड़ी नी आया । +तै दिन सूरजू बोदा भौं19 कुछ ह्वे जैना , +मैंन जाणा गुरजी आज भोटन्त का राज । +जो बैरी जांचदा वैकू हत्यार भीड़ देदों , +जो माता जंचदी गुरु थाल छोड़ि देदों +तिरिया को जांचणौं मीकू मरणों ह्वे गये । +नौ दिन नौ राति रैगे गोरख का पास , +धूनी लगौद चला आसण बिछौंद । +गाड़ याले गोरख तिन हाथ ताल छुरी , +तालछुरी गाडू तैकि मूंड्यिाले । +रूपसी20 कन्दूणियं21 धनी खुरसानी चीरा22 , +पैरने सुरीज त्वीकु फटीक23 मुन्दरा । +सुफेद कपड़यूं भगोया चायांले , +पैराये गुरु त्वींकू भगोया मुड्वासी । +काँधू मां धर्याले तेरा खरवा की झोली , +एक हाथ देये तेरो तेजमली सोटा , +दूजा हाथ देये तेरा नौपुरी को बांस । +धर्याले बगल पर बगमरी आसण । +त्वीसणे दिाले बाला कानू को मंतर । +बोकसाडी24 जाप देये कांवर की धूल , +साबर25 की विद्या देये पंजाबी चुंगटी । +त्वीकुणे कुंवर जब बिपदा पड़ली , +मीकुणी सूरज तब याद करी याली । +ऐगये सूरज लौटी नौलाख कैंतुरी , +पकैदे जिया ब्वैं मींक द्वी पाथा26 कलेउ +चौपथा27 सामल28 मीक बाटा29 को धरियाल30 , +मिन जाँणा जिया ब्वै आज ताता लूहागढ़ । +औडू नेडू ये जादी मेरी तेलिया बाड़णी , +लगैदे बाडणी31 मेरी जुलफिऊंमा32 तेल । +औडू नेडू देजादी मेरी हे माला धोबणीं , +लगैदे धोबड़ी मेरा कपड़ौ छुयेड़ों । +कपड़ि सजैदे मेरी तूमी जसो फूल , +मिन जाणा धोबणीं वे बांका भोटन्ता । +पैराले सूरजू तीन झिलमिलों33 जामो34 , +ओडू नेडू बुलावा मेरी घोड़ी का बखड्या35 । +गाड़ीदे बखड्या मेरी सुर्जमुखी घोड़ी , +मल्यो रंग घोड़ी मेरी सजाई देवा ।",garhwali-gbm +"जा भाग्यानी तू मैत न्है जा +जा भाग्यानी तू मैत न्है जा +मेरो रैवार बई मूं ली जा +इनु बोल्यान तुम बई मूं मेरी +खुद लगी छ बल बई तेरी +बाबा को बोयान तुमन भलों करे +रुपयों खैक मेरो बुरो करे +बाबा न दिने चौ डाण्डों पोर +भायों न करे रुपयों जोर +भौजी क बोल्यान मैं जागी रौ लो +यूँ की हालात तबो लौलो +ये गौं छ पाणी दूरो +मऊ पूस क छ जाड़ो बूरो +भावार्थ +' जा भाग्यशालिनी , तू पीहर को चली जा , +मेरा सन्देश माँ के पास ले जा । +ऐसे कहना : तुम मेरी माँ हो , +तुमसे मिलने की बहुत भूख लगी है , माँ +पिता से कहनातुमने अच्छा किया , +रुपए खाकर तुमने मेरा बुरा कर डाला । +पिता ने मुझे चार पहाड़ों के पार दे दिया +भाइयों ने भी रुपया लेने पर ज़ोर दिया । +भाई जी से कहना : मैं बाट जोहूंगी +यहाँ की हालत तभी सुन लेना । +इस गाँव का पानी बहुत दूर है , माँ +माघपूस का जाड़ा भी बहुत बुरा है । '",garhwali-gbm +"कहमाँहि हरदी जलम लेले, कहमाँहि लेले बसेर +कहमाँहि1 हरदी जलम लेले2 कहमाँहि लेले बसेर3 +हरदिया मन भावे । +कुरखेत4 हरदी जलम लेले , मड़वा में लेलक5 बसेर , +हरदिया मन भावे ॥ 1 ॥ +पहिले चढ़ावे बराम्हन लोग , तब चढ़ावे सभलोग , +हरदिया मन भावे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"उठती सी बरिआं मनै आलकस आवै +उठती सी बरिआं मनै आलकस आवै +चालदी नै बाट सुहावै +री सो हर की प्यारी +नित उठ गंगा जी मैं न्हाणा +नित उठ धारा जी मैं न्हाणा +री सो हर की प्यारी +हाथ लोटा कांधे धोती +सखि जगावण जाणा +री सो हर की प्यारी +नित उठ गंगा जी मैं न्हाणा +हाथ बी धोए पैर बी धोए +अंग मल मल धोए +री सो हर की प्यारी +नित उठ गंगा जी मैं न्हाणा +नहाए धेए जद बाहर लीकड़ी +गंगा जी नै सीस नुआया +री सो हर की प्यारी +नित उठ गंगा जी मैं न्हाणा +चन्दर सखी भजो बाल किरसन +जब हर के चरण चित लाया +री सो हर की प्यारी",haryanvi-bgc +"कंहवा कै यह माती हथिनिया +कंहवा कै यह माती हथिनिया , कंहवा कै यह जाए +केहिके दुआरे लवंगिया कै बिरवा , तेहि तरे हथिनी जुड़ाए +उन्ह्वा वर का निवास कै यह माती हथिनिया , +उन्ह्वा वधु का निवास कै यह जाए +फलाने बाबू वधु के पिता का नाम द्वारे लवंगिया कै बिरवा , +तेहि तरे हथिनी जुड़ाए +महला से उतरे हैं भैया कवन बाबु वधु के भाई का नाम , +हाथ रुमालिया मुख पान +आपनि हथिनी पछारो बहनोइया , +टूटै मोरी लौंगा क डारि +भितरा से निकरी हैं बहिनी कवनि देई वधु का नाम , +सुनो भैया बिनती हमारि +जेहिके दुआरे भैया इत्ता दल उतरा सुघर बर उतरा , +त का भैया लौंगा क डारि ? ?",awadhi-awa +"441 +जिवें मुरशदां पास जा डिगन तालब तिवें सहती दे पांवदी हीर फेरे +करीं सभ तकसीर मुआफ मेरी पैरी पवां ते मन्नीए नाल मेरे +बखशे नित गुनाह खुदा सचा वंदे असंख गुनाह दे भरन बेड़े +वारस शाह मनावड़��� असां आंदां साडी सुलह कराएगा नाल तेरे",panjabi-pan +"नदी बहै, नाला बहै +नदी बहै , नाला बहै , +बहै सरयू नदिया +वही देखी मलाहा +थरथर काँपै हे , +वही देेखी +दूध लेनें खड़ा छै +गुअरा केरोॅ पुतवा हे +केना होवै सरोवरनदी पार +टुटलियो जे नैया छै कोसी माय +टुटलियो जे पतवार , +कैसें होवै सरोवरनदी पार +चंदन छेवीछेवी मलाहा नैया बनैहौ +महुआ छेवीये पतवार +वही चढ़ी होवै सरोवरनदी पार । +खेवैतें हे खेवैतें मलाहा +लै गेलै अकोलो नदी पार +यहो हम्में जानतौं रे मलाहा +मांगवै तहूँ घाट +गंगा केरोॅ कौरिया लेतिहौ गठरी लगाय +ये मत हो जानिहैं मलाहा +कोसी छै असवार +कोसी के संग मलाहा बड़ेला छुट भाय +बँहियाँ रे घूमै मलाहा बही चली जाय +अँचरा छूहीयै मलाहा +जरी केॅ होइहैं भसम +मोर अँचरा छुवैतें . . . . . . ।",angika-anp +"जब साजन ही परदेस गये मस्ताना फागण क्यूँ आया +जब साजन ही परदेस गये मस्ताना फागण क्यूँ आया +जब सारा फागण बीत गया तैं घर में साजन क्यूँ आया +छम छम नाचैं सब नर नारी मैं बैठी दुखां की मारी +मेरे मन में जब अंधेरा मचा तैं चान्द का चांदण क्यूँ आया +इब पीया आया जी खित्याना जब जी आया पी मित्याना +साजन बिन जोबन क्यूँ आया जोबन बिन साजन क्यूँ आया +मन की तै अर्थी बंधी पड़ी आंख्यां मैं लागी हाय झड़ी +जब फूल मेरे मन का सूक्या लजमारा फागण क्यूँ आया",haryanvi-bgc +"जमुना किनारे मेरौ गाँव +जमुना किनारे मेरौ गाँव आ जइयो ॥ टेक ॥ +जमुना किनारे मेरी ऊँची हवेली , +मैं ब्रज की गोपिका नवेली । +राधा रंगीली मेरौ नाम कि बंशी बजाय जइयो ॥ 1 ॥ +मलमल कै स्नान कराऊँ , +घिसघिस चन्दन खौर लगाऊँ । +पूजा करूँ सुबह शाम कि माखन माख जइयो ॥ 2 ॥ +खसखस कौ बंगला बनवाऊँ , +चुनचुन कलियाँ सेज सजाऊँ । +धीरेधीरे दाबूँ में पाम , प्रेमरस पियाय जइयो ॥ 3 ॥ +देखत रहूँगी बाट तुम्हारी +जल्दी अइयो कृष्णमुरारी । +झाँकी करेंगी ब्रजवाम कि हंसमुस्काय जइयो ॥ 4 ॥ +तुम से फँस रहौ प्रेम हमारौ , +खिच्चो कह रहौ आटे बारौ । +बाबू खलीफा मेरौ काम नैंक करवाय जइयो ॥ 5 ॥",braj-bra +"सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय काडो +सात पीडे इवाय डो बोले +सात पीडे इवाय डो बोले +इवाय इयानी डो +इवाय इयानी डो +वूले का लियेन लाडली बेटी डो +वूले का लियेन लाडली बेटी डो +जुमुकारी ने निमाये माका निमाये डो इवाय +जुमुकारी ने निमाये माका निमाये डो इवाय +बान माका हजार रुपया दी नाला में डुबाया रे +बान माका हजार रुपया दी नाला में डुब��या रे +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"262 +बाल नाथ दे साहमणे सद धीदो जोग देन नूं पास बहालया सू +रोड मोड होया सवाह मली मुंह ते सब कोड़मे दा नाम गालया सू +कन्न पाड़ के झाड़ के हिरस हसरत इक पलक विच मुन्न वखालया सू +जहे पुतरां ते बाप मेहर करदे जापे दुध पिलाइके पालया सू +सवाह अंग रमा सिर मुन्न दाढ़ी पा मुंदरां चा नहवालया सू +खबरां कुल जहान विच खिंड गइयां रांझा जोगड़ा साज वखालया सू +वारस शाह मियां सुनयार वांगू जट फेर मुड़ भन के गालया सू",panjabi-pan +"394 +भाबी एस जे गधे दी अड़ी अधी असीं रन्नां भी चैंचल हारियां हां +देह मारया एस जहान ताजा असीं रोज मीसाक1 दियां मारियां हां +जे एह जिद दी छुरी है हो बैठा असीं रन्नां भी तेज कटारियां हां +एह गुंडयां विच है पैर धरदा नहीं बांकियां एस तों डारियां हां +मरद रंग महल हन इशरतां2 दे असीं जौक3 दे मजे दियां नारियां हां +एस चाक दी कौन मजाल है नी राजे भोज थीं असीं ना हारियां हां +वारस शाह विच हर सफैदपोशां असीं होली दे रंग पिचकारियां हां",panjabi-pan +"बनड़ी! चलो जी हमारे साथ +बनड़ी चलो जी हमारे साथ नारंगी ले लो रस भरी +बन्ने दादा जी छोड़े ना जांय दादी में हमारा मन घना +बन्ने बाबल छोड़े ना जांय अम्मा में हमारा मन घना +बन्ने चाचा ताऊ छोड़े ना जांय चाची ताई में मन घना +बन्ने भाई बहन छोड़े ना जांय मामा मामी में मन घना +बन्ने यह घर छोड़ा ना जांय इस नगरी में हमारा मन रमा +बन्नी यह सब झूठा है जंजाल असल में सच्चे दो जने +बनी चलो जी हमारे साथ नारंगी ले लो रस भरी",haryanvi-bgc +"दै दै मुरलिया मोरी राधिका +कृष्ण : दै दे मुरलिया मोरी राधिका , दै दे मुरलिया मोरी +राधिका दै दे मुरलिया +कृष्ण : यह मुरली मोरे प्राण बसत है +वहो भाई रे चोरी राधिका , वहो भाई रे चोरी +राधिका दै दे मुरलिया . . . +कृष्ण : काहे से गौबे काह बजौबे +काहे से गौवें टेरी राधिका , काहे से गौवें टेरी ? गायों को कैसे बुलाऊँ +राधिका दै दे मुरलिया . . . +राधा : मुख से गावो ताल बजावो +बोलि के गौवें टेरो श्याम , तुम बोलि के गौवें टेरो +श्याम न देबे मुरलिया तोरी . . . +राधा : एहि मुरली धुन खूब सतायो +खूब करयो है बरजोरी श्याम , तुम खूब करयो है बरजोरी +श्याम न देबे मुरलिया तोरी . . . +कृष्ण : हाथ जोड़ तोसे विनय करत हूँ +प्रण करत कलिन्दी यमुना ओरी राधिका , करत कलिन्दी ओरी +राधिका दै मुरलिया मोरी . . .",awadhi-awa +"रूखड़ी खोदणा +पिपर्यापाणी मा निहिं मिले आंबा , निहिं मिले आम���ी । +पिपर्यापाणी मा निहिं मिले आंबा , निहिं मिले आमली । +उरखड़े जीरो वावे रांडे , जीरो वावे रांडे । +दीतल्या भाइ काजे , पूछि निहि रांडे , झाजो करि देधो । +रेसमि भोजाइ काजे पूछि निहिं रांडे , झाजो करि देधो । +पिपर्यापानी जगह का नाम में आम और इमली नहीं मिलती हैं । रांड ने घूरे +पर जीरा बो दिया , दितल्या भाई को पूछा नहीं , धान बो दिया । रेशमी भोजाई को +पूछा नहीं और धान बो दिया ।",bhili-bhb +"189 +कंगन नाल जंजीरियां पंज मुणियां हार लौंगां दे नाल पुरायो ने +तुंगा1 नाल कपूरां2 दे जुट सुचे तोड़े पाउंदे गजरयां छायो ने +पहौंची जुगनियां नाल हमेल माला मोहर बिछुए नाल घड़ायो ने +सोहनियां अलियां नाल पंजेब फबे घुंगरालड़े घुंगरू लायो ने +वारस शाह गहना ठीक चाक आहा सोई खटड़े3 चा पवायो ने",panjabi-pan +"फागुन +बंदानीबंदानी , बंदानीबनानी , बंदानीबंदानी +बंदानी बनोरा झूमे रे । +काहिन काट ढोलकी , काहिन काट डांग , बनोरा झूमे +बीजा काट ढोलकी , सेमहड़ काट डांग , खनोरा झूमे +काँनिक हेलर झूमर , काहिन डांग , बनोरा झूमे +बीरन मालक हेलर झूमर , मरगा झूलक डांग , बनोरा झूमे +कोन धरेय ढोलकी , कोण धरय डांग , बनोरा झोमे +ढोलकार धरय ढोलकी , नचगार धरय डांग , बनोरा झूमे +कोन खेलय हरदी , कौन खेलय गुलाल , बनोरा झूमे +टूरी तो खेलय हरदी , टूरा खेलय गुलाल , बनोरा झूमे +शब्दार्थ – बंदानीगाने की प्रारम्भिक धुन , बनोराजूड़े में लगी माला , डांगझाल जो मोर पंख से बनाई जाती है जिसे बाँस में बाँधा जाता है । , हेलरहिलनाडुलनाझूलना , नचकारनाचने वाला । +फागुन माह में महिलाएँ एक गाँव से दूसरे गाँव नाचने जाती है । उसी समय का यह फागुन गीत है । बैगा महिलाएँ नाचते समय नृत्य क्षृंगार में अपने जूड़ों में बीरन मालाएँ बाँधती हैं । जिससे उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है । उसी को लक्ष्य करके गीत की रचना हुई । कौन सी लकड़ी से ढोलक बनाई गई है और कौन सी लकड़ी की डांग मोरपंख की झाली बनाई गई है । +बीजा की लकड़ी की ढोलक और सेमल से डांग बनाई है । झूमने लटकने वाली बीरनमाला किस चीज से बनाते हैं और किस चीज से डांग यानी झाल बनाई गई है । बीरन घास से बीरन माला बनाते हैं और मोरपंख से झाल बनाई जाती है । +कौन ढोलक बजाता है और कौन डांग को संभालता है । ढोलक बजाने वाला कमर में ढोलक बाँधता है और नाचने वाले हाथ में डांग रखते हैं । कौन हल्दी से होली खेलता है और कौन गुलाल लगाता है । लड़की हल्दी से होली खेलती है और लड़का गुलाल लगाता है । लड़की का पीला रंग और लड़के का गुलाबी रंग होली में छा जाता है ।",baiga-mis +"345 +रन्न वेखना ऐब है अन्नयां नूं रब्ब अखियां दितियां वेखने नूं +सब खलक1 दा वेख के लौ मुजरा2 करो दीद इस जग दे पेखने नूं +महांदेव जहे पारब्बती अगे काम लयांवदा सी मथा टेकने नूं +रावन राजयां सिरां दे दाअ लाये जरा जायके अखियां सेकने नूं +सब दीद मुआफ है आशकां नूं रब्ब यन दिते जग देखने नूं +अजराईल हथ कलम लै वेखदा ए तेरा नाम इस जग तों छेकने नूं",panjabi-pan +"हेरी मेरा लम्बा सहेलियों का साथ +बिदाई गीत 1 +हेरी मेरा लम्बा सहेलियों का साथ +कि जिया न करै मेरा जाणै नै । +हेरी मैं आई ससुर दरबार +सासड़ तो आई मुझै तारण नै +हेरी मैंने मुड़मुड़ दाबे री पाँव +कि सीस न दिया उस बैरण नै । +हेरी मैंन्नै पिस्या धड़ी भर चून +कि पीस लिया निरणों बासी नै +हेरी मेरी सासू बड़ी चकचाल +रोट्टी तो धर आई ताळे मैं +हेरी मैंन्नै छोटी नणद ली साथ +चढ़ गई पिया की अटारी हो । +‘हे जी हमैं क्यूँ लाए थे निरभाग +रोट्टी न मिलै थारै खाणे नै । ’ +‘हेरी तौं चुप रहो मेरी नार +बरफ़ी तो ल्याया तेरे खाणे नै’ । +हेरी मेरी नीचे से बोली सास – +बहू नै सिर पै बठ्या रह्या हो +‘हेरी तू चुप रो मेरी माँ +घणे दिन रहली अकेली हो । ’ +बेट्टा ऐसे न बोल्लै तू बोल +बड़ा दुख ठाया तेरे होणे नै +हेरी अम्मा खाई थी सूँठ जवायण +बड़ी मस्ताई मेरे होणै नै ।",khadi_boli-mis +"कड़तन लागौ मूड़ दिरौंदा +कड़तन लागौ मूड़ दिरौंदा , +कड़ीं न सिर खों ओंदा । +कारीगर ने बुरऔ बनाऔं । +धरौ न ऊँचों गोंदा । +लच गई , लफ गई , दूनर हो गई , +नेंनूँ कैंसो लोंदा +ईसुर उनें उठा नई पाए , +हतो उतै सकरोंदा ।",bundeli-bns +"दुअरे अवइते समधी लवँग गमल हे +दुअरे अवइते1 समधी लवँग गमल2 हे । +मड़वा अबइते कपुसार3 हे । +धन धन रसोइया तोरा कवन साही । +समधी अइले जेवनार हे ॥ 1 ॥ +दुअरे अवइते समधी लवँग गमकल हे । +मड़वा अवइते कपुसार हे । +धन धन रसोइया तोरा कवन साही । +समधी अइले जेवनार हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"माता छाब्या-लीप्या हो म्हारा ओटला +माता छाब्यालीप्या हो म्हारा ओटला , +माता नहीं म्हारो खेलणहार +जल जमुना अम्बो मौरियो । । +माता मांज्याधोया हो म्हारा बेडुला , +माता नहीं म्हारो ढोळणहार +जळ जमुना अम्बो मौरियो । । +माता रामरसोई म्हारी सीगऽ चढ़ी , +माता नहीं म्हारो जीमणहार +जळ जमुना अम्बो मौरियो । । +माता एक दीजो हो लूलो , पांगळो , +म्हारी संपत को रखवाळो , +जळ जमुना अम्बो मौ���ियो । ।",nimadi-noe +"दादा साहेब के घर पोता भयेल हे +बधैया +दादा साहेब के घर पोता भयेल हे । +पोता निछाउर1 कछु देवऽ2 कि न ? । +हमसे असीस3 कछु लेबऽ4 कि न ? ॥ 1 ॥ +देबो5 मैं देबो पोती अन धन सोनवाँ । +हमरा ही6 नाचबऽ आउ7 गयबऽ कि न ? ॥ 2 ॥ +गयबो मैं गयबो दादा , दिनमा से रतिआ8 । +अपन खजाना लुटयबऽ कि न ? ॥ 3 ॥ +जुग जुग जिओ दादा तोहर होरिलवा9 । +हमर ससुर घर पेठयबऽ कि न ? ॥ 4 ॥",magahi-mag +"सुरसती गनपत मनाइब, चरन पखारब हे +सुरसती1 गनपत मनाइब , 2 चरन पखारब3 हे । +अहे रूकमिनी भइल राजा जोग , 4 केसब5 बर पावल हे ॥ 1 ॥ +नेहाइ धोवाइ6 के माँग फारल , 7 अगर चनन सिर धरे । +फूल सेज बिछाय आपन कंत सँग बिहरन लगे ॥ 2 ॥ +चार पहर रात कामिन8 हरि सँग बिलास करे । +चउठे पहर जब बीतल सपन एक देखल हे ॥ 3 ॥ +देखि सपना रानी रूकमिनी , अपन हरि जगावहिं । +लाज लोक विचार कछु नहीं , एक बात उचारहि ॥ 4 ॥ +दूसर मास जब बीतल , कार्त्तिक9 फूलल कुंद कली । +अहे हँसि हँसि पूछथि सखियन उनकर मोदभरी ॥ 5 ॥ +रुकमिन जनमहिं करोध10 सखिन मारन धाबहिं । +जाहु नारी , देम11 मोंहि खेल न भावहिं ॥ 6 ॥ +तीसर मास जब आयल , अगहन मोद भरी । +सैनहि सैन12 सखिन सब घुमरि घुमरि13 उठे ॥ 7 ॥ +देह लागत सून14 भोजन देखि देखि हुल15 बरे16 । +छप्पन परकार के भोजन छाड़ि देइ , छुवा17 न करे ॥ 8 ॥ +सभ छाड़ि चुल्हवा18 के माटि के रुकमिन चुपके चाटे ॥ 9 ॥ +कउन कारन19 भेल तोंहि के , कहि के मोंहि सुनावहू । +कउन चीज मनभावत , वोंहि के बनावहू ॥ 10 ॥ +नहीं चाहुँ अन धन लछमी , न छप्पन भोजन हे । +नहीं मोरा रोग न सोग , कउन चीज माँग हम हे ॥ 11 ॥ +जलम जलम तोर दासी होऊँ , अउरो न कछु चाहूँ हे ॥ 12 ॥ +चउठी महीने जब बीतल , पूस नियरायल हे । +लागत ठंडा बयार त काँपत हियो हमरो ॥ 13 ॥ +पचमे माह माघ आयल आयल सीरी पंचमी हे । +सजी गेल बाघ20 बगइचा , त रुकमिन हुलसे हियो ॥ 14 ॥ +छठहि मास जब आयल , फागुन छठवाँ जनायल21 हे । +अहे कनक कटोरा में दूध भरि चेरिया त लावल हे ॥ 15 ॥ +सभ छाड़ि अमरस22 चाटल , मधुर रस तेजल23 हे । +अलफी सलफी24 सभ फेकल25 मन फरियायल26 हे ॥ 16 ॥ +सतमें मास आयल चइत , सत बाजन27 बाजये हे । +अहे , मधुबन फुलल असोक , भओंरा28 रस भरमइ29 हे ॥ 17 ॥ +कोइल सबद सोहावँन , अति मनभाँवन हे । +रुकमिन चिहुँकी के उठथि बदन पियरायल हे ॥ 18 ॥ +अठमे महीने जब , आयल बइसाख30 नियरायल हे । +अहे फेरि फेरि देख मुँह अयनमा , 31 कइसन32 मुँह पीयर हे ॥ 19 ॥ +नौमा33 महीना जब जेठ क दुपहर हे । +लुहवा34 चलहइ , धूरी35 उठहइ से रुकमिन व्याकुल हे ॥ 20 ॥ +दसमहि मास जब आयल , असाढ़ नियरायल हे । +कउन विधि उतरब ���ार , चितय36 रानी रुकमिन हे ॥ 21 ॥ +जलम लीहल परदुमन , महल उठे सोहर हे । +मोती , मुँगा , चानी , सोना , लुटवल , जे किछु माँगल हे । +सखी सभ मंगल गावहिं , सुध बुध बिसरहिं हे ॥ 22 ॥ +जे इह मंगल गावहिं , गाइ , सुनावहिं हे । +दूध पूत बढ़े अहियात , पुतर फल पावहिं हे ॥ 23 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +बीड़ा पड़ गैल बघ रुदल के रुदल बीड़ा लेल उठाय +मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले कड़ाम कड़ाम +जलदी आल्हा के बोलवावल भाइ चलव हमरा साथ +करों बिअहवा सोनवा के दिन रात चले तलवार +गड्गन धोबी दुरगौली के बावन गदहा ढुले दुआर +मुड्गर लाद देल गदहा पर लड़वयौ आफत काल +दानी कोइरी बबुरी बन के सिहिंन लाख घोड़े असवार +चलल जे पलटन बघ रुदल के जिन्ह के तीन लाख असवार +रातिक दिनवाँ का चलला में धावा पर पहुँचल बाय +डेरा गिरावे दुरगौली में डेरा गिरौले बाय +जोड़ गदोइ रुदल बोलल भैया सुनीं आल्हा के देल बैठाय +नौ सौ सिपाही के पहरा बा आल्हा के देल बैठाय +रुदल चल गैल इंद्रासन में अम्बर सेंदुर किन के गैल बनाय +एत्तो बारता बा रुदल के नैना गढ़ के सुनीं हवाल +भँटवा चुँगला बा नैना के राजा इंदरमन के गैल दरबार +रुदल के भाइ अल्हगं है दुरगौली में डेरा गिरौले बाय +तीन लाख पलटन साथन में बा आल्हा के तैयारी बाय +हाथ जोड़ के भँटना बोलल बाबू इंदरमन के बलि जाओं +हुकुम जे पाऊँ इंदरमन के आल्हा के लेतीं बोलाय +एतनी बोली सुनल इंदरमन राजा बड़ मड्गन होय जाय +जेह दिन लैबव आल्हा के तेह दिन आधा राज नैना के देब बटवाय",bhojpuri-bho +"तूँ किद्धरों आया +तूँ किद्धरों आया , किद्धर जाणा , +आपणा दस्स ठिकाणा । +जिस ठाणे दा तूँ माण करें , +तेरेनाल ना जासी ठाणा । +जुल्म करें तूँ लोक सतावें , +कसब1 फड़ेओ लुट खाणा । +महबूब2 सुजानी3 करे असानी , +खौफ जाए मलकाणा । +शहर खामोशाँ दे चल्ल वसीए , +जित्थे मुलक समाणा । +भर भर पूर लँघावे डाढा , +मलकुलमौत4 मुहाणा । +कर लै चावर चार दिहाड़े , +ओड़क तूँ उठ जाणा । +एहना सभनाँ थीं एह बुल्ला , +गुनहगार पुराणा । +तूँ किद्धरों आया , किद्धर जाणा , +आपणा दस्स ठिकाणा ।",panjabi-pan +"सूति नऽ हो धणियेर सपनो हो देख्यो +सूति नऽ हो धणियेर , सपनो हो देख्यो , +सपना को अरथ बताओ भोळा धणियेर । । +मानसरोवर मनऽ सपना मंऽ देख्यो , +भर्यो तृर्यो भंडार मनऽ सपना मंऽ देख्यो । +वहेती सी गंगा मनऽ सपना मंऽ देखी , +भरी तुरी वावड़ी मनऽ सपना मंऽ देखी । +श्रावण तीज मनऽ सपना मंऽ देखी , +कड़कती बिजळई मनऽ सपना मंऽ देखी , +गोकुळ कान्हो मनऽ ��पना मंऽ देख्यो , +तरवरतो बिच्छू मनऽ सपना मंऽ देख्यो , +गुलाब को फूल मनऽ सपना मंऽ देख्यो , +झपलक दिवलो मनऽ सपना मंऽ देख्यो , +कवळारी केळ मनऽ सपना मंऽ देखी , +वाड़ उप्पर की वांझुली मनऽ सपना मंऽ देखी । +पेळा वाळई नार मनऽ सपना मंऽ देखी , +ऊगतो सो सूरज मनऽ सपना मंऽ देख्यो । +सपना को अर्थ बताओ भोळा धणियेर । ।",nimadi-noe +"विवाह -गीत - मोरे पिछवरवाँ लौंगा कै पेड़वा +मोरे पिछवरवाँ लौंगा कै पेड़वा लौंगा चुवै आधी रात +लौंगा मै चुन बिन ढेरिया लगायों लादी चले हैं बनिजार +लड़ चले हैं बनिजरवा बेटौवा लादि चले पिय मोर +हमरो डरिया फनावो बंजरवा हमहूँ चालब तोहरे साथ +भुखियन मरिबू पियासियन मरबू पान बिन होठ कुम्हिलाय +कुश कै गडरिया धना डासन पैइबू अंग छोलय छिल जाये +भुखिया अंगैबै पियसिया अंगैबै पनवा जो देबै बिसराय +तोहरे संघरिया प्रभु जोगिन होबै न संग माई न बाप",awadhi-awa +"देखो खेते किसनवा जाय रहे +देखो खेते किसनवा जाय रहें , +वे तो मस्ती में हैं कछु गाय रहें , +गर्मी की तपती दोपहरिया , +उनखों तनकऊ नाहिं खबरिया , +सिर पे धरके चले गठरिया , +वे तो तन मन की सुध बुध भुलाय रहे । +मेहनत खेतन में वे करते , +मेहनत से तनकऊ नहिं डरते , माटी में अन्न उगाते , +देखो खेतन में हल खो चलाय रहे । +कभऊंकभऊं ओला पड़ जाते , +बादल पानी उन्हें डराते , +पर वे तनकऊ न घबराते , +देखो भगवान खों वे तो मनाय रहे । +गाय बैल की करें रखवारी , +बाद में करते हैं वे ब्यारी , गांवन की शोभा है न्यारी , +धरती खों स्वर्ग बनाय रहे । +कोऊ न बैठे घर में खाली , +लड़का बिटिया और घरवाली , +जीवन की है नीति निराली +अरे सब खों वे सीख सिखाय रहे ।",bundeli-bns +"सभवा बइठले रउरा बाबू हो कवन बाबू +सभवा बइठले रउरा1 बाबू हो कवन बाबू । +कहवाँ से अइले पंडितवा , चउका2 सभ घेरि ले ले ॥ 1 ॥ +दमड़ी दोकड़ा के पानकसइली । +बाबू लछ3 रुपइया के दुलहा , बराम्हन भँडुआ ठगि ले ले ॥ 2 ॥ +बाबू , लछ रुपइया के दुलहा , ससुर भँडुआ ठगि ले ले ॥ 3",magahi-mag +"अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल +अरे न्यूं रोवै बुड्ढा बैल , मन्नै मत बेच्चै रे पापी +तेरे कुआं कोल्हू में चाल्या नाज कमा कै तेरे घरां घाल्या +इब्ब तन्नै करली सै बज्जर की छाती +तिरा बंज्जड़ खेत मन्नै तोड्या , गाड्डी तै मुंह ना मोड्या +इब्ब तै मेरी बेच्चै से माटी",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +जिब ना बाँचल मोर देवी के सोनवा जान बचाई मोर +नाम रुदल के सुन के सोनवा बड़ मगन होय जाय +लौंड़ी लोंड़ी के ललकारे मुँगिया लौंड���ी बात मनाव +रात सपनवाँ में सिब बाबा के सिब पूजन चलि बनाय +जौन झँपोला मोर गहना के कपड़ा के लावव् उठाय +जौन झँपोला है गहना के कपड़ा के ले आवव् उठाय +खुलल पेठारा कपड़ा के जिन्ह के रास देल लगवाय +पेनहल घँघरा पच्छिम के मखमल के गोट चढ़ाय +चोलिया पेन्हे मुसरुफ के जेह में बावन बंद लगाय +पोरे पोरे अँगुठी पड़ गैल सारे चुरियन के झंझकार +सोभे नगीना कनगुरिया में जिन्ह के हीरा चमके दाँत +सात लाख के मँगटीका है लिलार में लेली लगाय +जूड़ा खुल गैल पीठन पर जैसे लोटे करियवा नाग +काढ़ दरपनी मुँह देखे सोनवा मने मने करे गुनान +मन जा भैया रजा इन्दरमन घरे बहिनी रखे कुँआर +वैस हमार बित गैले नैनागढ़ में रहलीं बार कुँआर +आग लगाइब एह सूरत में नेना सैव लीं नार कुँआर +निकलल डोलवा है सोनवा के सिब का पूजन चलली बनाय +पड़लि नजरिया इंदरमन के से दिन सुनों तिलंगी बात +कहवाँ के राजा एत बरिया है बाबू डोला फँदौले जाय +सिर काट दे ओह राजा के कूर खेत माँ देओ गिराय",bhojpuri-bho +"दुखिया-दीन गमइयाँ +हम हैं दुखियादीन गमइयाँ , +जिनकौ कोउ जगत में नइयाँ । +फिरैं ऊसई चटकाउत पनइयाँ , कहाबै अपढ़ा देहाती , +दो रोटन के लानें मारें रातदिना छाती । +तौऊ ना मिल पाबै , +न सुख सैं खा पाबै । +गइयनबछलन की सेवा कर हमनें धोई सारै , +दूधदही की सहरनिवासी मारैं मस्त बहारैं । +हम खुद समाँबसारा खात , +तुमैं गैहूँपिसिया दै जात । +नाँन भर बदले में लै जात , बनाबैं खुदई दियाबाती , +दिया लैं संजा कैं उजयार , नहीं तौ लेत नकरियाँ बार । +गुजर हम कर लइए , +लटीनौनी सइए । +तिलीकपास करै पैदा हम , तुमनें मील बना लए , +जब हम उन्ना लैबे आए , दो के बीस गिना लए । +बराई होय हमारे खेत , +और तुम सुगर मील कर लेत , +सक्कर कंटरौल सैं देत , बात कछु समझ नहीं आती , +महुआ बीनबीन हम ल्यायँ , तुम्हारी डिसलरियाँ खुल जायें । +सदाँ श्रम हम करबै +तुमारे घर भरबै । +हम खुद रहैं झोपड़ी में और तुमखाँ महल बनाबै , +कैसौ देसकाल आओ , हम तौउ गमार कहाबैं । +अपनी दो रोटिन के हेत , +पेट हम अनगिनते भर देत , +हक्क न हम काहू कौ लेत , चोरी हमें नहीं भाती , +हम सें कोउ कछू कै जाय , तौउ हम माथौ देत नबाय । +अनख ना मन लेबैं , +मधुर उत्तर देबैं । +जो कछु मिलै ओइ मैं अपनी , गुजरबसर कर राबैं , +छोड़ पराई चुपरी , अपनी सूखी सुख सें खाबैं +हमैं ना कछू ईरखादोस , +हमैं है अपने पै सन्तोस , +और ना हम ईमानफरोस , भई सम्पत कीकी साथी , +रखत हैं मन में एक बिचार , बनैं ना ���म भारत कौ भार , +चाहे सर कट जाबै , +चाहे जी कड़ जाबै । +तिली , कपास , अन्न , गन्ना , घी , लकड़ी , मिर्च मसाले , +पत्थर ईंट , चून , बाबूजी , देबैं गाँवन वाले । +जितै हम देत पसीना डार , +उतैबस जात नओ संसार । +सजै धरती माँ कौ सिंगार करै कउवा दूधाभाती । +सजें जब खेत और खरयान , उतै औतार लेत भगवान , +भूखज्वाला भागे , +नओ जीवन जागै । +देखौ बाबू जी , तुम मन सें , ओर हम तन सें काले , +इतने से अटन्तर पै तुम खाँ , हम देहाती साले , +परोसी कौ सुखदुख निज मान , +देत हम एक दूजे पै जान , +हमारें नइयाँ स्वार्थ प्रधान , सहर में को कीकौ साथी । +परोसी कौ मर जाबै बाप , रेडियो खोलें बैठे आप । +गरब जी कौ तुमखाँ । +बुरओ है ऊ हलखाँ । । +चहत चौंच भर नीर चिरइया , सागर कौ का करनै , +दो रोटी के बाद सुक्ख सैं , सतरी में जा परनै । +किबारे खले डरे रन देत , +जितै चाहौ मन , सो चल देत , +हमारी चोर बलइयाँ लेत , कछू ना चिन्ता मन राती । +सम्पत आउत में दुख देत , जात में तौ जीरा हर लेत , +अरे बाबा छोड़ी । +तुमारी तीजोड़ी । ।",bundeli-bns +"विवाह गीत +भोलो ईश्वर अकनो कुवारो । +भोली गवरां नी मांगणी करे । +भोलो ईश्वर बाने बठो । +भोली गवरां बाने बठी । +सीदा वादा करें । +भोला ईश्वर नी बरात चाली । +भोली गवरां ना फेरा लाग्या । +बरात पछि घेर आवी । +लाव वो रांड मारा जूटा देख दे । +सातला नो ईसो कर्यो गवरां । +पागड़ी नो ईसोवो ईश्वर ना माथा हेट । +चाल ने घरी उतरी न पड़ी वो भूंड ना भंवरे । +भंवरा मा गइ वा वासिंग ना बायणें । +आवा वा बयण , आव वा बयण । +असो काइ बोले तू मोटा ना मोटा । +खादो ने पीछे व रात काटी । +नाथ ने मुरखा मारा मुंहडे । +रास ने धरी वो गवरा आई । +निंदरान् उड्या वो भोला ईश्वर ना । +काइ वो रांड काहाँ गयली । +रोला ना भर्या डील गंधये । +नंदे उँघले मि गयली । +नव महाना ना दाहड़ा गिणे गवरां । +महना गिणें वो भोली गवरां । +पूरा हया वो नव महना । +पेट मा हुल्क्यो वो गवरो गणेस । +सुयण लावे वो भोलो ईश्वर । +गवरो गणेस पेट मा हुलके । +हात मेल्यों वो सदा सुयण । +खलाके लेता जाइ पड्यो गणेस । +नालों कांटे सदा वा सुयण । +नाहवा ने धोवा करे सुयण दायण । +झोली ने पलाणं वा गवरां घाले । +पणीला भरे वा भोली गवरां । +देखजी रे ईश्वर इना बाला के । +मीं ते जाऊं रे पाणीला भरने । +ईश्वर ऊठ्यो ऊँचो माथो करिन् । +नव धार्यो खांडो वो हेड्यो ईश्वर । +गणेस नो माथो वो काट्यो ईश्वर । +फगाट देधो वो दरियाव माहीं । +गवरां न रोवे वो माथु ठोके । +बालवा नो माथ�� काहा वो काट्यो । +मारो ते मुंड्को काटी नारवनो । +छाती न माथो ठोके भोली गवरां । +तारा वा बालवा के करूं सरजीवण । +तूते झुणी रेड़े वा गवरां । +ईश्वर धरी ने चाल धरी , हातिड़ा ना बन मा । +नवसौ हातिड़ा घेर्या ईश्वर , लायो रे दरियाव पर । +हातिड़ा ने चूसी रे दरियाव चूसी भसम उडाड़यो । +कछ ने मछ फफड़ी रह्या , गणेस नो माथो हेरे ईश्वर । +मछ ने कछ ना पेटे चीरे , मछ ने कछ बोलि पड़्या । +हामरा पेट ते मा चिरे ईश्वर मा चीरे भोला ईश्वर । +माथा काजे तु हामु खाइन् घेरी नाख्यो । +कछ ने मछ बोलि रह्या । +हातिड़ा नो माथो वारूस रहसे । +ईश्वर लेधो रे नव धार्यो खांडो । +हातिड़ा नो माथो काटी नाख्यो । +माथो हाकल्यो भोलो ईश्वर । +माथोली न चाल देधो घेर । +गवरा गणेस नो जाड्यो माथो । +गजरा गणेस काजे कर्यो सरजीवण । +मंगाला माथा ना बण्यो रे गणेस रे । +वाटका डोलानो रे बण्यों रे गणेस रे । +कुसलाज दाँत नो रे , कुटकाज होट नो रे बण्यो रे गणेस । +तारा मुंहड़े रे भरी रे सूंड रे । +सूंड ने मुंडे खाय रे गणेस । +चवड़ी छाती नो रे बण्यो रे गणेस रे । +पराल्या सातला नो रे , बण्यो रे गणेस रे । +थामलाज् पल्यिा नो रे बण्यो रे गणेस रे । +छाबड़्याज् पाय नो रे बण्यो रे गणेस रे । +उठता ने बसता रे नाव तारो रे सार से रे । +भोले स्वभाव के शंकर भगवान अखण्ड कुँवारे हैं । भोली गौरी से मंगनी करते हैं । +भोले शंकर वाने बैठें । भोली गौरी वाने बैठी । अनाज , दाल आदि तैयार कर रहे हैं । +भोले भगवान की बारात चली । भोली गौरी से फेरे हुए भँवर पड़े । बारात वापस घर +आई । शंकरजी ने गौरा से कहा मेरी जटा में जुएँ देख दे । गौरी ने महादेवजी का सिर +अपनी जंघा पर रखा । गौरी ने महादेवजी को निद्रामग्न देखा तो अपनी जंघा हटाकर +पगड़ी का तकिया लगा दिया । गौरी चल पड़ीं और पाताल लोक मंे पहुँची । पाताल में +शेषनाग ने कहा बहन आ । ऐसा क्या बोल रहा है ? तू बड़े लोगों में सबसे बड़ा है । +शंकरजी की निद्रा टूटी तो कहने लगे तू कहाँ थी ? तेरी देह से रोले की खुशबू आ रही है । +गौरी बोली मैं नदी पर स्नान करने गई थी । नौ महीने के दिन गौरी गिन रही है । नौ +महीने पूरे हुए । पेट में गणेशजी दुःख रहे हैं प्रसव पीड़ा होने लगी । भोले भगवान दाई को +लाते हैं । गणेशजी पेट में दुःख रहे हैं । दायण ने प्रसव हेतु हाथ रखा । गणेशजी पेट से एकदम +निकले । दायण ने नाला काटा । दायण स्नान कराकर कपड़े धोती है । गौरी गणेशजी को पालने +में ���ुलाती हैं । गौरी पानी भरने जाती हैं । भगवान इस बालक को देखना , मैं पानी लेने को +जाती हूँ । +शंकरजी को शंका हो गई थी कि प्रथम रात्रि में मैं निद्रामग्न था और गौरी मुझे छोड़कर पगड़ी का +तकिया सिर के नीचे लगाकर कहाँ चली गयी थी ? +शंकर ऊँचा सिर करके उठे । नौ धार का खांडा शंकरजी ने निकाला । शंकरजी ने गणेशजी का सिर काट लिया । सिर समुद्र में फेंक दिया । गौरी रोती हैं और सिर पीट रही हैं । बालक का सिर क्यों काट दिया ? मेरा सिर काट देते । गौरी सिर और छाती पीट रही हैं । तेरे बालक को मैं पुनः जीवित कर दूँगा , गौरी तू मत रो भगवान हाथियों के जंगल में चल पड़े । नौ सौ हाथियों को हाँककर समुद्र पर लाये । हाथियों ने समुद्र चूसचूसकर सुखा दिया । कछुए और मछलियाँ फड़फड़ाने लगे । भगवान गणेश का सिर खोज रहे हैं । +मछलियों और कछुओं के पेट चीर रहे हैं । मछलियाँ और कछुए बोल उठे , हमारे पेट मत चीरो भगवान , मत चीरो भोले भगवान सिर को तो हमने खाकर हजम कर मल द्वार से निकाल दिया । कछमछ बोल रहे हैं । हाथी का सिर अच्छा रहेगा । शंकरजी ने नौ धारवाला खाँडा उठाया । हाथी का सिर काट लिया । भोले भगवान ने हाथी का सिर उठाया । सिर लेकर घर चल पड़े । गौरी ने गणेश का सिर जोड़ दिया । गणेशजी को पुनर्जीवित किया । चूल्हे के ठीयों के समान सिरवाले गणेशजी बने । कटोरी के समान आँखों वाले गणेशजी बने । कुसले के समान दाँत वाले , कटे हुए ओंठ के गणेशजी बने । मुँह पर सूँड लगा दी है । सूँड के द्वारा गणेशजी खा रहे हैं । गणेशजी का सीना चौड़ा बना है । लम्बीमोटी जंघा वाले गणेशजी बने । खम्भे के समान पिंडलीवाले गणेशजी बने । चौड़े पंजो वाले गणेशजी बने । दुनिया उठतेबैठते आपका नाम स्मरण करेगी ।",bhili-bhb +"तन कौ तनक भरोसौ नइयाँ +तन कौ तनक भरोसौ नइयाँ , +राखैं लाज गुसईयाँ , +उड़ उड़ पात गिरत धरनी मैं , +फिर नई लगत डरईयाँ +जर बर देय भसम हो जै हैं । +फिरना चुनैं चिरइयाँ , +मानुस चाम काम न आवै । +पसु कीं बनत पनईयाँ , +ईसुर कोऊ हाँत ना दै ले +जब हम पकरैं बइयाँ ।",bundeli-bns +"312 +क्यों फकर दे नाल रिहाड़ पईए भला बखश सानूं मापे जीनिए नी +सप शीहनी वांग बुलैहनीए नी मास खानीए ते रत पीनीए नी +दुखी जिऊ दुखा ना भाग भरीए होईए चिड़ी ते कूंज लखीनीए नी +साथों निशा ना होसोया मूल तेरी सके खसम तों ना पतीनीए नी +चरखा चाय के नटनी मरद मारे किसे यार ना पकड़ मलीनीए नी +वारस शाह फकीर दे वैर पईए जरम ततीए करमां दीए हीनीए नी",panjabi-pan +"बाबल साहब की बांकी हवेली +बाबल साहब की बांकी हवेली +जिस मैं चार अम्बारिआं +बाबै साहेब की ऊंची हवेली +जिस में चार अम्बारिआं +पहली मैं म्हारी लाडो दिवला जगत है +दूजी में लोटा झारिआं +तीजी अम्बारी लाडो सुनरा घड़त है +चौथी में पाट बलाइआं",haryanvi-bgc +"मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +मिया किलो ज्वारी जा डाई बारी किलो ज्वारी मारे +गूड़ होय तो माखी झूमे गूड़ नहीं तो माखी उड़े +गूड़ होय तो माखी झूमे गूड़ नहीं तो माखी उड़े +अपना डाई जीव का प्यारा दूसरा डाई बात का प्यारा +अपना डाई जीव का प्यारा दूसरा डाई बात का प्यारा +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"की जाणा मैं कोई +की जाणा मैं कोई वे अड़िआ , की जाणा मैं कोई +जे कोई अन्दर बोले चाले , जात असाडी सोई । +जिस दे नाल मैं नेहुँ लगाया , ओहो जेही होई । +की जाणा मैं कोई । +चिट्टी चादर लाह सुट्ट कुड़ीए , पहल फकीराँ दी लोई । +चिट्टी चादर नूँ दाग लग्गेगा , लोई नूँ दाग न कोई । +की जाणा मैं कोई । +अलफ पछाता बे पछाती , ते तलावत1 होई । +सीन पछाता सीन पछाता , सादक2 साबर होई । +की जाणा मैं कोई । +कू कू करदी कमरी आही , गल विच्च तौक3 पिओई । +बस्स ना कदी कू कू कोलों , कू कू अन्दर मोई । +की जाणा मैं कोई । +जो कुझ करसी अल्ला भाणा , क्या कुझ करसी कोई । +जो कुझ लेख मत्थे दा लिखिआ , मैं उस ते शाकर होई । +की जाणा मैं कोई । +आशक बक्करी माशूक कसाई , मैं मैं करदी कोही4 । +एयों ज्यों मैं मैं बहुता करदी , त्यों त्यों ही ओह मोई । +की जाणा मैं कोई । +मेहर करीं ते फज़ल5 करीं तूँ , मैं आजिज़6 दी ढोई । +नच्चण लग्गी ताँ घूँघट केहा , जद मुँह थों लत्थी लोई । +की जाणा मैं कोई । +भला होया असीं दूरों छुट्टे , नेड़े आन लधोई7 । +बुल्ला सहु इनायत करके शोक शराब दितोई8 +की जाणा मैं कोई ।",panjabi-pan +"448 +जदों खलक पैदा कीती रब्ब सचे बंदयां वासते कीते नी सभ पसारे +रन्नां छोकरे जिन्न शैतान रावल1 कुता कुतड़ी बकरी ऊठ सारे +टोहां मूल फसाद दा होइयां पैंदा जिन्हां सभ जगत ते मूल धारे +आदम कढ बहिश्त थी खुआर कीता ए तां डायनां धुरों ही करन कारे +एह करन फकीर चा रांझयां नूं इन्हां राजे ते राने ने सभ मारे +वारस शाह हैन हुनर विच मरदां अते महरियां विच नी ऐब भारे",panjabi-pan +"कोन मा कोन डो पुग्या जा कोन पुग्या जा +कोन मा कोन डो पुग्या जा कोन पुग्या जा +कोन मा कोन डो पुग्या जा क��न पुग्या जा +कोन जा सोना जा कोन +कोन जा सोना जा कोन +सोना जा कोन के रेशमों झूडा डो बागे +सोना जा कोन के रेशमों झूडा डो बागे +रेशमा डोरा डो सालोनी नी +अचारेन परदा आऊगे +रेशमा डोरा डो सालोनी नी +अचारेन परदा आऊगे +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठे , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"जुगनी ते जुगना चल मणियाँ +जुगनी ते जुगना चल मणियाँ , +पाणी नु चलियाँ दो जणियां , +साडे बुए दे अग्गे नाली , +उड़ गया कां ते बै गयी लाली , +नी कई सोणी जुगनीशाब्बा , +नी कई बांकी जुगनीशाब्बा , +नी कई टोई पिरोतीशाब्बा , +नी कई लिशकन मोतीशाब्बा , +जुगनी ते जुगना चल मणियाँ , +पाणी नु चलियाँ दो जणियां , +जुगनी जा वडी मदरसे , +मुंडे लै किताबाँ नसे , +मास्टर खिड खिड कर के हस्से , +नी कई सोणी जुगनीशाब्बा , +नी कई बांकी जुगनीशाब्बा , +नी कई टोई पिरोतीशाब्बा , +नी कई लिशकन मोतीशाब्बा , +जुगनी ते जुगना चल मणियाँ , +पाणी नु चलियाँ दो जणियां , +जुगनी जा वडी लाहोर , +उन्दे पै गये पीछे चोर , +अग़े जुगनी पीछे चोर , +चोरां ते पे गये मोर , +नी कई सोणी जुगनीशाब्बा , +नी कई बांकी जुगनीशाब्बा , +नी कई टोई परोती , +नी कई लिशकन मोती , +जुगनी ते जुगना चल मणियाँ , +पाणी नु चलियाँ दो जणियां .",panjabi-pan +"हे री आई सै रंगीली तीज +हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +बूड्ढा आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां बुड्ढे के साथ +झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +जेठा आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां जेठे के साथ +झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +देवर आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये नां जां पाली के साथ +झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +हे री आई सै रंगीली तीज , झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी +कन्था आया हे मां मेरी लेण नै जी , हां जी कोये इब जां कन्थै के साथ +झूलण जांगी हे री हरीयल बाग मैं जी",haryanvi-bgc +"459 +सहती खोलके थाल विच धयान कीता खंड चावलां दा थाल हो गया +छुटा तोर फकीर दे मोजजे1 दा विचों कुफर पाजी परे हो गया +जेहड़ा चलया निकल यकीन आहा करामात नूं देख खलो गया +गरम गजब दी आतशों आप आहा बरफ कसफ2 दे नाल समो गया +जिस नाल फकीरां दे अड़ी बधी ओह आपना आप वगो गया +पेवे डाढयां माड़यां केहा लेखा ओस खोह लया ओह हो गया +मरन वखत होया सड़ खतम लेखा जो कोई जमया छोह ने छोह ग���ा +वारस शाह जो कीमिया3 नाल छूता सोना तांबयों तुरत ही हो गया",panjabi-pan +"नटवर नै भेस +मनिहार कृष्ण +नटवर नै भेस बनाया +ब्रज चूड़ी बेचने आया +कोई चूड़ी पहन लो छोरियो ऽ ऽ +सखियों ने सुना राधा से कहा +राधा ने झट बुलवाया , +ब्रज चूड़ी बेचने आया । +राधा पहरन लगी +स्याम पहराने लगे +उसने कसकर हाथ दबाया , +ब्रज चूड़ी बेचने आया । +राधा जाण गई +कोई छलिया है ये +चलिए ने छल दिखलाया , +ब्रज चूड़ी बेचने आया । +नटवर नै भेस बनाया……",khadi_boli-mis +"ईसुरी की फाग-19 +तुमखों देखौ भौत दिनन सें +बुरौ लगत रओ मन सें +लुआ न ल्याये पूरा पाले के +कैबे करी सबन सें +एकन सें विनती कर हारी +पालागन एकन सें +मनमें करै उदासी रई हों +भई दूबरी तन सें +ईसुर बलम तुमइये जानौ +मैंने बालापन सें । +भावार्थ +इस चौघड़िया में ईसुरी रजऊ की व्यथा को व्यक्त कर रहे हैं । देखिए — आज तुम्हें बहुत दिनों में देखा , मन में बहुत बुरा लगता था । मैं पासपड़ोस में सबसे कहती थी , लेकिन मुझे कोई लिवा कर नहीं लाया । किसी से विनती करती , किसी के पैर पड़ती लेकिन मैं हार गयी । मन से उदास रहती थी सो तन से भी दुबली हो गयी हूँ । मैंने तो बचपन से ही तुम्हें अपना प्रियतम जाना है ।",bundeli-bns +"इनी आम्बे जेमानी बिड़े वाजा राजा +इनी आम्बे जेमानी बिड़े वाजा राजा +इनी आम्बे जेमानी बिड़े वाजा राजा +बंझोटी या इनी आम्बे जेमानी बिडे बोले +बंझोटी या इनी आम्बे जेमानी बिडे बोले +इनी आम्बे जेमानी जोमे वाजा राजा +इनी आम्बे जेमानी जोमे वाजा राजा +बंझोटिया इनी आम्बे जेमानी जोमे बोले +बंझोटिया इनी आम्बे जेमानी जोमे बोले +इनी आम्बे चिड़िया पखारे जोमे वाडो रानी +इनी आम्बे चिड़िया पखारे जोमे वाडो रानी +बंझोटी इनी आम्बे होरया पंखोर जोमे बोले +बंझोटी इनी आम्बे होरया पंखोर जोमे बोले +चिड़िया पंखोर चोज मेनटेन मांडी वाजा +चिड़िया पंखोर चोज मेनटेन मांडी वाजा +राजा बंजोला चिड़िया पंखोर चोज मेनटेन मांडी +राजा बंजोला चिड़िया पंखोर चोज मेनटेन मांडी +चिड़िया पंखोर सुवला बारेन आजोमेडो रानी +चिड़िया पंखोर सुवला बारेन आजोमेडो रानी +बंझोटी चिड़िया पंखोर सुबला बारेन आयो मेरे +बंझोटी चिड़िया पंखोर सुबला बारेन आयो मेरे +चिड़िया पंखोर फुल बान्डो पुत्र बान्डो मेन्टेनी मांडी वाजा +चिड़िया पंखोर फुल बान्डो पुत्र बान्डो मेन्टेनी मांडी वाजा +राजा बंझोटिया फूल बान्डो पुत्र बान्डो मेन्टेनी मांडी बोले +राजा बंझोटिया फूल बान्डो पुत्र बान्डो मेन्टेनी मांडी बोले +भगवान करनी नी ढाके डो रानी जेनोमा का बंझोटी रे +भगवान करनी नी ढाके डो रानी जेनोमा का बंझोटी रे +नामी आम्बे बिडे माजा राजा बंझोटा नामी आम्बे बिडे बोले +नामी आम्बे बिडे माजा राजा बंझोटा नामी आम्बे बिडे बोले +नामी आम्बे जेमानी जोमेवाडो रानी बंझोटी नामी आम्बे जेमानी +नामी आम्बे जेमानी जोमेवाडो रानी बंझोटी नामी +आम्बे जेमानी जोमे बोले जोमे बोले +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"अन्त नी होय कोई आपणा +अन्त नी होय कोई आपणा , +समझी लेवो रे मना भाई +१ आप निरंजन निरगुणा , +आरे सिरगुणी तट ठाढा +यही रे माया के फंद में +नर आण लुभाणा . . . +अन्त नी . . . +२ कोट कठिन गड़ चैड़ना , +आरे दुर है रे पयाला +घड़ियाल बाजत दो पहेर का +दुर देश को जाणा . . . +अन्त नी . . . +३ इस कल युग का हो रयणाँ , +आरे कोई से भेद नी कहेणा +झिलमीलझिलमील देखणा +मुख में शब्द को जपणा . . . +अन्त नी . . . +४ भवसागर का हो तैरणा , +आरे कैसे पार उतरणा +नाव खड़ी रे केवट नही +अटकी रहयो रे निदाना . . . +अन्त नी . . . +५ माया का भ्रम नही भुलणा , +आरे ठगी जायगा दिवाना +कहेत कबीर धर्मराज से +पहिचाणो ठिकाणाँ . . . +अन्त नी . . .",nimadi-noe +"159 +घर आइयां दौलतां कौन देंदा किसे बन्न पिंडों कौन टोड़या ए +असां जिउंदयां नहीं जवाब देना साडा रब्ब ने जोड़ना जोड़या ए +किसे चिठियां खत सुनेहयां ते माल टुटया नाहीयों मोड़या ए +जाये भाइयां भाबियां पास जम जम किसे हटकना ते नाही होड़या ए +वारस शाह सियाला दे बाग विचों असां फुल गुलाब दा तोड़या ए",panjabi-pan +"85 +मिली राह विच दौड़के जा नढी पहले नाल फरेब दे चटया सू +नेड़े आणके शीहनी दे वांग गज्जी अखीं रोह दा नीर पलटया सू +सिरों लाह टोपी गलों तोड़ सेहला लकों चाइके जिमीं ते सटया सू +पकड़ जिमीं ते मारिया नाल गुसे धोबी पटड़े ते खेस छटया सू +वारस शाह फरिशतियां अरश1 उतों शैतान नूं जिमीं ते सटया सू",panjabi-pan +"घुड़ला तै बल ल्याइओ घुड़ला रे चाबक आओ +घुड़ला तै बल ल्याइओ घुड़ला रे चाबक आओ +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +करवा तै बल ल्याइयो करवा रे रड़कत आओ +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +धूप पड़ै धरती तपै करूं अडाणी छांए +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +मंजल मंजल डेरा दिया तम्बू दिया ढलकाय +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +धमड़ा तै बल ल्याइयो समधी की पौल बखेर +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +महंदी तै बल ल्याइयो बंदडी रै हाथ रचाए +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +काजल तै बल ल्याइयो बंदड़ी रै नैन घलाए +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +काजल तै बल ल्याइयो बंदड़ी रै नैन घलाए +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +गहणा तै बल ल्याइयो गहणा पाट बलाय +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल +बंदड़ी तै बल ल्याइयो बंदड़ी सै हंस बतलाय +अनोखा लाडला हो राई बर धीरे धीरे चाल +मंजलै मंजलै चाल",haryanvi-bgc +"निहाली गीत +गड़ोगड़ो आइग्या , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ +लदोलदो बस्या , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ +टेघड़ा ने टेघड़ा भाले , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ +माकड्या ने माकड्या भाले , भाया ना साला हिजड़ा ने गधड़ा ॥ +वधू के घर महिलाएँ यह हास्य गीत गाती हैं +एकदम आ गये भाई के साले हिजड़े और गधे । आकर खटिया पर लद गये भाई +के साले हिजड़े और गधे । कुत्तों के समान देख रहे हैं , बन्दर के समान देख रहे हैं ।",bhili-bhb +"ढोल चन वे, लखाँ तेरियां मन्नियाँ +ढोल चन वे , +लखाँ तेरियाँ मन्नियाँ , +तू इक मन वे , +ढोल मखणा , +दिल पर्देसियाँ दा , +राजी रखना । +उची माड़ी ते दुध पई रिडकाँ , +मेनू सारे टब्बर दियां झिडकाँ , +मेनू तेरा इ दिलासा , +वे चन्न वे . . . +वे बाजार विकेंदी बर्फी , +मेनू ल्यादे दे निक्की जहि चरखी , +ते दुक्खा दियाँ पूनियाँ , +वे चन्न वे . . . +वे बाजार विके दुध कडया , +माह़ी कंजरी दे नालों फडया , +हाय एथों दिल सडया , +वे चन्न वे ।",panjabi-pan +"तेरो मन पापी तन नौंनों +तेरो मन पापी तन नौंनों , +एक भाँत ना दौनों । +मन , माटी के मोल , कदर कम । +तन कीमत में सोनों । +मन से रात अदेखसबई कोऊ । +तनकौ मचौ दिखौनों । +ऐसे नौने सुन्दर तन में , +मन दऔं , बिध अनहौनौं । +ईसुर नमक अकेले बिन सब । +बिनजन लगत अरौनों ।",bundeli-bns +"नमो नरंजन मात भवानी +नमो नरंजन मात भवानी , सदा रंगीला तेरा भवन +तेरे दरस को रिसी मुनि आए , दूरदूर तै करके गवन +कोए समरधा लावै समाधी , कोए समरधा साधै पवन +तेरे दरस को . . . +ग्यान बूझ की तैं मेरी जवाला , तेरै बरोबर और न कोए +सुख संपत की तैं मेरी देवै , तेरै बरोबर और ना कोए +सेवत राम तरा जस गावै , हाथ जोड़ कै कर गवन +तेरे दरस को . . .",haryanvi-bgc +"मद अब देत करेजे जारें +मद अब देत करेजे जारें +आई बसन्त बहारें । +सीतल पवन लगत ���ै ऐसी , +मानो अगन की झारें । +बोलकोकिला लगें तीर से +लेवें प्राण निकारे । +आमनमौर झोंर के ऊपर +भोंर करत गुन्जारे । +ईसुर पाती देव पीतम खाँ +घर खों बेग पधारें ।",bundeli-bns +"519 +फौज हुसन दी खेत विच खिंड पई तुरत चा लगोटड़े वटयो ने +संमी खेडदियां मारदियां फिरन गिधा फबी घत बनावट पटयो ने +तोड़ किकरों सूल दा वडा कंडा पैर चोभ के खून पलटयो ने +सहती अंदरों मकर दा फंद जड़या दंद मारके खून उलटयो ने +शिसतअंदाज1 ते मकर दा नाग कीता उस हुसन दे मोर नूं फटयो ने +वारस यार दे खरच तहसील विचों हिसो सिरफ कसूर दा लुटयो ने",panjabi-pan +"आईजा म्हारी समदण लिम्बू तळे +आईजा म्हारी समदण लिम्बू तळे +दारी बिछिया पेरे लिम्बू तळे +थारी अनबट री झलक बतईजा म्हारे +रिझईजा म्हाने",malvi-mup +"271 +नाथ मीट अखीं दरगाह अंदर नाले अरज करदा नाले संगदा ए +दरगाह लोबाली1 है हक वाली ओथे आदमी बोल ना हगदा ए +आसमान जमीन दा वामसी तूं तेरा वडा पसारड़ा रग दा ए +रांझा जट फकीर हो आन बैठा रख तकवा नाम ते लंग दा ए +सभ छड बुरयाइयां बन्न तकवा लाह आसरा साक ते अंग दा ए +ऐसा इशक ने मार हैरान कीता सड़ गया सू अंग पतंग दा ए",panjabi-pan +"सीता चलीं मायकें +एड़ीटेड़ी बाँसुरी , +बजाबेबारौ कौन , +सीता चलीं मायकें , +लौटाबेबारौ कौन ? +आज आदमी निज स्वारथ में , ऐंन आँदरौ हो रओ , +मानुस होकैं मानवता खौं , काए कुजानें खो रओ । +असगुन हो रए रोज चौगुने , +बिगरत जा रओ सौंन । +कैबे सुनबे जान चिनारी , कोऊ काम नइँ आबैं , +थायँबताकै हमें ऊथली , लै गैरे खौं जाबैं । +दूध बिलइयाँ पिएँ मजे सें , +हमें मठा कौ धौंन । +चोरचोर मौसेरे भइया , पेरैं अपनी घानी , +अपुन मसकबैं माल मजे सैं , हमें पिआ दएँ पानी । +फोरा पारैं और जरे पै , +डारैं रोजऊँ नौंन । +चोरबजारी करैं प्रेम सैं , हरिसचन्द के लरका , +सज्जनता की नई सड़क पै , बड़ेबड़े भए भरका । +अपने काजै डैवड़ौ दूनौ , +और काउऐ पौंन । +नीतन्याय की बात करौ नइँ , भरौँ मच गओ भारी , +मौं पै मीठे बोल , बगल में दाबैं फिरैं कटारी । +तनक भले की बात चलै तौं , +होहो जाबैं मौन । +सत्य अहिंसा धरम नीति के , क्वाउत जौन पुजारी , +निकरत बेइ कुकरमी पापी , असली अत्याचारी । +बेइ प्रगत के महाखम्भ की , +पकरैं बैठे टौंन ।",bundeli-bns +"मैं बे-कैद, मैं बे-कैद +मैं बेकैद1 , मैं बेकैद , +ना रोगी ना वैद । +ना मैं मोमन ना मैं काफर , +ना मुल्लाँ ना सैद । +चौहदीं तबकीं2 सैर असाडा , +किते ना होवाँ कैद । +खराबात3 में जात असाड़ी , +ना शोभा ना ऐब । +बुल्ला सहु दी जात पुछनै , +पै करे नपैद4",panjabi-pan +"घोड़ी सोवै दादा दरबार +घोड़ी सोवै दादा दरबार , बछेरी मेरै मन भावैगी +चरि आवै खेड़े की दूब , बछेरी मेरै मन भावैगी +पी आवै जमुना जल नीर , बछेरी मेरै मन भावैगी +घोड़ी सोवै ताऊ दरबार , बछेरी मेरे मन भावैगी +चरि आवै खेड़े की दूब , बछेरी मेरै मन भावैगी +पी आवै जमुना जल नीर , बछेरी मेरै मन भावैगी",haryanvi-bgc +"असीं एथे ते ढोला छाओनी (ढोला) +असीं इथ्थे ते ढोला छाओनी +एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी +चन्न माही आवना +जीवें ढोला +अंब डलियाँ +जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ +भावार्थ +' हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है +इन आँखों को सड़क बनानी है +चांदसा प्रियतम आएगा +जीते रहो ढोला +आम की फाँकें +जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था , वहीं खड़ी हूँ '",panjabi-pan +"झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए +झालो अलगियों तो ऐयूं जालो मांए +के धिया बाई सा रो पीवरियो तो एयूं मीडक मांए +सासूरियूं तो लीन्यूं नजरा मांए +बाइसा रो बापा जी तो रेग्या मीडंक भांए +ससुरा जी तो लीन्या नजरां मांए +सासू जी ने लीवों नजरां मांए । +बाई री साथणियां तो रैगी माड़क मांय +नणदल बाई सा ने लेवो नजरां मांए ।",rajasthani-raj +"मचिया बैसल हे कोसिका +मचिया बैसल हे कोसिका , +भितिया अंगुठल +दीनानाथ के वटिया हेरै छै । +कहँमा से भागवै हे कोसी +चानन के लकड़िया +कहाँ से मंगेवै सूतिहार । +मोरंग से मंगेवै हे कोसिका +चानन लकड़िया +तिरहुत से मंगेवै सूतिहार । +कथी से छेवैवे हे कोसिका +चानन के लकड़िया +कथी से छेवैवे हे कोसिका +पैर के खड़म । +आरी से छेवैवे हे कोसिका +चानन के लकड़िया +बसुला से छेवैवे हे कोसिका +पैर के खड़म । +कहाँ गेल किअ भेल +दीनानाथ दुलरूआ +पीन्हि लिअ पैर के खड़म । ।",angika-anp +"चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी +चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी +चोजा जलमी इले आयोम डो चोजा जलमी +इले डो आयोम चोजा जलमी +इले डो आयोम चोजा जलमी +जन्मा जलमी इकेजा बेटा जन्मा जलमी +जन्मा जलमी इकेजा बेटा जन्मा जलमी +इकेजा बेटा जा जन्मा जलमी +इकेजा बेटा जा जन्मा जलमी +आकाशो बानी बोचोकेनी आयोम डो धरती मायनी +आकाशो बानी बोचोकेनी आयोम डो धरती मायनी +टिलाकेन आयोम डो धरती मायनी +टिलाकेन आयोम डो धरती मायनी +आमा नी कसड़ा झड़ी डो आयोम डो टोना एली +आमा नी कसड़ा झड़ी डो आयोम डो टोना एली +झूड़ी को आयोम डो टोना ऐली +झूड़ी को आयोम डो टोना ऐली +आमानी सलवा झूडो डो आयोम केला सकोमेन +आमानी सलवा झूडो ड�� आयोम केला सकोमेन +झूड़ी डो आयोम केला सकोमेन +झूड़ी डो आयोम केला सकोमेन +आमानी डिडोम नुडोन डो आयोम डो टुवर डिडोम +आमानी डिडोम नुडोन डो आयोम डो टुवर डिडोम +नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम +नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम +नुवेन आयोम डो टुवर डिडोम +आमा सम्मानी दिवाला बेटा जा आमा सम्मा हल्दी +आमा सम्मानी दिवाला बेटा जा आमा सम्मा हल्दी +बेटा जा आमा सम्मा हल्दी +बेटा जा आमा सम्मा हल्दी +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"हाय हाय बागां की कोयल +हाय हाय बागां की कोयल +किन तेरी बांधी पालकी बागां की कोयल +किन तेरा कर्या सिंगार बागां की कोयल +हाय हाय बागां की कोयल +देवर जेठां नै बांधी पालकी बागां की कोयल +द्योर जिठाणियां नै कर्या सिंगार बागां की कोयल +हाय हाय बागां की कोयल +मार मंडास्सा ले गये बागां की कोयल +बिन्दरावन के पास हे बागां की कोयल +हाय हाय बागां की कोयल +बिन्दरावन की गोपनी न्श्रयूं कै या कौण राणी जाये +हाय हाय बागां की कोयल +अपणे बाबल की धीअड़ी बागां की कोयल +अपणे भाइयां की भाण योह् बागां की कोयल +भावजां की प्यारी योह् बागां की कोयल +हाय हाय बागां की कोयल",haryanvi-bgc +"मीना जडी बिंदी लेता आवजो जी +मीना जडी बिंदी लेता आवजो जी , बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी +आवजो आवजो आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी +माथ सारु बीदी लाव्जो माथ सारु टीको , +माथ सारु झूमर लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी +गल सारु हार लाव्जो गल सारु नेकलेस , +गल सारु पेंडिल लेता आवजो जी , बना पैली पेसेंजेर सी आवजो जी +हाथ सारु चूड़ी लाव्जो हाथ सारू कंगन , +हाथ सारु बाजूबंद लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजेर सी आवजो जी +पांय सारु चम्पक लाव्जो , पांय सारु बिछिया , +पांय सारु मेहँदी लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी +अंग सारु साडी लाव्जो , अंग सारु पैठनी , +अंग सारु चुनार्ड लेता आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी +आवजो आवजो जी बना पैली पेसेंजर सी आवजो जी",nimadi-noe +"पनियां भरन चली बांकी रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +सिर पर घड़ा घड़े पर झज्ञरी +पतली कमरिया बल खाए रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +घड़े को उतार गोरी कूएं पै रख दो +हम से करो दोए बातें रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली +बातें तो राजा कै से करूं मैं +छोटी ननदिया मोरे संग में रसीली +पनियां भरन चली बांकी रसीली",haryanvi-bgc +"म्हारा दादाजी आया, म्हारी माता हो आया +म्हारा दादाज�� आया , म्हारी माता हो आया +दामा रो लोभी बीरो घर रयो +तम क्योंनी आया म्हारा माड़ी रा जाया +तम बिना सूनी म्हारी बिरदड़ी +विरद अलोणी बीरा , थारी बेन अलोमी +कड़ही री चीगट म्हरे चढ़ रई +थारा पिछवाड़े बेन्या गंगा हो जमना +न्हाईधोई ने बेन्या चीगट हेड़जे +न्हाया धोया से बीरा उजला नी दीखां +उजला तो दीखां रामरथ बीर से",malvi-mup +"आल्हा ऊदल +चलल जे भँटवा बा नैना गढ़ से दुरगौली में पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के भँटवा बोलल बाबू आल्हा सुनीं महराज +तेगा नव चलिहें नैना गढ़ में धरम दुआरे होई बियाह +हाथ जोड़ के आल्हा बोलल भँअवा सुनव धरम के बान +हम नव जाइब नैना गढ़ में बिदत होई हमार +किरिया धरावे भँटवा है बाबू सुनीं आल्हा बबूआन +जे छल करिहें राजा से जिन्ह के खोज मंगा जी खाय +चलल पलकिया जब आल्हा के नैनागढ़ चलल बनाय +घड़ी अढ़ाई के अंतर में नैनागढ़ पहुँचल जाय +नौ से कहंरा साथे चल गैल नैना गढ़ पहुँचल जाय +जवना किल्ला में बैठल इंदरमन तहवां आल्हा गैल बनाय +छरपल राजा इंदरमन आल्हा कन गैल बनाय +पकड़ल पहुँचा आल्हा के धरती में देल गिराय +बावन पाँती मुसुक चढ़ावे आखा में देल कसाय +लै चढ़ावल बजड़ा पर बात भैया छोटक के बलि जाओं +लै डुबावव आल्हा के गंगा दव डुबाय +सवा लाख पलटन तैयारी होय गेल छोटक के गंगा तीर पहुँचल बाय +लै डुबावत बा गंगा में आल्हा के डुबावत बाय +अम्बर बैटा जासर के आल्हा नव डूबे बनाय +रुदल आइल इंद्रासन से डेरा पर पहुँचल बाय +रोय कहँरिया दुरगौली में बाबू रुदल बात बनाव",bhojpuri-bho +"मृत्यु गीत +चुइण्यो चुइण्यो महलो गंधये राम । +चुइण्यो चुइण्यो महलो गंधये राम । +बणिया रे श्री राम पोपट +एक दिन रइणें नि पायो , राम को बुलावो आयो । +एक दिन रइणें नि पायो , राम को बुलावो आयो । +लागि गयो द्वारिका री वाट राम , बणियो पोपट श्री राम को । +चुइण्योचुइण्यो हिचको बंधायो राम । +चुइण्योचुइण्यो हिचको बंधायो राम । +एक दिन हिचणें नि पायो राम । +एक दिन हिचणें नि पायो राम । +आइ गयो राम को बुलावो । +लागि गयो द्वारिका री वाट राम , बणियो रे श्री राम पोपट । +चुइणों चुइणों भोजन रंधाड्यो राम । +चुइणों चुइणों भोजन रंधाड्यो राम । +एक कवळ नि खाणें पायो राम , आइ गयो राम को बुलावो । +लागि गयो द्वारिका री वाट राम , बणियो रे पोपट श्री राम को । +चुनचुनकर महल बनाया । महल अच्छा बना । एक दिन भी रहने न पाया , मेरे +राम । मेरे राम तो भगवान राम के पोपट बनकर उड़ गए । मेरे राम ने द्वारिका का +रास्ता पकड़ लिया । +अच्छा झूला बँधाया । मेरे राम ने , पर एक दिन भी झूलने नहीं पाये और राम का +बुलावा आ गया । मेरे भगवान राम के पोपट बनकर उड़ गए । मेरे राम ने द्वारिका +का रास्ता पकड़ लिया । +मेरे राम ने अच्छा भोजन बनवाया , किन्तु एक कौर भी नहीं खा पाये , भगवान राम +का बुलावा आ गया । वे पोपट बनकर उड़ गए और द्वारिका का रास्ता पकड़ लिया । +पत्नी इस प्रकार पति की मृत्यु पर रोरो कर दुःख प्रगट करती है ।",bhili-bhb +"साईं छप्प तमाशे नूँ आया +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +सईओ रत्न मिल नाम ध्यावो । +लटक सजण दी नाहीं छपदी , +सारी खलकत सिकदी तपदी । +सईओ रत्न मिल नाम ध्यावो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +रल मिल सईओ कत्तण पावो , +इक बेई1 दा विच्च समावो । +तुसीं गीत पीआ दे गावो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया । +बुल्ला बात अनोखी एहा , +नच्चण लग्गी ते घुँघट केहा । +तुसीं पड़दा अक्खीं थीं लाहवो , +साईं छप्प तमाशे नूँ आया ।",panjabi-pan +"कान्हा गगरिया मत फोड़ो +कान्हा गगरिया मत फोड़ो +बन की बीच डगरिया में । . . . +जो कान्हा तुम्ळें भूख लगेगी . . . +भूख लगेगी कान्हा भूख लगेगी . . . +माखन रखिहो बगलिया में । . . . +जो कान्हा तुम्हें प्यास लगेगी । . . . +प्यास लगी कान्हा प्यास लगेगी । . . . +झाड़ी रखिहो बगलिया में । कान्हा । . . . +जो कान्हा तुम्हें तलब लगेगी । . . . +तलब लगेगी कान्हा , तलब लगेगी । . . . +बीड़ा रखिहो बगलिया में । कान्हा । . . .",bundeli-bns +"सिया खड़ी पछताय कुस बन में हुए +सिया खड़ी पछताय कुस बन में हुए +जो यहां होती ललना की दाई +ललना देती जमाय सूरज देती पजाय +मुन्ना लेती खिलाए । कुस बन में हुए । । +जो यहां होती ललना की नायन +मंगल देती गवाय चौक देती पुराय +न्हान देती नहलाय । कुस बन में हुए । । +जो यहां होती ललना की दादी +चरुए देती धराय , खुसियां लेती मनाय +बाजे देती बजवाय । कुस बन में हुए । । +जो यहां होती ललना की चाची +पलंगा देती बिछाय दीपक देती जलाय +घुट्टी देती बनाय । कुस बन में हुए । । +जो यहां होती ललना की ताई +ललना लेती खिलाय मोहरें देती लुटाए +नेग देती दिलाय । कुस बन में हुए । । +जो यहां होती ललना की बुआ +सतिये देती धराय काजल देती लगाय +दूध देती पिलवाय । कुस बन में हुए । ।",haryanvi-bgc +"हरियो रूमाळ +चाहे बिक जाये हरियो रूमाळ +बैठूंगी मोटर कार में +चाहे सास बिको चाहे ससुर बिको +चाहे बिक जाये नणद छिनार +बैठूंगी मोटर कार में +चाहे देवर बिको चाहे देराणी बिको +चाहे बिक जाये ��ारा रूमाळ +बैठूंगी मोटर कार में +चाहे जेठ बिको चाहे जेठाणी बिको +चाहे बिक जाये हरियो रूमाळ +बैठूंगी मोटर कार में +चाहे बलम बिको चाहे सौंक बिको +चाहे बिक जाये सांस को लाल +बैठूंगी मोटर कार में",rajasthani-raj +"माय भवानी मोरी पाहुनी हो मा +माय भवानी मोरी पाहुनी हो मां । +चन्दन पटली बैठक डारों , +दूधा पखारों दोऊ पांव । भवानी . . . +दार दरों मैं मूंग की माता , +राधौं मुठी भर भात । भवानी . . . +खाके जूंठ मैया अचवन लागीं , +मुख भर देतीं असीस । भवानी . . . +दूध पूत मैया तोरे दये हैं , +बरुआ अमर हो जायें । भवानी . . . +सुमिरसुमिर मैया तोरे जस गाऊं , +चरण छोड़ कहां जाऊं । भवानी . . .",bundeli-bns +"के रे लेल उबटन, के रे लेल तेल +के1 रे लेल उबटन , के रे लेल तेल । +के रे लेल थारी2 भरी हरदी3 कस्तूर4 ॥ 1 ॥ +सेते5 आवऽ6 येते आवऽ , बइठऽ , दुलरइता । +लगतो7 अहो दुलहा , हरदी कस्तूर ॥ 2 ॥",magahi-mag +"चोका चावल पीला हलदी झूडो बाईकेन न्यूटा कूले +चोका चावल पीला हलदी झूडो बाईकेन न्यूटा कूले +झूडो बाई डो झूडो बाई हो सारी राटे बलटन बाई केन नारुयेरे +चोका चावल पीली हलदी बुलुरी बाई केन न्यूटा कूले +बुलुरी बाई डो बुलुरी बाई डो सारी राटे बलटन बाईकेन नारुयेरे +चोका चावल पीली हलदी सोसो बाईकेन न्यूटा कूले +सोसो बाई डो सोसो बाई डो सारी राटे बलटन बाईकेन नारुयेरे +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"विवाह गीत +झेला मोलवो वो बेनी , झेला पेहरो । +झेला पर सुब रंग्यो फुलवो मारि नानि बेनी । +दुनिया देखे । +हार मालवो वो बेनी , हार पेहरो । +हार पर सुब रंग्यो छिब्रो मारि नानि बेनी । +दुनिया देखे । +बाष्ट्या मोलवो वो बेनी , बाष्ट्या पेहरो । +बाष्ट्या पर बुब रंगि भात वो मारि नानि बेनी । +दुनिया देखे । +करूंदी मोलवो वो बेनी , करूंदी पेहरो । +करूंदि पर सुब रंग्यो फुलवो मारि नानि बेनी । +दुनिया देखे । +महिलाएँ गीत में दुल्हन से कहती हैं कि झेला खरीदो और पहनो । झेला में सभी रंग के फूल हैं , तुम्हें झेला पहने हुए सभी लोग देखेंगे । हार में सभी रंग के फूलों वाले छल्ले लगे हैं , पहनोगी तो दुनिया देखेगी । बाष्ट्या पर सभी रंग की डिजाइन बनी हुई हैं , पहनोगी तो दुनिया देखेगी । अन्त में करूँदी खरीदकर पहनने को कहती हैं । करूँदी पर सभी रंग के फूल बने हुए हैं , हनो । दुनिया देखेगी कि दुल्हन ने कितने अच्छे गहने +पहन रखे हैं ।",bhili-bhb +"बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घ�� में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने की दिवाला +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बालटेन घर में सोने न दिवाला बालेवा भाई +बाजंती घर में कांस की दिवाला हिन्दोरे +बाजंती घर में कांस की दिवाला हिन्दोरे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"भैया सो जा बारे बीर (लोरी) +भैया सो जा बारे बीर +बीर की निंदिया लागी , जमनाजी के तीर । । टेक । । +आम से बांदो पालनों , पीपर से बांदी डोर । +जों लो भैया सोवन न पाए , टूट गई लमडोर । । +अब नें रोओ मोरे बारे बीरन +नैनन बह गए नीर । । +धीरेंधीरें आँख मूंद ले +अब आ जैहे नींद । +जब तक मोरो भैया सोहे +झपट बनेंहो खीर । । +तातीताती खीर बनैहें +ओई में डारहैं घी । +बाई खीर जब भैया खैहें +ठंडो परहै जी । ।",bundeli-bns +"झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा +झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा +झूलण खातर घल्या करैं सैं पींघ सामण में +मीठी बोली तेरी सै जणो कोयल जामण में +तेरे दामण में लिसकार उठै चमक रिहा घोटा +झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा +लरज लरज कै जावै से योह् जामण की डाली +पड़ के नाड़ तुड़ा लै तैं रोवै तन्ने जामण आली +तेरे ढुंगे पै लटकै काला नाग सा मोटा +झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा +मोटी मोटी अंखियां के मांह डोरा स्याही का +के के गुण मैं कहूं तेरी इस नरम कलाई का +चंदरमा सा मुखड़ा तेरा जणों नूर का लोटा +झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा",haryanvi-bgc +"बार ऐन बग्वाली, माधोसिंह +माधोसिंह +बार ऐन बग्वाली , माधोसिंह , +सोल ऐन सराध , माधोसिंह । +मेरो माधो नी आयो , माधोसिंह । +त्वै जागो रैन , माधोसिंह +तेरी राणी बौराणी , माधोसिंह । +दाल दलीं रै , माधोसिंह । +चौंल डङ्यां रया , माधोसिंह । +तेरी ब्बै रोंदी रे , माधोसिंह , +मेरो माधो नी आयो , माधोसिंह ।",garhwali-gbm +"कइलीं हम कवन कसूर +कइलीं हम कवन कसूर . . . नयनवाँ से . . . नयनवाँ से +नयनवाँ से दूर कइल . . . आ बलमूँ . . . +नयनवाँ से दूर . . . नयनवाँ से दूर . . . नयनवाँ से दूर कइल . . . +आ बलमूँ . . . +गुनढंग रहल नीक औ सुरतियो रहल ठीक +त काहें हम्में दूर कइल . . . आ . . . बलमूँ . . . +नेकनामी में त . . . अ . . . नाहीं . . . बदनामी में जरूर +गाँव भर में हम्में मशहूर कइल . . . आ बलमूँ . . . +कइलीं हम कवन कसूर . . .",bhojpuri-bho +"38 +सानूं दस नमाज है कादी जी कास नाल बणा के सारियां ने +कन नक नमाज दे हैन कितने मत्थे किन्हां दे धुरों एह मारियां ने +लम्मे कद चौड़े कि�� हाण हुंदी किस चीज दे नाल सहारियां ने +वारस किलियां कितनियां ऐस दीयां ने जिस नाल एह बनह उतारियां ने",panjabi-pan +"इयानी सिरभाव जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव कोन किमीन सागे +इयानी सिरभाव कोन किमीन सागे +इयानी सिरभाव कोनजई जामाय सागे +इयानी सिरभाव कोनजई जामाय सागे +इयानी सिरभाव घाडा डेघा सागे +इयानी सिरभाव घाडा डेघा सागे +घाडा डेघा भागायन डो जेमा डो सागे +घाडा डेघा भागायन डो जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव घाडा डोंगरीन सागे +इयानी सिरभाव घाडा डोंगरीन सागे +घाडा डोंगरान भागायन डो जेमा डो सागे +घाडा डोंगरान भागायन डो जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव भसोड़ कू डुबली सागे +इयानी सिरभाव भसोड़ कू डुबली सागे +भसोड़ कू डुबली भागायन डो जेमा डो सागे +भसोड़ कू डुबली भागायन डो जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव नाड़ा टिकी सागे +इयानी सिरभाव नाड़ा टिकी सागे +नाड़ा टिकी भागायेन डो जेमा डो सागे +नाड़ा टिकी भागायेन डो जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव केकड़ा कू डोडान सागे +इयानी सिरभाव केकड़ा कू डोडान सागे +इयानी सिरभाव जेमा डो सागे +इयानी सिरभाव जेमा डो सागे +स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"जैपर जाइओ जी ढोला +जैपर जाइओ जी ढोला +हम नै बंद बंगड़ी का चा +कौण निरखैगा हे गोरी +तेरा पिआ बसै परदेस +चिट्ठी लिख भेजूं जी ढोला +थम तो सांझ पड़ी घर आओ +किस बिध आऊं हे गोरी +मेरी मायड़ कै चढ़ रह्या ताप +क्यूं ब्याही थी जी ढोला +मेरा ब्याह कै मार्या मान +न्यूं ब्याही थी ए गोरी +मेरा घर का करिओ काम +आग लगाद्यूं जी ढोला +थम तो खड्या तमासा देखिओ जी +इसी मत करिओ रे गोरी +मेरी सात फेरयां की नार +ना मर जइयो हे गोरी +तेरे बिना तज द्यूं सारा संसार +इब समझे ओ जी ढोला +थारा घर बसाऊं दिन रात",haryanvi-bgc +"बिटिया +बिटिया तो है कपला गाय , +न अपने मुख सें कछु वा काय , +जमाने के सब जुलम उठाय , +ओंठ सें बोल न दो बोले , +महा जहर खाँ भी अन्तर में , +अमरितसौ घोले । +सान्ति की सूरत है , +सील की मूरत है । +अन्तर में होंय आग तौउ बा सीतल बानी बोले , +नौनीबुरइ सबइ की सुनबै भेद न मन कौ खोले +खुसी में थोड़ौ मुसक्या देत , +लाज सें दृग नीचे कर लेत , +न ईसें आगें उत्तर देत , मन की चाहे धरा डोले । +करत है जब कोऊ ऊकी बात , +तौ नीचौ सर करकें उठ जात , +लाज भर नखसिख सें , +कछू ना कह मुख सें । +सावन की सोभा है बिटिया और दोज कौ टीक�� , +न्यारौन्यारौ रूप है ईको मातबहिनपतनी कौ । +ईकौं केवल कन्यादान , +होत है कोटन जग्य समान , +दओ जिन उनके भाग्य महान , भाग्य दोऊ कुल के खोले । +सजाबै अपनों घर संसार , +प्यार कौ लै अपार भंडार , +जात घर साजन के , +छोड़ सँग बचपन के । +कर दए पीरे हाँत , पराए हो गए बापमताई , +छूटे पौंर , देहरी , आँगन , पनघट गलीअथाई । +चली तज बाबुल कौ घरगाँव , +और माँ की ममता की छाँव , +परबस जात पराए ठाँव , चली डोली होलेहोले । +याद कर भाईबहिन की जंग , +संग सखियन के बिबिध प्रसंग , +नैन भरभर आबैं , +सबइ छूटे जाबैं । +पलकन की छाया में राखो , सुखसनेह सें पालो , +ऐसी नौनी रामकुँवर पै , परै न राम कसालो । +रातदिन दुआ करै पितुमात , +सौंप दओ जीके हाँत में हाँत , +संग में ऊके रहै सनात , नाथ की सेवा में हो ले । +जराबै संजा कैं नित दीप , +धरत है तुलसीधरा समीप , +बड़न के पग लागै , +कुसल पतिकी माँगै । +लरका जग में एकइ कुल कौ , कुलदीपक कहलाबै , +‘पुत्रि पवित्र करे कुल दोऊ’ रामायन जा गाबै । +कन्या कुलवंती जो होय , +तौ ऊसें जस पाबें कुल दोय , +अपने मन मानस में धोय , तौल कें फिर बानी बोले । +करत है हरदम मीठी बात , +मनौ होय फूलन की बरसात , +कि जीमें समता है , +हिये में ममता है ।",bundeli-bns +"तू परेम के रंग मैं रंग दे चोला आण रे बनवारी +तू परेम के रंग मैं रंग दे चोला आण रे बनवारी +तू रंग जोगिआ रंग दे सेवक जाण रे बनवारी +राम नाम की चाल जमी हो सिव संकर की बूटी हो +भू गुरवो की डोर पड़ी हो किलफां जिसकी छटी हो +ग्वाल बाल गोपाल हो संग में ग्वालन की दधि लूटी हो +देख कै चोला मोरा जोगिआ आसा तिरसना टूटी हो +फिर पहर कै चोला करूं तुम्हारा ध्यान रे बनवारी +तू परेम के रंग . . . +सूत सूत मैं राम रम्या हो मेरै चोलै प्यारै मैं +गोकल मैं गउंआं चरती हों जमना बहे किनारै मैं +सत का सिलमा लगा दिआ जो चमके एक इसारै मैं +बेला फूल बण्या बिसणू का जो राम रह्या हमारे मैं +तार तार तै आवै हरी की तान रै बनवारी +तू परेम के रंग . . . +ठपपै मैं ठाकर जी बैठे देखूं पल्लै चारूं मैं +नारायण नरसी की क्यारी बणी होई इन फुलवारां मैं +नो लख तार्यां की चमकीली मिलै जो बजार्या मैं +चांद सूरज बी बणे होए हों मेरै चोलै प्यारै मैं +तू सत्त धरम नै पक्का करदे आण रे बनवारी +तू परेम के रंग . . . +राम नाम तू रंग में रंग दे गंगा जल लहराता हो +इस चोलै ने ओ पहरेगा जिसका हर तै नाता हो +यो चोला तो उसने भावै जिस नै मोहन भाता हो +मैं बेचैन रहूं तेरै बिन मनगुण तेरे गाता ह��� +मैं राम पार हो जाऊं कर गुणगान रे बनवारी +तू परेम के रंग . . .",haryanvi-bgc +"नर नारी की हो गई इक दिन +नर नारी की हो गई इक दिन आपस में लड़ाई +मो ते झगड़ा करके पिया सुख नहीं सोवगे । +चाकी भी चलावै जेघर धर के पानी ढोवेगो +जा लखन ते न खालेगी सिकी ते सिकाई +नर नारी की . . . +चुपकी रह बेहुद्दी ज्यादा बात न बनावै +मो बिन जी के न गोदी में छोरा खिलावै +पीर में रह लेती क्यों करवाया ब्याह सगाई +नर नारी की . . . +जै कहीं हो तकरार ले तूं लाठी का सहारो +धोती कमीज बिन रह जायेंगो उधारो +चाकी में आटे की हो जाये लहमा में पिसाई +नर नारी की . . . +हाथिन में हथफूल तेरो सोभा है बदन की +फेर भी बुराईदारी करे मरदन की +बे अंजन की रेल ठाडी चले न चलाई +नर नारी की . . .",haryanvi-bgc +"रुपया खरच कू रख लीजो +बारे लाँगुरिया रुपया खरच कू रख लीजो , +मैंने बोली है करौली की जात ॥ लँगुरिया . +बारे लाँगुरिया चम्पा की मैयाहू जावैगी , +और सुन्दर की कर गई बात ॥ लँगुरिया . +बारे लाँगुरिया साड़ी तौ लादै नायलौन की +जामें चमकैं जोबन गात ॥ लँगुरिया . +बारे लाँगुरिया गोटा किनारी वापै लगवाऊँ , +चाहे उठ जाँय पाँच के सात ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया गोद मेरी तो सूनी है , +अब जाय मांगूगी देवी मात ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया मन में तू शंका कछु न रखियो +वहाँ पै जो माँगे ‘प्रभु’ पात ॥ लँगुरिया .",braj-bra +"सकल गुण धाम अम्बे तू भला क्या गान गाऊ मै +सकल गुण धाम अम्बे तू , भला क्या गान गाऊ मैं । +बनाऊँ साज पूजन को , कहाँ पर साज पाऊँ मैं । +तुमईं हो व्याप्त ग्रंथों में , तुमईं वेदों पुराणों में । +कहाँ वह ज्ञान है मुझको , जो माता को सुनाऊँ मैं । । +मृदुल सुचि पद्म आसीना , कहाँ आसन बनाऊ मैं । +लगैया पार अब नैया , तेरो सो कौन पाऊँ मैं । । +सुनो हे मातु अब बिनती , अनाथों ओ गरीबों की । +तुम्हें ही मध्य पाऊँ मैं , तुम्हारा गान गाऊँ मैं । ।",bundeli-bns +"बारात स्वागत का गीत +आवोआवो वो याहयण रामरामी । +मिलोमिलो वो याहयण रामरामी । +बठोबठो वो याहयण रामरामी । +पाणिपीवो वो याहयण रामरामी । +आवोआवो वो याहयण रामरामी । +समधन से गीत में कहा है समधन बैठने के लिये मंडप बना रखा है । आओ +रामराम । समधन आओ मिल लेवें । बैठो पानी पिओ । जब माँडवे में वर पक्ष की महिलाएँ बैठ जाती हैं तब गाली गीत वधू पक्ष की ओर से प्रारम्भ हो जाता है , जवाब वर पक्ष से दिया जाता है ।",bhili-bhb +"कउन बाबू के बगिया लगावल, जलथल हरियर हे +कउन बाबू के बगिया लगावल , जलथल हरियर1 ह�� । +ललना , कवन बाबू हथि2 रखवार , कउन चोर चोरी कयलन हे ॥ 1 ॥ +बाबा मोरा बगिया लगावल , जलथल हरियर हे । +ललना , मोरा भइया हथि रखवार , साहेब चोर चोरी कयलन हे ॥ 2 ॥ +एक फर3 तोड़ले दोसर फर , अउरो तेसर फर हे । +ललना , जागि पड़ल रखवार , दउना4 डारे बाँधल हे ॥ 3 ॥ +सोबरन5 के साँटी6 चोरवा के मारल , रेसमे डोरो बाँधल ॥ 4 ॥ +घरवा से इकसल7 जचा रानी , इयरी पियरी पेन्हले हे । +गोदिया में सोभइ एगो8 बालक , नयन बीच काजर हे ॥ 5 ॥ +भइया हमर बीरन भइया , सुनहु बचन मोरा हे । +भइया , चोरवा हइ सुकुमार फुलुक9 डोरी बाँधिहऽ , सोबरन साँटि छुइह हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"छैला छाय रहे मधुबन में (कजली) +छैला छाय रहे मधुबन में सावन सुरत बिसारे मोर । +कोकिल शुक सारिका पपीहा , दादुर धुनि चहुंओर । +ताखि निकुंज सुनो सुधि आवै श्याम संवलिया तोर । +"" कजली कौमुदी "" से जिसके संग्रहकर्ता थे श्री कमलनाथ अग्रवाल +' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के जुलाई 1945 के अंक से",khadi_boli-mis +"श्री रामचन्द्र जन्म लिये चैत सुदि नौमी +श्री रामचन्द्र जन्म लिये चैत सुदि नौमी । +दाई जो झगड़े नरा की छिनाई +कौशिल्या जी की साड़ी लैहों , सोर की उठाई । श्री . . . +नाइन झगड़े नगर की बुलाई +कौशिल्या जी को हार लैहों , महल की पुताई । श्री . . . +पंडित जो झगड़ें वेद की पढ़ाई +दशरथ जी को घोड़ा लैहों वेद की पढ़ाई । श्री . . . +ननदी जी झगड़े आँख की अंजाई +तीन लोक राज लैहों सांतिया धराई । श्री . . .",bundeli-bns +"बालो छ बदरी झूमैलो +बालो छ बदरी , झुमैलो +परबत आई , झुमैलो +गढ़वाल आई , झुमैलो +दिनु का दाता , झुमैलो +राजा का सामी , झुमैलो +भावार्थ +' बदरी बालक हैझुमैलो +वह पर्वत पर आ गया झुमैलो +वह गढ़वाल में आ गया झुमैलो +वह दीनों का दाता हैझुमैलो +वह राजा का स्वामी हैझुमैलो",garhwali-gbm +"जेहि देस सिकियो न डोलय +जेहि देस सिकियो1 न डोलय2 साँप ससरि3 गेल हे । +ललना , ओहि4 देस गयलन5 दादा रइया6 अँगुरी धरि कवन बरूआ हे ॥ 1 ॥ +पहिले जे मरबो साहिल7 काँटा चाहिला8 हे । +ललना , तबे हम मरबो मिरिगवा , मिरिगछाल9 चाहिला हे । +ललना , तबे हम कटबो परसवा10 परास डंटा चाहिला हे ॥ 2 ॥ +ललना , तबे हम कटबो मुँजिअबा , मुँजिअ11 डोरि चाहिला हे । +ललना , आज मोरा बाबू के जनेउआ , जनेउआ पीला12 चाहिला हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"एक धनि अँगवा के पातर पिया के सोहागिन हे +एक धनि अँगवा1 के पातर2 पिया के सोहागिन हे । +ललना , दोसरे , दुआरे लगल ठाढ़ , काहे भउजी आँसू ढारे हे ॥ 1 ॥ +तुंहूँ त हहु , भउजो , अलरी3 से , भइया ���े दुलरी हे । +काहे भउजी लगल दुआर , काहे रे भउजी आँसू ढारे हे ॥ 2 ॥ +तुहूँ त हहु बबुआ देवर , मोर सिर साहेब4 जी । +बबुआ , तोरो भइया देलन बनवास , से एक रे पुतर बिनु हे ॥ 3 ॥ +लेहु न लेहु भउजी सोनमा , से अउरो चानी लेहू हे । +भउजी , मनवहु आदित5 भगमान , पुतर एक पायब हे ॥ 4 ॥ +मनवल6 आदित भगमान , से होरिला जलम लेल हे । +जुगजुग जिअए देवरवा जे मोरा गोदी भरि देल हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"जसुदै दैंन उरानों जइये +जसुदै दैंन उरानों जइये । +हाल लला कौ कइये । +हीरा हाट बिचौली पैरी +चोली फटी दिखइये । +कछुअक साँसी कछुअक झूँठी , +जुरे मिले कैं कइये , +आठ घरी दिन रात ‘ईसुरी’ । +काँलौं कैं गम खइये ।",bundeli-bns +"187 +साक माड़यां खोह लैन डाढे अन पुजदे ओह ना बोलदे नी +नहीं चलदा वस लाचार होके मोए सप्प वांगू विस घोलदे नी +कदे आखदे मारीए आप मरीए पए अंदरों बाहरों डोलदे नी +गुन माड़यां दे सभे रहिन विचे माड़ेमाड़यां दे दुख फोलदे नी +शानदार1 नूं करे ना कोई झूठा कंगला झूठा कर टोलदे नी +वारस शाह लुटाइंदे खड़े माड़े मारे खौफ दे मुंहों ना बोलदे नी",panjabi-pan +"मेरे आगे तेरी उठे कहा है +मेरे आगे तेरी उठे कहा है +एक दरख्त मैंने सुणो बिना जल आप ही बढ़ै +न ले हे सहारो किसी को धरण में आप गढ़ै +बता वह कौन लगावै है डेढ़ फल वाके आवै है +फूल तो दरख्त में ग्यारह बता दे मत हिम्मत हारे +तीन जुग में दरख्त हो है +वा दरख्त का नाम बता दे पूछ रहा तोहे +वा दरख्त का नाम बता दे जिसमें डेढ़ पता है",haryanvi-bgc +"पहिलो फेरो फेरे लाड़ी, कन्या च कुमारी +पहिलो फेरो फेरे लाड़ी , कन्या च कुमारी , +दूजो फेरो फेरे लाड़ी , कन्या च माँ की दुलारी । +तीजो फेरो फेरे लाड़ी , कन्या च भायों की लड्याली , +चौथो फेरो फेरे लाड़ी , मैत1 छोड़याली । +पाँचों फेरो फेरे लाड़ी , सैसर2 की च त्यारी , +छठो फेरो फेरे लाड़ी , सासु की च ब्वारी3 , +सातों फेरो फेरे लाड़ी , कन्या ह्वे चुके तुमारी ।",garhwali-gbm +"फाग गीत +राते तो हाऊजी थारो जायो बारे रेग्यो ओ । +राते तो हाऊजी थारो जायो बारे रेग्यो ओ । +पाड़ोसण री भीत माथे पगल्या मंडिया ओ , +वरजो जाया ने , +हाँ रे वरजो जाया ने , लाड़कियो मोमाळ लाजे ओ , +वरजो जाया ने । +एक बहू अपनी सास से अपने पति की शिकायत शिष्टता के साथ करती है कि सासूजी रात्रि में आपके पुत्र घर में नहीं आए । सुबह मैंने उनके पदचिन्ह पड़ोसन की दीवार पर मढ़े हुए देखे , आप उन्हें रोकिए , क्योंकि प्रतिष्ठित ममसाल भी लज्जा महसूस करेगा , उनकी प्रतिष्ठा भ��� जायेगी ।",bhili-bhb +"आल्हा ऊदल +कैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय +बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल लगाय +बावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगाय +पलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ लाख +मूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डील +तीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल मैदान +ताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनीं मोर बात +फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल भहराय +जल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जाय +बसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए मोती के लोर +कहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल उजार +सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचाय +सतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली बनाय +घड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जाय +रुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली बनाय +देखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनान +बड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन बरै इँजोर +पड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी मैदान +नींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओर +हाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं बात हमार +बावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचास",bhojpuri-bho +"गढ़ रे गुजरात सु देव गणपति आया हो +गढ़ रे गुजरात सु देव गणपति आया हो +आई नऽ उतर्या ठण्डा वड़ तळऽ +पूछतऽ पूछतऽ गाँव मऽ आया हो नगर मऽ आया हो +भाई हो मोठाजी भाई को घर कहाँ छे ? +आमी सामी वहरी नऽ लम्बी पटसाळ हो , +केल जऽ झपकऽ उनका आंगणा मऽ +सीप भरी सीरीखण्ड थाक भरी मोतीड़ा +गणेश बधावण मोटी बैण संचरिया ।",nimadi-noe +"कैसे व्याहू राधा कन्हैया तेरो कारो +कैसे व्याहूं राधा , कन्हैया तेरो कारो +घरघर की वो गउवें चरावे +ओढ़त कम्बल कारोकारो । कैसे . . . +छीन झपट दधि , खात बिरज में +चलेगो कैसे राधा संग गुजारो । कैसे . . . +मेरी राधा अजब सुंदरी +तेरो कन्हैया है कारोकारो । कैसे . . . +पीताम्बर की कछनी बांधे +मोहन मुरलिया बारो न्यारो । कैसे . . .",bundeli-bns +"नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता हे जी +नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता हे जी +हां जी काहे चारूं दिसां पड़ेगी फुवार +हां जी काहे सामण आया सुगड़ सुहावणा +संग की सहेली मां मेरी झूलती जी +हमने झूलण का हे मां मेरी चाव जी +हां जी काहे सामण आया सुगड़ सुहावणा +सखी सहेली मां मेरी भाजगी जी +हां जी काहे हम तै तो भाज्या ना जाय +पग की है पायल उलझी दूब में जी +नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता जी +हां जी काहे चारूं पास्यां पड़ेगी फुवार",haryanvi-bgc +"कैसे खेले जइबू सावन में कजरिया +कैसे खेले जइबू सावन में कजरिया +बदरिया घेरि आइल ननदी +तू तौ जात हौ अकेली +कौनो संग न सहेली +गुण्डा रोकि लींहें तोहरी डगरिया +बदरिया घेरि आइल ननदी +भौजी बोलेलू तू बोली +सुनिके लागल हमरा गोली +काहे पड़ल बाड़ू हमरी नगरिया +बदरिया घेरि आइल ननदी +केतने दामुल फाँसी चढ़िगे +केतने गोली खाके मरिगे +केतने पीसत होइहैं जेल में चकरिया +बदरिया घेरि आइल ननदी",bhojpuri-bho +"दल रे बादल बिन चमक्यो तारे +दल रे बादल बिन चमक्यो तारे +कि सांझ पड़े पियु लागे प्यारे +कई रे जुवाब करूँ रसिया से +को रसियाजी तमखे किने बिलमाया +तो छोटी का जात बड़ी बिलमाय +बिछिया को रस अनवट लीनो +तो अनवट को रस रामचन्द्र लीनो +कई रे जुवाब करूँ रसिया से +जवाब करूँगी , सवाल करूँगी +केसरिया रा नैणां में रीझ रहूंगी +पातलिया रा नैणां में रीझ रहूंगी +केसरिया , पातलिया आदि पति के सम्बोधन हैं । ‘अनवट’ अँगूठे का गहना है । ‘रामचन्द्र’ पति का पर्याय है ।",malvi-mup +"अवध नगरिया से अइलय बरियतिया हे +अवध नगरिया से अइलय1 बरियतिया हे , परिछन चलु सखिया । +हथिया झुमइते2 आवे , घोड़वा नचइते3 सोभइते4 आवे ना । +सखि रघुबर बरियतिया हे , सोभइते आवे ना ॥ 1 ॥ +बजन बजइते आवइ , कसबी5 नचइते हे । +उड़इत6 आवे न चवदिस7 से निसान8 हे , उड़इते आवे ना ॥ 2 ॥ +लेहू लेहू डाला9 डुली बारी लेहू बतिया हे । +परिछन चलु रघुबर बरियतिया हे , देखन चलु ना ॥ 3 ॥ +ढोल वो नगाड़ा बाजइ , बजइ सहनइया हे । +देखन चलु न सखि रघुबर बरियतिया हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"आरे मिगना सियेन डो मिगना सियेन मिगना सियेन डो +आरे मिगना सियेन डो मिगना सियेन मिगना सियेन डो +कोयल बोले नदी किनारे मिगना मिगना डो +कोयल वाले मारे कोयल चिड़िया बोले वा डो +आयोम इयां मेड्डा नी डो जोरो माटे कोयला को डो +चिड़िया बोले वा डो आयोम कोयला चिड़िया बोले वा डो मारे +नदी किनारे मिगना सियेन डो मिगना सियेन डो +कोयेला बोले मारे कोयेला चिड़िया बोले वा डो +आयोम इयां मे डाडा बोचोवा डो मारे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"493 +मुठी मुठी मैंनूं कोई असर होया अज कम्म ते जियो ना लगदा नी +भुली विसरी बूटी मैं लंघ गई इके पया भुलावड़ा ठगदा नी +तेवर लाल दिसे मैंनूं अज खेड़या दा जिवें लगे अलमड़ा1 अगदा नी +मैंनूं याद आए मैंनूं सोई सजन जैदा मगर उलांवड़ा जगदा नी +खुल खुल जांदे बंद चोलड़ी दे अज गल मेरे कोई लगदा नी +घर बार विचों डर आंवदा ए जिवे किसे ततारचा2 अगदा न��� +इक जोवने दी नईं3 अज ठाठ दिता बूबन4 आवदा पानी ते झगदा नी +वारस शाह बला ना मूल सानूं मैंनूं भला नहीं कोई लगदा नी",panjabi-pan +"झूले नदलाल झुलाओ सखी पालना +झूलें नंदलाल झुलाओ सखी पालना +काहे के तोरे बनो पालना , +काहे के लागे फंुदना । झूलें नन्दलाल . . . +अगर चंदन के बने हैं पालना , +रेशम की डोरी रुपे के लागे फंुदना । झूलें नन्दलाल . . . +को झूलें को जो झुलावे , +को जो बलैया लेत मुख चूमना । झूलें नन्दलाल . . . +कान्हा झूले , सखिया झुलावें , +यशोदा बलैया नंद मुख चूमना । झूलें नन्दलाल . . .",bundeli-bns +"रामलाल क फगुवा +पहिले पहिले फगुवा खेलै रामलाल ससुरारी चललैं +रुपया प‍इसा कपड़ा लत्ता कै के खूब तैयारी चललैं +लेहलैं नया सरौता , बटुआ , कत्था , खड़ी सोपारी लेहलैं +मेहर खातिर साबुन , पौडर , साया , ब्लाउज , सारी लेहलैं +अपने खातिर लुंगी , जूता , बीड़ी अउर सलाई लेहलैं +कई दुकानी चीखचीख के आधा किलो मिठाई लेहलैं +हाथ गाल पर फेरै लगलन सोचै अ‍उर विचारै लगलन +आस पास सैलून कहाँ हौ चारो ओर निहारै लगलन +बनल ठनल एक औरत ल‍उकल खोंखैं अ‍उर खंखारै लगलन +इसकूटर पर ममा देख‍इलन बढ़के ममा पुकारै लगलन +नाहीं सुनलैं ममा भीड़ में नाहीं त बतियवले होतन +पुछले होतन हाल घरे क आपन हाल बतवले होतन +नाँहींनाँहीं लाख कहित हम तब्बौ चाह पियवले होतन +अपने इसकूटर पर हम्मैं बस अड्डा पहुँचवले होतन +सुनले हई शहर में मम्मा मामी नई लियायल ह‍उअन +बड़की मामी गांव रहैले ओकरे पर गुस्सायल ह‍उअन +रामलाल अब सरसमान कुल झोरा में सरियावै लगलन +साबुन पौडर लुंगी जूता खोंसै अ‍उर दबावै लगलन +बस से चली कि रेकसै अच्छा जोड़ै अ‍उर दहावै लगलन +सोझैं खाली रेकसा ल‍उकल ’हे रेकसा’ गोहरावै लगलन +बस से जाये क मतलब हौ पैदल ढेर चलै के होई +रेकसा से सीधे दुआर पर कत्तौं ना उतरै के होई +का हो रेकसा पूरे चलबा सोचा मत बस बोला जनला +रेकसोवाला हँस के कहलस लेला उड़नखटोला जनला +एतना जल्दी तोहके पूरे अब क‍इसे पहुँचाई हम +हमहूँ हई अदमिये मालिक गरुड़ देवता नहीं हम +ज‍इसे त‍इसे घंटा भर में रेकसा पार शहर के निकलल +चारों ओरी जाम बेचारा चढ़ के कहीं उतर के निकलल +मुँह पर डूबत बेर देख के रामलाल घबराये लगलन +रेकसावाले पर रह रह के पिन्नाये भन्नाये लगलन +एसे तेज चली ना हमसे जल्दी हो त खुदै चलावा +आजिज आ के रामलाल तब कहलन अच्छा ब‍इठा आवा +बारीबारी दूनों जाने बइठै अ‍उर चलावै लगलन +एतना गड़बड़ रस्ता सरवा रामलाल गरियावै लगलन +पाहुन अ‍इलैं पाहुन अ‍इलैं घर द‍उरल अगवानी खातिर +केहू तोसक तकिया खातिर केहू मीठा पानी खातिर +रामलाल क मेहर अपने भ‍उजी से बतियावत ह‍उवै +पैदल त ई चलै न जानै अस सुकुआर बतावत ह‍उवै +रेकसावाला मुसकियात हौ रामलाल त हाँफत ह‍उवैं +गौर से उनके सब देखत हौ ऊहो सब के भाँपत ह‍उवैं +हँस के बोलल चाहत हउवन लेकिन हँसी न आवत ह‍उवै +अ‍इसैं मिलै सवारी मालिक रेकसावान मनावत ह‍उवै +घर में चाह पियै के खातिर रामलाल बलवावल गइलन +निखरहरै खटिया पर बिच्चे अंगना में बईठावल ग‍इलन +भरमूंहे सब रंग लगवलस जमके भूत बनावल ग‍इलन +साली करै चिकारी सटके सरहज गावै गारी बबुआ +बबुई त ससुरारी ग‍इलिन तू अ‍इला ससुरारी बबुआ +रामलाल निखरहरै खटिया फोंय फोंय फुफ्कारै लगलन +हमरे नियर चलावा रेकसा सपनै में ललकारै लगलन ॥",bhojpuri-bho +"मुझ सेवक की लाज राख +मुझ सेवक की लाज राख जगदम्बा बेरी आली हे +मात संत हितकारी करी तन्नै सिंह सवारी हे +मात सदा तेरे पै छत्र सुवर्ण साजै +नगरकोट तज मेले के दिन बेरी आन बिराजै",haryanvi-bgc +"आसौ दे गऔ साल करौंटा +आसौ दे गऔ साल करौंटा , +करौ खाव सब खौंटा । +गोंऊ पिसी खाँ गिरूआ लग गव +महुअन लग गओ लौंका । +ककना दौरीं सबधर खाये +रै गव फकत अनोंटा । +कात ईसुरी बाँधें रइयो +जबर गाँठ कौ घोंटा ।",bundeli-bns +"गहनो दे घरवाई मरद ते कह लुगाई +गहनो दे घरवाई मरद ते कह लुगाई +इन लोटन में आग लगादे मेरा गुलीबन्द घरवादे +गहनो दे घरवाई मरद ते कह लुगाई +गुलीबन्द है खाजा चपरा , आच्छे कीमती लादूं कपरा +सारी दे मंगवाई मरद ते कहे लुगाई",haryanvi-bgc +"ये बहना डो ये बहना लेना डो +ये बहना डो ये बहना लेना डो +बुलवा ईन डायेन ये बहना डो +ये बहना बहना बुलवा डो ईन डायेन ये बहना डो +ये बहना बहना बुलवा डो ईन डाये ये डाई जा ये डाई +इयां उरान नी डायेन मारे कजली गाय नी कोनकेन मारे +ये डाई जा ये डाई इयां उरान जा कपली गेई जा +कोनकेन मारे ये बहना बुलवा डो +ईन डायेन ये बहना ये बहना ये बहना बहना बुलवा डो +ईन डायेन ये बहना डो ये बहना कपली गेई कोनकेन मारे +ये डाई जा ये डाई ईन भी से असली कोन्जई जा डाई +ये डाई जा झाडी टालटेन ईन उलडे मारे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"भाँवर गीत +बनी चवरी में खेले , सूरज फूल खेले । +बनी चवरी में खेले , रंगइलो फूल खेले । +मारि रंग रूपाली बिल्खी वो +चरवयो खेलो चुट । +बनी चवरी में खेले , सूरज फूल खेले । +फेरे के समय चवरी की सजावट के बारे में बताया गया है । सूर्यमुखी फूल , रंगीन फूल चवरी में लगे हैं ।",bhili-bhb +"अंगिका फेकड़ा +अटकनमटकन , दहिया चटकन +बर फूले , करेला फूले +इरिचमिरिच मिरचाय के झावा +हाथी दाँत समुद्र के लावा +लौआ लाठी चन्दन काठी +मार पड़ोकी पाँजड़ तोड़ । +कागजपत्तर +कलम दवात +इटा पाटी +सोने के टाट +टाट गिरा दे +पूरे आठ । +चिल्लर पटपट , गंगा हो लाल +हथिया सूढ़ ठुट्ठोॅ पीपर पतझाड़ +कौआ कानोॅ , तेली बेमानोॅ +मियाँ ढोलकिया , फूस कन्हैया । +अलिया गे झलिया गे +बाप गेलौ पुरैनिया गेे +लानतौ लाललाल बिछिया गे +कोठी तर छिपैयेैं गे +बालू में नुकैयैं गे +झमकलझमकल जैहियें गे +सास केॅ गोड़ेॅ लगिहें गे +ननदी केॅ ठुनकैहियैं गे । +सुइया हेराय गेल +खोजी दे नै तेॅ मैया मारबे करतौ ना । +अट्टा ऐन्होॅ , पट्टा ऐन्होॅ +धोबिया के पाट ऐन्होॅ +कुम्हरा के चाक ऐन्होॅ +बीचोॅ गामोॅ में मुकद्धम मुखिया +बनी जइहोॅ तोंय राजा बेटा +गोड़ोॅ लागोॅ , ठाकुर जी केॅ , धरती धरमोॅ केॅ +साठी माय केॅ । +बाप कहाँ गेल छौ ? +ढाका बंगाला । +कीकी लानतो ? +पूड़ीमिठैइया । +हमर्हौ देबे ? +नै रे भैया । +चिकना भरभर , चिकना भरभर । +ताय पुड़ी ताय +के के पकाय +नूनू पकाय +नुनूहैं खाय । +गाय गेलौ रनेॅ बनेॅ +भैंस गेलौ बीजू वनेॅ +कानी भैंसियाँ धान खाय छै +राजा बेटा हाँक दै छै +घूबे तेॅ घूर गे +धान फूसूर । +करिया झुम्मर खेलै छी +लीख पटापट मारै छी । +बीजू रे बन्धवा +कै चन्दवा ? +एक चन्दवा । +घोघो रानी कतना पानी +अतना पानी , अतना पानी ?",angika-anp +"मेरी डोलिया लगी दरवाजे, +मेरी डोलिया लगी दरवाजे , +बाबुल1 मैं तो पाहुनी2 तेरी रे ॥ 1 ॥ +छोडू़ दादू बीबी अँचला3 दादा मियाँ ने हारा है बोल4 । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 2 ॥ +छोडू़ अम्माँ बीबी अँचला , अब्बा मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 3 ॥ +छोडू़ चच्ची बीबी अँचला , चच्चा मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 4 ॥ +छोडू़ खाला5 बीबी अँचला , खालू6 मियाँ ने हारा है बोल । +बाबुल मैं तो पाहुनी तेरी रे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"124 +कैदो आखदा मलकिए भेड़िए नी तेरी धीउ नूं वडा चंचल चाया ई +जाए नदी ते चाक दे नाल घुलदी एस मुलख दा अध गवाया ई +मां बाप काजी सभे होड़ थके एस इक ना जीउ ते लाया ई +मुंह घुट रहे वाल पुट रही थक हुट रही गैब चाया ई +हिक हुट रहे सिर सुट रहे अंत हुट रहे मन ताया ई +वारस शाह मियां सुते मामले नूं लंगे लुचेने फेर जगाया ई",panjabi-pan +"रुकमिनी जेवनार बनाए +रुकमिनी ��ेवनार1 बनाए , मकसूदन2 जेमन3 आए जी । +सोभित रतन जड़ाओ4 कुंडल , मोर मकुट सिर छाजहिं ॥ 1 ॥ +केसर तिलक लिलार5 सोभित , उर बयजन्तरी6 माल हे । +बाँहे बिजाइठ7 सोबरन बाला , अँगुरी अँगुठी सोहहिं ॥ 2 ॥ +सेयाम रूप मँह पीयर बसतर , चकमक झकझक लागहिं । +कनक कंकन , चरन नेपुर , रूप काहाँ लौं बरनउँ ॥ 3 ॥ +जिनकर रूप सरूप मुनिजन , मनहिं मन नित गावहिं । +झारि बिछौना , लाइ झारी8 सब के पाँव धोवावहि ॥ 4 ॥ +कनक , कलसबा , सुन्नर झारी , गिलास दय आगे धरयो । +अंजुल9 जोरी विनय करि के , सभें के पाँत बइठावहि ॥ 5 ॥ +कनक थारी में रुचिर ओदन10 दाल फरक परोसहिं । +सुन्नर भोजन परसि परसि , घीउ11 ऊपर ढरकावहि ॥ 6 ॥ +साग , बैंगन , अलुआ12 मूरी , कटहर , बड़हर परोसहि । +अदरख , अमड़ा , अरु करइला , इमली चटनी लावहिं ॥ 7 ॥ +कदुआ , ककड़ी अउर खीरा , राइ दही रहता13 बनो । +बारा , बजका आउ तिलौरी , हरखि पापर देइ दियो ॥ 8 ॥ +अदउरी , दनउरी आउर मेथौरी , हरखि दही आगे धरयो । +देइ अचमन14 जल गँगा के , बाद सभे बीरा15 दियो ॥ 9 ॥ +खाइ बीरा हँसि हँसि बोलथि हरि रुकमिनी का चही16 +देऊँ परेम परगास हमरा , हाथ जोरि बिनति करी ॥ 10 ॥",magahi-mag +"कख होली मेरी डाँडी व काँठी +कख होली मेरी डाँडी व काँठी , कख कुरेड़ी सौण की , +रूम झुम बरखा छुम छुम छोया , मैं कू सूझीं छ स्येण की । +हालड़ का बीच छानी होली , भैंसी बियाई सौण की , +दूद तपाला , खीर पकाला , गोंदगी1 खाला नौंण2 की । +बल्दू की घांडी , घस्यारियों का गीत आग लगौंदा ज्यू की । +कखड़ी व ग्वदड़ी पाकींगे होली , बग्वाल3 पड़ली छोरू की , +मुंगरी की लुंग अजूँ नी चाखी खुद लगीं च दादी की । +ध्वीड़ मिर्गू कँ चाँत पियारो , मैं कू प्यारो गढ़वाल छ , +डाँड्यों का दर्शन होई जौन , लालसा या ही मन मा छ । +चिट्ठी न पतरी कै पापी की भी , याद नी होली सुपिना मा , +मुखड़ी देखीक टुकड़ी हौंन्दी प्यार नी होलू कैका दिल मा ।",garhwali-gbm +"जी हो आज म्हारो देवमन्दिर लहलहे +जी हो आज म्हारो देवमन्दिर लहलहे , +आया म्हारा गणपत राव , +हरकत पगरण आरम्भियो । +जी हो आज म्हारी पटसाळ लहलहे +आया म्हारा दशरथ बाप , +हरकत पगरण आरम्भियो । +जी हो आज म्हारो पाळणो लहलहे +आई म्हारी कौशल्या माय , +हरकत पगरण आरम्भियो । +जी हो आज म्हारो मण्डप लहलहे +आया म्हारा रामलछमण बीरा +हरकत पगरण आरम्भियो । +जी हो आज म्हारी आरती लहलहे +आई म्हारी सुभद्रा बेण । +हरकत पगरण आरम्भियो ।",nimadi-noe +"आल्हा ऊदल +घैचल तेगा राजा इंदरमन सोनवा पर देल चलाय +जौं तक मारल इंदरमन के सिरवा दुइ खण्ड हो��� जाय +लोधिन गिरे इंदरमन के सोनवा जीव जे गैल पराय +तब ललकारे रुदल बोलल भैया सुनीं हमार एक बात +पलटन चल गैल बघ रुदल के गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा तीर पहुँचल बाय +डुबकी मारे गंगा में जेह दिन गंगा करे असनान +चलल जे पलटन फिर ओजनी से नेना गढ़ पहुँचल बाय +हाथ जोड़ के रुदल बोलल बाबू समदेवा के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बड़ैबव राड़ +एतनी बोली समदेवा सुन के राजा बड़ मंगन होय जाय +तूँ सोनवा के कर जव बिअहवा काहे बैढ़बव राड़ +एतनी बोली रुदल सुन के बड़ मंगन होय जाय +सुनीं बारता समदेवा के +काँचे महुअवा कटवावे छवे हरिअरी बाँस +तेगा के माँड़ो छ्ँवौले बा +नौ सै पण्डित के बोलावाल मँड़वा में देल बैठाय +सोना के कलसा बैठौले बा मँड़वा में +पीठ काठ के पीढ़ा बनावे मँडवा के बीच मझार +जाँघ काट के हरिस बनावे मँड़वा के बीच मझार +मूँड़ी काट के दिया बरावे मँड़वा के बीच मझार",bhojpuri-bho +"556 +कू कू कीता कूक कूक रांझने ने उचा कूकदा चांगर1 धरासदा ए +बू बू मारके ललकारां करे धुमां राजे पुछया शो विशवास दा ए +रांझे आखया राजया चिरी जीवें तेरा राज ते हुकम अरासता2 ए +हुकम मुलक दिता तैनूं रब्ब सच्चे करम रब्ब दा फिकर गम कासदा ए +तेरी धाक पई रूम शाम अंदर बादशाह डरे आस पास दा ए +तेरे राज विच बिनां तकसीर मारे ना गुनाह ते ना कोई वासता ए +मखी फसदी ए जिवें शहद अंदर वारस शाह इसजग विच फासदा ए",panjabi-pan +"कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी +कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी । +सावन गरजे भादों बरसे , +बिजुरी चमके न्यारी । कन्हैया . . . +मोर जो नाचें पपीहा बोले , +कोयल कूक लगे प्यारी । कन्हैया . . . +नन्हींनन्हीं बुंदियामेहा बरसे , +छाई घटा अंधियारी । कन्हैया . . . +राधा झूले कृष्ण झुलावें , +जोड़ी जुगल प्यारी । कन्हैया . . . +सब सखियां मिल झूला गावें , +नाचे दैदै तारी । कन्हैया . . .",bundeli-bns +"ब्याही थी रे बिलसी नाहीं +ब्याही थी रे बिलसी नाहीं , या क्या हुई प्यारी ए +तोड़ी थी रे सूंघी नाहीं , ली थी गले में डार प्यारी ए +घर घर की दीवा घर घर बाती , रंडुवे के घर घोर अंधेरा ए +घर घर भोजन घर घर रोटी , मेरे घर ढकनी में चून प्यारी ए +दामन चुंदरी खूंटी धरे हैं , एक बार पहर दिखाय प्यारी ए +पानी की गगरी रीती धरी है , इक बार सागर जाय प्यारी ए +गहने का डिब्बा भरा धरा है , एक बार पहन दिखाय प्यारी ए +भैया तेरा लेने आया , एक बार नैहर जाय प्यारी ए +सेजें मेरी सूनी पड़ी हैं , ��क बार सूरत दिखाय प्यारी ए +डाल खटोला बगड़ बिच सोया , एक बार सुपने में आय प्यारी ए",haryanvi-bgc +"खोपा पारे पाटी मारे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +छुनुर छुनुर पैरी हो +छुनुर छुनुर पैरी बाजे गली गली देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +रद्दा ल रेंगे खोरे ल डहके +रद्दा ल रेंगे खोरे ल डहके +गोरी खोचें है करौंदा गली म महके देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +छुनुर छुनुर पैरी हो +छुनुर छुनुर पैरी बाजे गली गली देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +चंदा ऊबे अउ चंदैनी छिटके +चंदा ऊबे अउ चंदैनी छिटके +तोर कनिहा ले चुंदी नागिन लटकेरे देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +पहिने ल लुगरा देखे ल दरपन +पहिने ल लुगरा देखे ल दरपन +तोला खुल के बिराजे चांदी के करधन देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +छुनुर छुनुर पैरी हो +छुनुर छुनुर पैरी बाजे गली गली देखे +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली +खोपा पारे पाटी मारे टुरी रंगरेली",chhattisgarhi-hne +"मृत्यु गीत +हाय तै तो मार दारे राम , +हेड के कटार बैरी राम दारे । टेक +दाई रोवे डादेसा , भाई रोवे मुडेसा । +बेटी तो रोवे छतिया कतार । +हेड के कतार बैरी मार दारे । +हाय मैं तो मार दारे राम , +हेड के कतार बैरी । +केला तोरे आगी देंथय , केला तोर माटी । +के ला तोरे गंगाजी सिराँय । +हेड के कटार बैरी मार दारे । +हाय तै तो मार दारे राम , +हेड के कटार बैरी । +धर्मी चोला ला आगी देथस , पापी चोला ला माटी । +भागे पुरूसला गंगाजी सिराँय । +हेड़ के कटार बैरी मार दारे । +हाय तै तो मार दारे राम , +हेड के कतार बैरी । +हे राम । आज हम पर बहुत भारी विपत्ति आ गई है । आज घर का मुखिया मृत्यु के मुख में चला गया है । उस पुरुष की पत्नी पति के पैर छूछू कर रोती है और कहती है हे पतिदेव तुम मुझे छोड़कर कहाँ जा रहे हो । +बेटा मृत पिता के सिर को छूछूकर रोता है और कहता हैहे पिता तुम छोड़कर कहाँ चले गये । हम तुम्हारे बिना कैसे जी सकते हैं । बेटी पिता की छाती पर अपना सिर पटकपटक कर रोटी है और कहती है हे पिता तुम मुझे छोडकर कहाँ चले गये हो । मुझे कुछ बताया भी नहीं । जाते समय मैं तुमको कुछ बोल भी नहीं पायी । मुझे आशीर्वा�� भी नहीं दे पाये । +बेटा पूछता है माँ किसको आग में जलाते हैं , किसको मिट्टी देते हैं और किसको गंगाजी ले जाते हैं । +माँ कहती है बेटा मैं इतना ही जानती हूँ की जो अच्छे कर्म करके पुण्य धर्म कमाते हैं । असली धार्मिक जीवन जीते हैं । उसी को अग्नि में जलाते हैं । जो पाप कर्म करके पाप कमाते हैं , जो पापी कहलाते हैं , उसे धरती के अंदर गड़ा खोदकर मिट्टी में गढ़ाते हैं । और भाग्यवान पुरुष की अस्थियाँ गंगाजी ले जाई जाती है । उसे ‘फूल सिराना’ कहा जाता है । +आगदाग या मृतक को दफनाने के बाद सब लोग घर आते हैं । शरीर पर तेल लगाते हैं । सगेसंबंधी घर जाते हैं और एक बाटल दारू दालचावल लाते हैं । मृतक परिवार को दारू पिलाते हैं और खाना खिलाते हैं । तब यह गीत गाते हैं ।",baiga-mis +"मेरा रूप किया देखे +मेरा रूप किया देखे +मेरा रूप किया देखे +अमरा की साई हो +अमरा की साई हो +निकलो हो रानी तो तेरा रूप देखे वो +निकलो हो रानी तो तेरा रूप देखे वो +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"परबत उपर नेमुआ चनन केर गाछ +परबत उपर नेमुआ चनन1 केर गाछ , लिखूँ कोहबर । +ताहि तर दुलरइता दुलहा खेलइ जुगवा सार2 लिखूँ कोहबर ॥ 1 ॥ +किया तोंहे अजी बाबू , खेलबऽ जुगवा सार , लिखूँ कोहबर । +तोहरो दुलरइतिन सुघवे3 नइहरवा भागल जाय , लिखूँ कोहबर ॥ 2 ॥ +जाय देहु जाय देहु , अम्माँ जी के पास , लिखूँ कोहबर । +उनको पीठी4 बजतइन5 सुबरन केर साँट6 लिखूँ कोहबर ॥ 3 ॥ +ई मति जानु बाबू , सासु निरमोहिया , लिखूँ कोहबर । +उनकर धिया हइन7 परान के अधार , लिखूँ कोहबर ॥ 4 ॥",magahi-mag +"पिया कैसे झुलाऊ रस के बिजना +पिया कैसे झुलाऊं रस के बिजना , +बेंदी के बोझ लिलाट दुखत है , +हरवा को भर सहो जाय न । पिया . . . +कंगन को बोझ कलाई दुखत है , +मुंदरी को भार सहो जाय न । पिया . . . +साड़ी को बोझ मोरी कमर दुखत है , +माहुर के भार उठे पग ना । पिया . . . +काजल के बोझ मोरी आँख दुखत है , +काम करत नहीं दोऊ नैना । पिया . . .",bundeli-bns +"मृत्यु गीत +टेक क्यों झुरवो न मेरी माई ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक1 जंगलजंगल की जड़ी बुलाई , +वेद्य करो मेरा भाई , अरे हंसा वैद्य करो मेरा भाई +अरे ये जड़ियां कछु काम नी आई । +ऐसी आदल राम घर आई , +ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक2 पाँच हाथ को रेजो बुलायो , सुन्दर काया ढकाई , +अरे हंसा सुन्दर काया ढकाई , +अरे चार मिली चवरग्या उबीया , +ऐसो छछ म लियो उटाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई +चौक3 डेल लगुण थारी त्रिया संगाती , +झोपड़��� लगुण तेरि माता , अरे हंसा झोपड़ा लगुण तेरि माता +नंदी लगुण तेरा कुटुम कबीला , ऐसो वहां छोड़िया रे अकेला +ममता क्यों न झुरवो मेरी माई +चौक4 माता रोवे थारी जलम जोगणी , +बइण वार तिवार , त्रिया रोव तीन घड़ी रे । +ऐसो दूसरो करग घर वास , ममता क्यों न झुरवो । +चौक5 जंगलजंगल की लकड़ी बुलाई , त्योको सल रचाई , +अरे हंसा त्योको सल रचाई । +चार मिलि न चवंरग्या ऊब्या +ऐसी उल्टी आग लगाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक6 हाड़ जले जो बन्द की लकड़िया +बाल जले रे हरिया घास , अरे हंसा हरिया घास । +अरे हीरा सरीकी काया जलत है , +ऐसा कोई नी आवेगा पास , ममता क्यों न झुरवो । +छाप कये कबीरा सुणो भाई साधो यो पंथ है निरवाणी । +माता की ममता क्यों दुःखी हो रही है । कई जंगलों से जड़ीबूटियाँ बुलाकर +वैद्यों ने उपचार किया , किन्तु कोई काम नहीं आया । ऐसा राम के पार का बुलावा +आया और हंसा जीव चला गया । +पाँच हाथ का कफन बुलाया और सुन्दर शरीर को ढांका । अर्थी के चारों खूँट पर +चार लोग खड़े हुए और शीघ्र उठा लिया । ममता क्यों दुःखी हो । +दरवाजे तक पत्नी साथ गई , झोपड़ों तक माता गई , नदी तक कुटुम्ब गया और वहाँ +क्रियाकर्म कर अकेला छोड़ आये । +तेरी माता पूरे जीवन रोती है और बहन त्यौहार पर रोती है । पत्नी तीन घड़ी रोती है +और दूसरा घर कर लेती है । +जंगल की लकड़ी बुलाई और आग लगा दी । +टेक क्यों झुरवो न मेरी माई ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक1 जंगलजंगल की जड़ी बुलाई , +वेद्य करो मेरा भाई , अरे हंसा वैद्य करो मेरा भाई +अरे ये जड़ियां कछु काम नी आई । +ऐसी आदल राम घर आई , +ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक2 पाँच हाथ को रेजो बुलायो , सुन्दर काया ढकाई , +अरे हंसा सुन्दर काया ढकाई , +अरे चार मिली चवरग्या उबीया , +ऐसो छछ म लियो उटाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई +चौक3 डेल लगुण थारी त्रिया संगाती , +झोपड़ा लगुण तेरि माता , अरे हंसा झोपड़ा लगुण तेरि माता +नंदी लगुण तेरा कुटुम कबीला , ऐसो वहां छोड़िया रे अकेला +ममता क्यों न झुरवो मेरी माई +चौक4 माता रोवे थारी जलम जोगणी , +बइण वार तिवार , त्रिया रोव तीन घड़ी रे । +ऐसो दूसरो करग घर वास , ममता क्यों न झुरवो । +चौक5 जंगलजंगल की लकड़ी बुलाई , त्योको सल रचाई , +अरे हंसा त्योको सल रचाई । +चार मिलि न चवंरग्या ऊब्या +ऐसी उल्टी आग लगाई , ममता क्यों झुरवो मेरी माई । +चौक6 हाड़ जले जो बन्द की लकड़िया +बाल जले रे हरिया घास , अरे हंसा हरिया घास । +���रे हीरा सरीकी काया जलत है , +ऐसा कोई नी आवेगा पास , ममता क्यों न झुरवो । +छाप कये कबीरा सुणो भाई साधो यो पंथ है निरवाणी । +माता की ममता क्यों दुःखी हो रही है । कई जंगलों से जड़ीबूटियाँ बुलाकर +वैद्यों ने उपचार किया , किन्तु कोई काम नहीं आया । ऐसा राम के पार का बुलावा +आया और हंसा जीव चला गया । +पाँच हाथ का कफन बुलाया और सुन्दर शरीर को ढांका । अर्थी के चारों खूँट पर +चार लोग खड़े हुए और शीघ्र उठा लिया । ममता क्यों दुःखी हो । +दरवाजे तक पत्नी साथ गई , झोपड़ों तक माता गई , नदी तक कुटुम्ब गया और वहाँ +क्रियाकर्म कर अकेला छोड़ आये । +तेरी माता पूरे जीवन रोती है और बहन त्यौहार पर रोती है । पत्नी तीन घड़ी रोती है +और दूसरा घर कर लेती है । +जंगल की लकड़ी बुलाई और आग लगा दी । +शरीर लकड़ी के समान और बाल घास के समान , हीरे के समान काया जल रही है , कोई +पास नहीं आता है । +शरीर लकड़ी के समान और बाल घास के समान , हीरे के समान काया जल रही है , कोई +पास नहीं आता है ।",bhili-bhb +"कई आँवा मोरिया, जांबू मोरिया +कई आँवा मोरिया , जांबू मोरिया +कई मोरी कचनार म्हारा राज +आज जमेरी रसभरी +फलाणा राय तमारा राज में +उना जमई का झाडू का लाड़ +आज जमेरी रसभरी +फलाणी बऊ तमारा राज में +बेटी का दूनादूना लाड़ +म्हारा राज आज जमेरी रसभरी ।",malvi-mup +"पहार ऊपर मोर धानर बाजे +पहार ऊपर +पहार ऊपर मोर धानर बाजे +पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल +कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +कोन तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े +ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी +पटना के हरदी बने +दाई तोर सिरही चढ़ाये , चंदन रूप अगनी +सजन घर मड़वा गड़े",chhattisgarhi-hne +"109 +एह रज़ा तकदीर दी होय रही , वारद कोण हो जो दये हटाए मियां +दाग अंब दी रसा दा लहे नाहीं दाग इशक दा भी नहीं जा मियां +होर सभ गलां मनजूर होइयां रांझे चाक थों रहा न जा मियां +एस इशक दे रोग दी गल ऐवें सिर जाय ते सिरर ना जा मियां +वारस शाह मियां जिवें गंज सिर दा बारां बरस बिना नहीं जा मियां",panjabi-pan +"बेरिया डुबन लगल, फूलल झिगनियाँ +बेरिया1 डुबन लगल , फूलल झिगनियाँ2 । +आजु मोरा अइह धानि , हमर कोहबरिया ॥ 1 ॥ +कइसे के अइयो3 प्रभु , तोहरो कोहबरिया । +अँगना में हथु4 सासु मोर रे बयरनियाँ5 ॥ 2 ॥ +सासुजी के दिहऽ धानि , दलिया6 आउ भतवा । +चुपके से चलि अइहऽ हमर कोहबरिया ॥ 3 ॥ +कइसे के अइयो परभु , तोहरो कोहबरिया । +ओसरा7 में हथु गोतनी मोर र��� बयरिनियाँ ॥ 4 ॥ +गोतनी के दिहऽ तूँ भरि के चिलिमियाँ8 । +चुपके से आ जइहऽ हमर कोहबरिया ॥ 5 ॥ +कइसे के अइयो परभु , तोहर कोहबरिया । +बाहरे खेलत हथु , ननदी बयरनियाँ ॥ 6 ॥ +ननदी के दिहऽ धानि , सुपती मउनियाँ9 । +चुपे चुपे चलि अइहऽ हमरो कोहबरिया ॥ 7 ॥ +कइसो के अइयो परभु , तोहर कोहबरिया । +मुसुकत खाड़े हथु देवर बयरनियाँ ॥ 8 ॥ +देवर के दिहऽ धानि , खइनियाँ10 आउ चुनमा । +चुपके से चलि अइहऽ , हमरो कोहबरिया ॥ 9 ॥",magahi-mag +"की हे जी, हाथे मा लोटिया बगल मा धोतिया +की हे जी , हाथे मा लोटिया बगल मा धोतिया , जनक जी चले हैं नहाय +की हे जी , आजु चौपरिया लिपायो मोरी रनिया , पूजब सालिगराम +की हे जी , सुरहिनी गैया क गोबरा मंगायों , गंगा जमुनवा क नीर +की हे जी , झुक धरि लीपन्ही बेटी जानकी , धनुष दिहिन खसकाय +की हे जी , नहाई धोई जब लौटे जनक जी , पड़ी चौपरिया निगाह +की हे जी , आजु चौपरिया कवन रनिया लीपिन , धनुष दिहिन खसकाय +की हे जी , रोजु त लीपहि सोन चिरैय्या कौशल्या , तिल भरि सरकि न पाए +की हे जी , आजु त लीपिन बेटी जानकी , धनुष दिहिन खसकाय +की हे जी , इतनी बचन राज सुनयू न पायें , कीन्हि नगर मा शोर +की हे जी , जो धनुहा तूरी लेइहैन वही कुलभूसन , सीता ब्याहि लई जाएँ +की हे जी , यह प्रण कीहन्यो जो बाबा मोरे , तोर प्रण हमै न सोहाय +की हे जी , जो धनुहा तोरि लैहैं बन के असुरवा हमका ब्याहि लई जाएँ ? ?",awadhi-awa +"अरे मेरे करम के खारे जल गए +अरे मेरे करम के खारे जल गए एअर मोमी दूदाभ +अरे मेरे करम के सुनरा मर गए रूठ गए मनिहार +बहू री मेरी मत रोवै मुझे लगा री लाल का दाग +मां अरी धौले धौले पहर कपड़े राड़ा भेष भरावै +अरी चले सूनरा के मेरी नाथे उतरवाये +अरी देही जले जैसे कांच की भट्टी पकावे +अरी बिच्छू ने मारा डंक लहर क्यूं न आवे +अपना मन समझावन लागी दो नैनों में भर आया पानी +अरी सासू जब धसूं महल में दरी बिछौना सूना +कुछ एक दिनां की ना है मुझे सारे जनम का रोना +अरे यानी थी तब रही बाप के मुझे सोच कुछ न था +अब कैसे कटै दिन रैन री मुझ को एक दिना की ना है",haryanvi-bgc +"मेरे आंगण मां मेरी कड़वा-सा नीम +मेरे आंगण मां मेरी कड़वा सा नीम +ते ढलती ते फिरती छाया पड़ौसिन के घर ढल रही +घरड़ कटा दूं री मां मेरी कड़वा सा नीम +ढलती ते फिरती छाया पड़ौसिन के घर ढल रही +मत काटै मत काटै धी मेरी कड़वा सा नीम +ढलती तै फिरती छाया फेर बाह्वड़ै जी",haryanvi-bgc +"विदाई गीत +तारा बाबा ना घर मा काम कर्यो , धाम कर्यो +गले नी गलसुण छोड़ी ले��ी । +तारा ससरा ना घर मा काम नी कर्यो । +धाम नी कर्यो , गले नी गलसुण बांध लेधी । +तारा वासने ना घर मा काम कर्यो , धाम कर्यो +माथे नी ओढ़णी उतरि लेधी वो । +तारा ससरा ना घर मा काम नहीं कर्यो , +धाम नी कर्यो , माथे पर साड़ी ओढ़ि लेधी वो । +वर पक्ष की ओर से इस गीत में वधू से कहा गया है कि तूने अपने पिता के यहाँ काम किया , किन्तु उन्होंने गले की गलसनी , माथे की ओढ़नी सब उतार ली । अभी तूने तेरे ससुर के यहाँ काम नहीं किया किन्तु तुझे गले की गलसनी व ओढ़नी ओढ़ा दी है ।",bhili-bhb +"मैया कैसी मनोहर गलिया सजी है +मैया कैसी मनोहर गलियां सजी हैं +देखो सुनार लये , नथनी खड़ो हैं । +नथुनी में हीरे की कनियां लगी हैं । मैया . . . +देखो बजाज लये , चुनरी खड़ो है । +अरे चुनरी में गोटे की छड़ियां पड़ी हैं । मैया . . . +देखो माली लये , हार खड़ो है , +हार में चम्पे की कलियां लगी हैं । मैया . . . +देखो यात्री मोहन भोग लये हैं , +भोग में मिश्री की डरियां पड़ी हैं । मैया . . .",bundeli-bns +"झूला डरो कनक मदिर मे +झूला डरो कनक मंदिर में +झूलें अवध बिहारी ना । +राम लक्षिमन झूला झूलत , +सिया दुलारी ना । झूला . . . +भरत शत्रुहन मारत पेंगे , +हनुमत , झलत बयारी ना । झूला . . . +कोयल कूकत नाचत मोरा , +शोभा देख निराली ना । झूला . . . +सखियां सबरी कजरी गावे , +खुशियां छाई ना । अवध में . . .",bundeli-bns +"हम पहिरे मूगन की माला +हम पहिरे मूंगन की माला , +हमारी कोऊ गगरी उतारो +कहां गये मोरे सैंया गोसंइयां , +कहां गये वा रे लाला , +हमारी कोऊ गगरी उतारो । हम पहिरे . . . +एक हाथ मोरी गगरी उतारो , +दूजे घूंघट संभालो , +हमारी कोऊ गगरी उतारो । हम पहिरे . . . +एक हाथ मोरी गगरी उतारो , +दूजे से चूनर संभालो , +हमारी कोऊ गगरी उतारो । हम पहिरे . . . +एक हाथ मोरी गगरी उतारो , +दूजे से लालन संभालो , +हमारी कोऊ गगरी उतारो । हम पहिरे . . .",bundeli-bns +"पैलो मास जो लागियोजी सायबा +पैलो मास जो लागियोजी सायबा +आल भोले मनजाय +अगरनी करावजो जी सायबा +देराणीजेठाणी रीसे बकेसी सायबा +कौन पुरावे हमारी साद +पीयरिये पोंचावो +दादाजी रा लाड़िलाजी सायबा +माता करेगा दूना लाड़ +बीरा जीरा लाड़लाजी सायबा +भाभी पुरावे हमारी साद +अगरनी करावजो जी सायबा",malvi-mup +"धार नगर नी तुई वो मालनड़ी +धार नगर नी तुई वो मालनड़ी +तुई वो चतरड़ी +सेहरड़ो गूंथी लावजे हो +गूंथतगूंथत सेरिया में आई +सेरिया में आई , बजार में आई +राय हो फलाणा राय नो घर वन्यांनोजी +ऊँचीऊँची मेड़ो , ने लाल किवाड़ो +दिवलो बळे बत्तीस सरियो जी +राय हो फलाना राय नो घर वन्यांनोजी",malvi-mup +"19 +मुंह बुा दिसंदड़ा भाबीए नी सड़े होई फकीर क्यों साड़नी एं +तेरे गोचरा कम की पिया मेरा सानूं बोलियां नाल क्यों मारनी एं +कोठे चाढ़ के पौड़ियां खिच लैंदी केहे कलहां1 दे महल उसारनी एं +वारिस शाह दे नाल की पिआ तैंनू पर पेकयां वलों गवारनी एं",panjabi-pan +"जन्म गीत +एक पतासा का नव सौ टुकड़ा । +एक टुकड़ो मने चूल्हा जगह मेकियो । +बाळ की ममई बठीबठी चाख , +आवते चाट न जाते की चाट । +एक पतासा का नव सौ टुकड़ा । +एक टुकड़ो मन झोळी जगह मेक्यो । +बाळ की जी माय हिचकाड़ती चाट । +एक पतासा का नव सौ टुकड़ा । +एक टुकड़ो मन मोरी जगह मेक्यो । +बाळा की मामी जात की चाट , आवते की चाट । +एक पतासा का नव सौ टुकड़ा । +एक टुकड़ो मन हतई म मेक्यो । +बाळ की फुई आवते की चाट , जाते की चाह । +एक पतासा का नव सौ टुकड़ा । +एक टुकड़ो मन मुळ्ळा पर मेक्यो । +बाळ की मावसी जाते की चाट आवते की चाट । +बालक के जन्म के बाद पूजन में रिश्तेदारों को बुलाते हैं और उनसे हँसीमजाक +के लिए महिलाएँ गीत गाती हैं और जिनका नाम गीत में आता है , उसको देखकर +महिलाएँ हँसती हैं । गीत में कहा गया है किएक बतासे के नौ सौ टुकड़े करके +चूल्हे के पास रखा । बालक की नानी माँ आतेजाते चाटती हैं एक टुकड़ा पालने +के पास रखा , बालक की दादी माँ झूला देते हुए चाटती हैं । एक टुकड़ा मोरी के +पास रखा , बालक की मामी आतेजाते चाटती हैं । एक टुकड़ा मैंने चौक में रखा , +बालक की बुआ आतेजाते चाटती हैं । एक टुकड़ा मैंने पनिहारे पर रखा , बालक +की मौसी आतेजाते चाटती हैं ।",bhili-bhb +"चन्द्रावली हरण +द्वारिका मा लै गैन कृष्ण घणी1 सभा , +कबीर कमाल बैठ्या , नारद मुनिरिषि । +कछड़ी2 बैठी गैन कृष्ण का सूरदास +अंतरजामी कृष्ण को अंतरध्यान होइगे +सुकली3 कोठड़ियों लगी सुतरी4 पलंग , +सुतरी पलंग गेलुवा5 विछोणा । +तख कृष्ण बैठी छई सत्यभामा राणी , +दूध केला , छई राणी रुकमणी । +राणी रुकमणी प्रभो , इना बैन बोलदी +तुम बतावा बांदो6 , प्रभु मैं बतौलू बैखू7 । +द्वारिका नारैण कृष्ण पूछण लै गैन +बतावा रुकमणी बैखू मा बैख +तुम बतावा बैखू , मैं बतौलू बांदू । +हां बैखू मा8 बैख होलू सांवलो नारैण +मैंन बतैन बैख प्रभु , तुम बतावा बाँदू । +बांदू मा की बांद इन्दर की परी । +मैं सी रूपवंती सी न भुंच्यान9 ज्वानी10 , +सबू से रूपवंती मेरी बैण11 चन्द्रावली । +चन्द्रगढ़ मा रंदी बैण चन्द्रावली +तैंका रूपन सूरज धुमैलो12 , +रूप की बातुली13 होली बाली चन्द्रावली । +तब समझलू मैं तुम रौलू को रौतूलो , +जब बेवैक14 लाला मेरी बैणी चन्द्रा । +द्वारिका ठाकुर खरो दीलो आणो15 । +तब मेरा नारैण कृष्ण पूछा लैगैन +बतावा रुकमणी तुम खरो मनसूबो , +कनकैक बिवै ल्यौण तेरी बैण चन्द्रा । +तुम बणा भगवान बद्री16 का फेरवाल17 , +तब जावा नारैण चन्द्रावली गढ़ । +अपणी चाडी18 को कृष्ण ब्रम तिलक पैरी , +कृष्ण तब बणी गेन फग्वाल । +मातमी फेग्वाल छऊँ , टीका पैन्याला चंदन । +सूणी चन्द्रान बोलण लैगे । +जा दू स्वांरा19 चेली20 , टीको लौ परसाद +तब जांदी स्वांरा चेली फेग्वाल का पास , +तेरा हात चेली , मैं टीकू नी देन्दू +टीकोपरसाद द्यूलो राणीबौराण्यों21 , +टीकोपरसाद द्यूलो पदों का डोलौ22 । +स्वांरा चेली जांदी चन्द्रावली का पास , +नी देन्दू फेग्वाल वो टीको चन्दन । +राणी चन्द्रावली तब बोलण लै गैन : +वो फेग्वाल नी छ , वो छ द्वारिका नारैण । +द्वारिका भेना की तेरी जोई23 राँड ह्वान । +तब मेरा नारैण ऐगे24 श्रवण25 द्वारिका +बतौवा रुकमणी हैकौ मनसूबा , +कनकैक26 बेवैक27 ल्यौणे तुमारी वैण चन्द्रावली ? +तुम धरा नारैण छोरा28 को भेष , +चन्द्रावली का सात तुम नौकर होई जावा । +गरीब गता29 करे कृष्णन , चीरी30 लत्ता31 । +तब जांद कृष्ण चन्द्रावली का गढ़ । +मैं गरीब छौरा छौं क्वी नौकर धन्याला । +इनू पूछद सुँवार , तू नयो छोरा छई , +तिन32 तनखा क्या लेण ? +हजार बैठण की ल्यूलो , हजार उठण की । +इनू पूँछ सुँवार , तिन काम क्या देण ? +पेन्दो33 बाछलो34 न पकड़ौं , +रोन्दो बच्चा नी थामौं । +नौकर छोरा नी यो , यो छ द्वारिका को भेना । +द्वारिका भेना , तेरी जोई रांड ह्वान । +तब कृष्ण भगवान निराश ह्वैक , +लुबड्याँदी35 घौणी36 , तिरछी मोणी37 , +श्रवण द्वारिका लौटीक आई । +हे रुकमणी , मेरी कनी फजीती होई +कुनकै38 बेवैक39 लयौण राणी चन्द्रावली ? +दया ऐगे तब राणी रुकमणी , +तुम धरा विष्णु रुकमणी को रूप । +तु जावा नारैण त चन्द्रागढ़ , +चन्द्रावली मा बोल्यान40 तुम रोइक +तेरो भेना41 चन्द्रा , स्वर्गवासी ह्वैन +आज भुली42 चन्द्रावली तेरी दीदी राँड ह्वैगे । +दणमण43 आँसू धोल्यान44 तुम , +तोई छोड़ी भली , कुई आसरो नी मेरो । +अपणी चाड़ी45 को भगवान धरे रुकमणी को रूप , +स्वाग46 उतारे , वणी गैन रांड +पहुँचीने भगवान चन्द्रा का भौन47 । +छोड़दे पथेणा48 नेतर49 रांग जसा बुंद , +आज भुली चन्द्रा , मैं रांड होई गयूं । +तेरो भेना कृष्ण स्वर्गवास ह्वै गैन । +सेवा लगौंदी बैणी तैं तब चन्द्रावली , +लीगे गुप्त कोठड्यों सुतरो50 पलंग । +गेलम51 बिछौणा , सुकला भौन । +रातुड़ी52 समै53 होय संझा की बेला , +होई गये देवतौं की देवा54 देन्दी बगत । +मेवा मिष्टान भोजन खलौंदी वा , +सेई गैन तब कृष्ण भगवान । +चन्द्रावली वीं रात नींद नी आई , +देखदी रै वा रुकमणी बैणी । +तबरेक55 वीं को ढक्याण56 फरके +ढबरियाली57 पीठ देखी वीन कंकरियालो58 माथो , +जजरियालो59 गात देखे नौन्याली आतमा । +देवी चन्द्रावली का मन सुभा60 पड़ीगे । +यात होली आतमा बैख को , +देवी चन्द्रावलीन सर्सूं को रूप धरे । +आफू तब कृष्ण भौंर रूप होइगे । +चन्द्रावली न सर्सू61 को रूप छोड़े , +पोथला62 को रूप धरे । +अगाड़ी63 पोथली भागदे , पिछाड़ी द्वारिका नारैण भौंर64 +चन्द्रावली पौछीगे65 नारैण जमुनी66 छाल67 , +चन्द्रावली बणी गए पाणी की माछी , +कृष्णन तबारे ही ओद68 को रूप धरियाले । +हे कृष्ण मच्छी पकड़ी लैगीन छाला । +तब भगवान प्रकट होई गैन , +मोर मुकुट पैरे , गाडे69 मोहन मुरली । +देवी चन्द्रावली देखदी ही रै गए । +तब जंदेऊ70 लगौंदी स्या +अपण भेना कृष्ण । +तब सजे भगवान औंला71 सरी डोला । +पंचनाम देवता ऐन , देवी पार्वती ऐन , +कुन्ती , द्रोपदी मांगल गांदी",garhwali-gbm +"सूरजो जा सूरजो +सूरजो जा सूरजो +सूरजो जा सूरजो +सूरजो आमा टावटेन इये आजेवा सूरजो +सूरजो आमा टावटेन इये आजेवा सूरजो +मेगनई डो मेगनई +मेगनई डो मेगनई +मेगनई इयां टावटेन बाकी आजे डो मेगनई +मेगनई इयां टावटेन बाकी आजे डो मेगनई +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मकड़ाई",korku-kfq +"एक दिन चूक जात सब कोई +एक दिन चूक जात सब कोई +केसऊ स्यानों होई । +हय गज दन्त पुनीत चड़इया । +चूक जात जे दोई । +चूक जात मानस परखइया । +परख रहे हैं खोई । +चूकजात पुरानिक पाँडे +वैरागी तपसोई । +ईसुर कात चुगत न चूकै । +होवै बड़ो अनोई ।",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +बावन गज के धोती बाँधे खरुअन के चढ़ल लँगोट +अस्सी मन के ढलिया है बगल में लेल लगाय +तीस मन के जब नेजा है हाथन में लेल लगाय +बाँक दुआल पड़ल पंजड़ तक तर पल्ला पड़ल तरवार +छप्पन छूरी नौ भाला कम्मर में ढुले बनाय +बूता बनाती गोड़ सोभै जिन्ह का गूँज मोंछ फहराय +बावन असरफी के गल माला हाथन में लेल लगाय +भूजे डण्ड पर तिलक बिराजे परतापी रुदल बीर +फाँद बछेड़ा पर चढ़ गैल घोड़ा पर बैल असवार +घोड़ा बेनुलिया पर बघ रुदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीर +दुइए घोड़ा दुइए राजा नैना गढ़ चलल बनाय +मारल चाबुक है घोड़ा के घोड़ा जिमि नव् डारे पाँव +उड़ गैल घोड़ा सरगे चल गैल घोड़ा चाल बरोबर जाय +रिमझिम रिमझिम घोड़ा नाचे जैसे नाचे जंगल के मोर +रात दिन का चलला माँ नैना बढ़ लेल तकाय +देखि फुलवारी सोनवा के रुदल बड़ मगन होय जाय +डेबा डेबा के गोहरावे डेबा सुनव् बात हमार +डेरा गिरावव् फुलवारी में प्रक निंदिया लेब गँवार +बड़ा दिब्य के फुलवारी है जहवाँ डेरा देल गिराय +घुमि घुमि देखे फुलवारी के रुदल बड़ मंगन होय जाय +देखल अखाड़ा इन्दरमन के रुदल बड़ मंगन होय जाय",bhojpuri-bho +"टिकावन +1 +हलर हलर मोर मड़वा हाले +खलर खलर दाइज परे +सुरहिन गइया के गोबर मंगइले +खुट धरि अंगना लिपइले +गज मोतिन कर चौक पुरइले +सोने कलस धरइले +कोन देवय मोर अचहर पचहर +कोन देवय धेनू गाय हो +दाई मोर टिकथे अचहर पचहर +ददा मोर टिकथे धेनु गाय हो +भईया मोर टिकथे लिली हंसा घोड़ा +भउजी आठ मासा सोन हो +2 +इही धरम ए धरम ए गा +आ ग मोरे ददा फेर धरम नई तो पाबे गा +लागत रहय छूटी डारे गा +आ गा मोरो ददा तीनों तिरिथ जीती डारे गा +पइंया पखारत बइंहा डोले वो +आ वो मोरो दाई डोलत कलस जलपानी वो +का दिन पीरा रखे दुधे वो +आ वो मोरो दाई मथुरा नगर कर दुबी वो +जल जुठारे जल मछरी वो +आ वो मोरो दाई बछुरा जुठारे काज दुधे वो +हलल हलल मड़वा डोले +आ वो मोरो दाई खलल खलल दाइज परे वो +3 +इही धरम ले धरम हे वो +आ वो मोर दाई फेर धरम नई तो पाबे वो +लागत रहय छूटी डारे वो +आ वो मोर दाई तीनों तिरिथ जीती डारे वो +छेरी के दूध छेरियाइन वो +आ वो मोर दाई गइया के दूध बड़ा मीठे वो +हलर हलर मड़वा डोले गा +आ गा मोर ददा खनर खनर दाइज परे गा +पइंया पखारत बइंहा डोले वो +आ वो मोर काकी डोलत कलस जलपानी वो +चना खाये ल पइसा देबे वो +आ वो मोर आजी चटरचटर चूमा लेबे वो +हाथ लमाये ल परही गा +आ गा मोर ममा डेहरी लगाये ल माथे गा +4 +चढ़त बेरा धरम के उतरत बेरा लागिन के +धरम धरम जस ले ले +फेर धरम नई मिले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन दाई के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +हाय हाय दाई कोरा दुलभ होई जाय +अपन ददा के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन काकी के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +अपन भउजी के राम दुलौरिन +छीन भर कोरा मं ले ले +आज बेटी भये हबे बिरान +5 +टिक देबे ददा हाथी अउ घोड़ा +टिक देबे लागत गाय ददा +टिक देबे लागत गाय +टिक देबे दाई अचहर पचहर +टिक देबे नौ लक्खा हार दाई +टिक देबे नौ लक्खा हार +टिक देबे भईया सोला सिंगारे +कर ले धरम त��र हाथे भईया +कर ले धरम तोर हाथे +टिक देबे भउजी हाथे के कखनी +कर ले धरम तोर हाथे भउजी +कर ले धरम तोर हाथे +कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर +कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर +कोन तोर टिके धेनू गाय +कोन तोर टिके धेनू गाय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर +दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर +ददा तोर टिके धेनू गाय +ददा तोर टिके धेनू गाय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे +गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे +पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे +टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे +दुलरू के मन नहीं आय +दुलरू के मन नहीं आय +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम +कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम",chhattisgarhi-hne +"तेल कुटोनी +तरी नानी नानर , नानी तरी नानार नानी । +तरी नानी नानर , नानी तरी नानार नानी । +काहिन काट मुसारी काहिन काट सेंझी । दैया +काहिन काट मुसारी , काहिन काट सेंझी । दैया +खैर काट मुसारी , लोहन काट सेंझी । +खैर काट मुसारी , लोहन काट सेंझी । दैया +खैर काट मुसारी , लोहन काट सेंझी । दैया +बड़े दूल्हा तेल कूटय , झंकारो देय । दैया +बड़े दूल्हा तेल कूटय , झंकारो देय । दैया +तरी नानी तरी नानी नानर रे नान । +नानर नानी अर तरी नानी नानर रे नान । +दादर ऊपर , दादर घानी चलत है रे , +पेड़ों तेलया राई सरसोक तेल ॥ +शब्दार्थ –मुसारीमूसल , सेंझी सेमी का फल , झंकारोझंकार , घानी तेल घानी , दादर पहाड़ , पेड़ोंनिकालनापेरनाकूटना । +दुल्हन की माँ उसे गोद में बिठाकर जगनी और तितली को सूपे में रखकर उससे कुटवाने का कार्य करवा रही है । तब दुल्हन पूछती है हे माँ मूसल किस लकड़ी से बंता है और किस चीज से मूसर की सेमी बनती है । माँ कहती है बेटा खैर की लकड़ी से मूसल बंता है और उसमें लगी सेमी लोहे से बनती है । इसी से जगती या तितली को कूटकर तेल निकाला जाता है । माँ आगे कहती है लो बेटा अब तुम इसको कूटो और विवाह की रसम का निर्वाह करो । जीवन में बहुत छोटी चीजों का भी उतना ही महत्व है । दुल्हन मूसल पकड़कर तेल कूटती है । उसके कूटने से उसके हाथ के गहने और मूसल के ऊपर लगे घूघरू झनझन की आवाज करते हैं , इसी तरह जगनी , सरसों , रमतिला को कूटा जाता है ।",baiga-mis +"बौ का हात भली रसाण +बौ का हात भली रसाण +मारी बाखरी , पूज्यो मसाण1 , +बौका2 हात , भली रसाण3 +सड़क फुंड बाखरा मेरा , +ब्याखनदां4 जाण , बौ का डेरा +बौ छ मेरी छोटी छौनक5 , +बौ का बौंड6 , भली रौनक । +उबा बणू बल हिंसरी गोंदा , +छोटी बौ बडू छ फोंदा +पल्यापताला7 वासी त कवा8 , +बौ बणीगे , बजारी हवा । +बौ च मेरी रिक पठोली9 , +बौ की धोती कैन लटोली10 ?",garhwali-gbm +"चम चम चमके चुन्दडी +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +म्हारी तो रंग दे चुन्दडी बिण्जारा रे +म्हारे साहेबा रो , म्हारे पिवजी रो , +म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे +म्हारा साहेबा रो रंगदे रूमाल रे बिण्जारा रे +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +जोधाणा सरीखा पैर मैं बिण्जारा रे +कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे +कोई सोनो तो घड़े रे सुनार रे बिण्जारा रे +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +पायल घड़ दे बाजणी बिण्जारा रे +म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे +म्हारी नथली पळ्कादार रे बिण्जारा रे +चम चम चमके चुन्दडी बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे +कोई थोडो सो म्हारे सामे झांक रे बिण्जारा रे",rajasthani-raj +"कुरडी कूड़ा हे जी गेरती +कुरडी कूड़ा हे जी गेरती +कान गई भनकार +बेटा तै जाया माई जाया बीर कै +पिरस चढ़न्ता सुसरा बूझिया +कहो तै पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणा म्हारी कुल बहू +जेठ तेरे नै हे बूझ +धार कढ़ता जेठा बूझिया +कहो ते पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हारी कुल बहू +देवर तेरे नै हे बूझ +खुलिया खेलन्ता देवर बूझिया +कहो ते पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हारी भावज जी +कन्धे तेरे नै हे बूझ +कहो तै पीहर जां +बेटा तै जाया . . . +हम नहीं जाणां म्हार�� गोरडी +सास तेरी नै हे बूझ +बेटा तै जाया माई जाया बीर कै",haryanvi-bgc +"मलेथा की कूल +धौली1 का छाला2 पले किनारो , +ऊँचा माँगै मलेथो3 को सेरो +एक दिन छयो रुखो मलेथो +एक दिन छयो भूखो मलेथो +कोदो गत्थू को गौं छयो +सटी नी नऊं को होंद छयो +दूर बटि4 ब्वारी मुंउ मुं गैठी +लादी छै पाणी पीणू कू तैंई +तबी की बात तख रैंद छयो +माधू भण्डारी मासूर छयो +दूर तैं मानता जैकी छयी +राज दरबार मा धाक छयी +एक दिन माघू कोसू चल्यूं +राज दरबार बटी ए थक्यंू +भूख की ज्वाला छै पेट लागी +खाणू को रोटी , भावी मा मांगी +रोटी त छैंचा पर साग नीच +बोली भावी ला चटणी बी नीच +लूण अर मिर्च पीसिका ल्हौ +उनि खै ल्यूं लो द्वि रोठला घौं +बोले माधू ना भावी कू तैंयी +भावी स्या लूण सिपणू कू गैयी +जरा अबेर5 भावी कू ह्वेगे +माधू कू कोध की ज्वाला लैगे +मिलता समझे भावी जी कखे +त्वे पर जलड़ा जकड़ी का लगिगे +तान मा ताना भावी ला धाया +एक की द्वी तैंला सुणाया +गै छौ वं क्यारी मी मिर्च ल्हांणा +गोबी छन जख आलू लगाणाँ +कूल ल्हैं त्यारो कूल्याँदो क्यूँ +पाणी ल्है त्यारो पणचाये क्यूँ +क्यारी की क्यारो उख प्याज की छै +पुँगड़ी6 पालिंगा अर मेथी की छै +पाणी का घट्ट जख धुरकदा छन +जौंल मगरा बी धदकदा छन +माधो भण्डारी का नाम लागे +छत्रि छौ वेको अभिमान जागे +माधू ठाकुर उतड़ीण बैठे +भावी कू रोष मा बोली बैठे +तूयी ल्ही औंदी घौं कूल गाड़ी +तुयी ल्ही औंदी घौं गाड बाँधी +मित्र वटि भावी को क्रोध बाढ़े +भैर मुसकैक बोलण बैठे +त्यारा रौंदा जी मिल कूल ल्हाणा +तवै छौंदा जी मिल हौल बाणा +ता बुवा माधू धिकार त्वेकू +ता चुचा माधू , छुछकार त्वेकू +जोंगा मूँडीका विन्दी लगौ तू +स्युंद गाडी का भिंटुली बणौं तू +वीर क्या जैमा बबराट नीच +‘स्यू’ क्या जैमा घुघराट नीच +भावी का ताना तानौ की बात +बज्र सी पोड़ी माघो का माथ +साबली कूटली गैंती फौड़ो +धैरी काँदमा दाथी कुल्हाड़ो +कूल खणणू कू अब जाण बैठे +जोश का बोल बोलणा बैठे +गणपती भूमिया देवी की जै +जन्म भूमि गढ़माता की जै +ब्यूंत कूली को अब दिखणा बैठैो +रौल्यूं रौल्यू माधो जाणा बैठो +साबली बजणी च खणाखण . . . ॥ +धमकदा फौड़ो तैको दनादन . . . ॥ +गैंती चलदी च जश तीर होवा +कूटी वा जनो शमशीर होवा +चल्दा पैनी कुलाड़ी चटाचट +डालौं तैं काटी धोल्दा खटाखट +छीना चट्टान का चूराचूरा +खणी चट्टाणू का बूराबूरा +ऐगे भंडारी स्वरंग क्वरदा +दाँती अंखेड़ सी फोड़दफोड़दा +माधू का एक न��न्याल छयो +शेर को पूत हूँणयाल छयो +जैं जगा डांडा7 सोरंग कोरी +तख बटी खन्द एक भारी पोड़ी +माधो का नौना का मूंड लैगे +फोड़ि बरमंड का खंड कैगे +असगुनी कूल स्या अपजसी रै +सिरगतो बाल की जैला बलि ल्हे +चित्त माधो को बैंरागी ह्वेगे +ज्ञान की जोत चमकणा लैगे +बीरु तैं शोक नी करणो चेंदो +तैथैं मिरतू मा नी रोण चैंदो +रौऊ को बांध माधू ला खोले +माई गंगा की जै बोले , बोले +पाणी खकलाट गगलाट कैकी +छल्की छल्की का फकप्याट कैकी +माधो की कृती यश गाँदागाँदा +आज तैं कूल तख बग्द जांदा",garhwali-gbm +"बाबू सिर जोगे टोपी त न आएल +बाबू1 सिर जोगे2 टोपी त न आएल । +बाबू के ठग के ले गेल , सुनहु लोगे । +बाबू के सेंतिए3 ले गेल , सुनहु लोगे । +रामजी कोमल बर लइका4 सुनहु लोगे ॥ 1 ॥ +बाबू देह जोगे कुरता त न आएल । +बाबू के ठग के ले गेल , सुनहु लोगे । +बाबू के सेंतिए ले गेल , सुनहु लोगे । +रामजी कोमल बर लइका , सुनहु लोेगे ॥ 2 ॥ +बाबू गोड़ जोग धोती त न आएल । +बाबू के ठग के ले गेल , सुनहु लोगे । +बाबू के सेंतिए ले गेल , सुनहु लोगे । +रामजी कोमल बर लइका , सुनहु लोगे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"पोसतू का छुमा, मेरी भग्यानी बा +पोसतू1 का छुमा , मेरी भग्यानी बा2 । +आज की छोपती , मेरी भग्यानी बौ । +रै तुमारा जुमा , मेरी भग्यानी बौ । +अखोडू का डोका3 , मेरी भग्यानी बौ । +रै तुम्हारा जुमा , मेरी भग्यानी बौ , +हम अजाण लोका , मेरी भग्यानी बौ । +बाजी त छुड़ीका4 मेरी भग्यानी बौ , +इनू देण दुवा5 , मेरी भग्यानी बौ , +हींग सा तुड़ीका6 मेरी भग्यानी बौ । +काखड़7 की सींगी , मेरी भग्यानी बौ , +रातू क सुपिना देखी , मेरी भग्यानी बौ । +दिन आँख्यों रींगी , मेरी भग्यानी बौ , +बान8 को हरील9 , मेरी भग्यानी बौ , +रिंगदों रिंगदो10 , मेरी भग्यानी बौ , +त्वै मुंग11 सील12 , मेरी भग्यानी बौ ।",garhwali-gbm +"190 +असकंदरी नेवरां वीर बलियां पिपल वतरे झुमके सारयो ने +हस जड़े छनकंगनां नाल जुगनी ठिके नाल ही चा सवारयो ने +चंननहार लोगाढ़ियां नाल लूहला वडी डोल मयानडे धारयो ने +दाज घत के विच संदूक बधे सुनो की की दाज रंगारयो ने +वारस शाह मियां असल दाज रांझा इक ओह बदरंग करायो ने",panjabi-pan +"मेरा भंवर ने भेजी निसानी एक ताला एक छुरी। +मेरा भंवर ने भेजी निसानी एक ताला एक छुरी । +मेरा दिल मांगे हरी हरी फली +सास , दिल मांगे हरी हरी फली +ताला तो मेरा घर रखवाला छुरी बनारै फली । +मेरा दिल मांगे हरी हरी फली +सास , दिल मांगे हरी हरी फली +सास दिल मांगे ताजा फली । +जब उन फलियां नै चीरण बै���ी सास नगोड़ी जली । +जब उन फलियां ने जीमण बैठी , दुराणी जिठानी जली । +मेरा दिल मांगे हरी हरी फली +खेतां तै घरवाला आया खूब दड़ाहड़ दई । +दुराणी जिठानी बोली मारै , फिर भी खागी फली । +मेरा दिल मांगे हरी हरी फली",haryanvi-bgc +"348 +फकर शेर दा आखदे हैन बुरका भेत फकर दा मूल ना फोलीए नी +दुध साफ है वेखना आशकां दा शकर विच पयाजना घोलीए नी +घरों खरे जो हस के आन दीजे लईए दुआ ते मिठड़ा बोलीए नी +लइए आख चढ़ायके वध पैसा पर तोल तों घट ना तोलीए नी",panjabi-pan +"शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज +शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज +पान मंगाय वो रंगतदार बनजी बांगा माहे +पांन खाय बनी सांभी सभी , बना हजी हो राजे +बनो खीचे बनी से हाथ . . . हो बांगा माहे +हाव्यलड़ों मत खीचों बना जी हो राजे +रुपया लेस्सूँ सात हजार . . . हो बांगा माहे +ऊधार फुझाब मैं नहीं करां हो राज +रुपया गिगलां सात हजार . . . हो बांगा माहे +शहर बाजरां मती जाइजो हो राज +म्हांने परदेसी रो कांई रे विसवास . . . हो बांगा माहे . . .",rajasthani-raj +"ऊँच तोरा लिलरा गे बेटी, मनि बरे जोत +ऊँच तोरा लिलरा1 गे बेटी , मनि2 बरे3 जोत4 । +दँतबा के जोत गे बेटी , बिजुली चमके ॥ 1 ॥ +एक तो सुनली5 गे बेटी , मएभा6 सासु । +दोसरे सुनली के बेटी , करिया7 दमाद । +खयबो में माहुर8 बिरवा9 लगयबो में फाँसी , +येही धिया10 लागी11 ॥ 2 ॥ +जनि खाहु माहुर बिरवा , जनि लगाबहु फाँसी । +भइया के लिखल हे अम्मा , बाबा चउपरिया12 । +हमरो लिखल हे अम्मा , जयबो दूर देसवा ॥ 3 ॥ +जाहि दिन हे अम्मा , भइया के जलमवाँ13 +सोने छूरी कटइले नार14 हे । +जाहि दिन अहे अम्मा , हमरो जलमवाँ , +हँसुआ खोजइते हे अम्मा , खुरपी15 न भेंटे ; +झिटकी16 कटइले मोरो नार हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"इयां निमूसरा खवडै इली मां डो गंगायली आयोम +इयां निमूसरा खवडै इली मां डो गंगायली आयोम +आयोम डो इनी रानी गेली सेने +आयोम डो इनी रानी गेली सेने +रानी गेली बाकी सेने बेटा +इयां बेआ इयें निगराये जे +इयां बेटा इयें निगराये जे +इयां बेटा इयें निगराये जे +अमेनी निगरायेजे माकां इयां बेगलेन टेगेन डो गंगायली आयोम +अमेनी निगरायेजे माकां इयां बेगलेन टेगेन डो गंगायली आयोम +आयोम डो इयां भा रुपया झोला कांधा बेडों इयां सामान टेगेन +स्रोत व्यक्ति दयाराम काजले , ग्राम सोनपुरा",korku-kfq +"बिनोखी फिरावन +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +भिख्यारिन टूरी दाई , भीख माँगत फिरय । +भिख्यारिन टूरी दाई , भीख माँगत फिरय । +ठोमा भर कोदै दाई , चिमटी भर दाड़ । +ठोमा भर कोदै दाई , चिमटी भर दाड़ । +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +तरी नानी नानर नानी , तरी नानारे नान । +शब्दार्थ : भिख्यारिभिखारी की तरह , ठोमामुट्ठी , कोदौछावल , दाड़दाल , चिमटीथोड़ी सी । +यह दूल्हादुल्हन के बिनोखी बाना फिराने का गीत है । दोसी , सुआसा और टेढ़ा मिलकर दुल्हन को बिनोखी फिराने ले जाते हैं । इस अवसर पर टेढ़ा एक बाँस की सिकोशी और झाँपी को कंधे पर रखता है , जिसमें भाड़ में फोड़े गये चनामक्का की लाई रखते हैं । बिनोखी तीन घर फिराते हैं । उसी समय यह गीत गाया जाता है । +गीत में गाया गया है हे दाई आज तुम्हारी बेटी या दुल्हन भिखारी की तरह सुहाग की भीख माँगने निकाली है । हे दाई मुझे आशीर्वाद दो । आशीर्वाद में एक मुट्ठी चावल और बहुत बड़ी चिमटी भर दाल दे दो । यही मेरे लिये तुम्हारा आशीर्वाद है , तीनों घरों से धान , मक्का का दुल्हन को नेग दिया जाता है ।",baiga-mis +"भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट +भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट +अड़ै मिलैं ना टूटी जूती ओड़े मिलैं फुलबूट +भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट +अड़ै मिलै ना पाट्टे लीतर ओड़े मिलैंगे सूट +भरती हो लो रै बाहर खड़े रंगरूट",haryanvi-bgc +"आल्हा ऊदल +कैंड़ा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय +बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल लगाय +बावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगाय +पलहथ रोपल अखड़ा में रुदल डण्ड कैल नौ लाख +मूँदल भाँजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डील +तीस मन के नेजम है रुदल तूर कैल मैदान +ताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनीं मोर बात +फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल भहराय +जल के मछरी बरही होय गैल डाँटें कान बहिर होय जाय +बसहा चढि सिब जी भगले देबी रोए मोती के लोर +कहाँ के राजा एत बरिया है मोर फुलवारी कैल उजार +सुने पैहें रजा इन्दरमन हमरो चमड़ी लिहें खिंचाय +सतौ बहिनियाँ देबी इन्द्रासन सें चलली बनाय +घड़ी अढ़ाइ का अन्तर में पहुँचली जाय +रुदल सूरत फुलवारी में जहवाँ देबी जुमली बनाय +देखल सूरत रुदल के देबी मन मन करे गुनान +बड़ा सूरत के ई लरिका है जिन्ह के नैनन बरै इँजोर +पड़िहें समना इन्दरमन का इन्ह के काट करी मैदान +नींद टूट गैल बघ रुदल के रुदल चितवै चारों ओर +हाथ जोड़ के रुदल बोलल देबी सुनीं बात हमार +बावन छागर के भोग देइ भैंसा पूर पचास",bhojpuri-bho +"जरा बेनिया डोलइहो लाल, मुझे लागि गरमी +जरा बेनिया1 डोलइहो2 लाल , मुझे लागि गरमी । +अलग होके सोइहो3 लाल , मुझे लागि गरमी । +करवट4 होके सोइहो लाल , मुझे लागि गरमी ॥ 1 ॥ +टीके की झलमल , मोतिये की गरमी । +जरा बेनिया डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी । +पयताने5 होके सोइहो लाल , मुझे लागि गरमी ॥ 2 ॥ +बेसर की झलमल , चुनिये की गरमी । +जरा बेनिया डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी । +जरा पंखा डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी ॥ 3 ॥ +बाली की झलमल , झुमके की गरमी । +जरा बेनिया डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी । +सिरहाने6 होके सोइहो लाल , मुझे लागि गरमी ॥ 4 ॥ +कँगन की झलमल , पहुँची की गरमी । +करबट होके सोइहो लाल , मुझे लागि गरमी । +जरा बेनिया डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी ॥ 5 ॥ +सूहे की झलमल , छापे की गरमी । +जरा बेनिया डोलइहो लाल , मुझे लागि गरमी । +लाड़ो के लागि गरमी ॥ 6 ॥",magahi-mag +"रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के +रामचंदर जलम लेलन1 चइत2 रामनमी के ॥ 1 ॥ +डगरिन जे नेग3 माँगइ , नार के कटाइ4 । +कोसिला के कँगन लेमो , 5 चैता रामनमी के ॥ 2 ॥ +नाउन6 जे नेग माँगे , पैर के रँगाइ । +कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 3 ॥ +धोबिन जे नेग माँगे , फलिया7 के धोबाइ8 । +कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 4 ॥ +फूआ9 जे नेग माँगे आँख के अँजाइ10 । +कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 5 ॥ +दाई जे नेग माँगे , सौरी के झोराइ11 । +कोसिला के कँगन लेमो , चैता रामनमी के ॥ 6 ॥",magahi-mag +"खेती खेडो रे हरिनाम की +खेती खेड़ो रे हरिनाम की , +जेम घणो होय लाभ +१ पाप का पालवा कटाड़जो , +आरे काठी बाहेर राल +कर्म की फाँस एचाड़जो +खेती निरमळ हुई जाय . . . +खेती खेड़ो रे . . . . +२ आस स्वास दोई बैल है , +आरे सुरती रास लगाव +प्रेम पिराणो हो कर धरो +ज्ञानी आर लगावो . . . +खेती खेड़ो रे . . . +३ ओहम् वख्खर जोतजो , +आरे सोहम् सरतो लगावो +मुल मंत्र बीज बोवजो +खेती लुटा लुम हुई जाय . . . +खेती खेड़ो रे . . . +४ सत को माँडवो रोपजो , +आरे धर्म की पयडी लगावो +ज्ञान का गोला चलावजो +सुआ उड़ी उड़ी जाय . . . +खेती खेड़ो रे . . . +५ दया की दावण राळजो , +आरे बहुरि फेरा नी होय +कहे सिंगा पयचाण जो +आवा गमन नी होय . . . +खेती खेड़ो रे . . . .",nimadi-noe +"दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये +दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये +आओ सास रानी बैठो पलंग पर +हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल कैसे कहाये +चाहे बहू मारो चाहे बहू छोड़ो +लाल तो बेटे के कहाये , तुम्हारे लाल कैसे कहाये +आओ नणद रानी बैठो पलंग पर +हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल कैसे कहाये +चाहे भाभी मारो चाहे गरियाओ +लाल तो भैया के कहाये , तुम्हारे लाल कैसे कहाये +मैं पड़ीसूं वीर की कैद लाल मेरी कैद छुड़ाओ जी महाराज +मां मैं क्यूँकर जनम जे ल्यू +टुटी खटिया फटी गुदड़िया छोरड़ा कह कै बोलो जी महाराज +जो लाला थम जनम ले ल्यो , सूतो के पिलंगा मखमल के गद्दा +किरसन कह कै बोलें हर कह कै बोलें जी महाराज +आधी सी रात अर खुले हैं किवाड़ पहरेदार सोये जी महाराज",haryanvi-bgc +"नावा जीवन +खेलत कूदन हँवय आवय हो , +हाथे धरे गोटी गुलेल ॥ +नावा जीवन आवै हंसा , +नावा नाम धरावै । +नोंहिंक नाम कमावै । +करत्थे खुलेल ॥ +हाथे धरे गोटी गुलेल ॥ +मुठी बाँध के आये हंसा , +धरती माँ पधारे । +अच्छाअच्छा काम करबी । +अच्छा नाम कमाबी । +हाथे धरे गोटी गुलेल ॥ +शब्दार्थ – हँवय हुआ , गोटी गुलेलपत्थर और गुलेल , करत्थेकरते हैं , खुलेलउल्लेख , नोहिंकजो नहीं , हंसा जीव , बालक , मुठी बाँध केनिश्चय करके , करबीकरेगा , कमाबीकमायेगा , छाकामहलोन पत्ते का दोना । +यह बच्चे के जन्म का छठी गीत है । बैगा जनजाति बच्चे के जन्म के छठवें दिन ‘छट्टी’ मनाते हैं । उस दिन बैगा सुइन दाई आती है । आसपास की महिलाओं को घर वाले आमंत्रित करते हैं । इस समय परम्परा अनुसार खुशी से दारू बाँटी जाती हैं । जो पाँच बोतल दारू होती है , जिसे नेग की दारू कहते हैं । सभी महिलाएं जिस सथान पर बच्चा जन्म लेता है , उस स्थान को गोबर से लीप कर पवित्र बनाती हैं । उस पर जलता मिट्टी का दिया रखती हैं दारू डालकर पिलाती हैं । तब यह गीत गया जाता है । +यह जो नया जीव हंसा जन्म लिया है । माँ के पेट में नौ महीने खेलतेकूदते इस धरती पर आया है । हमें खुशी है । यह जब बड़ा होगा , तब हाथ में पत्थर और गुलेल रखकर जंगल में जायेगा और वहाँ चिड़िया का शिकार कर हमें खिलायेगा । इस धरती पर मुट्ठी बांधकर यानि निश्चय करके आया है तो अच्छा काम करेगा और अच्छा नाम कमायेगा । महियाएँ यह गीत गाती जाती हैं और खुशी से दारू पीती जाती हैं ।",baiga-mis +"रावटड़ी चढ़ सूत्या बाई का बाबा जी +रावटडी चढ़ सूत्या बाई का बाबा जी +चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज +रावटडी चढ़ सूत्या बाई का बाबला जी +चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज +के थारी सेज कुसेज +के मैहलां के माच्छर लागणै जी म्हारा राज +ना म्हारी सेज कुसेज +ना मैहलां के माच्छर लागणे जी म्हारा राज +म्हारै घर लाडलडी का ब्याह +चिंत्या मैं नींद ना आंवती जी म्हारा राज",haryanvi-bgc +"जसोदा तेरे लाला ने +जसोदा तेरा लाला ने मेरी दीनी है मटुकिया फोर ॥ टेक +अरे याने बैंया मेरी झटकी , सिर पै से मटकी पटकी । +मेरे यही जिगर में खटकी । +दोहा मटकी डारी फोर कर , माखन दयौ बिगार । +गैल रोक ठाड़ो भयौ , जाने बादर डारे फार ॥ +मोय अकेली जान के कान्हा दिखावे जोर । ज . +याकू जोर ब्रज कौ भारी , अरे मोय दीनी लाखन गारी । +जाने बहुत करी मेरी ख्वारी । +दोहा ख्वारी अति भारी , करी मन में करूँ विचार । +दिल गोता खाता मेरा , पड़ा हुआ मझधार ॥ +कहाँ करूँ कित जाऊँ अरे जाने करकर डारी तोर ॥ ज . +कहूँ कंस राजा से मैं जाय , अरे जाय लेगौ पकरि मँगाय । +वाय सब हाल कहूँ समझाय । +दोहा समझा कर सब हाल मैं , कान्हा लऊँ बुलाय । +मार लगावै बाँस से , सब मालुम पड़ जाय ॥ +है सब को मालूम अरे ये है माखन कौ चोर ॥ ज .",braj-bra +"आई सावन की बहार (कजली) +छाई घटा घनघोर बन में , बोलन लागे मोर । +धानी चद्दर सिंआव , सारी सबज रंगाव । +मैं तो जइहों कुंजधाम , सुनो कजरी ललाम । +बलदेव क्यों उदास पुनि अइहौ तोरे पास । +"" कजली कौमुदी "" से जिसके संग्रहकर्ता थे श्री कमलनाथ अग्रवाल +' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के जुलाई 1945 के अंक से",khadi_boli-mis +"कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ +कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ +बलम तोहे ऐसा मारूँगी +ऐसा मारूँगी बलम तोहे ऐसा मारूँगी +चकला मारूँ , बेलन मारूँ , फुँकनी मारूँगी +जो बालम तेरी मैया बचावै +वाकी चुटिया उखाड़ूँगी +थाली मारूँ , कटोरी मारूँ , चम्मच मारूँगी +जो बालम तेरी बहना बचावै +वाकी चुनरी फाड़ूंगी +लाठी मारूँ डंडा मारूँ थप्पड़ मारूँगी +जो बालम तेरो भैया बचावै +वाकी मूँछे उखाड़ूँगी",khadi_boli-mis +"अंछरयों की राणी +झूमझमा झम , खुटों का झाँवर रे , +अंछर्यो1 की राँणी आई , गीत गान्दरे । +नौ सोर मुरली बाजी , मोछंग2 की धुन म +फूलू की पंखुड़ी , भौंर का गीतू म । +. . . . . . . ओजी हो +धमधमाधम , +भौंरों की बरात रे +अंछर्यों की राँणी आई , फूल फुलान्दी रे । +बाँज की डाल्यों म आई , बुराँस का फूलू म , +फ्योंलि का फूलू म आई , झमकदा गीतू म । +. . . . ओजी हो +छमछमाछम , +खुट्यों का झाँवर ये +अंछर्यों की राँणी आई , गीत गान्द रे । +लंगलंगी डाल्यों म आई , रुमझुम पातु म , +छुणक्यलि3 दाथी म आई , घुगति4 की घू घू म । +. . . . ओजी हो +सरसरासर , सर , +बथौं का दगड़ रे +अंछर्यों की राणी आई , मुलमुल हैंसदी रे । +हो . . . . हो . . . . . हो",garhwali-gbm +"महलां तै बैठी तेरी माता झरुवै +महलां तै बैठी तेरी माता झरुवै , देख जेठानी क��� पूत +जाहर एक घरूं घर आ +सासरै तेरी बेबे रे झरुवे देख जेठानी का बीर +जाहर एक घरूं घर आ +पीहर में तेरी गोरी झरुवै देख भाणका नाथ +जाहर एक घरूं घर आ +सातैं ने आऊं ना मैं आठैं ने आऊं आऊं नवमी की रात +जाहर एक घरूं घर आ +धड़ धड़ धरती पाट के सुध लीलै गया समाय +जाहर एक घरूं घर आ",haryanvi-bgc +"141 +चूचक आखया लंडयां जाह साथों तैनूं वल है झगड़यांझेड़यां दा +तूं सरदार हैं चोरां उचकयां दा सूहा बैठा एं महानूआं भेड़यां दा +तैनूं वैर है नाल अजानयां दे अते वैर है दब दरेड़यां दा +आप छेड़ के पिछड़ें दी फिरन रोंदे एह चज है माहणूआं1 फेड़यां दा +वारस शाह इबलीस2 दी शकल कैदी एह मूल हैसब बखेड़यां3 दा",panjabi-pan +"सिंहनाद +पैलि गढ़देश त्वीकू नमस्कार छ । +तेरि हम पर दयादृष्टी अपार छ । +तेरि दया म हमकू बड़ी मौज छ । +वीरपुत्र की तेरी खड़ी फौज छ । +पैलि उन्नीस सौ पन्द्र का लाम मा । +जर्मनीफ्रांस का घोर संग्राम मा । +सातसागर तरी देश का का कू । +जाति का और ब्बे1 बाबु का नाम कू । +ये गया बेधड़क बैठि की जाज मा । +देरि ही नी करे राज का काज मा । +लोग ब्बेबाबु भी छोड़ि गैने इख । +घर क्वी भागि ही लौटि ऐने इख । +फ्रांस की भूमि जो खून से लाल छ । +उख लिख्यूं खून से नाम गढ़वाल छ । +रैंदि चिंता बड़ौं तैं बड़ा नाम की । +काम की फिर्क रैंदी , न ईनाम की । +‘राठ’ मा गोठ गौं को अमरसिंह छयो । +फ्रांस को लाम मा भर्ति ह्वै की गयो । +ज्यौं करी घर मूँ , लाम पर दौड़िगे । +फ्रांस मां , स्वामि का काम पर दौड़िगे । +नाम लेला सभी माइ का लाल को । +जान देकी रखे नाम गढ़वाल को । +शास्त्र मा कृष्ण जी को लिख्यूँ साफ छ । +धर्म का वास्ता खून भी माफ छ । +न्याय का वास्ता सैरि दुनिया लड़े । +भाइ तें भाइ को खून करनो पड़े । +आतमा अमर छ , बीर नी मरदन । +शोक ऊँ कू किलै खामखाँ करदन । +रणम करन से मिलदो स्वर्गधाम छ । +जीत ह्वैगे त होन्दो अमर नाम छ । +भार्या वे कि छै देवकी नाम की । +वा सती छै बड़ी भक्त ही राम की । +स्वामिजी तब बटी2 लाम पर ही रया । +चिट्ठी भी वो कभो भेजदा ही छया । +जब कभी स्वामि की चिट्ठी आंदी छई । +देवकी वींवीं सब्यूं मू पढ़ांदी छई । +चिट्ठी सुणी खुशी हूँदि दै देवसु । +स्वामि की याद से रुंदि छै देवकी । +सासुससुरा कि सेवा म रांदी छई । +कै का मुख पर नजर नी लगांदी छई । +स्वामि का नाम को व्रत लेंदी छई । +भूखाप्यासौं तई3 भीख देंदी छई । +जब कभी स्वामि की याद आंदी छई । +रातदिन रुंदि रुंदि बितांदी छई । +स्वामिजी छन म्यरा4 फ्रांस की लाम मा +घर छौं भी अफू लोलि आराम मा । +वो न जाणे कया कष्ट सहणा छन ? +या कखी भूखाप्यासा हि रहणा छन । +पेटमोरी कि या भी नि खांदी छई । +रात दिन स्वामि की सोच रांदी छई । +एक दिन वो छया घर मु जब छया । +हैंसदाखेलदा ही कना दिन गया । +भूख नी छै हमू प्यास नी छै कभी । +रात दिन प्रेम पूर्वक बितैने सभी । +हाय भगवान वे जर्मनी को मरे । +पापि न या किलै घौं लड़ाई करे । +साथ का लोग घर बौड़ि5 गैने सभी । +वो न जाणे लिै की नि ऐने अभी । +चिट्ठी भी भौत दिन से नि आई इख । +तब बटी कुछ खबर भी निपाई इख । +ऊँकि चिट्ठी किलैक नि आंदी होली ? +काम से सैत6 फुरसत नि रांदी होली ? +घर च जो अफू लोलि आराम मा +वा क्या जाणो कि क्या बीतदीं लाम मा । +चैत भी बौड़ि बौड़ीक ऐगे इख । +देवकी बाठा देखो कि रेगे इख । +डांडिकांठी सभी हैरि ह्वैने चुचों । +डालिबूटी सभी मोलि गैने चुचों । +घुगति भी लाम से लौटि ऐने इख । +फूल कै भाति का फूलि गैने इख । +चन्द्रमा को जबौं लौअि ऐगे कभी । +रौतु को नौनु भी घर ऐगे अभी । +देवि दैव्तौं तई भी मनांदी छई । +रात दिन वा पुछारू पुछांदी छई । +पुछणु कू बाट का बट्बै मू गये । +औंदा जांदौं तई पूछदी वा रये । +रात दिन एक सी बितांदी छई । +हर घड़ी स्वामि की सोच रांदी छई । +पर लिख्यूँ भाग मा जोकि जैका रयो । +फिर वही अंतमा ह्वै कि रहणो छयो । +फ्रांस से मौत को तार छूटी गये । +”देवकी को बलभाग फूटी गये“ । +आदमी सोच दो त बड़ी दूर छ । +हून्द वी जो विधाता कु मंजूर छ । +वैन जो कुछ करे न्याय , सहणो पड़े । +सबकु मजबूर चुपचाप रहणो पड़े । +रोज दुखः सुख इथा ? आप सहणा छवाँ । +एक दिन , जब जरा घाम छौ धार7 मा । +रूम्कै8 पड़णी छई सैरि9 संसार मा । +बोण10 का गोरु जब घअर आणा छया +पंछि अपड़ा बसेरों मु जाणा छया । +गौंकि सब बेटिब्बारी11 मि धाणी12 बटी13 । +रमकदीझमकदी14 घासपाणी बटी । +क्वीं थकीं , क्वीं डरीं , क्वीं कणाणी छई । +भारि कै15 बै करी घअर आणी छई । +घअर मू कैकि सासु खिजेणी16 छनअ । +जो नि देणो इनी मैकि देणी छनअ । +क्वो करवी दूदिको नोनु17 रोणू छयो । +यां परै द्वी झणों18 झगड़ा होणू छयो । +क्वी पंदेरी19 पंदेरा मु आणी छई । +वाजि20 लमडेर21 , जन्दी22 लगाणी छई । +कुटणु कू ब्वारिभारी ल्हि जाणी छनअ । +क्वी झणो गौड़िभैंसी पिजाणी23 छनअ । +ज्वान जोरा तमाखू उडाणा छया । +बूडबुड्डया मि बरड़ांद24 जाणा छया । +मौज हूणी छई इनि जबारी उखअ +काबुली एक ऐगे तबारी उखअ । +लम्बु भारी बदन एक चोला छयो । +हींग देंदो रुप्ये एक तोला छयो । +कैरणी25 आंखि , मैलोकुचैलो बड़ो । +भूतसी , ऐकि सोंदिष्ट26 ह्वेगे खड़ो । +आज तक जो क्या सूणि छै जै न भी । +भूत सैंदिष्ट देखी नि छो कैन भी । +देखि तै छोटा छोरा भग्या रात मा । +आज क्या हूणिजाणी ण , परमात्मा । +नौनु व ेदखि ; की एक रोये जबअ । +बूडबुड्यों को यो हुक्म होये तबअ । +रात रहणू जगा तै नि देलो कईअ । +नौनु सैंल्यूंपल्यूं27 जी छले लो28 कुई । +दूर गौं से अलग एक कूड़ो29 छयो । +घअर , तैं रात बती आदमी नी रयो । +देवकी एक विधवा विचारी छई । +वा अफी पापि किस्मत कि मारी छई । +स्वामि का नाम को व्रत ल्हेंदी छई । +भूखाप्यासों तई भीख देंदी छई । +चौक मा काबुली पोंछि ऊंका गये । +पापि बाकारुणा30 कैकि रोणू रये । +”दीदि देदे जगा आज की रात ही । +फेर चलि जौलु मी मोलपरभात ही“ +भोलिभालि , कपटछल नि जणदी छई । +हौरू को दिल भि अपणोंसि गणदी छई । +छै दयावन्ति घ्ज्ञरकी अकेली रई । +खालि छो ओबरो31 बोड32 रांदी छई । +ओबरा का किनारा जगा रात मा +पेट भोरी मिले खाणु भी साथ मा । +जबकि संसार समसूत33 ह्वेगे छई । +कुक भुकणा छया दूर , गौं मा कई । +गाड34गदरों कु स्वीं स्याट होणू छयो । +सालि35 का मूड़ि36 की स्याल् रोणू छयो । +सैरि संसार आराम पाणी छई । +नींद पर काबुली तैं नि आणी छई । +खड़उठी वो , सुरक भैर आणू छयो । +बौड की देलि भू बैठि जाणू छयो । +आंदोजांदो छयो द्वार भी खेल दो । +देकि धक्का , छयो रोष मा बोल दो । +जो भलो चांदि तब खोलिदे द्वार तू । +खांमखां केकु खांदी म्यरी मार तू ? +दूर छौ गों , विचारी अकेली रई । +क्या करो ? वेकि सब बात सुणणी छई । +रुन्दि छै भारि , धिडुड़ी37 सि रिटणी38 छई । +भांडाकूंडा लगै द्वार किटणी छई । +काबुली भैर , भीतर छई वा खड़ी । +नी खुल्या द्वार जब देर ह्वेगे बड़ी । +भागसेद्वार भी एक कच्चो रये । +फेर भीतर की सांकल भी टूटी गये । +जबकिकैको बुरो वक्त आंदअइण अ । +खून भी वैकु आपड़ो नि रांदअ इखअ । +अपड़ि छाया जु रहंदी सदा साथ मा । +साथ नी रैंद वा भी चुचों , रात मा । +मिरग पर बाण मरदअ शिकारी जबअ । +खून ही पेड़ अपड़ी बतान्दअ तबअ । +लाल आंखी करी , छौ छुरा हाथ मा । +पौंछिगे काबूली क्रोध का साथ मा । +वीन बोलेअरे , भैर जा , मान तू । +खांमखां खुंदि अपड़ी किलै ज्यान तू ? +खूंदु छै उख , जखी खांदु छै गास तू । +कै मुलक को छई चोरबदमाश तू ? +तू सियींसिंहणी तैं जगाणू छई +आगि पर हाथकेकू लगाणू छई । +पर नि मान्यो कतै , वीं डराणू रये । +होरि39 डडो पकड़णू कु आणू रये । +स्वामि सुमरी , उठी बात की ब��त पर । +खैंचि खुंकरी सिंराणा बटी हाथ पर । +मूलिगे क्या च वा , नी रई होश मा । +भूखिसी सिंहणी वा छुटे रोश मा । +क्रोध से वे परैं ब्रजसी टूटिगे । +हाथ से काबुली को छुरा छूटिगे । +बिजलीसी रात खुकरी चमकणी छई । +आगसी तन बदन वीं का जगणी छई ॥",garhwali-gbm +"नानी-सी मांजरी मालवऽ गई मालव सी लाई माटी +नानीसी मांजरी मालवऽ गई , मालव सी लाई माटी , +माटी का बणाया हत्थी , हत्थी चलऽ आणा बाणा , +माटी का माय टुलेक दाणा ।",nimadi-noe +"इस इमली के ओड़े चोड़े पात +इस इमली के ओड़े चोड़े पात +इमली तले साधण खड़ी +के म्हारी गोरी थमनै इमली की साध +के इमली तेरै मन बसी +ना राजा जी म्हारे इमली की साध +न इमली म्हारे मन बसी +हम नै तो म्हारा मारू प्यार की साध +आज रहो म्हारे महल में +पौ पाटी जद होई परभात +नाई कै नै दूब टांगिआ +के नाई का म्हारे जन्मी सै म्हैंस +के घोड़ी घुड़साल में +ना म्हारा जजमान जन्मी सै म्हैंस +ना घेड़ी घुड़साल मैं +थारे म्हारा जिजमान जनम्या सै पूत +बेल बधी थारे बाप की",haryanvi-bgc +"पंछी पंचक +अरे जागा जागा कब बिटि1 च कागा उड़ि उड़ी +करी . . . ‘काका’ ‘काका’ घर घर जगोणू तुमसणी । +उठो गैने पंछी करण लगि गैने जय जय , +उठा भायों जागा भजन बिच लागा प्रभुजि का । +धुगूती धुगूती धुगति2 धुगता की अति भली +भली मीछी बोलो मधुर मदमाती मुदमयी । +हरी डांड्यो3 धुनि पर धुनि जो छ भरणीं +हरी जी की गाथा हिरसि हिरसी स्या च करणीं । +‘कुऊ कूऊ कुऊ कुउ कुउ कुऊ कूउ कुउऊ’ +छजो4 धारू धारू5 बणु बणु बिटी गूंजण लगीं । +हिलांसू6 की प्यार जिउ खिंचण बारी रसभरी +सुरीली बोली स्या स्तुति भगवती जी कि करद । +. . . ‘तुही तूही तूही’ सुरम बणु मां सार सिंचिक , +पुराणू शास्त्रू को मरम मय बोली बिमल मां । +प्रभू की ख्याती कोयल च करणीं तार सुर से +”तु तूही में तूही महि सब हि तूही तुहि तुही“ +टिटो7 च्यौलो म्यौली छितरि तितरी ढैंचु मंडकी +रसीली तानू कू भरि भरि हरी जी कु भजद । +उठा प्यारों प्यारी भिनसरि8 कि लूटा विभक्ता , +छ जो छाई नाना प्रकृति जननी का रहसु से । ।",garhwali-gbm +"आज लाड़ो केरा अजबी बहार रे बना +आज लाड़ो1 केरा अजबी बहार रे बना । +बाना2 सुरती3 गजबी सोहार4 रे बना ॥ 1 ॥ +बाना , अपन अपन नयनमा5 सम्हार रे6 बना । +बाना , लगी जयतउ नजरी के बान रे बना ॥ 2 ॥ +बाना , दुलहा हइ दुलहिन के जोग रे बना ॥ 3 ॥",magahi-mag +"भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “चम्पा दासी द्वारा राजा को पहचान"" +अब ये चम्पा दासी राहय ते जाके रानी सामदेवी ल बताथे रागी हौव +अ�� कइथे , रानी हा +में अतका कई डरेंव वो योगी ल हौव +वो जाबे नई करत ऐ हा +अउ तोर हाथ ले वो भिक्षा लुहूँ किथे लेहूँ किथे +हमर हाथ ले भिक्षा नई लेवत ऐ हौव +का पूछत हस रागी ओतका बात ल सुनके हा +जलबल के खाख हो जथे हौव +अउ गुस्सा होके किथे हा +चार झन दीवान मन ला बोलथे हौव +वो योगी नोहय , चंडाल ऐ हा +जा ओला धक्का मार के निकाल दव निकाल दव +ओकर झोला झंटका ल नगां लव हौव +अउ गंगा में लेके बोहा दव हा +अब ओतका बात ल सुनके , चार छन दीवान राहय ते रागी हौव +योगी के पास में आ जथे हा +अपन अपन ले झोला ल नंगात रिथे हौव +बाबा ल धक्का मारत रिथे हा +लेकिन वो बाबा उंहा ले नई जावय हौव +– गीत – +तब तो बोले मोर रानी हा , मोर रानी हा वो +सुनले दासी मोर बाते ला +तब तो बोले मोर रानी हा , मोर रानी हा या +सुनले दासी मोर बाते ला +एकबारेच वो , अउ जाना दासी +एकबारेच वो , अउ जाना दासी +तेंहा भिक्षा ये देके , ये आना वो , येदे आवोना , भाई येदे जी +अउ भिक्षा देके आवोना , येदे आवोना , भाई येदे जी +भिक्षा ये लेके ये पहुँचत थे , येदे पहुँचय दीदी +चम्पा ये दासी ह आज ना +भिक्षा ये लेके ये पहुँचत थे , येदे पहुँचय दीदी +चम्पा ये दासी ह आज ना +लेलव बाबा तुमन , येदे भिक्षा ल ग +लेलव बाबा तुमन , येदे भिक्षा ल ग +येदे धूनी ल इंहा ले उठावव जी , ये उठावव जी , भाई येदे जी +येदे धूनी ल इंहा ले उठावव ना , ये उठावव ना , भाई येदे जी +– गाथा – +अब ये चम्पा दासी राहय तेन रानी सामदेवी के बात मान के आथे रागी हौव +फेर किथे हा +बाबा हौव +एले अब तो भिक्षा लेलेव हा +धूनी ल हटा दव हौव +हां भई भिक्षा नई लव हा +तो आसपास में तुंहर बर हम मंदिर बनवा देथन हौव +उंहा तुम पुजारी रहू पुजारी रहू +तुहाँ ल हाथी घोड़ा सबकुछ देबो हौव +लेकिन इंहा ले तुम धूनी ल तो हटा दो हा +ओतका बात ल सुनथे तो बाबा हौव +थोकन मुस्कुरा देथे हा +मुस्कुरा देथे ओकर दांत में , ओकर सोन के दांत लगे रिथे हौव +झलक ह दिख जथे हा +चम्पा दासी राहय ते चिन डारथे हौव +अउ चिन्हे के बाद का पूछत हस रागी हा +थई थई थारी ल पटक देथे हौव +अउ जाके बीच अंगना में हा +रोवन लाग जथे हौव +– गीत – +बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा वो +सुन ले रानी मोर बाते ल +बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा या +सुन ले रानी मोर बाते ल +वो ह योगी नोहय , तोर राजा ऐ वो +वो ह योगी नोहय , तोर राजा ऐ वो +येदे कही के रोवन लागत हे , भाई येदे जी +येदे कही के रोवन लागत हे , भाई येदे जी +बोले बचन चम्पा दासी हा , ��म्पा दासी हा वो +सुन ले रानी मोर बाते ल +बोले बचन चम्पा दासी हा , चम्पा दासी हा या +सुन ले रानी मोर बाते ल +कोन भेषे में वो , भगवाने आथे +कोन भेषे में ना , भगवाने आथे +येदे कोन भेषे तोर राजा वो , भाई येदे जी +येदे कोन भेषे तोर राजा वो , भाई येदे जी",chhattisgarhi-hne +"दुर्गा दुर्गति हारो +दुर्गा दुर्गति हारो , +भवानी मोखों आन उबारो । +जपूं शीतला नाम तिहारो +शीतल छैयां डारो । भवानी . . . +नाम जपो मैया मंगला देवी +मंगल काज संवारो । भवानी . . . +जपूं रोज मैया मात शारदा +सहबुद्धि देव सुधारो । भवानी . . . +भजन करूं मैया तेरो कालका +काल को फंदा टारो । भवानी . . .",bundeli-bns +"129 +सड़े लेख साडे लज पई तैनूं वडी सोहणी देही नूं लीक लगी +नित करें यारी नित करें तोबा नित करें पखंड ते नित ठगी +असीं मन्हा कर रहे हां मुड़े नाहीं तैनूं किसे फकीर दी कही वगी +वारस शह खंड ते दुध खांदी मारी फिटक दी गई जे हो वगी",panjabi-pan +"आई हरि जु की पौढी +आई हरि जु की पौढी , बधाए लाई मालनिया । +आई हरि जु की पौढी , बधाए लाई मालनिया ॥ +हरे –हरे गोबर अँगना लिपाए , मालनिया , +मोतियन चौक पुराए , सुघडपति मालनिया । +कुम्भ कलश अमरत भर लाई , मालनिया , +अमुवा की डार झकोरी , सुघडपति मालनिया । +इन चौकन रानी के ईसरदासजी घर के पुरुष सदस्यों के नाम बैठे मालनिया , +संग सजन की जाई , सुघडपति मालनिया । +बहन भानजी करें आरतो , मालनिया , +झगडत अपनो नेग , सुघड्पति मालनिया । +देत असीस चलीं घरघर को , मालनिया , +जिएं तेरे कुवँर कन्हाई , सुघडपति मालनिया । +रहे तेरो अमर सुहाग , सुघडपति मालनिया । +आई हरि जु की पौढी , बधाए लाई मालनिया ॥",braj-bra +"कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +पतरेंगी मोरे मैना , सवरेंगी ना रे सुवा ना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +पुन्नी के चन्दा ला लेगे बदरिया +कहाँ बुलाये मोर बाँके नजरिया +पुन्नी के चन्दा ला लेगे बदरिया +कहाँ बुलाये मोर बाँके नजरिया +का तो हाबय तीजाही उपास रे , कजरेली मोरे मैना +का तो हाबय तीजाही उपास रे , कजरेली मोरे मैना +चम्पा चमेली मोर चुरमुर चुरमुर +का दुःख मा बइठे हे झुरमुर झुरमुर +चम्पा चमेली मोर चुरमुर चुरमुर +का दुःख मा बइठे हे झुरमुर झुरमुर +मन ले कइसे पराये उलास रे , कजरेली मोरे मैना +मन ले कइसे पराये उलास रे , कजरेली मोरे मैना +कंचन काया ले माया रिसागे +चहकत चिरईया मोर कइसे थिरागे +कंचन काया ले माया रिसागे +चहकत चिरईया मोर कइसे थिरागे +जीव ले आस हे काबर हतास रे , कजरेली मोरे मैना +जीव ले आस हे काबर हतास रे , कजरेली मोरे मैना +पतरेंगी मोरे मैना , सवरेंगी ना रे सुवा ना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +कइसे दिखत हे आज उदास रे , कजरेली मोरे मैना +सवरेंगी मोरे मैना , पतरेंगी मोरे मैना +सवरेंगी ना रे सुवा ना",chhattisgarhi-hne +"चना के दार राजा +हे बटकी में बासी , अउ चुटकी में नून +में गावतथव ददरिया +तें कान देके सुन वो चना के दार +हे बागे बगीचा दिखे ला हरियर +बागे बगीचा दिखे ला हरियर +मोटरवाला नई दिखे , बदे हव नरियर , हाय चना के दार +हाय चना के दार राजा , चना के दार रानी , चना के दार गोंदली , तड़कत हे वो +टुरा हे परबुधिया , होटल में भजिया , झड़कत हे वो +तरी फतोई ऊपर कुरता हाय , तरी फतोई , ऊपर कुरता , हाय ऊपर कुरता +तरी फतोई , ऊपर कुरता , हाय ऊपर कुरता +रइ रइ के सताथे , तोरेच सुरता , होय चना के दार +हाय चना के दार राजा , चना के दार रानी , चना के दार गोंदली , तड़कत हे वो +टुरा हे परबुधिया , होटल में भजिया , झड़कत हे वो +नवा सड़किया रेंगे ला मैंना हाय +नवा सड़किया , रेंगे ला मैंना , हाय रेंगे ला मैंना +नवा सड़किया , रेंगे ला मैंना , हाय रेंगे ला मैंना +दु दिन के अवईया , लगाये महीना , होय चना के दार +हाय चना के दार राजा , चना के दार रानी , चना के दार गोंदली , तड़कत हे वो +टुरा हे परबुधिया , होटल में भजिया , झड़कत हे वो +चांदी के मुंदरी चिनहारी करले वो हाय +चांदी के मुंदरी , चिनहारी करले , हाय चिनहारी करले +चांदी के मुंदरी , चिनहारी करले , हाय चिनहारी करले +मैं रिथव नयापारा , चिनहारी करले , होय चना के दार +हाय चना के दार राजा , चना के दार रानी , चना के दार गोंदली , तड़कत हे वो +टुरा हे परबुधिया , होटल में भजिया , झड़कत हे वो +कांदा रे कांदा केंवट कांदा हो हाय +कांदा रे कांदा , केंवट कांदा , हाय केंवट कांदा +कांदा रे कांदा , केंवट कांदा , हाय केंवट कांदा +हे ददरिया गवईया के , नाम दादा , होय चना के दार +हाय चना के दार राजा , चना के दार रानी , चना के दार गोंदली , तड़कत हे वो +टुरा हे परबुधिया , होटल में भजिया , झड़कत हे वो",chhattisgarhi-hne +"सैयां बहिंया न गहो +सैयां बहिंया न गहो गलि गलियारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ टेक ॥ +गलि गलियारे शर्म लगत है , +गलि गलियारे शर्म लगति है , +ले चलि महल अटारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि ���ो ॥ १ ॥ +डेल डिलारे कसक लगति है , +डेल डिलारे कसक लगति है , +ले चलि खेत खितारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ २ ॥ +नदी के भीतर ऊब लगति है , +नदी के भीतर ऊब लगति है , +ले चलि नदी किनारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ३ ॥ +काल कर्मगति संग चलति है , +काल कर्म गति संग चलति है , +ले चलि गुरु सहारे हो , +सैयां बहियां न गहो गलि हो ॥ ४ ॥ +उपरोक्त भाग भदावर क्षेत्र में होली के दहन के बाद में गाया जाने वाला गीत है , इस फ़ाग को गाने के तोड में पहले शरीर रूपी सुन्दरी अपने प्रीतम ईश्वर से कहती है , कि मुझे गलियों में भक्ति करने के लिये मत कहो , गलियों में भक्ति करते हुये मुझे शर्म आती है , दूसरी पंक्ति में कहा है कि जंगल बीहड और पत्थरों में जाकर मुझे भक्ति करने को मत कहो , वहां पर मुझे भूख प्यास और शरीर में सर्दी गर्मी बरसात की चोट लगती है , एक विस्तृत क्षेत्र में ले कर चलो , जहां मै मौज से भक्ति कर सकूं , तीसरी पंक्ति में नदी रूपी संगति जो लगातार आगे से आगे चली जा रही हो , उसके साथ मुझे मत जोडो उसके साथ चलने में मुझे दूसरी प्रकार की भक्ति सम्बन्धी बातें उबाती है , मुझे समझ में नहीं आती है , इसलिये किसी एकान्त किनारे पर लेकर चलो , चौथी पंक्ति में कहा है कि सबके साथ नही चलने पर किया भी क्या जा सकता है , समय जो करवाता है , उसे करना पडता है , पीछे जो हम करके आये है , उसका भुगतान तो लेना ही पडेगा , इन सबके बाद जो जीवन की गति मिली है , उसके अनुसार चलना तो पडेगा ही , इसलिये किसी गुरु की शरण में लेकर चलो , जिससे भक्ति करने का उद्देश्य तो गुरु के द्वारा समझने को मिले . +रचयिता रामेन्द्र सिंह भदौरिया ज्योतिषाचार्य ३७ पंचवटी कालोनी जयपुर ३०२००६ +. . .",bhadrawahi-bhd +"उठ गए गवाँढों यार +उठ गए गवाँढों यार +उठ गए1 गवाँढों यार , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए हुण रहिन्दे नाहीं , +होया साथ तिआर2 , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार । +डाँझ3 कलेजे बलबल उठ दी , +भड़के विरहों नार , +रब्बा हूण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार । +बुल्ला सहु प्यारे बाझों4 , +रहे उरार ना पार , +रब्बा हुण की करीए ? +उठ गए गवाँढों यार ।",panjabi-pan +"बसन्त कौ प्यार +क्वाँरी मनबगिया कोयलिया कूक रई , +बिरछन नें कर लऔ सिंगार , +झूमे नए फूलन के हार । +दूर हरी खेतन में बगरी है भाँग , +गंध झरत केवरे सें झूम रई डाँग , +होंन लगे रागरंग आ गई बहार , +नदिया की निरमल भई धार । +अनहोंनी बात भई सोंने में बास , +धरती पै होंन लगो महुअ�� कौ रास । +नाँनीँ रसबुँदियन की बरसै फुआर , +रूपेसौ हो गऔ सिंसार । +पीपी कें बैर चली बहकी है चाल , +महँक उठीं मेंड़ें सब हो गईं बेहाल । +कलियाँ रस बगरा कें मस्ती रइँ ढार , +पाँखन में मुन्सारे पार । +सेंमर सज आऔ है टेसू के संग , +बौराये आम देख इनके सब रंग । +बनीठनी सकियँन सँग ठाँड़ी कचनार , +पीर करै हिय में तकरार । +सरसों में गोरी कौ कंचन भऔ आँग , +भरी नई बालन नें मोंतिन सें माँग । +सोभा लख आसमान धीरज ना धार +बगरौ है धरती के थार +राधा नें रूप सजौ सोरउ सिंगार , +कुंजन में नन्दन बन हो रऔ बलहार । +काए ना कान्हा फिर लेबें औतार ? +धरती में इतनों है प्यार । +क्वाँरी मनबगिया में कोयलिया कू क रई , +बिरछन नें कर लऔ सिंगार , +झूमे नए फूलन के हार ।",bundeli-bns +"छम घुँगरू बाजला +छम घुँगरू बाजला , +छम छमाछम घुँगरू बाजला +छ घुंगरू बाजला , मांडा की उकाली1 मा +भली नथुली2 साजली तडतडी3सी नाक मा , +तू फूल मा फूल छई , बाँद4 छई लाखों मा , +मैं मायादार5 तेरो , सरानी रखलो हाथ मा ।",garhwali-gbm +"मन भवरा तो लोभीया +मन भवरा तो लोभीया , +आरे माया फुल लोभाया +चार दिन का खेलणा +मीट्टी में मील जाणा . . . +मन भवरा . . . +१ ऊंग्यो दिन ढल जायेगा , +फुल खिल्या कोमलाया +चड़याँ हो कलश मंदिर म +जम मारीयाँ हो जाय . . . +मन भवरा . . . +२ कीनका छोरा न कीनकी छोरीया , +कीनका माय नी बाप +अन्त म जाय प्राणी एकलो +संग म पुण्य नी पाप . . . +मन भवरा . . . +३ यही रे माया के हो फंद को , +भरमी रयो दिन रात +म्हारोम्हारो करत मरी गयो +मिट्टी मांस का साथ . . . +मन भवरा . . . +४ छत्रपति तो चली गया , +गया लाख करोड़ +राज करंता तो नही रया +जेको हुई गयो खाक . . . +मन भवरा . . . +५ पींड गया काया झरझरी , +जीनका हुई गया नाश +कहत कबीरा धर्मराज से +निर्मल करी लेवो मन . . . +मन भवरा . . .",nimadi-noe +"286 +मार आशकां दी लज लाह सुटी यारी लाके घिंन लै जावनी सी +अंत खेड़यां वयाह लै जावनी सी यारी उसदे नाल ना लावनी सी +ऐडी धुम कियों मूरखा पावणी सी एह सूरत न गधे चड़ावनी सी +वारस शाह जे मंग ले गए खेड़े दाढ़ी परे दे विच क्यों मुणावनी सी",panjabi-pan +"माथा न मेंमद लाओ +माथा न मेंमद लाओ , भंवर म्हांरी रखडी रतन जडाय । +ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो , भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर । +खेलण द्यो गणगौरगणगौर , भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर । +जी म्हांरी सहेल्यां . . . . . . . . . . +के दिन की गणगौर , सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव । +सोळा दिन की गणगौर , भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव । +ओजी म्हांरी सहेल्यां . . . . . . . . . . +सहेळ्यां ने ऊभी राखो , सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो । +जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट , सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर । +खेलण द्यो गणगौर",rajasthani-raj +"68 +जेता मामले पैन तां नस जाएं इशक जालना खरा दुहेलड़ा1 ई +सच आखना ई हुने आख मैंनूं एहो सच ते झूठ दा वेलड़ा ई +ताब इशक दी झलनी बड़ी औखी इशक गुरु ते जग सभ चेलड़ा ई +एथे छड ईमान जे नस जावें अंत रोज किआमते मेलड़ा ई",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +अट्टापट्टा नुनु केॅ सात बेटा +राजा , पाता , सीत , वसन्त , कुतवा +अड़गड़ मारो बड़गड़ जाऊँ , पानी पीये +पोखरिये जाऊँ +बबुआ कहै काँखी तर जाऊँ +ओ ना मा सी धं +गुरूजी पढ़ंग +कुइयाँ में काँटोॅ +गुरूजी नाँटोॅ । +नैहरा में कै बार गांगो +सतसत बेरी +अॅ ससुरारी मंे कै बार माँगों +एके बेरी । +उर्र बकरिया घाँस खो +चुक्का लेॅ बथान जो +चुक्का गेलौ फूटी +दूध लेलकौ लूटी । +रौदा उगोॅ गोसांय रौदा उगोॅ +तोरी बहुरिया जाड़ें मरेॅ +हमरी बहुरिया रौदा सेकेॅ । +रौदा उग रे बभना +मुरगी देबौ चखना +बिलैया देवौ कोर +काली माँय केॅ दीया बारबै +सगरे ई ंजोर । +रौदा छेकले बौध लागतौ +गोला बरद के पीज रोटी खैबे । +जाड़ा ऐल छै , पाड़ा ऐल छै +ओढ़ गुदड़ी । +बुढ़िया के दमाद ऐल छै +मार मुँगड़ी । +मामू हो मामू , डोॅर लागै छै +केकरोॅ डोॅर , बेटी केकरोॅ डोॅर ? +बाघ छै , बघिनियाँ छै +झुनझुन कटोरवा खेलै छै +सिकियो नै डोलै छै +भौजी माथा पर कमलोॅ सेनूर +भैया माथा पर कमलोॅ के फूल +उठोॅ हे भौजी पीन्होॅ पटोर +हम नै पिन्हबोॅ भंगा पटोर +आनभौं कचिया दागभौं ठोर +गुआगुआ केॅ पोछभौं लोर ।",angika-anp +"537 +अजू आखया कहर अंोर यारो वेखो गजब फकीर ने चाया ए +मेरा सीने दा केवड़ा1 मार जिदों कम कार थी चाए गवाया ए +फकर मेहर कदे सारी खलक उते एस कहर जहान ते चाया ए +वारस शाह मियां नवां सांग2 वेखो दिओ आदमी होए के आया ए",panjabi-pan +"570 +हीर नाल फिराक1 दे आह मारी रब्बा वेख असाडियां भखन भाही +अगे अग पिछे सप शीह सांडे साडी वाह ना चलदी चैही राही +इके मेलसाइयां रांझा यार मैंनूं इके दोहां दी ऊमर दी अलख लाही +एडा केहर कीता देस वालया ने एस शहर नूं कादरा अग लाई",panjabi-pan +"मैया कर दै मेरौ ब्याह +बालक श्री कृष्ण जसोदा माँ से कहते हैं +झूठेई कहै सगाई करूँ , बात क्यों राखे चोरी की । +मैया कर दै मेरो ब्याह , मँगाय दै दुलहिन गोरीसी ॥ +गोरी गुनवारी , होय भोरीसी बिचारी , +झलकारे नथवारी , बड़े गोप की लली । +लली ढूँढ़ दैरी माय , यामें कहा तेरौ जाय , +झट दुल्हा बनाय , बात मान ले भली ॥ +भली छोटे हाथन बीच , रचाय दे मेंहदी थोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 1 ॥ +थोरीसी बरात , ग्वालबाल पाँच सात , +मलि हरदी मो गात , सीस सेहरा बँधाय । +धाय कर पूरी रीत , गोपी गाय देंगी गीत , +दे दे नयौ पटपीत , बागौ रेशमी धराय । +धर मुकुट ब्याहिबे जाऊँ , कछाय दै कछनी कोरीसी +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 2 ॥ +कोरी करै बात , बुरौ बलदाऊ भ्रात , +लै न जाऊँगो बरात , राखै कबहु न मेल । +मेल राखै न कबहु , ताय भोरौ कहैं तुहु , +मैया ढूँढ़ दै बहू , सब बन जाय खेल । +खेलन वा दिन घर आई , काहू की छोरी भोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 3 ॥ +भोरी ऐसी ढुँढ़वाय , ले गोदी में बिठाय , +रूठ जाऊँ ले मनाय , कर राखै मन बस । +बस बाबा ते बचाय , मेरी बियार करै आय , +हौलेहौले बतराय , आये बातन में रस । +रसगाहक दुलहिन ‘श्याम’ , प्रीत बढ़े चन्द्र चकोरीसी । +मैया कर दै मेरौ ब्याह . ॥ 4 ॥",braj-bra +"148 +कैदो बाहुड़ी ते फरयाद कूके धीयां वालयो करो नयां मियां +मेरा हट पसारी दा लुटया ई कोल वेखदा पिंड गिरां मियां +मेरे भंग अफीम ते पोसत लुड़िया होर नयामतां दा क्या नां मियां +मेरी तुसंा दे नाल ना सांझ कोई पिंन टुकड़े पिंड दे खां मियां +तोते बाग उजाड़दे मेवयां दे अते फाह लयांवदे कां मियां",panjabi-pan +"बना रे बागां में झुला घाल्या +1 . +बना रे बागां में झुला घाल्या +म्हारे हिवडे री , म्हारे जिवड़े री , म्हारे मन डे री कोयल बोले झुला छैल भंवरसा +म्हारे मन डे री कोयल बोले झुला छेल भंवरसा +गोरी ऐ बागां में झुला घाल्या +म्हारे हिवडे रो , म्हारे जिवड़े रो , म्हारे मनडे रो मोरियो नाचे झुला जान कंवरसा +म्हारे मनडे रो मोरियो नाचे झुला जान कंवरसा +बना रे फागण री रुत आई +मैं लुक छिप , मैं छुप छुप , मैं छाने छाने आई , म्हारा छैल भंवरसा +मैं छाने छाने आई , म्हारा छैल भंवरसा +गोरी ऐ रंग गुलाबी थारो +थारे नैणा सूं , थारे गालां सूं , थारे होठा सूं रंग मन म्हारो म्हारी जान कंवरसा +थारा होठा सूं रंग मन म्हारो म्हारी जान कंवरसा +बना रे रंग में रंग रळ जावे +जद मनडे सूं , जद तनडे सूं , जद मन डे सूं मन मिल जावे म्हारा छैल भंवरसा +जद मन डे सूं मन मिल जावे म्हारा छैल भंवरसा +गोरी ऐ प्रीत री डोर न टूटे +इण जनम ने , ऊण जनम ने , सौ जनम में साथ न छूटे म्हारी जान कंवरसा +सौ जनम में साथ न छूटे म्हारा छैल भंवरसा +सौ जनम में साथ न छूटे म्हारी जान कंवरसा +2 . +बन्ना रे बागा में झूला डाल्या , म्हारी बन्नी ने झूलण दीजो ब���्ना गेन्द गजरा . +बन्ना रे बाग में झूला डाल्या , म्हारी लाडी ने झूलण दीजो बन्ना गेन्द गजरा . +बन्ना रे जैपुरिया ते जाज्यो , म्हारी बन्नी ने रखदी ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा . +बन्ना रे कोटा बून्दी जाज्यो , म्हारी लाडी ने लहेरिओ ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा +बन्ना रे चूडीगड ते जाज्यो , म्हारी लाडी ने चुड्लो ल्याइजो बन्ना गेन्द गजरा .",rajasthani-raj +"एसो के सावन मे जम के बरस रे बादर करिया +एसो के सावन मे जम के बरस रे बादर करिया , +यहू साल झन पर जाय हमर खेत ह परिया ॥ +महरमहर ममहावत हाबे धनहा खेत के माटी ह , +सुवा ददरिया गावत हाबे , खेतहारिन के साँटी ह ॥ +उबुकचुबूक उछाल मारे गाँव के तरिया , +यहू साल झन पर जाय हमर खेत ह परिया ॥ +फोरे के तरिया खेते पलोबो , सोन असन हम धान उगाबो , +महतारी भुईया ले हमन , धान पाँच के महल बनाबो । +अड़बड़ बियापे रिहिस , पौर के परिया , बादल करिया । +यहू साल झन पर जाय हमर खेत ह परिया ॥",chhattisgarhi-hne +"सखि हे मेरी राम राम ले ल्यो +सखि हे मेरी राम राम ले ल्यो सहेली चाली +धौली मोटर कार आज म्हारे आ रही +सखि हे नाई की बुलाल्यो ए के सीस गुन्दा ल्यो ए +गाल्यो मंगल चार ज्ञान के गाल्यो ए +पति हे मेरी गुट्ठी पहर रह्या हे +रेसमी कुरता बटनां की लाग री लार +तेज होवै खुड़का वोह् तो चलावै कार +पति हे मेरा पट्ठे बाह रह्या हे",haryanvi-bgc +"तेरे पकडूं घोड़े की लगाम जाण न दूं पिया नौकरी +तेरे पकडूं घोड़े की लगाम जाण न दूं पिया नौकरी +छोड़ ए गोरी घोड़े की लगाम साथां के साथी म्हारे धुर गए +छूट गई घोड़े की लगाम आंसू तो गिरे हरियल मोर ज्यूं",haryanvi-bgc +"333 +मरद करम दे नेक ने सहतीए नी रन्नां दुशमनां नेक कमाइयां दियां +तुसीं एस जहान विच हो रहियां पंज सेयिां धड़ धड़वाइयां दियां +मरद हैन जहाज जो नेकियां दे रन्नां बेड़ियां हैन बुरयाइयां दियां +मां बाप दा नाम नमूज डोबन पतां लाह सुटन भलयां भाइयां दियां +हड मास हलाल हराम कपन एह कुहाड़ियां तेज कसाइयां दियां +लबां लैंदियां साफ कर देन दाढ़ी जेहीयां कैंचियां तेज कसाइयां दियां +सिर जाए ना यार दा भेत देईए शरमां रखिए अखियां लाइयां दियां +आडा नाल फकीरां दे लांदियां ने खूबियां वेख ननाण भरजाइयां दियां +वारस शाह तेरे मुंह नाल मारां पंडीं बन्न के सभ बुरयाइयां दियां",panjabi-pan +"205 +जेहड़े इशक दी अग दे ता तपे ओन्हां दोजखां1 नाल की वासता ई +जिन्हां इशक दे नाम दा विरद2 कीता ओहनां फिकर अंदेसड़ा कासदा ई +आखर सिदक यक���न ते कम पौसी मूत चरगु3 एह पुतला मास दा ई +दोजख मारया मिलन बेसिदक झूठे जिन्हां बान तकन आस पास दा ई",panjabi-pan +"बांका रहिए जगत में +बांका रहिए जगत में बांके का ही आदर होय । +बांकी बन की लाकड़ी काट सके ना कोय । ।",haryanvi-bgc +"गाली गीत +काकड़ी नो वेलों , खड़ोखड़ो वाजे । +याहिणिंक ढुके ते , घमघुले वाजे । +बेनो निहिं मान्यो ने , भिलड़ा मा लायो । +बेनो निहिं मान्यो ने , दात्याला मा लायो । +बेनो निहिं मान्यो ने , डाहवाला मा लायो । +बेनो निहिं मान्यो ने , ढुमाला मा लायो । +बेनो निहिं मान्यो ने , दारूड्या मा लायो । +ककड़ी का वेला खड़खड़ बज रहा है , समधन को ठोकें तो धमाधम आवाज आ रही है । बना नहीं माना अपनी मर्जी से लाड़ी पसंद की और ‘भिलड़ो’ में ले आया अर्थात्व्य वहार अच्छा नहीं है । बना नहीं माना , दाताकच्ची करने वालों में ले आया । घमंडियों में ले आया । धूम करने वाले घमंडियों में ले आया , दारू पीने वालों में ले आया ।",bhili-bhb +"327 +वेहड़े वालियां दानियां आखदियां क्यों बोलदियो नाल दवानड़े नी +कुड़ीए कासनूं झगड़े नाल जोगी एह तां जंगलीखडे निमानडे नी +मंग खायके सदा एह देहे तयागन तबू वैरने एह तानदे नी +कसब जानदे रब्ब दी याद वाला ऐडे झगड़े एह ना जानदे नी +सदा रहन उदास निरास नगे बिरछ फूक के सयाल गुजारदे नी +वारस शाह पर असां मलूम कीता जटी जोगी दोवें इकसे हानदे नी",panjabi-pan +"अरे रे काला भँवरवा, तू नेवति ला नैहर मोरा हे +अरे रे काला भँवरवा1 तू नेवति ला2 नैहर मोरा हे ॥ 1 ॥ +किये ले3 नेवतबइ नैहरवा , किये ले ससुर लोग हे । +लौंग4 लेइ नेवतिहे नैहरवा , कसइली5 ले ससुर लोग हे ॥ 2 ॥ +कहँवा से औतइ6 महरिआ7 कहाँ से बीरन भइया हे । +पूरब से औतइ महरिआ , पछिम से बीरन भइया हे ॥ 3 ॥ +कहँवा उतरबइ8 महरिआ , कहँवे बीरन भइया हे । +कड़वे उतरबइ महरिआ , अँचरे9 बीरन भइया हे ॥ 4 ॥ +किये किये10 खयतइ बोझियवा11 दूध खाँड़ बीरन भइया हे ॥ 5 ॥ +किये दे12 समाधबइ13 बोझियवा , त किये दे बीरन भइया हे । +दान दे समधबइ14 बोझियवा , त चढ़न के घोड़वा बीरन भइया हे । +हँसइत जयतइ15 बोझियवा , कुरचइत16 बीरन भइया हे ॥ 6 ॥ +खोली देहु बहिनी गुदरिया17 त , तू पेन्हिलऽ चुनरी मोरा हे । +छोड़ी देहु मन के कुरोध18 तू भइया से मिलन करू हे ॥ 7 ॥",magahi-mag +"380 +मैं अकलड़ा गल ना जाणदा हां तुसीं दोवें ननाण भरजाइयां नी +मालजादियां वांग बना तेरी पा बैठीए सुरम सलाइयां नी +पैर पकड़ फकीर दे देह भिछया अड़ियां कुआरीए केहीयां लाइयां नी +धयान रब्ब ते रख न��� हो तती गुसे होण ना भलयां दीयां जाइयां नी +तैनूं शौक है तिन्हां दा भाग भरीए जिन्हां डाचियां मार चराइयां नी +जिस रब्ब दे असीं फकीर होए वेख कुदरतां उस वखाइयां नी +मेरे पीर नूं जाणदे मोयां गयां ताईं गालियां देनियां लाइयां नी +वारस शाह ओह सदा ई जिऊंदे ने जिन्हां कीतियां नेक कमाइयां नी",panjabi-pan +"रंग का चार बनड़ा। +रंग का चार बनड़ा । +पिया लो म्हारा आवो वासी रंगरा +हस्ती तो लाजो कजली वनरा +घोड़ा तो लाजो खुरासान रा +गाड़ी तो लाजो मारू देस री +मेवा तो लाजो गढ़ गुजरातरा +नाड़ा तो लाजो नखल देसरा +मेंदी तो लाजो टोड़ा देसरा +सालू तो लाजो सांगानेर री +गेणा तो लाजो सोनी देसरा +बेटी तो लाजो बड़ा बापकी",malvi-mup +"बरसन लागी सावन बुन्दिया +बरसन लागी सावन बुन्दिया , प्यारे बिन लागे न मोरी अंखिया +चार महीना बरखा के आये , याद आवे तोहरी बतियां +प्यारे बिन लागे न मोरी अंखिया +चार महीना जाडा के बीते , तरपत बीती सगरी रतियां +प्यारे बिन लागे न मोरी अंखिया +चार महीना गरमी के लागे , अजहुं ना आये हमारे बलमा +प्यारे बिन लागे न मोरी अंखिया",awadhi-awa +"ईसुरी की फाग-16 +ऐसी पिचकारी की घालन , कहाँ सीख लई लालन +कपड़ा भींज गये बड़बड़ के , जड़े हते जर तारन +अपुन फिरत भींजे सो भींजे , भिंजै जात ब्रजबालन +तिन्नी तरें छुअत छाती हो , लगत पीक गइ गालन +ईसुर अज मदन मोहन नें , कर डारी बेहालन ।",bundeli-bns +"559 +खेड़यां जोड़के हथ फरयाद कीती नहीं वकत हुण जुलम कमावने दा +एह ठग जे महजरी1 बड़ा खोटा सेहर जानदा सरहों जमावने दा +वेहड़े वड़दयां नढियां मोह लैंदा इस नूं इलम जे रन्न वलावने दा +साडी नूंह नूं इक दिन सप्प लड़या ओह वकत सी मांदरी लयावने दा +सहती दसया जोगिड़ा वांग काल ढम जानदा झाड़या पावने दा +मंतर झाड़े नूं असां ने सद आंदा सानूं कम सी जिंद बचावने दा +लै के दोहां नूं रातों ई रात नठा फफर वली अला फेरा पावने दा +विचों चोर ते बाहरों साध दिसे इसनूं वल जे भेख वटावने दा +राजे चोरां ते यारां नूं मार देनी सूली रसम है चोर चढ़ावने दा +भला करे ते एहनूं मार टिे हुकम आया है चोर मुकावने दा +वारस शाह बेअमल चाकरी कोई रब्बा रखां आस मैं फजल करावने दा",panjabi-pan +"मेरे नौं सहु दा कित मोल +मेरे नौं सहु दा कित मोल । +मेरे नौं सहु दा कित मोल । +अगले वल्ल दी खबर ना कोई , रह किताबाँ फोल । +सच्चिआँ नूँ पै वज्जण पौले , झूठिआँ करन कलोल । +चंग चँगेरे पर परेरे , असीं आइआँ सी अनमोल । +बुल्ला शाह जे बोलांगा , हुण कौण सुणे मेरे बोल ? +मेरे नौं सहु दा कित मोल । +मेरे नौं सहु दा कित मोल ।",panjabi-pan +"तिलक -गीत भितरा से बोलीं हैं +भितरा से बोलीं हैं रानी कौशिल्या सुनो राजा दशरथ बचनी हमारी +सगरी अजोध्या में राम दुलरुआ तिलक आई बडि थोरी +सोभ्वा से बोले है राजा दशरथ सुनो जनक बचनी हमारी +सगरी अजोध्या में राम दुलरुआ तिलक आई बड़ी थोरी +हाथ जोरी राजा जनक जी बिनवैं सुनो दशरथ बचनि हमारी +तू तो हयो तीनो लोक ठाकुर हम होई जनक भिखारी",awadhi-awa +"विदाई गीत एक बन गईं दुसरे बन +एक बन गईं दुसरे बन गईं तीसरे बबिया बन +बेटी झलरी उलटी जब चित्वें तो मैया के केयू नाही +लाल घोड़ चितकबर वहिसे वै पिया बोलें +धना हमरे पतुक आंसू पोछो मैया सुधि भूली जाव +केना मोरी भुखिया अगेंहैं तो केना पियसिया +केना जगहियें आल्ह्ड निन्दियन अपने मैयरिया बिन +मईया मोरी भुखिया अगेंहैं बहिनी पियसिया +हमही जगेईबै आल्ह्ड निन्दिया तो मईया सुधि भूली जाओ +मईया तोहरी गरियहै बहिनी टुकरीहै +आपे प्रभु गरजी तड़प बोलिहै छतिया बिहरी जेईहैं +मईया मोरी बहुअरि गोहरैहैं बहिन भउजी +कहिहैं हमही लागैबें हिरदैया मईया सुधि भूली जाओ",awadhi-awa +"नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा +नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा +एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में +बाबल के राज में +संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा +नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलना +ए झूला डाला मैंने भैया के राज में +भैया के राज में +गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलना +नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलना",haryanvi-bgc +"भजन +टेक सीता हो राम सुमर लेणा , भजि लेवो भगवान , +सीता हो राम सुमर लेणा । +चौक1 सपना की रे संपत भइ , बांधिया गजराज । +भंवर भयो उठ जागीया , तेरा वही रे हवाल । +सीता हो राम . . . +चौक2 वाये सोनू नहिं नीबजे , मोती लाग्या डालम डाल । +भाग बिना केम पावसो , तपस्या बिन राज । +सीता हो राम . . . +चौक3 राजा दसरथ की अयोध्या है , नंदि सरजु का तीर , +जा घर बैठी राणी कौशल्या , जिनका जाया रघुवरी । +सीता हो राम . . . +चौक4 बिना रे पंख का सोरठा , उड़ि गया रे अकास , +रंग रूप वाहां को कछु नहिं , भूखा न प्यास । +सीता हो राम . . . +छाप झिणि झिणि नोबत वाजसे , वाजे गरू रबार , +सेन भगत की रे वीणती , राखो चरण आधार , +सीता हो राम . . . +सीताराम का स्मरण करें अर्थात् भगवान का भजन कर लें । +यह संसार क्षणिक स्वप्न के समान है । स्वप्न में मनुष्य मालदा�� हो जाता है , उसके घर हाथी झूलने लगते हैं । भोर होने पर फिर वही हाल । हे मानव भजन कर ले । सोना बोने से उगता नहीं , न ही डाली पर मोती लगते हैं । भाग्य के बना कुछ नहीं मिलेगा । तपस्या के बिना राज्य भी नहीं मिलता है । सरयू नदी के तट पर राजा दशरथ +की अयोधया है , जिनके पास कौशिल्या रानी हैं , उनके पुत्र रघुवीर हैं । उनका भजन कर लो । यह जीव बिना पंख का पक्षी है , उसका रंग रूप कुछ नहीं है । न भूख लगती है न प्यास । हे मानव सीताराम की भक्ति कर ले , तो पार उतर जायेगा ।",bhili-bhb +"काबर समाये रे मोर +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +झूलत रहिथे तोरे चेहरा +ए हिरदे के अएना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +अपने अपन मोला हांसी आथे +सुरता मा तोर रोवासी आथे +अपने अपन मोला हांसी आथे +सुरता मा तोर रोवासी आथे +का जादू डारे +ए ए रे टोनहा तैं +ए पिंजरा के मैंना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +आथे घटा करिया घनघोर +झूमर जाथे मंजूर मन मोर +आथे घटा करिया घनघोर +झूमर जाथे मंजूर मन मोर +पुरवईया असन +आ आ आजे संगी +पानी हो के रैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +का होगे मोला तोर गीत गा के +नाचे के मन होथे +काम बुता मा मन नइ लागे +धकर धकर तन होथे +आके कुछु कहिते +ए ए ए संगवारी +मया के बोली बैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +झूलत रहिथे तोरे चेहरा +ए हिरदे के अएना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा +काबर समाये रे मोर , बैरी नैना मा",chhattisgarhi-hne +"पहल सारदा तोहे मनाऊं +पहल सारदा तोहे मनाऊं तेरी पोथी अधक सुनाऊं +मोरधज से राजा भारी लड़का लिया बला +सीस धर भरी करौती भगत ने हेला दे बलवाया +धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया +धानू बोया खेत बीज नै आप्पै चाब्बा +लोग करै गिल्लान ऊपरा तोता भया +अरे भगत ने बिना बीज निपजाया +धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया +दीना अवा लगा आंच अवा में डारी +मंझारी के बच्चे चण दिये चार कूंट का करै कुम्हारी +कुल कै लाग्या दाग आप उतरे गिरधारी +अरे भगत ने बच्चा का सो बरतन कच्चा पाया +धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया +ताता खंभ कर्या तेरा कित ग्या भाई +देख खंभ की राह खड्या तुरग बहराई +अरे खम्भ पै कोड़ी नाल दरसाया +धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया",haryanvi-bgc +"अठमी के भेल नंदलाल, बधावा ले के चलऽ +अठमी1 के भेल2 नंदलाल , बधावा ले के चलऽ3 +मेरो मन भेल नेहाल , 4 बधावा ले के चलऽ ॥ 1 ॥ +सोने के छूरी से नार5 कटायल , 6 रूपे7 खपर8 नेहायल । +कानों में कुंडल , गले में मोहर , केसों में झब्बूदार ॥ 2 ॥ +रेसम के कुलिहा , 9 साटन के टोपी , बीचे बीचे गोटा10 लगाय । +सेही पहिर के कन्हैयाजी बिहँसथ , गावथि11 गोआल12 ॥ 3 ॥",magahi-mag +"हमको गुलाबी दुपट्टा +हमको गुलाबी दुपट्टा +हमें तो लग जायेगी नजरिया रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना आवे थारो पनिया +हमारी पतळी सी कमरिया रे +चाहे राजा मारा चाहे पुचकारो +हम पे ना होवे थारो गोबर +हमार सड़ जायेगी उंगलियां रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना हौवे थारी रोटी +हमारी जळ जायेगी उंगलियां रे +चाहे राजा मारो चाहे पुचकारो +हम पे ना हौवे थारो बिस्तेर +हमारी छोटी सी उमरिया रे",rajasthani-raj +"मारग आदी रातलों हेरी +मारग आदी रातलों हेरी , +छैल विदरदी तेरी । +बेकल रई पपीहा जैसी , +कहाँ लगाई देरी ? +भीतर सें बाहर लों आई । +दै दै आई फेरी । +उठ उठ भगी सेज सूनी सें +लगी ऑख ना मोरी +तड़प तड़प सो गई ईसुरी । +तीतुर बिना बटेरी ।",bundeli-bns +"नदिया के किनारे लहालही दुभिया +नदिया के किनारे लहालही1 दुभिया2 चरले सोरहिया के गाय हे । +ओही3 रे बछरवा4 के गभरू5 बनवलों , पियले कटोरवे दूध हे ॥ 1 ॥ +दुधवा पिअइते बाबू अझुरी पसारे6 माँगल7 मउरी गँथाए हे । +होए द बिहान8 पह फटे9 द दुलरुआ , बसि जइहें सहर बजार हे ॥ 2 ॥ +सोनवा चोरायम10 मउरी बनायम11 मोतिअनि लगले जे लर हे । +साँकरि साँकरि गलिया कवन भँडुआ , साँकरि रउरी दुआर12 हे ॥ 3 ॥ +जहाँ ए कवन बाबू लगत दुअरिया , झरले मउरिया के लर हे ॥ 4 ॥ +अपन रसोइया13 से बाहर भेलन कवन सुगइ14 । +कइसे में लोकू15 छैल जी के मउरिया , झुकि परे गाँव के लोग हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"लका मे हनुमान अलबेले राम +लंका में हनुमान , अलबेले राम +काहे को सोटा काहे को लंगोटा +काहे चढ़ा दूं चोला । +सोने को सोटा , लाख को गोटा +सेंदुर चढ़ाय दऊं चोला । +बनबन भटके फिरत अकेले +डाले फूलन को सेला । लंका में . . . । +काहे को मुकुट , काहे को मुस्टक +काहे को बनहै झेला । +सोने को मुकुट , चंदन की मुस्टक +फूलों का डाले झेला । लंका में . . . ।",bundeli-bns +"अंगिका फेकड़ा +ओरे रे नूनू ओर बटना +माय बाप गेलोॅ छौ चिचोर कटना +बाप जिमिदरबा घोड़वा पर +माय जिमिदरनी डोलवा पर +पैला में चूड़ा मचक मारै छै +सीका पर दही हिलोड़ मारै छै । +नूनू के जुठकुट के खाय ? +बाबू खाय । +ब���बू के जुटकूट के खाय ? +भैया खाय । +भैया के जुठकूट के खाय ? +भौजी खाय । +भौजी के जुठकूठ के खाय ? +कुतवा खाय । +कुतवा के जुठकुठ के खाय ? +कौआ खाय । +कौआ के जुठकुठ के खाय ? +धरती खाय । +ओरे रे नूनू ओर बटना +माय गेल छौं कूटेॅ पीसेॅ +बाप गाड़ीमान +दादा गेलोॅ छौं बाँस काटेॅ +दादी हलुमान +फूफू तेॅ छेकौ लुबड़ी +पानी पियै के तुमड़ी +साँझै घूरी केॅ एथौं नूनू +भर अैंगना । +चॉन मामू आरे याबोॅ वारे याबोॅ +नदिया किनारे आवोॅ +चंपा केला , सुरका चूड़ा +भैंसी के दही +लेलेॅ आवोॅ , लेलेॅ आवोॅ +नूनू रोॅ मुँहोॅ में घुटुस । +सूतेंसूतें रे नूनू ओर बटना +माय गेलै कूटेॅ पीसेॅ , बाप खलिहान +चाचा गेलै छप्पर छारेॅ +चाची के दुखैली कान । +सूतेॅसूतेॅ रे नूनू सुतौनी देबौ +दालभात तोहरा खबौनी देबौ ।",angika-anp +"खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म । +इस वेहड़े विच्च आला सोंहदा , +आले दे विच्च ताकी । +ताकी दे विच्च सेज विछावाँ , +नाल पीआ संग रातीं । +इस वेहड़े दे नौ दरवाजे़ , +दसवाँ गुप्त रखाती । +ओस गली दी मैं सार ना जाणा , +जहाँ आवे पीआ जाती । +इस वेहड़े विच्च चरखा सोंहदा , +आले दे विच्च ताकी । +आपणे पीआ नूँ याद करेसाँ , +चरखे दे हर फेरे । +इस वेहड़े विच्च मकना1 हत्थी , +संगल नाल कहेड़े । +बुल्ले शाह फकीर साईं दा , +जागदिआँ को छेड़े । +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म । +खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म ।",panjabi-pan +"आम्बो कि साई गहरो डो रानी +आम्बो कि साई गहरो डो रानी +चीचा कि साई गहरा डो रानी +गहरा साई बौरा पलेंगो बिले डो रानी +गहरा साई बौरा पलेंगो डो बिले +आमा बूलू तकिया डो रानी +आमा बूलू तकिया डो रानी +इयां कापार डोगे मारे +आमा कपारेन सिखू बाने राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +कपिली गई नी ईयनी जा राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +चाँदो सूरजो ईमनी जा राजा +आमा कपारेन सीखू बाने +आमा मेनेन डगा डो रानी +आमा मेनेन डागा मारे +इयां मेनेन डगा बाने राजा +इयां मेनेन डागा बाने +स्रोत व्यक्ति प्यारी बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"मैना वंती हो माता +मैना वंती हो माता , +नीर भरयो वो थारा नैन म +१ क्यो बठ्यो रे बेटा अनमनो , +आरे क्यो बठ्यो उदास +दल बादल सब चड़ी रया +बरसः आखण्ड धार . . . +नीर भरो थारा . . . +२ नही वो माता हाऊ अनमनो , +आरे नही बठ्यो उदास +कोई कहे रे जब हाऊ कहूँ +करु सत्या हो नास . . . +नीर भरो थारा . . . +३ नही रे बादल नही बीजळई , +आरे नही चलती रे वाहळ +जहाज खड़ी रे दरियाव मे�� +झटका चल तलवार . . . +नीर भरो थारा . . . +४ मार मीठा ईना सबक , +आरे करु पैली रे पार +दास दल्लुजा की बिनती +राखो चरण अधार . . . +नीर भरो थारा . . .",nimadi-noe +"टिकवा कारन लाड़ो रूस रहल रे +टिकवा1 कारन लाड़ो2 रूस3 रहल रे , टिकवा कहाँ रे गिरे ? +टिकुली कारन लाड़ो गोसा4 से भरे , टिकुली कहाँ रे भुले ? ॥ 1 ॥ +गंगा में गिरल , जमुना दह5 पड़ल , टिकवा कहाँ रे गिरे ? +पाँव पड़ि बनरा6 मनावे रे लाड़ो , टिकवा खोजि खोजि लायम7 ॥ 2 ॥ +गंगा में देब महाजाल , जमुनमा दह डूबि डूबि लायम । +लगे देहु हाजीपुर8 बजार , टिकवा कीनिकीनि9 लायम ॥ 3 ॥ +जाये देहु हमरो बनीज10 टिकुली रंगे रंगे11 लायम । +लाइ देबो नौलखहार12 सेजिया चकमक रे करे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"सोनी गढ़ को खड़को +सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार +म्हारी गार कसुम्बो रुदियो +सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो , +वांकी राण्या रो नवसर्‌यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो +वातो हार की छोलना उबरी बाई +सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो",rajasthani-raj +"119 +राजी हो पंजां पीरां हुकम कीता बच्चा मंग दुआ जो मंगनी है +अज हीर जटी मैंनू बखश उठो रंगन शोक दे नाल ओह रंगनी है +मैंनूं लाए बभूत मलंग1 करना बचा ओह भी तेरी मलंगनी है +जेहे नाल लगीये तेहे हो रहीए नंग नाल बोली ओ भी नंगनी है +वारस शाह ना सोहे उधाल जटी , नही मापिआं दे घर लंबनी है",panjabi-pan +"दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै +दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै +घर मैं रहै तो कैसा जोगी बन मैं रहे विपत का भोगी +मांगै भीख बतावै लोभी त्यागी बण ग्या कब तै +दुनिआं मैं रे बाबा . . . +बोलंू तो बेचाल बतावै नहीं बोलै गरभाय रह्या +करैं कुसामंद हार गया है डरै रै हमारे डर तै +दुनिआं मैं रे बाबा . . . +धरम करै तो दरब लुटावै नहीं करै तो सूम बतावै +क्या कहूं कुछ कहीए ना जावै परीत करै मतलब तै +दुनिआं मैं रे बाबा . . . +अचार करूं पाखंड मचावै नहीं करूं तो पसू बतावै +हंसूं तो कहते हैं मस्तावै नहीं हंसूं तो बिंधा मरज तै +दुनिआं मैं रे बाबा . . . +नींदा अस्तुती दोनों त्यागे सुब असुब पीठ दे भागे +राम परताप चरण चित लागै तब रै जीते इस जग तै +दुनिआं मैं रे बाबा . . .",haryanvi-bgc +"मोरू भाई पांवणा +आया आया रे +मोरू भाई पांवणा +कांई आगे धोरा वाळो देश +बीरो बणजारो रे +कांई आया म्‍हारा देवर जेठ +बीरो बणजारो रे +सासू रांध्‍या रे मोरू भाई बांकळा +म्‍हारी नणद बिलोवे खाटी छाछ +बीरो बणजारो रे +मंगरिया उंछ��ळू रे +मोरू भाई बांकळा +नदिया में लिमोऊं खाटी छाछ +बीरो बणजारो रे +माथा धोऊं रे +मोरू भाई मेट सूं +कांई घालूं चमेली रो तेल +बीरो बणजारो रे",rajasthani-raj +"आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा कलारपारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा मुरियापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा हलबापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा । +आट मनिया काकड़ा नौ मनिया डाढ़ा +तरँगीतरँगी जा रे काकड़ा गाँयतापारा । +बायले बिती सोए मनुस बिता जागे +अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे । +अति सुँदर काकड़ा मँद बिकुक लागे +अति सुँदर काकड़ा मसनी मारुक लागे +अति सुँदर काकड़ा लाई फोड़ुक लागे +अति सुँदर काकड़ा चिवड़ा कुटुक लागे +अति सुँदर काकड़ा माँडो मारुक लागे ।",chhattisgarhi-hne +"हरियर मड़वा धयले मउरिया सम्हारइ बंदे +हरियर1 मड़वा धयले2 मउरिया सम्हारइ बंदे । +मउरी के झांेक मजेदार , झुमाझम रे बंदे । +दुलहा के मउरी से छुटल पसेना बंदे । +दुलहिन के चाकर3 बंदे , दाँवँन4 से पोंछल पसेना बंदे ॥ 1 ॥ +हरियर मड़वा धयले मोजवा5 सम्हारइ बंदे । +मोजा पर जुत्ता मजेदार , झमाझम रे बंदे , चमाचम रे बंदे । +दुलहा के मोजा से छुटल पसेना बंदे । +दुलहिन के चाकर बंदे , दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे ॥ 2 ॥ +हरियर मड़वा धयले , दलहिन सम्हारइ बंदे । +दुलहिन के घूँघुट मजेदार झमाझम रे बंदे , चमाचम रे बंदे । +दुलहा के अंग से छुटल पसेना बंदे । +दुलहिन के चाकर बंदे दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के +जीजा सलहज की नोकझोंक +साल्यो पतली कासूँ पड़गी पीवर बस के +जीज्यो पियो बसे परदेसों फीकर करके +साल्यो तार दूँ या चीठी बुलादुं तडके +जीज्यो मत दे तार चीठी गयो है लडके +जीज्यो गोदी धर ले चाल्यो , चोबारो छोटो +साल्यो बोल मत बोलो जीजो है छोटो +जीज्यो चूंदरी रंगादे कमाई करके +साल्य��� बोल मत बोलो जीजो है छोटो +जीज्यो पागडी रंगाले कमाई करके +जीज्यो बाँध क्यों न आवे जमाई बनके ।",rajasthani-raj +"रसिया रस लूटो होली में +रसिया रस लूटो होली में , +राम रंग पिचुकारि , भरो सुरति की झोली में +हरि गुन गाओ , ताल बजाओ , खेलो संग हमजोली में +मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में +होरी के ई धूमि मची है , सिहरो भक्तन की टोली में +संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया",bhadrawahi-bhd +"म्हारे आलीजा री चंग +म्हारे आलीजा री चंग , बाजै अलगौजा रे संग , +फागण आयो रे +रूंखरूंख री नूंवी कूपळा , गीत मिलण रा अब गावै +बनबागां म काळा भंवरा , कळीकळी ने हरसावै +गूंझै ढोलक ताल मृदंग , बाजे आलीजा री चंग +फागण आयो रे +आज बणी हर नारी राधा , नर बणिया है आज किसन +रंग प्रीत रो एडो बिखर्यो , गलीगली है बिंदराबन +हिवडैहिवडै उठे तरंग , बाजे आलीजा री चंग +फागण आयो रे",rajasthani-raj +"572 +रांझे हथ उठाय दुआ मंगी तेरा नास जबार कहार साई +तूं ते अपने नाम कहर पिछे एस शहर नूं कादरा अग लाई +सारा शहर उजाड़ के साढ़ रब्बा रख लई हैवान ते माल गाई +साडी शरम रहे करामात जागे बंने बेड़ियां साडियां जा लाई +वारस शाह पीरां सुनी कूक साडी अज राजे दे शहर नूं अग लाई",panjabi-pan +"फुल्डा बिन्न्ती तू चली +फुल्डा बिन्न्ती तू चली ओ लड़क्ली अपना पिताजी का बाग म , +कछु बिनय कछु बिनवा हो लाग्या एत्रा म आया दुल्ल्व रायजी , +उठो लड़क्ली बठो पाल्क्डी चलो तो आपना देस जी +जंव दादाजी वर प्र्ख्से तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरा पिताजी दायजो स्न्जोव तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरा जीजाजी मंडप छाव तंव जाई जावा तुमरा साथ जी , +जंव हमरी माय जो कूख पुजाड तंव जाई जावा तुमरा साथ जी +काहे ख पालई रे बाबुल काहे ख पोसी काहे पिलायो काचो दूध जी , +माया सी पालई रे बाबुल माया सी पोसी , +ममता पिलायो काचो दूध जी",nimadi-noe +"504 +भाबी जुलफां गलां उते पेच खाधे अखीं तेरिआं सुरमे दियां धारियां ने +गलां उते भंबीरियां उडदियां ने नैनां सान कटारिया चाढ़ियां ने +तेरें नैनां ने शाह फकीर कीते सनें हाथियां फौज अंबारियां ने +वारस शाह जुलफां खोल नैंण खूनी फौजां कतल उते चा चाढ़ियां ने",panjabi-pan +"337 +कहियां आन पंचायतां जोड़ियां नी असी रन्न नूं रेवड़ी जानने हां +फड़ी चिथ के लई लंघा पल विच तंबू वैर दे असीं ना तानने हां +लोक जागदे महरियांनाल परचन असीं खाब अंदर मौजां मानने हां +लो छानदे भंग ते शरबतां नूं असीं आदमी नजर विच छानने हां",panjabi-pan +"जन्म गीत +महादेव बाबो न कोरो कागद दी मोकल्यो , +काइ मान वाळी कतरिक दूर । । +आउँ रे आउँ बाबा , आरती को करूँ रे सेमान । । +आउँ रे आउँ बाबा , नर्याल मोलाउँ रे । +आउँ रे आउँ बाबा , कंकु मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , चोखा मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , अबिर मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , गुलाल मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , चन्दण मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , अगरबत्ती मोलाउँ रे । ं +आउँ रे आउँ बाबा , कपूर मोलाउँ रे । । +आउँ रे आउँ बाबा , फूल मोलाउँ रे । । +बाबा जन्म के बाद चारपाँच वर्ष के बीच महादेवजी की मान देने की प्रथा है । +गीत में कहा गया है कि महादेवजी ने कोरा कागज दे भेजा है । मान वाली महिला +कितनी दूरी से आ रही है ? +उत्तर में कहा गय है कि मैं आ रही हूँ । नारियल , कंकु , चावल , अबीर , गुलाल , चंदन , +अगरबत्ती , कपूर और फूल पूजा के लिए खरीद रही हूँ । इस कारण आने में विलम्ब हो +रहा है । +महादेवजी की मान देने के लिए पहुँचे और जाजम बिछाकर भगवान शिव के सम्मुख +बैठ गई । साथ में सभी सम्बन्धी पुरुषमहिला रहते हैं और पूजन करने वाले पूजन +करते हैं और महिलाएँ गीत गाती हैं ।",bhili-bhb +"हरियाले बन्ने चीरा तो ले दूं तेरी मौज का +हरियाले बन्ने चीरा तो ले दूं तेरी मौज का +सहजादे बन्ने कच्ची कली ना तोड़ियो +हरियाले बन्ने मालन देगी गालियां हो तेरे ताई +रंगीले बन्ने पाकन दे रस होन दे +हरियाले बन्ने झुका दूंगी डालियां हो तेरे ताई +हरियाले बन्ने . . .",haryanvi-bgc +"आइये बहुअड़ इस घरां +आइये बहुअड़ इस घरां तेरी सासड़ आई सुसर घरां +आइये बहुअड़ इस घरां तेरी जिठाणी आई जेठ घरां",haryanvi-bgc +"जुग जुग जियसु ललनवा +जुग जुग जियसु ललनवा , भवनवा के भाग जागल हो +ललना लाल होइहे , कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो ॥ +आज के दिनवा सुहावन , रतिया लुभावन हो , +ललना दिदिया के होरिला जनमले , होरिलवा बडा सुन्दर हो ॥ +नकिया त हवे जैसे बाबुजी के , अंखिया ह माई के हो +ललन मुहवा ह चनवा सुरुजवा त सगरो अन्जोर भइले हो ॥ +सासु सुहागिन बड भागिन , अन धन लुटावेली हो +ललना दुअरा पे बाजेला बधइया , अन्गनवा उठे सोहर हो ॥ +नाची नाची गावेली बहिनिया , ललन के खेलावेली हो +ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली , रस बरसावेली हो ॥ +जुग जुग जियसु ललनवा , भवनवा के भाग जागल हो +ललना लाल होइहे , कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो ॥",bhojpuri-bho +"नगरकोट में बासा राणी +नगरकोट में बासा राणी +तेरे कला कुल जग नै जाणी +कथा ब���ाणै बिरमा ज्ञानी +दुआरे तेरे पीपल री खड़ी +मुगला उतर्या सतलज नदी +सूती हो उठ री नदी +लौकड़ लहीं खड्या है झंडी +जिब जाला नै चकर चलायी +फौज मुगल की काट बगाई +मुगल कहै मन्नै बकसो माई +जिब जाला की करी चढ़ाई +खीर खांड के थाल भराए +धजा नारियल लेकर आये +मुगला भेंट ले कै री आया +जिब लौकड़ नै कथा सुनाई +सूती उठ जाग री माई +मुगल भेंट भवन तेरे में लहें री खड़ा +धजा नारियल भेंट चढ़ाई +लौकड़िया तेरे अगवाणी खड़ा",haryanvi-bgc +"338 +जेठ मींह ते सयाल विच वाओ मंदी कतक माह विच मनेह हनेरियां नी +रोना वयाह विच गौना विच सयापे सतर मजलसां करन मंदरियां नी +चुगली खांवदा दी बदी नाल मुलां खान लून हराम बदखैरियां नी +हुकम हथ कमजात दे सौंप देना नाल दोसतां करनियां वरियां नी +गीवत तरक सलबात1 ते झूठ मसती दूर करन फरिशतयां तेरियरां2 नी +मुड़न कौल जबान थीं फिरन पीरां बुरे दिनां दियां एहभी फेरियां नी +लड़न नाल फकीर सरदार यारी गडा घतना माल दसेरियां नी +मेरे नाल जो खेड़यां विच होई खचर वादियां एह सब तेरियां नी +बले नाल भलयाइयां बदी नाल बुरियां याद रख नसीहतां मेरियां नी +बिना हुकम दे मरन न ओह बंदे साबत जिन्हां दियां रिजक ढेरियां नी +बदरंग नूं रंग के रंग लायो वाह वाह एह कुदरतां तेरियां नी +हुणे घतके जादूड़ा करूं कमली पई गिरद मेरे घते फेरियां नी +वारस शाह असां नाल जादूआं दे कई रानियां कीतियां चेरियां नी",panjabi-pan +"कृष्ण हिंडोले बहना मेरी पड़ गये जी +कृष्ण हिंडोले बहना मेरी पड़ गये जी , +ऐजी कोई आय रही अजब बहार ॥ 1 ॥ +सावन महीना अधिक सुहावनौ जी , +ऐजी जामें तीजन कौ त्यौहार ॥ 2 ॥ +मथुरा जी की शोभा ना कोई कहि सके जी , +ऐजी जहाँ पै कृष्ण लियौ अवतार ॥ 3 ॥ +गोकुल में तो झूले बहना पालनो जी , +ऐजी जहाँ लीला करीं अपार ॥ 4 ॥ +वृन्दावन तो बहना सबते हैं बड़ौरी , +एजी जहाँ कृष्ण करे रस ख्याल ॥ 5 ॥ +मंदिर2 झूला बहना मेरी परि गये जी +एजी जामें झूलें नन्दकुमार ॥ 6 ॥ +राग रंग तो घर घर है रहे जी , +ऐजी बैकुण्ठ बन्यौ दरबार ॥ 7 ॥ +बाग बगीचे चारों लग लग रहे जी , +ऐजी जिनमें पक्षी रहे गुंजार ॥ 8 ॥ +मोर पपैया कलरब करत हैं जी , +ऐजी कोई कोयल बोलत डार ॥ 9 ॥ +पावन यमुना बहना मेरी बहि रही जी , +ऐजी कोई भमर लपेटा खाय ॥ 10 ॥ +ब्रजभूमी की बहना छवि को कहैजी , +ऐजी जहाँ कृष्ण चराईं गाय ॥ 11 ॥ +महिमा बड़ी है बहना बैकुण्ठ तै जी , +एजी यहाँ है रहे जै 2 कार ॥ 12 ॥",braj-bra +"गमला नी गमला रानी मिया डो रानी +गमला नी गमला रान��� मिया डो रानी +मुलको घाटी सेनेवा मारे +गमला नी गमला रानी सिगारे डो रानी +चकरी सेने मारे +आमानी चालिसो मुखा सिगारे डो रानी +जमा सेने वा जा मारे +आमानी चालिसो माडी सेने वा जा राजा +जे मा सिरे जा बाई मारे +आमानी गुनी बाई सेने वा जा मारे +कन्या कुवरे वाल कुवरे राजा +जेमा सिरे जा वाये मारे +आमानी लास वारे तिन तेरा डाऊवाजा +राजा मिया किलो जुगसो दाना मिया किलो +डुमूर का डा सामाजुम जा जोगी +जोगी कु सिगारे जा वाले +आमा पिंगी सिगारे जा राजा +आमा पिंगी जा सिगारे जा जोगी +आमा पिंगी रुबेन जा जोगी +सालो रानी कापरा लियेन +आगेन केन जा आगरु केन जा डाई +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"टिकवा देख मत भुलिहऽ हो दादा +टिकवा1 देख मत भुलिहऽ2 हो दादा , टिकवा हइ मँगन3 के । +दुलहा हइ सतपँचुआ4 के जनमल5 दुलहिन हइ जिमदार6 के ॥ 1 ॥ +नथिया देख मत भुलिहऽ हो बाबा , नथिया हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 2 ॥ +झुमका देख मत भुलिहऽ हो चच्चा , झुमका हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 3 ॥ +हँसुली देख मत भुलिहऽ हो मामा , हँसुली हइ मँगन के । +दुलहा हइ सतपँचुआ के जनमल , दुलहिन हइ जिमदार के ॥ 4 ॥",magahi-mag +"जवाहर लाल भी रह्या करें थे +जवाहर लाल भी रह्या करें थे साथ गांधी की +सब दुनिया नै मानी साची बात गांधी की +चरचा थी खूब होण लागी दिन रात गांधी की +सरब बियापक थे एक नहीं थी जात गांधी की +हाथ हथकड़ी पायां बेड़ी यो गहणा गांधी का +सौ सौ बार हुआ जेलां में रहणा गांधी का +जो मिल रा सै सुराज हम नै यो लहणा गांधी का +मिल कै नै सारी कौम रहो यो कहणा गांधी का +हिन्द की ऊंची कर दी सज्जनों सान गांधी नै +चकरबरती राजा करै हैरान गांधी नै +देस की खातर खो दी अपनी जान गांधी नै +एक बार फिर पैदा कर भगवान गांधी नै",haryanvi-bgc +"पति क्यो बैठया उदास रात दिन +पति क्यो बैठया उदास रात दिन +कई देवो दिल की बात +१ पति कहे तीरीया से , +तुमको कभी नई कण +तीरीया मन में कभी नही राखे +या खोटी तीरीया की जात . . . +रात दिन . . . +२ हट पड़ी तीरीया नही माने , +अंन जरा नही खाये +सब तीरीया काई सार की +कब कई दिल की बात . . . +रात दिन . . . +३ मणीया बाद भाई गयो रे बाद म , +नही कोई संग सगाली +म्हारा मन म ऐसी आवे +वा करी कृष्ण न घात . . . +रात दिन . . . +४ इतनी बात सुणी तीरीया न , +रात को नींद नी आई +सोचत सोचत रैन गवाई +फिरी हुयो परभात . . . +रात दिन . . . +५ घर को धंधो सबई छोड़यो , +दबड़ी न पनघट आई +सब ���खीयाँ तो बराबरी +वहाँ कही दिल की बात . . . +रात दिन . . . +६ तुक देखी न मन बात कई , +तु मती कोई क कैसे +कान कान बा बात चली रे +वा गई कृष्ण का पास . . . +रात दिन . . .",nimadi-noe +"से वणजारे आए +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए । +लालाँ दा ओह वणज करेन्दे , +होक्का आख सुणाए । +लाल ने गहणे सोने सात्थी , +माए नाल लै जावाँ । +सुणिआ हौका मैं दिल गुज़री , +मैं भी लाल ल्यावाँ । +इक्क ना इक्क कन्नाँ विच्च पा के , +लोक्काँ नूँ दिखलावाँ । +लोक जानण एह लालाँ वाली , +लइआँ मैं भरमाए । +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए । +ओड़क जा खलोती ओहना ते , +मैं भनों सद्धराइआँ । +भाई वे लालाँ वालिओ मैं वी , +लाल लेवण नूँ आइआँ । +ओहनाँ भरे संदूक विखाले , +मैनूँ रीझाँ आइआँ । +वेक्खे लाल सुहाणे सारे , +हक्क तो हक्क सवाए । +से वणजारे1 आए नी माए , +से वणजारे आए । +भाई वे लालाँ वालिआ वीरा , +एहना दा मुल्ल दसाईं । +जे तूँ आई हैं लाल खरीदण , +धड़ तों सीस लुहाईं । +डम्ह2 कदी सुई दा ना सहिआ , +सिर कित्थों दित्ता जाई । +लाज़मी होके घर मुड़ आई , +पुच्छण गवांढी आए । +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए । +तूँ जु गई सैं लाल खरीदण , +उच्ची अड्डी चाई नी । +केहड़ा मुहरा ओत्थों रन्ने तूँ , +लै के घर आई नी । +लाल सी भारे मैं साँ हलकी , +खाली कन्नी साईं नी । +भारा लाला अणमुल्ला ओत्थों , +मैत्थों चुक्किआ ना जाए । +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए । +कच्ची कच्च विहाजण जाणा , +लाब विहाजण चल्ली । +पल्ले खरच ना साख ना काई , +हत्थों हारन चल्ली । +मैं मोटी मुशटंडी दिसाँ , +लालाँ नूँ चारन चल्ली । +जिस शाह ने मुल्ल लै के देणा , +सो शाह मुँह ना लाए । +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए । +गलिआँ दे विच्च फिराँ दिवानी , +नी कुड़ीए मुटिआरे । +लाल चुगेन्दी नाज़क होई , +एह गल्ल कौण नितारे । +जाँ मैं मुल्ल ओहना नूँ पुच्छिआ , +मुल्ल करन ओह भारे । +डम्ह सूई दा कदे ना खाधा , +ओह आक्खण सिर वारे । +जेहड़िआँ गइआँ लाल विहाजण , +ओहनाँ सीस लुहाए । +से वणजारे आए नी माए , +से वणजारे आए ।",panjabi-pan +"अंगण खज़ूरां मैं लाईआं +अंगण खज़ूरां मैं लाईआं , मन मेरड़िआ +मैं घक़ कम्म ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े +माई मेरी ने भाजी घल्ली , मन मेरड़िआ +पेके तां जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े +देईं नी सस्से झग्गा टोपी , सस्सु मेरड़िए +मैं पेकड़े जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े +लै लै नी नूहें झग्गा टोपी , नूहें मेरड़िए +आपनड़े घर राज , दिऊरां घर सोहलड़े +लिआ वे दिऊरा घोड़ी , दिऊर��� मेरड़िआ +मैं पेकड़े जाणा ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े +वड्डी भैण ने सद्दा दित्ता , वीरां मेरड़िआ +छोटी तूं आई ज़रूर , वीरां घर सोहलड़े",panjabi-pan +"धनुष यज्ञ साला से मुनि जी आये दो बालक ले आये +धनुष यज्ञ साला से मुनि जी आये दो बालक ले आये । +देखो सांवले हैं राम , लखन गोरे हैं माई +शोभा बरनी न जाई । +सो धन्य उनकी माता , जिन गोद है खिलाये । देखो . . . +जुड़े राजा की समाज , +बड़ेबड़े महाराज , आये लंकाधिराज +धनुष जोर से उठाये धनुष डोले न डुलाये । देखो . . . +कहत लछिमन से राम , भइया धरती लो थाम , +मची बड़ी धूमधाम +शीश मुनि को नवाये , धनुष लिये हैं उठाये । देखो . . . +तोड़ शंकर धनु भारी , जाको शब्द भयो भारी +हरसित हो गये नरनारी +सुनके सुर मुनि फूल हैं बरसाये । देखो . . . +देखो जानकी जी आई , सखी संग में ले आईं +कर में माल है सुहाई +प्रेम विवश पहिराई न जाई । देखो . . .",bundeli-bns +"तिरंजन बैठियाँ नाराँ भला जी झुरमुट पाया ए +तिरंजन बैठियाँ नाराँ भला जी झुरमुट पाया ए , +कूं कूं चर्खया , मैं लाल पूणी कतां के न ? +कत्त बीबी कत्त . +दूर मेरे सौरे , दस वसां के न ? +वस बीबी वस . +पेक़े दी मेरी नवीं निशानी कूं कूं चरखा बोले , +मुडडे कत कत रात बितायी भर लए पछियाँ गोले , +अजे न कत्या सौ गज खद्दर हाय , +जदों दा चरखा डाया ए , सस्स नूं तरस न आया ए . +तिरंजन बैठियाँ नाराँ . . . +सरगी उठ मदानी रिड्कान , भरूं लस्सी दा छन्ना , +ढोडा मक्खन ले के बेठुं जद आये मेरा चन्ना , +बारी होले तक नी लाडो हो के तेरा गबरू आया ए . +तिरंजन बैठियाँ नाराँ . . . +चक्की पीह के आटा पीवन दोनों नन्द जिठानी , +सस्स मिस्ससां झिडकां दित्तियां कौन लिआवे पानी , +चटक मटक के भाबो आई , सिरे ते मटका चाया ए . +तिरंजन बैठियाँ नाराँ . . . +सौ हथ दी लज खुए दी खिच खिच बावाँ , +भार पिंडे ते धौण डोल गई दूर पिंडे दियां रावां , +दूरों किदरों फाती आये , सिरे ते मटका चाया ए , +तिरंजन बैठियाँ नाराँ . . . +नो मन कनक लियांदी बारों ए लाले डे चाले , +साफ़ करदेयाँ मन नहीं धाया , हथीं पे गये छाले . +शाबा सानुं शाबा , असां कम्म करदेयां मन नहीं ढाया ए . +तिरंजन बैठियाँ नाराँ . . . +असीं निशंग मलंग बेलिया असीं निशंग मलंग , +सानु हस्सन खेडण भावे , +कम्म काज की आखे सानु , मन दी मौज उड़ाइए , +जदों दी मैं मज्ज वेच के घोड़ी लई , +दद्ध पीना रह गया ते लिद्द चुकणी पई , +रहे जागीर सलामत साडी हो के रब ने भाग लगाया ए , +तिरंतन बैठिया नाराँ , भला जी झुरमुट पाया ए . . .",panjabi-pan +"देखत स्याम माँग पै मोये +देखत स्याम माँग पै मोये , +गोला मुख पै गोये +फन्दन फन्द फूल बेला कौ , +बीचन बीच बिदोये । +बेनी जलद चार कय केरत , +तिरवेंनी सें धोये , +उठत पराग अतर पटिया की , +गये सरवोर निचोये । +ईसुर उतै प्राण की परवी +मन लै चली चितौये ।",bundeli-bns +"रक्षा बंधन के गीत +1 . +गलिया क गलिया फिरइ मनिहरवा , +के लइहैं मोतिया क हारहिंडोलवा । +मोतिया क हार लइहैं भैंया हो भैया , +जेकर बहिनी दुलारी हिंडोलवा । +पाछे लागी ठुनकई बहिनी रानी , +एक लर हमहूं क देहूं हिंडोलवा । +एक लर टुटि हैं सहस मोती गिरि हैं । +एक लर बहिनि तुं लेउ हिंडोलवा । +2 +माइ तलवा कुहकइ मोर । +माई जेठरा भइअवा जिनि होइहैं सावन नीअर । +माई सार बहनोइया एकै होइहैं सावन नीअर । +माई बभना का पूत जिनि पठये सावन नीअर । +माई पोथिया बांचन लगिहें सावन नीअर । । +माई लहुरा भइयवा पठये सावन नीअर । +माई रोइगाइ बिदवा करइहैं सावन नीअर । । +3 +ठाढ़ी झरोखवा मैं चितवऊं , +नैहरे से कोई नाहीं आइ । +ओहिरे से केउ नाहीं बपई रे +जिन मोरी सुधियों न लीन । +ओहिरे बहिनिया कैसन बीरन , +ससुरे में सावन होई ।",bhojpuri-bho +"549 +रांझे हथ उठायके दुआ मंगी रब्बा मेलना यार गवारनी1 दा +एस हुब2 दे नाल है कम्म कीता वेड़ा पार करना कम सारनी दा +पंजां पीरां दी तुरत आवाज होई रब्बा यार मेलीं इस यारनी दा +फजल रब्ब कीता यार आन मिलया वारस शह मुराद पुकारनी दा",panjabi-pan +"215 +जो कुझ विच रजा दे लिख दितां मुंहों बस न आखिये भैड़ीए नी +सुन्ना सखना चाक नूं रखया ई मथे भौरीए चंदरीए चैड़ीए नी +जेकर मंतरकील दा ना आवे ऐवें सुतड़े नाग ना छेड़ीए नी +इके यार दे नाम तों फिदा होईए मौहरा दे के इके नबेड़ीए नी +दगा देवना होवे जिस आदमी नूं पहले रोज ही चा खटेड़ीए नी +जे ना उतरीए यार दे नाल पूरे ऐडे पिटने ना सहेड़ीए नी +वारस शाह तोड़ निभाहुनी दस सानूं नहीं दे जवाब चा टोरये नी",panjabi-pan +"149 +पैचां कैदो नूं आखया सबर कर तूं तैनूं मारया ने झखां मारया ने +हाये हाये फकीर ते कहर होया कोई वडा ही खून गुजारया ने +बहुत दे दिलासड़ा पूंझ अखीं कैदो लंडे दा जीऊ चा ठारया ने +कैदो आखदा धीयां दे वल होके देशों दीन ईमान निघारया ने +वारस अंध राजा ते बेदाद1 नगरी झूठा दे दिलासड़ा मारया ने",panjabi-pan +"इनी भूम आवो नीपजे +इनी भूम आवो नीपजे +अदा का कतरिया पान +गंगाजमना उतावळी +तिरवेणी अस्नान +जियन फलाणा राय सांपड़े +कई उदके कन्यादान +चना चवन्तो आवियो +गोरी दुलहन थारो कंत +चूना भरी छे कांथली +ओक�� ऊलण वास्या दंत +इनी भूम आदो नीपजे +इना आदा का कतरिया पान +गंगाजमना उतावळी +तिरवेणी अस्नान +जियन फलाणा राम सांपड़े +कई झेले कन्यादान +लोंग चवन्तो आवियो +गोरी थारो दुल्हन कंत +लौंग भरी छे कांथली +वाका कपूर वास्या दंत । +एक बणज हम इन्दौर से करस्यां +बिछिया की जोड़ी भले लई आस्यां +एक बणज हम देवास से करस्यां +तोड़ा की जोड़ी भले लई आस्यां",malvi-mup +"लचिका रानी +बंदना +रम्मा पहिलें सुमराैं सरसती मैयो हो ना +रम्मा हमरा पर हुवेॅ सहैयो हो ना +रम्मा सुमरौं गणपति , गणेश , चरणमो हो ना +रामा नीचें सुमरौं शेषनाग देवता हो ना +रम्मा सुमराैं आपनोॅ धरती धरममो हो ना +रम्मा सुमराैं हम्मे सातो बहिन दुर्गा महरनियो हो ना +रम्मा पकड़ी सुमराैं गुरू जी के चरनमो हो ना +रम्मा जौनें देलकै हमरा गियनमो हो ना +रम्मा सब्भै देवता के करौं परनममो हो ना +रम्मा सुनोॅ आबेॅ लचिका के कहनियो हो ना +पहिला खण्ड +रम्मा सुनोॅ कथा लचिका के धरि केॅ धियानमो रे ना +रम्मा बरप्पा छेलै एक नगररियो रे ना +रम्मा वहाँ के राजा बड़ा शक्तिशालियो रे ना +रम्मा इनकर लड़का छेलै प्रीतम सिंहो घब रे ना +रम्मा सब्भै राजा में प्रसिद्धवो रे ना +रम्मा अन्नधन छेलै पुरजोरिवो रे ना +रम्मा लचिका छेलै प्रीतम के जानमो रे ना +रम्मा देखै में छेलै खुबसुरतियो रे ना +रम्मा लागै गुलाब फुलवो रे ना +रम्मा रूप छेलै अनुपे रे ना +रम्मा आवेॅ सुनोॅ आगू के बतियो रे ना +रम्मा नौरंग सिंह के छेलै नौरंग पोखरबो रे ना +रम्मा राजा के सुनी हुकुममो रे ना +रम्मा आबी केॅ बोलै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा हम्में लानी देभौं लचिका रनियाँ रे ना +रम्मा पान बीड़ा खैलके कुटनी बुढ़िया रे ना +रम्मा बुढ़िया धरलकै रसतवो रे ना +रम्मा जाय पहुँचलै वरप्पा नगरियो रे ना +रम्मा करलकै राजा बड़ी इन्तजामवो रे ना +रम्मा संगोॅ में सब पलटनमो रे ना +रम्मा पहुँची गेलै वरप्पा पोखरियो रे ना +रम्मा बुढ़िया गेलै लचिका के भवनमो रे ना +रम्मा लचिका सें करै छै बतियो रे ना +रम्मा हम्में छेकियौ तोरोॅ मौसियो रे ना +रम्मा बुढ़िया बोलै मीठी बोलियो रे ना +रम्मा लचिका सुनी देलकै जबबो रे ना +रम्मा मैया छेलै हमरोॅ अकेलवो रे ना +रम्मा दोसरोॅ कोनो नहीं बहिनियो रे ना +रम्मा कैसें लागभैं तों हमरोॅ मौसीयो रे ना +रम्मा तबेॅ बोलै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा सुनें बेटी हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा जहिया होलौ तोरोॅ जनममो रे ना +रम्मा वही दिनां होलै हमरोॅ गौउनमो रे ना +रम्मा जहिया सें गेलियै ससुररियो रे ना +रम्मा नाहीं एैलियै नैहरवो रे ना +रम्मा होलौ जबेॅ तोरोॅ विहववो रे ना +रम्मा नै देलकौ तोरो माय नेवतो लियवनमो रे ना +रम्मा तोड़ी देलकौ हमरा सें नतवो रे ना +रम्मा जानभैं कैसें तों हमरोॅ हलवो रे ना +रम्मा कैसें करभैं पहचनमो रे ना +रम्मा पूछले ऐलां तोहरोॅ नगरियो रे ना +रम्मा तोरा सें करैलेॅ मुलकतवो रे ना +रम्मा हम्में तोरोॅ मौसियो रे ना +रम्मा मानी लेहै हमरोॅ तों सत बचनमो रे ना +रम्मा तोरोॅ ससुर के नौ रंग पोखरियो रे ना +रम्मा मनोॅ में लागलोॅ ललसवो रे ना +रम्मा देखै लेॅ ऐलां सुनी केॅ नममो रे ना +रम्मा सुनी लचिका भेलै मगनमो रे ना +रम्मा करेॅ लागलै मौसी के आदर सतकरबो रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़ियाँ के मनोॅ मे भेलै खुशियो रे ना +रम्मा एक दिन कहै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा सुनें बेटो लचिका हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा तोहरोॅ छौ नौ रंग पोखरियो रे ना +रम्मा हमरा देखाय दे भरी नजरियो रे ना +रम्मा चली केॅ हमरा संगवो रे ना +रम्मा तबेॅ पूरा होतै हमरोॅ अरमनमो रे ना +रम्मा लचिका कहै मौसी सें बतियो रे ना +रम्मा सुनें हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा हम्मे पूछि आवै छियौ आपनोॅ सासू सें रे ना +रम्मा तबेॅ लैके जैवौ पोखरियो रे ना +रम्मा इ बात बतिया कही के लचिका गेलै सासू के पासबो रे ना +रम्मा हाथ जोड़ी करै बतियो रे ना +रम्मा सुनोॅ माय जी हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा आजु दिना छेकै एतबरबो रे ना +रम्मा सुरूजोॅ केॅ देवै अरगबो रे ना +रम्मा हमरा तों देॅ हुकुममो रे ना +रम्मा हम्में जैबै नाहैलेॅ पोखरियो रे ना +रम्मा लचिका के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा सासु कहै पूतौहो सें बचनमो रे ना +रम्मा पोखरिया के पानी बड़ा खरबवो रे ना +रम्मा कादोॅ कीचड़ सें भरलोॅ पोखरबो रे ना +रम्मा कैसंे जैभो पोखिरिया असनानमो रे ना +रम्मा ठंडा लागी पोखरिया के पनियो रे ना +रम्मा ऐगंना में खोदाई देभौं वारह कुपबो रे ना +रम्मा रेशम के लानी देबाैं डोरियो रे ना +रम्मा नहीं देलकै साँसू हुकुममो रे ना +रम्मा तबेॅ भै गेलै रानी लचिका उदसवो रे ना +रम्मा चल्लो गेलै ससुर जी के पसबो रे ना +रम्मा जाय केॅ बोललै हलवो रे ना +रम्मा ससुरें दै देलकै हुकुमो रे ना +रम्मा तबेॅ गेलै स्वामी जी के पासवो रे ना +रम्मा नहीं देलकै स्वामी हुकुममो रे ना +रम्मा माथा पर चढ़लै शैतनमो रे ना +रम्मा नहीं मानलकै केकरो कहनमो ���े ना +रम्मा चल्लोेॅ गेलै पोखरिया असननमो रे ना +रम्मा कुटनी के फेरोॅ में पड़लै रानी लचिको रे ना +रम्मा फिरी गेलै लचिका के मतिया रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़ियाँ के दागाबजियो रे ना +रम्मा भेद कुछु नहीं जानलकै रानी लचिको रे ना +रम्मा लड़का छोड़ी देलकै घरवो रे ना +रम्मा सुतलोॅ पलंग के उपरबो रे ना +रम्मा लै लेलकै आपनोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा चल्लोॅ गेलै कुटनी के संगबो रे ना +रम्मा पोखरिया में करै लेॅ असननमो रे ना +रम्मा आवे सुनो पोखरियाँ के बचनमो रे ना +रम्मा वहाँ बैठलोॅ रहै पापी जयसिंह राजवा रे ना +रम्मा मनोॅ में सौचै बतियो रे ना +रम्मा आजु दिना मिली जैतै रानी लचिको रे ना +रम्मा लचिका एैले पोखर किनरवो रे ना +रम्मा दतवन करेॅ लागलै पोखर किनरवो रे ना +रम्मा कपड़ा गहनमा खोली धरै घटवा भीतरबो रे ना +रम्मा लचिका नहावेॅ लागलै घटवो रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़िया देलकै राजा के ईशरवो रे ना +रम्मा राजा जबेॅ देखलकै ईशरवो रे ना +रम्मा साथे लैके सिपहिया लशकरवो रे ना +रम्मा आवी पहुँचलै पोखरियाँ ऊपरवो रे ना +जतना छेलै सेना लश्करवो रे ना +रम्मा घेरी लेलकै आवी केॅ पोखरियो रे ना +रम्मा लचिका जबेॅ देखलकै हलवो रे ना +रम्मा भागि केॅ छिपलै मंदिरवो रे ना +रम्मा जबेॅ सुनलकै नौरंग सिंह खबरवो रे ना +रम्मा लचिका घेरैली पोखरबो रे ना +रम्मा घेरलकै आवी केॅ दुश्मनमो रे ना +रम्मा मथवा धुनै कहै बचनमो रे ना +रम्मा बहुएं नहीं मानलकै कहनमो रे ना +रम्मा पोखरिया पर गेलै करिकेॅ हठबो रे ना +रम्मा पड़ी गेले दुश्मन के हथवो रे ना +रम्मा होय गेलै बड़ी मुश्किलवो रे ना +रम्मा एतना कही केॅ बचनमो रे ना +रम्मा देलकै पलटन के हुकुममो रे ना +रम्मा एैलै दुश्मन पोखरियो रे ना +रम्मा होय जायकेॅ जल्दी तैयरवो रे ना +रम्मा सुनी केॅ जयसिंह के बतियो रे ना +रम्मा पलटन सजलकै आरू हथियो रे ना +रम्मा चल्लै पोखरिया पर पटलनमो रे ना +रम्मा साथो में चललै प्रीतम सिंहबो रे ना +रम्मा पोखरिया पर पहुँचे फौजियो रे ना +रम्मा दोनों दलोॅ के भेलै भिड़नमो रे ना +रम्मा चलेॅ लागलै तीर तलबरवो रे ना +रम्मा हुवै लागलै घमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा बहै लागलै लहुवो के धरबो रे ना +रम्मा घोर लड़ैया होलै चार पहरवो रे ना +रम्मा जयसिंह पोखरियो रे ना +रम्मा पलटन के देखी हलवो रे ना +रम्मा प्रीतम सिंह लड़े आबी केॅ अगुओ रे ना +रम्मा करलकै धमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा लड़तेंलड़तें तेजलकै परनममो रे ना +रम्मा रहि गेलै नौरंग सिंहवा अकेल्ले रे ना +रम्मा सुनिकेॅ हाल होले बेहलबो रे ना +रम्मा फेनू धीरज धरलकै मनमो रे ना +रम्मा घोड़ा वृजवाहन पर सबरबो रे ना +रम्मा लड़ैलेॅ चललै होयकेॅ तैयरवो रे ना +रम्मा पहुँची गेलै पोखरिया उपरवो रे ना +रम्मा आबी केॅ लड़ेॅ लागलै नौरंग सिंहबो रे ना +रम्मा करिकेॅ लड़ाय धमसनमो रे ना +रम्मा दस बीस के काटै गरदनमो रे ना +रम्मा एतनै में एैललै एक वीरवो रे ना +रम्मा पीछू सें मारि देलकै तेगवो रे ना +रम्मा नौरंग सिंह के कटी गेलै गरदनमो रे ना +रम्मा धरती पर गिरी तेजलकै परनमो रे ना +रम्मा होलै नाश नौरंग सिंह के दलवो रे ना +रम्मा दुश्मन केॅ होलै खुशी हलवो रे ना +रम्मा चारो ओर मचलै जै जै करबो रे ना +रम्मा दुश्मन दल के भीतरवो रे ना",angika-anp +"दो-दो जोगिनिन के बीच +दोदो जोगिनिन के बीच अकेलौ लाँगुरिया ॥ टेक +बड़ी जोगिनी यों कहै मोय टीकौ लादे मोल । +छोटी जोगिनी यों कहै मोय हरवा लादै मोल ॥ +दोदो जोगिनिन के . +बड़ी जोगिनी यों कहै मोय घड़ियाँ लादे मोल । +छोटी जोगिनी यों कहै , मोय तगड़ी लादै मोल ॥ +दोदो जोगिनिनि के . +बड़ी जोगिनी यों कहै मोय साड़ी लादे मोल । +छोटी जोगिनी यों कहै मोय सेला लादै मोल ॥ +दोदो जोगिनिन के . +बड़ी जोगिनी यों कह मोय जूड़ौ लादे मोल । +छोटी जोगिनी यों कहै तू लट मेरी दै खोल ॥ +दोदो जोगिनिन के .",braj-bra +"153 +परे विच बेइजती कल होई चोभ विच कलेजे दे चमकदी ए +बेशरम है टप के सिरीं चढ़दा भले आदमी दी जान धमकदी ए +चूचक घोड़े ते तुरत सवार होयां हथ सांग जयों बिजली लिशकदी ए +सुम्म घोड़े दे काड़ ही काड़ वजन हीर सुनदयां रांझे तों खिसकदी ए +उठ रांझया बाबल आंवदा ईनाले गल करदी नाले रिसकदी ए",panjabi-pan +"साडी डरमें बूट कावडेय टारेमा डोरानी +साडी डरमें बूट कावडेय टारेमा डोरानी +इयानी साडी डरमें बूट कावडे़य टारे +अमानी मेडने डा गामा डो रानी +साडी डरमें बूट कावडे़य टारे +आमानी साडी डरमे बूट कावडे़य डो डूजा इयां जा राजा +इयानी मेडने नी डामा जा बाने +काली गायी किसम जा राजा +राजा जा इयानी दगा बाने +भागवान इयानी जा राजा +राजा जा इयानी ने मेडने दगा जा बाने . . . 2 +स्रोत व्यक्ति अनिता , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 7 +सुनले भांटो मोर बाते ल +हाल देहॅव बताय +झन तो कहिबे तेंहर बात ल +भेद रखबे लुकाय +तबतो दिहँव बताय +ये दे अइसे बानी रानी बोलय ओ , भाई ये दे जी । +तीन वचन चुकोवत हे +रुपदेई ये ओ +नई त��� कहय मानसिंह ल +सुनले महराज +रुपदेई ये ओ +भरथरी ल , कइसे बानी बताय +सुन राजा मोर बात +ओही जनम के +येह का लाग मोर +ये दे अइसे बानी +कहिके पूछय ओ , भाई पूछय ओ , रानी ये दे जी । +राजा मानसिंह ल देखत हे +भरथरी ह ओ +जेकर बेटा ल का देखय +मन मँ करे विचार +सुनले कहना मोर बात +ओही जनम के ओ +तोर बेटा ये बाज +ए ही जनम मँ न +तोर रचे बिहाव +ये दे अइसे बानी +भरथरी ओ हीरा बोलय ओ , भाई ये दे जी । +जइसे आज +होवत हे मोर संग बिहाव +तइसे सुनले राजा तँय +ओही जनम के +सामदेई ये न +तोर दाई ये ओ +सुन भांटो मोर बात +ये ही जनम मँ +तोर संग बिहावे ग +ये दे होगे ग , ये दे होये ग , भाई ये दे जी । +तब तो बोलय भरथरी हर +का करॅव भगवान +विधि के लिखा ह नई कटय +अइसे बानी ये राम +मनमें सोचत हे न +पाती होतिस हीरा +बांची ले ते कइना +का तो करॅव उपाय +नई तो जानेव गिंया +मोर भेदे ल आज बताये ओ +ये बताये ओ , भाई ये दे जी । +सुनले रानी मोर बात ल +पाछूआगू ओ +भेद ल देते बताय तॅय +सुनले रानी बात +रंगमहल म +लहुटी के सारी +घर नई जावॅव ओ +बाती बोलत हे न +भरथरी ये राम +ये दे कइसे बानी ल बोलय +तोरे ये सातो के हत्या +भारी पाप मोला परे हे +पाप लेहँव मिटाय +जेखर पाछू रानी +लौटी जाहॅव ओ +ये दे अइसे बानी ल बोलय ओ , हीरा बोलय ओ , भाई ये दे जी । +सुन्दर बानी ल बोलत हे +भरथरी ये ओ +रानी ल बोलिके +चले जाय महराज +घोड़ा छोड़त हे नाम +जोग साधे के ना +मन म करे विचार +रंगमहल में राम +चले आवत हे ओ , चले आवय ओ , भाई ये दे जी । +रानी ल बोलत हे +दाई सुन मोर बात +मय तो चलेंव जोग साधे बर +राज पाठ ल ओ +छोड़ देवॅव दाई +नई तो करॅव राज +जो साधिहॅव ओ +रानी कहत हे न +मोर आंख के रे +बेटा तारा ये +मोर एके अकेला जनम बेटा धरे ग , भाई ये दे जी । +बुढ़त काल के लाठी अस +संग छोड़व न आज +कलपीकलप दाई का रोवय +गाज के पराई ये ओ +बेटा के छुटाई ये न +रंग महल ये +दरबार ये न +मोर रोवय हीरा +भरथरी ल ओ +समझावत हे न +मोर हरके अउ , बरजे ल नई मानय भरथरी , भाई ये दे जी । +घोड़ा ल छोड़त हे रंगमहल +साजसज्जा उतार +देख तो दीदी चले आवत हे +सामदेई ये ओ +गोड़ तरी गिरय +सुन जोड़ी मोर बात +झन जावा हीरा +नई तो मानत हे न +मोर राजमहल ले +जावय ओ , चले जावय ओ , भाई ये दे जी । +गोरखपुर के रद्दा ल +राजा धरत हे राम +जिहां बइठे गोरखनाथे +भरथरी ये राम +ये के कोस रेंगय +दूसर कोस ओ +तीन कोस ए ना +बारा कोसे के ओ +मोर अल्दा रेंगय +मोर छय महीना छय दिन बितय ओ , बितय ओ , रानी ये दे जी । +छय महीना छय दिन बीतत थे +भरथरी ओ +जाइ ���बरगे गोरखपुर म +कइसे बोलत हे राम +गोरखनाथ ल न +गुरु सुन मोर बात +चले आयेंव राजा +जोग साधे ल ओ +गुरु मानी ले बात +मोला जोग के रद्दा बतादे ओ , भाई बता दे ओ , भाई ये दे जी । +गोरखनाथ के चेलिन ये +मोर बइठे हे राम +मोहनी सूरत बनाये हे +भरथरी ह न +कइना जावय मोहाय +बानी का बोलय राम +अइसन हे जोड़ी +मय हर पा जातेव न +जोग काबर साधतेंव +ये दे जोग छोड़ी चल देतेव ओ चल देतेव ओ , भाई ये दे जी । +लाख समझावत हे राजा ल +नई तो मानय दाई +जोग के लागे हे आसे न +सुनले राजा मोर बात +जोग झन साधा हो +आनन्द मंगल ये न +मोर हरके बात मान जाबे जोगी , जाबे भाई , भाई ये दे जी । +बारा बछर के ऊपर हे +सुनिले लाला बात +झन करबे जोग के साध न +गोरखपुर के दीदी +गोरखनाथ गुरु ओ +समझावत हे न +भरथरीये राम +नई तो मानय गिंया +मोर कइसे विधि जिद्दी करय ओ , भाई करय ओ , रानी ये दे जी । +माता पिता जनम दिये +गुरु दिये गियान +सुन ले बेटा मोर बाते ल +तोला गियान न +मॅयहर देथॅव तोला लाला +तॅयहर जोग के साथ झन करव ओ , झनी करव ओ , भाई ये दे जी । +कहना वचन जोगी नई मानय +भरथरी ये ओ +देख तो दीदी हरके नई मानय +बरजे ल गिंया +नई तो मानत हे ओ +भोर धुनि ये ओ +चल जलथे न +मोर कइसे विधि जोगी कूदे ओ , भाई कूदे ओ , भाई ये दे जी । +गोरखपुर के मोर गुरु ये +जल बइठे हे ओ +मॅयहर का करॅव राम +ये ह कूदिगे दाई +हरके ल गिंया नइ तो मानिचे न +मोल बालक रूपी जनम ओ , येहर धरे ओ , भाई ये दे जी । +कोठी में आगी समाइगे +बन आग लगाय +जबधन कइसे मय करॅव न +कोठी में आगी लगाय गय +बदन गय कुम्हलाय +जबधन राजा मॅय बोलव न +अमृत पानी ल ओ +गोरखनाथ ये +गुरु चल सींचत हे न +अग्नि हर गिंया +मोर सांति ये ओ +चल होगे दीदी +मोर भभूत ये दे निकाले ओ , ये निकाले ओ , भाई ये दे जी । +कइसे बइरी मय तो घर जाहॅव +कइसे रहिहॅव गुरु +जेकर भेद बता दे न +नई तो जावॅव गुरु +जोग साधिहँव न +रंग महल मँ नई तो रहॅव गुरू +मोर अइसे बानी ल बोलय गा , राजा बोलय ग , भाई ये दे जी । +ओतका बानी ल सुन के +गोरखनाथ ह ओ +देख तो दीदी भरथरी ल +मुंह खोली के राम +तीनों लोक के ओ +दरस ल देखाय +बानी बोलत हे राम +भुला जाथे बेटा +कोनकोन जनम कोन का अवतार +न लेथे लाला +ये दे तीनो लोक के दरस ए करावय ओ , भाई ये दे जी । +तीनो लोक ल देखके +भरथरी ये ओ +गुरु गोरखनाथ के +ये दे मुंह म न +तीनों लोक ल देखय +नई तो समझय राजा +जोग नई छोंड़व न +मोर मिरगिन के +लागे सरापे ग , ये सरापे ग , भाई ये दे जी । +हरके अऊ बरजे ल नइ मानय +तब बोलय गुरु गोरखनाथ +सुनले रा���ा मोर बात +भरथरी ये गा +जोग साधे बेटा +कहना मानव न +मोह भया लाला +छोड़ी देबे बेटा +ये दे जकर पाछू जोगे ग , तय साधबे ग , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"नइहर वाली लाड़ो माथे चाँद चमके +नइहर वाली लाड़ो माथे चाँद चमके । +अम्माँ वाली लाड़ो माथे चाँद चमके ॥ 1 ॥ +माँगे लाड़ो के टीका सोभे , मोतिया की झलक देखा री लाड़ो । +अम्माँ पेयारी लाड़ो माथे चाँद चमके ॥ 2 ॥ +नाके लाड़ो के बेसर सोभे , चुनिया1 अजब बिराजे लाड़ो । +नथिया अजब बिराजे लाड़ो , माथे चाँद चमके ॥ 3 ॥ +काने लाड़ो के बाली2 सोभे , झुमके की झलक देखा री लाड़ो । +कनपासा3 की झलक देखा री लाड़ो , माथे चाँद चमके ॥ 4 ॥ +जाने4 लाड़ो के सूहा5 सोभे , छापे की झलक देखा री लाड़ो । +छापा अजब बिराजे लाड़ो , माथे चाँद चमके । +भइया पेयारी लाड़ो , माथे चाँद चमके ॥ 5 ॥",magahi-mag +"मैंने मन मुदरी मैं गाड़ौ +मैंने मन मुदरी मैं गाड़ौ । +राम नाम ना छाँड़ौ । +तन कंचन की डार दई है , +सुखा खटाई काड़ौ । +नैम को बाँध धरम को पलवा , +प्रेंम तराजू जाड़ौ । +तिसना तौल धरी जा ईसुर +रंग रसना से माड़ौ ॥",bundeli-bns +"कहवाँ के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे +कहवाँ1 के सेनुरिया2 सेनुर3 बेचे आयल हे । +कहवाँ के बर कामिल4 सेनुर बेसाहल5 हे ॥ 1 ॥ +कवन पुर के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल हे । +कवन पुर के बर कामिल , सेनुर बेसाहल हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"रघुबर राजकिशोरी महल बिच खेलत रे होरी +रघुबर राजकिशोरी महल बिच खेलत रे होरी । +कर झटकत घूंघट पट खोलत , +मलत कपोलन रोरी । महल . . . +कंचन की पिचकारी घालत , +तक मारत उर ओरी । महल . . . +सोने के घड़न अतर अरगजा , +लै आईं सब गोरी । महल . . . +हिलमिल फाग परस्पर खेलत , +केसर रंग में बोरी । महल . . . +अपनीअपनी घात तके दोऊ , +दाव करत बरजोरी । महल . . . +कंचन कुँअरि नृपत सुत हारे , +जीती जनक किशोरी । महल . . .",bundeli-bns +"हरि बिन जियरा मोरा तरसे (कजली) +रूम झूम नभ बादर आए , चहुँ दिसी बोले मोर । +बैठ रैन बिहाय सोच में , तड़प तड़प हो भोर । +आओ श्याम उर सोच मिटाऔ , लागौं पैयां तोर । +' कविता कोश ' में ' संगीत ' सम्पादककाका हाथरसी नामक पत्रिका के सितम्बर 1945 के अंक से सम्मिलित",khadi_boli-mis +"नवो रे पलंग, नवो ढोलियो +नवो रे पलंग , नवो ढोलियो +महाराजा बन्ना +अबी से लागो लाड़ी से नेह रे +महाराजा बन्ना +पांव तेरे मखमल रा मोजा +मेंदी राची पांव +महाराजा बन्ना +गागड़दो गाड़ो लई रया +अमलारी छाकी लई रया +बाबुल री प्यारी लई रया +महाराजा वे , दिलराजा वे",malvi-mup +"कोड्डी कोड्डी बगड़ बुहारूँ +कोड्डी कौड���डी बगड़ बुहारूं , +दर्द उठा सै कमर में , हो राजीड़ा +इबना रहूंगी तेरे घर में । +द्योराणी जिठानी बोल्ली मारैं , +जिब क्यूं सौवै थी बगल में , हो राजीड़ा +इबना रहूंगी तेरे घर में । +सास नणद मेरी धीर बन्धावै , +होती आवै सै जगत में , हो राजीड़ा , +इबना रहूंगी तेरे घर में । +छोटा देवर खरा रसीला , +दाई नै बुलावै इक छन में , हो राजीड़ा , +इब ना रहूंगी तेरे घर में । +छोटा देवर नै बाहण बियाह द्यूं +दाई बुलाई इक छन में , हो राजीड़ा , +इब ना रहूंगी तेरे घर में ।",haryanvi-bgc +"अंगिका फेकड़ा +ओरे रे नूनू ओर बटना +माय बाप गेलोॅ छौ चिचोर कटना +बाप जिमिदरबा घोड़वा पर +माय जिमिदरनी डोलवा पर +पैला में चूड़ा मचक मारै छै +सीका पर दही हिलोड़ मारै छै । +नूनू के जुठकुट के खाय ? +बाबू खाय । +बाबू के जुटकूट के खाय ? +भैया खाय । +भैया के जुठकूट के खाय ? +भौजी खाय । +भौजी के जुठकूठ के खाय ? +कुतवा खाय । +कुतवा के जुठकुठ के खाय ? +कौआ खाय । +कौआ के जुठकुठ के खाय ? +धरती खाय । +ओरे रे नूनू ओर बटना +माय गेल छौं कूटेॅ पीसेॅ +बाप गाड़ीमान +दादा गेलोॅ छौं बाँस काटेॅ +दादी हलुमान +फूफू तेॅ छेकौ लुबड़ी +पानी पियै के तुमड़ी +साँझै घूरी केॅ एथौं नूनू +भर अैंगना । +चॉन मामू आरे याबोॅ वारे याबोॅ +नदिया किनारे आवोॅ +चंपा केला , सुरका चूड़ा +भैंसी के दही +लेलेॅ आवोॅ , लेलेॅ आवोॅ +नूनू रोॅ मुँहोॅ में घुटुस । +सूतेंसूतें रे नूनू ओर बटना +माय गेलै कूटेॅ पीसेॅ , बाप खलिहान +चाचा गेलै छप्पर छारेॅ +चाची के दुखैली कान । +सूतेॅसूतेॅ रे नूनू सुतौनी देबौ +दालभात तोहरा खबौनी देबौ ।",angika-anp +"कहवाँ के डँड़िया कुनली +कहवाँ के डँड़िया1 कुनली2 अही डँड़िया कुनली । +कहवाँ में लगले ओहार3 चढ़हु4 धनि डाँडि , चेतहु5 गिरहि6 आपन हे ॥ 1 ॥ +कवन पुर के डँड़िया कुनली , अहो डँड़िया कुनली । +कवन पुर में लगले ओहार , चढ़हु धनि डाँरि , चेतहु गिरहि आपन हे ॥ 2 ॥ +गोड़ लागों , पइयाँ परों , अजी सइयाँ ठाकुर हे । +बाबा के पोखरवा7 डाँड़ि बिलमावहु8 अम्मा से भेंट करम9 हे ॥ 3 ॥ +कइसे में डाँरि बिलमायब , अहे धनि सुन्नर हे । +तोर बाबा दहेजवा के सोंच में , अम्मा बिसमादल10 हे ॥ 4 ॥ +रँचिएक11 डाँडि बिलमावहु , अजी सइयाँ ठाकुर हे । +भेंटे देहु चाची हमार , सासु जे आपन हे ॥ 5 ॥ +कइसे में डाँड़ि बिलमाऊँ , अहें धनि सुन्नर हे । +बरवा12 पकवइत13 चाची बिसमादल हे । +तिलक गिनइते चच्चा बिसमादल हे ॥ 6 ॥ +रँचिएक डाँड़ि बिलमावहु , अजी सँइया ठाकुर हे । +भेंटे देहु ���उजी हमार , सरहज आपन हे ॥ 7 ॥ +कइसे में डाँड़ि बिलमाऊँ , अहे धनि सुन्नर हे । +पटवा14 फड़इते भउजी बिसमादल हे । +भँउरिया15 घुमइते भइया बिसमादल हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"आल्हा ऊदल +पड़ गैल बीड़ा जाजिम पर बीड़ा पड़ल नौ लाख +हे केऊ रजा लड़वैया रुदल पर बीड़ा खाय +चौहड़ काँपे लड़वेया के जिन्ह के हिले बतीसो दाँत +केकर जियरा है भारी रुदल से जान दियावे जाय +बीड़ा उठावल जब लहरा सिंड्घ कल्ला तर देल दबाय +मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले जुझाम जुझाम +एको एका दल बटुरल जिन्ह के दल बावन नवे हजार +बूढ़ बियाउर के गनती नाहिं जब हाथ के गनती नाहिं +बावन मकुना के खोलवाइन रजा सोरह सै दन्तार +नब्वे सै हाथी के दल में ड़ड़ उपरे नाग डम्बर उपरे मेंड़राय +चलल परवतिया परबत के लाकट बाँध चले तरवार +चलल बँगाली बंगाला के लोहन में बड़ चण्डाल +चलल मरहट्टा दखिन के पक्का नौ नौ मन के गोला खाय +नौ सौ तोप चलल सरकारी मँगनी जोते तेरह हजार +बावन गाड़ी पथरी लादल तिरपन गाड़ी बरुद +बत्तिस गाड़ी सीसा जद गैल जिन्ह के लंगे लदल तरवार +एक रुदेला एक डेबा पर नब्बे लाख असवार +बावन कोस के गिरदा में सगरे डिगरी देल पिवाय +सौ सौ रुपया के दरमाहा हम से अबहीं लव चुकाय +लड़े के बोरिया भागे नौ नौ मन के बेड़ी देओं भरवाय +बोगुल फूँकल पलटन में बीगुल बाजा देल बजाय",bhojpuri-bho +"बुरो संग +अकुलौ1 माँ माया2 करी , कैकी3बी नी पार तरी । +बार4 बिथा सिर थरी5 , कू रोयेंद6 । +जख तख मिसे7 लांद , झूटाफीटा8 सऊँ9 खंद । +दियुं लेयुं तने10 जांद , अपजस पायेंद । +आगो पाछो देखी जाणी , खरी खाणी चुप्प चाणी । +किलै11 कद झुटि स्याणी12 , गांठी पैसा खोयेंद । +मैंत बोदू भली बात , सोच कदु दिन रात । +मुरखू का संग साथ , ज्यान जोख्यूं13 पायेंद । +आँखु देखि सुणी जाणी , बटोरों मां माया लाणी । +जगत की गालि खाणी , विचारिययुं चाहेंद । +लगणु नी वैकी बाणी , जै की होन दुलि काणी । +पाछ पड़द खैंचा ताणी , ज्यान जोख्यूं पायेंद ।",garhwali-gbm +"नानो सो चम्पो गंगा घर लगई आया +नानो सो चम्पो गंगा घर लगई आया +तेकी डाळ गई गुजरात +ते अब घर आओ तीरथ वासी । +नानो सो अम्बो गंगा घर लगई आया +तेकी कैरी लगी लटलूम +हे अब घर आओ तीरथ वासी । +नानी सी गय्या गंगा घर धरी आया +तेका जाया अक्खरनी समाय +ते अब घर आओ तीरथ वासी । +नानी सी कन्या , गंगा घर छोड़ी आया , +तेका जाया पालणां नी समाय , +ते अब घर आओ तीरथवासी । +नानो सो पुत्र गंगा घर धरी आया , +तेका जाया पालणां नी समाय , +ते अब घर आओ तीरथवा��ी ।",nimadi-noe +"तू सच सच आख वे जोगी +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +न करिये माण वतनाँ दा , +असीं हाँ लाल परदेसी , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती दुपट्टा रंगया , +न माही आया न किली टंगया , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती पकन केले , +विच्छ्डयाँ नूँ रब आप सेले , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती पकन आडू , +वगण नदियाँ तरण तारु , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी । +अधी राती चमकण तारे , +जुदाई वाले तीर सानुँ किस मारे , +न तुसाँ मारे न असाँ मारे , +मारण वाला प्रभु आप जाणे , +तू सच सच आख वे जोगी , +सजन मिलसी के न मिलसी , +मिलन होसी के न होसी ।",panjabi-pan +"झूला पड़ गयो रे आगन मे +झूला पड़ गयो रे आंगन में +बन में नाचे लागी मोर । +को जो झूलें को जो झुलावें +को जो खींचे डोर । +गणपति झूलें शंभु झुलावें +गौरा खींचे डोर । झूला . . . +कौना महिना जन्म भयो है +कौने नाम धरायो । झूला . . . +भर भादों में जनम भयो है +गणपति नाम धराये । झूला . . . +काहे को इन्हें भोग लगत है +काहे पे होत सवार । झूला . . . +मोदक को इन्हें भोग लगत है +मूषक पे होत सवार । झूला . . .",bundeli-bns +"सुआ गीत-4 +तरी नरी नहा नरी नही नरी ना ना रे सुअना +मोर नयना जोगी , लेतेंव पांव ल पखार +रे सुअना तुलसी में दियना बार +अग्धन महीना अगम भइये +रे सुअना बादर रोवय ओस डार +पूस सलाफा धुकत हवह +रे सुअना किटकिट करय मोर दांत +माध कोइलिया आमा रुख कुहके +रे सुअना मारत मदन के मार +फागुन फीका जोड़ी बिन लागय +रे सुअना काला देवय रंग डार +चइत जंवारा के जात जलायेंव +रे सुअना सुरता में धनी के हमार +बइसाख . . . . . . . . आती में मंडवा गड़ियायेव +रे सुअना छाती में पथरामढ़ाय +जेठ महीना में छुटय पछीना +रे सुअना जइसे बोहय नदी धार +लागिस असाढ़ बोलन लागिस मेचका +रे सुआना कोन मोला लेवरा उबार +सावन रिमझिम बरसय पानी +रे सुअना कोन सउत रखिस बिलमाय +भादों खमरछठ तीजा अऊ पोरा +रे सुआना कइसे के देईस बिसार +कुआंर कल्पना ल कोन मोर देखय +रे सुखना पानी पियय पीतर दुआर +कातिक महीना धरम के कहाइस +रे सुअना आइस सुरुत्ती के तिहार +अपन अपन बर सब झन पूछंय +रे सुअना कहां हवय धनी रे तुंहार",chhattisgarhi-hne +"गढ़ हो गुंडी उप्पर नौबत वाज +निमाड़ में विवाह के अवसर पर गया जाने वाला "" गणपति "" +गढ़ हो गुंड�� उप्पर नौबत वाज +नौबत वाज इंदर गढ़ गाज +टो झीनी झीनी झांझर वाज हो गजानन +१ +जंव हो गजानन जोसी घर जाजो +तों अच्छा अच्छा लगीं निकालो हो गजानन +गढ़ हो . . . +२ +जंव हो गजानन बजाजी घर जाजो +तों अच्छा अच्छा कपडा ईसावो हो गजानन +३ +जंव हो गजानन सोनी घर जाजो +तों अच्छा अच्छा गयना ईसावो हो गजानन +गढ़ हो . . . +४ +जंव हो गजानन पटवा घर जाजो +तों अच्छा अच्छा मौड़ ईसावो हो गजानन +गढ़ हो . . . +जंव हो गजानन साजन घर जाजो +तों अच्छी अच्छी बंधीब्याहों हो गजानन +गढ़ ही गुंडी उप्पर नौबत वाज +नौबत वाज इन्द्र गढ़ गाज +तों झीनी झीनी झांझर वाज हो गजानन",nimadi-noe +"टुटली मैं फटली मड़इआ देखते भेयामन हे +टुटली मैं फटली मड़इआ1 देखते भेयामन2 हे । +सेहु3 पइसी सुतली गउरा देइ , मन पछतावे हे ॥ 1 ॥ +माँगि चाँगि4 लावल5 महादेव , धन बित6 छरिआ7 हे । +बाघेछाल देल ओछाइ8 बसहा धान खाइल9 हे ॥ 2 ॥ +नहाइ धोवाइ महादेव चउका चढ़ि बइठल हे । +अधन10 देली ढरकाइ11 बिहँसि गउरा बोलथिन हे ॥ 3 ॥ +सब केर देलहो महादेव , धन बित छड़िया हे । +अपना जगतर12 भिखारी , पइँचो13 न मिलत हे । +ऐसन नगरिया के लोग , पइँचो न देहइ14 हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"कथि केर खटोलवा त कथि केर ओरहन हे +कथि1 केर खटोलवा त कथि केर ओरहन2 हे । +ललना , सेहो चढ़ि धानि वेदनायली , 3 वेदने बेयाकुल हे ॥ 1 ॥ +चनन कोरा खटोलवा , त रेसम के ओरहन हे । +सेहो चढ़ि धानि वेदनायली , बेदने बेयाकुल हे ॥ 2 ॥ +आन4 दिन सुतलऽ एके सेज , बहर5 सिरहाना6 कयले हे । +धानि हे , आज काहे सुतलऽ दोसर सेजिया , परभु से बयर कयलऽ हे ॥ 3 ॥ +काँचहि बँसवा कटायब , खटोला बिनायब हे । +पिया से लड़िए झगड़ि करि बेदना बँटायब हे ॥ 4 ॥ +टोला परोसिन के माय , तुहुँ मोर बहिनी ही हे । +मइया , सब मिलि धनि परबोधऽ , कहि समुझावऽ हे ॥ 5 ॥ +तोर धनि दिनमा के थोरी , बयसवा के भारी7 हथु हे । +बबुआ , जबो घर होयतो नंदलाल , करिहऽ पनचाइत हे । +जबे घर होयतो होरिलवा तबही परबोधब8 हे , कहि के बुझायब हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"खेतन की बहा +का कहिए खेतन की बहार , +मन होत मगन सोभा निहार , +बलिहारी पिरथीपुत्रन की जुन रकतपसीना रहे गार । +नाठरकुनकुट गुलजार करत +ऊ पुरसारथ की बलिहारी , +कंचन के झुमका उठाउठा +जै बोल रही क्यारीक्यारी , +ककरीले काबर की काया बन जात मार , बिलसत कछार । +मिहनत की महिमा है अपार , +छुनछुना उठत सन कौ गहनां +टिलवा के ऊँचे मूँड़ा पै , +मुतियन की लरें लिपट जातीं +जुंडी रानी के जूड़ा पै ; +भर माँग सुहागिनसी धानें दै जातीं मंगल समाचार । +आ जात चना पगिया सम्हार । +चमचमा उठत नीलीनीली +अरसी को सारी चटकीली , +कुछ बोल चलत रस घोर चलत , +बटरा की अँखियाँ सरमीली , +राईसरसों , गौहूँपिसिया , झूमत गलबहियाँ डारडार । +बारी खेती के सै सिँगार । +केकी बाँहन कौ बल पाकै +गचगचा उठत इसकरी अर्हर , +रसभरी बर्हाई के पोरा +बन जात चीकने सुधरसुघर ; +नित नई नुनाई कूँड़न सें , कढ़ परत किबरियाँ टारटार । +धूरा में हीरन कौ सिहार । +केकी गुनभरी तपस्या सें +कुदवन की कँदिया किलक उठी , +को सकुन्तलासी बछवन खें +दै चली समा फिर मुठीमुठी +अनुराग बसो बैरागिउ में , सग चलो कि है संसार सार । +साजौ घर सें सौ गुनों हार ।",bundeli-bns +"चन्दरमा निरमळई रात +चन्दरमा निरमळई रात , +तारो कँवऽ उँगसे ? +तारो ऊँगसे पाछली रात , +पड़ोसेण जागसे जी । । +धमकसे मही केरी माट , +धमकसे घट्टीलो जी , +ईराजी घर आवसे , +रनुनाई खऽ आरती जी । ।",nimadi-noe +"दिल लोचे माही यार नूँ +दिल लोचे माही यार नूँ । +इक्क हस्स हस्स गल्लाँ करदिआँ , +इक्क रोन्दिआँ धोन्दिआँ मरदिआँ , +कहो फुल्ली बसंत बहार नूँ । +दिल लोचे माही यार नूँ । +मैं न्हाती धोती रह गई , +इक्क गन्ढ माही दिल बह गई , +भा1 लाईए हार शिंगार नूँ । +दिल लोचे माही यार नूँ । +मैं कमली कीती दूतिआँ2 , +दुक्ख घेर चुफेरे लीतिआँ , +घर आ माही दीदार नूँ । +दिल लोचे माही यार नूँ । +बुल्ला सहु मेरे घर आया , +मैं घुट्ट राँझण गल लाया , +दुक्ख गए समुन्दरों पार नूँ । +दिल लोचे माही यार नूँ ।",panjabi-pan +"डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा +डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा +डुबली खूटूबा आथाटेन ऊखू केन जा आबा +चुरुटेन भी डा डो भानी टेन भी जोम डो +चुरुटेन भी डा डो भानी टेन भी जोम डो +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन डा बारेन ईडिये +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन डा बारेन ईडिये +भानी टेन भी जोम डो चुरुटेन भी डाडी +भानी टेन भी जोम डो चुरुटेन भी डाडी +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन आटा बारेन ईडिये +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन आटा बारेन ईडिये +खुला एन टेन हिगरायन +खुला एन टेन हिगरायन +बाना एन टेन हिगरायन +बाना एन टेन हिगरायन +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन +सेने डो बाई आमा खूंजकार केन +आटो बारेन ईडिये +आटो बारेन ईडिये +स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"240 +होका फिरे देंदा पिंड विच सारे आयो किसे फकीर जे होवना जे +मंग खावना कम्मना काज करना ना कुझ चारना ते ना कुझ चोवना जे +जरा कन्न पड़वा सवाह मलनी गुरु सारे जगत दा होवना जे +नही देनी वधाई फिर जमने दी किसे मोए नूं मूल ना रोवना जे +मंगना खावना ते नाले घूरना जे देनदार न किसे दे होवना जे +खुखी आपनी उठना मियां वारस अते अपनी नींद ही सोवना जे",panjabi-pan +"रोटी पूई धरी तड़के की देखूं बाट तेरे लड़के की +रोटी पूई धरी तड़के की देखूं बाट तेरे लड़के की +जब देखूं जब चांद सिखर मैं मर गई हो पिया तेरे फिकर मैं +एक हाथ दिवला एक हाथ झारी चढ़ गई हो मैं तो पिया की अटारी +कठै मेलूं दिवला कठै झारी , कठै हो पिया सेज तुम्हारी +धरण पै दिवला पटक दे ना झारी , पड़ जाओ हे गोरी पांयतै हमारी +पांयत सै रै सिरहाणै नै आई , जद बी ना बोला हो मरद कसाई +रो रो के मनैं आंख सुजा लई +पांच रपइए सेर मिटाई या ले गोरी रूसे की मनाई +धर दे रपइए पटक दे मिठाई , रूसें पाछै हो पिया मनैं नां लुगाई",haryanvi-bgc +"पठिया बोझिलेॅ नैया बीच धार आवै हे +पठिया बोझिलेॅ नैया बीच धार आवै हे +वही देखी कोसिका खलखल हाँसै हे +हँसै बड़ेला भाई मुँहखड़ा हे पनमा +हम नै जानलियै कोसी माय +तोरोॅ नैया हे आवै +लड्डुवा बोझैली नैया बीच धार आवै हे +वही देखी कोसी मैया खलखल हाँसै हे +हँसै बड़ेला भैया मुँह खड़ा हे पनमा +हम नै जानलियौ कोसी माय +तोरोॅ नैया हे आवै ।",angika-anp +"ईसुरी की फाग-27 +जब सें गए हमारे सईयाँ +देस बिराने गुइयाँ । +ना बिस्वास घरें आबे कौ +करी फेर सुध नइयाँ । +जैसो जो दिल रात भीतरौ +जानत राम गुसैयाँ । +ईसुर प्यास पपीहा कैसी +लगी रात दिन मइयाँ । +भावार्थ +महाकवि ' ईसुरी ' की विरहिणी नायिका अपनी वेदना का वर्णन करते हुए कहती है — हे सखी जब से मेरे प्रियतम परदेश गए हैं , तब से ये भरोसा भी नहीं रहा कि वे कभी घर भी आएँगे । उन्होंने मुझे याद तक नहीं किया । मेरे ह्रदय की दशा राम ही जानते हैं । मेरी प्यास पपीहे की प्यास जैसी है , जो हृदय में रातदिन लगी रहती है ।",bundeli-bns +"फागण के दिन चार री सजनी +फागण के दिन चार री सजनी , फागन के दिन चार । +मध जोबन आया फागण मैं +फागण बी आया जोबन मैं +झाल उठै सैं मेरे मन मैं +जिनका बार न पार री सजनी , फागण के दिन चार । +प्यार का चन्दन महकन लाग्या +गात का जोबन लचकन लाग्या +मस्ताना मन बहकन लाग्या +प्यार करण नै तैयार री सजनी , फागण के दिन चार । +गाओ गीत मस्ती मैं भर के +जी जाओ सारी मर मर के +नाचन लागो छम छम कर के +उठन दो झंकार री सजनी , फागण के दिन चार । +चन्दा पोंहचा आन सिखिर मैं +हिरणी जा पोंहची अम्बर मैं +सूनी सेज पड़ी सै घर मैं +साजन करे तकरार री ��जनी , फागण के दिन चार ।",haryanvi-bgc +"204 +कालूबला1 दे दिन नकाह बधा रूह नबी दी आप पढ़ाया ए +कुतब हो वकील विच आन बैठा हुकम नब्ब ने आप कराया ए +जबराईल मेकाईल गवाह चारे अजराइल2 असराफील आया ए +अगला तोड़ के होर नकाह पढ़ना आख रब्ब ने कदों फुरमाया ए",panjabi-pan +"जोगीरा +१ . +दानापुर दरियाव किनारा , गोलघर निशानी +लाट साहेब ने किला बनाया , क्या गंगा जल पानी +जोगी जी वाह वाह , जोगी जी सार रा रा । +दिल्ली देखो ढाका देखो , शहर देखो कलकत्ता । +एक पेड़ तो ऐसा देखो , फर के ऊपर पत्ता , +जोगी जी वाह वाह , जोगी जी सार रा रा । +कौन काठ के बनी खड़ौआ , कौन यार बनाया है , +कौन गुरु की सेवा कीन्हो , कौन खड़ौआ पाया , +चनन काठ के बनी खड़ौआ , बढ़यी यार बनाया हो , +हम गुरु की सेवा कीन्हा , हम खड़ौआ पाया है , +जागी जी वाह वाह , जोगी जी सारा रा रा । +२ . +किसके बेटा राजा रावण किसके बेटा बाली +किसके बेटा हनुमान जी जे लंका जारी , फिर देख चली जा । +किसकी बेटी तारा मंदोदरी किसकी बेटी सीता ? +किसके बेटा रामलछुमन चित्रकूट पर जीता ? +किसके मारे अर्जुन मर गए किसके मारे भीम ? +किसके मारे बालि मर गये , कहाँ रहा सुग्रीव ? +उत्तर +१ . +विसेश्रवा के राजा रावण बाणासुर का बाली +पवन के बेटा हनुमान जी , ओहि लंका के जारी +२ . +कृष्ण मारे आर्जुन मर गए कृष्ण के मारे भीम +राम के मारे बालि मर गए लड़ता था सुग्रीव । +३ . +कौन जिला का रहने वाला , क्या बस्ती का नाम ? +कौन जात का छोकड़ा बता तो अपना नाम ? फिर देख चली जा । +धरती माँ का जनम बता दो , कौन देव का टीका +कौन गुरु का सेवा किया , कहाँ जोगीरा सीखा ? फिर देख चली जा । +क्या चीज का रेल बना है , क्या चीज का पहिया ? +क्या चीज का टिकट बना है , क्या चीज का रुपैया ? फिर देख चली जा । +४ . +कौन देस से राजा आया कौन देस से रानी ? +कौन देस से जोगी आया मारा उलटा बानी ? फिर देख चली जा । +काहे खातिर राजा रूसा काहे खातिर रानी ? +काहे खातिर जोगी रूसा काहे मारा बानी ? फिर देख चली जा ।",bhojpuri-bho +"पनघट पे न छेड़ो श्याम छैला +पनघट पे न छेड़ो श्याम छैला +नैना भरों के भरों घैला । पनघट पे . . . +भर के गगरिया हमें घर जानें +मोहन न रोको हमारी गैला । पनघट पे . . . +काम तुम्हारो है माखन चुरावो , +तुम हो जनम के चुटकैला । पनघट पे . . . +एही पनघट पे हो गई दिवानी , +लागी नजर कौन जाऊँ गैला । पनघट पे . . . +पिया सखी भई रूप दिवानी +नाजा रे छलिया छलबैला । पनघट पे . . .",bundeli-bns +"बरसाने में सामरे की होरी रे +बरसाने में सामरे की होरी रे ॥ टेक +���ड़त गुलाल लाल भये बदरा , मारत भरि भरि झोरी रे ॥ +कै मन तो यानै रंग घुरायौ , कै मन केशरि घोरी रे । +नौ मन तो यानै रंग घुरायो , दस मन केशर घोरी रे । +कौन गाम के कुँवर कन्हैया , कौन गाम की गोरी रे । +नन्दगाँव को कुमर कन्हैया , बरसाने की गोरी रे । +कहा हाथ में कृष्ण कन्हैया , कहा हाथ में लिये गोरी रे । +ढाल हाथ में कुमर कन्हैयाजी , लठा हाथ में गोरी रे । +कहा कर रहे ग्वाल बाल सब , कहा करें सब गोरी रे । +ढाल रोपिरहे ग्वाल बाल सब , लठा चलाय रहीं गोरी रे ॥",braj-bra +"जोगी ढ़ुढ़ण हम गया +जोगी ढ़ुढ़ण हम गया , +कोई न देखयो रे भाई +१ एक गूरु दुजो बालको , +तीजो मस्त दिवानो +छोटा सा आसण बैठणा +जोगी आया हो नाही . . . . +. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . +२ जोगि की झोली जड़ाव की , +हीरा माणीक भरीया +जो मांगे उसे दई देणा +जोगी जमीन आसमानाँ . . . . +. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . +३ आठ कमल नौ बावड़ी , +जीन बाग लगाई +चम्पा चमेली दवणो मोंगरो +जीनकी परमळ वासँ . . . . +. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . . +४ पान छाई जोगी रावठी , +फुल सेज बिछाई +चार दिशा साधु रमी रया +अंग भभुत लगाईँ . . . . +. . . . . जोगी ढ़ुढ़णँ . . . . .",nimadi-noe +"उत्रहि राज से एलै एक मोगलवा +उत्रहि राज से एलै एक मोगलवा , +बान्हि जे देलकै कमला जी के धार । +एहेन बान्ह जे बान्हल बोरी रे मोगलवा +सिकियो ने झझावे मोगला के बान्ह । +हिन्दुओं नै बूझै मोगला , तुर्को नै बुझै +सब से चकरी ढुआवै । +राजा शिवसिंह बैठल छलै मचोलवा , +तकरो से चेकरी ढुआवे । +ऐसन बान्ह बान्हलक मोगलवा , +सीकयो ने झझावै मोगलाक बान्ह । +कानि कानि चिठ्ठी लिखत माता कमला +दहुन गे गंगा बहिनो हाथ । +गंगा बहिनो चिठ्ठी पढ़ै माटी भीजि गेलै , +हमरो सक नै टूटतै मोगलाक बान्ह +कानि कानि चिठ्ठी लिखै माता कमला +दहुन गे कोसिका बहिनो हाथ । +कोसिका बहिनो चिठ्ठी पढ़ैत सोचे जे लागलै +हमरो सक नै टूटतै मोगलाक बान्ह । +एहेन बामी माछ बनबैये बहिनो कमला +फोड़ करै जे मोगलाक बान्ह । +फोड़ करैत कोसी हुलि देल कै , +केल कै सम्मुख घार । +गावल सेवक माता दुहु कलजोड़ी +जुग जुग जपब तोहर नाम । +राजा शिव सिंह चरन नमावे , +मैया हे धनि धनि तोहर प्रभाव । +तोरा देबौ कमला जोड़ जोड़ पाठी , +कोहला के पाहुल चढ़ाय । +गावल सेवक माता दुहु कल जोड़ी +युग युग जपब तोहर नाम ।",angika-anp +"झिल मिल साफा बांध दिखे री +झिल मिल साफा बांध दिखे री दिल्ली में भरती हो लिया +छुट्टी आया री भरतार दिखे री मेरा ठंडा कालजा हो गया +झट पट मांडे पौए दिखे री आलू का साग बणा लिया +पूरी मांगी ना साग दिखे री मनै घाल्या उतणा खा लिया +निकल्या बिचली गाल दिखे री भावज के घर नै जा रह्या +खोलो भाभी अजड़ किवाड़ी दिखे री भाभी सांकल खोलो लोहै सार की +खुलगे अजड़ किवाड़ दिखे हो देवर सांकल खुलगी लोहै सार की +आओ देवर मूढै पै बैठ दिखे तैं तो घणे दिन्यां मैं बाह्वड़ा +हम नौकर सरकार दिखे री भाभी छुट्टी मिली जद आ लिया ।",haryanvi-bgc +"चंपे के पेड़ नीचे उतरे बने मियाँ +चंपे के पेड़ नीचे उतरे बने मियाँ1 । +बाजी लगी दिलोजान , मैं बारि जाऊँ , मैं बारि जाऊँ । +दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ , मैं बारि जाऊँ ॥ 1 ॥ +हारूँ तो बने मियाँ बँदरी2 मैं तेरी । +जीतूँ तो सेजिया गुलाम , मैं बारि जाऊँ । +बाजी लगी दिलोजान , मैं बारि जाऊँ ॥ 2 ॥ +पलँगे की पट्टी टूटी , मोतियों की लर टूटी । +टूटी है पलँगे नेवार , मैं बारि जाऊँ । +दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ ॥ 3 ॥ +उठ मियाँ बँदरे3 हुआ है सबेरा । +अम्माँ खड़ी इँतजार , मैं बारि जाऊँ ॥ 4 ॥ +मेरा तो दिल लाड़ो तुमसे लगा है । +अम्माँ खड़ी झख मार , मैं बारि जाऊँ । +दुलहा है भोला नादान , मैं बारि जाऊँ ॥ 5 ॥",magahi-mag +"सूरज कौंल (सूरज कुँवर) +सजैदे बखड्या घोड़ी कांसी का घूंघर , +घोड़ी को पैरेदे मेरी नेओरी की माला । +सजयाले सूरजूतिना सरपेंच कलंकी , +पैर्याले कुंवर तिन बखतरो जामो । +काँघि माँ धर्याले तिन चौंसी को गलेप , +धर्माले बगल तिन , पैनी समशीर +सजीगे सूरजू आज कांठ सी सूरज , +ह्वेगये कुंवर झट घोड़ी को सवारी । +मार्याले घोड़ी को तिन निगुरो कुरडा , +तेरी घोड़ी जै लागी बाला वीं काली बदली । +तेरी घोड़ी पहुँची बाला सूरज मंडल , +तेरी घोड़ी पहुँची गे , बाला वे मेघ मंडल । +तेरी घोड़ी यैगये बाला वीं थाली चौरडी । +पौंछिगे1 सूरजू आज नागणीं का सेरा2 , +मिलीगे कुंवर त्वीकू हिमा मारछयाल । +त्वीकुणी कुंवर हिमा बुझौंणी बुझौंद , +नागणीं का सेरा बाला चुड़ीणू का घेरा , +मल्यो रंग घोड़ी तेरी धावड़ी लगौंद । +नौ दिन नौ राति रैगे नागिण्यों का घेरा , +बिपदा का मारा जादू गुरु का सुपीना । +रैगउं गुरजी आज चुड़ींण का घेरा , +फूक्याले गुरु न गाड़ी धुनी की बभूत । +चचड़ैकी उठी बालो बबरैकी बीजे , +गाड्याले कुंवर तिन नंगी समशीर , +मार्याले कुंवर तिन रांड कि चुड़ीण । +घोड़ी को सवार पौंछी3 उचां खैटाखाल , +धार मा बैठीक तिन आसण लगाये । +खैटाखाल रौंदी बाला खैट की अछरी4 , +बजौण सूरजू बैठी नौसुर बांसुरी : +मुरली की धुन पौछी धार वार पा�� , +मुरली को सुर पौछी आछरयूं का कान , +नौछमी मुरली बाजी अनमनी भाँति , +डांडि कांठी गूँजी गये मुरली को सुर । +सूणीं सूणीं सुरसौरी बेसुध ह्वेगेना , +को ह बोलू हौंसिया5 इनो बंसी को बजैया +अछरी निमानी यैने सूरजू का पास , +राणियूं को रसिया छैंठे फूलू को हौंसिया । +नौदिन नौराति रैग आछिरयूं की फेरा , +आछिरयूं तैं बाला तब बुझोणी बुझौंद , +मैंन जाणा दगड्यों6 आज बालुरी भौटन्त , +मैंन लाणा दगडूँयों आज जोतरा को डोला । +मौटेन्त औलू रौलो भी तुम्हारा पास , +पौछिगे सूरजू हुणियों का देश , +एक खुट्यू को राज जौकि बोली निबिगींदी । +फेंक्याले सूरजू तिन पजाबी चुंगटी । +पोड़िगे राक्सु जख मां काली को ज्वाप , +तेरी घोड़ी पहुँची में तब बिषैली कांठी , +नौ दिन ह्वैगेन तब त्वीकू विष लागी गेयै । +एक हड़ सूरजू तेरा किरम पड़ी गेना , +तब जांद सूरजू फेर गुरु का सुपीना +रैगउं गुरु जी आज बिषूली कांठ्यूं । +गाड़ी याला गुरु न संजीवनी विद्या , +हैंसदाज्यूँ दाल7 बालों बबरैकि बीज , +तेरी घोड़ी जैलागी गैरी रुंदरी । +तेरी घोड़ी पौछिगे बाला वे बांका भोटन्त , +जै लाग्या कुंवर बालां ताता लूहागढ़ । +चान्दनी का चौक बाला घुड़दौड़ लगौंद , +देख्याले सूरजू तिना भावी को बंगला । +नजरु ये गये त्वीकू राणी जोतमाला , +नजरु यैगये बाँकू घोड़ी को सवार । +जाधऊँ हे छोरी स्वारा पूर्व की मोरी , +को बैख यैहोलो मेरी चान्दनी का चौक । +ओडू येजादी मेरी आज स्वारा छोरी , +ल्ही औदी सूरजू मेरा छतीश अवासू । +बैठिगे कुंवर जैकि सुतरी8 पलंग , +त्वी सणी जोतरा बाला बोली मरदी । +तब बैठी पलंग पैली पांसा खेली याला , +गाड़ीने जोतरा तीन हार जीत पांसा । +रांड की जोतरा पैली भोजन दीयाला , +नौ दिन ह्वेगेना मिना भोजन नी जीम्यों । +भोजन जिमै की खेल हार जीत पांसा । +बणैन जोतरा तिन बावन बिजन9 , +निर्पाणी10 की खीर सौर सदबेली घिऊ । +औ बाला सूरजू झट भोजन जीम्याल , +भोजन जीमिकि गाड़े हार जीत पांसा । +गाड़ीन जोतरा तिन हस्ती दाँत पाँसा , +खेलण बैठीगे बाला पांसड्यों को खेल , +खेलदखेलद नौ दिन ह्वेई गेना । +खेलदखेलद हारमान होइगे , +बोलद सूरजू भारी प्यास लगीगे । +जाधऊं तू स्वाणीं छोरी जल लेऊ भोरी , +हरगिज नी पिऊँ पाणी छोरी को लयूं । +अपणा हाथ को पाणी मीं तै पिलै याल , +तब लौंद जोतरा भैर11 जेकी जल भोरी । +झट उठे सूरजू बैठे जीत की तरफ , +पैलेपैले12 को दऊं डाले धरती का नऊं , +दूजो दंऊ डाले पंचदेवों का नऊँ । +तीजो दऊं ��ीते तिन धन दी दरब , +चौथी दऊं जीते तिन भावी को बंगला । +पांच्चीं दऊं जीते तिना राणी जोतमाला , +जै लाग्ये , जोतरा बालो नौरंग तिवारी । +राणी का आवास मा जांदा छतीस भवन , +पैर्याले जोतरा तिन ल्होसेडो घाघरो । +पैर्याले जोतरा तिन मखमखी आंगी , +धर्याले शिर मा तिन पामड़ी दुशालो । +पाये का पोलियां पैर्या शिर शीसफूल , +तेरा नौ कू सूरजू मिना स्वाँग धरियाले । +यैगये जोतरा तब गगन सोड्यूं पर , +पौछिगे जोतरा जैकि चाँदनी का चौक । +तेरा बाना जोतरा छोड़े नौ लाख कैतुरा , +सजी गये जोतरा तेरो औला सारी डोला । +मार्याले घोड़ा कू तिना निगुरों कुरड़ो , +पोछिगे सूरजू यैको नौ लाख कैतुरा । +तेरी घोड़ी पोंछिगे बाला भीमली बजार , +पौछिगे भीमली बाला जोतरा को डोला । +धर्याले जोतरा राणी छतीसू अवास , +नौलाख कैतुरा तैका मांगल गयेला । +बाजली भीमली आज आनन्द बधाई । +नौरंग तिवारी तख हास बरेंद , +बुलायें सूरजू तिन भुली13 सूरजी , +घर बौड़ी14ह्वेऊं भुली राजे दैजो ल्हीजा । +दियाले सुरजी त्वीक द्वी बैलों की जोड़ी , +गायूं गोठियार देई बाखुरियों की ताँदी +तू हवेली सूरजू सोंचो सिंहणो को जायो ।",garhwali-gbm +"558 +खेड़े राजे दे आन हजूर होए मुंह बने ने आन फरयादियां दे +रांझे आखया खोह लै चले नढी एह खोहरू1 परहे वेदादियां2 दे +मैथों खोह फकीर तों उठ नठै जिवें पैसयां नूं डूम शादियां दे +मेरा नयां राजा साहब तेरे अगे एह वडे दरबार नी आदियां दे +चिटियां दाढ़ियां पगड़ियां वेख भुले एह शैतान ने अंदरों वादियां दे +वारस शाह बाहरों सुफैद सयाह विचों तंबू होण जिवें मालजादियां3 दे",panjabi-pan +"मृत्यु गीत +दुख सागर भरिया दुखसुख मन मा नि लावणा ॥ +राम सरीका रे राजा हुया , हारे जे घरे सतवन्ती नारी +आया रे रावण सीता लय गया +हाँ रे जिनका बुरा हया हाल , दुखसुख मन मा नि लावणा । +हाँ रे हरिशचन्द्र सरीका रे राजा की , जे घर तारावन्ती नारी +आपना रे सत का कारणे , हाँ रे नीच घर भरियो पाणी । +दुखसुख मन मा नि लावणा । +हाँ रे पाण्डव सरीका रे राजा वी । +हाँ रे जिन घर द्रोपती राणी +दुशासन चीर रे खेचिया , हरी पुरायो चीर +दुखसुख मन मा नि लावणा । +संत कबीर की वीणती अरे सायब सुणलेणा +दास धना की विणती , हाँ रे रघुपति गुण गावणा । +दुखसुख मन मा नि लावणा । +किसी की मृत्यु होने पर गीत गाते हैं । संसार रूपी समुद्र दुःखांे से भरा है । +दुःखसुख मन में नहीं लाना चाहिए । जो जीव पैदा हुआ है उसकी मृत्यु होनी +ही है , उसक��� लिए दुःख नहीं होना चाहिए । उदाहरण देकर समझाया है कि +राजा राम जिनके यहाँ सती नारी थी , रावण आया और सीता को हरण कर ले +गया । रावण का कैसा बुरा हाल हुआ ? तात्पर्य यह है कि मनुष्य को अच्छे कर्म +करना चाहिए , पाप नहीं करना चाहिए । +सतयुग में हरिश्चन्द्र राजा हुए , उनके यहाँ तारामती रानी थी । अपने सत्य के निर्वाह +में सपने में ब्राह्मण को राज्य का दान कर दिया था उन्हें राजपाट छोड़ना पड़ा और +दान के साथ दक्षिणा देने के लिए स्वयं की पत्नी बिक गए और मरघट की रखवाली +की । कितना दुःख झेला , किन्तु हिम्मत नहीं हारी । पुत्र की मृत्यु दुःख को जाना । इसलिए +मरने वाले के प्रति दुःखी नहीं होना चाहिए । +पाण्डव समान द्वापर में राजा हुए , उन पर कितना दुःख पड़ा था , राजपाट हार गए , खुद हारे +और पत्नी द्रोपदी को हार गए । दुःशासन द्रोपदी का चीर खींचने लगा था , उसे नग्न करना +चाहता था , किन्तु भगवान कृष्ण ने चीर को बढ़ाया और उसकी लज्जा रखी । दुःख संसार में +सभी पर पड़ता है उसको मन में नहीं लाना चाहिए । +संत कबीर विनती करते हैं कि सुनो भगवान का राम नाम लेना चाहिए , जिससे मृतात्मा को +शान्ति प्राप्त होती है । गीत का मुख्य उद्देश्य परिवार वालों का ध्यान दुःख से दूर हटाना है ।",bhili-bhb +"तोरे सोहे पाव पैजनिया माई के बलमा +तोरे सोहे पांव पैजनिया , माई के बलमा । +माथे मुकुट माल रतनन की +ओढ़ें लाल उढ़निया , माई के बलमा । तोरे . . . +हाथन में हंथचूरा सोहे , +अंगुरिन बीच मुदरिया , माई के बलमा । तोरे . . . +बाजूबन्द भुजन पे सोहे , +कमर में करधनिया , माई के बलमा । तोरे . . . +एक हाथ में खड़ग लिये हैं । +दूजे तीर कमनिया , माई के बलमा । तोरे . . . +तीजे हाथ त्रिशूल बिराजे +चौथे खप्पर अंगनिया , माई के बलमा । तोरे . . . +सिंह सवार भई जगतारन +छबि न जात बखनियां , माई के बलमा । तोरे . . . +पांच भगत माई तोरे जस गावें । +छवि न जात बखनियां , माई के बलमा । तोरे . . .",bundeli-bns +"घोड़ी बठी नऽ धणियेरजी आया +घोड़ी बठी नऽ धणियेरजी आया , +रनुबाई करऽ सिंगार हों चंदा +कसी भरी लाऊं जमुना को पाणी , +घर म्हारो दूर घागर म्हारी भारी , +घाटी घढ़ी हाऊं हारी चंदा +कसी भरी लाऊँ जमुना को पाणी ।",nimadi-noe +"164 +जे तूं सोहणी होयके बणें सौकन असीं इक थीं इक चढ़ंदियां हां +रब्ब जाणदा ए सभा उमर सारी असीं एस महबूब दियां बंदियां हां +असी एस के मगर दीवानियां हां भावें चंगियां ते भावें संदियां हां +उह असां दे नाल है चंद हुनदा असी खितीआं1 नाल सुहंदियां हां +उह मारदा गालियां दे सानूं असीं फेर मुड़ चौखने2 हुंदियां हां +जिस वेलड़े दा साथों रूस आया असी हंझू रत दे रूंदियां हां +एह दे थां गुलाम लौ होर साथों ममनून3 अहसान दीयां हुंनियां हां +रांझे लाल बाझों असीं सवार होइयां कूंजां डार थीं असीं विछुंनियां हां +जोगी लोकां नूं मुनके करन चेले असीं एसदे इशक ने मुनियां हां +वारस शाह रांझे अगे हथ जोड़ां तेरे प्रेम दी अग्ग ने भुनियां हां",panjabi-pan +"विवाह गीत +लाड़ि तुखे गुबर हेड़ाउं वो , पिपर्यापाणी मा । +लाड़ि तुखे पाणी भराउं वो , पिपर्यापाणी मा । +लाड़ि तुखे रूटा कराउं वो पिपर्यापाणी मा । +लाड़ि तुखे घटी दलाउं वो , पिपर्यापाणी मा । +निहिं दले ते लाते उरी ने , लाते परी कराउं वो , पिपर्यापाणी मा । +डालि तुखे फाटा विछाडु वो , पिपर्यापाणी मा । +लाड़ि तुखे कांटा विछाड़ु वो , मुहड़ा वाला खेत मा । +लाड़ि तुखे दगड़ा विछाडु़ वो , टेमरा वाला खेत मा । +दुल्हन को गीत में कहा है कि तुझसे ढोरों का गोबर फिकवायेंगे , पिपर्या पानी गाँव में । इसी प्राकर पानी भरवायेंगे , रोटी करवायेंगे , घट्टी चलवायेंगे , नहीं पीसेगी तो लात से इधर और उधर करवायेंगे । तुझसे कचरा खेत में चुनवायेंगे , महुए वाले खेत में काँटा चुनवायेंगे । टेमरू वाले खेत में पत्थर बिनवायेंगे ।",bhili-bhb +"कुत्ते तैत्थों उत्ते +रातीं जागें करें इबादत1 , +रातीं जागण कुत्ते , +तैत्थों उत्ते +भौंकण बंद ते मूल ना हुन्दे , +जा रूड़ी ते सुत्ते , +तैत्थों उत्ते +खसम2 अपने दा दर ना छड्डदे , +भावें बज्जण जुत्ते +तैत्थों उत्ते +बुल्ले शाह कोई रख3 विहाज लै , +नहीं ते बाज़ी लै गए कुत्ते , +तैत्थों उत्ते",panjabi-pan +"ऊधो ऐसी कइयो हरि से +ऊधो ऐसी कइयो हरि सें , +नंदलाला गिरधर सें । +कै गये ते दस पांच रोज की , +बीत गई हैं बरसें । ऊधो . . . +खान पान निस नींद न आवे , +प्राण रात दिन तरसें । ऊधो . . . +अब तो ये आंखन के अंसुआ , +होड़ लगाये बरसें । ऊधो . . .",bundeli-bns +"सासू म्हारी आवै +सासू म्हारी आवै +दिवला जगाई मांगे +दे द्यो नै उनका बी नेग +जी म्हारे भोले राजा +कान्यां तै पतले राजा +फूलयां तै हलके राजा +मोती तै उजले राजा । +जिठाणी म्हारी आवै +पिलंग बिछाई मांगे +दे द्यो नै उनका बी नेग +जी म्हारे भोले राजा +कान्यां तै . . . +नणदल म्हारी आवै +चूची धुआई मांगे +दे द्यो नै उनका बी नेग +जी म्हारे भोले राजा +कान्यां तै . . . +फूफस म्हारी आवै +सथिए धराई मांगे +द��� द्यो नै उनका बी नेग +जी म्हारे भोले राजा +कान्यां तै . . . +दुराणी म्हारी आवै +पंखा ढुलाई मांगै +दे द्यो नै उनका बी नेग +जी म्हारै भोले राजा +कान्यां तै . . .",haryanvi-bgc +"ईसुरी की फाग-10 +पतरें सोनें कैसे डोरा , रजऊ तुमाये पोरा +बड़ी मुलाम पकरतन घरतन लग न जाए नरोरा +पैराउत में दैयामैया , दाबत परे दादोरा +रतन भरे सें भारी हो गये , पैरन कंचन बोरा +' ईसुर ' कउँ का देखे ऐसे , नरनारी का जोरा ।",bundeli-bns +"मोती लगल सेजिया, मुँगे लगल सेजिया +मोती लगल सेजिया , मुँगे1 लगल सेजिया । +चाँद देलन जोतिया , सुरुज देलन मोतिया ॥ 1 ॥ +ताहि पर2 सुतलन दुलहा दुलरइता दुलहा । +आइ गेलइन3 हे हुनुँके4 सुखनीनियाँ5 ॥ 2 ॥ +नीनियाँ बेयागर6 दुलहा तानलन7 चदरिया । +दुलहिन सूतल मुख मोर8 सबुज सेजिया ॥ 3 ॥ +अब न जायब हम परभु जी के सेजिया । +उनखा9 पियार10 हकइन11 सबुज सेजे नीनियाँ ॥ 4 ॥",magahi-mag +"बनड़े सीस तेरे का सेहरा +बनड़े सीस तेरे का सेहरा , बनड़े कान तेरे के मोती +मोहे बखसो ना जी बनड़ा +बनड़ी जो देखो सोए मांगों , घर के लडैंगे ए बनड़ी +रायबर घर क्यां तै डरो था , क्यों परणों थे जी बनड़ा +बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था , अब सुध आई है बनड़ी +बनड़ा गल तेरे का तोड़ा , बनड़ा अंग तेरे का जामा +मोहे बखसो ना जी बनड़ा +बनड़ी जो देखो सोए मांगों , घर के लड़ैंगे ए बनड़ी +रायबर घर क्यां तै डरो था , क्यों परणों थे जी बनड़ा +बनड़ी बालक सा ब्हाह्या था , अब सुध आई है बनड़ी +बनड़ा हाथ तेरै की घड़िआं , बनड़ा पैर तेरे का जूता +मोहे बखसो ना जी बनड़ा",haryanvi-bgc +"तेरे घर में घुस गए चोर +तेरे घर में घुस गए चोर , +गांधी दीवा दिखाइए रे । +तेरे तो भाई गांधी टोपी आले , +ये टोप आले कौण , +गांधी दीवा दिखाइए रे । +तेरे तो भाई गांधी धोती आले , +ये पतलून आले कौण , +गांधी दीवा दिखाइए रे । +तेरे तो भाई गांधी लाठी आले , +ते बंदूख आले कौण , +गांधी दीवा दिखाइए रे ।",haryanvi-bgc +"दादा जी नै गोद भरी मेवा सै +दाद जी नै गोद भरी मेवा सै +बापू जी ने गोद भरी मेवा सै +दादी जी नै रच रच हो मांग समारी +अम्मा जी नै रच रच हो मांग समारी +पूछत जनक कहो सिआ प्यारी +मामा जी ने गोद भरी लड्डूआं सै +फूफा जी नै गोद भरी लड्डूआं सै +मामी जी नै रच रच हो मांग समारी +बूआ जी नै रच रच हो मांग समारी +पूछत जनक कहो सिआ प्यारी",haryanvi-bgc +"साड़ी न लहँगा लहरदार लेबो भउजो हे +बधैया +साड़ी न लहँगा लहरदार लेबो भउजो1 हे । +चोली न अँगिया बूटेदार लबो भउजो हे ॥ 1 ॥ +कँगना न लेबो , पहुँची2 न लेबो । +बाला3 तो लेबो चमकदार , सुनु भउजो हे ॥ 2 ॥ +रुपया न लेबो , अठन्नी न लेबो । +गिन्नी तो लेबो हम हजार , सुनु भउजो हे ॥ 3 ॥ +चानी न लेबो , सोना न लेबो । +हम लेबो गिनि गिनि4 लाल , 5 सुनु भउजो हे ॥ 4 ॥ +जुग जुग जीओ भउजो , तोहरो होरिलवा । +जुगजुग बढ़ो अहियात , 6 सुनु भउजो हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"महँगाई और होरी +रामधई , खायँ लेत महँगाई +उतै लगत अब एक रुपइया जितै लगत ती पाई । +काँकी होरी , काँ कौ होरा ? +कलजुग , परौ सबई्र पै तोरा , +चिथरा भई तुमाई धुतियाँ , +हम तौ कहत लपेड़ौ बोरा , +चुटियाँ फीता छोड़कें रँग लो , +करिया रामबाँस कौ जोरा , +दार उधार मुहल्ला भरकी , अब नों नई चुकाई । +काँसें लै आबै तिरकाई ? +घर में जुरत नाज ना खाबे , +कैसें जायँ बहू खौं ल्वाबे ? +छोड़ौ बे सतजुग की बातें , +दिन में दसदस बीरा चाबे , +गुरसक्कर की सुर्त करौ ना , +सकौ सतुआ नइयाँ खाबे , +भरभूँजिन खौं संकराँत की नई दै पाए भुँजाई । +उरानों रोज देत भौजाई । +पटकौ जा अपनी पिचकारी , +होय कछु तौ दै दो ब्यारी , +पइसन बिना खलीता सूनों , +काँसें ल्याएँ चून सरकारी , +दद्दा डरे स्वाँस के मारें , +कक्को खौं आ रई तिजारी +को दएँ देत उधार गरीब खौं , काँसें ल्याँय दबाई ? +रो रइँ भर होरी खौं बाई । +हाय फसल पै पालो पर गओ , +हम सब खौं कौरन खौं कर गओ , +धरे हते जो चार रुपइया , +उनें साँड़ महँगाई कौ चर गओ , +जा कंगाली के बचई में , +होरी कौ त्यौहार पबर गओ , +हम कीसे पूँछें , जा मेंनत , सब काँ जात हमाई । +देत बस बापू की दोहाई ।",bundeli-bns +"मगन मन डोले रे जय अम्बे बोले +मगन मन डोले रे जय अम्बे बोले +तो पर भैया जाऊं बलिहारी +देखत रूप सलोने । मगन मन . . . +जगमत जलती ज्योति तुम्हारी +घनघन घंटा बोले । मगन मन . . . +देख रहे तोह सब नर नारी +एकटक अंखिया खोले । मगन मन . . .",bundeli-bns +"451 +जिस मरद नूं शरम न होवे गैरत उस मरद तों चंगियां तीवियां ने +घर सदा ई औरतां नाल सोंहदा शरमवंदते तरदियां बीवियां ने +इक हाल थी मस्त घरबार अदर इक हार शिंगार विच खीवियां ने +वारस हया1 दी पहन चादर अखों नाल जमीन दे सीवियां2 ने",panjabi-pan +"अउरी झउरी करथिन दुलरइतिन सुगवे हे +अउरी झउरी1 करथिन दुलरइतिन सुगवे हे । +हम लेबइ2 इलइची3 फुलवा हे । +हम लेबइ जाफर फुलवा हे ॥ 1 ॥ +कहाँ हम पयबो इलइची फुलवा हे । +कहमा जाफर फुलवा हे ॥ 2 ॥ +हमरा नइहरवा परभु इलइची फुलवा हे । +अउरो जाफर फुलवा हे ॥ 3 ॥ +पहुना4 बहाने परभु नइहरवा नइह5 हे । +भौंरवा6 रूपे फूलवा लेइ अइह हे ॥ 4 ॥ +बगिया में अयलन दुलरइता सरवा7 हे । +लवँगिया डरवा8 सरवा बाँधी देलन हे । +सोबरन सँटिया9 सरवा मारी10 देलन हे ॥ 5 ॥ +रोइ रोइ चिठिया लिखथिन दुलरइता दुलहा हे । +येहो चिठिया धनि हाथ हे ॥ 6 ॥ +हँसि हँसि चिठिया लिखथिन दुलरइतिन सुघइ हे । +येहो चिठिया भइया हाथ हे ॥ 7 ॥ +लवँग डढ़िया11 भइया चोरवा12 खोली दिहऽ हे । +सोबरन सँटिया भइया केरी13 लिहऽ हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"दादा हमारे नयना जोगी हैं री मइया +दादा हमारे नयना जोगी1 हैं री मइया । +दादी हमारी मनमोहिनी री मइया । +बलदी2 लदाये3 जोग लाद लायें जी ॥ 1 ॥ +नाना हमारे नयना जोगी हैं री मइया । +नानी हमारी मन मोहिनी री मइया । +छकड़े4 लदाये जोग लाईं री मइया ॥ 2 ॥ +अब्बा हमारे नयना जोगी हैं री मइया । +अम्माँ हमारी मन मोहिनी री मइया । +छकड़े लदाये जोग लाई री मइया ॥ 3 ॥ +भइया हमारे नयना जोगी हैं री मइया । +भाभी हमारी मन मोहिनी री मइया । +गाड़ी लदाये जोग लाई री मइया ॥ 4 ॥",magahi-mag +"होली खेले लाड़ली मोहन से +होली खेले लाड़ली मोहन सें । +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप +शहनाई बजे सुर तानन से । होली . . . +भर पिचकारी मोरे सन्मुख मारी +भीज गईं मैं तन मन से । होली . . . +उड़त गुलाल लाल भये बादल +रोरी भलें दोऊ गालन सें । होली . . . +फगुआ मिले बिन जाने न दूंगी +कह दो यशोदा अपने लालन सें । +होली खेले लाड़ली मोहन सें ।",bundeli-bns +"दादा तुम्हारे हजारी हाँ जी बाबू, सीना तान के चलिहो +दादा तुम्हारे हजारी हाँ जी बाबू , सीना तान के चलिहो1 । +हजरिया बने2 सीना तान के चलिहो ॥ 1 ॥ +सहूरे3 का माली जोगी , हाँ जी बाबू , सेहरा4 पढ़ के5 बँधिहो6 ॥ 2 ॥ +सहूरे का दरजी जोगी , हाँ जी बाबू , जोड़ा7 पढ़ के पेन्हिहो8 । +सो लाले बने , जोड़ा पढ़ के पेन्हिहो ॥ 3 ॥ +नाना तुम्हारे हजारी हाँ जी बाबू , सीना तान के चलिहो । +हजरिया बने सीना तान के चलिहो ॥ 4 ॥ +सहूरे का तँबोली9 जोगी हाँ जी बाबू , बीरा10 पढ़ के चब्हियो11 । +हजरिया बने सीना तान के चलिहो ॥ 5 ॥ +अब्बा तुम्हारे हजारी हाँ जी बाबू , सीना तान के चलिहो । +सहूरे का साला जोगी हाँ जी बाबू , लाड़ो12 पढ़ के लइहो13 । +हजरिया बने लाड़ो पढ़ के लइयो ॥ 6 ॥",magahi-mag +"तेरा मारिया ऐसे रोऊँ +तेरा मारिया ऐसा रोऊँ +जिसा झरता मोर बणी का +तेरे पाइयाँ माँ पायल बाजै +जिसा बाजे बीज सणीं का +थोड़ासा नीर पिला दै +प्यासा मरता दूर घणीं का +भावार्थ +' तेरे सौन्दर्य से घायल होकर मैं वन के मोर की तरह रोता हूँ । तेरे पैरों की पाजेब ऐसे बजती है , जैसे सन के बीज झंकार करते हैं । अरी ओ थोड़ासा जल पिला दे मुझे , दूर का पथिक हूँ मैं प्यास से व्याकुल । '",haryanvi-bgc +"अंगिका फेकड़ा +बाबू हो भैया हो +सुग्गा फोकै छौं धान हो +केॅ मोॅन ? +बीस मोॅन । +बीसू राय के बेटवा +लाल पगड़िया मॅथवा +ढोल बाजे डिग्गिर बाजे +बाजे रे शहनैया +राजा बेटी धरहर नाँचै +रतन जमइया । +चल गे चिलरोॅ मोर खलिहान +खोयछा भरी देबौ रामसारी धान +वही धान के कुटिहें चूड़ा +नेतोॅ जमैहिएं कोॅरकुटुम +सब्भै तोरा दिएॅ आशीष +चिरयुग जिऐ नूनू , लाख बरिस । +हा हुस रे पर्वत सुगा +हमरोॅ खेत नै जैहियैं सुगा +मामू खेत जैहियैं सुगा +एक्के सीसोॅ लीहें सुगा +घोंघा में भात रान्हियें +सितुआ में माँड़ पसैहियें सुगा +आपनें खैइहैं दालभात +बेटाबेटी केॅ खिलैयैं माँड़भात +आपनें सुतिहें मचोल पर +बेटाबेटी केॅ सुतैहियैं डमखोल पर । +बिल्लो मौसी कहाँ जाय छैं ? +माछोॅ मारेॅ । +केना मारबे ? +छुपुर छैंया । +केना बनैवे ? +हसुआकचिया । +केना धाबे ? +कठौती पानी । +केना खैबे ? +कुटुरमुटुर । +केना सुतबे ? +नम्मा चौड़ा । +केना सतभेॅ ? +फोंफोंफों ।",angika-anp +"361 +होली सहज सुभा दी गल कीजे नाही कड़किये बोलिये गजिये नी +लख झट तरले फिरे कोई करदा दिते रब्ब दे बाझ ना रजिए नी +धयान रब्ब ते रख ना हो तती दुख औगुनां होन तां कजिए नी +असीं नजर करीए तुरत होन राजी जिन्हां रोगियां ते जा वजिए नी +चैदां तबका1 दी खबर फकीर रखन मुंह तिन्हां तों कासनूं कजिए नी +जदों हुकम विच माल ते जान होवे उस रब्ब तों कासनूं भजिए नी +सारी उमर जो पलंघ ते रहे नढी एसे अकल देनाल कुचजिए नी +शरम जेठ ते सौहरयां करन आई मुंह फकरां तों काहनूं कजिए नी +वारस शाह तद इशक दी नजर दिसे जदों आपने आपनूं कजिए नी",panjabi-pan +"तोय राखूँगी भवन रखवारौ +लाँगुरिया तोय राखूँगी भवन रखबारौ ॥ टेक ॥ +जा दिन लाँगुर तैने जन्म लियौ है , +पर्वत पै बजौ है नगारौ ॥ लाँगुरिया तोय . +जा दिन लाँगुर मैंने गोद रे धारो , +और कच्चे दूधन पारौ ॥ लाँगुरिया तोय . +जा दिन लाँगुर तैनें होश है सँभारो +जयजय मात उचारौ ॥ लाँगुरिया तोय . +जा दिन लाँगुर तैनें खेल खिलायौ , +मैंया ने नाच रचाओ ॥ लाँगुरिया तोय . +जा दिन व्यास तेरे दरश करेगो , +वा दिन होय निस्तारो ॥ लाँगुरिया तोय .",braj-bra +"परदो पनवासी डोंगरे टाला +परदो पनवासी डोंगरे टाला +परदो पनवासी डोंगरे टाला +रुये जा इयां डाई सोने की पिंजरे जा रुये +रुये जा इयां डाई सोने की पिंजरे जा रुये +आजोमे आजोमे इयां +आजोमे आजोमे इयां +गोटे जा लाड़ली बाई +गोटे जा लाड़ली बाई +सोने की पिंजरा डो आजोमे +स��ने की पिंजरा डो आजोमे +स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम मुहाल",korku-kfq +"म्हारे आँगण हरी रे दरोब +म्हारे आँगण हरी रे दरोब +नितकी चूंटूं , ने नित पानवे +ऐसा हमारा फलाणा राय सिरदार +जात जिमावे , भोग्या जग करे +घर में बऊ लाड़ी बोलिया +सुनो हमारा अलीजा सरदार +अपनी बेन्या बई खे लावजी +गेल्या मारूणी निपट गंवार +तमारे बेन्यां बई खे नई बणे +राखां बई ने दिन दोयचार +चूनड़ ओढ़ई ने बई खे मोकलां ।",malvi-mup +"अजी बाबा जी (फ़ेरों का गीत) +अजी बाबा जी अजी ताऊ जी +हमारे आप वर ढूँढो +सास हो जैसी गऊ माता +ससुर हों दिल्ली के दादा जी । +पति हों बाल ब्रह्मचारी +जो राखै प्राणों से प्यारी जी +गड़ा दो केले के खम्बे जी +दिला दो वेद से फेरे जी । +इस गीत में इसी प्रकार पिता , चाचा , जीजा , बड़े भाई से यह गीत सम्बोधित होकर आगे बढ़ता है +फेरों के गीत2 +हम तो हो गए हैरान लाड्डो तेरे लिए… +गोकुल भी ढूँड्या लाड्डो मथुरा भी ढूँड्या +ढूँड्या ढूँड्या शेरपुर लाड्डो तेरे लिए… +सारे कॉलिज के लड़के भी ढूँड्डे +ढूँड्या ढूँड्या ये लल्लू लाड्डो तेरे लिए… +बिन्दी भी देंगे लाड्डो टिक्का भी देंगे +देंगे देंगे ये झूमर लाड्डो तेरे लिए…",khadi_boli-mis +"सोंहग बालो हालरो +सोंहग बालो हालरो , +आरे निरमळ थारी जोत +१ नदी सुक्ता के घाट पे , +आरे बैठे ध्यान लगाय +आवत देख्यो पींजरो +आरे लियो कंठ लगाय . . . +सोंहग बालो . . . +२ सप्त धातु को पींजरो , +आरे पाठ्याँ तिन सौ साठ +एकएक कड़ी हो जड़ाँव की +वा पर कवि रचीयो हो ठाट . . . +सोंहग बालो . . . +३ आकाश झुला बाँधियाँ , +आरे लाग्या त्रिगुण डोर +जुगत सी झुलणो झुलावजो +आरे झुले मनरंग मोर . . . +सोंहग बालो . . . +४ नही रे बाला तू सुतो जागतो , +आरे बिन ब्याही को पुत +सदा हो शीव की शरण म +आरे झुल बाँझ को पुत . . . +सोंहग बालो . . . +५ अणहद घुँघरु बाजियाँ , +आरे अजपा का हो मेवँ +अष्ट कमल दल खिली रयाँ +आरे जैसे सरवर मेवँ . . . +सोंहग बालो . . .",nimadi-noe +"लग्नाची गाणी +1 . +विहीणबाईची करणी बघा मग बंधूला लेक मागा +विहीण मागते थोड थोड नवर्या बाळाला कंठी तोड +त्या ग कंठीच सोन फिक्क बंधु कंगण्या जोग रुप +त्या ग कंगण्या पडल्या काळ्या बंधु आणा हो वेलबाळ्या +वेलबाळ्याला बाजूबंद चोळी पातळ मला दंड +त्या ग पातळाची निरी निरी रुतते माझे पोटी +बंधू आणा हो लाल लाल दाटी +लाल लाल दाटीचा पिवळा सर +बंधु लावा वो वर भिंग +2 . +अहो अहो विहीणबाई +आमचे मागणे काही नाही +आमचे मागणे थोडे थोडे +नवर्या मुलीला पैंजण��ोडे +पैंजण जोडव्यांची हौस फार +नवर्या मुलीला चद्रहार +चंद्रहाराची हौस मोठी +नवर्या मुलीला चिंचपेटी +चिंचपेटीला मोती थोडे +नवर्या मुलीला हत्तीघोडे +हत्तीघोडयावर बसती +गावाकडे दोघे जाती +आई पाहते खिडकीतून +बाप पाहतो दारातून +भाऊ पहातो ओटयावरुन +हरणी गेली कडल्यातून +ज्याची होती त्यान नेली +आमची माया वाया गेली +3 . +विहीणबाई , विहीणबाई , राग मनातला सोडा +गोरी गोरी वरमाय +तिचे नाजुक पिवळे पाय +गव्हा तांदळान भरल्या कोठया +खोबर्या नारळान मी भरीते ओटया +खणा नारळान मी भरीते ओटया +विहीणबाई राग मनातला सोडा +जेवण झाल्यावर हात चोळते साखरीन +दात कोरते लवंगान +घंगाळी रुपये तुम्ही घाला +विहीणबाई राग मनातला सोडा +रेशमी पायघडयावरुन मिरवा +विहीणबाई राग मनातला सोडा +मोठया लोकांचा नवरदेव सासरी रुसला +कंठी गोफासाठी जानोसी बसला +नवरदेवाच्या जोरावर सवाष्णी मागती जानोसा +चिरेबंदी वाडा त्यात जोडीनी हो बसा",marathi-mar +"अंगना में कुइयाँ खोनाइले, पीयर माटी नू ए +अंगना में कुइयाँ खोनाइले , पीयर माटी नू ए , +ए ललना जाहिरे जगवहु कवन देवा , नाती जनम लिहले हो । +नाती जनमले त भल भइले , अब वंस बाढ़हू ए । +ए ललना देह घालऽ सोने के हँसुअवा , +बाबू के नार काटहु ए । +ए ललना देइ घालऽ सोने के खपड़वा , +बाबू के नहवाईवि ए । +ए ललना जाहि रे जगवहु कवन देवा , +नाती जनम लिहले ए । +नाती जनमले त भल भइले , अब वंस बाढ़हु ए । +ए ललना देई घालऽ रेशमऽ के कपड़वा , +जे बाबू के पेनहाइवि ए ।",bhojpuri-bho +"मति करऽ राम वियोग +मति करऽ राम वियोग सिया हो , मति करऽ राम वियोग । +सुतल रहनी कंचन भवन में , सपना देखली अनमोल । +सिया हो मति करऽ राम वियोग । +अमृत फल के बाग उजरले राम लखन के दूत । +सिया हो मति करऽ राम वियोग । +पूरी अयोध्या से दोउ बालक अइले , एक सांवर एक गोर । +सिया हो मति करऽ राम वियोग । +बाग उजरले लंक जरवले , दिहले समुंदर बोर । +सिया हो मति करऽ राम वियोग ।",bhojpuri-bho +"270 +सानूं जोग दी रीझ तकोदनी सी जदों हीर सयाल महबूब कीते +छड देख शरीक कबीलड़े नूं असां शरम दे तर महिजूब1 कीते +रत्न हीर दे नाल सी उमर गाली असां मजे जवानी दे खूब कीते +हीर छातियां नाल मैं मस भिना असां दाहां ने नशे मरगूब2 कीते +होया रिज़क उदास तां गल हिली मापयां वयाह दे चा असलूब3 कीते +दिनां कंड4 दिती भावी बुरी सायत5 नाल खेड़यां दे मनसूब कीते +पया वखत जां जोग विच आन फाथे एह वायदे आन मतलूब6 कीते +एह इशक ना टले पैगंबरां तों थोथे इशक ने हड अयूब7 कीते +इशक वासते शाह सकंदरे ने फते शहर शमाल जनूब8 कीते +एस जुलफ जंजीर महबूब दी ने वारस शाह जेहे मजू़ब9 कीते",panjabi-pan +"पातल सिवने बाला +पातल सिवने बाला +पातल सिवने बाला +खिचडा पूजन बाला +खिचडा पूजन बाला +हल्दी पूजन बाला +हल्दी पूजन बाला +चावल जा सिलने बाला ना +चावल जा सिलने बाला ना +खिचडा गिनाई सौ खिचडा +खिचडा गिनाई सौ खिचडा +जो पूजन वाला गिनाई +जो पूजन वाला गिनाई +सौ आमा डेई नी +सौ आमा डेई नी +खिचडा जिलामेन जा +खिचडा जिलामेन जा +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"ओखरी में चउरा छँटाएब हे, चकरी में दाल दराएब हे, +ओखरी1 में चउरा2 छँटाएब हे , चकरी3 में दाल दराएब4 हे , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +बराम्हन के नेओता5 पेठाएब , पोथिआ समेत6 चलि आवऽ +कन्हइआजी के मूंड़न हे । +बराम्हन अलुरी7 पसारे , हम लेबौ पोथिया के मोल , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 1 ॥ +ओखरी में चउरा छँटाएब हे , चकरी में दाल दराएब हे , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +हजमा8 के नेओता पेठाएब , छुरबा9 समेत चलि आवऽ , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +हजमा अलुरी पसारे , हम लेबो छुरबा के मोल , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 2 ॥ +ओखरी में चउरा छँटाएब , चकरी में दाल दराएब , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +कुम्हारा10 के नेओता पेठाएब , कलसा समेत चलि आवऽ , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +कुम्हरा अलुरी पसारे , हम लेबो कलसा के मोल , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 3 ॥ +ओखरी में चउरा छँटाएब , चकरी में दाल दराएब , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +फूआ11 के नेओता पेठाएब , फुफ्फा12 समेत चलि आवऽ +कन्हइआ जी के मूंड़न हे । +फूआ अलुरी पसारे , हम लेबो बबुआ के मोल , +कन्हइआ जी के मूंड़न हे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"उरजौ ना स्याम कही मानों +उरजौ ना स्याम कही मानों , +फट जै हैं , चुनरिया ना तानों । +इत मथरा उत गोकल नगरी , +बीच बसत है बरसानो । +रजा कंस कौ राज बुरओ है , +मथरा बीच रूपौ थानों । +मैं बेटी वृषभान लला की , +काऊकी ईसुर ना जानों ।",bundeli-bns +"किन्नै यो मांढा पिछवाडिआं +किन्नै यो मांढा पिछवाडिआं +किन्नै यो पूर्या सै चोंक +मांढलड़ा सिरी राम का +. . . . . मांढा पिछवाड़ियां +यहां अपने प्रियजन का नाम ले लिया जाता है +और इसी प्रकार अन्यअन्य नाम लेकर इसे बढ़ा लिया जाता है +पंडत पूर्या सै चोंक +मांढलड़ा सिरी राम का",haryanvi-bgc +"गोवर्धन पूजा +होरे +पूजा परय पुजेरी के संगी हेय +अरेरेरे धोवा चाऊर चढ़ाई हे हेय +पूजा परत हे मोर गोवर्धन के ददा शोभा बरन नहीं जाए हे +ह��येह +धमधा बांधेव पचेरी रे भेड़ा हेय +अरे गांठे दिये हरेरईहा हेय +गाय केहेव धावर वो तेल पठरे दे घोरे रईहा हे +आरारारारारारारा +हरदी पिसेंव कसौंदी वो दाई हेय +अउ घस घस पिसेंव आदा हेय +गाय केहेव धावर वो तें सोहई पहिरले सादा हे हे +होयेह +हरिना हरिना तें दिखे रे भेड़ा हेय +अरे हरिन सुवा के चोंच ऐ हेय +हरिन बरोबर मोर भेड़ा दिखत हे ददा बरे सुरूज के जोंड़ ऐ हे +होओओ +कोन दिये रे दिन जलय गा संगी हेय +अउ कोन जलय सरी रात हेय +कोन दिया रे मड़नी में जलय कोन जले दरबार ऐ अररारारा +ऐऐह +सुरूज दिया दिन जलय रे भईया हेय +अरे चन्दा जलय सरी रात हेय +लक्ष्मी दिया तो मड़नी में जलय पुत्र जलय दरबार ऐ अररारारा +आरारारारारारारा +पीपर पान ला लुही गा संगी हेय +अउ बोइर पान बनिहार हेय +मैं तो मानत हव देवरी ददा मोर भेड़न गे हे बनिहार अररारारा +बोल दे गोवर्धन भगवान की जय",chhattisgarhi-hne +"चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ +चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ । +सच्च सुण के लोक ना सहिन्दे नी , +फिर सच्चे पास ना बहिन्दे नी , +सच्च मिट्ठा आशक प्यारे नूँ । +चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ । +सच्च शरा करे बरबादी ए , +सच्च आशक दे घर शादी1 ए , +सच्च करदा नवीं अबादी ए , +जेही शरा तरीकत हारे नूँ । +चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ । +चुप्प आशक तों ना हुन्दी ए , +जिस आई सच्च सुगन्धी ए , +जिस माल्ह सुहाग दी गुन्दी ए , +छड्ड दुनिआँ कूड़ पसारे नूँ । +चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ । +बुल्ला सहु सच्च हुण बोले हैं , +सच्च शरा तरीकत फोले हैं , +गल्ल चौत्थे पद2 दी खोले हैं , +जेहा शरा तरीके हारे नूँ । +चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ ।",panjabi-pan +"डँडा गीत +तोर अस जोड़ी हो ललना , मोरे अस जोड़ी +कबहू न गढ़े भगवान मोरे ललना ॥ +कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी । +कउन महीना म होही मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी । +कउन महीना मे बिहाव मोरे ललना । +माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी । +माँघ महीना म होही मंगनी अव बरनी । +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी +मंगनी अव बरनी हो ललना , मंगनी अव बरनी +फागुन महीना मे बिहाव मोर ललना ॥ +कोरवन पाइ–पाइ भँवर गिंजारे । +खोरवन पाइ –पाइ भंवर गिंजारे । +भँवर गिंजारे हो ललना , भँवर गिंजारे । +पर्रा मे लगिंन लगाय मोरे ललना ॥",chhattisgarhi-hne +"अबै जिन बरसो बादरा रे +अबै जिन बरसो बादरा रे +बरसन लागे बादरा रे , +चुंअन मोरे लागे बांगला रे । अबै . . . +चुंअन मोरे लागे बांगला रे , +भींजन मोरे लागे पालना रे । अबै . . . +भींजन मोरे लागे पालना रे , +रोबन मोरे लागे लालना रे । अबै . . . +अबै घर नइयां साजना रे । अबै . . .",bundeli-bns +"427 +रांझा खायके मार फिर गरम होया मार मारया भूत फतूर दे ने +वेख परी दे नाल खम1 मारया ए उस फरिशते बैत मामूर2 दे ने +कमर बन्न के पीर नूं याद कीता लाई थापना मलक हजूर दे ने +डेरा बखशी दा मारके लुट लया फते पाई पठान कसूर दे ने +वारस शाह जां अंदरों गरम होया लाटां छटियां ताओ तनूर दे ने",panjabi-pan +"बना तुम किनका बुलाया रे जल्दी आया +बना तुम किनका बुलाया रे जल्दी आया । +बनी थारा पिताजी न लिख्यो कागज भेज्यो , +बनी हम उनका बुलाया रे जल्दी आयो । । +बनी म्हारा हाथी झूलऽ द्वार , +म्हारा यहाँ घोड़ा की घमसाण , +म्हारी चाँदनी पर चौसर खेलणऽ आवजो । । +बना म्हारी हलुदी भर्यो अंग , +म्हारी पाटी मऽ गुलाल +म्हारी चोटी मऽ अत्तर , +बना म्हारी चाँदनी पर चौसर खेलण आवजो । ।",nimadi-noe +"छैला छलन चलौ नव काजर +छैला छलन चलौ नव काजर , +दयैं राधा बृज नागर । +मुकती भोल बिकैं मथरा में , +कजरौटन के आगर । +श्री वृषभानमनदर में दीपक , +है सनेह कौ सागर । +कोयन भीतर रेखा गागई , +परती दिखा उजागर । +कात ईसुरी तुम लौ रावै +प्रान हमारे हाजर ।",bundeli-bns +"बेड़ु पाको बारो मासा +बेडु पाको बारो मासा , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला +बेडु पाको बारो मासा , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २ +भुण भुण दीन आयो २ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला २ +बेडु पाको बारो मासा २ , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २ +आप खांछे पन सुपारी २ , नरण मैं भी लूँ छ बीडी मेरी छैला २ +बेडु पाको बारो मासा २ , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २ +अल्मोडा की नंदा देवी , नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला +बेडु पाको बारो मासा २ , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २ +त्यार खुटा मा कांटो बुड्या , नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला +बेडु पाको बारो मासा २ , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २ +अल्मोडा को लल्ल बजार , नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला +बेडु पाको बारो मासा २ , ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला २",kumaoni-kfy +"401 +रांझा वेखके बहुत हैरान होया पइयां दुध विच अवदियां फालड़ियां ने +गुसे नाल जो हशर नू जिमीउते जिउ विच कलीलियां1 चाड़ियां ने +चीणा2 चोग चमूनयां3 पायो ई मुन्न चलीए गोलीए दाढ़ियां ने +जिसते नबी दा रवा दरूद4 नाही अखीं फिरनना मूल उघाड़ियां ने +जैदा पवे परावना नांह मडा पंड नांह बझे विच साड़ियां ने +डुब मोए नी कासथी5 विच चीने वारस शाह ने बोलियां मारियां ने",panjabi-pan +"मियानी मूटी केलाय बारी मूटी नी केलाय +मियानी मूटी केलाय बारी मूटी नी केलाय +मियानी मूटी केलाय बारी मूटी नी केलाय +केला भी को बुरा जा बेटा केलाय वन में झूरे +केला भी को बुरा जा बेटा केलाय वन में झूरे +माय टेन भी पुरी बाटेन भी पुरी +माय टेन भी पुरी बाटेन भी पुरी +पूरी भी का बुरा जा बेटा केलाय वन में झूरे +पूरी भी का बुरा जा बेटा केलाय वन में झूरे +स्रोत व्यक्ति सुनीता , ग्राम नानी मकड़ाई",korku-kfq +"ठाकै बण्टा टोकणी (पनघट-गीत) +पनघट का गीत +ठायकै बंटा टोकणी , कुएँ पै आई हो । +कुएँ पै कोई ना , एक परदेसी छोहरा … +पाणी वाळी पाणी पिला दे , तुझै देखकै आया हो +हो इन बागों के मैं नींबू और केळे –सी मिलाई… +ठायकै बंटा टोकणी , कुएँ पै आई हो । +पाणी तो मैं जभी पिलाऊँ , माँज टोकणी ल्यावै +हो मेरी सुणता जइए बात बता दूँगी सारी हो… +बाबुल तो मेरा छाँव मैं बैट्ठा +अम्मा दे रही गाळी हो +हो मेरी भावज लड़ै लड़ाई , इतनी देर कहाँ लाई । +ठायकै बंटा टोकणी , कुएँ पै आई हो +ना तेरा बाबुला छाँव मैं , ना तेरी अम्मा दे गाळी हो +हो ना तेरी भावज लड़ै +हो मेरी गूँठी ले जा +चल तेरी यही है निशानी , +ठायकै बंटा टोकणी , कुएँ पै आई हो ।",khadi_boli-mis +"वेखो नी की कर गया माही +वेखो नी की कर गया माही , +लैंदा ही दिल हो गया राही , +अंबड़ी झिड़के मैनूँ बाबल मारे , +ताअने देंदे वीर प्यारे , +ओसे दी गल ओहा नितारे , +हँसदिआँ गल विच्च पै गई फाही । +वेखो नी की कर गया माही । +बूहे ते उन नाद वजाया , +अकल फिकर सभ चा गवाया , +जे बुरी बुरिआर मैं होया , +मैनूँ देहो उते वल्ल तराही । +वेखो नी की कर गया माही । +इशक होर दे पए पुवाड़े +कुझ सुलाँ कुझ करमा साड़े , +मनसूर होराँ चा बुरके पाड़े , +असाँ भी मुँह तो लोई लाही । +वेखो नी की कर गया माही । +बुल्ला सहु दी इशक रंजाणी , +डंगी आँ मैं किसे नाग अयाणी , +अज्ज अजोके प्रीत ना जाणी , +लग्गी रोज़ अज़ल दी माही । +वेखो नी की कर गया माही ।",panjabi-pan +"परदा किस तों राखीदा +परदा किस तों राखीदा ? +क्यों ओहले बैह बैह झाकीदा ? +पहलों आपे साजन साजे दा , +हुण दस्सना ऐं सबक निमाजे दा , +हुण आया आप नज़ारे नूँ , +विच्च लैला बण बण झाकीदा । +परदा किस तों राखीदा ? +शाह शमस दी खल्ल लुहाएओ , +मनसूर नूँ चा सूली दवाएओ , +ज़करीए1 सिर कलवत्तर2 धराएओ , +की लेक्खा रहेआ बाकी दा ? +परदा किस तों राखीदा ? +कुन्न3 केहा फअकुन4 कहाया , +बेचूनी5 दा चून6 बणा���ा , +खातर तेरी जगत बणाया , +सिर पर छतर लौलाकी दा7 । +परदा किस तों राखीदा ? +हुण साड्डे वल्ल धाया ए , +ना रहिन्दा छुपा छुपाया ए , +किते बुल्ला नाम धराया ए , +विच्च ओहला रखया खाकी दा । +परदा किस तों राखीदा ?",panjabi-pan +"दसरथ नन्नन चलल बियाह करे +दसरथ नन्नन चलल बियाह करे , माँथ बन्हले1 पटवाँस2 हे ॥ 1 ॥ +केहि3 जे रामजी के पगिया सम्हारल , केहिं सजल बरियात हे । +केहिं जे रामजी के चनन चढ़ावल साजि4 चलल बरियात हे ॥ 2 ॥ +भाई भरथ रामजी के पगिया सम्हारल , दसरथ साजे बरियात हे । +माता कोसिला रानी चनन चढ़ावल , साजि चलल बरियात हे ॥ 3 ॥ +एक कोस गेल राम , दुइ कोस गेल , तीसरे में बोले बन काग हे । +भाई भरथ राम के पोथिया बिचारलन , काहे बोले बन काग हे । +रामजी के पोथिया धोतिया धरन5 पर छूटल , ओही बोले बन काग हे ॥ 4 ॥ +जब बरियात दुआर6 बीच आयल , चेरिया कलस लेले ठाड़7 हे । +परिछे8 बाहर भेलन सासु मदागिन9 हाथ दीपक लेले ठाड़ हे ॥ 5 ॥ +कवन बर के आरती उतारब , कवन बर बियहन10 आएल हे । +जेकरहि11 माँथ मउरी12 भला सोभे , तिलक सोभले लिलार हे ॥ 6 ॥ +ओही बर के आरती उतारब , ओही बर बियहन आएल हे । +सासु के खोइँछा13 में बड़े बड़े खेलौना , से देखि रिझल14 दमाद हे । +सासु के खोइँछा में मोतीचूर के लड्डू , से देखि उनके15 दमाद हे ॥ 7 ॥ +भेल बियाह , बर कोहबर चललन , सारी सरहज16 छेंकलन17 दुआर हे । +बहिनी के नमवाँ18 धरहु19 बर सुन्नर , तब रउरा20 कोहबर जाएब हे ॥ 8 ॥ +हमरहिं बंसे बहिनी नहीं जलमें21 जलमल22 लछुमन भाइ23 हे । +सेहु भाइ जउरे24 चलि आएल , माँगलक25 सलिया बियाहि हे ॥ 9 ॥",magahi-mag +"जन्म के गीत-1 +महला मां ठाढि बलमजी +अपन रनिया मनावत हो +रानी पीलो मधुपीपर , +होरिल बर दूध आहै हो । +कइसे के पियऊँ करुरायवर +अउ झर कायर हो +कपूर बरन मोर दाँत +पीपर कइसे पियब हो +मधु पीपर नइ पीबे +त कर लेहूं दूसर बिहाव +पीपर के झार पहर भर +मधु के दुइ पहर हो +सउती के झार जनम भर +सेजरी बंटोतिन हो +कंचन कटोरा उठावब +पीलडूं मधु पीपर हो",chhattisgarhi-hne +"भजन +टेक मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा । +उजळी कर लेणा , मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा । +गोदड़ी बणी रे गुरु ज्ञान की , हीरा लाल लगाया , +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा । +काय की बणि रे साधु गोदड़ी , कायन केरा धागा +कायन केरा धागा , +कोण पुरुष दरजी भया , कोण सिवण हारा , +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा , उजळी कर लेणा +मयली गोदड़ी . . . +चौक2 जल की बणी रे साधु गोदड़ी , पवन केरा धागा , +हो पवन केरा धागा , आप पुरुष दरजी भया , +हंसा सीवण हारा , +मयली गोदड़ी सा��ु धोई लेणा , उजळी कर लेणा +मयली गोदड़ी . . . +चौक3 काहाँ से पवन पथारिया , कांसे आया जल पाणी , +अरे कांसे आया पाणी , कांसे आई सोवागणी , +कब से धरती रचाणी , +मयली गोदड़ी साधू धोई लेणा । +चौक4 आगम से पवन पधारिया , पीछे आया जलपाणी , +आरे पीछे आया पाणी , इन्द्र से आई सोवागणी , +तब से धरती रचाणी , +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा , उजळी कर लेणा +मयली गोदड़ी . . . +चौक5 धवळो छोड़ो रे खुर वाटळो मोत्या जड़ि रे लगाम +अरे मोत्या जड़ि रे लगाम , चाँद सूरज बेड़ पेगड़ा , +उड़ि न हुयो रे असवार , +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा , उजळी कर लेणा +मयली गोदड़ी . . . +छाप अकास से धारा उतरिया , धारा गई रे पयाळ , +अरे धारा गई रे पयाळ , कईये कबीर सुणो साधू +अरे हंसो गयो सत लोग , +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा , उजळी कर लेणा +मयली गोदड़ी साधु धोई लेणा । +हे साधु पुरुष यह काया मैली हो गई हो तो इसे धोकर स्वच्छ कर ले अर्थात् +भक्ति करकेक उज्ज्वल कर ले । हे साधु पुरुष गुरु ज्ञान की गोदड़ी बिछावन +बनी है , इसमें हीरे और लाल लगे हैं । यह काया वैसे ही प्राप्त नहीं हुई है । चौरासी +लाख योनियों के बाद यह मानव काया प्राप्त हुई है । इस काया को भक्ति के +द्वारा उज्ज्वल कर ले । +यह काया जल से बनी है और पवन के धागे से सी गई है । गोदड़ी सीने को भगवान +दर्जी बने । हरे हंसा जीव भगवान इसके बनाने वाले हैं । +पवन कहाँ से आया और जल कहाँ से आया ? कहाँ से सुहागन आई और यह काया +धरती कब से बनी ? +आगम से पवन का आगमन हुआ और उसके बाद जल आया । और इन्द्र के यहाँ +से सुहागन आई तब ये धरती बनी और जीव की उत्पत्ति हुई । +सफेद घोड़ा उसका खुर कटोरेनुमा , उसकी लगाम मोतियों से जड़ी है । चन्द्रमा +और सूर्य दोनों पेगड़े और उछलकर उस पर सवारी की । अरे जीव हंसा इस +काया को भक्ति से उज्ज्वल कर ले , ताकि तुझे नरक का मुँह न देखना पड़े ।",bhili-bhb +"ईसुरी की फाग-5 +दिल की राम हमारी जानें +मित्र झूठ न मानें +हम तुम लाल बतात जात ते , आज रात बर्रानें +सा परतीत आज भई बातें , सपनेन काए दिखानें ? +ना हो , हो , देख लेत हैं , फूले नईं समानें +भौत दिनन से मोरो ईसुर तुमें लगौ दिल चानें +भावार्थ +हमारे मन की बात तो राम ही जानते हैं । मित्र , हमारी बात को झूठ न समझें । आज रात को ही हमने यह सपना +देखा है कि हम उनसे बात कर रहे हैं । तब हमें यह अन्दाज़ हुआ कि सपना हमने क्यों देखा ? हम उन्हें यहाँवहाँ +किसी न किसी तरह देख कर ख़ुश होते रहते हैं न , इसलिए अब वे हमें स��ने में भी दिखाई देने लगी हैं । अरे ईसुरी , +मेरा दिल उन्हें बहुत दिनों से चाहता है ।",bundeli-bns +"होली गीत +टेक मचाई बृज में हरी होरी रचाई । +चौक1 इत से हो आई सुगर राधिका +उत से कृष्ण कन्हाई । +हिलमिल फाग रचिो फागण को , +तो सोभा बरणि न जाई , लालजी ने होरी मचाई , +बृज में हरि होरि रचाई +चौक2 राधा सेन दियो सखियन को , झुण्ड झुण्ड उठ आई । +लपट झपट गले श्याम सुन्दर के , तो पर्वत पकड़ बनाई । +लालजी ने होरी रचाई । +बृज में हरि होरी रचाई । +चौक3 छीन लीनी रे वाकि मोर मुरलिया , सिर चूनर ओढ़ाई । +बिन्दी जो भाल नयन बिच कजरा । +तो नथ बेसर पेराई +कृष्णजी नार बणाई , +बृज में हरि होरी रचाई । +चौक4 करि गई तेरि मोर मुरलिया , कां रे गई चतुराई , +कां रे गया तेरा नन्द बाबाजी , तो कांहां जसोदा माई +लालजि ने लेवे छोड़ाई +बृज में हरि होरी रचाई । +छाप धन गोकल धनधन बृन्दावन धन हो जसोदा माई । +धन मयती नर सहया न स्वामी , तो मांगू ते बेऊ कर जोड़ी +सदा रंग रऊंगा तुमारी , +बृज में हरि होरी रचाई । +चौक5 तो घणा रे दिवस ना दही दुद खादा , तुम बिन चोर न कोई +लेत कसर सब दिन की चुकाऊँ +हे तुम बिन चोर न कोई ददी मेरो माखन खाई +बृज में हरि होरी रचाई । +छाप धन गोकल धनधन बिन्द्राबन , धन हो जसोदा माई , +धन मयता नरसइया नू स्वामी +चौक6 बाजत ताल मिरदंग झांजर डफ मर्जुग धुन न्यारी । +चवां रे चवां चंदन आरो पिया , तो रंग का उड़त फवारा , +मानो रे जैसे बादल छाई , बृज में हरि होरी रचाई । +बृज में श्रीकृष्ण ने होली रचाई और धूम मचा दी । इधर से राधिका आई और उधर से कृष्ण आये । दोनों ने मिलकर होली का फाग रचा फाल्गुन मास का फाग रचा तो उस शोभा का वर्णन नहीं किया जा सकता । लालजी श्रीकृष्ण ने होली रचाई । +राधा ने सखियों को आँखों से इशारा किया तो होली खेलने के लिए सखियाँ उठकर झुण्ड के झुण्ड में आ गईं । श्रीकृष्ण के गले लिपट गईं और पर्वत के समान कसकर मजबूती से पकड़ा । श्रीकृष्ण ने होली रचाई । +राधिका और सखियों ने मुनकी , मुरली और सिर का मोर मुकुट छीन लिया और उनके सिर पर चूनरी ओढ़ा दी । ललाट पर बिन्दी और नयनों के बीच काजल लगाकर नाक में नथ पहना दी और श्रीकृष्ण को औरत बना दिया । फिर गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि कहाँ गया तुम्हारा मोर मुकुट और मुरली ? तेरे नंदबाबा और जसोदा माता कहाँ गये ? वे आकर आपको छुड़ा लें । गोकुल धन्य है । वृन्दावन धन्यधन्य है । यशोदा माता धन्य है । +गोकुल और वृन्दावन धन्य हैं । ��शोदा माता धन्य है । नरसिंह मेहता के स्वामी श्रीकृष्ण धन्य हैं । मैं दोनों हाथ जोड़कर वर माँगूँ कि आप सदैव साथ रहें । हरि ने ब्रज में होली रचाई । +आपने बहुत दिनों तक दूधदही चुराकर खाया । आपके अलावा कोई दूसरा चोर नहीं है । आज सब दिन की कसर निकाल लेंगे । मेरा दही और माखन खूब खाया है । गोकुल , वृन्दावन , यशोदा माता और नरसिंह मेहता के स्वामी श्रीकृष्ण धन्य हों । +मृदंग ताल , झाँझ , डफ बज रही है । मर्जुन की धुन का क्या कहना , उसकी धुन निराली ही है । प्रत्येक चौक में चंदन आरोपित किए हैं और फव्वारों से रंग की फुहारें उड़ रही हैं , मानो जैसे बादल छाये हुए हांे । ब्रज में हरि ने होली रचाई है ।",bhili-bhb +"ऐ गा मोटरवाला +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +के पैसा लेबे तें जाबो दुरूग अउ भिलाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई हीहीई +एक झन जाबे ते , पांच रुपया लगथे +दुनिया ले बाहिर , ऐ हा काबर हमला ठगथे +एको घांव गेहस , ते आज पहली जावथस +लगथे तें अभी अभी , मोटर ला चलावत हस +साड़े चार लेथव , फेर चिल्हर नइये पाई वो +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई हीहीई +के झन जाहु ते , गन के बता ना +चार झन जाबो , बता बैठे के ठिकाना +कोन कोन हावव , ते खड़े खड़े जाहु +टुरा टुरी दु लईका हे , काला मैं बताहूँ +ऐ हावय बाबु के ददा , मैं नोनी के दाई +ऐ गा मोटरवाला +नन्न्न्ना काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई हीहीई +जल्दी चढ़ना तेंहा , भीतरी में खुसर ना +सोझ बाय गोठिया , हमला तैं झन हुदर ना +पैसा देके भीतरी में , दम हा हमर घुटही +तोला जाये हाबय ते चल , नहीते मोटर घलो छुटही +कहाँ के तोर दुरूग जाही , कहाँ के भिलाई वो +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +काय बता ना बाई +ऐ गा मोटरवाला +हूं हूं हूं +हूं हूं हूं",chhattisgarhi-hne +"रणू रौत (रावत) +सिरीनगर1 रन्द छयो , राजा प्रीतमशाई , +कुलावाली कोट मा , रन्दी रौतू औलाद । +हिंवा रौत को छयो भिवाँ रीत , +भिंवा रौत को छयो रण रौत । +रणू रौत होलो मालू2 मा को माल , +जैको डबराल्या3 माथो छ , खंखराल्या4 जोंबा5 , +घुण्डौं6 पौंछदी भुजा छन जोधा की , +मुंगर्याली7 फीली8 छन , मेरा मरदो । +माल की दूण9 रांजड़ा ऐन , +तौन कागली10 सिरीनगर भेज्याले । +रुखा रुखा बोल लेख्या तीखा लेख्या स्वाल । +बोला बोला मेरा कछड़ी11 का ज्वानू +मेरा राज पर कैन त यो धावा बोले ? +मेरा गढ़वाल मा कु इन��� माल12 होलू +जु भैर13 का मालू तैं जीतीक लालू । +तबरेक उठीक बोलदू छीलू भिमल्या , +ई तरई को माल होलो कुलवाली कोट , +हिंवा रौतन तरवार मारे । +रणू रौत् भी तरवार मारलो । +रणू रौत होलो तरवान्या ज्वान , +जैका14 मारख्वाल्या15 छन बेला16 , +जैका चौसिंग्या17 खाडू18 होला , खोल्या होता कुत्ता । +कुलावाली कोट को वो रणू रौत , +मेरो भाणजो मालू साधीक लौलो । +प्रीतमशाई माराज तब कागली19 लेखद , +हे बुवा रणू रौत तू होलू बांको भड़ , +भात खाई तख , हात धोई यख , +जामो20 पैरो तख तणी21 बाँधी यख । +कागली पौछीगे रौत का पास । +तब बांचद कागली रौत +शेर जसा22 मोछ छया रौत , +तैका मणि23 का मान धड़कन लै गैन , +तैकों हातू की मुसली24 बबलाण25 लै गैन , +कण्डील26 वंश को कांडो जजरान्द27 , +निरकुलो पाणी डाली सी हिरांद28 । +तब धाई29 लगौन्द रण राणो भिमला , +मैं त जांदू राणी सैणी30 माल दूण , +मेरा वासता पकौ निरपाणो खीर । +राणी भिमला तब कुमजुल्या31 ह्वैगे , +नयी नयी माया छै ऊँ की ज्वानी की , +नयों नयों ब्यौं छो ? +राणी भिमला डाली सी अलस्यैगे । +छोड़दी पथेणा , नेतर रांगसा बुन्द +मैं छोड़ीक स्वामी तुम जुद्धक पैट्या , +सुमरदो तब रौत देबी झालीमाली , +ढेबरा32 लुकदा , बाखरा लुकदा , +मर्द कबी नी रुकदा , शेर कबी नी डरदा , +लुबा जंगी जामा पैरेण लैग्या , +सैणा33 सिरीनगर ऐ गए रणू , +जैदेऊ माल्यान गर्दनी मालीक । +हे रौत आज को जैदेऊ त्वैक च बुवा । +तू छै मेरा रणू मालू मा को माल , +त्वैन मारणन बेटा त्वै चटा माल । +राजा को आदेसू पैक रौत चलीगे , +माल की दूण कुई माल बोदा +ये तैं चुखनी 34 चुण्डला35 , आँगूली36 मारला +तब छेत्री को हंकार चढ़े रौत , +मारे तैन मछुलीसी उफाट , +छोड़े उडाल तरवार । +तैन मुण्डू37 का चौंरा38 लगैन , +तैन खूनन घट्ट रिंगैन39 मरदो । +तै माई मर्दू का चेलान मरदो , +सी केला सी कच्यैन , गोदड़ा सी फाड़ीन । +बैरी को नी रखे एक , ऋणना कोसी शेष । +छीलू भिमल्या छयो रणू को मामा , +तै मामा को एक नौनो होलो झंक्रू । +झंक्रूहोलो मातो40 उदमातो41 , +राणियों को रौंसियो42 होलो वो , फूलू को हौंसिया43 । +रणू रौत की बौराणी44 भिमला पर +वैकी लगीं छै आँखी । +रणू तैं जुद्ध मा जायूं सुणीक +वो चली आये भिमला का पास । +सेवा मानी मेरी बौ45 भिमला । +ज्यू जागी दिऊर लाख बरीस । +धोलीन झंकरुन टलपला आँसू +हे मेरी बौ , दादू46 मरीगे माल की दोण47 +तनी न वोल मेरा द्यूर48 झँकरु , +उ मालू मा का माल छन , +ऊं सणी कु मारी सकदो ? +सची माण मेरी बौ भिमला । +मैं दादू की गति49 करि आयूं मुगति । +तब राणी भिमला कनी कदी कारणा ? +छोड़दे पथेणा50 नेतर राँग51 जसा52 बुन्द +तब झंक्रू बुझौणी बुझौदबौ , +मामा पुफू का भाई होन्दान , कका53 बड़ौ54 का दाई55 , +जनो माल दिदा छयो तनी मैं भी छऊं । +मैंन आज दादू का पलंका सूतो56 होण , +मैंन दादू की थाल ठऊँ जिमण । +एक बात बोली द्यूर हैकी ना बोली , +मैं शेरना की सेज स्याल नी सेवाल्दो , +मैं स्वामी की थाल कुत्ता नी जिमौंदू । +माल की दूण रणू रौत सूतो छयो , +झाबीमाली देबी वैका सुपिना चलीगे । +चचलैक57 उठे रणू झबकैक58 बैठे +मेरी कुलावाली कोट कु चोरड़ा59 आइगे । +लत दिन रात कैक रणू घर पौंछे , +रात चौक मा तब तैको जोड़ो60 बजीगे । +जोड़ो बजीगे , घोड़ो खंकरैगे61 : +चोर जार कू नीन्दरा नी होन्दी , +झंक्रू का तरेण्डा62 टुटी गैन +खड़ी उठ हे मेरी बौ63 भिमला । +भेर बजीगे माई को जोड़ो , घोड़ो खंकरैगे । +थरथर कम्पद झंकरू राम राम जम्पद +अलै जाँदू64 बलै मेरी बौ भिमला । +मैं छनी आज बचौ ।",garhwali-gbm +"36 +दाहड़ी शेख़ दी अमल शैतान वाले केहा राणयो जांदयां राहियां नूं +अगे कढ कुरान ते बहे मिंबर केहा अडयों मकर दीयां फाहियां नूं +इह पलीत ते पाक दा करो वाकफ असीं जाणीए शरह गवाहियां नूं +जिहड़ी थाउं नापाक लै विच वड़यों शुकर रब्ब दीयां बेपरवाहियां नूं +वारस शाह विच हुजरियां फैल1 करदे मुलां लावंदे जोतरे वाहियां नूं",panjabi-pan +"574 +आह आशकां दी सुण अग मची वेख रब्ब दीयां बेपरवाहियां नूं +लगी अग चैतरफ जां शहर सारे कीता साफ सभ झुगियां झादियां नूं +सारे देश विच धुम्मते शोर होया खबरां पहुचियां पांधियां राहियां नूं +लोकां आखया फकर बद्दुआ दिती राजे भेजयां तुरत सिपाहियां नूं +पकड़ खेड़े करो हाजर नही जानदे जबत1 बादशाहियां नूं +चलो होवे हाजर खेड़े फड़े ने वेख लै काहियां नूं +वारस शाह सूमसलवात2 दी पुछ होई एहनां दीन ईमान उगाहियां नूं",panjabi-pan +"दोनू हाथ्थाँ के म्हाँ ले री लोटा पाणी का +दोनू हाथ्थाँ के म्हाँ लेरी लोटा पाणी का +सूरज को जल देते देख्या रूप सेठाणी का . . .",haryanvi-bgc +"299 +सईयो देखो नी मसत अलमसत जोगी जैदा रब्ब दी वल धयान है नी +इना भौरां नूं आसरा रब्ब दा ए घर बार ना तान ना मान है नी +सोने बन्नड़ी देही नूं खाक करके रूलन खाक विच फकर दी बान है नी +सोहणा फुल गुलाब माशूक नढा राज पुतर ते सुघड़ सुजान है नी +जिन्हां भंग पीती सुआह ला बैठे जिनां माहनूआं1 नूं केही कान है नी +जिवें असीं मुटयारियां हां रंग भरीयां तिवें एह भी साडड़ा हान है नी +आओ पुछीए केहड़े देस दा वारस एस दा कौन मकान है नी",panjabi-pan +"भजन कर निरना एकादसी करना +भजन कर निरना एकादसी करना +राजा ब्रह्म आगे साक्षी भरना +पेली निरजला , दूसरी सिरजला +दोनोई एकादसी करना +भाव भक्ति से जो कोई साधे +बैतरनी में तिरना +भजन कर निरना एकादसी करना +दसमी के दिन एकटंक जीमणा +ग्यारस निरनै करना +बारस के दिन भोजन करना +जमराज से नहीं डरना +भजन कर . . . +एकादशी को अटल पुण्य है +अनमाय जीव नहीं रखना +भावभक्ति से जो कोई साधे +भवसागर से तिरना +भजन कर . . . +जनम सुधारण जग में मेला +भूल आलस नहीं रखना +कहे कबीर सुनो भई साधो +बैकुंठा को चलना",malvi-mup +"भूलो भले बीजू बधू +भूलो भले बीजू बधू माँ बाप ने भुलसो नही +अगणीत से उपकार ऐना एह विशर्सो नही +अशःय वेठी वेदना त्यारे दिठु तम मुख्डू +ऐ पुनीत जन ना काळजा पत्थर बनी छुन्द्सो नही +काढ़ी मुखे थी कोडिया मो मा दई मोटा करिया +अमृत तना देणार सामे , जहर उचर्सो नही +लाखो लडाव्या लाड तमने कोड सव पूरा करया +ऐ कोड ना पुर्नारना कोड पुरवा भुलसो नही +लाखो कमाता हो भले , माँ बाप जेना ना थर्या +ऐ लाख नही पण राखे छे ऐ मान्वु भुलसो नही +संतान थी सेवा चाहो , संतान छो सेवा करो +जेवू करो तेवु भरो ऐ भावना भुलसो नही +भीने सुई पोते सूखे सुवाडया आपने +एनी अमी मय आँख ने भूली ने भिनव्सो नही +पुष्पों बिछावया जेने तमारा राह पर +ऐ राहबर नी राह पर ना कंकर बनशो नही +धन खराचता मळ्शे बधू माँ बाप मळ्शे नही +ऐना पुनीत चरणों तनी , चाहना भुलसो नही",gujarati-guj +"डोले तै तलै उतरिया हे बहुअड़ +डोले तै तलै उतरिया हे बहुअड़ करके नीची नाड़ +सासू जी के पांय लिये सै लिये चरण चुचकार +जीओ हे तेरे भाई भतीजे बणा रहो भरतार +मेरे बेट्टे की बेल बधाई जाम्मे हे राजकंवार",haryanvi-bgc +"डोहा गीत +चार कुटड़ी ने चार दिवल्या , झग मलोजी । +दिवल्यो लगाड़ुं ती एकली वो नणद बाई । +दलनों दलों ती एकली वो नणद बाई । +पाणिलों भरों ती एकली वो नणद बाई । +भाभी , ननद से कहती है कि कोठरी के चार खूँट में चार दीपक हैं । घर में दीया +लगाऊँ , पानी भरने जाऊँ अकेली रहती हँू , मेरे साथ में कोई नहीं है ।",bhili-bhb +"557 +राजे हुकम कीता चढ़ी फौज बांकी आ राह विच घेरयो खेड़यां नूं +तुसी हो सिधे चलो पास राजे छड दयो खां छलां1 झेड़या नूं +सानूं हुकम जो चोर न जान पाए चलो छडो दुखां दयां फेड़यां नूं +पकड़ विच हजूर दे लिआए हाजर राहजनां2 ते खेहरयां भेड़यां नूं +बन्न खड़ांगे इक ते आप चलो नहीं जाणदे असीं ब��ेड़यां नूं +वारस शाह चन्न सूरजां ग्रहन लगे ओह फड़े ने आपने फेड़यां नूं",panjabi-pan +"मेरी दीनी है मटुकिया फोर +मेरी दीनी है मटुकिया फोर जसौदा तेरे लाला ने ॥ टेक ॥ +दधिकी मटकी सिर पर धरकर मैं उठधाई बड़े भीर । +लूटलूट दधि मेरौ खायौ मटुकी तो दीनी फोर ॥ जसोदा . +मटुकी की तो मटकी फोरी बइयाँ दई मरोर । +मोसे कहै मेरे संग नाचदै कर बिछुअन घनघोर ॥ जसोदा . +इत जाऊँ तो जमुना गहरी ऊँची लेत हिलोर । +इत जाऊँ तो निकसन दैं न ग्वाल बड़े ही कठोर ॥ जसोदा . +मोय अकेली जान कै कान्हा बहुत दिखाबे जोर । +कहा करूँ कित जाऊँ याने करकर डारी तोर ॥ जसोदा . +नाम बिगारौ तिहारौ याने ली बेशरमाई ओढ़ । +साड़ी झटकि मसिक दई चोली माला दीनी तोड़ ॥ जसोदा .",braj-bra +"579 +भाइयां जायके हीर नूं घरी आंदा नाल रांझना घरी मंगाइयो ने +लाह मुंदरां जटां मुंना सुटियां सिर सोहनी पग बहाइयो ने +याकूब दे पयारढ़े पुत वांगू कढ खूह थी तखत बहाइयो ने +नाल दे लागी खुशी हो सभनां तरफ घरां दी चा पहुंचाइयो ने +भाईचारे नूं मेल बहाइयो ने सभे हाल अहवाल सुनाइयो ने +वेखो दगे दी पैवंद1 लायो ने घी मारन दा मता पकाइयो ने +वारस शाह एह कुदरतां रब्ब दियां वेखो नवां पखेड़ रचाइयो ने",panjabi-pan +"जमुना किनारे मेरा घर है रे +जमुना किनारे मेरा घर हैं रे +गोपाल गागर भर दे रे जमुना +जो तुम जानो श्याम , मैं हूँ अकेली +सास ससुर मेरे संग हैं रे । गोपाल +जो तुम जानो श्याम , मैं हूँ अकेली +सात सखी मेरे संग हैं रे । जमुना . . . +गोपाल गागर भर दे रे । जमुना . . . +जो तुम जानो श्याम , मैं हूँ अकेली +श्याम सुन्दर मेरो वर है रे । जमुना",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +पड़ गैल बीड़ा जाजिम पर बीड़ा पड़ल नौ लाख +हे केऊ रजा लड़वैया रुदल पर बीड़ा खाय +चौहड़ काँपे लड़वेया के जिन्ह के हिले बतीसो दाँत +केकर जियरा है भारी रुदल से जान दियावे जाय +बीड़ा उठावल जब लहरा सिंड्घ कल्ला तर देल दबाय +मारु डंका बजवावे लकड़ी बोले जुझाम जुझाम +एको एका दल बटुरल जिन्ह के दल बावन नवे हजार +बूढ़ बियाउर के गनती नाहिं जब हाथ के गनती नाहिं +बावन मकुना के खोलवाइन रजा सोरह सै दन्तार +नब्वे सै हाथी के दल में ड़ड़ उपरे नाग डम्बर उपरे मेंड़राय +चलल परवतिया परबत के लाकट बाँध चले तरवार +चलल बँगाली बंगाला के लोहन में बड़ चण्डाल +चलल मरहट्टा दखिन के पक्का नौ नौ मन के गोला खाय +नौ सौ तोप चलल सरकारी मँगनी जोते तेरह हजार +बावन गाड़ी पथरी लादल तिरपन गाड़ी बरुद +बत्तिस गाड���ी सीसा जद गैल जिन्ह के लंगे लदल तरवार +एक रुदेला एक डेबा पर नब्बे लाख असवार +बावन कोस के गिरदा में सगरे डिगरी देल पिवाय +सौ सौ रुपया के दरमाहा हम से अबहीं लव चुकाय +लड़े के बोरिया भागे नौ नौ मन के बेड़ी देओं भरवाय +बोगुल फूँकल पलटन में बीगुल बाजा देल बजाय",bhojpuri-bho +"करमा गीत-4 +हाय रे हाय +मैं तो नहिं जानों जी +कहां बोहावे जाम झरिया +धर से निकरे फरिका मेर ढाढ़े +कहां बोहावे जाम झरिया । +डोंगरी च डोंगरी तै चड़ि जाबे । +नीचे बोहावे जाम झरिया +एक कोस रेंगे । +दुसर कोस रेंगे +तीसरे मा पहुँचे +जाम झरिया +हाथे मा गगरी +मूढ़े मा गुढ़री +खड़े देखय +जाम झरिया ।",chhattisgarhi-hne +"90 +कैदो आखदा थी वयाह मलकी दोहाई रब्ब दी मन्न लै डायने नी +इके मारके वढ के करीं बेरे1 मुंह भन्न सु चुआयने नाल सायने नी +वेख वेख धीउ दा लाड की दंद कढें अंत झूरसैं रन्ने कसायने नी +इके बन्न के भोरे चा घतीं लिंब वांग भडोले दे आयने नी +गुस्से नाल मलकी तप लाल पई झब दौड़ तू मिठिये नायने नी +सद लया तूं हीर नूं ढूंढ़ के ते तैनूं मां सदेंदिये है डायने नी +खड़ दुंबीये मनिये भेड़िये नी मुशटंडिये बार दीये डायने नी +वारस शाह वांगूं किते डुब मोईये घर आ सयापे दिये नायने नी",panjabi-pan +"352 +एह रसम कदीम है जोगियां दी ओहनूं मारदे ने जेहड़ी टुरक दी ए +खैर मंगदे दियां फकीर ताई अगे कुतयां दे वांग घुरकदी ए +एह खसम नूं खान नूं किवें दसी जेहड़ी खैर देंदी पई झुरकदी ए +एक पेरनी के अहलवाननी ए इके कंजरी ए किसे तुरक दी ए +पहले फूक के अग मताबियां नूं पिछों सरद पानी वेख बुरकदी ए +रन्न गुंडी नूं जिथों पैजार1 वजन ओथों चुप चुपीतड़ी सुरकदी ए +इक झट दे नाल मैं पट लैणी जेहड़ी जुलफ गलां उते लुटकदी ए +सयाने जानदे ने धनी जाय झोटी जेहड़ी साहन दी मुतरी खुरकदी ए +फकर जान मगन खैर भुखे मरदे अगों सगां2 वांगूं पई दुरकदी ए +लंडी वैहड़ नूं खेतरी हथ आई पई उपरों उपरों मुरकदी ए +वारस शाह वांगूं सानं रन्न खचरी अख विच ज्यों कुकरे रूड़कदी ए",panjabi-pan +"डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार +डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार +लीला सा घोड़ा रे कौन करै असवार +के मैं सूं चन्दा हे संझा का लणिहार +आ मेरे माई जाये रे के बैठो तखत बिछाय +थारे घोड़ियां ने दाना रे तमनै रस भर खीर",haryanvi-bgc +"ईसुरी की फाग-17 +देखी रजऊ काउनें नइयाँ , कौन बरन तन मुइयाँ +काँ तौं उनकी रहस रास है , काँ दये जनम गुसइयाँ +पैलऊँ भेंट हमईं सें न भई सही कृपा हम पै���ाँ +ईसुर हमने रजऊ की फागें , कर दई मुलकन मैंया ।",bundeli-bns +"ईसुरी की फाग-11 +जो तुम छैल , छला हो जाते , परे उंगरियन राते +मौं मुँह पौंछत गालन के ऊपर , कजरा देत दिखाते +घरीघरी घूंघट खोलत में , नज़र सामने आते +' ईसुर ' दूर दरस के लानें , ऐसे काए ललाते ?",bundeli-bns +"जेमन बैठे जनक जू के द्वारे +जेमन बैठे जनक जू के द्वारे , +दशरथ ले कें बरात मोरे लाल +चांदी के पाटा बैठन के लाने , +अंगना में आसन लगाये मोरे लाल । +सोने की झाड़ी गंगाजल पानी , +पीवें के लाने भराये मोरे लाल +पतरी और दोनों में सोने की सींकें +राजा जनक लगाये मोरे लाल +रुचरुच कर भोजन परोसे जनक जी , +हँसहँस करें जेवनार मोरे लाल । +छतों अटारी महलों में अपने +सीता की सखियों की भीड़ मोरे लाल । +सारी और सरहज गारी गावें , +महलन बीच उछाह मोरे लाल । जेमन . . .",bundeli-bns +"ओं नमो वभूत, माता वभूत, पिता बभूत (राखावली) +ओं नमो वभूत1 , माता वभूत , पिता बभूत , +वभूत तीन लोक तारिणी । +ओं नमौ वभूत , माता वभूत , पिता वभूत , +सब दोष की निवारिणी । +ईश्वरल औणी2 गोजलि छाणी3 , +अनन्त सिद्धों ने मस्तक चढ़ावणी । +चढ़े वभूत नि पड़े हाऊ , +रच्छा करे आतम विश्वासी गुरू गोर्क4 राऊ । +जरे जरे5 धरेतरी6 फले , धरेतरी मात गायत्री7 चरे , +सुषे सुषे8 अगनि मुख जले । +स्या वभूत नौ नाथ पुर्षकूं चढ़े , +स्या वभूत हैंसदा कमल कूं चढ़े । +चतुर्थी वभूत चार वेद कूं चढ़े , +पंचमें वभूत पंचदेव कूं चढ़े । +हंसन देखे तुमारू नाऊं , +आप गुरू दाता तारो , ज्ञान खड्ग ले कालै मारो । +औंदी डैकणो9 द्यालो पताल , +त्वै देऊं रे डाकणी बजुर का ताल । +दुख10 नावे सुष बैठे बस कंुवार किकरे माया , +इस पिंड की अमर काया । +अमर पथी बजुर11 की काया । +घर घर गोरक वैकर सिद्धि काया निरमल निधी । +सोल कला सा पिंड वाला घट पिंडक गोरक रखवाला ।",garhwali-gbm +"विवाह गीत +मेहंदी गीत +घोड़ी के गीत",rajasthani-raj +"अंगिका बुझौवल +माटी रोॅ घोड़ा माटी रोॅ लगाम +ओकरा पर चढ़ेॅ खुदबुदिया जुआन +भात +करिया जीन लाल घोड़ा +चढ़ेॅ उतरेॅ सिपाही गोरा । +तबा , आग , रोटी +भरलोॅ पोखरी में चान गरगराय । +घी से भरी कड़ाही में पूआ +भरलोॅ पोखरी में टिटही नाँचै । +बालू से भरी खपड़ी में भूजा +टुपटाप करै छैं , कपार कैन्हें फोड़ै छैं +नेङा ऐसन डेङा तोहें रात कैन्हें चलै छैं । +साँप महुआ से ‘’ टुपटाप करते हो , महुआ गिराते हो , +और सर क्यों फोड़ते हो । ‘’ +महुआ , तुम ऐसे नंगधड़ंग रात को क्यों चलते हो ? +फूलफूल मखचन्नोॅ के फूल +पैन्हें छिमड़��� तबेॅ फूल । +दिया की बत्ती और लौ +एक सङ दू साथी रहै +एक चललै एक सूती रहलै +तैयो ओकरोॅ साथ नै छुटलै । +चक्की के दोनों पल्ले +यहाँ , महाँ , कहाँ , छोॅ गोड़ दू बाँहाँ +पीठी पर जे नाङड़ नाचेॅ से तमासा कहाँ ? +तराजू ६ डोरियाँ , दो पलरे और डंडी पर पूँछ जैसी मूँठ +चलै में लचपच , बैठै में चक्का +हाथ नै गोड़ नै मारै लचक्का । +साँप +पानी में निसदिन रहेॅ +जेकरा हाड़ नै माँस +काम करेॅ तरुआर के +फिनु पानी में बाँस । +जोंक +फूलेॅ नै फरेॅ +सूप भरी झरेॅ । +बोहाड़न +एक गाँव में ऐसनोॅ देखलौं बन्नर दूहेॅ गाय +छाली काटी बीगी दियेॅ , दूध लियेॅ लटकाय । +पासी , ताड़खजूर का पेड़ , ताड़ी +एक टा फूल छियत्तर बतिया । +केले की खानी +पानी काँपै , कुइयाँ काँपै +पानी में कटोरा काँपै +चाँद +लाल गाय खोॅर खाय +पानी पीयेॅ मरी जाय । +आग +ऊपर सें गिरलै धामधूम +धुम्मा रे तोहरोॅ माथा सूंघ । +ताड़ +हिन्हौ नद्दी , हुन्हौ नद्दी +बीच में हवेली +हवेली करेॅ डगमग +माँग अधेली । +नाव",angika-anp +"582 +हीर जानबहक तसलीम1 होई उन्हां दफन कर खत लिखाया ई +वली गौस ते कुतब सब खतम होए मौत सच है रब्ब फरमाया ई +असां सबर कीता तुसां सबर करना हुकम इनाकामईलुन आया ई +कुला शैई खलाकुने इलाबजाहु हुकम विच कुरान दे आया ई +असां होर उमैद सी होर रोई खाली जा उमैद फरमाया ई +रजा कतइ टले ना कदी हरगिज लिख आदमी तुरत भजवाया ई +डेरा पुछ के धीदो जा वड़या खत रोए के हथ फड़ाया ई +हुन माजूल2 होयों तखत जिंदगी3 तों तैनूं हुकम तगइयर4 दा आया ई +मेरे माल नूं खैर है कासदा ओए आख कासनूं डुसकना लाया ई +तेरे माल नूं धाड़वी ओह पया जिस तों कदी नां किसे छुड़ाया ई +हीर मोई नूं अठवां पहर होया मैंनूं सयालां ने अज भजवाया ई +वारस शाह मियां गल ठीक जाणी तैथों कूच दा आदमी आया ई",panjabi-pan +"मीठी लागै बाजरे की राबड़ी रै +मीठी लागै बाजरे की राबड़ी रै +दल चक्की से हांडी पे गेरी +नीचे लगा दी लाकड़ी रे +मीठी लागै . . . +रांध रूंध थाली में घाली +ऊपर आ गई पापड़ी रै +मीठी लागै . . . . +खाय खूय खटिया पर सूती +नींद सतावै बाखड़ी रै +मीठी लागै . . .",haryanvi-bgc +"गलियन-गलियन फिरे मनहारिन +गलियनगलियन फिरे मनहारिन +ले लियो कोऊ ललन को खिलौना +अपने महल से यशोदा रानी बोली +दे जाओ तुम ललन को खिलौना । गलियन . . . +आओ मनिहारिन , बैठो आंगन में +का तुम लाईं , ललन को खिलौना । गलियन . . . +छोटी सी बंशी दे दो लाल खों +प्यारो लागो ये ही खिलौना । गलियन . . . +थाल भर मोती जशोदा लाईं +खुश होकर दे दीन��हो खिलौना । गलियन . . . +जुग जुग जीये यशोदा तेरा लालन +फिर लाऊं मैं लालन ओ खिलौना । गलियन . . .",bundeli-bns +"जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे +जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे , +से नदिया देल उसर लोटाय । +आगू आगू माता उसर लोटबे +पाछू चरै नबेलाख धेनु गाय । +राजा शिवसिंह पोखरि खुनैलन्हि +ओहि पोखरी कोसिका कयल पयान । +आगू आगू रानू सरदार घसना खसाबे +पाछु कोसी करे सन्मुख धार ।",angika-anp +"एक कोस गेलै हे कोसी माय +एक कोस गेलै हे कोसी माय , +दुई कोस गेलै हेऽ +तेसर कोस बिजुबन सिकार हेऽ +बघबो नै मारै हेऽ कोसी माय , +हरिणों नै मारै हेऽ +चुनिचुनि मारै छै हेऽऽ मजूर हेऽ +सात सय मजूरबा हे कोसी माय +मारि अयले हेऽ +सात सय मजूरनी कयलें राड़ हेऽ +हकन कानै छै कोसी माय +बन के मजूरनी +कोसी मैया बारी बेस हरले सिन्दूर +नै हम खैलियो कोसी मैया +खेत खरिहानमा +नैय हम कैलियो लछ अपराध +बखसु बखसियौ कोसी माय +सिर के सिन्दूरिया +मैया बखसि दियौ सिर के सिन्दूर +जब तोरा हम बखसबो +सिर के सिन्दूरिया +हमरा के की देबे इनाम मजूरनी +जब तुअ बखसबे कोसी माय +सिर के सिन्दूरिया +भरि राति नाचबा देबौ देखाय +राति नाचबा देखायब +होयत भिनसरबा बोलिया देबौ सुनाय +चुटकी बजाय कोसी माय मजूरा के जियाबे +खुसी गे भेलौ मैया बन के मजुरनी +भरि राति आगे मजुरनी नचबा देखाबै +होयत भिनसरबा बोलिया देय सुनाय +गाबल सेबक जन दुहु कल जोड़ि +विपत्ति के बेरिया मैया +होहु न सहाय ।",angika-anp +"गढ़वाली ठाट +”गुन्दरू का नाम बिटे 1 सिंगाणा2 की धारी छोड़िक +वे को कुख वे की झगुली इत्यादि सब मेंला छन , गणेशू की सिपर्फ सिंगाणा की +धारी छ पर हौरी चीज सब साफ छन । यां को कारण , गुन्दरू कि मां अल +गसी3 , खलचट4 और लमडेर5 छ । मित्तर देखादों बोलेंद यख बखरा6 , रंहदा +होला , मेलो7 खणेक धुलपट होयू छ , मितर तब की क्वी चीज इर्थे क्वी चीज +उथैं । सांरा मितर तब मार घिचर पिचर होई रये । अपणी अपणी जगा हर +क्वी चीज नी । मांडाकूंडा ठोकरियूं मां लमडण रंदन , पाणी का भाडज्ञें तक +तलें देखा दों , धूल को क्या गद्दो जम्यू छ । यूं का मितर पाणी पेंण को भी +मन नी चांदो । नाज पाणी की खत फोल , एक माणी पकोण कू तिकालन त +द्वी माणी खतेई जांदन , अर जु कै डूम8डोकला , मिखलोई सणी देणां कू +बोला त हे राम यां को नौ नी’ । “",garhwali-gbm +"वे तो साला बेणोई दोई बागां में जाय +वे तो साला बेणोई दोई बागां में जाय +वे तो पाटे नी चाले +जमई जी ऊबट रस्ते जाय +जमई खे कांटो भाग्यो जाय +साल��� पूछे बेणोई अब कैसो हो बनी +साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी +वे तो साला बेणोई दोई दातण करने जाय +वे तो दातण नी तोड़े +जमई जी डाल मरोड़े जाय +जमई जी उलझयाउलझया जाय +साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी +साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी +वे तो न्हाई नी जाये +जमई जी ऊँडा गीता खाय +साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी +साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी +वे तो साला बेनाई दोई नीम वा ने जाय +वे तो जीयी नी जाय +जमई जी आखा लाडू खाय +साला पूछे बेणोई कैसी हो बणी +साला अब तो हमारा प्यारा जीव की पड़ी ।",malvi-mup +"हमरो बाबाजी के चारों खंड अँगना +हमरो बाबाजी के चारों खंड अँगना , चहुँ दिसि लगल केबार हे । +ओहि1 खंभ ओठँगल2 बेटी दुलरइती बेटी , बाबा से मिनती हमार हे ॥ 1 ॥ +काहाँ तोंहे बाबा पयलऽ3 गजदाँत हथिया , काहाँ पयलऽ गजमोती हार हे । +काहाँ तोंहे पयलऽ डँटहर4 पनमा , काहाँ पयलऽ राजकुमार हे ॥ 2 ॥ +राजा घर पयली बेटी गजदाँत हथिया , पैसारी5 घर गजमोती हार हे । +बरियाहि6 पइली डँटहर पनमा , देस पइसी7 राजकुमार हे ॥ 3 ॥ +कइसे के चिन्हबऽ बाबा गजदाँत हथिया , कइसे के गजमोती हार हे । +कइसे तों चिन्हबऽ बाबा डँटहर पनमा , कइसे के राजकुमार हे ॥ 4 ॥ +खरग8 से चिन्हब गजदाँत हथिया , झलक9 से गजमोती हार हे । +डंटिया से चिन्हब डँटहर पनमा , पोथिया पढ़इते राजकुमार हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी +रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी +रेपे रेपे टे कोयो येचकेन नानी +आम्बे बोचो किजा बल कुयेरा +आम्बे बोचो किजा बल कुयेरा +आमानी कटारी इली कुवेरा +आमानी कटारी इली कुवेरा +आम्बे सोल कीजा बल कुवेरा +आम्बे सोल कीजा बल कुवेरा +आमानी कटारी इली कुवेरा +आमानी कटारी इली कुवेरा +नाना आम्बे कपि कीजा बल कुवेरा +नाना आम्बे कपि कीजा बल कुवेरा +मिया परा आम जोमे मिया परा रेमा जोमे +मिया परा आम जोमे मिया परा रेमा जोमे +रेमा अनाशा पूरा कीजा बल कुवेरा +रेमा अनाशा पूरा कीजा बल कुवेरा +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"194 +ढाडी भगतीए कंजरियां नकलिए सन अते डूम सरोद वजाए के जी +कशमीरी ते दखनी नाल वाजे भेरां तुरियां छन वजाए के जी +केसर थींनड़े पंगां दे पेच आहे घोड़े लूल्ह हमेल1 छनकाए के जी +काठियां सुरख बनात दीयां हेठ ताज़ी2 दारू पींवदे धरगा3 वजाए के जी +फुलां सेहरयां तुरियां नाल लटकन टके दितो ने लख लुटाए के जी +वारस शाह मुख ते बन्ह मुकट सोहन सेहरे बन्ह बनाए के जी",panjabi-pan +"नैना रा लोभी +एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी सासू सूती ने नन्दल जागे सा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +म्हारा बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +ननदी रा बीरा की कर आऊँसा +बाई सा रा बीरा की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी जेठानी सूती द्योरानी जागे सा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +भई सागर ढोला की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +भई सागर ढोला की कर आऊँसा +एजी हांसा म्हे तो आऊँ ने पाछी फिर फिर जाऊं सा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +कम दजिया राजा की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +कम दजिया राजा की कर आऊँसा +एजी हाँसा म्हारो नानो देवर उभो जांखे सा +पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा +पाड़ोसन झाला देवे म्हे कइयां आऊँसा +एजी हाँसा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजेसा +नैणा रा लोभी की कर आऊँसा +कम दजिया राजा की कर आऊँसा",rajasthani-raj +"सीस तेरे चीरा हरियाले बन्ने पेची अजब बहार +सीस तेरे चीरा हरियाले बन्ने पेची अजब बहार +काम तेरे मोती बन्ने चुन्नी अजब बहार +किसियो पोता ब्याहिये किसिये चढ़ा दहेज +स्याम नन्द विवाहिये जुन पूनो का चांद दिल्ली का सुल्तान +ब्याह बहू ले आइये हरियाले बन्ने उतरो राज द्वार +बहू उतारो ओबरे सोभा यह धमसाल +सोभा का क्या देखना जो बहू कुल की होय +जो मन मेलू होय +सास बहू जब लड़ पड़ी बन्ना किस की ओर +बाहर से भीतर गया हुआ बहू की ओर +एक दिना एक रात में जाय सराही ससुराल +नौ दस मास गरभ में बीते तब न सराही माय +आधा सोभा बांट दे जाय बसूं ससुराल +जब तैं रोया बन्ने खड़ी डुलाऊं थी सारी रात +सूखे तुझे सुलावती गीले रहती सोय रे हरियाले बन्ने +जो मैं ऐसा जानती क्यों रखती तेरी आस +तू क्या पाला सेंत में मेरी अम्मां तूने ठगा मेरा बाप +हमीं बिना आदर नहीं बापू जी ने दी बिसराय +हमीं हुए आदर हुआ पीहर से ली बुलाय +गडुवा से लडवा खाये खाई चरपरी सौंठ अर करकरा गौंद +मूंग चावल की खीचड़ी मेरी भोली अम्मा सुरही गऊ का घीय +कोने घुस घुस खावती +हम से एक जो गस्सा गिर पड़ा मेरी भोली अम्मां +नानी सी मर जाय बन्दर सी गुरराय मेरी भोली अम्मा",haryanvi-bgc +"34 +कलमदान दवात दफतैन1 पटी नावें आमली वेखदे लड़कयां दे +लिखन नाल मसौदे सयाक खिसरे सियाह अवारजे2 लिखदे वरकयां दे +इक भुल के ऐन दा गैन वाचन मुल्लां जिंद कढे नाल घुरकयां दे +इक आंवदे नाल जुजदान3 लैके विच मकतबां दे नाल तड़कयां दे",panjabi-pan +"नी सइओ! मैं गई गवाती +नी सइओ मैं गई गवाती । +खोल घूँघट मुख नाची । +जित वल्ल देक्खाँ दिसदा ओही । +कसम ओसे दी होर ना कोई । +ओहो मुहकम फिर गई दोही । +जब गुर पत्तरी वाच्ची । +नी सइओ मैं गई गवाती । +खोल घूँघट मुख नाची । +नाम निशान ना मेरा सइओ +जे आक्खाँ ताँ चुप्प किसे ना करीओ । +बुल्ला खूब हकीकत जाची । +नी सइओ मैं गई गवाती । +खोल घूँघट मुख नाची ।",panjabi-pan +"101 +मलकी गल सुनापवदी चूचके नूं लोक बहुत दिंदे बद दुआ मियां +बारां बरस महीं उस चारियां सी नहीं कीती सू चूं चरां मियां +हक खोह के चाए जवाब दिता महीं छड के घरां नूं जाह मियां +पैरीं लग के जाह मना ओहनूं मत पवी फकीर दी आह मियां +वारस शाह फकीर ने चुप वटी ओहदी चुप ही देगी रूढ़ा मियां",panjabi-pan +"417 +जे कोई जंमया मरेगा सभ कोई घड़या भजसी वाह सभ वहनगे वे +मीर पीर वली गौसा कुतब जासन एह सभ पसारड़े ढहनगे वे +जदों रब्ब अमाल1 दी खबर पुछे हथ पैर गवाहियां देनगे वे +जदों उमर दी आन मिआद पुगी अजराईल होरी आ वहनगे वे +भन्ने ठूठे तों एड वधा करना बुरा तुध नूं लोक सभ कहनगे वे +जेहा बुरा तूं बोलया रावला वे हड पैर सजाइयां लैनगे वे +कुल चीज फनाह हो खाख वैसी सावत वली अलाह दे रहनगे वे +ठूठा नाल तकदीर दे भज पया वारस शाह होरी सच कहनगे वे",panjabi-pan +"198 +काज़ी महकमे विच इरशाद1 कीता मन शरह दा हुकम जे जीवना ई +बाअद मौत दे नाल ईमान हीरे दाखल विच बहिश्त दे थीवना ई +नाल जौक ते शौक2 दा नूर शरबत विच जनतउलअदन3 दे पीवना ई +चादर नाल हया दे सतर4 कीजे काहे दरज हराम दी सीवना ई",panjabi-pan +"आई गैन रितु बौड़ी, दाँई जसो फेरो +आई गैन रितु बौड़ी , दाँई1 जसो फेरो2 , +फूली गैन बण बीच , ग्वीराल बुराँस +झपन्याली3 डाल्यों मा , घूघती4 धूरली , +गैरीगैरी5 मा , म्योलड़ी बोलली +उचि उचि डाँड्यों मा , कफू वासलो । +मौलली भाँति भाँति की फुलेर डाले +गेऊँजौ की सारी6 , सैरीं7 पिंगली ह्वैन , +राडा की रडवाड़ियों मा , मारी रुणाली +डाँडी काँठी गूँज , ग्वेरू की मुरल्योंन8 , +गौं की नौनी स्ये , गीत वसंती गाली । +जौं की ब्वई9 होली , मैतुड़ा10 बुलाली , +मेरी जिकुड़ी मा ब्वै , कुयेड़ीसी लौंकी ।",garhwali-gbm +"235 +अगे चूड़ियां1 नाल हंडाइयों नी जुलफां कुंडलदार हुन देख मियां +घत कुंडलां नाग सयाह पलमण2 वेखे ओह झला जिस लेख मियां +मल वटना लोड़ ददासड़े दा नयन खूनियां दे भरन भेख मियां +आ हुसन दी दीद कर देख जुलफां खूनी नयनां दे भेख नू वेख मियां",panjabi-pan +"लोधा +रीर नाओ रीना माय मोरे रीर नाओ रीना की । 2 +पहली मैं गायों माय मोरे माय धरती के सेवा +दूसरा में गायों माय मोरेठाकुर देव का सेवा +तीसरा में गायों माय मोरेखेरो मायक सेवा +चौथा में गायों माय मोरेचाँद सूरज की सेवा +पाचेमा गायों मोरेचार खूटा की देवता +झूरझूर माय मोरे बैहर बहय 2 +सुर सुर माय मोरे चले पुरवेया 2 +घटघट माय मोरे बदल सिरजय 2 +गरजय घूमड़य माय मोरे कारी बदलिया 2 +चारोने खूटे माय मोरे कारी बदलिया 2 +बरसय रातय माय मोरे मैगो बरसय 2 +भर गय भरिगय माय मोरे ताला डोबरिया 2 +मारे हिलोर माय मोरे ताला , डोबरिया 2 +फुट गय फूटी गय माय मोरे ताला डोबरिया +बह गय वही गय माय मोरे ताला डोबरिया +एक धारो बहय माय मारे डूडन के धारो 2 +एक धारो बहय माय मारे रक्तिनको धारो 2 +एक धरो बहय माय मारे गोबरिन को घारो 2 +एक धारो बहय माय मारे चिखलिन को धारो 2 +एक धारो बहय माय मोरे चारों छोवरासी 2 +एक धारो बहय माय मोरे सातों ही धारो 2 +बह गय बहिगय माय मोरे धरती पातालों 2 +सातो ही समदुर माय मोर मारे हिलोरा 2 +सातो ही समदुर माय मोर कारी औपटपर 2 +कारी औपटपर माय मोरे बरीसा पीपर +बरीस पीपर माय मोरे बारोही खूदर +ऊ हैय जनमय माय मोरे बारा भाई लोढ़ा 2 +केखर पाघू जनमय माय मोरे दूध कोडी लोढ़ा +ओखर पाछू जनमय माय मोरे रक्ति बीरों लोधा । +ऊ हैय जनमय माय मोरे गोबरी बीरों लोधा 2 +ऊहैय जनमय माय मोरे चिखली बीरों लोधा 2 +ओखर पाछू जनमय माय मोरे हडकोड़ी लोधा 2 +ऊहैय जनमय माय मोरे चिलोचिलो लोधा 2 +तेखर पाछू जनमय माय मोरे नोनी लोधा 2 +कहर कहर रोथय माय मोरे नीनी औवढेरिन +काभूतों रोथय माय मोरे काभूतों रोधय 2 +छाती के मारे सलगय माय मोरे बारा भाई लोधा +टेंघरा के मारे ढूकय माय मोरे बारा भाई लोधा +डेखन लागे माय मोरे बारा भाई लोधा +कहा के भूतो होतिस माय मोरे नानी औवढेरिन +उठे के बहीलिन माय मोरे बारा भाई लोधा +धामेय रूड़ावैय माय मोरे पौनैय पूरावैय +मनमाना सोचेय माय मोरे बारा भाई लोधा +का खाना खाबों माय मोरे का पानी पीबो +सोने के धनुष बाण माय मोरे सोने पनीच +सोने के सेरैय माय मोरे सोने बिसाड़ी +होय गईन है तैयारी माय मोरे बारा भाई लोधा +पूछन लागे माय मोरे नोनी औवढेरिन +तुम कहाँ जाथो माय मोरे बारा भाई लोधा +हम वनवास जाथन माय मोरे बारा भाई लोधा +तै इही रहबे माय मोरे नेनी औवढेरिन +रंगन लागे माय मोरे बारा भाई लोधा +आगू के पैईया माय मोरि पलंग देसारिन कि माय मोरे लूहंग औरेगय न +पहूँचन लागे माय मोरे भौवरा पहार +लगयन घटनिया माय मोरे बारा भाई लोधा +खेदत लयजैय माय मोरे चिलोचिलो लोधा +एकेला मोरे माय मोरे बारा गिरावय +सरैय के कावर माय मोरे धनहू के टेका +लौंटन लागे माय मोरे बारा भाई लोधा +आगू के पैया माय मोरे लूहंगी रेगय ना +पहूँचने लागे माय मोरे बारा भाई लोधा +ऊतकी देखय माय मोरे नोनी औवढेरिन +छाय छूई खोजे माय मोरे नोनी औवढेरिन +कहाँ है दीया माय मोरे कहाँ बाती +सोने के दिया माया मोरे सोने की बाती +सोने गड़ुवा माया मोरे सोने पिडोली +गोड़ धवाथय माय मोरे नन औवढेरिन +मड़ावन लागे मायमोरे बारा जीवादे +रीठा लकड़ी कबाड़े माय मोरे बारा भाई लोधा +भूजन लागे माय मोरे बारा जीवादे +काटन लागे माय मोरे बारा भाई लोधा +मूड़े के बाड़ा माय मोरे रूण्ड के खड़ही रक्तिन के धार +मूड फोड़ गूदी माय मोरे आँख फोड़ पानी +आलो का भोजन माय मोरे सूखा दतून +शब्दार्थ – चार खूटा चार दिशा , बैहरहवा , सिरजयबनना , मेगोममेघबादल , दबरियाडबरा , तालातालाब , रक्तिनखून , गोबरिनगोबर , चिखलिनकीचड़ , बरीसावृक्ष , पीपरपीपल , बारोहीधूल उड़ना , दूध कोड़ीदूध से उत्पन्न , रक्तवीरोरक्त भाई , सलगयसरकना , टेंघराघूटने चलना , धनहूधनुष , पनीचप्रत्यंचा , बिसाड़ीबाण । वनवासजंगल , लूहगीलंबे दाग , घटनियाधनुष पर बाण चढ़ाना , चिलोजरख , रीठालकड़ी , मूडेसिर , सूखादतून नाश्ता , आलोकरताजा खाया , जीवादेजानवर , पिडोलीपीढ़ा , धवावयधोये , गड्डवाकलशलोगा , मड़ावनरखना । +सबसे पहले हम सबको आधार देने वाले धरती माता के गुण गाते हैं । उसकी वंदना करते हैं । पूजा करते हैं । इसके बाद गाँव के रक्षक देवता ठाकुरदेव का सुमिरन करते हैं । तीसरे क्रम में हम गाँव की सीमा की रक्षक देवी खैर माई का स्मरण करते है । चौथे क्रम में सबको प्रकाश देने वाले सूरज और चाँद की वंदना करते हैं । पाँचवे क्रम में चारों दिशाओं के देवताओं के गुणगान करते हैं , क्योंकि वे ही पृथ्वी के रक्षक प्रहरी हैं । +हे माँ धीरेधीरे ठंडी हवा बहने लगी है । झूरझूर हवा धीरेधीरे बहती है , लेकिन वह तन बदन को लगकर थोड़ी झूरझुरी यानि कपकपी पैदा करती है । इसके पश्चात माघ पूस में ‘सुरसुर’ करके पूर्व की ओर से चलने वाली ‘पुरवैया’ हवा चलने लगती है । पुरवैया की ‘सुरसुर’ हवा शीतल तो होती है , लेकिन तन बदन को छूकर वह एक प्रकार क�� आनंद उल्लास पैदा करती है । इसलिए गीतों में प्राय : ‘पवन पुरवैया’ कहावत का अधिक उपयोग किया जाता है । चाहे जंजातीय गीत हो या लोक बोलयों के गीत हो । +हे माँ आकाश के कोनकोने से बादल उठने लगे हैं । काली बदलियाँ इधरउधर से उमड़घूमड़ रही है । गरजतरज रही है । चारों दिशाओ में बिजलियाँ कड़क रही है । छमक रहीं हैं । पानी से भरे कालेकाले बादल बरसने लगे है । सारे नदी , तालाब , पोखर पाने से लबालब हो गये है , वे हिलोरें ले रहे है । छोटेछोटे पोखरों और डबरों ने अपनी सीमा तोड़ दी हैं । कुछ तालडबरे नदी की तरह ऊपर से बहने लगे हैं । वर्षा ऐसी हो रही है , जैसे बूँदों की लड़ियाँ टूटती नहीं है । बूँदों की जल धारा ही बन गई है । एक यह बूँदों की धारा है , जो पृथ्वी को तृप्त करती है , दूसरी तरफ शरीर में रक्त की धारा है , जो निरंतर बहकर मनुष्य को जीवन और जीवंतता प्रदान करती है । एक धारा गोबरकीचड़ की है । +एक धारा ऐसी है , जो पूरी सृष्टि की है । एक धारा ऐसी भी है , जो धरती से पाताल तक जाती है । कई धाराओं से मिलकर पृथ्वी पर सात बड़ी जल धाराएँ बनी । जिन्हें सात समुंदरों के नाम से जाना जाता है , जिसमें अथाह जलराशि हिलोरे लेती है । सातों समुद्रों के मध्य धरती स्थित है । धरती पर एक काला पहाड़ पत्थर है । जिस पर पेड़पौधे वनस्पतियाँ फैली हैं । उस काले पहाड़ में एक पीपल का वृक्ष भी है । उस पीपल से धूल मिट्टी से भरी कुंवारी धरती पर बारह भाई लोधियाओ ने जन्म लिया । इसके पश्चात दूध की धारा से निकले दूधिया लोधा आये । इनके बाद रक्त की धारा से उपजे रक्त भाई लोधा । फिर वहीं गोबर से पैदा हुए गोबरिला भाई लोधा । फिर कीचड़ से चिखली भाई लोधा । उसके बाद हड्डियों से उत्पन्न हड़कोडी भाई लोधा आये । चिलो चिली से चिलो चिली भाई लोधा । इनकी देखभाल के लिये कोई नहीं था । इनके बाद एक लड़की ‘अवढेरिन देवी’ पैदा हुई , जो पैदा होते ही ज़ोरज़ोर रोने लगी , जो ढसकढसक कर रोती ही रही । +इधर बारह भाई लोधा छाती के बल खिसकने लगे । धीरेधीरे घूटने के बल चलने लगे । कुछ दिन बाद बारह बाई लोढ़ा पाँवपाँव चलने लगे । घर आँगन में दौड़ने लगे । वे चारों ओर देखनेभालने लगे । वे बड़े हो गये , +बोलने लगे । वे पूछने लगे अरे छोटी लड़की तुझे क्या हो गया , जो तू रोये जा रही है । +उस रोती हुई बहन को बारह भाई लोधा गोद में उठाकर समझाने लगे । उसे सूर्य के प्रकाश में । घामेय घुमाया । हवा में पौ���ैय झुलाया । उन्होने बहन को बहला लिया । वे बारह बाई लोढ़ा अब अपने मनमन में सोचने लगे । हम क्या खायेंगे और क्या पीयेंगे । इसकी खोज में वे निकाल पड़े । +उन्होने अपने हाथ में धनुष बाण ले लिया । उनके हाथ में सोने का धनुष है और उसकी प्रत्यंचा भी सोने की है । , सोने का तरकश और उसमें सोने के ही बाण हैं । इस तरह बारह भाई लोधाओं ने पूरी तैयारी योद्धा जैसी कर ली । फिर छोटी बहन औवढेरिन देवी पूछती है हे बारह भाई लोधियों तुम कहाँ जा रहे हो । भाइयों ने कहाबहन हम जंगल में खानेपीने की खोज में जा रहे है । हमारी छोटी बहन तुम यहीं रहना । +यह कहकर बारह भाई लोढ़ा जंगल की तरफ जाने लगे । एक कदम चले , फिर दो कदम और फिर लम्बेलम्बे डग भरते हुए जंगल में ओझल हो गए । चलतेचलते वे भँवरा पहाड़ के किनारे पहुँच गये । अब वे अपना धनुष निकालकर प्रत्यंचा पर बाण चढ़ाने लगे । शिकार करने लगे । वे सब भाई एक जंगली सूअर का पीछा करने लगे । खदेड़तेखदेड़ते उस सूअर का आखिर शिकार कर ही लिया । सरई पेड़ की डाल की उन भाइयों ने एक कावड़ बनाई और उस पर शिकार को धनुष के सहारे टांग लिया । इसके साथ ही हिरण , चूहे , चिड़िया आदि का भी शिकार किया । शिकार करने के बाद वे बारह भाई जंगल से वापस लौटने लगे । वे सब एकएक पैर बढ़ाते हुए एक के पीछे एक चलते जा रहे हैं । चलतेचलते वे जहां बहन को छोड़कर गए थे । वहाँ पहुँचने लगे । बहन ने भाइयों को दूर से देखा तो वह पेड़ की छाया ढूँढ़ने लगी और ढूँढकर उसे साफ करने लगी । +वह उजाला करने के लिए दिया और बत्ती ढूँढ़ने लगी । कहने लगी दीया कहाँ है और कहाँ बत्ती ? उसे पता लगा की मेरे पास ही सोने का दीया है और सोने की बत्ती है । दीये में तेल डाल उसमें बत्ती लगा प्रकाश करने लगी । अरे मेरे पास तो भाइयों को बैठाने के लिये सोने के पीढ़े भी हैं । पैर धुलाने के लिये सोने का कलश गड़ू लोटा भी है । +बारह भाई लोढ़ा वहाँ बहन के समीप पहुँच गए । बहन कलश में पानी भरकर उनके पैर धूलाने लगी , फिर भाइयों ने शिकार को एक जगह रख दिया । अब बारह भाई लोधा लकड़ी जमाने लगे । उसे जला दिया और उसमें शिकार को भूँजने लगे । भूँजने के बाद शिकार को साफसुफ करने लगे । काटनेपीटने लगे । जानवर के सिर को अलग कर दिया । धड़ के भूँजे माँस के टुकड़ेटुकड़े कर लिये । रक्त को साफ कर लिया । सिर को तोड़कर उसका गूदा निकाल लिया , आँख का पानी मार दिया यानि आँखे निकालकर अलग रख दी ��� पहले साथ में चलने वाले देवता को भोग लगाया । फिर बारह भाई लोढ़ा ने बहन अवढेरिन देवी सहित मिलकर भोजन किया । जो माँस बचा , उसे सूखा लिया , उसे सुबह के दतून यानि नाश्ते के लिये रख लिया । गीत में प्रारम्भिक मानव की शिकार कथा का वर्णन अत्यंत सजीव और आदिमता के साथ हुआ है ।",baiga-mis +"कृष्ण बने मनिहार -सुनो री आली +कृष्ण बने मनिहार सुनो री आली +सर पे चुनरिया को डाल सुनो री आली । कृष्ण . . . +आँखों में काजल अति सोहे , +नैना देख सभी मन मोहे , +हाथों में बाजूबंद डार , सुनो री आली । कृष्ण . . . +कानों में कुण्डल अति सोहे , मुतियन चमक देख मन मोहे +गले में पहिने है हार , सुनो री आली । कृष्ण . . . +सोलह शृंगार करें मनमोहन , बरसाने पहुंचे हैं मोहन +नर से बनेहैं नारि , सुनो री आली । कृष्ण . . . +ललिता ने है टेर लगाई , झपट के पहुंचे कृष्ण कन्हाई +मन में खुशी है अपार , सुनो री आली । कृष्ण . . . +चूड़ी पहिनाओ प्यारी , तुम्हारी साड़ी कितनी प्यारी , +कैसी बनी ब्रजनारि , सुनो री आली । कृष्ण . . .",bundeli-bns +"123 +दिन होवे दुपहर ते आए रांझा अते ओधरों हीर भी आवंदी ए +रांझा महीं लया बहांवदा ई ओह नाल सहेलियां आंवदी ए +ओह वंझली नाल सरोद करदा हीर नाल सहेलियां गांवदी ए +काई जुलफ नचोड़दी रांझणे ते काई नाल कलेजे दे लांवदी ए +काई चमड़ी लक नूं मशक बोरी काई मुख नूं मुख नूं मुख छुहांवदी ए +काई मीरियां आख के भज जांदी मगर पवे ते टुबियां लांवदी ए +काई आखदी माहिया माहिया वे तेरी मझ बूरी कटा जांवदी ए +काई मापिआं दिआं खरबूजयां नूं कौडे़ बकबके चा बणांवदी ए +काई आखदी ऐंठया1 रांझया वे मार बाहुली पार नूं धांवदी ए +मुरदे तारियां तरन चफाल2 करके काई इक छाल घड़क दी लांवदी ए +कुते तारियां तरन चवाओ3 करके इक निओल निसर रूड़ी आंवदी ए +इक शरत बधी टुभी मार जाये ते पताल दी मिटी लयांवदी ए +इक बणदा चतरांग मुरगाबियां हो सुरखाब ते कूंज बण आंवदी ए +इक वांग ककूहीयां संघ टडन इक कूंज वांगो बुलांवदी ए +इक ढींग बने इक बने बगला इक बने जलांवनी आवंदी ए +इक औकड़ बोलदी टटिहरी हो इक हो संसार सरलांवदी ए +इक दा पलसेटियां हो बोलहण मशक वांगरां ढिड फुकांवदी ए +हीर तरे चुतरफ ही रांझने दे मोई मछली बन बन आवंदी ए +आप बने मछली नाल चावड़ा दे मिएं रांझे नूं कुरल बनांवदी ए +उस तखत हजारे दे पढड़े नूं रंग रंग दियां जालियां पांवदी ए +वारस शाह जटी नाज नयाज कर के नित याद दा जी परचांवदी ए",panjabi-pan +"ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े +ले ले हे गोरी म्हारी नमस्ते हम तो नौकर चाल पड़े +ना लेऊं हो पिया थारी नमस्ते तुम तो नौकर चाल पड़े +आ रह्या सै तेरा बड़ला बीरा गैल बीर के डिगर जाइये +पीहर जाऊं ना रहूं सासरे , संग बालम तेरे चालूंगी +बारा वर्ष में पिया घर आये लेण गया उस नाजों नै +क्यूं हो बेटा के दुख लाग्या के दुख लाग्या मेरी जाई ने +हम तो री माता नौकर चाले आप की या नौकरी से नाटै सै +झूठ पति तू झूठ मत बोले संग जाण की कह रही सूं +ला दे हो साफा छत्री झोला घर अपणे ने डिगर जांगा +घाल खटोला आंगण मैं सो गया भावज आण जगा रही सै +क्यूं हो देवर क्यूं नहीं ल्याया क्यूं छोड़ आया मां बापां कै +बोलै मत ना बिघन हो जागा नार छुटा दी हथणी सी +उस ने छोड़ कै दूसरी ब्याह ले रह लेण दे मां बापां कै +उस ने छोडूं ना दूसरी ब्याहूं , ना लाऊं गा उस नाजो नै",haryanvi-bgc +"हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +हाथों का घड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +दोती का लड़ियां संभाले रे +दोती का लड़ियां संभाले रे +संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +संभालो रे नाना सा दुल्हा राजा +पगड़ी का लड़िया संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +संभालो तो संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +घड़ी का लड़िया संभालो रे +संभालो तो संभालो रे नाना सा दुल्हे राजा +अंग्गा का लड़िया संभालो रे +संभालो तो संभालो नाना सा दुल्हे राजा +स्रोत व्यक्ति गोपाल , ग्राम जूनापानी",korku-kfq +"कृष्ण हारा हइलाम गो +कृष्ण हारा हइलाम गो , +कृष्ण हारा हइया कान्दछि गो वने निशि दिने +ओ गो , आमार मत दीन दुःखिनी , +के आछे आर वृन्दावने । । +सखी गो , यार ये ज्वाला सेइ जाने +अन्य कि आर जाने +आमार अरण्ये रोदन करा , +कार काछे कइ , केवा शोने । । +सखी गो , नयन दिलाम रूपे नेहारे +प्राण दिलाम तार सने । +ओ गो , देह दिलाम , अंगे वसन , +मन दिलाम तार श्रीचरणे । । +सखी गो , कृष्ण सून्य देह गो आमार , +काज कि ए जीवने । +अधीन कालाचाँद , कय , +राइ मरिल श्याम बिहने । ।",bengali-ben +"डोहा गीत +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +तागल्या पेहरिन बड़ी मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा तागल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +हार पेहरिन बड़ि मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा बाष्ट्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा बाष्ट्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +बाष्ट्या पेहरिन बड़ी मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा कड़ुल्या रे लोल । +दुइदुइ जोड़ी मारा कड़ुल्या रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +कड़ुल्या पेहरिन बड़ि मोज रे लोल । +रमण्यो डोहो मारो रमण्यो रे लोल । +दीपावली के अवसर पर गाया जाने वाला गीत है । +मेरा डोहा खेलने वाला है । मेरे दोदो जोड़ी तागल्या हैं । तागल्या पहनकर बड़ी +मौज है । दोदो जोड़ी मेरे हार हैं । हार पहनकर बड़ी मौज है । दोदो जोड़ी मेरे +बावंठ्या हैं । बावंठ्या पहनकर बड़ी मौज है । दोदो जोड़ी मेरे कुड़ल्या हैं । कड़ुल्या +पहनकर बड़ी मौज है ।",bhili-bhb +"आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे बाबा हुसियार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे बाबा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे ताऊ हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे चाचा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी +आगे घोड़ी तुम चलोगी पीछे मामा हुसियार घोड़ी +ले चल बजारम बजार घोड़ी",haryanvi-bgc +"51 +जा माहीयां1 पिंड विच गल कीती इक सुघड़ बेड़ी विच गांवदा ए +उहदे बोलयां मुख तेां फुल किरदे लख लख दे सद अलांवदा ए +सने लुडन झमेल दीयां दोवें रन्नां सेज हीर दी ते रंग लांवदा ए +वारस शाह कुआरियां आफतां ते वेख किहा फतूर हुन आंवदा ए",panjabi-pan +"फूल लोढ़े चलली हे गउरा, बाबा फुलवारी +फूल लोढ़े1 चलली हे गउरा2 बाबा फुलवारी । +बसहा चढ़ल महादेव , लावले3 दोहाई4 ॥ 1 ॥ +लोढ़ल5 फफलवा हे गउरा देलन छितराए । +रोवते कनइते6 हे गउरा , घर चलि आवे ॥ 2 ॥ +मइया अलारि7 पूछे , बहिनी दुलारि पूछे । +कउने तपसिया8 हे गउरा , तोरो के डेरावे ॥ 3 ॥ +लाज के बतिया9 हे अम्मा , कहलो न जाए । +भउजी जे रहित हे अम्मा , कहिति समुझाए ॥ 4 ॥ +पूछु गल सखिया10 सलेहर11 कहिहें समुझाए । +बड़े बड़े जट्टा हे अम्मा , सूप अइसन12 दाढ़ी ॥ 5 ॥ +ओही तपसिया हे अम्मा , हमरो डेरावे । +ओही तपसिया हे अम्मा , पड़ले दोहाई ॥ 6 ॥ +बुद्धि तोरा जरउ13 हे गउरा , जरउ गेयान । +ओही तपसिया है गउरा , पुरुख14 तोहार ॥ 7 ॥",magahi-mag +"कदी दुनिया में रणधीर डर्या नहीं करदे +कदी दुनिया में रणधीर डर्या नहीं करदे +जिननै सै नहीं मरणा आन्दा +उन नै ��र कोई डर दिखलान्दा +हरियाणा के वीर कदी डर्या नहीं करदे +मौत तै डर्या करैं वे पापी +जिन नै पाप करें हो काफी +माफी की याचना वीर कर्या नहीं करदे",haryanvi-bgc +"गरब करे सोई हारे +गरब करे सोई हारे , +हरि सो गरब करे सोई हारे । +गरब करो रतनागर सागर , +जल खारो कर डारे । हरि . . . +गरब करे लंकापति रावण , +टूकटूक कर डारे । हरि . . . +गरब करे चकवाचकवी ने , +रैन बिछोहा डारे । हरि . . . +इन्द्र कोप कियो ब्रज के ऊपर , +नख पर गिरवर धारे । हरि . . . +मीरा के प्रभु गिरधर नागर , +जीवन प्राण हमारे । हरि . . .",bundeli-bns +"भजन +टेक कब लग तोहे समझाऊँ , भोळा रे मन कब लग तोहे समझाऊँ । +चौक1 घोड़ो रे होय तो लगाम देवाहूं , खासी झीण डलाऊँ । +असवार होकर ऊपर बैठकर , चाबुक दे समझाऊँ । +भोळा रे मन कब लग तोहे समझाऊँ । +चौक2 हाथी रे होय तो जंजीर बंधाड़ू , चारी पाँय बंधाड़ू , +मावत होकर ऊपर बैठे , तो अंकुस दे समझाऊँ । +भोळा रे मन कब लग तोहे समझाऊँ । +चौक3 सोनू रे होय तो सुवागी बुलाऊँ , खासा ताव देवाड़ों । +नई फूकणी से फुकवा लाग्या , तो पाणी से पिघला +भोळा रे मन कब लग तोहे समझाऊँ । +चौक4 लोहो रे होय तो लोहार बुलाऊँ , आइरण घाट घड़ाऊँ । +लइ सन्डासी खिंचवा लाग्या , तो यंत्र मा तार चलाऊँ । +भोळा रे मन कब लग तोहे समझाऊँ । +छाप ज्ञानी रे होय तो बताऊँ , लइ पोथी समझाऊँ +कइये कबीर सुणो भाई सदू , तो पत्थर को क्या समझाऊँ +अरे भोले मन तुझे कब तक समझाऊँ । घोड़ा हो तो उसे लगाम लगाऊँ और उस पर मजबूत झींग कसवाऊँ और उस पर सवार होकर बैठूँ और चाबुक से उस समझाऊँ । अरे तू तो मनुष्य है और सभी जीवधारियों में एकमात्र समझदार जीव है , तुझे क्या घोड़े को समझाने के समान समझाना पड़ेगा ? +हाथी हो तो पैर में जंजीर बाँधूँ चारों पैरों में जंजीर बँधाऊँ , महावत होकर ऊपर बैठकर अंकुश से समझाऊँ । तू तो मनुष्य है । +सोना हो तो सुहागी बुलाकर और सोने के साथ डालकर खूब ताव दिलाऊँ आग से ताव देने पर ही सोना पिघलता है और फिर संडासी से पकड़कर पीटते हुए तारों में परिणत करूँ और आवश्यक डोरेकंठी बनाऊँ । तू तो मनुष्य है । क्या सोने के समान आग पर तपाकर फूँकणी से फूँक देकर तार बनवाऊँ । +लोहा हो तो लोहार को बुलाऊँ और निहाई लोहे की एरण पर रखकर घड़वाऊँ और संडासी से पकड़कर हथौड़े से पीटते हुए तार बनवाऊँ । +ज्ञानी हो तो ज्ञान बताऊँ और पोथी लेकर समझाऊँ । कबीरदासजी कहते हैं कि हे साधु भाइयों सुनो , पत्थर को क्या समझाऊँ । +इस गीत में मनुष्य को शिक्षा दी गई है कि तू समझ जा और अच्छे कर्म करते हुए परिश्रम की कमाई से जीवन व्यतीत करते हुए साथ में इस संसार रूपी समुद्र से पार होने के लिए भगवान की भक्ति कर । गीत में घोड़े , हाथी , स्वर्ण , लोहा का उदाहरण देते हुए मनुष्य को समझाया गया है । +किसी की मृत्यु होने पर एकत्रित जनसमूह के समक्ष मृत्यु गीत गाते हैं । मरने वाला परलोक सिधार जाता है किन्तु गीतों से जनमानस को अच्छे कर्म के प्रति प्रेरित कर भगवान का भजन करने की प्रेरणा दी जाती है ।",bhili-bhb +"मोरे हर से करे ररिया जनकपुर की सखिया +मोरे हर से करें ररियां जनकपुर की सखियां । +उनने आतर परसी सो पातर परसी +परस दई दुनिया जनकपुर की सखियां +आलू परसे रतालू परसे , +सो परस दई घुइयां । जनकपुर . . . +पूड़ी परसी कचौड़ी परसी +सो परस दई गुजियां । जनकपुर . . . +लडुआ परसे जलेवी परसी , +सो परस दई बुंदियां । जनकपुर . . . +उनने अमियां परसे , करौंदा परसे , +सो परस दये निबुआ । जनकपुर . . .",bundeli-bns +"मित्तर प्यारे कारन +मित्तर प्यारे कारन नी मैं , +लोक उल्हामें लैनी हाँ । +लग्गा नेहुँ मेरा जिस सेती , +सरहाणे वेख पलंघ दे जीती , +आलम क्यों समझावे रीती , +मैं डिट्ठे बाझ ना रैहनी हाँ । +मित्तर प्यारे कारन नी मैं , +लोक उल्हामें लैनी हाँ । +तुसीं समझाओ वीरो भोरी , +राँझण वंेहदा मैत्थों चोरी , +जींहदे इशक कीती मैं डोरी , +नाल आराम ना बैहनी हाँ । +मित्तर प्यारे कारन नी मैं , +लोक उल्हामें लैनी हाँ । +बिरहों आ वड़ेआ विच्च वेहड़े , +ज़ोर ज़ोर देवे तन घेरे , +दारू दरद ना बाज्झों तेरे , +मैं सज्जणाँ बाज्झ मरेनी हाँ । +मित्तर प्यारे कारन नी मैं , +लोक उल्हामें लैनी हाँ । +बुल्ले शाह घर राँझण आवे , +मैं तत्ती नूँ लै गल लावे , +नाल खुशी दे नैण विहावे , +नाल खुशी दे रैहनी हाँ । +मित्तर प्यारे कारन नी मैं , +लोक उल्हामें लैनी हाँ ।",panjabi-pan +"टोकणी पीतल की कुआं का रे जल भर लाई +टोकणी पीतल की कुआं का रे जल भर लाई +छेल मनै तरवा दे रंडवे की नजर ने खाई +नार तोहे बरजै मत घालै सुरमा स्याही +बैंत तोहे मारूं दगड़े में हंसती आई +मेरो कोई दोष नहीं वहां ठाडी चार लुगाई +जेठ मेरो न्यूं बोल्यो रे क्यों मारै छेल कसाई +देवर मेरो न्यूं बोल्यो या कि निकलन दे गुमराही +ननद मेरी न्यूं बोली या बिगडद्ये घर की आई +देवरानी मेरी न्यूं बोली तेरे तड़के ल्याऊं सगाई +पड़ौसिन मेरी न्यूं बोली मैं खुद ल्या दूं मां जाई +जेठाणी मेरी न्यूं बोली मुट्ठी में धर�� लुगाई",haryanvi-bgc +"तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +तोरे को पुकारे रोडो डो आयोम आजे +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ खोले +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ खोले +सोने की किवाड़ टाला दियो भीत अर्जुन कीन्च टेगेन +सोने की किवाड़ टाला दियो भीत अर्जुन कीन्च टेगेन +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ डो खोले +बिडे डो गंगा आयोम सोने का किवाड़ डो खोले +सोने की किवाड़ टाला भाग भगवान टाकींज टेगेन +सोने की किवाड़ टाला भाग भगवान टाकींज टेगेन +बिडे डो गंगा आयोम सोने के किवाड़ खोले +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"उतरहि राज से ऐली माँ हे कोसिका हे +उतरहि राज से ऐली माँ हे कोसिका हे +पश्चिम केने जाय कोसीमाय असीधार । +हरदी रंगल साड़ी गे कोसी माय +सिनुरा भोगारल +अंचरा करै छी महामहि +जुन छेडु जनु छेडु +छोड़ा रे मलहवा , +हमछी बिन पुरूषक नारि । ।",angika-anp +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 5 +बड़ अक्कल वाली ये रानी ये +देख तो भगवान +साते मँ कैसे आ बइठे हे +मनेमन मँ भरथरी हर , मोर गुनत हे ओ +बिना आगी पानी के बनावत हे +सबे सइना के न +मोर सोहाग ओ +चल बनाई के न +मोर सुन्दर कलेवा खवावय ओ , ये खवावय ओ , भाई ये दे जी । +सबे के पूर्ति ल करिके +मोर सुनिले न ओ +कइसे विधि कइना बइठे हे +भरभरी ह न +जब सोचे गिंया +ओही जनम ओ +मोर पलंग न , टूटे हे राम +रानी नई तो गिंया , मोर बताए ओ +मोर साली हर आज बतावय ओ , मँयहर पूँछव ओ +भाई ये दे जी । +आजेच्च पूछिहँव के काले ओ +कईके सोचत हे ओ +देख तो दीदी मोर मने म +भरथरी ये न +जब सोचि के राम +चल बइठत हे ओ +ओही समय म न +मोर चेरिया ल ओ +कइना भेजत हे राम +सुनिले जोगी मोर बात +तोर सारी ह +महल म बलावत हे चले जावॅव ओ , भाई ये दे जी । +गोदी म बालक ल धरावत हे +आज कइना ह ओ +देख तो दीदी मोर भरथरी ल +भरथरी ये ओ +बालक ल देखय न +सुनिले कइना मोर बात +सोने पलंग ओ +कइसे टूटिस हे ना +आज महली ये रात +तोर बहिनी हर ओ +सामदेई हर ना +नई बताइसे ओ +मोला बतादे कइना +मोर सदे के ये तो बाते ये ओ , तय बतादे ओ , भाई ये दे जी । +जब धन बोलत हे कइना ह +सुनिले जोगी मोर बात +मॅय हर नई तो बतांव न +मोर बालक हो +पहली ये गिंया +मोर गोदी म न +बालक हावे ओ +मॅय हर का करिहॅव ओ +मोर गोदी मा बालक हावय ओ , जोगी हावय ओ , भाई ये दे जी । +हरके अऊ बरजे ल नई मानय +भरथरी ये ओ +देखतो दीदी रटन धरे ये +मोर रानी ये ओ +सुनले भरथरी बात +मॅयहर छोड़त हव न +आजे चोला ल ओ +हेता करके दीदी +जीभ चा��ी के न +मोर चोला ल ओ +चल छोड़त हे न +मोर राजा हर देखथे कइना ओ +बाई देखय ओ , भाई ये दे जी । +दफन देई के भरथरी +अपन रऊल बर ओ +देखतो दीदी चले आवत हे +एके महिना मे न +दूसर महीना के छाय +मोर सुआ के पेट में अवतारे ओ , चल धरय ओ , भाई ये दे जी । +बीच कंगोरा म +बइठके मोर फुलवा ये ओ +टोंटीटोंटी दीदी बाजत हे +भरथरी ये न +मोर आवाज ल +चल सुन के न +घर ले निकलत हे +सुनले सुआ रे बात +ओही जनम के +मोर सारी अव न +तय बतादो हीरा +मोर सोने पलंग कइसे टूटिस हे न +कइसे विधि कर पूँछय हो , ये दे पूँछय ओ , भाई ये दे जी । +जब बोले मोर सुआ हर +सुनले जीजा मोर बात +कुकुर के पेट म अँवतारे न +तीन महीना म राम +मॅयहर लेहव हीरा +तोला दिल की बात +बतावॅव ओ बतावॅव ओ +जोगी ये दे जी । +जब सुआ मरी जायय ओ +मोर भरथरी ओ +पैर तरी सुआ गिर जाय +भरथरी ए न +दफन करें गिया +तीन महीना ल न +चल सोचत हे न +मॅयहर कब राजे ल सुनॅव ओ +जीव सफल ओ बाई होवय ओ , रानी ये दे जी । +नई अन्न खावॅव +पानी नई तो पियय दीदी +का बइहाभूतहा होय हे +भरथरी हर ओ +मोरे बात मन +फुदका मारे राम +चल तरिन ओ +मन सोचिके न +मोर चेहरा गया कुम्हलाय , ये कुम्हलाय ओ , भाई ये दे जी । +गोरा बदन काला होई गय +चेहरा गय कुम्हलाय +दुबरावत चले जावत हे +तीने महीना म ओ +मोर जाई के न +मोर कइना हर राम +मोर कुकुर के पेट अवतार ये ओ , चल धरे ओ , भाई ये दे जी । +कुकुर के पेट अवतार ल +चल पैरा म ओ +जोगी पैरावट म +मोर जाइके ने +धीरेधीरे गिंया +भरथरी ये न +ओही जनम के +भोर सारी अस ओ +सोने पलंग ह +कइसे टूटिस हे न +मोला हालेल देना बताय ओ भाई बोलय ओ , भाई ये दे जी । +जब बोलय मोर कुतनिन ह +सुनले जीजा मोर बात +मंय अवतारे ल धरे हॅव +दुई अवतारे ल धरे हॅव +सुनले जीजा मोर बात +सुरा के पेट में जनम लेहॅव +तब तोला जीजा +मॅय बता देहॅव +जब सोच के ओ +मोर कुकुर हर न +चोला छोड़त हे राम +भरथरी ये ना +दफन करिके ओ +मोर माथा ल धरके बइठे ओ , भाई आके ओ , भाई ये दे जी । +धररधरर आंसू चलत हे +सुनिले भगवान +का तो कलपना मोला परे हे +मन म सोचत हे न +विकट हैता गिंया +करी डारेंब ओ +मोर हाथे म चोला छुटे ओ , भाई छुटे ओ , भाई ये दे जी । +सुराके पेट म जाइके +अवतारे ओ +देख तो दीदी छै महीना मा +चल जनमथे न +चल डबरा म ओ +भूरीभूरी दीदी +जिहां दिखत हे न +भरथरी ए ओ +खोजत जावय राम +सुनिले भगवान +सुनी लेट कइना बात +मोला कइसे आज बतावय ओ , ए बतावय ओ , भाई ये दे जी । +सोने पलंग मोर टूटिस +रानी हांसीस ओ +तेकर बात बता देना +जब बोलय मोर सुरा हर +सुनिले सुर���न मोरबात +कहना वचन जोगी नई मानय +मोरे पिछे म +धरी ले जोगी +चोला छोड़ी के न +मैं ये दे जावत हॅव +कौंआ के पेट अवतार ओ , चल लेहॅव ओ , भाई ये दे जी । +तीन जोनी ल तो छोरी के +मोर जावत हे ओ +कौंआ के पेट मँ अवतारे न +चल जाई के न +मोर बइठे गिंया +मोर आमा के डार +मोर कांवेकांवे ओ नारियाये ओ , भाई ये दे जी । +जब बोलय भरथरी ह +सुनले कौंआ रे बात +सुनले कोयली मोर काग +बोली से गिंया +मॅयहर लिहेंव पहिचान +मोर बइठे आमा के डारे ओ , ये दे बइठे ओ , भाई ये दे जी । +बोली से मय लिहेंव पहिचान +सुन काग मोर बात +कइसे पलंग पर टूटिसे +रानी हांसिस न +देदे साला जवाब +जब कौंआ हर ओ +चल मरत हे न +ये दे छोड़ॅव जोगी , अपन चोला ल न +मय हर गऊ के पेट अवतारे ओ , चल हेह्व ओ , भाई ये दे जी । +चोला स छोड़िके कौंआ हर +मोर गिरी गे ओ +अब दफन ये दे देवत हे +भरभरी ये न +फेर सोचत हे राम +चारे अवतारे न एकर होगे दीदी +येहर कब मोला बताहय ओ , बताहय ओ , भाई ये दे जी । +दस महीना के छॉय मा +कोठा मँ ओ +देखतो जनम लेके आवत हे +बछिया जोनी न +जल धरे हे न +सुघ्घर गइया ए ओ +मोर कइसे बछेवा हर दिखय ओ , ये दे दिखय ओ , भाई ये दे जी । +मुरली बिन गइया रोवत हे +सुनिले भगवान +बछड़ा हर रोवत हे दैहाने म +नोई दूध हर ओ +राउत बिना गिंया +चल कलपत हे ना +मोर जउने समय म ओ भरथरी चले आवय ओ , भाई ये दे जी । +सुनिले बछिया ए दे बाते ल +मोला बतादे ओ +सोने के पलंग मोर टूटे हे +ओही जनम के +मोर सारी अस ओ +बचन पियारी न +मोर हाल ल देना बताये ओ , भाई आजे ओ , भाई ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"534 +खेड़े निशा1 दिती अगे जोगीड़े दे सानूं कसम है पीर फकीर दी जी +मरां होए के एस जहान कोहड़ा कदे सूरत जे डिठी है हीर दी जी +सानूं हीर जटी धौली धार दिसे कोह2 काफ3 ते धार कशमीर दी जी +लंका कोट पहाड़ दा परा दिसे फरहाद नूंनहर जो शीर4 दी जी +दूरों वेखके फातिहा आख छडां गुरु पीर पंजाब दे पीर दी जी +सानूं कहिकहा5 कंध दे वांग दिसे ढुका नेड़े ते कालजा चीर दी जी +उसदी झाल ना असां थी जाए झली झाल कौन झले जटी हीर दी जी +भैंस मार के ते सिंग नाद ढोई ऐवे हवस गई दुध खीर दी जी +लोक आखदे हुसन दा दरया वगे सानूं खबर ना ओसदे नीर दी जी +वारस शाह झूठ ना बोलीए जोगियां ते खयानत ना करीए मीर पीर दी जी",panjabi-pan +"तोरे नैनाँ हैं मतवारे +तोरे नैनाँ हैं मतवारे , +तन घायल कर डारे । +खन्जन खरल सैल से पैने , +बरछन से अनयारे । +तरबारन सें कमती नइँयाँ , +इनसे सबरे हारे । +ईसुर चले जात गैलारे । +टेर बुलाकें मारे ।",bundeli-bns +"गढ़वाल ���्यारो +मेरो हिमवन्त देश गढ़वाल प्यारो +चारी जाली कूल , +हैरी1हैरी डांडी2 मेरी +रंग बिरंगा फूल । मेरी हिमवन्त . +पिण्डलू का शोभा , +बद्री , केदार नाथ , +छै ऋतु की शोभा । मेरो हिमवन्त . +आरती की थाली , +छोटीबड़ी रौली मेरी +झुकीमुकी डाली । मेरो हिमवन्त . +भितरी को सीत , +ग्वेरु3 की मुरली अर , +घसेयों का गीत । मेरो हिमवन्त . +गीत भरी साज , +डाँड्यों म कुयेड़ जख , +दूधकोसी गाज । +मेरो हिवन्त देश गढ़वाल प्यारो ॥",garhwali-gbm +"इनी का दिन, झगड़ा वा +इनी का दिन , झगड़ा वा +इनी का दिन , झगड़ा वा +इनी का दिन , मपा वा +इनी का दिन , मपा वा +इनी का दिन , निपिड़वा +इनी का दिन , निपिड़वा +इनी का दिन , टपन वा +इनी का दिन , टपन वा +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"जग में बिना यार कौ को है? +जग में बिना यार कौ को है ? +मिलै सो भाग बदौ है । +एक यार आमद के पाछै , +धनके संग लगौ है । +एक यार दये प्रान प्रेम मैं +प्रीत की कौन फंसौ हैं । +एक यार बिच धार वहा कैं +बीचइ छाड़ भगो है । +जे सब यार देखकें ईसुर +मो मन भौत हँसौ है ।",bundeli-bns +"मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै +मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर , मेरा री मन बेरां नै । +मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने , वोह तो चौधर आया जितवाए , +कराले के बाग में । +मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने , वोह् तो घोड़ी आया जितवाए , +कराले के बाग में । +मन्नै देवर घाल्या री लेण ने , वोह तो खुलिया आया जितवाए , +कराले के बाग में । +मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने , वोह् तो गोरी आय जितवाए , +कराले के बाग में । +मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर , मेरा री मन बरां नै ।",haryanvi-bgc +"जलमी इले आवा जा डूड प्याला माय मारे +जलमी इले आवा जा डूड प्याला माय मारे +मायडो नव लाको जरी टालान ईनी जाजोम जे मांडो बीले +मायडो नव लाको जरी टालान ईनी जाजोम जे मांडो बीले +मायडो नव लाको जरी टालान ईनी जाजोम जे मांडो बीले +रावेन बेटा जा रावेन बेटा मारे +बेटा नव लाको जरी टा लान ईनी जाजोम जे कुँवार रानी का बीले +बेटा नव लाको जरी टा लान ईनी जाजोम जे कुँवार रानी का बीले +स्रोत व्यक्ति दयाराम काजले , ग्राम सोनपुरा",korku-kfq +"49 +बेड़ी नहीं एह जंझ दी बनी बैठक जो कोई आवे सो सद बहांवदा ए +गडावडा1 अमीर वजीर बैठे कौन पुछदा ए केहड़ी थाउं दा ए +जिवें शमां ते डिगन पतंग धड़ धड़ लंझ नैं मुहानया2 आंवदा ए +खवाजा खिजर दा बालका आन लथा जनाखना शरीनियां3 लयांवदा ए +लुडन नाह लंघाया पार उसनूं ओस वेलड़े नूं पछोतांवदा ए +यारो झूठ न करे खुदा सचा रन्नों मेरियां एह खिसकांवदा ए +इक सद दे नाल एह जिंद लैंदा पंछी डेगदा मिरग फहाउंदा ए +ठग सुने थनेसरों आंवदे ने एह तां जाहरा ठग झनाउं दा ए +वारस शाह मियां वली जाहरा ए वेख हुने झबेल कुटाउंदा ए",panjabi-pan +"हीर +हीर अक्खाँ जोगिया झूठ बोले +कौण विछड़े यार मिलावदाँ ई +ऐसा कोई ना मिलया वें मैं ढूँढ थकी +जेड़ा गया नूँ मोड़ लेयावँदा ई +मेल रूहाँ दे अज़ल दे रोज़ होए +ते सच्चे इश्क दी न्यूँ तामीर होई +फुल्ल खिल गये पाक मोहब्बताँ दे +कोई राँझा होया , कोई हीर होई +साडे चम दियाँ जुतियाँ करे सोई +जेड़ा ज्यू दा रोग गवावदाँई +भला दस खाँ चिड़ि व छुन्याँ नूँ +कदों रब सच्चा घरीं ले आवदाँई +इक बाज़ तों कंग नू कूंज खोई +वेखाँ चुप है के कुरलावदाँई +दुखाँ वालेयाँ नू गल्लाँ सुखदियाँ ते +किस्से जोड़ जहान सुनावदाँई +इक जट दे खेत नूँ अग्ग लगी +वेखाँ आण के कदों बुझावदाँई +देवाँ चूरियाँ घ्यों दे बाल दिवे +वारस शाह जे सुणा मैं गाँवदाँई +मेरा जूजा मा जेड़ा आण मिले +सिर सदका ओस दे नाणदाँई +भला मोए ते विछड़े कौन मिले +ऐंवे जीवड़ा लोग बुलावदाँई",panjabi-pan +"265 +कहे नाथ रंझेटया समझ भाई सिर चाहिए जोग भरेटड़ी1 नूं +अलख नाद वजाए के करे निहचा मेल आवना टुकड़ रोटड़ी नूं +असीं मुख अलूद ना झूठ होलां चार लयावना अपनी खोतड़ी नूं +वडी मां बराबरां जाणीए जी अते भैण बराबरां छोटड़ी नूं +जती सती नमाणया हो रहिये साबत रखना इस लंगोटड़ी नूं +वारस शाह मियां लै के छुरी कोई वढ दूर करीं इस बोटड़ी2 नूं",panjabi-pan +"राम कहाँ मोरी माई भरत पुछे +राम कहाँ मोरी माई भरत पुछे +१ जब सी भरत अवध मे आये , +छाई उदासी भारी +अड़घाट घेरियो मोहे परघाट घेरियो +प्रजा ढुंढे जग माही . . . +भरत पुछे . . . +२ राजा दशरथ के चारी पुत्र , +चरत भरत रघुराई +चरत भरत को राज दियो है +राम गया बंद माही . . . +भरत पुछे . . . +३ माता कौशल्या मेहलो मे रोये , +बायर भारत भाई +राजा रशरथ ने प्राण तज्यो है +कैकई रई पछताई . . . +भरत पुछे . . . +४ राम बिना रे म्हारी सुनी आयोध्या , +लक्ष्मण बीन ठकुराई +सीता बीन रे म्हारी सुनी रसवोई +अन कोण करे चतुराई . . . +भरत पुछे . . . +५ आगे आगे राम चलत है , +पीछे लक्ष्मण भाई +जिनके बीच मे चले हो जानकी +अन शोभा वरणी न जाई . . . +भरत पुछे . . .",nimadi-noe +"213 +मही टुरन ना बाझ रंझेटड़े दे भूहे होइके पिंड भजायो ने +धौन चाइके बूथियां उतांह करके शोर घाट ते धुम्मला लायो ने +मार चुं���ियां लोकां नूं ढुंढ़ मारनभांडे भन्न के शोर घतायो ने +लोकां आखया रांझे दी करो मिंनत पैर चुमके आन जगायो ने +चशमां पैर दी खाक दा ला मथे वांग सेवकां सखी मनायो ने +भड़थू मारयो ने दवाले रांझने दे लाल वेग दा थड़ा पूजायो ने +पकवान ते पिंनियां रख अगे भोलू राम नूं खुशी करायो ने +मगर मही दे छेड़के नाल शफकत1 सिर टुमक चा चवायो ने +वाहो दाही चले रातो रात खेड़े दाइरे जा के देहुं चढ़ायो ने",panjabi-pan +"मनैं बहली दीखी आवती साथिण के आए लणिहार +मनैं बहली दीखी आवती साथिण के आए लणिहार +साथिण मेरी तड़कै डिगर जागी +ए बीरा एक बै घेरां में जाइए बाबल की धीर बंधाइए +रे उसने रो रो सुजा लई आंख बेटी तै मेरी तड़कै डिगर जागी +ए बीरा एक बै साला में जाइए माइयड़ की धीर बंधाइए +रे उसने रो रो सुजा लई आंख बेटी तै मेरी तड़कै डिगर जागी +मत रोवै बाबुल मेरे दुनिया का योह् सै ब्योहार +मत रोवै मां मेरी बाबली दुनिया का योह् सै ब्योहार +योह् सै जगत में होती आवै",haryanvi-bgc +"हमखों कर डारो बैरागी +हमखों कर डारो बैरागी , +रजऊ की आसा लागी । +अपने जानें कभऊ नई भई +धूनी बरै न आगी । +इन हातन का दई दच्छिना +हमने भिच्छया माँगी । +फेरी देत रजऊ के लाने +ईसुर बस्ती त्यागी ।",bundeli-bns +"मेनू हीरे हीरे आखे हाय +मेनू हीरे हीरे आखे हाय +नी मुंडा लम्बरा दा , +मेनू वांग शुदैयाँ छनके +हाय नी मुंडा लम्बर दा , +नी मुंडा लम्बर दा +सुबा सवारे उठ नदिया +मैं जानी आ +मल मल दही दियाँ फुटियां नहौनियां , +नी उहदे पाणी च सुनींदे हासे , +हाय नी मुंडा लम्बरा दा , +मेनू वांग शुदैयाँ छणके +मुंडा लम्बर दा +हाय नी मुंडा लम्बरा दा , +सुबा सवारे उठ खुही मे जानीआ +सुहा शुआ गहरा जद धके मै लौनी आ , +मैनू लगा मेरी वखी संग जापे , +हाय नी मुंडा लम्बरा दा , +मेनू वांग शुदैयाँ छणके +मुंडा लम्बर दा +हाय नी मुंडा लम्बरा दा , +सुबा सवेरे उठ बागे मैं जानीआ +बागे मैं जानीआ , नी बागे मैं जानीआ +चुन चुन मरुआ चमेली मैं लैउनीआ , +उहदे साह दी सुगंध औंदी जापे , +हाय नी मुंडा लम्बरा दा , +मैंनू वांग शुदैयाँ छणके +मुंडा लम्बर दा +हाय नी मुंडा लम्बरा दा",panjabi-pan +"अंगिका फेकड़ा +दहू भगवान गरदौआ झोॅर +बकरी भागतै जैबोॅ घोॅर । +हम्में बाबू मचोल पर +लेद्धोॅ छौड़ा हेठ में । +चान मामू चान मामू खुरपा देॅ । +सेहो खुरपा कथी लेॅ ? +घसवा गढ़ावै लेॅ । +सेहो घसवा कथी लेॅ ? +गइया खिलावै लेॅ । +सेहो गइया कथी लेॅ ? +दहिया जमावै लेॅ । +औंटल गेल , पौटल गेल +कोठी तर जनमायल गेल +जोरन आनै गेलाँ छी गोबर माखी ऐलाँ छी +नया पोखर गोड़ धोलाँ , पोठिया मछली पैलाँ । +चूल्हा लगाँ गेलाँ , पाकै वास्तें देलाँ +चूल्हा में छेलै बुबुआ +सेहो काटलकै बुबुआ । +चाँन मामू , चाँन मामू चाभी देॅ । +सेहो चाभी कथी लेॅ ? +घरवा खोलबावै लेॅ । +सेहो घरवा कथी लेॅ ? +गेहुँमा निकालै लेॅ । +सेहो गहुँमा कथी लेॅ ? +अटवा पिसवावै लेॅ । +से हो अटवा कथी लेॅ ? +पुड़िया पकावै लेॅ । +सेहो पुड़िया कथी लेॅ ? +भौजो के पटवौ लेॅ । +सेहो भौजो कथी लेॅ ? +नूनू के जन्मौ लेॅ । +सेहो नूनू कथी लेॅ ? +गुल्लीडंटा खेलै लेॅ । +गुल्लीडंटा टूटी गेल +नूनू बाबू रूसी गेल । +नानी गेलौ पानी भरेॅ +भात भेलौ गील +भात नै खैबोॅ भुजा भुजी दे +भुज्जा भेलौ कुटुरमुटुर +बहू करी दे +बहू भेलौ धुमधाम +टका फेरी दे +टका भेलौ गड़बड़ +आबेॅ बेलें पापड़ ।",angika-anp +"एमन समाज कबे गो सृजन हबे +एमन समाज कबे गो सृजन हबे +ये दिन हिन्दुमुसलमान बौद्धखृष्टान जातिगोत्र नाहि रबे । +शोनाय लोभेर बुलि +नेबे ना केओ काँधेर झुलि , +इतर आतरफ बलि +दुरे ठेले ना देबे । । +आमिर फकीर हये एक ठाँइ +सबार पाओना पाबे सबाइ , +आशरफ बलिया रेहाइ , +भवे केओ येनाहि पाबे । । +धर्मकुलगोत्रजातिर , +तुलबे ना गो जिगिर , +केंदे बले लालन फकिर +केबा देखाये देबे ।",bengali-ben +"बीच जमुनमा हे कोसी माय +बीच जमुनमा हे कोसी माय +कदम के गाछ हे +ओहि चाढ़ि कोसी पारे हाक हे +कहाँ गेलै किए भेलो झिमला मल्लाह रे +जल्दी से उतारें पार रे +टूटलियो नइया हे कोसी माय +टूटल करूवारि हे +कौन विधि उतारब पार हे +जोड़ि लेबेइ नइया रे झिमला +जोड़ब करूवारि रे , +हिंगुर ढोरब दुनू मांगि रे +खनेखने खेबै रे मलहा , +खने भसियाबे रे +खने मांगे घटवारि रे +एहि पार देबौ रे झिमला +पाकल बीड़ा पान रे +ओहि पार गला गिरमल हार रे ।",angika-anp +"467 +फिरे जोम1 दी भरी ते शाण चड़ी आ टली नी मुंडिए2 वासता ई +मरदमार रकाने जग बाजे मान मतिये गुंडिए वासता ई +बखशी सब गुनाह तकसीर तेरी लिया हीर नूं नडिये वासता ई +वारस शाह समझाय के जटड़ी नूं लाह दिल दी घुंडिए वासता ई",panjabi-pan +"म्हारो नानो सो लाड़ो कोल्या जीमे रे +म्हारो नानो सो लाड़ो कोल्या जीमे रे +वी तो मेरे फलाणा राम ढुकी रयारे +वी तो मेरे फला राणी बई ढुकी रया रे +बाई मिनकड़ी क्यों नी सरजिया वो +बाई म्हारा वो बाजूटा ऐठे छिपी रेता वो +बाई पड़ता सा कोल्या झेली लेता वो +बाई गजगज धरती खोदी खाती वो",malvi-mup +"लाग्या लाग्या, लाग्या नैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थाँहसू नैण +जाग्याजाग्या दिन और रैण +कँईया लाग्या जी थाँहसू नैण +अजी किस विध लाग्या जी थांहसू नैण +काहै लाग्या जी थांहसू नैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +अंतरा १ +नित ड्योढी रा काग उडाऊं +दिवलो आलियां सांझ जगाऊं +ऊँची अटारी बैठ उडीकूं +बाटाँ थान्हारी दिन और रैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कंईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा २ +नैणा सूँ नित बरसै सावण +रतन डसै रै बण बण नागण +जग सारौ भयो बैरी म्हासूं +कोई न लागे जी म्हणे सैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा ३ +चाँद पूनम रो हँस हँस आँगन +मारे कटारी हिन्व्ड़े साजन +सखियाँ सहेलियाँ घिर घिर घेरे +मोहे ण भावे जी सखियन बैन +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा ४ +हुक हिया री कँइयाँ देगिया +किस बिध लेगिया जी म्हारो चैन +काजल म्हारो पलकां छोड़ी +नींद म्हारी छोड़िया जी नैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा ५ +मौरया रा आँसू दैख़त मेघा +घिर आवे रै बैगा बैगा +म्हारो जी ढोलो खुद निरमोही +कोई बुलावे जी काँई कैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा ६ +रतन हिंडोलो सूनो सूनो +सूनी है जी फूलाँ री सेज +कर सोलह सिंगार भँवर जी +गौरी बैठी जी चुन्दड पैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थांहसू नैण +अंतरा ७ +दूर देसां रा परदेसी पावण +भूल गया कांई थाँरी गजवण +परंण थाँहने छोड़िया मायर बाप +छोड़ियो पीवर , भाई बैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कंईया लाग्या जी थांहसू नैण +स्थाई +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण +कँईया लाग्या जी थाँहसू नैण +जाग्याजाग्या दिन और रैण +कँईया लाग्या जी थाँहसू नैण +अजी किस विध लाग्या जी थाँहसू नैण +काहै लाग्या जी थामहसू नैण +लाग्या लाग्या , लाग्या नैण",rajasthani-raj +"केहे लारे देनाँ ऐं सानूँ +केहे लारे देनाँ ऐं सानूँ , +दो घड़िआँ मिल जाईं । +नेड़े वस्से थाँ ना दस्से , +ढूँढ़ा कित वल जाहीं । +आपे झाती पाई अहमद , +वेक्खाँ ताँ मुड़ नाहीं , +आख ग्यों मुड़ आयो नाहीं , +सीने दे विच्च भड़कण भाई1 । +इकसे घर विच्च वस्सदीआँ रस्सदीआँ , +कित वल्ल कूक सुणाईं । +पांधी जा मेरा देह सुनेहा । +दिल दे ओल्हे लुकदा केहा +नाम अल्लाह दे ना हो वैरी , +मुक्ख वेक्खण नूँ ना तरसाईं । +बुल्ला सहु की लाया मैनूँ , +रात अद्धी है तेरी महिमा । +औझ़ बेल��� सभ कोई डरदा , +सो ढूँढ़ा मैं चाईं चाईं । +केहे लारे देनाँ ऐं सानूँ +दो घड़िआँ मिल जाईं ।",panjabi-pan +"कटोरनि पियली कोसिला रानी, अउरो सुमिन्त्रा रानी हे +कटोरनि1 पियली कोसिला रानी , अउरो सुमिन्त्रा रानी हे । +ए ललना , सिलि2 धोइ पियलन केकइ रानी , तीनों रानी गरभ से हे ॥ 1 ॥ +कोसिला रानी के मुँह पियराएल , देह दुबराएल3 हे । +ए ललना , दसरथ मनहिं अनन्दे , कोसिला जरि4 रोपली हे ॥ 2 ॥ +आधी राति बीतले पहर राति बीतले हे । +ए ललना , कोसिला के भेल5 राजा रामचंदर , सुमित्रा के लछुमन हे ॥ 3 ॥ +ए ललना , ककइ के भरथ भुआल , 6 तीनों महल सोहर हे ॥ 4 ॥ +दुअरा से बोलथिन7 राजा दसरथ , सुन ए कोसिला रानी । +ए रानी जी , कउन8 बरत रउरा9 कएल कि राम फलवा पाएल हे ॥ 5 ॥ +सउरी10 से बोलथिन कोसिला रानी , सुन राजा दसरथ जी । +ए राजा , बरत कइली एतवार , त राम फल पइली हे ॥ 6 ॥ +कातिक मासे हम नेहइली , तुलसी दिया बरली11 हे । +ए राजा , भूखल12 बराम्हन जेववली , 13 त राम फल पइली हे ॥ 7 ॥ +माघ मासे नेहइली , 14 अगनियाँ15 न तपली16 हे । +ए राजा , एहो कस्ट सहली , राम फल पइली हे ॥ 8 ॥ +बैसाखहिं मासे नेहइली सुरूज गोड़ लगली17 हे । +ए राजा , टूअर18 भगिना का पालली , त राम फल पइली हे ॥ 9 ॥ +दुअरा से बोलथिन राजा दसरथ , सुन ए कोसिला रानी हे । +ए रानी , सेर जोखि19 सोनवा लुटाएब , पसेरी जोखि रूपवा20 हे ॥ 10 ॥ +ए रानी जी , सँउसे अजोधया लुटएबो , त राम के बधइया में ॥ 11 ॥ +सउरी से बोलथिन केकइ रानी , सुन राजा दसरथ । +ए राजा , कोसिला के भेल रामचंदर , सुमित्रा के लछुमन हे ॥ 12 ॥ +ए राजा , केकइ के भरथ भुआल , जानिबुझि21 अजोधेया लुटइह । +ए राजा , रामजी लिखल बनवास , अजोधेया मत लुटइह ॥ 13 ॥ +सउरी से बोलथिन कोसिला रानी , सुन राजा दसरथ जी । +राजा , छुटले22 बँझिनियाँ के नाम , बलइए से23 राम बन जइहें , +बन से लवटि अइहें हे ॥ 14 ॥",magahi-mag +"446 +जिवें सुबह दी कजा1 नमाज हुंदी राजी हो इबलीस2 भी नचदा ए +जिवें सहती दे जिउ विच खुशी होई दिल रन्न दा छला कच दा ए +जाह वखशया सभ गुनाह तेरा तैनूं इशक कदीम तों सच दा ए +वारस शाह चल यार मना आईए एथे नवां अखारड़ा मचदा ए",panjabi-pan +"दर्शन कूँ आनाकानी मत करै +वारे लाँगुरिया दर्शन कूँ आनाकानी मत करै , +मैंने बोली है करौली की जात ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया नैनन सुरमा मैंने सार कै , +कोई बिन्दी लगाय लई माथ ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया हाथन में कंगन मैंने पहिर लगये , +और मेंहदीउ लगाय लई हाथ ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया साड़ी तो पहिरी टैरालीन की , +कोई साया तौ जामें चमकत जात ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया कौन की सीख लई मान कै , +जो करवे चले नाँय जात ॥ लँगुरिया . +वारे लाँगुरिया रूपया खरच कूँ मैंने रख लीने , +तू तो निधरक चल ‘प्रभु’ साथ ॥ लाँगुरिया .",braj-bra +"2 +दूई ना’त रसूल मकबूल वाली जैंदे हक्क नजू़ल1 लोलाक2 कीता +खाकी आख के मरतबा वडा दित्ता सब खलक दे ऐब तों पाक कीता +सरवर3 होए के औलिआ अंबीआ दा अगे हक्क दे आप नू ख़ाक कीता +करो उमती उमती रोज़ किआमत खुशी छडके जीउ गमनाक कीता",panjabi-pan +"गंगा असननियाँ चललन दुलरइता दुलहा हे +बाबा फुलवरिया लवँग1 केर गछिया , अरे दह2 । +जुहिया फुलल कचनरिया , अरे दह ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल आवइ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । +कते3 दूर हइ4 ससुररिया , अरे दह । +कइसन हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 2 ॥ +धीरेबोलूँ , धीरे बोलूँ दुलहा दुलरइता दुलहा , अरे दह । +नजिके5 बसहइ6 ससुररिया , अरे दह । +काँच7 कली हइ दुलहिनियाँ , अरे दह ॥ 3 ॥",magahi-mag +"मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत +मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत +कहूं सीधा तैं चालै आडा याहे बात कसूत +मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत +तेरै संग मैं पांच भूतणी +कोन्या मानै रांड ऊतणी +तैं पाक्का सै भूत +मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत +पांच चोर सै तेरे रे साथी +तेरी समझ में कोन्या रे आती +चौड़े लोआ दे जूत",haryanvi-bgc +"हमसें दूर तुमारी बखरी +हमसें दूर तुमारी बखरी , +हमें रजऊजा अखरी । +हो पावे बतकाव न पूरौ +घरी भरे खाँ छकरी । +परत नहीं हैं द्वार सामनें , +खोर सोऊ है सकरी +बेरा बखत नजर बरकाकें +कैसे लेवे तकरी +छिन आवें छिन जाय ईसुरी +भए जात हैं चकरी ।",bundeli-bns +"आओ सइओ रल देओ नी वधाई +आओ सइओ रल देओ नी वधाई । +मैं बर पाया राँझा माही । +अज्ज ताँ रोज़ मुबारक चढ़िआ , +राँझा साडे वेहड़े वड़ेआ , +हत्थ खूण्डी मोढे कंबल धरिआ , +चाकाँ1 शकल बणाई । +आओ सइओ रल देओ नी वधाई । +बुल्ले शाह इक सौदा कीता , +पीता ज़हर प्याला पीता +ना कुझ लाहा टोटा लीता , +दरद दुखाँ दी गठड़ी चाही , +आओ सइओ रल देओ नी वधाई । +मैं बर पाया राँझा माही",panjabi-pan +"मिया मुठी बाबा चावली +मिया मुठी बाबा चावली +धारना सुभान डोये जा +कोन डोय जा +फूल कन मखान जामे बेटा +मिया मोखा बाबा चावली +धारना सुभान +रोपाय किमिन रोपाय +स्रोत व्यक्ति डेमाय बाई , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"247 +जोगी छड जहान फकीर होए एस जग विच बहुत खुआरियां ने +लैन देन तेदगा अनियां करना लुट खुट ते चोरियां यारियां ने +ओह पुरख निरब्बान पद जा पहुंचे पंज इंदरियां जिनां ने मारियां ने +जोग दे के करो निहाल मैंनूं कहिया जिउ ते घुंढियां चाढ़ियां ने +एस जट गरीब नूं तार तिवें जिवें अगलीयां संगतां तारियां ने +वारस शाह मियां रब्ब शरम रखे जोग विच मुसीबतां भारियां ने",panjabi-pan +"श्याम मोते खेलौ न होरी +पा लागूँ कर जोरी , श्याम मोते खेलौ न होरी ॥ टेक +गौएं चरायन को निकली हूँ , सासननद की चोरी । +चुनरी मोरी रंग में न बोरो , इतनी अरज सुनो मोरी , +करौ न बहियाँ झकझोरी ॥ 1 ॥ +छीनछपट मोरे हाथ से गागर , जोर ते बहियाँ मरोरी , +दिल धड़कत है सांस चढ़ते है , देह कंपति सब मोरी , +दुख नहिं जात कहौ री ॥ 2 ॥ +अबीर गुलाल लपेटि गयौ मुखसे , सारी सुरंग रंग बोरी । +सासु हजारन गारी दइहै , बालम जियत न छोरी , +हृदय आतंक छयौ री ॥ 3 ॥ +फाग खेल कै तैनें रे मोहन , कीनी का गति मोरी ॥ +‘सूरदास’ मोहन छबि लखिकै , अति आनन्द भयौ री , +सदा उर बास करौ री ॥ 4 ॥",braj-bra +"गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी +गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी इब तै सोच समझ कै चाल +चोरी जारी अन्याई की कहां बनी टकसाल +बिना पड्ढाए सारे पट्ढ ग्या करम किए चंडाल +पट्टी तो तन्ने बदी की लिखी इब तैं सोच समझ कै चाल +कान पकड़ कै आगै करलै इक दिन तन्ने काल +भाई बंध तेरा कुंटब कबीला किसे की ना चालै ढाल +बणेगी तेरे जिए नै घनी इब तै सोच समझ कै चाल +धरमराज तेरे कर्म्मा की एक दिन करै संभाल +जिगर मैं लागै सेल की अणी इब तै सोच समझ कै चाल +आच्छे बुरे सब देख लिये ये दुनिआं कै ख्याल +छोड्या जा तो छोड़ दे बंदे यो ममता का जाल +अनीती तन्ने भोत करी इब तै सोच समझ कै चाल",haryanvi-bgc +"उठ उठ री नणदल पानी ने चाल +उठ उठ री नणदल पानी ने चाल +सरबर दिखादे अपणे बाप का +चाली री नणदल कोस पचास +सरबर न आया तेरे बाप का +वा दीखै री भावज ऊंची नीची पाल +वो दीखै सरबर मेरे बाप का +तुम तै री नणदल घड़ला डबोय +मैं करूं दातण हरियल जाल की +आया री भावज डालिडा का साथ +टूटा तै लस्कर पाणी पीवेगा +घड़ला भावज दिया सै मंधाय +गिरवै छुहारा घड़ला भर दिया +उठ उठ री मायड़ घड़ला रिताय +बोझ मरै तेरी चिड़कली +हम तै हे बेटी उठा ना जाय +जाय उतारो बड़े भाई कै +उठ उठ री भावज घड़ला रिताय +बोझ मरै तेरी नणदली +म्हारी री नणदल दुखै सैं आंख +गोद भतीजा थारा रोवता +उठ उठ री मायड़ घड़ला उतार +न फोडू तेरे बारणै +किसने हे बेटी बोले सै बोल +किस ने मुख कर दीह्नी गाल +काटूं हे बहुड़ तेरी हे जीभा +आख धतूरे मुख मैं भरूं +चूमूं हे बेटी तेरी हे जीभ +गिरी छुहारों तेरा मुख भरूं",haryanvi-bgc +"पराती +१ . +हाथे लिहली खुरपी गड़ुअवे जुड़ पानी +चलली मदोदर रानी दावना छिरके पानी +टूटि गइले खुरपी , ढरकि गइले पानी +रोयेली मदोदर रानी , कवना छिनारी के बेटा रहलन फुलवारी +हम ना जननी ए रनिया राउरे फुलवारी +केकर घोड़वा माई रे ओएडेंगोएड़ें जाय +केकर धोड़वा माई रे सोझे दउड़ल जाए +ससुर भसुर के घोड़वा ओएड़ेगोएड़े जाय +कवना दुलहवा के घोड़वा माई रे सोझे उदड़ल जाय +रोयेली कवन सुभई मटुकवे पोंछे लोर +हँसेले कवन दुलहा , मुँहे खाले पान । +२ . +मोर पिछुअरवा रे घन बंसवरिया +कोइलर बोले अनबोल , +सुतल रजवा रे उठि के बइठऽले +पसिया के पकड़ लेइ आउ रे +हँकड़हु डँकड़हु गाँवचकुदरवा +राजा जी के परे ला हँकार ए +कि राजा मारबि कि डांड़बि कि नग्र से उजारबि ए +नाहिं हम मारवि नाहिं गरिआइबि +नाहिं हम नग्र से उजारबिए । +जवना चिरइया के बोलिया सोहावन , +उहे आनि देहु रे । +डाढ़ि डाढ़ि पसिया लगुसी लगावे , +पाते पाते कोइलर लुकासु रे , +जेहिसन पसिया रे लवले उदबास , उदबासबेचैनी +मुओ तोर जेठका पूतऽ ए । +तहरा के देब चिरई सोने के पिंजड़वा +खोरन दुधवा आहार रे । +जेहिसन पसिआ रे हमें जुड़वले +जिओ तोर जेठका पुतऽ रे । +३ . +हम तेहि पूछिले सुरसरि गंगा , काहे रउआ छोड़िले अरार हे । +पिया माछर मारे ला बिन रे मलहवा , +ओहि मोरा छोड़िले अरार रे । +डालावा मउरिया लेके उतरे कवन समधी , +सोरहो सिंगार ले के उतरे कवन भसुर , +ओहि मोरा ढबरल पानी । +४ . +ए जाहि रे जगवहु कवन देवा , जासु दुहावन । +ए दुधवा के चलेला दहेंडिया त , +मठवा के नारी बहे । +ए हथवा के लिहली अरतिया त , +मुँह देखेली सोरही सनेही । +ए जहि रे जगवहु कवन देही , जासु दुहावन । +ए हथवा के लिहली अरतिया , त +सोरही सनेही आरती निरेखेली ए । जाहिरे . . . +५ . +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए । +गाई के घीव धूम हूम कराइबि , +आकासे चली जास ए । +आईं ना बरहम बाबा , बइठीं मोरे अंगनवा हे । +देबऽ सतरजिया बिछाई ए । +गाई के गोबर . . कब जग उगरिन होसु ए । +आईं ना काली माई , बइठीं मोरे अंगनवाँ हे , +देबऽ सतरजिया बिछाइ ए , +गाई के घीव धूम हम कराइबि , +कब जग उगरिन होसु हे ।",bhojpuri-bho +"कोठे ऊपर में बनरा सूतल हे +कोठे ऊपर में बनरा1 सूतल हे । +बनरा बोलाबे लाड़ो2 कइसे3 आवे हे । +अगे माइ , नया तोहर दुलहा भीरे4 कइसे आवे हे ॥ 1 ॥ +पायल के अवाज सुनि दादा जागथ5 हे । +अगे माइ , नया दुलहिनिया लाजे कइसे आवे हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"4 +मदह1 पीर दी हुब्ब2 नाल कीचे जैंदे खादमा विच वी पी��िआं नी +बाझ ओस जनाब दे पार नाही लख ढूंढ़दे फिरन फकीरिआं नी +जिहड़े पीर दी मेहर मनजू़र होए घर तिनहां दे मीरिआं पीरिआं नी +रोजे़ हशर ने पीर दे तालबां नूं हथ सजड़े मिलणगिआं चीरिआं नी",panjabi-pan +"ऐसी मन में आयो रे +ऐसी मन में आयो रे । दुक्ख सुक्ख सभ वं´ारेओ रे । +हार शिंगार को आग लगाऊँ , तन पर ढाँड मचायो रे । +सुण के ज्ञान कीआँ ऐसी बाताँ , +नाम निशाँ तभी अनघाताँ । +कोयल वाँङ मैं कूकाँ राताँ , +तैं अजे भी तरस ना आयो रे । +गल मिरगानी सीस खप्परिआँ , +दरशन की भीख मंगण चढ़िआ । +जोगन नाम बहुलत धरेआ , +अंग भिबूत रूमायो रे । +इशक मुल्लाँ ने बाँग सुणाई , +एह गल्ल सुणनी वाजब आई । +कर कर सिजदे सिदक वल्ल धाई , +मुँह मैहराब टिकारियो रे । +प्रेम नगर वाले उल्टे चाले , +मैं मोई भर खुशिआँ नाले । +आण फसी आपे विच्च जाले , +हस्स हस्स आप कुहायो रे । +बुल्ला सहु संग प्रीत लगाई , +जी जामे दी दित्ती साई । +मुरशद शाह अनायत साईं , +जिस दिल भरमायो रे ।",panjabi-pan +"586 +खतम रब्ब दे करम दे नाल होई फरमायश पयारड़े यार दी सी +ऐसा शे’र कीता पुर मगज मौजूं1 जेही मोतियां लड़ी शहवार दी सी +तूल खोल के2 जिकर बयान कीता रंग रंग दी खूब बहार दी सी +तमसील3 दे नाल बयान कीता जेही जीनत4 लालां दे हार दी सी +जो कोई पड़े सो बहुत खुरसंद होवे वाह वाह सभ खलक पुकारदी सी +वारस नूं सिक दीदार दी सी जेही हीर नूं भटकना यार दी सी",panjabi-pan +"342 +दोस्त सोई जो बिपत विच भीड़ कटे यार सोई जो जान कुरबान होवे +शाह सोई जो काल विच भुख कटे कुल बात दा जो निगाहबान होवे +गां सोई जो सयाल विच दुध देवे सोई बादशाह जो शाहबान1 होवे +नार सोई जो माल बिन जफर जाले पयादा सोई जो भूत समान होवे +इमसाक है असल हफीम बाझों गुस्से बिना फकीर दी जान होवे +सोई रोग जो नाल इलाज होवे तीर सोई जो नाल कमान होवे +कंजर सोई जो गैरतों बाझ होवे जिवें भाबड़ा2 बिना अशनान होवे +कसबा सोई जो वैरी बिन पया वसे जलाद सोई जो मेहर बिन जान होवे +सयद सो जो शूम ना होवे कायर जानी3 सिआह ते ना कहरवान होवे +चाकर औरतां सदा बेउजर होवन बते आदमी बे नुकसान होवे +कवारी सोई जो करे हया बहुती नीवीं नजर ते बाझ जबान होवे +बिना जंग ते चोर दे मुलक वसे पेट सोई बिन अन्न ते पान होवे +परां जाह तूं भुखया चोबरा वे मतां मंगणों कोई वधान4 होवे +वारस शाह फकीर बिन हिरस5 गफलत याद रब्ब दी विच गलतान होवे",panjabi-pan +"सेले सुवान सोये लोके +सेले सुवान सोये लोके +सेले सुवान सोये लोके +सेले सुवान सोय�� लोेके हुई +सेले सुवान सोये लोेके हुई +निला मिरचा बगीया चरय +निला मिरचा बगीया चरय +निला मिरचा बगीया चरय हुई +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"करमा गीत-5 +ओ हो रे हाय रात झिम झिम करे +उठ देवता कंदरा बजावो हो । +रात झिम झिम करे । +कय दो मोहर कर केंदरा रे केन्दरा +कय दो मोहर ओकर तार हो । +रात झिम झिम करे . . . +दसे मोहर कर केन्दरा रे केन्दरा +बीस मोहर ओकर तार हो । +रात झिम झिम करे . . . +हल जोती आवे कुक्षारी भाजे आवे , +लगे देवरा केन्दरी बजावा हो । +रात झिम झिम करे . . . +फूट गये केन्दरा +टूट गये तार हो , +कइसे बजावौ गाई केन्दरा हो । +रात झिम झिम करे . . . +तुंहर बने केन्दरा +तुंहर बने तार हो +कइसे पतियांवन तुंहर बात हो +रात झिम झिम करे . . .",chhattisgarhi-hne +"355 +महबूब अलाह दे लाडले हो एस वहुटड़ी नूं कोई सूल है जी +कोई गुझड़ा रोग है एस धाणा पई नित एह रहे रंजूल1 है जी +हथों लुढी वैंहदीं लाहू लथड़ी है वहुटी हो जांदी मखतूल2 है जी +मुंहों मिठड़ी लाड दे नाल बोले हर किसे दे नाल माकूल3 है जी +मूधा पया है झुगड़ा नित साडा एह वहुटड़ी घरे दा सूल है जी +मेरे वीर दे नाल है वैर एहदा जेहा काफरां दे नाल रसूल है जी +अगे एसदे साहुरे हथ बधी जो कुझ आखदी सब कबूल है जी +वारस पलंघ तों कदी तां उठ बैठे साडे ढिड दे विच डंडूल है जी",panjabi-pan +"सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी +सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी +पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी +अस्सी गज का हे मां मेरी घाघरा जी +उसमें कली सैं तीन सौ साठ जी +पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी",haryanvi-bgc +"बाजो अंग्रेजी चइए +चीरा तो तम पेरो बनाजी पेंचा भोत हजाब +बनाजी थारी बनड़ी हे नादान के बाजो अंग्रेजी चइए । +बाजो अंग्रेजी चइए के पंखी खसखस को चइए +झालर मखमल की चइए गोटा बंबई का चइए । +डांडी सोना की चइए हो जी थारी बनड़ी हे नादान +के बाजो अंग्रेजी चइए । +बना म्हारा जामा तो तम पेरो के बाजो अंग्रेजी चइए । +इसी तरह से जेवरों के नाम जोड़तेजोड़ते यह गीत लम्बा होता चला जाता है ।",malvi-mup +"रेमेली रेमेली रेमेला आटा डो हिड़िये +रेमेली रेमेली रेमेला आटा डो हिड़िये +रेमेली रेमेली रेमेला आटा डो हिड़िये +टाराटेन जोमेडो चूरूटेन डा डो +टाराटेन जोमेडो चूरूटेन डा डो +रेमेली रेमेला आटा डो हिड़िये +रेमेली रेमेला आटा डो हिड़िये +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"मति मारो दृगन की चोट +मति मारो दृगन की चोट रसिया , होरी में मेरे ल��ि जायगी ॥ +मैं तो नारि बिराने घर की , तुम जो भरे बड़े खोट । +अबकी बार बचाय गई हूँ , घूँघट पट की ओट ॥ मति . +रसिक गोविन्द वहीं जाय खेलौ , जहाँ तिहारी जोट । +‘चन्द्रसखी’ भज बालकृष्ण छबि , हरि चरनन की ओट",braj-bra +"सिदुवा +तिन मथुरा मा जनम लीने , विष्णु मेरा करतार , +तिन देवकी का गर्भ लीने , मेरा अवतार । +तुम द्वारिका का धनी होला , मथुरा का ग्वैर1 +गायों का गोपाल होला , गोप्यों का मोहन । +तुम तै प्यारी होली , मधुवन की कुँज स्ये , +तुम तैं प्यारा होला , जमुना का त छाला2 । +तब सुपिना मा देखे कृष्ण गगू की रमोली , +रौंत्याली रमोली3 होलि , तौं ऊँचो डाँडयों4 मा । +बाँज की वणीई5 होली , तख होली कुलाई6 , +अनमन भाँति का फूल , अनमनभाँति की वासिना7 +दूरू फैल्याँ सौड़8 होला , होलो ऊँचो शतरंज9 +देखे भगवानन बाँकी रमोली लागे मन +तब इनाबैन बोदा साँवल भगीवान् +हे गंगू रमोला , मैं तेरी रमोली औंदू । +द्वारिका नारैण छौं , मैं तेरो कुलदेव , +जगा दियाल मैं , तेरी रमोली लग्यो मन । +मैं नी माणदू कै सणी10 , देवता सुण्याल11 , +गंगू रमोलो छऊँ मैं , मेरा अग्वाड़ी12 क्वी नी +समझलू देवता त्वै , नितर रिङ्वा13 , +जु रागसीण मारी देलो , सेम छ वींको वासो । +मैन हरणाकंस मारे , मैन असुर संहारया , +रागसीण मारणी गंगू , मेरा अग्वाड़ी क्या छ ? +कला पूरा छयो कृष्ण , जसीलो देवता +मारी दिन रागसीण , चीरे चारी दिशौं मा । +तब तई सेम मुखम , तेरा बजदा घाँड , +दस घड़ी सजा14 होन्दी , बीस घड़ी की पूजा । +सिदुवा लिजाँद डौरूथाली , +कृष्ण लिजाँद शंख । +चलदऊ सिदुवा जौला15 , पंडौऊ16 की जैन्ती17 । +रौड़दादौड़दा गैन , तब खैट की खाल18 । +खैट की खाल गैन , चौपता चौराड़ी । +चौपता चौराड़ी गेन , कोंकू19 डाली छैलू20 । +तब कृष्ण भगीवान , कना बैन बोदान : +कंूकू डाली नीस सिदुवा , छम धड्याली21 लौला । +तब अनमन भाँति की , तौन धड्याली लगाये । +खैट की आछरी22 तब देव्यो , कना बैन बोदीन , +खैट कीखाल देव्यों , कू होलू धड्याल्या ? +चला दीदी भुल्यों , धड्याला भू जौला । +आज की धड्याली सूणी , मन ह्वैगे मोहित , +चित होइगे चंचल । +तब निकलीन भैर23 , आछरियों की टोली +अगास की गैणी छै वो , धरती की चाँदना । +रूप की जोत छई , कांठ्यों को उद्यौऊ । +धाड थाला मू जैक , देव्यों रास रचीयाले , +अनमन भाँति को , लगे रास मंडल । +रूप की छलार पड़े , शीशू चमलाणी । +सिदुवा बजौंद डौंरू थाली , +कृष्ण करद अनमन , भाँति को नाच",garhwali-gbm +"421 +एस फकर दे नाल की वैर चाया उधल जावसैं तै नहीं वसना ई +ठूठे भन��न फकीरां नूं मारनी एं अगे रब्ब दे आख की दसना ई +तेरे कुआर नूं खुआर संसार करसी एह जोगी दा कुझ ना खसना ई +नाल चूहड़े दे खतरी घुलन लगा वारस शाह फिर मुलक ने हसना ई",panjabi-pan +"कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +ऐठक बेचे , बैठक बेचे , दुकान बेच मंगा दे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला +मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +कहियो देवर जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै +बस्ता बेचे , पट्टी बेचे , पोथी बेच मंगा दे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै +मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला +मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे +मेरा दिल खट्टे बेरां नै",haryanvi-bgc +"हिजाब करें दरवेशी कोलों +हिजाब1 करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +गल अलफी सिरपाए बरैहना , +भलके रूप वटावेंगा । +एह लालच क्या नफसानी2 मुठों , +कितकों मुंड मुंडाया ई । +घाट ज़कात3 मंगणगे प्यादे , +कहु क्या अमल कमाया ई । +जद आ बणेगी सिर पर भारी , +उन को क्या बतलावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +जैसी करनी वैसी भरनी , +पिरम नगर वरतार ए । +एत्थे दोज़ख4 कट्ट तूँ दिलबर , +अग्गे खुल्ल बहाराँ ए । +केसर बीज जो केसर होवे , +लैहसन बीज ठगावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +करो कमाई मेरे भाई , +एहो वकत कमावण दा । +पावण सताराँ हुण पौंदिआँ ने , +फिर दाअ न बाज़ी लावण दा । +उजड़ेगी खेल छपणगिआँ नरदाँ , +झाड़ दुकान उठावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +खावें मास जबावें बीड़ी , +अंग पुशाक लगाया ई । +टेढी पगड़ी आकड़ चलें , +जुत्ती पब्ब अड़ाया ई । +इक दिन अज़ल5 दा बक्करा हो के , +आपणा आप कुहावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +पढ़ सबक मुहब्बत ओसे दी दा , +किते बमूजब6 क्यों डुबादा हैं । +पढ़ पढ़ किसे जीओ वलावें , +क्यों खुभणाँ विच्च खुभदा हैं । +हरफ इशक दा इक्को नुक्ता , +कोहे कूँ उट्ठ लदावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +एत्थे गोइल वासा वस्सण नूँ , +रैहण नूँ ओत्थे डेरा है । +लै लै तोहफे घर नूँ घल्लें , +एहो वेला तेरा है । +ओत्थे हत्थ न लगदी ड़ाई , +कुझ ऐत्थों ही लै जावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +कर सौदा पास सौदागर ई , +बिह वेला हत्थ ना आवीगा । +वणज वणोदा नाल शत��बी7 , +वणजाराा उ जावीगा । +उस दिन कुझ न हो सकदी , +जद कूच नगारा चलावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +भुक्ख मँगदी नाम अल्ला दे , +एहो बात चँगेरी ए । +दोनों थोक पत्थर थीं भारी , +मुश्कल जेही ढेरी ए । +जे सड़से तूँ इस जग अंदर , +अग्गे सरदी पावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +एह अम्माँ बाबा बेटा बेटी , +पुच्छ वेक्खाँ क्यों रोन्दे ने । +एह रन्नाँ कन्जाँ8 पुत्तर धीआँ , +विरसे नूँ आन खलोन्दे ने । +एह जो लुट्टण तूँ , क्यों नाहीं , +ज़र के आप लुटावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +इक्कलिआँ ओत्थे जाणा है , +तेरे संग न कोई जावेगा । +खेश9 कबीला रोन्दा पिट्टदा , +उरिओं ही मुड़ आवेगा । +शहरों बाहर जंगल विच्च वासा , +ओत्थे डेरा पावेगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +जे तूँ मरें मरन से अगे , +एह मरना मुल्ल पावीगा । +मोए सो रोज़ हशर नूँ उट्ठण , +आशक ना मर जावीगा । +मैं वड्डी नसीहत करना हाँ , +जे सुण कर दिल ते लावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +जा राह शरा दा पकड़ेंगा , +ताँ ओट मुहम्मद होवेगी । +दसदी है पर करदी नाहीं , +एहो खलकत रोवेगी । +हुण सुत्याँ कौण जगावे , +जान्देआँ पछतावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +ऐंवे उमर गँवाइआ अवगत10 , +आकबत11 चा लुड़हाया ई । +चलाकी कर कर दुनिआँ ते , +सुफैदी मूँह ते आया ई । +अजे बेदाद12 जे ताएब13 होवें , +तद अशना14 सदावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा । +बुल्ला सहू ते चलना ए ताँ , +जान किहा चिर लाया ई । +जगवत के केहे करने , +जाँ वतनों दफतर आया ई । +वाचदिआँ खत अकल गईओ ई , +रो रो हाल वँजावेंगा । +हिजाब करें दरवेशी कोलों , +कब लग हुकम चलावेंगा ।",panjabi-pan +"गलियों तो गलियों री बीबी (सावन-गीत) +झूलागीत +गळियों तो गळियों री बीबी मनरा फिरै +हेरी बीबी मनरा को लेओ न बुलाय । +चूड़ा तो मेरी जान ऽ ऽ +चूड़ा तो हाथी दाँत का । +काळी रे जंगाळी मनरा ना पहरूँ +काळे म्हारे राजा जी के बाळ +चूड़ा तो हाथी दाँत का । +हरी रे जंगाळी मनरा ना पहरूँ +हरे म्हारे राजा जी के बाग , +चूड़ा तो हाथी दाँत का । +धौळी जंगाळी रे मनरा ना पहरूँ +धौळा म्हारे राजा जी का घोड़ा , +चूड़ा तो हाथी दाँत का । +लाल जंगाळी रे मनरा ना पहरूँ +लाल म्हारे राजा जी के होंठ , +चूड़ा तो हाथी दाँत का । +सासू नै सुसरा सै कह दिया – +ऐजी थारी बहू बड���ी चकचाळ +मनरा सै ल्याली दोस्ती , +चूड़ा तो हाथी दाँत का ।",khadi_boli-mis +"बरसौं जामैं बृज बै जाबै +बरसौं जामैं बृज बै जाबै । +मेघन इन्द्र सुनावैं । +सात दिन औ सात रात लौं , +बूँदा गम ना खावै । +ब्रज वासिन के घर आँगन में , +जल जमना को धावैं । +लऔ उठा गोबरधन नख पैं , +छैल छत्र सौ छावैं । +कैसे मारे मरत ईसुरी , +जिन खां राम बचावैं ।",bundeli-bns +"हांसी सहर से पाते मंगवा दो +हांसी सहर से पाते मंगवा दो +सिरसे के छीपी से रंगवा दो +गाढ़ा मारा जी पीलो रंगवा दो +पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा पाणी ने चाली +लाल पड़ोसिन मुख मोड़ा +गाढा मारा जी पीलो रंगवा दो +एडा तो शेड़ा साहबा मोर पपीहा +घूंघट पर सान्ती ओम लिखा दो +पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो +पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा खेत ने चाली +ननद जेठानी बिलराव +पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो",haryanvi-bgc +"निमन्त्रण गीत +आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी । +आवसे तारा भाइन जुड़ि , सरस्यो कागद भेजो वो । +आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी । +आवसे तारि भोजाइ निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी । +आवसे तारा बणवि निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी । +आवसे ताराा फुवा निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी । +आवसे ताराा फुवा निजुड़ि , सरम्यो कागद भेजो बेनी । +आखो हरियालो डुंगर , काली कुयल बुले बेनी । +पूरा जंगल हरा हो गया है उसमें काली कोयल बोल रही है । बनी तेरे भाई की +जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरी भौजाई की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरे बहनोई +की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरे फूफा की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो । तेरी बुआ +की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो ।",bhili-bhb +"280 +अजड़1 चारना कम पैगम्बरां दा केहा अमल शैतान दा रोलयो ई +भेडां चारके तोहमतां जोड़ना ए क्यों गजब फकीर ते खोलयो ई +वाही छड के खोलियां चारियां नी होयों जोगीड़ा जीऊना ठोलयो ई +सच मन के पिछांह मुड़ जा जटा केहा कूड़ दा फोलना फोलयो ई +वारस शाह एह उमर नित कर जाया2 शकर विच प्याज क्यों घोलयो ई",panjabi-pan +"माची बसन्ता सासू जी हो +माची बसन्ता सासू जी हो +म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां +बाराबारा भैस्यां रो दूध म्हारा मां +सुगणा बिना कोण बिलोवे हो +रसोड़ा पोवन्ता जेठाणी हो +म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां +घड़ीघड़ी पोवणो , ने घड़ीघड़ी पीसणों +म्हारी सुगणा बिना कौन पांवे हो +ढेलड़ा खेलन्ता बाई जी हो +म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां +बेड़ेबेड़े पाणी कौण भरे +म्हारी सुगणा बिना कौण भरे +बासीदो सोरन्ता देराणी हो +म्हारी माड़ी जाई ने पीयर लई जावां +बारेबारे भैस्यां रो गोबर +म्हारी सुगणा बिना कुण सोरे +ऊँची अटारी पे पियूजी हो सुता +कणे दन मांडवो , ने कणे दन घर विवाह +कणा दन जानड़ी बुलावा हो +बीज नो मांडवी , ने तीज नो घर विवाह +चौत ना दन जानड़ी बुलावा हो +घड़ी दोय घोड़ीला थोबजे रे वीरा +म्हारी सासू जी रा पांव पड़ी आवां +म्हारी जेठाणी रा पांव पड़ी आवां +म्हारी नणद रा पांव पड़ी आवां +म्हारी देराणी से मळी आवां +घड़ी दोय घोड़ीला थोबजे रे वीरा +भरे खोले जाजो बऊ वड़ +ने खाली खोले आजो +लाल गंवाई घरे आजो +ने थारा बेन्या मां सासू न ससरा +किनो छेड़ो काड़ियो वो +पालना माजना बालूड़ा रमी रया +माड़ी जाई अनमनी",malvi-mup +"तेरा दादा घढ़ावै अटल पलना +तेरा दादा घढ़ावै अटल पलना +तेरी दादी झुलावै तू झूल ललना +मेरा छोटा सा झूलै अटल पलना +मेरा बाला सा झूलै अटल पलना +तेरा ताऊ घढ़ावै अटल पलना +तेरी ताई झूलावै तू झूल ललना +मेरा छोटा सा झूलै अटल पलना +मेरा बाला सा झूलै अटल पलना +तेरा चाचा घढ़ावै अटल पलना +तेरी चाची झुलावै तू झूल ललना +मेरा छोटा झूलै अटल पलना +मेरी बाला सा झूलै अटल पलना",haryanvi-bgc +"म्हें तो सगलाई देवता भेट्यां रे भंवरा +म्हें तो सगलाई देवता भेट्यां रे भंवरा +म्हारे मायाजी रे तोले कोई नहीं भंवरा +म्हे तो सगलाई कुलदेव भेंट्या रे भंवरा +म्हारे भोपाजी रै तैल सिंदूर चढ़े रे भंवरा +म्हें तो सगलाई देवां ने भेंट्या रे भंवरा +म्हारे मायाजी रे तोले कोई नहीं रे भंवरा",rajasthani-raj +"चललन कवन साही बजना बजाइ हे +चललन कवन साही1 बजना2 बजाइ हे । +दहकि3 चिरइया सब उठलन चेहाइ4 हे ॥ 1 ॥ +का तुहूँ चिरइया सब उठलऽ चेहाइ हे । +हमरा कवन पुता बियाहल5 जाइ हे ॥ 2 ॥ +बइठलन कवन साही जाजिम डसाइ6 हे । +जँघिया कवन पुता कचरल7 पान हे ॥ 3 ॥ +बइठलन कवन भँडुआ खरइ8 डसाइ हे । +जँघिया9 दुलारी बेटी लट छटकाइ10 हे ॥ 4 ॥ +फेंकलन कवन दुलहा बिरवा11 पचास हे । +बिड़बो न लेवे सुगइ12 मुखहूँ न बोले हे ॥ 5 ॥ +केकरा दिमागे13 हे सुगइ , बिरवो न लेवे हे । +केकरा दिमागे हे सुगइ , मुखहूँ न बोले हे ॥ 6 ॥ +बाबा के दिमागे जी परभु , बिरवो न लेवीं14 हे । +भइया के दिमागे जी परभु , मुखहूँ न बोली हे ॥ 7 ॥ +ऊँचे चउरा15 नीचे चउरा , कवन पुर नगरिया हे । +हुएँ16 तोरा देखब हे सुगइ , बाबा के दिमाग हे ॥ 8 ॥ +हुएँ तोरा देखब हे सुगई , भइया के गुमान हे । +चलु चलु बरियतिया17 सब , अपनो दुआर हे । +भरले मजलिसवे सुगइ , देलन जबाब हे । +चलु चलु बरियतिया सब , अपनो दुआर हे ॥ 9 ॥ +हमरा कवन बहिनी , छेंकलेसन्दर्भ त्रुटि : टैग के लिए समाप्ति टैग नहीं मिला गृह प्रवेश करते समय दरवाजे पर खड़ी होकर रोक लेती है और कुछ नेग या उपहार लेकर छोड़ती है दुआर हे । +छोडू़ छोडू़ अगे बहिनी , हमरो दुआर हे ॥ +अवइथथुन18 दुलारी भउजो , लीहऽ खोइँछा19 झार20 हे ॥ 10 ॥ +भउजी के भइया बाप , निपटे गँवार हे । +खोइँछा में देलन हो भइया , एहो दुभि धान21 हे ॥ 11 ॥ +छोडू़ छोड़ू अगे बहिनी , हमरो दुआर हे । +तोहरा के देबो में बहिनी , कंठा22 गढ़ाय हे । +पाहुन23 के देबो गे बहिनी , चढ़ेला घोड़बा हे ॥ 12 ॥",magahi-mag +"जलवा पूजन +मुकेश भाई घर कइ हुयो रे , मारा नाना सुरमुलिया । । +पोर्यो हयो पोरी हुई , हँव कउँ हीरालाल हुयो । । +अनीता बाई काई वाटे रे , नाना सुनमुलिया । । +लाडू वाटे पेड़ा वोटे , हँउ कहुँ पतासा वाट । । +दिनेश व्याई घर कइ हुयो , मारा नाना सुरमुलिया । । +उंदरो हुयो उुंदरी हुई , हँउ कहुँ छछूंदरो हुयो । । +मन्नीव्याण काई वाट , मारा नाना सुरमुलिया । । +धणा वाटे , चणा वाटे , हँउ कहुँ सणबीजा वाट । । +मुकेश भाई के यहाँ क्या हुआ ? मेरे छोटे सुरमुलिया बच्चे का प्यार का नाम लड़का हुआ या लड़की हुई , मैं कहती हूँ हीरालाल हुआ । अनीताबाई मुकेश की बहन क्या वितरण कर रही हैं ? लड्डू बाँट रही हैं , पेडे़ बाँट रही हैं , मैं कहती हूँ कि बतासे बाँट । दिनेश भाईजी के घर क्या हुआ ? चूहा हुआ या चूही हुई , मैं कहूँ छछूंदर हुआ । मुन्नी बाईजी क्या बाँटे ? वह चने बाँट रही है , मैं कहती हूँ सन के बीज बाँट । इस प्रकार हँसीमजाक के लिए यह गीत गाया जाता है ।",bhili-bhb +"367 +बोली हीर आवे अड़या जा एथों कोई खुशी ना होवे ते हसीए क्यों +परदेसियां जोगियां कमलयां नूं विचों जिउदा भेत चा दसीए क्यों +जे तां आप इलाज ना जानीए वे जिन्न भूत ते जादूड़े दसीए क्यों +फकर भारड़े गौरडे ही रहिए कुआरी कुड़ी दे नाल खिड़ हसीए क्यों +वारस शह उजाड़के वसदयां नूं आप खैर दे नाल फिर वसीए क्यों",panjabi-pan +"393 +हाय हाय फकीर दे नाल बोले बुरे सहतिये तेरे अपौड़1 होए +जिन्हां नाल फकीर दे अड़ी बधी सने माल ते जान दे चैड़ होए +मन पाटयां नाल किस जिद बधी पस पेश2 थी अत नूं दौड़ होए +रहे औंत नखसमी रन्न सुन्नी जेहड़ी नाल पलंगां दे कौड़ होए +एहो जेहयां नूं छोड़ीए मूल नाहीं जानां इशक ते फकर दे दौर होए +वारस शाह लड़ाई दा मूल बोलन वेखो दोहां दे ओढ़ ते पौड़ होए",panjabi-pan +"छोटी घर कूंकड़ो, मोटी ��र राड़ +छोटी घर कूंकड़ो , मोटी घर राड़ +दोई बिच कूंकड़ो , बड़ो उमराव +बड़ो सिरदार +बोल्यो बेरी कूंकड़ो मज अदरात +बोल्यो बेरी कूंकड़ो बड़ी परभात +पांव सारू बिछिया घड़ाव म्हारा राज +अनबट पेरूँ म्हारी सोकड़ रिसाय +म्हारी बैरन रिसाय",malvi-mup +"लूँगी भावज मैं वही कँगना +लूँगी भावज1 मैं वही कँगना । +मुझे कँगने को शौक मेरी भाभी ॥ 1 ॥ +माँगो2 का टीका ले री ननदिया , ले री झलाही3 । +एक नहीं दूँगी यही कँगना ॥ 2 ॥ +लूँगी मैं भावज वही कँगना । +मुझे कँगने की शौक मेरी भाभी , लूँगी मैं वही कँगना ॥ 3 ॥ +नाको का बेसर ले री ननदिया , ले री झलाही । +एक नहीं दूँगी , यही कँगना ॥ 4 ॥",magahi-mag +"396 +भला दस भाबी केहा वैर चायो भईया पिटड़ी नूं पई लूहनी एं +अनहोईयां गलां दे नाउं लै के घा अलड़े पई खडूहनी एं +आप छाननी छेकदी दूसरी नूं ऐवें कंडयां तों पई धूहनी एं +सोहणी होई नाहीं तूं तां गजब चाया खून खलकदा पई नचूंहनी एं +आप चाक हंडायके छड आइएं हुण खलक नूं पई वडूहनी एं +आख भाई नूं हुणे चंडा छडूं जेहे असां नूं मेहणे लूहनी एं +आप कमली लोकां दे लाग लाए खचर वादियां दी वडी खूहनी एं +वारस शाह कहे बघयाड़ीए नी मुंडे मोहनी ते झोटे दोहनी एं",panjabi-pan +"शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो +शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो । +तेकी मखऽ टीकी घड़ाव । । +धु्रव की बादळई रे ईश्वर तुली रही । +तेकी मखऽ तहबोळ रंगाव । । +सरग की बिजळई रे ईश्वर कड़की रही । +तेकी मखऽ मगजी लगाव । । +नव लख तारा रे ईश्वर चमकी रह्या । +तेकी मखऽ अंगिया सिलाव । । +चाँदसूरज रे ईश्वर उग्री रह्या । +तेकी मखऽ टीकी लगाव । । +वासुकी नाग रे ईश्वर देखई रह्यो । +तेकी मखऽ एणी गुथाव । । +बड़ी हठ वाळई रे , गौरलगोरड़ी । ।",nimadi-noe +"आया था ओ गेहूं काट कै +आया था ओ गेहूं काट कै +आंदे ठाली लाठी +मार छेत्त के पूछण लाग्या +चोट कड़ै सी लागी",haryanvi-bgc +"दोई नेंनन की तरवारें +दोई नेंनन की तरवारें , +प्यारी फिरें उवारें । +अलेमान , गुजराम सिरोही । +सुलेमान झकमारे । +ऐंचत बाढ़ म्याँन घूँघट की , +दैकाजर की धारैं । +ईसुर स्याम बरकते रइयो , +अंधयारै उजयारै ।",bundeli-bns +"गोदी के अंदर भगत राम राम रह्या टेर +गोदी के अंदर भगत राम राम रह्या टेर +जब से चरचा सुणी थी हर की राम नाम की लगी लगन +समझाया था एक न मानी दरसन की थी लगी लगन +हरिणाकस नै नांय सुहाया क्रोध की अग्नि लगी जलन +निर्भय हो कै भजा भगत ने भै की भूतणी लगी भगन +होलकां ले गोदी में बैठी फूँक जलाद्यूँ ढेर +ग��दी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर +होलकां का एक सील वस्तर था लोम रिसी से पाया था +जिस में अगनी परवेस हुवै न यो ही कथा में गाया था +पहिले भी या सती हुई थी यो ए ओढ़ सुख छाया था +अब कै बैर कर्या हर सेत्ती नहीं हुया मन चाहा था +सील वस्तर के अन्दर बड़ कै लागी थी वे करण अंधेर +गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर +चौगरदे कै चिता चिणा के जिस के बीच में दई अगन +जद वा अगन जारी हुई थी चन्दन लकड़ी लगी जलन +चौगरदे के असर फिरैं थे जिनक े हाथ में खड्ग नगन +जगहां नहीं थी कहीं निकलण नै असर रहे थे घेर +गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर +मुलतान सहर के सब सजनां नै अगनी में माला गेर दई +दीनानाथ बचा लड़के नै या सन्तों ने टेर दई +तेरा नाम छिपजा दुनिया में हमने भतेरी फेर लई +जै लड़का जल जाय अगन में इन असरां की जीत हुई +जै भगत जल जा अगनी में के कर ल्येगा फेर +गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर +ऐसी पवन चली जोर की चिता तो पाड़ बगाय दई +सील वस्तर को उथल पुथल के लड़के पै उठाय दई +दगा किसी का सगा नहीं सै समझैगा को सिहणी का सेर +गोदी के अन्दर भगत राम राम रह्या टेर",haryanvi-bgc +"साते हो घोड़वा गोसाई, सातो असवार +साते1 हो घोड़वा गोसाई , सातो असवार । +अगिलहिं2 घोड़वा देवा सुरूज असवार ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल देवा करथी पुछार3 । +कउने अवादे4 बसे , भगत हमार ॥ 2 ॥ +ऊँची कुरीअवा5 देवा , पुरुबे दुआर6 । +बाजे मँजीरवा7 गोसाईं , उठे झँझकार8 ॥ 3 ॥ +कथि केर दियवा देवा , कथि केर बात । +केथी केर घिया , जरइ सारी रात ॥ 4 ॥ +सोने केर दियरा देवा , कपासे केर बात । +सोरही के घिया देवा , जरइ सारी रात ॥ 5 ॥ +जरि गेलो घिया , मलिन भेलो बात । +खेलहुँ न पइलऽ देवा , चउ पहर9 ॥ 6 ॥",magahi-mag +"दुर्गा का दरबार चंपो-मोगरो +दुर्गा का दरबार चंपोमोगरो +कोणरू राम बीणे फूल +कांकी बऊ हार गूंथे +गूंथ्योगुथायो हार देवी के सिर ही चढ़े +मांग रे सेवक मांग +आज को मांग्यो पावे +चखे मांगे दूद +गोदी में पुत्र भवानी +अखंड मांगू एैवात",malvi-mup +"502 +भाबी साहन तेरे मगर धुरो लगा हलयां होया कदीम दा मारदा नी +तूं भी वहुटड़ी पुत सरदार दिए उस वी दुध पीता सरदार दा नी +साहन बाग विच लटदा हो कमला हीर हीर ही नित पुकारदा नी +तेरे नाल उह लाड पयार करदा होर किसे नूं मूल ना मारदा नी +पर उह इलत बुरी हिलया ए पानी पींवदा तेरी नसार1 दा नी +तूं झंग सयालां दी मोहनी ए तैनूं आन मिलया हिरन बार दा नी +खास किसे दे वल न धयान करदा साखां2 तेरियां उह लताड़दा नी +व��रस शाह मियां सच झूठ विचों पुण कढदा अते नितारदा नी",panjabi-pan +"340 +आ नढीए गैब क्यों चाया ई साडे नाल की रिकता1 चाइयां नी +बेकसां दा कोई ना रब्ब बाझों तुसीं दोवं ननाण भरजाइयां नी +जेहड़ा रब्ब दे नाम ते भला करसी अगे मिलनगियां ओस भलाइयां नी +अगे तिन्हां दा हाल ज़बून2 होसी अखीं वेख करन जो बुरयाइयां नी",panjabi-pan +"होली बी खेले ढप बी बजा +होली बी खेले ढप बी बजा कै गलियां में उडए गुलाल +कहियो मुरैटण तै होली खैलण आवै नवाब +हंसली घड़ावै फिरंगी को लड़को कठलो घड़ावै नवाब +कहियो मुरैटण तै होली खेलण आवै नवाब +ऐसी होली खेलो मिरगानैणी म्हारा साफा की रखियो लाज +कहियो मुरैटण तै होली खेलण आवै नवाब +लहंगो सिंवावै फिरंगी को लड़को स्यालू सिंवावै नवाब +कहियो मुरैटण तै होली खेलण आवै नवाब +बाजू घड़ावै फिरंगी को लड़को लूमा जड़ावै नवाब +ऐसी होली खेलो मिरगानैणी म्हारा साफा की रखियो ल्हाज",haryanvi-bgc +"कहऽ त धानी अपन मइया बोलाबूँ +कहऽ त धानी1 अपन मइया2 बोलाबूँ । +न राजा हो , उनकर3 आदर अब कउन4 करतइन5 ॥ 1 ॥ +कहऽ त धानी अपन बहिनी बोलाबूँ । +न राजा हो उनकर नखरा कउन सहतइन6 ॥ 2 ॥",magahi-mag +"साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे +साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे +बाबल असां उड़ जाणा +साडी लम्मी उडारी वे +बाबल केहड़े देस जाणा +तेरे महिलां दे विच विच वे +बाबल चरखा कौन कत्ते ? +मेरियां कत्तन पोतरियाँ +धिए घर जा अपणे +तेरे महिलां दे विच विच वे +बाबल गुडियां कौण खेडे ? +मेरियां खेडण पोतरियाँ +धिए घर जा अपणे +मेरा छुट्या कसीदा वे +बाबल दस कौन कडे ? +मेरियां कडन पोतरियाँ +धिए घर जा अपणे +तेरे बागां दे विच विच वे +बाबल डोला नहीं लंघदा +इक टहनी पुट देवाँ +धिए घर जा अपणे +तेरियां भिडीयाँ गलियाँ ' च वे +बाबल डोला नहीं लंघदा +इक इट पुटा देवाँ +धिए घर जा अपणे",panjabi-pan +"254 +बचा सैं तूं जिस कलबूत अंदर सचा रब्ब है थाओं बनाए रहया +माला मनकयां दे विच इक धागा तिवें सरब दे विच समा रहया +जिवें पतरी मेंहदी दे रंग रचाया तिवें जान जहान में आ रहया +जिवें रकत सरीर विच सास अंदर तिवें जात में जोत समा रहया +रांझा बन्नके खरच ही मगर लगा जोगी अपरा जोर सब ला रहया +तेरे दुअर जोगा हो रिहा हां मैं जोगी जट नूं कथा समझा रहया +वारस शाह मियां जिहनूं इशक लगादीन दुनी दे कम थीं जा रहया",panjabi-pan +"बाबा मांडा बल ग्या मैं खा ल्यूंगा +बाबा मांडा बल ग्या मैं खा ल्यूंगा +बाबा यू बी बलग्या यू बी खा ल्यूंगा +बाबा सारे बलगे सारे मैं खा ल्यू��गा +बाबा कुणबा के तन्नै खागा",haryanvi-bgc +"आज बिरज मे होरी रे रसिया +आज बिरज में होरी रे रसिया । +कौना गांव के कुंअर कन्हैया , +कौना गांव की गोरी रे रसिया । आज . . . +नन्दगांव के कुंअर कन्हैया , +बरसाने की गोरी रे रसिया । आज . . . +अपनेअपने महल से निकरीं सखी सब +कोऊ श्यामल कोऊ गोरी रे रसिया । आज . . . +उड़त गुलाल लाल भये बादर , +मारत भरभर रोरी रे रसिया । आज . . .",bundeli-bns +"मिट्ठड़ा ना लगदा शोर +प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर । +हुण मैं ते राजी रैहनाँ , +प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर । +मैं घर खिला सगूफा होर , +वेक्खिआँ बाग बहाराँ होर +हुण मैनूँ कुझना कैहणा । +प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर । +हुण मैं मोई नी मेरीए माँ , +पूणी मेरी लै गया काँ , +डों डों करदी मगरे जाँ , +पूणी दे दई साईं दे नाँ । +प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर । +बुल्ला साइ दे नाल प्यार , +मेहर अनायत करे हजार , +इक्को कौल1 ते एहो करार2 , +दिलबर दे विच्च रैहणा +प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर ।",panjabi-pan +"अमर कंट निज धाम है +अमर कंट निज धाम है , +नीत नंहावण करणा +१ वासेण जाल से हो निसरी , +आरे माता करण कुवारी +कल युग म हो देवी आवियां +कलू कर थारी सेवा . . . +अमर कंट . . . +२ बड़े बड़े पर्वत फोड़ के , +आरे धारा बही रे पैयाला +कईयेक ऋषि मुनी तप करे +जल भये रे अपारा . . . +अमर कंट . . . +३ पैली धड़ ॐकार है , +ऐली धड़ रे मंन्धाता +कोट तिरत का हो नावणा +नहावे नर और नारी . . . +अमर कंट . . . +४ मंन्धाता के घाट पे , +आरे पैड़ी लगी रे पचास +आम साम रे वाण्या हाटड़ी +दूईरा पड़ रे बजार . . . +अमर कंट . . .",nimadi-noe +"नत्थू राम! तन्नै सरम ना आई +नत्थू राम तन्नै सरम ना आई , बाब्बू कै गोली मारी । +तेरे करमां नै रोण लाग री , बैठी योह् दुनिया सारी । +बाब्बू ने कह्या राम राम , अर जग तै किया किनारा । +राम के मंदिर में जा पोंह्चा , सिरी राम का पियारा । +काच्चा कुनबा छोड़ के बाब्बू , सुरग लोक मैं सोगे । +भारत के सब नर नारी अब , बिना बाप के होगे ।",haryanvi-bgc +"आज वृन्दावन रहस रच्यो है +आज वृन्दावन रहस रच्यो है , +मैं भी देखन जाऊँगी । +सोलह शृंगार करूँ मोरी सजनी +मुतियन माँग भराऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +ओढ़के मैं तो पचरंग चूनर +श्याम को खूब रिझाऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +मोहन दान दही मांगे +कंस को जोर दिखाऊँगी । आज वृन्दावन . . . । +ऐसो रहस देख मेरी सजनी +प्रेम मगन हो जाऊँगी । आज वृन्दावन . . . ।",bundeli-bns +"12 +हजरत काज़ी ने पैंच सदा सारे भाइयां जिमीं नूं कछ पवा���यां ई +वढी दे के जिमीं लै गये चंगी बंजर जिमीं रंझेटे नूं आइया ई +कछां मार शरीक मजाक करदे भाइयां रांझे दे बाब बनाइया ई +गल भाइयां भाबिआं एह बना छडी मगर जट दे फकड़ी लाइया ई",panjabi-pan +"587 +बखशीं लिखने वालयां जुमलयां नूं पढ़न वालयां करी अता साईं +सुनन वालयां नूं बहुत खुशी होई रखन जौक ते शौक दा चा साईं +रखी शरम हया तूं जुमलयां दा मीटी मुड़ दी दई लघां साईं +वारस शाह तमामियां मोमनां नूं दईं दीन ईमान लुका साईं",panjabi-pan +"कन्हैया तोरी चितवन +कन्हैया तोरी चितवन लागे प्यारी । +सावन गरजे भादों बरसे +बिजुरी चमके न्यारी कन्हैया +मोर जो नाचे पपीहा बोले +कोयल कूके प्यारी कन्हैया +नन्हींनन्हीं बुंदिया मेहा बरसे +छाई घटा अंधियारी कन्हैया +सब सखियां मिल गाना गाए +नाचे दे दे तारी कन्हैया",bundeli-bns +"हम परदेशी पावणां +हम परदेशी पावणां , +दो दिन का मेजवान +आखीर चलना अंत को +नीरगुण घर जांणा . . . +हम परदेशी . . . +१ नांद से बिंद जमाईया , +जैसे कुंभ रे काचा +काचा कुंभ जळ ना रहे +एक दिन होयगा विनाशा . . . +हम परदेशी . . . +२ खाया पिया सो आपणां , +दिया लिया सो लाभ +एक दिन अचरज होयगा +उठ कर लागो गे वाट . . . +हम परदेशी . . . +३ ब्रह्मगीर ब्रह्म ध्यान में , +ब्रह्मा ही लखाया +ब्रह्मा ब्रह्मा मिसरीत भये +करी ब्रह्म की सेवा . . . +हम परदेशी . . .",nimadi-noe +"मेरे माही क्यों चिर लाया ए +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ? +कह बुल्ला हुण प्रेम कहाणी , +जिस तन लागे सो तन जाणे , +अन्दर झिड़काँ बाहर ताने , +नंहु ला एह सुख पाया ए । +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ? +नैणाँ कार रोवण दी पकड़ी , +इक्क मरनाँ दो जग्ग दी फकड़ी1 , +बिरहों जिन्द अवल्ली जकड़ी , +मैं रो रो हाल वन्जाया ए । +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ? +मैं प्याला तहकीक2 लीता ए , +जो भर मनसूर पीता ए , +दीदार मअराज3 पीआ लीता ए , +मैं खूह थीं वुजू4 सजाया ए । +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ? +इशक मुल्ला ने बाँग दिवाई , +सहु आवण दी गल्ल सुणाई , +कर नीयत सजदे वल्ल धाई , +नी मैं मुँह मेहराब5 लगाया ए । +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ? +बुल्ला सहु घर लपट लगाईं , +रस्ते में सभ बण तण जाईं , +मैं वेक्खाँ आ अनायत साईं , +इस मैनूँ सहु चिर लाया ए । +मेरे माही क्यों चिर लाया ए ?",panjabi-pan +"इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे +इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे +इनी सिन्दोरी जाटी माडो हीरा मोगरा रानी मारे +चौकी न सिन्दोरी जाटी मा डो हीरा मोगेरा रानी मारे +चौकी न सिन्दोरी जाट��� मा डो हीरा मोगेरा रानी मारे +आन टुगान आवेसे सेनेवा जा हीरा मोगेरा राजा मारे +आन टुगान आवेसे सेनेवा जा हीरा मोगेरा राजा मारे +आन टुगान आवेसे सेनेवाजे मारे +आन टुगान आवेसे सेनेवाजे मारे +इयेकेनी जेमा सिरे वाइनवे जा हीरा मोगेरा हीरा राजा मारे +इयेकेनी जेमा सिरे वाइनवे जा हीरा मोगेरा हीरा राजा मारे +इयेकेनी जेया सिरे वाइन मारे +इयेकेनी जेया सिरे वाइन मारे +आमा गोदीन कन्हैया कुअवर खाडू वाडो हीरा मोगेरा रानी मारे +आमा गोदीन कन्हैया कुअवर खाडू वाडो हीरा मोगेरा रानी मारे +इयेकेनी सिरे वाइन मारे +इयेकेनी सिरे वाइन मारे +स्रोत व्यक्ति मिरकाय बाई , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"14 +रांझा जौतरा वाह के थक रिहा लाह अरलियां छाउं नूं आंवदा ए +भता आन के भाबी ने कोल धरया हाल आपना रो विखांवदा ए +छाले पये ते हथ ते पैर फुटे सानूं वाही दा कम ना आंवदा ए +भाबी आखया लाडला बाप दा सैं अते खरा प्यारड़ा माउंदा ए",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़ेबड़े बबुआन +लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार +नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार +बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार +मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह चण्डाल +झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल +नाच करावे बँगला में मुरलिधर बेन बजाव +मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के रुन रुन बाजे सितार +तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा लाग +नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल +तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच +सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग +घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम +चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत बाय +पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया भैल रकत के धार +चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शेर जवान +अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय +जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय +ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला में पहुँचल जाय +देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान +देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों उदास",bhojpuri-bho +"278 +जदों रंग पुर दी जूह जा वड़या भेडां चारे अयाल1 विच बार दे जी +नेड़े आनके जोगी नूं वेखदा ए जिवें नैन वेखन नैन यार दे जी +झस2 चोर ते चुगल दी जीभ वांगूं गुझे रहन ना दीदड़े यार दे जी +चोर यार ते ठगना रहन गुझे किथों छुपन एह आदमी कार दे जी +तुसीं केहड़े देस तों आए रमते सुखन दस खं खोल नरवार दे जी +हमीं लंकबासी चेले अगस्त मुनि दे हमीं पंछी समुंदरों पार दे जी +वारस शाह मियां चारे चक भौंदे हमीं कुदरतां नूं दीद3 मारदे जी",panjabi-pan +"लचिका रानी +बंदना +रम्मा पहिलें सुमराैं सरसती मैयो हो ना +रम्मा हमरा पर हुवेॅ सहैयो हो ना +रम्मा सुमरौं गणपति , गणेश , चरणमो हो ना +रामा नीचें सुमरौं शेषनाग देवता हो ना +रम्मा सुमराैं आपनोॅ धरती धरममो हो ना +रम्मा सुमराैं हम्मे सातो बहिन दुर्गा महरनियो हो ना +रम्मा पकड़ी सुमराैं गुरू जी के चरनमो हो ना +रम्मा जौनें देलकै हमरा गियनमो हो ना +रम्मा सब्भै देवता के करौं परनममो हो ना +रम्मा सुनोॅ आबेॅ लचिका के कहनियो हो ना +पहिला खण्ड +रम्मा सुनोॅ कथा लचिका के धरि केॅ धियानमो रे ना +रम्मा बरप्पा छेलै एक नगररियो रे ना +रम्मा वहाँ के राजा बड़ा शक्तिशालियो रे ना +रम्मा इनकर लड़का छेलै प्रीतम सिंहो घब रे ना +रम्मा सब्भै राजा में प्रसिद्धवो रे ना +रम्मा अन्नधन छेलै पुरजोरिवो रे ना +रम्मा लचिका छेलै प्रीतम के जानमो रे ना +रम्मा देखै में छेलै खुबसुरतियो रे ना +रम्मा लागै गुलाब फुलवो रे ना +रम्मा रूप छेलै अनुपे रे ना +रम्मा आवेॅ सुनोॅ आगू के बतियो रे ना +रम्मा नौरंग सिंह के छेलै नौरंग पोखरबो रे ना +रम्मा राजा के सुनी हुकुममो रे ना +रम्मा आबी केॅ बोलै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा हम्में लानी देभौं लचिका रनियाँ रे ना +रम्मा पान बीड़ा खैलके कुटनी बुढ़िया रे ना +रम्मा बुढ़िया धरलकै रसतवो रे ना +रम्मा जाय पहुँचलै वरप्पा नगरियो रे ना +रम्मा करलकै राजा बड़ी इन्तजामवो रे ना +रम्मा संगोॅ में सब पलटनमो रे ना +रम्मा पहुँची गेलै वरप्पा पोखरियो रे ना +रम्मा बुढ़िया गेलै लचिका के भवनमो रे ना +रम्मा लचिका सें करै छै बतियो रे ना +रम्मा हम्में छेकियौ तोरोॅ मौसियो रे ना +रम्मा बुढ़िया बोलै मीठी बोलियो रे ना +रम्मा लचिका सुनी देलकै जबबो रे ना +रम्मा मैया छेलै हमरोॅ अकेलवो रे ना +रम्मा दोसरोॅ कोनो नहीं बहिनियो रे ना +रम्मा कैसें लागभैं तों हमरोॅ मौसीयो रे ना +रम्मा तबेॅ बोलै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा सुनें बेटी हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा जहिया होलौ तोरोॅ जनममो रे ना +रम्मा वही दिनां होलै हमरोॅ गौउनमो रे ना +रम्मा जहिया सें गेलियै ससुररियो रे ना +रम्मा नाहीं एैलियै नैहरवो रे ना +रम्मा होलौ जबेॅ तोरोॅ विहववो रे ना +रम्मा नै देलकौ तोरो माय नेवतो लियवनमो रे ना +रम्मा तोड़ी देलकौ हमरा सें नतवो रे ना +रम्मा जानभैं कैसें तों हमरोॅ हलवो रे ना +रम्मा कैसें करभैं पहचनमो रे ना +रम्मा पूछले ऐलां तोहरोॅ नगरियो रे ना +रम्मा तोरा सें करैलेॅ मुलकतवो रे ना +रम्मा हम्में तोरोॅ मौसियो रे ना +रम्मा मानी लेहै हमरोॅ तों सत बचनमो रे ना +रम्मा तोरोॅ ससुर के नौ रंग पोखरियो रे ना +रम्मा मनोॅ में लागलोॅ ललसवो रे ना +रम्मा देखै लेॅ ऐलां सुनी केॅ नममो रे ना +रम्मा सुनी लचिका भेलै मगनमो रे ना +रम्मा करेॅ लागलै मौसी के आदर सतकरबो रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़ियाँ के मनोॅ मे भेलै खुशियो रे ना +रम्मा एक दिन कहै कुटनी बुढ़ियो रे ना +रम्मा सुनें बेटो लचिका हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा तोहरोॅ छौ नौ रंग पोखरियो रे ना +रम्मा हमरा देखाय दे भरी नजरियो रे ना +रम्मा चली केॅ हमरा संगवो रे ना +रम्मा तबेॅ पूरा होतै हमरोॅ अरमनमो रे ना +रम्मा लचिका कहै मौसी सें बतियो रे ना +रम्मा सुनें हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा हम्मे पूछि आवै छियौ आपनोॅ सासू सें रे ना +रम्मा तबेॅ लैके जैवौ पोखरियो रे ना +रम्मा इ बात बतिया कही के लचिका गेलै सासू के पासबो रे ना +रम्मा हाथ जोड़ी करै बतियो रे ना +रम्मा सुनोॅ माय जी हमरोॅ बतियो रे ना +रम्मा आजु दिना छेकै एतबरबो रे ना +रम्मा सुरूजोॅ केॅ देवै अरगबो रे ना +रम्मा हमरा तों देॅ हुकुममो रे ना +रम्मा हम्में जैबै नाहैलेॅ पोखरियो रे ना +रम्मा लचिका के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा सासु कहै पूतौहो सें बचनमो रे ना +रम्मा पोखरिया के पानी बड़ा खरबवो रे ना +रम्मा कादोॅ कीचड़ सें भरलोॅ पोखरबो रे ना +रम्मा कैसंे जैभो पोखिरिया असनानमो रे ना +रम्मा ठंडा लागी पोखरिया के पनियो रे ना +रम्मा ऐगंना में खोदाई देभौं वारह कुपबो रे ना +रम्मा रेशम के लानी देबाैं डोरियो रे ना +रम्मा नहीं देलकै साँसू हुकुममो रे ना +रम्मा तबेॅ भै गेलै रानी लचिका उदसवो रे ना +रम्मा चल्लो गेलै ससुर जी के पसबो रे ना +रम्मा जाय केॅ बोललै हलवो रे ना +रम्मा ससुरें दै देलकै हुकुमो रे ना +रम्मा तबेॅ गेलै स्वामी जी के पासवो रे ना +रम्मा नहीं देलकै स्वामी हुकुममो रे ना +रम्मा माथा पर चढ़लै शैतनमो रे ना +रम्मा नहीं मानलकै केकरो कहनमो रे ना +रम्मा चल्लोेॅ गेलै पोखरिया असननमो रे ना +रम्मा कुटनी के फेरोॅ में पड़लै रानी लचिको रे ना +रम्मा फिरी गेलै लचिका के मतिया रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़ियाँ के दागाबजियो रे ना +रम्मा भेद कुछु नहीं जानलकै रानी लचिको ���े ना +रम्मा लड़का छोड़ी देलकै घरवो रे ना +रम्मा सुतलोॅ पलंग के उपरबो रे ना +रम्मा लै लेलकै आपनोॅ कपड़वो रे ना +रम्मा चल्लोॅ गेलै कुटनी के संगबो रे ना +रम्मा पोखरिया में करै लेॅ असननमो रे ना +रम्मा आवे सुनो पोखरियाँ के बचनमो रे ना +रम्मा वहाँ बैठलोॅ रहै पापी जयसिंह राजवा रे ना +रम्मा मनोॅ में सौचै बतियो रे ना +रम्मा आजु दिना मिली जैतै रानी लचिको रे ना +रम्मा लचिका एैले पोखर किनरवो रे ना +रम्मा दतवन करेॅ लागलै पोखर किनरवो रे ना +रम्मा कपड़ा गहनमा खोली धरै घटवा भीतरबो रे ना +रम्मा लचिका नहावेॅ लागलै घटवो रे ना +रम्मा कुटनी बुढ़िया देलकै राजा के ईशरवो रे ना +रम्मा राजा जबेॅ देखलकै ईशरवो रे ना +रम्मा साथे लैके सिपहिया लशकरवो रे ना +रम्मा आवी पहुँचलै पोखरियाँ ऊपरवो रे ना +जतना छेलै सेना लश्करवो रे ना +रम्मा घेरी लेलकै आवी केॅ पोखरियो रे ना +रम्मा लचिका जबेॅ देखलकै हलवो रे ना +रम्मा भागि केॅ छिपलै मंदिरवो रे ना +रम्मा जबेॅ सुनलकै नौरंग सिंह खबरवो रे ना +रम्मा लचिका घेरैली पोखरबो रे ना +रम्मा घेरलकै आवी केॅ दुश्मनमो रे ना +रम्मा मथवा धुनै कहै बचनमो रे ना +रम्मा बहुएं नहीं मानलकै कहनमो रे ना +रम्मा पोखरिया पर गेलै करिकेॅ हठबो रे ना +रम्मा पड़ी गेले दुश्मन के हथवो रे ना +रम्मा होय गेलै बड़ी मुश्किलवो रे ना +रम्मा एतना कही केॅ बचनमो रे ना +रम्मा देलकै पलटन के हुकुममो रे ना +रम्मा एैलै दुश्मन पोखरियो रे ना +रम्मा होय जायकेॅ जल्दी तैयरवो रे ना +रम्मा सुनी केॅ जयसिंह के बतियो रे ना +रम्मा पलटन सजलकै आरू हथियो रे ना +रम्मा चल्लै पोखरिया पर पटलनमो रे ना +रम्मा साथो में चललै प्रीतम सिंहबो रे ना +रम्मा पोखरिया पर पहुँचे फौजियो रे ना +रम्मा दोनों दलोॅ के भेलै भिड़नमो रे ना +रम्मा चलेॅ लागलै तीर तलबरवो रे ना +रम्मा हुवै लागलै घमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा बहै लागलै लहुवो के धरबो रे ना +रम्मा घोर लड़ैया होलै चार पहरवो रे ना +रम्मा जयसिंह पोखरियो रे ना +रम्मा पलटन के देखी हलवो रे ना +रम्मा प्रीतम सिंह लड़े आबी केॅ अगुओ रे ना +रम्मा करलकै धमासान लड़ैयो रे ना +रम्मा लड़तेंलड़तें तेजलकै परनममो रे ना +रम्मा रहि गेलै नौरंग सिंहवा अकेल्ले रे ना +रम्मा सुनिकेॅ हाल होले बेहलबो रे ना +रम्मा फेनू धीरज धरलकै मनमो रे ना +रम्मा घोड़ा वृजवाहन पर सबरबो रे ना +रम्मा लड़ैलेॅ चललै होयकेॅ तैयरवो रे ना +रम्मा पह��ँची गेलै पोखरिया उपरवो रे ना +रम्मा आबी केॅ लड़ेॅ लागलै नौरंग सिंहबो रे ना +रम्मा करिकेॅ लड़ाय धमसनमो रे ना +रम्मा दस बीस के काटै गरदनमो रे ना +रम्मा एतनै में एैललै एक वीरवो रे ना +रम्मा पीछू सें मारि देलकै तेगवो रे ना +रम्मा नौरंग सिंह के कटी गेलै गरदनमो रे ना +रम्मा धरती पर गिरी तेजलकै परनमो रे ना +रम्मा होलै नाश नौरंग सिंह के दलवो रे ना +रम्मा दुश्मन केॅ होलै खुशी हलवो रे ना +रम्मा चारो ओर मचलै जै जै करबो रे ना +रम्मा दुश्मन दल के भीतरवो रे ना",angika-anp +"विवाह गीत +बेनो कुड़छी पर बठो कड़ा मांगे । +बेनो कुड़छी पर बठो तागल्या मांगे । +बेनो कुड़छी पर बठो हार मांगे । +बेनो कुड़छी पर बठो मूंद्या मांगे । +बेनो कुड़छी पर बठो हाटका मांगे । +बेनो कुड़छी पर बठो बेड़ि मांगे । +दुल्हन के समान दूल्हा भी गहने पहनता है , उनका वर्णन गीत में किया गया है +बना कुर्सी पर बैठा हुआ कड़े माँग रहा है । तागली , हार , बीटियाँ , हाटका , बेड़ी माँग रहा है । कड़े हाथ में पहनने का , तागली गले में पहनने का , हार गले में पहनने की , हार गले में पहनने की , बीटी अँगुली में पहनने का , हाटका बाँह पर पहनने का और बेड़ी पैर में पहनने का आभूषण है ।",bhili-bhb +"झूठ तै मैं बोलूं कोन्या झूठ की म्हारै आण +झूठ तै मैं बोलूं कोन्या झूठ की म्हारै आण +पानीपत के टेसण ऊपर मींडक बांटै बाण +एक अचंभा मन्नै सुण्या यो कुत्ता कपडणे धोवै +ओबरै में म्हैस जुगालै ऊंट पिलंग पै सोवै +झूठ तै मैं बोलूं कोन्या . . . +कीड़ी मरी पहाड़ पै खींचण चले चमार +दो सै जोड़ी जूती बणगी सांटै कई हजार +झूठ तै मैं बोलूं कोन्या . . . +कुतिआ चाली बिजार में गलै बांध के ईंट +बिजार के बणिए न्यूं उठ बोलैं ताई लता लेगी क छींट +झूठ तै मैं बोलूं कोन्या . . .",haryanvi-bgc +"मेरे दादा जी चितर एक जस ल्यो +मेरे दादा जी चितर एक जस ल्यो +एक जस ल्यो परणां क्यूनां द्यो +तेरी छोटीसी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटुवा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवे का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर +मेरे ताऊ जी चितर एक जस ल्यो +एक जस ल्यो परणां क्यूनां द्यो +तेरी छोटी सी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटुवा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवै का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर +मेरे बाब्बू जी चितर एक जस ल्यो +तेरी छोटी सी चिडकली सुहाग भाग मांगे +हे जी काहे का लटु���ा काहे की डोर +कौण फिरै इस लटुवे का चोर +हे जी सून्ने का लटुवा रेसम की डोर +समदी का बेटा इस लटुवे का चोर",haryanvi-bgc +"180 +रत्न हीर ते आइयां फेर सभे रांझे यार तेरे सानूं घलया ई +खूंडी वंझली कमली सुट धते छड देस परदेस नूं चलया ई +जे तैं अंत ओहनूं पिछा देवना सी ओहदा कालजा कासनूं सलया ई +असां एतनी गल मालूम कीती तेरा निकल ईमान हुण चलया ई",panjabi-pan +"92 +तेरे वीर सुलतान नूं खबर होवे फिकर करे उह तेरे मुकाबले दा +चूचक बाप दे राज नूं लीक लाई किहा फायदा लाड लडावने दा +नक वड के कोड़मा गालया किहा फायदा मापिआं तावने दा +राती चाक नूं चा जवाब देसां साडा शोक नहीं है महीं चरावने दा +आ मिठिए लाह लै सभ टूमां किहा फायदा गहनयां पावने दा +वारस शाह मियां एस छोहरी दा जी होया ए लिंग कुटावने दा",panjabi-pan +"431 +हीर चुप बैठी असीं कुट कढे साडा वाह पया नाल डोरयां1 दे +उह वेलड़ा हथ ना आंवदा ए लोक दे रहे लख ढंडोरयां दे +इक रन्न गई दूज धन गया लोक मारदे नाल निहोरयां दे +धीयां राजयां दे नोहां डाढियां दियां कीकूं हथ आवन बिनां जोरयां दे +असीं खैर मंगया ओनां वैर कीता मैंनूं मारया दे नाल निहोरयां दे +वारस डाडयां दे सौ सत वीहां हाड़े रब्ब दे अगे कमजोरयां दे",panjabi-pan +"इस सागर के कारने बाबा जी +इस सागर के कारने बाबा जी रूठा जाय दामाद रे +देहरी बैठी दादी रानी बिनवै सुन बेटा मेरी बात रे +अनमोल बेटी मैंने तुमको समर्पी तो सागर कौन बिसात रे +सोना भी देंगे रूपा भी देंगे वर मोहर हजार रे +एक ना देंगे दूल्हे सागर अपना कुंवर करेंगे असनान रे +पन्थी आवै हाथ मुंह धौवें गडवै पीयें जल नीर रे",haryanvi-bgc +"विवाह गीत +छाबो भरि पापड़ अलग मेकसे । +याहिणी वो लांगड़ चाई गुई । +भाट्यो भरि दारुड़ो अलग मेकसे +याहिणी वो लांगड़ पी गुई । +छाबो भरि खार्या अलग मेकसे । +याहिणी वो लांगड़ खाई गुई । +समधन के लिए वधू पक्ष की स्त्रियाँ कह रही हैं हमारी समधन बहुत दुखी और पेटू है । समधन के सामने हमने बहुत से पापड़ रखे , वो सभी खा गई , पूरी दारू पी गई और सेंव भी खा गई , ये कैसी समधन है ?",bhili-bhb +"जा मुरली तो मधुर सुना जाव फिर मथुरा खो चले जावो +जा मुरली तो मधुर सुनाएं जाव , फिर मथुरा खों चले जावो । +मुरली बजे श्याम की प्यारी , जा में वश कीन्हें बृजनारी , +सोवत जगी राधिका प्यारी । +हमें सुर को तो शब्द सुनाये जाओ । फिर . . . +तुम बिन हमें कछु न भावे , +जो मन दरसन खों ललचावे , सूरत सपने में दरसावे , +हमें नटवर तुम संगे लिवाए जाओ । । फिर . . . +सोहे भाल तिलक छवि न्यारे , दोई नैनाहैं रतनारें , +कानन कुण्डल डुले तुम्हारे । +अपना मोहिनी रूप दिखाए जाओ । फिर . . . +गारी श्रीकृष्ण की प्यारी , +उनके चरणन की बलहारी , जिनको भजते सब संसारी । +हमें चरणन की दासी बनाए जाओ । फिर . . .",bundeli-bns +"245 +खाब रात दा जग दियां सभ गलां धन माल नूं मूल ना झूरिए नी +पंज भूत विकार ते उदर पानी नाल सबर संतोख दे पूरिए नी +एहो दुख ते सुख समान जाने जेहे शाल मशरू तेहे भूरिए नी +भोग आतमा दा रस कस त्यागो वारस गुरु नूं कहे वडूरिए नी",panjabi-pan +"हमना तुम खाँ बदी विचारैं +हमना तुम खाँ बदी विचारैं । +बचन अगारूँ हारैं । +सिम्भू कऔ कइलास बरफ सौ । +सिर पै गंगा धारें । +बाहर कड़े फेर नई मुरकत +ज्यों गज दन्त निकारैं । +वाँहन गही सो छूटत नईयाँ +हाड़ल कैसी डारें । +सत सैं ईसुर हरत सुनी ना , +सती सहत है मारैं ।",bundeli-bns +"माटी कोरे गेल छिनरो, पार गंगा हे +माटी कोरे1 गेल छिनरो2 पार गंगा हे । +गजनवटा3 में चोरवले4 आयल सोरह गो5 भतार हे ॥ 1 ॥ +घर के भतार पूछे , कवनकवन जात6 हे । +चार गो त जोलहाधुनिया , चार राजपूत हे ॥ 2 ॥ +चार गो त मुसहर7 बड़ मजगूत8 हे । +भले9 छिनरो , भले कोरे10 गेल11 हे ॥ 3 ॥",magahi-mag +"जसी +झपन्याली डाली का छैल देखे वींन , +पदमू रौत छौ बैठ्यूँ जख मांज । +नजीक जांदी जसी , सेवा लगौन्दो +मुलमुल1 हैसदो पदमू रौत । +मुख मोड़ी जसीन , शरमैंन आंखी , +गोरी गल्वाड़ी2 वीं की भरेन ज्वानी का ल्वेन । +देखदो रै गए पदमू वीं रूप की जोत , +जसीन हात पकड़ीक वो भ्वां बैठाये । +पदमू सणी जनू सेयां मा होश आये , +काख3 गाडे4 वेन वा , धौंपेली5 मलासे , +वखी मू फुल्याँ वण का फूलून +वा डांडू6 की आछरी7 जनी सजाये । +दीदी की छुई8 लगीन दीदी का नौनों की , +मैत9 खबर सार सुणाई , सैसर10 की भी । +तब भेना11 का खुटो12 मा सेवा लैक , +घर को पयाणो , तैन कैले । +चौक का छोड़ जब जसी आये , +चट नजर रौल13 की लैंगे , +ब्वारी14 की देखे वींन फूलू भरी स्यूंद15 पाटी , +सासू की जिकुड़ी16 जनी किरमोलीन काटी । +सुबेरी बिटी17 तू पद्यारा18 रै बेगणी , +दुनिया दुखैण्णी तू ब्वारी क्यूं च । +एतरीं19 बगत20 तू क्या करदी रई , +बुवा21 छौं आयों तेरो वख या बई22 , +भाई छौ आयों या मामा तेरो ? +ना बोला सासु जी तु यनी बात , +दिन की न बणावा यनी रात । +विराणा बैख23 वैबाबु का सामान । +पदमू रौत होन्द मेरो भेना24 , +पंद्यारा मिले वो बीच बाट +दिदी की खूश खबर पूछे मैंन । +ना लावा ठणा25 मैं विष खोलों , +गंगा फाल26 द्यूलो , अबि मरी जौलों । +सासू बुडड़ी छ��� बुवारी की बैरी , +वींन ब्वारी को मुख गबदाये +लबार27 , पातर28 छै तू दारी29 , +बार30 पार लैक मेरा नौना बमौन्दी31 । +ढाटी32 जिकुड़ो तेरी बाघ खालो , +दाग33 लगेक ज्वानी पर यख आई केक ? +देख त्वै आज मैं ज्यूंदा34 न छोड़ों । +बुडड़ीन तब कटार मारे , खून की धार बगे । +धार की गेंडकी35 सी रूड़े36 जसी , +निमो37 का बग्वान38 दिने धोली । +भण्डारी तब सुपिनो ह्वै गए बुरो , +बाटा लग्यूं छौ वो घर पौंछीगे । +इथैं देखद उथैं जसी भैर39 नी आई । +तब भट्यांद40 भण्डज्ञरी वीरूवा +भैर औदू , भैर जसी मेरी राणी । +बाटा को थक्यूं छौं , घाम को सुक्यू , +गंगा जी को सेलो41 पाणी दी जा । +भैर आये तब जिया42 वेकी पावती , +मुख झोसो43 छौ पड़यूं वींका मोसो44 +पूछद तब भण्डारी , वैं जसी का च ? +आँख्यों मा जिया का रात पड़ी गए । +न ले मेरा वीं पातर को नऊँ45 , +पदमू रौत आई छौ वीं को भेना46 , +पाणी पंद्यारा वा पाप करीक आए । +अपणा पापन बेटा , वींन मौत अपणी अफी बुलाए । +हकदक47 रै गए भण्डारी भारी +हा , त्वैन मेरी जोड़ी को मलेऊ48 फँट्याए49 ? +कख जैक पौणा मैन जसी जसी नार ? +तब रोन्दू बबरान्दू भण्डारी जांदू निमौं का बग्वान । +वींकी पिंगूली मुखुड़ी देखद , कौडी सरीं दाँतुड़ी । +हा , जसी तू मैं छोड़ी कै का घर गई ? +कै देवन हरे तेरी या अल्हर ज्वानी । +फफड़ँद50 छ वीरूवा लफरांद51 छ , +कना कना कारणा कर्द । +अंग्बाल52 मारीक वीं बेहोश ह्वै जाँद । +तब वैका सुपिना मा औन्दन मादेव पारबती । +धीरज धरौन्दन , जतन करौन्दन । +तब वीरूवा गंगाजल को लगोंद छीटो , +सते53 होली तू दुयो54 की जाई55 , एक की जोई56 , +त उठी जा सैयाँ की चार । +जु त्वैन नी करे हो पाप , मन रै हो साफ57 , +जु कैक खोटी नी बोली , पराई नी ताकी होली , +त तू खड़ी होई जा जसी मेरी नार , +बिंजी58 जा बिंजी , हे सेयाँ की चार । +प्रभु की माया देखासतियों को सत +जसी कबलाण59 लैगे , आँख्योंन टपराण60 लैगे , +बीरु न वा साँका61 लैले , हरचीं62 जनी पैले63 ।",garhwali-gbm +"माता बाँझबाई बाँझबाई सब कहे हो माता +माता बाँझबाई बाँझबाई सब कहे हो माता , +नहीं कहे बाळा की माय हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ भुई मऽ सूती , +नहीं डसऽ वासुकी नाग हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ अम्बाबन सूती , +नहीं टूटी अम्बा की डाळ हो रनादेव । । वाँजुली । । +माता चार पहेर रात हाऊँ रस्ता मऽ सूती , +नहीं आई रेवा पूर हो रनादेव । । वाँजुली । ।",nimadi-noe +"भरथरी लोक-गाथा - भाग 11 +कतेक गैना ल गावॅव मय +तीन महीना ल ओ +तीने महीना जादू मारे हे +���ादू काटत हे राम +खड़ेखड़े सामदेई ये +रूपदेई राम +जादू ल बइरी इन काटत हें +जेला देखत हे राम +काटे मँ जादू कट जाए +नैना रानी ये ना +गुस्सा होवय देखतो बाई रामा ये दे जी । +कोपे माने का बइरी गुस्सा ल +मोर होवत हे ओ +देख तो दीदी सामदेई ये +रूपदेई रानी न +गुस्सा गुस्सा मँ दाई मारत हे +जादू मंतर ओ +जादू मंतर ओ +कलबल के राख कर देवय नैना रानी ल +आज नैना रानी ओ आनंद होगे +भरथरी ये राम +चरणों मँ आके का गिरय +सुन राजा मोर बात +जइसे गुरु तुम्हार +जोगी होही तुम्हार सिद्ध न +अइसे देवय आसीस जेला लेवत हे भरथरी हर , रामा ये दे जी । +ये रामा , ये रामा , ये रामा , ये रामा , ये रामा ये +कमरु नगर ले +देख तो दीदी भरथरी ये +चले आवत हे राम +गुरु गोरखनाथ भेर +कौरु कमच्छल जादू टोना +बइरी का बोलय +गुरु गोरखनाथ +गोरखपुर ल बनाये हे +मोर बिलाई अवतार +गुरु गोरखनाथ घलो ला +नई तो छोड़े हे राम +जहां धुनि बबा रमे हे +गुरु गोरख के ओ +सब तो बिलाई बइरी का बोलय +म्याऊँ म्याऊँ ओ +जम्मर चेलिन चेला नरियावय +गुरु गोरखनाथ +धुनि म का बैरी बोलत हे +म्याऊँम्याऊँ ये ओ +धुनि बइरी ये अधूरा ये रामा ये दे जा । +लऊठी आवय भरथरी हर +गुरु गोरख के +अंगना म जऊन मेर धुनि हे +देखत हवय राजा +जम्मो बिलाई अवतरे हें +जादू मारे हे राम +देख तो नैनामति रानी ये +गुरु गोरखनाथ +बिलाई अवतार मे लपटत हे +जोन भेर धुनि रचाय +कलपीकलप बइरी लोटत हे +म्याऊँम्याऊँ कहय +जतका चेलिन अऊ चेला ये +तऊन ल देखत हे राम +अइसे बानी ल रानी का बोलय , रामा ये दे जी । +लउटी के आई के देखत हे +भरथरी ह दाई ओ +कहां मोर गुरु हे +जम्मों दिखत हे राम +देख तो बिलाई अवतारी न +गुरु गोरखनाथ +कलपीकलप भरथरी ये +सुरता करत हे राम +नई तो मिलत आवय खोजे म +सुमिरन करत हे न +सामदेई मोर सुमिरत हे +सुनले माता मोर बात +जऊने समय तुम जादू मारेंव +तिरिया चरित +मार जादू ल देवा +गुरु गोरखनाथ जल्दी ला देवा ओ बोलत हे , रामा ये दे जी । +कारी पिऊँरी चाऊँर +रानी मारत हे दाई ओ +देखतो दीदी सामदेई ह +गुरु गोरखनाथ ल +देखतो आदमी बनावत हे +कोरु नगर के +जतका घोड़ा बइरी गदहा ये +जतका सुआ ये +कऊनार पड़की परेवा ये +कऊनो सुरा ये राम +कऊनो कुबुबर बिलाई ये +कऊनो भेड़वा ये राम +कऊनो बोकरा ये बने हे +सबला आदमी बनाय +गुरु गोरखनाथ ल तो ये +कइसे आदमी बनाय +जतका चेलिन ल +नारी ये मोर बनावत हे राम +तऊनो ल देखत हे राजा ये +भरथरी ये ओ +जइसे गुरु तइसे तुम चेला +जोग पूरा हो जाय +अइसे बानी र���नी बोलत हे , रामा ये दे जी । +कंचन मिरगा मरीच के गुरु जल बरसाय +कंचन मिरगा मरीच के रामा ये दे जी +मुनि जल बरसाय , कंचन मिरगा मरीच के +जम्मे ल आदमी बनावत हे +गुरु गोरख ओ +देख तो बोलय भरथरी ल +सुन राजा मोर बात +तोरो जोग बइरी सिद्ध होवय +लौटी जावा तु राज +गढ़ उज्जैनी मँ चल देवा +माता ये तुम्हार सामदेई ले भिक्षा लावा +चले जावत हे राम +गुरु के बानी ल पावत हे +गुरु बोलत हे बात +सुनले बेटा भरथरी +भरथरी ये राम +न तो नारी मोला भीख देवय +तो जोग साधव +कइसे के जोग ल साघॅव , ये दे साघॅव , रामा ये दे जी । +बोले वचन गुरु गोरख हर +सुन ले बेटा मोर बात ल +चले जाबे बेटा +उज्जैन सहर म +धुनि तॅय रमा लेबे ग +अइसे बानी ल बइरी बोलत हे +पित पिताम्बर ओ +गोदरी ल गुरु देवय +टोपी रतन जटाय +काँधे जनेऊँ ल देवत हे +हाथे खप्पर हे राम +भरथरी धरि आवत हे +गढ़ उज्जैन म +आगी लगे खप्पर ल रखत हे +जोग साधन हे न ओ गुरु गोरखनाथ ये , भाई ये दे जी । +धुनि रमाये भरथरी ल +गांव भर के हीरा +राज दरबार देखत हे +रानी डंका पिटाय +सुनले गांव के परजा ये +जऊन राजा हमार +ना तो मैनावती रानी ये +गोपी भाँचा हमार +तुँहरों गाँव ल नेवता हे +राजा तिलोकचंद +तुँहरों गरीब घर नेवता हे +मानसिंह राजा +जम्मे नेवता ल बलावत हे +बाइस गढ़ के राजा ल नेवता भेजत हे +नेवता सुने सामदेई के +भरथरी के आज +देखतो दीदी जोग बइठे हे +धुनि रमे हे न +जिहां खप्पर ओ रखे हे +दान देवत हे न +नगर के बइरी परजा ये +जतका रैयत हे ओ +जम्मे ल बइरी दान देवय +खप्पर म डॉरय आज +न तो गुरु के खप्पर ये +नई तो भरय दीदी +का धन करँव उपाय ल , रामा ये दे जी । +तब तो बोलय सामदेई ह +का तो करँव उपाये ल +देख तो अस्नादे बनावत हे +रंगमहल म आय +सुन्दर नहावत हे सामदेई +आनंद मंगल मनाय +सोने के भारी निकालत हे +मोर देख तो दाई +जऊने म मोहर धरत हे +मोहर घरिके ओ +सोने के थरी म आवत हे +मैनावती ये ओ +सुनले भइआ मोर बाते ल +दान देवत हव झोंकव न +खप्पर तो नई भरय +का तो करँव उपाय +तब तो सामदेई आवत हे +सोने के थारी म राम +मोती जवाहरात धरि के आवत हे +सामदेई ये +सुन्दर करके स्नान +खप्पर के तीर म जावत हे +जोग पूरा तुम्हार +हो जावय ले लेवव दान ल +सुन ले बेटा हमार +अइसे कहिके डारत हे , रामा ये दे जी । +बेटा कहिके डारत हे +सामदेई ह दाई ओ +देखतो खप्पर बइरी भरि जावय +जोग हो गय तुम्हार +पूरा अब होई जावय +जुगजुग जीबे लला +देवय आसीस सामदेई ह +गुरु गोरखनाथ +जइसे गुरु तइसे चेला अव +जग मँ नाव तुहा�� +अम्मर हो जाहय बोलत हे , रामा ये दे जी । +भीख ल जोगी पाइके +सामदेई के ओ +देखतो दीदी भरथरी ह +चले आवत हे जऊन मेर गुरु के धुनि रमे +जिंहा जावय दीदी +आनंद मंगल मनावत हे +गुरु भरे जवाब +मँगनी के तय तो बेटा अस +तोला देहे रहेंव +बोलत हावय गुरु गोरख हर +सुनले राजा मोर बात +न तो सामदेई के तुम बेटा +न तो फुलवा के रे +बेटा तुम अब हमार +अइसे बानी ल गुरु बोलत हे , रामा ये दे जी । +पीत पिताम्बर गोदरी +कइसे देवत हे गुरु ओ +देख तो दाई भरथरी ल +टोपी रतन जटाय +कांधे जनेऊ सोहत हे +खप्पर देवय +खप्पर रखावत हे धुनि म +गुरु गोरखनाथ +बानी बचन कई सत बोलय +गद्दी देवय सम्हाल +धुनि के तिलक ल निकालत हे +तिलक सारत हे राम +भरथरी ल गुरु गद्दी ए +चल देवत हे +गुरु के गद्दी ल पावत हे +भरथरी ह न +गोरखपुरे में बइठ जावय +गुरु गद्दी म भरथरी ओ , रामा ये दे जी । +तब तो बोलय आल्हाऊदल हर +दुनिया ल गुरु +भरथरी ल +तय दान दिये +जग म होगे अमर +अमर होगे राज ग +तुँहर ये दे नाम +जग म नाम कमा लेवय +हमला देवा वरदान +कुछू तो देवा अइसे बोलत हे , रामा ये दे जी ।",chhattisgarhi-hne +"फाग गीत +नणदल ने भोजाई दोइ , भेलो पाणी लावे रे ॥ +नणदल चाली सासरे , भोजाई रोवे रे , जोड़ी बिखरगी ॥ +हाँ रे जोड़ी बिखरगी , नणदोई थारी वेल वधजो रे , +जोड़ी बिखरगी ॥ +ननद और भाभी दोनों साथ में पानी लाती हैं । ननद ससुराल चली तो दोनों की जोड़ी टूट गई । जोड़ी टूटी , किन्तु भाभी ननदोई को आशीर्वाद देती है कि आपकी वंश वृद्धि हो ।",bhili-bhb +"मृत्यु गीत +हाड़ मास का बणा रे पींजरा , भीतर भर्या भंगारा +ऊपर रंग सुरंग लगायो , अजब करी करतारा , +जोबन धन पावणा दिन चारा , अने जाता नि लागे वारा , +जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ +पशु चाम के बाजा बने रे , नोबत बने नंगारा । +नर तेरि चाम काम नहिं आवे , नर तेरि चाम काम नहिं आवे +जळ भळ होइ अंगारा , जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ +गरब कर्यो रतनागर सागर , केसा नीर मतवाळा +एसाएसा वीर गरब माय गळिया , आधा मीठा आधा खारा +जोबन धन पावणा दिन चारा , अने जाता नि लागे वारा , +जोबन धन पावणा दिन चारा । +दस मस्तक वनी वीस भुजा रे , कुटम बहुत परिवारा +एसाएसा नर गरब माय कलिया , लंका रा सरदारा +जोबन धन पावणा दिन चारा । +यो संसार ओस वाळो पाणी , अने जाता नि लागे वारा । +कहत कबीर सुणों भइ साधू , कहत कबीर सुणो भइ साधू +हर भज उतरोला पारा , जोबन धन पावणा दिन चारा ॥ +यह मनुष्य का शरीर एक हड्डी और माँस का पिंजरा है , इसके भीतर भँगार भरा +है । इस शरीर पर ऊपर ��च्छज्ञ रंगरोगन कर सुन्दरता प्रदान की है , यह भगवान +की माया गजब की है । जवानी और धनदौलत चार दिन की मेहमान है , इसे जाते +देर न लगेगी । मानव तू इस हड्डी और माँस के पिंजरे पर तथा धनदौलत पर अभिमान +न कर , ये चार दिन के मेहमान हैं । +मानव तू विचार तो कर । अरे पशुओं के चमड़े के बाजे , नोबत , नगारे और भट्टी की धम्मन +बनती है , परन्तु तेरा चमड़ा तो जलकर खाक होने वाला है । किसी के भी कुछ काम नहीं +आने वाला है । तू उस परमात्मा का भजन कर , जिससे तू इस संसार रूपी समुद्र से पार +उतर जायेगा । +रत्नाकर समुद्र ने घमण्ड किया था , किस पर घमण्ड किया था अपने निर्मल नीर पर , तो भगवान +ने उसके जल को आधा खारा और आधा मीठा बना दिया । इस जीवन में अभिमान नहीं करना +चाहिए क्योंकि यह थोड़े समय का है , किसे मालूम कब राम के घर का बुलावा आ जाये । +लंका में राजा रावण , वह बहुत मायावी और बलशाली था । उसके दस सिर और बीस भुजा थी +और बहुत बड़ा कुटुम्ब था । रावण ने बहुत अत्याचार , अनाचार किया , कितने ही साधुओं को +मारा । उसके पुत्र मेघनाथ ने इन्द्र को भी जीत लिया था । देवताओं को जीता । रावण ने सीता +का हरण किया , किन्तु अपने बुरे कर्मों के कारण कुटुम्ब सहित मारा गया । जैसा उसका भाई +भगवान का भगत था , वैसा आचरण रावण भी रखता तो आज तक लंका पर उसके वंश का +राज्य रहता । मनुष्य को अभिमान नहीं करना चाहिए । यह जवानी और धनदौलत चारदिन +की मेहमान है । +इस दुनिया में मनुष्य ओस का पानी के समान अल्पकाल के लिए आया है । जैसे प्रातःकाल पृथ्वी +और पेड़पौधों पर ओस का पानी दिखाई देता है और सूर्य की किरणों से अल्पकाल में उड़ जाता +है । अरे मनुष्य इस हड्डी और माँस के पिंजरे पर घमण्ड नहीं करना चाहिए । मनुष्य को अपने +परिश्रम की कमाई से जीवनयापन करते हुए भगवान का भजन भी करनाा चाहिए जिससे सद्गति +प्राप्त हो । यह जवानी और दौलत चार दिन की मेहमान है ।",bhili-bhb +"आम्बो तलै क्यूँ खड़ी (सावन गीत) +"" आम्बों की ठाण्डळी छाँव +आम्बों तळै क्यूँ खड़ी ? +क्या तेरे पिया परदेश +क्या घर सास बुरी "" +"" चलचल मूरख गँवार +तुझै मेरी क्या पड़ी +ना मेरे ओइया परदेश +ना घर सास बुरी । ” आम्बो… +कोरी –सी कुल्हिया मँगाई दहिया जमावती +आया है कालड़ा काग , दही तो मेरी चाख गया , +उड़उड़ काले काग तेरी चोंच बुरी । ” आम्बो… +“नाक में सोन्ने की नथ , गूँठे में तेरे आरसी +है कोई चतुर सुजान जो पूछै तेरी पारसी । ” आम्बो… +�� सासू का जाया है पूत , नणदिया का बीर +वो ही है चतुर सुजान , पूछैगा मेरी पारसी । आम्बो… +“आया है जो सावण मास थाम गड़ावती +जो घर होते म्हारे श्याम , मैं झूला झूलती । आम्बो… +यह बारहमासा गीत है । क्रमश : सभी महीनों एवं उनकी विशेषताओं का वर्णन किया जाता है ।",khadi_boli-mis +"वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर , +आशकाँ दिनाँ ना समझे कोर । +कोठे चढ़ के देवाँ होका , +जंगल बस्ती मिले ना ठोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +आशक देाहीं जहानी मुट्ठे , +नाज़ माशूकाँ दे ओह कुट्ठे , +किस तो बाँधा फट्ट तलवार । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +दे दीदार सोया जद माही , +अचनचेत पई गल फाही । +डाढी कीती बेपरवाही , +मैनूँ मिल ग्या ठग्ग लाहौर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +शीरीं है बिरहों दा खाणा , +कोह चोटी फरिहाद निमाणा । +यूसफ मिसर बाज़ार विकाणा , +इस नूँ नाही वेक्खण कोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +लैला मजनूँ दोवें बरदे , +सोहणी डुब्बी विच बहर दे । +हीर वन्जाए सभे घर दे , +इस दी छिक्की माही डोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +आशक फिदे चुप चुपाते , +जैसे मस्त सदा मध माते । +दाम जुल्फ दे अन्दर फाथे , +ओत्थे वस्स ना चल्ले ज़ोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +जे ओह आण मिले दिल जानी , +उस तों जान कराँ कुरबानी । +सूरत दे विच्च है लासानी , +आलम दे विच्च जिस दा शोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर । +बुल्ला सहु नूँ कोई ना वेक्खे , +जो वेक्खे सो किसे ना लेक्खे । +उसदा रंग रूप ना रेक्खे , +ओही होवे हो के चोर । +वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर ।",panjabi-pan +"टोकणी पीतल की रे +टोकणी पीतल की रे रोहतक तै मोल मंगाई +ईठवां जाली का मैंने उसपै दोगढ़ जचाई +छेल तराइये ओ तेरी हूर लरजदी आई +घर ने मत आइए तेरा आ रा सुभे सिंघ भाई +इतनी सी सुन कै हो सासड़ ने नणद दौड़ाई +पाणी के म्हारे रिते पड़े तेरा मरियो सुबेसिंघ भाई +नणद चाली गाल मत दे सूबेसिंघ की के लगै सै लुगाई",haryanvi-bgc +"सात सहेल्यां रे झूलरे +सात सहेल्यां रे झूलरे , पणिहारी जीयेलो मिरगानेणी जीयेलो +पाण्यू चाली रे तालाब , बाला जो +काळी रे कळायण उमडी एपणिहारी जीयेलो , मिरगानेणीजीयेलो , +छोटोडी बूंदां रो बरसे मेह , बालाजो +आज धराऊं धूंधलो ए पणिहारी . . . +मोटोडो धारां रो बरसे मेह , बाला जो +भर नाडा भर नाडयां ए पणिहारी . . . +भरियोभरियो समंद तलाब , बाला जो",rajasthani-raj +"248 +महांदेव थीं जोग दा पंथ बनया खरी कठन है जोग मुहिंम मियां +कौड़ा बक बका सवाद है ���ोग संदा जेही घोटके पीवनी निंम मियां +जहां सुन समाध दी मंडली है तहां जोड़ना है निंम झिंम मियां +तहां भसम लगाइके भसम होणा पेश जाए नाहीं गबर ते डिंम1 मियां",panjabi-pan +"करमा गीत-1 +चलो नाचे जाबा रे गोलेंदा जोड़ा +करमा तिहार आये है , नाचे जाबो रे । +पहली मैं सुमिरौं सरस्वती माई रे +पाछू गौरी गणेशरे गोलेंदा जोड़ा . . . । । +गांव के देवी देवता के पइंया लगारे +गोड़ लागौ गूरुदेव के रे गोलेंदा जोड़ा . . । ।",chhattisgarhi-hne +"बिछिया पेरिया आपका +बिछिया पेरिया आपका +अपणा सुहाग का +आनड़िया रा बाप का +अलबेली जच्चा मान करो +मान करो , गुमान करो +री जच्चा मान करो +तोड़ा पेरिया आपका +अपणा सुहाग का +कीकाजी रा बाप का +अलबेली जच्चा मान करो",malvi-mup +"राते बरस गओ पानी +राते बरस गओ पानी +काय राजा तुमने ना जानी । +अंटा जो भीजे अटारी भींजी , +भींजी है धुतिया पुरानी काय राजा +बाग जो भींजे बगीचा भींजे +माँलिन फिरे उतरानी काय राजा +कुंआ है भर गओ , तला है भर गओ +कहारिन फिरे बौरानी काय राजा +गैयां भीजी बछिया भींजीं +नदियन बढ़ गओ पानी काय राजा",bundeli-bns +"440 +आकी होयके खेड़यां विच वड़ीए आशक हुसन दे वारसी जटीए नी +पिछा अंत नूं देवना होय जिसनूं झुगा उसदा कासनूं पटीए नी +जेहड़ा वेखके मुख निहाल होवे कीजे कतल ना हान पलटीए नी +एह आशक वेल अंगूर दी ए मुढ़ों एसनूं ला पटीए नी +एह जोबना नित ना होवना ए पैर यार दे धोयके चटीए नी +लैके सठ सहेलियां विच बेले तूं ते धांवदी सैं नित जटीए नी +पिछा ना दीजे सचे आशकां नूं जो कुझ जान ते बने सो कटीए नी +दावा बन्नीए ते खड़यां हो लड़ीए तीर मारके पिछां ना हटीए नी +अठे पहर वसारीए नहीं साहिब कदे होश दी अख तरटीए नी +जिन्हां कौंत भुलाया छुटडां ने लख मौलियां महिंदीयां घतीए नी +वारस चाट तोतड़ें1 नूं पिछों कंकरी रोड़ ना सटीए नी",panjabi-pan +"विदाई गीत +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , माय झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , भाइ झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , बास झुणिं छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , भोजाइ झुणि छुड़जी । +सोना नो ढुल्यो बेनी , रूपा ना पाया । +ढुल्यो छुड़ि देजी बेनी , बहणिस् झुणि छुड़जी । +वधू पक्ष की महिलाएँ अश्रुपूरित आँखे लिये विदा कर रही हैं और कहती हैं कि तेरा पलंग सोने का है और उसके पाये चाँदी के हैं । पलंग छोड़ देना परन्तु माता का मत छोड़ना । इसी प्रकार पिता , भाईभौजाई एवं बहन को नहीं छोड़ने का आग्रह किया गया है । इस गीत में मुख्य रूप से अच्छे सम्बन्ध बनाये रखने के लिए आग्रह +किया गया है ।",bhili-bhb +"491 +परमेह1 दा मैंनूं है असर होया रंग जरद होया एस वासते नी +छांपां खुभ गइयां गलां मेरिया ते दाग पै गया चुभ वरासते नी +कटे जांदे नूं भजके मिलिसां मैं तनिया ढिलोहां चोली दिया पालते नी +रूंनी अथरू डुलिया मुखडे ते खुल गए ततोलड़े2 पासते नी +सुरखी होंठां दी आप मैं चूस लई रंग उड गया एस वासते नी +कटा घुटया विच गलवकड़ी दे डूकां लाल होइयां आस पास ते नी +मेरे पढू नूं कट ने ढुड मारी लासां पै गइयां मेरे मास ते नी +वारस शाह मैं पुज गरीबनी हां क्यों आंखदे लोक मुहासते3 नी",panjabi-pan +"म्हारो मन लाग्यो बैराग से +म्हारो मन लाग्यो बैराग से , +आरे रमता जोगी की लार +१ पाव बांध्या हो मीरा घुंगरु , +आरे हाथ ली करताल +दुजा हाथ मीरा तुमड़ा +गुण गाया गोपाल . . . +म्हारो मन . . . +२ एक लाख मीरा सासरो , +आरे दुजा मामा ममसाल +तीजा लाग रे मीरा मावसी +चवथा माय न बाप . . . +म्हारो मन . . . +३ जहेर का प्याला राणा भेजीयाँ , +आरे भेज्याँ दासी का हाथ +जावो दासी मीरा क दई आवो +आमरीत लीजो नाम . . . +म्हारो मन . . . +४ जावो दासी होण देखी आवो , +आरे मीरा जीवती की मरती +मरी होय तो वक फेकी दिजो +मीरा जैसी की वैसी . . . +म्हारो मन . . .",nimadi-noe +"जौ लों जग में राम जियावैं +जौ लों जग में राम जियावैं । +जे बातें बरकावै । +हात पाँव दृगदाँत बतीसउ +सदा एक से राबैं । +ना रिन ग्रेही करै काऊ खाँ +ना घर बनौ मिटावै । +आपुस की बनी नइँ बिगरै +कुलै दाग ना आवै । +इतने में कुछ होय ईसुरी +बिना मौत मर जावै ।",bundeli-bns +"कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी +कहाँ रे हरदी , कहाँ रे हरदी +भई तोर जनामन , भई तोर जनामन +कहाँ रे लिए अवतार +मरार बारी , मरार बारी +दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन +बनिया दुकाने दीदी लिएँव अवतार +कहाँ रे पर्रा , कहाँ रे पर्रा +भई तोर जनामन , भई तोर जनामन +कहाँ रे पर्रा तैं लिए अवतार +सिया पहार ऐ , सिया पहार ऐ +दीदी मोर जनामन , दीदी मोर जनामन +कँड़रा के घरे मैं लिएँव अवतार",chhattisgarhi-hne +"13 +पिंडा छांट के आरसी नाल देखन तिनां ढंग केहा हल वाहुना ई +पिंडा पाल1 के चोपड़े पटे जिहना किसे रन्न की उहनां नूं चाहुना ई +जिहड़ा भूई दे मामले करे मुंडा एस तोड़ ना मूल निबाहुना ई +दिहें वंझली वाहे ते रात गावे किसे रोज द��� ऐह प्राहुना ई",panjabi-pan +"गंगा जी को औत (बाजूबन्द गीत) +गंगा जी की औत +तराजू मां तोली लेणा , कैकी माया भौत +तराजू मां तोली लेणा , कैकी माया भौत +झंगोरा की घांण , झंगोरा की घांण +जैकी माया घनाघोरा , आंख्यूं मा पछ्याण +जैकी माया घनाघोरा , आंख्यूं मा पछ्याण +जैकी माया घनाघोरा हो . . . . . +सड़का की घूमा , सड़का की घूमा +सड़का की घूमा , सड़का की घूमा +सदानि नि रैंदी सुवा , जवानी की धूमा +सदानि नि रैंदी सुवा , जवानी की धूमा +सदानि नि रैंदी सुवा हो . . . . . . +भिरा लीगे भिराक , भिरा लीगे भिराक +भिरा लीगे भिराक , भिरा लीगे भिराक +तरुणी उमर सुवा , बथौं सी हराक +तरुणी उमर सुवा , बथौं सी हराक +तरुणी उमर सुवा हो . . . . . . . . . +घुघुती को घोल , घुघुती को घोल +घुघुती को घोल , घुघुती को घोल +मनखि माटू ह्वे जांद , रई जांदा बोल +मनखि माटू ह्वे जांद , रई जांदा बोल +मनखि माटू ह्वे . . . . . . . +गौड़ी कू मखन , गौड़ी कू मखन +गौड़ी कू मखन , गौड़ी कू मखन +दुनिया न मरि जाण , क्या ल्हिजाण यखन +दुनिया न मरि जाण , क्या ल्हिजाण यखन +दुनिया न मरि जाण . . . . .",garhwali-gbm +"अफई उफून मोनई तुरीया +अफई उफून मोनई तुरीया +अफई उफून मोनई तुरीया +लिजा टियानेन इनी का टइईया +लिजा टियानेन इनी का टइईया +पोलका टियायेन इनी का टड़ईया +पोलका टियायेन इनी का टड़ईया +बिगड़ी फड़ीयेन इनी का टड़ईया +बिगड़ी फड़ीयेन इनी का टड़ईया +जाम लज्जेन इनी का टड़ई +जाम लज्जेन इनी का टड़ई +जाम लज्जेन इनी का टड़ई +स्रोत व्यक्ति परसराम पठारे , ग्राम लखनपुर",korku-kfq +"529 +तकदीर नूं मोड़ना भला नाही सप्प नाल तकदीर दे डंग दे ने +जिहनूं रब्ब दे इशक दी चोट लगी दीदवान1 रजाए2 दे रंग दे ने +जेहड़े छड जहान उजाड़ वसन सुहबत3 औरतां दी कोलों संग दे ने +कदे किसे दी कील4 विच नांह आए जेहड़े सप्प स्याल ते झंग दे ने +असां चा कुरान ते तरक कीती सग मैहरियां दे कोलों संग दे ने +मरन देह जटी जरा बैन सुनीए होके निकलन रंग बरंग दे ने +जुआन मरे मैहरी वडे रंग होसन खुशी होई है अज मलंग दे ने +वारस शाह मुनाय के सीस दाड़ी हो रहे हां संग ते रंग दे ने",panjabi-pan +"हरे हरे बांसों का बंगला छवा दो जी +हरे हरे बांसों का बंगला छवा दो जी +जिस चढ़ सौवे लाडली का बाबा +कहो लाडो कहो बिटिया कैसा वर ढूंढैं जी +चन्दा नहीं , सूरज नहीं , नहीं रैन अन्धेरी +नदी किनारे महादेव तपस्या करै +वही परमान्द हमारे मन भाये जी",haryanvi-bgc +"झूमर तो पिया! तुम गढ़वाओ +झूमर तो पिया तुम गढ़वाओ +बिन्दी लावै मेरे भातइये +चल चुप रह नार देखे तेरे भातइये +पांच का लावैं पच्चीस ले जाएं +ब्याज मूल में तुझे ले जाएं +देखे तेरे भातइये +कांटे तो पिया तुम गढ़वाओ +कड़े गजरे लावैं मेरे भातइये +बून्दे अंगूठी लावैं मेरे भातइये +पांच का लावैं पच्चीस ले जाएं +दस पांच और ऊपर ले जाएं +ब्याज मूल में तुझे ले जाएं +देखे तेरे भातइये",haryanvi-bgc +"शृंगार बसन्ती है +श्याम श्याम सलौनी सूरत कौ सिंगार बसन्ती है ॥ टेक +मोर मुकुट की लटक बसन्ती , चन्द्रकला की चटक बसन्ती +मुख मुरली की मटक बसन्ती । +सिर पै पेच श्रवनकुण्डल छबिदार बसन्ती है ॥ श्यामा . +माथे चन्दन लग्यौ बसन्ती , पट पीताम्बर कस्यौ बसन्ती +मेरे मनमोहन बरयौ बसन्ती । +गुंजमाल गल सोहैं फूलन हार बसन्ती है ॥ श्यामा . +कनक कडूला हस्त बसन्ती , चलै चाल अलमस्त बसन्ती +पहर रहे हैं वस्त्र बसन्ती ॥ +रुनकझुनक पग नूपुर की झनकार बसन्ती है ॥ श्यामा . +संग ग्वालन कौ गोल बसन्ती बजे चंग ढपढोल बसन्ती +बोल रहे हैं बोल बसन्ती ॥ +सब सखियान में राधेजी सरदार बसन्ती है ॥ श्यामा . +परम प्रेम परसाद बसन्ती , लगे रसीलौ स्वाद बसन्ती +है रही सब मरियाद बसन्ती ॥ +‘घासीराम’ नाम छीतरमल सार बसन्ती है ॥ +श्यामा श्यामा सलौनी सूरत कौ शृंगार बसन्ती है ॥",braj-bra +"लोगे ही लोगे महकाय मोरी मैया +लोंगें ही लोंगें महकाय मोरी मैया , +तेरा बगीचा लोंगों का । +कौन लगाये मैया बेला चमेली , +कोने लगाई अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +देवी लगाई मैया बेला चमेली , +लंगुरा लगाये अनार मोरी मैया +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +कैसे के गोडूं मैया बेला चमेली , +कैसे के गोडूं मैया अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +कुदरन गोडूं मैया बेला चमेली , +खुरपन गोडूं अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +कैसे के सींचूं मैया बेला चमेली , +कैसे के सींचूं अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +दूधन सींचूं मैया बेला चमेली , +अमृत सींचूं अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +कै फूल फूले मैया बेला चमेली , +कै फूल फूले अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +कौना चढ़ाये मैया बेला चमेली , +कौना चढ़ाये अनार मोरी मैया । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +देवी चढ़ाये मैया बेला चमेली , +लंगुरा चढ़ाये अनार +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . . +मोरी मैया तेरा बगीचा लोंगों का । +तेरा बगीचा लोंगों का । लोंगें . . .",bundeli-bns +"464 +सानूं बखश अलाह दे नाम मियां साथों भुलयां एह गुनाह होया +कचा शीर पीता वंदा सदा भुले धुरों आदमों भुलना राह होया +आदम भुल के कणक नूं खा बैठा झट जंनतों हुकम फनाह होया +शैतान उसताद फरिशतयां दा भला सजदयों किधर दे राह होया +मुढों रूह भला कौल दे वड़या जुसा छड के अंत फनाह होया +कारूं भुल जकात थी शुभ होया वाहद ओस ते कहर अलाह होया +भुल जिकरीए लई पनाह होजम1 आरी नाल उह चोर दोफाह होया +अमलां बाझ दरगाह विच पैण पौले लोकां विच मियां वारस शाह होया",panjabi-pan +"साथिण का जंचा दिया ठीक मावस कै अड़कै +साथिण का जंचा दिया ठीक मावस कै अड़कै +मैं मंरू अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै +साथिण का कर्या कसार कढ़ाई भर भर कै +मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै +साथिण की दिखादी तील पिलंग पै धर के +मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै +साथिन ने आई घाल पहर कै तड़कै +मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै +मैं पड़ी खटोली के बीच सबर सा करकै +मैं मरूं अक जीऊं मेरी माय साथिण मेरी जायगी तड़कै",haryanvi-bgc +"होलर का बाबा +होलर का बाबा यूँ कहै +तुम खरचो दाम बतेरे +होलर की दादी ये कहै +होलर कै हुण्डी लाया +सिर ते सरफुल्ला आया +हाथों की मुट्ठी भींच कै +सिर पै झण्डूले लाया । +होलर का ताऊ यूँ कहै +तुम खरचो दाम बतेरे +होलर की ताई यूँ कहै +होलर कै हुण्डी लाया +सिर ते सरफुल्ला आया +हाथों की मुट्ठी भींच कै +सिर पै झण्डूले लाया । +1होलर नवजात शिशु +2सरफुल्ला नंगे सिर +3झण्डूले बच्चे के सिर के नवजात बाल",khadi_boli-mis +"नन्हीं नन्हीं कउड़िया दुलहा, फाँड़ा बान्हीं लेल +नन्हीं नन्हीं कउड़िया दुलहा , फाँड़ा1 बान्हीं लेल । +चलि गेल अहो दुलहा , हाजीपुर हटिया ॥ 1 ॥ +उहा2 से लावल3 दुलरू , मजुरवा4 लगल बेनियाँ । +घामा5 के घमाएल कवन दुलहा , डोलाए मांगे हे बेनियाँ ॥ 2 ॥ +कइरो डोलाऊँ परभु , मजुरवा लगल हे बेनियाँ । +तोरो कवन बहिनी चोराइ लेलन हे बेनियाँ ॥ 3 ॥ +आवे देहु अगहन दिनवाँ , उपजे देहु धनवाँ । +अपनी कवन बहिनी बिदा करबों हे ससुररिया ॥ 4 ॥",magahi-mag +"लोक गीत +बागा मा आवी उतरयु +साजनीकु छोरी छाने बाने +जोई लेसु रे ऽऽऽ । +हतमा लई लेसु लाकेड़ी रे छोरी +गाय ना बाने जोई लेसु रे ऽऽऽ +जोई लेसू रे , मन मोई लेसु रे ऽऽऽ +दोई दल लड़ानी बाल्यो कर लेसु रे ऽऽऽ । +बागा मा आवी उतरयु +साजनीकु छोरी छाने बाने +जोई लेसु रे ऽऽऽ । +काख्यां मा लइ ले���ु टोपे लू +छोरी छांणा ने बाने जोई लेसुर रे +बागा मा आवी उतरयु +साजनीकु छोरी छाने बाने +जोई लेसु रे ऽऽऽ । +हाथा मा लई लेसु दाँतेड़ , +छोरी सारा ना बाने +जोई लेसु रे ऽऽऽ +जोई लेसु रे ऽऽऽ मन मोई लेसु रे ऽऽऽ +बागा मा आवी उतरयू +साजनी कु छोरी . . . । +मैं बागीचे में ठहरा हूँ सखी किस बहाने से मैं साजन से मिलूँ ? तू मुझे बता , देख लूँगी । छोरी हाथ में तू लकड़ी ले लेना और गाय चराने के बहाने से मिल लेना । सखी ठीक है । मैं मिल लूँगी और उसका मन मोह लूँगी । इस तरह दोनों मिलकर हम दिल की बातें कर लेंगे । मैं देख लूँगी । सखी बगल में टोपला रख लूँगी और कंडे बीनने के बहाने से मैं उससे मिल लूँगी । मैं देख लूँगी । मैं बगीचे उतरा हूँ । सखी मैं अपने हाथ में दाँतेड़ा ले लूँगी और चारा काटने के बहाने से मैं उससे मिल लूँगी और इस तरह मैं उसका मन मोह लूँगी ।",bhili-bhb +"बटोहिया +सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसवा से +मोरे प्राण बसे हिमखोह रे बटोहिया +एक द्वार घेरे रामा हिमकोतवलवा से +तीन द्वार सिंधु घहरावे रे बटोहिया +जाऊजाऊ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ +जहवां कुहुकी कोइली गावे रे बटोहिया +पवन सुगंध मंद अगर चंदनवां से +कामिनी बिरहराग गावे रे बटोहिया +बिपिन अगम घन सघन बगन बीच +चंपक कुसुम रंग देबे रे बटोहिया +द्रुम बट पीपल कदंब नींब आम वृछ +केतकी गुलाब फूल फूले रे बटोहिया +तोता तुती बोले रामा बोले भेंगरजवा से +पपिहा के पीपी जिया साले रे बटोहिया +सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसवा से +मोरे प्रान बसे गंगा धार रे बटोहिया +गंगा रे जमुनवा के झिलमिल पनियां से +सरजू झमकि लहरावे रे बटोहिया +ब्रह्मपुत्र पंचनद घहरत निसि दिन +सोनभद्र मीठे स्वर गावे रे बटोहिया +उपर अनेक नदी उमड़ि घुमड़ि नाचे +जुगन के जदुआ जगावे रे बटोहिया +आगरा प्रयाग कासी दिल्ली कलकतवा से +मोरे प्रान बसे सरजू तीर रे बटोहिया +जाउजाउ भैया रे बटोही हिंद देखी आउ +जहां ऋसि चारो बेद गावे रे बटोहिया +सीता के बीमल जस राम जस कॄष्ण जस +मोरे बापदादा के कहानी रे बटोहिया +ब्यास बालमीक ऋसि गौतम कपिलदेव +सूतल अमर के जगावे रे बटोहिया +रामानुजरामानंद न्यारीप्यारी रूपकला +ब्रह्म सुख बन के भंवर रे बटोहिया +नानक कबीर गौर संकर श्रीरामकॄष्ण +अलख के गतिया बतावे रे बटोहिया +बिद्यापति कालीदास सूर जयदेव कवि +तुलसी के सरल कहानी रे बटोहिया +जाउजाउ भैया रे बटोही हिंद देखि आउ +जहां सुख झूले धान खेत रे बटोहिया +बुद्धदेव पृथु बिक्रमार्जुन सिवाजी के +फिरिफिरि हिय सुध आवे रे बटोहिया +अपर प्रदेस देस सुभग सुघर बेस +मोरे हिंद जग के निचोड़ रे बटोहिया +सुंदर सुभूमि भैया भारत के भूमि जेही +जन ' रघुबीर ' सिर नावे रे बटोहिया ।",bhojpuri-bho +"392 +भाबी करे रिआयतां जोगी दियां हथीं सचियां पा हथौड़ियां नी +जेहड़े डंड वखायके करे आकड़ मैं तां पटसां एहदियां चैड़ियां नी +गुरु एसदे नूं नहीं पहुंच एथे जिथे अकलां साडियां दौड़ियां नी +मार मोहलियां ते सटां भन्न टंगां फिरे ढूंढ़दा काठ कठोरियां1 नी +जिन्न भूत ते देउ दी अकल जाये तदों मारके उठीए छौढ़ियां नी +वारस शाह फकीर दे नाल लड़ना कपन जैहर दियां गदलां कौड़ियां नी",panjabi-pan +"सासू पनियाँ कैसे जाऊँ (पनघट-गीत) +पनघट पर जाना +सासू पनिया भरन कैसे जाऊँ , रसीले दोऊ नैना । +बहू ओढ़ो चटक चुनरिया , सर पै राखो गगरिया +बहू मेरी छोटी नणद लो साथ , रसीले दोऊ नैना । +मन्नै ओढ़ी चटक चुनरिया , सर ऊपर रखी गगरिया +हेरी मन्नै छोटी नणद ली साथ , रसीले दोऊ नैना । +तू बैज्जा पीपल छैंया , मैं भर लाऊँ जल गगरिया +ननदी घर नी जाकर बोल +भाभी के पनघट पै दोस्त । रसीले दोऊ नैना । +मेरी ननदल बड़ी हठीली , एकएक की दोदो लगावै +बरसात मैं करूँ तेरी सादी +गरमी मैं करूँ तेरा गौणा +भेजकर ना लूँ तेरा नाम , रसीले दोऊ नैना",khadi_boli-mis +"131 +कैदो आनके आखदा सहुरयो ओये मैंथो कौन चंगा मत देसिआ ओये +एह नितदा पयार न जाए खाली पिंज गडी दादास ना देसिया ओये +हथों मार सियालां ने गल्ल टाली परा छड झेड़ा एह भेरसिया ओये +रग इक वधीक है लंडयां दीए किरतघण फरफेज मलखेसिया ओये",panjabi-pan +"डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई +डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई +डुगीकू डुगीकू खाडू राजन डेई +सुसून मारे चोजा मा आसीबा चोजा मा +सुसून मारे चोजा मा आसीबा चोजा मा +जुजुमवा डुगीकूखाडू जा सुसुन वा +जुजुमवा डुगीकूखाडू जा सुसुन वा +पैसो भी बागो धैला भी बागो +पैसो भी बागो धैला भी बागो +डुगूकी खाडू सुसून वा चाना भी दाना बागो जा +डुगूकी खाडू सुसून वा चाना भी दाना बागो जा +डुगीकू दाना बागो जा कालीमीटो डोंगोर जा +डुगीकू दाना बागो जा कालीमीटो डोंगोर जा +डुगीकू मिया नी मिटर जा डोंगोर बायल लाये जा +डुगीकू मिया नी मिटर जा डोंगोर बायल लाये जा +कुलू भी जोपे राजन जा डाई जा डाई +कुलू भी जोपे राजन जा डाई जा डाई +डुगीकू खाडू भी सुसून वा जा मारे +डुगीकू खाडू भी सुसून वा जा मारे +स्रोत व्यक्त�� माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"430 +घरों कढया अकल शहूर1 गया आदम जनतों कढ हैरान कीता +सजदे वासते अरश तों मिले धके जिवें रब्ब ने रद शैतान कीता +शदाद2 बहिश्त थीं रहया बाहर नमरूद3 मछर परेशान कीता +वारस शाह हैरान हो रिहा जोगी जिवें नूर हैरान तुफान कीता",panjabi-pan +"वे दिल जानी प्यारेआ +आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ , +केही चेटक लाया ई +मैं तेरे विच्च ज़रा ना जुदाई1 , +सात्थों आप छुपाया ई । +मज्झीं आइआँ राँझायार ना आया , +फूक बिरहों डोलाया ई +आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ । +मैं नेड़े मैनूँ दूर क्यों दिस्नाऐं , +सात्थों आप छुपाया ई । +आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ । +विच्च मिसरदे वाँग जुलैखां +घुँघट खोल्ह रूलाइआ ई । +आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ । +सहु बुल्ले दे सिर विच्च बुरका , +तेरे इशक नचाया ई । +आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ । +केही चेटक लाया ई ।",panjabi-pan +"हरियर पट केरा जाजिम झारी बिछावहु हे +हरियर पट1 केरा2 जाजिम झारी बिछावहु हे । +आयल कुलपरिवार , हरदी चढ़ावहु हे ॥ 1 ॥ +हरदी चढ़ावथी3 दुलरइता दादा , सँघे4 दुलरइतो दादी हे । +ताहि पाछे5 कुल परिवार , से हरदी चढ़ावथी हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"बोल सुण्या जब साधू का +बोल सुण्या जब साधू का , खाटका लग्या गात के म्हाँ । +पाटमदे झट चाल पङी , उनै भोजन लिया हाथ के म्हाँ ॥ +उठ्ण लागी ल्हौर बदन मैं , जब नैनो से नैन लङी । +मेरे पिया बिन सोचे समझे , या गलती करदी बोहोत बङी ॥ +हिया उझळ कै आवण लाग्या , आंख्यां तै गई लाग झङी । +हाथ जोङ कै पाटमदे झट , शीश झुका कै हुई खङी ॥ +कह "" लख्मीचन्द "" न्यूँ बोली , तू क्युं ना रह्या साथ के म्हाँ ॥ पाटमदे झट चाल पङी . . . . . . . . . . .",haryanvi-bgc +"अँखिआ त हवऽ दुलरू रतन के जोतवा +अँखिआ त हवऽ1 दुलरू2 रतन के जोतवा3 ओठवनि4 चुअले5 गुलाब हे । +अतिना6 सुरति7 तोरा हलवऽ8 दुलरू , कउना बिधि रहलऽ कुआँर9 हे । +बाबा जे हमर दर रे देवनियाँ10 पितिया11 जोतले12 कुरखेत13 हे । +भइया जे हमर जिरवा लदनिया14 ओहे बिधि रहली कुआँर हे ॥ 2 ॥ +बाबा जे छोड़लन दर रे देवनियाँ , पितिया छोड़लन कुरखेत हे । +भइया जे छोड़लन जिरवा लदनियाँ , अब मोरा होएत बियाह हे ॥ 3 ॥ +केकर नदिया हे झिलमिल पनियाँ , केकर नदिया में बहले सेवार हे । +केकर नदिया में चेल्हवा15 मछरिया , कउन दुलहा नावे16 जाल हे ॥ 4 ॥ +सासु के नदिया में झिलमिल पनियाँ , ससुर के नदिया बहले सेवार हे । +सरवा17 के नदिया चेल्हवा मछरिया , कवन दुलहा नावे जाल हे ॥ 5 ॥ +एक जाल नवलऽ18 दुलहा दुइ जाल नवलऽ , बझि गेलबऽ19 घोंघवा20 सेवार हे । +��ीसरहिं जलवा जब नवलऽ दुलरू , बझि गेल कनिया21 कुआँर हे ॥ 6 ॥ +कउना रिखइया22 के हहु तुहूँ नाती परनाती हे , कउना रिखइया के हहु तुहूँ पूत हे । +कउने भरोसे23 तुहूँ जलवा लगवलऽ , कहवाँहिं बेख24 तोहार हे ॥ 7 ॥ +कवन सिंह के हीं25 हम नाती परनाती , कवन सिंह के हम पूत हे । +जँघिया भरोसे26 हम जलावा लगवली , कवन पुर बेख हमार हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"म्हारा भरपुर जोगी +म्हारा भरपुर जोगी , +तुमन जगाया जुग जागजो +१ सोई . सोई प्राणी क्या करे , +निगुरी आव घणी निंद +जम सिराणा आई हो गया +आरे उबीयाँ दुई . दुई बीर . . . +तुमन जगाया . . . +२ चुन चुनायाँ देव ढलई गया , +आरे ईट गिरी लग चार +फुल फुलियाँ रे हम न देखीयाँ +देख्या धरणी का माय . . . +तुमन जगाया . . . +३ एक फुल ऐसा फुलिया , +आरे बाति मिल नही तेल +नव खण्ड उजीयारा हुई हो रयाँ +देखो हरी जी को खेल . . . +तुमन जगाया . . .",nimadi-noe +"जीवणा है दिन चार जगत में +जीवणा है दिन चार जगत में +१ सुबे से हरि नाम सुमरले , +मानुष जनम सुधारो +सत्य धर्म से करो हो कमाई +भोगो सब संसार . . . +जगत में . . . +२ माता पिता और गुरु की रे सेवा , +और जगत उपकार +पशु पक्षी नर सब जीवन में +ईश्वर आन निहारु . . . +जगत में . . . +३ गलत भाव मन से बिसराजो , +सबसे प्रेम बड़ावो +सकल जगत के अंदर देखो +पुरण बृम्ह अपार . . . +जगत में . . . +४ यह संसार सपना की रे माया , +ममता मोहे निहारे +हरि की शरण मे बंधन जोड़े +पावो मोक्ष दुवार . . . +जगत में . . .",nimadi-noe +"565 +काज़ी आखया बोल फकीर मियां छड झूठ दे दब दबेड़यां नूं +असल गल जो आख दरगाह अंदरना कर ज़िकर तूं झगड़यां झेड़यां नूं +सारे देस विच धुम ते शोर होया दोवें फड़े हो आपने फेड़यां नूं +एस जट दी शरम जे लाह सुटी खुआर कीता जे सयालां ते खेड़यां नूं +पहलां मचयों आनके दावयां ते है सलाम वलां छलां तेरयां नूं +आबू1 भुन्नदियां झाड़ के चब2 चुका हुण वौहटड़ी देह खां खेड़यां नूं +आओ वेख लवो सुनन गिनन वालयो ए मियां जा डोबदे बेड़यां नूं +दुनियांदारां नूं औरतां जुहद फकरां मियां छोड़ दे झगड़यां झेड़यां नूं +काज़ी बहुत जे आंवदा तरस तैनूं बेटी आपनी बखश दे खेड़यां नूं +नित माल पराया चुरा खांदे एह दस मसले राही पेड़यां नूं +ऐबी3 कुल जहान दे पकड़नीगे वारस शाह फकीर दे फेड़यां नूं",panjabi-pan +"एकली घेरी बन में आन स्याम +एकली घेरी बन में आन स्याम तेने या के ठानी रे +स्याम मोहे बिन्दराबन जानो लौट के बरसाने आनो +जे मोहे होवे अबेर लरैं देवरानी जेठानी रे +एकली घेरी बन . . . +दान दधि को देजा मेरो कं�� के खसम लगे तेरो +मारूं कंस मिटाऊं बंस ना छोडूँ निसानी रे +एकली घेरी बन . . . +दान मैं कभी न दूँगी रे कंस ते जाय कहूंगी रे +आज तलक या ब्रज में कोई भयो न दानी रे +एकली घेरी बन . . .",haryanvi-bgc +"583 +संन यारां सौ असी नबी हिजरत लमे देस दे विच तयार होई +अठारां सौ बाईसया सनमती दा राजे विक्रमाजीत दे सार होई +चोर चैधरी यार ते पाक दामन भूत मंडली इक दो चार होई +वारस शाह जिन्हां केहा पाक कलमा , बड़ी तिन्हां दी आकबत पार होई",panjabi-pan +"मेरे टुरने दी होई त्यारी +तुसीं आओ मिलो मेरी प्यारी । +मेरे टुरने दी होई त्यारी । +सभे रल के टोरन आइआँ , +आइआँ फुफ्फिआँ चाचिआँ ताइआँ , +सुभ्भे रोंदिआँ जारो जारी1 +मेरे टुरने दी होई त्यारी । +सभे आखण एह गल जाणी , +रव्हीं तूँ हर दम हो निमाणी , +ताहीं लग्गेंगी ओत्थे प्यारी । +मेरे टुरने दी होई त्यारी । +सभे टोर2 घराँ नूँ मुड़िआँ , +मैं हो इक इक्कलड़ी टुरिआँ , +होइआँ डारों मैं कूंज न्यारी । +मेरे टुरने दी होई त्यारी । +बुल्ला सहु मेरे घर आवे , +मैं कुच्चजी नूँ लै गल लावे , +इक्को सहु दी ए बात न्यारी । +मेरे टुरने दी होई त्यारी ।",panjabi-pan +"वृन्दावन श्याम मची होरी +वृन्दावन श्याम मची होरी । टेक +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप , बरसत रंग उड़त रोरी ॥ +कित ते आये कुंवर कन्हैंया , कितते आई राधा गोरी । +गोकुल ते आये कुँवर कन्हैंया , बरसाने सेस राधा गोरी ॥ +कौन के हाथ कनक पिचकारी , कौन के हाथ अबीर झोरी । +कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी , राधा के हाथ अबीर झोरी ॥ +अबीर गुलाल की धूम मची है , फेंकत है भरिभरि झोरी । +‘सूरदास’ छबि देख मगन भये , राधेश्याम जुगल जोरी ॥",braj-bra +"489 +तेरे सयाह ततोलढ़े कजले दी ठोडी अते गलां उतों गुम लए +तेरे फुल गुलाब दे लाल होए किसे घेर के राह विच चुम लए +तेरे खानचे1 शकर पारयां दे हत्थ मार के भुखयां लुम गए +घोड़ा मार के धाड़वी मेवयां दे रत्न झाड़ बूटे किते गुम गए +वडे वनज होए अज जोबना दे कोई नवें वनजारढ़े धुंम गए +वारस शह मियां कीते कम तेरेअज कल जहान ते धुंम गए +कोई धोबी वलैयतों आन लथे सिरी साफ दे थान चढ़ खुंब गए +तेरी चोली वलूंदरी सने सीन पेजे तंूबयां नूं जिवें तुंब गए +खड़े काबली कुतयां वांग नठे वढायके कन्न ते दुंब गए +वारस शाह अचबड़ा नवां होया सुते पाहरूयां नूं चोर टुंब गए",panjabi-pan +"मेरी मेहंदी के औड़े चौड़े पात +मेरी मेहंदी के औड़े चौड़े पात रे बीरा बारी बारी जां +मैं तो पीसूंगी चकले के पाट रे बीरा बारी बारी जां +मैं तो घ���लूंगी हिरणी के दूध रे बीरा बारी बारी जां +मैं तो लाऊंगी देवेन्द्र भाई के हाथ रे बीरा बारी बारी जां",haryanvi-bgc +"156 +जदों रांझना जाए के चाक बनया मझी सांभियां चूचक सयाल दीयां ने +खबरां तखत हजारे विच जा पुजिआं कूमां1 उस अगे बड़े माल दीयां ने +भाइयां रांझे दयां सयालां नूं खत लिखया जातां महरम जात देहाल दीयां ने +मौजू चौधरीदा पुत चाक लायो एह नूं कुदरतां जल जलाल2 दीयां ने +साथों रूस आया तुसीं मोड़ घलो ऊहनूं बाहरां रात दिन भाल दीयां ने +जिस भूई तों रूसके एह आया क्यारियां बनियां पइयां इस लाल दीयां ने +साथों वाहियां बीजीयां लये दाने अते महानियां3 पिछले सास दीयां ने +महीं चार के वढयो नकसाडा साथों खूहनियां एसदे माल दीयां ने +मही कटक नूं देके खिसक जासी साडा नहीं जुमा फिरो भाल दीयां ने +एह सूरतां ठग जो वेखदे हो वारस शाह फकीर दे नाल दीयां ने",panjabi-pan +"दूब का डांडळा अकाव का फूल +दूब का डांडळा अकाव का फूल , +राणी ओ मोठी बहू अरघ देवाय । +अरघ दई नऽ वर पाविया , +अमुक सरीका भरतार । +आतुली पातुली , लाओ रे गंगाजल पाणी , +न्हावण करऽ रनुबाई राणी । +रनुबाई , रनुबाई , खोलो किवाड़ , +पूजण वाळई ऊभी दुवार । +पूजण वाळई काई माँगऽ । +दूध , पूत , अहवात माँगऽ । +हटियाळो बाळो माँगऽ । +जटियाळो भाई माँगऽ । +बहू को रांध्यो माँगऽ । +बेटी को परोस्यो माँगऽ । +टोंगळया बुडन्तो गोबर माँगऽ । +पोयचा बुड़न्तो गोरस माँगऽ । +पूत की कमाई माँगऽ । +धणी को राज माँगऽ । +सोन्ना सी सरवर गऊर पूजा हो रनादेव । +माय नऽ बेटी गऊर पूजा हो रनादेव । +नणंद भौजाई गऊर पूजा हो रनादेव । +देराणी जेठाणी गऊर पूजा हो रनादेव । +सास न बहू गऊर पूजा हो रनादेव । +अड़ोसेण पड़ोसेण गऊर पूजा हो रनादेव । +पड़ोसेण पर टूट्यो गरबो भान हो रनादेव । +दूध केरी दवणी मजघर हो रनादेव । +पूत केरो पालणो पटसाळ हो रनादेव । +असी पत टूट्यो गरबो भान हो रनादेव ।",nimadi-noe +"नाई की तेरे लाम्बे लाम्बे खेस +नाई की तेरे लाम्बे लाम्बे खेस +आधे बिछा ल्यो आधे ओढ़ ल्यो +राजा जी मेरी मां के पाले खेस +क्यूंकर बिछा ल्यूं क्यूंकर ओढ ल्यूं +राजा जी तेरी चाल सरूप +जणू रै हाथी घूमै गाल मैं +राजा जी तेरा बोल सरूप +जणू रै पपीहा बोल्या रेल का +नाई की तेरा बोल सरूप +जणू रै कोयल बोली बाग में +नाई की तेरी चाल सरूप +जणू मुरगाई तिरगी ताल मैं",haryanvi-bgc +"लाल-लाल ओढ़नी माय सोना रा तार +लाललाल ओढ़नी माय सोना रा तार +लाल बजावे बांसरी , नौ दुर्गा खेले छन्द +छन्दगाली रा नेवर बाजण्या रे माय +पावाँ में बिछिया सोवे ताप माय +थारा अनबट से लागी रयो बाद +नखराली रा नेवर बाजण्या ऐ माय +थारी नोगरी से लागी रयो बाद +छन्दगाली रा नेवर बाजण्या ऐ माय +थारे वैयां ने बाजूबन्द सोवत ऐ माय +थारा भुजबन्द से लागी रयो बाद +नखराली रा नेवर बाजण्या हो माय +थारा गला में गलूबन्द सोवत ए माय +थारी माला से लागी रयो बाद +छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माया +थारा काना में झुमका सोवता ए माय +थारा काँटा से लागी रयो बाद +थारा मुखड़ा ने बेसर सोवता ए माय +थारा टीका से लागी रयो बाद +थारा अँगन सालू सोवता ए माय +थारी ओढ़नी से लागी रयो बाद +छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माय",malvi-mup +"मेरी नाजुक नरम कलाई रे +मेरी नाजुक नरम कलाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +अपने ससुर की मैं ऐसी लाडली +आंगन में कुई खुदवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने जेठ की मैं ऐसी लाडली +रेसम की डोर बंटवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने देवर की मैं ऐसी लाडली , +सोने की झारी मंगवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +अपने पिया की मैं ऐसी लाडली , +दो दो पनिहारी रखवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +सास ननद मेरी जनम की बैरन , +आंगन की कुई मुंदवाई रे , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . . +दौरानी जेठानी मेरी जनम की बैरन , +लगी पनिहारी हटवाई री , पनियां कैसे जाऊं ? +मेरी नाजुक नरम . . .",haryanvi-bgc +"बरस एकादशी करिये +बरस एकादशी करिये +नणदळ न्हावा ने जईये +राधा , रूकमणी और सतभामा +ललता से कहिये +कुवजा से कहिये +बाईजी न्हावा ने जईये +गंगा , जमना और सरसती +तिरवेनी में न्हइये +भवसागर तिरिये +बाईजी न्हावा ने जईये +न्हाई धोई सुमिरण करस्यां +गऊ सेवा करिहें +गऊ पूजा करिये +नणदल न्हावा ने जईये +सांवलिया नी संग जो रेस्यां +सोयलड़ो चईये +बाईजी न्हावा ने जईये +मीरा के प्रभु गिरधर नागर +हरि चरणा रहिये +प्रभु चरणा रहिये +बाईजी न्हावाने जईये",malvi-mup +"बनड़े की घोड़ी बिदकै मेरा कलेजा धड़कै +बनड़े की घोड़ी बिदकै मेरा कलेजा धड़कै +सीस बने के सेहरा , लड़ियां से लाल लटकै +गले बने के तोड़ा , घूण्डी से लाल लटकै +हाथ बने के घड़ियां , कांगणे सै लाल लटकै +पैर बने के जूता , चलगत से लाल लटकै +हेठ बने के लीला , चाबुक से लाल लटकै +गैल बने के बनड़ी , जोड़ी से लाल लटकै",haryanvi-bgc +"आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में ��ोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +तेरा माऊगोदी इन्दिरा झूले +तेरा माऊगोदी इन्दिरा झूले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +तेरा बापू गोदी इन्दिरा झूले +तेरा बापू गोदी इन्दिरा झूले +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मेरा काकी के गोदी में इन्दिरा झूले +मेरा काकी के गोदी में इन्दिरा झूले +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मैं नहीं आऊंरे लखपति छोरा +मेरा काका की गोदी में इन्दिरा झूले +मेरा काका की गोदी में इन्दिरा झूले +आओ आओ गोरी रानी आओ +आओ आओ गोरी रानी आओ +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +अमराई की छाई में सोना गोटी खेले +स्रोत व्यक्ति योगेश , ग्राम मोरगढ़ी",korku-kfq +"आल्हा ऊदल +नौ सौ तोप चले सरकारी मँगनी जोते तीन हजार +बरह फैर के तोप मँगाइन गोला से देल भराय +आठ फैर के तोप मँगाइन छूरी से देल भराय +किरिया पड़ि गैल रजवाड़न में बाबू जीअल के धिरकार +उन्ह के काट करों खरिहान +चलल जे पलटन इंदरमन के सिब मंदिर पर पहुँचल जाय +तोप सलामी दगवावल मारु डंका देल बजवाय +खबर पहुँचल बा रुदल कन भैया आल्हा सुनीं मोर बात +करव तैयार पलटन के सिब मंदिर पर चलीं बनाय +निकलल पलटन रुदल के सिब मंदिर पर पहुँचल बाय +बोलल राजा इंदरमन बाबू रुदल सुनीं मोर बात +डेरा फेर दव एजनी से तोहर महा काल कट जाय +तब ललकारे रुदल बोलल रजा इंदरमन के बलि जाओं +कर दव बिअहवा सोनवा के काहे बढ़ैबव राड़ +पड़ल लड़ाइ है पलटन में झर चले लागल तरवार +ऐदल ऊपर पैदल गिर गैल असवार ऊपर असवार +भुँइयाँ पैदल के नव मारे नाहिं घोड़ा असवार +जेत्ती महावत हाथी पर सभ के सिर देल दुखराय +छवे महीना लड़ते बीतल अब ना हठे इंदरमन बीर +चलल ले राजा बघ रुदल सोनवा कन गैल बनाय +मुदई बहिनी मोर पहुँच वाय",bhojpuri-bho +"लोक मारेन्दे ताने +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +दिल दी वेदन1 कोई ना जाणे , +अन्दर देस बगाने । +जिस नूँ चाट2 अमर3 दी होवे , +सोई अमर पछाणे । +ऐस इशक दी औक्खी घाटी , +जो चढ़ेआ सो जाणें । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +आतश4 इशक फराक5 तेरे दी , +पल विच्च साड़ विखाइआँ । +ऐस इशक दे साड़े कोलों , +जग्ग विच्च देआँ दुहाइआँ । +��िस तन लागे सो तन जाणे , +दूजा कोई ना जाणे । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +इशक कसाई ने जेही कीत्ती , +रैह गई खबर ना काई । +इशक चवाती6 लाई छाती , +फेर ना झाती पाई । +मापिआँ कोलों छुपछुप रोवाँ , +कर कर लक्ख बहाने । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +हिजर तेरे ने झल्ली करके , +कमली नाम धराया । +सुमुन बुकमनु7 व उमयुन8 हो के , +आपणा वक्त लंघाया । +कर हुण नज़र करम दी साइआँ , +ना कर ज़ोर धडाने । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +हस्स बुलावा तेरी जानी , +याद कराँ हर वेले । +पल पल दे विच्च दरद जुदाई , +तेरा शाम सवेले । +रो रो याद कराँ दिन रातीं , +पिछले वक्त विहाणे । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने । +इशक तेरा दरकार असाँ नूँ , +हर वेले हर हीले । +पाक रसूल9 मुहम्मद साहिब , +मेरे खास वसीले । +बुल्ले शाह जो मिले प्यारा , +लक्ख कराँ शुकराने । +इशक असाँ नाल केही कीत्ती , लोक मारेन्दे ताने ।",panjabi-pan +"एक दिन होगा ढेर मैदान में +एक दिन होगा ढेर मैदान में , किस गफलत में फिर रहा सै । +सब बातां नै भूल जायेगा , जब आवैगा बखत अखोरी । +माता बहनां धौरा धरजां , उल्टी हटजा अरज सरीरी । +यम के दूत पकड़ कै लेजां , हाथां में तेरे घाल जंजीरी । +एैल फेल नै भूल जायेगा , रेते में रल जां ठाठ । +सीस पकड़ कै रोवैगा , रै कुनबा हाजा बारह बाट । +नैपे सिर का कफन मिले ना , नीचे तो जा काठ की खाट । +भजा सै भजन जबान में , किस ढंग का छल भर रहा सै । +एक दिन होगा ढेर . . . +उस मालिक की भक्ति करले न , घर ईसवर के होगा जाणा । +के तो राजी खुसी डिगर जा , ना तै होगा धिंगताणा । +मोहर छाप तेरी खाली रहजा , छट लिया तेरा अन्न जल दाणा । +भक्ति करले उस मालिक की , दीये छोड़ कपट का जाल । +धरमराज की पूंजी बरतै , मूरख कोन्या करता ख्याल । +एक दिन खाली होवै कोथली , लिकड़ जां तेरे सारे माल । +एक दिन जलना पड़ै समसान में , किस मोह ममता में घिर रहा सै । +एक दिन होगा ढेर . . .",haryanvi-bgc +"हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी +हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी , +हे जी कोई दे भेजी मेरी माय , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +अलां तो पलां हे मां मेरी घुँघरू जी , +एजी कोई बीच मायड़ के लाड़ , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +बैठूं तो बाजै हे मां मेरी चुंदड़ी जी , +ए जी कोई पियारे मायड़ के बोल , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूँ रह्वै जी , +ए जी कोई ज्यूँ खिचड़ी बीच घी , इन्द राज��� नै झड़ी ए लगा दई जी",haryanvi-bgc +"कोई मांगी कढ़ाई ना देय मेरा दिल हलुवै नै +कोई मांगी कढ़ाई ना देय मेरा दिल हलुवै नै । +जैसे तैसे मैंने लई कढ़ाई सासू जी आटा ना देय +मेरा दिल हलुवै नै । +जैसे तैसे मैंने आटा लीया जिठाणी मीठा ना देय +मेरा दिल हलुवै नै । +जैसे तैसे मैंने मीठा लीया द्योराणी घी ना देय +मेरा दिल हलुवै नै । +जैसे तैसे मैंने घी भी लीया नणदल चूल्हा ना देय +मेरा दिल हलुवै नै । +जैसे तैसे मैंने हलुवा बनाया होलरिया खाण ना देय +मेरा दिल हलुवै नै ।",haryanvi-bgc +"दिन बूड़ौं विदेसी ना जारे +दिन बूड़ौं विदेसी ना जारे , +रूप जाब थके हौ तुम हारे । +ससुर हमारे गये परदेसै , +छाये विदेस पिया प्यारे । +कर लइयो आराम भवन में +लाल पलंग दें लटकारे +हमनें सुनी एई गलियन में +गये वटोई दो मारे । +काटौ सुख से रेंन ईसुरी +उठ जइयो यार मोर पारें ।",bundeli-bns +"कहमा उपजल झालर गुअवा +कहमा उपजल झालर गुअवा , +कहमा डाटरि पान +इहो पान खैता रानू सरदार +रंगौता बतीसो मुख दाँत +सातो बहिन मंे कोसिका दुलारि छलै +तकरे से रंगाबै रानू दाँत +देखहोदेखहो आहे पिया +दाँत केर जोतिया +देखे देहो अपनी सुरतिया +अखनी ने देखे देबौ सुरतिया +घर में छै माय हे बहिन +जखनी जे देखे देबौ +दाँत केर जोतिया +तोहरा से होइतै पिरीत ।",angika-anp +"बीबी की दादी रानी जी से अरज करै +बीबी की दादी रानी जी से अरज करै +बिटिया की अम्मा बाबुल जी से अरज करै +बिटिया ऐसे घर दीजो जी पलंग बैठी राज करै +सोने का पलका जी बैठी हुक्म करै +सोने की झारी जी चौका बैठी दातुन करै +छोटे देवर नन्नदें ‘भाभी’ ‘भाभी’ नित ही करैं +बन्ना राजकुंवर सा जी सब कुछ न्यौछावर करै +बीबी की चाची ताई भाभी जीजी अरज करै +लाडो ऐसे घर दीजो जी रानी बनी हुक्म करै +ससुर राजा दसरथ से औ कौसल्या सास मिलै +वर तो कुंवर कन्हैया जी ‘रानी’ ‘रानी’ नित ही करै",haryanvi-bgc +"146 +कैदो आखदा लोको एह झूठ सारा खेखन कुड़ियां ने एह भरपूर कीते +झुगी साड़ भांडे भन खोह दाढ़ी लाह पग पठे पुट दूर कीते +टंगों पकड़ घसीट के विच खाई लतां मारके खलक रंजूर1 कीते +वारस शाह गुनाह थीं पकड़ काफर हढ पैर मलायकां2 दूर कीते",panjabi-pan +"मैया के भुवन अरे हा अखण्डी ज्योति जरे +मैंया के भुवन अरे हां , अखण्डी ज्योति जरे । +काहे के दीया काहे के बाती काहे के कलश धरे +अखण्डी ज्योति जरे । मैंया . . . +सोने की दीया कपूर की बाती , सोने के कलश धरे +अखण्डी ज्योति जरे । मैंया . . . +कौना मंदिर में जोत जरावे , कौन��� कलश धरे +अखण्डी ज्योति जरे । मैंया . . . +सीता सुहागन जोत जरावें , राम जी कलश धरे +अखण्डी ज्योति जरे । मैंया . . . +सब वेदन मे तोरो जस गावे +अखण्डी ज्योति जरे । मैंया . . .",bundeli-bns +"रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +रावण सारी पूवन सारी सूमार घरी +गाड़ी लिए सूबाय डो रावण सारी +गाड़ी लिए सूबाय डो रावण सारी +कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी रावण सारी डो +कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी रावण सारी डो +पूवन सारी कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +पूवन सारी कोनी टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +माया टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +माया टामसो ढोगेमा डो रावण सारी +स्रोत व्यक्ति सीताराम बैठ , ग्राम टेमलावाड़ी",korku-kfq +"बन्ना काली रे बदरिआ गोरा चन्दा +बन्ना काली रे बदरिआ गोरा चन्दा , मैं तारों मैं तै आण मिलूंगी +बन्ना दूर मत जाइयो नदी नाले , मैं वहांए तम तै आण मिलूंगी +बन्ना सीस तेरे का सेहरा मैं लड़ियां ऊपर बार डालूंगी +बन्ना कान तेरे के मोती , मैं सच्यां ऊपर बार डालूंगी +बन्ना गल तेरे का तोड़ा , मैं घुण्डी ऊपर बार डालूंगी +बन्ना हाथ तेरे की घड़ियां , मैं महन्दी ऊपर बार डालूंगी +बन्ना पैर तेरे का जूता , मैं चलगत ऊपर बार डालूंगी +बन्ना हेठ तेरे की लीली , मैं चाबुक ऊपर बार डालूंगी +बन्ना काली रे बदरिया गोरा चन्दा , मैं तारों मैं तै आण मिलूंगी +बन्ना दूर मत जाइयो नदी नाले , मैं बहांए तुम तै आण मिलूंगी",haryanvi-bgc +"मैनूँ की होया मैत्थें गई गवाती मैं +मैनूँ की होया मैत्थें गई गवाती मैं ? +क्यों कमली आक्खे लोकाँ ? +मैनूँ की होया है ? +मैं विच्च वेक्खाँ ताँ मैं नहीं बणदी । +मैं विच्च वसना ऐं तैं । +सिर ते पैरीं तीक भी तूँ ही , +अन्दर बाहर हैं । +इक पाक इक उरार सुणीन्दा , +इक बेड़ी इक नैं । +मनसूर कहिआ अनलहक्क , +कहु कहाया कैं ? +बुल्ला शाह औसे दा आशक , +आपणा आप वन्जाया जैं ।",panjabi-pan +"हवन का गीत +कहाँ से लाउँ राम जी , काहाँ से लाउँ लछमण ॥ +काहाँ से लाउँ हनुमान , लंको को बाण पछो फिर जाय ॥ +गाड़ी ती लाउँ राम को , गोदी से लाउँ लछमण ॥ +उड़ी न तो आवे हनुमान , लंका को बाण पछो फिर जाय ॥ +काहाँ उतारूँ राम , काहाँ उतारूँ लछमण , +काहाँ उतारूँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिर जाय ॥ +ओटला प उतारूँ राम , न पाळना प उतारूँ लछमण ॥ +मंदिर म उतारूँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय न्हवाडूं राम काय न्हवाडूं लछमण , +काय ति न्हवाडूं हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +जळ से न्हवाड़ूं राम , गंगा जळ से लछमण ॥ +जमना जळ से न्हवाडू़ं हुनमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय पेराउं राम , काय पेराऊं लछमण ॥ +काय तो पेराउँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +धोती पेराउँ राम कुरतो पेराउँ लछमण , +लाल लंगोटो पेराऊँ हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय जिमाड़ूं राम , काई जिमाडूं़ लछमण ॥ +काय तो जिमाडू़ं हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +खीर जिमाडूं़ राम , पूड़ी जिमाडू़ं लछमण ॥ +तेल तो चढ़ाउं रे हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +काय कवाए रामजी , काय कवाए लछमण ॥ +काय तो करवाए हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +पती कवाए राम , पुत्र कवाए लछमण ॥ +खेड़ापति तो कवाए हनुमान , लंका को बाण पछो फिरि जाय ॥ +किससे राम को लाऊँ , किससे लक्ष्मणजी को लाऊँ और किस सवारी से हुनमान +को लाऊँ ? श्रीराम को गाड़ी में बिठाकर लाऊँ और लक्ष्मणजी को गोद में उठाकर +लाऊँ , हनुमान जी तो उड़कर आयेंगे । +श्रीरामजी , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को कहाँ उतारूँ ? ओटले पर श्रीराम को , पालने +पर लक्ष्मणजी को और मन्दिर में हनुमानजी को उतारूँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को किससे स्नान करवाऊँ ? श्रीराम को जल से , +गंगाजल से लक्ष्मणजी को और यमुनाजी के जल से हनुमानजी को स्नान करवाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हुनमानजी को क्या पहनाऊँ ? श्रीरामजी को धोती , लक्ष्मणजी +को कुर्ता और हनुमानजी को लाल लंगोटा पहनाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मणजी तथा हनुमानजी को क्या जिमाऊँ ? श्रीराम को खीर , श्री लक्ष्मणजी +को पूरी जिमाऊँ और हुनमानजी को तेल चढ़ाऊँ । +श्रीराम , लक्ष्मण तथा हनुमानजी क्या कहे जाते हैं ? श्रीराम पति , श्रीलक्ष्मणजी पुत्र और +हनुमानजी खेड़ापति कहलाते हैं । लंका का बाण वापस फिर जाय ।",bhili-bhb +"खुदेड़ बेटी +बोड़ि1बोड़ी ऐगे ब्वै2 । देख । पूस मैना । +गौंकि बेटो ब्वारि ब्वै । मेतु3 आइ गैना +मैतुड़ा4 बूलालि ब्वै । बोइ5 होलि जौंकी । +मेरि जीकूड़ी6 म ब्वै । कूयड़ी7 सि लौंकी8 । +मूल्वड़ी9 वासलि ब्वै । डाड्यूं10 चैत मासज । +भौलि गैने डालि ब्वे । फूलिगे बुरांसज । +माल की धूगति ब्वै । मैत आंदि होली । +डाल्युं मां हिलांस ब्वै । गीत गांदि होली । +ऊलरि मैनो कि ब्वै । ऋतु बोड़ि ऐगे । +हैरि ह्वेने डांडि ब्वै । फूल फूलि गैने । +घूगती घुरलि ब्वै । डाल्यूंडाल्यूं मांजअ । +मैतुड़ा बुलालि ब्वै । बोह होलि जौंकी । +मेरि जीकूड़ी म ब्वै । कूयड़ीसि लौंकी ॥ +लाल बअणी होलि ब्वै । काफुलू11 कि डाली । +लोग खान्दा होला ब्वै । लूण रालि राली । +गौंकि दीदीभूलि ब्वै । जंगुल न जाली । +कंडि मोरिमोरि12 ब्वै । हींसर13 बिराली । +‘बाडुलि14 लागलि ब्वै । आग भभराली15’ । +बोई बोदि होलि ब्वै । मैत आलिआली । +याद ओंद मीत ब्वै । अपड़ा भुलौंकी । +मेरि जोकूड़ी म ब्वै । कूयड़ीसि लौंकी ॥ +ल्हालि कूरो16 गाडिब्वै । गौं कि बेटिब्वारी । +हैरिभरीं होलि ब्वै । गेंउजो , कि सारी17 । +यं बार मैनों कि ब्वै । बार ऋतु आली । +जौंकि बोई होलि ब्वै । मैतुडा बुलाली । +मैतु ऐगै होलि ब्वै । दीदिभूलि गौंकी । +मेरि जीकूड़ी म ब्वै । कूयड़ीसि लौंकी ॥ +स्वामिजी हमेशा ब्वै । परदेश रैने । +साथ का दगड़या18 ब्वै । घअर आइ गैने । +ऊंकु प्यारी ह्वेगि ब्वै । विदेशू को वासअ । +बाठा देखीदेखी ब्वै । गैनि दिनमासअ । +बाडुलि लागलि ब्वै । आग भभराली । +या त घअर आला , ब्वै । या त चिट्ठिं आली । +चिट्ठि भी नी आइ ब्वै । तब बटी तौंकी । +मेरि जीकूड़ी म ब्वै । कूयड़ीसि लोंकी ॥ +बाबजी भी मेरा ब्वै । निरमोही रैने । +जौन पाथो19 भोरि ब्वै । मेरा रूप्या खैने । +गालि देंद सासु ब्वै । मैंबाबु20 कि मारी । +बासि खाणू देंद ब्वै । कोलि मारी मारी । +बोद तेरो बाबु ब्वै । जो रूपया नि खांदो । +मेरो लाड़ोप्यारी ब्वै । विदेशू नि रांदो । +बाबा न बणये ब्वै । इनि गति मेरी । +ज्वानि तअ उड़िगे ब्वै । वाठो हेरीहेरी । +चिट्ठी भी नी आइ ब्वै । तब बटी तौंकी । +मेरि जीकूड़ी21 म ब्वै । कूयड़ीसि लौंकी ॥",garhwali-gbm +"बइण का आँगणा म पिपळई रे वीरा चूनर लावजे +बइण का आँगणा म पिपळई रे वीरा चूनर लावजे । । +लाव तो सब सारू लावजे रे वीरा , +नई तो रहेजे अपणा देश । +माड़ी जाया , चूनर लावजे । । +संपत थोड़ी , विपत घणी हो बइण , +कसी पत आऊँ थारा द्वार । । +माड़ी जाई , कसी पत आऊँ थारा द्वार । । +भावज रो कंकण गयणा मेलजे रे वीरा , +चूनर लावजे । +असी पत आवजे म्हारा द्वार , +माड़ी जाया , चूनर लावजे । ।",nimadi-noe +"लीम म लिमोलई लागी श्रावण महिनो आयो जी +लीम म लिमोलई लागी , श्रावण महिनो आयो जी । +हमारा तो मोठा भाई तुम खऽ नींद कसी आवऽ जी । । +तुम्हारी तो छोटी बहेण सासरिया मऽ झूरऽ जी । +झूरऽ तेखऽ झूरऽ देओ हमनी झूरनऽ देवां जी । ।",nimadi-noe +"लीला लीम की लिम्बोली पाकीजी +लीला लीम की लिम्बोली पाकीजी +सावण फेर आयेगा +दाऊजी दूर मती दीजो +माता नई बुलावेगा",malvi-mup +"बेन्या बाई आरती जी +राइवर उबा राइवर उबा हे मांडप आय तम करो ���ो +बेन्या बाई आरती जी । +बईरी सासु बईरी सासु नणद पूछे बात +ववड़ कोई ओ लादो आरती जी । +घोड़ला लादा घोड़ला लादा मांडपड़ा रे हेट +म्हारे मोरा ओ लादी डेड़सो जी घोड़ाला लादा +घोड़ला मांडपड़ा रे हेट म्हारे मोरा हो लादी डेड़ सो जी । +वकड झूटा ववड़ झूटा ओ झूटा रा बोल्या +थारी एक टकारी आरती जी । +राइवर उबा राइवर उबा मांडपड़ा रे हेट +तम करो वो बेन्या बाई करो वो सुमन बाई करो +वो मनीसा बाई करो वो टुइया बाई आरती जी ।",malvi-mup +"मेहंदी बोई दिल्ली आगरा जी +मेहंदी बोई दिल्ली आगरा जी +कोई रंग पाट्यो अजमेर +मेहंदी रंग भरी जी राज । +मेहंदी सींचण मैं गई जी +कोई छोटा देवर साथ +मेहंदी रंग भरी जी राज । +मेहंदी घोलण मैं गई जी +कोई द्योर जिठाण्यां साथ +मेहंदी रंग भरी जी राज । +मेहंदी लावण मैं गई जी +कोई छोटी नणदल साथ +मेहंदी रंग भरी जी राज । +छोटी बूज्झे ए बड़ी +तम कहो रात की बात +मेहंदी किसीक रची जी राज । +मेहंदी तो मैं लाय लई +तूं आई न आधी रात +मेहंदी अधिक बणी जी राज । +द्योरेजिठानी सब कोई आई +तूं नहीं आई आधी रात +मेहंदी रंग भरी जी राज ।",haryanvi-bgc +"कित रै गये थे पिया रात ने +कित रै गये थे पिया रात ने +अरे पिया कित रै गँवाई सारी रैन +मैं रंगमहल में एकली",khadi_boli-mis +"गाड़ो तो रड़क्यो बालू रेत में +गाड़ो तो रड़क्यो बालू रेत में +पोंचे बेन्या बई ना देस +चलो म्हारा धोरी उतावळा +म्हारी बेन्या बई जोवे वाट +धोरी ना चलक्या सींगड़ा +म्हारा बीराजी नी पचरंगी पाग +भोजायां नो चलवरयो चूड़लो +म्हारा भतीजा नो झगल्यो झूल +चलो म्हारा धोरी उतावळा",malvi-mup +"बाप की सिखावन +लिखपढ़ लला कलट्टर हुइयो , +हमें चाहें फिर कछू न बिइयो , +करौ नौकरी कभउँ काऊ के +मों कौ कौर खैंच जिन खइयो +ऐसौ कठिन समइया आय गऔ , गाँवगाँव भुखमरई परी है +घरनघरन में बिधी लड़ाई , भइयन में मुड़ कटई भरी है ; +अपओं गाँव ह्वै गऔ दुपटया , गाँवगाँव बढ़ गए चौपटया , +हमनें तेरी फसल काट लई , तैं खरयानन आग धरी है । +ऐसे गाँवपुरन में जइयो , चार जनन कों टेर बुलइयो , +सुनियो बातें सबइ जनन कीं , न्याय निबल के संगै करियो । +लिखपढ़ लला कलट्टर हुइयो । +भूखे मुन्स उघारे मिलहैं , सीदे और हरारे मिलहैं , +बइयर लरका बारे मिलहैं , मुखिया कहूँ मुनारे मिलहैं ; +ऐसेउ भगत तुम्हें मिल जैहें , ढेर लगा दैहैं पइसन कौ , +रुपयापइसाबारे मिलहैं , टुपियाकुरताबारे मिलहैं । +लला न इन्हें तनक पतयइयो , मुफत मिलै सौनों ठुड़यइयो , +टूटी खटिया फटे गदेला , लिैं तिनइँ पै तुम सो रइयो । +लिखपढ़ लला कलट्टर हुइयो । +देखो तुमनें क्वाँरघाम जब होंय बखरनी हाँपरपीटा , +तुम्हें पतौ है भरी बतर में बैलन कें कढ़ आओ खुसीटा , +रूखी रोटी रकत बनो , सोइ कढ़ो पसेउ , भूम कों पिया दओ , +चैत नुनाई गड़गड़ाय कें बादर डर के मारे छींटा । +सब भुगतो है , भूल न जइयो , छाई पाय कें ना बुकल्यइयों , +मिलै पसीना की तौ खइयों , मिलै न तौ सूखेइ हरयइयों । +लिखपढ़ लला कलट्टर हुइयोेेेेेेेेेेेेेेेेेे +है सौगन्ध हमाए पाँव में लगे डूँड़ की पकी पीर की , +हर जोतें धरती सें जूझ मौं पै धूरा के अबीर की ; +चकिया पीसत महतारी की ठेठन की सौगन्ध तुम्हें है , +भइयन की रूखी रोटिन की , ज्वान बहिन के फटे चीर की । +लाज पराई कों न उघरियो , बुरी गैल पै पाँव न धरियो , +नौकरचाकर अपएँ गाँव के , नथुआ बुधुआ घाईं समझियो । +लिखपढ़ लला कलट्टर हुइयो ।",bundeli-bns +"बहुत सताई ईखड़े रै तैने +बहुत सताई ईखड़े रै तैने बहुत सताई रे +बालक छाड़े रोमते रै , तैने बहुत सताई रे +डालड़ी मैं छाड्या पीसना +और छाड़ी सलागड़ गाय +नगोड़े ईखड़े , तैने बहुत सताई रे +कातनी मैं छाड्या कातना +और छाड़ेसें बाप और माय +नगोड़े ईखड़े तैने बहुत सताई रे +बहुत सताई ईखड़े रै , तैने बहुत सताई रे +बालक छाड़े रोमते रै , तैने बहुत सताई रे +भावार्थ +' बहुत सताया है , ईख , तूने मुझे बहुत सताया है । मैं अपने पीछे घर में बच्चों को रोता हुआ छोड़कर आई +हूँ । तूने मुझे बहुत दुखी किया है । डलिया में अनाज पड़ा है और दूध देने वाली गाय को भी मैं बिना दुहे हुए ही +छोड़ आई हूँ । निगोड़ी ईख , तूने मुझे बहुत परेशान किया है । कतनी में पूनियाँ भी बिना काते हुए ही छोड़ आई +हूँ । तेरे लिए मैं अपने मातापिता को भी बिना देखभाल के ही छोड़ आई हूँ । देख तो ज़रा ईख , तूने मुझे कितना +हैरान किया है । कितना परेशान किया है । पीछे घर में बालकों को रोता छोड़ आई हूँ । तूने बहुत सताया है मुझे ।",haryanvi-bgc +"विदाई गीत +बनी झाझा भाई ने भेले रमतेली वो । +बनी पीपल छांया मा रमतेली वो । +बनी झाझी वयण भेले रमतेली वो । +बनी झाझी भोजाई ने भेले रमतेली वो । +बनी झाझी फुई ने भेले रमतेली वो । +वर पक्ष की ओर से दुल्हन को कहा जाता है कि यह पीपल का वृक्ष बहुत पुराना है । इस पीपल की ठंडी छाया में बहुत से भाई , भौजाई , बुआ , बहन के साथ खेलती थीं ।",bhili-bhb +"ग्वालिन करि दे मौल दही कौ +ग्वालिन करि दै मोल दही कौ मोकूमाखान तनक चखाय ॥ टेक +सुन गोरी ���रसाने वारी , +नेंक चखाय दै माखन प्यारी +आज मान लै बात हमारी । +मटुकी के दरसन करबाय दे , क्यों राखी दुबकाय ॥ 1 ॥ +नाय तौ आज समझ ले मन में , +काऊ दिन हाथ परैगी बन में , +सबरी कसर निकरूँ छिन में , +लकुटी मार फोर दऊँ मटकी , लउँगो दान चुकाय ॥ 2 ॥ +साँच समझलै नाहै धोखौ , +जा दिन मेरौ लग जाय मोकौ , +दही तेरौ बिकवाय दउँ चोखौ । +चारी करें ाज तेरे घर में पहले दउँ जताय ॥ 3 ॥ +पनघट पै भरवे जाय पानी , +मोय तेरी गागरि लुढ़कानी , +यही हमारी रीति पुरानी । +अबहु समझि ‘श्याम’ समझावै , फिर पाछे पछताय ॥ 4 ॥",braj-bra +"सगरे समैया कोसीमाय उठि बैठि गमैलौ +सगरे समैया कोसीमाय उठि बैठि गमैलौ +भदो मास कोसीमाय सजलौ बारात । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +मौरिया उड़ाहत +केओ तोरा जायत बरियात । +मलिया तोरा आहे कोसीमाय +मौरिया उड़ाहत , +नगरक लोग साजत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +डलवा उड़ाहत +केओ तोरा जायत बरियात । +डोमरा तोरा आहे कोसीमाय +डलवा उड़ाहत +नगर के लोग जायत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +सड़िया उड़ाहत +केओ तोरा जायत बरियात । । +कपड़िया तोरा आहे कोसीमाय +सड़िया उड़ाहत +तिरहुत लोग जायत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +चूड़िया उड़ाहत , +केओ तोरा जायत बरियात । +कपड़िया तोरा आहे कोसीमाय +कपड़ा उड़ाहत +तिरहुत लोग जायत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +हँसुली उड़ाहम , +केओ तोरा जायत बरियात । +सोनरा तोरा आहे कोसीमाय +हँसुली उड़ाहत +तिरहुत लोग साजत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +पनिया उड़ाहत +केओ तोरा साजत बरियात +सोनरा तोरा आहे कोसीमाय +पनिया उड़ाहत +तिरहुत लोग साजत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +सिनुरा उड़ाहत +केओ तोरा साजत बरियात । +बहेलिया तोरा आहे कोसीमाय +सिनुरा उड़ाहत +तिरहुत लोग साजत बरियात । । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +तेलबा उड़ाहत +केओ तोरा साजत बरियात । +तेलिया तोरा आहे कोसीमाय +तेलबा उड़ाहत +तिरहुत लोग साजत बरियात । +केओ तोरा आहे कोसीमाय +टिकुली उड़ाहत +केओ तोरा साजत बरियात । । +बहेलिया तोरा आहे कोसीमाय +टिकुली उड़ाहत +तिरहुत लोग साजत बरियात ।",angika-anp +"तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +शरद पूनम नी रातडी ओह ओह +चांदनी खिली छे भली भांत नी +तू न आवे तो श्याम रास जामे न श्याम +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम . . . . +श्याम श्याम . . . . . +तारा विना श्याम मने एकलड�� लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +अंग अंग रंग से अनंग नो +रंग केम जाए तारा संग नो +पायल झंकार सुनी रोदिया नो नाद सुनी +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम +तारा विना श्याम मने एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . . +गरबे घुमती गोपियो सुनी छे गोकुल नी शेरीयो +सुनी सुनी शेरियो मां गोकुल नी गलियों मां +रास रमवा ने वहलो आव आव श्याम . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे +रास रमवा ने वहलो आवजे . . . . +तारा विना श्याम एकलडु लागे . . .",gujarati-guj +"सीकिया चीरिए चीरिए बँगला छवावल +सीकिया1 चीरिए चीरिए2 बँगला छवावल । +ठोपे ठोपे3 चुअहे4 गुलाब , से ठोपे ठोपे ॥ 1 ॥ +सेहो5 अरक6 के पगड़ी रँगाबल । +पेन्हें जी होरिलवा के बाप , उनखा7 के होरिला भयले ॥ 2 ॥ +हम त एहो परभु , गरभ से बेयाकुल । +तूँ चढ़ि पलँगा बइठबऽ मन मार ॥ 3 ॥ +तूँ त चलिए जयबऽ8 राजा कचहरिआ9 । +हम हीं बुझब , सभ लोग ॥ 4 ॥",magahi-mag +"बेदियनि बोलले बरुअवा +बेदियनि1 बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । +बाबा , के मोरा बेदिया भरावत2 जनेउआ दियावत3 हे ॥ 1 ॥ +हँसिहँसि बोलथिन4 बाबा , बोली भितराएल5 +बबुआ , हम तोरा बेदिया भराएब , जनेउआ दियाएब हे ॥ 2 ॥ +बेदियनि बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । +चच्चा , के मोरा बेदिया भरावत , जनेउआ दियावत हे ॥ 3 ॥ +हँसिहँसि बोलथिन चच्चा , बोली भितराएल हे । +बबुआ , हम तोरा बेदिया भराएब , जनेउआ दियाएब हे ॥ 4 ॥ +बेदियन बोलले बरुअवा , जनेऊजनेऊ करे हे । +भइया , के मोरा बेदिया भरावत , जनेउवा दियावत हे ॥ 5 ॥ +हँसिहँसि बोलथिन भइया , बोली भितरायल हे । +बबुआ , हम तोर बेदिया भराएब6 जनेउआ दियाएब हे ॥ 6 ॥",magahi-mag +"510 +अजराइल इक उमर अयार1 दूजी हीर चल के सस तें आंवदी ए +सहती नाल मैं जाय के खेत वेखां पई अंदरे उमर विहांवदी ए +पिछों झिकदी नाल बहानयां दे पढी घड़ी घड़ी फेरे पांवदी ए +वांग ठगां दे कुकड़ा रात अधी अजगैब2 दी बांग सुनांवदी ए +चल भाभिए वाउ जहान दी लै बाहों हीर नूं पकड़ उठांवदी ए +काजी लानत अल्लाह3 देह देह फतवां इबलीस नूं सबक पढ़ांवदी ए +एहनूं खेत लैं जाह कपाह चुनिए मेरे जिउ तदबीर एह आंवदी ए +वेखो माउ नूं धी वलाय के ते केही फोकियां रूमियां4 लांवदी ए +तली हेठ अंगियार टिका सहती उतों बहुत प्यार करांवदी ए +शेख सादी दे फलक5 नूं खबर माही जिकूं रोयके फंद चलांवदी ए +वेख धी अगे माउं झुरन लगी हाल नुंह दा खोल सुनांवदी ए +एहदी पई दी उमर विहांवदिए जारो जार रोवदी ते पलू पा���वदी ए +किसे मना किता खेत ना जाये कदम मंजीओं हेठ ना पांवदी ए +दुख जिओ दा खोल हकिम अगे किस्सां दिले दे फोल सुनांवदी ए +इनसाफ दे लई गवाह करके वारस शाह नूं पास बहांवदी ए",panjabi-pan +"माता! किन तेरा बाग लगाइयां +माता किन तेरा बाग लगाइयां किन तेरा सींजा सै पेड़ । +माली के नै बाग लगाइयां मालण सींजा सै पेड़ । +सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द मैं । । +माता किन तेरी डाल झुकाई अर किन तेरा तोड़ा सै फल । +माली कै ने डाल झुकाई मेरी मालन तोड़ा फल । +सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द में । । +माता बालक छेल गाल मकें खेलैं चढ़गा ताप । +माता लकड़दी माता न्यूं लकड़ जनों बाजरीया की हुनियार +सोवो सोवो हे बसन्ती राणी नीन्द में । । +माता भरदी माता न्यूं भरै जणों पील्हां की हुनियार । +सोवो सोवो हे गुमाणन राणी नीन्द में । । +माता ढलदी माता न्यूं ढल जणों पालै ज्यूं झड़जाए । +सोवो सोवो हे बसन्ती राणी नीन्द में । ।",haryanvi-bgc +"सभवा बइठल रउरा बाबा कवन बाबा हो +सभवा बइठल1 रउरा2 बाबा कवन3 बाबा हो । +बाबा लाबर4 मोरा छेँकले5 लिलार6 करहुँ जगमूँड़न हो ॥ 1 ॥ +झारि7 बान्हु8 सम्हारि9 कवन बरूआ10 हो । +आवे दहु जेठ बइसाख , करहु जग मूड़न हे । +करबो11 अलबेला के मूंड़न हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"28 +आख रांझया भा की बनी तेरे देस बाप दा छड सिधार नाहीं +वीरा अम्बड़ी जाया जा नाहीं सानूं नाल फिराक1 दे मार नाहीं +एह बांदियां असीं गुलाम तेरे कोई होर विचार विचार नाहीं +बखश एह गुनाह तूं भाबियां नूं कौन जंमिआ जो गुनहगार नाहीं",panjabi-pan +"हरि भज ले हरि भज ले +हरि भज ले हरि भज ले +हरि भजणै का मोका सै +ये चलती दुनियां सै +टिकट ले हम बी बैठांगे +संभल कै चलणा रे भइआ +पराए संग मैं धोखा सै +हरि भज ले हरि भज ले +हरि भजणै का मोका सै +तेरे माता पिता बन्धु +जगत साथी ना तेरा कोए +जिसे तू आपणा समझै +सरासर उन ते धोखा सै +हरि भज ले हरि भज ले +हरि भजणै का मोका सै",haryanvi-bgc +"नल बखरी मे लगवा दो साजना +नल बखरी में लगवा दो साजना , +बात मोरी नहीं टालना । +बालम होत बड़ी हैरानी , +हमखों भरन पड़त है पानी । +घर में बैठी रहत जिठानी +ननदी छोड़ गई गोबर को डालना । बात . . . +सासो भोरई आन जगावे , हमखों पानी खों पहुंचावें , +आठ बजे पानी भर पावें , +परो मोड़ा रोवत मेरो पालना । बात . . . +तुमरो दूर कुआं को पानी , भरतन मेरी चांद पिरानी +तई में होय बैलन की सानी , +दुपरै दस खेप ढोरन खों डारना । बात . . . +कालों तुमखों हाल सुनावें , सब घर रोजई मूड़ अनावें , +हम तो कछु अई नई कर पावें , +होती रुचरुच के रोज की टालना । बात . . . +भोरई उठ कर दफ्तर जइयो , +रुपया पिया जमा कर अइयो +बालम इतनी मान हमारी लइयो , +नई तो पानी न जैहें हम बालमा । बात . . .",bundeli-bns +"415 +घोल घतिआं यार दे नाम उतों जोगी मुख संभाल हतयारया वे +तेरे नाल की असां है बुरा कीता हथ ला तैनूं नहीं मारया वे +मनों सुनदयां पुने तूं यार मेरा एह कहर कतो लोहड़े मारया वे +रूग आटे दा होर लै जा साथों कोई वधे फसाद बुरयारया वे +तैथे आदमगरी1 दी गल नाही रब्ब चा बथुन2 उसारया वे +वारस किसे असाडे नूं खबर होवे ऐवें मुफत विच जायेगा मारया वे",panjabi-pan +"जुग जुग जियेगा, सो मेरा लाल बना +जुग जुग जियेगा , सो मेरा लाल बना । +लाड़ो1 लावेगा2 सो मेरा लाल बना ॥ 1 ॥ +बने , मैं जानूँ सेहरे सजे । +सेहरे बीच बने3 के लाल लगे । +लड़ियों बीच बने के लाल लगे । +सो लावेगा , लाड़ो लावेगा , मेरा लाल बना ॥ 2 ॥ +बने मैं जानूँ जोड़े सजे । +जोड़े बीच बने के लाल लगे । +समले4 बीच बने के लाल लगे ॥ 3 ॥ +बने मैं जानूँ बीड़े सजे । +सुरखी5 बीच बने के लाल लगे । +लाड़ो लावेगा सो मेरा लाल बना , दुलहिन लावेगा ॥ 4 ॥ +बने मैं जानूँ लाड़ो सजी । +घूँघट बीच बने के लाल लगे । +सूरत बीच बने के चाँद छुपे । +लाड़ो लावेगा , सो मेरा लाल बना , लाड़ो लावेगा ॥ 5 ॥",magahi-mag +"सासड़ नै भेजी हे मां मेरी चुंदड़ी जी +सासड़ नै भेजी हे मां मेरी चुंदड़ी जी , +ए जी कोई दे भेजी मेरी सास , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +अलां तो पलां हे मां मेरी छेकले जी , +ए जी कोई बी सासड़ के बोल , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +ओढूँ तो दीखै हे मां मेरी छेकले जी , +ए जी कोई रड़कै सासड़ के बोल , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी +सासरे में बेट्टी हे मां मेरी न्यूं रह्वै जी , +ए जी कोई ज्यूं रै कढ़ाई बीच तेल , इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी ।",haryanvi-bgc +"ब्रज में हरि होरी मचाई +ब्रज में हरि होरी मचाई ॥ टेक +इतते आवत कुँबरि राधिका , उतते कुँवर कन्हाई +खेलत फाग परस्पर हिलमिल , यह सुख बरनि न जाई +सु घरघर बजत बधाई ॥ ब्रज में . +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप , मंजीरा और शहनाई +उड़ति अबीर कुमकुमा केसरि , रहत सदा ब्रज छाई । +मनो मघवा झरि लाई ॥ ब्रज में . +राधाजू सैन दियौ सखियन को , झुण्ड झुण्ड जो धाई । +लपटिलपटि गई श्यामसुन्दर सौं , बरबस पकरि लैआई ॥ +लाल जू को नाच नचाई ॥ ब्रज में . +लीन्हों छीनि पीताम्बर मुरली , सिर सों चुनरि ओढ़ाई । +बेंदी भाल नैनन बिच काजर , नकबेसर पहिराई , +मनो नई नारि बनाई ॥ ब्रज ���ें . +फगुआ लिये बिनु जानि न देहों , करिहौ कौन उपाई । +लहौं काढ़ि कसरि सब दिन की , तुम चितचोर कन्हाई ॥ +बहुत दिन दधि मेरी खाई ॥ ब्रज में . +सुसकत हौ मुख मोरिमोरि तुम , कहाँ गयी चतुराई । +कहाँ गये वे सखा तुम्हारे , कहाँ जसोमति माई ॥ +तुम्हें किन लेति छुड़ाई ॥ ब्रज में . +रासबिलास करत वृन्दावन , ब्रज बनिता जदुराई । +राधेश्याम जुगल जोरी पर , सूरदास बलि जाई , +प्रीत उर रहति समाई ॥ ब्रज में .",braj-bra +"226 +इक वहुटड़ी साहुरे चली सयालीं आई हीर तों लैन सुनेहयां नूं +तेरे पेकड़े चली हां एह गलों खोलह किसयां जेहयां केहयां नूं +तेरा सहुरयां तुघ प्यार केहा ताजे करे सुनहेड़ा बेहयां नूं +तेरा गभरू नाल प्यार केहा बहुछियां दसदियां ने असां जेहयां नूं +हीर आखदी ओस दे गल एवें वैर रेशमां नाल ज्यों लेहयां नूं +वारस गाफ1 ते अलफ ते लाम बोले2 होर की आखां एहयां तेहयां नूं",panjabi-pan +"लाद चल्यो बंजारो अखीर कऽ +लाद चल्यो बंजारो अखीर कऽ +१ बिना रे भाप का बर्तन घड़ीयाँ , +बिन पैसा दे रे कसोरा +मुद्दत पड़े जब पछा लेगा +घड़त नी हारयो कसारो . . . +अखीर कऽ . . . +२ भातभात की छीट बुलाई , +रंग दियो न्यारोन्यारो +इना रे रंग की करो तुम वर्णा +रंगत नी हारयो रंगारो . . . +अखीर कऽ . . . +३ राम नाम की मड़ीया बणाई , +वहा भी रयो बंजारो +रान नाम को भजन कियो रे +वही राम को प्यारो . . . +अखीर कऽ . . . +४ कहेत कबीरा सुणो भाई साधु , +एक पंथ नीरबाणी +इना हो पंथ की करो हो खोजना +जग सी है वो न्यारो . . . +अखीर कऽ . . . .",nimadi-noe +"आँगन में बतासे लुटा दूँगी, आँगन में +आँगन में बतासे लुटा दूँगी , आँगन में । +सासु जी अइहें , चरुआ1 चढ़इहें । 2 +भला उनको चुनरिया पेन्हा दूँगी , आँगन में ॥ 1 ॥ +चरुआ चढ़ावे में कसरमसर करिहें । +भला उनसे चुनरिया छिना लूँगी , आँगन में ॥ 2 ॥ +गोतिनी जे अइहें , पलँग बिछइहें । +भला उनको तिलरिया3 पेन्हा दूँगी , आँगन में ॥ 3 ॥ +पलँगा बिछावे में कसरमसर करिहें । +भला उनसे तिलरिया छिना लूँगी , आँगन में ॥ 4 ॥ +ननद जो अइहें , आँख लगइहें4 । +भला उनको कँगनवाँ पेन्हा दूँगी , आँगन में ॥ 5 ॥ +आँख लगावे में कसरमसर करिहें । +भला उनसे कँगनवाँ छिना लूँगी , आँगन में ॥ 6 ॥",magahi-mag +"नागर नंदजी ना लाल +नागर नंदजी ना लाल नागर नंदजी ना लाल +रास रमंता म्हारी नथनी खोवाई +कान्हा जड़ी होए तो आल , कान्हा जड़ी होए तो आल +रस रमंता म्हारी नथनी खोवाई . . . +वृन्दावन नी कुञ्ज गलीं मां बोले झिना मोर +राधाजी नी नथनी नो शामलियो छे चोर . . . . +नागर न��दजी ना लाल नागर नंदजी ना लाल +रास रमंता म्हारी नथनी खोवाई . . . . .",gujarati-guj +"उच्चो सो पीप्पल कोपळयो हो देवी +उच्चो सो पीप्पल कोपळयो हो देवी , +वहाँ बठी गाय गोठाण । +चादर पिछोड़ी को गाळयो हो देवी , +रनुबाई भात लई जाय । +अवतज जो धणिएरजी न देखिया , +हो राजा +एक जो मारी , दूसरी , न हो राजा +तीसरी मऽ जोड़या दुई हाथ । +जो तुम धणियेर सोठी मारसो हो राजा +नहीं म्हारो माय न बाप , +नहीं हमारी माय न मावसी हो राजा , +कुण म्हारो आणो लई जाय । +कलयुग म अमुक भाई मानवी राजा +ऊ तुम्हारो आणो लई जाय । +अमुक भाई दीसे तुमख बाजुट हो राजा +लाड़ीबाई लागसे तुम्हारा पाँय ।",nimadi-noe +"सुण सुण मौसा सुणी’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां +तनै मेरी मौसी गैहणै धरी’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां +दिल्ली में सोना पाया’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां +तनै लट्ठे की चादर पाई’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां +तनै टूम घड़णनै सुनरा पाया’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां +रोहतक में बाजा मिला’क नां +सुण सुण मौसा सुणी’क नां",haryanvi-bgc +"रनुबाई धणियेर जी सु बिनवऽ +रनुबाई धणियेर जी सु बिनवऽ +पियाजी हम खऽ ते टीकी घड़ावऽ +टीकी का हम सांदुला । । +रनुबाई तुम खऽ ते टीकी नी साजऽ +तुम रूप का सांवला । । +पियाजी का सांवळा , हमारी माय मावसी सो भी साँवळई +पियाजी हम सांवळा , हमारी कूक बालुड़ो सो भी सांवळो +पियाजी हमारा मन्दिर तुम आओ , +तो तुम भी होओगा सांवळा जी । +व्हाँ सी देवी गवरल नीसरी +आगऽ जाइऽ न पणिहारी खऽ पूछऽ +पाणी भरन्ती हो बईण पणिहारी । +देखी म्हारी पियरा री बाट , +हम काई जाणां वो देवी गवरल । +आगऽ जाई नऽ गुहाळया खऽ पूछ , +ऊ बातवऽ तुम्हारो मायक्यो +धेनु चरावन्ता हो भाई गउधन्या +देखी म्हारा पियरा री वाट ? +हम रोष भर्या संचरिया जी । +हम काई जाणां वो देवी गवरल +आगऽ जाई नऽ किरसाण खऽ पूछऽ +ऊ बतावऽ तुम्हारो मायक्यो । +हाळ हाकन्ता हो भाई किरसाण +देखी म्हारा पियरा री वाट । +हम काई जाणां हो देवी गवरल +आगऽ जाइ नऽ डोकरी खऽ पूछऽ +ऊ बतावऽ तुम्हारो मायक्यो । +सूत कातती ओ बाई डोकरी +देखी म्हारा पियरा री वाट +हम रोष भर्या संचरिया जी । +केळ , खजूर का वन भर्या जी +व्हाँ छे तुम्हारो पियरो । जाओ बेटी गवरल । । +व्हाँ सु भोला धणियेर निसर्या +आगऽ जाइ नऽ पणिहारी सू पूछऽ +पाणि भरन्ती हो पणिहारिन +देखी म्हारी गवरल नार +हम हंसतऽ विणसिया जी +केळ खजूर का वन भर्या जी +व्हाँ छे थारी गवरल नार +आगऽ जाइ नऽ देखी गवरल नार +धणियेर राजा बोलिया +टीकी सोहऽ गवरल नार +हम हंसतऽ विणसिया जी",nimadi-noe +"564 +कितों आया ए काल विच भुखा मरदा एह चाक सी महर दियां खोलियां दा +लोक करन विचार जवान बेटी उहनूं फिकर शरीकां दियां बोलियां दा +छैल नढडो वेखके गिरद होया हिलया होया सयालां दियां गोलियां दा +महीं चारके मचया दावयां ते होया वारसी साडियां डोलियां दा +मौजू चैधरी दा पुत आखदे सन पिछलग हजारे दियां ढोलियां दा +हक करीं जोउमर खताब कीता हथ वढना झूठयां रोलियां दा +नौशेरवां गधे दा अदल कता अते कंजरी अदल तंबोलियां दा +नाद खपरी ठगी दे बाब सारे चेता करे धयान जे झोलियां दा +मंतर मारके खुंभ दा करे कुकड़ हीरा निम्म दा करे नमोलियां दा +कंघी लोहे दी तायके पटे वाहे सरदार है बड़े गयोलियां दा +अंब बीज तंदूर विच करे हरया बने मोकयों बालका औलियां दा +वारस शाह सभ ऐब दा रब्ब महरम ऐवें सांग है पगड़ियां पोलियां दा",panjabi-pan +"चल गिंजर आबो संगी +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वोओओ +तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वोओ +बड़ बेरा करे संगीइइ +जी मा डर समागे का वो , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी लाआआ +बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी ला +मोर मन मा बसे हेऐ +परदेसी बैरी गा , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दराआआ +चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दराआ +ले दुहूँ तोर बर संगीइ +लाली के लुगरा वो , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +ले देबे जोड़ी मया के बंधनाआआ +ले देबे जोड़ी मया के बंधनाआ +ले के आबे तैं हा डोलीइ +मोरेच अंगना मा , चल गिंजर आबो +चल गिंजर आबो संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो +बाहीं जोरे जोरे संगी , सुपेला के बजार ले , गिंजर आबो",chhattisgarhi-hne +"कोरी कोरी चांदी की कांगणी +कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई ऊपर जड्या नगीणा , +हो मन्नै तेरी सोंह । +कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई खद्दर की साड़ी बांधी , +हो मन्नै तेरी सोंह । +कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई अमर रह��� बापू गांधी , +हो मन्नै तेरी सोंह ।",haryanvi-bgc +"झीमर झीमर चोय टेगेन टाला दारोम टेगने डो माय मारे +झीमर झीमर चोय टेगेन टाला दारोम टेगने डो माय मारे +झीमर झीमर चोय टेगेन टाला दारोम टेगने डो माय मारे +अमा रानी का जा बेटा +अमा रानी का जा बेटा +ऊरगा टाला केन्डे कडसा ढोढोवा जा बेटा मारे +ऊरगा टाला केन्डे कडसा ढोढोवा जा बेटा मारे +स्रोत व्यक्ति रूक्मणी , ग्राम मकड़ाई",korku-kfq +"बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला +बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला +दो मुस्सल तैं लडूं अकेला +जै मिरी नाजो खिचड़ी खाय +फूलफाल कोठी हो जाय",haryanvi-bgc +"राय थें तो फलाणा राय का जाया +राय थें तो फलाणा राय का जाया +केसरिया केवाणा , दरबारी केवाणा +लिखन्दा केवाणा हो म्हारा राज +झालो दई रया +राज तमारी माता तो फलाणी बऊ +खोळ में सोवाड़िया , आंचलड़ो धवाड़िया +पालणे पोड़ाया हो म्हारा राज +झालो दई रया +राज तमारी बेन्या तो फलाणी बई +आरती संजोवे , मोतीड़े बधावे +चौक पुरावे हो म्हारा राज +राज तमारी गोरी तो फलाणी बऊ +सेज बिछाये , झारी भर लावे +गुंजा भरी लावे , ठंडो पाणी भरी लावे हो राज ।",malvi-mup +"छलकल गगरिया रे +छलकल गगरिया रे मोर निरमोहिया +छलकल गगरिया मोर +बिरही मोरनियाँ मोरवा निहारे +पापी पपिहरा पिउपिउ पुकारे +पियवा गइल कउनी ओर निरमोहिया +छलकल गगरिया मोर . . . कि . . . छलकल गगरिया मोर",bhojpuri-bho +"354 +सुन सहतीए असी हां नाग काले पढ़ सैंफियां1 जुहद2 कमावने हां +मकर रन्न नूं भन्नके साफ करदे जिन्न भूत नूं साड़ विखावने हां +नकस लिखके फूक यासीन3 साए4 सूल दी जात गवावने हां +दुख दरद बला सभे दूर हुंदे कदम जिन्हां दे वेहड़यां पावने हां +सनै तसमियां5 पड़हां इखलाक6 सूरत जड़ां वैरी दियां पुट गुवावने हां +दिलों जिसदे चा तवीज लिखिये असीं रूठड़ा यार मनावने हां +जेहड़ा मारना होवे ता कील करके ऐतबार मसान जगावने हां +जेहड़े गभरू तों रन्न रहे विटर लौंग मंतर के चा खुवावने हां +जेहड़े यार नूं यारनी मिले नाहीं फुल मंतर के चा सुंगावने हां +ओहनां वौहटियां दे दुख दरद जादे फड़ हिक ते हथ फरावने हां +कील डायनां कचियां पकियां नूं दंद भन के लिटां मुनावने हां +जान सेहर जादू जेहड़े भूत गुंडे गंडा कील दुआली दा पावने हां +किसे नाल जे वैर विरोध होवे ओहनूं भूत मसान चमड़ावने हां +बुरा बोलदी ए जेहड़ी जोगियां नूं सिर मुन्न के गधे चढ़ावने हां +जैदे नाल मुदपड़ा7 ठीक होवे ओहनूं वीर बैताल पहुंचावने हां +असी खेड���ियां दे घरों इक बूटा हुकम रब्ब देनाल पुटावने हां +वारस शाह जे होर ना दा लगे सिर ते परेम जड़ीयां जा पावने हां",panjabi-pan +"अटकी पीरे पटवारे सैं +अटकी पीरे पटवारे सैं । +प्रीत पिया प्यारे सैं । +निसदिन रात दरस की आसा , +लगी पौर व्दारे सैं । +कैसे , प्रीत बड़े भय छूटैं , +संग खेली बारे सैं । +विसरत नई भोत बिसराई , +बसीं दृगन तारे सैं । +ईसुर कात मिलैं मन मोहन , +पूरव तन गारे सैं ।",bundeli-bns +"66 +नाल नढियां घिन्न के चरखड़े नूं तुसां बैठणा विच भंडार हीरे +असीं आणके रूलांगे विच वेहड़े साडी कोई न लएगा सार हीरे +टिकी देके वेहड़ियों कढ छडें सानूं ठग के मूल न मार हीरे +साडे नाल जे औड़ निबाहुणी ए सच्चा देह खा कौल इकरार हीरे",panjabi-pan +"बारात तैयारी +तरी नानी नानर नानी । +तरी नानी नानर नानी । +तारी नाना रे नान । दैया मोरे 2 +काहिक नाने रोथस कुँवर , +काहिक नीता रोथस , +कुँवर झुरझुर रोथस , कुँवर मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर , +झै रो की झै रो कुँवर , +तोर मोजा बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतक की सूनय कुँवर , +ऊतक की सुनय कुँवर , +झुर झुरी रो थे , दैया मोरी 2 +काहिक नीता रोथस कुँवर , +काहिक नीता रोथस कुँवर , +झुर झुरी रोथस कुँवर , दैया मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर , +झै रो की झै रो कुँवर , +तोरे नाने जूता बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतक की सुनय कुँवर , +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +काहिक नीता रोथस कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +तोर नाने झंगा बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर , +तोर नाने कमीज बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर , +तोर नाने हवाल बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर 2 +तोर नाने फेटा बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर 2 +तोर नाने सरुता बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर 2 +तोर नाने तलवार बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनय कुँवर 2 +झुर झुरी रोथस कुँवर , मोरे 2 +झै रो की झै रो कुँवर 2 +तोर नाने कन्या बेयास देहूँ , कुँवर मोरे 2 +ऊतकी सुनै कुँवर 2 +खुद खुदी हाँसय कुँवर , मोरे +खुद खुदी हाँसय । +तरी नानी नानर नानी , +तरी नानी नानर नानी , +नाना रे नान । दैया मोर 2 +शब्दार्थ –मटूकफेंटा , सटकाकोडा , झुरझुरीझुरझुर केकरुणा करके , ऊतक की सुनयऐसा सुनकर , झंगाबाना , अंगरखाकुर्ता , हवालसिक्कों की माला , बेसायलाकर देना , खुदखुदी खदख , हाँसयहँसता है , मनरूसीमन पसंद । +यह बैगा बारात की तैयार का गीत है । जब बारात निकलने के पहले दूल्हे को सजाते हैं । उसी समय दूल्हा कुछ कमी देखकर गुसा हो जाता है और रोने लगता है । तब गीत गाने वाली सुहासिनें पूछती हैं अरे कुँवर दूल्हे राजा तीन इतना झुरझुर के क्यों रो रहे हो ? क्या कमी रह गई है ? तुम्हें और क्या चाहिए ? तुम व्यर्थ क्यों रो रहे हो । तू मत रो दूल्हे राजा । तेरे मातापिता ने तेरे लिए मोजेजूते , नया बान , कमीज , पेंटशर्ट फेंटा , सोने की मोहर , चाँदी की सूतिया हवाल आदि सब मँगवाये हैं । दूल्हे का सरोता और तलवार भी मँगवाई है । और तुझे क्या चाहिए । गीत गाने वाली बूढ़ी महिलाएँ दूल्हे के मन की बात ताड़ लेती हैं और कहती हैं तू मत रो , तेरे लिए सुंदर कन्या ले आएंगे । तेरा विवाह बहुत सुंदर लड़की से हो रहा है । +यह सुनकर रोता दूल्हा खदखद हँसने लगता है और दूल्हे का सारा श्रिंगार खुशीखुशी पहनने लगता है । दुल्हा तैयार होता है , तब तक दूल्हे के पिता और राजा दूल्हे के लिये सुंदर हष्टपुष्ट घोडा ले आते हैं । वे अपने हाथों से घोडा सजाने लगते है । पहले घोड़े को अच्छी तरह नहलायाधुलाया गया । फिर उसे तेल फुलेल लगाया । घोड़े के पैरों में लोहे और पीतल के बजने वाले पैजन पहनाएँ । बजने वाले घुंघरू बाँधे । उसे चाँदी की लगाम , सोने की टोपी और सोने का ही हार पहनाया । घोड़े पर मखमली जीन कसी । +इसके बाद दोसी और महिलाओं ने सूपे में चने की डाल , मनरूसी धान और काँस थाली में राखी । एक तांबे का लोटा रखा । फिर उस घोड़े के पैर धुलाये । चने की दाल और मनरूसी धान के चावल खिलाये । इसके बाद सोने का सटका कोडा रखा । दूल्हे के हाथ में सुंदर सरोता दिया और बगल में तलवार बाँधी । अब दूल्हे राजा बारात जाने को पूरी तरह से तैयार हो गया । +उसी समय गीत में कहा जा रहा है – कुँवर तुम जाओ , कन्या को बिहाकर लाओ । महिलाएँ फिर गाती है देखना कुँवर जरा धीरे लढाई करना । कन्या राजा सिंधोला की सुंदर बेटी है । गोरी है । रूपवान है । कुँवर कहता है । हाँ , जीतकर आऊँगा । हार के नहीं । दूल्हा घोड़े पर चढ़ता है । और बारात विदा हो जाती है ।",baiga-mis +"होली पूजन +तू आई वो बयण सालिया पाल हंव आई वो बयण भर उल्हाळे ॥ +तू तो लाई बयण गोटी फटाका , न हंव लाई बयण लाल गुलाल ॥ +तू तो लाई बयण गुंजिया पापड़ , न हंव तो लाई वाकड़ वेलिया ॥ +तू तो आई बयण गाय का गोयऽ , हंव तो आई बयण खयड़े व बयड़ै ॥ +तू तो आई वो बयण कार्तिक महने , हंव तो आई बयण फागण महने ॥ +होली ओर दीपावली दोनों बहने हैं । होली बहन दीपावली से कहती है कि बहन तु सर्दी के दिनों में आयी और मैं गरमी में आयी । तू गोट्या पटाखा लायी और मैं गुलाल लायी । तू गुजिया पापड़ लायी और मैं जलेबी लायी । तू गौ के गोयरे आयी गौ पूजन मैं टेकरेटेकरी पर आयी । तू कार्तिक माह में और मैं फाल्गुन में आयी । दोनों त्यौहारों का समय वे किस प्रकार मनाते हैं , इसका वर्णन किया है ।",bhili-bhb +"334 +रीस जोगियां दी तैथों नहीं हुंदी हवसां1 केहियां जटां रखाइयां दियां +बेशरम दी मुठ जयों पूछ पिदी जेहियां मुंजरां2 बेट3 दी धाइयां दियां +तानसैन जिहा राग नहीं हुंदा लख मतां जे होन अताइयां दियां +तेरी चराचर बिरकदी4 जीभ ऐवें जिवें जुतियां मरकदियां साइयां दियां +सिर मुंन दाढ़ी खेह लाइयां ई कदरां डिठयो एडियां चाइयां दियां +मुंडयां नाल घुलना मंदे बोल कहने नहीं चालियां भलयां दयां जाइयां दियां +नहीं कावयों चूहड़ा होवे वाकफ खबरां जानदे चूहड़े खाइयां दियां +नहीं फकर दे भेतदा तूं वाकफ खबरां तुध नूं महीं चराइयां दियां +चितड़ सवाह भरे वेखो मगर लगा जिवें कुतियां होन कसाइयां दियां +जेहड़ियां सुन उजाड़ विच वांग खवर कदरां उह की जानदियां दाइयां दियां +गधे वांग तूं रजयों करे मसती कछां सुंघनां रन्नां पराइयां दियां +पूछ गाईं दी मही नूं जोड़ नाए खुरियां मही नूं लाउना ए गाइयां दियां +हासा आंवदा वेख के सिफलया5 गलां तबा6 दीयां वेख खफनाइयां दियां +मियां कौन छुडावसी आन तैनूं धमकां पैनगियां जदों कुटाइयां दियां +गलां इशक देवालियां नाहीं फलियां कचे घड़े ते बहन रूढ़ाइयां दियां +परियां नाल देवां नूं की आखन जिनां वखियां भंनियां भाइयां दियां +एह इशक ना जानदे चाक चोबर खबरां जानदे रोटियां ढाइयां दियां +वारस शाह न बेटियां जिनां जाइयां उह की जाणदे कदरां जवाइयां दियां",panjabi-pan +"वन्यांती तो आया देवी देवता रे नाना +वन्यांती तो आया देवी देवता रे नाना +वन्यां ती तो आया गणेश +उजण्या से आया देवीदेवता रे +चन्तामण से आया गणेश +वन्यां उतारां देवीदेवता रे नाना +वन्यां उतारां गणेश +मंदरे उतारां देवीदेवता रे नाना +बाजूरया उतारां गणेश +कई निमाड़ा देवीदेवता रे नाना +कोई निमाड़ा गणेश +पनफल निमाड़ा देवीदेवता रे नाना +लाडू निमाड़ा गणेश +कोई जो देगा देवीदेवता रे नाना +कोई जो देगा गणेश +अन्न धन देगा देवीदेवता रे नाना +रिदयसिद्ध देगा गणेस",malvi-mup +"बसती बसत लोग बहुतेरे +बसती बसत लोग बहुतेरे । +कौन काम के मोरें । +बैठे रहत हजारन को दी , +कबऊँ न जे दृग हेरे । +गैल चलत गैलारे चर्चे , +सब दिन साझ सबेरे । +हाय दई उन दो ऑखन बिन , +सब जग लगत अँधेरे । +ईसुर फिर तक लेते उन खाँ +वे दिन विध ना फेरे ।",bundeli-bns +"होरी कौ खिलार +होरी कौ खिलार , सारी चूंदर डारी फार ॥ टेक +मोतिन माल गले सों तोरी , लँहगा फरिया रंग में बोरी । +कुमकुम मूँठा मारे मार ॥ होरी कौ . +ऐसौ निडर ढीठ बनवारी , तक मारत नैनन पिचकारी , +कर सों घूँघटपट देत टार ॥ होरी कौ +राह चलत में बोली मारै , चितवन सौं घायल कर डारे ॥ +ग्वालबाल संग लिये पिचकार ॥ होरी कौ . +भरिभरि झोर अबीर उड़ावै , केशर कीच कुचहिं लगावै । +या ऊधम सों हम गईं हार ॥ होरी कौ . +ननद सुने घर देवै गारी , ऐसे निलज्ज भये गिरधारी ॥ +विनय करत कर जोर तुम्हार ॥ होरी कौ . +जब सों हम ब्रज में हैं आई , ऐसी होरी नाहिं खिलाई । +दुलरौ तिलरो तौरौ हार ॥ होरी कौ . +कसकत आँख गुलाल है डाला , बड़े घरन की हम ब्रजबाला । +तुम ठहरे ग्वारिया गँवार ॥ होरी कौ . +ऐसौ ऊधम तुम नित ठानौ , लाख कहैं पर एक न मानों , +बलिहारी हम ब्रज की नार ॥ होरी कौ . +धनिधनि होरी के मतवारे , प्रेमिनभक्तन प्रान पियारे । +‘अवधबिहारी’ चरन चित धार ॥ होरी कौ .",braj-bra +"जामुना रे जामुना आरे बेटा +जामुना रे जामुना आरे बेटा +नद्दी किनारे जामुना का जामुना चोरो रे +आरे बेटा जामुना चोरो रे +मिया किलो डूमूर भैया मिया किलो +जुगुनो दाना जोगी पिंजरा सिंगारे +जा जोगी ये जोगी ये जोगी +आमा पिंगी रुवेन जा कापरा लियेन +सालो आगीन केन जा बोले रे +स्रोत व्यक्ति माखन , ग्राम आमाखाल",korku-kfq +"212 +डोली चढ़दयां मारियां हीर चीकां मैंनूं लै चले बाबला लै चले वे +मैंनूं रख लै बाबला हीर आखे डोली घत कहार नी लै चले वे +मेरा आखया कदी न मोड़दा सैं उह समें बाबल किथे गये चले वे +तेरी छतर छावें बाबल रूख वांगू घड़ी वांग मुसाफरां बह चले वे +दिन चार न रज अराम पाया दुख दरद मुसीबतां सह चले वे +साडा बोलया चालया माफ करना पंज रोज तेरे घर रह चले वे +लै वे रांझया रब्ब नूं सौंपयों तूं असी जालमा दे वस पै चले वे +जेहड़े नाल खयाल उसारदी सां खाने सभ उमैद दे ढह चले वे +असां वत ना आय के खेडना ई बाजी इशक वाली करके तह चले वे +सैदे खेड़े दी अज मुकान होई रोन पिटन करदे हाए हाए चले वे +चारे कन्नियां मेरियां वेख खाली असीं नाल नहीयों कुझ लै चले वे +कूड़ी दुनियां ते शान गुमान कूड़ा वारस शाह होरीं सच कह चले वे",panjabi-pan +"575 +रब्ब फज़ल1 कीता राजे अदल2 कीता दिता यार नूं यार मिलाय मियां +उहना मुढ कदीम दी दोसती सी जाो रब्ब रसूल खुदाय मियां +हीर खोहके रांझे दे हथ दिती कीती जोगी ने खैर दुआय मियां +रांझे हथ उठा दुआ कीती अला पाक दी सिफत3 सुनाय मियां +तेरे हुकम ते मुलक विच खैर होवे तेरी दूर होवे कुल बलाय मियां +अन्न धन्न ते लछमी मलक दौलत नित होवसी दून सवाय मियां +घोड़े ऊंठ हाथी दम तोपखान हिंद सिंध ते हुकम चलाय मियां +वारस शाह रब्ब आवरो नाल रखे मिटी मुठ ही दये लंघाय मियां",panjabi-pan +"रूक्मिन बिपर के बोलौउलन, आँगन बइठवलन हे +रूक्मिन बिपर1 के बोलौउलन , आँगन बइठवलन2 हे । +हमरा सँपतिया3 के चाह , सँपति हम चाहही4 हे ॥ 1 ॥ +उलटि पुलटि बिपर देखलन मन मुसकयलन5 +रूक्मिन , बिधी नइ लिखलन लिलार , 6 सँपति कहाँ पायब हे । +रूक्मिन , देबी जी हथुन7 दयामान , सँपति तोरा ओहि देथुन8 हे ॥ 2 ॥ +उहँऊ9 रूक्मिन चललन , देबी से अरज करे हे । +देबीजी हमरो सँपतिया के चाह , सँपति हम चाहही हे ॥ 3 ॥ +उलटि पुलटि देबीजी देखथिन बड़ी मुसकयलन हे । +रूक्मिन , बिधी नहीं लिखल लिलार , सँपति कहाँ पायब10 हे । +रूक्मिन , गंगा जी हथुन दयामान , सँपति तोरा देइ देथन हे ॥ 4 ॥ +उहँउ से रूक्मिन चललन , गंगा से अरज करे हे । +गंगाजी , मोरा सँपतिया के चाह सँपति हम चाहही हे ॥ 5 ॥ +उलटि पुलटि गंगाजी देखलन , मन मुसकयलन हे । +रूक्मिन , बिधी नहीं लिखल लिलार , सँपति कहाँ पायब हे । +रूक्मिन , बिसुन11 जी हथुन दयामान , सँपति तोरा देइ देथुह हे ॥ 6 ॥ +उहँउ से रूक्मिन चलि भेलन , बिसुन से अरज करे हे । +बिसुन , मोरा सँपतिया के चाह , सँपति हम चाहही हे ॥ 7 ॥ +उलटि पुलटि बिसुन देखलन , मन मुसकयलन हे । +रूक्मिन , बिधी नहीं लिखल लिलार , सँपति कहाँ पायब हे । +रूक्मिन , सिबजी हथुन दयामान , वोही सँ देथुन हे ॥ 8 ॥ +उहँउ से रूक्मिन चलि भेलन , सिब से अरज करे हे । +सिबजी , मोरा सँपतिया के चाह , सँपति हम चाहही हे ॥ 9 ॥ +उलटि पलटि सिब देखलन , मन मुसकयलन हे । +रूक्मिन , बिधि नहीं लिखलन लिलार , सँपति कहाँ पायब हे । +रूक्मिन , बरमाँजी12 हथुन दयामान , ओही सँपति देथुन हे ॥ 10 ॥ +उहँउसे रूक्मिन चललन , बरमाँ से अरज करे हे । +बरमाँजी हमरो सँपतिया के चाह , सँप���ि कहाँ पायब हे ॥ 11 ॥ +उलटि पलटि बरमाँ देखलन , मन मुसकयलन हे । +रूक्मिन , बिधि नहीं लिखलन लिलार , सँपति कहाँ पायब हे ॥ 12 ॥ +बरमाँजी बलका13 के बोलौउलन जाँघे बइठवलन हे । +बलका , छठिया14 राते तोरा होयते , घुरिए15 चलि अइह हे ॥ 13 ॥ +एतना सुनयते16 त बलका त बलका अरज करे हे । +बरमाँ जी , हम न जायब17 अबतार बहुत दुख होयत हे ॥ 14 ॥ +घर ही रोवत मोरा अंबा बाहर मोरा पिता रोइतन हे । +बरमाँ जी , हम नहीं लेबो अबतार , बहुत दुख पायब हे ॥ 15 ॥ +बरमाँ जी , बलका के बोलवलन , जाँघे बइठवलन हे । +बलका सदियाबिआह18 तोरा होयतो , तबहि चलि अइह हे ॥ 16 ॥ +बलका बरमाँ से अरज करे अउरो मिनती करे हे । +बरमाँ जी , हम न लिहब अवतार , बहुत दुख होवत ॥ 17 ॥ +घरे जे रोबे मोरा भइया बाहर मोरा पिता रोइतन19 हे । +सेजिया बइठल रोवे घरनी , बहुत दुख होयत हे ॥ 18 ॥ +बरमाँ जी बलका के बोलवलन , जाँघे बइठवलन हे । +बलका , अजर अमर होई रहिह , बहुत सुख होयत हे ॥ 19 ॥",magahi-mag +"कदी आ मिल यार प्यारिआ +कदी आ मिल यार प्यारिआ । +तेरीआँ वाटाँ तों सिर वारिआ । +कदी आ मिल यार प्यारिआ । +चढ़ बागीं कोइल कूकदी । +नित सोजे़अलम1 दे फूकदी । +मैनूँ ततड़ी को शाम विसारिआ । +कदी आ मिल यार प्यारिआ । +बुल्ला सहु कद घर आवसी । +मेरे बलदी भा2 बुझावसी । +ओहदी वाटाँ तों सिर वारिआ । +कदी आ मिल यार प्यारिआ ।",panjabi-pan +"विवाह गीत +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुइ करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुइ करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रात मा बुले । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुवो करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , फुवो करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामा करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामा करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामी करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , मामी करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बईं करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बईं करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बणवि करतेक आवे । +महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे , बणवि करतेक आवे । +काली चिड़ि वो देव चिड़ि , रावला मा बुले ॥ +लड़की के ब्याह में महिलाएँ काली चिड़िया को सम्बोधित करते हुए गीत में कह रही हैं कि हे काली चिड़िया तू देव चिड़िया है और रावले में बोल रही है । महल पर चढ़कर बनी रास्ता देख रही है और चिड़िया से पूछती है कि मेरी बुआ कितनी दूरी पर आ रही है । इसी प्रकार आगे फूफा , बहनबहनोई , मामामामी का नाम लेकर गीत को गाया जाता है । मेहमानों के आने की प्रतीक्षा बनी कर रही है ।",bhili-bhb +"दीपक दया धरम को जारौ +दीपक दया धरम को जारौ , +सदा रात उजयारौ । +धरम करे बिन करम खुलैना , +ज्यौं कुन्जी बिन तारौं , +समझा चुके करै न रइयो । +दिया तरै अंदयारौ । +कात ईसुरी सुनलो भईया +लगजै यार न वारौ ।",bundeli-bns +"397 +खुआर खजलां रूलदियां फिरदिां सी अखीं वेखदयां होर दियां होर होइयां +आप दुध दियां धोतियां नेकबख्तां अगे चोर दे असी नी चोर होइयां +चोर चैधरी गुंडी परधान कीती ए उलट अवलायां जोर होइयां +बदजेब1 तों कोझियां भैड़ मूंहियां अगे हुसन दे बागदियां मोर होइयां +एह चुगल बलोचां दी टुंब डिठी मिा दोज घूठी मनखोर2 होइयां +एहदी बनत देखो नाल नखरयां दे मालजादियां3 विच लहौर होइयां",panjabi-pan +"माता यसोदा दही बिलोवे +माता यसोदा दही बिलोवे +कान्हूड़ो राड़ मचावै +दही को सपड़को कान्हे ने भावे +ले ले रे कान्हा दही रे गोड़ियो +बाहर सूँ बाबो नन्द जी आयो +तेरी कान्हूड़ो बहुत हठीलो +हार तोड़े मोती मांगे बालूड़ो",haryanvi-bgc +"जरमन तेरा जाइयो नास +जरमन ने गोला मार्या +जा फूट्या अम्बर में +गारद में सिपाही भाजे +रोटी छोड़ गए लंगर में +उन बीरां का के जीणा +जिन के बालम छः नम्बर में",haryanvi-bgc +"लग्नाची गाणी +हळद +1 . +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +मांडव गोताचा दणका भारी +घाणा जी घातिला खंडीभर भाताचा +आधी मान देती कुंकवाला +आधी मान देती हळदीला +2 . +घाणा भरीला । सवाखंडी सुपारी +मांडवी व्यापारी । गणराज +घाणा भरीला । सवा खंडी गहू +नवर्या मुलीला गोत बहू । गणराज +घाणा भरीला । सवा खंडी भाताचा +नवरा मुलगा गोताचा । गणराज +मांडवाच्या दारी । उभा गणपती +नवर्या मुलाला गोत किती । गणराया +मांडवाच्या दारी हळदीचे वाळवण +नवर्या मुलाला केळवण । गणरायाला +मांडवाच्या दारी । रोविल्या ग मेढी +मूळ ग वर्हाडी । आंबाबाई +मांडवाच्या दारी । कोण उभ्यान घास घेतो +चहूकडे चित्त देतो । गणराज +मांडवाच्या दारी । इथ तिथ रोवा +लोडाला जागा ठेवा । माणसांच्या +घाणा भरीला । सवा खंडी कणिक +मांडवी माणीक । आंबाबाई +3 . +भवरीयो भवरीयो । परतुन जाई चवकियो +भवरीयो राजाराणी । महादेवाच्या घरी यो +पाटाच पाणी सारंगी जातो +हळदीचा लोट पारवा पितो . . . . . +4 . +हळद लग्ना नंतर +नवरी आहे गोरी तिला हळद लावली थोडी +लेकीच्या करता जावयाची गोडी +माझी लेक आहे खडीसाखरेची पुडी +जावयाचा मान एवढा केला कशासाठी +लेकी राजबाई तुझ्या जीवासाठी +मोहराची वाटी ठेवली बोहोल्याच्या कोना +गोरेबाई माझी तुझ्या वराला दक्षिणा +लक्ष्मी आली घरा आता तू जाऊ नको +माझ्या बाळराजाला अंतर देऊ नको +लक्ष्मीबाई आली मागच्या दारान +कडा उघडावी धाकटया दिरान +लक्ष्मीबाई आली सई सांजच्या भरात +कुंकवाची पुडी साक्ष ठेविली दारात +पहिला दिवस पुसाव चांगला +हिरव्या चोळीवर काढला बंगला +दुसर्या दिवशी मित्र पुशी सोबत्याला +का रे गडया पिवळा घरी राणीचा सोहळा +तिसर्या दिवशी माय पुसे ब्राह्मणाला +मुहूर्त चांगला हिरवी चोळी कामिनीला +चवथ्या दिवशी घर गुलालांनी लाल +पेटचा हा लाल त्याचे शांतीक झाल काल +पाचव्या दिवशी लिंबा डाळिंबाची पाटी +गोर्या राधिकेच्या जवळी बाळ निजे नवसाचा +सातव्या दिवशी ब्राह्मणाला दिली गाय +ऐकते शांतीपाठ हरखून माय +आठव्या दिवशी पत्र फुलार्याला धाडा +गोर्या राधिकेला गुंफावा जाई तोडा +नवव्या दिवशी शेजेला फुल दाट +गोर्या राधिकेन केला हा थाटमाट +दहाव्या दिवशी वाजती चौघडे +बाई हशीत खुशीत निरोप माहेराला धाडे +बहिणीच्या घरी भाऊ गेला लई दिसा +हाती बेल तांब्या बहीण पुजिती तुळसा +बहिणीच्या घरी भाऊ गेला लई दिसा +सोनियाचा गोफ कमरी करदोडयाचा फासा +बहिणीला भाऊ मोठा दुर्लभ वाटीयला +समया कारण भाऊ आला भेटायला +बहीण भावंड आहेत समस्तला +बहिणीची माया लई माझ्या ग बंधूला +बहिणीच्या घरी भाऊ करतो देऊ देऊ +बहिणीच्या आशीर्वादान माडी कळसाला जाऊ +नको भावा म्हणू बहिणींनी नासल +बहिणीच्या आशिर्वादे धनधान्य ते सायल +बहिणीच्या आशिर्वादे भाऊ झालेत कुबेर +चिरेबंदी वाडे बांधले चहुखोर +5 . +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +वासरासहित पाची गाया +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +ऊसा सहित पानमळा +आंदण देई रे भाऊराया +काय देऊ ग बहिणी बया +बहिण परिस लेकीची माया +आंदण देई रे भाऊराया",marathi-mar +"वारे लाँगुरिया रुक मत जइयौ +वारे लाँगुरिया रुक मत जइयो कहूँ गैल में ॥ टेक +तोय दऊँ पहले ही बतलाय ॥ लाँगुरिया . +वारे लाँगुरिया जो रुकि गयौ कहुँ गैल में , +फिर तौ लेगौ देर लगाय ॥ लाँगुरिया . +वारे लाँगरिया मोय आदत तेरी नहीं भावत है , +तू तो सुन लै रे चितलाय ॥ लाँगुरिया . +वारे लाँगुरिया मैंने बोली जात करौली की , +हम तौ दरस करेंगे वहाँ जाय ॥ लाँगुरिया . +वारे लाँगुरिया गोद मेरी देखि सूनी है , +अब मैया तो देगी भराय ॥ लाँगुरिया .",braj-bra +"गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जुंदुरा रुड़म रु डू जाती ये डो बेनी रानी +गंगड़ा देशो निलिया जंुदुरा रुड़म रु डू जाती ये +गंगड़ा देशो निलिया जंुदुरा रुड़म रु डू जाती ये +गंगड़ा देशो निलिया जडू रे +गंगड़ा देशो निलिया जडू रे +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा डो बेनी रानी +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा डो बेनी रानी +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा +लिपि लिपि टे लाडे संगर माये कंकर माडीवा +स्रोत व्यक्ति चारकाय बाई , ग्राम माथनी",korku-kfq +"कब चुकबे, कब चुकबे चलनी कै गोंहुआँ हो न +कब चुकबे , कब चुकबे चलनी कै गोंहुआँ हो न । +मोरा बीरन भइया आये अनवइया हो न । । +बैइठहु न मोरे भइया रतनी पलँगिया हो न । +बहिनी कहि जाऊ आपन हवलिया हो न । । +नौ मन कूट्यों भइया नौ मन पीस्यों हो न । +भइया पहिली टिकरिया मोर भोजनवा हो न । । +भइया वोहू महैं कुकरा बिलरिया हो न । । +भइया वोहू महैं गोरू चरवहवा हो न । । +भइया वोहू महैं देवरा कलेवना हो न । । +भइया वोहू महैं ननदी कलेवना हो न । । +फटही लुगरिया भइया हमरा पखरुआ हो न । +भइया वोहू महैं गोरू चरवहवा हो न । । +भइया वोहू महैं ननदी ओढनिया हो न । । +भइया वोहू महैं देवरा भगइया हो न । । +ई दुख जिन कह्या बाबा के अगवा हो न । +भइया सभवा बइठ बाबा रोइहैं हो न । । +ई दुख जिन कह्या माई के अगवा हो न । +भइया मचिया बइठ माई रोइहैं हो न । । +ई दुख जिन कह्या सखिया के अगवा हो न । +भइया खेलतै खेलत सखियाँ रोइहैं हो न । । +ई दुख जिन कह्या बहिनी के अगवा हो न । +भइया इहै सुनि गवने न जइहैं हो न । । +ई दुख जिन कह्या भाभी के अगवा हो न । +भइया राम रसोइयाँ तनवा मरिहैं हो न । । +ई दुख कह्या भइया अगुआ के अगवा हो न । +भइया जेन कीहें मोरी अगुअइया हो न । ।",awadhi-awa +"क्यो रोये मोरी माई हो ममता +क्यो रोये मोरी माई हो ममता +क्यो रोये मोरी माई +१ तो पाँच हाथ को कफन बुलायो , +उपर दियो झपाई +चार वेद चैरासी हो फेरा +उपर लीयो उठाई . . . +हो ममता . . . +२ तो लाख करोड़ी माया हो जोड़ी , +करकर कपट कमाई +नही तुन खाई , नही तुन खरची +रई गई धरी की धरी . . . +हो ममता . . . +३ तो भाई बन्धू थारो कुटूम कबीलो , +सबई रोवे रे घर बार +घर की हो तीरीया तीन दिन रोवे +दूसरो कर घर बार . . . +हो ममता . . . +४ तो हाड़ जल जसी बंध की हो लकड़ी , +कैश जल जसो घाँस +सोना सरीकी थारी काया हो जल +कोई नी उब थारा पास . . . +हो ममता . . . . . .",nimadi-noe +"गाम गाम धुपवा दियैले माँ कोसिका +गाम गाम धुपवा दियैले माँ कोसिका , +माँ तोरा नहीं माया दरेग , +बाजे लागल बिछिया अनोर । +डेढ़ी डेढ़ी नैया गे कोसिका +घाटघाट चढ़ेबौ रोरिया +बाजे लागल बिछिया अनोर । ’’ +धारे धारे चढ़ेबौ गे कोसिका +थार थार मिठइया , +बाजे लागल बिछिया अनोर ।",angika-anp +"दुलरइता बाबू के बगिया में सीतल हे छँहियाँ +दुलरइता बाबू के बगिया में सीतल हे छँहियाँ ॥ 1 ॥ +खेलते धूपते गेली बेटी दुलरइती बेटी । +ए लपकि1 धयल2 छयला , दाहिन हे बँहियाँ ॥ 2 ॥ +छोडू़ छैला , छोडू़ छैला , दाहिन हे बँहियाँ । +अहे टूटि जयतो संखा चूड़ी , मुरकि3 जयतो हे बँहियाँ ॥ 3 ॥ +टूटे देहु , टूटे देहु , संखा चूड़ी मेरौनियाँ4 । +अहे फेरू5 से गढ़ाय देबो6 सोने केर हे कँगना ॥ 4 ॥ +सभवा बइठल तुहूँ , ससुर दुलरइता बाबू । +तोइर पूता दुलरइता बाबू , तोड़ल हे कँगना ॥ 5 ॥ +होय दऽ7 बिहान8 पुतहू , पसरत9 हे हटिया । +अहे फेरू से गढ़ाय देबो , सोने केर हे कँगना ॥ 6 ॥",magahi-mag +"22 +भुल गए हां वड़े हां आन वेहड़े सानूं बखश लै डारीए वासता ई +हत्थों तेरिओं देस मैं छड जासां वस्सीं देस हैंसियारीए1 वासता ई +दिन रात तूं जुलम ते लक्क बधा मुड़ीं रूप शिंगारीए वासता ई +नाल हसन दे फिरे गुमान लदी समझ मसत हंकारीए वासता ई +वारस शाह नूं मार ना भाग भरीए अनी मुणस दी पयारीए वासता ई",panjabi-pan +"बाजार बकेंदी बरफी (ढोला) +बाजार बकेंदी बरफी +मैंनू लैंदे निक्की जिही चरखी +ते दुखाँ दीया पूणीयाँ +जीवें ढोला +ढोल जानी +साडी गली आवें तैंडी मेहरबानी +भावार्थ +' बाज़ार में बरफ़ी बिकती है +मुझे छोटीसी चरखी ले दो +और दुखों की पुनियाँ +जीते रहो , ढोला +ओ ढोल , ओ प्राणधन +तुम हमारी गली में आओ तो तुम्हारी मेहरबानी हो '",panjabi-pan +"246 +भोग भोगना दुध ते दहीं पीवन पिंडा पालके रात दिन धोवना एं +खरा कठन है फकर दी वाट झागन1 मुंहों आखके काहे वगोवना एं +वाहें वंझली त्रीमतां नित घूरे गाईं महीं वलायके चोवना एं +वारस आख जटा केही बनी तैनूं सुआद छडके खेह2 क्यों होवना एं",panjabi-pan +"डोहा गीत +डोहो मांड्यो कि दयणी , दिवल्य�� मांगे तेल । +डोहो पान यातली , डोहो सुरभरयो रमसे । +डोहो तेल पर खेले ने । +डोहो घिंव पर खेले । +डोहो केरेल्यो रे लोल । +दीपावली के बाद डोहा खेलते हैं । एक मिट्टी के कलश या मटकी में कई छेद कर देते हैं । उसके अन्दर घी या तेल भरकर एक दीपक रखते हैं , उसे डोहा कहते हैं । +एक लड़की डोहे को सिर पर रखती है साथ में लड़केलड़कियाँ रहते हैं , ढोल बजाकर नाचते हैं और गीत गाते हैं । डोहे वाली पार्टी गाँव में प्रत्येक घर जाकर गीत गाती है , घर के लोग उनको अनाज देते हैं । उसकी गोठ पार्टी करते हैं । एक गाँव के लोग दूसरे गाँव में भी डोहा खेलने जाते हैं ।",bhili-bhb +"होलर कहै री अम्मा! तुझे झुंझणा मंगा दे +होलर कहै री अम्मा तुझे झुंझणा मंगा दे । +चल बिसाती की दुकान रे लला तुझे झुंझणा मंगवा दूं । +इस झुंझणा दूजा लट्टू रे लला तीजी फिरकी दिला दूं । +होलर कहै री अम्मां तुझे टोपी सिला दे । +चल दरजी की दुकान रे लला तुझे टोपी सिला दूं । +इस टोपी दूजा झूगला रे लला तीजी कछनी सिला दूं । +होलर कहै री बूआ मेरा ब्याह करवादे । +चल मामा के बार रे लला तेर ब्याह करवा दूं । +एक नानी दूजी मामी रे लला तीजी मोसी ब्याह दूं ।",haryanvi-bgc +"घड़िआली देहो निकाल +घड़िआली1 देहो निकाल नी , +अज पी घर आया लाल । +मैंनूँ आपणी खबर ना काई , +क्या जाणा मैं कित्थे गंवाई , +एह गल्ल कीकूँ छुपे छुपाई । +हुण होया फज़ल कमाल । +घड़िआली देहो निकाल । +घड़ी घड़ी घड़ेआल वजावे , +रैण वसल दी क्यों घटावे , +मेरे मन दी बात जो पावे । +हत्थों चा सुट्टे घड़ेआल । +घड़िआली देहो निकाल । +अनहद बाजा बजे शहाना , +मुतरब सुघाडाँ तान तराना , +नमाज़ रोज़ा भुल्ल ग्या दुगाना । +टूणे कामण करो सवेरे , +जादूगर आवण वड्डे वडेरे , +किवें किवें वस आया तेरे । +लक्ख बरस रह होरी नाल । +घड़िआली देहो निकाल । +साईं मुक्ख वेक्खण दे अजब नज़ारे , +दुःख दलिदर गए जो पास प्यरे , +चंगी रात वधे किवें करे पसारे +दिन अग्गे धरे देवाल । +घड़िआली देहो निकाल । +बुल्ला सहु दी सेज प्यारी , +मैं तरी सो तारनहारे तारी , +किवें किंवे हुण आईआ वरी । +मैंनूँ विछड़न थीआ मुहाल । +घड़िआली देहो निकाल ।",panjabi-pan +"कब के भये बैरागी कबीर जी +कब के भये बैरागी कबीर जी , +कब के भये बैरागी +आदि अंत से आएँ गोरख जी , +जब के भये बैरागी +१ जल्मी नही रे जब का जलम हमारा , +नही कोई जल्मी को जायो +पाव धरण को धरती नही थी +आदी अंत लव लागी . . . +कबीर जी . . . +२ धुन्दाकार था ऐ जग मेरा , +वही गुरु �� वही चेला +जब से हमने मुंड मुंडायाँ +आप ही आये अकेला . . . +कबीर जी . . . +३ सतयुग पेरी पाव पवड़ियाँ , +द्वापूर लीयाँ खड़ाऊ +त्रैतायुग म अड़ बंद कसियाँ +कलू म फिरीयाँ नव खंडा… . . +कबीर जी . . . +४ राम भया जब टोपी सिलाई , +गोरख भया जब टीका +जब से गया हो जलम फेरा +ब्रम्हा मे सुरत लगाई . . . +कबीर जी . . .",nimadi-noe +"अपनी महलिया से मलिया मउरी गुथहइ +अपनी महलिया से मलिया मउरी1 गुथहइ2 । +जहाँ कवन बाबू खाड़3 जी ॥ 1 ॥ +मैं तोरा पूछूँ मलियवा हो भइया । +केते दूर बसे ससुरार जी ॥ 2 ॥ +तोर ससुररिया , बाबू , मउरिया से खैंचल4 । +चुनमें5 चुनेटल6 तोर दुआर जी ॥ 3 ॥ +मोतिया चमकइ बाबू , तोहर ससुररिया । +चारो गिरदा7 गड़ल हो निसान8 जी ॥ 4 ॥ +अपनी महलिया में दरजी जोड़ा9 सियइ । +जहाँ कवन बाबू खाड़ जी ॥ 5 ॥ +मैं तोरा पूछूँ दरजियवा हो भइया । +केते दूर बसे ससुरार जी ॥ 6 ॥ +तोर ससुररिया बाबू , जोड़वा से खैंचल । +चुनमें चुनेटल तोर दुआर जी ॥ 7 ॥ +मोतिया चमकइ बाबू , तोहर ससुररिया । +चारो गिरदा गाड़ल हइ निसान जी ॥ 8 ॥",magahi-mag +"काले री बालम +काला पति +काले री बालम मेरे काले , +काले री बालम मेरे काले । +जेठ गए दिल्ली ससुर बम्बई , +काला गया री कलकता नगरिया , +काले री बालम मेरे काले । +जेठ लाए लड्डू , ससुर लाए बर्फ़ी , +काला लाया री काली गाजर का हलुआ , +काले री बालम मेरे काले । +जेठ लाए साड़ी , ससुर लाए अँगिया , +काला लाया री , काली साटन का लहँगा , +काले री बालम मेरे काले । +जेठ लाए गुड्डा , ससुर लाए गुड़िया +काला लाया री , काली कुत्ती का पिल्ला , +काले री बालम मेरे काले ।",khadi_boli-mis +"सासु हमर रहे पक्का महल में, उनखा देहु बोलाइ +सासु हमर रहे पक्का महल में , उनखा1 देहु2 बोलाइ । +हमरा भेलइ3 नंदलाल , सुने ना कोई रे ॥ 1 ॥ +गोतनी हमर रहे सीस सहल में , उनखा देहु बोलाइ । +हमरा भेलइ हे गोपाल , जगे ना कोई रे ॥ 2 ॥ +ननद हमर हे महल अटारी में , उनखा देहु बोलाय । +हमरा के भेल हे होरिलवा4 जगे ना कोई , सुने ना कोई रे ॥ 3 ॥ +सामी हमर हथ5 मालिन के सँग , उनखा देहु बोलाय । +हमरा के भेल नंदलाल जगे न कोइ , सुने ना कोई रे ॥ 4 ॥",magahi-mag +"400 +बांदी हो गुसे चुप हो रही बुक चीने दा चा उलेरया सू +धरोही रब्ब दी खैर लै जा चाका हाल हाल कर पलुड़ा1 फेरया सू +बांदी लाड दे नाल चवा2 करके धका दे के नाथ नूं रढ़या सू +लैके खपरा3 चोबरा जाह विचों उस सुतड़े नाग नूं छेड़या सू +दे के छिबी4 गल विच पशम पटी हथ जोगी दे मुंह ते फेरया सू +वारस शाह फरंग5 दे बाग बड़के उस कला दे खूह नूं गेड़या सू",panjabi-pan +"अवरित आई बसन्त बहारन +अवरित आई बसन्त बहारन +पानफूल फल डारन । +बागन , बनन , बंगलन , बेलन +बीधन बगरं बजारन । +हारन और पहारन पारन , +घाम धवल जल धारन । +तपसी कुटिल कन्दरन खोरन । +गई बैराग बिगारन । +आए बौर मजीरन ऊपर +लगे भोंर गुजारन । +चहत अतीत , प्रीत प्यारे की । +हा हा करत हजारन । +ईसुर कन्त अन्त हैं जिनके +तिनें देत दुख दारून ।",bundeli-bns +"जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर नंदरानी +बधैया +जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर1 नंदरानी । +देवोकी2 तोहर भाग बड़ा लहबर हे रानी ॥ 1 ॥ +काहाँ जलमलन3 हे जदुनन्नन , काहाँ बाजत हे बधावा नंदरानी । +देवोकी घर में जलमलन जदुनन्नन , गोकुला में बाजत बधावा नंदरानी ॥ 2 ॥ +काहे के छूरी से नार छिलायल , 4 काहे के खपर5 नेहलायल नंदरानी । +सोने के छूरी से नार छिलायल , रूपे के खपर नेहलायल नंदरानी ॥ 3 ॥ +काहे के उजे6 अँगिया7 टोपिया , केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी । +रेसमी के उजे अँगिया टोपिया , केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी । +रेसमी के उजे अँगिया टोपिया , अपन लाला के पहिरायब नंदरानी ॥ 4 ॥ +केरे8 लुटवथि अन , धन , लछमी , केरे लुटावथि मोती नंदरानी । +नंद लुटावथि अन , धन , लछमी , जसोदा लुटावथि मोती नंदरानी ॥ 5 ॥ +अइसन9 जलम लिहल जदुनन्नन , घर बाजे बधावा नंदरानी ॥ 6 ॥",magahi-mag +"नदिया किनारे जिरवा जलमि गेलइ +नदिया किनारे जिरवा जलमि1 गेलइ । +फरे2 फूले लबधि3 गेलइ हे ॥ 1 ॥ +घोड़वा चढ़ल आथिन4 दुलरइता दुलहा हे । +उनकर पगड़ी अमोद5 बसे हे ॥ 2 ॥ +ओतें6 सूतूँ , दुलरइता दुलहा हे । +होइ जयतइ चुनरिया मइला हे ॥ 3 ॥ +धोबिया जे धोबले7 जमुन दइ हे । +सूखे8 देलकइ चनन गछिया हे ॥ 4 ॥ +बाट जे पूछले बटोहिया भइया हे । +केकर9 सिर के पगड़िया सूखइ हे । +केकर तन के चुनरिया सुखइ हे । +जेकर गंधे आमोद बसे हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"160 +रांझे दीयां भरजाइयां तंग होके खत हीर सयाल नूं लिखया ए +साथों छैल वधीक सौ वार सुटी लोक यारियां किधरों सिखया ए +देवर चंद साडा साथों रूस आया बोल बोल के घरां थीं त्रिखया ए +साडा लाल मोड़ो सानूं पायो जानो कमलियां नूं पाई भिखया ए +कुड़े सांभ नाहीं माल रांझयां दा कर सारदा दीदड़ा तिखया ए +झट कीतियां लाल न हथ आवण सोई मिले जो तोड़ दा लिखया ए +कोई ढूंढ़ वडेरड़ा कम जोगाअजे एह ना यारियां सिखया ए +वारस शाह लै चिठियां दौड़या ई कम्म कासदां1 दे मियां सिखया ए",panjabi-pan +"मैं तो माड़ी हो गई राम +मैं तो माड़ी हो गई राम +धंधा कर के इस घर का +बखते उठ कै पीसणा पीसूं +सदा पहर का तड़का +चूल्ह�� मैं आग बालगी +छोरे ने दिया धक्का +बासी कूसी टुकड़े खागी +घी कोन्या घर का +सास ननद निगोड़ी न्यूं कहे +तने फेरा क्यूं ना चरखा +मार कूट कै नै पापण मेरी +देवर कर लिया घर का +बड़े जेठ की मूंछ उखाड़ी +सुसरे का कालजा धड़का +मैं हठीली हट की पूरी +कहा न मानूं किसे का",haryanvi-bgc +"कच्चे नीम्ब की निम्बोली +कच्चे नीम्ब की निम्बोली सामण कद कद आवै रे +जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भर ल्यावै रे +बाबा दूर मत ब्याहियो दादी नहीं बुलाने की +बाब्बू दूर मत ब्याहियो अम्मा नहीं बुलाने की +मौसा दूर मत ब्याहियो मौसी नहीं बुलाने की +फूफा दूर मत ब्याहियो बूआ नहीं बुलाने की +भैया दूर मत ब्याहियो भाभी नहीं बुलाने की +काच्चे नीम्ब की निम्बोली सामणया कद आवै रे +जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भय ल्यावै रे",haryanvi-bgc +"सुनहु जदुनन्नन हे +चीकन1 मटिया2 कोड़ि मँगाएल , ऊँची कय3 मँड़वा छवाएल । +जनकपुर जय जय हे ॥ 1 ॥ +सोने कलस लय4 पुरहर5 धरब , मानिक लेसु6 फहराय7 +जनकपुर जय जय हे ॥ 2 ॥ +लाल लाल सतरंजी8 अँगन9 को बिछाएल । +जनकपुर जय जय हे ॥ 3 ॥ +जय जय बोले नउअवा से बाम्हन , जय जय बोले सब लोग । +जनकपुर जय जय हे ॥ 4 ॥ +धन राजा दसरथ , धन हे कोसिलेया । +धन10 हे सीता देई के भाग , रामे बर11 पायल12 हे ॥ 5 ॥",magahi-mag +"आव रे चांद भैंसी बान्ध +"" आव रे चांद , भैंसी बान्ध । +चन्दा बाबा चन्दी दऽ +घीं मऽ रोटी वालई दऽ । +नाना भाई खऽ भावऽ नी , +न झुमका लाड़ी आवऽ नी । """,nimadi-noe +"आला जडूका सायला रे राजा सूखा जडूका सायला नहीं रे +आला जडूका सायला रे राजा सूखा जडूका सायला नहीं रे +आला जडूका सायला रे राजा सूखा जडूका सायला नहीं रे +इंजनी जेनोमा का बंझोटी जा राजा धामू टीसो सेने मारे +इंजनी जेनोमा का बंझोटी जा राजा धामू टीसो सेने मारे +आमा रानी ककोटा केनवेन्ज राजा आमा रानी झूला में झूले +आमा रानी ककोटा केनवेन्ज राजा आमा रानी झूला में झूले +आमा रानी बंझोटी जा राजा धामू टाला कामाय सेने +आमा रानी बंझोटी जा राजा धामू टाला कामाय सेने +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"बोला-बोला सगुन बोला, बोला-बोला सगुन बोला +बोलाबोला सगुन बोला , बोलाबोला सगुन बोला , +जौ जस देने कूरम देवता , जौ जस देने धरती माता , +जौ जस देने खोली का गणेश , जौ जस देने मोरी का नारैण , +जौ जस देने भूमि को भूम्याल , जौ जस देने पंचनाम देवता । +जौ जस देने पितर देवता , +तुमारी थाती मा यो कारीज कीयों , यो कारिज सुफल फलयाना ।",garhwali-gbm +"विदाई गीत +लाड़ी कर वो येल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +तारो एक लो सेसरो , प्यार वाट चाहे वो । +लाड़ी कर वो यंल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +तारी एक ली सासू प्यार वाट चाहे वो । +लाड़ी कर वो येल्यां , वेल्यां घर जावां वो । +वर पक्ष की ओर से कहा गया है कि लाड़ी जल्दी घर चलो । तेरे ससुर और सास घर का इन्तजार कर रहे हैं ।",bhili-bhb +"हरे रामा लागे सावन के महीना +हरे रामा लागे सावन के महीना +के झूला डारो रे हारी । +रिमझिम रिमझिम बरसत मेघा रामा , +भीज गई सब देह कि +भीजी मोरी साड़ी रे हारी । हरे . . . +रेशम डोर चन्दन के पलना रामा , +झूलें राधा कृष्ण कदम की डारी रे हारी । हरे . . . +दादुर मोर पपीहा बोले रामा , +घाटघाट मोहन की मुरलिया बाजे , प्यारी रे हारी । हरे . . . +हरे रामा लागे सावन के महीना . . .",bundeli-bns +"चौथ चन्दा गीत +१ . +खेलत खेलत एक कउड़ी पवनी +उ कउड़ी गंगा दहवऽली +गंगा मुझको बालू दिया , उ बालू गोड़िनिया लिया । +गोड़िनिया मुझको भार दिया , उ भार घसवहा लिया । +घसवहा मुझको घास दिया , उ घास गैया लिया । +गइया मुझको दूध दिया , उ दूध बिलैया लिया । +बिलइया मुझको चूहा दिया , उ चूहा चिल्होरिया लिया । +चिल्होरिया मुझको पाँख दिया , उ पाँख राजा लिया । +राजा मुझको घोड़ा दिया । +२ . +रामजी चले लछुमनजी चले , महावीरजी चले , लंका दाहन को । +तैंतीस कोट प्रदुम्न चले , जैसे मेघ चले बरिसावन को । +का करिहें उत्पात के नन्दन , का करिहें तपसी दोनों भइया । +मार दिहें उत्पात के नन्दन , काटि दिहें तपसी दोनों भइया । +३ . +सूर्यकुल वंशवा में जन्म लिहले रामचन्द्र , +कोशिला के कोख अवतार रे बटोहिया । +४ . +एक मती हरताल ताला , जहाँ पढ़ावे पंडित लाला । +पंडित लाला दिये असीस , जीओ बचवा लाख बरीस । +लाख बरीस की उमर पाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । +आव रे दिल्ली , आजम खाँव । आजम खाँव चलाया तीर , बचा कोई रहा न वीर । +जय बोलो जय रामा रघुवर , सीता मैया करे रसोइया +जेवें लछुमन रामा , ताहि के जूठन काठन पा गया हनुमाना । +सोने के गढ़ लंका ऊपर कूद गया हनुमाना । +५ . +बबुआ हो बबुआ , सिताब लाल बबुआ +बबुआ के माई बड़ा हई दानी , +लइकन के देखदेख भागे ली चुल्हानी । +घर में धोती टांगल बा , +बाकस में रुपेया कूदऽ ता +घर में धरबू चोर ले जाई +गुरुजी के देबू , नाम हो जाई । +बबुआ आँख मुनौना भाई , +बिना किछु लेहले चललऽ ना जाई । +६ . +छाते थे भाई छाते थे , +छातेछाते भूख लगी । +अनार की कलियाँ तोड़ लिया , बंगाली का छोकड़ा देख लिया । +धर टाँग पटक दिया , रोतेरोते घर गया । +घर का मालिक दौड़ा आया , दिल्लीकोस पुकारते आया । +आव रे दिल्लीआजम खाँव , आजम खाँव चलाया तीर , +बचा कोई रहा न वीर । +थरथर काँपे जमुनापुरी , +जमुनापुरी से आया वीर , मार गया दो छैला तीर । +छैला मांगे एक छलाई , दिल्ली से गजमोती मंगाई । +७ . +एक दिन सतराजीत के भाई , पहुँचे वन में जाई । +वहाँ भादो का बहार दिखलाए हुए थे +करते करते शिकार , खुद बन गए शिकार +हाथी घोड़ा से भी साज वे सजाए हुए थे । +सुनकर जामवन्त गुर्राया , उनको क्रोध और चढ़ि आया । +पहले बातों से बहलाए , वह शर्माए हुए था । +भारी होने लगी लड़ाई , जामवन्त को बात याद जब आई +हमको दर्शन देने आज रघुराई आए थे ।",bhojpuri-bho +"निहाली गीत +ताड़े जाता ते ताड़ि पीता रे लोल । +याहिणिके लावता ते वात करता रे लोल । +ताड़े जाता ते ताड़ि पीता रे लोल । +कलाल्या मा जाता ते दारू पीता रे लोल । +हलवी मा जाता ते गुंड्या खाता रे लोल । +ताड़ के पास जाते ही ताड़ी पीते । समधन का लाते तो उसके साथ बात करते । कलाल के यहाँ जाते तो दारू पीते । हलवाई के यहाँ जाते तो भजिये खाते ।",bhili-bhb +"तिलू रौतेली +ओ काँडा1 को कौतिक2 उन्यो3 , +ओ तिलू कौतिक जौला4 । +धका धैं धैं तिलू रौतेली धका धैं धैं । +द्वी वीर मेरा रणशूर ह्वेन , +भगतू5 पतर को बदलो लेक कौतिक खेलला , +धका धैं धैं तिलू रौतेली धका धैं धैं । +अहो रणशूर बाजा बजी गेन रौतेली धका धैं धैं । +बोइयों को दूध तुम रणखेतू बतावा धका धैं . . . । +तीलू रौंतेली ब्वादा रणसाज सजावा धका . . . । +ईजा6 मैंण यू बीरु टीका लगावा , साज सजावा धका . . . । +मैं तीलू बोलूद जौंका भाई होला , जौकी बैण होला , +ओ रणखेतू जाला धका धैं धैं । +बल्लू7 पहरी तू मुल्क जाईक धाई लगादे धका . . . । +वीरौं की भ्रकुटी तनीगे धका . . . । +तील रौतेली धका धैं धैं । +ओ अब बढ़ो सलाण नाचण लाग धका . . . । +अब नई ज्वानी आइगे धका . . . । +बेलू देवकी द्वी संग चलीगै धका . . . । +ओ खैरागढ़ मा जुद्ध लगी गै धका . . . । +खडकू रौत तख मरीगे धका धैं धैं । +तोलू रौतेली धका धैं धैं । +ओ काँडा को कौतिक उरो धका . . . । +तिलू रौतेली तुम पुराण हथियार पुजावा धका . . . । +अपनी ढाल कटार तलवार सजावा धका . . . । +घमडू की हुड़की बजणी बैठे धका . . . । +ओ रणशूरसाज सजीक आगे तीतू रौतेली धका . . . । +दीवा को उस्टानकर याल धका . . . । +रण जीति घर आइक गाडूलो छत्तर रे । +धका धैं धैं तोलू रौतेली धका धैं धैं । +पहुँची गैतीलू8 टकोली भौन धका . . . । +यख विद्वा कत्यूरो मारियल धका . . . । +तब तीलू पहु��चीगै सल्ड महादेव । +ओ सिगनी शार्दुला धका . . . । +शार्दुला तीलु अब बढ़ीगै भिलण भौन । +धका धैं धैं तीलू रौतेलो धका . . . । +यख कख मारी कै की बढ़ोगै चौखटिया9 देघाट10 धका . . . । +विजय मिल पर तीलू घिरीधै धकाः , +बेल्लू देवकी रणखेतूमा यखी काम ऐन । +इतना माँ शिब्बू पोखरियाल मदद लेक आइग धका . . . । +जब शार्दुला लड़द लड़द पहुँची कालिंका खाल +सराईखेत आइगै घमसाण युद्ध धका . . . । +सार्दुला की मार से कत्यूरा रण छोडी भागीगे धका . . . । +यू कत्यरौं क खन से तर्पण देईक कौंतिक खेललो धका . . . । +रणभूत पितरों को कख तर्पण दिऊला धका . . . । +यख शीब पोखरियाल तर्पण देण लग्ये धका . . . । +सराईखेत नाम तभी से पड़ा धका . . . +यो कौतिग तलवारियों को हालो धका . . . । +ये ताई खेलल मर्दाना मस्ताना रणबांकुर ज्वान धका . . . । +सरदार चला तुम रणखेत चला तुम धका . . . । +धका धैं धैं तिलू रौतेली धका . . . । +ओ रणसिघा रणभेरी , नगाड़ा बजीगै धका . . . । +ओ शिबू ब्वाडा तर्पण करण खैरागढ़ धका . . . । +अब शार्दुला पहुँची गै खैरागढ़ धका । +यह जीत कत्यूरा मारी राजुला जैरौतेली आगे बढ़ोगे . . . । +रणजीति सिंघनी दुबाटा मा नाणलग्ये धका . . . । +रामू रजवार घात पाइगै धका . . . । +राजूला त रणचण्डी छई अपणो काम कैकी नाम धरीगे । +कौतिका जाईक खेलणों छयो खेली याल , +याद तौं की जुग जुग रहली धका धैं धैं । +तू साक्षी रैली खाटली की देवी , +ओ तू साक्षी रैलो पंच पाल देव । +कालिका की देवी , लंगूरिया भैरो , +तड़ासर देव , अमर तीलु सिंगनी शार्दुला , +जब तक भूमि , सूरज आसमान , +तीलू रौतेली की तब तक याद रैली , +धका धैं धैं तीलू रौतेली धका धैं धैं ।",garhwali-gbm +"282 +सत जनम दे हमी फकीर जोगी नहीं नाल जहान दे सीर मियां +असां खेलियां खपरां नाल वरतन भीख पाय के पाईए वहीर मियां +भला चाहें ना चाक बना सानूं असीं फकर हां जाहरा पीर मियां +नाम मेहरियां दे सानूं डरन आवे रांझा कौन ते केहड़ा हीर मियां +जटा चाक बनाए तूं जोगियां नूं एहो जा आवे सिटूं चीर मियां +जती सती हां हथ दे जोग पूरे सत पीड़ीए जनम फकीर मियां +थर थर कम्बे गुस्से नाल जोगी अखीं रोह पलटया नीर मियां +तुसीं पार समुंदरों रहन वाले भुल गया चेला बखश पीर मियां +वारस शाह दी अरज जनाब अंदर हुण हो नाहीं दिलगीर मियां",panjabi-pan +"बारात गीत +तूके कुण बुलायो , ने कुणे घर आयो रे +रायजादा बनड़ा । +तारा काकड़ पर डेरो देणो देजी वो +रायजादी बनड़ी । +तारो दाजी लिखलो कागद में क्यों वो +रायजादी बनड़ी । +तारा मांडवा मा डे���ा देणों देजी वो +रायजादी बनड़ी । +तूके कुण बुलायो , ने कुणे घर आयो रे +रायजादा बनड़ा । +इस गीत में वधू पक्ष की स्त्रियाँ दूल्हे से कह रही हैं तुझे किसने बुलाया और तू किसके घर आया है ? तो दूल्हा , दुल्हन से कह रहा है कि तेरे पिताजी ने पत्र देकर मुझे यहाँ बुलाया है । तुम्हारे गाँव व मंडप में मुझे ठहरने दो ।",bhili-bhb +"इशक दी नविओं नवीं बहार +इशक दी नविओं नवीं बहार । +फूक मुसल्ला भन्न1 सिट्ट लोटा , +ना फड़ तसबी कासा सोटा , +आलिम कैंहदा दे दे होका , +तर्क हलालों खाह मुरदार । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +उमर गवाई विच्च मसीती , +अन्दर भरिआ नाल पलीती , +कदे नमाज़ वहादत ना कीती +हुण क्यों करना ऐं धाड़ोधाड़ । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +जाँ मैं सबक इशक दा पढ़िआ2 , +मस्जिद कोलों जीऊड़ा3 डरिआ4 , +भज्जभज्ज ठाकुर दुआरे वड़िआ5 , +घर विच्च पाया महिरम यार । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +जाँ मैं रमज़6 इशक दी पाई , +मैनूँ तूती7 मार गवाई , +अन्दर बाहर होई सफाई , +जित वल्ल वेखाँ यारो यार । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +हीर राँझण दे हो गए मेले , +भुल्ली हीर ढुँढेंदी मेले , +राँझण यार बगल विच्च खेले , +मैनूँ सुध बुध रहीना सार । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +वेद कुरानाँ पढ़पढ़ थक्के , +सिजदे करदिआँ घस गए मत्थे , +ना रब्ब तीरथ ना रब्ब मक्के , +जिन पाया तिन नूर अनवार8 । +इशक दी नविओं नवीं बहार । +इशक भुलाया सिजदा तेरा , +हुण क्यों ऐवें पावें झेड़ा , +बुल्ला हो रहो चुप्प चुपेड़ा , +चुक्की सगली कूक पुकार । +इशक दी नविओं नवीं बहार ।",panjabi-pan +"41 +मुलां आखया नामाकूल1 जटा फरज कट के रात गुजार जाईं +फजर होई तों अगों ही उठ एथों सिर कजके मसजदों निकल जाईं +घर रब्ब दे मसजदां हुंदयां ने अजगैब2 दीयां हुजतां नांह उठाईं +वारस शाह खुदा दे खानयां नूं एह मुलां भी चंबड़े ने बलाईं",panjabi-pan +"मोरया आछो बोल्यो रे +मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने +मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने , रात ने , रात ने +औ , म्हारे हिवडे में बेगी रे गुजार मोरिया +आछो बोलियों रे ढलती रात ने",rajasthani-raj +"लचिका रानी +चौथा खण्ड +रम्मा कुँवर सुमरै धरती मैयो रे ना +रम्मा वीर बाँके रणवीर कुवरवो रे ना +रम्मा दादियाँ के करै परनममो रे ना +रम्मा घोड़ियाँ पर होलै सबरवो रे ना +रम्मा बारप्पा सें करलकै परसथनमो रे ना +रम्मा चली देलकै दुश्मनमा के देशवो रे ना +रम्मा कुँवर बोलै घोड़ी सें बचनमो रे ना +रम्मा चले घोड़ी दुश्मनमा के देशवो रे ना +र���्मा घोड़ी छोड़ै धरती उड़े आकशवो रे ना +रम्मा कुछ ही घंटा में जाय पहुँचलै मुदैई नगरियो रे ना +रम्मा होय छेलै राजा घर आनन्दवो रे ना +रम्मा लचिका सें करै छेलै विधिवत् विहववो रे ना +रम्मा होय छेलै मंगल गीत गानमो रे ना +रम्मा बाजै छेलै दुआरी पर बजवो रे ना +रम्मा राजा छेलै खुशी मगनमो रे ना +रम्मा बड़ी भीड़ छेलै दुवरियो रे ना +रम्मा वही समय पहुचलै कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा जहाँ करै छेलै लचिका दानमो रे ना +रम्मा वहाँ गेलै कुंवर रणबीरबो रे ना +रम्मा घोड़ी पीठी पर होलै सबरवो रे ना +रम्मा बोलै बात बड़ी कड़वो रे ना +रम्मा हरि के लानल्है हमरो मैयो रे ना +रम्मा करबै हम्में होकरोॅ बेटी से बिहवबो रे ना +रम्मा हम्मू जों होभै असल के जनमलो रे ना +रम्मा हम्मू चूकैय्यै लेबै बापोॅ के बदलो रे ना +रम्मा आजु दिनां देखबै होकरोॅ बलबो रे ना +रम्मा तलवरवा सें काटि होकरोॅ सिरबो रे ना +रम्मा काटि केॅ लटकैय्यै देवै पीपरवा के गछियाँ पर सिरबो रे ना +रम्मा कुंवर के सुनि के बतियो रे ना +रम्मा लचिका रानी सुनी केॅ होलै खुशवो रे ना +रम्मा लचिका के छतियाँ से बहै लागलै दुधबो रे ना +रम्मा पड़लै जायकै कुंवर के मुंहमो रे ना +रम्मा ऐसन देखि के हलवो रे ना +रम्मा तबेॅ कहेॅ लागलै रानी लचिको रे ना +रम्मा सुनोॅ नुनुआ हमरोॅ बतवो रे ना +रम्मा भागी जो तों चुपचपवो रे ना +रम्मा भेद नहीं जानौं पापी रजवो रे ना +रम्मा जबेॅ होय जैताैं राजा के मालूममो रे ना +रम्मा जित्तोॅ नै छोड़ताैं परनममो रे ना +रम्मा माता के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा तबेॅ बोलै कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा सुनोॅ मैया हमरोॅ कहनमो रे ना +रम्मा तोरोॅ चरन पर धरै मथवो रे ना +रम्मा मैया तों दे हमरा आशिशबो रे ना +रम्मा असल के जो होवै लड़कवो रे ना +रम्मा हम्में आपनोॅ बापो के लेवै बदलवो रे ना +रम्मा बिना बदला चुकैलै नै जैबै आपनोॅ देशवो रे ना +रम्मा एतना कहि केॅ बचनमो रे ना +रम्मा मैया केॅ करलकै परनममो रे ना +रम्मा तबेॅ देलकै मैया अशिरबदवो रे ना +रम्मा कुंवर ऐलै सीधा दरबरवो रे ना +रम्मा गरजी केॅ बोलै बचनमो रे ना +रम्मा हरन करि केॅ जे लानल्हे हमरोॅ मैयो रे ना +रम्मा आबी जो तों हमरोॅ सामना रे ना +रम्मा देखबै हम्में होकरोॅ सुरतियो रे ना +रम्मा जों होतै असल के पैदवो रे ना +रम्मा आवी केॅ निकलतै मैदनमो रे ना +रम्मा देलकै कुंवर ललकरवो रे ना +रम्मा देवै होकरोॅ विगाड़ी नकशवो रे ना +रम्मा सुनि केॅ कुंवर के ललकरबो रे ना +रम्मा राजा हौले जरी केॅ अंगरवो रे ना +रम्मा दै देलकै पलटन केॅ हुकुवमो रे ना +रम्मा जल्दी सें होय जो तैयरवो रे ना +रम्मा सुनी केॅ हुकुम पलटनमो रे ना +रम्मा आवी जुटलै सब मैदनमो रे ना +रम्मा टूटी पड़लै कुंवर के उपरवो रे ना +रम्मा तबेॅ कुंवर देलकै ललकरवो रे ना +रम्मा घोड़ी उड़ै आकशवा रे ना +रम्मा दोॅत सें काटी गिरावै पलटनमो रे ना +रम्मा घोड़ी पर चढ़ी केॅ कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा जैसै काटै खेत किसनमो रे ना +रम्मा वैसे काटै कुंवर सेनमो रे ना +रम्मा खुनमा से पटै धरतियो रे ना +रम्मा खतम होय गेलै सब सैनिकवो रे ना +रम्मा अकेला बचलै एक्के रजवो रे ना +रम्मा होकरोॅ काटलकै गरदन वीर रणवीरवो रे ना +रम्मा बापोॅ के चुकैलकै बदलवो रे ना +रम्मा कुंवर जीतलकै समरवो रे ना +रम्मा तबेॅ गेलै गढ़ के उपरवो रे ना +रम्मा धजवा फरैलकै कुंवर रणबीरवो रे ना +रम्मा तोड़ी देलकै सबके गुमनमो रे ना +रम्मा चल्लो गेलै महल के भीतरवो रे ना +रम्मा जहाँ छेलै रजवा के बेटीयो रे ना +रम्मा रजबा के बेटी लैकेॅ संगबो रे ना +रम्मा हीरामंती जेकरोॅ नाममो रे ना +रम्मा चमकै छैलै होकरोॅ रूपवो रे ना +रम्मा ऐलै आपनोॅ मैया के किनटवो रे ना +रम्मा हाथ जोड़ी करलकै मैया केॅ परनममो रे ना +रम्मा देलकै मैया तबेॅ आर्शीबदबो रे ना +रम्मा कुंवर मन होलै आनन्दवो रे ना +रम्मा मैया के साथोॅ में कुंवरवो रे ना +रम्मा चली देलकै आपनोॅ देशवो रे ना +रम्मा कुंवर आवी गेलै नौरंग पोखरबो रे ना +रम्मा बोलै तबेॅ कुंवर रणवीरवो रे ना +रम्मा सुनी लेॅ राजा के बेटीयो रे ना +रम्मा यै पोखरिया उपर जेतना हड्डियो रे ना +रम्मा चुनीचुनी करै तों जोअरवो रे ना +रम्मा तोरोॅ बापोॅ के करनमो रे ना +रम्मा कुंवर के सुनी बचनमो रे ना +रम्मा भोकरीभोकरी कानेॅ लागलै हिरामंती रे ना +रम्मा कथीलेॅ होलोॅ छेलै हमरोॅ जनममो रे ना +रम्मा कौनी जनमोॅ में करलोॅ छेलां पपवो रे ना +रम्मा जे आय हमरा भोगे लेॅ पड़ै रे ना +रम्मा कुंवर कहै आपनोॅ कहनमो रे ना +रम्मा जल्दी सें मानी लेॅ हमरोॅ कहनमो रे ना +रम्मा यही बातोॅ में तोरोेॅ कुशलवो रे ना +रम्मा नहीं तेॅ करवोॅ तोरोॅ दुरगतियाँ रे ना +रम्मा खींची लेवौ देहोॅ के खलवो रे ना +रम्मा कत्तो तों कानभै नै छोड़वौ जानमो रे ना +रम्मा हमरोॅ कहलोॅ मुताबिक करेॅ तों कममो रे ना +रम्मा जैसनोॅ तोरोॅ वापोॅ के मारलियो समानमो रे ना +रम्मा वैसने ���ै लेवौ तोरोॅ परनममो रे ना +रम्मा हीरामंती कानै धुनीधुनी कपरवो रे ना +रम्मा लोर पोछीपोछी भीजाबै अचरबो रे ना +रम्मा कुछु दिन के बादबो रे ना +रम्मा आवी गेलै शिवरतियाँ के दिनमो रे ना +रम्मा शिबरतियाँ के दिनमा हिरामंती सें कुंवर करलकै बिहबबो रे ना +रम्मा बाजै लागलै खुशी के बजबो रे ना +रम्मा मंगल गीत हुवै लागलै अंगनमो रे ना +रम्मा छुटी गेलै कुंवर के सब विपत्तियो रे ना +रम्मा खुशिया से रहै रानी लचिको रे ना +रम्मा पुरी गेलै सब्भै आस अरमनमो रे ना +रम्मा कुंवर रणबीरवा केॅ पिन्हलकै राज मुकुटवो रे ना +रम्मा कुंवर रणबीरवा भेलै वरप्पा के रजवो रे ना +रम्मा वीतेॅ लागलै खुशी से जीवनमो रे ना +रम्मा परजबा में भी होलै खुशियो रे ना +रम्मा खनैलकै वारोॅ कुपवो रे ना +रम्मा हरलो राज धुरी केॅ होलै रे ना +रम्मा जनता के खुशी सें राजा रहै प्रसन्नमो रे ना ।",angika-anp +"दूधी की धार मारूं माता नै +दूधी की धार मारूं माता नै कदे तू गुमानी भूल नहीं जा +याद दिलांऊ सूं अक आवैगी अब नई बहूरानी बेटा भूल नहीं जा +भाई का सुखी हो सरीर , जुग जुग जीवो मेरा बीर +याद दिलाऊं सूं अक मां जाई की या सै निसानी बीरा भूल नहीं जा",haryanvi-bgc +"जल भरन जानकी आई तीं (कुआँ-पूजन) +जल भरन जानकी आई हतीं +आई हतीं मन भाई हतीं । +कौन की बेटी कौन की बहुरिया +कौन की नारि कहाई हतीं । +जल भरन जानकी आई हतीं +आई हतीं मन भाई हतीं । +जनक की बेटी दसरथ की बहुरिया +राम की नारि कहाई हतीं । +जल भरन जानकी आई हतीं +आई हतीं मन भाई हतीं । +भावार्थ +जल भरने के लिए जानकी जी आई थीं +वे सबके मन को भा गई थीं । +वह किनकी बेटी , किनकी बहू +और किनकी पत्नी थीं ? +वे राजा जनक की पुत्री , राजा दशरथ की बहू +और श्रीराम की पत्नी थीं ।",bundeli-bns +"अंजन की सीटी में +अंजन की सीटी में म्हारो मन डोले +चला चला रे डिलैवर गाड़ी हौले हौले +बीजळी को पंखो चाले , गूंज रयो जण भोरो +बैठी रेल में गाबा लाग्यो वो जाटां को छोरो +चला चला रे . . . +डूंगर भागे , नंदी भागे और भागे खेत +ढांडा की तो टोली भागे , उड़े रेत ही रेत +चला चला रे . . . +बड़ी जोर को चाले अंजन , देवे ज़ोर की सीटी +डब्बा डब्बा घूम रयो टोप वारो टी टी +चला चला रे . . . +जयपुर से जद गाड़ी चाली गाड़ी चाली मैं बैठी थी सूधी +असी जोर को धक्का लाग्यो जद मैं पड़ गयी उँधी +चला चला रे . . . +शब्दार्थ : +डलेवर ड्राईवर +गाबा गाने लगना +डूंगर पहाड़ +नंदी नदी +ढांडा जानवर +जद जब जदी , जर और जण भी कहा जाता है +असी ऐसा , इतना",rajasthani-raj +"झरती माँदी +हाथे सरुता बगल तलेवार रोईरोई के । +रोईरोई के खोजय अपन परिवार खोजे । +नय मिलाय । +सेमी के संगमा टोरेला भजेरा । +ताना मनला मिलाय के झै करबे उजेरा ॥ +पाने ला खावय मुँह मला कारे लाल । +जादा माया झै तो करबे , +होय जाही जीव के काल +धीरे गाय ले +हाथे सरूता बगल तलेवार रोईरोई के ॥ +रोईरोई के खोजय आपण परिवार खोजे , +नय मिलाय ॥ +शब्दार्थ : सरूतासरोता , बगलबाजू में , कमर में , रोईरोईरोरोकर , सेमीसेमीफली , संगमासाथ में , टोरेलातोड़ना , भजेराछोटा बैंगन , तनातन , मनलामन को , करबेकरना , उजेराउजेला , धोखा देना , तोड़ना , मायाप्यार । +दुल्हन की सहेली कहती है अरे दूल्हे तुमने कमर में सरोता खोसा है और हाथे में तलवार रखी है । तुम तो आज के दिन राजा हो । फिर क्यों रो रोकर तू अपने मातापिता आदि परिवार को ढूँढ रहे हो । क्या वे तुम्हें नहीं मिल पा रहें हैं । सहेली दुल्हन को अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहती है देखो सेमीफली के साथ छोटे आकार के बैंगन को तो तुम तोड़ सकते हो । दोनों की भाजी बनाई जा सकती है । लेकिन तुम मन और तन मिलाकर मत तोड़ना । किसी को अधर में छोड़ मत देना । बहुत आघात लगेगा । +जिस प्रकार पान खाने से होठ लाल हो जाते है । इसी तरह ओंठों की लाली के समान तुम ज्यादा प्यार मत करना , क्योंकि अधिक प्यार जताना भी जी का जंजाल हो जाता है , यानि कष्ट प्रद हो जाता है । हे सहेली इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना । +बेवड़ करमा +कोने उजाड़े ढाती पाताल रे , +कोने रूखा उयाए । एहे राम कोण +गोड़ेवा उजाड़े धरती पाताल रे +बैगा उजाड़े रूखा राय । एहे राम कोने +शब्दार्थ : उजाड़ेकरे , धरती पाताल धरती पाताल , रूखावृक्ष , गोड़ेवागोंड , कौनेकौन । +कौन धरती की छाती पर हल चलाते हैं । और कौन लोग बिना हल चलाये पेड़ों को काटकर खेती करते हैं । गोंड लोग धरती की छाती पर हल चलाते हैं । यानि हल बैल ले खेती गोंड लोग करते है । हम बैगा लोग परंपरा से धरती की छाती पर हल नहीं चलाते । हम धरती को बेटी मानते हैं । उसकी छाती पर हल कैसे चला सकते है । यही कारण है की हम बेवड़ या वेवर खेती करेते है । पेड़ काटकर मैदान तैयार करते है । फिर पेड़ों को सुखाकर जला देते हैं । पेड़ जलकर राख़ हो जाते हैं । वर्षा होने के बाद सभी तरह के बीज मिलाकर उस खेत में छेंत देते ही । इसे वेवर खेती कहते है । जल्दी आने वाली फसलें काट लेते हैं । जिसमें कोदो , कुटकी , सावा , मक्का आदि प्रमुख हैं । आजकल बेवर खेती प्रतिबंधित हो गई है । अब बैगा भी खेत में हल चलाने लगे है ।",baiga-mis +"बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर +बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर , +नदिया किनारे महामैया भइये गेलखिन ठाढ़ि । +नैया लाउ नैया लाउ मलहा जे भाय , +पाँचो बहिन दोलिया मलहा उतारि दियौ पार । +कथी के नैया कोसी माय कथी के पतवार , +कोने विधि नैया उतारि दियौ पार । +सोना के नैया कोसी माय रूपा के पतवार , +झमकैत दोलिया उतारि दियौ पार । +खनै नैया खेवै कोसी माय खने भसियाय , +खने मलहा पूछै जाति के ठेकान । +जाति के रे छियै मलहा बाहानक बेटी , +नाम हमर छियै कासिकामाय । +आब की पूछै छह मलहा दिल के बात , +बँहिया जे छूबै मलहा कोढ़ी फूटि जाय ।",angika-anp +"कौने राज उपजै कोसी माय +कौने राज उपजै कोसी माय +लांग ते हे इलेचिया +हे मेया कौने हे राज उपजै +सरर के हे गाछ हे कौने हे राज +तिरहुत राज उपजै छै कोसी माय +लांग ते हे इलेचिया +हे मैया मोरंग हे राज कोसी माय +सरर के हे गाछ हे मोरंग हे राज +कौने डाला तोरबैय हे कोसी माय +लांग ते हे इलेचिया +हे मैया कौने हे डाला तोरबैय +सरर के हे गाछ +हे मैया कौने हे डाला +सोने डाला तोरब हे कोसी माय +लंग ते हे इलेचिया +हे मैया रूपा हे डाला तोरब +सरर के हे गाछ हे रूपा हे डाला +किए हमें करबैय हे कोसी माय +सरर के हे गाछ हे किए हे करबैय +तोरे चढ़इबऽ कोसी माय +लांग ते हे इलेचिया +हे मैया हे धूप देबऽ कोसी माय हे +सरर के हे गाछ हे धूप हे देबऽ ।",angika-anp +"अमवा पत्तो न डोलले, महुआ के पत्तो न डोलले +अमवा1 पत्तो न डोलले2 महुआ के पत्तो न डोलले । +एक इहाँ डोलले सुगइ सेज हे बेनियाँ ॥ 1 ॥ +हरे रँग के बेनियाँ , आँचर3 लगल मोतिया । +सुरुजे देलन जोतिया ॥ 2 ॥ +आग आने4 गेलिअइ5 हम सोनरा के घरवा । +कउनी6 रे बैरिनियाँ चोरयलक7 मोर हे बेनियाँ ॥ 3 ॥ +गेलिअइ हम ननदोहि बनके8 पहुनमा । +अरे , ननदोसिया के पलँग देखली अपन बेनिया ॥ 4 ॥ +मारबो हे धनियाँ हम कादो9 में लेसरि10 के । +अरे , हमरे बहिनियाँ के लगैलऽ11 काहे12 चोरिया ॥ 5 ॥ +सेजिया बिछायब तहाँ धनि पयबइ13 । +अरे , मइया के जनमल बहिनियाँ कहाँ पयबइ ॥ 6 ॥",magahi-mag +"गाँव का पंचून सोचे बात, श्रमदान मा देणहात +गाँव का पंचून सोचे बात , श्रमदान मा देणहात । +हात की साबली हात रैन , परवाणा देखी छक्का छुटी गैन । +पाड़ से जुइयां एक छंदा जवान , साबली चलौंदा जना काबुली खान +जनतान इनु करे यो सांसो , ये पाड़ तोड़ला हम जनु काँसो । +ये काम से न हम म���ख मोड़ला , पड़ तैं हम हातून फोड़ला । +घणु की चोटुन पाड़ थर्राए , डाँडू वीठू मा सड़क आए ।",garhwali-gbm +"रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +माय कोन्जय राजो +माय कोन्जय राजो +दिना का निकालयो ताता पानी से जिमी लेवा +दिना का निकालयो ताता पानी से जिमी लेवा +माय कि मोनई राजो का दिन का बासी पानी से मुँह धोवे +माय कि मोनई राजो का दिन का बासी पानी से मुँह धोवे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय काडो +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +रुमूकू झूमूकू कोन्जय मारे +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी। +भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी1 । +पीहड़ी पिच्छे पिछावाड़े रहि गई , +हत्थ विच्च रहि गई जुट्टी । +अग्गे चरखा पिच्छे पीहड़ा , +मेरे हत्थों तन्द तरूटी2 । +भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी । +दाज जवाहर असाँ की करना , +जिस प्रेम कटवाई मुठ्ठी । +उहो चोर मेरा पकड़ मंगाओ , +जिस मेरी जिन्द कुट्ठी । +भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी । +भला होया मेरा चरखा टुट्टा , +मेरी जिन्द अजाबों छुट्टी । +बुल्ला सहु ने नाच नचाए , +ओत्थे धुम्म कड़ कुट्टी3 +भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी ।",panjabi-pan +"आल्हा ऊदल +बज पड़ गैल आल्हा पर ओ पर गिरे गजब के धार +जब से ऐलों इन्द्रासन से तब से बिदत भैल हमार +पिल्लू बियायल बा खूरन में ढालन में झाला लाग +मुरचा लागि गैल तरवारन में जग में डूब गैल तरवार +आल्हा लड़ैया कबहीं नव् देखल जग में जीवन में दिन चार +एतना बोली डेबा सुन गैल डेबा खुसी मंगन होय जाय +खोलै अगाड़ी खोलै पिछाड़ी गरदनियाँ देल खोलाय +जीन जगमियाँ धर खोले सोनन के खोलै लगाम +पीठ ठोंक दे जब घोड़ा के घोड़ा सदा रहव कलियान +चलल जे राजा डेबा ब्राहमन घुड़ बेनुल चलल बनाय +घड़ी अढ़ाई का अन्तर में रुदल कन पहुँचल जाय +देखल सूरत घुड़ बेनुल के रुदल बड़ मंगन होय जाय +देहिया पोंछे जब घोड़ बेनुल के रुदल हँस के कैल जनाब +हाथ जोड़ के रुदल बोलल घोड़ा सुन ले बात हमार +तब ललकारें रुदल बोलल डेबा मंत्री के बलि जाओ +घोड़ा बेनुलिया तैयारी कर जलदी बोल करव् परमान +घोड़ा पलाने डेबा ब्राहमन रेसम के भिड़े पलान +चोटी गुहावे सोनन से चाँदी खील देल मढ़वाय +पूँछ मढ़ावल हीरा से महराजा सुनीं मोर बात +सात लाख के हैकलवा है घोड़ा के देल पेन्हाय +एतो पोसाक पड़ल घोड़ा के रुदल के सुनी हवाल",bhojpuri-bho +"होरी खेलूँगी तोते नाय +होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ +उड़त गुलाल लाल भए बादर , भर गडुआ रंग को डारूँ +होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला , पाग झगा तरी फारूँ +औचक छतियन हाथ चलाए , तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ ।",bhadrawahi-bhd +"107 +हीर वत के1 बेलयों घरीं आई मां बाप काजी सद लयांवदे ने +दोवें आप बैठे अते वि काजी अते साहमणे हीर बहांवदे ने +बची हीर तैनूं असीं मत देंदे मिठी जबान नाल समझांवदे ने +चाक चोबरां नाल ना गल कीजे एह मेनहती केहड़े थाउं दे ने +चरखा डाहके आपने घरीं बहिए सुघड़ गाउं के जी परचांवदे ने +लाल चरखड़ा डाहके छोप पाईये कहीए सोहने गीत झनाब दे ने +नीवीं नजर हया के नाल रहिये तैनूं सभ सयाने फरमांवदे ने +चूचक सिआल होरी हीरे जाणनी ए सरदार ते पंच गरांव दे ने +शरम मापियां दी वल धयान कीजे शानदार एह जट सदांवदे ने +बाहर फिरन ना सोंहदा कवारियां नूं अज कल लागी घर आंवदे ने +ऐथे वयाह दे सब समान होये खेड़े पये बना2 बनांवदे ने +वारस शाह मियां चंद रोज अंदर खेड़े जोड़ के जंझ लयांवदे ने",panjabi-pan +"सबु कि बौ, बदेणि बौ +सबु कि बौं1 , बदेणि2 बौ +त्यारो घुँघरू बाज्यो छम । +धणा गौं का बाठा औंदी तु बाँदी +दुहाते3 माया4 बाँटदी जाँदी +गजब कदी तू आँख्यौंन खाँदी +इतरि नि छै तू जमकम । +हातु नि पकड़ंदी , भुयाँ नी धरेंदी +क्वी धड़ि आँख्यौंन फंुडुनी करेंदी +तरसेंद त्वै पर , जै भी दिखेंदी +चालिसि चंचल चमचम । +बीच बजार मा मेलो लग्यूँ च +हर कौथगेर5 त्वे पर मर्यूँ च +खौल कि तेरो खिरचा खत्यूँ च +खिरचा खत्यूँ च छम छम ।",garhwali-gbm +"24 +नढी सयालां दी व्याहके लयावसां मैं करो बोलियां नाल ठठोलियां नी +बहे घत पीढ़ा वांग रानियां दे अगे तुसां जेहियां होवन गोलियां नी +मझू वाह विच बोड़ीए भाबियां नूं होण तुसां जहियां बड़बोलियां नी +वारस बस करो असीं रज रहे भर दितियां जो तुसां झोलियां नी",panjabi-pan +"बिहुला कथा +मनसा पूजा तथा बिषहरी चरित्र +बिहुला कथा +प्रथम खण्ड +दूसरा भाग +तीसरा भाग +चौथा खण्ड +पांचवां खण्ड +छठवां खण्ड +सातवां खण्ड +आठवां खण्ड +नवाँ खण्ड",angika-anp +"आपियां जूमू चोजमा बाई +आपियां जूमू चोजमा बाई +आपियां जूमू चोजमा बाई +आपियां जूमू जा राजा +सारीली डो बोरोली रे +ऐ सारीली डो ऐ बोरोली रे +आपियां सन्टी इयां रानी केन +बावड़ी कुआं बोचो मारे +ऐ राजा जा ऐ राजा +आपियां सन्टी आमा रानी केन +बावड़ी कुआन जा बाक�� बोचो +ऐ राजा जा ऐ राजा +आलीन जा बातो चलना जा रानी मारे +स्रोत व्यक्ति मुलायम , ग्राम भोजूढाना",korku-kfq +"496 +साह काला ते होठां ते लहू लगा किसे नीली नूं ठोकरां लाइयां नी +किसे हो वेदरद लगाम दिती अडियां वखियां विच चुभोइयां नी +ढिला होए के किसे मैदान दिता , लाइयां किसे महबूब सफाइया नी +वारस शाह मियां होनी हो रही हुन केहियां रिंकतां1 चाइयां नी",panjabi-pan +"बीबी तो म्हारी जैसे चन्दा चकोर +बीबी तो म्हारी जैसे चन्दा चकोर +लाडो तो मांगे म्हारी हाथी का दान +हस्ती का दान तेरा बाबा जी देगा +बाबल जी देगा +म्हारे पै तो हैंगे लक्ख चार +हे री लक्ख चार +लाड्डो तो म्हारी जैसी चन्दा चकोर",haryanvi-bgc +"हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी +हे री सासड़ आजपाणी नै जांगी घल रह्या खटकै का डोल +हे री मन्ने झट दे दोघड़ तारी पास्या खटके का डोल +हेरी एक राही जांदा बटेऊ दीखै माई जाया बीर +रे कूएं की पनिहारी इक घूंट नीर पिलादे +रे बीरा एक बर घर नै चाल प्याद्यूंगी गऊआं का दूध +ए बहू आज पाणी नै गई थी ल्याई किस ने साथ +ए री सासड़ झट दे दोघड़ तार आया मेरा माई जाया बीर +हे री सासड़ एक बार दूध पिला दे पीवै माई जाया बीर +रे बीरा एक बर घर ने चाल पूछूं घर कां की बात +ए बेबे घर के राजी खुसी सैं मरगी बुड्ढिया सी मां +रे बीरा तारूं हार सिंगार हो ल्यूं रे तेरी साथ +रे बीरा चलदी के गोडे टूटे कित सी आवै रे गाम +गोरी तावली तावली चाल आजा ले ल्यूं अपण रे साथ +ए री माता खोलो अजड़ किवाड़ ल्याया पतंगा सी नार +रे बेटा किसका बस्या उजाड्या किस का कर आया नास +ए री माता ना मन्ने बस्या उजाडा ना मैं कर आया नास +री माता कूएं पे जल ने भरै थी होली म्हारी साथ +हे री मायड़ जल नै भयं थी बण गया माई जाया बीर +ए रे जित ल्याया उत छोड़ आ ना कर द्यूंगी तेरा नास",haryanvi-bgc +"बरसय जी बाबू, रिमझिम बुँदवा +बरसय जी बाबू , रिमझिम बुँदवा , बरसय जी ॥ 1 ॥ +हाथी साजूँ , घोड़ा साजूँ , साजूँ बरियतिया । +साज देहु जी बाबा , दँड़िया1 सवरिया , साज देहु ॥ 2 ॥ +हाथी के पाँव घइले मामा2 खड़ी है , सुन लेहु जी । +बाबू हमरी बचनियाँ , सुन लेहु जी ॥ 3 ॥ +कइसे में सुनिओ मामा , तोहरी बचनियाँ । +जा हियो3 जी मामा , धनि के उदेसवा4 । +बियाहन5 को मामा , राजा बंसी6 बेटिया ॥ 4 ॥",magahi-mag +"परोस दिये भाजी लड्डू पूरी पकवान जी +परोस दिये भाजी लड्डू पूरी पकवान जी +जीमो जीमो समधी पंच पकवान जी +बताओ बताओ समधी अपनी बात जी +मां हमारी चांदनी और बाबुल पूनो का चांद जी +हमारे सारे भाई राज कुंवर बहन रानी राधिका जी +बहू हमारी चम्पा की कली सोभा है रनिवास की +मां तुम्हारी नटनी और बाप तुम्हारा बटुआ जी +तुम सारे भाई बनजारे बहन तुम्हारी बांदियां सी जी",haryanvi-bgc +"बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल +बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल +गोबर छिड़का भोली रााी भोंपड़ी धरती में हुवाए लिपाव +बड़ए बगड़तै सती रानी नीसरी भर गीव्हां की हेल +गीहव छिड़का भोली राणी भोंपड़ी धरती में राख्यो ए बीज +बड़ाए बगड़तै सती राणी नीसरी भर लोटा जल नीर +गड़वा तो छिटका भोंपड़ी धरती हुयाए सिलाव",haryanvi-bgc +"तेल पेडोनी +तरी नानी तरी नानी तरी तरी नानी , +नानर नानी , नानर नानी , तरी नानर नाना रे नान । +दादर ऊपर दादर ऊपर घानी चालत है रे । +अर पेड़ों तेलया राई सरसोक तेल , दैया मोरे +पेड़तपेड़तपेड़तपेड़त । 2 +कनिहा लरख गय । 2 +टूटी गये घानी के रे खां , दैया मोरे +घानी के टूटेटूटे जूड़यों जाही रे +घानी के टूटेटूटे जूड़यों जाही रे +शब्दार्थ –दादरपठार , ऊँचे स्थान पर , घानीतेल फेरने का यंत्र , तेलियाटेली , कनिहाकमर , लरख कुसका , खामखम्ब । +तेल पेडोनी एक रस्म भी है और एक हँसीमज़ाक का अवसर भी है , पठार पर तेल घानी चलती है । तेल पेरने वाले तेली से कहा जा रहा है – अरे भाई तू जल्दी से राई सरसों , जगनी तितली का तेल पेर दो । तेली कहता है तेल फेरते मेरी कमर में कुसका लग गया है , कमर अकड़ गई है । दूसरा घानी का खम्बा भी टूट गया है । अब तेल पेरना मुश्किल है । +अरे भाई तेरी टूटी घानी ठीक हो जाएगी । तेरी कमर भी ठीक हो जाएगी । तू जल्दी तेल निकाल दे । हमें देर हो रही है । तब तेली कहता है टूटी घानी तेल पेरूँगा तो सारा तेल जमीन में गिर जाएगा । तुम्हारे हाथ में कुछ भी नहीं लगेगा । यह गीत चलता रहता है और इसी समय हँसीमज़ाक के लिए दोसी , टेड़ा और सुआसा एक स्वांग तमाशा करते हैं । छर घास की बनी झाड़ू को उठाकर दो आदमी दोनों तरफ से कसकर पकड़ते हैं । एक तरफ दोसी दूसरी तरफ सुआसा । उस पकड़कर ऐंठते है , खींचाखाची करते है , जैसे तेल निकाल रहे हों । ऊपर से एक आदमी पानी डालता है । तब ऐंठने वाले कहते हैं देखो तेली तो तेल नहीं निकाल रहा है । हम जमकर तेल पे रहे हैं । इतना कहते ही सारे उपस्थित बैगा बच्चे बूढ़े और महिलाएं हँसहँसकर लोटपोट हो जाते हैं ।",baiga-mis +"408 +वांदी हो के चुप खलो रही ऐं सहती आखदी खैर ना पायो कयों +एह तां जोगीड़ा नीच कमजात कंजर , एस नाल उठ भैड़ मचाया कयों +आप जा के देह जे हई लैंदा घर मौत ऐ घत फसायो कयों +मेरी पान पत एस ने लाह सुटी जान बुझ बेशरम करायो कयों +मैं तां एसदे हथ विच आन फाथी मास शेर दे हथ फहायो कयों +वारस शाह मियां एस मोरनी दे दुआले लाएके बाज छुडायो कयों",panjabi-pan +"वर शृँगार +मोड़ मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +पागा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +झूल मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +धोती मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +मुजा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +तरवार मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +मुजड़ि मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना । +वर शृँगार सामग्री बाजार से क्रय कर लाने के लिये दूल्हे को कहा गया है हे चतुर बना मौर क्रय कर जल्दी आओ । इसी प्रकार सभी वस्तुओं को क्रय करने के बारे में कहा गया है ।",bhili-bhb +"उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कागला +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +म्हारा , काळा रे कागला +कद म्हारा पीव्जी घर आवे +कद म्हारा पीव्जी घर आवे , आवे र आवे +कद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे म्हारा काळा र कागला +कद माहरा पीव्जी घर आवे +खीर खांड रा जीमण जीमाऊँ +सोना री चौंच मंढाऊ कागा +जद म्हारा पिव्जी घर आवे , आवे रे आवे +उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे +म्हारा काळा र कागला +कद माहरा पीव्जी घर आवे +पगला में थारे बांधू रे घुघरा +गला में हार कराऊँ कागा +जद महारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +महारा काळा रे कागला +कद महारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ र महारा काला र कागला +कद महरा पिव्जी घर आवे +जो तू उड़ने सुगन बतावे +जनम जनम गुण गाऊँ कागा +जद मारा पिव्जी घर आवे , आवे र आवे +जद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे महारा काळा रे कागला +कद म्हारा पिव्जी घर आवे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे +उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कगला +जद म्हारा पिव्जी घर आवे",rajasthani-raj +"बागां के मैं मत जाइये नार सैन मार तक लेगा +बागां के मैं मत जाइये नार सैन मार तक लेगा +सनकतरा सा गात नार कोए आग बाल सिक लेगा +गांला मैं मत जाइयो नार को परदेसी तक लेगा +सनकतरा सा गात नार कोए आग बाल सिक लेगा +हरी कन्नी लाल कन्नी या कन्नी असमानी +इस बीर नै कुछ मत कहियो या सै बीर बिराणी",haryanvi-bgc +"97 +वलौ बसतलाहि रिज़क अलअबादा1 रज खाए के मुसतिआं चाइयां नी +कुलू वशरबू दा सी अमर होया ला तुसरे फू2 फुरमाइयां नी +किथों पचण इहनां मुशटंडियां नूं नित खांवदे दुध ���लाइयां नी +रिज़क रब्ब देसी असीं उठ चले लगा करन हुण ऐड चवाइयां नी +वमामिन बहिश्त फिलअरज3 होया आहे लै सांभ मझीं घर आइयां नी",panjabi-pan +"266 +साबत हुंदी लंगोटी जे सुनीं नाथा काहे झगड़ा चा उजाड़दा मैं +जीभ इशक थीं चुप जे रहे मेरी ऐडे पाड़ने कास नूं पाड़दा मैं +इस जिऊ नूं नढी ने मोह लया नित फकर दा नाम चितार दार मैं +जिऊ मार के रहन जे होवे मेरा ऐडे मामले कासनूं धारदा मैं +जे मैं मसत उजाड़ विच जा बैंहदा महीं सयाल दियां कासनूं चारदा मैं +सिर रोड करा क्यों कन्न पाटन जेकर किबर1 हंकार नूं मारदा मैं +जे मैं जानदा कन्न तूं पाड़ देने इह मुंदरां मूल ना धारदा मैं +जे मैं जानदा इशक थीं मना करना तेरे टिले ते धार ना मारदा मैं +इके कन्न सवार दे फेर मेरे नहीं घतूंगु धौंस सरकार दा मैं +होर कम नहीं सी फिकर होवने दा इक वारस रखदा हां गम यार दा मैं",panjabi-pan +"351 +इस पद्य में हिकमत की पुस्तकों के नाम हैं +फरफेजिया बीर बतालिया वे औखे इशक दे झारने पावनैं वे +नैंन वेखके मारना एं फूक साहवीं सुते प्रेम दे नाग जगावनैं वे +कदों यूसफी तिब मीजान पढ़यों दसतूर इलाज सिखावनैं वे +किरतास सकदरी तिब अकबर ते जखीरयों बाब सिखावनैं वे +कानून मूजब तोफा मोमनी भाते कफाफाया मनसूरी थी पावनैं वे +कराबादीन सफाई ते कादरी भी अते नाथयां इनसान पढ़ जावनैं वे +रतन जोत ते शाख मलमात सोझन दे गंग जती आवनैं वे +फलसूर जहान दियां असी रन्नां साडे मकर दे भेत किस पावनैं वे +अफलातून शागिरद गुलाम अरस्तू लुकमान तों पैर धुवावनैं वे +गलंा चा वबा दियां बहुत करन एह रोग ना तुध थीं जावनैं वे +इनां मकरियां तों होवे कौन चंगा ठग फिरदे रन्न वलावनैं वे +जेहड़े मकर दे पैर खलार बैठे बिना फाट खाधे नहीं जावनैं वे +मुंह नाल कहयां जेहड़े जान नाहीं हड गोडड़े तिनां भनावनैं वे +वारस शाह एह मार है वसत ऐसी जिन्न भूत ते दयो निवावनैं वे",panjabi-pan +"सुआ गीत-2 +तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना +तिरिया जनम झन देव +तिरिया जनम मोर गऊ के बरोबर +रे सुअना +तिरिया जनम झन देव +बिनती करंव मय चन्दा सुरुज के +रे सुअना +तिरिया जनम झन देव +चोंच तो दिखत हवय लाले ला कुदंरु +रे सुअना +आंखी मसूर कस दार . . . +सास मोला मारय ननद गारी देवय +रे सुअना +मोर पिया गिये परदेस +तरी नरी नना मोर नहा नारी ना ना +रे सुअना +तिरिया जनम झन देव . . .",chhattisgarhi-hne +"पटना से बैदा बोलाई द्या नजरा गैली गोरिया +साभार : सिद्धार्थ सिंह +पटना से बैदा ��ोलाई द्या नजरा गैली गोरिया +काहे से आएं बैदा बेटौना , +काहे से आई दवाई रे , नजरा गैली गोरिया +मोटर से आएं बैदा बेटौना , +टेम्पो से आई दवाई रे , नजरा गैली गोरिया +बैदा बेटौना पलंग चढ़ी बैठो , +नाड़ी का रोग बताओ रे , नजरा गैली गोरिया +न इनके गर्मी न इनके सर्दी , +इनके तो चढ़ी है मोटाई रे , नजरा गैली गोरिया",awadhi-awa +"472 +हीर आखया जायके खोल बुकल उहदे वेस नूं फूक वखावनी हां +नैनां चाड़के सान ते करां पुरजे कतल आशकां दे उते धावनी हां +अगे चाक सी खाक कर साड़ सुटां उहदे इशक नूं सिकल1 चड़ावनी हां +ऊहदे पैरां दी खाक हैं जान मेरी जीउ जानथी घोल घुमावनी हां +मोया पया है नाल फिराक2 रांझा ईसा वांग मुड़ फेर जवावनी हां +वारस शाह पतंग नूं शमा उते अग लायके वेख जलावनी हां",panjabi-pan +"असमानों उत्तरी इल्ल वे (ढोला) +असमानों उत्तरी इल्ल वे +तेरा केहड़ी कुड़ी उत्ते दिल वे +सभ्भे ने कुआरियाँ , जीवें ढोला +ढोल मक्खना +दिल परदेसियाँ दा राज़ी रखना +भावार्थ +' आकाश से चील उतरी +अरे तुम्हारा किस युवती पर दिल है ? +सभी कुंवारी हैं +जीते रहो , सजन +ओ सजना ओ मक्खन +परदेसीओं का दिल राज़ी रखना '",panjabi-pan +"पाण्डव जन्म +परगट ह्वै जान , परगट ह्वै जान , +परगट ह्वै जान , पाँच भाई पंडऊं1 । +परगट ह्वै जान कोन्ती माता , +परगट ह्वै जान राणी द्रोपता । +कोन्ती माता होली पंडौं की माता , +नंगों कू बस्तर देंदी , भूकों को अन्न । +नंगों देखीक वस्त्र नी लांदी , +भूकों देखीक खाणू नी खाँदी । +कोन्ती माता होली धर्म्याली माता , +बार बरस तैं करदी रै दुर्बासा की सेवा +तब रिषि दुर्बासा परसन्न ह्वैन , +कोन्तीं माता तैं पुत्र बरदान दीने +तेरा पाँच पुत्र होला छेतरी2 माल3 , +काटीक नी कटोन मारीक नी करोन । +तब पाँच मंत्र रिषीन दीन्या , +रण लैगे कोन्ती तब मैत4 घर । +एक दिन धर्म्याली तीर्थ नहेन्दी , +सूरज तैं वा पाणी चढ़ौंदी । +मंत्र जाप करे तब वीन +प्रभु की लीला छई , कर्ण पैदा ह्वैगे +बार वर्ष पढ़े मातान धर्म मंत्र , +धर्म मंत्र पढ़ीक ह्वै गैन धर्मराज +बार वर्ष पढ़े मातान वायु मंत्र , +पैदा ह्वैन तब बली भीमसण +बार वर्ष करे मातान इन्द्र को जाप , +पैदा ह्वै गैन हाँ जी , अजुन धनुर्धारी +तब बार वर्ष पढ़े मातान पाँडु मंत्र , +त पैदा ह्वैन नकुल कुँवर +बार वर्ष पढ़े माता ने ब्रह्म मंत्र , +पढ़ीक कनो ह्वैगे सहदेव ब्रह्म +पाँच पुत्र पंडौ छा कुन्ती का , +धरती की शोभा छया , देवतौं माण्याँ +धर्मराज युधिष्ठर होला धर्म का ज्ञानी , +जौन गरीब नी संतायो , बुरो नी मप्यायो +बंध्या रैन जु धर्म की डोरी , +धर्मराज होला सत का पुजारी +अरजुन राजा होलू बीर भारी , +कृष्ण सारथी जैका रैन +वैका बाण बैरियों का काल , +वैको गुस्सा जिन्दड़ी5 को ज्यान6 +कनो होलो स्यो वीर विभीषण7 , +सौ मण की गदा होली नौ मन की ढाल +आगी को खेलाड़ी होलो बीर , +ऐड़ी हत्यारी8 को पैरवारी9 +जंगल जंगल भाबर10 , भाबर +होईन बीरु , तुमूक प्यारा । +बार मास रये , बणवासी जोगी , +कंदमूल खैक , दिन बितैन । +दुरजोधन छयो , कौरव राजा , +हस्तिनापुर को राज , पंडौं नी देन्दू । +लोराछापरसी , तब पंडोऊँ , +बणूबणू रीड़दा छा , लूकीलूकीक । +ऊँक तैं धाम नी छौ , नी छौ पाणी , +पेट की नी छै , रुड़ी11 सी बणाँग , +भूक नी छै , तीस ऊँकू ।",garhwali-gbm +"त्यरि म्यरि च जोड़ी +त्यरि म्यरि च जोड़ी कैमा न बिंगै1 दे , +सौंजङ्2 यौं कि छ्वीं3 छन तू छ्वीं न लगै दे । +इनी छ्वीं लंगौणू मन बोद भारी , +बिस बणलो अमरित स्वीसै न करै दे । +कैका दिख्याँ मी पर न मारी तु गारी , +मी जनई पँथेरम् पाणी न खले दे । +धौडाँदि द्वफरी4 मा बँशुली बजौलो , +तू मोरि बटि भैने कु मुक न पल दे । +कमि आँखि टलपल रर्ग्याट करली , +क्वी पूँछलो आँसू आँख्यौं मा लुकै दे । +त्यरिइ तरौं भलि स्वाणि5 छन तेरि डाँडी , +ज्यू झुरैकी तौकी शोभा न जगै दे ।",garhwali-gbm +"7 +हुकम1 मन्न के सजनां प्यारयां दा किस्सा अजब बहार दा जोड़या ए +फिकरा जोड़ के खूब दरूसत कीता नवां फुल गुलाब दा तोड़या ए +बहुत जीउ दे विच तरतीब करके फरहाद पहाड़ नू फोड़या ए +सभा वीन के जे़ब बना दिता जेहा अतर गुलाब नचोड़या ए",panjabi-pan +"ईसुरी की फाग-2 +बैठी बीच बजार तमोलिन । +पान धरैं अनमोलन । +रसम रीत से गाहक टेरै , बोलै मीठे बोलन +प्यारी गूद लगे टिपकारी , गोरे बदन कपोलन +खैर सुपारी चूना धरकें , बीरा देय हथेलन +ईसुर हौंस रऔ ना हँसतन , कैऊ जनन के चोलन +भावार्थ +अपने द्वार बैठी तुम तमोलन अनमोल पान धरे हो । रम्य रीति से ग्राहकों को बुलाती हो और मुस्कराती हो तो तुम्हारे +गाल पर जो फोड़े का निशान रह गया है , वह कितना प्यारा लगता है । जब चूना , कत्था , सुपारी मिलाकर पान किसी +की हथेली पर रखती हो तो किसको होश रह जाता होगा ।",bundeli-bns +"झनकारो झनकारो झनकारो +झनकारो झनकारो झनकारो +गौरी प्यारो लगो तेरो झनकारो २ +तुम हो बृज की सुन्दर गोरी , मैं मथुरा को मतवारो +चुंदरि चादर सभी रंगे हैं , फागुन ऐसे रखवारो । +गौरी प्यारो… +सब सखिया मिल खेल रहे हैं , दिलवर को दिल है न्यारो +गौरी प्यारो… +अब के फागुन अर्ज करत हूँ , दिल कर दे मतवारो +गौरी प्यारो… +भृज मण्डल सब धूम मची है , खेलत सखिया सब मारो +लपटी झपटी वो बैंया मरोरे , मारे मोहन पिचकारी +गौरी प्यारो… +घूंघट खोल गुलाल मलत है , बंज करे वो बंजारो +गौरी प्यारो लगो तेरो झनकारो २",kumaoni-kfy +"रनुबाई का अंगणा मऽ ताड़ को झाड़ +रनुबाई का अंगणा मऽ ताड़ को झाड़ +माता ताड़ को झाड़ , वहाँ रहे देवी को रहेवास । +माता आड़ी रूळतो घागरो , न कड़ी रूळता केश , +माता गोदी लियो बाजुड़ो , न पेळो पेरी जाय ।",nimadi-noe +"कत दिन मधुपुर जायब, कत दिन आयब हे +कत1 दिन मधुपुर जायब , कत दिन आयब हे । +ए राजा , कत दिन मधुपुर छायब , 2 मोहिं के बिसरायब हे ॥ 1 ॥ +छव महीना मधुपुर जायब , बरिस दिन आयब हे । +धनियाँ , बारह बरिस मधुपुर छायब , तोहंे नहिं बिसरायब हे ॥ 2 ॥ +बारहे बरिस पर राजा लउटे3 दुअरा4 बीचे गनि5 ढारे6 हे । +ए ललना , चेरिया7 बोलाइ भेद पूछे , धनि मोर कवन रँग हे ॥ 3 ॥ +तोर धनि हँथवा के फरहर , 8 , मुँहवा के लायक9 हे । +ए राजा , पढ़ल पंडित केर10 धियवा , तीनों कुल रखलन11 हे ॥ 4 ॥ +उहवाँ12 से गनिया उठवलन , अँगना बीचे गनि ढारे हे । +ए ललना , अम्माँ बोलाइ भेद पुछलन , कवन रँग धनि मोरा हे ॥ 5 ॥ +तोर धनि हँथवा के फरहर , मुँहवा के लायक हे । +ए बबुआ , पढ़ल पंडित केर धियवा , तीनों कुल रखलन हे ॥ 6 ॥ +उहवाँ से गनिया उठवलन , ओसरा13 बीचे गनि ढारे हे । +ए ललना , भउजी बोलाइ भेद पुछलन , धनि मोरा कवन रँग हे ॥ 7 ॥ +तोरो धनि हँथवा के फरहर , मुँहवा के लायक हे । +बाबू , पढ़ल पंडित केर धियवा , तीनों कुल रखलन हे ॥ 8 ॥ +उहवाँ से गनिया उठवलन , सेजिया बीचे गनि ढारे हे । +ए ललना , धनियाँ बोलाइ भेद पुछलन , तुहूँ धनि कवन रँग हे ॥ 9 ॥ +अँगना मोरा लेखे14 रनबन15 दुअरा कुँजनबन16 +ए राजा , सेजिया पर लोटे काली नगिनिया , रउरे17 चरन बिनु हे ॥ 10 ॥",magahi-mag +"जय जय बोला जय भगोती नंदा (धार्मिक गीत) +जय जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलास की जय +जय जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलास की जय +जय बोला तेरु चौसिंग्या खाडू , तेरी छंतोळी रिंगाळ की जय +जय बोला तेरु चौसिंग्या खाडू , तेरी छंतोळी रिंगाळ की जय +जय जय बोला . . . . . . . +काली कुलसारी की , देवी उफरांई की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +बगोली का लाटू की , हीत बिणेसर की +नंदा राज राजेश्वरी . . . +बीड़ा बधाण की , जमन सिंह जदोड़ा की , कांसुआ कुवंरुं की . . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +जय जय बोला , माता मैणावती , तेरा पिताजी हेमंता की जय . . . +जय बोल�� जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलासा की जय . . . +जय बोला . . . . . +नौटी का नौट्याळूं की , सेम का सेम्वाळूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +देवल का देवळ्यूं की , नूना का नवान्यूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +देवी नंदकेसरी की , छैकुड़ा का सत्यूं की , बाराटोकी बमणूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +जय जय बोला दशम द्वार डोली , डोली कुरुड़ हिंडोली की जय . . . +जय बोला जय भगोती नंदा , नंदा उंचा कैलासा की जय . . . +जय बोला . . . . +डिमर का डिमर्यूं की , मलेथा मलेथ्यूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +तोती का ड्यूंड्यूं की , खंडूड़ा खंडूड़्यूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +नैणी का नैन्वळ्यूं की , गैरोळा थपल्यळ्यूं की , चेपड़्यूं का थोकदारूं की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +जय जय बोला हीत घंड्याळ , तेरा न्योज्यां निसाण की जय . . . . +जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . +जय बोला +लाता की मल्यारी की , शैलेसर बनोली की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +मनोड़ा मनोड्यूं की , देवराड़ा देवरड्यूं की . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +चमोळी कंड्वळूं की , चौदा सयाणों की , द्यो सिंह भौ सिंह की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +जय जय बोला तांबा का पतार , तेरा रिंगदा छतारा की जय . . . . +जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . +जय बोला +नैनीताल अल्मोड़ा की , रणचूला बैजनाथ की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +कोटमाई डंगोली की , दानपुर सनेती की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . . +बदिया बागेसुर की , मारत्वोली जोहार की , छलमिलम मकाया की . . . +नंदा राज राजेश्वरी . . . +जय जय बोला ईष्ट देवी नंदा , नंदा कुमौ गढ़्वाळ की जय . . . +जय बोला जय भगोती नंदा . नंदा उंचा कैलासा की जय . . . +जय बोला",garhwali-gbm +"मउर सउंपे के गीत +पहिरव दाई +पहिरव दाई हो सोन रंग कपड़ा +हो सोन रंग कपड़ा +सौंपव दाई मोर माथे के मउर +मउर सोपत ले +मउर सोपत ले दाई बइहा झन डोलय +दाई बइहा झन डोलय +डोलय दाई मोर माथे के मउर +तोरे वो कोखन में +तोरे वो कोखन में दाई बेटा वो बने हंव +दाई बेटा वो बने हंव +हंसी हंसी दाई मोर सौंपव वो मउर +दस वो अंगुरिया +दस वो अंगुरिया मोर माथे वो मड़इले +दाई माथे वो मड़इले +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर +धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर",chhattisgarhi-hne +"काये कटोरी में बटणां काये कटोरी में तेल +काये कटोरी में बटणां काये कटोरी में तेल +रूप कटोरी में बटणां , सूण कटोरी में तेल +हठ म्हारी लाडो बैठी बटणा +तेरी लाडो मां सुहागण पांय ना दे छीकै पांय ना दे +पांय ना दे सुहागण अणन्द बधावा हो +तेरी लाडो सास छिनलिया छीकै पाएं धरैगी +रिपट पड़ेगी टूटैं सोकण के हाड +काहे कटोरी में बटणां काहे कटोरी में तेल +ऐत लाडो बैठा बटणां +सूने कटोरी में बटणां रूप कटोरी में तेल +ऐत लाडो बैठा बटणां +आ मेरी दादी देख ले आ मेरी अम्मां देख ले +तुम देखियां सुख होय +ऐत लाडो बैठा बटणां +आ मेरी बुआ देख ले आ मेरी मामी देख ले +तमरे घणे मण चाय +ऐत लाडो बैठा बटणां",haryanvi-bgc +"462 +मगर तितरां दे अन्ना बाज बाज छुटा जा चम्बड़े दाद1 पतालूयां नूं +अन्ना घलया अम्ब अनार वेखन जा लगा ए लैन कचालूयां नूं +घलया फुल गुलाब दे तोड़ लयावी जा चमड़े तत समालूयां2 नूं +अन्ना मुहरे लाया काफले दे लुटवाया साथ दयां चालयां नूं +वारस शह तनूर विच दब बैठा अना घलया रंगन सालूयां नूं",panjabi-pan +"कैसो च भंडारी तेरा मलेथ? +कैसो च भंडारी तेरा मलेथ ? +देखी भलौ ऐन सैवो मेरा मलेथ +लकदी गूल मेरा मलेथ +गाँऊँ मूड़ को घर मेरा मलेथ +पालंगा की बाड़ी मेरा मलेथ +लासणा की क्यारी मेरा मलेथ +गाइयों की गोठ्यार मेरा मलेथ +भैंसी को खुरीक मेरा मलेथ +बांदू का लड़क मेरा मलेथ +बैखू का ढसक मेरा मलेथ +भावार्थ +' ओ भंडारी राजपूत , कैसा है तेरा ' मलेथ ' गाँव ? +देखने में भला लगता है , साहबो , मेरा मलेथ । +ढलकती नहीं है वहाँ , मेरा मलेथ । +गाँव की निचान में घर है मेरा , मेरा मलेथ । +पालक की बाड़ी है , मेरा मलेथ । +लहसुन की क्यारी है , मेरा मलेथ । +गौओं की गोठ है , मेरा मलेथ । +भैंसों की भीड़ है , मेरा मलेथ । +कुमारियों की टोली है , मेरा मलेथ । +वीरों का धक्कमधक्का है , मेरा मलेथ ।",garhwali-gbm +"अपने बाबा के खड़ी चबूतरे रूप देख वर आये +अपने बाबा के खड़ी चबूतरे रूप देख वर आये +मैं तुझे पूछूं ए मेरी लाडो यहां क्यूं कंवर बुलाए +अपने बाबा की मैं लाख सौगन्ध खाऊं मैं नहीं कुंवर बुलाये +बाबा रूप देख वर आये +अपने बाबल के खड़ी चबूतरे रूप देख वर आए +मैं तुझे पूछूं ए मेरी लाडो यहां क्यों राव बुलाये +अपने बाबल की मैं लाख सोगन्ध खाऊं +मैं नहीं कुंवर बुलाये +बाबल रूप देख वर आये",haryanvi-bgc +"गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी +पूजा शुरु करने के पहले +गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी , +बाहर ऊबी थारी पूजन वाली , +पूजो ए पुजावो सँइयो काँईकाँई माँगा , +माँगा ए म्हेँ अनधन लाछर लिछमी जलहर जामी बाबुल माँगा , +राताँ देई माँयड , +कान्ह कँवर सो बीरो माँगा , +राई रुक्मण��� सी भौजाई , +ऊँट चढ्यो बहनोई माँगा , +चूनडवाली बहना , +पून पिछोकड फूफो माँगा , +माँडा पोवण भूवा , +लाल दुमाल चाचो माँगा , +चुडला वाली चाची , +बिणजारो सो मामो माँगा , +बिणजारी सी मामी , +इतरो तो देई माता गोरजा ए , +इतरो सो परिवार , +दे ई तो पीयर सासरौ ए , +सात भायाँ री जोड परण्याँ तो देई माता पातळा पति ए , +साराँ मेँ सिरदार +पूजा शुरु करते हैँ +ऊँचो चँवरो चौकुटो , +जल जमना रो नीर मँगावो जी , +जठे ईसरदासजी सापड्या विराजे हैँ , +बहू गोराँ ने गोर पुजावो जी , +जठे कानीरामजी सापड्या बहु लाडल ने गोर पुजावो जी , +जठे सूरजमलजी सापड्या , +बाई रोवाँ ने गोर पुजावो जी , +गोर पूजंता यूँ कैवे सायब या जोडी इभ् छल इसी तरह राखो जी , +या जोडी इभ् छल राखो जी म्हारा चुडला रो सरव सोहागो जी , +या जोडी इभ छल राखो जी म्हारै चुडला रे राखी बाँधो जी । +दूब के साथ 8 बार पूजा करते हैँ +गोरगोर गोमती , +ईसर पूजूँ पार्वतीजी , +पार्वती का आलागीला , +गोर का सोना का टीका , +टीका दे , +टमका दे राणी , +बरत करे गोराँदे रानी , +करताकरता आस आयो , +मास आयो , +खेरे खाण्डे लाडू आयो , +लाडू ले बीरा ने दियो , +बीरो ले गटकाय ग्यो , +चूँदडी ओढाय ग्यो , +चूँदड म्हारी इब छल , +बीरो म्हारो अम्मर , +राण्याँ पूजे राज मेँ , +म्हेँ म्हाँका सवाग मेँ , +राण्याँ ने राजपाट द्यो , +म्हाँने अमर सवाग द्यो , +राण्याँ को राजपाट तपतो जाय , +म्हारो सरब सवाग बढतो जाय ओलजोल गेहूँ साठ , +गौर बसे फूलाँ कै बास , +म्हेँ बसाँ बाण्याँ कै बासकीडीकीडी कोडूल्यो , +कीडी थारी जात है , +जात है गुजरात हैसाडी मेँ सिँघाडा , +बाडी मेँ बिजौराईसरगोरजा , +दोन्यूँ जोडा , +जोड्या जिमाया , +जोड जँवारा , +गेहूँ क्यारागणमण सोला , +गणमण बीस , +आ ए गौर कराँ पच्चीस +टीकी +आ टीकी बहू गोराँदे ने सोवै , +तो ईसरदासजी बैठ घडावै ओ टीकी , +रमाक झमाँ , +टीकी , +पानाँ क फूलाँ टीकी , +हरयो नगीनो एआ टीकी बाई रोयणदे ने सोवै , +तो सूरजमलजी बैठ घडावै ओ टीकी , +रमाक झमाँ , +टीकी , +पानाँ क फूलाँ टीकी , +हरयो नगीनो एआ टीकी बहू ने सोवै , +तो बेटा बैठ घडावै ओ टीकी , +रमाक झमाँ , +टीकी , +पानाँ क फूलाँ टीकी , +हरयो नगीनो ऐ ।",nimadi-noe +"माना की माता बोलती मेरा माना आइये +तन्ने मारे बिराणे लाल +जहाज भर भर के +मैं किस पै करूं सिंगार +कालजा धड़के",haryanvi-bgc +"हठ पर गई गौरा नार +हठ पर गई गौरा नार , +महादेव मढ़िया हमें बनवाय दियो । +काहे की मढ़िया बनवाई , +काहे के कलश धराये । हमें . . . +चूना ईंटा की मढ़िया ब��ाई , +सोने के कलश धराये । हमें . . . +कै जोजन मढ़िया बनी औ +कै जोजन विस्तार महादेव । हमें . . . +नौ जोजन मढ़िया बनी औ +दस जोजन विस्तार महादेव । हमें . . . +को मढ़िया में बैठयों औ +कौना करे विस्तार महादेव । हमें . . . +गौर मढ़िया में बैठिहे औ +भोला करे विस्तार महादेव । हमें . . .",bundeli-bns +"385 +एह मिसाल मशहूर जहान सारे जटी चारे ही थेक ही थाक सवारदी ए +ऊन तुम्बदी फम्मे जे नाल लेड़े चिड़ियां हाकरे लेलड़े चारदी ए +बन्न झेड़े फकीरां दे नाल लड़दी घर सांभदी लोकां नूं मारदी ए +वारस शाह दे लड़ने माशूक ऐथे मेरी संगली शगन विचारदी ए",panjabi-pan +"समझा ले अपनो लाल री +समझा ले अपनो लाल री मेरी छुप गयो आज अटरिया में +मैं गोबर गेरन जाऊं मेरे संग चले है नन्द लाला +मेरो गोबर को तो गोबर बखेरो धर गयेा डुक्क कमरिया में +समझा ले अपनो लाल री . . . +मैं पानी भरने जाऊं मेरे संग चले है नन्द लाला +मेरो पानी को तो पानी पीयो मेरे कर गयो छेद मटकिया में +समझा ले अपनो लाल री . . . +मैं दूध बिलोवन जाऊं मेरे संग चले है नन्द लाला +मक्खन को मक्खन खायो मेरी कर गयो छेद मटकिया में +समझा ले अपनो लाल री . . .",haryanvi-bgc +"गोचाई बाबा गोचाई बाबा +गोचाई बाबा गोचाई बाबा +गोचाई बाबा गोचाई बाबा +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +कोरा कागजो पढ़ना भेज्यो +कोरा कागजो पढ़ना भेज्यो +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +गोचाई बाबा गोचाई बाबा +गोचाई बाबा गोचाई बाबा +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +बेटी केन दियो रे बनवासी रे +तकलीफ रे रानी बेटी +तकलीफ रे रानी बेटी +नहीं तो काली गोदन से हो +नहीं तो काली गोदन से हो +स्रोत व्यक्ति लाड़की बाई , ग्राम आंवलिया",korku-kfq +"हाय हाय हे बागां की कोकिल +हाय हाय हे बागां की कोकिल +आंख नींबू की फांक +बच्ची सोने की चिड़िया +हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया +मूंगफली सी आंगूली +नाक सुए की चोंच +होठ पीपल के पात से +किन तेरी बांधी अर्थी +बच्ची सोने की चिड़िया +हाय हाय बच्ची सोने की चिड़िया +किन तेरी चिंता चिनाई +कन्तै चिता चिनाई +घर तें क्यों कर निकली +फिर कब आवेंगी बच्ची +बायें बोली कोतरी +सिर पर बोला काग +क्या मांगे है कोतरी जी +क्या मांगे है काग +सिर मांगे है कोतरी जी +धड़ मांगे है काग +ओढ पहर के नीकली +. . . शहर का नाम के तख्त बाजार +लोग महाजन न्यूं कहैं +किस की बन्नी जाय +बन्नी बन्नी मत करे +. . . पति का नाम की रानी जाय +अरी तेरा बाबल फिरै उदास +तेरी अम्मा जोहै बाट +अम्मां कौन पुकारै +भैया तेरा लेने आया +एक बार नैहर जाय +चाची ताई तेरी रोवै +उन को रोकन आय +गहनां का डिब्बा भरा धरा है +एक बार पहर दिखाय",haryanvi-bgc +"हमखो न अखिया दिखाओ मोरे सैया +हमखों न अंखिया दिखाओ मोरे सैयां । +दइजे में तुमने रुपये गिना लये , +रुपया गिना के कायको बिकाय गये । +अब खरीखोटी न सुनाओ मोरे सैयां । हमखों . . . +दइजे के धन पे बने पैसा वारे , +छैल छबीले बने बाबू प्यारे +रौब कछु न जमाओ अब सैयां । हमखों . . . +चूल्हा न करहों चौका न करहों +बासन न करहों पानी न भरहों +कौनऊ नौकरानी लगाओ मोरे सैयां । हमखों . . . +सुनतई मुरझा गई शैखी तुम्हारी +बरछी सी लगे जे बतियां हमारी +रोटी बना के खबाओ न सैयां । हमखों . . .",bundeli-bns +"होजी म्हार आंगणे कुपलो खणायो +होजी म्हार आंगणे कुपलो खणायो +हिपड़ा इतरो पाणी +होजी जूड़ो छोड़ी ने न्हावण बैठिया +ईश्वरजी घर की राणी +होजी झाला झलके , झुमणा रक के +वोले अमरित वाणी +होजी अमरित का दोई प्याला भरिया +कूंक दी पिंगाणी",malvi-mup +"11 +तकदीर सेती मौजू फौत होया1 भाई रांझे दे नाल खहेड़दे ने +खाये रज के घूरदा फिरे रन्ना कढ रिकता2 धीदो नूं छेड़दे ने +नित सजरा3 घाव कलेजड़े दागलां त्रिखियां नाल उचेड़दे ने +भाई भाबीयां वैर दीयां करन गलां एहो झिंजटां नित नबेड़दे ने",panjabi-pan +"वत्त ना करसाँ माण +वत्त ना करसाँ माण रँझेटे यार दा वे अड़िआ । +इशक अल्ला दी जात दा मेहणा , +कैह वल्ल कराँ पुकार किसे नहीं रहणा , +अग्गे दी गल्ल ओही जाणै , +कौण कोई दम मारदा वे अड़ेआ । +अज्ज अजोकी रात मेरे घर वस्स खाँ वे अड़िआ , +दिल दीआँ घुंडिआँ खोल असाँ नाल हस्स वे अड़िआ , +दिलबर यार करार कीत्तोई , +की इतबार सोहणे यार दा वे अड़िआ , +जान कराँ कुरबान भेत ना दसाईं अड़िआ । +ढूँढ़ा तकीए दाएरे उठ्ठ उठ्ठ नस्सना ऐं , +रत्न मिल सइआँ पुच्छदीआँ , +होया वक्त भंडार वे अड़ेआ । +हिक्क करदीआँ खुदी हंकार उन्हां थी तारना ऐं , +हिक्क पिच्छे पिच्छे फिरन खुआर सड़िआँ नूँ साड़ना ऐं , +मैंडे यार की इतबार तेरे प्यार दा वे अड़िआ । +चिक्कड़ भरेआँ नाल तूँ झूमर घत्तना ऐं , +लाया हार शिंगार मैथीं उठ्ठ नस्सना ऐं , +बुल्ला सहु घर आओ , +होय वक्त दीदार दा वे अड़िआ ।",panjabi-pan +"मजूरी कई के . भोजपुरी +मजूरी कइ के +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . +अपने सइयाँ के . . . अपने बलमाँ के पढ़ाइब +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . +रातदिन खटिबे +काम सब करिबे +कुलकानि लइ के +भला का करि���े +तन अंगूरी कइ के +मन सिन्दूरी कइ के +सिच्छा पूरी हम कराइब +अपने राजा के . . . अपने बाबू के . . . अपने राजा के पढ़ाइब +हम मजूरी कइ के . . . +जी हजूरी कइ के . . . हम मजूरी कइ के . . .",bhojpuri-bho +"की बे-दरदाँ संग यारी +की बेदरदाँ संग यारी । रोवण अक्खिआँ ज़ारो ज़ारी । +सानूँ गए बेदरदी छड्ड के , +हिजरे1 साँग सीने विच्च गड्ड के , +जिस्मों जिन्द नूँ लै गए कढ्ढ के , +एह गल्ल कर गए हैं सिआरी , +की बेदरदाँ संग यारी । +बेदरदाँ दा की भरवासा , +खौफ नहीं दिल अन्दर मासा , +चिड़िआँ मैत गवाराँ हासा , +मगरों हस्स हस्स ताड़ी मारी , +की बेदरदाँ संग यारी । +आवण कैह गए फेर ना आए , +आवण दे सभ कौल भुलाए , +मैं भुल्ली भुल्ल नैण लगाए , +केहे मिले सानूँ ठग्ग बपारी , +की बेदरदाँ संग यारी । +बुल्ले शाह इक्क सौदा कीता , +ना कुझ नफा ना टोटा लीता , +दरद दुःखाँ दी गठड़ी भारी +की बेदरदाँ संग यारी । रोवण अक्खिआँ ज़ारोज़ारी ।",panjabi-pan +"मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई +मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई +मुरलीखेड़ा हाटी कोरान सोना डहनी बोचोकेन डो बाई +बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी हेजेवा बाई +बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी हेजेवा बाई +बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी सेनेवा डो बाई +बिडे डो बिडे बाई आमा लिजटेन परवा आडी सेनेवा डो बाई +इंज नी चौफार टेन मा बिडे वा डो आयोम +इयानी साथी लियेन बारह गाड़ा जानोम रेचा टीन्जकेन आबा +इयानी साथी लियेन बारह गाड़ा जानोम रेचा टीन्जकेन आबा +इंच नी चौफार टेन मा बिडे वा आबा +इयानी साथी लियेन बारा गाड़ा डेघा रेचा टीन्जकेन आबा +इयानी साथी लियेन बारा गाड़ा डेघा रेचा टीन्जकेन आबा +ईटा टेन्ज नी परवा आडी सेनेवा जा आबा +लिन्जटेन भी जरिया जाबू लोखेज बा जा आबा +लिन्जटेन भी जरिया जाबू लोखेज बा जा आबा +इंज नी चौफार टेन मा बिडे वा जा आबा +इंज नी भुरु आधाना एन्टेन गिटीज केनजा आबा +इंज नी भुरु आधाना एन्टेन गिटीज केनजा आबा +स्रोत व्यक्ति गुलाबी बाई और लक्ष्मण पर्ते , ग्राम मुरलीखेड़ा",korku-kfq +"456 +राज छड गए गोपी चंद जेहे शदाद फिरऔन कहा गया +नौशेरखां छड बगदाद टुरया ऊह वी अपनी वार लंघा गया +आदम छड बहिशत दे बाग नठा भुले बिसरे कणक नूं खा गया +फिरऔन खुदा कहायके ते मूसा नाल ऊशटंड बना गया +नमरूद शदाद जहान उते दोजख अते बहिश्त बना गया +कारूं जेहा इकठियां मल के बन्ह सिर ते पंड उठा गया +माल दौलतां हुकम ते शान शौकत महखासरी हिंद लुटा गया +सलेमान सकदरों ला सफरे सतां भूइयां ते हुकम चला गया +ओह भी एस जहान ते रिहा नाही जेहड़ा आप खुदा कहा गया +वारस शाह उह आप है करनहारा सिर बंदया दे गिला आ गया",panjabi-pan +"136 +गल पा के सेलियां1 लाह टोपी पाड़ जुलीयां संघ नूं घुटया ने +भन्न दौर कुदके लड़न लतीं रोहड़ विच खुडल2 दे सुटयां ने +झंजोड़ के कुट के तोड़ मोढा लांगड़3 पा धड़ा धड़ कुटया ने +वारस शाह दाड़ीपुट फाड़ दिती हथ एह तां बड़ा अखेतरा सुटयो ने",panjabi-pan +"418 +शाला कहर खुदाई दा पेश आवे ठूठा भन के लाड शंगारनी ए +लंक सुकीए रन्ने कलकड़े नी माड़ा वेख फकीर नूं मारनी ए +नाले मारनी ए नक चाढ़नी एं नाले हाल ही हाल पुकारनी ए +मरे हुकम देनाल तां सब कोई बिना हुकम दे खून गुजारनी ए +बुरा नाल जे बोल के बुरे होईए असीं बोलने हां तां तूं मारनी ए +ठूठा फेर दरुसत कर दे मेरा होर आख की सच नतारनी ए +लोक आखदे हन एह कुड़ी कुवारी साडे बाब दी धाड़वी मारनी ए +एडे फंद फरेब हन याद तैनूं मुरदारां दे सिर मुरदारनी ए +घर वालीए वौहटिए बोल तूं भी केही सोच विचार विचारनी ए +सवा मनों मुतहिर1 पई फुरकदी ए किसे यारनी दे सिर मारनी ए +इक चोर ते दूसरी चतर बनियों वारस शाह तों पुछ के हारनी ए",panjabi-pan +"भूली +औ भुली1 तू आज मिलिले , मैं छ जाणू दूर तेरो , +ऐ2 नि सकदो यख कभी , फिर छोड़ियाले आज डेरो । +ऐ गये मौका इनू यो , एक पल भी टल नि सकदो , +रुकण को भी क्वी बहानो , द्वी घड़ी को चल नि सकदो । +2 . +पीठि को फाडो3 तेरो यो , दूर त्वै4 से आज ह्वैगे , +मोहममता छोड़िकी तैं , जाणकू तैयार ह्वैगे । +भेंटिले कुछ बोलिले , जो कुछ छ मन की बात तेरी , +रै5 जाली कुछ ही दिनूँ मा , आखिरी या याद मेरी । +3 . +हौर6 छै छन भै7 त्यरा भुलि , मैं सनैं8 तू भूलि जाई , +याद कै9 कै की बणू मा , ना खुदै10 की गीत गाई । +भै औला त्वै मू सदा ही , रीत भी त्वै सन जणाला , +मैत11 को बाटो बताला , सब तरह त्वै सन12 मनाला । +4 . +ये भयादूजी कु13 तैं तू , ल्हे फुलों माला बणैकी , +भेटदे सब भाइयों सन , सैंद्वाणी14 अपणी बणैकी । +राखड़ी त्योहार आलो , अब आली होलीदीवाली , +औन्दु रै तू मैत अपणा , जाण ना दे बार खाली । +5 . +हौर सब मैं भूलि जाला , माँ त नी सकदी भुलाई , +माँ सणै15 तू भूलि की भी , याद ना मेरी दिलाई । +ह्वै सको धीरज बँधाई , प्राण सन वीं का बुझाई , +बात करदी वक्त रोकी मन , ना तू आँसू बगाई ।",garhwali-gbm +"टिकवा जे लइह राजा, बचवा लगाइ हो +टिकवा1 जे लइह2 राजा , बचवा3 लगाइ हो । +टिकुली जे लइह राजा , चमके लिलार हो । +जलदी4 लउटिह5 राजा , जड़वा6 के दिनवाँ हो ॥ 1 ॥ +हँथवा7 के फरहर8 धनि , मुँहवाँ के लाएक9 हो । +से हो10 कइसे तेजब धनि , जड़वा के दिनवाँ हो । +से हो कइसे तेजब धनि जड़वा के रतवा हो ॥ 2 ॥ +कंठवा जे लइह राजा , सिकड़ी लगाइ हो । +टिकुली जे लइह राजा , चमके लिलार हो । +जलदी लउटिह राजा , जड़वा के दिनवाँ हो ॥ 3 ॥ +हँथवा के फरहर , धनि मुँहवाँ के लाएक हो । +से हो कइसे तेजब धनि जड़वा के रतवा हो । +से हो कइसे तेजब धनि जड़वा के रतवा हो ॥ 4 ॥",magahi-mag +"सत की साथण पाणी नै चाली +सत की साथण पाणी नै चाली , या तुलसां गैल होली हो राम +भरण गई जल जमना की झारी हो राम +सत की साथण न्यू उठ बोली या तुलसां ओड कुवारी हो राम +भरण गई जल जमना की झारी हो राम +लोटा भी पटक्या , झारी भी पट्की या रोंदड़ी घर आई हो राम",haryanvi-bgc +"भजन +ओमसोम दोनों बैल सुरता रास लगाय +धर्म की रास व लकड़ी पिराणा +हात में ले , सुरा ने ललकार +सत्य का माला रोपना धर्म की पेड़ी बंधाकर । +धर्म का मकान सत्य की पेड़ी बँधाकर बनाना । ज्ञान के गोले चलाना जिससे पंछी उड़उड़कर जायें । बोने के लिए सोवन सत्य का सरता बँधाकर बक्खर चलाना । कुल को तारने वाला बीज बोना , जिससे खेती लटालूम हो । भगवान के पास से बुलावा आया , वह वापस नहीं फेरा जा सकता है । कबीरदासजी की विनती है भगवान लज्जा रखना ।",bhili-bhb +"104 +मलकी आखदी लड़यों ना नाल चूचक कोई सुखन1 न जीउ ते लावना ई +केहा मापियां पुतरां लड़न हुंदा तुसां खटना ते असां खावना ई +छिड़ माल दे नाल मैं घोल घती रातीं सांभ मझीं घरीं आवना ई +तूं ही चोय के दुध जमावना ईं तूं ही हीर दा पलंघ वछावना ई +कुड़ी कल दी तेरे तों रूस बैठी तूं ही उस नूं आ मनावना ई +मंगू माल ते हीर सयाल तेरी नाले घूरना ते नाले खावना ई +तेरे नाम तों हीर कुरबान कीती मंगू सांभ के चार लयावना ई",panjabi-pan +"नीला पंखो जोरान्यकू डो +नीला पंखो जोरान्यकू डो +नीला पंखो जोरान्यकू डो +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +ऊरागा भरटी काका कू डो +ऊरागा भरटी काका कू डो +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +चिचारिस भरटी काकी के डो +चिचारिस भरटी काकी के डो +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +चोजा जूरेना आजेवा बेटी डो चूजा जूरेना +स्रोत व्यक्ति शांतिलाल कासडे , ग्राम छुरीखाल",korku-kfq +"कदिया ना गये राजा नौकरी +कदिया ना गये राजा नौकरी कदिया ना कटाया अपना नाम +रसीले बन में एकले । +कदिया ना भेजी राजा बाप के कदिया ना आये तांगा जोर +रसीले बन में एकले । +कदिया ना बैठे राजा चौंतरे कदिया न परखी मेरी चाल +रसीले बन में एकले । +कदिया न बुनी राजा जेवड़ी कदिया ना बुरी मेरी खाट +रसीले बन में एकले । +अब के तो जाऊं गोरी नौकरी अब के तो कटाऊं अपना नाम +रसीले बन में एकले । +अब के तो भेजूं गोरी बाप के अब के तो ल्याऊं तांगा जोर +रसीले बन में एकले । +अब के तो बैठून गोरी चौंतरे अब के तो परखूं तेरी चाल +रसीले बन में एकले । +अब के बाटूं गोरी जेवड़ी अब के तो बुनूं तेरी खाट +रसीले बन में एकले ।",haryanvi-bgc +"समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी घर का पूरी भी कायो +समदी घर का पूरी भी कायो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +समदी हमारा विदा जल्दी करो +तुम्हारा बेटी बड़ा नावेली +तुम्हारा बेटी बड़ा नावेली +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +समेदी हमारा विदा जल्दी करो +स्रोत व्यक्ति ज्योति , ग्राम भूतनी",korku-kfq +"मांगो मांगो म्हारी नणन्द थारा मांगण का ब्योहार +मांगो मांगो म्हारी नणन्द थारा मांगण का ब्योहार +ऐसी चीज मत मांगो म्हारे गैणे का सिंगार +इस गैणे में की गूठिया नणदिया नै द्यो +इस गुट्ठी का नगीना राजा काढ क्यूंनां ल्यो +मांगो मांगो म्हारी नणदी थारा मांगण का ब्योहार +ऐसी भैंस ना मांगो जिससै म्हारा लैंडा बिगड़ै +इन भैंस्यां मां का काटड़ा म्हारी नणदिया ने द्यो +काटडे का जेवड़ा राजा काढ क्यूंनां ल्यो +मांगो मांगो म्हारी नणदी थारा मांगण का ब्योहार +ऐसी तील मत मांगो म्हारे पणघट का सिंगार +इन तीलां कै मां का घागरा नणदिया ने द्यो +इस घाघरे का लामण राजा पाड़ क्यूंनां ल्यो",haryanvi-bgc +"अँगना में रिमझिम कोहबर दीप बरे हे +अँगना में रिमझिम कोहबर दीप बरे1 हे । +अरे ताहि कोहबर सुतलन कवन दुलहा , +बेनिया डोलाइ माँगे हे ॥ 1 ॥ +बेनिया डोलइते हे आवल2 सुखनीनियाँ । +रसे रसे3 बीत गेलइ सउँसे4 रँगे रतिया ॥ 2 ॥",magahi-mag +"377 +अखी सामने चोर जे नजर आवे क्यों दुख विच आपनूं गालिए वे +मियां जोगीया झूठियां करे गलां घर होण तां कासनूं भालिए वे +अग बुझी नूं ढेरिआ1 लख दीजन बिना फूक मारी नहीं बालिए वे +हीर वेखके तुरत पछाण लया हस आखदी बात समालिए वे +सहती पास ना खोलना भेत मूले शेर पास ना बकरी पालिए वे +देख माल चुराय���े पया मुकर राह जांदड़े कोई ना भालिए वे +वारस शाह मिलखाइयां माल लधा चलो कुजियां बदर2 पिवालिए वे",panjabi-pan +"मै बंजारो हरि नाम को +मै बंजारो हरि नाम को , +आरे लेतो हरि जी को नाम +१ गगन मंडल में घर तेरा , +आरे भवसागर मे दुकान +सौदागीर सौदा करी रया +मस्त लगी रे दुकान . . . +मै बंजारो . . . +२ मन तुम्हारी ताकड़ी , +आरे तन है तेरो तीर +सुरत मुरत सी तोलणा +मन चाहे को मोल . . . +मै बंजारो . . . +३ लुम लहेर नदिया बहे , +आरे बहे अगम अपार +धर्मी कर्मी रे पार हुई गया +पापी डूबे मझधार . . . +मै बंजारो . . . +४ कहत कबीर धर्मराज से , +आरे साहेब सुण लेणा +सेन भगत जा की बिनती +राखो चरण आधार . . . +मै बंजारो . . .",nimadi-noe +"म्हारा तो ऑगण रूखड़ो +बधाई लाई ननदी , हां रे सांवलिया +कहां से आई सौंठ , कांह से आई पीपली +कहां से आई ननदी , हां रे सांवलिया +बम्बई से आई सौंठ , इन्दौर से आई पीपली +फलाने गांव से आई ननदी , हां रे सांवलिया +काय में आई सौंठ , काय में आई पीपली +काय में आई ननदी , हां रे सांवलिया +डब्बे में आई सौंठ , डब्बी में आई पीपली +तांगे में आई नंदी , हां रे सांवलिया +काहे को आई सौंठ , काहे का आई पीपली +काहे को आई नंदी , हां रे सांवलिया +जच्चा के लिए सौंठ , बच्चा के लिए पीपली +लूटन को आई नंदी , हां रे सांवलिया ।",malvi-mup +"जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती +जानी छज्जै तै ईंट गिरी होती +मेरी बच गई ज्यान मरी होती +जानी तुम तो फिरी किन सैलां नै +मेरी भरीए जिवानी थारे महलां मैं +घोड़ै के आगे खूंटी नहीं +परदेसी बालम की छुट्टी नहीं +ज्यानी घोड़ै कै आगै दाणा नहीं +परदेसी बालम का आणा नहीं +ज्यानी घोड़ै कै आगै घास नहीं +परदेसी बालम की आस नहीं +ज्यानी कल्ले दुकल्ले मत आया करो +यारों की जोड़ी ल्याया करो +ज्यानी धूप पड़ै जद आया करो +यारों की जोड़ी ल्याया करो +ज्यानी रीता रूमाल मत ल्याया करो +मथरा के पेड़े थम ल्याया करो",haryanvi-bgc +"आज बिरज में होरी रे रसिया +आज बिरज में होरी रे रसिया ॥ टेक +होरी रे रसिया , बरजोरी रे रसिया ॥ आज . +कौन के हाथ कनक पिचकारी , +कौन के हाथ कमोरी रे रसिया ॥ आज . +कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी , +राधा के हाथ कमोरी रे रसिया ॥ आज . +अपनेअपने घर से निकसीं , +कोई श्यामल , कोई गोरी रे रसिया ॥ आज . +उड़त गुलाल लाल भये बादर , +केशर रंग में घोरी रे रसिया ॥ आज . +बाजत ताल मृदंग झांझ ढप , +और नगारे की जोड़ी रे रसिया ॥ आज . +कै मन लाल गुलाल मँगाई , +कै मन केशर घोरी रे रसिया ॥ आज . +सौ मन लाल गुलाल मगाई , +दस मन केशर घोरी रे रसिया ॥ आज . +‘चन्द्रसखी’ भज बाल कृष्ण छबि , +जुगजुग जीयौ यह जोरी रे रसिया ॥ आज .",braj-bra +"सावां गीत +आखो उंढालो काइ कर्यो रे ढेड्या । +आखो उंढालो काई कर्यो ढेड्या । +खड़ काट्यो ने पान तुड्या वो जीजी । +खड़ काट्यो ने पान तुड्या वो जीजी । +आखो उंढालो काइ कर्यो रे ढेड्या । +आइणिं छिनाले नो डंड भर्यो रे ढेड्या । +आइणिं छिनाले नो डंड भर्यो रे ढेड्या । +आखो उंढालो काइ कर्यो रे ढेड्या । +खड़ काट्यो ने पान तुड्या ने घर छायो रे ढेड्या । +गर्मी का मौसम निकल गया तुमने सावां लाने में देर क्यों लगाई ? जीजी हमने +गर्मी में घास काटा और पत्ते तोड़े । गर्मी में समधन का दंड भरा । घास काटा , पत्ते +तोड़े और घर का छप्पर छाया ताकि पानी घर में न गिरे । +सावां एक प्रकार का शगुन है , जिसे लेकर पुरुष ही जाते हैं । गीत वधू पक्ष की महिला +गाती हैं । यह गीत गाली का है , जिसे ‘निहाली’ कहते हैं ।",bhili-bhb +"मचिया ही बईठल कौशिल्या रानी +मचिया ही बईठल कौशिल्या रानी , सिहाँसन राजा दशरथ हो +राजा बिनु रे बदरी कहीं कजरी कहाँ जाई बरसेले हो +बोलिया त बोलेली रानी बोलही नाहीं पावेली हो +रानी बीनू हो ग़रभ के तिरियवा होरीला नाही जनमत सुनत सुख सोहर हो +एतना बचन रानी सुनली सुनहि नाही पावेली हो +रानी हाथे गोड़े तानेली चदरिया सुतेली कोपवाघर हो कोपभवन +सोने के खडौउआ राजा दशरथ केकयी महल चले +रानी तोरे बहिना बड़े रे वियोगावा त चली के मनावहु हो +एक हाथ लेली केकयी दतुअनि दुसरे हाथ पानी हो +केकयी झटकि के चढ़ेली अटरिया त बहिना मनावन हो +उठहु इ बहिना उठहु कहल मोर मानहु +बहिना उठिके करहु दतुअनिया होरिल तोरे होईहे सुनीह सुख सोहर हो +कवनाहिं मासे गंगा बढ़ियईहें सवार दहे लगिहन हो +बहिनी कवनही मासे राम जनमिहें त बचन पूरन होईहें +सावन मासे गंगा बढ़ियईहें सेवर दहे लगिहें +बहिनी कातिक मासे राम जनमिहें त बचन पूरन होईहें +बहिनी कातिक मासे राम जनमेलें त बचन पूरण भईलें +सब सखि तेल लगावेली मंगल गावेली +रानी केकयी के जीयरा भे रोग सुनीके नाहि आवेली +सोने के खड़उआँ राजा दशरथ केकयी महल चलें +रानी कवन अवगुन मोसे भईलें सुनीके नाहि आवेलू हो +ना हम तेल लगाईब ना ही मंगल गाईबी राजा हो +ब्रम्हा के बान्हल पिरितिया उलटी राउरे दिहली ।",bhojpuri-bho +"काया नही रे सुहाणी भजन बिन +काया नही रे सुहाणी भजन बिन +बिना लोण से दाल आलोणी . . . +भजन बिन . . . . . . . . . +१ गर्भवास म्हारी भक्ति क भूली न +बाहर हूई न भूलाणी +मोह माया म नर लिपट गयो +सोयो तो भूमि बिराणी . . . +भजन बिन . . . +२ हाड़ मास को बणीयो रे पिंजरो +उपर चम लिपटाणी +हाथ पाव मुख मस्तक धरीयाँ +आन उत्तम दीरे निसाणी . . . +भजन बिन . . . +३ भाई बंधु और कुंटूंब कबिला +इनका ही सच्चा जाय +राम नाम की कदर नी जाणी +बैठे जेठ जैठाणी . . . +भजन बिन . . . +४ लख चैरासी भटकी न आयो +याही म भूल भूलाणी +कहे गरु सिंगा सूणो भाई साधू +थारी काल करग धूल धाणी . . . +भजन बिन . . .",nimadi-noe +"मेरो गढ़ ददरेड़ी बड़ो सहर हिन्दुवाना +मेरो गढ़ ददरेड़ी बड़ो सहर हिन्दुवाना +अमर का पोता जेवर सिंह चौहाना +मरद निछत्तर छत्तरधारी राणा +बादसाही सूबा आम खास में थाना +मदद इलाही कला सवाई +नौबत में लागी धाई +जाहर पीर मरद अवतारी +जंग जीत पीरी पाई +कलजीवन सूं गोरख आया +चौदह सौ चेला संग लाया +आ बागां में डेरा लाया +बारह बरस का सूखा बाग हराया +फूलों का डौना माली भर के ल्याया +अम्मा बाछल जाए दिखाया +औधड़ चेला ने जाए अलख जगाया +राणी भिच्छा लाई गुर की रिच्छा +सेवा में बाछल आई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +वाछल माता जनमत की बांझ कहावै +पुत्र की खातिर सेवा हित कहलावे +मौला गोद भरेगा न्यूं सतगुर समझावै +सेवा सहणी गुरु की करणी +खुसी रही बाछल माई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +बारह बरस तक सेवा साधी गहरी +गोरख नाथ का परचा +हर दम हाल हजूरी +काछल का जौड़ा जिनें थी मजबूरी +बाछल का गूगा लिखी अरस ते पीरी +जौड़ा ने बाद मंडायो धुन्ध मचायो +दिल्ली में चुगली खाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +चढ़ा बादसाह ले ली फौज अमोही +ददरेड़े छाया जित गूगासिंह की रोही +चढ़ा बाला ‘भाणजा’ लेली हाथ सरोही +चढ़े हिसाबा लसकर दाना +इन्दल कर दिया राही राही +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +चढ़ा भज्जू भाई जिनने +लोथण कर दिया घारा +चढ़ा वीर ब्राह्मण नरसिंह मतवारा +वा फत्ते सिंह ने रण में खड्ग संभाला +वा गूगा जी के गले में भूमतिमाला +जिनकी बणी रहे चतुराई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +गूगा जी की मदद पीरपी राणी +समसेर उठाई जागीबामी भुजा भवानी +धड़सीस उड़ायो जिने वार करो हकानी +चौहान गोत्र की कर गयो अमर निसानी +गूगा ने सैर बैर जब लिया +लोथ जिनों की तड़ पाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +बादसाह के जी पै बह गई कारी +लीला ने दोनों टाप धरी अम्बारी +गूगा ने आया लटका नीचे पटका +काण करूं तेरे तखत की +तो को कहा मारूं बादसाह भाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . . +जंग जीत के सिर जोड़ां का ल्याया +इनको बिसवा दे दे ल�� मेरी बाछल माता +गूगा तनें बुरी करी ये +मेरी सगी बाहण का जाया +ददरेड़ा तै सुण कै करण पुरे में आया +अर्जुल्ला पाअी जब लीला सुधां समाया +भूडां बीच मैड़ी छाई +जाहर पीर मरद अवतारी . . .",haryanvi-bgc +"ईसुरी की फाग-6 +जुवना दए राम ने तोरें +सब कोऊ आवत दौरें +आएँ नहीं खांड़ के घुल्ला , पिएँ लेत ना घोरें +का भऔ जात हाथ के फेरें , लए लेत ना टोरें +पंछी पिए घटी नहीं जातीं , ईसुर समुद हिलौरें +भावार्थ +राम ने तुझे यौवन दिया है , सब लोग तेरे दरवाज़े पर दौड़दौड़ कर आते हैं यानि तेरे घर के चक्कर लगाते हैं । पर ये +स्तन तेरे कोई खांड के खिलौने तो हैं नहीं जिन्हें हम घोल कर पी जाएंगे । इन पर हाथ फेर लेने दो , तुम्हारा क्या +बिगड़ जाएगा ? हम इन्हें तोड़ तो नहीं लेंगे । ईसुरी कहते हैं कि पंछियों के पीने से समुद्र की लहरें घट नहीं जातीं ।",bundeli-bns +"होरी खेलन आयौ श्याम +होरी खेल आयौ श्याम , आज याहि रंग में बोरौ री ॥ +कोरेकोरे कलश मँगाओ , रंग केसर घोरौ री । +रंगबिरंगौ करौ आज कारे तो गौरौ री ॥ होरी . +पार परौसिन बोलि याहि आँगन में घेरौ री । +पीताम्बर लेओ छीनयाहि पहराय देउ चोरौ री ॥ होरी . +हरे बाँस की बाँसुरिया जाहि तोर मरोरौ री । +तारी देदै याहि नचावौ अपनी ओड़ौ री ॥ होरी . +‘चन्द्रसखी’ की यही बीनती करै निहोरौ री । +हाहा खाय परै जब पइयां तब याहि छोरौ री ॥ होरी .",braj-bra +"हरे हरे बांस छवाय दई राय बटियां +हरे हरे बांस छवाय दई राय बटियां +मेरे बाबा सोवें सुख नीन्द दादी रानी अरज करै +मेरी बन्नो भयी वर जोग सलोनी बेटी वर मांगै +सुन के बाबा हंसि पड़े और घुड़ला कस लिया +ढूंढा धुर गुजरात ढूंढा सारा मालवा +सहरों में बड़ा सहर आयोध्या नजर पड़ी +सजनों में बड़े सजन जंवाई रघुनाथ मिले",haryanvi-bgc +"रचिएक कोहबर लिखलूँ हम कोहबर +रचिएक1 कोहबर लिखलूँ हम कोहबर । +लिखलूँ हम मनचित लाय , अनजान लिखुँ कोहबर हे ॥ 1 ॥ +सेहि पइसो सुतलन दुलहा दुलरइता दुलहा । +जवरे दुलहिनियाँ संघें साथ , लिखुँ कोहबर ॥ 2 ॥ +रसे रसे डोलहइ चुनरी लगल बेनियाँ । +होवे लगल2 दुलहा दुलहिन बात , अनजान लिखूँ कोहबर ॥ 3 ॥ +हम त हिओ3 धनि तोहर परनमा । +तू हका4 हमर परान , अनजान लिखुँ कोहबर ॥ 4 ॥",magahi-mag +"कहाँ से जोग आयल, कहाँ जोग घुरमई गे माई +कहाँ से जोग आयल , कहाँ जोग घुरमई1 गे माई ॥ 1 ॥ +दुलरइता दुलहा ही2 से जोग आयल । +तेलिया दुहरिया3 जोग घुरमइ गे माई । +दुलरइता देइ4 के जाके जोग लग गे माई ॥ 2 ॥",magahi-mag +"सतवन्ती न क्यो लायो पीया रे +सतवन्ती न क्यो लायो पीया रे , +किनकी जान हरी लायो पीया रे , +१ कहती मन्दोदरी सुण पीया रावण , +या नार कहा सी लायो +इनी रे नार क भीतर राखो +वो तपसी दो भाई . . . +पीया रे सतवन्ती . . . +२ कहेता रावण सुण मंदोदरी , +काय को करती बड़ाई +दस रे मस्तक न बीस भुजा है +जेक तो बल बताऊ . . . +पीया रे सतवन्ती . . . +३ कहती मन्दोदरी सुण पीया रावण , +क्यो करता राम सी बुराई +चरण धोवो चर्णामत लेवो +नाव क पार लगाव . . . +पीया रे सतवन्ती . . . +४ कहत कबीरा सुणो भाई साधु , +राखो तो चरण अधार +जनमजनम का दास तुम्हारा +राखो लाज हमारी . . . +पीया रे सतवन्ती . . .",nimadi-noe +"ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा +ऊपरां बादलिड़ा ऊपरां क्यूं जा +बरसै तै क्यूं ना हे म्हारे देस +छन में पालिड़ा धूलम धूल +छन में तो भर दे जोहड़ डाबड़ा +सूता रे पालिड़ा रूखा की छां +खेत उजाड़ा मेरे बाप का +ह्यो रे पालिड़ा तेरेड़ी रांड +खेत उजाड़ा मेरे बाप का +मत दे हे सुन्दर मन्नै तैं गाल +तेरे सरीकी म्हारै बी गोरड़ी +आइये हे सुन्दर म्हारेड़े देस +लहए रंगा हे ऊपर चुन्दड़ी",haryanvi-bgc +"टूटी चंपा कलिया चुनेगा मियाँ बँदरा लाल +टूटी चंपा कलिया चुनेगा मियाँ बँदरा1 लाल । +टीका मैला हो रे मोतिया न मैली हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 1 ॥ +बेसर मैला हो रे , चुनिया2 न मैली हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 2 ॥ +बाली मैली हो रे , झुमका न मैला हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 3 ॥ +सूहा3 मैला हो रे , छापा न मैला हो लाल । +टूटी चंपा कलिया , चुनेगा मियाँ बँदरा लाल ॥ 4 ॥",magahi-mag +"ले रे बाबुल आपना मैं चली हूं सजन के दैस रे +ले रे बाबुल आपना मैं चली हूं सजन के दैस रे +भाइयां नै दिये महल दुमहले हमें दिया परदेस रे +काहे की ब्याही विदेस रे लक्खी बाबुल मेरे +हम हैं रे बाबुल मुन्डेरे की चिड़ियां +कंकरी मारे उड़ जां रे लक्खी बाबुल मेरे +हम हैं रे बाबुल चोणे की गउएं +जिधर हांको हंक जायें रे लक्खी बाबुल मेरे +सोना भी दिया बाबुल रूपा बी दिया +एक न दीन्ही मेरे सिर की कड़्गी +सास ननद बोलें बोल रे लक्खी बाबुल मेरे",haryanvi-bgc +"कान्हा बरसाने में आय जैयो +कान्हा बरसाने में आए जैयो , बुलाय गई राधा प्यारी +कान्हा बरसाने में आए जैयो , बुलाय गई राधा प्यारी +बुलाय गई राधा प्यारी , बुलाय गई राधा प्यारी . . . . . . . +कान्हा बरसाने में आए जैयो , बुलाय गई राधा प्यारी +कान्हा माखन मिश्री खाय जैयो , बुलाय गई राधा प्यारी +का���्हा बरसाने में आए जैयो , बुलाय गई राधा प्यारी +बुलाय गई राधा प्यारी , बुलाय गई राधा प्यारी . . . . . . .",braj-bra +"450 +रन्न दहसरे1 नाल जो गाह कीता राजे भोज नूं दन लगामियां ने +सिरकप ते नाल सलवान राजे वेख रन्नां ने कीतियां खामियां ने +मरद हैन जा रखदे हेठ सोट सिरी चाड़ियां उन्हां ने कामियां ने +वारस नही दाहड़ी नक कनपाटे कौन भरेगा तिन्हां दियां हामियां ने",panjabi-pan +"देवी गीत- देबी दयाल भईं अंगन मोरे +होलिया में उड़त है गुलाल मईया का रंग सतरंगी +सेनुरा भीजै बिंदिया भीजै चेहरा है ललाम लाल +मईया का रंग सतरंगी +चुडिया भीजै कंगना भीजै हाथ है ललाम लाल +मईया का रंग सतरंगी +लहंगा भीजै चुनरी भीजै देहियाँ है ललाम लाल +मईया का रंग सतरंगी +पायल भीजै बिछुआ भीजै एड़िया है ललाम लाल +गुलाल मईया का रंग सतरंगी",awadhi-awa +"अमवा के डाढ़ चौका +अमवा के डाढ़1 चढ़ि बोलेले कोइलिया । +लगन2 लगन डिँड़ियाय3 हे ॥ 1 ॥ +एहो नगरिया माइ हे , कोई नहीं जागथिने4 । +लगन न माँगथिन5 लिखाइ जी ॥ 2 ॥ +एहो नगरिया माइ हे , जागथिन कवन बाबू , +हमें लेबइ लगन लिखाइ हे ॥ 3 ॥ +घर से बाहर भेलन6 दुलरइता दुलहा , +आजु बाबू लगन लिखाहु जी ॥ 4 ॥ +अइसन लगन लिखिह जी बाबू , +ओहे लगन होइतो बियाह जी ॥ 5 ॥",magahi-mag +"480 +तुसी मेहर करो असीं घरी जाईए नाल सहती दे डाल बनाईए जी +बहर1 इशक दा खुशक गम नाल होया नाल अकल दे मीह वरसाईए जी +किवें करां मैं कोशशां अकल दियां तेरे इशक दियां पूरीया पाईए जी +जां तयारियां टुरन दियां झब करिए असीं सजनों हुकम कराईए जी +हजरत सूरत इखलास2 लिख दयो मैंनूं कुर्रा3 फाल4 नजूम दा पाईए जी +खोल फालनामा ते दीवान हाफज वारस शाह तों फाल कढाईए जी",panjabi-pan +"कई रेती में पीपल छाया +कई रेती में पीपल छाया +कई गेरा कुंडा खणाया +हो म्हारा गेरा गजानन्द आया +कई दाऊजी रे मन भाया +कई माता बई हरक बवाया +म्हारा गेरा गजानन्द आया +कई काकोजी रे मन भाया +कई काकीजी मोतीड़े बदाय । +कई भैया रे मन भाया +कई भाभी बई कंकूड़े बदाया +कई मामाजी रा मन भाया +कई मामाजी हिदड़े बदाया",malvi-mup +"रातिए जे एलै रानू गउना करैले +रातिए जे एलै रानू गउना करैले +कोहबर घर में सूतल नीचीत । +जकरो दुअरिया हे रानो कोसी बहे धार +से हो कैसे सुतै हे नीचीत । +सीरमा बैसल हे रानो कोसिका जगावै +सूतल रानो उठल चेहाय । +कांख लेल धोतिया हे रानो मुख दतमनि +माय तोरा हँटो हे रानो बाप तोरा बरजौ +जनु जाहु कोसी असनान । +हँटलौ ने माने रानो दबलौ ने माने +चल गेलै कोस�� असनान । ।",angika-anp +"विवाह - गीत - बेरिया की बेरिया मै +बेरिया की बेरिया मै बरिज्यो बाबा जेठ जनि रचिहो बियाह +हठी से घोडा पियासन मरिहै गोरा बदन कुम्हलाय +कहो तो मोरी बेटी छ्त्रू छ्वाओं कहो तो नेतवा ओहार +कहो तो मोरी बेटी सुरजू अलोपों गोरा बदन रहि जाय +काहे को मोरे बाबा छ्त्रू छ्वायो काहे कैं नेतवा ओहार +काहे को मोरे बाबा सुरजू अलोपों गोरा बदन रहि जाय +आजू कै रोजे बाबा तोहरी मडैइया कालही सुघर बार के साथ +काचहि दुधवा पियायो मोरी बेटी दहिया खियायो सढीयार +एकहू गुनहिया न लाइयु मोरी बेटी चल्यु परदेसिया के साथ +काहे कै मोरे बाबा दुधवा पियायो दहिया खियायो सढीयार +जानत रह्यो बेटी पर घर जइहें गोरा बदन रहि जाय +इहै दुधवा बाबा भैया कैं पीऔत्यों जेनि तोहरे दल कै सिंगार",awadhi-awa +"हुई है सुनहली रात सजन आए हरे हरे +हुई है सुनहली रात सजन आए हरे हरे +सजन आये मोरे अंगना +आओ दादी बाबा आओ सब मंगल गाओ +सजन आये मोरे अंगना +आओ अम्मा बाबुल आओ सब मंगल गाओ +सजन आये मोरे अंगना +आओ भैया भाभी आओ अब ना देर लगाओ +सजन आये मोरे अंगना +आओ सखियो आओ सब उत्सव रचाओ +सजन आये मोरे अंगना +पीले हाथ करो लाडो के पीले हाथ करो लाडो के +सजन आये मोरे अंगना +दूधों नाहये पूतों फले सुख सौभाग्य इसे दिन दूना +सजन आये मोरे अंगना",haryanvi-bgc +"50 +लोकां आखिया मियां तूं कौण हुंना ? आणि किस ने अन्न खवालिया ई +तेरी सूरत तां बहुत मलूक दिसे ऐडा जफर1 तूं कास नूं जालिया ई +अंग साक तूं छड के नस आयों बुढी माऊं ते बाप नूं गालिया ई +ओहले अखियां दे तैनूं किवें कीता किन्नां दूतियां दा कौल पालिया ई",panjabi-pan +"घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे +घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे +सीस बने के चीरा सोहै पेंची पै हीरे जड़े +अंग बने के जामा सोहै कुण्डल पै लाल जड़े +गले बने के माला सोहै देखो फूल कैसे सजे +ऊंगली बने के अंगूठी सोहै अंगूठी में नीलम जड़े +पैर बने के जूती सोहै जूती को खूब सजे +संग बने के बनी सोहै फूलों की झड़ी लगे ।",haryanvi-bgc +"नी कुटीचल मेरा नाँ +नी कुटीचल1 मेरा नाँ । +मुलाँ मैनूँ सबक पढ़ाया । +अलफों अग्गे कुझ ना आया । +उस दीआँ जुत्तिआँ खाँदी सा । +नी कुटीचल मेरा नाँ । +किवें किवें दो अखिआँ लाइआँ । +रल के सइआँ मारन आइआँ । +नाले मारे बाबल माँ । +नी कुटीचल मेरा नाँ । +साहवरे सानूँ वड़न ना देंदे । +नानक2 दादक3 घरों कढेंदे । +मेरा पेके नहींओं थाँ । +नी कुटीचल मेरा नाँ । +पढ़न सेती सभ मारन आहीं । +बिन पढ़िआँ हुण छडदा नाहीं । +नी मैं मुड़ के कित्त वल्ल जाँ । +नी कुटीचल मेरा नाँ । +बुल्ला सहु की लाई मैनूँ । +मत कुझ लग्गे ओह ही तैनूँ +तद करेंगा तूँ निआँ । +नी कुटीचल मेरा नाँ ।",panjabi-pan +"आमार सरल प्राणे एत दुःख दिले (भाटियाली) +आमार सरल प्राणे एत दुःख दिले । । +सहे ना यौवन ज्वाला , +प्रेम ना करे छिलाम भालो गो । +दुइ नयने नदी नाला तुइ बन्धु बहाइले । । +आगे तो ना जानि आमि , +एत पाषाण हइबे तुमि गो । +बइसे थाकताम एकाकिनी , कि इहते प्रेम ना करिले । । +तुमि बन्धु ताके सुखे , +मरब आमि देखुक लोके गो +अभागिनीर मरणकाले आइस खबर पाइले । ।",bengali-ben +"म्हारा संत सुजान +म्हारा संत सुजान +ध्यान लग्यो न गुरु ज्ञान सी +१ ज्ञान की माला फेर जोगी , +आरे बंद में धुणी तो रमावे +जोगी की झोली जड़ाव की +मोती माणक भरीया . . . +ध्यान लग्यो . . . +२ बड़ेबड़े भवर गुफा में , +आरे जोगी धुणी तो रमावे +जेका रे आंगणा म तुलसी +जेकी माला हो फेर . . . +ध्यान लग्यो . . . +३ चंदन घीस्या रे अटपटा , +आरे तिलक लीया लगाई +मोदक भोग लगावीया +साधु एक जगा बैठा . . . +ध्यान लग्यो . . . +४ कई ऋषि मुनी तप करे , +आरे इना पहाड़ो का माही +अब रे साधु वहा से चल बसे +गया गुरुजी का पास . . . +ध्यान लग्यो . . . +५ गंगा जमुना सरस्वती , +आरे बहे रेवा रे माय +जीनका रे नीरमळ नीर हैं +साधु नीत उठ न्हाये . . . +ध्यान लग्यो . . .",nimadi-noe +"जाना जरूर देवी दर्शन खो +जाना जरूर देवी दर्शन खों । +कोआ चढ़ा आये ध्वजा नारियल +कोआ चढ़ा आये बेला के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +आजुल चढ़ा आए ध्वजा नारियल +आजी चढ़ा आईं बेला के फूल +चमेली की फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +कोआ चढ़ा आये पान सुपाड़ी , +कोआ चढ़ा आये जूही के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +बाबुल चढ़ा आये पान सुपाड़ी , +अम्मा चढ़ाय आयीं जूही के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . . +मैया चढ़ा आयीं चूनर साड़ी +भाभी चढ़ाय आईं गेंदा के फूल +चमेली के फूल देवी दर्शन खों । जाना . . .",bundeli-bns +"आल्हा ऊदल +पड़ल नजरिया है पण्डो के देबी पर पड़ गैलि दिष्ट +रोए पण्डो इन्द्रासन में देबी सुनीं बात हमार +तीन मुलुक के तूँ मालिक देबी काहे रोवव् जार बेजार +तब ललकारे देबी बोली पण्डो सुनीं बात हमार +आइल बेटा जासर के बघ रुदल नाम धराय +सादी माँगे सानवा के वरिअरिया माँगे बियाह +जिब ना बाँचल मोर देबी के पण्डो जान बचाई मोर +एतनी बोली पण्डो सुन गैल पण्डो रोए मोती के लोर +थर थर काँपें ��ुल्हि पण्डो देबी सुनीं बात हमार +बरिया राजा बघ रुदल लोहन में बड़ चण्डाल +भार्गल देबी इंद्रासन सें अब ना छूटल प्रान हमार +भागल देबी इन्द्रासन सें नैना गढ़ में गैल बनाय +बावन केवाड़ा का अण्डल में जेह में सोनवा सूति बनाय +लग चरपाइ चानिन के सोनन के पटरी लाग +चारों लौंड़ी चारों बगल में बीचे सानवा सूति बनाय +पान खवसिया पान लगावे केऊ हाथ जोड़ भैल ठाढ़ +केऊ तो लौंड़ी जुड़वा खोले केऊ पानी लेहले बाय +ओहि समन्तर देबी पहुँचल सोनवा कन पहुँचल बाय +लै सपनावे रानी के सोनवा सुनीं बात हमार +आइल राजा बघ रुदल फुलवारी में डेरा गिरौले बाय +माँगै बिअहवा जब सोनवा के बरिअरिया माँगैं बियाह",bhojpuri-bho +"किस रुत बाड़ी बोईएगी +किस रुत बाड़ी बोईएगी +किस रुत होया है नल़ा +बसाख बाड़ी बोईएगी +साढत होया है नला +वा तै नली नलाई स्यों हुई +वा हुई खिलण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चौलणां +चुगी चुगाई स्यों हुई +फेर वा हुई लोढण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +लुढी लुढाई स्यों हुई +फेर वा हुई पिनण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +पिनी पिनाई स्यों हुई +फेर वा हुई कातण के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +कती कताई स्यों हुई +फेर वा हुई जुलाहे जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +वा तै बणी बणाई स्यों हुई +हुई लीलगर के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +रंगी रंगाई स्यों हुई +हुई दर्जी के जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां +सिमी सिमाई स्यों हुई +वा हुई म्हारी हत लाडो कै जोग +हे म्हारी हत लाडो मांगै चोलणां",haryanvi-bgc +"477 +मिहतर1 नूंह2 दियां बेटियां जिद कीती डुब मोए नी छड टकानयां नूं +याकूब दयां पुतरां जुलम कीता सुनया होसीया यूसफ दयां बानयां नूं +हाबील कबील3 दा जंग होया छड गए पैगम्बरी बानयां नूं +जे मैं जानदी मापयां बन्न देनी छड चलदी झंग मघयानयां नूं +खाहश हक दी कलम तकदीर वगी मोड़े कौन अलाह दे भाणयां नूं +किसे ततड़े वकत सी नेहुं लगा तुसां बीजया भुन्नयां दानयां नूं +साढे तिन्न हथ जिमी मुलक तेरा ऐवें कासनूं वल वलानयां नूं +गुंगा नाह कुरान दा होवे हाफज अन्ना वेखदा नहीं टटानयां नूं +वारस शाह अलाह बिन कौन पुछे पिछा टुटया अते नतानयां नूं",panjabi-pan +"453 +मियां तींवियां नाल विवाह सोहन अतेमरन ते सोंहदे वैन मियां +घर बार दी जेब1 ते हैन2 जीनत नाल त्रिमतां दे साक सेन मियां +एह त्रीमतां सेज दियां वारसा ने अते दिलां दियांदेन ते लैन मियां +वारस शाह एह जोड़ना जोड़दियां ने अते महरिहां3 महरदियां हैन मियां",panjabi-pan +"पलंग सुतल तोहे पियवा, और सिर साहेब हे +पलंग सुतल तोहे पियवा , और सिर साहेब हे । +पियवा बगिया तू एगो लगइत , टिकोरवा हम चिखती1 हे ॥ 1 ॥ +पलंग सुतल तोंहे धानी , त सुनहऽ बचन मोरा हे । +धानी , तुहुँ एगो बेटवा बियतऽ सोहर हम सुनती हे ॥ 2 ॥ +एतना बचन जब सुनलन , सुनहु न पवलन हे । +धनि , सुतलन गोड़ेमुड़े2 तान सुतल गज ओबर हे ॥ 3 ॥ +मोर पिछुअरबा सोनार भइया , तोही मोरा हित बसे हे । +भइया , धनियाँ ला3 गढ़ि देहु कँगना , धनि के पहिरायब हे ॥ 4 ॥ +काँख जाँति लिहले कँगनमा , त धनि के मनावल हे । +धनिया के जाँघ बइठावल , हिरदय लगावल हे ॥ 5 ॥ +धनि हे , छाँड़ि देहु मन के बिरोध , पहिर4 धनि काँगन हे ॥ 6 ॥ +एही कँगना रउरे माई पेन्हथ5 अउरी बहिन पेन्हथ हे । +पिया ओहे दिन सेजरिया के बात , करेजा मोरा सालए हे ॥ 7 ॥ +मारलहऽ ए पियवा , मारलहऽ तीखे कटरिया से हे । +पियवा रउरे बात साल हे करेजवा , कँगनमा कइसे पहिरी हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"मेरी मटुकी फोरी री +जसोदा तेरे लाला ने मेरी मटुकी फोरी री ॥ टेक +हम दधि बेचन जात वृन्दावन मिलि ब्रज गोरी री । +गैल रोकि के ठाड़ौ पायौ , कीनी झकझोरी री ॥ +दही सब खाय मटुकिया फोरी बाँह मरोरी री । +लै नन्दरानी हमने तिहारी नगरी छोड़ी री ॥ +चोरी तो सब जगह होय तेरे ब्रज में जोरी री । +नाम बिगारौ तिहारौ याने बेशरमाई ओढ़ी री । +सारी झटक मसक दई चोली , माला तोरी री । +कहै ‘शिवराम’ चिपकारी भरिकें खेलौ होरी री ॥",braj-bra +"376 +एस घुंड विच बहुत खवारियां ने अग लायके घुंड नूं साड़ीए नी +घुंड हुसन दी आब छुपा लैंदा वडे घुंड वाली रड़े मारीए नी +घुंड आशकां दे बेड़े डोब देंदा मैना ताड़ ना पिंजरे मारीए नी +तदों एह जहान सब नजर आवे जदों घुंड नूं जरा उतारीए नी +घुंड अनयां करे सुजाखयां नूं घुंड लाह मुंह उपरों लाड़ीए नी +वारस शाह ना दबिए मोतियां नूं फुल अग्ग दे विच ना साड़ीए नी",panjabi-pan +"हरो नीलो मंडवाना सजायो जा इयां डाई +हरो नीलो मंडवाना सजायो जा इयां डाई +हरो नीलो मंडवानासजायो जा इयां डाई +हरो नीलो जा मंडवाना सजायो रे +हरो नीलो जा मंडवाना सजायो रे +हरो नीलो मांडवा सजायो जा इयां डाई मंडवा +हरो नीलो मांडवा सजायो जा इयां डाई मंडवा +ईटा आम ऐकली सुबाये +ईटा आम ऐकली सुबाये +आमा भावड़ीन डाई बाने जा इयां डाई +आमा भावड़ीन डाई बाने जा इयां डाई +आमा भावड़ीन नी किबला बाने +आमा भावड़ीन नी किबला बाने +हरो न���लो मांडवा ईटान +हरो नीलो मांडवा ईटान +स्रोत व्यक्ति पार्वती बाई , ग्राम मातापुर",korku-kfq +"ईसुरी की फाग-15 +जब से रजऊ ने पैरी अंगिया , मोय करो बैरगिया +फिरतीं रातीं गलीखोरन में , तनक उगर गई जंगिया +घूमत फिरत नसा के मारे , मानो पी लई भंगिया +ईसुर भये बाग के भौंरा , रजऊ भईं फुलबगिया ।",bundeli-bns +"257 +रल चेलयां ने चा मता कीता बाल नाथ नूं पकड़ पथलयो ने +छड दवार उखाड़ भंडार चले जा राह ते वाट1 सब मलयो ने +सेलियां टोपियां कुश्रदां छड चले गुस्से जी दे नाल उथलयो ने +वारस शाह ना रब्ब बखील2 होवे चारे राह नसीब दे मलयो ने",panjabi-pan +"अवगुन बहुत करे +अवगुन बहुत करे , +गुरुजी मैंने अवगुन बहुत करे । +जब से पांव धरे धरनी पे , +लाखन जीवन मरे । गुरुजी . . . +जब से कलम धरी कागज पे , +दस के बीस करे । गुरुजी . . . +गैल चलत मैंने तिरिया निरखी , +मनसा पाप करे । गुरुजी . . . +पाप पुण्य की बांधी गठरिया , +सिर पे बोझ धरे । गुरुजी . . .",bundeli-bns +"मलिया के बाघ में बरसे झालर मेघ हे +मलिया के बाघ1 में बरसे झालर2 मेघ हे । +भींजले दुलरुआ मउरिया3 सहित हे ॥ 1 ॥ +मउरी के रखिहऽ दुलरुआ मलिया के पास हे । +निहुरि निहुरि4 दुलरुआ करिहऽ5 परनाम हे ॥ 2 ॥",magahi-mag +"अहे बाम्हन के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे +अहे बाम्हन के पड़ले हँकार1 बरुअवा2 के मूंड़न हे । +बाम्हन अइले वेद भनन3 हे ॥ 1 ॥ +अहे गोतिया के पड़ले हँकार , बरुअवा के मंूडन हे । +गोतिया अइले माँड़ो4 छावन5 हे ॥ 2 ॥ +अहे गोतिनी के पड़ले हँकार , बरुअवा के मंूड़न हे । +गोतिनी अइले मंगल गावन हे ॥ 3 ॥ +अहे कुम्हरा के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूड़न हे +कुम्हरा अइले कलसा लिहले6 हे ॥ 4 ॥ +अहे हजमा के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +हजमा अइले छुरवा7 लिहले हे ॥ 5 ॥ +अहे बड़ही8 के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +बड़ही अइले पिढ़वा9 लिहले हे ॥ 6 ॥ +अहे फूआ10 के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +फूआ अइले अँचरा पसरले11 हे ॥ 7 ॥ +अहे , बाबा के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +बाबा जे अइले गेंठी खोलले12 हे ॥ 8 ॥ +अहे भइया के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +अहे भइया गइले13 रिसिआय14 बहिनी घरलूटन15 हे ॥ 9 ॥ +अहे , भउजी के पड़ले हँकार , बरुअवा के मूंड़न हे । +अहे , ननद अइले घरलूटन , बरुअवा के मूंड़न हे ॥ 10 ॥",magahi-mag +"133 +किस्सा हीर नूं तुरत सहेलियां ने जा कन्न दे विच सुनाया ई +तैनूं मेहना चाक दा दे कैदो उस परहे विच शोर मचाया ई +बाग ढोल हराम शैतान देजी डंका विच बजार दे लाया ई +एह गल जे ���ाऊसी अज खाली तूं हीर क्यों नाम धराया ई +कर छडनी इसदे नाल ऐसी सुने देस जे कीतड़ा पाया ई +वारस शाह अपराधीयां रैहम नाहीं लंडे रिछ ने मामला चाया ई",panjabi-pan +"पहली राखी म्हारा नाना भाई खऽ बांधूँ +पहली राखी म्हारा नाना भाई खऽ बांधूँ , +नाना भाई नऽ दीनी लाल गाय , +लाल गाय का जाया धोरी हल हांकऽ +दूसरी राखी म्हारा मोठा भाई खऽ बांधूँ , +मोठा भाई नऽ दीनी श्याम गाय , +श्याम गाय का धोरी हल हांकऽ ।",nimadi-noe +"छज्जै तो बेठी लाडो कुंवर निरखै +छज्जै तो बेठी लाडो कुंवर निरखै +यो वर बाबा जी सांवला +गाड़ियों के अलके छलके गरद उड़ती है +गरद उड़ती वर सांवले +रास्ते में बाबा ताल खुदाओ +न्हाये धोये वर ऊजले +कस्तूरी मंगाओ वर के अंग लगाओ +केसर पिलाओ वर के घोल कै +चन्दन मंगाओ उबटन मंगाओ +न्हाये धोये वर ऊजले",haryanvi-bgc +"बहू हे तेरा नाम चमेली +बहू हे तेरा नाम चमेली हे तू किस बालक की नार +बहू तूं सुथरी घणी से हे +सास मैं पाणी ने गई थी री उड़े आ रही एक बड़ी फौज +फौज में तै तेरा लाल खड़ा री +वो तै ले रहा अंगरेजी बैंत बात अंगरेजां +तैं कर रहा री +बहू हे तूं पक्के दिल की तनें देख्या मेरा लाल बहू हे +तूं घर क्यों न ले आई +सास वो तो जहाजां में बैठ लिया री उसने करड़े कर दिये पेच +जहाज मिसर में तार्या री",haryanvi-bgc +"कहऽ त जच्चा रानी, डगरिन बोला देउँ +कहऽ1 त जच्चा रानी , डगरिन बोला देउँ । +चुप , चुप , मेरो राजा , काटब2 नार3 अपने ॥ 1 ॥ +कहऽ त जच्चा रानी , लउँड़ी4 बोला देउँ । +चुप , चुप , मेरो राजा , लीपब5 सउर6 अपने ॥ 2 ॥ +कहऽ त जच्चा रानी , भउजी बोला देउँ । +चुप , चुप , मेरो राजा , पूजब7 देओ8 अपने ॥ 3 ॥ +कहऽ त जच्चा रानी , बहिनी बोला देउँ । +चुप , चुप , मेरो राजा पारब काजर9 अपने ॥ 4 ॥",magahi-mag +"तमतै चाले नौकरी म्हारा कौन हवाल +तमतै चाले नौकरी म्हारा कौन हवाल +यो बिडला मेरे मन बसिया +बिडला बिडला के करै री गोरी बिडले ल्यावां दो चार +यो बिडला मेरे मन बसिया +कोठी चावल रै गोरी घी घणा गोरी म्हारी बैठी मौज उडाय +यो बिडला मेरे मन बसिया +चरखा ल्यांदा रै गोरी रांगला पीड़ा लाल गुलाल +यो बिडला मेरे मन बसिया +तकवा ल्यांदा रै गोरी म्हारी सार का कातनी झरोखे दार",haryanvi-bgc +"दँतवा लगवलूँ हम मिसिया, नयन भरि काजर हे +दँतवा लगवलूँ हम मिसिया , नयन भरि काजर हे । +डंटी1 भर कयलूँ सेनुरबा , बिंदुलिया से साटि लेलूँ हे ॥ 1 ॥ +सेजिया बिछयलूँ हम अँगनमा से फूल छितराइ देलूँ हे । +रसेरसे बेनिया डोलयलूँ , बलम गरे2 लागलूँ हे ॥ 2 ॥ +हम नहीं जानलूँ मरमिया से सुखे नीने3 सोइलूँ4 हे । +रसेरसे मुँह पियरायल , जीउ फरियायल5 हे ॥ 3 ॥ +आयल मास असाढ़ से दरद बेयाकुल हे । +अँगनो न देखियइ बलमु जे , कइसे बचत बाला6 जीउ हे ॥ 4 ॥ +ओने से अयलन ननदिया , बिहँसि बोल बोलथि हे । +भउजो तोरो होतो आजु नंदलाल लहसि सोहर गायब7 हे ॥ 5 ॥ +हाथ में लेबो कँगनमा8 गले मोहरमाला लेबो हे । +पेन्हें के लेबो हम पीताम्बर , लहसि सोहर गायब हे ॥ 6 ॥ +हम जे जनतों एतो पीरा9 होयतो , अउरो दरद होयतो हे । +भुलहुँ न सामी सेज जइतूँ , न बेनियाँ डोलयतूँ हे ॥ 7 ॥ +आधी रात बीतलइ , पहर राती अउरो पहर राती हे । +जलमल10 सीरी भगमान , महल उठे सोहर हे ॥ 8 ॥",magahi-mag +"रसना राम राम कह जारी +रसना राम राम कह जारी , +कौन जात है हारी । +जौ हरनाम सजीवन बूटी , +खात बनै तो खारी । +काँलों दिन उर रात सिखइये , +बऔ जात बिरथाँरी । +ईसुर हमना कोउ तुमाये +तैनाँ कोउ हमारी ।",bundeli-bns +"168 +तुसीं एसदे खयाल ना पवो अड़ियो नहीं खटी कुझ एस सपार उतों +नी मैं जीउंदी एस बिन रहां कीकूं घोल घोल घती रांझे यार उतों +झलां बेलयां विच एह फिर भौंदा सिर वेचदा मैं गुनाहगार उतों +मेरे वासते कार कमांवदा ए मेरी जिंद घाती एहदी कार उतों +तदों भाबियां साक ना बणदियां सन जदों सुटया पकड़ पहाड़ उतों +घरों भाइयां चा जवाब दिता एहना भूई दीआं पतियां चार उतों +ना उमैद हो के वतन छड तुरया मोती तुरे जिउं पट दी तार उतों +बिना मेहनतां मसकले1 लख फेरो नहीं मोरचा2 जाए तलवार उतों +एह मेहणा लहेगा कदी नाहीं एस सियालां दे सभ प्रवार उतों +नढी आखसन झगड़दी नाल लोकां एस सोहणे भंबड़े3 यार उतों +वारस शाह समझा तूं भाइयां नूं हुण मुड़े ना ला लख हजार उतों",panjabi-pan