\id LUK Haryanvi Bible \ide UTF-8 \rem Copyright।nformation: Creative Commons Attribution-ShareAlike 4-0 License \h लूका \toc1 लूका के जरिये लिख्या गया सुसमाचार \toc2 लूका \toc3 लूका \mt1 लूका के जरिये लिख्या गया सुसमाचार \is जानकारी \ip लूका के जरिये लिखे गये सुसमाचार नै यीशु ताहीं इस्राएली माणसां के खात्तर करे होए वादे का मुक्तिदाता अर सारे मानव जात्ति का उद्धारकर्ता, दोनुआ ए कै तौर पै पेश करया सै। लूका लिखै सै के यीशु ताहीं “कंगालां ताहीं सुसमाचार सुणाण खात्तर” प्रभु की आत्मा नै बुलाया था। इसे कारण यो सुसमाचार कई तरियां की समस्या म्ह पड़े माणसां की चिन्ता तै भरा पड़ा सै। लूका के जरिये लिखे गये सुसमाचार म्ह आनन्द के भाव की भी झलक देक्खै सै, खासकर शरुआती पाठां म्ह, जिन म्ह यीशु के आण की घोषणा करी गई सै, अर आखर म्ह भी जड़ै यीशु के सुर्ग जाण का जिक्र सै। यीशु के सुर्ग जाणकै बाद मसीह बिश्वास की बढ़ोतरी अर ब्यौरे का खुलास्सा इस्से लेखक के जरिये प्रेरितां के जरिये करे गए काम की किताब म्ह दिया सै। दुसरे अर छटे भाग म्ह भोत सी बात सिर्फ इसे सुसमाचार म्ह पाई जावै सै। मिसाल के तौर पै, यीशु, के जन्म पै सुर्गदूत्तां का गीत, पाळीयाँ का यीशु ताहीं देखण जाणा, यरुशलेम नगर के मन्दर म्ह बाळक यीशु, दयालु सामरी अर उड़ाऊ बेट्टे की कहाँनी आदि। पूरे सुसमाचार म्ह प्रार्थना, पवित्र आत्मा, यीशु के जरिये माणसां की सेवा म्ह बिरबानियाँ की भूमिका, अर परमेसवर के जरिये पापां की माफी पै घणा ज्यादा जोर दिया सै। \iot रूप-रेखा \io1 जानकारी 1:1-4 \io1 यूहन्ना बपतिस्मा देण आळा अर यीशु का जन्म अर बचपन 1:5-2:52 \io1 यूहन्ना बपतिस्मा देण आळे कै जरिये माणसां की सेवा 3:1-20 \io1 यीशु का बपतिस्मा अर इम्तिहान 3:21-4:13 \io1 गलील परदेस म्ह यीशु के जरिये माणसां की सेवा 4:14-9:50 \io1 गलील परदेस तै यरूशलेम नगर ताहीं का सफर 9:51-19:27 \io1 यरूशलेम नगर म्ह आखरी हफ्ता 19:28-23:56 \io1 प्रभु का जिन्दा हो जाणा, दिखाई देणा, अर सुर्ग म्ह जाणा 24:1-53 \c 1 \s लूका का मकसद \p \v 1 हे जनाब थियुफिलुस, घणखरयां माणसां नै म्हारै बिचाळै घटी बात्तां का ब्यौरा लिखण की कोशिश करी सै। \v 2 सरूआत तै ए जो यीशु मसीह की सेवकाई म्ह साथ थे अर वे बाद म्ह वचन के सेवक बणगे, उननै ए आँखां देक्खी बात म्हारे ताहीं बताई। \v 3 इस करकै हे जनाब थियुफिलुस, मन्नै भी यो ठीक लाग्या के उन सारी बात्तां का सारा हाल सरू तै आच्छी दाहूं परख कै, उननै तेरै खात्तर क्रमानुसार\f + \fr 1:3 \ft क्रमानुसार-लंगपतार म्ह\f* लिखूँ \v 4 के तू या जाण ले के वो बात जिनकी तन्नै शिक्षा पाई सै, वो सच्ची सै। \s यूहन्ना के जन्म की घोषणा \p \v 5 यहूदिया परदेस कै राजा हेरोदेस कै बखत म्ह अबिय्याह कै टोळ म्ह जकरयाह नाम का एक याजक था, अर उसकी घरआळी का नाम एलीशिबा था, अर दोन्नु हारुन की पीढ़ी के थे। \v 6 वे दोन्नु परमेसवर कै स्याम्ही धर्मी थे, अर प्रभु कै सारे हुकम अर नियमां पै बेखोट चालण आळे थे। \v 7 पर उनकै कोए भी ऊलाद कोनी थी, क्यूँके एलीशिबा बाँझ थी, अर वे दोन्नु ए बूढ़े थे। \p \v 8 एक दिन मन्दर म्ह जिब याजक के काम की बारी जकरयाह के टोळ की आई, तो वो परमेसवर कै स्याम्ही पूजा करण खात्तर ओड़ै मौजूद था, \v 9 तो याजकां की रीत कै मुताबिक उसकै नाम की चिट्ठी लिकड़ी के प्रभु कै मन्दर म्ह जाकै धूप जळावै। \v 10 धूप जळाण कै बखत माणसां की भीड़ बाहरणै आँगण म्ह प्रार्थना करै थी। \p \v 11 उस बखत प्रभु का एक सुर्गदूत धूप की मंढही कै सोळी ओड़ खड्या दिख्या। \v 12 जकरयाह देखकै घबराग्या अर घणा डरग्या। \v 13 पर सुर्गदूत उसतै बोल्या, “हे जकरयाह, डरै ना, क्यूँके परमेसवर नै तेरी प्रार्थना सुणली सै, अर तेरी घरआळी एलीशिबा तेरै खात्तर एक बेट्टा जाम्मैगी, अर तू उसका नाम यूहन्ना धरिये। \v 14 वो तेरे ताहीं तो आनन्द अर खुशी देवैएगा, साथ म्ह भोत से माणस भी उसकै जन्म तै राज्जी होवैगें। \v 15 क्यूँके वो प्रभु कै स्याम्ही घणा महान् होगा, अर वो ना ए कदे मदिरा, नशीली चीज पीवैगा, अर अपणी माँ की कुख तै ए पवित्र आत्मा तै भर ज्यागा। \v 16 अर इस्राएल के भोत से माणसां के मन प्रभु परमेसवर की ओड़ मोड़ देवैगा। \v 17 यूहन्ना एलिय्याह नबी की आत्मा अर सामर्थ म्ह भरा होगा, अर वो परमेसवर के राह नै तैयार करैगा, वो माँ-बाप का मन बाळकां की ओड़ मोड़ देवैगा। हुकम ना मानण आळे अधर्मियाँ की सोच नै धर्मियाँ की सोच म्ह बदल देवैगा।” \p \v 18 जकरयाह नै सुर्गदूत तै बुझया, “इस बात का मै किस तरियां बिश्वास करुँ? के यो म्हारे गेल होवैगा, क्यूँके मै तो बुढ़ा सूं, अर मेरी घरआळी भी बूढ़ी होरी सै।” \p \v 19 सुर्गदूत नै उसतै जबाब दिया, “मै जिब्राईल सूं, जो परमेसवर कै आग्गै खड्या रहूँ सूं, अर मै तेरै तै बात करण अर सुसमाचार देण खात्तर भेज्या सूं। \v 20 अर देख्ये जिब ताहीं ये बात पूरी ना हो लेंगी, तू गूँगा रहैगा अर बोल न्ही पावैगा इस खात्तर कै तन्नै मेरी बात्तां का बिश्वास न्ही करया, जो अपणे बखत पै पूरी होंगी।” \p \v 21 बाहर जकरयाह की बाट देक्खण आळे माणस अचम्भे म्ह पड़गे, कै उसनै मन्दर म्ह इतनी वार क्यूँ लाग्गी। \v 22 जिब वो बाहर आया, तो उन ताहीं बोल न्ही पाया आखर वो जाणगे कै उसनै मन्दर म्ह कोई दर्शन पाया सै, अर वो उन ताहीं इशारे करता रह्या, अर गूँगा होग्या। \p \v 23 जिब उसकी याजकीय सेवा कै दिन पूरे होए, तो वो यरुशलेम नगर नै छोड़ अपणे घरां चल्या गया। \p \v 24 कई दिनां पाच्छै उसकी घरआळी एलीशिबा गर्भवती होग्यी, अर पाँच महिन्ने तैई अपणे आपनै या कहकै ल्हकोए राख्या, \v 25 उसनै अपणे आप तै कह्या, प्रभु नै इन दिनां म्ह दया की मेहर करकै मेरै खात्तर इसा करया सै, “के माणसां के बीच म्ह मेरा अपमान दूर हो।” \s यीशु के जन्म की घोषणा \p \v 26 एलीशिबा कै छठा महिन्ना चढ़ रह्या था, परमेसवर की ओड़ तै जिब्राईल सुर्गदूत, गलील परदेस कै नासरत नगर म्ह, \v 27 एक कुँवारी कै धोरै भेज्या जिसकी सगाई यूसुफ नाम कै दाऊद कै घराने कै एक माणस तै होई थी, उस कुँवारी का नाम मरियम था। \v 28 जिब्राईल सुर्गदूत नै उसके धोरै आकै कह्या, “आनन्द अर जयजयकार तेरी हो तेरै पै ईश्‍वर का अनुग्रह होया सै! प्रभु तेरै गेल्या सै!” \p \v 29 मरियम या बात सुणकै भोत घबरा ग्यी, अर सोच म्ह पड़गी कै इन बात्तां का के मतलब हो सकै सै? \v 30 सुर्गदूत नै उसतै कह्या, “हे मरियम, डरै ना, क्यूँके परमेसवर का अनुग्रह तेरै पै होया सै। \v 31 अर देख, तू गर्भवती होगी, अर तेरै एक छोरा पैदा होगा, तू उसका नाम यीशु धरिये। \v 32 वो महान् होगा अर परमप्रधान का बेट्टा कहवावैगा, अर प्रभु परमेसवर उसकै पूर्वज दाऊद का सिंहासन उसनै देवैगा, \v 33 अर वो इस्राएल कै घराने पै सदा राज करैगा, अर उसकै राज्य का अंत न्ही होगा।” \p \v 34 मरियम नै सुर्गदूत तै कह्या, “यो किस तरियां होगा। मै तो कुँवारी सूं।” \p \v 35 सुर्गदूत नै उस ताहीं जबाब दिया, “पवित्र आत्मा तेरै पै आवैगा अर परमप्रधान की सामर्थ तेरै पै छाया करैगी, इस खात्तर वो जो बच्चा पैदा होण आळा सै, पवित्र अर परमेसवर का बेट्टा कहवावैगा। \v 36 अर सुण, तेरी रिश्तेदार जो एलीशिबा सै उसकै भी बुढ़ापे म्ह बेट्टा होण आळा सै, जो बाँझ कहवावै थी यो उसका, छठा महिन्ना सै। \v 37 क्यूँके परमेसवर खात्तर कुछ भी मुश्किल कोनी सै।” \p \v 38 मरियम नै कह्या, “देख, मै प्रभु की दास्सी सूं, मेरै तेरै कहैए वचन कै मुताबिक हो।” फेर सुर्गदूत उसके धोरै तै चल्या ग्या। \s मरियम का एलीशिबा तै फेटण जाणा \p \v 39 कई दिनां बाद मरियम ताव्ली तैयार होकै पहाड़ी परदेस के यहूदा नगर म्ह ग्यी, \v 40 अर जकरयाह कै घर म्ह जाकै एलीशिबा ताहीं नमस्कार करया। \v 41 ज्योए एलीशिबा नै मरियम का नमस्कार सुण्या, त्योंए बाळक उसके पेट म्ह उछळ्या, अर एलीशिबा पवित्र आत्मा तै भरगी। \v 42 अर उसनै ऊँच्ची आवाज म्ह बोलकै कह्या, “तू बिरबानियाँ म्ह धन्य सै, अर तेरी कोख का फळ धन्य सै! \v 43 मै खुशनसीब सूं जो प्रभु की माँ मेरै धोरै मिलण खात्तर आई? \v 44 देख, ज्योए तेरै नमस्कार का बोल मेरै कान्ना म्ह पड्या, त्योंए बाळक मेरै पेट म्ह खुशी तै उछळ पड्या। \v 45 धन्य सै तू क्यूँके तन्नै बिश्वास करया कै जो बातें प्रभु तेरे ताहीं कही, वे पूरी होई!” \s मरियम के जरिये जै-जै कार \p \v 46 फेर मरियम नै कह्या, \q “मेरा जी प्रभु की बड़ाई करै सै \q \v 47 अर मेरी आत्मा मेरै उद्धार करण आळे परमेसवर तै खुश होई,” \q \v 48 “क्यूँके उसनै अपणी दास्सी की लाचारी पै निगांह करी सै,\f + \fr 1:48 \ft लूका 1:42\f* \q इस खात्तर देक्खो, इब तै सारे युग-युग कै माणस मन्नै धन्य कहवैगें,” \q \v 49 “क्यूँके उस शक्तिशाली नै मेरै खात्तर बड्डे-बड्डे काम करै सै। उसका नाम पवित्र सै,” \q \v 50 “अर उसकी दया उनपै, जो उसतै डरै सै, पीढ़ी तै पीढ़ी बणी रहवैं सै।” \q \v 51 “उसनै अपणी शक्ति बड़े-बड़े काम करै सै, अर जो अपणे-आपनै शक्तिशाली समझै थे, उन ताहीं तित्तर-बित्तर कर दिया।” \q \v 52 “उसनै शासकां ताहीं उनकै सिंहासनां पै तै गिरा दिया, अर लाचारां ताहीं ऊँच्चा उठा दिया।” \q \v 53 “उसनै भूख्या ताहीं बढ़िया चिज्जां तै ध्पाया सै, अर साहूकारां ताहीं खाल्ली हाथ भेज दिया।” \q \v 54 “उसनै अपणे सेवक इस्राएल ताहीं सम्भाल लिया, कै अपणी उस दया नै याद करै,” \q \v 55 “उसनै अब्राहम अर उसकी पीढ़ी पै सदा खात्तर दया करण का वादा करया सै।” \p \v 56 मरियम करीब तीन महिन्ने उसकै गेल्या रहकै उल्टी अपणे घरां चली ग्यी। \s यूहन्ना बपतिस्मा देण आळे का जन्म \p \v 57 फेर एलीशिबा कै दिन पूरे होए अर उसनै बेट्टा जाम्या। \v 58 उसके पड़ोसी अर रिश्तेदारां नै या सुणकै के प्रभु नै उसपै बड़ी दया करी सै, उसकै गेल्या खुशी मनाई, \p \v 59 आठवे दिन वे बाळक का खतना करण ताहीं आये, अर उसका नाम उसकै पिता के नाम पै जकरयाह धरणा चाहवै थे। \v 60 इस पर उसकी माँ एलीशिबा नै जबाब दिया, “ना, इसका नाम यूहन्ना धरो।” \p \v 61 उननै उस ताहीं कह्या, “तेरै रिश्तेदारा म्ह किसे का यो नाम न्ही सै!” \p \v 62 फेर उसकै पिता तै इशारा करकै पूच्छया कै तू उसका नाम कै धरणा चाहवै सै? \v 63 उसनै लिखण की पट्टी पै लिख दिया, “उसका नाम यूहन्ना सै,” अर सारा नै अचम्भा होया। \v 64 फेर उसकी आवाज बोहड़ आई, अर वो बोल्लण अर परमेसवर का धन्यवाद करण लाग्या। \v 65 उसके लोवै-धोरै कै सब रहण आळे डरगे, अर उन सारी बात्तां की चर्चा यहूदिया कै सारे पहाड़ी देश म्ह फैलगी, \v 66 अर सब सुणण आळा नै अपणे-अपणे मन म्ह विचार करकै कह्या, “यो बाळक किसा होगा?” क्यूँके प्रभु की शक्ति उसकै साथ सै। \s जकरयाह के जरिये जै-जै कार \p \v 67 उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा तै भरग्या, अर भविष्यवाणी करण लाग्या: \q \v 68 “प्रभु इस्राएल का परमेसवर धन्य सै, क्यूँके उसनै अपणे माणसां पै निगांह करी अर उनका उद्धार करया सै, \q \v 69 अर अपणे दास दाऊद कै घराने म्ह म्हारै खात्तर एक शक्तिशाली उद्धारकर्ता ताहीं भेज्या सै, \q \v 70 (भोत पैहले प्रभु नै अपणे पवित्र नबियाँ कै जरिये यो कह्या था, के वो हमनै दुश्मनां तै बचावैगा अर मेरे तै नफरत करण आळे की ताकत तै भी हमनै बचावैगा।) \q \v 71 बल्के म्हारै दुश्मनां तै अर म्हारै सब बैरियाँ कै हाथ्थां तै म्हारा उद्धार करया, \q \v 72 उसनै कह्या, कै वो म्हारै पूर्वजां पै दया करैगा अर अपणे पवित्र करार नै याद राक्खैगा, \q \v 73 अर वो करार जो उसनै म्हारै पूर्वज अब्राहम तै करया था, \q \v 74 उसनै वादा करया सै, कै वो म्हारे दुश्मनां कै हाथ तै हमनै छुड़ावैगा, \q \v 75 अर जिन्दगी भर उसकै आग्ये पवित्रता अर धार्मिकता तै बिना डरें उसकी सेवा कर सकां। \q \v 76 हे मेरे बेट्टे, तू परमप्रधान का नबी कहवावैगा, क्यूँके तू प्रभु का रास्ता त्यार करण कै खात्तर आग्गै-आग्गै चाल्लैगा, \q \v 77 तू उसकै माणसां नै उद्धार का ज्ञान देगा, जो पापां की माफी तै मिलै सै। \q \v 78 यो म्हारे परमेसवर की उस बड़ी दया तै होगा। जिस तरियां सूरज चमकै सै, उसी तरियां मसीहा भी सुर्ग तै म्हारे धोरै आवैगा \q \v 79 कै अन्धेरे अर मौत की छाया म्ह बैठण आळा नै रोशनी दे, वो रोशनी म्हारै ताहीं सही राह पै चलाण म्ह म्हारी मदद करैगी।” \p \v 80 अर बाळक यूहन्ना देह अर आत्मा म्ह मजबूत होन्दा गया, अर इस्राएल के माणसां म्ह आण तै पैहले वो जंगलां म्ह रह्या। \c 2 \s यीशु का जन्म \r (मत्ती 1:18-25) \p \v 1 उन दिनां म्ह औगुस्तुस कैसर की कान्ही तै हुकम लिकड़या के, सारे रोमी साम्राज्य कै माणसां की जनगणना करकै उनके नाम लिक्खे जावै। \v 2 या पैहली नाम लिखाई उस बखत होई, जिब क्‍विरिनियुस सीरिया परदेस कै इलाकै का राज्यपाल था। \v 3 सारे माणस नाम लिखाण कै खात्तर अपणे-अपणे पुश्तैनी नगर म्ह गए। \p \v 4 आखर यूसुफ भी इस करकै के वो भी दाऊद कै कुण्बै अर पीढ़ी का था, गलील परदेस कै नासरत नगर तै, यहूदिया परदेस म्ह दाऊद कै बैतलहम नगर म्ह गया, \v 5 के अपणी मंगेतर मरियम कै गेल्या जो गर्भवती थी, उस जनगणना म्ह नाम लिखवावै। \v 6 उनकै बैतलहम नगर रहन्दे होए उसके जाम्मण के दिन पूरे होए, \v 7 अर उसनै अपणा जेट्ठा छोरा जाम्या अर उस ताहीं लत्ते म्ह लपेटकै खोर म्ह धरया, क्यूँके उनकै खात्तर सराये म्ह जगहां कोनी थी। \s सुर्गदूत्तां द्वारा चरवाहां ताहीं संदेश \p \v 8 अर उस देश म्ह कई पाळी थे, जो रात नै मदानां म्ह रहकै अपणी भेड्डां के टोळ की रुखाळ करै थे। \v 9 अर उस्से रात नै प्रभु का एक सुर्गदूत उसकै धोरै आण खड्या होया, अर प्रभु का प्रताप उसकै चौगरदे नै चमक्या, अर वे घणे डरगे। \v 10 सुर्गदूत नै उनतै कह्या, “मतना डरो, क्यूँके लखाओ, मै थमनै घणी खुशी की खबर सुणाऊँ सूं जो सारे माणसां खात्तर होगी, \v 11 के आज दाऊद कै नगर बैतलहम म्ह थारै खात्तर एक उद्धारकर्ता जाम्या सै, अर योए मसीह प्रभु सै। \v 12 अर उसकी थारै खात्तर या निशान्नी होगी के थम एक बाळक नै लत्ते म्ह लिपट्या होड़ अर खोर म्ह लेट्या होड़ पाओगे।” \q \v 13 फेर चाणचक उस सुर्गदूत गेल्या सुर्गदूत्तां का टोळ परमेसवर की भगति करदे होए अर न्यू कहन्दे दिख्या, \p \v 14 “अकास म्ह परमेसवर की महिमा अर \q धरती पै उन माणसां म्ह जिनतै वो राज्जी सै, शान्ति होवै।” \p \v 15 जिब सुर्गदूत उसकै धोरै तै सुर्ग म्ह चले गए, तो पाळीयाँ नै आप्पस म्ह कह्या, “आओ, हम बैतलहम नगर जाकै देक्खां, या बात जो होई सै, अर जो प्रभु नै म्हारै ताहीं बताई सै।” \p \v 16 अर उननै जिब्बे जाकै मरियम अर यूसुफ ताहीं अर खोर म्ह उस बाळक ताहीं लेट्या देख्या। \v 17 जिब पाळीयाँ नै बाळक ताहीं देख्या तो उननै वे सारी बात जो सुर्गदूत नै इस बाळक कै बाबत उनतै कही थी, यूसुफ अर मरियम ताहीं बताई। \v 18 अर पाळीयाँ की ये बात सुणकै सारे सुणण आळा नै अचम्भा करया। \v 19 पर मरियम ये बात अपणे मन म्ह धरकै सोचदी रई। \v 20 अर जिसा पाळीयाँ ताहीं सुर्गदूत्तां नै कह्या था, सब कुछ उसाए सुणकै अर देखकै, परमेसवर की महिमा अर जय-जयकार करदे होए बोहड़गे। \s यीशु का खतना अर नामकरण \p \v 21 जिब आठ दिन पूरे होए अर उसकै खतने का बखत आया, तो उसका नाम यीशु धरया गया, अर यो नाम सुर्गदूत के जरिये, मरियम के गर्भ म्ह आण तै पैहल्या बताया गया था। \s मन्दर म्ह यीशु का अर्पण \p \v 22 जिब मूसा नबी कै नियम-कायदा कै मुताबिक मरियम अर यूसुफ कै सूंच्चे होण के दिन पूरे होए, तो वे दोन्नु यीशु नै यरुशलेम नगर के मन्दर म्ह लेगे के प्रभु कै स्याम्ही ल्याए, \v 23 (जिसा के प्रभु के नियम-कायदा म्ह लिख्या होड़ सै: हरेक जेट्ठा बेट्टा प्रभु कै खात्तर पवित्र ठहरैगा।) \v 24 अर प्रभु कै नियम-कायदा कै वचन कै मुताबिक “पंडुका का एक जोड़ा, या कबूतर कै दो बच्चे ल्याकै बलि करै।” \s शमौन का गीत \p \v 25 उस बखत यरुशलेम नगर म्ह शमौन नाम का एक माणस था। वो धर्मी अर परमेसवर का भगत था, अर वो यीशु मसीह की बाट देखण लागरया था, ताके इस्राएल के माणसां नै शान्ति मिलै अर पवित्र आत्मा उसपै था। \v 26 अर पवित्र आत्मा के जरिये उसपै जाहिर होया था के जिब ताहीं वो प्रभु के मसीह नै देख न्ही लेगा, जद ताहीं मौत नै कोनी देखैगा। \v 27 वो आत्मा की अगुवाई तै मन्दर म्ह आया, अर जिब माँ-बाप उस बाळक यीशु ताहीं भीत्त्तर ल्याए, के उसकै खात्तर नियम-कायदा के रिवाज कै मुताबिक करै, \v 28 फेर शमौन नै बाळक यीशु ताहीं अपणी गोद्दी म्ह लिया अर परमेसवर का धन्यवाद करकै कह्या \q \v 29 “हे माल्लिक, इब तू अपणे दास नै अपणे वचन कै मुताबिक शान्ति कै साथ इब मर जाणदे, \q \v 30 क्यूँके मेरी आँखां नै उद्धारकर्ता ताहीं देख लिया सै, \q \v 31 जिस ताहीं तन्नै सारे देशां के माणसां कै स्याम्ही भेज्या सै, \q \v 32 के वो दुसरी जात्तां ताहीं चाँदणा देण कै खात्तर उजाळा, अर तेरे अपणे माणस इस्राएल की महिमा हो।” \p \v 33 यीशु के माँ-बाप इन बात्तां तै, जो शमौन नै यीशु कै बारें म्ह कही थी, सुणकै अचम्भा करै थे। \v 34 फेर शमौन नै उन ताहीं आशीर्वाद देकै, उसकी माँ मरियम तै कह्या, “देख, यो बाळक इस्राएल म्ह भोत से माणसां के पतन अर उत्थान का कारण बणैगा, अर या निशान्नी के रूप म्ह परमेसवर की ओड़ तै भेज्या होया सै, अर भोत सारे लोग उसका बिरोध करैंगें। \v 35 इसका नतिज्जा यो होगा के भोत सारे मनां के बिचार जाहिर हो जावैंगे, अर एक भोत बड़ा दुख तेरे पै आवैगा।” \s हन्ना की गवाही \p \v 36 अशेर कै गोत म्ह तै हन्नाह नामक फनूएल की बेट्टी एक नबी थी। वा घणी बूढ़ी थी, अर ब्याह होण कै सात साल पाच्छै उसका धणी गुजर ग्या। \v 37 वा चौरासी साल तै बिधवा थी: अर मन्दर म्ह जाणा कोनी छोड्या करै थी, पर ब्रत अर प्रार्थना कर-करकै रात-दिन भगति करया करै थी। \v 38 जिब यूसुफ, मरियम अर बाळक यीशु, मन्दर म्ह थे, तो हन्नाह उनकै धोरै आई अर परमेसवर का धन्यवाद करण लाग्गी, अर उसनै उन सारया ताहीं इस बाळक यीशु के बारें म्ह बताया, जो यरुशलेम कै छुटकारै की बाट देखै थे। \s नासरत नै वापस लौटना \p \v 39 यहूदी नियम-कायदा नै पूरा करण कै बाद यूसुफ अर मरियम गलील परदेस के नासरत नगर म्ह अपणे घरां बोहड़ आये। \v 40 अर बाळक यीशु बढ़दा, अर मजबूत होन्दा, अर बुद्धि तै भरपूर होंदा गया, अर परमेसवर का अनुग्रह उसपै था। \s बाळक यीशु मन्दर म्ह \p \v 41 यीशु के माँ-बाप हरेक साल फसह कै त्यौहार म्ह यरुशलेम जाया करै थे। \v 42 जिब यीशु बारहां साल का होया, तो वे त्यौहार की रित कै मुताबिक यरुशलेम नगर म्ह गए। \v 43 जिब यीशु के माँ-बाप त्यौहार मनाकै अपणे घरां बोहड़ण लागरे थे, तो बाळक यीशु यरुशलेम म्ह रहग्या, अर इसका उसकै माँ-बाप नै कोनी बेरा था। \v 44 वे न्यू समझकै के वो दुसरे मुसाफिरां कै गेल्या होगा, एक दिन का सफर पार करगे: अर उस ताहीं अपणे कुण्बे आळा म्ह अर जाण-पिच्छाण आळा म्ह टोह्ण लाग्गे। \v 45 पर जिब कोनी मिल्या, टोन्दे-टोन्दे यरुशलेम नै दूबारै बोहड़गे, \v 46 अर तीन दिन कै पाच्छै उननै वो मन्दर के आँगण म्ह उपदेशकां कै बिचाळै बैट्ठे, उनकी सुणदे अर उनतै सवाल बुझते पाया। \v 47 जितने उसकी सुणै थे, वे सारे उसकी समझ अर उसके जवाब तै हैरान थे। \v 48 फेर उसके माँ-बाप उस ताहीं देखकै हैरान होए अर उसकी माँ नै उसतै कह्या, “हे बेट्टे, तन्नै म्हारै गेल्या इसा बिवार क्यातै करया? देख, तेरा बाप अर मै तन्नै ढूँढ़-ढूँढ़के परेशान होरे थे?” \p \v 49 उसनै उनतै कह्या, “थम मन्नै क्यातै टोह्वो सो? के बेरा कोनी मन्नै मेरे पिता कै घरां होणा जरूरी सै?” \v 50 पर जो बात उसनै उनतै कही, उननै कोनी समझया। \p \v 51 फेर वो उनकै गेल्या गया, अर नासरत म्ह आया, अर उनकै बस म्ह रह्या, अर उसकी माँ नै ये सारी बात अपणे मन म्ह राक्खी। \v 52 अर यीशु समझ अर कद-कट्ठी म्ह, अर परमेसवर अर माणसां कै अनुग्रह म्ह बढ़दा गया। \c 3 \s यूहन्ना बपतिस्मा देणआळे का संदेश \r (मत्ती 3:1-12; मर 1:1-8; यूह 1:19-28) \p \v 1 जिब रोम साम्राज्य म्ह तिबिरियुस कैसर राजा बण्या तो उसके पंद्रहवें साल म्ह जिब चौथाई देश म्ह पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया परदेस का राज्यपाल था, अर हेरोदेस गलील परदेस म्ह इतूरैया अर त्रखोनितिस परदेस म्ह उसका भाई फिलिप्पुस राज करै था, अर अबिलेने परदेस म्ह लिसानियास राज करै था \v 2 अर जिब हन्ना अर कैफा महायाजक थे, उस बखत परमेसवर का वचन जंगल-बियाबान म्ह जकरयाह के बेट्टे यूहन्ना के धोरै पोहुच्या। \v 3 यूहन्ना यरदन नदी कै लोवै-धोवै के साब्ते परदेस म्ह जाकै, पापां की माफी का प्रचार करण लागग्या, के पाप करणा छोड़ द्यो अर बपतिस्मा ल्यो। \v 4 जिसा यशायाह नबी के कहे होए वचनां की किताब म्ह लिख्या सै: \q “जंगल-बियाबान म्ह एक रुक्के मारणीये का वचन होरया सै के, प्रभु की राही त्यार करो, उसकी सड़क सीध्धी बणाओ। \q \v 5 हरेक घाटी भर दी जावैगी, अर हरेक पहाड़ अर टिल्ला तळै करया जावैगा, अर जो टेढ़ा सै सीध्धा, अर जो ऊँच्चा निच्चा सै वो बरोब्बर राह बणैगा। \q \v 6 अर हरेक माणस परमेसवर के उद्धार नै देखैगा।” \p \v 7 जो भीड़ की भीड़ उसतै बपतिस्मा लेण नै लिकड़ के आवै थी, उनतै यूहन्ना कहवै था, “हे साँप के सप्पोलों जिसे माणसों, थारै तै कौण बताग्या के परमेसवर के आण आळे छो तै भाग्गो। \v 8 इस खात्तर जै थमनै सच म्ह पाप करणा छोड़ दिया सै तो यो दिखाण खात्तर भले काम तो करो, अर अपणे-अपणे मन म्ह न्यू मतना सोच्चो के हम अब्राहम के वंश तै सां, क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं के परमेसवर इन पत्थरां तै भी अब्राहम कै खात्तर ऊलाद पैदा कर सकै सै। \v 9 इब कुहाड़ा दरखतां की जड़ पै धरया सै, इस करकै जो-जो दरखत बढ़िया फळ न्ही ल्यांदा, वो काट्या अर आग म्ह झोक्या जावैगा।” इसका मतलब यो सै परमेसवर उन सारया नै दण्ड देवैगा जो पाप करणा न्ही छोड़ते। \p \v 10 फेर माणसां नै उसतै बुझया, “तो हम परमेसवर के दण्ड तै बचण खात्तर के करा?” \p \v 11 उसनै जबाब दिया, “जिसकै धोरै दो कुडते हों, वो उसकै गेल्या जिसकै धोरै न्ही सै उसकै गेल बांड ल्यो अर जिसकै धोरै खाणा हो, वो भी न्यूए करै।” \p \v 12 चुंगी लेण आळे भी बपतिस्मा लेण आए, अर उसतै बुझया, “हे गुरू, हम के करा?” \p \v 13 उसनै उनतै कह्या, “ईमानदार रहों अर जितना रोमी सरकार नै कर\f + \fr 3:13 \fq कर \ft चुंगी\f* तय करया सै, उसतै ज्यादा ना लियो।” \p \v 14 कुछ सिपाहियाँ नै भी उसतै बुझया, “हम के करा?” उसनै उनतै कह्या, “किसे पै जुल्म करकै पिसे ना लियो, अर ना झूठ्ठा इल्जाम लाइयो, अर अपणी तन्खा पै संतोष करियो।” \p \v 15 जिब माणस मसीहा की आस लगाये होए थे, अर सारे अपणे-अपणे मन म्ह यूहन्ना के बाबत बिचार कररे थे, के योए मसीह तो न्ही सै। \v 16 तो यूहन्ना नै उन सारया तै कह्या, “मै तो थमनै पाणी तै बपतिस्मा दियुँ सूं, पर वो आण आळा सै, जो मेरै तै घणा शक्तिशाली सै, मै तो इस लायक भी कोनी के उसके जुत्या के फित्ते खोल सकूँ, वो थमनै पवित्र आत्मा अर आग तै बपतिस्मा देवैगा। \v 17 उसका छाज, उसकै हाथ म्ह सै, अर वो अपणा खलिहाण आच्छी तरियां साफ करैगा, अर नाज नै अपणे कोठार (गोदाम) म्ह कट्ठा करैगा, पर भुरळी ताहीं उस आग म्ह जळावैगा जो कदे बुझै कोनी।” \p \v 18 आखर वो घणीए शिक्षा दे देकै माणसां तै सुसमाचार सुणान्दा रह्या। \p \v 19 पर जिब उसनै चौथाई देश म्ह गलील परदेस के राजा हेरोदेस तै उसके भाई फिलिप्पुस की घरआळी हेरोदियास कै बाबत अर सारे बुरे काम्मां कै बाबत जो उसनै करे थे, उल्हाणा दिया, \p \v 20 तो हेरोदेस नै उन सारया तै बढ़कै यो बुरा काम भी करया के यूहन्ना ताहीं जेळ म्ह गेर दिया। \s यीशु का बपतिस्मा \r (मत्ती 3:13-17; मर 1:9-11) \p \v 21 जिब सारे माणसां नै बपतिस्मा लिया अर यीशु भी बपतिस्मा लेकै प्रार्थना कर रह्या था, तो अकास खुलग्या, \v 22 अर पवित्र आत्मा शारीरिक रूप म्ह कबूतर की तरियां उसपै उतरया, अर परमेसवर सुर्ग म्ह तै बोल्या “तू मेरा प्यारा बेट्टा सै, मै तेरतै राज्जी सूं।” \s यीशु की वंशावली \r (मत्ती 1:1-17) \p \v 23 जिब यीशु खुद उपदेश देण लागग्या, तो करीबन तीस साल की उम्र का था अर (जिसा समझा जावै सै) यीशु यूसुफ का बेट्टा था, अर यूसुफ एली का बेट्टा था, \v 24 अर एली मत्तात का बेट्टा था, अर मत्तात लेवी का बेट्टा था, अर लेवी मलकी का बेट्टा था, अर मलकी यन्ना का बेट्टा था, अर यन्ना यूसुफ का बेट्टा था, \v 25 अर यूसुफ मत्तित्याह का बेट्टा था, अर मत्तित्याह आमोस का बेट्टा था, अर आमोस नहूम का बेट्टा था, अर नहूम असल्याह का बेट्टा था, अर असल्याह नोगह का बेट्टा था, \v 26 अर नोगह मात का बेट्टा था, अर मात मत्तित्याह का बेट्टा था, अर मत्तित्याह शिमी का बेट्टा था, अर शिमी योसेख का बेट्टा था, अर योसेख योदाह का बेट्टा था, \v 27 अर योदाह यूहन्ना का बेट्टा था, अर यूहन्ना रेसा का बेट्टा था, अर रेसा जरुब्बाबिल का बेट्टा था, अर जरुब्बाबिल शालतियेल का बेट्टा था, अर शालतियेल नेरी का बेट्टा था, \v 28 अर नेरी मलकी का बेट्टा था, अर मलकी अद्दी का बेट्टा था, अर अद्दी कोसाम का बेट्टा था, अर कोसाम इलमोदाम का बेट्टा था, अर इलमोदाम एर का बेट्टा था, \v 29 अर एर येशू का बेट्टा था, अर येशू इलाजार का बेट्टा था, अर इलाजार योरीम का बेट्टा था, अर योरीम मत्तात का बेट्टा था, अर मत्तात लेवी का बेट्टा था, \v 30 अर लेवी शमौन का बेट्टा था, अर शमौन यहूदा का बेट्टा था, अर यहूदा यूसुफ का बेट्टा था, अर यूसुफ योनान का बेट्टा था, अर योनान इलयाकीम का बेट्टा था, \v 31 अर इलयाकीम मलेआह का बेट्टा था, अर मलेआह मिन्नाह का बेट्टा था, अर मिन्नाह मत्तता का बेट्टा था, अर मत्तता नातान का बेट्टा था, अर नातान दाऊद का बेट्टा था, \v 32 अर दाऊद यिशै का बेट्टा था, अर यिशै ओबेद का बेट्टा था, अर ओबेद बोआज का बेट्टा था, अर बोआज सलमोन का बेट्टा था, अर सलमोन नहशोन का बेट्टा था, \v 33 अर नहशोन अम्मीनादाब का बेट्टा था, अर अम्मीनादाब अर अरनी का बेट्टा था, अर अरनी हिस्रोन का बेट्टा था, अर हिस्रोन फिरिस का बेट्टा था, अर फिरिस यहूदा का बेट्टा था, \v 34 अर यहूदा याकूब का बेट्टा था, अर याकूब इसहाक का बेट्टा था, अर इसहाक अब्राहम का बेट्टा था, अर अब्राहम तिरह का बेट्टा था, अर तिरह नाहोर का बेट्टा था, \v 35 अर नाहोर सरूग का बेट्टा था, अर सरूग रऊ का बेट्टा था, अर रऊ फिलिग का बेट्टा था, अर फिलिग एबिर का बेट्टा था, अर एबिर शिलह का बेट्टा था, \v 36 अर शिलह केनान का बेट्टा था, अर केनान अरफक्षद का बेट्टा था, अर अरफक्षद शेम का बेट्टा था, अर शेम नूह का बेट्टा था, अर नूह लिमिक का बेट्टा था, \v 37 अर लिमिक मथूशिलह का बेट्टा था, अर मथूशिलह हनोक का बेट्टा था, अर हनोक यिरिद का बेट्टा था, अर यिरिद महललेल का बेट्टा था, अर महललेल केनान का बेट्टा था, \v 38 अर केनान एनोश का बेट्टा था, अर एनोश शेत का बेट्टा था, अर शेत आदम का बेट्टा था, अर आदम परमेसवर का बेट्टा था। \c 4 \s यीशु की परीक्षा \r (मत्ती 4:1-11; मर 1:12-13) \p \v 1 फेर यीशु पवित्र आत्मा तै भरया होया, यरदन नदी तै बोहड़या, अर चाळीस दिन ताहीं पवित्र आत्मा कै सिखाण तै जंगल बियाबान म्ह हाण्डदा रहया, \v 2 उन चाळीस दिनां म्ह शैतान उस ताहीं परखता रहया। उन दिनां म्ह उसनै कुछ न्ही खाया, अर जिब वे दिन पूरे होए, तो उसनै भूख लाग्गी। \p \v 3 फेर शैतान नै उसतै कह्या, “जै तू परमेसवर का बेट्टा सै, तो साबित करदे, अर इस पत्थर तै कह, के रोट्टी बण जावै, ताके तू इननै खा सकै।” \p \v 4 यीशु नै उस ताहीं जबाब दिया, “पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै: ‘माणस सिर्फ रोट्टी तै जिन्दा कोनी रहन्दा।’” \p \v 5 फेर शैतान\f + \fr 4:5 \ft (इबलीस)\f* उसनै घणे ऊँच्चे पहाड़ पै लेग्या अर उस ताहीं माड़ी वार म्ह दुनिया का राज दिखाए, \v 6 अर उसतै बोल्या, “मै यो सारा हक, अर उसकी शानों-शोकत तन्नै दियुँगा, क्यूँके वो मेरैतै सौंप्या गया सै: अर जिसनै चाऊँ उसनै दे दियुँ सूं। \v 7 इस करकै जै तू मेरी भगति करै, तो यो सब कुछतेरा हो ज्यागा।” \p \v 8 यीशु नै उस ताहीं जबाब दिया, “लिख्या सै: ‘तू प्रभु अपणे परमेसवर की भगति कर, अर सिर्फ उस्से की भगति कर।’” \p \v 9 फेर उसनै उस ताहीं पवित्र नगर यरुशलेम म्ह ले जाकै मन्दर की चोट्टी पै खड्या करया अर उसतै बोल्या, “जै तू परमेसवर का बेट्टा सै, तो अपणे आपनै उरै तै तळै गेर दे अर अपणे आपनै साबित करदे।” \v 10 “क्यूँके पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै: ‘वो तेरै बाबत अपणे सुर्गदूत्तां नै हुकम देवैगा, के वे तेरी रुखाळी करै,’” \p \v 11 “अर वे तन्नै हाथों-हाथ उठा लेवैगें, इसा ना हो के तेरे पांयां म्ह पत्थर तै ठेस लाग्गै।” \p \v 12 यीशु नै उस ताहीं जबाब दिया, “पवित्र ग्रन्थ म्ह यो भी लिख्या सै: ‘तू प्रभु अपणे परमेसवर नै ना परखै।’” \p \v 13 जिब शैतान उस ताहीं परख कै हार लिया, तो कुछ बखत खात्तर उसकै धोरै तै चल्या गया। \s यीशु के सेवा के काम की सरूआत \r (मत्ती 4:12-17; मर 1:14-15) \p \v 14 फेर यीशु पवित्र आत्मा की सामर्थ तै भरया होड़ गलील परदेस बोहड़या, अर उसकी चर्चा लोवै-धोवै के सारे देशां म्ह फैलगी। \v 15 वो उनके आराधनालयाँ म्ह उपदेश सुणान्दा रह्या, अर सारे उसकी बड़ाई करै थे। \s नासरत म्ह यीशु का अनादर \r (मत्ती 13:53-58; मर 6:1-6) \p \v 16 फेर यीशु नासरत नगर म्ह आया, जड़ै पाळा-पोस्या गया था, अर अपणी रित कै मुताबिक आराम कै दिन आराधनालय म्ह जाकै पवित्रग्रन्थ पढ़ण कै खात्तर खड्या होया। \v 17 यशायाह नबी की किताब उस ताहीं दी गई, अर उसनै किताब खोल कै, वा जगहां लिकाड़ी जड़ै लिख्या था: \q \v 18 “प्रभु का आत्मा मेरै पै सै, \q इस करकै के उसनै कंगालां ताहीं सुसमाचार \q सुणाण कै खात्तर मेरा अभिषेक करया सै, \q अर मेरै ताहीं इस करकै भेज्या सै के कैदीयां नै छुड़ाण का \q अर आंध्याँ नै देखण जोग्गा बनाण की खुशी की खबर का प्रचार करूँ \q अर कुचले होया नै छुड़ाऊँ, \q \v 19 अर प्रभु कै राज्जी रहण कै साल का प्रचार करूँ।” \p \v 20 फेर यीशु नै किताब बन्द करकै सेवक कै हाथ्थां म्ह दे दी अर बैठग्या, अर आराधनालय के सारे माणसां की निगांह उसपै थी। \v 21 फेर वो उनतै कहण लागग्या, “आज ए यो पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या होड़ वचन थारै स्याम्ही पूरा होया।” \p \v 22 सारया नै उस ताहीं सराहया, अर जो अनुग्रह की बात उसकै मुँह तै लिकड़ै थी, उनतै हैरान होए, अर कहण लाग्गे, “के यो यूसुफ का छोरा कोनी?”\f + \fr 4:22 \ft लूका 2:42\f* \p \v 23 उसनै उनतै कह्या, “थम मेरै पै या कहावत जरुर कहोगे के ‘हे वैद्य, खुद नै ठीक कर! जो कुछ हमनै सुण्या के कफरनहूम नगर म्ह करया गया सै, उसनै उरै खुद कै नगर म्ह भी कर।’” \p \v 24 अर उसनै कह्या, “मै थमनै साच्ची-साच कहूँ सूं कोई नबी अपणे गाम म्ह आद्दर-मान कोनी पान्दा। \v 25 मेरी सुणो, के एलिय्याह नबी कै दिनां म्ह जिब साढ़े तीन साल ताहीं अकास तै बारिस न्ही होई, उरै ताहीं के सारे देश म्ह बड्ड़ा अकाळ पड्या, तो इस्राएल देश म्ह घणीए बिधवा थी। \v 26 पर एलिय्याह उन म्ह तै किसे कै धोरै कोनी भेज्या गया, सिर्फ सैदा परदेस कै सारफत नगर म्ह एक बिधवा कै धोरै। \v 27 अर एलीशा नबी कै बखत इस्राएल देश म्ह घणे कोढ़ी थे, पर सीरिया परदेस का सेनापति नामान नामक कोढ़ी नै छोड़कै उन म्ह तै कोए शुध्द कोनी करया गया।” \p \v 28 ये बात सुणद-ए जितने आराधनालय म्ह थे, सारया कै छो उठग्या, \v 29 अर उठकै उस ताहीं नगर तै बाहरणै लिकाड़या, अर जिस पहाड़ पै उनका नगर बसरया था, उसकी चोट्टी पै ले चाल्ले, ताके उसनै उड़ै तै तळै गेरकै मार दें। \v 30 पर यीशु उनकै बिचाळै तै लिकड़कै चल्या गया। \s एक माणस ताहीं ठीक करणा जिस म्ह ओपरी आत्मा थी \r (मर 1:21-28) \p \v 31 फेर वो गलील परदेस कै कफरनहूम नगर म्ह गया, अर आराम कै दिन माणसां ताहीं उपदेश देवै था। \v 32 वे उसके उपदेश तै हैरान होगे क्यूँके उसका वचन हक सुधां था। \p \v 33 आराधनालय म्ह एक माणस था, जिस म्ह ओपरी आत्मा थी, उसनै जोर तै किल्की मारी, \v 34 “हे नासरत के यीशु, हमनै तेरै तै के काम? के तू म्हारा नाश करण नै आया सै? मै तन्नै जांणु सूं, तू कौण सै? तू परमेसवर की ओड़ तै भेज्या होया पवित्र मसीह सै!” \p \v 35 यीशु नै उसतै धमकाकै कह्या, “बोल-बाल्ली रहै, अर इस माणस म्ह तै लिकड़ जा!” फेर ओपरी आत्मा उसनै बिचाळै पटककै बिना नुकसान करे उस म्ह तै लिकड़गी \v 36 इसपै सारे हैरान होए, अर वे आप्पस म्ह बतळाण लाग्गे, “यो किसा वचन सै? क्यूँके वो हक अर सामर्थ कै गेल्या ओपरी आत्मायाँ नै हुकम देवै सै, अर लिकड़ जावै सै।” \v 37 इस करकै चौगरदे नै हरेक जगहां उसका जिक्रा होण लाग्या। \s पतरस की सास अर दुसरे लोग्गां ताहीं ठीक करणा \r (मत्ती 8:14-17; मर 1:29-34) \p \v 38 यीशु आराधनालय म्ह तै उठकै शमौन कै घरां गया। शमौन की सास्सू कै बुखार चढ़रया था, अर उननै उस खात्तर उसतै बिनती करी। \v 39 उसनै उसकै धोरै खड़े होकै बुखार ताहीं धमकाया अर बुखार उतर गया, अर वो जिब्बे उठकै उनकी सेवा-पाणी करण लाग्गी। \p \v 40 सूरज डूबदे बखत, जिन-जिनकै उरै माणस कई ढाळ की बीमारियाँ म्ह पड़े होए थे, वे सारे उननै उसकै धोरै ल्याए, अर उसनै एक-एक पै हाथ धरकै उन ताहीं ठीक करया। \v 41 अर ओपरी आत्मा भी किल्की मारदी अर न्यू कहन्दी होई के, “तू परमेसवर का बेट्टा सै” घणखरया म्ह तै लिकड़गी। पर वो उननै धमकांदा अर बोल्लण न्ही देवै था, क्यूँके वे जाणै थी के यीशु ए परमेसवर की ओड़ तै भेज्या होया मसीह सै। \s आराधनालयाँ म्ह प्रचार करणा \r (मर 1:35-39) \p \v 42 जिब सबेरे होई तो यीशु लिकड़कै एक बियाबान जगहां म्ह गया, अर भीड़ की भीड़ उसनै टोह्न्दी होई उसकै धोरै आई, अर उसनै रोकण लाग्गी के वो उनकै धोरै तै न्ही जावै। \v 43 पर उसनै उनतै कह्या, “मन्नै दुसरे नगरां म्ह भी परमेसवर कै राज्य का सुसमाचार सुणाणा जरूरी सै, क्यूँके मै इसे खात्तर भेज्या गया सूं।” \v 44 अर वो गलील परदेस के आराधनालयाँ म्ह उपदेश सुणान्दा रह्या। \c 5 \s प्रथम चेल्ला का बुलाया जाणा \r (मत्ती 4:18-22; मर 1:16-20) \p \v 1 जिब वो गन्नेसरत की झील\f + \fr 5:1 \ft गलील समुन्दर\f* कै किनारे पै खड्या था, तो भीड़ परमेसवर का वचन सुणण कै खात्तर उसनै भीड़ नै वो घेर राख्या था, तो इसा होया \v 2 के उसनै झील कै किनारै दो किस्ती लाग्गी होड़ देक्खी, लखाओ, अर मछुआरे उनपै तै उतरकै मच्छियाँ के जाळ नै धोवै थे। \v 3 उन किस्तियाँ म्ह तै एक पै, जो शमौन की थी, चढ़कै यीशु नै उसतै बिनती करी के किनारै तै माड़ा सा डिगा ले चाल्लै। फेर वो किस्ती पै बैठकै माणसां नै उपदेश देण लागग्या। \p \v 4 जिब यीशु नै माणसां तै ये बात कर ली, तो शमौन तै बोल्या, “डुंघ्घे म्ह ले चाल, अर मच्छी पकड़न खात्तर अपणा जाळ गेर।” \p \v 5 शमौन नै उसतै जबाब दिया, “हे गुरू, हमनै सारी रात मैहनत करी अर कुछ न्ही मिल्या, फेरभी तेरै कहण तै जाळ गेरूँगा।” \p \v 6 जिब पतरस अर उसके साथियाँ नै इसा करया, तो घणी मच्छी घेर ल्याए, अर उनके जाळ पाट्टण नै होण लाग्गे। \v 7 इस करकै उननै दुसरी किस्ती म्ह बैठ्ठे अपणे साथियाँ ताहीं भी इशारा करकै के आकै मदद खात्तर बुलाया, वे आग्ये अर उननै आकै दोन्नु किस्ती उरै ताहीं भर ली के डूबण लाग्गी। \p \v 8 न्यू देखकै शमौन पतरस यीशु कै पायां म्ह पड़ग्या, अर बोल्या, “हे प्रभु, मेरै धोरै तै जा, क्यूँके मै पापी माणस सूं!” \v 9 क्यूँके इतनी मच्छियाँ कै पकड़े जाण तै उसनै अर उसके साथियाँ नै घणा अचम्भा होया, \v 10 अर उस्से तरियां जब्दी के बेट्टे याकूब अर यूहन्ना नै भी, जो शमौन के दुसरे साथी थे, अचम्भा होया। फेर यीशु नै शमौन तै कह्या, “मतना डरो, इब तै मै थमनै माणसां ताहीं कठ्ठे करण आळे बणाऊँगा ताके वो मेरे चेल्लें बणे।” \v 11 अर वे किस्तियाँ नै किनारे पै लियाए अर वे जिब्बे सब कुछ छोड़कै उसके चेल्लें बणण खात्तर उसकै पाच्छै हो लिये।। \s कोढ़ तै रोग्गी ताहीं ठीक करणा \r (मत्ती 8:1-4; मर 1:40-45) \p \v 12 जिब वो किसे नगर म्ह था, तो उड़ै कोढ़ तै भरया होया एक माणस आया, अर उसनै यीशु ताहीं देखकै अर मोध्धा पड़कै बिनती करी, “हे प्रभु, जै तू चाहवै तो मन्नै ठीक कर सकै सै।” \p \v 13 उसनै हाथ बढ़ाकै उस ताहीं छुया अर बोल्या, “मै चाऊँ सूं, तू इस बीमारी तै ठीक हो ज्या।” अर उसका कोढ़ जिब्बे जांदा रह्या। \p \v 14 फेर उसनै उस ताहीं समझाकै कह्या, “किसे तै ना कहिए, पर जाकै अपणे आपनै याजक ताहीं दिखा, अर अपणे कोढ़ तै ठीक होण कै बारै म्ह जो कुछ मूसा नबी नै जो पवित्र ग्रन्थ म्ह चढ़ावा बताया सै उसनै चढ़ा, के माणसां खात्तर या गवाही हो, के तू ठीक होग्या सै।” \p \v 15 पर यीशु का जिक्रा हरेक जगहां फैल्दा गया, अर भीड़ की भीड़ उसकी सुणण कै खात्तर अर अपणी बीमारियाँ तै ठीक होण कै खात्तर कट्ठी होई। \v 16 पर वो सुनसान जगहां म्ह न्यारा जाकै प्रार्थना करया करै था। \s लकवे के रोग्गी ताहीं ठीक करणा \p \v 17 एक दिन इसा होया के यीशु उपदेश देण लागरया था अर ठीक करण खात्तर प्रभु की सामर्थ उसकै गेल्या थी, अर फरीसी अर शास्त्री उड़ैए बैट्ठे थे, जो गलील अर यहूदिया परदेस कै हरेक गाम अर यरुशलेम नगर तै आए थे। \v 18 उस बखत कई माणस एक माणस नै जो लकवै का बीमार था, खाट पै ल्याए, अर वे उसनै भीत्त्तर ले जाण अर यीशु कै स्याम्ही धरण का जुगाड़ टोह्ण लागरे थे। \v 19 पर जिब भीड़ कै कारण उसनै भीत्त्तर कोनी ले जा सके तो उननै छात पै चढ़कै अर टाट्टी हटाकै, उस ताहीं बिस्तर समेत बिचाळै यीशु कै स्याम्ही उतार दिया। \p \v 20 उसनै उनका बिश्वास देखकै उसतै बोल्या, “हे भाई, मन्नै तेरे पाप माफ कर दिये।” \p \v 21 फेर शास्त्री अर फरीसी बहस करण लाग्गे, “यो कौण सै जो परमेसवर की बुराई करै सै? परमेसवर नै छोड़ और कौण पाप माफ कर सकै सै?” \p \v 22 यीशु नै उनकै मन की बात जाणकै, उनतै कह्या, “थम अपणे मन म्ह क्यूँ विवाद करण लागरे सो की मै परमेसवर की बुराई करूँ सूं? \v 23 आसान के सै? के यो कहणा के ‘तेरे पाप माफ होए’, या यो कहणा के ‘उठ अर हाँड-फिर’? \v 24 पर इस करकै के थम जाणो, के मुझ माणस कै बेट्टे नै धरती पै पाप माफ करण का भी हक सै।” उसनै उस लकवै के मरीज तै कह्या, “मै तेरै तै कहूँ सूं के अपणे बिस्तर ठाकै अपणे घरां चल्या जा।” \v 25 वो जिब्बे उनकै स्याम्ही उठ्या, अर जिस खाट पै पड्या था उसनै ठाकै, परमेसवर की बड़ाई करदा होया अपणे घरां चल्या गया। \v 26 फेर सारे हैरान होए अर परमेसवर की बड़ाई करण लाग्गे अर घणे डरकै बोल्ले, “आज हमनै अनोक्खी बात देक्खी सै।” \s लेवी का बुलाया जाणा \p \v 27 इसकै बाद यीशु बाहरणै गया अर लेवी नाम के एक चुंगी लेण आळे ताहीं चौकी पै बैट्ठे देख्या, अर उसतै बोल्या, “मेरा चेल्ला बणण खात्तर मेरै पाच्छै हो ले।” \v 28 फेर वो सारा कुछ छोड़कै उसकै पाच्छै हो लिया। \p \v 29 फेर लेवी नै अपणे घरां उसकै खात्तर बड्ड़ा ज़िम्मण का न्योंदा दिया, अर चुंगी लेण आळे अर दुसरे माणसां की जो उसकै गेल्या खाणा खाण नै बैट्ठे थे, एक बड्डी भीड़ थी। \v 30 इसपै फरीसी अर उनके शास्त्री उसके चेल्यां तै न्यू कहकै बीरड़ाण लाग्गे, “थम चुंगी लेण आळे अर जिननै लोग पापी कहवै सै, उनकै गेल्या खाओ-पीओ सो?” \s उपवास खात्तर यीशु की राय \p \v 31 यीशु नै उनतै जबाब दिया, “वैद आच्छे बिच्छयां खात्तर कोनी, पर बीमारां खात्तर जरूरी सै। \v 32 मै धर्मियाँ नै न्ही, पर पापियाँ नै मन पलटन कै खात्तर बुलाण आया सूं।” \p \v 33 उननै उसतै कह्या, “यूहन्ना के चेल्लें तो बराबर ब्रत अर प्रार्थना करया करै सै अर उस्से तरियां फरीसियाँ के चेल्लें भी, पर तेरे चेल्लें तो खावै-पीवै सै।” \p \v 34 यीशु नै उनतै कह्या, “के थम बरातियाँ तै, जिब्बताहीं बन्दड़ा उनकै गेल्या रहवैं, ब्रत करा सको सो?” \s उपवास का प्रश्न \p \v 35 “पर वे दिन भी आवैगें, जिब बन्दड़ा न्यारा करया जावैगा, फेर वे उन दिनां म्ह ब्रत करैगें।” \p \v 36 यीशु नै एक और कहावत कही, “कोए माणस नये लत्यां म्ह तै पाड़कै पुराणे लत्यां पै थेग्ळी न्ही लगान्दा, न्ही तो नया पाट ज्यागा अर वा थेग्ळी पुराणे पै मेळ भी न्ही खावैगी। \v 37 अर कोए नया अंगूर का रस पुराणी मश्क म्ह न्ही भरदा, न्ही तो नया अंगूर का रस पुराणी मशकां नै पाड़कै बह ज्यागा, अर मश्क फूट ज्या सै। \v 38 पर नया अंगूर का रस नई मशकां म्ह भरणा चाहिए। \v 39 कोए माणस पुराणा अंगूर का रस पीकै नया अंगूर का रस कोनी चाह्न्दा क्यूँके वो कहवै सै, के पुराणा-ए बढ़िया सै।” \c 6 \s आराम का प्रभु \p \v 1 फेर आराम कै दिन यीशु चेल्यां कै गेल खेत्तां म्ह तै होकै जाण लागरया था, अर उसके चेल्लें गेहूँ की बालें तोड़-तोड़कै अर हाथ्थां तै मसळ-मसळ कै खाण लागरे थे। \v 2 फेर फरीसियाँ म्ह तै कुछ कहण लाग्गे, “थम यो काम क्यांतै करो सो जो आराम कै दिन करणा ठीक कोनी?” \p \v 3 यीशु नै उनतै जबाब दिया, “के थमनै पवित्र ग्रन्थ म्ह यो न्ही पढ़या के दाऊद नै, जिब वो अर उसके साथी भूक्खे थे तो के करया? \v 4 वो किस तरियां परमेसवर कै घर म्ह गया, अर भेँट की रोट्टी खाई, जिनका खाणा याजकां नै छोड़ और किसे खात्तर ठीक कोनी, अर अपणे साथियाँ ताहीं भी दी?” \v 5 अर उसनै उनतै कह्या, “मै माणस का बेट्टा आराम कै दिन का भी प्रभु सूं।” \s सुक्खे हाथ आळे रोग्गी ताहीं ठीक करणा \p \v 6 इसा होया के किसे और आराम कै दिन वो आराधनालय म्ह जाकै उपदेश देण लाग्या, अर उड़ै एक माणस था जिसका सोळा हाथ सूखरया था। \v 7 शास्त्री अर फरीसी यीशु पै दोष लाण के मौक्के की टाह म्ह थे के देक्खै वो आराम कै दिन ठीक करै सै के न्ही। \v 8 पर वो उनकी सोच जाणै था, इस करकै उसनै सूक्खे हाथ आळे माणस कह्या, “उठ, बिचाळै खड्या होज्या।” वो उठ खड्या होया। \p \v 9 यीशु नै उनतै कह्या, “मै थारै तै बुझ्झू सूं के मूसा के नियम-कायदा कै मुताबिक आराम कै दिन के ठीक सै, भला करणा या बुरा करणा, जान बचाणा या नाश करणा?” \p \v 10 फेर उसनै चोगरदेनै उन सारया कान्ही देखकै उस सूखे हाथ आळे माणस तै बोल्या, “अपणा हाथ बढ़ा।” उसनै न्यूए करया, अर उसका हाथ दुबारा ठीक होग्या। \v 11 पर वे फरीसी अर शास्त्री आप्पै तै बाहर होकै आप्पस म्ह बहस करण लाग्गे के हम यीशु कै गेल के करा? \s बारहां प्रेरितां की नियुक्ति \p \v 12 उन दिनां म्ह यीशु पहाड़ पै प्रार्थना करण लागग्या, अर परमेसवर तै प्रार्थना करण म्ह सारी रात बिताई। \v 13 जिब दिन लिकड़या तो उसनै अपणे चेल्यां ताहीं बुलाकै उन म्ह तै बारहां छाँट लिए, अर उन ताहीं प्रेरित कह्या, \p \v 14 अर वे ये सै: शमौन जिसका नाम उसनै पतरस भी धरया, अर उसका भाई अन्द्रियास, अर याकूब, अर यूहन्ना, अर फिलिप्पुस, अर बरतुल्मै, \v 15 अर मत्ती, अर थोमा, अर हलफई का बेट्टा याकूब, अर शमौन जो जेलोतेस\f + \fr 6:15 \ft एक कट्टर पंथी राजनैतिक दल का नाम था जिसका वो सदस्य होया करता था\f* कुह्वावै सै, \v 16 अर याकूब का बेट्टा यहूदा, अर यहूदा इस्करियोती जो उसका पकड़वाण आळा बण्या। \s शिक्षा देणा अर ठीक करणा \p \v 17 फेर यीशु उनकै गेल्या उतरकै चौरस जगहां म्ह खड्या होया, अर उसके चेल्यां की बड्डी भीड़, अर सारे यहूदिया परदेस अर यरुशलेम नगर, सूर अर सैदा नगर के समुन्दर कै किनारे तै घणे माणस, \v 18 जो उसकी सूणने अर अपणी बीमारियाँ तै चंगे होण खात्तर उसकै धोरै आए थे, उड़ै थे, अर ओपरी आत्मा तै सताए होए भी ठीक करे जावै थे। \v 19 सारे उसनै छूणा चाहवै थे, क्यूँके उस म्ह तै सामर्थ लिकड़कै सारया नै ठीक करै थी। \s आशीष अर शोक वचन \p \v 20 फेर यीशु अपणे चेल्यां कान्ही देखकै कह्या, “धन्य सो थम जो दीन सो, क्यूँके परमेसवर का राज्य थारा सै।” \p \v 21 धन्य सो थम जो इब भूक्खे सो, क्यूँके थम परमेसवर के जरिये छिकाए जाओगे। धन्य सो थम जो इब रोओ सो, क्यूँके हांसोगे। \p \v 22 धन्य सो थम जिब मुझ माणस कै बेट्टे कै बाबत माणस थारै तै बैर करैगें, अर थमनै लिकाड़ देवैगें, अर थारी बुराई करैगें, अर थारा नाम बुरा जाणकै काट देवैगें। \p \v 23 उस दिन आनन्द तै उछळियो, क्यूँके लखाओ, थारे खात्तर सुर्ग म्ह बड्ड़ा ईनाम सै, उनके पूर्वजां नै भी नबियाँ कै गेल्या भी इसाए करया करै थे। \p \v 24 पर धिक्कार सै थारै पै! जो साहूकार सो, क्यूँके थमनै अपणे सारे सुख भोग चुके सों। \p \v 25 धिक्कार सै थारै पै! जो छिकरे सो, क्यूँके भूक्खे होओगे। धिक्कार सै थारै पै! जो इब हाँस्सो सो, क्यूँके थम बिलख-बिलख कै रोओगे। \p \v 26 “धिक्कार सै थारै पै! जिब सारे माणस थारै ताहीं आच्छा कहवै, क्यूँके थारे पूर्वज भी झूठ्ठे नबियाँ कै गेल्या भी इसाए करै थे।” \s बेरियाँ तै प्यार \p \v 27 “पर मै थमनै सुणन आळा तै कहूँ सूं के अपणे बैरियाँ तै प्यार राक्खो, जो थारै तै बैर करै, उनका भला करो। \v 28 जो थमनै सराप देवै, उननै आशीष दो, जो थारी बेइज्जती करै, उनकै खात्तर प्रार्थना करो। \v 29 जो तेरै एक गाल पै थप्पड़ मारै उसकी ओड़ दुसरा भी फेर दे, अर जो तेरी धोत्ती खोस ले, उसनै कुडता लेण तै भी मना मत करो। \v 30 जो कोए तेरै तै माँगै, उसनै दे, अर जो तेरी चीज खोस ले, उसतै माँगै ना। \v 31 जिसा थम चाहो सो के माणस थारै गेल्या करै, थम भी उनकै गेल्या उसाए करो।” \p \v 32 “जै थम अपणे प्यार करण आळा तै ए प्यार करो, तो उसका के फायदा? क्यूँके पापी भी अपणे प्यार करण आळा कै गेल्या प्यार करै सै। \v 33 जै थम अपणे भलाई करण आळा ए गेल्या भलाई करो सों, तो थारी के बड़ाई? क्यूँके पापी भी इसाए करै सै। \v 34 जै थम उननै ए उधार द्यो सो जिनतै थमनै दूबारै मिल जाण की आस हो सै, तो कौण सी बड़ी बात सै? क्यूँके पापी, पापियाँ नै उधार देवै सै, के उतनाए दूबारै पावै। \v 35 बल्के अपणे बैरी तै प्यार राक्खो, अर भलाई करो, अर दूबारै मिलण की उम्मीद राखकै उधार ना द्यो, तो थारे खात्तर बड्ड़ा ईनाम होवैगा, अर थम परमप्रधान की ऊलाद मान्ये जाओगे, क्यूँके परमेसवर का धन्यवाद ना करण आळा अर बुरे माणस पै भी दया करै सै। \v 36 जिसा थारा पिता दयालु सै, उस्से ए ढाळ थम भी दयालु बणो।” \s दोष ना लाओ \p \v 37 “इल्जाम ना लाओ, तो थारै पै भी इल्जाम न्ही लगाया जावैगा। कसूरवार ना ठहराओ, तो थमनै भी कोए कसूरवार कोनी ठैहरावैगा। माफ कर द्यो, तो थम भी माफ करे जाओगे। \v 38 दिया करो तो थारै ताहीं भी दिया जावैगा। माणस पूरा नाप दबा दबाकै अर हला-हलाकै अर उभरदा होया थारी गोद्दी म्ह घाल्लैगें, क्यूँके जिस नाप तै थम नाप्पो सों, उस्से नाप तै थारै खात्तर भी नाप्या जावैगा।” \p \v 39 फेर उसनै उनतै एक उदाहरण कह्या, “के आन्धा, आंधे नै राह बता सकै सै? के दोन्नु खड्डै म्ह कोनी गिरैगें?” \v 40 चेल्ला अपणे गुरू तै बड्ड़ा न्ही, पर जो कोए आच्छा सिखा होगा, वो अपणे गुरू के ढाळ होगा। \p \v 41 “तू क्यूँ अपणे भाई की आँख कै तिन्कै जिसी छोटी सी बुराई नै देख्ये सै, अर अपणी आँख म्ह लठ जिसी बड़ी बुराई तन्नै कोनी दिखदी?” \v 42 जिब तू अपणी ए आँख का लठ कोनी देख्दा, तो अपणे भाई तै किस तरियां कह सकै सै, “हे भाई, आ मै तेरी आँख म्ह तै तिन्का लिकाड़ द्यु?” हे कपटी, पैहल्या अपणी जीवन की बुराई दूर कर फेर तू अपणे भाई नै आच्छी दाऊँ बुराई तै बचा सकैगा। \s जिसा दरखत उसा फळ \p \v 43 “कोए आच्छा दरखत कोनी जो बेकार फळ ल्यावै, अर ना तो कोए बेकार दरखत सै जो आच्छा फळ ल्यावै। \v 44 हरेक दरखत अपणे फळ तै पिच्छाणा जावै सै, क्यूँके माणस झाड़ियाँ तै अंजीर कोनी तोड़दे अर ना बड़बेरी तै अंगूर। \v 45 भला माणस अपणे मन के भले भण्डार तै भली बात लिकाड़ै सै, अर बुरा माणस अपणे मन के बुरे भण्डार तै बुराई की बात लिकाड़ै सै, क्यूँके जो मन म्ह भरया सै वोए उसकी जुबान पै आवै सै।” \s घर बनाण आळे दो माणस \p \v 46 “जिब थम मेरा कहणा न्ही मान्दे तो क्यातै मन्नै ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहो सो? \v 47 जो कोए मेरै धोरै आवै सै अर मेरी बात्तां नै सुणकै उननै मान्नै सै, मै थमनै बताऊँ सूं के वो किसकी तरियां सै: \v 48 वो उस माणस की ढाळ सै, जिसनै घर बणादें बखत धरती डून्घी खोदकै चट्टान पर नीम बणाई, अर जिब बाढ़ आई तो धारा उस घर पै लाग्गी पर उसनै हला न्ही सकी, क्यूँके वो पक्का बणरया था। \v 49 पर जो सुणकै कोनी मान्दा वो उस माणस की ढाळ सै, जिसनै माट्टी पै बिना नीम घर बणाया, जिब उसपै धारा लाग्गी तो वो जिब्बे पड़ग्या अर पड़कै उसका सत्यानास होग्या।” \c 7 \s एक सूबेदार का बिश्वास \p \v 1 जिब उसनै माणसां तै ये सारी बात कह दी, तो कफरनहूम नगर म्ह आया। \v 2 उड़ै किसे सूबेदार का एक नौक्कर जो उसका प्यारा था, बीमारी तै मरण पै था। \v 3 उसनै यीशु का जिक्रा सुणकै यहूदिया नगर के कई यहूदी अगुवां ताहीं उसतै या बिनती करण नै उसकै धोरै भेज्या के आकै मेरै नौक्कर नै ठीक करै। \v 4 वे यीशु कै धोरै आए, अर उसतै घणी बिनती करकै कहण लाग्गे, “वो इस जोग्गा सै के तू उसकै खात्तर न्यू करै, \v 5 क्यूँके वो म्हारी जात तै प्यार राक्खै सै, अर उस्से नै म्हारे आराधनालय ताहीं बणवाया सै।” \p \v 6 यीशु उनकै गेल्या गया, पर जिब वो घर तै माड़ी-सी दूर था, तो सूबेदार नै उसके धोरै कई साथियाँ तै न्यू कुह्वा भेज्या, “हे प्रभु, कांल ना होवै, क्यूँके मै इस लायक कोनी के तू मेरी छात कै तळै आवै। \v 7 इसे करकै मन्नै खुद ताहीं इस लायक भी कोनी समझा के तेरै धोरै आऊँ, पर सिर्फ मुँह तै कह दे तो मेरा नौक्कर ठीक हो ज्यागा। \v 8 क्यूँके मै जाणु सूं, के मै भी किसी के आदेशां का पालन करुँ सूं, अर सिपाही मेरै आदेशां का पालन करै सै। जिब मै एक तै कहूँ सूं, जा, तो वो जावै सै, अर दुसरे तै, आ, तो वो आवै सै, अर अपणे नौक्कर तै कहूँ सूं, यो कर, तो वो करै सै।” \p \v 9 यो सुणकै यीशु कै अचम्भा होया अर उसनै मुँह फेरकै उस भीड़ तै जो उसकै गेल्या आवै थी, कह्या, “मै थमनै कहूँ सूं के मन्नै इस्राएल म्ह भी इसा बिश्वास न्ही देख्या।” \v 10 फेर भेजे होए वे माणस जिब घरां बोहड़े तो उननै उस नौक्कर ताहीं निरोग्गी पाया। \s बिधवा के बेट्टे ताहीं जीवन-दान \p \v 11 थोड़े दिनां पाच्छै यीशु नाईन नाम के एक नगर म्ह गया, अर उसके चेल्लें अर बड्डी भीड़ उसकै गेल्या जाण लागरी थी। \v 12 जिब वो नगर कै फाटक कै धोरै पोहुच्या, तो लखाओ, माणस एक मुरदे नै बाहरणै लेकै जावै थे, जो अपणी माँ का एक्ला बेट्टा था, अर वा बिधवा थी, अर नगर के घणखरे माणस उसकै गेल्या थे। \v 13 बिधवा ताहीं देखकै प्रभु नै उसपै तरस आया, अर उसतै कह्या, “मतना रोवै।” \p \v 14 फेर यीशु नै धोरै आकै अर्थी ताहीं छुया, अर अर्थी ठाण आळे ठैहरगे। फेर यीशु नै कह्या, “हे जवान, मै तन्नै कहूँ सूं, उठ!” \v 15 फेर वो मुर्दा उठ बैठ्या, बोल्लण लाग्या। उसनै उस ताहीं उसकी माँ तै सौंप दिया। \p \v 16 इस घटना तै सारे डरगे, अर वे परमेसवर की बड़ाई करकै कहण लाग्गे, “म्हारे बिचाळै एक बड्ड़ा नबी आया सै, अर परमेसवर नै अपणे माणसां पै दया की निगांह करी सै।” \v 17 अर उसकै बारै म्ह या बात सारे यहूदिया परदेस अर लोवै-धोवै के सारे परदेसां म्ह फैलगी। \s यूहन्ना बपतिस्मा देणआळे का प्रश्न \p \v 18 यूहन्ना ताहीं उसके चेल्यां नै इन बात्तां की खबर दी। \v 19 फेर यूहन्ना नै अपणे चेल्यां म्ह तै दोयां ताहीं बुलाकै प्रभु कै धोरै न्यू बुझ्झण खात्तर भेज्या, “के आण आळा तूए सै, या हम किसे और की बाट देक्खां?” \p \v 20 उननै उसकै धोरै आकै कह्या, “यूहन्ना बपतिस्मा देणआळे नै म्हारै ताहीं तेरै धोरै न्यू बुझ्झण नै भेज्या सै, के आण आळा वो मसीहा जिसका वादा परमेसवर नै करया था, तू ए सै, या हम किसे और की बाट देक्खां?” \p \v 21 उस्से बखत उसनै घणाए ताहीं बीमारियाँ, अर कांल्ली, अर ओपरी आत्मायाँ तै छुटाया, अर घणाए की आँख खोल दी, \v 22 अर उसनै उनतै कह्या, “जो कुछ थमनै देख्या अर सुण्या सै, जाकै यूहन्ना ताहीं कह द्यो, के आंधे देक्खैं सै, लंगड़े चाल्लै-फिरै सै, कोढ़ी शुद्ध करे जावै सै, बहरे सुणै सै, मुर्दे जिन्दे करे जावै सै, अर कंगालां ताहीं सुसमाचार सुणाया जावै सै। \v 23 धन्य सै वे जो मेरै पै शक न्ही करते, अर बिश्वास करणा न्ही छोड़ता।” \p \v 24 जिब यूहन्ना के भेजे होड़ माणस चले गये तो यीशु यूहन्ना कै बारै म्ह माणसां तै कहण लागग्या, “थम जंगल बियाबान म्ह के देखण गये थे? के हवा म्ह हाल्दे होए सरकंडे नै?” \v 25 तो फेर थम बण म्ह के देखण गये थे? के कोमल लत्ते पहरे होए माणस नै? लखाओ, जो चमकदे लत्ते पहरै अर अशो-आराम म्ह रहवैं सै, वे राजघरां म्ह रहवैं सै। \v 26 तो फेर थम बण म्ह के देखण गये थे? के किसे नबी नै? हाँ, मै थमनै कहूँ सूं, बल्के नबी तै भी बड्डे नै। \v 27 यो वोए सै, जिसकै बारै म्ह लिख्या सै: लखा, “मै अपणे दूत नै तेरै आग्गै-आग्गै भेज्जू सूं, जो तेरै आग्गै तेरी राही सीध्धी करैगा।” \p \v 28 “मै थमनै कहूँ सूं के जो बिरबानियाँ तै जणे सै, उन म्ह तै यूहन्ना बपतिस्मा देणआळे तै बड्ड़ा कोए न्ही पर जो परमेसवर कै राज्य म्ह छोटै तै छोट्टा सै, वो उसतै भी बड्ड़ा सै।” \p \v 29 फेर हरेक किसे नै, उरै ताहीं के चुंगी लेण आळे माणसां नै भी यूहन्ना की बात सुणकै उसतै बपतिस्मा लेकै यो मान लिया के परमेसवर ए धर्मी सै। \v 30 पर फरीसियाँ अर शास्त्रियाँ नै यूहन्ना तै बपतिस्मा कोनी लेकै परमेसवर कै मनसां ताहीं अपणे बारै म्ह टाळ दिया। \p \v 31 “आखर मै इस युग कै माणसां की बराबरी किसतै करूँ के वे किसकी ढाळ सै?” \v 32 वे उन बाळकां की ढाळ सै जो बजारां म्ह बैट्ठे होए एक दुसरै तै रुक्के मारकै शिकायत करै सै, हमनै थारै खात्तर बाँसली बजाई, अर थम कोनी नाच्चे, हमनै बिलाप करया, अर थम कोनी रोए! \p \v 33 क्यूँके यूहन्ना बपतिस्मा देण आळा ना रोट्टी खाया करता अर ना अंगूर का रस पिया करता, अर थम कहो सो, उस म्ह ओपरी आत्मा सै। \v 34 मुझ माणस के बेट्टे का खाण-पान और माणसां की तरियां साद्दा ए सै, लखाओ, थमनै मेरे ताहीं पेट्टू अर पियक्कड़ माणस, चुंगी लेणिये का अर पापियाँ का साथी घोषित कर दिया। \v 35 पर ज्ञान अपणे काम्मां म्ह सच्चा ठहराया गया सै। \s फरीसी कै घरां पापण बिरबान्नी ताहीं माफी \p \v 36 फेर किसे फरीसी नै उसतै बिनती करी के वो उसकै गेल्या खाणा खावै, आखर वो उस फरीसी कै घरां जाकै खाणा खाण बैठ्या। \v 37 उस नगर की एक पापण\f + \fr 7:37 \ft वेश्या या किसे साथ गलत सम्बन्ध हो, बुरे चाल-चलण आळी\f* बिरबान्नी न्यू जाणकै के यीशु फरीसी कै घर म्ह खाणा खाण बैठ्या सै, संगमरमर कै बरतन म्ह महँगा खसबूदार तेल ल्याई, \v 38 अर उसकै पायां कै धोरै, पाच्छै खड़ी होकै, रोंदी होई उसकै पायां नै आसूआं तै भेण लाग्गी अर अपणे सिर कै बाळां तै पुन्झण लाग्गी, अर उसके पायां नै बार-बार चूमकै उनपै महँगा खसबूदार तेल मळ्या। \p \v 39 न्यू देखकै शमौन फरीसी जिसनै यीशु ताहीं बुलाया था, अपणे मन म्ह सोच्चण लागग्या, “जै यो नबी होन्दा तो जाण जांदा के या जो उसनै छूण लागरी सै, वा कौण अर किसी बिरबान्नी सै, क्यूँके वा तो पापण सै।” \p \v 40 यीशु नै उसके मन के बिचार जाणकै उस ताहीं उदाहरण म्ह कह्या, “हे शमौन, मन्नै तेरै तै कुछ कहणा सै।” वो बोल्या, “हे गुरू, कह।” \p \v 41 यीशु नै एक और उदाहरण दिया, “किसे साहूकार के दो देणदार थे, एक पाँच सौ अर दुसरा पचास दीनार (50 दिन की मजदूरी) का देणदार था। \v 42 जिब उनकै धोरै चूकाण नै कुछ न्ही रह्या तो उसनै दोनुआ का कर्ज माफ कर दिया। इस करकै उन दोन्नु माणसां म्ह तै कौण उसतै घणा प्यार राक्खैगा?” \p \v 43 शमौन नै जबाब दिया, “मेरी समझ म्ह वो माणस, जिसका घणा कर्जा माफ होया।” यीशु नै उसतै कह्या, “तन्नै ठीक कह्या सै।” \p \v 44 अर उस बिरबान्नी कान्ही पलटकै उसनै शमौन तै कह्या, “तन्नै देख्या सै नै के इस बिरबान्नी नै के करया सै? मै तेरै घरां आया पर तन्नै मेरे पैर धौण नै पाणी भी कोनी दिया, पर इसनै मेरे पैर आँसूआं तै भेये अर अपणे बाळां तै पूंजे। \v 45 तन्नै मेरै ताहीं चूम्या\f + \fr 7:45 \ft चुम्ना-यहूदी संस्कृति के मुताबिक स्वागत करणा\f* न्ही, पर जिब तै मै आया सूं जिब्बे तै इसनै मेरे पायां ताहीं चूमणा न्ही छोड्या। \v 46 तन्नै मेरे सिर पै तेल कोनी मळ्या, पर इसनै मेरे पायां पै इत्र मळ्या सै। \v 47 इस करकै मै तन्नै कहूँ सूं के इसनै कई पाप करे थे, जो माफ होगे, क्यूँके इसनै मेरे तै घणा प्यार करया सै, पर जिसका पाप कम माफ होया सै, वो कम प्यार करै था।” \p \v 48 अर उसनै बिरबान्नी तै कह्या, “तेरे पाप माफ होए।” \p \v 49 फेर जो माणस उसकै गेल्या खाणा खाण नै बैट्ठे थे, वे अपणे-अपणे मन म्ह सोच्चण लाग्गे, “यो के परमेसवर सै, जो पापां नै भी माफ कर सकै सै?” \p \v 50 पर उसनै उस बिरबान्नी ताहीं कह्या, “परमेसवर नै तेरै ताहीं बचाया सै, क्यूँके तन्नै मेरे पै बिश्वास करया सै, खुश होकै चली जा।” \c 8 \s यीशु की शिक्षां \p \v 1 इसकै बाद यीशु नगर-नगर अर गाम-गाम्मां म्ह प्रचार करदा होया, अर परमेसवर कै राज्य का सुसमाचार सुणादा होया हांडण लाग्या, अर वे बारहां चेल्लें उसकै गेल्या थे, \v 2 अर कुछ बिरबान्नी भी थी जो ओपरी आत्मायाँ तै अर बीमारियाँ तै छुटाई गई थी, अर वे ये सै: \f + \fr 8:2 \ft मगदला गाम की मरियम \f*मरियम जो मगदलीनी कुह्वावै थी, जिसम्ह तै सात ओपरी आत्मा लिकड़ी थी, \v 3 अर हेरोदेस राजा के भण्डारी खोजा की घरआळी योअन्ना, अर सूंसन्नाह, अर घणखरी दुसरी बिरबान्नी। ये अपणे धन तै यीशु अर उसके चेल्यां की सेवा-पाणी करै थी। \s बीज बोण आळे का उदाहरण \p \v 4 जिब बड्डी भीड़ कट्ठी होई अर नगर-नगर के माणस उसकै धोरै चालकै आवै थे, तो उसनै उदाहरण म्ह कह्या \v 5 “एक किसान बीज बोण लिकड़या। बोंदे होए कुछ बीज राही कै किनारै पड़े, अर रोंद्या गया, अर अकास के पन्छियाँ नै उस ताहीं चुग लिया। \v 6 कुछ बीज चट्टान पै पड्या, अर जामग्या, पर नमी ना मिलण कै कारण सूख ग्या। \v 7 कुछ झाड़ियाँ कै बिचाळै पड्या, अर झाड़ियाँ नै गेलै-गेलै बढ़कै उस ताहीं दबा लिया। \v 8 कुछ आच्छी धरती पै पड्या, अर उगकै सौ गुणा फळ ल्याया।” न्यू कहकै वो जोर तै बोल्या, “जिसके कान हो वो ध्यान तै सुण ले।” \s उदाहरणां का मकसद \p \v 9 उसके चेल्यां नै उसतै बुझ्झया के इस उदाहरण का के मतलब सै? \v 10 उसनै कह्या, “थारै ताहीं परमेसवर कै राज्य के भेद की समझ दे राक्खी सै, पर औरां नै उदाहरणां म्ह सुणाया जावै सै, इस करकै के ‘वे देखदे होए भी कोनी देखै, अर सुणदे होए भी कोनी समझै।’” \s बीज बोण आळे उदाहरण का मतलब \p \v 11 उदाहरण का मतलब यो सै: बीज परमेसवर का वचन सै \v 12 राही कै किनारै के वे सै, जिन नै सुण्या, फेर शैतान आकै उनकै मन म्ह तै वचन ठा ले जावै सै के कदे इसा ना हो के वे बिश्वास करकै उद्धार पावै। \v 13 चट्टान पै के वे सै के जिब सुणै सै, तो खुश होकै वचन नै अपणावै सै, पर जड़ कोनी पकड़दे वे माड़ी वार ताहीं बिश्वास राक्खैं सै अर मुसीबत कै बखत बहक जावैं सै। \v 14 जो झाड़ियाँ म्ह पड्या, यो वे सै जो सुणै सै, पर आग्गै जाकै फिक्र, अर धन, अर जिन्दगी के अश-आराम म्ह फँस जावैं सै अर उनका फळ कोनी पकदा। \v 15 पर आच्छी धरती के वे सै, जो वचन सुणकै भले अर आच्छे मन तै साम्ये राक्खैं सै, अर धीरज तै फळ ल्यावै सै। \s दीवै का उदाहरण \p \v 16 “कोए दिवा जळा कै बरतन तै कोनी ढकदा, अर ना खाट तळै धरै सै, पर टांडी पै धरै सै के भीत्त्तर आण आळा नै चाँदणा मिलै। \v 17 कुछ लुहक्या कोनी जो दिखाया कोनी जावै, अर ना किमे लुहक्या सै जिसका बेरा न्ही पटै। \v 18 ज्यांतै चौक्कस रहो के थम किस तरियां सुणो सो? क्यूँके जिसकै धोरै सै उसतै दिया जावैगा, अर जिसकै धोरै न्ही सै उसतै वो भी ले लिया जावैगा, जिसनै वो अपणा समझै सै।” \s यीशु के माँ अर भाई \p \v 19 यीशु की माँ अर उसके भाई उसकै धोरै आए, पर भीड़ कै कारण उसतै फेट न्ही सके \v 20 उसतै कह्या गया, “तेरी माँ अर तेरे भाई बाहरणै खड़े होए, तेरै तै मिलणा चाहवैं सै।” \p \v 21 यीशु नै इसकै जबाब म्ह उनतै कह्या, “मेरी माँ अर मेरे भाई यए सै, जो परमेसवर का वचन सुणै अर मान्नैं सै।” \s आँधी ताहीं शान्त करणा \p \v 22 फेर एक दिन वो अर उसके चेल्लें किस्ती पै चढ़े, अर उसनै उनतै कह्या, “आओ, समुन्दर के परली ओड़ चाल्लां।” आखर उननै किस्ती खोल दी। \v 23 पर जिब किस्ती चालरी थी, तो वो सोग्या अर समुन्दर पै आंधी आगी, अर किस्ती पाणी तै भरण लाग्गी अर वे खतरै म्ह थे। \p \v 24 फेर उननै धोरै आकै उस ताहीं जगाया, अर कह्या, “हे माल्लिक! हे माल्लिक! हम डूबके मरण आळे सां।” फेर उसनै उठकै आँधी ताहीं अर पाणी की झाल्लां ताहीं धमकाया अर वे थमगे अर शान्ति होई। \v 25 फेर उसनै उनतै कह्या, “थारा बिश्वास कित्त था?” पर वे डरगे अर हैरान होकै आप्पस म्ह कहण लाग्गे, “यो कौण सै जो आँधी अर पाणी नै भी हुकम देवै सै, अर वे उसकी मान्नैं सै?” \s एक माणस ताहीं ठीक करणा जिस म्ह ओपरी आत्मा थी \p \v 26 फेर वे गिरासेनियों कै देश म्ह पोहोचे, जो उस पार गलील समुन्दर कै स्याम्ही सै। \v 27 जिब वो किनारे पै उतरया तो उस नगर का एक माणस उसतै मिल्या जिसम्ह ओपरी आत्मा थी। वो घणे दिनां तै उघाड़ा था अर ना घरां रहवैं था बल्के कब्रिस्तान म्ह रह्या करै था। \v 28 वो यीशु नै देखकै जोर तै किल्की मारकै उसकै स्याम्ही पड़कै जोर तै बोल्या, “हे परमप्रधान परमेसवर के बेट्टे यीशु! मन्नै तेरै तै के काम? मै तेरै तै बिनती करूँ सूं, मन्नै काल ना करै।” \v 29 क्यूँके वो उस ओपरी आत्मा ताहीं उस माणस म्ह तै लिकड़ण का हुकम देवै था, इस करकै के वो उसपै बार-बार हावी होवै थी। ऊतो माणस उसनै साँकळां अर बेलां तै जुड़ै थे फेरभी वो बन्धनां नै तोड़ देवै था, अर ओपरी आत्मा उसनै बण म्ह भजाए फिरै थी। \p \v 30 यीशु नै उसतै बुझ्झया, “तेरा के नाम सै?” उसनै कह्या, “सेना,” क्यूँके घणी-ए ओपरी आत्मा उस म्ह रहवैं थी। \v 31 उननै यीशु बिनती करी के हमनै अथाह कुण्ड म्ह जाण का हुकम ना देवै। \p \v 32 उड़ै पहाड़ पै सुअरां का एक बड्ड़ा टोळ चरै था, इस करकै उननै उसतै बिनती करी के हमनै उन म्ह बैठणे दे। उसनै उन ताहीं जाण दिया। \p \v 33 फेर ओपरी आत्मा उस माणस म्ह तै लिकड़कै सुअरां म्ह जा पड़ी अर वो टोळ ढळान पै तै झपटकै गलील समुन्दर म्ह जा पड्या अर डूब मरया। \p \v 34 पाळी यो जो होया था देखकै भाज्ये, अर नगर म्ह अर गाम्मां म्ह जाकै उसकी खबर दी। \v 35 माणस जो होया था उसनै देखण नै लिकड़े, अर यीशु कै धोरै आकै जिस माणस तै ओपरी आत्मा लिकड़ी थी, उसनै यीशु के पायां कै धोरै लत्ते पहरे अर सोध्दी म्ह बैठे देखकै डरगे, \v 36 अर देखण आळा नै उन ताहीं बताया के वो ओपरी आत्मायाँ का कांल करया होड़ माणस किस तरियां ठीक होया। \v 37 फेर गिरासेनियों कै लोवै-धोवै के सारे माणसां नै यीशु तै बिनती करी के म्हारै उरै तै चल्या जा, क्यूँके वे घणे डरगे थे। आखर म्ह वो किस्ती पै चढ़कै बोहड़ आया। \p \v 38 जिस माणस म्ह ओपरी आत्मा लिकड़ी थी वो उसतै बिनती करण लाग्या के मन्नै अपणे गेल्या रहण दे, पर यीशु नै उस ताहीं बिदा करकै कह्या, \v 39 “अपणे घरां बोहड़ जा अर माणसां तै बता के परमेसवर नै तेरै खात्तर किसे बड्डे-बड्डे काम करे सै।” वो जाकै सारे नगर म्ह प्रचार करण लाग्या के यीशु नै मेरै खात्तर किसे बड्डे-बड्डे काम करे। \s याईर की मरी होई बेट्टी अर रोग्गी बिरबान्नी \p \v 40 जिब यीशु बोहड़या तो माणस उसतै राज्जी होकै फेट्टे, क्यूँके वे सारे उसकी बाट देक्खै थे। \v 41 इतनै म्ह याईर नाम का एक माणस आया, जो आराधनालय का सरदार था, अर यीशु कै पायां म्ह पड़कै उसतै बिनती करण लागग्या के मेरै घरां चाल, \v 42 क्यूँके उसकी बारहां साल की एकलौती बेट्टी थी, अर वा मरण नै होरी थी। जिब वो जाण लागरया था, जद माणस उसपै पड़ण लागरे थे। \v 43 एक बिरबान्नी नै जिसकै बारहां साल तै लहू बहण की बीमारी थी, अर जो अपणी सारी कमाई डाक्टरां कै पाच्छै बरतगी थी, फेरभी किसे कै हाथ तै चंगी कोनी हो सकी थी, \v 44 पाच्छै तै आकै उसकै लत्ते ताहीं छुया, अर जिब्बे उसका लहू बहणा बन्द होगा। \p \v 45 इसपै यीशु नै कह्या, “मेरैताहीं किसनै छुया?” जिब सारे नाट्टण लाग्गे, तो पतरस अर उसके साथियाँ नै कह्या, “हे माल्लिक, तन्नै तो भीड़ दबाण लागरी सै अर तेरै पै पड़ण लागरी सै।” \p \v 46 पर यीशु नै कह्या, “किसे नै मेरै ताहीं छुआ सै, क्यूँके मन्नै बेरा पाटग्या के मेरै म्ह तै सामर्थ लिकड़ी सै।” \p \v 47 जिब बिरबान्नी नै देख्या के मै लुह्क कोनी सकदी, फेर काम्बदी होई आई अर उसकै पायां पै पड़कै सारे माणसां कै स्याम्ही बताया के उसनै किस कारण उस ताहीं छुया, अर किस तरियां जिब्बे चंगी होई। \v 48 उसनै उसतै कह्या, “बेट्टी, तेरै बिश्वास नै तेरै ताहीं ठीक करया सै, खुशी-खुशी चली जा।” \p \v 49 वो न्यू कहवै था के किसे नै आराधनालय कै सरदार याईर कै उरै तै आकै कह्या, “तेरी छोरी मर ली सै: गुरू नै कांल ना करै।” \p \v 50 यीशु नै न्यू सुणकै उसतै जबाब दिया, “मतना डरै, सिर्फ बिश्वास राख, तो वा बच जावैगी।” \p \v 51 घर म्ह आकै उसनै पतरस, यूहन्ना, याकूब, अर छोरी के माँ-बाप नै छोड़ दुसरे किसे नै अपणे गेल्या भीत्त्तर कोनी आण दिया। \v 52 सारे उसकै बाबत रोण-पिट्टण लागरे थे, पर उसनै कह्या, “रोओ मतना, वा मरी कोनी पर सोवै सै।” \p \v 53 वे न्यू जाणकै के वा मरगी सै उसका मजाक उड़ाण लाग्ये। \v 54 पर उसनै उसका हाथ पकड्या, अर रुक्का मारकै कह्या, “हे छोरी, उठ!” \v 55 फेर उसका जी बोहड़ आया अर वा जिब्बे उठ बैट्ठी। फेर उसनै हुकम दिया के उसनै कुछ खाण नै द्यो। \v 56 उसकै माँ-बाप हैरान होए, पर उसनै उन ताहीं चिताया के यो जो होया सै किसे तै ना कहियो। \c 9 \s बारहां प्रेरितां का भेज्या जाणा \p \v 1 फेर उसनै अपणे बारहां चेल्यां ताहीं बुलाकै उननै सारी ओपरी आत्मायाँ अर बिमारियाँ ताहीं दूर करण की सामर्थ अर हक दिया, \v 2 अर उननै परमेसवर कै राज्य का प्रचार करण अर बीमारां ताहीं आच्छा करण खात्तर भेज्या। \v 3 उसनै उनतै कह्या, “राह खात्तर कुछ ना लियो, ना तो लाठ्ठी, ना झोळी, ना रोट्टी, ना रपिये अर ना दो-दो कुड़ते। \v 4 जिस किसे घर म्ह उतरो, उड़ैए रहो, अर उड़ैए तै बिदा होइयो। \v 5 जो कोए थमनै न्ही अपणावै, उस नगर तै जांदे होए अपणे पायां की धूळ झाड़ दियो के उनपै गवाही होवै।” \v 6 आखर म्ह वे लिकड़कै गाम-गाम सुसमाचार सुणान्दे, अर हरेक माणसां नै ठीक करदे होए हांडदे रहे। \s हेरोदेस की उळझन \p \v 7 चौथाई देश के गलील परदेस का राजा हेरोदेस यो सारा सुणकै घबराग्या, क्यूँके कईयाँ नै कह्या, के यूहन्ना मरे होया म्ह तै जिन्दा होया सै, \v 8 अर कईयाँ नै न्यू कह्या के एलिय्याह दिख्या सै, अर औरां नै न्यू के पुराणे नबियाँ म्ह तै कोए जिन्दा होया सै। \v 9 पर हेरोदेस नै कह्या, “यूहन्ना का तो मन्नै सिर कटवाया, इब यो कौण सै जिसकै बाबत इसी बात सुणु सूं?” अर उसनै उस ताहीं देखण की चाहन्ना करी। \s पाँच हजार माणसां ताहीं खुवाणा \p \v 10 फेर प्रेरितां नै बोहड़कै जो कुछ उननै करया था, उस ताहीं बता दिया, अर वो उननै न्यारे करकै बैतसैदा नामक नगर म्ह लेग्या। \v 11 न्यू जाणकै भीड़ उसकै पाच्छै हो ली, अर वो राज्जी होकै उनतै फेट्या, अर उनतै परमेसवर कै राज्य की बात करण लाग्या, अर जो चंगे होणा चाहवै थे उन ताहीं ठीक करया। \p \v 12 जिब दिन छिपण लाग्या तो बारहां नै आकै उसतै कह्या, “भीड़ नै जाणदे के चौगरदे के गाम्मां अर बस्तियाँ म्ह जाकै ठहरै अर खाणै का जुगाड़ करै, क्यूँके हम उरै बियाबान जगहां म्ह सां।” \p \v 13 यीशु नै उनतै कह्या, “थमए उननै खाण नै द्यो।” उननै कह्या, “म्हारै धोरै पाँच रोट्टी अर दो मच्छियाँ नै छोड़कै और कुछ कोनी, पर हाँ, जै हम जाकै इन सारया खात्तर खाणा मोल ल्यावां, फेर हो सकै सै।” वे माणस तो पाँच हजार माणसां कै करीबन थे। \v 14 फेर उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, “उननै पचास-पचास करकै लैणपतार म्ह बिठा द्यो।” \v 15 उननै न्यूए करया, अर सारया ताहीं बिठा दिया। \v 16 फेर यीशु नै वे पाँच रोट्टी अर दो मच्छियाँ ली, सुर्ग कान्ही लखाकै परमेसवर का धन्यवाद करया, अर रोट्टी तोड़-तोड़कै चेल्यां ताहीं देंदा गया के माणसां ताहीं बांडै। \v 17 फेर सारे खाकै छिकगे, अर चेल्यां नै बचे होड़ टुकड़्यां तै भरी होई बारहां टोकरियाँ ठाई। \s पतरस का यीशु ताहीं मसीह स्वीकार करणा \p \v 18 जिब वो एक्लै म्ह प्रार्थना करै था अर चेल्लें उसकै गेल्या थे, तो उसनै उनतै बुझ्झया, “माणस मन्नै के कहवैं सै?” \p \v 19 उननै जबाब दिया, “यूहन्ना बपतिस्मा देण आळा, अर कोए एलिय्याह, अर कोए यो के पुराणे नबियाँ म्ह तै कोए जिन्दा होया सै।” \p \v 20 उसनै उनतै बुझ्झया, “पर थम मन्नै के कहो सो?” पतरस नै जबाब दिया, “परमेसवर का मसीह।” \v 21 फेर उसनै उनतै चिताकै कह्या के यो किसे तै ना कहियो।। \s अपणी मौत कै बारै म्ह यीशु की भविष्यवाणी \p \v 22 फेर उसनै कह्या, “मुझ माणस कै बेट्टे खात्तर जरूरी सै के मै घणा दुख ठाऊँ, अर यहूदी अगुवें, प्रधान याजक अर शास्त्री मन्नै तुच्छ समझकै मार देवै, अर मै तीसरै दिन जिन्दा हो जाऊँगा।” \s यीशु कै पाच्छै चाल्लण का मतलब \p \v 23 उसनै सारया तै कह्या, “जो कोई मेरै मेरा चेल्ला बणना चाहवै, वो अपणी ए इच्छा पूरी ना करै बल्के हरेक दिन अपणे दुखां का क्रूस ठाकै, मेरै पाच्छै हो लेवै। \v 24 क्यूँके जो कोए अपणी जान बचाणा चाहवैगा वो उसनै खोवैगा, पर जो कोए मेरी खात्तर अपणी जान खोवैगा वोए उसनै बचावैगा। \v 25 जै माणस सारी दुनिया नै पा लेवै अर अपणी जान खो दे या उसका नुकसान ठावै, तो उसनै के फायदा? \v 26 जो कोए मेरै तै अर मेरी बात्तां तै सरमावैगा, मै माणस का बेट्टा भी, जिब अपणी अर अपणे पिता की अर पवित्र सुर्गदूत्तां की महिमा सुधां आऊँगा, तो उसतै सरमावैगा। \p \v 27 “मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, के जो याड़ै खड़े सै, उन म्ह तै कुछ इसे सै के जिब ताहीं परमेसवर का राज्य ना देख लेवैं, जद ताहीं मौत उननै कदे छु भी न्ही पावैगी।” \s यीशु का रूपान्तर \p \v 28 इन बात्तां कै कोए आठ दिनां पाच्छै वो पतरस, यूहन्ना अर याकूब नै गेल्या लेकै प्रार्थना करण खात्तर पहाड़ पै गया। \v 29 जिब वो प्रार्थना करै था, तो उसके मुँह का रूप बदल ग्या, अर उसके लत्ते धोळे होकै चमकण लाग्गे। \v 30 अर लखाओ, मूसा नबी अर एलिय्याह नबी ये दो माणस उसकै गेल्या बतळावै थे। \v 31 ये महिमा सुधां दिख्खे अर यीशु के मरण का जिक्रा करै थे, जो यरुशलेम म्ह होण आळा था। \v 32 पतरस अर उसके साथी नींद म्ह होरे थे, अर जिब ठीक तरियां सोध्दी म्ह आए, तो उसकी महिमा अर उन दो माणसां नै, जो उसकै गेल्या खड़े थे, देख्या। \v 33 जिब वे उसकै धोरै तै जाण लाग्गे, तो पतरस नै यीशु तै कह्या, “हे माल्लिक, म्हारा उरै रहणा भला सै: आखर म्ह हम तीन मण्डप बणावा, एक तेरै खात्तर, एक मूसा नबी खात्तर, एक एलिय्याह नबी कै खात्तर।” उसनै बेरा कोनी था के कह के रह्या सै। \p \v 34 वो न्यू कहवैए था के एक बाद्दळ आकै उनपै छाग्या, अर जिब वे उस बाद्दळ तै घिरण लाग्गे तो वे डरगे। \v 35 फेर उस बाद्दळ म्ह तै या बाणी लिकड़ी, “यो मेरा बेट्टा अर मेरा चुण्या होया सै, इसकी सुणो।” \v 36 या आवाज होंदए यीशु एक्ला होग्या, अर वे बोल-बाल्ले रहे, अर जो कुछ देख्या था उसकी कोए बात उन दिनां म्ह किसे तै न्ही कही। \s एक बाळक ताहीं ठीक करणा जिस म्ह ओपरी आत्मा थी \p \v 37 दुसरै दिन जिब वो पहाड़ तै उतरया तो एक बड्डी भीड़ उसतै आ फेट्टी। \v 38 अर लखाओ, भीड़ म्ह तै एक माणस नै किल्की मारकै कह्या, “हे गुरू, मै तेरै तै बिनती करूँ सूं के मेरे बेट्टे पै दया की निगांह फेर दे, क्यूँके वो मेरा एक्ला बेट्टा सै। \v 39 अर दे, एक भुंडी ओपरी आत्मा उसनै पकड़ै थी, अर वो चाणचक किल्की मारै था,अर वा उसनै इसा मरोड़ै थी के वो मुँह म्ह तै झाग भर लावै सै, उसनै रोंदकै घणी मुश्किल तै छोड्डै थी। \v 40 मन्नै तेरे चेल्यां तै बिनती करी के उसनै लिकाड़ै, पर वे कोनी काढ सके।” \p \v 41 यीशु नै जबाब दिया, “हे अबिश्वासी अर जिद्दी माणसों, मै कद ताहीं थारै गेल्या रहूँगा अर थारी सहूँगा? अपणे बेट्टे नै उरै लिया।” \p \v 42 जिब वो आवै था तो ओपरी आत्मा नै उस ताहीं पटककै मरोड्या, पर यीशु नै उस ओपरी आत्मा ताहीं धमकाया अर छोरै ताहीं ठीक करकै पिता तै थमा दिया। \v 43 फेर सारे माणस परमेसवर कै घणे सामर्थ तै हैरान होए। पर जिब सारे माणस उन सारे काम्मां तै जो वो करै था, हक्के-बक्के थे, तो उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, \s अपणी मौत का बारै म्ह यीशु की दुबारा भविष्यवाणी \p \v 44 “थम इन बात्तां पै गौर करो, क्यूँके मै माणस का बेट्टा माणसां कै हाथ्थां म्ह पकड़वाया जाण पै सूं।” \v 45 पर वे इस बात नै कोनी समझै थे, अर या बात उनतै लुक्ही रही के उननै उसका बेरा न्ही पाट्टै, अर वे इस बात कै बारै म्ह उसतै बुझ्झण तै डरै थे। \s सारया तै बड्ड़ा कौण \p \v 46 फेर उन म्ह या बहस होण लाग्गी के म्हारै तै बड्ड़ा कौण सै। \v 47 पर यीशु नै उनकै मन के बिचारां ताहीं पढ़ लिया, अर एक बाळक नै लेकै अपणे धोरै खड्या करया, \v 48 अर उनतै कह्या, “जो कोए मेरै नाम तै इस बाळक नै अपणावै सै, वो मन्नै अपणावै सै, अर जो कोए मन्नै अपणावै सै, वो मेरै भेजण आळै नै भी अपणावै सै, क्यूँके जो थारै म्ह सारया म्ह छोटे तै छोट्टा सै, वोए बड्ड़ा सै।” \s जो बिरोध म्ह न्ही, वो मेरै म्ह सै \p \v 49 फेर यूहन्ना नै कह्या, “हे स्वामी, हमनै एक माणस ताहीं तेरै नाम तै ओपरी आत्मा लिकाड़दे देख्या, अर हमनै उसतै मना करया, क्यूँके वो म्हारी तरियां तेरा चेल्ला न्ही था।” \v 50 यीशु नै उसतै कह्या, “उसनै नाट्टो ना, क्यूँके जो थारै बिरोध म्ह न्ही, वो थारै कान्ही सै।” \s सामरियाँ द्वारा यीशु का बिरोध \p \v 51 जिब उसके उप्पर ठाए जाण के दिन पूरे होण पै थे, तो उसनै यरुशलेम जाण का बिचार पक्का करया। \v 52 उसनै अपणे आग्गै दूत खन्दाए। वे सामरियाँ कै एक गाम म्ह गए के उसकै खात्तर जगहां त्यार करै। \v 53 पर उन माणसां नै उस ताहीं उतरण कोनी दिया, क्यूँके वो यरुशलेम जावै था। \v 54 न्यू देखकै उसके चेल्लें याकूब अर यूहन्ना नै कह्या, “हे प्रभु, तू के चाहवै सै के हम हुकम देवां, के अकास तै आग गिरकै उननै भस्म करदे?” \v 55 पर उसनै बोहड़कै उन ताहीं धमकाया (अर कह्या, “थम न्ही जाणदे के थम किसी आत्मा के सो। क्यूँके माणस का बेट्टा लोग्गां नै जान तै मारण कोनी आया, बल्के उननै बचाण आया सै।”) \v 56 अर वे किसे दुसरै गाम म्ह चले गये। \s यीशु का चेल्ला बनण का मूल्य \p \v 57 जिब वे राह म्ह जावै थे, तो किसे नै उसतै कह्या, “जित-जित तू जावैगा, मै तेरै पाच्छै हो ल्यूँगा।” \p \v 58 यीशु नै उसतै कह्या, “लोमड़ियां की घुरखाण अर अकास के पन्छियाँ के बसेरे हो सै, पर माणस के बेट्टे खात्तर सिर छिपाण की भी जगहां कोनी।” \p \v 59 उसनै दुसरै तै कह्या, “हे प्रभु, पैहले मन्नै घर जाणदे, मै अपणे पिता के मरण कै बाद उस ताहीं दफना के आऊँगा, फेर तेरा चेल्ला बणुगाँ।” \p \v 60 उसनै उसतै कह्या, “जो आत्मिक रूप तै मर चुके सै, उननै मुर्दे दफनान दे। पर तू जाकै परमेसवर कै राज्य की कथा सुणा।” \p \v 61 एक और नै भी कह्या, “हे प्रभु, मै तेरै पाच्छै हो लूँगा, पर पैहल्या मन्नै जाणदे के अपणे घरां के माणसां तै बिदा ली याऊँ।” \p \v 62 यीशु नै उसतै कह्या, “जो कोए अपणा हाथ हळ पै धरकै पाच्छै देक्खै सै, वो परमेसवर के राज्य कै जोग्गा कोनी।” \c 10 \s सत्तर चेल्यां का भेज्या जाणा \p \v 1 इन बात्तां कै बाद प्रभु यीशु नै सत्तर और चेल्लें तैयार करे, अर जिस-जिस गाम अर जगहां पै वो खुद जाण आळा था, उड़ै उननै दो-दो करकै अपणे आग्गै भेज्या। \v 2 उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, “पके होए खेत्तां की तरियां लोग तो भोत सै जो परमेसवर के वचन नै सुणणा अर समझणा चाहवै सै। पर फसल काट्टण आळे थोड़े लोग सै, जो उन ताहीं जाकै परमेसवर का वचन सुणा अर समझा सकै। इस करकै खेत के माल्लिक यानी परमेसवर तै बिनती करो, के वो और लोग्गां नै भेजै, ताके परमेसवर का वचन सारे लोग्गां तक पोहच सकै सै।” \v 3 जाओ, देक्खों, मै थमनै भेड्डां की तरियां भेड़ियाँ के बिचाल्ये भेज्जू सूं। \v 4 इस करकै ना बटुआ, ना झोळी, ना जुत्ते ल्यो, अर ना राह म्ह किसे तै नमस्कार करो। \p \v 5 जिस किसे घर म्ह जाओ, पैहलै कहो, इस घर का कल्याण हो। \v 6 जै उड़ै कोए कल्याण कै जोग्गा होगा, तो थारा कल्याण उसपै थमैगा, न्ही तो थारै धोरै उल्टा ए आ ज्यागा। \v 7 उस्से घर म्ह रहो, अर जो कुछ उनतै मिलै, वोए खाओ-पीओ, क्यूँके मजदूर नै अपणी मजदूरी मिलणी चाहिए, घर-घर न्ही हांडणा। \p \v 8 जिस नगर मै जाओ, अर उड़ै के माणस थमनै उतारै, तो जो कुछ थारै स्याम्ही धरया जावै वोए खाओ। \v 9 उड़ै के बिमाराँ नै ठीक करो अर उनतै कहो, परमेसवर का राज्य थारै धोरै आण पोहुच्या सै। \v 10 पर जिस नगर म्ह जाओ, अर उड़ै कै माणस थमनै न्ही अपणावै, तो उसके बजारां म्ह जाकै कहो, \v 11 थारै नगर की धूळ भी, जो म्हारे पायां म्ह लाग्गी सै, हम थारै स्याम्ही झाड़ देवां सां, फेरभी न्यू जाण ल्यो के परमेसवर का राज्य थारै धोरै आण पोहुच्या सै। \v 12 मै थमनै कहूँ सूं, “के उस दिन उस नगर हालत घणी सहण जोग्गी होवैगी।” \s अबिश्वासी नगरां नै धिक्कार \p \v 13 “धिक्कार सै थारै पै खुराजिन नगर के माणसों! धिक्कार सै थारै पै बैतसैदा नगर के माणसों! जो सामर्थ के काम थारै म्ह करे गये, जै वे सूर अर सैदा नगर म्ह करे जान्दे, तो टाट ओढ़ कै, अर राख म्ह बैठकै वे कदे के पाप करणा छोड़ देन्दे। \v 14 पर न्याय कै दिन थारी हालत तै सूर अर सैदा नगर की हालत घणी सहण जोग्गी होवैगी। \v 15 अर हे कफरनहूम नगर, तू के सोचै सै, के तू सुर्ग ताहीं ऊँच्चा करया जावैगा? तू तो अधोलोक तक नीच्चै जावैगा। \p \v 16 “जो थारी सुणै सै, वो मेरी सुणै सै, अर जो थमनै तुच्छ समझै सै, वो मन्नै तुच्छ समझै सै, अर जो मन्नै तुच्छ समझै सै, वो मेरे भेजण आळै ताहीं तुच्छ समझै सै।” \s सत्तर चेल्यां का लौटना \p \v 17 वे सत्तर चेल्लें राज्जी होंदे होए बोहड़े अर बोल्ले, “हे प्रभु, तेरै नाम तै ओपरी आत्मा भी म्हारा कहणा मान्नै थी।” \p \v 18 यीशु नै उनतै कह्या, “जिब थम ओपरी आत्मायाँ नै लिकाड़ो थे तो मन्नै शैतान ताहीं सुर्ग तै बिजळी की तरियां पड़ता होया देख्या। \v 19 लखाओ, मन्नै थारै ताहीं साँपां अर बिच्छुआं ताहीं पायां तळै रोंदण का, अर बैरी की सारी सामर्थ पै हक दिया सै, अर किसे चीज तै थमनै कुछ नुकसान कोनी होवैगा। \v 20 फेरभी इतणे राज्जी मतना होवो के आत्मा थारा कहणा मान्नै सै, पर इसतै राज्जी होवो थारे नाम सुर्ग पै लिक्खे सै।” \s यीशु का आनन्दित होणा \p \v 21 उस्से बखत यीशु पवित्र आत्मा म्ह होकै खुशी तै भरग्या, अर कह्या, “हे पिता, सुर्ग अर धरती के प्रभु, मै तेरा शुक्रियादा करूँ सूं, के तन्नै इन बात्तां ताहीं ज्ञानियाँ अर समझदारां तै ल्कोए राख्या, अर बाळकां ताहीं दिखा दिया सै।” हाँ, हे पिता, क्यूँके तन्नै योए भाया। \p \v 22 मेरे पिता नै मेरै ताहीं सब कुछ सौप दिया सै, अर किसे नै न्ही बेरा के बेट्टा कौण सै, सिवा पिता के, अर पिता कौण सै न्यू भी किसे नै कोनी बेरा सिवाए बेट्टे कै, अर वो जिसपै बेट्टा उस ताहीं जाहिर करणा चाहवै। \p \v 23 फेर चेल्यां की ओड़ बोहड़कै एक्लै म्ह बोल्या, “धन्य सै वे आँख, जो ये बात जो थम देक्खो सो। \v 24 क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं के घणखरे नबियाँ अर राजाओं नै चाह्या के जो बात थम देक्खो सो, देक्खै, पर न्ही देक्खी, अर जो बात थम सुणो सो, सुणै पर न्ही सुणी।” \s दयालु सामरी का उदाहरण \p \v 25 एक दिन यीशु माणसां नै उपदेश देण लागरया था, तो एक शास्त्री उठ्या अर न्यू कहकै उस ताहीं परखण लाग्या, “हे गुरू, अनन्त जीवन का वारिस होण खात्तर मै के करूँ?” \p \v 26 यीशु नै उसतै कह्या, “नियम-कायदा म्ह के लिख्या सै? अर तू उसनै किस तरियां समझै सै?” \p \v 27 उसनै जबाब दिया, “तू प्रभु, अपणे परमेसवर तै अपणे सारै मन, अपणे पूरे प्राण अर अपणे सारी शक्ति अर अपणी सारी बुध्दि कै गेल्या प्यार राख, अर अपणे पड़ोसी तै अपणे जिसा प्यार राख।” \p \v 28 यीशु नै उसतै कह्या, “तन्नै ठीक कह्या, न्यूए करिये जिब्बे तू अनन्त जीवन पावैगा।” \p \v 29 पर उसनै खुद ताहीं धर्मी ठहराण की मर्जी तै यीशु तै बुझ्झया, “तो मेरा पड़ोसी कौण सै?” \p \v 30 यीशु नै एक कहाँनी बताकै जवाब दिया, “एक माणस यरुशलेम नगर तै यरीहो नगर म्ह जावै था, के डाकुआं नै घेर कै, उसका सब कुछ खोस कै, उस ताहीं नंगा कर दिया, अर पिट-छेतकै उस ताहीं अधमरा छोड़कै चले गये। \v 31 अर इसा होया के उस्से राही तै एक यहूदी याजक जावै था, पर उसनै उस ताहीं देखकै उसकी मदद कोनी करी अर चल्या गया। \v 32 इस्से ढाळ एक लेवी\f + \fr 10:32 \ft (मन्दर म्ह यहूदी याजक की मदद करण आळा एक माणस) \f* उस जगहां पै आया, वो भी उसकी मदद कोनी करी अर चल्या गया। \v 33 फेर सामरी गाम का एक राहगीर ओड़ै तै लिकड़या, अर उस माणस ताहीं देखकै उसपै तरस खाया। \v 34 उसनै उसकै धोरै आकै उसके घायाँ पै तेल अर अंगूर का रस गेर कै पट्टी बाँध्धी, अपणे गधे पै चढ़ाकै सराय\f + \fr 10:34 \ft (धर्मशाला) \f* म्ह लेग्या, अर उसकी सेवा-पाणी करी। \v 35 दुसरे दिन उसनै दो दीनार (दो दिन की मजदूरी) काढ कै सराय कै माल्लिक तै दिये, अर कह्या, इसकी सेवा-पाणी करिये, अर जो कुछ तेरा और लागैगा, वो मै बोहड़दा होया भर द्युगां।” \p \v 36 यीशु नै उस ताहीं कह्या, “इब यो बता तेरी समझ तै जिस माणस ताहीं डाकुआं नै घायल करा था, उन तीनां म्ह तै उस माणस का सच्चा पड़ोसी कौण था?” \p \v 37 उसनै कह्या, “वोए जिसनै उसपै दया करी।” यीशु नै उसतै कह्या, “जा, तू भी न्यूए करया कर।” \s मार्था अर मरियम के घर यीशु \p \v 38 जिब यीशु अर उसके चेल्लें जावै थे तो वो एक गाम म्ह गया, अर मार्था नाम की एक बिरबान्नी नै बड़ी उदारता तै उसका आदर सत्कार करया। \v 39 मरियम नाम की उसकी एक बेब्बे थी। वा प्रभु कै पायां म्ह बैठकै उसका वचन सुणै थी। \v 40 पर मार्था सेवा-पाणी करदे-करदे घबरागी, अर उसकै धोरै आकै कहण लाग्गी, “हे प्रभु, के तन्नै कुछ भी फिक्र कोनी के मेरी बेब्बे नै सारा काम का बोझ मेरै पै गेर दिया सै? इस करकै उसतै कह के मेरी मदद करै।” \p \v 41 प्रभु यीशु मसीह नै मार्था तै जबाब दिया, “मार्था, हे मार्था, तू घणी बात्तां खात्तर फिक्र करै, अर घबरावै सै। \v 42 पर एक बात जरुर सै, अर उस बढ़िया हिस्से ताहीं मरियम नै छाँट लिया सै जो उसतै खोस्या कोनी जावैगा।” \c 11 \s चेल्यां ताहीं प्रार्थना करणा सिखाणा \p \v 1 यीशु किसे जगहां प्रार्थना करण लागरया था। जिब उसनै प्रार्थना कर ली, तो उसके चेल्यां म्ह तै एक नै उसतै कह्या, “हे प्रभु, जिस तरियां यूहन्ना नै अपणे चेल्यां ताहीं प्रार्थना करणी सिखाई उस्से तरियां ए तू भी हमनै सिखा दे।” \p \v 2 उसनै उनतै कह्या, “जिब थम प्रार्थना करो, तो कहो, \q ‘हे पिता, \q तेरा नाम पवित्र मान्या जावै, \q तेरा राज्य आवै, \q \v 3 म्हारी दिन भर की रोट्टी हरेक दिन हमनै दिया कर, \q \v 4 अर म्हारे पापां नै माफ कर, \q क्यूँके हम भी अपणे हरेक कसूरवार ताहीं माफ करां सां, \q अर म्हारे ताहीं परखै ना।’” \s प्रार्थना के सम्बन्ध म्ह यीशु की शिक्षा \p \v 5 फेर यीशु नै चेल्यां तै कह्या, “मान लो थारा एक दोस्त सै, अर थम आध्धी रात नै उसकै धोरै ज्याकै उसतै बिनती करो, ‘हे दोस्त, मन्नै तीन रोट्टी दे। \v 6 क्यूँके मेरा एक दोस्त सफर करके मेरै धोरै आया सै, अर उस ताहीं खुआण खात्तर मेरै धोरै कुछ भी कोनी।’ \v 7 अर वो भीत्त्तर तै थमनै जबाब देवै सै, मन्नै दुखी ना करै, इब तो मन्नै कुवाड़ मूंद राक्खे सै अर मेरे बाळक मेरै धोरै बिछाणा पै सै, इस करकै मै उठकै तन्नै कुछ भी न्ही दे सकदा? \v 8 मै थमनै कहूँ सूं, हालाकि वो माणस उस ताहीं रोट्टी ना भी देणा चाहवै, तोभी दोस्त होण के नाते वो जरुर उठैगा, अर दोस्त के बार-बार बिनती करण पै, उसकी जरूरत के मुताबिक उस ताहीं जरुर देवैगा।” \p \v 9 अर मै थारैतै कहूँ सूं, के माँग्गो तो थमनै दिया जावैगा, टोव्होगें, तो थम पाओगे, खटखटाओ, तो थारै खात्तर खोल्या जावैगा। \v 10 क्यूँके जो कोए माँगै सै, उसनै मिलै सै, अर जो टोह्वैं सै, वो पावै सै, अर खटखटावै सै, उसकै खात्तर खोल्या जावैगा। \p \v 11 थारै म्ह तै इसा कौण पिता होगा, के जिब उसका बेट्टा रोट्टी माँगै, तो उसनै पत्थर देवै, या मच्छी माँगै, तो बदलै म्ह उसनै साँप देवै? \v 12 या अंडा माँगै तो उसनै बिच्छु दे? \v 13 इस करकै जिब थम बुरे होकै, अपणे बाळकां नै आच्छी चीज देणा जाणो सों, तो थारा सुर्गीय पिता अपणे माँगण आळा नै पवित्र आत्मा क्यूँ न्ही देवैगा। \s यीशु अर शैतान \p \v 14 फेर यीशु नै एक गूंगे माणस म्ह तै ओपरी आत्मा ताहीं लिकाड़या। जिब ओपरी आत्मा लिकड़गी तो गूँगा बोलण लागग्या, अर माणसां कै अचम्भा होया। \v 15 पर उन म्ह तै कुछ नै कह्या, “यो तो ओपरी आत्मायाँ के प्रधान शैतान की मदद तै ओपरी आत्मायाँ नै लिकाड़ै सै।” \v 16 औरां नै उस ताहीं परखण कै खात्तर उसतै अकास की एक निशान्नी माँगी। \p \v 17 पर उसनै उनकै मन की बात जाणकै, उनतै कह्या, “जिस-जिस राज्य म्ह फूट आवै सै, वो राज्य उजड़ जावै सै, अर जिस घर म्ह फूट होवै सै, वो नाश हो जावै सै।” \v 18 जै शैतान खुद का बिरोधी हो जावै, तो उसका राज्य किस तरियां बण्या रहवैगा? क्यूँके थम मेरै बाबत कहो सो के यो शैतान की मदद तै ओपरी आत्मायाँ नै काड्डै सै। \v 19 भला जै मै शैतान की मदद तै ओपरी आत्मायाँ नै काढ्ढू सूं, तो थारी ऊलाद किसकी मदद तै काड्डै सै? इस करकै वैए थारा न्याय करैगें। \v 20 पर जै मै परमेसवर के सामर्थ तै ओपरी आत्मायाँ नै काढ्ढू सूं, तो परमेसवर का राज्य थारै धोरै आण पोहुच्या सै। \v 21 जिब ठाड्डा माणस राछ लिये होए अपणे घर की रुखाळी करै सै, तो उसका धन बचा रहवैगा। \v 22 पर जिब उसतै बाध कोए और ठाड्डा धावा बोलकै उसनै जीत लेवै सै, तो उसकै वे राछ जिनपै उसका बिश्वास था, खोस लेवै सै अर उसका धन लुटकै बांड देवै सै। \p \v 23 जो मेरै गेल्या न्ही वो मेरै बिरोध म्ह सै, अर जो मेरै गेल्या न्ही कट्ठा करदा, वो खिंडावै सै। \s अधूरे सुधार तै बिप्दा \p \v 24 “जिब ओपरी आत्मा माणस म्ह तै लिकड़कै जावै सै, तो सुक्खी जगहां म्ह आराम टोह्न्दी फिरै सै, अर पांदी कोनी। फेर कहवै सै, ‘मै उस्से माणस म्ह जड़ै तै लिकड़ी थी बोहड़ जाऊँगी।’ अर आकै उस माणस नै घर जिसा झाड़ा-बुहारा अर सजा-धज्या पावै सै। \v 25 अर आकै उसनै झाड़ा-बुहारा अर सजा-धज्या पावै सै। \v 26 फेर वा ओपरी आत्मा जाकै अपणे तै भुंडी सात और आत्मायाँ नै अपणे गेल्या ले आवै सै, अर वे उस म्ह बड़कै बास करै सै, अर उस माणस की पाच्छली हालत पैहल्या तै भी भुंडी हो जावै सै।” \s धन्य कौण सै? \p \v 27 जिब यीशु ये बात कहवै था तो भीड़ म्ह तै किसे बिरबान्नी नै जोर तै बोलकै कह्या, “धन्य सै वो बिरबान्नी जिस तू जन्मा अर उसका तन्नै दुध पिया।” \p \v 28 उसनै कह्या, “हाँ, पर धन्य वे सै, जो परमेसवर का वचन सुणै अर मान्नै सै।” \s सुर्गीय निशान की माँग \p \v 29 जिब बड्डी भीड़ कठ्ठी होंदी जावै थी तो वो कहण लाग्या, “इस युग के माणस बुरे सै, वे चिन्ह-चमत्कार टोह्वैं सै, पर योना नबी के चिन्ह-चमत्कार नै छोड़ कै उन ताहीं कोए और चिन्ह-चमत्कार कोनी दिया जावैगा। \v 30 जिसा योना नबी निनवे के आदमियाँ खात्तर निशान्नी ठहरी, उस्से तरियां मै माणस का बेट्टा भी इस युग के आदमियाँ कै खात्तर ठहरूँगा। \v 31 दक्षिण देश की राणी न्याय कै दिन इस बखत के माणसां कै गेल्या उठकै उन ताहीं कसूरवार ठैहरावैगी, क्यूँके वा राजा सुलैमान का ज्ञान सुणन खात्तर धरती कै सिरे तै आई, अर देक्खों, उरै वो सै जो राजा सुलैमान तै भी बड्ड़ा सै। \v 32 निनवे नगर के माणस न्याय कै दिन इस युग कै माणसां कै गेल्या उठकै, उन ताहीं कसूरवार ठैहरावैगें, क्यूँके उननै योना नबी का प्रचार सुणकै अपणे पापां ताहीं स्वीकार किया, अर देक्खो, उरै वो सै जो योना नबी तै भी बड्ड़ा सै। \s देह का दिवा \p \v 33 “कोए माणस दिवा जळा कै बरतन कै तळै न्ही धरदा, पर टांडी पै धरै सै के भीत्त्तर आण आळा नै चाँदणा मिलै। \v 34 देह का दिवा आँख सै, इस करकै जिब तेरी निगांह आच्छी सै तो तेरी सारी देह भी उजाळा होगा। पर जिब तेरी आँख ठीक कोनी सै तो तेरी सारी देह भी अंधेरै म्ह सै। \v 35 इस करकै चौकन्ने रहो के जो चाँदणा थारै म्ह सै वो अँधेरा ना हो जावै। \v 36 इस करकै जै तेरी देह म्ह चाँदणा हो अर उसका कोए हिस्सा अन्धेरे म्ह ना रहवैं तो सारा का सारा इसा चाँदणा होगा, जिसा उस बखत होवै सै जिब दिवा अपणी चमक तै थारै ताहीं चाँदणा देवै सै।” \s शास्त्रियाँ अर फरिसियाँ की भर्त्सना \p \v 37 जिब वो बात करै था तो किसे फरीसी नै उसतै बिनती करी के मेरै उरै जाकै खाणा खाईयों। वो भीत्त्तर जाकै खाणा खाण नै बैठ्या। \v 38 फरीसी नै न्यू देखकै हैरानी होई के उसनै खाणा खाण तै पैहल्या हाथ कोनी धोए। \p \v 39 प्रभु नै उसके मन के बिचारां ताहीं पढ़कै उसतै कह्या, “हे फरीसियों, थम बेल्ली अर थाळी नै उप्पर-उप्पर तै तो माँजो सो, पर थारै भीत्त्तर अँधेरा अर बुराई भरी सै। \v 40 हे बेअक्लो! जिसनै बाहरणै का हिस्सा बणाया, के उसनै भीत्त्तर का हिस्सा कोनी बणाया? \v 41 पर हाँ, भीत्त्तर आळी चिज्जां नै दान कर द्यो, तो लखाओ, सारा कुछ थारै खात्तर पवित्र हो जावैगा।” \p \v 42 पर हे फरीसियों, थारै पै धिक्कार सै! थम पुदीने अर सुदाब का अर कई तरियां के साग-पात का दसमां हिस्सा द्यो सो, पर न्याय ताहीं अर परमेसवर कै प्यार ताहीं टाळ द्यो सो, आच्छा तो था के इन्नै भी करदे रहन्दे अर उननै भी कोनी छोड़दे। \p \v 43 हे फरीसियों, थारै पै धिक्कार सै! थम आराधनालयाँ म्ह खास-खास आसन नै चाहो सो अर बजारां म्ह नमस्कार चाहो सो। \p \v 44 “धिक्कार सै थारै पै! क्यूँके थम उन लुक्ही होई कब्रां की तरियां सो, जिनपै माणस चाल्लै सै पर कोनी जाणदे।” \p \v 45 फेर एक शास्त्री नै उसतै जबाब दिया, “हे गुरू, इन बात्तां नै कहकै तू म्हारी बुराई करै सै।” \p \v 46 पर यीशु नै जबाब दिया, “हे शास्त्रियो थारै पै धिक्कार सै! थम नियम-कायदा का इसा बोझ जिनका ठाणा ओक्खा सै, माणसां पै लाद्दो सो, पर थम खुद उनकी मदद खात्तर उस बोझ नै अपणी आन्गळी तै भी कोनी छुन्दे।” \p \v 47 “धिक्कार सै थारै पै! थम उन नबियाँ की कब्र बणाओ सो, जिन ताहीं थारै पूर्वजां नै मार दिया था।” \v 48 आखर म्ह थम गवाह सो, अर अपणे पूर्वजां कै काम्मां तै रजामंद सो, क्यूँके उननै उन ताहीं मार दिया अर थम उनकी कब्र बणाओ सो। \v 49 इस करकै परमेसवर की समझ नै भी कह्या सै, “के मै उनकै धोरै नबियाँ अर प्रेरितां नै भेज्जूंगी, अर वे उन म्ह तै कईयाँ नै मार देंगे, अर कईयाँ नै दुखी करैगें।” \v 50 ताके जित नबियाँ का लहू दुनिया की सरूआत तै बहाया गया सै, सारया का ब्यौरा इस युग के माणसां तै लिया जावै, \v 51 हाबिल की हत्या तै लेकै जकर्याह की हत्या ताहीं, जो मंढही\f + \fr 11:51 \fq मंढही \ft वेदी\f* अर मन्दर कै बिचाळै मारया गया। मै थारै तै सच कहूँ सूं, इन सारया का ब्यौरा इस्से बखत के माणसां तै लिया जावैगा। \p \v 52 “धिक्कार सै थम शास्त्रियाँ पै! थमनै ज्ञान की ताळी तो ली, पर थम खुद कोनी बड़े, बड़ण आळा ताहीं भी रोक द्यो सो।” \p \v 53 जिब वो उड़ै तै लिकड़या, तो शास्त्री अर फरीसी भुण्डी तरियां उसकै पाच्छै पड़गे अर छेड़ण लाग्गे के वो घणखरी बात्तां का जिक्रा करै, \v 54 अर ताक म्ह लाग्गे रहे के उसकै मुँह की कोये बात पकड़ै। \c 12 \s पाखण्ड कै बिरुद्ध चेतावनी \p \v 1 इतनै म्ह जिब हजारां की भीड़ लाग्गी, उरै ताहीं के वे एक-दुसरे पै पड़ण लाग्गे थे, तो यीशु नै सारया तै पैहल्या अपणे चेल्यां तै यो कह्या, “फरीसियाँ कै कपट रूपी खमीर तै चौकन्ने रहो। \v 2 कुछ ढकया कोनी, जो उघाड़या न्ही जावैगा, ना कुछ लुहक्या सै, जिसका बेरा न्ही पटै। \v 3 इस करकै जो कुछ थमनै अन्धेरे म्ह कह्या सै, वो उजाळै म्ह सुण्या जावैगा, अर जो थमनै कोठड़ियाँ म्ह चुपके-चुपके कह्या सै, वो छात पै तै प्रचार करया जावैगा। \s किसतै डरां? \p \v 4 “मै थारै तै जो मेरे साथी सो कहूँ सूं, के जो देह नै घात करै सै पर उसतै ज्यादा और कुछ न्ही कर सकदे, उनतै ना डरियो। \v 5 मै थमनै समझाऊँ सूं के थमनै किसतै डरणा चाहिये, घात करण कै बाद, जिस ताहीं नरक म्ह गेरण का हक सै, उस्से तै डरियो। हाँ, मै थारै तै कहूँ सूं उस्से तै डरियो। \v 6 के दो पिस्या की पाँच गौरैयाँ (एक छोट्टी चिड़ियाँ) न्ही बिकदी? फेरभी परमेसवर उन म्ह तै एक नै भी कोनी भुल्दा। \v 7 थारै सिर के एक-एक बाळ भी गिणे होड़े सै, इस करकै डरो मतना, थम घणी गौरैयाँ तै बढ़कै सो।” \s यीशु ताहीं स्वीकार या अस्वीकार करणा \p \v 8 “मै थारै तै कहूँ सूं जो कोए माणसां कै स्याम्ही मन्नै मान लेवैगा, उसनै मै माणस का बेट्टा भी परमेसवर कै सुर्गदूत्तां कै स्याम्ही मान लेऊँगा। \v 9 पर जो माणसां कै स्याम्ही मेरा इन्कार करैगा, उसका भी परमेसवर कै सुर्गदूत्तां कै स्याम्ही इन्कार करया जावैगा।” \v 10 जो कोए मुझ माणस कै बेट्टे कै बिरोध म्ह कोए बात कहवै, उसका वो कसूर माफ कर दिया जावैगा, पर जो पवित्र आत्मा की बुराई करै, उसका वो कसूर माफ कोनी करया जावैगा। \p \v 11 जिब माणस थमनै आराधनालयाँ अर हाकिमां अर अधिकारियां कै स्याम्ही ल्यावै, तो फिक्र ना करियो के हम किस तरियां तै, या के जबाब देवां, या के कहवांगे। \v 12 क्यूँके पवित्र आत्मा उस्से बखत थमनै सिखा देगा के, के कहणा चाहिये। \s एक साहूकार बेअक्ले का उदाहरण \p \v 13 फेर भीड़ म्ह तै एक नै यीशु तै कह्या, “हे गुरू, मेरे भाई तै कह के बाप कै जमीन-जायदाद नै मेरै गेल्या बांड लेवै।” \p \v 14 उसनै उसतै कह्या, “हे भले माणस, किसनै मेरै ताहीं थारा जमीन-जायदाद बटवारा करण आळा न्यायी बणा दिया सै?” \v 15 अर यीशु नै उनतै कह्या, “चौकन्ने रहो, अर सारी तरियां कै लोभ-लालच तै खुद नै बचा कै राक्खो, क्यूँके किसे का जीवन उसकै घणी जमीन-जायदाद तै कोनी होंदा।” \p \v 16 यीशु नै उनतै एक उदाहरण देकै कह्या, “किसे साहूकार की धरती म्ह घणी पैदावार होई।” \v 17 फेर वो अपणे मन म्ह बिचार करण लाग्या, मै के करूँ? क्यूँके मेरै धोरै जगहां कोनी जित अपणी उपज वैगरा धरुँ। \p \v 18 अर उसनै कह्या, मै न्यू करूँगा मै अपणे नाज के गोदाम नै तोड़ कै, उनतै नाज के और बड़े गोदाम बनाऊँगा, अर उड़ै अपणा सारा नाज अर धन धरुंगा, \v 19 अर अपणे आप तै कहूँगा, के तेरै धोरै घणे साल खात्तर घणा धन धरया सै, चैन कर, खा, पी, मौज कर। \p \v 20 पर परमेसवर नै उसतै कह्या, हे बेकूफ, इस्से रात मर जावैगा, फेर जो कुछ तन्नै कट्ठा करया सै, वो किसका होगा? \p \v 21 “इस्से तरियां वो माणस भी सै, जो अपणे खात्तर धन कट्ठा करै सै, पर परमेसवर की निगांह म्ह साहूकार कोनी।” \s परमेसवर पै भरोस्सा राक्खो \p \v 22 फेर यीशु नै अपणे चेल्यां तै कह्या, “इस करकै मै थमनै कहूँ सूं, अपणे जीवन के खात्तर या चिंता ना करो के हम के खावांगें, ना अपणी देह की के, के पैहरागें। \v 23 क्यूँके जीवन खाणै तै बढ़कै सै, अर देह लत्यां तै बढ़कै सै। \v 24 काग्गां\f + \fr 12:24 \ft कौवों\f* पै ध्यान द्यो, वे ना बोवै सै, ना काटै सै, अर ना उनके भण्डार अर गोदाम होवै सै, फेरभी परमेसवर उननै पाळै सै। थारी किम्मत पन्छियाँ तै बाध सै।” \v 25 थारै म्ह तै इसा कौण सै, जो चिंता करण तै अपणी उम्र का एक पल भी बढा सकै सै? \v 26 इस करकै जै थम अपणी जिन्दगी म्ह छोटे-छोटे काम भी न्ही कर सकदे, तो जिन्दगी की बड़ी-बड़ी बात्तां खात्तर क्यातै फिक्र करो सो? \p \v 27 “जंगली फुल्लां पै ध्यान करो, के वे किस तरियां बढ़ै सै, वे मेहनत करके अपणे खात्तर लत्तें कोनी बणाते। तोभी मै थारे तै कहूँ सूं, के राजा सुलैमान भी, अपणे सारे शानों-शोकत म्ह, उन म्ह तै, किसे के समान लत्ते पैहरे होए कोनी था। \v 28 इस करकै जै परमेसवर मैदान की घास नै, जो आज सै अर काल भाड़ म्ह झोक्की जावैगी, इसे लत्तें पहरावै सै, तो हे बिश्वास म्ह कमजोर माणसों, वो थारी चिन्ता क्यूँ न्ही करैगा? \v 29 अर थम इस बात की टोह् म्ह ना रहो के, के खावांगें अर के पीवागें, अर शक ना करो। \v 30 क्यूँके परमेसवर ताहीं ना जाणण आळे लोग, इन सारी चिज्जां की टोह् म्ह रहवै सै: पर थारा सुर्गीय पिता जाणै सै, के थमनै इन चिज्जां की जरूरत सै। \v 31 पर परमेसवर कै राज्य की खोज करो तो ये चीज भी थमनै मिल ज्यागीं।” \s सुर्गीय धन \p \v 32 “हे छोटे टोळ, मतना डरै, क्यूँके थारे सुर्गीय पिता नै न्यू भाया सै, के थमनै अपणा राज्य देवै। \v 33 अपणा धन बेचकै दान कर द्यो, अर अपणे खात्तर इसे बटुए बणाओ, जो पुराणे कोनी होन्दे, यानिके परमेसवर नै खुश करण आळे भले काम करकै सुर्ग म्ह इसा धन कठ्ठा करो जो सापड़दा कोनी अर जिसकै धोरै चोर कोनी जांदा, अर कीड़ा कोनी बिगाड़दा। \v 34 क्यूँके जड़ै थारा धन सै, उड़ै थारा मन भी लाग्या रहवैगा।” \s जागदे रहो \p \v 35 “हमेशा परमेसवर के काम्मां खात्तर तैयार रहों, अर थम प्रभु के आण खात्तर, दीवे जळा कै तैयार रहों, \v 36 अर थम उन माणसां कै बरगे बणो, जो अपणे माल्लिक की बाट देखते रहवै सै, के वो ब्याह तै कद बोहड़ैगा, ताके जिब आकै दरबाजा खटखटावै, तो जिब्बे उसकै खात्तर खोल द्यो। \v 37 धन्य सै वे नौक्कर जो माल्लिक के बोहड़ण की बाट देखते होए तैयार रहवै सै, मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, के माल्लिक भी खुद एक नौक्कर की तरियां उन ताहीं खाणा खुआण खात्तर बिठावैगा, अर खुद उनकी सेवा-पाणी करैगा। \v 38 जै वो आध्धी रात नै या उसकै बाद आकै उन ताहीं तैयार पावै, तो वे नौक्कर धन्य सै। \v 39 पर न्यू जाण ल्यो, के जै घर का माल्लिक नै बेरा हो के चोर ठीक किस घड़ी आवैगा तो वो तैयार रहन्दा, अर अपणे घर म्ह चोरी न्ही होण देन्दा। \v 40 थम भी मेरे बोहड़ के आण खात्तर तैयार रहो, क्यूँके जिस घड़ी कै बारै म्ह थम सोचदे भी कोनी, उस्से घड़ी मै माणस का बेट्टा सुर्ग तै आ जाऊँगा।” \s बिश्वास जोग्गा या अबिश्वास जोग्गा दास \p \v 41 फेर पतरस बोल्या, “हे प्रभु, के यो उदाहरण तन्नै म्हारै खात्तर दिया से या सारया खात्तर दिया सै।” \p \v 42 प्रभु नै जवाब दिया, “वो बिश्वास जोग्गा अर अकलमंद भण्डारी कौण सै, जिसका माल्लिक उस ताहीं नौक्कर-चाकरां पै सरदार ठैहरावै, के उननै बखत पै खाणा देवै।” \v 43 धन्य सै वो नौक्कर, जिस ताहीं उसका माल्लिक आकै इसाए करदा पावै। \v 44 मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, वो उस ताहीं अपणी सारी धन-सम्पत्ति का माल्लिक बणावैगा। \v 45 पर जै वो नौक्कर सोच्चण लाग्गै के मेरा माल्लिक आण म्ह वार कर रह्या सै, उसके साथ के नौक्कर नौकराणियाँ ताहीं छेतण-पिट्टण लागज्या अर खाण-पीण अर दारूबाज होण लाग्गे। \v 46 तो उस नौक्कर का माल्लिक इसे दिन आवैगा, जिब वो उसकी बाट देख्दा ना हो, अर इसे बखत म्ह आवैगा जिसका उसनै ना बेरा हो, अर उसनै भारी सजा देकै उसकी गिणती बिश्वास लायक माणसां म्ह कोनी करी जावैगी। \p \v 47 वो नौक्कर घणा छितैगा, जो अपणे माल्लिक की मर्जी जाणै था, अर तैयार न्ही रह्या अर ना उसकी मर्जी कै मुताबिक चाल्या,। \v 48 पर हरेक वो नौक्कर जो अपणे माल्लिक की मर्जी नै कोनी जाणै, फेर इसा काम करै सै जो मार खाण के लायक सै, वो कम छितैगा। इस करकै जिस ताहीं घणा दिया गया सै, उसतै घणा माँगया जावैगा, अर जिस ताहीं घणा सौप्या सै, उसतै घणा लिया जावैगा। \s यीशु कै आण का नतिज्जा \p \v 49 “मै धरती पै आग लाण नै आया सूं, अर कितना आच्छा होन्दा, के या इस्से बखत सुलग जान्दी! \v 50 मन्नै तो एक बड़ी भारी बिप्दा का बपतिस्मा लेणा सै, अर जिब ताहीं वो ना हो ले जद ताहीं मै इस्से बिप्दा म्ह रहूँगा! \v 51 के थम समझो सो के मै धरती पै मिलाप करवाण आया सूं? मै थमनै कहूँ सूं, ना, बल्के न्यारे करण आया सूं। \v 52 क्यूँके इब तै एक घर म्ह पाँच माणस आप्पस म्ह बिरोध राक्खैगें, तीन जन जो मेरे पै बिश्वास न्ही करते, वो उन दो जन का बिरोध्द करैगें जो मेरे पै बिश्वास राक्खै सै। \v 53 पिता बेट्टे तै, अर बेट्टा बाप तै बिरोध राक्खैगा, माँ बेट्टी तै, अर बेट्टी माँ तै, सास्सू बहू तै, अर बहू सास्सू तै बिरोध राक्खैगी।” \s समय के लक्षण \p \v 54 यीशु नै भीड़ तै कह्या, “जिब थम बाद्दळ नै पश्चिम\f + \fr 12:54 \ft पश्चिम-भूमध्यसागर तै उठण आळा बादल \f* तै उठदे देक्खो सो, तो जिब्बे कहो सो के मिह आवैगा, अर न्यूए होवै सै, \v 55 अर जिब दक्षिणी हवा\f + \fr 12:55 \ft दक्षिणी हवा-रेगिस्तान तै आन्दी हवा\f* चाल्दी देक्खो सो, तो कहो सो के बड़ी गर्मी पड़ैगी, अर न्यूए हो सै। \v 56 हे बेअक्लो! थम धरती अर अकास कै रूप-रंग म्ह भेद जाण सको सो, पर परमेसवर जो इस युग म्ह करण लागरया सै उसका भेद क्यातै न्ही जाणदे? \s अपणे बैरी तै समझौता \p \v 57 “थम खुद फैसला क्यातै कोनी कर लेंदे के ठीक सै?” \v 58 जिब तू अपणे बैरी कै गेल्या हाकिम कै धोरै जावै सै, तो राही म्ह उसतै छुटण की कोशिश करले, इसा ना हो के वो तन्नै न्यायाधीश कै धोरै घसीट कै ले जावै, अर न्यायाधीश तन्नै सिपाही के हवालै करदे अर सिपाही तन्नै जेळ म्ह गेर दे। \v 59 मै तेरै तै कहूँ सूं के जिब ताहीं तू पाई-पाई न्ही भर देवैगा, जिद ताहीं जेळ तै छुटण न्ही पावैगा। \c 13 \s मन फिराओ या नाश हो \p \v 1 उस बखत कुछ माणस आण पोहोचे, अर यीशु तै उन गलीली माणसां का जिक्रा करण लाग्गे, जिन ताहीं पिलातुस नै मन्दर म्ह बलिदान करते बखत मार दिया था, अर उनका ए लहू बलिदान की भेट तै मिला दिया था। \v 2 न्यू सुणकै उसनै उनतै जबाब म्ह कह्या, “के थम समझो सो के ये गलीली माणस और बाकी सारे गलीलवासियाँ तै घणे पापी थे के उनपै इसी बिप्दा आण पड़ी? \v 3 मै थमनै कहूँ सूं के ना, पर जै थम पाप करणा न्ही छोड़ोगे तो थम भी इस्से तरियां नाश होओगे। \v 4 अर थम के सोच्चों सों, के उन अठारह माणसां के बारें म्ह जिनपै शीलोह का गुम्मट पड्या, अर वे दब कै मरगे: यरुशलेम के दुसरे सारे बासिन्दयां तै घणे अपराधी थे? \v 5 मै थमनै कहूँ सूं, के जै थम पाप करणा न्ही छोड़ोगे तो थम भी इस्से तरियां नाश होओगे।” \s फळ-रहित अंजीर के दरखत का उदाहरण \p \v 6 फेर यीशु नै यो उदाहरण भी देकै कह्या, “किसे अंगूर के बाग म्ह अंजीर का दरखत लागरया था। वो उस म्ह फळ टोह्ण आया, पर कोनी मिल्या। \v 7 फेर उसनै बाग कै रुखाळै तै कह्या, लखा, तीन साल तै म्ह इस अंजीर कै दरखत पै फळ टोह्ण आऊँ सूं, पर कोनी पान्दा। इसनै काट बगा के यो धरती नै भी क्यूँ रुंधै।” \p \v 8 उसनै उसतै जबाब दिया, “हे माल्लिक, इस साल और रहण दे के मै इसकै चौगरदेकै माट्टी खोदकै खाद गेरू। \v 9 जै आगले साल इसकै फळ आ ग्या तो ठीक, न्ही तो इसनै कटवा दियो।” \s आराम कै दिन कुबड़ी बिरबान्नी ताहीं ठीक करणा \p \v 10 आराम कै दिन यीशु एक आराधनालय म्ह उपदेश देवै था। \v 11 उड़ै एक बिरबान्नी थी जिसम्ह अठारह साल तै एक कमजोर करण आळी ओपरी आत्मा थी, अर वा कुबड़ी होगी थी अर किसे तरियां भी सीध्धी कोनी हो सकै थी। \v 12 यीशु नै उस ताहीं देखकै बुलाया अर कह्या, “हे नारी, तू अपणे इस रोग तै मुक्त होगी सै।” \v 13 फेर उसनै उसपै हाथ धरया, अर वा जिब्बे सीध्धी होगी अर परमेसवर की बड़ाई करण लाग्गी। \p \v 14 इस करकै के यीशु नै आराम कै दिन उस ताहीं ठीक करया था, आराधनालय का सरदार चीड़कै माणसां तै कहण लाग्या, “काम करण के छ: दिन सै, उन ए दिनां म्ह आकै अपणे रोग ठिक कराओ, पर आराम कै दिन न्ही।” \p \v 15 न्यू सुणकै प्रभु यीशु नै जबाब दिया, “हे कपटियों, के आराम कै दिन थारै म्ह तै हरेक अपणे बळध या गधे नै थान म्ह तै खोल कै पाणी पियाण कोनी ले जान्दा? \v 16 तो के या बिरबान्नी जो अब्राहम की पीढ़ी सै, जिस ताहीं शैतान नै अठारह साल तै जुड़ राख्या था, के इस ताहीं आराम कै दिन इसके बन्धन तै मुक्त करणा न्ही चाहिये था?” \p \v 17 जिब यीशु नै ये बात कही, तो उसके सारे बिरोधी सर्मिन्दा होगे, अर साब्ती भीड़ उन महान् काम्मां तै जो वो करै था, राज्जी होई। \s राई के दाणे का उदाहरण \p \v 18 फेर यीशु नै कह्या, “परमेसवर का राज्य किस जिसा सै? अर मै उसका उदाहरण किसतै द्यु? \v 19 वो राई कै दाणै की ढाळ सै, जिस ताहीं किसे माणस नै लेकै अपणे बाग म्ह बोया: अर वो बढ़कै दरखत बणग्या, अर अकास के पन्छियाँ नै उसकी डाळीयाँ पै बसेरा करया।” \s खमीर का उदाहरण \p \v 20 यीशु नै दुबारै कह्या, “मै परमेसवर के राज का उदाहरण किसतै द्यु? \v 21 वो खमीर की ढाळ सै, जिस ताहीं किसे बिरबान्नी नै लेकै तीन पसेरी (पन्द्रह किलो) चून म्ह रळाया, अर होंदे-होंदे सारा चून खमीर बणग्या।” \s सकेत द्वार \p \v 22 यीशु अर उसके चेल्लें नगर-नगर, अर गाम-गाम होकै उपदेश देन्दे होए यरुशलेम नगर की ओड़ जावै थे, \v 23 तो किसे नै उसतै बुझ्झया, “हे प्रभु, के थोड़े ए माणसां का उद्धार होगा?” यीशु नै उनतै कह्या, \v 24 “भीड़ै दरबाजे तै बड़ण की कोशिश करो, क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं के घणखरे उस म्ह बड़ना चाहवैगें, अर कोनी बड़ सकैगें। \v 25 क्यूँके परमेसवर जो घर का माल्लिक सै उठकै दरबाजा भेड़ देगा, अर थम बाहरणै खड़े होए खटखटाकै कहण लागो, हे प्रभु, म्हारै खात्तर दरबाजा खोल दे, अर वो जबाब देवै, मै थमनै कोनी जाण्दा, थम कित्त के सो?” \p \v 26 फेर थम कहण लागोगे, हमनै तेरे स्याम्ही खाया-पिया अर तन्नै म्हारे बजारां म्ह उपदेश दिया। \p \v 27 पर वो कहवैगा, मै थमनै कहूँ चुक्या सूं, मै कोनी जाण्दा, थम कित्त के सो। हे भुन्डे़ काम करण आळो, थम सारे मेरै तै दूर रहो। \p \v 28 जिब अब्राहम अर इसहाक अर याकूब अर सारे नबियाँ ताहीं परमेसवर राज्य म्ह बैट्ठे, अर खुद नै बाहरणै लिकाड़े होए देक्खोगे, “उड़ै रोणा अर दाँत पिसणा होगा। \v 29 पूरी दुनिया के माणस आकै परमेसवर कै राज्य के भोज म्ह शामिल होवैंगे। \v 30 अर सच्चाई या सै के जो पाच्छले सै वे पैहले होंगे, अर जो पैहले सै वे पाच्छले होंगे।” \s हेरोदेस की दुश्मनी \p \v 31 उस्से बखत कुछ फरीसियाँ नै आकै यीशु तै कह्या, “उरै तै लिकड़ज्या, क्यूँके हेरोदेस तन्नै मार देणा चाहवै सै।” \p \v 32 यीशु नै उनतै कह्या, “जाकै उस लोमड़ी\f + \fr 13:32 \ft लोमड़ी चलाक होवै सै इस करकै यीशु नै हरोदेस ताहीं लोमड़ी कह्या सै\f* तै कह द्यो के लखा, मै आज अर काल ओपरी आत्मायाँ नै काढ्ढू सूं अर बीमारां नै ठीक करूँ सूं, अर तीसरे दिन अपणा काम पूरा करूँगा। \v 33 फेर भी यो जरूरी सै के मै आज, काल अर परसो सफर करुँ, क्यूँके हो न्ही सकदा के कोए नबी यरुशलेम नगर कै बाहरणै मारया जावै। \s यरुशलेम कै खात्तर बिलाप \p \v 34 “हे यरुशलेम के माणसों! हे यरुशलेम के माणसों! तन्नै भोत से नबियाँ ताहीं मारया सै, जो भोत पैहले रहवै थे, अर उन माणसां ताहीं भी पत्थरां तै मार दिया जिन ताहीं थारे धोरै भेजे थे। कितनी ए बर मन्नै न्यू चाह्या के जिस ढाळ मुर्गी अपणे बच्चां नै अपणे पाक्खां तळै कट्ठे करै सै, उस्से तरियां ए मै भी तेरे बाळकां नै कट्ठा करूँ, पर थमनै न्यू न्ही चाह्या। \v 35 देक्खो, थारा घर थारे खात्तर उजाड़ छोड्या जावै सै, मै थमनै कहूँ सूं: जिब ताहीं थम न्ही कहोगे, ‘धन्य सै वो, जो प्रभु कै नाम तै आवै सै,’ ‘जद ताहीं थम मन्नै दुबारै कदे न्ही देक्खोगे।’” \c 14 \s फरीसी कै घरां यीशु \p \v 1 एक खास मौक्कै पै जिब मसीह आराम कै दिन फरीसियाँ के सरदारां म्ह तै किसे कै घरां रोट्टी खाण नै गया, अर वे सारे उननै बड़ी उत्सुकता तै देखण लागरे थे। \v 2 उड़ै एक माणस था, जिसम्ह जलोदर\f + \fr 14:2 \ft (जलोदर एक इसा रोग सै जिस म्ह रोगी के हाथ-पां सूज जावै सै) \f* की बीमारी थी। \v 3 इसपै यीशु नै शास्त्रियाँ अर फरीसियाँ तै कह्या, “के नियम-कायदा के मुताबिक आराम कै दिन आच्छा करणा ठीक सै या न्ही?” \v 4 पर वे बोल-बाल्ले रहे। फेर यीशु नै उस रोगी पै हाथ धरकै उस ताहीं ठीक करकै, उस ताहीं विदा कर दिया। \v 5 अर उनतै कह्या, “थारै म्ह तै इसा कौण सै, के जै थारा बेट्टा या बळध कुएँ म्ह आराम कै दिन पड़ज्या अर वो उसनै जिब्बे बाहरणै कोनी लिकड़ै?” \v 6 वे इन बात्तां का कुछ जबाब कोनी दे पाए। \s नम्रता अर मेहमान-नवाजी \p \v 7 जिब यीशु नै देख्या के न्योंदे होए माणस किस तरियां खास-खास जगहां छाँट लेवैं सै तो एक उदाहरण देकै कह्या, \v 8 “जिब कोये तन्नै ब्याह म्ह बुलावै, तो खास माणसां की जगहां पै न्ही बैठणा, कदे इसा ना हो के उसनै तेरै तै भी बड्डे ताहीं न्योंद राख्या हो, \v 9 अर जिसनै तेरै ताहीं अर उस ताहीं दोनुआ ताहीं न्योंदा दिया सै, आकै कहवै, ‘इसनै जगहां दे,’ अर फेर तन्नै सर्मिन्दा होकै सारया तै पाच्छै बैठणा पड़ै। \v 10 पर जिब तू न्योंदा जावै तो सारया तै पाच्छली जगहां बैठ के जिब वो, जिसनै तेरै ताहीं न्योंदा सै आवै, तन्नै कहवै, ‘हे दोस्त, आग्गै बढ़कै बैठ,’ फेर तेरै गेल्या बैठण आळा कै स्याम्ही तेरी बड़ाई होवैगी। \v 11 क्यूँके जो कोए अपणे आपनै बड्ड़ा बणावैगा, वो छोट्टा करया जावैगा, अर जो कोए अपणे आपनै छोट्टा बणावैगा, वो बड्ड़ा करया जावैगा।” \p \v 12 फेर यीशु नै फिरीसी तै जिसनै उसका न्योंदा दिया था उसतै कह्या, “जिब तू दिन का या रात का भोज करै, तो अपणे साथियाँ या भाईयाँ या कुण्बे या साहूकार पड़ोसियाँ नै ना न्योंद, कदे इसा ना हो के वे भी तन्नै न्योंदा देवै, अर तेरा बदला हो जावै। \v 13 पर जिब तू भोज करै तो कंगाल, टुंडे, लंगड़े अर आंध्याँ नै न्योंद। \v 14 तब तू धन्य होवैगा, क्यूँके उन माणसां कै धोरै बदले म्ह देण खात्तर कुछ कोनी, परमेसवर तन्नै उस काम का बदला धर्मियाँ कै जिन्दा होण के बाद देवैगा।” \s बड्डे जिमणै का उदाहरण \p \v 15 यीशु कै गेल्या खाणा खाण आळा म्ह तै एक नै ये बात सुणकै उसतै कह्या, “धन्य सै वो जो परमेसवर के राज्य म्ह भोज खावैगा।” \p \v 16 यीशु नै उसतै कह्या, “किसे माणस नै बड्ड़ा भोज करया अर घणा ताहीं न्योंदा। \v 17 जिब खाणा त्यार होग्या तो उसनै अपणे नौक्कर कै हाथ्थां न्योंदे होए माणसां ताहीं कुह्वा भेज्या, ‘आओ, इब खाणा त्यार सै।’” \v 18 “पर वे सारे के सारे माफी माँगण लाग्गे। पैहल्ड़े नै उसतै कह्या, ‘मन्नै खेत मोल लिया सै, अर जरूरी सै के उसनै देक्खूँ, मै तेरै तै बिनती करूँ सूं मन्नै माफ करदे।’” \p \v 19 दुसरे नै कह्या, “मन्नै पाँच जोड़े बळध मोल लिए सै, उननै परखण जाऊँ सूं, मै तेरै तै बिनती करूँ सूं, मन्नै माफ करदे।” \p \v 20 एक और नै कह्या, “मन्नै ब्याह करया सै, इस करकै मै न्ही आ सकदा।” \p \v 21 उस नौक्कर नै आकै अपणे माल्लिक ताहीं ये बात कह सुणाई। फेर घर कै माल्लिक नै खुन्दक म्ह आकै, अपणे नौक्कर तै कह्या, “नगर के बजारां अर गळियाँ म्ह इब्बे जाकै कन्गालाँ नै, टुंड्यां नै, लंगड्यां नै, अर आंध्याँ नै उरै लेकै आओ।” \p \v 22 नौक्कर नै दुबारै कह्या, “हे माल्लिक, जिस ढाळ तन्नै कह्या था, उस्से तरियां ए करया गया सै, अर फेर भी जगहां सै।” \p \v 23 माल्लिक नै नौक्कर तै कह्या, “सड़कां पै अर बाड़या की कान्ही जा अर माणसां नै मजबूर करकै लिया ताके मेरा घर भरज्या। \v 24 क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं के उन पैहले बुलाए होड़ माणसां म्ह तै कोए मेरै खाणै नै कोनी चाखैगा।” \s चेल्ला बनण का मूल्य \p \v 25 जिब बड्डी भीड़ यीशु कै गेल्या जावै थी, तो उसनै बोहड़कै उनतै कह्या, \v 26 जै कोए मेरा चेल्ला बणणा चाहवै सै, अर अपणे माँ-बाप अर घरआळी अर बाळकां नै अर भाईयाँ नै अर भाणां नै बल्के अपणे जीवन नै भी मेरे तै ज्यादा प्यार करै सै, तो वो मेरा चेल्ला न्ही हो सकदा। \v 27 अर जो कोए अपणा दुखां का क्रूस ना ठावै, अर मेरै पाच्छै न्ही आवै, वो भी मेरा चेल्ला कोनी हो सकदा। \p \v 28 उदाहरण के तौर पै “थारै म्ह तै कौण सै जो घर बनाणा चाह्न्दा हो, अर पैहल्या बैठकै खर्चा न्ही फैळावै के पूरा करण की गुंजास मेरै धोरै सै के न्ही? \v 29 जै वो आस ना करता हो, तो जिब वो नीम धर ले पर काम पूरा ना कर पावै, तो सारे देक्खण आळे न्यू कहकै उसका मखौल उड़ावैंगे, \v 30 ‘के यो माणस बनाण तो लाग्या पर पूरा कोनी कर पाया?’” \p \v 31 या कौण इसा राजा सै जो दुसरे राजा तै युध्द करण जान्दा हो, अर जो बिचार करले के जो बीस हजार लेकै मेरै पै चढ़या आवै सै, के मै दस हजार लेकै उसका सामणा कर सकूँ सूं के न्ही? \v 32 न्ही तो उसके दूर रहन्दे होए वो दूत्तां नै भेजकै उसतै मिलाप करणा चाहवैगा। \v 33 इस्से ढाळ थारै म्ह तै कोए अपणा सारा कुछ त्याग न्ही देवै, वो मेरा चेल्ला कोनी हो सकदा। \s बेसुवाद नूण \p \v 34 “नूण\f + \fr 14:34 \ft नमक-यीशु के चेल्यां के बारें म्ह बताया गया सै \f* तो बढ़िया सै, पर जै नूण का सुवाद जांदा रहवै, तो वो किस चीज तै नमकीन करया जावैगा। \v 35 वो ना तो धरती कै अर ना खाद कै खात्तर काम म्ह आवै सै: उसनै तो माणस बाहरणै बगा देवै सै। जिसके कान हों वो ध्यान तै सुण ले।” \c 15 \s खोई होड़ भेड़ का उदाहरण \p \v 1 सारे चुंगी लेण आळे अर पापी माणस, यीशु कै धोरै आया करै थे ताके उसकी सुणै। \v 2 पर फरीसी अर शास्त्री बरड़ाकै कहण लाग्गे, “यो तो पापियाँ तै मिलै सै अर उनकै गेल्या खावै भी सै।” \v 3 फेर उसनै उनतै यो उदाहरण कह्या \v 4 “थारै म्ह तै कौण सै जिसकी सौ भेड़ हों, अर उन म्ह तै एक खुज्या, तो निन्यानमै नै बण म्ह छोड़कै, उस खुई होड़ नै जिब ताहीं पा न्ही लेन्दी टोह्न्दा ना रहवैं? \v 5 अर जिब पा ज्या सै, फेर वो घणा राज्जी होकै उस ताहीं कंधे पै ठा लेवै सै, \v 6 अर अपणे घरां आकै साथियाँ अर पड़ोसियाँ नै कट्ठा करकै कहवै सै, ‘मेरै गेल्या खुशी मनाओ, क्यूँके मेरी खुई होड़ भेड़ पा गी सै।’ \v 7 मै थमनै कहूँ सूं, के इस्से तरियां तै पापां नै छोड़ण आळे एक पापी खात्तर उन निन्यानबे धर्मियाँ की तुलना म्ह सुर्ग म्ह इसतै भी घणा आनन्द मनाया जावै सै, जिननै पापां की माफी माँगण की जरूरत कोनी।” \s खोए होए सिक्के का उदाहरण \p \v 8 यीशु नै एक और उदाहरण दिया “के कौण इसी बिरबान्नी होगी जिसकै धोरै दस सिक्के हों, अर उन म्ह तै एक खुज्या, तो वा दिवा बाळ कै अर घर झाड़-बुहारकै, जिब ताहीं पा न्ही जावै जी लाकै टोह्न्दी ना रहवैं? \v 9 अर जिब पा ज्या सै, तो वा अपणी ढब्बणां अर पड़ोसणां नै कट्ठा करकै कहवै सै, ‘मेरै गेल्या खुशी मनाओ, क्यूँके मेरा खुया होया सिक्का पाग्या सै।’ \v 10 मै थमनै कहूँ सूं के इस्से ढाळ जिब कोए माणस आपणे पापां नै छोड़कै परमेसवर की राह पै चाल्लणा शुरू करै सै तो उसके खात्तर भी, परमेसवर के सुर्गदूत्तां कै स्याम्ही उतणा ए आनन्द मनाया जावै सै।” \s उड़ाऊ बेट्टे का उदाहरण \p \v 11 फेर यीशु नै एक और उदाहरण देकै कह्या, “किसे माणस के दो बेट्टे थे। \v 12 उन म्ह तै छोट्ळै नै पिता तै कह्या, हे पिता, सम्पत्ति म्ह तै जो मेरा बांडै आवै सै वो मन्नै इब्बे दे द्यो। इस करकै पिता नै उन ताहीं अपणी सम्पत्ति का बंडवारा कर दिया। \v 13 घणे दिन कोनी बीते थे के छोट्टा बेट्टा सारा कुछ कट्ठा करकै दूर देश म्ह चल्या गया, अर उड़ै भुण्डे काम्मां म्ह अपणा धन उड़ा दिया। \v 14 जिब वो सारा कुछ खर्च करग्या, तो उस देश म्ह भारया अकाळ पड्या, अर वो कंगाल होग्या, अर उसकै धोरै खाण नै कुछ भी न्ही रह्या। \v 15 इस करकै वो उस देश के बाशिंद्यां म्ह तै एक कै धोरै काम करण खात्तर, अर उसनै उस ताहीं अपणे खेत्तां म्ह सूअर चराण खात्तर भेज्या। \v 16 वो भोत भुक्खा था अर वो चाहवै था के उन फळियाँ म्ह तै जिन नै सूअर खावै थे, अपणा पेट भरै, अर उस ताहीं कोए कुछ कोनी देवै था। \v 17 जिब छोट्टे बेट्टे के होश ठिकाणै आये अर अपणे आप तै कहण लाग्या, मेरै पिता कै धोरै इसे भोत मजदूर सै जिनकै खाणा खाण कै बाद भी घणाए बच जावै सै, पर मै उरै भुक्खा मरण लाग रह्या सूं। \v 18 इस करकै मै इब उठकै अपणे पिता धोरै जाऊँगा अर उसतै कहूँगा के पिता जी, मन्नै परमेसवर जो सुर्ग म्ह सै, उसके अर तेरे बिरोध म्ह पाप करया सै। \v 19 इब इस जोग्गा कोनी रह्या के तेरा बेट्टा कुह्वाऊँ, मन्नै अपणे एक मजदूर की ढाळ राख ले।” \p \v 20 “पर वो उस देश नै छोड़ के अपणे बाप कै घर की ओड़ चाल्या, वो इब्बे कुछ ए दुर था के उसकै बाप नै उस ताहीं देख्या उसपै तरस आया, अर भाजकै अपणे बेट्टे ताहीं छात्त्ती कै लगाकै, उस ताहीं चुम्ता रह्या। \v 21 बेट्टे नै उसतै कह्या, पिता जी, मन्नै परमेसवर जो सुर्ग म्ह सै, उसके अर तेरे बिरोध म्ह पाप करया सै, अर इब इस जोग्गा कोनी रह्या के तेरा बेट्टा कुह्वाऊँ। \v 22 पर बाप नै अपणे नौकरां तै कह्या, ‘तोळ करकै सुथरे-सुथरे लत्ते लिकाड़कै उसनै पिहराओ, अर उसकै हाथ्थां म्ह गुठ्ठी, अर पायां म्ह जुत्ती पहराओ, \v 23 अर बढ़िया भोज तैयार करो ताके हम खावां अर खुशी मनावां। \v 24 क्यूँके मेरा यो बेट्टा मरग्या था, दूबारै जीग्या सै: खुग्या था अर इब पाग्या सै।’ अर वे खुशी मनाण लाग्गे। \v 25 पर उसका जेट्ठा बेट्टा खेत म्ह काम करण लागरया था। जिब वो आंदे होए घर कै धोरै पोहुच्या, तो उसनै गाण-बजाण अर नाचण का बोल सुण्या। \v 26 आखर म्ह उसनै एक नौक्कर बुलाकै बुझ्झया, यो के होण लाग रह्या सै? \v 27 उसनै उस ताहीं कह्या, तेरा भाई बोहड़ आया सै, अर तेरे बाप नै बढ़िया भोज तैयार करवाया सै, इस करकै के वो ठीक-ठाक घरा आ ग्या सै। \v 28 न्यू सुणकै वो छो तै भरग्या अर भीत्त्तर जाणा कोनी चाह्या, पर उसका बाप बाहरणै आकै उसनै मनाण लाग्या। \v 29 उसनै बाप ताहीं जबाब दिया, ‘देख, मै इतणे साल तै तेरी सेवा-पाणी कर रह्या सूं, अर कदे भी तेरा हुकम कोनी टाळया, फेरभी तन्नै मेरै ताहीं कदे भी कोए बढ़िया चीज कोनी दी, ताके मै अपणे साथियाँ गेल्या आनन्द कर सकूँ। \v 30 पर जिब तेरा यो बेट्टा आया, जिसनै तेरी सम्पत्ति अयाशियाँ म्ह उड़ा दी सै, तो उसकै खात्तर तन्नै बढ़िया भोज तैयार करया।’ \v 31 उसकै बाप नै उसतै कह्या, मेरे बेट्टे, तू सारी हाण मेरै गेल्या सै, अर जो कुछ मेरा सै वो सारा तेराए सै। \v 32 पर इब आनन्द अर मगन होणा चाहिये क्यूँके यो तेरा भाई जो मरे होए माणसां की तरियां था दुबारा जी ग्या सै, खुग्या था, इब पाग्या सै।” \c 16 \s चलाक भण्डारी \p \v 1 फेर यीशु नै चेल्यां ताहीं एक और उदाहरण देकै कह्या, “किसे साहूकार का एक भण्डारी था, अर लोग्गां नै उसकै स्याम्ही उसपै यो इल्जाम लाया के वो तेरा सारा धन उड़ा देवै सै। \v 2 आखर म्ह उसनै अपणे भण्डारी ताहीं बुलाकै कह्या, ‘यो के सै मै तेरै बाबत के सुणु सूं?’ अपणे भण्डारीपण का हिसाब दे, क्यूँके तू आग्गै तै भण्डारी कोनी रह सकदा।” \p \v 3 फेर भण्डारी सोच्चण लाग्या, इब मै के करूँ? क्यूँके मेरा माल्लिक इब भण्डारी का काम मेरै तै खोस्सै सै। माट्टी खोदण का काम मेरै तै होवै कोनी, अर भीख भी माँगदे हाणी सर्म आवैगी। \v 4 मै जाणग्या के मै के करूँ, ताके मै जिब भण्डारी कै काम तै हटाया जाऊँ तो माणस मन्नै अपणे घरां म्ह ले लेवै। \p \v 5 फेर उसनै अपणे माल्लिक के देणदारां ताहीं एक-एक करकै बुलाया अर पैहल्या तै बुझ्झया, “तेरै उप्पर मेरै माल्लिक का कितना कर्जा सै?” \p \v 6 उसनै कह्या, “सौ मण\f + \fr 16:6 \ft 3700 लिटर \f* तेल,” फेर उसनै उसतै कह्या, “अपणा खाता अर बही ले अर बैठकै ताव्ळा पचास लिख दे।” \p \v 7 फेर उसनै दुसरे तै बुझ्झया, “तेरै पै कितना कर्जा सै?” दुसरे नै कह्या, सौ मण\f + \fr 16:7 \ft 4000 kg-\f* गेहूँ, फेर उसनै उसतै कह्या, “अपणा खाता अर बही लेकै अर बैठकै अस्सी लिख दे।” \p \v 8 माल्लिक नै उस अधर्मी भण्डारी ताहीं सराहया के उसनै कितनी चतुराई तै काम करया सै। क्यूँके इस दुनिया के माणस अपणे बखत के माणसां के गेल्या व्यवहार म्ह चान्दणे के माणसां\f + \fr 16:8 \ft चान्दणे के माणस-बिश्वासी माणसां नै कहवै सै\f* तै घणे चलाक सै। \v 9 अर मै थमनै कहूँ सूं के दुनिया की धन-दौलत तै भले काम करकै अपणे खात्तर साथी बणा ल्यो, ताके जिब वो धन दौलत न्ही रहवैं तो अनन्त काल के घर म्ह थारै स्वागत हो। \p \v 10 वे लोग जो थोड़े-तै भी थोड़े म्ह भी बिश्वास जोग्गे सै, वे घणे म्ह भी बिश्वास जोग्गे होंगे, जो थोड़े-तै भी थोड़े म्ह बेईमान सै, वो घणा म्ह भी बेईमान होंगे। \v 11 इस करकै जिब थम संसारिक धन म्ह बिश्वास जोग्गा न्ही ठहरे, तो साच्चा धन थमनै कौण देवैगा? \v 12 अर जै थम संसारिक धन-दौलत को इस्तमाल करण म्ह भरोस्सेमंद न्ही ठहरे, तो परमेसवर थमनै सुर्गीय धन क्यूँ देवैगा? \p \v 13 “कोए नौक्कर दो मालिकां की सेवा एक बखत पै न्ही कर सकदा, क्यूँके वो एक तै बैर अर दुसरे तै प्यार राक्खैगा, या एक तै मिल्या रहवैगा अर दुसरे नै छोट्टा जाणैगा। थम परमेसवर अर धन दोनुआ की सेवा न्ही कर सकदे।” \s यीशु के कुछ उपदेश \p \v 14 फरीसी जो लोभ्भी थे, ये सारी बात सुणकै, मखौल करण लाग्गे। \v 15 यीशु नै उनतै कह्या, “थम तो माणसां कै स्याम्ही खुद नै धर्मी ठहराओ सो, पर परमेसवर थारै मन नै जाणै सै, क्यूँके जो चीज माणसां की निगांह म्ह महान् सै, वा परमेसवर कै लोवै घृणित सै।” \p \v 16 जब तक यूहन्ना आया, जिब ताहीं मूसा के नियम-कायदे अर नबी का प्रभाव माणसां पै रह्या। उस बखत तै परमेसवर के राज्य का सुसमाचार सुणाया जाण लागरा सै, अर हरेक उस म्ह तेज्जी तै इसकी ओड़ खिचे आण लागरे सै। \v 17 अकास अर धरती का टळ जाणा आसान सै, पर नियम-कायदा की हर छोट्टी बात भी पूरी होकै रहवैगी। \p \v 18 उदाहरण के तौर पै “जो कोए अपणी घरआळी नै छोड़कै दुसरी तै ब्याह करै सै, वो जारी करै सै, अर जो कोए इसी छोड्डी होई बिरबान्नी तै ब्याह करै सै, वो भी जारी करै सै।” \s साहूकार माणस अर गरीब लाजर \p \v 19 फेर यीशु नै कह्या, “एक साहूकार माणस था जो बैंजनी अर मलमल के महंगे लत्ते पहरदा अर हरेक दिन असो-आराम तै अर मौज तै रहवैं था। \v 20 लाजर नाम का एक कंगाल जिसकै घा: होरे थे उसकी देहळी पै छोड़ दिया जावै था। \v 21 अर वो चाहवै था, के साहूकार के मेज की जूठण तै अपणा पेट भरै, उरै ताहीं के कुत्ते भी आकै उसके घा: नै चाट्या करै थे।” \p \v 22 इसा होया के वो कंगाल मरग्या, अर सुर्गदूत्तां नै उस ताहीं लेकै अब्राहम के साथ खात्तर पोहुच्या। वो साहूकार भी मारया अर गाड्या गया, \v 23 साहूकार नरक म्ह गेरया गया, अर नरक की ताड़णा तै दर्द म्ह पड़े होए अपणी निगांह ठाई, दूर तै ए अब्राहम के साथ लाजर ताहीं देख्या। \v 24 फेर उसनै रुक्का मारकै कह्या, हे पिता अब्राहम, मेरै पै दया करकै लाजर नै भेज दे, ताके वो अपणी आन्गळी का कुणा पाणी म्ह डबोकै मेरी जीभ नै शीळी करै, क्यूँके मै इस आग तै तड़फूं सूं। \p \v 25 “पर अब्राहम बोल्या, ‘हे बेटे, याद करके तन्नै अपणी जिन्दगी म्ह बढ़िया तै बढ़िया चीज ले ली सै’, अर उस्से तरियां लाजर नै तुच्छ चीज, पर इब वो उरै सुख अर शान्ति पा रह्या सै, अर तू तड़फ रह्या सै। \v 26 इन सबके अलावा म्हारै अर तेरे बिचाळै एक बड़ी खाई ठहराई गई सै, के जो उरै तै तेरी ओड़ आणा चाहवै, वे ना जा सकै, अर ना कोए उड़ै इस पास्सै म्हारै धोरै आ सकै।” \p \v 27 साहूकार बोल्या, तो हे पिता, मै तेरै तै बिनती करूँ सूं, के उस ताहीं मेरै बाप कै घरां भेज, \v 28 क्यूँके मेरे पाँच भाई सै, वो उनकै स्याम्ही इन बात्तां की गवाही दे, इसा ना हो के वे भी दुख की जगहां म्ह आवै। \p \v 29 अब्राहम नै उसतै कह्या, उनकै धोरै तो मूसा के नियम-कायदे, नबी अर नबियाँ की किताब सै, वे उनकी सुणै। \p \v 30 साहूकार बोल्या, “न्ही, पिता अब्राहम, पर जै कोए मरे होया म्ह तै उनकै धोरै जावै, तो वे पाप करणा छोड़ देंगे।” \p \v 31 अब्राहम नै उसतै कह्या, “जिब वे मूसा नबी अर नबियाँ की न्ही सुणदे, तो जै मरे होया म्ह तै कोए जी भी जा, तोभी उसकी कोनी मान्नैगें।” \c 17 \s ठोक्कर का कारण बनणा \p \v 1 फेर यीशु नै अपणे चेल्यां तै कह्या, “हो न्ही सकदा के ठोक्कर ना लाग्गै, पर धिक्कार सै, उस माणस पै जिसकै बाबत ठोक्कर लाग्गै सै। \v 2 पर जो कोए इन छोट्या बाळकां समान जो मेरै पै बिश्वास करै सै, किसे तै भी पाप करवावै तो उसकै खात्तर भला योए सै के एक बड्डी चाक्की का पाट उसकै गळ म्ह लटकाया जावै अर वो समुंदर म्ह गेरया जावै।” \p \v 3 सावधान रहों, “जै तेरा बिश्वासी भाई पाप करै तो उसनै समझा, अर जै पछतावै तो उसनै माफ करदे। \v 4 जै हरेक दिन वो तेरे बिरुद्ध म्ह सात बार भी पाप करै, अर सात्तु बार तेरै धोरै आकै कहवै, मै पछताऊँ सूं, तो उसनै माफ करदे।” \s बिश्वास \p \v 5 फेर प्रेरितां नै प्रभु यीशु तै बिनती करी, “के म्हारे बिश्वास नै बढ़ा।” \p \v 6 प्रभु बोल्या, “जै थमनै राई कै दाणै बराबर भी बिश्वास होन्दा, तो थम इस शहतूत कै दरखत नै कहन्दे के जड़ तै उखड़कै समुन्दर म्ह जा लाग, तो वो थारी मान लेन्दा।” \s एक दास का कर्तव्य \p \v 7 फेर यीशु नै कह्या, “मान ल्यो थारै म्ह तै किसे कै धोरै एक नौक्कर सै जो नौक्कर हळ चलान्दा या भेड़ चरान्दा हो, अर जिब वो खेत तै बोहड़ आवै, तो के थम उसतै कहोंगे, ‘आकै मेरे गेल खाणा खाण बैठ ज्या?’ \v 8 पर इसके बजाये के वो अपणे नौक्कर न्यू कोनी कहवैगा, ‘मेरे खात्तर खाणा त्यार कर, अर मेरे ताहीं खाणा परोसण खात्तर तैयार हो ज्या, जिब ताहीं मै खाऊँ पीऊँ तब ताहीं मेरी सेवा-पाणी कर, इसकै पाच्छै तू भी खा पी लिये?’ \v 9 के वो उस नौक्कर का श्यान मान्नैगा के उसनै वैए काम करे जिसका हुकम दिया सै? \v 10 इस्से तरियां तै थम भी जिब उन सारे काम्मां नै कर ल्यो जिसका हुकम थारै ताहीं दिया गया सै, उस ताहीं कर लेण के बाद थमनै कहणा चाहिये, ‘हम नौक्कर सां, हम किसी बड़ाई के हकदार कोनी हमनै तो बस अपणा फर्ज निभाया सै।’” \s कोढ़ के दस रोगियाँ ताहीं ठीक करणा \p \v 11 फेर जिब यीशु यरुशलेम जाण लागरया था तो सामरिया अर गलील परदेस कै बिचाळै की सीम तै होन्दा होया लिकड्या। \v 12 तो गाम म्ह बड़दे बखत उसनै दस कोढ़ी मिले वे दूर खड़े थे। \v 13 वे जोर तै रुक्का मारकै बोल्ले, “हे यीशु, हे माल्लिक, म्हारै पै दया कर!” \p \v 14 यीशु नै उन कान्ही लखाकै कह्या, “यरुशलेम के मन्दर म्ह जाओ, अर खुद नै याजकां ताहीं दिखाओ, ताके वो भी देक्खै के थम ठीक होए सों के न्ही।” अर जांदे ए जांदे वे कोढ़ तै मुक्त होग्ये। \p \v 15 फेर उन म्ह तै एक न्यू देखकै के मै ठीक होग्या सूं, जोर-जोर तै परमेसवर की बड़ाई करदा होया यीशु कै धोरै बोहड़या, \v 16 अर यीशु कै पायां पै मुँह कै बळ पड़कै उसका धन्यवाद करण लाग्या, अर वो सामरी था। \p \v 17 इसपै यीशु नै कह्या, “के दस कोढ़ी चंगे न्ही होए, तो फेर नौ कित्त सै? \v 18 के गैर यहूदी नै छोड़ कोए और न्ही लिकड़या जो परमेसवर की बड़ाई करदा?” \v 19 फेर उसनै उस ताहीं कह्या, “उठकै चल्या जा, तन्नै बिश्वास करया इस खात्तर तू ठीक होग्या सै।” \s परमेसवर के राज्य का आगमन \p \v 20 फेर फरीसियाँ नै यीशु तै बुझ्झया के परमेसवर का राज्य कद आवैगा, तो उसनै उनतै जबाब दिया, “परमेसवर का राज्य इस ढाळ आवैगा के थम उसनै अपणी आँखां तै न्ही देख सकदे। \v 21 अर ना ए माणस इसके बारें म्ह न्यू कह सकैगे, देक्खों यो सै परमेसवर का राज्य। क्यूँके परमेसवर का राज्य थारै बिचाळै सै।” \p \v 22 फेर यीशु नै चेल्यां तै कह्या, “वो दिन आवैगा, जिब थम उस दिन नै देखणा चाहोंगे जिब मै माणस का बेट्टा बोहड़ के आऊँगा पर थम उस दिन नै देख न्ही पाओगे।” \v 23 माणस थारै तै कहवैगें, लखाओ, “मसीहा उड़ै सै!” या लखाओ, “वो आड़ै सै!” पर थम यो सुणकै चले ना जाइयो, अर ना उनकै पाच्छै लागियो। \v 24 क्यूँके जिस तरियां बिजळी अकास कै एक छोर तै कोंध कै अकास कै दुसरे छोर ताहीं चमकै सै, उस्से तरियां मै माणस का बेट्टा भी अपणे दिनां म्ह जाहिर होऊँगा। \v 25 पर पैहल्या जरूरी सै के मै घणा दुख ठावै, अर इस युग कै माणस मेरे ताहीं नकार देंगें। \p \v 26 जिसा पूर्वज नूह के दिनां होया था, उस्से तरियां मुझ माणस के बेट्टे के दिनां म्ह भी होवैगा। \v 27 जिस दिन ताहीं नूह जहाज न्ही चढ़या, उस दिन ताहीं माणस खावै-पीवै थे, अर उन म्ह ब्याह होवै थे। फेर बाढ़ नै उन सारया का नाश करया। \p \v 28 ठीक याए हालात लूत कै दिनां म्ह होई थी, जिब वो सदोम नगर म्ह रहवै था। माणस खावैं-पीवै, लेणा-देणा करदे, दरखत लान्दे अर घर चीणैं थे, \v 29 पर जिस दिन लूत सदोम तै लिकड़या, उस दिन आग अर गन्धक अकास तै बरसी सारे नगर के माणसां ताहीं नाश कर दिया। \v 30 यो उस दिन की तरियां होगा जिब मै माणस का बेट्टा बिना बताये आ जाऊँगा। \p \v 31 “उस दिन जो छात पै हो, अर उसका समान घर म्ह हो, अर वो उसनै लेण खात्तर तळै न्ही उतरैं, अर उस्से तरियां जो खेत्तां म्ह हो, वो पाच्छै न्ही बोहड़ैं। \v 32 याद राखियों लूत की घरआळी कै गेल के होया था! \v 33 जो कोए अपणी जान बचाणा चाहवै, वो उसनै खोवैगा, अर जो कोए उसनै खोवै वो उसनै जिन्दा राक्खैगा। \v 34 मै थमनै कहूँ सूं, उस रात नै दो माणस एक खाट पै होंगे, एक ठाया जावैगा अर दुसरा छोड़ दिया जावैगा। \v 35 दो बिरबान्नी एक साथ चाक्की पीसदी होवैगी, एक ठा ली जावैगी अर दुसरी छोड़ दी जावैगी। \v 36 (दो जणे खेत म्ह होंगे, एक ठाया जावैगा अर दुसरा छोड्या जावैगा।)” \p \v 37 न्यू सुण उननै उसतै बुझ्झया, “हे प्रभु, यो कित्त होवैगा?” यीशु नै उनतै कह्या, “जड़ै लाश हो सै, उड़ैए चील कट्ठे होवै सै, उस्से तरियां यो हरेक कोए जाण लेवैगा के यो कीत्त होगा।” \c 18 \s अधर्मी न्यायाधीश अर बिधवा का उदाहरण \p \v 1 फेर यीशु नै अपणे चेल्यां तै इसकै बाबत कह्या, के रोज प्रार्थना करणी चाहिये अर हिम्मत न्ही हारनी चाहिये, उनतै यो उदाहरण दिया, \v 2 “किसे नगर म्ह एक न्यायाधीश रहवैं था, जो ना परमेसवर तै डरै था अर ना किसे माणस की आँट मान्नै था। \v 3 उस्से नगर म्ह एक बिधवा भी रहवैं थी, जो उसकै धोरै आ-आकै कह्या करै थी, मेरा न्याय चुकाकै मन्नै बैरी तै बचा।” \p \v 4 कुछ बखत ताहीं तो वो कोनी मान्या पर आखर म्ह मन म्ह सोचकै बोल्या, “ऊंतो मै परमेसवर तै कोनी डरदा, अर ना माणसां की कुछ परवाह करुँ सूं, \v 5 फेरभी या बिधवा मन्नै कांल राक्खै सै, इस करकै मै उसका न्याय चूकाऊँगा, कदे इसा ना हो के घड़ी-घड़ी आकै आखर म्ह मेरी नास्सा म्ह दम करदे।” \p \v 6 प्रभु यीशु नै कह्या, “सुणो, इस अधर्मी न्यायाधीश नै देख के सीखों। \v 7 के परमेसवर अपणे छाँटे होया का न्याय कोनी करैगा, जो दिन-रात उसके नाम की दुहाई देंदे रहवैं सै? के वो उनकी मदद करण म्ह वार लगावैगा? \v 8 मै थमनै कहूँ सूं, वो जिब्बे उनका न्याय करैगा। फेर भी मै माणस का बेट्टा जिब आऊँगा, तो के मै धरती पै मेरे पै बिश्वास करणीया नै पाऊँगा?” \s फरीसी अर चुंगी लेण आळे का उदाहरण \p \v 9 यीशु नै उन माणसां तै यो उदाहरण दिया, जो अपणे बारें म्ह यो सोच्चै थे, के हम धर्मी सां, अर दुसरयां नै नकार थे। \v 10 “दो माणस मन्दर म्ह प्रार्थना करण नै गए, एक फरीसी था अर दुसरा चुंगी लेण आळा, \v 11 फरीसी खड्या होकै अपणे मन म्ह न्यू प्रार्थना करण लाग्या, हे परमेसवर, मै तेरा धन्यवाद करूँ सूं के मै और माणसां की तरियां अन्धेर करण आळा, जुल्मी, अर जार कोनी, अर ना इस चुंगी लेण आळे की तरियां सूं। \v 12 मै हफ्तै म्ह दो बर ब्रत राक्खु सूं, मै अपणी सारी आमंदणी का दसमाँ हिस्सा भी तेरे ताहीं देऊँ द्यु सूं।” \p \v 13 पर चुंगी लेण आळे नै दूर खड़े होकै, सुर्ग कै कान्ही निगांह ठाणा भी कोनी चाह्या, बल्के दुखी होकै अपणी छात्त्ती पीट-पीटकै कह्या, “हे परमेसवर, मुझ पापी पै दया कर!” \p \v 14 “बिश्वास करो वास्तव म्ह योए चुंगी लेण आळा माणस (परमेसवर की ओड़ तै) धर्मी ठहराया जाकै घरां गया, ना के वो फरीसी माणस। क्यूँके जो कोए अपणे आपनै बड्ड़ा बणावैगा, वो छोट्टा करया जावैगा, अर जो कोए अपणे आपनै छोट्टा बणावैगा, वो बड्ड़ा करया जावैगा।” \s बाळकां ताहीं आशीर्वाद \p \v 15 फेर माणस अपणे बाळकां नै भी उसकै धोरै ल्याण लाग्गे के वो उनपै हाथ धरै, पर चेल्यां नै देख उन ताहीं धमकाया। \v 16 यीशु नै बाळकां ताहीं धोरै बुलाकै कह्या, “बाळकां नै मेरै धोरै आण द्यो अर उननै रोक्को मतना: क्यूँके परमेसवर का राज्य इसाए का सै। \v 17 मै थमनै सच कहूँ सूं के जो कोए परमेसवर कै राज्य नै बाळक की तरियां कोनी अपणावै वो उस म्ह कदे न्ही बड़ सकदा।” \s साहूकार माणस अर अनन्त जीवन \p \v 18 किसे सरदार नै उसतै बुझ्झया, “हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का हकदार होण खात्तर मै के करूँ?” \v 19 यीशु नै उसतै कह्या, “तू मन्नै उत्तम क्यांतै कहवै सै? कोए उत्तम कोनी, सिर्फ एक, यानिके परमेसवर। \v 20 तन्नै हुकमां का तो बेराए सै: ‘जारी न्ही करणा, खून न्ही करणा, अर चोरी न्ही करणा, अर झूठ्ठी गवाही न्ही देणा, अपणे माँ-बाप का आद्दर-मान करणा।’” \p \v 21 उसनै कह्या, “मै तो इन सारया नै बाळकपण तै ए मान्दा आऊँ सूं।” \p \v 22 न्यू सुणकै यीशु नै उसतै कह्या, “तेरै म्ह इब भी एक बात की कमी सै, अपणा सारा कुछ बेचकै कंगालां ताहीं बांड दे, अर तन्नै सुर्ग म्ह धन मिलैगा, अर आकै मेरा चेल्ला बणण खात्तर मेरै पाच्छै हो ले।” \p \v 23 वो न्यू सुणकै घणा उदास होया, क्यूँके वो घणा साहूकार था। \v 24 यीशु नै उस ताहीं देखकै कह्या, “साहूकारां का परमेसवर कै राज्य म्ह बड़ना कितना ओक्खा सै। \v 25 जिस तरियां तै ऊँट का सूई कै मोरै म्ह तै लिकड़ना मुश्किल सै। उस्से तरियां परमेसवर के राज्य साहूकार का बड़णा भी मुश्किल सै।” \p \v 26 इसपै सुणण आळा नै कह्या, “तो फेर किसका उद्धार हो सकै सै?” \p \v 27 उसनै कह्या, “जो माणसां तै न्ही हो सकदा वो परमेसवर तै हो सकै सै।” \p \v 28 पतरस नै कह्या, “लखा, हम तो घर-बार छोड़कै तेरै पाच्छै हो लिये सां।” \p \v 29 उसनै उनतै कह्या, “मै थमनै साच्ची-साच कहूँ सूं के इसा कोए कोनी जिसनै परमेसवर के राज्य कै खात्तर घर, या घरआळी, भाई, या माँ-बाप, या बाळ-बच्चे नै छोड़ दिया हो, \v 30 अर इस बखत कई गुणा घणा न्ही पावै अर परलोक म्ह अनन्त जीवन।” \s अपणी मौत कै बारै म्ह यीशु की तीसरी भविष्यवाणी \p \v 31 फेर उसनै बारहां चेल्यां ताहीं गेल लेकै उनतै कह्या, “देक्खो, हम यरुशलेम नगर म्ह जावां सां, अर जितनी बात मुझ माणस कै बेट्टे खात्तर नबियाँ नै लिक्खी होई सै, वे सारी पूरी होवैगी। \v 32 क्यूँके मै गैर यहूदियाँ कै हाथ्थां म्ह सौप्या जाऊँगा, अर मेरा मजाक उड़ावेगें, मेरी बेइज्जती करैंगें, अर मेरे पै थूकैगें, \v 33 अर मेरै कोड़े मारैगें, अर मन्नै छेतैगें अर मार देवैगें, अर मै तीसरै दिन जिन्दा हो जाऊँगा।” \p \v 34 पर उननै इन बात्तां म्ह तै कोए बात न्ही समझी, अर या बात उनतै लुक्ही रही, अर जो कह्या गया था वो उसकी समझ कोनी आया। \s आंधे भिखारी का उदाहरण \p \v 35 जिब वो यरीहो नगर कै लोवै पोहुच्या, तो एक आंधा सड़क कै किनारै बैठ्या होया भीख माँगण लागरया था। \v 36 वो भीड़ कै चाल्लण की पैड़ सुणकै बूझण लाग्या, “यो के होरया सै?” \v 37 उननै उसतै बताया, “यीशु नासरी\f + \fr 18:37 \ft नासरत नगर का रहण आळा\f* जाण लागरया सै।” \p \v 38 फेर उसनै रुक्का मारकै कह्या, “हे यीशु, दाऊद की ऊलाद, मेरै पै दया कर!” \p \v 39 जो आग्गै-आग्गै जाण लागरे थे, वे उसनै धमकाण लाग्ये के बोल-बाल्ला रहै, पर वो और भी रुक्का मारण लाग्या, “हे दाऊद की ऊलाद, मेरै पै दया कर!” \p \v 40 फेर यीशु नै खड़े होकै हुकम दिया के उसनै मेरै धोरै ल्याओ, अर जिब वो धोरै आया तो उसनै उसतै बुझ्झया, \v 41 “तू के चाहवै सै के मै तेरै खात्तर करूँ?” उसनै कह्या, “हे प्रभु, योए के मै देक्खण लाग्गू।” \p \v 42 यीशु नै उसतै कह्या, “देक्खण लाग, तेरै बिश्वास नै तेरै ताहीं ठीक करया सै।” \v 43 फेर वो जिब्बे देखण लाग्या अर परमेसवर की बड़ाई करदा होया उसकै पाच्छै हो लिया, अर सारे आदमियाँ नै देखकै परमेसवर की जै-जै कार करी। \c 19 \s चुंगी लेण आळा जक्कई \p \v 1 यीशु यरीहो नगर म्ह बड़ण लागरया था। \v 2 ओड़ै जक्कई नाम का एक माणस था जो चुंगी लेण आळा का सरदार, अर साहूकार था। \v 3 वो यीशु नै देखणा चाहवै था के वो कौण सै। पर भीड़ कै कारण देख न्ही सकै था, क्यूँके वो बोन्ना था। \v 4 फेर उस ताहीं देक्खण खात्तर वो आग्गै भाजकै गुलर कै दरखत पै चढ़ग्या, क्यूँके यीशु नासरी\f + \fr 19:4 \ft नासरत नगर का रहण आळा\f* उस्से राह तै जाण आळा था। \p \v 5 जिब यीशु नासरी उसकै धोरै आया, तो उप्पर लखाकै उसनै कह्या, “हे जक्कई, तोळा उतरया, क्यूँके आज मन्नै तेरै घरां जरुर रहणा सै।” \v 6 वो दरखत तै उतरकै राज्जी होकै यीशु नै अपणे घरां लेग्या। \p \v 7 न्यू देखकै सारे माणस बरड़ाण लाग्गे, “वो तो एक पापी माणस कै घरां रुकरया सै।” \p \v 8 जिब यीशु जक्कई के घर खाणा खाण लागरया था तो जक्कई नै खड़े होकै प्रभु तै कह्या, “हे प्रभु यीशु, देख, मै अपणी आध्धी सम्पत्ति कंगालां नै द्यु सूं, अर किसे का कुछ भी जुल्म करकै ले लिया सै तो उस ताहीं चौगुणा बोहड़ा द्यु सूं।” \p \v 9 फेर यीशु नै उसतै कह्या, “आज इस घर के माणसां पै उद्धार आया सै, इस करकै के यो भी अब्राहम के वंश तै सै। \v 10 मै माणस का बेट्टा खोए होया नै टोह्ण अर उनका उद्धार करण आया सूं।” \s दस मुहरां का उदाहरण \p \v 11 जिब वे ये बात सुणै थे, तो यीशु नै एक उदाहरण देकै कह्या, इस करकै के वो यरुशलेम कै धोरै था, अर वे समझै थे के परमेसवर का राज्य इब्बे जाहिर होण आळा सै। \v 12 आखर उसनै कह्या, “एक साहूकार माणस दूर देश तै चल्या के राजपद पाकै बोहड़ै।” \v 13 उसनै अपणे नौकरां म्ह तै दस ताहीं बुलाकै उन ताहीं दस मोंहर दी अर उनतै कह्या, “मेरै बोहड़ण ताहीं लेण-देण करणा।” \p \v 14 पर यीशु कै नगर के बासिन्दे उसतै बैर राक्खै थे, अर उसकै पाच्छै दूत्तां तै कुह्वा भेज्या, “हम न्ही चाह्न्दे के यो म्हारै पै राज करै।” \p \v 15 “जिब माल्लिक राजपद पाकै बोहड़या, तो इसा होया के उसनै अपणे नौकरां ताहीं जिन ताहीं रपिये दिये थे, अपणे धोरै बुलाया ताके बेरा करै के उननै लेण-देण म्ह के-के कमाया।” \p \v 16 फेर पैहल्ड़े नै आकै कह्या, “हे माल्लिक, तेरी मोंहर तै दस और मोंहर कमाई सै।” \p \v 17 उसनै उसतै कह्या, “शाबाश, हे आच्छे नौक्कर! तू घणेए थोड़े म्ह भरोसमंद लिकड़या इब दस नगरां का हक राख।” \p \v 18 दुसरे नौक्कर नै आकै कह्या, “हे माल्लिक, तेरी मोंहर तै पाँच और मोंहर कमाई सै।” \p \v 19 माल्लिक नै उसतै कह्या, “तू भी पाँच नगरां पै हाकिम होज्या।” \p \v 20 तीसरे नौक्कर नै आकै कह्या, “हे माल्लिक, देख, तेरी मोंहर या सै: जिस ताहीं मन्नै अंगोच्छे म्ह जुड़ राक्खी थी। \v 21 क्यूँके मै तेरै तै डरुं था, इस करकै के तू कठोर माणस सै: जो तन्नै न्ही धरया उसनै ठा ले सै, अर जो तन्नै न्ही बोया, उस ताहीं काट्टै सै।” \p \v 22 माल्लिक नै उसतै कह्या, “हे दुष्ट नौक्कर, मै तेरैए मुँह तै तन्नै कसूरवार ठहराऊँ सूं। जिब तन्नै मेरा बेरा सै के करड़ा माणस सूं, जो मन्नै न्ही धरया उसनै ठा ल्यु सूं, अर जो मन्नै न्ही बोया, उस ताहीं काट्टू सूं, \v 23 तो तन्नै मेरे रपिये सर्राफां कै धोरै क्यातै कोनी धरे के मै आकै ब्याज सुधां ले लेन्दा?” \p \v 24 अर जो माणस धोरै खड़े थे, उसनै उनतै कह्या, “वा मोंहर उसतै ले ल्यो, अर जिसकै धोरै दस मोंहर सै उसनै दे द्यो।” \p \v 25 उननै उसतै कह्या, “हे माल्लिक, उसकै धोरै दस मोंहर तो सै।” \p \v 26 “मै थमनै कहूँ सूं के जिसकै धोरै सै, उस ताहीं दिया जावैगा, अर जिसकै धोरै न्ही सै, उसतै वो भी जो उसकै धोरै सै ले लिया जावैगा। \v 27 पर मेरे उन बैरियाँ ताहीं जो न्ही चाहवैं थे के मै उनपै राज करूँ, उन ताहीं उरै ल्याकै मेरै स्याम्ही घात करो।” \s यरुशलेम म्ह विजय-प्रवेश \p \v 28 ये बात कहकै यीशु यरुशलेम नगर कै कान्ही चेल्यां कै आग्गै-आग्गै चाल्या। \v 29 जिब वो जैतून नामक पहाड़ पै बैतफगे अर बैतनिय्याह गाम कै धोरै पोहुच्या, तो उसनै अपणे चेल्यां म्ह तै दोयां ताहीं न्यू कहकै भेज्या, \v 30 “स्याम्ही के गाम म्ह जाओ, अर उस म्ह पोहोचदये एक गधी का बच्चा जिसपै कोए कदे न्ही बैठ्या हो, बन्धया होड़ थमनै मिलैगा, उसनै खोल कै लियाओ। \v 31 जै थारै तै कोए बुझ्झै के क्यातै खोल्लो सो, तो कहियो के प्रभु नै इसकी जरूरत सै।” \p \v 32 जो खन्दाए गए थे, उननै जाकै जिसा यीशु नै कह्या था, उस्से तरियां पाया। \v 33 जिब वे गधी कै बच्चे नै खोल्लै रहे थे, तो उसके मालिकां नै उनतै बुझ्झया, “इस बच्चे नै क्यांतै खोल्लो सो?” \p \v 34 चेल्यां नै कह्या, “प्रभु नै इस ताहीं काम म्ह ल्याणा सै।” \p \v 35 वे उसनै यीशु कै धोरै लियाए, अर अपणे लत्ते उस बच्चे पै गेरकै यीशु ताहीं उसपै बिठा दिया। \v 36 जिब वो जाण लागरया था, तो वे अपणे लत्ते राह म्ह बिछान्दे जावै थे। \p \v 37 यरुशलेम नगर कै धोरै आंदे होए जिब यीशु जैतून पहाड़ की ढलाण पै पोहुच्या, तो चेल्यां का सारा टोळ उन सारे सामर्थ के काम्मां कै कारण जो उननै देक्खे थे, राज्जी होकै जोर तै परमेसवर की जय-जयकार करण लाग्गे \p \v 38 “धन्य सै वो राजा, जो प्रभु कै नाम तै आवै सै! सुर्ग म्ह शान्ति अर अकास मण्डप म्ह महिमा हो!” \p \v 39 फेर भीड़ म्ह तै कुछ फरीसी यीशु तै कहण लाग्गे, “हे गुरू, इस बात के कारण अपणे चेल्यां नै धमका।” \p \v 40 उसनै जबाब दिया, “मै थमनै कहूँ सूं, जै ये बोल-बाल्ले रहे तो स्तुति इन पत्थरां तै लिकड़ण लाग्गैगी।” \s यरुशलेम कै खात्तर बिलाप \p \v 41 जिब यीशु यरुशलेम नगर कै धोरै आया तो नगर नै देखकै माणसां खात्तर रोया \v 42 अर बोल्या, “के भलाए होन्दा के तू, हाँ, तू ए आज इतणाए समझ लेंदे की परमेसवर के साथ शान्ति का के मतलब सै, पर यो थारे तै लह्को के राख्या गया सै। \v 43 क्यूँके वे दिन तेरै म्ह आवैगें के तेरे बैरी मोर्चा बाँधकै तन्नै घेर लेवैगें, अर चौगरदे तै तन्नै दबावैंगें ताके थारा राह बन्द होज्या, \v 44 अर तेरा बैरी तन्नै अर तेरे बाळकां ताहीं जो तेरै म्ह सै, माट्टी म्ह मिलावैंगें, अर तेरै म्ह पत्थर पै पत्थर भी कोनी रहवैगा, जो गेरया ना जावैगा, क्यूँके तन्नै उस मौक्के ताहीं जिब तेरै पै दया की निगांह होई थी तो तन्नै कोनी पिच्छाणा।” \s मन्दर तै व्यापारियां का काढ्या जाणा \p \v 45 फेर वो मन्दर म्ह जाकै समान बेचण आळा ताहीं बाहरणै लिकाड़ण लाग्या, \v 46 अर उनतै कह्या, “पवित्र शास्त्र म्ह लिख्या सै, ‘मेरा घर प्रार्थना का घर होगा,’ पर थमनै इस ताहीं डाकुआं की गुफा बणा दिया।” \p \v 47 वो हरेक दिन मन्दर म्ह उपदेश दिया करै था, अर प्रधान याजक अर शास्त्री अर माणसां के मुखिया उसका नाश करण का मौक्का टोह्वैं थे। \v 48 पर कोए जुगाड़ कोनी काढ सकै थे, के यो किस तरियां करा, क्यूँके सारे माणस घणे चाह तै उसकी सुणै थे। \c 20 \s यीशु के अधिकार का प्रश्न \p \v 1 एक दिन इसा होया के जिब यीशु मसीह मन्दर म्ह माणसां नै उपदेश देवै था अर सुसमाचार सुणावै था, तो प्रधान याजक अर शास्त्री, यहूदी अगुवां कै गेल्या धोरै आकै खड़े होए, \v 2 अर कहण लाग्गे, “म्हारै ताहीं बता, तू इन काम्मां नै किसकै हक तै करै सै, अर वो कौण सै जिसनै तेरै ताहीं यो हक दिया सै?” \p \v 3 उसनै उनतै कह्या, “मै भी थारै तै एक बात बुझ्झु सूं, मन्नै बताओ। \v 4 यूहन्ना का बपतिस्मा सुर्ग की ओड़ था या माणसां की ओड़ तै था?” \p \v 5 फेर वे आप्पस म्ह कहण लाग्गे, “जै हम कह्वां, ‘सुर्ग की ओड़,’ तो वो कहवैगा, ‘फेर थमनै उसका बिश्वास क्यांतै न्ही करया?’ \v 6 अर जै हम कह्वां, ‘माणसां की ओड़,’ तो सारे माणस म्हारै पै पत्थर बरसावैगें, क्यूँके सारे जाणै सै के यूहन्ना साच्चीये नबी था।” \p \v 7 आखर उननै जबाब दिया, “हमनै न्ही बेरा के वो किस ओड़ तै था।” \p \v 8 यीशु नै उनतै कह्या, “तो मै भी कोनी बतान्दा के मै ये काम किस हक तै करूँ सूं।” \s दुष्ट किसानां का उदाहरण \p \v 9 फेर वो माणसां तै यो उदाहरण कहण लाग्या: “किसे माणस नै अंगूर का बाग लगाया, अर किसानां तै उसनै ठेक्का दे दिया अर घणे दिनां खात्तर परदेस चल्या गया। \v 10 जिब बखत आया तो उसनै किसानां कै धोरै एक नौक्कर ताहीं भेज्या के वे अंगूर के बाग के कुछ फळां का हिस्सा उसनै देवै, पर किसानां नै उस ताहीं छेतकै रित्ते हाथ्थां बोहड़ा दिया। \v 11 फेर उसनै एक और नौक्कर ताहीं भेज्या, अर उननै उस ताहीं भी छेतकै अर उसकी बेइज्जती करकै रित्ते हाथ्थां बोहड़ा दिया। \v 12 फेर उसनै तीसरा भेज्या, उननै उस ताहीं भी घायल करकै लिकाड़ दिया।” \p \v 13 फेर अंगूर के बाग कै माल्लिक नै कह्या, “मै के करूँ? मै अपणे प्यारे बेट्टे नै भेज्जूगा, हो सकै सै वे उसकी इज्जत करै।” \p \v 14 जिब किसानां नै उस ताहीं देख्या तो आप्पस म्ह बिचार करण लाग्गे, “यो तो वारिस सै, आओ, हम इसनै मार दया के विरासत म्हारी हो जावै।” \v 15 अर उननै उस ताहीं अंगूर के बाग तै बाहरणै लिकाड़कै मार दिया। इस करकै अंगूर के बाग का माल्लिक उनकै गेल्या के करैगा? \v 16 वो आकै उन किसानां का नाश करैगा, अंगूर के बाग औरां नै सोपैगा। न्यू सुणकै उननै कह्या, “परमेसवर करै इसा ना हो।” \p \v 17 उसनै उनकी ओड़ देखकै कह्या, फेर यो के लिख्या सै: “जिस पत्थर नै राजमिस्त्रियाँ नै निकम्मा ठहराया था, वोए कुणै का सिरा होग्या। \p \v 18 “जो कोए उस पत्थर पै पड़ैगा वो चकणाचूर हो ज्यागा, अर जिसपै वो पड़ैगा, उसनै पीस देवैगा।” \s कैसर ताहीं कर देणा \p \v 19 उस्से बखत शास्त्रियाँ अर प्रधान याजकां नै उस ताहीं पकड़ना चाह्या, क्यूँके वे समझगे थे के उसनै म्हारै पै यो उदाहरण कह्या, पर वे माणसां तै डरगे। \p \v 20 अर वे उसकी टाह म्ह लाग्गे अर भेदिए खन्दाए के धरम का भेष धरकै उसकी कोए ना कोए बात पकड़ै, ताके उस ताहीं राज्यपाल कै हाथ अर अधिकार म्ह सौंप दें। \v 21 उननै उसतै न्यू बुझ्झया, “हे गुरू, हमनै बेरा सै के तू ठीक कहवै अर सिखावै भी सै, अर किसे की मेरै कोनी करदा, बल्के परमेसवर की राह सच्चाई तै बतावै सै। \v 22 के म्हारा कैसर तै चुंगी देणा ठीक सै या कोनी?” \p \v 23 उसनै उनकी श्याणपत ताहीं ताड़कै उनतै कह्या, \v 24 “एक दीनार (एक दिन की मजदूरी) मन्नै दिखाओ। इसपै किसकी छाप अर नाम सै?” उननै कह्या, “कैसर का।” \p \v 25 उसनै उन ताहीं कह्या, “तो जो कैसर का सै, वो कैसर नै द्यो, अर जो परमेसवर का सै, वो परमेसवर नै द्यो।” \p \v 26 वे माणसां कै स्याम्ही इस बात म्ह उसनै पकड़ कोनी सके, बल्के उसकै जबाब तै हैरान होकै बोल-बाल्ले रहगे। \s मरे होया म्ह तै जिन्दा हो जाणा अर ब्याह \p \v 27 फेर सदूकी जो कहवै सै के मरे होया का जिन्दा होणा सै ए कोनी उन म्ह तै कुछ नै उसकै धोरै आकै बुझ्झया, \v 28 “हे गुरू, मूसा नबी नै म्हारै खात्तर यो लिख्या सै: जै किसे का भाई अपणी घरआळी कै रहन्दे बेऊलादा मर जावै, तो उसका भाई उसकी घरआळी तै ब्याह करले, अर अपणे भाई कै खात्तर पीढ़ी पैदा करै। \v 29 सात भाई थे, पैहल्ड़ा भाई ब्याह करकै बेऊलादा मरग्या। \v 30 फेर दुसरे \v 31 अर तीसरे नै भी उस बिरबान्नी तै ब्याह कर लिया। इस तरियां तै सात्तु बेऊलादे मरगे। \v 32 आखर म्ह वा बिरबान्नी भी मरगी। \v 33 आखर म्ह जिन्दा होण पै वा उन म्ह तै किसकी घरआळी होवैगी, क्यूँके वा सातुवां की घरआळी हो ली थी।” \p \v 34 यीशु नै उनतै कह्या, “इस युग की ऊलादां म्ह ब्याह होवै सै, \v 35 पर जो माणस इस जोग्गे ठहरैगें के उस युग नै अर मरे होया म्ह तै जिन्दा उठ्ठणके पद नै पा लेवै, उन म्ह ब्याह शादी कोनी होन्दी। \v 36 वे दूबारै मरण के भी कोनी, क्यूँके वे सुर्गदूत्तां की ढाळ होवैगें, अर पुनरुत्थान की ऊलाद होणे तै परमेसवर की भी ऊलाद होवैगें। \v 37 पर इस बात ताहीं के मरे होए जिन्दा होवै सै, मूसा नबी नै भी झाड़ी की कहाँनी म्ह दिखाया सै के वो प्रभु ताहीं ‘अब्राहम का परमेसवर, अर इसहाक का परमेसवर अर याकूब का परमेसवर कहवै सै।’ \v 38 परमेसवर तो मुर्दा का कोनी पर जिन्दा का परमेसवर सै: क्यूँके उसकै लोवै सारे जिन्दे सै।” \p \v 39 फेर न्यू सुणकै शास्त्रियाँ म्ह तै कुछ नै न्यू कह्या, “हे गुरू, तन्नै ठीक कह्या।” \v 40 अर उननै दूबारै उसतै कुछ और बुझ्झण की हिम्मत कोनी करी। \s मसीह किसका बेट्टा सै? \p \v 41 फेर उसनै उनतै बुझ्झया, “मसीह नै दाऊद की ऊलाद किस तरियां कहवै सै?” \v 42 दाऊद खुदे भजन संहिता की किताब म्ह कहवै सै: \p \v 43 प्रभु नै मेरै प्रभु तै कह्या, “मेरै सोळै कान्ही बैठ, जिब ताहीं के मै तेरे बैरियाँ तेरै पायां म्ह न्ही झुका दियुँ।” \p \v 44 दाऊद तो उसनै प्रभु कहवै सै, “तो फेर वो उसकी ऊलाद किस ढाळ होया?” \s शास्त्रियाँ तै सावधान \p \v 45 जिब सारे सुणै थे, तो उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, \v 46 “शास्त्रियाँ तै चौकन्ने रहियो, जिनताहीं लाम्बे-लाम्बे चोगे पहरकै हांडणा आच्छा लाग्गै सै, अर जिन नै बजारां म्ह नमस्कार, अर आराधनालयाँ म्ह खास बैठणा अर जिम्मण म्ह खास जगहां प्यारी लाग्गै सै। \v 47 वे बिधवायाँ के घर खा जावै सै, अर दिखाण खात्तर घणी वार ताहीं प्रार्थना करदे रहवै सै: ये घणा दण्ड पावैगें।” \c 21 \s कंगाल बिधवा का दान \p \v 1 फेर उसनै निगांह ठाकै सहूकारां ताहीं अपणा-अपणा दान भण्डार म्ह घालदे देख्या। \v 2 उसनै एक कंगाल बिधवा ताहीं भी उस म्ह दो दमड़ी (जो एक धेले कै बराबर होवै सै) घालदे देख्या। \v 3 फेर उसनै कह्या, “मै थमनै सच कहूँ सूं के इस कंगाल बिधवा नै सारया तै बाध घाल्या सै। \v 4 क्यूँके उन सारया नै अपणी-अपणी बढ़दी म्ह तै दान म्ह कुछ घाल्या सै, पर इसनै अपणी घटी म्ह तै अपणी सारी कमाई घाल्ली सै।” \s मन्दर कै विनाश की भविष्यवाणी \p \v 5 जिब घण-खरे माणस मन्दर कै बाबत कहरे थे के वो किसे सुथरे पत्थरां अर भेटां की चिज्जां तै समारया गया सै, तो उसनै कह्या, \v 6 “वे दिन आवैगें, जिन म्ह यो सारा जिन नै थम देक्खो सो, उन म्ह तै उरै किसे पत्थर पै पत्थर भी कोनी रहवैगा, जो गेरया न्ही जावैगा।” \s संकट अर क्ळेश \p \v 7 उननै उसतै बुझ्झया, “हे गुरू, यो सारा कद होवैगा? अर ये बात जिब पूरी होण पै होवैगी, तो उस बखत की के निशान्नी होवैगी?” \p \v 8 उसनै कह्या, “चौकन्ने रहियो के भकाए ना जाओ, क्यूँके घणखरे मेरै नाम तै आकै कहवैगें, ‘मै वोए सूं,’ अर न्यू भी के, ‘बखत लोवै आण पोहुच्या सै।,’ थम उनकै पाच्छै ना चले जाइयो। \v 9 जिब थम रोळे अर झगड़े का जिक्रा सुणो तो घबराईयो ना, क्यूँके इनका पैहल्या होणा जरूरी सै, पर उस बखत जिब्बे खात्मा कोनी होवैगा।” \p \v 10 फेर उसनै उनतै कह्या, “जात पै जात अर राज्य पै राज्य चढ़ाई करैगा, \v 11 अर बड्डे-बड्डे हाल्लण आवैगें, अर जगहां-जगहां अकाळ अर महामारियाँ पड़ैंगी, अर अकास म्ह खतरनाक बात अर बड्डे-बड्डे निशान जाहिर होवैगें।” \p \v 12 पर इन सारी बात्तां तै पैहल्या मेरै नाम कै बाबत थमनै पकड़ैगें, अर कांल करैगें, अर आराधनालयाँ म्ह सौपैगें, अर जेळ म्ह गिरवावैंगे, राज्यपालों अर राजाओं कै स्याम्ही ले जावैंगे। \v 13 पर यो थारै खात्तर गवाही देण का मौक्का हो जावैगा। \v 14 इस करकै अपणे-अपणे मन म्ह ठान ल्यो के हम पैहल्या तै जबाब देण की फिक्र कोनी करागें। \v 15 क्यूँके मै थारै ताहीं इसा बोल अर समझ दियुँगा के थारे सारे बिरोधी सामणा या खण्डन कोनी कर सकैगें। \v 16 थारे माँ-बाप, अर भाई अर कुण्बा, अर साथी भी थमनै पकड़वावैगें, उरै ताहीं के थारै म्ह तै कईयाँ नै मरवा देवैगें। \v 17 मेरै नाम कै कारण सारे माणस थारै तै बैर राक्खैगें। \v 18 पर थारे सिर का एक बाळ भी बाँका कोनी होवैगा। \v 19 अपणे धीरज तै थम अपणी जान नै बचाए राक्खोगे। \s यरुशलेम के विनाश की भविष्यवाणी \p \v 20 “जिब थम यरुशलेम की पलटन तै घिरया होया देक्खो, तो जाण लियो के उसका उजड़ जाणा लोवै सै। \v 21 फेर जो यहूदिया परदेस म्ह हों पहाड़ां पै भाज जावैं, अर जो यरुशलेम नगर कै भीत्त्तर हों वे बाहरणै लिकड़ जावैं, अर जो गाम्मां म्ह हों वे उस म्ह न्ही जावैं। \v 22 क्यूँके ये बदला लेण के इसे दिन होंगे, जिन म्ह लिक्खी होई सारी बात पूरी हो जावैगी। \v 23 उन दिनां म्ह जो गर्भवती अर दूध पिलान्दी बिरबान्नी होवैगीं, उनकै खात्तर भागणा भी मुश्किल होगा! क्यूँके देश म्ह बड्ड़ा क्ळेश अर इन माणसां पै बड्ड़ा प्रकोप होवैगा। \v 24 वे तलवार की कौर हो जावैंगे, अर सारे देश कै माणसां म्ह कैदी होकै पोहुचाये जावैंगे, अर जिब ताहीं और जात्तां का बखत पूरा कोनी होवै, जद ताहीं यरुशलेम गेर जात्तां तै रोंद्या जावैगा। \s माणस के बेट्टे का पुनरागमन \p \v 25 “सूरज, चाँद, अर तारां म्ह निशान्नी दिखैगी, अर धरती पै देश-देश के आदमियाँ पै संकट होगा, क्यूँके वे समुन्दर कै गरजण अर लहरां के रोळें तै घबरां जावैंगे। \v 26 भय कै कारण अर दुनिया पै आण आळी घटनायां की बाट देखदे-देखदे माणसां कै जी म्ह जी कोनी रहवैगा, क्यूँके अकास की शक्तियाँ हलाई जावैगी। \v 27 फेर वे माणस के बेट्टे नै सामर्थ अर बड्डी महिमा कै गेल्या बादळां पै आंदे देखैगें। \v 28 जिब ये बात होण लाग्गै, तो सीध्धे होकै अपणे सिर उप्पर ठाईयो, क्यूँके थारा छुटकारा लोवै होगा।” \s अंजीर के दरखत का उदाहरण \p \v 29 यीशु नै उनतै एक उदाहरण भी कह्या, “अंजीर के दरखत अर सारे दरखतां नै देक्खो। \v 30 ज्योए उन म्ह कोंपले लिकड़ै सै, तो थमनै खुद जाण ल्यो सो, के गर्मी का बखत लोवै सै। \v 31 इस तरियां तै जिब थम ये बात होन्दे देक्खो, तो जाण ल्यो के परमेसवर का राज्य लोवै सै।” \p \v 32 मै थमनै साच्ची कहूँ सूं के जिब ताहीं ये सारी बात न्ही हो ले, जद तक इस पीढ़ी का कद्दे भी अन्त कोनी होवैगा। \v 33 धरती अर अकास टळ जावैंगे, पर मेरी बात कदे न्ही टळैगी। \s जागदे रहो \p \v 34 “इस करकै चौकन्ने रहियो, इसा ना हो के थारा मन खुमार, अर मतवालापण, अर इस जिन्दगी की फिक्र तै सुस्त हो जावै, अर वो दिन थारै पै फन्दे की ढाळ चाणचक आण पड़ै। \v 35 क्यूँके वो सारी धरती के सारे बासिन्दा पै इस तरियां आण पड़ैगा। \v 36 इस करकै जागदे रहो अर हर बखत प्रार्थना करदे रहो के थम इन सारी आण आळी घटनायां तै बचण अर माणस के बेट्टे कै स्याम्ही खड़े होण कै जोग्गे बण सको।” \p \v 37 वो दिन म्ह मन्दर म्ह उपदेश देवै था, अर रात नै बाहरणै जाकै जैतून नामक पहाड़ पै रह्या करै था, \v 38 अर सबेरे नै तड़कै सारे माणस उसकी सुणन की खात्तर मन्दर म्ह उसकै धोरै आया करै थे। \c 22 \s यीशु कै खिलाफ साजिस \p \v 1 अखमीरी रोट्टी का त्यौहार जो फसह कहवावै सै, धोरै था, \v 2 अर प्रधान याजक अर शास्त्री इस बात की टोह् म्ह थे। के यीशु नै किस तरियां मारै, पर वे माणसां ते डरै थे। \s यहूदा का बिश्वासघात \p \v 3 फेर शैतान यहूदा म्ह बडग्या, जो इस्करियोती कहवावै अर बारहां चेल्यां म्ह गिण्या जावै था। \v 4 उसनै जाकै प्रधान याजकां अर पहरेदार के सरदारां के गेल्या बातचीत करयी के किस तरियां यीशु नै उनके हाथ पकड़वांवां। \v 5 वे राज्जी होए, अर उस ताहीं रुपिये देण का वादा किया। \v 6 वो मान ग्या अर मौक्का टोह्ण लाग्या के जिब भीड़ न्ही हो तो उसनै उनके हाथ पकड़वा दे। \s चेल्यां कै गेल्या फसह का आखरी भोज \p \v 7 फेर अखमीरी रोट्टी कै त्यौहार का दिन आया, जिसम्ह फसह का मेम्‍ना बलि करणा जरूरी था। \p \v 8 यीशु नै पतरस अर यूहन्ना ताहीं यो कहकै भेज्या, “जाकै म्हारै खाण खात्तर फसह त्यार करो।” \p \v 9 उननै यीशु तै बुझया, “तू कित्त चाहवै सै के हम उसनै त्यार करा?” \p \v 10 यीशु नै चेल्यां ताहीं कह्या, देक्खो, नगर म्ह बड्तेए एक आदमी थमनै पाणी का पैण्डा ठाए होए थमनै मिलैगा, जिस घर म्ह वो जावै थम उसके पाच्छै चले जाइयो, \v 11 अर उसके घर के माल्लिक तै कहियो, “गुरू तेरै तै बुझ्झै सै के वा बैठक कित्त सै जिस म्ह मै अपणे चेल्यां के गेल्या फसह खाऊँ?” \v 12 वो थमनै एक सजी-सजाई बड़ी अटारी दिखा देवैगा, ओड़ैए त्यारी करयो। \v 13 उननै जाकै, जिसा उसनै उनतै कह्या था, उस्से तरियां पाया अर फसह का भोज त्यार करया। \s प्रभु-भोज \p \v 14 जद वा घड़ी आग्यी, के यीशु प्रेरितां गेल्या खाणा खाण बैठ्या। \v 15 अर उसनै उन ताहीं कह्या “मन्नै बड़ी लालसा थी के मरण तै पैहल्या यो फसह भोज थारै गेल्या खाऊँ। \v 16 क्यूँके मै थमनै सच कहूँ सूं के मै इसनै जिब तक न्ही खाऊँगा जब तक यो परमेसवर के राज्य म्ह पूरा न्ही हो।” \p \v 17 फेर उसनै अंगूरां के रस का कटोरा लेकै परमेसवर का धन्यवाद करया अर कह्या, “इसनै ल्यो अर आप्पस म्ह बाँट ल्यो। \v 18 क्यूँके के मै थमनै कहूँ सूं के जिब ताहीं परमेसवर का राज्य न्ही आवै तब तक मै अंगूर का रस इब तै कदे न्ही पिऊँगा।” \p \v 19 फेर यीशु नै रोट्टी ली अर परमेसवर का धन्यवाद करकै तोड़ी, अर चेल्यां ताहीं या कहकै दी, “या मेरी देह सै जो थारै खात्तर दी जा सै: मेरी याद म्ह न्यूए करया करो।” \p \v 20 इसे तरियां तै उसनै खाणै के पाच्छै कटोरा भी यो कहन्दे होए दिया, “यो कटोरा मेरै उस लहू म्ह जो थारै खात्तर बहाया जा सै नया करार सै। \v 21 पर देक्खो, जो मन्नै पकड़वावैगा वो म्हारे गेल्या इस भोज म्ह शामिल सै। \v 22 क्यूँके मै माणस का बेट्टा तो जिसा मेरे खात्तर तय करया गया सै, ठीक उस्से तरियां होण लागरया सै, पर धिक्कार सै उस माणस पै जिसकै जरिये मै पकड़वाया जाऊँ सूं!” \v 23 फेर वे आप्पस म्ह पूच्छताछ करण लाग्ये के म्हारै म्ह तै कोण सै, जो यो काम करैगा। \s महान् कौण? पर वाद-विवाद \p \v 24 उन म्ह या बहस भी होगी के म्हारे मै तै कौण बड्ड़ा समझा जावै सै। \p \v 25 यीशु नै उन ताहीं कह्या, “और गैर यहूदियाँ के राजा उनपै प्रभुता करै सै, अर जो उनपै हक जमावैं सै वे भले कहवावै सै। \v 26 पर थम इसे ना होइयो, बल्के जो थारै म्ह बड्ड़ा सै वो छोटे कै बरोब्बर अर जो प्रधान सै, वो सेवक कै बरोब्बर बणै। \v 27 क्यूँके बड्ड़ा कौण सै, वो जो खाणै पै बैठ्या सै, या वो जो सेवा करै सै? के वो न्ही जो ज़िम्मण बैठ्या सै? पर मै थारै बिचाळै सेवक बरोब्बर सूं। \v 28 थम वो सों, जो मेरी मुसीबतां म्ह लगातार मेरै गेल्या रहे, \v 29 अर जिस तरियां मेरै पिता नै मेरै खात्तर एक राज्य ठहराया सै, उस्से तरियां मै भी थारै खात्तर ठहराऊँ सूं, \v 30 ताके थम मेरै राज्य म्ह मेरी मेज पै खाओ-पिओ बल्के सिंहासनां पै बैठकै इस्राएल के बारहां गोत्रां का न्याय करो।” \s पतरस के इन्कार की भविष्यवाणी \p \v 31 “शमौन, हे शमौन! देख शैतान नै परमेसवर तै हुकम ले लिया सै के थारै ताहीं परखै ताके आच्छे तै बुरे नै तै न्यारा करै जिस तरियां किसान गेहूँ नै भूसी तै न्यारा करै सै। \v 32 पर मन्नै तेरै खात्तर बिनती करी के थम मेरे पै बिश्वास करणा ना छोड़ दो, अर जिब थम पाप करणा छोड़ दो, तो अपणे भाईयाँ नै भी इसाए करण खात्तर कहियो।” \p \v 33 उसनै उसतै कह्या, “हे प्रभु मै, तेरै गेल्या जेळ जाण, बल्के मरण नै भी त्यार सूं।” \p \v 34 उसनै कह्या, “हे पतरस, मै तन्नै सच कहूँ सूं, के आज मुर्गा बाँग न्ही देवैगा जब ताहीं तू तीन बर मेरै बारे म्ह मुकरैगा जावैगा, के मै तन्नै न्ही जाण्दा।” \s बटुआ, झोळी अर तलवार \p \v 35 फेर यीशु नै चेल्यां ताहीं कह्या, “जिब मन्नै थारै ताहीं वचन सुणण खात्तर बटुए, अर झोळी, अर जूत्या कै बिना भेज्या था, तो के थमनै किसे चीज की कमी होई थी?” उननै कह्या, “किसे चीज की न्ही।” \p \v 36 उसनै चेल्यां तै कह्या, “पर इब जिसकै धोरै बटुआ ना हो वो उसनै ले अर उस्से तरियां जिसकै धोरै तलवार न्ही हो तो वो अपणे लत्ते बेचकै एक मोल लेवै। \v 37 क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं, यो जो पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै, ‘वो गुन्हेगार गेल्या गिण्या गया,’ उसका मेरै म्ह पूरा होणा जरूरी सै, क्यूँके मेरै बारे म्ह लिखी सारी बात्तां का होणा जरूरी सै।” \p \v 38 चेल्यां नै कह्या, “हे प्रभु याड़ै दो तलवार सै।” यीशु नै उन ताहीं कह्या, “भतेरी सै।” \s जैतून के पहाड़ पै यीशु की प्रार्थना \p \v 39 फेर यीशु बारणै लिकड़कै अपणी रीत के मुताबिक जैतून कै पहाड़ पै गया, अर चेल्लें उसकै पाच्छै हो लिये। \v 40 उस जगहां पोहुच कै उसनै चेल्यां तै कह्या, “प्रार्थना करो कै थम परखे ना जाओ।” \v 41 अर आप उनतै न्यारा एक डळा फेकण के बराबर जितनी दूर गया, अर गोड्डे टेक कै प्रार्थना करण लाग्या, \v 42 “हे पिता जै तू चाहवै तो इस दुख के कटोरै नै मेरै धोरै तै हटा ले, तौभी मेरी न्ही पर तेरी मर्जी पूरी हो।” \v 43 फेर सुर्ग तै एक सुर्गदूत उसनै दिख्या जो उसनै सामर्थ दिया करै था। \v 44 वो और घणे संकट म्ह काल होकै और भी मन तै प्रार्थना करण लाग्या, अर उसका पसीन्ना मान्नो लहू की बड्डी-बड्डी बूँदां के जू धरती पै गीरै था। \p \v 45 फेर वो प्रार्थना तै उठ्या अर अपणे चेल्यां कै धोरै आकै उन ताहीं उदासी कै मारै सोन्दे पाया। \v 46 अर उनतै कह्या, “क्यूँ सोवों सों? उठ्ठो, प्रार्थना करो के थम परखे ना जाओ।” \s यीशु का धोक्खे तै पकड्या जाणा \p \v 47 यीशु न्यू कहण ए लागरया था, के एक भीड़ आई, अर उन बारहां चेल्यां म्ह तै एक जिसका नाम यहूदा था उसकै आग्गै-आग्गै आण लाग रह्या था। वो यीशु कै धोरै आया के उसनै चूम ले। \v 48 यीशु नै उसतै कह्या, “हे यहूदा, के तू मिठ्ठी लेकै माणस के बेट्टा नै पकड़वावै सै?” \p \v 49 उसकै साथियां नै जद देख्या के, के होण आळा सै, तो कह्या “हे प्रभु, के हम तलवार चलावां?” \v 50 अर उन म्ह तै एक नै महायाजक के नौक्कर पै तलवार चलाकै उसका सोळा कान उड़ा दिया। \p \v 51 इसपै यीशु नै कह्या, “इब बस करो।” अर उसका कान छु कै उस ताहीं ठीक करया। \p \v 52 फेर यीशु नै प्रधान याजकां अर मन्दर कै पैहरेदारां कै सरदारां अर यहूदी अगुवां तै, जो उसपै चढ़ ग्ये थे, कह्या, “के थम मन्नै डाकू जाणकै तलवार अर लाट्ठी लेकै लिकड़े सो? \v 53 जद मै मन्दर म्ह हरेक दिन थारै गेल्या था, तो थमनै मेरै हाथ भी कोनी लाया, पर यो थारा बखत सै, अर अन्धकार का हक सै।” \s पतरस का इन्कार \p \v 54 फेर वे यीशु नै पकड़के ले चाल्ले, अर महायाजक कै घर म्ह लाये, अर पतरस दूरे ए दूर उसकै पाच्छै-पाच्छै चाल्लै था। \v 55 अर जद वे आँगण म्ह आग सुलगाकै कट्ठे बैट्ठे, अर पतरस भी उसके बिचाळै बैठग्या। \v 56 फेर एक नौकराणी उस ताहीं आग कै चाँदणै म्ह बैठ्या देखकै अर उस कान्ही ताककै कहण लाग्गी, “यो भी तो उसकै गेल्या था।” \p \v 57 पर पतरस नै यो कहकै मना कर दिया, के “हे, जनानी मै उसनै कोनी जाणदा।” \p \v 58 थोड़ी हाण पाच्छै किसे और नै पतरस ताहीं देखकै कह्या, “तू भी तो उन म्ह तै ए सै।” उसनै कह्या, “हे भाई, मै वो कोनी।” \p \v 59 कोए एक घंटे कै पाच्छै एक और माणस पक्के बिश्वास तै कहण लाग्या, “सही म्ह यो भी तो उसकै गेल्या था, क्यूँके यो गलीलवासी सै।” \p \v 60 पतरस नै कह्या, “हे भाई, मै न्ही जाण्दा के तू के कहवै सै!” वो या कहवैए था के मुर्गे नै बाँग देई \v 61 फेर घूमकै प्रभु नै पतरस की ओड़ देख्या अर पतरस नै प्रभु की बात याद आई जो उसनै कही थी: “आज मुर्गे कै बाँग देण तै पैहल्या, तू तीन बर इन्कार करैगा।” \v 62 अर वो बारणै लिकड़कै नै फूट-फूट कै रोण लाग्या। \s यीशु का अपमान \p \v 63 जो माणस यीशु नै पकड़े होए थे, वे उसका मजाक बणाकै पिटण लाग्गे, \v 64 अर उसकी आँख ढक कै उसतै बुझया, “भविष्यवाणी करकै बता के तेरै किसनै मारया!” \v 65 अर उननै घणीए बुराई की बात उसकै बिरोध म्ह कही। \s महासभा कै स्याम्ही यीशु \p \v 66 जद दिन लिकड़या तो यहूदी अगुवें, प्रधान याजक अर शास्त्री कट्ठे होए, अर उस ताहीं अपणी बड्डी सभा म्ह ल्याकै बुझया, \v 67 “जै तू मसीह सै, तो म्हारै ताहीं कह दे!” उसनै उनतै कह्या, “जै मै थारै तै कहूँ, तो बिश्वास कोनी करोगे, \v 68 अर जै बुझ्झु, तो जबाब न्ही द्योगे। \v 69 पर इब तै मै माणस का बेट्टा सर्वशक्तिमान परमेसवर कै सोळी ओड़ बैठ्या रहूँगा।” \p \v 70 इसपै सब नै कह्या, “तो के तू परमेसवर का बेट्टा सै?” यीशु नै उन ताहीं कह्या, “थम अपणे आप्पे कहो सों, क्यूँके मै सूं।” \p \v 71 फेर उननै कह्या, “इब हमनै गवाह की के जरूरत सै, क्यूँके हमनै आप्पे उसकै मुँह तै सुण लिया सै।” \c 23 \s राज्यपाल पिलातुस कै स्याम्ही यीशु \p \v 1 फेर सारी मंडळी उठकै यीशु नै राज्यपाल पिलातुस कै धोरै लेग्यी। \v 2 वो ये कहकै उसपै इल्जाम ल्गाण लाग्गे, “हमनै इस ताहीं माणसां नै भकांदे, अर कैसर नै चुंगी देण तै मना करदे, अर खुद नै मसीह, राजा कहन्दे होए सुण्या सै।” \p \v 3 पिलातुस नै उसतै बुझ्झया, “के तू यहूदिया का राजा सै?” उसनै उस ताहीं जबाब दिया, “तू आप ए कहण लागरया सै।” \p \v 4 फेर पिलातुस नै प्रधान याजकां तै अर माणसां तै कह्या, “मन्नै इस आदमी म्ह कोए खोट न्ही पाया।” \p \v 5 पर वे और भी बिश्वास के गेल्या कहण लाग्गे, “यो गलील परदेस तै लेकै याड़ै ताहीं, सारे यहूदिया परदेस के माणसां नै उपदेश देके दंगा करवावै सै।” \p \v 6 या सुणके पिलातुस नै बुझया, “के यो आदमी गलीलवासी सै?” \v 7 अर या जाणकै के वो हेरोदेस की रियासत का सै, उस ताहीं हेरोदेस के धोरै भेज दिया, क्यूँके उस बखत म्ह वो भी यरुशलेम म्ह था। \s हेरोदेस कै स्याम्ही यीशु \p \v 8 हेरोदेस यीशु नै देखकै घणा राज्जी होया, क्यूँके वो घणै दिनां तै उसनै देखणा चाहवै था, इस खात्तर के उसके बारे म्ह सुण्या था, अर उसतै किमे चमत्कार देखण की आस राक्खै था। \v 9 वो उसतै भोत-सी बात बूझता रहे, अर उसनै उस ताहीं कोए भी जबाब न्ही दिया। \v 10 प्रधान याजक अर शास्त्री खड़े होए तन मन तै उसपै इल्जाम लगान्दे रहे। \v 11 फेर हेरोदेस नै अपणे सिपाहियाँ के गेल्या उसकी बेज्ती करके मजाक उड़ाया, अर भड़कीले लत्ते पिराह के उस ताहीं पिलातुस के धोरै भेज दिया। \v 12 उस्से दिन पिलातुस अर हेरोदेस साथी बणगे, इसतै पैहल्या वे एक दुसरे के दुश्मन थे। \s पिलातुस द्वारा यीशु ताहीं मौत की सजा \p \v 13 पिलातुस नै प्रधान याजकां, सरदारां अर माणसां नै बुलाके उन ताहीं कह्या, \v 14 “थम इस आदमी नै माणसां का भकान आळा बताकै मेरै धोरै ल्याए सों, अर देक्खो, मन्नै थारै स्याम्ही उसकी जाँच करी, पर जिन बात्तां का थम उसपै इल्जाम लगाओ सों उन बात्तां के बारे म्ह मन्नै इस म्ह कोए भी खोट कोनी पाया, \v 15 ना हेरोदेस नै दोषी पाया, क्यूँके उसनै इस ताहीं म्हारै धोरै भेज दिया सै: अर देक्खो, उसतै इसा कुछ कोनी होया के वो मौत की सजा के काबिल ठहराया जावै। \v 16 इस खात्तर मै इसनै छित्वा कै छोड़ द्यु सूं।” \v 17 (पिलातुस त्यौहार के बखत उनकै खात्तर एक कैदी नै छोड़ण पै मजबूर था।) \p \v 18 फेर सारे मिलके चिल्ला उठे, “इसका काम तमाम करदे, अर म्हारै खात्तर बरअब्बा नै छोड़दे!” \v 19 वो किसै बलवे के कारण जो नगर म्ह होया था, अर हत्या के कारण जेळ म्ह गेरया ग्या था \p \v 20 पर पिलातुस नै यीशु ताहीं छोड़ण की इच्छा तै माणसां ताहीं फेर समझाया, \v 21 आखर उननै रुक्के मारके कह्या, “उसनै क्रूस पै चढ़ा, क्रूस पै!” \p \v 22 उसनै तीसरी बर उन ताहीं कह्या, “क्यांतै उसनै के बुरा करया सै? मन्नै उस म्ह मौत की सजा के काबिल कोए बात कोनी पाई। इस तरियां मै इसनै छित्वा कै छोड़ देऊ सूं।” \p \v 23 पर वे रुक्के मार-मारकै पाच्छै पड़ ग्ये के वो क्रूस पै चढ़ाया जावै, अर उनका रुक्के मारणा तेज होग्या। \v 24 आखर पिलातुस नै हुकम दिया के उनकी बिनती के मुताबिक करया जावै। \v 25 उसनै उस आदमी के जो बलवे अर हत्या के कारण जेळ म्ह गेरया ग्या था, अर जिसनै वो माँगै थे, छोड़ दिया, अर यीशु नै उनकी इच्छा के मुताबिक सौप दिया। \s यीशु का क्रूस पै चढ़ाया जाणा \p \v 26 जद वो यीशु नै लेकै जावै थे, तो उननै एक माणस जिसका नाम शमौन कुरेनी था, जो गाम म्ह तै आवै था, पकड़के उसपै क्रूस लाद दिया के उस्से यीशु के पाच्छै-पाच्छै ले चाल्लै। \v 27 माणसां की भीड़ उसकै पाच्छै-पाच्छै हो ली उन म्ह घणीए बिरबान्नी भी थी जो उसकै खात्तर छात्त्ती पीट्टै अर रोवै धोवै थी। \v 28 यीशु नै उनकै कान्ही मुड़के कह्या, “हे यरुशलेम की बेटियों, मेरै खात्तर ना रोओ, पर अपणे अर अपणे बाळकां के खात्तर रोओ \v 29 क्यूँके देक्खो, वे दिन आवै सै, जिन म्ह माणस कहवैंगें, ‘धन्य सै वे जो बिरबानियाँ जो बाँझ सै अर वे गर्भ जिननै ऊलाद न्ही पैदा करी, अर वे स्तन जिन नै दूध न्ही पियाया।’ \v 30 उस बखत ‘माणस पहाड़ां अर टीलां तै कहण लाग्ये के म्हारै पै आण पड़ो, अर हमनै ढक ल्यो।’” \p \v 31 क्यूँके वे जिब हरे रुखां गेल्या इसा करै सै, तो सूख्या कै गेल्या के किमे न्ही करया ज्यागा? \p \v 32 वे और दो माणसां नै भी जो भुण्डे काम करण आळे थे यीशु कै गेल्या मारण नै ले चाल्ले। \v 33 जद वे उस जगहां पै पोहचे जो “खोपड़ी” यानी इब्रानी भाषा म्ह “गुलगुता” कुह्वावै सै, तो उननै ओड़ै यीशु ताहीं अर भुण्डे काम करण आळे ताहीं भी, एक नै सोळी अर दुसरे नै ओळी ओड़ क्रूस पै चढ़ाए। \v 34 फेर यीशु नै कह्या, “हे पिता इन्हनै माफ कर, क्यूँके ये न्ही जाणदे के ये के करै सै।” अर उननै पर्ची गेर कै उसके लत्ते बांड लिए। \p \v 35 माणस खड़े-खड़े देखै थे, अर सरदार भी मजाक करकै कहवै थे “इसनै औरां ताहीं बचाया, जै यो परमेसवर का मसीह सै, अर उसका छाट्या होए सै, तो अपणे आपनै बचाले।” \p \v 36 सिपाही भी धोरै आकै अर सिरका देकै उसका मजाक बणा के कहवै थे, \v 37 “जै तू यहूदिया का राजा सै, तो अपणे आपनै बचाले!” \p \v 38 अर उसकै उप्पर एक दोषपत्र भी लगा दिया: “यो यहूदिया का राजा सै।” \s मन फिराण आळा भुण्डे काम करणीया \p \v 39 जो भुण्डे काम करणीये ओड़ै लटकाए गए थे, उन म्ह तै एक नै उसकी बेजती करकै कह्या, “के तू मसीह कोनी? फेर अपणे आपनै अर हमनै बचा!” \p \v 40 इसपै दुसरै नै उस ताहीं धमका के कह्या, “के तू परमेसवर तै भी कोनी डरदा? तू भी तो वाए सजा पा रया सै, \v 41 हम तो न्याय के मुताबिक सजा पारे सां, क्यूँके हम अपणे काम्मां की ठीक सजा पारे सां, पर उसनै कोए गलत काम न्ही करया।” \p \v 42 फेर उसनै कह्या, “हे यीशु, जद तू अपणे राज्य म्ह आवै, तो मेरी खियास करिये।” \p \v 43 उसनै उस ताहीं कह्या, “मै तन्नै सच कहूँ सूं के आजे तू मेरै गेल्या सुर्गलोक म्ह होगा।” \p \v 44 करीबन दोफ्फारै तै तीन बजे ताहीं सारे देश म्ह अन्धेरा होया रह्या, \v 45 अर सूरज का चाँदणा जांदा रह्या, अर मन्दर का पड़दा बिचाळै तै पाटग्या, \v 46 अर यीशु नै जोर तै किल्की मारकै कह्या, “हे पिता, मै अपणी आत्मा तेरै हाथ्थां म्ह सौंप्पू सूं।” अर या कह के जी दे दिया। \p \v 47 सूबेदार नै जो कुछ होया था देखकै परमेसवर की बड़ाई करी, अर कह्या, “पक्का यो माणस धर्मी था।” \v 48 अर भीड़ जो यो देक्खण नै कट्ठी होई थी, इस घटना नै देखकै दुख के मारे छात्त्ती पीटती होई बोहड्गी। \v 49 पर उसकै सब जाण पिच्छाण, अर जो बिरबान्नी गलील परदेस तै उसकै गेल्या आई थी, दूर खड़ी यो सब देक्खै थी। \s यीशु का गाड्या जाणा \p \v 50 ओड़ै यूसुफ नाम का बड्डी सभा का एक सदस्य था जो आच्छा अर धर्मी आदमी था \v 51 उनकी बिचार अर उनके इस काम तै राज्जी कोनी था। वो यहूदिया परदेस के नगर अरिमतिया गाम का रहण आळा अर परमेसवर के राज्य की बाट देखण आळा था। \v 52 उसनै पिलातुस के धोरै जाकै यीशु की लाश माँग्गी, \v 53 अर उस ताहीं उतार के मलमल की चाद्दर म्ह लपेट्या, अर एक कब्र म्ह धरया, जो पत्थरां म्ह खुदी होए थी, अर उस म्ह कोए कदे न्ही राख्या ग्या था। \v 54 वो त्यारी का दिन था, अर आराम का दिन सरू होण आळा था। \p \v 55 उन बिरबानियाँ नै जो उसके गेल्या गलील परदेस तै आई थी, पाच्छै-पाच्छै जाकै उस कब्र नै देख्या, के अर यो भी के उसकी लाश किस रीति तै राक्खी गयी सै। \v 56 फेर उननै घर बोहड़ के खस्बुदार चीज अर इत्र त्यार करया, अर आराम कै दिन उननै हुकम के मुताबिक आराम करया। \c 24 \s यीशु का मरे होया म्ह तै जिन्दा हो जाणा \p \v 1 पर हफ्ते कै पैहल्ड़े दिन तड़कै-तड़कै नै वे उन खस्बुदार चिज्जां नै जो उननै बणाई थी, लेकै यीशु की कब्र पै आई। \v 2 उननै पत्थर कब्र पै तै गिरड़या होया पाया, \v 3 पर भीत्त्तर जाकै प्रभु यीशु की लाश कोनी पाई। \v 4 जब वे इस बात तै हैरान होरी थी तो देक्खो दो माणस चमकदे होए लत्ते पहरी होए उनकै धोरै आण खड़े होए। \v 5 जिब वे डर ग्यी अर धरती की ओड़ मुँह झुकाए रही तो उननै उन ताहीं कह्या, “थम जिन्दै नै मरे होया म्ह क्यूँ टोह्वो सो? \v 6 वो उरै कोनी, पर जिन्दा होग्या सै। याद करो कै उसनै गलील परदेस म्ह रहंदे होए थारै तै कै कह्या था, \v 7 जरूरी सै कै मै माणस का बेट्टा पापियाँ कै हाथ्थां म्ह पकड़वाया जाऊँ, अर क्रूस पै चढ़ाया जाऊँ, अर तीसरे दिन जी उठ्ठु।” \v 8 फेर उसकी बात उसकै याद आई, \p \v 9 अर कब्र तै उल्टे आकै उननै उन ग्यारहां नै अर, सारया ताहीं ये सब बात कह दी। \v 10 जिन नै प्रेरितां तै ये बात कही वे \f + \fr 24:10 \ft मगदला गाम की \f*मरियम मगदलीनी अर योअन्ना अर याकूब की माँ मरियम अर उसकै साथ की और भी बिरबान्नी थी। \v 11 पर उसकी बात उन ताहीं कहाँनी-सी लाग्गी, अर उननै उसका बिश्वास कोनी करया। \v 12 फेर पतरस कब्र पै भाज्या ग्या, अर झुककै लत्यां की पट्टियाँ का ढेर पड़े देक्खे, अर जो होया था उसतै अचम्भा करता होया अपणे घरां चल्या ग्या। \s इम्माऊस के राह पर चेल्यां को दर्शन \p \v 13 उस्से दिन उन म्ह तै दो चेल्लें इम्माऊस नाम गाम म्ह जाण लागरे थे, जो यरुशलेम तै कोई सात कोंस की दुरी पै था। \v 14 वे इन सब बात्तां पै जो होई थी, आप्पस म्ह बातचीत करदे जाण लागरे थे, \v 15 अर जद वे आप्पस म्ह बातचीत अर पूछताछ करै थे तो यीशु खुद धोरै आकै उनकै गेल्या चाल्लण लाग्या। \v 16 पर परमेसवर नै उनकी आँख न्यू बंद कर दी थी कै यीशु ताहीं पिच्छाण ना सकै। \p \v 17 यीशु नै उनतै बुझया, “ये कै बात सै, जो थम चाल्दे-चाल्दे आप्पस म्ह करो सों?” वे खड़े होगे अर उनका मुँह भोत उदास था। \v 18 या सुणकै चेल्यां म्ह तै क्‍लियुपास नाम के एक चेल्लें नै कह्या, “इसा लाग्गै सै के तू यरुशलेम म्ह एक्ला परदेशी सै, जो न्ही जाण्दा के इन दिनां म्ह इस नगर म्ह के-के होया सै?” \p \v 19 यीशु नै उनतै बुझया, “कौण सी बात? उननै उस ताहीं कह्या, यीशु नासरी\f + \fr 24:19 \ft नासरत नगर का रहण आळा\f* जो नासरत तै था उसके बारे म्ह जो परमेसवर अर सारे माणसां कै धोरै काम अर वचन म्ह सामर्थी नबी था। \v 20 अर प्रधान याजकां अर म्हारै सरदारां नै उस ताहीं पकड़वा दिया ताके उसतै मौत का हुकम दिया जावै, अर उसनै क्रूस पै चढ़वाया। \v 21 पर हमनै उम्मीद थी के योए इस्राएल नै रोमी साम्राज्य तै छुटकारा देवैगा। इन सारी बात्तां कै सिवा इस घटना नै होए आज तीसरा दिन सै, \v 22 अर म्हारै म्ह तै कई बिरबान्नी नै भी म्हारै ताहीं उळझन म्ह गेर दिया, जो आज सबेरै कब्र पै ग्यी थी, \v 23 अर जिब उसकी लाश कोनी पाई तो वा या कहन्दी आई के हमनै सुर्गदूत्तां के दर्शन पाये, जिन नै कह्या के यीशु जिन्दा सै। \v 24 फेर म्हारै साथियां म्ह तै कई कब्र पै ग्ये, अर जिसा बिरबान्नी नै कह्या था उसाए पाया, पर वो कोनी देख्या।” \p \v 25 फेर यीशु नै उन दो चेल्यां तै कह्या, “हे सब बावळो अर नबियाँ की सारी बात्तां पै बिश्वास करण म्ह नासमझों! \v 26 कै जरूरी कोनी था कै मसीह ये दुख उठाकै अपणी महिमा म्ह दाखल हो?” \v 27 फेर उसनै मूसा नबी तै अर सारे नबियाँ तै सरु करकै सारे पवित्र ग्रन्थां म्ह तै अपणे बारै म्ह लिक्खी बात्तां का मतलब, उन ताहीं समझा दिया। \p \v 28 इतनै म्ह वो उस गाम कै धोरै पोहोचे जित वे जावै थे, अर उसके ढंग तै इसा लाग्या के वो आग्गै जाणा चाहवै सै। \v 29 पर उननै यो कहकै उस ताहीं रोक्या, “म्हारै गेल्या रह, क्यूँके साँझ होली सै अर दिन इब घणा ढळग्या सै।” फेर वो उनकै गेल्या रहण के खात्तर भीत्त्तर ग्या। \p \v 30 जद वो उनकै गेल्या खाणा खाण बैठ्या, तो उसनै रोट्टी लेकै धन्यवाद करया अर उस ताहीं तोड़कै उननै देण लाग्या। \v 31 फेर उनकी आँख खुल ग्यी, अर उननै उस ताहीं पिच्छाण लिया, अर वो उनकी आँखां तै ओन्झळ होग्या। \v 32 उननै आप्पस म्ह कह्या, “जद वो म्हारै तै रास्ते म्ह बात करै था अर पवित्र ग्रन्थ का मतलब हमनै समझावै था, तो कै म्हारै मन म्ह जोश न्ही आया?” \p \v 33 वो उस्से बखत जिब्बे उठके यरुशलेम नगर म्ह चले ग्ये, अर उन ग्यारहां चेल्यां अर उनकै साथियां ताहीं उननै कट्ठे मिलगे। \v 34 वो कहवै थे, “प्रभु साच्चेए जी उठ्या, अर शमौन नै दिख्या।” \v 35 फेर उन दो चेल्यां नै भी राह म्ह होई घटना के बारें ब्यौरा सुण्या अर किस तरियां खाणा खाते बखत वे मसीह यीशु ताहीं पिच्छाणा लिया था। \s यीशु का चेल्यां ताहीं दिखणा \p \v 36 वे ये बात करये थे के वो खुद ए उनके बिचाळै आण खड्या होया, अर उन ताहीं कह्या, “थमनै शान्ति मिलै।” \p \v 37 पर वे घबरागे अर डरगै, अर समझे के हम किसे भुत नै देक्खां सां। \v 38 यीशु नै उनतै कह्या के, “क्यूँ घबराओ सों? अर थारै मन म्ह क्यूँ बैहम हो सै? \v 39 मेरै हाथ-पायां नै देक्खो के मै वोए सूं। मन्नै छु के देक्खो, क्यूँके आत्मा के हाड-माँस कोनी होंदे जिसा मेरै म्ह देक्खो सों।” \p \v 40 न्यू कहकै उसनै उन ताहीं अपणे हाथ पैर के घा दिखाए। \v 41 जद खुशी के मारै उननै बिश्वास कोनी होया, अर वो अचम्भा मान्नै थे, तो यीशु नै उन ताहीं बुझया, “के याड़ै थारै धोरै किमे खाण नै सै?” \v 42 चेल्यां नै उस ताहीं भुनी होई मच्छी का टुकड़ा दिया। \v 43 उसनै वो मच्छी का टुकड़ा लेकै उनकै आग्गै खाया। \p \v 44 फेर उसनै उन ताहीं कह्या, “ये मेरी वे बात सै, जो मन्नै थारै गेल्या रहंदे होए थारै तै कही थी के जरूरी सै जितनी बात मूसा नबी की नियम-कायदा अर नबियाँ अर भजनां की किताबां म्ह मेरै बारे म्ह लिक्खी सै, सारी पूरी हों।” \p \v 45 फेर उसनै पवित्र ग्रन्थ बुझण के खात्तर उनकी बुध्दि खोल दी, \v 46 अर उनतै कह्या, “यो पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै के मसीह दुख ठावैगा, अर तीसरै दिन मरे होया म्ह तै जी उठ्ठैगा, \v 47 अर यरुशलेम तै लेकै सारी जात्तां म्ह पापां नै छोड़ण का अर पापां की माफी का प्रचार, उसकै-ए नाम तै करया जावैगा। \v 48 थम इन सारी बात्तां के गवाह सों। \v 49 अर देक्खो, मै थारै पे पवित्र आत्मा भेज्जूँगा जिसा मेरे पिता नै कह्या सै, जिब तैई पवित्र आत्मा थारे पै न्ही आवै, अर थम सुर्ग तै सामर्थ ना पाओ, जब ताहीं इसै नगर म्ह रुके रहो।” \s यीशु का स्वर्गारोहण \p \v 50 फेर यीशु उननै बैतनिय्याह गाम ताहीं बाहर लेग्या, अर अपणे हाथ ठाके उन ताहीं आशीर्वाद दिया, \v 51 अर उननै आशीष देंदे होए वो उनतै न्यारा होग्या अर सुर्ग पै उठा लिया। \v 52 फेर वो उसनै नमस्कार करके बड़ी खुशी तै यरुशलेम चले गये, \v 53 अर वे लगातार मन्दर म्ह हाज्जर होकै परमेसवर की भगति करया करै थे।