Story_no
int32 0
7.77k
| Sentence
stringlengths 1
710
| Discourse Mode
class label 6
classes |
---|---|---|
0 | चेहरे पर इस की आँखें बहुत अजीब थीं। | 1Descriptive
|
0 | जैसे उस का सारा चेहरा अपना हो और आँखें किसी दूसरे की जो चेहरे पर पपोटों के पीछे महसूर कर दी गईं। | 1Descriptive
|
0 | इस की छोटी नोकदार ठोढ़ी, पिचके लबों और चौड़े चौड़े किलों के ऊपर दो बड़ी बड़ी गहिरी स्याह आँखें अजीब सी लगती थीं। | 1Descriptive
|
0 | पूरा चेहरा एक चालाक ज़हीन, शातिर, ख़ुद-ग़रज़ और कमीने आदमी का था & | 1Descriptive
|
0 | ऐसा चेहरा जो पैंतीस बरस बाद अक्सर उन इन्सानों के हाँ मिलता है जो नौजवान होते ही ग़लत धंदों में पड़ जाएं। | 1Descriptive
|
0 | इसी लिए मुझे उस की आँखों से बड़ी दिलचस्पी पैदा हो गई। | 4Narrative
|
0 | मालूम नहीं कहाँ से चुराई थीं | 1Descriptive
|
0 | ज़ालिम ने ये आँखें! मैं इस की दुकान पर अपनी क़मीस सिलवाने गया था। | 1Descriptive
|
0 | कोलूओन में इस की कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान थी। | 1Descriptive
|
0 | बाहर तख़्ता लगा था: यहां जोड़ा चौबीस घंटे में तैयार किया जाता है। | 1Descriptive
|
0 | तख़्ते ने मुझे दुकान के अंदर जाने पर माइल किया। | 4Narrative
|
0 | एक तो ये थी, दूसरी वजह उस का नाम था जो तख़्ते पर बड़े बड़े हुरूफ़ में लिखा था: | 1Descriptive
|
0 | परोप्राइटर बी. डी. इसरानी। वो बी. डी. इसरानी था और मैं जी. डी. इसरानी! नामों की मुमासिलत ने भी मुझे इस दुकान के अंदर जाने पर मजबूर कर दिया। | 4Narrative
|
0 | वो उम्दा कपड़े पहने, मुँह में लंबा सिगार दाबे, हाथों में हीरे की दो अँगूठीयां पहने बढ़िया तंबाकू का ख़ुशगुवार धुआँ छोड़ते अपनी कुशादा दुकान में इधर उधर घूम रहा था। | 1Descriptive
|
0 | पहले तो उसने मेरा कोई ख़्याल नहीं किया। | 4Narrative
|
0 | लेकिन आर्डर लेते वक़्त जब उसने मेरा नाम मालूम किया, तो ख़ुशी से चौंक पड़ा हम दोनों सिंधी थे और एक ही ज़ात वाले& और ये हांगकांग था, वतन से इस क़दर दूर! चंद मिनटों में हम एक दूसरे से घुल मिल गए जैसे बरसों के दोस्त हूँ। | 4Narrative
|
0 | उसने मुझे रात के खाने पे अपने घर आने की दावत दी जो मैंने फ़ौरन क़बूल कर ली। | 4Narrative
|
0 | फिर मैंने अपनी एक तकलीफ़ भी इस से बयान की। | 4Narrative
|
0 | मैं कैंथ होटल में ठहरा था। | 1Descriptive
|
0 | बॉम्बे ऑब्ज़र्वर के नुमाइंदे की हैसियत से हांगकांग आया था। | 1Descriptive
|
0 | ये सस्ता किस्म का होटल था। | 1Descriptive
|
0 | एक रोज़ रात को दो बजे के क़रीब में लौटा, तो मालूम हुआ, होटल के आठ दस कमरों में एक साथ चोरी हो गई है। | 4Narrative
|
0 | बदक़िस्मती से उनमें मेरा कमरा भी शामिल था। | 1Descriptive
|
0 | मेरे दोनों सूटकेस चोरी हो गए और टाइपराइटर भी। पुलिस तहक़ीक़ात कर रही थी, करेगी और करती रहेगी। | 4Narrative
|
0 | मगर मुझे दो दिन बाद बंबई लौटना था। | 1Descriptive
|
0 | ऑब्ज़र्वर के ऐडीटर ने फ़ौरन वापिस आने के लिए तार दिया था। | 1Descriptive
|
0 | हांगकांग में मेरा काम ख़त्म हो चुका था। | 1Descriptive
|
0 | अब मुझे बंबई पहुंच कर वहां से फ़ौरन नैरुबी जाना था। | 1Descriptive
|
0 | मुझे कुछ रक़म चाहिए। | 2Dialogue
|
0 | मैंने बी. डी. इसरानी से कहा मगर में अब उस के इव्ज़ सिर्फ अपना चैक पेश कर सकता हूँ। | 2Dialogue
|
0 | वो भी हिन्दोस्तान के बैंक का। कितनी रक़म चाहिए? | 2Dialogue
|
0 | उसने पूछा। | 4Narrative
|
0 | पाँच सौ रुपये। ज़रूर। बी.डी. इसरानी ने इतमीनान का सांस लिया। | 4Narrative
|
0 | मेरे साथ चलो। | 2Dialogue
|
0 | मैं अभी बैंक से अपनी गारंटी पर आपका चैक कैश किराए देता हूँ। | 2Dialogue
|
0 | या ख़ुद रक़म दे दूँगा। | 2Dialogue
|
0 | यहां हम सिंधीयों का अपना एक बैंक है। | 2Dialogue
|
0 | दी सिंधी मरकनटाइल बैंक पाँच मंज़िला इमारत में वाक़्य था। | 1Descriptive
|
0 | बी. डी. इसरानी ने मुझे बताया कि बैंक की इमारत का मालिक वही है। | 1Descriptive
|
0 | ग्यारह हज़ार रुपये किराया हर महीने आता है। | 1Descriptive
|
0 | वो बैंक का डायरेक्टर भी है। | 1Descriptive
|
0 | पाँच सौ रुपय दिलवा कर उसने मुझसे कहा शाम के ठीक छे बजे मेरी दुकान पर आजाना। घर जाने से पहले थोड़ा सा घूम फिर लेंगे। | 4Narrative
|
0 | मैं शाम के ठीक छे बजे उस की दुकान पर पहुंच गया। | 4Narrative
|
0 | वो पहले ही से मेरी राह देख रहा था। | 1Descriptive
|
0 | दुकान के मुलाज़िमों को हिदायत देकर मेरे साथ बाहर निकला। | 4Narrative
|
0 | दुकान के बाहर बादामी रंग की एक मर्सिडीज़ खड़ी थी। | 1Descriptive
|
0 | हम इस में बैठ गए। वो मोटर बहुत तेज़ चला रहा था। | 4Narrative
|
0 | मगर गाड़ी के ब्रेक बहुत उम्दा थे। | 1Descriptive
|
0 | इस का चेहरा छोटा मगर जिस्म बहुत मज़बूत था। | 1Descriptive
|
0 | खासतौर पर उस के हाथ बड़े मज़बूत और बालों से भरे दिखाई देते। | 1Descriptive
|
0 | ख़ूबसूरत जोड़े के अंदर उस का जिस्म ज़रूर किसी बिन मांस या गोरीला का रहा होगा। | 1Descriptive
|
0 | वो राह चलते चलते सीटी बजाता। | 1Descriptive
|
0 | किसी ख़ूबसूरत चीनी लड़की के क़रीब जा कर अपनी तेज़ मोटर एक दम धीमी कर के इस से चीनी ज़बान में कुछ कहता और फिर हंसकर आगे चल देता। | 1Descriptive
|
0 | इस के लब-ओ-लहजे से मालूम होता था कि नाशाइस्ता फ़िक़रे किस रहा है। | 1Descriptive
|
0 | किसी चीनी लड़की से पिट्टे नहीं अब तक? | 2Dialogue
|
0 | मैंने पूछा। | 4Narrative
|
0 | यहां किस में हिम्मत है जो इसरानी को पीटे। | 2Dialogue
|
0 | ये गली मेरी है। | 2Dialogue
|
0 | तुम्हारी कैसे है? | 2Dialogue
|
0 | इस गली के सब ग़ुंडों को मैं जानता हूँ। | 2Dialogue
|
0 | यहां मेरे दो जुआख़ाने चलते हैं, देखोगे? | 2Dialogue
|
0 | देख लेंगे। | 2Dialogue
|
0 | सामने क्राकरी की दुकान, पिछवाड़े जुआख़ाना! दोनों के दरमयान जाये हाजत का एक लंबा कमरा जिनके अंदर दो उधेड़ उम्र के चीनी छोटे छोटे तोलीए लिए खड़े थे। | 1Descriptive
|
0 | वो इसरानी को तो पहचानते ही थे, इसलिए मुझे जुआख़ाने जाते हुए किसी दिक़्क़त का सामना नहीं करना पड़ा। | 1Descriptive
|
0 | मगर दूसरे ग्राहकों के लिए कोड वर्ड था। | 1Descriptive
|
0 | इस जुआख़ाने में वही जा सकता था जिसे वो खु़फ़ीया लफ़्ज़ मालूम होता वर्ना बस हाजत दूर करे और वापिस हो जाये। | 1Descriptive
|
0 | मैं हर काम बड़े स्टाइल से करता हूँ। | 2Dialogue
|
0 | बी. डी. इसरानी ने मुझे अपना जुआख़ाना दिखाते हुए कहा। | 4Narrative
|
0 | उम्दा सजे हुए दस कमरे, दुबैज़ बे-आवाज़ ग़ालीचे, ख़ामोश मौअदिब बैरे, नाज़ुक इंदाम चीनी लड़कीयां जाम पेश करती हुईं और अमीर गाहक। | 1Descriptive
|
0 | यहां हाई क्लास जुआ चलता है। | 1Descriptive
|
0 | सिर्फ गन्ने चुने गाहक यहां आते हैं। | 1Descriptive
|
0 | रोज़ रात को ढाई तीन हज़ार डालर मुझे यहां से मिलता है। | 2Dialogue
|
0 | बाहर क्राकरी की दुकान भी अच्छी चलती है। | 2Dialogue
|
0 | बहुत ख़ूबसूरत जगह है। | 2Dialogue
|
0 | मैंने इस से कहा। यहां तो ख़लीफ़ा हारून रशीद की तरह ताली बजाने को जी चाहता है। | 2Dialogue
|
0 | कौन ख़लीफ़ा? | 2Dialogue
|
0 | उसने हैरत से मेरी तरफ़ देखकर पूछा। | 4Narrative
|
0 | इस की आँखें मुझे उस वक़्त बड़ी मासूम और भोली सी मालूम हुईं। | 4Narrative
|
0 | कुछ नहीं! मैंने बात टालते हुए कहा। | 4Narrative
|
0 | बंबई में मेरा एक दोस्त है। | 2Dialogue
|
0 | वो मुझे उस वक़्त याद आ गया। | 2Dialogue
|
0 | जब वो कोई अच्छी जगह देखे तो ताली पीटने लगता है। | 2Dialogue
|
0 | क्या बचपना है! उसने मुझसे कहा और लंबा सिगार अपने मुँह में लेकर उस का ख़ुशगवार धुआँ मेरे मुँह पर फेंकने लगा। जुआ खेलोगे? | 2Dialogue
|
0 | उसने पूछा। नहीं! मैंने जवाब दिया। | 2Dialogue
|
0 | वो मुझे लिए बाहर आ गया। | 4Narrative
|
0 | दूसरा जुआख़ाना दिखा के वो मुझे टी हॉक स्टरीट में ले गया। | 4Narrative
|
0 | वहां भी सब लोग उसे जानते थे। | 1Descriptive
|
0 | उनके चेहरों से लगता था जैसे इस से डरते भी हूँ। | 1Descriptive
|
0 | यहां मेरा एक चंडूख़ाना है। | 2Dialogue
|
0 | इसरानी ने मुझसे कहा। क्या अभी तक इधर चण्डू ख़ाने मौजूद हैं? | 2Dialogue
|
0 | मैंने इस से पूछा। हांगकांग में तो हैं। | 2Dialogue
|
0 | उधर सुना है नहीं रहे। | 4Narrative
|
0 | इसरानी ने मुँह से अपना सिगार निकाल उधर ( चीन ) की तरफ़ इशारा किया। | 4Narrative
|
0 | चण्डू ख़ाने की फ़िज़ा मुझे बड़ी भली मालूम हुई। | 1Descriptive
|
0 | अच्छा इंतिज़ाम था। | 1Descriptive
|
0 | हशतपहलू चीनी शम्अ-दान, हर पहलू पर रंगदार झालरें लटकती हुईं | 1Descriptive
|
0 | छोटे छोटे पियालों में अन्वा-ओ-इक़साम की मुनश्शियात और तिर्छे पपोटों वाली हसीनाएं जो नशा ला सकती थीं। | 1Descriptive
|
0 | ये चंडूख़ाना भी हशतपहलू था। | 1Descriptive
|
0 | हर कमरा एक मर्कज़ी हाल में निकलता जिसमें चंद चीनी साज़िंदे बैठे थे और एक चीनी रक़ासा ठुमक ठुमक कर नाच रही थी। | 1Descriptive
|
0 | मीकाओ से मँगाई है। | 2Dialogue
|