19वीं B-NETI शताब्दी I-NETI के I-NETI प्रारम्भ I-NETI में O , O मुत्थुस्वामी B-NEP दीक्षितार I-NEP के O भाई O बालुस्वामी B-NEP दीक्षितार I-NEP आयरिश O सारंगी O वादकों O के O संपर्क O में O आए O । O आज B-NETI की O भाषा O में O कहें O तो O वे O एक B-NEN प्रकार O से O मल्टीनेशनल O बैंक O स्कॉट B-NEP सी. I-NEP लेवी I-NEP की O पुस्तक O कारवां B-NEAR , I-NEAR पंजाबी I-NEAR खत्री I-NEAR मर्चंट्स I-NEAR ऑन I-NEAR द I-NEAR सिल्क I-NEAR रोड I-NEAR , O की O भूमिका O में O गुरुचरण B-NEP दास I-NEP लिखते O हैं O , O " O हिंदू O व्यापारी O मध्य O एशियायी O अर्थव्यवस्था O के O केद्र O बिंदू O थे O । O इसके O बाद O , O मैसूर B-NEL के O टी. B-NEP चौदिया I-NEP ने O सात B-NEN तारों O वाला O सितार B-NEAR बनाया O । O वे O स्वयं O ही O शासक O बन O बैठे O और O उन्होंने O कालांतर O में O जगत B-NEP सेठ I-NEP को O पेंशनयाफ्ता O बना O दिया O । O नोबल O पुरस्कार O विजेता O अर्थशास्त्री O जेम्स B-NEP हैकमैन I-NEP का O मानना O है O कि O बच्चों O की O शुरुआती O शिक्षा O में O निवेश O , O मानव O पूंजी O के O लिहाज O से O सबसे O बेहतर O रिटर्न O ( O लाभ O ) O देता O है O और O यह O बेहतर O आर्थिक O लाभ O भी O सुनिश्चित O करता O है O । O यह O स्कूल O पर O निवेश O से O ज्यादा O बेहतर O लाभ O मुहैया O कराता O है O ( O हैकमैन B-NEP 2021 B-NETI ) O । O बच्चों O के O मानसिक O स्वास्थ्य O से O जुड़ी O चिकित्सक O सेलजा B-NEP सेन I-NEP का O दिमाग O को O लेकर O कहना O था O : O " O बच्चों O को O उनके O दिमाग O का O जितना O इस्तेमाल O करने O दिया O जाएगा O , O वह O उतना O ही O मजबूत O होगा O । O संक्षेप O में O कहा O जाए O , O तो O ये O बेहतर O जीवन O के O अहम O तत्व O हैं O ( O सेन B-NEP एन. I-NEP डी. I-NEP ) O । O प्रतिभाशाली O कर्नाटक B-NEL संगीतकार O वेदिवेलु B-NEP ने O संभवतः O पहली O बार O , O 19वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O ही O चार B-NEN वाद्य O - O यंत्रों O यानि O ' O क्वार्टट O ' O का O इस्तेमाल O शुरू O किया O । O सुरेश B-NEP प्रभु I-NEP : O लेखक O सांसद O ( O राज्य O सभा O ) O , O जी O - O 20 O में O भारत B-NEL के O शेरपा O और O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पूर्व O कैबिनेट O मंत्री O हैं O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 10 B-NETI दिसंबर I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O नये O संसद O भवन O का O शिलान्यास O किया O । O ( O जॉन B-NEP होल्ट I-NEP 1990 B-NETI ) O । O यह O मार्ले B-NEP - O मिन्टो B-NEP सुधार O के O नाम O से O भी O जाना O जाता O है O क्योंकि O इस O समय O भारत B-NEL के O राज्य O सचिव O एवं O लार्ड B-NEP भारत B-NEL के O वायसरॉय O थे O । O इन्हीं O दोनों O के O नाम O पर O इसे O मार्ले B-NEP - O मिन्टो B-NEP सुधार O की O संज्ञा O दी O गयी O । O श्री O मोदी B-NEP के O कुशल O नेतृत्व O में O भारत B-NEL शासन O और O परिवर्तन O की O एक B-NEN ऐसी O नयी O ऊंचाई O को O छू O रहा O है O जिसे O देश O के O समूचे O इतिहास O में O कभी O नहीं O देखा O गया O था O । O इसके O पहले O अक्टूबर B-NETI 1906 I-NETI में O आगा B-NEP खां I-NEP के O नेतृत्व O में O मुसलमानों O का O एक B-NEN प्रतिनिधिमंडल O वायसराय O लार्ड B-NEP मिन्टो I-NEP से O मिला O था O और O मांग O की O कि O मुसलमानों O के O लिए O पृथक O निर्वाचन O प्रणाली O की O व्यवस्था O की O जाए O तथा O मुसलमानों O को O उनकी O जनसंख्या O के O अनुपात O में O प्रतिनिधित्व O दिया O जाये O । O 1906 B-NETI में O ढाका B-NEL में O नवाब B-NEP सलीमुल्लाह I-NEP , O नवाब O मोहसिन B-NEP - I-NEP उल I-NEP - I-NEP मुल्क I-NEP और O वकार B-NEP - I-NEP उल I-NEP - I-NEP मुल्क I-NEP द्वारा O मुस्लिम O लीग O की O स्थापना O की O गयी O थी O । O लॉर्ड B-NEP मिंटो I-NEP से O मिलने O वाला O यह O प्रतिनिधिमंडल O शीघ्र O ही O मुस्लिम O लीग O में O सम्मिलित O हो O गया O । O स्वतंत्रता O दिवस O के O अवसर O पर O लाल B-NEL किले I-NEL की O प्राचीर O से O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP द्वारा O दिए O गये O भाषण O के O मूल O पाठ O से O - O 1909 B-NETI के O मार्ले B-NEP - O मिन्टो B-NEP सुधारों O की O मुख्य O धारायें O इस O प्रकार O थीं O - O इसके O अलावा O , O बढ़ती O मांग O के O बीच O ( O खास O तौर O पर O 2008 B-NETI से I-NETI 2020 I-NETI के O दौरान O ) O निजी O प्ले O स्कूल O की O भी O उपलब्धता O बढ़ी O है O ( O घोष B-NEP एंड O डे B-NEP 2020 B-NETI ) O । O किसानों O के O लिए O सुरक्षा O चक्र O : O डॉ O जगदीप B-NEP सक्सेना I-NEP प्रो O के B-NEP वी I-NEP बालासुब्रमण्यन I-NEP : O लेखक O तमिल O विश्वविद्यालय O तंजावुर B-NEL में O साहित्य O विभाग O के O विभागाध्यक्ष O रह O चुके O हैं O । O भारत B-NEO और I-NEO अमेरिका I-NEO सरकार I-NEO द्वारा O संयुक्त O रूप O से O आयोजित O इस O समिट O का O उद्घाटन O भारत B-NEL के O प्रधानमंत्री O ने O किया O और O अमरीकी O राष्ट्रपति O की O सलाहकार O इंवाका B-NEP ट्रंप I-NEP ने O जीईएस O में O अमरीका B-NEL का O प्रतिनिधित्व O किया O । O भारतीय O पुराणों O में O स्त्री O को O शक्ति O का O अवतार O माना O जाता O है O - O शक्ति O की O देवी O - O दुर्गा B-NEP । O तुर्कमेनिस्तान B-NEL की O यात्रा O के O दौरान O भारत B-NEL के O राष्ट्रपति O श्री O रामनाथ B-NEP कोविंद I-NEP का O प्रेस O वक्तव्य O - O महामहिम O राष्ट्रपति O श्री O सर्दार B-NEP बर्दीमुहामेदोव I-NEP पहले O भारतीय O सदस्य O के O रूप O में O सत्येंद्र B-NEP सिन्हा I-NEP को O नियुक्त O किया O गया O । O तोल्कप्पियम O के O प्रारंभिक O पद्य O में O पांड्य B-NEP राजा O ( O भूमि O का O वहन O करने O वाले O ) O के O नाम O का O उल्लेख O है O । O जे. B-NEP डी. I-NEP अग्रवाल I-NEP , O लेखक O वित्तीय O मामलों O के O प्रतिष्ठित O प्रोफ़ेसर O , O भारतीय B-NEO वित्त I-NEO संस्थान I-NEO के O संस्थापक O अध्यक्ष O व O निदेशक O और O फिनान्स O इंडिया O के O मुख्य O संपादक O हैं O । O लॉर्ड B-NEP मार्ले I-NEP ने O स्पष्ट O तौर O पर O कहा O कि O भारत B-NEL स्वशासन O के O योग्य O नहीं O है O । O केवल O गोपाल B-NEP कृष्ण I-NEP गोखले I-NEP जैसे O कुछ O भारतीय O नेता O ही O इस O अवसर O का O वास्तविक O उपयोग O कर O सके O । O इन O सुधारों O के O संबंध O में O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP ने O कहा O ‘ O मार्ले B-NEP - O मिन्टो B-NEP सुधारों O ने O हमारा O सर्वनाश O कर O दिया O ’ O । O हम O अपने O बच्चों O से O ईमानदारी O से O कह O सकें O कि O ईमानदारी O सबसे O अच्छी O नीति O है O , O इससे O पहले O हमें O दुनिया O को O ईमानदार O बनाना O चाहिए O - O जॉर्ज B-NEP बर्नार्ड I-NEP शॉ I-NEP डॉ O एमके B-NEP श्रीधर I-NEP : O डॉ O मनसा B-NEP नागभूषणम I-NEP प्रोफेसर O एमके B-NEP श्रीधर I-NEP शैक्षिक B-NEO और I-NEO सामाजिक I-NEO अध्ययन I-NEO केंद्र I-NEO के O अध्यक्ष O हैं O । O - O स्वामी B-NEP विवेकानंद I-NEP प्रोफेसर O मनसा B-NEP नागभूषणम I-NEP एमएस B-NEO रामैया I-NEO प्रबंधन I-NEO संस्थान I-NEO , O बेंगलुरु B-NEL में O प्राध्यापक O हैं O । O फिल्म O महोत्सव O के O उद्घाटन O समारोह O को O संबोधित O करते O हुए O केंद्रीय O वस्त्र O एवं O सूचना O और O प्रसारण O मंत्री O श्रीमती O स्मृति B-NEP जुबिन I-NEP ईरानी I-NEP ने O कहा O कि O भारत B-NEL त्यौहारों O , O उत्सवों O , O ऊर्जावान O युवाओं O और O कहानियों O का O देश O है O जहां O 1600 B-NEN से O अधिक O बोलियों O में O कहानियां O सुनाईं O जाती O हैं O । O इंडियन O फिल्म O पर्सनेलिटी O ऑफ O द O ईयर O अवार्ड O बॉलीवुड O के O शहंशाह O अमिताभ B-NEP बच्चन I-NEP को O तालियों O की O गड़गड़ाहट O के O बीच O प्रदान O किया O गया O । O आईएफएफआई O 2017 O देश O में O अपनी O तरह O का O पहला O कार्यक्रम O था O जिसमें O जेम्स B-NEP बांड I-NEP की O फिल्मों O को O एक B-NEN अलग O वर्ग O में O विशेष O रूप O से O प्रदर्शित O किया O गया O । O 48वें O आईएफएफआई O में O अभिनेता O ओम B-NEP पुरी I-NEP , O विनोद B-NEP खन्ना I-NEP , O टॉम B-NEP अल्टर I-NEP , O रीमा B-NEP लागू I-NEP , O जयललिता B-NEP , O निर्देशक O अब्दुल B-NEP माजिद I-NEP , O कुंदन B-NEP शाह I-NEP , O दसरी B-NEP नारायण I-NEP राव I-NEP और O सिनेमेटोग्राफर O रामानंद B-NEP सेनगुप्ता I-NEP को O श्रद्धांजलि O दी O गई O । O मोरक्को B-NEL में O जन्मे O फ्रांसिसी O निर्देशक O रॉबिन B-NEP केपिलो I-NEP की O ड्रामा O फिल्म O " O 120 B-NEAR बीपीएम I-NEAR " O या O " O 120 B-NEAR बीट्स I-NEAR पर I-NEAR मिनट I-NEAR " O ने O प्रतिष्ठित O गोल्डेन O पिकॉक O पुरस्कार O जीता O । O चीनी O निर्देशक O विवियन B-NEP क्यो I-NEP ने O 2017 B-NETI की O अपनी O फिल्म O " O एंजेल्स B-NEAR वियर I-NEAR व्हाइट I-NEAR " O के O लिए O सर्वश्रेष्ठ O निर्देशक O का O पुरस्कार O जीता O । O प्रसिद्ध O अमरीकी O लेखक O , O प्रकाशक O एवं O उद्यमी O मार्क B-NEP ट्वेन I-NEP कहते O हैं O , O " O भारत B-NEL मानव O - O जाति O का O पालना O है O , O मनुष्य O की O वाणी O का O जन्म O - O स्थान O है O , O इतिहास O की O माता O है O , O कथा O - O गाथाओं O की O दादीमां O है O और O परंपरा O की O परदादी O है O । O 17. B-NEN मोदी B-NEP सरकार O द्वारा O पूर्वोत्तर B-NEL को O प्राथमिकता O देते O हुए O , O यह O स्पष्ट O है O कि O हमें O अपने O सबसे O भरोसेमंद O वैश्विक O भागीदारों O के O साथ O काम O करना O चाहिए O । O सर्वश्रेष्ठ O अभिनेता O ( O महिला O ) O का O पुरस्कार O पार्वती B-NEP टी. I-NEP के. I-NEP को O महेश B-NEP नारायणन I-NEP की O मलयालम O फिल्म O " O टेक B-NEAR ऑफ I-NEAR " O के O लिए O दिया O गया O । O नेहुएल B-NEP पेरेज I-NEP बिस्कारियत I-NEP को O " O 120 B-NEAR बीपीएम I-NEAR " O फिल्म O में O उनके O द्वारा O निभाए O गए O एड्स O कार्यकर्ता O के O किरदार O के O लिए O सर्वश्रेष्ठ O अभिनेता O ( O पुरुष O ) O का O पुरस्कार O दिया O गया O । O महेश B-NEP नारायण I-NEP को O उनकी O पहली O निर्देशित O फिल्म O " O टेक B-NEAR ऑफ I-NEAR " O के O लिए O विशेष O ज्यूरी O पुरस्कार O प्रदान O किया O गया O । O 18. B-NEN वार्षिक O शिखर O सम्मेलन O के O लिए O इस O मार्च B-NETI में O प्रधानमंत्री O किशिदा B-NEP की O भारत B-NEL यात्रा O के O दौरान O , O दोनों B-NEN प्रधानमंत्रियों O ने O भारत B-NEL के O उत्तर B-NEL - I-NEL पूर्वी I-NEL क्षेत्र O के O सतत O विकास O के O लिए O पहल O का O शुभारंभ O किया O , O जिसका O उद्देश्य O एक B-NEN व्यापक O रूपरेखा O के O रूप O में O स्वास्थ्य O देखभाल O , O B2B O संबंध O , O आपदा O प्रबंधन O और O कौशल O विकास O जैसे O नए O क्षेत्रों O में O सहयोग O को O बढ़ाना O है O । O सर O सैयद B-NEP अहमद I-NEP खान I-NEP के O प्रयासों O से O उर्दू O लेखन O की O नई O परंपरा O शुरू O हुई O । O रुसो B-NEP की O पहली O फिल्म O " O डार्क B-NEAR स्काई I-NEAR " O वातावरण O और O शोक O का O खूबसूरती O और O बारीकी O से O अध्ययन O करती O है O । O मनोज B-NEP कदम I-NEP की O मराठी O फिल्म O " O क्षितिज B-NEAR " O ने O आईसीएफटी O - O यूनेस्को O गांधी O पुरस्कार O जीता O । O कनाडा B-NEL के O प्रसिद्ध O कला O निर्देशकों O में O से O एक B-NEN , O एटम B-NEP इगोयान I-NEP को O आईएफएफआई O 2017 O लाइफटाइम O अचीवमेंट O अवार्ड O प्रदान O किया O । O बोलिवियाई O निर्देशक O कीरो B-NEP रुसो I-NEP ने O निर्देशक O की O सर्वश्रेष्ठ O फीचर O फिल्म O के O लिए O सिल्वर O पिकॉक O पुरस्कार O जीता O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O जल O शक्ति O मंत्री O श्री O गजेन्द्र B-NEP सिंह I-NEP शेखावत I-NEP ने O अपने O आलेख O में O सिर्फ O एक B-NEN बार O इस्तेमाल O किये O जाने O वाले O प्लास्टिक O की O मात्रा O में O कमी O लाने O की O बात O की O है O । O रमेश B-NEP तैलंग I-NEP की O लीक O से O हटकर O लिखी O गई O बाल O कविता O ' O जूते B-NEAR की I-NEAR पुकार I-NEAR ' O में O जूता O अपने O खास O ढंग O से O शिकायत O करता O है O - O हालांकि O , O की O मौत O अकबर B-NEP से O काफी O पहले O हो O गई O थी O , O लेकिन O उनकी O कहानियां O अकबर B-NEP की O आध्यात्मिक O सोच O को O बेहतर O बनाने O का O काम O करती O रहीं O और O तमाम O मुगल O बादशाहों O में O अकबर B-NEP का O रवैया O सबसे O उदारवादी O रहा O । O बच्चों O के O लिए O नए O अंदाज O की O कविता O लिखने O वाले O कवियों O में O श्याम B-NEP सुशील I-NEP का O स्वर O एकदम O अलग O है O । O सबसे O पहले O , O मैं O संयुक्त B-NEL अरब I-NEL अमीरात I-NEL के O विदेश O मंत्री O महामहिम O श्री O खलीफा B-NEP शाहीन I-NEP अलमारर I-NEP को O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अरब O लीग O के O बीच O सहयोग O पर O आयोजित O आज O की O बैठक O की O अध्यक्षता O करने O के O लिए O बधाई O देना O चाहूंगा O । O आम O लोगों O के O भी O अपने O ' O बीरबल B-NEP ' O थे O और O वे O अपने O आसपास O मौजूद O ऐसे O रत्नों O से O काफी O फायदा O उठाते O थे O । O मैं O नागरिक O समाज O के O प्रतिनिधि O , O सुश्री O रज़ान B-NEP फरहान I-NEP अलक़ील I-NEP को O उनकी O ब्रीफिंग O के O लिए O धन्यवाद O देना O चाहता O हूं O । O ऐसे O ही O प्रदीप B-NEP शुक्ल I-NEP अपनी O एक B-NEN कविता O में O सुबह B-NETI का O यह O खुशनुमा O चित्र O आंकते O हैं O , O जो O हर O बच्चे O के O चेहरे O पर O मुस्कान O ले O आता O है O - O फहीम B-NEP अहमद I-NEP की O ' O खुशबू B-NEAR की I-NEAR सौगात I-NEAR ' O कविता O में O हवा O के O झूले O पर O झूलती O खुशबू O का O चित्र O बड़ा O मोहक O है O , O जो O हर O बच्चे O को O आकर्षित O करता O है O । O शादाब B-NEP आलम I-NEP की O कविता O ' O चली B-NEAR गिलहरी I-NEAR गांव I-NEAR ' O में O शहर O से O ऊबकर O गांव O की O ओर O जाती O गिलहरी O का O यह O दुःख O और O वेदना O कितनी O सच्ची O है O - O बीरबल B-NEP के O पास O तत्कालीन O भारत B-NEL के O सभी O हिस्सों O और O आसपास O के O क्षेत्रों O की O भी O कहानियां O होती O थीं O । O बीरबल B-NEP की O कहानियों O का O संबंध O सिर्फ O अकबर B-NEP की O रियासत O से O नहीं O था O । O 1990 B-NETI के O दशक O के O शुरुआती O दिनों O और O 1991 B-NETI में O मोबाइल O कम्युनिकेशन O की O बढ़ती O मांग O को O देखते O हुए O रोनाल्ड B-NEP एच I-NEP कोज I-NEP के O 1950 B-NETI की O व्याख्या O के O आधार O पर O संस्थानों O के O लिए O ब्राडकास्टिंग O लाइसेंस O को O मूल्य O क्रियाविधि O के O आधार O पर O तैयार O किया O गया O जो O कि O काफी O प्रभावशाली O हुआ O । O ' O जलवायु O संकट O और O पानी O का O भविष्य O : O भारतीय O अनुभव O ' O में O सुप्रसिद्ध O पर्यावरणविद्‌ O सुनीता B-NEP नारायण I-NEP जी O ने O ग्लोबल O वार्मिंग O और O इससे O पड़ने O वाले O पर्यावरणीय O प्रभाव O ( O विशेषकर O भारतीय O कृषि O ) O पर O अपने O आलेख O में O कई O महत्वपूर्ण O बिन्दुओं O पर O अपने O विचार O साझा O किये O हैं O । O दिविक B-NEP रमेश I-NEP की O कविताओं O में O बच्चे O का O मन O और O विभिन्न O भावदशाएं O देखने O को O मिलती O हैं O । O साथ O ही O दिविक B-NEP के O शिल्प O में O भी O बहुत O नयापन O और O ताजगी O है O । O इन O कहानियों O ने O अकबर B-NEP के O दिमाग O में O एक B-NEN धर्मनिरपेक्ष O हिंदुस्तान O की O छवि O गढ़ने O में O मदद O की O और O इसी O हिसाब O से O बादशाह O ने O अपनी O नीतियों O को O तैयार O किया O । O ऐसे O ही O योगेंद्रदत्त B-NEP शर्मा I-NEP बाल O साहित्य O के O बहुत O मंझे O हुए O कवि O हैं O , O जिनकी O कविताओं O की O नई O सूझ O और O लयात्मकता O बहुत O मोहती O है O । O विल्सन B-NEP ( O 1979 B-NETI ) O का O कार्य O कॉमन O वैल्यूज O मॉडल O या O सामान्य O - O मूल्य O मॉडल O जैसे O शेयरों O की O नीलामी O में O प्रयोग O किया O जाता O है O । O 1969 B-NETI में O विल्सन B-NEP ने O नीलामी O के O सिद्धांत O को O विकसित O करने O के O लिए O एक B-NEN निर्णायक O कदम O उठाया O , O जिसमें O उन्होंने O ” O बेज O नैश O संतुलन O ” O का O प्रयोग O मिनरल O राइट O मॉडल O में O किया O और O परस्पर O मूल्य O प्राप्त O किया O । O लौटकर O वनवास O से O जैसे O अवध B-NEL में O राम B-NEP आए O ! O कई O अन्य O लेखकों O ने O भी O कॉमन O - O वैल्यू O मॉडल O को O लागू O किया O जिसमें O विल्सन B-NEP ( O 1977 B-NETI ) O , O मिलग्रोम B-NEP ( O 1979 B-NETI - I-NETI 1981 I-NETI ) O एंजेलब्रिच B-NEP - I-NEP विगांस I-NEP एट I-NEP आल I-NEP ( O 1983 B-NETI ) O और O मासकीन B-NEP और I-NEP राइली I-NEP ( O 2000 B-NETI ) O शामिल O हैं O । O मेरी O राय O के O मुताबिक O , O क्षेत्रीय O स्तर O पर O बने O ये O सिनेमा O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O स्वराज O की O अवधारणा O को O पेश O करते O हैं O - O अपनी O जमीन O / O क्षेत्र O के O बारे O में O जानें O , O अपने O संसाधनों O के O बारे O में O जानें O । O चाणक्य B-NEP के O चंद O शब्द O जीएसटी O की O समूची O प्रक्रिया O को O अपने O अंदर O समेटे O हैं O । O योगेंद्र B-NEP की O पिछले O कुछ O अरसे O में O लिखी O गई O कविताओं O में O ' O आम B-NEAR आए I-NEAR ' O बहुत O सुरीली O कविता O है O , O जिसमें O आमों O के O मौसम O का O आना O किसी O उत्सव O सरीखा O लगता O है O । O गांधीजी B-NEP की O इस O विरासत O को O सिर्फ O क्षेत्रीय O सिनेमा O ही O आगे O बढ़ाता O है O । O इस O आलेख O के O लेखक O प्रकाश B-NEP मनु I-NEP की O चर्चित O कविता O ' O ओहो B-NEAR , I-NEAR चला I-NEAR गया I-NEAR पानी I-NEAR ' O कविता O में O पानी O के O बिना O बेहाल O होती O दुनिया O का O यह O चित्र O - O - O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP , O संसद O के O केन्द्रीय O कक्ष O में O 1 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI को O राष्ट्र O को O जीएसटी O समर्पित O करते O हुए O दो B-NEN प्रस्ताव O जो O एसएमआरए O आधारित O हैं O वे O मिलग्रोम B-NEP और O विलसन B-NEP और O प्रिस्टोन B-NEP मैक्ऐफी I-NEP द्वारा O हैं O । O पर O घर O में O पुताई O होने O पर O चीजें O उठाकर O यहां O - O वहां O रखने O में O क्या O - O क्या O गड़बड़झाला O होता O है O , O इसे O नागेश B-NEP पांडेय I-NEP संजय I-NEP की O एक B-NEN दिलचस्प O कविता O ' O मेरे B-NEAR घर I-NEAR में I-NEAR ' O बखूबी O व्यक्त O करती O है O । O मीना B-NEP नायर I-NEP यश B-NEP मालवीय I-NEP बच्चों O के O मन O में O बसे O एक B-NEN बढ़िया O और O सपनीले O स्कूल O का O चित्र O आंकते O हैं O । O मिलग्रोम B-NEP ने O अर्थशास्त्रियों O के O समूह O का O नेतृत्व O किया O जिन्होंने O प्रसारण O टेलीविजन O की O जगह O वायरलेस O ब्राडबैंड O सेवा O में O जाने O की O सलाह O दी O थी O , O जिसका O परिणाम O यह O हुआ O कि O एफसीसी O को O न्यू O इंसेंटिव O नीलामी O 2017 B-NETI में O ग्रहण O किया O गया O । O यही O बात O रावेंद्रकुमार B-NEP कवि O अपने O अंदाज O में O कहते O हैं O । O प्रयाग B-NEP शुक्ल I-NEP अपनी O एक B-NEN बाल O कविता O में O उन O मजेदार O खिलौनों O के O बारे O में O बताते O हैं O , O जो O आज B-NETI के O बच्चे O को O चाहिए O , O इधर O प्रभुदयाल B-NEP श्रीवास्तव I-NEP , O उषा B-NEP यादव I-NEP , O नेहा B-NEP वैद I-NEP , O गिरिजा B-NEP कुलश्रेष्ठ I-NEP , O रेखा B-NEP लोढ़ा I-NEP स्मित I-NEP , O अश्वनीकुमार B-NEP पाठक I-NEP , O राजा B-NEP चौरसिया I-NEP , O कौशल B-NEP पांडेय I-NEP , O रामकरन B-NEP , O निश्चल B-NEP , O समेत O नई O - O रानी O पीढ़ी O के O बहुत O से O कवि O नई O सूझ O और O कल्पनाओं O वाली O बाल O कविताएं O लिख O रहे O हैं O , O जिनसे O बाल O कविता O के O भविष्य O को O लेकर O बहुत O उम्मीदें O बंधती O हैं O । O वहां O की O कंजर्वेटिव O पार्टी O की O सरकार O के O तत्कालीन O प्रधानमंत्री O जॉन B-NEP मेजर I-NEP ने O 1991 O में O इसका O ऐलान O किया O था O । O - O सौरभ B-NEP कुमार I-NEP यादव I-NEP : O हरदोई B-NEL ( O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL ) O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 12 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI अहमदाबाद B-NEL के O साबरमती B-NEL आश्रम O से O ' O पदयात्रा O ' O ( O फ्रीडम O मार्च B-NETI ) O को O झंडी O दिखाई O तथा O ' O आज़ादी O का O अमृत O महोत्सव O ' O ( O इंडिया B-NEL @ O 75 B-NEN ) O के O पूर्वावलोकन O कार्यकलापों O का O उद्घाटन O किया O । O इस O अंक O के O अंतर्गत O डॉ. B-NEP सुचिता I-NEP कृष्णप्रसाद I-NEP ने I-NEP अपने O आलेख O ' O महामारी O और O गांधीवादी O परिप्रेक्ष्य O ' O के O माध्यम O से O वर्तमान O में O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O प्रासंगिकता O को O बखूबी O समझाया O है O । O ' O गांधीवाद O ' O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O विचारों O को O ही O कहा O जाता O है O । O अमीर B-NEP खुसरो I-NEP हिंदी O के O पहले O कवि O माने O जाते O हैं O । O अंत O में O , O कहा O जा O सकता O है O कि O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O विचार O वर्तमान O में O भी O प्रासंगिक O हैं O । O - O अमित B-NEP कुमार I-NEP ' O विश्वास B-NEP ' O : O रामपुर B-NEL नौसहन I-NEL , O हाजीपुर B-NEL , O वैशाली B-NEL , O बिहार B-NEL भाषा O के O अर्थ O में O हिंदी O और O उसके O विकास O के O संबंध O में O अनेक O भाषा O - O विज्ञानियों O के O मतों O का O समहार O करते O हुए O भोलानाथ B-NEP तिवारी I-NEP ने O यह O सार O - O संकलन O प्रस्तुत O किया O है O , O जो O काफी O तथ्यात्मक O है O - O में O भी O भाषा O के O अर्थ O में O ' O हिंदी O ' O शब्द O के O प्रयोग O का O प्रारंभ O मुसलमानों O द्वारा O ही O किया O गया O । O डॉ O एम B-NEP आर I-NEP श्रीनिवास I-NEP मूर्ति I-NEP , O लेखक O नेशनल B-NEO यूनिवर्सिटी I-NEO ऑफ I-NEO स्टडी I-NEO एंड I-NEO रिसर्च I-NEO इन I-NEO लॉ I-NEO , I-NEO रांची I-NEO में O एसोसिएट O प्रोफेसर O हैं O । O ' O सो O देख O के O बनमाली O शिष्यार्थ O भाषा O टीका O कीन्ह O ' O ( O 1438 B-NETI में O लिखित O भास्वती O की O भाषा O - O टीका O ) O ' O संस्कृत O कबिरा O कूप O - O जल O भाषा O बहता O नीर O ' O - O कबीर B-NEP , O ' O आदि O अंत O जस O कथ्था O अहै O , O लिखि O भाषा O चौपाई O कहे O ' O - O जायसी B-NEP , O ' O भाषा O भनति O मोर O मति O थोरी O ' O - O तुलसी B-NEP ' O भाषा O - O निबद्ध O मति O मंजुल O ' O - O तुलसी B-NEP , O ' O भाषा O - O बोल O न O जानहीं O जेहि O के O कुल O के O दास O - O केशवदास B-NEP संस्कृत O आदि O के O ग्रंथों O की O हिंदी O टीकाओं O में O ' O भाषा O - O टीका O ' O के O रूप O में O भी O यह O शब्द O इसी O अर्थ O में O प्रयुक्त O हुआ O है O । O उन्होंने O यह O भी O पूछा O कि O मैरी B-NEP कॉम I-NEP अपना O खेल O जारी O रखने O के O साथ O - O साथ O परिवार O की O देखभाल O कैसे O कर O पाईं O , O खासकर O इस O महामारी O के O दौरान O । O पीवी B-NEP सिंधु I-NEP ( O बैडमिंटन O ) O से O बात O करते O हुए O प्रधानमंत्री O ने O हैदराबाद B-NEL के O गाचीबोवली B-NEL में O उनकी O प्रैक्टिस O के O बारे O में O जानकारी O ली O । O भोलानाथ B-NEP तिवारी I-NEP ने O हिंदी O शब्द O के O अस्तित्व O में O आने O से O पूर्व O का O यह O प्रसंग O उद्धृत O किया O है O , O 19 B-NETI फरवरी I-NETI 1802 I-NETI को O फोर्ट B-NEO विलियम I-NEO कालेज O द्वारा O ' O भाखा B-NEP मुंशी I-NEP ' O की O मांग O की O स्वीकृति O , O तथा O लल्लूलाल B-NEP को O उक्त O कॉलिज O के O कागजों O में O ' O भाषा O मुंशी B-NEP कहे O जाने O से O पता O चलता O है O कि O हिंदी O के O लिए O ' O भाषा O ' O शब्द O का O प्रयोग O आधुनिक O काल O तक O चलता O रहा O है O । O प्रधानमंत्री O ने O पीवी B-NEP सिंधु I-NEP के O माता O - O पिता O से O पूछा O कि O वे O उन O माता O - O पिता O को O क्या O सलाह O और O सुझाव O देना O चाहेंगे O जो O अपने O बच्चों O को O खिलाड़ी O बनाना O चाहते O हैं O । O ओलंपिक O में O सिंधु B-NEP की O सफलता O की O कामना O करते O हुए O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O जब O वे O एथलीटों O की O वापसी O पर O उनका O स्वागत O करेंगे O तो O वे O उनके O साथ O आइसक्रीम O खाएंगे O । O प्रधानमंत्री O ने O इलावेनिल B-NEP वलारिवन I-NEP ( O निशानेबाजी O ) O से O पूछा O कि O उन्हें O खेल O में O दिलचस्पी O क्यों O है O । O एक B-NEN व्यक्तिगत O मामले O में O , O श्री O मोदी B-NEP ने O उस O निशानेबाज O से O बातचीत O की O , O जो O अहमदाबाद B-NEL में O , O गुजरात B-NEL में O पली O - O बढ़ी O थी O और O उनके O माता O - O पिता O को O तमिल O में O बधाई O दी O और O उसके O शुरुआती O वर्षों O को O याद O किया O क्योंकि O श्री O मोदी B-NEP उनके O क्षेत्र O मणिनगर B-NEL से O विधायक O थे O । O इस O संबंध O में O भोलानाथ B-NEP तिवारी I-NEP का O यह O कथन O काफी O महत्वपूर्ण O है O - O यह O ध्यातव्य O है O कि O यद्यपि O ' O हिंदवी O ' O या O ' O हिंदी O ' O का O प्रयोग O मध्यदेश B-NEL की O जनभाषा O के O लिए O चल O रहा O था O , O और O वह O उत्तर B-NEL भारत I-NEL से O दक्षिण B-NEL भारत I-NEL में O भी O जा O पहुंचा O था O , O किंतु O इसका O स्वीकृत O भाषाओं O में O अकबर B-NEP के O काल O तक O नाम O नहीं O मिलता O । O प्रधानमंत्री O ने O अनुभवी O खिलाड़ी O अचंत B-NEP शरत I-NEP कमल I-NEP ( O टेबल O टेनिस O ) O से O पिछले O और O इस O ओलंपिक O के O बीच O अंतर O के O बारे O में O पूछा O और O इस O अवसर O पर O महामारी O के O प्रभाव O के O बारे O में O बातचीत O की O । O दीपक B-NEP नारंग I-NEP बनाम O हरियाणा B-NEL राज्य I-NEL और O अन्य O के O एक B-NEN निर्णित O मामले O में O पंजाब B-NEO एवं I-NEO हरियाणा I-NEO उच्च I-NEO न्यायालय I-NEO के O न्यायाधीश O ने O 14 B-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2006 I-NETI को O न O केवल O इलाहाबाद B-NEO बैंक I-NEO के O पीड़ित O एजीएम O ( O इन O पंक्तियों O के O लेखक O ) O को O बचाया O , O जो O बैंक O का O प्राधिकृत O पदाधिकारी O था O , O बल्कि O एफआईआर O स्वीकार O करने O वाले O मजिस्ट्रेट O को O फटकार O लगायी O और O तथ्यों O पर O आधारित O मुकदमा O चलाने O का O आदेश O दिया O । O न्यायमूर्ति O आरएस B-NEP मदन I-NEP ने O यह O बात O कही O - O खुसरो B-NEP और O अबुल B-NEP फजल I-NEP दोनों O ही O ने O ' O देहलवी B-NEP ' O का O उल्लेख O किया O है O और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL की O कोई O और O भाषा O नहीं O ली O है O । O इसका O आशय O यह O हुआ O कि O खुसरो B-NEP से O लेकर O अबुल B-NEP फजल I-NEP के O काल O तक O इस O भाषा O का O स्वीकृत O नाम O शायद O देहलवी B-NEP ही O था O । O प्रधानमंत्री O ने O पूछा O कि O विनेश B-NEP फोगाट I-NEP ( O कुश्ती O ) O अपनी O पारिवारिक O विरासत O के O कारण O बढ़ी O हुई O उम्मीदों O का O सामना O कैसे O करती O हैं O । O यह O ज्ञात O इतिहास O है O कि O 18 O व O 19वीं O सदी O के O शायर O मीर B-NEP , O मोमिन B-NEP , O सौदा B-NEP , O गालिब B-NEP आदि O अपनी O भाषा O को O हिंदी O , O उर्दू O , O रेख्ता O , O हिंदवी O आदि O समान O रूप O से O कहते O थे O । O श्री O मोदी B-NEP ने O कहा O कि O उनका O विशाल O अनुभव O पूरे O दल O की O मदद O करेगा O । O उन्होंने O साजन B-NEP प्रकाश I-NEP ( O तैराकी O ) O से O उनकी O गंभीर O चोट O के O बारे O में O पूछा O और O यह O भी O पूछा O कि O वे O इससे O कैसे O ठीक O हुए O । O प्रधानमंत्री O ने O मनप्रीत B-NEP सिंह I-NEP ( O हॉकी O ) O से O बात O करते O हुए O कहा O कि O उनके O साथ O बातचीत O करने O से O उन्हें O मेजर B-NEP ध्यानचंद I-NEP जैसे O हॉकी O के O दिग्गजों O का O स्मरण O हो O रहा O है O । O अबुल B-NEP फजल I-NEP की O ' O आइने B-NEAR अकबरी I-NEAR ' O में O दी O गई O 12 B-NEN भाषाओं O - O देहलवी O , O बांग्ला O , O मुलतानी O , O मारवाड़ी O , O गुजराती O , O तिलंगा O , O मरहठी O , O कर्नाटकी O , O सिंधी O , O अफगानी O , O बलूचिस्तानी O , O कश्मीरी O - O में O भी O इनका O नाम O नहीं O आता O । O भारतीय O टेनिस O खिलाड़ी O सानिया B-NEP मिर्जा I-NEP के O साथ O प्रधानमंत्री O ने O टेनिस O के O खेल O की O बढ़ती O लोकप्रियता O के O बारे O में O बात O की O और O इस O वरिष्ठ O खिलाड़ी O से O उभरते O खिलाड़ियों O को O सलाह O देने O और O अपने O अनुभव O साझा O करने O के O लिए O कहा O । O आशुतोष B-NEP कुमार I-NEP छोटी O बचत O योजनाओं O के O लिए O बड़ी O पहल O : O शिशिर B-NEP सिन्हा I-NEP सानिया B-NEP मिर्जा I-NEP ने O कहा O कि O भारत B-NEL में O हाल O के O वर्षों O में O आत्मविश्वास O देखा O जा O रहा O है O और O यह O खिलाड़ियों O के O प्रदर्शन O में O भी O दिखाई O देगा O । O उन्होंने O विनेश B-NEP के O पिता O से O भी O बातचीत O की O और O ऐसी O शानदार O बेटियों O को O संवारने O के O तरीकों O के O बारे O में O पूछा O । O * O अटल B-NEP इनक्यूबेशन O केंद्रों O और O स्थापित O इनक्यूबेटर O केंद्रों O के O लिए O जमीनी O स्तर O पर O प्री O - O इनक्यूबेशन O मॉडल O और O फीडर O ईकोसिस्टम O का O निर्माण O करना O । O उन्होंने O उम्मीद O जताई O कि O मनप्रीत B-NEP सिंह I-NEP की O टीम O देश O की O विरासत O को O जिंदा O रखेगी O । O इस O योजना O की O घोषणा O करते O हुए O वित्त O मंत्री O अरुण B-NEP जेटली I-NEP ने O कहा O , O “ O बैंकों O के O सुदृढ़ीकरण O से O अधिक O नौकरियों O का O सृजन O होगा O , O विकास O होगा O और O अधिक O निवेश O होगा O । O ” O इस O पोर्टल O के O अतिरिक्त O हाल O ही O में O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL के O नए O मुख्यमंत्री O योगी B-NEP आदित्यनाथ I-NEP ने O भी O मुख्यमंत्री O हेल्प O लाइन O की O शुरुआत O करने O की O घोषणा O की O है O । O देवश्री B-NEP मुखर्जी I-NEP - O अटल B-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP देविका B-NEP चावला I-NEP लेखिका O इनवेस्ट O इंडिया B-NEL में O शोधकर्ता O हैं O । O इस O अभियान O के O लिये O श्री O मोदी B-NEP को O बिल B-NEO एंड I-NEO मेलिंडा I-NEO गेट्स I-NEO फाउंडेशन I-NEO ने O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O जन्म O की O 150वीं O वर्षगांठ O पर O 2019 B-NETI में O ग्लोबल O गोलकीपर O के O पुरस्कार O से O सम्मानित O किया O । O अटल B-NEP नवाचार O मिशन O : O सुलभता O अंतर O को O पाटना O रंजन B-NEP एस. I-NEP दास I-NEP : O रंजन B-NEP एस. I-NEP दास I-NEP , O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O अटल B-NEP इनोवेशन O मिशन O में O इनोवेशन O लीड O हैं O । O प्रमीत B-NEP दास I-NEP : O प्रमीत B-NEP दास I-NEP नीति B-NEO आयोग I-NEO के O अटल B-NEP इनोवेशन O मिशन O में O निदेशक O हैं O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O प्रमुख O कार्यक्रम O , O अटल B-NEP नवाचार O मिशन O ( O एआईएम O ) O का O उद्देश्य O अर्थव्यवस्था O के O विभिन्न O क्षेत्रों O में O नवाचार O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O नए O कार्यक्रम O और O नीतियां O बनाकर O देश O में O नवाचार O और O उद्यमिता O की O संस्कृति O को O बढ़ावा O देना O और O विभिन्न O हितधारकों O के O लिए O मंच O तथा O सहयोग O के O अवसर O प्रदान O करना O है O । O भारत B-NEL में O किये O गये O शोधों O और O सर्वेक्षणों O से O पता O चलता O है O कि O ई O - O कबाड़ O के O खतरे O और O रिसाइक्लिंग O के O बारे O में O जन O - O जागरूकता O काफी O कम O है O ( O बोरठाकुर B-NEP और O गोविंद B-NEP , O 2017 B-NETI ) O । O अटल B-NEP इनोवेशन O मिशन O की O पहल O , O अर्थात O , O अटल B-NEO कम्युनिटी I-NEO इनोवेशन I-NEO सेंटर I-NEO ( O एसीआईसी B-NEO ) O का O उद्देश्य O समाज O की O सेवा O में O समाधान O - O संचालित O सोच O के O माध्यम O से O नवाचार O की O भावना O को O प्रोत्साहित O करना O है O । O यूएनडीपी B-NEO और O अटल B-NEP नवाचार O मिशन O ने O 2019 B-NETI में O युवा O नेतृत्व O , O नवाचार O और O सामाजिक O उद्यमिता O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O एक B-NEN सक्षम O पारिस्थितिकी O तंत्र O बनाने O के O उद्देश्य O से O एक B-NEN आशय O पत्र O पर O हस्ताक्षर O किए O । O इस O संबंध O में O माइक्रोसॉफ्ट B-NEO अध्यक्ष O बिल B-NEP गेट्स I-NEP ने O 1994 O में O कहा O था O कि O " O बैंकिंग O आवश्यक O है O , O लेकिन O बैंक O नहीं O " O । O आजादी O से O पहले O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP खादी O को O एक B-NEN सशक्त O लघु O कुटीर O उद्योग O के O रूप O में O स्थापित O कर O ले O गए O जो O आज O भारत B-NEL की O आर्थिक O नींव O में O मजबूती O प्रदान O कर O रहा O है O । O स्वतंत्रता O के O बाद O नेहरू B-NEP सरकार O ने O विश्व O में O औद्योगिक O शक्ति O के O रूप O में O देश O को O आगे O लाने O के O लिए O बड़े O बड़े O कल O कारखानों O सार्वजनिक O संस्थानों O को O निर्माण O कर O प्रोत्साहित O किया O । O 1. B-NEN नानाजी B-NEP देशमुख I-NEP राष्ट्रीय O गौरव O ग्राम O सभा O पुरस्कार O ( O एनडीआरजीजीएसपी O ) O 2010 B-NETI में O शुरू O किया O गया O था O और O इसका O उद्देश्य O ग्रामसभा O के O सक्रिय O योगदान O से O उल्लेखनीय O सफलता O अर्जित O करने O वाली O ग्राम O पंचायत O की O सराहना O करके O उसे O प्रोत्साहित O करना O था O जिसने O विशेष O रूप O से O गांव O के O सामाजिक O - O आर्थिक O उत्थान O के O लिए O महत्वपूर्ण O उपलब्धि O प्राप्त O की O । O रॉबर्ट B-NEP हैविगहर्ट I-NEP ने O 1950 B-NETI के O दशक B-NETI में O मानव O विकास O और O शिक्षा O को O लेकर O ' O टीचेबल B-NEAR मोमेंट्स I-NEAR ' O नामक O किताब O लिखी O थी O , O जिसमें O कहा O गया O था O : O ' O अगर O समय O का O चुनाव O सही O है O , O तो O कोई O काम O सीखना O संभव O होगा O । O 2. B-NEN दीनदयाल B-NEP उपाध्याय I-NEP पंचायत O सशक्तीकरण O पुरस्कार O ( O डीडीयूपीएसपी O ) O 2011 B-NETI में O शुरू O किया O गया O था O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O कथन O " O भारत B-NEL का O भविष्य O उसके O गांवों O में O निहित O है O " O से O शुरू O होता O हुआ O विशेष O आलेख O " O पंचायतों O का O सफर O " O पंचायती O राज O के O उद्भव O से O लेकर O पंचायतों O में O ई B-NEAR - I-NEAR शासन I-NEAR तंत्र I-NEAR की O जानकारी O से O परिपूर्ण O है O । O 27 B-NETI फ़रवरी I-NETI 2007 I-NETI को O अभियोजक O ने O घोषणा O की O कि O दो B-NEN व्यक्तियों O - O सूडानी O मानवीय O मामलों O के O मंत्री O मोहम्मद B-NEP अहमद I-NEP हारून I-NEP और O जंजावीड B-NEP मिलिशिया I-NEP नेता O अली B-NEP कुशायब I-NEP - O की O मानवता O के O खिलाफ O अपराधों O और O युद्ध O अपराधों O के O प्रमुख O संदिग्ध O आरोपियों O के O रूप O में O पहचान O की O गई O थी O । O 14 B-NETI जुलाई I-NETI 2008 I-NETI को O अभियोजक O ने O सूडानी O राष्ट्रपति O उमर B-NEP अल I-NEP बशीर I-NEP पर O नरसंहार O , O मानवता O के O खिलाफ O अपराध O और O युद्ध O अपराध O का O आरोप O लगाया O . O अदालत O ने O युद्ध O अपराध O और O मानवता O के O खिलाफ O अपराधों O के O लिए O 4 B-NEP मार्च I-NEP 2009 I-NEP को O अल B-NEP - I-NEP बशीर I-NEP के O खिलाफ O गिरफ्तारी O वारंट O जारी O किया O , O लेकिन O नरसंहार O के O लिए O अपर्याप्त O सबूत O होने O के O चलते O मुकदमा O न O चलाने O का O फैसला O सुनाया O . O अल B-NEP बशीर I-NEP पहले O ऐसे O व्यक्ति O थे O जो O देश O के O राष्ट्रपति O के O पद O पर O काबिज़ O थे O और O आईसीसी B-NEO द्वारा O दोषी O ठहराए O गए O थे O । O अल B-NEP - I-NEP बशीर I-NEP ने O सभी O आरोपों O को O खारिज O किया O और O उन्होंने O कहा O कि O जिन O आरोपों O को O मढ़ा O गया O है O उसके O वे O हकदार O नहीं O हैं O । O जाने O - O माने O वैज्ञानिक O डॉ O कृष्णस्वामी B-NEP कस्तूरीरंगन I-NEP ने O नई O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI पर O जो O रिपोर्ट O भारत B-NEO सरकार I-NEO को O सौंपी O थी O , O उसका O शुरुआती O हिस्सा O पूरी O भारतीय O नौकरशाही O या O अफसरशाही O यानी O लोक O प्रशासन O तंत्र O के O लिए O एक B-NEN आईना O है O । O प्रेमपाल B-NEP शर्मा I-NEP हालांकि O , O जुलाई B-NETI और O अगस्त B-NETI 2010 I-NETI अल B-NEP बशीर I-NEP ने O चाड B-NEP और O केन्या B-NEP की O यात्रा O की O , O लेकिन O आईसीसी B-NEO के O कदम O नहीं O उठे O हालांकि O दोनों B-NEN ही O देश O आईसीसी B-NEO के O सदस्य O देश O हैं O ; O आईसीसी B-NEO ने O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO और O सदस्य O देशों O की O आईसीसी B-NEO सभा O दोनों O के O लिए O सदस्य O देशों O को O सूचना O दी O है O । O फिर O भी O , O कई O अफ्रीकी O संघ O के O सदस्यों O को O जो O आईसीसी B-NEO के O सदस्य O देश O हैं O जिसमें O दक्षिण B-NEL अफ्रीका I-NEL और O युगांडा B-NEL शामिल O हैं O , O मालूम O था O कि O अगर O उनके O क्षेत्रों O में O अल B-NEP - I-NEP बशीर I-NEP प्रवेश O करेगें O तो O उनकी O गिरफ्तारी O हो O सकती O है O । O बाद O में O , O 12 B-NETI जुलाई I-NETI 2010 I-NETI को O प्री O - O ट्रायल O चैंबर O ने O अल B-NEP - I-NEP बशीर I-NEP के O खिलाफ O दूसरा O गिरफ्तारी O वारंट O जारी O किया O , O जिसमें O डारफुर B-NEL के O तीन B-NEN जातीय O समूह O के O खिलाफ O नरसंहार O का O आरोप O लगाया O गया O । O पुस्तक O चर्चा O में O आधुनिक O भारत B-NEL के O निर्माता O भारतरत्न O डॉ O भीमराव B-NEP आंबेडकर I-NEP के O बारे O में O पुस्तक O की O जानकारी O दी O गई O है O जिसमें O इन O महान O विभूति O के O विचारों O को O प्रस्तुत O किया O गया O है O । O डारफुरी O का O एक B-NEN विद्रोही O समूह O यूनाइटेड O रेसिसटेस O फ्रंट O का O कमांडर O बह्र B-NEP इदरिस I-NEP अबू I-NEP गर्डा I-NEP पर O 29 B-NETI सितम्बर I-NETI 2007 I-NETI को O हस्कनिटा O ( O उत्तरी B-NEL डारफुर I-NEL ) O में O अफ़्रीकी O यूनियन O पीस O मिशन O पर O हमला O करने O की O जिम्मेदारी O का O आरोप O लगाया O गया O था O । O देशभर O में O अंग्रेजी O हुकूमत O के O प्रति O आक्रोश O भरा O हुआ O था O लेकिन O सरदार O वल्लभ B-NEP भाई I-NEP पटेल I-NEP का O विचार O था O , O इसमें O गलती O इन O प्रशासनिक O नौकरशाहों O की O नहीं O है O । O अबू B-NEP गर्डा I-NEP ने O आरोप O से O तो O इनकार O किया O , O लेकिन O स्वेच्छा O से O सूचित O करते O हुए O कहा O कि O हर O नेता O को O न्याय O का O साथ O देना O चाहिए O और O कानून O का O पालन O करना O चाहिए O . O अबू B-NEP गर्डा I-NEP के O खिलाफ O एक B-NEN सम्मन O जारी O किया O गया O था O , O लेकिन O गिरफ्तारी O का O कोई O वारंट O जारी O नहीं O किया O गया O । O 8 B-NETI फ़रवरी I-NETI 2010 I-NETI को O अदालत O की O प्री O - O ट्रायल O चैंबर O I O ने O कहा O कि O अबू B-NEP गर्डा I-NEP के O खिलाफ O अपर्याप्त O सबूतों O के O चलते O मुकदमे O को O आगे O नहीं O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O यदि O अतिरिक्त O सबूतों O के O द्वारा O ऐसे O अनुरोध O समर्थित O हुए O तो O दोनों B-NEN फैसले O अंततः O अबु B-NEP गर्डा I-NEP के O खिलाफ O आरोपों O को O पुष्टि O करने O से O अभियोजन O को O रोका O नहीं O जा O सकता O है O । O के O छोटे O विद्रोही O समूह O के O नेता O अब्दुल्लाह B-NEP बांदा I-NEP अबाकइर I-NEP नौरेन I-NEP ( O बांदा B-NEP ) O और O सालेह B-NEP मोहम्मद I-NEP जेर्बो I-NEP जमुस I-NEP ( O जेर्बो B-NEP ) O , O पर O भी O उपर्युक्त O वर्णित O हस्कनिटा O के O हमले O में O इनकी O भूमिका O के O लिए O युद्ध O अपराध O का O आरोप O लगाया O गया O था O । O अभियोजक O मोरेनो B-NEP ओकाम्पो I-NEP ने O कहा O कि O उनकी O स्वैच्छिक O उपस्थिति O उनका O सहयोग O प्राप्त O करने O के O लिए O महीनों O के O प्रयास O का O परिणाम O थी O । O सिर्फ O अबू B-NEP गर्डा I-NEP के O खिलाफ O मामले O में O , O अभियोजक O ने O उनके O खिलाफ O गिरफ्तारी O वारंट O के O लिए O अनुरोध O नहीं O किया O । O हालांकि O , O तोल्कप्पियार B-NEP की O राय O है O कि O कभी O - O कभी O लिंग O प्रत्यय O के O उपयोग O में O संज्ञा O भिन्न O हो O सकती O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O विज्ञान B-NEO और I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO मंत्रालय I-NEO के O तहत O बायोप्रौद्योगिकी B-NEO विभाग I-NEO में O तीनों B-NEN लेखक O , O डॉ O अल्का B-NEP शर्मा I-NEP वैज्ञानिक O ' O एच O ' O , O डॉ O ज्योति B-NEP मलिक I-NEP लोगानी I-NEP वैज्ञानिक O ' O एफ O ' O तथा O डॉ O कामाक्षी B-NEP चैत्री I-NEP वैज्ञानिक O ' O सी O ' O हैं O । O यद्यपि O तोल्कप्पियार B-NEP अपनी O कहावतों O में O इस O तरह O के O विचलन O के O बारे O में O कुछ O नहीं O कहते O हैं O , O फिर O भी O टिप्पणीकारों O ने O अनुमान O के O माध्यम O से O कहा O कि O विचलन O तोल्कप्पियम B-NEAR में O स्पष्ट O है O । O तोल्कप्पियार B-NEP तीन B-NEN काल O से O संबंधित O क्रियाविशेषणों O के O नौ B-NEN रूपों O को O सूचीबद्ध O करता O है O । O तोल्कप्पियार B-NEP , O स्पष्ट O रूप O से O काल O और O उनके O गठन O के O उपयोग O में O स्वीकृत O विचलन O के O लिए O उल्लेख O करते O हैं O । O यद्यपि O तोल्कप्पियार B-NEP काल O निर्धारित O करने O वाले O कृदंत O के O बारे O में O सचेत O हैं O , O लेकिन O वे O प्रत्येक O काल O के O लिए O लागू O काल O निर्धारक O कृदंत O नहीं O दे O रहे O हैं O । O तोल्कप्पियार B-NEP चार B-NEN प्रकार O के O शब्दों O के O बारे O में O बताते O हैं O और O वे O हैं O : O यहां O , O तोल्कप्पियार B-NEP जोर O देते O हैं O कि O उत्तरी O शब्द O को O नहीं O लिया O जाना O चाहिए O क्योंकि O यह O उपलब्ध O रूप O में O है O ; O विदेशी O अक्षर O को O हटा O दिया O जाना O चाहिए O और O समान O तमिल O अक्षर O को O शामिल O करना O चाहिए O । O तोल्कप्पियार B-NEP के O समय O तक O , O किसी O विदेशी O शब्द O को O स्वीकार O करने O के O लिए O कोई O विनियमन O नहीं O था O । O विशेषताओं O में O तोल्कप्पियार B-NEP अपने O अर्थ O के O साथ O 24 B-NEN शब्दों O की O गणना O करते O हैं O । O श्री O बी. B-NEP शिवरामन I-NEP , O पूर्व O सदस्य O , O योजना B-NEO आयोग I-NEO , O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O अध्यक्षता O में O 30 B-NETI मार्च I-NETI 1979 I-NETI को O समिति O का O गठन O किया O गया O । O तोल्कप्पियार B-NEP द्वारा O छह B-NEN प्रकार O के O दीर्घवृत्त O वाक्यांशों O को O व्याकरणिक O रूप O से O प्रस्तुत O किया O जाता O है O । O इसका O मूल्यांकन O करते O हुए O लुधियाना B-NEL के O एक B-NEN उद्यमी O संजय B-NEP लोगवालिया I-NEP कहते O हैं O कि O मैं O वही O सब O वस्तुओं O का O विनिर्माण O करता O हूं O जो O लुधियाना B-NEL में O अन्य O उद्यमी O करते O हैं O । O जूथिका B-NEP पाटणकर I-NEP डॉ O मनीष B-NEP मिश्र I-NEP विषय O - O वस्तु O और O रूप O तोल्कप्पियार B-NEP के O समय O से O बहुत O पहले O से O थे O और O उनका O समर्थन O करने O से O और O नए O घटक O जुड़ते O हैं O । O इसके O द्वारा O , O तोल्कप्पियार B-NEP ने O विश्व O के O प्रसिद्ध O व्याकरणियों O में O अपना O एक B-NEN विशेष O स्थान O बना O लिया O है O । O सत्यजीत B-NEP रे I-NEP की O पाथेर B-NEAR पांचाली I-NEAR ' O जैसी O फिल्मों O को O सिर्फ O क्षेत्रीय O सिनेमा O की O श्रेणी O में O रखना O ठीक O नहीं O होगा O । O समीरा B-NEP सौरभ I-NEP , O लेखिका O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O निदेशक O हैं O तथा O विदेश O मामलों O , O अंतर्राष्ट्रीय O श्रम O मानकों O , O जी O - O 20 O , O ब्रिक्स O , O ग्रामीण O विकास O और O वाणिज्य O के O क्षेत्रों O में O नीतियां O बनाने O से O लेकर O उनके O कार्यान्वयन O का O अनुभव O है O । O नवीं B-NETI सदी I-NETI के O लेखक O नृपतुंग B-NEP कहते O हैं O - O " O कन्नड़ O लोग O पढ़ O नहीं O सकते O परंतु O वे O काव्यकला O सृजन O में O पारंगत O हैं O । O वैसे O मिलगानी B-NEP परिवार O उत्तम B-NEO गल्वा I-NEO का O सर्वेसर्वा O है O । O इनमें O भारत B-NEL के O प्रथम B-NEN मुख्य O चुनाव O आयुक्त O सुकुमार B-NEP सेन I-NEP का O नाम O भी O प्रमुख O है O जो O बाद O में O सूडान B-NEL के O पहले B-NEN मुख्य O चुनाव O आयुक्त O भी O बने O । O जहां O तक O कन्नड O का O प्रश्न O है O , O इसमें O मौखिक O परंपरा O से O दो B-NEN कवियों O ने O बहुत O प्रेरणा O ली O है O और O वे O हैं O , O डी B-NEP आर I-NEP बेन्द्रे I-NEP और O मैं O खुद O । O कौटिल्य B-NEP के O अर्थशास्त्र O में O प्रशासनिक O ढांचे O के O सप्तांग O का O वर्णन O है O - O स्वामी O ( O शासक O ) O , O अमात्य O ( O नौकरशाह O ) O , O जनपद O ( O क्षेत्र O ) O , O दुर्ग O ( O किला O बंद O राजधानी O ) O , O कोष O ( O खजाना O ) O , O दंड O ( O सेना O ) O और O मित्र O ( O सहयोगी O ) O । O ब्रिटिश O भारत B-NEL : O ब्रिटिश O भारत B-NEL में O मैकॉले B-NEP की I-NEP 1835 B-NETI की O रिपोर्ट O के O कार्यान्वयन O से O लोक O सेवा O में O बड़े O बदलाव O आए O । O मैकॉले B-NEP की O रिपोर्ट O में O सिफारिश O की O गई O थी O कि O सिर्फ O सर्वश्रेष्ठ O और O मेधावी O लोग O ही O ब्रिटिश O साम्राज्य O के O हितों O की O पूर्ति O के O लिए O भारतीय B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO में O शामिल O होंगे O । O इसका O सही O और O सटीक O उदाहरण O है O 1956 B-NETI के O बैच O के O लोकप्रिय O आईएएस B-NEO अधिकारी O एसआर B-NEP शंकरन I-NEP । O श्री O गुरु B-NEP नानक I-NEP देवजी O की O 550वीं O जयंती O के O उपलक्ष्य O में O प्रति O गांव O 550 B-NEN पौधे O , O 77 B-NEN लाख I-NEN पौधे O लगाए O गए O और O लगभग O 26000 B-NEN वन O मित्र O नियुक्त O किए O गए O । O माइक्रोसॉफ्ट B-NEO के O सीईओ O सत्य B-NEP नडेला I-NEP के O पिता O बीएन B-NEP युगंधर I-NEP भी O ऐसे O सिविल O सेवा O अधिकारी O थे O जिनकी O बड़ी O संख्या O में O लोग O प्रशंसा O करते O थे O । O डॉ. O निशात B-NEP ज़ैदी I-NEP : O लेखिका O नई B-NEL दिल्ली I-NEL के O जामिया B-NEO मिल्लिया I-NEO इस्लामिया I-NEO में O अंग्रेजी O विभाग O की O प्रमुख O और O प्रोफेसर O हैं O । O तेजी O से O वैश्विक O हो O रही O दुनिया O में O भारतीय O साहित्य O की O परिकल्पना O हम O कैसे O करते O हैं O , O जहां O पूंजी O , O प्रौद्योगिकी O , O लोगों O , O सूचनाओं O और O विचारों O के O प्रवाह O ( O अप्पादुरई B-NEP , O 1996 B-NETI ) O ने O मूल O की O बजाय O पहचान O की O विचार O छवि O को O प्रस्तुत O किया O है O , O जहां O पहले O से O ही O विदेशी O प्रभावों O ने O राष्ट्र O को O स्वयं O की O पहचान O की O प्रस्तुति O पर O अपने O नियंत्रण O से O वंचित O कर O दिया O है O ? O बहुलता O , O तुलनात्मकता O , O अनुवाद O और O बहुभाषावाद O ( O रोसेला B-NEP सिओका I-NEP और O नीलम B-NEP श्रीवास्तव I-NEP , O 2017 B-NETI ) O द्वारा O परिभाषित O और O निर्धारित O , O भारतीय O साहित्य O , O विश्व O साहित्य O ( O त्रिवेदी O , O 2007 B-NETI , O 125 B-NEN - O 127 B-NEN , O सुजीत B-NEP मुखर्जी I-NEP , O 1981 B-NETI ) O को O अपना O मॉडल O प्रदान O करने O की O स्थिति O में O है O , O जिसमें O विश्व O साहित्य O के O प्रभुत्व O को O समाप्त O करने O की O क्षमता O है O । O प्रधानमंत्री B-NEP कृषि O सिचाई O योजना O ( O पीएमकेएसवाई B-NEO ) O का O प्रति O बूंद O अधिक O फसल O पर O ड्रॉप O मोर O क्रॉप O घटक O ड्रिप O और O स्प्रिंकलर O सिंचाई O के O माध्यम O से O जल O उपयोग O दक्षता O को O बढ़ावा O देता O है O । O डेविड B-NEP डामरॉश I-NEP का O तर्क O है O कि O विश्व O साहित्य O साहित्यिक O कार्यों O का O हमेशा O बदलता O हुआ O संग्रह O है O जो O एक B-NEN से O दूसरी B-NEN राष्ट्रीय O परंपरा O में O अवशोषित O हो O जाते O है O : O रचनाएं O किसी O विदेशी O संस्कृति O में O स्थान O पाने O से O विश्व O साहित्य O बन O जाती O हैं O । O नरेश B-NEP गुप्ता I-NEP : O भरत B-NEP लाल I-NEP मनोज B-NEP कुमार I-NEP साहू I-NEP मॉर्गन B-NEP स्टेनली I-NEP के O अनुसार O भारतीय O इंटरनेट O बाजार O वर्ष B-NETI 2013 I-NETI में O 11 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O की O तुलना O में O बढ़कर O वर्ष B-NETI 2020 I-NETI तक O 137 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O हो O सकता O है O और O यह O एक B-NEN निर्विवाद O अवसर O के O रूप O में O उभर O सकता O है O । O श्री B-NEP भरत I-NEP लाल I-NEP जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO में O अतिरिक्त O सचिव O और O मिशन O निदेशक O और O श्री B-NEP मनोज I-NEP कुमार I-NEP साहू I-NEP निदेशक O , O राष्ट्रीय O जल O जीवन O मिशन O हैं O । O डेविड B-NEP शेफर I-NEP जो O रोम B-NEL सम्मेलन O के O लिए O अमेरिकी O प्रतिनिधिमंडल O का O नेतृत्व O करते O हैं O ( O और O जिन्होंने O संधि O को O धारण O करने O के O खिलाफ O वोट O किया O था O ) O , O के O अनुसार O जब O हम O लोग O रोम O संधि O पर O बातचीत O कर O रहे O थे O , O हम O लोग O हमेशा O इस O बात O पर O नज़र O रखते O थे O कि O , O क्या O यह O अमेरिकी O संवैधानिक O परीक्षण O के O साथ O आमने O - O सामने O होगी O , O इस O अदालत O का O गठन O और O कारण O प्रक्रिया O अधिकार O बचाव O पक्ष O प्रदान O करेगी O ? O श्री O शेफर B-NEP के O इस O बात O पर O विचार O कि O क्या O यह O संधि O अमेरिकी O संविधान O की O आवश्यकताओं O को O संतुष्ट O कर O पाएगी O केवल O एक B-NEN राजनायक O का O विचार O था O ; O किसी O अमेरिकी O अदालत O ने O मुद्दे O को O विवाद O के O लिए O खुला O छोड़ने O की O राय O नहीं O दी O . O हालांकि O , O थॉमस B-NEP लुबंगा I-NEP के O बचाव O दल O का O कहना O है O कि O अभियोजकों O की O तुलना O में O उन्हें O कम O बजट O दिया O गया O है O और O उन O सबूतों O और O गवाहों O के O बयान O काफी O धीमी O गति O से O उनके O पास O पहुंचते O हैं O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP की O अध्यक्षता O में O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O लोक O सेवा O क्षमता O निर्माण O के O लिए O नई O राष्ट्रीय O व्यवस्था O अर्थात O मिशन O कर्मयोगी O को O स्वीकृति O दी O थी O जिसका O उद्देश्य O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O व्यक्तिगत O , O संस्थागत O प्रक्रियाओं O के O स्तर O पर O क्षमता O निर्माण O के O ढांचे O का O कायाकल्प O करना O है O । O ऐसे O लेखकों O में O सबसे O उल्लेखनीय O हैं O अज्ञेय B-NEP । O के B-NEP एफ I-NEP विल्फ्रेड I-NEP : O लेखक O भारत B-NEL के O निर्वाचन O आयोग O के O पूर्व O प्रिंसिपल O सेक्रेटरी O हैं O और O इस O समय O इंडिया B-NEO इंटरनेशनल I-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO फॉर I-NEO डेमोक्रेसी I-NEO एंड I-NEO इलेक्शन I-NEO मैनेजमेंट I-NEO में O परामर्शदाता O हैं O । O भारत B-NEL के O संविधान O के O निर्माण O के O समय O चुनाव O और O निर्वाचन O आयोग O से O संबंधित O प्रस्तावित O अनुच्छेदों O के O बारे O में O संविधान B-NEO सभा I-NEO में O विचार O व्यक्त O करते O हुए O डॉ O भीमराव B-NEP अम्बेडकर I-NEP ने O कहा O था O कि O प्रारूपण O समिति O के O सामने O निर्वाचन O आयोग O को O लेकर O दो B-NEN विकल्प O थे O - O या O तो O इसका O गठन O एक B-NEN स्थायी O संगठन O के O रूप O में O किया O जाए O या O फिर O इसे O चुनावों O से O पहले O एक B-NEN अस्थायी O संगठन O के O तौर O पर O गठित O किया O जाए O और O चुनाव O प्रक्रिया O के O संपन्न O होने O के O बाद O इसे O भंग O कर O दिया O जाए O । O बहस O में O भाग O लेते O हुए O प्रोफेसर O शिब्बन B-NEP लाल I-NEP सक्सेना I-NEP ने O कहा O था O कि O संविधान O में O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O लिए O कोई O निश्चित O कार्यकाल O तय O नहीं O किया O गया O है O और O न O ही O निश्चित O निर्वाचन O चक्र O की O व्यवस्था O की O गयी O है O इसलिए O एक B-NEN साथ O चुनाव O की O व्यवस्था O शुरुआती O वर्षों O में O तो O संभव O है O , O लेकिन O बाद O में O कुछ O राज्यों O या O किसी O न O किसी O एक B-NEN राज्य O के O चुनाव O के O नियमित O कार्यक्रमों O की O संभावना O बनी O रहेगी O । O प्रोफेसर O सक्सेना B-NEP के O पूर्वानुमान O के O अनुसार O संविधान O लागू O होने O के O बाद O दो B-NEN दशकों O तक O तो O लोकसभा O और O राज्य O विधानसभाओं O के O चुनाव O एक B-NEN साथ O हुए O । O हसन B-NEP जिया I-NEP : O लेखक O 1987 B-NETI से O भारतीय O सूचना O सेवा O से O जुड़ने O के O बाद O 34 B-NEN वर्षों O तक O सरकारी O मीडिया O में O कार्यरत O रहे O । O अमेरिका B-NEL के O पूर्व O राष्ट्रपति O डोनल्ड B-NEP ट्रंप I-NEP को O इसकी O अनदेखी O के O लिए O बड़ी O आलोचना O का O सामना O करना O पड़ा O था O । O खैर O ! O राष्ट्रपति O बाइडेन B-NEP ने O उस O निर्णय O को O बदला O और O उन्होंने O चार B-NEN वर्षों O में O दो B-NEN ट्रिलियन I-NEN डॉलर O खर्च O करने O का O वादा O किया O ताकि O स्वच्छ O ऊर्जा O के O प्रयोग O को O बढ़ाया O जाए O और O अंततः O तेल O , O गैस O और O कोयले O के O प्रज्ज्वलन O को O हटाया O जाए O । O के B-NEP श्रीनाथ I-NEP रेड्डी I-NEP आमिर B-NEP मुफ्ती I-NEP 2016 B-NETI , O कृष्णस्वामी B-NEP , O ) O । O हालांकि O उर्दू O शब्दों O ने O अपनी O पहचान O निजामुद्दीन B-NEP औलिया I-NEP ( O 1238 B-NETI - O 1325 B-NETI ) O , O अमीर B-NEP खुसरो I-NEP ( O 1253 B-NETI - O 1325 B-NETI ) O , O बाबा B-NEP फरीद I-NEP ( O 1173 B-NETI - O 1266 B-NETI ) O , O नामदेव B-NEP ( O 1270 B-NETI - O 1350 B-NETI ) O , O कबीर B-NEP ( O 1398 B-NETI - O 1448 B-NETI ) O , O और O गुरु O नानक O ( O 1469 B-NETI - O 1539 B-NETI ) O की O कहावतों O और O काव्यों O में O बनाना O शुरू O किया O । O डॉ. O सुभाष B-NEP शर्मा I-NEP , O लेखक O सेवानिवृत्त O आईएएस O अधिकारी O हैं O । O खानकाह O ( O फ़कीरों O के O रहने O का O स्थान O ) O और O सूफी O संतों O की O दरगाह O जैसे O निजामुद्दीन B-NEP औलिया I-NEP जो O कि O दिल्ली B-NEL में O यमुना B-NEL नदी O के O तट O पर O थी O , O यह O अंतर O - O धार्मिक O और O अंतर O - O क्षेत्रीय O बातचीत O का O केंद्र O बन O गया O था O , O और O इसने O एक B-NEN मिश्रित O भाषा O जैसे O उर्दू O के O विकास O में O भी O काफी O मदद O की O । O थॉमस B-NEP ए I-NEP टिम्बरबर्ग I-NEP लिखते O हैं O , O " O प्राचीन O और O मध्यकालीन O भारत B-NEL के O इतिहासकारों O ने O व्यापारियों O द्वारा O बड़े O पैमाने O पर O सामानों O के O लंबी O दूरी O तक O परिवहन O करने O का O इतिहास O दर्ज O किया O है O । O इसी O प्रकार O के O झूठे O दावों O से O प्रेरित O होकर O सलमान B-NEP रुश्दी I-NEP जैसे O विद्वानों O ने O पक्षपाती O दावा O किया O है O कि O अंग्रेजी O में O रचना O कर O रहे O भारतीय O लेखकों O द्वारा O इस O अवधि O के O दौरान O रचित O गद्य O लेखन O - O कथा O और O गैर O - O कथा O दोनों B-NEN ही O , O इसी O समय O के O दौरान O तथाकथित O स्थानीय O भाषाओं O - O भारत O की O 16 B-NEN आधिकारिक O भाषाओं O में O रचित O रचनाओं O की O तुलना O में O मजबूत O और O महत्वपूर्ण O साबित O हो O रहे O हैं O । O ( O रुश्दी B-NEP , O ) O प्रसिद्ध O अंतरराष्ट्रीय O अर्थशात्री O अंगस B-NEP मेडिसिन I-NEP ने O अपनी O पुस्तक O में O विभिन्न O शताब्दियों O के O विश्व O व्यापार O में O भारत B-NEL तथा O अन्य O देशों O की O सहभागिता O के O आंकड़े O दिये O हैं O । O कई O लेखकों O ने O अंग्रेजी O के O साथ O - O साथ O अन्य O भाषाओं O में O भी O रचनाएं O की O हैं O जैसे O कि O माइकल B-NEP मधुसूदन I-NEP दत्त I-NEP , O हेनरी B-NEP एल I-NEP डेरोजियो I-NEP , O तोरु B-NEP दत्त I-NEP , O कृपाबाई B-NEP सथियानादन I-NEP , O रवींद्रनाथ B-NEP टैगोर I-NEP , O अहमद B-NEP अली I-NEP , O गिरीश B-NEP कर्नाड I-NEP , O अरविंद B-NEP अदिगा I-NEP और O कई O अन्य O । O किरण B-NEP नागरकर I-NEP ने O अपना O पहला B-NEN उपन्यास O , O सात B-NEAR सक्कम I-NEAR त्रेचालिस I-NEAR ( O सात B-NEAR छक्के I-NEAR तिरतालीस I-NEAR , O 1974 B-NETI ) O मराठी O में O लिखा O था O , O और O बाद O में O वे O अंग्रेजी O में O लिखने O लगें O । O कुर्रतुलैन B-NEP हैदर I-NEP ने O अपनी O रचनाओं O का O अनुवाद O किया O , O जिनमें O उनके O द्वारा O अंग्रेजी O में O अनुदित O उनका O प्रसिद्ध O उर्दू O उपन्यास O आग B-NEAR का I-NEAR दरिया I-NEAR भी O शामिल O है O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O योजना O के O तहत O सामाजिक O वानिकी O कार्यक्रमों O और O बागवानी O योजना O में O जैव O - O कृषि O के O लिये O उपयोगी O पौधों O को O तरजीह O दी O जानी O चाहिये O । O अहमद B-NEP अली I-NEP ने O उर्दू O साहित्यिक O क्षेत्र O में O उसी O प्रकार O योगदान O दिया O जिस O प्रकार O उन्होंने O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O साहित्यिक O क्षेत्र O में O दिया O । O राजा B-NEP राव I-NEP ने O अंग्रेजी O के O साथ O - O साथ O कन्नड O और O फ्रांसीसी O में O भी O लिखा O । O उदाहरण O के O लिए O , O प्रेमचंद B-NEP ने O उर्दू O और O हिंदी O में O अपनी O रचनाओं O में O कई O सामाजिक O अनुभूतियों O की O अभिव्यक्ति O की O । O सामाजिक O - O आर्थिक O क्षेत्र O में O प्रौद्योगिकी O की O भूमिका O : O इशिता B-NEP सिरसीकर I-NEP टिम्बरबर्ग B-NEP विस्तार O से O बताते O हैं O कि O किस O प्रकार O ये O मारवाड़ी O व्यापारी O राजस्थान O के O विभिन्न O राजघरानों O को O धन O प्रदान O किया O करते O थे O । O सुरक्षित O , O पर्याप्त O और O स्थायी O पेयजल O : O डॉ. O रोडेरिको B-NEP एच. I-NEP ऑफरीन I-NEP : O हमें O ग्रामीण O आबादी O को O सुरक्षित O और O पर्याप्त O पानी O उपलब्ध O कराने O में O समुदायों O सहित O विभिन्न O हितधारकों O को O शामिल O करने O के O लिए O प्रभावी O रणनीति O विकसित O करने O की O आवश्यकता O है O । O टिम्बरबर्ग B-NEP लिखते O हैं O , O वह O ( O जगतसेठ O फतेहचंद B-NEP ) O स्थानीय O शासकों O और O प्रमुख O विदेशी O व्यापारिक O प्रतिष्ठानों O को O वित्तीय O सहायता O दिया O करता O था O । O सिराजुद्दोला B-NEP ने O जब O बंगाल B-NEO पर O कब्जा O किया O तो O जगत O सेठ O ने O उससे O अपना O धन O मांगा O । O सिराजुद्दोला B-NEP का O कहना O था O कि O कर्ज O उसके O पहले O वाले O नवाब O ने O लिया O था O , O वह O नहीं O चुकाएगा O । O लेखक O : O धर्मवीर B-NEP सिंह I-NEP महीडा I-NEP अनुवादक O : O अरुण B-NEP प्रकाश I-NEP परंतु O सिराजुद्दोला B-NEP ने O इस O परंपरा O का O पालन O करने O से O इनकार O कर O दिया O । O वह O मीरजाफर B-NEP को O नवाब O बनाना O चाहते O थे O , O जो O परंपरा O का O पालन O करते O हुए O उनका O धन O वापस O करने O के O लिए O तैयार O था O । O के O नेतृत्व O में O सिराजुद्दोला B-NEP की O सेना O अंग्रेजों O से O जा O मिली O और O इस O प्रकार O बिना O युद्ध O हुए O सिराजुद्दोला B-NEP पराजित O हो O गया O । O परंतु O अंग्रेजों O ने O मीरजाफर B-NEP को O नवाब O नहीं O बनने O दिया O । O अतः O हे O अर्जुन B-NEP , O तुम O योगी O के O मार्ग O का O ही O अनुसरण O करो O । O यह O याद O रखना O भी O जरूरी O है O कि O मोन्टैगू B-NEP चैम्सफोर्ड I-NEP सुधारों O के O बाद O 1922 B-NETI तक O यह O परीक्षा O सिर्फ O लन्दन B-NEL में O ली O जाती O थी O जिसकी O वजह O से O भारतीय O लोगों O को O परीक्षा O देने O के O लिए O वहां O जाने O की O परेशानी O झेलनी O पड़ती O थी O और O आम O भारतीय O के O लिए O तो O यह O बूते O से O बाहर O ही O था O । O राज O योग O पर O लिखा O गया O सुव्यवस्थित O और O आधिकारिक O ग्रंथ O पतंजलि B-NEP का O " O योग B-NEAR सूत्र I-NEAR ' O ही O है O । O पतंजलि B-NEP की O विधि O सांख्य O पर O आधारित O है O । O ' O योग B-NEAR सूत्र I-NEAR ' O का O महत्व O इतना O रहा O है O कि O महर्षि O व्यास B-NEP ने O इसकी O टीका O को O लिखना O जरूरी O समझा O । O श्री O मोदी B-NEP के O बाद O श्रीमती O आनंदीबेन B-NEP पटेल I-NEP गुजरात B-NEL की O पहली O महिला O मुख्यमंत्री O बनीं O । O श्रीमती O पटेल B-NEP ने O यह O सुनिश्चित O करने O के O लिये O अनेक O योजनाएं O चलायीं O कि O आंगनवाड़ियों O में O बच्चों O को O पर्याप्त O पोषण O मिले O । O श्री O मोदी B-NEP के O नेतृत्व O में O भारत B-NEL के O विकास O की O रफ्तार O को O देखकर O मैं O उम्मीद O करता O हूं O कि O हम O देश O के O सामने O मौजूद O सभी O चुनौतियों O को O पार O करने O में O सफल O होंगे O । O प्रसिद्ध O ग्रंथ O " O योग B-NEAR वाशिष्ठ I-NEAR '' O में O महर्षि O वशिष्ठ B-NEP योग O के O बारे O में O भगवान O राम B-NEP को O विस्तार O से O बतलाते O हैं O । O कारकों O के O सभी O प्रकार O की O गणना O के O बाद O तोल्कप्पियार B-NEP , O रूपांतरों O के O परिवर्तन O की O ओर O इशारा O करने O के O लिए O आगे O बढ़ता O है O । O 50 O के O दशक B-NETI में O , O सुप्रसिद्ध O हिंदी O साहित्यकार O फणीश्वरनाथ B-NEP रेणु I-NEP ने O ' O पंचलाइट O ' O ( O पंचलैट O ) O नामक O कहानी O लिखी O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP ने O कहा O था O - O " O पृथ्वी O इंसानों O की O जरूरतें O तो O पर्याप्त O रूप O से O पूरी O कर O सकती O है O लेकिन O उसके O लालच O को O नहीं O " O यह O कोविड O के O बाद O की O दुनिया O का O सिद्धांत O होगा O कि O हमें O एक B-NEN दूरदर्शी O नेतृत्व O और O शासन O प्रणाली O के O लिए O सक्षम O संस्थानों O की O आवश्यकता O होगी O । O 1964 B-NETI में O प्रधानमंत्री O नेहरू B-NEP के O निधन O से O आए O राजनीतिक O खालीपन O और O जम्मू B-NEL - I-NEL कश्मीर I-NEL की O तत्कालीन O स्थितियों O को O देखते O हुए O पाकिस्तान B-NEL ने O हमारी O 1962 B-NETI में O हुई O हार O का O फायदा O उठाने O की O सोची O । O हमलावरों O को O भारत B-NEL में O धकेलने O की O नाकाम O कोशिश O के O बाद O राष्ट्रपति O अय्यूब B-NEP खान I-NEP ने O मौका O ताड़कर O आसानी O से O जीत O हासिल O करने O की O ग़लतफहमी O में O भारत B-NEL पर O हमला O कर O दिया O । O श्री O रेणु B-NEP की O इस O आंचलिक O कहानी O में O बिहार O के O एक B-NEN पिछड़े O गांव O के O परिवेश O एवं O जाति O समीकरणों O का O चित्रण O है O जिसमें O गांव O में O रहने O वाली O विभिन्न O जातियां O अलग O - O अलग O टोलियां O बनाकर O रहती O हैं O । O संगठन O संबंधी O कठिनाइयों O और O सीमित O हथियार O - O उपकरणों O के O बावजूद O भारत B-NEL ने O प्रधानमंत्री O लाल B-NEP बहादुर I-NEP शास्त्री I-NEP और O रक्षामंत्री O यशवन्तराव B-NEP चव्हाण I-NEP के O कुशल O नेतृत्व O में O उसके O आक्रमण O को O विफल O करके O उसे O मुंहतोड़ O जवाब O दिया O । O तभी O पेट्रोमैक्स O जलाने O की O जानकारी O रखने O वाले O गोधन B-NEP का O नाम O सामने O आया O , O जिसका O पंचायत O ने O हुक्का O पानी O बंद O किया O हुआ O था O । O गोधन B-NEP भी O बहिष्कार O से O नाराज O था O किंतु O मानमनैव्वल O के O बाद O उसी O ने O पेट्रोमैक्स O ( O पंचलाइट O ) O जलाकर O गांव O की O उस O टोली O की O “ O नाक O ' O को O बचाया O । O अज्ञानता O और O झूठी O शान O के O अंधेरे O में O जी O रहे O इन O ग्रामीणों O का O यथार्थवादी O चित्रण O श्री O रेणु B-NEP ने O किया O था O । O तोल्कप्पियार B-NEP का O कहना O है O कि O संज्ञा O में O लिंग O का O प्रत्यय O और O क्रिया O अलग O नहीं O होनी O चाहिए O । O तोल्कप्पियार B-NEP द्वारा O ग्यारह B-NEN लिंग O प्रत्ययों O को O सूचीबद्ध O किया O गया O है O । O इन O पंचायती O राज O संस्थानों O ( O पीआरआई O ) O में O गांवों O को O आत्मनिर्भर O और O विकेन्द्रीकृत O बनाने O के O लिए O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O “ O ग्राम O स्वराज O ' O के O सपने O को O दृष्टिगत O रखा O गया O है O । O मेरे O वरिष्ठ O सहयोगी O रक्षा O मंत्री O राजनाथ B-NEP सिंह I-NEP जी O , O सेक्रेटरी O ऑफ O स्टेट O ब्लिंकन B-NEP , O सेक्रेटरी O ऑफ O डिफेंस O ऑस्टिन B-NEP । O चौथे O भारत B-NEL - O अमेरिका B-NEL 2 B-NEN + O 2 B-NEN मंत्रिस्तरीय O संवाद O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP द्वारा O उद्घाटन O भाषण O अप्रैल B-NETI 12 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI धन्यवाद O । O हम O निश्चित O रूप O से O , O वर्चुअल O शिखर O सम्मेलन O के O माध्यम O से O प्रधानमंत्री O मोदी B-NEP और O राष्ट्रपति O बिडेन B-NEP द्वारा O प्रदान O किए O गए O मार्गदर्शन O से O लाभान्वित O हुए O हैं O , O जिसमें O हम O सभी O उपस्थित O थे O । O कुछ O हद O तक O इन O चिंताओं O के O कारण O भी O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O वाली O सरकार O 2014 B-NETI से O ही O वैसे O विशेषज्ञों O को O सरकारी O तंत्र O में O प्रवेश O देने O का O प्रयोग O कर O रही O है O जो O यूपीएससी B-NEO की O परीक्षाओं O से O चुनकर O नहीं O आये O हैं O । O प्रारंभिक B-NETI वर्ष I-NETI : O नौनिहालों O का O मानसिक O विकास O और O ज्ञानार्जन O : O शंकर B-NEP मारुवादा I-NEP आज B-NETI हमारा O स्वागत O करने O के O लिए O मैं O सचिव O ब्लिंकन B-NEP और O सचिव O ऑस्टिन B-NEP को O धन्यवाद O देता O हूं O और O आगे O की O वार्ता O के O लिए O तत्पर O हूं O । O 2014 B-NETI में O पी B-NEP जे I-NEP नायक I-NEP की O अगुवाई O में O बैंकों O में O बोर्ड O के O कामकाज O की O समीक्षा O के O लिए O कमेटी O बनाई O गई O । O ऋचा B-NEP रश्मि I-NEP इसने O हमें O मेघालय B-NEL में O तीन B-NEN नयी O हाट O स्थापित O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O , O जिसका O उद्घाटन O प्रधानमंत्री O मोदी B-NEP ने O मार्च B-NETI 2021 I-NETI में O अपनी O बांग्लादेश B-NEL यात्रा O के O दौरान O किया O था O । O जनजातीय O छात्रों O के O लिए O वर्ष O 2022 B-NETI तक O हर O जनजातीय O ब्लॉक O में O एकलव्य B-NEP आवासीय O स्कूल O होगा O । O मुझे O आज O यहाँ O बोलने O के O लिए O आमंत्रित O करने O के O लिए O मैं O अध्यक्ष O , O श्री O एन B-NEP जी I-NEP खेतान I-NEP और O भारत B-NEO चैंबर I-NEO ऑफ I-NEO कॉमर्स I-NEO के O सदस्यों O को O धन्यवाद O देना O चाहता O हूँ O । O इस O बहुमूल्य O बातचीत O को O व्यवस्थित O करने O के O लिए O डॉ. O राजीव B-NEP चक्रवर्ती I-NEP को O विशेष O धन्यवाद O । O मैं O विदेश B-NEO मंत्रालय I-NEO में O मेरे O सहयोगी O संयुक्त O सचिव O ( O आर्थिक O कूटनीति O ) O मोहम्मद B-NEP नूर I-NEP रहमान I-NEP शेख I-NEP को O भी O धन्यवाद O देता O हूं O जो O यहां O मेरे O साथ O मौजूद O हैं O । O मार्च B-NETI 27 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI महामहिम O विदेश O मंत्री O अब्दुल्ला B-NEP शाहिद I-NEP महामहिम O स्वास्थ्य O मंत्री O (( O उपस्थित O अन्य O मंत्रीगण O अड्डू B-NEL शहर O के O सम्मानित O मेयर O स्वास्थ्य O मंत्रालय O और O राष्ट्रीय O औषधि O एजेंसी O के O वरिष्ठ O अधिकारीगण O प्रिय O मित्रों O , O मुझे O इस O ड्रग O डिटॉक्सिफिकेशन O एंड O रिहैबिलिटेशन O सेंटर O के O उद्घाटन O में O भाग O लेकर O खुशी O हो O रही O है O । O स्वतंत्रता O की O पोशाक O - O महात्मा B-NEP गाँधी I-NEP इसे O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP द्वारा O शुरू O किए O गए O महत्वाकांक्षी O आत्मनिर्भर O भारत O अभियान O के O तहत O किया O गया O था O । O खादी O का O 1920 B-NETI में O महात्मा B-NEP गाँधी I-NEP के O स्वदेशी O आन्दोलन O में O एक B-NEN राजनैतिक O हथियार O के O रूप O में O उपयोग O किया O गया O था O । O आलोक B-NEP पंड्या I-NEP : O लेखक O , O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O वरिष्ठ O मीडिया O सलाहकार O हैं O । O प्रशासनिक O सेवाओं O से O मिलती O गति O : O डॉ. O सुभाष B-NEP शर्मा I-NEP मैं O राष्ट्रपति O सोलिह B-NEP , O उनकी O सरकार O और O मालदीव B-NEL के O लोगों O को O आपके O द्वारा O दिखाए O गए O लचीलेपन O के O लिए O बधाई O देता O हूँ O । O जाने O - O माने O विचारक O इमानुएल B-NEP कांट I-NEP के O अनुसार O नैतिकता O का O सर्वोच्च O सिद्धान्त O तार्किकता O का O ही O मानक O है O , O अतः O विवेकपूर्वक O तर्क O को O ध्यान O में O रखकर O वैश्विक O नैतिक O नियम O के O अनुरूप O कार्य O करना O चाहिए O । O एक B-NEN अन्य O विख्यात O विचारक O रेने B-NEP डे I-NEP कार्त I-NEP कहते O हैं O कि O " B-NEL मेरा O अस्तित्व O इसलिए O है O कि O मैं O विचार O कर O सकता O हूं O '' O अर्थात् O व्यक्ति O का O अस्तित्व O उसकी O तर्कसंगत O और O वैज्ञानिक O सोच O पर O निर्भर O है O न O कि O भावनाओं O , O व्यक्तिगत O निष्ठाओं O या O पक्षपातपूर्ण O विचार O पर O । O ऐतिहासिक O रूप O से O स्थापित O ज्ञान O से O आगे O बढ़ते O हुए O , O हाल O के O दिनों O में O भारतीय O साहित्यकारों O ने O खुले O मन O , O विभिन्न O सांस्कृतिक O विचारों O के O आदान O प्रदान O ( O रेवती B-NEP कृष्णास्वामी I-NEP , O 144 B-NEN ) O और O ज्ञान O की O संभावनाओं O के O लिए O मार्ग O प्रशस्त O किया O है O । O मैक्स B-NEP वेबर I-NEP ( O 1864 B-NETI - I-NETI 1920 I-NETI ) O पहले B-NEN समाजशास्त्री O थे O जिन्होंने O ' O अफसरशाही O ' O अथवा O ' O नौकरशाही O ' O शब्द O की O रचना O की O और O इसे O विस्तार O से O समझाया O भी O । O मैक्स B-NEP वेबर I-NEP ने O इस O तथ्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O सत्ता O को O तीन B-NEN वर्गों O में O विभाजित O किया O - O परम्परागत O सत्ता O ( O उत्तराधिकार O , O रीति O रिवाजों O , O भौतिक O इच्छाओं O आदि O पर O आधारित O ) O ; O प्रतिभागत O सत्ता O ( O जन्मजात O प्रतिभा O और O गुणों O पर O आधारित O ) O जैसी O स्वामी B-NEN विवेकानन्द I-NEN , O भगवान O राम B-NEP आदि O में O थी O ; O और O तर्कसंगत O वैध O सत्ता O यानी O अफसरशाही O या O नौकरशाही O वास्तविकता O और O तर्क O पर O आधारित O होने O के O कारण O यही O शासन O - O व्यवस्था O सर्वाधिक O उपयुक्त O मानी O गई O है O । O 2. O लिखित O नियम O , O विनिमय O प्रक्रियाएं O और O तौर O - O तरीके O हों O ताकि O किसी O तरह O के O भेदभाव O या O व्यक्तिगत O पसन्द O - O नापसन्द O से B-NEP किसी O का O समर्थन O या O विरोध O न O होने O पाए O । O अमीर B-NEP खुसरो I-NEP ने O अपने O ग्रंथ O ' O नुहसिपर B-NEAR ' O में O उस O काल O की O प्रसिद्ध O ग्यारह B-NEN भाषाओं O का O उल्लेख O किया O है O - O सिंधी O , O लाहौरी O , O कश्मीरी O , O बांग्ला O , O गौड़ी O , O गुजराती O , O तिलंगी O , O मावरी O या O कोंकणी O , O ध्रुव O , O समुंदरी O , O अवधी O , O देहलवी O , O किंतु O इनमें O हिंदवी O या O हिंदी O नहीं O है O । O रतन B-NEP लाल I-NEP कटारिया I-NEP कृष्णा B-NEP सोबती I-NEP के O बहुगुणित O उपन्यासों O का O कई O भाषाओं O में O अनुवाद O किया O गया O , O जिनमें O देश O की O लैंगिक O अवधारणा O के O संबंध O में O प्रश्न O उठाए O गए O थे O । O डॉक्टर O कोठारी B-NEP , O जो O जाने O - O माने O वैज्ञानिक O और O शिक्षाविद O थे O , O उन्होंने O अपनी O सिफारिश O में O कहा O था O कि O जिन O अधिकारियों O को O भारतीय O भाषाएं O नहीं O आतीं O उन्हें O देश O की O इन O सर्वोच्च O सेवाओं O में O आने O का O कोई O हक O नहीं O है O । O इस O अभियान O के O लिए O 2019 B-NETI में O बिल B-NEO एंड I-NEO मेलिंडा I-NEO गेट्स I-NEO फाउंडेशन I-NEO ने O प्रधानमंत्री O को O ग्लोबल O गोलकीपर O पुरस्कार O प्रदान O किया O , O इसी O वर्ष O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O 150वीं B-NEN जयंती O भी O थी O । O सिविल O सर्विसेज़ O परीक्षा O की O तैयारी O की O रणनीति O : O वी. B-NEP पलानीचामी I-NEP मुझे O याद O है O एक B-NEN खास O कुएं O से O पीने O का O पानी O लाने O के O लिए O माँ B-NEP को O रोजाना - कितनी O कड़ी O मेहनत O करनी O पड़ती O थी O । O डॉ. B-NEP मिहिर I-NEP शाह I-NEP की O अध्यक्षता O में O एक B-NEN समिति O के O माध्यम O से O एक B-NEN महत्त्वपूर्ण O और O कम O होते O प्राकृतिक O संसाधन O के O रूप O में O जल O की O सुरक्षा O , O संरक्षण O , O विनियमन O तथा O प्रबंधन O के O लिए O सिद्धांतों O के O साथ O सर्वसमावेशी O राष्ट्रीय O कानूनी O ढांचे O के O प्रावधानों O वाले O राष्ट्रीय O जल O तंत्र O विधेयक O , O 2016 B-NETI के O मसौदे O का O सुझाव O दिया O गया O । O यदि O नहीं O तो O फिर O ऐसा O क्यों O हो O रहा O है O कि O अंग्रेजी O लगातार O इस O हद O तक O हावी O होती O जा O रही O है O कि O डॉ O कस्तूरीरंगन B-NEP जैसे O वैज्ञानिक O और O शिक्षाविद O को O ऐसी O तीखी O टिप्पणी O करनी O पड़ी O है O । O डॉ O बिजय B-NEP कुमार I-NEP बेहेरा I-NEP : O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O आर्थिक O सलाहकार O हैं O । O अमिताभ B-NEP कांत I-NEP करिश्मा B-NEP शर्मा I-NEP लेखिका O इन्वेस्ट O इंडिया B-NEL की O स्ट्रेटेजिक O इन्वेस्टमेंट O रिसर्च O यूनिट O में O शोधार्थी O हैं O । O जल O सुरक्षा O : O सुरेश B-NEP प्रभु I-NEP सुनीता B-NEP नारायण I-NEP , O लेखिका O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO साइंस I-NEO एंड I-NEO एनवायरमेंट I-NEO की O महानिदेशक O हैं O । O मुलई O लोग O मयोन O , O कुरिंजी O लोग O मुरुगा O , O मरुतम O लोग O इंद्र B-NEP और O नैथल O लोग O की O पूजा O करते O हैं O । O समीरा B-NEP सौरभ I-NEP : O प्रधानमंत्री O ने O सौरभ B-NEP चौधरी I-NEP ( O निशानेबाज़ O ) O से O एकाग्रता O और O मानसिक O संतुलन O में O सुधार O लाने O में O योग O की O भूमिका O के O बारे O में O बातचीत O की O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 10 B-NETI दिसंबर I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O संसद O के O नए O भवन O का O शिलान्यास O किया O । O संविधान O सभा O में O चर्चाओं O के O दौरान O प्रथम O प्रधानमंत्री O जवाहर B-NEP लाल I-NEP नेहरू I-NEP ने O आगाह O किया O था O , O “ O कमजोर O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO देश O के O हितों O के O लिए O हानिकारक O होगी O और O ऐसी O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO शांति O सुनिश्चित O करने O , O साझा O सरोकार O वाले O अहम O मसलों O में O तालमेल O कायम O करने O और O अंतरराष्ट्रीय O क्षेत्र O में O समन्वित O रूप O से O भारत O की O आवाज O को O उठाने O में O सक्षम O नहीं O होगी O । O आस्ट्रेलिया B-NEL के O संविधान O विशेषज्ञ O के. B-NEP सी. I-NEP हवीयर I-NEP ने O एक B-NEN बार O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR को O अर्थ O - O संघीय O करार O दिया O था O : O “ O भारतीय O संघ O अनुषंगी O एकात्मक O विशेषताओं O वाले O संघीय O राज्य O की O बजाय O अनुषंगी O संघीय O विशेषताओं O वाला O एकात्मक O राज्य O है O । O हाल O में O अमेरिका B-NEL में O प्रकाशित O विवेक B-NEP शानबाग I-NEP के O कन्नड O उपन्यास O घचर B-NEAR घोचर I-NEAR का O श्रीनाथ B-NEP पेरूर I-NEP का O अंग्रेजी O अनुवाद O इसका O स्पष्ट O उदाहरण O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O बुकर O पुरस्कार O जीतने O वाले O लेखक O अरविंद B-NEP अडिगा I-NEP की O कन्नड़ O साहित्य O की O रचनाएं O पाठकों O को O बहुत O आकर्षित O करती O हैं O , O विशेषकर O बिट्वीन O ( O 2009 B-NETI ) O में O उसी O प्रकार O अलग O - O अलग O क्षेत्रीय O व्यंजनाएं O हैं O , O जिस O तरह O अमित B-NEP चौधरी I-NEP , O पंकज B-NEP मिश्रा I-NEP , O अनुजा B-NEP चौहान I-NEP और O कुछ O अन्य O के O लेखन O में O । O इस O श्रृंखला O में O अन्य O उदाहरण O चारु B-NEP निवेदिता I-NEP की O जीरो B-NEAR डिग्री I-NEAR या O तमिल B-NEAR पल्प I-NEAR फिक्शन I-NEAR की O बुक O हैं O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O में O , O सरकार O जल O प्रबंधन O को O लेकर O 2014 B-NETI से O ही O पूरी O तरह O सक्रिय O रही O है O । O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO में O भी O भारत B-NEL ने O हमेशा O विश्व O कल्याण O को O ही O प्राथमिकता O दी O है O - O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ( O संयुक्त O राष्ट्र O महासभा O में O ) O ऐतिहासिक O रूप O से O स्थापित O ज्ञान O से O आगे O बढ़ते O हुए O , O हाल O के O दिनों O में O भारतीय O साहित्यकारों O ने O खुले O मन O , O विभिन्न O सांस्कृतिक O विचारों O के O आदान O प्रदान O ( O रेवती B-NEP कृष्णास्वामी I-NEP , I-NEP 144 B-NEN ) O और O ज्ञान O की O संभावनाओं O के O लिए O मार्ग O प्रशस्त O किया O है O । O एक B-NEN अन्य O टेबल O टेनिस O खिलाड़ी O मनिका B-NEP बत्रा I-NEP ( O टेबल O टेनिस O ) O के O साथ O , O प्रधानमंत्री O ने O गरीब O बच्चों O को O खेल O में O प्रशिक्षण O देने O के O लिए O उनकी O प्रशंसा O की O । O बहुभाषी O आधुनिकता O को O दलित O नारीवादी O लेखकों O जैसे O कि O बामा B-NEP , O मीना B-NEP कांदास्वामी I-NEP , O पी B-NEP सिवाकामी I-NEP और O उर्मिला B-NEP पवार I-NEP द्वारा O स्पष्ट O किया O गया O है O , O जो O समरूप O भारतीय O नारीवाद O के O आख्यानों O को O अस्थिर O करती O है O । O कृष्णा B-NEP सोबती I-NEP के O बहुगुणित O उपन्यासों O का O कई O भाषाओं O में O अनुवाद O किया O गया O , O जिनमें O देश O की O लैंगिक O अवधारणा O के O संबंध O में O प्रश्न O उठाए O गए O थे O । O अमिताव B-NEP घोष I-NEP , O रॉय B-NEP और O महाश्वेता B-NEP देवी I-NEP के O लेखन O ने O स्वदेशी O और O आदिवासी O लोगों O की O नवउदारवादी O ताकतों O के O प्रतिरोध O की O अग्रगामिता O द्वारा O सार्वभौमिक O पर्यावरणवाद O के O विचार O को O समस्याग्रस्त O किया O है O । O विजयदान B-NEP देथा I-NEP , O हेइसनाम B-NEP कन्हैयालाल I-NEP जैसे O लेखक O आधुनिक O साहित्य O पर O लोकवार्ता O अभिव्यक्त O करते O हैं O । O बेहतर O अवसरों O की O तलाश O में O चेतन B-NEP भगत I-NEP और O अरविंद B-NEP अडिगा I-NEP जैसे O लेखकों O की O स्वदेश O वापसी O इसका O उदाहरण O है O कि O भारत B-NEL में O उदारीकरण O के O बाद O की O अर्थव्यवस्था O में O , O अब O प्रवासी O बनने O का O सफर O पूर्व O से O लेकर O पश्चिम O तक O , O संघर्ष O से O लेकर O अवसर O तक O , O बंधन O से O लेकर O स्वतंत्रता O तक O का O नहीं O है O । O इसका O ताजा O उदाहरण O नॉर्वे B-NEL में O बसे O हिंदी O लेखक O प्रवीण B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP का O है O , O जिनके O हिंदी O उपन्यास O कुली B-NEAR लाइन्स I-NEAR ( O 2019 B-NEN ) O में O करारबद्ध O मजदूरों O के O जीवन O की O पड़ताल O की O गई O है O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O 150वीं B-NEN जयंती O यानी O 2 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2019 I-NETI को O माननीय O प्रधानमंत्री O ने O अहमदाबाद B-NEL में O कहा O था O , O “ O हालांकि O , O अब O सवाल O यह O है O कि O हमने O जो O भी O हासिल O किया O है O , O क्या O वह O पर्याप्त O है O ? O अब O , O अंग्रेजी O भाषा O के O उपन्यासकार O जैसे O अनुजा B-NEP चौहान I-NEP , O चेतन B-NEP भगत I-NEP और O अमीश B-NEP त्रिपाठी I-NEP भारत B-NEL के O बाहर O अपनी O पुस्तकों O के O प्रकाशन O के O लिए O लालायित O नहीं O रहते O । O तत्कालीन O प्रधानमंत्री O पीवी B-NEP नरसिम्हा I-NEP राव I-NEP ने O परम्परागत O विदेश O नीति O में O आर्थिक O कूटनीति O का O एक B-NEN हिस्सा O जोड़ा O जिसे O वैश्वीकरण O के O सापेक्ष O आगे O की O दिशा O तय O करनी O थी O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP द्वारा O सत्ता O संभालते O ही O भारत B-NEL की O विदेश O नीति O में O ' O फारवर्ड O ट्रैक O ' O , O ' O नेबरहुड O फर्स्ट O , O ' O एक्ट O ईस्ट O ' O और O ' O इनफार्मल O डिप्लोमैसी O ' O जैसे O आयाम O जुड़े O । O श्री O अटल B-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP की O सरकार O में O ' O पोखरण O - O दो O ' O के O बाद O शक्ति O का O नया O तत्व O भारतीय O विदेश O नीति O के O साथ O जुड़ा O । O यह O अपनी O पॉलीफोनी O और O विविधता O में O , O हमें O हमारे O गहन O रूप O से O बाधित O पूर्वाग्रहों O को O अनसुना O करने O के O लिए O आमंत्रित O करके O ( O भटनागर B-NEP और O कौर B-NEP , O एनपी B-NEP ) O विश्व O साहित्य O के O आधिपत्य O को O समाप्त O करने O की O अवधारणा O का O एक B-NEN आदर्श O प्रस्तुत O करता O है O और O सोच O के O नए O तरीकों O से O अवगत O कराता O है O । O अप्रैल B-NETI 27 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O आज O एक B-NEN वीडियो O संदेश O के O माध्यम O से O फिजी B-NEL में O श्री B-NEO सत्य I-NEO साईं I-NEO संजीवनी I-NEO अस्पताल I-NEO के O उद्घाटन O के O अवसर O पर O संबोधित O किया O । O प्रधानमंत्री O श्री O मोदी B-NEP ने O इस O अवसर O पर O अपने O संबोधन O में O , O फिजी B-NEL के O प्रधानमंत्री O और O फिजी B-NEL के O लोगों O को O अस्पताल O के O लिए O शुभकामनाएं O दीं O । O श्री O मोदी B-NEP ने O कहा O कि O यह O अस्पताल O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O आपसी O संबंधों O का O प्रतीक O है O और O भारत B-NEL तथा O फिजी B-NEL की O साझा O यात्रा O का O एक B-NEN और O अध्याय O है O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O अपनी O विदेश O नीति O में O इस O विशिष्टता O को O विशेष O महत्व O दिया O । O श्री O मोदी B-NEP ने O इसके O लिए O फिजी B-NEL के O साई B-NEO प्रेम I-NEO फाउंडेशन I-NEO , O फिजी B-NEO सरकार I-NEO और O भारत B-NEL के O बच्चों O के O श्री B-NEO सत्य I-NEO साई I-NEO संजीवनी I-NEO हृदय I-NEO अस्पताल I-NEO की O सराहना O की O । O प्रधानमंत्री O मोदी B-NEP ने O ब्रह्मलीन O श्री O सत्य B-NEP साई I-NEP बाबा I-NEP को O नमन O किया O , O जिनका O मानव O सेवा O का O पौधा O एक B-NEN विशाल O बरगद O के O पेड़ O के O रूप O में O विकसित O हुआ O है O और O पूरी O मानवता O की O सेवा O कर O रहा O है O । O प्रधानमंत्री O ने O स्मरण O करते O हुए O कहा O , O श्री O सत्य B-NEP साई I-NEP बाबा I-NEP ने O अध्यात्म O को O कर्मकांडों O से O मुक्त O किया O और O इसे O लोगों O के O कल्याण O से O जोड़ा O । O 2000 B-NETI के O दशक B-NETI के I-NETI मध्य O तक O , O ये O प्रयास O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP रोज़गार O गारंटी O अधिनियम O ( O मनरेगा O - O एमजीआरईजीए O ) O में O समाहित O हो O गए O जिसके O तहत O स्थानीय O श्रमिकों O को O रोजगार O देकर O गांवों O में O जल O - O ग्रहण O के O लिए O व्यवस्थाएं O की O गई O । O श्री O मोदी B-NEP ने O गुजरात B-NEL में O आए O भूकंप O के O समय O साई O भक्तों O की O सेवाओं O का O भी O स्मरण O किया O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O , O मैं O इसे O अपना O सौभाग्य O मानता O हूँ O कि O मुझे O सत्य B-NEP साई I-NEP बाबा I-NEP का O निरंतर O आशीर्वाद O मिला O और O आज O भी O मिल O रहा O है O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O कहा O कि O भारत B-NEL - O फिजी B-NEL संबंध O की O साझा O विरासत O मानवता O की O सेवा O की O भावना O पर O आधारित O है O । O श्री O मोदी B-NEP ने O कहा O कि O भारत B-NEL इन O मूल्यों O के O आधार O पर O ही O महामारी O के O दौरान O अपने O दायित्वों O को O पूरा O कर O सका O । O श्री O मोदी B-NEP ने O कहा O कि O इस O तरह O के O प्रयासों O में O फिजी B-NEL को O हमेशा O प्राथमिकता O दी O गई O है O । O कार्यक्रम O को O संबोधित O करते O हुए O केन्द्रीय O जल O शक्ति O मंत्री O श्री O गजेन्द्र B-NEP सिंह I-NEP शेखावत I-NEP ने O कहा O कि O आज O एक B-NEN ऐतिहासिक O दिन O है O जिसे O भारत B-NEL में O जल O प्रबंधन O के O इतिहास O में O सकारात्मक O रूप O से O दर्ज O किया O जाएगा O । O श्री O शेखावत B-NEP ने O कहा O कि O केन O बेतवा O लिंक O परियोजना O के O लिए O सर्वसम्मति O केन्द्र O सरकार O के O सकारात्मक O हस्तक्षेप O से O प्राप्त O की O गई O जो O जल O प्रबंधन O के O क्षेत्र O में O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O गतिशील O नेतृत्व O में O अथक O प्रयास O कर O रही O है O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O आज O फिजी B-NEL के O प्रधानमंत्री O फ्रैंक B-NEP बैनिमारामा I-NEP को O जन्मदिन O पर O बधाई O दी O । O श्री O शेखावत B-NEP ने O कहा O कि O देश O में O जल O शक्ति O अभियान O “ O जब O पानी O बरसे O , O जहां O भी O बरसे O वर्षा O जल O संचयन O ” O की O शुरूआत O प्रधानमंत्री O ने O की O है O , O जिसका O उद्देश्य O सरकारी O अधिकारियों O के O साथ O - O साथ O आम O जनता O में O बारिश O के O पानी O का O दोहन O करने O की O क्षमताएं O बनाना O है O । O श्री O मोदी B-NEP ने O श्री O फ्रैंक B-NEP बैनिमारामा I-NEP के O नेतृत्व O में O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O संबंधों O के O भविष्य O में O और O मजबूत O होने O की O आशा O व्यक्त O की O । O इस O अवसर O पर O जल O शक्ति O राज्य O मंत्री O श्री O रतन B-NEP लाल I-NEP कटारिया I-NEP ने O कहा O कि O हमारे O पूर्व O प्रधानमंत्री O श्री O अटल B-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP का O सपना O जल्द O ही O हकीकत O में O बदलने O जा O रहा O है O । O राजीव B-NEP रंजन I-NEP मिश्रा I-NEP अमिताभ B-NEP कांत I-NEP : O 15. O मैं O परस्पर O रूप O से O सुविधाजनक O तारीख O पर O भारत B-NEL में O राष्ट्रपति O श्री O सर्दार B-NEP बर्दीमुहामेदोव I-NEP का O स्वागत O करने O के O लिए O उत्सुक O हूँ O । O राजकोषीय O संघवाद O का O क्रमिक O विकास O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O आरंभ O हुआ O , O जब O अलेक्जेंडर B-NEP हैमिल्टन I-NEP ने O के B-NETI दशक I-NETI के O लिखे O अपने O संघवादी O पत्रों O में O कहा O कि O बहुस्तरीय O ( O संघीय O ) O सरकार O में O विभिन्न O कार्य O अलग O - O अलग O स्तरों O द्वारा O संभाले O जाते O हैं O , O जिससे O सरकार O की O कार्यक्षमता O बढ़ O जाती O है O क्योंकि O अलग O - O अलग O गतिविधियां O अलग O - O अलग O अभीष्टतम O परिमाण O में O की O जाती O हैं O । O विजय B-NEP रूपाणी I-NEP : O लेखक O गुजरात B-NEL के O मुख्यमंत्री O हैं O । O वित्तीय O सेवा O कंपनी O मोतीलाल B-NEP ओसवाल I-NEP की O एक B-NEN रिपोर्ट O के O मुताबिक O मौजूदा O कैलेंडर O वर्ष O के O पहले O नौ B-NETI महीनों I-NETI में O दिवाला O निपटान O प्रक्रिया O के O अंतर्गत O 376 B-NEN मामले O एनसीएलटी B-NEO को O सौंपे O गये O हैं O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP , O सरदार B-NEP पटेल I-NEP और O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP जैसे O कर्मठ O , O दूरदर्शी O और O निडर O गुजरात B-NEL की O विशिष्टता O बन O गये O हैं O । O गुजरात B-NEL के O पहले O मुख्यमंत्री O डॉ. O जीवराज B-NEP मेहता I-NEP थे O । O उनके O बाद O बलवंतराय B-NEP मेहता I-NEP , O हितेन्द्रभाई B-NEP देसाई I-NEP , O घनश्यामभाई B-NEP ओझा I-NEP , O चिमनभाई B-NEP पटेल I-NEP , O बाबूभाई B-NEP जे. I-NEP पटेल I-NEP , O माधवसिंह B-NEP सोलंकी I-NEP अमरसिंह B-NEP चौधरी I-NEP , O छबीलदास B-NEP मेहता I-NEP , O सुरेशचन्द्र B-NEP मेहता I-NEP , O शंकरसिंह B-NEP वाघेला I-NEP , O दिलीपभाई B-NEP पारिख I-NEP , O केशुभाई B-NEP पटेल I-NEP और O श्री O मोदी B-NEP ने O गुजरात B-NEL की O विकास O यात्रा O को O आगे O ले O जाने O के O लिये O काम O किया O । O गुजरात B-NEL के O दैदीप्यमान O पुत्र O और O भारत B-NEL के O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP 2001 B-NETI में O राज्य O के O सबसे O कम O उम्र O के O मुख्यमंत्री O बने O । O इसके O बाद O मॉण्टेग्यू B-NEP चेम्सफोर्ड B-NEP सुधारों O पर O आधारित O भारत O सरकार O अधिनियम O , O 1919 O आया O , O जिसमें O दोहरे O शासन O की O व्यवस्था O थी O और O प्रशासनिक O विषयों O तथा O राजस्व O स्रोतों O को O दो B-NEN श्रेणियों O - O केंद्रीय O एवं O प्रांतीय O में O बांटा O गया O था O । O श्री O मोदी B-NEP की O देशव्यापी O लोकप्रियता O , O कड़ी O मेहनत O और O गुजरात B-NEL के O विकास O पुरुष O के O रूप O में O पहचान O की O बदौलत -NETI (( O 2014 - के O लोकसभा O चुनावों O में O राष्ट्रीय B-NEO जनतांत्रिक I-NEO गठबंधन I-NEO को O स्पष्ट O बहुमत O मिला O । O इसके O बाद O 26 B-NETI मई I-NETI , I-NETI 2014 I-NETI को O श्री O मोदी B-NEP ने O भारत B-NEL के O प्रधानमंत्री O का O कार्यभार O ग्रहण O किया O । O श्री O मोदी B-NEP ने O गुजरात B-NEL में O अनेक O योजनाएं O लागू O कीं O । O मूल्यांकन O : O वस्त्र O उद्योग O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O : O सी B-NEP चिन्नप्पा I-NEP ऐसे O में O युवाओं O को O रोजगार O प्राप्त O करने O वाला O होने O की O बजाय O रोजगार O देने O वाला O बनाने O के O लिए O मोदी B-NEP सरकार O स्वरोजगार O योजना O के O अन्तर्गत O उद्यमशीलता O को O प्रोत्साहित O करने O के O लिए O स्टार्ट O अप O इंडिया O और O स्टैंड O अप O इंडिया O के O लिए O अनुकूल O माहौल O तैयार O कर O रही O है O । O ( O आमिर B-NEP मुफ्ती I-NEP 2016 B-NETI , O रेवती B-NEP कृष्णस्वामी I-NEP , O 2010 B-NETI ) O । O इसी O प्रकार O के O झूठे O दावों O से O प्रेरित O होकर O सलमान B-NEP रुश्दी I-NEP जैसे O विद्वानों O ने O पक्षपाती O दावा O किया O है O कि O अंग्रेजी O में O रचना O कर O रहे O भारतीय O लेखकों O द्वारा O इस O अवधि O के O दौरान O रचित O गद्य O लेखन O - O कथा O और O गैर O - O कथा O दोनों B-NEN ही O , O इसी O समय O के O दौरान O तथाकथित O स्थानीय O भाषाओं O - O भारत B-NEL की O 16 B-NEN आधिकारिक O भाषाओं O में O रचित O रचनाओं O की O तुलना O में O मजबूत O और O महत्वपूर्ण O साबित O हो O रहे O हैं O । O ( O रुश्दी B-NEP , O ) O स्वामी B-NEP विवेकानंद I-NEP याद O आते O हैं O जिन्होंने O कहा O था O कि O उठो O , O जागो O और O तब O तक O मत O रुको O जब O तक O कि O लक्ष्य O प्राप्त O नहीं O हो O जाता O । O कई O लेखकों O ने O अंग्रेजी O के O साथ O - O साथ O अन्य O भाषाओं O में O भी O रचनाएं O की O हैं O जैसे O कि O माइकल B-NEP मधुसूदन I-NEP दत्त I-NEP , O हेनरी B-NEP एल I-NEP डेरोजियो I-NEP , O तोरु B-NEP दत्त I-NEP , O कृपाबाई B-NEP सथियानादन I-NEP , O रवींद्रनाथ B-NEP टैगोर I-NEP , O अहमद B-NEP अली I-NEP , O गिरीश B-NEP कर्नाड I-NEP , O अरविंद B-NEP अदिगा I-NEP और O कई O अन्य O । O किरण B-NEP नागरकर I-NEP ने O अपना O पहला B-NEN उपन्यास O , O सात B-NEAR सक्कम I-NEAR त्रेचालिस I-NEAR ( O सात B-NEAR छक्के I-NEAR तिरतालीस I-NEAR , O 1974 B-NETI ) O मराठी O में O लिखा O था O , O और O बाद O में O वे O अंग्रेजी O में O लिखने O लगें O । O कुर्रतुलैन B-NEP हैदर I-NEP ने O अपनी O रचनाओं O का O अनुवाद O किया O , O जिनमें O उनके O द्वारा O अंग्रेजी O में O अनुदित O उनका O प्रसिद्ध O उर्दू O उपन्यास O आग O का O दरिया O भी O शामिल O है O । O लोकायुक्त O के O रूप O में O कार्यकाल O के O दौरान O शेट्टी B-NEP ने O एक B-NEN अन्य O (( O आईपीएस - अधिकारी O हर्ष B-NEP गुप्ता I-NEP के O साथ O मिलकर O उन O रईस O किसानों O का O जबरदस्त O विरोध O किया O जिन्होंने O गरीब O ग्रामीणों O की O जमीन O पर O जबरन O कब्ज़ा O कर O लिया O था O । O अहमद B-NEP अली I-NEP ने O उर्दू O साहित्यिक O क्षेत्र O में O उसी O प्रकार O योगदान O दिया O जिस O प्रकार O उन्होंने O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O साहित्यिक O क्षेत्र O में O दिया O । O राजा B-NEP राव I-NEP ने O अंग्रेजी O के O साथ O - O साथ O कन्नड O और O फ्रांसीसी O में O भी O लिखा O । O उदाहरण O के O लिए O , O प्रेमचंद B-NEP ने O उर्दू O और O हिंदी O में O अपनी O रचनाओं O में O कई O सामाजिक O अनुभूतियों O की O अभिव्यक्ति O की O । O इसी O युग O में O राहुल B-NEP सांकृत्यायन I-NEP और O रांगेय - राघव - कथा O के O माध्यम O से O भारतीय O इतिहास O की O नई O व्याख्या O कर O रहे O थे O । O हजारी B-NEP प्रसाद I-NEP द्विवेदी I-NEP के O ऐतिहासिक O उपन्यास O भी O इस O बीच O प्रकाशित O हुए O । O दूसरे O प्रशासनिक O सुधार O आयोग O ( O वीरप्पा B-NEP मोइली I-NEP की O अध्यक्षता O वाले O ) O में O खामियों O का O उल्लेख O करते O हुए O भर्ती O , O कामकाज O की O प्रगति O , O और O परिणामोन्मुख O प्रशासन O - O तंत्र O विकसित O करने O के O सुझाव O रखे O गए O थे O । O रवि B-NEP शंकर I-NEP : O लेखक O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO सिविलाइजेशन I-NEO स्टडीज I-NEO में O शोध O निदेशक O तथा O गांधी O दर्शन O के O शोधार्थी O हैं O । O रामविलास B-NEP , O शिवदान B-NEP सिंह I-NEP चौहान I-NEP , O नामवर B-NEP सिंह I-NEP , O (( O मुक्तिबोध - , O विजयदेव B-NEP नारायण I-NEP साही I-NEP , O देवीशंकर B-NEP अवस्थी I-NEP आदि O इस O दौर O के O महत्वपूर्ण O आलोचक O हैं O । O ऐसे O आलोचकों O में O नंद B-NEP दुलारे I-NEP वाजपेयी I-NEP , O नगेन्द्र B-NEP आदि O थे O । O प्रसिद्ध O अंतरराष्ट्रीय O अर्थशास्त्री O अंगस B-NEP मेडिसिन I-NEP ने O अपनी O पुस्तक O में O विभिन्न O शताब्दियों O के O विश्व O व्यापार O में O भारत B-NEL तथा O अन्य O देशों O की O सहभागिता O के O आंकड़े O दिये O हैं O । O ऐसे O आलोचकों O में O स्वयं O अज्ञेय B-NEP अग्रणी O थे O । O उनके O साथ O कवियों O में O लक्ष्मीकांत B-NEP वर्मा I-NEP , O जगदीश B-NEP गुप्त I-NEP , O गिरिजाकुमार B-NEP माथुर I-NEP , O धर्मवीर B-NEP भारती I-NEP , O विजयदेव B-NEP नारायण I-NEP साही I-NEP , O मुक्तिबोध B-NEP आदि O थे O तो O दूसरी O ओर O नई O कहानी O के O कहानीकारों O में O निर्मल B-NEP वर्मा I-NEP , O कमलेश्वर B-NEP , O राजेंद्र B-NEP यादव I-NEP , O मोहन B-NEP राकेश I-NEP , O मार्कण्डेय B-NEP आदि O थे O । O ललित O निबंध O भी O आज़ादी O के O बाद O कम O ही O लिखे O गए O हैं O , O विद्यानिवास B-NEP मिश्र I-NEP का O नाम O इस O क्षेत्र O में O उल्लेखनीय O है O । O अरुण B-NEP बरोका I-NEP , O लेखक O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO , O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO में O अतिरिक्त O सचिव O हैं O । O बजट O में O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गांरटी O कार्यक्रम O के O लिए O 55,000 B-NEN करोड़ I-NEN का O प्रावधान O किया O है O । O धर्मवीर B-NEP भारती I-NEP , O दुष्यंत B-NEP कुमार I-NEP , O नरेश B-NEP मेहता I-NEP ने O काव्य O नाटकों O की O रचना O की O परंतु O यह O विधा O आगे O बहुत O दिनों O तक O नहीं O चल O पाई O । O आज़ादी O के O बाद O के O दौर O में O हरिशंकर B-NEP परसाई I-NEP जैसे O लेखकों O ने O व्यंग्य O को O एक B-NEN स्वतंत्र O विधा O के O रूप O में O विकसित O किया O । O फणीश्वरनाथ B-NEP रेणु I-NEP और O धर्मवीर B-NEP भारती I-NEP इसके O प्रमुख O लेखक O थे O । O मुक्तिबोध B-NEP की O लंबी O कविताओं O की O चर्चा O की O प्रक्रिया O में O छायावाद O के O जयशंकर B-NEP प्रसाद I-NEP और O निराला B-NEP की O लंबी O कविताओं O की O चर्चा O भी O हुई O और O मुक्तिबोध B-NEP के O समानांतर O लिखने O वाले O अज्ञेय B-NEP की O भी O । O कुंवर B-NEP नारायण I-NEP और O धर्मवीर B-NEP भारती I-NEP ने O नए O प्रकार O के O कथाकाव्य O लिखे O । O सुनिश्चित O जलापूर्ति O के O लिए O तकनीकी O नवाचार O : O प्रदीप B-NEP सिंह I-NEP , O सिद्धांत B-NEP मस्सन I-NEP प्रधानमंत्री O मोदी B-NEP ने O देश O में O रोजगार O का O सृजन O करने O , O स्वरोजगार O के O अवसर O को O बढ़ावा O देने O और O लघु O एवं O सूक्ष्म O उद्यमों O को O आर्थिक O रूप O से O सुदृढ़ O करने O के O लिए O आसान O शर्तों O पर O त्वरित O गति O से O ऋण O सहायता O उपलब्ध O कराने O के O लिए O मुद्रा O योजना O शुरू O की O है O । O श्रीधर B-NEP नांदेड़कर I-NEP : O लेखक O कवि O , O समालोचक O एवं O संपादक O हैं O । O सन्‌ B-NEP 1967 I-NEP के O इस O सामाजिक O - O राजनैतिक O वातावरण O से O प्रभावित O रचनाकारों O की O एक B-NEN नई O पीढ़ी O अखिल O भारतीय O स्तर O पर O उभरकर O सामने O आई O । O हिन्दी O कविता O में O आलोक B-NEP धन्वा I-NEP , O कुमार B-NEP विकल I-NEP , O पंकज B-NEP सिह I-NEP , O विष्णुचंद्र B-NEP शर्मा I-NEP , O विजेन्द्र B-NEP , O वेणुगोपाल B-NEP , O कुमारेन्द्र B-NEP पारसनाथ I-NEP सिंह I-NEP , O मंगलेश B-NEP डबराल I-NEP , O ज्ञानेन्द्रपति B-NEP , O अरुण B-NEP कमल I-NEP , O राजेश B-NEP जोशी I-NEP , O चंद्रकांत B-NEP देवताले I-NEP , O ऋतुराज B-NEP आदि O कवियों O के O नाम O लिए O जा O सकते O हैं O तो O कहानी O - O उपन्यास O के O क्षेत्र O में O ज्ञानरंजन B-NEP , O काशीनाथ B-NEP सिंह I-NEP , O रमेश B-NEP उपाध्याय I-NEP , O स्वयं B-NEP प्रकाश I-NEP , O जगदीशचन्द्र B-NEP , O जगदंबा B-NEP प्रसाद I-NEP दीक्षित I-NEP , O श्रीलाल B-NEP शुक्ल I-NEP आदि O रचनाकारों O की O नई O पीढ़ी O जनवादी O रचनाशीलता O के O नए O उत्थान O को O समृद्ध O करने O लगी O । O अगर O ज्ञानेश्वर B-NEP और O नामदेव B-NEP का O प्रादुर्भाव O नहीं O हुआ O होता O तो O महाराष्ट्र B-NEL का O इतिहास O ही O एकदम O भिन्न O होता O । O इसके O अलावा O नई O कविता O और O नई O कहानी O के O दौर O के O अनेक O कवि O और O कथाकार O भी O साहित्य O रचना O कर O रहे O थे O जिनमें O कुंवर B-NEP नारायण I-NEP , O धर्मवीर B-NEP भारती I-NEP , O श्रीकांत B-NEP वर्मा I-NEP , O भवानी B-NEP प्रसाद I-NEP मिश्र I-NEP , O नरेश B-NEP मेहता I-NEP जैसे O कवि O थे O तो O कमलेश्वर B-NEP , O निर्मल B-NEP वर्मा I-NEP , O राजेंद्र B-NEP यादव I-NEP , O मोहन B-NEP राकेश I-NEP जैसे O कथाकार O । O इसके O अलावा O पुरानी O पीढ़ी O के O नागार्जुन B-NEP , O केदारनाथ B-NEP अग्रवाल I-NEP , O शमशेर B-NEP , O त्रिलोचन B-NEP , O केदारनाथ B-NEP सिंह I-NEP , O सर्वेश्वर B-NEP , O रघुवीर B-NEP सहाय I-NEP , O अमृतलाल B-NEP नागर I-NEP , O भीष्म B-NEP साहनी I-NEP , O राही B-NEP मासूम I-NEP रज़ा I-NEP , O शिव B-NEP प्रसाद I-NEP सिंह I-NEP मार्कण्डेय I-NEP आदि O की O रचनाओं O में O भारतीय O जनता O के O सुख O - O दुख O , O आशा O - O निराशा O , O जन O संघर्ष O और O नई O जनचेतना O की O अभिव्यक्ति O हो O रही O थी O । O उनमें O धूमिल B-NEP , O राजकमल B-NEP चौधरी I-NEP , O लीलाधर B-NEP जगूडी I-NEP आदि O हैं O । O मराठी O साहित्य O की O आधारशिला O ' O महानुभाव O पंथ O ' O और O ' O वारकरी B-NEP ( O विट्ठल B-NEP अर्थात्‌ O कृष्ण B-NEP - O भक्ति O ) O संप्रदाय O ' O के O संतों O ने O रखी O जो O ' O नाथ O पंथ O ' O ( O 9वीं B-NEN - O 10वीं B-NEN शताब्दी O ) O से O प्रभावित O थे O । O डॉ. O सी B-NEP डी I-NEP मायी I-NEP , O भगीरथ B-NEP चौधरी I-NEP : O डॉ. O सी B-NEP डी I-NEP मायी I-NEP भारतीय O कृषि O अनुसंधान O , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL से O पी. O एच. O डी. O , O डी. O एस. O सी. O हैं O । O न्यायमूर्ति O महादेव B-NEP गोविंद I-NEP रानडे I-NEP ( O राइज् O ऑफ O दि O मराठा O पावर O ) O गुरु B-NEP गोरखनाथ I-NEP को O इस O पंथ O का O प्रवर्तक O माना O जाता O है O । O भगीरथ B-NEP चौधरी I-NEP , O साउथ B-NEO एशिया I-NEO बायोटेक्नोलॉजी I-NEO सेंटर I-NEO नई I-NEO दिल्ली I-NEO के O संस्थापक O निदेशक O हैं O । O यहां O कुसीद O की O व्याख्या O करते O हुए O महर्षि O दयानंद B-NEP सरस्वती I-NEP लिखते O हैं O - O सवा B-NEN रुपये O सैंकड़े B-NEN से O अधिक O और O चार B-NEN आने O से O न्यून O ब्याज O न O लेवें O न O देवें O । O हालांकि O दयानंद B-NEP सरस्वती I-NEP ने O इस O कथन O के O प्रमाण O में O किसी O ग्रंथ O को O उद्धृत O नहीं O किया O है O , O परंतु O इससे O यह O समझा O जा O सकता O है O कि O कम O से O कम O उस O समय O आदर्श O व्यवस्था O यही O मानी O जाती O रही O होगी O । O महानुभाव O पंथ O की O स्थापना O सर्वज्ञ O श्री O चक्रधर B-NEP स्वामी I-NEP ने O की O । O अपने O बजट O भाषण O में O वित्त O मंत्री O श्रीमती O निर्मला B-NEP सीतारमण I-NEP डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR शुरू O करने O का O ऐलान O कर O चुकी O हैं O । O डॉ. O प्रताप B-NEP सी I-NEP मोहंती I-NEP : O आईआईटी B-NEO रुड़की I-NEO में O अर्थशास्त्र O के O असिस्टेंट O प्रोफेसर O हैं O । O महानुभाव O साहित्य O में O देवताओं O के O अवतारों O की O कथाओं O , O पंथ O के O इतिहास O , O भगवद्गीता B-NEAR की O व्याख्याओं O और O भगवान B-NEP कृष्ण I-NEP की O लीलाओं O के O वर्णन O आदि O के O जरिए O पंथ O के O सिद्धांतों O और O विचारों O को O व्यक्त O किया O गया O है O । O श्लोकार्थ B-NEP त्रिवेदी I-NEP : O लेखक O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O सलाहकार O हैं O । O इसे O महिमभट्ट B-NEP ( O 1278 B-NETI ) O ने O लिखा O । O आजादी O से O पहले O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP खादी O को O एक B-NEN सशक्त O लघु O कुटीर O उद्योग O के O रूप O में O स्थापित O कर O ले O गए O जो O आज B-NETI भी O भारत B-NEL की O आर्थिक O नींव O में O मजबूती O प्रदान O कर O रहा O है O । O यह O संभवत: O 1288 B-NETI में O , O श्री O गोविंदप्रभु B-NEP के O निधन O के O बाद O लिखी O गई O । O 1288 B-NETI से O 1418 B-NETI के O दौरान O केशवराज B-NEP सूरी I-NEP , O नरेंद्र B-NEP , O (( O भास्करभट्ट -NEP बोरीकर - , O दामोदर B-NEP पंडित I-NEP , O रवलोबास B-NEP , O नारायनबास B-NEP बहाहालिए I-NEP और O विश्वनाथ B-NEP बालापुरकर I-NEP ने O महानुभाव O साहित्य O का O सृजन O किया O । O यादवों O को O दिल्ली B-NEL सल्तनत O के O अलाउद्दीन B-NEP खिलजी I-NEP ने O हराया O था O । O मुहम्मद B-NEP बिन I-NEP तुगलक I-NEP ने O कुछ O समय O के O लिए O अपनी O राजधानी O को O दिल्ली B-NEL से O दौलताबाद B-NEL ( I-NEL देवगिरी I-NEL ) I-NEL स्थानांतरित O कर O दिया O । O उनकी O दूसरी B-NEN प्रमुख O रचना O ' O श्री B-NEAR गोविंदप्रभु I-NEAR चरित्र I-NEAR ' O है O जो O श्री O चक्रधर B-NEP स्वामी I-NEP के O गुरु O थे O । O 17वीं B-NETI शताब्दी I-NETI ई. I-NETI में O , O छत्रपति B-NEP शिवाजी I-NEP ने O महाराष्ट्र B-NEL में O अपना O स्वतंत्र O शासन O स्थापित O किया O । O गगनदीप B-NEP कांग I-NEP , O लेखिका B-NEO वेलकम I-NEO ट्रस्ट I-NEO रिसर्च I-NEO लेबॉरेटरी I-NEO डिवीजन I-NEO ऑफ I-NEO गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल I-NEO साइन्सेज़ I-NEO , I-NEO क्रिश्वियन I-NEO मेडिकल I-NEO कॉलेज I-NEO , I-NEO वेल्लोर I-NEO में O प्रोफेसर O हैं O । O मैनेजर B-NEP पाण्डेय I-NEP : O लेखक O वरिष्ठ O साहित्यकार O हैं O । O देवाशीष B-NEP उपाध्याय I-NEP लेखक O खाद्य O सुरक्षा O एवं O औषधि O प्रशासन O , O हाथरस B-NEL में O जिला O खाद्य O सुरक्षा O अधिकारी O हैं O । O आज़ादी O मिलने O के O सालभर O के O भीतर O ही O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O हत्या O हुई O जो O के O लिए O एक B-NEN बड़ी O ट्रेजेडी O थी O और O शर्मनाक O घटना O भी O । O अज्ञेय B-NEP ने O विभाजन O की O त्रासदी O पर O 12 B-NETI अक्तूबर I-NETI 1947 I-NETI से O 2 B-NETI नवंबर I-NETI 1947 I-NETI के O बीच O ग्यारह B-NEN कविताएं O लिखीं O । O ये O कविताएं O अज्ञेय B-NEP ने O हिन्दी O क्षेत्र O के O विभिन्न O शहरों O में O रहते O हुए O लिखी O थीं O । O उन O कविताओं O के O साथ O ही O उन्हीं O दिनों O अज्ञेय B-NEP ने O विभाजन O की O त्रासदी O पर O अनेक O कहानियां O भी O लिखीं O । O अज्ञेय B-NEP की O " O शरणार्थी B-NEAR " O शीर्षक O से O लिखी O कविताएं O और O सांप्रदायिक O तनाव O और O हिंसा O से O भरपूर O वातावरण O पर O लिखी O उनकी O कहानियां O 1948 B-NETI में O छपी O ' O शरणार्थी B-NEAR ' O नामक O पुस्तक O में O मौजूद O हैं O । O गांधी B-NEP की O हत्या O से O उपजे O क्षोभ O और O उनके O महत्व O की O अभिव्यक्ति O नागार्जुन B-NEP , O दिनकर B-NEP , O हरिवंश B-NEP राय I-NEP बच्चन I-NEP , O सोहन B-NEP लाल I-NEP द्विवेदी I-NEP , O भवानी B-NEP प्रसाद I-NEP मिश्र I-NEP आदि O कवियों O की O कविताओं O में O हुई O । O एक B-NEN ओर O प्रगतिशील O कविता O थी O जिसके O प्रमुख O कवि O थे O - O नागार्जुन B-NEP , O केदारनाथ B-NEP अग्रवाल I-NEP , O त्रिलोचन B-NEP , O दिनकर B-NEP , O मुक्तिबोध B-NEP , O शमशेर B-NEP आदि O । O दूसरी B-NEN ओर O अज्ञेय B-NEP के O नेतृत्व O में O प्रयोगवादी O कविता O आगे O आ O रही O थी O जिसकी O शुरुआत O ' O तारसप्तक B-NEAR ' O ( O 1943 B-NEN ) O से O हुई O और O ' O दूसरा B-NEAR सप्तक I-NEAR ' O ( O 1951 B-NETI ) O के O प्रकाशन O के O साथ O वह O नई O कविता O के O नाम O से O स्थापित O होने O लगी O । O दसवीं B-NEN सदी O के O कन्नड़ O कवि O पम्पा B-NEP के I-NEP कार्यों O में O लेखकीय O चारित्रिक O विशेषताएं O दिखती O हैं O । O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O के O पूर्व O अधिकारी O श्री O दीपक B-NEP गुप्ता I-NEP ने O अपनी O पुस्तक O - O ' O द B-NEAR स्टील I-NEAR फ्रेम I-NEAR : I-NEAR ए I-NEAR हिस्ट्री I-NEAR ऑफ I-NEAR द I-NEAR आईएएस I-NEAR ' O में O टिप्पणी O की O है O कि O इन O अधिकारियों O को O धीरे O - O धीरे O व्यापार O - O अधिकारियों O से O प्रशासनिक O अधिकारियों O में O परिवर्तित O कर O लिया O गया O जो O ' O कॉविनेन्ट्स O ' O यानी O प्रतिज्ञापत्रों O पर O हस्ताक्षर O कर O सकते O थे O और O इस O प्रकार O उन्हें O ' O कॉविनेटेड O सिविल O सेवा O ' O का O अंग O बना O लिया O गया O । O मीनाक्षी B-NEP गुप्ता I-NEP , O लेखिका O उप O नियंत्रक O एवं O महालेखा O परीक्षक O रह O चुकी O हैं O और O फिलहाल O ट्राई B-NEO की O सदस्या O हैँ O । O पम्पा B-NEP के I-NEP महाकाव्य O की O शैली O भी O लम्बी O ' O अभिलेखीय O ' O शैलियों O से O काफी O मिलती O है O । O भ्रष्टाचार O मुक्त O नैतिक O समाज O के O लिए O इस O लालच O के O खिलाफ O लड़ाई O लड़नी O होगी O और O मैं O क्या O दे O सकता O हूँ O की O भावना O से O इस O स्थिति O को O बदलना O होगा O - O डॉ. O एपीजे B-NEP अब्दुल I-NEP कलाम I-NEP लोक O सेवाओं O में O सुधार O के O लिए O ' O मैकाले B-NEP कमेटी O ' O से O लेकर O ' O इस्लिंग्टन B-NEP कमेटी O ' O और O फिर O ' O ली B-NEP आयोग O ' O बनाए O गए O थे O और O इन O सभी O ने O संवैधानिक O लोक O सेवा O आयोग O गठित O करने O की O जोरदार O सिफारिश O की O थी O । O पम्पा B-NEP के I-NEP ग्रंथ O का O तात्कालिक O लक्ष्य O उनके O संरक्षक O - O युवराज O अरिकेसरी B-NEP के I-NEP ऐतिहासिक I-NEP कार्यों I-NEP की O वंदना O से O संबद्ध O है O । O हम O सरदार O वल्लभ B-NEP भाई I-NEP पटेल I-NEP के O योगदान O को O नहीं O भुला O सकते O जिन्होंने O स्वतंत्र O भारत B-NEL में O सिविल O सेवाओं O के O गठन O के O लिए O सबसे O अग्रणी O भूमिका O निभाई O थी O और O इसीलिए O उन्हें O ' O भारत B-NEL का O लौह O पुरुष O ' O कहा O जाता O है O । O यहां O भी O , O पम्पा B-NEP की I-NEP कविता O ' O अभिलेखीय O ' O , O " O व्याख्यान O ” O एवं O ' O लेखन O ' O के O रूपक O अलंकारों O से O सजी O दिखती O है O । O पम्पा B-NEP कहते O हैं O कि O एक B-NEN बुरा O कवि O , O लेखक O के O लिए O सिरदर्द O और O उसकी O कविता O ' O लेखन O सामग्री O का O दुष्प्रयोग O ' O होती O है O । O कौरवों O के O नायक O , O जब O एक B-NEN - I-NEN एक I-NEN कर O गिरते O हैं O तो O पम्पा B-NEP उनकी O वीरगति O पर O श्रद्धांजलिस्वरूप O छोटे O स्मृति O - O लेख O लिखते O हैं O । O यह O पाया O गया O है O कि O अगर O बच्चे O की O देखभाल O करने O वाला O पुरुष O है O , O तो O वह O महिलाओं O की O तुलना O में O बच्चे O को O ज़्यादा O संतुष्टि O प्रदान O करता O है O ( O सेठ B-NEP एंड O लुईस B-NEP ) O । O पम्पा B-NEP उस O समय O सक्रिय O थे O जब O भारत B-NEP में O प्रादेशिक O भाषाओं O में O लेखन O आरंभ O ही O हुआ O था O और O उस O समय O लेखन O का O मुख्य O उद्देश्य O श्रद्धांजलिस्वरूप O लेखन O था O । O हालांकि O , O बच्चे O की O सीखने O की O प्रक्रिया O में O मुख्य O भूमिका O मां O की O होती O है O , O जबकि O बच्चे O के O ज्ञान O संबंधी O कौशल O के O विकास O में O पिता O की O भूमिका O अहम O होती O है O ( O रोल्ले B-NEP 2019 B-NETI ) O । O नेताजी O सुभाष B-NEP चन्द्र I-NEP बोस I-NEP ने O भारतीय O सिविल O सेवा O की O परीक्षा O पास O तो O कर O ली O थी O लेकिन O उन्होंने O इस O सेवा O के O तहत O काम O करने O से O इंकार O कर O दिया O जिससे O उनके O सैद्धांतिक O मूल्यों O और O निष्ठा O का O पता O चलता O है O और O यह O फैसला O उन्होंने O स्वतंत्रता O संग्राम O के O दौरान O लिया O था O । O सिविल O सेवाओं O में O आने O वाले O शुरुआती O भारतीय O आईसीएस O परीक्षा O पास O करने O वाले O पहले O भारतीय O थे O सत्येन्द्र B-NEP नाथ I-NEP टेगोर I-NEP , O जिन्होंने O 1864 B-NETI में O यह O सफलता O प्राप्त O की O थी O । O इनमें O प्रमुख O नाम O हैं O बिहारी B-NEP लाल I-NEP गुप्ता I-NEP और O रोमेश B-NEP चंद्र I-NEP दत्त I-NEP जो O आगे O चलकर O 1899 B-NETI में O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO कांग्रेस I-NEO के O अध्यक्ष O बने O । O पम्पा B-NEP को I-NEP समसामयिक O इतिहास O जितना O ही O रोचक O नजर O आया O और O अपनी O कविता O में O उन्होंने O दोनों B-NEN के O बीच O लाक्षणिक O संबंध O उद्घाटित O किए O हैं O । O मौखिक O परंपरा O में O संरक्षित O महाभारत B-NEAR के O कथानक O को O लेखकीय O रूप O में O बदलने O के O पम्पा B-NEP के O प्रयास O को O दर्शाते O हैं O । O सिविल O सेवा O में O शुरू O में O शामिल O होने O वाले O कुछ O भारतीय O अधिकारियों O ने O समय O की O मांग O के O अनुरूप O भूमिका O निभाई O और O भारत B-NEP में O लोकतंत्र O को O उसके O सही O रूप O और O सच्ची O भावना O में O सशक्त O बनाने O के O उद्देश्य O से O अडिग O संस्थागत O मूल्यों O , O तौर O - O तरीकों O और O प्रणालियों O में O दृढ़ O आस्था O का O परिचय O दिया O । O सर O बेनेगल B-NEP नरसिंग I-NEP राव I-NEP एक B-NEN अन्य O आईसीएस O अधिकारी O थे O जिन्हें O भारत B-NEL के O स्वतंत्र O होने O से O एक B-NEN वर्ष O से O कुछ O ज्यादा O समय O पहले O 1 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 1946 I-NETI को O संविधान O सलाहकार O नियुक्त O किया O गया O था O । O पूर्व O प्रशासनिक O अधिकारी O और O राज्यपाल O श्री O त्रिलोकी B-NEP नाथ I-NEP चतुर्वेदी I-NEP ने O प्रशिक्षण O संस्थानों O के O बारे O में O कहा O था O कि O जब O तक O वहाँ O उनके O वेतन O भत्ते O कम O थे O , O वहाँ O ऐसे O तथाकथित O अयोग्य O लोगों O को O भेजा O जाता O था O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O जैसे O कि O मैंने O आपको O बताया O कि O मैंने O छात्रों O को O सर्वप्रथम O कम्प्यूटर O से O जोड़ा O । O भ्रष्टाचार O निवारण O समिति O ( O 1964 B-NETI ) O : O इसे O संथानम B-NEP समिति O के O नाम O से O भी O जाना O जाता O है O । O जरा B-NEAR हटके I-NEAR स्तंभ O में O परमेश्वरन B-NEP अय्यर I-NEP जी O ने O स्वच्छ O भारत B-NEL के O व्यवहार O परिवर्तन O पर O जोर O देते O हुए O सारगर्भित O लेख O में O सभी O पहलुओं O को O समेटा O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO के O आर्थिक O मामलों O के O सचिव O सुभाष B-NEP चंद्र I-NEP गर्ग I-NEP ने O ट्वीट O कर O साफ O किया O कि O नई O या O पुरानी O पीपीएफ O डिपॉजिट O को O जब्त O किए O जाने O से O सुरक्षा O मिलती O रहेगी O । O श्री O प्रकाश B-NEP जावड़ेकर I-NEP उस O समय O मानव O संसाधन O विकास O मंत्री O थे O और O वह O महाराष्ट्र B-NEL से O ही O हैं O । O खासकर O महिलाओं O को O विभिन्न O तरह O की O समस्याओं O और O अत्याचारों O से O मुक्ति O के O लिये O वी B-NEP अमुदावल्ली I-NEP का O लेख O बहुत O कारगर O है O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O महामारी O के O समय O में O मूल्य O आधारित O शिक्षा O तक O पहुंच O बनाए O रखने O का O प्रश्न O है O । O इस O अंक O में O गोविन्द B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP और O शिवाजी B-NEP त्रिपाठी I-NEP का O आलेख O सुशासन B-NEAR और I-NEAR राज्यों I-NEAR में I-NEAR शिकायत I-NEAR निवारण I-NEAR प्रणाली I-NEAR भी O बहुत O उपयोगी O लेख O है O , O जिसमें O विभिन्न O राज्यों O की O सरकारों O द्वारा O लागू O लोक O शिकायत O निवारण O प्रणालियों O का O विस्तार O से O विवरण O दिया O गया O है O । O वहाँ O के O कलेक्टर O श्री O राव B-NEP ने O प्लेग O पर O तो O काबू O किया O ही O सूरत B-NEL शहर O की O सफाई O और O पूरी O व्यवस्था O बदलकर O शहर O की O सूरत O ही O बदल O डाली O । O क्या O मेट्रोमैन O श्रीधरन B-NEP की O लोक O प्रशासन O में O भूमिका O लोग O भूल O सकते O हैं O ! O हाल O ही O में O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O वाली O सरकार O की O मंत्रिपरिषद B-NEO का O विस्तार O हुआ O है O । O डॉ. O राजेन्द्र B-NEP प्रसाद I-NEP ( O उर्दू O ) O लेखक O : O काली B-NEP किंकर I-NEP दत्ता I-NEP डॉ. O राजेन्द्र B-NEP प्रसाद I-NEP महान O स्वतंत्रता O सेनानी O व O राष्ट्र O - O निर्माता O थे O । O मूल O रूप O से O अंग्रेज़ी O में O लिखी O इस O किताब O का O उर्दू O में O अनुवाद O रिज़वान B-NEP अब्बास I-NEP द्वारा O किया O गया O है O । O दादाभाई B-NEP नौरोजी I-NEP ( O उर्दू O ) O लेखक O : O आर. B-NEP पी. I-NEP मसानी I-NEP हाल O में O अमेरिका B-NEL में O प्रकाशित O विवेक B-NEP शानबाग I-NEP के O कन्नड O उपन्यास O घचर O घोचर O का O श्रीनाथ B-NEP पेरूर I-NEP का O अंग्रेजी O अनुवाद O इसका O स्पष्ट O उदाहरण O है O । O डॉ. O करुण B-NEP रावत I-NEP : O आईआईटी B-NEL रुड़की I-NEL में O इलेक्ट्रॉनिक्स O एंड O कम्युनिकेशन O के O एसोसिएट O प्रोफेसर O हैं O , O साथ O ही O वे O रेडियो O फ्रिक्वेंसी O के O विशेषज्ञ O हैं O । O दादाभाई B-NEP नौरोजी I-NEP ब्रिटिश I-NEP भारत B-NEL में O बहुविध O जनगति O विधियों O से O जुड़े O रहे O । O उदाहरण O के O लिए O , O बुकर O पुरस्कार O जीतने O वाले O लेखक O अरविंद B-NEP अडिगा I-NEP की O कन्नड़ O साहित्य O की O रचनाएं O पाठकों O को O बहुत O आकर्षित O करती O हैं O , O विशेषकर O बिट्वीन O दी O असेसिनेशन्स O ( O 2009 B-NETI ) O में O उसी O प्रकार O अलग O - O अलग O क्षेत्रीय O व्यंजनाएं O हैं O , O जिस O तरह O अमित B-NEP चौधरी I-NEP , O पंकज B-NEP मिश्रा I-NEP , O अनुजा B-NEP चौहान I-NEP और O कुछ O अन्य O के O लेखन O में O । O वर्ष B-NETI 2020 I-NETI में O अर्थशास्त्र O का O नोबेल O पुरस्कार O दो B-NEN अर्थशास्त्रियों O - O पॉल B-NEP आर. I-NEP मिलग्रोम I-NEP और O रॉबर्ट B-NEP बी. I-NEP विल्सन I-NEP को O मिला O था O , O जिन्होंने O नीलामी O के O सिद्धांत O को O प्रचलित O किया O , O विशेषकर O 1994 B-NETI से O जब O से O संयुक्त O राष्ट्र O में O स्पेक्ट्रम O नीलामी O की O शुरुआत O हुई O थी O । O इस O श्रृंखला O में O अन्य O उदाहरण O चारु B-NEP निवेदिता I-NEP की O जीरो B-NEAR डिग्री I-NEAR या O तमिल B-NEAR पल्प I-NEAR फिक्शन I-NEAR की O द B-NEAR ब्लास्ट I-NEAR बुक O हैं O । O प्रधानमंत्री B-NEP ने O सितंबर B-NETI 2021 I-NETI में O आयुष्मान O भारत O डिजिटल O मिशन O की O शुरुआत O की O । O मूल O रूप O से O अंग्रेज़ी O में O लिखी O इस O किताब O का O उर्दू O में O अनुवाद O फरहद B-NEP उस्मानी I-NEP द्वारा O किया O गया O है O । O वर्ष O 2007 B-NETI में O प्रोफेसर O रोजर B-NEP बी I-NEP मेयरसन I-NEP और O वर्ष O 2014 B-NETI में O प्रोफेसर O जीन O टिरोले O को O यह O प्रतिष्ठित O पुरस्कार O क्रमशः O मैकनिज़म O डिजाइन O के O सिद्धांत O और O रेग्युलेशन O और O कॉम्पीटीशन O नीति O के O लिए O मिला O था O , O जिसका O प्रयोग O नीलामी O सिद्धांत O में O एक B-NEN लक्ष्य O साधक O के O रूप O में O किया O गया O । O बहुभाषी O आधुनिकता O को O दलित O नारीवादी O लेखकों O जैसे O कि O बामा B-NEP , O मीना B-NEP कांदास्वामी I-NEP , O पी B-NEP सिवाकामी I-NEP और O उर्मिला B-NEP पवार I-NEP द्वारा O स्पष्ट O किया O गया O है O , O जो O समरूप O भारतीय O नारीवाद O के O आख्यानों O को O अस्थिर O करती O है O । O हर्ष B-NEP वी I-NEP पंत I-NEP , O लेखक O किंग्स B-NEO कॉलेज I-NEO , I-NEO लंदन B-NEL ( O यू.के. B-NEL ) O के O रक्षा O अध्ययन O विभाग O में O अंतर्राष्ट्रीय O संबंध O विषय O के O प्रोफेसर O हैं O । O अमिताव B-NEP घोष I-NEP , O अरुंधति B-NEP रॉय I-NEP और O महाश्वेता B-NEP देवी I-NEP के O लेखन O ने O स्वदेशी O और O आदिवासी O लोगों O की O नवउदारवादी O ताकतों O के O प्रतिरोध O की O अग्रगामिता O द्वारा O सार्वभौमिक O पर्यावरणवाद O के O विचार O को O समस्याग्रस्त O किया O है O । O विजयदान B-NEP देथा I-NEP , O हेइसनाम B-NEP कन्हैयालाल I-NEP जैसे O लेखक O आधुनिक O साहित्य O पर O लोकवार्ता O अभिव्यक्त O करते O हैं O । O बेहतर O अवसरों O की O तलाश O में O चेतन B-NEP भगत I-NEP और O अरविंद B-NEP अडिगा I-NEP जैसे O लेखकों O की O स्वदेश O वापसी O इसका O उदाहरण O है O कि O भारत O में O उदारीकरण O के O बाद O की O अर्थव्यवस्था O में O , O अब O प्रवासी O बनने O का O सफर O पूर्व O से O लेकर O पश्चिम O तक O , O संघर्ष O से O लेकर O अवसर O तक O , O बंधन O से O लेकर O स्वतंत्रता O तक O का O नहीं O है O । O भारतीय O प्रशासन O तंत्र O : O प्रोफेसर O श्रीकृष्ण B-NEP देव I-NEP राव I-NEP इसका O ताजा O उदाहरण O नॉर्वे B-NEL में O बसे O हिंदी O लेखक O प्रवीण B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP का O है O , O जिनके O हिंदी O उपन्यास O कुली B-NEAR लाइन्स I-NEAR ( O 2019 B-NETI ) O में O करारबद्ध O मजदूरों O के O जीवन O की O पड़ताल O की O गई O है O । O ब्रिटिश O संसद O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO के O अधिकारों O को O और O कम O करने O के O लिए O पिट B-NEP का O इंडिया O एक्ट O ( O 1884 -NETI ) O पारित O करने O वाली O थी O । O 13 B-NETI सितंबर I-NETI 1783 I-NETI को O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO के O निदेशक O मण्डल O ( O बोर्ड O ऑफ O डायरेक्टर्स O ) O ने O , O कलकत्ता B-NEL ( O अब O कोलकाता B-NEL ) O में O एक B-NEN ऐसा O विभाग O बनाने O का O फैसला O लिया O जो O वारेनहेस्टिंग्स B-NEP प्रशासन O पर O काम O का O दबाव O कम O करने O के O लिए O उसके O गोपनीय O तथा O राजनैतिक O कार्यों O में O मदद O कर O सके O । O अब O , O अंग्रेजी O भाषा O के O उपन्यासकार O जैसे O अनुजा B-NEP चौहान I-NEP , O चेतन B-NEP भगत I-NEP और O अमीश B-NEP त्रिपाठी I-NEP भारत B-NEL के O बाहर O अपनी O पुस्तकों O के O प्रकाशन O के O लिए O लालायित O नहीं O रहते O । O मराठा O साम्राज्य O से O वह O बड़ी O मुश्किल O से O पार O पा O सकी O थी O और O दक्षिण O में O हैदर B-NEP अली I-NEP से O हार O रही O थी O । O ऐतिहासिक O साहित्य O के O अध्ययन O से O पता O चलता O है O कि O भारत B-NEL में O लोक O - O प्रशासन O का O उल्लेख O कौटिल्य B-NEP रचित O ' O अर्थशास्त्र B-NEAR ' O में O किया O गया O है O । O गवर्नर O जनरल O एलनबरो B-NEP ने O प्रशासनिक O सुधार O करते O हुए O निम्न O चार B-NEN विभाग O गठित O किए O ; O विदेश O , O गृह O , O वित्त O और O सैन्य O विभाग O । O यह O अपनी O पॉलीफोनी O और O विविधता O में O , O हमें O हमारे O गहन O रूप O से O बाधित O पूर्वाग्रहों O को O अनसुना O करने O के O लिए O आमंत्रित O करके O ( O भटनागर B-NEP और O कौर B-NEP , O ) O विश्व O साहित्य O के O आधिपत्य O को O समाप्त O करने O की O अवधारणा O का O एक B-NEN आदर्श O प्रस्तुत O करता O है O और O सोच O के O नए O तरीकों O से O अवगत O कराता O है O । O जनशिकायतों O के O निवारण O के O लिए O शिवराज B-NEP सिंह I-NEP चौहान I-NEP ने O सी O - O एम O हेल्पलाइन O 181 B-NEN के O रूप O में O अभिनव O पहल O की O है O । O हम O यहां O अंबेडकर B-NEP जयंती O मनाने O आए O हैं O । O लेकिन O , O मैं O आपको O बताना O चाहता O हूं O कि O उनके O विचार O , O उनकी O दूरदृष्टि O , O उनके O संदेश O , O वास्तव O में O मोदी B-NEP सरकार O द्वारा O लोगों O की O सेवा O में O किए O जाने O वाले O हर O दिन O के O कार्यों O को O निर्धारित O , O प्रभावित O और O मार्गदर्शन O करते O हैं O । O तो O आज O , O एक B-NEN तरह O से O , O हमारे O लोकाचार O के O साथ O - O साथ O आधुनिक O व्यवहार O दोनों O को O याद O करने O का O अवसर O है O क्योंकि O डॉ. O अंबेडकर B-NEP की O शिक्षाएं O उनके O बीच O पुल O का O काम O करती O हैं O । O भगवान O महावीर B-NEP का O एकजुटता O और O शांति O का O संदेश O , O निश्चित O रूप O से O हमें O आशीर्वाद O और O मार्गदर्शन O देता O रहता O है O । O और O डॉ. O अंबेडकर B-NEP , O कई O मायनों O में O इनके O गहन O प्रतीक O हैं O । O और O भारत B-NEL की O आजादी O के O बाद O हिंदी O साहित्य O के O विभिन्न O उतार O - O चढ़ाव O को O निशात B-NEP जैदी I-NEP व O मैनेजर B-NEP ने O क्रमबद्ध O लिख O कर O समझाने O की O कोशिश O की O है O । O इसके O साथ O भाषाविज्ञान O के O शोधकर्ताओं O के O लिए O आलोक B-NEP श्रीवास्तव I-NEP के O ' O भाषा O व O देवनागरी O लिपि O का O विकास O ' O जैसे O आलेख O के O अंतर्गत O संस्कृत O , O उर्दू O , O तोल्कप्पियम B-NEAR , O मराठी O साहित्य O जैसे O गूढ़ O विषय O के O अलग O - O अलग O प्रसंग O पर O प्रकाश O डाल O कर O देवनागरी O लिपि O के O विकास O को O समझाने O में O आलेख O काफी O हद O तक O सफल O साबित O रहा O है O । O प्रकाश B-NEP मनु I-NEP ने O ' B-NEAR हिंदी I-NEAR बाल I-NEAR साहित्य I-NEAR का I-NEAR परिदृश्य I-NEAR ' I-NEAR आलेख O के O माध्यम O से O बाल O साहित्य O की O वर्तमान O परिस्थितियों O और O भविष्य O के O संदर्भ O में O चुनौतियां O व O संभावनाओं O पर O विशेष O जोर O देते O हुए O कुछ O बाल O कविता O के O प्रसंगों O को O समझाया O है O , O जिससे O बाल O कविता O लेखन O को O नई O दिशा O दी O जा O सके O । O - O नितेश B-NEP कुमार I-NEP सिन्हा I-NEP : O गया B-NEL ( O बिहार B-NEL ) O । O सिंधु B-NEL घाटी O सभ्यता O प्राचीन O तमिल O भाषी O लोगों O की O है O , O और O वहां O प्राप्त O लिपि O जिसे O रेव B-NEP फ्रा I-NEP हेरास I-NEP और O सर B-NEP जॉन I-NEP मार्शल I-NEP ने O समझाया O , O स्पष्ट O रूप O से O मौजूदा O तमिल O लिपि O से O मेल O खाती O है O । O तोल्कप्पियार B-NEP कुछ O अक्षरों O के O लिपि O रूप O का O ज़िक्र O करते O हैं O , O वे O सिंधु B-NEL घाटी O लिपि O से O विकसित O किए O गए O हैं O । O - O विश्वनाथ B-NEP सिंहारिया I-NEP : O जयपुर B-NEL , O राजस्थान B-NEL । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O यह O अच्छा O सवाल O है O । O आस्कोपारपोला B-NEP और O इरावाथम B-NEP महादेवन I-NEP ने O कहा O था O कि O सिंधु -NEL लिपि O मूल O उत्पाद O है O और O उन O पर O तमिलों O का O स्वामित्व O है O । O विवेक B-NEP कुमार I-NEP संकेत B-NEP टंडन I-NEP शुभदा B-NEP राव I-NEP संगम O युग O के O आठ B-NEN ग्रंथों O में O , O ' O अहंनुरु B-NEP ' O ने O तीन B-NEN श्लोकों O में O मौर्य B-NEP राजाओं O के O दक्षिणी O क्षेत्र O पर O आक्रमण O को O संदर्भित O किया O है O । O चुरई B-NEP कनारन I-NEP ( O 1812 B-NETI ) O , O थिय्यार O कुलीन O पुरुष O , O भारत B-NEL में O पहले O उप O कलेक्टर O , O उस O समय O किसी O भारतीय O के O लिए O सबसे O ऊंचा O पद O । O लोक O सेवा O का O बीज O 1854 B-NETI के O नोर्थकोट B-NEP - O त्रिवेलयान B-NEP सुधार O अपनाए O जाने O से O पड़ा O । O कोरोना O महामारी O के O सबक O : O डॉ. B-NEP राकेश I-NEP कुमार I-NEP " O तमिल O देश O पर O मौर्य B-NEP आक्रमण O को O लगभग O ईसा O पूर्व O 298 B-NETI से O ईसा O पूर्व O 272 -NETI के O बीच O बिन्दुसार B-NEP के O शासनकाल O में O समझा O जा O सकता O था O । O नंदों B-NEP का O ज़िक्र O संगम B-NEAR काव्य I-NEAR में O भी O हुआ O है O । O प्रो. O नीलकंठ B-NEP शास्त्री I-NEP भी O प्रो. O रामचंद्रन B-NEP के O उपर्युक्त O दृष्टिकोण O का O समर्थन O करते O हैं O । O तोल्कप्पियम B-NEAR से O पहले O पानमपारनार B-NEP द्वारा O प्रस्तुत O पद्य O , O के O समकालीन O पद्य O की O पंद्रह B-NEN पंक्तियों O में O निम्नलिखित O मूल्यवान O जानकारी O प्रदान O करते O हैं O । O चुरई B-NEP कनारन I-NEP रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O जी O बिल्कुल O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O मेरी O राय O में O नई O शिक्षा O नीति O देश O में O शिक्षा O क्षेत्र O में O आमूल O परिवर्तन O लाएगी O । O तोल्कप्पियम B-NEAR मौर्य B-NEP और O नंद -NEN काल O से O बहुत O पहले O उभरा O था O । O 4. B-NEN तोल्कप्पियार B-NEP ने O प्राचीन O तमिल O कार्यों O का O उल्लेख O किया O था O और O अपने O समय O की O सभी O उपयुक्त O सामग्रियों O को O एकत्र O किया O और O एक B-NEN त्रुटिहीन O शोध O प्रबंध O के O रूप O में O संकलित O किया O था O । O 5. B-NEN तोल्कप्पियम B-NEAR को O (( O नीलमथारु - थ्रूविल - पांडियन - नाम O के O पांड्य B-NEP राजा O के O ज्ञानि O दर्शकों O के O समक्ष O प्रस्तुत O किया O गया O था O । O यह O अथानकोट्टु B-NEP आसन I-NEP नैतिक O न्याय O का O प्रतिपादक O था O और O चारों B-NEN वेदों O के O ज्ञाता O थे O । O 6. B-NEN तोल्कप्पियार B-NEP व्याकरण B-NEAR में O महारत O थे O । O 7. B-NEN तोल्कप्पियम B-NEAR का O लेखक O तोल्कप्पियार B-NEP है O जो O उसका O सही O नाम O है O और O उनके O द्वारा O किए O गए O कार्य O को O उनका O ही O नाम O दिया O गया O है O । O जाहनु B-NEP बरुआ I-NEP : O लेखक O जाने O - O माने O फिल्म O निर्देशक O और O लेखक O हैं O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O मेरी O राय O में O बच्चों O को O अपने O मन O की O आवाज O सुननी O चाहिए O । O दीर्घकालिक O जल O सुरक्षा O के O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O के O लिए O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O योजना O , O जेजेएम O , O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O , O पंचायती B-NEO राज I-NEO संस्थाओं I-NEO को O 15वें B-NEN वित्त O आयोग O के O अनुदान O , O जिला O खनिज O विकास O कोष O , O कंपनी O सामाजिक O जिम्मेदारी O कोष O और O सामुदायिक O योगदान O के O धन O का O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O फ्रांस B-NEL से O राफेल -NEP ने O भारतीय O वायु O शक्ति O को O एक B-NEN नई O दिशा O दी O और O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O सम्पन्न O होने O वाली O नेवल O एक्सरसाइज O ' O वरुण B-NEP ' O ने O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL में O भारतीय O शक्ति O की O स्थापना O को O मजबूती O दी O । O प्रशिक्षण O और O मूल्यांकन O : O शिक्षकों O की O भर्ती O , O प्रशिक्षण O तथा O मेरिट O आधार O पर O मूल्यांकन O : O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP डिसले I-NEP सऊदी B-NEL अरब I-NEL और O द्वारा O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP को O अपने O सर्वोच्च O नागरिक O सम्मान O से O विभूषित O करने O को O इसके O प्रमाण O के O रूप O में O देखा O जा O सकता O है O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O जी O , O इसीलिए O मैंने O पुरस्कार O की O राशि O बांटने O का O निर्णय O किया O । O डॉ. O रमेश B-NEP पोखरियाल I-NEP " I-NEP निशंक I-NEP " O : O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O शिक्षा O मंत्री O हैं O । O न्यूयॉर्क B-NEL में O भारत B-NEL के O महावाणिज्य O दूतावास O में O अंबेडकर B-NEP जयंती O समारोह O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP का O संबोधन O अप्रैल B-NETI 15 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI महावाणिज्य O दूत O रणधीर B-NEP जायसवाल I-NEP अध्यक्ष O , O श्री O गुरु O रविदास B-NEP मंदिर O , O अशोक B-NEP माही I-NEP जी O चेयरमैन O श्री O गुरु O रविदास B-NEP मंदिर O , O बलबीर B-NEP चौहान I-NEP जी O भारतीय O समुदाय O के O सदस्यगण O प्रिय O मित्रों O नमस्कार O आज O हम O सब O यहाँ O भारत B-NEL रत्न O डॉ. O बी. B-NEP आर. I-NEP अंबेडकर I-NEP की O जयंती O मनाने O और O उनके O जीवन O एवं O विरासत O को O सम्मान O देने O के O लिए O एकत्रित O हुए O हैं O । O भारत B-NEL को O चरक B-NEP , O सुश्रुत B-NEP , O आर्यभट्ट B-NEP , O वराहमिहिर B-NEP , O भास्कराचार्य B-NEP , O ब्रह्मगुप्त B-NEP , O चाणक्य B-NEP जैसे O असाधारण O विद्वानों O की O भूमि O के O रूप O में O सम्मानित O किया O गया O है O । O ध्यान O रहे O कि O सेशेल्स B-NEL के O राष्ट्रपति O डैनी B-NEP फोरेकी I-NEP भारत B-NEL यात्रा O के O दौरान O एसम्पशन B-NEL द्वीप I-NEL पर O भारत B-NEL को O नौसैनिक O अड्डे O के O निर्माण O के O लिए O पुनः O स्वीकृति O दे O दी O थी O । O धर्मपाल B-NEP जी O ने O अपनी O पुस्तक O , O “ O द B-NEAR ब्यूटीफुल I-NEAR ट्री I-NEAR - I-NEAR इंडीजिनस I-NEAR इंडियन I-NEAR एजुकेशन I-NEAR इन I-NEAR द I-NEAR ऐटीन्थ I-NEAR सेंचुरी I-NEAR ” O में O अंग्रेजों O के O अधीन O शिक्षा O प्रणाली O का O मौलिक O रूप O से O मूल्यांकन O किया O है O । O आज O महावीर B-NEP जयंती O , O वैसाखी O , O विशु O , O पोहला O बोइसाख O , O पुथंडु O और O बोहाग O बिहू O भी O हैं O , O ये O दिन O तमिल O नव O वर्ष O , O बंगाली O नव O वर्ष O हैं O । O आप O सभी O की O तरह O , O मैं O भी O बाबासाहेब B-NEP अंबेडकर I-NEP को O श्रद्धांजलि O अर्पित O करने O के O लिए O विनम्र O हूँ O । O इस O दृष्टि O से O समुद्री O देशों O के O साथ O प्रधानमंत्री O श्री O मोदी B-NEP की O कूटनीति O बेहद O निर्णायक O रही O , O विशेषकर O सेशेल्स B-NEL के O साथ O । O उसके O बाद O 1931 B-NETI में O लॉर्ड O विस्काउंट B-NEP पील I-NEP की O अध्यक्षता O वाली O विशेषज्ञ O समिति O ने O केंद्र O तथा O प्रांतों O के O बीच O राजकोषीय O संबंधों O की O पड़ताल O की O और O केंद्र O तथा O प्रांतों O के O बीच O आयकर O साझा O किए O जाने O का O सुझाव O दिया O , O जिसमें O प्रांतों O का O हिस्सा O पांच B-NEN वर्ष O के O लिए O तय O किया O गया O । O सेंट B-NEO स्टीफंस I-NEO के O - O एमआरएफ O विशिष्ट O पूर्व O छात्र O समारोह O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP द्वारा O उद्घाटन O व्याख्यान O मार्च B-NETI 24 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI प्रिंसिपल O , O डॉ. O जॉन B-NEP वर्गीस I-NEP श्री O राहुल B-NEP मामन I-NEP , O श्री O समीर B-NEP मपिल्लई I-NEP , O डॉ. O चिंखानलुन B-NEP गुइटे I-NEP , O सुश्री O एन B-NEP सुसान I-NEP अलेयास I-NEP प्रतिष्ठित O फैकल्टी O , O कनिष्ठ O सदस्य O , O पूर्व O छात्र O , O अतिथिगण O मैं O शुरुआत O इस O बात O पर O जोर O देकर O करना O चाहता O हूँ O कि O कॉलेज O में O वापस O आना O कितना O बड़ा O आनंद O है O । O आज O , O डॉ. O अंबेडकर B-NEP की O दृष्टि O , O डॉ. O अंबेडकर B-NEP की O आकांक्षाएँ O , O वास्तव O में O वह O ब्लूप्रिंट O हैं O जो O शताब्दी O वर्ष O की O ओर O बढ़ O रहे O हमारे O राष्ट्र O का O मार्गदर्शन O करेंगी O । O मगर O उस O समय O सरदार O वल्लभभाई B-NEP पटेल I-NEP की O दृष्टि O एवं O दूरदर्शिता O के O कारण O 569 B-NEN से O अधिक O रियासतों O का O विलय O भारत B-NEO संघ I-NEO में O करने O में O मदद O मिली O और O भारत B-NEL में O संघीय O ढांचे O की O नींव O पड़ी O । O और O इस O समय O , O डॉ. O अंबेडकर B-NEP के O विचार O स्पष्टता O और O कार्य O के O लिए O एक B-NEN दिशा O प्रदान O करते O हैं O । O इस O दिशा O में O अंतरराष्ट्रीय O सौर O गठबंधन O ( O इंटरनेशनल O सोलर O एलायंस O - O आईएसए O ) O बेहद O महत्वपूर्ण O है O जिसकी O शुरूआत O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP की O पहल O पर O नवम्बर B-NETI 2015 I-NETI में O की O गई O । O अन्याय O और O उत्पीड़न O के O खिलाफ O आजीवन O एक B-NEN योद्धा O के O रूप O में O , O बाबासाहेब B-NEP ने O स्वतंत्रता O को O समानता O , O सामाजिक O मुक्ति O और O महिला O सशक्तिकरण O से O जोड़ा O । O समाचार O , O डॉक्टर O सूरज B-NEP द्वारा O 2500 B-NEN मरीजों O पर O किए O गए O शोध O पर O आधारित O है O । O डॉ. O बी. B-NEP आर. I-NEP अंबेडकर I-NEP ने O इन O शब्दों O में O इसकी O बखूबी O व्याख्या O की O - O “ O संविधान O का O मसौदा O संघीय O संविधान O है O क्योंकि O यह O दोहरी O शासन O व्यवस्था O की O स्थापना O करता O है O । O सीता B-NEP का O एक B-NEN बच्चा O है O । O आधुनिक O भारत B-NEL के O निर्माण O में O बाबासाहेब B-NEP के O महत्वपूर्ण O योगदान O के O लिए O हम O सदैव O उनके O ऋणी O रहेंगे O । O एक B-NEN प्रतिभाशाली O छात्र O के O रूप O में O बाबासाहेब B-NEP की O उपलब्धि O ने O उन्हें O न्यूयॉर्क B-NEL में O कोलंबिया B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO में O उच्च O शिक्षा O प्राप्त O करने O के O लिए O छात्रवृत्ति O प्रदान O की O । O डॉ. O निशात B-NEP ज़ैदी I-NEP : O लेखिका O नई B-NEL दिल्ली I-NEL के O जामिया B-NEO मिल्लिया I-NEO इस्लामिया I-NEO में O अंग्रेजी O विभाग O की O प्रमुख O और O प्रोफेसर O हैं O । O तेजी O से O वैश्विक O हो O रही O दुनिया O में O भारतीय O साहित्य O की O परिकल्पना O हम O कैसे O करते O हैं O , O जहां O पूंजी O , O प्रौद्योगिकी O , O लोगों O , O सूचनाओं O और O विचारों O के O प्रवाह O ( O अप्पादुरई B-NEP , O 1996 B-NETI ) O ने O मूल O की O बजाय O पहचान O की O विचार O छवि O को O प्रस्तुत O किया O है O , O जहां O पहले O से O ही O विदेशी O प्रभावों O ने O राष्ट्र O को O स्वयं O की O पहचान O की O प्रस्तुति O पर O अपने O नियंत्रण O से O वंचित O कर O दिया O है O ? O सीता B-NEP अब O भी O अपने O बच्चे O को O अपना O दूध O पिलाती O है O । O एक B-NETI माह I-NETI देवी B-NEP की O माहवारी O नहीं O हुई O । O इस O अर्थ O में O , O डॉ. O अंबेडकर B-NEP की O प्रासंगिकता O सार्वभौमिक O है O और O उन्हें O उन O सभी O राष्ट्रों O द्वारा O मान्यता O दी O जानी O चाहिए O जो O भेदभाव O और O अन्याय O पर O काबू O पाने O के O लिए O एक B-NEN निष्पक्ष O समाज O का O निर्माण O करना O चाहते O हैं O । O प्राथमिक O शिक्षा O : O निपुण O भारत B-NEL मिशन O : O राशि B-NEP शर्मा I-NEP अपने O राजनीतिक O कार्यों O और O संवैधानिक O विशेषज्ञता O के O लिए O ज्यादा O जाने O जाने O वाले O बाबासाहेब B-NEP एक B-NEN बहुत O गहरे O आर्थिक O विचारक O थे O । O बहुलता O , O तुलनात्मकता O , O अनुवाद O और O बहुभाषावाद O ( O रोसेला B-NEP सिओका I-NEP और O नीलम B-NEP श्रीवास्तव I-NEP , O 2017 B-NETI ) O द्वारा O परिभाषित O और O निर्धारित O , O भारतीय O साहित्य O , O विश्व O साहित्य O ( O त्रिवेदी B-NEP , O 2007 B-NETI , O 125 B-NEN - O 127 B-NEN , O सुजीत B-NEP मुखर्जी I-NEP , O 1981 B-NETI ) O को O अपना O मॉडल O प्रदान O करने O की O स्थिति O में O है O , O जिसमें O विश्व O साहित्य O के O प्रभुत्व O को O समाप्त O करने O की O क्षमता O है O । O डेविड B-NEP डामरॉश I-NEP का O तर्क O है O कि O विश्व O साहित्य O साहित्यिक O कार्यों O का O हमेशा O बदलता O हुआ O संग्रह O है O जो O एक B-NEN से O दूसरी B-NEN राष्ट्रीय O परंपरा O में O अवशोषित O हो O जाते O है O : O रचनाएं O किसी O विदेशी O संस्कृति O में O स्थान O पाने O से O विश्व O साहित्य O बन O जाती O हैं O । O अर्जुन B-NEP और O सीता B-NEP ने O आपस O में O विचार O कर O यह O तय O किया O था O कि O दूसरा O बच्चा O दो B-NETI साल I-NETI के I-NETI बाद I-NETI करेंगे O । O परिवर्तन O , O जल O तक O पहुंच O , O शिक्षा O और O अवसरों O का O खजाना O डॉ. O यास्मीन B-NEP अली I-NEP हक I-NEP , O लेखिका O भारत B-NEL के O लिए O यूनिसेफ B-NEO की O प्रतिनिधि O हैं O । O परन्तु O सीता B-NEP अब O गर्भवती O हो O गई O है O । O उसने O यह O बात O अपने O पति O अर्जुन B-NEP को O बताई O । O उन्हें O लगा O कि O सीता B-NEP फिर O से O गर्भवती O हो O गई O है O । O हमने O पूर्व O में O सावित्री B-NEP और O प्रीति B-NEP की O कहानी O देखी O और O पढ़ी O है O । O सरजमीं O : O सुशासन O व O राज्यों O की O शिकायत O निवारण O प्रणाली O : O गोविन्द B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP : O शिवाजी B-NEP त्रिपाठी I-NEP गोविन्द B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP नयी B-NEL दिल्ली I-NEL स्थित O शोध O संस्था O सभ्यता O अध्ययता O केंद्र O में O शोधार्थी O हैं O । O शिवाजी B-NEP त्रिपाठी I-NEP स्वतंत्र O लेखक O एवं O शोधार्थी O हैं O । O सूचना O प्रोद्योगिकी O के O एक B-NEN रचनात्मक O और O उद्देश्यपूर्ण O प्रयोग O का O एक B-NEN प्रभावशाली O उदाहरण O है O राष्ट्रीय O डिजिटल O स्वास्थ्य O मिशन O , O जिसके O शुभारंभ O की O घोषणा O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O पिछले O स्वाधीनता O दिवस O के O अवसर O पर O की O थी O । O प्रधानमंत्री O ने O नीरज B-NEP चोपड़ा I-NEP ( O जैवलिन O थ्रो O या O भाला O फेंक O ) O से O बात O करते O हुए O भारतीय O सेना O में O काम O करने O के O उनके O अनुभवों O के O साथ O - O साथ O कुछ O समय O पहले O लगी O चोट O से O उबरने O के O बारे O में O भी O उनसे O जानकारी O ली O । O प्रमुख O आलेख O - O भारतीय O प्रशासन O तंत्र O : O प्रोफेसर O श्रीकृष्ण B-NEP देव I-NEP राव I-NEP विशेष O आलेख O - O शासन O में O ईमानदारी O : O मीनाक्षी B-NEP गुप्ता I-NEP फोकस O - O भारतीय O विदेश O सेवा O : O निरंतर O उत्कृष्टता O की O ओर O : O हर्ष B-NEP वी. I-NEP पंत I-NEP बिल B-NEP गेट्स I-NEP ने O हाल O ही O में O भारत B-NEL की O समावेशन O की O नीतियों O की O सराहना O की O है O । O बादशाह O अकबर B-NEP को O इसका O प्रमुख O उदाहरण O माना O जा O सकता O है O । O मुगल O शासकों O में O सबसे O महान O शासक O माने O जाने O वाले O अकबर B-NEP ने O अपने O नवरत्नों O में O बीरबल B-NEP ( O महेश B-NEP दास I-NEP ) O को O शामिल O किया O था O । O बीरबल B-NEP को O उनकी O बुद्धि O , O रचनात्मकता O , O हाजिरजवाबी O , O लोक O कथाओं O की O समझ O और O धार्मिक O ग्रंथों O की O विशेषज्ञता O के O लिए O जाना O जाता O है O । O बाबा B-NEP फरीद I-NEP ( O 1173 B-NETI - O 1266 B-NETI ) O से O लेकर O शेख B-NEAR बु I-NEAR अली I-NEAR शाह I-NEAR कलंदर I-NEAR पानीनती I-NEAR ( O 1209 B-NETI - O 1324 B-NETI ) O तक O कई O संतों O के O नाम O शामिल O किये O जा O सकते O हैं O । O दरअसल O , O अकबर B-NEP को O बीरबल B-NEP के O काम O करने O के O तरीकों O पर O पूरा O विश्वास O था O और O उन्हें O धीरे O - O धीरे O यह O भी O लगने O लगा O था O कि O प्राचीन O भारत B-NEL की O कहानियों O में O कई O तरह O के O ज्ञान O छिपे O हैं O । O बीरबल B-NEP के O साथ O नियमित O तौर O पर O संवाद O और O उनके O द्वारा O सुनाई O गई O कहानियों O से O अकबर B-NEP को O अपने O दरबार O की O समस्याओं O को O सुलझाने O , O नीतियां O बनाने O आदि O में O काफी O मदद O मिली O । O इस O तरह O लोगों O की O समस्याओं O को O देखने O के O लिए O अकबर B-NEP को O अलग O - O अलग O नजरिया O मिला O । O अमेरिका B-NEL के O राष्ट्रपति O डोनल्ड B-NEP ट्रंप I-NEP ने O जून B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O प्रधानमंत्री O को O जी O - O 7 O की O बैठक O में O हिस्सा O लेने O और O इसका O सदस्य O बनने O के O लिये O आमंत्रित O किया O । O गोलकोण्डा B-NEL के O शासक O मुहम्मद B-NEP कुली I-NEP कुतुब I-NEP शाह I-NEP ( O 1565 B-NETI - O 1612 B-NETI ) O ने O खुद O ही O तेलुगु O , O पारसी O और O उर्दू O में O काव्यों O की O रचना O की O । O हमने O वली B-NEP दक्कनी I-NEP के O काव्य O का O संकलन O पाया O है O जिसे O 1700 B-NETI में O दिल्ली B-NEL लाया O गया O था O क्योंकि O विद्वतापूर्ण O अभिव्यक्ति O के O लिए O पारसी O का O प्रयोग O जारी O रहा O इसलिए O नस्र O का O प्रयोग O काफी O बाद O में O सामने O आया O । O भारतीय O उपमहाद्वीप O के O सांस्कृतिक O इतिहास O में O एक B-NEN प्रतिष्ठित O , O असाधारण O तथा O बहुमुखी O प्रतिभा O सम्पन्न O व्यक्ति O थे O अमीर B-NEP खुसरो I-NEP । O अमीर B-NEP खुसरो I-NEP ने O खूबसूरत O शायरी O लिखी O जिसने O भविष्य O में O उर्दू O भाषा O के O सफर O के O लिए O रास्ते O का O निर्माण O किया O । O चल O खुसरो B-NEP घर O आपने O , O भोर O भई O चहुं B-NEN देस O । O चलो O खुसरो B-NEP अपने O घर O की O ओर O चारों B-NEN ओर O सुबह O हो O रही O है O ) O यह O सर O सैयद B-NEP अहमद I-NEP खान I-NEP के O आंदोलन O के O बाद O हुआ O जिन्होंने O 1877 B-NEN में O अलीगढ़ B-NEL में O मोहम्डन B-NEO एंग्लो I-NEO ऑरिएंटल I-NEO कॉलेज I-NEO की O स्थापना O की O थी O । O सर O सैयद B-NEP उद्देश्यपूर्ण O और O सामाजिक O रूप O से O प्रासंगिक O साहित्य O और O पत्रकारिता O तथा O वैज्ञानिक O नज़रिये O की O वकालत O करते O थे O । O अलीगढ़ B-NEL विद्यालय O ने O अलताफ़ B-NEP हुसैन I-NEP अली I-NEP ( O 1837 B-NETI - O 1914 B-NETI ) O जैसे O लेखकों O और O शायरों O को O शिक्षाप्रद O और O सुधारवादी O कविताओं O के O लिए O प्रेरित O किया O । O मुल्क B-NEP राज I-NEP आनंद I-NEP और O सज्जाद B-NEP ज़हीर I-NEP जो O उस O समय O लंदन B-NEL में O थे O , O ने O 1935 B-NETI में O प्रोग्रेसिव O मूवमेंट O की O शुरुआत O की O जो O उर्दू O साहित्य O में O मील O का O पत्थर O साबित O हुई O । O ऑल O इंडिया B-NEL प्रोग्रेसिव O राइटर्स O की O पहली B-NEN कॉन्फ्रेंस O लखनऊ B-NEL में O 1936 B-NETI में O आयोजित O हुई O और O इसकी O अध्यक्षता O मुंशी B-NEP प्रेमचंद I-NEP ने O की O थी O , O इसमें O यह O तय O किया O गया O कि O सौंदर्य O प्रोत्साहन O के O सिद्धांतों O को O बदलना O होगा O । O प्रधानमंत्री O ने O इस O बात O को O लेकर O मैरी B-NEP कॉम I-NEP ( O मुक्केबाजी O ) O की O प्रशंसा O की O कि O वे O बहुत O सारे O एथलीटों O की O आदर्श O हैं O । O यह O अभियान O 2 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2019 I-NETI तक O स्वच्छ O और O खुले O में O शौच O से O मुक्त O भारत B-NEL के O लक्ष्य O को O हासिल O करने O की O दिशा O में O तेजी O से O आगे O बढ़ O रहा O है O , O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O 150वीं B-NEN जयंती O पर O यह O उचित O श्रद्धांजलि O होगी O । O सर्वभौमिक O स्वच्छता O कवरेज O प्राप्त O करने O के O प्रयासों O को O तेज O करने O के O लिए O और O सुरक्षित O सैनिटेशन O पर O विशेष O ध्यान O देने O के O लिए O प्रधानमंत्री O ने O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O जन्मदिवस O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2014 I-NETI को O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O एसबीएम O ) O की O शुरुआत O की O । O एसबीएम O का O लक्ष्य O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2019 I-NETI तक O स्वच्छ O भारत B-NEL का O निर्माण O है O जिससे O कि O गांधी B-NEP जी O के O जन्मदिन O 150वीं B-NEN वर्षगांठ O पर O उन्हें O देश O की O ओर O से O सच्ची O श्रद्धांजलि O दी O जा O सके O । O मालदीव B-NEL के O विदेश O मंत्री O के O साथ O संयुक्त O संवाददाता O सम्मेलन O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP की O टिप्पणियाँ O मार्च B-NETI 26 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI विदेश O मंत्री O महामहिम O अब्दुल्ला B-NEP शाहिद I-NEP , O महामहिम O मंत्रीगण O एवं O वरिष्ठ O अधिकारीगण O उच्चायुक्त O , O प्रिय O मित्रों O , O मंत्री O महोदय O , O सबसे O पहले O मैं O यह O बताना O चाहता O हूं O कि O मालदीव B-NEL के O इस O अनोखे O और O सबसे O दक्षिणी O द्वीप O अड्डू B-NEL का O दौरा O करना O मेरे O लिए O कितनी O खुशी O और O सम्मान O की O बात O है O , O और O मैं O बहुत O सौभाग्यशाली O हूं O कि O मेरी O यात्रा O के O अवसर O पर O विदेशी O आगंतुकों O का O स्वागत O करने O की O यह O प्रथा O यहां O शुरू O होनी O चाहिए O , O और O इसका O मतलब O अड्डू B-NEL के O साथ O एक B-NEN स्थायी O संबंध O होगा O । O प्रधानमंत्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP और O राष्ट्रपति O इब्राहिम B-NEP मोहम्मद I-NEP सोलिह I-NEP के O नेतृत्व O द्वारा O निर्देशित O , O हमारे O सहयोग O ने O वास्तव O में O महामारी O के O चक्र O और O पीड़ा O को O एक B-NEN साथ O देखा O और O झेला O है O । O मैं O बहुत O ही O सफल O और O प्रभावी O तरीके O से O कोविड O की O प्रतिकूल O परिस्थितियों O से O निपटने O के O लिए O राष्ट्रपति O सोलिह B-NEP , O विदेश O मंत्री O , O आपको O और O मालदीव B-NEL की O सरकार O तथा O लोगों O को O बधाई O देता O हूं O । O प्रमुख O आलेख O : O हर O घर O और O हर O व्यक्ति O को O पानी O : O गजेन्द्र B-NEP सिंह I-NEP शेखावत I-NEP विशेष O आलेख O : O जल O सुरक्षा O : O सुरेश B-NEP प्रभु I-NEP फोकस O : O जलवायु O संकट O और O पानी O का O भविष्य O : O भारतीय O अनुभव O : O सुनीता B-NEP नारायण I-NEP मॉर्गन B-NEP स्टेनली I-NEP के O अनुसार O भारतीय O इंटरनेट O बाजार O वर्ष O 2013 B-NETI में O 11 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O की O तुलना O में O बढ़कर O वर्ष O 2020 B-NETI तक O 137 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O हो O सकता O है O और O यह O एक B-NEN निर्विवाद O अवसर O के O रूप O में O उभर O सकता O है O । O कवर O आलेख O : O जल O जीवन O मिशन O - O हर O घर O जल O : O भरत B-NEP लाल I-NEP , O मनोज B-NEP कुमार I-NEP साहू I-NEP सामाजिक O क्रांति O की O दिशा O में O बढ़ते O कदम O : O रतन B-NEP लाल I-NEP कटारिया I-NEP इसमें O अमिताभ B-NEP बच्चन I-NEP का O सहयोग O रहा O । O यह O अभियान O 2 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2019 I-NETI तक O स्वच्छ O और O खुले O में O शौच O से O मुक्त O भारत B-NEL के O लक्ष्य O को O हासिल O करने O की O दिशा O में O तेजी O से O आगे O बढ़ O रहा O है O , O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP की O 150वीं O जयंती O पर O यह O उचित O श्रद्धांजलि O होगी O । O सर्वभौमिक O स्वच्छता O कवरेज O प्राप्त O करने O के O प्रयासों O को O तेज O करने O के O लिए O और O सुरक्षित O सैनिटेशन O पर O विशेष O ध्यान O देने O के O लिए O प्रधानमंत्री O ने O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP के O जन्मदिवस O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2014 I-NETI को O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ) O की O शुरुआत O की O । O एसबीएम O का O लक्ष्य O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2019 I-NETI तक O स्वच्छ O का O निर्माण O है O जिससे O कि O गांधी B-NEP जी O के O जन्मदिन O 150वीं O वर्षगांठ O पर O उन्हें O देश O की O ओर O से O सच्ची O श्रद्धांजलि O दी O जा O सके O । O पंकज B-NEP कुमार I-NEP तत्कालीन O मुख्यमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP , O ने O व्यक्तिगत O रूप O से O राज्य O में O जल O संरक्षण O अभियान O का O नेतृत्व O किया O और O घर O का O पानी O घर O में O , O गाँव O का O पानी O गाँव O में O , O खेत O का O पानी O खेत O में O की O अवधारणा O दी O । O कविताओं O के O पहले B-NEN दर्ज O संकलन O का O श्रेय O वली B-NEP दक्कनी I-NEP ( O 1667 B-NETI - O 1707 B-NETI ) O को O जाता O है O । O उत्तर O में O दिल्ली B-NEL उर्दू O शायरों O का O गढ़ O बन O गया O जैसे O खान B-NEP आरजू I-NEP ( O 1687 B-NETI - O 1756 B-NETI ) O , O हातिम B-NEP ( O 1699 B-NETI - O 1791 B-NETI ) O और O मिर्जा B-NEP मज़हर I-NEP जान I-NEP - I-NEP ए I-NEP - I-NEP जनान I-NEP ( O 1699 B-NETI - O 1781 B-NETI ) O । O 18वीं B-NEN शताब्दी O में O मीर B-NEP तकी I-NEP मीर I-NEP ( O 1723 B-NETI - O 2810 - ) O के O साहित्य O क्षितिज O में O आने O के O बाद O से O उर्दू O शायरी O ने O नई O बुलंदियों O को O छूआ O । O मीर B-NEP के O बारे O में O कहा O जाता O है O कि O उन्होंने O गहरी O उदासी O और O पतन O होते O समाज O की O निराशा O के O दौर O पर O कब्जा O किया O था O । O ऐसे O समय O में O जब O समाज O पतन O की O ओर O जा O रहा O था O , O एक B-NEN साहित्यिक O इतिहासकार O और O आलोचक O के O रूप O में O मीर B-NEP आकर्षण O , O इज्ज़त O और O ईमानदारी O की O तस्वीर O थे O । O 18वीं B-NEN शताब्दी O के O मशहूर O शायरों O में O थे O - O सौदा B-NEP ( O 1713 B-NETI - O 1781 B-NETI ) O , O मीर B-NEP दर्द I-NEP ( O 1720 B-NETI - O 1785 B-NETI ) O कायम B-NEP चांदपुरी I-NEP ( O 1722 B-NETI - O 1793 B-NETI ) O , O इंशा B-NEP ( O 1752 B-NETI - O 1817 B-NETI ) O , O क़लंदर B-NEP बख़्श I-NEP जुरअत I-NEP ( O 1748 B-NETI - O 1809 B-NETI ) O और O मुसहफ़ी B-NEP गुलाम I-NEP हमदानी I-NEP ( O 1751 B-NETI - O 1824 B-NETI ) O । O उर्दू O साहित्य O के O इतिहास O में O एक B-NEN अनोखे O कवि O थे O नजीर B-NEP अकबराबादी I-NEP ( O 1740 B-NETI - O 1830 B-NETI ) O , O जिन्होंने O सामयिक O परम्परागत O शायरी O के O विषय O जो O प्रेम O और O खूबसूरती O पर O होती O थी O , O से O हटकर O अपनी O दिलचस्पी O दुनियादारी O के O मामलों O में O रखी O । O उनकी O शायरी O में O कृष्ण B-NEP और O महादेव B-NEP , O नानक B-NEP और O नरसी B-NEP भगत I-NEP का O भी O जिक्र O मिलता O है O । O अभ्यर्थियों O को O प्रतिभा B-NEP की O केंद्रीय O व्यवस्था O के O अंतर्गत O लाया O जाना O चाहिए O जिसके O बाद O उम्मीदवार O की O क्षमताओं O तथा O पद O के O कार्य O विवरण O को O देखते O हुए O उम्मीदवारों O को O कार्यभार O दिए O जाएंगे O । O सरदार B-NEP पटेल I-NEP राष्ट्रीय O एकता O पुरस्कार O पुरस्कार O की O घोषणा O राष्ट्रीय O एकता O दिवस O 31 B-NETI अक्तूबर I-NETI को O की O जाएगी O जो O सरदार B-NEP पटेल I-NEP की O जयन्ती O भी O है O । O इस O काल O के O बाद O के O प्रमुख O कवियों O में O नामदेव B-NEP तीसरे B-NEN थे O । O इसमें O अमिताभ B-NEP बच्चन I-NEP का O सहयोग O रहा O । O ओडिया O लेखक O फकीर B-NEP मोहन I-NEP सेनापति I-NEP ( O 1843 B-NETI - I-NETI 1918 I-NETI ) O के O पैरोडिक O स्वर O या O मलयालम O लेखक O वैक्कम B-NEP मुहम्मद I-NEP बशीर I-NEP ( O 1928 B-NETI - I-NETI ) O की O क्रांतिकारी O विश्वव्यापकता O , O हिंदी O लेखक O श्रीलाल B-NEP शुक्ल I-NEP के O व्यंग्यपूर्ण O अंदाज O या O मंटों O के O व्यंग्यपूर्ण O परिहास O के O साथ O आलोचनात्मक O यथार्थवाद O को O इनके O लेखन O में O सन्निहित O उपविषयों O की O परतों O को O बाहर O लाने O के O लिए O संवादपूर्ण O दृष्टिकोण O की O आवश्यकता O होती O है O । O अरविंद B-NEP कृष्ण I-NEP मेहरोत्रा I-NEP की O ( O 1991 B-NETI ) O प्राकृत O भाषाओं O की O कविताओं O का O अंग्रेजी O में O अनुवाद O है O , O जबकि O हाल O में O गोपाल B-NEP कृष्ण I-NEP गांधी I-NEP का O तिरुवल्लुवर B-NEP का O अनुदित O संस्करण O तिरक्कुरल O ( O 2019 B-NETI ) O , O भाषा O साहित्य O के O विशाल O खजाने O में O अंग्रेजी O के O भारतीय O कवियों O और O लेखकों O की O बढ़ती O रुचि O की O पुष्टि O करता O है O । O अब O वे O दिन O लद O चुके O हैं O जब O केवल O टैगोर B-NEP और O प्रेमचंद B-NEP जैसे O साहित्यकारों O की O रचनाओं O का O ही O अनुवाद O किया O जाता O था O और O दक्षिण O , O उत्तर O पूर्व O तथा O आदिवासी O समाजों O के O जटिल O साहित्य O का O एक B-NEN बडा O हिस्सा O विशेष O ध्यान O आकर्षित O नहीं O कर O पाता O था O । O यू. B-NEP आर. I-NEP अनंतमूर्ति I-NEP द्वारा O अनुदित O संस्कार O , O गिरीश B-NEP कर्नाड I-NEP , O मलयालम O लेखकों O ओ B-NEP वी. I-NEP विजयन I-NEP और O बशीर B-NEP की O अनुदित O कृतियों O को O मिली O अत्यधिक O लोकप्रियता O इसका O स्पष्ट O उदाहरण O है O । O भाषा O साहित्य O अब O भारत B-NEL के O बाहर O भी O पुरस्कार O प्राप्त O कर O रहा O है O और O अंग्रेजी O बोलने O वाले O भारतीयों O का O साहित्यिक O दंभ O अब O आक्रामक O नहीं O है O ( O नीलांजना B-NEP रॉय I-NEP , O 2016 B-NETI ) O । O मशहूर O लेखकों O और O निबंधकारों O में O मुहम्मद B-NEP हुसैन I-NEP आजाद I-NEP ( O 1830 B-NETI - I-NETI 1910 I-NETI ) O , O मिर्जा B-NEP फ़रहतुल्लाह I-NEP बेग I-NEP ( O 1883 B-NETI - I-NETI 1947 I-NETI ) O , O हास्यकार O - O व्यंग्यकार O रशीद B-NEP अहमद I-NEP सिद्दीकी I-NEP ( O 1894 B-NETI - I-NETI 1977 I-NETI ) O और O कन्हैयालाल B-NEP कपूर I-NEP ( O 1910 B-NETI - I-NETI 1980 I-NETI ) O के O नाम O शामिल O हैं O । O इस O लिहाज O से O वरिष्ठ O कथाकार O देवेंद्र B-NEP कुमार I-NEP की O कहानी O ' O पूरी B-NEAR बाबा I-NEAR ' O की O मुझे O अकसर O याद O आती O है O । O उर्दू O का O पहला O अखबार O जाम B-NEAR - I-NEAR ए I-NEAR - I-NEAR जहांनुमा I-NEAR को O 1822 B-NETI में O हरिहर B-NEP दत्ता I-NEP द्वारा O कोलकाता B-NEL में O शुरू O किया O गया O था O । O हरिहर B-NEP दत्ता I-NEP प्रसिद्ध O बंगाली O पत्रकार O और O संवाद B-NEAR कौमुदी I-NEAR ( O बंगाली O साप्ताहिक O ) O के O संस्थापक O तारा B-NEP चंद I-NEP दत्ता I-NEP के O पुत्र O थे O । O जाम B-NEAR - I-NEAR ए I-NEAR - I-NEAR जहांनुमा I-NEAR के O पहले O संपादक O सदा B-NEP सुखलाल I-NEP थे O । O बाद O में O कई O अन्य O उर्दू O अखबारों O ने O भी O अपनी O उपस्थिति O दर्ज O कराई O जैसे O दिल्ली B-NEP उर्दू O अख़बार O ( O 1937 B-NETI ) O , O अवध B-NEAR अख़बार I-NEAR ( O 1858 B-NETI ) O , O आगरा B-NEAR अख़बार I-NEAR ( O 1863 B-NETI ) O , O अवध B-NEAR पंच I-NEAR ( O 1877 B-NETI ) O , O पैसा B-NEAR अखबार I-NEAR ( O 1886 B-NETI ) O । O दिल्ली B-NEAR उर्दू I-NEAR अखबार I-NEAR के O सम्पादक O मोहम्मद B-NEP बाक़र I-NEP के O 1857 B-NETI के O विद्रोह O में O शामिल O होने O के O कारण O उनकी O हत्या O अंग्रेजी O अधिकारी O मेजर O विलियम B-NEP हडसन I-NEP ने O 16 B-NEAR सितंबर I-NEAR 1857 I-NEAR में O कर O दी O थी O । O उन्होंने O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP और O महान O व्यक्तित्वों O को O श्रद्धांजलि O अर्पित O की O । O मौलाना B-NEP अबुल I-NEP कलाम I-NEP आजाद I-NEP ( O 1888 B-NETI - I-NETI 1958 I-NETI ) O के O अख़बार O हल B-NEAR - I-NEAR हिलाल I-NEAR और O अल B-NEAR - I-NEAR बलाग I-NEAR और O मोहम्मद B-NEP अली I-NEP जौहर I-NEP ( O 1879 B-NETI - I-NETI 1931 I-NETI ) O के O अखबार B-NEAR कॉमरेड I-NEAR और O हमदर्द B-NEAR ने O ब्रिटिश O शासन O के O खिलाफ O आवाज़ O उठाई O थी O । O वरिष्ठ O कहानीकार O विनायक B-NEP जी O की O ' O देवीप्रसाद B-NEAR ' O और O ' O छोटा B-NEAR गांधी I-NEAR ' O भी O अविस्मरणीय O कहानियां O हैं O । O इसी O तरह O दिविक B-NEP की O लूलू B-NEAR की I-NEAR कहानियां I-NEAR भी O बड़ी O अद्भुत O हैं O , O जिनमें O एक B-NEN नटखट O बच्चे O लूलू B-NEP का O चरित्र O मन O को O खींचता O है O । O अरशद B-NEP खान I-NEP की O ' O पानी B-NEAR - I-NEAR पानी I-NEAR रे I-NEAR ' O और O साजिद B-NEP खान I-NEP की O ' O बरगदी B-NEAR गांव I-NEAR ' O पर्यावरण O से O जुड़ी O बड़ी O भावनात्मक O कहानियां O हैं O । O सूर्यनाथ B-NEP सिंह I-NEP की O ' O पिज्जावाला B-NEAR ' O घर O - O घर O में O पिज्जा O पहुंचाने O वाले O एक B-NEN गरीब O आदमी O की O व्यथा O को O प्रकट O करती O है O । O पंकज B-NEP चतुर्वेदी I-NEP की O ' O बेलगाम B-NEAR घोड़ा I-NEAR ' O भी O बहुत O दमदार O कहानी O है O । O डॉ O सुनीता B-NEP की O ' O जलमुर्गाबियां B-NEAR ' O कहानी O उस O समृद्ध O भारतीय O परंपरा O को O टोहती O है O , O जिसमें O पर्यावरण O रक्षा O कोई O अलग O चीज O नहीं O , O बल्कि O हमारे O करुणामय O जीवन O और O परंपरा O का O स्वाभाविक O हिस्सा O है O । O रेनू B-NEP चौहान I-NEP की O ' O नीली B-NEAR पतंग I-NEAR ' O और O मंजुरानी B-NEP जैन I-NEP की O ' O पहली B-NEAR जीत I-NEAR का I-NEAR झंडा I-NEAR ' O कहानियों O की O गूंज O भी O मन O में O रह O जाती O है O । O ओमप्रकाश B-NEP कश्यप I-NEP की O कहानी O ' O सुपर B-NEAR कप्तान I-NEAR ' O भी O एक B-NEN सुंदर O और O यादगार O कहानी O है O । O इसी O तरह O संजीव B-NEP ठाकुर I-NEP की O ' O कबूतर B-NEAR आंटी I-NEAR ' O और O रावेंद्र B-NEP रवि I-NEP की O ' O तितली B-NEAR उड़कर I-NEAR जा I-NEAR रही I-NEAR है I-NEAR ' O बड़े O कोमल O स्पर्श O की O भावपूर्ण O कहानियां O हैं O । O उषा B-NEP यादव I-NEP की O ' O चुनौती B-NEAR ' O और O कामना B-NEP सिंह I-NEP की O ' O हम B-NEAR होंगे I-NEAR कामयाब I-NEAR ' O कूड़ा O निस्तारण O को O लेकर O लिखी O गई O पठनीय O कहानी O है O । O इसके O अलावा O बलराम B-NEP अग्रवाल I-NEP , O गोविंद B-NEP शर्मा I-NEP , O विमला B-NEP भंडारी I-NEP , O देशबंधु B-NEP शाहजहांपुरी I-NEP , O दर्शनसिंह B-NEP आशट I-NEP , O मुरलीधर B-NEP वैष्णव I-NEP , O नागेश B-NEP पांडेय I-NEP संजय I-NEP , O सत्यनारायण B-NEP सत्य I-NEP , O शिवचरण B-NEP सरोहा I-NEP और O सिराज B-NEP अहमद I-NEP की O भी O अलग O - O अलग O रंग O - O अंदाज O की O कहानियाँ O बाल O कहानी O के O मौजूदा O परिदृश्य O को O सशक्त O बनाती O हैं O । O देवेंद्र B-NEP कुमार I-NEP , O विनायक B-NEP , O उषा B-NEP यादव I-NEP , O क्षमा B-NEP शर्मा I-NEP सरीखे O इस O दौर O के O प्रतिनिधि O उपन्यासकारों O के O अलावा O पुरानी O पीढ़ी O के O साहित्यकारों O में O हरिकृष्ण B-NEP देवसरे I-NEP , O हरिपाल B-NEP त्यागी I-NEP , O हिमांशु B-NEP जोशी I-NEP , O पंकज B-NEP बिष्ट I-NEP , O अमर B-NEP गोस्वामी I-NEP , O हरीश B-NEP तिवारी I-NEP ने O भी O बच्चों O के O लिए O बाल O उपन्यास O लिखे O । O अच्छे O बाल O उपन्यास O लिखने O वाले O वर्तमान O दौर O के O कुछ O और O महत्वपूर्ण O लेखकों O में O योगेंद्रदत्त B-NEP शर्मा I-NEP , O सूर्यनाथ B-NEP सिंह I-NEP , O डॉ O सुनीता B-NEP , O कामना B-NEP सिंह I-NEP , O रमाशंकर B-NEP , O संजीव B-NEP जायसवाल I-NEP संजय I-NEP , O जाकिर B-NEP अली I-NEP रजनीश I-NEP , O नागेश B-NEP पांडेय I-NEP संजय I-NEP , O कमलेश B-NEP भट्ट I-NEP कमल I-NEP , O राकेश B-NEP चक्र I-NEP आदि O के O नाम O लिए O जा O सकते O हैं O । O मौजूदा O दौर O के O सर्वाधिक O महत्वपूर्ण O बाल O उपन्यासकार O देवेंद्र B-NEP कुमार I-NEP का O उपन्यास O ' O चिड़िया B-NEAR और I-NEAR चिमनी I-NEAR ' O आज B-NETI की O पर्यावरण O की O समस्या O को O इतनी O संजीदगी O से O उठाता O है O कि O उससे O बाल O उपन्यास O को O एक B-NEN नई O शक्ति O ही O नहीं O , O बल्कि O एक B-NEN अलग O पहचान O भी O मिल O जाती O है O । O कथाकार O क्षमा B-NEP शर्मा I-NEP के O उपन्यास O ' O भाईसाहब B-NEAR ' O में O पिता O के O गुजरने O पर O भाई O - O बहनों O और O परिवार O का O जिम्मा O अपने O कंधों O पर O लेने O वाले O भाईसाहब O का O चरित्र O कुछ O आदर्शवादी O होकर O भी O मन O को O लुभा O लेता O है O । O मुजूम्मिल B-NEP खान I-NEP : O लेखक O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O के O अधिकारी O हैं O और O सिद्दीपेट B-NEL , O तेलंगाना B-NEL में O एडिशनल O कलेक्टर O ( O स्थानीय O निकाय O ) O हैं O । O हसमुख B-NEP अढ़िया I-NEP , O लेखक O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O में O आईएएस O अधिकारी O हैं O और O वर्त्तमान O में O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O केंद्रीय O वित्त O सचिव O के O रूप O में O कार्यरत O हैं O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL : O सूचना O प्रौद्योगिकी O में O आत्मनिर्भरता O : O बालेन्दु B-NEP शर्मा I-NEP दाधीच I-NEP डॉ O शैलजा B-NEP वैद्य I-NEP गुप्ता I-NEP , O लेखिका O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O प्रमुख O वैज्ञानिक O सलाहकार O के O कार्यालय O में O वरिष्ठ O सलाहकार O हैं O । O डॉ. O नेहा B-NEP यशवंत I-NEP हेबलकर I-NEP , O लेखिका O इंटरनेशनल B-NEO एडवांस्ड I-NEO रिसर्च I-NEO सेंटर I-NEO फॉर I-NEO पाउडर I-NEO मेटलर्जी I-NEO एंड I-NEO न्यू I-NEO मटीरियल्स I-NEO के O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO नैनोमटीरियल्स I-NEO में O वैज्ञानिक O हैं O । O 25 B-NETI दिसंबर I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O पूर्व O प्रधानमंत्री O श्री B-NEP अटल I-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP की O 95वीं B-NEN जयंती O पर O भूजल O प्रबंधन O योजना O - O अटल O भूजल O योजना O शुरू O की O गई O थी O । O डॉक्टर O सूरज B-NEP , O बनारस B-NEO हिंदू I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO के O सर O सुन्दरलाल B-NEO अस्पताल I-NEO में O न्यूरोलॉजी O विभाग O के O शोधार्थी O हैं O । O कोविड O - O 19 O को O वैश्विक O महामारी O घोषित O किये O जाने O के O फौरन O बाद O 21 B-NETI और I-NETI 24 I-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O सदस्य O डॉ O वीके B-NEP पॉल I-NEP और O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O प्रमुख O वैज्ञानिक O सलाहकार O प्रो O के B-NEP विजय I-NEP राघवन I-NEP की O अध्यक्षता O में O अंतर O - O मंत्रालय O समिति O की O पहली O बैठक O आयोजित O की O गयी O । O इस्राइल B-NEL के O प्रथम B-NEN राष्ट्रपति O बेन B-NEP गुरियन I-NEP ने O ओल्ड B-NEAR टेस्टामेंट I-NEAR के O विद्वत्तापूर्ण O शब्दों O से O प्रेरणा O लेकर O अपने O देशवासियों O का O आह्वान O करते O हुए O रेगिस्तान O को O ' O प्रोमिस्ड O लैंड O ' O में O बदलने O को O कहा O था O । O माननीय O प्रधानमंत्री O श्री B-NEP नरेन्द्र I-NEP मोदी I-NEP का O भी O हमारे O राष्ट्र O पर O वैसा O ही O असर O है O । O प्रकाशन O विभाग O ने O गांधी B-NEP साहित्य O , O कला O व O संस्कृति O , O राष्ट्रीय O स्वतंत्रता O संग्राम O , O राष्ट्रीय O नेताओं O की O जीवनियों O , O बाल O पुस्तक O व O भारतीय O परिदृश्य O के O अन्य O क्षेत्रों O की O अपनी O पुस्तकें O लगाई O । O डीपीडी O की O किताबों O के O स्टॉल O का O उद्घाटन O मेले O के O पहले B-NEN दिन O अर्थात O 6 B-NETI जनवरी I-NETI 2018 I-NETI को O सूचना O व O प्रसारण O मंत्रालय O के O सचिव O श्री O एन. B-NEP के. I-NEP सिन्हा I-NEP द्वारा O किया O गया O । O इसी O दिन O , O श्री O सिन्हा B-NEP ने O वरिष्ठ O उप O निर्वाचन O आयुक्त O श्री O उमेश B-NEP सिन्हा I-NEP तथा O इन्दिरा B-NEP गांधी I-NEP राष्ट्रीय O कला O केंद्र O के O सदस्य O सचिव O डॉ. O सच्चिदानंद B-NEP जोशी I-NEP की O उपस्थिति O में O प्रकाशन O विभाग O की O 4 B-NEN किताबों O का O लोकार्पण O किया O । O ये O किताबें O हैं O : O मतदान O में O विश्वास O , O जो O भारत B-NEL की O चुनाव O प्रणाली O को O समझने O का O नज़रिया O देती O है O , O सुभाष B-NEP कश्यप I-NEP की O पुस्तक O भारतीय O संविधान O और O आम O आदमी O , O जो O सामान्य O आदमी O के O नज़रिए O से O भारतीय O संविधान O की O व्याख्या O करती O है O , O प्रतिष्ठित O नृत्य O आलोचक O श्रीमती O लीला B-NEP वेंकटरमण I-NEP रचित O 36 B-NEN का O संग्रह O इंडियन O डांस O : O थ्रू O आई O और O हमारे O संस्कार O और O संस्कृति O जो O मूल्य O आधारित O परवरिश O के O महत्व O की O बात O करते O हैं O । O 8 B-NEN जनवरी O 2018 O को O पीआईबी B-NEO के O पूर्व O महानिदेशक O डॉ O उमाकांत B-NEP मिश्रा I-NEP व O सस्ता O साहित्य O मंडल O की O सचिव O डॉ. O रीता B-NEP रानी I-NEP पालीवाल I-NEP द्वारा O 11 B-NEN अन्य O किताबों O का O लोकार्पण O किया O गया O । O डॉ. O सज्जन B-NEP एस. I-NEP यादव I-NEP : O सूरज B-NEP के. I-NEP प्रधान I-NEP डॉ. O सज्जन B-NEP एस. I-NEP यादव I-NEP भारत B-NEO सरकार I-NEO के O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO में O व्यय O विभाग O में O संयुक्त O सचिव O और O श्री O सूरज B-NEP के. I-NEP प्रधान I-NEP इसी O विभाग O में O संयुक्त O निदेशक O हैं O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O में O कोविड O - O 19 O से O भारत B-NEL के O संघर्ष O को O विश्व O भर O काफी O सराहना O मिली O है O । O स्वामी B-NEP दयानंद I-NEP सरस्वती I-NEP ने O अपना O विख्यात O ग्रंथ O " O सत्यार्थ B-NEAR प्रकाश I-NEAR ' O संस्कृतनिष्ठ O हिंदी O व O नागरी O लिपि O में O लिखा O । O आरंभ O में O भारतेंदु B-NEP के O युग O तक O गद्य O की O भाषा O तो O खड़ी O बोली O हिंदी O बन O गई O परंतु O काव्य O अब O भी O ब्रज O भाषा O में O ही O लिखा O जाता O था O । O लेखक O मोहित B-NEP गुप्ता I-NEP पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O सलाहकार O हैं O । O नगरीय O अनुभवों O से O सीखें O गांव O : O अरूण B-NEP तिवारी I-NEP तोल्कप्पियार B-NEP के O मैपत्तियल O ( O आठ B-NEN प्रकार O की O आंतरिक O भावनाओं O की O अभिव्यक्ति O ) O नामक O एक B-NEN उपखंड O , O जिन्हें O रस O कहा O जाता O है O , O को O बड़े O पैमाने O पर O निपटाया O जा O रहा O है O । O यहां O , O मनुष्य O के O अंदर O से O अनियंत्रित O रूप O से O निकलने O वाली O विभिन्न O प्रकार O की O भावनाएं O - O मुस्कान O , O रोना O , O घृणा O , O चौंकना O , O डर O , O कपट O , O क्रोध O और O प्रसन्नता O तोल्कप्पियार B-NEP द्वारा O उत्कृष्ट O रूप O से O चित्रित O आठ B-NEN अतिरंजित O प्रेरणाएं O हैं O । O महाराष्ट्र B-NEL के O सोलापुर B-NEL जिले O में O आदिवासियों O तथा O बालिकाओं O के O बीच O शिक्षा O प्रसार O के O लिए O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP डिसले I-NEP को O दिसंबर B-NETI 2020 I-NETI में O सात B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O एक B-NEN मिलियन I-NEN डॉलर्स O ) O के O ग्लोबल O टीचर O पुरस्कार O से O सम्मानित O किया O गया O । O यह O सब O कुछ O संभव O हो O पाया O हे O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O में O शुरू O हुए O ' O हर O घर O जल O ' O तथा O “ O जल O जीवन O मिशन O ' O के O कारण O । O मीना B-NEP नायर I-NEP तोल्कप्पियार B-NEP जीवित O प्राणियों O में O छह B-NEN इंद्रियों O के O विकासवादी O विकास O को O इंगित O करता O है O । O डॉ. O चन्द्रशेखर B-NEP कम्बार I-NEP : O लेखक O ज्ञानपीठ O पुरस्कार O से O सम्मानित O और O साहित्य O अकादमी O के O अध्यक्ष O हैं O । O तोल्कप्पियार B-NEP कहते O हैं O कि O इस O तरह O की O इंद्रियों O से O संबंधित O सभी O तमिलों O के O बीच O प्रचलित O प्राचीन O सिद्धांत O हैं O । O इस O समय O ज़ौक B-NEP ( O 1790 B-NETI - I-NETI 1854 I-NETI ) O , O बहादुर B-NEP शाह I-NEP ज़फर I-NEP ( O 1775 B-NETI - I-NETI 1862 I-NETI ) O , O मोमिन B-NEP ( O 1800 B-NETI - I-NETI 1851 I-NETI ) O और O गालिब B-NEP ( O 1797 B-NETI - I-NETI 1869 I-NETI ) O जैसे O शायर O हुए O । O गालिब B-NEP को O महान O उर्दू O शायर O माना O जाता O है O , O उन्होंने O अपनी O शायरी O की O अभिव्यक्तियों O में O भावुकता O के O साथ O मसखरी O और O ज्ञान O की O बातों O को O भी O जोड़ा O । O वहां O की O कंजर्वेटिव B-NEO पार्टी I-NEO की O सरकार O के O तत्कालीन O प्रधानमंत्री O जॉन B-NEP मेजर I-NEP ने O 1991 B-NEN में O इसका O ऐलान O किया O था O । O इस O अवसर O पर O केन्द्रीय O युवा O कार्य O और O खेल O मंत्री O तथा O सूचना O एवं O प्रसारण O मंत्री O श्री O अनुराग B-NEP ठाकुर I-NEP , O युवा O कार्य O और O खेल O राज्य O मंत्री O श्री O निसिथ B-NEP प्रमाणिक I-NEP तथा O विधि O मंत्री O श्री O किरेन B-NEP रिजिजू I-NEP भी O उपस्थित O थे O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 13 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI को O वीडियो O कॉन्फ्रेंस O के O माध्यम O से O टोक्यो B-NEL ओलंपिक O जाने O वाले O भारतीय O एथलीटों O के O दल O के O साथ O बातचीत O की O । O प्रधानमंत्री O ने O दीपिका B-NEP कुमारी I-NEP ( O तीरंदाजी O ) O से O बात O करते O हुए O उन्हें O विश्व O चैंपियनशिप O में O स्वर्ण O पदक O जीतने O के O लिए O बधाई O दी O । O शायर O जैसे O बृज B-NEP नारायण I-NEP चकबस्त I-NEP ( O 1882 B-NETI - I-NETI 1926 I-NETI ) O , O इक़बाल B-NEP ( O 1876 B-NETI - I-NETI 1938 I-NETI ) O , O फ़ानी B-NEP बदायूनी I-NEP ( O 1879 B-NETI - I-NETI 1961 I-NETI ) O , O जिगर B-NEP मुरादाबादी I-NEP ( O 1890 B-NETI - I-NETI 1960 I-NETI ) O , O जोश B-NEP मलीहाबादी I-NEP ( O 1898 B-NETI - I-NETI 1982 I-NETI ) O , O रघुपति B-NEP सहाय I-NEP , O फ़िराक़ B-NEP गोरखपुरी I-NEP ( O 1896 B-NETI - I-NETI 1982 I-NETI ) O , O और O आनंद B-NEP नारायण I-NEP मुल्ला I-NEP ( O 1901 B-NETI - I-NETI 1997 I-NETI ) O , O ने O वक्त O की O नज़ाकत O को O समझते O हुए O लिखा O । O मजाज़ B-NEP ( O 1911 B-NETI - I-NETI 1955 I-NETI ) O , O मजरूह B-NEP सुल्तानपुरी I-NEP ( O 1919 B-NETI - I-NETI 2000 I-NETI ) O , O मख़दूम B-NEP मोहिउद्दीन I-NEP ( O 1908 B-NETI - I-NETI 1969 I-NETI ) O , O साहिर B-NEP लुधियानवी I-NEP ( O 1921 B-NETI - I-NETI 1980 I-NETI ) O और O अली B-NEP सरदार I-NEP जाफरी I-NEP ( O 1913 B-NETI - I-NETI 2000 I-NETI ) O की O प्रगतिशील O शायरी O ने O फ़रियादी O और O पददलित O मज़दूरों O के O संघर्षमय O जीवन O में O रोशनदान O का O काम O किया O । O प्रधानमंत्री O ने O अत्यंत O कठिन O हालात O के O बावजूद O अपने O पूर्व O निर्धारित O पथ O पर O निरंतर O अडिग O रहने O के O लिए O प्रवीण B-NEP जाधव I-NEP ( O तीरंदाजी O ) O की O भूरि O - O भूरि O प्रशंसा O की O । O श्री O मोदी B-NEP ने O उनके O परिवार O के O साथ O मराठी O में O बातचीत O की O । O कुंअर B-NEP मोहिंदर I-NEP सिंह I-NEP बेदी I-NEP ( O 1909 B-NETI - I-NETI 1998 I-NETI ) O , O खुमार B-NEP बाराबंकी I-NEP ( O 1919 B-NETI - I-NETI 1999 I-NETI ) O , O शमीम B-NEP जयपुरी I-NEP ( O मृत्यु O - O 2003 B-NETI ) O और O बशीर B-NEP बद्र I-NEP ( O 1935 B-NETI ) O जैसे O शायर O इस O दौर O के O प्रसिद्ध O शायर O हुए O । O श्री O मोदी B-NEP ने O इस O एथलीट O से O चिर O - O परिचित O व्यापक O अपेक्षाओं O के O बारे O में O कुछ O भी O सोचे O बिना O अपना O सर्वश्रेष्ठ O देने O को O कहा O । O श्री O मोदी B-NEP ने O दुती B-NEP चंद I-NEP ( O स्प्रिंट O ) O के O साथ O अपने O संवाद O की O शुरुआत O उनके O नाम O के O अर्थ O के O साथ O की O जो O कि O दरअसल O ' O चमक O ' O है O । O इसके O साथ O ही O श्री O मोदी B-NEP ने O उनके O खेल O कौशल O के O माध्यम O से O प्रकाश O फैलाने O के O लिए O उनकी O सराहना O की O । O उर्दू O साहित्य O का O पहला O महत्वपूर्ण O नस्र O है O ' O सबरस O ' O जिसे O वजही B-NEP ने O 1635 B-NETI में O लिखा O था O । O प्रधानमंत्री O ने O आशीष B-NEP कुमार I-NEP ( O मुक्केबाजी O ) O से O पूछा O कि O उन्होंने O आखिरकार O बॉक्सिंग O को O ही O क्यों O चुना O । O भास्करभट्ट B-NEP बोरिकर I-NEP मराठी O में O भजन O लिखने O वाले O प्रथम O कवि O थे O । O उनके O बाद O संत B-NEP ज्ञानेश्वर I-NEP ( O 1275 B-NETI - O 1296 B-NETI ) O ने O ' O अमृतानुभव B-NEAR ' O और O ' O भावार्थ B-NEAR दीपिका I-NEAR ' O लिखकर O जन O - O जन O तक O भाव O - O भक्ति O का O संदेश O पहुंचा O दिया O । O आतिश B-NEP कुमार I-NEP श्री O मोदी B-NEP ने O उस O अवसर O को O स्मरण O किया O जब O क्रिकेट O खिलाड़ी O सचिन B-NEP तेंदुलकर I-NEP ने O इसी O तरह O की O परिस्थितियों O में O अपने O पिता O को O खो O दिया O था O और O फिर O किस O तरह O से O उन्होंने O अपने O विशिष्ट O खेल O के O माध्यम O से O अपने O पिता O को O श्रद्धांजलि O दी O थी O । O ब्रिटिश O अधिकारियों O को O भारतीय O भाषा O हिंदी O और O उर्दू O सिखाने O के O लिए O तत्कालीन O वॉयसरॉय O - O लार्ड B-NEP वेलेस्ली I-NEP ने O जुलाई B-NETI 1800 I-NETI में O कोलकाता B-NEL में O फोर्ट B-NEO विलियम I-NEO कॉलेज I-NEO की O स्थापना O की O । O डॉ. O जॉन B-NEP गिलक्रिस्ट I-NEP को O कॉलेज O ने O भारतीय O भाषा O विभाग O का O विभागाध्यक्ष O बनाया O था O । O संत B-NEP ज्ञानेश्वर I-NEP ने O अद्वैत O वेदान्त O , O शिव B-NEP और O विष्णु B-NEP की O एकरूपता O का O संदेश O दिया O लेकिन O उनका O मन O ईश्वर O के O सगुण O रूप O - O के O भगवान O विट्ठल B-NEP की O आराधना O में O रचा O - O बसा O था O । O उन्होंने O मराठी O साहित्य O में O भक्ति O - O भाव O को O विट्ठल B-NEP स्तुति O से O एकाकार O कर O दिया O । O इन O लेखकों O में O मीर B-NEP अम्मन I-NEP ( O 1748 B-NETI - I-NETI 1806 I-NETI ) O सैयद B-NEP हैदरी I-NEP ( O 1768 B-NETI - I-NETI 1823 I-NETI ) O , O निहाल B-NEP चंद I-NEP लाहौरी I-NEP ( O 1813 B-NETI ) O बेनी B-NEP नारायण I-NEP , O लल्लू B-NEP लाल I-NEP ( O 1763 B-NETI - I-NETI 1835 I-NETI ) O आदि O के O नाम O हैं O । O वर्ष O 2015 B-NETI में O तत्कालीन O विदेश O सचिव O और O वर्तमान O विदेश O मंत्री O डॉ O एस B-NEP जयशंकर I-NEP ने O सिंगापुर B-NEL में O इंटरनेशनल B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO फॉर I-NEO स्ट्रैटेजिक I-NEO स्टडीज़ I-NEO में O एक B-NEN व्याख्यान O के O दौरान O यह O बात O कही O थी O । O बाद O में O संत B-NEP एकनाथ I-NEP संत B-NEP तुकाराम I-NEP ने O इस O भक्ति O - O आंदोलन O को O नई O ऊंचाइयां O दीं O । O हालांकि O नजीर B-NEP अहमद I-NEP ( O 1836 B-NETI - I-NETI 1912 I-NETI ) O जैसे O उपन्यासकारों O ने O रोज़मर्रा O की O जिंदगी O को O विषय O बनाने O की O पहल O की O । O इस O दौरान O कई O प्रतिष्ठित O उपन्यासकार O हुए O जैसे O रतन B-NEP नाथ I-NEP धर I-NEP सरशार I-NEP ( O 1846 B-NETI - I-NETI 1903 I-NETI ) O शरर B-NEP ( O 1860 B-NETI - I-NETI 1926 I-NETI ) O और O मिर्ज़ा B-NEP हदी I-NEP रुसवा I-NEP ( O 1857 B-NETI - I-NETI 1931 I-NETI ) O जिन्होंने O प्रसिद्ध O उपन्यास O उमराव B-NEAR जान I-NEAR अदा I-NEAR लिखी O थी O । O उर्दू O कहानियों O में O नया O मोड़ O तब O आया O जब O मुंशी B-NEP प्रेमचंद I-NEP ( O 1880 B-NETI - I-NETI 1936 I-NETI ) O का O साहित्य O में O पदार्पण O हुआ O । O प्रेमचंद B-NEP का O सरोकार O समाज O के O दबे O - O कुचले O और O गरीब O लोगों O की O परेशानियों O और O मुद्दों O से O था O । O नामदेव B-NEP की O रचनाओं O का O जन O - O साधारण O पर O इतना O गहरा O प्रभाव O था O कि O उनका O परिवार O और O उनकी O परिचारिका O भी O उनकी O भक्त O हो O गई O । O 14वीं B-NEN शताब्दी O के O मध्य O में O , O नामदेव B-NEP के O निधन O के O करीब O दो B-NEN सौ I-NEN वर्ष O बाद O तक O मराठी O में O कोई O उल्लेखनीय O साहित्य O - O रचना O नहीं O हुई O । O लेखक O जैसे O सज्जाद B-NEP ज़हीर I-NEP ( O 1904 B-NETI - I-NETI 1973 I-NETI ) O , O कृष्ण B-NEP चंदर I-NEP ( O 1912 B-NETI - I-NETI 1977 I-NETI ) O , O इस्मत B-NEP चुगताई I-NEP ( O 1915 B-NETI - I-NETI 1991 I-NETI ) O और O राजिंदर B-NEP सिंह I-NEP बेदी I-NEP ( O 1915 B-NETI - I-NETI 1984 I-NETI ) O , O सामाजिक O यथार्थवादी O थे O , O जिन्होंने O समाज O की O मिथ्या O और O इसके O विघटन O को O उजागर O किया O । O फोकस O : O दिवालिया O कानून O : O समाधान O की O तलाश O : O इंदिवजल B-NEP धस्माना I-NEP संत B-NEP एकनाथ I-NEP का O जन्म O 58 B-NETI में O हुआ O और O उन्होंने O संत B-NEP ज्ञानेश्वर I-NEP की O परंपरा O को O आगे O बढ़ाते O हुए O , O मराठी O साहित्य O को O नया O उन्मेष O दिया O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 22 B-NETI नवंबर I-NETI 2020 I-NETI को O G B-NEO - I-NEO 20 I-NEO शिखर I-NEO सम्मेलन I-NEO के O आयोजन O में O पृथ्वी O की O सुरक्षा O पर O विश्व O नेताओं O से O बात O की O और O इस O बात O पर O प्रकाश O डाला O कि O कैसे O भारत B-NEL ने O निम्न O - O कार्बन O और O क्लाइमेट O रेसिलिएंट O डेवलेपमेंट O प्रेक्टिसिज़ O को O अपनाया O है O । O कुर्रतुल B-NEP ऐन I-NEP हैदर I-NEP ( O 1927 B-NETI - I-NETI 2007 I-NETI ) O एक B-NEN असाधारण O और O सृजनशील O उपन्यासकार O थीं O , O जिन्हें O इतिहास O और O संस्कृति O की O गहरी O समझ O थी O । O नदियों O को O आपस O में O जोड़ना O पूर्व O प्रधानमंत्री O श्री B-NEP अटल I-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP जी I-NEP का O दीर्घ O - O कालिक O सपना O है O और O इस O परियोजना O में O प्रायद्वीपीय O क्षेत्र O की O 14 B-NEN और O हिमालयी O मूल O की O 16 B-NEN नदियां O शामिल O हैं O । O एम B-NEP नरसिम्हन I-NEP की O अध्यक्षता O में O वित्तीय O प्रणाली O से O जुड़ी O कमेटी O ने O वैधानिक O तरलता O अनुपात O ( O एसएलआर O ) O और O नकद O आरक्षी O अनुपात O ( O सीआरआर O ) O को O घटाने O की O सिफारिश O की O , O ताकि O बैंकों O के O संसाधनों O को O मुक्त O किया O जा O सके O , O ब्याज O दरों O को O तय O करने O के O लिए O बाजार O की O ताकतों O पर O निर्भरता O हो O और O प्राइवेट O और O विदेशी O बैंकों O का O भारत B-NEL में O प्रवेश O आसान O हो O सके O , O जिससे O इस O सेक्टर O में O प्रतिस्पर्धा O बढ़े O और O सरकारी O बैंकों O की O संख्या O घट O सके O । O नरसिम्हन B-NEP की O अगुवाई O में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O को O लेकर O बनी O कमेटी O ने O बैंकिंग O सेक्टर O को O और O मजबूत O बनाने O के O लिए O 1998 B-NETI में O कई O और O उपायों O की O सिफारिश O की O । O हमारे O देश O में O अंतरिक्ष O अनुसंधान O गतिविधियों O की O शुरुआत O 1960 B-NETI के O दशक O में O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O के O जनक O कहे O जाने O वाले O डॉ O विक्रम B-NEP साराभाई I-NEP की O सरपरस्ती O में O हुई O थी O । O रेखा B-NEP यादव I-NEP : O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO में O संयुक्त O सचिव O हैं O । O कुणाल B-NEP बंद्योपाध्याय I-NEP : O सलाहकार O हैं O । O श्री O गहलोत B-NEP ने O वर्ष O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI के O राज्य O बजट O में O के O अनुरूप O राजस्थान O गवर्नमेंट O हैल्थ O स्किम O लागू O करने O की O घोषणा O की O थी O । O प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O भी O इस O त्रिकोण O की O अनदेखी O नहीं O की O बल्कि O उन्होंने O इसे O देखते O हुए O डायनॉमिक O डिप्लोमैसी O का O चुनाव O किया O । O मोदी B-NEP - O ट्रंप B-NEP केमिस्ट्री O से O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O जो O बांडिंग O बनी O उससे O भारत B-NEL के O सामरिक O उद्देश्यों O की O पूर्ति O के O साथ O डिप्लोमैटिक O एवं O इकोनॉमिक O डिवीडेंड्स O भी O हासिल O हुए O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL , O मेक O इन O इंडिया O और O आत्मनिर्भर O भारत O जैसे O कार्यक्रम O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP सरकार O की O भविष्योन्मुखी O दृष्टि O तथा O व्यापक O दृष्टिकोण O दोनों O के O परिचायक O हैं O । O बचपन O में O जो O टीचर O मेरे O लिए O कहते O थे O कि O रंजीत B-NEP पढ़ाई O पर O ध्यान O नहीं O देता O , O उन्हें O मेरी O बेहतरी O की O चिंता O थी O । O लेकिन O दूरसंचार O के O क्षेत्र O में O तब O क्रांति O आ O गई O जब O 1984 B-NETI में O सरकार O ने O सैम B-NEP पित्रोदा I-NEP के O नेतृत्व O में O टीआरसी O और O टीआईएफआर O से O वैज्ञानिक O टीमों O को O एकत्र O करके O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ऑफ I-NEO टेलीमैटिक्स I-NEO ( O सी B-NEO - I-NEO डॉट I-NEO ) O की O स्थापना O की O । O हालांकि O मोदी B-NEL - O जिनपिंग -NEL व्यक्तिगत O मैत्री O बहुत O से O मायनों O में O एक B-NEN ऊंचाई O तक O पहुंची O थी O जिसके O प्रमाण O के O तौर O पर O प्रधानमंत्री O की O वुहान B-NEL इनफार्मल O विजिट O और O शी B-NEP जिनपिंग I-NEP की O अहमदाबाद B-NEL या O मामल्लपुरम B-NEL दौरे O को O देखा O जा O सकता O है O लेकिन O डोकलाम B-NEL और O गलवान B-NEL में O चीनी O सैन्य O गतिविधियों O ने O 1962 B-NETI के O बाद O संभवतः O सबसे O गंभीर O परिस्थितियों O का O निर्माण O किया O है O । O राज्य O में O अशोक B-NEP के O शिलालेखों O के O अवशेष O मिले O हैं O । O डॉ. O बलराम B-NEP भार्गव I-NEP : O लेखक O सचिव O , O स्वास्थ्य O अनुसंधान O विभाग O एवं O महानिदेशक O , O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद्‌ I-NEO ( O आईसीएमआर B-NEO ) O , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL हैं O । O न O केवल O ब्रेक्जिट B-NEP के O चलते O बल्कि O रिफ्यूजी O प्रॉब्लम O , O इकोनॉमिक O इंबैलेंस O , O आदर्शवाद O बनाम O राष्ट्रवाद O के O टकराव O और O इस्लामी O आतंकवाद O की O बढ़ती O चुनौतियों O के O साथ O वह O ऐसे O जाल O में O फंसा O हुआ O दिख O रहा O है O जिससे O निकलना O अभी O तो O मुश्किल O लग O रहा O है O । O यूरोप B-NEL में O ' O मरकोजी O इफेक्ट O ' O ( O एंजेला B-NEP मर्केल I-NEP एवं O सरकोजी B-NEP की O इकोनॉमिक O थ्योरी O ) O के O बाद O जो O स्थितियां O निर्मित O हुई O हैं O उसमें O फ्रांस B-NEL और O की O बॉन्डिग O कमजोर O हुई O और O यूरोपीय O संघ O में O लीकेज O नजर O आने O लगी O । O ब्रेक्जिट B-NEP ने O यह O बता O दिया O कि O अब O यूरोपीय O यूनियन O आप्टिमम O यूनिटी O का O प्रतिरूप O नहीं O रह O गयी O । O आपने O कहा O कि O हम O अपने O देश O से O बहुत O दूर O हैं O , O लेकिन O मैं O सोच O रहा O था O , O आज O हम O न्यूयॉर्क B-NEL में O ऐसा O कर O रहे O हैं O , O जिसका O डॉ. O अंबेडकर B-NEP के O जीवन O में O एक B-NEN बहुत O ही O खास O अर्थ O है O , O क्योंकि O उन्होंने O इस O शहर O में O अपने O जीवन O के O कई O साल O बिताए O थे O । O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O का O उद्भव O उसके O जनक O डॉ O विक्रम B-NEP साराभाई I-NEP के O दृष्टिकोण O ( O विज़न O ) O " O समाज O के O लाभ O के O लिए O उन्नत O प्रौद्योगिकियों O के O उपयोग O में O किसी O से O पीछे O ना O रहें O " O के O साथ O तेजी O से O परवान O चढ़ता O गया O । O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O के O शिल्पी O डॉ O साराभाई B-NEP ने O समर्पित O क्लस्टर्स O के O सृजन O की O शुरुआत O की O । O जनशिकायतों O के O निवारण O के O लिए O शिवराज B-NEP सिंह I-NEP चौहान I-NEP ने O सी O - O एम O हेल्पलाइन O 181 B-NEN के O रूप O में O अभिनव O पहल O की O है O । O 1972 B-NETI में O अंतरिक्ष B-NEO आयोग I-NEO और O अंतरिक्ष B-NEO विभाग I-NEO ( I-NEO डीओएस I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O के O साथ O ही O , O इसरो B-NEO को O डीओएस B-NEO के O अंतर्गत O लाया O गया O और O अब O डॉ O सतीश B-NEP धवन I-NEP के O नेतृत्व O में O सुव्यवस्थित O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O उड़ान O भरने O को O तैयार O था O । O प्रायोगिक B-NEAR सीख I-NEAR : I-NEAR संगीत I-NEAR और I-NEAR उसका I-NEAR महत्व I-NEAR : O डॉ O कस्तूरी B-NEP पायगुडे I-NEP राणे I-NEP बच्चे O के O जन्म O के O 6 B-NETI माह I-NETI बाद I-NETI सीता B-NEP की O माहवारी O पहले O जैसी O शुरू O हुई O । O जैसा O कि O स्वतंत्र O भारत B-NEL के O प्रथम O गृहमंत्री O सरदार B-NEP वल्लभ I-NEP भाई I-NEP पटेल I-NEP ने O परिपक्व O अनुभव O पर O आधारित O विचारों O की O स्वतंत्र O अभिव्यक्ति O को O उचित O ठहराया O था O और O दूसरी B-NEN ओर O उन्होंने O भारत B-NEL के O विभिन्न O भागों O को O सामाजिक O , O सांस्कृतिक O , O आर्थिक O और O प्रशासनिक O दृष्टि O से O संगठित O और O एकजुट O बनाया O था O । O प्रकाश B-NEP मनु I-NEP : O लेखक O बाल O साहित्यकार O हैं O । O विनोद B-NEP कुमार I-NEP शुक्ल I-NEP , O विष्णु B-NEP खरे I-NEP और O अशोक B-NEP वाजपेयी I-NEP का O लेखन O भी O इसी O दौर O में O सामने O आने O लगा O । O अभी O भारतीय O मानस O पुराने O उपनिवेशवाद O के O प्रभाव O से O मुक्त O होने O की O कोशिश O कर O ही O रहा O था O कि O भूमंडलीकरण O के O रूप O में O नया O उपनिवेशवाद O चित्त B-NEP विजय I-NEP की O नई O तरकीबों O के O साथ O आ O पहुंचा O है O । O ऐसे O लेखकों O में O शानी B-NEP , O असगूर B-NEP वजाहत I-NEP , O अब्दुल B-NEP बिस्मिल्लाह I-NEP का O नाम O प्रमुख O है O । O राही B-NEP मासूम I-NEP रज़ा I-NEP तो O पहले O से O ही O लिख O रहे O थे O । O उर्दू O साहित्य O की O जो O धर्मनिरपेक्षता O की O परंपरा O मीर B-NEP , O गालिब B-NEP , O नज़ीर B-NEP आदि O ने O शुरू O की O थी O वह O हिन्दी O कविता O और O गद्य O दोनों O में O विकसित O हो O रही O थी O । O एक B-NEN ओर O कृष्णा B-NEP सोबती I-NEP , O मन्नू B-NEP भंडारी I-NEP , O उषा B-NEP प्रियंवदा I-NEP जैसी O लेखिकाएं O थीं O तो O दूसरी O ओर O नई O पीढ़ी O की O लेखिकाओं O में O चित्रा B-NEP मुद्गल I-NEP , O मृदुला B-NEP गर्ग I-NEP , O नासिरा B-NEP शर्मा I-NEP , O राजी B-NEP सेठ I-NEP , O ममता B-NEP कालिया I-NEP आदि O । O इनमें O मैत्रेयी B-NEP पुष्पा I-NEP , O कात्यायनी B-NEP , O प्रभा B-NEP खेतान I-NEP , O गीतांजलिश्री B-NEP , O अनामिका B-NEP , O रमणिका - गुप्ता - , O सविता B-NEP सिंह I-NEP , O अल्पना B-NEP मिश्र I-NEP , O मनीषा B-NEP कुलश्रेष्ठ I-NEP , O वंदना B-NEP राग I-NEP आदि O उल्लेखनीय O हैं O । O इसके O समानांतर O पूंजीवाद O भूमंडलीकरण O के O नए O नारे O के O साथ O भारत B-NEP में O तेज़ी O से O फैल O रहा O था O । O भूमंडलीकरण O के O नारे O का O सम्मोहन O और O चित्त B-NEP विजय I-NEP का O सर्वग्रासी O अभियान O नई O पीढ़ी O को O जितना O चकित O कर O रहा O था O उससे O अधिक O आतंकित O । O डॉ. O के B-NEP श्रीनिवासराव I-NEP : O लेखक O साहित्य O अकादमी O , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL के O सचिव O हैं O । O अभी O भारतीय O मानस O पुराने O उपनिवेशवाद O के O प्रभाव O से O मुक्त O होने O की O कोशिश O कर O ही O रहा O था O कि O भूमंडलीकरण O के O रूप O में O नया O उपनिवेशवाद O चित्त B-NEP विजय I-NEP की O नई O तरकीबों O के O साथ O आ O पहुंचा O है O । O संसद O ने O 1981 B-NETI के O अधिनियम O 61 B-NEN के O माध्यम O से O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO और I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O के O गठन O का O अनुमोदन O किया O । O 2018 B-NETI में O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O अनुमोदित O “ O गगनयान O कार्यक्रम O ' O , O भारत B-NEL की O अंतरिक्ष O यात्रा O की O विकास O गाथा O में O विभक्ति O का O एक B-NEN बिंदु O है O , O जो O मानव O अंतरिक्ष O अन्वेषण O के O नए O युग O में O एक B-NEN सशक्त O प्रयास O को O चिह्नित O करता O है O । O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O कार्यक्रम O को O लागू O करने O के O लिए O जनवरी B-NETI , I-NETI 2019 I-NETI में O इसरो B-NEO में O मानव B-NEO अंतरिक्ष I-NEO उड़ान I-NEO केंद्र I-NEO ( O एचएसएफसी B-NEO ) O का O गठन O किया O गया O । O गगनयान O परियोजना O का O उद्देश्य O कक्षा O में O 5 B-NETI - I-NETI 7 I-NETI दिनों I-NETI के O लिए O चालक O दल O के O 3 B-NEN सदस्यों O के O साथ O निम्न O पृथ्वी O कक्षा O ( O एलईओ O ) O के O लिए O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O क्षमता O को O प्रदर्शित O करना O है O और O मिशन O के O बाद O उन्हें O सुरक्षित O रूप O से O बहाल O करना O है O । O इसरो B-NEO ने O जुलाई B-NETI 2018 I-NETI में O सफलतापूर्वक O मानव O अंतरिक्ष O यान O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O प्रौद्योगिकी O तत्व O - O पैड O एबॉर्ट O टेस्ट O ( O पीएटी O ) O को O सिद्ध O किया O जो O क्रू O एस्केप O सिस्टम O ( O सीईएस O ) O की O अर्हता O प्राप्त O करने O के O लिए O परीक्षण O की O श्रृंखला O में O पहला O है O । O मानव O संसाधनों O में O क्षमता O निर्माण O की O दिशा O में O और O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O की O बढ़ती O मांगों O को O पूरा O करने O के O लिए O , O एक B-NEN डीम्ड O विश्वविद्यालय O , O भारतीय B-NEO अंतरिक्ष I-NEO विज्ञान I-NEO और I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO संस्थान I-NEO , O 2007 B-NETI में O तिरुवनंतपुरम B-NEL में O स्थापित O किया O गया O था O । O अध्यादेश O के O अनुसार O जिन O कंपनियों O के O खाते O में O एक B-NETI वर्ष I-NETI से O अधिक O के O एनपीए O हैं O , O उनके O प्रमोटर O या O सिस्टर O कंपनियां O नीलामी O की O प्रक्रिया O में O शामिल O नहीं O हो O सकतीं O । O अध्यादेश O सैद्धांतिक O रूप O से O तो O प्रमोटरों O को O प्रतिबंधित O नहीं O करता O , O चूंकि O वे O मूलधन O और O बकाया O राशि O का O भुगतान O कर O सकते O हैं O और O एक B-NETI वर्ष I-NETI पूरा O होने O से O पहले O एनपीए O को O सामान्य O परिसंपत्ति O में O बदल O सकते O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O आर्सेलर B-NEO मित्तल I-NEO जैसी O कंपनी O एक B-NETI साल I-NETI से O अधिक O समय O से O एनपीए O की O सूची O में O शामिल O है O । O मैंने O पिछले B-NETI 40 I-NETI साल I-NETI के O दौरान O विभिन्न O देशों O की O अपनी O यात्राओं O के O दौरान O पाया O है O कि O हमारे O दूतावास O मुख्य O तौर O पर O ऐसी O फिल्में O दिखाते O हैं O जो O शायद O प्रवासी O भारतीयों O को O पसंद O आएं O । O इन O 12 B-NEN खातों O के O अलावा O आरबीआई B-NEO ने O बैंकों O को O 29 B-NEN कंपनियों O की O दूसरी O सूची O भी O दी O है O ताकि O 13 B-NETI दिसंबर I-NETI तक O दोनों B-NEN पक्षों O द्वारा O एनपीए O का O समाधान O किया O जा O सके O । O उन्होंने O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O लिए O आधारभूत O संरचना O व O सड़क O , O हवाई O अड्डों O , O रेलवे O , O पत्तन O व O इनलैंड O वाटरर्वेज O के O नेटवर्क O से O देश O को O जोड़ने O के O लिए O बजट O आवंटन O को O बढ़ाकर O रु. O 5.97 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O कर O दिया O है O । O भारत B-NEL में O स्वच्छता O अभियान O का O इतिहास O देश O के O गांवों O के O लिए O पहला O स्वच्छता O अभियान O 1954 B-NETI में O शुरू O किया O गया O था O । O इसके O अलावा O गांवों O में O ब्रॉड O बैंड O की O सुविधा O पहुंचाने O की O दिशा O में O पांच B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीणों O को O नेट O कनेक्टिविटी O प्रदान O करने O के O लिए O पांच B-NEN लाख I-NEN वाईफाई O हॉट O स्पॉट O के O गठन O का O प्रस्ताव O है O और O टेलीकॉम O इन्फ्रास्ट्रक्चर O के O सृजन O व O संवर्धन O हेतु O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O रु. O 10000 B-NEN करोड़ I-NEN के O आवंटन O से O सरकार O के O डिजिटल O इंडिया O कार्यक्रम O में O मदद O मिलेगी O । O 1981 B-NETI की O जनगणना O के O मुताबिक O , O देश O में O ग्रामीण O स्वच्छता O का O कवरेज O सिर्फ O 1 B-NEN प्रतिशत O था O , O लिहाजा O पेयजल O और O स्वच्छता O के O लिए O तय O अंतरराष्ट्रीय O दशक O ( O 1981 B-NETI - I-NETI 90 I-NETI ) O के O दौरान O ग्रामीण O स्वच्छता O पर O खास O जोर O दिया O गया O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 1986 B-NETI में O केंद्रीय O ग्रामीण O स्वच्छता O कार्यक्रम O की O शुरुआत O की O । O मई B-NETI 2019 I-NETI में O , O मांग O पक्ष O और O आपूर्ति O पक्ष O प्रबंधन O पर O विशेष O ध्यान O देने O के O साथ O जल O संसाधनों O के O एकीकृत O प्रबंधन O पर O जोर O देने O के O लिए O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO का O गठन O करके O , O उच्चतम O स्तर O पर O एक B-NEN बहुत O आवश्यक O नीतिगत O सुधार O किया O गया O था O । O साल O 1999 B-NETI से O ' O पूर्ण O स्वच्छता O अभियान O ' O के O तहत O ' O मांग O आधारित O ' O फॉर्मूला O अपनाया O गया O । O 2019 B-NETI में O शुरू O किया O गया O जल B-NEO शक्ति I-NEO अभियान I-NEO , O एक B-NEN जल B-NEO संरक्षण I-NEO अभियान I-NEO है O , O जिसके O तहत O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O अधिकारी O , O भूजल O विशेषज्ञ O और O वैज्ञानिक O राज्यों O तथा O जिला O अधिकारियों O के O साथ O मिलकर O सबसे O अधिक O पानी O की O कमी O वाले O जिलों O में O काम O करते O हैं O । O 1992 B-NETI से O एमएसएसआरएफ O तमिलनाडु B-NEL की O कोल्ली B-NEL की O पहाड़ियों O और O ओडिशा B-NEL के O कोरापुट B-NEL में O व्यावसायीकरण O के O और O मौकों O के O जरिये O छिटपुट O मोटे O अनाजों O की O बड़ी O रेंज O को O बढ़ावा O दे O रही O है O । O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O हथकरघा O क्षेत्र O के O लिए O 7148 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O आउटलेट O से O रोजगार O सृजन O व O संवृद्धि O को O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O इस B-NETI साल I-NETI बजट O 70 B-NEN लाख I-NEN नौकरियों O के O प्रावधान O व O आधारभूत O संरचना O , O सड़क O , O रेलवे O , O हवाई O अड्डा O व O हेलिपैड O , O ग्रामीण O आधारभूत O संरचना O , O रोजगार O बढ़ाने O व O लोगों O के O जीवन O स्तर O को O बेहतर O करने O के O लिए O शहरी O क्षेत्रों O से O ग्रामीण O क्षेत्रों O को O जोड़ने O के O जरिए O रोजगार O सृजन O पर O काफी O जोर O दिया O गया O है O । O 2019 B-NEN में O शुरू O किए O गए O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO का O लक्ष्य O 2024 B-NETI तक O देश O के O प्रत्येक O ग्रामीण O घर O में O प्रति O व्यक्ति O 55 B-NEN लीटर O पानी O उपलब्ध O कराना O है O , O जिस O पर O 3.60 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O राशि O खर्च O की O जाएगी O । O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI 2012 I-NETI को O ' O निर्मल O भारत O अभियान O ' O की O शुरुआत O की O गई O । O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI के O केंद्रीय O बजट O में O 2.87 B-NEN लाख I-NEN करोड I-NEN रुपये O के O परिव्यय O के O साथ O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO ( O शहरी O ) O की O घोषणा O की O गई O है O । O हालांकि O , O 2011 B-NETI की O जनगणना O के O मुताबिक O , O ग्रामीण O स्वच्छता O का O कवरेज O ( O निजी O शौचालय O के O साथ O मकान O ) O सिर्फ O 33 B-NEN प्रतिशत O था O । O देश O में O माइक्रो O सिंचाई O को O प्रोत्साहन O देने O के O लिए O , O प्रति O बूंद O अधिक O फसल O घटक O के O लिए O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O दौरान O नाबार्ड B-NEO के O साथ O 5,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O निधि O बनाई O गई O थी O । O वित्त O वर्ष O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI के O केंद्रीय O बजट O में O , O माइक्रो O सिंचाई O निधि O के O प्रारंभिक O कोष O में O और O 5000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O डालकर O इसे O दोगुना O करने O की O घोषणा O की O गई O है O । O एलटीसीजी O विषयक O कर O 20 B-NEN प्रतिशत O रहा O है O जैसा O अक्तूबर B-NETI 2004 I-NETI से O पहले O था O । O नेशनल B-NEAR ज्यॉग्राफिक I-NEAR मैगजीन I-NEAR ( O फरवरी B-NETI 2018 I-NETI ) O के O हालिया O अंक O में O एक B-NEN सवाल O उठा O है O - O " O चीन O को O कौन O खिलाएगा O । O " O 1950 B-NETI और O 1960 B-NETI के O दशक O के O दौरान O भौतिक O बुनियादी O ढांचे O में O बड़े O निवेश O को O विकास O के O प्राथमिक O साधन O के O रूप O में O देखा O गया O था O । O वास्तव O में O , O 1960 B-NETI के O दशक O के O मध्य O तक O , O दुनिया O भर O में O विकास O नीतियों O का O मुख्य O जोर O विकास O प्रक्रिया O में O तेजी O लाने O पर O था O क्योंकि O अमीरों O से O गरीबों O की O ओर O धन O प्रवाह O तंत्र O को O वितरणीय O उद्देश्यों O का O ध्यान O रखना O था O । O 1990 B-NETI में O मानव O कल्याण O में O सुधार O के O लिए O व्यापक O दृष्टिकोण O का O समय O आ O गया O था O जो O सभी O लोगों O के O लिए O मानव O जीवन O के O सभी O पहलुओं O के O बारे O में O था O । O संयुक्त O राष्ट्र O विकास O कार्यक्रम O - O यूएनडीपी O की O पहली O मानव O विकास O रिपोर्ट O 1990 B-NETI में O प्रकाशित O हुई O थी O । O प्रधानमंत्री O ने O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O जल O जीवन O मिशन O ( O जेजेएम O ) O की O शुरुआत O की O घोषणा O की O । O मिशन O के O तहत O 2024 B-NETI तक O हर O ग्रामीण O घर O को O सक्रिय O घरेलू O नल O कनेक्शन O ( O एफएचटीसी O ) O मुहैया O कराया O जाना O है O । O 1995 B-NETI में O जेंडर O ( O महिला O - O पुरुष O ) O संबंधी O विकास O सूचकांक O ( O जीडीआई O ) O और O जेंडर O सशक्तीकरण O माप O ( O ) O बना O । O विमुद्रीकरण O के O बाद O और O नकद O रहित O अर्थव्यवस्था O पर O सक्रिय O नीतिगत O जोर O से O , O इंटरनेट O के O अतिरिक्त O प्रसार O ( O दिसंबर B-NETI 2015 I-NETI के O अनुसार O , O 40 B-NEN करोड़ I-NEN उपयोगकर्ता O ) O से O नकद O - O रहित O बैंकिंग O लेनदेन O की O प्रक्रिया O में O क्रांतिकारी O बदलाव O कर O देगी O और O मोबाइल O बैंक O एक B-NEN निजी O बैंक O शाखा O ( O केवल O एक - ही - साल - में O वर्ष B-NETI 2014 I-NETI में O स्मार्ट O फोन O का O उपयोग O 8 B-NEN करोड़ I-NEN तक O पहुंच O कर O दुगुना O हो O गया O है O ) O का O रूप O लेते O जा O रहे O हैं O । O भारत B-NEL को O खुले O में O शौच O के O अभिशाप O से O मुक्त O करने O के O लिये O 2014 B-NETI में O स्वच्छ O भारत O मिशन O शुरू O किया O गया O । O विश्वभर O में O बैंकिंग O उद्योग O जल्द O ही O अपने O पारंपरिक O समय O 9 - से - 5 - बजे - के O स्थान O पर O चौबीसों B-NETI घंटे I-NETI की O सेवाएं O शुरू O कर O सकता O है O । O ( O बैंक B-NEL ऑफ I-NEL अमेरिका I-NEL ने O पिछले O 5 B-NETI वर्षों I-NETI में O 1000 B-NEN से O ज्यादा O शाखाएं O बंद O कर O दी O हैं O ) O शाखारहित O बैंकिंग O मॉडल O को O अधिक O व्यवहारिक O बनाने O के O लिए O ग्राहक O पहुंच O लागत O को O 40 B-NEN प्रतिशत O तक O कम O करने O के O लिए O आधार O जैसे O राष्ट्रीय O प्लेटफार्मों O को O बैंकिंग O बिजनेस O मॉडल O के O साथ O जोड़ा O जा O सकता O है O । O लगभग O 46 B-NEN लाख I-NEN केद्रीय O कर्मचारियों O को O प्लेटफार्म O पर O जोड़ने O के O लिए O 2020 B-NETI - O 21 B-NETI से O 2024 B-NETI - O 25 B-NETI की O 5 B-NEN साल O की O अवधि O में O 510 B-NEN करोड़ I-NEN 86 I-NEN लाख I-NEN रुपये O खर्च O किए O जाएंगे O । O वैश्विक O बुनियादी O ढांचे O के O बाजार O में O भारत B-NEL का O 5 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O है O , O जिसमें O 2025 B-NETI तक O 9 B-NEN से O 10 B-NEN प्रतिशत O बढ़ोतरी O होने O की O उम्मीद O है O । O 1.50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O वार्षिक O कारोबार O वाले O अब O तिमाही O रिटर्न O दाखिल O कर O सकते O हैं O और O हर B-NETI महीने I-NETI इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O ले O सकते O हैं O । O प्रत्येक O तिमाही B-NETI में O 25 B-NEN प्रतिशत O प्राथमिक O स्कूलों O / O ईजीएस O और O एआईई O केंद्रों O के O निरीक्षण O की O सिफारिश O की O गई O है O । O फिलहाल O सांकेतिक O राशि O वापस O किए O जाने O और O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI से O उसे O ई O - O वॉलेट O में O समायोजित O किए O जाने O से O निर्यातकों O की O नकदी O की O समस्या O का O स्थायी O समाधान O हो O जाएगा O । O यहां O किसी O महीने O / O तिमाही O के O लिए O एक B-NETI महीने I-NETI पहले O ही O खाद्यान्न O उठाने O की O अनुमति O है O ताकि O खाद्यान्नों O की O आपूर्ति O निर्बाध O बनी O रहे O । O निम्नलिखित O कुछ O नवीन O विचार O हैं O जो O अगले B-NETI 15 I-NETI - I-NETI 20 I-NETI वर्षों I-NETI में O वास्तविकता O बन O सकते O हैं O : O 1.5 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O सालाना O कारोबार O वाले O छोटे O एवं O मझोले O उद्यमियों O ( O एसएमई O ) O को O तीन B-NETI महीने I-NETI में O एक B-NEN बार O रिटर्न O दाखिल O करने O तथा O कर O अदा O करने O की O अनुमति O देने O के O कारण O और O निर्यातकों O को O निर्यात O के O लिए O माल O छुडवाते O समय O बॉण्ड O एवं O बैंक O गारंटी O पेश O करने O से O छूट O देने O के O कारण O कारोबार O करना O आसान O हो O जाएगा O । O उच्च O प्राथमिक O स्तर O तक O विस्तार O केंद्रीय O बजट O 2007 B-NETI - I-NETI 08 I-NETI में O वित्त O मंत्री O ने O घोषणा O की O है O कि O मध्याह्न O भोजन O योजना O 2007 O - O 08 O में O 3427 B-NEN शैक्षिक O रूप O से O पिछड़े O ब्लॉकों O ( O ईबीबी O ) O में O उच्च O प्राथमिक O कक्षाओं O के O बच्चों O को O शामिल O करने O के O लिए O बढ़ाई O जाएगी O । O इसके O लिए O 7324 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O बजट O प्रावधान O रखा O गया O है O जो O 2006 B-NETI - I-NETI 07 I-NETI के O बजट O के O मुकाबले O 37 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O । O वर्ष B-NETI 2020 I-NETI में O एक B-NETI जनवरी I-NETI और O 31 B-NETI अक्टूबर I-NETI के O बीच O 6467 B-NEN अतिरिक्त O शहरी O और O ग्रामीण O सीएससी B-NEAR जोड़े O गये O हैं O । O यह O 2004 B-NETI - I-NETI 05 I-NETI में O 11.5 B-NEN अरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O बढ़ O कर O 2009 B-NETI - I-NETI 10 I-NETI में O 32 B-NEN अरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O का O हो O गया O ( O संसद O की O कार्यवाही O , O 2010 B-NETI ) O । O वित्तीय O वर्ष O 2009 B-NETI - I-NETI 10 I-NETI के O प्रथम O एवं O द्वितीय O त्रैमास O के O लिये O खाद्यान्न O का O आवंटन O समय O पर O प्राप्त O हुआ O , O लेकिन O राज्य O में O भारतीय O खाद्य O निगम O द्वारा O राज्य O खाद्य O निगम O को O खाद्यान्न O समय O पर O उपलब्ध O नहीं O कराया O गया O । O वर्ष B-NETI 2014 I-NETI से O अब O तक O 2.48 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O डिजिटल B-NEAR जीवन I-NEAR प्रमाणपत्र I-NEAR जमा O कराये O जा O चुके O हैं O । O स्वतंत्र O भारत B-NEL के O पहले O आम O चुनाव O अक्तूबर B-NETI 1951 I-NETI से I-NETI करीब I-NETI छह I-NETI महीने I-NETI के I-NETI दौरान I-NETI आयोजित O किये O गये O । O अपवाद O वाले O राज्यों O में O केरल B-NEL शामिल O था O जहां O 1960 B-NETI में O विधानसभा O का O कार्यकाल O समाप्त O होने O से O पहले O ही O सदन O को O भंग O कर O दिये O जाने O से O मध्यावधि O चुनाव O कराना O पड़ा O था O । O सरकार O ने O 2008 B-NETI में O सामान्य O कबाड़ O प्रबंधन O नियम O लागू O किये O । O तीन B-NETI वर्षों I-NETI में O उमंग B-NEAR को O 3.75 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O बार O डाउनलोड O किया O जा O चुका O है O । O इस O बीच O भारत B-NEL में O इलेक्ट्रॉनिक O कबाड़ O का O उत्पादन O 2014 B-NEL में O 1.7 B-NEN मिलियन I-NEN टन O से O बढ़ O कर O 2015 B-NETI में O 1.9 B-NEN मिलियन I-NEN टन O हो O गया O ( O संयुक्तराष्ट्र B-NEL , O 2015 B-NETI और I-NETI 2016 I-NETI ) O । O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI यानि O आर्थिक O व्यवहारों O पर O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO के O निर्णायक O स्थिति O में O आने O तक O डेरा O में O जगत O सेठों O की O चलती O थी O । O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO ने O 1978 B-NETI के O अल्मा O अता O ( O अब O अल्माटी O ) O घोषणा O पत्र O में O सभी O के O लिए O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सुविधाओं O का O प्रारूप O पेश O किया O था O । O पहली B-NETI शताब्दी I-NETI से O लेकर O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI तक O विश्व O व्यापार O में O भारत B-NEL की O सहभागिता O कभी O भी O 25 B-NEN प्रतिशत O से O कम O नहीं O रही O । O इन O आंकड़ों O से O स्पष्ट O हो O जाता O है O कि O औद्योगिक O उत्पादन O में O पिछले B-NETI दो I-NETI हजार I-NETI वर्षों I-NETI तक O भारत B-NETI पूरी O दुनिया O में O सर्वोच्च O स्थान O पर O था O । O लिहाजा O , O 1978 B-NETI का O अल्मा O अता O घोषणा O पत्र O यूडीएचआर O और O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO के O संविधान O को O ध्यान O में O रखकर O बनाया O गया O गया O था O । O यहां O हमें O यह O ध्यान O रखना O चाहिए O कि O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI तक O भारत -NEL की O सीमाएं O पश्चिमोत्तर O में O काबुल -NEL तक O थीं O , O उस O समय O तक O अफगानिस्तान -NEL या O पाकिस्तान -NEL का O कोई O अस्तित्व O नहीं O था O । O सोलहवीं B-NETI शताब्दी I-NETI के O बाद O से O भारतीय O अर्थव्यवस्था O में O यूरोपीय O व्यापारियों O का O प्रवेश O बढ़ O गया O था O । O इस B-NETI साल I-NETI सरकार O ने O वैश्विक O महामारी O से O निपटने O के O लिये O 20 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL आर्थिक O उत्प्रेरक O राहत O पैकेज O जारी O किया O । O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O योजना O के O तहत O 80 B-NEN करोड़ I-NEN व्यक्तियों O को O नवंबर B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI तक O मुफ्त O खाद्यान्न O दिया O गया O । O मेक O इन O इंडिया B-NEL के O तहत O जीडीपी O में O सूक्ष्म O , O लघु O और O मझोले O उद्यमों O के O योगदान O को O मौजूदा O 30 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ाकर O 50 B-NEN प्रतिशत O करने O का O लक्ष्य O है O जिससे O अगले B-NETI पांच I-NETI वर्षों I-NETI में O पांच B-NEN करोड़ I-NEN रोजगार O पैदा O होंगे O । O 2017 B-NETI और O 2019 B-NETI के O बीच O वाणिज्य O और O उद्योग O मंत्री O के O तौर O पर O मैंने O जो O परिवर्तन O किये O उनमें O प्रमुख O हैं O - O वर्ष B-NETI 1718 I-NETI से I-NETI 1730 I-NETI के I-NETI बीच I-NETI ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO ने O उससे O प्रतिवर्ष O औसतन O चार B-NEN लाख I-NEN रुपये O उधार O लिए O । O वर्ष B-NETI 1757 I-NETI तक O जगतसेठ O से O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO प्रतिवर्ष O चार B-NEN लाख I-NEN रुपये O और O फ्रांसीसी B-NEO ईस्ट I-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO 15 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर्ज O लिया O करती O थी O । O 2017 B-NETI और O 2019 B-NETI के O बीच O केन्द्रीय O नागरिक O उड्डयन O मंत्री O रहते O हुए O मैंने O निम्नलिखित O बदलाव O किये O - O इस O योजना O के O तहत O 31 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI तक O 12 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O यात्री O विमान O यात्रा O कर O चुके O थे O । O उड़ान O के O 28 B-NETI महीनों I-NETI में O 69 B-NEN हवाई O अड्डे O , O 31 B-NEN हेलीकॉप्टर O और O छह B-NEN जल O ड्रोन O मंजूर O किये O गये O । O 2014 B-NETI और O 2017 B-NETI के O बीच O रेल O मंत्री O के O तौर O पर O निम्नलिखित O कार्य O किये O - O निपुण O भारत B-NEL मिशन O , O 21वीं B-NETI सदी I-NETI के O कौशल O को O बढ़ावा O देता O है O और O रटकर O याद O रखने O की O जगह O विवेचनात्मक O सोच O , O वैज्ञानिक O स्वभाव O और O गतिविधि O - O आधारित O शिक्षा O का O उपयोग O करता O है O । O मैंने O 7 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2016 I-NETI को O गुजरात B-NEL की O जनता O की O सेवा O के O लिये O राज्य O के O मुख्यमंत्री O का O पद O संभाला O । O हम O 2022 B-NETI तक O नये O भारत B-NEL का O निर्माण O करेंगे O और O इस O परिवर्तन O में O उद्योग O क्षेत्र O एक B-NEN बड़ी O भूमिका O निभायेगा O । O इसी O के O साथ O भारतीय O सैन्य O बलों O की O यात्रा O का O दूसरा O चरण O शुरू O हुआ O जो O 1988 B-NETI तक O चला O । O 1962 B-NETI के O युद्ध O के O बाद O सेना O में O सैनिकों O की O संख्या O बढ़कर O लगभग O 8,25,000 B-NEN कर O दी O गई O जो O पहले O करीब O 5,50,000 B-NEN ही O थी O और O साथ O ही O संगठन O , O प्रशिक्षण O और O सिद्धान्तों O में O भी O अनेकानेक O सुधार O - O बदलाव O किए O गए O । O 2019 B-NETI में O गुजरात B-NEO सरकार I-NEO ने O उन O किसानों O के O लिये O 3795 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O सहायता O घोषित O की O जिनकी O फसलें O बेमौसम O बारिश O से O नष्ट O हो O गयी O थीं O । O इसके O बाद O 2020 B-NETI में O 3700 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O राहत O पैकेज O की O घोषणा O की O गयी O जिसका O लाभ O 56 B-NEN लाख I-NEN किसानों O को O मिला O । O पाकिस्तान B-NEO सरकार I-NEO ने O 1971 B-NETI में O पूर्वी B-NEL पाकिस्तान I-NEL में O अपने O ही O बंगाली O देशवासियों O का O नरसंहार O शुरू O कर O दिया O । O 3 B-NETI दिसम्बर I-NETI , I-NETI 1971 I-NETI को O पाकिस्तान B-NEL ने O बाकायदा O युद्ध O छेड़ने O की O घोषणा O कर O दी O जिस O पर O भारतीय O सेना O ने O फौरन O जवाबी O कार्रवाई O करके O पाकिस्तान B-NEL को O पराजित O कर O दिया O । O 1971 B-NETI के O युद्ध O में O भारत B-NEL द्वारा O अपनाई O गई O बहु O - O स्तरीय O रणनीति O के O अंतर्गत O प्रत्येक O पहलू O पर O पूरा O ध्यान O रखा O गया O और O जमीनी O हकीकत O के O हिसाब O से O जहां O पश्चिमी O मोर्चे O पर O पाकिस्तान B-NEL के O खिलाफ O " O आक्रामक O रक्षा O " O की O नीति O लागू O की O गई O थी O वहीं O इस O तथ्य O का O भी O पूरा O ध्यान O रखा O गया O कि O उत्तर O में O चीन B-NEL की O ओर O से O खतरे O को O रोके O रखा O जाए O । O पूर्वी O मोर्चे O पर O आक्रामक O नीति O अपनाई O गई O और O दुश्मन O का O जमाव O बढ़ने O से O रोकने O के O लिए O त्वरित O युद्ध O प्रणाली O अपनाकर O ढाका B-NEL को O 2 B-NETI सप्ताह I-NETI से O भी O कम O चली O लड़ाई O में O अपनी O नजदीकी O रेंज O में O लाने O की O व्यूह O रचना O की O गई O थी O । O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO ( I-NEO यूपीएससी I-NEO ) I-NEO की O सिविल O सेवा O परीक्षाओं O में O सुधार O और O परिवर्तन O के O जरिये O उन्हें O अभूतपूर्व O रफ्तार O से O विकास O कर O रहे O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI के O राष्ट्र O की O जरूरतों O और O आकांक्षाओं O के O अनुरूप O बनाने O को O लेकर O व्यापक O राष्ट्रीय O सहमति O है O । O अप्रैल B-NETI और I-NETI मई I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O कोरोना O की O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O राष्ट्रीय O खाद्य O सुरक्षा O कानून O के O तहत O 68.80 B-NEN लाख I-NEN और O राज्य O की O गरीबी O से O ऊपर O की O रेखा O - O 1 B-NEN के O अधीन O 61 B-NEN लाख I-NEN कार्ड O धारकों O को O 2000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O खाद्यान्न O मुफ्त O में O वितरित O किये O गये O । O अपने O क्षेत्रों O के O ऐसे O विशेषज्ञों O को O 2018 B-NETI से O मंत्रालयों O और O विभागों O में O संयुक्त O सचिव O और O निदेशक O समेत O विभिन्न O पदों O पर O निर्धारित O अवधि O के O अनुबंध O के O जरिये O नियुक्त O किया O जा O रहा O है O । O 1972 B-NETI में O भारत B-NEL और O चीन B-NEL के O बीच O फिर O संघर्ष O , O 1973 B-NEL में O तीसरे O अरब B-NEL - O इज़रायल B-NEL युद्ध O और O तेल O संकट O , O वियतनाम B-NEL में O चल O रहे O लंबे O संघर्ष O की O 1975 B-NETI में O समाप्ति O , O 1979 B-NETI में O चीन B-NEL का O वियतनाम B-NEL पर O विफल O आक्रमण O , O उसी B-NETI वर्ष I-NETI सोवियत B-NEL का O अफगानिस्तान B-NEL पर O हमला O और O 1980 B-NETI के O इराक़ B-NEL - O ईरान B-NEL युद्ध O के O कारण O हर O तरफ O ऐसा O वातावरण O बन O गया O था O कि O भारत B-NEL में O भी O सैनिक O तैयारी O में O सुधार O - O बदलाव O जरूरी O हो O गये O थे O । O इसके O अलावा O , O 1998 B-NETI में O कमेटी O ने O बैंकों O में O तकनीक O के O ज्यादा O इस्तेमाल O , O कौशल O प्रशिक्षण O और O प्रोफेशनल O मैनेजमेंट O संबंधी O कदमों O का O भी O सुझाव O दिया O । O ऐसे O कई O सुधारों O को O 1991 B-NETI से O लागू O किया O गया O , O जिससे O देश O के O बैंकिंग O सेक्टर O के O प्रदर्शन O और O ताकत O में O सुधार O हुआ O । O मिसाल O के O तौर O पर O बैंकिंग O सिस्टम O के O उधारी O की O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O हिस्सेदारी O 1990 B-NETI में O 51.5 B-NEN फीसदी O थी O , O तो O 2000 B-NETI में O बढ़कर O 53.4 B-NEN फीसदी O हो O गई O । O देश O में O फिलहाल O 3 B-NETI से I-NETI 6 I-NETI साल I-NETI के O लगभग O 10 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चे O हैं O । O साल B-NETI 2000 I-NETI में O चीन B-NEL में O यह O अनुपात O 133 B-NEN फीसदी O , O मलेशिया B-NEL में O 143 B-NEN फीसदी O और O थाईलैंड B-NETI में O 122 B-NEN फीसदी O था O । O साल B-NETI 2000 I-NETI में O बैंकिंग O सुधार O से O जुड़ी O कई O कमेटियां O बनाई O गईं O और O इसके O बाद O और O सुधारों O को O आगे O बढ़ाया O गया O । O ऐसे O में O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O ( O ईसीसीई O ) O के O लिए O ठोस O बुनियाद O तैयार O करने O की O ज़रूरत O है O , O क्योंकि O आंकड़ों O के O मुताबिक O भारत B-NEL की O बाल O आबादी O अपने O उच्चतम O स्तर O पर O है O , O लिहाजा O अब O इसमें O मामूली O गिरावट O देखने O को O मिल O सकती O है O ( O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO - I-NEO जनसंख्या I-NEO डिविजन I-NEO 2019 B-NETI ) O । O अगले B-NETI दशक I-NETI में O हर B-NETI साल I-NETI तकरीबन O 2.3 B-NEN - O 2.4 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चों O के O जन्म O का O अनुमान O है O ( O यूनिसेफ B-NEO का O डाटा O ) O । O * O बेहतर O भविष्य O का O निर्माण O : O उदाहरण O के O तौर O पर O , O हम O साल B-NETI 2040 I-NETI की O बात O करते O हैं O - -NETI (( O 25 - साल - की O रक्षा O 2020 B-NETI को O याद O करती O है O , O जब O कोरोना O महामारी O ने O उसके O गरीब O माता O - O पिता O की O जिंदगी O को O तहस O - O नहस O कर O दिया O था O । O इस O योजना O का O पायलट O फेज O ( O परीक्षण O चरण O ) O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI 2020 I-NETI को O छह B-NEN राज्यों O - O हरियाणा B-NEL , O कर्नाटक B-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O उत्तराखंड B-NEL में O आरंभ O किया O गया O । O तकरीबन O 20 B-NETI साल I-NETI के O बाद O , O वह O अनिश्चितता O की O उसी O राह O पर O खड़ी O है O । O महामारी O के O दौरान O पांच B-NETI साल I-NETI की O रक्षा O की O देखभाल O नहीं O हो O पाई O और O वह O स्कूल O भी O नहीं O गई O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI की O मुख्य O बातें O * O अधिकतर O रबी O फसलों O की O ही O तरह O सभी O अघोषित O खरीफ O फसलों O की O एमएसपी O उनकी O उत्पादन O लागत O से O डेढ़ B-NEN गुना O होगी O ; O कृषि O क्षेत्र O को O संस्थागत O ऋण O वर्ष O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI के O 8.5 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O से O बढ़कर O वर्ष O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O । O हम O जून B-NETI के O मध्य O में O अपने O बांग्लादेश B-NEL समकक्ष O के O साथ O संयुक्त O सलाहकार O आयोग O की O बैठक O में O इन O सभी O घटनाक्रमों O एवं O अन्य O की O समीक्षा O करेंगे O । O दूसरे O शब्दों O में O कहें O तो O सरकारी O बैंकों O का O एनपीए O मार्च B-NETI 2015 I-NETI में O 2.78 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O था O , O जो O जून B-NETI 2017 I-NETI में O बढ़कर O 7.33 B-NEN लाख I-NEN हो O गया O । O वह O नहीं O चाहती O कि O उसकी O 3 B-NETI साल I-NETI की O बेटी O का O भी O हाल O उसके O जैसा O हो O । O * O महिला O स्वयं O सहायता O समूहों O को O मिलने O वाली O ऋण O राशि O को O पिछले B-NETI साल I-NETI के O 42,500 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O वर्ष O 2019 B-NETI में O 75,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O किया O जाएगा O । O संतुलित O और O समग्र O विकास O के O लिए O , O किसी O बच्चे O को O शुरुआती B-NETI वर्षों I-NETI में O इन O चीजों O की O ज़रूरत O होती O है O : O अच्छी O सेहत O और O पोषण O से O जुड़ी O देखभाल O और O सुरक्षित O माहौल O के O साथ O - O साथ O ऐसी O गतिविधियां O जिनके O जरिये O बच्चों O में O एक O - O दूसरे O के O बीच O संवाद O , O बच्चों O और O बड़ों O के O बीच O संवाद O और O समग्र O विकास O की O गुंजाइश O बन O सके O । O ( O एमडब्ल्यूसीडी B-NEO 2013 B-NETI ) O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O ( O एनईपी O ) O 2020 B-NETI में O कहा O गया O है O , O " O बच्चों O के O दिमाग O का O 85 B-NEN प्रतिशत O से O भी O ज़्यादा O विकास O 6 B-NETI साल I-NETI की O उम्र O से O पहले O होता O है O । O पिछले B-NETI एक I-NETI दशक I-NETI में O ऐसा O पहली O बार O हुआ O है O । O * O राजकोषीय O घाटा O 3.5 B-NEN प्रतिशत O तय O किया O गया O , O यह O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 3.3 B-NEN प्रतिशत O रहने O का O अनुमान O है O । O इससे O बच्चों O के O शुरुआती B-NETI वर्षों I-NETI में O उनके O दिमाग O को O बेहतर O बनाने O से O जुड़ी O देखभाल O की O अहमियत O के O बारे O में O पता O चलता O है O । O इन B-NETI वर्षों I-NETI में O बच्चे O का O दिमाग O लचीला O होता O है O , O तेजी O से O बढ़ता O है O और O अनुभवों O को O ग्रहण O करता O है O । O वित्त O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI - I-NETI 17 I-NETI की I-NETI पहली I-NETI छमाही I-NETI में O बैंकों O के O टैक्स O के O बाद O मुनाफे O में O साल B-NETI दर I-NETI साल I-NETI आधार O पर O गिरावट O आई O । O मार्च B-NETI 2008 I-NETI और I-NETI मार्च I-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O बैंकों O का O स्ट्रेस्ड O कर्ज O कुल O कर्ज O के O 3.5 B-NEN फीसदी O से O बढ़कर O 12.1 B-NEN फीसदी O हो O गया O । O * O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O के O वार्षिक O कारोबार O वाली O किसान O उत्पादक O कंपनियों O के O रूप O में O पंजीकृत O कंपनियों O को O इस O तरह O की O गतिविधियों O पर O प्राप्त O लाभ O पर O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI से O लेकर O पांच B-NETI वर्षों I-NETI तक O 100 B-NEN प्रतिशत O कटौती O का O प्रस्ताव O । O भारत B-NEL में O हर O साल O तकरीबन O 2.5 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चे O जन्म O लेते O हैं O , O जिनमें O 99 B-NEN प्रतिशत O 5 B-NETI या I-NETI 6 I-NETI साल O की O उम्र O में O स्कूल O में O दाखिला O लेते O हैं O । O * O 50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O कम O के O कारोबार O ( O वित्त O वर्ष O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O ) O वाली O कंपनियों O के O लिए O फिलहाल O उपलब्ध O 25 B-NEN प्रतिशत O की O घटी O हुई O दर O का O लाभ O वित्त O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 250 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O के O कारोबार O की O जानकारी O देने O वाली O कंपनियों O को O भी O देने O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O ताकि O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यम O लाभान्वित O हो O सकें O । O मेघालय B-NEL ने O जून B-NETI 2021 I-NETI में O भूटान B-NEL को O कम O राख O वाले O गैर O - O कुकिंग O कोयले O का O निर्यात O शुरू O किया O । O हालांकि O , O शिक्षा O से O जुड़ी O सालाना O रिपोर्ट O , O 2019 B-NETI में O कहा O गया O है O ( O एएसईआर O 2019 B-NETI ) O : O ' O शुरुआती B-NETI साल I-NETI ' O का O मतलब O है O कि O कई O बच्चों O का O स्कूलों O में O दाखिला O बिना O तैयारी O के O होता O है O । O अक्टूबर B-NETI 2021 I-NETI में O चालू O हुए O इस O संयंत्र O ने O पहले O ही O असम B-NEL को O तरल O ऑक्सीजन O का O निर्यात O शुरू O कर O दिया O है O । O दरअसल O , O 5 B-NETI साल I-NETI के O सिर्फ O 10.7 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O एक B-NEN ही O तरह O की O तस्वीरों O का O मिलान O कर O सकते O थे O और O इस O उम्र O के O सिर्फ O 17.5 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O चित्रों O के O पैटर्न O को O पूरा O कर O सकते O थे O । O ये O शर्ते O जनवरी B-NETI 2019 I-NETI से O अमल O में O आएंगी O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2015 I-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O इंद्रधनुष O प्लान O के O तहत O बैंकों O के O पुनर्पूजीकरण O के O जरिये O एनपीए O में O भारी O बढ़ोतरी O और O अर्थव्यवस्था O पर O इसके O खराब O असर O को O स्वीकार O किया O गया O था O । O मैं O देश O के O इस O हिस्से O में O बारह B-NETI दशकों I-NETI से O अधिक O समय O से O व्यापार O और O उद्योग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O समर्पित O सेवा O करने O के O लिए O चैंबर O को O बधाई O देता O हूँ O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI ने O एक B-NEN निर्णायक O कदम O के O तहत O , O छोटे O बच्चों O की O शिक्षा O और O देखभाल O को O आवश्यक O नीति O में O शामिल O किया O है O : O * O प्रधानमंत्री O वय O वंदना O योजना O की O अवधि O मार्च O 2020 B-NETI तक O बढ़ाने O का O प्रस्ताव O । O इससे O निपटने O के O लिए O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O बैंकों O को O फिर O से O पूंजी O मुहैया O कराने O के O लिए O 24 B-NETI अक्टूबर I-NETI को O 2.1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O के O प्लान O का O ऐलान O किया O । O यह O काम O 2030 B-NETI तक O पूरा O कर O लिया O जाना O चाहिए O , O ताकि O ग्रेड O 1 B-NEN में O पहुंचने O वाले O सभी O बच्चे O स्कूल O के O लिए O पूरी O तरह O से O तैयार O रहें O । O हालांकि O , O 31 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI तक O हुए O सभी O लाभों O को O संरक्षित O किया O जाएगा O । O इसमें O बैंकों O और O प्रमोटरों O को O 270 B-NETI दिनों I-NETI के O भीतर O निपटारा O प्लान O पर O सहमत O होने O या O संपत्तियों O की O बिक्री O जैसी O कार्रवाई O की O बात O है O । O मैं O देश O के O इस O हिस्से O में O बारह B-NETI दशकों I-NETI से O अधिक O समय O से O व्यापार O और O उद्योग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O समर्पित O सेवा O करने O के O लिए O चैंबर O को O बधाई O देता O हूँ O । O दोस्तों O , O 3. O पिछले B-NETI दो I-NETI वर्षों I-NETI में O , O महामारी O का O दुनिया O भर O में O विनाशकारी O प्रभाव O पड़ा O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI और O ' O निपुण O भारत O ' O के O तहत O सीखने O की O प्रक्रिया O में O माता O - O पिता O / O परिवार O को O शामिल O करने O पर O ज़ोर O है O । O इसके O अलावा O , O आईआईटी B-NEO रुड़की I-NEO ने O शैक्षणिक O सत्र O 2021 B-NETI से O बांध O सुरक्षा O और O पुनर्वास O में O एम. O टेक. O और O आईआईएससी B-NEO बैंगलोर I-NEO ने O बांध O इंजीनियरिंग O में O कार्यक्रम O शुरू O किया O है O । O महिला O एवं O बच्चों O के O सभी O आवश्यक O आयामों O को O समायोजित O करने O की O चेष्टा O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O बजट O में O परिलक्षित O होती O है O । O स्त्री O स्वावलंबन O की O दिशा O में O मील O का O पत्थर O सिद्ध O होता O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI का O केन्द्रीय O बजट O तभी O अपने O उद्देश्य O को O प्राप्त O कर O पायेगा O जब O , O घोषणाओं O का O क्रियान्वयन O उससे O संबंधित O विभागों O द्वारा O , O ईमानदारी O से O किया O जायेगा O । O अप्रैल B-NETI 1957 I-NETI में O , O पूर्व O के O अखिल B-NEO भारतीय I-NEO खादी I-NEO एवं I-NEO ग्रामीण I-NEO उद्योग I-NEO बोर्ड I-NEO का O पूरा O कार्यभार O इसने O संभाल O लिया O । O 6. O आर्थिक O मोर्चे O पर O , O महामारी O के O दौरान O , O सरकार O ने O 2014 B-NETI से O चल O रही O महत्वाकांक्षी O सुधार O प्रक्रिया O को O तेज O किया O । O इस O परियोजना O के O कार्यान्वयन O के O बाद O , O कोयंबटूर B-NEL जिले O में O भूजल O स्तर O काफी O बढ़ O गया O है O , O इसका O स्तर O क्रमशः O 2017 B-NETI , O 2018 B-NETI , O और O 2019 B-NETI के O दौरान O क्रमशः O 29.76 B-NEN मीटर O , O 22.31 B-NEN मीटर O और O 17.62 B-NEN मीटर O की O गहराई O पर O दर्ज O किया O गया O है O । O महामारी O के O शुरुआती O दिनों O में O शुरू O की O गई O इस O योजना O को O हाल O ही O में O छह B-NETI महीनों I-NETI के O लिए O और O बढ़ा O दिया O गया O है O । O लेखक O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O के O 1984 B-NETI बैच O के O पूर्व O अधिकारी O हैं O और O हिंदी O तथा O अंग्रेजी O में O समान O अधिकार O से O लेखन O करते O हैं O । O इसके O अनुरूप O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI से O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O तैयार O की O जा O रही O है O । O इसी O तरह O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI से O प्रखंड O पंचायत O विकास O योजना O और O जिला O पंचायत O विकास O योजना O बनायी O जा O रही O हैं O । O इस O दिशा O में O राष्ट्रीय O ग्राम O स्वराज O अभियान O ( O आरजीएसए O ) O एक B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI से O शुरू O किया O गया O । O दोस्तों O , O पिछले B-NETI 24 I-NETI घंटों I-NETI में O कई O परियोजनाओं O , O यात्राओं O , O उद्घाटन O समारोहों O , O समझौतों O के O साथ O यह O मेरे O लिए O वास्तव O में O एक B-NEN एक्शन O से O भरपूर O यात्रा O रही O है O और O जैसे O - O जैसे O मैं O कार्यक्रम O के O अंत O पर O पहुँच O रहा O हूँ O , O मैं O महामहिम O राष्ट्रपति O , O मेरे O मेजबान O विदेश O मंत्री O अब्दुल्ला B-NEL शाहिद I-NEL , O मालदीव B-NEL की O सरकार O और O अड्डू B-NEL के O लोगों O को O धन्यवाद O देना O चाहता O हूँ O । O 1970 B-NETI में O जहाँ O इस O परीक्षा O के O देने O वाले O सिर्फ O 11000 B-NEN थे O , O वर्ष O 1979 B-NETI में O उनकी O संख्या O 10 B-NEN गुना O बढ़ O गई O । O वर्ष O 1988 B-NETI में O बनाई O गई O सतीश B-NEO चंद्र I-NEO कमेटी I-NEO ने O 10 B-NEN वर्ष O की O भर्ती O के O आंकलन O में O भारतीय O भाषाओं O में O परीक्षा O आयोजित O किए O जाने O की O भूरि O - O भूरि O प्रशंसा O की O । O इसे O मई B-NETI 1977 I-NETI में O , O धन O की O वास्तविक O आवश्यकता O और O बजटीय O स्रोतों O से O उपलब्ध O धन O के O अंतर O को O भरने O हेतु O बैंकिंग O संस्थानों O से O धन O को O एकत्र O करने O के O लिए O शुरू O किया O गया O था O । O लेकिन O वर्ष O 2011 B-NETI में O कुछ O अंग्रेजी O के O पक्षधरों O ने O ऐसे O बदलाव O किए O कि O भारतीय O भाषाओं O के O परीक्षार्थी O कम O से O कम O होते O गए O और O फिलहाल O यह O 5 B-NEN प्रतिशत O से O भी O कम O है O । O कमोबेश - यही O देश - की O अधिकांश O ग्रामीण B-NEO महिलाओं O की O एक B-NEN जैसी O कहानी O है O जिनकी O संख्या O 2011 B-NETI की O जनगणना B-NEO के O अनुसार O 40.5 B-NEN करोड़ I-NEN है O क्योंकि O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI तक O देश - के O कुल O 19.18 B-NEN करोड I-NEN परिवारों O में O से O केवल O 3.23 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O परिवारों O के O पास O ही O पानी O के O नलों O वाले O कनेक्शन O थे O । O भारत B-NEL में O महिलाएं O और O लड़कियाँ O दिनभर - काफी O समय O रोजमर्रा O के O घरेलू O काम O करने O में O बिताती O हैं O ( O रोजाना O 352 B-NETI मिनट I-NETI ) O । O मंत्रालय O ने O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O टाटा B-NEO सामाजिक I-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO के O जरिये O विकेंद्रीकरण O का O अध्ययन O कराया O था O । O अधिकतम O उम्र O सीमा O वर्ष O 1978 B-NETI तक O 24 B-NEN और O 26 B-NEN वर्ष O थी O जिसे O कोठारी B-NEO समिति I-NEO ने O बढ़ाकर O सभी O सेवाओं O के O लिए O 28 B-NEN वर्ष O कर O दिया O था O । O उम्र O बढ़ाने O के O पीछे O यह O भी O कारण O था O कि O सुदूर O के O गाँव O आदिवासियों O के O बच्चों O की O शिक्षा O देर O से O शुरू O हो O पाती O है O लेकिन O 40 B-NEN वर्ष O बाद O 2021 B-NETI में O देश O की O साक्षरता O और O शिक्षा O की O पहुँच O बहुत O बेहतर O हुई O है O । O अगले O पांच B-NETI वर्षों I-NETI में O छह B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O गांवों O में O से O ज्यादातर O को O इस O योजना O के O दायरे O में O लाने O का O लक्ष्य O निर्धारित O किया O गया O है O । O अफ्रीका B-NEL के O साथ O भारत B-NEL का O कुल O व्यापार O 2003 B-NETI के O केवल O 6.8 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O बढ़कर O 2021 B-NETI में O 75 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O अधिक O हो O गया O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO हर O वर्ष O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI को O राष्ट्रीय O पंचायती O राज O दिवस O के O अवसर O पर O राष्ट्रीय O पंचायत O पुरस्कारों O के O अंतर्गत O सर्वश्रेष्ठ O प्रदर्शन O करने O वाली O पंचायतों O / O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O 50 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O के O नकद O पुरस्कार O तथा O अन्य O प्रोत्साहन O देता O है O । O पिछले B-NETI दशक I-NETI में O अफ्रीका B-NEL में O भारतीय O निवेश O भी O तेजी O से O बढ़ा O है O । O एक्जिम B-NEO बैंक I-NEO ने O 1982 B-NETI में O काम O आरंभ O किया O था O । O इसी O विचार O को O ध्यान O में O रखते O हुए O और O राज्यों O को O अधिकाधिक O विकेन्द्रीकरण O अपनाने O के O लिए O प्रेरित O करने O के O उद्देश्य O से O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O पंचायत O सशक्तीकरण O और O जवाबदेही O योजना O ( O पीईएआईएस O ) O वर्ष B-NETI 2005 I-NETI - I-NETI 06 I-NETI में O लागू O की O ताकि O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O विकेन्द्रीकरण O अपनाने O की O दिशा O में O प्रदर्शन O के O आधार O पर O पुरस्कृत O करके O प्रोत्साहित O किया O जाए O । O बार O - O बार O के O अध्ययनों O से O यह O सामने O आया O है O कि O 2 B-NETI वर्ष I-NETI की O प्रशिक्षण O अवधि O में O उन्हें O किताबी O ज्ञान O तो O दिया O जाता O है O लेकिन O जमीनी O अनुभव O पर्याप्त O नहीं O दिया O जाता O । O 21वीं B-NETI सदी I-NETI के O इस O दौर O में O यह O इसलिए O जरूरी O है O कि O परीक्षा O की O पूरी O प्रक्रिया O ही O ऐसी O है O जिसमें O बहुत O कड़ी O प्रतियोगिता O है O और O इसीलिए O कोचिंग O संस्थानों O की O भूमिका O लगातार O बढ़ O रही O है O । O इसी O कारण O 2011 B-NETI - I-NETI 12 I-NETI में O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O देने O के O दूसरे O अंग O के O तौर O पर O स्थानीय O निकाय O स्तर O पर O जवाबदेही O और O प्रदर्शन O को O जोड़ O लिया O गया O । O 7. O जैसा O कि O प्रधानमंत्री O ने O इस B-NETI साल I-NETI की O शुरुआत O में O वर्ल्ड O इकोनॉमिक O फोरम O में O अपने O ' O स्टेट O ऑफ O द O वर्ल्ड O ' O संबोधन O में O कहा O था O , O कोरोना O काल O के O दौरान O , O जब O दुनिया O क्वांटिटेटिव O इजिंग O कार्यक्रम O जैसे O हस्तक्षेपों O पर O ध्यान O केंद्रित O कर O रही O थी O , O भारत B-NEL ने O सुधारों O का O मार्ग O प्रशस्त O किया O । O समिति O का O गठन O 30 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 1979 I-NETI को O किया O गया O । O उसने O ऐसी O अनूठी O वित्तीय O संस्था O बनाने O की O सिफारिश O की O , O जो O इन O आकांक्षाओं O को O पूरा O करे O और O इस O प्रकार O 1981 B-NETI के O अधिनियम O 61 O के O जरिये O संसद O ने O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO एवं I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O की O हक O स्थापना O को O मंजूरी O दे O दी O । O भारत B-NEL को O वर्ष B-NETI 2020 I-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O प्रत्यक्ष O विदेशी O निवेश O में O 81 B-NEN बिलियन I-NEN से O अधिक O प्राप्त O हुए O । O भारत B-NEL आज O दुनिया O के O सबसे O बड़े O स्टार्ट O - O अप O इकोसिस्टम O में O से O एक B-NEN का O घर O बन O गया O है O और O करीब O 100 B-NEN यूनिकॉर्न O की O मेजबानी O करता O है O , O जिनमें O से O 40 B-NEN सिर्फ O 2021 B-NETI में O इस O स्थिति O तक O पहुँचे O हैं O । O 12. O व्यापक O वैक्सीन O कवरेज O द्वारा O समर्थित O , O सुधारों O से O हुए O लाभ O और O नियमों O में O ढील O , O मजबूत O निर्यात O वृद्धि O और O पूंजीगत O खर्च O में O वृद्धि O से O , O भारतीय O अर्थव्यवस्था O को O 2022 B-NETI - I-NETI 23 I-NETI में O 8 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O की O जीडीपी O वृद्धि O देखने O की O उम्मीद O है O । O 13. O भारत B-NEL ने O हमारे O प्रधानमंत्री O द्वारा O वर्ष B-NETI 2021 I-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O 400 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O माल O निर्यात O के O महत्वाकांक्षी O लक्ष्य O को O भी O हासिल O कर O लिया O है O । O इंडिया O स्टेट O ऑफ O फॉरेस्ट O रिपोर्ट O ( O आईएसएफआर O ) O 2019 B-NETI के O अनुसार O , O देश O में O वनों O और O वृक्षों O का O आवरण O बढ़कर O कुल O भौगोलिक O क्षेत्र O का O 24.56 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O यह O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI की O तुलना O में O लगभग O 37 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O दर्शाता O है O । O 130 B-NEN करोड़ I-NEN की O वर्तमान O जनसंख्या O वाले O इस O देश O में O पानी O की O कमी O पहले O से O ही O दिखाई O दे O रही O है O और O 2050 B-NETI तक O आबादी O के O 160 B-NEN करोड़ I-NEN तक O बढ़ने O का O अनुमान O है O जिससे O यह O समस्या O और O भी O विकट O हो O जाएगी O । O स्वतंत्रता O की O 75वीं O वर्षगांठ O के O मौके O पर O यानि O 2022 B-NETI में O संसद O की O यह O नई O इमारत O ' O नए O भारत B-NEL ' O की O जरूरतों O और O आकांक्षाओं O को O पूरा O करेगी O । O 2018 B-NETI समग्र O जल O प्रबंधन O सूचकांक O ( O सीडब्ल्यूएमआई O ) O 2.0 B-NEN , O एक B-NEN अखिल O भारतीय O मेट्रिक्स O मापक O है O जो O जल O प्रबंधन O के O विभिन्न O आयामों O को O मापता O है O और O जीवनचक्र O में O उपयोगी O होता O है O । O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO और O ग्रामीण B-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O साथ O मिलकर O नीति B-NEO आयोग I-NEO द्वारा O जारी O की O गई O जल O रिपोर्ट O में O संकेत O दिया O गया O है O कि O दिल्ली B-NEL , O बेंगलुरू B-NEL , O चेन्नई B-NEL , O हैदराबाद B-NEL सहित O 21 B-NEN बड़े O शहर O 2020 B-NETI तक O शून्य B-NEN भूजल O स्तर O तक O पहुंचने O की O कगार O पर O थे O जिससे O 100 B-NEN मिलियन I-NEN से O अधिक O लोगों O के O प्रभावित O होने O के O आसार O हैं O । O रिपोर्ट O में O यह O भी O दिया O गया O है O कि O 2030 B-NETI तक O देश O में O पानी O की O मांग O उपलब्ध O आपूर्ति O से O दुगुनी O होने O का O अनुमान O है O , O जिससे O करोड़ों B-NEN लोगों O के O लिए O जल O की O गंभीर O कमी O हो O सकती O है O और O भारत B-NEL के O सकल B-NEAR घरेलू I-NEAR उत्पाद I-NEAR में O 6 B-NEN प्रतिशत O की O हानि O हो O सकती O है O । O इसने O 2017 B-NETI में O न्यूयॉर्क B-NEAR टाइम्स I-NEAR की O अनुशंसित O पुस्तकों O की O सूची O में O जगह O बनाई O । O 2 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2019 I-NETI : O 2019 B-NETI के O रायसीना O डायलॉग O में O यह O बात O स्पष्ट O कर O दी O गयी O थी O कि O भारत B-NEL गुटनिरपेक्षता O के O अतीत O से O बाहर O निकल O चुका O है O । O नए O संसद O भवन O के O शिलान्यास O के O मौके O पर O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O आज B-NETI का I-NETI दिन I-NETI के O लोकतांत्रिक O इतिहास O में O मील O के O पत्थर O की O तरह O है O , O जो O भारतीयता O के O विचार O से O ओतप्रोत O है O । O गौरतलब O है O कि O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO संघ I-NEO ने O सभी O के O लिए O स्वच्छता O हासिल O करने O के O लक्ष्य O के O तहत O साल O 2030 B-NETI का O समय O निर्धारित O किया O है O । O 1990 B-NETI के O दशक O में O भारत B-NEL ने O इस O दिशा O में O बढ़ना O शुरू O भी O किया O । O फरवरी B-NETI 2020 I-NETI में O स्वच्छ O भारत O अभियान O ( O ग्रामीण O ) O के O दूसरे B-NEN चरण O को O मंजूरी O दी O गई O । O आज O ' O पोखरण O - O 2 O ' O के O लगभग O 22 B-NETI वर्षों I-NETI के O बाद O भारत B-NEL एक B-NEN प्रमुख O एशियाई O शक्ति O और O एक B-NEN ' O वैश्विक O खिलाड़ी O ' O के O रूप O में O स्वीकार O किया O जा O रहा O है O । O इस O बीच O , O साल O 2020 B-NETI - O 21 -NETI के O लिए O 15वें B-NEN वित्त O कमीशन O की O रिपोर्ट O भी O जारी O की O गई O । O वित्त O मंत्री O ने O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O भाषण O में O कहा O कि O सरकार O कीमती O धातु O को O एक B-NEN परिसंपत्ति O श्रेणी O के O रूप O में O विकसित O करने O के O लिए O समावेशी O स्वर्ण O नीति O बनाएगी O । O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO , O अभियान O के O दूसरे B-NEN चरण O को O 2020 B-NETI - O 21 -NETI से O 2024 B-NETI - O 25 -NETI के O बीच O लागू O करेगा O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O केंद्रीय O सरकार O ने O बजट O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O प्रस्तुत O की O थी O । O ये O रेशियो O 2016 B-NETI में O नकारात्मक O दायरे O में O चले O गए O । O नई B-NEL दिल्ली I-NEL अप्रैल B-NETI 27 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI 11. O तुर्कमेनिस्तान B-NEL , O भारत -NEL - O मध्य B-NEL एशिया I-NEL शिखर O सम्मेलन O के O दायरे O में O भारत B-NEL के O लिए O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भागीदार O है O , O जिसकी O पहली O मेजबानी O भारत B-NEL ने O इस O साल O जनवरी B-NETI में O की O थी O । O युवा O मामलों O पर O आज B-NETI हस्ताक्षरित O समझौता O ज्ञापन O हमारे O युवाओं O के O बीच O आदान O - O प्रदान O को O और O तेज O करेगा O । O मैंने O तुर्कमेनिस्तान B-NEL को O सुधारों O के O साथ O विस्तार O वाली O संयुक्त O राष्ट्र O सुरक्षा O परिषद O में O भारत B-NEL की O स्थायी O सदस्यता O का O समर्थन O करने O के O साथ O - O साथ O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI की O अवधि O के O लिए O इसमें O भारत B-NEL की O अस्थायी O सदस्यता O के O दौरान O पूरा O सहयोग O जारी O रखने O की O पहल O के O लिए O भी O धन्यवाद O दिया O । O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O सरकार O ने O युवाओं O को O प्रशिक्षित O करने O के O लिए O प्रत्येक O जिले O में O कौशल B-NEO विकास I-NEO प्रशिक्षण I-NEO केंद्र I-NEO खोलने O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O पहली B-NETI मई I-NETI 1960 I-NETI को O स्थापना O के O बाद O गुजरात B-NEL राज्य O 60 B-NEN से O अधिक O वर्ष O पूरे O कर O चुका O है O । O 2020 B-NETI तक O 50 B-NEN लाख I-NEN युवाओं O को O बुनियादी O प्रशिक्षण O और O छात्रवृत्ति O देने O के O लिए O राष्ट्रीय O प्रशिक्षु O योजना O आरंभ O की O जा O रही O है O । O एनईपी O 2020 B-NETI में O उच्चतर O शिक्षा O संस्थानों O में O सामाजिक O जिम्मेदारी O और O सामुदायिक O भागीदारी O के O लिये O अनेक O महत्वपूर्ण O सुझाव O दिये O गये O हैं O । O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O ग्रामीण O क्षेत्र O में O आजीविका O और O आधारभूत O संसाधनों O के O विकास O के O लिए O 14.34 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O खर्च O करने O का O प्रस्ताव O है O । O वित्त O मंत्री O ने O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O कार्यक्रम O के O लिए O 5,750 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O एनईपी O 2020 B-NETI की O एक B-NEN प्रमुख O सिफारिश O उच्चतर O शिक्षा O को O विस्तृत O आधार O वाली O और O समग्र O बनाने O की O है O । O जनवरी B-NETI 2017 I-NETI में O औद्योगिक O क्षेत्र O की O कर्ज O ग्रोथ O में O 5.1 B-NEN फीसदी O की O गिरावट O हुई O थी O , O जबकि O जनवरी O 2016 O में O इसमें O 5.6 B-NEN फीसदी O की O बढ़ोतरी O हुई O थी O । O वित्त O आयोग O का O गठन O राजस्व O एवं O व्यय O का O अंतर O पाटने O के O उद्देश्य O से O संविधान O के O अनुच्छेद O 275 O - O 278 O के O तहत O 1951 B-NETI से O ही O हर O पांच B-NEN वर्ष O में O किया O जाता O है O । O अभी O तक O चौदह B-NEN वित्त O आयोगों O ने O अपनी O अवधि O पूरी O की O है O और O 15वां O आयोग O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O लिए O सिफारिशें O कर O चुका O है O । O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI तक O पूर्ववर्ती O योजना O आयोग O द्वारा O विकास O की O योजना O के O लिए O तय O किए O गए O अंतरण O में O सशर्त O अंतरण O भी O शामिल O होते O थे O । O कपड़ा O , O चमड़ा O तथा O फुटवियर O जैसे O रोजगार O देने O बाले O क्षेत्रों O में O सरकार O 3 B-NETI वर्ष I-NETI तक O नए O कर्मचारियों O की O भविष्य O निधि O में O 12 B-NEN प्रतिशत O का O अंशदान O कर O रही O है O । O सार्वभौमिक O स्वास्थ्य O , O कृषि O क्षेत्र O का O आधुनिकीकरण O , O नवीकरणीय O ऊर्जा O , O इलेक्ट्रिक O मोबिलिटी O , O खनन O क्षेत्र O में O सुधार O , O साथ O ही O साथ O महिलाओं O और O बच्चों O के O कुपोषण O के O खिलाफ O अभियान O , O कुछ O ऐसे O ही O क्षेत्रों O के O उदाहरण O हैं O , O जहां O नीति B-NEO आयोग I-NEO ने O अपने O छह B-NETI वर्षों I-NETI के O अस्तित्व O के O दौरान O महत्वपूर्ण O नीतिगत O जानकारियां O प्रदान O की O हैं O । O उप O राज्य O ( O स्थानीय O ) O प्रशासनिक O निकायों O के O स्तर O तक O विकेंद्रीकरण O के O बगैर O ही O राज्यों O को O अधिकार O प्रदान O 1990 B-NETI के O दशक O से O पूर्व O बहुत O कम O था O । O 1992 B-NETI में O 73वां O और O 74वां O संविधान O संशोधन O पारित O होने O के O बाद O ही O दो B-NEN स्तर O वाला O भारतीय O संघीय O ढांचा O तीन B-NEN स्तर O वाले O ढांचे O में O बदला O और O ग्रामीण O तथा O शहरी O स्थानीय O निकायों O को O संवैधानिक O दर्जा O प्राप्त O हुआ O । O 31 B-NETI मार्च I-NETI 2020 I-NETI तक O राज्यों O की O कुल O डब्ल्यूएमए O सीमा O 32 B-NEN हजार I-NEN 225 O करोड़ B-NEN रुपये O थी O । O केंद्र O और O राज्यों O के O अनुरोध O पर O आरबीआई B-NEO ने O 7 B-NETI अप्रैल I-NETI 2020 I-NETI को O राज्यों O के O लिए O डब्ल्यूएमए O की O सीमा O 60 B-NEN प्रतिशत O बढ़ा O दी O । O संघवाद O का O बुनियादी O सिद्धांत O तो O वही O रहा O मगर O तमाम O वर्षों O में O हुए O कई O घटनाक्रम O मसलन O 1991 B-NETI में O उदारीकरण O , O 2005 B-NETI में O वैट O क्रियान्वयन O और O हाल O के O परिवर्तन O जैसे O 2017 B-NETI में O जीएसटी O प्रणाली O , O 2015 B-NETI में O योजना O आयोग O खत्म O कर O नीति O आयोग O का O गठन O तथा O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O को O तर्कसंगत O बनाया O जाना O आदि O के O कारण O बिना O शर्त O राशि O का O अंतरण O बढ़ O गया O है O , O जिसके O कारण O केंद्र O तथा O राज्य O के O राजकोषीय O संबंध O भी O लगातार O बदलते O रहे O हैं O । O शुरुआत O में O अभिवृद्धित O सीमा O 30 B-NETI सितंबर I-NETI 2020 I-NETI तक O वैध O थी O जिसे O बाद O में O 31 B-NETI मार्च I-NETI 2001 I-NETI तक O कर O दिया O गया O । O 50 B-NETI से I-NETI 60 I-NETI के I-NETI बीच I-NETI के I-NETI वर्षों I-NETI में O हिन्दी O आलोचना O में O एक B-NEN ओर O यथार्थवादी O और O व्यक्तिवादी O दृष्टिकोणों O के O बीच O टकराव O और O बहस O की O प्रवृत्तियां O दिखाई O देती O हैं O तो O दूसरी O ओर O परंपरा O के O मूल्यांकन O के O रूप O में O आलोचनात्मक O लेखन O हो O रहा O था O । O सरकार O किसानों O की O आर्थिक O समृद्धि O और O 2022 B-NETI तक O किसानों O की O आय O दोगुना O करने O के O लिए O ग्रामीण O स्तर O पर O वैकल्पिक O रोजगार O के O अवसर O सृजन O करने O के O अतिरिक्त O कृषि O प्रसंस्करण O के O प्रोत्साहन O व O आधुनिकीकरण O हेतु O प्रयास O कर O रही O है O । O पहली B-NETI शताब्दी I-NETI से O लेकर O 18 B-NETI शताब्दी I-NETI तक O विश्व O व्यापार O में O भारत B-NEL की O सहभागिता O कभी O भी O 25 B-NEN प्रतिशत O से O कम O नहीं O रही O । O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O खाद्य B-NEO प्रसंस्करण I-NEO मंत्रालय I-NEO के O तत्वाधान O में O संचालित O प्रधानमंत्री O कृषि O संपदा O योजना O के O लिए O 1,400 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किये O गये O हैं O । O इन O आंकड़ों O से O स्पष्ट O हो O जाता O है O कि O औद्योगिक O उत्पादन O में O पिछले O दो B-NETI हजार I-NETI वर्षों I-NETI तक O भारत B-NETI पूरी O दुनिया O में O सर्वोच्च O स्थान O पर O था O । O बैंकिंग O के O इतिहासकार O 18वीं B-NETI शताब्दी I-NETI से O ही O बैंकिंग O का O प्रारंभ O मानते O हैं O । O इसके O अलावा O यह O भी O निर्णय O लिया O गया O कि O सभी O राज्यों O को O वर्ष O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O लिए O एसडीआरएफ O में O केंद्रीय O अंशदान O की O पहली O किस्त O अग्रिम O दे O दी O जाएगी O । O एसडीआरएफ O के O तहत O राज्यों O को O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O 11 B-NEN हजार I-NEN 92 O करोड़ B-NEN रुपये O की O राशि O दी O गई O । O हालांकि O माना O जाता O है O कि O पहला O बैंक O वर्ष O 1740 B-NETI या O उसके O बाद O ही O स्थापित O हो O गया O था O , O परंतु O इंग्लैंड B-NEL की O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO द्वारा O उन्नीसवीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O तीन B-NEN बैंकों O की O स्थापना O आधुनिक O बैंकिंग O प्रणाली O की O सही O शुरुआत O है O । O कोविड B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O कारण O आय O और O व्यय O पर O असर O को O देखते O हुए O राज्यों O ने O पूंजीगत O व्यय O पर O रोक O लगा O दी O । O अतः O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O प्रतिकूल O वित्तीय O स्थिति O के O बावजूद O वित्त O मंत्री O ने O अक्टूबर B-NETI 2020 I-NETI में O राज्यों O के O पूंजीगत O व्यय O के O लिए O 12 B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपये O की O वित्तीय O सहायता O योजना O की O घोषणा O की O । O वित्त O मंत्री O ने O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O लघु O एवं O मध्यम O उद्यमियों O को O बड़ी O राहत O देते O हुए O 250 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O के O टर्नओवर O वाली O कंपनियों O के O कारपोरेट O टैक्स O की O दर O 30 B-NEN से O घटाकर O 25 B-NEN प्रतिशत O करने O की O घोषणा O की O है O । O ऐसा O ही O एक B-NEN निर्णायक O मोड़ O 1967 B-NETI में O भारतीय O समाज O , O राजनीति O और O साहित्य O में O आया O । O इस O समय O स्वाधीनता O के O 20 B-NETI वर्षों I-NETI के O शासन O और O सत्ता O से O जनता O का O मोह O भंग O हो O रहा O था O जिसकी O अभिव्यक्ति O भारतीय O राजनीति O में O दो B-NEN रूपों O में O हुई O । O एक B-NEN तो O 1967 B-NETI के O आम O चुनाव O में O पुरानी O सत्ता O के O बदले O नई O राजनैतिक O चेतना O प्रकट O हुई O और O कांग्रेस O का O एकछत्र O शासन O समाप्त O होने O के O करीब O पहुंच O गया O । O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O मुद्रा O योजना O के O अंतर्गत O तीन B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O ऋण O देने O का O निर्णय O लिया O है O । O इसी O समय O में O वर्ष O 2001 B-NETI और O 2011 B-NETI में O प्रति O व्यक्ति O जल O की O वार्षिक O औसत O उपलब्धता O क्रमशः O 1816 B-NEN घन O मीटर O और O 1,545 B-NEN घन O मीटर O आंकी O गयी O थी O , O जो O कि O वर्ष O 2021 B-NETI और O में O घटकर O क्रमशः O 1,486 B-NEN घन O मीटर O और O 19367 B-NEN घन O मीटर O रह O जाएगी O । O इन O आवश्यकताओं O को O ध्यान O में O रखते O हुए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O वर्ष O 2019 B-NETI में O जल O जीवन O मिशन O की O घोषणा O की O थी O , O जिसका O उद्देश्य O वर्ष O 2024 B-NETI तक O गांव O के O सभी O घरों O में O नल O के O माध्यम O से O ( O फंक्शनल O हाऊसहोल्ड O टैप O वाटर O कनेक्शन O एफएचटीसी O ) O पानी O उपलब्ध O कराया O जाएगा O । O खेलो O इंडिया O प्रोजेक्ट O के O लिए O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O बजट O में O आवंटित O 350 B-NEN करोड़ I-NEN की O तुलना O में O वृद्धि O करते O हुए O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 520 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O कर O दिया O है O । O लेकिन O आज B-NETI की O भांति O इसमें O किसी O का O भी O एकाधिकार O नहीं O माना O गया O । O वैश्विक O सापेक्ष O में O देश O की O चुनौतियों O से O निपटने O के O लिए O सरकार O ने O बजट O 2018 B-NETI में O युवाओं O के O विकास O और O बेरोजगारी O से O मुक्ति O दिलाने O हेतु O अनेकों O प्रस्ताव O रखे O हैं O । O यादव O ( O 10वीं B-NETI शताब्दी I-NETI से I-NETI 13वीं I-NETI शताब्दी I-NETI ई. I-NETI तक O ) O राज्य O के O अगले O शासक O थे O । O गुजरात B-NEL को O जल O सुरक्षा O राज्य O बनाने O के O लिए O , O 2018 B-NETI में O सुजलाम O सुफलाम O जल O अभियान O शुरू O किया O गया O , O जिसके O तहत O तालाबों O , O नहरों O , O टेंकों O चेकडैम O और O जलाशयों O की O सफाई O तथा O गहरीकरण O , O जल O संग्रहण O संरचनाओं O की O मरम्मत O , O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाओं O के O निर्माण O सहित O जल O संरक्षण O संबंधी O कई O कार्य O किए O गए O । O पर O आज B-NETI भारत B-NEL में O औद्योगिक O व्यवस्था O पूंजीपतियों O में O सिमटती O जा O रही O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O “ O सबकी O योजना O सबका O विकास O " O अभियान O के O अंतर्गत O लोगों O की O पहली O योजना O इसी O वर्ष O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI से O शुरू O की O जो O 31 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI तक O चलेगी O । O तुगलक O के O पतन O के O बाद O , O 14वीं B-NETI शताब्दी I-NETI ई. O में O बहमनी O सल्तनत O ने O महाराष्ट्र B-NEL पर O शासन O करना O शुरू O कर O दिया O । O फारुकी O ने O खानदेश B-NEL क्षेत्र O पर O शासन O किया O और O 14वीं B-NETI - I-NETI 15वीं I-NETI शताब्दी I-NETI ई. I-NETI में O गुजरात B-NEL और O आसपास O के O क्षेत्रों O पर O गुजरात B-NEL सुल्तानों O ने O शासन O किया O । O राज्य O में O कुल O सिंचाई O योग्य O क्षेत्र O 2001 B-NETI में O 38.77 B-NEN लाख I-NEN से O 77 O प्रतिशत O तक O बढ़कर O 68.68 B-NEN उपयोग O योग्य O भूजल O पुनर्भरण O में O 2002 B-NETI की O तुलना O में O , O 2017 B-NETI तक I-NETI 50 B-NEN प्रतिशत O यानी O लगभग O 700 B-NEN / O वर्ष O की O वृद्धि O हुई O । O उसने O 1674 B-NETI ई. I-NETI में O एक B-NEN सार्वभौम O शासक O के O रूप O में O खुद O का O राज्याभिषेक O किया O । O इस O स्थानीय O मराठा O साम्राज्य O ने O 18वीं B-NETI और I-NETI 19वीं I-NETI शताब्दी I-NETI ई. I-NETI की O शुरुआत O में O तब O तक O खुद O को O विस्तारित O किया O , O जब O तक O कि O 1819 B-NETI में O अंग्रेजों O ने O इसे O नहीं O ले O लिया O । O पहली B-NETI मई I-NETI 1960 I-NETI को O , O जनता O की O मांग O पर O महाराष्ट्र B-NEL को O अलग O मराठी O भाषी O राज्य O बनाया O गया O था O । O 2020 B-NETI का O वर्ष O वैक्सीन O ( O टीका O ) O विज्ञान O के O लिए O क्रांतिकारी O रहा O । O स्वास्थ्य O बजट O में O कुल O वृद्धि O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI के O संशोधित O अनुमान O के O आवंटन O से O केवल O 2.8 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O । O जब O तक O आने O वाले O वर्षों O के O बजट O को O बढ़ाया O नहीं O जाएगा O , O तब O तक O 2025 B-NETI तक O एनएचपी O के O लिए O जीडीपी O के O 2.5 B-NEN प्रतिशत O वित्त O पोषण O का O लक्ष्य O हासिल O होना O संभव O नहीं O है O । O वो O बिजनेस O विपणन O या O मार्केटिंग O आधारित O होता O है O जैसे O हर O गली O मुहल्ले O में O खुलती O छोटी O - O छोटी O दुकानें O होती O हैं O जो O अक्सर O दस B-NETI पंद्रह I-NETI साल I-NETI में O आर्थिक O परिस्थितियां O बदलने O से O उनकी O रफ्तार O धीमी O पड़ O जाती O है O । O उस O वक्त O नौजवान O प्रौढ़ O होकर O अपनी O शारीरिक O शक्ति O कम O होने O से O अधिक O ध्यान O नहीं O दे O पाता O है O लेकिन O लघु O एवं O कुटीर O उद्योग O चलाने O वाले O लोग O प्रोडक्शन O से O लेकर O मार्केटिंग O की O सारी O व्यवस्था O में O भागदौड़ O करने O से O लगभग O 70 B-NETI - I-NETI 80 I-NETI साल I-NETI तक O चुस्त O - O दुरुस्त O रहता O है O । O सरकारी O कर्मचारियों O को O पेंशन O के O लिए O हर B-NETI साल I-NETI अरबों B-NEN रुपये O उपलब्ध O किए O जा O सकते O हैं O पर O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O को O जन O जन O में O लोकप्रिय O बनाने O की O पहल O क्यूं O नहीं O की O जाती O है O । O 2018 B-NETI के O केंद्रीय O बजट O ने O स्वास्थ्य O को O सार्वजनिक O बहस O का O विषय O बनाया O है O । O एनएचपी O राज्यों O से O अपेक्षा O करता O है O कि O वे O 2020 B-NETI तक O अपने O स्वास्थ्य O बजट O को O 8 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O करें O । O पर O हमारा O देश O 2020 B-NETI तक O दुनिया O के O सबसे O युवा O देशों O में O से O एक B-NEN होगा O । O उल्लेखनीय O है O कि O SARS O , O MERS O और O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN वायरस O पिछले O 20 B-NETI सालों I-NETI में O ही O पनपे O हैं O , O इसलिए O पशुओं O से O मनुष्यों O में O नये O कोरोना O वायरस O प्रतिरूपों O से O संक्रमण O होने O की O आशंका O बनी O हुई O है O । O वित्त O मंत्री O ने O बताया O कि O रोजगार O सृजन O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सरकार O 3 B-NETI वर्ष I-NETI तक O कर्मचारी O भविष्य O निधि O में O नए O कर्मचारियों O के O वेतन O का O 8.33 B-NEN प्रतिशत O अनुदान O कर O रही O है O । O युवाओं O को O देश O का O मूल्यवान O मानव O संसाधन O मानते O हुए O केंद्रीय O वित्त O मंत्री O ने O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O बजट O में O युवाओं O में O सक्षमता O निर्माण O , O कौशल O विकास O , O रोजगार O सृजन O , O स्वरोजगार O और O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O भौतिक O व O प्राकृतिक O संसाधनों O के O अनुरूप O उद्योग O स्थापना O हेतु O आधारभूत O अवसंरचना O के O विकास O एवं O 70 B-NEN लाख I-NEN नयी O नौकरियों O के O सृजन O का O लक्ष्य O रखा O है O । O तमिलनाडु B-NEL राज्य O के O सी B-NEAR - I-NEAR एम I-NEAR सेल I-NEAR पर O प्रतिदिन B-NETI लगभग O 23 B-NEN हजार I-NEN शिकायतें O आती O हैं O जो O विभिन्न O समस्याओं O से O जुड़ी O होती O हैं O । O सामाजिक O न्याय O और O अधिकारिता O मंत्रालय O के O लिए O केंद्रीय O बजट O , O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O वर्ष O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O बजट O आवंटन O में O 1210 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O वर्ष O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O यह O 6908.00 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O था O जोकि O वर्ष O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O बढ़कर O 7750.00 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O हो O गया O है O । O शिक्षा O के O प्रसार O के O लिए O सरकार O ने O शिक्षा O के O अधिकार O अधिनियम O के O अंतर्गत O 6 B-NEN से O 14 B-NETI वर्ष I-NETI तक O के O बच्चों O को O कक्षा O पहली O से O आठवीं O तक O निःशुल्क O और O अनिवार्य O शिक्षा O की O व्यवस्था O की O है O । O शैक्षिक O व्यवस्था O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O मोदी B-NEO सरकार I-NEO ने O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O शिक्षा O के O अधिकार O के O दायरे O को O बढ़ाते O हुए O टुकड़ों O में O बँटी O स्कूली O शिक्षा O को O एकत्रित O करते O हुए O , O नर्सरी O से O 12वीं O तक O की O शिक्षा O को O व्यावहारिक O बनाने O की O योजना O बनाई O है O । O कोविड O - O 19 O की O आहट O के O साथ O ही O मार्च B-NETI 2020 I-NETI में O मंत्रालय O द्वारा O इस O विषय O पर O एक B-NEN रणनीतिक O कार्ययोजना O तैयार O की O गई O । O साथ O ही O योजनाओं O के O लिए O बजट O आवंटन O में O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O बजट O आवंटन O में O 11.57 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O इसके O अतिरिक्त O बजट O आवंटन O में O ओबीसी O के O कल्याण O के O लिए O वर्ष O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O 41.03 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL राज्य O में O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O वर्ष B-NETI 2008 I-NETI से O ही O मजबूत O किया O जाने O लगा O था O जिसका O पहला O कदम O जिला O स्तर O पर O कर O प्रणाली O से O जुड़े O मामलों O को O लेकर O ई B-NEAR - I-NEAR परिश्कारम I-NEAR पोर्टल I-NEAR को O लॉन्च O करके O शुरू O किया O गया O था O । O कोविड O - O 19 O पर O जागरूकता O फैलाने O और O ग्राम O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O एवं O पोषण O समितियों O को O सक्रिय O करने O के O लिए O ग्राम O पंचायतों O और O पंचायत O समितियों O की O सुविधा O के O लिए O अनुरोध O करने O वाली O एक B-NEN और O परामर्शिका O दिनांक O 13 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O सभी O राज्यों O / O संघ O राज्य O क्षेत्रों O को O जारी O की O गई O । O अप्रशिक्षित O शिक्षकों O को O 2019 B-NETI तक O प्रशिक्षित O करने O की O समय O सीमा O निर्धारित O की O गई O है O । O वर्ष O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O इसके O लिए O 140 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O निधि O प्रदान O की O गई O है O । O 2022 B-NETI तक O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O आदिवासी O जनसंख्या O और O कम O से O कम O 20 B-NEN हजार I-NEN आदिवासी O लोगों O वाले O क्षेत्र O में O नवोदय B-NEO विद्यालय I-NEO की O तर्ज O पर O एकलव्य B-NEO विद्यालय I-NEO खोले O जाएंगे O । O 2022 B-NETI तक O शिक्षा O की O आधारभूत O सुविधाओं O और O प्रणालियों O को O पुनः O जानदार O बनाने O के O लिए O जरूरी O पहल O की O घोषणा O वित्त O मंत्री O ने O बजट O में O की O है O । O कक्षा O पहली O से O पांचवी O , O कक्षा O छठी O से O आठवीं O और O कक्षा O नौंवी O से O दसवीं O के O दिवा O छात्रों O की O छात्रवृत्ति O को O 10 B-NETI माह I-NETI के O लिए O क्रमशः O 25 B-NEN रुपये O , O 40 B-NEN रुपये O और O 50 B-NEN रुपये O की O पूर्वोक्त O दरों O को O संशोधित O कर O कक्षा O पहली O से O दसवीं O को O 10 B-NETI महीने I-NETI के O लिए O 100 B-NEN रुपये O प्रति O माह O कर O दिया O गया O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O जनवरी B-NETI 2021 I-NETI में O ही O सभी O राज्यों O को O इस O संबंध O में O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O पत्र O भेजा O गया O था O । O कक्षा O तीसरी O से O आठवीं O और O कक्षा O नौंवी O से O दसवीं O के O आवासीय O छात्रों O की O पूर्वोक्त O छात्रवृत्ति O दरों O को O 10 B-NETI माह I-NETI के O लिए O क्रमशः O 200 B-NEN रुपये O और O 250 B-NEN रुपये O से O संशोधित O कर O कक्षा O तीसरी O से O दसवीं O को O 10 B-NETI महीने I-NETI के O लिए O 500 B-NEN रुपये O प्रति O माह O कर O दिया O गया O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI : O अब O तक O की O यात्रा O और O आगे O की O राह O सूती O होजरी O , O विस्कोस O , O पॉलिएस्टर O जैसे O प्रमुख O कपड़ों O की O कीमतें O जून B-NETI से I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O बीच O 15 B-NEN प्रतिशत O तक O बढ़ी O हैं O और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O इनमें O कमी O आई O है O और O ये O जून B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI की O तुलना O में O 8 B-NEN प्रतिशत O कम O रही O हैं O लेकिन O उपरोक्त O अवधि O के O दौरान O मानव O निर्मित O रेशे O से O बने O सामान O की O कीमत O 5 B-NEN से O 15 B-NEN प्रतिशत O के O बीच O बढ़ी O है O , O जो O तालिका O 2 B-NEN में O दिया O गया O । O यह O प्रणाली O वेबसाइट O www.grievances.goa.gov.in B-NEU पर O उपलब्ध O है O , O जहां O नागरिक O अपनी O शिकायतों O को O पंजीकृत O कर O सकते O हैं O और O कहीं O भी O और O कभी O भी O ( O 24 B-NETI * I-NETI 7 I-NETI ) O इंटरनेट O का O इस्तेमाल O कर O प्रगति O की O जांच O कर O सकते O हैं O । O 19वीं B-NETI शताब्दी I-NETI के O मध्य O में O प्रतियोगी O परीक्षाओं O की O प्रणाली O लागू O करने O की O महत्त्वपूर्ण O शुरुआत O हुई O जिसके O अंतर्गत O किसी O की O सिफारिश O या O संदर्भ O के O आधार O पर O अधिकारी O रखने O की O जगह O प्रतियोगी O परीक्षा O लेकर O योग्यता O के O आधार O पर O नियुक्ति O करने O की O व्यवस्था O शुरू O हो O गई O । O किंतु O कपड़ा O उत्पादन O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O का O पता O लगाने O के O लिए O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2016 I-NETI और O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O वस्त्र O उत्पादन O आंकड़ों O का O उल्लेख O किया O गया O है O । O नीचे O दी O गई O तालिका O बताती O है O कि O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2016 I-NETI की O तुलना O में O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O मानव O निर्मित O रेशों O का O उत्पादन O 0.8 B-NEN प्रतिशत O और O फिलामेंट O धागे O का O उत्पादन O 6.4 B-NEN प्रतिशत O घटा O । O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O सूती O धागे O का O उत्पादन O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI की O समान O अवधि O के O मुकाबले O 2.7 B-NEN प्रतिशत O कम O हुआ O और O मिश्रित O तथा O 100 B-NEN प्रतिशत O गैर O सूती O धागे O का O उत्पादन O 1.8 B-NEN प्रतिशत O घट O गया O । O इसी O प्रकार O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O कपड़े O का O उत्पादन O भी O अप्रैल B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2016 I-NETI के O मुकाबले O 0.1 B-NEN प्रतिशत O कम O हुआ O । O तालिका O 3 B-NEN में O दिए O गए O वाणिज्यिक O खुफिया O एवं O सांख्यिकी O महानिदेशक O के O आंकड़े O बताते O हैं O कि O जून B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O कुल O 300.87 B-NEN करोड़ I-NEN डॉलर O का O वस्त्र O एवं O परिधान O निर्यात O हुआ O था O , O जो O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O घटकर O 268.68 B-NEN करोड़ I-NEN डॉलर O ( O यानी O 10.7 B-NEN प्रतिशत O कम O ) O रह O गया O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O यह O बढ़कर O 284.03 B-NEN करोड़ I-NEN डॉलर O तक O ( O 5.7 B-NEN प्रतिशत O वृद्धि O ) O पहुंच O गया O था O । O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O हुए O वस्त्र O निर्यात O की O तुलना O भी O अगर O जून B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI से O की O जाए O तो O पता O चलता O है O कि O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O वस्त्र O निर्यात O 5.6 B-NEN प्रतिशत O कम O हो O गया O , O जबकि O जून B-NETI तथा O जुलाई B-NETI के O बीच O 10.7 B-NEN प्रतिशत O की O कमी O आई O । O तालिका O 4 B-NEN में O दिए O गए O आंकड़े O बताते O हैं O कि O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O वस्त्र O एवं O परिधान O आयात O 14.59 B-NEN प्रतिशत O कम O हो O गया O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 38.61 B-NEN प्रतिशत O तक O उछल O गया O । O रेशम O : O जून B-NETI से I-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O बीच O कच्चे O रेशम O का O उत्पादन O और O रेशम O उद्योग O में O रोजगार O सृजन O 70 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O बढ़ O गया O है O । O फिलेचर O कच्चे O रेशम O के O अलावा O अन्य O कोकूनों O की O कीमत O जून B-NETI - I-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O गिरती O रही O है O । O योजना B-NEAR के O फरवरी B-NETI अंक O में O सरकार O की O लोक O शिकायत O समाधान O प्रणाली O को O समझने O का O सुअवसर O मिला O । O एएसईआर O रिपोर्ट O 2021 B-NETI के O मुताबिक O , O 2018 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O दौरान O स्मार्ट O फोन O की O उपलब्धता O दोगुनी O हो O गई O और O लॉकडाउन O के O बाद O से O अब O तक O हर O 28 B-NEN में O से O एक B-NEN 1 I-NEN घर O में O पढ़ाई O के O लिए O स्मार्टफोन O खरीदा O गया O है O ( O एएसईआर O 2021 B-NETI ) O । O योजना B-NEAR का O फरवरी B-NETI 2018 I-NETI का O अंक O एक B-NEN जीवंत O लोकतंत्र O के O लिहाज O से O अपरिहार्य O है O , O भारत B-NEL में O शिकायत O निपटान O की O नूतन O प्रविधियों O के O बारे O में O विस्तार O से O चर्चा O करता O है O । O अभी O हर O तीन B-NETI महीने I-NETI पर O समान O मियाद O वाले O सरकारी O बॉन्ड O के O ब्याज O में O बदलाव O के O आधार O पर O छोटी O बचत O योजनाओं O पर O ब्याज O दर O में O बदलाव O किया O जाता O है O , O क्या O यह O व्यवस्था O बदलेगी O ? O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O " O बहुभाषावाद O और O भाषा O की O ताकत O " O पर O ज़ोर O दिया O गया O है O । O इनके O जरिये O 2022 B-NETI के O लिए O नव O भारत B-NEL का O संकल्प O भी O पूर्ण O किया O जा O सकता O है O । O यह O प्रयास O एक B-NETI वर्ष I-NETI तक O चला O , O जिसके O बाद O उनकी O सीखने O की O क्षमता O का O आकलन O करने O के O बाद O मैंने O अपनी O राज्य O सरकार O से O संपर्क O किया O क्योंकि O वह O पाठ्य O पुस्तकें O प्रकाशित O करती O है O । O केंद्रीय B-NEO मंत्रिमंडल I-NEO ने O 2017 B-NETI में O प्रधानमंत्री O ग्रामीण O डिजिटल O साक्षरता O अभियान O ( O पीएमजी O - O दिशा O ) O को O मंजूरी O दी O । O भारत B-NEL में O 2014 B-NETI के O मुकाबले O 2017 B-NETI में O स्वच्छता O कवरेज O 39 B-NEN से O 77 B-NEN फीसदी O तक O पहुंच O गया O है O । O अन्याय O से O मुक्ति O में O सहायक O योजना B-NEAR का O फरवरी B-NETI अंक O कई O तरह O से O महत्वपूर्ण O है O । O यहां O सब O कुछ O तय O है O , O मूलधन O की O वापसी O , O तीन B-NETI - I-NETI तीन I-NETI महीने I-NETI पर O ब्याज O दर O में O होने O वाले O बदलाव O और O कुछ O योजनाओं O पर O आयकर O में O राहत O । O शुरू O में O सेवोत्तम O ढांचा O जनता O से O व्यापक O रूप O से O जुड़े O सरकार O के O 10 B-NEN विभागों O में O अप्रैल B-NETI 2009 I-NETI से O जून B-NETI 2010 I-NETI के O दौरान O लागू O किया O गया O था O । O यह O फरवरी B-NETI माह I-NETI की O तुलना O में O संख्या O में O 11.5 B-NEN प्रतिशत O और O रकम O में O 7.5 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O । O पिछले B-NETI साल I-NETI आधार O समर्थित O भुगतान O प्रणाली O के O उपयोग O से O 20 B-NEN खरब I-NEN से O ज्यादा O लेन O - O देन O किये O गये O । O मार्च B-NETI 2020 I-NETI में O 29 O तारीख O तक O यूपीआई O के O जरिये O 5.04 B-NEN अरब I-NEN लेन O - O देन O किये O गये O । O प्रधानमंत्री O की O अध्यक्षता O में O आर्थिक O मामलों O की O मंत्रिमंडलीय O समिति O ने O सांसद O स्थानीय O क्षेत्र O विकास O ( O एमपीलैड O ) O योजना O को O 14वें O वित्त O आयोग O के O अंत O तक O अर्थात् O 31.03.2020 B-NETI तक O जारी O रखने O की O मंजूरी O दे O दी O है O । O योजना O के O तहत O अगले O तीन B-NETI वर्ष I-NETI तक O 3,950 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O वार्षिक O आवंटन O होगा O और O कुल O व्यय O 11,850 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O होगा O । O इसके O अलावा O स्वतंत्र O एजेंसियों O द्वारा O निगरानी O के O लिए O और O राज्य O / O जिला O अधिकारियों O के O क्षमता O निर्माण O / O प्रशिक्षण O के O लिए O हर B-NETI वर्ष I-NETI 5 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O आवंटन O भी O किया O जाएगा O । O सितंबर B-NETI 2021 I-NETI के O अंत O तक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O ई B-NEAR - I-NEAR संजीवनी I-NEAR पोर्टल I-NEAR के O तहत O लगभग O 125 B-NEN करोड़ I-NEN दूर O - O परामर्श O पूरे O किये O गये O । O एमपीलैड O योजना O केंद्रीय O योजना O है O , O जो O 1993 B-NETI - I-NETI 94 I-NETI में O आरंभ O की O गई O थी O । O योजना O के O आरंभ O से O लेकर O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 44,929.17 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O कुल O 18,82,180 B-NEN कार्यों O को O एमपीलैड्स O कोष O से O स्वीकृति O मिल O चुकी O है O । O इसकी O शुरुआत O 2014 B-NETI में O हुई O । O वित्त O वर्ष O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O कुल O 45.15 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O एफडीआई O आया O , O जबकि O 2013 B-NETI - I-NETI 14 I-NETI में O 36,05 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O ही O आए O थे O । O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O देश O को O कुल O 55.46 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O एफडीआई O हासिल O हुआ O । O 2014 B-NETI में O शुरू O की O गई O हेल्पलाइन O 181 B-NEN में O अब O तक O 45 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O शिकायतें O पहुंचीं O , O जिनमें O से O नब्बे B-NEN फीसदी O का O समाधान O होना O बता O दिया O गया O । O वित्त O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 60.08 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O कुल O एफडीआई O आया O है O , O जो O अब O तक O की O सबसे O अधिक O राशि O है O । O यह O कॉल O सेंटर O सुबह O 7 B-NETI बजे I-NETI से I-NETI रात्रि I-NETI 10 I-NETI बजे I-NETI तक O काम O करता O है O । O यह O कार्यक्रम O पूरे O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O प्रत्येक O माह O के O प्रथम B-NETI मंगलवार I-NETI को O होता O है O । O 1965 B-NETI से O निष्क्रिय O पड़े O छह B-NEN ऐतिहासिक O सीमा O - O पार O रेल O संपर्कों O की O बहाली O एक B-NEN प्रमुख O कदम O है O । O दिसंबर B-NETI 2020 I-NETI में O उद्घाटन O किया O गया O , O चिलाहाटी B-NEAR - I-NEAR हल्दीबाड़ी I-NEAR ( I-NEAR पश्चिम I-NEAR बंगाल I-NEAR ) I-NEAR लाइन I-NEAR यात्री O यातायात O सहित O न्यू B-NEL जलपाईगुड़ी I-NEL के O ज़रिये O बांग्लादेश B-NEL से O असम B-NEL की O कनेक्टिविटी O को O और O बढ़ाएगी O । O ' B-NEAR योजना I-NEAR ' I-NEAR का O फरवरी B-NETI 2021 I-NETI अंक O ' O भारतीय O साहित्य O ' O के O प्राचीनतम O इतिहास O पर O केंद्रित O रहा O है O , O जिसमें O इतिहास O के O विभिन्न O पक्षों O , O परंपरा O , O उद्भव O और O विकास O पर O विस्तृत O रूप O से O प्रकाश O डाला O गया O था O । O फेनी B-NEL नदी O पर O बना O मैत्री B-NEL पुल I-NEL सबरूम B-NEL ( I-NEL त्रिपुरा I-NEL ) I-NEL को O रामगढ़ B-NEL ( I-NEL बांग्लादेश I-NEL ) I-NEL से O जोड़ता O है O और O इसे O दोनों B-NEN देशों O के O प्रधानमंत्रियों O द्वारा O 2021 B-NETI के O मार्च B-NETI में O खोला O गया O था O । O वित्त O वर्ष O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI से O डीडीयूपीएसपी O के O अंतर्गत O नौ B-NEN विषय O - O आधारित O श्रेणियां O निर्धारित O की O गईं O ताकि O पंचायतें O ज्वलंत O सामाजिक O मुद्दों O पर O ध्यान O दें O । O राज्य O सरकारों O ने O केन्द्र O के O आदेशों O का O पालन O किया O , O हालांकि O उनके O पास O 1897 B-NETI के O महामारी O संबंधी O और O भी O विशिष्ट O कानून O के O तहत O स्वतंत्र O शक्तियां O थीं O । O इस B-NETI साल I-NETI 5 B-NETI फरवरी I-NETI को O , O और O मुझे O लगता O है O जैसा O कि O मुख्यमंत्री O ने O उल्लेख O किया O था O कि O , O एक B-NEN मालवाहक O जहाज O और O बांग्लादेश B-NEL के O अंतर्देशीय O जलमार्गों O का O उपयोग O करके O बिहार B-NEL के O पटना B-NEL से O असम B-NEL के O पांडु B-NEL तक O 200 B-NEN मीट्रिक O टन O खाद्यान्न O लेकर O गया O था O । O 2016 B-NETI से O ही O यह O पूरी O प्रक्रिया O ऑनलाइन O होती O आ O रही O है O । O इस O उद्देश्य O की O पूर्ति O के O लिए O 2018 B-NETI में O जीपीडीपीए O नाम O से O नई O योजना O शुरू O की O गई O थी O । O 4. B-NEN देशभर O की O पंचायतों O में O जागरूकता O बढ़ाने O और O पंचायतों O के O बीच O प्रोत्साहन O बढ़ाने O के O जोरदार O प्रयासों O के O फलस्वरूप O इन O वर्षों O में O स्पर्धा O का O स्तर O बढ़ा O है O और O कुल O भागीदारों O की O संख्या O पुरस्कार O वर्ष O 2021 B-NETI में O 74,000 B-NEN हो O गई O जो O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI के O मुकाबले O 28 B-NEN प्रतिशत O ज्यादा O है O । O मई B-NETI 2020 I-NETI में O की O वित्तमंत्री O ने O लॉकडाउन O के O बाद O भारत B-NEL की O अर्थव्यवस्था O के O फिर O से O पटरी O पर O लौटने O की O प्रक्रिया O को O आसान O बनाने O के O उद्देश्य O से O सिलसिलेवार O अनेक O सुधारों O की O घोषणा O की O । O 5. B-NEN वर्ष B-NETI 2021 I-NETI से O शुरू O हुई O पहल O के O तहत O पुरस्कार O जीतने O वाली O पंचायतों O को O पुरस्कार O राशि O सीधे O उनके O खाते O में O हस्तांतरित O करने O की O व्यवस्था O शुरू O की O गई O ताकि O अनावश्यक O देरी O न O हो O । O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O इस O योजना O के O लिए O अलग O बजट O मद O में O व्यवस्था O करके O कुल O 1,519 B-NEN पुरस्कार O पंचायतों O / O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O दिए O जा O चुके O हैं O । O हम O आशा O करें O कि O केंद्रीय O बजट O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O जिन O जनकल्याणकारी O नीतियों O को O समाहित O किया O गया O है O उनका O क्रियान्वयन O सफलतापूर्वक O हो O और O आम O जन O की O अपेक्षाएं O पूर्ण O हों O । O बैंकिंग O क्षेत्र O : O कल B-NETI , O आज -NETI और O कल B-NETI सहस्राब्दी B-NETI विकास O लक्ष्य O ( O एमडीजी O ) O मैं O इस O दिशा O में O 2016 B-NETI से O काम O कर O रहा O हूं O और O जानता O हूं O कि O छात्रों O को O आधे O घंटे O की O क्लास O में O वर्चुली O कैसे O साथ O रखना O है O । O सितंबर B-NETI 2000 I-NETI में O , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O प्रमुख O सम्मेलनों O और O शिखर O सम्मेलनों O के O एक B-NETI दशक I-NETI के O दौरान O , O विश्व O के O 149 B-NEN देशों O के O नेता O न्यूयॉर्क O में O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O मुख्यालय O में O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सहस्राब्दी B-NETI विकास O लक्ष्य O घोषणा O को O अपनाने O के O लिए O एक B-NEN साथ O आए O । O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI में O भारतीय O अर्थव्यवस्था O में O व्यापक O बदलाव O होने O की O संभावना O है O । O यह O हमारे O नीति O निर्माताओं O के O लिए O एक B-NEN चुनौती O है O कि O यदि O 2020 B-NETI के O बाद O भी O ये O परिस्थितियां O जारी O रहती O हैं O तो O हमारी O प्रतिक्रिया O ऐसी O नहीं O होनी O चाहिए O , O वे O आज B-NETI से O बेहतर O हों O । O इंपीरियल O पुलिस O के O सदस्यों O में O भारतीय O सेना O के O कई O अधिकारी O शामिल O थे O , O यद्यपि O 1893 B-NETI के O बाद O उसके O अधिकारियों O के O चयन O के O लिए O वार्षिक O परीक्षा O शुरू O की O गई O । O 1858 B-NETI में O एचईआईसीसीएस O के O स्थान O पर O भारतीय O लोक O सेवा O ( O आईसीएस O ) O शुरू O की O गई O जो O 1858 B-NETI और O 1947 B-NETI के O बीच O भारत B-NEL में O सर्वोच्च O लोक O सेवा O रही O । O तो O बच्चों O के O लिए O आने O वाले O दस B-NETI वर्षो I-NETI में O परिस्थितियां O कैसे O बेहतर O हो O सकती O हैं O ? O 1969 B-NETI व O 1980 B-NETI में O बैंकों O के O राष्ट्रीयकरण O के O पश्चात्‌ O , O बैंकिंग O क्षेत्र O ने O 1991 B-NETI की I-NETI अवधि I-NETI के O बाद O दूरगामी O सुधारों O के O अगले O चरण O को O देखा O था O । O आईसीएस O में O अंतिम O नियुक्ति O 1942 B-NETI में O की O गई O थी O । O क्रेडिट O प्रक्रियाओं O और O ब्याज O दर O संरचनाओं O का O अविनियमन O , O पूर्व O - O छूटों O में O क्रमिक O कटौती O , O सीबीएस O में O प्रवेश O और O नये O युग O की O निजी O क्षेत्र O की O बैंकिंग O प्रणाली O की O लाइसेंसिंग O ने O 21वीं B-NETI सदी I-NETI के I-NETI दशकों I-NETI में O बैंकिंग O सेवाओं O के O तीव्र O विस्तार O का O मार्ग O प्रशस्त O किया O और O यह O आश्चर्यजनक O नहीं O है O कि O वित्त O वर्ष B-NETI 1997 I-NETI में O बैंकों O में O जमा O राशि O का O सकल O घरेलू O उत्पाद O प्रतिशत O 35.6 B-NEN की O तुलना O में O बढ़कर O वित्त O वर्ष B-NETI 2007 I-NETI में O 60.8 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O वर्ष B-NETI 2008 I-NETI के O वैश्विक O वित्तीय O संकट O के O बाद O से O आर्थिक O और O वित्तीय O बाजार O में O अत्यधिक O अस्थिरता O के O बावजूद O अगले O 10 - वर्षों - में O जीडीपी O के O संबंध O में O जमाराशि O और O ऋण O अनुपात O क्रमशः O 71.2 B-NEN प्रतिशत O और O 51.9 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O एक B-NEN तरह O से O कहा O जा O सकता O है O कि O विद्यार्थी O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI के O हैं O जबकि O अध्यापक O बीसवीं B-NETI सदी I-NETI के O । O 1946 B-NETI में O आयोजित O सम्मेलन O में O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O भारतीय O लोक O सेवा O के O आधार O पर O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O एवं O इंपीरियल O पुलिस O के O आधार O पर O भारतीय O पुलिस O सेवा O गठित O करने O का O फैसला O लिया O । O इस O विस्तार O ( O 1990 B-NETI में O ) O के O प्रारंभिक O चरण O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O वर्चस्व O था O । O यह O इस O तथ्य O से O स्पष्ट O है O कि O वित्त O वर्ष B-NETI 2007 I-NETI में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बकाया O ऋण O में O 20 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O था O , O जो O अब O वित्त O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI के O मुकाबले O 29 B-NEN प्रतिशत O है O । O जबकि O ऋण O की O प्रतिशतता O वित्त O वर्ष B-NETI 1997 I-NETI में O सकल O घरेलू O उत्पाद O के O 19.6 B-NEN प्रतिशत O की O तुलना O में O वित्त O वर्ष B-NETI 2007 I-NETI में O बढ़कर O दोगुने O से O भी O अधिक O हो O गयी O है O । O 2010 B-NETI तक O भारत B-NEL में O 64 B-NEN लाख I-NEN सरकारी O कर्मचारी O थे O लेकिन O उनमें O से O 50,000 B-NEN से O भी O कम O लोक O सेवक O थे O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 2015 B-NETI में O भारतीय O कौशल O विकास O सेवा O , O और O 2016 B-NETI में O भारतीय O उद्यम O विकास O सेवा O के O गठन O को O स्वीकृति O दी O थी O । O इसके O अतिरिक्त O 2019 B-NETI में O केन्द्रीय O मंत्रिमंडल O ने O रेलवे O तंत्र O में O संरचनात्मक O सुधार O के O तहत O भारतीय O रेलवे O के O अंतर्गत O आने O वाली O सभी O लोक O सेवाओं O के O विलय O से O एकीकृत O भारतीय O रेल O प्रबंधन O सेवा O के O गठन O को O स्वीकृति O दी O थी O । O 14वें O वित्त B-NEO आयोग I-NEO ( O अनुदान O अवधि O 2015 B-NETI - I-NETI 2020 I-NETI ) O की O अनुशंसाओं O में O अनुदान O राशि O के O उपयोग O हेतु O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O निर्माण O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O व्यय O संबंधी O एक B-NEN महत्वपूर्ण O सुधार O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O किया O गया O , O जब O केंद्रीय O बजट O दस्तावेज O के O साथ O 68 B-NEN मंत्रालयों O / O विभागों O के O लिए O परिणाम O की O रूपरेखा O तैयार O की O गई O । O योजना B-NEAR मार्च B-NETI अंक O अपने O आप O एक B-NEN विशेष O अंक O था O , O जिसके O अन्तर्गत O कई O आकर्षित O करने O वाले O तत्व O थे O - O आम O बजट O , O आत्मनिर्भरता O की O दिशा O में O भारत B-NEL के O कदम O , O किसानों O की O बेहतरी O के O लिए O बजट O में O किये O गये O प्रावधान O । O 18 B-NETI जून I-NETI 2021 I-NETI को O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O कोविड O - O 19 O से O संबंधित O उपायों O के O बारे O में O रियल O टाइम O डेटा O / O सूचना O की O उपलब्धता O और O वहां O प्रभावी O कोविड O प्रबंधन O सुनिश्चित O करने O के O लिए O एक B-NEN ऑनलाइन O डैशबोर्ड O प्रारंभ O किया O गया O है O । O नीति O आयोग O ने O 1 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2015 I-NETI से O पूर्ववर्ती O योजना O आयोग O की O जगह O ले O ली O और O तभी O से O वह O तीव्र O आर्थिक O कायाकल्प O के O लिए O वह O सहकारी O एवं O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O को O मजबूत O करने O में O जुटा O है O । O संपादकीय O में O ऋग्वेद B-NEAR से O लेकर O वर्तमान O तक O की O स्थिति O को O बहुत O ही O कम O शब्दों O में O ‘ O गागर O में O सागर O ' O की O भांति O समझाया O गया O , -NEL (( O भारत - दुनिया O में O भूजल O का O सबसे O बड़ा O उपयोगकर्ता O है O इसकी O भी O जानकारी O दी O गई O ; O साथ O ही O इसमें O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O 2024 B-NETI तक O प्रत्येक O ग्रामीण O परिवार O को O पाइप O लाइन O से O जल O उपलब्ध O कराने O की O जानकारी O भी O प्रदान O की O गई O । O वित्तीय O अनुशासन O संबंधी O पहल O के O तहत O , O ग्राम O पंचायतों O को O फंडों O का O भुगतान O तर्कसंगत O तरीके O से O किया O जाता O है O और O हर O गांव O को O महीने O की O पहली B-NETI तारीख I-NETI को O फंड O मिल O जाता O है O । O प्रयासों O और O संसाधनों O के O तालमेल O से O जल O सुरक्षा O हासिल O करने O के O लिए O पानी O के O संकट O वाले O क्षेत्रों O में O 2019 B-NETI में O जल O शक्ति O अभियान O ( O जेएसए O ) O शुरू O किया O गया O । O फंडों O के O नियमित O भुगतान O के O साथ O - O साथ O सालाना B-NETI और O पांच B-NETI साल I-NETI के O लिए O विकास O योजनाएं O भी O तैयार O की O जाती O हैं O । O योजना B-NEAR का O फरवरी B-NETI 2021 I-NETI , O “ O भारतीय O साहित्य O ” O नामक O विशेषांक O प्रस्तुत O करने O के O लिए O संपादकीय O टीम O का O बहुत O धन्यवाद O । O 1878 B-NETI से O जलापूर्ति O का O मुख्य O स्रोत O - O 25 B-NEN प्राकृतिक O नाले O , O खुरली O व O हौज O । O फरवरी B-NETI , I-NETI 2016 I-NETI - O सीवेज O मिश्रित O पानी O के O कारण O पीलिया O फैला O । O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI में O भारत B-NEL के O साहित्य O के O प्रति O और O जागरूकता O लाने O के O लिये O यह O अंक O पूर्णता O प्रदान O करता O है O । O इसी O तरह O , O बिजली O बिल O का O भुगतान O , O कर्ज O की O अदायगी O ( O खास O तौर O पर O ग्रामीण O ट्रैक्टरों O को O खरीदने O के O लिए O लिया O गया O कर्ज O ) O , O वेतन O , O सफाई O संबंधी O खर्चों O का O शुल्क O के O तौर O पर O वर्गीकरण O किया O गया O है O और O तेलंगाना B-NEL पंचायती O राज O कानून O , O 2018 B-NETI के O तहत O इन O मदों O में O नियमित O तौर O पर O भुगतान O ज़रूरी O है O । O मार्च B-NETI , I-NETI 2018 I-NETI - O 19 B-NETI प्राकृतिक O नालों O में O से O 17 B-NEN हुए O बेपानी O । O बेपानी O होने O के O मुख्य O कारण O : O राष्ट्रीय O राजमार्ग O के O डिजाइन O में O त्रुटि O और O दिसम्बर B-NETI में O पड़ने O वाली O बर्फ O का O फरवरी B-NETI में O पड़ना O । O वर्ष O 2021 B-NETI - O आपूर्ति O हुई O । O इस O प्रकार O 2022 B-NETI तक O , O नया O भारत B-NEL एक B-NEN ऐसी O शिक्षा O प्रणाली O के O लिए O मजबूत O आधार O प्रदान O करेगा O जो O आसानी O से O सुलभ O , O निष्पक्ष O , O गुणवत्तापूर्ण O , O किफ़ायती O और O जवाबदेही O के O सिद्धांतो O पर O आधारित O होगी O । O जल O - O जीवन O - O मिशन O ने O नल O - O जल O का O कम O से O कम O 30 B-NETI वर्ष I-NETI का O गारण्टी O तंत्र O विकसित O करने O के O निर्देश O दिए O हैं O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI के O बाद O ' O निपुण O भारत O ' O कार्यक्रम O के O ज़रिये O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O व O मूलभूत O साक्षरता O और O संख्यात्मकता O ( O एफएलएन O ) O के O लिए O विस्तार O से O दिशा O - O निर्देश O जारी O किए O गए O हैं O । O तेलंगाना B-NEL पंचायती O राज O कानून O 2018 B-NETI के O मुताबिक O , O हर O गांव O में O 4 B-NEN स्थायी O समितियां O बनाना O ज़रूरी O है O और O हर O समिति O क्रमशः O : O सफाई O , O हरित O हारम O , O सड़कों O पर O बल्ब O की O सुविधा O और O अन्य O काम O की O निगरानी O करती O है O । O शिमला B-NEL के O परम्परागत O जल O - O तंत्र O ने O 150 B-NETI वर्ष I-NETI तक O की O गारण्टी O दी O । O 1927 B-NETI में O साइमन B-NEO आयोग I-NEO ने O भारत O सरकार O अधिनियम O , O 1919 O की O समीक्षा O की O और O भारतीय O राज्यों O तथा O प्रांतों O का O संघ O स्थापित O करने O की O सिफारिश O की O । O और O , O खासकर O इसलिए O भी O कि O आज O हम O भारत B-NEL की O आजादी O के O 75 B-NETI साल I-NETI का O जश्न O हमारी O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O मना O रहे O हैं O । O इस O प्रकार O 1919 B-NETI के O अधिनियम O और O 1935 B-NETI के O अधिनियम O ने O भारत B-NEL में O राजकोषीय O संघवाद O का O बुनियादी O ढांचा O स्थापित O किया O , O जिसमें O 1919 B-NETI के O अधिनियम O ने O केंद्र O तथा O प्रांतों O के O बीच O राजस्व O मद O को O अलग O किया O तथा O 1935 B-NETI के O अधिनियम O ने O केंद्र O के O राजस्व O को O साझा O करने O एवं O प्रांतों O को O सहायता O अनुदान O देने O का O प्रावधान O किया O । O 1947 B-NETI में O आजादी O मिलते O समय O भारत B-NEL विभाजन O , O शरणार्थी O संकट O , O अनुभवहीन O संस्थाओं O तथा O कमजोर O औपनिवेशिक O व्यवस्था O की O समस्याओं O से O जूझ O रहा O था O । O यह O समाचार O जनवरी B-NETI - I-NETI 2020 I-NETI का O है O । O 1950 B-NETI में O अंगीकृत O भारतीय O संविधान O भारत B-NEL को O “ O राज्यों O को O धर्मनिरपेक्ष O , O संघीय O , O समाजवादी O संघ O ” O के O रूप O में O परिभाषित O करता O है O । O अब O यह O वैज्ञानिक O रूप O से O सिद्ध O हो O चुका O है O कि O बच्चे O के O जीवन O के O पहले B-NETI छह I-NETI वर्षो I-NETI में O उसके O मस्तिष्क O का O विकास O तेजी O से O होता O है O और O बचपन O में O उत्तम O देखभाल O तथा O शिक्षा O वास्तव O में O शिक्षा O में O परिवर्तन O ला O सकती O है O । O इस O संबंध O में O बच्चों O को O स्कूलों O में O मास्क O पहनने O की O नई O पहल O के O साथ O सामंजस्य O बैठाना O होगा O और O पानी O और O साबुन O से O लगातार O हाथ O धोना O भी O जरूरी O होगा O , O जिसका O अभ्यास O गत B-NETI वर्ष I-NETI भी O बेहद O जरूरी O रहा O । O 5. O अब O एक B-NEN क्षण O के O लिए O आप O अपने O आप O को O एक B-NEN भारतीय O छात्र O के O रूप O में O सोचें O जो O इस O वर्ष O 24 B-NETI फरवरी I-NETI को O अभी O भी O यूक्रेन B-NEL में O फँसा O हुआ O है O । O यूडीआईएसई O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI के O अनुसार O , O कुल O 25 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चों O के O नामांकन O के O साथ O सभी O श्रेणियों O ( O सरकारी O , O सरकारी O सहायता O प्राप्त O और O निजी O गैर O - O सहायता O प्राप्त O ) O सहित O 15 B-NEN लाख I-NEN स्कूल O हैं O । O इसके O अलावा O , O भारत B-NEL ने O एलिमेंटरी O शिक्षा O के O सार्वभौमिकरण O को O प्राप्त O करने O की O दिशा O में O पर्याप्त O प्रगति O की O है O ; O प्राथमिक O स्तर O पर O सकल O नामांकन O अनुपात O ( O जीईआर O ) O 102.7 B-NEN प्रतिशत O ( O यूडीआईएसई O और O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI के O अनुसार O ) O है O जो O दर्शाता O है O कि O प्राथमिक O स्तर O पर O लगभग O सभी O बच्चे O स्कूलों O में O नामांकित O हैं O । O 2019 B-NETI में O लोक O सभा O में O प्रस्तुत O आंकड़ों O के O अनुसार O 160,000 B-NEN आंगनवाडी O केंद्रों O में O पानी O की O कमी O थी O और O दूर O - O दराज O के O समुदायों O में O भी O भारी O किल्लत O थी O । O टीकाकरण O की O गति O में O तेजी O आयी O है O और O 27 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI को O एक B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O व्यक्तियों O को O कोविड O - O 19 O का O टीका O लगाया O गया O । O 2019 B-NETI में O शुरू O किए O गए O जल O जीवन O मिशन O ( O जेजेएम O ) O का O लक्ष्य O 2024 B-NETI तक O प्रत्येक O ग्रामीण O घर O को O पाइप O के O जरिए O पानी O की O सप्लाई O मुहैया O कराने O का O है O । O दुर्भाग्य O की O बात O यह O है O कि O अपने O 5,000 B-NETI साल I-NETI पुराने O इतिहास O पर O गर्व O करने O वाला O यह O देश O कहानियों O के O माध्यम O से O लोगों O तक O जरूरी O बात O पहुंचाने O की O कला O का O इस्तेमाल O करने O में O सफल O नहीं O रहा O है O । O 6. O या O मैं O आपको O दूसरा O उदाहरण O देता O हूँ O - O मैं O पिछले B-NETI साल I-NETI 15 B-NETI अगस्त I-NETI 2021 I-NETI को O काबुल B-NEL गया O था O अब O किसी O भी O कारण O से O , O कल्पना O कीजिए O कि O जब O तालिबान B-NEO ने O सत्ता O संभाली O तो O आपने O अपने O आप O को O शहर O के O बीच O में O फँसा O हुआ O पाया O । O केन्द्रीय B-NEO औषधि I-NEO मानक I-NEO नियंत्रण I-NEO संगठन I-NEO - I-NEO सेंट्रल I-NEO ड्रग I-NEO स्टैंडर्ड I-NEO कंट्रोल I-NEO ऑर्गनाइजेशन I-NEO ( I-NEO सीडीएससीओ I-NEO ) I-NEO ने O जून B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O कोविड O - O 19 O के O गंभीर O मामलों O में O इलाज O के O लिये O पांच B-NEN दवाओं O को O मंजूरी O दी O । O संयुक्तराष्ट्र B-NEO के O सामाजिक O और O आर्थिक O मामलों O के O विभाग O ( O यूएनडीईएसए O ) O के O ई O - O शासन O सर्वेक्षण O , O 2020 B-NETI में O भारत B-NEL को O सौवां O स्थान O दिया O गया O है O । O इस O ई O - O शासन O विकास O सूचकांक O में O भारत B-NEL का O स्थान O 2016 B-NETI में O 107वां B-NEN , O 2014 B-NETI में O 118वां -NEN और O 2018 B-NETI में O 96वां -NEN था O । O इस O तरह O 2016 B-NETI और O 2018 B-NETI के O बीच O भारत B-NEL ने O 22 B-NEN स्थानों O की O छलांग O लगायी O । O लेकिन O 2020 B-NETI में O वह O चार B-NEN पायदान O उतर O कर O बोलिविया B-NEL ( O 97 B-NEN ) O और O ईरान B-NEL ( O 89 B-NEN ) O से O भी O नीचे O सौवें B-NEN स्थान O पर O पहुंच O गया O । O ई O - O भागीदारी O में O भारत B-NEL 2020 B-NETI में O 29वें B-NEN स्थान O पर O रहा O । O वह O 2018 B-NETI में O इससे O 14 B-NEN पायदान O ऊपर O 15वें B-NEN स्थान O पर O था O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O अगस्त B-NETI , I-NETI 2019 I-NETI में O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O सेवा O आपूर्ति O आकलन O ( O एनईएसडीए O ) O फ्रेमवर्क O की O शुरुआत O की O । O यहां O यह O महसूस O करना O महत्वपूर्ण O है O कि O 1991 B-NETI से O ही O सीमा O शुल्क O में O कमी O की O जाती O रही O है O , O लेकिन O घरेलू O विनिर्माण O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O इस O पर O पुनर्विचार O किये O जाने O की O अब O भी O जरूरत O है O । O एनईएसडीए O का O ऑनलाइन O सेवा O सूचकांक O ( O ओएसआई O ) O वास्तव B-NETI में O यूएनडीईएसए O के O ई O - O शासन O सर्वेक्षण O पर O आधारित O है O । O इस O नदी O में O जीएलओएफ O की O 1779 B-NETI और O 1932 B-NETI में O हुई O दो B-NEN घटनाओं O का O प्रलेखों O में O वर्णन O मिलता O है O । O गढ़वाल B-NEL हिमालय I-NEL में O 2013 B-NETI में O केदारनाथ B-NEL की O घटना O , O व्यापक O वर्षा O के O अलावा O , O चौराबारी B-NEL हिमनद I-NEL क्षेत्र I-NEL में O झील O के O टूटने O से O हुई O । O * O ग्रामीण O भारत B-NEL में O मार्च B-NETI 2017 I-NETI तक O 50 B-NEN करोड़ I-NEN 60 O लाख B-NEN मोबाइल O उपभोक्ता O हैं O । O जबाव O - O 75 B-NEN % O में O दवा O के O चार B-NETI से I-NETI छः I-NETI घंटे I-NETI बाद O गर्भपात O की O प्रकिया O शुरू O हो O जाती O है O । O यह O गर्भपात O 1 B-NETI से I-NETI 5 I-NETI दिनों I-NETI में O इससे O पूर्ण O हो O जाता O है O । O मगर O 25 B-NEN % O महिलाओं O में O खून O गिरने O की O प्रक्रिया O करीबन O 15 B-NETI दिनों I-NETI तक O होती O है O और O इस O दौरान O उनका O पूर्ण O गर्भपात O होता O है O । O भारतीय O बैंकों O का O सकल O एनपीए O ( O यानि O बुरे O कर्ज O ) O तीस B-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 8.40 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O हो O गया O । O जो O दिखाता O है O कि O 30 B-NETI जून I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O 8.29 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O मुकाबले O इसमें O 1.31 B-NEN फीसदी O की O वृद्धि O हुई O है O । O सितंबर B-NETI 2015 I-NETI से O एनपीए O में O तेजी O से O उछाल O का O कारण O कथित O रूप O से O वर्ष B-NETI 2008 I-NETI से I-NETI पूर्ववर्ती I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O बैंकों O की O क्रेडिट O ग्रोथ O में O तेजी O है O । O वित्तीय B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI - I-NETI 18 I-NETI की I-NETI पहली I-NETI तिमाही I-NETI के O मुकाबले O दूसरी B-NETI तिमाही I-NETI में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O खराब O कर्ज O लगभग O 7.33 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ज्यादा O था O जबकि O 17 B-NEN निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O का O बुरा O कर्ज O 10.5 B-NEN फीसदी O बढ़कर O 1.06 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O पहुंच O गया O । O वर्ष B-NETI 2008 I-NETI से I-NETI 2014 I-NETI के O दौरान O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O सकल O उधार O 18 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O से O 54 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O तक O पहुंच O गया O और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O यह O आंकड़ा O 55.01 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O था O । O * O नवीनतम O आंकड़ों O से O पता O चलता O है O कि O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O बैंक O शाखाओं O की O संख्या O मार्च B-NETI 2010 I-NETI में O 33,378 B-NEN से O बढ़कर O मार्च B-NETI 2016 I-NETI में O 51,830 B-NEN हो O गयी O । O जबकि O ग्रामीण O भारत B-NEL में O शाखाहीन O बैंकिंग O आउटलेट O की O संख्या O मार्च B-NETI 2010 I-NETI के O 34,316 B-NEN से O बढ़कर O मार्च B-NETI 2016 I-NETI में O 534,477 B-NEN हो O गयी O है O । O फिर O भी O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O मामले O में O मार्च B-NETI 2017 I-NETI तक O कुल O शाखाओं O में O ग्रामीण O शाखाओं O का O हिस्सा O सिर्फ O 20 B-NEN प्रतिशत O है O इसलिए O निजी O बैंकों O द्वारा O ग्रामीण O शाखाओं O की O संख्या O में O वृद्धि O करने O की O अत्यंत O आवश्यकता O है O । O एक B-NEN अनुमान O के O अनुसार O , O 2011 B-NETI में O , O राज्य O में O प्रति O व्यक्ति O पानी O की O वार्षिक O उपलब्धता O देश O के O 1,720 B-NEN घन O मीटर O के O मुकाबले O केवल O 920 B-NEN घन O मीटर O थी O । O इसी O तरह O नगालैंड B-NEL और O पांडिचेरी B-NEL में O 1962 B-NETI के O आम O चुनाव O के O बाद O ही O विधानसभाओं O का O गठन O हो O सका O । O देश O में O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O लगभग O एक B-NEN साथ O आयोजित O किये O जाने O का O संयोग O 1967 B-NETI में O बना O । O 1980 B-NETI के O दशक O के O मध्य O में O , O लगातार O तीन B-NEN वर्ष O सूखा O पड़ने O के O कारण O पानी O की O अत्यधिक O कमी O के O परिणामस्वरूप O फसलों O की O पैदावार O और O चारे O की O कमी O के O साथ O - O साथ O पेयजल O और O घरेलू O उपयोग O के O लिए O भी O पानी O की O कमी O हो O गई O । O एक B-NEN बार O फिर O 1999 B-NETI - O 2002 B-NETI के O दौरान O , O गुजरात B-NEL को O गंभीर O सूखे O जैसे O हालात O और O पानी O की O कमी O का O सामना O करना O पड़ा O । O 1975 B-NETI में O घोषित O राष्ट्रीय O आपात O काल O के O दौरान O लोकसभा O के O कार्यकाल O का O विस्तार O किया O गया O और O 1977 B-NETI के O लोकसभा O चुनाव O के O बाद O कुछ O राज्यों O में O विधानसभाओं O को O भंग O करना O पड़ा O जिससे O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O का O चक्र O और O भी O गड़बड़ा O गया O । O 1998 B-NETI और I-NETI 1999 I-NETI में O लोकसभा O दो B-NEN बार O समय O से O पहले O भंग O की O गयी O और O उसके O बाद O के O दो B-NEN दशकों O में O केवल O चार B-NEN राज्य O विधानसभाओं O के O चुनाव O लोकसभा O चुनाव O के O साथ O आयोजित O किये O जा O सके O हैं O । O 1967 -NETI में O गठित O चौथी O लोकसभा O अपना O कार्यकाल O पूरा O करने O से O पहले O ही O 1971 B-NETI में O भंग O कर O दी O गयी O जिससे O लोकसभा O के O मध्यावधि O चुनाव O कराने O पड़े O । O 26 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2001 I-NETI में O आए O भूकंप O , O जिसका O मुख्य O केंद्र O कच्छ B-NEL था O , O के O कारण O जल O आपूर्ति O के O बुनियादी O ढांचे O सहित O जीवन O और O संपत्ति O का O भारी O नुकसान O हुआ O था O , O जिससे O क्षेत्र O में O जल O संकट O और O अधिक O बढ़ O गया O । O अक्टूबर B-NETI , I-NETI 2001 I-NETI में O गुजरात B-NEL का O मुख्यमंत्री O बनने O के O बाद O श्री O नरेन्द्र O मोदी O ने O गुजरात B-NEL में O पानी O की O कमी O को O अतीत O की O बात O बनाने O का O दृढ़ O संकल्प O लिया O । O 1960 B-NETI के O दशक O में O प्रगतिवाद O आंदोलन O के O विरोध O में O तेजी O आई O । O तीन B-NETI साल I-NETI से O भी O कम O समय O में O 30 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O ग्रामीण O भारतीयों O तक O शौचालयों O की O सुविधा O पहुंच O चुकी O है O । O 1914 B-NETI - O 17 B-NETI और O 1942 B-NETI - O 45 B-NETI के O दौरान O हुए O दोनों B-NEN विश्व O युद्धों O के O बाद O उपनिवेशवाद O की O जड़ें O कमजोर O होने O लगीं O क्योंकि O एशिया B-NEL और O अफ्रीका B-NEL में O स्वतंत्रता O आंदोलनों O ने O गति O पकड़ O ली O थी O । O स्वच्छता O : O 2017 B-NETI में O हासिल O उल्लेखनीय O उपलब्धियां O मंत्रालय B-NEO ने O 2017 B-NETI में O जेंडर O दिशानिर्देश O और O 2015 B-NETI में O ऋतुचक्र O प्रबंधन O दिशानिर्देश O जारी O किया O । O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2014 I-NETI को O एसबीएम O की O शुरुआत O के O वक्त O सैनिटेशन O कवरेज O 38.70 B-NEN प्रतिशत O था O । O 18 B-NETI दिसंबर I-NETI 2017 I-NETI तक O यह O बढ़कर O 74.15 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O पेयजल B-NETI व I-NETI स्वच्छता I-NETI मंत्रालय I-NETI को O इसे O आबंटित O एसबीएम O - O ग्रामीण O के O प्रभार O के O अलावा O , O स्वच्छ O भारत B-NEL के O लक्ष्य O को O पूरा O करने O की O दिशा O में O सभी O गतिविधियां O व O पहल O अनिवार्य O रूप O से O करनी O हैं O । O अप्रैल B-NETI 2016 I-NETI में O शुरू O स्वच्छता O पखवाड़ा O का O लक्ष्य O केन्द्रीय O मंत्रालयों O व O उनके O विभागों O द्वारा O स्वच्छता O के O विभिन्न O मसलों O पर O केन्द्रित O पखवाड़े O का O आयोजन O करना O है O । O वित्तीय O वर्ष O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O दौरान O मंत्रालयों O / O विभागों O ने O अपने O एसएपी O के O लिए O रु. O 12468.62 B-NEN करोड़ I-NEN खर्च O किये O हैं O । O एसएपी O कार्यान्वयन O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI 2017 I-NETI को O आरंभ O हुआ O । O 8 B-NETI मार्च I-NETI 2017 I-NETI स्वच्छ O शक्ति O का O आयोजन O अंतरराष्ट्रीय O महिला O दिवस O , O 8 B-NETI मार्च I-NETI 2017 I-NETI को O महात्मा B-NEL मन्दिर I-NEL , I-NEL गांधी I-NEL नगर I-NEL में O किया O गया O । O स्वच्छ O संकल्प O से O स्वच्छ O सिद्धि O प्रतियोगिता O ( O 17 B-NETI अगस्त I-NETI से O 8 B-NETI सितंबर I-NETI ) O माननीय O प्रधानमंत्री O ने O स्वच्छ O संकल्प O से O स्वच्छ O सिद्धि O के O तहत O 2022 B-NETI तक O नए O भारत O के O निर्माण O के O लक्ष्य O का O आह्नान O किया O । O इस O सपने O के O परिदृश्य O में O पेय B-NEO जल I-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O स्वच्छता O को O जन O आंदोलन O बनाने O की O दिशा O में O 17 B-NETI अगस्त I-NETI से I-NETI 8 I-NETI सितंबर I-NETI 2017 I-NETI तक O देश O भर O में O फिल्म O , O निबंध O व O चित्रकला O प्रतियोगिताओं O का O आयोजन O किया O । O खादी O और O ग्रामोद्योग O आयोग O के O खादी O ब्रांड O ने O वित्त O वर्ष O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O रिकार्ड O एक B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपए O से O अधिक O का O कारोबार O करते O हुए O देश O के O सभी O फास्ट O मूविंग O कंज्यूमर O गुड्स O ( O एफएमसीजी O ) O कंपनियों O को O पीछे O छोड़ O दिया O है O । O स्वच्छता O ही O सेवा O ( O एसएचएस O ) O NULL O 16 B-NETI सितंबर I-NETI से I-NETI 2 I-NETI अक्टूबर I-NETI 2017 I-NETI प्रधानमंत्री O ने O 27 B-NETI अगस्त I-NETI 2017 I-NETI के O अपने O मन O की O बात O में O स्वच्छता O के O भाव O को O जगाने O और O श्रमदान O करने O का O आह्वान O किया O तथा O सभी O एनजीओ O , O स्कूलों O , O कॉलेजों O , O सामाजिक O , O सांस्कृतिक O व O राजनीतिक O कार्यकर्ताओं O , O कॉरपोरेट O व O सरकारी O अधिकारियों O , O कलेक्टरों O तथा O सरपंचों O से O 15 B-NETI सितंबर I-NETI से I-NETI 2 I-NETI अक्तूबर I-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O स्वच्छता O गतिविधियों O के O आयोजन O की O अपील O की O । O खादी O और O ग्रामोद्योग O आयोग O अधिनियम O , O 1956 B-NETI पुरस्कार O के O लिए O नामांकन O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI तक O भेजे O जा O सकते O हैं O । O Maharashtra O Chief O Minister O Employment O Generation O Programme O ( O CMEGP O ) O Archived O 2020 B-NETI - I-NETI 06 I-NETI - I-NETI 04 I-NETI at O the O Wayback O Machine O , O Official O site O इसे O आज B-NETI की O बाल O कविता O की O बड़ी O शक्ति O और O सामर्थ्य O ही O मानना O चाहिए O । O यह O बात O कल B-NETI की O कहानी O के O लिए O भी O सच O थी O और O आज B-NETI की O कहानी O के O लिए O भी O । O आज B-NETI की O बाल O कहानी O पर O आज B-NETI के O समय O और O हालात O का O तथा O निरंतर O बदलती O हुई O दुनिया O की O सच्चाइयों O का O इतना O सीधा O असर O पड़ा O है O कि O उसे O नजरअंदाज O करना O मुमकिन O नहीं O है O । O साबरमती B-NEL आश्रम O में O जनसमूह O को O संबोधित O करते O हुए O प्रधानमंत्री O ने O 15 B-NETI अगस्त I-NETI 2022 I-NETI से O 75 B-NEN सप्ताह O पूर्व O “ O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O ” O आरंभ O किए O जाने O की O चर्चा O की O जो O 15 B-NETI अगस्त I-NETI 2023 I-NETI तक O चलेगा O । O “ O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O ” O की O आधिकारिक O यात्रा O 12 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI को O शुरू O हुई O । O इस O अभियान O की O वजह O से O अक्टूबर B-NETI 2014 I-NETI से O फरवरी B-NETI 2019 I-NETI के O दौरान O 75.5 B-NEN लाख I-NEN रोजगार O पैदा O हुए O तेलंगाना B-NEL के O गांवों O और O शहरों O में O सर्वांगीण O विकास O का O लक्ष्य O हासिल O करने O के O लिए O 2019 B-NETI में O वहां O पल्ले O प्रगति O और O पट्टण O प्रगति O जैसी O योजनाएं O शुरू O की O गईं O । O वर्ष O 2025 B-NETI और O 2050 B-NETI में O देश O भर O में O भूजल O की O व्यापक O जरूरत O को O विभिन्न O परिदृश्यों O के O अनुसार O इस O मात्रा O को O क्रमशः O 843 B-NEN और O 1180 B-NEN बीसीएम O आंका O गया O है O । O इसका O अर्थ O हुआ O कि O यदि O हम O मौजूदा O जल O की O प्रत्येक O बूंद O का O संरक्षण O करें O तो O भी O 2050 B-NETI में O हम O जरूरत O से O पीछे O होंगे O । O जहां O तक O वस्त्र O उत्पादन O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O की O बात O है O तो O विस्कोस O , O पॉलिएस्टर O जैसे O वस्त्र O उत्पादों O की O कीमतें O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O मामूली O बढ़ीं O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O घट O गईं O । O कपड़ा O निर्यात O जून B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 10.7 B-NEN प्रतिशत O घटा O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 6 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O । O वस्त्र O एवं O परिधान O आयात O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 38.61 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O और O इसका O कारण O बाजार O की O ताकतों O का O प्रभाव O भी O हो O सकता O है O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O भी O हो O सकती O है O । O साथ O ही O विभिन्न O स्थानों O पर O चाइल्ड O हेल्प O डेस्क O भी O संचालित O किये O जा O रहे O हैं O जिनके O माध्यम O से O गत O तीन B-NETI वर्ष I-NETI में O प्राप्त O शिकायतों O का O विवरण O निम्नलिखित O हैं O । O हम O आज़ादी O के O 75 B-NETI वर्ष I-NETI पूरे O करने O की O तरफ O बढ़ O रहे O हैं O और O इस O लंबी O अवधि O में O देश O ने O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O जो O उपलब्धियां O हासिल O की O हैं O उनका O विश्लेषण O हमारी O पृष्ठभूमि O और O परिस्थितियों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O किए O जाने O की O आवश्यकता O है O । O आंशिक O तौर O पर O विश्व B-NEO बैंक I-NEO द्वारा O वित्तपोषित O इस O योजना O का O शुभारंभ O 25 B-NETI दिसंबर I-NETI 2019 I-NETI यानी O सुशासन O दिवस O पर O किया O गया O था O । O हमारी O पृष्ठभूमि O न O तो O अमेरिका B-NEL जैसी O है O जो O लगभग O ढाई B-NETI सौ I-NETI साल I-NETI पहले I-NETI आजाद O हो O गया O था O और O न O ही O जापान B-NEL जैसी O है O जहां O हमारी O तुलना O में O बहुत O कम O जनसंख्या O है O । O न O ही O हम O चीन B-NETI जैसे O हैं O जहां O पर O ताकत O का O जोर O चलता O है O । O समग्रता O में O देखें O तो O योजना O के O उद्देश्य O पर O केंद्रित O डीएलआई B-NETI में O योजना O के O अंतिम O लक्ष्य O की O प्राप्ति O पर O अनुदान O देने O का O प्रावधान O निहित O है O , O जो O है O , O सामुदायिक O सहभागिता O से O भूजल O स्थिति O में O सुधार O । O अनुसूचित O जाति O एवं O अनुसूचित O जनजाति O ( O अत्याचार O निरोधक O ) O अधिनियम O 1989 O को O 11 B-NETI सितम्बर I-NETI 1989 I-NETI में O भारतीय O संसद O द्वारा O पारित O किया O था O , O जिसे O 30 B-NETI जनवरी I-NETI 1990 I-NETI से O सारे O भारत B-NEL में O लागू O किया O गया O । O इन O सबके O बावजूद O विज्ञान O और O तकनीक O के O क्षेत्र O में O आज B-NETI हम O जहां O पर O आ O गए O हैं O , O वह O निस्संदेह O गौरव O का O विषय O है O । O सितंबर B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O ब्रिटेन B-NEL में O कोविड O - O 19 O वायरस O के O बी. O 1.1.7 B-NEN वंश O समूह O का O पता O चला O जिसे O अब O अल्फा O स्वरूप O के O नाम O से O जाना O जाता O है O । O सरकार O की O सबसे O तेज O प्रतिक्रिया O 18 B-NETI मई I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI की O गजट O अधिसूचना O में O देखने O को O मिली O । O वर्ष O 2020 B-NETI के O बरसात O के O मौसम O में O टिड्डी O दलों O के O प्रकोप O से O निपटने O के O लिए O भारत B-NEL में O ड्रोन O के O उपयोग O ने O फसल O संरक्षण O का O नया O रास्ता O दिखाया O है O । O हलचल O : O विश्व O पुस्तक O मेला O 2018 B-NETI में O प्रकाशन O विभाग O प्रकाशन O विभाग O ने O 6 B-NETI - O 14 B-NETI जनवरी I-NETI 2018 I-NETI को O प्रगति B-NEL मैदान I-NEL , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL में O हुए O विश्व O पुस्तक O मेले O में O प्रतिभागिता O की O । O आर्थिक O मंदी O के O कारण O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O जीएसटी O क्षतिपूर्ति O निधि O में O 110 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O की O कमी O का O अनुमान O लगाया O गया O । O हमने O पहले O ही O अगले B-NETI साल I-NETI के O लक्ष्य O पर O काम O करना O शुरू O कर O दिया O है O , O जिसे O 470 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O निर्धारित O किया O गया O है O । O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI की O पहली O तिमाही O के O दौरान O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O सकल O कर O राजस्व O प्राप्ति O में O भारी O कमी O देखी O गई O । O कमी O के O बावजूद O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O इस O अवधि O के O दौरान O राज्यों O के O लिए O करों O में O हिस्सेदारी O वर्ष O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O बजट O अनुमानों O के O अनुसार O ही O रखी O । O इस O प्रकार O वित्त O वर्ष O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O महामारी O के O कारण O लड़खड़ाते O संसाधनों O के O बावजूद O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O राज्यों O को O महामारी O से O लड़ने O और O आर्थिक O गतिविधियों O को O प्रोत्साहित O करने O हेतु O आर्थिक O रूप O से O सशक्त O किया O । O यदि O कोई O सरकारी O अधिकारी O ( O जो O कि O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O ) O , O अभिप्रायपूर्वक O / O जानबूझकर O इस O अधिनियम O के O तहत O दिए O गए O कर्तव्यों O का O पालन O नहीं O करता O है O तो O उसे O ६ B-NETI महीने I-NETI से I-NETI १ I-NETI साल I-NETI तक O के O कारावास O की O सज़ा O दी O जा O सकती O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO की O ओर O से O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O राज्यों O को O दिए O गए O अतिरिक्त O संसाधनों O का O ब्यौरा O सारणी O - O 1 B-NEN में O दिया O गया O है O । O FIR O दर्ज़ O करने O के O ६० B-NETI दिन I-NETI के I-NETI अन्दर I-NETI अपराध O की O जाँच O करना O और O चार्जशीट O / O आरोप O पत्र O पेश O करना O ; O यह O कानून O एस. O सी. O , O एस. O टी. O वर्ग O के O सम्मान O , O स्वाभिमान O , O उत्थान O एवं O उनके O हितों O की O रक्षा O के O लिए O भारतीय O संविधान O में O किये O गये O विभिन्न O प्रावधानों O के O अलावा O इन O जातियों O के O लोगों O पर O होने O वाले O अत्याचार O को O रोकने O के O लिए O 16 B-NETI अगस्त I-NETI 1989 I-NETI को O उपर्युक्त O अधिनियम O लागू O किये O गये O । O पंचायती O राज O संस्थानों O में O ई O - O गवर्नेंस O मजबूत O बनाने O के O उद्देश्य O से O पंचायती O राज O के O लिए O नए O विकसित O सरलीकृत O कार्य O आधारित O अकाउंटिंग O एप्लीकेशन O का O शुभारंभ O प्रधानमंत्री O ने O राष्ट्रीय O पंचायती O राज O दिवस O पर O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O किया O था O । O 22. O बांग्लादेश B-NEL 2026 B-NETI में O न्यूनतम O विकसित O देश O की O स्थिति O से O बाहर O निकलने O की O राह O पर O है O । O * O ई B-NEAR - I-NEAR ग्राम I-NEAR स्वराज I-NEAR ( I-NEAR ईजीएसपीआई I-NEAR ) I-NEAR इंटरफेस I-NEAR , O 2018 B-NETI में O शुरू O किया O गया O : O इसका O उद्देश्य O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O बढ़ाना O और O ईजीएस O के O अकाउंटिंग O मॉड्यूल O और O सार्वजनिक O वित्तीय O प्रबंधन O प्रणाली O को O मिलाकर O एक B-NEN तंत्र O बनाना O था O ताकि O पंचायतों O को O केंद्रीय O वित्त O आयोग O के O मद O में O ऑनलाइन O भुगतान O करने O का O इंटरफेस O उपलब्ध O हो O जाए O । O इस O आलोक O में O वर्ष B-NETI 2015 I-NETI में O शुरू O की O गई O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O को O प्रभावशाली O तरीके O से O अमलीजामा O पहनाना O लाभकारी O हो O सकता O है O । O पिछले B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI में O 21 B-NEN राज्यों O की O 1 B-NEN लाख I-NEN 80 O हजार B-NEN से O ज्यादा O पंचायतों O को O शामिल O किया O गया O और O 1 B-NEN लाख I-NEN 53 O हजार B-NEN से O ज्यादा O प्लेटफॉर्म O हैं O । O सामाजिक B-NEO न्याय I-NEO और I-NEO अधिकारिता I-NEO मंत्रालय I-NEO के O लिए O केंद्रीय O बजट O , O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O वर्ष O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O बजट O आवंटन O में O 1210 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O यह O 6908.00 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O था O जो O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O बढ़कर O 7750.00 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O हो O गया O है O । O साथ O ही O योजनाओं O के O लिए O बजट O आवंटन O में O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O बजट O आवंटन O में O 11.57 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O इसके O अतिरिक्त O बजट O आवंटन O में O ओबीसी O के O कल्याण O के O लिए O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O तुलना O में O 41.03 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O है O । O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O इसके O लिए O 140 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O निधि O प्रदान O की O गई O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O सर्वोच्च O स्तरीय O शिक्षा O हेतु O छात्रवृत्ति O राशि O को O 4.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 6 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI वर्ष I-NETI कर O दिया O गया O है O । O अनुसूचित O जाति O और O ओबीसी O छात्रों O के O लिए O आय O पात्रता O को O 4.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 6 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI वर्ष I-NETI कर O दिया O गया O है O । O कक्षा O पहली O से O पांचवी O , O कक्षा O छठी O से O आठवीं O और O कक्षा O नौंवी O से O दसवीं O के O दिवा O छात्रों O की O छात्रवृत्ति O को O 10 B-NEN माह O के O लिए O क्रमश: O 25 B-NEN रुपये O , O 40 B-NEN रुपये O और O 50 B-NEN रुपये O की O पूर्वोक्त O दरों O को O संशोधित O कर O कक्षा O पहली O से O दसवीं O को O 10 B-NETI महीने I-NETI के O लिए O 100 B-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI कर O दिया O गया O है O । O कक्षा O तीसरी O से O आठवीं O और O कक्षा O नौंवी O से O दसवीं O के O आवासीय O छात्रों O की O पूर्वोक्त O छात्रवृत्ति O दरों O को O 10 B-NETI माह I-NETI के O लिए O क्रमश: O 200 B-NEN रुपये O और O 250 B-NEN रुपये O से O संशोधित O कर O कक्षा O तीसरी O से O दसवीं O को O 10 B-NEN महीने O के O लिए O 500 B-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI कर O दिया O गया O है O । O योजना O के O तहत O सभी O छात्रों O को O तदर्थ O अनुदान O 500 B-NEN रुपये O प्रति B-NETI वर्ष I-NETI है O । O भारत B-NEL में O नागरिक O घोषणापत्र O को O 1990 B-NETI के O दशक O में O लागू O किया O गया O । O * O 1.5 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O पंचायतों O ने O पिछले B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI में O ऑनलाइन O भुगतान O किए O । O इन O सभी O देशों O में O 1992 B-NETI में O ये O चार्टर O बनाए O गए O । O 1991 B-NETI से O पहले O भारत B-NEL बड़े O पैमाने O पर O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O कर O रहा O था O । O सरकार O ने O 1969 B-NETI में O 50 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O डिपॉजिट O वाले O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O कर O दिया O था O । O 1200 B-NETI - O 1350 B-NETI ई. O तक O के O इस O काल O को O हम O मराठी O साहित्य O का O प्रथम B-NEN अथवा O प्रारम्भिक O काल O कह O सकते O हैं O । O सरकार O ने O 1980 B-NETI में O कई O और O बैंकों O को O अपने O नियंत्रण O में O लिया O और O देश O भर O में O 200 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O डिपॉजिट O वाले O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O किया O । O 1969 B-NETI से I-NETI 1991 I-NETI के O बीच O बैंकों O का O जबरदस्त O विस्तार O हुआ O । O हालांकि O , O 1991 B-NETI तक O बैंकों O की O दक्षता O और O उत्पादकता O में O गिरावट O होने O लगी O । O 1991 B-NETI में O जब O सरकार O ने O अर्थव्यवस्था O के O उदारीकरण O की O शुरुआत O की O तो O उसने O बैंकिंग O क्षेत्र O में O कई O तरह O के O सुधार O किए O । O भारत B-NEL में O 2019 B-NETI में O 459 B-NEN अरब I-NEN डालर O मूल्य O के O कृषि O उत्पादों O का O उत्पादन O हुआ O और O कृषि O उत्पादों O के O वैश्विक O व्यापार O से O सेवाओं O और O विनिर्माण O क्षेत्र O के O निर्यात O से O भी O अधिक O की O आमदनी O हुई O । O कृषि O से O जुड़ा O सकल O घरेलू O उत्पाद O 2001 B-NETI में O 101 B-NEN अरब I-NEN डालर O था O जो O हाल O के O वर्षों O में O 459 B-NEN अरब I-NEN डालर O के O स्तर O पर O पहुंच O गया O है O जिससे O कृषि O क्षेत्र O के O शानदार O विकास O का O तो O संकेत O देता O ही O है O , O इससे O कृषि O क्षेत्र O में O नियोजित O श्रम O शक्ति O की O संख्या O में O कमी O आने O का O भी O पता O चलता O है O । O अर्थव्यवस्था O के O विकास O के O साथ O ही O इस O क्षेत्र O में O नियोजित O श्रम O शक्ति O में O भी O कमी O आयी O और O यह O 2000 B-NETI में O 60 B-NEN प्रतिशत O से O घटकर O 2019 B-NETI में O 42 B-NEN प्रतिशत O हो O गयी O । O अंतरिक्ष O अनुसंधान O गतिविधियों O को O संचालित O करने O के O लिए O 1962 B-NETI में O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO अंतरिक्ष I-NEO अनुसंधान I-NEO समिति I-NEO ( I-NEO INCOSPAR I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O परमाणु O ऊर्जा O विभाग O के O तत्वावधान O में O की O गई O थी O । O 1950 B-NETI में O भारत B-NEL की O जनसंख्या O केवल O 37.63 B-NEN करोड़ I-NEN थी O , O लेकिन O 2019 B-NETI में O यह O 1.3 B-NEN अरब I-NEN हो O गयी O और O 2020 B-NETI में O इसके O 1.7 B-NEN अरब I-NEN हो O जाने O की O संभावना O है O । O इसके O बाद O , O अगस्त B-NETI 1969 I-NETI में O भारतीय B-NEO अंतरिक्ष I-NEO अनुसंधान I-NEO संगठन I-NEO ( I-NEO ISRO I-NEO - I-NEO इसरो I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O INCOSPAR B-NEO के O स्थान O पर O की O गई O थी O । O जिन O अन्य O क्षेत्रों O में O भारत B-NEL पिछले B-NETI दशकों I-NETI में O उल्लेखनीय O प्रगति O नहीं O कर O सका O उनमें O भी O अपनी O स्थिति O को O मजबूत O करने O की O संजीदा O कोशिशें O पिछले B-NETI पांच I-NETI - I-NETI छह I-NETI वर्षों I-NETI में O की O गई O हैं O और O उनका O परिणाम O भी O दिखने O लगा O है O । O मैन्यूफैक्चरिंग O ( O विनिर्माण O ) O और O सेमीकंडक्टर O जैसे O क्षेत्रों O का O खास O तौर O पर O नाम O लिया O जा O सकता O है O जिनमें O कोरोना O वायरस O के O मौजूदा B-NETI काल I-NETI में O काफी O कुछ O सकारात्मक O घटित O हो O रहा O है O । O यूनिसेफ O के O अनुसार O 2019 B-NETI में O भारत B-NEL अल्प O भार O वाले O बच्चों O की O संख्या O की O दृष्टि O से O दुनिया O में O 10वें O स्थान O पर O था O और O बढ़वार O रुकने O की O समस्या O से O ग्रस्त O बच्चों O की O संख्या O के O लिहाज O से O विश्व O में O 17वें O स्थान O पर O था O । O ऑरबिंटर B-NEAR , O लैंडर B-NEAR और O रोवर B-NEAR से O युक्त O देश O में O ही O विकसित O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR अंतरिक्ष O यान O को O 22 B-NETI जुलाई I-NETI 2019 I-NETI को O स्वदेशी O भूस्थिर O उपग्रह O प्रक्षेपण O यान O - O जिओ B-NEAR सिंक्रोनाइज़ I-NEAR लॉन्च I-NEAR व्हीकल I-NEAR - I-NEAR जीएसएलवी I-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR - I-NEAR एम I-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR ( I-NEAR GSLV I-NEAR MKIII I-NEAR - I-NEAR M1 I-NEAR ) I-NEAR मिशन O पर O सफलतापूर्वक O लॉन्च O किया O गया O था O । O यह O यान O 20 B-NETI अगस्त I-NETI 2019 I-NETI को O सफलतापूर्वक O चंद्रमा O की O कक्षा O में O प्रवेश O कर O गया O । O लैंडर B-NEAR ' I-NEAR विक्रम I-NEAR ' O को O योजना O के O अनुसार O , O 2 B-NETI सितंबर I-NETI 2019 I-NETI को O ऑर्बिटर O से O अलग O कर O दिया O गया O था O । O दो B-NEN सफल O डी-ऑर्बिटिंग O अभ्यास O के O बाद O , O चंद्रमा O की O सतह O पर O सॉफ्ट O लैंडिंग O कराने O के O लिए O लैंडर B-NEAR से O 7 B-NETI सितंबर I-NETI 2019 I-NETI को O कार्य O लिया O गया O था O । O सरकार O ने O हाल O ही O में O पांच B-NEN वैश्विक O और O पांच B-NEN भारतीय O कंपनियों O ( O लावा B-NEO , O माइक्रोमैक्स B-NEO , O पैजेट B-NEO , O यूटीएल B-NEO नियोलनाइक्स I-NEO और O ऑप्टीमस B-NEO ) O के O भारत B-NEL में O विनिर्माण O करने O के O प्रस्तावों O को O मंजूरी O दी O है O , O जिन्होंने O निर्माण O आधारित O रियायतों O ( O पीएलआई O ) O की O योजना O के O तहत O पांच B-NETI वर्षों I-NETI में O 2500 B-NEN अरब I-NEN फोन O के O विनिर्माण O की O प्रतिबद्धता O जताई O है O । O 1947 B-NETI में O भारत -NEL के O वैज्ञानिक O अनुसंधान O में O सकल O राष्ट्रीय O उत्पाद O के O 0.1 B-NEN प्रतिशत O हिस्से O का O निवेश O किया O जा O रहा O था O । O यह O एक B-NETI दशक I-NETI से O भी O कम O समय O में O 0.5 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O था O । O भारत B-NEL ने O अमेरिका B-NEL के O साथ O चारों B-NEN फाउंडेशनल O एग्रीमेंट्स O पर O अक्टूबर B-NETI 2020 I-NETI तक O हस्ताक्षर O कर O लिए O और O इस O तरह O से O भारत B-NEL का O मेजर O स्ट्रेटेजिक O पार्टनर O की O हैसियत O प्राप्त O कर O गया O । O ध्यान O रहे O कि O कुछ B-NETI वर्ष I-NETI पूर्व I-NETI अमेरिका B-NEL द्वारा O भारत B-NEL सहित O एशिया -NEL के O कुछ O देशों O को O ईरान -NEL के O साथ O व्यापारिक O रिश्तों O के O कारण O धमकी O दी O गयी O थी O । O लगभग O 50 B-NETI साल I-NETI पहले I-NETI अधिकांश O क्षेत्रों O की O तरह O दूरसंचार O क्षेत्र O भी O बहुराष्ट्रीय O कंपनियों O से O हार्डवेयर O की O सप्लाई O पर O निर्भर O था O और O उच्च O लागत O के O साथ O - O साथ O विदेशी O मुद्रा O की O कमी O के O कारण O नई O तकनीक O भारत B-NEL में O नहीं O आ O सकी O । O शुरू O में O सेवोत्तम O ढांचा O जनता O से O व्यापक O रूप O से O जुड़े O सरकार O के O 10 B-NEN विभागों O में O अप्रैल B-NETI 2009 I-NETI से I-NETI जून I-NETI 2010 I-NETI के O दौरान O लागू O किया O गया O था O । O जो O उस O समय O बुनियादी O दूरसंचार O तकनीकों O और O उपकरणों O के O मामले O में O हुआ O उसी O तरह O के O घटनाक्रम O के O मोबाइल O फोन O के O क्षेत्र O में O घटित O होने O की O शुरूआत O पिछले B-NETI दिनों I-NETI हो O चुकी O है O । O बड़ी O विदेशी O कंपनियों O के O एकाधिकार O को O तोड़ने O और O स्वदेशी O सॉफ्टवेयर O और O हार्डवेयर O विकास O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O , O 1970 B-NETI के O दशक O में O इलेक्ट्रॉनिक्स O विभाग O को O स्थापित O किया O गया O था O । O 1986 B-NETI में O शुरू O की O गई O रेलवे O की O यात्री O आरक्षण O परियोजना O में O जब O सूचना O प्रौद्योगिकी O का O प्रयोग O शुरू O हुआ O तो O उसकी O कामयाबी O ने O न O सिर्फ O दुनिया O को O चौंका O दिया O बल्कि O बहुत O सारी O प्रक्रियाओं O को O आसान O तथा O सेवाओं O को O सुलभ O बना O दिया O । O इससे O भी O आगे O बढ़कर O अब O यह O संदेश O भी O जा O रहा O है O कि O 1990 B-NETI के O दशक O के O ' O वैश्वीकरण O ' O और O ' O उदारीकरण O ' O जैसे O जिन O भारी O - O भरकम O शब्दों O ने O न O केवल O अर्थव्यवस्था O को O बल्कि O सम्पूर्ण O जीवनशैली O को O प्रभावित O किया O था O वे O अब O धीरे O - O धीरे O निषेधात्मक O ( O टैबूज़ O ) O श्रेणी O की O ओर O खिसक O रहे O हैं O और O उनका O स्थान O लेने O के O लिए O प्रोटेक्शनिज़्म O ' O ( O संरक्षणवाद O ) O , O नेशनलिज्म O अथवा O ' O एग्रेसिव O नेशनलिज़्म O ( O आक्रामक O राष्ट्रवाद O ) O और O ' O पोस्ट O ट्रुथ O ' O जैसे O शब्द O फिर O से O तैयार O हो O रहे O हैं O । O इसकी O शुरुआत O 2014 B-NETI में O हुई O । O 2014 B-NETI में O शुरू O की O गई O हेल्पलाइन O 181 B-NEN में O अब O तक O 45 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O शिकायतें O पहुंचीं O , O जिनमें O से O नब्बे B-NEN फीसदी O का O समाधान O होना O बता O दिया O गया O । O यह O कॉल O सेंटर O सुबह B-NETI 7 I-NETI बजे I-NETI से I-NETI रात्रि I-NETI 10 I-NETI बजे I-NETI तक O काम O करता O है O । O इसमें O प्रतिदिन B-NETI लगभग O 40 B-NEN हजार I-NEN कॉल O प्राप्त O कर O संबंधितों O को O निराकरण O के O लिए O भेजी O जाती O हैं O । O यह O कार्यक्रम O पूरे O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O प्रत्येक B-NETI माह I-NETI के O प्रथम B-NETI मंगलवार I-NETI को O होता O है O । O थाइलैंड B-NEL और O क्यूबा B-NEL में O सभी O को O बेहतर O स्वास्थ्य O सुविधाएं O सुनिश्चित O करने O के O लिए O कई O तरह O के O नियम O बनाए O गए O हैं O , O मसलन O डॉक्टरों O और O नर्सों O के O लिए O ग्रामीण O इलाकों O में O कम O से O कम O 3 B-NETI साल I-NETI काम O करने O की O अनिवार्यता O और O शहरी O अस्पतालों O के O अलावा O , O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्रों O में O भी O बड़े O पैमाने O पर O निवेश O । O थाइलैंड B-NEL में O 2001 B-NETI में O स्वास्थ्य O पर O सरकारी O खर्च O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O का O 1.7 B-NEN प्रतिशत O था O । O यह O 2008 B-NETI में O बढ़कर O 2.7 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O , O जो O भारत B-NEL के O मुकाबले O ज्यादा O है O । O भारत B-NEL ने O 2030 B-NETI तक O यूनिवर्सल O हेल्थ O केयर O ( O यूएचसी O ) O सुनिश्चित O करने O का O वादा O किया O था O । O इसके O तहत O 2025 B-NETI तक O स्वास्थ्य O पर O सरकारी O खर्च O 1.26 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ाकर O 2.5 B-NEN प्रतिशत O करने O की O बात O है O और O इनमें O से O 70 B-NEN प्रतिशत O खर्च O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सुविधाओं O पर O किए O जाएंगे O । O इसी O तरह O , O भारत B-NEL में O स्वास्थ्य O पर O प्रति O व्यक्ति O खर्च O सिर्फ O 1,657 B-NEN रुपये O ( O - B-NETI 19 I-NETI ) O था O , O जो O श्रीलंका B-NEL ( O 5000 B-NEN ) O और O इंडोनेशिया B-NEL ( O 3,500 B-NEN रुपये O ) O से O भी O काफी O कम O है O । O यानी O देश O में O 1,404 B-NEN लोगों O के O लिए O 1 B-NEN डॉक्टर O है O ( O फरवरी B-NETI 2021 I-NETI ) O । O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO के O आंकड़ों O ( O 2015 B-NETI ) O के O मुताबिक O , O 1990 B-NEL - I-NEL 2015 I-NEL के O दौरान O 5 B-NETI साल I-NETI से O कम O के O बच्चों O की O मौत O की O प्रमुख O वजह O कुपोषण O रही O । O आंकड़ों O के O अनुसार O , O विकासशील O देशों O में O कम O वजन O वाले O बच्चों O का O आंकड़ा O 28 B-NEN प्रतिशत O था O , O जो O 2015 B-NETI में O घटकर O 16 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O इसीलिए O 2021 B-NETI के O केंद्रीय O बजट O में O सरकार O ने O पानी O को O स्वास्थ्य O के O घटक O से O जोड़ O कर O रखा O है O । O अनेक O राज्यों O ने O 2024 B-NETI से O काफी O पहले O ही O हर O घर O में O नल O के O जरिये O जल O आपूर्ति O की O व्यवस्था O करने O का O लक्ष्य O निर्धारित O किया O है O । O हालांकि O , O 2000 B-NETI - I-NETI 2020 I-NETI के O दौरान O , O भारत B-NEL में O वैश्विक O भुखमरी O सूचकांक O 38.9 B-NEN से O घटकर O 27.2 B-NEN हो O गया O । O सतत O विकास O लक्ष्य O : O भारत B-NEL समेत O ज्यादातर O विकासशील O देश O साल O 2015 B-NETI तक O सतत O विकास O से O जुड़े O अन्य O लक्ष्य O हासिल O नहीं O कर O पाए O । O 1980 B-NETI के O दशक B-NETI के O अंत O तक O , O जल O प्रबंधन O सिंचाई O परियोजनाओं O तक O सीमित O था O । O ब्रंटलैंड O आयोग O ने O अपनी O रिपोर्ट O " O हमारा O सामूहिक O भविष्य O ( O 1987 B-NETI ) O " O में O सतत O विकास O को O इस O तरह O पारिभाषित O किया O है O : O लेकिन O 1980 B-NETI के I-NETI दशक B-NETI में O जो O बड़े O सूखे O पड़े O , O उनसे O यह O स्पष्ट O हुआ O कि O बड़ी O परियोजनाओं O के O जरिए O पानी O का O प्रवाह O बढ़ा O देना O ही O काफी O नहीं O हैं O । O प्रयोजन O 8: B-NEN 2015 B-NETI तक O रोका O गया O और O मलेरिया B-NETI तथा O अन्य O बड़ी O बीमारियों O पर O काबू O पाने O के O लिए O शुरू O किया O गया O इसके O अलावा O , O 1998 B-NETI में O कमेटी O ने O बैंकों O में O तकनीक O के O ज्यादा O इस्तेमाल O , O कौशल O प्रशिक्षण O और O प्रोफेशनल O मैनेजमेंट O संबंधी O कदमों O का O भी O सुझाव O दिया O । O ऐसे O कई O सुधारों O को O 1991 B-NETI से O लागू O किया O गया O , O जिससे O देश O के O बैंकिंग O सेक्टर O के O प्रदर्शन O और O ताकत O में O सुधार O हुआ O । O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O लिए O आर्थिक O सर्वेक्षण O के O तहत O 28,01.2021 B-NETI को O जारी O पहले O न्यूनतम O आवश्यकता O सूचकांक O के O अनुसार O आवास O , O पानी O , O स्वच्छता O , O बिजली O और O खाना O पकाने O के O लिए O स्वच्छ O ईंधन O जैसी O न्यूनतम O आवश्यकताओं O की O उपलब्धता O , O देश O के O सभी O राज्यों O में O 2012 B-NETI की O तुलना O में O 2018 B-NETI में O बेहतर O हुई O है O । O मिसाल O के O तौर O पर O बैंकिंग O सिस्टम O के O उधारी O की O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O हिस्सेदारी O 1990 B-NETI में O 51.5 B-NEN फीसदी O थी O , O तो O 2000 B-NETI में O बढ़कर O 53.4 B-NEN फीसदी O हो O गई O । O साल O 2000 B-NETI में O चीन B-NEL में O यह O अनुपात O 133 B-NEN फीसदी O , O मलेशिया B-NEL में O 143 B-NEN फीसदी O और O थाईलैंड B-NEL में O 122 B-NEN फीसदी O था O । O साल O 2000 B-NETI में O बैंकिंग O सुधार O से O जुड़ी O कई O कमेटियां O बनाई O गईं O और O इसके O बाद O और O सुधारों O को O आगे O बढ़ाया O गया O । O 1947 B-NETI - O द O स्टोरी O ऑफ O रिहैबिलिटेशन O 1947 B-NETI में O भारतीय O उपमहाद्वीप O के O इतिहास O में O सबसे O बड़ा O सामूहिक O प्रवासन O देखा O गया O । O यह O योजना O आरंभ O में O चार B-NEN राज्यों O में O अगस्त B-NETI 2019 I-NETI में O शुरू O की O गई O थी O और O बहुत O ही O कम O समय O में O दिसंबर B-NETI 2020 I-NETI तक O 32 B-NEN राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O में O इसे O लागू O कर O दिया O गया O । O इन O शरणार्थियों O को O भोजन O , O वस्त्र O और O आश्रय O जैसी O बुनियादी O सुविधाएं O प्रदान O करने O के O कठिन O कार्य O को O अंजाम O देने O के O लिए O , O सितंबर B-NETI 1947 I-NETI में O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O एक B-NEN अलग O राहत B-NEO और I-NEO पुनर्वास I-NEO मंत्रालय I-NEO बनाया O गया O था O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O , O एनपीए O में O सरकारी O बैंकों O की O हिस्सेदारी O 88 B-NEN फीसदी O थी O । O आज़ादी O के O 75 B-NETI वर्ष I-NETI यानी O अमृत O महोत्सव O के O पावन O अवसर O पर O निश्चय O ही O यह O पुस्तक O पाठकों O को O उस O कठिन O समय O में O वापस O ले O जाएगी O जिससे O 20वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O हुई O सबसे O बड़ी O त्रासदियों O में O से O एक B-NEN को O समझने O में O मदद O मिलेगी O । O दूसरे O शब्दों O में O कहें O तो O सरकारी O बैंकों O का O एनपीए O मार्च B-NETI 2015 I-NETI में O 2.78 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O था O , O जो O जून B-NETI 2017 I-NETI में O बढ़कर O 7.33 B-NEN लाख I-NEN हो O गया O । O अप्रैल B-NETI 2020 I-NETI से I-NETI फरवरी I-NETI 2021 I-NETI के O बीच O ओ O एन O ओ O आर O सी O के O अंतर्गत O लगभग O 15.4 B-NEN करोड़ I-NEN पोर्टेबिलिटी O ट्रांजैक्शंस O रिकॉर्ड O किए O गए O । O ये O रेशियो O 2016 B-NETI में O नकारात्मक O दायरे O में O चले O गए O । O मोटे O तौर O पर O भारत B-NEL के O नवगठित O गणराज्य O के O शुरुआती O 15 B-NETI वर्षों I-NETI की O अवधि O की O दास्तान O है O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O सभी O व्यावसायिक O बैंकों O का O एनपीए O 6.1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O था O । O मार्च B-NETI 2008 I-NETI और O मार्च B-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O बैंकों O का O स्ट्रेस्ड O कर्ज O कुल O कर्ज O के O 3.5 B-NEN फीसदी O से O बढ़कर O 12.1 B-NEN फीसदी O हो O गया O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2016 I-NETI - I-NETI 17 I-NETI की O पहली O छमाही B-NETI में O बैंकों O के O टैक्स O के O बाद O मुनाफे O में O साल O दर O साल O आधार O पर O गिरावट O आई O । O भूचुंबकत्व O के O क्षेत्र O में O महत्वपूर्ण O अनुसंधान O 19वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O शुरू O हुआ O । O जनवरी B-NETI 2017 I-NETI में O औद्योगिक O क्षेत्र O की O कर्ज O ग्रोथ O में O 5.1 B-NEN फीसदी O की O गिरावट O हुई O थी O , O जबकि O जनवरी B-NETI 2016 I-NETI में O इसमें O 5.6 B-NEN फीसदी O की O बढ़ोतरी O हुई O थी O । O भारतीय B-NEO भू I-NEO - I-NEO चुंबकत्व I-NEO संस्थान I-NEO ( B-NEO इंडियन I-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO जिओमैग्नेटिज्म I-NEO - I-NEO आईआईजी I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O करीब O दो B-NETI शताब्दी I-NETI पहले O की O गई O थी O । O ये O शर्ते O जनवरी B-NETI 2019 I-NETI से O अमल O में O आएंगी O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2015 I-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O इंद्रधनुष O प्लान O के O तहत O बैंकों O के O पुनर्पूजीकरण O के O जरिये O एनपीए O में O भारी O बढ़ोतरी O और O अर्थव्यवस्था O पर O इसके O खराब O असर O को O स्वीकार O किया O गया O था O । O उसने O स्वर्ण O जयंती O ग्राम O स्वराज O योजना O ( O एसजीएसवाई O ) O का O पुनर्गठन O कर O वित्त O वर्ष O 2010 B-NETI - I-NETI 11 I-NETI में O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O - O नेशनल O रूरल O लाइवलीहुड O मिशन O ( O एनआरएलएम O ) O शुरू O किया O । O इससे O निपटने O के O लिए O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O बैंकों O को O फिर O से O पूंजी O मुहैया O कराने O के O लिए O 24 B-NETI अक्टूबर I-NETI को O 2.1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O के O प्लान O का O ऐलान O किया O । O दो B-NETI वर्ष I-NETI तक O , O 1904 B-NETI से I-NETI 1906 I-NETI तक O कोलाबा B-NEL और O अलीबाग B-NEL - O दोनों B-NEN जगहों O पर O एक B-NEN साथ O गणना O लेते O हुए O सूचकांकों O की O निरंतरता O बनाए O रखी O गई O । O नाबार्ड B-NEO के O राज्य O पर O केंद्रित O पत्र O ( O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI ) O में O कई O ऐसे O मुद्दों O का O जिक्र O किया O गया O है O जो O आजीविका O के O अवसरों O के O लिये O समुदाय O आधारित O हस्तक्षेप O की O पृष्ठभूमि O के O तौर O पर O काफी O प्रासंगिक O हैं O । O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL राज्य I-NEL में O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O वर्ष O 2008 B-NETI से O ही O मजबूत O किया O जाने O लगा O था O जिसका O पहला O कदम O जिला O स्तर O पर O कर O प्रणाली O से O जुड़े O मामलों O को O लेकर O ई O - O परिश्कारम O पोर्टल O को O लॉन्च O करके O शुरू O किया O गया O था O । O उदाहरण O के O लिए O संस्थागत O ऋण O हासिल O करने O की O बात O करें O तो O सांख्यिकी B-NEO एवं I-NEO कार्यक्रम I-NEO क्रियान्वयन I-NEO मंत्रालय I-NEO के O 2013 B-NETI में O कराए O गए O घरेलू O संपत्ति O एवं O ऋणग्रस्तता O सर्वेक्षण O के O अनुसार O 20 B-NEN प्रतिशत O परिवारों O पर O गैर O - O संस्थागत O ऋणदाताओं O का O कर्ज O बकाया O था O , O जबकि O शहरी O भारत B-NEL में O ऐसे O परिवार O केवल O 10 B-NEN प्रतिशत O थे O । O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O के O तहत O 2022 B-NETI तक O राज्य O के O शहरी O क्षेत्रों O में O 7.64 B-NEN लाख I-NEN परिवारों O को O मकान O मुहैया O कराने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O । O पिछले B-NETI दो I-NETI वर्षों I-NETI में O 2.30 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O युवा O इस O योजना O का O लाभ O उठा O चुके O हैं O । O गुजरात B-NEL में O पिछले B-NETI चार I-NETI वर्षों I-NETI में O दो B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O युवकों O और O युवतियों O को O सरकारी O सेवाओं O में O नियुक्त O किया O गया O है O । O गैर O - O आरक्षित O विद्यार्थियों O को O महाविद्यालय O में O अध्ययन O के O लिये O 2020 B-NETI तक O चार B-NEN प्रतिशत O की O ब्याज O दर O से O अधिकतम O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ऋण O की O सुविधा O मुहैया O करायी O गयी O है O । O शोध O योजना O के O तहत O शोधार्थियों O को O अनुसंधान O के O लिये O दो B-NETI वर्षो I-NETI तक I-NETI 15 B-NEN हजार I-NEN रुपये O प्रति O माह O की O सहायता O दी O जाती O है O । O गुजरात B-NEL में O 2001 B-NETI में O विश्वविद्यालयों O की O संख्या O सिर्फ O नौ B-NEN थी O जो O 2021 B-NETI में O बढ़कर O 83 B-NEN हो O गयी O है O । O जनता O के O स्वास्थ्य O को O तरजीह O देते O हुए O पिछले B-NETI पांच I-NETI वर्षों I-NETI में O चिकित्सा O की O पढ़ाई O में O 2170 B-NEN सीटों O का O इजाफा O किया O गया O है O । O पिछले B-NETI पांच I-NETI वर्षों I-NETI में O नये O चिकित्सा O महाविद्यालय O खोले O गये O हैं O । O आतंकवादी O गतिविधियों O पर O लगाम O कसने O के O लिये O 2019 B-NETI से O गुजरात B-NEL आतंकवाद O और O संगठित O अपराध O नियंत्रण O कानून O में O उम्र O कैद O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इसी O तरह O जमीन O हड़पने O की O गतिविधियों O की O रोकथाम O के O लिये O राज्य O सरकार O ने O गुजरात B-NEL भूमि O कब्जा O प्रतिबंध O कानून O 2020 B-NETI को O लागू O किया O है O । O पिछले B-NETI दो I-NETI वर्षों I-NETI में O 2 B-NEN करोड़ I-NEN 31 O लाख B-NEN घरों O में O पानी O उपलब्ध O कराया O गया O है O । O 2019 B-NETI तक O , O आबादी O के O 93 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O लोगों O को O बुनियादी O पीने O के O पानी O को O पहुंचाने O में O सफलता O प्राप्त O की O है O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O सफल O कार्यान्वयन O के O बाद O , O सरकार O ने O अपने O जल O जीवन O मिशन O के O माध्यम O से O 2024 B-NETI तक O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O 806 B-NEN से O छह B-NETI साल I-NETI आगे O हर O घर O को O सुरक्षित O और O पर्याप्त O पानी O उपलब्ध O कराने O के O लिए O जो O एक B-NEN नया O मिशन O शुरू O किया O है O , O वह O अति O सराहनीय O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O - O 2017 B-NETI जो O केवल O सुरक्षित O पेयजल O और O स्वच्छता O को O एक B-NEN क्रॉस O - O सेक्टोरल O लक्ष्य O के O रूप O में O ही O पहचानी O नहीं O जाती O है O अपितु O पानी O और O स्वच्छता O से O संबंधित O बीमारियों O को O खत्म O करने O की O आवश्यकताओं O पर O भी O बल O देती O है O । O ऐसा O अनुमान O है O कि O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O अपनी O शुरुआत O के O बाद O से O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O 37 B-NEN मिलियन I-NEN से O अधिक O ग्रामीण O परिवारों O को O घरेलू O नल O का O जल O कनेक्शन O प्रदान O किया O है O । O दोपहर O भोजन O योजना O - O इसे O मध्याह्न O भोजन O योजना O भी O कहते O हैं O , O नामांकन O बढ़ाने O , O उन्हें O बनाए O रखने O और O उपस्थिति O के O साथ O - O साथ O बच्चों O के O बीच O पोषण O स्तर O सुधारने O के O दृष्टिकोण O के O साथ O प्राथमिक O शिक्षा O के O लिए O राष्ट्रीय O पोषण O सहयोग O कार्यक्रम O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 1995 I-NETI से O शुरू O किया O गया O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2013 I-NETI के O दौरान O राष्ट्रीय O आय O के O लेखा O - O जोखा O के O दौरान O कीमती O वस्तुओं O के O वर्ग O में O , O जिसमें O स्वर्ण O और O दूसरी O कीमती O धातुयें O शामिल O थीं O का O जीडीपी O में O महज O 2.5 B-NEN प्रतिशत O का O योगदान O था O , O जो O देश O में O स्वर्ण O की O प्रचुर O मात्रा O में O उपलब्धता O के O मुक़ाबले O बहुत O ही O कम O है O । O वर्ष O 1997 B-NETI - I-NETI 98 I-NETI के O अंत O तक O एनपी O - O एनएसपीई O को O देश O के O सभी O ब्लॉकों O में O लागू O कर O दिया O गया O । O 2002 B-NETI में O इसे O बढ़ाकर O न O केवल O सरकारी O , O सरकारी O सहायता O प्राप्त O और O स्थानीय O निकायों O के O स्कूलों O की O कक्षा O एक B-NEN से O पांच B-NEN तक O के O बच्चों O तक O किया O गया O बल्कि O ईजीएस O और O केंद्रों O में O पढ़ O रहे O बच्चों O को O भी O इसके O अंतर्गत O शामिल O कर O लिया O गया O । O संयुक्त O राष्ट्र O की O राष्ट्रीय O लेखा O प्रणाली O 1993 B-NETI ( O यूएनएसएनए O ) O के O तहत O जीडीपी O के O व्यय O पक्ष O में O एक B-NEN अलग O वस्तु O के O रूप O में O कीमती O चीजों O को O पेश O किया O गया O है O । O वर्ष O 1995 B-NETI से O प्रदेश O के O प्राथमिक O विद्यालयों O ( O कक्षा O 1 B-NEN से O 5 B-NEN तक O ) O में O बच्चों O को O मध्यान्ह O भोजन O दिये O जाने O का O निर्णय O राज्य O सरकार O द्वारा O लिया O गया O , O जिसके O अन्तर्गत O पूर्वी O जनपदों O में O से O खाद्यान्न O भेजा O जायेगा O उसमें O चावल O की O मात्रा O 2/3 B-NEN तथा O गेहूँ O की O मात्रा O 1/3 B-NEN रखी O जाय O । O उक्त O खाद्यान्न O वर्ष O के O 10 B-NEN माहों O ( O मई B-NETI तथा O जून B-NETI को O छोड़कर O ) O में O प्रत्येक O छात्र O को O 100 B-NEN ग्राम O प्रतिदिन O अर्थात O प्रति O माह O 3 B-NEN कि०ग्रा० O की O दर O से O निःशुल्क O उपलब्ध O कराया O जाता O है O । O यूएनएसएनए O 1993 B-NETI के O अंतर्गत O स्वर्ण O को O तीन B-NEN वर्गों O में O वर्गीकृत O किया O गया O है O । O 1995 B-NETI से I-NETI 2002 I-NETI प्रति O बच्चा O 3 B-NEN कि0 O ग्रा0 O अन्न O प्रतिमाह O वितरित O किया O गया O था O । O 2003 B-NETI से I-NETI 2004 I-NETI 10 B-NEN जिलों O के O 30 B-NEN प्रखण्डों O 2532 B-NEN विद्यालयों O में O प्रयोग O के O तौर O पर O तैयार O भोजन O का O वितरण O । O 1 B-NETI जून I-NETI 2005 I-NETI से O तैयार O भोजन O व्यवस्था O का O सर्वव्यापीकरण O एवं O वर्ग O के O सभी O बच्चों O के O लिए O लागू O । O 1 B-NETI मार्च I-NETI 2008 I-NETI से O वर्ग O VI B-NEN से O वर्ग O VIII B-NEN के O बच्चों O के O लिए O भी O मध्याह्नन O भोजन O की O व्यवस्था O । O यूएनएसएनए O 1993 B-NETI के O तहत O कीमती O सामानों O को O सकल O पूंजी O निर्माण O ( O जीसीएफ O ) O के O तहत O रखा O जाता O है O , O जिससे O जीसीएफ O का O प्रतिशत O बढ़ O जाता O है O , O लेकिन O बचत O और O निजी O अंतिम O उपभोग O व्यय O ( O पीएफसीई O ) O कम O हो O जाता O है O । O केंद्रीय O बैंक O ने O वर्ष B-NETI 2011 I-NETI में O जारी O अपने O वर्किंग O पेपर O में O इस O खामी O को O उजागर O किया O था O । O इसी O तर्ज O पर O अंतर्राष्ट्रीय O मुद्रा O कोष O ( O आईएमएफ O ) O के O भुगतान O संतुलन O मैन्युअल O बीपीएस O 02 B-NETI में O स्वर्ण O को O मौद्रिक O और O गैर O - O मौद्रिक O वर्ग O में O वर्गीकृत O किया O गया O है O , O लेकिन O स्वर्ण O आभूषण O का O वर्गीकरण O गैर O - O मौद्रिक O वर्ग O में O नहीं O करके O उत्पाद O आयात O के O तहत O किया O गया O है O । O * O परीक्षार्थी O को O तीन B-NETI घंटे I-NETI में O दो B-NEN लेख O लिखने O होते O हैं O । O लिहाजा O , O यूएनएसएनए B-NEO 1993 B-NETI की O संकल्पना O को O भारतीय O संदर्भ O में O समीचीन O नहीं O कहा O जा O सकता O है O , O क्योंकि O भारत B-NEL में O स्वर्ण O को O लेकर O रीति O - O रिवाज O एवं O प्राथमिकताएं O अलग O हैं O । O पृष्ठभूमि O नामांकन O बढ़ाने O , O उन्हें O बनाए O रखने O और O उपस्थिति O के O साथ O - O साथ O बच्चों O के O बीच O पोषण O स्तर O सुधारने O के O दृष्टिकोण O के O साथ O प्राथमिक O शिक्षा O के O लिए O राष्ट्रीय O पोषण O सहयोग O कार्यक्रम O 15 B-NETI अगस्त I-NETI 1995 I-NETI से O शुरू O किया O गया O । O वर्ष O 1997 B-NETI - I-NETI 98 I-NETI के O अंत O तक O एनपी B-NEO - O को O देश O के O सभी O ब्लॉकों O में O लागू O कर O दिया O गया O । O 2002 B-NETI में O इसे O बढ़ाकर O न O केवल O सरकारी O , O सरकारी O सहायता O प्राप्त O और O स्थानीय O निकायों O के O स्कूलों O के O कक्षा O एक B-NEN से O पांच B-NEN तक O के O बच्चों O तक O किया O गया O बल्कि O ईजीएस B-NEO और O एआईई B-NEO केंद्रों O में O पढ़ O रहे O बच्चों O को O भी O इसके O अंतर्गत O शामिल O कर O लिया O गया O । O इसलिए O , O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O 3 B-NETI महीने I-NETI की O गतिविधि O - O आधारित O स्कूल O तैयारी O मॉड्यूल O की O सिफारिश O की O गई O है O ताकि O बच्चे O ग्रेड O के O लिए O तैयार O हो O जाएं O । O सितंबर B-NETI 2004 I-NETI में O , O इस O योजना O में O संशोधन O कर O सरकारी O , O सहायता O प्राप्त O स्कूलों O और O ईजीएम B-NEO / O एआईई B-NEO केंद्रों O में O पढ़ाई O कर O रहे O कक्षा O एक B-NEN से O पांच B-NEN तक O के O सभी O बच्चों O को O 300 B-NEN कैलोरी O और O 8 B-NEN - O 10 B-NEN ग्राम O प्रोटीन O वाला O पका O हुआ O मध्याह्न O भोजन O प्रदान O करने O की O व्यवस्था O की O गई O । O इस O सिफारिश O के O अनुसार O , O एनसीईआरटी B-NEO ने O निपुण O भारत B-NEL मिशन O के O अभिन्न O अंग O के O रूप O में O 3 B-NETI महीने I-NETI का O खेल O आधारित O ' O स्कूल O तैयारी O मॉड्यूल O ' O - O विद्या O प्रवेश O , O विकसित O किया O है O जिसे O राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O द्वारा O ग्रेड O 1 B-NEN में O प्रवेश O करने O वाले O बच्चों O की O आवश्यकता O के O अनुसार O अनुकूलित O किया O जा O सकता O है O या O अपनाया O जा O सकता O है O । O जुलाई B-NETI , I-NETI 2006 I-NETI में O रसोई O लागत O में O सहायता O देने O के O लिए O फिर O इस O योजना O में O संशोधन O किया O गया O जो O इस O प्रकार O है O - O ( O क O ) O उत्तर O पूर्व O क्षेत्र O के O राज्यों O के O लिए O प्रति O बालक O / O स्कूल O दिवस O हेतु O 1.80 B-NEN रुपये O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO तथा O शेष O .20 B-NEN प्रति O बालक O / O स्कूल O दिवस O राज्य O देगें O और O ( O ख O ) O अन्य O राज्यों O तथा O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O लिए O केंद्रीय O सहायता O 1.50 B-NEN रुपये O प्रति O बालक O / O स्कूल O दिवस O तथा O बाकी O .50 B-NEN रुपये O प्रति O बालक O / O स्कूल O दिवस O संबंधित O राज्य O और O केंद्रशासित O प्रदेश O मुहैया O कराएंगे O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI : O अब O तक O की O यात्रा O और O आगे O का O रास्ता O निपुण O भारत B-NETI मिशन O ( O राष्ट्रीय O समझ O और O संख्यात्मकता O के O साथ O पढ़ने O में O प्रवीणता O के O लिए O पहल O ) O के O माध्यम O से O मूलभूत O पठन O । O पोषक O तत्वों O से O भरपूर O पका O हुआ O मध्याह्न O भोजन O पोषण O सामग्री O एनपी B-NEO - O एनएसपीई B-NEO , O 2004 B-NETI के O मुताबिक O नियम O एनपी B-NEO - O एनएसपीई B-NEO , O 2006 B-NETI के O संशोधित O नियम O कैलोरी O 300 B-NEN 450 I-NEN प्रोटीन O 8 B-NEN - O 12 B-NEN 12 I-NEN सूक्ष्म O आहार O निर्धारित O नहीं O आयरन O , O फोलिक O एसिड O , O विटामिन O - O ए O इत्यादि O सूक्ष्म O आहारों O की O पर्याप्त O मात्रा O संशोधित O योजना O के O भाग O एससीबी B-NEO के O मार्च B-NETI 2017 I-NETI तक O उद्योगों O का O स्ट्रेस्ड O एडवांस O रेशो O लगभग O 23 B-NEN फीसदी O था O जबकि O कृषि O , O सेवा O , O और O खुदरा O क्षेत्र O के O लिए O यह O अनुपात O क्रमशः O 6.3 B-NEN फीसदी O , O 7 B-NEN फीसदी O और O 2.1 B-NEN फीसदी O था O । O पिछले O 6 B-NETI वर्षों I-NETI में O , O इस O दिशा O में O कई O कदम O उठाए O गए O हैं O । O जेजेएम O का O मकसद O सतत O विकास O लक्ष्य O - O 6 B-NEN को O हासिल O करने O के O लिये O निर्धारित O समय O सीमा O से O छह B-NEN साल O पहले O ही O 2024 B-NETI तक O सभी O ग्रामीण O घरों O में O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O की O व्यवस्था O करना O है O । O इसके O लिए O 10 B-NETI - I-NETI 12 I-NETI घंटे I-NETI रोजाना O पढ़ाई O करनी O चाहिए O । O कुछ O लोग O दावा O कर O सकते O हैं O कि O वे O 18 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI घंटे I-NETI तक O पढ़ाई O करते O थे O । O यह O अधिनियम O 30 B-NETI जनवरी I-NETI 1990 I-NETI से O भारत B-NEL में O लागू O हो O गया O । O जिनके O पास O सिविल O सर्विसेज़ O की O परीक्षा O में O शामिल O होने O के O लिए O 2 B-NETI - I-NETI 3 I-NETI साल I-NETI का O वक्त O बचा O है O उन्हें O तुरंत O तैयारी O शुरू O कर O देनी O चाहिए O । O अभूतपूर्व O विपत्ति O के O इस B-NETI काल I-NETI में O हमारे O चारों B-NEN ओर O कष्ट O , O वेदना O , O दुःख O , O मृत्यु O और O स्वजनों O के O बिछोह O की O कालिमा O छाई O है O । O ऊपर O वर्णित O अत्याचार O के O अपराधों O के O लिये O दोषी O व्यक्ति O को O छः B-NETI माह I-NETI से O पाँच B-NETI साल I-NETI तक O की O सजा O , O अर्थदण्ड O ( O फाइन O ) O के O साथ O प्रावधान O है O । O सभी O स्कूलों O , O आंगनवाड़ी O केन्द्रों O और O आश्रमशालाओं O में O पीने O , O दोपहर O का O भोजन O पकाने O , O हाथ O धोने O और O शौचालय O में O इस्तेमाल O के O लिये O पर्याप्त O मात्रा O में O पेयजल O की O नल O के O जरिए O आपूर्ति O सुनिश्चित O करने O के O लिये O दो B-NETI अक्टूबर I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI से O 100 B-NETI दिनों I-NETI का O एक B-NEN अभियान O चलाया O गया O । O यदि O वह O मिथ्या O साक्ष्य O के O आधार O पर O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O किसी O ऐसे O अपराध O के O लिये O दोषी O सिद्ध O कराता O है O जिसमें O सजा O सात B-NETI वर्ष I-NETI या O उससे O अधिक O है O तो O वह O जुर्माने O सहित O सात B-NETI वर्ष I-NETI की O सजा O से O दण्डनीय O होगा O । O उसे O छः B-NETI माह I-NETI से O एक B-NETI साल I-NETI तक O की O सजा O दी O जा O सकती O है O । O * O आज़ादी O के O बाद O से O अगस्त B-NETI 2019 I-NETI तक O 3.23 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O घरों O में O नलों O का O कनेक्शन O था O , O लेकिन O एक B-NETI साल I-NETI के O अंतराल O में O 3.04 B-NEN करोड़ I-NEN नये O कनेक्शन O जोड़े O गए O । O 2015 B-NETI में O भारत B-NEL का O प्राइवेट O क्रेडिट O - O जीडीपी O अनुपात O 50.2 B-NEN फीसदी O था O , O जबकि O चीन B-NEL और O ब्राजील B-NEL का O यह O आंकड़ा O क्रमशः O 140 B-NEN फीसदी O और O 71 B-NEN फीसदी O रहा O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O , O टॉप O 10 B-NEN बैंकों O ( O संपत्तियों O के O हिसाब O से O रैंकिंग O ) O का O सिस्टम O की O कुल O संपत्तियों O में O 58 B-NEN फीसदी O हिस्सा O था O । O 1991 B-NETI के O बाद O पूर्णकालिक O बैंकिंग O के O लिए O सिर्फ O 14 B-NEN लाइसेंस O दिए O गए O हैं O । O इसके O उलट O अमेरिका O में O 1976 B-NETI से O 2009 B-NETI के O बीच O सालाना O 130 B-NEN नए O बैंक O वजूद O में O आए O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O , O देश O की O कुल O बैंकिंग O संपत्तियों O में O विदेशी O बैंकों O की O हिस्सेदारी O 6 B-NEN फीसदी O थी O । O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI बनाये O गए O इस O कोड O का O इस्तेमाल O लगभग O 300 B-NEN खातों O का O समाधान O करने O के O लिए O किया O जा O रहा O है O । O इनमें O से O 12 B-NEN खाते O बड़े O एनपीए O खाते O हैं O जिनका O मूल्य O लगभग O 2.25 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O है O , O को O आरबीआई B-NEO ने O इस B-NETI वर्ष I-NETI जून B-NETI में O नेशनल B-NEO कंपनी I-NEO लॉ I-NEO ट्राइब्यूनल I-NEO ( O एनसीएलटी B-NEO ) O को O भेजा O था O । O यदि O बैंक O और O चूककर्ता O कंपनी O स्वयं O समाधान O करने O को O तैयार O हो O जाते O हैं O तो O इस B-NETI महीने I-NETI के O अंत O में O एनसीएलटी B-NEO को O 29 B-NEN कंपनियों O की O एक B-NEN और O सूची O भेजे O जाने O का O अनुमान O है O । O जुलाई B-NETI में O जारी O क्रिसिल B-NEO की O रिपोर्ट O इंगित O करती O है O कि O 50 B-NEN बडे O दवाबपूर्ण O खातों O का O समाधान O करने O के O लिए O बैंकों O को O 2,40,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O अथवा O 60 B-NEN प्रतिशत O कटौती O करनी O होगी O । O इस B-NETI वर्ष I-NETI 31 B-NETI मार्च I-NETI तक O की O स्थिति O के O अनुसार O कुल O एनपीए O में O इन O क्षेत्रों O का O लगभग O पचास B-NEN फीसदी O हिस्सा O है O । O हाल O में O गठित O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO केन्द्र O द्वारा O प्रायोजित O इस O कार्यक्रम O को O राज्यों O के O सहयोग O से O लागू O कर O रहा O है O और O इसमें O 2024 B-NETI तक O नल O से O जल O और O हर O घर O जल O उपलब्ध O कराने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O । O दरअसल O इस O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O एक B-NETI साल I-NETI की O छोटी O - O सी O अवधि O में O ही O 3.77 B-NEN करोड़ I-NEN परिवारों O को O पाइपलाइनों O के O जरिए O जल O आपूर्ति O के O कनेक्शन O दिये O गये O हैं O । O इसी O तरह O , O दक्षिण B-NEL कोरिया I-NEL ने O 1990 B-NETI के O दशक O के O आखिर O में O पूर्वी O एशियाई O देशों O में O आए O वित्तीय O संकट O के O बाद O फाइनेंशियल O सुपरवाइजरी O सर्विस O ( O एफएसएस O ) O का O गठन O किया O , O ताकि O उनके O बैंकों O की O बेहतर O तरीके O से O देखरेख O हो O सके O । O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO के O तहत O गोवा B-NEL और I-NEL तेलंगाना B-NEL शत B-NETI - O प्रतिशत O परिवारों O को O पानी O के O कनेक्शन O देकर O क्रमशः O प्रथम B-NEN और O द्वितीय B-NEN स्थान O पर O रहे O हैं O । O आज B-NETI की O तारीख O में O 52 B-NEN जिलों O , O 669 B-NEN विकास O खंडों O , O 42,000 B-NEN ग्राम B-NEO पंचायतों I-NEO और O 82 B-NEN हजार I-NEN गांवों O ने O हर O घर O जल O का O लक्ष्य O प्राप्त O कर O लिया O है O । O इसके O लिए O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समिति O / O पानी O समिति O का O गठन O करना O होता O है O जो O पेयजल O स्रोत O सुदृढीकरण O , O जल O आपूर्ति O , O अवजल O प्रबंधन O और O संचालन O व O रखरखाव O के O बारे O में O पंचवर्षीय B-NETI ग्राम B-NEO कार्य I-NEO योजना I-NEO तैयार O करती O है O ताकि O गाँव O के O लोगों O को O नियमित O आधार O पर O बिना O किसी O व्यवधान O के O नलों O के O जरिए O पानी O की O सुनिश्चित O आपूर्ति O हो O । O सामाजिक O सुरक्षा O के O संबंध O में O आजाद O भारत B-NEL के O शुरुआती O कानूनों O में O से O एक B-NEN 1948 B-NETI का O कर्मचारी O राज्य O बीमा O अधिनियम O है O । O जल्द O ही O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O समाज O के O आर्थिक O रूप O से O कमज़ोर O तबकों O के O लिए O कल्याण O तथा O सामाजिक O सुरक्षा O की O कुछ O योजनाएं O चलानी O आरंभ O कर O दीं O किंतु O ग्रामीण O जनता O के O लिए O आजीविका O / O आय O गारंटी O की O महत्वाकांक्षी O तथा O विशेष O योजना O 2005 B-NETI में O ही O शुरू O की O गई O । O देश O में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O में O ऐतिहासिक O तौर O पर O ( O खास O तौर O पर O 1990 B-NETI के O दशक O से O ) O प्रतिस्पर्धा O बढ़ाने O , O गवर्नेंस O और O नियमन O को O मजबूत O करने O पर O ध्यान O रहा O है O । O सरकार O ने O 30 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O मास्क O के O बारे O में O परामर्श O जारी O किया O । O प्रधानमंत्री B-NEO कार्यालय I-NEO ने O कोरोना O टीके O ( O वैक्सीन O ) O के O अनुसंधान O और O विकास O तथा O इनसे O संबंधित O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O के O विषयों O पर O 14 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O टीका O कार्य O बल O - O वैक्सिन O टास्क O फोर्स O ( O वीटीएफ O ) O गठित O किया O । O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O मनरेगा O में O 15.54 B-NEN करोड़ I-NEN सक्रिय O श्रमिक O दर्ज O किए O गए O ; O 352.91 B-NEN करोड़ I-NEN व्यक्ति O दिवस O सृजित O हुए O ; O 51.58 B-NEN करोड़ I-NEN डीबीटी O लेनदेन O हुए O ; O 7.18 B-NEN करोड़ I-NEN परिवारों O को O लाभ O मिला O ; O और O व्यक्तिगत O श्रेणी O के O 2.27 B-NEN करोड़ I-NEN कार्य O हुए O । O 2011 B-NETI में O आरंभ O किया O गया O मिशन O ग्रामीण O निर्धन O महिलाओं O को O स्वयं O सहायता O समूहों O ( O एसएचजी O ) O में O इकट्ठा O कर O ग्रामीण O निर्धनता O दूर O करने O का O प्रयास O करता O है O । O फरवरी B-NETI 2022 I-NETI को O यह O मिशन O 28 B-NEN राज्यों O और O 6 B-NEN केंद्रशासित O प्रदेशों O के O 707 B-NEN ज़िलों O में O 6,789 B-NEN ब्लॉकों O में O क्रियान्वित O किया O जा O रहा O है O । O 20 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O हुई O वीटीएफ B-NEO की O दूसरी O बैठक O में O ही O भारत B-NEO बायोटेक I-NEO , O सीरम B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO , O जाइडस B-NEO कैडिला I-NEO , O बायोलॉजिकल B-NEO ई I-NEO और O मिनवैक्स B-NEO की O प्रस्तुतियों O की O व्यवस्था O की O गयी O । O जनवरी B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI के O पहले O हफ्ते O में O कोविड O - O 19 O के O दो B-NEN भारतीय O टीकों O - O सीरम B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO के O कोविशील्ड O और O भारत B-NEO बायोटेक I-NEO के O कोवैक्सिन O को O आपातकालीन O इस्तेमाल O के O लिये O मंजूरी O दे O दी O गयी O । O ये O टीके O कोविड O - O 19 O को O वैश्विक O महामारी O घोषित O किये O जाने O के O नौ B-NETI महीने I-NETI बाद O ही O रिकॉर्ड O समय O में O उपलब्ध O हो O चुके O थे O । O जाइडस B-NEO कैडिला I-NEO के O स्वदेशी O जाइकोव O - O डी O टीके O को O अगस्त B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O आपातकालीन O इस्तेमाल O की O इजाजत O मिलने O के O बाद O भारत B-NEL की O इस O छवि O में O और O निखार O आया O है O । O जब O मैंने O काम O शुरू O किया O था O , O 5 B-NETI जनवरी I-NETI 2009 I-NETI को O , O पहले B-NETI दिन I-NETI से O ही O परिस्थितियां O बहुत O हिला O देने O वाली O थीं O क्योंकि O मेरा O क्लासरूम O पहले O एक B-NEN गाय O के O बाड़े O में O होता O था O । O मैं O यह O देख O सदमे O में O था O कि O भारत B-NEL में O आज B-NETI भी O ऐसे O स्कूल O हैं O ! O भारत B-NEL में O इस O समय O कापीराइट O ( O प्रतिलिप्यधिकार O या O कृतिस्वाम्य O ) O की O जो O व्यवस्था O है O वह O 1957 B-NETI के O प्रतिलिप्यधिकार O अधिनियम O और O उसके O अंतर्गत O बनाए O गए O नियमों O द्वारा O परिचालित O होती O है O । O अप्रैल B-NETI 01 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI इसके O पूर्व O भारत -NEL में O 1914 B-NETI में O जो O कापीराइट O एक्ट O बना O था O वह O बहुत O कुछ O ब्रिटेन B-NEL के O इंपीरियल O कापीराइट O एक्ट O ( O 1911 B-NETI ) O पर O आधारित O था O । O ब्रिटेन B-NEL का O यह O कानून O और O उसके O नियम O , O जो O भारतीय O स्वाधीनता O अधिनियम O के O अनुच्छेद O 18 B-NEN ( O 3 B-NEN ) O के O अनुसार O अनुकूलित O कर O लिए O गए O थे O , O 1957 B-NETI तक O चलते O रहे O । O 1957 B-NETI में O नया O कानून O बनने O पर O पुराना O कानून O निरस्त O हो O गया O । O प्रतिलिप्यधिकार O के O संबंध O में O यह O अंतरराष्ट्रीय O दृष्टि O से O सबसे O पहली O महत्वपूर्ण O संधि O है O , O जिसे O बर्न O या O इंटरनेशनल O कॉनवेंशन O कहते O हैं O , O यह O संधि O सन O 1886 B-NETI में O हुई O । O कोविड O से O संबंधित O कठिनाइयों O के O बावजूद O , O पिछले B-NETI साल I-NETI गहन O द्विपक्षीय O गतिविधियां O हुई O जिसमें O प्रथम O 2 B-NEN + O 2 B-NEN बैठक O और O 21वां O वार्षिक O शिखर O सम्मेलन O शामिल O थे O । O सबसे O अंतिम O अंतरराष्ट्रीय O समझौता O 1955 B-NETI में O हुआ O जिसे O यूनिवर्सल O कापीराइट O कॉनवेंशन O कहते O हैं O । O और O पिछले B-NETI दो I-NETI दशकों I-NETI में O उस O संबंध O में O एक B-NEN वास्तविक O परिवर्तन O आया O है O । O फलतः O - O राष्ट्रसंघ O की O संबद्ध O संस्था O यूनेस्को B-NEO ( O शिक्षा O - O विज्ञान O - O संस्कृति O - O संघटन O ) O ने O मामले O को O अपने O हाथ O में O लिया O और O 1949 B-NETI में O यह O निश्चय O किया O गया O कि O संस्था O इस O प्रश्न O का O तत्काल O समाधान O निकाले O । O अंत O में O इसने O विश्वव्यापी O प्रतिलिप्यधिकार O समझौता O तैयार O किया O जो O 6 B-NETI सितंबर I-NETI 1952 I-NETI से O चार B-NETI मास I-NETI तक O सदस्य O देशों O द्वारा O समझौते O के O लिये O खुला O रहा O । O समझौता O 16 B-NETI सितंबर I-NETI 1955 I-NETI से O लागू O हुआ O । O 1. O किसी O लेखक O या O कलाकार O को O एक B-NEN निश्चित O अवधि O के O लिये O , O जैसे O उसके O जीवन O भर O तथा O 25 B-NETI वर्ष I-NETI तक O , O उसकी O रचना O के O निमित्त O संरक्षण O मिलना O चाहिए O । O भारतीय O पक्ष O में O , O हमारी O 2020 B-NETI की O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O शिक्षा O में O अंतर्राष्ट्रीय O सहयोग O पर O विचार O करती O है O , O वास्तव O में O प्राथमिकता O देती O है O । O लेकिन O यदि O पिछले O अनुवाद O के O प्रकाशन O से O सात B-NETI वर्ष I-NETI बाद O तक O अनुवाद O प्रकाशित O करनेवाले O ने O उसे O प्रकाशित O नहीं O किया O है O तो O उस O राज्य O की O सरकार O दूसरी O संस्था O को O अनुवाद O प्रकाशित O करने O के O लिये O लाइसेंस O दे O सकती O है O । O वाशिंगटन B-NEL डीसी I-NEL अप्रैल B-NETI 12 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI 12 B-NETI दिसंबर I-NETI 2015 I-NETI को O पेरिस B-NEL में O इसे O सीओपी O - O 21 B-NEN ( O संबद्ध O पक्षों O की O 21वीं O बैठक O - O कॉन्फ्रेंस O ऑफ O पार्टीज़ O - O 21 B-NEN ) O में O 196 B-NEN पक्षकारों O ने O पारित O किया O और O 4 B-NETI नवंबर I-NETI 2016 I-NETI से O यह O लागू O हो O गई O । O तापमान O कम O करने O के O इस O दीर्घकालीन O लक्ष्य O की O प्राप्ति O के O लिए O , O सम्बद्ध O देशों O को O जल्दी O से O जल्दी O अपने O ग्रीन O हाउस O गैसों O के O उत्सर्जन O के O स्तर O की O तय O सीमाओं O पर O अमल O करना O होगा O ताकि O 21वीं B-NETI सदी I-NETI के O मध्य O तक O विश्व O के O तापमान O में O वृद्धि O का O दौर O समाप्त O हो O जाए O । O रचनाकार O को O प्रतिलिप्यधिकार O उसके O जीवन O भर O तथा O उसकी O मृत्यु O के O बाद O उसके O उत्तराधिकारी O को O 50 B-NETI वर्ष I-NETI तक O प्राप्त O रहेगा O । O इसके O अंतर्गत O , O संबद्ध O देशों O को O 5 B-NETI साल I-NETI तक I-NETI निरंतर O बढ़ते O लक्ष्यों O के O साथ O जलवायु O परिवर्तन O की O कार्य O - O योजनाओं O पर O अमल O करना O होगा O । O इन O देशों O को O 2020 B-NETI तक O , O राष्ट्रीय O स्तर O पर O निर्धारित O अपने O - O अपने O योगदानों O ( O एनडीसी O ) O की O कार्य O - O योजना O प्रस्तुत O करनी O है O । O खेल O डॉक्टरों O और O डॉक्टरों O के O पारिश्रमिक O को O एक B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI से O बढ़ाकर O दो B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI तक O कर O दिया O गया O है O । O हेड O फिजियोथेरेपिस्ट O और O फिजियोथेरेपिस्ट O के O पारिश्रमिक O को O 80,000 B-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI से O बढ़ाकर O क्रमश: O 2 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI तक O और O 1.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति B-NETI माह I-NETI तक O कर O दिया O गया O है O । O पेरिस B-NEL समझौते O में O पक्षकार O देशों O से O कहा O गया O है O कि O अपने O - O अपने O देशों O के O लिए O ग्रीन O हाउस O गैसों O का O उत्सर्जन O घटाने O की O दीर्घकालीन O कार्यनीतियां O ( O लॉन्गटर्म O लो O एमिशन O डेवलपमेंट O स्ट्रेटेजीज़ O - O एलटी O - O एलईडीज़ O ) O बनाएं O और O उनकी O जानकारी O 2020 B-NETI तक O एनडीसी O के O साथ O - O साथ O दें O । O ईटीएफ़ O की O शुरूआत O 2024 B-NETI में O होगी O । O पिछले B-NETI साल I-NETI राजीव O गांधी O खेल O रत्न O पुरस्कार O का O नाम O बदलकर O मेजर O ध्यानचंद O खेल O रत्न O पुरस्कार O कर O दिया O गया O था O । O अर्जुन O पुरस्कार O : O अर्जुन O पुरस्कार O की O शुरुआत O 1961 B-NETI में O हुई O थी O । O यह O पुरस्कार O लगातार O 4 B-NETI साल I-NETI तक O बेस्ट O प्रदर्शन O करने O वाले O खिलाड़ियों O को O दिया O जाता O है O । O द्रोणाचार्य O पुरस्कार O : O साल B-NETI 1985 I-NETI में O द्रोणाचार्य O पुरस्कार O की O शुरुआत O हुई O थी O । O द्रोणाचार्य O पुरस्कार O केवल O उन O कोचों O को O मिलता O है O , O जिन्होंने O लगातार O तीन B-NETI सालों I-NETI तक O घरेलू O और O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O शानदार O ट्रेनिंग O का O काम O किया O हो O । O जनवरी B-NETI 2007 I-NETI में O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O प्रक्षेपित O किये O गये O , O एसआरई B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR ने O अपने O वैज्ञानिक O प्रयोगों O के O साथ O 2 B-NETI दिनों I-NETI के O लिए O पृथ्वी O की O परिक्रमा O की O और O बंगाल B-NEL की I-NEL खाड़ी I-NEL के O ऊपर O सफलतापूर्वक O डीआर्बिट O और O रिकवर O कर O लिया O गया O । O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O 22 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2008 I-NETI को O प्रक्षेपित O किया O गया O , O 1380 B-NEN किलोग्राम O का O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR अंतरिक्ष O यान O तीन B-NETI हफ्तों I-NETI में O सफलतापूर्वक O चंद्रमा B-NEL पर O पहुंचा O दिया O गया O और O उसे O चंद्रमा O के O आसपास O की O कक्षा O में O स्थापित O कर O दिया O गया O । O 14 B-NETI नवंबर I-NETI 2008 I-NETI को O , O जब O एक B-NEN टीवी O सेट O के O आकार O का O मून B-NEAR इम्पैक्ट I-NEAR प्रोब I-NEAR , O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR अंतरिक्ष O यान O से O अलग O हुआ O और O चंद्रमा B-NEL की O सतह O पर O सफलतापूर्वक O पहुंचा O , O तो O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL , O पूर्व B-NEL सोवियत I-NEL संघ I-NEL और O जापान B-NEL के O बाद O चंद्रमा B-NEL की O सतह O पर O प्रोब O भेजने O वाला O भारत B-NEL चौथा O देश O बन O गया O । O 5 B-NETI नवंबर I-NETI 2013 I-NETI को O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O प्रक्षेपित O किया O गया O , O 1340 B-NEN किलोग्राम O का O मंगल B-NEAR ऑर्बिटर I-NEAR अंतरिक्ष I-NEAR यान I-NEAR 24 B-NETI सितंबर I-NETI 2014 I-NETI को O मंगल B-NEL पर O पहुंचा O । O उच्चाधिकार O प्राप्त O समिति O द्वारा O विभिन्न O स्तरों O पर O प्राथमिकता O वाले O खेल O विषयों O में O चिन्हित O प्रतिभावान O खिलाड़ियों O को O 8 B-NETI वर्षो I-NETI तक O प्रतिवर्ष B-NETI 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O की O वित्तीय O सहायता O प्रदान O की O जाएगी O । O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O सितंबर B-NETI 2015 I-NETI में O प्रक्षेपित O किया O गया O एस्ट्रोसेट B-NEAR पहला O समर्पित O भारतीय O खगोल O विज्ञान O अभियान O है O जिसका O उद्देश्य O एक्स O - O रे O , O ऑप्टिकल O और O यूवी O स्पेक्ट्रल O बैंड O में O आकाशीय O स्रोतों O का O एक B-NEN साथ O अध्ययन O करना O है O । O यह O कहावत O बच्चों O के O शुरुआती B-NETI वर्षों I-NETI में O उनकी O देखभाल O को O लेकर O काफी O सटीक O है O । O भारत O परिषद O अधिनियम O ( O इंडिया O कॉउंसिल्स O एक्ट O ) O , O वर्ष O १९०९ B-NETI में O ब्रिटिश O संसद O द्वारा O पारित O एक B-NEN अधिनियम O था O , O जिसे O ब्रिटिश O भारत B-NEL में O स्वशासित O शासन O प्रणाली O स्थापित O करने O के O लक्ष्य O से O पारित O किया O गया O था O । O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O पढ़ाई O की O दिशा O में O सरकार O पिछले O कई B-NETI दशकों I-NETI से O काम O कर O रही O है O । O इसकी O पहल O महिला B-NEO और I-NEO बाल I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O तहत O एकीकृत O बाल O विकास O सेवाओं O ( O 1975 B-NETI ) O के O जरिये O की O गई O है O , O जिसके O तहत O प्री O - O स्कूल O और O अनौपचारिक O शिक्षा O के O स्तर O पर O स्वास्थ्य O से O लेकर O पोषण O तक O कई O तरह O की O सेवाएं O उपलब्ध O कराई O जाती O हैं O । O ग्लोबल O एंटरप्रन्योरशिप O समिट O 2017 B-NETI ग्लोबल O एंटरप्रन्योरशिप O समिट O ( O जीईएस O ) O का O आयोजन O दक्षिण B-NEL एशिया I-NEL में O पहली O बार O हैदराबाद B-NEL , O भारत B-NEL में O 28 B-NETI - I-NETI 30 I-NETI नवंबर I-NETI 2017 I-NETI को O किया O गया O । O अर्थव्यवस्था O के O कुल O सकल O मूल्यवर्धन O ( O जीवीए O ) O में O कृषि O और O संबद्ध O क्षेत्रों O का O हिस्सा O लंबे O समय O से O 18 B-NEN प्रतिशत O रहा O था O , O जो O सुधरकर O 20.2 B-NEN प्रतिशत O ( O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI ) O और O हाल O ही O में O 18.8 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O अपने O उद्घाटन O भाषण O में O प्रधानमंत्री O ने O संयुक्त B-NEL राष्ट्र I-NEL अमरीका I-NEL की O सरकार O की O सहभागिता O से O ग्लोबल O एंटरप्रेन्योरशिप O समिट O 2017 B-NETI की O सह O - O मेजबानी O पर O हर्ष O व्यक्त O किया O । O भारत B-NEL में O खेती O में O छोटे O तथा O सीमांत O किसानों O ( O क्रमशः O 1 B-NEN हेक्टेयर O से O कम O तथा O 1 B-NEN से O 2 B-NEN हेक्टेयर O के O बीच O ज़मीन O ) O का O बाहुल्य O है O , O जिनकी O संख्या O देश O के O कुल O किसानों O में O लगभग O 86 B-NEN प्रतिशत O है O मगर O जिनके O पास O फसल O रकबे O का O केवल O 47.3 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O है O ( O 10वीं O कृषि O जनगणना O , O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI ) O । O साथ O ही O राष्ट्रीय O नमूना O सर्वेक्षण O ( O 77वां O दौर O , O 2019 B-NETI ) O के O अनुसार O भारत B-NEL में O 50.2 B-NEN प्रतिशत O कृषक O परिवार O कर्ज O में O हैं O और O एक B-NEN औसत O परिवार O पर O वार्षिक O आय O के O 60 B-NEN प्रतिशत O के O बराबर O कर्ज O चढ़ा O है O । O जुलाई B-NETI 2018 I-NETI से I-NETI जून I-NETI 2019 I-NETI के O बीच O एक B-NEN कृषक O परिवार O की O वार्षिक O आय O 1.23 B-NEN लाख I-NEN रुपये O थी O और O औसत O कर्ज O 71,100 B-NEN रुपये O था O । O * O मैं O भारत B-NEL के O अपने O युवा O उद्यमी O मित्रों O से O कहना O चाहूंगा O कि O आप O सब O में O ऐसी O अमूल्य O प्रतिभा O है O कि O आप O 2022 B-NETI तक O न्यू O इंडिया B-NEL के O निर्माण O में O अपना O बहुमूल्य O योगदान O दे O सकते O हैं O । O प्रत्येक O परिवार O के O पास O ज़मीन O का O औसत O आकार O 2003 B-NETI में O 0.725 B-NEN हेक्टेयर O था O , O जो O 2013 B-NETI में O घटकर O 0.592 B-NEN हेक्टेयर O और O 2019 B-NETI में O केवल O 0.512 B-NEN हेक्टेयर O रह O गया O है O । O 1909 B-NETI के O सुधारों O से O भारतीय O राजनैतिक O प्रश्न O का O न O कोई O हल O हो O सकता O था O न O ही O इससे O वह O निकला O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI : O एक B-NEN विश्लेषण O सरकार O ने O विगत O चार B-NETI वर्षों I-NETI में O कई O प्रमुख O संरचनागत O बदलाव O किए O हैं O जिनके O परिणामस्वरूप O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O जीडीपी O में O 6.75 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O । O अनुमान O है O कि O यह O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O 7.5 B-NEN प्रतिशत O बढ़ेगा O । O वास्तव O में O 1909 B-NETI के O सुधारों O का O मुख्य O उद्देश्य O उदारवादियों O को O दिग्भ्रमित O कर O राष्ट्रवादी O दल O में O फूट O डालना O तथा O साम्प्रदायिक O निर्वाचन O प्रणाली O को O अपनाकर O राष्ट्रीय O एकता O को O विनष्ट O करना O था O । O नवंबर B-NETI 2016 I-NETI में O विमुद्रीकरण O तथा O 1 B-NETI जुलाई I-NETI 2017 I-NETI को O संशोधित O वस्तु O व O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O , O नए O दिवालिया O कानून O की O शुरुआत O , O आधार O कार्ड O का O कार्यान्वयन O , O एफडीआई O का O उदारीकरण O , O दबावयुक्त O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O को O मजबूत O करने O के O लिए O रु. O 88,000 B-NEN करोड़ I-NEN के O प्रमुख O पुनर्पूंजीकरण O पैकेज O के O कार्यान्वयन O से O उत्तरार्ध्द O में O अर्थव्यवस्था O में O विकास O देखा O गया O । O 7.2 B-NEN प्रतिशत O की O आर्थिक O संवृद्धि O , O स्थिर O मुद्रास्फीति O ( O 6 B-NETI वर्षों I-NETI में O सबसे O कम O ) O व O मौद्रिक O समेकन O , O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O आर्थिक O परिदृश्य O में O सूक्ष्म O आर्थिक O स्थिरता O व O 14.1 B-NEN प्रतिशत O की O संवृद्धि O दर O को O दर्शाता O 409.4 B-NEN बिलियन I-NEN डॉलर्स O की O मजबूत O विदेशी O विनिमय O आरक्षिती O , O 1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O विनिवेश O से O प्रभावी O है O । O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI के O संशोधित O अनुमान O से O इसमें O 2.1 B-NEN प्रतिशत O की O गिरावट O हुई O है O । O हालांकि O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O बिजली O व O पानी O की O सुविधा O उपलब्ध O कराकर O महिला O सशक्तिकरण O , O किसानों O की O आय O को O बढ़ाने O , O कृषि O संबंधी O उत्पादन O को O बढ़ाने O , O कृषि O संबंधी O प्रतिरोध O क्षमता O को O मजबूत O करने O , O शिक्षा O व O स्वास्थ्य O सुविधाओं O के O विस्तार O , O रोजगार O सृजन O व O निवेश O व O निर्यात O को O बढ़ावा O देने O व O गरीबी O उन्मूलन O संबंधी O प्रधानमंत्री O की O आकांक्षाओं O को O पूरा O करने O की O दिशा O में O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI के O दौरान O 275.7 B-NEN मिलियन I-NEN टन O के O अच्छे O खाद्यान्न O व O 300 B-NEN मिलियन I-NEN टन O के O फल O उत्पादन O के O बावजूद O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O अर्थव्यवस्था O कृषि O की O निम्न O संवृद्धि O 2.1 B-NEN प्रतिशत O जैसी O चुनौतियों O का O सामना O कर O रही O है O । O मौजूदा O बजट O गत B-NETI चार I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O हुए O संरचनागत O बदलावों O व O उपलब्धियों O के O परिपार्श्व O में O है O और O अर्थव्यवस्था O की O चुनौतियों O के O मद्देनजर O यह O कृषि O , O ग्रामीण O विकास O , O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O , O रोजगार O व O एमएसएमई O तथा O आधारभूत O संरचना O क्षेत्रों O को O मजबूत O करने O के O प्रधानमंत्री O के O मिशन O से O निर्देशित O है O । O 1909 B-NETI के O सुधारों O से O जनता O को O केवल O ‘ O नाममात्र O ’ O सुधार O ही O प्राप्त O हुये O , O वास्तविक O रूप O से O कुछ O नहीं O । O इस B-NETI साल I-NETI का O बजट O भारत B-NEL को O 2.5 B-NEN ट्रिलियन I-NEN अर्थव्यवस्था O के O रूप O में O चिह्नित O करता O है O । O 1909 B-NETI के O सुधारों O से O जनता O ने O कुछ O और O ही O चाहा O था O उन्हें O कुछ O और O ही O मिला O । O विशेषकर O वैसी O महिलाओं O का O जिनका O गर्भ O डेढ़ B-NETI महीने I-NETI का O या O अंतिम O मासिक O धर्म O के O पहले B-NETI दिन I-NETI से I-NETI 49वें I-NETI दिन I-NETI तक O यानि O 7 B-NETI सप्ताह I-NETI तक O का O हो O । O पहली O दवा O के O दो B-NETI दिन I-NETI के I-NETI बाद I-NETI दूसरी O दवा O ( O मिसो O ) O दी O जाती O है O । O 48वां O भारतीय O अंतरराष्ट्रीय O फिल्म O महोत्सव O - O आईएफएफआई O 20 B-NETI - I-NETI 30 I-NETI नवंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O बड़ी O धूमधाम O से O मनाया O गया O जिसमें O भारत B-NEL और O दुनिया O की O सर्वश्रेष्ठ O फिल्में O प्रदर्शित O की O गईं O । O 2015 B-NETI में O भारत B-NEL का O प्राइवेट O क्रेडिट O - O जीडीपी O अनुपात O 50.2 B-NEN फीसदी O था O , O जबकि O चीन B-NEL और O ब्राजील B-NEL का O यह O आंकड़ा O क्रमशः O 140 B-NEN फीसदी O और O 71 B-NEN फीसदी O रहा O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O , O टॉप O 10 B-NEN बैंकों O ( O संपत्तियों O के O हिसाब O से O रैंकिंग O ) O का O सिस्टम O की O कुल O संपत्तियों O में O 58 B-NEN फीसदी O हिस्सा O था O । O 1991 B-NETI के O बाद O पूर्णकालिक O बैंकिंग O के O लिए O सिर्फ O 14 B-NEN लाइसेंस O दिए O गए O हैं O । O इसके O उलट O अमेरिका B-NEL में O 1976 B-NETI से I-NETI 2009 I-NETI के O बीच O सालाना O 130 B-NEN नए O बैंक O वजूद O में O आए O । O 1990 B-NETI के O दशक O के O फ्रांस B-NEL की O पृष्ठभूमि O पर O बनी O यह O फिल्म O समलैंगिकता O और O एड्स O की O महामारी O पर O आधारित O है O । O मार्च B-NETI 2016 I-NETI के O मुताबिक O , O देश O की O कुल O बैंकिंग O संपत्तियों O में O विदेशी O बैंकों O की O हिस्सेदारी O 6 B-NEN फीसदी O थी O । O भारतीय B-NEO दिवाला I-NEO और I-NEO दिवालियापन I-NEO बोर्ड I-NEO ( O आईबीबीआई B-NEO ) O ने O 7 B-NETI दिसंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI को O भारत B-NEL के O राजपत्र O में O आईबीबीआई B-NEO ( O प्रतिवेदन O और O शिकायत O समाधान O प्रक्रिया O ) O विनियम O , O 2017 O को O अधिसूचित O किया O है O । O ये O विनियम O 7 B-NETI दिसंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI से O प्रभावी O हुए O हैं O । O इसी O तरह O , O दक्षिण B-NEL कोरिया I-NEL ने O 1990 B-NETI के I-NETI दशक I-NETI के O आखिर O में O पूर्वी O एशियाई O देशों O में O आए O वित्तीय O संकट O के O बाद O फाइनेंशियल O सुपरवाइजरी O सर्विस O ( O एफएसएस O ) O का O गठन O किया O , O ताकि O उनके O बैंकों O की O बेहतर O तरीके O से O देखरेख O हो O सके O । O इससे O बहुत O पहले O , O कम O से O कम O लगभग O 1000 B-NETI वर्ष O पहले O भारत B-NEL में O मुक्त O रूप O से O अनुवाद O किया O जा O रहा O था O । O देश O में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O में O ऐतिहासिक O तौर O पर O ( O खास O तौर O पर O के B-NETI दशक I-NETI से O ) O प्रतिस्पर्धा O बढ़ाने O , O गवर्नेंस O और O नियमन O को O मजबूत O करने O पर O ध्यान O रहा O है O । O इसी O अवधि O में O और O 1947 B-NETI तक O एक B-NEN बहुत O ही O अनोखे O प्रकार O के O साहित्य O , O स्वतंत्रता O साहित्य O का O उदय O हुआ O । O हालांकि O उन्होंने O अर्थव्यवस्था O में O अलग O - O अलग O भूमिका O निभायी O है O , O परन्तु O वर्ष B-NETI 2010 I-NETI से O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O क्रेडिट O वृद्धि O ने O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O मामले O में O वृद्धि O को O निरंतर O पीछे O छोड़ O दिया O है O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O जमा O राशि O का O प्रतिशत O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2007 I-NETI में O 20 B-NEN प्रतिशत O की O तुलना O में O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI में O बढ़कर O 24 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O पिछले B-NETI 10 I-NETI वर्षों I-NETI में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O बाजार O हिस्सेदारी O में O वृद्धि O के O लिए O योगदान O देने O वाले O कारक O मुख्य O रूप O से O दो B-NEN प्रकार O के O हैं O : O 1967 B-NETI में O एक B-NEN विस्तृत O मॉडल O में O उन्होंने O कॉमन O - O वैल्यू O नीलामी O में O सूचना O असममिति O की O भूमिका O की O व्याख्या O की O थी O । O इसके O विपरीत O नए O युग O के O ज्यादातर O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O किसी O भी O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O से O वंचित O थे O क्योंकि O वे O 2000 B-NETI के I-NETI दशक I-NETI में O अपने O विस्तार O के O बाद O उदारीकरण O के O बाद O के O युग O में O पैदा O हुए O थे O । O वर्ष B-NETI 2012 I-NETI में O क्रेडिट O में O केवल O 18 B-NEN प्रतिशत O हिस्सेदारी O होने O के O बावजूद O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O पीओएस B-NEAR मशीनों I-NEAR को O लगाकर O अपनी O पहुंच O का O विस्तार O करना O शुरू O कर O दिया O था O , O जहां O 2012 B-NETI में O उनका O 80 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O था O । O निजी O बैंकों O के O लिए O सीआई O लगातार O गिरती O जा O रही O है O , O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2016 I-NETI में O 47 B-NEN प्रतिशत O से O घटकर O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI में O 43 B-NEN प्रतिशत O रही O । O 1994 B-NETI में O एफसीसी O स्पेक्ट्रम O ने O नीलामी O के O अपेक्षित O मूल्य O ( O जो O कि O 20 B-NEN बिलियन I-NEN डॉलर O था O ) O को O दो B-NEN बार O सफलतापूर्वक O बढ़ाया O था O , O और O वर्ष O 2000 B-NETI में O यूनाइटेड B-NEL किंग्डम I-NEL द्वारा O थ्री B-NEN जी O स्पेक्ट्रम O को O 34 B-NEN बिलियन I-NEN डॉलर O तक O बढ़ाया O गया O था O । O वर्ष O 2008 B-NETI में O यू. B-NEL के. I-NEL द्वारा O रेडियो O स्पेक्ट्रम O लाइसेंस O की O बिक्री O के O लिए O सीसीए O के O स्वीकरण O के O बाद O कई O देशों O ने O इसका O अनुसरण O किया O , O जिसमें O ऑस्ट्रिया B-NEL , O ऑस्ट्रेलिया B-NEL , O कनाडा B-NEL , O डेनमार्क B-NEL , O आयरलैंड B-NEL , O द B-NEL नीदरलैंड्स I-NEL , O , O स्लोवाकिया B-NEL और O स्वीटजरलैंड B-NEL शामिल O हैं O । O हालांकि O पिछले B-NETI एक I-NETI दशक I-NETI के O दौरान O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O निजी O क्षेत्र O में O अपने O साथियों O को O पीछे O छोड़ O दिया O है O जबकि O हाल O ही O में O सरकार O द्वारा O किये O गये O ढांचागत O सुधारों O से O निश्चित O रूप O से O बेहतर O प्रदर्शन O करने O वाले O बैंकों O को O उनकी O स्थिति O को O समेकित O करने O में O मदद O मिलेगी O । O * O गवर्नेंस O से O संबंधित O सुधार O जैसे O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O की O स्थापना O , O सीएमडी O के O पद O को O गैर O - O कार्यकारी O अध्यक्ष O और O सीईओ O में O विभाजित O करना O और O सीईओ O ( O 5 B-NETI साल I-NETI ) O के O लिए O लंबे O कार्यकाल O की O सिफारिश O से O दीर्घकाल O में O निपुणता O में O सुधार O होने O की O उम्मीद O है O । O वर्ष B-NETI 2025 I-NETI तक O भारत O दुनिया O की O चौथी O सबसे O बड़ी O अर्थव्यवस्था O बनने O की O उम्मीद O के O साथ O निम्न O 4 B-NEN कारक O बैंकिंग O परिदृश्य O को O निर्धारित O करेंगे O : O - O 2021 B-NETI आईआईजी B-NEO का O स्वर्ण O - O जयंती O वर्ष O है O । O 1971 B-NETI में O इस O संस्था O को O भू O - O चुंबकीय O अनुसंधान O का O स्वतंत्र O कार्यभार O दिया O गया O और O तभी O से O इसकी O गौरव O - O यात्रा O प्रारंभ O हुई O । O वित्त O मंत्री O ने O कहा O कि O पिछले B-NETI तीन I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O सरकार O के O नीति O निर्माण O का O मुख्य O उद्देश्य O नौकरी O के O अवसरों O का O निर्माण O तथा O रोजगार O के O सृजन O में O सहायता O करना O रहा O है O । O उन्होंने O कहा O कि O आने B-NETI वाले I-NETI तीन I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O सरकार O सभी O क्षेत्रों O में O संलग्नक O नए O कर्मचारियों O के O 12 B-NEN प्रतिशत O वेतन O का O कर्मचारी O भविष्य O निधि O ( O ईपीएफ O ) O में O योगदान O करेगी O । O एमएसएमई O पर O कर O के O बोझ O को O कम O करने O तथा O बड़े O पैमाने O पर O रोजगार O सृजन O के O लिए O वित्त O मंत्री O ने O वित्तीय O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 250 B-NEN करोड़ I-NEN रुपयों O से O कम O का O उत्पादन O करने O वाली O कंपनियों O को O 25 B-NEN प्रतिशत O की O घटी O हुई O दर O के O लाभ O देने O के O उपायों O की O घोषणा O भी O की O । O उन्होंने O कहा O , O ' O महिलाओं O के O रोजगार O के O पहले B-NETI तीन I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O उनके O कर्मचारी O अंशदान O को O 12 B-NEN प्रतिशत O की O मौजूदा O दर O से O घटाकर O 8 B-NEN प्रतिशत O अथवा O 10 B-NEN प्रतिशत O करने O का O प्रस्ताव O किया O गया O है O जिसमें O कर्मचारी O भविष्य O निधि O एवं O विविध O प्रावधान O अधिनियम O , O 1952 B-NETI में O नियोक्ता O के O अंशदान O में O कोई O परिवर्तन O नहीं O होगा O । O इस O संबंध O में O , O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O लिए O मुद्रा O के O तहत O ऋण O देने O हेतु O 3 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपयों O का O लक्ष्य O निर्धारित O करने O का O प्रस्ताव O किया O चूंकि O पिछले O सभी O वर्षों O में O ऋण O की O राशि O लक्ष्य O की O तुलना O में O अधिक O रही O है O । O मेरे O हिसाब O से O 21वीं B-NETI शताब्दी I-NETI में O भविष्य O की O शांति O और O सौहाद्र O वर्तमान O जीवन O की O कुछ O मौलिक O वास्तविकताओं O से O संबंधित O है O : O अब O इन O योजनाओं O के O लिए O आम O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O बड़ा O बदलाव O करने O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O । O इसके O बाद O 1980 B-NETI और O 1991 B-NETI के O बीच O भारतीय O उद्योगों O की O उत्पादकता O में O इजाफे O तथा O विनिर्माण O ( O मैनुफैक्चरिंग O ) O और O पूंजीगत O सामान O क्षेत्र O में O सुधार O की O बदौलत O उद्योग O इस O गिरावट O से O उबर O गये O । O वर्ष O 1991 B-NETI में O आर्थिक O उदारीकरण O की O शुरुआत O के O बाद O अनेक O सुधार O किये O गये O जिन्होंने O भारतीय O उद्योगों O के O भविष्य O को O संवारने O में O सहायता O की O । O विश्व B-NEO बैंक I-NEO की O व्यवसाय O सुगमता O रिपोर्ट O , O 2020 B-NETI में O भारत B-NEL का O स्थान O 190 B-NEN देशों O के O बीच O 63वां O है O । O उसने O 2014 B-NETI और O 2019 B-NETI के O बीच O इस O रैंकिंग O में O 79 B-NEN पायदानों O की O छलांग O लगायी O है O । O भारत B-NEL का O 2014 B-NETI की O इस O रिपोर्ट O में O 142वां O स्थान O था O । O आज B-NETI प्रकृति O और O विश्व O शांति O दोनों B-NEN ही O खतरे O में O हैं O । O निर्माण O के O लिये O अनुमति O जारी O करने O भारत B-NEL की O रैंकिंग O 2014 B-NETI में O 184वीं O से O सुधर O कर O 2019 B-NETI में O 27वीं O हो O गयी O । O इसी O तरह O बिजली O प्राप्त O करने O में O सुगमता O के O लिहाज O से O भारत B-NEL 2014 B-NETI में O 137वें O से O 2019 B-NETI में O 22वें O स्थान O पर O पहुंच O गया O है O । O भारत B-NEL में O विदेशी O प्रत्यक्ष O निवेश O ( O एफडीआई O ) O का O अंतर्वाह O अप्रैल B-NETI , I-NETI 2014 I-NETI और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2019 I-NETI के O बीच O 319 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O रहा O । O इसी O के O मद्देनजर O विधि B-NEO आयोग I-NEO ने O 1998 B-NETI में O तीनों B-NEN कानूनों O को O मिलाकर O एक B-NEN कानून O बनाने O का O सुझाव O दिया O । O वित्त O वर्ष O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O अब O तक O एफडीआई O का O अंतर्वाह O 35.73 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O रहा O । O यह O किसी O भी O वित्त O वर्ष O के O पहले B-NETI पांच I-NETI महीनों I-NETI के O लिये O रिकॉर्ड O है O । O यह O पिछले B-NETI 20 I-NETI वर्षों I-NETI में O कुल O एफडीआई O अंतर्वाह O का O लगभग O 50 B-NEN प्रतिशत O है O । O आज B-NETI मानव O अस्तित्व O को O ग्लोबल O वार्मिग O और O जलवायु O परिवर्तन O से O खतरा O हो O रहा O है O और O इसमें O इतनी O क्षमता O है O कि O दुनिया O के O विभिन्न O हिस्सों O के O अरबों B-NEN लोगों O के O जीवन O और O निवास O स्थान O को O नुकसान O पहुंचा O सकता O है O । O भारत B-NEL में O एफडीआई O का O अंतर्वाह O 2022 B-NETI तक O प्रति O वर्ष O 100 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O हो O जाने O का O अनुमान O है O । O ( O 1 B-NEN ) O वर्ष O 2019 B-NETI में O ब्राजील B-NEL और O ऑस्ट्रेलिया B-NEL के O जंगलों O में O लगी O आग O ( O 3 B-NEN ) O वर्ष O 2002 B-NETI - I-NETI 03 I-NETI में O हांगकांग B-NEL में O सार्स O ( O सीवियर O एक्यूट O रेस्पीरेटरी O सिंड्रोम O ) O महामारी O उद्योग B-NEO और I-NEO आंतरिक I-NEO व्यापार I-NEO संवर्द्धन I-NEO विभाग I-NEO ( O डीपीआईआईटी B-NEO ) O ने O 2016 B-NETI में O शुरू O की O गयी O स्टार्टअप O इंडिया O योजना O के O तहत O दिसंबर B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI तक O 40 B-NEN हजार I-NEN से O ज्यादा O स्टार्टअप O को O मान्यता O दी O । O ( O 5 B-NEN ) O वर्ष O 2020 B-NETI में O कोविड O - O 19 O महामारी O । O वर्ष O 2019 B-NETI में O एमोजोन B-NEL के O वर्षा O जंगलों O ने O आग O की O भीषणता O को O देखा O था O । O अटल O नवाचार O मिशन O जैसी O सरकार O की O प्रमुख O पहलकदमियां O वैश्विक O नवाचार O सूचकांक O में O भारत B-NEL का O स्थान O 2015 B-NETI में O 81वें O से O 2020 B-NETI में O 48वें O तक O पहुंचाने O में O मददगार O साबित O हुई O हैं O । O पुनर्गणना O के O लिए O सिर्फ O वर्ष O 2019 B-NETI में O ही O हमने O पक्षियों O की O तीन B-NEN प्रजातियां O , O दो B-NEN मेंढकों O की O , O एक B-NEN शार्क O की O , O एक B-NEN घोंघा O और O एक B-NEN प्रसिद्ध O स्वच्छ O जल O मछली O को O विलुप्त O घोषित O किया O गया O था O । O वर्ष O 2002 B-NETI - I-NETI 03 I-NETI में O हांगकांग B-NEL में O सार्स O के O प्रकोप O के O कारण O लगभग O 800 B-NEN लोगों O की O मृत्यु O हो O गई O थी O , O और O इसे O विश्व O स्तर O पर O महामारी O घोषित O किया O गया O था O । O इन O सभी O कारणों O से O 2008 B-NETI तक O बैंक O के O तुलनपत्र O काफी O सुदृढ़ O बन O गए O , O संवृद्धि O बहुत O मजबूत O थी O , O एनपीए O 12 B-NEN प्रतिशत O की O सर्वाधिक O ऊंचाई O से O घटकर O 2 B-NEN प्रतिशत O के O आसपास O हो O गई O । O नीति O आयोग O ने O दिसंबर B-NETI , I-NETI 2019 I-NETI में O संवहनीय O विकास O लक्ष्य O ( O एसडीजी O ) O भारत B-NEL सूचकांक O का O दूसरा O संस्करण O जारी O किया O । O वर्ष O 2014 B-NETI में O शुरू O किये O गये O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O जरिये O 11 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O शौचालयों O का O निर्माण O कर O भारत B-NEL पांच B-NETI वर्षों I-NETI में O खुले O में O शौच O की O समस्या O से O मुक्त O हो O गया O है O । O 2015 B-NETI में O शुरू O किये O गये O डिजिटल O इंडिया O अभियान O ने O डिजिटली O तौर O पर O सशक्त O समाज O और O ज्ञान O आधारित O अर्थव्यवस्था O के O गठन O को O सुनिश्चित O किया O है O । O अगले B-NETI 15 I-NETI वर्षों I-NETI में O लगभग O 70 B-NEN मिलियन I-NEN लोग O 60 B-NEN वर्ष O की O आयु O पार O कर O लेंगे O । O आज B-NETI 23 B-NETI वर्षों I-NETI के I-NETI बाद I-NETI क्या O उनकी O भविष्यवाणी O या O पूर्वानुमान O सही O साबित O हुआ O है O ? O इसी O क्रम O में O देखें O तो O जुलाई B-NETI 2014 I-NETI में O पीडब्लूसी -NEO की O एक B-NEN रिपोर्ट O में O " O बैंकिंग O का O भावी O आकार O - O बैंकिंग O और O बैंकों O के O कायाकल्प O का O समय O " O में O मेक्रो O स्तर O पर O उन O पांच B-NEN वैश्विक O प्रवृतियों O की O पहचान O की O गई O थी O , O जिनके O प्रभाव O , O परस्पर O क्रियाएँ O तथा O परस्पर O संघर्ष O विश्व O के O कारोबार O को O पुनः O आकार O दे O रहे O हैं O । O स्थिति O सुधारने O के O बिल्कुल O शुरुआती O प्रयासों O में O नागरिक O घोषणापत्र O शामिल O है O , O जो O 1994 B-NETI में O लाया O गया O था O । O उसके O बाद O 2005 B-NETI में O सूचना O का O अधिकार O ( O आरटीआई O ) O कानून O लागू O किया O गया O । O प्रौद्योगिकी O की O यदि O हम O बात O करें O तो O आज B-NETI हमारे O सामने O यह O स्पष्ट O हो O रहा O है O कि O प्रौद्योगिकी O में O विकास O उतनी O ही O तेजी O से O हो O रहा O है O जिस O तरीके O से O बैंक O और O उनके O ग्राहकों O के O बीच O आपस O में O संव्यवहार O । O उपभोक्ता O व्यवहार O में O भी O देखें O तो O आज B-NETI काफी O हद O तक O बदलाव O आ O चुका O है O । O आज B-NETI हमारे O सामने O युवाओं O की O नई O पीढ़ी O है O जिनकी O उम्मीदें O अलग O - O अलग O हैं O और O बैंकों O के O साथ O अलग O तरीके O से O व्यवहार O करते O हैं O । O वो O बिजनेस O विपणन O या O मार्केटिंग O आधारित O होता O है O जैसे O हर O गली O मुहल्ले O में O खुलती O छोटी O - O छोटी O दुकानें O होती O हैं O जो O अक्सर O दस B-NETI पंद्रह I-NETI साल I-NETI में O आर्थिक O परिस्थितियां O बदलने O से O उनकी O रफ्तार O धीमी O पड़ O जाती O है O । O उस O वक्त O नौजवान O प्रौढ़ O होकर O अपनी O शारीरिक O शक्ति O कम O होने O से O अधिक O ध्यान O नहीं O दे O पाता O है O लेकिन O लघु O एवं O कुटीर O उद्योग O चलाने O वाले O लोग O प्रोडक्शन O से O लेकर O मार्केटिंग O की O सारी O व्यवस्था O में O भागदौड़ O करने O से O लगभग O 70 B-NETI - I-NETI 80 I-NETI साल I-NETI तक O चुस्त O - O दुरुस्त O रहता O है O । O 31 B-NETI मार्च I-NETI 2005 I-NETI संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO ने O रेजुलुशन O 1593 B-NETI पारित O किया O और O 1 B-NETI जुलाई I-NETI 2002 I-NETI तक O के O डारफुर B-NEL में O विद्यमान O स्थिति O से O संबंधित O मामले O को O अभियोजक O के O पास O भेजा O . O 2 B-NETI मई I-NETI 2007 I-NETI को O अदालत O ने O दोनों B-NEN हस्तियों O के O लिए O गिरफ्तारी O वारंट O जारी O किए O । O पर O हमारा O देश O 2020 B-NETI तक O दुनिया O के O सबसे O युवा O देशों O में O से O एक B-NEN होगा O । O जुलाई B-NETI 2009 I-NETI में O अफ्रीकी O संघ O सदस्य O देशों O ने O उनकी O गिरफ्तारी O में O साथ O नहीं O देने O का O फैसला O किया O । O 3 B-NETI फ़रवरी I-NETI 2010 I-NETI को O के O अपील O चैंबर O ने O प्री O - O ट्रायल O चैंबर O के O नरसंहार O के O आरोप O की O नामंजूरी O को O उलट O दिया O , O कहा O कि O ने O सबूत O के O एक B-NEN बहुत O कड़े O मानक O लागू O किए O थे O । O 17 B-NETI मई I-NETI 2009 I-NETI को O ऐसा O पहली O बार O हुआ O कि O एक B-NEN संदिग्ध O स्वेच्छा O से O अदालत O के O समक्ष O पेश O हुआ O । O 1947 B-NETI में O आज़ादी O के O वक्त O यह O बहस O चली O थी O कि O क्या O अंग्रेजों O द्वारा O स्थापित O इंडियन O सिविल O सर्विस O को O खत्म O करके O कोई O नई O व्यवस्था O लाई O जाए O ? O कुल O 2308.80 B-NEN मेगाहर्टज O स्पेक्ट्रम O को O नीलामी O के O लिए O रखा O गया O था O , O जिसमें O वैसे O स्पेक्ट्रम O भी O थे O जो O दिसंबर B-NETI 2021 I-NETI में O समाप्त O होने O वाले O हैं O । O वर्ष O 2016 B-NETI के O स्पेक्ट्रम O जो O बेचे O गए O उनकी O संख्या O 41 B-NEN प्रतिशत O थी O और O नीलामी O के O लिए O रखे O गए O कुल O स्पेक्ट्रम O के O मूल्य O का O यह O 12 B-NEN प्रतिशत O था O । O 2021 B-NETI में O स्पेक्ट्रम O नीलामी O के O संगत O आंकड़े O ( O कॉरस्पांडिंग O फिगर O ) O क्रमशः O 37 B-NEN प्रतिशत O , O और O 19 B-NEN प्रतिशत O थे O , O जिसमें O भागीदारों O की O संख्या O तीन B-NEN थी O । O 23 B-NETI अप्रैल I-NETI 2010 I-NETI को O इस O निर्णय O की O अपील O के O लिए O अभियोजक O के O आवेदन O तक O को O भी O इस O चेम्बर O ने O रद्द O कर O दिया O । O 16 B-NETI जून I-NETI 2010 I-NETI को O दो B-NEN अन्य O बागी O नेता O अदालत O में O स्वेच्छा O से O आए O । O 17 B-NETI जून I-NETI 2010 I-NETI को O उन्हें O पूर्व O जांच O चैंबर O I O में O पेश O किया O गया O जिसमें O कहा O गया O उनके O खिलाफ O मुकदमा O चलाने O के O लिए O उचित O आधार O हैं O । O इसमें O सबसे O बड़ा O बदलाव O वर्ष O 1979 B-NETI में O आया O जब O कोठारी B-NEO समिति I-NEO की O सिफारिशों O को O मानते O हुए O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O परीक्षा O का O नाम O बदलकर O सिविल O सेवा O परीक्षा O किया O गया O और O सभी O भारतीय O भाषाओं O में O उत्तर O देने O की O छूट O दी O गई O । O रिपब्लिक B-NEL ऑफ I-NEL केन्या I-NEL में O 1 B-NETI जून I-NETI 2005 I-NETI और O 26 B-NETI नवम्बर I-NETI 2005 I-NETI के O बीच O हुई O घटना O के O दौरान O कथित O तौर O पर O मानवता O के O खिलाफ O हुए O अपराधों O के O लिए O अभियोजक O द्वारा O अदालत O से O प्रोप्रियो O मोटु O जांच O की O शुरूआत O की O मांग O करने O के O बाद O आईसीसी B-NEO के O पूर्व O जांच O चैंबर O II O ने O बहुमत O से O , O 31 B-NETI मार्च I-NETI 2010 I-NETI को O अभियोजक O के O दरख्वास्त O को O हरी O झंडी O दिखाई O . O 4 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2007 I-NETI तक O कम O से O कम O 139 B-NEN देशों O में O कथित O अपराधों O के O बारे O में O अभियोजक O ने O 2889 B-NEN मामले O प्राप्त O किए O । O जहां O तक O उच्च O शिक्षा O की O बात O है O , O तो O अगले O 4 B-NETI साल I-NETI में O 1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O के O पूंजीगत O खर्च O के O जरिये O एम्स B-NEO समेत O तमाम O उत्कृष्ट O शैक्षिक O संस्थान O तैयार O करने O की O महत्वाकांक्षी O योजना O है O , O जिसकी O फंडिंग O मुख्य O तौर O पर O बजट O के O बाहर O होगी O । O 10 B-NETI फ़रवरी I-NETI 2006 I-NETI को O अभियोजक O ने O 2003 B-NETI में O इराक B-NEL के O आक्रमण O के O विषय O में O प्राप्त O शिकायतों O के O दिए O गए O एक B-NEN जवाब O को O प्रकाशित O किया O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O लघु O और O मध्यम O दर्जे O के O उद्योगों O की O मदद O के O लिए O भी O कई O कार्यक्रमों O का O ऐलान O किया O गया O है O , O जो O रोजगार O तैयार O करने O के O मुख्य O साधन O हैं O । O अगले B-NETI साल I-NETI अवसंरचना O पर O खर्च O की O जाने O वाली O कुल O राशि O 5.97 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O होगी O , O जबकि O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O अनुमानित O खर्च O 4.94 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O है O । O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O लिए O राजकोषीय O घाटे O के O 3.2 B-NEN फीसदी O के O आंकडे O को O संशोधित O कर O 3.5 B-NEN फीसदी O कर O दिया O गया O है O और O अगले B-NETI साल I-NETI के O लिए O यह O आंकड़ा O 3.3 B-NEN फौसदी O रखा O गया O है O । O अगले B-NETI दो I-NETI सालों I-NETI में O ( O अगर O संभव O हुआ O , O तो O सिर्फ O एक B-NETI साल I-NETI में O ) O इसे O 3 B-NEN फीसदी O के O स्तर O पर O ले O जाने O की O योजना O है O । O 2030 B-NETI तक O विश्व O भर O में O कार्बन O उत्सर्जित O करने O वाले O 70 B-NEN प्रतिशत O से O ज्यादा O क्षेत्रों O में O कार्बन O का O उत्सर्जन O बिल्कुल O न O बढ़ने O वाले O समाधान O प्रतिस्पर्धा O में O टिके O रहने O लायक O किफ़ायती O हो O सकेंगे O । O नोटबंदी O और O जीएसटी O के O अच्छे O प्रभाव O के O कारण O हमें O अगले B-NETI साल I-NETI के O लिए O राजस्व O के O सीमित O लक्ष्य O के O मुकाबले O इसमें O और O तेजी O आने O की O उम्मीद O है O । O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंकों O के O माध्यम O से O आज B-NETI खुदरा O बैंकिंग O का O क्षेत्र O ग्रामीण O भारत B-NEL की O तस्वीर O को O बदलने O की O दिशा O में O कारगर O तरीके O से O कार्यशील O है O । O भारतीय B-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O की O स्थापना O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यम O ( O एमएसएमई O ) O क्षेत्र O के O संवर्द्धन O , O वित्तपोषण O और O विकास O तथा O इसी O प्रकार O की O गतिविधियों O में O संलग्न O संस्थाओं O के O कामकाज O में O समन्वय O के O लिए O 02 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 1990 I-NETI को O संसद O के O एक B-NEN अधिनियम O के O अंर्तगत O प्रधान O वित्तीय O संस्था O के O रूप O में O की O गई O थी O । O पेरिस B-NEL समझौते O के O लक्ष्यों O की O पूर्ति O की O शुरुआत O 2021 B-NETI से O होगी O और O जलवायु O परिवर्तन O पर O नियंत्रण O रखने O के O प्रयासों O को O अमल O में O लाने O तथा O इनकी O प्रगति O पर O नज़र O रखने O से O संबंधित O राष्ट्रीय O प्रणालियों O तथा O संस्थागत O व्यवस्थाओं O को O मजबूत O बनाने O में O एआईपीए O की O केंद्रीय O भूमिका O होगी O । O इससे O पहले O , O यानी O ईसा B-NETI पूर्व I-NETI छठी I-NETI शताब्दी I-NETI से O पहले O , O तमिल O में O किसी O विदेशी O शब्द O की O घुसपैठ O नहीं O हुई O है O । O इस O अधिनियम O के O तहत O वर्ष O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O बैंकों O द्वारा O 64,519 B-NEN संपत्तियों O को O जब्त O किया O गया O या O उन O पर O कब्जा O किया O गया O जबकि O जून B-NETI 2017 I-NETI का O यह O आंकड़ा O 33,928 B-NEN है O । O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI के O बजट O भाषण O में O इसकी O घोषणा O की O गई O थी O । O इस O प्रकार O से O देखा O जाय O तो O आज B-NETI ये O सभी O बैंक O अपने O स्थापना O काल O के O उद्देश्यों O , O मान्यताओं O और O संव्यवहारों O की O प्रकृति O से O काफी O विस्तार O पा O चुके O हैं O । O वर्तमान O सरकार O ने O एक O दिसंबर B-NETI , I-NETI 2016 I-NETI को O एक B-NEN सही O कदम O उठाते O हुए O दिवालियापन O के O लिए O एक B-NEN कानून O लागू O किया O जो O आमूलचूल O परिवर्तन O करने O वाला O ( O गेमचेंजर O ) O है O । O आज B-NETI इनका O दायरा O सीमित O नहीं O रहा O और O ये O अपने O ग्राहकों O के O साथ O - O साथ O अपने O क्षेत्रों O में O भी O अधिक O आधुनिक O तरीके O और O विधियों O से O लगातार O जुड़ते O जा O रहे O हैं O । O आज B-NETI यह O एक B-NEN विचारणीय O पहलू O है O कि O क्या O उन्हें O उनके O पूर्ववर्ती O उद्देश्यों O तक O सीमित O किया O जाना O चाहिए O या O बाजार O बलों O की O ताकतों O तथा O प्रकृति O के O भरोसे O छोड़ O देना O चाहिए O ? O आर्टिफिशियल O इंटेलिजेंस O ( O एआई O ) O से O कम O से O कम O एक B-NETI वर्ष I-NETI पहले O अस्सी B-NEN फीसदी O विश्वास O के O साथ O संभावित O डिफॉल्ट O का O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O पिछले B-NETI वर्ष I-NETI में O इसके O उत्थान O और O गहनता O से O पूरे O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL को O लाभ O हुआ O है O । O एक B-NEN , O इसने O आज B-NETI हमें O उस O अस्थिरता O और O अप्रत्याशितता O को O कम O करने O के O लिए O रणनीति O बनाने O में O मदद O की O है O जिसका O दुनिया O वर्तमान O में O अनुभव O कर O रही O है O । O वाशिंगटन B-NEL डीसी I-NEL अप्रैल B-NETI 11 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O 5 B-NETI नवम्बर I-NETI , I-NETI 2013 I-NETI को O प्रमोचित O 1340 B-NEN किलोग्राम O भार O का O मंगल O कक्षित्र O अंतरिक्ष O यान O 24 B-NETI सितम्बर I-NETI , I-NETI 2014 I-NETI को O मंगल O पर O उतरा O । O सितम्बर B-NETI , I-NETI 2015 I-NETI को O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O प्रमोचित O एस्ट्रोसैट O , O भारत B-NEL का O प्रथम O समर्पित O खगोलशास्त्रीय O मिशन O है O , O जिसका O लक्ष्य O एक्स O - O रे O , O ऑप्टिकल O और O यूवी O स्पैक्ट्रल O ब्रांड्स O में O एक B-NEN साथ O खगोलीय O स्रोतों O का O अध्ययन O करना O है O । O चंद्रमा O पर O भारत B-NEL का O दूसरा O मिशन O - O चंद्रयान O - O 2 O मिशन O 22 B-NETI जुलाई I-NETI 2019 I-NETI को O सफलतापूर्वक O प्रमोचित O किया O गया O था O । O हाल O के O दिनों O में O , O सरकार O द्वारा O 2018 B-NETI में O स्वीकृत O " O गगनयान O कार्यक्रम O " O मानव O अंतरिक्ष O अन्वेषण O के O नए O दौर O में O प्रविष्ट O करने O के O साथ O ही O भारतीय O अंतरिक्ष O यात्रा O में O नया O मोड़ O लेकर O आया O । O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O कार्यक्रम O के O दृष्टिकोण O को O कार्यान्वित O करने O के O लिए O इसरो B-NEO में O जनवरी B-NETI , I-NETI 2019 I-NETI में O मानव B-NEO अंतरिक्ष I-NEO उड़ान I-NEO केंद्र I-NEO ( I-NEO एचएसएफसी I-NEO ) I-NEO का O गठन O किया O गया O था O । O इसरो B-NEO ने O जुलाई B-NETI 2018 I-NETI में O मानव O अंतरिक्ष O यान O की O एक B-NEN महत्वपूर्ण O प्रौद्योगिकी O - O पैड O एबॉर्ट O परीक्षण O ( O पीएटी O ) O को O सफलतापूर्वक O प्रदर्शित O किया O । O मानव O संसाधन O में O क्षमता O निर्माण O और O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O की O बढ़ती O मांगों O को O पूरा O करने O के O लिए O 2007 B-NETI में O तिरुअनंतपुरम B-NEL में O डीम्ड O विश्वविद्यालय O - O भारतीय B-NEO अंतरिक्ष I-NEO विज्ञान I-NEO एवं I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO संस्थान I-NEO ( I-NEO आईआईएसटी I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O की O गई O थी O । O इसके O अलावा O , O कोविड O - O 19 O महामारी O के O बीच O , O जून B-NETI 2020 I-NETI में O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O शुरू O किए O गए O ऐतिहासिक O अंतरिक्ष O सुधार O , O भारतीय O अंतरिक्ष O पारिस्थितिकी O तंत्र O के O विकास O की O दिशा O में O महत्वपूर्ण O कदम O हैं O । O 1947 B-NETI में O ब्रिटिश O शासन O से O मुक्ति O के O पश्चात्‌ O भारत B-NEL के O विभाजन O के O साथ O ही O भारतीय B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO का O भी O भारत B-NEL और O पाकिस्तान B-NEL के O नए O शासन O के O बीच O बंटवारा O हो O गया O । O देश O में O अंतरिक्ष O गतिविधियों O का O भविष्य O वास्तव O में O बहुत O उज्ज्वल O दिखाई O दे O रहा O है O और O इनसे O 21वीं B-NETI सदी I-NETI की O अंतरिक्ष O शक्ति O के O रूप O में O भारत B-NEL की O स्थिति O को O मजबूती O मिलेगी O । O आधुनिक O भारतीय B-NEO प्रशासनिक I-NEO सेवा I-NEO का O गठन O भारत B-NEL के O संविधान O के O भाग O 14 B-NEN में O अनुच्छेद O 312 B-NEN ( O दो B-NEN ) O और O अखिल O भारतीय O सेवा O अधिनियम O 1951 B-NETI के O तहत O किया O गया O । O हर O वर्ष O 21 B-NETI अप्रैल I-NETI को O ' O सिविल O सेवा O दिवस O ' O के O रूप O में O मनाया O जाता O है O और O उस O दिन O सिविल O सेवाओं O के O अधिकारियों O को O लोगों O की O सेवा O के O प्रति O समर्पण O का O भाव O रखने O और O अपना O कर्तव्य O पूरी O निष्ठा O के O साथ O बढ़िया O ढंग O से O निभाने O की O बात O याद O दिलाई O जाती O है O । O विभाग O के O अथक O प्रयासों O से O , O कार्य O मानव O - O दिवसों O की O संख्या O अप्रैल B-NETI 2020 I-NETI की O 2.7 B-NEN लाख I-NEN से O लगभग O 10 B-NEN गुना O बढ़कर O मई B-NETI 2020 I-NETI में O 21.7 B-NEN लाख I-NEN हो O गई O । O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O उत्पन्न O मानव O - O दिवसों O की O कुल O संख्या O में O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI की O तुलना O में O 60 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O हुई O । O इस O पर O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI में O कुल O 1241 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O अब O तक O के O सबसे O अधिक O ) O खर्च O किए O गए O थे O । O 2018 B-NETI के O बाद O से O 91 B-NEN प्रतिशत O से O ज्यादा O पंचायतों O ने O आने O वाले O वर्ष O के O लिए O अपनी O - O अपनी O ग्राम O पंचायत O विकास O योजनाएं O सफलतापूर्वक O बनाई O हैं O । O नतीजतन O , O 2017 B-NETI के O बाद O से O राज्य O के O कुल O हरित O क्षेत्र O में O 11363 B-NEN हेक्टेयर O की O वृद्धि O हुई O है O । O इस O अभियान O के O दौरान O स्थानीय O क्षेत्र O योजना O को O सशक्त O बनाया O गया O है O और O अगले B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI यानी O 2022 B-NETI - I-NETI 23 I-NETI की O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O तैयार O करने O के O लिए O गांवों O के O स्तर O पर O ग्राम O सभा O बैठकें O आयोजित O की O गई O हैं O । O लगभग O 46 B-NEN लाख I-NEN केद्रीय O कर्मचारियों O को O कार्यक्रम O से O जोड़ने O में O 2020 B-NETI - O 21 -NETI से O 2024 B-NETI - O 25 B-NETI तक O की O पांच B-NEN साल O अवधि O में O 510 B-NEN करोड़ I-NEN 86 I-NEN लाख I-NEN रुपये O खर्च O किए O जाएंगे O । O कंपनी O अधिनियम O 2013 B-NETI की O धारा O 8 B-NEN के O तहत O एनपीसीएससीबी O हेतु O विशेष O प्रयोजन O व्यवस्था O ( O स्पेशल O पर्पज O व्हीकल O एसपीवी O ) O स्थापित O की O जाएगी O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 2018 B-NETI को O मोटे O अनाज O का O राष्ट्रीय O साल O घोषित O किया O है O । O सरकार O की O नीतिगत O परामर्श O संस्था O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O पास O 2018 B-NETI की O ऐतिहासिक O रिपोर्ट O में O इस O मुद्दे O को O समर्पित O अध्याय O है O । O नए O भारत B-NEL @ O 75 B-NEN हेतु O रणनीति O रिपोर्ट O में O जन O सेवाओं O को O और O अधिक O प्रभावी O एवं O कुशलतापूर्वक O पहुंचाने O के O लिए O लोक O सेवकों O की O भर्ती O , O प्रशिक्षण O और O कार्य O - O निष्पादन O के O मूल्यांकन O में O सुधार O करने O का O तंत्र O स्थापित O करने O पर O जोर O दिया O गया O है O ताकि O नव O भारत B-NEL 2022 B-NETI ( O न्यू O इंडिया B-NEL ) O के O लिए O परिकल्पित O विकास O लक्ष्यों O को O हासिल O किया O जा O सके O । O सरकार O ने O 2 B-NETI सितंबर I-NETI 2020 I-NETI को O यह O घोषणा O की O थी O कि O मिशन O कर्मयोगी O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O लोक O सेवकों O को O अधिक O सृजनात्मक O , O रचनात्मक O , O कल्पनाशील O , O नवप्रवर्तनशील O , O सक्रिय O पेशेवर O , O प्रगतिशील O , O ओजस्वी O , O सामर्थ्यवान O पारदर्शी O और O प्रौद्योगिकी O - O समर्थ O बनाने O हेतु O प्रशिक्षित O किया O जाएगा O । O सैद्धांतिक O तौर O पर O दो B-NEN नए O आवेदकों O - O आईडीएफसी B-NEO लिमिटेड I-NEO और O बंधन B-NEO फाइनेंशियल I-NEO सर्विसेज I-NEO प्राइवेट I-NEO लिमिटेड I-NEO को O बैंक O खोलने O के O लिए O नए O बैंकों O से O जुड़ी O लाइसेंस O संबधी O दिशा O - O निर्देशों O के O तहत O 2 B-NETI अप्रैल I-NETI 2014 I-NETI को O मंजूरी O दी O गई O । O बर्मा B-NEL ( O म्यांमार B-NEL ) O 1937 B-NETI में O भारत B-NEL से O अलग O हो O गया O , O लेकिन O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO बर्मा B-NEL में O अप्रैल B-NETI 1947 I-NETI तक O केंद्रीय O बैंक O की O तरह O काम O करता O रहा O । O भारत B-NEL के O विभाजन O के O बाद O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O जून B-NETI 1948 I-NETI तक O पाकिस्तान B-NEL के O केंद्रीय O बैंक O के O तौर O पर O काम O किया O । O हो O सकता O है O कोर्ट O पीड़ितों O की O हानिपूर्ति O के O लिए O ट्रस्ट O फंड O के O माध्यम O से O भुगतान O करने O का O आदेश O दे O सकता O है O , O जिसकी O स्थापना O 2002 B-NETI में O सदस्य O पार्टियों O की O सभा O द्वारा O की O गई O थी O । O इस O बैंक O को O पहले O शेयरधारकों O के O बैंक O के O तौर O पर O स्थापित O किया O गया O था O और O 1949 B-NETI में O इसका O राष्ट्रीयकरण O कर O दिया O गया O । O गत O एक B-NETI दशक I-NETI के O दौरान O स्वास्थ्य O क्षेत्र O के O विशेषज्ञों O को O केंद्रीय O बजट O से O सालों O साल O एक B-NEN - O सी O निराशा O मिलती O रहती O थी O । O खासतौर O पर O 1960 B-NETI के O दशक O में O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O विकास O में O अहम O बदलाव O के O लिए O वित्त O की O अवधारणा O और O चलन O को O नए O सिरे O से O पारिभाषित O किया O । O शताब्दी B-NETI के O अंतिम O दशक O में O पश्चिमी O और O विकासशील O देशों O में O समाज O का O ध्यान O विज्ञान O और O तकनीकी O में O केंद्रित O हो O गया O । O इस O तरह O 2018 B-NETI का O बजट O इस O लिहाज O से O अलग O है O कि O इसमें O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O कई O पहल O की O गई O हैं O । O 2017 B-NETI की O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O एनएचएम O को O व्यापक O , O निरंतर O प्राथमिक O सेवा O का O वाहक O बनने O का O आह्वान O करती O है O । O केंद्रीकृत O लोक O शिकायत O निवारण O व O निगरानी O तंत्र O की O रिपोर्ट O के O मुताबिक O , O नीति O आयोग O को O 1 B-NETI जनवरी I-NETI 2014 I-NETI से I-NETI 28 I-NETI दिसंबर I-NETI 2017 I-NETI तक O 5,883 B-NEN शिकायतें O मिलीं O थीं O , O जिनमें O आयोग O द्वारा O सिर्फ O 54 B-NEN फीसदी O शिकायतों O का O निपटारा O हो O सका O । O रिपोर्ट O में O बताया O गया O कि O 2,677 B-NEN मामलों O में O से O 774 B-NEN मामले O एक B-NETI साल I-NETI से O लंबित O हैं O । O 1978 B-NETI में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O देखभाल O पर O अल्मा O - O अता O घोषणा O ने O 2000 B-NETI तक O ' O हेल्थ O फॉर O ऑल O ' O लक्ष्यों O को O प्राप्त O करने O के O लिए O आवश्यक O सुरक्षित O पानी O और O बुनियादी O स्वच्छता O की O उपलब्धता O की O पहचान O की O थी O । O इंटरनेट O ग्राहकों O की O संख्या O में O सबसे O तेज O वृद्धि O वाले O 10 B-NEN राज्यों O में O से O सात B-NEN का O प्रति O व्यक्ति O सकल O घरेलू O उत्पाद O - O ग्रॉस O डोमेस्टिक O प्रोडक्ट O ( O जीडीपी O ) O 2014 B-NETI और I-NETI 2018 I-NETI के I-NETI बीच I-NETI संपूर्ण O भारत B-NEL के O औसत O से O कम O रहा O है O । O इस B-NETI काल I-NETI में I-NETI अकेले O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O इंटरनेट O के O ग्राहकों O की O संख्या O में O 3.6 B-NEN करोड़ I-NEN का O इजाफा O हुआ O है O । O 28 B-NETI फरवरी I-NETI 2022 I-NETI को O स्वयं O सहायता O समूहों O तथा O उनके O महासंघों O को O कुल O 17,342 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O पूंजीगत O सहायता O प्रदान O की O जा O चुकी O है O । O 730 B-NEN से O अधिक O राज्य O स्तरीय O संसाधन O व्यक्तियों O द्वारा O 58,000 B-NEN से O अधिक O कृषि O सखियों O को O प्रशिक्षण O दिया O गया O और O किसान O विकास O केंद्रों O द्वारा O महिला O किसानों O के O लिए O चलाए O गए O विशेष O प्रशिक्षण O में O 1.23 B-NEN लाख I-NEN महिला O किसानों O ने O हिस्सा O लिया O ( O कृषि B-NEO एवं I-NEO कृषक I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO , O 2021 B-NETI ) O । O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO भुगतान I-NEO निगम I-NEO - O नेशनल B-NEO पेमेंट I-NEO कॉरपोरेशन I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO ( O एनपीसीआई B-NEO ) O के O अनुसार O मार्च B-NETI 2022 I-NETI तक O यूपीआई B-NEAR के O जरिये O 88.8 B-NEN खरब I-NEN रुपये O के O 5.04 B-NEN अरब I-NEN लेन O - O देन O हुए O । O महिला O किसान O सशक्तिकरण O परियोजना O के O अंतर्गत O लगभग O 38 B-NEN लाख I-NEN महिलाओं O को O प्रशिक्षित O किया O गया O है O और O करीब O 1.44 B-NEN करोड़ I-NEN महिलाएं O डे O - O एनआरएलएम O के O दायरे O में O लाई O गई O हैं O ( O दिसंबर B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI ) O । O भारत B-NEL छोड़ो O आंदोलन O की O 75वीं O सालगिरह O के O मौके O पर O 9 B-NETI अगस्त I-NETI 2017 I-NETI को O प्रधानमंत्री O ने O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O के O जरिये O जिला O समाहर्ताओं O के O साथ O संवाद O किया O और O कहा O कि O " O जब O 100 B-NEN सबसे O पिछड़े O जिलों O में O सामाजिक O आर्थिक O हालात O सुधरेंगे O , O तो O इससे O देश O के O सकल O विकास O को O काफी O बढ़ावा O मिलेगा O । O पिछले B-NETI दशक I-NETI में O किये O गये O बदलावों O से O गांवों O में O वित्तीय O समावेशन O का O स्तर O बढ़ाने O में O काफी O मदद O मिली O है O । O इस O समस्या O से O निपटने O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 2019 B-NETI में O किसानों O के O लिए O आय O सहायता O की O एकदम O अनूठी O योजना O आरंभ O की O । O यह O संतोषप्रद O है O कि O 12 B-NETI दिसंबर I-NETI 2015 I-NETI को O विश्व O पर्यावरण O समझौता O विश्व O के O 195 B-NEN देशों O तक O पहुंचा O । O पेरिस O समझौता O , O जैसाकि O यह O जाना O जाता O है O , O इसने O देशों O को O इस O बात O के O लिए O वचनबद्ध O किया O है O कि O वे O ऐसी O कार्रवाई O और O नीतियां O बनाए O जिससे O कि O वर्ष O 2100 B-NETI तक O वैश्विक O तापमान O 2 B-NEN डिग्री O सेल्सियस O ( O 3.6 B-NEN डिग्री O फेरेन्हाइट O ) O नीचे O आ O जाए O । O इन O जिलों O को O 2022 B-NETI तक O अहम O मापदंडों O पर O सुधारने O के O लिए O पुरजोर O कोशिशों O की O खातिर O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO राज्यों O को O सहयोग O करेगी O । O 22 B-NETI फरवरी I-NETI 2022 I-NETI को O पूरे O भारत B-NEL में O लाभार्थियों O को O विभिन्न O किश्तों O में O 1.82 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O की O राशि O जारी O की O जा O चुकी O थी O । O 19 B-NETI फरवरी I-NETI 2021 I-NETI को O अमेरिका B-NEL आधिकारिक O रूप O से O पेरिस O समझौते O में O पुनः O शामिल O हो O गया O । O इस O अहम O मसले O पर O सक्रियता O के O साथ O काम O करते O हुए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 2019 B-NETI में O किसानों O के O लिए O पेंशन O की O कस्टमाइज्ड O यानी O सबके O अनुरूप O अलग O - O अलग O योजना O आरंभ O की O । O 31 B-NETI जनवरी I-NETI 2022 I-NETI को O कुल O 21,86,918 B-NEN किसान O इस O योजना O में O शामिल O हो O चुके O थे O । O 1993 B-NETI में O संविधान O के O 73वें O संशोधन O ने O पंचायती O राज O व्यवस्था O की O नींव O रखी O , O जैसा O कि O हम O आज O देखते O हैं O । O आज B-NETI सुबह I-NETI , O हमने O क्रमशः O अपने O विदेश O और O रक्षा O समकक्षों O के O साथ O अलग O - O अलग O बैठकें O की O हैं O । O जैसा O कि O हम O चौथी B-NETI बार I-NETI मिल O रहे O हैं O , O तो O हमने O जितनी O प्रगति O की O है O उस O पर O संतोष O ज़ाहिर O कर O सकते O हैं O । O भारत B-NEL में O 1971 B-NETI में O एम. O टी. O पी. O एक्ट O 1971 O ( O गर्भ O समाप्ति O कानून O - O 1971 O ) O के O अन्तर्गत O गर्भपात O को O कानूनी O रूप O से O स्वीकार O किया O गया O । O फिलेचर O कच्चे O रेशम O के O कोकून O की O कीमत O अगस्त B-NETI - I-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O बढ़ O गई O , O जैसा O कि O तालिका O 6 B-NEN में O दिखाया O गया O है O । O आज B-NETI , O हम O इन O सभी O और O अन्य O मामलों O की O समीक्षा O करेंगे O । O कच्चे O कपास O की O कीमतें O जून B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O बीच O घरेलू O एवं O अंतरराष्ट्रीय O बाजारों O में O उतार O - O चढ़ाव O के O कारण O 4 B-NEN प्रतिशत O गिरीं O और O कच्चे O कपास O की O कीमत O पर O जीएसटी O का O कोई O प्रभाव O नहीं O पड़ा O । O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O सूती O और O रेशमी O धागे O की O आपूर्ति O में O कमी O आई O थी O क्योंकि O कई O उपभोक्ता O एजेंसियों O ( O हथकरघा O ) O ने O जीएसटी O के O अंतर्गत O अपना O पंजीकरण O नहीं O कराया O था O । O उन O सभी O का O जीएसटी O के O तहत O पंजीकरण O अगस्त B-NETI / I-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O हो O गया O और O उसके O बाद O से O ही O आपूर्ति O भी O बढ़ O गई O । O वाशिंग्टन B-NEL डीसी I-NEL अप्रैल B-NETI 11 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI शुरू O के O 12 B-NETI सप्ताहों I-NETI में O गर्भपात O कराना O ही O सुरक्षित O रहता O है O । O गर्भ O की O चिकित्सकीय O समाप्ति O क़ानूनी O रूप O से O 12 B-NETI सप्ताह I-NETI के O पश्चात O , O तुरंत O 20 B-NETI सप्ताह I-NETI के O पहले O भी O की O जा O सकती O है O । O वर्ष O 2019 B-NETI में O विश्व O भर O में O रिकॉर्ड O 53.6 B-NEN मिलियन I-NEN टन O ई O - O कबाड़ O पैदा O हुआ O । O इसमें O से O सिर्फ O 17.4 B-NEN प्रतिशत O ई O - O कबाड़ O की O रिसाइक्लिंग O की O गयी O ( O ग्लोबल O ई O - O वेस्ट O मॉनिटर O , O 2020 B-NETI ) O । O अगर O गर्भ O 20 B-NETI सप्ताह I-NETI से O अधिक O का O है O , O तो O एक B-NEN केवल O एक B-NEN अच्छे O उपकरणों O वाले O जिला O अस्पताल O , O या O उससे O बड़े O अस्पताल O में O ही O किया O जा O सकता O है O । O इसके O दायरे O का O 2016 B-NETI और I-NETI 2018 I-NETI में O विस्तार O किया O गया O है O । O इस O क्षेत्र O में O पर्यावरण O और O सुरक्षा O से O जुड़े O मानदंडों O का O पालन O बहुत O कम O किया O जाता O है O ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO , O 2019 B-NETI ) O । O इसी O क्रिया O के O द्वारा O 12 B-NETI सप्ताह I-NETI का O गर्भ O होते O होते O भ्रूण O के O लिंग O का O भी O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O वैक्यूम O एस्पिरेशन O एक B-NEN सरल O और O सुरक्षित O तरीका O है O , O जिसमें O केवल O 5 B-NETI - I-NETI 10 I-NETI मिनट I-NETI लगते O हैं O । O इस O तरीके O से O गर्भपात O कराना O शुरू O के O तीन B-NETI महीनों I-NETI में O बहुत O आसान O होता O है O , O परंतु O कभी O - O कभी O इसका O बाद O के O सप्ताहों O में O भी O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O उत्तर O - O भारतीय B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक्स I-NEO कंसोर्टियम I-NEO ( O इंसाकॉग B-NEO ) O 30 B-NETI दिसंबर I-NETI 2020 I-NETI को O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O स्थापित O जीनोम O सीक्वेंसिंग O प्रयोगशालाओं O ( O आरजीएसएल O ) O का O एक B-NEN राष्ट्रीय O बहु O - O एजेंसी O कंसोर्टियम O है O । O डी. O एंड O सी. O को O करने O में O अधिक O समय O ( O 15 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI मिनट I-NETI ) O लगता O है O । O उत्तर O - O भारत B-NEL ने O वर्ष O 2020 B-NETI में O सार्स O कोव O - O 2 O वायरल O जीनोम O की O सीक्वेंसिंग O शुरू O की O । O इसके O लक्षण O हैं O : O गर्भपात O के O एक B-NETI दिन I-NETI के O पश्चात O भी O भारी O खून O जाना O , O पेट O में O मरोड़ O वाला O दर्द O होना O तथा O योनि O से O खून O के O थक्के O , O या O टुकड़े O जाना O । O इसके O बाद O , O अप्रैल B-NETI 2021 I-NETI में O प्रहरी O निगरानी O भी O की O गई O । O हमारे O गांव O भी O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI के O संचार O माध्यमों O से O अब O अछूते O नहीं O हैं O । O * O 5 -NEN वर्ष O ( O 2000 B-NETI - O 2025 -NETI ) O के O दौरान O किया O जाने O वाला O 6000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O परिव्यय O । O इसके O लिए O 2014 B-NETI में O शुरू O किए O गए O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O माध्यम O से O 11 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O शौचालयों O का O निर्माण O करके O पांच B-NEN वर्षों O में O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O ( O ओडीएफ O ) O के O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O के O बाद O सतत O विकास O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O की O दिशा O में O काफी O प्रगति O की O गई O । O गर्भपात O के O 1 B-NETI - I-NETI 2 I-NETI सप्ताह I-NETI बाद O जांच O के O लिए O आपको O तारीख O और O समय O दिया O जाना O चाहिए O । O राष्ट्रीय O नदी O गंगा B-NEL को O प्रभावी O तरीके O से O प्रदूषित O होने O से O बचाने O और O इसके O संरक्षण O के O उद्देश्यों O को O पूरा O करने O के O लिए O जून B-NETI 2014 I-NETI में O 20,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O बजट O परिव्यय O के O साथ O नमामि O गंगे O फ्लैगशिप O कार्यक्रम O शुरू O किया O गया O था O । O गर्भपात O के O पश्चात O गर्भ O धारण O के O लक्षण O , O जैसे O जी O मितलाना O , O या O स्तनों O में O दर्द O , O एक B-NETI दिन I-NETI के O अंदर O ही O समाप्त O हो O जाने O चाहिए O । O गर्भपात O के O पश्चात O आप O थकावट O महसूस O कर O सकती O हैं O और O एक B-NETI दिन I-NETI बाद O तक O पेट O में O दर्द O हो O सकता O है O । O 2 B-NETI सप्ताह I-NETI तक O योनि O से O थोड़ा O खून O भी O जा O सकता O है O । O इस O समिति O का O गठन O जल B-NEO संसाधन I-NEO , O नदी B-NEO विकास I-NEO और I-NEO गंगा B-NEO संरक्षण I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O 2016 B-NETI में O किया O था O । O सरकार O राष्ट्रीय O जल O नीति O के O 2012 B-NETI संस्करण O को O अद्यतन O करने O और O जल O प्रबंधन O में O प्रतिमान O संबंधी O बदलाव O लाने O के O लिए O एक B-NEN राष्ट्रीय O जल B-NEO उपयोग I-NEO क्षमता I-NEO ब्यूरो I-NEO स्थापित O करने O की O योजना O बना O रही O है O । O जल O संसाधन O , O नदी O विकास O तथा O गंगा B-NEL संरक्षण O और O पेयजल O तथा O स्वच्छता O मंत्रालय O का O विलय O करके O 2019 B-NETI में O जल O शक्ति O मंत्रालय O बनाकर O जल O सुरक्षा O और O प्रभावी O प्रशासन O सुनिश्चित O करने O के O प्रयासों O को O दोगुना O किया O गया O है O । O जल O संरक्षण O को O संपदा O निर्माण O और O व्यापक O संचार O के O माध्यम O से O जन O आंदोलन O बनाने O के O लिए O 2019 B-NETI में O जल O संरक्षण O और O जल O सुरक्षा O के O लिए O जल O शक्ति O अभियान O शुरू O किया O गया O था O । O आपकी O सामान्य O , O निमयित O माहावारी O गर्भपात O के O 4 B-NETI - I-NETI 6 I-NETI सप्ताह I-NETI बाद O शुरू O हो O जानी O चाहिए O । O अगर O आपका O गर्भ O 5 B-NETI - I-NETI 6 I-NETI महीने I-NETI से O अधिक O का O है O , O तो O इसमें O और O भी O देरी O हो O सकती O है O । O सरकार B-NEO ने O 15 B-NETI अगस्त I-NETI 2019 I-NETI को O भारत B-NEL के O 73वें B-NEN स्वतंत्रता O दिवस O पर O जल O जीवन O मिशन O का O शुभारंभ O किया O , O ताकि O 2024 B-NETI तक O प्रत्येक O ग्रामीण O परिवार O ( O हर O घर O नल O जल O ) O को O प्रति O व्यक्ति O 55 B-NEN लीटर O पानी O उपलब्ध O कराने O के O लिए O कार्यात्मक O घरेलू O नल O कनेक्शन O उपलब्ध O कराया O जा O सके O । O 2019 B-NETI - O के O दौरान O , O 7 B-NEN महीनों O में O ( O अगस्त O से O मार्च O तक O ) O , O 84 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O घरों O में O नल O कनेक्शन O दिए O गए O थे O । O गर्भपात O के O पश्चात O आप O फिर O से O , O जल्दी O ही O , O यहां O तक O कि O 2 B-NETI सप्ताह I-NETI के O अंदर O गर्भवती O हो O सकती O हैं O । O * O पिछले B-NETI साल I-NETI के O सवालों O को O देखें O और O उनका O विश्लेषण O करें O ( O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O लाल B-NEAR किले I-NEAR की O प्राचीर O से O के O स्वतंत्रता O दिवस O के O संबोधन O से O उद्धुत O ) O जब O कोई O महिला O 30 B-NETI मिनट I-NETI से O भी O कम O समय O में O कोई O पैड O या O कपड़े O को O ताजे O खून O से O भिगो O ले O , O तो O कहा O जाता O है O कि O उसे O अधिक O खून O जा O रहा O है O । O यूएनडीपी O के O मानव O विकास O सूचकांक O , O 2016 B-NETI में O भारत B-NEL 188 B-NEN देशों O की O सूची O में O 131वें O पायदान O पर O है O । O कैच O वेयर O इट O फाल्स O , O वैन O इट O फाल्स O , O टैगलाइन O के O साथ O इस O अभियान O का O उद्देश्य O , O 2021 B-NETI के O मानसून O से O पहले O जलवायु O परिस्थितियों O और O उप O - O मृदा O स्तर O के O लिए O उपयुक्त O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाएं O ( O आरडब्ल्यूएचएस B-NEO ) O बनाने O के O वास्ते O राज्यों O और O हितधारकों O को O प्रेरित O करना O है O । O भारत B-NEL में O वर्ष O 2001 B-NETI और O 2011 B-NETI में O औसत O वार्षिक O प्रति O व्यक्ति O पानी O की O उपलब्धता O क्रमशः O 1816 B-NEN घन O मीटर O और O 1545 B-NEN घन O मीटर O आंकी O गई O थी O , O जो O चालू O वर्ष O में O और O कम O होकर O 1486 B-NEN घन O मीटर O हो O सकती O है O । O जून B-NETI 2017 I-NETI में O की O एक B-NEN मेडिकल O पत्रिका O - O ' O दि B-NEAR लांसेट I-NEAR ' O ने O भारत B-NEL के O 15 B-NEN राज्यों O में O मधुमेह O की O स्थिति O के O बारे O में O एक B-NEN अध्ययन O प्रकाशित O किया O । O संयुक्त O राष्ट्र O के O सारांश O प्रगति O अपडेट O 2021 B-NETI : O सतत O विकास O लक्ष्य O 6 B-NEN - O सभी O के O लिए O पानी O और O स्वच्छता O के O अनुसार O , O भारत B-NEL में O पानी O के O अभाव O का O स्तर O 66 B-NEN प्रतिशत O तक O है O , O जो O कि O पिछले O कुछ O वर्षों O में O बढ़ O रहा O है O । O कैच O वेयर O इट O फाल्स O , O वैन O इट O फाल्स O , O टैगलाइन O के O साथ O इस O अभियान O का O उद्देश्य O , O 2021 B-NETI के O मानसून O से O पहले O जलवायु O परिस्थितियों O और O उप O - O मृदा O स्तर O के O लिए O उपयुक्त O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाएं O ( O आरडब्ल्यूएचएस B-NEO ) O बनाने O के O वास्ते O राज्यों O और O हितधारकों O को O प्रेरित O करना O है O । O वित्त O मंत्रालय O ने O 8 B-NEN प्रतिशत O संवृद्धि O का O लक्ष्य O सही O ही O निर्धारित O किया O है O और O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O दौरान O संवृद्धि O दर O का O 7.2 B-NEN प्रतिशत O से O 7.4 B-NEN प्रतिशत O होना O अनुमानित O है O । O भारत B-NEL 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O विश्व O की O अर्थव्यवस्था O में O योग O देने O वाली O तेजी O से O उभरने O वाली O अर्थव्यवस्थाओं O में O से O एक B-NEN होगा O । O 2010 B-NETI में O राजकोषीय O घाटे O को O 6.4 B-NEN प्रतिशत O से O कम O कर O अंतरराष्ट्रीय O रूप O से O स्वीकृत O स्तर O पर O लाया O गया O । O अगर O गर्भपात O आखिरी O माहावारी O की O तारीख O के O 12 B-NETI सप्ताह I-NETI ( O 3 B-NETI महीने I-NETI ) O से O पहले O किया O गया O है O और O अगर O संक्रमण O हो O गया O है O , O तो O आशा O यही O है O कि O वह O मामूली O होगा O । O महिला O को O गंभीर O संक्रमण O की O आशंका O तब O होती O है O , O जब O गर्भपात O 3 B-NETI या O 4 B-NETI महीने I-NETI के O बाद O किया O गया O हो O , O या O गर्भपात O के O दौरान O गर्भाशय O को O कोई O चोट O पहुंची O हो O । O इस B-NETI साल I-NETI के O बजट O में O ये O सारे O लाभ O शामिल O हैं O । O 2022 B-NETI तक O किसानों O की O आय O को O दोगुना O करने O की O प्रधानमंत्री O की O इच्छा O - O जो O एक B-NEN महत्वाकांक्षी O लक्ष्य O है O - O को O पूरा O करने O की O दिशा O में O वित्त O मंत्री O ने O कम O लागत O पर O अधिक O जोर O दिया O है O । O फिलेचर O कच्चे O रेशम O के O कोकून O की O कीमत O अगस्त B-NETI - I-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O बढ़ O गई O , O जैसा O कि O तालिका O 6 B-NEN में O दिखाया O गया O है O । O कच्चे O कपास O की O कीमतें O जून B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI और O सितंबर B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI के O बीच O घरेलू O एवं O अंतरराष्ट्रीय O बाजारों O में O उतार O - O चढ़ाव O के O कारण O 4 B-NEN प्रतिशत O गिरीं O और O कच्चे O कपास O की O कीमत O पर O जीएसटी O का O कोई O प्रभाव O नहीं O पड़ा O । O पिछले O वर्षों B-NETI में O , O इस O दिशा O में O कई O कदम O उठाए O गए O हैं O । O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O सूती O और O रेशमी O धागे O की O आपूर्ति O में O कमी O आई O थी O क्योंकि O कई O उपभोक्ता O एजेंसियों O ( O हथकरघा O ) O ने O जीएसटी O के O अंतर्गत O अपना O पंजीकरण O नहीं O कराया O था O । O उन O सभी O का O जीएसटी O के O तहत O पंजीकरण O अगस्त B-NETI / I-NETI सितंबर I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O हो O गया O और O उसके O बाद O से O ही O आपूर्ति O भी O बढ़ O गई O । O 1980 B-NETI के O दशक B-NETI के O सूखों O के O दौरान O , O राज्य O सरकारों O ने O बरसात O के O पानी O को O जमा O करने O के O लिए O तालाब O - O पोखरे O बनाने O और O नदियों O पर O बांध O बनाने O के O व्यापक O कार्यक्रम O चलाए O । O खबर O आई O थी O कि O भारत B-NEL भर O के O शहरों O और O कपड़ा O क्लस्टरों O के O वस्त्र O व्यापार O संगठनों O , O पावरलूम O बुनकरों O , O रेडीमेड O परिधान O इकाइयों O आदि O ने O 1 B-NETI जुलाई I-NETI से I-NETI 20 I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O विरोध O प्रदर्शन O किए O और O धागे O से O लेकर O कपड़े O तथा O जॉब O वर्क O इकाइयों O पर O जीएसटी O समाप्त O करने O , O मानव O निर्मित O रेशे O / O धागे O , O जॉब O वर्क O पर O जीएसटी O दर O कम O करने O की O मांग O की O । O 2010 B-NETI के O दशक B-NETI में O , O शहरी O घरों O तक O सूखे O का O संकट O पहुंच O गया O । O इससे O पूर्व O सरकार O मई B-NETI में O एक B-NEN अध्यादेश O जारी O कर O चुकी O है O जिसके O स्थान O पर O सरकार O बैंकिंग O विनियमन O ( O संशोधन O ) O अधिनियम O , O 2017 O लेकर O आयी O है O । O भारत B-NEL में O आज B-NETI दिखने O वाला O राजकोषीय O संघवाद O आजादी O से O पहले O के O भारत B-NEL में O आरंभ O हुए O ऐतिहासिक O विकास O का O नतीजा O है O । O नमामि O गंगे O का O शुभारंभ O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O गंगा B-NEL और O उसकी O सहायक O नदियों O के O संरक्षण O के O लिए O 20,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O धनराशि O के O आश्वासन O से O किया O गया O । O भारत B-NEL में O आज B-NETI का O राजकोषीय O संघवाद O उस O ऐतिहासिक O विकास O का O परिणाम O है O , O जिसकी O शुरुआत O आजादी O से O पहले O के O भारत B-NEL में O हुई O थी O । O इस O वर्ष O मार्च B-NETI तक O भारतीय O बैंकों O में O कुल O 7.11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O एनपीए O था O , O जिसका O मतलब O है O कि O इन O 12 B-NEN कंपनियों O के O हिस्से O 1.78 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O आते O हैं O । O भारत B-NEL में O राजकोषीय O संघवाद O के O विकास O की O जड़ें O 1858 B-NETI में O मिलती O हैं O , O जब O ब्रिटिश B-NEO सरकार I-NEO ने O भारतीय O क्षेत्र O को O सीधे O अपने O अधिकार O में O लिया O । O एक B-NEN महत्वपूर्ण O नीतिगत O निर्णय O में O सरकार O ने O पर्यावरण O संरक्षण O अधिनियम O , O 1986 B-NETI के O तहत O राष्ट्रीय O स्वच्छ O गंगा O मिशन O की O अधिसूचना O जारी O की O और O अधिकार O प्राप्त O संस्थाओं O का O गठन O किया O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O कहा O गया O है O कि O बच्चों O को O शुरू O से O ही O कई O भाषाओं O से O भी O परिचित O कराया O जाना O चाहिए O , O क्योंकि O 2 B-NETI से I-NETI 8 I-NETI साल I-NETI के O दौरान O बच्चे O काफी O तेज़ी O से O भाषाएं O सीखते O हैं O और O युवा O छात्रों O के O लिए O बहुभाषावाद O का O फॉर्मूला O फायदेमंद O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O सभी O तीन B-NEN स्तरों O - O उपलब्धता O , O भागीदारी O और O सीखने O संबंधी O नतीजों O के O आधार O पर O , O सामाजिक O - O आर्थिक O रूप O से O पिछड़े O वर्गों O को O इस O प्रक्रिया O में O शामिल O करने O की O वकालत O की O गई O है O । O पंचायत O के O इन O सभी O प्रयासों O के O परिणामस्वरूप O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI के O दौरान O , O इसने O करों O के O माध्यम O से O 33,43,925 B-NEN रुपये O , O किराये O से O आय O के O रूप O में O 44,700 B-NEN रुपये O , O शुल्क O और O उपयोगकर्ता O शुल्क O के O माध्यम O से O 25,0141 B-NEN रुपये O , O बिक्री O तथा O हायरिंग O शुल्क O के O जरिए O 78,800 B-NEN रुपये O और O अन्य O स्रोतों O से O 25,949 B-NEN रुपये O एकत्र O किए O । O जहां O तक O वस्त्र O उत्पादन O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O की O बात O है O तो O विस्कोस O , O पॉलिएस्टर O जैसे O वस्त्र O उत्पादों O की O कीमतें O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O मामूली O बढ़ीं O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O घट O गईं O । O कपड़ा O निर्यात O जून B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 10.7 B-NEN प्रतिशत O घटा O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 6 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O । O वस्त्र O एवं O परिधान O आयात O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 38.61 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O और O इसका O कारण O बाजार O की O ताकतों O का O प्रभाव O भी O हो O सकता O है O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O भी O हो O सकती O है O । O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O कुल O निर्यात O में O वस्त्र O निर्यात O की O 14 B-NEN प्रतिशत O हिस्सेदारी O रही O थी O । O कृषि O के O बाद O यह O सबसे O बड़ा O रोजगार O प्रदाता O क्षेत्र O है O ( O 2011 B-NETI की O जनगणना O के O अनुसार O लगभग O 10.5 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O रोजगार O , O जिनमें O 4.5 B-NEN करोड़ I-NEN प्रत्यक्ष O रोजगार O ) O । O 122वें O संविधान O संशोधन O के O अनुरूप O 1 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI से O वस्तु O एवं O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O लागू O कर O दिया O गया O । O जुलाई B-NETI 2020 I-NETI के O आंकड़े O बताते O हैं O कि O भारत B-NEL में O चीनी O मोबाइल O फोन O ब्रांडों O की O बिक्री O घटने O लगी O है O । O मार्च B-NETI में O भारत B-NEL में O बिकने O वाले O कुल O मोबाइल O फोनों O में O से O 81 B-NEN फीसदी O चीनी O थे O । O जुलाई B-NETI आते O - O आते O यह O संख्या O 72 B-NEN प्रतिशत O पर O आ O गई O । O पिछले B-NETI दशक B-NETI में O कई O सुधार O लागू O किए O गए O हैं O । O सूचना O का O अधिकार O कानून O , O 2005 B-NETI जैसे O विधेयक O आने O से O नागरिकों O के O लिए O जानकारी O प्राप्त O करने O के O नियम O और O प्रक्रियाएं O निर्धारित O कर O दी O गई O हैं O जिससे O प्रशासन O व्यवस्था O में O अधिक O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O आई O है O । O अगले B-NETI पांच I-NETI साल I-NETI में O 11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपए O से O ज्यादा O के O मोबाइल O उपकरण O और O कलपुर्जों O का O विनिर्माण O होगा O जिनमें O से O सात B-NEN लाख I-NEN करोड़ O से O अधिक O के O उपकरणों O का O निर्यात O किया O जाएगा O । O अगले B-NETI पांच I-NETI से I-NETI सात I-NETI साल I-NETI के O भीतर O गूगल B-NEO लगभग O 75 B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपये O का O निवेश O करके O देश O के O सूचना O प्रौद्योगिकी O तंत्र O को O अगले O चरण O में O ले O जाने O में O मदद O करेगा O । O साल O 2014 B-NETI में O यह O आंकड़ा O 38.7 B-NEN प्रतिशत O था O , O जो O 2019 B-NETI में O बढ़कर O 100 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O मंत्रालय O ने O पिछले B-NETI कुछ I-NETI वर्षों I-NETI में O एकीकृत O प्रणालियों O को O सफलतापूर्वक O स्थापित O किया O है O । O इसके O परिणामस्वरूप O पंचायती O राज O संस्थाओं O की O कार्यकुशलता O और O प्रभावशीलता O सुधरेगी O और O भारत B-NEL आने B-NETI वाले I-NETI वर्षों I-NETI में O आत्मनिर्भर O उपयोगिता O और O डाटा O संग्रह O और O प्रबंधन O की O भूमिका O को O व्यापक O बनने O का O लक्ष्य O हासिल O कर O सकेगा O । O डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR रिज़र्व O बैंक O का O लगभग O चार B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपया O हर B-NETI वर्ष I-NETI बचाने O में O सहायक O होगी O । O उनका O जीवन O काल O बारहवीं B-NETI शताब्दी O में O माना O जाता O है O । O रिजर्व O बैंक O के O डिप्टी O गवर्नर O ने O भी O बताया O था O कि O रिजर्व O बैंक O इस O दिशा O में O पिछले O दो B-NETI वर्ष I-NETI से O काम O कर O रहा O है O । O पिंपरी B-NEL चिंचवाड I-NEL में O स्मार्ट O सिटी O मिशन O के O तहत O 2015 B-NETI में O समेकित B-NEO सार्वजनिक I-NEO नियंत्रण I-NEO केन्द्रों I-NEO की O शुरुआत O की O गयी O थी O । O महाराष्ट्र B-NEL में O भक्ति O आंदोलन O 13वीं B-NETI शताब्दी O में O प्रारम्भ O हुआ O । O 1990 B-NETI के O दशक B-NETI में O भू B-NEAR - I-NEAR तुल्यकाली I-NEAR उपग्रह I-NEAR प्रक्षेपण I-NEAR यान I-NEAR ( I-NEAR जीएसएलवी I-NEAR ) I-NEAR की O शुरुआत O इसी O दिशा O में O एक B-NEN कदम O था O । O जीएसएलवी B-NEAR - I-NEAR डी5 I-NEAR उड़ान O में O स्वदेशी O रूप O से O विकसित O क्रायोजेनिक O ऊपरी O चरण O ( O सीयूएस O ) O की O सफल O योग्यता O के O साथ O 5 B-NETI जनवरी I-NETI 2014 I-NETI को O इसरो B-NEO ने O क्रायोजेनिक O रॉकेट O प्रणोदन O की O अपनी O महारत O का O प्रदर्शन O किया O । O इसमें O जनवरी B-NETI 2014 I-NETI का O यान O भी O शामिल O है O , O जिसने O पिछले B-NETI एक I-NETI दशक I-NETI से O छह B-NEN सफल O उड़ानें O भरी O हैं O । O एलवीएम3 B-NEAR - I-NEAR एक्स I-NEAR / O केयर O मिशन O , O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR III I-NEAR की O प्रथम O परीक्षणात्मक O उपकक्षीय O ( O सबऑर्बिटल O ) O उड़ान O 18 B-NETI दिसम्बर I-NETI , I-NETI 2018 I-NETI को O भरी O गई O थी O और O इसने O क्रू O मॉड्यूल O एटमॉसफियरिक O रीएंट्री O एक्सपेरिमेंट O ( O केयर O ) O का O प्रक्षेपण O किया O । O इसे O प्रक्षेपण O के O लगभग O 20 B-NETI मिनट I-NETI बाद O बंगाल B-NEL की I-NEL खाड़ी I-NEL के O ऊपर O से O सफलतापूर्वक O बरामद O कर O लिया O गया O । O इसके O बाद O , O दो B-NEN सफल O विकासात्मक O उड़ानों O और O जुलाई B-NETI 2019 I-NETI में O चंद्रयान O - O 2 O को O अर्थ O पार्किंग O ऑर्बिट O में O पहुंचाने O के O बाद O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR III I-NEAR ने O अपने O परिचालन O चरण O में O सफलतापूर्वक O प्रवेश O किया O । O हालांकि O इस B-NETI वर्ष I-NETI केवल O 2,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ही O आवंटित O किए O गए O हैं O , O चूंकि O योजना O अक्टूबर B-NETI 2018 I-NETI में O शुरू O की O जाएगी O । O यह O रचना O प्रकाशन O विभाग O की O साहित्य O एवं O संस्कृति O की O हिंदी O मासिक O पत्रिका O " O आजकल B-NEAR " O के O अमृत O महोत्सव O अंक O ( O जनवरी B-NETI - O फरवरी B-NETI 2020 B-NETI संयुक्तांक O ) O से O ली O गई O है O । O सन O 1947 B-NETI में O जब O देश O आज़ाद O हुआ O तो O आज़ादी O के O साथ O एक B-NEN ओर O हर्ष O और O उल्लास O का O , O आशा O और O उम्मीद O का O वातावरण O बना O पर O उसके O साथ O ही O गहरे O विषाद O और O दुःख O का O माहौल O भी O मौजूद O था O । O जनवरी B-NETI 2007 I-NETI में O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O प्रमोचित O , O एसआरई O - O I B-NEN ने O अपने O वैज्ञानिक O प्रयोगों O के O साथ O 12 B-NEN दिनों O तक O पृथ्वी O की O परिक्रमा O की O और O सफलतापूर्वक O कक्षा O से O बाहर O निकल O गया O तथा O उसे O बंगाल B-NEL की I-NEL खाड़ी I-NEL से O पुनः O प्राप्त O कर O लिया O गया O । O पीएसएलवी B-NEAR द्वारा O 22 B-NETI अक्टूबर I-NETI , I-NETI 2008 I-NETI को O प्रक्षेपित O 1380 B-NEN किलोग्राम O भार O वाले O चंद्रयान O - O 1 O ने O तीन B-NETI सप्ताह I-NETI में O सफलतापूर्वक O चंद्रमा O का O रुख O किया O और O उसे O चंद्रमा O के O आसपास O एक B-NEN कक्षा O में O पहुंचाया O गया O । O 14 B-NETI नवम्बर I-NETI , I-NETI 2008 I-NETI को O जब O टीवी O सेट O के O आकार O वाला O " O मून B-NEAR इम्पैक्ट I-NEAR प्रोब I-NEAR " O चंद्रयान O - O 1 O अंतरिक्ष O यान O से O अलग O हुआ O और O सफलतापूर्वक O चंद्रमा O की O सतह O पर O उतरा O , O तो O अमेरिका B-NEL , O सोवियत B-NEL संघ I-NEL और O जापान B-NEL के O बाद O भारत B-NEL , O चंद्रमा O की O सतह O पर O प्रोब O भेजने O वाला O चौथा O देश O बन O गया O । O भारत B-NEL ने O 70 B-NETI के I-NETI दशक I-NETI में O अपना O पहला O प्रक्षेपण O यान O एसएलवी B-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR विकसित O किया O और O 80 B-NETI तथा I-NETI 90 I-NETI के I-NETI दशक I-NETI के O शुरुआती O दिनों O में O अपनी O दूसरी O पीढ़ी O के O प्रक्षेपण O यान O एएसएलवी B-NEAR को O पूर्ण O करने O के O लिए O दृढ़ O रहा O । O बड़े O उपग्रहों O को O प्रक्षेपित O करने O में O सक्षम O भारत B-NEL के O पहले O प्रक्षेपण O यान O पीएसएलवी B-NEAR ने O 1994 B-NETI में O अपनी O पहली O सफल O उड़ान O भरी O थी O । O वास्तव O में O , O इसने O 7 B-NETI नवंबर I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI तक O 328 B-NEN विदेशी O उपग्रहों O को O प्रक्षेपित O किया O है O और O वाणिज्यिक O उपग्रह O प्रक्षेपण O क्षेत्र O में O महत्वपूर्ण O स्थान O बनाया O है O । O 15 B-NETI फरवरी I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI को O , O पीएसएलवी B-NEAR ने O एक B-NEN एकल O प्रक्षेपण O के O दौरान O 104 B-NEN उपग्रहों O को O सफलतापूर्वक O कक्षा O में O स्थापित O कर O विश्व O रिकॉर्ड O बनाया O है O । O इसरो B-NEO ने O 5 B-NETI जनवरी I-NETI 2014 I-NETI को O जीएसएलवी B-NEAR - I-NEAR डी I-NEAR - I-NEAR 5 I-NEAR उड़ान O में O स्वदेशी O रूप O से O विकसित O क्रायोजेनिक B-NEAR अपर I-NEAR स्टेज I-NEAR ( O सीयूएस B-NEAR ) O की O सफल O योग्यता O के O साथ O , O क्रायोजेनिक O रॉकेट O प्रणोदन O की O अपनी O महारत O का O प्रदर्शन O किया O । O जनवरी B-NETI 2014 I-NETI से O , O यान O ने O लगातार O छह B-NEN सफलताएं O हासिल O की O हैं O । O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR की O पहली O प्रयोगात्मक O उप O - O कक्षीय O उड़ान O एलवीएम O - O 3 B-NEN - O X O / O क्रू O मॉड्यूल O वायुमंडलीय O पुनःप्रवेश O ( O केयर O ) O मिशन O दिसंबर B-NETI 2014 I-NETI में O हुआ O और O इसी B-NETI महीने I-NETI में O क्रू O मॉड्यूल O वायुमंडलीय O पुनःप्रवेश O ( O केयर O ) O प्रयोग O किया O गया O । O इसके O प्रक्षेपण O के O लगभग O 20 B-NETI मिनट I-NETI बाद O बंगाल B-NEL की I-NEL खाड़ी I-NEL के O ऊपर O इसे O सफलतापूर्वक O बहाल O कर O दिया O गया O । O इसके O बाद O , O दो B-NEN सफल O विकासात्मक O उड़ानों O के O बाद O और O जुलाई B-NETI 2019 I-NETI में O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR की O पृथ्वी O पार्किंग O कक्षा O में O सफल O प्रवेश O के O साथ O , O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR ने O सफलतापूर्वक O अपने O परिचालन O चरण O में O प्रवेश O किया O । O इनके O अलावा O , O भारत B-NEL का O पुनः B-NEAR उपयोग I-NEAR योग्य I-NEAR प्रक्षेपण I-NEAR यान I-NEAR प्रौद्योगिकी I-NEAR प्रदर्शक I-NEAR ( O आरएलवी B-NEAR टीडी I-NEAR ) O का O मई B-NETI 2016 I-NETI में O सफलतापूर्वक O उड़ान O परीक्षण O किया O गया O और O कई O महत्वपूर्ण O तकनीकों O को O सफलतापूर्वक O मजबूत O किया O गया O । O इसरो B-NEO के O सुपरसोनिक B-NEAR कॉम्बसशन I-NEAR रैमजेट I-NEAR ( O एससीआरएएमजेईटी B-NEAR ) O इंजन O का O पहला O प्रायोगिक O मिशन O प्रणोदन O प्रणाली O के O लिए O अगस्त B-NETI 2016 I-NETI में O सफलतापूर्वक O आयोजित O किया O गया O था O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO का O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI का O बजट O 2019 B-NETI के O आम O चुनाव O से O पहले O मौजूदा O सरकार O का O आखिरी O पूर्ण O बजट O है O । O 2022 B-NETI तक O सब O के O लिए O घर O का O लक्ष्य O पूरा O करने O के O लिए O 1 B-NEN करोड़ I-NEN से O भी O ज्यादा O घर O बनाने O का O प्रस्ताव O किया O गया O है O । O 1970 B-NETI के O बाद O जब O सरकारें O आईं O और O वे O अपनी O मर्जी O के O डिस्ट्रिक्ट O मजिस्ट्रेट O पुलिस O कप्तान O की O तैनाती O और O उन्हें O स्थानांतरित O करने O के O लिए O दबाव O बनाने O लगीं O तो O प्रशासन O की O पकड़ O लगातार O कमजोर O होती O गई O जितना O अधिक O राजनीतिक O हस्तक्षेप O बढ़ा O , O उतना O ही O प्रशासनिक O ढांचा O चरमरा O गया O । O सुप्रीम B-NEO कोर्ट I-NEO में O याचिका O भी O दाखिल O की O गई O थी O जिससे O आईएएस O , O आईपीएस O अधिकारियों O को O काम O करने O के O लिए O एक B-NEN निश्चित O 2 B-NETI वर्ष I-NETI जैसी O अवधि O दी O जानी O चाहिए O । O प्रतिवर्ष O 21 B-NETI अप्रैल I-NETI को O सिविल O सेवा O दिवस O भी O मनाया O जाता O है O जिसमें O देश O के O विभिन्न O भागों O में O काम O कर O रहे O कलेक्टर O , O पुलिस O कप्तान O आदि O को O उनके O कामों O के O लिए O पुरस्कृत O किया O जाता O है O । O प्रधानमंत्री O वय O वंदना O योजना O की O मियाद O को O बढ़ाकर O मार्च B-NETI 2020 I-NETI तक O कर O दिया O है O । O वर्ष B-NETI 1994 I-NETI में O सूरत B-NEL में O प्लेग O फैला O था O । O वैसा O ही O पिछले B-NETI 3 I-NETI वर्षों I-NETI में O इंदौर B-NEL के O कलेक्टर O ने O किया O । O क्रियान्वयन O की O रफ्तार O कई O गुना O बढ़ O गयी O है O जिसका O पता O 2014 B-NETI से I-NETI फरवरी B-NETI 2021 I-NETI तक O हुए O 9,795.62 B-NEN करोड़ I-NEN के O कुल O खर्च O से O भी O स्पष्ट O हो O जाता O है O । O यह O राशि O 1985 B-NETI - O 2014 B-NETI तक O हुए O खर्च O की O तुलना O में O दुगुने O से O भी O अधिक O है O । O इसने O 2017 B-NETI में O न्यूयॉर्क B-NEL टाइम्स O की O अनुशंसित O पुस्तकों O की O सूची O में O जगह O बनाई O । O उनके O अथक O प्रयासों O के O परिणामस्वरूप O भारतीय O नेताओं O की O नीतियों O में O महत्वपूर्ण O बदलाव O आए O और O स्वराज्य O की O प्राप्ति O की O दिशा O में O शांतिपूर्ण O व O क्रमिक O प्रगति O की O कामना O लिए O 1937 B-NETI - I-NETI 38 I-NETI के O दौरान O राष्ट्रीय O आन्दोलन O के O एक B-NEN - O एक B-NEN नए O युग O का O सूत्रपात O किया O । O उनमें O से O एक B-NEN है O साइमलटेनिअस O मल्टीपल O राउंड O ऑक्शन O ( O एसएमआरए O ) O जो O प्रिसटोन O मैकएफी O के O साथ O 1994 B-NETI में O संयुक्त O राष्ट्र O संघीय O सूचना O समिति O ( O फेडरल O कम्युनिकेशन O कमीशन O - O एफसीसी O ) O में O सबसे O ज्यादा O प्रचलित O था O । O भारत B-NEL में O ब्रिटिश O सत्ता O 1843 B-NETI तक O बहुत O शक्तिशाली O हो O चुकी O थी O । O 20. B-NEN तो O आज B-NETI मेरा O आपको O यह O संदेश O है O कि O कूटनीति O केवल O शब्दों O के O माध्यम O से O स्थिति O को O पाटने O के O बारे O में O नहीं O है O । O मुझे O आज B-NETI क्षेत्रीय O सहयोग O की O पेशकश O के O बारे O में O कुछ O बड़े O विचारों O को O साझा O करने O और O इसे O संभव O बनाने O वाली O गतिविधियों O का O विवरण O देने O , O दोनों O का O सौभाग्य O मिला O है O । O सितंबर B-NETI 1946 I-NETI में O भारत B-NEL स्वतंत्रता O की O दहलीज O पर O खड़ा O था O । O गुवाहाटी B-NEL मई B-NETI 28 I-NETI , I-NETI 2002 I-NETI इस O ग्राम O पंचायत O ने O वित्त O वर्ष O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI के O लिए O सड़क O , O स्वच्छता O , O प्रशासनिक O समर्थन O और O पेयजल O जैसी O 83 B-NEN गतिविधियां O और O जोड़ी O हैं O । O योजना O की O सदस्यता O का O शुल्क O जमा O करने O के O बाद O पत्रिका O प्राप्त O होने O में O कम O से O कम O 8 B-NETI सप्ताह I-NETI का O समय O लगता O है O । O वस्तु O और O परिधान O के O क्षेत्र O में O रोजगार O के O अवसरों O में O वृद्धि O के O मकसद O से O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O दौरान O 7,148 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O पैकेज O का O प्रस्ताव O किया O गया O है O । O न्यूयॉर्क B-NEL अप्रैल B-NETI 14 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI प्रधानमंत्री O ने O स्वच्छ O पेय O जल O के O महत्व O को O बहुत O पहले O महसूस O कर O लिया O था O और O अगस्त B-NETI 2019 I-NETI में O ही O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O पाइप O लाइनों O के O जरिए O घरों O तक O पानी O की O आपूर्ति O करने O की O घोषणा O कर O दी O थी O । O इस O पहल O के O जरिए O देश O में O 2024 B-NETI तक O प्रत्येक O ग्रामीण O परिवार O को O पाइप O वाले O पानी O का O कनेक्शन O उपलब्ध O कराने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O । O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI में O सभी O फसलों O को O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O के O दायरे O में O ला O दिया O गया O है O । O जल O जीवन O मिशन O का O उद्देश्य O 2024 B-NETI तक O देश O के O सभी O ग्रामीण O परिवारों O तक O स्वच्छ O पेयजल O पहुंचाने O के O लक्ष्य O को O हासिल O करना O है O जो O सतत O विकास O लक्ष्य O - O 6 O के O लिए O निर्धारित O लक्ष्य O से O पूरे O छह B-NEN साल O पहले O है O । O यह O चालू B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI के O मुकाबले O एक B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O अधिक O है O । O इसके O बाद O मुझे O वहां O जाने O में O छह B-NETI महीने I-NETI लग O गए O । O उन O छह B-NETI महीनों I-NETI में O मैं O इस O नतीजे O पर O पहुंचा O कि O यदि O शिक्षा O के O प्रति O अभिभावकों O का O दृष्टिकोण O किसी O तरह O बदलता O है O , O वहीं O से O शुरुआत O हो O सकती O है O । O वैसे O 1947 B-NETI से O पहले O भी O इसकी O स्थिति O कोई O खास O अच्छी O नहीं O थी O , O लेकिन O उस O वक्त O नीति O निर्माण O का O काम O औपनिवेशिक O शासन O के O हाथ O में O था O , O लिहाजा O उस O शासन O से O उम्मीद O करना O बेमानी O था O । O यह O प्रक्रिया O करीब O छह B-NETI - I-NETI सात I-NETI महीने I-NETI तक O चली O । O मैं O बाद O में O अपने O सहकर्मियों O से O इस O संबंध O में O बात O करता O था O कि O आज B-NETI हमनें O यह O फिल्म O देखी O , O कल B-NETI वह O देखेंगे O । O भारत B-NEL ने O पिछले B-NETI छह I-NETI वर्षों I-NETI में O इस O क्षेत्र O के O साथ O व्यापक O भागीदारी O वाले O रिश्ते O कायम O करने O में O सफलता O अर्जित O की O है O । O नई O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI में O इस O बात O पर O विचार O किया O गया O कि O भारतीय O शिक्षा O प्रणाली O को O गतिशील O कैसे O रखा O जाए O । O अक्तूबर B-NETI 2018 I-NETI में O गंगा B-NEL नदी O में O पारिस्थितिकीय O प्रवाह O के O बारे O में O ऐतिहासिक O अधिसूचना O गंगा B-NEL के O प्रवाह O को O अविरल O बनाने O की O दिशा O में O एक B-NEN बड़ा O कदम O है O । O गौर O से O देखें O तो O वर्ष B-NETI 2014 I-NETI से I-NETI लेकर I-NETI 2020 I-NETI के O बीच O भारत B-NEL ने O चीन B-NEL के O विरोध O के O कारण O न्यूक्लियर O सप्लायर्स O ग्रुप O ( O एनएसजी O ) O में O प्रवेश O भले O ही O न O पाया O हो O लेकिन O मिसाइल O टेक्नोलॉजी O कंट्रोल O रेजीम O ( O एमटीसीआर O ) O क्लब O में O भारत B-NEL चीन B-NEL से O पहले O जगह O पाने O में O सफल O हो O गया O । O 2017 B-NETI के O पेरिस O समझौते O से O अमेरिका B-NEL के O पीछे O हटने O के O बाद O भारत B-NEL इस O मामले O में O दूसरे O विकासशील O देशों O के O लिए O मिसाल O बनकर O उभरा O है O । O कुल O मिलाकार O पिछले B-NETI छह I-NETI वर्षों I-NETI में O भारतीय O विदेश O नीति O के O परम्परागत O रूढ़िवादी O तत्व O निष्प्रभावी O हुए O हैं O और O विदेश O मामलों O में O व्यावहारिक O पहल O पर O जोर O बढ़ा O है O । O उसकी O उम्र O एक B-NETI साल I-NETI की O है O । O अब O उसे O हर B-NETI माह I-NETI समय O से O माहवारी O होने O लगी O । O एक B-NETI साल I-NETI तक O सब O कुछ O ठीक O था O । O स्थिति O सुधारने O के O बिल्कुल O शुरुआती O प्रयासों O में O नागरिक O घोषणापत्र O शामिल O है O , O जो O 1994 B-NETI में O लाया O गया O था O । O उसके O बाद O 2005 B-NETI में O सूचना O का O अधिकार O ( O आरटीआई O ) O कानून O लागू O किया O गया O । O क्या O हम O जल्दी O ही O 50 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O ( O पांच B-NEN ट्रिलियन I-NEN डॉलर O ) O की O अर्थव्यवस्था O बनेंगे O और O क्या O 2025 B-NETI तक O यह O देश O जापान B-NEL को O पीछे O छोड़ O दुनिया O की O तीसरी O सबसे O बड़ी O आर्थिक O शक्ति O बन O जाएगा O ? O प्रधानमंत्री O द्वारा O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O लाल B-NEAR किले I-NEAR की O प्राचीर O से O दिए O गए O भाषण O में O यह O कहा O गया O था O कि O ' O वर्तमान O भारत B-NEL में O शासन O नहीं O सुशासन O तथा O स्वराज्य O को O सुराज्य O में O बदलने O की O आवश्यकता O है O । O ' O मूल O रूप O से O भारत B-NEL में O वर्ष B-NETI 1988 I-NETI में O लोक O शिकायत O निदेशालय O की O स्थापना O के O साथ O केंद्र O स्तर O पर O विभागीय O शिकायतों O के O निपटारे O का O कार्य O आरंभ O हुआ O । O आज B-NETI के O अधिकार O संपन्न O व O प्रबुद्ध O नागरिकों O की O सरकार O से O अपेक्षाएं O बढ़ O गईं O , O जिस O वजह O से O राज्य O स्तर O पर O भी O एक B-NEN सशक्त O शिकायत O निवारण O तंत्र O की O आवश्यकता O महसूस O हुई O । O राष्ट्रीय O डिजिटल O स्वास्थ्य O मिशन O को O नीति O आयोग O द्वारा O 2018 B-NETI में O प्रस्तावित O किया O गया O था O । O वर्ष O 2019 B-NETI के O वैश्विक O बहुआयामी O निर्धनता O सूचकांक O के O 2006 B-NETI और -NETI (( O 2016 - के O बीच O भारत B-NEL में O 27.1 B-NEN करोड़ I-NEN नागरिक O गरीबी O से O बाहर O निकले O हैं O । O मुद्रा O ऋण O योजना O की O शुरुआत O 2015 B-NETI में O की O गयी O जिसके O तहत O गैर O - O कृषि O और O गैर O - O कॉरपोरेट O सूक्ष्म O और O लघु O उद्यमों O को O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O का O कर्ज O दिया O जाता O है O । O इस O प्राथमिकता O की O पूर्ति O हेतु O आम O जनता O को O अधिक O आसानी O से O शासकीय O सेवाएं O देने O तथा O उनकी O शिकायतों O के O त्वरित O निराकरण O की O दिशा O में O कई O कदम O उठाए O हैं O , O जिनमें O सबसे O प्रमुख O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL लोक O सेवा O गारंटी O अधिनियम O - O 2010 B-NETI है O । O वर्ष O 2019 B-NETI में O शुरू O की O गयी O प्रधानमंत्री O किसान O सम्मान O निधि O योजना O के O तहत O सभी O किसानों O को O न्यूनतम O आय O समर्थन O के O रूप O में O सालाना O 6000 B-NEN रुपये O दिये O जाते O हैं O । O इनसे O कृषि O क्षेत्र O में O निवेश O लाने O और O 2022 B-NETI तक O किसानों O की O आमदनी O दोगुनी O करने O में O सहायता O मिलेगी O । O देश O को O मई B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO के O कार्यकारी O बोर्ड O का O अध्यक्ष O निर्वाचित O किया O गया O । O भारत B-NEL जून B-NETI 2020 I-NETI में O दो B-NEN साल O के O कार्यकाल O के O लिये O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO का O अस्थाई O सदस्य O निर्वाचित O किया O गया O । O इसी O वजह O से O लोक O सेवा O गारंटी O अधिनियम O के O सफल O क्रियान्वयन O हेतु O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL को O वर्ष B-NETI 2013 I-NETI में O स्कॉच O अवार्ड O तथा O वर्ष O 2014 B-NETI में O स्टेट O ई O - O गवर्नेंस O अवार्ड O प्रदान O किया O गया O । O वह O 2023 B-NETI में O जी O 20 O की O मेजबानी O करेगा O । O भारत B-NEL में O 3 B-NETI सितंबर I-NETI 1939 I-NETI को O अस्थायी O तौर O पर O भारत B-NEL के O रक्षा O नियमों O के O तहत O एक्सचेंज O नियंत्रण O पेश O किया O गया O था O । O 1991 B-NETI में O उदारीकरण O से O जुड़े O उपाय O पेश O किए O गए O और O इस O कानून O में O संशोधन O कर O नया O विदेशी O मुद्रा O नियमन O ( O संशोधन O ) O कानून O , O 1993 B-NETI पेश O किया O गया O । O बाहरी O कारकों O मसलन O विदेशी O मुद्रा O रिजर्व O में O भारी O बढ़ोतरी O , O विदेशी O व्यापार O में O बढ़ोतरी O , O शुल्कों O को O तर्कसंगत O बनाए O जाने O आदि O में O अहम O बदलावों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O 1999 B-NETI में O विदेशी O मुद्रा O नियमन O ( O फेरा O ) O की O जगह O विदेशी O मुद्रा O प्रबंधन O कानून O ( O फेमा O ) O लाया O गया O । O फेमा O को O 1 B-NETI जून I-NETI 2000 I-NETI से O लागू O किया O गया O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O 31 B-NETI दिसंबर I-NETI 2004 I-NETI से O अपने O इस O विभाग O का O नाम O भी O बदल O दिया O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI जनता O के O हित O में O है O , O प्रगतिगामी O है O , O संतुलित O व O लीक O से O हटकर O है O तथा O इससे O उम्मीद O है O कि O यह O जनता O की O आकांक्षाओं O का O ध्यान O रखेगा O । O उपभोक्ता O संरक्षण O के O क्षेत्र O में O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O पहल O में O उपभोक्ता O शिकायत O निपटारा O सेल O 2006 B-NETI में O उपभोक्ता O सेवा O विभाग O बनाया O जाना O शामिल O हैं O , O जिसका O नाम O हाल O में O बदलकर O उपभोक्ता O शिक्षा O और O संरक्षण O विभाग O कर O दिया O गया O है O । O विवादों O के O निपटारे O के O लिए O संस्थागत O तंत्र O को O मजबूत O बनाने O के O लिए O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ने O 1995 B-NETI में O बैंकिंग O लोकपाल O स्कीम O शुरू O की O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI “ O गरीबी O हटाओ O , O किसान O बचाओ O ” O बजट O है O । O स्वच्छता O : O 2017 B-NETI में O हासिल O उल्लेखनीय O उपलब्धियां O मैं O एक B-NETI साल I-NETI से O अधिक O समय O के O बाद O मालदीव B-NEL लौटा O हूं O और O इस O बीच O , O वास्तव O में O कोविड O के O बावजूद O हमारे O संबंधों O में O तेजी O से O प्रगति O हुई O है O । O मंत्रालय O ने O 2017 B-NETI में O जेंडर O दिशानिर्देश O और O 2015 B-NETI में O ऋतुचक्र O प्रबंधन O दिशानिर्देश O जारी O किया O । O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2014 I-NETI को O एसबीएम O की O शुरुआत O के O वक्त O सैनिटेशन O कवरेज O 38.70 B-NEN प्रतिशत O था O । O 18 B-NETI दिसंबर I-NETI 2017 I-NETI तक O यह O बढ़कर O 74.15 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O । O विमुद्रीकरण O के O बाद O और O नकद O रहित O अर्थव्यवस्था O पर O सक्रिय O नीतिगत O जोर O से O , O इंटरनेट O के O अतिरिक्त O प्रसार O ( O दिसंबर B-NETI 2015 I-NETI के O अनुसार O , O 40 B-NEN करोड़ I-NEN उपयोगकर्ता O ) O से O नकद O - O रहित O बैंकिंग O लेनदेन O की O प्रक्रिया O में O क्रांतिकारी O बदलाव O कर O देगी O और O मोबाइल O बैंक O एक B-NEN निजी O बैंक O शाखा O ( O केवल O एक B-NEN ही O साल O में O वर्ष O 2014 B-NETI में O स्मार्ट O फोन O का O उपयोग O 8 B-NEN करोड़ I-NEN तक O पहुंच O कर O दुगुना O हो O गया O है O ) O का O रूप O लेते O जा O रहे O हैं O । O विश्वभर O में O बैंकिंग O उद्योग O जल्द O ही O अपने O पारंपरिक O समय O 9 B-NEN से O 5 B-NEN बजे O के O स्थान O पर O चौबीसों B-NETI घंटे I-NETI की O सेवाएं O शुरू O कर O सकता O है O । O अप्रैल B-NETI 2016 I-NETI में O शुरू O स्वच्छता O पखवाड़ा O का O लक्ष्य O केन्द्रीय O मंत्रालयों O व O उनके O विभागों O द्वारा O स्वच्छता O के O विभिन्न O मसलों O पर O केन्द्रित O पखवाड़े O का O आयोजन O करना O है O । O इस O परियोजना O पर O हमने O जो O प्रगति O की O है O , O उसे O स्वीकार O करने O में O मुझे O बहुत O खुशी O हो O रही O है O और O हम O दो B-NETI साल I-NETI से O भी O कम O समय O में O अवधारणा O के O स्तर O से O बढ़कर O प्रारंभिक O कार्यों O के O स्तर O तक O चले O गए O हैं O , O वह O भी O कोविड O के O वर्षों O के O दौरान O । O मैं O इस O बात O पर O भी O ध्यान O दिलाना O चाहूँगा O कि O हनीमाधू O हवाई O अड्डा O पुनर्विकास O परियोजना O , O MIFCO B-NEO की O सुविधाओं O का O विस्तार O , O क्रिकेट O स्टेडियम O , O - O जिसके O बारे O में O हमने O बात O की O , O और O सामाजिक O आवास O परियोजनाओं O ने O पिछले B-NETI एक I-NETI साल I-NETI में O कार्यान्वयन O में O गति O देखी O है O । O मुझे O यह O जानकर O प्रसन्नता O हो O रही O है O कि O पिछले B-NETI साल I-NETI फरवरी B-NETI में O जब O मैं O यहां O था O , O तब O 40 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O की O स्पोर्ट्स O लाइन O ऑफ O क्रेडिट O की O डीपीआर O की O घोषणा O की O गई O थी O । O वैश्विक O बुनियादी O ढांचे O के O बाजार O में O भारत B-NEL का O 5 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O है O , O जिसमें O 2025 B-NETI तक O 9 B-NEN से O 10 B-NEN प्रतिशत O बढ़ोतरी O होने O की O उम्मीद O है O । O वित्तीय O वर्ष O 2017 B-NETI - O 18 B-NETI के O दौरान O मंत्रालयों O / O विभागों O ने O अपने O एसएपी O के O लिए O रु. O 12468.62 B-NEN करोड़ I-NEN खर्च O किये O हैं O । O हम O अपने O पर्यटन O के O निरंतर O विकास O से O प्रसन्न O हैं O और O मुझे O लगता O है O कि O हम O 2020 B-NETI और O 2021 B-NETI में O पर्यटकों O के O शीर्ष O स्रोतों O में O से O एक B-NEN रहे O हैं O । O आर्थिक O सर्वेक्षण O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O अनुसार O , O भारत B-NEL का O सेवा O क्षेत्र O , O भारत B-NEL में O जोड़े O गए O सकल O मूल्य O ( O जीवीए O ) O में O 55.2 B-NEN प्रतिशत O के O अंश O के O साथ O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O जीवीए O विकास O में O लगभग O 72.5 B-NEN प्रतिशत O का O योगदान O देते O हुए O भारत B-NEL के O आर्थिक O विकास O का O अहम O गति O प्रदाता O बना O है O जबकि O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI - I-NETI 18 I-NETI में O संपूर्ण O सेवा O क्षेत्र O के O विकास O की O दर O 8.3 B-NEN प्रतिशत O रहने O की O संभावना O है O । O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI की O पहली B-NETI छमाही I-NETI में O सेवा O क्षेत्र O निर्यात O में O 16.2 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O थी O । O निम्नलिखित O कुछ O नवीन O विचार O हैं O जो O अगले O 15 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI वर्षों I-NETI में O वास्तविकता O बन O सकते O हैं O : O 8 O मार्च O 2017 O स्वच्छ O शक्ति O का O आयोजन O अंतरराष्ट्रीय O महिला O दिवस O , O 8 B-NETI मार्च I-NETI 2017 I-NETI को O महात्मा O मन्दिर O , O गांधी B-NEL नगर I-NEL में O किया O गया O । O भारत B-NEL का O पर्यटन O क्षेत्र O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O विदेशी O पर्यटक O आगमन O ( O एफटीए O ) O में O 9.7 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O दर्ज O करके O 8.8 B-NEN मिलियन I-NEN और O विदेशी O विनिमय O एफएफई O में O 8.8 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O कर O 22.9 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O साथ O बहुत O अच्छा O प्रदर्शन O कर O रहा O है O । O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O , O एफटीए O 15.6 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O के O साथ O 10.2 B-NEN मिलियन I-NEN था O जबकि O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI की O तुलना O में O 20.8 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O के O साथ O पर्यटन O क्षेत्र O में O एफईई O 27.7 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरीकी O डॉलर O था O । O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O घरेलू O पर्यटक O यात्राएं O 12.7 B-NEN प्रतिशत O बढ़कर O 1614 B-NEN मिलियन I-NEN थी O जबकि O वर्ष B-NETI 2015 I-NETI में O यह O 1432 B-NEN मिलियन I-NEN थी O । O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O तमिलनाडु B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL , O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL और O कर्नाटक B-NEL 5 B-NEN शीर्ष O गंतव्य O राज्य O थे O । O स्वच्छ O संकल्प O से O स्वच्छ O सिद्धि O प्रतियोगिता O ( O 17 B-NETI अगस्त I-NETI से O 8 B-NETI सितंबर I-NETI ) O माननीय O प्रधानमंत्री O ने O स्वच्छ O संकल्प O से O स्वच्छ O सिद्धि O के O तहत O 2022 B-NETI तक O नए O भारत B-NEL के O निर्माण O के O लक्ष्य O का O आह्नान O किया O । O नैसकॉम B-NEO के O आंकड़ों O के O अनुसार O , O भारत B-NEL का O सूचना B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO - I-NEO व्यापार I-NEO प्रक्रिया I-NEO प्रबंधन I-NEO ( I-NEO आईटीबीपीएम I-NEO ) I-NEO उद्योग I-NEO वर्ष B-NETI 2015 I-NETI - O 16 O में O 129.4 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरीकी O डॉलर O से O बढ़कर O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 8.1 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O से O 139.9 B-NEN बिलियन I-NEN हो O गया O ( O ई O - O कॉमर्स O और O हार्डवेयर O को O छोड़कर O ) O । O इस O सपने O के O परिदृश्य O में O पेय B-NEO जल I-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O स्वच्छता O को O जन O आंदोलन O बनाने O की O दिशा O में O 17 B-NETI अगस्त I-NETI से O 8 B-NETI सितंबर I-NETI 2017 I-NETI तक O देश O भर O में O फिल्म O , O निबंध O व O चित्रकला O प्रतियोगिताओं O का O आयोजन O किया O । O ई O - O कॉमर्स O का O बाजार O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 19.1 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O से O अनुमानित O 33 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O है O । O स्वच्छता O ही O सेवा O ( O एसएचएस O ) O 16 B-NETI सितंबर I-NETI से O 2 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2017 I-NETI भारतीय O रियल O ईस्टेट O क्षेत्र O ने O वर्ष B-NETI 2017 I-NETI की O पहली B-NETI छमाही I-NETI में O 257 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O कुल O विदेशी O प्रत्यक्ष O निवेश O के O साथ O सुधार O के O संकेत O दर्शाए O हैं O , O जो O 2016 B-NETI में O कुल O एफडीआई O का O दोगुना O है O । O प्रधानमंत्री O ने O 27 B-NETI अगस्त I-NETI 2017 I-NETI के O अपने O मन O की O बात O में O स्वच्छता O के O भाव O को O जगाने O और O श्रमदान O करने O का O आह्वान O किया O तथा O सभी O एनजीओ O , O स्कूलों O , O कॉलेजों O , O सामाजिक O , O सांस्कृतिक O व O राजनीतिक O कार्यकर्ताओं O , O कॉरपोरेट O व O सरकारी O अधिकारियों O , O कलेक्टरों O तथा O सरपंचों O से O 15 B-NETI सितंबर I-NETI से O 2 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2017 I-NETI के O दौरान O स्वच्छता O गतिविधियों O के O आयोजन O की O अपील O की O । O पेशवर O वैज्ञानिक O एवं O प्रौद्योगिकी O कार्यकलाप O जिसमें O आर O एंड O डी O भी O शामिल O है O , O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI और O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O क्रमशः O 17.5 B-NEN प्रतिशत O और O 41.1 B-NEN प्रतिशत O बढ़ा O है O । O ग. O जल O और O स्वच्छता O प्रबंधन O संगठन O - O योजना O बनाने O , O कार्यान्वित O करने O , O प्रबंधन O करने O , O संचालित O करने O तथा O अपनी O स्वयं O की O जल O आपूर्ति O प्रणालियों O के O लिए O स्थानीय O गाँव O समुदाय O को O सशक्त O बनाकर O और O सुविधाएं O प्रदान O कर O गांवों O में O विकेन्द्रीकृत O , O मांग O - O संचालित O , O समुदाय O - O प्रबंधित O जल O आपूर्ति O प्रणालियों O के O नियोजन O के O लिए O फरवरी B-NETI , I-NETI 2002 I-NETI में O बनाया O गया O एक B-NEN अनूठा O संगठन O है O । O वैश्विक O नवाचार O सूचकांक O ( O जीआईआई O ) O 2017 B-NEL में O भारत B-NEL ने O वर्ष B-NETI 2016 I-NETI में O 86वें O स्थान O से O सुधार O करते O हुए O 127 B-NEN देशों O में O से O 60वां O स्थान O प्राप्त O किया O है O । O उपग्रह O लॉन्चिंग O के O मामले O में O , O मार्च B-NETI 2017 I-NETI तक O भारत B-NEL में O पीएसएलवी O ने O 254 B-NEN उपग्रह O सफलतापूर्वक O लॉन्च O किए O । O उपग्रह O लॉन्च O सेवा O के O निर्यात O से O भारत B-NEL की O विदेशी O विनिमय O कमाई O में O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O 149 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O बढ़कर O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI और O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 394 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O महत्वपूर्ण O वृद्धि O हुई O है O । O वैश्विक O उपग्रह O लॉन्च O सेवा O राजस्व O में O भारत B-NEL का O हिस्सा O वर्ष B-NETI 2014 I-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O 0.3 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़कर O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O 1.1 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O इस O प्रक्रिया O के O हिस्से O के O रूप O में O , O मंत्रालय O 2018 B-NETI में O शुरू O किए O गए O राष्ट्रीय O ग्राम O स्वराज O अभियान O की O अपनी O प्रमुख O योजना O के O माध्यम O से O निर्वाचित O प्रतिनिधियों O और O अन्य O हितधारकों O के O क्षमता O निर्माण O और O प्रशिक्षण O पर O बहुत O जोर O देता O है O । O पिछले B-NETI 3 I-NETI वर्षों I-NETI में O , O इसने O 110 B-NEN लाख I-NEN निर्वाचित O प्रतिनिधियों O और O हितधारकों O को O प्रशिक्षित O किया O है O । O कहीं O - O कहीं O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O वर्षा O लगभग O 15 B-NETI दिनों I-NETI में O होती O है O और O कई O स्थानों O पर O एक B-NETI वर्ष I-NETI में O 100 B-NETI घंटे I-NETI से O कम O वर्षा O होती O है O । O 2018 B-NETI से O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O की O तैयारी O के O लिए O बड़े O पैमाने O पर O ये O प्रयास O देश O भर O में O सालाना O जन O योजना O अभियान O ( O सबकी O योजना O सबका O विकास O ) O के O माध्यम O से O मिशन O मोड O में O शुरू O किए O गए O हैं O । O इस O दिशा O में O बदलाव O की O खिड़की O खोली O , O वर्ष O 2014 B-NETI में O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O नियोजित O “ O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O ' O ने O । O अनुमान O है O कि O देश O की O पानी O की O वार्षिक O आवश्यकता O 2025 B-NETI में O लगभग O 843 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O और O 2050 B-NETI में I-NETI 1,180 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O हो O जाएगी O । O यह O 2001 B-NETI में O 1,816 B-NEN घन O मीटर O से O घटकर O 2011 B-NETI में O 1545 B-NEN घन O मीटर O हो O गई O । O हमारे O देश O में O पानी O की O उपलब्धता O पहले O से O ही O प्रति B-NETI व्यक्ति O परिभाषित O उपलब्धता O 1,700 B-NEN घन O मीटर O से O कम O है O । O पानी O की O उपलब्धता O और O कम O होकर O 2025 B-NETI तक O प्रति O व्यक्ति O 1340 B-NEN घन O मीटर O और O 2050 B-NETI तक I-NETI 1,140 B-NEN घन O मीटर O हो O जाने O का O अनुमान O है O । O पानी O कनेक्शन O देना O , O मीटर O की O जांच O करना O , O दूट O - O फूट O की O मरम्मत O , O 24 B-NETI घण्टे I-NETI जलापूर्ति O , O एवज्‌ O हालांकि O उन्होंने O अर्थव्यवस्था O में O अलग O - O अलग O भूमिका O निभायी O है O , O परन्तु O वर्ष O 2010 B-NETI से O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O क्रेडिट O वृद्धि O ने O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O मामले O में O वृद्धि O को O निरंतर O पीछे O छोड़ O दिया O है O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O जमा O राशि O का O प्रतिशत O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2007 I-NETI में O 20 B-NEN प्रतिशत O की O तुलना O में O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI में O बढ़कर O 24 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O इसके O विपरीत O नए O युग O के O ज्यादातर O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O किसी O भी O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O से O वंचित O थे O क्योंकि O वे O 2000 B-NETI के O दशक O में O अपने O विस्तार O के O बाद O उदारीकरण O के O बाद O के O युग O में O पैदा O हुए O थे O । O वर्ष O 2012 B-NETI में O क्रेडिट O में O केवल O 18 B-NEN प्रतिशत O हिस्सेदारी O होने O के O बावजूद O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O पीओएस O मशीनों O को O लगाकर O अपनी O पहुंच O का O विस्तार O करना O शुरू O कर O दिया O था O , O जहां O 2012 O में O उनका O 80 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O था O । O निजी O बैंकों O के O लिए O सीआई O लगातार O गिरती O जा O रही O है O , O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2016 I-NETI में O 47 B-NEN प्रतिशत O से O घटकर O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2017 I-NETI में O 43 B-NEN प्रतिशत O रही O । O * O गवर्नेंस O से O संबंधित O सुधार O जैसे O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O की O स्थापना O , O सीएमडी O के O पद O को O गैर O - O कार्यकारी O अध्यक्ष O और O सीईओ O में O विभाजित O करना O और O सीईओ O ( O 5 B-NETI साल I-NETI ) O के O लिए O लंबे O कार्यकाल O की O सिफारिश O से O दीर्घकाल O में O निपुणता O में O सुधार O होने O की O उम्मीद O है O । O सरकारों O के O बीच O अंतरण O में O ढांचागत O बदलावों O के O अलावा O राज्यों O को O केंद्र O से O अंतरण O की O मात्रा O भी O 2011 B-NETI - I-NETI 12 I-NETI के O 5.61 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O से O बढ़कर O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O 6.71 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O हुई O और O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI में O भारी O बढ़ोतरी O के O साथ O 11.18 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O हो O गई O ( O तालिका O - O 1 B-NEN ) O । O वर्ष O 2025 B-NETI तक O भारत B-NEL दुनिया O की O चौथी O सबसे O बड़ी O अर्थव्यवस्था O बनने O की O उम्मीद O के O साथ O निम्न O 4 B-NEN कारक O बैंकिंग O परिदृश्य O को O निर्धारित O करेंगे O : O - O इन्हें O दुरुस्त O बनाने O की O सबसे O हालिया O पहल O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O हुई O , O जो O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O को O युक्तिसंगत O बनाने O के O लिए O गठित O मुख्यमंत्रियों O के O उप O - O समूह O की O सिफारिशों O पर O आधारित O थी O । O वर्ष B-NETI 2019 I-NETI - I-NETI 20 I-NETI के O दौरान O 6909 B-NEN उर्दू O प्रकाशन O का O पंजीकरण O रजिस्ट्रार O ऑफ O न्यूजपेपर O फॉर O इंडिया B-NEL के O तहत O हुआ O था O । O इसकी O स्थापना O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 1996 I-NETI को O उर्दू O भाषा O के O विकास O , O प्रचार O और O प्रसार O के O लिए O की O गई O थी O । O बजट O बनाते O समय O योजनागत O एवं O गैर O योजनागत O का O अंतर O 2017 B-NETI - I-NETI 18 I-NETI के O बजट O में O खत्म O कर O दिया O गया O । O गुजरात B-NEL और O महाराष्ट्र B-NEL राज्य O 1 B-NETI मई I-NETI को O अपना O स्थापना O दिवस O मना O रहे O हैं O । O संसद O ने O “ O बॉम्बे O पुनर्गठन O अधिनियम O , O 1960 O ' O पारित O किया O , O जिसमें O कहा O गया O था O कि O “ O नियत O दिन O ( O 1 B-NETI मई I-NETI , I-NETI 1960 I-NETI ) O से O गुजरात B-NEL राज्य O के O रूप O में O जाना O जाने O वाला O एक B-NEN नया O राज्य O बनाया O जाएगा O जिसमें O बंबई B-NEL राज्य O से O निम्नलिखित O क्षेत्र O शामिल O होंगे O और O उसके O बाद O उक्त O क्षेत्र O बंबई B-NEL राज्य O का O हिस्सा O नहीं O रहेंगे O शेष O बंबई O राज्य O महाराष्ट्र B-NEL राज्य O के O रूप O में O जाना O जाएगा O । O वर्ष B-NETI 2011 I-NETI की O जनगणना O के O अनुसार O भारत B-NEL में O उर्दू O बोलने O वालों O की O संख्या O 5,07,72,63 B-NEN थी O । O आने B-NETI वाले I-NETI समय I-NETI में O आशा O की O जा O सकती O है O कि O साहित्य O को O पढ़ा O जाएगा O और O उसे O प्रोत्साहित O भी O किया O जाएगा O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ( O ) O की O स्थापना O 1 B-NETI अप्रैल I-NETI 1935 I-NETI में O की O गई O थी O । O शुरू O में O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO का O केंद्रीय O कार्यालय O कोलकाता B-NEL में O बनाया O गया O , O लेकिन O 1937 B-NETI में O इसे O स्थायी O रूप O से O मुंबई B-NEL ( O तब O का O बंबई B-NEL ) O भेज O दिया O गया O । O शुरू O में O इसका O मालिकाना O निजी O हाथों O में O था O , O लेकिन O 1949 B-NETI में O इसका O राष्ट्रीयकरण O कर O दिया O गया O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI कई O मायनों O में O अनूठा O है O । O मई B-NETI 2016 I-NETI में O भारतीय O रिजर्व O बैंक O अधिनियम O , O 1934 O में O संशोधन O किया O गया O । O मई B-NETI 2016 I-NETI में O रिजर्व O बैंक O कानून O में O संशोधन O से O पहले O महंगाई O दर O से O जुड़ा O सिस्टम O सरकार O और O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O बीच O 20 B-NETI फरवरी I-NETI 2015 I-NETI को O मौद्रिक O नीति O ढांचे O को O लेकर O हुई O सहमति O के O आधार O पर O संचालित O होता O था O । O केंद्रीय O बजट O 2018 B-NETI - O 19 O का O दूसरा O सबसे O अहम O हिस्सा O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O और O सामाजिक O सुरक्षा O की O बाकी O योजनाओं O पर O जोर O देना O है O । O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ( I-NEO वर्ल्ड I-NEO हेल्थ I-NEO ऑर्गनाइजेशन I-NEO - I-NEO डब्ल्यूएचओ I-NEO ) I-NEO ने O कोविड O - O 19 O को O 30 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O “ O अंतरराष्ट्रीय O चिंता O का O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O आपातकाल O " O घोषित O किया O । O इसके O बाद O इस O रोग O के O फैलाव O को O देखते O हुए O डब्ल्यूएचओ B-NEO ने O 11 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2020 I-NETI को O इसे O वैश्विक O महामारी O घोषित O कर O दिया O । O इस O समय O देश O की O सूक्ष्म O सिंचाई O क्षमता O 6.95 B-NEN करोड I-NEN हैक्टेयर O है O जिसमें O से O 2014 B-NETI तक O सिर्फ O 10 B-NEN प्रतिशत O का O उपयोग O हो O रहा O था O । O 2022 B-NETI तक O 100 B-NEN लाख I-NEN हेक्टेयर O क्षेत्र O को O सूक्ष्म O सिंचाई O के O अंतर्गत O लाने O से O किसानों O की O आमदनी O में O प्रति O एकड़ O 10,000 B-NEN से O 25,000 B-NEN रुपये O की O संभावित O बढ़ोतरी O होने O की O उम्मीद O है O । O * O 15 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O जल O आपूर्ति O के O लिए O नल O के O कनेक्शन O वाले O घरों O की O संख्या O 3,23,62,838 B-NEN ( O 16.86 B-NEN % O ) O प्रधानमंत्री O की O अध्यक्षता O में O आर्थिक O मामलों O की O मंत्रिमंडलीय O समिति O ने O सांसद O स्थानीय O क्षेत्र O विकास O ( O एमपीलैड O ) O योजना O को O 14वें B-NEN वित्त O आयोग O के O अंत O तक O अर्थात् O 31.03.2020 B-NETI तक O जारी O रखने O की O मंजूरी O दे O दी O है O । O एमपीलैड O योजना O केंद्रीय O योजना O है O , O जो O 1993 B-NETI - I-NETI 94 I-NETI में O आरंभ O की O गई O थी O । O योजना O के O आरंभ O से O लेकर O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 44,929.17 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O कुल O 18,82,180 B-NEN कार्यों O को O एमपीलैड्स O कोष O से O स्वीकृति O मिल O चुकी O है O । O यह O महाआपदा O नवंबर B-NETI 2019 I-NETI में O चीन B-NEL के O वुहान B-NEL से O शुरू O हुई O और O देखते O ही O देखते O दुनिया O भर O में O फैल O गई O । O 30 B-NETI जनवरी I-NETI 2020 I-NETI को O इसे O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O चिंताजनक O जन O स्वास्थ्य O आपात O स्थिति O और O 11 B-NETI मार्च I-NETI 2020 I-NETI को O वैश्विक O महामारी O घोषित O कर O दिया O गया O । O 8 B-NETI अप्रैल I-NETI 2021 I-NETI तक O विश्व O भर O में O कोरोना O संक्रमण O से O 28 B-NEN लाख I-NEN 75 O हजार B-NEN 672 I-NEN लोग O काल O के O गाल O में O समा O गए O । O वित्त O वर्ष O 2014 B-NETI - I-NETI 15 I-NETI में O कुल O 45.15 O अरब O डॉलर O का O एफडीआई O आया O , O जबकि O 2013 B-NETI - I-NETI 14 I-NETI में O 36,05 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O ही O आए O थे O । O 2015 B-NETI - I-NETI 16 I-NETI में O देश O को O कुल O 55.46 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O एफडीआई O हासिल O हुआ O । O वित्त O वर्ष O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI में O 60.08 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O कुल O एफडीआई O आया O है O , O जो O अब O तक O की O सबसे O अधिक O राशि O है O । O इसकी O स्थापना O संसदीय O अधिनियम O के O तहत O भारत B-NEL की O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO ने O सन् O 1971 B-NETI में O की O । O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O पूर्वोत्तर O विजन O 2020 B-NETI को O तैयार O करने O में O अहम O भूमिका O निभाई O है O , O जिसके O अंतर्गत O लक्ष्य O , O इनकी O रूपरेखा O , O चुनौतियों O की O पहचान O और O विभिन्न O क्षेत्रों O में O शांति O , O समृद्धि O और O विकास O के O लिए O क्रियान्वयन O रणनीति O बनाई O गई O है O । O राजस्व O प्राप्ति O में O भारी O गिरावट O के O कारण O राज्यों O के O वित्तीय O साधनों O पर O दबाव O कम O करने O , O पूंजीगत O व्यय O में O भारी O कटौती O से O बचने O और O राजकोषीय O प्रवाह O में O संकुचन O को O रोकने O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 17 B-NETI मई I-NETI 2020 I-NETI को O वित्त O वर्ष O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI के O लिए O राज्यों O की O ऋण O सीमा O को O उनके O सकल O राज्य O घरेलू O उत्पाद O के O अनुपात O में O 2 B-NEN प्रतिशत O और O बढ़ा O दिया O । O अप्रैल B-NETI 2000 I-NETI में O हस्ताक्षर O किए O गए O सहमति O - O पत्र O के O अनुसार O इस O कार्य O के O लिए O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O 60 B-NEN प्रतिशत O और O भारतीय O विमानपत्तन O प्राधिकरण O ने O 40 B-NEN प्रतिशत O की O वित्तीय O सहायता O दी O है O । O वर्ष O 2012 B-NETI - I-NETI 13 I-NETI के O दौरान O इसके O अनुसार O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O 5 B-NEN और O हवाई O अड्डो O की O विकास O योजनाओं O को O स्वीकृत O किया O है O । O इसके O अतिरिक्त O क्षेत्र O में O हवाई O सेवा O को O बढाने O के O लिए O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O एलाइंस B-NEAR एयर I-NEAR को O 2002 B-NETI से O दिसंबर B-NETI 2011 I-NETI तक O निधि O सहयोग O भी O दिया O है O । O यह O सच O है O कि O प्रथम O पंचवर्षीय O योजना O से O लेकर O जलजीवन O मिशन O की O शुरुआत O से O पहले O यानी O 2019 B-NETI तक O स्वच्छ O - O शुद्ध O पेयजल O मुहैया O कराने O की O मुहिम O में O भारत B-NEL 1500 B-NEN अरब I-NEN रुपये O से O अधिक O धनराशि O खर्च O कर O चुका O है O ; O बावजूद O इसके O नतीजे O अनुकूल O नहीं O थे O । O मई B-NETI 1999 I-NETI में O शुरू O हुई O इस O परियोजना O के O तहत O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O सर्वाधिक O दुर्गम O जिलों O में O स्थित O 860 B-NEN गांवों O के O 39161 B-NEN ग्रामीणों O को O लाभ O मिला O है O । O सिंतबर B-NETI 2008 I-NETI में O परियोजना O के O पहले O चरण O में O असम B-NEL , O मणिपुर B-NEL और O मेघालय B-NEL के O दो B-NEN - O दो B-NEN जिलों O को O लाभ O दिया O गया O । O परियोजना O के O पहले O चरण O की O सफलता O के O बाद O 2010 B-NETI - I-NETI 11 I-NETI में O अनुमोदित O दूसरे O चरण O में O पहले O चरण O से O जुड़े O 466 B-NEN गांवों O में O इसे O लागू O किया O जाएगा O । O वर्ष O 1951 B-NETI में O जल O उपलब्धता O 5177 B-NEN क्यूबिक O मीटर O प्रति O व्यक्ति O थी O । O भूस्खलन O गतिविधि O जो O आम O तौर O पर O मानसून O या O भूकंप O के O दौरान O होती O है O , O संभावित O रूप O से O लंबी O अवधि O के O लिए O छोटे O चैनलों O को O अवरोधित O कर O सकती O है O जैसे O बिरही B-NEL गंगा I-NEL की O भूस्खलन O अवरोधक O झील O ( B-NEL गोहाना I-NEL ताल I-NEL ) I-NEL , O 76 B-NETI साल I-NETI ( B-NETI 1893 I-NETI - I-NETI 1970 I-NETI ) I-NETI तक O बनी O रही O । O वर्ष O 2050 B-NETI में O 1000 B-NEN क्यूबिक O मीटर O के O आसपास O प्रति O व्यक्ति O हो O जाने O का O आकलन O है O । O 1970 B-NETI में O बिरही B-NEL गंगा I-NEL के O गोहना B-NEL ताल I-NEL के O टूटने O से O श्रीनगर B-NEL ( B-NEL गढ़वाल I-NEL ) I-NEL शहर O तबाह O हो O गया O और O हरिद्वार B-NEL में O गंगा B-NEL नहर O को O काफी O नुकसान O पहुंचा O । O इसी O तरह O , O सतलुज B-NEL नदी O घाटी O ( O हिमाचल B-NEL हिमालय B-NEL ) O में O भी O वर्ष B-NETI 2000 I-NETI और O 2005 B-NETI में O भूस्खलन O झील O विस्फोट O से O आने O वाली O बाढ़ O के O कारण O बड़े O पैमाने O पर O तबाही O देखी O गई O थी O । O गौर O करें O कि O 11वीं O पंचवर्षीय O योजना O के O शुरू O में O प्रस्तुत O “ O वाटर O एड O ' O की O रिपोर्ट O में O प्रति B-NETI वर्ष I-NETI 3.77 B-NEN करोड़ I-NEN भारतीय O आबादी O के O जल O - O जनित O बीमारियों O से O ग्रसित O होने O का O आंकड़ा O है O । O यहां O जलजनित O का O अर्थ O है O - O केन्द्रीय B-NEO स्वास्थ्य I-NEO सूचना I-NEO ब्यूरो I-NEO तथा O स्वास्थ्य O - O परिवार O कल्याण O मंत्रालय O ने O वर्ष O - O 2018 B-NETI पर O आधारित O आंकड़ों O में O जल O - O जनित O बीमारियों O से O ग्रसितों O की O संख्या O 36 B-NEN हजार I-NEN व्यक्ति O प्रतिदिन B-NETI , O अर्थात O 1.314000 B-NEN करोड़ I-NEN व्यक्ति O प्रति B-NETI वर्ष I-NETI ; O तदनुसार O हमारी O तत्कालीन O कुल O आबादी O का O लगभग O एक B-NEN प्रतिशत O । O अप्रैल B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI में O यह O आंकड़ा O भिन्न O हो O सकता O है O । O हम O जानते O हैं O कि O क्या O गढ़वाल B-NEL हिमालय B-NEL में O 1970 B-NETI , O 2013 B-NETI , O 2021 B-NETI की O घटनाएं O छिटपुट O हैं O या O वे O एक B-NEN दीर्घकालिक O जलवायु O चक्र O के O कारण O हुई O हैं O । O ज्यादातर O मामलों O में O , O बाढ़ O के O स्तर O का O अवलोकन O सौ B-NETI वर्षों I-NETI से O अधिक O पुराना O नहीं O है O जो O बाढ़ O की O दीर्घकालिक O परिवर्तनशीलता O और O बड़ी O घटनाओं O के O पीछे O के O कारकों O को O समझने O के O लिए O पर्याप्त O नहीं O हो O सकता O है O । O उत्तर O में O करबल B-NEAR कथा I-NEAR को O नस्र O का O पहला O लेख O माना O जाता O है O , O जिसे O 1731 B-NETI में O लिखा O गया O था O । O 1757 B-NETI में O प्लासी B-NEL का O युद्ध O जीतने O के O बाद O ईस्ट B-NEL इंडिया I-NEL कंपनी O ने O अपनी O प्रशासनिक O कार्यवाही O को O और O भी O कड़ा O कर O दिया O था O । O * O 2024 B-NETI तक O सभी O ग्रामीण O घरों O में O नल O जल O आपूर्ति O । O हालांकि O धन O के O अभाव O में O 1854 B-NETI में O कॉलेज O बंद O हो O गया O लेकिन O यहां O जो O पुस्तकें O तैयार O हुईं O उन्होंने O उर्दू O नस्र O के O विकास O में O किसी O भी O अलंकृत O भाषा O से O स्वयं O को O आजाद O रखा O । O 19,19,10,552 B-NEN घरों O में O नल O कनेक्शन O देने O के O लक्ष्य O के O तहत O 27 B-NETI फरवरी I-NETI 2021 I-NETI तक O 7,00,03,921 B-NEN ( O 36.48 B-NEN प्रतिशत O ) O ग्रामीण O घरों O में O नल O कनेक्शन O दिए O गए O । O इस O योजना O पर O 2020 B-NETI - I-NETI 21 I-NETI से O 2024 B-NETI - I-NETI 25 I-NETI तक O 5 B-NEN वर्षों O में O कुल O मिलाकर O 6,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O व्यय O किए O जाएंगे O । O 2021 B-NETI - O 22 B-NETI के O केंद्रीय O बजट O में O , O सार्वभौमिक O जल O आपूर्ति O और O स्वच्छ O भारत O मिशन O पर O विशेष O ध्यान O दिया O गया O है O । O नदियों O को O जोड़ने O के O लिए O गठित O कार्य O दल O के O अध्यक्ष O ( O कैबिनेट O मंत्री O समतुल्य O ) O के O रूप O में O 2002 B-NETI से O 2004 B-NETI तक O मेरे O कार्यकाल O के O दौरान O मैंने O भारत B-NEL सरकार - के O लिए O व्यापक O कार्यक्रम O की O अध्यक्षता O की O । O विश्व O व्यवस्था O में O प्रमुख O भूमिका O की O ओर O भारत B-NEL पिछले B-NETI छह I-NETI वर्षों I-NETI में O भारत B-NEL केंद्रित O विदेश O नीति O के O कारण O ही O हमारा O देश O दुनिया O को O यह O संदेश O देने O में O सफल O रहा O है O कि O भारत O अंतरराष्ट्रीय O व्यवस्था O की O प्राथमिकताओं O को O परिभाषित O करने O की O इच्छा O एवं O योग्यता O रखता O है O । O केंद्रीय O रेल O मंत्री O के O रूप O में O मैंने O 2014 B-NETI से I-NETI 2017 I-NETI तक O रेलवे O स्टेशनों O पर O वाटर B-NEAR वेंडिंग I-NEAR मशीनों I-NEAR की O शुरुआत O की O । O दिनांक O एक B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2004 I-NETI से O पूर्व O नियुक्त O कार्मिकों O एवं O पेंशनरों O की O असीमित O मात्रा O में O आउटडोर O की O सन्धि O मिलेगी O । O वर्ष O 2018 B-NETI में O भारत B-NEL ने O कारोबार O सुगमता O सूची O में O अपनी O स्थिति O सुधार O ली O । O दिनांक O एक B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2004 I-NETI के O पश्चात O नियुक्त O कार्मिकों O को O विकल्प O लेने O पर O 5 B-NEN लाख I-NEN रूपए O तक O की O कैशलेस O आईपीडी O उपचार O सुविधा O , O क्रिटिकल O बीमारियों O के O लिए O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपए O तक O की O अतिरिक्त O चिकित्सा O सुविधा O तथा O 20 B-NEN हजार I-NEN रूपए O तक O की O वार्षिक O सीमा O की O आउटडोर O चिकित्सा O सुविधा O का O लाभ O भी O मिल O सकेगा O । O राज्य O में O विधायकों O , O पूर्व O विधायों O सहित O राज्य O सरकर O , O निकाय O , O बोर्ड O एवं O निगमों O के O कार्मिकों O तथा O पेंशनरों O को O उपचार O की O बेहतर O सुविधा O देने O के O उद्देश्य O से O राजस्थान O गवर्नमेंट O हैल्थ O स्कीम O ( O आरजएचएस O ) O को O प्रथम O चरण O में O 1 B-NETI जुलाई I-NETI से O लागू O करने O की O मंजूरी O दे O दी O अब O तक O इस O योजना O में O न्यायिक O एवं O अखिल O भारतीय O सेवा O के O कार्यरत O एवं O सेवानिवृत्त O अधिकारियों O , O दिनांक O 1 B-NETI जनवरी I-NETI , I-NETI 2004 I-NETI से O पूर्व O नियुक्त O एवं O इसके O पश्चात O नियुक्त O राज्य O सरकार O के O कार्मिकों O , O पेंशनर्स O तथा O स्वायत्तशासी O संस्थाओं O , O पांचों B-NEN बिजली O कंपनियों O , O आरआइएसएल B-NEO , O आरएसएमरम B-NEO तथा O जयपुर B-NEL मेट्रो O के O करीब O 5.30 B-NEN लाख I-NEN लाभार्थी O परिवारों O का O पंजीयन O आरजीएचएस O पोर्टल O पर O हो O चुका O है O । O 2016 B-NETI में O भारत B-NEL इस O सूची O में O 136वें O स्थान O पर O था O और O उससे O पिछले O वर्ष O यानि O 2015 B-NETI में O 137वें O स्थान O पर O । O दिवालिया O कानून O में O बदलाव O की O पहल O 2016 B-NETI में O शुरू O हुई O , O जब O सरकार O ने O दिवाला O और O शोधन O अक्षमता O बोर्ड O ( O आईबीबीआई O ) O जैसे O रेगुलेटर O के O साथ O दिवाला O और O शोधन O अक्षमता O संहिता O ( O आईबीसी O ) O को O लागू O किया O । O वित्त B-NETI वर्ष I-NETI 2015 I-NETI - I-NETI 16 I-NETI के O दौरान O व्यापक O और O सम्मिलित O विकास O योजना O के O वाहक O के O रूप O में O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O की O तैयारी O को O संस्थागत O रूप O दिया O गया O था O । O चौदहवें O वित्त B-NEO आयोग I-NEO ( B-NEO एफएफसी I-NEO ) I-NEO ने O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O जमीनी O स्तर O की O योजना O के O महत्व O को O मान्यता O देते O हुए O , O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O ( O आरएलबी O ) O को O , O 2015 B-NETI और O 2020 B-NETI तक O पांच B-NETI साल I-NETI की O अवधि O में O अपने O क्षेत्रों O में O बुनियादी O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O 2,00,292 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किए O । O इसके O बाद O , O पंद्रहवें O वित्त B-NEO आयोग I-NEO ने O 2021 B-NETI - I-NETI 26 I-NETI में O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O के O लिए O 2,36,805 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किए O हैं O , O जिसमें O से O अनुशंसित O अनुदान O का O 40 B-NEN प्रतिशत O टाइड O फंड O से O और O शेष O 60 B-NEN प्रतिशत O अनटाइड O फंड O से O आवंटित O किया O जाएगा O वेतन O और O अन्य O स्थापना O लागतों O को O छोड़कर O , O ग्यारहवीं O अनुसूची O में O सूचीबद्ध O 29 B-NEN विषयों O के O तहत O महसूस O की O गई O जरूरतों O के O लिए O अनटाइड O अनुदान O का O उपयोग O किया O जा O सकता O है O । O * O पिछले B-NETI साल I-NETI के O सामान्य O अध्ययन O के O प्रश्न O पत्रों O को O हल O करने O की O कोशिश O करें O । O * O आखिरी O एक B-NETI महीने I-NETI में O नई O विषय O - O सामग्री O नहीं O पढ़ें O । O अंतिम O एक B-NETI महीना I-NETI पढ़ी O गई O सामग्री O को O सिर्फ O दोहराने O , O दोहराने O और O दोहराने O के O लिए O रखें O कई O ताम्रपाषाण O युगीन O स्थलों O की O जानकारी O प्राप्त O हुई O है O और O इनामगांव B-NEL ( O 1300 B-NETI ईसा I-NETI पूर्व I-NETI से I-NETI 700 I-NETI ईसा I-NETI पूर्व I-NETI ) O जैसे O कुछ O की O बड़े O पैमाने O पर O खुदाई O की O गई O थी O । O * O आपकी O तैयारी O की O रणनीति O इस O तरह O होनी O चाहिए O मानो O आप O अगले B-NETI दिन I-NETI ही O बोर्ड O की O परीक्षा O देने O जा O रहे O हैं O * O इस O बात O पर O भी O गौर O करें O कि O चुने O गए O वैकल्पिक O विषय O का O पिछले B-NETI कुछ I-NETI साल I-NETI के O दौरान O प्रदर्शन O कैसा O रहा O है O सतत O विकास O लक्ष्य O 3 B-NEN का O संकल्प O है O कि O 2030 B-NETI तक O महामारियों O और O चुने O हुए O संचारी O रोगों O के O साथ O - O साथ O सबके O लिए O स्वास्थ्य O और O आरोग्य O सुनिश्चित O किया O जाए O । O 1962 B-NETI में O भारतीय O राष्ट्रीय O अंतरिक्ष O अनुसंधान O समिति O ( O इन्कोस्पार O ) O की O स्थापना O , O और O उसके O बाद O 1963 B-NETI में O थुम्बा B-NEO इक्वेटोरियल I-NEO लॉन्चिंग I-NEO स्टेशन I-NEO ( I-NEO टीईआरएलएस I-NEO ) I-NEO से O प्रथम O परिज्ञापी O रॉकेट O ( O साउंडिंग O रॉकेट O ) O के O प्रक्षेपण O के O साथ O ही O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O की O औपचारिक O शुरुआत O हुई O । O इसी O खाई O को O समझते O हुए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 2018 B-NETI में O आयुष्मान O भारत B-NEL कार्यक्रम O शुरू O किया O । O भारतीय B-NEO अंतरिक्ष I-NEO अनुसंधान I-NEO संगठन I-NEO ( I-NEO इसरो I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O 1969 B-NETI , O इन्कोस्पार O के O स्थान O पर O की O गई O थी O । O 70 O का O दशक B-NETI सीखने O का O दौर O था O और O उस O दौरान O अनेक O प्रायोगिक O उपग्रहों O का O निर्माण O किया O गया O , O जिनमें O भारत B-NEL का O प्रथम O उपग्रह O आर्यभट्ट B-NEAR भी O शामिल O था O , O जिसका O प्रक्षेपण O 19 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 1975 I-NETI को O पूर्व B-NEL सोवियत I-NEL संघ I-NEL के O प्रक्षेपण O केंद्र O से O किया O गया O , O आर्यभट्ट B-NEAR ने O बाद O के O बेहद O सफल O भारतीय O उपग्रह O कार्यक्रम O के O लिए O मजबूत O आधारशिला O रखी O । O इसके O अतिरिक्त O , O (( O भारत - के O प्रथम O प्रायोगिक O संचार O उपग्रह O - B-NEAR ऐरियन I-NEAR यात्री I-NEAR नीतभार I-NEAR परीक्षण I-NEAR , O का O प्रक्षेपण O हालांकि O यूरोपीय O ऐरियन B-NEAR रॉकेट I-NEAR द्वारा O किया O गया O था O , O लेकिन O यह O जून B-NETI 1981 I-NETI में O भारत B-NEL में O विकसित O रॉकेट O मोटर O की O सहायता O से O अपनी O अंतिम O भूतुल्यकालिक O जियोसिंक्रोनस O ऑर्बिट O कक्षा O में O पहुंच O गया O । O 12 B-NETI अप्रैल I-NETI 2020 I-NETI से O अब O तक O राज्य O के O सभी O सरपंचों O को O ग्राम O पंचायतों O के O स्तर O पर O कोविड O - O 19 O से O संबंधित O सावधानियों O और O संबंधित O उपायों O के O बारे O में O एक B-NEN दैनिक O व्हाट्सऐप O संदेश O भेजा O जा O रहा O है O । O दो B-NEN अन्य O महत्वपूर्ण O उपग्रह O संचार O परीक्षण O , O जिनका O उनकी O मौलिकता O और O सहयोग O की O भावना O के O कारण O यहां O उल्लेख O करना O उचित O होगा O वे O हैं O साइट O - O उपग्रह O अनुदेशात्मक O टेलीविजन O परीक्षण O ( O 1975 B-NETI - I-NETI 76 I-NETI ) O और O स्टेप O - O उपग्रह O दूरसंचार O परीक्षण O परियोजना O ( O 1977 B-NETI - I-NETI 79 I-NETI ) O , O जिन्होंने O उपग्रहों O के O उपयोग O को O पूर्णतया O संचार O और O प्रसारण O के O लिए O स्थापित O कर O दिया O और O उसके O लिए O व्यावहारिक O अनुभव O प्रदान O करते O हुए O इन्सैट O ( O भारतीय O राष्ट्रीय O उपग्रह O प्रणाली O ) O श्रृंखला O के O उपग्रहों O के O लिए O मार्ग O प्रशस्त O किया O । O दुर्भाग्य O ही O है O कि O इस O विचारधारा O के O कारण O अनेक O स्कूलों O ने O तो O संगीत O को O पाठ्यक्रम O में O शामिल O करना O भी O बंद O कर O दिया O है O या O फिर O वे O अन्य O विषयों O के O लिए O अधिक O समय O की O व्यवस्था O करने O हेतु O संगीत O के O लिए O पूरे B-NETI सप्ताह I-NETI में O 45 B-NETI मिनट I-NETI का O पीरियड O निर्धारित O करके O अपने O कर्त्तव्य O की O इतिश्री O कर O लेते O हैं O । O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI खुद O में O एक B-NEN बड़े O बदलाव O के O साथ O बहुत O सारी O चुनौतियां O लेकर O आई O है O । O सन्‌ B-NETI 1980 I-NETI के O आसपास O ही O हिन्दी O साहित्य O में O स्त्री O - O लेखन O की O प्रवृत्ति O बडे O पैमाने O पर O निर्मित O और O विकसित O हुई O जिसने O हिन्दी O साहित्य O की O दिशा O और O धारा O दोनों O को O बदला O । O इसी O तरह O रात B-NETI - I-NETI दिन I-NETI पढ़ाई O के O बोझ O से O दबा O बचपन O कैसे O मम्मी O - O पापा O की O आकांक्षाएं O और O अधूरे O सपने O पूरे O करने O के O लिए O हर O घड़ी O दबता O और O पिसता O जाता O है O , O यह O भी O घर O - O घर O में O देखा O जा O सकता O है O । O निश्चित O रूप O से O आज B-NETI के O बच्चे O उतने O अबोध O नहीं O हैं O , O जिन्हें O कुछ O भी O कहकर O बहकाया O जा O सके O । O 90 B-NETI के I-NETI दशक I-NETI में O यानी O बीसवीं B-NETI सदी I-NETI के I-NETI अंतिम I-NETI दशक I-NETI में O रचनाकारों O की O जो O नई O पीढ़ी O हिन्दी O साहित्य O में O आई O उसके O सामने O अनेक O चुनौतियां O पहले O से O मौजूद O थीं O । O इन O चीजों O की O छाप O बच्चों O के O लिए O लिखी O जा O रही O आज B-NETI की O बाल O कविताओं O , O कहानियों O , O उपन्यासों O , O नाटकों O , O जीवनियों O और O यहां O तक O कि O विज्ञान O साहित्य O में O भी O देखने O को O मिलती O है O । O सरकार O ने O साल B-NETI 2021 I-NETI - I-NETI 22 I-NETI के O लिए O 20 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज़्यादा O पौधे O लगाने O का O लक्ष्य O तय O किया O है O । O कहना O न O होगा O कि O इक्कीसवीं B-NETI सदी I-NETI में O हम O बाल O साहित्य O को O तेजी O से O करवट O लेते O और O एक B-NEN तरह O से O पुनर्नवा O होते O देखते O हैं O । O इसका O परिणाम O होगा O पर्यावरण O का O विनाश O और O हिंसा O की O संस्कृति O का O उत्तरोत्तर O प्रसार O आज B-NETI यह O सब O हो O रहा O है O । O वित्त O व O कॉर्पोरेट O मामलों O के O मंत्री O ने O संसद O में O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI का O बजट O प्रस्तुत O करते O हुए O कहा O कि O प्रधानमंत्री O ने O न्यूनतम O सरकार O - O अधिकतम O प्रशासन O ( O मिनिमम O गवर्नमेंट O मैक्सिमम O गवर्नेंस O ) O कहते O हुए O हमेशा O सुशासन O के O महत्व O पर O जोर O दिया O है O । O पानी O की O आवश्यकता O को O पूरा O करने O के O लिए O , O विशेष O रूप O से O लवणता O वाले O भूजल O क्षेत्रों O में O , O विलवणीकरण O संयंत्र O लगाए O जा O रहे O हैं O और O अब O तक O , O राज्य O के O तटीय O क्षेत्रों O में O 270 B-NEN पानी O का O उत्पादन O करने O वाले O 4 O ऐसे O संयंत्र O लगाए O गए O हैं O । O इसका O अर्थ O यह O है O कि O एक B-NEN समग्र O दृष्टिकोण O अपनाना O होगा O और O स्रोत O और O प्रणाली O स्थिरता O , O धूसर O जल O प्रबंधन O , O संचालन O और O रखरखाव O , O सामुदायिक O भागीदारी O को O ध्यान O में O रखते O हुए O ग्रामीण O स्तर O पर O पूंजी O का O अभिसरण O किया O जाए O ताकि O नियमित O और O दीर्घकालिक O आपूर्ति O सुनिश्चित O की O जा O सके O । O एक B-NEN समय O में O , O उन्होंने O महाराष्ट्र B-NEL और O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL राज्यों O के O बीच O पूरे O क्षेत्र O को O जीत O लिया O था O । O तब O से O , O 12.28 B-NEN लाख I-NEN किसानों O ने O कुल O लागत O के O 70 B-NEN से O 90 B-NEN प्रतिशत O तक O की O सब्सिडी O का O लाभ O उठाया O है O और O इन O माइक्रो O सिंचाई O प्रणालियों O के O तहत O 19.67 B-NEN लाख I-NEN कृषि O भूमि O को O कवर O किया O गया O है O । O 2005 B-NEN में O , O गुजरात B-NEO ग्रीन I-NEO रिवोल्यूशन I-NEO कंपनी I-NEO लिमिटेड I-NEO की O स्थापना O ड्रिप O और O स्प्रिंकलर O सिंचाई O प्रणालियों O को O बढावा O देकर O कृषि O क्षेत्र O में O जल O के O कम O उपयोग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O की O गई O थी O । O 41,000 B-NEN से O अधिक O जल O भंडारण O संरचनाओं O के O निर्माण O के O अलावा O , O 16,588 B-NEN तालाबों O को O गहरा O किया O गया O और O 8,100 B-NEN चेकडैम O से O गाद O हटाया O गया O । O इससे O 420 B-NEN करोड़ I-NEN क्यूबिक O फीट O अतिरिक्त O जल O भंडारण O क्षमता O उपलब्ध O हुई O । O सूखाग्रस्त O सौराष्ट्र B-NEL क्षेत्र O में O जल O सुरक्षा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O , O सौराष्ट्र O नर्मदा O अवतरण O सिंचाई O योजना O शुरू O की O गई O जिसके O पूरा O होने O पर O , O मानसून O के O दौरान O , O नर्मदा B-NEL के O अधिशेष O जल O को O अंतरित O किया O जाएगा O और O सौराष्ट्र B-NEL के O लगभग O 115 B-NEN जलाशयों O में O संग्रहीत O किया O जाएगा O । O इससे O जनजातीय O समुदायों O से O संबंधित O लगभग O 3.50 B-NEN लाख I-NEN एकड़ O कृषि O भूमि O को O सुनिश्चित O सिंचाई O मिलती O है O , O जिससे O उनकी O आय O में O सुधार O होता O है O । O इस O एकीकृत O जल O प्रबंधन O दृष्टिकोण O ने O गुजरात B-NEL को O 70.80 B-NEN लाख I-NEN हेक्टेयर O की O कुल O सिंचाई O क्षमता O से O 68.88 B-NEN लाख I-NEN हेक्टेयर O कृषि O भूमि O की O सिंचाई O सुनिश्चित O करने O में O मदद O की O । O वैक्सीन O के O इतिहास O के O 222 B-NEN वर्षों O में O पहली O बार O इतनी O तेजी O से O और O इतने O प्लेटफॉर्मों O पर O संक्रमण O फैलाने O वाले O वायरस O को O रोकने O के O लिए O टीके O विकसित O किए O जा O सके O । O महाराष्ट्र B-NEL 35 B-NEN जिलों O से O बना O है O , O जिन्हें O छह B-NEN डिवीजनों O में O बांटा O गया O है O , O इनका O विभाजन O निम्नानुसार O है O : O नियामक O संस्थानों O ने O पिछले O वर्षों O में O केवल O एबोला O की O रोकथाम O के O लिए O पहले O एडेनोवायरस O - O वैक्टर्ड O टीका O ( O वैक्सीन O ) O अनुमोदित O किया O और O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN ( O SARS O - O CoV O - O 2 B-NEN ) O के O लिए O तीन B-NEN स्वीकृत O एडेनोवायरस O - O वैक्टर्ड O टीके O उपलब्ध O हैं O । O 1. O अमरावती B-NEL डिवीजन O ( B-NEL विदर्भ I-NEL ) I-NEL : O को O 5 B-NEN जिलों O में O विभाजित O किया O गया O है O । O मैसेंजर O आरएनए O ( O mRNA O ) O पर O आधारित O टीके O बनाने O की O टेक्नोलॉजी O एक B-NEN दशक O से O ज्यादा O पुरानी O है O जिसके O शक्तिशाली O रोग O - O प्रतिरोधक O तथा O शानदार O संरक्षक O परिणाम O मिले O हैं O । O वैक्सीन O इस O वैश्विक O महामारी O से O मुक्त O होने O का O मार्ग O हैं O लेकिन O उनकी O सफलता O पर O अब O भी O खतरा O है O क्योंकि O वायरस O के O ऐसे O नए O प्रतिरूपों O ( O वेरिएंट्स O ) O के O पनपने O का O खतरा O बना O हुआ O है O जो O उस O रोग O - O प्रतिरोधक O प्रतिक्रिया O से O बचकर O निकल O सकते O हैं O जो O वायरस O - O आधारित O टीकों O अथवा O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN के O पिछली O पीढ़ियों O के O या O पुराने O वायरस O प्रोटीन O से O पैदा O होती O है O । O देश O की O प्रगति O और O रोजगार O सृजन O में O लघु O और O मध्यम O उद्यम O के O योगदान O को O देखते O हुए O वित्त O मंत्री O ने O एमएसएमई O क्षेत्र O को O ऋण O सहायता O , O पूंजी O और O ब्याज O सब्सिडी O के O लिए O 3,794 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O है O । O लेकिन O अब O कुछ O वैज्ञानिकों O ने O ऐसे O सार्वकालिक O और O सभी O कोरोना O वायरसों O के O लिए O प्रतिरोधक O हो O सकने O वाली O ( O यूनिवर्सल O ) O वैक्सीन O बनाने O के O प्रयास O शुरू O कर O दिए O हैं O जो O न O केवल O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN और O इसके O प्रतिरूपों O को O रोकने O के O लिए O प्रतिरक्षण O देंगे O , O बल्कि O कोरोना O वायरस O के O भविष्य O में O विकसित O हो O सकने O वाले O खतरनाक O प्रतिरूपों O से O भी O रक्षा O कर O सकेंगे O । O कोरोना O वायरस O के O चार B-NEN परिवार O यानी O प्रतिरूप O हैं O - O अल्फा O , O बीटा O , O गामा O और O डेल्टा O । O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN एक I-NEN बीटा O कोरोना O वायरस O है O । O वास्तव O में O मनुष्य O को O संक्रमित O करने O वाले O सभी O सात B-NEN कोरोना O वायरस O अल्फा O अथवा O बीटा O परिवार O के O हैं O । O कोरोना O वायरस O की O जीनीय O विविधता O बहुत O बड़ी O है O इसलिए O इसके O सभी O परिवारों O के O सभी O वायरसों O से O बचाने O वाली O एक B-NEN वैक्सीन O तैयार O करना O कठिन O है O । O बीटा O कोरोना O वायरसों O , O बल्कि O विशेष O रूप O से O इसके O एक B-NEN उप O - O समूह O - O सर्बेको O वायरसों O ( O जिनमें O एक O - O दूसरे O से O मिलते O सार्स O - O कोव O - O 1 B-NEN ( O SARS O - O CoV O - O 1 B-NEN ) O और O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN शामिल O हैं O ) O - O के O लिए O वैक्सीन O बनाने O के O लिए O अनुसंधान O चल O रहा O है O । O एक B-NEN सुव्यवस्थित O प्रचार O प्रणाली O का O उपयोग O कर O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO , O राज्य O की O सरकारों O एवं O पंचायती O राज O संस्थाओं O ने O ग्रामीण O अंचल O में O कोरोना O महामारी O के O प्रसार O को O रोकने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O सरकारी O स्कूलों O में O पढ़ा O रहे O तेरह B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O अप्रशिक्षित O अध्यापकों O को O प्रशिक्षित O करने O का O प्रस्ताव O है O । O गांवों O में O सार्वजनिक O स्थानों O पर O वॉल O पेटिंग्स O , O होर्डिंग्स O , O बैनर्स O के O माध्यम O से O कोरोना O प्रोटोकॉल O , O मॉस्क O का O उपयोग O एवं O हाथों O को O सैनेटाइज O करने O की O जानकारी O का O प्रदर्शन O एक B-NEN प्रभावी O प्रयास O साबित O हुआ O । O इसके O अंतर्गत O स्वास्थ्य O और O शिक्षा O सहित O प्रमुख O शैक्षिक O संस्थानों O में O अनुसंधान O व O प्रौद्योगिकी O विकास O तथा O आधारभूत O अवसंरचना O विकास O के O लिए O सरकार O ने O बजट O में O एक B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O निवेश O की O व्यवस्था O की O है O । O सरकार O ने O राष्ट्रीय O शिक्षा O मिशन O का O बजट O 29,556 B-NEN करोड़ I-NEN से O बढ़ाकर O 32,613 B-NEN करोड़ I-NEN कर O दिया O है O । O * O तकरीबन O 26 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चों O के O माता O - O पिता O / O देखभाल O करने O वाले O अन्य O लोगों O को O ध्यान O में O रखना O । O ' O कॉविनेटेड O ' O और O ' O अनकॉविनेटेड O ' O ( O यानी O अधीनस्थ O ) O सेवा O के O बीच O एक B-NEN बड़ा O अन्तर O यह O था O कि O ' O कॉविनेटेड O ' O सेवा O के O अधिकारियों O की O भर्ती O इंग्लैंड B-NEL से O की O जाती O थी O जबकि O अधीनस्थ O सेवाओं O के O अधिकांश O अधिकारी O भारत B-NEL से O ही O होते O थे O । O * O क्या O विकास O संबंधी O तीन B-NEN लक्ष्यों O के O लिए O सीखने O की O प्रक्रिया O को O आसान O और O इस्तेमाल O करने O लायक O बनाया O जा O सकता O है O ? O मैं O एक B-NEN बार O एक B-NEN दुकान O में O गया O जिसका O दुकानदार O उत्पाद O पर O लगे O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR पर O स्कैनर O चलाता O और O उसकी O कीमत O डिस्प्ले O हो O जाती O थी O । O पहले O मैंने O कक्षा O चार B-NEN के O अपने O छात्रों O के O लिए O सताइस B-NEN क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR तैयार O किए O । O क्या O एक B-NEN से O ज़्यादा O भाषाओं O में O चलने O वाली O कक्षा O को O बाधा O के O बजाय O संसाधन O में O बदला O जा O सकता O है O ? O लेकिन O पिछले O दशक O में O प्रौद्योगिकी O , O वस्तुओं O और O चैनलों O तथा O नियामक O ढांचों O में O उन्नति O से O खास O तौर O से O ग्रामीण O आबादी O में O वित्तीय O सेवाएं O लाखों B-NEN व्यक्तियों O को O सहजता O से O उपलब्ध O हो O गयी O हैं O । O उसके O बाद O पायलेट O परियोजना O के O तहत O छह B-NEN पुस्तकों O में O यह O पहल O की O गई O , O और O फिर O उसके O नतीजों O का O आकलन O करने O के O बाद O सरकार B-NEO ने O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR को O किताबों O में O शामिल O किया O । O हम O नेपाल B-NEL के O सबसे O बड़े O व्यापार O भागीदार O हैं O और O असम B-NEL व O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL के O केन्द्रों O से O पेट्रोलियम O उत्पादों O के O एक B-NEN महत्वपूर्ण O आपूर्तिकर्ता O हैं O । O इसके O तहत O अब O तक O लगभग O 5.78 B-NEN करोड़ I-NEN व्यक्तियों O का O दाखिला O कर O 4.90 B-NEN करोड़ I-NEN को O प्रशिक्षित O किया O जा O चुका O है O । O तकरीबन O 3.62 B-NEN करोड़ I-NEN उम्मीदवार O इस O प्रणाली O के O तहत O प्रमाणन O प्राप्त O कर O चुके O हैं O । O फिनटेक B-NEO यूनीकॉर्न I-NEO , O ऑप्टिकल O फाइबर O कनेक्टिविटी O ( O भारतनेट O ) O , O स्मार्ट O ग्राम O और O सीएससी O जैसे O प्रयास O एक B-NEN अरब I-NEN से O ज्यादा O व्यक्तियों O वाले O बाजार O में O ग्राहक O अभिग्रहण O का O खर्च O न्यूनतम O स्तर O पर O पहुंचाने O में O महत्वपूर्ण O रहे O हैं O । O इस O अभियान O का O उद्देश्य O छह B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O परिवारों O तक O पहुंचकर O गांवों O में O डिजिटल O साक्षरता O को O बढ़ावा O देना O है O । O सार्वजनिक O वित्तीय O प्रबंधन O प्रणाली O - O पब्लिक B-NEAR फाइनांशियल I-NEAR मैनेजमेंट I-NEAR सिस्टम I-NEAR ( I-NEAR पीएफएमएस I-NEAR ) I-NEAR के O माध्यम O से O डीबीटी O का O उपयोग O कर O 36659 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O ज्यादा O की O रकम O लाखों B-NEN लाभार्थियों O के O बैंक O खातों O में O हस्तांतरित O की O जा O चुकी O है O । O इसमें O मूल O रूप O से O तीन B-NEN मॉड्यूल O हैं O - O नागरिक O अधिकार O पत्र O , O लोक O शिकायत O समाधान O प्रणाली O और O सेवा O डिलीवरी O क्षमता O । O प्रत्येक O मॉड्यूल O को O आगे O तीन B-NEN कसौटियों O और O 11 B-NEN तत्वों O के O आधार O पर O विभाजित O किया O गया O है O । O अनुसूचित B-NEO वाणिज्यिक I-NEO बैंक I-NEO इस O लक्ष्य O को O आगे O बढ़ाने O के O मकसद O से O भारत B-NEL की O आजादी O की O 75वीं O वर्षगांठ O पर O देश O भर O के O 75 B-NEN जिलों O में O इतनी O ही O डिजिटल O बैंकिंग O इकाइयां O स्थापित O करने O की O योजना O बना O रहे O हैं O । O इस O परियोजना O का O विस्तार O अब O सरकार O के O 62 B-NEN मंत्रालयों O में O कर O दिया O गया O है O । O सेवोत्तम O के O सात B-NEN चरण O हैं O । O देश O के O दूरदराज O के O इलाकों O में O रहने O वाले O हजारों B-NEN नागरिक O इस O सुविधा O के O जरिये O रोजाना O अपने O घरों O से O ही O शहरों O के O बड़े O अस्पतालों O के O डॉक्टरों O से O परामर्श O हासिल O करते O हैं O । O सेवोत्तम O अनुवर्ती O शिकायत O समाधान O प्रणाली O के O सात B-NEN चरण O इस O प्रकार O हैं O - O इस O स्थिति O को O ध्यान O में O रखते O हुए O एक B-NEN राष्ट्रीय O दूरस्थ O मानसिक O स्वास्थ्य O कार्यक्रम O विकसित O किया O गया O है O । O देश O में O सार्वजनिक O सेवा O वितरण O मॉडल O के O तीन B-NEN घटक O हैं O - O इसके O अंतर्गत O 23 B-NEN विश्व O स्तरीय O दूरस्थ O मानसिक O स्वास्थ्य O केंद्रों O का O एक B-NEN नेटवर्क O होगा O । O * O दूसरा O घटक O , O ' O लोक O शिकायत O निवारण O ' O के O लिए O एक B-NEN अच्छे O शिकायत O निवारण O की O आवश्यकता O है O । O * O डिजिटल O साक्षरता O कार्यक्रम O के O लिये O 5.4 B-NEN करोड़ I-NEN पंजीकरण O सफलतापूर्वक O पूर्ण O । O * O 4.61 B-NEN करोड़ I-NEN नागरिकों O को O डिजिटल O साक्षरता O प्रशिक्षण O प्रदान O करने O की O उपलब्धि O हासिल O । O इसके O संसाधनों O और O कौशल O के O पास O एक B-NEN बड़ा O और O अधिक O तैयार O बाजार O होगा O । O यह O एक B-NEN कॉल O सेंटर O के O माध्यम O से O कार्य O करती O है O । O इसलिए O एक्ट O ईस्ट O और O नेबरहुड O फर्स्ट O की O नीतियों O के O एक B-NEN साथ O आने O का O व्यापक O प्रभाव O पड़ा O है O । O इसी O की O पूर्ति O के O लिए O प्रदेश O में O सी O - O एम O हेल्पलाइन O 181 B-NEN प्रांरभ O की O गई O है O । O ' O बिम्सटेक B-NEO की O क्षमता O का O अहसास O होना O इसका O एक B-NEN उदाहरण O है O और O थाई O उपमंत्री O ने O इसके O बारे O में O बात O की O थी O । O यह O एक B-NEN उदाहरण O है O जो O बंगाल B-NEL की I-NEL खाड़ी I-NEL को O बदल O देगा O । O इसमें O प्रतिदिन O लगभग O 40 B-NEN हजार I-NEN कॉल O प्राप्त O कर O संबंधितों O को O निराकरण O के O लिए O भेजी O जाती O हैं O । O प्रदेश O की O सुशासन O व्यवस्था O को O अधिक O चुस्त O - O दुरुस्त O और O जनहित O में O सक्रिय O करने O के O लिए O शुरू O की O गई O यह O हेल्पलाइन O देश O में O अपने O तरह O की O अनूठी O हेल्पलाइन O है O और O इससे O प्रदेश O के O विभिन्न O विभागों O के O तेरह B-NEN हजार I-NEN अधिकारियों O - O कर्मचारियों O को O जोड़ा O गया O है O , O जो O इस O हेल्पलाइन O से O प्राप्त O समस्याओं O का O निराकरण O करेंगे O । O कार्यक्रम O के O प्रारंभ O से O और O अभी O तक O के O ज्ञात O आंकड़ों O के O अनुसार O लगभग O 3850 B-NEN प्रकरण O चयनित O हुए O , O जिसमें O लगभग O 95 B-NEN प्रतिशत O मामलों O का O निराकरण O कर O दिया O गया O । O वाणिज्यिक O पैमाने O पर O , O वियतनाम B-NEL और O फिलीपींस B-NEL तक O , O हाइफोंग B-NEL से O हजीरा B-NEL और O मनीला B-NEL से O मुंद्रा B-NEL तक O एक B-NEN दुनिया O खुल O जाएगी O , O जो O महाद्वीप O के O लिए O व्यापक O परिणामों O के O साथ O एक B-NEN पूर्व O - O पश्चिम O पार्श्व O का O निर्माण O करेगी O । O 5. B-NEN मेरा O मानना O है O कि O शुरुआती O बिंदु O बांग्लादेश B-NEL के O साथ O , O विशेष O रूप O से O उत्तर B-NEL - I-NEL पूर्व I-NEL के O साथ O संपर्क O बढ़ाना O है O । O उत्तर B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO द्वारा O जन O सुनवाई O पोर्टल O जो O सूचना O तकनीक O का O प्रयोग O कर O सुशासन O के O उद्देश्यों O की O प्राप्ति O हेतु O उत्तर B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO द्वारा O विकसित O ' O ई O - O संवाद O ' O की O एक B-NEN समन्वित O शिकायत O निवारण O प्रणाली O है O । O इस O पोर्टल O की O सबसे O मुख्य O विशेषता O यह O है O कि O इसमें O नागरिकों O द्वारा O किसी O भी O समय O शिकायतों O को O ऑनलाइन O दर्ज O एवं O ट्रैक O किया O जा O सकता O है O तथा O इसमें O विभिन्न O माध्यमों O से O प्राप्त O शिकायतें O एक B-NEN ही O पोर्टल O पर O उपलब्ध O हो O सकेंगी O । O इस O पोर्टल O पर O अभी O तक O लगभग O 48 B-NEN लाख I-NEN शिकायतें O दर्ज O करायी O गयीं O , O जिनमें O से O लगभग O 45 B-NEN लाख I-NEN शिकायतों O का O निस्तारण O कर O दिया O गया O , O जिसका O अर्थ O है O कि O यह O पोर्टल O लगभग O 94 B-NEN प्रतिशत O की O सफलता O रेट O से O कार्य O कर O रहा O है O । O 6. B-NEN सीमा O पर O 28 B-NEN अधिसूचित O भूमि O सीमा O शुल्क O स्टेशनों O ( O एलसीएस O ) O और O तीन B-NEN एकीकृत O जांच O चौकियों O ( O आईसीपी O ) O का O उपयोग O करके O ज़मीन O पर O माल O की O आवाजाही O हो O रही O है O । O अनुदान O सहायता O के O तहत O अखौरा B-NEL ( I-NEL बांग्लादेश I-NEL ) I-NEL से O अगरतला B-NEL ( I-NEL त्रिपुरा I-NEL ) I-NEL तक O एक B-NEN नया O रेल O लिंक O भी O विकसित O किया O जा O रहा O है O और O हम O सभी O जानते O हैं O कि O इससे O भारत B-NEL और O बांग्लादेश B-NEL के O बीच O पहले O से O ही O व्यापार O बढ़ O रहा O है O । O एक B-NEN बार O चालू O होने O के O बाद O , O (( O को O बांग्लादेश B-NEL के O भीतर O विस्तारित O किया O जाएगा O और O कुलुआरा B-NEAR - I-NEAR शाहबाजपुर I-NEAR रेल I-NEAR लाइन I-NEAR से O जोड़ा O जाएगा O , O जिसे O वर्तमान O में O भारतीय O क्रेडिट O लाइन O ( O एलओसी O ) O का O उपयोग O करके O आधुनिक O बनाया O जा O रहा O है O । O 7. B-NEN बांग्लादेश B-NEL के O अंदर O , O भारत B-NEL सड़क O परियोजनाओं O की O एक B-NEN श्रृंखला O पर O सहयोग O कर O रहा O है O , O जिसमें O 400 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O अधिक O की O एलओसी O के O तहत O आशुगंज B-NEAR रिवर I-NEAR पोर्ट I-NEAR - O अखौरा B-NEAR लैंड I-NEAR पोर्ट I-NEAR रोड I-NEAR में O सुधार O शामिल O है O । O भारत B-NEL - O बांग्लादेश B-NEL सीमा O पर O बरुएरहाट B-NEL से O रामगढ़ B-NEL को O जोड़ने O वाली O सड़क O परियोजना O , O जो O बांग्लादेश B-NEL के O साथ O त्रिपुरा B-NEL के O सड़क O संपर्क O को O बढ़ाएगी O , O को O भी O 80.06 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O एक B-NEN अन्य O एलओसी O के O तहत O लागू O किया O जा O रहा O है O । O अंतर्देशीय O जलमार्ग O पारगमन O और O व्यापार O पर O प्रोटोकॉल O , O जिसके O बारे O में O मुख्यमंत्री O और O विदेश O मंत्री O दोनों O ने O बात O की O थी O , O साझा O और O प्रतिच्छेदन O नदी O प्रणालियों O के O साथ O 10 B-NEN विशिष्ट O मार्गों O का O उपयोग O करते O हुए O समान O क्षमता O प्रदान O करता O है O । O तो O याद O रखें O , O पारगमन O से O न O केवल O दो B-NEN छोरों O को O लाभ O होता O है O , O बल्कि O मध्य O वाले O को O और O अधिक O लाभ O होता O है O क्योंकि O यह O एक B-NEN ऐसी O आर्थिक O गतिविधि O को O देखता O है O जिसकी O पहले O परिकल्पना O भी O नहीं O की O जा O सकती O थी O । O 8. B-NEN बांग्लादेश B-NEL में O चटगांव B-NEAR और I-NEAR मोंगला I-NEAR बंदरगाहों I-NEAR के O ज़रिये O भारतीय O बंदरगाहों O से O और O वहां O से O त्रिपुरा B-NEL एवं O पूर्वोत्तर B-NEL के O अन्य O हिस्सों O में O माल O की O आवाजाही O पर O समझौतों O के O द्वारा O जटिल O और O अंतर्संबंधित O सीमा O - O पार O भूगोल O का O तालमेल O किया O जा O रहा O है O । O तमिल O भाषा O की O वर्णमाला O के O इस O अध्याय O में O नौ B-NEN उप O प्रभाग O हैं O । O इस O महान O जल O प्रलय O ने O एक B-NEN विशाल O भूभाग O को O तबाह O कर O दिया O था O , O जो O हिंद B-NEL महासागर I-NEL के O नीचे O डूब O गया O था O । O तोल्कप्पियम B-NEAR में O कहा O गया O है O कि O कैसे O दो B-NEN अक्षरों O वाला O शब्द O , O जिसका O अर्थ O है O अंतिम O संस्कार O , O सहसंबंध O में O परिवर्तित O होता O है O । O 1. B-NEN के O समय O में O तमिल O भूमि O उत्तरी O वेंकट -NEL पहाड़ियों O और O दक्षिणी O कुमरी B-NEL के O बीच O में O थी O । O 2. B-NEN तोल्कप्पियम B-NEAR लिखित O और O बोलचाल O के O तमिल O संस्करणों O से O संबंधित O है O जो O तमिल O भूमि O में O प्रबल O थे O । O 3. B-NEN तोल्कप्पियम B-NEAR एक B-NEN तीन B-NEN गुना O काम O है O , O जो O अक्षर O , O शब्द O , O सामग्री O के O रूप O में O काम O करता O है O । O उस O समय O के O अध्यक्ष O थे O अथानकोट्टु B-NEN आसन I-NEN । O तेरह B-NEN भाषाओं O में O जिनका O प्रकाशन O होता O है O और O उन्हें O बच्चे O और O युवा O एक B-NEN सा O पसंद O करते O हैं O । O 1. B-NEN ऐलातु O अतिकारम O - O अक्षरों O पर O अध्याय O । O तोल्कप्पियम B-NEAR एक B-NEN व्याकरणिक O कार्य O है O और O यह O तीन B-NEN प्रमुख O प्रभागों O से O है O । O 3. B-NEN पोरुळ O अतिकारम O - O सामग्री O एवं O प्रपत्र O पर O अध्याय O । O 1. B-NEN ऐलातु O अतिकारम O - O अक्षरों O पर O अध्याय O । O तमिल O भाषा O की O वर्णमाला O के O इस O अध्याय O में O नौ B-NEN उप O प्रभाग O हैं O । O 2. B-NEN कोल O अतिकारम O - O अक्षरों O पर O अध्याय O । O मुझे O इस O अंक O से O काफी O सारी O जानकारी O एक B-NEN ही O स्थान O पर O मिल O गई O है O । O जीवन O के O लिए O पानी O अमृत O तुल्य O है O और O इसे O एक B-NEN ऐसी O उपयोगी O वस्तु O माना O जाता O है O जिस O पर O सबका O अधिकार O है O । O अभी O तक O परिषद O की O पांच B-NEN बैठकें O हो O चुकी O हैं O । O जल O का O महत्त्व O प्रत्येक O युग O , O प्रत्येक O काल O एवं O प्रत्येक O स्थान O पर O रहा O है O एक B-NEN ओर O जहां O सभी O प्राचीन O संस्कृतियां O नदियों O के O किनारे O ही O फली O फूली O तो O दूसरी O ओर O सभी O बड़े O नगर O और O औद्योगिक O केंद्र O भी O नदियों O के O किनारे O ही O स्थित O हैं O । O संपूर्ण O पृथ्वी O के O 71 B-NEN प्रतिशत O भाग O पर O जल O है O , O परन्तु O उपयोग O में O आने O वाला O जल O बहुत O कम O है O , O पृथ्वी O का O जल O स्तर O लगातार O नीचे O जा O रहा O है O चारों B-NEN तरफ O कंक्रीट O के O जंगल O स्थापित O हो O गए O हैं O । O ऐसे O में O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O ' O जल O जीवन O मिशन O ' O प्रारंभ O किया O गया O जो O आशा O की O एक B-NEN नई O उम्मीद O लेकर O सामने O आया O है O । O अटल O भूजल O योजना O देश O में O उस O समय O पर O आई O है O जब O हमारे O करीब O 22 B-NEN प्रतिशत O भूजल O संसाधन O या O तो O नाजुक O या O अत्यधिक O दोहन O वाली O श्रेणी O में O आ O चुके O हैं O । O जन O जागरूकता O से O किसी O लक्ष्य O को O कैसे O प्राप्त O किया O जा O सकता O है O इसका O प्रत्यक्ष O प्रमाण O “ O स्वच्छ O भारत O अभियान O ' O है O , O इसी O अभियान O की O वजह O से O ग्रामीण O स्वच्छता O का O कवरेज O 100 B-NEN प्रतिशत O पहुंच O गया O है O । O इससे O न O केवल O इस O क्षेत्र O का O त्वरित O विकास O होगा O बल्कि O भारतीय O उद्योग O वैश्विक O अंतरिक्ष O अर्थव्यवस्था O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O खिलाड़ी O बनने O में O सक्षम O होंगे O । O भारतीय O साहित्य O विश्व O साहित्य O में O अपनी O एक B-NEN अलग O जगह O बनाता O है O , O और O उसके O प्रति O जानने O के O लिए O सबको O आकर्षित O करता O है O । O साथ O ही O , O कई O गांवों O में O बिजली O के O इस्तेमाल O को O तक॑संगत O बनाकर O 15 B-NEN - O 20 B-NEN प्रतिशत O तक O लागत O की O बचत O मुमकिन O हो O सकी O । O उदाहरण O के O लिए O , O एक B-NEN गांव O की O स्थायी O समिति O की O सिफारिश O के O आधार O पर O डीआरसीसी B-NEO और O श्मशान O स्थल O पर O महंगी O घेराबंदी O के O बजाय O प्राकृतिक O कांटे O से O घेराबंदी O की O गई O है O , O और O बाद O में O संबंधित O जिले O के O सभी O गांवों O में O इस O नवाचार O को O आज़माया O गया O जिससे O ग्राम O पंचायतों O को O बड़ी O रकम O की O बचत O हुई O । O इन O सिफारिशों O के O आधार O पर O भारत O सरकार O अधिनियम O , O 1935 O लाया O गया O , O जिसने O प्रांतों O एवं O भारतीय O राज्यों O को O दो B-NEN अलग O इकाई O मानते O हुए O संघीय O व्यवस्था O स्थापित O की O । O और O पहले O एमआरएफ O विशिष्ट O पूर्व O छात्र O वार्षिक O व्याख्यान O देने O के O लिए O आमंत्रित O किया O जाना O एक B-NEN बड़े O सम्मान O की O बात O है O । O मैंने O हमेशा O खुद O को O एक B-NEN चौकीदार O के O रूप O में O माना O है O , O लेकिन O मुझे O यह O जानकर O खुशी O हुई O कि O दूसरे O मुझे O एक B-NEN कोकिला O के O रूप O में O देखते O हैं O , O इसलिए O आज O के O लिए O यह O मेरी O बड़ी O उपलब्धि O है O । O और O वास्तव O में O , O यदि O आप O इसके O बारे O में O सोचते O हैं O , O तो O हमारे O पूर्व O छात्रों O में O तीन B-NEN विदेश O मंत्री O , O एक B-NEN राज्य O मंत्री O , O एक B-NEN राष्ट्रीय O सुरक्षा O सलाहकार O और O कई O प्रतिष्ठित O विदेश O सचिव O और O राजदूत O शामिल O हैं O । O लेकिन O दुनिया O की O स्थिति O का O एक B-NEN और O सीखे O - O सिखाए O विश्लेषण O करने O के O बजाय O , O मैं O आज O उस O विषय O को O एक B-NEN अलग O दृष्टिकोण O से O देखना O चाहता O हूँ O । O इसे O ध्यान O में O रखते O हुए O , O मैं O आज O इस O बारे O में O बात O करना O चाहूँगा O कि O औसत O व्यक्ति O के O लिए O एक B-NEN ' O अच्छी O ' O विदेश O नीति O क्या O है O । O एक B-NEN अच्छी O विदेश O नीति O को O आप O सभी O के O लिए O काम O करना O चाहिए O ; O और O मैं O उन्हें O शामिल O करता O हूँ O जो O मुझे O यहाँ O सुन O रहे O हैं O । O और O चूँकि O हम O एक B-NEN देश O के O रूप O में O सामूहिक O हैं O , O इसलिए O हमारी O राष्ट्रीय O सुरक्षा O सुनिश्चित O होनी O चाहिए O । O 6 B-NEN - O 9 B-NEN वर्ष O आयु O समूह O : O * O अनुमानित O जनसंख्या O : O 7,07,44,000 B-NEN * O सरकारी O स्कूलों O में O नामांकित O बच्चों O की O संख्या O : O 3,9895,694 B-NEN ( O 56.39 B-NEN प्रतिशत O ) O * O सरकारी O सहायता O प्राप्त O स्कूलों O में O नामांकित O बच्चों O की O संख्या O : O 29,40,018 B-NEN ( O 4.16 B-NEN प्रतिशत O ) O * O उपरोक्त O में O से O किसी O में O नामांकित O नहीं O होने O वाले O बच्चों O की O संख्या O : O 1,72,688 B-NEN ( O 0.24 B-NEN प्रतिशत O ) O अपनी O शैक्षिक O संभावनाओं O के O बारे O में O चिंतित O , O अब O आप O खुद O को O एक B-NEN गंभीर O संघर्ष O के O बीच O में O पाते O हैं O । O मौजूदा O समय O में O लगभग O 63.07 B-NEN करोड़ I-NEN यानी O 50 B-NEN प्रतिशत O भारतीयों O को O कोविड O - O 19 O के O टीके O की O पहली O खुराक O लगायी O जा O चुकी O है O । O भारत B-NEL में O बड़ी O संख्या O में O आंगनवाड़ी B-NEO केंद्र I-NEO हैं O और O 3 B-NEN से O 6 B-NEN साल O की O आयु O के O लगभग O 3.46 B-NEN करोड़ I-NEN बच्चे O 13.87 B-NEN लाख I-NEN आंगनवाड़ियों O में O नामांकित O हैं O । O कक्षा O 1 B-NEN से O 3 B-NEN में O पढ़ने O वाले O बच्चों O का O विवरण O ग्राफ O 1 B-NEN में O विस्तार O से O दिया O गया O है O । O यह O संख्या O विश्व O की O कुल O आबादी O का O 8.2 B-NEN प्रतिशत O है O । O और O यह O केवल O आप O ही O नहीं O हैं O , O यह O आपके O 20,000 B-NEN और O साथी O नागरिक O हैं O और O साथ O ही O साथ O लाखों B-NEN यूक्रेनवासी O हैं O जो O देश O से O बाहर O निकलने O की O कोशिश O कर O रहे O हैं O । O * O गैर O सहायता O प्राप्त O निजी O स्कूलों O में O नामांकित O बच्चों O की O संख्या O : O 2,77,35,600 B-NEN ( O 39.21 B-NEN प्रतिशत O ) O इसके O अलावा O मिनवेक्स B-NEO / I-NEO भारतीय I-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO , I-NEO बेंगलूरू I-NEO सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN के O स्पाइक O प्रोटीन O के O तापरोधी O अभिग्राहक O बंधनकारी O प्रक्षेत्र O - O रिसेप्टर O बाइंडिंग O डोमेन O ( O आरबीडी O ) O आधारित O टीके O का O विकास O कर O रहा O है O । O भारतीय B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO संस्थान I-NEO - I-NEO इंडियन I-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO टेक्नोलॉजी I-NEO ( I-NEO आईआईटी I-NEO ) I-NEO , O कानपुर O में O पोषित O एक B-NEN स्टार्टअप O ने O एक B-NEN विश्व O स्तरीय O वेंटिलेटर O डिजाइन O किया O और O बनाया O । O और O अति O संकट O वाले O मामलों O में O , O जैसे O , O सुमी B-NEL नामक O एक B-NEN विशेष O शहर O में O , O यह O आपकी O सुरक्षा O के O लिए O आवश्यक O रसद O की O व्यवस्था O करने O के O लिए O संघर्ष O क्षेत्रों O को O भी O पार O करता O है O । O और O एक B-NEN बार O जब O आप O यूक्रेन B-NEL से O बाहर O हो O जाते O हैं O , O तो O यह O रोमानिया B-NEL , O हंगेरी B-NEL , O स्लोवाकिया B-NEL , O पोलैंड B-NEL और O मोल्डोवा B-NEL में O पड़ोसी O सरकारों O के O साथ O ट्रांजिट O कैंप O स्थापित O करने O , O उनके O हवाई O क्षेत्रों O का O उपयोग O करने O और O आपकी O सुरक्षित O घर O वापसी O के O लिए O आवश्यक O उड़ानों O को O व्यवस्थित O करने O के O लिए O काम O करता O है O । O अब O एक B-NEN क्षण O के O लिए O इन O प्रयासों O , O हस्तक्षेपों O , O विभिन्न O स्तरों O पर O संबंधों O पर O विचार O करें O जो O इसमें O शामिल O हो O गए O हैं O एकदम O ऊपर O से O शुरू O करते O हुए O और O सोचें O कि O इस O सब O को O करने O के O लिए O क्या O आवश्यक O है O । O यह O उतना O ही O चुनौतीपूर्ण O था O जितना O कि O एक B-NEN सुरक्षित O अमेरिकी O आधार O तक O पहुँच O को O जोड़ना O , O जो O एक B-NEN किनारे O पर O था O , O हताश O अफगानों O और O संदिग्ध O तालिबान B-NEO से O घिरा O हुआ O था O ; O बहुत O तीव्र O प्रतिक्रिया O के O लिए O ताजिक O रियर O सपोर्ट O का O उपयोग O करना O , O अल्प O सूचना O पर O ईरानी B-NEL हवाई O क्षेत्र O तक O पहुँचना O और O चुपचाप O कतर B-NEL सुविधा O का O उपयोग O करना O ! O आंकड़ों O का O प्रबंधन O एक B-NEN केन्द्रीय O क्लाउड O में O किया O जा O रहा O है O । O उतना O ही O महत्वपूर्ण O यह O कि O , O यह O बहुसंबद्धता O की O एक B-NEN लचीली O और O व्यावहारिक O भारतीय O नीति O की O प्रभावकारिता O का O प्रतिनिधित्व O करता O है O । O वंदे O भारत O मिशन O द्वारा O कई O देशों O से O लाखों B-NEN भारतीयों O को O हवा O , O समुद्र O और O जमीन O के O माध्यम O से O वापस O लाया O गया O । O औषधि O विकास O की O चार B-NEN श्रेणियों O को O प्राथमिकता O दी O गयी O है O । O इसके O पीछे O गतिविधियों O का O एक B-NEN जटिल O समूह O था O जिसमें O संगठित O करना O , O इकट्ठा O करना O , O परीक्षण O करना O , O आवास O देना O , O यहाँ O तक O कि O प्रत्यावर्तन O की O प्रतीक्षा O कर O रहे O लोगों O को O खाना O खिलाना O शामिल O था O । O हर O संभव O प्रयास O के O बावजूद O , O ये O शुल्क O डब्ल्यूटीओ B-NEO की O ओर O से O निर्धारित O 25 B-NEN और O 40 B-NEN प्रतिशत O की O दर O के O दायरे O में O ही O हैं O । O इसके O तहत O सरकार O ने O भारतीयों O को O 12 B-NEN अंकों O की O विशिष्ट O पहचान O संख्या O जारी O की O है O । O घरेलू O उद्योग O को O लंबे O समय O तक O संरक्षण O नहीं O दिया O जा O सकता O , O क्योंकि O भारत B-NEL आसियान B-NEO के O दस B-NEN देशों O और O अन्य O पांच B-NEN देशों O : O आस्ट्रेलिया B-NEL , O चीन B-NEL , O जापान B-NEL , O दक्षिण B-NEL कोरिया I-NEL एवं O न्यूजीलैंड B-NEL के O साथ O क्षेत्रीय O व्यापक O आर्थिक O साझेदारी O ( O आरसीईपी O ) O अर्थात्‌ O मुक्त O व्यापार O समझौते O के O लिए O विचार O विमर्श O कर O रहा O है O । O इसके O परिणामस्वरूप O भविष्य O में O एक B-NEN समय O सीमा O शुल्क O शून्य B-NEN हो O जायेगा O । O कर्ज O देने O के O मामले O में O मंदी O का O एक B-NEN प्रमुख O कारण O बैंकों O की O बेलेंस O शीट O ( O तुलन O पत्र O ) O में O गैर O निष्पादित O परिसंपत्तियों O ( O एनपीए O ) O की O तेजी O से O वृद्धि O है O । O एससीबी O ( O अनुसूचित O वाणिज्यिक O बैंकों O ) O के O बकाया O कर्ज O के O बाजार O शेयर O का O लगभग O 72 B-NEN फीसदी O हिस्सा O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ( O पीएसबी O ) O का O है O । O मिशन O के O तौर O पर O चलायी O जा O रही O परियोजनाएं O , O एनईजीपी O में O 31 B-NEN एमएमपी O शामिल O हैं O । O हैरानी O की O बात O नहीं O कि O बुरे O कर्ज O के O इस O ढेर O में O सरकारी O स्वामित्व O वाले O बैंकों O की O फंसी O परिसंपत्तियों O का O हिस्सा O लगभग O 90 B-NEN फीसदी O है O । O अनुसूचित O व्यावसायिक O बैंकों O ( O एससीबी O ) O के O अग्रिम O में O पांच B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O उससे O अधिक O की O सीमा O वाले O बडे O उधारकर्ताओं O का O हिस्सा O 56 B-NEN फीसदी O है O , O लेकिन O उनके O एनपीए O का O हिस्सा O 86.5 B-NEN फीसदी O है O । O एनपीए O में O अधिकतम O गिरावट O उन O खातों O में O ( O संख्या O और O राशि O , O दोनों O में O ) O आयी O है O जिनकी O बकाया O राशि O 20 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O 50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O बीच O है O और O उसके O बाद O उन O खातों O में O जिनकी O बकाया O राशि O 50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O बीच O है O । O शीर्ष O 100 B-NEN बड़े O उधारकर्ता O ( O बकाया O अग्रिम O वाले O ) O सकल O अग्रिम O का O लगभग O 15.2 B-NEN फीसदी O हैं O लेकिन O 100 B-NEN शीर्ष O गैर O - O निष्पादित O खातों O में O उनका O हिस्सा O एससीबी O के O सकल O एनपीए O का O 25.6 B-NEN फीसदी O है O । O गुजरात B-NEL में O पानी O का O असमान O वितरण O एक B-NEN अजीब O स्थिति O पैदा O करता O है O , O जिसमें O राज्य O के O 1 B-NEN चौथाई I-NEN क्षेत्र O में O पर्याप्त O पानी O होता O है O जबकि O तीन B-NEN - I-NEN चौथाई I-NEN क्षेत्र O में O पानी O की O कमी O है O । O विशेष O रूप O से O कच्छ B-NEL में O पानी O की O बहुत O कमी O है O , O इसका O क्षेत्र O तो O राज्य O का O 23.29 B-NEN प्रतिशत O है O , O लेकिन O पानी O की O उपलब्धता O केवल O 3 B-NEN प्रतिशत O है O । O प्रति O व्यक्ति O पानी O की O न्यूनतम O आवश्यकता O कम O से O कम O 1,000 B-NEN घन O मीटर O वार्षिक O होती O है O । O जबाब O - O 2 B-NEN से O 5 B-NEN % O तक O असफलता O की O संभावना O है O । O जवाब O - O यदि O किसी O महिला O को O दो B-NEN घंटे O में O 4 B-NEN या O अधिक O गद्दी O खून O से O गीली O हो O जायें O तो O यह O अत्यधिक O रक्तस्राव O की O स्थिति O है O । O गंभीर O रूप O से O पानी O की O कमी O झेल O रहे O राजस्थान B-NEL के O बाद O , O यह O देश O का O दूसरा B-NEN राज्य O है O । O गुजरात B-NEL में O भारत B-NEL के O कुल O भौगोलिक O क्षेत्र O का O 6 B-NEN प्रतिशत O है O , O लेकिन O यहाँ O पानी O की O कमी O वाला O क्षेत्र O देश O का O 12.36 B-NEN प्रतिशत O है O । O इस O तरह O देश O में O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O एक B-NEN साथ O कराने O की O परम्परा O टूट O गयी O और O अलग O - O अलग O चुनाव O कराये O जाने O लगे O । O हर O साल O , O 6 B-NEN - O 8 B-NEN महीनों O के O लिए O , O समूचा O प्रशासन O पानी O की O कमी O विशेष O रूप O से O पेयजल O की O आपूर्ति O के O प्रबंधन O में O जुटा O रहता O था O । O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O तभी O साथ O हो O सकते O हैं O जब O दोनों B-NEN सदनों O के O कार्यकाल O लगभग O एक B-NEN साथ O संपन्न O हो O रहे O हों O । O जन O प्रतिनिधित्व O अधिनियम O , O 1951 O की O धारा O 14 O और O 15 O निर्वाचन O आयोग O को O सदन O का O कार्यकाल O समाप्त O होने O से O छह B-NEN महीने O पहले O किसी O भी O समय O चुनाव O कराने O की O अधिसूचना O जारी O करने O का O अधिकार O देती O हैं O । O चुनाव O अधिसूचना O जारी O होने O और O मतदान O की O तारीख O के O बीच O 25 B-NEN दिन O का O न्यूनतम O वैधानिक O अंतराल O होना O भी O आवश्यक O है O । O अन्य O राज्यों O की O विधानसभाओं O के O चुनाव O अलग O - O अलग O समय O पर O हुए O हैं O और O अब O तो O हर O साल O विधानसभाओं O के O आम O चुनाव O के O कम O से O कम O दो B-NEN दौर O होने O लगे O हैं O । O इसलिए O अगर O सदन O का O कार्यकाल O तीन B-NEN महीने O में O पूरा O होने O वाला O हो O , O तो O नये O सदनों O के O गठन O के O लिए O एक B-NEN साथ O चुनाव O करवाना O कानूनी O तौर O पर O संभव O होगा O । O 1. B-NEN पानी O से O संबंधित O सभी O निर्णय O लेने O में O , O लोगों O की O भागीदारी O गैर O - O समझौतावादी O सिद्धांत O बन O गई O । O साहित्य O का O अस्तित्व O काल्पनिक O दुनिया O में O स्थापित O नहीं O हो O सकता O है O , O विशेषकर O ऐसी O परिस्थिति O में O जब O हमारे O चारों B-NEN ओर O ऐसे O लोग O हैं O जो O किसी O न O किसी O प्रकार O के O कष्ट O में O हैं O । O में O आईआईजी B-NEO को O एक B-NEN अलग O , O स्वायत्त O संस्थान O बनाया O गया O । O 20वीं B-NEN शताब्दी O की O शुरुआत O में O जब O भारतीय O स्वतंत्रता O संग्राम O की O गति O तेज O थी O , O तब O कई O लेखकों O और O कवियों O ने O देशभक्ति O आधारित O लेख O लिखना O शुरू O किया O और O पूरे O दिल O से O स्वतंत्रता O संग्राम O में O कूद O पड़े O । O इसमें O सूक्ष्म O और O प्रभावी O अभिव्यक्ति O की O एक B-NEN अनूठी O क्षमता O है O कि O यह O पैगाम O को O इस O प्रकार O से O पहुंचाता O है O कि O हम O हमारे O मनोभावों O को O उर्दू O नज़्मों O में O दोहराते O हैं O । O उन्होंने O एक B-NEN आदमी O के O बड़प्पन O को O इस O प्रकार O गाया O है O - O वो O एक B-NEN रहस्यवादी O थे O । O इस O गैसीय O क्षेत्र O और O इसके O जटिल O बलों O ( O जैसे O गुरुत्वीय O तरंगों O , O अवरक्त O किरणों O , O पराबेंगनी O किरणों O और O ऊंची O तरंगों O - O जो O एक B-NEN डायनमोबन O कर O आवेशित O आयनों O को O पृथ्वी O के O चुंबकीय O क्षेत्र O में O फैला O देती O हैं O आदि O ) O को O समझने O के O लिए O ग्रहणशील O दृष्टिकोण O अपनाना O होगा O । O उर्दू O साहित्य O के O लिए O 19वीं B-NEN शताब्दी O को O स्वर्ण O युग O माना O जाता O है O । O सेवाओं O के O युक्तिकरण O और O समन्वय O के O जरिए O केंद्र O और O राज्य O स्तर O पर O मौजूदा O 60 B-NEN से O अधिक O अलग O - O अलग O लोक O सेवाओं O को O कम O करने O की O जरूरत O है O । O ये O रोज O दो B-NEN बार O ( O एक B-NEN ज्वार O - O एक B-NEN भाटा O और O दो B-NEN ज्वार O - O दो B-NEN भाटा O ) O होते O हैं O । O एक B-NEN बार O परीक्षा O लेने O , O पद O आवंटन O तथा O तदनुसार O जीवन O भर O सुविधाएं O देने O पर O अत्यधिक O जोर O दिए O जाने O की O व्यवस्था O को O खत्म O किया O जाना O चाहिए O । O क O ) O मशीनरी O ..... O 1000000 B-NEN ख O ) O सामग्री O .... O 50000 B-NEN ग O ) O कार्य O स्थल O .... O 25000 B-NEN पुरस्कार O में O एक B-NEN पदक O और O प्रशस्ति O पत्र O दिया O जाता O है O । O ..25000 B-NEN एक B-NEN वर्ष O में O तीन B-NEN से O ज्यादा O पुरस्कार O नहीं O दिए O जाएंगे O । O कुल O मिलाकर O 15431 B-NEN बिक्री O केंद्र O हैं O , O जिनमें O से O 7,050 B-NEN आयोग O के O अधीन O हैं O । O खादी O ने O पहली O बार O 1.15 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O कारोबार O किया O है O । O मलयालम O के O सबसे O पुराने O श्रेण्य O ग्रंथों O में O से O एक B-NEN , O चेम्मीन B-NEAR , O दक्षिण O भारतीय O उपन्यासों O में O पहला B-NEN उपन्यास O है O जिसका O अनुवाद O किया O गया O और O इसे O काफी O प्रशंसा O मिली O । O कविता O की O तरह O ही O बाल O कहानी O भी O बच्चे O की O सबसे O प्रिय O चीज़ों O में O से O एक B-NEN है O , O जिसके O जरिए O वह O खुद O को O और O अपने O आसपास O के O परिवेश O को O समझने O की O कोशिश O करता O है O । O ' O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O ' O ( O इंडिया B-NEL @ O 75 B-NEN ) O के O पूर्वावलोकन O कार्यकलापों O का O शुभारंभ O - O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O भारत B-NEL की O स्वाधीनता O की O 75वीं O वर्षगांठ O मनाने O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O आयोजित O किए O जाने O वाले O कार्यक्रमों O की O एक B-NEN श्रृंखला O है O । O यह O महोत्सव O जनभागीदारी O की O भावना O में O एक B-NEN जन O - O उत्सव O के O रूप O में O मनाया O जाएगा O । O उन्होंने O इंडिया B-NEL @ O 75 B-NEN समारोहों O के O लिए O अन्य O विभिन्न O सांस्कृतिक O और O डिजिटल O पहलों O का O भी O शुभारंभ O किया O । O प्रधानमंत्री O ने O पांच B-NEN स्तंभों O - O फ्रीडम O स्ट्रगल O अर्थात O स्वतंत्रता O संग्राम O , O तथा O आईडियाज O एट O 75 B-NEN यानी O 75 B-NEN पर O विचार O , O एचीवमेंट्स O एट O 75 B-NEN यानी O 75 B-NEN पर O उपलब्धियां O , O एक्शन्स O एट O 75 B-NEN यानी O 75 B-NEN पर O कार्रवाइयां O तथा O रिजाल्व्ज् O एट O 75 B-NEN यानी O 75 B-NEN पर O संकल्प O को O प्रेरणा O मानते O हुए O सपनों O और O दायित्वों O को O बनाए O रखने O तथा O आगे O बढ़ने O के O मार्गदर्शी O बल O के O रूप O में O दोहराया O । O खासकर O छोटा B-NEAR गांधी I-NEAR ' O कहानी O तो O एक B-NEN बार O पढ़ते O ही O सीधे O दिल O में O उतर O जाती O है O । O यह O महोत्सव O भारत B-NEL के O उन O लोगों O को O समर्पित O है O , O जो O न O केवल O भारत B-NEL को O अपनी O विकास O यात्रा O में O आगे O बढ़ाने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभा O चुके O हैं O , O बल्कि O उन O लोगों O को O भी O समर्पित O है O जो O माननीय O प्रधानमंत्री O के O ' O आत्मनिर्भर O ' O की O भावना O से O ओतप्रोत O भारत B-NEL 2.0 B-NEN को O क्रियाशील O बनाने O की O शक्ति O तथा O क्षमता O रखते O हैं O । O लोकतांत्रिक O शासन O एक B-NEN ऐसी O स्थिति O है O जिसमें O संविधान O में O निहित O न्याय O , O स्वतंत्रता O और O समानता O के O वादे O को O एक B-NEN लोकतांत्रिक O राजनीतिक O ढांचे O में O अनुभव O किया O जाता O है O जहां O सरकार O लोगों O की O पहचान O , O आकांक्षाओं O और O जरूरतों O के O प्रति O संवेदनशील O है O और O जहां O लोग O सुरक्षित O और O संतुष्ट O महसूस O करते O हैं O । O आज O भारत B-NEL में O सार्वजनिक O जीवन O में O भ्रष्टाचार O एक B-NEN प्रमुख O चिंता O का O विषय O है O । O भ्रष्टाचार O प्रत्यक्ष O और O अप्रत्यक्ष O रूप O से O तीनों B-NEN स्तरों O - O राजनीतिक O , O नौकरशाही O और O कॉरपोरेट O क्षेत्र O में O मौजूद O है O । O बाल O उपन्यासों O के O वर्तमान O परिदृश्य O पर O एक B-NEN नजर O डालें O , O तो O कम O से O कम O यह O चीज O आश्वस्त O करती O है O कि O पहले O की O तरह O वर्तमान O दौर O में O भी O एक B-NEN साथ O कई O पीढ़ियों O के O लेखक O बाल O उपन्यासों O की O रचना O में O सक्रिय O रहे O हैं O । O भारत B-NEL में O व्यापक O स्तर O पर O फैले O भ्रष्टाचार O को O शासन O की O गुणवत्ता O में O सुधार O में O एक B-NEN बड़ी O बाधा O के O रूप O में O माना O जाता O है O । O ' O चिडिया B-NEAR और I-NEAR चिमनी I-NEAR ' O में O एक B-NEN फैक्टरी O है O , O जिसकी O चिमनी O से O रात O - O दिन O काला O धुआं O निकलता O रहता O है O । O भूजल O संरक्षण O की O दिशा O में O एक B-NEN कदम O भूजल O संरक्षण O में O तेजी O लाने O के O लिए O मंत्रिमंडल O ने O 6000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O राशि O से O महत्वाकांक्षी O योजना O - O अटल O भूजल O योजना O की O घोषणा O की O । O वास्तव O में O यह O लोकतांत्रिक O संस्थानों O में O विकार O उत्पन्न O होने O और O अयोग्य O , O भ्रष्ट O जन O प्रशासकों O और O वोट O के O भूखे O राजनेताओं O के O बीच O एक B-NEN सांठगांठ O का O परिणाम O है O । O * O इस O कार्यक्रम O से O अगले O पांच B-NEN साल O में O गुजरात B-NEL , O हरियाणा B-NEL , O कर्नाटक B-NEL , O मध्यप्रदेश B-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL , O राजस्थान B-NEL और O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL को O लाभ O होगा O । O * O पानी O की O एक B-NEN - I-NEN एक I-NEN बूंद O का O संरक्षण O और O उसका O पूरा O सदुपयोग O सुनिश्चित O करने O के O लिए O 3.5 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O जल O जीवन O मिशन O की O संगत O परवर्ती O योजना O के O रूप O में O है O । O सुशासन O एक B-NEN व्यक्तिगत O नहीं O बल्कि O सामूहिक O प्रयास O है O । O यह O जिम्मेदार O राजनीतिक O नेतृत्व O , O प्रबुद्ध O नीति O - O निर्माण O और O एक B-NEN पेशेवर O नैतिकता O के O ज़ज्बे O वाली O जन O सेवा O से O जुड़ा O हुआ O है O । O (अ) O मानव O निर्मित O धागे O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O (ई) O मालवहन O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O गांव O में O भूजल O स्तर O 70 B-NEN - O 80 B-NEN फीट O से O 20 B-NEN से O 25 B-NEN फीट O तक O बढ़ा O , O फसलों O में O परिवर्तन O ( O ज्वार O , O बाजरा O से O प्याज O , O आलू O , O बागवानी O फसलें O ) O लाया O गया O , O और O आर्थिक O समृद्धि O से O जीवनस्तर O में O व्यापक O परिवर्तन O आया O । O देश O भर O में O 412 B-NEN स्थानों O पर O चाइल्ड O लाइन O सेवाएं O शुरू O सरकार O समेकित O बाल O विकास O योजना O के O अंतर्गत O एक B-NEN केंद्र O प्रायोजित O योजना O बाल O संरक्षण O सेवाएं O शुरू O कर O रही O है O जिसका O लक्ष्य O जेजे O अधिनियम O के O अंतर्गत O आने O वाले O संवेदनशील O बच्चों O के O लिए O सांस्थानिक O और O संस्थेतर O सुरक्षा O चक्र O प्रदान O करना O है O । O यह O सेवा O एक B-NEN समर्पित O टोल O फ्री O नंबर O 1098 B-NEN के O जरिये O उपलब्ध O होगी O जो O कि O संकट O में O घिरे O बच्चों O या O उनकी O तरफ O से O वयस्कों O के O द्वारा O भारत B-NEL में O कहीं O भी O प्रयोग O की O जा O सकेगी O । O इस O समय O देश O में O 412 B-NEN विभिन्न O स्थानों O पर O चाइल्ड O लाइन O सेवाएं O सक्रिय O हैं O । O अटल O भूजल O योजना O एक B-NEN केंद्र O प्रायोजित O योजना O है O जिसकी O लागत O 6000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O है O । O अभी O तक O यह O योजना O सात B-NEN राज्यों O में O अमल O में O लाई O गई O है O जिनमें O पानी O की O कमी O से O जूझ O रहे O गुजरात B-NEL , O हरियाणा B-NEL , O कर्नाटक B-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL , O राजस्थान B-NEL और O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL शामिल O हैं O । O 80 B-NEN से O अधिक O जिलों O के O 222 B-NEN ब्लॉक O / O तालुकों O की O करीबन O 9000 B-NEN ग्राम O पंचायतों O को O इस O योजना O से O लाभ O पहुंचने O की O उम्मीद O है O । O हम O एक B-NEN जीवंत O लोकतंत्र O में O रहते O हैं O जिसकी O अपनी O मजबूतियां O और O चुनौतियां O हैं O । O आज O की O विडंबना O यह O है O कि O एक B-NEN ओर O देश O अतिरिक्त O कृषि O उत्पादन O के O प्रबंधन O की O योजना O बना O रहा O है O , O और O दूसरी O ओर O किसान O गरीबी O में O डूबते O जा O रहे O हैं O क्योंकि O उन्हें O अपनी O उपज O के O लिए O पर्याप्त O दाम O नहीं O मिल O पा O रहे O हैं O । O इस O अधिनियम O में O 5 B-NEN अध्याय O एवं O 23 B-NEN धाराएँ O हैं O । O इसी O से O संबंधित O एक B-NEN उपयोग O कृषि O संबंधी O गतिविधियों O को O और O परिष्कृत O करने O के O लिए O यांत्रीकरण O करना O और O श्रम O की O बचत O करना O । O ( O 1 O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O अपना O मकान O , O गांव O या O अन्य O निवास O स्थान O छोड़ने O के O लिए O मजबूर O करेगा O या O कराएगा O , O वह O , O कारावास O से O , O जिसकी O अवधि O छह B-NEN मास O से O कम O की O नहीं O होगी O किंतु O जो O पाँच B-NEN वर्ष O तक O की O हो O सकती O है O , O और O जुर्माने O से O दंडनीय O होगा O । O ( O ii O ) O मिथ्या O साक्ष्य O देना O या O गढ़ना O जिससे O उसका O आशय O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O ऐसे O अपराध O के O लिए O जो O मृत्यु O दंड O से O दंडनीय O नहीं O है O किंतु O सात B-NEN वर्ष O या O उससे O अधिक O की O अवधि O के O कारावास O से O दंडनीय O है O , O सिद्ध O कराना O है O या O वह O यह O जानता O है O कि O उससे O उसका O दोष O सिद्ध O होना O संभाव्य O है O , O वह O कारावास O से O , O जिसकी O अवधि O छह B-NEN मास O से O कम O की O नहीं O होगी O किंतु O जो O सात B-NEN वर्ष O या O उससे O अधिक O की O हो O सकेगी O और O जुर्माने O से O , O दंडनीय O होगा O । O ( O iii O ) O अग्नि O या O किसी O विस्फोटक O पदार्थ O द्वारा O रिष्टि O करेगा O जिससे O उसका O आशय O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O की O किसी O संपत्ति O को O नुकसान O पहुंचाना O है O या O वह O यह O जानता O है O कि O उससे O ऐसा O होना O संभाव्य O है O वह O कारावास O से O , O जिसकी O अवधि O छह B-NEN मास O से O कम O की O नहीं O होगी O किंतु O जो O सात B-NEN वर्ष O तक O की O हो O सकेगी O और O जुर्माने O से O , O दंडनीय O होगा O - O परंपरा O के O अनुसार O , O प्रकाशन O विभाग O ने O जीवनियों O , O बच्चों O की O किताबों O व O अन्य O प्रकाशनों O समेत O अंग्रेजी O , O हिंदी O व O उर्दू O की O 15 B-NEN किताबों O का O विमोचन O किया O । O ( O v O ) O भारतीय O दंड O संहिता O ( O 1860 O के O 45 O ) O के O अधीन O दस B-NEN वर्ष O या O उससे O अधिक O की O अवधि O के O कारावास O से O दंडनीय O कोई O अपराध O किसी O व्यक्ति O या O संपत्ति O के O विरुद्ध O इस O आधार O पर O करेगा O या O ऐसा O व्यक्ति O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O है O या O ऐसी O संपत्ति O ऐसे O सदस्य O की O है O , O यह O आजीवन O कारावास O से O , O और O जुर्माने O से O , O दंडनीय O होगा O । O या O ( O vii O ) O लोक O सेवक O होते O हुए O या O इस O धारा O के O अधीन O कोई O अपराध O करेगा O , O वह O कारावास O से O , O जिसकी O अवधि O एक B-NEN वर्ष O से O कम O की O नहीं O होगी O किंतु O जो O उस O अपराध O के O लिए O उपबंधित O दंड O तक O हो O सकेगी O , O दंडनीय O होगा O । O यह O सहमति O बनी O कि O पर O अमल O के O कारण O राजस्व O में O जो O भी O कमी O रहेगी O उसकी O भरपाई O शुरू O के O पांच B-NEN वर्ष O तक O जीएसटी O क्षतिपूर्ति O निधि O से O की O जाएगी O । O इस O कानून O की O तीन B-NEN विशेषताएँ O हैं O - O राज्यों O के O अनुरोध O पर O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O अनुमानित O कमी O की O भरपाई O हेतु O राज्यों O की O ओर O से O उधार O लेने O के O लिए O विशेष O व्यवस्था O करने O का O निर्णय O लिया O और O उन्हें O एक B-NEN के O बाद O एक B-NEN ऋण O के O रूप O में O यह O राशि O दे O दी O जिसे O भविष्य O में O क्षतिपूर्ति O निधि O में O प्राप्त O होने O वाली O राशि O से O चुकाने O का O प्रावधान O किया O । O इस O अधिनियम O में O ऐसे O २० B-NEN से O अधिक O कृत्य O अपराध O की O श्रेणी O में O शामिल O किए O गए O हैं O । O 14वें O वित्त O आयोग O ने O पहली O बार O केंद्रीय O विभाज्य O पूल O से O राज्यों O की O हिस्सेदारी O में O बड़ी O भारी O वृद्धि O की O सिफारिश O की O और O उसे O 32 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ाकर O 42 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O । O जम्मू B-NEL - I-NEL कश्मीर I-NEL राज्य O को O जम्मू B-NEL - I-NEL कश्मीर I-NEL तथा O लद्दाख B-NEL केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O रूप O में O पुनर्गठित O किए O जाने O के O मद्देनजर O 15वें O वित्त O आयोग O ने O कर O राजस्व O में O उनकी O हिस्सेदारी O 41 B-NEN प्रतिशत O करने O की O सिफारिश O की O । O इतना O ही O नहीं O , O वित्त O वर्ष O की O अंतिम O तिमाही O में O राजस्व O में O उछाल O आया O तो O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O राजकोषीय O संघवाद O की O सच्ची O भावना O के O अनुरूप O राज्यों O को O 45 B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपये O की O अतिरिक्त O राशि O प्रदान O की O । O एक B-NEN अधिकारी O पर O केस O तभी O किया O जा O सकता O है O जब O मामले O की O जाँच O हो O चुकी O हो O , O और O जाँच O की O रिपोर्ट O में O यह O रास्ता O सुझाया O गया O हो O । O अपने O देश O के O लोगों O की O जरूरतों O का O ध्यान O रखने O के O अलावा O 150 B-NEN से O अधिक O देशों O को O भी O जरूरी O दवाएं O , O टीके O , O जांच O किट O , O वेंटीलेटर O और O निजी O सुरक्षा O उपकरण O उपलब्ध O कराए O गए O हैं O । O सच O कहा O जाये O तो O देश O में O एक B-NEN ऐसी O प्रणाली O विकसित O करने O की O जरूरत O है O , O जिसकी O मदद O से O लोग O घर O पर O बिना O उपयोग O के O पड़े O भौतिक O स्वर्ण O का O समीचीन O तरीके O से O उपयोग O कर O सकें O । O भारत B-NEL - O 19 O आपात O प्रतिक्रिया O और O स्वास्थ्य O प्रणाली O तैयारी O पैकेज O : O दूसरा B-NEN चरण O * O सभी O 736 B-NEN जिला O अस्पतालों O में O शिशु O रोग O से O जुड़ी O इकाइयां O स्थापित O करना O अनुसूचित O जाति O के O लिए O उद्यम O पूंजी O निधि O की O तर्ज O पर O ही O ओबीसी O के O लिए O एक B-NEN नई O उद्यम O पूंजी O निधि O योजना O 200 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O आरंभिक O कायिक O निधि O के O साथ O आरंभ O की O जानी O है O । O 13587 B-NEN मैन्यूअल O स्कैवेंजर्स O ( O हाथ O से O मैला O ढोने O वाले O ) O और O उनके O आश्रितों O को O कौशल O विकास O प्रशिक्षण O प्रदान O किया O गया O है O । O 809 B-NEN मैन्युअल O स्कैवेंजर्स O और O उनके O आश्रितों O को O बैंक O कर्ज O प्रदान O किए O गए O हैं O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O प्री O - O मैट्रिक O छात्रवृत्ति O हेतु O आय O पात्रता O को O 2.00 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 2.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O दिवा O छात्रों O के O लिए O वजीफे O की O राशि O को O 150 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 225 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O और O आवासीय O छात्रों O के O लिए O इसे O 350 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 525 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O स्थानीय O छात्रों O के O लिए O वजीफे O की O राशि O को O 1500 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 2500 B-NEN रुपये O और O बाहरी O छात्रों O के O लिए O 3000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 5000 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O भारत B-NEL में O एक B-NEN आम O नागरिक O के O लिए O सरकारी O गलियारों O में O किसी O तरह O का O फायदा O लेना O या O इसके O लिए O आवेदन O करना O अक्सर O काफी O परेशान O करने O वाला O अनुभव O रहा O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O राष्ट्रीय O अध्येतावृत्ति O के O तहत O , O इस O सहायता O को O बढ़ाकर O 25,000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 28,000 B-NEN रुपये O प्रति O छात्र O कर O दिया O गया O है O । O प्राचीन O भारत B-NEL में O ' O लेखन O ' O एवं O ' O वाचन O ' O दोनों B-NEN का O चलन O था O और O दोनों O का O अंतर O उनकी O कार्यशैलियों O को O भी O स्पष्ट O करता O है O । O पिछले O दो B-NEN दशकों O में O सूचना O के O अधिकार O और O जन O सेवाओं O के O अधिकार O जैसे O कानून O पेश O किए O गए O , O ताकि O सूचनाएं O मुहैया O कराने O को O कानूनी O जरूरत O बनाया O जा O सके O । O सदियों O तक O चलती O आई O कठिन O और O गूढ O वाचन O व्यवस्था O के O आधार O पर O एक B-NEN भी O अक्षर O को O खोए O बिना O वेदों O को O संरक्षित O रखा O गया O था O । O उन्हें O मात्र O 21 B-NEN वर्ष O की O आयु O मिली O लेकिन O उनकी O रचनाओं O ने O महाराष्ट्र B-NEL ही O नहीं O , O देश O भर O में O भक्ति O - O सुधा O बरसाई O । O इसमें O 9000 B-NEN छंदों O भगवद्गीता B-NEAR के O भावार्थ O को O सरलता O और O मधुरता O से O समझाया O गया O है O । O 1. B-NEN रिसाइक्लिंग O सुविधा O का O आकार O स्थानीय O आबादी O की O जरूरतों O के O अनुरूप O होने O से O उसके O समग्र O कार्बन O फुटप्रिंट O में O कमी O आयेगी O । O 2. B-NEN स्थानीय O आबादी O की O पहुंच O के O दायरे O में O होने O से O रिसाइक्लिंग O सुविधा O का O अधिकतम O इस्तेमाल O होगा O तथा O लोग O कबाड़ O संग्रह O के O औपचारिक O बाजार O चैनलों O को O प्रभावित O करने O में O सक्षम O होंगे O । O उपभोक्ता O और O निर्माता O , O दोनों B-NEN ही O इस O स्थिति O से O लाभान्वित O होंगे O । O 3. B-NEN रिसाइक्लिंग O की O सुविधाओं O के O स्थानीयकरण O से O परिवहन O और O ऊर्जा O के O खर्चों O में O भी O कमी O आयेगी O । O 14वीं B-NEN शताब्दी O के O मध्य O से O 16वीं B-NEN शताब्दी O के O प्रारम्भ O से O महाराष्ट्र B-NEL में O मुख्यतः O मुस्लिम O शासकों O का O दौर O रहा O और O राज O - O काज O की O भाषा O फारसी O बन O गई O । O भारत B-NEL अंतरिक्ष O क्षेत्र O में O उन्नत O क्षमताओं O वाले O कुछ O गिने O - O चुने O देशों O में O से O एक B-NEN है O । O मराठी O साहित्य O का O तीसरा B-NEN और O सबसे O उर्वर O काल O 17वीं B-NEN शताब्दी O के O प्रारम्भ O से O (( O शासन O की O समाप्ति O ( O 18वीं B-NEN शताब्दी O के O दूसरे B-NEN दशक O तक O ) O तक O रहा O । O आम O धारणा O के O विपरीत O , O भारत B-NEL की O कृषि O कामयाबी O की O एक B-NEN गाथा O कहती O है O । O विश्व O के O कुल O कृषि O क्षेत्र O के O 11 B-NEN प्रतिशत O के O साथ O भारत B-NEL कृषि O उत्पादन O में O दुनिया O में O दूसरे O नंबर O पर O है O और O खाद्यान्न O , O कपास O , O गन्ना O , O बागानी O फसलों O , O डेयरी O , O पोल्ट्री O , O मसालों O और O जलजीवों O समेत O अनेक O वस्तुओं O का O प्रमुख O उत्पादक O है O । O नव O निर्मित O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO अंतरिक्ष I-NEO संवर्द्धन I-NEO और I-NEO प्रमाणीकरण I-NEO केंद्र I-NEO ( I-NEO इंडियन I-NEO नेशनल I-NEO स्पेस I-NEO प्रमोशन I-NEO एंड I-NEO ऑथराइजेशन I-NEO सेंटर I-NEO - I-NEO IN I-NEO - I-NEO SPACE I-NEO ) I-NEO निजी O कंपनियों O को O भारतीय O अंतरिक्ष O क्षेत्र O में O बुनियादी O ढांचे O का O उपयोग O करने O के O लिए O एक B-NEN समान O अवसर O प्रदान O करेगा O । O अंतरिक्ष O क्षेत्र O हमारे O औद्योगिक O आधार O के O तकनीकी O विकास O और O विस्तार O में O एक B-NEN प्रमुख O उत्प्रेरक O भूमिका O निभा O सकता O है O । O खाद्यान्न O उत्पादन O 29.7 B-NEN करोड़ I-NEN टन O , O बागवानी O उत्पादन O 3.1 B-NEN करोड़ I-NEN टन O , O कपास O उत्पादन O 3.7 B-NEN करोड़ I-NEN गांठ O ( O प्रति O गांठ O 70 B-NEN कि.ग्रा. O ) O , O दूध O उत्पादन O 18.8 B-NEN करोड़ I-NEN टन O , O मछली O उत्पादन O 1.3 B-NEN करोड़ I-NEN टन O , O पोल्ट्री O उत्पादन O 40 B-NEN लाख I-NEN टन O और O अंडा O उत्पादन O 10.3 B-NEN करोड़ I-NEN के O स्तर O पर O पहुंच O गया O है O । O यह O प्रोत्साहित O करने O वाली O नीतियों O और O एक B-NEN अनुकूल O नियामक O वातावरण O के O माध्यम O से O अंतरिक्ष O गतिविधियों O में O निजी O उद्योगों O को O बढ़ावा O देगा O और O मार्गदर्शन O करेगा O । O इस O प्रक्रिया O में O , O यह O दुनिया O की O छह B-NEN सबसे O बड़ी O अंतरिक्ष O एजेंसियों O में O से O एक B-NEN बन O गई O है O । O भारत B-NEL संचार O उपग्रहों O ( O इनसैट O ) O और O रिमोट O सेंसिंग O ( O आईआरएस O ) O उपग्रहों O के O सबसे O बड़े O में O से O एक B-NEN का O रखरखाव O करता O है O , O जो O क्रमशः O तेज O और O विश्वसनीय O संचार O और O पृथ्वी O अवलोकन O की O बढ़ती O मांग O को O पूरा O करता O है O । O जलवायु O परिवर्तन O से O भारत B-NEL के O लोगों O के O जीवन O पर O असर O पड़ O सकता O है O क्योंकि O इससे O वर्षा O में O अनियमितता O उत्पन्न O हो O गयी O है O और O हमारी O खेती O वाली O करीब O 62 B-NEN प्रतिशत O भूमि O वर्षा O पर O निर्भर O है O । O इस O प्रकार O , O देश O भारी O लिफ्ट O लांचर O , O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O परियोजनाओं O , O पुनःप्रयोज्य O प्रक्षेपण O वाहनों O , O अर्ध O - O क्रायोजेनिक O इंजन O , O सिंगल O और O टू B-NEN - O स्टेज O टू B-NEN ऑर्बिट O ( B-NEAR एसएसटीओ I-NEAR और I-NEAR टीएसटीओ I-NEAR ) I-NEAR वाहनों O के O विकास O , O अंतरिक्ष O के O लिए O मिश्रित O सामग्री O के O विकास O और O उपयोग O आदि O के O साथ O आगे O बढ़ O रहा O है O । O इन O चुनौतियों O से O निपटने O के O लिए O अनुमान O है O कि O भारत B-NEL को O अपनी O जमीन O की O उत्पादकता O में O चार B-NEN गुना O , O पानी O की O उत्पादकता O में O तीन B-NEN गुना O और O श्रम O की O उत्पादकता O में O छह B-NEN गुना O की O बढ़ोतरी O करनी O होगी O । O * O राज्य O एपीएमसी B-NEO सीमाओं O के O बाहर O बाधा O मुक्त O राज्य O के O अंदर O और O एक B-NEN राज्य O से O दूसरे O राज्य O में O व्यापार O और O वाणिज्य O को O बढ़ावा O । O * O देश O में O व्यापक O विनियमित O एक B-NEN कृषि O बाजारों O को O अनलॉक O करने O और O एक B-NEN देश O , O एक B-NEN कृषि O बाजार O बनाने O की O दिशा O में O ऐतिहासिक O कदम O । O इसमें O मूल O रूप O से O तीन B-NEN मॉड्यूल O हैं O - O नागरिक O अधिकार O पत्र O , O लोक O शिकायत O समाधान O प्रणाली O और O सेवा O डिलीवरी O क्षमता O । O भारतीय O विदेश O नीति O के O केंद्रित O बिंदुओं O में O एक B-NEN चीन B-NEL भी O है O । O प्रत्येक O मॉड्यूल O को O आगे O तीन B-NEN कसौटियों O और O 11 B-NEN तत्वों O के O आधार O पर O विभाजित O किया O गया O है O । O कारण O यह O कि O चीन B-NEL भारतीय B-NEL उपमहाद्वीप I-NEL में O निरंतर O ' O पॉलिसी O ऑफ O एक्सपैंशनिस्ट O थ्रू O काउंटरिंग O इंडियाज O पावर O एक B-NEN प्लेइंग O न्यू O साफ्ट O पावर O वार O गेम्स O ' O के O माध्यम O से O भारत B-NEL के O समक्ष O चुनौतियां O पेश O कर O रहा O है O । O इस O परियोजना O का O विस्तार O अब O सरकार O के O 62 B-NEN मंत्रालयों O में O कर O दिया O गया O है O । O सेवोत्तम O के O सात B-NEN चरण O हैं O । O इस O समय O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O तनाव O इतिहास O के O सबसे O जटिल O एवं O कठिन O दौर O को O प्रदर्शित O करता O हुआ O दिख O रहा O है O और O फिलहाल O अभी O चीन B-NEL से O किसी O सकारात्मक O पहल O की O उम्मीद O भी O नहीं O दिखायी O दे O रही O । O इतिहास O के O लम्बे O कालखंड O में O एक B-NEN बड़ी O ताकत O रहा O यूरोप B-NEL इस O समय O सर्वाधिक O संक्रमण O और O आंतरिक O विसंगतियों O का O शिकार O दिखायी O दे O रहा O है O । O सेवोत्तम O अनुवर्ती O शिकायत O समाधान O प्रणाली O के O सात B-NEN चरण O इस O प्रकार O हैं O - O देश O में O सार्वजनिक O सेवा O वितरण O मॉडल O के O तीन B-NEN घटक O हैं O - O * O दूसरा B-NEN घटक O , O ' O लोक O शिकायत O निवारण O ' O के O लिए O एक B-NEN अच्छे O शिकायत O निवारण O की O आवश्यकता O है O । O * O तीसरा B-NEN घटक O , O एक्सीलेंस O इन O सर्विस O डिलिवरी O । O एक B-NEN और O अहम O क्षेत्र O में O क्षमता O निर्माण O की O जरूरत O है O । O यह O एक B-NEN कॉल O सेंटर O के O माध्यम O से O कार्य O करती O है O । O इसी O की O पूर्ति O के O लिए O प्रदेश O में O सी O - O एम O हेल्पलाइन O 181 B-NEN प्रांरभ O की O गई O है O । O ' O प्रदेश O की O सुशासन O व्यवस्था O को O अधिक O चुस्त O - O दुरुस्त O और O जनहित O में O सक्रिय O करने O के O लिए O शुरू O की O गई O यह O हेल्पलाइन O देश O में O अपने O तरह O की O अनूठी O हेल्पलाइन O है O और O इससे O प्रदेश O के O विभिन्न O विभागों O के O तेरह B-NEN हजार I-NEN अधिकारियों O - O कर्मचारियों O को O जोड़ा O गया O है O , O जो O इस O हेल्पलाइन O से O प्राप्त O समस्याओं O का O निराकरण O करेंगे O । O कार्यक्रम O के O प्रारंभ O से O और O अभी O तक O के O ज्ञात O आंकड़ों O के O अनुसार O लगभग O 3850 B-NEN प्रकरण O चयनित O हुए O , O जिसमें O लगभग O 95 B-NEN प्रतिशत O मामलों O का O निराकरण O कर O दिया O गया O । O उत्तर B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO द्वारा O जन B-NEAR सुनवाई I-NEAR पोर्टल I-NEAR जो O सूचना O तकनीक O का O प्रयोग O कर O सुशासन O के O उद्देश्यों O की O प्राप्ति O हेतु O उत्तर B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO द्वारा O विकसित O ' O ई O - O संवाद O ' O की O एक B-NEN समन्वित O शिकायत O निवारण O प्रणाली O है O । O इस O पोर्टल O की O सबसे O मुख्य O विशेषता O यह O है O कि O इसमें O नागरिकों O द्वारा O किसी O भी O समय O शिकायतों O को O ऑनलाइन O दर्ज O एवं O ट्रैक O किया O जा O सकता O है O तथा O इसमें O विभिन्न O माध्यमों O से O प्राप्त O शिकायतें O एक B-NEN ही O पोर्टल O पर O उपलब्ध O हो O सकेंगी O । O इस O पोर्टल O पर O अभी O तक O लगभग O 48 B-NEN लाख I-NEN शिकायतें O दर्ज O करायी O गयीं O , O जिनमें O से O लगभग O 45 B-NEN लाख I-NEN शिकायतों O का O निस्तारण O कर O दिया O गया O , O जिसका O अर्थ O है O कि O यह O पोर्टल O लगभग O 94 B-NEN प्रतिशत O की O सफलता O रेट O से O कार्य O कर O रहा O है O । O प्रति O 10,000 B-NEN की O आबादी O पर O मलेशिया B-NEL में O 9.4 B-NEN , O फिलिपींस B-NEL में O 11.5 B-NEN , O वियतनाम B-NEL में O 12.2 B-NEN और O सिंगापुर B-NEL में O 18.3 B-NEN डॉक्टर O हैं O , O जबकि O भारत B-NEL में O हर O 10,00 B-NEN की O आबादी O पर O सिर्फ O 7 B-NEN डॉक्टर O हैं O । O यहां O तक O कि O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O 2017 O में O भी O स्वास्थ्य O पर O जीडीपी O का O सिर्फ O 2.5 B-NEN प्रतिशत O खर्च O करने O की O बात O कही O गई O है O । O साथ O ही O , O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ने O हर O 1,000 B-NEN लोगों O पर O 1 B-NEN डॉक्टर O होने O का O मापदंड O तय O किया O है O , O जबकि O भारत B-NEL में O यह O अनुपात O 1:1,404 B-NEN है O । O ग्रामीण O इलाकों O में O हालात O और O खराब O हैं O और O यहां O डॉक्टर O - O आबादी O का O अनुपात O 1:11,000 B-NEN है O ( O 2019 B-NEL ) O । O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO के O मानक O ( O 2016 B-NEL ) O के O मुताबिक O , O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O और O सतत O विकास O के O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O के O लिए O , O हर O 10,000 B-NEN लोगों O पर O 44.5 B-NEN स्वास्थ्यकर्मियों O की O जरूरत O है O और O भारत B-NEL में O यह O आंकड़ा O आधे O से O भी O कम O है O । O बाढ़ O एक B-NEN प्राकृतिक O प्रक्रिया O है O और O यह O अपरिहार्य O है O , O लेकिन O वैज्ञानिक O रूप O से O ध्वनि O डेटाबेस O और O मॉडल O का O उपयोग O कर O इससे O होने O वाली O क्षति O को O कम O किया O जा O सकता O है O । O उपरोक्त O के O अलावा O , O एक B-NEN अन्य O महत्वपूर्ण O पहलू O बाढ़ O तलछट O भार O है O क्योंकि O यह O बाढ़ O की O प्लवनशीलता O को O बताता O है O जो O कि O भीषण O बाढ़ O की O स्थिति O में O बांधों O , O पुलों O और O पुलियाओं O जैसे O बुनियादी O ढांचों O की O स्थिरता O के O लिए O हानिकारक O है O । O इसके O लिए O सबसे O महत्वपूर्ण O है O विभिन्न O स्तरों O पर O निगरानी O करना O , O जैसेकि O इन O क्षेत्रों O में O विभिन्न O जल O निकासी O घाटियों O में O बाढ़ O गेजिंग O सिस्टम O और O रडार O का O एक B-NEN घना O नेटवर्क O स्थापित O करना O , O इंटरनेट O ऑफ O थिंग्स O - O आईओटी O का O उपयोग O करके O वास्तविक O समय O डेटा O को O सभी O बाढ़ O प्रबंधन O केंद्रों O तक O पहुंचाना O । O ऐसी O 45 B-NEN प्रतिशत O मौतों O का O कारण O कुपोषण O पाया O गया O । O देश O के O 52 B-NEN जिलों O और O 82 B-NEN हजार I-NEN गांवों O में O हर O घर O को O नल O के O जरिये O जल O की O आपूर्ति O की O जा O रही O है O । O इसी O तरह O , O 1990 B-NEL - I-NEL 2013 I-NEL के O दौरान O वैश्विक O स्तर O पर O नाटे O कद O के O बच्चों O की O संख्या O 25.7 B-NEN करोड़ I-NEN से O घटकर O 16.1 B-NEN करोड़ I-NEN हो O गई O यानी O इसमें O 37 B-NEN प्रतिशत O की O गिरावट O हुई O । O भारत B-NEL में O तकरीबन O 47 B-NEN प्रतिशत O बच्चों O का O वजन O तय O मानक O से O कम O है O । O खाद्य B-NEO और I-NEO कृषि I-NEO संगठन I-NEO की O एक B-NEN रिपोर्ट O के O मुताबिक O , O 2018 B-NEL में O दुनिया O भर O में O 82,2 B-NEN करोड़ I-NEN लोग O कुपोषण O के O शिकार O थे O और O 200 B-NEN करोड़ I-NEN लोग O खाद्य O असुरक्षा O का O सामना O कर O रहे O थे O । O वैश्विक O भुखमरी O सूचकांक O 2019 O ( O ग्लोबल O हंगर O इंडेक्स O ) O में O कुल O 117 B-NEN देशों O की O सूची O में O भारत B-NEL 102वें O पायदान O पर O था O । O इस O सूची O में O भारत B-NEL को O 30.3 B-NEN अंक O दिए O गए O थे O और O यह O " O गंभीर O रूप O से O भुखमरी O के O शिकार O ' O देशों O की O श्रेणी O में O शामिल O था O । O वैश्विक O भुखमरी O सूचकांक O 2020 O में O कुल O 107 B-NEN देशों O की O सूची O में O भारत B-NEL 94वें O स्थान O पर O था O और O उसे O 27.2 B-NEN अंक O दिए O गए O थे O । O हालांकि O , O इससे O ज्यादा O यानी O 30 B-NEN - O 34.9 B-NEN अंक O वाले O देशों O को O गंभीर O रूप O से O भुखमरी O के O शिकार O देशों O की O श्रेणी O में O रखा O गया O था O । O इस O रिपोर्ट O के O मुताबिक O , O देश O की O 14 B-NEN प्रतिशत O आबादी O पोषण O की O कमी O से O जूझ O रही O है O और O 5 B-NEN साल O से O कम O के O 17.3 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O भी O इसी O श्रेणी O में O हैं O । O इसके O अलावा O , O 34.7 B-NEN प्रतिशत O भारतीय O बच्चे O नाटे O कद O के O हैं O । O इस O वजह O से O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO संघ I-NEO ने O 169 B-NEN लक्ष्य O समेत O सतत O विकास O से O जुड़े O 17 B-NEN लक्ष्य O घोषित O किए O , O जिसे O " O दुनिया O को O बदलना O : O सतत O विकास O का O एजेंडा O " O के O तौर O पर O जाना O जाता O है O । O लक्ष्य O 6 B-NEN एचआईवी O / O एड्स O , O मलेरिया O और O अन्य O रोगों O की O रोकथाम O ग्राम O पंचायत O ने O पर्यावरण O के O अनुकूल O और O सतत O ग्राम O विकास O के O उद्देश्य O से O एक B-NEN गांव O पार्क O और O श्मशान O का O भी O निर्माण O किया O है O । O स्थानीय O स्वशासन O के O लिए O एक B-NEN मॉडल O के O रूप O में O , O इब्राहिमपुर B-NEL ग्राम O पंचायत O , O ग्राम O सभा O के O नियमित O संचालन O के O साथ O भागीदारी O शासन O मॉडल O का O पालन O कर O रही O है O । O लक्ष्य O 7 B-NEN : O पर्यावरणीय O सततता O सुनिश्चित O करना O व्यापक O नियोजन O , O कार्यान्वयन O और O निगरानी O के O माध्यम O से O विकास O कार्यक्रमों O के O कार्यान्वयन O के O लिए O ग्राम O पंचायतों O को O एक B-NEN सर्वोत्तम O विकल्प O के O रूप O में O पहचाना O जा O रहा O है O । O जैसा O कि O ऊपर O बताया O गया O है O , O देश O भर O में O 95 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O ग्राम O पंचायतें O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O तैयार O कर O रही O हैं O । O लक्ष्य O 8 B-NEN : O विकास O के O लिए O वैश्विक O भागीदारी O विकसित O करना O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O प्रक्रिया O में O सतत O विकास O के O लक्ष्यों O को O एकीकृत O करने O के O लिए O सतत O विकास O लक्ष्यों O के O स्थानीयकरण O के O लिए O एक B-NEN रूपरेखा O तैयार O की O जा O रही O है O । O प्रयोजन O 18 B-NEN : O निजी O क्षेत्र O के O सहयोग O से O , O नई O तकनीकों O विशेष O रूप O से O सूचना O और O संचार O के O लाभों O को O उपलब्ध O कराना O न्यूनतम O आवश्यकता O सूचकांक O को O ग्रामीण O , O शहरी O और O अखिल O भारतीय O स्तर O के O लिए O पीने O के O पानी O , O स्वच्छता O , O साफ O - O सफाई O और O आवास O की O स्थिति O पर O राष्ट्रीय O सांख्यिकी O कार्यालय O - O एनएसओ O ( O 69 B-NEN और O 76 B-NEN दौर O ) O के O डेटा O का O उपयोग O करके O विकसित O किया O गया O है O । O सूचकांक O पांच B-NEN आयामों O - O जल O , O स्वच्छता O , O आवास O , O सूक्ष्म O पर्यावरण O और O अन्य O सुविधाओं O ( O रसोई O के O प्रकार O , O आवास O इकाई O के O वेंटिलेशन O , O एक B-NEN बाथरूम O , O बिजली O और O खाना O पकाने O के O लिए O ईंधन O के O प्रकार O तक O पहुंच O जैसे O संकेतकों O का O उपयोग O करके O मूल्यांकन O किया O गया O ) O पर O 26 B-NEN संकेतक O का O वर्णन O करता O है O । O अंग्रेजों O ने O उपमहाद्वीप O से O जाते O समय O एक B-NEN विभाजन O योजना O तैयार O की O और O दो B-NEN नए O देशों O - O भारत B-NEL और O पाकिस्तान B-NEL का O निर्माण O किया O गया O । O इसके O बाद O , O लाखों B-NEN लोग O विस्थापित O हुए O और O ' O शरणार्थी O ' O बन O गए O । O बैंकों O की O कुल O संपत्तियों O में O इन O बैंकों O का O हिस्सा O 70 B-NEN फीसदी O है O । O इस O पुस्तक O को O इसके O पहले O प्रकाशन O के O 50 B-NEN से O अधिक O वर्षो O के O बाद O फिर O से O प्रकाशित O करने O के O दो B-NEN कारण O हैं O । O यह O प्राइवेट O बैंकों O के O इसी O आंकड़े O के O मुकाबले O तीन B-NEN गुना O ज्यादा O है O । O एक B-NEN तो O यह O सामायिक O है O दूसरा O - O यह O अनमोल O यादों O से O परिपूर्ण O थी O । O आज O की O पीढ़ी O उन O लाखों B-NEN लोगों O के O किस्से O जानेगी O , O जिन्होंने O अपने O जीवन O की O यात्रा O नए O सिरे O से O शुरू O की O । O पुस्तक O में O बताया O गया O है O कि O कैसे O लाखों B-NEN लोग O अपने O वर्षों O पुराने O घरों O को O छोडकर O नए O स्थानों O पर O बसने O के O लिए O मजबूर O हुए O । O पिछले O एक B-NEN दशक O में O ऐसा O पहली O बार O हुआ O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O में O जोखिम O - O पूर्ण O संपत्तियों O ( O स्ट्रेस्ड O एसेट्स O ) O का O हिस्सा O 16 B-NEN फीसदी O से O ज्यादा O है O । O पुनर्वास O अपने O आप O में O एक B-NEN कठिन O कार्य O है O और O जब O हजारों B-NEN की O संख्या O में O लोगों O को O फिर O से O बसाना O हो O , O तो O यह O और O भी O दुरूह O हो O जाता O है O । O विरासत O को O संरक्षित O करने O का O यह O प्रयास O आज़ादी O के O अमृत O महोत्सव O के O अवसर O पर O प्रकाशन O विभाग O का O एक B-NEN छोटा O सा O प्रयास O है O । O एनपीए O ज्यादा O रहने O से O बैंकों O को O बासल O - O 3 B-NEN के O तहत O बड़ी O पूंजी O की O जरूरतें O पूरी O करने O में O भी O दिक्कत O होगी O । O यह O महिला O स्वयं B-NEO सहायता I-NEO समूहों I-NEO ( I-NEO एसएचजी I-NEO ) I-NEO की O भागीदारी O और O नेतृत्व O के O जरिये O विस्तार O सेवाओं O के O एक B-NEN संवहनीय O मॉडल O के O विकास O की O संभावना O को O व्यापक O बनाता O है O । O इसके O 7 B-NEN बिंदुओं O में O जवाबदेही O के O लिए O ढांचा O तैयार O करना O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O में O सीईओ O और O चेयरमैन O के O रोल O को O अलग O करना O , O भर्तियों O और O गवर्नेंस O में O सुधार O के O लिए O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O ( O बीबी O ) O बनाना O आदि O शामिल O हैं O । O इसमें O बैंकों O और O प्रमोटरों O को O 270 B-NEN दिनों O के O भीतर O निपटारा O प्लान O पर O सहमत O होने O या O संपत्तियों O की O बिक्री O जैसी O कार्रवाई O की O बात O है O । O भारत B-NEL में O सरकारी O आंकड़ों O के O हवाले O से O की O गई O एक B-NEN स्टडी O के O मुताबिक O , O ग्रामीण O इलाकों O में O गरीबी O कम O करने O में O बैंकों O की O वित्तीय O मजबूती O का O योगदान O रहा O है O । O छोटे O और O सीमांत O किसानों O की O बढ़ती O संख्या O तथा O जमीन O का O घटता O आकार O एक B-NEN प्रमुख O मुद्दा O है O । O मवेशियों O और O पक्षियों O ( O पोल्ट्री O ) O की O उत्पादकता O बढ़ाना O एक B-NEN बड़ी O चुनौती O है O । O भारत B-NEL में O यह O अहम O बात O है O क्योंकि O एक B-NEN औसत O परिवार O की O कुल O संपत्तियों O में O से O 77 B-NEN प्रतिशत O रियल O एस्टेट O ( O जिसमें O आवासीय O इमारतें O , O कृषि O एवं O गैर O कृषि O गतिविधियों O के O लिए O प्रयुक्त O इमारतें O , O मनोरंजक O सुविधाओं O का O निर्माण O तथा O ग्रामीण O एवं O शहरी O भूमि O शामिल O होती O हैं O ) O के O रूप O में O होती O है O । O यह O आंकडा O अमेरिका B-NEL में O 40 B-NEN प्रतिशत O , O चीन B-NEL के O लिए O 60 B-NEN प्रतिशत O , O थाईलैंड B-NEL में O 50 B-NEN प्रतिशत O और O ब्रिटेन B-NEL में O केवल O 35 B-NEN प्रतिशत O है O । O इनमें O से O पांच B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O मकान O बनकर O तैयार O हो O चुके O हैं O । O सेवा O सेतु O कार्यक्रम O के O जरिये O आय O और O जाति O प्रमाणपत्र O , O 7/12 B-NEN तथा O 8ए B-NEN जैसे O जरूरी O दस्तावेज O नागरिकों O को O उनके O घर O पर O उपलब्ध O कराये O जा O रहे O हैं O । O इसके O तहत O तकरीबन O 52 B-NEN सेवाओं O और O प्रमाणपत्रों O को O ऑनलाइन O उपलब्ध O कराया O गया O है O । O इस O योजना O में O छात्रों O को O अध्ययन O के O दौरान O 3000 B-NEN रुपये O से O 4500 B-NEN रुपये O तक O मासिक O वजीफा O प्रदान O किया O जाता O है O । O इन O कदमों O के O परिणामस्वरूप O गुजरात B-NEL में O बेरोज़गारी O दर O भारत B-NEL में O सबसे O कम O - O सिर्फ O 3.5 B-NEN प्रतिशत O है O । O गुजरात B-NEL केन्द्र O सरकार O के O दिशा O - O निर्देशों O के O अनुसार O गैर O - O आरक्षित O आबादी O के O लिये O 10 B-NEN प्रतिशत O आरक्षण O लागू O करने O वाला O पहला O राज्य O बन O गया O है O । O इस O योजना O का O लाभ O 70 B-NEN हजार I-NEN से O ज्यादा O परिवार O उठा O चुके O हैं O । O विदेश O में O शिक्षा O हासिल O करने O के O लिये O चार B-NEN प्रतिशत O की O ब्याज O दर O से O 15 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O का O ऋण O प्रदान O किया O जाता O है O । O डिजिटल O गुजरात B-NEL के O हिस्से O के O रूप O में O ज्ञानकुंज O परियोजना O के O जरिये O 16 B-NEN हजार I-NEN कक्षाओं O में O आधुनिक O सुविधाएं O उपलब्ध O करायी O गयी O हैं O । O विद्यार्थियों O को O 1000 B-NEN रुपये O की O मामूली O कीमत O पर O 10 B-NEN हजार I-NEN टैबलेट O वितरित O किये O गये O हैं O । O कुल O 9.50 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O विद्यार्थियों O को O 12वीं B-NEN कक्षा O पास O करने O के O बाद O महाविद्यालय O में O उच्चतर O तकनीकी O शिक्षा O के O लिये O आधुनिक O टेबलेट O का O तोहफा O दिया O गया O है O । O मुख्यमंत्री O महिला O उत्कर्ष O योजना O के O तहत O एक B-NEN लाख I-NEN महिलाओं O के O एक B-NEN समूह O का O गठन O किया O जायेगा O । O इनमें O से O 50 B-NEN हजार I-NEN महिलाएं O ग्रामीण O और O बाकी O शहरी O क्षेत्रों O से O होंगी O । O कुल O 10 B-NEN लाख I-NEN महिलाओं O को O राज्य O सरकार O से O ब्याज O मुक्त O ऋण O प्रदान O किया O जायेगा O । O यह O एक B-NEN बहु O - O सांस्कृतिक O पटल O है O जिस O पर O हजारों B-NEN रंगों O वाली O विविधताएं O शब्दों O की O लय O से O अनूठा O संगीत O बुनती O हैं O । O वहाली O दिकरी O योजना O के O अंतर्गत O दो B-NEN लाख I-NEN रुपये O सालाना O आमदनी O वाले O परिवारों O की O पहली O दो B-NEN बेटियों O को O पहली O जमात O में O दाखिले O के O दौरान O 4000 B-NEN रुपये O और O नौवीं O कक्षा O में O भर्ती O पर O 6000 B-NEN रुपये O दिये O जाते O हैं O । O इन O लड़कियों O की O उम्र O 18 B-NEN वर्ष O हो O जाने O पर O विवाह O के O समय O एक B-NEN लाख I-NEN रुपये O की O सहायता O प्रदान O की O जाती O है O । O अब O तक O 6000 B-NEN से O ज्यादा O परिवारों O को O इस O योजना O का O लाभ O मिल O चुका O है O । O इसके O लिये O 1000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इस O योजना O का O लाभ O अब O तक O 10 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O महिलाओं O को O मिल O चुका O है O । O मां O अमृतम O - O मां O वात्सल्य O योजना O के O अंतर्गत O लाभार्थियों O को O तीन B-NEN लाख I-NEN रुपये O के O बजाय O अब O पांच B-NEN लाख I-NEN रुपये O का O स्वास्थ्य O बीमा O मिलता O है O । O इस O योजना O में O 70 B-NEN लाख I-NEN परिवारों O के O 3.5 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O लाभार्थी O पंजीकृत O हैं O । O ढाई B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O व्यक्तियों O को O उनके O घरों O में O ही O ओपीडी B-NEO सुविधा O मुहैया O करायी O गयी O है O । O आनंद O , O सरलता O और O वैराग्य O से O संपन्न O भक्ति O काव्य O ने O तो O एक B-NEN आंदोलन O को O ही O जन्म O दिया O और O इन O कवियों O ने O अपनी O कविता O से O अज्ञान O के O अंधकार O को O दूर O करने O का O प्रयास O किया O । O गंगा O स्वरूप O आर्थिक O सहायता O योजना O के O तहत O विधवाओं O को O मिलने O वाली O मासिक O सहायता O को O बढ़ाकर O 1250 B-NEN रुपये O किया O गया O है O । O राजकोट B-NEL में O 201 B-NEN एकड़ O जमीन O पर O 1195 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O खर्च O से O 750 B-NEN बिस्तरों O वाला O अखिल B-NEO भारतीय I-NEO आयुर्विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO खोला O जा O रहा O है O जिसमें O आधुनिक O चिकित्सा O सुविधाएं O उपलब्ध O होंगी O । O राज्य O में O एक B-NEN साइबर O आश्वस्त O परियोजना O शुरू O की O गयी O है O । O विश्वास O परियोजना O के O अंतर्गत O 41 B-NEN शहरों O में O 7000 B-NEN कैमरों O का O एक B-NEN सी.सी.टीवी O नेटवर्क O लगाया O गया O है O । O नेत्रम B-NEO कमान I-NEO नियंत्रण I-NEO केन्द्र I-NEO के O जरिये O 33 B-NEN जिलों O में O नागरिकों O को O साइबर O अपराध O से O सुरक्षा O प्रदान O की O गयी O है O । O आसान O शब्दों O में O कहें O , O तो O सक्रिय O टाइटेनियम O डाइऑक्साइड O अर्द्धचालक O सामग्री O है O , O जो O ( O 1 B-NEN ) O हवा O में O मामूली O नमी O मौजूद O होने O पर O सूरज O की O रोशनी O की O पराबैंगनी O किरणों O का O अवशोषण O कर O लेती O है O ( O 2 B-NEN ) O ऐसा O बेहद O प्रतिक्रियाशील O मूलक O तैयार O करती O है O जिससे O जैविक O प्रदूषणकारी O तत्व O ( O कीटाणु O समेत O ) O कमजोर O पड़ O जाते O हैं O और O ( O 3 B-NEN ) O सतह O ( O बाहरी O हिस्से O ) O और O आसपास O को O साफ O रखती O है O । O इस O प्रक्रिया O के O बारे O में O सिलसिलेवार O ढंग O से O रेखाचित्र O - O 3 B-NEN में O बताया O गया O है O । O नल O से O जल O के O तहत O पांच B-NEN जिलों O में O शत O - O प्रतिशत O लक्ष्य O हासिल O कर O लिया O गया O है O । O रेखाचित्र O - O 4 B-NEN में O टाइटेनिया O सूक्ष्मगोलकों O और O कपड़ों O पर O अपने O - O आप O सफाई O वाली O उनकी O गतिविधियों O के O बारे O में O बताया O गया O है O । O ग्रामीण O स्तर O पर O पानी O की O आपूर्ति O की O प्रगति O की O निगरानी O के O लिए O एक B-NEN वास्तविक O समय O ( O रीयल O टाइम O ) O डैशबोर्ड O विकसित O किया O गया O है O जो O आज O भी O सक्रिय O है O । O इस O सक्रियता O का O वातावरण O और O नई O प्रतिबद्धता O एक B-NEN सुदूर B-NEL गांव O में O अंतिम O घर O तक O सुरक्षित O और O पर्याप्त O पानी O पहुंचाने O के O लिए O एक B-NEN नये O परिवर्तन O की O क्षमताएं O विकसित O करती O है O । O इसके O तहत O सतह O को O इस O तरह O असरदार O बनाना O पड़ेगा O कि O यह O टाइटेनिया O प्रकाश O से O जुड़े O तरंग O आयामों O ( O 400 B-NEN - O 800 B-NEN नैनोमीटर O ) O को O अवशोषित O करे O और O फोटो O उत्प्रेरण O गतिविधि O शुरू O कर O सके O । O पानी O को O केवल O एक B-NEN इंजीनियरिंग O का O मुद्दा O ही O नहीं O बल्कि O इसे O स्वास्थ्य O का O मुद्दा O बनाने O के O लिए O पुनर्विचार O , O फिर O से O रणनीति O बनाने O की O तत्काल O आवश्यकता O है O ताकि O जल O प्रणालियों O का O प्रबंधन O करने O और O प्रतिक्रियात्मक O कार्यों O से O दूर O रहने O के O लिए O सक्रिय O तरीके O सामने O आ O सकें O । O एक B-NEN और O घटनाक्रम O के O तहत O , O टाइटेनिया O के O कणों O को O कार्बन O बिंदुओं O ( O डॉट O ) O के O साथ O मिलाया O गया O , O ताकि O दिखने O वाले O हल्के O सक्रिय O टाइटेनिया O में O बढ़ोतरी O हो O सके O । O चौथा O , O एमएसएमई O क्षेत्र O को O ऋण O सहयोग O , O पूंजी O तथा O ब्याज O सब्सिडी O एवं O नवाचार O में O सहयोग O के O लिए O बजट O में O 3794 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रस्ताव O किया O गया O है O । O आम O तौर O पर O पहने O जाने O वाले O कपड़े O से O जुड़ी O कुछ O और O जरूरतें O हैं O , O जैसेकि O थर्मों O संबंधी O नियम O जिसमें O कपड़ा O शरीर O के O तापमान O में O होने O वाले O बदलाव O के O हिसाब O से O आराम O मुहैया O कराता O है O और O सर्दी O और O गर्मी O दोनों B-NEN स्थितियों O में O यह O आरामदेह O होता O है O । O पचास B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O कारोबार O की O कंपनियों O के O लिए O कॉरपोरेट O टैक्स O में O 25 B-NEN फीसदी O की O कटौती O को O 250 B-NEN करोड़ I-NEN तक O के O कारोबार O वाली O कंपनियों O तक O बढ़ाये O जाने O की O घोषणा O से O लाभ O तो O होगा O , O लेकिन O केवल O एक B-NEN छोटे O - O से O हिस्से O को O , O क्योंकि O यह O प्रस्ताव O ' O कंपनियों O ' O के O लिए O है O , O जबकि O हकीकत O यह O है O कि O 93 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O एमएसएमई O ' O कंपनी O ' O न O होकर O " O पार्टनरशिप O " O और O ' O प्रॉपराइटरशिप O ' O फर्म O हैं O । O कम O रेटिंग O वाली O कंपनियों O को O ब्रांड O मार्केट O में O अपनी O उपस्थिति O दर्ज O कराने O के O लिए O पात्र O बनाने O का O फैसला O भी O आगामी O वित्त O वर्ष O के O बजट O का O एक B-NEN अच्छा O प्रस्ताव O है O । O अंतरराष्ट्रीय B-NEO पाउडर I-NEO धातु I-NEO शोधन I-NEO और I-NEO नई I-NEO सामग्री I-NEO उन्नत I-NEO शोध I-NEO संस्थान I-NEO ( B-NEO एआरसीआई I-NEO ) I-NEO ने O नैनो O सिल्वर O - O आधारित O एक B-NEN सस्पेंशन O तैयार O किया O है O जिसका O इस्तेमाल O कर O कपड़े O में O कीटाणुओं O को O पैदा O होने O से O रोका O जा O सकता O है O । O केंद्र O द्वारा O प्रायोजित O इस O योजना O को O पहले O देश O के O 2408 B-NEN ब्लॉकों O में O शुरू O किया O गया O । O इस O योजना O के O अंतर्गत O शामिल O है O - O प्रत्येक O स्कूल O दिवस O प्रति O बालक O 100 B-NEN ग्राम O खाद्यान्न O तथा O खाद्यान्न O सामग्री O को O लाने O - O ले O जाने O के O लिए O प्रति O क्विंटल O 50 B-NEN रुपये O का O अनुदान O इसी O प्रकार O पश्चिमी O जनपदों O में O गेहूँ O की O मात्रा O 2/3 B-NEN तथा O चावल O की O मात्रा O 1/3 B-NEN की O होगी O । O रेखाचित्र O 2 B-NEN में O सिल्वर O नैनो O कणों O की O तस्वीर O को O दिखाया O गया O है O , O जो O ट्रांसमिशन O इलेक्ट्रॉन O माइक्रोस्कोप O के O तहत O है O । O इस O योजना O के O सफल O कार्यान्वयन O से O जहाँ O एक B-NEN ओर O बच्चों O में O कुपोषण O की O समस्या O कम O हुई O है O , O वहीं O दूसरी O ओर O यह O विभिन्न O सामाजिक O - O आर्थिक O पृष्ठभूमि O में O सामाजिक O संतुलन O स्थापित O करने O में O मदद O कर O रही O है O तथा O रोजगार O के O प्रावधान O के O माध्यम O से O महिलाओं O और O वंचित O समाज O के O सशक्तिकरण O में O भी O सार्थक O साबित O हो O रही O है O । O इसी O तरह O , O टाइटेनियम O ऑक्साइड O एक B-NEN और O सूक्ष्मजीवीरोधी O सामग्री O है O जिसके O जरिये O ' O प्रकाश O उत्प्रेरण O ' O होता O है O । O हर O लेख O के O लिए O 1,000 B-NEN शब्द O सीमा O तय O की O गई O है O । O लेख O को O तीन B-NEN हिस्सों O में O बांटकर O लिखें O ( O 1 B-NEN ) O भूमिका O ( O 1 B-NEN ) O मुख्य O हिस्सा O ( O 1 B-NEN ) O निष्कर्ष O । O यहां O उन्होंने O एक B-NEN मदरसे O की O स्थापना O की O थी O । O मुगल O शासकों O ने O मदरसे O के O खर्च O के O लिए O कहलगांव B-NEL परगने I-NEL की O 500 B-NEN बीघा O जमीन O दी O । O उनके O घराने O में O उस O समय O 20 B-NEN मौलवी O जीवित O थे O । O पहले O एक B-NEN बिंदु O को O विस्तार O से O लिखें O , O फिर O दूसरे O पर O आएं O । O वर्तमान O में O इस O मदरसा O में O 80 B-NEN छात्र O शिक्षा O ग्रहण O कर O रहे O हैं O । O केंद्र O द्वारा O प्रायोजित O इस O योजना O को O पहले O देश O के O 2408 B-NEN ब्लॉकों O में O शुरू O किया O गया O । O * O यह O एक B-NEN निबंध O है O , O लिहाजा O समस्याओं O की O तरफ O इशारा O करने O के O साथ O - O साथ O उनके O उपाय O भी O सुझाएं O । O इस O योजना O के O अंतर्गत O शामिल O है O - O प्रत्येक O स्कूल O दिवस O प्रति O बालक O 100 B-NEN ग्राम O खाद्यान्न O तथा O खाद्यान्न O सामग्री O को O लाने O - O ले O जाने O के O लिए O प्रति O कुंतल O 50 B-NEN रुपये O की O अनुदान O सहायता O । O निःशुल्क O अनाज O देने O के O अतिरिक्त O इस O संशोधित O योजना O के O तहत O दी O जाने O वाली O केंद्रीय O सहायता O इस O प्रकार O है O - O ( O क O ) O प्रति O स्कूल O दिवस O प्रति O बालक O एक B-NEN रुपया O भोजन O पकाने O की O लागत O , O ( O ख O ) O विशेष O वर्गीकृत O राज्यों O के O लिए O परिवहन O अनुदान O पहले O के O 50 B-NEN रुपये O प्रति O कुंतल O से O बढ़ाकर O 100 B-NEN रुपये O प्रति O कुंतल O तक O किया O गया O , O ( O ग O ) O अनाज O , O परिवहन O अनुदान O और O रसोई O सहायता O को O दो B-NEN प्रतिशत O की O दर O से O प्रबंधन O , O निगरानी O और O मूल्यांकन O लागत O सहायता O , O ( O घ O ) O सूखा O प्रभावित O क्षेत्रों O में O गर्मियों O की O छुट्टी O के O दौरान O मध्याह्न O भोजन O उपलब्ध O कराने O का O प्रावधान O । O यह O आपके O विश्लेषण O को O एक B-NEN नजरिया O मुहैया O कराता O है O । O • O सरकारी O , O स्थानीय O निकाय O तथा O सरकारी O सहायता O प्राप्त O स्कूलों O और O ईजीएस B-NEO तथा O एआईई B-NEO केंद्रों O में O कक्षा O एक B-NEN से O पांचवीं O तक O पढ़ने O वाले O बच्चों O की O पोषण O स्थिति O में O सुधार O । O हालांकि O , O यह O बात O ध्यान O में O रखना O जरूरी O है O कि O इंटरव्यू O में O हिस्सा O लेने O वाले O तकरीबन O सभी O उम्मीदवार O जानकारी O और O ज्ञान O के O मामले O में O कमोबेश O एक B-NEN जैसे O होते O हैं O । O कार्यक्रम O मध्यस्थता O और O कवरेज O उपर्युक्त O उद्देश्यों O को O हासिल O करने O के O लिए O सारणी O के O कॉलम O 3 B-NEN में O दर्शाई O गई O मात्रा O में O पोषक O तत्वों O से O भरपूर O पका O हुआ O मध्याह्न O भोजन O कक्षा O एक B-NEN से O पांच B-NEN तक O पढ़ने O वाले O सभी O बच्चों O को O उपलब्ध O कराया O जाएगा O - O * O हमेशा O याद O रखें O कि O इंटरव्यू O कठघरे O में O खड़ा O कर O सवाल O पूछने O का O मामला O नहीं O है O , O बल्कि O यह O एक B-NEN स्वाभाविक O बातचीत O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O कुछ O उम्मीदवार O एक B-NEN जैसी O सेवाएं O पसंद O कर O सकते O हैं O , O जबकि O कुछ O ऐसा O नहीं O करेंगे O । O प्रधानमंत्री O की O उपस्थिति O में O , O केन्द्रीय O जल O शक्ति O मंत्री O और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL तथा O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL के O मुख्यमंत्रियों O ने O केन O बेतवा O लिंक O परियोजना O को O लागू O करने O के O लिए O एक B-NEN ऐतिहासिक O समझौते O पर O भी O हस्ताक्षर O किए O । O इस O अवसर O पर O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O अंतर्राष्ट्रीय O जल O दिवस O पर O ' O कैच O द O रेन O अभियान O ' O की O शुरुआत O के O साथ O केन B-NEL - I-NEL बेतवा I-NEL लिंक O नहर O के O लिए O भी O एक B-NEN बड़ा O कदम O उठाया O गया O है O । O उन्होंने O कहा O कि O आज O का O समझौता O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL के O लाखों B-NEN परिवारों O के O हित O में O होगा O । O इसके O तहत O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O 11 B-NEN करोड़ I-NEN शौचालय O बनाये O गये O । O सामान्य O अध्ययन O और O वैकल्पिक O विषय O , O दोनों B-NEN की O रोजाना O पढ़ाई O करने O से O आप O बोर O नहीं O होते O और O ज्यादा O लंबे O समय O तक O बैठना O आसान O हो O जाता O है O । O मिशन O में O मानव O विकास O सूचकांकों O में O पिछड़े O 112 B-NEN आकांक्षापूर्ण O जिलों O तथा O जापानी O इंसेफेलाइटिस O और O एक्यूट O इंसेफेलाइटिस O सिंड्रोम O से O प्रभावित O 61 B-NEN जनपदों O को O हर O घर O में O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O सुनिश्चित O करने O में O सर्वोच्च O प्राथमिकता O दी O गयी O है O । O हमारे O देश O में O पेयजल O का O एक B-NEN बड़ा O स्रोत O भूमिगत O पानी O है O । O एक B-NEN ओर O महामारी O की O विशाल O दूसरी O लहर O ने O हमारी O स्वास्थ्य O - O व्यवस्था O को O झकझोर O कर O रख O दिया O है O , O दूसरी O ओर O तीसरी O लहर O की O आशंका O भी O व्यक्त O की O जा O रही O है O , O जिसका O प्रकोप O कब O और O कितना O होगा O , O कोई O नहीं O जानता O । O इन O संयंत्रों O के O जरिए O हर O घर O को O रोजाना O प्रति O व्यक्ति O आठ B-NEN से I-NEN 10 I-NEN लीटर O सुरक्षित O जल O मुहैया O कराया O जायेगा O । O स्वास्थ्य O देखभाल O कर्मियों O , O अग्रिम O पंक्ति O के O कार्यकर्ताओं O , O डॉक्टरों O , O शोधकर्ताओं O को O एक B-NEN के O बाद O एक B-NEN नई O और O व्यापक O चुनौतियों O का O सामना O करना O पड़ O रहा O है O । O इसके O अलावा O हर O गाँव O से O कम O - O से O - O कम O पाँच B-NEN लोगों O और O खास O तौर O से O महिलाओं O को O पानी O की O गुणवत्ता O की O जाँच O के O लिये O फील्ड B-NEO टेस्टिंग O किट O ( O एफटीके B-NEO ) O के O इस्तेमाल O का O प्रशिक्षण O दिया O गया O है O । O इस O समय O समूची O मानवता O का O एक B-NEN ही O शत्रु O है O । O अब O तक O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL , O गोवा B-NEL , O हरियाणा B-NEL , O हिमाचल B-NEL प्रदेश I-NEL , O तमिलनाडु B-NEL और O तेलंगाना B-NEL में O शत B-NEN - O प्रतिशत O स्कूलों O और O आंगनवाड़ी O केन्द्रों O में O नल O के O जरिए O पीने O योग्य O पानी O की O आपूर्ति O की O व्यवस्था O की O जा O चुकी O है O । O देश O भर O में O 5.4 B-NEN लाख I-NEN स्कूलों O और O 4.86 B-NEN लाख I-NEN आंगनवाड़ी O केन्द्रों O को O नल O के O जरिए O पीने O योग्य O पानी O मिलने O लगा O है O । O जेजेएम O में O एक B-NEN समग्र O नजरिया O अपनाते O हुए O स्रोत O की O संवहनीयता O , O जल O आपूर्ति O , O गंदे O जल O के O शोधन O और O फिर O से O उपयोग O तथा O समूची O प्रणाली O के O संचालन O और O रख O - O रखाव O पर O ध्यान O दिया O गया O है O । O इसके O तहत O हर O गाँव O को O 15वें B-NEN वित्त O आयोग O के O काल O में O ग्रामीण O कार्ययोजना O ( O वीएपी O ) O तैयार O करनी O है O । O यह O कठिन O समय O तो O एक B-NEN दिन O समाप्त O होगा O ही O । O सभी O को O गुणवत्तापूर्ण O पेयजल O सुनिश्चित O करना O : O जल O जीवन O मिशन O के O अंतर्गत O लगभग O 3 B-NEN करोड़ I-NEN नये O कनेक्शनों O की O व्यवस्था O - O अब O तक O 27 B-NEN जिलों O , O 35,516 B-NEN ग्राम O पंचायतों O और O 66,210 B-NEN गांवों O ने O ' O हर O घर O जल O ' O की O सुविधा O प्राप्त O की O है O । O * O बिहार B-NEL , O तेलंगाना B-NEL , O पुद्दुच्चेरी B-NEL और O अंडमान B-NEL निकोबार I-NEL में O शत B-NEN प्रतिशत O कवरेज O करने O की O संभावना O है O । O जल O सुरक्षा O योजना O के O सिद्धांत O के O साथ O एक B-NEN व्यवस्थित O जोखिम O मूल्यांकन O और O जोखिम O प्रबंधन O दृष्टिकोण O पेश O करके O जल O योजनाओं O के O वर्तमान O संचालन O और O प्रबंधन O को O मजबूत O करें O , O जो O कि O पीने O के O पानी O की O गुणवत्ता O के O लिए O डब्ल्यूएचओ B-NEO के O अनुसार O दिशानिर्देशों O की O केंद्रीय O सिफारिश O है O । O * O गोवा B-NEL शत B-NEN प्रतिशत O पाइप O कनेक्शन O प्रदान O करने O वाला O पहला O राज्य O है O । O 1. B-NEN सूक्ष्म O परिज्ञानि O विद्वानों O के O प्रतिपादन O के O अनुसार O आंखों O का O झपकना O और O उंगलियों O का O तड़कना O उच्चारण O में O ध्वनि O की O माप O है O । O पीने O के O पानी O की O गुणवत्ता O की O निगरानी O एक B-NEN ऐसी O स्वतंत्र O संस्था O द्वारा O विकसित O की O जानी O चाहिए O जो O पानी O की O सेवाओं O के O प्रावधानों O से O प्रभावित O हो O । O पूर्व O की O ओर O स्थलाकृति O एक B-NEN परिवर्ती O क्षेत्र O से O होकर O गुजरती O है O जिसे O मालवा B-NEL के O पठार O स्तर O तक O जाना O जाता O है O । O अरब B-NEL सागर I-NEL और O सह्याद्री B-NEL श्रेणी O के O बीच O स्थित O कोंकण B-NEL संकीर्ण O तटीय O तराई O क्षेत्र O है O , O जो O मुश्किल O से O 50 B-NEN कि.मी. O चौड़ा O है O । O औसतन O 1000 B-NEN मीटर O की O ऊंचाई O तक O बढ़ते O हुए O इसके O पश्चिम O में O कोंकण B-NEL है O । O पानी O की O गुणवत्ता O निगरानी O प्रणाली O एक B-NEN विशेष O क्षेत्र O में O पानी O की O गुणवत्ता O के O रुझान O पर O डेटा O विश्लेषण O के O लिए O काम O करेगी O ; O इसे O पानी O से O संबंधित O बीमारियों O के O विश्लेषण O और O नीतिगत O कार्रवाई O करने O के O लिए O सबूत O का O उपयोग O करने O के O लिए O रोग O निगरानी O प्रणाली O से O भी O जोड़ा O जा O सकता O है O । O नांदेड B-NEL एक B-NEN और O क्षेत्र O है O जहां O गुलाबी O ग्रेनाइट O पाए O जाते O हैं O । O स्वास्थ्य O सुरक्षा O योजना O के O दो B-NEN स्तंभों O के O साथ O सरकार O का O आयुष्मान O कार्यक्रम O 500 B-NEN मिलियन I-NEN गरीब O और O कमजोर O आबादी O तक O पहुंचता O है O और O 150,000 B-NEN स्वास्थ्य O और O कल्याण O केद्रों O की O स्थापना O करता O है O , O स्वच्छ O भारत B-NEL 2.0 B-NEN , O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL पर O नया O अभियान O और O जल O जीवन O मिशन O भारत B-NEL में O पहल O कर O रहा O है O स्वास्थ्य O और O पानी O के O लिए O सतत O विकास O लक्ष्य O प्राप्त O करने O के O लिए O यह O एक B-NEN लाभप्रद O स्थिति O में O डालता O है O । O बुवाई O क्षेत्र O का O केवल O 11 B-NEN प्रतिशत O सिंचित O है O । O हालांकि O महाराष्ट्र B-NEL के O 80 B-NEN फीसदी O लोग O हिंदू O धर्म O के O अनुयायी O हैं O , O लेकिन O राज्य O में O विरासत O स्थलों O का O जो O खजाना O है O वह O अपनी O बहु O - O विरासत O को O दर्शाता O है O जिसमें O जैन O , O बौद्ध O , O मुस्लिम O और O ईसाई O संस्कृतियां O शामिल O हैं O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O तीन B-NEN खास O क्षेत्रों O को O प्राथमिकता O दी O जा O सकती O है O । O ये O सभी O डेक्कन B-NEL क्षेत्र I-NEL में O एक B-NEN उद्यमी O नेता O की O कहानी O की O फिर O से O रचना O करते O हैं O जो O भाग्य O , O लोकप्रिय O समर्थन O और O दृष्टिकोण O के O साथ O भारतीय O इतिहास O के O सबसे O बड़े O राजाओं O में O से O एक B-NEN बन O गया O । O प्रत्येक O किला O सैन्य O विजय O का O प्रतीक O है O , O और O यह O रणनीति O , O युद्ध O , O साजिश O और O योजना O की O एक B-NEN कहानी O बताता O है O जो O राजनीति O विज्ञान O , O रक्षा O रणनीतियों O और O प्रबंधन O के O सभी O छात्रों O के O लिए O रुचिकर O है O । O भारत B-NEL की O 70 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O शिला O - O गुफा O कला O महाराष्ट्र B-NEL में O देखने O को O मिलती O है O । O ऐसे O गांवों O को O प्राथमिकता O दी O जा O रही O है O जहाँ O अनुसूचित O जातियों O / O अनुसूचित O जनजातियों O के O लोग O अधिक O संख्या O में O हैं O और O इस O बात O का O ध्यान O रखा O जा O रहा O है O कि O रोजाना O प्रति O व्यक्ति O 55 B-NEN लीटर O पानी O उपलब्ध O कराया O जाए O । O इस O तरह O के O धर्मनिरपेक्ष O और O समावेशी O दृष्टिकोण O से O मूलतः O समाज O के O दुर्बल O वर्गों O और O उपेक्षित O तबकों O के O लोगों O को O फायदा O हो O रहा O है O और O यह O मिशन O एक B-NEN सामाजिक O क्रांति O साबित O हुआ O है O । O एक B-NEN दिलचस्प O बात O यह O है O कि O इन B-NEO समितियों I-NEO के O सदस्यों O में O 50 B-NEN प्रतिशत O महिला O सदस्यों O का O होना O जरूरी O है O क्योंकि O उन O पर O ही O पानी O की O व्यवस्था O करने O का O दारोमदार O होता O है O । O इतना O ही O नहीं O , O यह O भी O एक B-NEN तथ्य O है O कि O जिन O पंचायतों O में O महिला O सदस्यों O की O भागीदारी O अधिक O है O , O वहाँ O पेयजल O आपूर्ति O , O स्वच्छता O आदि O की O परियोजनाओं O में O अच्छा O कार्य O हुआ O है O ( O संयुक्त O राष्ट्र O रिपोर्ट O ) O । O इसके O अलावा O पानी B-NEO समिति I-NEO में O समाज O के O दुर्बल O वर्ग O को O भी O उपयुक्त O प्रतिनिधित्व O दिया O जाता O है O जिससे O यह O मिशन O उनकी O भागीदारी O के O साथ O - O साथ O सशक्तिकरण O के O लिए O एक B-NEN मंच O उपलब्ध O कराने O का O प्रयास O करता O है O । O इसके O माध्यम O से O एक B-NEN ऐसी O सामाजिक O क्रांति O लाने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O जिसमें O जन O भागीदारी O होगी O , O सशक्तिकरण O होगा O , O समन्वय O होगा O , O समावेशन O होगा O और O समता O होगी O । O इस O परामर्श O का O शीर्षक O ' O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN कोरोना O वायरस O का O प्रसार O रोकने O के O लिये O मुख O ढकने O : O चेहरे O और O मुंह O के O घर O में O बने O बचाव O आवरण O ( O मास्क O ) O पर O नियमावली O ' O था O । O इस O रणनीति O के O छह B-NEN प्रमुख O स्तंभ O हैं O - O 2. B-NEN उपग्रह O डेटा O का O उपयोग O करते O हुए O जल O संभर O सिद्धांतों O पर O आधारित O वैज्ञानिक O नियोजन O और O निगरानी O के O साथ O वर्षा O जल O संचयन O या O कृत्रिम O पुनर्भरण O किया O गया O ; O सरकार O , O शिक्षा O जगत O और O उद्योग O के O सुसंगत O और O सामंजस्यपूर्ण O मेल O से O भारतीय O विज्ञान O की O सबसे O ज्यादा O सफल O कहानियों O में O से O एक B-NEN कथा O लिखी O गयी O । O 4. B-NEN प्रचुर O जल O वाले O दक्षिण B-NEL तथा I-NEL मध्य I-NEL गुजरात I-NEL से O उत्तर B-NEL गुजरात I-NEL , O सौराष्ट्र B-NEL और O कच्छ B-NEL तक O पानी O के O अंतर O घाटी O अंतरण O की O योजना O बनाई O गई O ; O तो O हमें O बताएं O कि O ऐसा O कैसे O हुआ O , O एक B-NEN सरकारी O टीचर O बनने O के O बाद O शिक्षा O क्षेत्र O के O रूपांतरण O पर O काम O करने O का O ? O परंतु O एक B-NEN टीचर O को O प्रतिदिन O छात्रों O के O साथ O काम O करना O होता O है O । O चारों B-NEN ओर O गायें O , O भैंसें O और O बकरियां O थीं O । O आप O में O से O कई O लोग O सोच O रहे O होंगे O कि O दो B-NEN विदेश O मंत्रियों O ने O , O जिनका O कल O का O दिन O काफी O व्यस्त O था O , O एक B-NEN विश्वविद्यालय O में O एक B-NEN शिक्षा O कार्यक्रम O में O फिर O से O मिलने O का O विकल्प O क्यों O चुना O । O एक B-NEN विशेष O कारण O यह O भी O है O कि O मुझे O लगता O है O कि O हार्वर्ड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO इस O कार्य O के O लिए O एक B-NEN उपयुक्त O स्थान O है O । O इस O वर्ष O भी O हमें O दो B-NEN बार O बातचीत O करने O का O अवसर O मिला O है O और O मुझे O लगता O है O कि O नियमित O रूप O से O संपर्क O में O रहना O कुछ O ऐसा O है O जो O हमारे O पारस्परिक O हित O में O है O । O यह O वर्ष O हमारे O द्विपक्षीय O संबंधों O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O वर्ष O है O क्योंकि O हम O अपने O राजनयिक O संबंधों O की O स्थापना O की O 75वीं O वर्षगांठ O मना O रहे O हैं O । O जैसा O कि O हम O उस O भविष्य O के O बारे O में O सोचते O हैं O , O उसका O एक B-NEN बड़ा O हिस्सा O , O उसमें O एक B-NEN बड़ी O भूमिका O हमारे O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O संबंधों O द्वारा O निभाई O जाने O वाली O है O । O महामहिम O , O हमारी O आज O की O बैठक O महामारी O के O अलावा O एक B-NEN कठिन O अंतर्राष्ट्रीय O वातावरण O में O हो O रही O है O । O इस O परिवर्तन O का O एक B-NEN प्रमुख O चालक O इसका O मानवीय O तत्व O रहा O है O । O 4.4 B-NEN मिलियन I-NEN भारतीय O डायस्पोरा O ने O सचमुच O इस O समाज O में O हमारी O छवि O को O परिभाषित O किया O है O और O रिश्तों O को O बनाने O में O मदद O की O है O जो O हमारे O काम O में O हमारे O लिए O ताकत O का O एक B-NEN बड़ा O स्रोत O है O । O इसके O केंद्र O में O छात्र O , O शिक्षाविद O , O शोधकर्ता O और O पेशेवर O हैं O जिन्होंने O अमेरिका B-NEL की O प्रगति O में O योगदान O दिया O है O , O भले O ही O वे O हमारे O दो B-NEN समाजों O के O बीच O एक B-NEN सेतु O बने O रहे O । O एक B-NEN सभ्यतामूलक O राज्य O और O एक B-NEN सह O - O लोकतांत्रिक O राज्यव्यवस्था O , O जो O प्रतिदिन O भारी O बाधाओं O से O पार O पा O रही O है O , O की O आपकी O सराहना O अनिवार्य O है O । O साथ O - O साथ O चुनाव O कराने O में O एक B-NEN बचत O केन्द्रीय O पुलिस O बलों O की O तैनाती O के O रूप O में O भी O हो O सकती O है O । O अलग O - O अलग O चुनाव O कराने O में O केन्द्रीय O बलों O की O तैनाती O और O वापसी O दो B-NEN बार O होगी O जबकि O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O से O लगभग O उतने O ही O सुरक्षा O कर्मियों O से O दोनों B-NEN चुनाव O अच्छी O तरह O कराए O जा O सकते O हैं O । O एक B-NEN साथ O चुनाव O से O अतिरिक्त O खर्च O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O से O होने O वाली O बचत O का O उपयोग O करके O इलेक्ट्रोनिक O मतदान O मशीनों O ( O ई. O वी. O एम. O ) O पर O होने O वाले O खर्च O को O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O इस O समय O ईवीएम O के O तीन B-NEN हिस्से O होते O हैं O : O कंट्रोल O यूनिट O , O बैलेटिंग O यूनिट O और O वोटर O वेरीफाएबल O पेपर O ऑडिट O ट्रेल O ( O वीवीपैट O - O मतदान O पुष्टि O पर्ची O ) O प्रिंटर O । O ईवीएम O मशीन O का O अनुमानित O जीवन O काल O 15 B-NEN साल O का O होता O है O । O एक B-NEN चुनाव O में O एक B-NEN मतदान O केन्द्र O पर O एक B-NEN तरह O की O ईवीएम O का O उपयोग O किया O जाता O है O । O इस O समय O कुछ O राज्यों O को O छोड़ O कर O विधानसभा O चुनाव O लोकसभा O चुनाव O के O साथ O आयोजित O नहीं O किये O जा O रहे O हैं O , O इसलिए O दोनों B-NEN चुनावों O के O लिए O एक B-NEN ही O ईवीएम O का O उपयोग O किया O जाता O है O । O एक B-NEN ही O ईवीएम O का O विभिन्न O चुनावों O में O बार O - O बार O इस्तेमाल O होने O से O कोई O अतिरिक्त O खर्च O या O मेहनत O नहीं O करनी O पड़ती O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O के O लिए O प्रत्येक O मतदान O केन्द्र O में O दो B-NEN ईवीएम O का O होना O जरूरी O है O - O एक B-NEN लोकसभा O चुनाव O के O लिए O और O दूसरी O विधानसभा O चुनाव O के O लिए O । O अंत O में O , O हम O एसटीईएम O क्षेत्र O पर O नए O सिरे O से O ध्यान O केंद्रित O करने O की O पहचान O करते O हैं O , O जिसमें O एक B-NEN समूह O , O जिसका O हम O दोनों O हिस्सा O हैं O , O को O क्वाड O कहा O जाता O है O । O इस O समय O देश O भर O में O 10 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O मतदान O केन्द्र O बनाए O जाते O हैं O । O इसलिए O , O मैं O एक B-NEN बार O फिर O यह O रेखांकित O करते O हुए O अपनी O बात O समाप्त O करता O हूं O कि O इन O लोगों O को O लोगों O के O बीच O संबंधों O को O विकसित O और O पोषित O करना O कितना O महत्वपूर्ण O है O । O प्रत्येक O मतदान O केन्द्र O को O एक B-NEN कंट्रोल O यूनिट O , O वीवीपैट O प्रिंटर O और O एक B-NEN या O एक B-NEN से O अधिक O बैलेटिंग O यूनिट O उपलब्ध O करायी O जाती O है O ( O एक B-NEN यूनिट O में O 16 B-NEN उम्मीदवारों O के O नाम O ही O आ O पाते O हैं O इसलिए O निर्वाचन O क्षेत्र O में O उम्मीदवारों O की O संख्या O के O आधार O पर O बैलेटिंग O यूनिट O उपलब्ध O करायी O जाती O हैं O ) O । O इसका O मतलब O हुआ O कि O देश O भर O में O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O के O लिए O संख्या O की O दृष्टि O से O ईवीएम O मशीनों O की O आवश्यकता O अलग O - O अलग O चुनाव O कराने O के O मुकाबले O दुगनी O होगी O । O कंट्रोल O यूनिट O और O बैलेटिंग O यूनिट O के O एक B-NEN सेट O का O मूल्य O 17,000 B-NEN रुपये O है O और O वीवीपैट O मशीन O की O कीमत O 16,000 B-NEN रुपये O से O अधिक O है O । O प्रत्येक O मतदान O केन्द्र O पर O एक B-NEN मशीन O की O दर O से O अतिरिक्त O ईवीएम O समेत O 10 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O ईवीएम O खरीदने O पर O 4000 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O की O लागत O आयेगी O । O इसका O लक्ष्य O वैश्विक O ऊष्मा O ( O ग्लोबल O वार्मिंग O ) O के O स्तर O में O , O पूर्व O - O औद्योगिक O स्तर O की O तुलना O में O 2 B-NEN डिग्री O सेल्सियस O से O नीचे O , O बल्कि O हो O सके O तो O 1.5 B-NEN डिग्री O सेल्सियस O की O कमी O लानी O है O । O एक B-NEN साथ O चुनाव O होने O पर O लोक O संपर्क O के O ये O सभी O साधन O दोनों B-NEN चुनावों O में O एक B-NEN साथ O काम O आ O जाएंगे O । O संशोधित O मानदंडों O के O तहत O , O राष्ट्रीय O चैंपियनशिप O के O लिए O उच्च O प्राथमिकता O खेलों O के O लिए O सहायता O को O बढ़ाकर O 51 B-NEN लाख I-NEN रुपये O , O प्राथमिकता O वाले O एवं O भारतीय O पारंपरिक O खेलों O के O लिए O और O सामान्य O श्रेणी O के O खेलों O , O जिन्हें O पहले O ' O अन्य O ' O के O रूप O में O जाना O जाता O था O , O के O लिए O सहायता O को O 22 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ( O सभी O श्रेणी O की O खेल O स्पर्धाओं O के O लिए O ) O से O बढ़ाकर O 30 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O सामान्य O खेल O प्रशिक्षण O किट O ( O जैसे O कि O ट्रैक O सूट O , O टी O - O शर्ट O , O शॉर्ट्स O , O वार्म O अप O जूते O आदि O ) O के O लिए O भत्ते O को O दोगुना O करते O हुए O राष्ट्रीय O शिविर O में O भाग O लेने O वाले O खिलाड़ियों O के O लिए O वर्ष O में O एक B-NEN बार O प्रति O एथलीट O 20,000 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O देश O में O अंतरराष्ट्रीय O टूर्नामेंटों O की O मेजबानी O के O लिए O राष्ट्रीय O खेल O संघों O ( O एनएसएफ O ) O को O प्रोत्साहित O करने O के O उद्देश्य O से O सहायता O की O मात्रा O को O 30 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O एक B-NEN करोड़ I-NEN कर O दिया O गया O है O । O पुरस्कार O के O रूप O में O 15 B-NEN लाख I-NEN की O राशि O दी O जाती O है O । O ओलंपिक O शुरू O होने O से O एक B-NEN दिन O पहले O भारतीय O ओलंपिक O संघ O ने O गोल्ड O मेडल O जीतने O वाले O खिलाड़ियों O को O 75 B-NEN लाख I-NEN रुपये O देने O का O ऐलान O किया O था O । O इसके O अलावा O रजत O पदक O जीतने O वाले O एथलीटों O के O लिए O 40 B-NEN लाख I-NEN और O कांस्य O पदक O जीतने O वाले O खिलाड़ियों O को O 25 B-NEN लाख I-NEN रुपये O दिए O जाने O की O घोषणा O की O गयी O थी O । O भारतीय O ओलंपिक O संघ O ( O आईओए O ) O ने O साथ O ही O कहा O था O कि O वह O इसके O अलावा O प्रत्येक O भागीदार O राष्ट्रीय O खेल O महासंघ O ( O एनएसएफ O ) O को O बोनस O के O तौर O पर O 25 B-NEN लाख I-NEN रुपये O देगा O । O हमें O खेलों O में O भागीदारी O की O एक B-NEN मजबूत O भावना O पैदा O करने O की O जरूरत O है O जो O खिलाड़ियों O को O उनकी O वास्तविक O क्षमता O का O प्रदर्शन O करने O में O सक्षम O बनाती O है O । O मुगलों O के O जमाने O में O खमंचे O , O रबाब O ( O जिसका O परिवर्धित O रूप O अब O सरोद B-NEAR कहा O जाता O है O ) O , O एक B-NEN - O तार O , O दु B-NEN - O तार O , O और O से B-NEN - O तार O ( O तीन B-NEN - O तार O ) O - O जिसका O परिवर्धित O रूप O आज O का O सितार O है O , O जैसे O वाद्य O - O यंत्र O थे O । O हमारे O देश O में O खेले O जाने O वाले O सभी O खेलों O के O लिए O एक B-NEN मजबूत O ढांचा O तैयार O करके O और O भारत B-NEL को O एक B-NEN महान O खेल O राष्ट्र O के O रूप O में O स्थापित O करके O जमीनी O स्तर O पर O भारत B-NEL में O खेल O संस्कृति O को O पुनर्जीवित O करने O के O लिए O खेलो O इंडिया B-NEL कार्यक्रम O की O शुरुआत O की O गई O है O । O भारत B-NEL की O स्वतंत्रता O के O बाद O के O पहले B-NEN दो B-NEN दशकों O में O , O जब O वह O विकास O और O आधुनिकता O के O पथ O पर O अग्रसर O हो O रहा O था O , O तो O कई O भाषाओं O में O कविताओं O , O कहानियों O , O उपन्यासों O और O नाटकों O में O कृषि O समाज O को O सामने O रखते O हुए O ग्रामीण O परिदृश्य O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O । O अगले O तीन B-NEN दशकों O में O रचित O कहानियों O और O उपन्यासों O में O समाज O के O सामने O आने O वाली O नई O समस्याओं O - O श्रम O संबंधी O मुद्दों O , O महिलाओं O की O नौकरी O संबंधी O परेशानियां O इत्यादि O को O उजागर O किया O गया O । O ऐसा O इसलिए O भी O है O कि O भारत B-NEL वास्तव O में O एक B-NEN युवा O देश O है O , O यहां O की O जनसंख्या O में O युवाओं O की O संख्या O काफी O अधिक O है O । O यहां O तक O कि O इस O शैली O में O , O एक B-NEN भाषा O से O भाषाओं O में O अनुवाद O भी O रुचिकर O होता O है O । O मैंने O पिछली O बार O यहां O पर O जल O - O जीवन O मिशन O की O घोषणा O की O थी O , O आज O उसको O एक B-NEN साल O हो O रहा O है O । O बीस B-NEN साल O पहले O की O धारणा O के O विपरीत O , O भारतीय O साहित्य O ने O पश्चिमी O शैली O को O नहीं O अपनाया O और O कई O भाषाओं O में O बड़ी O संख्या O में O पौराणिक O कथाओं O की O रचना O को O प्रमुखता O दी O और O 21वीं B-NEN सदी O की O संवेदनाओं O के O अनुरूप O इसे O प्रस्तुत O करना O इसका O एक B-NEN उदाहरण O है O । O आज O मुझे O संतोष O है O कि O प्रतिदिन O हम O एक B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O घरों O में O जल O पहुंचा O रहे O हैं O । O और O पिछले O एक B-NEN साल O में O 2 B-NEN करोड़ I-NEN परिवारों O तक O हम O जल O पहुंचाने O में O सफल O हुए O हैं O । O और O मुझे O खुशी O है O कि O आज O ' O जल O - O जीवन O मिशन O ' O ने O देश O में O एक B-NEN तंदुरुस्त O स्पर्धा O का O माहौल O बनाया O है O । O ब्रिटिश B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O इन O सुधारों O को O प्रस्तुत O करने O के O पीछे O मुख्य O दो B-NEN घटनाएँ O थीं O । O कोऑपरेटिव O कंपीटिटिव O फेडरलिज़्म O की O एक B-NEN नई O ताकत O जल O - O जीवन O मिशन O के O साथ O जुड़ O गई O है O और O उसके O साथ O भी O हम O आगे O बढ़ O रहे O हैं O । O यह O जल O - O जीवन O मिशन O , O इसके O लिए O केंद्र O और O राज्य O सरकार O साथ O मिलकर O काम O करेंगे O और O आने O वाले O वर्षों O में O साढ़े B-NEN तीन I-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O भी O ज्यादा O रकम O इस O जल O - O जीवन O मिशन O के O लिए O खर्च O करने O का O हमने O संकल्प O लिया O है O । O जीईएस O वैश्विक O स्तर O पर O उभरते O हुए O उद्यमियों O , O निवेशकों O और O व्यावसायियों O की O एक B-NEN विशिष्ट O वार्षिक O सभा O है O । O " O महिलाएं O सर्वप्रथम O सबके O लिए O समृद्धि O " O पर O आधारित O यह O प्रथम O जीईएस O था O , O जिसमें O महिलाओं O का O बहुमत O था O कुल O प्रतिभागियों O में O से O 52.5 B-NEN प्रतिशत O से O भी O अधिक O महिलाएं O थीं O । O इन O 69 B-NEN सदस्यों O में O से O 37 B-NEN सरकारी O अधिकारी O और O 32 B-NEN गैर O - O सरकारी O सदस्य O थे O । O 10 B-NEN से O अधिक O देशों O , O जिनमें O अफगानिस्तान B-NEL , O सऊदी B-NEL अरब I-NEL और O इजरायल O भी O सम्मिलित O थे O का O प्रतिनिधित्व O ऑल O फीमेल O शिष्टमंडल O ने O किया O । O निर्वाचित O 27 B-NEN सदस्यों O में O से O 8 B-NEN सीटें O पृथक O निर्वाचन O क्षेत्र O के O अंतर्गत O मुस्लिमों O के O लिए O आरक्षित O थीं O , O जबकि O 4 B-NEN सीटें O ब्रिटिश O पूंजीपतियों O के O लिए O तथा O 2 B-NEN सीटें O जमींदारों O के O लिए O आरक्षित O थीं O और O 13 B-NEN सीटें O सामान्य O निर्वाचन O के O अंतर्गत O आती O थीं O । O 32 B-NEN गैर O - O सरकारी O सदस्यों O में O से O 5 B-NEN नामजद O एवं O 27 B-NEN चुने O हुये O सदस्य O थे O । O सुमित B-NEO सरकार I-NEO के O अनुसार O , O केंद्रीय O व्यवस्थापिका O सभा O में O 60 B-NEN सदस्य O और O 9 B-NEN पदेन O सदस्य O होते O थे O । O इसमें O विश्व O की O उद्यमी O प्रतिभा O का O प्रतिनिधित्व O करने O वाले O विभिन्न O पृष्ठभूमि O से O संबंधित O 1600 B-NEN से O अधिक O डेलिगेट्स O जिसमें O उद्यमी O , O निवेशक O , O प्रमुख O ज्ञान O आधारित O इकाइयों O के O सीईओ O शामिल O थे O , O ने O भाग O लिया O । O यह O अग्रणी O निवेशकों O , O उद्यमियों O , O शिक्षाविदों O , O बुद्धिजीवियों O और O अन्य O स्टेक O होल्डर्स O को O एक B-NEN साझा O मंच O प्रदान O करता O है O ताकि O वे O ग्लोबल O एंटरप्रेन्योरशिप O इको O - O सिस्टम O को O पुष्ट O कर O सकें O । O यह O समिट O प्रमुख O रूप O से O चार B-NEN क्षेत्रों O पर O केन्द्रित O था O - O ऊर्जा O तथा O संसाधन O , O स्वास्थ्य O एवं O लाइफ O साईंस O , O आर्थिक O तकनीक O और O डिजिटल O अर्थव्यवस्था O एवं O मीडिया O एवं O मनोरंजन O सेक्टर O । O मैं O आप O में O से O हरेक O को O भारत B-NEL के O विकास O की O कहानी O में O सहभागी O होने O का O निमंत्रण O देता O हूं O और O एक B-NEN बार O फिर O आपको O भरपूर O समर्थन O का O आश्वासन O देता O हूं O । O गवर्नर O जनरल O की O कार्यकारिणी O में O एक B-NEN भारतीय O सदस्य O को O नियुक्त O करने O की O व्यवस्था O की O गयी O । O इस O अधिनियम O के O अंतर्गत O जो O पद्धति O अपनाई O गयी O वह O इतनी O अस्पष्ट O थी O कि O जन O प्रतिनिधित्व O प्रणाली O एक B-NEN प्रकार O की O बहुत O - O सी O छन्नियों O में O से O छानने O की O क्रिया O बन O गयी O । O हालांकि O एचडब्ल्यूसी O की O शुरुआत O एक B-NEN स्वागत O योग्य O कदम O है O , O फिर O भी O प्राथमिक O तथा O सामुदायिक O स्वास्थ्य O केंद्रों O की O स्वास्थ्य O सेवाओं O को O मजबूत O करने O के O प्रयास O किए O जाने O चाहिए O । O शहरों O में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्रों O की O पूरी O तरह O अनदेखी O की O गई O है O डिजाइनिंग O और O सेवा O उपलब्धता O , O दोनों B-NEN लिहाज O से O । O जैसे O - O जैसे O इस O दिशा O में O प्रयास O तेज O होंगे O , O एचडब्ल्यूसीज़ O को O आवंटित O 1,200 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O राशि O में O भी O बढ़ोतरी O करनी O होगी O । O हालांकि O नर्स O प्रैक्टीशनरों O और O सामुदायिक O स्वास्थ्य O सहायकों O जैसे O मध्यम O स्तर O के O स्वास्थ्य O सेवाकर्मियों O को O तैयार O किए O जाने O की O आवश्यकता O है O जिनके O पास O तीन B-NEN वर्ष O की O डिग्री O हो O और O वे O प्राथमिक O स्वास्थ्य O देखभाल O की O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O हों O । O दो B-NEN सहायक O नर्स O मिडवाइव्स O के O अतिरिक्त O एक B-NEN पुरुष O मल्टीपर्पज O वर्कर O की O भी O आवश्यकता O होगी O । O साथ O ही O एक B-NEN प्रयोगशाला O तकनीशियन O सह O ड्रग O डिस्पेंसर O की O भी O जरूरत O होगी O । O एचडब्ल्यूसी O के O लिए O आवश्यक O मानव O संसाधन O जुटाने O के O लिए O एक B-NEN महती O प्रयास O करना O होगा O लेकिन O इसका O एक B-NEN अच्छा O परिणाम O यह O भी O होगा O कि O बहुत O से O युवाओं O को O रोजगार O मिलेगा O । O सबसे O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O कि O इससे O समुदायों O के O निकट O स्वास्थ्य O क्षेत्र O का O एक B-NEN मजबूत O गढ़ O तैयार O होगा O और O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O पोर्टलों O का O निर्माण O होगा O । O ये O दोनों B-NEN ही O दवा O बाजार O में O उपलब्ध O हैं O । O आरएसबीवाई O के O जरिए O द्वितीयक O स्वास्थ्य O देखभाल O तक O गरीबों O की O पहुंच O बढ़ी O थी O , O लेकिन O इसका O कवरेज O प्रति O परिवार O प्रति O वर्ष O 30,000 B-NEN रुपये O ही O था O । O दवा O सम्बन्धित O गर्भपात O में O दो B-NEN प्रकार O की O दवाओं O का O इस्तेमाल O होता O है O । O नोट O : O उपर्युक्त O बातों O पर O जानकारी O देने O के O बाद O यह O सुनिश्चित O कर O लें O कि O महिला O एवं O उनके O पति O ने O इन O बातों O को O समझा O या O नहीं O क्योकिं O एक B-NEN बार O दवा O द्वारा O प्रकिया O शुरू O करने O के O बाद O गर्भपात O का O पूरा O होना O या O करवाना O अत्यंत O आवश्यक O है O । O आईएफएफआई O 2017 O में O 195 B-NEN फिल्में O प्रदर्शित O की O गईं O , O जिनमें O 10 B-NEN वर्ल्ड O प्रीमियर O , O 10 B-NEN एशियाई O और O अंतरराष्ट्रीय O प्रीमियर O तथा O 64 B-NEN भारतीय O प्रीमियर O शामिल O हैं O । O आईएफएफआई O 2017 O के O अंतरराष्ट्रीय O प्रतियोगिता O वर्ग O में O 15 B-NEN फिल्में O गोल्डन O और O सिल्वर O पिकॉक O पुरस्कार O के O लिए O मैदान O में O थीं O । O यह O फिल्म O दो B-NEN किशोरियों O की O पीड़ा O की O कहानी O है O जिनका O एक B-NEN अधेड़ O व्यक्ति O चीन B-NEL के O किनारे O बसे O नगर O में O उत्पीड़न O करता O है O । O इस O फिल्म O में O उन्होंने O एक B-NEN नर्स O का O किरदार O निभाया O है O जो O युद्ध O - O ग्रस्त O इराक B-NEL में O विद्रोही O सेना O के O चंगुल O में O फंसे O अपने O पति O की O रिहाई O के O लिए O लड़ाई O लड़ती O है O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O तीन B-NEN खास O क्षेत्रों O को O प्राथमिकता O दी O जा O सकती O है O । O इन O वर्षा O केंद्रों O में O एक B-NEN समर्पित O फोन O नंबर O होगा O और O इसे O एक B-NEN इंजीनियर O या O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाओं O में O प्रशिक्षित O व्यक्ति O संचालित O करेंगे O । O संयुक्त O राष्ट्र O के O आंकड़ों O के O अनुसार O , O विश्व O स्तर O पर O कुल O जल O निकासी O का O 72 B-NEN प्रतिशत O कृषि O में O , O 16 B-NEN प्रतिशत O नगर O पालिकाओं O द्वारा O घरों O और O सेवाओं O के O लिए O और O 12 B-NEN प्रतिशत O उद्योगों O में O उपयोग O किया O जाता O है O । O इस O निधि O का O उपयोग O अनिवार्य O रूप O से O कृषि O में O लगे O लाखों B-NEN लोगों O के O रोज़गार O को O बेहतर O बनाने O और O बचाने O के O लिए O किया O जाता O है O । O केवल O लगभग O डेढ़ B-NEN साल O पहले O , O हमारे O देश O के O 19 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O परिवारों O में O से O केवल O 3.5 B-NEN करोड़ I-NEN को O ही O पाइप O के O जरिए O पीने O का O पानी O मिलता O था O । O जल O जीवन O मिशन O के O शुभारंभ O के O बाद O , O लगभग O 4 B-NEN करोड़ I-NEN परिवारों O को O कुछ O ही O महीनों O में O पीने O के O पानी O के O कनेक्शन O मिले O । O बेहतर O जल O प्रशासन O की O दिशा O में O एक B-NEN कदम O के O रूप O में O , O ग्रामीण O महिलाओं O को O जल O परीक्षण O के O अभियान O में O भागीदार O बनाया O गया O है O । O कोविड O - O 19 O की O अवधि O के O दौरान O ही O , O लगभग O 4.5 B-NEN लाख I-NEN महिलाओं O को O जल O परीक्षण O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O था O और O प्रत्येक O गांव O में O कम O से O कम O 5 B-NEN महिलाओं O को O विशेष O रूप O से O इस O उद्देश्य O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O था O । O इसमें O मूल O रूप O से O तीन B-NEN हितधारक O हैं O - O सरकार O , O लोग O और O संस्थान O - O जिन्हें O अभियान O में O अलग O - O अलग O जवाबदेही O लेनी O चाहिए O । O पारम्परिक O नीलामी O चार B-NEN प्रकार O की O होती O है O - O इंग्लिश O नीलामी O , O क्लाक O या O डच O नीलामी O , O फर्स्ट O प्राइस O नीलामी O , O विक्रे O या O सेकेंड O प्राइस O नीलामी O । O आमतौर O पर O नीलामी O दो B-NEN प्रकार O की O होती O है O : O एकल O और O विविध O वस्तु O नीलामी O । O संस्थागत O स्तर O पर O , O आईआईएम B-NEO , O आईआईटी B-NEO , O केंद्रीय B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O निजी B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O रेलवे O के O अध्यक्ष O , O हवाई O अड्डा O प्राधिकरण O , O सार्वजनिक O उपक्रम O और O केंद्रीय O सशस्त्र O पुलिस O बल O , O जिनके O पास O भूमि O का O एक B-NEN बड़ा O भाग O है O , O उन्हें O बारिश O के O पानी O के O संचयन O के O लिए O कदम O उठाने O का O अनुरोध O किया O गया O है O । O मल्टी O ऑब्जेक्ट O नीलामी O का O प्रयोग O एक B-NEN समान O या O विभाज्य O वस्तुओं O जैसे O सरकारी O कर्ज O विद्युत O और O विविध O या O असमान O वस्तुएं O जैसे O रेडियो O आवृत्ति O या O बस O रूट O , O जो O या O तो O पूरक O हैं O या O उसके O बदले O में O हैं O - O उनके O ऊपर O लागू O होता O है O । O इस O योजना O की O मौजूदा O प्रगति O को O तालिका O 7.1 B-NEN में O दिखाया O गया O है O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O एक B-NEN परिपत्र O के O अनुसार O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O में O एक B-NEN गौर O करने O योग्य O संरचनात्मक O बदलाव O आ O रहा O है O । O क्लिनवेल्ड B-NEO पीट I-NEO मार्विक I-NEO गॉर्डलर I-NEO ( I-NEO केपीएमजी I-NEO ) I-NEO की O एक B-NEN रिपोर्ट O के O अनुसार O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O ऋण O , O बीमा O और O डिजिटल O भुगतान O सुविधाओं O जैसी O वित्तीय O सेवाओं O के O विकास O की O अपार O संभावनाओं O का O दोहन O किया O जाना O अभी O बाकी O है O । O जहां O तक O रेडियो O फ्रिक्वेंसी O की O मांग O का O संबंध O है O , O थ्री B-NEN मल्टीपल O राउंड O भी O प्रासंगिक O है O । O मंत्रालय O ने O विभिन्न O राज्यों O की O 34 B-NEN ग्राम O पंचायतों O को O स्थानिक O प्रौद्योगिकी O का O इस्तेमाल O कर O समग्र O योजना O निर्माण O के O लिये O चुना O है O । O नीलामी O में O दो B-NEN सरोकार O सामने O आए O । O अर्थशास्त्रियों O ने O यह O देखा O कि O प्रति O इकाई O कर O ( O डॉलर O में O ) O ने O सामाजिक O डेडवेट O ( O सामाजिक O भार O ) O हानि O को O 0.17 B-NEN से O 0.56 B-NEN डॉलर O तक O बढ़ाया O था O । O इसके O विपरीत O अधिकतम O राजस्व O का O एक B-NEN स्पेक्ट्रम O लाइसेंस O का O सेट O बहुत O ज्यादा O अदूरदर्शी O हो O सकता O है O और O इससे O एकाधिकार O को O बढ़ावा O मिल O सकता O है O । O यह O ग्राम O पंचायत O पवन O ऊर्जा O का O उपयोग O करने O के O अलावा O इसे O ग्रिड O को O बेचकर O सालाना O 19 B-NEN लाख I-NEN रुपये O अर्जित O कर O रही O है O । O आवेशित O कणों O और O विकिरणों O की O उद्दाम O क्रियाओं O से O कुछ O ही O घंटों O में O वैश्विक O तापमंडलीय O प्रवाह O एक B-NEN नया O स्वरूप O ले O लेता O है O । O इससे O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O रहने O वाली O देश O की O लगभग O 65 B-NEN प्रतिशत O आबादी O का O जीवन O आसान O बनेगा O । O उक्त O अवधि O के O दौरान O आईटी O बीपीएम O निर्यात O 107.8 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O बढ़कर O 116.7 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O हो O गया O । O पुराचुंबकत्व O के O अध्ययन O से O पता O चला O कि O सभी O विविधतापूर्ण O और O दूर O - O दूर O नज़र O आने O वाली O प्लेटें O एक B-NEN ही O विशाल O महाद्वीप O - O पेंजिया B-NEL और O बाद O में O , O इसके O बड़े O हिस्सों O गोंडवानालेंड B-NEL और O लौरासिया B-NEL - O से O जुड़ी O हैं O । O यह O एक B-NEN लोकप्रिय O धारणा O है O । O अपने O क्षेत्र O में O अग्रणी O बने O रहने O के O लिए O , O आईआईजी B-NEO पारंपरिक O और O अपारंपरिक O - O दोनों B-NEN तरह O की O सोच O को O आगे O बढ़ाता O रहा O है O ताकि O उपलब्ध O जानकारी O का O सर्वोत्तम O उपयोग O हो O सके O । O मध्यकाल O के O इन O कवियों O का O उदाहरण O दो B-NEN बातें O बताता O है O , O एक B-NEN तो O यह O कि O हिंदी O शब्द O नहीं O , O बल्कि O ' O भाषा O ' O या O ' O भाखा O ' O का O ही O प्रयोग O आम O था O । O अंग्रेजों O के O आने O के O बाद O कई O तरह O की O नई O चीजें O उभरीं O , O जिनमें O से O एक B-NEN आधुनिक O शिक्षा O का O आरंभ O था O । O इसके O लिए O जो O आरंभिक O संस्थान O बने O उनमें O से O एक B-NEN कोलकाता B-NEL का O फोर्ट B-NEO विलियम I-NEO कालेज O था O । O नेचर O इंडेक्स O रेंकिंग O ने O आईआईजी B-NEO को O भू O - O विज्ञानों O में O बुनियादी O महत्व O का O कार्य O कर O रहे O भारत B-NEL के O 10 B-NEN प्रमुख O संस्थानों O में O माना O है O । O उन्होंने O उल्लेख O किया O कि O हाल O ही O में O किए O गए O स्वतंत्र O अध्ययन O में O इस O वर्ष O 70 B-NEN लाख I-NEN औपचारिक O नौकरियों O के O सृजन O की O बात O सामने O आई O है O । O हां O , O एक B-NEN बात O अवश्य O विचार्य O है O । O उन्होंने O विश्वास O व्यक्त O किया O कि O 99 B-NEN प्रतिशत O कंपनियों O को O घटे O हुए O कॉर्पोरेट O कर O का O लाभ O मिलने O से O उनके O निवेश O किए O जाने O वाले O अधिशेष O में O बढ़ोतरी O होगी O जिससे O नई O नौकरियों O का O सृजन O होगा O । O वित्त O मंत्री O ने O कहा O , O ' O इससे O समस्त O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उद्यमों O को O लाभ O होगा O जो O कर O विवरणी O दायर O करने O वाली O कंपनियों O का O 99 B-NEN प्रतिशत O है O । O संप्रति O एक B-NEN राष्ट्रीय O समाचार O चैनल O में O आर्थिक O मामलों O के O संपादक O हैं O । O वित्त O मंत्री O ने O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO के O तहत O एक B-NEN समूह O का O उल्लेख O किया O जो O फिनटैक O कंपनियों O की O वृद्धि O के O लिए O सही O वातावरण O के O निर्माण O हेतु O आवश्यक O नीतिगत O और O संस्थागत O उपायों O की O जांच O करेगी O । O एक B-NEN ओर O इनमें O से O कई O जहां O आयकर O में O राहत O दिलाने O में O मदद O करती O हैं O तो O वहीं O भविष्य O की O अनिश्चितताओं O से O निबटने O का O आधार O भी O तैयार O करती O हैं O । O इसके O लिए O अधिसूचना O जारी O होने O के O बाद O तमाम O छोटी O बचत O योजनाएं O एक B-NEN कानून O और O एक B-NEN नियम O के O दायरे O में O आ O जाएंगी O । O * O ई O - O मेल O से O भेजी O जाने O वाली O रचनाएं O Microsoft B-NEAR Word I-NEAR में O Krutidev O 010 B-NEN font O में O टाइप O करके O yojanahindi@gmail.com O पर O भेजी O जा O सकती O हैं O । O छोटी O बचत O योजनाओं O पर O हर O तीन B-NEN महीने O के O लिए O ब्याज O दर O तय O की O जाती O है O और O इसके O लिए O समान O अवधि O के O सरकारी O बांड O पर O ब्याज O दर O को O आधार O बनाया O जाता O है O । O रैंकिंग O के O 10 B-NEN मापदंडों O में O से O कुछ O में O तो O भारत B-NEL ने O जबर्दस्त O प्रगति O की O है O । O छोटी O बचत O योजनाओं O के O लिए O तीन B-NEN प्रमुख O कानून O हैं O : O गवर्नमेंट O सेविंग्स O बैंक O एक्ट O 1873 O , O गवर्नमेंट O सेविंग्स O सर्टिफिकेट O एक्ट O 1959 O और O पब्लिक O प्रॉविडेंट O फंड O एक्ट O 1968 O । O इन O तीन B-NEN कानूनों O के O कई O प्रावधान O एक B-NEN समान O नहीं O हैं O । O सरकार O ने O हाल O ही O में O कोयला O खनन O और O अनुबंध O मैनुफैक्चरिंग O में O बिना O पूर्व O मंजूरी O के O 100 B-NEN प्रतिशत O एफडीआई O की O इजाजत O दी O है O । O इसी O तरह O रक्षा O क्षेत्र O में O बिना O पूर्व O मंजूरी O के O 74 B-NEN प्रतिशत O तक O एफडीआई O की O इजाजत O दी O गयी O है O । O नयी O व्यवस्था O में O दो B-NEN सामान्य O कानून O और O आठ B-NEN तरह O के O नियमों O के O आधार O पर O एक B-NEN सामान्य O नियम O होगा O । O हजारों B-NEN नौजवानों O की O आकांक्षा O युवा O उद्यमी O बनने O की O है O । O इसके O जरिए O एक B-NEN ही O कानून O के O तहत O उद्देश्यों O के O आधार O पर O योजना O विशेष O के O लिए O खासियतों O को O अधिसूचित O करना O संभव O हो O सकेगा O । O इसके O लिये O 660 B-NEN से O ज्यादा O जिलों O में O लगभग O 25 B-NEN लाख I-NEN छात्रों O के O वास्ते O 4870 B-NEN से O अधिक O क्रियाशील O अटल O टिंकरिंग O प्रयोगशालाओं O का O गठन O किया O गया O है O । O देश O भर O में O 115 B-NEN आकांक्षापूर्ण O जिलों O की O पहचान O की O गयी O है O । O उनकी O स्वास्थ्य O और O पोषण O , O शिक्षा O , O कृषि O और O जल O संसाधन O , O वित्तीय O समावेशन O और O कौशल O विकास O तथा O बुनियादी O अवसंरचना O के O पांच B-NEN क्षेत्रों O में O 49 B-NEN संकेतकों O में O प्रगति O के O आधार O पर O रैंकिंग O की O जा O रही O है O । O इसी O के O साथ O 100 B-NEN राष्ट्रीय O संकेतकों O पर O सभी O राज्यों O और O संघ O शासित O प्रदेशों O में O 17 B-NEN संवहनीय O विकास O लक्ष्यों O में O प्रगति O का O पता O लगाने O के O लिये O ऑनलाइन O डैशबोर्ड O भी O जारी O किया O गया O । O भारत B-NEL ने O खास O तौर O से O एसडीजी O 6 B-NEN ( O स्वच्छ O जल O और O साफ O - O सफाई O ) O के O मामले O में O काफी O प्रगति O की O है O । O इसके O जरिये O 2.5 B-NEN लाख I-NEN ग्राम O पंचायतों O को O फाइबर O ऑप्टिक O नेटवर्क O से O जोड़ा O जा O रहा O है O । O इनमें O से O लगभग O 1.48 B-NEN लाख I-NEN कनेक्शन O अब O तक O लगाये O जा O चुके O हैं O । O अब O तक O लगभग O 125 B-NEN करोड़ I-NEN आधार O कार्ड O जारी O किये O जा O चुके O हैं O । O इसके O 41.38 B-NEN करोड़ I-NEN लाभार्थियों O के O खातों O में O कुल O 130932.33 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O जमा O हैं O । O या O आपको O अपनी O संपत्ति O अपने O नाम O करानी O है O और O संबंधित O दफ्तर O के O दर्जनों B-NEN चक्कर O काटने O पर O भी O आपका O काम O नहीं O होता O । O नीति O निर्माण O के O साथ O एक B-NEN और O दिक्कत O " O हर O मामले O में O एक B-NEN जैसा O समाधान O पेश O करने O ’ O की O भी O दिक्कत O थी O । O इतने O बड़े O देश O को O एक B-NEN सूत्र O में O एक B-NEN समान O व्यवस्था O में O शासित O करने O के O लिए O ऐसी O ही O अखिल O भारतीय O सेवा O की O जरूरत O है O । O इस O हमले O में O कथित O तौर O पर O 12 B-NEN सैनिक O मारे O गए O थे O और O आठ B-NEN घायल O हो O गए O थे O । O केंद्र O और O राज्य O सरकारें O भले O ही O बदलती O रहें O , O भारत B-NEL के O संघीय O ढांचे O को O एक B-NEN सूत्र O में O पिरोने O वाली O यही O नौकरशाही O है O । O इन O अखिल O भारतीय O सेवाओं O में O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O , O पुलिस O सेवा O समेत O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O लगभग O 25 B-NEN विभाग O एवं O संस्थाओं O की O सेवाएं O शामिल O हैं O । O यह O भी O सच O है O कि O देश O की O इन O सर्वोच्च O सेवाओं O में O शामिल O होने O के O लिए O लाखों B-NEN मेधावी O नौजवान O लालायित O रहते O हैं O और O नई B-NEL दिल्ली I-NEL स्थित O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO रोड B-NEL को O एक B-NEN तीर्थ O की O तरह O देखते O हैं O । O कठिन O से O कठिन O दौर O में O भी O भारत B-NEL के O लोक O प्रशासन O ने O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O चाहे O बाढ़ O , O सूखा O या O समुद्री O तूफान O से O सामना O करना O हो O अथवा O जमीन O जायदाद O या O कानून O व्यवस्था O के O प्रश्न O । O इसका O एक B-NEN महत्वपूर्ण O पक्ष O यह O भी O है O कि O बदलते O वक्त O के O साथ O भर्ती O आदि O की O प्रक्रिया O में O बदलाव O भी O होते O रहे O हैं O । O क्रियाओं O में O तीन B-NEN काल O - O भूत O , O वर्तमान O और O भविष्य O को O दिखाने O की O गुणवत्ता O है O । O उन्होंने O निष्कर्ष O निकाला O कि O विश्वास O करने O का O उचित O आधार O यह O है O कि O इराक O में O सीमित O संख्या O में O युद्ध O अपराध O हुए O हैं O , O लेकिन O कथित O तौर O पर O वह O अपराध O सदस्य O देशों O के O नागरिकों O द्वारा O किया O गया O , O आईसीसी B-NEO की O जांच O के O लिए O एक B-NEN भारी O भरकम O आवश्यक O सीमा O दिखाई O नहीं O देती O . O ऐसी O अपीलीय O क्रियाओं O का O एक B-NEN सर्वेक्षण O यह O सोचने O के O लिए O मजबूर O करता O है O कि O वह O वास्तव O में O विधेयात्मक O संज्ञा O है O । O अर्थव्यवस्थाओं O के O कार्बन O उत्सर्जित O करने O वाले O 25 B-NEN प्रतिशत O क्षेत्रों O में O कार्बन O का O उत्सर्जन O बिल्कुल O न O बढ़ने O वाले O समाधान O अब O प्रतिस्पर्धा O में O टिके O रहने O लायक O किफ़ायती O हो O रहे O हैं O । O चार B-NEN प्रकार O के O शब्द O : O जलवायु O परिवर्तन O से O जुड़े O मुद्दों O पर O भारत B-NEL की O गंभीरता O को O प्रदर्शित O करते O हुए O , O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पर्यावरण O , O वन O तथा O जलवायु O परिवर्तन O मंत्रालय O ने O मंत्रालय O के O सचिव O की O अध्यक्षता O में O एक B-NEN उच्च O - O स्तरीय O समिति O - O एपेक्स O कमेटी O फॉर O इप्प्लीमेंटेशन O ऑफ O पेरिस B-NEL एग्रीमेंट O - O एआईपीए O ( O पेरिस B-NEL समझौते O के O कार्यान्वयन O के O लिए O शीर्ष O समिति O ) O गठित O की O है O । O 2. B-NEN शिचोल O ( O पर्यायवाची O और O समरूप O ) O । O 14 B-NEN संबंधित O मंत्रालयों O के O वरिष्ठ O अधिकारी O एआईपीए O के O सदस्य O होंगे O जो O भारत B-NEL के O एनडीसी O लक्ष्यों O की O पूर्ति O की O प्रगति O पर O निगरानी O रखेंगे O और O पेरिस B-NEL समझौते O की O अपेक्षाओं O के O अनुरूप O जलवायु O परिवर्तन O से O जुड़े O लक्ष्यों O की O पूर्ति O की O दिशा O में O संबंधित O प्रगति O से O जुड़ी O सूचनाओं O की O नियमित O निगरानी O , O समीक्षा O और O निरंतर O आकलन O करेंगे O । O 4. B-NEN वडचोल O पेरिस B-NEL समझौते O के O अनुच्छेद O 6 B-NEN के O अनुरूप O भारत B-NEL में O कार्बन O बाजारों O के O राष्ट्रीय O नियामक O प्राधिकरण O के O रूप O में O कार्य O करना O ; O पेरिस B-NEL समझौते O के O अनुच्छेद O 6 B-NEN के O ही O अंतर्गत O विभिन्न O परियोजनाओं O और O गतिविधियों O के O लिए O विचारार्थ O दिशा O - O निर्देश O तैयार O करना O तथा O जलवायु O परिवर्तन O और O एनडीसी O से O संबद्ध O क्षेत्रों O में O कार्बन O मूल्य O - O निर्धारण O , O बाज़ार O - O व्यवस्था O और O अन्य O संबंधित O व्यवस्थाओं O के O लिए O दिशा O - O निर्देश O जारी O करना O । O 1. B-NEN इयरचोल O ( O वह O शब्द O जो O मूल O तमिल O भूमि O में O उपयोग O में O है O ) O । O 3. B-NEN थियरचोल O उपर्युक्त O चार B-NEN प्रकार O के O शब्दों O और O विशेषताओं O की O सूची O सभी O काव्य O बनाने O के O लिए O अभिप्रेत O है O । O क्योंकि O एक B-NEN बैंकर O एक B-NEN ईमानदार O उधारकर्ता O की O स्थिति O को O समझ O सकता O है O । O ख O ) O एक B-NEN मौखिक O जड़ O के O साथ O दीर्घवृत्त O समास O - O विनैटोगै O च O ) O ऊपर O कहे O गए O किसी O एक B-NEN समास O पर O आधारित O दीर्घवृत्त O समास O जिसे O लाक्षणिक O रूप O से O उपयोग O किया O जाता O है O । O 3. B-NEN पोरुळ O अतिकारम O - O सामग्री O एव O प्रपत्र O पर O अध्याय O । O सरकार O कर्ज O न O चुकाकर O भागने O वालों O का O रास्ता O रोकने O और O कर्ज O वसूली O के O लिए O एक B-NEN कठोर O कानून O बनाने O के O लिए O दो B-NEN बार O अध्यादेश O लायी O । O उन्होंने O एक B-NEN इंटरव्यूह O में O कहा O कि O वे O जान O - O बूझकर O कर्ज O न O चुकाने O वालों O को O कानून O का O मजा O चखाएंगे O । O पोरुळ O अतिकारम O इस O व्याकरणिक O कार्य O का O एक B-NEN उल्लेखनीय O हिस्सा O है O । O इसमें O कविता O की O सामग्री O के O बारे O में O बहुत O बताया O गया O है O और O यह O वास्तव O में O प्राचीन O तमिलों O के O आंतरिक O और O बाहरी O जीवन O की O एक B-NEN विचित्रता O है O । O पोरुळ O अतिकारम O में O , O अहथ्थिनै O ( O ईश्वरीय O प्रेम O और O पारिवारिक O जीवन O से O संबंधित O विषय O ) O और O पुरथ्थिनै O ( O वीरता O , O ममता O , O सम्मान O , O मित्रता O और O अन्य O बाहरी O विशिष्ट O विशेषताओं O से O संबंधित O विषय O वस्तु O ) O नामक O दो B-NEN प्रमुख O प्रभागों O को O व्याकरणिक O रूप O से O निपटा O जाता O है O । O यह O कंपनी O अधिनियम O , O 2013 O की O धारा O 447 B-NEN के O साथ O मिलकर O जान O - O बूझकर O ऋण O न O चुकाने O वालों O को O हतोत्साहित O करता O है O । O यही O समय O है O कि O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO की O परिभाषा O के O अनुसार O जान O - O बूझकर O ऋण O न O चुकाने O को O एक B-NEN गंभीर O अपराध O बनाया O जाए O , O जैसाकि O कुछ O देशों O में O है O । O देश O में O खुले O में O शौच O मुक्त O गांवों O की O संख्या O 300,000 B-NEN से O अधिक O हो O चुकी O है O । O नवी B-NEL मुंबई I-NEL की O एक B-NEN फिनटेक O कंपनी O डी2के B-NEO ने O ऐसा O एक B-NEN सॉफ्टवेयर O विकसित O किया O है O , O जिसका O परिणाम O उल्लेखनीय O है O । O ई O - O कबाड़ O का O मसला O हमें O एक B-NEN ऐसे O दोराहे O पर O खड़ा O करता O है O जहां O एक B-NEN तरफ O मालथस O का O सिद्धांत O है O और O दूसरी O ओर O कोरनूकोपियन O विचार O । O पर्यावरण O और O मानव O स्वास्थ्य O पर O इनके O संभावित O दुष्प्रभाव O इन O औद्योगिक O तौर O - O तरीकों O के O असर O को O लेकर O एक B-NEN बड़ा O सवालिया O निशान O खड़ा O करते O हैं O । O इस O तरह O के O वापसी O कार्यक्रमों O को O प्रोत्साहन O देकर O , O अमानत O लौटाने O की O प्रणाली O लागू O कर O और O पुराने O उत्पाद O के O मूल्य O के O बराबर O छूट O के O जरिये O कबाड़ O संग्रह O और O निस्तारण O की O एक B-NEN नैसर्गिक O पारिस्थितिकी O बनेगी O । O आपूर्ति O पक्ष O की O कमियों O के O हमारे O आकलन O के O नतीजे O इसी O अवधारणा O पर O आधारित O हैं O जिन्हें O चार्ट O - O 3 B-NEN में O दर्शाया O गया O है O । O हालांकि O संविधान O के O अनुच्छेद O 311 B-NEN में O लोक O सेवकों O को O राजनीति O से O प्रेरित O प्रतिशोधी O कार्रवाई O से O सुरक्षा O प्रदान O की O गई O है O । O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR के O अनुच्छेद O 310 B-NEN , O 311 B-NEN और O 312 B-NEN केन्द्र O और O राज्य O के O अंतर्गत O सेवाओं O के O बारे O में O हैं O । O अनुच्छेद O - O 310 B-NEN में O व्यवस्था O है O कि O केंद्रीय O और O अखिल B-NEO भारतीय I-NEO सेवाओं I-NEO के O अधिकारियों O की O नियुक्ति O भारत B-NEL के O राष्ट्रपति O करते O हैं O और O राज्य O - O स्तर O की O सेवाओं O के O अधिकारियों O की O नियुक्ति O संबंधित O राज्यों O के O राज्यपाल O करते O हैं O । O अनुच्छेद O - O 311 B-NEN में O सेवा O से O हटाने O , O बर्खास्त O करने O और O पद O घटाने O ( O अवनति O करने O ) O से O जुड़ी O प्रक्रियाएं O और O शर्ते O शामिल O हैं O जिससे O कानून O की O प्रक्रिया O का O पालन O करने O की O पक्की O व्यवस्था O रहती O है O । O अनुच्छेद O - O 312 B-NEN में O व्यवस्था O दी O गई O है O कि O अखिल B-NEO भारतीय I-NEO सेवाएं I-NEO , O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO ( O यूपीएससी B-NEO ) O और O विभिन्न O राज्यों O के O राज्य B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO संवैधानिक O संस्थाएं O हैं O । O भारत B-NEL के O संविधान O के O भाग O 14 B-NEN में O भारत B-NEL हेतु O सेवाओं O की O विभिन्न O श्रेणियां O निर्धारित O की O गई O हैं O । O भारत B-NEL में O लाखों B-NEN विद्यार्थी O हर O वक्त O सिविल O सेवा O परीक्षा O पास O करने O की O आस O लगाए O रहते O हैं O । O इन O युवाओं O के O सिविल O सेवा O में O आने O के O अपने O - O अपने O अलग O कारण O हो O सकते O हैं O पर O एक B-NEN बड़ा O कारण O किसी O जाने O - O माने O सिविल O सेवा O अधिकारी O का O अनुकरण O करने O की O प्रबल O इच्छा O होती O है O । O केंद्रीय O सेवा O के O चार B-NEN समूह O हैं O - O केद्रीय O सेवा O समूह O क O , O ख O , O ग O और O घ O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O 95 B-NEN प्रतिशत O ग्राम O पंचायतों O में O ग्राम O पंचायत O विकास O योजनाएं O तैयार O करके O रिकॉर्ड O स्थापित O किया O है O । O 2 B-NEN रुपये O प्रति O किलोग्राम O की O दर O पर O चावल O उपलब्ध O करवाने O की O योजना O से O जल O संरक्षण O विकास O परियोजनाएं O चलाने O और O लाल B-NEO बहादुर I-NEO शास्त्री I-NEO राष्ट्रीय I-NEO प्रशासन I-NEO अकादमी I-NEO के O युवा O प्रशिक्षुओं O के O मार्गदर्शन O जैसे O महत्वपूर्ण O प्रयासों O के O कारण O ही O उनका O नाम O आज O भी O सत्ता O के O गलियारों O में O अत्यंत O सम्मानपूर्वक O लिया O जाता O है O । O जीपीडीपी O योजना O प्रक्रिया O का O लक्ष्य O भारत B-NEL के O तीन B-NEN परस्पर O जुड़े O आयामों O की O विकास O संबंधी O चुनौतियों O से O निपटना O है O । O यहां O समकालीन O समय O में O भारतीय O साहित्य O को O विश्व O साहित्य O के O सान्निध्य O में O चार B-NEN प्रमुख O विशेषताओं O - O बहुभाषिता O , O अनुवाद O , O तुलनात्मकता O , O और O वैश्विक O तथा O स्थानीय O चिंताओं O के O बीच O उनके O प्रतिमान O के O आधार O पर O रेखांकित O किया O गया O है O । O इस O अभियान O से O 31 B-NEN लाख I-NEN निर्वाचित O पंचायत O नेताओं O और O स्वसहायता O समूहों O से O जुड़ी O 5.25 B-NEN करोड़ I-NEN महिलाओं O को O दीनदयाल O अंत्योदय O योजना O - O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O के O तहत O सशक्त O भूमिका O सौंपी O गई O है O । O 1 B-NEN : O डॉक्टर O द्वारा O समझाया O गया O प्रवेश O शुल्क O केवल O एक B-NEN अनुमान O है O और O अंतिम O बिल O भिन्न O हो O सकता O है O । O 2 B-NEN : O प्रवेश O शुल्क O में O फार्मेसी O शुल्क O शामिल O नहीं O है O । O 3 B-NEN : O प्रवेश O के O दौरान O बहुमूल्य O गहने O ना O पहनें O । O 4 B-NEN : O कृपया O , O अपने O चिकित्सक O द्वारा O अनुरोधित O रक्तदान O के O मामले O में O रक्तदान O करें O । O 5 B-NEN : O कृपया O , O आईपी O रोगियों O के O वार्ड O में O बच्चों O को O ना O लायें O । O 6 B-NEN : O अटेंडर O करीबी O रिश्तेदार O होने O चाहिए O । O 7 B-NEN : O महिला O रोगियों O के O लिये O रात O के O समय O महिला O रिश्तेदार O होना O अनिवार्य O है O । O 8 B-NEN : O पीएसी O फार्म O - O प्रवेश O के O दौरान O एनेस्थीसिया O क्लीयरेंस O फॉर्म O लेकर O आएं O । O 9 B-NEN : O प्रवेश O से O पहले O अपने O डॉक्टर O द्वारा O चिन्हित O सभी O दस्तावेजों O को O कमरा O 15 B-NEN / O एमआरओ O काउंटर O में O कृपया O स्कैन O करें O । O 10 B-NEN : O बीमा O के O तहत O प्रवेश O के O मामले O में O , O कृपया O प्रवेश O कार्यालय O से O प्रवेश O पर्ची O पर O एम O एस O कार्यालय O के O पास O स्थित O एक्सेस O ऑफिस O - O A003 O भूतल O , O से O सील O लगवाएं O । O मिशन O कर्मयोगी O : O राष्ट्रीय O लोक O सेवा O क्षमता O निर्माण O कार्यक्रम O के O छह B-NEN स्तंभ O इसमें O शामिल O हैं O अपने O खिलाफ O आरोपों O के O बारे O में O पूर्ण O जानकारी O पाने O का O अधिकार O , O निशुल्क O रूप O से O एक B-NEN वकील O की O नियुक्ती O का O अधिकार O ; O एक B-NEN त्वरित O परीक्षण O करने O का O अधिकार O ; O और O उसके O खिलाफ O गवाहों O की O जांच O करने O का O अधिकार O और O अपनी O ओर O से O गवाहों O की O उपस्थिति O और O परीक्षण O प्राप्त O करने O का O अधिकार O . O हैरीटेज B-NEO फाउंडेशन I-NEO के O एक B-NEN रूढ़िवादी O विचारक O के O अनुसार O वे O अमेरिकी O जो O अदालत O में O उपस्थित O होते O हैं O उन्हें O बुनियादी O संवैधानिक O अधिकारों O से O वंचित O किया O जाता O है O , O जैसे O जूरी O के O समकक्ष O के O द्वारा O मुकदमा O , O दोहरे O खतरे O से O सुरक्षा O और O दूसरे O आरोपी O से O सामना O करने O का O अंधिकार O . O रक्षा O और O अभियोजन O दलों O के O बीच O हथियार O की O समानता O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O आईसीसी B-NEO ने O सैन्य O सहायता O , O परामर्श O और O बचाव O पक्ष O और O उन्हें O सलाह O प्रदान O करने O के O लिए O रक्षा O के O लिए O लोक O परामर्श O ( O ओपीसीडी B-NEO ) O के O लिए O एक B-NEN स्वतंत्र O कार्यालय O की O स्थापना O की O । O ओपीसीडी B-NEO एक B-NEN जांच O के O प्रारम्भिक O चरणों O के O दौरान O आरोपी O के O अधिकारों O को O बनाए O रखने O में O मदद O भी O करता O है O । O अंतरराष्ट्रीय O अपराध O न्यायालय O के O अधिनियम O और O प्रक्रिया O और O साक्ष्य O के O नियम O का O एक B-NEN महान O नवाचार O है O पीड़ित O को O दी O गई O अधिकारों O की O श्रृंखला O . O सरकार O ने O लोगों O तक O बेहतर O सेवाएं O पहुंचाने O के O उद्देश्य O से O एक B-NEN नए O व्यापक O लोक O सेवक O सुधार O कार्यक्रम O की O घोषणा O की O है O । O ज्यादातर O मामलों O में O कोर्ट O की O कार्यवाही O में O भाग O लेना O एक B-NEN कानूनी O प्रतिनिधि O के O माध्यम O से O होता O है O और O आरोपी O के O अधिकार O और O न्यायपूर्ण O और O निष्पक्ष O जांच O के O साथ O एक B-NEN तरह O से O जो O प्रतिकूल O या O असंगत O का O अधिकार O नहीं O है O , O में O आयोजित O किया O जाता O है O । O अनुच्छेद O 43 O ( O 6 O ) O एक B-NEN पीड़ित O और O साक्ष्य O इकाई O को O स्थापित O करता O है O जो O सुरक्षात्मक O उपाय O और O सुरक्षा O व्यवस्था O और O गवाहों O और O पीड़ित O के O लिए O परामर्श O और O अन्य O उपयुक्त O सहायता O प्रदान O करता O है O जो O अदालत O में O उपस्थित O होते O हैं O और O गवाहों O द्वारा O दिए O गए O बयान O के O कारण O जिन O दूसरे O लोगों O को O खतरा O होता O है O उन्हें O सुरक्षा O प्रदान O की O जाती O है O । O केंद्र O सरकार O के O 46 B-NEN लाख I-NEN कर्मचारियों O को O लक्षित O करने O वाली O यह O पहल O शासन O , O कार्य O - O निष्पादन O और O जवाबदेही O के O तीन B-NEN स्तंभों O पर O टिकी O होगी O । O अदालत O ने O पीड़ितों O के O लिए O सार्वजनिक O परामर्श O के O एक B-NEN कार्यालय O की O भी O स्थापना O की O है O , O जिसके O तहत O पीड़ितों O और O उनके O कानूनी O प्रतिनिधियों O को O सहायता O प्रदान O की O जाती O है O । O रोम O संविधि O का O अनुच्छेद O 79 O पीड़ितों O और O उनके O परिवार O वालों O के O लिए O आर्थिक O क्षतिपूर्ति O के O लिए O एक B-NEN ट्रस्ट O फंड O को O स्थापित O करता O है O । O उन्हें O कोर्ट O के O रजिस्ट्रार O को O एक B-NEN लिखित O आवेदन O पत्र O भेजना O जरूरी O होता O है O और O विशेष O रूप O से O पीड़ित O भागीदारी O और O हानिपूर्ति O विभाग O को O भी O , O जो O उस O आवेदन O को O सक्षम O चैम्बर O को O प्रस्तुत O करता O है O और O यह O चैंबर O कार्यवाही O में O पीड़ित O की O भागीदारी O के O लिए O व्यवस्था O करने O का O फैसला O करता O है O । O दायरे O में O : O व्यावसायिक O बैंक O ( O 91 B-NEN ) O , O अखिल O भारतीय O वित्तीय O संस्थान O ( O 5 B-NEN ) O , O क्रेडिट O इंफॉर्मेशन O कंपनियां O ( O 4 B-NEN ) O , O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंक O ( O 56 B-NEN ) O , O स्थानीय O इलाके O के O बैंक O ( O 4 B-NEN ) O कार्यवाही O में O भाग O लेने O के O लिए O पीड़ित O को O अपनी O याचिका O दायर O करने O में O सरलता O प्रदान O करने O के O लिए O यह O धारा O एक B-NEN मानक O प्रारूप O और O पुस्तिका O तैयार O करती O है O । O पीड़ितों O को O अपने O कानूनी O प्रतिनिधि O चुनने O की O आजादी O होती O है O , O जिसे O बचाव O वकील O के O समान O ही O योग्यता O रखना O जरूरी O होता O है O ( O यह O एक B-NEN वकील O या O एक B-NEN न्यायाधीश O या O वकील O के O रूप O में O अनुभव O के O साथ O एक B-NEN व्यक्ति O हो O सकता O है O ) O और O उसे O न्यायालय O की O दो B-NEN कार्यकारी O भाषाओं O में O धाराप्रवाह O होना O चाहिए O ( O अंग्रेजी O या O फ्रेंच O ) O . O यह O निर्धारित O किया O जाना O चाहिए O कि O एक B-NEN याचिका O को O पीड़ित O की O सहमति O से O कार्य O करने O वाले O व्यक्ति O द्वारा O तैयार O किया O गया O है O या O अगर O पीड़ित O बच्चा O है O तो O उसके O नाम O पर O किया O जा O सकता O है O या O किसी O विकलांगता O के O कारण O ऐसा O आवश्यक O हो O तो O . O यदि O पीड़ित O नियुक्ति O करने O में O असमर्थ O हैं O , O तो O चैंबर O , O रजिस्ट्रार O से O एक B-NEN या O अधिक O साझा O कानूनी O प्रतिनिधि O नियुक्त O करने O की O मांग O कर O सकता O है O । O जब O एक B-NEN पीड़ित O या O पीड़ित O लोगों O के O एक B-NEN समूह O के O पास O अदालत O द्वारा O नियुक्त O किए O गए O साझा O कानूनी O प्रतिनिधि O को O भुगतान O करने O का O साधन O नहीं O होता O है O तो O वे O अदालत O से O आर्थिक O सहायता O की O विनती O कर O सकते O हैं O । O मानवता O के O इतिहास O में O पहली O बार O , O एक B-NEN अंतरराष्ट्रीय O अदालत O के O पास O एक B-NEN व्यक्ति O द्वारा O दूसरे O व्यक्ति O को O क्षतिपूर्ति O का O भुगतान O करने O का O आदेश O देने O की O शक्ति O है O ; O साथ O ही O यह O भी O पहली O बार O है O कि O एक B-NEN अंतरराष्ट्रीय O आपराधिक O न्यायालय O के O पास O ऐसी O शक्ति O है O । O केंद्रीय O बैंक O का O इतिहास O : O एक B-NEN नजर O में O पीड़ितों O या O उनके O लाभार्थियों O के O लिए O उचित O हानिपूर्ति O घोषित O करते O हुए O न्यायालय O को O एक B-NEN सजायाफ्ता O व्यक्ति O के O खिलाफ O आदेश O देना O होता O है O । O हानिपूर्ति O की O मांग O के O लिए O रजिस्ट्री O को O पीड़ितों O द्वारा O एक B-NEN लिखित O आवेदन O पत्र O दायर O करना O होता O है O , O जिसमें O प्रक्रिया O और O साक्ष्य O नियम O के O नियम O 94 O में O निर्धारित O सबूत O होने O चाहिए O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O एक B-NEN दिलचस्प O बात O यह O है O कि O शुरू O से O ही O इसे O विकास O खासतौर O पर O कृषि O के O संदर्भ O में O विशेष O भूमिका O निभाने O के O तौर O पर O देखा O गया O है O । O उन्होंने O एक B-NEN - O सी O शैली O , O एक B-NEN से O स्वर O में O बजट O पूर्व O और O बजट O पश्चात O के O विश्लेषण O किए O । O विभिन्न O भारतीय O भाषाओं O के O साहित्य O एक B-NEN - O दूसरे O से O और O स्थानीय O संरचनाओं O , O मिथकों O तथा O मौखिक O परंपराओं O से O उतना O ही O प्राप्त O करते O हैं O , O जितना O वे O अंग्रेजी O भाषी O पश्चिम O के O साथ O पारस्परिक O प्रभाव O से O हासिल O करते O हैं O । O बजट O में O स्वास्थ्य O क्षेत्र O की O सबसे O महत्वाकांक्षी O योजना O है O , O आयुष्मान O भव O जिसमें O दो B-NEN पहल O शामिल O हैं O । O पहली O योजना O व्यापक O प्राथमिक O स्वास्थ्य O देखभाल O ( O सीपीएचसी O ) O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O 1,50,000 B-NEN स्वास्थ्य O उपकेंद्रों O को O स्वास्थ्य O एवं O कल्याण O ( O वेलनेस O ) O केंद्रों O ( O एचडब्ल्यूसीज़ O ) O में O रूपांतरित O करना O है O । O इसने O एक B-NEN नयी O बहस O को O जन्म O दिया O है O कि O इस O महत्वाकांक्षी O पहल O से O स्वास्थ्य O सेवा O को O कितना O लाभ O होगा O । O इस O योजना O के O तहत O 10 B-NEN करोड़ I-NEN गरीब O और O कमजोर O परिवारों O को O द्वितीयक O या O तृतीयक O देखभाल O के O लिए O अस्पताल O में O भर्ती O होने O पर O 5,00,000 B-NEN रुपये O सालाना O का O वित्तीय O कवरेज O प्रदान O किया O जाएगा O । O यही O नहीं O , O एक B-NEN से O अधिक O भारतीय O भाषाओं O में O लिखने O वाले O लेखक O भी O इस O उभयवृत्ति O से O मुक्त O नहीं O थे O । O विद्वानों O में O एक B-NEN आम O सहमति O है O कि O तथाकथित O क्षेत्रीय O साहित्य O अपने O अभिविन्यास O और O भाषा O के O उपयोग O में O एकाधिक O है O । O पानी O को O केवल O एक B-NEN इंजीनियरिंग O का O मुद्दा O ही O नहीं O बल्कि O इसे O स्वास्थ्य O का O मुद्दा O बनाने O के O लिए O पुनर्विचार O और O फिर O से O रणनीति O बनाने O की O तत्काल O आवश्यकता O है O ताकि O जल B-NEO प्रणालियों I-NEO का O प्रबंधन O करने O और O प्रतिक्रियात्मक O कार्यों O से O दूर O रहने O के O लिए O सक्रिय O तरीके O सामने O आ O सकें O । O लक्ष्य O 6.1 B-NEN का O उद्देश्य O सभी O के O लिए O सुरक्षित O और O सस्ते O पीने O के O पानी O के O लिए O न्यायसंगत O , O सार्वभौमिक O और O समान O रूप O से O व्यवस्था O करना O है O । O यह O भारत B-NEL की O कुल O वृद्धिशील O इंटरनेट O ग्राहक O संख्या O का O 12 B-NEN प्रतिशत O है O । O इसी O तरह O सर्वाधिक O ग्राम O पंचायतों O में O सार्वजनिक B-NEO सेवा I-NEO केंद्र I-NEO - O कॉमन B-NEO सर्विस I-NEO सेंटर I-NEO ( O सीएससी B-NEO ) O वाले O चोटी O के O 10 B-NEN में O से O आठ B-NEN राज्यों O में O प्रति O व्यक्ति O जीडीपी O संपूर्ण O भारत B-NEL के O औसत O से O कम O है O । O प्रत्यक्ष O प्रभाव O के O कारण O , O देशों O ने O स्वास्थ्य O संबंधित O सतत O विकास O लक्ष्य O के O तहत O पानी O के O स्वास्थ्य O पर O असर O के O लिए O दो B-NEN लक्ष्य O रखे O हैं O , O अर्थात्‌ O सामाजिक O और O स्वास्थ्य O सुविधाओं O के O लिए O नियमित O रूप O से O साबुन O से O हाथ O धोने O से O इस O महामारी O के O निवारण O में O एक B-NEN प्रमुख O उपचार O के O साधन O के O रूप O में O स्वीकृत O हुआ O है O । O भारत B-NEL में O आठ B-NEN अत्यधिक O प्रभावित O राज्यों O में O लगभग O 396,000 B-NEN लिम्फेडेमा O रोगी O हैं O , O जिन्हें O अपने O प्रभावित O पैरों O को O साफ O रखने O और O आगे O उसे O निरोधित O करने O के O लिए O घर O में O पानी O की O आवश्यकता O होती O है O । O यह O संख्या O और O मूल्य O दोनों B-NEN के O लिहाज O से O असाधारण O है O । O कुल O 115 B-NEN जिलों O की O पहचान O की O गई O है O । O इसके O तहत O 28 B-NEN यानी O सभी O राज्यों O में O कम O से O कम O एक B-NEN जिले O को O इसमें O शामिल O किया O गया O है O । O 30 B-NEN जिलों O का O चुनाव O नीति O आयोग O ने O किया O है O और O बाकी O 50 B-NEN जिलों O का O चुनाव O केंद्रीय O मंत्रालयों O द्वारा O किया O गया O है O । O बाकी O 35 B-NEN जिलों O की O पहचान O गृह O मंत्रालय O ने O वामपंथी O चरमपंथ O से O प्रभावित O जिलों O के O तौर O पर O की O है O । O उन्हें O यह O कोशिश O करनी O चाहिये O कि O ग्लोबलवार्मिंग O 1.5 B-NEN डिग्री O सेल्सियस O से O भी O कम O हो O जाए O । O इन O जिलों O के O कायाकल्प O की O रणनीति O का O एक B-NEN मुख्य O बिंदु O चुनिंदा O अहम O प्रदर्शन O सूचकांकों O ( O केपीआई O ) O की O पहचान O करना O है O , O इन O सूचकांकों O में O की O गई O प्रगति O की O निगरानी O करना O और O विकास O में O बढ़ोतरी O के O आधार O पर O सालाना O रैंकिंग O बनाना O है O । O इसी O हिसाब O से O पांच B-NEN सेक्टरों O की O पहचान O की O गई O है O - O स्वास्थ्य O और O पोषण O , O शिक्षा O , O कृषि O और O जल O संसाधन O , O बुनियादी O ढांचा O और O वित्तीय O समग्रता O तथा O कौशल O निर्माण O । O कोविड O के O बाद O की O दुनिया O एक B-NEN अलग O ही O दुनिया O होगी O । O ये O केपीआई O इन O सभी O पांच B-NEN क्षेत्रों O में O इनपुट O , O आउटपुट O और O नतीजों O का O मिला O - O जुला O रूप O होंगे O और O रियल O टाइम O आधार O पर O आंकड़े O जिला O स्तर O पर O मुहैया O कराए O जाएंगे O । O यह O पोर्टल O एक B-NEN मंच O होगा O जहां O लोग O स्थानीय O समस्याओं O की O रिपोर्ट O कर O सकते O हैं O , O सुझाव O दे O सकते O हैं O और O तस्वीरों O और O दस्तावेजों O को O पोस्ट O कर O सकते O हैं O । O तत्कालीन O ग्रामीण O समाज O के O संदर्भ O में O स्थापित O यह O कहानी O एक B-NEN ऐसे O युग O को O दर्शाती O है O , O जिसमें O अधिकांश O ग्रामीण O भारत O में O बिजली O नहीं O थी O । O उन्हीं O में O से O एक B-NEN टोली O के O पंचों O ने O पेट्रोमैक्स O खरीदा O , O लेकिन O उस O टोली O के O किसी O भी O व्यक्ति O को O उसे O जलाना O नहीं O आता O था O । O वास्तविकता O एक B-NEN है O , O विद्वानों O ने O इसे O विविध O रूपों O में O बताया O है O । O चौथे O भारत B-NEL - O अमेरिका -NEL 2 B-NEN + O 2 B-NEN मंत्रिस्तरीय O संवाद O में O भाग O लेकर O बहुत O खुशी O हो O रही O है O । O 2 B-NEN + O 2 B-NEN प्रारूप O का O उद्देश्य O हमारी O साझेदारी O के O लिए O अधिक O एकीकृत O दृष्टिकोण O को O बढ़ावा O देना O है O । O ई O - O पंचायतों O के O माध्यम O से O 2.5 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O ग्रामीण O निकायों O को O स्वचालित O ( O ऑटोमेशन O ) O करने O की O परियोजना O के O सराहनीय O परिणाम O मिल O रहे O हैं O और O इसके O द्वारा O लाए O गए O परिवर्तन O की O उल्लेखनीय O उपलब्धियां O हैं O । O देश O की O 65 B-NEN प्रतिशत O आबादी O गांवों O में O रहती O है O , O इसलिए O वायरस O के O कारण O होने O वाली O व्यापक O तबाही O के O प्रबंधन O में O उनकी O भूमिका O अपरिहार्य O थी O । O चाहे O वह O हमारा O 160 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O का O व्यापार O हो O , O हमारे O 200,000 B-NEN छात्र O हों O , O हमारे O सर्वोच्च O स्तर O के O निवेश O हों O या O हमारा O तेजी O से O बढ़ता O ऊर्जा O व्यापार O हो O , O हमारी O बढ़ती O निकटता O को O मापने O के O मानदंड O अपनी O कहानी O खुद O कहते O हैं O । O योजना B-NEAR का O यह O विशेष O अंक O पंचायती O राज O प्रणाली O के O पीछे O की O दृष्टि O और O विचार O तथा O विभिन्न O क्षेत्रों O में O दशकों O में O की O गईं O पहलें O और O जमीन O पर O सफलता O की O उन O कहानियों O को O एक B-NEN साथ O लाता O है O जिनसे O प्रणाली O को O मजबूत O करने O में O मदद O मिली O । O यह O हमारे O गांवों O के O आत्मनिर्भर O होने O की O यात्रा O दर्शाने O का O प्रयास O है O जो O सभी O के O लिए O एक B-NEN प्रेरणास्रोत O है O । O हमने O विशेष O रूप O से O पिछले O वर्ष O में O क्व़ाड B-NEO की O ऊंचाई O और O गहनता O दोनों B-NEN को O देखा O है O । O हमारी O भागीदारी O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O फोकस O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL से O संबंधित O है O । O हथकरघा O उत्पादों O की O कीमत O उन O पर O लगने O वाले O जीएसटी O के O कारण O 5 B-NEN से O 12 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गई O । O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O एक B-NEN जटिल O प्रक्रिया O है O । O यह O मॉडल O महीने O में O कम O - O से O - O कम O 15 B-NEN दिनों O के O लिये O सफलतापूर्वक O रोजगार O पैदा O कर O सकता O है O । O इन O सीआरपी B-NEO में O से O 53 B-NEN वरिष्ठ O सदस्यों O को O प्रखंडों O में O तैनात O टीमों O का O नेतृत्व O सौंपा O गया O है O । O इन O 53 B-NEN वरिष्ठ O सीआरपी B-NEO में O से O 24 B-NEN को O दो B-NEN प्रखंडों O में O टीम O का O नेतृत्व O दिया O गया O है O । O देश O में O मौजूदा O समय O में O लगभग O 95 B-NEN प्रतिशत O ई O - O कबाड़ O का O प्रबंधन O अनौपचारिक O क्षेत्र O में O किया O जा O रहा O है O । O सीआरपी B-NEO की O टीम O प्रशिक्षुओं O के O बीच O से O पीएमके B-NEO के O एक B-NEN समूह O की O पहचान O करती O है O । O तालिका O से O पता O चलता O है O कि O ऐसी O 7163 B-NEN पीएमके B-NEO सीआरपी B-NEO टीम O के O जाने O के O बाद O भी O एसएचजी B-NEO को O सहायता O प्रदान O कर O रही O हैं O । O कुल O सीआरपी O में O 70 B-NEN प्रतिशत O से O ज्यादा O महिलाएं O हैं O । O देश O में O सिर्फ O 5 B-NEN प्रतिशत O ई O - O कबाड़ O का O औपचारिक B-NEO रिसाइक्लिंग I-NEO केन्द्रों I-NEO के O जरिये O प्रसंस्करण O किया O जाता O है O । O * O समुदाय O के O साथ O 15 B-NEN दिनों O के O लिये O टीम O की O मौजूदगी O परिवारों O की O ताकत O और O अवसरों O की O पहचान O तथा O किसी O भी O समय O सेवाएं O प्रदान O करने O में O प्रभावी O होती O है O । O * O सीएमएसए B-NEO में O समूचे O परिवार O को O शामिल O किये O जाने O से O संवहनीय O प्रक्रियाओं O और O प्रौद्योगिकी O के O उपयोग O के O बारे O में O किसी O भी O विचार O - O विमर्श O में O पुरुष O और O महिला O , O दोनों B-NEN सदस्यों O की O भागीदारी O सुनिश्चित O करने O में O आसानी O होती O है O । O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O एक B-NEN जटिल O प्रक्रिया O है O । O * O किसानों O को O हर O चरण O में O सीआरपी B-NEO का O साथ O मिलने O से O तकनीकी O विभागों O , O कृषि O विज्ञान O केंद्रों O ( O केवीके O ) O और O पंचायतों O से O सेवाएं O और O सहायता O एक B-NEN साथ O हासिल O करना O संभव O होता O है O । O कृषक O परिवार O उन O सिद्धांतों O , O प्रौद्योगिकियों O या O फसलों O को O अपनाना O चाहते O हैं O जिनसे O श्रम O और O कच्चे O माल O पर O खर्च O में O कमी O आये O और O परती O जमीन O से O एक B-NEN अतिरिक्त O फसल O ली O जा O सके O । O इस O प्रक्रिया O के O चार B-NEN चरण O हैं O - O उत्पादन O , O संग्रह O , O पृथकीकरण O और O प्रशोधन O या O निस्तारण O ( O द O इलेक्ट्रॉनिक्स O रिसाइक्लिंग O लैंडस्केप O , O 2016 O ) O । O कोहलिशन B-NEO फॉर I-NEO एपिडेमिक I-NEO प्रिपेयर्डनेस I-NEO इनोवेशन I-NEO ( I-NEO सीईपीआई I-NEO ) I-NEO ने O टीएचएसटीआई B-NEO की O प्रतिरक्षा O परख O प्रयोगशाला O को O कोविड O - O 19 O के O टीकों O के O केन्द्रीयकृत O आकलन O के O लिये O विश्व O की O सात B-NEN प्रयोगशालाओं O में O शामिल O किया O है O । O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN के O नये O स्वरूपों O का O इस्तेमाल O कर O मान्य O प्रतिरक्षा O परख O के O विकास O के O लिये O टीएचएसटीआई B-NEO में O प्रयास O चल O रहे O हैं O । O इस O ई O - O कबाड़ O के O प्रबंधन O संग्रह O के O जरिये O औपचारिक O ढंग O से O , O कूड़ेदान O में O फेंके O जाने O या O एक B-NEN विकसित O तंत्र O के O माध्यम O से O अनौपचारिक O तौर O - O तरीकों O से O किया O जाता O है O ( O ग्लोबल O ई O - O वेस्ट O मॉनिटर O , O 2020 O ) O । O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN के O लिये O पशु O मॉडल O सृजन O मिशन O के O तहत O जीवन B-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO ( I-NEO भुवनेश्वर I-NEO ) I-NEO , O इनस्टेम B-NEO ( I-NEO बेंगलूरू I-NEO ) I-NEO और O भारतीय B-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO ( I-NEO बेंगलूरू I-NEO ) I-NEO को O मदद O दी O जा O रही O है O । O डीबीटी B-NEO के O दो B-NEN स्वायत्त O संस्थानों O का O टीका O परीक्षण O के O लिये O उन्नयन O कर O उन्हें O केन्द्रीय B-NEO औषधि I-NEO प्रयोगशाला I-NEO - I-NEO सेंट्रल I-NEO ड्रग I-NEO लैबोरेटरी I-NEO ( I-NEO सीडीएल I-NEO ) I-NEO का O दर्जा O देने O का O फैसला O किया O गया O है O । O कुछ O देशों O में O कबाड़ O का O कारोबार O करने O वाले O व्यक्तियों O और O कंपनियों O का O एक B-NEN स्थापित O नेटवर्क O है O । O श्रेष्ठ O क्लिनिकल O प्रक्रिया O , O क्लिनिकल O अनुसंधान O में O नैतिकता O के O पहले O , O श्रेष्ठ O क्लिनिकल O प्रयोगशाला O प्रक्रिया O तथा O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O नये O टीका O विकास O और O प्रतिरक्षा O नीति O पर O प्रशिक्षण O कार्यक्रमों O की O दो B-NEN श्रृंखलाएं O आयोजित O की O जा O चुकी O हैं O । O डीबीटी B-NEO ने O ' O हब O एंड O स्पोक O ’ O मॉडल O के O तहत O कोविड O जांच O को O बढ़ाने O के O लिये O 21 B-NEN शहरी O / O क्षेत्रीय O समूहों O की O पहचान O की O है O । O डीबीटी B-NEO के O नौ B-NEN स्वायत्त O संस्थानों O को O कोविड O - O 19 O की O जांच O के O लिये O मुख्य O केन्द्र O के O रूप O में O मान्यता O दी O गयी O है O । O इन O मुख्य O केन्द्रों O पर O कुल O 54 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O नमूनों O की O जांच O की O जा O चुकी O है O । O बाद O में O इंसाकॉग B-NEO के O तहत O प्रयोगशालाओं O के O दायरे O का O विस्तार O किया O गया O और O वर्तमान O में O इस O कंसोर्टियम O के O तहत O 28 B-NEN प्रयोगशालाएं O हैं O , O जो O सार्स O - O कोव O - O 2 O में O हुई O जीनोमिक O विविधताओं O की O निगरानी O करती O हैं O । O इस O प्रयोगशाला O में O 22500 B-NEN से O अधिक O नमूनों O की O जांच O की O गयी O है O । O इस O स्वदेशी O निर्माण O केन्द्र O ने O प्रतिदिन O लगभग O 10 B-NEN लाख I-NEN आरटी O - O पीसीआर O कोविड O - O 19 O निदान O जांच O किट O और O तकरीबन O एक B-NEN लाख I-NEN वीटीएम O किट O की O उत्पादन O क्षमता O हासिल O कर O ली O है O । O एएमटीजेड B-NEO अब O तक O 575 B-NEN लाख I-NEN आरटी O - O पीसीआर O जांच O किट O , O 3.5 B-NEN लाख I-NEN कोविड O एलिसा O परीक्षण O किट O , O 11 B-NEN लाख I-NEN वीटीएम O किट O , O 3000 B-NEN आईआर O थर्मोमीटर O , O 2000 B-NEN से O ज्यादा O ऑक्सीमीटर O और O 4950 B-NEN वेंटिलेटर O बना O चुका O है O । O डीबीटी B-NEO ने O एक B-NEN राष्ट्रीय O बायोचिकित्सा O संसाधन O स्वदेशीकरण O समूह O - O नेशनल B-NEO बायोमेडिकल I-NEO रिसोर्स I-NEO इंडिजेनाइजेशन I-NEO कंसॉर्टियम I-NEO ( I-NEO एनबीआरआईसी I-NEO ) I-NEO का O गठन O किया O है O । O इसमें O 300 B-NEN से O ज्यादा O भारतीय O निर्माताओं O को O लगभग O 15 B-NEN बड़े O आणविक O जीवविज्ञान O संघटकों O / O अभिकर्मकों O के O निर्माण O के O लिये O पंजीकृत O किया O गया O है O । O शुरुआत O में O इस O कंसोर्टियम O में O 10 B-NEN प्रयोगशालाएं O शामिल O थीं O । O 1000 B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO आरएनए I-NEO जीनोम I-NEO सीक्वेंसिंग I-NEO समूह I-NEO ने O देश O भर O में O एक B-NEN हजार I-NEN सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN जीनोम O के O अनुक्रमण O का O शुरुआती O लक्ष्य O कुछ O महीनों O के O रिकॉर्ड O समय O में O ही O हासिल O कर O लिया O है O । O पुरातनकाल O से O भारत B-NEL में O पंचायतों O और O “ O पंच B-NEN परमेश्वर O ' O के O न्याय O के O माध्यम O से O गांवों O में O एक B-NEN आदर्श O शासन O व्यवस्था O संचालित O होती O रही O है O , O जिसने O हमारे O ग्रामीण O जीवन O और O वहां O की O अर्थव्यवस्था O को O इतना O सशक्त O बनाया O कि O दुनिया O में O आने O वाले O बड़े O से O बड़े O उतार O - O चढ़ाव O और O आपदाएं O भी O उसे O प्रभावित O नहीं O कर O पाएं O हैं O । O सीमित O संसाधनों O के O बावजूद O इन O प्राचीन O पंचायतों O का O अपना O सूचना O - O संचार O का O एक B-NEN तंत्र O भी O था O । O देश O की O लगभग O 65 B-NEN फीसदी O आबादी O तक O सरकार O की O सभी O योजनाओं O एवं O कार्यक्रमों O को O पहुंचाने O में O पंचायतों O की O अहम O भूमिका O रहती O है O । O उत्तर O - O शुरू O में O जीनोमिक O निगरानी O कुल O आरटीपीसीआर O संक्रमित O नमूनों O के O 3 B-NEN - O 5 B-NEN प्रतिशत O की O सीक्वेंसिंग O के O माध्यम O से O अंतर्राष्ट्रीय O यात्रियों O और O उनके O समुदाय O में O संपर्कों O द्वारा O लाए O गए O वेरिएंटों O पर O केंद्रित O थी O । O विगत O दो B-NEN दशक O में O संचार O के O क्षेत्र O में O क्रांतिकारी O परिवर्तन O हुआ O है O । O देश O के O एक B-NEN कोने O से O दूसरे O कोने O में O अब O सूचनाएं O पहुंचाने O का O कार्य O कुछ O ही O क्षणों O में O हो O जाता O है O । O पूरी O जीनोम O सीक्वेंसिंग O की O गतिविधि O में O तालमेल O के O लिए O सभी O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O द्वारा O एक B-NEN समर्पित O नोडल O अधिकारी O भी O नामित O किया O गया O था O । O * O 7 B-NEN राज्यों O में O सामुदायिक O भागीदारी O के O जरिए O भूजल O प्रबंधन O में O सुधार O का O उद्देश्य O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O इस O कदम O से O जहां O समाज O के O अंतिम O छोर O तक O सुविधाओं O को O पहुंचाने O में O आसानी O हुई O है O , O वहीं O सूचनाओं O के O प्रसार O के O लिए O यह O माध्यम O एक B-NEN वरदान O साबित O हुआ O है O । O * O इन O राज्यों O में O 78 B-NEN जिलों O का O लगभग O 8350 B-NEN ग्राम O पंचायतों O को O लाभ O होगा O । O भारत B-NEL ने O विशेष O रूप O से O ' O सतत O विकास O लक्ष्य O 6 B-NEN : O स्वच्छ O पानी O और O स्वच्छता O ' O में O काफी O प्रगति O की O है O । O भारत B-NEL नेट O परियोजना O के O तहत O अब O तक O 1,73,079 B-NEN ग्राम O पंचायतों O में O ऑप्टीकल O फाइबर O पहुंचाया O जा O चुका O है O । O इसके O लिए O 1 B-NEN ) O व्यापक O नियोजन O तथा O प्रबंधन O के O वास्ते O अंतर O - O क्षेत्रीय O समन्वय O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O नदी O घाटी O मार्ग O या O पहलू O को O अपनाया O जा O रहा O है O और O 2 B-NEN ) O पानी O की O गुणवत्ता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O गंगा B-NEL नदी I-NEL में O न्यूनतम O पारिस्थितिक O प्रवाह O बनाए O रखा O जा O रहा O है O । O हालांकि O , O संघ O लोक O सेवा O आयोग O ( O यूपीएससी O ) O द्वारा O आयोजित O इस O परीक्षा O के O लिए O 10 B-NEN लाख O से O भी O ज्यादा O आवेदन O मिलते O हैं O , O लेकिन O असली O मुकाबला O सिर्फ O से O लोगों O के O बीच O होता O है O । O पांच B-NEN महत्वपूर्ण O गतिविधियों O - O जल O संरक्षण O तथा O वर्षा O जल O संचयन O ; O पारंपरिक O तथा O अन्य O जल O निकायों O / O टैंकों O का O नवीनीकरण O ; O पानी O का O दोबारा O इस्तेमाल O ; O संरचनाओं O के O पुनर्भरण O , O जल O संभर O विकास O और O सघन O वन्य O क्षेत्रों O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O भारत B-NEL के O 256 B-NEN जिलों O में O जल O की O कमी O वाले O 1592 B-NEN ब्लॉकों O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O गया O है O । O विशेष O उपायों O वाले O क्षेत्रों O में O ब्लॉक O तथा O जिला O जल O संरक्षण O योजना O , O कृषि O विज्ञान O केंद्र O मेला O , O शहरी O अपशिष्ट O जल O का O दोबारा O इस्तेमाल O , O वैज्ञानिक O तथा O आईआईटी B-NEO और O 3डी B-NEN विलेज O कंटूर O मैपिंग O शामिल O हैं O । O पानी O संग्रह O के O लिए O , O पानी O के O स्त्रोतों O को O पुनर्जीवित O करने O के O लिए O हम O लगातार O प्रयास O करें O और O हम O इस O विश्वास O के O साथ O आगे O बढ़ें O कि O पानी O के O क्षेत्र O में O पिछले O 70 B-NEN साल O में O जो O काम O हुआ O है O , O हमें O 5 B-NEN साल O में O चार B-NEN गुना O से O भी O ज्यादा O उस O काम O को O करना O होगा O । O संभावनाशील O जिलों O का O कायाकल्प O : O एक B-NEN विकास O यात्रा O भारत B-NEL में O वैश्विक O मीठे O पानी O के O संसाधनों O का O केवल O 4 B-NEN प्रतिशत O संसाधन O है O जबकि O यहां O मानव O आबादी O विश्व O की O 18 B-NEN प्रतिशत O और O पशुधन O 15 B-NEN प्रतिशत O है O । O इसका O भौगोलिक O क्षेत्र O देश O का O 6.4 B-NEN प्रतिशत O , O मानव O आबादी O 5 B-NEN प्रतिशत O और O पशुधन O 2 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O है O , O जबकि O यहां O मीठे O पानी O की O उपलब्धता O देश O की O कुल O उपलब्धता O का O केवल O 2 B-NEN प्रतिशत O ही O है O । O व्यापार O सुगमता O ( O ईज O ऑफ O डुइंग O बिजनेस O ) O से O जुड़ी O विश्व B-NEO बैंक I-NEO की O हालिया O रिपोर्ट O के O मुताबिक O , O भारत B-NEL में O इस O संबंध O में O 42 B-NEN श्रेणियों O में O अहम O उछाल O देखने O को O मिला O है O । O राज्य O में O कुल O उपलब्ध O जल O का O 70 B-NEN प्रतिशत O केवल O लगभग O 25 B-NEN प्रतिशत O क्षेत्र O को O मिलता O है O । O इसी O तरह O , O विश्व O भूख O सूचकांक O में O 119 B-NEN देशों O की O सूची O में O यह O 100वें O स्थान O पर O है O । O राष्ट्रीय O परिवार O स्वास्थ्य O सर्वे O ( O एनएफएचएस O ) O की O हालिया O रिपोर्ट O में O पता O चला O है O कि O हर O दो B-NEN में O से O एक B-NEN महिला O खून O की O कमी O जैसी O बीमारी O से O पीड़ित O है O ; O हर O तीन B-NEN में O से O एक B-NEN बच्चा O अल्पविकसित O है O ; O प्रत्येक O चार B-NEN में O से O एक B-NEN बच्चा O कुपोषित O है O और O हर O पांच B-NEN में O से O एक B-NEN बच्चे O को O अपनी O जान O गंवानी O पड़ती O है O । O पशुपालन O ग्रामीण O परिवारों O की O आय O के O प्रमुख O स्रोतों O में O से O एक B-NEN है O । O गुजरात B-NEL में O वार्षिक O वर्षा O काफी O असमान O - O मध्य B-NEL तथा O दक्षिण B-NEL गुजरात I-NEL में O 80 B-NEN - O 200 B-NEN , O उत्तर B-NEL गुजरात I-NEL तथा O सौराष्ट्र B-NEL में O 40 B-NEN - O 80 B-NEN सेमी. O और O कच्छ B-NEL में O 40 B-NEN सेमी. O से O कम O होती O है O । O मिसाल O के O तौर O पर O अविकसित O बच्चों O का O प्रतिशत O केरल B-NEL में O 19.7 B-NEN फीसदी O और O बिहार B-NEL में O 48.3 B-NEN फीसदी O है O , O सामान्य O से O कम O वजन O वाले O बच्चे O मिजोरम B-NEL में O 11.9 B-NEN फीसदी O और O झारखंड B-NEL में O 47.8 B-NEN फीसदी O हैं O । O कैच O एक B-NEN प्रगतिशील O अभियान O प्रसूति O मृत्यु O दर O केरल B-NEL में O हर O एक B-NEN लाख I-NEN बच्चे O पर O 61 B-NEN है O , O जबकि O असम B-NEL में O यह O आंकड़ा O 300 B-NEN है O । O इसके O अलावा O , O नवजात O मृत्यु O दर O अंडमान B-NEL निकोबार I-NEL द्वीप O समूह O में O 10 B-NEN ( O प्रति O एक B-NEN हजार I-NEN ) O और O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O 64 B-NEN है O । O तमिलनाडु B-NEL में O पांचवी O क्लास O का O एनएएस O स्कोर O 56 B-NEN फीसदी O और O छत्तीसगढ़ B-NEL में O 32 B-NEN फीसदी O है O । O इसी O तरह O , O पढ़कर O समझने O के O मामले O में O तमिलनाडु B-NEL का O आंकड़ा O 54 B-NEN फीसदी O और O बिहार B-NEL का O 29 B-NEN फीसदी O रहा O । O आने O वाले O वक्त O में O जिला O स्तर O पर O रियल O टाइम O निगरानी O तंत्र O के O साथ O विभिन्न O सरकारी O योजनाओं O पर O मिशनरी O अंदाज O में O तेजी O से O अमल O से O इन O महत्वाकांक्षी O जिलों O में O अहम O बदलाव O होने O की O उम्मीद O है O और O अगले O 3 B-NEN - O 5 B-NEN साल O में O देश O बेहतर O आंकडे O का O लक्ष्य O हासिल O कर O सकेगा O । O पानी O की O कमी O पहले O से O ही O दुनिया O के O 2.3 B-NEN बिलियन I-NEN लोगों O को O प्रभावित O कर O रही O है O । O प्रति O व्यक्ति O 1700 B-NEN घन O मीटर O से O कम O पानी O की O वार्षिक O उपलब्धता O को O जल O - O अभाव O की O स्थिति O माना O जाता O है O । O हमारे O देश O में O महिलाएं O और O लड़कियां O घरेलू O कामों O में O काफी O समय O - O औसतन O 6 B-NEN घंटे O तक O लगाती O हैं O , O और O इसमें O उनका O अधिकतर O समय O पानी O लाने O में O लगता O है O । O यह O दक्षिण B-NEL अफ्रीका I-NEL और O चीन B-NEL में O महिलाओं O द्वारा O इस O कार्य O में O लगाए O गए O समय O से O 40 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O । O कुल O मिलाकर O , O देश O भर O के O 200 B-NEN जिले O राष्ट्रीय O औसत O को O खराब O करते O हैं O । O भारत B-NEL की O जनसंख्या O दुनिया O की O आबादी O का O 17 B-NEN प्रतिशत O है O , O लेकिन O यहां O मीठे O पानी O के O संसाधन O दुनिया O के O संसाधनों O का O केवल O 4 B-NEN प्रतिशत O है O । O इसके O अनुसार O , O ( O 15 B-NEN राज्यों O के O आंकड़ों O के O आधार O पर O ) O भारत O के O 7 B-NEN प्रतिशत O लोग O मधुमेह O - O ग्रस्त O थे O । O दुनिया O के O सामने O इस O अपरिवर्तनीय O स्थिति O और O पानी O को O एक B-NEN दुर्लभ O संसाधन O के O रूप O में O मानने O के O लिए O संयुक्त O राष्ट्र O की O लगातार O अपील O के O साथ O , O यह O उचित O समय O है O कि O सरकारें O भूजल O उपयोग O के O विकल्पों O को O सक्रिय O रूप O से O नियोजित O करना O शुरू O करें O । O उनके O निष्कर्ष O के O अनुसार O हम O एक B-NEN महामारी O के O दौर O में O प्रवेश O कर O रहे O हैं O । O वित्त O मंत्री O राजकोषीय O घाटे O को O जीडीपी O के O 3.2 B-NEN प्रतिशत O पर O रोके O रखने O को O लेकर O काफी O सचेत O हैं O । O किसी O विकासशील O देश O के O लिए O यह O एक B-NEN बड़ा O बोझ O था O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O बेहतर O जीवनस्तर O व O समाज O कल्याण O योजनाओं O के O सृजन O हेतु O रु. O 14.34 B-NEN लाख I-NEN का O महत्वपूर्ण O आवंटन O काफी O प्रगतिगामी O है O और O गरीबी O हटाओ O मिशन O को O हासिल O करने O की O दिशा O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O कदम O है O । O मधुमेह O - O पूर्व O के O लक्षणों O ( O प्रारम्भिक O संकेतों O में O बढ़ी O हुई O रक्त O - O शर्करा O ) O वाले O लोग O ( O विभिन्न O मानदंडों O के O अनुसार O ) O तो O 10 B-NEN - O 15 B-NEN प्रतिशत O थे O । O भारत B-NEL की O अर्थव्यवस्था O अब O भी O कृषि O प्रधान O है O , O जहां O लगभग O 49 B-NEN प्रतिशत O आबादी O कृषि O पर O प्रत्यक्षतः O निर्भर O है O । O उक्त O के O मद्देनजर O , O वित्त O मंत्री O ने O प्रस्तावित O किया O है O कि O खरीफ O फसल O के O लिए O न्यूनतम O क्रय O मूल्य O को O सभी B-NEN 23 I-NEN फसलों O पर O उत्पाद O लागत O का O 1.5 B-NEN गुना O नियत O किया O जाए O । O उन्होंने O कृषि O उत्पादों O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O शुरू O किए O जाने O वाले O ऑपरेशन O ग्रीन O हेतु O रु. O 500 B-NEN करोड़ I-NEN के O आवंटन O के O अलावा O कृषि O बाजार O व O इंफ्रा O फंड O हेतु O रु. O 2000 B-NEN करोड़ I-NEN आवंटित O किया O है O । O कृषि O ऋण O के O लक्ष्य O को O 8.5 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O से O बढ़ाकर O 11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O करने O से O किसानों O खासकर O निर्धन O व O सीमांत O किसानों O को O काफी O सहूलियत O होगी O । O मत्स्यपालन O व O मत्स्यपालन O विकास O निधि O हेतु O रु. O 10,000 B-NEN /- O करोड़ B-NEN और O पशुपालन O निधि O हेतु O रु. O 10,000 B-NEN /- O करोड़ B-NEN का O आवंटन O काफी O विचारपूर्ण O है O । O 86 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O लघु O व O सीमांत O किसानों O के O हितों O का O ध्यान O रखने O व O 1290 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O निवेश O के O साथ O 42 B-NEN मेगा O फूड O पार्क O की O स्थापना O हेतु O मौजूदा O 22000 B-NEN ग्रामीण O हाटों O को O ग्रामीण O कृषि O बाजार O में O अपग्रेड O करने O की O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO की O घोषणा O से O कृषि O की O उत्पादकता O बढ़ाने O में O काफी O मदद O मिलेगी O । O फसलोपरांत O कर O प्रोत्साहन O और O फार्मिंग O प्रोड्यूसिंग O कंपनियों O के O लिए O 100 B-NEN प्रतिशत O रीबेट O से O उत्पादन O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O और O कृषि O उपज O के O 100 B-NEN बिलियन I-NEN डॉलर O निर्यात O की O संभावना O के O लक्ष्य O को O पूरा O करने O के O प्रयासों O से O नियत O समय O में O किसानों O की O आय O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O इसके O बाद O नीतियों O में O एक B-NEN बुनियादी O बदलाव O आया O । O उन्होंने O कहा O कि O शहरी O और O ग्रामीण O दोनों B-NEN क्षेत्रों O को O जल O शक्ति O अभियान O में O शामिल O किया O गया O है O । O उन्होंने O प्रसन्नता O व्यक्त O की O कि O जल O जीवन O मिशन O के O शुभारंभ O के O बाद O इतने O कम O समय O में O लगभग O 4 B-NEN करोड़ I-NEN नए O परिवारों O को O पाइपलाइन O के O जरिये O पेयजल O कनेक्शन O मिले O हैं O । O यह O भी O समझ O में O आया O कि O 50 B-NEN प्रतिशत O से O ज्यादा O खेती O अब O भी O बरसाती O पानी O पर O निर्भर O है O इसलिए O जल O - O संरक्षण O और O छोटी B-NEO - O छोटी O परियोजनाओं O के O जरिए O बरसात O के O पानी O को O जमा O करना O जमीन O की O उत्पादकता O बढ़ाने O और O लोगों O के O बेहतर O जीवन O के O लिए O बहुत O महत्त्वपूर्ण O है O और O इसलिए O हर O कुएं O और O नदी O - O तालाब O - O पोखर O जैसे O जल O - O संग्राहक O स्रोत O को O सूखने O न O देना O ज़रूरी O है O । O संरक्षण O अधिकारी O मजिस्ट्रेट O के O समक्ष O कार्यवाही O शुरू O करने O और O एक B-NEN सुरक्षित O आश्रय O या O चिकित्सा O सहायता O उपलब्ध O कराने O में O मदद O कर O सकते O हैं O । O तब O समझ O में O आया O कि O पानी O की O आपूर्ति O बढ़ाना O चुनौती O का O मात्र O एक B-NEN हिस्सा O है O । O उन्होंने O कहा O कि O कोविड O - O 19 O की O अवधि O के O दौरान O , O लगभग O 4.5 B-NEN लाख I-NEN महिलाओं O को O पानी O की O जांच O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O था O । O हर O गांव O में O कम O से O कम O 5 B-NEN प्रशिक्षित O महिलाएं O पानी O की O जांच O कर O रही O हैं O । O दूसरी B-NEN ओर O , O पूरी O तरह O अनदेखी O की O वजह O से O भी O ये O जल O - O स्रोत O सूख O गए O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL केन O - O बेतवा O नदी O परियोजना O को O आपस O में O जोड़ने O की O प्रस्तावित O परियोजना O से O पानी O के O बंटवारे O पर O एक B-NEN समझौते O तक O पहुंच O गए O हैं O । O उन्होंने O कहा O कि O इसके O अलावा O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O चालू O घरेलू O नल O का O पानी O उपलब्ध O कराने O का O 100 B-NEN प्रतिशत O लक्ष्य O हासिल O करने O के O लिए O अंडमान B-NEL और O निकोबार B-NEL ने O स्वयं O को O तीसरा O राज्य O / O संघ O शासित O प्रदेश O घोषित O किया O है O । O लगातार O बदलती O आर्थिक O स्थितियों O में O नई O तकनीकों O के O विकास O और O प्रशासन O की O नई O व्यवस्था O के O उदय O के O कारण O सार्वजनिक O वित्त O प्रबंधन O प्रणाली O में O केंद्र O और O राज्य O दोनों B-NEN ही O स्तरों O पर O नए O सुधारों O की O आवश्यकता O है O । O इसके O थाले O में O देश O की O 45 B-NEN प्रतिशत O जनसंख्या O निवास O करती O है O । O गंगा B-NEL नदी O का O थाला O कृषि O और O जैव O विविधता O की O दृष्टि O से O देश O का O सबसे O बड़ा O और O महत्वपूर्ण O थाला O है O और O करोड़ों B-NEN लोगों O की O जीवन O रेखा O है O । O नमामि O गंगे O इसी O तरह O का O एक B-NEN विस्तृत O कार्यक्रम O है O जिसके O अच्छे O नतीजे O सामने O आने O लगे O हैं O और O देश O में O नदियों O के O संरक्षण O का O आधार O तैयार O हुआ O है O । O सात B-NEN भारतीय B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO संस्थानों I-NEO ( O आई.आई.टीज़. B-NEO ) O के O संघ O के O सहयोग O से O इस O मिशन O में O मोटे O तौर O पर O चार B-NEN श्रेणियों O में O बहु O - O क्षेत्रीय O , O बहु O - O एजेंसी O और O बहु O - O स्तरीय O दृष्टिकोण O अपनाया O जाता O है O । O यह O नदियों O , O उनकी O सहायक O नदियों O , O आर्द्र O क्षेत्र O , O बाढ़ O के O मैदान O , O धाराओं O और O छोटी O - O छोटी O नदियों O को O एक B-NEN ही O प्रणाली O के O अंतर्गत O लाता O है O । O बुधानूर B-NEL , O केरल B-NEL राज्य O के O अलाप्पुझा B-NEL जिले O के O चेंगन्नूर B-NEL ब्लॉक O का O एक B-NEN गांव O है O । O इसमें O 14 B-NEN वार्ड O हैं O । O बुधानूर B-NEL ग्राम B-NEO पंचायत I-NEO 18,563 B-NEN की O आबादी O के O साथ O 19.2 B-NEN किमी O क्षेत्र O को O कवर O करती O है O । O इस O पंचायत O में O 6,564 B-NEN घर O हैं O और O यह O सराहनीय O है O कि O इस O ग्राम B-NEO पंचायत I-NEO की O साक्षरता O दर O 96.7 B-NEN प्रतिशत O है O । O एक B-NEN ताजे O उदाहरण O के O तौर O पर O अधिकारी O मधुलकर O शेट्टी O अभी O कुछ O वर्ष O पहले O हमारे O बीच O से O सदा O के O लिए O चले O गए O । O इन O दोनों B-NEN अधिकारियों O ने O चिकमंगलुरु B-NEL के O ग्रामीण O लोगों O की O जबरन O कब्जाई O गई O जमीनें O वापिस O दिलाईं O थीं O । O सूचना O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O भारत B-NEL अभूतपूर्व O परिमाण O में O नए O निवेश O को O आकर्षित O करने O में O सफल O रहा O है O - O गूगल B-NEO एक B-NEN बड़ी O मिसाल O है O । O मेक O इन O इंडिया O और O डिजिटल O इंडिया O का O कार्य O बदस्तूर O जारी O है O , O लेकिन O प्रधानमंत्री O ने O एक B-NEN बार O फिर O अपनी O रचनात्मकता O , O मौलिक O सोच O और O नवोन्मेषी O विचारों O से O चौंकाया O है O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL के O अंतर्गत O जो O अनेक O प्रोत्साहन O योजनाएं O आ O रही O हैं O उनमें O से O एक B-NEN - O इलेक्ट्रॉनिक्स O और O सूचना B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO मंत्रालय I-NEO की O उत्पादन O से O जुड़ी O प्रोत्साहन O योजना O ( O पीएलआई O ) O की O सफलता O आशातीत O है O । O लगभग O 4 B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपए O की O इस O प्रोत्साहन O योजना O के O अंतर्गत O 22 B-NEN कंपनियों O ने O भारत B-NEL में O मोबाइल O फोनों O के O विनिर्माण O में O रुचि O दिखाई O है O । O तीन B-NEN लाख I-NEN प्रत्यक्ष O और O 9 B-NEN लाख I-NEN अप्रत्यक्ष O नौकरियां O पैदा O होंगी O । O इलेक्ट्रॉनिक O सामग्री O के O विनिर्माण O को O प्रोत्साहन O देने O वाली O एक B-NEN अन्य O योजना O के O लिए O 40 B-NEN से O अधिक O कंपनियों O ने O आवेदन O किया O है O जिनमें O भारतीय O तथा O विदेशी O दोनों B-NEN ही O तरह O की O कंपनियां O हैं O । O डिजिटल O इंडिया O की O बदौलत O एक B-NEN अरब I-NEN भारतीयों O को O ऑनलाइन O लाने O की O दिशा O में O बड़ी O सफलता O प्राप्त O की O जा O चुकी O है O । O इसने O असंभव O नजर O आने O वाले O अभियान O - O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O का O लक्ष्य O महज O पांच B-NEN साल O में O हासिल O किया O है O । O जिस O अंदाज O में O लाखों B-NEN - O करोड़ों B-NEN भारतीय O डिजिटल O माध्यमों O से O भुगतान O कर O रहे O हैं O , O आयकर O के O रिटर्न O भर O रहे O हैं O , O रेलवे O टिकटों O की O बुकिंग O करा O रहे O हैं O , O बैंकिंग O सेवाओं O का O प्रयोग O कर O रहे O हैं O , O ई-कॉमर्स O का O उपयोग O कर O रहे O हैं O , O सरकारी O तंत्र O से O जुड़ O चुके O हैं O - O वह O दुनिया O के O लिए O आश्चर्यजनक O उपलब्धि O है O जिसका O मुकाबला O अमेरिका B-NEL और O ब्रिटेन B-NEL जैसे O विकसित O देश O भी O नहीं O कर O सकते O । O देश O में O डिजिटल O मानस O और O परिवेश O का O विकसित O होना O सुखद O भविष्य O की O गारंटी O है O क्योंकि O अभी O कम O से O कम O दो B-NEN दशकों O तक O आर्थिक O विकास O में O सूचना O प्रौद्योगिकी O का O दबदबा O बना O रहेगा O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O की O वजह O से O ग्रामीण O स्वच्छता O के O कवरेज O का O दायरा O महज O पांच B-NEN साल O में O 100 B-NEN तक O पहुंच O गया O । O इस O दौरान O देशभर O में O 10.25 B-NEN करोड़ I-NEN से O भी O ज्यादा O शौचालयों O का O निर्माण O किया O गया O और O सभी O राज्यों O और O जिलों O ने O खुद O को O खुले O में O शौच O से O मुक्त O ( O ओडीएफ O ) O घोषित O कर O लिया O । O इस O पूरी O कवायद O में O सरकार O ने O 130 B-NEN हजार I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O बड़ा O निवेश O किया O । O लगभग O 21 B-NEN हजार I-NEN करोड O रुपए O के O कोश O के O साथ O भारतीय O प्रौद्योगिकी O संस्थानों O के O पूर्व O छात्रों O की O परिषद O ( O आईआईटी O एलुम्नाई O काउंसिल O ) O की O स्थापना O एक B-NEN अद्भुत O घटना O है O । O शौचालय O की O जरूरत O वाले O हर O परिवार O को O शौचालय O के O निर्माण O के O लिए O 12,000 B-NEN रुपये O मुहैया O कराए O गए O । O अगर O ऐसा O हुआ O तो O वह O मात्र O एक B-NEN बड़ी O खबर O नहीं O होगी O बल्कि O दुनिया O भर O की O आईटी O कंपनियों O को O संदेश O देने O वाली O घटना O होगी O कि O कहां O स्थितियां O बिगड़ O रही O हैं O और O कहां O विकास O की O नई O संभावनाएं O पैदा O हो O रही O हैं O । O जीवन O के O सभी O क्षेत्रों O से O जुड़े O 130 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O के O योगदान O की O वजह O से O इस O अभियान O को O बड़ी O सफलता O मिली O है O । O गूगल B-NEO की O ओर O से O भारत B-NEL में O किया O जाने O वाला O 10 B-NEN अरब I-NEN डॉलर O का O निवेश O सिद्ध O करता O है O कि O भारत B-NEL की O विकास O - O कथा O में O वैश्विक O कंपनियों O की O आस्था O न O तो O कोरोना O वायरस O के O संकट O से O प्रभावित O हुई O है O और O न O ही O चीन B-NEL के O साथ O टकराव O की O आशंका O से O । O आईआईटी B-NEO से O निकले O पूर्व O छात्र O आज O दुनिया O की O बड़ी O से O बड़ी O आईटी B-NEO कंपनियों O को O संचालित O कर O रहे O हैं O और O अपने O पूर्व O शैक्षणिक O संस्थानों O को O सैकड़ों B-NEN करोड़ I-NEN डॉलर O की O मदद O देने O के O लिए O जाने O जाते O हैं O । O मराठी O साहित्य O की O परंपरा O करीब O सात B-NEN सौ I-NEN साल O पुरानी O है O । O भारत B-NEL में O सभी O पंजीकृत O सुरक्षा O अधिकारियों O और O सेवा O प्रदाताओं O का O एक B-NEN डेटाबेस O यहाँ O उपलब्ध O है O । O नाथ O परंपरा O पर O शैव O दर्शन O का O व्यापक O प्रभाव O था O जिससे O संबंधित O अधिकांश O साहित्य O 11वीं B-NEN शताब्दी O और O उसके O बाद O से O उपलब्ध O है O । O यह O केन्द्र O से O लेकर O स्थानीय O स्वशासन O तक O शासन O के O हर O स्तर O पर O सभी O ई O - O सेवाओं O के O लिये O एक B-NEN आसान O और O एकल O प्रवेश O बिंदु O के O विकास O में O सहायक O है O । O ' O लीला B-NEAR चरित्र I-NEAR ' O को O मराठी O भाषा O में O लिखी O गई O पहली B-NEN जीवनी O माना O जाता O है O । O खैर O , O जैसे O - O जैसे O संख्या O बढ़ O रही O है O , O यह O निस्संदेह O एक B-NEN रिकॉर्ड O है O , O लेकिन O इस O उपलब्धि O का O वास्तविक O महत्व O प्रक्षेपण O यान O की O क्षमता O में O बाहरी O देशों O द्वारा O व्यक्त O किए O गए O अत्यधिक O विश्वास O को O लेकर O है O । O इस O प्रक्षेपण O यान O को O चार B-NEN द्रव O स्ट्रेप O - O ऑन O सहित O तीन B-NEN चरणों O ( O क्रायोजेनिक O ऊपरी O चरण O सहित O ) O के O साथ O डिज़ाइन O किया O गया O है O । O इसे O उन O राज्यों O में O सरकारी O स्वास्थ्य O बीमा O योजनाओं O से O प्रतिद्वंद्विता O का O सामना O करना O पड़ा O जो O प्रति O परिवार O को O प्रति O वर्ष O 1 B-NEN से O 3 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O का O कवरेज O प्रदान O करती O हैं O । O इन O बहुत O कम O तापमानों O , O द्रुतशीतन O प्रक्रियाओं O , O और O इंजन O मापदंडों O की O परस्पर O क्रिया O पर O ऑपरेट O करने O के O लिए O उपयोग O में O लाई O जाने O वाली O सामग्री O क्रायोजेनिक O चरण O के O विकास O को O एक B-NEN बहुत O ही O चुनौतीपूर्ण O और O जटिल O कार्य O बनाती O है O । O एनएचपीएस O अस्पताल O में O भर्ती O होने O की O स्थिति O में O 19 B-NEN करोड़ I-NEN गरीब O और O कमजोर O परिवारों O को O हर O साल O 5,00,000 B-NEN रुपये O का O कवरेज O प्रदान O करती O है O । O भूतुल्यकाली O स्थानांतरण O कक्षा O ( O जीटीओ O ) O में O 4टी O नीतभार O ( O पेलोड O ) O पहुंचाने O की O क्षमता O सहित O इसरो B-NEO का O अगली O पीढ़ी O का O प्रमोचक O यान O जीएसएलवी B-NEAR - I-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR III I-NEAR के O रूप O में O दो B-NEN ठोस O स्ट्रैप O - O ऑन्स O , O कोर O द्रव O बूस्टर O चरण O और O क्रायोजेनिक O ऊपरी O चरण O के O साथ O डिजाइन O किया O गया O है O । O एक B-NEN प्रभावशाली O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O के O अभाव O में O एनएचपीएस O की O बेकाबू O होती O मांग O को O पूरा O करने O में O ही O सारा O बजट O खत्म O हो O जाएगा O जिसकी O वजह O से O प्राथमिक O सेवाओं O और O सरकारी O अस्पतालों O को O मजबूत O करने O के O लिए O धन O उपलब्ध O ही O नहीं O होगा O । O जब O एनएचपीएस O पूरी O तरह O से O कार्य O करेगी O , O तो O कम O से O कम O पांच B-NEN से O छह B-NEN गुना O धन O की O जरूरत O होगी O । O राज्य O सरकारों O द्वारा O 40 B-NEN प्रतिशत O योगदान O देने O की O उम्मीद O है O और O इससे O एनएचपीएस O के O साथ O राज्य O सरकारों O की O स्वास्थ्य O बीमा O योजनाओं O का O विलय O किया O जा O सकेगा O । O आर्यभट्ट B-NEAR के O बाद O , O (( O इसरो -NEO ने O एक B-NEN विशिष्ट O मिशन O - O स्पेस O कैप्सूल O रिकवरी O एक्सपेरिमेंट O - O 1 B-NEN ( O एसआरई O - O 1 B-NEN ) O के O साथ O फिर O से O विज्ञान O के O मिशनों O के O दायरे O में O प्रवेश O किया O । O भारत B-NEL का O पहला O उपग्रह O आर्यभट्ट B-NEAR एक B-NEN वैज्ञानिक O उपग्रह O था O । O भारत B-NEL के O अंतरिक्ष O विज्ञान O मिशनों O - O चंद्रयान O - O 1 O , O मंगल O कक्षित्र O मिशन O , O एस्ट्रोसैट O तथा O चंद्रयान O - O 2 O ने O लाखों B-NEN भारतीयों O के O साथ O ही O साथ O बाहरी O दुनिया O का O भी O ध्यान O आकृष्ट O किया O है O । O संसाधन O बढ़ाने O और O लोगों O के O रिस्क O पूल O को O व्यापक O बनाने O के O अतिरिक्त O ऐसे O विलय O से O उन O लोगों O को O कवरेज O भी O मिलेगा O जिनका O आवागमन O एक B-NEN से O दूसरे O राज्य O में O होता O रहता O है O । O प्रक्षेपण O यान O प्रौद्योगिकी O में O तरक्की O करना O एक B-NEN बेहद O कठिन O और O चुनौती O - O पूर्ण O काम O है O । O एक B-NEN बीमा O कंपनी O के O पास O रणनीतिक O खरीद O और O भुगतान O संबंधी O विशेषज्ञता O होती O है O लेकिन O उसका O खर्चा O अधिक O होता O है O और O जैसे O - O जैसे O यूटिलाइजेशन O की O दरें O बढ़ती O हैं O , O अधिक O प्रीमियम O की O मांग O भी O की O जाती O है O । O दोनों B-NEN स्थितियों O में O सरकार O ही O प्रीमियम O चुकाती O है O । O अब O तक O इसरो B-NEO ने O पांच B-NEN प्रक्षेपण O यान O ( O एसएलवी B-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR , O एएसएलवी B-NEAR , O पीएसएलवी B-NEAR , O जीएसएलवी B-NEAR और O एलवीएम B-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR के O रूप O में O भी O मशहूर O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 4 I-NEAR विकसित O किया O है O और O ठोस O , O तरल O तथा O क्रायोजेनिक O प्रणोदकों O का O उपयोग O करने O वाले O रॉकेटों O की O प्रौद्योगिकी O में O महारत O हासिल O की O है O । O जबकि O यह O व्यक्तिगत O रूप O से O खरीदी O गई O बीमा O योजना O से O अलग O होता O है O , O रिस्क O पूलिंग O का O सिद्धांत O एक B-NEN समान O ही O होता O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O 49 B-NEN सफल O उड़ानों O के O साथ O , O पीएसएलवी B-NEAR भारत B-NEL के O विश्वसनीय O और O बहुमुखी O वर्कहोर्स O प्रक्षेपण O यान O के O रूप O में O उभरा O है O । O संख्या O की O दृष्टि O से O यह O निस्संदेह O एक B-NEN रिकॉर्ड O था O , O लेकिन O इसका O वास्तविक O महत्व O इसरो B-NEO की O क्षमता O में O अमेरिका B-NEL सहित O कई O देशों O द्वारा O दोहराया O गया O अपार O आत्मविश्वास O है O । O प्रत्येक O तीन B-NEN संसदीय O क्षेत्रों O में O एक B-NEN मेडिकल O कॉलेज O की O स्थापना O की O परिकल्पना O की O गई O है O । O बजट O में O 24 B-NEN नए O मेडिकल O कॉलेजों O को O शुरू O करने O का O प्रस्ताव O है O जो O उन्नत O जिला O अस्पतालों O से O संबद्ध O होंगे O । O पीएसएलवी B-NEAR - I-NEAR सी37 I-NEAR द्वारा O 104 B-NEN उपग्रहों O का O प्रक्षेपण O भारत B-NEL के O पांचवीं O पीढ़ी O के O उपग्रह O प्रक्षेपण O यान O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR में O दो B-NEN ठोस O स्ट्रैप O - O ऑन O , O एक B-NEN कोर O तरल O बूस्टर O और O एक B-NEN क्रायोजेनिक O ऊपरी O चरण O हैं O । O यान O का O , O एस O - O 4 B-NEN टन O वर्ग O के O उपग्रहों O को O जियोसिंक्रोनस O ट्रांसफर O ऑर्बिट O ( O जीटीओ O ) O में O या O लगभग O 10 B-NEN टन O वर्ग O के O उपग्रहों O को O लो O अर्थ O ओर्बिट O ( O एलईओ O ) O में O ले O जाने O के O लिए O डिजाइन O किया O गया O है O । O इसके O खंड O 1 B-NEN में O आचार O नीति O की O अवधारणा O और O इस O पर O विचार O किया O गया O है O कि O लोक O प्रशासन O में O नैतिकता O के O पारिस्थितिकी O तंत्र O को O परिभाषित O करने O के O लिए O इसे O विभिन्न O कानूनों O , O नियमों O और O विनियमों O में O कैसे O प्रतिस्थापित O किया O जाता O है O । O इसके O खंड O 2 B-NEN में O अंतरराष्ट्रीय O अनुभवों O का O वर्णन O किया O गया O है O । O खंड O 3 B-NEN में O देश O में O शासन O में O ईमानदारी O को O मजबूत O करने O के O लिए O संस्थागत O और O विधायी O ढांचे O की O चर्चा O की O गई O है O । O खंड O - O 1 B-NEN एक B-NEN ऐसे O देश O में O जहां O कृषि O अब O भी O बड़ी O आबादी O की O आजीविका O का O मुख्य O साधन O है O , O किसानों O के O हित O को O किसी O भी O सरकार O के O एजेंडे O में O ऊपर O रखना O होगा O । O नैतिक O तत्परता O की O कमी O , O जो O हाल O के O वर्षों O की O एक B-NEN विशिष्ट O विशेषता O रही O है O , O शायद O यह O सबसे O बड़ा O एकमात्र O कारक O है O जो O ईमानदारी O और O दक्षता O की O मजबूत O परंपराओं O के O विकास O में O बाधा O डालता O है O । O इनमें O आलू O , O टमाटर O , O प्याज O की O कीमतों O में O उतार O - O चढ़ाव O से O निपटने O के O लिए O ऑपरेशन O ग्रीन O , O खरीफ O फसलों O के O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O में O डेढ़ B-NEN गुना O बढ़ोतरी O , O 22,000 B-NEN ग्रामीण O हाटों O को O ग्रामीण O कृषि O बाजारों O में O अपग्रेड O करने O , O किसानों O को O खेती O के O लिए O कर्ज O की O सुविधा O मुहैया O करना O आदि O शामिल O हैं O । O किसानों O के O हित O से O जुड़े O एक B-NEN और O क्षेत्र O - O ग्रामीण O विकास O को O भी O बजट O में O समुचित O जगह O दी O गई O है O और O ग्रामीण O अवसंरचना O और O रोजगार O के O मौके O तैयार O करने O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O गया O है O । O इसके O अलावा O , O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O तहत O 2 B-NEN करोड़ I-NEN अतिरिक्त O शौचालय O बनाए O जाएंगे O । O हम O पहले O से O ही O एलओसी O वित्तपोषण O के O माध्यम O से O 34 B-NEN द्वीपों O पर O पानी O और O स्वच्छता O सुविधाओं O के O विकास O में O लगे O हुए O हैं O । O द्वीपीय O समुदायों O के O लिए O बुनियादी O नागरिक O सुविधाओं O का O विस्तार O करने O के O अलावा O , O वह O परियोजना O जो O मालदीव B-NEL में O 100 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O अधिक O की O लागत O से O चल O रहे O सबसे O बड़े O जलवायु O अनुकूलन O उपायों O में O से O एक B-NEN है O , O मुझे O लगता O है O कि O बहुत O उल्लेखनीय O है O । O खाद्य O प्रसंस्करण O उद्योगों O के O लिए O पिछले O साल O के O मुकाबले O आवंटन O दोगुना O कर O 1,400 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O दुनिया O की O सबसे O बड़ी O स्वास्थ्य O सुरक्षा O योजना O कही O जा O रही O (( O ( O एनएचपीएस O ) O में O स्वास्थ्य O को O केंद्र O में O रखा O गया O है O और O 10 B-NEN करोड़ I-NEN से O ज्यादा O गरीब O परिवारों O को O सालाना O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O का O स्वास्थ्य O बीमा O कवर O देने O का O प्रावधान O है O । O इसी O तरह O , O आयुष्मान O भारत O कार्यक्रम O के O तहत O 1.5 B-NEN लाख I-NEN स्वास्थ्य O केंद्र O बनाने O के O लिए O 1,200 B-NEN करोड़ I-NEN का O फंड O मुहैया O कराने O की O बात O है O । O नई O योजना O प्रधानमंत्री O रिसर्च O फेलोशिप O ( O पीएमआरएफ O ) O के O तहत O बीटेक O के O 1,000 B-NEN बेहतरीन O छात्रों O को O शानदार O फेलोशिप O के O साथ O आईआईटी O और O आईआईएससी O में O पीएचडी O करने O का O मौका O दिया O जाएगा O । O मसलन O बैंक O और O पोस्ट O ऑफिसों O में O जमा O की O गई O रकम O से O ब्याज O के O तौर O पर O होने O वाली O आय O पर O टैक्स O छूट O की O सीमा O 10,000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 50,000 B-NEN रुपये O कर O दी O गई O है O और O स्वास्थ्य O बीमा O प्रीमियम O और O मेडिकल O खर्च O के O लिए O कटौती O की O सीमा O को O 30,000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 50,000 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O हम O मालदीव B-NEL पुलिस O और O हमारी O राष्ट्रीय B-NEO पुलिस I-NEO अकादमी I-NEO के O बीच O क्षमता O निर्माण O के O लिए O एक B-NEN समझौता O ज्ञापन O पर O भी O हस्ताक्षर O कर O रहे O हैं O । O इसके O तहत O 15 B-NEN लाख I-NEN तक O के O निवेश O पर O 8 B-NEN फीसदी O का O निश्चित O रिटर्न O देने O की O बात O है O । O जबकि O पहले O यह O सीमा O 7.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O थी O । O अंत O में O , O मैं O इस O बात O पर O जोर O देना O चाहूंगा O कि O समय O की O कसौटी O पर O खरा O उतरा O हमारा O संबंध O आज O एक B-NEN बड़ी O छलांग O लगाने O के O लिए O तैयार O है O । O इनके O लिए O कर्ज O - O पूंजी O , O ब्याज O सब्सिडी O और O नवोन्मेष O मुहैया O कराने O के O मकसद O से O 3,794 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किए O गए O हैं O । O हम O विकास O में O भागीदार O हैं O , O हम O शांति O और O सुरक्षा O को O बढ़ावा O दे O रहे O हैं O , O और O हमारे O संबंध O , O कई O मायनों O में O , O इस O क्षेत्र O के O लिए O एक B-NEN मॉडल O के O रूप O में O कार्य O करते O हैं O । O यह O एक B-NEN ऐसी O साझेदारी O है O जो O अपने O हितधारकों O - O हमारे O देशों O के O नागरिकों O - O के O लिए O अच्छे O और O बुरे O दोनों B-NEN समय O में O काम O करती O है O । O यह O एक B-NEN साझेदारी O है O जो O क्षेत्रीय O विकास O की O सामान्य O चुनौतियों O से O निपटती O है O , O जो O व्यवधानों O और O आपदाओं O को O संबोधित O करती O है O । O यह O एक B-NEN ऐसी O साझेदारी O है O जो O इस O क्षेत्र O में O स्थिरता O के O लिए O एक B-NEN ताकत O है O । O महामारी O के O कारण O बंद O होने O पर O स्कूलों O और O आंगनवाडियों O तक O पानी O न O पहुंचने O के O स्वास्थ्य O पर O पड़ने O वाले O असर O को O देखते O हुए O सरकार O ने O 100 B-NEN दिवसीय O अभियान O की O शुरुआत O की O । O और O मैं O इस O अवसर O का O उपयोग O आपको O आश्वस्त O करने O के O लिए O करना O चाहता O हूं O कि O हम O इस O संबंध O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O बहुत O दृढ़ता O से O प्रतिबद्ध O हैं O और O अड्डू B-NEL में O आना O विशेष O रूप O से O इस O संदेश O को O प्रसारित O करने O का O एक B-NEN प्रभावी O तरीका O रहा O है O । O एक B-NEN बार O फिर O , O बहुत O - O बहुत O धन्यवाद O । O अभियान O की O आधार O - O रेखा O के O मुताबिक O , O छह B-NEN राज्यों O ने O 100 B-NEN प्रतिशत O स्कूलों O को O और O अन्य O पांच B-NEN राज्यों O ने O अपने O यहां O 90 B-NEN प्रतिशत O स्कूलों O को O सुविधा O उपलब्ध O कराई O । O नमामि O गंगे O के O अंतर्गत O 29,578 B-NEN करोड I-NEN रुपये O लागत O की O कुल O 335 B-NEN परियोजनाएं O मंजूर O की O गयी O हैं O । O इनमें O से O 142 B-NEN परियोजनाएं O पूरी O हो O चुकी O हैं O और O बाकी O पर O अमल O किया O जा O रहा O है O । O गंगा B-NEL थाले I-NEL में O 4856 B-NEN एम. O एल. O डी. O शोधन O क्षमता O का O सृजन O करने O के O लिए O कुल O 156 B-NEN मलजल O अवसंरचना O परियोजनाओं O को O मंजूरी O दी O गयी O । O 2014 B-NEN में O केवल O 28 B-NEN शोधन O संयंत्र O थे O जिनकी O क्षमता O केवल O 462.85 B-NEN एम. O एल. O डी. O थी O । O चित्र O - O 4 B-NEN से O उत्पन्न O मलजल O की O मात्रा O और O उसके O शोधन O की O क्षमता O के O बीच O के O अंतर O को O कम O करने O के O प्रयासों O में O तेजी O और O 15 B-NEN साल O के O लिए O पर्याप्त O क्षमता O के O सृजन O का O संकेत O मिलता O है O । O नमामि O गंगे O ने O भारत B-NEL में O पहली B-NEN बार O मलजल O अवसंरचना O के O लिए O पीपीपी O ( O सार्वजनिक O - O निजी O भागीदारी O ) O मॉडल O की O शुरुआत O की O । O हाइब्रिड O एन्युइटी O मोड O ( O हैम O ) O के O जरिए O 40 B-NEN प्रतिशत O पूंजीगत O खर्च O निर्माण O के O दौरान O दिया O जाता O है O और O 60 B-NEN प्रतिशत O ब्याज O के O साथ O 15 B-NEN साल O की O एन्युइटी O पर O ब्याज O के O रूप O में O दिया O जाता O है O और O संचालन O व O रखरखाव O के O लिए O अलग O से O भुगतान O किया O जाता O है O । O सेलुलर O संचार O के O इस O दौर O में O रेडियो O फ़्रिक्वेंसी O स्पेक्ट्रम O एक B-NEN महत्वपूर्ण O स्रोत O है O , O जो O हमारे O दैनिक O जीवन O के O संचार O संबंधी O क्रियाकलापों O और O मनोरंजन O का O आधार O है O । O एक B-NEN समय O ऐसा O भी O था O जब O भारतीय O अंग्रेजी O लेखक O केवल O अपनी O रचनाओं O को O प्रकाशित O कराने O के O लिए O इंग्लैंड O जाया O करते O थे O । O भारत B-NEL की O ग्रामीण O आबादी O के O उत्थान O में O मदद O के O लिए O पंचायतों O को O अनिवार्य O रूप O से O किसी O एक B-NEN विकास O लक्ष्य O को O अपना O “ O संकल्प O ' O बनाना O होगा O जिससे O विकास O गतिविधियां O उस O लक्ष्य O की O पूर्ति O को O ध्यान O में O रखकर O चलाई O जाएं O । O सभी O ग्राम O पंचायतों O को O अनिवार्य O रूप O से O इस O अभियान O की O अवधि O में O ग्राम O सभा O की O दो B-NEN बैठकें O करानी O होती O हैं O । O यह O उनके O प्रति O एक B-NEN श्रद्धांजलि O है O कि O एक B-NEN तरफ O 65,000 B-NEN स्टार्ट O - O अप O और O 90 B-NEN यूनिकॉर्न O , O और O दूसरी O ओर O सबसे O कमजोर O लोगों O के O लिए O जीविका O और O स्वास्थ्य O पहुंच O के O बारे O में O हमारे O रोजगार O के O बहुत O बड़े O कार्यक्रम O आज O मौजूद O हैं O और O वे O वास्तव O में O बताते O हैं O कि O उनके O विचार O आज O भी O कितने O प्रासंगिक O हैं O । O ग्राम O सभा O की O बैठकों O के O लिए O न्यूनतम O 10 B-NEN प्रतिशत O सदस्यों O की O उपस्थिति O का O अनिवार्य O कोरम O तय O किया O गया O है O । O जब O 451 B-NEN मिलियन I-NEN लोग O जन O धन O योजना O के O लाभार्थी O हैं O , O जब O उज्ज्वला O योजना O से O 100 B-NEN मिलियन I-NEN लोगों O को O लाभ O मिला O है O , O जब O 800 B-NEN मिलियन I-NEN लोग O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O योजना O द्वारा O समर्थित O हैं O , O जब O लगभग O 200 B-NEN मिलियन I-NEN परिवार O जल O जीवन O मिशन O के O लाभार्थी O हैं O और O जब O इतनी O सारी O लड़कियां O - O आपने O शिक्षा O का O जिक्र O किया O - O जब O इतनी O सारी O लड़कियां O , O सचमुच O लाखों B-NEN की O संख्या O में O बेटी O बचाओ O , O बेटी O पढ़ाओ O से O लाभान्वित O हो O रही O हैं O , O तो O मुझे O लगता O है O कि O हमें O आज O यह O पहचानना O चाहिए O कि O हमारे O जीवन O में O , O हमारे O कार्यक्रमों O में O , O हमारे O लक्ष्यों O में O और O हमारे O कर्मों O में O उनकी O क्या O केंद्रीय O भूमिका O है O । O उनका O जीवन O दया O और O करुणा O , O सामाजिक O सद्भाव O और O सभी O के O लिए O न्याय O का O एक B-NEN ज्वलंत O उदाहरण O है O । O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL के O गांव O की O ग्राम O विकास O पंचायत O योजना O ( O जीपीडीपी O ) O का O नमूना O चित्र O - O 4 B-NEN में O देखा O जा O सकता O है O । O इस O ग्राम O पंचायत O को O संसाधन O सहायता O के O रूप O में O 2.76 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O उपलब्ध O कराए O गए O हैं O जिसमें O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O योजनाओं O और O अन्य O कोषों O से O मिलने O वाली O सहायता O राशि O भी O शामिल O है O । O एक B-NEN बार O फिर O , O इस O महत्वपूर्ण O जयंती O पर O , O मैं O आप O सभी O को O अपनी O हार्दिक O शुभकामनाएं O देता O हूं O , O और O इस O कार्यक्रम O के O आयोजन O के O लिए O महावाणिज्य O दूत O को O धन्यवाद O देता O हूं O । O " O यह O दिव्य O जल O हमारी O रक्षा O की O अनुकंपा O करे O , O यह O हमारी O प्यास O बुझाए O और O हर्षोल्लास O की O धारा O बन O कर O बहे O " O - O ऋग्वेद B-NEAR 10-9-4 B-NEN पानी O और O स्वच्छता O की O सुविधाओं O तक O सबकी O पहुंच O सुनिश्चित O करने O संबंधी O सतत O विकास O लक्ष्य O ( O एसडीजी O ) O - O 6 B-NEN में O इन O बुनियादी O सुविधाओं O से O वंचित O उन O लोगों O तक O इनकी O उपलब्धता O सुनिश्चित O करने O की O बात O कही O गयी O है O । O करीब O एक B-NEN साल O तक O जीवन O में O स्वच्छ O पेयजल O के O महत्व O और O उपलब्धता O पर O बार O - O बार O जोर O दिया O जाता O रहा O । O यह O अन्य O विकासशील O देशों O के O लिए O भी O एक B-NEN अनुकरणीय O मॉडल O बन O सकता O है O और O वे O भी O इसे O अपनाकर O एसडीजी O - O 6 O के O लक्ष्य O को O प्राप्त O कर O सकते O हैं O । O भूजल O के O सतत O या O लगातार O इस्तेमाल O के O लिए O जल O - O जागरूक O समुदायों O का O सशक्तिकरण O , O निर्णय O लेने O में O लाभदायक O भरोसेमंद O जल O डेटा O और O सहभागिता O नियामक O तंत्र O , O तीन B-NEN महत्वपूर्ण O स्तंभ O हैं O , O जिनकी O मदद O से O जीवन O , O रोजगार O और O सांस्कृतिक O संरक्षण O के O लिए O जल O उपलब्ध O हो O सकेगा O और O हम O जलवायु O परिवर्तन O की O समस्या O का O भी O सामना O कर O सकेंगे O । O यहां O दुनिया O में O उपलब्ध O कुल O भूजल O संसाधनों O के O एक B-NEN चौथाई I-NEN से O भी O अधिक O का O उपयोग O किया O जाता O है O । O कोरोना O महामारी O की O दूसरी O लहर O में O साढ़े B-NEN तीन I-NEN लाख O से O भी O ज्यादा O लोगों O को O जान O गंवानी O पड़ी O । O मरने O वाले O तकरीबन O 88 B-NEN प्रतिशत O लोग O 45 B-NEN साल O और O इससे O ज्यादा O उम्र O के O थे O , O जो O अपने O परिवार O के O लिए O आजीविका O हासिल O करने O का O एकमात्र O माध्यम O थे O । O अटल O भूजल O योजना O इसी O तरह O की O एक B-NEN पहल O है O जिससे O जन O समुदाय O के O नेतृत्व O में O बड़े O पैमाने O पर O टिकाऊ O भूजल O प्रबंधन O का O पता O चलता O है O । O यह O एक B-NEN अग्रणी O और O अनोखा O प्रयोग O है O जिसमें O स्थानीय O समुदायों O को O प्रेरित O कर O सभी O संबंधित O पक्षों O के O सहयोग O से O भूजल O के O प्रबंधन O में O अभिनव O सुधार O लाने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O एक B-NEN अनुमान O के O मुताबिक O , O लॉकडाउन O की O वजह O से O कम O से O कम O 23 B-NEN करोड़ I-NEN भारतीय O गरीबी O रेखा O के O नीचे O पहुंच O गए O ! O त्वरित O सिंचाई O लाभ O कार्यक्रम O , O हर O खेत O को O पानी O , O ड्रॉप O मोर O क्रॉप O और O जलसंभरण O विकास O जैसी O चार B-NEN सूत्री O सोच O से O सुसज्जित O इस O योजना O का O उद्देश्य O देश O की O सूक्ष्म O सिंचाई O क्षमता O में O अंतराल O को O पाटना O है O । O इस O तरह O पानी O हर O एक B-NEN की O जिम्मेदारी O बन O जाता O है O । O उन्होंने O शासन O प्रणाली O को O तीन B-NEN अहम O हिस्सों O में O बांटा O - O विधायिका O या O नीति O निर्माता O , O कार्यपालिका O और O न्यायपालिका O । O इनमें O से O दो B-NEN हिस्सों O की O भूमिका O , O हमारे O देश O और O यहां O लोगों O की O किस्मत O तय O करने O में O बेहद O अहम O है O । O इसी O सिलसिले O में O बात O को O आगे O बढ़ाया O जाए O , O तो O मुझे O लगता O है O कि O हमारे O नीति O निर्माता O और O नौकरशाह O , O भारत B-NEL जैसे O देश O में O एक B-NEN माध्यम O के O तौर O पर O सिनेमा O और O उसकी O भूमिका O से O जुड़ी O प्रभावी O नीतियां O बनाने O में O असफल O रहे O हैं O । O मैं O अपने O घर O से O यहां O आ O गया O और O किराए O पर O एक B-NEN कमरा O लेकर O रहने O लगा O । O यह O मुख्य O रूप O से O कहानी O कहने O की O कला O है O और O कहानियां O , O काल्पनिक O और O सच O दोनों B-NEN हो O सकती O हैं O । O सिनेमा O , O कला O का O एक B-NEN रूप O है O । O क्योंकि O पहले O केवल O दो B-NEN या O तीन B-NEN प्रतिशत O बच्चे O ही O कक्षाओं O में O आते O थे O और O बाकी O खेत O - O खलिहानों O में O माता O - O पिता O की O मदद O करते O थे O । O चूंकि O मेरी O तनख्वाह O सिर्फ O तीन B-NEN हजार I-NEN रुपये O थी O , O इसलिए O मैं O लैपटॉप O नहीं O खरीद O सकता O था O , O इसलिए O मैंने O अपने O पिताजी O से O मदद O मांगी O । O जहां O तक O ब्रिटेन B-NEL का O सवाल O है O तो O संभावना O यही O है O कि O ' O टू B-NEN ग्रेट O नेशन्स O , O वन B-NEN ग्लोरियस O फ्यूचर O ' O के O निर्माण O की O प्रक्रिया O यथावत O जारी O रहेगी O । O जिबूती B-NEL के O पास O ( O जहां O चीन B-NEL अपना O नया O मिलिट्री O बेस O बना O रहा O है O ) O सैन्य O अभ्यास O आयोजित O कर O दोनों B-NEN देश O यह O दिखा O रहे O हैं O कि O वे O हिंद B-NEL महासागर I-NEL में O रणनीतिक O साझेदारी O के O प्रति O काफी O गंभीर O हैं O । O कुल O मिलाकर O पिछले O छह B-NEN वर्षों O में O और O के O बीच O आपसी O रिश्तों O को O मजबूत O बनाने O की O पहल O हुई O है O लेकिन O चुनौती O इस O गति O को O बनाए O रखने O को O लेकर O है O । O अब O मध्य O - O पूर्व O को O देखें O , O जो O हमेशा O से O भू O - O राजनीतिक O सक्रियता O का O केन्द्र O रहा O है O लेकिन O हाल O के O दो B-NEN दशकों O में O यह O क्षेत्र O अधिक O जटिल O और O अधिक O हिंसक O हुआ O है O । O चूंकि O सऊदी B-NEL अरब I-NEL केवल O ' O होम O ऑफ O इस्लाम O ' O और O ' O अरब O - O इस्लामी O दुनिया O ' O का O नेता O मात्र O नहीं O है O बल्कि O यहां O पर O लगभग O 20 B-NEN लाख I-NEN भारतीय O भी O रहते O हैं O , O जिसमें O से O बहुत O से O भारतीय O बेहतर O पोजीशन O पर O हैं O । O हमारे O पास O ऐसे O टीचरों O का O एक B-NEN अंतरराष्ट्रीय O नेटवर्क O है O और O अब O मैं O उनके O बीच O परस्पर O विमर्श O के O विषय O में O सोच O रहा O हूं O । O ऐसा O एक B-NEN प्रोजेक्ट O ' O लैट्स O क्रॉस O द O बॉर्डर O ' O है O जिसमें O भारतीय O और O पाकिस्तानी O विद्यार्थी O आपस O में O मिलें O , O इराक B-NEL और O ईरान B-NEL तथा O अन्य O देशों O के O बच्चे O भी O हों O । O भारत B-NEL के O लिए O यह O एक B-NEN सामान्य O सफलता O का O पर्याय O नहीं O माना O जा O सकता O क्योंकि O चीन B-NEL यहां O पर O हस्तक्षेपवादी O भूमिका O में O है O और O वह O कदापि O नहीं O चाहता O कि O भारत B-NEL यहां O मजबूत O स्थिति O में O रहे O । O संभव O है O कि O सेशेल्स B-NEL - O चाबहार B-NEL चीन B-NEL के O ग्वादर B-NEL - O जिबूती B-NEL कनेक्ट O के O एक B-NEN विकल्प O के O रूप O में O भी O उभरे O और O भारत B-NEL ब्लू O वॉटर O डिप्लोमैसी O में O सफल O हो O । O वन B-NEO अनुसंधान I-NEO संस्थान I-NEO की O वैज्ञानिक O योजना O के O अनुसार O गंगा B-NEL नदी O के O तटों O के O आसपास O वनीकरण O का O कार्य O ऐसा O मॉडल O है O जिसे O 13 B-NEN अन्य O नदियों O में O भी O अपनाया O जाएगा O । O मात्स्यिकी O और O जैव O विविधता O के O संरक्षण O के O लिए O एक B-NEN विस्तृत O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O आधार O रेखा O सर्वेक्षण O , O पर्यावास O और O प्रजाति O सुधार O और O गंगा B-NEL के O जैव O - O विविधता O की O अधिकता O वाले O स्थानों O पर O सामुदायिक O भागीदारी O शामिल O है O । O 150 B-NEN से O अधिक O घाट O और O शवदाह O गृह O बनाए O गये O हैं O या O उनमें O सुधार O किया O गया O है O । O लोक O संपर्क O की O कई O अभिनव O गतिविधियां O , O जैसे O गंगा O क्वेस्ट O क्विज़ O ( O www. O gangaquest. O com O ) O , O राफ्टिंग O अभियान O , O गंगा B-NEL दौड़ O , O गंगा B-NEL उत्सव O आदि O आयोजन O पूरे O साल O चलते O रहते O हैं O ताकि O सामुदायिक O स्वयंसेवकों O और O आम O लोगों O को O इनसे O प्रेरणा O तथा O प्रोत्साहन O मिले O जिससे O व्यवहार O परिवर्तन O हो O और O यह O अभियान O एक B-NEN जनांदोलन O का O रूप O ले O सके O । O नदियों O की O स्थिति O को O शहरी O नियोजन O की O मुख्य O धारा O में O लाने O के O लिए O नदी O - O नगर O नियोजन O के O रूप O में O एक B-NEN नया O आयाम O जुड़ा O है O और O शहरों O के O उपचारित O अवजल O को O फिर O से O उपयोग O में O लाने O के O लिए O नयी O रूपरेखा O तैयार O की O जा O रही O है O । O या O आपको O अपनी O संपत्ति O अपने O नाम O करानी O है O और O संबंधित O दफ्तर O के O दर्जनों B-NEN चक्कर O काटने O पर O भी O आपका O काम O नहीं O होता O । O यदि O गर्भ O ठहर O गया O हो O और O पति O - O पत्नी O गर्भ O की O अवस्था O को O आगे O नहीं O बढ़ाना O चाहते O हैं O तो O यह O एक B-NEN अनचाहा O गर्भ O की O स्थिति O है O । O देश O के O विभिन्न O राज्यों O द्वारा O जनशिकायत O निवारण O के O लिए O एक B-NEN प्रणाली O तो O विकसित O कर O ली O गयी O किंतु O इनके O क्रियान्वयन O के O स्तर O पर O मौजूद O कई O कमियों O के O कारण O यह O अपेक्षित O लाभ O से O दूर O है O । O इसी O क्रम O में O कई O राज्यों O द्वारा O एक B-NEN जनोन्मुख O एवं O सशक्त O शिकायत O निवारण O तंत्र O का O विकास O किया O गया O है O । O इसी O को O देखते O हुए O देश O के O विभिन्न O राज्यों O ने O इस O दिशा O में O प्रयास O आरंभ O किए O , O जिसमें O कुछ O राज्यों O द्वारा O बनाया O गया O तंत्र O एक B-NEN मॉडल O बनकर O उभरा O । O इस O अधिनियम O के O दायरे O में O अभी O तक O लगभग O 25 B-NEN से O ऊपर O विभागों O की O करीब O 200 B-NEN सेवाओं O को O लाया O गया O है O । O देश O एक B-NEN वैश्विक O शक्ति O के O रूप O में O उभर O रहा O है O । O वह O जी O - O 7 O का O विस्तार O कर O इसमें O 10 B-NEN - O 11 B-NEN सदस्यों O को O शामिल O करना O चाहते O थे O । O देश O में O कोविड O मरीजों O के O ठीक O होने O की O दर O लगभग O 95 B-NEN प्रतिशत O है O । O भारत B-NEL में O सभी O नागरिकों O को O टीका O देने O के O बारे O में O एक B-NEN योजना O पहले O से O ही O तैयार O है O । O विश्व O भर O में O बेचे O जाने O वाले O टीकों O का O 60 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O हिस्सा O भारत B-NEL में O तैयार O होता O है O । O उन्होंने O व्यापक O सामाजिक O सुरक्षा O योजनाओं O के O लिए O राजस्व O मीमांसा O हेतु O 1 B-NEN प्रतिशत O का O शिक्षा O उपकर O प्रस्तावित O किया O है O । O इसे O एक B-NEN आदर्श O बजट O बनाने O के O लिए O न्यूनतम O छूट O सीमा O को O रु. O 3 B-NEN लाख I-NEN तक O बढ़ाते O हुए O रु. O 15000 B-NEN करोड़ I-NEN की O राजस्व O आय O का O नुकसान O सहा O जा O सकता O है O । O इसे O एलटीसीजी O विषयक O कर O को O 20 B-NEN प्रतिशत O तक O बढ़ाकर O किया O जा O सकता O है O । O संवृद्धि O व O रोजगार O की O दिशा O में O उन्होंने O 250 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O के O टर्नओवर O वाले O एमएसएमई O के O लिए O कॉर्पोरेट O कर O को O 25 B-NEN प्रतिशत O घटा O दिया O है O । O निजी O कराधान O में O राहत O वाले O इस O प्रस्ताव O से O रु. O 5995 B-NEN करोड़ I-NEN का O राजस्व O नुकसान O हो O सकता O है O । O हालांकि O मेक O इन O इंडिया O को O प्रमोट O करने O व O राजस्व O मीमांसा O के O लिए O उन्होंने O पर्फ्यूम्स O व O प्रसाधन O संबंधी O वस्तुओं O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O ऑटोमोबाइल्स O व O ऑटोमोबाइल O पार्ट्स O ( O 5 B-NEN प्रतिशत O ) O , O फुटवियर O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O आभूषण O ( O 5 B-NEN प्रतिशत O ) O , O इलेक्ट्रॉनिक्स O / O हार्डवेयर O ( O 5 B-NEN प्रतिशत O ) O , O फर्नीचर O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O घड़ी O व O दीवार O घड़ी O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O खिलौने O व O गेम्स O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O टेक्सटाइल्स O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O , O खाद्य O तेल O ( O 15 B-NEN - O 17.5 B-NEN प्रतिशत O ) O आदि O जैसे O विभिन्न O मदों O पर O सीमा O शुल्क O को O 2.5 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ा O कर O 10 B-NEN प्रतिशत O करने O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O इसके O साथ O ही O पूंजीगत O माल O व O इलेक्ट्रॉनिक्स O ( O 5 B-NEN प्रतिशत O ) O , O चिकित्सा O उपकरण O ( O 2.5 B-NEN प्रतिशत O ) O , O जैसे O मदों O में O सीमा O शुल्क O घटाया O है O । O छोटी O अवधि O का O सहकारी O उधार O ढांचा O तीन B-NEN स्तर O के O सिस्टम O से O संचालित O होता O है O - O गांव O स्तर O पर O प्राथमिक O कृषि O सहकारी O समितियां O ( O पीएसीएस O ) O , O जिला O स्तर O पर O केंद्रीय B-NEO सहकारी I-NEO बैंक I-NEO ( O सीसीबी B-NEO ) O और O राज्य O स्तर O पर O राज्य O सहकारी O बैंक O ( O एसटीसीबी B-NEO ) O । O समग्र O रूप O से O यह O बजट O बाजार O प्रेरित O आर्थिक O व्यवस्था O से O समाज O कल्याण O उन्मुख O व्यवस्था O की O ओर O एक B-NEN स्वागत O योग्य O शिफ्ट O है O , O जहां O सरकार O देश O की O 80 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O आबादी O की O आवश्यकताओं O , O अपेक्षाओं O व O आकांक्षाओं O का O ख्याल O रखती O है O । O फिलहाल O , O देश O में O बैंकिंग O लोकपाल O के O 20 B-NEN दफ्तर O हैं O । O इन O 4 B-NEN कारकों O के O आधार O पर O निम्नलिखित O सात B-NEN रुझान O भारत B-NEL में O अगली O पीढ़ी O की O बैंकिंग O को O परिभाषित O करेंगे O । O भारत B-NEL में O लगभग O 94.6 B-NEN करोड़ I-NEN से O भी O अधिक O मोबाइल O उपयोगकर्ता O हैं O लेकिन O उनमें O से O केवल O 5 B-NEN करोड़ I-NEN ही O मोबाइल O बैंकिंग O का O उपयोग O करते O हैं O । O कोविड O - O 19 O प्रमाणपत्रों O की O पारस्परिक O मान्यता O पर O आज O का O समझौता O उसी O दिशा O में O एक B-NEN और O कदम O है O और O यह O निश्चित O रूप O से O हमारे O बीच O सुविधाजनक O यात्रा O में O योगदान O देगा O । O मुझे O हमारी O विकास O साझेदारी O के O बारे O में O भी O कुछ O शब्द O कहने O चाहिए O क्योंकि O मुझे O लगता O है O कि O यह O हमारे O संबंधों O का O एक B-NEN केंद्रीय O स्तंभ O है O । O यह O एक B-NEN बहुत O ही O पारदर्शी O साझेदारी O है O , O जो O सीधे O मालदीव B-NEL की O जरूरतों O और O प्राथमिकताओं O से O संचालित O होती O है O जो O आज O अनुदान O , O रियायती O ऋण O , O बजटीय O सहायता O और O क्षमता O निर्माण O एवं O प्रशिक्षण O सहायता O के O मामले O में O 2.6 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O से O अधिक O है O । O ( O बैंक O ऑफ O अमेरिका B-NEL ने O पिछले O 5 B-NEN वर्षों O में O 1000 B-NEN से O ज्यादा O शाखाएं O बंद O कर O दी O हैं O ) O शाखारहित O बैंकिंग O मॉडल O को O अधिक O व्यवहारिक O बनाने O के O लिए O ग्राहक O पहुंच O लागत O को O 40 B-NEN प्रतिशत O तक O कम O करने O के O लिए O आधार O जैसे O राष्ट्रीय O प्लेटफार्मों O को O बैंकिंग O बिजनेस O मॉडल O के O साथ O जोड़ा O जा O सकता O है O । O अड्डू B-NEL सड़क O परियोजनाओं O के O साथ O - O साथ O 4000 B-NEN आवास O इकाइयों O , O पेयजल O और O स्वच्छता O पर O भी O काम O शुरू O हो O गया O है O । O विश्व B-NEO बैंक I-NEO के O अनुमान O के O अनुसार O , O भारत B-NEL में O भारतीय O बैंकों O के O प्रति O लेन O - O देन O के O संचालन O के O लिए O लागत O 48 B-NEN रुपये O फोन O बैंकिंग O के O लिए O 25 B-NEN रुपये O , O एटीएम O के O लिए O 18 B-NEN रुपये O , O आईवीआर O के O लिए O 8 B-NEN रुपये O और O ऑनलाइन O के O लिए O 4 B-NEN रुपये O है O । O भारत B-NEL में O एटीएम O की O बहुत O कम O उपलब्धता O है O - O भारत B-NEL में O प्रति O 10 B-NEN लाख I-NEN लोगों O के O लिए O 11 B-NEN एटीएम O हैं O जबकि O चीन B-NEL और O मलेशिया B-NEL में O यह O संख्या O क्रमशः O 37 B-NEN और O 52 B-NEN है O । O इस O संबंध O में O सौर O एटीएम O लगभग O 50 B-NEN प्रतिशत O तक O की O लागत O को O कम O कर O सकते O हैं O और O बिजली O विहीन O ग्रामीण O क्षेत्रों O की O जरूरतों O को O भी O पूरा O कर O सकते O हैं O । O मुझे O उम्मीद O है O कि O हम O आने O वाले O महीनों O में O एक B-NEN नया O मुकाम O हासिल O कर O सकते O हैं O । O भविष्य O के O विकास O के O मॉडल O दीर्घकालिक O वित्तपोषण O के O लिए O 5:25 B-NEN संरचना O और O पीपीपी O मॉडल O की O तर्ज O पर O विकसित O होंगे O । O देश O के O जीडीपी O में O एमएसएमई O क्षेत्र O का O योगदान O 8 B-NEN प्रतिशत O है O । O सिडबी B-NEO ने O अनुमान O लगाया O है O कि O एमएसएमई O क्षेत्र O की O कुल O ऋण O वित्त O मांग O 650 B-NEN अरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O है O । O और O , O आज O पीयरिंग O समझौते O पर O हस्ताक्षर O के O साथ O , O 1500 B-NEN से O अधिक O भारतीय O संस्थान O और O सिंगापुर B-NEL , O यूरोप B-NEL तथा O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL के O कई O विश्वविद्यालय O और O शिक्षा O केंद्र O अब O मालदीव B-NEL से O जुड़ O गए O हैं O । O निजी O तथा O सार्वजनिक O दोनों B-NEN क्षेत्रों O के O उन्हीं O बैंकों O को O बैंकिंग O सुधारों O का O लाभ O मिल O सकेगा O जो O इन O बदलावों O का O प्रभावी O रूप O से O लाभ O उठाने O योग्य O होंगे O । O इन O पूर्वानुमानित O बदलावों O को O संपूर्ण O रूप O से O अपना O कर O न O सिर्फ O भारतीय O बैंकों O को O वैश्विक O श्रेणी O का O बनाया O जा O सकता O है O बल्कि O उनके O द्वारा O अगले O पांच B-NEN वर्षों O में O भारतीय O अर्थव्यवस्था O को O विश्व O में O शीर्ष O चार B-NEN अर्थव्यवस्थाओं O में O भी O स्थान O मिल O सकता O है O । O 3. B-NEN नर्मदा B-NEL नदी O पर O सरदार B-NEAR सरोवर I-NEAR बांध I-NEAR को O पूरा O किया O गया O और O वितरण O नहर O नेटवर्क O को O सर्वोच्च O प्राथमिकता O दी O गई O ; O 5. B-NEN मौजूदा O नहर O प्रणाली O को O मजबूत O करने O , O भागीदारी O सिंचाई O प्रबंधन O और O माइक्रो O सिंचाई O को O बडे O पैमाने O पर O बढ़ावा O दिया O गया O ; O 6. B-NEN प्रति O बूंद O अधिक O फसल O की O अवधारणा O को O बढ़ावा O देने O और O जल O संरक्षण O के O लिए O किसानों O को O शिक्षित O करने O के O वास्ते O कृषि O विस्तार O गतिविधियों O को O एक B-NEN अभियान O के O रूप O में O शुरू O किया O गया O था O ; O 7. B-NEN यह O निर्णय O लिया O गया O कि O लोगों O को O अपने O घरों O में O पीने O का O पानी O मिलना O चाहिए O और O इसके O लिए O आवश्यक O कार्यों O को O पूरा O करने O के O लिए O तीन B-NEN संगठनों O के O रूप O में O पेयजल O आपूर्ति O क्षेत्र O को O पुनर्गठित O किया O गया O - O यद्यपि O आर O एंड O डी O पर O भारत B-NEL का O सकल O व्यय O जीडीपी O का O एक B-NEN प्रतिशत O रहा O है O । O वैश्विक O बाजार O में O लगभग O 22 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O रखने O वाली O भारत B-NEL की O आर O एंड O डी O सेवा O कंपनियों O ने O 12.7 B-NEN प्रतिशत O की O वृद्धि O की O । O अंतरराष्ट्रीय O समुदाय O द्वारा O उनके O एलईओ O उपग्रहों O को O लॉन्च O करने O के O लिए O पीएसएलवी O , O जीएसएलवी O और O जीएसएलवी O मार्क O - O III B-NEN लॉन्च O सेवा O में O अंतरिक्ष O के O अधिक O उपयोग O की O संभावना O है O । O परिणामस्वरूप O , O बड़े O पैमाने O पर O जल O संसाधनों O को O मजबूत O करने O और O घरेलू O अपशिष्ट O जल O के O प्रबंधन O के O साथ O - O साथ O जल O आपूर्ति O कार्य O को O एक B-NEN अभियान O के O रूप O में O शुरू O किया O गया O । O मार्गदर्शी O निर्देश O : O एक B-NEN लोकतांत्रिक O अवसर O लिहाजा O , O आज O भी O ज़मीनी O हकीकत O यही O है O कि O ज्यादातर O राज्य O सरकारें O और O पंचायत O प्रतिनिधि O खुद O को O विकास O संबंधी O केन्द्र O और O राज्य O के O अनुसूचित O 29 B-NEN विषयों O की O क्रियान्वयन O एजेन्सी O मात्र O ही O मानते O हैं O । O यह O अभियान O विभिन्न O संबद्ध O मंत्रालयों O / O विभागों O के O अधिकारियों O के O सक्रिय O सहयोग O से O विशेष O ग्राम O सभाओं O के O माध्यम O से O ग्राम O पंचायतों O द्वारा O नियोजन O के O लिए O एक B-NEN गहन O और O संरचित O प्रयास O है O । O लगभग O 57,89,185 B-NEN व्यक्तियों O को O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O से O संबंधित O प्रशिक्षण O प्रदान O किया O गया O है O । O तेलंगना B-NEL में O सिद्दीपेट B-NEL जिले O के O नारायणारावपेट B-NEL ब्लॉक O के O इब्राहिमपुर B-NEL गांव O में O हाल O में O ग्राम O पंचायत O द्वारा O न्यूनतम O शुल्क O के O साथ O सुरक्षित O पेयजल O , O शत B-NEN प्रतिशत O स्वच्छता O , O जल O संरक्षण O , O जैविक O खाद O , O मच्छर O मुक्त O गांव O और O गांव O के O घरों O के O लिए O सोलर O लाइट O जैसी O सेवाएं O उत्कृष्ट O तरीके O से O प्रदान O करने O के O प्रयासों O की O ओर O ध्यान O आकर्षित O करते O हैं O । O सिद्दीपेट B-NEL जिला O मुख्यालय O से O करीब O लगभग O 25 B-NEN किमी O दूर O स्थित O इस O गांव O की O आबादी O 1,119 B-NEN है O । O यहां O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O , O पेयजल O जैसे O क्षेत्रों O में O विशेष O विकास O नहीं O हुआ O था O , O लेकिन O व्यापक O जागरूकता O के O साथ O - O साथ O युवाओं O , O महिला O स्वयं O सहायता O समूहों O और O सक्रिय O ग्राम O सभाओं O की O गहन O सामुदायिक O भागीदारी O के O कारण O , O इब्राहिमपुर B-NEL सतत O विकास O के O लिए O एक B-NEN आदर्श O गांव O में O तब्दील O हो O गया O । O ग्राम O पंचायत O ने O एक B-NEN ' O एनी O टाइम O वॉटर O ' O मशीन O भी O स्थापित O की O है O , O जिससे O प्रत्येक O व्यक्ति O , O रिचार्ज O किया O जा O सकने O वाला O कार्ड O स्वाइप O करने O के O बाद O दिन O में O कम O से O कम O दो B-NEN से O तीन B-NEN बार O 20 B-NEN लीटर O पानी O ले O सकता O है O । O ग्राम O पंचायत O 3 B-NEN किलोवाट O सौर O ऊर्जा O से O संचालित O है O और O गांव O में O 50 B-NEN से O अधिक O घर O अपने O घरेलू O कामों O के O लिए O सौर O ऊर्जा O का O उपयोग O कर O रहे O हैं O । O सामाजिक O मोर्चे O पर O , O स्कूलों O में O मध्याह्न O भोजन O के O उचित O कार्यान्वयन O से O बच्चों O का O शत B-NEN - O प्रतिशत O नामांकन O सुनिश्चित O हुआ O है O । O हिमालयी O , O पूर्वोत्तर O व O अन्य O पहाड़ी O प्रदेश O तथा O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O अनुसूचित O जाति O - O जनजाति O आबादी O वाली O ग्राम O पंचायतों O को O 5 B-NEN प्रतिशत O सामुदायिक O अंशदान O देना O होगा O । O मातृ O एवं O शिशु O मृत्यु O दर O को O शून्य B-NEN पर O लाने O के O साथ O , O शत B-NEN - O प्रतिशत O टीकाकरण O लक्ष्य O प्राप्त O कर O लिया O गया O है O । O अन्य O पंचायतों O को O 10 B-NEN प्रतिशत O । O इब्राहिमपुर B-NEL ने O राष्ट्रीय O ग्रामीण O स्वास्थ्य O मिशन O ( O एनआरएचएम O ) O के O तहत O जननी O सुरक्षा O योजना O के O अभिसरण O से O गर्भवती O महिलाओं O के O लिए O शत B-NEN प्रतिशत O संस्थागत O प्रसव O और O नियमित O चिकित्सा O सुविधाएं O सुनिश्चित O की O हैं O । O राष्ट्रीय O सतत O कृषि O मिशन O के O तहत O ग्रामीणों O को O रियायती O दरों O पर O 60 B-NEN दुधारू O पशु O उपलब्ध O कराए O गए O । O इब्राहिमपुर B-NEL ने O एक B-NEN उदाहरण O पेश O किया O है O कि O कैसे O गतिविधियों O को O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O हम O विचार O करें O कि O कोई O अवसर O , O भले O ही O एक B-NEN पूरी O यात्रा O न O होता O हो O ; O किंतु O यात्रा O मार्ग O का O मील O का O ऐसा O पत्थर O जरूर O होता O है O , O जिसका O हासिल O होना O हमें O यात्रा O में O आगे O जाने O की O ऊर्जा O देता O है O । O प्रत्येक O गाँव O में O पाँच B-NEN व्यक्तियों O , O विशेषकर O महिलाओं O को O पानी O की O गुणवत्ता O का O परीक्षण O करने O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O । O सरकार O ने O पंचायती O राज O अधिनियम O के O तहत O एक B-NEN विशेष O प्रस्ताव O जारी O किया O । O इस O समिति O में O 10 B-NEN - O 15 B-NEN सदस्य O होते O हैं O जिनमें O 50 B-NEN प्रतिशत O महिलाएं O और O 25 B-NEN प्रतिशत O समाज O के O कमजोर O वर्गों O के O प्रतिनिधि O , O उनकी O आबादी O के O अनुपात O में O होते O हैं O । O औपचारिक O स्कूली O शिक्षा O प्रणाली O में O प्रवेश O करने O के O बाद O भी O , O परिवार O और O समुदाय O सीखने O के O प्रमुख O स्थान O बने O हुए O हैं O क्योंकि O बच्चे O अपना O 80 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O समय O घर O पर O बिताते O हैं O । O इसके O अतिरिक्त O , O विशेष O रूप O से O प्रारंभिक O वर्षों O में O प्रभावी O सामुदायिक O भागीदारी O सुनिश्चित O करने O से O स्थानीय O संदर्भ O , O संस्कृति O और O भाषा O को O बच्चे O की O शिक्षा O का O एक B-NEN अभिन्न O अंग O बनाया O जा O सकता O है O जो O सीखने O के O स्तर O को O सकारात्मक O रूप O से O प्रभावित O करता O है O । O विशेष O रूप O से O सूखाग्रस्त O उत्तरी B-NEL गुजरात I-NEL , O सौराष्ट्र B-NEL और O कच्छ B-NEL में O पानी O की O बढ़ती O मांग O को O पूरा O करने O के O लिए O जल O सुरक्षा O सुनिश्चित O करने O के O वास्ते O , O नर्मदा B-NEL के O पानी O को O नहर O नेटवर्क O की O एक B-NEN श्रृंखला O के O माध्यम O से O इन O क्षेत्रों O में O ले O जाया O गया O । O नर्मदा B-NEL से O बाढ़ O के O पानी O को O उत्तरी B-NEL गुजरात I-NEL और O सौराष्ट्र B-NEL के O जल O की O कमी O वाले O क्षेत्रों O में O अंतरित O करने O का O एक B-NEN अनूठा O तरीका O अपनाया O गया O जिसमें O नर्मदा B-NEL मुख्य O नहर O के O समानांतर O , O उत्तरी O तरफ O 332 B-NEN कि. O मी. O लंबी O सुजलाम B-NEAR सुफलाम I-NEAR नहर I-NEAR का O निर्माण O किया O गया O था O । O मौजूदा O 10 B-NEN + O 2 B-NEN प्रणाली O ने O एक B-NEN धारणा O बनाई O है O कि O शैक्षणिक O उपलब्धियों O के O मामले O में O 10वीं O और O 12वीं O कक्षाएँ O सबसे O महत्वपूर्ण O हैं O और O इन O कक्षाओं O में O बच्चों O को O अनिवार्य O रूप O से O अच्छा O प्रदर्शन O करने O की O आवश्यकता O है O । O इस O धारणा O को O बदलने O और O प्रारंभिक O कक्षाओं O पर O ध्यान O केंद्रित O करने O की O आवश्यकता O है O क्योंकि O ऐसे O पर्याप्त O सबूत O उपलब्ध O हैं O जो O स्पष्ट O रूप O से O दिखाते O हैं O कि O यदि O बच्चे O ग्रेड O 3 B-NEN तक O मूलभूत O कौशल O प्राप्त O करने O में O असमर्थ O हैं O , O तो O उच्च O कक्षा O में O उनके O लिए O पाठ्यक्रम O की O अपेक्षाओं O को O पूरा O करना O बहुत O मुश्किल O हो O जाता O है O । O जल O संरक्षण O अभियान O के O हिस्से O के O रूप O में O , O लगभग O 1.85 B-NEN लाख I-NEN चेकडैम O , O 3.22 B-NEN लाख I-NEN खेत O तालाब O और O बड़ी O संख्या O में O बोरिबंध O का O निर्माण O खेतों O में O पानी O देने O के O लिए O किया O गया O था O । O ग्रेड O 3 B-NEN वह O विभाजन O बिंदु O है O जहां O बच्चों O से O ' O सीखने O के O लिए O पढ़ने O ' O की O अपेक्षा O की O जाती O है O और O इस O स्तर O तक O यदि O बच्चे O ऐसा O नहीं O कर O पाते O तो O वे O अनिवार्य O रूप O से O पीछे O छूट O जाते O हैं O । O आठवें O वित्त O आयोग O के O समय O में O कुल O अंतरण O में O इस O राशि O का O 60.1 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O था O , O जो O दसवें O आयोग O के O समय O में O बढ़कर O 68.6 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O और O 12वें O आयोग O के O कार्यकाल O तक O इतना O ही O बना O रहा O । O (( O तेरहवें - वित्त - आयोग - के O समय O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O के O पुनर्गठन O के O कारण O वित्त O आयोग O से O इतर O अंतरण O बढ़कर O करीब O 32 B-NEN प्रतिशत O हो O गए O । O लेकिन O चौदहवें O वित्त O आयोग O की O सिफारिशों O के O बाद O केंद्रीय O कर O प्राप्तियों O की O हिस्सेदारी O 32 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़कर O 42 B-NEN प्रतिशत O हो O गई O , O जो O अब O तक O की O सबसे O अधिक O वृद्धि O थी O । O कुल O अंतरण O में O वित्त O आयोग O के O अनुदानों O की O हिस्सेदारी O भी O बढ़कर O 74 B-NEN प्रतिशत O हो O गई O । O केंद्रीय O कर O प्राप्तियों O में O से O हिस्सेदारी O में O 10 B-NEN प्रतिशत O की O भारी O वृद्धि O राज्यों O को O अधिक O राजकोषीय O स्वायत्तता O प्रदान O करने O के O उद्देश्य O की O ओर O संकेत O करती O है O , O जिससे O वे O खर्च O की O अपनी O प्राथमिकताएं O तय O कर O सकें O और O खुद O आकलन O कर O राज्य O के O लिए O जरूरी O विकास O योजनाएं O शुरू O कर O सकें O । O उनका O आत्मकथा O आधारित O उपन्यास O ' O कारे B-NEAR जहां I-NEAR दराज़ I-NEAR है I-NEAR ' O प्रकाशन O विभाग O की O एक B-NEN अन्य O पत्रिका O आजकल O ( O उर्दू O मासिक O ) O में O क्रमानुसार O प्रकाशित O किया O गया O था O । O पांचवीं O पंचवर्षीय O योजना O के O अंत O में O इनकी O संख्या O 190 B-NEN थी O , O जो O नवीं O योजना O के O अंत O में O बढ़कर O 360 B-NEN हो O गई O और O 12वीं O योजना O के O आरंभ O में O 66 B-NEN हो O गई O । O नीति O आयोग O के O अंतर्गत O गठित O उप O - O समूह O द्वारा O पेश O रिपोर्ट O की O सिफारिशों O के O आधार O पर O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O की O संख्या O 66 B-NEN से O घटाकर O 28 B-NEN कर O दी O गई O । O बड़े O राज्यों O हेतु O प्रमुख O योजनाओं O के O लिए O वित्त O जुटाने O का O तरीका O 70:30 B-NEN ( O केंद्र O : O राज्य O ) O से O बदलकर O 60:40 B-NEN कर O दिया O गया O । O राज्यों O को O योजनाओं O के O अंतर्गत O अपनी O जरूरतों O के O लिए O 10 B-NEN प्रतिशत O के O बजाय O 25 B-NEN प्रतिशत O राशि O खर्च O करने O की O छूट O दी O गई O । O यह O एक B-NEN स्वायत्त O निकाय O है O जो O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO के O माध्यमिक O और O उच्च O शिक्षा O के O अंतर्गत O आता O है O । O वस्तु O एवं O सेवा O कर O का O क्रियान्वयन O स्वतंत्र O भारत O के O सबसे O बड़े O वित्तीय O सुधारों O में O से O एक B-NEN था O । O उर्दू O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भारतीय O भाषा O है O जिसे O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR की O आठवीं O अनुसूची O में O शामिल O किया O गया O है O । O इनका O एक B-NEN महत्वपूर्ण O पहलू O सत्तारूढ़ O पार्टी O से O संबंधित O होता O है O । O ये O सत्तारूढ़ O पार्टी O पर O एक B-NEN तरह O की O बंदिशें O हैं O ताकि O वे O चुनाव O से O पहले O सत्ता O में O रहने O का O फायदा O उठाते O हुए O मतदाताओं O को O अनुचित O तरीके O से O अपने O पक्ष O में O न O कर O सकें O और O चुनाव O में O सभी O उम्मीदवारों O को O बराबरी O का O मौका O मिले O । O अगर O सभी O चुनाव O एक B-NEN साथ O हुए O तो O चुनाव O आचार O संहिता O के O तहत O लगने O वाले O प्रतिबंध O भी O एक B-NEN साथ O ही O लग O जाएंगे O । O पश्चिम O में O हुए O एक B-NEN शोध O में O यह O बात O सामने O आई O है O कि O युवाओं O में O लिखित O पुस्तकों O को O पढ़ने O का O प्रचलन O काफी O कम O हो O गया O है O । O लोकसभा O चुनाव O में O आदर्श O आचार O संहिता O केन्द्र O और O राज्य O , O दोनों B-NEN ही O सरकारों O पर O लागू O होती O है O । O प्रकाशन O के O क्षेत्र O में O एक B-NEN नई O रुचि O भारतीय O भाषाओं O के O अनुवाद O के O रूप O में O पैदा O हुई O है O जिससे O साहित्यिक O परम्पराओं O का O आदान O - O प्रदान O संभव O हो O पा O रहा O है O । O स्थानीय O निकायों O के O चुनाव O का O आयोजन O अन्य O चुनावों O के O साथ O कराने O के O लिए O उन्हीं O चुनावकर्मियों O को O एक B-NEN ही O समय O में O दो B-NEN अलग O - O अलग O प्राधिकारियों O से O चुनाव O संबंधी O दिशानिर्देश O लेने O होंगे O , O हालांकि O इसमें O मुद्दे O एक B-NEN जैसे O होंगे O । O यह O भी O संभव O है O सभी O मामलों O में O उन्हें O अनिवार्य O रूप O से O एक B-NEN जैसे O निर्देश O मिलें O । O इसलिए O ऐसी O नौबत O आ O सकती O है O जब O चुनाव O को O चुनौती O देने O का O आधार O बना O वही O मुद्दा O दो B-NEN अलग O - O अलग O अदालतों O में O उठे O । O यह O ऐसे O वक्त O में O आया O है O , O जब O अर्थव्यवस्था O पर O पिछले O दो B-NEN साल O में O सरकार O की O तरफ O से O किए O गए O दो B-NEN ढांचागत O सुधारों O ( O नोटबंदी O और O जीएसटी O लागू O होना O ) O का O सकारात्मक O असर O दिख O रहा O है O । O देश O भर O में O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O एक B-NEN साथ O आयोजित O करने O से O अपने O लोकतांत्रिक O अधिकार O का O उपयोग O करने O को O आने O वाले O मतदाताओं O की O संख्या O काफी O बढ़ाई O जा O सकती O है O क्योंकि O पांच B-NEN साल O में O एक B-NEN बार O चुनावों O के O आयोजन O से O सभी O वर्गों O के O मतदाता O बडे O उत्साहपूर्वक O मतदान O में O हिस्सा O लेंगे O । O यानी O एक B-NEN ही O मुद्दे O को O लेकर O लोकसभा O / O विधानसभा O चुनाव O के O लिए O उच्च B-NEO न्यायालय I-NEO में O और O स्थानीय O निकाय O के O चुनाव O के O लिए O जिला O अदालत O में O याचिका O दी O जा O सकती O है O । O अगर O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O का O एक B-NEN नियमित O चक्र O निर्धारित O कर O दिया O जाए O तो O इससे O मतदाताओं O में O ऊब O और O शहरी O मतदाताओं O में O आम O तौर O पर O देखी O जाने O वाली O चुनाव O के O प्रति O अरुचि O की O समस्या O का O समाधान O किया O जा O सकता O है O । O ऐसे O वक्त O में O जब O आर्थिक O गतिविधियों O के O सभी O सूचकांकों O में O बेहतरी O नजर O आ O रही O है O , O इस O बजट O का O इरादा O इसके O लिए O राह O बनाना O और O आने O वाले O वर्षों O में O भारत B-NEL की O वृद्धि O दर O 8 B-NEN फीसदी O करने O के O लिए O अनुकूल O आर्थिक O माहौल O बनाना O है O । O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O के O प्रस्ताव O पर O पहले O भी O चर्चाएं O हुई O हैं O । O तीन B-NEN अहम O सब्जियों O - O टमाटर O , O प्याज O और O आलू O से O जुड़ी O ' O फसलों O की O कीमत O में O असंतुलन O को O रोकने O के O लिए O " O ऑपरेशन O ग्रीन O " O नामक O नई O योजना O का O ऐलान O किया O गया O है O , O जो O " O ऑपरेशन O फ्लड O " O की O तरह O काम O करेगा O । O इस O बजट O में O यह O भी O ऐलान O किया O गया O है O कि O 100 B-NEN करोड़ I-NEN तक O के O टर्नओवर O वाली O इस O तरह O की O किसान O उत्पादक O कंपनियों O को O इनकम O टैक्स O में O छूट O मिलेगी O । O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O के O लिए O सरकार O के O बजटीय O प्रस्तावों O से O 321 B-NEN करोड़ I-NEN मानव O दिवस O का O रोजगार O तैयार O होगा O , O कृषि O विकास O को O बढ़ावा O मिलने O के O अलावा O 51 B-NEN लाख I-NEN नए O ग्रामीण O घर O , O 1.88 B-NEN करोड़ I-NEN शौचालय O , O 3.17 B-NEN लाख I-NEN ग्रामीण O सड़कें O और O 1.75 B-NEN करोड़ I-NEN नए O घरेलू O बिजली O के O कनेक्शन O बनेंगे O । O 6,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O लागत O की O अटल O भूजल O योजना O का O उद्देश्य O सामुदायिक O भागीदारी O पर O जोर O देते O हुए O भूजल O के O सतत O प्रबंधन O में O मदद O करना O और O सात B-NEN राज्यों O के O 78 B-NEN जिलों O की O 8,353 B-NEN ग्राम O पंचायतों O के O अंतर्गत O पानी O की O कमी O वाले O इलाके O के O रूप O में O चिह्नित O क्षेत्रों O में O भूजल O के O सतत O प्रबंधन O के O लिए O पानी O के O मांग O पक्ष O को O ध्यान O में O रखकर O कार्रवाई O करना O है O । O अटल O भूजल O योजना O देश O के O लिए O अत्यंत O महत्वपूर्ण O समय O पर O आयी O है O जब O हमारे O करीब O 22 B-NEN प्रतिशत O भूजल O संसाधन O या O तो O नाजुक O या O अत्यधिक O दोहन O वाली O श्रेणी O में O आ O चुके O हैं O । O जिन O 6,881 B-NEN इकाइयों O का O मूल्यांकन O किया O गया O उनमें O से O 1,499 B-NEN या O तो O नाजुक O या O अत्यधिक O दोहन O वाली O श्रेणी O में O पहुंच O गयी O थी O । O यह O भी O पाया O गया O कि O अगर O हमारे O देश O में O जल O संसाधनों O का O प्रमुख O रूप O से O उपयोग O करने O वाला O केवल O कृषि O क्षेत्र O , O पानी O के O किफायत O से O उपयोग O करने O के O तौर O - O तरीकों O को O अपनाकर O 10 B-NEN प्रतिशत O पानी O की O भी O बचत O कर O ले O तो O अगले O 50 B-NEN साल O तक O सबको O पानी O उपलब्ध O कराया O जा O सकेगा O । O दरअसल O , O यह O अपने O बेहद O सूक्ष्म O आकार O ( O 100 B-NEN नैनोमीटर O , O 1 B-NEN नैनोमीटर O = O 1 B-NEN मिलीमीटर O के O 10 B-NEN लाख I-NEN बराबर O हिस्सों O का O एक B-NEN हिस्सा O ) O के O कारण O पदार्थ O के O भौतिक O , O रासायनिक O , O इलेक्ट्रॉनिक O , O थर्मल O , O चुंबकीय O आदि O गुणों O को O बदलने O में O सक्षम O है O । O पदार्थ O के O 3 B-NEN - O डी O ढांचे O में O जब O आयामों O को O एक B-NEN - O एक B-NEN करके O घटाकर O नैनो O - O आकार O में O लाया O जाता O है O , O तब O इसके O बाद O बने O नैनो O ढांचों O को O क्रमशः O थिन O - O फिल्म O , O नैनो O - O वायर O और O क्वांटम O - O डॉट O कहा O जाता O है O । O त्वरित O सिंचाई O लाभ O कार्यक्रम O ( O ए. O आई. O बी. O पी. O ) O , O हर O खेत O को O पानी O ( O एच. O के. O के. O पी. O ) O , O पर O ड्रॉप O मोर O क्रॉप O यानी O हर O बूंद O से O अधिक O फसल O और O जलसंभर O विकास O की O चार B-NEN सूत्री O परिकल्पना O के O मजबूत O स्तंभों O पर O आधारित O यह O योजना O 50,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O परिव्यय O से O स्थापित O की O गयी O थी O । O मंत्रालय O इस O तरह O की O कई O पहलों O का O नेतृत्व O कर O रहा O है O जिनसे O एक B-NEN ओर O देश O का O पानी O के O मामले O में O लचीलापन O बढ़ेगा O वहीं O दूसरी B-NEN ओर O करोड़ों B-NEN लोगों O को O स्वच्छ O पेय O जल O मिल O पाएगा O । O कपड़ों O में O नैनो O प्रौद्योगिकी O के O विभिन्न O इस्तेमाल O के O बारे O में O रेखाचित्र O - O 1 B-NEN में O बताया O गया O है O । O अस्पतालों O व O स्वास्थ्य O सेवा O प्रदाताओं O हेतु O राष्ट्रीय B-NEO प्रमाणन I-NEO बोर्ड I-NEO भारतीय B-NEO गुणवत्ता I-NEO परिषद I-NEO के O तहत O एक B-NEN अन्य O प्रणाली O है O जो O शिकायतों O व O अपीलों O को O देखता O है O । O * O घरों O की O कुल O संख्या O 19,19,10,552 B-NEN 19,19,10,552 I-NEN * O मौजूदा O समय O में O जल O आपूर्ति O के O लिए O नल O के O कनेक्शन O वाले O घरों O की O संख्या O - O 1,13,717 B-NEN 7,01,17,638 I-NEN ( O 36.54 B-NEN % O ) O अस्पतालों O व O स्वास्थ्य O सेवाप्रदाताओं O हेतु O राष्ट्रीय B-NEO प्रमाणन I-NEO बोर्ड I-NEO भारतीय B-NEO गुणवत्ता I-NEO परिषद I-NEO का O एक B-NEN संघटक O बोर्ड O है O जिसका O गठन O हेल्थकेयर O संगठनों O हेतु O मान्यता O कार्यक्रमों O की O स्थापना O व O परिचालन O के O लिए O हुआ O है O । O इन O घरों O की O संख्या O जिनमें O मिशन O शुरू O होने O के O बाद O नल O के O जरिये O पानी O का O कनेक्शन O मुहैया O कराया O गया O 3,77,54,800 B-NEN * O एक B-NEN ही O जीआईएस O व्यू O में O क्षेत्रों O / O मंडलों O / O प्रभागों O में O यात्री O एवं O माल O गाड़ियों O का O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O आइएमए B-NEO में O एक B-NEN आइएमए B-NEO मध्यस्थता O व O शिकायत O कक्ष O है O जो O शिकायतों O को O प्राप्त O करता O है O और O महीने O में O एक B-NEN बैठक O करता O है O तथा O दर्ज़ O शिकायतों O पर O चर्चा O करता O है O और O अपने O राज्य O मुख्यालयों O व O अन्य O इकाइयों O के O माध्यम O से O उनका O समाधान O करता O है O । O आइएमए B-NEO एचक्यू O मध्यस्थता O , O सुलह O व O शिकायत O समाधान O कक्ष O को O 162 B-NEN शिकायतें O प्राप्त O हुईं O जिनमें O से O 88 B-NEN शिकायतें O राज्य O व O स्थानीय O शाखाओं O से O संबंधित O थीं O और O मुख्यालय O में O 55 B-NEN शिकायतों O का O समाधान O किया O गया O , O लंबित O शिकायतों O की O संख्या O 19 B-NEN थी O । O चिकित्सा O एक B-NEN श्रेष्ठ O कार्य O है O और O चिकित्सकों O को O अपने O इस O कार्य O को O कौशल O व O ज्ञान O से O जोड़ना O चाहिए O और O सेवा O का O भाव O ज़रूर O रखना O चाहिए O । O * O यह O ऐप O मालढुलाई O से O संबंधित O सभी O संपत्तियों O का O एक B-NEN ही O विंडो O में O सिंहावलोकन O करने O की O सुविधा O प्रदान O करता O है O । O दिल्ली B-NEL व O गुड़गांव B-NEL के O कुछ O निजी O अस्पतालों O के O साथ O देश O भर O के O विभिन्न O हिस्सों O में O स्थित O सरकारी O अस्पतालों O के O हालिया O हाइ O प्रोफाइल O मामलों O से O यह O साफ O होता O है O कि O एक B-NEN स्पष्ट O व O व्यावहारिक O शिकायत O व O परिवाद O निवारण O प्रणाली O के O गठन O व O कार्यान्वयन O की O काफी O आवश्यकता O है O जो O रोगी O व O आम O जन O के O लिए O सहज O हो O और O उपलब्धता O व O गुणवत्ता O में O सुधार O हो O । O जहां O एक B-NEN ओर O योजना O आयोग O ने O निधियों O के O संवितरणकर्ता O के O रूप O में O कार्य O किया O , O वहीं O नीति O आयोग O समस्त O हितधारकों O विशेषकर O राज्यों O - O जो O देश O में O आर्थिक O विकास O को O प्रोत्साहन O देने O के O प्रधान O एजेंट O हैं O , O के O साथ O चिंतन O साझेदार O ( O थॉट O पार्टनर O ) O के O रूप O में O कार्य O करता O है O । O सांसद O क्षेत्र O विकास O योजना O 12वीं B-NEN पंचवर्षीय O के O बाद O भी O जारी O योजना O के O तहत O अगले O तीन B-NEN वर्ष O तक O 3,950 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O वार्षिक O आवंटन O होगा O और O कुल O व्यय O करोड़ B-NEN रुपये O होगा O । O योजना O आयोग O ने O उल्लेखनीय O रूप O से O , O भारतीय O राज्यों O के O लिए O “ O वन B-NEN साइज O फिट्स O ऑल O ' O यानी O ' O सबके O लिए O एक B-NEN जैसा O ' O वाला O दृष्टिकोण O अपनाया O । O इसके O अलावा O स्वतंत्र O एजेंसियों O द्वारा O निगरानी O के O लिए O और O राज्य O / O जिला O अधिकारियों O के O क्षमता O निर्माण O / O प्रशिक्षण O के O लिए O हर O वर्ष O 5 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O आवंटन O भी O किया O जाएगा O । O जहां O एक B-NEN ओर O , O योजना O आयोग O राज्यों O की O राजकोषीय O संप्रभुता O का O अतिक्रमण O करता O था O , O वहीं O अब O वे O “ O टॉप O - O डाउन O डायरेक्शन O ' O का O पालन O करने O के O लिए O अधिदेशित O होने O के O स्थान O पर O अपनी O धनराशि O का O सर्वोत्तम O उपयोग O करने O का O अधिकार O रखते O हैं O । O ध्यान O देने O योग्य O बात O यह O है O कि O दोहरे O अधिदेशों O वाले O ये O दोनों B-NEN स्तंभ O एक O - O दूसरे O के O पूरक O हैं O तथा O साझा O उद्देश्यों O के O लिए O केंद्र O और O राज्यों O का O मार्गदर्शन O करते O हुए O , O तथापि O राज्य O विशेष O के O अनुरूप O क्रमबद्ध O रूप O से O लागू O किए O जा O रहे O हैं O । O पूर्वोत्तर O के O नीति O फोरम O की O स्थापना O की O गई O है O और O नीति O फोरम O द्वारा O उपलब्ध O कराए O गए O पांच B-NEN स्तंभों O सहित O समग्र O ढांचे O के O अंतर्गत O पूर्वोत्तर O परिषद O की O साझेदारी O से O राज्यों O द्वारा O क्षेत्र O विशेष O से O संबंधित O ठोस O प्रस्तावों O को O लागू O किया O जा O रहा O है O । O * O एकल O ब्रांड O खुदरा O व्यापार O के O लिए O स्वतः O ( O ऑटोमैटिक O ) O 100 B-NEN प्रतिशत O एफडीआई O । O हिमालयी B-NEO राज्य I-NEO क्षेत्रीय I-NEO परिषद I-NEO के O गठन O तथा O इन O राज्यों O में O स्थित O तेरह B-NEN केंद्रीय O विश्वविद्यालयों O के O गठबंधन O की O स्थापना O के O साथ O ही O पहला O कदम O उठाया O जा O चुका O है O । O * O निर्माण O क्षेत्र O में O भी O 100 B-NEN प्रतिशत O स्वतः O एफडीआई O । O ये O विश्वविद्यालय O सभी O 13 B-NEN हिमालयी O राज्यों O के O समान O मसलों O के O बारे O में O शोध O कार्य O कर O रहे O हैं O । O * O विदेशी O विमानन O कंपनियों O को O मंजूरी O के O जरिये O एयर B-NEO इंडिया I-NEO में O 49 B-NEN प्रतिशत O तक O निवेश O की O अनुमति O । O 19वीं B-NEN सदी O का O नवजागरण O जो O कि O मूलतः O हिंदुओं O का O ही O नवजागरण O था O , O हिंदी O को O संस्कृत O से O संबद्ध O कर O उसका O विकास O आरंभ O किया O । O सरकार O ने O एफडीआई O के O लिए O निवेशकों O के O अनुकूल O नीति O बनाई O है O , O जिसके O तहत O अधिकतर O क्षेत्रों O / O गतिविधियों O में O स्वतः O मार्ग O से O 100 B-NEN प्रतिशत O तक O एफडीआई O की O अनुमति O है O । O नागरी O लिपि O में O पत्र O - O पत्रिकाओं O का O प्रकाशन O व O साहित्य O सृजन O 19वीं B-NEN सदी O के O उत्तरार्ध O में O तेजी O से O बढ़ा O । O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ( O एनईसी B-NEO ) O भारत B-NEL के O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O आर्थिक O और O सामाजिक O विकास O के O लिए O बनी O एक B-NEN आधारभूत O संस्था O है O । O राष्ट्रीय O भावना O के O विकास O के O साथ O जुड़ O कर O हिंदी O भाषा O व O नागरी O लिपि O का O तेज O विकास O 20वीं B-NEN सदी O के O पूर्वार्ध O में O हुआ O । O इसके O सदस्य O भारत B-NEL के O पूर्वोत्तर O के O आठ B-NEN राज्य O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL , O असम B-NEL , O मणिपुर B-NEL , O मेघालय B-NEL , O मिज़ोरम B-NEL , O नागालैण्ड B-NEL , O सिक्किम B-NEL और O त्रिपुरा B-NEL हैं O और O इनके O मुख्यमंत्री O राज्य O का O प्रतिनिधित्व O करते O हैं O । O इस O प्रकार O हिंदी O भाषा O और O नागरी O लिपि O का O विकास O एक B-NEN नया O रूप O ले O सका O । O इस O हिंदी O प्रदेश O में O लगभग O 8 B-NEN प्रमुख O बोलियां O हैं O , O जिनका O अपना O समृद्ध O साहित्य O और O उनकी O प्राचीन O परंपरा O भी O है O । O अपनी O शुरूआत O से O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O क्षेत्र O में O 9800 B-NEN किमी O सड़क O , O 77 B-NEN पुल O और O 12 B-NEN अंतरराज्जीय O बस O टर्मिनल O / O ट्रक O टर्मिनल O को O स्वीकृत O और O पूर्ण O किया O है O । O परिषद O ने O भारतीय O विमानपत्तन O प्राधिकरण O के O साथ O मिलकर O क्षेत्र O में O दस B-NEN हवाईअड्डों O जैसे O गुवाहाटी B-NEL , O , O जोरहाट B-NEL , O डिब्रुगढ़ B-NEL , O दीमापुर B-NEL , O सिलचर B-NEL , O तेजपुर B-NEL , O इंफाल B-NEL , O अगरतला B-NEL और O उमरोई B-NEL ( O मेघालय B-NEL ) O को O उन्नत O किया O है O । O अपनी O शुरूआत O से O ही O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O क्षेत्र O में O स्थापित O क्षमता O के O अतिरिक्त O 694.50 B-NEN मेगावाट O का O योगदान O दिया O है O , O इसमें O 630 B-NEN मेगावाट O जल O विद्युत O और O 64.50 B-NEN तापीय O विद्युत O शामिल O हैं O । O प्रणाली O में O सुधार O के O लिए O 62 B-NEN योजनाओं O के O अंतर्गत O प्रेषण O , O उप O - O प्रेषण O और O वितरण O और O उप O - O केंद्र O को O उन्नत O करने O का O कार्य O किया O गया O । O इसमें O पूरे O क्षेत्र O में O फैली O 2022.52 B-NEN सर्किट O किलोमीटर O लंबी O प्रेषण O / O वितरण O लाइनें O और O 1494.80 B-NEN एमवीए O क्षमता O के O उप O - O केंद्र O शामिल O हैं O । O एक B-NEN समय O इस O बात O पर O जोर O था O कि O हिंदी O में O अधिकांश O शब्द O संपदा O संस्कृत O की O ही O हो O । O हिंदी O सूचना O - O संप्रेषण O - O बाजार O की O तथा O राष्ट्रीय O संपर्क O की O भाषा O के O रूप O में O पिछले O 70 B-NEN वर्षों O में O विकसित O हुई O है O । O यह O हमें O शिक्षा O , O अनुसंधान O , O नवाचार O और O उद्यमिता O के O क्षेत्र O में O मौजूद O अवसरों O की O एक B-NEN श्रृंखला O का O पता O लगाने O में O सक्षम O करेगा O । O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO , O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O विकास O के O लिए O मंत्रालय O के O अधीन O एक B-NEN विधायी O संस्था O है O और O पूर्वोत्तर O परिषद O अधिनियम O , O 1971 O , O ( O संशोधित O ) O अधिनियम O , O 2002 O के O अनुरूप O कार्य O करती O है O । O बाढ़ O के O मानचित्रण O में O चार B-NEN तत्व O होते O हैं O : O ( O 1 B-NEN ) O नदी O के O स्तर O में O ऊर्ध्वाधर O वृद्धि O , O ( O 2 B-NEN ) O बाढ़ O के O बढ़ने O की O दर O , O ( O 3 B-NEN ) O प्रवाह O वेग O , O और O ( O 4 B-NEN ) O नदी O के O बाद O के O समतल O क्षेत्र O में O आने O वाली O पार्श्व O बाढ़ O । O दोनों B-NEN देशों O के O नीति O निर्माता O इस O बात O से O भली O - O भांति O परिचित O हैं O कि O हमारा O शैक्षिक O सहयोग O कितना O बड़ा O अंतर O ला O सकता O है O । O यह O अभियान O शहरी O और O ग्रामीण O दोनों B-NEN क्षेत्रों O में O चलाया O जाएगा O । O इस O योजना O का O उद्देश्य O भारत B-NEL के O सात B-NEN राज्यों O - O गुजरात B-NEL , O हरियाणा B-NEL , O कर्नाटक B-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL , O राजस्थान B-NEL , O और O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O भूजल O प्रबंधन O में O सुधार O करना O है O । O इस O योजना O से O इन O सात B-NEN राज्यों O के O 78 B-NEN जिलों O की O लगभग O 8350 B-NEN ग्राम O पंचायतों O को O लाभ O होगा O । O 2.86 B-NEN करोड़ I-NEN घरेलू O नल O कनेक्शनों O के O साथ O सभी O 4,378 B-NEN शहरी O स्थानीय O निकायों O में O सार्वभौमिक O जल O आपूर्ति O के O लिए O जल O जीवन O मिशन O ( O शहरी O ) O शुरू O करने O की O घोषणा O की O गई O , O साथ O ही O 500 B-NEN अमृत O शहरों O में O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O के O लिए O 5 B-NEN साल O के O वास्ते O 2,87,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O व्यवहार्यता O अध्ययन O पूरा O करने O और O सामाजिक O - O आर्थिक O प्रभावों O , O पर्यावरणीय O प्रभावों O और O आर्थिक O व्यवहार्यता O के O संबंध O में O वैयक्तिक O परियोजनाओं O के O मूल्यांकन O के O मानदंडों O पर O मार्गदर्शन O प्रदान O करने O के O लिए O एक B-NEN कार्य O योजना O बनाने O की O दिशा O में O कार्यबल O को O आगे O बढ़ाया O गया O । O इनका O पत्रकारिता O के O क्षेत्र O में O 20 B-NEN वर्ष O का O अनुभव O है O । O 11 B-NEN अफ्रीकी O देशों O में O जल O संबंधी O नीतियों O का O अध्ययन O करने O के O लिए O संदर्भ O समूह O का O भी O सदस्य O रहा O । O कोंकण B-NEL क्षेत्र O के O एक B-NEN सांसद O के O रूप O में O मैंने O सांसद O स्थानीय O क्षेत्र O विकास O योजना O के O तहत O पेयजल O , O पुलों O और O बिजली O जैसी O महत्त्वपूर्ण O परियोजनाओं O पर O कार्य O किया O । O भारत B-NEL ने O 30 B-NEN अंकों O की O छलांग O लगाकर O अब O 103वें O स्थान O पर O अपनी O जगह O बना O ली O है O । O मैं O जल O संरक्षण O तथा O प्रबंधन O पर O संसदीय O मंच O से O भी O जुड़ा O रहा O तथा O वर्ल्ड O वॉटर O फोरम O में O एक B-NEN विचारक O नेता O के O रूप O में O भी O कार्य O किया O । O अब O स्थिति O में O जो O सुधार O हुआ O है O , O उसका O एक B-NEN कारण O दिवालिया O कानून O में O होने O वाले O तमाम O बदलाव O भी O हैं O । O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR का O अनुच्छेद O 243ज B-NEN पंचायत O प्रणाली O की O समावेशी O , O समुदाय O संचालित O और O समग्र O नियोजन O प्रक्रिया O के O माध्यम O से O आर्थिक O विकास O और O सामाजिक O न्याय O को O अनिवार्य O करता O है O , O जिससे O ये O संस्थान O स्थानीय O स्वशासन O निकायों O के O रूप O में O विकसित O होते O हैं O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO अपनी O स्थापना O के O बाद O से O , O एक B-NEN अभिसृत O और O प्रभावी O तरीके O से O विकेन्द्रीकृत O भागीदारी O योजना O को O बढ़ावा O देने O सहित O कई O पहलों O के O माध्यम O से O पंचायती O राज O संस्थानों O के O क्षमता O निर्माण O के O लिए O प्रयास O कर O रहा O है O । O इस O संहिता O ने O इन O दोनों B-NEN स्थितियों O को O आसान O बनाने O का O रास्ता O सुझाया O है O । O इसका O एक B-NEN कारण O कानूनों O की O जटिलता O थी O । O दिवालिया O समाधान O के O लिए O हमारे O देश O में O लगभग O 12 B-NEN कानून O हैं O । O टाइड O अनुदान O के O संबंध O में O , O कुल O अनुदान O का O 30 B-NEN प्रतिशत O पेयजल O , O वर्षा O जल O संचयन O और O जल O पुनर्चक्रण O के O लिए O उपयोग O किया O जाएगा O , O और O कुल O अनुदान O का O 30 B-NEN प्रतिशत O स्वच्छता O और O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ओडीएफ O ) O स्थिति O के O रखरखाव O के O लिए O उपयोग O किया O जाएगा O । O कवर O 2 B-NEN का O शेष O इनके O अतिरिक्त O दो B-NEN कानून O - O प्रेसीडेंसी O टाउन O दिवालियापन O 1909 O और O प्रांतीय O दिवालियापन O अधिनियम O 1920 O व्यक्तियों O के O दिवालिया O होने O से O संबंधित O थे O । O महाराष्ट्र B-NEL : O साठ B-NEN साल O से O ज्यादा O का O सफर O कम O से O कम O एक B-NEN बार O पूरे O विषय O को O फिर O से O पढ़ना O चाहिए O और O तीसरी O बार O पढ़ने O पर O नोट्स O तैयार O करने O चाहिए O राज्य O में O मानव O वास O की O पुरातनता O पाषाण O काल O ( O 1.27 B-NEN मिलियन I-NEN वर्ष O पूर्व O ) O तक O जाती O है O । O राज्य O पर O एक B-NEN लंबे O समय O तक O चलने O वाला O शासन O सातवाहनों O का O था O ( O पहली O शताब्दी O ईसा O पूर्व O से O तीसरी O शताब्दी O ई. O ) O । O सातवाहनों O ने O इन O शासकों O को O 78 B-NEN ई. O में O पराजित O किया O और O उनकी O भूमि O पर O फिर O से O कब्जा O किया O । O विदर्भ B-NEL में O शासन O करने O वाली O उनकी O दो B-NEN शाखाएं O थीं O । O महाराष्ट्र B-NEL पर O कुछ O शासकों O ने O 6वीं O - O 7वीं O शताब्दी O ई. O में O कलचुरी B-NEL ( O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL ) O और -NEL (( O पश्चिमी - चालुक्य - ( O कर्नाटक B-NEL ) O की O तरह O शासन O किया O था O , O लेकिन O 8वीं O शताब्दी O ईसवी O में O एक B-NEN स्थाई O शासन O शुरू O हुआ O (( O राष्ट्रकूट O सत्ता O में O आए O । O इसलिए O जहां O एक B-NEN ओर O अंतरिक्ष B-NEO विज्ञान I-NEO एवं I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO केंद्र I-NEO ( O एसएसटीसी B-NEO वर्तमान O में O बीएसएससी B-NEO ( O विक्रम B-NEO साराभाई I-NEO अंतरिक्ष I-NEO केंद्र I-NEO ) O ) O की O स्थापना O के O साथ O ही O त्रिवेंद्रम B-NEL ( O अब O तिरुअनंतपुरम B-NEL ) O परिज्ञापी O रॉकेट O ( O साउंडिंग O रॉकेट O ) O , O ठोस O प्रणोदकों O ( O सॉलिड O प्रोपेलेंट्स O ) O आदि O का O केंद्र O बन O गया O , O वहीं O दूसरी O ओर O परीक्षणात्मक B-NEO उपग्रह I-NEO संचार I-NEO भू I-NEO - I-NEO स्टेशन I-NEO यानी O एक्सपेरिमेंटल B-NEO सेटेलाइट I-NEO कम्युनिकेशन I-NEO अर्थ I-NEO स्टेशन I-NEO [ O ईएससीईएस B-NEO वर्तमान O में O एसएसी B-NEO ( I-NEO अंतरिक्ष I-NEO उपयोग I-NEO केंद्र I-NEO ) I-NEO ] O के O रूप O में O नीतभार O विकास O ( O पेलोड O डेवलपमेंट O ) O और O संबंधित O इलेक्ट्रॉनिक्स O का O आधार O अहमदाबाद B-NEO केंद्र I-NEO में O था O । O वर्तमान O में O 18,000 B-NEN से O अधिक O के O कुल O कार्यबल O के O साथ O इसरो B-NEO के O प्रतिष्ठान O देश O के O कई O हिस्सों O में O काम O कर O रहे O हैं O , O जिनमें O से O प्रत्येक O किसी O विशिष्ट O क्षेत्र O पर O ध्यान O केंद्रित O कर O रहा O है O । O दो B-NEN प्रायोगिक O पृथ्वी O पर्यवेक्षण O उपग्रहों O भास्कर B-NEAR - I-NEAR I I-NEAR और I-NEAR II I-NEAR , O ने O जटिल O परिचालन O सुदूर O संवेदन O उपग्रहों O के O निर्माण O के O लिए O पर्याप्त O अनुभव O और O विश्वास O प्रदान O किया O । O आर्यभट्ट B-NEAR , O दोनों B-NEN भास्कर B-NEAR और O साथ O ही O साथ O एप्पल B-NEAR का O प्रक्षेपण O निःशुल्क O किया O गया O , O जिससे O भारत B-NEL की O सफल O अंतरराष्ट्रीय O अंतरिक्ष O सहयोग O नीति O परिलक्षित O होती O है O । O दूसरी O बार O पढ़ने O के O बाद O इसे O इतना O छोटा O बना O लिया O जाना O चाहिए O , O ताकि O आप O परीक्षा O से O ठीक O दो B-NEN दिन O पहले O पूरे O पाठ्यक्रम O की O फिर O से O समीक्षा O कर O सकें O भार्तृहरी B-NEAR शतक I-NEAR के O एक B-NEN श्लोक O की O पहली O पंक्ति O है O - O " O साहित्यसंगीतकलाविहीन O : O साकषात्पशु O : O पुच्छ O विषाणहीन O : O । O * O मुख्य O परीक्षा O में O शब्द O सीमा O एक B-NEN अहम O पहलू O है O और O इस O बात O का O खास O तौर O पर O ध्यान O रखा O जाना O चाहिए O पिछले O कुछ O वर्षों O में O हिंदी O बाल O साहित्य O में O एक B-NEN नई O पीढ़ी O के O आने O की O आहट O सुनाई O दे O रही O है O , O जिसने O बहुत O कुछ O बदले O हुए O अंदाज O में O बच्चों O के O लिए O एक B-NEN से O एक B-NEN सुंदर O कविताएं O और O कहानियां O लिखी O हैं O । O उम्मीद O है O , O नई O पीढ़ी O के O सृजन O की O भट्टी O में O ढलकर O बाल O साहित्य O की O उपेक्षित O विधाओं O में O भी O एक B-NEN से O एक B-NEN नई O और O हृदय O को O छूने O वाली O रचनाएं O सामने O आएंगी O । O संगीत O एक B-NEN साथ O अनेक O विषयों O के O बीच O समन्वय O स्थापित O करता O है O । O बहुत O - O से O परिवारों O में O माता O - O पिता O दोनों B-NEN नौकरी O पर O जाते O हैं O और O स्कूल O से O लौटने O पर O खाली O घर O में O रहने O को O विवश O बच्चे O को O एक B-NEN अजब O - O सी O त्रासदी O का O सामना O करना O पड़ता O है O । O इंटरनेट O ने O इतनी O बड़ी O दुनिया O को O मानो O एक B-NEN ग्लोबल O गांव O में O बदल O दिया O है O , O जहां O एक O - O दूसरे O के O बारे O में O जानने O और O मनोरंजन O के O नए O - O नए O रास्ते O सामने O आए O हैं O । O उनमें O एक B-NEN ओर O बाल O मन O की O मुक्त O उड़ानें O , O खिलंदड़ापन O और O मस्ती O अधिक O है O , O तो O कहीं O न O कहीं O उस O जिम्मेदारी O का O एहसास O भी O , O जिसे O बच्चे O मन O ही O मन O महसूस O करते O हैं O और O अपने O नन्हें O हाथों O और O नन्हें O संकल्पों O से O कुछ O बड़े O काम O कर O डालना O चाहते O हैं O । O इस O कार्यक्रम O के O तहत O हर O ग्राम O पंचायत O में O 1 B-NEN एकड़ O या O इससे O ज़्यादा O क्षेत्रफल O में O पार्क O बनाने O का O भी O प्रस्ताव O है O । O यही O वजह O है O कि O इधर O बच्चों O के O लिए O लिखी O जा O रही O बहुत O चुस्त O और O सजग O रचनाएं O अपनी O एक B-NEN अलग O छाप O छोड़ती O हैं O और O बीते O युग O के O बाल O साहित्य O से O अलग O पहचान O में O आती O हैं O । O इन O पार्कों O में O फुटपाथ O , O पेड़ O पौधे O , O मनोरंजन O की O जगह O आदि O मौजूद O होंगे O और O ये O एक B-NEN तरह O से O गांवों O की O हरियाली O , O लोगों O के O मनोरंजन O आदि O का O भी O केंद्र O होंगे O । O ये O पार्क O 10 B-NEN एकड़ O या O इससे O ज़्यादा O जमीन O के O दायरे O में O हैं O और O इनमें O 30,000 B-NEN से O भी O ज़्यादा O पौधे O लगाए O जाते O हैं O । O इस O अभियान O के O तहत O राज्य O के O सभी O गांवों O के O प्रत्येक O घर O में O 6 B-NEN पौधों O का O वितरण O सुनिश्चित O करने O की O बात O है O , O ताकि O घरों O में O भी O हरियाली O का O माहौल O बनाया O जा O सके O । O कवर O टू B-NEN का O शेष O कारोबार O सुगमता O को O सभी O राज्यों O में O और O बेहतर O बनाने O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O 372 B-NEN विशिष्ट O कारोबार O सुधार O कार्यों O की O पहचान O की O है O । O इसमें O सीजीएसटी O 22973 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O , O एसजीएसटी O 29,329 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O आईजीएसटी O 62,842 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O वस्तुओं O के O आयात O पर O हासिल O 31,097 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O समेत O ) O रहा O । O सकल O संग्रह O में O उपकर O का O हिस्सा O 8,757 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O वस्तुओं O के O आयात O से O हासिल O 935 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O समेत O ) O रहा O । O सरकार O ने O आईजीएसटी O से O नियमित O निपटान O के O रूप O में O सीजीएसटी O में O 21879 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O एसजीएसटी O में O 17,230 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O निपटारा O किया O है O । O इसके O अतिरिक्त O केन्द्र O और O राज्यों O / O संघ O शासित O प्रदेशों O के O बीच O 50:50 B-NEN के O अनुपात O में O आईजीएसटी O के O रूप O में O 28,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O तदर्थ O निपटारा O किया O गया O है O । O लगभग O 3.5 B-NEN लाख I-NEN निविदाकार O और O वेंडर्स O इस O प्लेटफॉर्म O पर O पंजीकृत O हैं O । O इस O प्लेटफॉर्म O पर O 780 B-NEN खरीददार O व O पचास B-NEN हजार I-NEN विक्रेता O हैं O । O तकरीबन O 2 B-NEN लाख I-NEN लेनदेनों O में O 3000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O लेनदेन O कराने O के O अलावा O , O इससे O आधार O मूल्य O पर O 25 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O बचत O होगी O । O तदनुसार O , O जेंडर O के O तीन B-NEN विशिष्ट O आयामों O में O एजेंसी O , O प्रवृत्तियां O और O परिणाम O हैं O । O नल O से O पानी O की O सप्लाई O वाले O स्कूल O 5,45,442 B-NEN नल O से O पानी O की O सप्लाई O वाले O आंगनवाड़ी O केंद्र O 4,88,881 B-NEN नल O से O पानी O की O सप्लाई O वाली O ग्राम O पंचायत O / O सामुदायिक O स्वास्थ्य O केंद्र O 1,15,357 B-NEN बेटे O की O चाहत O में O अनचाहे O तौर O पर O लड़कियां O पैदा O होती O रहती O हैं O जिनकी O संख्या O औसतन O 2 B-NEN करोड़ I-NEN 10 O लाख B-NEN हो O जाती O है O । O इस O प्रकार O इस O सर्वेक्षण O में O यह O सिफारिश O की O गई O है O कि O भारत B-NEL को O सामाजिक O प्राथमिकता O का O मुकाबला O करना O होगा O , O यहां O तक O कि O एक B-NEN पुत्र O के O लिए O प्राथमिकता O पूरी O हो O जाए O , O जो O विकास O में O बाधक O प्रतीत O होता O है O । O देश O भर O में O 20 B-NEN लाख I-NEN आंगनवाड़ी O कर्मियों O और O 52 B-NEN लाख I-NEN शिक्षकों O के O इस O अभियान O से O जुड़ने O के O साथ O , O हमारे O बच्चों O के O सामने O सीखने O के O लिए O अनंत O विस्तार O बिखरा O है O । O प्राचीन O भारत B-NEL में O ' O लेखन O ' O एवं O ' O वाचन O ' O दोनों B-NEN का O चलन O था O और O दोनों B-NEN का O अंतर O उनकी O कार्यशैलियों O को O भी O स्पष्ट O करता O है O । O सदियों O तक O चलती O आई O कठिन O और O गूढ O वाचन O व्यवस्था O के O आधार O पर O एक B-NEN भी O अक्षर O को O खोए O बिना O वेदों O को O संरक्षित O रखा O गया O था O । O पहली O बार O देश O की O प्रति O व्यक्ति O डॉलर O आय O 2000 B-NEN पर O पहुंचेगी O । O सुशासन O राष्ट्र O की O प्रगति O के O लिए O महत्वपूर्ण O कारक O होता O है O और O सरकार O के O कामकाज O और O प्रक्रियाओं O को O सरल O बनाना O इस O दिशा O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O कदम O होता O है O , O ताकि O सम्पूर्ण O प्रणाली O को O पारदर्शी O और O तीव्र O बनाया O जा O सके O । O साथ O ही O , O नागरिक O केंद्रित O उपायों O का O लगातार O विस्तार O प्रभावी O सार्वजनिक O प्रशासन O प्रणाली O के O महत्वपूर्ण O पहलुओं O में O से O एक B-NEN है O , O क्योंकि O इससे O न O केवल O शासन O में O पारदर्शिता O और O जिम्मेदारी O आती O है O , O बल्कि O न्यायसंगत O विकास O को O मजबूती O भी O मिलती O है O । O किसी O संगठन O का O शिकायत O निवारण O तंत्र O उसकी O दक्षता O एवं O सफलता O को O मापने O का O एक B-NEN पैमाना O होता O है O , O क्योंकि O इससे O उस O संगठन O के O काम O का O महत्वपूर्ण O फीडबैक O प्राप्त O होता O है O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O द्वारा O जारी O किये O गये O वृद्धिशील O ऋण O के O 75 B-NEN प्रतिशत O के O साथ O वृद्धिशील O ऋण O में O हिस्सेदारी O भी O स्थिर O है O । O एक B-NEN कदम O आगे O बढ़ते O हुए O , O पिछले O वर्षों O में O हासिल O की O गई O प्रगति O को O बढ़ाते O हुए O , O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O पेश O की O है O । O अंतिम O शिक्षा O नीति O के O बाद O पिछले O तीन B-NEN दशकों O में O हुए O परिवर्तनों O के O जवाब O में O इस O नीति O को O पेश O किया O गया O है O । O इसका O उद्देश्य O एक B-NEN ओर O हमारे O देश O की O बढ़ती O अनेक O विकासवादी O अनिवार्यताओं O को O पूरा O करना O है O , O जबकि O दूसरी O ओर O एक B-NEN न्यायसंगत O और O निष्पक्ष O समाज O का O निर्माण O करना O है O । O जैसा O कि O माननीय O प्रधानमंत्री O ने O कहा O है O , O “ O हम O आधुनिक O विचारधारा O वाली O सभ्यता O और O एक B-NEN जीवंत O लोकतंत्र O हैं O जो O एक B-NEN बेहतर O दुनिया O बनाने O के O लिए O अन्य O देशों O के O साथ O बातचीत O करता O है O । O " O प्रधानमंत्री B-NEO कार्यालय I-NEO ( O पीएमओ B-NEO ) O , O राष्ट्रपति B-NEO सचिवालय I-NEO , O जनशिकायत B-NEO निदेशालय I-NEO ( O कैबिनेट B-NEO सचिवालय I-NEO ) O , O प्रशासकीय B-NEO सुधार I-NEO एवं I-NEO सार्वजनिक I-NEO शिकायत I-NEO विभाग I-NEO ( O डीएआरपीजी B-NEO ) O तथा O पेंशनर्स B-NEO पोर्टल I-NEO को O सीपीग्राम्स O के O माध्यम O से O एक B-NEN साथ O जोड़ा O गया O है O । O नीति O आयोग O ने O एक B-NEN अनूठी O पहल O करते O हुए O राज्यों O एवं O केंद्रशासित O प्रदेशों O का O प्रदर्शन O बेहतर O करने O में O मदद O करने O के O इरादे O से O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O को O बढ़ावा O देने O का O प्रयास O किया O है O । O विद्यार्थियों O को O बहु O - O विषयक O शिक्षा O और O नवाचार O की O संस्कृति O में O खुद O को O विकसित O करने O के O लिए O एक B-NEN मंच O प्रदान O किया O जाएगा O । O भारत B-NEL का O कायाकल्प O करने O के O प्रयास O में O यह O प्रशासन O के O अहम O घटकों O में O से O एक B-NEN है O । O निश्चित O रूप O से O देश O प्रधानमंत्री O के O नेतृत्व O में O शिक्षा O प्रणाली O के O इतिहास O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O परिवर्तन O लाने O के O लिए O तैयार O है O । O यानी O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O से O मानव O संसाधनों O की O भी O किफायत O की O जा O सकेगी O । O राष्ट्रीय O हरित O प्राधिकरण O का O राज्य O सरकारों O को O आदेश O है O कि O जिन O इलाकों O में O एक B-NEN लीटर O पानी O के O घुलनशील O ठोस O तत्वों O की O कुल O मात्रा O 500 B-NEN मिलीग्राम O से O कम O पाई O जाए O , O वहां O आरओ O मशीनों O के O इस्तेमाल O को O प्रतिबंधित O करें O । O जैसा O कि O 15वें O वित्त O आयोग O ने O अब O इसे O राज्यों O द्वारा O अपने O अनुदानों O के O आहरण O के O लिए O एक B-NEN आवश्यक O पात्रता O बना O दिया O है O , O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO , O राज्य B-NEO सरकारों I-NEO के O साथ O मिलकर O राज्य O वित्त O आयोगों O के O कामकाज O को O सुव्यवस्थित O करने O और O राज्य B-NEO सरकारों I-NEO द्वारा O उनकी O सिफारिशों O को O लागू O करने O की O दिशा O में O काम O करेगा O । O 1. B-NEN वित्तीय O नियमों O , O सरकारी O आदेशों O / O अधिसूचनाओं O के O साथ O पंचायती O राज O संस्थान O अधिनियमों O , O कर O तथा O गैर O - O कर O उद्ग्रहण O , O दर O संरचना O आदि O में O परिवर्तन O के O संबंध O में O , O अद्यतन O / O सरलीकृत O किया O जाए O और O सार्वजनिक O डोमेन O में O लाया O जाए O ताकि O पंचायती O राज O संस्थाओं O को O हस्तांतरित O कराधान O अधिकारों O का O प्रयोग O करने O में O सक्षम O बनाया O जा O सके O । O 2. B-NEN संपत्ति O कर O पंचायती O राज O संस्थाओं O के O लिए O स्वयं O स्रोत O राजस्व O का O एक B-NEN प्रमुख O स्रोत O है O । O राज्य O व O जिला O स्तरीय O जल O - O स्रोतों O की O होती O रहेगी O क्रमानुसार O 13 B-NEN बुनियादी O गुणवत्ता O आधारित O औचक O जांच O । O ब्लॉक O अधिकार O क्षेत्र O के O 100 B-NEN फीसदी O यानी O सभी O जल O - O स्रोतों O की O वर्ष O में O एक B-NEN बार O रासायनिक O , O दो B-NEN बार O जीवाणु O जांच O का O प्रावधान O । O इन O छूटों O पर O फिर O से O विचार O करने O के O लिए O राज्यों O में O एक B-NEN विस्तृत O विश्लेषण O किया O जाना O है O और O जहां O तक O संभव O हो O उन्हें O समाप्त O करना O है O । O जांच O हेतु O पांच B-NEN ग्रामीणों O को O प्रशिक्षण O । O किसी O एक B-NEN समर्पित O को O सौंपी O जाएगी O पूरी O जिम्मेदारी O । O 3. B-NEN पंचायती O राज O संस्थाओं O के O कराधान O कानूनों O / O नियमों O में O कर O - O भुगतान O करने O वाले O नागरिकों O / O संस्थाओं O की O विभिन्न O श्रेणियों O के O लिए O छूट O दी O गई O है O , O जो O अपनी O उपयोगिताओं O से O बाहर O हो O सकते O हैं O । O 5. B-NEN राज्य O स्तर O पर O ऑनलाइन O सिस्टम O और O एप्लिकेशन O विकसित O किए O जा O सकते O हैं O और O पंचायती O राज O संस्थाओं O को O कर O संग्रह O , O विशेष O रूप O से O बड़े O पैमाने O पर O सार्वभौमिक O कर O जैसे O संपत्ति O कर O और O नागरिकों O को O विभिन्न O प्रमाण O पत्र O जारी O करने O के O लिए O शुल्क O को O संग्रह O के O डिजिटल O साधनों O के O लिए O प्रदान O किए O जा O सकते O हैं O । O 4. B-NEN पंचायती O राज O संस्थाओं O , O विशेष O रूप O से O ग्राम O पंचायतों O के O पास O वर्तमान O में O अधिकांश O राज्यों O में O प्रशासन O के O लिए O बहुत O कम O कर्मचारी O हैं O और O इससे O उनकी O कर O प्रशासन O दक्षता O अत्यधिक O प्रभावित O होती O है O । O कारणों O के O निवारण O की O ओर O ले O जाने O वाले O 6 B-NEN मूल O कदम O हैं O : O प्रदूषित O जल O का O अधिकतम O शोधन O , O पुर्नोपयोग O , O वर्षाजल O का O अधिकतम O संचयन O , O भूजल O की O न्यूनतम O निकासी O , O अनुशासित O जलोपयोग O और O स्थानीय O जरूरत O का O स्थानीय O प्रबंधन O । O यह O उम्मीद O की O जाती O है O कि O मध्यम O अवधि O में O , O पंचायतों O को O राजस्व O के O अपने O स्रोतों O से O प्राप्त O राशि O सहित O सार्वजनिक O व्यय O का O कम O से O कम O 10 B-NEN - O 20 B-NEN प्रतिशत O उपलब्ध O होगा O , O जो O समग्र O स्तर O पर O उनके O बजट O का O कम O से O कम O 25 B-NEN प्रतिशत O होगा O । O राज्य O में O 20 B-NEN प्रतिशत O यानी O 19.48 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O , O बुवाई O क्षेत्र O माइक्रो O सिंचाई O के O तहत O आने O से O 12.28 B-NEN लाख I-NEN किसानों O को O लाभ O हो O रहा O है O । O राज्य O में O यूएलबी B-NEO के O 647 B-NEN एमएलडी O उपचारित O अपशिष्ट O जल O का O उपयोग O किया O जाता O है O जो O कुल O ताजे O पानी O का O लगभग O 17 B-NEN प्रतिशत O है O । O यह O गहराई O , O ' O डार्क O जोन O ' O घोषित O किए O जाने O के O लिए O तय O गहराई O से O हर O हाल O में O कम O से O कम O 10 B-NEN फीट O कम O ही O हो O । O आज O गुजरात B-NEL में O , O 82 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O ग्रामीण O घरों O में O नल O के O पानी O की O आपूर्ति O सुनिश्चित O की O गई O है O । O किसी O ग्राम O पंचायत O में O 10 B-NEN से O अधिक O परिवारों O द्वारा O ऐसा O करने O पर O संबंधित O ग्राम O पंचायत O को O वित्तीय O आवंटन O रोक O दिए O जाएं O । O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समितियां O / O पानी O समितियां O गांव O में O पानी O की O आपूर्ति O का O प्रबंधन O कर O रही O हैं O और O 76 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O परिवार O मासिक O जल O सेवा O शुल्क O का O भुगतान O कर O रहे O हैं O । O प्रधानमंत्री O के O सबका O साथ O , O सबका O विकास O और O सबका O विश्वास O के O दर्शन O का O पालन O करते O हुए O , O कुल O 18,191 B-NEN गांवों O में O से O 8214 B-NEN में O , O हर O घर O नल O जल O की O आपूर्ति O हो O रही O है O और O यह O सुनिश्चित O किया O जा O रहा O है O कि O एक B-NEN भी O घर O पानी O से O वंचित O न O रहे O । O 4 O . O स्वच्छ O भारत O मिशन O का O निर्देश O था O कि O जल O स्रोत O से O 30 B-NEN फीट O की O दूरी O के O भीतर O शौचालय O का O निर्माण O न O किया O जाए O । O डॉ. O के B-NEN श्रीनिवासराव I-NEN : O लेखक O साहित्य O अकादमी O , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL के O सचिव O हैं O । O भारत B-NEN , O साहित्य O की O भूमि O है O । O जब O कोई O मानव O समाजों O और O सभ्यताओं O के O इतिहास O का O जायजा O लेता O है O , O तो O पाता O है O कि O यही O एक B-NEN ऐसा O क्षेत्र O है O जहां O भारत B-NEL अन्य O सभ्यताओं O और O समाजों O से O आगे O शीर्ष O पर O होगा O । O पिछले O लगभग O 3000 B-NEN वर्षों O में O भारतीय O साहित्य O की O एक B-NEL बानगी O इसकी O विविधता O है O । O 7 O . O विद्यार्थियों O को O प्रशिक्षित O करने O के O लिए O उन्हीं O संस्थानों O के O भूगोल O तथा O पर्यावरण O व O सिविल O इंजीनियरिंग O प्राध्यापकों O हेतु O एक B-NEN अंशकालिक O ' O ग्राम्य O जल O प्रबंधन O प्रशिक्षक O प्रमाणपत्र O कोर्स O ' O तैयार O किया O जा O सकता O है O । O इन O हजार B-NEN से O अधिक O भाषाओं O और O बोलियों O ने O लोगों O को O अपने O विचारों O , O भावनाओं O और O कल्पनाओं O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O उचित O मंच O प्रदान O किया O , O जिसका O परिणाम O बेहतरीन O साहित्यिक O रचनाओं O के O एक B-NEN उदार O मिश्रण O के O रूप O में O सामने O आया O । O इस O योजना O ने O सर्वाधिक O संकटग्रस्त O किसानों O को O वित्तीय O मदद O प्रदान O की O है O क्योंकि O योजना O में O पंजीकरण O कराने O वाले O लगभग O 85 B-NEN प्रतिशत O किसान O छोटे O एवं O सीमांत O ही O हैं O । O जब O दुनिया O में O अन्यत्र O लोकप्रिय O नई O शैलियां O भारत B-NEL में O आईं O तो O इस O प्रारंभिक O शुरुआत O ने O भारतीय O साहित्यकारों O को O अवसर O दिया O और O उन्होंने O भी O दोनों B-NEN हाथों O से O इसे O लपक O लिया O । O यह O दोहरे O उद्देश्य O वाली O योजना O है O , O जो O एक B-NEN ओर O पेंशन O प्रदान O करती O है O और O दूसरी O ओर O दुर्घटनावश O मृत्यु O अथवा O अपंगता O होने O पर O बीमा O के O लाभ O भी O सुनिश्चित O करती O है O । O दरवाजा O बंद O एक B-NEN प्रतीक O है O , O खुले O में O शौच O की O जगह O दरवाजा O बंद O करके O शौच O करना O चाहिए O इसके O माध्यम O से O यह O संदेश O दिया O गया O है O । O यह O क्षेत्र O लगभग O 1.60 B-NEN करोड़ I-NEN मछुआरों O तथा O मत्स्यपालक O किसानों O को O प्राथमिक O स्तर O पर O आजीविका O प्रदान O करता O है O और O मूल्य O श्रृंखला O में O इससे O लगभग O दोगुने O लोगों O को O रोजगार O मिलता O है O । O यह O एक B-NEN पत्नी O की O कहानी O है O जो O अपनी O ससुराल O में O शौचालय O नहीं O होने O के O कारण O अपने O पति O का O घर O छोड़ O देती O है O । O यह O एक B-NEN असाधारण O मामला O था O , O परंतु O स्वच्छ O भारत O मिशन O के O शुरू O होने O के O बाद O से O , O ग्रामीण O भारत B-NEL में O महिलाओं O का O अपने O अधिकार O के O लिए O संघर्ष O में O शौचालय O एक B-NEN जीवंत O विषय O बन O गया O है O । O इस O तरह O यह O पखवाड़ा O नागरिक O भागीदारी O को O बढ़ाने O के O लिए O एक B-NEN मंच O बन O गया O । O 2 B-NEN : O स्थायी O आंशिक O अपंगता O होने O पर O 2,50,000 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ; O और O 3 B-NEN : O दुर्घटना O होने O पर O अस्पताल O में O भर्ती O होने O की O स्थिति O में O 25,000 B-NEN रुपये O तक O का O खर्च O बीमा O के O ज़रिये O । O जी B-NEO 7 I-NEO और O जी B-NEO 20 I-NEO के O लिए O वर्तमान O प्रधानमंत्री O के O शेरपा O के O रूप O में O मैं O इन O समूहों O के O शिखर O सम्मेलन O के O लिए O प्रमुख O मुद्दों O पर O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O आधिकारिक O एजेंडे O को O आकार O दे O रहा O हूं O जिसमें O ' O सतत O विकास O लक्ष्य O 6 B-NEN : O स्वच्छ O जल O और O स्वच्छता O ' O पर O विशेष O ध्यान O केंद्रित O किया O जा O रहा O है O । O 1 B-NEN : O दुर्घटना O से O मृत्यु O अथवा O स्थायी O पूर्ण O अपंगता O होने O पर O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O इनके O 400 B-NEN से O अधिक O शोध O प्रकाशित O हैं O और O वे O आकाशवाणी O और O दूरदर्शन O की O विभिन्न O चर्चाओं O में O हिस्सा O लेती O रही O हैं O । O हमारा O लक्ष्य O लगभग O 10 B-NEN लाख I-NEN निसर्ग O रक्षक O - O देश O के O प्रत्येक O गांव O के O लिए O एक B-NEN स्वयंसेवक O को O प्रशिक्षित O करना O है O । O इन O स्वयंसेवकों O को O देश O भर O में O 50,000 B-NEN निसर्ग O शिक्षकों O द्वारा O प्रशिक्षित O किया O जाएगा O और O वे O स्थानीय O स्तर O पर O पर्यावरण O संरक्षण O और O जल O संरक्षण O की O दिशा O में O विभिन्न O गतिविधियों O को O अंजाम O देंगे O । O इनमें O से O कुछ O कदम O हैं O : O छोटी O जमा O और O ऋण O के O लिए O नो O फ्रिल O अकाउंट्स O और O जनरल O क्रेडिट O कार्ड O ( O जीसीसी O ) O की O सुविधा O , O 50,000 B-NEN रुपये O से O कम O की O वार्षिक O जमा O के O साथ O खाते O खोलने O के O इच्छुक O लोगों O के O लिए O मानदंडों O को O सरल O बनाना O । O इसके O अलावा O , O हम O इस O परियोजना O के O कार्यान्वयन O की O निगरानी O के O लिए O राष्ट्रीय O और O राज्य O स्तर O पर O नेचर B-NEO प्रोटेक्टर I-NEO फोरम I-NEO नाम O से O एक B-NEN मंच O बना O रहे O हैं O । O राष्ट्रीय O स्तर O के O इस O मंच O के O लिए O , O किसी O प्रमुख O संगठन O से O प्रत्येक O राज्य O से O एक B-NEN सदस्य O को O लिया O जाएगा O । O परियोजना O को O चार B-NEN प्रभागों O के O माध्यम O से O कार्यान्वित O किया O जाएगा O : O राज्य O - O जिला O - O तालुका O - O गांव O । O राज्य O - O स्तरीय O मंच O के O लिए O , O प्रत्येक O जिले O से O किसी O प्रमुख O संगठन O के O एक B-NEN सदस्य O को O लिया O जाएगा O । O आज O भी O बैंकों O से O अछूती O विश्व O की O 24 B-NEN प्रतिशत O आबादी O और O दक्षिण O एशिया O के O दो B-NEN तिहाई I-NEN लोग O भारत B-NEL में O बसते O हैं O । O गांवों O की O लगभग O 31 B-NEN करोड़ I-NEN जनसंख्या O को O औपचारिक O बैंकिंग O सेवा O प्राप्त O नहीं O है O । O जैसा O कि O एसएलबीसी O की O रिपोर्ट O कहती O है O , O 30 O जून O 2016 O तक O भारत O के O 6,00,000 B-NEN में O से O 4,52,151 B-NEN गांवों O को O बैंकिंग O सेवाएं O प्रदान O की O गयी O हैं O । O इनमें O से O 14,976 B-NEN को O बैंक O शाखाओं O , O 4,16,636 B-NEN को O बीसी O ( O बिजनेस O कॉरेसपॉन्डेंट्स O ) O और O 20,539 B-NEN को O अन्य O माध्यमों O जैसे O एटीएम O , O मोबाइल O वैन O आदि O के O माध्यम O से O बैंकिंग O से O जोड़ा O गया O है O । O अभियान O में O भाग O लेने O के O इच्छुक O किसी O भी O नागरिक O के O लिए O यह O ऐप O एक B-NEN खुला O मंच O बना O रहेगा O । O देश O की O औसत O ग्रामीण O साक्षरता O दर O 71 B-NEN प्रतिशत O है O लेकिन O यह O भी O सच्चाई O है O कि O एक B-NEN आम O ग्रामीण O को O बैंक O शाखा O तक O सफर O करने O के O लिए O पूरे O एक B-NEN दिन O की O मजदूरी O का O त्याग O करना O पड़ O सकता O है O जो O सुबह O 10 B-NEN बजे O खुलकर O शाम O को O पांच B-NEN बजे O बंद O हो O जाता O है O । O संचार O के O माध्यमों O को O तीन B-NEN भागों O में O विभाजित O किया O जाएगा O जो O इस O नेटवर्क O को O बनाने O और O बनाए O रखने O में O मदद O करेंगे O । O यह O राष्ट्रीय B-NEO स्तर O पर O भारत B-NEL में O पर्यावरण O और O जल O संरक्षण O पर O अपनी O तरह O की O पहली B-NEN परियोजना O होगी O । O इसके O अतिरिक्त O कई O बैंक O ग्रामीण O बाजार O को O एक B-NEN आर्थिक O मौके O की O बजाय O एक B-NEN रेगुलेटरी O जरूरत O के O रूप O में O देखते O हैं O । O इसके O अलावा O , O ऋषिहुड B-NEO यूनिवर्सिटी I-NEO के O माध्यम O से O नीति O आयोग O और O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO के O सहयोग O से O जल O क्षेत्र O में O युवा O पेशेवरों O के O लिए O एक B-NEN साल O का O फेलोशिप O कार्यक्रम O शुरू O करने O की O योजना O बनाई O जा O रही O है O । O माननीय O के O नेतृत्व O में O , O भारत B-NEL ने O पिछले O 7 B-NEN वर्षों O में O सभी O क्षेत्रों O में O कई O चुनौतियों O को O पार O किया O है O और O मुझे O पूरा O विश्वास O है O कि O जल O सुरक्षा O सुनिश्चित O करने O और O जल B-NEO क्षेत्र I-NEO प्रशासन I-NEO को O मजबूत O करने O की O दिशा O में O बहुत O कुछ O किया O जा O रहा O है O । O व्यय O विभाग O की O योजना O के O तहत O 27 B-NEN राज्यों O के O 11 B-NEN हजार I-NEN 912 O करोड B-NEN रुपये O के O पूंजीगत O व्यय O प्रस्तावों O को O स्वीकृत O किया O गया O । O राज्यों O को O 11 B-NEN हजार I-NEN 830 O करोड़ B-NEN रुपये O की O राशि O दी O गई O । O 11 B-NEN राज्य O योजना O के O भाग O - O 3 B-NEN के O तहत O अधिक O आवंटन O पाने O के O लिए O भी O पात्र O हुए O । O जब O प्रमुख O मीडिया O संगठनों O ने O शत B-NEN - O प्रतिशत O घरेलू O पानी O के O कनेक्शन O वाले O गांवों O का O दौरा O किया O तो O उन्होंने O इस O बात O की O पुष्टि O की O कि O संख्याएं O सिर्फ O कागजों O तक O सीमित O नहीं O हैं O , O बल्कि O काम O पर O वास्तव O में O अमल O हुआ O है O । O देश O के O विभिन्न O राज्यों O द्वारा O जनशिकायत O निवारण O के O लिए O एक B-NEN प्रणाली O तो O विकसित O कर O ली O गयी O किंतु O इनके O क्रियान्वयन O के O स्तर O पर O मौजूद O कई O कमियों O के O कारण O यह O अपेक्षित O लाभ O से O दूर O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O के O जल O , O भूमि O और O खाद्य O पदार्थों O पर O पर्यावरण O संबंधी O प्रभाव O के O बारे O में O यूनीसेफ B-NEO के O अध्ययन O से O पता O चला O है O कि O मलजल O प्रदूषण O की O दृष्टि O से O खुले O में O शौच O से O मुक्त O नहीं O हो O पाए O गांवों O के O भूजल O के O संक्रमित O होने O की O आशंका O औसतन O 11.25 B-NEN प्रतिशत O अधिक O है O ( O जो O अकेले O मनुष्यों O की O वजह O से O होने O वाले O प्रदूषणकारी O तत्वों O के O मुकाबले O 12.8 B-NEN गुना O अधिक O है O ) O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O के O दूसरे O चरण O के O लिए O हाल O में O आवंटित O 1.40 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O अधिक O की O राशि O का O उद्देश्य O समग्र O कचरा O प्रबंधन O की O चुनौती O से O निपटना O है O । O इसके O लिए O ग्रामीण O भारत B-NEL में O अपशिष्ट O प्रबंधन O के O विभिन्न O पहलुओं O पर O ध्यान O केन्द्रित O किया O जा O रहा O है O जिसके O अंतर्गत O जलमल O प्रबंधन O और O अपशिष्ट O जल O का O उपचार O करने O , O अपशिष्ट O को O घर O में O ही O छांटकर O अलग O करना O , O और O सिर्फ O एक B-NEN बार O इस्तेमाल O किये O जाने O वाले O प्लास्टिक O की O मात्रा O में O कमी O लाना O भी O शामिल O है O । O इसी O क्रम O में O कई O राज्यों O द्वारा O एक B-NEN जनोन्मुख O एवं O सशक्त O शिकायत O निवारण O तंत्र O का O विकास O किया O गया O है O । O इसी O को O देखते O हुए O देश O के O विभिन्न O राज्यों O ने O इस O दिशा O में O प्रयास O आरंभ O किए O , O जिसमें O कुछ O राज्यों O द्वारा O बनाया O गया O तंत्र O एक B-NEN मॉडल O बनकर O उभरा O । O इस O सरकार O की O दूरदर्शिता O से O देश O भर O में O दो B-NEN गड्ढों O वाले O 10 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O घरेलू O शौचालयों O का O निर्माण O किया O जाना O एक B-NEN वरदान O साबित O हुआ O , O क्योंकि O इनमें O मलजल O का O गड्ढे O में O ही O उपचार O हो O जाता O है O । O लेकिन O अर्ध O शहरी O / O शहरी O इलाकों O में O स्वच्छ O भारत O अभियान O की O शुरुआत O से O पहले O निर्मित O शौचालयों O से O उत्पन्न O करीब O 1,20,000 B-NEN टन O मलजल O का O उपचार O नहीं O हो O पाता O क्योंकि O इन O शौचालयों O में O से O दो B-NEN तिहाई I-NEN मुख्य O सीवर O लाइन O से O नहीं O जुड़े O हैं O । O 8. O इसी O अवधि O के O दौरान O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O में O एक B-NEN उदाहरण O समान O रूप O से O शिक्षाप्रद O है O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O 2.0 O के O अन्य O तीन B-NEN प्रभाव O क्षेत्र O हैं O जैव O - O अपघटनशील O ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O , O अवजल O प्रबंधन O और O मलजल O प्रबंधन O । O इस O अधिनियम O के O दायरे O में O अभी O तक O लगभग O 25 B-NEN से O ऊपर O विभागों O की O करीब O 200 B-NEN सेवाओं O को O लाया O गया O है O । O 9. O अब O ये O चार B-NEN उदाहरण O जो O मैंने O आपके O साथ O साझा O किए O , O वे O असाधारण O परिस्थितियों O के O कारण O हुए O हो O सकते O हैं O । O लेकिन O वे O स्पष्ट O करते O हैं O कि O एक B-NEN निर्विवाद O वास्तविकता O क्या O है O । O जब O अनुवाद O के O अनुक्रम O की O बात O आती O है O तो O बाइबल B-NEAR के O अनुवादों O का O उल्लेख O किया O जाता O है O जो O अधिकतर O पिछले O 300 B-NEN वर्षों O में O हुआ O है O । O इससे O बहुत O पहले O , O कम O से O कम O 1000 B-NEN वर्ष O पहले O भारत B-NEL में O मुक्त O रूप O से O अनुवाद O किया O जा O रहा O था O । O यदि O आप O एक B-NEN व्यवसायी O हैं O , O तो O यह O विदेशी O बाजारों O तक O पहुँच O , O विनियमों O और O प्रथाओं O के O बारे O में O जानकारी O प्राप्त O करने O में O मदद O कर O सकता O है O , O और O जहाँ O परिस्थितियों O की O माँग O होती O है O , O समस्याओं O को O हल O करने O में O सहायता O कर O सकता O है O । O पेशेवरों O और O श्रमिकों O के O लिए O , O यह O उचित O रोजगार O अनुबंध O , O कठिनाइयों O के O समय O में O सुरक्षा O और O कल्याणकारी O उपायों O की O एक B-NEN मजबूत O भावना O सुनिश्चित O करने O में O दिखाई O दे O सकता O है O । O और O एक B-NEN फंसे O हुए O पर्यटक O के O लिए O , O एक B-NEN सहानुभूतिपूर्ण O दूतावास O बहुत O आवश्यक O सहायता O और O सहायता O प्रदान O करता O है O , O और O अधिक O खतरनाक O परिस्थितियों O में O , O जिनके O उदाहरण O मैंने O आपको O दिए O , O यहाँ O तक O कि O निकासी O में O भी O । O उदाहरण O के O लिए O , O एक B-NEN भारतीय O छात्र O के O रूप O में O , O यह O वीजा O प्राप्त O करने O में O आसानी O , O कोविड O के O समय O में O यात्रा O करने O में O समर्थता O और O शायद O पढ़ाई O के O बाद O रोजगार O भी O हो O सकता O है O । O इसका O एक B-NEN मुख्य O कारण O यह O है O कि O भारत B-NEL में O सांस्कृतिक O , O भाषाई O और O साहित्यिक O परंपराओं O की O व्यापक O विविधता O के O बावजूद O संस्कृति O की O एकरूपता O या O एकसमान O संस्कृति O का O ताना O - O बाना O है O । O यह O एक B-NEN साझा O खतरे O के O बारे O में O जागरूकता O बढ़ाने O में O मदद O कर O सकती O है O , O जैसे O यह O आम O खतरों O के O खिलाफ O भागीदारों O को O ढूँढ O सकती O है O । O 11. O जब O सुरक्षा O की O बात O आती O है O , O बाहरी O या O आंतरिक O , O कूटनीति O एक B-NEN निवारक O , O एक B-NEN शमनकर्ता O या O एक B-NEN समस्या O - O समाधानकर्ता O हो O सकती O है O । O तो O , O यदि O आप O हमारी O सीमाओं O की O रक्षा O करने O वाले O सैनिक O हैं O या O आतंकवाद O से O जूझ O रहे O पुलिसकर्मी O हैं O , O तो O एक B-NEN अच्छी O विदेश O नीति O आपके O जीवन O को O थोड़ा O सुरक्षित O बनाती O है O । O आधुनिक O युग O की O बात O करें O तो O 19वीं B-NEN सदी O के O अंत O और O 20वीं B-NEN सदी O के O शुरुआती O दौर O में O , O कई O भाषाओं O के O खासकर O कहानियों O और O उपन्यासों O के O लेखकों O ने O अपने O पश्चिमी O समकक्षों O का O अनुकरण O करने O की O कोशिश O की O । O यह O कोई O आश्चर्य O की O बात O नहीं O है O क्योंकि O इन O दोनों B-NEN शैलियों O को O पश्चिम O में O काफी O सफलता O मिली O थी O । O चाहे O वह O खाना O पकाने O का O तेल O हो O या O दालें O जो O आयात O की O जाती O हैं O या O एक B-NEN स्मार्ट O फोन O जो O सहयोग O से O तैयार O किया O जाता O है O , O एक B-NEN बड़ा O नीतिगत O निर्णय O आपके O पर्स O में O कुछ O अंतर O कर O सकता O है O । O जैसे O - O 0 B-NEN , O 1 B-NEN , O 1 B-NEN , O 2 B-NEN , O 3 B-NEN , O 4 B-NEN , O 8 B-NEN , O 13 B-NEN , O 21 B-NEN , O 34 B-NEN इस O तरह O अनुक्रम O जारी O रहता O है O । O किन्हीं O दो B-NEN क्रमबद्ध O संख्याओं O का O अनुपात O हमेशा O 1.618 B-NEN रहता O है O जिसे O ग्रीक O अक्षर O फ़ाई O ( O phi O ) O से O व्यक्त O किया O जाता O है O । O इसे O ' O स्वर्णिम O माध्य O ( O गोल्डन O मीन O ) O ' O कहा O जाता O है O और O प्रकृति O में O यह O एक B-NEN बहिर्मुखी O कुंडली O या O चक्र O के O रूप O में O बहुतायत O में O पाया O जाता O है O - O जिस O तरह O सूर्यमुखी O के O फूल O में O बीज O व्यवस्थित O होते O हैं O या O समुद्री O शंखों O और O घोंघों O का O कवच O होता O है O । O * O प्रत्येक O बच्चे O के O लिए O ग्रेड O 3 B-NEN तक O मूलभूत O साक्षरता O और O संख्यात्मकता O सुनिश्चित O करना O । O * O 3 B-NEN से O 9 B-NEN साल O के O बच्चों O को O लक्षित O कर O बनाई O गई O है O । O भारतीय O कला O और O संस्कृति O की O एक B-NEN मूलभूत O विशेषता O इसकी O ' O समग्रता O ' O है O । O कक्षा O 3 B-NEN में O केवल O 47 B-NEN और O 53 B-NEN प्रतिशत O बच्चों O और O कक्षा O 5 B-NEN में O 47 B-NEN प्रतिशत O और O 44 B-NEN प्रतिशत O बच्चों O ने O क्रमशः O भाषा O और O अंकगणित O में O दक्षता O हासिल O की O है O । O यह O नीति O न O केवल O प्रत्येक O शिक्षार्थी O की O अद्वितीय O क्षमता O का O संज्ञान O लेती O है O , O बल्कि O चार B-NEN चरणों O अर्थात O 5 B-NEN + O 3 B-NEN + O 3 B-NEN + O 4 B-NEN ( O फाउंडेशनल O , O प्रिपरेटरी O , O मिडिल O और O सेकेंडरी O ) O में O विभाजित O नए O पाठ्यक्रम O और O शैक्षणिक O संरचना O का O प्रचार O करते O हुए O वैज्ञानिक O दृष्टिकोण O की O भी O हिमायत O करती O है O । O कला O का O उद्देश्य O व्यक्ति O को O रोज़मर्रा O के O दुनियादारी O के O कामों O और O दुखों O से O थोड़े O समय O के O लिए O अलग O ले O जाकर O उसे O एक B-NEN आदर्श O , O आनंदप्रद O और O उपचार O सौन्दर्य O की O वैकल्पिक O दृष्टि O प्रदान O करना O है O । O यह O अभियान O 3 B-NEN से O 9 B-NEN वर्ष O के O आयु O वर्ग O के O बच्चों O की O सीखने O की O जरूरतों O को O पूरा O करेगा O । O प्री O - O स्कूल O चरण O तथा O ग्रेड O 1 B-NEN के O बीच O मजबूत O संबंध O और O सुचारु O रूपांतरण O होगा O , O एनसीईआरटी B-NEO द्वारा O विकसित O किए O जा O रहे O ईसीसीई O के O लिए O राष्ट्रीय O पाठ्यचर्या O की O रूपरेखा O का O पालन O आंगनवाड़ी O और O प्री O - O प्राइमरी O स्कूलों O दोनों B-NEN द्वारा O किया O जाएगा O ताकि O ग्रेड O - O 1 B-NEN में O सुचारु O रूपांतरण O सुनिश्चित O हो O सके O । O निपुण O भारत B-NEL मिशन O राष्ट्रीय O - O राज्य O - O जिला O - O ब्लॉक O - O स्कूल O स्तर O सहित O पांच B-NEN स्तरीय O कार्यान्वयन O तंत्र O के O माध्यम O से O समूचे O देश O में O क्रियान्वित O किया O जाएगा O । O मिशन O में O जिन O तीन B-NEN विकास O लक्ष्यों O पर O जोर O दिया O गया O है O उनमें O विकास O के O विभिन्न O क्षेत्रों O जैसे O शारीरिक O और O मानसिक O विकास O , O सामाजिक O - O भावनात्मक O विकास O , O साक्षरता O और O संख्यात्मक O विकास O , O संज्ञानात्मक O विकास O , O आध्यात्मिक O और O नैतिक O विकास O , O कला O और O सौंदर्य O विकास O शामिल O हैं O जो O परस्पर O और O अन्योन्याश्रित O हैं O । O (अ) O मानव O निर्मित O रेशे O पर O जीएसटी O दर O 18 B-NEN से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O या O कम O से O कम O 12 B-NEN प्रतिशत O करने O उनके O अनुरोध O पर O विचार O करते O हुए O सरकार O ने O कपड़े O की O कुछ O श्रेणियों O / O वस्तुओं O पर O जीएसटी O दर O कम O कर O दी O ( O कपड़े O के O सभी O प्रकार O के O जॉब O वर्क O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O ) O मानव O निर्मित O रेशों O के O धागों O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 12 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O और O असली O जरी O को O एचएस O कोड O हेडिंग O 5605 O के O तहत O लाते O हुए O उस O पर O जीएसटी O 12 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O । O इसके O अलावा O 20 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ( O जम्मू B-NEL कश्मीर I-NEL के O अलावा O विशेष O श्रेणी O वाले O राज्यों O में O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ) O से O कम O कुल O वार्षिक O कारोबार O वाले O सेवा O प्रदाताओं O को O जीएसटी O के O अंतर्गत O पंजीयन O से O छूट O प्रदान O कर O दी O गई O चाहे O वे O कर O योग्य O सेवाएं O एक B-NEN राज्य O से O दूसरे B-NEN राज्य O में O ही O क्यों O न O दे O रहे O हों O । O 1.50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O सकल O वार्षिक O कारोबार O वाले O करदाताओं O को O वस्तुओं O की O आपूर्ति O पर O अग्रिम O भुगतान O प्राप्त O करते O समय O जीएसटी O देने O की O जरूरत O नहीं O है O । O 1.50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O वार्षिक O कारोबार O वाले O अब O तिमाही O रिटर्न O दाखिल O कर O सकते O हैं O और O हर O महीने O इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O ले O सकते O हैं O । O एक B-NEN अध्ययन O के O अनुसार O यह O देखा O गया O कि O ऐसी O महिलाएं O जिन्होंने O बचपन O में O बड़ी O संख्या O में O सूखे O की O स्थिति O ( O औसत O से O कम O वर्षा O ) O को O झेला O है O , O उनके O बच्चों O को O किसी O न O किसी O एंथोपोमीट्रिक O यानी O मानव O शरीर O संबंधी O गड़बड़ी O की O 29 B-NEN प्रतिशत O अधिक O आशंका O रहती O है O । O व्यापारी O एवं O उद्योग O संगठनों O के O अनुसार O मानव O निर्मित O धागे O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 12 B-NEN प्रतिशत O करने O और O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O करने O से O बुनकरों O के O पास O वापस O नहीं O होने O वाले O इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O का O जमावड़ा O घटेगा O और O कार्यशील O पूंजी O का O प्रवाह O बढ़ेगा O । O निर्यात O योग्य O कपड़े O के O उत्पादन O के O लिए O जरूरी O सामग्री O पर O एडवांस O ऑथराइजेशन O , O ईपीसीजी O एवं O ईओयू O योजनाओं O के O जरिये O छूट O दिए O जाने O और O विनिर्माता O से O व्यापारी O को O होने O वाली O आपूर्ति O पर O केवल O 0.1 B-NEN प्रतिशत O शुल्क O लगाए O जाने O से O व्यापारी O निर्यातकों O के O सामने O आ O रही O समस्याएं O हल O हो O जाएंगी O । O जीवन O के O लिए O पानी O अमृत O तुल्य O है O और O ' O ' O इसे O एक B-NEN ऐसी O उपयोगी O वस्तु O माना O जाता O है O जिस O पर O सबका O अधिकार O है O , O भले O ही O कोई O इसके O लिए O भुगतान O करने O की O क्षमता O रखता O हो O या O नहीं O , O क्योंकि O यह O जीवन O की O अनिवार्य O आवश्यकता O है O । O 1.5 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O सालाना O कारोबार O वाले O छोटे O एवं O मझोले O उद्यमियों O ( O एसएमई O ) O को O तीन B-NEN महीने O में O एक B-NEN बार O रिटर्न O दाखिल O करने O तथा O कर O अदा O करने O की O अनुमति O देने O के O कारण O और O निर्यातकों O को O निर्यात O के O लिए O माल O छुडवाते O समय O बॉण्ड O एवं O बैंक O गारंटी O पेश O करने O से O छूट O देने O के O कारण O कारोबार O करना O आसान O हो O जाएगा O । O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO महासभा I-NEO की O संकल्प O संख्या O 64/292 B-NEN के O अनुसार O इसे O मानवाधिकार O के O रूप O में O प्रतिष्ठित O किया O गया O है O और O सरकारों O से O अपेक्षा O की O गयी O है O कि O वे O घरेलू O उपयोग O के O लिए O पर्याप्त O और O वाजिब O मात्रा O में O स्वच्छ O जल O उपलब्ध O कराएं O । O असली O जरी O को O एचएस O कोड O हेडिंग O 5605 O के O अंतर्गत O लाकर O उस O पर O जीएसटी O की O दर O 12 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O करने O से O उत्पादन O को O बढ़ावा O मिलेगा O और O अधिक O महिलाओं O को O रोजगार O मिलेगा O । O प्रत्येक O परिवार O को O पानी O उपलब्ध O कराना O एक B-NEN ऐसा O दायित्व O है O जिससे O कोई O सरकार B-NEO भाग I-NEO नहीं O सकती O । O देश O की O प्रगति O और O रोजगार O सृजन O में O लघु O और O मध्यम O उद्यम O के O योगदान O को O देखते O हुए O वित्त O मंत्री O ने O एमएसएमई O क्षेत्र O को O ऋण O सहायता O , O पूंजी O और O ब्याज O सब्सिडी O के O लिए O 3,794 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O है O । O इस O प्रणाली O के O तहत O शुरुआती O दो B-NEN वर्षों O में O 30 B-NEN प्रतिशत O और O सातवें O साल O के O अंत O तक O 70 B-NEN प्रतिशत O संग्रह O दर O का O लक्ष्य O निर्धारित O किया O गया O । O डीआरएस O में O उत्पाद O की O खरीद O के O समय O उपभोक्ता O से O एक B-NEN निर्धारित O रकम O अमानत O के O तौर O पर O ली O जाती O है O । O मौजूदा O समय O में O ई O - O कबाड़ O के O लगभग O 95 B-NEN प्रतिशत O हिस्से O का O प्रबंधन O अनौपचारिक O क्षेत्र O करता O है O । O सरकारी O स्कूलों O में O पढ़ा O रहे O तेरह B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O अप्रशिक्षित O अध्यापकों O को O प्रशिक्षित O करने O का O प्रस्ताव O है O । O इसके O अंतर्गत O स्वास्थ्य O और O शिक्षा O सहित O प्रमुख O शैक्षिक O संस्थानों O में O अनुसंधान O व O प्रौद्योगिकी O विकास O तथा O आधारभूत O अवसंरचना O विकास O के O लिए O सरकार O ने O बजट O में O एक B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O निवेश O की O व्यवस्था O की O है O । O सरकार O ने O राष्ट्रीय O शिक्षा O मिशन O का O बजट O 29,556 B-NEN करोड़ I-NEN से O बढ़ाकर O 32,613 B-NEN करोड़ I-NEN कर O दिया O है O । O अपने O सहकर्मियों O से O हमेशा O 6 B-NEN फुट O की O दूरी O बनाए O रखें O कोरोना O से O जुड़ी O ज्यादा O जानकारी O के O लिए O स्वास्थ्य O और O परिवार O कल्याण O मंत्रालय O , O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O हेल्पलाइन O नंबर O 1075 B-NEN ( O टॉल O फ्री O ) O पर O संपर्क O करें O । O वित्त O मंत्री O ने O निर्धन O महिलाओं O को O उज्ज्वला O योजना O के O तहत O 8 B-NEN करोड़ I-NEN निःशुल्क O एलपीजी O कनेक्शंस O देते O हुए O और O सौभाग्य O योजना O के O तहत O रु. O 16000 B-NEN करोड़ I-NEN के O आवंटन O से O 4 B-NEN करोड़ I-NEN निर्धन O परिवारों O को O निःशुल्क O इलेक्ट्रिसिटी O कनेक्शन O देते O हुए O निर्धन O व O निम्न O मध्यवर्गीय O परिवारों O का O ख्याल O रखा O है O । O पूरी O दुनिया O की O 60 B-NEN प्रतिशत O आबादी O एशिया B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र O में O रहती O है O । O तकरीबन O 26.3 B-NEN करोड़ I-NEN गरीब O इस O क्षेत्र O में O रहते O हैं O जो O 1.90 B-NEN डॉलर O रोज O पर O गुजारा O करते O हैं O । O साथ O ही O , O इस O क्षेत्र O के O 1.1 B-NEN अरब I-NEN लोग O 3.20 B-NEN डॉलर O रोजाना O पर O गुजर O - O बसर O करते O हैं O । O दुनिया O भर O में O 5 B-NEN साल O से O कम O उम्र O के O बच्चों O की O होने O वाली O मौतों O में O इस O क्षेत्र O की O हिस्सेदारी O 41 B-NEN प्रतिशत O है O । O साथ O ही O , O प्रसूताओं O और O नवजात O की O मौत O के O मामले O में O एशिया B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र O की O हिस्सेदारी O क्रमशः O 44 B-NEN प्रतिशत O और O 56 B-NEN प्रतिशत O है O । O इसी O तरह O , O बच्चों O की O लंबाई O नहीं O बढ़ने O और O कम O वजन O वाले O बच्चों O के O जन्म O के O मामले O में O इस O क्षेत्र O का O हिस्सा O क्रमशः O 60 B-NEN प्रतिशत O और O 66 B-NEN प्रतिशत O है O । O यूएचसी O से O जुड़े O 3 B-NEN नीतिगत O सवालों O के O जवाब O देकर O स्वास्थ्य O प्रणाली O से O जुड़े O इन O ब्लॉक O की O कार्यप्रणाली O को O कारगर O बनाया O जा O सकता O है O - O इसके O दायरे O में O किन्हें O शामिल O किया O गया O है O ( O कितनी O बड़ी O आबादी O इसके O दायरे O में O है O ) O , O कौन O सी O सेवाएं O उपलब्ध O कराई O जा O रही O हैं O ( O कार्यक्रम O और O सेवाओं O का O दायरा O ) O , O कवरेज O की O रकम O क्या O है O ? O ( O कार्यक्रम O का O वित्तीय O ढांचा O ) O उदाहरण O के O लिए O , O चीन B-NEL जीडीपी O का O 3.2 B-NEN प्रतिशत O खर्च O करता O है O जबकि O भारत B-NEL 1.4 B-NEN प्रतिशत O करता O है O । O शिक्षा O के O क्षेत्र O में O आधारभूत O संरचना O के O लिए O वित्त O मंत्री O द्वारा O किए O गए O 1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O प्रावधान O , O प्रायोजना O व O वास्तु O शिल्प O के O लिए O दो B-NEN नए O स्कूल O की O स्थापना O , O 2 B-NEN नए O मेडिकल O कॉलेजों O के O साथ O हर O तीसरे O संसदीय O क्षेत्र O के O लिए O एक B-NEN नए O मेडिकल O कॉलेज O की O स्थापना O की O घोषणा O और O अस्पतालों O को O मेडिकल O कॉलेज O में O अपग्रेड O करने O से O मेडिकल O शिक्षा O व O चिकित्सा O सुविधाओं O को O देशवासियों O के O लिए O उपलब्ध O कराने O में O मदद O मिलेगी O । O आयुष्मान O भारत O कार्यक्रम O के O तहत O 1,200 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O आवंटन O से O स्वास्थ्य O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O घर O के O निकट O 1.5 B-NEN लाख I-NEN नए O केन्द्रों O की O स्थापना O का O प्रावधान O उल्लेखनीय O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O संरक्षण O के O लिए O सरकार O द्वारा O संपोषित O हेल्थ O केयर O कार्यक्रम O जिससे O 10 B-NEN करोड़ I-NEN गरीब O व O जरूरतमंद O परिवारों O के O लगभग O 50 B-NEN करोड़ I-NEN लाभार्थियों O को O कवर O किया O जाएगा O और O हर O परिवार O को O प्रति O वर्ष O द्वितीयक O व O तृतीयक O अस्पताल O सेवाओं O के O लिए O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O की O सुविधा O प्रदान O करना O एक B-NEN महत्वपूर्ण O कदम O है O । O स्वास्थ्य O सेवाओं O , O मेडिकल O कॉलेजों O व O सरकार O संपोषित O स्वास्थ्य O सेवा O कार्यक्रमों O के O लिए O 1.5 B-NEN लाख I-NEN केंद्रों O का O गठन O रोजगार O सृजन O में O मददगार O होगा O और O राष्ट्र O के O स्वास्थ्य O का O भी O ख्याल O रखेगा O । O यहां O की O तकरीबन O 97 B-NEN प्रतिशत O आबादी O के O पास O एकल O - O भुगतान O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O बीमा O योजना O है O , O जबकि O बाकी O 3 B-NEN प्रतिशत O लोगों O का O पूरा O कवर O सरकारी O सब्सिडी O पर O आधारित O है O । O सामाजिक O समावेशन O योजनाओं O के O तहत O अ.जा O कल्याण O हेतु O रु. O 52719 B-NEN करोड़ I-NEN तथा O अ.ज.जा. O कल्याण O हेतु O रु. O 39319 B-NEN करोड़ I-NEN प्रावधान O अ.जा O व O अ.ज.जा. O के O लोगों O को O मदद O करेगा O । O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O की O अ.ज.जा O आबादी O वाले O प्रत्येक O खंड O में O नवोदय B-NEO विद्यालय I-NEO के O साथ O - O साथ O एकलव्य B-NEO स्कूल I-NEO होंगे O । O थाइलैंड B-NEL में O 75 B-NEN प्रतिशत O आबादी O को O यूएचसी O कार्यक्रम O के O दायरे O में O लाया O गया O है O । O सूक्ष्म O बीमा O व O पेंशन O योजना O के O तहत O प्रधानमंत्री O जनधन O योजना O के O अंतर्गत O सभी O 16 B-NEN करोड़ I-NEN खातों O को O शामिल O करने O का O प्रावधान O काफी O सही O है O । O महिलाओं O के O स्वास्थ्य O पर O ध्यान O केंद्रित O करते O हुए O जल्दी O ही O भारतीय O महिलाओं O के O स्वास्थ्य O में O सुधार O लाने O के O तरीके O सुझाने O के O लिए O एक B-NEN समिति O का O गठन O करेंगे O । O समिति O का O निष्कर्ष O नई O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O का O एक B-NEN हिस्सा O होगा O । O देश O के O भविष्य O की O दृष्टि O से O एक B-NEN महिला O का O शरीर O एक B-NEN मंदिर O के O तौर O पर O बहुत O महत्वपूर्ण O है O । O टेलीमेडिसिन O ने O हजारों B-NEN जिंदगियां O बचाईं O । O अभी O हाल O में O नेशनल B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO मेंटल I-NEO हेल्थ I-NEO एण्ड I-NEO न्यूरो I-NEO साइंस I-NEO बेंगलूरू I-NEO ने O नशीली O दवाओं O और O शराब O की O शिकार O महिलाओं O के O लिए O एक B-NEN विशेष O वार्ड O खोला O है O । O उन्होंने O कहा O , O ‘’ O हम O आधुनिक O जीवन O शैली O की O बढ़ती O हुई O चुनौतियों O से O चिंतित O हैं O जिसमें O एक B-NEN ओर O कार्य O का O तनाव O रहता O है O और O दूसरी O ओर O खाने O - O पीने O और O सोने O की O गलत O आदतों O का O प्रभाव O पड़ता O है O । O एक B-NEN जिज्ञासु O इतिहासकार O की O तरह O यह O हमें O सटीक O तरीके O से O हमारे O अतीत O से O परिचित O कराता O है O , O चमत्कारी O भविष्य O - O वक्ता O की O तरह O वह O हमें O जलवायु O - O परिवर्तन O और O उसके O प्रभावों O के O प्रति O आगाह O करता O है O , O और O एक B-NEN सृजनशील O कलाकार O की O तरह O वह O नवीनतम O आविष्कारों O के O जरिए O हमें O भविष्य O का O नजारा O दिखाता O है O । O मैं O आज O की O युवा O महिलाओं O से O उनको O एक B-NEN आदर्श O के O रूप O में O अपनाने O का O अनुरोध O करता O हूं O । O 5. B-NEN व्यावसायिक O योग्यता O को O व्यक्तिगत O जिद्द O से O न O दबाया O जाए O । O 6. B-NEN कैरियर O ( O भविष्य O ) O को O ध्यान O में O रखना O - O अफसरशाही O मूल O रूप O से O स्थायी O व्यवस्था O है O - O लम्बे O अर्से O तक O के O कार्यकाल O में O विभिन्न O कार्यों O और O प्रणालियों O का O अनुभव O मिलता O है O और O विविध O क्षेत्रों O में O काम O करने O से O परिपक्वता O आती O है O जिससे O सार्वजनिक O नीति O तैयार O करने O की O क्षमता O और O योग्यता O विकसित O होती O है O । O 1. B-NEN एकीकृत O रोग O निगरानी O कार्यक्रम O ( O आईडीएसपी O ) O मशीनरी O जिलों O / O प्रहरी O स्थलों O से O नमूने O एकत्रित O करके O रीजनल B-NEO जीनोम I-NEO सीक्वेंसिंग I-NEO प्रयोगशालाओं I-NEO में O भेजने O में O समन्वय O करती O है O । O प्रशासनिक O सेवाओं O में O प्रत्याशी O को O निदेशक O पद O तक O पहुंचने O से O पहले O कम O से O कम O 14 B-NEN वर्ष O काम O करना O होता O है O और O कम O से O कम O 18 B-NEN वर्ष O की O सेवा O के O बाद O संयुक्त O सचिव O ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO ) O के O पद O पर O पहुंचता O है O जबकि O सचिव O ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO ) O बनने O से O पहले O कम O से O कम O 32 B-NEN वर्ष O का O सेवाकाल O पूरा O करना O पड़ता O है O । O दूसरे B-NEN , O नियमों O और O विनियमों O के O अनुपालन O के O बारे O में O ऐसे O कई O मामले O हुए O हैं O जहां O सक्षम O अधिकारी O द्वारा O बनाए O गए O नियमों O और O विनियमों O का O पालन O नहीं O किया O जाता O और O निर्धारित O प्रक्रियाओं O और O विधियों O का O भी O पालन O नहीं O होता O ( O जबकि O नियम O मंत्रिमंडल O द्वारा O और O कानून O संसद O / O विधायी O संस्था O द्वारा O बनाए O जाते O हैं O ) O । O 2. B-NEN इंसाकॉग B-NEO को O सहायता O प्रदान O करने O के O लिए O वैज्ञानिक O और O नैदानिक O सलाहकार O समूह O ( O एससीएजी O ) O में O चर्चा O के O आधार O पर O यह O निर्णय O लिया O गया O कि O एक B-NEN जीनोमिक O म्यूटेशन O की O पहचान O की O जाए O , O जो O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O प्रासंगिकता O का O हो O और O जिसे O एससीएजी O को O प्रस्तुत O किया O जाएगा O । O परन्तु O एक B-NEN खास O मौके O पर O एक B-NEN वरिष्ठ O अधिकारी O को O विदेश O जाना O था O और O वहां O अधिकारी O ने O एयर B-NEO इंडिया I-NEO से O ही O यात्रा O करने O की O शर्त O से O छूट O लेने O का O आवेदन O किया O लेकिन O वित्तीय O सलाहकार O ने O प्राइवेट O एयरलाइन O के O विमान O से O यात्रा O का O प्रस्ताव O नहीं O माना O । O 3. B-NEN आईडीएसपी O स्थापित O जीनोम O सीक्वेंसिंग O विश्लेषण O और O क्लिनिकल O महामारी O विज्ञान O से O संबंधित O आवश्यक O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O उपायों O को O तैयार O करने O और O उन्हें O लागू O करने O के O लिए O केंद्रीय B-NEO स्वास्थ्य I-NEO और I-NEO परिवार I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO , O आईसीएमआर B-NEO , O डीबीटी B-NEO , O सीएसआईआर B-NEO और O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O साथ O साझा O किया O जाता O है O । O 4. B-NEN नए O म्यूटेशन O / O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O और O वेरिएंट O ऑफ O इन्टरेस्ट O का O कल्चर O और O जीनोमिक O अध्ययन O किया O जाता O है O ताकि O वैक्सीन O की O प्रभावकारिता O और O प्रतिरक्षा O से O बचने O के O गुणों O के O प्रभाव O का O पता O लगाया O जा O सके O । O 5. B-NEN सभी O लोक O सेवकों O को O सीखने O की O आत्म O - O प्रेरित O तथा O अधिदेशित O प्रक्रिया O में O अपने O व्यवहार O , O क्रियाकलाप O और O कार्यक्षेत्र O से O संबंधित O दक्षताओं O को O निरंतर O विकसित O एवं O सुदृढ़ O करने O का O अवसर O उपलब्ध O कराना O । O उत्तर O - O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O भारत B-NEL में O 35 B-NEN राज्यों O के O 174 B-NEN जिलों O में O पाया O गया O है O । O दूसरी B-NEN तरफ O अधिकार O के O बिना O जिम्मेदारी O देने O से O किसी O भी O प्रयास O में O सफलता O नहीं O मिल O जाती O और O विज़न O और O मिशन O जैसे O लक्ष्य O कतई O हासिल O नहीं O किए O जा O सकते O । O पांचवें B-NEN , O व्यावसायिक O कुशलता O और O योग्यता O प्रशासनिक O सेवाओं O का O मूल O मंत्र O है O । O इसमें O चार B-NEN तत्व O समाहित O रहते O हैं O : O समानता O , O निष्पक्षता O , O कार्यकुशलता O और O गुमनाम O रहना O । O 1. B-NEN देशभक्ति O की O दृष्टि O से O , O स्वामीभक्ति O की O दृष्टि O से O , O ईमानदारी O की O दृष्टि O से O और O योग्यता O की O दृष्टि O से O इनका O कोई O विकल्प O नहीं O है O । O लोकसभा O और O विधानसभाओं O का O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O से O श्रम O और O समय O की O बचत O के O साथ O - O साथ O चुनाव O कराने O में O होने O वाले O खर्च O की O बचत O होती O है O । O इस O तुलना O को O एक B-NEN अन्य O तरीके O से O समझते O हैं O । O अगर O मस्तिष्क O एक B-NEN हाथ O पर O ज्यादा O ध्यान O देने O लगे O और O दूसरे O हाथ O की O उपेक्षा O करने O लगे O तो O उपेक्षित O हाथ O में O लकवा O हो O जाएगा O । O एक B-NEN अन्य O तुलना O देखिए O । O कृषि O अनुसंधान O पर O होने O वाले O निवेश O से O प्राप्त O लाभ O की O आंतरिक O दर O 42 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O होने O का O अनुमान O है O जो O किसी O भी O अन्य O क्षेत्र O की O तुलना O में O कहीं O ज्यादा O है O । O इसलिए O , O एक B-NEN सक्षम O प्रशासक O में O निष्पक्षता O और O श्रेष्ठतम O स्तर O की O कार्य O - O कुशलता O , O उत्पादकता O और O सत्य O - O निष्ठा O आवश्यक O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O पहली O बार O कृषि O विपणन O के O क्षेत्र O में O एक B-NEN अरसे O से O लंबित O सुधारों O को O लेकर O तीन B-NEN प्रमुख O सुधार O किये O । O मलाबार B-NEL के O तटों O से O लेकर O तत्कालीन O मद्रास B-NEL तक O अंग्रेजी O राज O आने O तक O भारतीय O बैंकरों O की O एक B-NEN समृद्ध O परंपरा O थी O । O इस O पत्र O में O मुसीरी B-NEL में O , O तमिलनाडु B-NEL के O भारतीय O व्यापारी O और O अलेक्जेंड्रिया B-NEL के O रोमन O व्यापारी O के O बीच O हुए O एक B-NEN समझौते O का O उल्लेख O है O । O उद्योग O @ O 75 B-NEN हम O उस O वर्ष O तक O एक B-NEN नये O और O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL के O निर्माण O की O ओर O बढ़ O रहे O हैं O । O वह O एक B-NEN विकेंद्रित O व्यवस्था O रही O है O । O इसका O एक B-NEN उदाहरण O है O लगभग O पूरे O भारत B-NEL में O लघु O बैंकिंग O प्रणाली O की O तर्ज O पर O खेली O जाने O वाली O कमिटी O । O वे O एक B-NEN निश्चित O राशि O प्रतिमाह O एकत्र O करते O हैं O जिसे O जरूरतमंद O सदस्य O बोली O लगाकर O प्राप्त O करता O है O । O पहली O योजना O में O निजी O और O सार्वजनिक O , O दोनों B-NEN ही O क्षेत्रों O के O विकास O पर O ध्यान O दिया O गया O । O शुरुआती O तीन B-NEN योजनाओं O ने O भारत B-NEL में O पूंजीगत O सामान O उद्योग O के O निर्माण O में O मदद O की O । O खंड O - O 2 B-NEN संकल्प O के O अनुच्छेद O 8 B-NEN में O सार्वजनिक O अधिकारियों O के O लिए O आचार O संहिता O का O उल्लेख O है O । O ब्रिटेन B-NEL में O सार्वजनिक O जीवन O में O मानकों O पर O समिति O , O जिसे O नोलान B-NEO समिति I-NEO के O नाम O से O जाना O जाता O है O , O ने O सार्वजनिक O जीवन O के O सात B-NEN सिद्धांतों O को O रेखांकित O किया O । O खंड O - O 3 B-NEN दोनों B-NEN आपस O में O जुड़े O हुए O हैं O और O इन्हें O एक O दूसरे O के O पूरक O के O रूप O में O देखा O जाना O चाहिए O । O 1. O यह O भारत B-NEL के O किसी O राष्ट्रपति O की O तुर्कमेनिस्तान B-NEL की O पहली O यात्रा O है O , O और O तुर्कमेनिस्तान B-NEL के O नए O और O युवा O नेता O की O मेजबानी O में O आयोजित O पहली O यात्राओं O में O से O एक B-NEN है O । O 1. B-NEN बेनामी O लेनदेन O ( O निषेध O ) O अधिनियम O की O धारा O 5 B-NEN को O लागू O करने O की O आवश्यकता O , O 2. B-NEN लोक O सेवकों O की O अवैध O रूप O से O अर्जित O संपत्तियों O की O जब्ती O का O प्रावधान O करने O वाले O कानून O की O आवश्यकता O , O 3. B-NEN जनहित O प्रकटीकरण O कानून O का O अधिनियमन O , O आपकी O यह O सदाशयता O हमारे O दो B-NEN महान O राष्ट्रों O के O बीच O मित्रता O की O जीवंतता O को O दर्शाती O है O । O 5. B-NEN केंद्रीय O सतर्कता O आयोग O कानून O के O अलावा O लोकपाल O विधेयक O को O अधिनियमित O करने O की O आवश्यकता O और O 6. B-NEN आपराधिक O न्यायिक O प्रणाली O को O मजबूत O करना O । O 4. B-NEN सूचना O की O स्वतंत्रता O कानून O का O अधिनियमन O , O भारत B-NEL में O , O हमारे O पास O ईमानदारी O से O संबंधित O मुद्दों O के O समाधान O के O लिए O एक B-NEN व्यापक O विधायी O और O संस्थागत O ढांचा O है O , O जिसका O विवरण O नीचे O दिया O गया O है O : O 5. O मुझे O विश्वास O है O कि O भारत B-NEL की O वित्तीय O खुफिया O इकाई O और O तुर्कमेनिस्तान B-NEL की O वित्तीय O निगरानी O सेवा O के O बीच O आज O जिस O समझौता O ज्ञापन O पर O हस्ताक्षर O किए O गए O हैं O वह O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O आर्थिक O सहयोग O के O ढांचे O को O मजबूत O करेगा O । O एक B-NEN समाज O के O रूप O में O हम O निश्चित O रूप O से O भ्रष्टाचार O मुक्त O बनने O की O आकांक्षा O रखेंगे O । O 1. B-NEN कार्य O स्वतंत्रता O को O कम O से O कम O कर O , O 3. B-NEN सेवाओं O और O संबंधित O गतिविधियों O के O प्रतिपादन O के O लिए O स्पष्ट O समय O सीमा O के O साथ O - O साथ O उन्हें O प्रदान O करने O की O जिम्मेदारी O निश्चित O करने O के O साथ O नागरिक O चार्टर O को O अधिक O विस्तृत O बनाकर O , O इनके O अलावा O नागरिक O चार्टर O के O अनुपालन O पर O एक B-NEN मासिक O रिपोर्ट O संगठन O की O वेबसाइट O पर O डाली O जा O सकती O है O । O 2. B-NEN शासन O के O सभी O क्षेत्रों O में O सूचना O प्रौद्योगिकी O का O अधिक O प्रयोग O कर O , O हमारे O लिए O अंतरिक्ष O पारस्परिक O रूप O से O लाभकारी O सहयोग O का O एक B-NEN अन्य O क्षेत्र O हो O सकता O है O । O सत्यनिष्ठा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O एक B-NEN मजबूत O कानूनी O और O संस्थागत O तंत्र O विद्यमान O है O । O मैंने O सुझाव O दिया O कि O दोनों B-NEN देशों O द्वारा O कोविड O टीकाकरण O प्रमाणपत्रों O की O पारस्परिक O मान्यता O हमारे O नागरिकों O की O यात्रा O को O सुविधाजनक O बनाने O में O काफी O सहायक O होगी O । O 14. B-NEN भारत B-NEL - O म्यांमार B-NEL सीमा O पर O बुनियादी O ढांचे O का O विकास O कई O आर्थिक O , O लोगों O से O लोगों O के O बीच O संबंधों O और O सुरक्षा O की O अनिवार्यताओं O को O भी O पूरा O करता O है O । O 15. B-NEN कलादान O मल्टीमॉडल O ट्रांजिट O ट्रांसपोर्ट O प्रोजेक्ट O उन O परियोजनाओं O में O सबसे O महत्वपूर्ण O है O जो O म्यांमार B-NEL में O शुरू O की O है O । O यह O स्थलाकृति O और O उग्रवाद O दोनों O के O कारण O सबसे O कठिन O परियोजनाओं O में O से O एक B-NEN है O । O इस O परियोजना O में O कलादान B-NEL नदी O पर O सितवे B-NEL से O पलेटवा B-NEL तक O 158 B-NEN किलोमीटर O का O जलमार्ग O घटक O और O मिजोरम B-NEL में O भारत B-NEL - O म्यांमार B-NEL सीमा O पर O पलेटवा B-NEL से O ज़ोरिनपुई B-NEL तक O 109 B-NEN किलोमीटर O का O सड़क O घटक O शामिल O है O । O 16. B-NEN भारत B-NEL - -NEL (( O म्यांमार - - O थाईलैंड B-NEL त्रिपक्षीय O राजमार्ग O के O हिस्से O के O रूप O में O भारत B-NEL दो B-NEN परियोजनाएं O चला O रहा O है O - O म्यांमार B-NEL के O ज़रिये O मोरेह B-NEL को O थाईलैंड B-NEL में O मो B-NEL सॉट I-NEL से O जोड़ना O । O एक B-NEN अनुदान O के O तहत O कार्यान्वित O इसकी O परिकल्पना O में O तमू B-NEL - O कलेवा B-NEL - O किगोन B-NEL सेक्टर O में O 69 B-NEN पुलों O और O 120 B-NEN किलोमीटर O कालेवा B-NEL - O यार्गी B-NEL सेक्टर O में O उन्नयन O शामिल O हैं O । O अलग O से O , O मिजोरम B-NEL से O म्यांमार B-NEL तक O बैनू B-NEL नदी O पर O एक B-NEN पुल O को O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O 2 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O अनुदान O के O तहत O बनाया O जाएगा O । O दोनों B-NEN नीतियां O पहुंच O , O गुणवत्ता O और O न्यायसंगतता O हासिल O करने O के O लिये O नियामक O ढांचों O , O प्रणालियों O और O प्रक्रियाओं O की O स्थापना O में O सफल O रही O हैं O । O देश O की O शुरुआती O दो B-NEN शिक्षा O नीतियों O में O बच्चों O के O लिये O अनिवार्य O शिक्षा O और O विभिन्न O सामाजिक O समुदायों O के O बीच O समानता O पर O बल O दिया O गया O है O । O इसके O अतिरिक्त O , O मणिपुर B-NEL से O म्यांमार B-NEL तक O बिजली O और O डिजिटल O कनेक्टिविटी O कॉरिडोर O पहले O से O ही O कार्यात्मक O हैं O और O सीमा O के O दोनों B-NEN ओर O के O समुदायों O के O लिए O बेहद O मददगार O साबित O हो O रहे O हैं O । O लेकिन O बस O एक B-NEN पल O के O लिए O पीछे O हटें O और O बड़ा O सोचें O । O 19. B-NEN इस O पहल O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O तत्व O पूर्वोत्तर B-NEL में O बांस O मूल्य O श्रृंखला O को O मजबूत O करने O के O लिए O एक B-NEN कार्यक्रम O है O । O जापानी O बाजार O के O लिए O पूर्वोत्तर B-NEL से O युवा O प्रतिभा O को O प्रशिक्षित O और O लैस O करने O के O लिए O उनका O कौशल O विकास O एक B-NEN और O महत्वपूर्ण O क्षेत्र O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O भारतीय B-NEO नर्सिंग I-NEO परिषद I-NEO का O एक B-NEN प्रस्ताव O है O कि O पूर्वोत्तर B-NEL में O नर्सिंग O कॉलेजों O में O जापानी O भाषा O पाठ्यक्रम O शुरू O किया O जाए O , O साथ O ही O जापान O प्रवासी O सहयोग O स्वयंसेवकों O को O इस O क्षेत्र O के O चयनित O संस्थानों O में O लाने O का O प्रस्ताव O भी O है O । O सभी O परामर्श O दोनों B-NEN साथी O की O उपस्थिति O में O दिए O जा O सकते O हैं O । O एक B-NEN स्थानीय O हकीम O होने O के O नाते O आपकी O भूमिका O महत्वपूर्ण O है O । O 4. O भारत B-NEL और O अरब O जगत O एक B-NEN सभ्यतागत O संबंध O साझा O करते O हैं O , O जो O हमारे O लोगों O से O लोगों O के O बीच O मजबूत O संबंधों O और O वाणिज्यिक O और O सांस्कृतिक O संबंधों O पर O आधारित O है O । O 5. O आज O के O समय O अरब O देशों O में O 9 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O भारतीय O मूल O के O लोग O रहते O हैं O और O इन O देशों O के O साथ O भारत B-NEL की O व्यापक O भागीदारी O में O कृषि O , O व्यापार O , O वाणिज्य O और O शिक्षा O से O लेकर O स्वच्छ O ऊर्जा O , O आतंकवाद O से O निपटने O के O प्रयास O और O नई O प्रौद्योगिकी O जैसे O मानव O प्रयास O के O हर O पहलू O शामिल O हैं O । O 6. O भारत B-NEL और O अरब O लीग O ने O दो B-NEN दशक O पहले O भविष्य O में O साझेदारी O के O लिए O एक B-NEN नियमित O संवाद O प्रक्रिया O को O संस्थागत O बनाने O के O एक B-NEN समझौता O ज्ञापन O पर O हस्ताक्षर O किए O थे O । O 9. O इस O संबंध O में O मैं O परिषद O द्वारा O विचार O के O लिए O विशिष्ट O सुझाव O के O रूप O में O चार B-NEN प्रस्ताव O प्रस्तुत O करना O चाहूंगा O ; O • O पहला O , O दोनों B-NEN संगठनों O के O बीच O बेहतर O नीतिगत O तालमेल O होना O चाहिए O । O दोनों B-NEN संगठनों O को O अंतर्राष्ट्रीय O स्तर O पर O सहमति O से O बने O ढांचे O और O पार्टियों O के O बीच O पिछले O समझौतों O के O आधार O पर O , O दो B-NEN - O राष्ट्र O समाधान O के O अनुरूप O मध्य B-NEL पूर्व I-NEL शांति O प्रक्रिया O को O फिर O से O सक्रिय O बनाने O के O लिए O ठोस O प्रयास O करना O चाहिए O । O उनकी O कविता O में O एक B-NEN बच्चे O के O मन O में O एक B-NEN आदर्श O अध्यापिका O की O छवि O कुछ O ऐसी O है O , O ' O अगर O कभी O बीमार O पड़ें O हम O , O हमें O देखने O आएं O ! O एक B-NEN गुलाब O महकता O प्यारा O , O हमें O गिफ्ट O कर O जाएं O ! O स्वास्थ्य O एक B-NEN प्राथमिक O अधिकार O है O , O वस्तुतः O मानव O अधिकारों O का O मुद्दा O है O । O ' O एक B-NEN खिलौना O चलने O वाला O , O एक B-NEN भागने O वाला O , O एक B-NEN न O जिसमें O चाबी O कोई O और O न O जिसमें O ताला O । O एक B-NEN जरा O सा O उड़ता O हो O जो O , O एक B-NEN जरा O सा O गाए O , O एक B-NEN खिलौना O मजेदार O हो O , O हमको O खूब O हंसाए O । O वहीं O दूसरी B-NEN ओर O कोविड O - O 19 O विषाणु O को O लेकर O पूरी O दुनिया O में O चिंताएं O बढ़ी O हैं O और O वे O इसे O गंभीर O खतरे O के O रूप O में O देख O रहे O हैं O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO और O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O बीच O शेयर O पूंजी O की O संरचना O की O समीक्षा O के O बाद O अब O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O पास O 4,980 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O 99.60 B-NEN प्रतिशत O ) O पूंजी O है O और O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO के O पास O 20 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O 0.40 B-NEN प्रतिशत O ) O हैं O । O एनएचबी B-NEO के O कामकाज O का O सामान्य O अधीक्षण O , O निर्देशन O एवं O प्रबंधन O अधिनियम O के O अंतर्गत O एक B-NEN निदेशक O मंडल O के O हाथ O में O होता O है O । O यह O विचारधारा O सार्वजनिक O व O निजी O दोनों B-NEN जीवन O में O नैतिक O मूल्यों O के O अनुपालन O पर O बल O देती O है O । O एमएसएमई O क्षेत्र O भारतीय O अर्थव्यवस्था O का O महत्वपूर्ण O स्तंभ O है O क्योंकि O लगभग O 5.1 B-NEN इकाइयों O के O बड़े O नेटवर्क O के O साथ O वह O अर्थव्यवस्था O की O वृद्धि O में O बहुत O अधिक O योगदान O करता O है O । O यह O क्षेत्र O लगभग O 11.7 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O के O लिए O रोजगार O उपलब्ध O कराता O है O , O 6,000 B-NEN से O अधिक O प्रकार O के O उत्पाद O बनाता O है O , O विनिर्माण O उत्पादन O में O लगभग O 45 B-NEN प्रतिशत O योगदान O करता O है O , O निर्यात O मूल्य O में O इसका O योगदान O लगभग O 40 B-NEN प्रतिशत O है O और O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O इसका O लगभग O 37 B-NEN प्रतिशत O योगदान O है O । O एमएसएमई O को O दो B-NEN प्रकार O से O वित्तीय O सहायता O दी O जाती O है O - O इस O प्रकार O के O प्रोत्साहन O एवं O विकास O समर्थन O से O एमएसएमई O क्षेत्र O में O 23 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O लोगों O को O लाभ O हुआ O है O , O 1.5 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O रोजगार O सॄजित O हुए O हैं O और O 80,000 B-NEN से O अधिक O इकाइयां O स्थापित O करने O में O मदद O मिली O है O , O जिनमें O से O अधिकतर O ग्रामीण O उद्यम O हैं O । O ई O - O शासन O आधुनिक O युग O में O एक B-NEN सफल O सरकार O के O लिये O अपरिहार्य O जरूरत O बन O गया O है O । O ' O गार्टनर O ई O - O गवर्नेंस O मैच्योरिटी O मॉडल O ’ O के O अनुसार O ई O - O शासन O के O चार B-NEN चरण O हैं O - O उन्होंने O पूछा O कि O वह O अपनी O पढ़ाई O और O खेल O प्रशिक्षण O दोनों B-NEN में O कैसे O संतुलन O बना O पाती O हैं O । O इस O पांचवें B-NEN चरण O में O सरकारों O को O खुद O को O नागरिकों O की O जरूरतों O के O अनुरूप O काम O करने O वाले O संयोजक O मंच O में O तब्दील O करना O है O । O हालांकि O यदि O सीईए O पूरे O देश O में O लागू O भी O होता O , O इसके O तहत O उल्लेख्य O न्यूनतम O मानकों O के O साथ O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O के O विभिन्न O प्रवर्गों O के O लिए O संबंधित O नियम O 25 B-NEN में O शिकायत O निवारण O से O संबंधित O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O सीईए O के O अनुसार O अस्पताल O 26 B-NEN के O निश्चित O प्रवर्ग O अपेक्षित O हैं O जहां O रोगी O नागरिक O चार्टर O हो O ; O हालांकि O इस O चार्टर O के O लिए O भी O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O गठन O अपेक्षित O नहीं O है O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O सभी O एथलीटों O में O एक B-NEN कॉमन O फैक्टर O है O - O डिसिप्लीन O , O डेडीकेशन O और O डिटरमिनेशन O । O स्वास्थ्य B-NEO व I-NEO परिवार I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO में O एक B-NEN हॉस्पिटल O मैनुअल O 60 B-NEN है O जिसमें O प्रबंधन O , O प्रशासन O , O विभिन्न O विभागों O व O वास O के O क्षेत्रों O में O निजी O अस्पतालों O के O निर्बाध O परिचालन O का O प्रावधान O है O । O मैनुअल O 60 B-NEN प्रत्येक O सरकारी O अस्पतालों O के O लिए O शिकायत O निपटान O प्रणाली O की O कल्पना O करता O है O और O इसके O अनुबंध O में O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO के O अस्पतालों O के O नागरिक O घोषणापत्र O हैं O । O इस O प्रणाली O के O लिए O अपेक्षित O है O कि O प्रत्येक O अस्पताल O में O एक B-NEN व्यक्ति O को O शिकायत O निदान O अधिकारी O के O रूप O में O पदनामित O किया O जाए O , O शिकायत O पेटी O रखी O जाए O और O उसमें O आई O शिकायतों O को O पंजीकृत O किया O जाए O और O उसका O जवाब O दिया O जाए O , O नियमित O अनुवर्तन O किया O जाए O , O उन O पर O कार्रवाई O की O जाए O , O शिकायतों O व O अनुवर्तन O तथा O कृत O कार्रवाई O के O प्रबोधन O के O लिए O एक B-NEN समिति O गठित O की O जाए O तथा O सिटिजंस O चार्टर O के O क्रियान्वयन O के O प्रबोधन O हेतु O एक B-NEN नोडल O अधिकारी O नियुक्त O किया O जाए O । O इस O संदर्भ O में O एक B-NEN पहल O देखने O योग्य O है O । O मेरा O अस्पताल O एसएमएस O , O ओबीडी B-NEO मोबाइल B-NEO एप्लिकेशंस O व O वेब O पोर्टल O जैसे O यूजर O फ्रेंडली O चैनलों O के O जरिए O अस्पताल O में O प्राप्त O सेवाओं O के O लिए O रोगी O की O प्रतिक्रिया O प्राप्त O करने O के O लिए O स्वास्थ्य O मंत्रालय O , O भारत O सरकार O की O एक B-NEN पहल O है O । B-NEO भूजल O प्रबंधन O : O एक B-NEN आदर्श O बदलाव O इस O कानून O के O अंतर्गत O सभी O आवेदकों O को O 60 B-NEN दिनों O में O शिकायतों O की O सुनवाई O , O उनके O निवारण O का O अवसर O तथा O उस O पर O निर्णय O की O सूचना O प्राप्त O होने O का O कानूनी O अधिकार O प्राप्त O हो O गया O है O । O भूजल O - O एक B-NEN अदृश्य O स्रोत O आंकड़ों O पर O गौर O करें O तो O लगभग O 2 B-NEN लाख I-NEN 60 O हजार B-NEN शिकायतें O दर्ज O हुईं O , O जिनमें O से O 2 B-NEN लाख I-NEN 20 O हजार B-NEN से O अधिक O शिकायतों O का O निवारण O कर O दिया O गया O । O बिहार B-NEL के O मुख्यमंत्री O द्वारा O कई O बार O योजनाओं O की O निगरानी O एवं O उनसे O जुड़ी O शिकायतों O के O क्रियान्वयन O के O संबंध O में O अपने O विचार O दिए O जाते O रहे O हैं O , O ऐसा O ही O एक B-NEN वक्तव्य O उनके O द्वारा O जमुई B-NEL जिले O में O दिया O गया O था O , O जिसमें O उन्होंने O कहा O था O कि O " O हमारा O उद्देश्य O सिर्फ O पटना B-NEL में O बैठकर O नहीं O बल्कि O क्षेत्रों O में O जाकर O धरातल O पर O विकास O कार्यों O की O समीक्षा O करने O का O है O और O हम O क्षेत्र O में O जाकर O देखते O भी O हैं O कि O योजना O का O क्रियान्वयन O किस O प्रकार O से O हुआ O है O और O उसे O लागू O करने O में O क्या O कठिनाई O आई O या O उसका O क्या O प्रभाव O पड़ा O । O " O दोनों B-NEN ही O राज्यों O में O साक्षरता O एवं O आर्थिक O समृद्धता O का O स्तर O निम्न O ही O है O , O किंतु O दोनों B-NEN प्रदेशों O में O स्थापित O वर्तमान O सरकारों O के O प्रयास O से O वहां O की O जनता O के O लिए O शिकायत O निवारण O तंत्र O की O स्थापना O की O गयी O । O वहीं O छत्तीसगढ़ B-NEL इस O मामले O में O एक B-NEN कदम O आगे O बढ़ O गया O , O छत्तीसगढ़ B-NEL देश O के O ऐसे O राज्यों O में O से O एक B-NEN है O जिसमें O संबंधित O मंत्री O स्वयं O कॉल O के O माध्यम O से O शिकायतों O को O सुनते O हैं O तथा O निवारण O के O लिए O जरूरी O दिशा O - O निर्देश O भी O देते O हैं O । O छत्तीसगढ़ B-NEL में O जन O सुनवाई O के O लिए O सभी O 27 B-NEN जिलों O को O वीडियो O कांन्फ्रेंसिंग O से O भी O जोड़ा O गया O है O । O लाखों B-NEN ट्यूब O वेल्स O के O जरिए O इसने O “ O हरित O क्रांति O ' O की O सफलता O की O कहानी O लिखी O थी O । O मौजूदा O समय O में O यह O सीमित O स्रोत O सिंचित O कृषि O के O 60 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O , O ग्रामीण O पेयजल O की O 85 B-NEN प्रतिशत O और O शहरी O पेयजल O की O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O की O आपूर्ति O करता O है O । O पूरे O देश O में O सुशासन O एवं O विकास O के O अग्रणी O राज्य O गुजरात B-NEL में O अन्य O राज्यों O की O अपेक्षा O पहले O ही O जनशिकायत O निवारण O हेतु O एक B-NEN प्रणाली O विकसित O कर O ली O गयी O थी O । O समूचे O विश्व O के O एक B-NEN - I-NEN चौथाई I-NEN स्रोत O का O इस्तेमाल O हमारे O यहां O होता O है O । O मौजूदा O समय O में O , O देश O के O एक B-NEN - I-NEN तिहाई I-NEN हिस्से O में O भूजल O स्रोत O विभिन्न O कमियों O से O जूझ O रहे O हैं O । O 3. O सिटीजन O कॉल O सेंटर O ( O 181 B-NEN ) O पर O फोन O के O माध्यम O से O शिकायतों O को O दर्ज O कराने O व O उनकी O सूचना O प्राप्त O करने O की O निःशुल्क O सुविधा O । O राजस्थान B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O नागरिक O केन्द्रित O प्रशासन O को O सशक्त O करने O हेतु O पारदर्शी O नागरिक O सेवा O वितरण O को O सुनिश्चित O करने O हेतु O राजस्थान O संपर्क O नामित O एक B-NEN परियोजना O को O लागू O किया O गया O है O । O नागरिकों O के O लिए O उचित O सेवा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O एक B-NEN नए O प्रयास O के O रूप O में O , O राजस्थान O संपर्क O नामित O एक B-NEN परियोजना O को O आईटी B-NEO और I-NEO संचार I-NEO विभाग I-NEO के O माध्यम O से O लागू O किया O गया O है O । O इसका O उद्देश्य O विशेष O रूप O से O प्रौद्योगिकी O संचालित O क्षेत्रों O में O विश्व O स्तरीय O नवाचार O केंद्रों O , O बड़ी O चुनौतियों O , O स्टार्टअप O व्यवसायों O और O अन्य O स्वरोजगार O गतिविधियों O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O एक B-NEN मंच O के O रूप O में O कार्य O करना O है O । O तमिलनाडु B-NEO राज्य I-NEO में O चल O रही O योजनाओं O को O एक B-NEN ही O वेब O पोर्टल O पर O लाया O गया O तथा O उस O पोर्टल O को O ही O शिकायत O निवारण O प्रणाली O से O जोड़ा O गया O है O । O इसके O तहत O हाल O में O छह B-NEN - O चरण O की O चयन O प्रक्रिया O के O माध्यम O से O चयनित O संस्थानों O के O पहले O समूह O की O घोषणा O की O गई O है O । O एसीआईसी B-NEO , O 2 B-NEN स्तरीय O , O 3 B-NEN स्तरीय O और O 1 B-NEN स्तरीय O शहरों O , O उत्तर O - O पूर्व O , O जम्मू B-NEL - I-NEL कश्मीर I-NEL , O आकांक्षी O जिलों O , O स्मार्ट O सिटीज O , O ग्रामीण O और O जनजातीय O क्षेत्रों O के O कम O सेवा O वाले O / O सेवा O रहित O क्षेत्रों O पर O ध्यान O देने O के O साथ O देश O भर O में O फैले O क्षेत्रों O में O सहायक O बुनियादी O ढांचे O और O अवसरों O की O पेशकश O करके O नागरिकों O को O अत्याधुनिक O नवाचार O बनाने O में O सक्षम O बनाता O है O । O कबाड़ O उत्सर्जन O में O काफी O कमी O लाना O इस O समस्या O के O व्यावहारिक O समाधानों O में O से O एक B-NEN है O । O हमें O एक B-NEN सुविचारित O , O ठोस O और O नियंत्रित O ई O - O कबाड़ O रिकवरी O व्यवस्था O की O जरूरत O है O जिससे O रोजगार O और O संपदा O पैदा O होगी O । O योजना O के O दौरान O सार्वजनिक O बुनियादी O ढांचे O के O रूप O में O 567 B-NEN कोर्स O नेटवर्क O की O स्थापना O से O किसी O भी O विभाग O अथवा O एजेंसी O द्वारा O दी O जा O रही O जियो O - O पोजिशनिंग O सेवाओं O एवं O अन्य O विकास O गतिविधियों O में O मदद O मिलेगी O । O इससे O डिजिटल O कबाड़ O को O एक B-NEN दूसरा O जीवन O मिलेगा O । O इस O समय O ड्रोन O सर्वेक्षण O करने O के O लिए O विभिन्न O राज्यों O में O करीब O 119 B-NEN ड्रोन O तैनात O हैं O और O इनकी O संख्या O जल्द O ही O बढ़ाकर O 300 B-NEN की O जाएगी O । O नागर B-NEO विमानन I-NEO मंत्रालय I-NEO के O उत्पादन O से O संबद्ध O प्रोत्साहन O ( O पीएलआई O ) O योजना O सही O समय O पर O दिया O गया O मौका O है O - O एक B-NEN ओर O ड्रोन O की O लगातार O मांग O बनी O हुई O है O और O दूसरी O ओर O आपूर्ति O बढ़ाने O के O लिए O प्रोत्साहन O दिया O जा O रहा O है O । O प्रौद्योगिकी O ने O हमें O एक B-NEN आपस O में O जुड़ी O दुनिया O में O पहुंचा O दिया O है O । O वियतनाम B-NEL की O 87 B-NEN प्रतिशत O आबादी O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O बीमा O के O दायरे O में O शामिल O है O । O यह O मिशन O के O तौर O पर O चलायी O जाने O वाली O परियोजनाओं O - O मिशन O मोड O प्रोजेक्ट्स O ( O एमएमपी O ) O में O से O एक B-NEN है O । O इस O परियोजना O के O जरिए O देश O भर O की O 2.5 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O पंचायतों O की O आंतरिक O कार्य O प्रवाह O प्रक्रिया O को O स्वचालित O बनाया O जा O रहा O है O । O इसका O लाभ O लगभग O 30 B-NEN लाख I-NEN निर्वाचित O सदस्यों O और O पीआरआई O कर्मियों O को O होगा O । O प्रधानमंत्री O के O " O आत्मनिर्भर O भारत O " O अभियान O के O 5 B-NEN स्तंभ O हैं O - O अर्थव्यवस्था O यानी O इकोनॉमी O में O क्वांटम O जंप O , O इंफ्रास्ट्रक्चर O यानी O बुनियादी O अवसंरचना O , O टेक्नोलॉजी O ड्रिवेन O सिस्टम O यानी O तकनीक O से O संचालित O प्रणाली O या O तंत्र O , O वाइब्रेंट O डेमोग्राफी O यानी O जीवंत O जनसांख्यिकी O और O डिमांड O यानी O मांग O । O भारत B-NEL में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्रों O को O टिकाऊ O बनाने O के O लिए O आयुष्मान O भारत O योजना O के O तहत O प्राथमिक O केद्रों O के O स्तर O पर O 75,500 B-NEN वेलनेस O सेंटर O का O संचालन O हो O रहा O है O । O हालांकि O यदि O सीईए O पूरे O देश O में O लागू O भी O होता O , O इसके O तहत O उल्लेख्य O न्यूनतम O मानकों O के O साथ O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O के O विभिन्न O प्रवर्गों O के O लिए O संबंधित O नियम O 25 B-NEN में O शिकायत O निवारण O से O संबंधित O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O आत्मनिर्भर O स्वस्थ O भारत O योजना O के O लिए O 64,180 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किए O गए O हैं O , O ताकि O प्राथमिक O समेत O सभी O स्तरों O पर O स्वास्थ्य O सुविधाओं O को O बेहतर O बनाया O जा O सके O । O देश O के O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी B-NEO ) O में O स्वास्थ्य O क्षेत्र O का O योगदान O 4.2 B-NEN प्रतिशत O है O और O इसमें O निजी O क्षेत्र O की O हिस्सेदारी O 70 B-NEN प्रतिशत O से O भी O ज्यादा O है O । O सीईए O के O अनुसार O अस्पताल O 26 B-NEN के O निश्चित O प्रवर्ग O अपेक्षित O हैं O जहां O रोगी O नागरिक O चार्टर O हो O ; O हालांकि O इस O चार्टर O के O लिए O भी O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O गठन O अपेक्षित O नहीं O है O । O स्वास्थ्य B-NEO व I-NEO परिवार I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO में O एक B-NEN हॉस्पिटल O मैनुअल O 60 B-NEN है O जिसमें O प्रबंधन O , O प्रशासन O , O विभिन्न O विभागों O व O वास O के O क्षेत्रों O में O निजी O अस्पतालों O के O निर्बाध O परिचालन O का O प्रावधान O है O । O मैनुअल O 60 B-NEN प्रत्येक O सरकारी O अस्पतालों O के O लिए O शिकायत O निपटान O प्रणाली O की O कल्पना O करता O है O और O इसके O अनुबंध O में O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO के O अस्पतालों O के O नागरिक O घोषणापत्र O हैं O । O इस O प्रणाली O के O लिए O अपेक्षित O है O कि O प्रत्येक O अस्पताल O में O एक B-NEN व्यक्ति O को O शिकायत O निदान O अधिकारी O के O रूप O में O पदनामित O किया O जाए O , O शिकायत O पेटी O रखी O जाए O और O उसमें O आई O शिकायतों O को O पंजीकृत O किया O जाए O और O उसका O जवाब O दिया O जाए O , O नियमित O अनुवर्तन O किया O जाए O , O उन O पर O कार्रवाई O की O जाए O , O शिकायतों O व O अनुवर्तन O तथा O कृत O कार्रवाई O के O प्रबोधन O के O लिए O एक B-NEN समिति O गठित O की O जाए O तथा O सिटिजंस O चार्टर O के O क्रियान्वयन O के O प्रबोधन O हेतु O एक B-NEN नोडल O अधिकारी O नियुक्त O किया O जाए O । O इस O संदर्भ O में O एक B-NEN पहल O देखने O योग्य O है O । O मेरा O अस्पताल O एसएमएस O , O ओबीडी O मोबाइल O एप्लिकेशंस O व O वेब O पोर्टल O जैसे O यूजर O फ्रेंडली O चैनलों O के O जरिए O अस्पताल O में O प्राप्त O सेवाओं O के O लिए O रोगी O की O प्रतिक्रिया O प्राप्त O करने O के O लिए O स्वास्थ्य B-NEO मंत्रालय I-NEO , O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O एक B-NEN पहल O है O । O जैवप्रौद्योगिकी B-NEO विभाग I-NEO - I-NEO डिपार्टमेंट I-NEO ऑफ I-NEO बायोटेक्नोलॉजी I-NEO ( I-NEO डीबीटी I-NEO ) I-NEO ने O कोविड O - O 19 O से O निपटने O की O एक B-NEN समन्वित O रणनीति O अपनायी O है O । O - B-NEO बीआईआरएसी I-NEO अनुसंधान O समूह O 100 B-NEN से O ज्यादा O परियोजनाओं O को O सहयोग O दे O रहा O है O । O पच्चास B-NEN से O ज्यादा O स्टार्टअप O उद्यामों O ने O कोविड O - O 19 O से O मुकाबले O के O लिये O नवोन्मेषी O उत्पाद O विकसित O किये O हैं O । O कोविड O - O 19 O के O सुरक्षित O , O प्रभावी O और O किफायती O टीकों O के O विकास O के O लिये O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL 3.0 B-NEN पैकेज O के O तहत O मिशन O कोविड O सुरक्षा O शुरू O किया O गया O है O । O पांच B-NEN टीके O - O डीएनए O टीका O जाइकोव O - O डी O , O एमआरएनए O टीका O एचजीसीओ O - O 19 O , O बायोलॉजिकल O ई O का O सहायक O - O प्रोटीन O उपइकाई O आधारित O टीका O कॉर्बेवैक्स O , O नाक O से O दिया O जाने O वाला O टीका O बीबीवी O 154 B-NEN और O वायरस O सदृश्य O कण O टीका O जाइकोव O - O डी O विकास O के O उन्नत O चरण O में O हैं O । O भारत B-NEL में O कोविड O - O 19 O के O कुल O पांच B-NEN टीकों O को O आपातकालीन O इस्तेमाल O की O इजाजत O दी O जा O चुकी O है O । O चार B-NEN टीके O क्लिनिकल O विकास O के O विभिन्न O चरणों O में O हैं O । O इसके O अलावा O डीबीटी B-NEO लगभग O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O खर्च O से O तकरीबन O 15 B-NEN टीकों O के O विकास O में O उद्योग O और O सार्वजनिक O क्षेत्र O की O प्रयोगशालाओं O को O सहयोग O दे O रहा O है O । O कई O वर्ष O के O विचार O - O विमर्श O के O बाद O , O विश्व O स्वास्थ्य O संगठन O ने O सतत O विकास O लक्ष्यों O की O राह O में O इन O चार B-NEN प्रमुख O खतरों O की O पहचान O की O है O - O शराब O और O तंबाकू O का O सेवन O तथा O पोषक O आहार O और O शारीरिक O व्यायाम O का O अभाव O । O कोवैक्सिन O की O मासिक O उत्पादन O क्षमता O को O मौजूदा O एक B-NEN करोड़ I-NEN खुराक O से O बढ़ाकर O लगभग O 10 B-NEN करोड़ I-NEN खुराक O करने O का O लक्ष्य O रखा O गया O है O । O इसके O लिये O जिन O तीन B-NEN सार्वजनिक O उपक्रमों O को O सहायता O दी O जा O रही O है O वे O हैं O - O इंडियन B-NEO इम्यूनोलॉजिकल्स I-NEO ( I-NEO हैदराबाद I-NEO ) I-NEO , O हैफकिन B-NEO बायोफार्मास्यूटिकल्स I-NEO ( I-NEO मुंबई I-NEO ) I-NEO और O भारत B-NEO इम्यूनोलॉजिकल्स I-NEO एंड I-NEO बायोलॉजिकल्स I-NEO ( I-NEO बुलंदशहर I-NEO ) I-NEO । O देश O में O टीके O की O मांग O को O पूरा O करने O के O लिये O कोवैक्सिन O की O उत्पादन O क्षमता O बढ़ाने O के O मकसद O से O भारत B-NEO बायोटेक I-NEO इंडस्ट्रीज I-NEO लिमिटेड I-NEO ( I-NEO बीबीआईएल I-NEO ) I-NEO और O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O तीन B-NEN उपक्रमों O को O वित्तीय O सहायता O दी O जा O रही O है O । O टीकों O का O परीक्षण O देश O भर O में O 54 B-NEN क्लिनिकल O ट्रायल O स्थलों O पर O चल O रहा O है O । O इनमें O से O हर O स्थल O से O ऐसे O 50 B-NEN हजार I-NEN से O एक B-NEN लाख I-NEN तक O स्वस्थ O वोलंटियर O जुड़े O हैं O जिन O पर O लंबे O समय O तक O नजर O रखी O जा O सकती O है O । O ये O स्थल O श्रेष्ठ O क्लिनिकल O पद्धति O , O एक B-NEN केन्द्रीय O प्लेटफॉर्म O पर O इलेक्ट्रॉनिक O डाटा O अभिग्रहण O तथा O चिकित्सकीय O प्रस्तुतिकरण O , O उपचार O और O परिणाम O से O संबंधित O रोगियों O के O आंकड़े O अभिग्रहीत O करने O के O लिये O सुदृढ़ O रोग O रजिस्ट्री O की O संयोजित O प्रणालियों O से O लैस O हैं O । O ऑर्बिटर O पर O आठ B-NEN उपकरण O लगातार O उपयोगी O विज्ञान O डेटा O प्रदान O कर O रहे O हैं O जो O चंद्रमा B-NEL के O विकास O और O ध्रुवीय O क्षेत्रों O में O खनिजों O और O पानी O के O अणुओं O के O मानचित्रण O की O हमारी O जानकारी O को O समृद्ध O करेंगे O । O मोबाइल O टेलीफोनी O के O लिए O प्रोटोकॉल O विकसित O करने O वाले O वैश्विक O मानक O निकाय O तीसरी O पीढ़ी O भागीदारी O परियोजना O ( O 3 B-NEN जीपीपी O ) O ने O नेव O आई O सी O को O मंजूरी O दी O है O । O इसरो B-NEO द्वारा O अब O तक O विद्यार्थियों O के O 10 B-NEN उपग्रह O प्रक्षेपित O किए O गए O हैं O । O लेकिन O वायु O प्रदूषण O समाज O के O सभी O वर्गों O को O एक B-NEN ही O स्तर O पर O ले O आता O है O । O अपने O आरंभिक O छंदों O में O से O एक B-NEN में O वह O चार B-NEN विशिष्टताओं O पर O गर्व O करते O हैं O - O 1. B-NEN कविता O तैयार O करते O समय O उन्होंने O कभी O पट्टी O या O कलम O का O इस्तेमाल O नहीं O किया O । O 2. B-NEN शब्द O लिखने O के O बाद O उसे O कभी O काटा O नहीं O । O 3. B-NEN अन्य O कवियों O की O लेखनशैली O से O कभी O प्रेरणा O नहीं O ली O । O 4. B-NEN वह O लगातार O लिखते O थे O जिससे O कलम O और O ताड़ O पत्तों O की O ध्वनि O सदा O सुनाई O देती O रहे O । O परंतु O वाचन O क्रिया O सरीखी O इस O लेखनशैली O का O सबसे O आकर्षक O पक्ष O है O लेखक O द्वारा O एक B-NEN शब्द O भी O ना O हटाना O । O वहीं O दूसरी O ओर O , O भारतीय O इतिहास O के O किसी O भी O दौर O में O दोनों B-NEN परंपराएं O एक B-NEN साथ O जीवित O रही O हैं O । O कला O के O लेप O एक B-NEN माध्यम O के O तौर O पर O सिनेमा O रचनात्मकता O यानि O कला O - O संस्कृति O का O महत्वपूर्ण O हिस्सा O हैं O । O नए O कर्मचारियों O को O सशक्त O बनाने O के O लिए O अगले O तीन B-NEN वर्षों O के O लिए O सभी O क्षेत्रों O में O ईपीएफ O में O वेतन O का O 12 B-NEN प्रतिशत O जोड़ने O का O प्रावधान O किया O गया O है O और O महिलाओं O के O लिए O अगले O तीन B-NEN वर्षों O के O लिए O ईपीएफ O योगदान O को O घटाकर O 8 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O गया O है O । O मीडिया O की O एक B-NEN हालिया O रिपोर्ट O में O संकेत O दिए O गए O हैं O कि O कर्नाटक B-NEL और O कुछ O अन्य O राज्यों O में O रबी O और O मोटे O अनाज O की O बुआई O के O रकबे O में O अच्छी O बढ़ोतरी O हो O सकती O है O । O इसके O अलावा O पर्यटन O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O आधारभूत O संरचना O व O कौशल O विकास O , O प्रौद्योगिकी O विकास O , O आकर्षक O निजी O निवेश O , O ब्रांडिंग O व O मार्केटिंग O से O संबंधित O समग्र O दृष्टिकोण O अपनाते O हुए O 10 B-NEN प्रमुख O पर्यटन O केंद्रों O को O प्रतिष्ठित O बनाने O के O लिए O बज़ट O प्रस्ताव O की O घोषणा O स्वागत O योग्य O है O जिससे O रोजगार O का O सृजन O होगा O व O संवृद्धि O होगी O । O कर्नाटक B-NEO सरकार I-NEO ने O 1 B-NEN लाख I-NEN टन O रागी O 2000 B-NEN रुपये O प्रति O क्विंटल O के O हिसाब O से O खरीदी O है O । O मुम्बई O रेल O नेटवर्क O के O लिए O रु. O 11000 B-NEN करोड़ I-NEN व O बेंगलुरु O मेट्रो O के O लिए O रु. O 17000 B-NEN करोड़ I-NEN का O आवंटन O किया O गया O है O ताकि O इन O महानगरों O की O जरूरतों O का O ख्याल O रखा O जा O सके O । O वित्त O मंत्री O एमएसएमई B-NEO को O लेकर O काफी O चिंतित O हैं O जो O कंपनियों O का O 99 B-NEN प्रतिशत O है O और O उन्हें O ऋण O सहयोग O , O पूंजी O व O ब्याज O सब्सिडी O तथा O नवोन्मेषों O के O लिए O रु. O 3794 B-NEN करोड़ I-NEN प्रदान O किया O है O । O संयत्र O व O मशीनरी O / O उपकरण O में O निवेश O से O वार्षिक O रु. O 50 B-NEN करोड़ I-NEN से O टर्न O ओवर O 250 B-NEN करोड़ I-NEN में O वर्गीकरण O के O आधार O पर O एमएसएमई B-NEO बदलाव O और O कर O दर O को O 25 B-NEN प्रतिशत O तक O कम O करने O से O कारोबार O करने O में O सहूलियत O होगी O और O इससे O जीएसटी O के O इर्द O - O गिर्द O नई O कर O प्रणाली O तैयार O करने O में O सहायता O मिलेगी O । O वित्त O मंत्री O ने O एमएसएमई B-NEO के O लिए O मुद्रा O ऋण O के O लिए O रु. O 3 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O का O प्रस्ताव O भी O दिया O है O । O मानवहीन O रेलवे O क्रॉसिंग O को O हटाने O , O एस्केलेटर्स O के O निर्माण O , O वाईफाई O व O सीसीटीवी O कैमरा O प्रदान O करने O , O के O लिए O रु. O 1.48 B-NEN करोड़ I-NEN की O सीमा O रखी O गई O है O । O रोजगार O सृजन O हेतु O बजट O में O लिए O गए O कदम O की O सराहना O करते O हुए O सरकार O देश O की O बेरोजगारी O की O समस्या O से O जूझने O के O लिए O भारतीय B-NEO वित्त I-NEO संस्थान I-NEO में O पूर्ण O अध्ययनों O में O से O एक B-NEN व O भारतीय B-NEAR वित्त I-NEAR में O प्रकाशित O अनुसार O राष्ट्रीय O श्रम O एकसचेंज O के O गठन O का O विचार O कर O सकती O है O । O यह O सराहनीय O है O कि O कृषि O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O व O आधारभूत O संरचना O में O सामाजिक O कल्याण O योजनाओं O को O किए O गए O बड़े O आवंटनों O व O रु. O 80,000 B-NEN करोड़ I-NEN के O विनिवेश O के O सामान्य O लक्ष्य O के O बावजूद O वे O मौद्रिक O घाटे O को O 3.3 B-NEN प्रतिशत O पर O रखने O व O बिना O किसी O अतिरिक्त O कर O बोझ O के O जीडीपी O की O संवृद्धि O दर O के O 7.2 B-NEN प्रतिशत O से O 7.4 B-NEN प्रतिशत O होने O के O लक्ष्य O को O बनाए O रखने O में O सफल O हुए O हैं O । O हमें O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO में O यह O भी O प्रस्ताव O करना O चाहिए O कि O इस O दशक O के O एक B-NEN साल O को O कम O उपयोग O वाला O और O जैव O - O सुदृढ़ O फसलों O का O साल O घोषित O किया O जाए O । O एक B-NEN और O तत्काल O जरूरत O इन O ' O अनाथ O फसलों O ' O के O शोध O पर O बड़े O निवेश O की O जरूरत O है O , O ताकि O उपज O की O संभावना O में O अच्छी O - O खासी O बढ़ोतरी O हो O सके O । O वेतन O भोगियों O को O राहत O देने O के O लिए O उन्होंने O आहरित O यात्रा O भत्ता O के O रूप O में O 40,000 B-NEN रुपये O की O मानक O कटौती O शुरू O की O है O । O वे O वृद्धों O के O प्रति O काफी O उदार O हैं O और O उन्होंने O बैंकों O व O डाक O घर O में O वृद्धों O की O जमाओं O पर O वृद्ध O जन O ब्याज O आय O पर O राहत O दी O है O तथा O 194ए B-NEAR में O रु. O 10,000 B-NEN की O सीमा O को O बढ़ाकर O रु. O 50,000 B-NEN कर O दिया O है O और O सेक्शन B-NEAR 80 I-NEAR डी I-NEAR के O तहत O स्वास्थ्य O बीमा O प्रीमियम O व O चिकित्सा O व्यय O हेतु O कटौती O सीमा O को O 30,000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 50,000 B-NEN रुपये O कर O दिया O है O जो O मध्य O वर्ग O के O लिए O लाभकर O है O । O उन्होंने O इक्विटी O के O आधार O पर O 10 B-NEN प्रतिशत O की O सामान्य O दर O पर O दीर्घावधि O पूंजी O अभिलाभ O दर O की O शुरुआत O की O है O क्योंकि O कर O से O छूट O वाले O इस O आस्ति O वर्ग O से O रु. O 3.6 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O की O आय O हेतु O कोई O स्पष्टीकरण O नहीं O है O । O चिंता O की O एक B-NEN बात O कट O चुकी O फसलों O की O कटाई O के O बाद O प्रबंधन O की O है O । O बजट O में O यह O भी O प्रस्तावित O है O कि O इक्विटी O म्युचुअल O फंड O द्वारा O संवितरित O सभी O लाभांश O को O 10 B-NEN प्रतिशत O का O भुगतान O करना O है O । O 3. B-NEN लोगों O का O बहुवचन O लिंग O इन O 4 B-NEN कारकों O के O आधार O पर O निम्नलिखित O सात B-NEN रुझान O भारत B-NEL में O अगली O पीढ़ी O की O बैंकिंग O को O परिभाषित O करेंगे O । O 5. B-NEN बहुवचन O लिंग O भारत B-NEL में O लगभग O 94.6 B-NEN करोड़ I-NEN से O भी O अधिक O मोबाइल O उपयोगकर्ता O हैं O लेकिन O उनमें O से O केवल O 5 B-NEN करोड़ I-NEN ही O मोबाइल O बैंकिंग O का O उपयोग O करते O हैं O । O इसके O लिये O 3.60 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O रकम O रखी O गयी O है O । O इसमें O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO की O हिस्सेदारी O 2.08 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O और O राज्यों O का O हिस्सा O 1.52 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O है O । O जब O जेजेएम O की O घोषणा O की O गयी O उस O समय O लगभग O 18.93 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O परिवारों O में O से O सिर्फ O 3.23 B-NEN करोड़ I-NEN यानी O 17 B-NEN प्रतिशत O के O घरों O में O नल O के O जरिये O जल O आपूर्ति O का O कनेक्शन O था O । O इस O तरह O 15.70 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O परिवार O अपने O घर O के O बाहर O के O पेयजल O स्रोतों O से O पानी O लाते O थे O । O जहां O श्रेष्ठ O प्राणी O के O नर O और O मादा O लिंग O होते O हैं O , O वहां O निम्नतर O के O एक B-NEN और O बहु O लिंग O होते O हैं O । O विश्व O बैंक O के O अनुमान O के O अनुसार O , O भारत B-NEL में O भारतीय O बैंकों O के O प्रति O लेन O - O देन O के O संचालन O के O लिए O लागत O 48 B-NEN रुपये O फोन O बैंकिंग O के O लिए O 25 B-NEN रुपये O , O एटीएम O के O लिए O 18 B-NEN रुपये O , O आईवीआर O के O लिए O 8 B-NEN रुपये O और O ऑनलाइन O के O लिए O 4 B-NEN रुपये O है O । O (अ) O मानव O निर्मित O रेशे O पर O जीएसटी O दर O 18 B-NEN से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O या O कम O से O कम O 12 B-NEN प्रतिशत O करने O भारत B-NEL में O एटीएम B-NEL की O बहुत O कम O उपलब्धता O है O - O भारत B-NEL में O प्रति O 10 B-NEN लाख I-NEN लोगों O के O लिए O 11 B-NEN एटीएम B-NEAR हैं O जबकि O चीन B-NEL और O मलेशिया B-NEL में O यह O संख्या O क्रमशः O 37 B-NEN और O 52 B-NEN है O । O इस O संबंध O में O सौर B-NEAR एटीएम I-NEAR लगभग O 50 B-NEN प्रतिशत O तक O की O लागत O को O कम O कर O सकते O हैं O और O बिजली O विहीन O ग्रामीण O क्षेत्रों O की O जरूरतों O को O भी O पूरा O कर O सकते O हैं O । O उनके O अनुरोध O पर O विचार O करते O हुए O सरकार O ने O कपड़े O की O कुछ O श्रेणियों O / O वस्तुओं O पर O जीएसटी O दर O कम O कर O दी O ( O कपड़े O के O सभी O प्रकार O के O जॉब O वर्क O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O ) O मानव O निर्मित O रेशों O के O धागों O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 12 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O और O असली O जरी O को O एचएस O कोड O हेडिंग O 5605 B-NEN के O तहत O लाते O हुए O उस O पर O जीएसटी O 12 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O । O इसके O अलावा O 20 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ( O जम्मू B-NEL कश्मीर I-NEL के O अलावा O विशेष O श्रेणी O वाले O राज्यों O में O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O ) O से O कम O कुल O वार्षिक O कारोबार O वाले O सेवा O प्रदाताओं O को O जीएसटी O के O अंतर्गत O पंजीयन O से O छूट O प्रदान O कर O दी O गई O चाहे O वे O कर O योग्य O सेवाएं O एक B-NEN राज्य O से O दूसरे O राज्य O में O ही O क्यों O न O दे O रहे O हों O । O 1.50 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O सकल O वार्षिक O कारोबार O वाले O करदाताओं O को O वस्तुओं O की O आपूर्ति O पर O अग्रिम O भुगतान O प्राप्त O करते O समय O जीएसटी O देने O की O जरूरत O नहीं O है O । O सिडबी B-NEO ने O अनुमान O लगाया O है O कि O एमएसएमई O क्षेत्र O की O कुल O ऋण O वित्त O मांग O 650 B-NEN अरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O है O । O भविष्य O के O विकास O के O मॉडल O दीर्घकालिक O वित्तपोषण O के O लिए O 5:25 B-NEN संरचना O और O पीपीपी B-NEAR मॉडल I-NEAR की O तर्ज O पर O विकसित O होंगे O । O व्यापारी O एवं O उद्योग O संगठनों O के O अनुसार O मानव O निर्मित O धागे O पर O जीएसटी O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 12 B-NEN प्रतिशत O करने O और O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O करने O से O बुनकरों O के O पास O वापस O नहीं O होने O वाले O इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O का O जमावड़ा O घटेगा O और O कार्यशील O पूंजी O का O प्रवाह O बढ़ेगा O । O देश O के O जीडीपी O में O एमएसएमई O क्षेत्र O का O योगदान O 8 B-NEN प्रतिशत O है O । O निर्यात O योग्य O कपड़े O के O उत्पादन O के O लिए O जरूरी O सामग्री O पर O एडवांस O ऑथराइजेशन O , O ईपीसीजी O एवं O ईओयू O योजनाओं O के O जरिये O छूट O दिए O जाने O और O विनिर्माता O से O व्यापारी O को O होने O वाली O आपूर्ति O पर O केवल O 0.1 B-NEN प्रतिशत O शुल्क O लगाए O जाने O से O व्यापारी O निर्यातकों O के O सामने O आ O रही O समस्याएं O हल O हो O जाएंगी O । O असली O जरी O को O एचएस O कोड O हेडिंग O 5605 B-NEN के O अंतर्गत O लाकर O उस O पर O जीएसटी O की O दर O 12 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O करने O से O उत्पादन O को O बढ़ावा O मिलेगा O और O अधिक O महिलाओं O को O रोजगार O मिलेगा O । O निजी O तथा O सार्वजनिक O दोनों B-NEN क्षेत्रों O के O उन्हीं O बैंकों O को O बैंकिंग O सुधारों O का O लाभ O मिल O सकेगा O जो O इन O बदलावों O का O प्रभावी O रूप O से O लाभ O उठाने O योग्य O होंगे O । O इन O पूर्वानुमानित O बदलावों O को O संपूर्ण O रूप O से O अपना O कर O न O सिर्फ O भारतीय O बैंकों O को O वैश्विक O श्रेणी O का O बनाया O जा O सकता O है O बल्कि O उनके O द्वारा O अगले O पांच B-NEN वर्षों O में O भारतीय O अर्थव्यवस्था O को O विश्व O में O शीर्ष O चार B-NEN अर्थव्यवस्थाओं O में O भी O स्थान O मिल O सकता O है O । O इस O तरह O उत्पाद O एक B-NEN द्वितीयक O कच्चे O माल O में O तब्दील O हो O जाता O है O । O इन O दोनों B-NEN प्रक्रियाओं O में O ई O - O कबाड़ O का O निस्तारण O किसी O भी O तरह O किया O जाये O इसके O पर्यावरण O के O लिये O अनुकूल O ढंग O से O नहीं O होने O का O जोखिम O बना O रहता O है O । O एक B-NEN अनौपचारिक O मूल्य O श्रृंखला O के O सामान्य O ढांचे O को O चार्ट O - O 1 B-NEN में O दिखाया O गया O है O । O इस O निर्णय O के O पीछे O का O मकसद O भी O सार्वजनिक O प्रतिष्ठानों O में O अकुशलता O और O अफसरशाही O अनिर्णय O को O दूर O करने O तथा O जवाबदेही O के O एक B-NEN पारदर्शी O तंत्र O को O बढ़ावा O देने O का O ही O था O । O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O 10339 B-NEN सक्रिय O सीएससी B-NEAR जोड़े O गये O हैं O । O पेंशनभोगियों O के O लिये O जीवन B-NEAR प्रमाणन I-NEAR एक B-NEN बायोमेट्रिक O समर्थित O डिजिटल O सेवा O है O । O फिलहाल O इस O ऐप O के O जरिए O 2039 B-NEN सेवाएं O मुहैया O करायी O जा O रही O हैं O जिनकी O संख्या O में O लगातार O वृद्धि O हो O रही O है O । O इसके O पंजीकृत O उपयोगकर्ताओं O की O संख्या O 2.5 B-NEN करोड़ I-NEN है O । O उमंग B-NEAR को O मैपमाईइंडिया O के O मानचित्रों O से O जोड़े O जाने O के O परिणामस्वरूप O नागरिक O इसके O जरिये O मंडियों O और O रक्त O कोषों O जैसे O अपने O नजदीकी O सरकारी O संस्थानों O का O पता O सिर्फ O एक B-NEN बटन O को O छूकर O लगा O सकते O हैं O । O इसके O अलावा O डिजिलॉकर B-NEAR नागरिकों O को O अपने O जीवन O भर O के O सभी O दस्तावेजों O को O एक B-NEN ही O डिजिटल B-NEAR वॉलेट I-NEAR में O रखने O की O सुविधा O मुहैया O कराता O है O । O * O एक B-NEN साल O का O समय O एसएचजी B-NEO के O तहत O सभी O परिवारों O को O बेहतर O परिणाम O के O वास्ते O समुचित O तौर O - O तरीके O अपनाने O और O विभिन्न O तौर O - O तरीकों O के O साथ O प्रयोग O के O लिये O प्रोत्साहित O करने O के O उद्देश्य O से O अपर्याप्त O है O । O यह O रकम O सकल O घरेलू O उत्पाद O का O 10 B-NEN प्रतिशत O है O । O बीस B-NEN करोड़ I-NEN महिला O जन O धन O खाता O धारकों O को O तीन B-NEN महीनों O के O लिये O प्रति O माह O 500 B-NEN रुपये O दिये O गये O । O मनरेगा O के O तहत O दैनिक O मजदूरी O को O बढ़ाकर O प्रति O व्यक्ति O 202 B-NEN रुपये O किया O गया O जिसका O लाभ O 13.62 B-NEN करोड़ I-NEN परिवारों O को O मिल O रहा O है O । O देखना O है O कि O क्या O ये O एसएचजी B-NEO भविष्य O में O इन O सेवाओं O को O सदस्य O परिवारों O तक O सीआरपी O और O पीएमके O की O मदद O से O पहुंचाने O के O लिये O एक B-NEN आत्मनिर्भर O राजस्व O मॉडल O तैयार O कर O सकते O हैं O । O * O 50 B-NEN खरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O की O अर्थव्यवस्था O बनने O का O लक्ष्य O हासिल O करने O के O लिये O जिला O स्तर O पर O स्वदेशी O निर्माण O को O बढ़ावा O दिया O । O देश O के O पांच B-NEN राज्यों O में O जल O हवाई O अड्डों O के O गठन O में O सहयोग O किया O । O - O भगवद्गीता B-NEAR , O छठा O अध्याय O , O 46 B-NEN मैं O मौजूदा O समय O में O जी O - O 7 O और O जी O - O 20 O में O प्रधानमंत्री O के O शेरपा O के O रूप O में O इन O दोनों B-NEN समूहों O के O शिखर O सम्मेलनों O के O लिये O महत्वपूर्ण O मुद्दों O पर O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O आधिकारिक O एजेंडे O को O तैयार O करने O में O लगा O हूं O । O इस O मंच O में O सात B-NEN प्रमुख O सहकारिता O नेता O शामिल O हैं O । O इसके O अलावा O भारतीय O बांस O मंच O का O गठन O किया O गया O है O जिसमें O बांस O क्षेत्र O से O 55 B-NEN प्रतिबद्ध O नेता O शामिल O किये O गये O हैं O । O धातु O प्रसंस्करण O की O पर्याप्त O अवसंरचना O का O अभाव O भी O एक B-NEN महत्वपूर्ण O मसला O है O । O मांग O पक्ष O पर O गौर O करें O तो O उपभोग O और O निस्तारण O के O तौर O - O तरीकों O को O लेकर O उपभोक्ताओं O में O जागरूकता O की O कमी O एक B-NEN बड़ी O अड़चन O है O । O नियामक O परिदृश्य O के O आलोक O में O मांग O और O आपूर्ति O पक्षों O के O बीच O अंतर O के O विश्लेषण O से O प्रक्रिया O के O दो B-NEN महत्वपूर्ण O हितधारकों O - O व्यवसाय O पक्षकारों O तथा O जन O और O मीडिया O पहरेदारों O का O पता O चलता O है O । O उसकी O भूमिका O एक B-NEN स्व O - O संचालित O बाजार O में O मददगार O और O नियामक O की O है O । O इस O कारण O त्रस्त O होकर O करीब O एक B-NEN करोड़ I-NEN शरणार्थी O भारत B-NEL में O घुस O आए O । O प्रशुल्क O और O सब्सिडी O ई O - O कबाड़ O वित्त O प्रबंध O नीति O के O सामने O दो B-NEN विशिष्ट O चुनौतियां O हैं O । O इनके O बजाय O विकास O का O एक B-NEN नव O - O शास्त्रीय O तरीका O अपनाया O जाना O चाहिये O जिससे O औपचारिक O रिसाइकिलकर्ताओं O के O लिये O आपूर्ति O बढ़ेगी O और O देश O में O विखंडन O और O निष्कर्षण O में O सुधार O के O मार्ग O लक्ष्य O के O अभाव O की O अवसंरचनात्मक O कमियां O दूर O होंगी O । O सशस्त्र O बलों O द्वारा O अपनाए O गए O नवाचार O , O सरकार O के O विभिन्न O घटकों O के O बीच O पूर्ण O समन्वय O और O तीनों B-NEN सशस्त्र O सेनाओं O के O बीच O नजदीकी O तालमेल O और O मनोवैज्ञानिक O रणनीति O के O बल O पर O पाकिस्तान B-NEL की O सेना O ने O पूरी O तरह O घुटने O टेक O दिए O । O पाकिस्तान B-NEL के O 90 B-NEN हजार I-NEN सैनिकों O के O समर्पण O के O साथ O ही O बांग्लादेश B-NEL का O जन्म O भी O हुआ O । O अगर O हम O इस O एक B-NEN पीढ़ी O की O शिक्षा O पर O ज़्यादा O मेहनत O करेंगे O , O तो O आने O वाली O पीढ़ियां O इसका O लाभ O उठा O सकेंगी O । O बैंकों O की O कुल O संपत्तियों O में O इन O बैंकों O का O हिस्सा O 70 B-NEN फीसदी O है O । O मार्च B-NEL 2016 I-NEL के O मुताबिक O , O एनपीए O में O सरकारी O बैंकों O की O हिस्सेदारी O 88 B-NEN फीसदी O थी O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O में O जोखिम O - O पूर्ण O संपत्तियों O ( O स्ट्रेस्ड O एसेट्स O ) O का O हिस्सा O 16 B-NEN फीसदी O से O ज्यादा O है O । O यह O प्राइवेट O बैंकों O के O इसी O आंकड़े O के O मुकाबले O तीन B-NEN गुना O ज्यादा O है O । O मार्च B-NEL 2016 I-NEL के O मुताबिक O सभी O व्यावसायिक O बैंकों O का O एनपीए O 6.1 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O था O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O में O इसकी O असली O वजह O कुछ O इस O तरह O से O बताई O गई O है O : O " O फिलहाल O करोड़ों B-NEN छोटे O बच्चों O के O लिए O देखभाल O और O शिक्षा O की O गुणवत्तापूर्ण O सुविधा O उपलब्ध O नहीं O है O । O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O : O एक B-NEN आवश्यक O नीति O - O इसके O 7 B-NEN बिंदुओं O में O जवाबदेही O के O लिए O ढांचा O तैयार O करना O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O में O सीईओ O और O चेयरमैन O के O रोल O को O अलग O करना O , O भर्तियों O और O गवर्नेंस O में O सुधार O के O लिए O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O ( O बीबी O ) O बनाना O आदि O शामिल O हैं O । O भारत B-NEL में O सरकारी O आंकड़ों O के O हवाले O से O की O गई O एक B-NEN स्टडी O के O मुताबिक O , O ग्रामीण O इलाकों O में O गरीबी O कम O करने O में O बैंकों O की O वित्तीय O मजबूती O का O योगदान O रहा O है O । O 10. B-NEN उभरती O हुई O सहयोगी O क्षेत्रीय O अर्थव्यवस्था O में O नेपाल B-NEL और O भूटान B-NEL भी O शामिल O हैं O । O लकड़ियों O के O जलने O से O एक B-NEN तरफ O वातावरण O दूषित O होता O है O , O तो O दूसरी O तरफ O चूल्हे O से O धुआं O निकलने O के O कारण O महिलाओं O को O कई O तरह O की O बीमारियों O का O सामना O करना O पड़ता O है O । O प्रधानमंत्री O सौभाग्य O योजना O की O शुरुआत O देश O के O 4 B-NEN करोड़ I-NEN गरीबों O के O घरों O को O बिना O कोई O शुल्क O लिए O बिजली O कनेक्शन O से O जोड़े O जाने O के O लिए O हुई O है O । O वहीं O अमृत O कार्यक्रम O 500 B-NEN शहरों O के O सभी O परिवारों O को O जलापूर्ति O की O व्यवस्था O पर O केन्द्रित O है O । O * O सिर्फ O 10.7 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O एक B-NEN तरह O की O आवाज O और O तस्वीरों O को O पहचान O सके O । O * O बच्चों O को O एक B-NEN ही O ध्वनि O से O शुरू O होने O वाले O शब्दों O की O पहचान O करने O को O कहा O गया O । O साथ O ही O , O एक B-NEN ध्वनि O से O शुरू O होने O वाले O शब्दों O का O मिलान O करने O को O भी O कहा O गया O । O अमृत O योजना O के O अन्तर्गत O 500 B-NEN शहरों O के O लिए O 77,640 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O राज्य O स्तरीय O योजनाएं O अनुमोदित O की O गई O हैं O । O * O सिर्फ O 17.5 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O पैटर्न O को O पूरा O कर O सके O । O यह O भारत B-NEL से O नेपाल B-NEL तक O एशियाई O राजमार्ग O 02 B-NEN का O प्रतीक O है O । O * O सिर्फ O 29.5 B-NEN प्रतिशत O बच्चे O संख्या O की O तुलना O कर O सकते O थे O । O * O बच्चों O को O ऐसी O संख्या O ( O 9 B-NEN , O 3 B-NEN , O 7 B-NEN , O 8 B-NEN , O ) O के O बारे O में O बताने O को O कहा O गया O जो O 5 B-NEN से O कम O है O । O खादी O और O ग्रामोद्योग O आयोग O , O भारत B-NEL में O खादी O और O ग्रामोद्योग O से O संबंधित O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उद्योग O मंत्रालय O के O अन्दर O आने O वाली O एक B-NEN शीर्ष O संस्था O है O , O जिसका O मुख्य O उद्देश्य O ग्रामीण O इलाकों O में O खादी O एवं O ग्रामोद्योगों O की O स्थापना O और O विकास O करने O के O लिए O योजना O बनाना O , O प्रचार O करना O , O सुविधाएं O और O सहायता O प्रदान O करना O है O , O जिसमें O वह O आवश्यकतानुसार O ग्रामीण O विकास O के O क्षेत्र O में O कार्यरत O अन्य O एजेंसियों O की O सहायता O भी O ले O सकती O है O । O मुझे O खुशी O है O कि O भारत B-NEL और O मालदीव B-NEL सरकार O द्वारा O संयुक्त O रूप O से O वित्तपोषित O यह O केंद्र O हमारी O 20 B-NEN उच्च O प्रभाव O वाली O सामुदायिक O विकास O परियोजनाओं O ( O एचआईसीडीपी O ) O में O से O पहला O है O । O यह O जानकर O खुशी O हो O रही O है O कि O कोविड O महामारी O के O दौरान O रसद O संबंधी O चुनौतियों O के O बावजूद O इसे O एक B-NEN वर्ष O के O भीतर O पूरा O कर O लिया O गया O । O जहाँ O मादक O पदार्थों O की O तस्करी O एक B-NEN अपराध O है O और O इसके O लिए O स्पष्ट O रूप O से O शून्य B-NEN सहिष्णुता O को O अपनाया O जाता O है O , O नशीली O दवाओं O की O लत O एक B-NEN स्वास्थ्य O और O सामाजिक O मुद्दा O है O जिसके O लिए O बुनियादी O ढांचे O , O विज्ञान O की O आवश्यकता O होती O है O , O लेकिन O सबसे O अधिक O समझ O और O करुणा O की O जरूरत O होती O है O । O संभागीय O कार्यालयों O के O अलावा O , O अपने O विभिन्न O कार्यक्रमों O का O कार्यान्वयन O करने O के O लिए O 29 B-NEN राज्यों O में O भी O इसके O कार्यालय O हैं O । O मुझे O यह O जानकर O खुशी O हुई O कि O यह O केंद्र O अब O 24 B-NEN प्रशिक्षित O कर्मचारियों O के O साथ O काम O कर O रहा O है O , O और O अगले O सप्ताह O 20 B-NEN रोगियों O के O लिए O इन O - O हाउस O पुनर्वसन O प्रक्रिया O शुरू O करेगा O । O इसके O पूरा O होने O के O साथ O , O सिक्किम B-NEL की O पहुँच O नेपाल B-NEL के O पूर्व O - O पश्चिम O राजमार्ग O तक O होगी O , O जिससे O दोनों B-NEN देशों O में O व्यापार O और O पर्यटन O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O महानुभावों O , O देवियों O और O सज्जनों O , O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O भारत B-NEL - O मालदीव B-NEL की O भागीदारी O - O यह O केंद्र O जिसका O एक B-NEN घटक O है O - O की O एक B-NEN लंबी O परंपरा O है O । O कच्चे O माल O के O रूप O में O कपास O , O रेशम O या O ऊन O का O प्रयोग O किया O जा O सकता O है O , O जिन्हें O चरखे O ( O एक B-NEN पारंपरिक O कताई O यन्त्र O ) O पर O कातकर O धागा O बनाया O जाता O है O । O कोई O भी O उद्योग O जो O ग्रामीण O क्षेत्र O के O अन्दर O स्थित O होता O है O और O जहाँ O प्रति O कारीगर O ( O जुलाहा O ) O निश्चित O मुद्रा O निवेश O एक B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O अधिक O नहीं O होता O है O । O महामारी O के O दौरान O , O हम O भारत B-NEL में O उन्नत O स्वास्थ्य O सेवा O चाहने O वाले O हजारों B-NEN मालदीवियों O के O लिए O एक B-NEN हवाई O गलियारा O बनाने O में O सक्षम O थे O । O खादी O और O ग्रामोद्योग O , O दोनों B-NEN में O ही O अत्यधिक O श्रम O ( O श्रमिकों O ) O की O आवश्यकता O होती O है O । O खादी O और O ग्रामीण O उद्योग O का O एक B-NEN अन्य O लाभ O यह O भी O है O कि O इन्हें O स्थापित O करने O के O लिए O पूँजी O की O आवश्यकता O नहीं O ( O या O बिलकुल O कम O ) O के O बराबर O होती O है O , O जो O इन्हें O ग्रामीण O गरीबों O के O लिए O एक B-NEN आर्थिक O रूप O से O व्यवहार्य O विकल्प O बनाता O है O । O आयोग O के O तीन B-NEN प्रमुख O उद्देश्य O हैं O जो O इसके O कार्यों O को O निर्देशित O करते O हैं O । O 11. B-NEN जलविद्युत O भी O सहयोग O के O लिए O काफी O संभावनाएं O प्रदान O करता O है O , O और O यह O जलवायु O संबंधी O कार्रवाई O के O युग O में O और O भी O अधिक O प्रासंगिक O है O । O हम O वर्तमान O में O मालदीव B-NEL में O ऐसी O 20 B-NEN परियोजनाओं O को O लागू O कर O रहे O हैं O , O जो O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O , O मत्स्य O पालन O , O पर्यटन O , O खेल O , O जेंडर O सशक्तिकरण O और O संस्कृति O के O विविध O क्षेत्रों O में O काम O कर O रही O हैं O । O इनमें O से O 9 B-NEN अड्डू B-NEL में O स्थित O हैं O , O जिनमें O 5 B-NEN इको O - O टूरिज्म O जोन O शामिल O हैं O , O जिनमें O से O एक B-NEN में O आज O मैं O देर O शाम O मीधू B-NEL में O उद्घाटन O कार्यक्रम O में O शामिल O होऊँगा O । O मुझे O यह O घोषणा O करते O हुए O खुशी O हो O रही O है O कि O भारत B-NEO सरकार I-NEO अस्पताल B-NEO में O मानसिक O स्वास्थ्य O इकाई O की O स्थापना O सहित O सात B-NEN और O उच्च O प्रभाव O वाली O सामुदायिक O विकास O परियोजनाओं O का O समर्थन O करेगी O । O व्यापक O उद्देश्य O - O लोगों O को O आत्मनिर्भर O बनाना O और O एक B-NEN सुदृढ़ O ग्रामीण O सामाजिक O भावना O का O निर्माण O करना O । O गुजरात B-NEL में O किसानों O को O दिन O में O सिंचाई O के O लिये O बिजली O मुहैया O कराने O के O मकसद O से O 4500 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O देश O की O पहली O किसान O सूर्योदय O योजना O शुरू O की O गयी O है O । O वर्तमान O में O आयोग O के O विकासात्मक O कार्यक्रमों O का O क्रियान्वयन O 5600 B-NEN पंजीकृत O संस्थाओं O , O 30,138 B-NEN सहकारी O संस्थाओं O और O करीब O 94.85 B-NEN लाख I-NEN लोगों O के O माध्यम O से O किया O जा O रहा O है O । O प्रधानमंत्री O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O ( O पीएमईजीपी O ) O दो B-NEN योजनाओं O के O विलय O का O परिणाम O है O - O प्रधानमंत्री O रोजगार O योजना O ( O पीएमआरवाई O ) O और O ग्रामीण O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O ( O आरईजीपी O ) O . O इस O योजना O के O तहत O , O लाभार्थी O को O परियोजना O की O लागत O के O 10 B-NEN प्रतिशत O का O निवेश O स्वयं O के O योगदान O के O रूप O में O करना O होता O है O । O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O और O अन्य O कमजोर O वर्गों O से O लाभार्थी O के O लिए O यह O योगदान O परियोजना O की O कुल O लागत O का O 5 B-NEN प्रतिशत O होता O है O । O शेष O 90 B-NEN या O 95 B-NEN % O ( O जो O भी O उपयुक्त O हो O ) O , O इस O योजना O के O तहत O निर्दिष्ट O बैंकों O द्वारा O प्रदान O किया O जाता O है O । O इस O योजना O के O तहत O लाभार्थी O को O ऋण O की O एक B-NEN निश्चित O रकम O वापस O दी O जाती O है O ( O सामान्य O के O लिए O 25 B-NEN % O , O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O कमजोर O वर्गों O के O लिए O 35 B-NEN % O ) O , O जो O कि O ऋण O प्राप्त O करने O की O तिथि O के O दो B-NEN वर्षों O के O बाद O उसके O खाते O में O आती O है O । O लगभग O 15 B-NEN से O 20 B-NEN प्रतिशत O हिंदी O , O तमिल O , O मराठी O , O मलयालम O सहित O संविधान O की O आठवीं O अनुसूची O में O शामिल O भारतीय O भाषाओं O के O माध्यम O से O इन O सेवाओं O में O लोग O चुने O गए O , O उनकी O कार्यक्षमता O भी O उतनी O ही O संवेदनशील O और O सक्षम O साबित O हुई O । O इस O योजना O के O पहले O चरण O का O लाभ O 4000 B-NEN गांवों O के O किसानों O को O मिला O है O । O सिलीगुड़ी B-NEL से O नेपाल B-NEL में O झापा B-NEL तक O एक B-NEN पाइपलाइन O की O खोज O की O जा O रही O है O । O अंग्रेजी O जानने O वाले O 5 B-NEN प्रतिशत O से O कम O होने O के O बावजूद O भी O वहाँ O 95 B-NEN प्रतिशत O भर्ती O क्यों O होती O है O ? O ये O ऋण O 4 B-NEN % O प्रतिवर्ष O की O रियायती O ब्याज O दर O पर O उपलब्ध O कराये O जाते O हैं O । O ग्राहकों O को O पूरे O वर्ष O सामान्य O छूट O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O और O साल O में O 108 B-NEN दिन O अतिरिक्त O विशेष O छूट O ( O 10 B-NEN प्रतिशत O ) O दी O जाती O है O । O हालांकि O , O केवल O खादी O या O पॉलीवस्त्र O ( O एक B-NEN प्रकार O की O खादी O ) O का O निर्माण O करने O वाले O सदस्य O ही O इस O योजना O के O लिए O योग्य O होते O हैं O । O उनका O दृष्टिकोण O यह O है O कि O मंत्रालय O द्वारा O इस O योजना O को O साल O - O दर O - O साल O बढ़वाने O की O चेष्टा O करने O की O बजाय O योजना O आयोग O के O समक्ष O जाना O चाहिए O . O इसके O अलावा O , O इसने O मंत्रालय B-NEO से O योजना O का O इस O प्रकार O पुनः O निर्माण O करने O के O लिए O कहा O है O जिससे O यह O विक्रेता O की O बजाय O कारीगरों O को O फायदा O पहुँचाए O . O इस O संबंध O में O , O आयोग O का O एक B-NEN प्रस्ताव O जिसमें O बिक्री O पर O छूट O के O संभावित O विकल्प O के O रूप O में O बाज़ार O विकास O सहयोग O शुरू O करने O की O बात O कही O गयी O है O , O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O विचाराधीन O है O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO आयोग O को O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उद्योग O मंत्रालय O के O माध्यम O से O दो B-NEN मुद्दों O के O तहत O धन O प्रदान O करती O है O - O योजनाकृत O और O गैर O - O योजनाकृत O , O आयोग O द्वारा O योजनाकृत O मदद O के O तहत O प्रदान O किये O गए O धन O का O आवंटन O कार्यान्वयन O एजेंसियों O को O किया O जाता O है O । O प्रधानमंत्री O किसान O सम्मान O निधि O योजना O के O तहत O राज्य O के O कृषक O परिवारों O को O प्रति O वर्ष O 6000 B-NEN रुपये O की O वित्तीय O सहायता O मुहैया O करायी O जा O रही O है O । O खादी O अनुदान O का O एक B-NEN बड़ा O भाग O बिक्री O छूट O के O भुगतान O के O लिए O प्रयोग O किया O जाता O है O , O जिसे O प्रचार O व्यय O माना O जाता O है O । O जबकि O उम्र O की O सीमा O राजनीतिक O कारणों O से O पहले O मंडल B-NEO कमीशन I-NEO के O बाद O बढ़ाकर O 30 B-NEN वर्ष O की O गई O और O उसके O बाद O 32 B-NEN वर्ष O । O कमजोर O वर्गों O के O लिए O यह O 37 B-NEN वर्ष O है O । O अपने O देश O में O चार B-NEN प्रमुख O विशेषीकृत O बैंक O अथवा O वित्तीय O संस्थाएं O हैं O । O जिस O दौर O में O कॉरपोरेट O वर्ल्ड O 20 B-NEN वर्ष O तक O की O आयु O के O लोगों O को O इंजीनियरिंग O कॉलेजों O , O विश्वविद्यालयों O से O सीधे O भर्ती O कर O रहा O है O , O ऐसे O समय O सरकार O को O भी O इस O चुनौती O को O देखते O हुए O आयु O सीमा O पर O विचार O करने O की O जरूरत O है O । O यह O भी O एक B-NEN महत्वपूर्ण O पक्ष O है O । O निश्चित O रूप O से O तीन B-NEN चरणों O में O आयोजित O होने O वाली O इस O परीक्षा O से O देश O के O सर्वश्रेष्ठ O नौजवान O चुने O जाते O हैं O जिन्हें O मसूरी B-NEL , O सिकंदराबाद B-NEL , O वडोदरा B-NEL तथा O नागपुर B-NEL प्रशिक्षण O के O लिए O भेजा O जाता O है O , O प्रशिक्षण O केंद्रों O को O शायद O और O भी O बेहतर O बनाने O की O जरूरत O है O । O पशुपालकों O की O मदद O के O लिये O 400 B-NEN से O ज्यादा O चलती O - O फिरती O पशु O क्लिनिक O शुरू O की O गयी O हैं O । O नायक O और O नायिका O के O बीच O प्रेम O संबंध O को O अचानक O उत्पन्न O भावना O नहीं O मानते O , O बल्कि O भाग्य O का O एक B-NEN उत्साही O आदेश O मानते O हैं O और O दो B-NEN प्रेमी O अपने O सभी O जन्मों O में O इस O आदेश O को O पूरा O करते O हैं O । O गुप्त O प्रेम O मिलन O केवल O एक B-NEN सहायक O तथ्य O है O या O भाग्य O द्वारा O उनको O दिया O गया O मौका O है O । O ' O थ्थिनै O ' O अर्थात O गुण O या O चरित्र O काव्यशास्त्र O का O एक B-NEN विशेष O और O सबसे O महत्वपूर्ण O घटक O है O , O यह O घटक O अन्य O शास्त्रीय O भाषाओं O में O उपलब्ध O नहीं O है O । O प्रेम O प्रसंग O सभी O चार B-NEN भूमियों O , O ' O मुलई O ' O ( O जंगल O और O उसके O आसपास O ) O , O ' O कुरिंजी O ' O ( O पहाड़ियों O और O उसके O आसपास O ) O , O ' O मरुथम O ' O ( O कृषि O पथ O और O उसके O आसपास O ) O , O ' O नैथल O ( O समुद्र O और O उसके O आसपास O ) O में O होता O है O । O लेकिन O कुरिन्जी O ( O पहाड़ियाँ O ) O और O मुलई O ( O जंगल O ) O गर्मियों O के O मौसम O में O एक B-NEN रेगिस्तान O बन O जाते O हैं O । O ये O सभी O पांच B-NEN विभाजन O , O अपने O वनस्पतियों O और O जीवों O , O बदलते O मौसम O , O दिन O और O रात O , O संगीत O की O लय O , O लोगों O के O पेशे O , O सब O कुछ O मिलकर O बनते O हैं O अनबिनेंदिने O ( O प्यार O भरे O जीवन O के O पांच B-NEN चरण O ) O । O उपर्युक्त O पांच B-NEN भौगोलिक O विभाजन O , O उनके O पर्यावरणीय O कारकों O के O साथ O पांच B-NEN अलग O - O अलग O मानसिक O मनोदशा O या O दृष्टिकोण O के O आदी O हैं O और O वे O नीचे O दिए O गए O जैसे O हैं O : O पारंपरिक O रूप O से O प्रत्येक O भूमि O एक B-NEN विशेष O भगवान O की O पूजा O करने O की O आदी O है O । O एक B-NEN प्रेम O कविता O या O अहथिनै O कविता O केवल O चरित्र O , O नायक O , O नायिका O , O दासी O माता O या O अन्य O के O उच्चारण O में O ही O होनी O चाहिए O । O धुर O राजनीतिक O केन्द्रीयकरण O या O अव्यवस्थित O राजनीतिक O विकेन्द्रीकरण O , O दोनों B-NEN ही O भारतीय O संघवाद O को O कमजोर O कर O सकते O हैं O । O इनके O बीच O उचित O संतुलन O कायम O करने O से O ही O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO को O राज्यों O की O स्वायत्तता O पर O एक B-NEN सीमा O से O अधिक O दबाव O डालने O से O रोकने O के O साथ O - O साथ O राज्यों O को O ऐसी O दिशा O में O भटकने O से O भी O रोका O जा O सकता O है O जिससे O राष्ट्रीय O एकता O के O लिए O खतरा O उत्पन्न O हो O । O प्रेम O कविताएं O दो B-NEN प्रकार O के O तकनीकी O कौशल O को O नियोजित O करती O थीं O , O जिन्हें O ' O उल्लुरै O ' O ( O आत्मसात O मुस्कान O ) O और O ' O इरैची O ' O ( O सुझाव O में O गहराई O ) O कहा O जाता O है O , O कई O आलोचक O इसे O मनाते O हैं O । O इन O अतियों O पर O नियंत्रण O करना O एक B-NEN चुनौती O है O क्योंकि O संघवाद O को O एक B-NEN ओर O राष्ट्रीय O एकता O की O आवश्यकता O को O पूरा O करना O है O तो O दूसरी O ओर O क्षेत्रीय O स्वायत्तता O का O भी O ध्यान O रखना O है O । O इन O दोनों B-NEN में O , O पहला B-NEN - O उल्लुरै O संबंधित O भूमि O के O वनस्पतियों O और O जीवों O पर O आधारित O है O । O यानी O सरकार O के O दो B-NEN स्तर O हैं O - O राष्ट्रीय O स्तर O और O राज्य O स्तर O । O भारत B-NEL जैसे O विशाल O और O विविधताओं O वाले O देश O को O संघवाद O के O छह B-NEN स्तंभों O - O राज्यों O की O स्वायत्तता O , O राष्ट्रीय O एकीकरण O , O केन्द्रीकरण O , O विकेन्द्रीकरण O , O राष्ट्रीयकरण O और O क्षेत्रीयकरण O के O बीच O उचित O संतुलन O बनाना O आवश्यक O है O । O नई O इमारत O में O लोकसभा O का O आकार O मौजूदा O आकार O से O तीन B-NEN गुना O ज्यादा O होगा O , O जबकि O राज्य O सभा O में O भी O सांसदों O के O बैठने O की O जगह O मौजूदा O क्षेत्रफल O के O मुकाबले O काफी O ज्यादा O होगी O । O उदाहरण O के O लिए O , O सेसमिक O जोन O 5 B-NEN की O शर्तों O का O पूरा O करना O और O ऐसा O डिजाइन O तैयार O करना O , O ताकि O इमारत O की O देखभाल O और O रखरखाव O में O सहूलियत O हो O । O उनका O कहना O था O कि O भारत B-NEL में O संसद O भवन O के O निर्माण O की O शुरुआत O हमारी O यह O बेहद O सुंदर O बात O है O कि O हमारी O संसद O का O नया O भवन O ऐसे O वक्त O में O लोकतांत्रिक O परंपराओं O का O एक B-NEN अहम O पड़ाव O है O । O एक B-NEN समय O ऐसा O भी O था O जब O भारतीय O अंग्रेजी O लेखक O केवल O अपनी O रचनाओं O को O प्रकाशित O कराने O के O लिए O इंग्लैंड B-NEL जाया O करते O थे O । O ये O भारतीय O लोकतंत्र O के O चार B-NEN आधुनिक O कोलेजियम O होंगे O । O अंग्रेजी O भाषा O के O अनुवादकों O और O लेखकों O दोनों B-NEN ने O पश्चिम O के O पाठकों O को O सांस्कृतिक O चिह्नकों O की O व्याख्या O करने O वाली O विस्तृत O शब्दावलियों O के O बगैर O विश्वास O हासिल O किया O है O । O दूसरे B-NEN शब्दों O में O , O भारतीय O भाषाओं O की O संकीर्णता O के O विपरीत O अंग्रेजी O की O सर्वदेशीयता O का O मिथक O काफी O हद O तक O भंग O हो O चुका O है O । O इक्कीसवीं B-NEN सदी O के O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O तथा O भाषाओं O के O बीच O परिवर्तित O होते O और O जटिल O संबंधों O के O कारण O उकसाने O से O और O बदली O हुई O सामाजिक O तथा O सांस्कृतिक O गतिशीलता O से O पोषित O इन O नई O साहित्यिक O पुनरावृत्तियों O ने O भारतीय O साहित्य O के O परिदृश्य O को O बदल O दिया O है O । O भारतीय O इतिहास O के O पन्नों O से O सिमटी O एक B-NEN विशिष्ट O व्याख्या O को O देखें O जो O यह O बताती O है O कि O भारत B-NEL दक्षिण B-NEL एशिया I-NEL का O जियो O - O पॉलिटिकल O न्यूक्लियस O है O । O उन्होंने O कहा O कि O बच्चों O के O लिए O हृदय O का O यह O अस्पताल O न O केवल O फिजी B-NEL में O बल्कि O पूरे O दक्षिण B-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र O में O अपनी O तरह O का O एक B-NEN अनूठा O अस्पताल O है O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O , O ऐसे O क्षेत्र O के O लिए O , O जहाँ O हृदय O संबंधी O बीमारियाँ O बड़ी O चुनौती O हैं O , O यह O अस्पताल O हजारों B-NEN बच्चों O को O नया O जीवन O देने O का O एक B-NEN माध्यम O बनेगा O । O प्रधानमंत्री O ने O एक B-NEN अवसर O पर O यह O भी O कहा O था O कि O आज O सिर्फ O पड़ोसी O वही O नहीं O हैं O जिनसे O हमारी O भौगोलिक O सीमाएं O मिलती O हैं O बल्कि O वो O भी O हैं O जिनसे O दिल O मिलता O है O । O उन्होंने O कहा O कि O हमने O 150 B-NEN देशों O को O दवाइयाँ O और O लगभग O 100 B-NEN देशों O को O करीब O 100 B-NEN मिलियन I-NEN टीके O उपलब्ध O कराए O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O दोनों B-NEN देशों O के O बीच O संबंधों O की O गहराई O पर O बातचीत O करना O जारी O रखा O । O उन्होंने O कहा O कि O दोनों B-NEN देशों O को O अलग O करने O वाले O विशाल O महासागर O के O बावजूद O , O हमारी O संस्कृति O ने O हमें O जोड़े O रखा O है O और O हमारे O संबंध O पारस्परिक O सम्मान O और O दोनों B-NEN देशों O के O लोगों O के O बीच O के O मजबूत O आपसी O रिश्तों O पर O आधारित O हैं O । O यहां O एक B-NEN तरफ O चीन B-NEL अपनी O आर्थिक O शक्ति O से O निर्मित O सैन्य O शक्ति O के O बल O पर O एकाधिकारवादी O व्यवस्था O स्थापित O करने O रणनीति O पर O आगे O बढ़ O रहा O वहीं O अमेरिका O अपने O वर्चस्व O को O बनाए O रखने O की O कोशिश O में O है O । O इस O उद्देश्य O से O उसने O कुछ O समय O पहले O जापान B-NEL को O भी O चार B-NEN विवादित O द्वीपों O पर O समझौता O करने O का O प्रस्ताव O दिया O था O । O एक B-NEN तीसरा O प्लेयर O रूस B-NEL भी O है O जो O ' O पीवोट O टू O ईस्ट O ' O नीति O पर O आगे O बढ़ना O चाहता O है O । O उदाहरण O के O तौर O पर O एक B-NEN तरफ O भारत B-NEL ने O भारतीय B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र I-NEL में O स्ट्रेटेजिक O क्वाड्रीलेटरल O ( O क्वेड O ) O की O स्थापना O में O सक्रिय O भूमिका O निभायी O तो O दूसरी O तरफ O ब्रिक्स B-NEO और I-NEO शंघाई I-NEO सहयोग I-NEO संगठन I-NEO में O भी O सहभागी O बना O । O 12. O हम O भारत B-NEL - O मध्य B-NEL एशिया I-NEL सांस्कृतिक O सहयोग O के O दायरे O में O एक B-NEN युवा O प्रतिनिधिमंडल O को O भारत B-NEL भेजने O के O लिए O तुर्कमेनिस्तान B-NEL की O तत्परता O का O स्वागत O करते O हैं O । O स्कूल O परिसर O आसपास O के O विद्यालयों O को O एक B-NEN समूह O में O एकत्र O करता O है O । O हम O अफगानिस्तान B-NEL से O संबंधित O मुद्दों O पर O एक B-NEN व्यापक O ' O क्षेत्रीय O सहमति O ' O साझा O करते O हैं O , O जिसमें O वहां O एक B-NEN वास्तविक O प्रतिनिधि O और O समावेशी O सरकार O का O गठन O , O आतंकवाद O और O मादक O पदार्थों O की O तस्करी O का O मुकाबला O करना O , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO की O केंद्रीय O भूमिका O , O अफगानिस्तान B-NEL के O लोगों O को O तत्काल O मानवीय O सहायता O प्रदान O करना O तथा O महिलाओं O , O बच्चों O और O अन्य O जातीय O समूहों O और O अल्पसंख्यकों O के O अधिकार O सुरक्षित O रखा O जाना O शामिल O हैं O । O जेजेएम O की O समेकित O प्रबंधन O सूचना O प्रणाली O ( O आईएमआईएस O ) O एक B-NEN सार्वजनिक O समर्पित O डैशबोर्ड O के O जरिये O भौतिक O और O वित्तीय O प्रगति O का O लेखाजोखा O रखती O है O । O कामकाज O में O सहूलियत O के O मकसद O से O सभी O हितधारकों O के O लिये O एक B-NEN मोबाइल O ऐप O तैयार O किया O गया O है O । O जेजेएम O की O घोषणा O के O समय O से O अब O तक O 3.77 B-NEN करोड़ I-NEN घरों O को O नल O के O जरिये O जल O आपूर्ति O के O कनेक्शन O मुहैया O कराये O जा O चुके O हैं O । O देश O में O नल O के O जरिये O जल O प्राप्त O करने O वाले O घरों O की O संख्या O 3.23 B-NEN करोड़ I-NEN ( O 17 B-NEN प्रतिशत O ) O से O बढ़ O कर O सात B-NEN करोड़ I-NEN ( O 37 B-NEN प्रतिशत O ) O हो O गयी O है O । O विभिन्न O भारतीय O भाषाओं O के O साहित्य O एक B-NEN - O दूसरे B-NEN से O और O स्थानीय O संरचनाओं O , O मिथकों O तथा O मौखिक O परंपराओं O से O उतना O ही O प्राप्त O करते O हैं O , O जितना O वे O अंग्रेजी O भाषी O पश्चिम O के O साथ O पारस्परिक O प्रभाव O से O हासिल O करते O हैं O । O संसद O के O दोनों B-NEN सदन O इन O तीनों B-NEN विधेयकों O को O पारित O कर O चुके O हैं O , O जिससे O देश O में O विश्वस्तरीय O चिकित्सा O शिक्षा O प्रणाली O तैयार O करने O का O मार्ग O प्रशस्त O हो O गया O है O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO ने O तीन B-NEN राज्यों O में O एसएटीएच O - O “ O मानव O पूंजी O परिवर्तन O के O लिए O सतत O कार्रवाई O “ O ( O यानी O “ O सस्टेनेबल O एक्शन O फॉर O ट्रांसफॉर्मिंग O ह्यूमम O कैपिटल O ” O ) O भी O लागू O की O है O , O जिनकी O उत्कृष्ट O पद्धतियों O को O अन्य O राज्यों O में O भी O दोहराया O जा O रहा O है O । O यही O नहीं O , O एक B-NEN से O अधिक O भारतीय O भाषाओं O में O लिखने O वाले O लेखक O भी O इस O उभयवृत्ति O से O मुक्त O नहीं O थे O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O दस्तावेज O “ O नये O भारत B-NEL के O लिये O रणनीति O @ O 75 B-NEN ' O ( O यानी O ' O स्ट्रेटजी O फॉर O न्यू O इंडिया B-NEL @ O 75 B-NEN ' O ) O में O अनेक O नीतिगत O सुझाव O निहित O हैं O । O विद्वानों O में O एक B-NEN आम O सहमति O है O कि O तथाकथित O क्षेत्रीय O साहित्य O अपने O अभिविन्यास O और O भाषा O के O उपयोग O में O एकाधिक O है O । O कुल O मिलाकर O सरकार O के O भीतर O और O बाहर O के O लगभग O 1400 B-NEN हितधारकों O के O साथ O परामर्श O किया O गया O और O अनेक O पुनरावृत्तियां O की O गईं O , O ताकि O इस O दस्तावेज O में O सरकार O का O समग्र O दृष्टिकोण O परिलक्षित O किया O जाना O सुनिश्चित O हो O सके O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO के O मुख्य O कार्यों O और O महत्वपूर्ण O अधिदेशों O में O से O एक B-NEN आउटपुट O आउटकम O मॉनिटरिंग O फ्रेमवर्क O तैयार O करना O तथा O केंद्र O सरकार O की O योजनाओं O और O पहलों O का O कड़े O ढंग O से O मूल्यांकन O करना O है O । O इस O सात B-NEN वर्षीय O रणनीति O की O तैयारी O , O इस O दस्तावेज O में O जानकारी O समाहित O करने O के O लिए O विषय O विशेषज्ञों O , O राज्य O और O केंद्र O सरकार O के O मंत्रालयों O / O विभागों O , O उद्योग O जगत O के O प्रतिनिधियों O तथा O सामाजिक O संगठनों O के O साथ O व्यापक O रूप O से O विचार O - O विमर्श O किए O जाने O की O आवश्यकता O थी O । O इन्होंने O पंचवटी B-NEO फाउंडेशन I-NEO के O लिए O गौसंपदा O के O आर्थिक O वैज्ञानिक O - O पर्यावरणीय O आयामों O पर O पांच B-NEN खंडों O में O शोध O ग्रंथ O के O संकलन O व O संपादन O के O अलावा O पारंपरिक O कृषि O पर O शोध O कार्य O भी O किया O है O । O इसी O युग O में O हिन्दी O आलोचकों O में O एक B-NEN नई O प्रवृत्ति O विकसित O हुई O जिसके O अंतर्गत O कवि O , O कहानीकार O और O उपन्यासकार O भी O अपनी O और O अपने O समान O धर्णाओं O की O रचनाओं O तथा O रचनाशीलता O की O रक्षा O के O लिए O आलोचना O लिखने O लगे O । O इसी O समय O हिन्दी O साहित्य O में O एक B-NEN प्रवृत्ति O यह O भी O दिखाई O देती O है O कि O कुछ O पुरानी O साहित्यिक O विधाएं O धीरे O - O धीरे O परिदृश्य O से O गायब O हो O रही O थीं O और O कुछ O नई O विधाएं O सामने O आ O रही O थीं O । O रिपोर्ताज O के O रूप O में O एक B-NEN नई O विधा O सामने O आई O । O साहूकार O और O महाजन O यानि O आधुनिक O बैंकिंग O से O परे O धन O के O लेन O - O देन O की O एक B-NEN व्यवस्था O । O यदि O हम O इसमें O से O शोषण O के O मामले O को O हटाकर O और O केवल O इसे O एक B-NEN व्यवस्था O के O तौर O पर O देखें O तो O हम O पाएंगे O कि O पूरे O भारतवर्ष B-NEL में O बैंकिंग O की O यह O एक B-NEN शानदार O व्यवस्था O रही O है O । O परंतु O फिर O भी O वेदों O ने O कुसीद O को O एक B-NEN व्यवसाय O माना O है O । O वे O कृषि O के O जाने O - O माने O विशेषज्ञ O हैं O और O उन्हें O टेक्नोलॉजी O प्रबंधन O , O टेक्नोलॉजी O हस्तांतरण O और O कृषि O क्षेत्र O में O नवाचार O प्रबंधन O का O 15 B-NEN साल O से O अधिक O का O अनुभव O है O । O ऐसे O में O अनुसंधान O और O विकास O तथा O नवाचार O को O सुदृढ़ O करके O नयी O टेक्नोलॉजी O का O विकास O करना O भारत B-NEL की O कृषि O के O भविष्य O के O लिए O एक B-NEN महत्वपूर्ण O कदम O होगा O । O भारत B-NEL का O जनसंख्या O संसाधन O 1.3 B-NEN अरब I-NEN , O यानी O दुनिया O की O आबादी O का O 17.9 B-NEN प्रतिशत O है O , O जबकि O हमारे O पास O दुनिया O के O कुल O भूक्षेत्र O का O 2.4 B-NEN प्रतिशत O और O हमारे O जल O संसाधन O दुनिया O के O कुल O जल O संसाधनों O के O 5 B-NEN प्रतिशत O के O बराबर O हैं O । O अभियान O का O वास्तविक O उद्देश्य O ऐसी O समेकित O एकल O योजना O तैयार O करना O है O जिसमें O स्थानीय O आवश्यकताओं O को O ध्यान O में O रखकर O ग्यारहवीं O अनुसूची O में O शामिल O सभी O 29 B-NEN क्षेत्रों O को O समाहित O किया O जाए O जिन्हें O पंचायतों O को O सौंपा O जाना O है O और O इनमें O अंतिम O लक्ष्य O के O रूप O में O अन्य O संबद्ध O विभागों O द्वारा O चलाई O जाने O वाली O विभिन्न O अन्य O स्कीमें O और O कार्यक्रम O भी O शामिल O किए O जाएं O । O सरकार O को O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O की O बेहतरी O के O लिए O रिसर्च O केंद्र O बनाकर O उसे O हाईटेक O बनाना O चाहिए O जिससे O देश O में O औद्योगिक O मजबूती O के O साथ O हर O हाथ O को O एक B-NEN कुटीर O उद्योग O की O परिकल्पना O साकार O हो O सके O । O यह O सही O है O कि O लघु O एवं O कुटीर O उद्योग O से O तकरीबन O 11 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O रोजगार O मिला O है O । O तपेदिक O के O रोगियों O को O स्वस्थ O आहार O मिले O , O इसके O लिए O उन्हें O 500 B-NEN रुपये O का O मासिक O स्टाइपेंड O देने O के O लिए O 600 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O आवंटित O किए O गए O हैं O । O नए O मेडिकल O कॉलेजों O की O स्थापना O के O लिए O आवंटन O 12.5 B-NEN प्रतिशत O कम O हुआ O है O । O लाखों B-NEN इंजीनियर O बड़ी O - O बड़ी O कम्पनियों O में O नौकरियां O तलाशते O हैं O पर O वो O उनके O स्तर O का O आकलन O नहीं O कर O पाते O हैं O और O हकीकत O के O धरातल O पर O गिरकर O उनके O सपने O चूर O - O चूर O हो O जाते O हैं O ! O वो O अपने O जीवनकाल O में O कम O से O कम O दस B-NEN गरीब O नौजवानों O को O दस B-NEN हजार I-NEN रुपये O में O कुटीर O उद्योग O की O व्यवस्था O क्यों O नहीं O कराते O हैं O जो O उनके O ऊपर O आर्थिक O बोझ O नहीं O बनेगी O वरन O आत्मिक O संतुष्टि O प्राप्त O होगी O । O इसी O तरह O बड़ी O - O बड़ी O कम्पनियों O के O मैनेजर O करोड़ों B-NEN रुपये O पगार O में O लेकर O उसे O महंगी O गाड़ियों O फाइव B-NEN स्टार O होटलों O में O विलायती O शराबों O में O उड़ाते O हैं O । O हालांकि O इस O महत्वाकांक्षी O पहल O की O सफलता O इस O बात O पर O निर्भर O करती O है O कि O अब O से O केंद्र O और O राज्य O , O दोनों B-NEN स्तरों O पर O कितने O वित्तीय O संसाधन O दिए O जाते O हैं O । O एक B-NEN शिकायत O के O निपटारे O में O औसत O ढाई B-NEN दिन O लगते O हैं O जो O अन्य O राज्यों O से O काफी O बेहतर O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O उद्यम O पूंजी O निधि O की O तर्ज O पर O ही O ओबीसी O के O लिए O एक B-NEN नई O उद्यम O पूंजी O निधि O योजना O 200 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O आरंभिक O कायिक O निधि O के O साथ O आरंभ O की O जानी O है O । O 13587 B-NEN मैन्यूअल O स्कैवेंजर्स O ( O हाथ O से O मैला O ढोने O वाले O ) O और O उनके O आश्रितों O को O कौशल O विकास O प्रशिक्षण O प्रदान O किया O गया O है O । O 809 B-NEN मैन्युअल O स्कैवेंजर्स O और O उनके O अश्रितों O को O बैंक O लोन O प्रदान O किए O गए O हैं O । O ओबीसी O के O लिए O प्री O - O मैट्रिक O छात्रवृत्ति O हेतु O , O आय O पात्रता O को O 44,500 B-NEN रुपये O प्रतिवर्ष O से O बढ़ाकर O 2.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति O वर्ष O कर O दिया O गया O है O । O एक B-NEN बार O शिकायत O दर्ज O हो O जाने O के O बाद O , O शिकायतकर्ता O को O एसएमएस O या O ई B-NEAR - I-NEAR मेल I-NEAR के O माध्यम O से O एक B-NEN स्लिप O प्राप्त O होगी O । O दिवा O छात्रों O के O लिए O वजीफे O की O राशि O को O 150 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 225 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O और O आवासीय O छात्रों O के O लिए O इसे O 350 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 525 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O सर्वोच्च O स्तरीय O शिक्षा O हेतु O छात्रवृत्ति O राशि O को O 4.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 6 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति O वर्ष O कर O दिया O गया O है O । O अनुसूचित O जाति O और O ओबीसी O छात्रों O के O लिए O आय O पात्रता O को O 4.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 6 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति O वर्ष O कर O दिया O गया O है O । O स्थानीय O छात्रों O के O लिए O वजीफे O की O राशि O को O 1500 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 2500 B-NEN रुपये O और O बाहरी O छात्रों O के O लिए O 3000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 5000 B-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O प्री O - O मैट्रिक O छात्रवृत्ति O हेतु O आय O पात्रता O को O 2 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 2.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O योजना O के O तहत O सभी O छात्रों O को O तदर्थ O अनुदान O 500 B-NEN रुपये O प्रति O वर्ष O है O । O जो O वर्तमान O में O कर्नाटक B-NEL राज्य O में O 213 B-NEN शहरी O स्थानीय O निकायों O ( O यूएलबी O ) O में O संचालित O है O यह O कर्नाटक B-NEL राज्य O के O पांच B-NEN सुधारों O में O से O एक B-NEN है O जिसे O वर्तमान O में O लागू O किया O जा O रहा O है O । O हालांकि O कपड़े O की O कीमतों O , O उत्पादन O और O निर्यात O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O का O पता O लगाने O के O लिए O तीन B-NEN महीने O की O अवधि O संभवतः O पर्याप्त O नहीं O होगी O किंतु O वस्त्र O आयुक्त O (( O मुंबई -NEL के O कार्यालय O , O वाणिज्यिक O खुफिया O एवं O सांख्यिकी O महानिदेशक O , O केंद्रीय B-NEO रेशम I-NEO बोर्ड I-NEO , O भारतीय B-NEO केंद्रीय I-NEO कुटीर I-NEO उद्योग I-NEO निगम I-NEO लिमिटेड I-NEO , O भारतीय B-NEO कपास I-NEO निगम I-NEO , O भारतीय B-NEO जूट I-NEO निगम I-NEO लिमिटेड I-NEO और O राष्ट्रीय B-NEO हथकरघा I-NEO विकास I-NEO निगम I-NEO से O जुटाए O गए O आंकड़ों O के O आधार O पर O प्रभाव O का O आकलन O करने O का O प्रयास O किया O गया O है O । O अनुसूचित O जाति O के O लिए O राष्ट्रीय O अध्येतावृत्ति O के O तहत O , O इस O सहायता O को O बढ़ाकर O 25,000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 28,000 B-NEN रुपये O प्रति O छात्र O कर O दिया O गया O है O । O गोवा B-NEL राज्य O में O सार्वजनिक O शिकायतों O के O राज्य O निदेशालय O ने O सार्वजनिक O शिकायत O निवारण O और O निगरानी O प्रणाली O को O लोक O शिकायतों O से O निपटने O में O निगरानी O प्रक्रियाओं O के O लिए O एक B-NEN समान O और O व्यवस्थित O दृष्टिकोण O प्राप्त O करने O के O उद्देश्य O से O लॉन्च O किया O गया O । O जनस्पंदन O को O डीपीआर O के O दिशानिर्देश O के O अंतर्गत O सभी O जिलों O में O एक B-NEN साथ O शुरू O किया O गया O । O शिकायत O का O सफल O पंजीकरण O होने O पर O एक B-NEN यूनिक O पंजीकरण O संख्या O के O साथ O एक B-NEN स्लिप O मिलेगी O , O जो O एक B-NEN एसएमएस O के O रूप O में O शिकायतकर्ता O को O प्राप्त O होगी O । O केवल O असंगठित O क्षेत्र O का O कपड़ा O उत्पादन O उस O दौरान O 0.2 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O । O देश O के O विभिन्न O राज्यों O द्वारा O जनशिकायत O निवारण O के O लिए O एक B-NEN प्रणाली O तो O विकसित O कर O ली O गयी O किंतु O इनके O क्रियान्वयन O के O स्तर O पर O मौजूद O कई O कमियों O के O कारण O ये O अपेक्षित O लाभ O से O दूर O हैं O । O ( O तालिका O 5 B-NEN ) O । O एक B-NEN बड़ी O परेशानी O तब O होती O है O जब O खातेदार O दिव्यांग O हो O या O फिर O मानसिक O रूप O से O विक्षिप्त O हो O जाए O । O सरकार O द्वारा O कार्यस्थल O पर O महिलाओं O के O लिए O एक B-NEN ऑनलाइन O शिकायत O प्रणाली O ( O शी O - O बॉक्स O ) O विकसित O हुई O है O जो O निःसन्देह O एक B-NEN प्रशंसनीय O कदम O है O । O यहां O एक B-NEN मुद्दा O यह O भी O उठाया O गया O है O कि O पब्लिक O प्रोविडेंट O फंड O यानी O पीपीएफ O की O अब O क्या O कुर्की O की O जा O सकेगी O ? O कुल O 9 B-NEN राज्य O खुले O में O शौच O से O मुक्त O हो O चुके O हैं O । O इस O अंक O में O लोक O निवारण O की O दृष्टि O से O यह O उपयोगी O लेख O है O , O जो O पीड़ितों O और O शोषितों O को O इंसाफ O दिलाने O की O एक B-NEN पहल O करने O के O लिए O प्रेरित O करता O है O । O किसी O एक B-NEN ही O लेख O में O सभी O राज्यों O से O संबंधित O शिकायत O निवारण O प्रणालियों O की O जानकारी O अन्यत्र O कहीं O दुर्लभ O है O । O * O एक B-NEN ही O जीआईएस O व्यू O में O क्षेत्रों O / O मंडलों O / O प्रभागों O में O यात्री O एवं O माल O गाड़ियों O का O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O जिन O शहरों B-NEL में O स्मार्ट O सिटी O मिशन O के O तहत O समेकित B-NEO कमान I-NEO और I-NEO नियंत्रण I-NEO केन्द्र I-NEO काम O कर O रहे O थे O उनमें O इन्हें O जागरूकता O फैलाने O और O आपतकालीन O सेवाओं O का O संचालन O करने O वाले O प्रबंधकों O के O लिये O चौबीसों B-NEN घंटे O सक्रिय O केन्द्रों O में O बदल O दिया O गया O । O * O यह O ऐप O मालढुलाई O से O संबंधित O सभी O संपत्तियों O का O एक B-NEN ही O विंडो O में O सिंहावलोकन O करने O की O सुविधा O प्रदान O करता O है O । O मौजूदा O समय O में O ई O - O शासन O से O जुड़ी O भारत B-NEL की O आबादी O को O व्यक्तियों O की O निजी O सूचनाओं O वाले O विश्व O के O सब O डाटाबेसों O में O से O एक B-NEN माना O जा O सकता O है O । O इसके O साथ O ही O भारत B-NEL के O संविधान O प्रदत्त O बुनियादी O अधिकारों O और O मूल्यों O के O अनुरूप O एक B-NEN सुरक्षित O , O प्रभावशाली O , O विश्वसनीय O और O पारदर्शी O प्रणाली O सुनिश्चित O करने O की O महत्वपूर्ण O चुनौती O भी O पैदा O हुई O है O । O डिजिटल O विभाजन O को O घटाने O के O मकसद O से O नये O तौर O - O तरीकों O को O अपनाना O और O किसी O को O पीछे O नहीं O छोड़ने O के O संकल्प O को O पूरा O करने O के O लिये O समावेशी O ई O - O शासन O को O बढ़ावा O देना O एक B-NEN अन्य O चुनौती O है O । O * O एकल O ब्रांड O खुदरा O व्यापार O के O लिए O स्वतः O ( O ऑटोमैटिक O ) O 100 B-NEN प्रतिशत O एफडीआई O । O * O निर्माण O क्षेत्र O में O भी O 100 B-NEN प्रतिशत O स्वतः O एफडीआई O । O * O विदेशी O विमानन O कंपनियों O को O मंजूरी O के O जरिये O एयर O इंडिया B-NEL में O 49 B-NEN प्रतिशत O तक O निवेश O की O अनुमति O । O सरकार O ने O एफडीआई O के O लिए O निवेशकों O के O अनुकूल O नीति O बनाई O है O , O जिसके O तहत O अधिकतर O क्षेत्रों O / O गतिविधियों O में O स्वतः O मार्ग O से O 100 B-NEN प्रतिशत O तक O एफडीआई O की O अनुमति O है O । O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR में O भी O अनुच्छेद O 310 B-NEN , O 311 B-NEN और O 312 B-NEN के O अंतर्गत O इन O सेवाओं O को O राजनीतिक O हस्तक्षेप O और O अकारण O परेशान O करने O की O प्रवृत्ति O से O बचाव O की O व्यवस्था O की O गई O है O । O अर्ध O - O संघवाद O में O विकेन्द्रीकरण O के O अवसर O - O लागत O जैसे O अपने O मसले O हो O सकते O हैं O , O जो O बड़े O पैमाने O पर O उत्पादन O से O होने O वाली O किफायत O का O फायदा O न O उठाने O , O विभिन्न O क्षेत्राधिकारों O के O बीच O पारस्परिक O असर O और O सरकार O के O एक B-NEN स्तर O से O दूसरे O स्तर O पर O लागत O स्थानांतरण O के O रूप O में O मूर्त O रूप O में O सामने O आते O हैं O । O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O से O नामांकन O एक B-NEN विशिष्ट O समर्पित O पोर्टल O पर O ऑनलाइन O मंगाए O जाते O हैं O ताकि O कागजी O कार्यवाही O में O समय O नष्ट O न O हो O । O देश O में O मौजूद O 25 B-NEN लाख I-NEN पंचायतों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O पुरस्कार O जीतने O वाली O पंचायतों O की O कामयाबी O को O प्रचारित O करना O महत्वपूर्ण O है O । O 1. B-NEN डीडीयूपीएसपी O के O तहत O विषय O - O आधारित O श्रेणियां O बनाई O गईं O । O 2. B-NEN अधिक O पारदर्शिता O और O बेहतर O कार्यकुशलता O पर O जोर O दिया O गया O । O 3. B-NEN ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O पुरस्कार O की O शुरूआत O की O गई O । O इन्हीं O सुधारों O में O से O एक B-NEN था O राज्यों O की O उधार O लेने O की O सीमा O में O सशर्त O वृद्धि O । O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO ने O राज्य O सरकारों O की O उधार O लेने O की O सीमा O उनके O सकल O घरेलू O उत्पाद O के O 3 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O कर O दी O । O इसके O बाद O एक B-NEN प्रतिशत O और O उधार O लेने O की O अनुमति O तभी O दी O जाएगी O जब O ऋण O राशि O को O विशेष O सुधारों O जैसे O ऋण O सातत्य O , O रोजगार O सृजन O , O बिजली O क्षेत्र O में O सुधार O और O शहरी O विकास O से O जोड़ा O जाएगा O । O अंतिम O 0.5 B-NEN प्रतिशत O की O अनुमति O तभी O दी O जाएगी O जब O राज्य O इन O क्षेत्रों O में O प्रमुख O मील O के O पत्थर O पार O कर O लेंगे O । O लेकिन O इस O सीमा O की O सिर्फ O 0.5 B-NEN प्रतिशत O राशि O बिना O शर्त O है O । O पुरस्कार O प्रक्रिया O को O सशक्त O बनाने O का O एक B-NEN अन्य O पहलू O गुणात्मक O विश्लेषण O है O जिसमें O स्थायी O विकास O लक्ष्यों O की O पूर्ति O में O पंचायतों O की O भूमिका O पर O ही O पूरा O ध्यान O रहता O है O । O पहली O बार O देश O की O प्रति O व्यक्ति O डॉलर O आय O 2000 B-NEN पर O पहुंचेगी O । O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO के O काल O में O लोक O सेवाओं O को O तीन B-NEN श्रेणियों O में O वर्गीकृत O किया O गया O - O प्रसंविदाबद्ध O , O अप्रसंविदाबद्ध O और O विशेष O लोक O सेवाएं O । O ब्रिटेन B-NEL की O संसद O द्वारा O भारत O सरकार O अधिनियम O 1919 O पारित O किए O जाने O के O साथ O ही O भारत B-NEL के O लिए O नियुक्त O मंत्री O की O देखरेख O में O भारतीय O लोक O सेवा O को O दो B-NEN भागों O में O बांटा O गया O , O अखिल O भारतीय O सेवा O एवं O केंद्रीय O सेवा O । O केंद्रीय O सेवा O के O समूह O क O में O 34 B-NEN प्रकार O हैं O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O द्वारा O जारी O किये O गये O वृद्धिशील O ऋण O के O 75 B-NEN प्रतिशत O के O साथ O वृद्धिशील O ऋण O में O हिस्सेदारी O भी O स्थिर O है O । O ग्राम O सभा O को O संविधान O ( O अनुच्छेद O 243 B-NEN ) O द्वारा O परिभाषित O किया O गया O है O , O जिसमें O एक B-NEN ग्राम O पंचायत O के O क्षेत्र O के O एक B-NEN गांव O के O सभी O पंजीकृत O मतदाता O शामिल O हैं O । O ग्राम O सभा O , O शासन O के O निर्णयों O को O जन O - O जन O तक O पहुंचाने O का O एक B-NEN सशक्त O माध्यम O है O । O अब O चूंकि O भारत B-NEL की O 80 B-NEN प्रतिशत O आबादी O को O अभी O हासिल O पेयजल O का O मुख्य O स्रोत O भूगर्भ O जल O ही O है O ; O अतः O उक्त O आंकड़ों O के O आधार O पर O कहा O जा O सकता O है O कि O हां O , O बहुमत O आबादी O को O आज O भी O कुआं O , O हैण्डपम्प O , O बोरवेल O आदि O से O पीने O योग्य O पानी O देना O संभव O है O । O उपभोक्ता O की O दृष्टि O से O संचालन O में O सुचारुपन O के O छह B-NEN पैमाने O हैं O : O स्रोत O का O टिकाऊपन O , O उपलब्ध O पानी O की O पर्याप्त O मात्रा O , O सर्वश्रेष्ठ O गुणवत्ता O , O न्यूनतम O लागत O , O उपयोग O में O अनुशासन O तथा O संचालन O में O स्वावलम्बन O । O ग्रामीण O समुदाय O की O दृष्टि O से O एक B-NEN अन्य O बुनियादी O जरूरत O है O - O आपसी O साझा O । O कुआँ O - O हैंडपम्प O से O पानी O की O निर्भरता O का O समर्थन O करने O वालों O का O तर्क O है O कि O ये O स्रोत O 24 B-NEN घंटे O पेयजल O सुलभता O की O गारंटी O हैं O । O ग्राम O पंचायतों O द्वारा O स्थापित O कंप्यूटर O प्रशिक्षण O एवं O सूचना O केंद्र O एक B-NEN अनुकरणीय O प्रयास O है O , O ये O बच्चों O को O कंप्यूटर O शिक्षा O के O साथ O ही O सरकार O की O विभिन्न O योजनाओं O की O जानकारी O को O जन O - O जन O तक O पहुंचाने O का O कार्य O भी O कर O रहे O हैं O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O प्रकाशित O त्रैमासिक O पत्रिका O ग्रामोदय B-NEAR संकल्प I-NEAR भी O पंचायतों O तक O संचार O , O शिक्षा O एवं O सूचनाएं O पहुंचाने O का O एक B-NEN सशक्त O माध्यम O है O । O यह O पत्रिका O हिंदी O एवं O अंग्रेजी O के O साथ O ही O 11 B-NEN भारतीय O भाषाओं O में O प्रकाशित O होती O है O । O पाइप O लीकेज O के O कारण O होने O वाली O पानी O की O बर्बादी O शून्य B-NEN है O । O पाइप O से O पानी O मिलने O लगता O है O , O तो O लोग O पानी O के O टिकाऊ O जलस्रोतों O के O बारे O में O सोचना O और O करना O - O दोनों B-NEN बंद O कर O देते O हैं O । O एक B-NEN नगरीय O अनुभव O शिमला B-NEL : O शिमला B-NEL का O नगरीय O क्षेत्रफल O मात्र O 35.34 B-NEN वर्ग O किलोमीटर O है O । O सात B-NEN राज्यों O के O जल O संकट O वाले O 78 B-NEN जिलों O में O अटल O भूजल O योजना O शुरू O की O गयी O है O । O परिणाम O : O नगरीय O जलापूर्ति O हुई O तीन B-NEN दिन O में O एक B-NEN बार O ; O वह O भी O मात्र O दो B-NEN घण्टे O । O 40 B-NEN मिलियन I-NEN डॉलर O के O विश्व O बैंक O कर्ज O से O नई O परियोजना O । O ग्राम O सभा O में O गठित O की O जाने O वाली O ग्रामीण B-NEO जल I-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO समिति I-NEO या O पानी B-NEO समिति I-NEO के O सदस्यों O में O आबादी O के O अनुपात O में O 50 B-NEN प्रतिशत O महिलाएं O और O 25 B-NEN प्रतिशत O कमजोर O तबकों O के O प्रतिनिधि O होते O हैं O । O नया O स्रोत O - O 21 B-NEN किलोमीटर O दूर O सतलज B-NEL नदी O । O दैनिक O जलापूर्ति O लागत O 117 B-NEN रुपये O प्रति O किलोलीटर O । O सभी O लीकेज O दुरुस्त O करने O के O बाद O लागत O घटकर O हुई O 90 B-NEN रुपये O प्रति O किलोलीटर O । O जल O स्रोतों O को O दुरुस्त O किया O जा O रहा O है O ताकि O अगले O 30 B-NEN वर्षों O तक O उनका O उपयोग O किया O जा O सके O । O गर्मी O के O दिनों O में O भारत B-NEL के O कई O नगरों O में O 17 B-NEN लीटर O प्रति O व्यक्ति O , O प्रति O दिन O जलापूर्ति O का O आंकड़ा O है O । O दुनिया O के O 200 B-NEN नगर O डे O जीरो B-NEN श्रेणी O की O ओर O बढ़ O रहे O हैं O । O ' O जीरो B-NEN डे O ' O का O मतलब O है O कि O नलों O में O पानी O की O आपूर्ति O बंद O है O । O टैंकरों O के O माध्यम O से O प्रति O व्यक्ति O प्रति O दिन O 25 B-NEN लीटर O की O औसत O से O पानी O पहुंचाया O जा O रहा O है O । O एक B-NEN ऐसा O पहलू O है O जिसे O न O केवल O उपमहाद्वीप O के O बाहर O बल्कि O भारत B-NEL में O बहुत O कम O करके O आंका O गया O है O । O प्रदूषण O के O दो B-NEN चित्रों O पर O गौर O फरमाइए O - O ' O प्रयागराज B-NEL से O लेकर O मिर्जापुर B-NEL , O भदोही B-NEL , O बनारस B-NEL , O चंदोली B-NEL , O बलिया B-NEL , O बक्सर B-NEL तक O की O 300 B-NEN किलोमीटर O लम्बी O गंगा B-NEL तटवर्ती O पट्टी O में O गेंजेटिक O पार्किन्सन O और O गेंजेटिक O डिमेंशिया O के O रोगी O बढ़े O हैं O । O मोटर O न्यूरॉन O नामक O जो O बीमारी O , O इस O पट्टी O के O लोगों O को O तेजी O से O अपना O शिकार O बना O रही O है O , O उसका O एक B-NEN कारण O गंगा B-NEL में O मौजूद O धात्विक O प्रदूषण O है O । O यह O एक B-NEN ऐसा O समय O भी O है O जब O न O केवल O भारत B-NEL में O , O बल्कि O , O वास्तव O में O , O पूरी O दुनिया O एक B-NEN बार O फिर O लोकतंत्र O के O गुणों O पर O बहस O कर O रही O है O । O और O स्वतंत्र O भारत B-NEL के O पहले O कानून O मंत्री O के O रूप O में O , O उन्होंने O वंचितों O और O गरीबों O को O मानवाधिकारों O की O गारंटी O देते O हुए O , O सदियों O पुरानी O सामाजिक O बुराइयों O को O दूर O करने O वाले O कानूनों O को O तैयार O करने O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O । O में O उनके O बिताए O वर्षों O का O एक B-NEN स्वतंत्रता O सेनानी O , O राजनीतिक O विचारक O के O रूप O में O उन O पर O बहुत O गहरा O प्रभाव O पड़ा O था O , O लेकिन O सबसे O अधिक O प्रभाव O एक B-NEN समाज O सुधारक O के O रूप O में O पड़ा O । O यहां O समकालीन O समय O में O भारतीय O साहित्य O को O विश्व O साहित्य O के O सान्निध्य O में O चार B-NEN प्रमुख O विशेषताओं O - O बहुभाषिता O , O अनुवाद O , O तुलनात्मकता O , O और O वैश्विक O तथा O स्थानीय O चिंताओं O के O बीच O उनके O प्रतिमान O के O आधार O पर O रेखांकित O किया O गया O है O । O पानी O और O स्वच्छता O की O कीमत O के O संबंध O में O जल O प्राप्ति O और O स्वच्छता O पर O किए O जाने O वाले O प्रत्येक O डॉलर O निवेश O के O बदले O , O स्वास्थ्य O और O उत्पादन O मूल्य O से O औसतन O 6.80 B-NEN डॉलर O का O लाभ O प्राप्त O होता O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO और O राज्य O सरकारों O के O सुनियोजित O प्रयासों O के O कारण O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O 3.71 B-NEN करोड़ O ग्रामीण O परिवारों O को O नल O से O पानी O देने O के O कनेक्शन O दिए O जा O चुके O हैं O । O परिणामस्वरूप O , O देश O के O 6.95 B-NEN करोड़ O ( O 36.3 B-NEN उच्च O हिमालयी O क्रिस्टलीय O क्षेत्र O समुद्र O तल O से O 1800 B-NEN मीटर O की O ऊंचाई O पर O स्थित O है O और O यहां O भारतीय O ग्रीष्मकालीन O मानसून O की O प्रचुर O वर्षा O होती O है O । O हिमालय B-NEL की O पार्वतिकी O और O भूविज्ञान O ऐसा O है O कि O , O दक्षिण O से O उत्तर O की O ओर O , O शिवालिक B-NEL हिमालय I-NEL के O ऊपर O पहला O प्राकृतिक O भूगोल O संबंधी O बदलाव O होता O है O और O दूसरा O उच्च O हिमालयी O क्रिस्टलीय O क्षेत्र O के O आधार O पर O होता O है O , O जहां O एक B-NEN क्षेत्रीय O अवगुण O मौजूद O होता O है O जिसे O मेन B-NEL सेंट्रल I-NEL थ्रस्ट I-NEL ( O एमसीटी B-NEL ) O कहा O जाता O है O । O प्राकृतिक O भूगोल O संबंधी O दो B-NEN बदलाव O आगामी O ग्रीष्मकालीन O मानसून O वर्षा O में O रुकावट O डालते O हैं O । O इसलिए O , O दक्षिणी O फ्रंट O में O अधिक O वर्षा O ( O 1500 B-NEN - O 2500 B-NEN मिमी O / O वर्षा O ) O वाले O दो B-NEN क्षेत्र O हैं O जो O दो B-NEN प्राकृतिक O भूगोल O संबंधी O बदलावों O के O साथ O मेल O खाते O हैं O । O अत्यधिक O विकृत O और O भुरभुरी O चट्टानों O की O विशेषता O वाले O मेन B-NEL सेंट्रल I-NEL थ्रस्ट I-NEL फॉल्ट I-NEL जोन I-NEL में O जहां O तेज O ( O 40 B-NEN डिग्री O से O अधिक O ) O ढाल O वाले O पहाड़ O हैं O , O और O अधिक O वर्षा O होती O है O , O बड़े O पैमाने O पर O बर्बादी O और O भूस्खलन O की O आशंका O रहती O है O । O एक B-NEN और O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O कि O सिंधु B-NEL , O गंगा B-NEL , O और O मध्य O हिमालय B-NEL पर्वतमाला O से O बहने O वाली O नदियों O का O उद्गम O , O वर्षा O की O कमी O वाले O शुष्क O क्षेत्रों O में O हैं O जहां O अत्यधिक O वर्षा O की O घटनाओं O से O हिमनद O / O मोराइन O - O बांधित O झील O विस्फोट O और O बड़े O पैमाने O पर O बर्फ O पिघलने O की O संभावना O हो O सकती O हैं O जिससे O बाढ़ O आ O सकती O है O । O हालांकि O , O ब्रह्मपुत्र B-NEL के O उद्गम O में O , O अलग O - O अलग O पार्वतिकी O और O ऊंचाई O के O कारण O 1000 B-NEN मिमी O / O और O अनुप्रवाह O जलाशय O में O > O 3000 B-NEN मिमी O / O सालाना O मानसून O की O वर्षा O होती O है O । O दो B-NEN प्रणालियों O के O बीच O ये O विपरीत O विशेषताएं O बाढ़ O पैदा O करती O हैं O जिनमें O विभिन्न O परिमाण O के O बहाव O होते O हैं O । O ब्रह्मपुत्र B-NEL को O मेगाफ्लड O श्रेणी O ( O बहाव O - O 107 B-NEN क्यूमेक्स O ) O की O बाढ़ O के O लिए O जाना O जाता O है O , O जहां O गंगा B-NEL और O सिंधु B-NEL में O ऐतिहासिक O रूप O से O भीषण O बाढ़ O ( O बहाव O - O 104 B-NEN क्यूमेक्स O ) O आ O चुकी O हैं O । O हिमालय B-NEL में O बाढ़ O के O कारण O सामान्य O तौर O पर O , O हिमालय B-NEL में O भीषण O बाढ़ O ( O 1 B-NEN ) O भारी O वर्षा O , O ( O 2 B-NEN ) O भूस्खलन O से O बांध O वाली O झील O के O फटने O ( O एलएलओएफ O ) O , O ( O 3 B-NEN ) O ग्लेशियर O बांधित O झील O विस्फोट O ( O जीएलओएफ O ) O , O और O ( O 4 B-NEN ) O बादल O फटने O के O कारण O आती O है O । O ग्लेशियल O लेक O आउटबर्स्ट O फ्लड O ( O जीएलओएफ O ) O जल O निकायों O के O टूटने O से O उत्पन्न O होते O हैं O जो O ग्लेशियरों O के O बढ़ने O से O नदियों O पर O बांध O बनाने O या O दो B-NEN मोराइन O पहाड़ियों O ( O मोराइन O - O डैम्ड O लेक O कही O जाने O वाली O ) O के O बीच O पर्वतों O के O अप्रवाह O और O हिमपात O को O रोकने O के O कारण O बनते O हैं O । O 2. O सस्ती O दरों O पर O गरीब O ग्रामीणों O की O जरूरतों O को O पूरा O करने O के O लिए O उपयुक्त O नये O उत्पादों O को O डिजाइन O करना O एक B-NEN अनिवार्यता O है O । O इस O बात O का O विकल्प O तलाशा O जा O सकता O है O कि O एक B-NEN एप्लीकेशन O का O प्रयोग O करते O हुए O एन्क्रिप्टेड O एसएमएस O आधारित O फंड O ट्रांसफर O का O प्रयोग O किया O जाए O और O वह O एप्लीकेशन O किसी O भी O प्रकार O के O मोबाइल O पर O सहजता O से O चलायी O जा O सके O । O * O चूंकि O प्रवासी O लोगों O के O लिए O रेमिटेंस O सुविधा O सर्वोपरि O है O इसलिए O प्रवासियों O को O आसान O और O सस्ती O रेमिटेंस O सुविधाएं O प्रदान O करना O एक B-NEN अनिवार्य O शर्त O है O । O यह O शाखाहीन O बैंकिंग O के O जरिए O बैंकिंग O सेवाओं O की O एक B-NEN प्रभावशाली O आउटरीच O दिखाता O है O । O एक B-NEN शहर O - O एक B-NEN ऑपरेटर O वाले O तरीके O में O पुराने O के O पुनर्वास O और O नयी O परिसम्पत्तियों O के O सृजन O का O विलय O कर O दिया O गया O है O और O उन O सबके O लिए O हाइब्रिड O एन्युइटी O मोड O पर O संचालन O और O रखरखाव O का O कार्य O किया O जा O रहा O है O ताकि O अभिशासन O में O सुधार O हो O । O गंगा B-NEL के O किनारे O के O सभी O 97 B-NEN शहरों O / O कस्बों O के O लिए O विस्तृत O योजना O के O अनुसार O परियोजनाओं O पर O कार्य O किया O जा O रहा O है O जिसमें O पुनर्वास O , O पुराने O संयंत्रों O की O हालत O का O आकलन O करने O के O बाद O उनके O उच्चीकरण O भी O शामिल O हैं O । O इसका O एक B-NEN उदाहरण O कुंभ O मेला O है O । O आज O 4,500 B-NEN गंगा B-NEL ग्राम O खुले O में O शौच O की O बुराई O से O मुक्त O हो O चुके O हैं O । O पखवाड़ा O गतिविधियों O के O लिए O योजना O बनाने O में O मंत्रालयों O की O मदद O करने O के O लिए O उन्हें O एक B-NEN वार्षिक O कैलेण्डर O बांटा O गया O । O नमामि B-NEO गंगे I-NEO कार्यक्रम I-NEO जल B-NEO संसाधन I-NEO मंत्रालय I-NEO की O एक B-NEN पहल O है O जिसके O तहत O तट B-NEL पर O बसे O गांवों O को O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ओडीएफ O ) O बनाना O है O और O ठोस O व O तरल O कचरा O प्रबंधन O की O दिशा O में O आ O रही O समस्याओं O को O पेयजल O व O स्वच्छता O मंत्रालय O द्वारा O दूर O करने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O उत्तराखंड B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL , O बिहार B-NEL , O झारखंड B-NEL और O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL के O 52 B-NEN जिलों O के O सभी O 4470 B-NEN गांवों O को O राज्य O सरकारों O की O मदद O से O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ओडीएफ O ) O घोषित O किया O गया O है O । O अब O मंत्रालय O एनएमसीजी O के O सहयोग O से O गंगा B-NEL तट I-NEL पर O बसे O 24 B-NEN गांवों O को O गंगा B-NEL ग्राम I-NEL में O तब्दील O करने O का O प्रयास O कर O रहा O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O इस O दिशा O में O एक B-NEN अलग O बजट O शीर्ष O बनाया O गया O है O । O भारत B-NEL के O 100 B-NEN ऐसे O स्थान O , O जो O कि O अपनी O बहु O हितधारक O पहल O शुरू O कर O चुके O हैं O । O पहले O दो B-NEN चरणों O में O अब O तक O 20 B-NEN महत्वपूर्ण O स्थानों O पर O काम O शुरू O किया O गया O है O । O इन O सभी O 20 B-NEN स्थानों O के O पास O वित्तीय O व O तकनीकी O सहयोग O के O लिए O पदनामित O पीएसयू O या O कॉरपोरेट्स O हैं O । O इस O मौके O पर O देश O भर O से O लगभग O 6000 B-NEN चुनिन्दा O महिला O सरपंच O , O ज़मीनी O स्तर O पर O काम O करने O वालों O ने O शिरकत O की O और O स्वच्छता O चैम्पियंस O को O ग्रामीण O भारत B-NEL में O स्वच्छ O भारत B-NEL का O सपना O साकार O करने O की O दिशा O में O महत्वपूर्ण O योगदान O के O लिए O सम्मानित O किया O गया O । O व्यहारगत O बदलाव O के O लक्ष्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O दरवाज़ा O बंद O शीर्षक O से O एक B-NEN गंभीर O मास O मीडिया O अभियान O चलाया O गया O जिसमें O लोगों O खासकर O पुरुषों O द्वारा O शौचालय O के O प्रयोग O को O प्रमोट O करने O का O प्रयास O किया O गया O । O इस O अभियान O में O हिन्दी O समेत O 9 B-NEN भाषाओं O में O 5 B-NEN टीवी O व O रेडियो O स्पॉट O शामिल O थे O और O इसे O देश O भर O में O सफलतापूर्वक O शुरू O किया O गया O । O 1. B-NEN सभी O घरों O में O ऐसे O शौचालय O हों O जिनका O इस्तेमाल O किया O जा O सके O । O 2. B-NEN सभी O स्कूलों O , O आंगनवाड़ी O केंद्रों O और O पंचायत O घरों O में O इस्तेमाल O किए O जा O सकने O वाले O लायक O शौचालय O हों O । O 3. B-NEN सार्वजनिक O जगहें O साफ O दिखें O । O 4. B-NEN कम O से O कम O 80 B-NEN प्रतिशत O घरों O और O सभी O सार्वजनिक O संस्थानों O में O ठोस O और O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O की O व्यवस्था O हो O । O 5. B-NEN गांव O में O प्लास्टिक O अपशिष्ट O को O अलग O रखने O और O उसे O इकट्ठा O करने O की O व्यवस्था O हो O । O 6. B-NEN खुले O में O शौच O से O मुक्ति O की O स्थिति O बने O रहने O , O साबुन O से O हाथ O धोने O , O विभिन्न O माध्यमों O के O जरिए O प्रकृति O में O नष्ट O हो O जाने O वाले O कचरे O जैसी O थीम O पर O आधारित O कम O से O कम O पांच B-NEN ओडीएफ O प्लस O आईईसी O दीवार O पेंटिंग O गांव O में O मौजूद O हों O । O अभियान O के O दूसरे B-NEN चरण O में O भी O इन O स्वयंसेवकों O की O भूमिका O अहम O है O । O भारत B-NEL के O खुले O में O शौच O से O मुक्त O होने O की O वजह O से O डायरिया O से O होने O वाली O 3,07,000 B-NEN मौतों O को O रोका O जा O सका O इसमें O सूचना O , O शिक्षा O और O संचार O संबंधी O गतिविधियों O पर O मौद्रिक O और O गैर O - O मौद्रिक O गतिविधियों O के O तहत O 26,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O खर्च O किए O गए O खुले O में O शौच O से O मुक्त O गांवों O में O भूजल O के O प्रदूषित O होने O की O आशंका O 11.25 B-NEN गुना O कम O है O निवेश O पर O 430 B-NEN प्रतिशत O लाभ O खुले O में O शौच O से O मुक्त O गांव O में O हर O परिवार O को O इस O वजह O से O सालाना O औसतन O 720 B-NEN डॉलर O की O बचत O होती O है O इन O दोनों B-NEN गतिविधियों O का O मकसद O सफाई O - O कर्मियों O द्वारा O नियमित O तौर O पर O कचरा O इकट्ठा O नहीं O करने O की O समस्या O , O कचरा O भराव O क्षेत्र O में O अवैज्ञानिक O तरीके O से O कचरे O का O निपटान O और O लोगों O के O बीच O ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O के O आधुनिक O तरीकों O के O बारे O में O जागरूकता O की O कमी O आदि O चुनौतियों O से O निपटना O है O । O पल्ले O प्रगति O कार्यक्रम O के O चार B-NEN चरणों O को O लागू O किया O जा O चुका O है O । O इस O कार्यक्रम O के O तहत O नागरिकों O को O सूखे O और O गीले O कचरे O में O अंतर O संबंधी O जानकारी O दी O जाती O है O और O एक B-NEN बार O ही O इस्तेमाल O किए O जा O सकने O वाले O प्लास्टिक O के O कम O से O कम O इस्तेमाल O की O अपील O की O जाती O है O । O इन O चार B-NEN चरणों O में O बड़े O पैमाने O पर O लक्ष्यों O को O हासिल O किया O गया O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O एक B-NEN नारा O कुछ O इस O तरह O था O - O सभी O गीले O कचरे O प्रकृति O की O तरफ O से O मिलते O हैं O , O जबकि O सूखा O कचरा O मानव O निर्मित O होता O है O । O साथ O ही O , O यह O सुनिश्चित O करने O की O भी O कोशिश O की O गई O कि O हर O गांव O में O 500 B-NEN लोगों O पर O कम O से O कम O एक B-NEN सफाई O कर्मी O ( O बहुद्देश्यी O कार्यकर्ता O ) O हो O । O खरीद O का O प्रमुख O स्रोत O एक B-NEN ही O होने O के O कारण O लॉकडाउन O के O दौरान O सक्रिय O फार्मास्यूटिकल O संघटकों O - O ऐक्टिव O फार्मास्यूटिकल O इनग्रेडिएंट्स O ( O एपीआई O ) O की O आपूर्ति O श्रृंखला O बुरी O तरह O प्रभावित O हुई O । O उसने O सीरो O सर्वेक्षण O के O लिये O एक B-NEN राष्ट्रीय O योजना O बनाने O की O सिफारिश O की O । O जल्दी O ही O इस O समूह O के O पांच B-NEN जीन O में O लगभग O 23 B-NEN रूपांतर O हो O गये O । O इनमें O से O 17 B-NEN प्रासंगिक O और O गैर O - O पर्याय O स्वरूप O रूपांतर O हैं O । O बढ़ी O हुई O संक्रामकता O और O विषाक्तता O के O लिये O दो B-NEN महत्वपूर्ण O रूपांतर O जिम्मेदार O हैं O । O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN का O अनुक्रमण O विस्तृत O रूप O से O किये O जाने O के O कारण O ब्रिटेन B-NEL रूपांतरों O की O पहचान O तेजी O से O करने O में O सक्षम O था O । O यह O संस्था O देश O में O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN के O सक्रिय O स्वरूपों O की O बड़े O पैमाने O पर O प्रयोगशाला O और O महामारी O विज्ञान O संबंधी O निगरानी O करती O है O । O इसलिये O विश्व O को O यह O दिखा O देने O का O समय O आ O गया O है O कि O भारतीय O विज्ञान O अब O वैश्विक O वैज्ञानिक O नेतृत्व O में O एक B-NEN बड़ा O भागीदार O बनने O में O सक्षम O है O । O हमारे O मिशनों O ने O 400 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O निर्यात O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O के O लिए O वाणिज्य O विभाग O के O साथ O मिलकर O काम O किया O , O जिसका O मैंने O पहले O उल्लेख O किया O था O । O सरकार O ने O पर्यटन O उद्योग O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O विभिन्न O उपायों O की O घोषणा O की O है O , O जिसमें O भारत B-NEL आने O वाले O पहले O 500,000 B-NEN यात्रियों O को O मुफ्त O पर्यटक O वीजा O देना O शामिल O है O । O 20. O मैं O सफलता O की O दो B-NEN कहानियों O - O बांग्लादेश B-NEL और O नेपाल B-NEL के O बारे O में O विस्तार O से O बताना O चाहता O हूं O । O बांग्लादेश B-NEL और O नेपाल B-NEL अब O भारत B-NEL के O लिए O शीर्ष O दस B-NEN निर्यात O स्थलों O में O शामिल O हैं O , O इन O दोनों B-NEN देशों O को O हमारा O कुल O निर्यात O 16 B-NEN बिलियन I-NEN डॉलर O से O अधिक O का O है O । O हालांकि O , O एक B-NEN ऐसे O देश O के O लिए O जो O पिछले O एक B-NEN दशक O से O छह B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O की O औसत O वार्षिक O वृद्धि O दर O से O बढ़ O रहा O है O , O बांग्लादेश B-NEL के O साथ O व्यापार O की O संभावना O बहुत O अधिक O है O । O यह O भारत B-NEL का O नौवाँ O सबसे O बड़ा O निर्यात O बाजार O है O और O भारतीय O निवेश O के O लिए O एक B-NEN महत्वपूर्ण O गंतव्य O है O । O नेपाल B-NEL में O कुल O एफडीआई O स्टॉक O का O 30 B-NEN % O से O अधिक O हिस्सा O भारतीय O फर्मों O का O है O , O जिसकी O कीमत O लगभग O 600 B-NEN मिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O है O । O नेपाल B-NEL में O विनिर्माण O , O सेवाओं O , O बिजली O क्षेत्र O और O पर्यटन O उद्योग O में O लगभग O 150 B-NEN भारतीय O उद्यम O काम O कर O रहे O हैं O । O ये O दोनों B-NEN तकनीकें O प्राचीन O प्रेम O कविता O की O पहचान O हैं O , O जो O अन्यत्र O नहीं O पाई O जाती O है O । O मिलन O की O आस O में O , O माथे O से O पसीना O छूटा O , O मुस्कान O को O छिपाते O हुए O , O मन O की O भावनाओं O को O रोका O , O नायिका O की O चार B-NEN अभिव्यक्तियों O की O प्रथम O माप O है O । O बाल O खोलना O , O कान O की O बालियों O को O निकालना O , O गहनों O की O रगड़ O , O पुनः O ड्रेसिंग O नायिका O की O चार B-NEN अभिव्यक्तियों O की O दूसरी O माप O है O । O काव्यों O के O उपविभाग O में O , O पद्य O को O उसके O रूप O और O सामग्री O बनाने O की O कला O एक B-NEN भव्य O शैली O में O दी O गई O है O । O ' O माथिरै O ' O ( O आंखों O का O फड़कना O और O अंगुलियों O का O चटकना O ) O नामक O अक्षर O ध्वनि O को O मापने O के O पैमाने O से O शुरू O कर O अक्षर O , O शब्दांश O , O माप O , O कदम O , O बनावट O , O पुरातन O , O लय O , O बंधन O दृश्य O , O छंद O की O विविधता O , O कदमों O की O गणना O , O प्राचीनता O , O जीवन O शैली O , O कथन O , O श्रोता O , O कार्रवाई O के O स्थान O , O समय O , O उपयोग O , O प्रेरणा O , O शेष O , O इरादा O , O विषय O , O उपखंड O , O संबद्धता O और O ताल O , O ये O सभी O छब्बीस B-NEN घटक O और O आठ B-NEN सौंदर्य O तत्व O , O कुल O मिलाकर O एक B-NEN साथ O चौंतीस B-NEN को O कविता O के O घटक O के O रूप O में O सूचीबद्ध O और O वर्णित O किया O गया O है O । O तोल्कप्पियम B-NEAR में O ' O मरबियल O ' O कहा O जाने O वाला O एक B-NEN उपखंड O है O , O जो O वंशानुगत O कारकों O और O वनस्पतियों O और O जीवों O की O पारंपरिक O संपत्तियों O की O गणना O करता O है O । O हरियाली O और O पेड़ O एक B-NEN ही O अर्थ O के O हैं O ; O घोंघे O और O शंख O दो B-NEN इंद्रियों O के O होते O हैं O ; O दीमक O और O चींटियां O तीन B-NEN इंद्रियों O की O होती O हैं O ; O केकड़ा O और O मधुमक्खी O चार B-NEN इंद्रियों O के O हैं O ; O पशु O और O पक्षी O पांच B-NEN इंद्रियों O के O हैं O ; O मनुष्य O छह B-NEN इंद्रियों O के O हैं O । O 1. B-NEN बोली O और O लिखित O भाषा O की O व्याकरण O । O 2. B-NEN एक I-NEN व्याकरण O जिसने O व्याकरणिक O परंपराओं O की O पिछली O विशेषज्ञता O को O दर्ज O किया O है O । O 3. B-NEN एक I-NEN व्याकरण O जिसमें O ' O पोरुळतिकारम O ' O जीवन O की O दो B-NEN तह O , O अहम् O और O पुरम O हैं O । O 4. B-NEN एक I-NEN व्याकरण O जो O न O केवल O भाषा O के O उपयोग O , O बल्कि O सांस्कृतिक O इतिहास O और O प्राचीन O तमिल O भूमि O के O भौगोलिक O और O पर्यावरणीय O अध्ययनों O , O प्राचीन O तमिल O लोगों O के O मनोवैज्ञानिक O चिंतन O और O आध्यात्मिक O संदेहों O और O इससे O परे O प्राचीन O तमिल O पारम्परिक O कविता O बनाने O की O तकनीकों O से O संबंधित O है O । O * O पंचायतों O ने O अपने O लाभार्थियों O / O वेंडरों O को O 55,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O अधिक O का O भुगतान O सफलतापूर्वक O ऑनलाइन O ट्रांसफर O किया O । O * O 2.28 B-NEN लाख I-NEN पंचायतें O ई B-NEAR - I-NEAR जीएसपीआई I-NEAR के O जरिये O भुगतान O करने O के O लिए O ऑन O बोर्ड O तैयार O हो O चुकी O हैं O । O बैंकिंग O सेक्टर O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O हमें O आने O वाले O वक्त O में O तीन B-NEN क्षेत्रों O में O काम O करने O की O जरूरत O है O : O बैंकों O के O गवर्नेंस O में O सुधार O , O सेक्टर O में O प्रतिस्पर्धा O को O बढ़ावा O देना O और O कॉरपोरेट O बॉन्ड O मार्केट O विकसित O करना O , O ताकि O बैंकों O पर O उधारी O के O स्रोत O के O रूप O में O दबाव O कम O हो O सके O । O इसके O जरिये O उसने O 80 B-NEN फीसदी O से O ज्यादा O बैंक O शाखाओं O पर O नियंत्रण O हासिल O कर O लिया O था O । O इस O तरह O से O तकरीबन O 90 B-NEN फीसदी O बैंकों O का O नियंत्रण O सरकार O के O पास O हो O गया O और O लंबे O समय O तक O यह O मामला O बना O रहा O । O प्राथमिकता O वाले O क्षेत्रों O को O कर्ज O देने O में O 14 B-NEN से O 41 B-NEN फीसदी O के O बीच O बढ़ोतरी O हुई O । O इस O क्षेत्र O में O भारत B-NEL और O वियतनाम B-NEL को O चुनौती O देने O की O स्थिति O में O आ O रहा O है O जो O वैश्विक O निर्यात O बाजार O के O 85 B-NEN प्रतिशत O हिस्से O को O नियंत्रित O करते O हैं O । O ने O भारत B-NEL में O 2.2 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O मूल्य O के O ऐसे O मोबाइल O उपकरणों O का O निर्माण O करने O की O प्रतिबद्धता O जताई O है O जिनकी O कीमत O 5,000 B-NEN रुपये O से O अधिक O है O । O उन्होंने O यह O प्रतिबद्धता O भी O जाहिर O की O है O कि O उत्पादन O पर O खर्च O होने O वाली O लागत O का O 60 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O निर्यात O से O आएगा O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL की O दिशा O में O हमारी O यात्रा O में O यह O एक B-NEN महत्वपूर्ण O मील O का O पत्थर O है O । O जब O 2017 -NETI में O इसरो B-NEO ने O एक B-NEN ही O अंतरिक्षयान O से O 104 B-NEN उपग्रहों O को O अंतरिक्ष O में O स्थापित O करने O का O कारनामा O कर O दिखाया O और O उससे O पहले O अपने O पहले O ही O मंगल O अभियान O को O सफलता O से O संपन्न O कर O लिया O तो O इस O क्षेत्र O में O भारत B-NEL की O दक्षता O तमाम O प्रश्नचिन्हों O से O मुक्त O हो O गई O । O 2. B-NEN मैं O ब्लैक O शीप O यानी O गद्दारों O ( O निकम्मों O ) O का O बचाव O नहीं O कर O रहा O । O पिछले O दो B-NEN - O तीन B-NEN वर्ष O में O इनमें O से O अधिकांश O सेवाओं O ने O देशभक्ति O और O वफादारी O की O भावना O से O काम O न O किया O होता O तो O संघ O ( O देश O ) O ढह O जाता O । O 3. B-NEN जिन O साधनों O से O काम O लेना O है O , O उनसे O मत O लड़ो O - O प्रशासनिक O सेवाएं O नहीं O होंगी O तो O अराजकता O और O अव्यवस्था O फैल O जाएगी O । O 4. B-NEN यदि O आप O ' O कुशल O अखिल O भारतीय O सेवा O ' O चाहते O हैं O तो O मेरा O सुझाव O है O कि O उन्हें O खुलकर O अपनी O बात O कहने O का O मौका O दो O । O 5. B-NEN बदतमीज़ी O करने O वाले O या O गलत O काम O करने O वाले O प्रशासनिक O अधिकारी O को O मैं O कभी O माफ O नहीं O करूंगा O । O 6. B-NEN देश O में O स्थिरता O आने O और O देश O के O सशक्त O बन O जाने O के O बाद O उन O पर O परिवर्तन O का O दबाव O बनाया O जा O सकता O है O । O 1. B-NEN कई O बार O उच्च O ( O बड़े O ) O अधिकारी O फाइल O में O लिख O देते O हैं O कि O ' O प्लीज़ O डिस्कस O ' O अर्थात्‌ O ' O वार्ता O करें O ' O लेकिन O यह O नहीं O लिखते O कि O किस O तारीख O को O और O किस O समय O चर्चा O करनी O है O । O इस O संबंध O में O यह O उदाहरण O अक्सर O दिया O जाता O है O कि O एक B-NEN बड़े O ( O उच्च O ) O अधिकारी O ने O मेज O पर O फाइलों O के O लिए O दो B-NEN ट्रे O रखीं O थीं O ; O (1) B-NEN अभी O नहीं O ( O नॉट O नाऊ O ) O और O (2) B-NEN कभी O नहीं O ( O नैवर O ) O । O 2. B-NEN कभी O - O कभी O किसी O मामले O में O विधि O मंत्रालय O या O वित्त O मंत्रालय O की O विशेषज्ञ O राय O लेने O की O जरूरत O पड़ती O है O ( O यदि O नियम O स्पष्ट O नहीं O होते O और O कुछ O उलझन O बनी O रहती O है O ) O पर O हमेशा O ऐसा O नहीं O होता O है O । O 3. B-NEN उच्चतम O अधिकारी O कई O हिस्सों O में O और O जल्दी O - O जल्दी O प्रश्न O उठाते O हैं O और O सभी O पहलुओं O को O जोड़कर O एक B-NEN बार O में O ही O स्पष्टीकरण O नहीं O मांगते O । O 4. B-NEN देरी O के O लिए O अक्सर O ' O बहुत O काम O है O ' O का O सहारा O लिया O जाता O है O , O इसलिए O और O ज्यादा O विकेन्द्रीकरण O , O कार्य O के O बेहतर O वितरण O और O काम O को O ' O आवश्यक O ' O , O ' O महत्वपूर्ण O ' O या O ' O सामान्य O ' O श्रेणियों O में O बांटने O की O सख्त O जरूरत O है O । O बीमारी O का O दूसरा B-NEN लक्षण O है O ' O अत्यंत O व्यस्त O होने O के O कारण O फोन O पर O बात O करने O या O शिकायतें O सुनने O की O फुर्सत O नहीं O है O । O तीसरी B-NEN बीमारी O है O ट्रांसफर O - O उद्योग O यानी O तबादले O का O खौफ़ O । O तीन B-NEN वर्ष O के O कार्यकाल O के O सिद्धान्त O का O बहुत O ही O कम O पालन O किया O जाता O है O और O कई O अधिकारी O तो O एक -NEN वर्ष O या O उससे O पहले O ही O ट्रांसफर O कर O दिए O जाते O हैं O । O दूसरी B-NEN ओर O ऐसी O भी O स्थिति O होती O है O कि O कोई O अधिकारी O नौ B-NEN से O वर्ष O तक O एक B-NEN ही O पद O पर O बना O रहता O है O । O दो B-NEN तथ्य O तो O निर्विवाद O हैं O : O एक B-NEN , I-NEN स्वास्थ्य O सुरक्षा O और O आर्थिक O प्रगति O के O लिए O पानी O एक B-NEN महत्वपूर्ण O निर्धारक O है O । O दूसरा B-NEN , I-NEN पानी O को O लेकर O युद्ध O टाले O जा O सकते O हैं O लेकिन O अगर O हम O अपने O संसाधनों O का O विवेक O से O इस्तेमाल O नहीं O करेंगे O तो O ऐसे O युद्ध O संभव O हैं O । O यह O मेरी O राय O में O निर्णायक O कदम O है O क्योंकि O इसमें O साफ O पानी O को O स्वास्थ्य O सुरक्षा O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O घटक O माना O गया O है O । O मैं O ऐसा O इसलिए O कह O रही O हूं O क्योंकि O जल O एक B-NEN पुनर्भरणीय O संसाधन O है O । O पिछले O कुछ O दशकों O में O देश O ने O जल O प्रबंधन O से O जुड़ी O महत्वपूर्ण O बातें O समझी O हैं O और O एक B-NEN नया O परिदृश्य O बनाया O है O । O जब O कोई O मानव O समाजों O और O सभ्यताओं O के O इतिहास O का O जायजा O लेता O है O , O तो O पाता O है O कि O यही O एक B-NEN ऐसा O क्षेत्र O है O जहां O भारत B-NEL अन्य O सभ्यताओं O और O समाजों O से O आगे O शीर्ष O पर O होगा O । O पिछले O लगभग O 3000 B-NEN वर्षों O में O भारतीय O साहित्य O की O एक B-NEN बानगी O इसकी O विविधता O है O । O इन O हजार B-NEN से O अधिक O भाषाओं O और O बोलियों O ने O लोगों O को O अपने O विचारों O , O भावनाओं O और O कल्पनाओं O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O उचित O मंच O प्रदान O किया O , O जिसका O परिणाम O बेहतरीन O साहित्यिक O रचनाओं O के O एक B-NEN उदार O मिश्रण O के O रूप O में O सामने O आया O । O जब O दुनिया O में O अन्यत्र O लोकप्रिय O नई O शैलियां O भारत B-NEL में O आईं O तो O इस O प्रारंभिक O शुरुआत O ने O भारतीय O साहित्यकारों O को O अवसर O दिया O और O उन्होंने O भी O दोनों B-NEN हाथों O से O इसे O लपक O लिया O । O एक B-NEN राष्ट्र O - O एक B-NEN राशन O कार्ड O ( O ओएनओआरसी O ) O मेरा B-NEAR राशन I-NEAR मोबाइल I-NEAR ऐप I-NEAR एक B-NEN राष्ट्र O , O एक B-NEN राशन O कार्ड O प्रणाली O की O प्रमुख O बातें O * O देश O में O एक B-NEN अपने O तरह O की O लाभार्थी O केंद्रित O पहल O एक B-NEN राष्ट्र O - O एक B-NEN राशन O कार्ड O ( O ओएनओआरसी O ) O योजना O पर O केंद्रीय O उपभोक्ता O मामले O , O खाद्य B-NEO एवं I-NEO सार्वजनिक I-NEO वितरण I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O मेरा B-NEAR राशन I-NEAR मोबाइल I-NEAR ऐप I-NEAR भी O शुरू O किया O है O । O बचे O हुए O 4 B-NEN राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O असम B-NEL , O छत्तीसगढ़ B-NEL , O दिल्ली B-NEL और O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL में O भी O अगले O कुछ O महीनों O में O इसके O लागू O होने O की O संभावना O है O । O इस O योजना O के O अंतर्गत O लगभग O 69 B-NEN करोड़ I-NEN एनएफएसए O लाभार्थी O लाभान्वित O हो O रहे O हैं O जो O कुल O एनएफएसए O जनसंख्या O का O लगभग O 86 B-NEN प्रतिशत O है O और O प्रतिमाह O देश O में O औसतन O 1.5 B-NEN से O 1.6 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O ओएनओआरसी O से O जोड़ा O जा O रहा O है O । O ओएनओआरसी O प्रत्येक O एनएफएसए O लाभार्थी O के O लिए O एक B-NEN उल्लेखनीय O सुविधा O है O । O निरंतर O नवीन O और O उन्नत O अनुसंधान O करने O से O , O इस O संस्थान O को O विश्व O के O श्रेष्ठतम O संस्थानों O में O एक B-NEN माना O जाने O लगा O है O । O चुंबकीय O तथा O विद्युत O - O चुंबकीय O विवरण O जुटाने O में O यह O विश्व O के O अग्रणी O संस्थानों O में O एक B-NEN है O । O भू O - O चुंबकत्व O एक B-NEN वैश्विक O परिघटना O है O , O इसलिए O इसे O स्थानीय O तौर O पर O टुकडों O में O नहीं O समझा O जा O सकता O । O एक B-NEN ओर O , O यह O धरती O की O गहराइयों O का O अध्ययन O करता O है O , O तो O दूसरी O ओर O इसके O विराट O दायरे O में O सूर्य O में O चल O रही O क्रियाएं O - O प्रक्रियाएं O भी O शामिल O हैं O । O यहां O एक B-NEN परिसर O बनाया O गया O और O चुंबकीय O गणनाएं O प्रारम्भ O हो O गईं O । O चुंबकीय O वेधशाला O को O एक B-NEN सतह O से O दूसरे O स्थान O पर O ले O जाना O और O इसके O स्थिति O - O सूचकांकों O की O निरंतरता O बनाए O रखना O संभव O है O । O उसके O बाद O से O अलीबाग B-NEL से O आंकड़े O निरंतर O लिए O जाते O रहे O और O इन O विवरणों O के O आधार O पर O एक B-NEN निरंतर O कोलाबा B-NEL - O अलीबाग B-NEL आंकड़ा O श्रृंखला O जुड़ती O रही O । O तमिलनाडु B-NEL राज्य I-NEL के O सी O - O एम O सेल O पर O प्रतिदिन O लगभग O 23 B-NEN हजार I-NEN शिकायतें O आती O हैं O जो O विभिन्न O समस्याओं O से O जुड़ी O होती O हैं O । O एक B-NEN शिकायत O के O निपटारे O में O औसत O ढाई B-NEN दिन O लगते O हैं O जो O अन्य O राज्यों O से O काफी O बेहतर O है O । O यह O पोर्टल O एक B-NEN मंच O होगा O जहां O लोग O स्थानीय O समस्याओं O की O रिपोर्ट O कर O सकते O हैं O , O सुझाव O दे O सकते O हैं O और O तस्वीरों O और O दस्तावेजों O को O पोस्ट O कर O सकते O हैं O । O एक B-NEN बार O शिकायत O दर्ज O हो O जाने O के O बाद O , O शिकायतकर्ता O को O एसएमएस O या O ई O - O मेल O के O माध्यम O से O एक B-NEN स्लिप O प्राप्त O होगी O । O जनस्पंदन O को O डीपीआर B-NEO के O दिशानिर्देश O के O अंतर्गत O सभी O जिलों O में O एक B-NEN साथ O शुरू O किया O गया O । O जो O वर्तमान O में O कर्नाटक B-NEL राज्य I-NEL में O 213 B-NEN शहरी O स्थानीय O निकायों O ( O यूएलबी O ) O में O संचालित O है O यह O कर्नाटक B-NEL राज्य I-NEL के O पांच B-NEN सुधारों O में O से O एक B-NEN है O जिसे O वर्तमान O में O लागू O किया O जा O रहा O है O । O गोवा B-NEL राज्य I-NEL में O सार्वजनिक O शिकायतों O के O राज्य O निदेशालय O ने O सार्वजनिक O शिकायत O निवारण O और O निगरानी O प्रणाली O को O लोक O शिकायतों O से O निपटने O में O निगरानी O प्रक्रियाओं O के O लिए O एक B-NEN समान O और O व्यवस्थित O दृष्टिकोण O प्राप्त O करने O के O उद्देश्य O से O लॉन्च O किया O गया O । O यह O प्रणाली O वेबसाइट O www.grievances.goa.gov.in B-NEU पर O उपलब्ध O है O , O जहां O नागरिक O अपनी O शिकायतों O को O पंजीकृत O कर O सकते O हैं O और O कहीं O भी O और O कभी O भी O ( O 24 B-NEN * O 7 B-NEN ) O इंटरनेट O का O इस्तेमाल O कर O प्रगति O की O जांच O कर O सकते O हैं O । O शिकायत O का O सफल O पंजीकरण O होने O पर O एक B-NEN यूनिक O पंजीकरण O संख्या O के O साथ O एक B-NEN स्लिप O मिलेगी O , O जो O एक B-NEN एसएमएस O के O रूप O में O शिकायतकर्ता O को O प्राप्त O होगी O । O देश O के O विभिन्न O राज्यों O द्वारा O जनशिकायत O निवारण O के O लिए O एक B-NEN प्रणाली O तो O विकसित O कर O ली O गयी O किंतु O इनके O क्रियान्वयन O के O स्तर O पर O मौजूद O कई O कमियों O के O कारण O ये O अपेक्षित O लाभ O से O दूर O हैं O । O इस O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O 1.5 B-NEN लाख I-NEN स्वास्थ्य O एवं O आरोग्य O केन्द्र O स्थापित O किए O जा O रहे O हैं O जिनसे O समुदाय O को O समग्र O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O प्रदान O की O जा O सके O , O जिसमें O आवश्यक O औषधियां O और O नैदानिक O सेवाएं O मुफ्त O प्रदान O करना O शामिल O है O । O इसके O अतिरिक्त O यह O कार्यक्रम O देश O में O सबसे O निचले O स्तर O की O 40 B-NEN प्रतिशत O आबादी O को O स्वास्थ्य O कवरेज O भी O प्रदान O करता O है O जिनके O सामने O उत्तम O स्वास्थ्य O सेवाएं O हासिल O करने O के O लिए O वित्तीय O कठिनाइयों O की O आशंका O सबसे O अधिक O है O । O वर्तमान O महामारी O के O संदर्भ O में O इस O योजना O के O अंतर्गत O 53 B-NEN करोड़ I-NEN लाभार्थियों O को O मुफ्त O जांच O और O उपचार O की O सुविधा O दी O जा O रही O है O । O डीएचआर O - O आईसीएमआर B-NEO आयुष्मान O भारत B-NEL को O समर्थन O दे O रहा O है O और O अपने O स्वास्थ्य O प्रौद्योगिकी O आकलन O , O मानक O उपचार O कार्य O प्रवाह O ( O स्टैंडर्ड O ट्रीटमेंट O वर्क O फ्लोज O ) O जैसे O कार्यक्रमों O तथा O आवश्यक O दवाओं O , O नैदानिक O विधियों O और O सहायक O प्रौद्योगिकियों O की O राष्ट्रीय O सूची O के O माध्यम O से O एक B-NEN टिकाऊ O और O लागत O प्रभावी O मॉडल O सुनिश्चित O कर O रहा O है O । O इस O प्रकार O के O कार्यक्रम O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O व्यय O को O प्राथमिकता O दिलाने O और O देश O भर O में O उत्तम O स्वास्थ्य O सेवाएं O सुनिश्चित O करने O के O लिए O एक B-NEN समान O दिशा O - O निर्देश O प्रदान O करने O के O महत्वपूर्ण O साधन O होंगे O । O आयुष्मान O भारत B-NEL जैसी O पहल O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O की O दिशा O में O वास्तव O में O एक B-NEN बड़ा O कदम O है O । O यह O कार्यक्रम O अपनी O शुरुआत O के O बाद O तीन B-NEN दशक O से O भी O अधिक O समय O में O लाखों B-NEN लोगों O को O टीके O उपलब्ध O कराने O से O चेचक O और O पोलियो O जैसे O रोगों O का O नामोनिशान O मिटा O चुका O है O । O ऐसे O सुशासन O के O लिए O पूर्व O - O शर्त O है O एक B-NEN सशक्त O नागरिक O समाज O जिसमें O स्वतंत्र O प्रेस O और O स्वतंत्र O न्यायपालिका O शामिल O हो O । O किसी O एक B-NEN समयकाल O में O एकता O या O अनबन O हमेशा O एक B-NEN मुद्दा O रहा O है O । O यह O एक B-NEN तथ्य O है O कि O स्वतंत्रता O पूर्व O काल O के O दौरान O भारत B-NEL के O हिंदू O और O मुस्लिम O समुदायों O में O काफी O एकजुटता O थी O । O आजादी O के O समय O से O ही O स्वर्ण O नीति O के O केंद्र O में O पांच B-NEN तत्वों O को O रखा O गया O है O । O सीएसी O एक B-NEN ऐसी O वित्तीय O व्यवस्था O है O , O जो O विदेशी O वित्तीय O परिसंपत्तियों O में O स्थानीय O वित्तीय O परिसंपत्तियों O के O आदान O - O प्रदान O को O स्वतंत्र O रूप O से O या O देश O में O विनिमय O दर O निर्धारित O करने O की O क्षमता O पर O केंद्रित O है O । O यह O ज्यादातर O विदेशी O या O घरेलू O वित्तीय O परिसंपत्तियों O और O देनदारियों O में O स्वामित्व O के O परिवर्तन O के O लिए O एक B-NEN दिशा O - O निर्देश O है O । O लिहाजा O , O यह O रिपोर्ट O स्वर्ण O एवं O स्वर्ण O डेरीवेटिव O से O जुड़े O एक B-NEN व्यापक O बाजार O को O विकसित O करने O की O सिफ़ारिश O करती O है O । O समिति O की O रिपोर्ट O में O स्वर्ण O को O एक B-NEN वित्तीय O उत्पाद O बनाने O पर O जोर O दिया O गया O है O । O आज O स्वर्ण O भुगतान O संतुलन O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O हिस्सा O है O । O कुल O आयात O में O स्वर्ण O आयात O का O हिस्सा O 8.7 B-NEN प्रतिशत O है O । O हमारी O स्वर्ण O मांग O में O 75 B-NEN प्रतिशत O आभूषण O शामिल O हैं O । O शेष O 23 B-NEN प्रतिशत O सिक्के O और O बुलियन O के O रूप O में O है O , O जबकि O अन्य O 2 B-NEN प्रतिशत O औद्योगिक O लेनदेन O के O रूप O में O । O पहली O श्रेणी O में O केंद्रीय O बैंक O के O पास O स्वर्ण O को O वित्तीय O उद्देश्यों O की O पूर्ति O के O रूप O में O रखा O जाता O है O , O जबकि O अन्य O दो B-NEN श्रेणियों O में O इसे O गैर O - O मौद्रिक O लेनदेन O के O रूप O में O इस्तेमाल O किया O जाता O है O । O यहां O स्वर्ण O बुलियन O के O रूप O में O हो O या O आभूषण O के O रूप O में O , O दोनों B-NEN स्थिति O में O भारतीय O इसका O संचय O करते O हैं O । O इन O सभी O क्षेत्रों O को O निम्नलिखित O तीन B-NEN प्रमुख O लक्ष्यों O में O शामिल O किया O गया O है O : O * O विकासात्मक O लक्ष्य O 1 B-NEN : O बच्चे O अच्छे O स्वास्थ्य O और O आरोग्यता O को O बनाए O रख O सकें O । O * O विकासात्मक O लक्ष्य O 2 B-NEN : O बच्चे O प्रभावी O संचारक O बनें O । O * O विकासात्मक O लक्ष्य O 3 B-NEN : O बच्चे O पूरी O तरह O लिप्त O होकर O सीखने O वाले O बनें O और O मौजूदा O माहौल O से O जुड़ें O । O वे O प्रकृति O में O सामान्य O हैं O और O सीखने O के O एक B-NEN से O अधिक O परिणामों O से O संबंधित O हो O सकते O हैं O । O पहचान O की O गई O दक्षताओं O को O हासिल O करने O के O लिए O , O प्रत्येक O लक्ष्य O के O तहत O सीखने O के O परिणामों O की O भी O पहचान O की O गई O है O और O एक B-NEN कक्षा O से O दूसरी O कक्षा O में O बच्चे O की O प्रगति O को O समझने O के O लिए O उसे O संहिताबद्ध O किया O गया O है O , O इन्हें O प्रि O स्कूल O के O 3 B-NEN साल O से O ग्रेड O 3 B-NEN ( O स्तर O 1 B-NEN से O 6 B-NEN ) O तक O संहिताबद्ध O किया O गया O है O । O प्रि O - O स्कूल O 1 B-NEN से O ग्रेड O 3 B-NEN तक O सीखने O के O परिणाम O प्राप्त O करने O के O दौरान O बच्चे O की O प्रगति O के O चक्र O को O तालिका O - O 1 B-NEN में O दर्शाया O गया O है O । O निपुण O भारत B-NEL मिशन O की O एक B-NEN और O विशिष्ट O विशेषता O लक्ष्य O सूची O या O मूलभूत O साक्षरता O और O संख्यात्मकता O के O लिए O लक्ष्य O है O जिसे O विशेष O रूप O से O माता O - O पिता O , O समुदाय O , O स्वयंसेवकों O आदि O के O बीच O अधिक O जागरूकता O पैदा O करने O के O लिए O विकसित O किया O गया O है O । O लक्ष्य O को O बालवाटिका O से O ग्रेड O 3 B-NEN तक O विकसित O किया O गया O है O और O ये O एनसीईआरटी B-NEO और O अंतरराष्ट्रीय O शोध O तथा O ओआरएफ O अध्ययन O द्वारा O विकसित O सीखने O के O परिणाम O पर O आधारित O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O , O एक B-NEN बच्चे O को O समझ O और O स्पष्टता O के O साथ O एक B-NEN उम्र O उपयुक्त O अज्ञात O पाठ O से O क्रमशः O ग्रेड O 2 B-NEN और O 3 B-NEN के O अंत O तक O 45 B-NEN से O 60 B-NEN शब्द O प्रति O मिनट O और O कम O से O कम O 60 B-NEN शब्द O प्रति O मिनट O सही O ढंग O से O पढ़ने O में O सक्षम O होना O चाहिए O । O ऐसे O कई O बच्चे O हैं O जो O प्रि O - O स्कूल O के O बिना O सीधे O कक्षा O 1 B-NEN में O प्रवेश O करते O हैं O । O इसमें O एक B-NEN समूह O के O रूप O में O पीएसबी O द्वारा O उद्योगों O स्ट्रेस्ड O एडवांस O रेशो O का O एडवांस O 28.8 B-NEN फीसदी O था O जबकि O निजी O बैंकों O और O विदेशी O बैंकों O का O अनुपात O क्रमशः O 9.3 B-NEN फीसदी O और O 7.1 B-NEN फीसदी O था O । O किसी O भी O नये O ऋण O को O एनपीए O में O बदलने O में O 3 B-NEN - O 4 B-NEN वर्षों O का O समय O लगता O है O । O कंपनी O अधिनियम O , O 2013 O की O धारा O 447 B-NEN के O अनुसार O कंपनी O से O संबंधित O धोखाधड़ी O का O एक B-NEN नया O अपराध O इसके O तहत O है O - O लोक O सेवक O होते O हुए O इस O धारा O के O अधीन O कोई O अपराध O करेगा O , O वह O एक B-NEN वर्ष O से O लेकर O इस O अपराध O के O लिए O उपबन्धित O दण्ड O से O दण्डनीय O होगा O । O अधिनियम O की O धारा O 4 B-NEN ( O कर्तव्यों O की O उपेक्षा O के O दंड O ) O के O अनुसार O कोई O भी O सरकारी O कर्मचारी O / O अधिकारी O जो O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O , O अगर O वह O जानबूझकर O इस O अधिनियम O का O पालन O करने O में O लापरवाही O करता O है O तो O वह O दण्ड O का O भागी O होगा O । O धारा O - O 15 O के O अनुसार O इस O अधिनियम O के O अधीन O विशेष O न्यायालय O में O चल O रहे O मामले O को O तेजी O से O संचालन O के O लिये O एक B-NEN अनुभवी O लोक O अभियोजक O ( O सरकारी O वकील O ) O नियुक्त O करने O का O प्रावधान O है O । O ( O 2 B-NEN ) O उपनियम O के O तहत O दर्ज O एफ. B-NEAR आई. I-NEAR आर. I-NEAR की O एक B-NEN कॉपी O पीड़ित O को O निःशुल्क O दी O जायेगी O । O ( O 3 B-NEN ) O अगर O थाना O प्रभारी O एफ. B-NEAR आई. I-NEAR आर. I-NEAR लेने O से O इन्कार O करते O हैं O तो O पीड़ित O व्यक्ति O इसे O रजिस्ट्री O द्वारा O एस. O पी. O को O भेज O सकेगा O । O दोनों B-NEN मामलों O में O यह O स्पष्ट O रूप O से O कहा O जा O सकता O है O कि O पुनर्पूंजीकरण O ऋणपत्रों O का O जारी O किया O जाना O बैंकिंग O व्यवस्था O के O लिए O लाभकारी O है O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ( O आरबीआई B-NEO ) O के O अनुसार O 500 B-NEN और O 1000 B-NEN रुपये O के O 99 B-NEN प्रतिशत O विमुद्रीकृत O नोट O बैंकिंग O प्रणाली O में O वापस O आ O चुके O हैं O । O वास्तव O में O विशेषज्ञों O का O मानना O है O कि O कुछ O बड़े O एनपीए O खातों O के O मामले O में O बैंकों O को O 60 B-NEN प्रतिशत O तक O कटौती O वहन O करनी O पड़ेगी O । O ये O कंपनियां O धातु O क्षेत्र O , O निर्माण O क्षेत्र O और O विद्युत O क्षेत्र O की O हैं O जिनका O कुल O ऋण O में O हिस्सा O क्रमशः O 30 B-NEN प्रतिशत O , O 25 B-NEN प्रतिशत O और O 15 B-NEN प्रतिशत O है O । O रेटिंग O एजेंसी O का O कहना O है O “ O 4 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O ऋण O वाली O 50 B-NEN बड़ी O दबावपूर्ण O परिसम्पत्तियों O के O निपटान O के O लिए O बैंकों O को O 60 B-NEN प्रतिशत O कटौती O की O आवश्यकता O हो O सकती O है O जिसका O मूल्य O 2.4 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O है O । O इस O एजेंसी O ने O कटौती O को O चार B-NEN श्रेणियों O में O बांटा O है O । O ये O श्रेणियां O हैं O ; O अधिक O ( O 75 B-NEN प्रतिशत O से O ज्यादा O ) O , O आक्रामक O ( O 50 B-NEN - O 75 B-NEN प्रतिशत O ) O सामान्य O ( O 25 B-NEN - O 50 B-NEN प्रतिशत O ) O और O सीमांत O ( O 25 B-NEN प्रतिशत O से O कम O ) O । O इन O आंकड़ों O को O एक B-NEN निश्चित O परिदृश्य O में O ढाला O जाए O तो O लगभग O 25 B-NEN प्रतिशत O ऋण O के O लिए O सीमान्त O से O सामान्य O कटौती O की O आवश्यकता O हो O सकती O है O जबकि O तीसरे O के O लिए O आक्रामक O तथा O लगभग O 40 B-NEN प्रतिशत O अधिक O कटौती O की O अपेक्षा O हो O सकती O है O । O ऋणपत्रों O की O वार्षिक O ब्याज O लागत O 8,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O 9,000 B-NEN करोड I-NEN रुपये O के O बीच O रहने O का O अनुमान O है O । O मूल O रूप O से O यह O रोज़गार O कार्यक्रम O है O , O जो O हरेक O वित्त O वर्ष O में O ऐसे O प्रत्येक O परिवार O को O कम O से O कम O 100 B-NEN दिन O के O सवैतनिक O रोज़गार O की O गारंटी O देता O है O , O जिसके O वयस्क O सदस्य O स्वेच्छा O से O हाथ O वाला O अकुशल O काम O करने O को O तैयार O हो O जाते O हैं O । O इसके O अलावा O सूखे O अथवा O प्राकृतिक O आपदा O की O अधिसूचना O वाले O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O एक B-NEN वित्त O वर्ष O के O दौरान O 50 B-NEN दिनों O के O अकुशल O रोजगार O का O भी O प्रावधान O है O । O मिशन O का O लक्ष्य O चरणबद्ध O तरीके O से O 8 B-NEN - O 10 B-NEN करोड़ I-NEN ग्रामीण O निर्धन O परिवारों O को O स्वयं O सहायता O समूहों O में O एकजुट O करना O तथा O उन्हें O इस O प्रकार O दीर्घकालिक O सहायता O प्रदान O करना O है O , O जिससे O वे O अपनी O आजीविका O में O विविधता O ला O सकें O और O अपनी O आय O तथा O जीवन O स्तर O में O सुधार O ला O सकें O । O कुल O मिलाकर O 8.16 B-NEN करोड़ I-NEN महिलाओं O को O 74.98 B-NEN लाख I-NEN स्वयं O सहायता O समूहों O में O जुटाया O जा O चुका O है O । O उभरते O हुए O स्वयं O सहायता O समूहों O को O रिवॉल्विंग O फंड O ( O 10,000 B-NEN से O 15,000 B-NEN रुपये O प्रति O समूह O ) O तथा O समुदाय O निवेश O सहायता O कोष O ( O 2.50 B-NEN लाख I-NEN रुपये O प्रति O समूह O ) O उपलब्ध O कराकर O वित्तीय O सहायता O प्रदान O की O जाती O है O । O भारतीय O जनमानस O में O उनकी O छवि O एक B-NEN लोकप्रिय O युवा O नेता O के O रूप O में O अंकित O है O । O ये O चारों B-NEN खंड O एक O - O दूसरे O से O स्वतंत्र O हैं O और O संबद्ध O भी O । O प्रतिलिप्याधिकार O ( O कापीराइट O ) O का O अर्थ O है O किसी O कृति O के O संबंध O में O किसी O एक B-NEN व्यक्ति O , O व्यक्तियों O या O संस्था O का O निश्चित O अवधि O के O लिये O अधिकार O । O इसके O बाद O से O बर्न O कॉनवेंशन O में O तीन B-NEN बार O संशोधन O हो O चुके O हैं O । O इन O दोनों O के O बीच O सात B-NEN समझौते O और O हुए O हैं O - O मांटिविडियो O कॉनवेंशन O ( O 1889 O ) O , O मेक्सिको O सिटी O कॉनवेंशन O ( O 1902 O ) O , O रियो O डी O जनेरो O कॉनवेंशन O ( O 1906 O ) O , O ब्यूनस O एयरीस O कॉनवेंशन O ( O 1910 O ) O , O कैराकस O ऐग्रीमेंट O ( O 1911 O ) O , O हवाना O कॉनवेंशन O ( O 1928 O ) O तथा O वाशिंगटन O कॉनवेंशन O ( O 1914 O ) O । O बर्न O समझौते O में O यूरोप B-NEL , O एशिया B-NEL और O अफ्रीका B-NEL के O कुल O दो B-NEN देश O सम्मिलित O हुए O । O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O के O लिए O आधारभूत O संरचना O के O निर्माण O से O लेकर O जल O सेवा O आपूर्ति O के O मानदंडों O के O लिए O एक B-NEN सुनियोजित O दृष्टिकोण O अपनाया O जा O रहा O है O । O इस O अवधि O में O 40 B-NEN देशों O ने O इस O पर O हस्ताक्षर O किए O । O हस्ताक्षरकर्ता O 40 B-NEN देश O ये O हैं O - O इस O समझौते O के O अनुसार O एक B-NEN अंतरशासनीय O समिति O की O व्यवस्था O की O गई O है O जो O समय O समय O पर O इस O प्रश्न O पर O विचार O किया O करे O । O हमारे O देश O में O इस O समय O जो O प्रतिलिप्यधिकार O अधिनियम O 1957 O से O लागू O है O उसके O अनुसार O यह O व्यवस्था O है O कि O अधिनियम O के O अमल O में O आने O के O बाद O से O एक B-NEN प्रतिलिप्यधिकार O कार्यालय O स्थापित O किया O गया O है O जो O इसी O कार्य O के O लिये O नियुक्त O एक B-NEN रजिस्ट्रार O के O अधीन O है O । O इस O कार्यालय O का O मुख्य O काम O यह O है O कि O वह O एक B-NEN रजिस्टर O रखे O जिसमें O लेखक O या O रचनाकार O के O अनुरोध O पर O रचना O का O नाम O , O रचनाकार O या O रचनाकारों O के O नाम O , O पते O और O कापीराइट O जिसके O हों O उसके O नाम O , O पते O दर्ज O किए O जाएँ O । O इसके O साथ O ही O एक B-NEN प्रतिलिप्यधिकार O मंडल O ( O कापीराइट O बोर्ड O ) O की O स्थापना O की O गई O जिसका O कार्यालय O प्रधान O भी O रजिस्ट्रार O ही O होता O है O । O मंडल O का O अध्यक्ष O उच्च O न्यायालय O का O जज O , O या O सेवानिवृत्त O जज O हो O सकता O है O तथा O उसकी O सहायता O के O लिये O नियुक्त O तीनों B-NEN व्यक्तियों O के O लिये O यह O आवश्यक O है O कि O वे O साहित्य O और O कलाओं O के O जानकार O हों O । O एक B-NEN और O अच्छी O बात O यह O हो O रही O है O कि O अब O श्रेष्ठ O खिलाड़ियों O को O वाजिब O पैसा O और O सम्मान O मिल O रहा O है O । O कुल O मिलाकर O यह O कहा O जा O सकता O है O कि O खेल O - O कूद O और O फिटनेस O के O बारे O में O बेहतर O जागरूकता O होने O से O ज्यादा O स्वस्थ O और O दृढ़ O - O निश्चयी O राष्ट्र O बनता O है O जिसमें O एक B-NEN विजेता O जैसा O गर्व O और O प्रवृत्ति O होती O है O । O दूसरों O से O 2 B-NEN गज O की O दूरी O बनाकर O रखें O । O भारत B-NEL का O पहला O उपग्रह O आर्यभट्ट B-NEAR एक B-NEN वैज्ञानिक O उपग्रह O था O । O आर्यभट्ट B-NEAR के O बाद O , O इसरो B-NEO ने O एक B-NEN अद्वितीय O अभियान O - O स्पेस B-NEAR कैप्सूल I-NEAR रिकवरी I-NEAR एक्सपेरिमेंट I-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR ( O एसआरई B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR ) O के O साथ O फिर O से O विज्ञान O अभियानों O के O दायरे O में O प्रवेश O किया O , O जिसने O दुनिया O का O ध्यान O आकर्षित O किया O था O । O भारत B-NEL के O अंतरिक्ष O विज्ञान O अभियान O - O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR , O मंगल O ग्रह O कृत्रिम O उपग्रह O अभियान O , O एस्ट्रोसेट B-NEAR और O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR ने O लाखों B-NEN भारतीयों O और O साथ O ही O बाहरी O दुनिया O का O ध्यान O आकर्षित O किया O है O । O बाद O में O , O जब O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR ने O चंद्रमा B-NEL की O सतह O पर O पानी O के O अणुओं O की O खोज O की O , O तो O इसे O व्यापक O रूप O से O एक B-NEN पथ O - O प्रदर्शक O खोज O के O रूप O में O देखा O गया O । O पहले O अभियान O में O ही O सफलता O हासिल O करना O इसरो B-NEO की O एक B-NEN और O उपलब्धि O है O । O एस्ट्रोसेट B-NEAR ने O हाल O ही O में O अल्ट्रा O - O पराबैंगनी O प्रकाश O में O , O आकाशगंगाओं O में O से O एक B-NEN की O खोज O करके O एक B-NEN बड़ी O सफलता O हासिल O की O । O खेती O भारतीय O अर्थव्यवस्था O की O रीढ़ O है O , O जो O लगभग O 52 B-NEN प्रतिशत O आबादी O के O लिए O आजीविका O का O प्राथमिक O साधन O है O और O कई O प्रमुख O उद्योगों O के O कच्चे O माल O की O प्रमुख O स्रोत O है O । O लाखों B-NEN भारतीय O किसान O , O मछुआरे O और O पशु O पालक O वैश्विक O मान्यता O तथा O सराहना O पाने O वाली O भारतीय O कृषि O की O वृद्धि O गाथा O में O मेहनत O के O साथ O योगदान O करते O हैं O । O छोटे O किसान O आम O तौर O पर O आर्थिक O रूप O से O कमजोर O होते O हैं O और O मझोली O जोत O वाले O किसानों O की O तुलना O में O केवल O 39 B-NEN प्रतिशत O एवं O बड़ी O जोत O वालों O के O मुकाबले O 13 B-NEN प्रतिशत O ही O कमा O पाते O हैं O । O उनकी O तुलना O में O 2 B-NEN से O 10 B-NEN हेक्टेयर O ज़मीन O वाले O मझोली O जोत O वाले O किसानों O की O संख्या O 13.2 B-NEN प्रतिशत O है O मगर O उनके O पास O कुल O फ़सल O रकबे O का O 43.6 B-NEN प्रतिशत O हिस्सा O है O । O एक B-NEN ख़ास O अध्ययन O में O संकेत O मिलता O है O कि O श्रम O की O अधिकता O वाली O फ़सल O उगाने O और O मवेशी O पालने O के O मामले O में O छोटे O खेत O अधिक O कुशल O होते O हैं O मगर O उनकी O भूमि O इतनी O कम O होती O है O कि O परिवार O को O पर्याप्त O आय O नहीं O मिल O पाती O । O इसलिए O छोटे O किसान O आम O तौर O पर O गरीब O होते O हैं O और O मझोले O किसानों O की O तुलना O में O केवल O 39 B-NEN प्रतिशत O तथा O बड़े O किसानों O की O तुलना O में O 13 B-NEN प्रतिशत O ही O कमा O पाते O हैं O । O सब्सिडीज O में O रु. O 65000 B-NEN करोड़ I-NEN की O बचत O डीबीटी O के O लिए O आधार O को O मूल O बनाया O है O । O भारतीय O अर्थव्यवस्था O यकीनन O विश्व O भर O में O बेहतरीन O अर्थव्यवस्थाओं O में O से O एक B-NEN है O । O योजना B-NEAR का O लक्ष्य O देश O के O आर्थिक O विकास O से O संबंधित O मुद्दों O का O सरकारी O नीतियों O के O व्यापक O संदर्भ O में O गहराई O से O विश्लेषण O कर O इन O पर O विमर्श O के O लिए O एक B-NEN जीवंत O मंच O उपलब्ध O कराना O है O । O योजना B-NEAR घर O मंगवाने O , O शुल्क O में O छूट O के O साथ O दरों O व O प्लान O की O विस्तृत O जानकारी O के O लिए O पृष्ठ O - O 65 B-NEN पर O देखें O । O योजना B-NEAR की O सदस्यता O का O शुल्क O जमा O करने O के O बाद O पत्रिका O प्राप्त O होने O में O कम O से O कम O 8 B-NEN सप्ताह O का O समय O लगता O है O । O इन O मामलों O को O संबोधित O किया O जा O सकता O है O अगर O हम O जल O आपूर्ति O की O सही O ढंग O से O जांच O करें O , O और O एक B-NEN जिम्मेदार O व्यक्ति O के O उत्तरदायित्व O को O सुनिश्चित O करें O । O यह O नियम O भारतीय O दिवाला O और O दिवालियापन O कोड O 2016 O ( O कोड O ) O के O अंतर्गत O हितधारक O को O एक B-NEN सेवा O प्रदाता O , O दिवालिया O पेशेवर O एजेंसी O , O दिवालिया O पेशेवर O , O दिवाला O पेशेवर O संस्था O या O सूचना O उपयोगिता O के O खिलाफ O शिकायत O दर्ज O करने O में O सक्षम O बनाता O है O । O इसके O साथ O - O साथ O यह O विनियम O आईबीबीआई B-NEO द्वारा O प्रतिवेदनों O और O शिकायतों O के O निपटान O के O लिए O एक B-NEN पारदर्शी O प्रक्रिया O प्रदान O करता O है O जिसमें O न O तो O गलत O व्यवहार O करने O वाले O सेवा O प्रदाताओं O को O छोड़ा O जाता O है O और O न O ही O निर्दोष O सेवा O प्रदाताओं O को O परेशान O किया O जाता O है O । O इस O नियम O के O तहत O एक B-NEN हितधारक O सेवा O प्रदाता O के O ऐसे O आचरण O , O जिससे O पीड़ित O को O परेशानी O हुई O हो O ; O पीड़ित O को O हुई O परेशानी O का O ब्यौरा O , O चाहे O आर्थिक O हो O अथवा O किसी O अन्य O प्रकार O की O हो O ; O सेवा O प्रदाता O के O आचरण O ने O पीड़ित O को O किस O प्रकार O प्रभावित O किया O ; O सेवा O प्रदाता O से O शिकायत O के O समाधान O के O लिए O किए O गए O प्रयासों O के O ब्यौरे O तथा O शिकायत O का O समाधान O किस O प्रकार O किया O जा O सकता O है O , O के O संबंध O में O शिकायत O दर्ज O करा O सकता O है O । O एक B-NEN हितधारक O दो B-NEN हजार I-NEN पांच O सौ B-NEN रुपयों O ( O 2,500 B-NEN रुपयों O ) O के O शुल्क O के O साथ O निर्दिष्ट O फॉर्म O में O इसकी O शिकायत O दर्ज O करा O सकता O है O । O जब O अनुवाद O के O अनुक्रम O की O बात O आती O है O तो O बाइबल O के O अनुवादों O का O उल्लेख O किया O जाता O है O जो O अधिकतर O पिछले O 300 B-NEN वर्षों O में O हुआ O है O । O इसका O एक B-NEN मुख्य O कारण O यह O है O कि O भारत B-NEL में O सांस्कृतिक O , O भाषाई O और O साहित्यिक O परंपराओं O की O व्यापक O विविधता O के O बावजूद O संस्कृति O की O एकरूपता O या O एकसमान O संस्कृति O का O ताना O - O बाना O है O । O यह O एक B-NEN ऐसा O पहलू O है O जिसे O न O केवल O उपमहाद्वीप O के O बाहर O बल्कि O भारत B-NEL में O बहुत O कम O करके O आंका O गया O है O । O आधुनिक O युग O की O बात O करें O तो O 19वीं B-NEN सदी O के O अंत O और O 20वीं B-NEN सदी O के O शुरुआती O दौर O में O , O कई O भाषाओं O के O खासकर O कहानियों O और O उपन्यासों O के O लेखकों O ने O अपने O पश्चिमी O समकक्षों O का O अनुकरण O करने O की O कोशिश O की O । O यह O कोई O आश्चर्य O की O बात O नहीं O है O क्योंकि O इन O दोनों B-NEN शैलियों O को O पश्चिम O में O काफी O सफलता O मिली O थी O । O यह O इस O तथ्य O से O स्पष्ट O है O कि O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O जमाराशि O में O भी O अपना O एक B-NEN बडा O हिस्सा O बना O लेने O में O सफल O हो O पाये O हैं O । O निजी O बैंकों O द्वारा O प्रौद्योगिकी O को O शुरुआती O रूप O में O अपनाने O का O एक B-NEN उदाहरण O बिक्री O मशीनों O ( O point O of O sale O ) O के O विस्तार O में O देखा O जाता O है O । O उल्लेखनीय O है O कि O इस O विविधीकरण O के O साथ O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O कुल O आय O में O 20 B-NEN प्रतिशत O योगदान O देता O है O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O यह O 14 B-NEN प्रतिशत O है O । O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O इसी O समयावधि O में O यह O अनुपात O 44 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़कर O 49 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O कुल O लागतों O को O नियंत्रित O करना O एक B-NEN प्रमुख O प्रतिस्पर्धात्मक O लाभ O है O क्योंकि O यह O संपत्ति O पर O लाभ O को O बढ़ाता O है O जो O फर्म O को O दोनों B-NEN मोर्चों O पर O प्रदर्शन O करने O में O सक्षम O बनाता O है O । O इसने O मानव O संसाधन O चुनौती O और O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O की O चिंताओं O ( O आरबीआई O द्वारा O हाल O ही O में O परिसंपत्ति O गुणता O समीक्षा O के O बाद O ) O दोनों B-NEN में O अब O तक O उनके O पक्ष O में O काम O किया O है O जिनका O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O अनुपातहीन O रूप O से O बहुत O प्रभाव O पड़ता O है O । O इससे O वर्तमान O में O बैंकों O की O बैलेंस O शीटों O में O अटकी O हुई O पूंजी O के O एक B-NEN बडे O हिस्से O का O उपयोग O किया O जा O सकेगा O जिससे O क्रेडिट O विस्तार O के O लिए O उनकी O भूख O कम O हो O जाएगी O । O * O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O हाल O ही O में O घोषित O 2.11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O मूल्य O से O बडे O पैमाने O पर O पुनर्पूंजीकरण O योजना O संभावित O रूप O परिवर्तक O हो O सकती O है O । O मेरी O राय O में O यह O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बीच O प्रतिस्पर्धा O को O प्रोत्साहन O देने O का O एक B-NEN प्रभावी O तरीका O है O , O जो O अंततः O समग्र O अर्थव्यवस्था O को O लाभ O पहुंचाएगा O । O जाँच O अधिकारी O ( O डी. O एस. O पी. O ) O शीर्ष O प्राथमिकता O के O आधार O पर O घटना O की O जाँच O कर O तीस B-NEN दिन O के O भीतर O जाँच O रिपोर्ट O एस. O पी. O को O सौपेगा O । O ( O 2 B-NEN ) O जिला O मजिस्ट्रेट O / O एस. O डी. O एम. O या O कार्यपालक O दंडाधिकारी O अत्याचार O से O पीड़ित O व्यक्ति O और O उसके O गवाहों O के O लिये O न्यायालय O जाने O अथवा O जाँच O अधिकारी O के O समक्ष O प्रस्तुत O होने O के O लिये O यातायात O की O व्यवस्था O करेगा O अथवा O इसका O लागत O खर्च O भुगतान O करने O की O व्यवस्था O करेगा O । O ( O 3 B-NEN ) O एस. O पी. O घटना O का O मुआयना O करने O के O बाद O पीड़ित O व्यक्ति O को O सुरक्षा O प्रदान O करने O की O व्यवस्था O करेंगे O तथा O आवश्यकतानुसार O उस O क्षेत्र O में O पुलिस O बल O की O नियुक्ति O करेंगे O । O ( O 4 B-NEN ) O के O अनुसार O डी. O एम. O / O एस. O डी. O एम. O पीड़ित O व्यक्ति O तथा O उसके O परिवार O के O लिये O तत्काल O राहत O राशि O उपलब्ध O करायेंगे O साथ O ही O उचित O मानवोचित O सुविधा O प्रदान O करायेंगे O । O इस O भागीदारी O के O आधार O पर O , O एसीआईसी B-NEO और O यूएनडीपी B-NEO ने O देश O में O एक B-NEN पूर्व O - O ऊष्मायन O पारिस्थितिकी O तंत्र O के O निर्माण O के O हिस्से O के O रूप O में O महत्वाकांक्षी O और O प्रेरक O सामुदायिक O नवप्रवर्तकों O के O निर्माण O और O सहायता O के O लिए O एक B-NEN फेलोशिप O ढांचा O तैयार O करने O की O परिकल्पना O की O है O । O इस O संबंध O में O , O सामाजिक O नवाचार O सरकार O और O समाज O के O बीच O बातचीत O में O एक B-NEN प्रणालीगत O परिवर्तन O को O संदर्भित O करता O है O , O जिसमें O सरकार O को O समाज O की O संरचनाओं O या O काम O करने O के O तरीकों O में O स्थायी O परिवर्तन O प्राप्त O करने O में O एकसमान O भागीदार O माना O जाता O है O और O इसे O अधिकांश O सामाजिक O हितधारकों O द्वारा O अनुमोदित O किया O जाता O है O । O * O लोगों O के O लिए O उनकी O उम्र O चाहे O जो O भी O हो O , O उनसे O संबंधित O समस्याओं O के O समाधान O के O लिए O एक B-NEN टिंकरिंग O स्पेस O के O रूप O में O कार्य O करना O और O विचार O चरण O से O प्रोटोटाइप O चरण O तक O डोमेन O विशेषज्ञों O की O राय O प्राप्त O करना O । O * O स्वाभाविक O रूप O से O अभिनव O भारतीय O मानसिकता O के O लिए O एकसमान O अवसर O प्रदान O करने O और O विभिन्न O हितधारकों O - O ( O क O ) O विचारकों O - O लोगों O , O समुदायों O , O शोधकर्ताओं O , O नागरिक O निकायों O , O एमएसएमई O , O उद्यमियों O आदि O , O और O ( O ख O ) O समर्थक O - O सरकारों O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O उपक्रमों O , O वित्तीय O संस्थानों O , O गैर O सरकारी O संगठनों O , O तकनीकी O कंपनियों O , O अनुसंधान O संस्थानों O आदि O के O बीच O एक B-NEN सहयोगी O पारिस्थितिकी O तंत्र O स्थापित O करके O उस O पर O निर्माण O करने O के O लिए O बुनियादी O ढांचे O को O सक्षम O करना O । O एक B-NEN ऐसी O दुनिया O की O कल्पना O करना O भी O मुश्किल O है O जहां O देश O शक्ति O और O प्रभुत्व O के O लिए O प्रतिस्पर्धा O नहीं O करेंगे O । O ( O 1 B-NEN ) O पारिस्थितिकी O , O ग्लोबल O वार्मिंग O ( O भूमंडलीय O तापमान O वृद्धि O ) O और O जलवायु O परिवर्तन O ( O 2 B-NEN ) O नाभिकीय O अस्त्र O , O युद्ध O के O लिए O नयी O तकनीक O और O राष्ट्रों O के O बीच O हथियारों O की O स्पर्धा O ( O 3 B-NEN ) O भूराजनीति O और O राष्ट्रवाद O ( O 4 B-NEN ) O धार्मिक O चरमपंथ O और O ( O 5 B-NEN ) O गरीबी O तथा O असमानता O । O पर्यावरण O परिवर्तन O और O भूमंडलीय O ताप O में O वृद्धि O के O संदर्भ O में O विशेषज्ञों O ने O भविष्यवाणी O की O है O कि O इसके O कारण O कई O विनाशकारी O परिणाम O होंगे O जिसमें O विश्व O भर O के O अरबों B-NEN लोगों O का O विस्थापन O भी O शामिल O है O । O इसे O त्रिस्तरीय O दृष्टिकोण O से O बढ़ाने O की O जरूरत O है O : O ( O 1 B-NEN ) O प्रकृति O ( O 2 B-NEN ) O विज्ञान O ( O 3 B-NEN ) O बुद्धिमत्ता O । O इस O संदर्भ O में O हाल O की O पांच B-NEN घटनाओं O का O उल्लेख O किया O जा O सकता O है O : O ( O 2 B-NEN ) O विलुप्त O होती O प्रजातियां O ( O 4 B-NEN ) O कैलीफोर्निया B-NEL के O जंगलों O में O लगी O आग O इस O आग O से O 6.3 B-NEN मिलियन I-NEN हेक्टेयर O से O भी O ज्यादा O क्षेत्र O प्रभावित O हुआ O था O । O एनआरए B-NEO अनेक O सरकारी O नौकरियों O के O लिए O टीयर O - O 1 B-NEN की O संयुक्त O भर्ती O परीक्षा O आयोजित O कर O इस O परेशानी O को O दूर O करेगी O किसी O राष्ट्र O का O मानव O संसाधन O उन O प्रमुख O स्तंभों O में O से O एक B-NEN है O जिन O पर O उसकी O भविष्य O की O क्षमता O और O यात्रा O निर्भर O करती O है O । O लिहाजा O , O मानव O विकास O में O निवेश O सामाजिक O और O आर्थिक O , O दोनों B-NEN तौर O पर O फायदेमंद O है O । O सरकार O एक B-NEN ऐसे O प्रभावशाली O और O कुशल O शासन O के O लिये O काम O कर O रही O है O जो O नागरिकों O के O जीवन O को O ज्यादा O आसान O बनाये O । O मौजूदा O सरकार O ने O सात B-NEN साल O पहले O सत्ता O संभालने O के O समय O से O ही O भारत B-NEL के O लोक O प्रशासन O तंत्र O में O सुधार O और O परिवर्तन O को O अपना O प्रमुख O एजेंडा O बनाया O है O । O वह O इस O तंत्र O को O एक B-NEN उभरती O वैश्विक O आर्थिक O शक्ति O की O जरूरतों O और O उम्मीदों O के O अनुरूप O बनाने O के O लिये O काम O कर O रही O है O । O इस O संबंध O में O उसने O जरूरी O अनुमतियों O की O संख्या O घटाने O और O सरकारी O नौकरियों O के O लिये O परीक्षा O कराने O के O मकसद O से O एक B-NEN राष्ट्रीय O नियोजन O एजेंसी O का O गठन O जैसे O फैसले O किये O हैं O । O व्यवसाय O में O सरकार O की O मौजूदगी O की O एक B-NEN बड़ी O निशानी O सरकारी O स्वामित्व O वाले O उद्यम O हैं O जिन्हें O सार्वजनिक O उपक्रम O ( O पीएसयू O ) O के O नाम O से O जाना O जाता O है O । O विनिवेश O के O बारे O में O शासन O के O महत्वाकांक्षी O लक्ष्य O और O इसे O हासिल O करने O में O अब O तक O के O प्रभावशाली O परिणाम O सरकार O और O नागरिकों O , O दोनों B-NEN के O लिये O फायदेमंद O हैं O । O सरकार O ने O सार्वजनिक O उपक्रमों O के O विनिवेश O से O 1.75 B-NEN लाख I-NEN करोड़ I-NEN रुपये O हासिल O करने O का O लक्ष्य O निर्धारित O किया O है O । O सरकार O को O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O की O बेहतरी O के O लिए O रिसर्च O केंद्र O बनाकर O उसे O हाईटेक O बनाना O चाहिए O जिससे O देश O में O औद्योगिक O मजबूती O के O साथ O हर O हाथ O को O एक B-NEN कुटीर O उद्योग O की O परिकल्पना O साकार O हो O सके O । O यह O सही O है O कि O लघु O एवं O कुटीर O उद्योग O से O तकरीबन O 11 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O रोजगार O मिला O है O । O लाखों B-NEN इंजीनियर O बड़ी O - O बड़ी O कम्पनियों O में O नौकरियां O तलाशते O हैं O पर O वो O उनके O स्तर O का O आकलन O नहीं O कर O पाते O हैं O और O हकीकत O के O धरातल O पर O गिरकर O उनके O सपने O चूर O - O चूर O हो O जाते O हैं O ! O सरकारी O कर्मचारियों O को O पेंशन O के O लिए O हर O साल O अरबों B-NEN रुपये O उपलब्ध O किए O जा O सकते O हैं O पर O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O को O जन O जन O में O लोकप्रिय O बनाने O की O पहल O क्यूं O नहीं O की O जाती O है O । O वो O अपने O जीवनकाल O में O कम O से O कम O दस B-NEN गरीब O नौजवानों O को O दस B-NEN हजार I-NEN रुपये O में O कुटीर O उद्योग O की O व्यवस्था O क्यों O नहीं O कराते O हैं O जो O उनके O ऊपर O आर्थिक O बोझ O नहीं O बनेगी O वरन O आत्मिक O संतुष्टि O प्राप्त O होगी O । O इसी O तरह O बड़ी O - O बड़ी O कम्पनियों O के O मैनेजर O करोड़ों B-NEN रुपये O पगार O में O लेकर O उसे O महंगी O गाड़ियों O फाइव B-NEN स्टार O होटलों O में O विलायती O शराबों O में O उड़ाते O हैं O । O स्पेक्ट्रम O के O 800 B-NEN मेगाहर्टज O , O 900 B-NEN मेगाहर्टज O , O 1800 B-NEN मेगाहर्टज O , O 2100 B-NEN मेगाहर्टज O और O 2300 B-NEN मेगाहर्टज O बैंड O की O बोली O मार्च O 2021 O में O हुई O थी O । O स्पेक्ट्रम O की O कुल O संख्या O , O जिसके O प्रयोग O का O अधिकार O इन O बैंडों O को O है O वह O है O 855.60 B-NEN मेगाहर्टज O इसमें O भाग O लेने O वालों O ने O 700 B-NEN मेगाहर्टज O और O 250 B-NEN मेगाहर्टज O में O बोली O नहीं O लगाई O थी O । O इस O नीलामी O में O तीन B-NEN कंपनियों O ने O बोली O लगाई O थी O - O भारती O एयरटेल O लिमिटेड O , O वोडाफोन O आइडिया O लिमिटेड O और O रिलायंस O जियो O इंफोकॉम O लिमिटेड O । O इस O संख्या O के O लिए O 855.60 B-NEN मेगाहर्टज O के O स्पेक्ट्रम O की O बोली O प्राप्त O की O गई O थी O । O स्पेक्ट्रम O में O 100 B-NEN मेगाहर्टज O और O 2500 B-NEN मेगाहर्टज O बैंड O को O छोड़कर O लगभग O 60 B-NEN प्रतिशत O स्पेक्ट्रम O को O नीलामी O के O लिए O रखा O गया O था O । O नीलामी O में O अर्जित O स्पेक्ट्रम O यूसेज O चार्जेज O ( O स्पेक्ट्रम O उपयोग O शुल्क O ) O के O भुगतान O की O दर O , O लाइसेंस O के O एडजस्टेड O ग्रॉस O रेवेन्यू O ( O समायोजित O सकल O राजस्व O ) O का O तीन B-NEN प्रतिशत O है O जिसमें O वायरलेस O सेवा O से O अर्जित O राजस्व O शामिल O नहीं O है O । O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O द्वारा O दूरसंचार O विभाग O के O एक B-NEN प्रस्ताव O को O स्वीकृत O किया O गया O है O जिसके O तहत O वे O स्पेक्ट्रम O नीलामी O का O आयोजन O कर O स्पेक्ट्रम O के O सफल O बीडर O ( O बोली O लगाने O वाले O ) O को O व्यवसायिक O मोबाइल O सेवा O प्रदान O करने O के O लिये O नियुक्त O कर O सकते O हैं O । O बोली O की O राशि O के O अलावा O सफल O बीडर्स O को O समायोजित O सकल O राजस्व O का O 3 B-NEN प्रतिशत O का O भुगतान O करना O पड़ता O है O । O स्पेक्ट्रम O नीलामी O , O सफल O बीडर्स O के O लिए O स्पेक्ट्रम O नियुक्ति O की O प्रक्रिया O एक B-NEN पारदर्शी O प्रक्रिया O है O । O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O ' O आरोग्य O भारत O ' O की O महत्वाकांक्षी O योजना O के O तहत O हर O बीपीएल O परिवार O के O लिए O बीमारियों O के O इलाज O के O लिए O प्राथमिक O स्वास्थ्य O देखभाल O और O स्वास्थ्य O सुरक्षा O योजना O के O तहत O 5 B-NEN लाख I-NEN का O बीमा O कवर O होगा O । O इस O महत्वाकांक्षी O कार्यक्रम O के O दायरे O में O 10 B-NEN करोड़ I-NEN परिवार O होंगे O ( O जिसका O मतलब O 50 B-NEN करोड़ I-NEN लोग O होंगे O ) O और O उन्हें O एक B-NEN भी O पैसा O खर्च O किए O बिना O सूची O में O शामिल O किसी O भी O सरकारी O या O प्राइवेट O अस्पताल O में O 5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O सालाना O तक O के O खर्च O वाले O ऑपरेशन O या O सर्जरी O का O लाभ O दिया O जाएगा O । O ऐलान O के O मुताबिक O नव O सृजित O रोजगार O के O मामले O में O नियोक्ता O द्वारा O वेतन O के O 12 B-NEN फीसदी O योगदान O का O भार O सरकार O द्वारा O वहन O किया O जाएगा O । O यह O नए O रोजगार O के O वेतन O खर्च O की O 30 B-NEN फीसदी O लागत O पर O इनकम O टैक्स O छूट O की O इजाजत O दिए O जाने O के O अतिरिक्त O होगा O । O इस O क्षेत्र O में O लगभग O 5.1 B-NEN करोड़ I-NEN इकाइयों O का O विशाल O नेटवर्क O है O , O जो O 11.7 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O लोगों O के O लिए O रोजगार O पैदा O करते O हैं O , O 6,000 B-NEN से O ज्यादा O उत्पाद O बनाते O हैं O । O विनिर्माण O उत्पादों O में O उनका O योगदान O लगभग O 45 B-NEN प्रतिशत O , O मूल्य O के O हिसाब O से O निर्यात O में O 40 B-NEN प्रतिशत O तथा O राष्ट्र O के O सकल O घरेलू O उत्पाद O में O लगभग O 37.5 B-NEN प्रतिशत O है O । O ऐसे O संवर्धनशील O एवं O विकास O सहयोगों O से O एमएसएमई O क्षेत्र O के O 2.3 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O व्यक्ति O लाभान्वित O हुए O हैं O , O 11.5 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O रोजगार O सृजित O हुए O हैं O और O 80,000 B-NEN से O अधिक O ईकाइयों O की O स्थापना O में O मदद O मिली O है O , O जिनमें O से O अधिकतर O ग्रामीण O उद्यम O हैं O । O बैंकिंग O क्षेत्र O में O एक B-NEN और O क्रांतिकारी O कदम O उठाते O हुए O मुद्रा B-NEO यानि O माइक्रो B-NEO यूनिट्स I-NEO डेवलपमेंट I-NEO एंड I-NEO रिफाइनेन्स I-NEO एजेंसी I-NEO लि. I-NEO यानि O मुद्रा B-NEO का O गठन O किया O गया O । O यह O सूक्ष्म O इकाइयों O के O विकास O तथा O पुनर्वित्तपोषण O से O संबंधित O गतिविधियों O हेतु O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O गठित O एक B-NEN नयी O संस्था O है O । O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O मुद्रा B-NEO लिमिटेड I-NEO को O सिडबी B-NEO के O पूर्ण O स्वामित्वों O वाले O एक B-NEN सहायक O निकाय O मुद्रा B-NEO भारतीय I-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O में O तब्दील O करने O को O भी O अपनी O मंजूरी O दे O दी O है O । O मुद्रा B-NEO अंतिम O छोर O पर O स्थित O उन O सभी O वित्तपोषकों O , O जैसे O लघु O व्यवसायों O के O वित्तपोषण O में O संलग्न O विभिन्न O प्रकार O की O गैर O बैंकिंग O वित्तीय O कंपनियों O , O समितियों O , O न्यासों O , O धारा O 8 B-NEN ( O पूर्ववर्ती O धारा O 25 B-NEN ) O की O कंपनियों O , O सहकारी O समितियों O , O छोटे O बैंकों O , O अनुसूचित O वाणिज्यिक O बैंकों O तथा O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंकों O को O पुनर्वित्त O उपलब्ध O कराने O के O लिए O उत्तरदायी O होगा O , O जो O विनिर्माण O , O व्यापार O तथा O सेवा O - O गतिविधियों O में O लगी O सूक्ष्म O व O लघु O व्यवसाय O इकाइयों O को O ऋण O प्रदान O करते O हैं O । O ऐसे O में O यदि O हम O इसमें O किसी O तरह O का O अवरोध O या O सीमित O उपायों O का O सहारा O लेते O हैं O तो O इसकी O प्राकृतिक O प्रवृति O विकृत O होगी O जो O दीर्घकाल O के O लिए O एक B-NEN चुनौती O बन O सकती O है O । O दूसरी O तरफ O यह O भी O एक B-NEN प्रबल O तर्क O है O कि O चूंकि O भारतीय O ग्राहकों O की O बदलती O बैंकिंग O जरूरतों O का O ध्यान O रखते O हुए O उद्देश्यपरक O और O लक्षित O ग्राहक O समूह O होने O से O अधिक O प्रभावी O तरीके O से O बैंकिंग O सुविधा O प्रदान O की O जा O सकती O है O । O किन्तु O इसका O एक B-NEN डर O हमेशा O बना O रहेगा O कि O इससे O कहीं O प्रतियोगिता O का O अंत O न O हो O जाए O जिसका O परिणाम O बाजार O की O शक्तियों O पर O से O अनियंत्रण O का O शिकार O होना O होगा O । O वास्तव O में O , O क्व़ाड B-NEO वैश्विक O भलाई O के O एक B-NEN शक्तिशाली O बल O के O रूप O में O उभरा O है O । O इसलिए O , O मैं O अपनी O बातचीत O को O तीन B-NEN व्यापक O बिंदुओं O में O समेटना O चाहता O हूं O । O और O तीसरा O , O इसने O हमारे O समय O के O एक B-NEN प्रमुख O द्विपक्षीय O संबंध O के O रूप O में O उभर O रहे O सहयोगी O प्रयासों O को O सक्रिय O किया O है O । O एस्ट्रोसैट O ने O हाल O ही O में O एक B-NEN पुरानी O आकाशगंगा O में O एक्सट्रीम O - O अल्ट्रावॉयलट O ( O पराबैंगनी O ) O लाइट O की O खोज O कर O बहुत O बड़ी O कामयाबी O हासिल O की O । O कक्षित्र O पर O आठ B-NEN उपकरण O हैं O , O जो O निरंतर O उपयोगी O वैज्ञानिक O आंकड़े O उपलब्ध O करा O रहे O हैं O , O जो O चंद्रमा O के O विकास O के O बारे O में O हमारी O समझ O को O समृद्ध O करेंगे O और O ध्रुवीय O क्षेत्रों O में O खनिजों O और O जल O के O अणुओं O का O मानचित्रण O करेंगे O । O इसरो B-NEO के O परिचालन O प्रक्षेपण O यानों O और O अंतरिक्ष O परिसंपत्तियों O का O " O स्वामित्व O " O ग्रहण O करने O के O लिए O विभाग O के O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O उपक्रम O ( O पीएसयू O ) O - O न्यू B-NEO स्पेस I-NEO इंडिया I-NEO लिमिटेड I-NEO ( I-NEO एनएसआईएल I-NEO ) I-NEO को O सशक्त O बनाने O से O देश O में O अंतरिक्ष O गतिविधियों O के O प्रबंधन O की O दिशा O में O एक B-NEN नया O अध्याय O खुला O है O । O ग्रामीण B-NEO विकास I-NEO विभाग I-NEO और O पंचायतों O ने O ग्राम O पंचायतों O के O सरपंचों O / O पंचों O को O वंचितों O , O विशेष O रूप O से O दैनिक O वेतन O भोगियों O की O बुनियादी O आवश्यकताओं O और O कोविड O की O आपात O स्थिति O में O उपचार O के O लिए O पंचायत O निधि O से O प्रति O दिन O 5000 B-NEN रुपये O तक O , O अधिकतम O 50,000 B-NEN रुपये O तक O खर्च O करने O के O लिए O अधिकृत O किया O । O विभाग O ने O राज्य O में O गांवों O के O तालाबों O की O सफाई O के O लिए O एक B-NEN अभियान O शुरू O किया O है O । O लगभग O 7851 B-NEN तालाबों O से O पानी O निकाला O गया O और O 3699 B-NEN तालाबों O को O गाद O से O मुक्त O किया O गया O , O जिससे O कुल O 28.13 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O व्यय O के O साथ O 9.92 B-NEN लाख I-NEN मानव O - O दिवस O कार्य O सृजित O हुआ O । O पंजाब B-NEL में O महिला O स्वयं O सहायता O समूहों O ने O कोविड O - O 19 O महामारी O की O असाधारण O चुनौती O का O सामना O किया O है O और O संकट O को O एक B-NEN अवसर O में O बदल O दिया O है O । O पंजाब B-NEL राज्य O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O ( O पीएसआरएलएम O ) O के O तहत O अब O तक O 3838 B-NEN स्वयं O सहायता O समूह O सदस्यों O ने O 6.45 B-NEN लाख I-NEN मास्क O वितरित O किए O हैं O , O जिससे O इनकी O बिक्री O से O 53.6 B-NEN लाख I-NEN रुपये O की O आय O हुई O है O । O यह O खर्च O 5 B-NEN करोड़ I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O बराबर O आंशिक O रूप O से O बहुस्तरीय O सहायता O द्वारा O वित्त O पोषित O होगा O । O एसपीवी B-NEAR सामग्री I-NEAR का O सृजन O और O संचालन O करेगी O , O उन्हें O एक B-NEN जगह O सम्मिलित O करने O से O जुड़ी O गतिविधियां O तैयार O करेगी O तथा O सामग्री O की O पुष्टि O , O स्वतंत्र O मूल्यांकन O के O निरीक्षण O एवं O दूरमापी O डाटा O उपलब्धता O से O जुड़े O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O की O मुख्य O कारोबारी O सेवाओं O का O प्रबंधन O करेगी O । O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O इस O वर्ष O आयुध B-NEO निर्माणी I-NEO बोर्ड I-NEO ( O ओएफबी B-NEO ) O के O निगमीकरण O को O भी O स्वीकृति O दी O है O जो O रक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO के O रक्षा B-NEO उत्पादन I-NEO विभाग I-NEO ( O डीडीपी B-NEO ) O की O उत्पादन O शाखा O है O तथा O 41 B-NEN आयुध O निर्माणियों O का O समन्वय O करता O है O । O विभिन्न O उत्पादन O इकाइयों O के O सभी O ओएफबी B-NEO कर्मचारियों O ( O समूह O क O , O ख O , O और O ग O ) O का O तबादला O सरकारी O कर्मचारियों O के O रूप O में O उनकी O सेवा O शर्तों O को O बदले O बिना O मानित O ( O डीम्ड O ) O प्रतिनियुक्ति O पर O शुरुआत O में O 2 B-NEN वर्ष O की O अवधि O हेतु O निगम O इकाइयों O में O किया O जाएगा O मैं O एक B-NEN बिल O की O कॉपी O के O बारे O में O बता O रहा O हूं O , O जिसे O मैंने O कृषि O में O महिलाओं O के O प्रौद्योगिकी O सशक्तिकरण O के O मकसद O से O पेश O किया O था O । O इस O तरह O के O केंद्रों O को O प्रशिक्षत O पर्यावरण O जोखिम O प्रबंधकों O द्वारा O मदद O दी O जानी O चाहिए O और O इसमें O हर O पंचायत O से O एक B-NEN महिला O और O एक B-NEN पुरुष O होने O चाहिए O । O किसानों O के O बेहतरीन O खेतों O में O मौजूद O कृषि O स्कूलों O के O जरिये O एक B-NEN किसान O से O दूसरे O किसान O के O सीखने O की O प्रक्रिया O शुरू O हुई O है O । O शहरी O इलाकों O में O सब्जियों O और O फलों O की O कीमतों O को O स्थिर O करने O का O एक B-NEN तरीका O जरूरी O प्रौद्योगिकी O और O मार्केटिंग O सहयोग O मुहैया O कराकर O पेरी O ( O चौतरफा O ) O - O शहरी O बागवानी O को O बढ़ावा O दिया O जाए O । O वर्ष O 2020 B-NEL में O कैलिफोर्निया B-NEL के O जंगलों O में O लगी O आग O में O करीब O एक B-NEN सौ I-NEN मिलियन O एकड़ O जमीन O जल O गई O थी O । O ये O पांचों B-NEN घटनाएं O हमें O यह O संकेत O देती O हैं O कि O अगर O पारिस्थितिकी O संबंधी O समस्याओं O को O शीघ्रता O से O नहीं O सुलझाया O गया O तो O विश्व O को O स्वयं O को O बर्बाद O करने O के O लिए O विश्व O युद्ध O की O आवश्यकता O नहीं O होगी O । O लेकिन O इस O परिदृश्य O में O पर्यावरण O और O प्रकृति O का O क्या O हो O रहा O है O , O यह O एक B-NEN बड़ी O चिंता O का O विषय O है O । O बुद्धिमत्ता O अनुभव O से O उत्पन्न O एक B-NEN चीज O है O , O और O इसका O प्रतिबिंब O न O सिर्फ O वर्तमान O पीढ़ी O में O दिखता O है O बल्कि O देश O के O साथ O विश्व O भर O की O सभ्यता O की O प्रक्रिया O में O भी O दिखता O है O । O राज्यों O के O अतिरिक्त O केंद्र O राज्य O संबंधों O को O साथ O चलाने O वाली O संस्था O नीति O आयोग O स्वयं O जनशिकायत O निवारण O में O काफी O पीछे O रह O गयी O है O , O अगर O आंकडों O को O देखें O तो O पता O चलता O है O कि O नीति O आयोग O जनशिकायत O के O निपटारे O में O 62 B-NEN केन्द्रीय B-NEO मंत्रालयों I-NEO में O सबसे O सुस्त O रहा O है O । O यह O बात O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O एक B-NEN रिपोर्ट O से O प्रकाश O में O आई O है O । O इस O सॉफ्टवेयर O को O सीपीजीआरएएमएस B-NEAR कहा O जाता O है O तथा O इसे O 9 B-NEN राज्यों O , O संघ O व O क्षेत्रों O नामतः O हरियाणा B-NEL , O ओडिसा B-NEL , O राजस्थान B-NEL , O पुदुचेरी B-NEL , O मेघालय B-NEL , O मिजोरम B-NEL , O उत्तराखंड B-NEL , B-NEL झारखण्ड B-NEL और B-NEL पंजाब B-NEL में O लागू O किया O गया O है O । O प्रधानमंत्री O के O एक B-NEN वक्तव्य O ' O मैं O मानता O हूं O कि O लोकतंत्र O की O सबसे O बड़ी O ताकत O उसकी O शिकायत O निवारण O प्रणाली O होती O है O । O ' O से O स्पष्ट O है O कि O शासन O का O सुशासन O में O परिवर्तन O इसी O तंत्र O की O मजबूती O से O होगा O । O डे O - O एनआरएलएम O के O एक B-NEN उपांग O ( O महिला O किसान O सशक्तिकरण O परियोजना O अथवा O एमकेएसपी O ) O के O अंतर्गत O महिला O किसानों O के O लिए O सतत O तथा O विविधता O भरी O आजीविका O के O अवसर O तैयार O करने O के O लिए O व्यवस्थित O निवेश O कर O उन्हें O सशक्त O बनाया O जा O रहा O है O । O केंद्र O एवं O राज्य O सरकारों O से O वित्तीय O मदद O पाने O वाले O कार्यक्रम O ने O अभी O तक O विभिन्न O श्रेणियों O में O 42,51,7900 B-NEN लाभार्थियों O को O वित्तीय O राहत O प्रदान O की O है O । O योजना O के O अंतर्गत O देश O के O सभी O भूस्वामी O किसान O परिवारों O को O हर O वर्ष O 6,000 B-NEN रुपये O की O वित्तीय O सहायता O दी O जाती O है O , O लेकिन O उच्च O आय O वर्ग O वाले O कुछ O परिवारों O को O इससे O बाहर O रखा O जाता O है O । O यह O राशि O सीधे O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O सरकारों O द्वारा O चिह्नित O लाभार्थी O किसानों O के O बैंक O खातों O में O चार B-NEN - O चार B-NEN महीने O के O अंतराल O पर O 2,000 B-NEN रुपये O की O तीन B-NEN किश्तों O में O भेज O दी O जाती O है O । O पति O , O पत्नी O और O नाबालिग O संतानों O को O इस O योजना O के O अंतर्गत O एक B-NEN परिवार O माना O जाता O है O । O इसमें O से O 1.29 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O कोविड O - O 19 O महामारी O के O दौरान O जारी O किए O गए O । O योजना O से O विभिन्न O श्रेणियों O के O लगभग O 11.78 B-NEN करोड़ I-NEN किसानों O को O लाभ O मिला O है O । O छोटे O और O सीमांत O किसानों O को O 60 B-NEN वर्ष O की O उम्र O पूरी O होने O पर O न्यूनतम O 3,000 B-NEN रुपये O प्रतिमाह O सुनिश्चित O पेंशन O प्रदान O की O जाती O है O । O योजना O स्वैच्छिक O और O योगदान O वाली O है O , O जिसमें O 18 B-NEN से O 40 B-NEN वर्ष O की O उम्र O के O बीच O शामिल O हुआ O जा O सकता O है O । O 29 B-NEN वर्ष O की O उम्र O में O योजना O में O शामिल O होने O वाले O लाभार्थी O को O प्रतिमाह O 100 B-NEN रुपये O योगदान O करना O होता O है O और O पेंशन O कोष O में O उतना O ही O योगदान O केंद्र O सरकार O भी O करती O है O । O प्रधानमंत्री O फसल O बीमा O योजना O ( O पीएमएफबीवाई O ) O एक B-NEN अनूठे O ढंग O की O सामाजिक O सुरक्षा O योजना O है O , O जिसके O अंतर्गत O प्राकृतिक O आपदा O के O कारण O फसल O नष्ट O होने O के O कारण O परेशानी O में O घिरे O किसानों O को O वित्तीय O सहायता O प्रदान O की O जाती O है O । O यह O एक B-NEN सोचा O - O समझा O हुआ O , O नियोजित O निर्णय O होता O है O । O भारत B-NEL में O , O गर्भ O की O चिकित्सकीय O समाप्ति O , O कानूनी O रूप O से O गर्भ O के O शुरू O के O 12 B-NEN सप्ताहों O में O सरकार O द्वारा O मान्यता O प्राप्त O अस्पताल O या O लाईसेंसशुदा O चिकित्सालय O में O , O ऐसे O पंजीकृत O चिकित्सक O द्वारा O की O जा O सकती O है O , O जिसे O प्रसूति O तथा O महिला O रोग O विषय O में O प्रशिक्षण O प्राप्त O हो O । O इसीलिए O पहले O प्रसूति O तथा O महिला O रोग O विषय O में O प्रशिक्षण O प्राप्त O दो B-NEN पंजीकृत O चिकित्सकों O की O सहमति O आवशयक O है O । O इसके O लिए O एक B-NEN विशेष O प्रक्रिया O होती O है O । O चाहे O कानूनी O हो O या O गैरकानूनी O , O सुरक्षित O गर्भपात O कराना O एक B-NEN कठिन O कार्य O हो O सकता O है O , O क्योंकि O यह O महंगा O , O आसपास O उपलब्ध O नहीं O होता O है O , O या O फिर O इसके O बारे O में O नियम O स्पष्ट O नहीं O हैं O , O अथवा O इसके O लिए O अत्यधिक O कागजी O कार्यवाही O करनी O पड़ती O है O । O अन्य O अनेक O मामलों O में O गर्भस्थ O शिशु O का O एक B-NEN ऐसी O विधि O - O ऐम्नीओसेन्टीसिस O द्वारा O लिंग O पता O कर O लिया O जाता O है O , O जिसका O , O आम O तौर O पर O गर्भस्थ O बच्चे O की O वृद्धि O , O स्थिति O तथा O स्वास्थ्य O के O बारे O में O जानकारी O प्राप्त O करने O के O लिए O किया O जाता O है O । O इस O विधि O में O एक B-NEN लंबी O सिरिंज O और O सुई O द्वारा O गर्भ O में O शिशु O के O चारों B-NEN ओर O के O एम्नियोटिक O द्रव्य O की O थोड़ी O मात्रा O निकाली O जाती O है O और O इसका O परीक्षण O करके O यह O पता O लगाया O जाता O है O कि O बच्चा O अस्वाभाविक O या O कमजोर O तो O नहीं O है O । O अल्ट्रासाउंड O एक B-NEN और O परीक्षण O है O , O जिसका O गर्भस्थ O शिशु O का O लिंग O ज्ञात O करने O के O लिए O दुरुपयोग O किया O जाता O है O , O विशेषतः O उस O अवधि O में O , O जब O ऐम्नीओसेन्टीसिस O से O ऐसा O संभव O न O हो O । O क्योंकि O अल्ट्रासाउंड O एक B-NEN अनाक्रमक O परीक्षण O है O , O इसलिए O यह O काफी O लोकप्रिय O होता O जा O रहा O है O । O सक्शन O द्वारा O गर्भ O गिराने O के O लिए O एक B-NEN विशेष O ट्यूब O ( O केनुला O ) O को O , O योनि O तथा O गर्भाशय O की O ग्रीवा O में O से O गुजरते O हुए O , O गर्भाशय O में O डाला O जाता O है O और O इसे O वैक्यूम O मशीन O से O जोड़ O कर O गर्भ O को O खींच O लिया O जाता O है O । O एक B-NEN विशेष O सिरिंज O से O गर्भ O को O बाहर O खिंच O लिया O जाता O है O । O खुरच O कर O गर्भपात O करना O ( O “ O डाईलेशन O और O क्यूरेटाज O ” O , O डी. O एंड O सी. O ) O गर्भ O के O बचेखुचे O हिस्से O को O क्यूरेटर O नामक O एक B-NEN उपकरण O से O खुरच O कर O निकाल O दिया O जाता O है O । O क्यूरेटर O एक B-NEN चम्मच O के O आकार O का O , O छोटा O सा O उपकरण O होता O है O , O जो O विशेष O रूप O से O गर्भाशय O में O डालने O के O लिए O ही O बनाया O गया O है O । O सुरक्षित O गर्भपात O , O विशेषतः O एम. O बी. O ए. O द्वारा O , O स्वास्थ्य O केंद्रों O तथा O अस्पतालों O , O दोनों B-NEN में O ही O किये O जाते O हैं O । O अगर O ऐसा O नहीं O होता O है O तो O हो O सकता O है O कि O गर्भाशय O में O या O फैलोपियन O नलिकाओं O में O से O एक B-NEN में O , O आपका O गर्भ O अभी O भी O जारी O है O । O यह O एक B-NEN आपातकालीन O स्थिति O है O । O गर्भपात O के O पश्चात O खतरे O के O एक B-NEN भी O लक्षण O से O पीड़ित O महिला O को O तुरंत O चिकित्सकीय O सहायता O की O आवश्यकता O होती O है O । O गर्भपात O के O पश्चात O अत्यधिक O रक्त O स्राव O होना O एक B-NEN आम O समस्या O है O । O शॉक O जान O के O लिए O एक B-NEN खतरनाक O स्थिति O है O , O जो O अधिक O खून O बह O जाने O से O उत्पन्न O हो O सकती O है O । O आम O तौर O पर O महिला O को O एक B-NEN से O अधिक O दवाईयों O की O आवश्यकता O पड़ती O है O , O क्योंकि O गर्भपात O के O पश्चात O का O संक्रमण O कई O प्रकार O के O कीटाणुओं O से O हो O सकता O है O । O इनमें O से O एक B-NEN या O सारे O लक्षण O हो O सकते O हैं O : O हथकरघा O उत्पादों O की O कीमत O उन O पर O लगने O वाले O जीएसटी O के O कारण O 5 B-NEN से O 12 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गई O । O इसके O लिए O एक B-NEN वरीयता O क्रम O तय O किया O गया O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O दिवालिया O संहिता O के O तहत O देश O की O पहली O दिवालिया O निपटान O योजना O में O एनसीएलटी B-NEO ने O 90 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O के O हेयरकट O की O अनुमति O दी O । O इसके O बाद O एनसीएलटी B-NEO ने O सिनर्जीज़ O कास्टिंग्स O से O 900 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O कुल O बकाया O राशि O में O से O 54 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O लेनदारों O को O चुकाने O का O आदेश O दिया O । O एनसीएलटी B-NEO ने O कंपनी O से O इस O कुल O राशि O में O से O 20 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O भुगतान O एडवांस O में O करने O को O कहा O । O बकाया O राशि O पांच B-NEN साल O में O चुकानी O होगी O । O ऋण O की O मूल O राशि O 215 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O थी O । O शेष O 685 B-NEN करोड I-NEN रुपये O में O ब्याज O , O सांविधिक O देय O राशि O और O अन्य O लेनदारों O के O भुगतान O शामिल O हैं O । O सिनर्जीज़ O - O डोरे O का O मामला O उन O 93,000 B-NEN मामलों O में O से O एक B-NEN है O जो O औद्योगिक O और O वित्तीय O पुनर्गठन O बोर्ड O ( O बीआईएफआर O ) O में O लंबित O थे O और O आईसीसी O के O तहत O एनसीएलटी B-NEO को O स्थानांतरित O कर O दिये O गये O थे O । O यह O मामला O संहिता O के O तहत O दायर O होने O वाले O शुरुआती O मामलों O में O से O एक B-NEN था O । O अध्यादेश O के O बाद O आरबीआई B-NEO ने O बैंकों O को O संहिता O के O अंतर्गत O निपटान O के O लिए O 12 B-NEN सबसे O बड़े O ऋणों O की O जानकारी O देने O को O कहा O । O उसने O कहा O कि O इन O मामलों O को O जल्द O से O जल्द O , O एक B-NEN निश्चित O समय O सीमा O में O निपटाया O जाना O चाहिए O । O जिन O 12 B-NEN कंपनियों O के O नाम O इस O सूची O में O शामिल O हैं O , O वे O हैं O - O भूषण B-NEO स्टील I-NEO , O लैंको B-NEO इंफ्रा I-NEO , O एस्सार B-NEO स्टील I-NEO , O भूषण B-NEO पावर I-NEO , O आलोक B-NEO इंडस्ट्रीज़ I-NEO , O एमटेक B-NEO ऑटो I-NEO , O मोनेट B-NEO इस्पात I-NEO , O इलेक्ट्रोस्टील B-NEO स्टील्स I-NEO , O एरा B-NEO इंफ्रा I-NEO , O जेपी B-NEO इंफ्राटेक I-NEO , O एबीजी B-NEO शिपयार्ड I-NEO और O ज्योति B-NEO स्ट्रक्चर्स I-NEO । O बैंकों O के O कुल O एनपीए O में O इन O कंपनियों O की O हिस्सेदारी O 25 B-NEN प्रतिशत O है O । O इनमें O 187 B-NEN मामले O ऑपरेशनल O लेनदारों O , O 122 B-NEN मामले O वित्तीय O लेनदारों O और O शेष O देनदारों O द्वारा O दायर O किये O गये O हैं O । O रिपोर्ट O के O मुताबिक O केवल O दो B-NEN मामलों O का O निपटारा O किया O जाएगा O यानि O उन्हें O हेयरकट O प्राप्त O होगा O । O सात B-NEN मामलों O में O कंपनियों O का O परिसमापन O किया O जाएगा O और O अन्य O 14 B-NEN के O संबंध O में O आगे O अपील O की O जाएगी O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO की O सिफारिश O पर O एनसीएलटी B-NEO को O सौंपे O गये O 12 B-NEN मामलों O में O हेयरकट O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O । O भारत B-NEL में O वस्त्र O उद्योग O का O विनिर्माण O में O 13.5 B-NEN प्रतिशत O और O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O 2.1 B-NEN प्रतिशत O योगदान O है O । O अहम O बात O यह O है O कि O परिधान O विनिर्माण O क्षेत्र O में O काम O कर O रहे O कर्मचारियों O में O 70 B-NEN प्रतिशत O महिलाएं O हैं O । O वस्त्र O उद्योग O एक B-NEN समान O कम O कर O ढांचे O की O मांग O लगातार O कर O रहा O था O । O आरंभ O में O कपास O और O अन्य O प्राकृतिक O रेशों O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O प्राकृतिक O धागों O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O , O मानव O निर्मित O धागों O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O , O सभी O प्रकार O के O बुने O हुए O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O , O 1,000 B-NEN रुपये O से O कम O कीमत O के O परिधान O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O इससे O अधिक O कीमत O के O परिधान O पर O 12 B-NEN प्रतिशत O , O जॉब O वर्क O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O कालीन O एवं O कपड़े O से O बनी O दरी O आदि O पर O 12 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O तय O किया O गया O था O । O वस्त्र O व्यापार O एवं O उद्योग O के O संगठनों O ने O दर O पर O चिंता O जताई O और O कपड़े O से O बने O विभिन्न O सामान O , O माल O के O हस्तांतरण O , O निर्यात O को O कर O से O छूट O देने O , O रुके O हुए O करों O की O वापसी O करने O , O मानव O निर्मित O धागे O समेत O परिधान O तैयार O होने O तक O मूल्यवर्धन O के O सभी O चरणों O में O जॉब O वर्क O के O लिए O 5 B-NEN प्रतिशत O दर O तय O करने O की O मांग O की O । O वस्त्र O उद्योग O के O संगठनों O का O दावा O था O कि O इस O उद्योग O पर O जीएसटी O विशेषकर O प्रतिलोम O कर O यानी O मानव O निर्मित O रेशों O से O बने O धागे O पर O 18 B-NEN प्रतिशत O और O कपड़े O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O , O जॉब O वर्क O पर O 5 B-NEN प्रतिशत O और O 18 B-NEN प्रतिशत O जीएसटी O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O ( O 29 B-NEN प्रतिशत O से O घटाकर O 15 B-NEN प्रतिशत O ) O के O कारण O कीमतें O बढ़ O गई O हैं O अथवा O प्रतिस्पर्धा O योग्य O नहीं O रह O गई O है O , O उत्पादन O और O निर्यात O घट O गया O है O , O उद्योग O बंद O हो O रहे O हैं O और O बेरोजगारी O फैल O रही O है O । O चूंकि O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O एक B-NEN एकीकृत O योजना O दस्तावेज O है O , O इसलिए O आदर्श O रूप O से O पंचायत O के O सभी O पहलुओं O में O इसके O समग्र O दृष्टिकोण O को O शामिल O करना O चाहिए O । O इस O तरह O की O एक B-NEN एकीकृत O योजना O विभिन्न O क्षेत्रों O से O अधिक O धन O को O अवशोषित O करने O और O स्थानीय O संसाधन O जुटाने O में O मदद O करती O है O , O जिससे O सेवा O वितरण O को O सुधारने O में O मदद O मिलती O है O । O स्थानीय O लोकतंत्र O और O लोगों O के O नेतृत्व O में O विकास O को O मजबूत O करने O के O लिए O , O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO और O राज्य O सरकारें O लगातार O नया O करने O और O हितधारकों O के O एक B-NEN बडे O वर्ग O को O नियोजन O तथा O विकास O प्रक्रिया O में O शामिल O करने O का O प्रयास O कर O रही O हैं O । O ई B-NEAR - I-NEAR ग्रामस्वराज I-NEAR से O संबंधित O आम O मुद्दों O के O समाधान O के O लिये O एक B-NEN चैटबॉट O विकसित O किया O जा O रहा O है O । O ई B-NEAR - I-NEAR ग्रामस्वराज I-NEAR अन्य O मंत्रालयों O और O विभागों O की O योजनाओं O से O लाभार्थियों O की O सूचियों O की O साझेदारी O के O लिये O उन्हें O एक B-NEN जगह O लाने O का O मंच O बन O सकता O है O । O यह O भारतीय O अर्थ O जगत O और O मौद्रिक O क्षेत्र O के O लिए O एक B-NEN सुखद O घटना O है O । O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR एक B-NEN तरह O से O कागजी O नोट O का O ही O डिजिटल O संस्करण O होगा O । O हालांकि O क्रिप्टोकरेंसी B-NEAR और O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR दोनों B-NEN बिल्कुल O अलग O - O अलग O हैं O । O जिस O आज़ादी O के O लिए O भारत B-NEL की O जनता O ने O लगभग O सौ B-NEN वर्षों O तक O संघर्ष O किया O , O उसके O आने O के O साथ O हर्ष O और O उल्लास O का O होना O स्वाभाविक O था O पर O साथ O ही O भारत B-NEL का O जो O हिंदुस्तान B-NEL और O पाकिस्तान B-NEL के O रूप O में O विभाजन O हुआ O , O लाखों B-NEN भारतीयों O का O विस्थापन O और O पलायन O हुआ O और O भीषण O सांप्रदायिक O दंगों O में O असंख्य O हत्याएं O हुईं O । O आज़ादी O के O पहले O से O ही O हिन्दी O कविता O में O दो B-NEN प्रवृत्तियां O परस्पर O टकराती O हुई O चल O रही O थीं O । O भारतीय O संस्कृति O का O मूर्तरूप O एक B-NEN जीते O - O जागते O व्यक्ति O में O निहित O दिखता O है O जो O ना O केवल O संस्कृति O के O प्रतिमानों O की O व्याख्या O करता O है O बल्कि O स्वयं O में O एक B-NEN संदर्भ O इकाई O के O तौर O पर O भी O होता O है O । O वे O प्रतिमान O अथवा O मानक O तब O तक O अर्थहीन O हैं O , O जब O तक O कि O उन्हें O कम O से O कम O वैचारिक O तौर O पर O मानवीय O बोली O एवं O कृत्यों O में O परिवर्तित O ना O किया O जाए O , O और O इस O संदर्भ O में O मस्तिष्क O , O बोली O एवं O कृत्य O एक B-NEN संयुक्त O इकाई O के O रूप O में O सामने O आते O हैं O । O ऋग्वेद B-NEAR की O एक B-NEN प्रार्थना O है O , O ' O वाणी O पूर्णतया O मस्तिष्क O में O स्थित O है O और O मस्तिष्क O पूर्णतया O वाणी O में O स्थापित O है O ' O । O वहीं O दूसरी B-NEN ओर O , O वाचक O के O जीवित O व्यक्तित्व O का O हिस्सा O दिखने O वाली O वाककला O , O सजीव O दर्शकदीर्घा O से O साक्षात्कार O का O अंश O बनती O है O । O सदियों O तक O चलती O आई O कठिन O और O गूढ़ O वाचन O व्यवस्था O के O आधार O पर O एक B-NEN भी O अक्षर O को O खोए O बिना O वेदों O को O संरक्षित O रखा O गया O था O । O ऐसी O कविता O का O ढांचा O सुगठित O और O इतना O सटीक O होता O है O कि O यदि O आप O उसमें O एक B-NEN शब्द O भी O जोड़ें O या O घटाएं O , O उसका O ढांचा O बिगड़ O जाता O है O । O नई O सूचना O तकनीक O ने O भ्रष्टाचार O को O कम O करने O में O जरूर O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O , O राजनीतिक O हस्तक्षेप O को O कम O करना O भी O उतना O ही O महत्वपूर्ण O है O । O ऐसे O सैकड़ों B-NEN नौकरशाहों O की O भूमिका O को O नकार O नहीं O सकते O । O मंत्रिपरिषद B-NEO में O लोक O प्रशासन O में O सफल O कई O चेहरे O भी O शामिल O हैं O जो O इस O बात O का O सबूत O हैं O कि O भारतीय O नौकरशाही O परिवर्तन O में O एक B-NEN बड़ी O भूमिका O निभा O सकती O है O । O यदि O लोक O प्रशासन O की O शीर्ष O नौकरशाही O में O भर्ती O प्रशिक्षण O और O उसके O बाद O भी O वांछित O परिवर्तन O किए O जाएं O तो O लोक O प्रशासन O देश O के O कायाकल्प O में O एक B-NEN क्रांतिकारी O भूमिका O निभा O सकता O है O । O भारत B-NEL में O चुनाव O का O आयोजन O देश O में O व्याप्त O आकार O , O स्केल O , O विविधता O को O देखते O हुए O एक B-NEN जटिल O कार्य O है O । O लाखों B-NEN लोग O इसके O निर्बाध O आयोजन O को O सुनिश्चित O करने O में O लगते O हैं O । O भारत B-NEL के O विशाल O क्षेत्र O , O जनसंख्या O और O विभिन्न O जलवायु O प्रदेशों O और O अनेक O विविधताओं O को O ध्यान O में O रखते O हुए O लोकतंत्र O के O इस O महापर्व O को O संपन्न O कराना O एक B-NEN विराट O चुनौती O है O । O जनता O को O ध्यान O में O रखते O हुए O चुनावों O का O संचालन O एक B-NEN बहुत O बड़ा O कार्य O है O एवं O चुनाव O अधिकारियों O के O लिए O एक B-NEN महत्त्वपूर्ण O दायित्व O भी O । O पुस्तक O ' O मतदान O में O विश्वास O ' O में O 101 B-NEN प्रसंगों O को O शामिल O किया O गया O है O जिनमें O चुनाव O अधिकारियों O और O मतदाताओं O के O प्रयासों O का O सफल O चित्रण O है O । O ये O छोटे O - O छोटे O प्रसंग O उन O खामोश O नायकों O के O जीवन O का O एक B-NEN अहम O हिस्सा O हैं O जिन्होंने O चुनाव O कार्य O को O सफल O बनाने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O एक B-NEN बार O सक्षम O तंत्र O के O लागू O हो O जाने O के O बाद O , O जापानी O भाषा O में O प्रवीणता O इस O क्षेत्र O के O कुशल O युवाओं O को O तकनीकी O इंटर्न O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O के O तहत O जापान B-NEL में O तैनात O करने O या O यहां O तक O कि O जापान B-NEL में O विशिष्ट O कुशल O श्रमिकों O के O रूप O में O रोजगार O की O तलाश O करने O में O सक्षम O बनाएगी O । O मेरे O बांग्लादेशी O समकक्ष O की O भागीदारी O इस O संबंध O में O एक B-NEN भागीदार O के O रूप O में O उनके O राष्ट्र O की O अपरिहार्य O भूमिका O को O उजागर O करती O है O । O मुझे O आशा O करनी O चाहिए O कि O वे O भी O इस O बैठक O से O हमारे O भविष्य O के O लिए O इन O सबका O क्या O अर्थ O है O , O इसका O एक B-NEN अच्छा O ज्ञान O लेकर O लौटेंगे O । O इसलिए O एक B-NEN बार O फिर O , O मैं O आपको O धन्यवाद O देता O हूं O कि O आपने O मुझे O इस O सब O को O आगे O बढ़ाने O का O अवसर O प्रदान O किया O और O मैं O आपके O लिए O एक B-NEN उत्पादक O सम्मेलन O की O कामना O करता O हूँ O । O योजना O का O लक्ष्य O देश O के O आर्थिक O विकास O से O संबंधित O मुद्दों O का O सरकारी O नीतियों O के O व्यापक O संदर्भ O में O गहराई O से O विश्लेषण O कर O इन O पर O विमर्श O के O लिए O एक B-NEN जीवंत O मंच O उपलब्ध O कराना O है O । O योजना O घर O मंगाने O , O शुल्क O में O छूट O के O साथ O दरों O व O प्लान O की O विस्तृत O जानकारी O के O लिए O पृष्ठ O - O 49 B-NEN पर O देखें O । O बजट O में O खादी O ग्रामोद्योग O के O विकास O के O लिए O सरकार O ने O 1,215 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O है O । O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O संसाधनों O के O आधार O पर O नवप्रर्वतन O एवं O उद्यमिता O के O संवर्धन O की O एस्पायर O योजना O के O अन्तर्गत O 80 B-NEN आजीविका O व्यवसाय O इक्यूबेशन O केन्द्र O की O स्थापना O की O योजना O है O । O सरकार O ने O ग्राम O एवं O लघु O उद्योग O के O विकास O के O लिए O 5,849 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O उद्यमिता O एवं O कौशल O विकास O के O लिए O 340 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O है O । O वित्त O मंत्री O ने O बजट O में O कृषि O क्षेत्र O से O युवाओं O का O पलायन O रोकने O के O लिए O फसल O उत्पादन O की O लागत O से O कम O से O कम O 50 B-NEN प्रतिशत O अधिक O अर्थात्‌ O उत्पादन O लागत O से O डेढ़ B-NEN गुना O अधिक O मूल्य O दिलाने O की O घोषणा O की O है O । O इसके O लिए O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O उत्पादन O लागत O से O डेढ़ B-NEN गुना O करने O का O निर्णय O किया O गया O है O । O इसके O लिए O 500 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O निधि O की O स्थापना O की O घोषणा O की O गई O है O । O किसानों O को O साहूकारों O व O सूदखोरों O के O चंगुल O से O बचाने O के O लिए O सरकार O ने O कृषि O ऋण O में O बढ़ोतरी O कर O 11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O कर O दिया O है O । O वित्त O मंत्री O ने O बताया O कि O कृषि O उत्पादों O की O विपणन O प्रणाली O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O 585 B-NEN एपीएमसी B-NEO को O ई O - O नैम O नेटवर्क O से O संयोजित O किया O जा O रहा O है O । O लघु O एवं O सीमांत O किसान O जो O एपीएमसी B-NEO या O अन्य O थोक O बाजार O तक O नहीं O पहुंच O पाते O हैं O , O उनके O लिए O मौजूदा O 22,000 B-NEN ग्रामीण O हाटों O को O ' O ग्रामीण O कृषि O बाजार O ' O के O रूप O में O विकसित O तथा O उन्नत O किए O जाने O का O प्रस्ताव O है O । O 22,000 B-NEN ग्रामीण O कृषि O बाजार O और O 585 B-NEN एपीएमसी B-NEO में O कृषि O विपणन O अवसंरचना O के O विकास O और O उन्नयन O के O लिए O बजट O में O दो B-NEN हजार I-NEN करोड़ O रुपये O की O स्थाई O निधि O के O साथ O एक B-NEN कृषि O बाजार O अवसंरचना O कोष O की O स्थापना O का O प्रस्ताव O है O । O 22,000 B-NEN ग्रामीण O कृषि O बाजार O का O विकास O करने O के O लिए O मनरेगा O व O अन्य O योजनाओं O का O उपयोग O किया O जाएगा O । O अब O यहां O दो B-NEN बातें O साफ O की O गयी O हैं O : O पीपीएफ O से O जुड़े O मौजूदा O कानून O के O तहत O खाता O खोले O जाने O के O पांच B-NEN साल O पूरे O होने O के O पहले O बंद O कराने O की O अनुमति O नहीं O है O , O जबकि O दूसरे O कानून O में O ऐसा O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O यदि O कोई O जमाकर्ता O वित्तीय O स्थिति O या O स्वास्थ्य O कारणों O से O पांच B-NEN साल O के O पहले O खाता O बंद O कराना O चाहे O तो O यह O उसके O लिए O मुमकिन O नहीं O होता O है O । O मौजूदा O व्यवस्था O के O तहत O 15 B-NEN साल O की O मियाद O वाले O पीपीएफ O में O सातवें O साल O में O पैसा O निकालने O की O अनुमति O मिलती O है O , O लेकिन O वह O चौथे O साल O के O अंत O में O जमा O रकम O के O 50 B-NEN फीसदी O से O ज्यादा O नहीं O हो O सकता O है O । O दूसरी O ओर O पांच B-NEN कारोबारी O साल O के O बाद O खाता O बंद O कराने O की O सूरत O में O दंड O देना O होता O है O । O अब O परेशानी O यह O है O कि O सर्वोच्च O न्यायालय O के O एक B-NEN फैसले O के O मुताबिक O , O नामित O व्यक्ति O को O कानूनी O उत्तारधिकारी O की O तरफ O से O बकाया O प्राप्त O करने O की O महज O अनुमति O दी O गयी O है O । O जल O जीवन O मिशन O ( O जेजेएम O ) O एक B-NEN डिजिटल O वॉल O और O रिमोट O कमांड O और O नियंत्रण O केंद्र O के O निर्माण O की O परिकल्पना O कर O रहा O है O जो O लगभग O 19 B-NEN करोड I-NEN से O ज्यादा O ग्रामीण O घरों O में O प्रतिदिन O अच्छी O गुणवत्ता O वाले O जल O की O आपूर्ति O और O प्रबंधन O की O व्यवस्था O की O निगरानी O करेगा O । O जल O का O उचित O वितरण O - O सभी O समूहों O को O अब O जल O वितरण O होगा O ( O पर्याप्त O मात्रा O और O जल O दबाव O के O साथ O ) O : O दो B-NEN समूहों O में O निम्न O दबाव O की O समस्या O की O जानकारी O के O बाद O समूह O ने O दो B-NEN गेट O वाल्व O लगाये O जिससे O दबाव O को O नियंत्रित O किया O जा O सके O । O वितरण O जलागार O में O नियमित O रूप O से O क्लोरीनीकरण O की O प्रक्रिया O : O टीवी O स्क्रीन O डैशबोर्ड O पर O क्लोरीन O के O स्तर O को O देख O पाने O के O कारण O एक B-NEN दूसरा O व्यावहारिक O बदलाव O आया O । O प्रायोगिक O क्षेत्रों O में O एक B-NEN दूसरा O लाभ O भी O दिखा O जिसमें O ग्राहकों O के O द्वारा O कुशलता O और O जिम्मेदारी O से O जल O का O प्रयोग O किया O जाने O लगा O क्योंकि O डाटा O - O इनेबल्ड O लीक O डिटेक्शन O डाटा O सक्षम O रिसाव O अन्वेषण O ) O और O पूर्व O निर्धारित O रखरखाव O और O स्वचालन O के O जरिये O घरेलू O स्तर O पर O मीटरिंग O ( O माप O लेने O ) O और O संचालन O के O खर्च O को O कम O किया O गया O । O एक B-NEN सुनियोजित O स्तर O पर O इस O प्रकार O की O व्यवस्था O से O ये O लाभ O हो O सकते O हैं O - O गैर O - O राजस्व O जल O ( O जल O रिसाव O और O अनधिकृत O कनेक्शन O ) O पंपों O के O स्वचालन O और O पूर्व O - O निर्धारित O रखरखाव O से O मरम्मती O और O रखरखाव O पर O होने O वाले O व्यय O में O कमी O , O अत्यधिक O श्रमशक्ति O में O कमी O , O संसाधनों O का O कुशलता O से O प्रयोग O ( O जल O और O बिजली O ) O , O और O ग्रामीणों O की O मजदूरी O और O स्वास्थ्य O सेवा O के O खर्चें O में O कमी O । O अखिल O भारतीय O स्तर O तक O पहुंचने O के O लिए O तथा O पारिस्थितिक O तंत्र O के O निर्माण O के O लिए O जल O जीवन O मिशन O ने O दो B-NEN प्रकार O की O पहल O की O है O । O इलेक्ट्रॉनिक O और O सूचना B-NEO प्रौद्यौगिकी I-NEO मंत्रालय I-NEO के O सहयोग O से O एक B-NEN बृहत O चुनौती O की O शुरुवात O की O गई O । O वर्तमान O में O चार B-NEN स्वदेश O विकसित O समाधान O सामने O आए O हैं O जिनका O प्रयोग O देश O भर O में O विभिन O क्षेत्रों O के O गांवों O की O स्थिति O के O परीक्षण O के O लिए O किया O जा O रहा O है O । O प्रयोगशालाओं O के O नेटवर्क O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O दो B-NEN प्रतिशत O की O पूंजी O को O विशेषकर O इसी O उद्देश्य O के O लिए O निर्धारित O किया O गया O है O । O जल O की O गुणवत्ता O की O जांच O के O लिए O एक B-NEN छोटा O यंत्र O बनाने O के O लिए O , O तथा O शहरी O और O ग्रामीण O दोनों B-NEN इलाकों O में O जल O की O जांच O को O सब O तक O पहुंचाने O के O लिए O दूसरी O तकनीकी O चुनौती O की O शुरुआत O डीपीआईआईटी B-NEO के O साथ O की O गई O । O यह O ऐसी O सबसे O बड़ी O परियोजना O थी O जिसने O साबित O किया O कि O कैसे O प्रौद्योगिकी O दक्षता O में O सुधार O कर O सकती O है O , O भ्रष्टाचार O में O कटौती O कर O सकती O है O और O लाखों B-NEN लोगों O के O जीवन O को O प्रभावित O कर O सकती O है O । O जिसने O ' O परम -NEAR ' O नामक O सुपर O कंप्यूटर O का O विकास O करके O डिजिटल O क्षेत्र O में O तरक्की O का O एक B-NEN सिलसिला O शुरू O कर O दिया O । O यह O सिलसिला O आज O भी O जारी O है O और O आज O भारत B-NEL में O सिर्फ O एक B-NEN सुपर O कंप्यूटर O नहीं O बल्कि O कई O सुपर O कंप्यूटर O हैं O । O उल्लेखनीय O है O कि O जब O भारत B-NEL ने O 100 B-NEN गीगा O - O फ्लॉप O की O क्षमता O वाला O सुपर O कंप्यूटर O बना O लिया O तब O अमेरिका B-NEL ने O भी O निर्यात O के O अपने O नियंत्रणों O में O ढील O देना O शुरू O कर O दिया O । O जापान B-NEL एक B-NEN शानदार O उदाहरण O है O जिसने O हिरोशिमा B-NEL और O नागासाकी B-NEL पर O परमाणु O बम O गिराए O जाने O और O द्वितीय O विश्वयुद्ध O में O बुरी O तरह O परास्त O व O धराशायी O होने O के O बाद O अपना O पुरुषार्थ O दिखाया O और O शीर्ष O दो B-NEN आर्थिक O शक्तियों O में O गिना O जाने O लगा O । O कोरोना O वायरस O के O भीषण O संकट O और O फिर O चीन B-NEL की O आक्रामक O हरकतों O के O बीच O आज O ' O आत्मनिर्भर O भारत O अभियान O ' O के O रूप O में O हमारे O सामने O भी O वैसा O ही O एक B-NEN मौका O है O । O आज O जब O कि O प्रधानमंत्री O द्वारा O भारत B-NEL में O आत्मनिर्भरता O का O नया O जोश O फूंक O दिया O गया O है O , O हम O सबके O सामने O यह O सवाल O है O कि O क्या O भारत B-NEL भी O अपनी O चुनौतियों O को O एक B-NEN अवसर O में O बदलकर O दिखाएगा O ? O प्रधानमंत्री O के O आह्वान O के O इन O दोनों B-NEN क्षेत्रों O से O जो O संकेत O आ O रहे O हैं O वे O हमें O काफी O हद O तक O आश्वस्त O करते O हुए O प्रतीत O होते O हैं O । O हर O भारतीय O का O एक B-NEN स्वास्थ्य O संबंधी O खाता O होगा O जिसमें O उसकी O पिछली O चिकित्सा O स्थितियों O , O उपचार O और O निदान O के O बारे O में O भी O जानकारी O शामिल O होगी O । O यह O मिशन O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O सतत O विकास O लक्ष्य O 3.8 B-NEN के O सार्वभौमिक O स्वास्थ्य O कवरेज O की O दिशा O में O भी O एक B-NEN बड़ी O उपलब्धि O होगी O । O राष्ट्रीय O डिजिटल O स्वास्थ्य O मिशन O के O 6 B-NEN प्रमुख O बिंदु O हैं O , O जिनके O माध्यम O से O नागरिकों O को O समय O पर O , O सुरक्षित O और O सस्ती O स्वास्थ्य O सेवा O उपलब्ध O होगी O - O प्रारंभ O में O यह O योजना O चंडीगढ़ B-NEL , O लद्दाख B-NEL , O दादर B-NEL और I-NEL नागर I-NEL हवेली I-NEL और O दमन B-NEL और I-NEL दीव I-NEL , O पुद्दुचेरी B-NEL , O अंडमान B-NEL और I-NEL निकोबार I-NEL द्वीपसमूह I-NEL और O लक्षद्वीप B-NEL में O एक B-NEN पायलट O लॉन्च O के O माध्यम O से O शुरू O की O जाएगी O । O 14वीं B-NEN शताब्दी O के O बाद O उर्दू O ने O उत्तर O से O कई O जगहों O की O सैर O की O , O जैसे O दौलताबाद B-NEL , O गुलबर्गा B-NEL और O दक्षिण O के O गोलकोण्डा B-NEL आदि O । O वे O एक B-NEN सैनिक O , O दरबारी O , O रहस्यवादी O , O कवि O , O दार्शनिक O , O संगीतज्ञ O और O गायक O थे O , O ये O सारे O गुण O उनमें O समाहित O थे O । O इसका O एक B-NEN उदाहरण O इस O प्रकार O है O - O 19वीं B-NEN और O 20वीं B-NEN शताब्दी O में O उर्दू O भाषा O और O साहित्य O अपने O शीर्ष O पर O था O । O तीन B-NEN साल O से O भी O कम O समय O में O 30 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O ग्रामीण O भारतीयों O तक O शौचालयों O की O सुविधा O पहुंच O चुकी O है O । O पखवाड़ा O गतिविधियों O के O लिए O योजना O बनाने O में O मंत्रालयों O की O मदद O करने O के O लिए O उन्हें O एक B-NEN वार्षिक O कैलेण्डर O बांटा O गया O । O नमामि O गंगे O कार्यक्रम O जल B-NEO संसाधन I-NEO मंत्रालय I-NEO की O एक B-NEN पहल O है O जिसके O तहत O गंगा -NEL तट O पर O बसे O गांवों O को O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ) O बनाना O है O और O ठोस O व O तरल O कचरा O प्रबंधन O की O दिशा O में O आ O रही O समस्याओं O को O पेयजल O व O स्वच्छता O मंत्रालय O द्वारा O दूर O करने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O उत्तराखंड B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL , O बिहार B-NEL , O झारखंड B-NEL और O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL के O 52 B-NEN जिलों O के O सभी O 4470 B-NEN गांवों O को O राज्य O सरकारों O की O मदद O से O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ) O घोषित O किया O गया O है O । O अब O मंत्रालय O एनएमसीजी O के O सहयोग O से O गंगा B-NEL तट O पर O बसे O 24 B-NEN गांवों O को O गंगा B-NEL ग्राम I-NEL में O तब्दील O करने O का O प्रयास O कर O रहा O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O इस O दिशा O में O एक B-NEN अलग O बजट O शीर्ष O बनाया O गया O है O । O भारत B-NEL के O 100 B-NEN ऐसे O स्थान O , O जो O कि O अपनी O बहु O हितधारक O पहल O शुरू O कर O चुके O हैं O । O पहले O दो B-NEN चरणों O में O अब O तक O 20 B-NEN महत्वपूर्ण O स्थानों O पर O काम O शुरू O किया O गया O है O । O इन O सभी O 20 B-NEN स्थानों O के O पास O वित्तीय O व O तकनीकी O सहयोग O के O लिए O पदनामित O या O कॉरपोरेट्स O हैं O । O इस O मौके O पर O देश O भर O से O लगभग O 6000 B-NEN चुनिन्दा O महिला O सरपंच O , O ज़मीनी O स्तर O पर O काम O करने O वालों O ने O शिरकत O की O और O स्वच्छता O चैम्पियंस O को O ग्रामीण O भारत O में O स्वच्छ O भारत B-NEL का O सपना O साकार O करने O की O दिशा O में O महत्वपूर्ण O योगदान O के O लिए O सम्मानित O किया O गया O । O व्यहारगत O बदलाव O के O लक्ष्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O दरवाज़ा O बंद O शीर्षक O से O एक B-NEN गंभीर O मास O मीडिया O अभियान O चलाया O गया O जिसमें O लोगों O खासकर O पुरुषों O द्वारा O शौचालय O के O प्रयोग O को O प्रमोट O करने O का O प्रयास O किया O गया O । O इस O अभियान O में O हिन्दी O समेत O 9 B-NEN भाषाओं O में O 5 B-NEN टीवी O व O रेडियो O स्पॉट O शामिल O थे O और O इसे O देश O भर O में O सफलतापूर्वक O शुरू O किया O गया O । O जल O , O जीवन O की O एक B-NEN मूलभूत O आवश्यकता O है O । O यह O एक B-NEN सीमित O प्राकृतिक O संसाधन O है O । O भारत B-NEL में O दुनिया O की O आबादी O का O 18 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O है O , O जबकि O इसके O पास O नवीकरणीय O जल O संसाधन O विश्वभर O के O संसाधनों O का O केवल O 4 B-NEN प्रतिशत O ही O है O । O भारत B-NEL में O 3,880 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O की O औसत O वार्षिक O वर्षा O होती O है O लेकिन O समय O और O स्थान O दोनों B-NEN दृष्टियों O से O इसमें O अत्यधिक O भिन्नता O है O । O बाष्पीकरण O के O बाद O , O यहाँ O लगभग O 2,000 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O पानी O ही O मिल O पाता O है O । O उपयोग O योग्य O जल O संसाधन O लगभग O 1,122 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O ( O 690 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O , O या O 61 B-NEN प्रतिशत O , O सतही O जल O और O 432 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O , O या O 39 B-NEN प्रतिशत O , O भूजल O ) O हैं O । O उपयोग O किए O जाने O वाले O जल O संसाधन O लगभग O 700 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O ( O सतह O जल O के O 450 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O और O भूजल O के O 250 B-NEN बिलियन I-NEN घन O मीटर O ) O हैं O । O उपयोग O किया O जाने O वाला O लगभग O 78 B-NEN प्रतिशत O पानी O कृषि O के O लिए O , O 8 B-NEN प्रतिशत O घरेलू O उपयोग O के O लिए O , O 6 B-NEN प्रतिशत O उद्योगों O के O लिए O और O शेष O 8 B-NEN प्रतिशत O अन्य O कार्यों O में O इस्तेमाल O किया O जाता O है O । O जलवायु O परिवर्तन O एक B-NEN और O बड़ी O चुनौती O बन O गया O है O । O पहला B-NEN मुद्दा O लोगों O को O पर्याप्त O मात्रा O में O पेयजल O उपलब्ध O कराना O है O । O दूसरा B-NEN मुद्दा O सिंचाई O और O उद्योगों O में O पानी O के O किफायती O उपयोग O की O दक्षता O में O सुधार O करना O है O - O पानी O की O एक B-NEN बूंद O की O बचत O से O पारिस्थितिकी O तंत्र O में O एक B-NEN और O बूंद O शामिल O होती O है O । O यह O इस O तथ्य O से O स्पष्ट O है O कि O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O जमाराशि O में O भी O अपना O एक B-NEN बडा O हिस्सा O बना O लेने O में O सफल O हो O पाये O हैं O । O पिछले O 10 B-NEN वर्षों O में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O बाजार O हिस्सेदारी O में O वृद्धि O के O लिए O योगदान O देने O वाले O कारक O मुख्य O रूप O से O दो B-NEN प्रकार O के O हैं O : O निजी O बैंकों O द्वारा O प्रौद्योगिकी O को O शुरुआती O रूप O में O अपनाने O का O एक B-NEN उदाहरण O बिक्री O मशीनों O ( O point O of O sale O ) O के O विस्तार O में O देखा O जाता O है O । O उल्लेखनीय O है O कि O इस O विविधीकरण O के O साथ O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O कुल O आय O में O 20 B-NEN प्रतिशत O योगदान O देता O है O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O यह O 14 B-NEN प्रतिशत O है O । O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O इसी O समयावधि O में O यह O अनुपात O 44 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़कर O 49 B-NEN प्रतिशत O हो O गया O है O । O कुल O लागतों O को O नियंत्रित O करना O एक B-NEN प्रमुख O प्रतिस्पर्धात्मक O लाभ O है O क्योंकि O यह O संपत्ति O पर O लाभ O को O बढ़ाता O है O जो O फर्म O को O दोनों B-NEN मोर्चों O पर O प्रदर्शन O करने O में O सक्षम O बनाता O है O । O इसने O मानव O संसाधन O चुनौती O और O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O की O चिंताओं O ( O आरबीआई O द्वारा O हाल O ही O में O परिसंपत्ति O गुणता O समीक्षा O के O बाद O ) O दोनों B-NEN में O अब O तक O उनके O पक्ष O में O काम O किया O है O जिनका O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O अनुपातहीन O रूप O से O बहुत O प्रभाव O पड़ता O है O । O हालांकि O पिछले O एक B-NEN दशक O के O दौरान O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O निजी O क्षेत्र O में O अपने O साथियों O को O पीछे O छोड़ O दिया O है O जबकि O हाल O ही O में O सरकार O द्वारा O किये O गये O ढांचागत O सुधारों O से O निश्चित O रूप O से O बेहतर O प्रदर्शन O करने O वाले O बैंकों O को O उनकी O स्थिति O को O समेकित O करने O में O मदद O मिलेगी O । O इससे O वर्तमान O में O बैंकों O की O बैलेंस O शीटों O में O अटकी O हुई O पूंजी O के O एक B-NEN बडे O हिस्से O का O उपयोग O किया O जा O सकेगा O जिससे O क्रेडिट O विस्तार O के O लिए O उनकी O भूख O कम O हो O जाएगी O । O * O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O लिए O हाल O ही O में O घोषित O 2.11 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O मूल्य O से O बडे O पैमाने O पर O पुनर्पूंजीकरण O योजना O संभावित O रूप O परिवर्तक O हो O सकती O है O । O मेरी O राय O में O यह O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बीच O प्रतिस्पर्धा O को O प्रोत्साहन O देने O का O एक B-NEN प्रभावी O तरीका O है O , O जो O अंततः O समग्र O अर्थव्यवस्था O को O लाभ O पहुंचाएगा O । O कुछ O दशक O पूर्व O जब O हम O संघीय O संरचना O की O बात O करते O थे O तो O आम O तौर O पर O मन O में O उसका O एक B-NEN आयामी O चित्र O उभरता O था O जिसमें O सभी O राज्यों O के O शीर्ष O पर O केंद्र O होता O था O । O हमने O शायद O ही O कभी O इसे O राज्यों O के O बीच O तालमेल O के O रूप O में O या O फिर O एक B-NEN साथ O विकसित O होने O और O आगे O बढ़ने O की O समान O रणनीति O के O तौर O पर O देखा O । O अनिवार्य O रूप O से O संघवाद O दो B-NEN सरकारों O - O एक B-NEN क्षेत्रीय O स्तर O पर O और O दूसरा O राष्ट्रीय O स्तर O पर O - O को O समायोजित O करने O के O लिए O एक B-NEN संस्थागत O तंत्र O है O । O भारतीय O संविधान O एक B-NEN मजबूत O केंद्र O के O साथ O संघीय O संरचना O का O प्रावधान O प्रदान O करता O है O । O दोनों B-NEN राज्य O पहली O मई O 2021 O को O अपनी O स्थापना O के O 61 B-NEN वर्ष O पूरे O कर O रहे O हैं O । O ” O इन O राज्यों O पर O प्रकाशित O लेख O पाठकों O को O पिछले O छह B-NEN दशकों O के O दौरान O उनके O विकास O और O परिवर्तन O की O यात्रा O पर O ले O जाते O हैं O । O संघवाद O को O संसाधनों O के O विकेंद्रीकरण O के O साथ O लगातार O केंद्र O और O राज्यों O के O बीच O एक B-NEN कठिन O संतुलन O बनाए O रखना O होता O है O , O कमजोर O कड़ी O पर O ध्यान O देते O हुए O सभी O को O मजबूती O प्रदान O करना O , O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O रैंकिंग O आदि O के O रूप O राज्यों O के O बीच O स्वस्थ O प्रतिस्पर्धा O पैदा O करना O है O । O इसके O पीछे O उद्देश्य O है O एक B-NEN संस्कृति O और O मूल्यों O और O आपसी O विश्वास O जैसे O नैतिक O गुणों O की O श्रेणी O विकसित O करना O और O लोगों O और O नीतियों O के O बीच O सहयोग O की O भावना O बढ़ाना O । O सार्स O - O कोव O - O 2 B-NEN से O पैदा O कोविड O - O 19 O की O वैश्विक O महामारी O कई O मायनों O में O अभूतपूर्व O है O । O इसने O केंद्र O द्वारा O प्रायोजित O 125 B-NEN योजनाओं O का O मूल्यांकन O किया O , O ताकि O उन्हें O 14वें O वित्त O आयोग O की O अवधि O से O लेकर O 15वें O वित्त O आयोग O की O अवधि O में O जारी O रखने O के O बारे O में O निर्णय O लिया O जा O सके O । O डीएमईओ B-NEO ने O व्यय O विभाग O द्वारा O 65 B-NEN से O ज्यादा O मंत्रालयों O / O विभागों O के O लिए O परिणाम O बजट O तैयार O किए O जाने O का O भी O समर्थन O किया O । O नीति O आयोग O देश O भर O में O एक B-NEN नवाचार O प्रणाली O को O प्रोत्साहन O देने O पर O भी O ध्यान O केंद्रित O कर O रहा O है O । O अटल O नवाचार O मिशन O ( O एआईएम O ) O देश O के O कोने O - O कोने O में O नवाचार O एवं O उद्यमिता O को O प्रोत्साहन O देने O वाली O नीति O आयोग O की O एक B-NEN प्रमुख O पहल O है O , O जो O आने O वाले O वर्षों O में O भारत B-NEL की O नवाचार O और O उद्यमिता O संबंधी O जरूरतों O के O बारे O में O विस्तृत O अध्ययन O और O विचार O - O विमर्श O पर O आधारित O है O । O एआईएम O ने O स्कूल O , O विश्वविद्यालय O , O उद्योग O के O स्तरों O पर O नवाचार O एवं O उद्यमिता O की O एक B-NEN समेकित O प्रणाली O की O स्थापना O के O प्रति O समग्र O दृष्टिकोण O अपनाया O है O तथा O एनजीओ O , O उद्यम O पूंजी O और O निजी O उद्योगों O को O जोड़ने O का O कार्य O प्रगति O पर O है O । O अब O तक O 7100 B-NEN से O अधिक O एटीएल O को O मंजूरी O दी O गई O है O , O जिनके O तहत O 110 B-NEN आकांक्षी O जिलों O सहित O भारत B-NEL के O 90 B-NEN प्रतिशत O जिले O कवर O हो O रहे O हैं O । O आनेवाले O वर्षों O में O भारत B-NEL को O इसी O तरह O के O प्रयास O निरंतर O जारी O रखने O होंगे O , O जिनमें O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O दोनों O को O देश O के O सबसे O जटिल O मसले O सुलझाने O तथा O वृद्धि O के O लिए O एक B-NEN साथ O आना O होगा O । O हमारी O युवा O आबादी O की O बढ़ती O महत्वाकांक्षाओं O को O पूरा O करने O के O लिए O भारत B-NEL को O अगले O तीन B-NEN दशकों O के O लिए O सकल O घरेलू O उत्पाद O - O जीडीपी O की O उच्च O वृद्धि O दर O बनाई O रखनी O होगी O । O इन O सुधारों O को O लाने O तथा O नीतिगत O कदमों O को O व्यापक O और O प्रभावपूर्ण O ढंग O से O राज्यों O की O साझेदारी O के O साथ O लागू O करने O में O भारत B-NEL की O सहायता O करने O में O नीति O आयोग O को O एक B-NEN अहम O भूमिका O निभानी O होगी O । O पिछले O छह B-NEN वर्षों O में O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O कई O साहसी O सुधार O किए O गए O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O , O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O कृषि O क्षेत्र O में O एक B-NEN महत्वपूर्ण O कानून O पास O किया O है O । O इस O प्रक्रिया O में O , O अनुपालन O का O बोझ O घटाने O , O पुरातनिक O कानूनों O को O समाप्त O करने O और O निजी O क्षेत्र O की O भागीदारी O की O सभी O संभावनाओं O को O अनुमति O देने O जैसे O इन O नवाचारी O सुधारों O को O अपने O मुताबिक O ढालने O और O लागू O करने O में O राज्य O नीति O आयोग O पर O एक B-NEN साझेदार O के O रूप O में O भरोसा O कर O सकते O हैं O । O सहकारी O संघवाद O को O मजबूती O प्रदान O करने O की O दिशा O में O नीति O आयोग O निरंतर O अपना O कार्य O जारी O रखेगा O , O इस O प्रकार O भारत B-NEL की O सफलता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O केंद्र O और O राज्य O दोनों B-NEN समान O साझेदारों O के O रूप O में O मिल O - O जुलकर O कार्य O करने O में O समर्थ O बनाता O रहेगा O । O समूचा O विश्व O आज O एक B-NEN अभूतपूर्व O युद्ध O में O उलझा O हुआ O है O । O इस O युद्ध O में O उसका O सामना O एक B-NEN नए O और O प्राणघाती O शत्रु O से O हो O रहा O है O । O इन्हें O मिला O कर O कुल O 13 B-NEN करोड़ I-NEN 24 O लाख B-NEN 85 I-NEN हजार O 386 B-NEN लोगों O के O संक्रमित O होने O की O पुष्टि O हो O चुकी O थी O । O राज्यों O के O राजकोषीय O घाटे O की O पूर्ति O के O लिए O उधार O , O वित्त O पोषण O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O स्रोत O है O । O राजकोषीय O नियंत्रण O के O लिए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O समझ O - O बूझ O के O साथ O राज्य O सरकारों O को O यह O छूट O दी O कि O वे O वित्त O वर्ष O में O अपने O सकल O राज्य O घरेलू O उत्पाद O - O जीएसडीपी O के O 3 B-NEN प्रतिशत O की O कुल O ऋण O सीमा O के O अंदर O उधार O ले O सकती O हैं O । O इससे O राज्यों O को O 4.28 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O अतिरिक्त O उधार O लेने O की O सुविधा O मिल O गई O । O चार B-NEN जन O केंद्रित O क्षेत्रों O - O “ O एक O राष्ट्र O - O एक O राशन O कार्ड O , O कारोबार O में O सुगमता O , O बिजली O क्षेत्र O और O शहरी O स्थानीय O निकायों O ” O को O सुधार O उपायों O के O लिए O चुना O गया O । O हम O विचार O करें O कि O कोई O अवसर O , O भले O ही O एक B-NEN पूरी O यात्रा O न O होता O हो O ; O किंतु O यात्रा O मार्ग O का O मील O का O ऐसा O पत्थर O जरूर O होती O है O , O जिसको O हासिल O करना O हमें O यात्रा O में O आगे O जाने O की O ऊर्जा O देता O है O । O निस्संदेह O , O जल O - O जीवन O मिशन O ने O एक B-NEN नूतन O पथ O चुना O है O । O अगर O इस O नये O पथ O की O पड़ताल O करें O तो O दो B-NEN बुनियादी O प्रश्न O उठते O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O एक B-NEN अनौपचारिक O एवं O अत्यंत O सहज O संवाद O के O दौरान O इस O अवसर O पर O उपस्थित O समस्त O एथलीटों O को O प्रेरित O किया O और O उनके O परिवारों O के O अमूल्य O त्याग O के O लिए O उनका O धन्यवाद O किया O । O प्रधानमंत्री O ने O एक B-NEN खिलाड़ी O के O रूप O में O उनकी O अब O तक O की O यात्रा O के O बारे O में O उनसे O जानकारी O प्राप्त O की O । O प्रधानमंत्री O ने O उनसे O पूछा O कि O उन्होंने O कोविड O - O 19 O और O अपने O प्रशिक्षण O को O निरंतर O जारी O रखना O दोनों B-NEN ही O लड़ाई O किस O तरह O से O लड़ीं O । O राजस्थान B-NEL सरकार O ने O राज्य O के O समग्र O स्वास्थ्य O देखभाल O और O विकास O के O नजरिए O से O चिकित्सा O देखभाल O को O प्रमुख O क्षेत्रों O में O से O एक B-NEN के O रूप O में O पहचाना O है O । O माननीय O मुख्यमंत्री O ने O वित्तीय O वर्ष O 2021 - के O बजट O भाषण O की O बिंदु O संख्या O 244 B-NEN के O माध्यम O से O नई O राजस्थान O सरकार O स्वास्थ्य O योजना O ( O आरजीएचएस O ) O की O घोषणा O की O है O । O राज्य O चिकित्सा O सुविधाओं O की O महत्वाकांक्षी O योजना O के O लिए O सभी O चिकित्सा O योजनाओं O को O एक B-NEN छत O के O नीचे O लगाना O आवश्यक O है O और O इस O प्रकार O इसे O राजस्थान O सरकारी O स्वास्थ्य O योजना O के O रूप O में O पुनर्गठन O करना O आवश्यक O है O । O जिन O कार्मिकों O को O वर्तमान O में O 2 B-NEN लाख I-NEN नए O तक O के O बीमाधन O की O सीमा O में O केवल O आईपीडी O की O सुविधा O उपलब्ध O है O , O विकल्प O भी O मिलेगा O । O इस O योजना O के O तहत O करीब O 13 B-NEN लाख I-NEN लाभार्थी O परिवारों O को O इन्डोर O , O आउटडोर O एवं O जांचों O की O कैशलेस O चिकित्सा O सुविधा O सभी O राजकीय O चिकित्सालयों O , O अनुमोदित O निजी O चिकित्सालयों O एवं O निजी O जांच O केन्द्रों O में O प्रदान O की O जाएगी O । O मुख्यमंत्री O ने O करीब O 13 B-NEN लाख I-NEN परिवारों O को O कैशलेस O चिकित्सा O सुविधा O उपलब्ध O कराने O हेतु O प्रति O लाभार्थी O परिवार O 6100 B-NEN रूपये O वार्षिक O अंशदान O की O दर O से O कुल O वित्तीय O भार O 793 B-NEN करोड़ O रूपए O वार्षिक O का O भुगतान O करने O की O भी O मंजूरी O दे O दी O है O । O जो O कार्मिक O 5 B-NEN लाख I-NEN रूपए O तक O की O कैशलेस O आईपीडी O उपचार O सुविधा O तथा O क्रिटिकल O बीमारियों O के O लिए O 5 B-NEN लाख I-NEN रूपये O तक O की O अतिरिक्त O चिकित्सा O सुविधा O एवं O 20 B-NEN हजार O रूपए O तक O की O आउटडोर O चिकित्सा O सुविधा O का O विकल्प O लेना O चाहते O हैं O , O उनसे O आरपीएमएफ O की O निर्धारित O दरों O से O लिए O जाने O वाले O सदन O के O 50 B-NEN प्रतिशत O कम O अंशदान O की O ही O वेतन O से O कटौती O की O जाएगी O । O देश O के O विभिन्न O हिस्सों O में O आर्थिक O और O सामाजिक O दोनों B-NEN स्तरों O पर O विकास O के O सूचकांकों O में O फैली O भारी O असमानता O लंबे O समय O यानी O 1960 O के O दशक O से O ही O नीति O निर्माताओं O का O ध्यान O अपनी O तरफ O खींचती O रही O है O । O कहा O तो O यह O भी O जाता O है O कि O प्रशासन O की O योग्यता O अपने O - O आप O में O एक B-NEN बड़ी O विशेषज्ञता O है O । O सबके O लिए O स्वास्थ्य O के O एक B-NEN टिकाऊ O और O असरदार O मॉडल O के O लिए O आवश्यक O स्वास्थ्य O सेवाओं O की O लागत O , O गुणवत्ता O और O सुलभता O के O बीच O सामंजस्य O रखना O बेहद O आवश्यक O है O । O महामारी O के O कोप O से O निपटने O की O वर्तमान O चुनौतियों O के O बीच O एक B-NEN बात O स्पष्ट O हो O गई O है O कि O सबके O लिए O किफायती O दाम O पर O सर्व O सुलभ O स्वास्थ्य O सेवा O परम O आवश्यक O है O । O 130 B-NEN करोड़ I-NEN से O अधिक O आबादी O वाले O भारत B-NEL जैसे O देश O में O किफायती O स्वास्थ्य O सेवा O प्रदान O करने O के O साथ O अपनी O तरह O की O चुनौतियां O जुड़ी O हुई O हैं O । O स्वास्थ्य O सेवा O को O सर्व O सुलभ O और O किफायती O बनाना O विशेषकर O इतनी O विशाल O आबादी O के O लिए O एक B-NEN बहुत O बड़ा O काम O है O और O वह O भी O तब O जब O तृतीयक O स्तर O पर O यह O सेवा O सुलभ O करानी O हो O । O विश्व O में O अपनी O तरह O के O सबसे O विशाल O स्वास्थ्य O सेवा O कार्यक्रम O का O उद्देश्य O सबके O लिए O स्वास्थ्य O के O दो B-NEN स्तंभों O - O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O की O मजबूती O और O स्वास्थ्य O कवरेज O प्रदान O करना O - O को O सशक्त O करना O है O । O टीकाकरण O के O बारे O में O समय O पर O , O सटीक O और O पारदर्शी O जानकारी O का O प्रसार O करने O के O लिए O ग्रामीण O पंजाब B-NEL में O एक B-NEN प्रभावी O संचार O और O जागरूकता O कार्यनीति O शुरू O की O गई O थी O । O यह O ग्रामीण O आबादी O को O किसी O भी O तरह O की O दहशत O से O बचाने O के O लिए O फर्जी O खबरों O और O अफवाहों O पर O लगाम O लगाने O की O दिशा O में O भी O एक B-NEN कदम O था O । O पंजाब B-NEL सरकार O के O ' O कोरोना O मुक्त O पिंड O अभियान O ' O के O तहत O 100 B-NEN प्रतिशत O टीकाकरण O लक्ष्य O प्राप्त O करने O वाले O प्रत्येक O ब्लॉक O के O पहले O गांव O को O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O का O विशेष O विकास O अनुदान O देकर O पंजाब O सरकार O ग्रामीणों O को O टीका O हिचकिचाहट O छोड़ने O के O लिए O प्रोत्साहित O कर O रही O है O । O ऐसा O करने O वाली O लेखिकाएं O एक B-NEN विधा O तक O सीमित O नहीं O थीं O । O यह O पीढ़ी O यह O जानती O है O कि O वह O एक B-NEN ऐसे O समय O में O जी O रही O है O जो O अत्यंत O हिंसक O है O और O जिसमें O हर O चीज़ O बिकाऊ O है O । O नई O पीढ़ी O के O अधिकांश O रचनाकार O चाहे O वे O कवि O हों O या O कथाकार O , O यह O महसूस O करते O हैं O कि O वे O एक B-NEN संकटग्रस्त O समय O और O समाज O में O जी O रहे O हैं O , O इसलिए O उस O संकट O को O समझने O , O उसके O कारणों O की O खोज O करने O और O उससे O मुक्त O होने O की O चिंता O उनकी O रचनाओं O में O दिखाई O देती O है O । O भूमंडलीकरण O और O सांस्कृतिक O राष्ट्रवाद O के O दो B-NEN पाटों O के O बीच O में O पड़ी O नई O पीढ़ी O की O रचनाओं O में O कहीं O आक्रोश O है O तो O कहीं O अवसाद O , O कहीं O हताशा O है O तो O कहीं O तनाव O । O भारतीय O ओलंपिक O संघ O ने O टोक्यो B-NEL ओलम्पिक O में O पदक O जीतने O वाले O एथलीटों O के O लिए O इनाम O की O घोषणा O की O है O । O भारत B-NEL का O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O ( O Central O Vigilance O Commission O ( O CVC O ) O ) O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O विभिन्न O विभागों O के O अधिकारियों O / O कर्मचारियों O से O सम्बन्धित O भ्रष्टाचार O नियंत्रण O की O सर्वोच्च O संस्था O है O । O खेलो O इंडिया B-NEL कार्यक्रम O : O भारत B-NEL ने O पिछले O कुछ O वर्षों O में O खेल O के O क्षेत्र O में O लगातार O प्रगति O की O है O । O पुर्तगाली O , O फ्रेंच O , O डच O और O अंग्रेज़ O शासकों O के O भारत B-NEL में O आने O के O साथ O ही O कला O - O प्रस्तुति O दरबारों O से O हटकर O , O यूरोपीय O शासकों O के O मनोरंजन O के O लिए O , O छोटे O ' O हॉलों O ' O में O होने O लगी O । O अफगान O युद्धों O से O लेकर O सारागढ़ी B-NEL की O लड़ाई O तक O जहां O मुट्ठी O भर O सिख O सैनिकों O ने O अपने O से O कई O गुना O संख्या O वाली O शत्रु O सेना O के O हमले O का O मुंहतोड़ O जवाब O दिया O और O एशिया B-NEL तथा O अफ्रीका B-NEL में O अनेक O ब्रिटिश O आक्रमणों O में O भी O भारतीय O सैनिकों O ने O वीरता O के O सर्वोच्च O मानक O स्थापित O किए O । O तभी O भारत B-NEL खेल O महाशक्ति O बनने O के O अपने O सपने O को O साकार O कर O सकता O है O । O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 1 I-NEAR की O सफलता O से O उत्साहित O , O इसरो B-NEO ने O मंगल B-NEL ग्रह O पर O भेजने O के O लिए O मानवरहित O अंतरिक्ष O यान O बनाने O , O प्रक्षेपित O करने O और O नेविगेट O करने O की O भारत B-NEL की O क्षमता O का O प्रदर्शन O करने O के O लिए O मंगल O ओर्बिटर O मिशन O को O संपादित O करने O का O प्रयास O किया O । O इसके O साथ O ही O इसरो B-NEO सफलतापूर्वक O मंगल B-NEL की O कक्षा O में O अंतरिक्ष O यान O भेजने O वाली O चौथी O अंतरिक्ष O एजेंसी O बन O गया O है O । O इससे O पूर्व O उत्तर B-NEL भारत I-NEL में O पखावज B-NEAR , O दक्षिण O भारतीय O संगीत O के O लिए O मृदंगम B-NEAR और O पूर्बी O भारत O में O पुंग B-NEAR और O ढोल B-NEAR का O चलन O था O । O भारत B-NEL के O राष्ट्रपति O निम्नांकित O दशाओं O में O आयोग O के O अध्यक्ष O अथवा O उसके O सदस्यों O को O पद O से O विमुक्त O कर O सकते O हैं O - O उन्होंने O खुद O वायलिन B-NEAR सीखकर O इस O वाद्य O यंत्र O को O कर्नाटक B-NEL संगीत O के O अनुरूप O बनाया O । O व्यवसाय O के O समानांतर O ऋण O बाजार O मारवाडियों O के O अलावा O पंजाब B-NEL , O सिंध B-NEL और O मुल्तान B-NEL के O व्यापारी O भी O बैंकिंग O का O काम O किया O करते O थे O । O आज O शुद्ध O कर्नाटक B-NEL शास्त्रीय O संगीत O में O वायलिन O का O बहुत O उपयोग O होता O है O । O ये O भारतीय O व्यापारी O भारत B-NEL के O अंदर O ही O नहीं O विदेशों O में O भी O बैंकिंग O किया O करते O थे O । O इसके O बाद O से O , O क्लैरिओनेट B-NEAR , O मेंडोलीन B-NEAR और O पियानो B-NEAR जैसे O पाश्चात्य O वाद्य O - O यंत्रों O को O कर्नाटक B-NEL संगीत O के O अनुरूप O बनाया O जाता O रहा O है O । O भारत B-NEL ने O लगभग O सभी O प्रमुख O क्षेत्रों O में O कृषि O उत्पादन O बढ़ाने O में O शानदार O कार्य O किया O है O । O हिंदुस्तानी O और O कर्नाटक B-NEL संगीत O - O भंडार O इस O समय O बहुत O समृद्ध O है O , O हालांकि O इसके O कुछ O दुर्लभ O रत्न O विलुप्त O हो O गए O हैं O । O इस O पत्र O की O दूसरी O ओर O रोमन O व्यापारी O द्वारा O मुसीरी B-NEL में O व्यावसायिक O कर्ज O लिया O जाना O लिखा O है O । O ऐसे O में O स्वाभाविक O रूप O से O भावी O उपाय O के O रूप O में O भारत B-NEL को O नयी O टेक्नोलॉजी O के O विकास O के O लिए O अनुसंधान O और O विकास O तथा O नवाचार O को O सुदृढ़ O करना O होगा O । O अंग्रेजों O द्वारा O जब O पूरे O भारत B-NEL का O आर्थिक O शोषण O किया O जा O रहा O था O , O उस O काल O में O देश O में O अधिकतम O अकाल O पड़े O और O अभाव O के O उस O काल O में O ये O व्यवस्थाएं O चरमरा O गयी O । O उन्होंने O कहा O कि O यह O भवन O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL के O सृजन O का O गवाह O होगा O । O प्रधानमंत्री O सहकारी O संघवाद O के O सिद्धांत O के O साथ O ही O “ O न्यूनतम O सरकार O , O अधिकतम O शासन O ' O के O मॉडल O को O अपनाते O हुए O कोविड O 19 O समेत O विभिन्न O चुनौतियों O के O बीच O भारत B-NEL का O नयी O ऊंचाइयों O की O ओर O नेतृत्व O कर O रहे O हैं O । O देखा O जाए O तो O यूरोप B-NEL में O विकसित O आधुनिक O बैंकिंग O के O पहले O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O में O कभी O भी O कोई O केंद्रीय O व्यवस्था O नहीं O रही O है O । O भारत B-NEL में O औद्योगिक O विकास O आसान O नहीं O रहा O है O । O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O औपनिवेश O शासन O के O आगमन O के O बाद O भारतीय O हस्तशिल्प O उद्योग O तबाह O हो O गया O । O ब्रिटेन B-NEL में O औद्योगिक O क्रांति O के O बाद O मशीन O से O बने O सामान O भारतीय O बाजारों O में O छा O गये O । O ब्रिटिश O नीति O ने O ब्रिटेन B-NEL से O तैयार O सामान O के O आयात O और O भारत B-NEL से O कच्चे O माल O के O निर्यात O को O प्रोत्साहित O किया O । O उत्तर B-NEL भारत I-NEL में O लगभग O सर्वत्र O इसे O कमिटी O कहा O जाता O है O और O देश O के O लगभग O सभी O व्यावसायिक O लोग O इसे O खेलते O ही O हैं O । O भारत B-NEL में O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O : O भारत B-NEL में O इस O सिलसिले O में O कई O तरह O के O कार्यक्रम O चलाए O जा O रहे O हैं O । O हालांकि O कमिटी O की O यह O व्यवस्था O सरकारी O तंत्र O के O अनुसार O गैरकानूनी O ही O मानी O जाती O है O और O इसलिए O इसमें O किसी O प्रकार O की O धोखाधड़ी O होने O पर O उसे O सरकार O से O न्याय O नहीं O मिल O सकता O , O परंतु O फिर O भी O यह O लघु O बैंकिंग O प्रणाली O आज B-NEL भी O आधुनिक O बैंकों O से O कहीं O अधिक O व्यापक O है O । O सूचना O का O अधिकार O कानून O लागू O होते O ही O भारत B-NEL में O जबरदस्त O क्रांतिकारी O बदलाव O का O युग O आ O गया O । O लेखक O भारतीय B-NEO कृषि I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO , O नई B-NEL दिल्ली I-NEL के O मुख्य O संपादक O रह O चुके O हैं O । O इसलिए O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O की O ही O देन O थी O कि O जिस O कालखंड O को O भारत B-NEL की O राजनीतिक O गुलामी O का O दौर O कहा O जाता O है O , O उस O दौर O में O भी O भारत B-NEL दुनिया O में O सबसे O बड़ी O आर्थिक O महाशक्ति O था O । O * O यह O समिट O दक्षिण B-NEL एशिया I-NEL में O पहली O बार O आयोजित O की O गई O है O । O स्पेन B-NEL में O सुशासन O की O संहिता O की O परिकल्पना O है O जिसके O तहत O सरकार O के O सदस्य O और O सामान्य O राज्य O प्रशासन O के O वरिष्ठ O अधिकारी O निर्धारित O सिद्धांतों O का O पालन O करते O हुए O संविधान O और O बाकी O कानूनी O प्रणाली O के O अनुसार O अपनी O गतिविधियों O को O अंजाम O देंगे O । O * O यह O आयोजन O मात्र O सिलिकॉन B-NEL वैली I-NEL को O हैदराबाद B-NEL से O सम्पृक्त O ही O नहीं O कर O रहा O अपितु O यह O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमरीका I-NEL और O भारत B-NEL के O घनिष्ठ O संबंधों O का O भी O परिचायक O है O । O आप O भारत B-NEL के O रूपांतरण O का O माध्यम O और O साधन O हैं O । O * O विश्व O के O अन्य O भागों O से O आए O अपने O उद्यमी O मित्रों O से O मैं O कहना O चाहता O हूं O कि O आइए O मेक O इन O इंडिया O भारत B-NEL में O निवेश O कीजिए O , O भारत B-NEL के O लिए O और O विश्व O के O लिए O । O मैं O तुर्कमेनिस्तान B-NEL के O महामहिम O राष्ट्रपति O का O मेरे O और O मेरे O प्रतिनिधिमंडल O का O गर्मजोशी O से O स्वागत O करने O और O आतिथ्य O सत्कार O करने O के O लिए O प्रशंसा O करता O हूँ O और O आभार O भी O व्यक्त O करता O हूँ O । O आजादी O के O समय O भारत B-NEL के O नीति O - O निर्माताओं O ने O सभी O क्षेत्रों O के O मजदूरों O और O कामगारों O के O लिए O कल्याण O एवं O सामाजिक O सुरक्षा O की O कल्पना O की O थी O । O 2. O हमारी O दूसरी O सबसे O बड़ी O उपलब्धि O भारत B-NEL और O तुर्कमेनिस्तान B-NEL के O बीच O राजनयिक O संबंधों O की O स्थापना O की O 30वीं O वर्षगांठ O है O । O ये O सभी O कार्यक्रम O व्यक्ति O के O स्वास्थ्य O और O आरोग्य O से O संबंधित O विभिन्न O पहलुओं O में O सुधार O करने O और O भारत B-NEL में O जीवन O की O संभावना O ( O आयु O ) O बढ़ाने O की O बुनियादी O आवश्यकता O पर O केन्द्रित O हैं O । O इन O सब O प्रयासों O के O अलावा O भारत B-NEL में O विभिन्न O कार्यक्रमों O और O नीतियों O के O माध्यम O से O तपेदिक O और O मलेरिया O जैसी O पुरानी O चली O आ O रही O बीमारियों O पर O अंकुश O लगाने O पर O अधिक O से O अधिक O ध्यान O दिया O जा O रहा O है O । O उसने O भारत B-NEL में O संसदीय O शासन O व्यवस्था O या O उत्तरदायी O सरकार O की O स्थापना O का O स्पष्ट O विरोध O किया O । O उसने O कहा O ‘ O यदि O यह O कहा O जाये O कि O सुधारों O के O इस O अध्याय O से O भारत B-NEL में O सीधे O अथवा O अवश्यंभावी O संसदीय O व्यवस्था O स्थापित O करने O अथवा O होने O में O सहायता O मिलेगी O तो O मेरा O इससे O कोई O संबंध O नहीं O होगा O ’ O । O हालांकि O , O सिक्किम B-NEL इसमें O शामिल O नहीं O है O । O इसका O सबसे O अच्छा O उदाहरण O , O वर्तमान O महामारी O के O संदर्भ O में O देखने O को O मिलता O है O , O जब O भारत B-NEL महामारी O का O सामना O करने O और O सबके O लिए O स्वास्थ्य O सेवा O सुलभ O कराने O की O दिशा O में O किफायती O समाधानों O के O नए O रास्ते O खोलने O में O सबसे O आगे O है O । O जहां O तक O सिक्किम B-NEL का O सवाल O है O , O तो O उसके O सरकारी O कर्ज O के O प्रबंधन O के O लिए O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO से O उसका O सीमित O समझौता O है O । O इस O दिशा O में O , O हमने O अंतर्राष्ट्रीय O उत्तर O दक्षिण O परिवहन O गलियारे O ( O INSTC O ) O और O अंतर्राष्ट्रीय O परिवहन O और O पारगमन O गलियारे O पर O अश्गाबात B-NEL समझौते O के O महत्व O पर O प्रकाश O डाला O । O मैंने O बताया O कि O ईरान B-NEL में O भारत B-NEL द्वारा O निर्मित O चाबहार B-NEL बंदरगाह I-NEL का O उपयोग O भारत B-NEL और O मध्य B-NEL एशिया I-NEL के O बीच O व्यापार O को O और O बेहतर O बनाने O के O लिए O किया O जा O सकता O है O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL की O दिशा O में O भी O ये O कदम O अनुकूल O हैं O । O उन्होंने O सभी O के O लिये O प्राथमिक O शिक्षा O , O सरकार O की O दमनकारी O नीतियों O की O आलोचना O तथा O दक्षिण B-NEL अफ्रीका I-NEL में O भारतीय O मजदूरों O पर O हो O रहे O अत्याचार O जैसे O मुद्दों O को O उठाकर O इस O मंच O का O सही O अर्थों O में O उपयोग O किया O । O यद्यपि O इस O अधिनियम O द्वारा O चुनाव O प्रणाली O के O सिद्धांत O को O भारत B-NEL में O पहली O बार O मान्यता O मिली O , O गवर्नर O जनरल O की O कार्यकारी O परिषद O में O पहली O बार O भारतीयों O को O प्रतिनिधित्व O मिला O तथा O केन्द्रीय O एवं O प्रांतीय O विधान O परिषदों O के O सदस्यों O को O कुछ O सिमित O अधिकार O प्रदान O किए O गए O किन्तु O अधिनियम O की O औसत O उपलब्धियां O नगण्य O ही O रहीं O । O मैंने O तुर्कमेनिस्तान B-NEL को O डिजिटलीकरण O की O दिशा O में O उसके O साथ O भागीदारी O करने O की O भारत B-NEL की O तत्परता O से O अवगत O कराया O । O तमू B-NEL ( I-NEL म्यांमार I-NEL ) O के O ठीक O सामने O मोरेह B-NEL ( I-NEL मणिपुर I-NEL ) I-NEL में O आईसीपी O माल O और O लोगों O की O आवाजाही O का O समर्थन O करता O है O । O जोखावथर B-NEL ( I-NEL मिजोरम I-NEL ) I-NEL में O एलसीएस O पहले O से O ही O चालू O है O । O आईसीपी O मोरेह B-NEL की O दर्पण O सुविधा O के O रूप O में O आईसीपी O तमू B-NEL के O निर्माण O के O प्रस्ताव O को O मंजूरी O दे O दी O गई O है O । O भारत B-NEL के O औपनिवेशीकरण O से O पहले O हमारे O देश O में O अनौपचारिक O ढांचे O वाली O गुरुकुल O शिक्षा O प्रणाली O प्रचलित O थी O । O नालंदा B-NEL और O तक्षशिला B-NEL के O काल O में O भारत B-NEL में O उच्चतर O शिक्षा O ज्यादा O समग्र O और O समाज O से O जुड़ी O हुई O थी O । O ब्रिटिश O शिक्षा O प्रणाली O का O ढांचा O औपचारिक O था O और O इसने O भारत B-NEL में O शिक्षा O के O विकास O में O बहुत O योगदान O किया O । O भारत B-NEL में O विश्वविद्यालय O , O महाविद्यालय O और O विद्यालय O स्तर O पर O शिक्षा O के O ढांचे O का O निर्माण O और O विकास O इसी O प्रणाली O के O अनुसार O हुआ O है O । O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O में O हो O रही O समस्याओं O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O जल O जीवन O मिशन O , O भारत B-NEL में O डिजिटल O क्रांति O का O लाभ O उठा O रहा O है O । O भारत B-NEL में O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O में O कई O समस्याओं O का O सामना O करना O पड़ता O है O जैसे O स्रोतों O का O असमय O सूखना O , O खराब O गुणवत्ता O का O कच्चा O पानी O , O पंपों O के O संयोजन O में O विफलता O या O पंप O द्वारा O अपर्याप्त O ग्रहण O , O अपर्याप्त O जल O , O या O ट्रीटमेंट O प्लांट O में O खराब O गुणवत्ता O वाले O पानी O का O उत्पादन O , O जल O भंडारण O इकाई O से O पानी O का O बहना O , O लगातार O पानी O का O रिसाव O और O छोटे O - O छोटे O रिसाव O को O ढूंढना O , O और O पाइप O में O अपर्याप्त O दबाव O आदि O । O (( O म्यांमार - में O एलसीएस O रिहखवदार B-NEL से O मिजोरम B-NEL में O एलसीएस O जोखावथर B-NEL तक O चलने O वाले O मौजूदा O बेली B-NEL पुल O के O आधुनिकीकरण O पर O विचार O किया O जा O रहा O है O । O इसके O अलावा O , O टोरंटो O इंटरनेशनल O फिल्म O फेस्टिवल O की O सहायता O से O आईएफएफआई O 2017 O में O कनाडा B-NEL पर O विशेष O ध्यान O दिया O गया O । O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL , O मणिपुर B-NEL , O मिजोरम B-NEL और O नागालैंड B-NEL में O कई O स्थानों O पर O म्यांमार B-NEL के O साथ O सीमावर्ती O हाट O बनायीं O या O संचालित O की O जा O रही O हैं O । O इसके O पीछे O भारतीय B-NEL उप I-NEL - I-NEL महाद्वीप I-NEL की O भाषाई O सघनता O और O किसी O भाषा O और O सांस्कृतिक O धारा O से O ग्रहण O कर O लेने O और O अपना O लेने O की O सहज O प्रवृत्ति O रही O है O । O भारत B-NEL जैसे O विस्तृत O और O विविधता O से O भरे O देश O में O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O प्रणाली O का O प्रभावी O ढंग O से O निगरानी O और O प्रबंधन O चुनौतिपूर्ण O कार्य O है O । O भारत B-NEL में O विदेशी O बैंकों O की O संख्या O काफी O कम O है O । O क्या O होता O है O जब O उत्तर B-NEL - I-NEL पूर्व I-NEL , O बांग्लादेश B-NEL , O नेपाल B-NEL , O भूटान B-NEL और O म्यांमार B-NEL अधिक O गहराई O से O आपस O में O जुड़ O जाते O हैं O ? O यह O फिल्म O तिरकित B-NEL में O फंसे O भारतीय O की O रिहाई O पर O आधारित O है O । O मिसाल O के O तौर O पर O चीन B-NEL में O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O पर O काफी O फोकस O किया O गया O । O इसमें O चेक B-NEL डैम I-NEL , O जल O संचयन O गड्ढे O और O छत O पर O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाएं O आदि O बनाना O शामिल O है O । O मध्यकाल O के O दौरान O बड़ी O संख्या O में O भाषाओं O में O और O मानव O प्रयासों O के O लगभग O सभी O विषयों O पर O साहित्य O की O विविधता O का O उद्भव O इस O काल O को O भारत B-NEL के O स्वर्णिम O युग O के O रूप O में O दर्शाता O है O । O यह O यूरोप B-NEL और O पश्चिम O के O बिल्कुल O विपरीत O है O , O जहां O मध्य O काल O को O अंधकार O युग O के O रूप O में O जाना O जाता O है O । O धार्मिक O , O वैज्ञानिक O तथा O आर्थिक O साहित्य O और O राजनीति O विज्ञान O , O कविता O , O नाटक O , O कहानियां O तथा O प्रत्येक O संबद्ध O क्षेत्र O ने O इस O अवधि O के O दौरान O भारत B-NEL में O प्रसिद्धि O प्राप्त O की O । O इसलिए O , O भारत B-NEL के O महाकाव्य O - O रामायण B-NEAR और O महाभारत B-NEAR , O उप O - O महाद्वीप O में O सबसे O अधिक O रूपांतरित O रचनाओं O में O शामिल O थे O । O आधुनिक O भारत B-NEL में O सिनेमा O , O कहानियां O सुनाने O के O सशक्त O माध्यम O के O तौर O पर O मौजूद O है O , O लेकिन O उसमें O बेहतरीन O कहानियां O और O उनकी O संवेदनशीलता O गायब O हैं O । O इस O क्षेत्र O में O प्रतिस्पर्धा O तेज O करने O और O नवाचार O के O लिए O भारत B-NEL को O प्राइवेट O और O विदेशी O खिलाड़ियों O को O प्रोत्साहित O करना O चाहिए O । O 2. O मैं O इस O अवसर O पर O संयुक्त B-NEL अरब I-NEL अमीरात I-NEL के O प्रतिनिधिमंडल O को O इस O महीने O के O लिए O परिषद O का O सशक्त O नेतृत्व O करने O और O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO तथा O अरब O लीग O के O बीच O सहयोग O पर O परिषद O में O राष्ट्रपति O के O वक्तव्य O को O प्रभावी O तरीके O से O प्रस्तुत O करने O के O लिए O बधाई O देता O हूं O । O सत्ता O के O विभाजन O के O साथ O भारत B-NEL की O यात्रा O व्यापक O और O फायदेमंद O रही O है O और O सभी O नेताओं O ने O पदानुक्रम O के O विभिन्न O स्तरों O पर O हितधारकों O को O बनाकर O हर O दृष्टिकोण O को O समायोजित O करने O के O साथ O - O साथ O नीतियों O की O दक्षता O सुनिश्चित O करने O का O प्रयास O किया O है O । O हिंद B-NEL महासागर I-NEL के O माध्यम O से O भारत B-NEL और O अरब O क्षेत्र O के O बीच O व्यापार O आधुनिक O वाणिज्य O की O शुरुआत O से O पहले O भी O कई O शताब्दियों O तक O फलता O - O फूलता O रहा O । O इन O कहानियों O में O भारत B-NEL की O विविधता O को O बेहतर O ढंग O से O नहीं O पेश O किया O गया O है O । O क्षेत्रीय O सिनेमा O की O खूबसूरती O यही O है O कि O यह O वास्तविक O भारत B-NEL की O कहानियां O कहने O की O कोशिश O करता O है O । O इसी O तरह O , O असम B-NEL या O बंगाल B-NEL का O कोई O शख्स O मलयालम O , O गुजराती O या O मराठी O फिल्म O को O लेकर O उत्साहित O हो O , O इसकी O संभावना O बेहद O कम O होती O है O । O इससे O प्रतीत O होता O है O कि O आयात O शुल्क O को O इस O तरह O बढ़ाया O जाना O चाहिए O कि O आयातित O वस्त्र O उत्पादों O की O लागत O भारत B-NEL में O बन O रहे O वस्त्र O उत्पादों O की O लागत O के O बराबर O ही O रही O । O हम O सहयोग O के O ऐसे O सकारात्मक O प्रयास O पर O जोर O देते O हैं O , O जिसमें O काहिरा B-NEL में O संयुक्त O राष्ट्र O संपर्क O कार्यालय O और O इस O परिषद O के O महासचिव O द्वारा O वार्षिक O ब्रीफिंग O आयोजित O किया O जाना O शामिल O है O । O 10. O जब O पश्चिम B-NEL एशिया I-NEL में O शांति O प्रक्रिया O की O बात O आती O है O तो O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अरब O लीग O के O बीच O सहयोग O काफी O महत्वपूर्ण O हो O जाता O है O । O भारत B-NEL में O नागरिक O घोषणापत्र O इसमें O भारत B-NEL में O बड़ी O संख्या O में O पहले O से O मौजूद O वैसे O उपभोग O करों O को O शामिल O कर O लिया O गया O है O जिनका O प्रबंधन O केन्द्र O और O राज्य O अलग O - O अलग O करते O थे O । O इसके O कुछ O संस्करण O संयुक्त O राष्ट्र O , O कनाडा B-NEL , O यू. B-NEL के. I-NEL , O फिनलैंड B-NEL भारत B-NEL पोलैंड B-NEL , O जर्मनी B-NEL , O स्वीडन B-NEL , O नार्वे B-NEL और O स्पेन B-NEL में O लागू O किये O गए O हैं O । O भारत B-NEL इस O क्षेत्र O के O देशों O के O बीच O संबंधों O को O सामान्य O बनाए O जाने O के O समझौतों O का O स्वागत O करता O है O । O अध्यक्ष O महोदय O , O 11. O मैं O इस O क्षेत्र O की O भलाई O के O लिए O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अरब O लीग O के O बीच O घनिष्ठ O , O सार्थक O और O निरंतर O सहयोग O के O लिए O भारत B-NEL के O दृढ़ O समर्थन O को O व्यक्त O करते O हुए O अपनी O बात O समाप्त O करना O चाहूंगा O । O भारत B-NEL क्षेत्रीय O शांति O , O स्थिरता O और O समृद्धि O के O प्रयासों O में O तथा O आतंकवाद O का O मुकाबला O करने O और O सहिष्णुता O और O बहुलवाद O को O बढ़ावा O देने O में O अरब O लीग O के O साथ O काम O करना O जारी O रखेगा O । O इससे O करों O का O श्रृंखलाबद्ध O प्रभाव O खत्म O होगा O और O विश्व O बाजार O में O भारत B-NEL से O निर्यात O ज्यादा O प्रतिस्पर्धी O बनेगा O । O तमिलनाडु B-NEL में O कोयंबटूर B-NEL जिले O की O ग्राम O पंचायत O ने O इस O दिशा O में O उल्लेखनीय O प्रयास O किया O है O । O नागरिक O घोषणापत्र O के O मामले O में O ब्रिटेन B-NEL ने O सबसे O पहले O पहल O की O थी O । O सिंधु B-NEL नदी O के O पार O के O उत्तर O भारतीय O क्षेत्र O के O लोग O हिंदू O और O उनकी O भाषा O हिंदी O कहलाई O । O ब्रिटेन B-NEL की O इस O पहल O से O कई O देशों O ने O इस O राह O पर O चलने O की O कोशिश O की O । O मसलन O बेल्जियम B-NEL में O इसे O पब्लिक O सर्विस O यूजर्स O चार्टर O , O फ्रांस B-NEL में O सर्विस O चार्टर O और O स्पेन B-NEL में O क्वॉलिटी O ऑब्जरवेटरी O नाम O दिया O गया O । O मौजूदा O समय O में O भारत B-NEL के O सामने O अंतर O - O संचालकता O , O अवसंरचना O , O डिजिटल O विभाजन O और O कोविड O 19 O जैसी O वैश्विक O महामारी O की O चुनौतियां O हैं O । O उनके O काम O का O दायरा O बहुत O विस्तृत O है O जिसमें O राजनैतिक O महत्व O के O प्रमुख O मुद्दों O पर O भारत B-NEL के O हितों O को O बनाए O रखना O और O विभिन्न O देशों O में O जा O रहे O अथवा O वहां O से O आ O रहे O भारतीय O नागरिकों O की O मदद O करना O है O । O वैश्विक O राजनीति O में O प्रमुख O ताकत O बनने O का O संकल्प O रखने O वाली O भारत B-NEL जैसी O उभरती O विश्व O - O शक्ति O के O लिए O तो O यह O खास O तौर O से O महत्वपूर्ण O है O और O इस O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O के O लिए O प्रयासरत O है O । O भारतीय B-NEO विदेश I-NEO सेवा I-NEO के O अंतर्गत O कार्यरत O भारतीय O राजनयिकों O ने O भारत B-NEL को O विश्व O - O शक्ति O बनाने O की O दिशा O में O कारगर O भूमिका O निभाई O है O । O इस O दौर O में O , O इस O सेवा O ने O भारत B-NEL को O वैश्विक O महत्व O का O आधुनिक O राष्ट्र O - O राज्य O बनते O देखा O है O । O मूलतः O भारतीय B-NEO विदेश I-NEO सेवा I-NEO के O अधिकारी O भारतीय B-NEO दूतावासों I-NEO , O उच्चायोगों O , O कोंसुलेटों O और O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO जैसे O बहुपक्षीय O संगठनों O में O भारत B-NEL का O प्रतिनिधित्व O करते O हैं O । O ये O अधिकारी O अपनी O तैनाती O के O देश O में O भारत B-NEL के O हितों O की O रक्षा O करते O हैं O ; O उन O देशों O और O वहां O रहने O वाले O प्रवासी O भारतीयों O / O भारतीय O मूल O के O लोगों O सहित O उन O देशों O के O नागरिकों O से O मैत्रीपूर्ण O सम्बन्धों O को O प्रगाढ़ O बनाने O के O लिए O प्रयास O करते O हैं O ; O उनकी O तैनाती O के O देश O के O घटना O - O क्रम O के O बारे O में O प्रामाणिक O तरीके O से O रिपोर्ट O पेश O करते O हैं O ताकि O भारत B-NEL की O नीतियां O उसी O के O अनुरूप O तय O की O जा O सकें O ; O तैनाती O के O देश O या O संगठन O के O साथ O विभिन्न O मुद्दों O पर O चर्चा O और O समझौते O , O करार O आदि O करने O की O प्रक्रिया O में O हिस्सेदारी O करते O हैं O तथा O विदेश O में O भारतीयों O तथा O वहां O के O नागरिकों O को O काउंसलर O सेवाएं O प्रदान O करते O हैं O । O आज O का O भारत B-NEL प्रमुख O विश्व O - O शक्ति O बनने O का O आकांक्षी O है O और O अपनी O भौगोलिक O सीमाओं O के O बाहर O भी O अपने O प्रभाव O - O क्षेत्र O का O विस्तार O करना O चाहता O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O अपने O संवाद O - O संपर्कों O का O विस्तार O कर O , O भारत B-NEL अब O नियमों O के O मात्र O पालनकर्ता O से O बढ़ O कर O नियम O - O निर्माता O बनने O का O आकांक्षी O है O । O यही O गुण O , O न्यू O इंडिया B-NEL के O भी O हैं O । O सभी O एथलीट O नए O भारत B-NEL का O प्रतिनिधित्व O करते O हैं O और O वे O देश O के O भविष्य O का O प्रतीक O हैं O । O उन्होंने O कहा O कि O फिट O इंडिया B-NEL और O खेलो O इंडिया B-NEL जैसे O अभियानों O ने O इसमें O योगदान O दिया O । O बिहार B-NEL - O (( O गुजरात - समुद्री O जल O को O पीने O लायक O बनाने O के O लिये O विलवणीकरण O संयंत्र O लगाने O वाला O तमिलनाडु B-NEL के O बाद O दूसरा O राज्य O है O । O ऑस्ट्रेलिया B-NEL के O जंगलों O में O लगी O व्यापक O आग O को O बुझाना O काफी O कठिन O था O । O भारत B-NEL में O स्टार्टअप O संस्कृति O का O जबर्दस्त O विकास O हुआ O है O । O झारखंड B-NEL एवं O छत्तीसगढ़ B-NEL - O भारत B-NEL में O विश्व O में O सबसे O अधिक O भूजल O का O इस्तेमाल O होता O है O । O गुजरात B-NEL - O राजस्थान B-NEL - O राज्य O में O पहली O रो O रो O नौका O सेवा O भावनगर B-NEL में O घोघा B-NEL से O दक्षिण O गुजरात O में O दहेज B-NEL तक O शुरू O की O गयी O । O तमिलनाडु B-NEL - O भारत B-NEL का O “ O आधार O " O विश्व O का O सबसे O बडा O बायोमेट्रिक O डाटाबेस O बन O गया O है O । O सौर O छत O लगाने O के O मामले O में O गुजरात B-NEL सबसे O आगे O है O । O हमारे O संविधान O ने O अपने O नागरिकों O को O विभिन्न O अधिकार O दिए O हैं O , O लेकिन O लोगों O की O रोजमर्रा O की O तकलीफें O दूर O करने O की O प्रभावशाली O प्रणाली O नहीं O होना O आज O भी O भारत B-NEL में O प्रशासन O की O कमजोरी O है O । O पर O आज O भारत B-NEL में O औद्योगिक O व्यवस्था O पूंजीपतियों O में O सिमटती O जा O रही O है O । O इस O सिलसिले O में O पहले O जिन O जिलों O की O पहचान O की O गई O थी O , O उनमें O मुख्य O तौर O पर O अविभाजित O बिहार B-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O राजस्थान B-NEL के O जिले O शामिल O थे O । O कोरोना O और O इससे O जुडे O खर्चे O को O राष्ट्रीय O सामाजिक O सुरक्षा O योजना O के O दायरे O में O शामिल O किया O गया O और O इस O महामारी O के O दुष्प्रभावों O को O नियंत्रित O करने O में O थाइलैंड B-NEL काफी O हद O तक O सफल O रहा O । O यूएचसी O हासिल O करने O के O लिए O रणनीतिक O तौर O पर O सीमित O संसाधनों O का O इस्तेमाल O करने O में O वियतनाम B-NEL का O प्रदर्शन O शानदार O रहा O । O हालांकि O , O सूडान B-NEL का O कहना O है O कि O अदालत O के O पास O इस O मामले O पर O कोई O अधिकार O - O क्षेत्र O नहीं O है O , O और O संदिग्धों O को O सौंपने O से O इन्कार O कर O दिया O । O वियतनाम B-NEL ने O एहितायत O के O तौर O पर O महामारी O से O पहले O ही O इमरजेंसी O स्तर O पर O तैयारी O शुरू O कर O दी O थी O । O मामलों O की O निगरानी O और O अपने O प्रदर्शन O के O मूल्यांकन O के O मामले O में O भी O वियतनाम B-NEL अग्रणी O रहा O है O । O * O आईटीआई B-NEO और O पॉलिटेक्निक O के O विद्यार्थियों O को O भारत B-NEL के O एमएसएमई O क्षेत्र O को O और O मजबूत O करने O के O लिए O अपने O अभिनव O प्रोटोटाइप O प्रदर्शित O करने O का O अवसर O प्रदान O करना O , O जो O आईटीआई B-NEO / O पॉलिटेक्निक O के O तकनीशियनों O के O समूह O द्वारा O संचालित O है O , O जिन्हें O अपने O कॉलेज O और O प्रशिक्षण O वर्षों O के O दौरान O शायद O ही O कभी O नवाचार O के O अवसर O मिलते O हैं O । O वियतनाम B-NEL ने O सीमित O संसाधनों O के O बावजूद O सेना O , O निजी O सुरक्षा O सेवाओं O और O जमीनी O स्तर O पर O काम O करने O वाले O एनजीओ B-NEO की O मदद O से O अपना O काम O जारी O रखा O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL कोरोना O के O प्रकोप O से O पहले O , O भारत B-NEL यूएचसी O की O दिशा O में O काफी O तेजी O से O आगे O बढ़ O रहा O था O । O वोकल O फॉर O लोकल O नामक O आलेख O में O लेखक O ने O बताया O है O कि O ने O विकासक्रम O में O अपनी O संस्कृति O और O अध्यात्म O की O वृहत O परम्परा O का O निर्माण O किया O और O इस O क्रम O में O ज्ञान O , O विज्ञान O , O कला O , O शिल्प O तथा O उद्यम O की O ऐसी O शैलियों O को O विकसित O किया O जो O न O केवल O भारत B-NEL की O विशिष्ट O पहचान O बनीं O बल्कि O भारत O को O उस O हद O तक O समृद्ध O एवं O आत्मनिर्भर O बनाया O कि O दुनिया O भारत B-NEL की O ओर O देखने O के O लिए O विवश O हुई O । O भारत B-NEL कोविड O - O 19 O आपदा O से O सबसे O बेहतर O ढंग O से O निपटने O में O सफल O रहा O । O ये O क्लस्टर O मयूरभंज B-NEL , O क्योंझर B-NEL , O , O सुंदरगढ़ B-NEL और O कोरापुट B-NEL जिलों O में O हैं O । O क्योंझर B-NEL जिले O में O खंडाधार B-NEL वीडेवीकेसी I-NEL में O जनजातीय O समुदाय O के O लोग O कच्चे O आम O , O सरसों O और O हल्दी O से O आम O का O पापड़ O , O आम O का O अचार O , O हल्दी O पाउडर O और O सरसों O तेल O तैयार O करेंगे O । O कोरापुट B-NEL , O रायगढ़ B-NEL और O सुंदरगढ़ B-NEL जिलों O के O वीडीवीकेसी O क्लस्टरों O में O भी O प्रसंस्करण O के O जरिये O कई O तरह O के O उत्पाद O तैयार O किए O जाएंगे O , O जैसे O कि O इमली O से O जुड़े O उत्पाद O , O महुआ O का O तेल O , O जैविक O चावल O , O नीम O का O तेल O , O नीम O केक O , O गूदे O वाली O चिरौंजी O और O हल्दी O पाउडर O । O भारत B-NEL को O अपने O यूएचसी O अभियान O को O निजी O क्षेत्र O से O भी O जोड़ने O की O कोशिश O करनी O चाहिए O , O ताकि O स्वास्थ्य O बीमा O के O दायरे O को O ज्यादा O व्यापक O बनाया O जा O सके O । O वैश्विक O स्तर O पर O भारत B-NEL को O जो O अलग O करता O है O , O वह O स्वदेशी O प्रणालियों O का O विविध O ज्ञान O आधार O है O जो O पारंपरिक O ज्ञान O को O आधुनिक O संदर्भों O में O ढालकर O , O अनुकूलन O क्षमता O के O माध्यम O से O स्थिरता O सुनिश्चित O करके O फ्यूजन O सिस्टम O विकसित O करने O में O सहायता O कर O सकता O है O । O वीडीवीकेसी B-NEO के O रफ्तार O पकड़ने O और O ओडिशा B-NEL के O इन O क्लस्टरों O में O उत्पादन O शुरू O होने O के O साथ O ही O , O इस O कार्यक्रम O का O फायदा O राज्य O के O जनजातीय O समुदाय O को O मिलेगा O और O उन्हें O आजीविका O का O साधन O मुहैया O कराकर O उनके O जीवन O को O बेहतर O बनाने O में O मदद O मिलेगी O । O हालांकि O पेरिस B-NEL समझौते O के O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O के O लिए O जलवायु O परिवर्तन O को O नियंत्रित O करने O के O प्रयासों O को O बहुत O बड़े O पैमाने O पर O बढ़ाए O जाने O की O ज़रूरत O है O , O लेकिन O इसके O लागू O होने O के O बाद O से O कम O कार्बन O उत्सर्जन O वाली O प्रौद्योगिकियों O के O इस्तेमाल O और O नये O बाजार O तलाशने O के O प्रति O उत्साह O बढ़ा O है O । O भारत B-NEL की O पहल O - O एआईपीए O : O वर्तमान O में O इसका O मुख्य O फोकस O भारत B-NEL में O विश्वस्तरीय O बैंक O के O रूप O में O स्थापित O होना O है O । O इस O समिति O का O उद्देश्य O जलवायु O परिवर्तन O से O जुड़े O मुद्दों O पर O कार्रवाई O को O समन्वित O करना O है O ताकि O यह O सुनिश्चित O किया O जा O सके O कि O एनडीसी O सहित O पेरिस B-NEL समझौते O से O जुड़ी O भारत B-NEL की O सभी O वचनबद्धताओं O को O निभाने O की O गतिविधियां O सही O तरीके O से O चलाई O जा O रही O हैं O । O एआईपीए O यह O भी O सुनिश्चित O करेगी O कि O भारत B-NEL जलवायु O परिवर्तन O को O नियंत्रित O करने O वाले O उन O देशों O में O अग्रणी O रहे O जिनके O इस O दिशा O में O कार्य O पेरिस B-NEL समझौते O के O लक्ष्यों O के O अनुरूप O हों O । O भारत B-NEL की O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O गति O देने O में O संस्थागत O ऋण O प्रवाह O के O उद्देश्य O से O नाबार्ड B-NEO का O गठन O किया O गया O था O । O उदाहरण O के O लिए O , O अब O दिल्ली B-NEL में O वायु O प्रदूषण O के O खिलाफ O जन O - O चेतना O बढ़ी O है O । O कई O संचार O , O मौसम O विज्ञान O ( O मौसम O निगरानी O ) O , O सुदूर O संवेदन O और O वैज्ञानिक O उपग्रहों O के O सफलतापूर्वक O निर्माण O करने O के O बाद O , O इसरो B-NEO ने O भारतीय O तारामंडल O के O साथ O नेविगेशन O ( O नेव O आई O सी O ) O को O सफलतापूर्वक O स्थापित O और O संचालित O किया O है O जो O भारत B-NEL और O इसके O आसपास O के O उपयोगकर्ताओं O को O अत्यधिक O सटीक O स्थिति O , O नेविगेशन O और O समय O की O जानकारी O प्रदान O करता O है O । O अपने O घरों O में O एयर O प्यूरिफायर O लगा O लेने O के O बावजूद O , O दिल्ली B-NEL और O अन्य O शहरों O के O अमीर O लोग O प्रदूषित O हवा O से O बच O नहीं O सकते O । O इसके O साथ O , O भारत B-NEL संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL , O रूस B-NEL और O चीन B-NEL के O बाद O इस O महत्वपूर्ण O तकनीक O को O हासिल O करने O वाला O दुनिया O का O चौथा O देश O बन O गया O है O । O भारत B-NEL में O सरकारी O क्षेत्र O के O बैंक O राष्ट्रीयकरण O किये O जाने O से O अस्तित्व O में O आये O । O हमारा O जलवायु O सहयोग O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL द्वारा O अंतर्राष्ट्रीय O सौर O गठबंधन O में O शामिल O होने O और O आपदा O प्रतिरोधी O बुनियादी O ढांचे O के O लिए O गठबंधन O की O सहअध्यक्षता O किए O जाने O से O रेखांकित O हुआ O है O । O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL में O चुनौतियां O भी O हमारी O चर्चाओं O का O विशेष O फोकस O रही O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O राजस्थान B-NEL के O शुष्क O थार B-NEL मरुस्थल I-NEL में O स्थित O बीकानेर -NEL जिले O में O स्वच्छता O कार्यक्रम O के O दौरान O अनेक O सांस्कृतिक O और O भौगोलिक O चुनौतियों O का O सामना O करना O पड़ा O लेकिन O जब O बैंकों O बिकानो O शुरू O किया O गया O , O तो O सभी O आश्चर्यचकित O रह O गए O । O हम O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL द्वारा O क्व़ाड B-NEO को O दिए O गए O ध्यान O और O ऊर्जा O की O सराहना O करते O हैं O । O सिनेमा O के O क्षेत्र O में O भारत B-NEL की O छवि O को O बेहतर O बनाने O में O इस O फिल्म O ने O अहम O भूमिका O निभाई O है O । O इस O प्रकार O ग्रामीण O बीकानेर B-NEL के O सामाजिक O ताने O - O बाने O में O घुल O - O मिलकर O यह O कार्यक्रम O लगभग O स्व O - O चालित O एवं O स्वतः O स्फूर्त O तरीके O से O विकसित O हुआ O है O । O अंतर्राष्ट्रीय B-NEO ऊर्जा I-NEO एजेंसी I-NEO के O अनुसार O , O भारत B-NEL दुनिया O का O तीसरा O सबसे O बड़ा O तेल O उपभोक्ता O है O । O क्या O आज O के O भारत B-NEL में O इसके O बराबर O कोई O फिल्म O है O ? O कुल O मिलाकर O कहें O तो O बॉलीवुड O ( O भारत B-NEL और O यहां O के O ज्यादातर O लोग O जो O सिनेमा O देखते O हैं O ) O ने O भारतीय O सिनेमा O और O कहानी O पेश O करने O की O कला O को O सबसे O ज्यादा O नुकसान O पहुंचाया O है O । O इसने O देश O और O दुनिया O में O भारत B-NEL को O गलत O तरीके O से O दिखाया O है O । O इससे O भारत B-NEL की O पहचान O को O काफी O नुकसान O पहुंचा O है O । O दूसरा O , O इसने O हमें O दीर्घकालिक O चुनौतियों O पर O एकसाथ O सोचने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O है O , O खासकर O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL क्षेत्र O में O । O औपनिवेशिक O काल O से O ही O लोक O सेवा O को O भारत B-NEL में O प्रशासन O का O लौह O ढांचा O ( O स्टील O फ्रेम O ) O ' O माना O जाता O है O । O इसरो B-NEO ने O नैविगेशन O विद O इंडियन O कौन्स्टेलेशन O ( O नाविक O ) O की O सफलतापूर्वक O स्थापना O और O परिचालन O किया O है O , O जो O भारत B-NEL और O उसके O आसपास O के O उपयोगकर्ताओं O को O सटीक O स्थिति O , O नेविगेशन O और O समय O की O जानकारी O उपलब्ध O कराएगा O । O हां O , O मुंबई B-NEL स्टॉक O एक्स्चेंज O में O इस O कंपनी O के O प्रमोटरों O में O आर्सेलर B-NEO मित्तल I-NEO को O भी O सूचीबद्ध O किया O गया O है O । O भारत B-NEL के O संसदीय O लोकतंत्र O में O , O प्रशासन O को O चलाने O की O जिम्मेदारी O मुख्य O रूप O से O जनप्रतिनिधियों O ( O जनता O द्वारा O निर्वाचित O ) O यानी O कैबिनेट O मंत्रियों O और O संसद O के O सदस्यों O की O है O । O मंत्रीगण O नीतियां O निर्धारित O करते O हैं O और O उन्हें O कार्यान्वित O करने O का O काम O भारत B-NEL के O राष्ट्रपति O के O अधीन O कार्यरत O लोक O सेवकों O का O है O । O इस O तरह O , O ' O बॉलीवुड O ' O के O नाम O पर O भारत B-NEL को O गलत O तरीके O से O पेश O करने O का O सिलसिला O जारी O है O । O भारत B-NEL में O लोक O सेवा O का O विकास O भारत B-NEL में O सिविल O सेवाओं O की O सफलता O का O बड़ा O श्रेय O कैरियर O ब्यूरोक्रेट्स O को O जाता O है O क्योंकि O वे O भ्रष्टाचार O और O लोभ O लालच O में O न O पड़कर O निष्पक्षता O से O सेवा O भाव O से O कार्य O करते O हैं O । O प्राचीन O भारत B-NEL जब O मैं O जर्मनी B-NEL , O फ्रांस B-NEL , O ब्रिटेन B-NEL और O यहां O तक O कि O पोलैंड B-NEL के O सांस्कृतिक O संस्थानों O के O काम O से O अपने O देश O के O ऐसे O काम O की O तुलना O करता O हूं O , O तो O पता O चलता O है O कि O भारतीय O दूतावासों O में O मौजूद O लोगों O का O नजरिया O ही O इस O समस्या O की O मुख्य O वजह O है O । O मध्यकालीन O भारत B-NEL : O मुगल O काल O के O दौरान O नौकरशाही O मनसबदारी O व्यवस्था O पर O आधारित O थी O । O सिनेमा O ऐसा O माध्यम O है O जिसकी O नए O भारत B-NEL को O सख्त O जरूरत O है O । O ऐसे O विवाद O और O समस्याएं O आती O ही O रहेंगी O , O लेकिन O व्यापार O में O प्रवेश O या O निकास O से O जुडी O प्रक्रियाओं O को O सरल O बनाने O से O भारत B-NEL में O व्यापार O करना O सुविधाजनक O होगा O । O आईसीएस B-NEO को O भारत B-NEL में O भारतीय B-NEO प्रशासनिक I-NEO सेवा I-NEO और O पाकिस्तान B-NEL में O पाकिस्तान B-NEO प्रशासनिक I-NEO सेवा I-NEO कहा O गया O । O इसके O लिये O भारत B-NEL को O अपनी O ऊर्जा O यात्रा O में O प्राकृतिक O गैस O को O " O अगला O पड़ाव O " O बनाने O और O इसे O प्रोत्साहन O देने O की O आवश्यकता O है O । O उनका O नाम O उन O गिने O - O चुने O सिविल O सेवा O अधिकारियों O में O है O जिनकी O प्रतिमा O बनाई O गई O है O और O उनका O नाम O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL के O घर O - O घर O में O लोकप्रिय O है O । O खुशकिस्मती O से O 2018 B-NEL - I-NEL 19 I-NEL के O बजट O में O खाद्य O सुरक्षा O और O खाद्य O प्रसंस्करण O के O लिए O अहम O सहयोग O मुहैया O कराया O गया O है O । O अगर O पंजाब B-NEL और O हरियाणा B-NEL इलाके O में O कोल्ड O स्टोरेज O उपलब्ध O होते O तो O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O बिहार B-NEL में O हालिया O आलू O संकट O को O टाला O जा O सकता O था O । O हमें O यह O भी O सवाल O पूछना O है O , O ' O भारत B-NEL को O कौन O खिलाएगा O ' O दरअसल O , O हमें O कम O से O कम O जमीन O से O ज्यादा O से O ज्यादा O लोगों O के O लिए O भोजन O का O इंतजाम O करना O है O । O भारत B-NEL में O मोबाइल O की O बढ़ती O पहुंच O को O देखते O हुए O इस O प्रौद्योगिकी O में O वित्तीय O सेवाओं O की O सुपुर्दगी O के O लिए O अपार O क्षमता O बनी O हुई O है O । O बांग्लादेश B-NEL , O भूटान B-NEL , O और O अन्य O अंतर्राष्ट्रीय O रोगी O , O प्रवेश O के O दौरान O कृपया O IRO O Form O / O C O Form O ( O पुलिस O सत्यापन O सील O के O साथ O ) O लाएं O । O और O रोम B-NEL के O अंत O में O हम O लोग O काफी O आश्वस्त O थे O कि O वह O योग्य O प्रक्रिया O अधिकार O , O वास्तव O में O सुरक्षित O थे O और O वह O संधि O संवैधानिक O जांच O पर O खरी O है O । O समई O , O थिनाई O , O केजवरागू O , O कंबू O और O कुछ O अन्य O मोटे O अनाजों O की O खेती O में O तमिलनाडु B-NEL अगुवा O राज्य O है O । O कोल्ली B-NEL की O पहाड़ियों O में O इस O तरह O के O मोटे O अनाजों O के O लिए O पर्याप्त O जर्मप्लाज्म O हैं O । O यह O न O सिर्फ O कोल्ली B-NEL की O पहाड़ियों O को O कवर O करेगी O बल्कि O इससे O नमक्कल B-NEL , O सलेम B-NEL आदि O इलाके O इसके O दायरे O में O आएंगे O । O यहां O फिर O से O तमिलनाडु B-NEL मोटे O अनाजों O के O पोषक O और O पारिस्थिक O मूल्यों O के O प्रदर्शन O में O अगुवा O बनेगा O । O नये O युग O के O विशेषीकृत O बैंकों O के O प्रवेश O से O भारत B-NEL में O बैंकिंग O परिदृश्य O का O रूप O - O परिवर्तन O हो O जाएगा O । O तमिलनाडु B-NEL फिर O से O खेती O में O लैंगिक O समानता O बढ़ाने O में O अगुवा O राज्य O हो O जाएगा O । O भारत B-NEL की O नियामक O व्यवस्था O भारत B-NEL में O बैंकों O के O संचालन O से O जुड़े O बोर्ड O की O समीक्षा O भारत B-NEL में O शहरीकरण O तेजी O से O बढ़ O रहा O है O और O शहरी O इलाकों O में O खाद्य O मुद्रास्फीति O की O समस्या O मुख्य O तौर O पर O मांग O - O आपूर्ति O में O अंतर O से O बढ़ O रही O है O । O मिसाल O के O तौर O पर O इजराइल B-NEL की O तर्ज O पर O उत्पादन O के O विकेंद्रीकरण O को O कोऑपरेटिव O मार्केटिंग O के O जरिये O अंजाम O दिया O जा O सकता O है O । O भारत B-NEL में O ग्रामीण O सहकारी O उधारी O प्रणाली O का O मुख्य O मकसद O कृषि O के O क्षेत्र O में O कर्ज O की O सुविधा O सुनिश्चित O करना O है O । O कोलकाता B-NEL , O मुंबई B-NEL , O चेन्नई B-NEL , O रंगून B-NEL ( O म्यांमार B-NEL ) O , O कराची B-NEL , O लाहौर B-NEL और O कानपुर B-NEL में O मौजूदा O मुद्रा O कार्यालय O इश्यू B-NEO डिपार्टमेंट I-NEO के O दफ्तर O बन O गए O । O पहले O अमेरिका B-NEL ने O जलवायु O परिवर्तन O समझौता O जो O पेरिस O समझौते O के O नाम O से O विख्यात O है O , O से O स्वयं O को O बाहर O कर O लिया O था O । O जब O भारत B-NEL ने O योजना O प्रणाली O शुरू O की O तो O बैंक O की O भूमिका O सुर्खियों O में O आई O । O क्रियान्वयन O के O बेहतर O ढांचे O और O प्रणालियों O वाले O देशों O के O विपरीत O भारत B-NEL के O ईपीआर O नियमों O में O संग्रह O और O रिसाइक्लिंग O के O लक्ष्य O तय O नहीं O किये O गये O थे O । O संस्थानों O के O विकास O में O भी O बैंक O की O अहम O भूमिका O रही O और O इसने O भारत B-NEL में O इंश्योरेंस B-NEO एंड I-NEO क्रेडिट I-NEO गारंटी I-NEO कॉरपोरेशन I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO , O यूनिट B-NEO टूस्ट I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO , O इंडस्ट्रियल B-NEO डेवेलपमेंट I-NEO बैंक I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO ( O आईडीबीआई B-NEO ) O , O नेशनल B-NEO बैंक I-NEO ऑफ I-NEO एग्रीकल्चर I-NEO एंड I-NEO रूरल I-NEO डिवेलपमेंट I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O आदि O के O गठन O में O मदद O की O , O जिससे O देश O का O वित्तीय O ढांचा O खड़ा O हो O सका O । O वास्तव O में O , O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O लेखन O रोजमर्रा O की O जिंदगी O की O स्थानीय O संरचना O से O उसी O प्रकार O ग्रहण O करता O है O जिस O प्रकार O भाषा O साहित्य O , O औपनिवेशिक O व्यवस्था O के O आधुनिकतावादी O एजेंडे O और O औपनिवेशिक O शिक्षा O प्रणाली O तथा O औपनिवेशिक O आधुनिकता O के O साए O के O नीचे O अंग्रेजी O के O साथ O उनके O पारस्परिक O प्रभाव O से O ग्रहण O करता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O भारत B-NEL में O उपन्यास O की O शैली O को O पहले O भाषाओं O - O मलयालम O , O ओडिया O , O मराठी O , O बांग्ला O में O और O बाद O में O अंग्रेजी O में O आजमाया O गया O था O । O बंगाल B-NEL , O गुजरात B-NEL आदि O प्रदेशों O में O जहां O व्यापार O की O विपुल O संभावनाएं O हुआ O करती O थीं O , O जगत O सेठ O हुआ O करते O थे O । O इसी O समय O के O दौरान O निस्संदेह O यह O नया O और O तेजी O से O बढ़ता O हुआ O भारतीय O - O अंग्रेजी O साहित्य O दर्शाता O है O कि O फिर O भी O संभवत: O भारत B-NEL ने O पुस्तकों O की O दुनिया O में O सबसे O मूल्यवान O योगदान O किया O है O । O बहुभाषावाद O संभवतः O विश्व O साहित्य O की O तुलना O में O अधिक O बहुलतावादी O और O विश्ववादी O तरीकों O से O भारत B-NEL के O साहित्यिक O परिदृश्य O को O परिभाषित O करने O वाला O चिन्हक O है O । O दरअसल O , O कजाकिस्तान B-NEL के O अल्मा B-NEL अता I-NEL ( I-NEL अब I-NEL अल्माटी I-NEL ) O शहर O में O " O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सुविधा O ' O पर O हुए O इस O अंतरराष्ट्रीय O सम्मेलन O में O सभी O देशों O की O सरकारों O , O स्वास्थ्यकर्मियों O आदि O की O तरफ O से O तत्काल O कार्रवाई O की O जरूरत O बताई O गई O थी O । O कोविड O 19 O के O टीकों O के O निर्माण O के O लिये O भी O भारत B-NEL सबसे O पसंदीदा O जगह O है O । O दुनिया O में O टीकों O का O सबसे O बड़ा O वितरक O सीरम B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO भारत B-NEL में O ही O है O । O नयी O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O , O 2020 O से O भारत B-NEL ज्ञान O का O वैश्विक O सुपर O पॉवर O बनेगा O । O डाटा O एनालिटिक्स O , O कृत्रिम O मेधा O , O मशीन O ज्ञानार्जन O और O भारत B-NEL के O बढ़ते O डिजिटल O आच्छादन O के O परिणामस्वरूप O आम O नागरिकों O के O लिये O उत्पादों O और O सेवाओं O की O बाढ़ O आ O गयी O है O । O कृत्रिम O मेधा O , O मशीन O ज्ञानार्जन O और O बिग O डाटा O भविष्य O के O लिये O मार्ग O प्रशस्त O कर O रहे O हैं O और O इस O मामले O में O भारत B-NEL भी O बहुत O दूर O नहीं O है O । O भारत B-NEL में O डिजिटलीकरण O का O विकास O मजबूत O सूचना O और O संचार O प्रौद्योगिकी O - O इंफॉर्मेशन O एंड O कम्युनिकेशन O टेक्नोलॉजी O ( O आईसीटी O ) O पर O आधारित O है O । O बंगाल B-NEL के O जगतसेठ O स्थानीय O शासकों O के O अलावा O देशी O - O विदेशी O व्यापारिक O प्रतिष्ठानों O को O भी O कर्ज O दिया O करते O थे O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL , O प्रत्यक्ष O लाभ O हस्तांतरण O - O डायरेक्ट O बेनिफिट O ट्रांसफर O ( O डीबीटी O ) O और O शासकीय O ई O - O बाजार O - O गवर्नमेंट O ई O - O मार्केटप्लेस O ( O जीईएम O ) O जैसी O सरकारी O पहलकदमियों O का O उद्देश्य O भारत B-NEL को O सक्रियता O से O ज्ञान O आधारित O अर्थव्यवस्था O और O डिजिटल O तौर O पर O सशक्त O समाज O में O तब्दील O करना O है O । O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL में O सीएमएसए B-NEO की O सफलता O से O जाहिर O है O कि O कृषि O और O इससे O संबंधित O क्षेत्र O में O नयी O पीढ़ी O की O ग्रामीण O विस्तार O टीम O को O विकसित O और O मजबूत O किया O जाना O चाहिये O । O इसके O साथ O ही O भारत B-NEL का O डिजिटल O विभाजन O भी O तेजी O से O घट O रहा O है O । O दिल्ली B-NEL का O नागरिक O घोषणापत्र O अधिनियम O हो O या O दिल्ली B-NEL का O लोक O शिकायत O आयोग O विभाग O जिसमें O जनता O की O दिन O - O प्रतिदिन O की O समस्याओं O के O निवारण O हेतु O प्रयास O किया O गया O है O । O जगत O सेठ O से O बंगाल B-NEL के O नवाब O ने O काफी O सारा O धन O उधार O लिया O हुआ O था O । O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL की O सरकार O ने O सिंगापुर B-NEL की O तर्ज O पर O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O विकसित O करने O की O दिशा O में O कार्य O किया O है O । O पानी O व्यक्तिगत O स्वच्छता O के O लिए O आवश्यक O है O जिसमें O हाथ O की O सफाई O आदि O का O ध्यान O रखा O जाता O है O जो O श्वसन O रोगों O और O ट्रेकोमा O के O प्रसार O को O रोकने O में O महत्वपूर्ण O कारक O हैं O जिन्हें O भारत B-NEL में O समाप्त O किया O जाना O बाकी O है O । O वित्तीय O समावेशन O मौजूदा O भारत B-NEL में O सामाजिक O सुरक्षा O तंत्र O के O केंद्र O में O है O । O * O नीति O निर्माण O : O भारत B-NEL की O पहली O राष्ट्रीय O हवाई O माल O वहन O नीति O , O रखरखाव O , O मरम्मत O और O ओवरऑल O नीति O , O राष्ट्रीय O हरित O उड्डयन O नीति O और O ड्रोन O नीति O जारी O कीं O । O निपुण O भारत B-NEL मिशन O स्कूल O स्तर O पर O तनाव O मुक्त O , O और O गुणवत्तापूर्ण O अवलोकन O - O आधारित O मूल्यांकन O की O सिफारिश O करता O है O । O और O यूरोप B-NEL और O उत्तरी B-NEL अमेरीका I-NEL के O देश O जो O इस O प्रक्रिया O से O अमीर O होते O गए O हैं O , O उनकी O विकासशील O देशों O के O प्रति O यह O जिम्मेदारी O बनती O है O कि O उनका O भी O यथोचित O स्तर O तक O आर्थिक O विकास O हो O लेकिन O जीवाश्म O ईंधन O का O प्रयोग O कम O हो O । O ' O सात O पगला O खेडूत O कल्याण O ना O योजना O ' O का O लक्ष्य O गुजरात B-NEL के O किसानों O और O पशुपालकों O को O आत्मनिर्भर O बनाना O है O । O इस O लड़ाई O का O कोई O नतीजा O नहीं O निकला O हालांकि O पाकिस्तान B-NEL की O शुरूआती O बढ़त O को O नाकाम O करते O हुए O भारत B-NEL की O पराक्रमी O सेना O उन्हें O धकेलते O हुए O काफी O भीतर O तक O चली O गई O । O पर O , O पाकिस्तान B-NEL के O साथ O बनी O शांति O जल्दी O ही O फिर O भंग O हो O गई O । O लेकिन O अब O पंचायती O राज O व्यवस्था O के O संस्थागतकरण O ने O ग्रामीण O भारत B-NEL का O चेहरा O बदल O दिया O है O । O इस O मानवीय O संकट O के O भारत B-NEL ने O शांतिपूर्ण O समाधान O खोजने O के O प्रयास O किए O पर O नाकाम O रहा O । O इस O सैन्य O अभियान O में O पूर्वी B-NEL पाकिस्तान I-NEL की O जनता O और O मुक्ति B-NEO वाहिनी I-NEO का O भरपूर O समर्थन O प्राप्त O हुआ O । O युद्धबंदियों O के O प्रति O अच्छा O व्यवहार O किया O गया O और O बाद O में O सम्मानपूर्वक O उन्हें O पाकिस्तान B-NEL को O सौंप O दिया O गया O । O यह O भारत B-NEL के O सशस्त्र O बलों O द्वारा O अपनाए O सर्वोच्च O आचरण O - O स्तर O की O अनूठी O मिसाल O है O । O भारत B-NEL की O सशस्त्र O सेनाओं O ने O बेशक O शानदार O जीत O हासिल O की O थी O मगर O आगे O का O रास्ता O चुनौतियों O से O खाली O नहीं O था O । O भारत B-NEL में O एम. O टी. O पी. O एक्ट O में O गर्भपात O कराने O की O शर्तों O का O उल्लेख O है O । O चीन B-NEL और O पाकिस्तान B-NEL एक O - O दूसरे O के O और O निकट O आ O गए O थे O और O अफगानिस्तान B-NEL में O सोवियत B-NEL के O खिलाफ O किए O गए O सहयोग O के O फलस्वरूप O पाकिस्तान B-NEL को O इस्लामिक B-NEO सहयोग I-NEO संगठन I-NEO ( I-NEO ओआईसी I-NEO ) I-NEO और O पश्चिमी O देशों O का O और O ज्यादा O समर्थन O प्राप्त O हो O गया O था O । O पाकिस्तान B-NEL की O ओर O से O खतरे O का O स्वरूप O बदलता O जा O रहा O था O । O यह O कोविड O चुनौती O को O संबोधित O करना O , O जलवायु O कार्रवाई O करना O , O समुद्री O सुरक्षा O सुनिश्चित O करना O या O महत्वपूर्ण O प्रौद्योगिकियों O को O बढ़ावा O देना O हो O सकता O है O , O भारत B-NEL और O अमेरिका B-NEL मिलकर O जो O भी O करते O हैं O , O वो O बड़ा O बदलाव O लाएगा O । O * O ग्रामीण O भारत B-NEL के O लिए O एकीकृत O भूमि O प्रमाणन O समाधान O प्रदान O करना O डाटा O की O न्यूनतम O कीमतों O और O अधिकतम O खपत O के O साथ O डिजिटल O अवसंरचना O के O लिहाज O से O भारत B-NEL ने O जबर्दस्त O छलांग O लगायी O है O । O हम O समसामयिक O घटनाक्रमों O पर O भी O चर्चा O करेंगे O , O जिनमें O स्पष्ट O रूप O से O यूक्रेन B-NEL , O अफगानिस्तान B-NEL , O खाड़ी B-NEL और O भारतीय B-NEL उपमहाद्वीप I-NEL भी O शामिल O हैं O । O इससे O भारत B-NEL का O आर्थिक O और O सामाजिक O विकास O निचले O स्तर O पर O समाज O के O सबसे O ज्यादा O कमजोर O तबकों O तक O पहुंचेगा O । O खबर O आई O थी O कि O भारत B-NEL भर O के O शहरों O और O कपड़ा O क्लस्टरों O के O वस्त्र O व्यापार O संगठनों O , O पावरलूम O बुनकरों O , O रेडीमेड O परिधान O इकाइयों O आदि O ने O भारत B-NEL में O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O से O संबंधित O नीतियां O 2011 B-NEL से O ही O मौजूद O हैं O । O अगरतला B-NEL और O कॉक्स B-NEL बाजार I-NEL के O बीच O अंतरराष्ट्रीय B-NEL गेटवे I-NEL त्रिपुरा I-NEL में O तेजी O से O इंटरनेट O एक्सेस O और O ब्रॉडबैंड O सेवाएं O प्रदान O करने O में O मदद O कर O रहा O है O । O भारत B-NEL में O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O नीति O 2011 O से O ही O मौजूद O है O । O ये O सेवाएं O महिलाओं O को O परिवार O नियोजन O के O साधन O अपनाने O की O शर्तों O के O साथ O नहीं O ( O जैसा O कि O भारत B-NEL में O प्रायः O होता O है O ) O बल्कि O मुक्त O रूप O से O उपलब्ध O होनी O चाहिए O । O और O रुपे O कार्ड O के O लॉन्च O के O साथ O , O नेपाल B-NEL भारतीय O फिनटेक O और O भुगतान O प्रणालियों O के O साथ O एकीकृत O हो O रहा O है O । O इस O महीने O प्रधानमंत्री O की O लुंबिनी B-NEL यात्रा O नेपाल B-NEL के O साथ O हमारे O सहयोग O को O आगे O बढ़ाने O का O सबसे O हालिया O अवसर O था O । O भारत B-NEL में O कई O भागों O में O बच्चे O का O लिंग O यह O निश्चित O करता O है O कि O वह O जीएगा O , O या O मरेगा O । O गुवाहाटी B-NEL , O कोलकाता B-NEL और O नई B-NEL दिल्ली I-NEL में O बड़े O भारतीय O रिटेल O आउटलेट्स O में O भूटानी O उत्पादों O को O लॉन्च O करने O की O योजना O चल O रही O है O । O इसके O ज़रिये O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O के O लिए O बेहतर O व्यवस्था O सुनिश्चित O की O जा O सकती O है O और O भारत B-NEL में O हर O बच्चे O के O भविष्य O के O लिए O अवसर O मुहैया O कराए O जा O सकते O हैं O । O हम O भूटान B-NEL और O भारत B-NEL के O बीच O ऐसी O सीमा O पार O रेल O लाइन O की O व्यवहार्यता O खोज O रहे O हैं O जो O , O असम B-NEL से O होकर O गुजरती O है O या O भूटान B-NEL और O नेपाल B-NEL के O प्रतिष्ठित O धार्मिक O स्थलों O को O सिक्किम B-NEL और O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL के O धार्मिक O स्थलों O से O जोड़कर O बौद्ध O सर्किट O का O विस्तार O करती O है O । O यह O ध्यान O रखने O योग्य O बात O है O कि O कानूनी O रूप O से O भारत B-NEL में O “ O प्री O - O नेटल O डायग्नोस्टिक O टेक्नीक O ( O रेगुलेशन O एंड O प्रिवेशन O ऑफ O मिसयूज O ) O एक्ट O - O 1994 O " O के O अन्तर्गत O जन्म O से O पहले O गर्भस्थ O शिशु O का O लिंग O ज्ञात O करना O अपराध O है O । O भारत B-NEL के O बैंकों O , O बाकी O वित्तीय O संस्थानों O और O बाजार O आकार O या O वित्तीय O ताकत O के O मामले O में O अपने O वैश्विक O समकक्षों O से O पीछे O हैं O । O भारत B-NEL में O बाकी O विकासशील O देशों O के O मुकाबले O प्राइवेट O क्रेडिट O - O जीडीपी O और O लोन O - O डिपॉजिट O अनुपात O कम O है O । O 2. O देश O के O सबसे O पुराने O , O सबसे O बड़े O और O पूर्वी B-NEL भारत I-NEL के O अग्रणी O चैंबर O ऑफ O कॉमर्स O में O से O एक O को O संबोधित O करना O मेरे O लिए O सौभाग्य O की O बात O है O । O 5. O भारत B-NEL ने O महामारी O के O खिलाफ O वैश्विक O लड़ाई O में O भी O सक्रिय O और O जिम्मेदार O भूमिका O निभाई O । O के O अड्डू B-NEL में O विलुनु O ड्रग O डिटॉक्सीफिकेशन O एंड O रिहैबिलिटेशन O सेंटर O के O संयुक्त O उद्घाटन O के O अवसर O पर O विदेश O मंत्री O की O टिप्पणियाँ O हमने O साझेदार O देशों O के O साथ O अपने O स्वास्थ्य O सेवा O के O अनुभव O और O विशेषज्ञता O को O भी O साझा O किया O , O विशेष O रूप O से O अपने O पड़ोस O और O अफ्रीका B-NEL में O । O इसका O मुख्यालय O मुंबई B-NEL में O है O , O जबकि O अन्य O संभागीय O कार्यालय O दिल्ली B-NEL , O भोपाल B-NEL , O बंगलोर B-NEL , O कोलकाता B-NEL , O मुंबई B-NEL और O गुवाहाटी B-NEL में O स्थित O हैं O । O मैं O स्वास्थ्य B-NEO मंत्रालय I-NEO , O राष्ट्रीय O औषधि O एजेंसी O , O अड्डू B-NEO नगर I-NEO परिषद I-NEO और O अड्डू B-NEL के O लोगों O को O उनके O समुदायों O की O सहायता O करने O के O इस O प्रयास O के O लिए O शुभकामनाएं O देता O हूं O । O मैं O आज O आपके O बीच O यह O कहना O चाहता O हूं O कि O भारत B-NEL इन O प्रयासों O में O आपके O साथ O खड़ा O रहेगा O । O खादी O को O कच्चे O माल O के O आधार O पर O भारत B-NEL के O विभिन्न O भागों O से O प्राप्त O किया O जाता O है O - O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL , O बिहार B-NEL , O उड़ीसा B-NEL और O उत्तर O पूर्वी O राज्यों O से O रेशमी O माल O प्राप्त O किया O जाता O है O , O जबकि O कपास O की O प्राप्ति O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL , O बिहार B-NEL और O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL से O होती O है O । O पॉली O खादी O को O गुजरात B-NEL और O राजस्थान B-NEL में O काता O जाता O है O जबकि O हरियाणा B-NEL , O हिमाचल B-NEL प्रदेश I-NEL तथा O जम्मू B-NEL और O कश्मीर B-NEL को O ऊनी O खादी O के O लिए O जाना O जाता O है O । O प्रश्न O - O भारत B-NEL में O सार्स O कोव O - O 2 O वायरल O सीक्वेंसिंग O कब O शुरू O की O गई O ? O भारत B-NEL सतही O जल O संसाधन O होने O के O बावजूद O , O दिन O - O प्रतिदिन O की O आवश्यकताओं O के O लिए O भूजल O संसाधनों O पर O अत्यधिक O निर्भर O है O । O शुरुआत O में O , O एनआईवी B-NEO और O आईसीएमआर B-NEO ने O इंग्लैंड B-NEL , O ब्राजील B-NEL या O दक्षिण B-NEL अफ्रीका I-NEL से O भारत B-NEL आने O वाले O या O इन O देशों O से O होकर O आने O वाले O अंतर्राष्ट्रीय O यात्रियों O के O नमूनों O की O सीक्वेंसिंग O की O , O क्योंकि O इन O देशों O ने O मामलों O में O अचानक O बढ़ोतरी O होने O की O जानकारी O दी O थी O । O माले B-NEL में O इंदिरा B-NEO गांधी I-NEO मेमोरियल I-NEO अस्पताल I-NEO दशकों O से O मालदीव B-NEL की O तृतीयक O स्वास्थ्य O सेवा O का O मुख्य O केंद्र O रहा O है O । O औद्योगीकरण O के O मद्देनज़र O और O लगभग O सभी O प्रक्रियाओं O का O मशीनीकरण O होने O के O कारण O भारत B-NEL जैसे O श्रम O अधिशेष O देश O के O लिए O खादी O और O ग्रामोद्योग O की O महत्ता O और O अधिक O बढ़ O जाती O है O । O महंगी O आयातित O प्रौद्योगिकी O या O ज्ञान O भागीदारी O के O उपयोग O के O बिना O भारत B-NEL सबसे O कीमती O जैव O संसाधन O में O संधारणीयता O हासिल O करने O के O लिए O खड़ा O है O । O भारत B-NEL ने O प्रारंभ O में O वैश्विक O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O ( O वीओसी O ) O - O अल्फा O ( O बी O . O 1.1.7 O ) O , O बीटा O ( O बी O . O 1.351 O ) O और O गामा O ( O पी O . O 1 O ) O के O प्रसार O को O रोकने O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O , O क्योंकि O ये O वेरिएंट O अधिक O तेजी O से O फैलने O वाले O थे O । O पिछले B-NEL दो I-NEL वर्षों I-NEL की O इस O कठिन O यात्रा O में O मालदीव B-NEL के O साथ O हमारे O सहयोग O पर O मुझे O गर्व O है O । O जन O - O जागरण O आने O के O साथ O ही O आधुनिक O लोकतंत्र O की O स्थापना O हुई O जिसमें O लोगों O द्वारा O चुने O गए O ' O प्रतिनिधि O ' O सत्ता O में O आ O गए O और O शासन O संभालने O लगे O ( O स्वयं O ' O लोग O ' O शासन O नहीं O संभालते O , O जैसा O कि O स्विटज़रलैंड B-NEL में O प्रत्यक्ष O लोकतंत्र O के O तहत O ऐसी O व्यवस्था O है O । O ) O प्रश्न O - O भारत B-NEL में O सार्स O कोव O - O 2 O निगरानी O के O लिए O क्या O रणनीति O है O ? O कम O आय O , O एवं O क्षेत्रीय O और O ग्रामीण O / O नगरीय O असमानताओं O के O मद्देनजर O भारत B-NEL के O संदर्भ O में O इसका O महत्त्व O और O अधिक O बढ़ O जाता O है O । O मैं O अड्डू B-NEL में O और O जाहिर O तौर O पर O मालदीव B-NEL में O कहीं O भी O , O इन O सभी O परियोजनाओं O के O तेजी O से O निष्पादन O की O आशा O करता O हूँ O । O मैं O अड्डू B-NEL की O इस O यात्रा O को O हमेशा O याद O रखूँगा O और O मैं O इस O संतोष O की O भावना O के O साथ O वापस O लौट O रहा O हूँ O कि O भारत B-NEL - O मालदीव B-NEL साझेदारी O बहुत O स्पष्ट O रूप O से O आगे O बढ़ O रही O है O , O कि O यह O अपने O लोगों O को O परिणाम O प्रदान O करती O है O , O यह O हमारे O समाज O की O अपेक्षाओं O को O पूरा O करती O है O और O हमें O यकीन O है O कि O अड्डू B-NEL और O मालदीव B-NEL के O अन्य O क्षेत्रों O में O हमने O जिन O परियोजनाओं O और O पहलों O का O शुभारंभ O किया O है O , O उन्हें O जल्द O ही O पूरा O किया O जाएगा O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL के O संकल्प O की O सिद्धि O की O दिशा O में O पंचायती O राज O संस्थाएं O तेजी O से O अग्रसर O हैं O । O डिजिटल O इंडिया B-NEL के O लक्ष्य O को O पूर्ण O करने O के O लिए O पंचायतों O को O ऑप्टीकल O फाइबर O के O माध्यम O से O जोड़कर O अत्याधुनिक O संचार O सेवाओं O को O गांव O - O गांव O तक O पहुंचाया O जा O रहा O है O । O उन्होंने O कहा O कि O पहली O बार O आज़ाद O भारत B-NEL के O इतिहास O में O पहली O पीढ़ी O के O गरीब O दलित O आदिवासी O भारत B-NEL की O सर्वोच्च O सेवाओं O में O पहुँचे O हैं O । O हाल O में O , O कैंब्रिज B-NEO एनर्जी I-NEO रिसर्च I-NEO एसोसिएट्स I-NEO ( O सीईआरए B-NEO ) O ने O भी O माननीय O प्रधानमंत्री O को O ग्लोबल O एनर्जी O एंड O एनवायरनमेंट O लीडरशिप O अवार्ड O से O सम्मानित O किया O , O उन्हें O यह O सम्मान O देश O और O दुनिया O की O भावी O ऊर्जा O जरूरतों O को O पूरा O करने O के O लिए O सतत O विकास O में O भारत B-NEL के O नेतृत्व O के O विस्तार O की O उनकी O प्रतिबद्धता O के O लिए O दिया O गया O । O 24. O भारत B-NEL अपने O पड़ोसियों O के O साथ O व्यापार O प्रवाह O की O बाधाओं O को O दूर O करने O के O लिए O कनेक्टिविटी O और O व्यापार O बुनियादी O ढांचा O परियोजनाओं O को O भी O वित्त O पोषित O कर O रहा O है O । O ये O विकास O पेट्रापोल B-NEL जैसे O भूमि O बंदरगाहों O पर O हमारी O वर्तमान O निर्भरता O को O भी O कम O करते O हैं O । O भारत B-NEL में O ग्रामीण O , O आवासीय O , O लघु O उद्योग O , O निर्यात O एवं O आयात O जैसे O विशेष O क्षेत्रों O की O बढ़ती O मांग O पूरी O करने O के O लिए O इन O संस्थाओं O की O स्थापना O की O गई O है O । O अफ्रीका B-NEL के O मौजूदा O बड़े O रुझान O इस O क्षेत्र O में O भारत B-NEL के O व्यापार O और O निवेश O के O समर्थक O हैं O । O अफ्रीका B-NEL की O बड़ी O कामकाजी O जनसंख्या O , O इसका O बढ़ता O मध्यम O वर्ग O और O सेवाओं O का O महत्वपूर्ण O हिस्सा O मूल्य O वर्धित O व्यापार O और O निवेश O संबंधों O के O लिए O महत्वपूर्ण O हैं O । O भारत B-NEL सुदृढ़ O विकास O के O रास्ते O पर O है O । O विश्व B-NEO बैंक I-NEO , O मूडीज B-NEO इनवेस्टर I-NEO सर्विस I-NEO आदि O अंतरराष्ट्रीय O संस्थानों O ने O अनुमान O जताया O है O कि O भारत B-NEL फिर O से O सबसे O तेजी O से O बढ़ने O वाली O अर्थव्यवस्था O होगा O । O इस O दृष्टि O से O गुजरात B-NEL की O स्थिति O काफी O खराब O है O । O यह O अफ्रीका B-NEL में O भारत B-NEL की O आर्थिक O पहुंच O को O भी O बढ़ाएगा O और O अफ्रीका B-NEL में O काम O करने O में O रुचि O रखने O वाले O भारतीय O उद्योग O के O लिए O बहुत O महत्वपूर्ण O होगा O । O गुजरात B-NEL को O भारत B-NEL के O डेयरी O उद्योग O की O राजधानी O माना O जाता O है O । O गुजरात B-NEL के O किसान O और O उनके O परिवार O उद्यमी O और O बहुत O मेहनती O हैं O । O भारत B-NEL की O विकास O साझेदारी O के O तहत O निष्पादित O परियोजनाओं O में O विभिन्न O क्षेत्र O शामिल O हैं O , O जैसे O कि O सड़क O , O रेलवे O , O बिजली O , O बंदरगाह O और O शिपिंग O , O दूरसंचार O , O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O , O विमानन O , O ऊर्जा O , O कृषि O आदि O । O तमिलनाडु B-NEL में O ' O पालई O ' O ( O रेगिस्तान B-NEL ) O , O भूमि O का O विभाजन O नहीं O है O । O भारत B-NEL के O लिए O इन O अवसरों O का O लाभ O उठाने O और O अपने O आर्थिक O संबंधों O का O विस्तार O करने O तथा O विदेशी O निवेश O के O प्रवाह O को O बढ़ाने O का O समय O है O । O सदियों O पुरानी O सभ्यता O - O भारत B-NEL , O पवित्र O नदियों O सिंधु B-NEL और O सरस्वती B-NEL के O तट O पर O जन्मी O और O फली O - O फूली O । O 11. O सरकार O द्वारा O शुरू O किए O गए O सुधारों O की O सफलता O इस O तथ्य O से O स्पष्ट O है O कि O महामारी O से O उत्पन्न O अभूतपूर्व O चुनौतियों O के O बावजूद O , O इस O अवधि O के O दौरान O भारत B-NEL में O एफडीआई O प्रवाह O सबसे O अधिक O था O । O इसके O बाद O ब्रह्मपुत्र B-NEL , O गंगा B-NEL , O गोदावरी B-NEL , O नर्मदा B-NEL , O कृष्णा B-NEL , O महानदी B-NEL और O कावेरी B-NEL का O स्थान O आता O है O । O भारत B-NEL में O प्रचुर O मात्रा O में O प्राकृतिक O संसाधन O हैं O । O वर्षों O से O जनसंख्या O में O वृद्धि O के O साथ O पानी O की O बढ़ती O मांग O के O कारण O , O आज O भारत B-NEL जल O क्षेत्र O में O कई O चुनौतियों O का O सामना O कर O रहा O है O । O अधिक O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O वाले O - O गुजरात B-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL , O तमिलनाडु B-NEL और O चंडीगढ़ B-NEL जैसे O राज्यों O / O केंद्र O - O शासित O प्रदेशों O में O , O बिहार B-NEL और O झारखंड B-NEL जैसे O राज्यों O की O तुलना O में O यह O प्रतिशत O अधिक O था O । O अधिक O आमदनी O वाले O दिल्ली B-NEL और O गोवा B-NEL में O अभी O नमूने O नहीं O लिए O गये O हैं O । O इसलिए O भारत B-NEL में O “ O केन्द्रीकृत O संघवाद O ' O की O स्थिति O दिखाई O देती O है O । O " O संविधान O सभा O के O अन्य O जानेमाने O सदस्यों O ने O भी O भारत B-NEL में O धर्म O , O भाषा O , O जाति O और O वंश O की O व्यापक O विविधताओं O को O देखते O हुए O अपना O अस्तित्व O बनाए O रखने O और O राजनीतिक O स्थिरता O के O लिए O अधिक O मजबूत O संघीय O सरकार O की O मांग O की O । O लेकिन O यह O निष्कर्ष O निकालना O गलत O होगा O कि O भारत B-NEL का O संवैधानिक O ढांचा O राज्यों O की O तुलना O में O संघ O सरकार O को O अधिक O अधिकार O संपन्न O बनाने O की O दिशा O में O झुका O हुआ O है O । O भारत B-NEL असल O में O अपने O गांवों O में O बसता O है O । O सच्चाई O यह O है O कि O भारत B-NEL को O दोहरी O बीमारियों O की O मार O झेलनी O पड़ O रही O है O । O सच O हुआ O स्वच्छ O भारत B-NEL का O सपना O बहुपक्षीय O संस्थानों O में O भारत B-NEL की O मजबूत O होती O स्थिति O : O दरअसल O , O स्वतंत्र O भारत B-NEL की O विदेश O नीति O की O नींव O देश O के O परिभाषित O सिद्धांतों O और O मूल्यों O के O अनुरूप O रखी O गयी O थी O जिसका O लक्ष्य O भारत B-NEL के O हितों O की O रक्षा O करना O और O उन्हें O बढ़ावा O देना O था O । O इन्हें O देखते O हुए O भारत B-NEL ने O गुटनिरेपक्षता O के O विकल्प O को O बेहतर O माना O था O । O इसके O बाद O सही O अर्थों O में O भारत B-NEL की O गुटनिरपेक्ष O कूटनीति O ही O शीतयुद्ध O काल O की O प्रतिनिधि O ही O रही O । O उनका O कहना O था O कि O यह O बेहद O सुंदर O बात O है O कि O हमारी O संसद O का O नया O भवन O ऐसे O वक्त O में O तैयार O हो O रहा O है O , O जब O भारत B-NEL अपनी O आजादी O की O 75वीं O वर्षगांठ O मनाने O में O जुटा O है O । O सोवियत B-NEO संघ I-NEO के O पतन O और O बर्लिन B-NEAR दीवार I-NEAR के O टूटने O के O बाद O द्विध्रुवीय O ( O बाइपोलर O ) O विश्वव्यवस्था O समाप्त O हो O गयी O और O यूनीपोलर O विश्व O का O उदय O हुआ O जिसका O शक्ति O केन्द्र O अमेरिका B-NEL बन O गया O । O ऐसे O में O यह O स्वाभाविक O था O कि O भारत B-NEL अपने O परम्परागत O मार्ग O को O बदले O और O नए O परिवेश O में O नयी O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O विदेश O नीति O की O ठोस O बुनियाद O रखे O । O यहां O तक O कि O पुस्तक O प्रकाशन O के O संदर्भ O में O , O अधिकांश O अंतर्राष्ट्रीय O प्रकाशक O भारतीय O भाषा O प्रकाशन O में O आगे O बढ़ O रहे O हैं O और O भारत B-NEL में O अपने O कार्यालय O खोल O रहे O हैं O । O उन्होंने O कहा O कि O हम O भारत B-NEL के O लोग O मिलकर O इस O संसद O को O बनाएंगे O । O स्वच्छ O भारत B-NEL की O दिशा O में O हमारी O यात्रा O इसी O तरह O से O आगे O भी O जारी O रहेगी O । O उन्होंने O बहुत O से O लोकाचारों O से O आगे O निकलकर O भारतीय O विदेश O नीति O में O मौजूद O संकोचों O और O संशयों O को O खत्म O किया O और O भारत B-NEL की O ' O सभ्यतागत O नम्र O शक्ति O ( O साफ्ट O पावर O ) O को O कूटनीति O का O हिस्सा O बनाया O । O उन्होंने O कहा O कि O भारत B-NEL के O विकास O और O भारत B-NEL की O आत्मनिर्भरता O की O परिकल्पना O , O हमारे O जल O स्रोतों O और O हमारी O जल O कनेक्टिविटी O पर O निर्भर O है O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O भारत B-NEL के O विकास O के O साथ O जल O संकट O की O चुनौती O समान O रूप O से O बढ़ O रही O है O । O सही O अर्थों O में O यह O भारत B-NEL की O आत्मनिर्भर O विदेश O नीति O के O लिए O आवश्यक O भी O था O । O बिल्कुल O पड़ोसी O देश O भारत B-NEL को O कमजोर O या O ताकतवर O बनाने O में O प्रभावी O भूमिका O निभा O सकते O हैं O । O इसी O दौर O में O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO साइंस I-NEO एंड I-NEO एनवायरमेंट I-NEO ( O सीएसई O ) O ने O अपनी O रिपोर्ट O - O ' O डाइंग B-NEAR विज़डम I-NEAR ' O प्रकाशित O की O जिसमें O भारत B-NEL के O पर्यावरणीय O विविधता O वाले O क्षेत्रों O में O बरसाती O पानी O को O समेट O कर O रखने O की O परंपरागत O प्रौद्योगिकियों O को O प्रस्तुत O किया O गया O था O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O बेहतर O भारत B-NEL वर्षा O जल O का O प्रबंधन O करता O है O , O भूजल O पर O देश O की O निर्भरता O कम O होती O है O । O इस O नीति O के O तहत O उन्होंने O (( O भूटान - , O (( O नेपाल - , O बांग्लादेश B-NEL , O श्रीलंका B-NEL और O मालदीव B-NEL को O ही O साथ O लेकर O चलने O की O कोशिश O नहीं O की O बल्कि O पाकिस्तान B-NEL के O साथ O भी O ' O हार्ट O - O टू O - O हार्ट O डिप्लोमैसी O ' O के O जरिए O दुनिया O के O सामने O मिसाल O पेश O की O । O परिणाम O यह O हुआ O कि O पुलवामा B-NEL के O पश्चात O नियंत्रण O रेखा O के O परे O पाकिस्तान B-NEL अधिकृत I-NEL कश्मीर I-NEL में O ' O सर्जिकल O स्ट्राइक O ' O कर O न O केवल O पाकिस्तान B-NEL के O दुस्साहस O का O उत्तर O दिया O बल्कि O दुनिया O को O भी O यह O संदेश O भी O दिया O कि O भारत B-NEL विरोधी O ताकतों O के O खिलाफ O भारत B-NEL ' O फिजिकल O रेस्पांस O ' O की O रणनीति O से O परहेज O नहीं O करेगा O । O भारत B-NEL के O पड़ोसियों O में O पाकिस्तान B-NEL के O अतिरिक्त O नेपाल B-NEO कम्युनिस्ट I-NEO सत्ता I-NEO में O चीनी O प्रभाव O के O तहत O भारत B-NEL के O प्रति O ऐतिहासिक O सम्बंधों O और O भारतीय O संवेदनाओं O की O लगातार O अनदेखी O कर O रहा O है O लेकिन O शेष O पड़ोसियों O के O साथ O सहकार O आधारित O सम्बंधों O की O इमारत O पुख्ता O हुई O है O और O भारत O नेबरहुड O पॉलिसी O के O तहत O कनेक्टिविटी O को O सुधारने O , O धार्मिक O - O सांस्कृतिक O सम्बंधों O को O पुनर्जीवित O करने O , O विकास O और O मानवीय O मदद O के O साथ O आगे O बढ़ने O में O सफल O रहा O है O । O यह O अलग O बात O है O कि O पाकिस्तान B-NEL भारत B-NEL के O साथ O थोड़ी O भी O दूरी O तय O नहीं O कर O सका O । O संयोग O से O भारत B-NEL , O चीन B-NEL के O बाद O सोने O का O दूसरा O बड़ा O उपभोक्ता O है O । O भारतीय B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र I-NEL न O केवल O वैश्विक O सामरिक O दृष्टि O से O संवेदनशील O है O बल्कि O भारत B-NEL के O लिए O भी O महत्वपूर्ण O है O । O उन्होंने O भारत B-NEL को O फिजी B-NEL के O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O में O योगदान O करने O का O अवसर O प्राप्त O होने O के O विशेषाधिकार O को O स्वीकार O किया O । O यद्यपि O जापान B-NEL ने O रूस B-NEL के O प्रस्ताव O को O अस्वीकार O कर O दिया O था O इसलिए O अब O उसकी O नजर O पूर्वी B-NEL एशिया I-NEL के O छोटे O देशों O पर O है O । O भारत B-NEL इन O स्थितियों O को O देखते O हुए O समावेशी O व्यवहार O पर O ज़ोर O दे O रहा O है O । O इसलिए O भारत B-NEL ने O अमेरिका B-NEL और O जापान B-NEL के O साथ O गठबंधन O बनाने O के O साथ O ही O रूस B-NEL और O चीन -NEL के O प्रति O अपने O परंपरागत O सम्बंधों O को O बनाए O रखने O की O कोशिश O की O है O । O हम O भारत B-NEL - O मध्य B-NEL एशिया I-NEL शिखर O सम्मेलन O से O तय O हुई O रूपरेखा O के O तहत O सहयोग O को O और O बढ़ाने O पर O सहमत O हुए O । O वित्त O मंत्री O ने O रेलवे O में O प्रौद्योगिकी O उन्नयन O के O लिए O बड़ोदरा B-NEL में O विशिष्ट O रेलवे B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO की O स्थापना O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL के O मुख्यमंत्री O इस O कार्यक्रम O में O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O के O माध्यम O से O शामिल O हुए O । O गंगा B-NEL नदी O हमारे O देश O की O राष्ट्रीय O नदी O है O जिसकी O पूजा O की O जाती O है O । O 14. O अफगानिस्तान B-NEL हमारा O निकट O का O पड़ोसी O देश O होने O के O कारण O हम O स्वाभाविक O रूप O से O उस O देश O के O विकास O और O उस O पर O पड़ने O वाले O बाहरी O प्रभावों O के O बारे O में O चिंतित O हैं O । O भारत B-NEL में O किसी O समय O केंद्र O सरकार O के O असीमित O विवेकाधीन O अधिकारों O वाली O कठोर O एकल O व्यवस्था O थी O मगर O समय O के O साथ O विभिन्न O आयोगों O , O समितियों O एवं O संसद O द्वारा O बनाए O गए O कानूनों O की O मदद O से O यह O संविधान O से O नियंत्रित O संघीय O व्यवस्था O में O बदल O गया O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO कौशल O भारत B-NEL कुशल O भारत B-NEL का O लक्ष्य O रख O युवाओं O को O प्रौद्योगिकी O रूप O से O प्रशिक्षित O करने O और O रोजगार O सक्षमता O निर्माण O एवं O दक्षता O विकास O के O लिए O प्रधानमंत्री B-NEL कौशल O विकास O योजना O का O संचालन O कर O रही O है O । O हमारी O खुद O की O भलाई O के O लिए O गंगा B-NEL और O इसकी O पारिस्थितिकीय O प्रणाली O का O संरक्षण O करना O आवश्यक O है O । O शहरीकरण O , O औद्योगिकीकरण O और O कृषि O तथा O अन्य O गतिविधियों O के O लिए O बड़े O पैमाने O पर O पानी O निकाले O जाने O से O गंगा B-NEL नदी O में O पानी O की O गुणवत्ता O और O बहाव O के O स्तर O पर O असर O पड़ा O है O । O 16. O मैं O यह O कहते O हुए O अपनी O बात O समाप्त O करना O चाहूंगा O कि O मैं O और O मेरा O प्रतिनिधिमंडल O सफेद O संगमरमर O से O बने O अश्गाबात B-NEL के O सुंदर O और O विस्मयकारी O शहर O से O वाकई O बहुत O अधिक O प्रभावित O हुए O हैं O । O गुजरात B-NEL की O विकास O कथा O भारत B-NEL में O किसी O समय O केंद्र O सरकार O के O असीमित O विवेकाधीन O अधिकारों O वाली O कठोर O एकल O व्यवस्था O थी O मगर O समय O के O साथ O विभिन्न O आयोगों O , O समितियों O एवं O संसद O द्वारा O बनाए O गए O कानूनों O की O मदद O से O यह O संविधान O द्वारा O नियंत्रित O संघीय O व्यवस्था O में O बदल O गया O । O व्यवसाय O सुगमता O को O बढ़ावा O देने O के O बाद O गुजरात B-NEL जीवन O सहजता O पर O ध्यान O केन्द्रित O कर O रहा O है O । O गंगा B-NEL थाले I-NEL की O नदियों O के O संरक्षण O के O लिए O समग्र O ढांचे O के O विकास O के O साथ O ही O कुछ O मूल O सिद्धांत O निर्धारित O किये O गये O । O गुजरात B-NEL को O विकास O का O पर्याय O माना O जाने O लगा O है O । O गुजरात B-NEL की O पहचान O उसके O भूगोल O , O कला O , O सांस्कृतिक O विरासत O , O शिक्षा O , O साहित्य O , O राजनीति O , O तीर्थस्थलों O , O संत O - O सेवकों O , O महापुरुषों O , O परंपराओं O , O रिवाजों O , O खानपान O , O त्यौहारों O , O आतिथ्य O , O पर्यटन O , O भाषाओं O और O बोलियों O , O प्राचीन O और O ऐतिहासिक O स्थानों O , O शांति O और O सुरक्षा O , O सामाजिक O सुरक्षा O , O कानून O व्यवस्था O , O उद्योगों O , O रोजगार O , O कृषि O , O पशुपालन O , O आधुनिक O अवसंरचनाओं O इत्यादि O से O है O । O लेकिन O भारत B-NEL जैसे O विविधता O भरे O और O विशाल O देश O में O वित्तीय O व्यवस्था O का O विकेंद्रीकरण O अवश्यंभावी O था O । O स्वतंत्रता O आंदोलन O में O हुए O प्रयासों O के O कारण O 1917 B-NEL में O ब्रिटिश B-NEO सरकार I-NEO को O भारत B-NEL में O चरणबद्ध O तरीके O से O जिम्मेदार O सरकार O लाने O की O घोषणा O करनी O पड़ी O । O भारत B-NEL में O पर्यटन O स्थलों O की O प्रचुरता O है O , O जहां O बडे O पैमाने O पर O सैलानी O आते O हैं O । O इनमें O केवडिया B-NEL में O सबसे O ऊंची O प्रतिमा O - O स्टैच्यू B-NEAR ऑफ I-NEAR यूनिटी I-NEAR , O क्रांति B-NEL तीर्थ I-NEL मांडवी I-NEL , O कृषि O महोत्सव O , O गरीब O कल्याण O मेला O , O चिंतन O शिविर O , O ज्योतिग्राम O योजना O , O चरणका O सोलर O पार्क O , O महात्मा B-NEL मंदिर I-NEL - I-NEL गांधीनगर I-NEL , O कन्या O केलवणी O - O शाला O प्रवेशोत्सव O , O गुणोत्सव O , O मोढेरा B-NEAR सूर्य I-NEAR मंदिर I-NEAR में O उत्तरार्द्ध O महोत्सव O , O वाइब्रेंट O गुजरात O निवेश O सम्मेलन O , O अहमदाबाद O में O साबरमती B-NEL नदी I-NEL तट O , O वन O महोत्सव O - O सांस्कृतिक O वनों O का O सृजन O , O आदिवासियों O के O लिये O वनबंधु O कल्याण O योजना O तथा O नाविकों O के O वास्ते O सागरखेडू O सर्वांगी O कल्याण O योजना O प्रमुख O हैं O । O मौजूदा O समय O में O गोवा B-NEL और O तेलंगाना B-NEL ' O हर O घर O जल O ' O राज्य O बन O चुके O हैं O । O भारत B-NEL इस O मामले O में O अनूठा O नहीं O है O क्योंकि O सरकारों O के O बीच O अंतरण O संघीय O व्यवस्था O वाले O कई O देशों O में O होता O है O और O एकल O पार्टी O वाली O सभी O व्यवस्थाओं O में O भी O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO से O स्थानीय O सरकारों O को O अंतरण O किया O जाता O है O । O वास्तव O में O , O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O लेखन O रोजमर्रा O की O जिंदगी O की O स्थानीय O संरचना O से O उसी O प्रकार O ग्रहण O करता O है O जिस O प्रकार O भाषा O साहित्य O , O औपनिवेशिक O व्यवस्था O के O आधुनिकतावादी O एजेंडे O और O औपनिवेशिक O शिक्षा O प्रणाली O तथा O औपनिवेशिक O आधुनिकता O के O साए O के O नीचे O अंग्रेजी O के O साथ O उनके O पारस्परिक O प्रभाव O से O ग्रहण O करता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O भारत B-NEL में O उपन्यास O की O शैली O को O पहले O भाषाओं O - O मलयालम O , O ओडिया O , O मराठी O , O बांग्ला O में O और O बाद O में O अंग्रेजी O में O आजमाया O गया O था O । O ' O स्कूल O शिक्षा O गुणवत्ता O सूचकांक O ' O का O लक्ष्य O भारत B-NEL में O शिक्षा O संबंधी O उपलब्धियों O ( O शिक्षण O , O पहुंच O , O इक्विटी O ) O में O सुधार O लाने O संबंधी O फोकस O को O संस्थागत O रूप O प्रदान O करना O है O । O इसी O समय O के O दौरान O निस्संदेह O यह O नया O और O तेजी O से O बढ़ता O हुआ O भारतीय O - O अंग्रेजी O साहित्य O दर्शाता O है O कि O फिर O भी O संभवत: O भारत B-NEL ने O पुस्तकों O की O दुनिया O में O सबसे O मूल्यवान O योगदान O किया O है O । O बहुभाषावाद O संभवतः O विश्व O साहित्य O की O तुलना O में O अधिक O बहुलतावादी O और O विश्ववादी O तरीकों O से O भारत B-NEL के O साहित्यिक O परिदृश्य O को O परिभाषित O करने O वाला O चिन्हक O है O । O नीति B-NEL आयोग I-NEL ने O केंद्र O सरकार O के O उपयुक्त O मंत्रालयों O द्वारा O राज्य O सरकारों O की O एजेंसियों O के O साथ O साझेदारी O के O साथ O कार्यान्वयन O के O लिए O नई O नीतिगत O जानकारियां O उपलब्ध O कराई O हैं O और O निरंतर O करा O रहा O है O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO संभवतः O स्वास्थ्य O से O जुड़ी O विश्व O की O सबसे O बड़ी O पहल O आयुष्मान O भारत B-NEL का O निरूपण O और O निगरानी O करने O में O पूरी O तरह O शामिल O रहा O है O । O इनके O प्रति O आभार O प्रकट O करते O हुए O इन O ग्रामवासियों O ने O समूचे O गाँव O का O नाम O ही O ' O गुप्ता B-NEL - I-NEL शेट्टी I-NEL हल्ली I-NEL ' O रख O लिया O था O । O सिविल O सेवाओं O की O चुनौतियाँ O और O सुधार O भारत B-NEL में O स्वतंत्रता O प्राप्ति O के O बाद O विकास O का O सामाजिक O कल्याण O मॉडल O अपनाया O गया O था O जिससे O अर्थव्यवस्था O के O प्रमुख O क्षेत्रों O में O सरकारी O हस्तक्षेप O की O संभावना O बहुत O बढ़ O गई O । O संदेहास्पद O गतिविधियों O में O लगे O चीनी O स्मार्टफोन O एप्लीकेशनों O पर O पाबंदी O लगी O तो O भारत B-NEL के O स्टार्टअप O पारिस्थितिकी O तंत्र O में O जोश O आ O गया O । O चीन B-NEL ने O यही O तो O किया O था O ! O हम O चीन B-NEL जैसे O तो O नहीं O हो O सकते O लेकिन O स्वस्थ O प्रतिद्वंद्विता O के O माहौल O में O भी O देसी O कंपनियों O को O जायज O प्रोत्साहन O अवश्य O दे O सकते O हैं O । O भारत B-NEL के O आर्थिक O इतिहास O पर O इन O दिनों O शोध O कार्य O कर O रहे O हैं O । O इस O योजना O से O भारत B-NEL को O मोबाइल O फोन O विनिर्माण O उद्योग O का O वैश्विक O केंद्र O बनाया O जा O सकेगा O । O आम O तौर O पर O बैंकिंग O भारत B-NEL को O अंग्रेजों O की O दी O गयी O व्यवस्थाओं O में O सबसे O महत्वपूर्ण O मानी O जाती O है O । O समझा O और O कहा O जाता O है O कि O आधुनिक O बैंकिंग O प्रणाली O की O शुरुआत O करके O अंग्रेजों O ने O भारत B-NEL की O अर्थव्यवस्था O में O क्रांति O कर O दी O । O क्या O इससे O पहले O भारत B-NEL में O बैंकिंग O की O कोई O प्रणाली O थी O या O नहीं O ? O भारत B-NEL में O सस्ती O दरों O पर O उपलब्ध O स्मार्टफोनों O के O साथ O - O साथ O सस्ती O दरों O पर O इंटरनेट O कनेक्टिविटी O ( O डेटा O ) O की O उपलब्धता O और O दूरसंचार O के O विश्व O स्तरीय O आधारभूत O ढांचे O ने O डिजिटलीकरण O की O अद्भुत O क्रांति O को O साकार O कर O दिखाया O है O । O एप्पल B-NEO ने O संकेत O दिया O है O कि O वह O चीन B-NEL से O अपनी O विनिर्माण O सुविधाओं O को O भारत B-NEL स्थानांतरित O करने O के O बारे O में O गंभीरता O से O विचार O कर O रही O है O । O भारत B-NEL के O पास O न O तो O क्षमता O की O कमी O है O और O न O ही O अवसरों O की O । O आईटी O के O क्षेत्र O में O भारत B-NEL की O महत्वाकांक्षाओं O को O अब O सीमाओं O में O बांधा O नहीं O जा O सकता O । O वे O साउथ B-NEO एशिया I-NEO बायोटेक्नोलॉजी I-NEO सेंटर I-NEO , I-NEO नई I-NEO दिल्ली I-NEO के O अध्यक्ष O ; O ए. B-NEO एफसी. I-NEO लि. I-NEO मुंबई I-NEO के O चेयरमैन O ; O ए. O बी. O एन. O ई. O ( O बुर्कीना B-NEL फासो I-NEL ) O और O आइएसएएए O ( O अमेरिका B-NEL ) O के O कार्यपालक O बोर्ड O सदस्य O और O इंडियन B-NEO सोसाइटी I-NEO फॉर I-NEO कॉटन I-NEO इस्प्रूवमेंट I-NEO , I-NEO मुंबई I-NEO के O अध्यक्ष O हैं O । O नए O उत्पाद O के O रूप O में O भारत B-NEL जैसे O बड़ी O आबादी O और O विविधताओं O वाले O देश O में O डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR के O सफल O प्रयोग O से O विश्व O के O दूसरे O देश O भी O सबक O ले O सकेंगे O । O नीति O निर्माण O में O नागरिकों O और O व्यवसायों O की O ई O - O भागीदारी O को O प्रोत्साहन O देना O , O संयुक्तराष्ट्र B-NEO के O संवहनीय O विकास O लक्ष्यों O को O प्राप्त O करने O में O भारत B-NEL की O मदद O करना O और O डिजिटल O खाई O को O पाट O कर O देश O में O आबादी O के O सभी O स्तरों O पर O सार्वजनिक O सेवा O की O कुशल O डिलीवरी O इसके O अन्य O उद्देश्य O हैं O । O भारत B-NEL ने O लगभग O सभी O महत्वपूर्ण O इलाकों O में O कृषि O उत्पादन O बढ़ाने O में O शानदार O कार्य O किया O है O । O भारत B-NEL में O करेंसी O पर O केंद्रीय O बैंक O यानी O भारतीय O रिजर्व O बैंक O का O नियंत्रण O है O । O मध्य B-NEL और I-NEL पूर्वी I-NEL महाराष्ट्र I-NEL के O हिस्सों O पर O उनका O लंबे O समय O तक O शासन O रहा O । O शिलाहार O शासक O पश्चिमी B-NEL और I-NEL दक्षिणी I-NEL महाराष्ट्र I-NEL में O उनके O लिए O समकालीन O थे O । O अत्यधिक O जनसंख्या O घनत्व O होने O के O बावजूद O भारत B-NEL ने O स्वतंत्रता O के O बाद O कृषि O उत्पादन O में O शानदार O कदम O उठाए O हैं O । O कई O स्थानों O पर O प्रभावशाली O मंदिरों O का O निर्माण O किया O गया O था O जैसे O होतल B-NEL , O निलंगा B-NEL , O खिद्रपुर B-NEL , O गोंडेश्वर B-NEL आदि O । O कुछ O किले O जैसे O देवगिरी B-NEL , O पन्हाला B-NEL भी O इस O काल O में O बनाए O गए O थे O । O इस O काम O से O सौराष्ट्र B-NEL में O (( O 8.25 - लाख - एकड O क्षेत्र O को O फायदा O होगा O । O जनजातियों O द्वारा O बसाए O गए O दक्षिणी B-NEL और I-NEL पूर्वी I-NEL गुजरात I-NEL में O , O लघु O लिफ्ट O सिंचाई O योजनाओं O को O बड़े O पैमाने O पर O शुरू O किया O गया O है O । O यादव O राजाओं O की O राजधानी O - O देवगिरि B-NEL में O मराठी O भाषा O के O विद्वानों O को O प्रश्रय O मिला O और O अपनी O प्रतिभा O दिखाने O का O अवसर O मिला O । O पंचायती O राज O प्रणाली O लम्बी O विकास O प्रक्रिया O से O अस्तित्व O में O आई O है O और O सही O अर्थों O में O भारत B-NEL के O विकेंद्रित O लोकतंत्र O का O दर्पण O है O । O यह O अवधि O महाराष्ट्र B-NEL में O मंदिर O निर्माण O गतिविधि O के O उत्थान O का O प्रतीक O है O । O भारत B-NEL में O करेंसी O को O जारी O करने O और O नियंत्रित O करने O वाले O भारतीय O रिज़र्व O बैंक O ने O जो O भी O करेंसी O ( O मुद्रा O ) O अब O तक O जारी O की O हैं O , O वे O सभी O भौतिक O स्वरूप O में O ही O हैं O । O तब O से O कई O स्वतंत्रता O सेनानियों O के O योगदान O के O साथ O , O महाराष्ट्र B-NEL ने O स्वतंत्रता O के O लिए O संघर्ष O में O प्रमुख O भूमिका O निभाई O । O हालिया O अनुमानों O के O अनुसार O , O वायु O प्रदूषण O , O भारत B-NEL में O बीमारियों O का O दूसरा O सबसे O महत्वपूर्ण O कारण O है O । O दिल्ली B-NEL के O पड़ोसी O राज्यों O को O वित्तीय O सहायता O प्रदान O की O जाएगी O ताकि O वे O फसलों O के O कचरे O के O निस्तारण O के O लिए O उन्हें O जलाने O की O बजाय O दूसरे O तरीके O अपनाएं O । O ये O अमरावती B-NEL , O अकोला B-NEL , O बुलढ़ाना B-NEL , O यवतमाल B-NEL और O वाशिम B-NEL हैं O । O 2. O औरंगाबाद B-NEL डिवीजन O ( B-NEL मराठवाड़ा I-NEL ) I-NEL : O औरंगाबाद B-NEL , O बीड B-NEL , O हिंगोली B-NEL , O जालना B-NEL , O लातूर B-NEL , O नांदेड़ B-NEL , O उस्मानाबाद B-NEL और O परभणी B-NEL । O 3. O कोंकण B-NEL डिवीजन O : O मुंबई B-NEL सिटी O , O मुंबई B-NEL उपनगर O , O रायगढ़ B-NEL , O रत्नागिरी B-NEL , O सिंधुदुर्ग B-NEL और O ठाणे O । O भारत B-NEL में O , O कुछ O ही O समय O पूर्व O विश्व O के O पहले O डीएनए O टीके O के O विवरण O उपलब्ध O हुए O हैं O । O भारत B-NEL की O आज़ादी O और O हिन्दी O साहित्य O जब O ठोस O और O समयबद्ध O तरीके O से O इस O दिशा O में O कदम O बढा़या O जाएगा O , O तभी O भारत B-NEL में O सार्वभौमिक O स्वास्थ्य O कवरेज O का O मार्ग O प्रशस्त O होगा O । O शिकायत O निपटान O की O सफलता O के O प्रतिशत O के O मामले O में O तमिलनाडु B-NEL कई O उत्तर O भारतीय O राज्यों O से O बेहतर O दिखाई O पड़ता O है O । O हाल O ही O में O तमिलनाडु B-NEL प्रान्त O से O लगे O केंद्र B-NEL शासित I-NEL राज्य I-NEL पुडुचेरी I-NEL के O निवासियों O ने O वहां O के O उपराज्यपाल O एवं O मुख्यमंत्री O से O उनके O क्षेत्र O में O चलने O वाली O योजनाओं O की O साप्ताहिक O समीक्षा O के O लिए O उपस्थित O होने O के O लिए O प्रतिवेदन O दिया O गया O , O जो O लोगों O की O शिकायत O निवारण O के O संबंध O में O जागरूकता O को O दर्शाता O है O । O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL - O चंद्रयान O - O 1 O की O सफलता O से O प्रोत्साहित O होकर O इसरो B-NEO ने O मंगल O के O लिए O मानवरहित O अंतरिक्ष O यान O का O निर्माण O , O प्रक्षेपण O और O नौवहन O करने O की O भारत B-NEL की O क्षमता O प्रदर्शित O करने O के O लिए O मंगल O कक्षित्र O मिशन O का O सूत्रपात O किया O । O जीसैट B-NEAR - I-NEAR 11 I-NEAR , O जीसैट B-NEAR - I-NEAR 29 I-NEAR और O जीसैट B-NEAR - I-NEAR 19 I-NEAR जैसे O उपग्रह O , O देश O में O ग्रामीण O क्षेत्रों O और O दुर्गम O ग्राम O पंचायतों O में O ब्रॉडबैंड O कनेक्टिविटी O को O बढ़ावा O देकर O डिजिटल O इंडिया B-NEL अभियान O में O सहायता O कर O रहे O हैं O । O इन O उपग्रहों O पर O ट्रांसपोंडर O जम्मू B-NEL - I-NEL कश्मीर I-NEL और O भारत B-NEL के O पूर्वोत्तर O क्षेत्रों O सहित O सभी O क्षेत्रों O के O उपयोगकर्ताओं O के O डिजिटल O अंतर O को O पाट O सकते O हैं O । O आन्ध्र B-NEL प्रदेश I-NEL में O राज्य O सरकार O द्वारा O अपने O विभागों O की O भी O रैंकिंग O जारी O की O जाती O है O जिससे O उनके O जनता O की O शिकायत O निपटान O की O स्थिति O का O पता O चलता O है O । O कर्नाटक B-NEL - O ध्रुवीय B-NEAR उपग्रह I-NEAR प्रक्षेपण I-NEAR यान I-NEAR ( O पीएसएलवी B-NEAR ) O भारत B-NEL का O तीसरी O पीढ़ी O का O प्रक्षेपण O यान O है O । O प्राचीन O भारत B-NEL में O " O लेखन O ! O भारत B-NEL में O सिविल O सेवाओं O का O इतिहास O गोवा B-NEL - O पूर्वोत्तर B-NEL राज्यों I-NEL में O शिकायत O निवारण O तंत्र O - O * O मेघालय B-NEL राज्य O द्वारा O megpgrams.gov.in B-NEU के O माध्यम O से O ऑनलाइन O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O संचालित O किया O जा O रहा O है O नागरिक O अपनी O शिकायतें O ऑनलाइन O क्लिक O करके O मेनू O पर O दाखिल O कर O सकते O हैं O । O * O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL में O योजना O और O निगरानी O प्रक्रिया O को O स्कीम O मैनेजमेंट O सिस्टम O ( O एसएमएस O ) O सॉफ्टवेयर O को O लॉन्च O कर O ऑनलाइन O कर O दिया O गया O । O इसके O साथ O ही O भारत B-NEL सुपरसोनिक B-NEAR कॉम्बसशन I-NEAR रैमजेट I-NEAR ( O एससीआरएएमजेईटी B-NEAR ) O इंजन O का O उड़ान O परीक्षण O करने O वाला O चौथा O देश O बन O गया O । O ब्रिटेन B-NEL में O मंत्री O स्तरीय O संहिता O , O अमेरिकी B-NEO सीनेट I-NEO में O आचार O संहिता O और O कनाडा B-NEL में O मंत्रियों O के O लिए O मार्गदर्शिका O है O । O स्पेन B-NEL में O मंत्रियों O और O वरिष्ठ O अधिकारियों O के O लिए O सुशासन O संहिता O है O । O इस O लेख O में O विशेष O रूप O से O भारत B-NEL के O संदर्भ O में O लोक O प्रशासन O में O आचार O नीति O की O अवधारणा O और O संस्थागत O तंत्र O द्वारा O ईमानदारी O सुनिश्चित O करने O के O तरीकों O के O बारे O में O पड़ताल O करने O की O कोशिश O की O गई O है O । O बिहार B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL झारखण्ड B-NEL जैसे O निम्न O साक्षरता O वाले O राज्यों O में O जनता O द्वारा O शिकायत O दर्ज O करने O के O लिए O तीसरे O व्यक्ति O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O , O जिस O वजह O से O निःशुल्क O दायर O की O जा O सकने O वाली O शिकायत O के O लिए O उन्हें O पैसे O देने O पड़ते O हैं O । O इसके O अतिरिक्त O कई O राज्यों O विशेषकर O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL में O ऐसे O मामले O भी O सामने O आए O हैं O , O जिनमें O शिकायतकर्ता O को O सरकारी O विभागों O द्वारा O धमकाया O एवं O डराया O गया O । O लोकतंत्र O में O जनप्रतिनिधियों O अर्थात O सरकार O की O जिम्मेवारी O है O कि O वह O भारत B-NEL के O सभी O नागरिकों O को O पारदर्शी O प्रशासनिक O तंत्र O मुहैया O करवाए O और O इसी O दिशा O में O सरकार O द्वारा O आरंभ O की O गई O कुछ O प्रणालियां O - O सीपीग्राम्स O ( O केन्द्रीकृत O लोक O शिकायत O निवारण O एवं O निगरानी O प्रणाली O ) O , O प्रगति O ( O प्रो O - O एक्टिव O गवर्नमेंट O एवं O टाइमली O इम्प्लीमेंटेशन O ) O और O mygov O ( O नागरिकों O को O जोड़ने O वाला O मंच O ) O सराहनीय O हैं O । O सीपीग्राम्स O के O तहत O मिलने O वाली O राज्य O सरकारों O की O शिकायतों O में O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL , O महाराष्ट्र B-NEL व O दिल्ली B-NEL सबसे O आगे O हैं O , O यहां O पर O सुशासन O लाना O थोड़ा O चुनौतीपूर्ण O हो O सकता O है O पर O जन O जागरूकता O के O माध्यम O से O इस O चुनौती O पर O काबू O पाया O जा O सकता O है O । O हमें O इस O बात O की O भी O खुशी O है O कि O वैश्विक O अनिश्चितता O और O अस्थिरता O के O समय O में O भी O , O हम O मालदीव B-NEL को O आवश्यक O वस्तुओं O की O आपूर्ति O लगातार O बनाए O रखने O में O सक्षम O रहे O हैं O । O मैं O इस O अवसर O पर O जलवायु O परिवर्तन O के O क्षेत्र O में O मालदीव B-NEL की O सरकारों O और O जनता O , O दोनों O के O प्रयासों O और O महत्वाकांक्षाओं O की O सराहना O करना O चाहता O हूं O । O भारत B-NEL इस O संबंध O में O मालदीव B-NEL के O साथ O अपनी O क्षमताओं O को O साझा O करने O के O लिए O तैयार O है O । O इस O प्रकार O लोक O शिकायतों O के O निवारण O से O जनता O संतुष्ट O होगी O और O जनता O के O संतुष्टीकरण O से O ही O लोकतंत्र O का O भी O सशक्तिकरण O होगा O , O क्योंकि O हम O भारत B-NEL के O लोग O ही O लोकतंत्र O के O आधार O हैं O । O नव O भारत B-NEL की O ओर O भारत B-NEL में O सुशासन O और O विकास O पर O जोर O देने O वाले O माननीय O प्रधानमंत्री O जी O ने O सभी O राज्यों O में O विकास O कार्यों O पर O सटीक O निगरानी O रखने O के O लिए O प्रगति B-NEAR संवाद I-NEAR जैसे O नूतन O व O प्रभावी O कदम O लिए O हैं O । O यह O मालदीव B-NEL में O और O ग्रेटर O माले O कनेक्टिविटी O प्रोजेक्ट O से O पहले O हमारी O सबसे O बड़ी O अनुदान O वित्त O पोषित O परियोजना O है O । O देश O का O सबसे O स्वच्छ O शहर O इस O समय O इंदौर B-NEL है O । O केवल O दिल्ली B-NEL शहर O में O ही O नहीं O देश O के O बाकी O शहरों O में O भी O दिल्ली B-NEL मेट्रो O का O मॉडल O शहरों O के O लिए O अनिवार्य O लग O रहा O है O । O भारत B-NEL के O स्वतन्त्रता O संघर्ष O के O साथ O - O साथ O राष्ट्र O - O निर्माण O में O उनका O महत्वपूर्ण O योगदान O है O । O इस O कार्य O से O भारत B-NEL सतत O विकास O लक्ष्य O - O 6 O प्राप्ति O के O मार्ग O पर O चल O पड़ा O है O और O वहीं O बेहतर O स्रोत O प्रबंधन O और O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O में O योगदान O के O सहारे O अन्य O लक्ष्य O प्राप्ति O पर O भी O कार्य O चल O रहा O है O । O यह O किताब O स्वतंत्र O भारत B-NEL के O प्रथम O राष्ट्रपति O की O महानता O से O आज O की O पीढ़ी O का O परिचय O कराती O है O । O लेखक O दिल्ली B-NEL की O नेशनल B-NEO लॉ I-NEO यूनिवर्सिटी I-NEO के O कुलपति O हैं O । O भारत B-NEL अनेक O प्राचीन O सभ्यताओं O की O भूमि O रहा O है O और O यहां O बहुत O पहले O ही O जन O - O प्रशासन O की O कला O और O उसका O विज्ञान O विकसित O किए O गए O थे O । O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O यह O अपनी O तरह O की O हेल्पलाइन O है O जो O मुख्यमंत्री O व O नागरिकों O में O समन्वय O करती O है O । O इसके O बाद O के O अगले O महत्वपूर्ण O दौर O में O भारत B-NEL में O गुप्तकाल O का O समय O आया O जिसे O इतिहासकार O ' O स्वर्णिम O काल O ' O की O संज्ञा O भी O देते O हैं O । O ' O भारतीय O ब्यूरोक्रेसी O ( O अफसरशाही O तंत्र O ) O के O ऐतिहासिक O परिप्रेक्ष्य O ' O पर O चर्चा O भारत B-NEL में O सिविल O सेवाओं O के O इतिहास O के O अवलोकन O से O शुरू O होती O है O । O उसके O लिए O केवल O पंजाब B-NEL पर O कब्जा O जमाना O बाकी O था O । O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O सभी O सुखी O हों O , O निरोगी O हों O , O सबका O कल्याण O हो O , O यही O शासन O व्यवस्था O का O ध्येय O है O । O और O यह O वो O चीज़ O है O जो O दक्षिण B-NEL एशिया I-NEL की O सीमाओं O से O परे O है O । O इक्कीसवीं O सदी O के O भारत B-NEL में O अंग्रेजी O तथा O भाषाओं O के O बीच O परिवर्तित O होते O और O जटिल O संबंधों O के O कारण O उकसाने O से O और O बदली O हुई O सामाजिक O तथा O सांस्कृतिक O गतिशीलता O से O पोषित O इन O नई O साहित्यिक O पुनरावृत्तियों O ने O भारतीय O साहित्य O के O परिदृश्य O को O बदल O दिया O है O । O यह O उचित O ही O है O कि O मैं O गुवाहाटी B-NEL में O की O मौजूदगी O में O ऐसा O करूं O । O लेकिन O ज़रा O सोचें O कि O क्या O होगा O अगर O म्यांमार B-NEL के O ज़रिये O भूमि O संपर्क O और O बांग्लादेश B-NEL के O ज़रिये O समुद्री O संपर्क O व्यवहार्य O हो O जाए O । O कोविड O - O 19 O महामारी O से O निपटने O के O लिए O भारत B-NEL में O की O गई O कार्रवाई O से O देश O के O संघीय O ढांचे O का O संतुलन O बदल O रहा O है O । O यह O न O केवल O आसियान B-NEO और O जापान B-NEL के O साथ O हमारी O साझेदारियों O पर O निर्मित O होगा O , O बल्कि O वास्तव O में O इंडो B-NEL - I-NEL पैसिफिक I-NEL आर्थिक O ढांचे O में O फर्क O लाएगा O जो O अभी O निर्माण O के O क्रम O में O है O । O इसने O विभिन्न O रूपों O से O अन्य O देशों O के O साथ O भारत B-NEL के O राजनयिक O संबंधों O का O प्रबंधन O किया O है O । O इन O रूपों O में O , O तरीकों O में O अंतर्राष्ट्रीय O मंचों O पर O भारत B-NEL का O प्रतिनिधित्व O करना O तथा O देश O के O हितों O को O बनाए O रखना O , O देश O के O मैत्रीपूर्ण O विदेशी O सम्बन्धों O को O बनाए O रखना O तथा O राष्ट्रीय O हितों O की O रक्षा O करना O और O विदेशों O से O राजनयिक O महत्व O की O जानकारियां O जुटा O कर O सरकार O को O प्रस्तुत O करना O शामिल O हैं O । O भारतीय B-NEO विदेश I-NEO सेवा I-NEO विदेशों O में O भारत B-NEL के O हितों O का O प्रतिनिधित्व O करती O है O और O ऐसी O जानकारियों O को O प्राप्त O तथा O विश्लेषित O करती O है O जिसके O आधार O पर O विदेश O नीति O संबंधी O मुख्य O फैसले O लिए O जाते O हैं O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL - O इस O शाखा O का O आधार O विदेश O सेवा O के O अधिकारी O हैं O जो O अन्य O देशों O के O साथ O भारत B-NEL के O हितों O को O बनाए O रखते O हुए O परस्पर O शांति O और O समृद्धि O के O लिए O काम O करते O हैं O । O मालदीव B-NEL के O डॉक्टर O और O विशेषज्ञ O भारतीय O संस्थानों O में O प्रशिक्षण O प्राप्त O करते O हैं O । O भारत B-NEL के O संविधान O में O केन्द्र O और O राज्यों O के O बीच O अधिकारों O के O आवंटन O की O विस्तृत O योजना O दी O गयी O है O यद्यपि O इसमें O भी O एकात्मक O ढांचे O का O आधार O भी O विद्यमान O है O । O मौजूदा O दौर O में O संघवाद O का O सबसे O महत्वपूर्ण O क्षण O भारत B-NEL में O कोविड O - O 19 O संकट O के O प्रबंधन O के O लिए O जमीनी O स्तर O पर O राज्य O सरकारों O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O का O उजागर O होना O है O । O कोविड O - O 19 O के O प्रारंभिक O चरण O में O सरकार O की O कार्रवाई O ने O भारत B-NEL के O संघीय O ढांचे O का O एकात्मकता O की O ओर O झुकाव O रेखांकित O हुआ O । O लॉकडाउन O के O बाद O के O चरणों O में O उनकी O स्वायत्तता O बहाल O होती O दिखाई O दी O , O लेकिन O भारत B-NEL में O केन्द्र O के O मुकाबले O राज्यों O को O कामकाजी O शक्तियां O कम O हैं O । O यहां O तक O कि O लॉकडाउन O से O पहले O ही O , O भारत B-NEL के O कई O राज्य O अपने O लिए O निर्धारित O वित्तीय O घाटे O की O सीमा O को O या O तो O तोड़ O चुके O थे O या O तोड़ने O की O कगार O पर O थे O । O सरकार O स्किल O इंडिया B-NEL और O डिजिटल O इंडिया B-NEL योजना O के O अर्न्तगत O युवाओं O को O आधुनिक O व्यावसायिक O और O रोजगारपरक O प्रशिक्षण O देकर O आर्थिक O रूप O से O स्वावलंबी O बनाने O की O दिशा O में O प्रयासरत O है O । O तोल्कप्पियम B-NEAR की O प्रारंभिक O कविता O से O पता O चलता O है O कि O तमिल O भूमि O की O दक्षिणी O सीमा O ' O कुमरी B-NEL ' O थी O , O जो O वास्तव O में O कुमरी B-NEL पहाड़ियों O का O प्रतिनिधित्व O करती O है O । O उन O दिनों O तमिल O भूमि O वेंकटम B-NEL पहाड़ियों O और O कुमरी B-NEL पहाड़ियों O के O बीच O थी O । O तोल्कप्पियम B-NEAR के O आगमन O से O पहले O , O दक्षिण O में O भूमि O को O बड़े O पैमाने O पर O आगे O बढ़ाया O गया O था O और O ऑस्ट्रेलियाई B-NEL महाद्वीप I-NEL के O करीब O था O । O बजट O के O विभिन्न O स्तंभ O - O यथा O स्वास्थ्य O तथा O आरोग्य O , O भौतिक O तथा O वित्तीय O पूंजी O तथा O अवसंरचना O , O आकांक्षी O भारत B-NEL के O लिए O समावेशी O विकास O , O मानव O पूंजी O को O सशक्त O करना O , O नवाचार O और O अनुसंधान O एवं O विकास O , O कृषि O क्षेत्र O पर O जोर O तथा O न्यूनतम O सरकार O - O अधिकतम O शासन O पर O विभिन्न O आलेखों O से O बजट O को O समझने O में O काफी O मदद O मिली O । O सिंधु B-NEL घाटी O लिपि O में O व्यंजन O के O ऊपर O बिंदी O नहीं O होती O है O । O भारत B-NEL में O कृषि O राज्यों O का O विषय O है O और O राज्य O , O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O सुझाये O गये O मामूली O से O सुधारों O का O भी O विरोध O करना O शुरू O कर O देते O हैं O । O राज्यों O को O इसे O अमल O में O लाने O के O लिए O अपनी O ओर O से O बदलाव O करने O की O भी O छूट O दी O गई O है O क्योंकि O कर्नाटक B-NEL की O जरूरतें O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL की O जरूरतों O से O अलग O हो O सकती O हैं O । O सिंधु B-NEL घाटी O की O खुदाई O भी O इसी O अभ्यास O को O दर्शाती O है O । O अतः O भाषिक O और O सांस्कृतिक O सिद्धांत O बताते O हैं O कि O तोल्कप्पियम B-NEAR की O उत्पत्ति O कई O प्राचीन O स्रोतों O से O हुई O थी O , O जिसमें O सिंधु B-NEL घाटी O भी O शामिल O थी O । O महामारी O के O इस O दौर O में O समय O व्यर्थ O ना O जाए O , O इसलिए O कर्नाटक B-NEL प्रशासन O अपने O गांवों O तक O डिजिटल O रूप O में O पहुंच O बना O रहा O है O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL ने O अटल O भूजल O योजना O के O मानक O के O अनुसार O भूजल O में O सुधार O के O लिए O अपनी O सभी O ग्राम O पंचायतों O तक O पहुंचने O की O योजना O निर्धारित O की O है O । O भारत B-NEL दुनिया O में O भूजल O का O सबसे O बड़ा O उपयोगकर्ता O देश O है O । O यह O कुमरी B-NEL उन O पहाड़ियों O को O दर्शाती O है O जो O बाद O में O गायब O हो O गई O थीं O । O देश O में O कोरोना O के O मामले O कम O होने O के O साथ O ही O , O हमें O अपने O - O आप O से O यह O सवाल O पूछना O चाहिए O - O भारत B-NEL किस O तरह O से O ऐसी O तैयारी O कर O सकता O है O कि O उसे O आगे O फिर O कभी O ऐसी O स्थिति O का O सामना O नहीं O करना O पड़े O ? O * O मेक O इन O इंडिया B-NEL योजना O * O स्किल O एवं O डिजिटल O इंडिया B-NEL योजना O भारत B-NEL में O संपूर्ण O लोक O सेवा O तंत्र O में O कार्मिक O संवर्गों O में O सबसे O अधिक O संख्या O केद्रीय O सचिवालय O सेवा O और O भारतीय O राजस्व O सेवा O ( O आईटी O एवं O सी O तथा O सीई O ) O में O है O । O कला O एवं O संस्कृति O : O नए O भारत B-NEL के O लिए O सिनेमा O भारत B-NEL को O स्वतंत्रता O मिलने O के O बाद O के O शुरुआती O वर्षों O में O यहां O शिक्षा O , O कृषि O और O विकास O जैसे O जरूरी O मुद्दों O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O गया O । O उन्हें O इस O बारे O में O बताने O वाला O कोई O नहीं O था O कि O नया O भारत B-NEL बनाने O और O नागरिकों O के O चरित्र O निर्माण O में O सिनेमा O अहम O भूमिका O निभा O सकता O है O । O ऐसे O में O यूरोपीय B-NEL देशों I-NEL के O साथ O सम्बंधों O को O नए O सिरे O से O परिभाषित O करने O की O भी O जरूरत O होगी O । O इसी O प्रकार O से O फ्रांस B-NEL के O साथ O रेसीप्रोसिटी O ( O अन्योन्याश्रिता O ) O आधारित O सम्बंधों O को O बढ़ावा O दिया O । O जर्मनी B-NEL एवं O नार्डिक B-NEL देश I-NEL भारत B-NEL में O संभावनाएं O देख O रहे O थे O लेकिन O कोविड O महामारी O ने O उस O पर O विराम O लगा O दिया O । O भारत B-NEL की O व्यापार O और O ऊर्जा O सुरक्षा O होरमुज O जलसंधि O और O बाव B-NEL - I-NEL एल I-NEL - I-NEL मंडेब I-NEL खाड़ी I-NEL की O सुरक्षा O से O घनिष्ठ O रूप O से O जुड़ी O हुई O है O । O भारतीय O नौसेना O ने O कई O खाड़ी O देशों O के O साथ O नौसैनिक O अभ्यासों O में O हिस्सा O लिया O है O , O जिनमें O कुवैत B-NEL , O यमन B-NEL , O बहरीन B-NEL , O सऊदी B-NEL अरब I-NEL , O कतर B-NEL , O यूएई B-NEL तथा O जिबूती B-NEL प्रमुख O हैं O । O इस O दौर O में O भारत B-NEL - O सऊदी B-NEL अरब I-NEL रिश्ते O काफी O ऊंचाई O पर O पहुंचे O जिसमें O प्रधानमंत्री O की O व्यक्तिगत O कूटनीति O की O अहम O भूमिका O रही O । O लेखक O ग्लोबल O टीचर O प्राइज़ O 2020 O से O सम्मानित O भारत B-NEL के O पहले O अध्यापक O हैं O । O नये O भारत B-NEL की O शिक्षा O पहले O इस O क्षेत्र O में O भारत B-NEL के O रिश्ते O प्रवासी O श्रमिक O और O कच्चे O तेल O जैसे O मुश्किल O मुद्दों O तक O सीमित O थे O लेकिन O अब O हमने O इन O बाधाओं O को O पार O कर O लिया O है O । O दरअसल O , O इस O क्षेत्र O के O देश O यह O जानते O हैं O कि O भारत B-NEL किसी O पर O भी O दबदबा O नहीं O बनाना O चाहता O । O वह O सबसे O बराबरी O का O रिश्ता O रखना O चाहता O है O इसलिए O वह O पश्चिम B-NEL एशियाई I-NEL देशों I-NEL के O साथ O द्विपक्षीय O रिश्तों O की O बेहतरी O की O पहल O कर O रहा O है O । O नये O भारत B-NEL की O शिक्षा O विद्यार्थियों O को O लाभकारी O और O संतोषप्रद O रोज़गार O के O लिए O तैयार O कर O चरित्र O - O निर्माण O को O बढ़ावा O देने O में O सक्षम O बनाएगी O । O भारत B-NEL की O विदेश O नीति O में O अफ्रीकी O महादेश O का O केन्द्र O में O आना O महत्वपूर्ण O है O । O लेकिन O अभी O भारत B-NEL को O ऐसे O उपायों O को O अपनाने O की O जरूरत O है O जिससे O भारत O और O अफ्रीकी O देशों O की O साझेदारी O सारी O संभावित O क्षमताओं O का O फायदा O उठा O सके O । O भारत B-NEL लम्बे O समय O तक O एफ्रो O - O एशियन O ब्रदरहुड O की O नीति O पर O चलता O रहा O है O और O अभी O ब्रिक्स B-NEL व O इब्सा B-NEL के O अतिरिक्त O अफ्रीकी O संघ O के O साथ O भारत B-NEL के O अच्छे O सम्बंध O हैं O । O नए O संस्थागत O प्रबंधन O तंत्र O के O रूप O में O शिमला B-NEL जल O प्रबंधन O निगम O का O गठन O । O विशेष O यह O कि O शिमला B-NEL की O जल O - O गारंटी O प्रकृति O ने O नहीं O , O राजमार्ग O के O डिजाइन O में O त्रुटि O के O कारण O हुई O । O विदेश O नीति O का O अध्ययन O करते O समय O यह O विषय O बेहद O महत्वपूर्ण O है O कि O ग्लोबल O मल्टीलैटरल O आर्डर O में O भारत B-NEL कहां O पर O है O । O एमटीसीआर O में O भारत B-NEL की O सदस्यता O किसी O भी O बहुपक्षीय O निर्यात O नियंत्रण O व्यवस्था O में O भारत B-NEL का O पहला O प्रवेश O था O जिसके O पश्चात O भारत B-NEL उच्चस्तरीय O मिसाइल O प्रौद्योगिकी O की O खरीद O करने O में O सक्षम O होगा O और O रूस B-NEL के O साथ O इसके O संयुक्त O उपक्रम O को O भी O बढ़ावा O मिलेगा O । O हालांकि O भारत B-NEL का O असैन्य O परमाणु O करार O अमेरिका B-NEL के O साथ O है O इसलिए O वह O एनएसजी O , O एमटीसीआर O , O ऑस्ट्रेलिया B-NEL समूह I-NEL और O वासेनार B-NEL अरेंजमेंट O जैसे O निर्यात O नियंत्रण O व्यवस्था O में O शामिल O होने O का O प्रयास O कर O रहा O है O । O जनता O और O नदी O के O बीच O संपर्क O सेतु O ( O जन O गंगा B-NEL ) O गंगा B-NEL नदी O में O पायी O जाने O वाली O डॉल्फिनों O ( O राष्ट्रीय O जलचर O ) O के O संरक्षण O को O भी O सर्वोच्च O प्राथमिकता O दी O जा O रही O है O । O भारत B-NEL उनके O सामने O विकास O संबंधी O जरूरतों O के O स्राथ O पर्यावरण O नीतियों O के O संतुलन O का O मानक O पेश O कर O रहा O है O । O और O श्रद्धांजलि O देने O का O सबसे O अच्छा O तरीका O लोकतंत्र O और O स्वतंत्रता O को O आगे O बढ़ाना O है O , O क्योंकि O उन्होंने O भारत B-NEL में O उन्हें O संस्थागत O बनाने O के O लिए O बहुत O कुछ O किया O । O विज्ञान O पर्यावरण O केंद्र O ने O भारत B-NEL के O चेन्नई B-NEL और O बेंगुलुरु B-NEL शहर O को O सावधान O किया O है O । O 2. O अब O , O इस O आदरणीय O संस्था O ने O आधुनिक O भारत B-NEL के O निर्माण O पर O अनेक O प्रकार O से O अपनी O छाप O छोड़ी O है O । O भारत B-NEL में O सार्वजनिक O वित्त O का O संघीय O चरित्र O गंगा B-NEL उद्धार O के O लिए O समर्पित O कार्यकर्ताओं O के O समूह O जनसमुदाय O में O जाकर O जागरूकता O बढ़ाने O के O कार्य O में O लगे O हैं O । O जैसा O कि O निःसंदेह O अन्यों O में O संयुक्त B-NEL राज्य I-NEL अमेरिका I-NEL , O रूस B-NEL , O फ्रांस B-NEL , O कनाडा B-NEL और O स्विट्जरलैंड B-NEL में O हमारे O वर्तमान O राजदूत O शामिल O हैं O , O सूची O बहुत O लंबी O है O । O गठबंधन O का O मुख्यालय O गुरुग्राम B-NEL , O , O भारत B-NEL में O है O । O अनुसंधान O , O नीति O और O ज्ञान O प्रबंधन O ( O ज्ञान O गंगा B-NEL ) O भारत B-NEL को O यह O बताना O होगा O कि O वह O विश्व O शक्ति O बनने O की O प्रक्रिया O में O है O और O अंतरराष्ट्रीय O व्यवस्था O की O प्राथमिकताओं O को O परिभाषित O करने O की O योग्यता O रखता O है O । O आज O विश्व O व्यवस्था O में O जिस O तेजी O से O बदलाव O हो O रहे O हैं O , O उसमें O भारत B-NEL का O स्ट्रक्चरल O , O इंटीट्यूशनल O और O विचारों O के O स्तर O पर O बहुत O से O सवालों O को O तलाशना O होगा O ताकि O भावी O चुनौतियों O से O निपटने O की O रणनीति O पहले O ही O तैयार O की O जा O सके O । O यह O पहला O समझौता O आधारित O अंतरराष्ट्रीय O अंतरसरकारी O संगठन O है O जो O पूरी O तरह O से O या O आंशिक O रूप O से O कर्क B-NEL और I-NEL मकर I-NEL ऊष्णकटिबंधों I-NEL के O बीच O स्थित O है O । O नमामि O गंगे O अब O अर्थ O - O गंगा B-NEL मॉडल O के O विकास O की O ओर O अग्रसर O हो O रहा O है O जिसके O अंतर्गत O गंगा B-NEL थाले I-NEL के O आर्थिक O विकास O को O पारिस्थितिकीय O सुधार O और O गंगा B-NEL संरक्षण O के O साथ O जोड़ा O जाएगा O । O इसके O लिए O फिलहाल O , O गंगा B-NEL के O जलीय O जीवों O पर O अनुवांशिक O प्रभावों O का O अध्ययन O भी O शुरू O किया O गया O है O ।'! O दार्शनिक O और O नैतिक O तर्क O पर O आधारित O उनके O समतावादी O विचारों O ने O भारत B-NEL के O संविधान B-NEAR को O बनाने O में O मदद O की O । O आईओटी B-NEO इंडस्ट्री I-NEO को O सटीक O सिग्नल O पहुंचाने O में O यह O चुनौती O सफल O हुई O और O इसने O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL के O विचार O को O प्रोत्साहन O दिया O । O कंप्यूटरीकरण O की O चर्चा O भारत B-NEL के O सुपर O कंप्यूटर O की O बात O किए O बिना O अधूरी O रह O जाएगी O । O परम -NEAR , O जो O कि O भारत B-NEL का O पहला O सुपरकंप्यूटर O था O , O आधुनिक O भारत B-NEL की O तकनीकी O प्रगति O का O प्रतीक O बन O गया O । O ये O वास्तव O में O , O वही O विचार O हैं O जो O हमारे O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL की O प्रेरक O शक्ति O हैं O । O जब O दूसरे O देशों O ने O भारत B-NEL को O इस O तरह O की O आधुनिकतम O तकनीकें O देने O से O इंकार O कर O दिया O तब O भारत B-NEL ने O इनके O स्वदेशी O विकास O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O और O अपनी O मंजिल O हासिल O करके O दिखाई O । O भारत B-NEL में O कंप्यूटिंग O के O क्षेत्र O की O बढ़ती O ज़रूरतों O , O विशेषकर O सुपर O कंप्यूटर O की O ज़रूरत O को O पूरा O करने O के O लिए O सेंटर B-NEO फॉर I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ऑफ I-NEO एडवांस I-NEO कंप्यूटिंग I-NEO ( O सी B-NEO - I-NEO डैक I-NEO ) O की O स्थापना O की O गई O थी O , O हमारे O संविधान O ने O अपने O नागरिकों O को O विभिन्न O अधिकार O दिए O हैं O , O लेकिन O लोगों O की O रोजमर्रा O की O तकलीफें O दूर O करने O की O प्रभावशाली O प्रणाली O नहीं O होना O आज O भी O भारत B-NEL में O प्रशासन O की O कमजोरी O है O । O जैसे O भारत B-NEL को O विदेशों O से O क्रायोजेनिक O इंजन O की O सप्लाई O पर O रोक O लगा O दिया O जाना O , O जब O भारत B-NEL ने O खुद O ही O ऐसे O इंजन O बनाकर O दिखा O दिए O । O भारत B-NEL में O कोविड O - O 19 O महामारी O के O आगमन O से O पहले O , O स्कूल O और O आंगनवाड़ी O केंद्र O पानी O की O लगातार O सप्लाई O की O कमी O झेल O रहे O थे O । O शुरुआत O में O भारत B-NEL को O मास्क O और O पीपीई O की O घोर O तंगी O का O सामना O करना O पड़ा O । O बिहार B-NEL , O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL और O झारखण्ड B-NEL जैसे O निम्न O साक्षरता O वाले O राज्यों O में O जनता O द्वारा O शिकायत O दर्ज O करने O के O लिए O तीसरे O व्यक्ति O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O , O जिस O वजह O से O निःशुल्क O दायर O की O जा O सकने O वाली O शिकायत O के O लिए O उन्हें O पैसे O देने O पड़ते O हैं O उन्होंने O न O सिर्फ O भारत B-NEL के O आम O उपभोक्ता O की O आत्मा O को O झकझोर O दिया O है O बल्कि O इस O देश O के O राष्ट्रीय O अर्थतंत्र O को O भी O सकारात्मक O अर्थों O में O ललकारा O है O । O यह O सुरक्षित O मार्ग O के O लिए O युद्ध O विराम O सुनिश्चित O करने O के O लिए O रूस B-NEL और O यूक्रेन B-NEL में O उच्चतम O स्तर O पर O हस्तक्षेप O करता O है O । O यह O वेंटिलेटर O परियोजना O भारत B-NEL में O स्टार्टअप O पारिस्थितिकी O के O विकास O का O सबूत O है O । O इस O काम O में O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL मेडटेक I-NEL जोन I-NEL ( I-NEL एएमटीजेड I-NEL ) I-NEL , I-NEL विशाखापत्तनम I-NEL की O भूमिका O खास O तौर O से O उल्लेखनीय O है O । O चाहे O वह O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL का O लोकसेवा O गारंटी O अधिनियम O हो O या O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL का O जन O सुनवाई O पोर्टल O , O सभी O प्रयास O इसी O दिशा O में O हैं O कि O किस O प्रकार O शासन O को O जनता O द्वारा O एवं O जनता O के O लिए O बनाया O जाए O । O भारत B-NEL उस O माध्यम O से O लाभ O नहीं O उठा O पाया O , O जिसे O मैं O विभिन्न O देशों O ( O खास O तौर O पर O यूरोप B-NEL में O ) O में O सीखने O का O सबसे O ताकतवर O माध्यम O ( O सिनेमा O ) O कहता O हूं O । O मध्यप्रदेश B-NEL - O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O वर्तमान O सरकार O ने O सुशासन O को O सर्वोच्च O प्राथमिकता O में O रखा O है O । O अब O हमारे O कुछ O ऐसे O नागरिक O थे O जिन्हें O अमेरिका B-NEL , O फ्रांस B-NEL , O ब्रिटेन B-NEL या O अमीरात B-NEL द्वारा O संचालित O उड़ानों O में O सीटों O की O सुविधा O मिल O गई O थी O और O इन O सभी O पर O बहुत O ही O नाजुक O मोलभाव O हुआ O था O । O यहां O की O कहानियों O को O सुनकर O ( O मुख्य O तौर O पर O महाभारत B-NEAR , O जातक B-NEAR कथाएं I-NEAR ) O भारत B-NEL के O कई O मुसलमान O शासकों O की O आक्रमणकारी O प्रवृत्तियों O में O बदलाव O देखने O को O मिला O । O 7. O अब O काबुल B-NEL से O ऑपरेशन O देवी O शक्ति O की O उड़ानें O भले O ही O तनावपूर्ण O रही O हों O , O लेकिन O अभी O भी O अल्प O सूचना O पर O उनका O प्रबंध O हो O सकता O था O । O कोविड O महामारी O से O उत्पन्न O माँगों O के O सामने O भारत B-NEL की O चुनौती O बहुत O अधिक O चुनौतीपूर्ण O थी O । O वैज्ञानिक B-NEO और I-NEO औद्योगिक I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO के O हैदराबाद B-NEL स्थित O कोशिकीय B-NEO और I-NEO आणविक I-NEO जीवविज्ञान I-NEO केन्द्र I-NEO - I-NEO सेंटर I-NEO फॉर I-NEO सेल्यूलर I-NEO एंड I-NEO मोलिकुलर I-NEO बायोलॉजी I-NEO ( I-NEO सीसीएमबी I-NEO ) I-NEO ने O ड्राई O स्वैब O कलेक्शन O - O डायरेक्ट O आरटी O - O पीसीआर O निदान O प्रोटोकॉल O विकसित O किया O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O भारत B-NEL की O साख O में O बहुत O इजाफा O हुआ O है O । O भारत B-NEL में O लंबे O समय O तक O विदेशी O मुद्रा O को O नियंत्रित O कमोडिटी O जैसा O माना O जाता O था O । O टेथियन B-NEL बेल्ट O में O भी O इसी O तरह O की O स्थिति O होती O है O । O पहले O वुहान B-NEL से O शुरू O हुआ O और O फिर O इटली B-NEL और O उससे O आगे O बढ़ते O हुए O , O इसमें O स्थानीय O , O प्रांतीय O , O राष्ट्रीय O अधिकारियों O के O साथ O गहन O जुड़ाव O शामिल O था O । O इस O समूह O का O सदस्य O बनने O से O भारत B-NEL को O अपनी O अर्थव्यवस्था O का O तेजी O से O विस्तार O करने O का O मौका O मिलेगा O । O और O यह O केवल O भारतीयों O के O वापस O आने O तक O सीमित O नहीं O था O ; O विदेश O में O रहने O वाले O उदाहरण O के O लिए O , O खाड़ी B-NEL में O कई O लोगों O को O सीधे O या O स्थानीय O सरकारों O के O साथ O हस्तक्षेप O करके O सहायता O दी O गई O थी O । O कोविड O 19 O की O वैश्विक O महामारी O , O सीमा O पार O से O आतंकवाद O और O विश्व O बाजार O से O प्रतिस्पर्धा O भारत B-NEL के O सामने O मौजूदा O समय O की O कुछ O प्रमुख O चुनौतियां O हैं O । O इस O कानून O ने O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO और O कुछ O मामलों O में O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO को O भारत B-NEL के O बाहर O विदेशी O मुद्रा O के O भुगतान O संबंधी O सौदों O , O करेंसी O नोटों O और O सर्राफे O के O आयात O और O निर्यात O , O निवासियों O और O प्रवासियों O के O बीच O प्रतिभूतियों O के O ट्रांसफर O , O विदेशी O प्रतिभूतियों O के O अधिग्रहण O और O भारत B-NEL के O भीतर O व O बाहर O अचल O संपत्तियों O आदि O सौदों O को O नियंत्रित O करने O और O इसके O नियमन O संबंधी O अधिकार O दिए O गए O । O यहां O सिंधु B-NEL सिवनी I-NEL क्षेत्र I-NEL की O तुलना O में O थोड़ी O अधिक O वर्षा O होती O है O । O लघु B-NEL हिमालय I-NEL और O बाहरी B-NEL शिवालिक I-NEL हिमालय I-NEL शांत O हैं O और O यहां O ग्रीष्मकालीन O मानसून O की O अच्छी O वर्षा O होती O है O । O दिल्ली B-NEL सल्तनत O के O प्रतिकूल O दक्षिण O में O नवगठित O साम्राज्यों O ने O उर्दू O भाषा O को O संरक्षण O दिया O और O साहित्य O में O उर्दू O काव्य O ने O अपनी O उपस्थिति O दर्ज O करना O शुरू O कर O दिया O । O फेमा O का O मकसद O बाहरी O व्यापार O और O भुगतान O के O लिए O राह O आसान O करना O और O भारत B-NEL में O विदेशी O मुद्रा O बाजारों O की O व्यवस्थित O ग्रोथ O को O बढ़ावा O देना O है O । O हिमालय B-NEL में O बाढ़ O की O तीव्रता O भूविज्ञान O , O भौगोलिक O स्थिति O और O वर्षा O वितरण O द्वारा O नियंत्रित O होती O है O । O मानव O पूंजी O सूचकांक O में O भारत B-NEL ने O यथास्थिति O बरकरार O रखी O । O अक्सर O , O गर्म O और O मजबूत O मानसून O के O वर्षों O के O दौरान O , O हिमालय B-NEL के O दक्षिणी O फ्रंट O पर O लंबे O समय O तक O वर्षा O होती O है O जिससे O बाढ़ O आ O जाती O है O जो O मानसून O के O मौसम O में O लगभग O चरम O पर O हो O सकती O है O । O मौजूदा O समय O में O भारत B-NEL के O सामने O अंतर O - O संचालकता O , O अवसंरचना O , O डिजिटल O विभाजन O और O कोविड O 19 O जैसी O वैश्विक O महामारी O की O चुनौतियां O हैं O । O स्थिर O मॉनसून O ट्रफ O के O कारण O होने O वाली O ऐसी O वर्षा O के O कारण O भी O पहाड़ O की O तेज O ढाल O वाले O इलाके O में O लगातार O भूस्खलन O हो O सकते O हैं O , O जहां O मेन B-NEL सेंट्रल I-NEL थ्रस्ट I-NEL क्षेत्र I-NEL के O आसपास O का O क्षेत्र O सबसे O कमजोर O है O । O भारत B-NEL में O ऐसे O वित्तीय O संस्थान O भी O हैं O , O जो O बैंक O नहीं O हैं O , O लेकिन O जमा O लेते O हैं O और O बैंकों O की O तरह O कर्ज O भी O देते O हैं O । O ऐसे O वर्षों O के O दौरान O , O मेन B-NEL सेंट्रल I-NEL थ्रस्ट I-NEL भारतीय O ग्रीष्मकालीन O मानसून O फ्रंट O , O आम O तौर O पर O लद्दाख O में O वृष्टि O छाया O क्षेत्र O यानी O सिंधु B-NEL सिवनी I-NEL क्षेत्र I-NEL के O अंतर्गत O रहने O वाले O क्षेत्र O में O गहराई O से O प्रवेश O करता O है O , O और O वहां O बाढ़ O भी O पैदा O करता O है O । O काराकोरम B-NEL हिमालय I-NEL में O श्योक B-NEL नदी O अक्सर O इस O तरह O के O हिमनदों O के O अवरोधन O की O गवाह O बनती O है O । O खुले O में O शौच O मुक्त O गांवों O में O निगरानी O समितियों O के O रूप O में O बीकानेर B-NEL में O रेत O के O टिब्बों O में O सूर्योदय O की O पूर्व O बेला O में O , O पुरुषों O , O महिलाओं O और O बच्चों O के O समूह O उन O लोगों O पर O निगरानी O और O उन्हें O शर्मिन्दगी O का O अहसास O कराने O के O लिए O निकल O पड़ते O हैं O जो O खुले O में O शौच O करते O हैं O । O इस O बैंको O बीकाना O अभियान O का O लक्ष्य O पश्चिमी B-NEL राजस्थान I-NEL में O बीकानेर B-NEL जिले I-NEL में O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ) O ग्राम O पंचायतें O हैं O । O भारतीय O रिजर्व O बैंक O अधिनियम O , O 1934 O के O मुताबिक O , O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO पर O अपने O सभी O पैसे O , O रेमिटेंस O , O भारत B-NEL में O होने O वाले O एक्सचेंज O और O बैंकिंग O सौदों O और O सरकारी O कर्ज O का O प्रबंधन O रिजर्व B-NEO बैंकों I-NEO को O सौंपने O की O जिम्मेदारी O है O । O फिलहाल O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO भारत B-NEL में O सभी O राज्य O सरकारों O के O बैंकर O के O तौर O पर O काम O करता O है O । O खुले O में O शौच O मुक्त O भारत B-NEL के O स्वप्न O को O साकार O करने O के O लिए O व्यवहारगत O बदलाव O की O सबसे O ज्यादा O व O आधारभूत O जरूरत O है O । O भारत B-NEL में O मोबाइल O की O बढ़ती O पहुंच O को O देखते O हुए O इस O प्रौद्योगिकी O में O वित्तीय O सेवाओं O की O सुपुर्दगी O के O लिए O अपार O क्षमता O बनी O हुई O है O । O पेयजल B-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO को O इसे O आबंटित O एसबीएम O - O ग्रामीण O के O प्रभार O के O अलावा O , O स्वच्छ O भारत B-NEL के O लक्ष्य O को O पूरा O करने O की O दिशा O में O सभी O गतिविधियां O व O पहल O अनिवार्य O रूप O से O करनी O हैं O । O अड्डू B-NEL के O संबंध O में O , O भारत B-NEL कई O क्षेत्रों O में O परियोजनाओं O का O समर्थन O कर O रहा O है O - O बुनियादी O ढांचा O , O पर्यटन O , O मछली O प्रसंस्करण O और O स्वास्थ्य O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO ने O भी O हैम O को O स्वीकार O कर O लिया O है O और O गंगा B-NEL थाले I-NEL के O बाहर O के O राज्यों O ने O भी O इसे O अपनाना O शुरू O कर O दिया O है O । O गंगा B-NEL में O गिरने O वाले O प्रमुख O गंदे O नालों O को O रोककर O उन्हें O जलमल O शोधन O संयंत्रों O की O ओर O मोड़ O दिया O है O । O पश्चिमी B-NEL भारत I-NEL , O विशेष O रूप O से O राजस्थान B-NEL , O गुजरात B-NEL और O महाराष्ट्र B-NEL के O कुछ O हिस्सों O में O अजीबोगरीब O मृदा O - O जलवायु O परिस्थितियों O के O कारण O नियमित O रूप O से O पानी O की O कमी O का O सामना O करना O पड़ता O है O । O उस O वर्ष O भी O नागालैंड B-NEL और O पांडिचेरी B-NEL को O छोड़कर O सभी O विधानसभाओं O के O चुनाव O लोकसभा O चुनाव O के O साथ O अयोजित O किये O गये O । O इस O एलओसी O के O तहत O नेशनल O स्टेडियम O का O जीर्णोद्धार O किया O जाएगा O और O पूरे O मालदीव B-NEL में O खेल O के O बुनियादी O ढांचे O का O निर्माण O किया O जाएगा O । O उत्तराखंड B-NEL और O झारखंड B-NEL में O गंगा B-NEL नदी O पर O सभी O परियोजनाएं O पूरी O की O जा O चुकी O हैं O । O कानपुर B-NEL , O प्रयागराज B-NEL और O वाराणसी B-NEL तथा O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL के O अन्य O गंगा B-NEL शहरों O में O ज्यादातर O परियोजनाएं O भी O पूरी O कर O ली O गयी O हैं O । O नये O युग O के O विशेषीकृत O बैंकों O के O प्रवेश O से O भारत B-NEL में O बैंकिंग O परिदृश्य O का O रूप O - O परिवर्तन O हो O जाएगा O । O नदी O के O बहाव O और O पारिस्थितिकी O में O सुधार O ( O अविरल O गंगा B-NEL ) O यह O एकीकृत O और O अभिनव O नजरिया O है O जिसके O अंतर्गत O ग्रामीण O भारत B-NEL में O हर O किसी O के O दिमाग O में O स्वच्छता O और O साफ O - O सफाई O सबसे O ऊपर O है O । O खुले O में O शौच O मुक्त O गांवों O में O निगरानी O समितियों O के O रूप O में O बीकानेर B-NEL में O रेत O के O टिब्बों O में O सूर्योदय O की O पूर्व O बेला O में O , O पुरुषों O , O महिलाओं O और O बच्चों O के O समूह O उन O लोगों O पर O निगरानी O और O उन्हें O शर्मिन्दगी O का O अहसास O कराने O के O लिए O निकल O पड़ते O हैं O जो O खुले O में O शौच O करते O हैं O । O इस O बैंको O बीकाना O अभियान O का O लक्ष्य O पश्चिमी B-NEL राजस्थान I-NEL में O बीकानेर B-NEL जिले O में O खुले O में O शौच O मुक्त O ( O ओडीएफ O ) O ग्राम O पंचायतें O हैं O । O भारत B-NEL ने O अंतरिक्ष O अनुसंधान O के O क्षेत्र O में O खोज O शुरू O कर O दी O थी O । O इस O उद्देश्य O के O लिए O निर्धारित O अवधियों O पर O सर्वेक्षण O किए O गए O , O ( O मनुष्य O - O निर्मित O उपग्रहों O , O अंतरिक्ष O में O छोड़े O गए O उपकरणों O और O वेधशालाओं O में O स्थित O उपकरणों O ) O से O प्राप्त O आंकड़ों O को O सुसंबद्ध O किया O गया O ; O और O मुख्यालय O ( O नवी O मुंबई O परिसर O ) O , O क्षेत्रीय O केन्द्रों O ( O तिरुनेलवेली B-NEL , O प्रयागराज B-NEL और O शिलाँग B-NEL ) O तथा O कई O प्रयोगशालाओं O के O वैज्ञानिकों O ने O इन O आंकड़ों O और O विश्लेषणों O को O जमा O किया O और O इन्हें O एकरूपता O दी O । O प्रधानमंत्री O ने O वाराणसी B-NEL के O शहंशाहपुर B-NEL गांव O में O शौचालय O निर्माण O में O श्रमदान O करते O हुए O अभियान O का O नेतृत्व O किया O । O इसकी O मदद O से O वैश्विक O - O विशेषज्ञ O क्षेत्रीय O भूगर्भ O - O विज्ञान O ( O प्राकृतिक O संसाधनों O के O बारे O में O ) O तथा O भारत B-NEL में O धरती O की O प्लेटों O के O विवर्तनीय O ढांचे O ( O टेक्टोनिक O फ्रेमवर्क O ) O के O बारे O में O ( O दरारों O , O जुड़ावों O और O कमजोर O प्लेटों O आदि O ) O महत्वपूर्ण O जानकारी O हासिल O कर O सकते O हैं O । O खुले O में O शौच O मुक्त O भारत B-NEL के O स्वप्न O को O साकार O करने O के O लिए O व्यवहारगत O बदलाव O की O सबसे O ज्यादा O व O आधारभूत O जरूरत O है O । O इब्राहिमपुर B-NEL , O तेलंगाना B-NEL की O केस O स्टडी O बढ़ती O जनसंख्या O के O साथ O , O भारत B-NEL की O प्रति O व्यक्ति O जल O उपलब्धता O घट O रही O है O । O निश्चित O मुद्रा O निवेश O को O आवश्यकतानुसार O भारत B-NEL की O केंद्रीय B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O परिवर्तित O किया O जा O सकता O है O । O लेखक O जल O संसाधन O , O नदी O विकास O तथा O गंगा B-NEL संरक्षण O विभाग O और O पेयजल B-NEO तथा I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO के O सचिव O हैं O । O इस O पुरस्कार O का O उद्देश्य O राष्ट्रीय O एकता O और O अखंडता O को O बढ़ावा O देने O और O सशक्त O तथा O संगठित O भारत B-NEL की O भावना O को O मजबूत O बनाने O वाले O उत्कृष्ट O और O प्रेरक O योगदान O को O मान्यता O देना O है O । O ये O पूरे O भारत B-NEL में O फैले O हुए O हैं O । O पुरस्कार O के O लिए O मानदंड O : O पुरस्कार O के O लिए O आवेदन O करने O वाले O प्रत्याशी O ने O राष्ट्रीय O एकता O और O अखंडता O की O भावना O को O बढ़ावा O देने O और O उसे O मजबूत O करने O की O दिशा O में O कोई O उल्लेखनीय O प्रयास O अथवा O विशिष्ट O योगदान O किया O हो O जिससे O अन्य O लोगों O को O भी O प्रेरणा O मिले O और O सशक्त O एवं O संगठित O भारत B-NEL की O भावना O को O बल O मिले O । O पात्रता O : O भारत B-NEL का O कोई O भी O नागरिक O इस O पुरस्कार O के O लिए O पात्र O होगा O चाहे O वह O किसी O भी O धर्म O , O नस्ल O , O जाति O , O लिंग O , O जन्मस्थान O , O आयु O या O व्यवसाय O का O हो O और O पुरस्कार O के O लिए O व्यक्ति O / O संस्थान O / O संगठन O भी O आवेदन O करने O के O पात्र O होंगे O । O बशर्त O , O हम O भारत B-NEL के O गांववासी O इस O अवसर O को O व्यर्थ O न O गवाएं O । O कोई O भी O भारतीय O नागरिक O या O संस्थान O अथवा O भारत B-NEL में O स्थित O कोई O भी O संगठन O इस O पुरस्कार O के O लिए O विचारार्थ O किसी O व्यक्ति O को O नामित O कर O सकता O है O । O (( O सूक्ष्म - , - लघु - एवं - मध्यम - उद्यम - मंत्रालय - ( O भारत B-NEL ) O खादी O और O ग्रामोद्योग O आयोग O , O सरकारी O वेबसाइट O माता O - O पिता O और O स्वयंसेवकों O सहित O समुदाय O की O भागीदारी O के O बिना O निपुण O भारत B-NEL मिशन O सफल O नहीं O हो O सकता O है O । O प्रधानमंत्री O ने O वाराणसी B-NEL के O शहंशाहपुर B-NEL गांव I-NEL में O शौचालय O निर्माण O में O श्रमदान O करते O हुए O अभियान O का O नेतृत्व O किया O । O सभी O हितधारकों O को O ' O निपुण O भारत B-NEL ' O के O लक्ष्यों O और O बच्चे O के O भविष्य O के O सीखने O के O पथ O पर O इसकी O गंभीरता O और O प्रभाव O के O बारे O में O जागरूक O करने O की O आवश्यकता O है O । O अब O समय O आ O गया O है O कि O प्रत्येक O नागरिक O मूलभूत O शिक्षा O के O महत्व O को O समझे O और O निपुण O भारत B-NEL मिशन O को O भव्य O तथा O संधारणीय O रूप O से O सफल O बनाने O के O प्रयासों O में O पूरे O दिल O से O भाग O ले O । O आज़ादी O का O अमृत O महोत्सव O भारत B-NEL की O सामाजिक O - O सांस्कृतिक O , O राजनीतिक O और O आर्थिक O पहचान O दर्शाने O का O अवसर O है O । O आज O भारत B-NEL में O हमारे O लोकतंत्र O के O सामने O सबसे O बड़ी O चुनौती O और O खतरा O सर्वत्र O व्याप्त O भ्रष्टाचार O है O । O यह O ' O फेडरेशन O ' O यानी O संघ O शब्द O का O प्रयोग O नहीं O करता O है O और O भारत B-NEL को O “ O राज्यों O का O संघ O ” O के O रूप O में O वर्णित O करता O है O जिसका O अर्थ O है O कि O कुछ O एकात्मक O विशेषताओं O के O साथ O ' O सहकारी O ' O स्वरूप O । O इस O भाषा O का O विस्तार O पूरे O भारत B-NEL में O है O , O और O इसकी O समृद्ध O साहित्यिक O विरासत O भी O है O । O भारत B-NEL में O शासन O का O संकट O बहुत O बार O उत्पन्न O हुआ O है O । O तेलंगाना B-NEL में O पल्ले O और O पट्टण O प्रगति O कार्यक्रम O के O जरिये O गांवों O के O सर्वांगीण O विकास O में O लोगों O की O भागीदारी O सुनिश्चित O की O गई O है O । O खेती O में O प्रयोग O होने O वाले O इंडोसल्फान O ऑग्नोफास्फोरस O , O डीडीटी O , O लिन्डेन O , O एन्ड्रिन O जैसे O रसायनों O के O रिसकर O गंगा B-NEL में O मिलने O से O इन O इलाकों O में O पेट O व O पित्ताशय O की O थैली O के O कैंसर O रोगी O बढ़े O हैं O । O शोधकर्ता O आशंकित O हैं O कि O गंगा B-NEL प्रदूषण O , O अनुवांशिक O दुष्प्रभाव O भी O डाल O सकता O है O । O ' O बैंक O नोटों O से O जुड़े O मुद्दे O का O नियमन O करना O और O भारत B-NEL में O मौद्रिक O स्थिरता O बनाए O रखने O के O लिहाज O से O रिजर्व O रखना O । O इस O संबंध O में O रालेगांव B-NEL सिद्धि I-NEL के O हिव्रे B-NEL बाजार I-NEL और O देश O के O अन्य O क्षेत्रों O में O सामुदायिक O भूजल O संरक्षण O की O लिखी O गई O सफलता O की O गाथाएं O प्रेरणास्पद O रहीं O । O महाराष्ट्र B-NEL के O हिव्रे B-NEL बाजार I-NEL गांव I-NEL में O ग्राम O सभा O , O स्थानीय O प्रशासन O और O गैर O - O सरकारी O संस्थाओं O के O सम्मिलित O प्रयासों O से O सूखा O ग्रस्त O गांव O आज O खुशहाल O समुदाय O में O बदल O चुका O है O । O इससे O प्रतीत O होता O है O कि O आयात O शुल्क O को O इस O तरह O बढ़ाया O जाना O चाहिए O कि O आयातित O वस्त्र O उत्पादों O की O लागत O भारत B-NEL में O बन O रहे O वस्त्र O उत्पादों O की O लागत O के O बराबर O ही O रही O । O इसलिये O औषधि O डिजाइन O में O भारत B-NEL की O क्षमता O को O समर्थन O और O दीर्घकालिक O निवेश O की O ज़रूरत O है O । O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO के O अंतर्गत O जल O संसाधन O , O नदी O विकास O और O गंगा B-NEL संरक्षण O विभाग O देश O में O जल O सुरक्षा O बनाये O रखने O के O लिए O महत्वपूर्ण O नीतियों O का O सूत्रपात O भी O कर O रहा O है O । O लंबी O दासता O की O पृष्ठभूमि O , O सामाजिक O समस्याओं O की O भरमार O , O आर्थिक O विपन्नता O , O साक्षरता O की O कमी O , O ढांचागत O विकास O के O अभाव O और O इसी O तरह O की O बहुत O सी O दूसरी O समस्याओं O से O जूझते O हुए O भारत B-NEL आगे O बढ़ता O आया O है O । O इसके O बाद O रोग O के O प्रसार O के O साक्ष्य O और O संभावित O समाधान O मुहैया O कराने O के O लिये O कोलार B-NEL ( I-NEL कर्नाटक I-NEL ) I-NEL और O दिल्ली B-NEL क्षेत्र O में O सीरो O सर्वेक्षण O किये O गये O । O इसके O परिणामस्वरूप O ब्रिटेन B-NEL में O कोरोना O वायरस O संक्रमण O की O चिंताजनक O दूसरी O लहर O शुरू O हो O गयी O और O बड़ी O संख्या O में O मामले O सामने O आने O लगे O । O भारत B-NEL की O जनसंख्या O , O घनी O आबादी O वाले O क्षेत्रों O , O विविधता O और O स्वास्थ्य O सेवा O प्रणालियों O की O स्थिति O को O देखते O हुए O देश O के O सामने O चुनौतियां O कई O गुना O ज्यादा O थीं O । O इस O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O किसी O भी O अन्य O देश O की O सरकार O को O भारत B-NEL जैसी O जटिल O और O विशाल O समस्या O से O रूबरू O नहीं O होना O पड़ा O । O जांच O , O रोगियों O की O पहचान O , O उनके O एकांतवास O की O व्यवस्था O , O मास्क O और O शारीरिक O दूरी O जैसे O जन O स्वास्थ्य O उपायों O के O क्रियान्वयन O और O चिकित्सा O सेवा O से O लेकर O टीका O विकास O और O उनकी O खरीद O और O डिलीवरी O तक O हर O क्षेत्र O में O भारत B-NEL को O विशाल O , O जटिल O और O निरंतर O परिवर्तनशील O चुनौतियों O का O सामना O करना O पड़ा O । O भारत B-NEL में O वैज्ञानिक O समुदाय O ने O इस O संकट O का O सामना O अभूतपूर्व O तेजी O और O जिम्मेदारी O के O साथ O किया O । O भारत B-NEL में O कई O आण्विक O प्रजनन O उत्पादों O का O खेतों O में O वाणिज्यिक O उपयोग O सफलतापूर्वक O किया O जा O रहा O है O और O किसान O चावल O , O गेहूं O , O मक्का O , O काबुली O चना O और O मूंगफली O उगाने O में O इसका O फायदा O उठा O रहे O हैं O । O लेकिन O कपास O उत्पादन O में O पहली O बार O इसके O उपयोग O से O भारत B-NEL कपास O उत्पादन O में O दुनिया O का O अग्रणी O देश O बन O गया O है O । O पानी O की O किल्लत O वाला O देश O इस्राइल B-NEL आज O पानी O के O मामले O में O सुरक्षित O राष्ट्र O की O श्रेणी O में O आ O गया O है O । O इस O बैठक O में O आसन्न O संकट O का O मुकाबला O करने O के O लिये O भारत B-NEL की O तैयारियों O का O जायजा O लिया O गया O । O भारत B-NEL में O पर्यावरण O संरक्षण O अधिनियम O , O 1986 O के O तहत O कई O कायदे O - O कानून O , O दिशानिर्देश O और O नीतियां O अधिसूचित O की O गयी O हैं O । O भारत B-NEL । O चिह्नित O परीक्षण O स्थलों O के O अभाव O में O भारत B-NEL वैश्विक O परीक्षणों O में O हिस्सा O लेने O के O लिये O तैयार O नहीं O था O । O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O भारत B-NEL में O कमजोर O क्लिनिकल O परीक्षण O देखने O को O मिले O । O कसौली B-NEL की O केन्द्रीय B-NEO औषधि I-NEO प्रयोगशाला I-NEO - I-NEO सेंट्रल I-NEO ड्रग I-NEO लैबोरेटरी I-NEO ( I-NEO सीडीएल I-NEO ) I-NEO की O तरह O परीक्षण O और O प्रमाणन O प्रयोगशालाएं O देश O के O अन्य O हिस्सों O में O स्थापित O करने O की O उसकी O सिफारिश O पर O अमल O किया O गया O है O । O भारत B-NEL को O इस O मौके O का O फायदा O उठाते O हुए O वैश्विक O बाजार O के O वास्ते O अंतरराष्ट्रीय O प्रमाणन O और O मंजूरी O के O लिये O आवेदन O करना O चाहिये O । O कोविड O - O 19 O की O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O इस O रोग O के O टीके O के O विकास O में O भारत B-NEL की O कामयाबी O का O इतिहास O में O जिक्र O होगा O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL टीके O के O विकास O और O उपयोग O के O लिये O एकजुट O हुआ O । O समूचे O भारत B-NEL के O विकास O की O रणनीति O को O एकपक्षीय O रूप O से O निरूपित O करने O की O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O पद्धति O का O स्थान O अब O नीति O आयोग O की O राज्य O सरकारों O के O साथ O मिलकर O विकास O योजनाएं O तैयार O करने O की O कार्यशैली O ले O चुकी O है O , O जिन्हें O प्रत्येक O राज्य O के O अनुरूप O और O उसकी O परिस्थितियों O को O ध्यान O में O रखकर O संचालित O किया O जाता O है O । O भारत B-NEL जैसे O विशाल O और O विविधताओं O से O भरपूर O , O महाद्वीपीय O आयामों O से O युक्त O राष्ट्र O के O साथ O यह O दृष्टिकोण O सर्वोत्कृष्ट O हो O सकता O है O । O भारत B-NEL के O संविधान O के O अनुच्छेद O 280 O के O तहत O स्थापित O वित्त O आयोग O सिफारिश O करता O है O कि O कर O या O शुल्क O से O प्राप्त O कुल O राशि O में O से O राज्यों O को O कितना O प्रतिशत O हिस्सा O दिया O जाए O और O कर O या O शुल्क O से O प्राप्त O राशि O कैसे O वितरित O की O जाए O । O मिशनों O को O उनके O लिए O निर्धारित O लक्ष्यों O को O प्राप्त O करने O और O जिन O देशों O में O वे O काम O कर O रहे O हैं O , O उनके O साथ O भारत B-NEL के O व्यापार O और O निवेश O संबंधों O को O बढ़ाने O के O लिए O उचित O ध्यान O देने O के O लिए O कहा O गया O है O । O भारत B-NEL को O उच्च O वृद्धि O के O पथ O पर O ले O जाने O और O वृद्धि O के O फायदों O का O सभी O में O समान O रूप O से O वितरण O सुनिश्चित O करने O का O दायित्व O केंद्र O और O राज्य O दोनों O का O ही O है O । O इसलिए O , O विकास O को O अवरुद्ध O करने O वाले O दृष्टिकोण O के O स्थान O पर O नीति O आयोग O ने O विकेंद्रीकृत O और O बॉटम O - O अप O रणनीति O अपनाई O है O और O इस O प्रकार O यह O सुनिश्चित O किया O है O कि O केंद्र O और O राज्य O सरकारें O टीम O इंडिया B-NEL में O समान O साझेदारों O के O रूप O में O कार्य O करें O । O 19. O दोस्तों O , O भारत B-NEL ने O अपनी O ‘ O पड़ोस O पहले O की O नीति O ’ O के O तहत O अपने O पड़ोसी O देशों O के O साथ O संबंधों O को O मजबूत O करने O पर O नए O सिरे O से O जोर O दिया O है O । O भारत B-NEO चैंबर I-NEO ऑफ I-NEO कॉमर्स I-NEO हमारे O पड़ोसियों O , O विशेष O रूप O से O बांग्लादेश B-NEL और O नेपाल B-NEL के O साथ O हमारे O व्यापार O और O निवेश O संबंधों O को O बढ़ाने O के O लिए O तैयार O है O । O 21. O बांग्लादेश B-NEL पड़ोस O में O हमारे O सबसे O बड़े O व्यापारिक O भागीदार O और O विश्व O स्तर O पर O पाँचवें O सबसे O बड़े O निर्यात O गंतव्य O के O रूप O में O उभरा O है O । O बांग्लादेश B-NEL भी O हवाई O अड्डों O , O बंदरगाहों O और O राजमार्गों O के O रूप O में O तेजी O से O बुनियादी O ढांचे O का O विकास O कर O रहा O है O । O बांग्लादेश B-NEL के O निकटतम O पड़ोसी O के O रूप O में O , O भारतीय O व्यापारिक O समुदाय O के O पास O बांग्लादेश B-NEL को O देने O के O लिए O बहुत O कुछ O है O । O मेरा O मानना O है O कि O हमारे O अधिक O से O अधिक O व्यवसायों O को O बाजार O को O बेहतर O ढंग O से O समझने O के O लिए O बांग्लादेश B-NEL में O प्रतिनिधि O कार्यालय O और O सहायक O कंपनियाँ O खोलनी O चाहिए O । O स्वर्ण O खरीद O की O राष्ट्रीय O आय O में O गणना O , O जीडीपी O में O योगदान O , O भुगतान O संतुलन O एवं O पूंजीगत O खाते O की O परिवर्तनीयता O के O बीच O तालमेल O बनाने O की O जरूरत O है O , O ताकि O भारत B-NEL में O स्वर्ण O की O खरीद O - O फरोख्त O को O तार्किक O बनाया O जा O सके O । O ऐसा O होने O पर O बांग्लादेश B-NEL की O कई O व्यापारिक O व्यवस्थाएं O बदल O जाएंगी O , O भारत B-NEL व्यापक O आर्थिक O भागीदारी O समझौते O के O लिए O बांग्लादेश B-NEL के O साथ O चर्चा O कर O रहा O है O । O 23. O नेपाल B-NEL भारत B-NEL का O घनिष्ठ O पड़ोसी O और O आर्थिक O भागीदार O है O । O इसका O मुख्यालय O शिलांग B-NEL में O स्थित O है O एवं O यह O पूर्वोत्तर B-NEO क्षेत्र I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO ( O भारत B-NEO सरकार I-NEO ) O के O अन्तर्गत O आता O है O । O भारत B-NEL में O राज्यों O द्वारा O ऋण O लेने O की O व्यवस्था O भारतीय O संविधान O के O अनुच्छेद O 293 O के O प्रावधानों O में O निहित O है O । O अर्थात O - O उत्तरप्रदेश B-NEL , O उत्तराखंड B-NEL , O मध्यप्रदेश B-NEL , O छत्तीसगढ़ B-NEL , O बिहार B-NEL , O झारखंड B-NEL , O हिमाचलप्रदेश B-NEL , O हरियाणा B-NEL , O दिल्ली B-NEL , O राजस्थान B-NEL । O इसके O अलावा O यह O मुंबई B-NEL , O हैदराबाद B-NEL , O गोवा B-NEL , O कोलकाता B-NEL , O बेंगलुरू B-NEL , O सूरत B-NEL जैसे O देशों O के O विभिन्न O भाषा O - O भाषी O प्रांतों O के O सभी O बड़े O शहरों O में O व्यापक O रूप O से O बोली O समझी O जाती O है O । O नेपाल B-NEL में O हाल O के O वर्षों O में O कई O सुधार O किए O गए O हैं O जिनसे O उस O देश O में O व्यापार O करने O में O आसानी O होने O की O उम्मीद O है O । O इसके O अतिरिक्त O तेजू B-NEL और O लेंगपूई B-NEL हवाईअड्डों O के O विकास O को O भी O परिषद O ने O स्वीकृति O दी O है O । O नल O से O जल O पहुंचाने O में O जल O जीवन O मिशन O द्वारा O प्रदत O यह O लोकतांत्रिक O अवसर O , O गांवों O को O लोकतांत्रिक O आजादी O देने O की O यात्रा O का O पथ O प्रदर्शक O बन O सकता O है O ; O बशर्त O , O हम O भारत B-NEL के O गांववासी O इस O अवसर O को O व्यर्थ O न O गवाएं O । O पूर्वात्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O ( O सिक्किम B-NEL सम्मिलत O ) O में O विद्युत O प्रणाली O में O वितरण O और O उप O - O वितरण O को O मजबूत O बनाने O के O लिए O विस्तृत O परियोजना O रिपोर्ट O तैयार O करने O के O लिए O पावर O ग्रिड O कार्पोरेशन O ऑफ O इंडिया O के O साथ O भागीदारी O की O है O । O भारत B-NEL में O नागरिक O घोषणापत्र O नागरिक O घोषणापत्र O के O मामले O में O ब्रिटेन B-NEL ने O सबसे O पहले O पहल O की O थी O । O किंतु O इन O आंकड़ों O को O सामने O रखकर O सरकार O यह O दावा O तो O कर O ही O सकती O है O कि O भारत B-NEL की O बहुमत O आबादी O को O उपलब्ध O पेयजल O अभी O भी O जलजनित O बीमारियों O से O सुरक्षित O है O । O ब्रिटेन B-NEL की O इस O पहल O से O कई O देशों O ने O इस O राह O पर O चलने O की O कोशिश O की O । O प्रधानमंत्री O ने O उससे O निडर O होकर O आगे O बढ़ने O को O कहा O क्योंकि O पूरा O भारत B-NEL एथलीटों O के O साथ O है O । O मसलन O बेल्जियम B-NEL में O इसे O पब्लिक O सर्विस O यूजर्स O चार्टर O , O फ्रांस B-NEL में O सर्विस O चार्टर O और O स्पेन B-NEL में O क्वॉलिटी O ऑब्जरवेटरी O नाम O दिया O गया O । O उन्हें O अब O बंगाल B-NEL और O बिहार B-NEL से O भी O लगान O वसूली O का O अधिकार O मिल O गया O था O । O फर्मों O और O परिवारों O दोनों O के O लिए O बैंकिंग O सिस्टम O भारत B-NEL में O कर्ज O हासिल O करने O का O अहम O जरिया O है O । O भारत B-NEL में O बैंकिंग O सेक्टर O में O सरकार O के O नियंत्रण O वाले O बैंकों O की O बड़ी O संख्या O है O । O वसुधैव O कटुम्बकम् O : O विश्व O शक्ति O बनने O की O ओर O अग्रसर O भारत B-NEL डॉ O रहीस B-NEL सिंह I-NEL : O लेखक O आर्थिक O एवं O वैश्विक O मामलों O के O विशेषज्ञ O हैं O । O " O आज O का O भारत B-NEL दुनिया O की O बड़ी O ताकत O बनना O चाहता O है O न O कि O संतुलित O शक्ति O ( O बेलेंसिंग O पावर O ) O । O इसलिए O भारत B-NEL आज O बड़ी O वैश्विक O जिम्मेदारी O निभाने O के O लिए O तैयार O है O । O बाद O में O अलीगढ़ B-NEL कॉलेज O के O प्रभाव O ने O उन O नस्रों O को O सहजता O और O उद्देश्य O प्रदान O किया O । O भारत B-NEL में O बैंकों O के O सुधार O का O इतिहास O उनके O इस O वक्तव्य O में O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEL मोदी I-NEL की O दृष्टि O की O साफ O झलक O थी O जिससे O वे O अपने O वरिष्ठ O राजनयिकों O को O पहले O ही O अवगत O करा O चुके O थे O । O प्रधानमंत्री O ने O वरिष्ठ O राजनयिकों O से O स्पष्ट O कहा O था O कि O वे O भारत B-NEL को O दुनिया O की O बड़ी O ताकत O बनाने O में O योगदान O दें O , O देश O को O बैलेंसिंग O पावर O की O भूमिका O तक O सीमित O न O रखा O जाए O । O यहीं O से O भारत B-NEL ने O बहुत O से O लोकाचारों O और O संकोचों O को O तोड़ते O हुए O ' O सॉफ्ट O पावर O ऑफ O सिविलाइजेशन O ' O अथवा O सभ्यतागत O या O सांस्कृतिक O नम्र O शक्ति O ' O की O दावेदारी O के O लिए O स्वयं O को O तैयार O किया O । O यह O योजना O राजस्थान B-NEL सरकार O द्वारा O जारी O की O गई O है O । O इस O प्रकार O इस O प्रौद्योगिकी O क्षेत्र O में O बड़े O पैमाने O पर O रोजगार O के O अवसर O हैं O और O भारत B-NEL वैश्विक O प्रौद्योगिकी O महाशक्ति O बन O रहा O है O । O मैंने O विभिन्न O अंतर्राष्ट्रीय O मंचों O के O साथ O भी O काम O किया O है O और O कई O अन्यों O के O अलावा O दक्षिण B-NEL एशिया I-NEL - O ग्लोबल O वॉटर O पार्टनरशिप O और O ऊर्जा O , O पर्यावरण O तथा O जल O के O बारे O में O परिषद O की O अध्यक्षता O की O । O महाराष्ट्र B-NEL के O सूखाग्रस्त O क्षेत्रों O में O जलदूत O रेलगाड़ियां O भेजी O गई O । O चुनौतियों O और O सीमाओं O के O बावजूद O , O भारत B-NEL ने O तकनीक O के O क्षेत्र O में O चौतरफा O तरक्की O की O है O , O हालांकि O अंतरिक्ष O और O परमाणु O ऊर्जा O जैसे O क्षेत्रों O में O हमारी O उपलब्धियों O पर O लोगों O का O ज्यादा O ध्यान O जाता O है O । O दरअसल O , O वनस्पति O तेलों O को O छोड़ O कर O भारत B-NEL अन्य O सभी O वस्तुओं O के O उत्पादन O में O न O सिर्फ O आत्मनिर्भर O है O , O बल्कि O अतिरिक्त O मात्रा O में O कृषि O उत्पादों O के O प्रबंधन O की O योजना O भी O बना O रहा O है O । O हालांकि O भारत B-NEL अब O भी O निचली O पायदान O पर O खड़ा O है O , O पर O पिछले O वर्ष O की O तुलना O में O उसकी O स्थिति O बेहतर O हुई O है O । O आपने O हाल O ही O में O आई O उन O खबरों O को O देखा O होगा O जिनमें O कहा O गया O है O कि O दुनिया O की O प्रसिद्ध O दूरसंचार O उपकरण O विनिर्माता O कंपनी O एप्पल O चीन B-NEL में O सक्रिय O अपने O संयंत्रों O को O भारत B-NEL ला O रही O है O । O इस O सूची O में O भारत B-NEL की O कदमताल O भी O धीमी O ही O थी O । O विनिर्माण O का O केंद्र O बनेगा O भारत B-NEL : O भारत B-NEL में O सामुदायिक O शासन O का O समृद्ध O इतिहास O रहा O है O । O कुपोषण O के O प्रमुख O संकेतकों O के O अनुसार O भी O भारत B-NEL का O कार्यनिष्पादन O संतोषजनक O नहीं O है O । O एप्पल B-NEO , O सैमसंग -NEO और O लावा -NEO समूहों O जैसे O घरेलू O समूह O भारत B-NEL को O मोबाइल O उपकरण O विनिर्माण O का O प्रमुख O निर्यात O केंद्र O बनाने O के O लिए O तैयार O हैं O । O जाहिर O है O , O भारत B-NEL में O ऐसे O क्षेत्रों O में O भी O बदलाव O आ O रहा O है O जिनमें O पारंपरिक O रूप O से O हमारी O मजबूती O नहीं O रही O है O । O यह O प्रधानमंत्री O की O रणनीति O का O ही O परिणाम O है O कि O भारत B-NEL एक्ट O ईस्ट O के O जरिए O भारतीय B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र I-NEL में O अमेरिका B-NEL और O जापान B-NEL के O साथ O स्ट्रैटेजिक O डायनॉमिक्स O निर्मित O करने O में O सफल O रहा O है O और O दूसरी O तरफ O सहयोग B-NEO संगठन I-NEO में O भी O स्थायी O सदस्य O बनकर O यूरोपीय O बाजार O के O लिए O गेटवे O हासिल O कर O चुका O है O । O भारतीय O विदेश O नीति O के O लिए O शुरू O से O ही O वाशिंगटन B-NEL - O बीजिंग -NEL - O मॉस्को -NEL त्रिकोण O बेहद O अहम O है O । O इस O त्रिकोण O में O बदलते O संतुलनों O के O साथ O ही O भारत B-NEL को O अपनी O विदेश O नीति O की O दिशा O में O भी O तब्दीलियां O करनी O पड़ती O रही O हैं O । O लेकिन O यह O बात O न O ही O बीजिंग B-NEL को O रास O आ O सकती O है O और O न O मॉस्को B-NEL को O । O साथ O ही O साथ O वे O इस O क्षेत्र O में O भारत B-NEL की O क्षमताओं O तथा O देश O में O निहित O संभावनाओं O में O सरकार O की O आस्था O को O भी O स्पष्ट O करते O हैं O । O अतीत O की O जिन O उपलब्धियों O का O जिक्र O किया O जाना O आवश्यक O है O , O उनमें O 1960 -NETI के O दशक O के O उपग्रह O और O संचार O क्रांति O प्रमुख O हैं O जब O भारत B-NEL ने O अपने O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O की O शुरूआत O की O और O अपनी O सभी O सीमाओं O के O बावजूद O आखिरकार O अपने O आप O को O इस O क्षेत्र O की O सबसे O अग्रणी O शक्तियों O के O रूप O में O स्थापित O किया O । O लेकिन O भारत -NEL ने O स्वतंत्र O निर्णय O लिया O और O ईरान B-NEL के O साथ O व्यापार O को O जारी O रखने O के O साथ O - O साथ O ' O चाबहार B-NEL बंदरगाह I-NEL ' O में O पहुंच O स्थापित O की O । O अगर O भारत B-NEL - O सम्बंधों O में O कोई O बड़ा O झटका O नहीं O आता O है O तो O भारत B-NEL इसके O जरिए O इन्टरनेशनल B-NEAR नॉर्थ I-NEAR - I-NEAR साउथ I-NEAR ट्रांसपोर्ट I-NEAR कॉरिडोर I-NEAR से O जुड़कर O यूरेशिया B-NEL तक O अपनी O आर्थिक O गतिविधि O का O विस्तार O कर O सकता O है O । O पहला O - O ट्रांस O पेसिफिक B-NEL क्षेत्र I-NEL में O चीन B-NEL की O अर्थव्यवस्था O के O कारण O बढ़ती O सैन्य O शक्ति O से O संभव O हुआ O वर्चस्व O । O चीन B-NEL की O चेकबुक O डिप्लोमैसी O ने O इस O क्षेत्र O के O छोटे O देशों O को O करीब O करीब O अपना O उपनिवेश O बना O रखा O है O जिसके O चलते O वह O अपनी O मैरीटाइम O स्ट्रैटेजी O और O डिफेंस O ब्रिज O स्ट्रैटेजी O को O काफी O मजबूती O प्रदान O कर O चुका O है O । O दूसरा O - O इंडियन O ओसियन O में O ग्रेंड O मैरिटाइम O पॉलिसी O के O तहत O स्ट्रिंग O ऑफ O पलर्स O नीति O तथा O बेल्ट O एंड O रोड O इनीशिएटिव O को O भारतीय B-NEL उपमहाद्वीप I-NEL में O व्यवहारिक O स्थिति O प्रदान O करने O के O लिए O काश्गर B-NEL से O ग्वादर B-NEL तक O चाइना B-NEL - O पाकिस्तान B-NEL इकोनॉमिक O कॉरिडोर O की O निर्माण O सम्बंधी O पहल O और O मलक्का B-NEL से O जिबूती B-NEL तक O न्यू O मैरिटाइम O सिल्क O रूट O के O ग्रेट O डिवाइड O में O कामयाबी O । O आधुनिक O राज्य O महाराष्ट्र B-NEL , O पश्चिम O में O अरब B-NEL सागर I-NEL से O , O उत्तर O पश्चिम O में O गुजरात B-NEL तथा O केंद्रशासित O प्रदेश O दादरा B-NEL नगर I-NEL हवेली I-NEL से O , O उत्तर O और O उत्तर O पूर्व O में O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL से O , O पूर्व O में O छत्तीसगढ़ B-NEL से O , O दक्षिण O में O कर्नाटक B-NEL से O , O दक्षिण O पूर्व O में O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL और O दक्षिण O पश्चिम O में O गोवा B-NEL से O घिरा O है O । O आखिरकार O भारत B-NEL में O दूरसंचार O के O क्षेत्र O में O बहुराष्ट्रीय O कंपनियों O के O एकाधिकार O को O चुनौती O मिली O । O इस O स्थिति O में O को O अमेरिका B-NEL के O साथ O - O साथ O रूस B-NEL और O यूरोप B-NEL की O ओर O कुछ O नए O कदम O बढ़ाने O की O जरूरत O महसूस O हो O रही O है O । O लेकिन O क्या O यूरोप B-NEL से O अभी O कोई O विशेष O उम्मीद O की O जा O सकती O है O ? O सूचना O प्रौद्योगिकी O की O क्रांति O और O रेलवे O का O कम्प्यूटरीकरण O भी O भारत B-NEL के O विकास O की O अद्भुत O घटनाएं O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O , O दिल्ली B-NEL की O नेशनल B-NEO लॉ I-NEO यूनिवर्सिटी I-NEO और O अन्य O लॉ O कॉलेजों O के O विद्यार्थी O पिछले O कुछ O वर्षो O में O बड़ी O संख्या O में O सिविल O सेवाओं O के O लिए O चुने O गए O हैं O । O महाराष्ट्र B-NEL के O बंदरगाहों O ने O इसमें O प्रमुख O भूमिका O निभाई O । O पश्चिमी O क्षत्रप O गुजरात B-NEL से O शासन O कर O रहे O थे O , O लेकिन O उन्होंने O कुछ O समय O के O लिए O सातवाहन B-NEL क्षेत्र O को O जीत O लिया O था O । O सातवाहन B-NEL शासन O का O विस्तार O न O केवल O पूरे O महाराष्ट्र B-NEL में O बल्कि O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL , O कर्नाटक B-NEL और O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL के O कुछ O हिस्सों O में O भी O हुआ O । O सातवाहन O शासन O के O पतन O के O बाद O , O महाराष्ट्र B-NEL के O विभिन्न O हिस्सों O जैसे O अबीर B-NEL , -NEL (( O त्रिकुटका - आदि O में O कई O छोटे O राज्य O स्थापित O किए O गए O थे O , O लेकिन O चौथी O शताब्दी O ई. O में O , O वाकाटक O शासकों O को O प्रमुखता O मिली O । O उनके O कुछ O शासकों O ने O 5वीं O शताब्दी O ई. O में O अजंता B-NEL में O गुफा O खुदाई O की O गतिविधियों O में O सहायता O की O थी O । O वे O एलोरा B-NEL में O विश्व O प्रसिद्ध O गुफाओं O के O निर्माण O में O भी O शामिल O थे O । O उनके O शासन O का O विस्तार O न O केवल O महाराष्ट्र B-NEL में O बल्कि O कर्नाटक B-NEL में O भी O हुआ O था O । O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O यह O अपनी O तरह O की O हेल्पलाइन O है O जो O मुख्यमंत्री O व O नागरिकों O में O समन्वय O करती O है O । O अंतरिक्ष O शक्ति O के O रूप O में O भारत B-NEL मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL में O सभी O सुखी O हों O , O निरोगी O हों O , O सबका O कल्याण O हो O , O यही O शासन O व्यवस्था O का O ध्येय O है O । O इनके O अलावा O भारत B-NEL के O अंतरिक्ष O संबंधी O प्रयासों O में O शैक्षणिक O संस्थाओं O ने O भी O योगदान O दिया O है O । O आज O भारत B-NEL उपग्रह O - O आधारित O सुदूर O संवेदन O क्षेत्र O में O विश्व O में O अग्रणी O है O । O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL - O भारत B-NEL ने O हाल O ही O में O भारतीय O अंतरिक्ष O यान O में O न O केवल O विदेशी O वैज्ञानिक O उपकरणों O को O वहन O किया O है O , O बल्कि O उनका O प्रक्षेपण O भी O किया O है O । O क्यूबा B-NEL में O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O सुविधा O प्रणाली O के O तहत O सभी O बुजुर्ग O लोगों O का O मोतियाबिंद O का O ऑपरेशन O किया O जाता O है O । O इससे O स्वास्थ्य O पर O सरकारी O खर्च O में O भारत B-NEL की O निचली O रैंकिंग O का O पता O चलता O है O । O स्लैक O वाटर O डिपॉजिट O की O खोज O सिंधु B-NEL , O सतलज B-NEL , O गंगा B-NEL और O ब्रह्मपुत्र B-NEL नदियों O में O की O गई O है O । O इन O नीतियों O के O परिणामस्वरूप O , O भारत B-NEL में O आम O तौर O पर O लोगों O को O अच्छी O स्वास्थ्य O सुविधाएं O नहीं O मिल O पाती O हैं O । O भारत B-NEL की O परंपरा O बहुत O समृद्ध O रही O है O और O देश O के O सभी O भागों O में O संगीत O और O कला O की O विविध O विधाएं O विकसित O और O पल्लवित O होती O रही O हैं O । O भारत B-NEL के O संविधान B-NEAR निर्माता O के O रूप O में O जो O विरासत O उन्होंने O हमें O वसीयत O में O दी O है O , O वह O वास्तव O में O समय O बीतने O के O साथ O और O भी O अधिक O मूल्यवान O हो O गई O है O । O हिमालय B-NEL में O बाढ़ O के O नुकसान O को O कम O करना O हिमालय B-NEL की O स्थलाकृति O और O पहले O की O बाढ़ O की O घटनाओं O के O प्रभावों O और O होने O वाले O नुकसान O की O उचित O समझ O से O हिमालय B-NEL के O नुकसान O की O भविष्यवाणी O करने O वाले O मॉडल O तैयार O करने O में O मदद O मिल O सकती O है O । O उत्तर B-NEL भारत I-NEL के O कई O राज्यों O में O ज्यादातर O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्र O / O स्वास्थ्य O केंद्र O तकरीबन O ठप्प O पड़े O हैं O और O सिर्फ O आशा O कार्यकर्ता O , O फार्मासिस्ट O , O नर्स O आदि O पर O ही O यहां O कभी O - O कभार O नजर O आती O है O । O इस O मानक O से O जुड़ा O सहस्राब्दी O विकास O का O लक्ष्य O उत्तरी O और O दक्षिणी B-NEL अमेरिकी I-NEL देशों I-NEL , O यूरोपीय B-NEL और I-NEL पश्चिमी I-NEL प्रशांत I-NEL के I-NEL देशों I-NEL में O पूरा O हो O गया O , O लेकिन O पूर्वी B-NEL भूमध्यसागरीय I-NEL क्षेत्र I-NEL , O दक्षिण B-NEL - I-NEL पूर्व I-NEL एशियाई I-NEL और O अफ्रीकी O देशों O में O इसे O पूरा O नहीं O किया O जा O सका O । O इस O तरह O “ O जल O प्रबुद्ध O गाँव O ' O से O ' O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL ' O के O निर्माण O का O मार्ग O प्रशस्त O होगा O । O भारत B-NEL , O साहित्य O की O भूमि O है O । O कुछ O लोग O स्थानीय O निकायों O का O चुनाव O करते O थे O , O ये O सदस्य O चुनाव O मण्डलों O का O चुनाव O करते O थे O और O ये O चुनाव O मण्डल O प्रांतीय O परिषदों O के O सदस्यों O का O चुनाव O करते O थे O और O यही O प्रांतीय O परिषदों O के O सदस्य O केंद्रीय B-NEO परिषद I-NEO के O सदस्यों O का O चुनाव O करते O थे O । O इसके O बाद O वैज्ञानिक O एवं O औद्योगिक O अनुसंधान O परिषद O , O जैव O प्रौद्योगिकी O विभाग O एवं O रक्षा O अनुसंधान O विकास O संगठन O जैसे O संगठनों O , O मानव B-NEO संसाधन I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO , O मेडिकल O कॉलेजों O की O प्रयोगशालाओं O और O निजी O प्रयोगशालाओं O की O भागीदारी O से O जांच O शुरू O की O गई O । O जरूरी O नहीं O कि O ये O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O जिन O मंत्रालयों O , O विभागों O अथवा O संगठनों O से O संबद्ध O हैं O , O उनका O भी O यही O दृष्टिकोण O हो O । O केंद्रीय O बजट O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O सालाना O उधारी O जरूरतों O के O बारे O में O फैसला O करता O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO : O सभी O बैंकों O का O बैंकर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO लगातार O इन O खातों O के O कामकाज O पर O निगरानी O रखता O है O , O ताकि O डिफॉल्ट O नहीं O हो O । O जहां O तक O बाकी O प्रावधानों O की O बात O है O , O तो O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO इन O खातों O में O कम O से O कम O बैलेंस O रखने O के O लिए O कहता O है O । O चूंकि O बैंकों O को O देश O के O विभिन्न O जगहों O पर O हो O रहे O सौदों O को O एक O - O दूसरे O के O साथ O निपटाने O की O जरूरत O होती O है O , O लिहाजा O उन्हें O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O अलग O - O अलग O क्षेत्रीय O कार्यालयों O में O खाते O खोलने O की O इजाजत O होती O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO में O खातों O के O कंप्यूटराइजेशन O से O बैंकों O को O रियल O टाइम O बेसिस O पर O अपने O विभिन्न O खातों O में O फंड O के O बारे O में O नजर O रखने O में O मदद O मिली O है O । O भुगतान O और O निपटारा O प्रणाली O कानून O , O 2007 O और O भुगतान O और O निपटारा O प्रणाली O नियमन O 2008 O बनाकर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO को O देश O में O भुगतान O और O सेटलमेंट O सिस्टम O की O निगरानी O के O लिए O जरूरी O वैधानिक O अधिकार O दिए O गए O हैं O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O बैंकों O के O लिए O उपभोक्ताओं O के O अधिकारों O से O जुड़ा O चार्टर O तैयार O किया O है O । O ये O प्रयास O सचमुच O आसियान B-NEO को O हमारे O करीब O लाएंगे O । O मौजूदा O ढांचे O में O विद्यालय B-NEO विकास I-NEO और I-NEO निगरानी I-NEO समितियों I-NEO - O स्कूल B-NEO डेवलपमेंट I-NEO एंड I-NEO मॉनिटरिंग I-NEO कमेटीज I-NEO ( O एसडीएमसी B-NEO ) O में O भागीदारी O के O जरिये O समुदाय O शैक्षिक O प्रयासों O तक O अपने O स्वामित्व O का O विस्तार O करता O है O । O दूसरी O ओर O शैक्षिक O संस्थान O एनएसएस O , O एनसीसी O , O रेड B-NEO क्रॉस I-NEO और O अन्य O ऐच्छिक O प्रयासों O के O माध्यम O से O समुदायों O के O साथ O काम O करते O हैं O । O शिकायतकर्ता O को O इस O संदर्भ O में O किसी O भी O सेवा O प्रदाता O या O उससे O संबंधित O व्यक्तियों O के O विरुद्ध O कोड O , O नियमों O , O विनियमों O अथवा O उनके O तहत O बनाए O गए O दिशानिर्देशों O अथवा O आईबीबीआई B-NEO द्वारा O जारी O परिपत्रों O अथवा O निदेशों O के O किसी O भी O प्रावधान O के O कथित O उल्लंघन O के O लिए O विवरण O देना O आवश्यक O है O , O जिसके O साथ O सेवा O प्रदाता O या O उससे O संबंधित O व्यक्तियों O के O कथित O आचरण O या O गतिविधि O के O लिए O आचरण O या O गतिविधि O की O तिथि O और O स्थान O के O साथ O कथित O उल्लंघन O के O समर्थन O में O साक्ष्य O प्रस्तुत O करना O होगा O । O अगर O आईबीबीआई B-NEO यह O मानता O है O कि O प्रथमदृष्टया O मामला O बनता O है O तो O वह O दिवाला B-NEO और I-NEO दिवालियापन I-NEO बोर्ड I-NEO ( O निरीक्षण O और O अन्वेषण O ) O विनियमन O , O 2017 O के O विनियम O 3 O के O उप O - O विनियम O ( O 3 O ) O , O विनियम O 7 O के O उप O - O विनियम O ( O 2 O ) O और O विनियम O 11 O के O उप O - O विनियम O ( O 2 O ) O के O तहत O जांच O का O आदेश O अथवा O कारण O बताओ O नोटिस O जारी O कर O सकता O है O , O जैसा O कि O अनुबद्ध O हो O तथा O इस O मामले O को O तद्नुसार O आगे O बढ़ाया O जाएगा O । O संयुक्त O राष्ट्र O और O क्षेत्रीय O और O उप O - O क्षेत्रीय O संगठनों O ( O अरब O लीग O ) O के O बीच O सहयोग O पर O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO की O ब्रीफिंग O में O विदेश O सचिव O का O संबोधन O मैं O इस O अवसर O पर O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अरब O लीग O के O महासचिव O की O उपस्थिति O का O भी O स्वागत O करता O हूं O और O उनकी O बहुमूल्य O अंतर्दृष्टि O के O लिए O उन्हें O धन्यवाद O देता O हूं O । O इसके O सदस्य O देशों O की O ओर O से O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO शांति O सेना O में O सैनिक O और O पुलिस O का O महत्वपूर्ण O योगदान O करते O रहे O हैं O । O 8. O आज O की O बैठक O ने O हमें O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O अरब O लीग O के O बीच O सहयोग O को O करीब O से O जानने O का O महत्वपूर्ण O अवसर O प्रदान O किया O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O किशोरवय O न्याय O ( O बच्चों O की O देखरेख O एवं O संरक्षण O ) O अधिनियम O ( O जेजे O अधिनियम O ) O लागू O कर O दिया O है O । O ई O - O पंचायत O के O तहत O ई O - O ग्रामस्वराज O , O ऑनलाइन O भुगतान O के O लिये O पीएफएमएस O समन्वय O , O नागरिक O घोषणापत्र O , O ऑनलाइन O ऑडिट O और O सामाजिक O ऑडिट O जैसी O मंत्रालय O की O नयी O पहलकदमियों O को O प्रभावी O ढंग O से O लागू O किया O जाना O चाहिये O जिससे O पीआरआई B-NEO की O दक्षता O , O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O बढ़ेंगी O । O पीआरआई B-NEO कार्यों O , O कोषों O और O कर्मियों O के O क्रमिक O विकेंद्रीकरण O के O जरिये O संविधान O के O जिम्मेदार O और O सशक्त O स्थानीय O स्वशासन O के O लक्ष्य O को O हासिल O कर O सके O इसके O लिये O सभी O हितधारकों O की O प्रतिबद्धता O की O जरूरत O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O पीआरआई B-NEO को O मजबूती O देने O और O स्थानीय O प्रशासन O का O लक्ष्य O हासिल O करने O की O दिशा O में O लंबा O सफर O तय O किया O है O । O अंतर O - O राज्यीय O आपूर्ति O की O स्थिति O में O इसे O समेकित O जीएसटी O ( O आईजीएसटी O ) O कहते O हैं O जिसे O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO लगाती O है O । O इनमें O से O पहले O भाग O , O केन्द्रीय O जीएसटी O ( O सीजीएसटी O ) O को O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO लगाती O है O । O पीआरआई B-NEO में O महिलाओं O के O प्रतिनिधित्व O में O काफी O इजाफा O हुआ O है O । O ई O - O शासन O के O दूरदराज O की O पीआरआई B-NEO तक O पहुंचने O के O बावजूद O सुधार O की O काफी O गुंजाइश O बची O हुई O है O । O धारा O - O 6 O के O अनुसार O डी. O एस. O पी. O स्तर O का O पुलिस O अधिकारी O अत्याचार O के O अपराध O की O घटना O की O सूचना O मिलते O ही O घटना O स्थल O का O निरीक्षण O करेगा O तथा O अत्याचार O की O गंभीरता O और O सम्पत्ति O की O क्षति O से O संबंधित O रिपोर्ट O राज्य B-NEO सरकार I-NEO को O सौंपेगा O । O राष्ट्रीय B-NEO आवास I-NEO बैंक I-NEO प्रदत्त O गतिविधियों O को O पूरा O करने O और O 73वें O संविधान O संशोधन O के O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O के O लिये O गतिविधि O मैपिंग O के O जरिये O पीआरआई B-NEO के O कार्यों O , O कोषों O और O कर्मियों O का O क्रमिक O विकेंद्रीकरण O सुनिश्चित O किया O जाना O चाहिये O । O जाँच O हेतु O डी. O एस. O पी. O की O नियुक्ति O राज्य B-NEO सरकार I-NEO / O डी. O जी. O पी. O अथवा O एस. O पी. O करेगा O । O एनएचबी B-NEO का O पूर्ण O स्वामित्व O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO के O पास O है O , O जिसने O उसे O समूची O चुकता O पूंजी O प्रदान O की O । O सिडबी B-NEO के O कार्यक्षेत्र O में O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मझोले O उद्यम O ( O एमएसएमई O ) O आते O हैं O , O जो O उत्पादन O , O रोजगार O एवं O निर्यात O के O मामले O में O राष्ट्रीय O अर्थव्यवस्था O में O महत्वपूर्ण O योगदान O करते O हैं O । O आईआईजी B-NEO के O पास O उपलब्ध O दीर्घ O - O अवधि O के O विवरणों O का O बहुत O महत्व O है O । O समूचे O एमएसएमई O तंत्र O में O वित्तीय O एवं O गैर O - O वित्तीय O कमियों O को O दूर O करना O ही O सिडबी B-NEO का O काम O है O । O कोई O भी O कृत्य O या O चूक O , O किसी O भी O तथ्य O को O छिपाना O , O किसी O भी O व्यक्ति O द्वारा O प्रतिबद्ध O पद O का O धोखा O देने O के O इरादे O से O दुरूपयोग O , O कंपनी O के O हित O को O नुकसान O पहुंचाना O , O इसके O शेयरधारकों O , O क्रेडिटधारकों O के O हितों O को O नुकसान O पहुंचाना O , O चाहे O गलत O तरीके O से O लाभ O या O हानि O न O हुआ O हो O , O इन O सबकी O जांच O एसएफआईओ B-NEO द्वारा O की O जाएगी O । O जान O - O बूझकर O कर्ज O न O चुकाने O के O मामले O जांच O के O लिए O एसएफआईओ B-NEO को O भेजे O जा O सकते O हैं O । O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO ने O ई O - O शासन O को O सफलतापूर्वक O लागू O करने O के O लिये O अनेक O कदम O उठाये O हैं O । O वह O इनसे O निपटने O तथा O नागरिकों O के O नजरिये O से O सेवा B-NEO प्रदाता I-NEO प्रणाली I-NEO की O समग्र O प्रभावशीलता O विकसित O करने O के O लिये O नये O कदम O उठा O रहा O है O । O एआईएम O और O यूएनडीपी B-NEO युवाओं O से O संबंधित O विभिन्न O मुद्दों O , O काम O के O भविष्य O और O सतत O विकास O लक्ष्यों O ( O एसडीजी O ) O के O बारे O में O जागरूकता O फैलाने O के O लिए O सहयोग O करते O हैं O । O एसीआईसी B-NEO के O कुछ O प्राथमिक O उद्देश्य O हैं O : O एसीआईसी B-NEO , O निम्न O के O द्वारा O सामाजिक O नवाचार O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O : O ऊर्ध्व O संयोजन O : O केन्द्र B-NEO और O राज्य B-NEO सरकारों I-NEO तथा O स्थानीय O शासन O के O बीच O तालमेल O के O लिये O प्लेटफॉर्म O की O स्थापना O । O उन्होंने O कहा O , O ' O बैंकों O द्वारा O त्वरित O निर्णय O लेने O के O लिए O एमएसएमई B-NEO को O ऑनलाइन O ऋण O मंजूरी O की O सुविधा O का O पुनर्निर्माण O किया O जाएगा O । O वित्त O मंत्री O ने O पुनर्वित्तीयन O नीति O और O गैर O - O बैंकिंग O वित्त O कंपनियों O एनबीएफसी B-NEO के O बेहतर O पुनर्वित्तीयन O के O लिए O मुद्रा B-NEO ( I-NEO एमयूडीआरए I-NEO ) I-NEO द्वारा O तय O किए O गए O पात्रता O मानदंड O की O समीक्षा O का O हवाला O दिया O । O इस O नई O दुनिया O के O दौर O में O , O विदेश B-NEO मंत्रालय I-NEO शीत O युद्ध O के O जमाने O की O नीतियों O के O दायरे O में O नहीं O सिमट O सकता O । O लेकिन O आईएफएस B-NEO की O अपनी O सीमाएं O हैं O । O हालांकि O इस O धारणा O को O चुनौती O दी O गई O है O और O इसकी O व्याख्या O सर्वोच्च B-NEO न्यायालय I-NEO के O साथ O - O साथ O राष्ट्रीय O उपभोक्ता O विवाद O निदान O आयोग O के O कुछ O निर्णयों O द्वारा O की O गई O है O । O अभी O तक O वित्तीय B-NEO सेवा I-NEO विभाग I-NEO वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO के O आर्थिक B-NEO कार्य I-NEO विभाग I-NEO के O साथ O मिलकर O ऋणपत्रों O की O रूपरेखा O को O अंतिम O रूप O दे O रहा O है O । O स्रोत O : O पत्र B-NEO सूचना I-NEO कार्यालय I-NEO चूंकि O ऋणपत्र O जारी O करने O की O रूपरेखा O अभी O भी O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O बनाई O जा O रही O है O , O इसलिए O इसे O समझने O के O लिए O इसके O विस्तृत O ब्योरे O की O घोषणा O की O प्रतीक्षा O करनी O होगी O । O ऐसे O तमाम O प्रयासों O के O जरिए O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO का O मानना O है O कि O अब O सभी O छोटी O योजनाओं O को O नए O कानून O के O दायरे O में O लाने O के O बाद O तमाम O विवादों O का O निबटारा O संभव O हो O सकेगा O । O राष्ट्रीय O भर्ती O एजेंसी O ( O एनआरए B-NEO ) O राष्ट्रीय B-NEO भारत I-NEO परिवर्तन I-NEO संस्थान I-NEO ( O नीति O आयोग O ) O नीतिगत O सलाह O देकर O देश O के O सामने O मौजूद O विकास O की O चुनौतियों O से O निपटने O में O बड़ी O भूमिका O निभा O रहा O है O । O एनआरए B-NEO उम्मीदवारों O के O अलावा O संबंधित O भर्ती O एजेंसियों O पर O बोझ O भी O घटायेगी O । O एसीआईसी B-NEO , O यूएनडीपी B-NEO की O प्राथमिकताओं O में O सहायता O के O लिए O अनुबद्ध O रूप O से O काम O करता O है O जिनके O अंतर्गत O गरीबी O उन्मूलन O और O लोगों O के O जीवन O को O बेहतर O बनाने O के O लिए O सतत O विकास O प्राप्त O करने O में O सरकार O की O सहायता O की O जाती O है O । O यूएनडीपी B-NEO , O समावेशी O और O समान O विकास O को O बढ़ावा O देने O वाली O अभिनव O भागीदारी O के O माध्यम O से O कमजोर O और O हाशिए O की O आबादी O के O लिए O एआईएम O / O एसीआईसी B-NEO जैसे O राष्ट्रीय O कार्यक्रमों O तक O अधिक O पहुंच O में O सहायता O कर O रहा O है O , O ताकि O आजीविका O में O सुधार O हो O और O महिलाओं O के O कौशल O - O निर्माण O में O वृद्धि O हो O सके O । O यूएनडीपी B-NEO आर्थिक O , O सामाजिक O और O पर्यावरणीय O दृष्टिकोण O से O सतत O तरीके O से O गरीबी O और O उपेक्षा O को O कम O करने O के O लिए O क्षमताओं O और O अवसरों O को O मजबूत O करने O पर O केंद्रित O है O । O इसे O ड्रोन O विनिर्माण O , O पायलट O प्रशिक्षण O तथा O ड्रोन O को O सर्विस O मॉडल O के O रूप O में O प्रयोग O कर O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O , O जिससे O कुशल O मानवशक्ति O की O आवश्यकताओं O को O प्रोत्साहन O मिलेगा O और O स्टार्टअप O तथा O एमएसएमई B-NEO के O लिए O रास्ते O खुलेंगे O । O केरल B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO लोकल I-NEO एडमिनिस्ट्रेशन I-NEO ( I-NEO केआईएलए I-NEO ) I-NEO राज्य O सरकार O के O स्थानीय O निकाय O विभाग O के O अंतर्गत O स्वशासी O संगठन O है O । O साथ O ही O केआईएलए B-NEO कार्य O - O शोध O , O प्रकाशन O , O गोष्ठियाँ O , O कार्यशालाएँ O , O परामर्शदाता O , O दस्तावेज O तैयार O करने O , O आपसी O सहयोग O और O सूचना O - O सेवाएं O भी O उपलब्ध O कराता O है O । O यहां O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O पर O काफी O जोर O है O और O निजी O , O सरकारी O और O एनजीओ B-NEO क्षेत्रों O से O वित्तीय O संसाधन O जुटाए O जाते O हैं O । O यह O पुरस्कार O देशभर O की O ग्राम O पंचायतों O में O से O उन O पंचायतों O को O दिया O जाता O है O जिन्होंने O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO के O दिशानिर्देशों O के O आधार O पर O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O के O दिशानिर्देशों O के O अनुरूप O अपनी O ग्राम O पंचायत O योजना O विकसित O की O हो O । O " O संकल्प O से O सिद्धि O " O - O ग्रामीण O और O डिजिटल O जुड़ाव O अभियान O से O जुड़ी O टीम O ( O टीआरआईएफईडी B-NEO - O ट्राइफेड B-NEO के O अधिकारी O और O राज्य O स्तर O पर O संबंधित O एजेंसियां O ) O नियमित O तौर O पर O गांवों O का O दौरा O कर O रही O हैं O , O ताकि O वन O धन O विकास O केन्द्रों O पर O तेजी O से O काम O हो O सके O और O निगरानी O रखी O जा O सके O । O टीम O द्वारा O देशभर O में O दौरा O किया O जा O रहा O है O और O इससे O ट्राइफेड B-NEO को O जमीनी O स्तर O पर O वन O धन O विकास O योजना O केंद्रों O को O लेकर O हो O रहे O कार्यों O के O बारे O में O समझने O में O मदद O मिली O है O । O * O एसीआईसी B-NEO उन्नत O टिंकरिंग O स्पेस O प्रदान O करना O जिसमें O विभिन्न O स्व O - O शिक्षण O मॉड्यूल O हैं O जो O स्थानीय O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O सरल O , O लचीले O और O आसान O हैं O । O इस O अभियान O के O तहत O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O कई O साहसिक O सुधार O किए O , O जिनमें O कृषि O के O लिए O आपूर्ति O श्रृंखला O में O सुधार O , O तर्कसंगत O टैक्स O प्रणाली O , O सरलीकृत O कानून O , O कुशल O मानव O संसाधन O और O वित्तीय O तंत्र O को O मजबूत O बनाना O शामिल O हैं O । O * O वित्तीय O स्थिरता O और O केंद्रीय O एजेंसियों O , O सार्वजनिक O उपक्रमों O आदि O की O भागीदारी O सुनिश्चित O करने O के O लिए O सार्वजनिक O निजी O भागीदारी O से O एसीआईसी B-NEO अम्ब्रेला O के O तहत O विभिन्न O कार्यक्रमों O को O चलाने O के O लिए O संसाधन O जुटाना O । O जनजातीय O लोगों O के O लिए O रोज़गार O और O आय O बढ़ाने O के O मकसद O से O ट्राइफेड B-NEO , O जनजातीय O मामलों O के O मंत्रालय O ने O कई O तरह O की O पहल O की O हैं O , O मसलन O वन O धन O जनजाति O स्टार्टअप O कार्यक्रम O । O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO देश O का O ऐसा O संस्थान O है O जिसकी O ईमानदारी O और O सत्यनिष्ठा O पर O कभी O उंगली O नहीं O उठी O । O हालांकि O इस O धारणा O को O चुनौती O दी O गई O है O और O इसकी O व्याख्या O सर्वोच्च B-NEO न्यायालय I-NEO के O साथ O - O साथ O राष्ट्रीय O उपभोक्ता O विवाद O निदान O आयोग O के O कुछ O निर्णयों O द्वारा O की O गई O है O । O आईबीबीआई B-NEO ने O जारी O किए O नए O दिशानिर्देश O भारतीय B-NEO औद्योगिक I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O आईडीबीआई B-NEO ) O उन्होंने O कहा O कि O अंतरराष्ट्रीय B-NEO अपराध I-NEO न्यायालय I-NEO के O पास O संघर्ष O के O दौरान O आचरण O की O जांच O के O अधिकार O हैं O , O लेकिन O इसके O नहीं O हैं O कि O सशस्त्र O संघर्ष O में O शामिल O होने O का O निर्णय O कानूनी O था O या O नहीं O और O न्यायालय O का O अधिकार O - O क्षेत्र O केवल O सदस्य O देशों O के O नागरिकों O के O आचरण O तक O सीमित O है O । O डीबीटी B-NEO , O उसके O स्वायत्त O संस्थान O और O जैवप्रौद्योगिकी B-NEO उद्योग I-NEO अनुसंधान I-NEO सहायता I-NEO परिषद I-NEO - I-NEO बायोटेक्नोलॉजी I-NEO इंडस्ट्री I-NEO रिसर्च I-NEO असिस्टेंस I-NEO काउंसिल I-NEO ( I-NEO बीआईआरएसी I-NEO ) I-NEO इस O वैश्विक O महामारी O के O शमन O की O प्रभावी O रणनीति O विकसित O करने O के O लिये O पिछले O साल O भर O से O अथक O प्रयास O कर O रहे O हैं O । O विश्व O के O पहले O कोविड O - O 19 O डीएनए O टीके O जाइकोव O - O डी O को O जाइडस B-NEO कैडिला I-NEO ने O विकसित O किया O है O । O हाउसिंग B-NEO डेवलपमेंट I-NEO फाइनेंस I-NEO कॉरपोरेशन I-NEO लिमिटेड I-NEO ( O एचडीएफसी B-NEO ) O इसके O अलावा O कोवैक्सिन O उत्पादन O के O लिये O बीबीआईएल B-NEO से O गुजरात B-NEO कोविड I-NEO वैक्सिन I-NEO कंसॉर्टियम I-NEO ( I-NEO जीसीवीसी I-NEO ) I-NEO को O प्रौद्योगिकी O हस्तांतरण O की O व्यवस्था O की O जा O रही O है O । O जीसीवीसी B-NEO में O हेस्टर B-NEO बायोसाइंसेज I-NEO , O ओमनीबीआरएक्स B-NEO बायोटेक्नोलॉजीज़ I-NEO प्राइवेट I-NEO लिमिटेड I-NEO और O गुजरात B-NEO बायोटेक्नोलॉजी I-NEO रिसर्च I-NEO सेंटर I-NEO ( I-NEO जीबीआरसी I-NEO ) I-NEO शामिल O हैं O । O भारतीय B-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O डीबीटी B-NEO अपने O संकेंद्रित O मिशनों O के O तहत O टीका O विकास O के O लिये O वातावरण O को O मजबूत O करने O का O प्रयास O कर O रहा O है O । O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO और I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O एमएसएमई O क्षेत्र O के O विकास O हेतु O सिडबी B-NEO " O क्रेडिट O प्लस O " O दृष्टिकोण O अपनाता O है O , O जिसमें O सिडबी B-NEO अपनी O संवर्धनशील O एवं O विकासपरक O सहायता O के O तहत O एमएसएमई O को O ऋण O के O साथ O - O साथ O , O एमएसएमई O परामर्श O , O उद्यमिता O विकास O , O कौशल O उन्नयन O , O विपणन O सहायता O , O उद्यम O - O समूहों O का O विकास O , O आदि O सहायता O देता O है O । O मुद्रा B-NEO बैंक I-NEO कोविड O सुरक्षा O मिशन O के O तहत O प्रतिरक्षाजनकता O प्रयोगशालाओं O को O आईआरएसएचए B-NEO ( I-NEO पुणे I-NEO ) I-NEO , O सिंजीन B-NEO इंटरनेशनल I-NEO लिमिटेड I-NEO ( I-NEO बेंगलूरू I-NEO ) I-NEO और O टीएचएसटीआई B-NEO ( I-NEO नयी I-NEO दिल्ली I-NEO ) I-NEO सहायता O दे O रहे O हैं O । O हालांकि O यह O अभी O सिडबी B-NEO के O साथ O जुड़ा O है O , O आगे O इसे O अलग O बैंक O के O रूप O में O विकसित O किया O जा O रहा O है O । O मुद्रा B-NEO का O उद्देश्य O गैर O निगमित O लघु O व्यवसाय O क्षेत्र O के O अंतिम O छोर O पर O स्थित O विभिन्न O संस्थाओं O जैसे O बैंकों O व O गैर O बैंकिंग O वित्तीय O कंपनियों O तथा O अल्प O वित्त O संस्थाओं O के O माध्यम O से O निधिपोषण O उपलब्ध O कराना O है O । O इसके O अलावा O , O जीपीएस O एडिड O जीओ O ऑगमेंटेड O नेविगेशन O ( O गगन O ) O के O माध्यम O से O , O इसरो B-NEO नागरिक O उड्यन O अनुप्रयोगों O के O लिए O आवश्यक O सटीकता O और O अखंडता O के O साथ O सैटेलाइट O - O आधारित O नेविगेशन O और O भारतीय O एयरस्पेस O पर O बेहतर O हवाई O यातायात O प्रबंधन O सेवाएं O प्रदान O कर O रहा O है O । O भारत O में O कौशल O विकास O अब O भी O काफी O हद O तक O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO से O संरक्षित O है O । O इसरो B-NEO ने O विभिन्न O अनुप्रयोगों O के O लिए O उपग्रहों O के O निर्माण O / O प्रक्षेपण O में O विद्यार्थियों O को O भी O सुविधा O प्रदान O की O है O । O कौशल O विकास O की O ज्यादातर O योजनाओं O में O नियोजन O और O निगरानी O का O काम O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO करती O है O और O राज्य O सरकारों O और O जिलों O की O कोई O भूमिका O नहीं O होती O । O प्रधानमंत्री O मुद्रा O योजना O के O तत्वावधान O में O , O मुद्रा B-NEO ने O पहले O से O ही O अपने O प्रारंभिक O उत्पाद O व O योजनाएं O तैयार O कर O ली O हैं O । O हाल O में O , O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO अंतरिक्ष I-NEO संवर्धन I-NEO और I-NEO प्राधिकरण I-NEO केंद्र I-NEO के O गठन O के O द्वारा O अंतरिक्ष O गतिविधियों O के O लिए O , O निजी O उपक्रमों O और O स्टार्ट O - O अप्स O को O बढ़ावा O देने O , O अधिकृत O करने O , O नियंत्रित O करने O और O विनियमित O करने O के O लिए O अंतरिक्ष O क्षेत्र O को O खोला O गया O था O । O इसके O बाद O आईपी O एनसीएलटी B-NEO द्वारा O नियुक्त O किया O जाएगा O । O इस O प्रकार O , O इसरो B-NEO द्वारा O कार्यान्वित O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O ने O देश O के O समग्र O विकास O और O तकनीकी O प्रगति O को O सुविधाजनक O बनाने O के O अलावा O अंतरिक्ष O अनुसंधान O के O विभिन्न O अग्रणी O क्षेत्रों O को O आगे O बढ़ाने O में O सक्षम O योगदान O किया O है O । O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO ( O एमडीडब्ल्यूएस -NEO ) O जिला O एवं O विकास O खंडों O के O स्तर O पर O प्रशासकों O को O इन O अनुभवों O से O सीखने O के O लिए O अनेक O प्रकार O से O पहल O ले O रहा O है O । O अध्यादेश O विलफुल O डीफॉल्टर O , O संदिग्ध O प्रमोटरों O को O तो O बोली O लगाने O से O प्रतिबंधित O करता O ही O है O , O साथ O ही O एनसीएलटी B-NEO में O जिन O कंपनियों O के O खिलाफ O मामले O दायर O किए O गए O हैं O , O उनके O प्रमोटरों O और O सिस्टर O कंपनियों O को O इस O प्रक्रिया O में O शामिल O होने O से O रोकता O है O । O शीघ्र O वसूली O के O लिए O सरकार O को O कुछ O और O नेशनल B-NEO कंपनी I-NEO लॉ I-NEO ट्रिब्यूनल I-NEO ( O एनसीएलटीज B-NEO ) O बनाना O अच्छा O रहेगा O और O इस O उद्देश्य O को O हासिल O करने O के O लिए O अभी O कर्ज B-NEO वसूली I-NEO ट्रिब्यूनल I-NEO ( O डीआरटीज B-NEO ) O बहुत O कम O हैं O । O हालांकि O एनसीएलटी B-NEO द्वारा O दिवालिया O निपटान O मामले O को O स्वीकार O करने O के O बाद O ऐसा O करने O की O अनुमति O नहीं O है O । O इसके O साथ O ही O इसरो B-NEO मंगल O की O कक्षा O में O सफलतापूर्वक O अंतरिक्ष O यान O भेजने O वाली O चौथी O अंतरिक्ष O एजेंसी O बन O गया O । O उसने O उत्तम B-NEO गल्वा I-NEO के O स्ट्रेस्ड O एसेट्स O की O नीलामी O में O दिलचस्पी O दिखाई O है O । O आर्सेलर B-NEO मित्तल I-NEO इस O संबंध O में O बहुत O जोर O भी O दे O रही O है O कि O उसे O नीलामी O प्रक्रिया O में O भाग O लेने O दिया O जाए O । O उसका O दावा O है O कि O वह O उत्तम B-NEO गल्वा I-NEO में O गैर O - O नियंत्रित O अल्पमत O शेयरधारक O है O । O वह O उत्तम B-NEO गल्वा I-NEO की O प्रमोटर O भी O नहीं O है O और O इसलिए O उसे O पुनर्गठन O प्रक्रिया O के O तहत O किसी O भी O स्टील O परिसंपत्ति O के O लिए O बोली O लगाने O से O नहीं O रोका O जा O सकता O । O वर्तमान O में O गैस B-NEO अथॉरिटी I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO लिमिटेड I-NEO ( O गेल B-NEO ) O गैस O के O उत्पादन O , O परिवहन O और O विपणन O में O संलग्न O है O । O इसके O परिणामस्वरूप O गेल B-NEO अपने O प्रतिद्वंद्वियों O को O बाज़ार O तक O पहुंच O से O वंचित O करने O के O लिए O गैस O पाइपलाइनों O के O संदर्भ O में O अपने O स्वामित्व O का O लाभ O उठा O सकता O है O । O लोक O सेवा O का O तात्पर्य O ऐसे O लोक O सेवकों O से O हैं O जो O भारत B-NEO गणराज्य I-NEO की O स्थायी O अधिशासी O शाखा O हैं O । O एचएसएफसी B-NEO को O गगनयान O कार्यक्रम O को O कार्यान्वित O करने O तथा O निरंतर O एवं O किफायती O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O गतिविधियों O के O लीड O सेंटर O के O रूप O में O कार्य O करने O का O दायित्व O सौंपा O गया O । O अन्यथा O इन O खातों O को O एनसीएलटी B-NEO के O सुपुर्द O कर O दिया O जाएगा O । O गैर O - O सरकारी O निजी O इकाइयों O ( O एनजीपीई O ) O को O अंतरिक्ष O गतिविधियां O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O करने O , O सहायता O देने O और O अधिकृत O करने O के O लिए O भारतीय B-NEO राष्ट्रीय I-NEO अंतरिक्ष I-NEO संवर्धन I-NEO एवं I-NEO प्राधिकरण I-NEO केंद्र I-NEO ( O इन O - O स्पेस O ) O का O गठन O इस O क्षेत्र O में O प्रगति O के O नए O दौर O की O शुरुआत O करेगा O । O तमिलनाडु B-NEO तेजी O से O शहरीकृत O हो O रहा O है O । O फिलहाल O सिनर्जी B-NEO डोरे I-NEO मामले O में O एडलवाइस B-NEO एआरसी I-NEO ने O रीकास्ट O योजना O का O विरोध O करते O हुए O अपीलीय O अधिकरण O - O राष्ट्रीय B-NEO कंपनी I-NEO कानून I-NEO अपीलीय I-NEO अधिकरण I-NEO ( O एनसीएलएटी B-NEO ) O का O दरवाजा O खटखटाया O है O । O सिनर्जीज B-NEO कास्टिंग्स I-NEO , O सिनर्जी B-NEO डोरे I-NEO की O संबंधित O पक्ष O है O । O इसके O अलावा O , O वर्तमान O आपूर्ति O - O आधारित O मॉडल O को O मांग O - O आधारित O मॉडल O में O बदल O दिया O गया O , O जिसमें O एनएसआईएल B-NEO उपयोगकर्ता O की O आवश्यकताओं O को O एकत्र O करने O वाले O के O रूप O में O कार्य O करेगा O और O साथ O ही O साथ O प्रतिबद्धताएं O प्राप्त O करेगा O । O इन O संरचनात्मक O सामंजस्यों O के O साथ O इसरो B-NEO भारी O और O ज्यादा O कुशल O उपग्रहों O , O चंद्रयान O - O 3 O , O आदित्य O - O एल1 O तथा O सौर O मंडल O को O और O ज्यादा O जानने O के O लिए O शुक्र O मिशन O जैसे O उन्नत O अंतरिक्ष O मिशनों O जैसे O अनुसंधान O एवं O विकास O प्रयासों O और O निस्संदेह O गगनयान O कार्यक्रम O को O आगे O बढ़ाने O पर O ध्यान O केंद्रित O करेगा O । O यह O कार्यक्रम O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O पहली O पंचवर्षीय O योजना O का O हिस्सा O था O । O अखिल B-NEO भारतीय I-NEO सेवाएं I-NEO ( O एआईएस B-NEO ) O , O राज्य O सेवाएं O एवं O स्थानीय O तथा O नगर O निगम O सेवाएं O । O इसमें O सूचना O , O शिक्षा O और O संचार O ( O आईईसी B-NEO ) O , O मानव O संसाधन O विकास O और O क्षमता O विकास O पर O जोर O दिया O गया O , O ताकि O स्वच्छता O को O लेकर O जागरूकता O बढ़ाई O जा O सके O । O अभियान O में O सक्रिय O रूप O से O सहयोग O करने O वाले O कुछ O प्रमुख O विभाग O हैं O - O ग्रामीण B-NEO विकास I-NEO विभाग I-NEO , O शिक्षा B-NEO विभाग I-NEO , O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO , O स्वास्थ्य B-NEO विभाग I-NEO और O कृषि B-NEO विभाग I-NEO । O उन्हें O इससे O उबारने O के O लिए O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO के O तहत O घरों O में O पाइपलाइनों O के O जरिए O पानी O की O आपूर्ति O की O जानी O है O । O राष्ट्रीय B-NEO जल I-NEO मिशन I-NEO के O तहत O “ O सही O फसल O ' O अभियान O कृषि O में O हितधारकों O को O ऐसी O फसलें O उगाने O के O लिए O प्रोत्साहित O करने O की O पहल O है O , O जिनमें O पानी O का O कम O उपयोग O होता O है O । O * O वार्षिक O क्षमता O निर्माण O योजनाओं O को O स्वीकृति O दिलाने O में O प्रधानमंत्री O सार्वजनिक B-NEO संसाधन I-NEO को O सहयोग O करना O । O भारतीय B-NEO राजस्व O सेवा O , O भारतीय B-NEO आर्थिक O सेवा O , O भारतीय B-NEO सांख्यिकी I-NEO सेवा I-NEO जैसी O मौजूदा O विशेषज्ञ O सेवाओं O के O भीतर O यह O भावना O बढ़ O रही O है O कि O इन्हें O जिस O काम O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O है O उसके O लिए O न O तो O पर्याप्त O प्रतिनिधित्व O मिलता O है O और O न O ही O अवसर O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O अधिकांश O प्रतिष्ठित O पदों O पर O विशिष्ट O सेवाएं O हावी O हो O जाती O हैं O जिससे O प्रतिभा O का O असमान O उपयोग O होता O है O तथा O अन्य O सेवाओं O के O मनोबल O पर O भी O प्रतिकूल O प्रभाव O पड़ता O है O । O एसपीवी B-NEO गैर O - O लाभकारी O कंपनी O होगी O तथा O उसके O पास O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O का O स्वामित्व O होगा O और O उसका O प्रबंधन O करेगी O । O एसपीवी B-NEO के O पास O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O ओर O से O सभी O बौद्धिक O संपत्ति O अधिकार O का O स्वामित्व O होगा O । O कुछ O लोगों O का O तर्क O है O कि O आईसीसी B-NEO द्वारा O पेशकश O की O गई O सुरक्षा O अपर्याप्त O है O । O हालांकि O ओएफबी B-NEO कर्मचारियों O की O सेवा O शर्तों O में O कोई O बदलाव O नहीं O होगा O तथा O सरकार O उनके O हितों O की O सुरक्षा O के O प्रति O संकल्पबद्ध O है O । O प्रशिक्षण O मानकों O के O साथ O सामंजस्य O स्थापित O करने O , O साझा O फैकल्टी O और O संसाधन O तैयार O करने O तथा O सभी O केद्रीय O प्रशिक्षण O संस्थानों O पर O नजर O रखने O के O लिए O क्षमता B-NEO निर्माण I-NEO आयोग I-NEO नाम O से O विशेषज्ञ O संस्था O बनाई O जाएगी O । O ह्यूमन O राइट्स O वॉच O का O तर्क O है O कि O , O आईसीसी B-NEO का O मानक O पर्याप्त O है O , O उन्होंने O कहा O कि O आईसीसी B-NEO के O पास O आज O तक O की O लिखी O गई O योग्य O प्रक्रिया O गारंटी O की O सबसे O व्यापक O सूची O है O , O जिसमें O बेकसूरी O की O प्रकल्पना O ; O परामर्श O का O अधिकार O ; O सबूतों O को O पेश O करने O और O गवाहों O का O सामना O करने O का O अधिकार O ; O चुप्पी O बनाए O रखने O का O अधिकार O ; O जांच O पर O उपस्थित O होने O का O अधिकार O ; O उचित O संदेह O से O परे O आरोप O साबित O करने O और O दोहरे O खतरे O के O खिलाफ O सुरक्षा O प्राप्त O करने O का O अधिकार O शामिल O है O । O एसपीवी O के O पास O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O ओर O से O सभी O बौद्धिक O संपत्ति O अधिकारों O का O स्वामित्व O होगा O । O लोक O सेवकों O के O क्षमता O संवर्धन O की O विविध O प्रकार O की O सेवाएं O प्रदान O करने O , O कल्याणकारी O कार्यक्रमों O के O कार्यान्वयन O तथा O शासन B-NEO के O मूल O क्रियाकलापों O के O निष्पादन O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O रहती O है O । O सरकार O ने O कहा O है O कि O नोडल B-NEO भर्ती I-NEO एजेंसी I-NEO के O जरिए O उसके O द्वारा O पिछले O महीने O लाए O गए O सुधार O के O बाद O यह O संपूर्ण O संवर्ग O और O पदों O - O कॉन्स्टेबल O से O लेकर O पुलिस O महानिदेशक O , O सहायक O सेक्शन O अधिकारी O से O लेकर O सचिवालय O स्तर O तक O के O लिए O भर्ती O के O बाद O का O सुधार O कार्यक्रम O होगा O । O यह O दंड O देने O वाले O और O दृढ O न्याय O के O बीच O संतुलन O है O जो O कि O आईसीसी B-NEO को O सक्षम O बनाता O है O , O न O केवल O न्याय O के O लिए O अपराधियों O को O लाने O बल्कि O पीड़ितों O को O खुद O न्याय O प्राप्त O करने O में O मदद O करता O है O । O खेती O में O महिलाओं O के O सशक्तिकरण O के O लिए O इसके O कुछ O फीचर्स O तमिलनाडु B-NEO कानून O में O शामिल O किए O जा O सकते O हैं O । O जिलाधिकारी O / O जिला B-NEO पंचायत I-NEO प्रमुख O सुनिश्चित O करते O हैं O कि O खाद्यान्न O एफएक्यू O से O कम O का O न O हो O तथा O एफसीआई O और O जिलाधिकारी O तथा O / O या O जिला B-NEO पंचायत I-NEO प्रमुख O द्वारा O नामित O व्यक्तियों O की O संयुक्त O टीम O के O निरीक्षण O के O बाद O ही O जारी O किया O जाता O है O । O • O आवधिक O रिटर्न O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O स्कूली O शिक्षा O और O साक्षरता O विभाग O द्वारा O राज्य O सरकार O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O ( O i O ) O बच्चों O और O संस्थानों O के O कवरेज O , O ( O ii O ) O खाना O पकाने O की O लागत O , O परिवहन O , O किचन O शैड O का O निर्माण O और O किचन O के O सामानों O की O प्राप्ति O पर O आवधिक O सूचना O दाखिल O करने O के O लिए O कहा O जाता O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO सिक्के O जारी O करने O वाला O प्राधिकार O है O और O वह O मांग O के O आधार O पर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO को O सिक्कों O की O आपूर्ति O करती O है O । O सरकार O से O सलाह O के O आधार O पर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO मुद्रा O में O भरोसा O बनाए O रखने O की O दिशा O में O रहता O है O । O इसके O लिए O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO नई O डिजाइन O और O सुरक्षा O फीचर O के O जरिये O बैंक O नोट O की O विश्वसनीयता O बनाए O रखने O की O लगातार O कोशिश O करता O रहता O है O । O नियम O के O तौर O पर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO का O इरादा O लाइसेंस O मुहैया O कराने O के O इस O अनुभव O का O इस्तेमाल O कर O दिशा O - O निर्देशों O को O संशोधित O कर O इसे O और O बेहतर O बनाना O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO यूनिवर्सल O बैंकों O के O लिए O दिशा O - O निर्देश O तैयार O करने O के O सिलसिले O में O लगातार O काम O कर O रहा O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO फिलहाल O बैंकों O के O संचालन O से O जुड़े O बोर्ड O की O समीक्षा O कर O रहा O है O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO , O राज्य O सरकारों O , O कर्मचारी B-NEO भविष्य I-NEO निधि I-NEO संगठन I-NEO या O किसी O अन्य O सरकारी O संस्था O से O पेंशन O प्राप्त O करने O वाले O अपने O घर O पर O या O डाकघर O जाकर O इस O डिजिटल B-NEAR जीवन I-NEAR प्रमाणन I-NEAR सुविधा O का O लाभ O उठा O सकते O हैं O । O इस O अर्थ O में O अंतरराष्ट्रीय O अपराध O न्यायालय O की O रोम O संविधि O के O किए O गए O सभी O कार्यों O से O पीड़ितों O को O लाभ O हुआ O है O विशेषकर O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O भीतर O . O बैंक O ने O सरकार O से O उस O कामकाज O को O अपने O हाथों O में O लिया O , O जिसे O मुद्रा O नियंत्रक O और O इंपीरियल B-NEO बैंक I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO और O कुछ O अन्य O इकाईयाँ O मिलकर O कर O रही O थीं O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO का O गठन O बैंक O नोटों O के O नियमन O , O मौद्रिक O स्थिरता O के O लिए O रिजर्व O बनाए O रखने O और O देशहित O में O क्रेडिट O और O करेंसी O सिस्टम O के O संचालन O के O लिए O किया O गया O था O । O सरकार O ने O ई B-NEO - I-NEO कबाड़ I-NEO प्रबंधन I-NEO को O सुचारू O बनाने O के O लिये O इलेक्ट्रॉनिक O कचरा O ( O प्रबंधन O और O संभाल O ) O नियम O , O 2011 O अधिसूचित O किये O । O इसके O बाद O पाकिस्तान B-NEO स्टेट I-NEO बैंक I-NEO ने O अपना O कामकाज O शुरू O किया O । O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ( O डब्ल्यूएचओ B-NEO ) O के O संविधान B-NEAR के O मुताबिक O , O सभी O के O लिए O स्वास्थ्य O सुविधा O के O संदर्भ O में O बेहतर O स्वास्थ्य O , O जीवन O स्तर O , O मेडिकल O संबंधी O पहलू O उल्लेखनीय O हैं O । O जाहिर O तौर O पर O , O जीवन O के O अधिकार O के O तहत O भोजन O और O स्वास्थ्य O का O अधिकार O ( O सुप्रीम B-NEO कोर्ट I-NEO की O व्याख्या O के O मुताबिक O ) O भी O शामिल O है O । O उसे O खास O तौर O से O केवीके B-NEO की O अवसंरचना O का O इस्तेमाल O करते O हुए O विकेंद्रित O ढंग O से O बायो O - O प्रयोगशालाओं O की O स्थापना O कर O इन O सामग्रियों O की O उपलब्धता O सुनिश्चित O करनी O चाहिये O । O लेखिका O इंवेस्ट B-NEO इंडिया I-NEO की O रणनीतिक B-NEO निवेश I-NEO अनुसंधान I-NEO इकाई I-NEO में O अनुसंधानकर्ता O हैं O । O वेब O आधारित O केंद्रीकृत O लोक O शिकायत O निवारण O तथा O मॉनिटरिंग O प्रणाली O ( O सीपीजीआरएएमएस O ) O विकसित O की O गयी O है O ) O जो O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O सभी O मंत्रालयों B-NEO , O विभागों B-NEO में I-NEO क्रियान्वित O है O । O राष्ट्रीयकृत O बैंक O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O एकसमान O ऋण O सहायता O योजना O के O अंतर्गत O महिला O स्वयं O सहायता O समूहों O को O ऋण O प्रदान O करते O हैं O । O ग्रामीण B-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO बुजुर्गों O , O विधवाओं O तथा O दिव्यांग O जन O को O सामाजिक O पेंशन O के O रूप O में O वित्तीय O सहायता O प्रदान O करने O के O लिए O व्यापक O दायरे O वाली O सामाजिक O सुरक्षा O की O योजना O - O राष्ट्रीय O सामाजिक O सहायता O कार्यक्रम O - O चलाता O है O । O विकास O की O यात्रा O में O सीखे O गए O सबक O को O ध्यान O में O रखते O हुए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O हाल O में O ' O संभावनाशील O जिलों O के O कायाकल्प O ' O योजना O की O शुरुआत O की O है O । O मैंने O हाल O ही O में O ऋषिहुड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO के O संस्थापक O कुलाधिपति O का O पद O संभाला O और O सहकारिता O विकास O मंच O की O शुरुआत O भी O की O है O । O गुजरात B-NEO सरकार I-NEO 2017 O से O आदिवासियों O के O उत्थान O के O लिये O पंचायत O ( O अनुसूचित O क्षेत्रों O तक O विस्तार O ) O कानून O को O सख्ती O से O लागू O कर O रही O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO पंचायती O राज O संस्थानों O को O मजबूत O करने O और O स्थानीय O स्वशासन O के O समावेशी O , O समुदाय O संचालित O और O समग्र O योजना O प्रक्रिया O के O उद्देश्यों O को O पूरा O करने O की O दिशा O में O प्रयास O कर O रहा O है O । O लेखक O एकस्टेप B-NEO फाउंडेशन I-NEO के O सीईओ O और O सहसंस्थापक O हैं O । O इस O आलेख O में O देश O में O शासन O प्रणाली O में O आमूलचूल O परिवर्तन O लाने O के O लिये O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O व्यापक O सुधारों O का O वर्णन O किया O गया O है O । O बीमार O और O आशा O से O कम O सफल O पीएसयू B-NEO के O तेज O विनिवेश O , O सरकारी O नौकरियों O के O लिये O एनआरए B-NEO के O गठन O , O सरकारी O सेवा O में O विशेषज्ञों O के O प्रवेश O को O प्रोत्साहन O , O शासन O में O सुधार O के O लिये O डिजिटलीकरण O को O बढ़ावा O देने O तथा O कुशल O सरकारी O सेवाओं O को O गांवों O में O लाभार्थियों O के O दरवाजों O तक O पहुंचाने O जैसे O कदम O भारतीय O नागरिकों O की O जिंदगी O आसान O बनाने O में O निर्णायक O भूमिका O अदा O करेंगे O । O तालिका O से O पता O चलता O है O कि O विस्तार O मॉडल O में O काफी O बड़ी O संख्या O में O सीआरपी B-NEO शामिल O हैं O । O क्रॉस B-NEO - I-NEO बॉर्डर I-NEO पावर I-NEO ट्रांसमिशन I-NEO लाइन I-NEO और O डिजिटल O कनेक्टिविटी O इंफ्रास्ट्रक्चर O कनेक्टिविटी O के O अतिरिक्त O आयाम O प्रदान O करते O हैं O । O * O एसएचजी B-NEO के O शामिल O होने O से O निर्धन O परिवारों O की O पहचान O में O आसानी O होती O है O । O * O सीआरपी B-NEO दल O के O सदस्य O खुद O भी O किसान O होते O हैं O । O इसमें O खास O तौर O से O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O तरफ O से O निर्धारित O विस्तारित O उत्पादक O जिम्मेदारी O ( O ईपीआर O ) O लक्ष्यों O के O अनुरूप O मोबाइल O निर्माताओं O के O लिये O व्यावसायिक O समाधान O सुझाये O गये O हैं O । O * O सीआरपी B-NEO टीम O सदस्यों O का O नेटवर्क O किसानों O के O लाभ O के O लिये O जैव O - O इनोकुलेंट O , O मशरूम O के O बीजों O और O मछली O के O अंडों O जैसे O महत्वपूर्ण O कच्चे O माल O की O आपूर्ति O में O मध्यस्थ O की O भूमिका O निभा O सकता O है O । O सीआरपी B-NEO और O किसानों O के O साथ O बातचीत O से O पता O चलता O है O कि O विभिन्न O प्रौद्योगिकियों O और O नयी O फसलों O की O स्वीकार्यता O में O भिन्नता O है O । O टीएचएसटीआई B-NEO के O वायरल O निष्प्रभावन O परीक्षण O जाइडस B-NEO कैडिला I-NEO , O बायोलॉजिकल B-NEO ई I-NEO , O इंटस B-NEO फार्मास्यूटिकल्स I-NEO , O प्रेमस B-NEO बायोटेक I-NEO , O मिनवैक्स B-NEO और O विरचोव B-NEO बायोटेक I-NEO को O प्रदान O किये O गये O हैं O । O आईआरएसएचए B-NEO ( I-NEO पुणे I-NEO ) I-NEO की O प्रतिरक्षा O परख O प्रयोगशाला O उनके O आरएनए O टीकों O के O लिये O जेनोवा B-NEO बायोफार्मास्यूटिकल्स I-NEO से O प्रतिरक्षाजनकता O परख O परीक्षण O मुहैया O करा O रही O है O । O भारत B-NEO चैंबर I-NEO ऑफ I-NEO कॉमर्स I-NEO में O ' O कोविड O के O बाद O के O आर्थिक O सुधार O ' O पर O विदेश O सचिव O की O टिप्पणियाँ O पुनर्वितरण O के O लिये O के O - O 18 O एचएसीई2 O पारजीनी O ( O ट्रांसजेनिक O ) O चूहा O अभिजनक O जोड़ियां O इनस्टेम B-NEO में O उपलब्ध O हैं O । O भारत B-NEO चैंबर I-NEO ऑफ I-NEO कॉमर्स I-NEO के O पदाधिकारियों O और O सदस्यों O के O साथ O इस O बातचीत O में O शामिल O होकर O मुझे O खुशी O हो O रही O है O । O इसके O अलावा O डीबीटी B-NEO - O टीएचएसटीआई B-NEO में O पशु O चैलेंज O सुविधा O टीका O निर्माताओं O को O हैम्स्टर O चैलेंज O सेवाएं O मुहैया O करा O रही O है O । O जाइडस B-NEO कैडिला I-NEO , O मिनवैक्स B-NEO , O बायोलॉजिकल B-NEO ई I-NEO , O थेमिस B-NEO मेडिकेयर I-NEO और O वीआईएनएस B-NEO बायोप्रोडक्ट्स I-NEO लिमिटेड I-NEO को O हेम्स्टर O संक्रमण O मॉडल O आधारित O टीका O और O एंटीवायरल O परीक्षण O सेवाएं O प्रदान O की O गयी O हैं O । O डीबीटी B-NEO प्रयोगशालाओं O का O सीडीएल B-NEO के O तौर O पर O उन्नयन O ये O हैं O - O राष्ट्रीय B-NEO पशु I-NEO जैवप्रौद्योगिकी I-NEO संस्थान I-NEO , I-NEO हैदराबाद I-NEO और O राष्ट्रीय B-NEO कोशिका I-NEO विज्ञान I-NEO केन्द्र I-NEO , I-NEO पुणे I-NEO । O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO ( I-NEO एमओई I-NEO ) I-NEO ने O घरेलू O स्तर O पर O सीखने O की O प्रक्रिया O में O माता O - O पिता O की O भागीदारी O के O लिए O दिशा O - O निर्देश O जारी O किए O हैं O । O डीबीटी B-NEO ने O विदेश B-NEO मंत्रालय I-NEO के O सहयोग O से O क्लिनिकल O परीक्षण O विकास O के O लिये O साझेदारी O - O पार्टरशिप O फॉर O एडवांसिंग O क्लिनिकल O ट्रायल्स O ( O पैक्ट O ) O कार्यक्रम O शुरू O किया O है O । O तमिलनाडु B-NEO कृषि I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO के O मुख्य O परिसर O में O अपशिष्ट O जल O उपचार O सुविधा O और O वर्षा O जल O संचयन O संरचना O भी O है O । O आईआईटी B-NEO मद्रास I-NEO भी O जल्द O ही O इस O कार्यक्रम O की O घोषणा O कर O सकता O है O । O इंडियन B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक्स I-NEO कंसोर्टियम I-NEO प्रश्न O - O इंडियन B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक्स I-NEO कंसोर्टियम I-NEO ( O - B-NEO इंसाकॉग I-NEO ) O यानी O भारतीय B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक्स I-NEO कंसोर्टियम I-NEO क्या O है O ? O कौशल B-NEO विकास I-NEO एवं I-NEO उद्यमिता I-NEO मंत्रालय I-NEO के O दिशानिर्देश O में O पापड़ O बनाने O और O सिलाई O केन्द्र O जैसे O छोटे O कामों O के O लिए O अधिक O संसाधनों O और O अधिक O जगह O जैसी O पात्रता O की O शर्तें O हैं O , O जिन्हें O पूरा O कर O पाना O सहज O नहीं O कहा O जा O सकता O । O प्रश्न O - O इंसाकॉग B-NEO का O उद्देश्य O क्या O है O ? O आंध्र B-NEO मेडटेक I-NEO जोन I-NEO ( I-NEO एएमटीजेड I-NEO ) I-NEO में O स्थापित O कोविड B-NEO - I-NEO 19 I-NEO मेडटेक I-NEO मैनुफेक्चरिंग I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ( I-NEO कमांड I-NEO ) I-NEO समूह O को O डीबीटी O ने O सहयोग O दिया O है O । O इस O पृष्ठभूमि O में O इंसाकॉग B-NEO की O स्थापना O की O गई O ताकि O पूरे O देश O में O सार्स O - O कोव O - O 2 O वायरस O की O पूरी O जीनोम O सीक्वेंसिंग O का O विस्तार O किया O जा O सके O और O इस O वायरस O का O प्रसार O और O विकास O कैसे O होता O है O , O यह O समझने O में O हमें O मदद O मिले O । O एएमटीजेड B-NEO - I-NEO कमांड I-NEO और O एनबीआरआईसी B-NEO समूह O आत्मनिर्भरता O की O जीवंत O मिसालें O हैं O । O इंसाकॉग B-NEO के O निम्नलिखित O विशिष्ट O उद्देश्य O हैं O - O इस O वायरस O के O आनुवंशिक O कोड O या O म्यूटेशन O में O आए O किसी O भी O परिवर्तन O को O इंसाकॉग B-NEO के O तहत O इन O प्रयोगशालाओं O में O नमूनों O के O किए O गए O विश्लेषण O और O सिक्वेंसिंग O के O आधार O पर O देखा O जा O सकता O है O । O वायरस O के O रूपांतरों O और O चिंताजनक O स्वरूपों O - O वेरिएंट्स O ऑफ O कंसर्न O ( O वीओसी O ) O के O उद्भव O और O सामुदायिक O प्रसार O पर O नजर O रखने O के O लिये O भारतीय B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनशास्त्र I-NEO समूह I-NEO - I-NEO इंडियन I-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक्स I-NEO कंसॉर्टियम I-NEO ( I-NEO आईएनएसएसीओजी I-NEO ) I-NEO की O स्थापना O की O गयी O है O । O वैज्ञानिक B-NEO और I-NEO औद्योगिक I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO ( O सीएसआईआर B-NEO ) O , O जैव B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO विभाग I-NEO ( O डीबीटी B-NEO ) O और O राष्ट्रीय B-NEO रोग I-NEO नियंत्रण I-NEO केंद्र I-NEO ( O एनसीडीसी B-NEO ) O के O साथ O - O साथ O व्यक्तिगत O संस्थानों O के O प्रयासों O के O माध्यम O से O सीक्वेंसिंग O का O और O विस्तार O किया O गया O । O इन O वेरिएंट O के O प्रवेश O की O इंसाकॉग B-NEO ने O बड़ी O सावधानीपूर्वक O ट्रेकिंग O की O । O इसके O बाद O इंसाकॉग B-NEO प्रयोगशालाओं O में O किए O गए O संपूर्ण O सीक्वेंसिंग O विश्लेषण O के O आधार O पर O डेल्टा O और O डेल्टा O प्लस O वेरिएंट O की O पहचान O की O गई O । O पीआरआई B-NEO की O क्षमता O का O निर्माण O पीआरआई B-NEO के O लिये O केन्द्रीय B-NEO वित्त I-NEO आयोग I-NEO से O बड़े O पैमाने O पर O अनुदान O तथा O अन्य O योजनाओं O से O धन O और O राज्यों O के O अपने O संसाधनों O की O उपलब्धता O ने O निर्वाचित O प्रतिनिधियों O और O अन्य O हितधारकों O के O पर्याप्त O क्षमता O निर्माण O और O प्रशिक्षण O की O जरूरत O को O रेखांकित O किया O है O ताकि O योजनाओं O को O प्रभावशाली O ढंग O से O बनाया O और O लागू O किया O जा O सके O । O ऐसे O में O ग्राम O पंचायतें O न O केवल O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO अपितु O सभी O मंत्रालय O / O विभागों O की O जानकारियों O के O प्रचार O - O प्रसार O में O अपनी O भूमिका O निभाती O हैं O । O इसका O उद्देश्य O पीआरआई B-NEO की O क्षमता O को O बढ़ाना O और O मजबूत O करना O है O ताकि O वे O स्थानीय O विकास O की O आवश्यकताओं O के O प्रति O ज्यादा O जिम्मेदार O बन O सकें O । O पीआरआई B-NEO के O कामकाज O से O संबंधित O सांवैधानिक O और O वैधानिक O प्रावधानों O , O ई O - O शासन O , O वित्तीय O प्रबंधन O , O संवहनीय O विकास O लक्ष्यों O - O सस्टेनेबल O डेवलपमेंट O गोल्स O ( O एसडीजी O ) O के O लिये O प्रतिबद्धता O और O आजीविका O की O समस्याओं O जैसे O विषयों O पर O प्रशिक्षण O कार्यक्रमों O का O आयोजन O किया O जा O रहा O है O । O इनसे O पीआरआई B-NEO को O जन O भागीदारी O से O योजनाएं O बनाने O और O प्रौद्योगिकी O का O इस्तेमाल O करने O में O मदद O मिलती O है O । O पहचान O किए O गए O प्रहरी O स्थलों O से O नामित O रीजनल B-NEO जीनोम I-NEO सीक्वेंसिंग I-NEO लेबोरेट्रीज I-NEO ( O आरजीएसएल B-NEO ) O को O नमूने O भेजने O के O लिए O विस्तृत O एसओपी O राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O साथ O साझा O की O गई O । O 4. O विशेषज्ञता O और B-NEO श्रम O तथा O दायित्वों O का O निर्धारण O - O कार्य O वहन O , O अधिकारों O के O विभाजन O ( O इच्छा O से O या O इच्छा O के O विरुद्ध O जबरन O ) O और O दायित्व O के O बीच O स्पष्ट O संतुलन O । O प्रशिक्षण O की O व्यवस्था O राष्ट्रीय B-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO और I-NEO पंचायती I-NEO राज I-NEO संस्थान I-NEO तथा O राज्य B-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO संस्थान I-NEO बड़ी O संख्या O में O अन्य O संस्थानों O के O सहयोग O से O करते O हैं O । O राष्ट्रीय O महत्व O के O मुद्दों O पर O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाने O के O लिए O ग्राम O पंचायतों O की O सूचना O आवश्यकता O को O निर्मित O करने O और O उनके O प्रोत्साहन O एवं O समर्थन O का O कार्य O भारत B-NEO सरकार I-NEO का O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO करता O है O । O पंचायती O राज O संस्थाओं O में O ई O - O गर्वनेंस O सिस्टम O को O लागू O एवं O सशक्त O करने O के O लिए O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O प्रारंभ O किया O गया O ई O - O पंचायत O मिशन O मोड O कार्यक्रम O अत्यंत O प्रभावी O एंव O परिणामोत्पादक O है O । O टैग O किए O गए O आरजीएसएल B-NEO की O सूची O भी O राज्यों O को O भेजी O गई O थी O । O यह O बड़ी O संख्या O में O पीआरआई B-NEO के O बीच O जागरूकता O पैदा O करने O और O ज्ञान O के O विस्तार O का O जरिया O बन O गया O है O । O मंत्रालय O भारतीय B-NEO केन्द्र I-NEO सरकार I-NEO से O धन O प्राप्त O करता O है O और O खादी O और O ग्रामोद्योग O से O संबंधित O कार्यक्रमों O और O योजनाओं O के O क्रियान्वयन O के O लिए O खादी O एवं O ग्रामोद्योग O आयोग O को O पहुँचाता O है O । O राष्ट्रीय B-NEO गंगा I-NEO परिषद I-NEO के O अध्यक्ष O माननीय O प्रधानमंत्री O हैं O और O वे O इस O लक्ष्य O के O लिए O काम O कर O रहे O हैं O । O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO और O सामाजिक B-NEO न्याय I-NEO एवं I-NEO अधिकारिता I-NEO मंत्रालय I-NEO में O राज्य O मंत्री O हैं O । O ईमेल O : O mos B-NEO - O mowr O @ O nic B-NEO . O in O आश्चर्य O की O बात O है O कि O कोठारी B-NEO समिति I-NEO ने O सभी O सिविल O सेवाओं O में O भारतीय O भाषाओं O की O बात O की O थी O लेकिन O दुर्भाग्य O से O केवल O प्रशासनिक O सेवा O में O अभी O भारतीय O भाषाओं O में O परीक्षा O शुरू O की O गई O है O । O ऊपर O वर्णित O विषयों O पर O राज्यों O / O संघ O शासित O प्रदेशों O और O पीआरआई B-NEO के O साथ O मंत्रालय O का O काम O जारी O रहेगा O क्योंकि O संभावनाओं O का O पूरा O इस्तेमाल O किया O जाना O अभी O बाकी O है O । O * O ज्ञान O और O जानकारी O के O स्तर O को O और O बढ़ाने O के O लिए O एनसीईआरटी B-NEO की O किताबों O से O संबधित O विषयों O की O बुनियादी O जानकारी O हासिल O करें O इस O मदद O के O तहत O अन्य O व्यय O हैं O - O प्रशिक्षण O , O प्रचार O , O विपणन O , O आईएसईसी B-NEO योजना I-NEO के O तहत O बैंक O ऋणों O पर O ब्याज O अनुवृत्ति O । O ये O हैं O - O भारतीय B-NEO निर्यात I-NEO - I-NEO आयात I-NEO बैंक I-NEO ( O एक्जिम B-NEO बैंक I-NEO ) O , O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO एवं I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O , O राष्ट्रीय B-NEO आवास I-NEO बैंक I-NEO ( O एनएचबी B-NEO ) O और O भारतीय B-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O । O भारतीय B-NEO निर्यात I-NEO - I-NEO आयात I-NEO बैंक I-NEO ( O एक्जिम B-NEO बैंक I-NEO ) O प्रोफेसर B-NEO अलघ I-NEO कमेटी I-NEO और O कई O प्रशासनिक O सुधार O आयोगों O ने O भी O ऐसी O सिफारिश O की O है O । O देश O की O विशेषीकृत O वित्तीय O संस्थाओं O में O निर्यात B-NEO - I-NEO आयात I-NEO बैंक I-NEO को O ऊंचा O स्थान O प्राप्त O है O । O प्रोफेसर B-NEO अलघ I-NEO कमेटी I-NEO ने O कानून O और O लोक O प्रशासन O जैसे O विषयों O की O अनिवार्यता O की O भी O बात O की O थी O । O भारत B-NEO एकमात्र O ऐसा O देश O है O , O जिसने O इस O मामले O में O इस O कदर O उछाल O हासिल O किया O है O । O भारतीय B-NEO निर्यात I-NEO - I-NEO आयात I-NEO बैंक I-NEO ने O पूरे O देश O में O और O विदेशों O में O भी O अपने O कार्यालय O बनाए O हैं O । O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO एवं I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O मजबूती O प्रदान O करने O में O संस्थागत O ऋण O की O महत्ता O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O सामने O आरंभ O से O ही O स्पष्ट O रही O है O । O इसीलिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O कहने O पर O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ( O आरबीआई B-NEO ) O ने O इस O महत्वपूर्ण O आयाम O की O पड़ताल O के O लिए O कृषि O एवं O ग्रामीण O विकास O हेतु O संस्थागत O ऋण O की O व्यवस्था O की O समीक्षा O के O उद्देश्य O वाली O समिति O ( O क्राफिकार्ड O ) O का O गठन O किया O । O लेखिका O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O निदेशक O हैं O । O कोविड O - O 19 O की O महामारी O से O निपटने O में O दुनिया O की O एकता O जिस O तरह O से O बिखरती O दिखी O और O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO सरीखे O अंतरराष्ट्रीय O संगठन O जिस O तरह O से O अप्रभावी O दिखे O उससे O ये O सवाल O भी O उठने O लगे O कि O दुनिया O अपने O उन O संगठनों O , O संस्थाओं O और O सहकारों O को O उसी O रूप O में O लेकर O बढ़ O पाएगी O जो O दूसरे O विश्वयुद्ध O के O दौरान O एवं O उसके O बाद O सुनिश्चित O किए O गये O थे O । O श्री B-NEO सत्य I-NEO साई I-NEO संजीवनी I-NEO अस्पताल I-NEO , I-NEO फिजी I-NEO के O उद्घाटन O के O अवसर O पर O प्रधानमंत्री O का O संबोधन O अगले O चरण O के O तहत O कचरे O को O डीआरसीसी B-NEO और O कंपोस्ट O शेड O तक O पहुंचाने O के O लिए O गांव O के O ट्रैक्टर O का O इस्तेमाल O किया O जाता O है O । O कई O जगहों O पर O डीआरसीसी B-NEO के O कर्मचारी O को O पोशाक O भी O मिलती O है O । O उन्होंने O राज्यों O , O एनडब्ल्यूडीए B-NEO - O राष्ट्रीय O जल O विकास O प्राधिकरण O और O जल O शक्ति O मंत्रालय O के O सभी O अधिकारियों O को O इस O महत्वाकांक्षी O योजना O को O लागू O करने O में O उनकी O ईमानदारी O और O समर्पण O के O लिए O बधाई O दी O । O इस O अवसर O पर O जल B-NEO शक्ति I-NEO मंत्रालय I-NEO में O सचिव O और O अन्य O प्रमुख O लोग O भी O मौजूद O थे O । O इसके O तहत O भारतीय B-NEO रिज़र्व I-NEO बैंक I-NEO ( O ) O को O व्यापक O शक्तियां O प्रदान O की O गयीं O ताकि O वह O बकाया O ऋणों O की O वसूली O के O लिए O लेनदारों O को O दिवाला O निपटान O प्रक्रिया O शुरू O करने O का O निर्देश O जारी O कर O सके O । O स्कूल B-NEO समूह I-NEO प्रबंध I-NEO समिति I-NEO में O समुदाय O के O प्रतिनिधि O और O स्थानीय O प्रबंधन O विशेषज्ञों O समेत O विभिन्न O हितधारक O होते O हैं O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ( O पीएसबीज़ B-NEO ) O की O गैर O निष्पादित O परिसंपत्तियां O एनपीए O ( O खातों O में O फंसे O कर्ज O ) O उच्च O स्तर O पर O पहुंच O चुके O हैं O । O उद्यमिता B-NEO मंत्रालय I-NEO राष्ट्रीय B-NEO कौशल I-NEO विकास I-NEO निगम I-NEO के O माध्यम O से O कौशल O विकास O कार्यक्रम O को O क्रियान्वित O कर O रहा O है O । O अल्पावधि O के O लिए O जमा O की O दरों O को O संबंधित O बैंकों O द्वारा O तय O किया O जाता O है O जबकि O मध्यम O और O दीर्घावधि O जमा O की O ब्याज O दरें O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O तय O की O जाती O है O । O आरबीआई B-NEO ने O अपनी O आंतरिक O सलाहकार O समिति O ( O आईएसी O ) O की O सिफारिशों O के O आधार O पर O यह O फैसला O लिया O । O नयी O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O में O स्कूल O की O अप्रयुक्त O अवसंरचना O क्षमता O का O इस्तेमाल O करने O के O लिये O सामाजिक B-NEO चेतना I-NEO केंद्र I-NEO खोलने O का O सुझाव O दिया O गया O है O । O ये O श्रेणियाँ O हैं O : O प्रदूषण O में O कमी O लाना O ( O निर्मल O गंगा O ) O ; O नदी O के O प्रवाह O और O पारिस्थितिकी O में O सुधार O ( O अविरल O गंगा O ) O ; O नदी O और O लोगों O के O बीच O संबंध O को O सुदृढ़ O करने O ( O जन O गंगा O ) O और O अनुसंधान B-NEO व I-NEO ज्ञान I-NEO प्रबंधन I-NEO ( O ज्ञान O गंगा O ) O पर O जोर O दिया O जाता O है O । O ग्राम B-NEO पंचायत I-NEO के O स्वयं O स्रोत O राजस्व O - O बच्चों O के O सीखने O संबंधी O कार्यक्रम O को O लागू O करने O से O जुड़ी O - O एलएलएफ B-NEO के O दिशा O - O निर्देशों O में O कहा O गया O है O कि O " O बच्चों O की O भाषा O को O ही O सीखने O का O माध्यम O बनाने O से O ज़्यादा O अनुकूल O माहौल O बनाने O में O मदद O मिलती O है O और O सोचने O , O बोलने O और O विचार O करने O की O क्षमता O बेहतर O होती O है O । O यह O ग्राम B-NEO पंचायत I-NEO मुख्य O रूप O से O कर O संग्रह O के O माध्यम O से O राजस्व O के O अपने O स्रोतों O को O अर्जित O करने O पर O ध्यान O केंद्रित O कर O रही O है O । O इसके O लिए O इस O ग्राम B-NEO पंचायत I-NEO ने O वित्त O संबंधी O स्थायी O समिति O का O गठन O करने O ; O करों O का O भुगतान O करने O के O लिए O उत्तरदायी O सभी O संस्थानों O , O व्यक्तियों O तथा O व्यापारियों O को O सूचीबद्ध O करने O ; O चूककर्ताओं O को O सलाह O देने O ; O घर O - O घर O जाकर O कर O संग्रह O के O लिए O कुदुम्बश्री O स्ववंसेवकों O और O कर्मचारियों O को O शामिल O करने O ; O कर O संग्रह O शिविर O आदि O आयोजित O करने O जैसी O गतिविधियों O के O माध्यम O से O प्रभावी O प्रयास O किए O हैं O । O इनमें O पंडित B-NEO दीनदयाल I-NEO पेट्रोलियम I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O गुजरात B-NEO राष्ट्रीय I-NEO विधि I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O राष्ट्रीय B-NEO अपराध I-NEO विज्ञान I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O रक्षा B-NEO शक्ति I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O लकुलीश B-NEO योग I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O गुजरात B-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O आई O - O क्रिएट O , O भारतीय B-NEO शिक्षक I-NEO शिक्षा I-NEO संस्थान I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO , O बाल B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO और O श्री B-NEO गोविंद I-NEO गुरु I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO शामिल O हैं O । O लेखक O वस्त्र B-NEO मंत्रालय I-NEO , O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O अपर O आर्थिक O सलाहकार O हैं O । O इसलिए O , O वे O काफी O हद O तक O राज्य O और O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O वित्तीय O सहायता O पर O निर्भर O हैं O । O केंद्रीय O वित्त O आयोगों O की O सिफारिशों O के O कार्यान्वयन O की O निगरानी O के O लिए O नोडल O मंत्रालय O होने O के O नाते O पंचायती O राज B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O द्वारा O अनुदानों O के O प्रभावी O उपयोग O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O ई O - O ग्रामस्वराज O और O ऑडिट O ऑनलाइन O जैसे O कई O सक्षम O डिजिटल O तंत्र O बनाए O हैं O । O संविधान O में O प्रावधान O है O कि O केंद्रीय B-NEO वित्त I-NEO आयोग I-NEO को O राज्य O वित्त O आयोगों O की O सिफारिशों O के O आधार O पर O राज्यों O की O समेकित O निधि O को O बढ़ाने O के O उपायों O का O सुझाव O देना O चाहिए O । O हालांकि O , O सभी O केंद्रीय B-NEO वित्त I-NEO आयोग I-NEO प्रासंगिक O अवधि O के O लिए O राज्य O वित्त O आयोगों O की O रिपोर्टों O की O अनुपलब्धता O और O समकालीन O नहीं O बनाने O के O कारण O विवश O हैं O , O क्योंकि O राज्य O अलग O - O अलग O समय O पर O और O ' O अलग O - O अलग O नियमितता O के O साथ O राज्य O वित्त O आयोग O का O गठन O करते O रहे O हैं O । O इन O जिलों O ने O स्वास्थ्य O और O पोषण O , O शिक्षा O , O कृषि O और O जल O प्रबंधन O , O वित्तीय O समावेशन O , O कौशल O विकास O तथा O मूलभूत O बुनियादी O सुविधाओं O से O संबंधित O संकेतकों O में O महत्वपूर्ण O सुधार O दर्शाया O है O और O नीति B-NEO आयोग I-NEO द्वारा O इनकी O समयोचित O आधार O पर O निगरानी O की O जा O रही O है O । O ये O अंतरण O संबंधित O केंद्रीय B-NEO मंत्रालयों I-NEO / O विभागों O द्वारा O केंद्रीय O प्रायोजित O योजनाओं O के O रूप O में O किए O जाते O हैं O । O नीति B-NEO आयोग I-NEO राष्ट्रीय O चिकित्सा O आयोग O विधेयक O का O मसौदा O तैयार O करने O , O साथ O ही O साथ O भारतीय O चिकित्सा O प्रणालियों O और O होम्योपैथी O की O शिक्षा O प्रणाली O में O सुधार O लाने O से O संबंधित O विधेयकों O का O मसौदा O तैयार O करने O में O सम्मिलित O रहा O है O । O धन O के O आवंटन O की O जिम्मेदारी O अब O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO को O दे O दी O गई O है O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO - O आरबीआई B-NEO अपने O साथ O बैंकिंग O करने O वाले O राज्यों O को O अर्थोपाय O अग्रिम O यानी O वेज O एंड O मींस O एडवांस O ( O डब्ल्यूएमए O ) O प्रदान O करता O है O जिससे O उन्हें O अपनी O राजस्व O प्राप्तियों O और O भुगतान O के O बीच O नकदी O के O प्रवाह O में O आई O अस्थाई O विसंगतियों O को O दूर O करने O में O मदद O मिल O सके O । O आरबीआई B-NEO ने O राज्यों O के O कुल O व्यय O , O राजस्व O घाटे O और O उनकी O वित्तीय O स्थिति O सहित O अनेक O घटकों O के O आधार O पर O प्रत्येक O राज्य O के O लिए O डब्ल्यूएमए O की O सीमा O निर्धारित O कर O रखी O है O । O डब्ल्यूएमए O पर O ब्याज O आरबीआई B-NEO की O रेपो O दर O के O अनुसार O लिया O जाता O है O । O हम O भारतीय O कंपनियों O को O वैश्विक O स्तर O का O आकार O लेते O देख O रहे O हैं O - O जियो B-NEO इसका O उत्तम O उदाहरण O है O । O इसी O तरह O पोषण O अभियान O योजना O में O भी O नीति B-NEO आयोग I-NEO ने O प्रमुख O भूमिका O निभाई O है O । O वित्त O मंत्री O की O अध्यक्षता O वाली O राज्यों O तथा O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O वित्त O मंत्रियों O की O जीएसटी B-NEO परिषद I-NEO वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O पर O कर O की O दरें O तय O करती O है O अथवा O उनकी O सिफारिश O करती O है O । O इन O सभी O मुद्दों O और O मांगों O को O जीएसटी B-NEO परिषद I-NEO के O सामने O रखा O गया O । O डब्ल्यूएमए O की O सीमा O बढ़ने O से O राज्यों O को O कम O ब्याज O दर O पर O आरबीआई B-NEO से O तत्काल O अल्पकालिक O उधार O लेने O की O सुविधा O मिल O गई O । O माखनलाल B-NEO चतुर्वेदी I-NEO पत्रकारिता I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO की O शोध O परियोजना O के O अन्तर्गत O राष्ट्रवादी O पत्रकारिता O विषय O पर O पुस्तक O प्रकाशित O हो O चुकी O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O प्रशासनिक O सुधार O एवं O जन O शिकायत O विभाग O द्वारा O शुरू O की O गई O ' O सिटिजन्स O चार्टर O ' O यानी O नागरिक O अधिकार O पत्र O व्यवस्था O के O अंतर्गत O ' O लोगों O की O अपेक्षा O के O अनुरूप O सेवा O मानक O और O समय O - O सीमाएं O तय O की O जानी O चाहिए O जो O उचित O और O व्यवहारिक O हों O और O इनमें O शिकायतों O की O सुनवाई O और O उनके O निवारण O तथा O स्वतंत्र O जांच O की O व्यवस्था O होनी O चाहिए O । O इनमें O लावा B-NEO और O माइक्रोमैक्स B-NEO जैसी O भारतीय O कंपनियों O के O साथ O - O साथ O एप्पल B-NEO और O सैमसंग B-NEO जैसी O वैश्विक O कंपनियां O भी O हैं O । O कोविड O के O बढ़ते O मामलों O को O देखते O हुए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O कोविड O - O 19 O को O अधिसूचित O आपदा O मानने O का O निर्णय O लिया O । O श्रम B-NEO एवं I-NEO रोजगार I-NEO मंत्रालय I-NEO असंगठित O क्षेत्र O के O श्रमिकों O की O सामाजिक O सुरक्षा O हेतु O एलआईसी O के O माध्यम O से O आम O आदमी O बीमा O योजना O संचालित O कर O रहा O है O । O इससे O पंचायती B-NEO राज I-NEO संस्थाओं I-NEO में O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O आयी O है O । O यूनिसेफ B-NEO , O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ( O डब्ल्यूएचओ B-NEO ) O , O बीएमजीएच B-NEO , O डालबर्ग B-NEO और O अन्य O वैश्विक O एजेंसियों O का O मानना O है O कि O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O तहत O हासिल O की O गई O उपलब्धियों O का O देश O के O आर्थिक O - O शैक्षणिक O माहौल O , O पर्यावरण O , O स्वास्थ्य O आदि O पर O व्यापक O असर O हो O सकता O है O । O स्टैनफोर्ड B-NEO , O हार्वर्ड B-NEO , O एमआईटी B-NEO जैसे O संस्थानों O को O जाने O वाला O धन O अब O भारतीय O संस्थानों O में O आने O लगा O है O और O इसका O इस्तेमाल O नई O पीढ़ी O को O नवोन्मेष O , O आत्मनिर्भरता O , O नए O स्टार्टअप O खोलने O तथा O रोजगार O सृजन O की O ओर O प्रेरित O करने O में O किया O जा O सकेगा O । O रिलायंस B-NEO जियो I-NEO ने O स्वदेशी O 5 O जी O तकनीक O लाने O की O घोषणा O की O है O । O वे O एमएसपी B-NEO मंडल I-NEO आर्ट I-NEO एंड I-NEO कॉमर्स I-NEO कॉलेज I-NEO औरंगाबाद I-NEO में O पढ़ाते O हैं O । O इंटरनेट B-NEO पहुंच I-NEO कार्यक्रम I-NEO , O ई O - O शासन O : O प्रौद्योगिकी O के O जरिये O सरकार O में O सुधार O , O ई O - O क्रांति O : O सेवाओं O की O इलेक्ट्रॉनिक O डिलीवरी O , O सबके O लिये O सूचना O , O इलेक्ट्रॉनिक्स O निर्माण O , O रोजगारों O के O लिये O सूचना O प्रौद्योगिकी O तथा O शीघ्र O लाभ O कार्यक्रम O । O मोदी B-NEO सरकार I-NEO युवाओं O की O महत्ता O को O दृष्टिगत O रखते O हुए O युवाओं O के O सर्वांगीण O ( O शारीरिक O , O मानसिक O , O शैक्षिक O , O सामाजिक O एवं O कौशल O ) O विकास O के O लिए O प्रयत्नशील O है O । O इसके O जरिये O सूचना O और O संचार O प्रौद्योगिकी O ( O आईसीटी B-NEO ) O अवसंरचना O के O क्षमता O निर्माण O से O नवाचारी O और O उन्नत O सार्वजनिक O सेवा O डिलीवरी O के O विकास O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO संस्थान I-NEO ग्रामीण O स्तर O पर O लोकतांत्रिक O विकेंद्रीकरण O के O प्रमुख O माध्यम O हैं O और O ग्रामीण O विकास O तथा O शक्तियों O के O विकेन्द्रीकरण O का O महत्वपूर्ण O तंत्र O उपलब्ध O कराते O हैं O । O ई O - O शासन O कोविड O 19 O से O संबंधित O सूचनाओं O के O ज्यादा O पारदर्शी O , O सुरक्षित O और O अंतर O - O प्रचालनीय O ढंग O से O प्रसार O के O लिये O महत्वपूर्ण O आईसीटी B-NEO औजार O बन O गया O है O । O पंचायती O राज O संस्थाओं O को O स्व B-NEO - I-NEO शासन I-NEO संस्थान I-NEO के O रूप O में O देखा O जा O सकता O है O जिनके O माध्यम O से O योजना O बनाने O की O प्रक्रिया O और O विकास O कार्यो O में O लोगों O की O सक्रिय O भागीदारी O प्राप्त O की O जा O सकती O है O । O स्वतंत्रता O के O बाद O नेहरू B-NEO सरकार I-NEO ने O विश्व O में O औद्योगिक O शक्ति O के O रूप O में O देश O को O आगे O लाने O के O लिए O बड़े O बड़े O कल O कारखानों O सार्वजनिक O संस्थानों O को O निर्माण O कर O प्रोत्साहित O किया O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO मिशन O अंत्योदय O सर्वे O का O लाभ O प्राप्त O करने O और O योजना O निर्माण O की O प्रक्रिया O में O महत्वपूर्ण O खामियों O का O पता O लगाने O के O कार्य O में O ग्रामीण B-NEO मंत्रालय I-NEO के O सहयोग O से O काम O करता O है O । O नोवावेक्स B-NEO कंपनी O ने O पतंगे O की O कोशिकाओं O में O स्पाइक O प्रोटीन O डालकर O ज्यादा O मात्रा O में O प्रोटीन O वैक्सीन O बनाने O की O तकनीक O विकसित O की O । O उपयोगों O पर O जोर O देने O के O बावजूद O , O इसरो B-NEO ने O अंतरिक्ष O में O सार्थक O अन्वेषण O करने O के O लिए O कई O अंतरिक्ष O विज्ञान O परियोजनाओं O का O अनुसरण O किया O है O । O कोविड O संकटकाल O में O आईसीसी O गतिविधियों O के O माध्यम O से O स्वास्थ्य B-NEO एवं I-NEO परिवार I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO , O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O समय O - O समय O पर O जारी O की O गई O गाइडलाइन O , O अनुदेशों O एवं O सामाजिक O स्वास्थ्य O उपायों O को O भी O पंचायतों O के O माध्यम O से O ही O गांवों O में O जन O - O जन O तक O पहुंचाने O का O कार्य O किया O गया O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O देश O की O सभी O पंचायतों O के O सरपंचों O , O अन्य O जनप्रतिनिधियों O एवं O संबंधित O अधिकारियों O को O बल्क O एसएमएस O तथा O व्हाट्सऐप O ग्रुप O के O माध्यम O से O समय O - O समय O पर O कोविड O - O 19 O की O रोकथाम O के O लिए O लॉकडाउन O , O सोशल O डिस्टेंसिंग O , O मॉस्क O एवं O सैनिटाइजर O का O उपयोग O एवं O इन O विषयों O के O लिए O ग्राम O सभा O का O आयोजन O करने O पर O जागरूक O किया O गया O । O स्वास्थ्य B-NEO एवं I-NEO परिवार I-NEO कल्याण I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O तैयार O जागरूकता O सामग्री O भी O ग्राम O पंचायतों O के O प्रसार O के O लिए O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O साथ O साझा O की O गई O । O सरकार O ने O जनजातीय O बच्चों O को O अच्छी O गुणवत्तायुक्त O शिक्षा O देने O के O लिए O एकलव्य B-NEO स्कूल I-NEO खोलने O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO के O सोशल O मीडिया O प्लेटफार्म O के O माध्यम O फेसबुक O पेज O एवं O ट्वीटर O हैंडलर O भी O इस O संबंध O में O सक्रिय O भूमिका O निभाते O रहे O हैं O । O कर्नाटक B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O ई B-NEO - I-NEO जनस्पंदन I-NEO नामक O पोर्टल O के O माध्यम O से O राज्य O सरकार O से O जुड़ी O शिकायतों O का O निवारण O किया O जाता O है O । O जनस्पंदन B-NEO सेल I-NEO की O स्थापना O कार्मिक O और O प्रशासनिक O सुधार O विभाग O ( O डीपीआर O ) O के O अंतर्गत O की O गयी O । O स्वास्थ्य B-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O तैयार O की O गईं O सूचना O , O शिक्षा O , O संचार O सामग्री O को O पंचायतों O तक O पहुंचाया O गया O । O यह O सफलता O इसरो B-NEO द्वारा O अभियान O की O सावधानीपूर्वक O बनाई O गई O योजना O और O इसके O निर्बाध O निष्पादन O का O परिणाम O थी O । O ' O सिविल O सेवा O ' O की O मूल O अवधारणा O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कम्पनी I-NEO को O देश O में O नागरिक O और O सैनिक O व्यवस्था O बनाए O रखने O के O उद्देश्य O से O सैनिकों O को O कॉडर O बनाने O संबंधी O अधिकार O देने O संबंधी O नागरिक O जनादेश O यानी O चार्टर O जारी O होने O के O साथ O शुरू O हुई O मानी O जाती O है O । O हेल्पलाइन O कर्नाटक B-NEO सरकार I-NEO ( O जीओसी O ) O के O नगर O सुधार O कार्यक्रम O ( O एमआरपी O ) O का O हिस्सा O है O । O * O पूर्वोत्तर O राज्यों O में O शिकायत O निवारण O को O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O उत्तर B-NEO पूर्वी I-NEO क्षेत्रीय I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O अंतर्गत O विनियमित O किया O जाता O है O । O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO के O " O दिशा O - O निर्देश O " O इसमें O मददगार O साबित O हो O सकते O हैं O , O जिसके O तहत O सीखने O की O प्रक्रिया O के O आकलन O में O माता O - O पिता O / O देखभाल O करने O वाले O अन्य O लोगों O की O अहमियत O पर O ज़ोर O दिया O गया O है O । O आपने O यह O शुरुआत O कैसे O की O और O एनसीईआरटी B-NEO ने O इसे O पाठ्यक्रम O में O शामिल O करने O से O जुड़ी O नीति O कैसे O बनाई O ? O यदि O लोक B-NEO शिकायत I-NEO निवारण I-NEO विभाग I-NEO इनका O सहयोग O ले O और O इनके O सहयोग O से O हर O गांव O शहर O मोहल्लों O में O सेमिनार O कर O जनता O को O सुनने O समझने O का O आमंत्रण O दे O तो O देश O में O बहुत O तेजी O से O लोक O शिकायत O निवारण O के O प्रति O जागरूकता O फैलेगी O । O जनशिकायत B-NEO निवारण I-NEO को O अच्छे O प्रशासन O वाले O लोकतंत्र O की O बुनियाद O कहा O जाता O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO का O कहना O है O कि O प्रस्तावित O कानून O के O तहत O इन O कमियों O को O दूर O किया O जाएगा O और O नियमों O में O स्पष्ट O व्याख्या O की O जाएगी O । O इसके O बाद O मैंने O गूगल B-NEO पर O खोज O शुरू O की O । O इसीलिए O छठे B-NEO केंद्रीय I-NEO वेतन I-NEO आयोग I-NEO की O सिफारिशों O में O लोक O सेवकों O के O वेतन O भत्तों O में O खासी O वृद्धि O की O गई O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO के O मुताबिक O इन O सब O में O कोई O बदलाव O नहीं O होने O वाला O । O सुप्रीम B-NEO कोर्ट I-NEO ने O सिविल O सेवा O बोर्ड O की O अनुशंसा O भी O की O थी O । O शिक्षा O के O मोर्चे O पर O बात O करें O , O तो O आदिवासी O बच्चों O को O उनके O अपने O माहौल O में O बेहतर O गुणवत्ता O वाली O शिक्षा O देने O के O लिए O एकलव्य B-NEO मॉडल I-NEO आवासीय I-NEO स्कूल I-NEO खोलने O का O ऐलान O स्वागत O योग्य O कदम O है O । O मुझे O लगता O है O कि O , O नेशनल B-NEO कॉलेज I-NEO ऑफ I-NEO पुलिसिंग I-NEO एंड I-NEO लॉ I-NEO एनफोर्समेंट I-NEO ( B-NEO NCPLE I-NEO ) I-NEO , O जिसका O कल O उद्घाटन O किया O जाएगा O , O के O लिए O कुछ O विशेष O शब्दों O का O उल्लेख O किया O जाना O चाहिए O । O फिर O महाराष्ट्र B-NEO सरकार I-NEO ने O एनसीईआरटी B-NEO को O सलाह O दी O कि O यह O अद्भुत O विचार O है O जिसके O नतीजे O बहुत O अच्छे O रहे O हैं O और O यह O एनसीईआरटी B-NEO के O लिए O भी O लाभदायक O रहेगा O । O यह O मालदीव B-NEO पुलिस I-NEO सेवा I-NEO ( B-NEO एमपीएस I-NEO ) I-NEO को O अपने O अधिकारियों O को O प्रशिक्षित O करने O और O आने O वाले O वर्षों O में O अपराध O से O लड़ने O की O उनकी O क्षमता O को O बढ़ाने O में O सहायता O करेगा O । O इस O तरह O आपसी O समझबूझ O के O आधार O पर O यह O कदम O उठाया O गया O और O बाद O में O एनसीईआरटी B-NEO ने O अपनी O पुस्तकों O में O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR को O शामिल O किया O । O एमएसएमई B-NEO को O विकास O का O इंजन O बताते O हुए O बजट O में O लघु O , O छोटे O और O मझोले O उद्योगों O पर O विशेष O ध्यान O दिया O गया O है O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O यह O भी O साफ O कर O दिया O है O कि O कानून O में O भले O ही O बदलाव O हो O जाए O , O पुराने O कानून O भले O ही O खत्म O हो O जाएं O , O लेकिन O जमाकर्ताओं O के O साथ O ब्याज O और O आयकर O में O रियायत O को O लेकर O किए O गए O वायदे O में O कोई O बदलाव O नहीं O होगा O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O लोक O प्रशासन O के O क्षेत्र O में O जो O सुधार O हुए O हैं O उससे O मौजूदा O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O इच्छा O शक्ति O और O लोक O प्रशासन O को O लोक O हित O में O बदलने O का O सबूत O भी O मिलता O है O । O वहीं O स्कूल B-NEO प्रबंधक I-NEO समितियां I-NEO और O बच्चे O पानी O की O सभी O तक O पहुंच O सुनिश्चित O करने O वाले O वाहक O साबित O हुए O । O ये O विभाग O हैं O - O डाक B-NEO विभाग I-NEO , O सीबीईसी B-NEO , O सीबीडीटी B-NEO , O रेलवे B-NEO , O पासपोर्ट B-NEO कार्यालय I-NEO , O पेंशन B-NEO , O खाद्य B-NEO प्रसंस्करण I-NEO , O कारपोरेट B-NEO मामले I-NEO , O केन्द्रीय B-NEO विद्यालय I-NEO और O ईपीएफओ B-NEO । O इस O अभियान O में O यूनिसेफ B-NEO दोनों O केंद्र O एवं O राज्य O सरकारों O का O सहभागी O रहा O और O सभी O के O लिए O पेयजल O और O स्वच्छता O उपलब्ध O कराने O की O लक्ष्य O प्राप्ति O में O साथी O रहा O है O । O इसके O लिए O , O यूनिसेफ B-NEO ने O ग्रामीण O जल B-NEO वितरण I-NEO विभाग I-NEO , O शिक्षा O , O महिला O एवं O बाल B-NEO विकास I-NEO विभाग I-NEO के O प्रमुख O एवं O प्रधान O सचिवों O से O इस O संबंध O में O अमलीकरण O की O प्राथमिकता O तय O करने O को O कहा O । O एमपीलैड O योजना O के O लिए O धन O आवश्यक O दस्तावेज O प्राप्त O होने O पर O तथा O एमपीलैड्स O संबंधी O दिशानिर्देशों O के O प्रावधानों O के O अनुसार O नोडल B-NEO जिला I-NEO अधिकारियों I-NEO को O जारी O किया O जाएगा O । O भारतीय B-NEO विदेश O सेवा O : O निरंतर O उत्कृष्टता O की O ओर O इस O नेटवर्क O का O मुख्य O केंद्र O राष्ट्रीय B-NEO मानसिक I-NEO स्वास्थ्य I-NEO और I-NEO तंत्रिका I-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO - O नेशनल B-NEO इंस्टीट्यूट I-NEO ऑफ I-NEO मेंटल I-NEO हेल्थ I-NEO एंड I-NEO न्यूरोसाइंस I-NEO ( I-NEO निमहांस I-NEO ) I-NEO होगा O और O इसके O लिये O तकनीकी O समर्थन O अंतरराष्ट्रीय B-NEO सूचना I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO संस्थान I-NEO बेंगलूर I-NEO उपलब्ध O करायेगा O । O मध्य B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO ने O लोक O शिकायत O प्रणाली O के O बेहतर O निष्पादन O के O लिए O पब्लिक O - O प्राइवेट O पार्टनरशिप O को O भी O अपनाया O । O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO के O लिए O यह O कठिन O समय O था O । O लेकिन O विभिन्न O चार्टर O कानूनों O के O लागू O हो O जाने O से O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO का O पहले O जैसा O रुतबा O नहीं O रह O गया O था O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O पंचायतों O की O जवाबदेही O व्यवस्था O और O उनकी O पारदर्शी O प्रणाली O के O आकलन O के O वास्ते O विभिन्न O मानदंडों O / O संकेतकों O का O प्रयोग O करके O पुरस्कारों O के O बारे O में O व्यापक O प्रश्नावली O तैयार O की O है O । O अन्य O देशों O में O देश O के O राजनयिक O , O काउंसलर O और O राजनयिक O प्रतिनिधित्व O के O लिए O भारतीय B-NEO विदेश I-NEO सेवा I-NEO ( O इंडियन B-NEO फॉरेन I-NEO सर्विस I-NEO - O आईएफएस B-NEO ) O का O गठन O किया O गया O । O आईएफएस B-NEO विश्व O की O सबसे O कठिन O प्रतिस्पर्धी O और O व्यापक O स्वरूप O वाली O सेवा O है O जिसने O वैश्विक O राजनयिक O क्षेत्र O में O अपनी O विशिष्ट O पहचान O बनाई O है O । O फिर O , O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O गठित O स्क्रीनिंग O समिति O पुरस्कृत O की O जाने O वाली O पंचायतों O का O चयन O करती O है O । O महामारी O ने O परम्परागत O रूप O से O राज्यों O के O दायरे O में O समझे O जाने O वाले O क्षेत्रों O में O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO को O दूरगामी O सुधार O लागू O करने O का O अधिकार O दे O दिया O है O । O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO की O यह O कार्रवाई O इस O बात O का O संकेत O देती O है O कि O सरकार O संघीय O शक्ति O का O फायदा O उठाकर O महत्वपूर्ण O सुधारों O को O लागू O करना O चाहती O है O । O संविधान O के O अधिदेश O से O स्थापित O वित्त B-NEO आयोग I-NEO केन्द्र I-NEO और O राज्यों O के O बीच O राजस्व O के O बंटवारे O की O सिफारिश O करता O है O जिसमें O केन्द्र O परम्परागत O रूप O से O राजस्व O पूल O में O से O ज्यादातर O राशि O अपने O पास O रखता O है O । O और O हमारे O जापानी O सहयोगियों O की O उपस्थिति O हमारे O क्वाड B-NEO पार्टनर O द्वारा O निभाई O जा O सकने O वाली O उत्प्रेरक O भूमिका O को O सामने O लाती O है O । O जरूरी O नहीं O कि O ये O लेखक O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O जिन O मंत्रालयों O , O विभागों O अथवा O संगठनों O से O संबद्ध O हैं O , O उनका O भी O यही O दृष्टिकोण O हो O । O इन O संसाधनों O की O मदद O से O पंचायती B-NEO राज I-NEO संस्थान I-NEO ग्राम O पंचायतों O द्वारा O चलाई O जा O रही O सभी O गतिविधियों O पर O समग्र O रूप O से O नजर O रख O सकेंगे O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO समय O - O समय O पर O पुरस्कारों O के O मानदंडों O में O संशोधन O - O परिवर्तन O करता O रहा O है O । O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO ने O केन्द्रीय O आपदा O प्रबंधन O कानून O के O तहत O अपनी O शक्तियों O का O प्रयोग O करते O हुए O राष्ट्रीय O लॉकडाउन O लागू O किया O और O केन्द्रीय B-NEO गृह I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O महामारी O पर O नियंत्रण O के O लिए O राज्यों O को O विस्तृत O दिशानिर्देश O जारी O किये O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O सभी O केंद्रीय O और O राज्य O स्तर O की O योजनाओं O को O शामिल O करके O समग्र O योजना O सुनिश्चित O करने O के O उद्देश्य O से O ग्राम O पंचायतों O को O वर्षभर O में O सभी O स्रोतों O से O मिलने O वाली O सहायता O राशि O जोड़ना O अनिवार्य O कर O दिया O है O । O राष्ट्रीय B-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO और I-NEO पंचायती I-NEO राज I-NEO संस्थान I-NEO भी O पंचायती O राज O संस्थानों O को O क्षमता O निर्माण O और O प्रशिक्षण O समर्थन O देने O में O सहयोग O कर O रहा O है O । O यह O कानून O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO को O आवश्यकता O पड़ने O पर O राज्यों O और O स्थानीय O प्राधिकारियों O की O शक्तियों O को O अपने O हाथ O में O लेने O का O अधिकार O प्रदान O करता O है O । O ऐसा O करके O उन्होंने O निर्णय O लेने O की O अपनी O काफी O बड़ी O शक्ति O और O राजनीतिक O पूंजी O का O परित्याग O कर O दिया O और O इसे O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO को O सौंप O दिया O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO अपने O सभी O लोगों O के O जीवन O स्तर O में O सुधार O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O । O लेखक O स्वास्थ्य O और O परिवार O कल्याण O मंत्रालय O , O भारत B-NEO सरकार I-NEO में O संयुक्त O सचिव O रह O चुके O हैं O । O प्रसंविदाबद्ध O लोक O सेवा O को O सम्मानीय O ईस्ट B-NEO इंडिया I-NEO कंपनी I-NEO की O लोक O सेवा O ( O एचईआईसीसीएस O ) O के O नाम O से O जाना O जाता O था O और O इसमें O मुख्य O रूप O से O सरकार O के O शीर्ष O पदों O पर O विराजमान O लोक O सेवक O शामिल O होते O थे O । O लोक O सेवक O भारत B-NEO सरकार I-NEO या O राज्य O सरकारों O के O कर्मचारी O होते O हैं O लेकिन O सरकार O का O हर O कर्मचारी O लोक O सेवक O नहीं O होता O । O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO मानता O है O कि O इन O सब O छोटी O बचत O योजनाओं O में O पैसा O लगाना O ज्यादा O सरल O व O सहज O हो O जाएगा O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O भी O डैशबोर्ड O निर्माण O में O अग्रणी O भूमिका O निभाई O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O संचालित O स्वामित्व O योजना O , O ई O - O ग्राम O स्वराज O , O लोकल O गर्वमेंट O डायरेक्टरी O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O , O ऑडिट O ऑनलाइन O , O राष्ट्रीय O पंचायत O पुरस्कार O , O सर्विस O प्लस O एवं O पंचायत O चार्टर O से O संबंधित O डैशबोर्ड O संचालित O हैं O , O जो O संबंधित O योजना O के O अपडेट O आंकड़ों O एवं O सूचनाओं O को O आम O जन O तक O पहुंचा O रहे O हैं O । O नीति O आयोग O के O आंकड़ा O अनुवीक्षण O एवं O मूल्यांकन O कार्यालय O तथा O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO के O लोक O वित्त O ( O राज्य O ) O की O यह O रूपरेखा O तैयार O करने O एवं O इसकी O निगरानी O करने O में O अहम O भूमिका O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO के O फेसबुक O , O ट्वीटर O और O यूट्यूब O एकाउंट O के O माध्यम O से O भी O ग्रामीण O अंचल O तक O योजनाओं O , O आयोजनों O , O सूचनाओं O श्रेष्ठ O प्रथाओं O एवं O सफलता O की O कहानियों O को O पहुंचाया O जा O रहा O है O । O ग्रामोदय B-NEAR संकल्प I-NEAR में O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO की O योजनाओं O को O सरल O माध्यम O में O जन O - O जन O तक O पहुंचाने O के O साथ O ही O पंचायती O राज O संस्थाओं O की O गतिविधियां O , O पंचायतों O द्वारा O किए O गए O नवाचार O , O सफलता O की O कहानियों O और O पंचायतों O की O श्रेष्ठ O प्रथाओं O को O प्रकाशित O किया O जाता O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O लिए O रणनीतिक O एवं O दीर्घकालिक O नीतियां O तथा O कार्यक्रम O बनाने O के O अलावा O नीति O आयोग O केंद्र O , O राज्यों O एवं O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O प्रासंगिक O तकनीकी O सलाह O भी O मुहैया O कराता O रहा O है O । O हमने O कुछ O छोटे O - O छोटे O वीडियो O बनाने O शुरू O किए O , O पावर B-NEAR पॉइंट I-NEAR प्रेजेंटेशन O , O मराठी O में O यूट्यूब B-NEO वीडियो O जिनमें O वे O वॉयसओवर O का O काम O करते O । O तक्षशिला B-NEO , O नालंदा B-NEO , O विक्रमशिला B-NEO , O वल्लभी B-NEO जैसे O संस्थानों O ने O ' O घर O पर O अंतर्राष्ट्रीयकरण O को O बढ़ावा O देते O हुए O ' O बहु O - O विषयक O शिक्षण O और O अनुसंधान O के O उच्चतम O मानक O निर्धारित O किए O थे O । O नदी O थाले O के O दीर्घावधि O अध्ययन O और O टेक्नोलॉजी O संबंधी O विकास O के O लिए O आई. B-NEO आई. I-NEO टी. I-NEO कानपुर I-NEO में O गंगा B-NEO प्रबंधन I-NEO और I-NEO अध्ययन I-NEO केन्द्र I-NEO की O स्थापना O की O गई O थी O । O राष्ट्रीय B-NEO परीक्षण I-NEO और I-NEO अंशशोधन I-NEO प्रयोगशाला I-NEO प्रत्यायन I-NEO बोर्ड I-NEO ( O एनएबीएल B-NEO ) O द्वारा O सभी O प्रयोगशालाओं O का O प्रमाणन O और O मान्यता O को O अनिवार्य O किया O गया O है O ताकि O प्रयोगशाला O स्तर O पर O गुणवत्ता O के O परीक्षण O को O उन्नत O किया O जा O सके O । O लेखिका O शिक्षा B-NEO मंत्रालय I-NEO के O स्कूल B-NEO शिक्षा I-NEO और I-NEO साक्षरता I-NEO विभाग I-NEO में O निदेशक O हैं O । O लोक B-NEO शिकायत I-NEO विभाग I-NEO द्वारा O तैयार O किए O गए O नागरिक O घोषणापत्र O के O घटकों O में O संगठन O की O दृष्टि O एवं O मिशन O उद्घोषणा O , O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O विवरण O और O उसका O इस्तेमाल O करने O की O विधि O शामिल O है O । O हाल O ही O में O आरंभ O की O गई O कुछ O प्रणालियां O हैं O - O विभिन्न O मंत्रालयों O और O विभागों O से O जुड़ी O शिकायतें O प्राप्त O करने O की O प्रक्रिया O को O सुचारू O तथा O एकीकृत O बनाने O के O लिए O लोक B-NEO शिकायत I-NEO निवारण I-NEO विभाग I-NEO द्वारा O आरंभ O की O गई O वेब O आधारित O लोक O शिकायत O निवारण O प्रणाली O सीपीग्राम्स O ( O केंद्रीकृत O लोक O शिकायत O निवारण O एवं O निगरानी O प्रणाली O ) O आम O आदमी O की O शिकायतें O दूर O करने O और O केंद्र O तथा O राज्य O सरकारों O के O कार्यक्रमों O एवं O परियोजनाओं O की O निगरानी O करने O के O लिए O संवादपरक O प्लेटफॉर्म O प्रगति O ( O प्रो O - O एक्टिव O गवर्नमेंट O एवं O टाइमली O इप्लीमेंटेशन O ) O नागरिकों O को O जोड़ने O वाला O मंच O माईगॉव O और O कर O से O जुड़ी O शिकायतों O को O कागजों O के O बगैर O ही O निपटाने O के O लिए O ई O - O निवारण O आदि O । O इस O सफलता O में O रक्षा B-NEO अनुसंधान I-NEO और I-NEO विकास I-NEO संगठन I-NEO - I-NEO डिफेंस I-NEO रिसर्च I-NEO एंड I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ऑर्गनाइजेशन I-NEO ( I-NEO डीआरडीओ I-NEO ) I-NEO तथा O कपड़ा B-NEO मंत्रालय I-NEO के O दक्षिण B-NEO भारत I-NEO वस्त्र I-NEO अनुसंधान I-NEO संघ I-NEO - I-NEO साउथ I-NEO इंडिया I-NEO टेक्सटाइल I-NEO रिसर्च I-NEO एसोसिएशन I-NEO ( I-NEO एसआईटीआरए I-NEO ) I-NEO के O प्रयासों O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O रही O । O इसी O उद्देश्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O शिकायत O निवारण O तंत्र O प्रणाली O को O लेकर O कई O नए O कदम O उठाए O , O किंतु O वर्तमान O भूमंडलीकृत O विश्व O में O मात्र O केंद्र O द्वारा O ऐसी O प्रणाली O विकसित O करने O से O कुछ O नहीं O होगा O , O राज्यों O का O भी O इसमें O प्रतिभागी O होना O आवश्यक O है O । O ठीक O इन्हीं O लोगों O को O घर O लाने O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O बहुत O बड़ा O प्रयास O किया O गया O था O । O वैज्ञानिक B-NEO और I-NEO औद्योगिक I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO - I-NEO जीनशास्त्र I-NEO और I-NEO समेकन I-NEO जीवविज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO , I-NEO दिल्ली I-NEO ने O एफईएलयू O - O डीए O , O एफएनसीएएस9 O एडिटर O लिंक्ड O यूनिफॉर्म O डिटेक्शन O जांच O का O विकास O किया O । O उसने O टाटा B-NEO हेल्थ I-NEO के O साथ O साझेदारी O में O टाटा O एमडी O चेक O , O सीआरआईएसपीआर O फेलूदा O सीएएस9 O आधारित O नमूना O संग्रह O , O जांच O , O रिपोर्ट O और O निगरानी O की O समेकित O प्रणाली O का O निर्माण O किया O । O वहां O से O इसे O आईसीएमआर B-NEO के O डाटाबेस O में O सीधे O प्रेषित O किया O जा O सकता O है O । O आईसीएमआर B-NEO ने O आईआईटी B-NEO , I-NEO दिल्ली I-NEO में O विकसित O एकल O जीन O पीसीआर O निदान O जांच O का O सत्यापन O कर O उसे O मंजूरी O दे O दी O है O । O इस O कानून O को O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO संघ I-NEO ने O लोक O सेवा O प्रदाय O की O श्रेणी O में O पुरूस्कृत O किया O । O इसे O आईसीएमआर B-NEO से O मंजूरी O और O सत्यापन O मिल O चुका O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O ई O - O शासन O को O सफलतापूर्वक O लागू O करने O के O लिये O अनेक O कदम O उठाये O हैं O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO और O राज्य O सरकारें O कंसॉलिडेटेड O फंड O , O आपातकालीन O फंड O या O सार्वजनिक O खाते O से O पैसे O लेने O या O भुगतान O करने O के O लिए O नियम O बना O सकती O हैं O । O ये O नियम O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO पर O कानूनी O रूप O से O बाध्यकारी O होते O हैं O , O क्योंकि O इन O फंडों O से O जुड़े O खाते O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O पास O होते O हैं O । O प्राथमिक O कृषि O सहकारी O समितियां O बैंकिंग O नियमन O अधिनियम O , O 1949 O के O दायरे O से O बाहर O हैं O , O लिहाजा O ये O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O नियमों O से O संचालित O नहीं O होते O हैं O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO बाकी O नियामकों O मसलन O सहकारी O सोसायटी O रजिस्ट्रार O और O सहकारी O सोसायटी O से O जुड़े O केंद्रीय O रजिस्ट्रार O जैसे O बाकी O नियामकों O के O साथ O मिलकर O काम O करता O है O । O इन्हें O नॉन B-NEO - I-NEO बैंकिंग I-NEO फाइनेंस I-NEO कंपनियां I-NEO ( O एनबीएफसी B-NEO ) O कहा O जाता O है O । O इसका O मकसद O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO से O स्थानीय O शासन O के O स्तर O तक O विभिन्न O सरकारी O विभागों O की O ई O - O शासन O पहलकदमियों O की O प्रभावशीलता O का O आकलन O करना O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO इस O सेक्टर O के O विकास O पर O हमेशा O नजर O बनाए O रखता O है O । O वित्तीय O स्थिरता O , O उपभोक्ताओं O और O जमाकर्ताओं O के O हितों O , O वित्तीय O बाजार O में O और O खिलाड़ियों O की O जरूरत O , O नियामकीय O पंचाट O चिंताओं O से O निपटने O जैसे O मकसदों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO इन O पर O नजर O रखता O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O ई O - O शासन O पहलकदमियों O के O प्रमुख O मूल O अवसंरचनात्मक O घटकों O में O राज्य B-NEO डाटा I-NEO केन्द्र I-NEO ( O एसडीसी B-NEO ) O , O राज्यव्यापी B-NEO क्षेत्रीय I-NEO नेटवर्क I-NEO ( O एसडब्ल्यूएएन B-NEO - O स्वान O ) O , O सार्वजनिक O सेवा O केन्द्र O , O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O सेवा O प्रदाता O गेटवे O ( O एनएसडीजी B-NEO ) O , O राज्य O ई O - O शासन O सेवा O प्रदाता O गेटवे O ( O एसएसडीजी O ) O और O मोबाइल O ई O - O शासन O सेवा O प्रदाता O गेटवे O ( O एमएसडीजी O ) O जैसे O मिडिलवेयर O गेटवे O , O त्वरित O आकलन O प्रणाली O , O आधार O डिजिटल O बायोमेट्रिक O पहचान O इंफ्रास्ट्रक्चर O , O उमंग B-NEO , O राष्ट्रीय O भू O - O सूचना O विज्ञान O केन्द्र O , O कार्यक्रम O प्रबंधन O सूचना O प्रणाली O , O ओपनफोर्ज O , O ज्ञानार्जन O प्रबंधन O प्रणाली O , O डिजिटल O लॉकर O , O ओपन O डाटा O , O शासकीय O खरीद O - O शासन O ई O - O बाजार O ( O जीईएम O ) O , O जीआई O क्लाउड O ( O मेघराज O ) O , O ईताल O , O आर्काइव O इत्यादि O शामिल O हैं O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO फिलहाल O के O नियामकीय O ढांचे O की O समीक्षा O कर O रहा O है O । O बैंकिंग O लोकपाल B-NEO बैंक I-NEO और O उसके O ग्राहकों O के O बीच O विवादों O के O निपटारे O के O लिए O वैकल्पिक O प्रणाली O है O । O 3. O सूचना B-NEO एवं I-NEO संचार I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO के O परिवेश O में O तकनीक O ही O वह O मुख्य O साधन O है O जो O अधिक O से O अधिक O समावेश O कर O सकता O है O । O इस O योजना O का O उद्देश्य O सार्वजनिक B-NEO सेवा I-NEO डिलीवरी I-NEO केन्द्र I-NEO के O जरिये O सभी O सरकारी O सेवाओं O को O आम O आदमी O के O लिये O उसके O इलाके O में O ही O उपलब्ध O कराना O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O में O बैंकिंग O ओंबड्समैन O सिस्टम O में O संशोधन O किया O । O इसके O तहत O बैंकिंग O ओंबड्समैन O और O इस O ऑफिस O के O स्टाफ O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O मौजूदा O कर्मचारी O ही O होंगे O । O स्वान B-NEO , O एसडीसी B-NEO , O सीएससी B-NEO और O इलेक्ट्रॉनिक O सेवा O डिलीवरी O गेटवे O जैसी O सार्वजनिक O समर्थन O अवसंरचनाएं O बैंकर O और O कर्ज O प्रबंधक O के O तौर O पर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O भूमिका O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ने O शुरू O से O ही O केंद्रीय O बैंक O के O पारंपरिक O कामकाज O सरकार O के O बैंकिंग O लेनदेन O के O प्रबंधन O का O काम O संभाला O है O । O सरकार O अपने O नकदी O बैलेंस O भी O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO में O जमा O करती O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO राज्य O सरकारों O की O सहमति O से O उनके O बैंकर O और O कर्ज O प्रबंधक O के O तौर O पर O भी O काम O कर O सकता O है O । O * O हालांकि O हमारे O देश O के O राष्ट्रीय B-NEO कृषि I-NEO और I-NEO ग्रामीण I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O नाबार्ड B-NEO ) O ने O पहले O से O ही O केसीसी O को O इलेक्ट्रॉनिक O क्रेडिट O कार्डों O और O रूपे O केसीसी O में O रूपांतरित O करने O के O लिए O कई O नए O कदम O उठाए O हैं O । O * O विभिन O मंत्रालयों O और O राज्य B-NEO सरकारों I-NEO द्वारा O एनईजीपी O के O क्रियान्वयन O में O तकनीकी O सहायता O मुहैया O कराने O की O डीआईटी O की O सहायक O भूमिका O * O हाल O के O नाबार्ड B-NEO सर्कुलर O के O प्रावधानों O के O अनुसार O बैंक O पीएसीज़ B-NEAR का O उपयोग O कर O सकते O हैं O जो O बिजनेस O कॉरेसपॉन्डेंट्स O के O रूप O में O सहकारी O समितियों O का O सबसे O बड़ा O ग्रामीण O नेटवर्क O है O । O पेयजल B-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO इसे O अपने O केन्द्रित O सूचना O , O शिक्षा O व O संप्रेषण O कार्यक्रम O के O जरिए O कर O रहा O है O । O निश्चित O रूप O से O , O राष्ट्रीय B-NEAR ज्ञान I-NEAR नेटवर्क I-NEAR ( B-NEO एनकेएन I-NEO ) I-NEO के O शुभारम्भ O में O आपके O साथ O शामिल O होकर O मुझे O खुशी O हो O रही O है O । O यह O पहल O शहरी B-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO , O पर्यटन B-NEO व I-NEO संस्कृति I-NEO मंत्रालय I-NEO की O साझेदारी O में O की O जा O रही O है O जिसका O नोडल B-NEO मंत्रालय I-NEO पेय B-NEO जल I-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO है O । O आईआईजी B-NEO में O तैयार O किया O गया O कम्पोजीट O चुंबकीय O विसंगति O ( O एनोमली O ) O का O नक्शा O विशिष्ट O महत्व O का O है O । O क. O अधिक O मात्रा O में O जल O अंतरण O बुनियादी O ढांचे O के O निर्माण O के O लिए O गुजरात B-NEO वाटर I-NEO इन्फ्रास्ट्रक्चर I-NEO लिमिटेड I-NEO , O ख. O ग्रामीण O तथा O शहरी O क्षेत्रों O में O पानी O की O आपूर्ति O और O वितरण O नेटवर्क O के O प्रबंधन O के O लिए O गुजरात B-NEO जल I-NEO आपूर्ति I-NEO और I-NEO सीवरेज I-NEO बोर्ड I-NEO , O पेयजल B-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO इसे O अपने O केन्द्रित O सूचना O , O शिक्षा O व O संप्रेषण O कार्यक्रम O के O जरिए O कर O रहा O है O । O सभी O यूनियन B-NEO मंत्रालयों I-NEO / O विभागों O ने O इसे O साकार O करने O के O लिए O उपयुक्त O बजट O प्रावधानों O के O साथ O अर्थपूर्ण O तरीके O से O काम O करना O शुरू O कर O दिया O है O । O पेयजल O व्यवस्था O के O रखरखाव O हेतु O भी O 15वें O वित्त B-NEO आयोग I-NEO की O निधि O का O प्रावधान O तो O है O , O किंतु O कुछेक O व्यक्तिगत O मामलों O को O छोड़कर O शेष O सभी O के O लिए O सामुदायिक O अंशदान O जरूरी O किया O गया O है O । O यह O पहल O शहरी O विकास B-NEO मंत्रालय I-NEO , O पर्यटन B-NEO व I-NEO संस्कृति I-NEO मंत्रालय I-NEO की O साझेदारी O में O की O जा O रही O है O जिसका O नोडल B-NEO मंत्रालय I-NEO पेय B-NEO जल I-NEO व I-NEO स्वच्छता I-NEO मंत्रालय I-NEO है O । O ईमेल O : O secydws B-NEO @ I-NEO nic I-NEO . I-NEO in I-NEO पुरस्कार O के O लिए O राज्य O सरकारों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O और O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O मंत्रालयों O / O विभागों O से O भी O सुझाव O और O सिफारिशें O आमंत्रित O की O जा O सकती O हैं O जो O अपनी O - O अपनी O सिफारिशें O ऑनलाइन O ही O भेजेंगे O । O इसके O बाद O , O राष्ट्रीय B-NEO योजना I-NEO मंजूरी I-NEO समिति I-NEO ( O एनएसएससी B-NEO ) O और O को O मंजूरी O देती O है O । O उर्दू O भाषा O को O प्रोत्साहित O करने O के O लिए O बाद O में O कई O राज्य O सरकारों O ने O अकादमी B-NEO की O स्थापना O की O है O । O अनुच्छेद O 279ए O के O अंतर्गत O संविधान O ने O जीएसटी B-NEO परिषद I-NEO के O गठन O का O प्रावधान O किया O , O जो O केंद्र O एवं O राज्यों O का O संयुक्त O मंच O था O और O जिसे O जीएसटी O दरें O , O कर O , O उपकर O , O छूट O आदि O के O लिए O सिफारिशें O करने O का O जिम्मा O दिया O गया O था O । O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO पर O लगने O वाली O पाबंदियां O उस O राज्य O से O संबंधित O नयी O योजनाओं O की O घोषणा O को O लेकर O होती O हैं O जहां O चुनाव O होने O जा O रहे O हैं O । O बैंकों O का O बैंक O : O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O से O जुड़ी O पहल O में O खास O तौर O पर O पंचायत O के O इस्तेमाल O के O लिए O ट्रैक्टर O और O ट्रॉली O की O खरीद O के O साथ O - O साथ O डीआरसीसी B-NEO ( I-NEO सूखा I-NEO संसाधन I-NEO संग्रहण I-NEO केंद्र I-NEO ) I-NEO और O कंपोस्ट O शेड O की O स्थापना O जैसी O गतिविधियां O शामिल O हैं O । O इतना O ही O नहीं O , O स्थानीय O निकायों O के O चुनाव O को O चुनौती O देने O के O लिए O न्यायिक O संस्था O जिला O न्यायाधीश O की O अदालत O तथा O अन्य O निचली O अदालतें O होती O हैं O , O जबकि O संसद O या O विधानसभा O चुनाव O को O चुनौती O देने O वाली O याचिकाओं O की O सुनवाई O उच्च B-NEO न्यायालय I-NEO में O ही O संभव O है O । O तब O से O यह O पूरी O तरह O से O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O स्वामित्व O के O तहत O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O प्रस्तावना O में O इस O बैंक O के O बुनियादी O कामकाज O के O बारे O में O कुछ O इस O तरह O बताया O गया O है O : O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O मामले O केंद्रीय O निदेशक O बोर्ड O द्वारा O संचालित O होते O हैं O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO भारतीय O रिजर्व O बैंक O अधिनियम O के O तहत O बोर्ड O की O नियुक्ति O करती O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O मौद्रिक O नीति O खाद्य B-NEO प्रसंस्करण I-NEO उद्योग I-NEO के O अलावा O पशुपालन O क्षेत्र O के O लिए O आवंटन O में O भी O बड़ी O बढ़ोतरी O हुई O है O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ( O आरबीआई B-NEO ) O के O पास O मौद्रिक O नीति O तैयार O करने O की O जिम्मेदारी O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O किशोरवय O न्याय O ( O बच्चों O की O देखरेख O एवं O संरक्षण O ) O अधिनियम O ( O जेजे O अधिनियम O ) O लागू O कर O दिया O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO के O संशोधित O कानून O में O केंद्रीय O बैंक O के O साथ O सलाह O - O मशवरे O से O महंगाई O दर O को O लेकर O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O तय O लक्ष्य O को O भी O पूरा O करने O की O बात O है O । O वीटीएफ B-NEO ने O वैश्विक O महामारी O की O शुरुआत O में O ही O सीरो O सर्वेक्षण O के O महत्व O को O समझ O लिया O था O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O साथ O मिलकर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO देश O की O मुद्रा O के O डिजाइन O , O उत्पादन O और O सकल O प्रबंधन O के O लिए O जिम्मेदार O है O यह O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O विज्ञान O एवं O प्रौद्योगिकी O विभाग O से O जुड़ी O स्वायत्त O संस्था O है O । O वीटीएफ B-NEO ने O वायरस O निगरानी O , O जीनोम O अनुक्रमण O और O निरूपन O के O लिये O सामजस्यपूर्ण O प्रोटोकॉलों O के O वास्ते O साझा O मंच O की O ज़रूरत O को O दोहराया O । O इसके O परिणामस्वरूप O भारतीय B-NEO सार्स I-NEO - I-NEO कोव I-NEO - I-NEO 2 I-NEO जीनोमिक I-NEO संघ I-NEO की O स्थापना O की O गयी O । O यह O कार्य O विकास B-NEO निगरानी I-NEO एवं I-NEO मूल्यांकन I-NEO कार्यालय I-NEO ( O डीएमईओ B-NEO ) O ने O किया O । O इसके O अतिरिक्त O ने O प्रधानमंत्री O द्वारा O सामयिक O समीक्षा O के O लिए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO की O अवसंरचना O से O संबंधित O विभागों O की O प्रगति O का O भी O जायजा O लिया O । O सरकार O के O सभी O स्तरों O पर O शासन O में O सुधार O लाने O के O लिए O डीएमईओ B-NEO समान O क्षमता O स्थापित O करने O के O लिए O राज्य O सरकारों O के O साथ O सहयोग O कर O रहा O है O । O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO परिषद I-NEO अधिनियम I-NEO 1956 I-NEO के O तहत O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO परिषद I-NEO ( O एमसीआइ B-NEO ) O ने O नीति O संहिता O विनियम O 2002 O ज़ारी O किया O जो O पंजीकृत O चिकित्सकों O के O लिए O व्यावसायिक O आचार O , O शिष्टाचार O व O नीति O हेतु O मापदंड O निर्धारित O करता O है O । O शिकायतों O को O उपयुक्त O चिकित्सा O परिषद O - O राज्य O या O एमसीआइ B-NEO के O समक्ष O दर्ज़ O किया O जाए O । O यातायात O के O प्रवाह O को O योजनाबद्ध O बनाने O और O मालढुलाई O के O काम O को O यथेष्ट O स्तर O तक O पहुंचाने O में O मदद O के O इरादे O से O रेल B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O माल O प्रबंधकों O के O लिए O बड़ी O डिजिटल O पहल O करते O हुए O स्मार्ट O फ्रेट O ऑपरेशन O ऑप्टिमाइजेशन O एंड O रियल O टाइम O इन्फॉर्मेशन O ( O स्फूर्ति O ) O ऐप O पेश O किया O है O , O जिसमें O भौगोलिक O सूचना O प्रणाली O ( O जीआईएस O ) O के O व्यू O और O डैशबोर्ड O का O प्रयोग O करते O हुए O माल O ढुलाई O के O कारोबार O की O निगरानी O और O प्रबंधन O की O सुविधा O मौजूद O है O । O वीटीएफ B-NEO ने O सिफारिश O की O कि O सरकार O को O टीका O विकास O के O तीसरे O चरण O के O क्लिनिकल O परीक्षण O में O उद्योग O का O समर्थन O और O उसके O साथ O सहयोग O करना O चाहिये O । O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO संघ I-NEO ( O आइएमए B-NEO ) O आधुनिक O वैज्ञानिक O चिकित्सा O प्रणाली O का O एकमात्र O प्रतिनिधि O , O राष्ट्रीय B-NEO स्वैच्छिक I-NEO संगठन I-NEO है O जो O चिकित्सकों O के O हितों O के O साथ O - O साथ O व्यापक O तौर O पर O समुदाय O के O हितों O का O ध्यान O रखता O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O संकट O की O इस O घड़ी O का O सामना O करने O के O लिए O राजकोषीय O संघवाद O की O सच्ची O भावना O के O साथ O काम O किया O है O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO और O राज्य O सरकारों O के O उल्लेखनीय O समन्वित O प्रयासों O के O साथ O विषाणु O से O संघर्ष O में O हम O सफल O हो O रहे O हैं O । O इस O संक्रमण O से O लड़ने O , O आर्थिक O गतिविधियों O को O स्फूर्ति O देने O और O जन O सेवाएं O प्रदान O करने O के O मानदंडों O के O संरक्षण O के O लिए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O अनेक O उपाय O अपनाकर O राज्यों O को O पर्याप्त O संसाधन O उपलब्ध O कराए O हैं O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO और O राज्य O सरकारों O ने O कंधे O से O कंधा O मिलाकर O ऐसे O उपाय O अपनाए O कि O आम O जन O और O आर्थिक O गतिविधियों O पर O महामारी O का O कम O से O कम O असर O पड़े O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O दलितों O पर O होने O वाले O विभिन्न O प्रकार O के O अत्याचारों O को O रोकने O के O लिए O भारतीय O संविधान O के O अनुच्छेद O 17 O के O आलोक O में O यह O विधान O पारित O किया O । O यह O एप्लीकेशन O ( O प्रयोग O ) O ई O - O पंचायत O मिशन O मोड O परियोजना O ( O एमएमपी O ) O की O सभी O मौजूदा O एप्लीकेशन्स O को O समाहित O करके O तैयार O की O गई O है O और O इसमें O ई O - O एफएमएस B-NEAR एप्लीकेशन्स O को O शामिल O कर O लिया O गया O है O जिनमें O प्लान B-NEAR प्लस I-NEAR , O एक्शन B-NEAR सॉफ्ट I-NEAR , O पीआरआईए B-NEAR सॉफ्ट I-NEAR और O नेशनल B-NEO एरिया I-NEO डायरेक्टरी I-NEO भी O जोड़ O ली O गई O हैं O । O यह O समूचा O सिस्टम O स्थानीय B-NEO निकाय I-NEO डायरेक्टरी I-NEO ( I-NEO एलसीडी I-NEO ) I-NEO सिस्टम O के O साथ O एरिया B-NEAR प्रोफाइलर I-NEAR एप्लीकेशन I-NEAR और O सार्वजनिक O वित्तीय O प्रबंधन O प्रणाली O ( O पीएफएमएस O ) O पर O आधारित O है O । O इसके O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O राजकोषीय O संघवाद O की O सच्ची O भावना O के O साथ O काम O किया O । O क्षेत्र O के O संतुलित O विकास O के O लिए O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO ने O कई O कदम O उठाए O हैं O , O जिसमें O से O कुछ O प्रमुख O निम्नलिखित O हैं O - O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO द्वारा O सहयोग O प्राप्त O सड़क O परियोजनाएं O मुख्यतः O क्षेत्रीय O प्रकार O की O हैं O । O इसके O साथ O ही O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO नवीनीकरण O ऊर्जा O के O विभिन्न O माध्यमों O में O निधि O सहयोग O भी O कर O रही O है O । O समुदाय O आधारित O दीर्घकालिक O आजीविका O परियोजना O जिसमें O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O समुदाय O संसाधन O प्रंबधन O संवर्धन O परियोजना O ( O एनईआरसीओआरएमपी O ) O सम्मिलित O है O को O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO और O कृषि O विकास O के O लिए O अंतराष्ट्रीय O निधि O द्वारा O संयुक्त O रूप O से O निधिबद्ध O किया O गया O है O । O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O विकास O के O लिए O मंत्रालय O को O क्षेत्र O में O विकास O गतिविधियों O के O लिए O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O व्यवसायिक O नियमों O में O प्रदान O किए O गए O मुद्दों O पर O अधिकृत O किया O गया O है O । O पूर्वोत्तर B-NEO परिषद I-NEO का O प्रमुख O कार्य O क्षेत्रीय O योजना O बनाना O और O विभिन्न O प्राथमिकताओं O और O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O राज्य O सरकारों O और O अन्य O संस्थाओं O की O विभिन्न O परियोजनाओं O की O निगरानी O और O इन्हें O पूर्ण O करना O है O । O उत्तरी B-NEO आंचलिक I-NEO परिषद I-NEO मध्य B-NEO आंचलिक I-NEO परिषद I-NEO पूर्वी B-NEO आंचलिक I-NEO परिषद I-NEO पश्चिमी B-NEO आंचलिक I-NEO परिषद I-NEO दक्षिणी B-NEO आंचलिक I-NEO परिषद I-NEO आधिकारिक O जलस्थल O वारकरी B-NEO पंथ I-NEO ने O भेद O - O भाव O तथा O असमानता O का O विरोध O किया O और O लोगों O को O भाव O - O भक्ति O की O प्रेरणा O दी O । O * O पंचायतों O , O बैंकों O और O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO यूजर्स O के O लिए O , O भुगतान O की O स्थिति O पता O लगाने O संबंधी O तंत्र O तैयार O किया O जाएगा O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O जारी O सीजीएचएस B-NEO की O तर्ज O पर O इसे O आरजीएचएस O नाम O दिया O गया O है O । O इससे O पहले O वे O समाचार O एजेंसी O प्रेस B-NEO ट्रस्ट I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO में O मुख्य O वित्तीय O संवाददाता O के O तौर O पर O कार्यरत O थे O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O का O उद्यम O “ O न्यू B-NEO स्पेस I-NEO इंडिया I-NEO लिमिटेड I-NEO ( I-NEO एनएसआईएल I-NEO ) I-NEO ' O अंतरिक्ष O गतिविधियों O को O “ O आपूर्ति O संचालित O ' O मॉडल O से O “ O मांग O संचालित O ' O मॉडल O में O बदलने O का O प्रयास O करेगा O , O जिससे O हमारी O अंतरिक्ष O परिसंपत्तियों O का O इष्टतटम O उपयोग O सुनिश्चित O हो O सके O । O ये O सुधार O अनुसंधान O और O विकास O गतिविधियों O , O नई O प्रौद्योगिकियों O , O अन्वेषण O मिशनों O और O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O कार्यक्रम O पर O इसरो B-NEO द्वारा O अधिक O ध्यान O केंद्रित O करना O सुनिश्चित O करेंगे O । O इस O सूची O को O हर O वर्ष O विश्व B-NEO बैंक I-NEO जारी O करता O है O । O तब O से O आज O तक O इसरो B-NEO ने O अंतरिक्ष O को O आम O आदमी O की O सेवा O में O समर्पित O अपने O मिशन O को O बरकरार O रखा O है O । O भविष्य O की O तैयारी O प्रौद्योगिकी O में O बढ़त O बनाए O रखने O की O कुंजी O है O और O इसरो B-NEO देश O की O ज़रूरतों O और O महत्वाकांक्षाओं O के O विकसित O होने O के O साथ O - O साथ O अपनी O प्रौद्योगिकियों O को O अनुकूलित O करने O और O बढ़ाने O का O प्रयास O कर O रहा O है O । O (( O पिछले - दो - दशकों - में O , O संवैधानिक O अधिदेश O को O साकार O करने O के O लिए O राज्यों O और O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO ने O कई O पहल O की O हैं O । O तब O से O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO , O सम्मिलित O और O प्रभावी O तरीके O से O विकेन्द्रीकृत O भागीदारी O योजना O को O बढ़ावा O देने O सहित O कई O पहलों O के O माध्यम O से O पंचायती O राज O संस्थानों O के O क्षमता O निर्माण O के O लिए O प्रयास O कर O रहा O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO इस O संबंध O में O सुविचारित O और O सुनियोजित O प्रयास O करती O आई O है O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO और O संबंधित O राज्य O सरकारों O की O विभिन्न O योजनाओं O के O साथ O - O साथ O “ O स्वयं O के O स्रोतों O से O राजस्व O ' O के O माध्यम O से O उपलब्ध O संसाधनों O का O अभिसरण O , O ग्राम O पंचायतों O को O ग्राम O सभा O की O सक्रिय O भागीदारी O के O माध्यम O से O अपनी O आवश्यकता O - O आधारित O विकास O योजनाएं O बनाने O का O अवसर O प्रदान O करता O है O । O आज O विकसित O देशों O की O सरकारें O और O कंपनियां O अपने O उपग्रहों O की O स्थापना O के O लिए O इसरो B-NEO की O मदद O लेने O में O संकोच O नहीं O करतीं O । O आईआईटी B-NEO , O आईआईएम B-NEO एनएलयू B-NEO के O नए O ग्रेजुएट O और O डॉक्टर O , O चार्टर्ड O एकाउंटेंट O आदि O भी O हर O वर्ष O यूपीएससी B-NEO की O सिविल O सेवा O परीक्षा O में O बैठते O हैं O । O ये O विभाग O हैं O - O डाक B-NEO विभाग I-NEO , O सीबीईसी B-NEO , B-NEO सीबीडीटी I-NEO , O रेलवे B-NEO , B-NEO पासपोर्ट I-NEO कार्यालय I-NEO , O पेंशन B-NEO , O खाद्य O प्रसंस्करण O , O कारपोरेट O मामले O , O केन्द्रीय B-NEO विद्यालय I-NEO और O ईपीएफओ B-NEO । O उस O दौर O में O इलेक्ट्रॉनिक्स B-NEO कॉर्पोरेशन I-NEO ऑफ I-NEO इंडिया I-NEO लिमिटेड I-NEO , O कंप्यूटर B-NEO मेन्टेनेन्स I-NEO कॉरपोरेशन I-NEO और I-NEO राज्य I-NEO इलेक्ट्रॉनिक्स I-NEO विकास I-NEO निगम I-NEO स्थापित O हुए O । O * O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO की O तरफ O से O दिए O गए O सभी O निर्देशों O को O ध्यान O से O पढ़ें O मध्य B-NEO प्रदेश I-NEO सरकार I-NEO ने O लोक O शिकायत O प्रणाली O के O बेहतर O निष्पादन O के O लिए O पब्लिक O - O प्राइवेट O पार्टनरशिप O को O भी O अपनाया O । O ग्रामीण B-NEO विकास I-NEO विभाग I-NEO और O पंचायतों O ने O सूचना O , O शिक्षा O और O संचार O ( O आईईसी O ) O गतिविधियों O को O पूरे O जोश O के O साथ O चलाया O । O लेखिका O हिंदुस्तानी O संगीत O की O जानी O गायिका O , O शिक्षाशास्त्री O और O सावित्रीबाई B-NEO फुले I-NEO पुणे I-NEO विश्वविद्यालय I-NEO के O ललित O कला O केंद्र O में O विजिटिंग O फैकल्टी O हैं O । O यदि O प्रशासनिक B-NEO सेवाओं O की O अच्छाइयों O और O खामियों O का O विश्लेषण O किया O जाए O तो O हम O पाएंगे O कि O इनकी O खूबियां O ज्यादा O हैं O जबकि O खामियों O में O लालफीताशाही O और O गद्दार O लोग O ही O कुछ O हद O तक O परेशानी O का O कारण O हैं O । O इसके O अलावा O , O ग्राम O पंचायतों O को O 15वें O वित्त B-NEO आयोग I-NEO अनुदान O के O अनटाइड O घटक O को O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O स्वास्थ्य O सुविधाओं O में O सुधार O पर O खर्च O करने O की O सलाह O दी O गई O है O । O ग्राम O पंचायतों O और O वीडब्ल्यूएससी B-NEO या O पानी O समितियों O को O स्थानीय O जल O आपूर्ति O सेवा O के O तौर O पर O काम O करना O है O । O ग्राम O स्तरीय O योजनाओं O में O पेयजल O स्रोत O की O तलाश O और O भूजल O रिचार्ज O संरचनाओं O के O निर्माण O में O हाइड्रो O - O जियो O मॉर्फोलॉजिकल O ( O एचजीएम B-NEAR ) O मानचित्रों O का O उपयोग O किया O जा O रहा O है O । O साथ O ही O , O राज्य O सरकार O से O मंजूरी O मिलने O के O बाद O इसे O एमआईएस B-NEAR में O अपलोड O करना O होगा O । O अब O लिखने O के O लिए O कागज O और O कलम O की O जगह O कम्प्यूटर B-NEAR , O लैपटॉप B-NEAR और O मोबाइल B-NEAR का O इस्तेमाल O होने O लगा O है O । O साथ O ही O , O इस O शानदार O इतिहास O के O गवाह O रहे O अनेक O विस्मृत O क्षणों O से O जुड़े O योजना B-NEAR के O कुछ O पुराने O अंकों O से O लिए O गए O पृष्ठों O / O चित्रों O / O आवरणों O इत्यादि O को O " O कोलाज O " O के O रूप O में O पाठकों O तक O पुनः O प्रस्तुत O किया O गया O है O । O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR ऑर्बिटर I-NEAR अंतरिक्ष I-NEAR यान I-NEAR को O उसकी O निर्धारित O कक्षा O में O स्थापित O किया O गया O था O । O इसके O बाद O मंत्रालय O पंचायतों O के O लिये O सरकारी O ई B-NEAR - I-NEAR बाजार I-NEAR से O जुड़े O प्लेटफॉर्म O के O विकास O के O लिये O काम O कर O रहा O है O । O योजना B-NEAR : O विकास O को O समर्पित O मासिक O ई B-NEAR - I-NEAR ग्रामस्वराज I-NEAR जैसे O प्लेटफॉर्म O ग्रामीण O क्षेत्र O में O डाटा O संग्रह O और O शासन O के O ढांचे O को O मजबूत O कर O सकते O हैं O । O वेदों O के O आधार O पर O ही O विधान O देने O वाली O मनुस्मृति B-NEAR में O कहा O है O - O पशूनां O रक्षणं O दानमिज्याध्ययनमेव O च O । O डिजिटल B-NEAR मुद्रा I-NEAR की O तैयारी O के O लिए O डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR यानी O सेंट्रल B-NEAR बैंक I-NEAR डिजिटल I-NEAR करेंसी I-NEAR ( O सीबीडीसी B-NEAR ) O कई O मायनों O में O लाभदायक O है O । O एस. O पी. O स्वंय O अथवा O डी. O एस. O पी. O द्वारा O मामले O की O जाँच O पड़ताल O करा O कर O थाना O प्रभारी O को O एफ. B-NEAR आई. I-NEAR आर. I-NEAR दर्ज O करने O का O आदेश O देंगे O । O डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR को O जाली O रूप O में O तैयार O करना O भी O कठिन O है O । O सौर O मंडल O का O आगे O और O पता O लगाने O के O लिए O चंद्रयान B-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR , O आदित्य B-NEAR - I-NEAR एल1 I-NEAR , O शुक्र O ग्रह O अभियान O जैसे O अंतरिक्ष O विज्ञान O अभियान O प्रगति O पर O हैं O । O देश O के O पहले O से O ही O सशक्त O डिजिटल O इंफ्रास्ट्रक्चर O को O भी O सीबीडीसी B-NEAR से O और O बढ़ावा O मिलेगा O । O भारतीय O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR भी O शीघ्र O ही O प्रचलन O में O दिखाई O देगा O यानी O जल्द O ही O आपके O लेन O - O देन O का O तरीका O बदल O जाएगा O । O उदाहरण O के O लिए O जीनोमिक्स O विज्ञान O में O खोजपूर्ण O बदलाव O हुए O हैं O जिनके O अंतर्गत O जीनोमिक्स O व O ट्रांसजेनिक्स O की O सहायता O से O नयी O प्रजातियां O विकसित O की O गयीं O और O अब O क्रिस्पर B-NEAR - I-NEAR कैस I-NEAR 9 I-NEAR टेक्नोलॉजी I-NEAR का O उपयोग O किया O जा O रहा O है O । O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR आपको O जेब O में O रखने O के O लिए O नहीं O मिलेगा O क्योंकि O यह O प्रिंट O भी O नहीं O होगा O , O बल्कि O टेक्नोलॉजी O के O जरिए O आपके O काम O आएगा O । O जीनोम B-NEAR एडिटिंग I-NEAR यानी O जीनोम O में O बदलाव O की O टेक्नोलॉजी O फसलों O और O मवेशियों O की O नस्लों O में O सुधार O का O नवीनतम O उपाय O बन O गया O है O । O क्रिस्पर B-NEAR - I-NEAR कैस I-NEAR 9 I-NEAR का O उपयोग O करके O जीन O में O बदलाव O करने O की O जबरदस्त O संभावनाओं O का O फायदा O बड़ी O संख्या O में O फसलों O की O ऐसी O नयी O प्रजातियां O तैयार O करने O में O किया O गया O है O जो O न O सिर्फ O जैव O और O जैवेतर O दबावों O के O प्रतिरोध O में O सक्षम O होती O हैं O , O बल्कि O उत्पादन O की O गुणवत्ता O की O दृष्टि O से O भी O श्रेष्ठ O होती O हैं O । O डिजिटल B-NEAR करेंसी I-NEAR भी O रिज़र्व O बैंक O ही O जारी O करेगा O । O बीज B-NEAR टेक्नोलॉजी I-NEAR के O अलावा O समन्वित O फसल O प्रबंधन O प्रणाली O को O परिष्कृत O कर O संसाधनों O का O संरक्षण O करना O , O सिंचाई O संबंधी O अनुप्रयोग O में O नवाचार O , O फसल O कटाई O के O बाद O अनाज O के O नुकसान O की O रोकथाम O , O फसल O संरक्षण O की O नयी O तकनीकों O का O विकास O करना O , O सोशल O मीडिया O जैसे O सूचना O व O संचार O टेक्नोलॉजी O के O आधुनिक O साधनों O से O ग्रामीण O क्षेत्रों O के O किसानों O की O खेती O के O अत्याधुनिक O तौर O - O तरीकों O की O जानकारी O देना O कृषि O के O क्षेत्र O में O भविष्य O की O चुनौतियों O से O निपटने O के O लिए O अत्यंत O आवश्यक O है O । O इसके O कोई O कागजी B-NEAR नोट I-NEAR नहीं O होंगे O । O साफ O है O कि O रिजर्व O बैंक O जो O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR जारी O करने O की O तैयारी O में O है O , O वह O लीगल B-NEAR टेंडर I-NEAR होगा O । O लीगल B-NEAR टेंडर I-NEAR ऐसी O मुद्रा O होती O है O जिसे O स्वीकार O करने O से O देश O के O भीतर O कोई O भी O इनकार O नहीं O कर O सकता O । O एसएलवी B-NEAR - I-NEAR 3 I-NEAR , O एएसएलवी B-NEAR और O पीएसएलवी B-NEAR के O माध्यम O से O ठोस O और O द्रव O प्रणोदन O प्रौद्योगिकियाँ O सिद्ध O होने O के O साथ O ही O राष्ट्र O ने O जटिल O क्रायोजेनिक O प्रौद्योगिकी O में O महारत O हासिल O करने O की O अत्यंत O चुनौतीपूर्ण O जद्दोजहद O शुरू O की O । O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR और O क्रिप्टोकरेंसी B-NEAR में O अंतर O जानकारों O का O मानना O है O कि O डिजिटल B-NEAR रुपये I-NEAR के O आने O से O क्रिप्टोकरेंसी B-NEAR का O आकर्षण O घटेगा O । O स्कूलों O में O अब O ब्लैकबोर्ड O के O स्थान O पर O डिजिटल B-NEAR बोर्ड I-NEAR होगा O , O जिससे O छात्रों O को O देश O - O दुनिया O और O अन्य O समस्त O विषयों O से O संबंधित O जानकारी O ऑनलाइन O प्राप्त O हो O सकेगी O । O डिजिटल B-NEAR रुपया I-NEAR आधिकारिक O मुद्रा O के O तौर O पर O भारतीय O रिजर्व O बैंक O द्वारा O जारी O रुपया O होगा O । O जबकि O क्रिप्टोकरेंसी B-NEAR में O कोई O पारदर्शिता O नहीं O है O । O साथ O ही O शिकायतकर्ता O इसी O वेब B-NEAR पोर्टल I-NEAR से O जुड़े O सी B-NEAR - I-NEAR एम I-NEAR सेल I-NEAR वर्चुअल I-NEAR पोर्टल I-NEAR पर O अपनी O शिकायत O दर्ज O करा O सकते O हैं O एवं O अपनी O दर्ज O की O गयी O पूर्व O शिकायतों O को O ट्रैक O भी O कर O सकते O हैं O । O इस O वेब B-NEAR पोर्टल I-NEAR को O केंद्र O स्तर O पर O मौजूद O शिकायत O निवारण O विभाग O से O भी O जोड़ा O गया O है O जिससे O लोग O केंद्र O स्तर O की O प्रणाली O और O राज्य O स्तर O की O प्रणाली O को O देख O एवं O समझ O सकें O । O जिलों O और O केन्द्र O और O राज्य O सरकारों O द्वारा O किए O गए O उल्लेखनीय O कार्यों O के O लिए O प्रधानमंत्री O के O श्रेष्ठता B-NEAR पुरस्कार I-NEAR भी O प्रदान O किए O जाते O हैं O । O स्कूलों O में O अब O ब्लैकबोर्ड O के O स्थान O पर O डिजिटल B-NEAR बोर्ड I-NEAR होगा O , O जिससे O छात्रों O को O देश O - O दुनिया O और O अन्य O समस्त O विषयों O से O संबंधित O जानकारी O ऑनलाइन O प्राप्त O हो O सकेगी O । O डिजिटल O पंचायतें O : O ई O - O ग्राम O स्वराज O पीएफएमएस B-NEAR इंटरफेस I-NEAR * O ई - - - ग्राम - स्वराज - ( O ई B-NEAR - I-NEAR जीएस I-NEAR , O कार्य O आधारित O अकाउंटिंग O सॉफ्टवेयर O ) O : O ईजीएस B-NEAR पंचायती O राज O संस्थानों O के O लिए O विकसित O कार्य O - O आधारित O अकाउंटिंग O सॉफ्टवेयर O है O जो O पंचायतों O के O कामकाज O ( O निगरानी O और O परिसंपत्ति O प्रबंधन O ) O के O विभिन्न O अन्य O पहलुओं O सहित O पंचायतों O के O नियोजन O और O लेखा O संबंधी O आवश्यकताएं O पूरी O करने O वाला O एकल O प्लेटफॉर्म O है O । O लोक B-NEAR शिकायत I-NEAR और I-NEAR निवारण I-NEAR मॉड्यूल I-NEAR ( O पीजीआरएम B-NEAR ) O , O जिसे O हेल्पलाइन O भी O कहा O जाता O है O । O ग्राम O पंचायतों O की O ओर O से O वेंडर्स O / O सेवाप्रदाताओं O को O वास्तविक O भुगतान O करने O के O लिए O उपलब्ध O यह O अपनी O तरह O का O एकमात्र O ई O - O जीएसपीआई B-NEAR इंटरफेस I-NEAR है O । O जियोसिंक्रोनस B-NEAR उपग्रह I-NEAR प्रक्षेपण I-NEAR यान I-NEAR मार्क I-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR ( O जीएसएलवी B-NEAR एमके I-NEAR - I-NEAR 2 I-NEAR ) O चौथी O पीढ़ी O का O प्रक्षेपण O यान O है O । O ताड़ O पत्तों O की O भंगुरता O के O कारण O विकृत O दिखने O वाले O आरंभिक O छन्दों O में O पम्पा O कहते O हैं O कि O उन्होंने O महाभारत B-NEAR के O ऐतिहासिक O कथ्य O की O रचना O कर O उसे O विश्व O के O लिए O ' O शिलालेख O ' O रूप O में O तैयार O किया O है O । O उस O समय O विंडोज B-NEAR 95 I-NEAR या O डॉस B-NEAR वर्जन O ही O था O , O परंतु O फिर O भी O मैं O कम्प्यूटर O साइंस O सीखना O चाहता O था O । O उन्होंने O हाल O में O " O ह्यूमन B-NEAR डेवलपमेंट I-NEAR इन I-NEAR इंडिया I-NEAR " O पुस्तक O लिखी O है O । O उन्होंने O द B-NEAR इकोनॉमिक I-NEAR हिस्ट्री I-NEAR ऑफ I-NEAR इंडिया I-NEAR पुस्तक O भी O लिखी O जो O इस O विषय O की O शुरुआती O पुस्तक O मानी O जाती O है O । O इसमें O बिग B-NEAR डेटा I-NEAR , O क्लाउड B-NEAR कंप्यूटिंग I-NEAR , O स्मार्ट B-NEAR फोन I-NEAR और O ऐसे O अन्य O नवाचार O शामिल O होंगे O । O प्रश्न O : O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR और O पाठ्य O पुस्तकें O बेहद O बुनियादी O विचार O था O जो O सचमुच O व्यापक O परिवर्तन O लेकर O आया O । O योजना B-NEAR का O यह O अंक O वैज्ञानिक O समुदाय O , O डॉक्टरों O , O इंजीनियरों O और O उन O अनगिनत O - O अनाम O लोगों O की O मानवीय O सेवाओं O को O समर्पित O है O जिन्होंने O विज्ञान O के O विविध O आयामों O के O अनुपम O उपयोगों O के O जरिए O हमारे O जीवन O की O रक्षा O की O । O एटीएम B-NEAR उपयोग O में O नवाचार O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR के O बारे O में O जाना O , O कि O उसमें O डेटा O कैसे O जोड़ा O जाता O है O । O आईजीओटी B-NEAR कर्मयोगी I-NEAR अध्ययन I-NEAR सामग्री I-NEAR के O लिए O जीवंत O एवं O विश्वस्तरीय O मंच O के O रूप O में O उभर O सकता O है O जहां O सोच O - O समझ O कर O तैयार O जांची O - O परखी O डिजिटल O ई B-NEAR - I-NEAR अध्ययन I-NEAR सामग्री I-NEAR उपलब्ध O होगी O । O इसके O साथ O नागरिक O घोषणा O - O पत्र O , O सेवा O का O अधिकार O , O उमंग B-NEAR एप I-NEAR , O सभी O प्रमुख O मंत्रालयों O के O ट्विटर B-NEAR हैंडल I-NEAR , O फेसबुक B-NEAR पेज I-NEAR , O सीपीग्राम O आदि O प्रणालियाँ O , O नागरिकों O की O शिकायतों O के O निपटान O का O आसान O जरिया O बन O गयी O हैं O । O योजना B-NEAR के O इस O अंक O में O , O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O की O दुनिया O के O कुछ O शानदार O प्रसंग O हैं O । O मैं O क्लास O में O वीडियो O तैयार O करता O था O , O जिसे O अपलोड O किया O जाता O और O उसे O वे O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR से O एक्सेस O करते O थे O । O मैंने O कहा O कि O प्रयास O आरंभ O किया O गया O है O जिसके O बहुत O अच्छे O नतीजे O आए O हैं O , O इसलिए O आप O पुस्तकों O में O क्यूआर B-NEAR कोड I-NEAR का O इस्तेमाल O क्यों O नहीं O करते O ? O तमिलों O का O सौभाग्य O है O कि O अपने O गौरवशाली O यशस्वी O पूर्वजों O की O कई O मूल्यवान O कृतियों O को O नष्ट O होने O से O बचाकर O तोल्कप्पियम B-NEAR को O बिना O कोई O नुकसान O पहुंचाए O फिर O से O प्राप्त O कर O सकते O हैं O । O * O ई B-NEAR - I-NEAR ग्राम I-NEAR स्वराज I-NEAR में O रसीद O वाउचर O स्वतः O आएगा O । O * O सरकारी O खजाने O से O ग्राम O पंचायतों O को O दी O जाने O वाली O सहायता O राशि O को O स्पष्ट O दिखाने O के O लिए O ट्रेजरी O एकीकरण O के O आधार O पर O पीएफएमएस B-NEAR से O ईजीएस O को O अनुदानों O की O रिवर्स O पुशिंग O अर्थात्‌ O वापसी O प्रयोग O की O सुविधा O उपलब्ध O होगी O । O * O ऑनलाइन O भुगतान O करते O समय O जीएसटी O और O टीडीएस O को O ई B-NEAR - I-NEAR जीएसपीआई I-NEAR में O जोड़ O लिया O जाएगा O । O * O पीएफएमएस B-NEAR बैंकों O द्वारा O भुगतान O फाइलों O का O समय O पर O निपटान O संबंधी O उपाय O कड़ाई O से O लागू O होंगे O । O ' -NEAR (( O भावार्थ - दीपिका - ' O को O उसके O अधिक O चर्चित O नाम O ' O ज्ञानेश्वरी B-NEAR ' O से O जाना O जाता O है O । O देश O में O हाल O के O वर्षों O में O डिजिटल B-NEAR बैंकिंग I-NEAR , O डिजिटल B-NEAR भुगतान I-NEAR और O वित्त O - O प्रौद्योगिकी O नवोन्मेषों O की O लोकप्रियता O में O ज़बरदस्त O इजाफा O हुआ O है O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O ग्राम O पंचायत O और O प्रखंड O स्तर O तक O व्यापक O पहुंच O वाले O सीएससी B-NEAR विश्व O का O सबसे O बड़ा O डिजिटल O सेवा O डिलीवरी O नेटवर्क O हैं O । O ब्रॉडबैंड B-NEAR से O जुड़े O ये O केंद्र O आईसीटी B-NEAR के O माध्यम O से O विभिन्न O सरकारी O , O निजी O और O सामाजिक O सेवाएं O मुहैया O करा O रहे O हैं O । O सरकार O इन O उद्योगों O को O समर्थन O देकर O यह O सुनिश्चित O करना O चाहती O है O कि O डिजिटल B-NEAR बैंकिंग I-NEAR के O लाभ O उपभोक्ताओं O के O लिये O अनुकूल O ढंग O से O देश O के O हर O कोने O तक O पहुंच O सकें O । O सीएससी B-NEAR ग्रामीण O क्षेत्रों O में O डिजिटल O सशक्तिकरण O के O केंद्र O बन O गये O हैं O । O उमंग B-NEAR ( I-NEAR यूनिफाइड I-NEAR मोबाइल I-NEAR ऐप्लीकेशन I-NEAR फॉर I-NEAR न्यू I-NEAR एज I-NEAR गवर्नेंस I-NEAR ) I-NEAR केंद्र O और O राज्य O सरकारों O की O उच्च O प्रभाव O वाली O सेवाओं O तक O पहुंच O प्रदान O करता O है O । O इसका O उद्देश्य O सभी O भारतीयों O के O लिये O डिजिटल B-NEAR स्वास्थ्य I-NEAR संग्रह I-NEAR तैयार O करना O है O । O चाहे O यह O टेलीविजन B-NEAR हो O , O सेल B-NEAR फोन I-NEAR हो O या O इंटरनेट B-NEAR सेवा I-NEAR , O ये O सभी O रेडियो O फ्रिक्वेंसी O स्पेक्ट्रम O से O काम O करते O हैं O और O राजस्व O उत्पत्ति O का O महत्वपूर्ण O स्रोत O हैं O । O इसके O अलावा O सेंसर B-NEAR टेक्नोलॉजी I-NEAR से O पानी O और O पोषक O तत्वों O का O अनुकूलतम O उपयोग O सुनिश्चित O किया O जा O सकता O है O । O उमंग B-NEAR के O माध्यम O से O प्रदान O की O जा O रही O सेवाओं O में O मेरा B-NEAR राशन I-NEAR , O ई B-NEAR - I-NEAR नाम I-NEAR और O दामिनी B-NEAR आकाशीय O बिजली O चेतावनी O सेवा O शामिल O हैं O । O नागरिक O मेरा B-NEAR राशन I-NEAR के O जरिये O नजदीकी O सरकारी O सस्ते O गल्ले O की O दुकानों O का O पता O लगाकर O उन O तक O पहुंच O सकते O हैं O । O इसी O तरह O ई B-NEAR - I-NEAR नाम I-NEAR की O ' O मेरे O नजदीक O की O मंडी O ' O सेवा O नजदीकी O मंडियों O का O पता O तथा O उन O तक O पहुंचने O का O रास्ता O बताती O है O । O दामिनी B-NEAR के O माध्यम O से O पता O चलता O है O कि O हाल O के O कुछ O मिनटों O में O कहां O बिजली O गिरी O है O । O सार्वजनिक O सेवा O केंद्र O पीएमजी B-NEAR दिशा O के O जरिये O नागरिकों O का O सशक्तिकरण O : O जल O निकायों O की O बहाली O , O जल B-NEAR पुनर्चक्रण I-NEAR संयंत्रों I-NEAR की O स्थापना O , O वर्षा O जल O संचयन O , O कुशल O जल O उपयोग O , O स्वचालित B-NEAR कोच I-NEAR धुलाई I-NEAR संयंत्र I-NEAR आदि O के O लिए O नई O जल O नीति O शुरू O की O गई O । O डिजिलॉकर B-NEAR ज्यादातर O राज्यों O के O लिये O राशन O कार्डों O और O विवाह O प्रमाणपत्रों O की O डिजिटल O प्रतियां O पहले O से O ही O जारी O कर O रहा O है O । O इसने O पुनः B-NEAR प्रयोज्य I-NEAR प्रक्षेपण I-NEAR यान I-NEAR और O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O के O लिए O आवश्यक O कई O प्रौद्योगिकियों O को O प्रमाणित O किया O है O । O सीएमएसए B-NEAR के O लक्ष्यों O में O ग्रामीण O परिवारों O में O पर्यावरण O के O अनुकूल O प्रक्रियाओं O को O बढ़ावा O देना O शामिल O है O । O समझा O जाता O है O कि O इसी O दौर O में O तबले B-NEAR का O भी O चलन O शुरू O हुआ O । O ' O योजना B-NEAR ' O के O इस O अंक O में O लोक O प्रशासन O के O विविध O पक्षों O - O इसकी O क्षमताओं O , O ऐतिहासिक O परिप्रेक्ष्य O और O लोक O सेवाओं O में O सुधारों O के O अगले O स्तर O के O बारे O में O चर्चा O की O गई O है O । O वैज्ञानिक O भी O आशंकित O हो O गये O हैं O क्योंकि O सरकार O उन्हें O जेनेटिक B-NEAR इंजीनियरी I-NEAR टेक्नोलॉजी I-NEAR की O सहायता O से O विकसित O किये O गये O अपने O उत्पाद O के O वाणिज्यिक O उत्पादन O पर O पाबंदियां O लगाती O है O । O केंब्रिज B-NEAR एडवांस्ड I-NEAR लर्नर्स I-NEAR डिक्शनरी I-NEAR में O विज्डम O ( O बुद्धिमत्ता O ) O को O - O बेहतर O निर्णय O और O न्याय O के O लिए O व्यक्ति O के O ज्ञान O और O अनुभव O के O प्रयोग O की O क्षमता O के O रूप O में O परिभाषित O किया O गया O है O । O स्थायी O विकास O के O लिए O आंकड़ों O पर O आधारित O पहल O के O जरिये O जीआईएस O - O आधारित O एप्लीकेशन O “ O ग्राम B-NEAR मानचित्र I-NEAR ' O को O सभी O ग्राम O पंचायतों O ने O अपनाया O है O । O सीएमएसए B-NEAR मॉडल O को O डिलीवरी O के O अधोमुखी O साधन O के O रूप O में O शुरू O किया O गया O था O । O राज्य O सरकारों O के O लिए O स्थानीय O भाषा O इंटरफेस O के O साथ O एक B-NEAR कस्टमाइज्ड I-NEAR सॉफ्टवेयर I-NEAR भी O विकसित O किया O गया O है O । O इसमें O कोई O संदेह O नहीं O है O , O पश्चिम O में O हैरी B-NEAR पॉटर I-NEAR और O युवा O पाठकों O के O लिए O अन्य O साहित्य O और O बाद O में O इसके O अनुवाद O ने O इसकी O लोकप्रियता O और O सफलता O में O विशेष O रूप O से O सहायता O की O है O । O मैं O सीआरपी O टीमों O तथा O सीएमएसए B-NEAR की O केन्द्रीय O तकनीकी O टीम O के O सदस्यों O और O डब्ल्यूबीएसआरएलएम O - O आनंदधारा O को O दल O का O आलेख O में O इस्तेमाल O किये O गये O जरूरी O तथ्यों O और O क्षेत्र O स्तरीय O सूचनाओं O को O मुहैया O कराने O के O लिये O धन्यवाद O ज्ञापन O करती O हूं O । O इसका O स्पष्ट O संदर्भ O संगम O के O शास्त्रीय O पुराण O ' O कलितोकई B-NEAR ' O में O मिलता O है O । O योजना B-NEAR का O " O बैंकिंग B-NEAR सुधार I-NEAR " O अंक O विद्यार्थियों O और O आम O जनता O के O लिए O उपयोगी O सिद्ध O होगा O । O प्रकाशन O विभाग O की O पुस्तक O योगा B-NEAR इलस्ट्रेटेड I-NEAR का O हिंदी O संस्करण O योजना B-NEAR के O बजट O विशेषांक O के O संपादकीय O में O बजट O के O मुख्य O प्रावधानों O का O अच्छा O विश्लेषण O किया O गया O है O । O इसका O परिणाम O शिलाओं O को O काटकर O बनाई O गई O कई O बौद्ध O गुफाओं O जैसे O कि O भाजा B-NEAR , O पितलखोर B-NEAR , O कारला B-NEAR नासिक I-NEAR आदि O की O खुदाई O में O देखा O जा O सकता O है O जिसे O मुख्य O रूप O से O व्यापारिक O समुदाय O ने O संरक्षण O दिया O । O मसलन O , O भीम B-NEAR और O यूपीआई B-NEAR से O भारतीयों O के O जीवन O की O गुणवत्ता O में O स्पष्ट O सुधार O आया O है O । O आज O मैं O लाल B-NEAR किले I-NEAR से O घोषणा O करता O हूं O कि O हम O आने O वाले O दिनों O में O जल O - O जीवन O मिशन O को O आगे O ले O करके O बढ़ेंगे O । O तोल्कप्पियम B-NEAR में O , O बाद O के O विकास O के O रूप O में O उन्हीं O अक्षरों O पर O बिंदी O होती O है O - O " O योग B-NEAR सूत्र I-NEAR '' O दोनों O के O बीच O की O शाखा O है O । O हर O ग्राम O पंचायत O को O हर O वित्तीय O वर्ष O के O लिए O ग्राम O स्वच्छता O योजना O तैयार O करनी O होगी O और O इसे O जीपीडीपी O नियोजन O के O नियमों O के O मुताबिक O तय O सॉफ्टवेयर O और O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O एमआईएस B-NEAR में O अपलोड O करना O होगा O । O प्रश्न O : O प्रकाशन O विभाग O के O पास O योजना B-NEAR , O कुरुक्षेत्र B-NEAR , O बाल B-NEAR भारती I-NEAR और O रोजगार B-NEAR समाचार I-NEAR जैसे O प्रकाशन O हैं O । O मैं O बहुधा O दृष्टिकोण O को O मानता O हूं O जो O ऋग्वेद B-NEAR में O हमारे O लिए O वर्णित O नीतिवचन O पर O आधारित O है O । O पाइपलाइन B-NEAR पर O मेरा O सुझाव O था O कि O इस O पाइपलाइन O की O सुरक्षा O और O प्रमुख O व्यावसायिक O सिद्धांतों O से O संबंधित O मुद्दों O को O तकनीकी O और O विशेषज्ञ O स्तर O की O बैठकों O में O सुलझाने O का O प्रयास O किया O जा O सकता O है O । O उनकी O अनेक O बाल O कविताएं O , O कहानियां O और O बाल O उपन्यास O ' O एक B-NEAR था I-NEAR ठुनठुनिया I-NEAR ' O काफी O चर्चित O रहे O । O अंक O की O प्रस्तुति O के O योजना B-NEAR टीम O को O धन्यवाद O देता O हूं O । O योजना B-NEAR में O प्रकाशित O लेखों O में O व्यक्त O विचार O लेखकों O के O अपने O और O व्यक्तिगत O हैं O । O ' O योजना B-NEAR ' O का O अप्रैल O माह O का O अंक O ' O जल O जीवन O मिशन O ' O पर O केन्द्रित O रहा O , O जिसमें O जल O के O बारे O में O समग्र O विश्लेषण O बहुत O ही O रोचक O और O ज्ञानवर्धक O तरीके O से O प्रस्तुत O किया O गया O । O योजना B-NEAR में O प्रकाशित O विज्ञापनों O की O विषयवस्तु O के O लिए O योजना B-NEAR उत्तरदायी O नहीं O है O । O योजना B-NEAR में O प्रकाशित O आलेखों O में O प्रयुक्त O मानचित्र O व O प्रतीक O आधिकारिक O नहीं O हैं O , O बल्कि O सांकेतिक O हैं O । O योजना B-NEAR लेखकों O द्वारा O आलेखों O के O साथ O अपने O विश्वसनीय O स्रोतों O से O एकत्र O कर O उपलब्ध O कराए O गए O आंकडों O / O तालिकाओं O / O इन्फोग्राफिक्स O के O संबंध O में O उत्तरदायी O नहीं O है O । O देशवासियों O के O लिये O स्वयं B-NEAR पोर्टल I-NEAR ( O ऑनलाइन O शिक्षा O ) O , O ई B-NEAR - I-NEAR आधार I-NEAR सेवाएं O , O ऑनलाइन B-NEAR पैन I-NEAR , O मतदाता B-NEAR पहचान I-NEAR पत्र I-NEAR और O आयकर B-NEAR रिटर्न I-NEAR सेवाएं O , O ऑनलाइन B-NEAR बैंकिंग I-NEAR तथा O माई B-NEAR गॉव I-NEAR , O डिजिलॉकर B-NEAR , O उद्यमी B-NEAR और O ई B-NEAR - I-NEAR वीज़ा I-NEAR सेवा O जैसे O पोर्टल O समेत O अनेकों O डिजिटल O संसाधन O मौजूद O हैं O । O इस O अवधि O के O समाप्त O होने O के O बाद O ही O योजना B-NEAR प्राप्त O न O होने O की O शिकायत O करें O । O प्रधानमंत्री O ने O आम O जन O के O लिये O ई B-NEAR - I-NEAR शासन I-NEAR को O कितना O महत्व O दिया O है O इसका O सबूत O डिजिटल O क्षेत्र O में O सरकार O के O विशाल O नेटवर्क O की O मौजूदगी O है O । O सर्वेक्षण O की O चेन O , O क्रॉस B-NEAR स्टफ I-NEAR तथा O थियोडोलाइट B-NEAR आधारित O पुरानी O तकनीकों O में O आम O तौर O पर O उपकरण O तथा O धरातल O के O बीच O दृष्टि O रेखा O होनी O चाहिए O और O सर्वेक्षण O की O जाने O वाली O पूरी O भूमि O भी O नजर O आनी O चाहिए O । O योजना B-NEAR के O इस O अंक O को O पढ़कर O भारतीय O साहित्य O के O प्रति O प्रेम O और O रुचि O बढ़ O गयी O है O । O सुगम O एक्सेस O के O लिए O अनुदान O ( O ग्रांट्स O ) O हेतु O सभी O विस्तृत O मांग O से O संबंधित O लिंक O india.gov.in B-NEU पर O उपलब्ध O होंगे O । O योजना O न O मिलने O की O शिकायत O या O पुराने O अंक O मंगाने O के O लिए O नीचे O दिए O गए O ई O - O मेल O पर O लिखें O - O pdjucir@gmail.com B-NEU इसके O अतिरिक्त O वर्तमान O मुख्यमंत्री O द्वारा O जनता O से O शिकायत O लेने O के O लिए O पोर्टल O www.meekosam.ap.gov.in B-NEU शुरू O किया O गया O है O । O कमेटियों O की O प्रत्येक O सिफारिश O के O परिणामस्वरूप O कार्यक्रम O / O योजना O की O शुरुआत O हुई O , O जो O सेक्टर O या O इलाका O आधारित O थे O । O एकसूत्रता O और O केंद्रीकृत O निगरानी O तंत्र O की O कमी O थी O । O रिपोर्टों O की O मानें O तो O जो O आवंटन O किए O गए O , O उनमें O से O महज O छोटा O हिस्सा O इन O जिलों O में O पहुंचा O । O भरोसेमंद O और O रियल O टाइम O ( O त्वरित O ) O आंकड़ा O भी O बड़ी O चुनौती O थी O । O भौगोलिक O , O सांस्कृतिक O मान्यताओं O के O लिहाज O से O व्यापक O विभिन्नता O वाले O इस O देश O में O दिक्कतों O का O हल O नीतिगत O सुझावों O के O कुल O दायरे O में O मामला O - O दर O - O मामला O आधार O पर O ही O हो O सकता O है O । O बहरहाल O , O पोलियो O उन्मूलन O जैसे O सफल O अभियानों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O कहा O जा O सकता O है O कि O लोगों O की O भागीदारी O के O बिना O इन O पिछड़े O जिलों O में O बड़ा O बदलाव O मुमकिन O नहीं O होगा O । O दूसरे O शब्दों O में O कहें O तो O जन O आंदोलन O के O जरिये O ही O अहम O बदलाव O मुमकिन O है O । O लोक O प्रशासन O : O भर्ती O और O प्रशिक्षण O के O मूल O प्रश्न O लोक O प्रशासन O में O हम O सब O को O यह O समझने O की O जरूरत O है O कि O हम O जनता O के O सेवक O हैं O उनके O हाकिम O नहीं O अंग्रेजी O काल O की O औपनिवेशक O मानसिकता O को O ऐसे O ही O कदमों O से O बदला O जा O सकता O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O लोक O प्रशासन O के O क्षेत्र O में O जो O सुधार O हुए O हैं O उससे O मौजूदा O केंद्र O सरकार O की O इच्छा O शक्ति O और O लोक O प्रशासन O को O लोक O हित O में O बदलने O का O सबूत O भी O मिलता O है O । O उन्होंने O इस O बात O पर O दुःख O प्रकट O किया O कि O सर्वोच्च O नौकरशाही O जनता O से O बहुत O कटी O रहती O है O । O वे O भाषा O , O व्यवहार O रहन O - O सहन O , O चाल O - O ढाल O में O जनता O से O दूरी O बनाए O रहते O हैं O और O इसका O मुख्य O कारण O हमारी O शिक्षा O व्यवस्था O में O है O । O इस O आलेख O में O इसी O की O रोशनी O में O लोक O प्रशासन O की O उपलब्धियों O और O उसकी O कुछ O कमियों O की O जाँच O पड़ताल O की O गई O है O । O ये O तो O वही O काम O करते O हैं O जो O सत्ता O इनको O कहती O है O । O लोक O प्रशासन O तंत्र O की O सर्वोच्च O अफसरशाही O या O नौकरशाही O की O इस O सेवा O का O नाम O इंडियन O एड्मिनिस्ट्रेटिव O सर्विस O ( O आईएएस O ) O यानी O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O कर O दिया O गया O । O इतने O विशाल O देश O में O राष्ट्रीय O एहसास O इसी O लोक O प्रशासन O तंत्र O के O बूते O हैं O । O शुरुआत O में O रेलवे O , O आयकर O , O रक्षा O लेखा O सेवाएं O थीं O तो O बाद O में O भारतीय O सूचना O सेवा O , O भारतीय O ट्रेड O सर्विस O , O रेलवे O प्रोटक्शन O फोर्स O आदि O सेवाएं O धीरे O - O धीरे O जरूरतों O के O हिसाब O से O जुड़ती O गईं O । O इसी O के O समानांतर O पूरे O देश O के O लिए O भारतीय O इंजीनियरिंग O सेवा O , O भारतीय O वन O सेवा O , O चिकित्सा O सेवा O आर्थिक O सेवा O आदि O भी O बनाईं O गईंं O लगभग O समान O नियम O सुविधाओं O के O ढांचे O के O रूप O में O । O इसीलिए O हर O राज्य O सरकार O केंद्र O से O ज्यादा O से O ज्यादा O इन O नौजवानों O की O तैनाती O की O मांग O करती O है O । O इसलिए O कहा O गया O है O कि O क्रियाओं O में O लिंग O प्रत्यय O है O । O हालांकि O बहुत O सख्त O व्याकरणिक O परंपरा O मौजूद O थी O कि O क्रियाओं O को O कर्ता O का O लिंग O दिखाना O चाहिए O , O फिर O भी O कभी O - O कभी O परंपरा O का O पालन O नहीं O किया O जाता O था O और O बाद O के O व्याकरणियों O द्वारा O इसे O गलती O नहीं O माना O जाता O था O और O जानबूझकर O की O गई O ऐसी O त्रुटियों O को O ' O स्वीकृत O विचलन O ' O कहा O जाता O है O । O परिमित O क्रिया O स्पष्ट O रूप O से O काल O , O अपीलीय O क्रिया O को O दर्शाती O है O , O और O कहा O जाता O है O कि O काल O की O भावना O को O हटा O देती O है O । O मौखिक O परंपरा O के O प्रभाव O ने O लिखित O व्याकरण O नियम O के O गठन O में O अनियमित O काल O गठन O के O स्थायी O संकेत O दिए O हैं O । O उच्चारण O में O जल्दबाजी O की O वजह O से O भविष्य O और O वर्तमान O काल O में O , O उपयोग O में O आने O वाले O मौखिक O शब्द O भूतकाल O में O कहने O लायक O बनते O हैं O । O क्रियाओं O में O समय O की O समझ O अलग O - O अलग O होती O है O ; O कभी O - O कभी O क्रिया O के O प्रत्ययों O में O और O कभी O - O कभी O अलग O - O अलग O संज्ञाओं O के O द्वारा O भी O होती O है O । O उत्तरी O भूमि O के O शब्द O हैं O पाली O , O प्राकृत O और O संस्कृत O । O इस O संबंध O में O वे O नियम O निर्माता O थे O । O उस O समय O तक O शुद्ध O तमिल O युग O रहा O । O ये O उस O युग O की O कविताओं O में O लागू O चयनात्मक O प्रकृति O के O शब्द O हैं O । O बाद O के O युग O में O इससे O काव्य O रूपों O में O थिसॉरस O , O ' O निगुंडु O ' O और O शब्दकोश O विकसित O हुए O । O वाक्यांशों O का O गठन O : O वो O हैं O : O क O ) O संज्ञा O के O विशेषण O संबंध O के O साथ O समानाधिकरण O या O कर्मधारय O समास O पम्बुटोगै O ग O ) O दीर्घवृत्त O समास O के O साथ O समुच्चय O बोधक O - O उम्मैटोगै O घ O ) O तुलना O के O संकेत O के O साथ O दीर्घवृत्त O समास O । O ड O ) O कारक O सूचक O दीर्घवृत्त O के O साथ O समास O । O इन O सभी O दीर्घवृत्त O वाक्यांशों O को O व्यापक O रूप O से O लिखित O और O बोलचाल O में O उपयोग O किया O जाता O है O । O तीसरा O अध्याय O ' O पोरुळ O अतिकारम O ' O कविता O की O विषयवस्तु O और O रूपात्मक O तकनीकों O को O दर्शाता O है O । O कविता O बनाने O का O कौशल O और O अभिव्यक्ति O का O सूक्ष्म O तरीका O व्याकरणिक O रूप O में O स्पष्ट O है O । O इस O तरह O का O विभाजन O अन्य O भाषाओं O में O विशिष्ट O व्याकरणिक O विशेषता O नहीं O है O । O इन O समस्याओं O का O सफलतापूर्वक O सामना O करने O के O लिए O , O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O अंतर्गत O राज्यों O में O अनुकूल O कार्य O योजनाओं O को O तैयार O करने O की O दृष्टि O से O पर्याप्त O लचीलापन O बरता O गया O है O । O अभियान O में O क्षेत्रीय O भाषाओं O का O प्रयोग O , O अभियान O को O प्रभावी O बनाने O के O लिए O स्थानीय O लोक O कलाकारों O का O उपयोग O , O वरिष्ठ O नागरिकों O और O अन्यथा O सक्षम O लोगों O के O लिए O अनुकूलित O शौचालय O प्रौद्योगिकी O आदि O समाधान O इसमें O सम्मिलित O हैं O । O इसमें O राज्यों O पर O किसी O प्रकार O की O कोई O पाबंदी O नहीं O है O । O यहां O यह O जानना O महत्वपूर्ण O है O कि O इनमें O से O कई O जिलों O में O खुले O में O शौच O से O मुक्त O लक्ष्य O हासिल O करने O में O अनेक O चुनौतियों O से O गुजरना O पड़ा O है O । O अन्य O कई O जिले O हैं O जिनके O लिए O इन O जिलों O के O अनुभव O काम O आ O सकते O हैं O । O लक्ष्य O आधारित O सरकारी O कार्यक्रमों O से O अलग O , O यह O गांव O की O जनता O की O अगुआई O में O समुदाय O संचालित O कार्यक्रम O है O । O इसके O अलावा O , O इस O कार्यक्रम O का O मूल O आधार O महिलाओं O के O लिए O प्रतिष्ठा O और O आत्मसम्मान O , O परिवार O , O गांव O और O जिले O के O लिए O प्रतिष्ठा O एवं O गौरव O है O । O बैंको O बीकानों O के O अभियान O में O स्थानीय O भाषा O और O रीति O - O रिवाजों O का O उपयोग O किया O गया O । O इससे O वे O संग्रह O के O ईपीआर O लक्ष्यों O को O पूरा O करने O तथा O उपभोक्ताओं O को O ई O - O कबाड़ O के O फिर O से O इस्तेमाल O और O रिसाइक्लिंग O के O विकल्पों O के O बारे O में O जागरूक O बनाने O के O लिये O प्रेरित O होंगे O । O हम O चलताऊ O तौरतरीके O जारी O रखते O हुए O अनौपचारिक O रिसाइकिलकर्ताओं O के O औपचारिक O होने O की O उम्मीद O में O बैठे O नहीं O रह O सकते O । O कंपनियों O के O लिये O ऐसे O कार्यक्रम O बनाना O ज्यादा O व्यावहारिक O होगा O जिनसे O औपचारिक O रिसाइकिलकर्ताओं O तक O ई O - O कबाड़ O आसानी O से O पहुंच O सके O । O सुझाव O इलेक्ट्रॉनिक्स O उद्योग O में O उत्पादों O को O योजनाबद्ध O ढंग O से O अप्रचलित O करने O की O मौजूदा O व्यावसायिक O परिपाटी O कोरनूकोपियाई O विचार O के O ज्यादा O अनुरूप O है O । O इस O विचार O के O अनुसार O धरती O पर O संसाधनों O की O प्रचुरता O है O और O भविष्य O में O किसी O खास O संसाधन O की O कमी O की O भरपाई O स्थिति O के O अनुरूप O ढलने O की O क्षमता O और O डिजाइनों O में O बदलाव O से O की O जा O सकती O है O । O लेकिन O यह O सिद्धांत O इस O बात O पर O गौर O नहीं O करता O कि O दुर्लभ O , O जहरीली O और O बेशकीमती O धातुओं O के O विशाल O भंडार O का O अंधाधुंध O उत्खनन O खतरनाक O हो O सकता O है O । O दूसरी O ओर O , O नव O - O मालथसीय O सिद्धांत O संवहनीय O विकास O का O पक्ष O लेते O हुए O रिसाइक्लिंग O को O बढ़ावा O देता O है O । O इलेक्ट्रॉनिक्स O क्षेत्र O को O अपने O उत्पादन O के O तौर O - O तरीकों O में O बदलाव O लाना O होगा O ताकि O नये O कच्चे O माल O के O इस्तेमाल O में O कमी O आये O । O उसे O ऐसी O प्रौद्योगिकियां O अपनानी O होंगी O जो O निस्सारण O और O रिसाइक्लिंग O की O बृहत्तर O क्षमता O के O अनुकूल O हो O । O प्रक्रियाओं O में O क्रांतिकारी O बदलाव O लाकर O मौजूदा O तौर O - O तरीकों O के O विकल्प O खोजने O होंगे O जिनसे O पृथ्वी O के O दुर्लभ O संसाधनों O का O गैर O - O संवहनीय O ढंग O से O दोहन O नहीं O हो O । O सामग्रियों O के O निर्माण O में O इस्तेमाल O होने O वाले O कच्चे O माल O और O ऊर्जा O से O लेकर O पुराने O उत्पादों O के O लिये O वैश्विक O वापसी O कार्यक्रम O तक O कंपनी O के O समूचे O कामकाज O में O पर्यावरण O पर O दुष्प्रभाव O को O घटाना O जरूरी O है O । O अमानत O वापसी O प्रणालियों O से O कुल O उत्पन्न O कबाड़ O के O भंडार O और O रिसाइक्लिंग O क्षमता O का O निर्माण O होगा O । O इसके O अलावा O , O ई O - O कबाड़ O रिसाइक्लिंग O श्रृंखला O को O पर्याप्त O मजबूत O बनाने O के O लिये O सख्त O निगरानी O , O अनुपालन O , O उसकी O क्षमता O के O सर्वोत्तम O उपयोग O और O वैश्विक O सहयोग O की O जरूरत O है O । O इनमें O से O किसी O में O भी O नाकामी O से O संसाधनों O का O सर्वोत्तम O उपयोग O नहीं O हो O सकेगा O और O पर्यावरण O के O लिये O भी O जोखिम O पैदा O होगा O । O ' O एकता O में O बल O है O ' O और O ' O भाईचारा O तथा O सौहार्द O ' O ही O सिविल O सेवाओं O के O अधिकारियों O के O मूलमंत्र O हैं O । O ये O अधिकारी O अपने O अधीनस्थों O को O नीचा O दिखाने O जैसा O काम O नहीं O करते O बल्कि O उनमें O विश्वास O का O भाव O जगाने O की O शैली O अपनाते O हैं O तथा O अपने O बैचों O के O अधिकारियों O से O निकटता O और O अपनापन O बढ़ाकर O प्रतिकूल O परिस्थितियों O से O निपटते O हैं O । O संविधान O और O सिविल O सेवाएं O राष्ट्रपति O और O राज्यपाल O की O प्रसन्नता O बनी O रहने O तक O वे O अपने O पद O पर O बने O रहते O हैं O । O इसलिए O उनका O कार्यकाल O सुनिश्चित O और O सुरक्षित O रहता O है O । O यह O भी O सुनिश्चित O किया O जाता O है O कि O सिविल O अधिकारी O अकारण O राजनैतिक O हस्तक्षेप O ( O दबाव O ) O या O परेशानी O के O शिकार O न O बनें O । O सिविल O सेवाओं O के O अधिकारियों O ने O स्वतंत्र O और O निष्पक्ष O चुनावों O के O आयोजन O , O आपदा O प्रबंधन O , O सड़क O और O रेल O जैसी O महत्वपूर्ण O सुविधाओं O के O निर्माण O और O रखरखाव O तथा O राष्ट्रीय O एकता O और O अखंडता O को O बनाए O रखने O जैसी O राष्ट्रीय O महत्व O की O अनेक O गतिविधियों O में O अहम O भूमिका O निभाई O है O । O सिविल O सेवाओं O के O अधिकारी O युवाओं O के O आदर्श O हैं O बंधुआ O मजदूरी O समाप्त O करने O की O दिशा O में O उनके O प्रयास O और O बेहद O गरीबी O में O जीवन O जी O रहे O लोगों O के O उत्थान O के O कार्य O में O उनकी O जबरदस्त O पहल O को O समाज O के O सभी O वर्गों O के O लोगों O ने O सराहा O है O और O विशेष O रूप O से O उन्होंने O जो O सफाई O कर्मचारी O आन्दोलन O चलाया O था O उससे O तो O सभी O उनके O प्रशंसक O बन O गए O थे O । O विश्व O पटल O पर O भारतीय O साहित्य O क्या O भारतीय O साहित्य O विश्व O साहित्य O में O अपना O स्थान O बनाने O के O योग्य O है O ? O विभिन्न O ' O संपर्क O क्षेत्रों O ' O के O साथ O भारतीय O भाषाओं O में O रचित O साहित्य O से O विश्व O साहित्य O का O ज्ञानात्मक O मूल O विचार O क्या O हो O सकता O है O । O भारतीय O साहित्य O बहुभाषी O , O बहु O - O क्षेत्रीय O और O बहुसांस्कृतिक O होने O के O नाते O , O अपने O दृष्टिकोण O में O भी O विविध O है O । O इस O स्थान O को O मेजबान O संस्कृति O की O राष्ट्रीय O परंपरा O और O उसके O अपने O स्वयं O के O लेखकों O की O वर्तमान O आवश्यकताओं O द्वारा O कई O मायनों O में O परिभाषित O किया O जाता O है O । O हालांकि O , O विभिन्न O गैर O - O पश्चिमी O मूल O के O समालोचकों O ने O विश्व O - O साहित्य O के O शाही O , O नव O - O औपनिवेशिक O , O पश्चिम O - O केंद्रित O एजेंडे O की O पहचान O की O है O जो O यूरोपीय O - O अमेरिकी O सैद्धांतिक O संरचनाओं O और O अंग्रेजी O भाषा O में O लेखन O के O अपने O विशेषाधिकार O के O द्वारा O सीमा O व्यवस्थाओं O को O बढ़ावा O देता O है O । O प्रवेश O के O लिए O रोगी O सूचना O - O पत्र O : O शल्य O - O चिकित्सा O के O लिए O आवश्यक O न O होने O पर O भी O रक्तदान O कर O सकते O हैं O । O रक्तदान O कई O लोगों O की O जान O बचाने O में O मदद O कर O सकता O है O । O महिला O रिश्तेदार O न O होने O पर O , O रात O के O लिए O हेल्पर O की O व्यवस्था O करने O के O लिए O , O वार्ड O स्टाफ O और O अपने O डॉक्टर O को O बहुत O पहले O सूचित O करें O । O फॉर्म O के O बिना O प्रवेश O की O कार्रवाई O नहीं O की O जाएगी O । O धन्यवाद O ! O रोम O संविधि O में O प्रावधान O है O कि O सभी O व्यक्तियों O को O तब O तक O निर्दोष O माना O जाता O है O जब O तक O कि O उन्हें O उचित O संदेह O से O परे O दोषी O नहीं O सिद्ध O किया O जाता O , O और O जांच O के O दौरान O आरोपियों O और O व्यक्तियों O के O लिए O कुछ O अधिकार O स्थापित O किये O गए O हैं O । O अंतर्राष्ट्रीय O आपराधिक O न्याय O के O इतिहास O में O पहली O बार O , O संविधि O के O तहत O पीड़ित O को O न्यायालय O के O समक्ष O अपने O विचार O और O टिप्पणी O रखने O की O संभावना O होती O है O । O न्यायालय O के O समक्ष O भागीदारी O , O कार्यवाही O के O विभिन्न O चरणों O में O होती O है O और O यह O अलग O - O अलग O रूपों O में O हो O सकती O है O । O हालांकि O यह O न्यायाधीशों O पर O आधारित O होती O है O और O वे O समय O और O भागीदारी O के O तरीके O के O लिए O निर्देश O देते O हैं O । O रोम O संविधि O के O अनतर्गत O पीड़ित O - O आधारित O प्रावधानों O में O पीड़ितों O के O पास O यह O अवसर O होता O है O कि O वे O अपनी O बात O रख O सकते O हैं O और O जहां O उपयुक्त O हो O अपने O कष्ट O के O लिए O क्षतिपूर्ति O प्राप्त O कर O सकते O हैं O । O अनुच्छेद O 68 O पीड़ितों O और O गवाहों O की O सुरक्षा O और O कार्यवाही O में O उनकी O भागीदारी O के O लिए O नियमों O को O स्थापित O करता O है O । O रोम O संविधि O प्रावधानों O में O न्यायालय O की O कार्यवाही O के O सभी O चरणों O में O पीड़ितों O का O भाग O लेने O में O सक्षम O होना O शामिल O है O । O इसलिए O पीड़ित O , O प्री O - O ट्रायल O चैम्बर O के O समक्ष O निवेदन O दाखिल O कर O सकते O हैं O जब O अभियोजक O इसके O प्राधिकरण O की O जांच O करने O के O लिए O अनुरोध O करता O है O । O अदालत O की O क्षमता O या O मामलों O की O स्वीकार्यता O से O संबंधित O सभी O मामलों O पर O वे O निवेदन O दाखिल O कर O सकते O हैं O । O अतिसामान्य O रूप O से O कार्यवाही O या O अपील O चरण O के O दौरान O पीड़ित O , O पूर्व O परीक्षण O चरण O में O न्यायालय O कक्षों O के O सामने O निवेदन O दायर O करने O के O हकदार O होते O हैं O । O अदालत O के O सामने O कार्यवाही O में O पीड़ित O की O भागीदारी O के O लिए O कार्यवाही O और O सबूत O के O नियम O में O समय O निर्धारित O होता O है O । O यदि O वह O चैम्बर O उस O व्यक्ति O को O पीड़ित O नहीं O मानता O है O तो O वह O आवेदन O को O अस्वीकार O कर O सकता O है O । O वे O व्यक्ति O जो O अदालत O की O कार्यवाही O में O भाग O लेने O के O लिए O आवेदन O पत्र O देना O चाहते O हैं O , O उसके O लिए O उन्हें O यह O प्रमाण O देना O पड़ेगा O कि O वे O उन O अपराधों O से O पीड़ित O हैं O जो O कि O जारी O कार्यवाही O में O न्यायालय O की O क्षमता O के O अंतर्गत O आते O हैं O । O कुशल O कार्यवाही O सुनिश्चित O करने O के O लिए O विशेषकर O ऐसे O मामलों O में O जिनमें O कई O पीड़ित O होते O हैं O , O सम्बंधित O चैंबर O , O पीड़ितों O से O साझा O कानूनी O प्रतिनिधि O चुनने O के O लिए O मांग O कर O सकते O हैं O । O पीड़ितों O की O भागीदारी O और O हर्जाने O की O धारा O उनके O न्यायालय O में O कानूनी O प्रतिनिधित्व O के O संगठन O के O साथ O पीड़ितों O की O सहायता O के O लिए O जिम्मेदार O है O । O निवेदन O दाखिला O करने O और O सुनवाई O में O भाग O लेने O के O द्वारा O वकील O , O न्यायालय O की O कार्यवाही O में O भाग O ले O सकते O हैं O । O रजिस्ट्री O और O इसके O अंतर्गत O पीड़ित O भागीदारी O और O हानिपूर्ति O प्रभाग O का O यह O दायित्व O होता O है O कि O वे O पीड़ितों O को O कार्यवाही O की O प्रगति O के O बारे O में O संपूर्ण O रूप O से O जानकारी O दें O । O इस O प्रकार O , O यह O निर्धारित O किया O जाता O है O कि O प्रभाग O , O उन O पीड़ितों O को O सूचित O करे O , O जो O किसी O मामले O या O स्थिति O में O न्यायालय O के O संपर्क O में O होते O हैं O , O अभियोजक O द्वारा O किसी O भी O फैसले O का O जांच O के O दौरान O खुलासा O नहीं O किया O जाता O है O या O अभियोजन O शुरू O नहीं O किया O जाता O , O ताकि O ये O पीड़ित O पूर्व O जांच O चैंबर O के O समक्ष O निवेदन O दाखिल O कर O सकें O जो O कि O संविधि O के O नियमों O के O तहत O अभियोजक O द्वारा O लिए O गए O फैसले O के O निरीक्षण O के O लिए O जिम्मेदार O होता O है O । O समान O अधिसूचना O की O आवश्यकता O प्री O - O ट्रायल O चैंबर O में O सुनवाई O की O पुष्टि O होने O से O पहले O होती O है O ताकि O पीड़ित O को O सभी O आवश्यक O निवेदन O दाखिल O करने O की O अनुमति O दी O जा O सके O । O न्यायालय O द्वारा O लिए O गए O सभी O निर्णयों O को O कार्यवाही O में O भाग O लेने O वाले O पीड़ितों O या O उनके O वकील O को O सूचित O किया O जाता O है O । O पीड़ित O भागीदारी O और O हानिपूर्ति O प्रभाग O में O अदालत O के O सामने O कार्यवाही O के O सभी O उचित O प्रचार O के O प्रत्येक O संभव O प्रयोग O के O लिए O विस्तृत O विशेषाधिकार O होता O है O ( O स्थानीय O मीडिया O , O सहयोग O के O लिए O सरकार O को O भेजे O गए O अनुरोध O , O गैर O सरकारी O संगठनों O या O अन्य O साधनों O से O सहायता O का O अनुरोध O ) O . O अनुच्छेद O 75 O के O अनुसार O अदालत O पीड़ितों O की O क्षतिपूर्ति O के O लिए O सिद्धांतों O को O निर्धारित O कर O सकती O है O , O जिसमें O बहाली O , O क्षतिपूर्ति O और O पुनर्वास O शामिल O हो O सकते O हैं O । O यह O हर्जाना O बहाली O , O क्षतिपूर्ति O , O या O पुनर्वास O के O रूप O में O भी O हो O सकता O है O । O पीड़ित O भागीदारी O और O हर्जाना O प्रभाग O ने O पीड़ितों O के O लिए O इसे O आसान O करने O के O लिए O मानक O प्रारूप O तैयार O किए O हैं O । O वे O अभियोजित O व्यक्ति O से O जब्त O संपत्ति O को O पाने O के O उद्देश्य O से O सुरक्षा O उपायों O के O लिए O भी O आवेदन O दे O सकते O हैं O । O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O कई O नई O पहल O हमेशा O यह O उम्मीद O जताई O कि O स्वास्थ्य O के O लिए O कम O से O कम O इस O बार O के O बजट O में O आवंटन O बढ़ेगा O लेकिन O अफसोस O ही O हाथ O लगा O , O चूंकि O सालों O - O साल O बजट O में O ऐसा O नहीं O हुआ O । O आखिरी O बार O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O खुशी O की O लहर O तब O दौड़ी O थी O , O जब O राष्ट्रीय O ग्रामीण O स्वास्थ्य O मिशन O ( O एनआरएचएम O ) O की O घोषणा O हुई O । O इसके O बाद O श्रम O मंत्रालय O के O अंतर्गत O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O बीमा O योजना O ( O आरएसबीवाई O ) O शुरू O की O गई O । O स्वास्थ्य O क्षेत्र O बजट O में O हमेशा O हाशिए O पर O पड़ा O रहा O । O इससे O न O केवल O स्वास्थ्य O क्षेत्र O से O जुड़े O लोग O प्रसन्न O हैं O बल्कि O मीडिया O और O आम O लोगों O में O भी O उत्साह O है O । O दूसरी O योजना O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O संरक्षण O योजना O ( O एनएचपीएस O ) O है O । O सीपीएचसी O एनआरएचएम O द्वारा O निर्मित O प्लेटफॉर्म O पर O आधारित O है O जिसका O उद्देश्य O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O की O उपलब्धता O को O मजबूत O करना O है O । O जबकि O एनआरएचएम O मातृत्व O एवं O बाल O स्वास्थ्य O सेवाओं O पर O केंद्रित O है O । O इसके O लिए O सेवाओं O का O विस्तार O उन O क्षेत्रों O में O किया O जाना O चाहिए O जिन O पर O अब O तक O ध्यान O नहीं O दिया O गया O । O जैसे O गैर O संचारी O रोग O ( O एनसीडिजीज़ O ) O और O मानसिक O स्वास्थ्य O विकार O । O अंततः O एनएचएम O को O न O केवल O समुदाय O में O स्वास्थ्य O देखभाल O को O बढ़ावा O देना O होगा O , O बल्कि O मातृत्व O एवं O बाल O स्वास्थ्य O , O संचारी O और O गैर O संचारी O रोगों O से O संबंधित O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O का O एकीकृत O मंच O बनना O होगा O । O आम O लोगों O को O निरंतर O सेवाएं O उपलब्ध O होती O रहें O , O इसके O लिए O प्राथमिक O स्तर O की O स्वास्थ्य O सेवाओं O द्वारा O पुरानी O बीमारियों O का O अनुगमन O ( O फॉलोअप O ) O किया O जा O रहा O है O । O प्राथमिक O स्तर O पर O ऐसे O रेफरल O और O रिटर्न O लिंक O भी O तैयार O किए O गए O हैं O , O जो O मरीजों O को O द्वितीयक O एवं O तृतीयक O स्तर O की O उन्नत O देखभाल O के O लिए O भेज O सकें O । O प्रौद्योगिकी O वित्तीय O समावेशन O और O स्वास्थ्य O सेवा O जैसे O महत्वपूर्ण O सामाजिक O - O आर्थिक O क्षेत्रों O में O समस्याओं O के O समाधान O की O अपनी O क्षमता O तेजी O से O प्रदर्शित O कर O रही O है O । O भारतीय O नीति O निर्माताओं O के O लिये O यह O महत्वपूर्ण O है O कि O वे O सबसे O निचले O स्तर O पर O प्रौद्योगिकी O को O अपनाये O जाने O की O प्रक्रिया O को O सुगम O और O तेज O बनायें O । O इसका O सबसे O बड़ा O मकसद O प्रौद्योगिकी O को O समावेशी O , O किफायती O , O परिवर्तनकारी O और O सबके O लिये O सुलभ O बनाना O है O । O कम O समृद्धि O वाले O राज्य O ज्यादा O समृद्ध O राज्यों O से O बराबरी O के O लिये O तेजी O से O आगे O बढ़ O रहे O हैं O । O प्रधानमंत्री O जन O धन O योजना O ( O पीएमजेडीवाई O ) O के O परिणामस्वरूप O इसमें O ज़बरदस्त O वृद्धि O हुई O है O । O वित्तीय O समावेशन O के O साथ O ही O वित्त O प्रौद्योगिकी O - O फाइनांशियल O टेक्नोलॉजी O ( O फिनटेक O ) O का O विस्तार O हो O रहा O है O । O फिनटेक O ने O भुगतान O और O लेन O - O देन O के O विभिन्न O प्रकार O के O नये O विकल्प O मुहैया O कराये O हैं O । O अब O इन O चैनलों O का O इस्तेमाल O औपचारिक O ऋण O को O ज्यादा O सुलभ O बनाने O के O लिये O भी O किया O जा O रहा O है O ताकि O कर्ज O लेना O अधिक O आसान O और O किफायती O हो O । O बढ़ती O हुई O मांग O को O पूरा O करने O के O लिये O वित्तीय O सेवाओं O की O आपूर्ति O मजबूत O करना O इस O क्षेत्र O में O सबसे O बड़ी O चुनौती O है O । O समुचित O अवसंरचना O का O अभाव O और O उच्च O संचालन O खर्च O आखिरी O छोर O तक O पहुंचने O की O सरकार O की O कोशिशों O में O बाधक O रहा O है O जिससे O बड़ी O संख्या O में O ग्रामीण O परिवार O पीछे O छूट O गये O हैं O । O बुद्धिमत्ता O लोगों O को O इस O बात O के O लिए O सक्षम O बनाती O है O कि O वे O धरती O को O ध्यान O में O रखते O हुए O विकास O और O वैज्ञानिक O खोजों O के O परस्पर O विरोधी O दावों O के O संतुलन O के O संदर्भ O में O चुनौतियों O का O सामना O कर O सकें O । O इंसान O पर्यावरण O को O बर्बाद O कर O सकता O है O , O साथ O ही O साथ O अपनी O संकीर्ण O इच्छाओं O से O ऊपर O उठ O कर O , O तकनीकी O का O प्रयोग O कर O , O पौधों O और O विभिन्न O प्रजातियों O के O विनाश O की O प्रक्रिया O को O पलट O सकता O है O , O तथा O कार्बन O के O उत्सर्जन O को O भी O कम O कर O सकता O है O । O वर्तमान O परिस्थिति O में O अगर O हम O अपनी O बुद्धिमत्ता O का O सही O प्रयोग O नहीं O करते O हैं O तो O प्रकृति O का O नुकसान O होगा O और O आने O वाली O पीढ़ी O हमारी O असफलता O के O लिए O हमें O दोष O देगी O । O हमें O वैदिक O नीतिवचन O " O माता O भूमि: O पुत्रो O अहं O पृथिव्या: O " O ( O पृथ्वी O हमारी O माता O और O हम O उसकी O संतान O हैं O ) O को O अपने O दिमाग O में O रखना O पड़ेगा O । O समझौते O में O यह O स्वीकार O किया O गया O कि O वर्तमान O समय O में O ग्रीनहाऊस O गैस O की O समस्या O का O सबसे O बड़ा O कारण O औद्योगिक O क्रांति O और O कोयला O और O पेट्रोलियम O में O लगी O आग O है O । O आगे O की O राह O इसने O यह O स्पष्ट O कर O दिया O कि O हम O सभी O एक O दूसरे O पर O आश्रित O हैं O और O हमें O आर्थिक O लाभ O के O साथ O ही O साथ O विज्ञान O के O नतीजों O पर O भी O साथ O मिलकर O काम O करना O होगा O , O धर्म O , O सम्प्रदाय O आर्थिक O और O सांस्कृतिक O मतभेद O के O बिना O । O हमें O प्रकृति O के O लिए O आशा O , O हिम्मत O और O आदर O उत्पन्न O करना O होगा O । O हमें O विज्ञान O और O इंसानी O सूझबूझ O का O प्रयोग O दृढ़ O संकल्प O के O साथ O करना O होगा O ताकि O वर्तमान O में O फैली O मायूसी O से O उबरा O जा O सके O । O अगर O विज्ञान O , O आध्यात्मिकता O और O बुद्धिमत्ता O हाथ O से O हाथ O मिला O कर O चलें O तो O इस O पृथ्वी O पर O बेहतर O दुनिया O का O निर्माण O किया O जा O सकता O है O । O अब O यह O अनिवार्य O आवश्यकता O हो O गई O है O कि O पारिस्थितिकीय O सभ्यता O के O निर्माण O की O दिशा O में O काम O हो O जो O प्रकृति O के O साथ O सौहार्द O के O साथ O जीने O के O तरीकों O की O रूपरेखा O भी O हो O । O कोविड O - O 19 O ने O ना O सिर्फ O आधारभूत O चिकित्सा O सेवा O की O कमी O को O उजागर O किया O है O बल्कि O इसने O पारिस्थितिकी O को O हुए O नुकसान O को O भी O बताया O है O । O चलिए O सब O साथ O मिलकर O ऐसी O बुद्धिमत्ता O विकसित O करते O हैं O जो O युवा O वर्ग O को O ना O सिर्फ O अपने O बारे O में O बल्कि O एक O - O दूसरे O के O बारे O में O सोचने O के O लिए O तैयार O करे O । O ऐसे O वातावरण O का O निर्माण O करें O जिसमें O नैतिक O मूल्यों O जैसे O ईमानदारी O , O परिश्रम O , O उत्तरदायित्व O , O और O हमारे O कार्यों O का O प्रभुत्व O हो O । O चलिये O ऐसे O विश्व O के O निर्माण O की O ओर O बढ़ते O हैं O , O जिसमें O सभी O को O शिक्षा O का O अवसर O मिले O और O सभी O लोग O पर्यावरण O संरक्षण O के O प्रति O जागरूक O हों O और O भविष्य O में O होनेवाली O महामारियों O को O हरा O सकें O । O यह O सब O तभी O संभव O है O जब O हम O साथ O मिलकर O काम O करें O । O यह O प्रगट O करता O है O - O एकम O सत O विप्रा O बहुधा O वर्दोति O । O यह O विभिन्न O धर्मों O , O संस्कृतियों O के O बीच O बातचीत O का O अवसर O तथा O जीने O का O मार्ग O भी O प्रदान O करता O है O । O यह O जीवन O और O प्रकृति O की O विविधता O और O इसके O सामंजस्य O के O प्रति O श्रद्धा O उत्पन्न O करती O है O । O मैंने O यह O पाया O है O कि O धर्म O और O आध्यात्मिक O मूल्य O में O इतनी O क्षमता O है O कि O वे O सामाजिक O एकजुटता O में O विश्वास O बनाने O में O बड़ी O भूमिका O निभा O सकते O हैं O । O हमें O वर्तमान O की O अनिश्चितता O से O हटकर O पारिस्थितिकी O संस्कृति O के O निर्माण O तथा O शांतिपूर्ण O जीवन O तथा O समावेशी O विकास O और O प्रकृति O के O सम्मान O की O ओर O आगे O बढ़ना O होगा O । O और O यह O तेजी O से O प्रासंगिक O हो O गया O है O क्योंकि O हमारे O संबंध O का O दायरा O और O तीव्रता O लगातार O बढ़ O रहे O हैं O । O हम O वास्तव O में O इस O बात O पर O जोर O दे O सकते O हैं O कि O वस्तुतः O ऐसा O कोई O क्षेत्र O नहीं O है O जिस O पर O हम O एक O - O दूसरे O के O साथ O सहयोग O नहीं O कर O रहे O हैं O । O हमारे O अवसरों O और O चुनौतियों O की O प्रकृति O ऐसी O है O कि O उन्हें O आपसी O संवाद O के O माध्यम O से O अधिक O प्रभावी O ढंग O से O संबोधित O किया O जाता O है O । O इसी O तरह O रक्षा O मंत्री O भी O उस O क्षेत्र O में O परिवर्तन O पर O प्रकाश O डालेंगे O । O हमारा O सहयोग O अपने O द्विपक्षीय O दायरे O से O काफी O आगे O बढ़ O गया O है O और O अब O वैश्विक O मुद्दों O पर O भी O इसका O प्रभाव O दिखाई O दे O रहा O है O । O इस O संबंध O में O हमारी O उपलब्धियों O की O गूँज O व्यापक O है O । O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O इस O प्रक्रिया O में O अनेक O पक्ष O शामिल O रहते O हैं O । O लेकिन O इन O नीतियों O पर O अमल O कमजोर O रहा O है O । O खराब O कार्य O स्थितियों O में O काम O करने O वाला O यह O क्षेत्र O विखंडन O और O रिसाइक्लिंग O के O लिये O अपरिष्कृत O तकनीकों O पर O निर्भर O है O । O उपयोगिता O पूरी O कर O चुके O कंप्यूटर O और O मोबाइल O फोन O जैसे O इलेक्ट्रॉनिक O उत्पादों O से O पैदा O होने O वाले O कचरे O को O ई O - O कबाड़ O कहते O हैं O । O इस O तरह O का O कबाड़ O वर्तमान O में O दुनिया O में O सबसे O तेजी O से O बढ़ O रहा O कचरा O है O । O लेकिन O इस O पर O अमल O की O रफ्तार O संतोषजनक O नहीं O है O । O बाकी O ई O - O कबाड़ O का O निस्तारण O अनौपचारिक O क्षेत्र O के O हवाले O है O । O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O को O मांग O और O आपूर्ति O , O दोनों O से O संबंधित O कारक O प्रभावित O करते O हैं O और O इसके O गहराई O से O विश्लेषण O की O जरूरत O है O । O इस O आलेख O में O (( O भारत - में O रिसाइक्लिंग O क्षमता O को O बाजार O आधारित O प्रणालियों O के O जरिये O सुधारने O से O संबंधित O महत्वपूर्ण O नीतिगत O उपायों O की O रूपरेखा O प्रस्तुत O करने O की O कोशिश O की O गयी O है O । O ई O - O कबाड़ O मूल्य O श्रृंखला O : O इस O प्रक्रिया O में O अनेक O पक्ष O शामिल O रहते O हैं O । O मूल्य O श्रृंखला O के O महत्वपूर्ण O हितधारकों O में O आयातक O , O उत्पादक O या O निर्माता O , O खुदरा O कारोबारी O , O उपभोक्ता O , O व्यापारी O , O कबाड़ी O , O विखंडनकर्ता O और O रीसाइकिल O कर्ता O शामिल O हैं O ( O यूएनईपी O , O 2007 O ) O । O खुदरा O कारोबारी O और O उपभोक्ता O में O व्यक्ति O , O व्यवसायी O , O सरकार O और O अन्य O शामिल O हैं O । O प्रसंस्करण O के O विभिन्न O चरणों O में O इनमें O से O हरेक O के O गहराई O से O आकलन O के O लिये O ई O - O कबाड़ O मूल्य O श्रृंखला O को O समझना O अहम O है O । O ई O - O कबाड़ O तब O पैदा O होता O है O जब O किसी O उत्पाद O का O उपयोगकर्ता O यह O तय O करे O कि O इस O सामान O का O अब O उसके O लिये O कोई O इस्तेमाल O नहीं O रह O गया O । O इस O उत्पाद O का O फिर O उपयोग O करने O का O कोई O इरादा O नहीं O रहने O के O कारण O वह O इसे O दान O में O देता O या O बेचता O है O । O औपचारिक O संग्रह O : O राष्ट्रीय O ई O - O कबाड़ O कानून O के O तहत O इलेक्ट्रॉनिक O वस्तुओं O का O प्रबंधन O औपचारिक O संग्रह O के O जरिये O किया O जाना O चाहिये O । O इस O तरह O के O संग्रह O में O ई O - O कबाड़ O को O संबंधित O संगठन O , O उत्पादक O और O सरकार O ( O मसलन O , O नगरपालिकाओं O के O संग्रह O केन्द्र O ) O एकत्र O करते O हैं O । O इसके O अलावा O खुदरा O व्यापारी O और O उत्पादक O भी O उपयोग O किये O गये O सामान O को O वापस O ले O सकते O हैं O । O इस O तरह O एकत्र O ई O - O कबाड़ O को O विशेष O प्रसंस्करण O केन्द्र O में O ले O जाया O जाता O है O । O वहां O इस O कबाड़ O से O कीमती O सामग्री O को O निकाले O जाने O के O बाद O जहरीले O पदार्थों O का O प्रबंधन O पर्यावरण O के O लिहाज O से O नियंत्रित O ढंग O से O किया O जाता O है O । O इसके O बाद O बाकी O बची O सामग्री O को O जलाया O या O सुरक्षित O ढंग O से O जमीन O में O दफना O दिया O जाता O है O । O कूड़ेदान O के O जरिये O संग्रह O : O उपयोगकर्ता O अक्सर O इलेक्ट्रॉनिक O सामान O की O उपयोगिता O खत्म O हो O जाने O के O बाद O उसे O घर O के O बाकी O कचरे O के O साथ O कूड़ेदान O में O डाल O देता O है O । O आम O तौर O पर O इस O तरह O के O कचरे O का O पृथकीकरण O नहीं O किया O जाता O है O । O इसलिये O ई O - O कबाड़ O भी O अन्य O घरेलू O कचरे O की O तरह O ही O जला O या O जमीन O में O दबा O दिया O जाता O है O । O इसके O परिणामस्वरूप O संसाधन O के O मूल्य O का O नुकसान O होने O के O साथ O ही O पर्यावरण O को O भी O क्षति O पहुंचती O है O । O अनौपचारिक O संग्रह O : O वे O विभिन्न O माध्यमों O से O ई O - O कबाड़ O को O एकत्र O कर O उसका O व्यापार O करते O हैं O । O ऐसी O व्यवस्था O में O ई O - O कबाड़ O से O धातु O की O रिसाइक्लिंग O संभव O है O । O इसके O अलावा O घरों O से O ई O - O कबाड़ O को O एकत्र O कर O इसे O अनौपचारिक O कारोबारियों O को O बेचा O जाता O है O । O उत्तर O - O सार्स O - O कोव O - O 2 O वायरस O को O आमतौर O पर O कोविड O - O 19 O वायरस O के O रूप O में O जाना O जाता O है O । O इस O वायरस O ने O विश्व O स्तर O पर O अभूतपूर्व O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O चुनौतियां O पैदा O की O हैं O । O इस O वायरस O के O प्रसार O और O विकास O तथा O इसके O म्यूटेशनों O एवं O परिणामी O रूपों O ( O वैरिएंट्स O ) O को O अच्छी O तरह O से O समझने O के O लिए O इसके O म्यूटेशनों O और O परिणामी O वेरिएंट O की O गहराई O से O सीक्वेंसिंग O करने O तथा O जीनोमिक O डेटा O का O गहन O विश्लेषण O करने O की O जरूरत O अनुभव O की O गई O । O * O देश O में O वेरिएंट O ऑफ O इंटरेस्ट O ( O वीओआई O ) O और O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O ( O वीओसी O ) O की O स्थिति O का O पता O लगाना O । O * O जीनोमिक O वेरिएंट O का O जल्दी O पता O लगाने O के O लिए O प्रहरी O निगरानी O और O बढ़ोतरी O निगरानी O तंत्र O स्थापित O करना O और O प्रभावी O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O प्रतिक्रिया O तैयार O करने O में O सहायता O करना O । O * O बहुत O तेजी O से O संक्रमण O की O घटनाओं O के O दौरान O लिए O गए O नमूनों O और O बढ़ते O मामलों O और O मृत्यु O के O रुझान O की O रिपोर्ट O करने O वाले O क्षेत्रों O में O जीनोमिक O वेरिएंट O की O उपस्थिति O का O निर्धारण O करना O । O अपने O राज्यों O में O अचानक O मामले O बढ़ने O की O रिपोर्ट O करने O वाले O राज्यों O से O प्राप्त O आरटीपीसीआर O पॉजीटिव O नमूनों O की O सीक्वेंसिंग O को O प्राथमिकता O दी O गई O । O इस O रणनीति O के O तहत O किसी O क्षेत्र O के O भौगोलिक O प्रसार O का O पर्याप्त O रूप O से O प्रतिनिधित्व O करने O के O लिए O अनेक O प्रहरी O स्थलों O की O पहचान O की O जाती O है O और O आरटीपीसीआर O संक्रमित O नमूनों O को O पूरी O जीनोम O सीक्वेंसिंग O के O लिए O प्रत्येक O प्रहरी O स्थल O से O भेजा O जाता O है O । O प्रहरी O निगरानी O ( O सभी O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O लिए O ) O : O यह O पूरे O देश O में O चल O रही O निगरानी O गतिविधि O है O । O प्रत्येक O राज्य O / O केंद्र O शासित O प्रदेश O ने O प्रहरी O स्थलों O ( O आरटीपीसीआर O प्रयोगशालाओं O और O तृतीयक O स्वास्थ्य O देखभाल O सुविधाओं O सहित O ) O की O पहचान O की O है O , O जहाँ O से O आरटीपीसीआर O संक्रमित O नमूनों O को O पूरी O जीनोम O सीक्वेंसिंग O के O लिए O भेजा O जाता O है O । O सतत O जल O सरंक्षण O की O ओर O अटल O भूजल O योजना O की O शुरुआत O - O * O भागीदारी O से O भूजल O प्रबंधन O को O बढ़ावा O मिलेगा O और O किसानों O की O आमदनी O बढ़ेगी O । O तीव्र O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O और O जल O संरक्षण O के O लिए O एकीकृत O जल O प्रबंधन O “ O .....जल O .....जल O .....जल O .....जल O .....जल O संचय O हो O , O जल O सिंचन O हो O , O वर्षा O के O बूंद O - O बूंद O पानी O को O रोकने O का O काम O हो O , O समुद्री O पानी O का O वेस्ट O वाटर O का O ट्रीटमेंट O करने O का O विषय O हो O , O किसानों O के O लिए O ' O पर O ड्रॉप O , O मोर O क्रॉप O ' O , O माइक्रो O इरीगेशन O का O काम O हो O , O पानी O बचाने O का O अभियान O हो O , O पानी O के O प्रति O सामान्य O से O सामान्य O नागरिक O सजग O बने O , O संवेदनशील O बने O , O पानी O का O महत्व O समझे O , O हमारे O शिक्षा O कर्मों O में O भी O बच्चों O को O भी O बचपन O से O ही O पानी O के O महत्व O की O शिक्षा O दी O जाए O । O अब O हम O ज्यादा O इंतजार O नहीं O कर O सकते..... O ' O ' O भरत O लाल O , O लेखक O अतिरिक्त O सचिव O और O मिशन O निदेशक O , O राष्ट्रीय O जल O जीवन O मिशन O हैं O । O यहां O तक O कि O राज्य O में O पानी O के O वितरण O में O काफी O असमानता O भी O है O । O मवेशियों O के O लिए O स्वच्छ O पानी O की O पर्याप्त O और O सुनिश्चित O उपलब्धता O सुनिश्चित O करना O उत्पादकता O के O लिए O आवश्यक O है O । O कैच O अभियान O देश O भर O में O वर्षा O जल O संचयन O तकनीकों O को O नियोजित O करके O उपलब्ध O भूजल O के O उपयोग O को O वर्षा O जल O से O प्रतिस्थापित O करने O का O प्रयास O है O । O इसमें O चेक O डैम O , O जल O संचयन O गड्ढे O और O छत O पर O वर्षा O जल O संचयन O संरचनाएं O आदि O बनाना O शामिल O है O । O इस O अभियान O के O तहत O कुओं O की O मरम्मत O और O निष्क्रिय O बोर O - O वैल O तथा O अप्रयुक्त O कुओं O का O उपयोग O कर O उन्हें O फिर O से O जलभर O बनाने O का O प्रयास O करना O है O । O बढ़ती O वैश्विक O आबादी O , O तेजी O से O बढ़ते O शहरी O क्षेत्रों O , O निरंतर O जैव O ऊर्जा O की O मांग O और O जलवायु O परिवर्तन O के O साथ O आसनन्न O जल O संकट O दुनिया O की O वास्तविकता O है O । O किसी O भी O देश O में O पानी O की O कमी O के O प्राथमिक O कारणों O में O से O , O जनसंख्या O और O जलवायु O परिवर्तन O के O मुद्दों O को O वैश्विक O सहयोग O के O माध्यम O से O हल O किया O जा O सकता O है O , O लेकिन O शहरीकरण O या O ऊर्जा O की O मांग O को O रोकना O शायद O ही O संभव O है O , O क्योंकि O ये O विकास O के O उप O - O उत्पाद O हैं O । O प्रधानमंत्री O का O नवीनतम O अभियान O कैच O देश O देश O भर O में O वर्षा O जल O संचयन O तकनीकों O को O नियोजित O करके O उपलब्ध O भूजल O के O उपयोग O को O वर्षा O जल O से O प्रतिस्थापित O करने O का O प्रयास O है O । O उन्होंने O ठीक O ही O मेक O इन O इंडिया O मिशन O का O लक्ष्य O रखते O हुए O कृषि O व O ओद्योगिक O क्षेत्र O में O वांछनीय O संवृद्धि O के O परिणाम O वाले O प्रावधान O बनाए O हैं O । O राजकोषीय O घाटे O को O रोके O रखने O के O सतत O प्रयासों O के O परिणामस्वरूप O गत O वर्ष O भारत O की O सॉवरेन O रेटिंग O में O सुधार O हुआ O । O किसानों O , O निर्धनों O व O समाज O के O अन्य O जरूरतमंद O तबकों O तक O संरचनागत O बदलावों O संवृद्धि O के O लाभों O को O पहुंचाने O व O वंचित O तबके O के O उत्थान O हेतु O बनाए O गए O विभिन्न O कार्यक्रमों O के O प्रस्ताव O सराहनीय O हैं O । O कृषि O व O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O विगत O में O सरकारों O ने O कृषि O व O ग्रामीण O विकास O पर O जोर O देने O का O प्रयास O किया O है O फिर O भी O कृषि O पर O निर्भर O व O गांवों O में O बसने O वाले O लोग O अब O भी O निर्धनता O , O सुविधाओं O की O कमी O से O जूझ O रहे O हैं O और O उपयुक्त O स्वास्थ्य O व O शैक्षिक O सुविधाओं O के O साथ O ग्रामीण O व O सामाजिक O आधारभूत O संरचना O के O संबंध O में O विशेष O ध्यान O दिए O जाने O की O जरूरत O है O । O वित्त O मंत्री O ने O कृषि O व O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O सही O ही O ध्यान O दिया O है O । O इसके O लिए O जरूरी O है O कि O किसानों O को O उनके O उत्पाद O का O सही O दाम O मिले O । O बाजारों O तक O पहुंच O को O मजबूत O किए O जाने O की O भी O जरूरत O है O । O कृषि O ऋण O किसानों O को O उनके O कृषि O संबंधी O कार्यों O व O उत्पादकता O को O बढ़ाने O में O मददगार O है O क्योंकि O अधिकांश O किसान O निर्धन O व O सीमांत O हैं O । O हालांकि O कोशिश O की O जानी O चाहिए O कि O लक्ष्य O किसानों O को O ही O ऋण O देने O का O रखा O जाए O । O उक्त O प्रस्तावों O के O क्रम O में O , O वित्त O मंत्री O ने O संबद्ध O क्षेत्रों O मसलन O मत्स्य O पालन O व O पशुपालन O हेतु O किसान O क्रेडिट O सुविधाएं O प्रदान O की O हैं O । O इन O निधियों O के O उपयोग O से O इन O क्षेत्रों O से O जुड़े O लोगों O को O मदद O मिलेगी O और O उनकी O आय O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O किसानों O को O उनके O खेत O में O सिंचाई O हेतु O सौर O वाटर O पंप O लगाने O के O लिए O समर्थ O बनाने O का O बजट O प्रावधान O सराहनीय O है O । O मत्स्यपालन O व O पशुपालन O करने O वाले O किसानों O को O किसान O क्रेडिट O कार्ड O प्रदान O करने O के O लिए O बजट O प्रस्ताव O से O उन्हें O उनके O कार्यशील O पूंजी O अपेक्षाओं O को O पूरा O करने O व O उनकी O आय O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O वित्त O मंत्री O ने O विभिन्न O योजनाओं O के O आवंटन O के O जरिए O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O में O गरीबी O के O उन्मूलन O हेतु O गंभीर O प्रयास O किए O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O जोर O देकर O कहा O कि O जल O सुरक्षा O और O प्रभावी O जल O प्रबंधन O के O बिना O तेजी O से O विकास O संभव O नहीं O है O । O उन्होंने O कहा O कि O देश O की O वर्तमान O पीढ़ी O की O जिम्मेदारी O आने O वाली O पीढ़ियों O के O लिए O अपनी O जिम्मेदारी O को O निभाना O है O । O उन्होंने O जोर O देकर O कहा O कि O सरकार O ने O अपनी O नीतियों O और O फैसलों O में O जल O प्रशासन O को O प्राथमिकता O दी O है O । O उन्होंने O प्रधानमंत्री O कृषि O सिंचाई O योजना O , O हर O खेत O को O पानी O अभियान O , O प्रति O बूंद O अधिक O फसल O अभियान O और O नमामि O गंगे O मिशन O , O जल O जीवन O मिशन O या O अटल O भूजल O योजना O के O बारे O में O बात O की O । O उन्होंने O कहा O कि O इन O सभी O योजनाओं O पर O तेजी O से O काम O किया O जा O रहा O है O । O इसलिए O , O ' O कैच O द O रेन O ' O जैसे O अभियानों O की O सफलता O बहुत O महत्वपूर्ण O है O । O उन्होंने O कहा O कि O जन O भागीदारी O और O स्थानीय O शासन O मॉडल O जल O जीवन O मिशन O के O मूल O में O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O टिप्पणी O की O कि O आजादी O के O बाद O पहली O बार O कोई O सरकार O पानी O की O जांच O को O लेकर O इतनी O गंभीरता O से O काम O कर O रही O है O । O उन्होंने O बताया O कि O पानी O की O जांच O के O इस O अभियान O में O ग्रामीण O बहन O - O बेटियों O को O हिस्सेदार O बनाया O गया O है O । O प्रधानमंत्री O ने O अंत O में O कहा O कि O जल O प्रशासन O में O महिलाओं O की O बढ़ती O भागीदारी O के O साथ O बेहतर O परिणाम O मिलना O निश्चित O है O । O समझौता O ज्ञापन O पर O हस्ताक्षर O करने O से O देश O की O पहली O नदी O परियोजना O को O जोड़ने O का O मार्ग O प्रशस्त O होगा O । O यह O समझौता O अन्य O राज्यों O के O लिए O सहकारी O संघवाद O के O सिद्धांतों O का O पालन O करने O और O उन्हें O बरकरार O रखने O के O लिए O सही O मायने O में O अनुकरणीय O है O । O उन्होंने O कहा O कि O केन्द्र O सरकार O द्वारा O उठाए O जा O रहे O ये O सभी O उपाय O देश O में O एकीकृत O जल O प्रबंधन O के O लिए O गंभीरता O को O दर्शाते O हैं O । O भारतीय O संघवाद O की O व्यवस्था O राजकोषीय O संघवाद O का O क्रमिक O विकास O “ O राजकोषीय O संघवाद O ' O का O आशय O देश O की O केंद्र O सरकार O तथा O सरकार O की O अन्य O इकाइयों O के O बीच O वित्तीय O संबंधों O से O है O । O यह O दर्शाता O है O कि O व्यय O और O राजस्व O को O सरकारी O प्रशासन O के O विभिन्न O स्तरों O में O किस O तरह O आवंटित O किया O जाता O है O । O राजकोषीय O संघवाद O लोगों O को O सबसे O अधिक O पसंद O आने O वाली O जन O सेवाएं O बड़े O स्तर O पर O देकर O लागत O कम O रखने O में O सरकार O की O मदद O करता O है O । O उस O समय O लेखा O की O कोई O मानक O व्यवस्था O नहीं O थी O और O न O ही O वार्षिक O बजट O होता O था O । O वित्त O पर O पूरा O अधिकार O केंद्र O सरकार O का O ही O होता O था O और O स्थानीय O सरकारों O की O मांग O पूरी O करने O के O लिए O वह O अपनी O मर्जी O से O वित्तीय O अनुदान O देती O थी O । O स्थानीय O सरकारें O केंद्र O सरकार O की O एजेंट O के O रूप O में O राजस्व O इकट्ठा O करती O थीं O , O जिस O कारण O संग्रह O के O परिणाम O से O उनका O सीधा O लेना O - O देना O नहीं O था O । O पहली O श्रेणी O महारानी O द्वारा O नियुक्त O सभासदों O या O काउंसिलर O के O हाथ O में O थी O । O साथ O ही O , O इसमें O घरेलू O , O स्थानीय O और O क्षेत्रीय O भाषाओं O को O बढ़ावा O देने O की O बात O कही O गई O है O , O क्योंकि O बच्चे O अपनी O घरेलू O भाषा O / O मातृभाषा O में O ज़्यादा O बेहतर O तरीके O से O विषय O वस्तु O को O समझ O सकेंगे O । O शिक्षा O नीति O में O पाठ्य O पुस्तकों O और O प्रेरक O किताबों O को O स्थानीय O भाषाओं O में O पेश O करने O की O भी O बात O कही O गई O है O , O ताकि O बहुभाषावाद O के O फॉर्मूले O को O बढ़ावा O दिया O जा O सके O । O समावेशन O : O शिक्षा O नीति O में O खास O तौर O पर O कहा O गया O है O कि O आर्थिक O रूप O से O कमज़ोर O परिवारों O को O छोटे O बच्चों O की O शिक्षा O का O सबसे O ज़्यादा O लाभ O मिलता O है O । O * O इससे O जाति O , O नस्ल O और O धर्म O के O आधार O पर O सामाजिक O - O सांस्कृतिक O समूहों O के O बीच O मौजूद O असमानताओं O की O तरफ O ध्यान O आकर्षित O करने O में O मदद O मिलती O है O । O * O कई O इलाकों O में O अनुसूचित O जनजाति O समुदाय O के O बच्चे O सांस्कृतिक O और O अकादमिक O तौर O पर O खुद O को O अलग O - O थलग O महसूस O करते O हैं O । O * O लिहाज़ा O इन O इलाकों O को O विशेष O शिक्षा O क्षेत्र O घोषित O करना O चाहिए O , O जहां O सभी O योजनाओं O और O नीतियों O को O इस O तरह O से O लागू O करना O चाहिए O , O ताकि O सभी O लड़कियों O और O अन्य O वंचितों O को O इसका O लाभ O मिल O सके O । O * O छोटे O बच्चे O की O देखभाल O और O शिक्षा O के O मामले O में O दिव्यांग O बच्चों O को O समान O भागीदारी O सुनिश्चित O करना O भी O जरूरी O है O , O खास O तौर O पर O अनुकूल O डिवाइसों O , O तकनीक O आधारित O उपकरणों O और O भाषा O के O हिसाब O से O उचित O पाठ्य O सामग्री O की O मदद O से O ऐसा O किया O जा O सकता O है O । O माता O - O पिता O / O बच्चों O की O देखभाल O करने O वाले O दूसरे O लोगों O के O लिए O तकनीक O आधारित O समाधानों O से O बच्चों O के O सीखने O की O प्रक्रिया O को O बेहतर O बनाया O जा O सकेगा O । O * O बच्चों O में O सीखने O की O क्षमता O कमजोर O है O , O इसका O जल्दी O पता O लगाने O और O उपाय O ढूंढने O में O शिक्षकों O को O भी O मदद O उपलब्ध O कराई O जानी O चाहिए O । O स्कूलों O की O संस्कृति O को O बदला O जाना O चाहिए O , O ताकि O विविधता O के O लिए O सम्मान O की O भावना O विकसित O हो O सके O । O निष्कर्ष O : O अब O समय O आ O गया O है O कि O देश O में O छोटे O बच्चों O की O शिक्षा O की O गुणवत्ता O को O बेहतर O बनाया O जाए O । O ऐसे O बच्चों O की O संख्या O अपेक्षाकृत O कम O हो O रही O है O , O इसलिए O इस O समस्या O को O हल O करना O मुमकिन O जान O पड़ता O है O । O कोरोना O महामारी O के O बावजूद O स्कूलों O में O बच्चों O की O वापसी O का O सिलसिला O शुरू O हो O गया O है O । O ऐसे O में O देश O के O छोटे O बच्चों O के O लिए O अवसरों O का O विस्तार O करने O की O ज़रूरत O है O । O देश O का O भविष्य O इस O बात O पर O निर्भर O करता O है O कि O तेज़ी O से O बदल O रही O इस O दुनिया O में O हमारे O बच्चों O को O कितना O बेहतर O सीखने O का O मौका O मिलता O है O । O नीतिगत O मोर्चे O पर O इरादे O नेक O दिखते O हैं O , O लेकिन O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O से O जुड़े O बेहतर O समाधान O और O संसाधन O तैयार O करने O के O लिए O पारिस्थितिकी O तंत्र O बनाने O की O ज़रूरत O है O । O प्रशासन O तंत्र O को O सुचारू O और O गतिशील O बनाने O के O लिए O व्यवहारिक O सोच O रखना O और O समानता O तथा O समभाव O पर O आधारित O नीति O पर O चलना O होता O है O । O जनता O की O सेवा O के O लिए O नियुक्त O अधिकारियों O को O राजनीतिक O मेलजोल O या O गठजोड़ O अथवा O राजनीतिक O सबंध O नहीं O रखने O चाहिए O बल्कि O बिना O पक्षपात O किए O निष्ठापूर्वक O ईमानदारी O से O अपने O कर्तव्यों O का O पालन O करना O चाहिए O । O उनके O लिए O संविधान O सर्वोपरि O होता O है O इसलिए O उन्हें O हरदम O संविधान O की O परिधि O में O रहकर O काम O करना O चाहिए O । O लोक O प्रशासन O में O नैतिक O मूल्य O सबसे O महत्वपूर्ण O होते O हैं O । O सिविल O सेवाओं O के O अधिकारियों O को O बहुत O ज्यादा O अधिकार O और O शक्तियाँ O प्राप्त O होती O हैं O , O ऐसे O में O नैतिक O बल O के O आधार O पर O ही O सुशासन O स्थापित O किया O जा O सकता O है O । O अनेक O समितियों O ने O सिविल O सेवाओं O में O भर्ती O , O कार्यकाल O के O दौरान O समय O - O समय O पर O प्रशिक्षण O , O क्षमता O , O निर्माण O , O विशेषज्ञता O हासिल O करने O की O जरूरत O , O दक्षता O और O जवाबदेही O आदि O के O बारे O में O बदलाव O और O सुधार O के O सुझाव O दिए O हैं O । O इनमें O विशेषज्ञ O परामर्श O सेवाएं O प्राप्त O करने O के O उद्देश्य O से O संयुक्त O सचिव O स्तर O पर O सीधी O भर्ती O करना O , O सिविल O सेवा O अधिकारियों O के O लिए O विभिन्न O स्तरों O पर O ट्रेनिंग O की O व्यवस्था O करना O और O कार्य O - O प्रगति O की O आकलन O रिपोर्ट O तैयार O करना O शामिल O हैं O । O हमारे O देश O के O लोगों O को O प्रशासनिक O अधिकारियों O से O बेहतर O प्रशासन O और O जवाबदेह O व्यवस्था O की O अपेक्षा O है O । O फिर O , O नागरिक O और O उपभोक्ता O भी O इनमें O शामिल O किए O जाने O चाहिए O । O ' O इसमें O विजन O और O मिशन O का O वितरण O शामिल O है O जिससे O यह O पक्का O हो O जाता O है O कि O उपयोगकर्ता O की O जरूरतों O और O शिकायतों O का O निपटारा O कर O दिया O गया O है O । O ब्यूरोक्रेसी O और O खासकर O प्रशासनिक O सेवा O से O जुड़ी O हाल O में O शुरू O हुई O बहस O ' O सभी O कार्य O कर O सकने O वाले O ' O ( O Generalists O ) O और O ' O विशेषज्ञ O ' O ( O specialists O ) O अधिकारियों O की O तुलना O पर O उठी O है O । O प्रशासक O की O भूमिका O अपनी O यूनिट O में O कामकाज O , O निष्पक्ष O समानता O पर O आधारित O और O कुशलतापूर्वक O सुनिश्चित O कराने O की O है O और O उपडिवीजन O और O जिले O से O लेकर O राज्य O और O केन्द्र O के O विभिन्न O विभागों O और O मंत्रालयों O तक O यही O व्यवस्था O बनी O रहनी O चाहिए O । O आगे O बढ़ता O स्वच्छता O अभियान O स्वच्छ O भारत O अभियान O , O लोगों O के O व्यवहार O में O बदलाव O से O जुड़ा O दुनिया O का O सबसे O बड़ा O अभियान O बन O चुका O है O । O प्रधानमंत्री O के O बेहतर O नेतृत्त O और O इस O अभियान O को O जन O आंदोलन O में O बदलने O की O वजह O से O यह O संभव O हुआ O है O । O विकास O यात्रा O : O मराठी O साहित्य O इसका O प्रारम्भ O प्राचीन O यादव O राजवंश O से O होता O है O । O नाथ O पंथ O मध्यकालीन O आंदोलन O था O । O यह O बौद्ध O , O शैव O और O योग O परम्पराओं O से O प्रेरित O था O । O नाथ O पंथ O पर O अद्वैत O वेदान्त O जैसी O भारतीय O परम्पराओं O का O भी O प्रभाव O है O । O इस O पंथ O ने O वैष्णव O और O शाक्त O परम्पराओं O , O महानुभाव O पंथ O और O भक्ति O आंदोलन O को O प्रभावित O किया O । O इस O पंथ O में O , O बिना O किसी O जातिगत O भेदभाव O के O , O सभी O को O स्वीकार O किया O जाता O था O । O इसमें O से O ज्यादातर O साहित्य O पुराने O मराठी O गद्य O में O है O । O मराठी O साहित्य O का O उद्भव O तथा O विकास O यादव O वंश O के O उत्थान O से O सीधे O जुड़ा O है O । O यादव O सरदार O पहले O पश्चिमी O चालुक्य O वंश O के O राजाओं O के O सामंत O थे O । O चालुक्य O सत्ता O के O कमजोर O पड़ने O पर O , O शताब्दी O के O मध्य O में O यादवों O ने O अपने O को O स्वतंत्र O राजा O घोषित O कर O दिया O । O उन्होंने O मराठी O को O अपने O दरबार O की O भाषा O बनाया O । O यादवों O के O शासन O - O काल O में O संत O - O परंपरा O शुरू O हुई O । O वैदिक O परंपरा O जाति O प्रथा O और O रूढ़ O रीति O - O रिवाजों O में O खो O सी O गई O । O यह O समय O सामाजिक O पतन O , O गरीबी O , O भय O और O हताशा O का O था O । O सबसे O बड़ी O बात O यह O थी O कि O इस O योजना O से O महंगी O होती O स्वास्थ्य O सेवा O का O खर्चा O उठाना O संभव O नहीं O था O । O इस O योजना O से O प्राप्त O अनुभवों O ने O सिखाया O कि O सरकारी O और O निजी O स्वास्थ्य O सेवाओं O , O दोनों O को O संलग्न O किया O जाना O चाहिए O और O मजबूत O सूचना O प्रौद्योगिकी O प्लेटफॉर्म O तैयार O किया O जाना O चाहिए O । O प्राथमिक O देखभाल O से O विनियोजन O ने O स्वास्थ्य O सूचकांकों O पर O इन O केंद्रीय O और O राज्य O स्वास्थ्य O बीमा O योजनाओं O के O प्रभाव O को O कम O किया O है O । O आरएसबीवाई O में O बढ़ोतरी O से O स्वास्थ्य O पर O होने O वाला O अत्यधिक O खर्च O कम O होने O की O संभावना O है O , O साथ O ही O जेब O पर O दबाव O भी O नहीं O पड़ेगा O - O चूंकि O आउटपेशेंट O देखभाल O इसमें O कवर O ही O नहीं O है O । O एचडब्ल्यूसी O और O दूसरी O प्राथमिक O देखभाल O को O मजबूत O करने O के O प्रयास O से O इस O दिशा O में O राहत O मिलेगी O । O अगर O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O को O मजबूती O मिलेगी O तो O द्वितीयक O और O तृतीयक O स्तर O की O सेवाओं O की O जरूरत O कम O होगी O , O साथ O ही O इससे O उन्नत O सेवाओं O को O रेफर O करने O की O जरूरत O भी O नहीं O होगी O । O हालांकि O इसके O लिए O देश O भर O के O राजनीतिक O दलों O के O बीच O सहमति O जरूरी O है O क्योंकि O अलग O - O अलग O राज्यों O में O अलग O - O अलग O दलों O की O सरकारें O हैं O । O रणनीतिगत O खरीद O वह O प्रक्रिया O है O जिसके O द्वारा O एनएचपीएस O एम्पैनल्ड O सरकारी O और O निजी O अस्पतालों O से O सेवाओं O की O खरीद O करना O चाहती O है O । O इसके O लिए O जरूरी O है O कि O कवर O की O जाने O वाली O बीमारियों O , O उनकी O जांच O और O उपचार O को O सावधानीपूर्वक O चुना O जाए O । O प्रमाण O आधारित O स्टैंडर्ड O क्लिनिकल O मैनेजमेंट O दिशानिर्देशों O को O विकसित O किया O जाए O और O अपनाया O जाए O । O लागत O और O गुणवत्ता O मानकों O की O स्थापना O और O निरीक्षण O किया O जाए O तथा O स्वास्थ्य O परिणामों O का O मूल्यांकन O किया O जाए O । O धोखाधड़ी O का O पता O लगाने O और O शिकायत O निवारण O तंत्र O को O भी O विकसित O किया O जाना O चाहिए O । O एनएचपीएस O के O अंतर्गत O प्रदत्त O लाभों O ( O बीमा O साक्षरता O ) O के O संबंध O में O जागरूकता O बढ़ाई O जानी O चाहिए O ताकि O लोग O अधिक O से O अधिक O लाभ O उठाएं O और O उन्हें O मार्गदर्शन O मिले O । O अगर O सभी O सुरक्षात्मक O उपाय O लागू O नहीं O होंगे O तो O मांग O बढ़ेगी O ( O गैर O जरूरी O जांच O और O उपचार O के O चलते O ) O और O लागत O भी O । O एनएचपीएस O को O ट्रस्ट O या O बीमा O कंपनी O द्वारा O प्रशासित O किया O जाएगा O । O मध्यस्थ O का O विकल्प O राज्य O सरकारों O को O दिया O गया O है O । O सरकार O द्वारा O स्थापित O ट्रस्ट O की O जिम्मेदारी O अधिक O होगी O और O अतिरिक्त O खर्च O कम O । O रिस्क O बढ़ने O पर O क्रॉस O सब्सिडी O से O प्रीमियम O गिरता O है O । O हालांकि O एनएचपीएस O गरीबों O और O कमजोर O तबकों O के O लिए O है O , O जिसे O सरकार O के O कर O राजस्व O से O वित्त O पोषित O किया O जाएगा O , O दूसरे O वर्ग O के O लोग O भी O इस O योजना O का O लाभ O उठा O सकते O हैं O । O इसके O लिए O उन्हें O एनएचपीएस O में O तय O किए O गए O प्रीमियम O को O चुकाना O होगा O । O अधिक O से O अधिक O डॉक्टरों O और O विशेषज्ञों O को O तैयार O करने O की O जरूरत O भी O समझी O जा O रही O है O ताकि O जिला O अस्पतालों O की O जरूरतों O को O पूरा O किया O जा O सके O । O इसके O लिए O भी O उच्च O स्तरीय O सरकारी O वित्त O पोषण O की O जरूरत O है O , O चूंकि O निजी O क्षेत्र O का O निवेश O केवल O कुछ O राज्यों O तक O सीमित O है O । O शासन O में O ईमानदारी O भ्रष्टाचार O जैसी O बुराइयां O कहां O से O उत्पन्न O होती O हैं O ? O यह O कभी O न O खत्म O होने O वाले O लालच O से O आता O है O । O आचारनीति O ऐसा O मानक O है O जो O व्यक्तियों O के O व्यवहार O , O पसंद O और O कार्यों O को O निर्देशित O करने O में O मदद O करता O है O । O यह O बहुआयामी O है O क्योंकि O यह O अधिकारों O , O दायित्वों O , O निष्पक्षता O , O गुणों O आदि O की O अवधारणा O सहित O समाज O की O मूल्य O प्रणाली O द्वारा O संचालित O है O । O आचारनीति O और O ईमानदारी O लोक O प्रशासन O प्रणाली O की O आधारशिला O हैं O । O आज O की O दुनिया O में O , O जब O सरकारें O देश O के O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O में O सक्रिय O भूमिका O निभा O रही O हैं O , O सरकारी O तंत्र O और O उसमें O कार्य O कर O रहे O कर्मियों O की O भूमिका O अधिक O चुनौतीपूर्ण O हो O जाती O है O क्योंकि O वे O कानून O और O नियमों O के O सूत्रधार O और O प्रवर्तक O दोनों O हैं O । O दूसरों O के O प्रति O सहानुभूति O की O भावना O और O दूसरों O के O लिए O स्वयं O के O आधिपत्य O को O सुगम O बनाने O वाले O मूल्यों O को O कम O समय O में O आसानी O से O आत्मसात O नहीं O किया O जा O सकता O है O । O इसके O लिए O सोच O में O बदलाव O को O जीवन O भर O विकसित O करने O की O आवश्यकता O होती O है O । O जिम्मेदारी O और O जवाबदेही O आचारनीति O के O अभिन्न O अंग O हैं O । O कानूनों O और O नियमों O की O प्रकृति O जिसके O माध्यम O से O जवाबदेही O लागू O की O जाती O है O , O समाज O के O नैतिक O विचारों O पर O आधारित O है O । O कई O देशों O में O उनके O मंत्रियों O , O विधायकों O और O सिविल O सेवकों O के O लिए O आचार O संहिता O / O आचार O नीति O निर्धारित O की O गई O है O । O अवधारणा O : O एथिक्स O यानी O आचार O नीति O शब्द O मूल O ग्रीक O शब्द O एथिकोस O से O लिया O गया O है O , O जिसका O अर्थ O है O आदत O से O उत्पन्न O होना O । O निस्संदेह O , O संस्कृति O , O मूल्य O , O चरित्र O , O और O सही O - O गलत O का O ज्ञान O नैतिकता O के O सर्वोत्कृष्ट O निर्धारक O हैं O । O साथ O ही O , O नीतिपरक O शासन O सुनिश्चित O करने O के O लिए O संस्थानों O और O संस्थागत O ढांचे O की O भूमिका O को O कम O करके O नहीं O आंका O जा O सकता O है O । O आचार O नीति O केवल O उच्च O नैतिक O मूल्यों O की O अभिव्यक्ति O तक O ही O सीमित O नहीं O है O , O इसका O संबंध O सार्वजनिक O पदाधिकारियों O को O उनकी O चूक O के O लिए O कानूनी O रूप O से O जवाबदेह O ठहराने O के O लिए O तंत्र O से O भी O है O । O इसने O कहा O था O : O पदाधिकारियों O को O जो O जनता O का O विश्वास O और O सम्मान O मिलता O है O , O वह O काफी O हद O तक O सामूहिक O प्रयासों O का O परिणाम O है O । O हमने O जलवायु O परिवर्तन O और O नवीकरणीय O ऊर्जा O विकास O को O कैसे O आगे O बढ़ाया O जाय O , O इस O पर O विचारों O का O आदान O - O प्रदान O किया O । O हमने O क्षेत्रीय O सुरक्षा O और O समुद्री O सुरक्षा O के O मुद्दों O पर O भी O चर्चा O की O है O , O मुझे O लगता O है O कि O अंतरराष्ट्रीय O अपराधों O और O आतंकवाद O एवं O मादक O पदार्थों O की O तस्करी O का O खतरा O वास्तव O में O बहुत O गंभीर O है O । O इस O संदर्भ O में O , O मुझे O यह O देखकर O बहुत O खुशी O हो O रही O है O कि O इसमें O हमारी O क्षमता O निर्माण O और O सहयोग O व O प्रशिक्षण O का O विस्तार O हुआ O है O । O मुझे O लगता O है O कि O यह O हम O दोनों O के O लिए O है O , O और O हमारी O रक्षा O व O सुरक्षा O को O मजबूत O करता O है O । O कल O , O हम O औपचारिक O रूप O से O तटीय O राडार O प्रणाली O भी O सौंपेंगे O जो O पहले O से O ही O चालू O है O और O समुद्री O सुरक्षा O को O बढ़ाने O में O मदद O करेगी O । O आपने O आज O मेरे O ध्यान O में O टूना O निर्यात O का O मुद्दा O लाया O है O , O और O मैंने O आपको O बताया O था O कि O मैं O अपने O व्यापार O मंत्री O का O ध्यान O इस O ओर O आकर्षित O करूंगा O , O यह O ऐसा O मामला O नहीं O है O जिस O पर O पहले O हमारा O सामूहिक O ध्यान O गया O था O । O लेकिन O मैं O आपको O विश्वास O दिलाता O हूं O , O जब O मैं O वापस O जाऊंगा O , O तो O निश्चित O रूप O से O इसे O बहुत O ध्यान O से O देखूंगा O । O हम O अपने O लोगों O के O जीवन O को O जिस O तरह O से O छू O रहे O हैं O वैसा O हमने O पहले O कभी O नहीं O किया O । O और O , O इसे O पोषित O करना O , O इसे O मजबूत O करना O और O इसे O आगे O ले O जाना O हमारी O साझा O जिम्मेदारी O है O । O राष्ट्रीय O स्तर O से O लेकर O जिला O स्तर O तक O समन्वित O प्रशासनिक O ढांचा O होने O से O साझा O दृष्टिकोण O अपनाने O , O तालमेल O कायम O करने O , O कारगर O क्रियान्वयन O और O लोगों O की O सहभागिता O हासिल O करने O में O सुविधा O होती O है O । O यहां O तक O कि O भारतीय O अंग्रेजी O लेखक O भी O स्वदेशी O साहित्यिक O परंपराओं O के O प्रति O सतर्क O हैं O । O वर्षों O से O भारतीय O साहित्यकारों O ने O ज्ञान O विन्यास O के O द्वारा O पश्चिमी O ज्ञानवाद O के O सार्वभौमिक O दावों O की O सीमाओं O को O उजागर O किया O है O , O जो O बहुभाषी O और O छिद्रपूर्ण O हैं O , O और O जहां O स्थानीय O तथा O वैश्विक O का O द्वंद O नहीं O है O । O इतने O अधिक O मलयालम O , O मराठी O , O कन्नड़ O , O हिंदी O और O उर्दू O लेखकों O के O लेखन O में O वैश्विक O चिंताओं O से O कौन O इनकार O कर O सकता O है O ? O दलित O तथा O आदिवासी O लेखन O में O उभरते O परिवर्तनों O और O महिलाओं O की O आवाज O ने O पहचान O , O संस्कृति O और O राष्ट्र O के O एकात्मक O विचारों O का O मुकाबला O किया O है O । O प्रवास O अब O केवल O भारतीय O मूल O के O अंग्रेजी O के O लेखकों O के O लिए O ही O नहीं O रह O गया O है O । O यहां O तक O कि O पुस्तक O प्रकाशन O के O संदर्भ O में O , O अधिकांश O अंतर्राष्ट्रीय O प्रकाशक O भारतीय O भाषा O प्रकाशन O में O आगे O बढ़ O रहे O हैं O और O भारत O में O अपने O कार्यालय O खोल O रहे O हैं O । O अंग्रेजी O भाषा O के O अनुवादकों O और O लेखकों O दोनों O ने O पश्चिम O के O पाठकों O को O सांस्कृतिक O चिह्नकों O की O व्याख्या O करने O वाली O विस्तृत O शब्दावलियों O के O बगैर O विश्वास O हासिल O किया O है O । O दूसरे O शब्दों O में O , O भारतीय O भाषाओं O की O संकीर्णता O के O विपरीत O अंग्रेजी O की O सर्वदेशीयता O का O मिथक O काफी O हद O तक O भंग O हो O चुका O है O । O विविध O और O यहां O तक O कि O उभयभावी O महत्वाकांक्षी O क्षेत्रों O में O काम O करते O हुए O तथा O बाहर O दृष्टिपात O के O साथ O - O साथ O आंतरिक O अनुभूति O करते O हुए O , O भारतीय O साहित्य O क्षेत्रीय O , O राष्ट्रीय O और O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O विद्यमान O हैं O । O मिशन O अंत्योदय O की O तरह O ही O सामाजिक O और O आर्थिक O विकास O के O आधार O पर O ग्राम O पंचायतों O को O दी O जाने O वाली O रैंकिंग O से O गांव O और O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O रह O जाने O वाली O खामियों O का O पता O लगाने O में O मदद O मिलेगी O तथा O जीपीडीपी O के O लिए O तथ्यों O पर O आधारित O योजना O बनाकर O उसे O क्रियान्वित O किया O जा O सकेगा O । O जीपीडीपी O में O गांवों O की O गरीबी O दूर O करने O वाली O योजना O वीपीआरपी O को O शामिल O करना O भी O अनिवार्य O बना O दिया O गया O है O । O वीपीआरपी O असल O में O ग्राम O विकास O कार्यक्रम O का O अभिन्न O अंग O है O जिसके O तहत O गरीबी O दूर O करने O से O जुडी O समस्याओं O को O निपटाया O जाता O है O । O इन O समस्याओं O का O पता O स्व O - O सहायता O समूह O लगाते O हैं O जिन O पर O बाद O में O ग्राम O सभा O में O चर्चा O की O जाती O है O । O ग्राम O पंचायतों O से O कहा O जाता O है O कि O लोगों O को O ग्राम O सभा O की O बैठकों O में O शामिल O होने O के O वास्ते O प्रेरित O करने O के O लिए O वे O सोशल O और O प्रिंट O मीडिया O का O भरपूर O इस्तेमाल O करें O । O ई O - O ग्राम O स्वराज O ( O ई O - O ग्राम O स्वराज O ) O को O सक्रिय O करके O परिसंपत्तियों O की O जियो O - O टेगिंग O अनिवार्य O बना O दी O गई O है O । O राज्यों O , O जिलों O , O खंडों O और O ग्राम O पंचायतों O में O योजना O बनाने O की O स्थिति O के O विश्लेषण O के O लिए O पंचायत O को O अनेक O संसाधन O मुहैया O कराए O गए O हैं O । O डेटा O का O उपयोग O करने O और O योजनाओं O के O समन्वयन O को O ध्यान O में O रखते O हुए O नोडल O अधिकारियों O और O फेसिलिटेटर्स O ( O सुविधा O प्रदाता O ) O के O प्रशिक्षण O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O डीएलआई O # O 1 O - O भूजल O डेटा O / O सूचना O एवं O रिपोर्टों O का O सार्वजनिक O प्रकाशन O : O इस O डीएलआई O के O अंतर्गत O भूजल O संबंधित O सूचना O एकत्र O और O सार्वजनिक O करने O के O लिए O प्रोत्साहन O दिया O जाता O है O ताकि O भूजल O प्रबंधन O संस्थानों O को O सशक्त O बनाया O जा O सके O । O डीएलआई O # O 2 O - O सामुदायिक O जल O सुरक्षा O योजनाओं O की O तैयारी O : O इसके O अंतर्गत O निचले O स्तर O से O भूजल O प्रबंधन O प्रक्रिया O में O सहभागिता O शुरू O करने O को O प्रोत्साहन O दिया O जाता O है O । O डीएलआई O # O 3 O - O नई O / O जारी O योजनाओं O के O सम्मिलन O के O माध्यम O से O स्वीकृत O जल O सुरक्षा O योजनाओं O को O सार्वजनिक O वित्तपोषण O : O डीएलआई O भूजल O योजना O प्रक्रिया O की O जड़ों O से O शुरुआत O को O प्रोत्साहन O देती O है O ताकि O इससे O जुडे O सार्वजनिक O वित्तपोषण O को O बढ़ावा O मिले O और O भूजल O के O संबंध O में O विभिन्न O सरकारी O योजनाओं O से O जोड़ने O की O पहल O हो O । O डीएलआई O # O 4 O - O पानी O के O किफायती O इस्तेमाल O की O आदतें O अपनाना O : O डब्ल्यूएसपी O के O अंतर्गत O मांग O को O अमल O में O लाने O को O प्रोत्साहन O देना O । O डीएलआई O # O 5 O - O गिरते O भूजल O स्तर O की O मात्रा O में O सुधार O : O गिरते O भूजल O स्तर O को O रोकने O को O प्रोत्साहन O देना O । O योजना O भूजल O प्रबंधन O के O क्षेत्र O में O परिवर्तन O की O अगुआ O है O । O यह O ' O जल O जागरूक O ' O समुदायों O के O निर्माण O को O प्रोत्साहन O देती O है O , O यानी O ऐसे O समुदाय O जिनमें O उपलब्ध O जल O के O अनुसार O अपनी O जरूरतें O पूरा O करने O की O समझ O और O क्षमता O हो O । O जल O प्रबंधन O के O क्षेत्र O में O , O मांग O और O आपूर्ति O मानकों O को O देखते O हुए O , O योजना O के O तहत O प्रोत्साहन O लचीले O तौर O पर O इस्तेमाल O किए O जा O सकते O हैं O । O आगे O की O राह O योजना O से O जुड़े O राज्यों O ने O इसे O पूरी O ईमानदारी O के O साथ O अमल O में O लाना O शुरू O कर O दिया O है O । O नव O परिवर्तन O अभी O नजर O आ O रहे O हैं O । O विशेष O तौर O पर O निर्मित O मोबाइल O ऐप O की O मदद O से O जल O सुरक्षा O योजनाओं O के O निर्माण O से O जुड़े O समुदाय O भू O - O चिह्नित O क्षेत्रों O की O पहचान O के O लिए O नई O पद्धतियां O अपना O रहे O हैं O । O चुनिंदा O राज्यों O के O अनुभव O को O देखते O हुए O , O अखिल O भारतीय O स्तर O पर O पानी O की O कमी O झेल O रहे O क्षेत्रों O के O लिए O नए O कार्यक्रम O तैयार O करने O का O कार्य O चल O रहा O है O । O इन O मौतों O से O कई O परिवारों O और O बच्चों O का O भविष्य O अनिश्चित O हो O गया O । O हमारे O आसपास O ऐसे O पीड़ित O लोग O मौजूद O हैं O । O कोरोना O महामारी O की O वजह O से O हुई O त्रासदी O की O कड़वी O यादें O लंबे O समय O तक O हमारे O साथ O रहेंगी O । O इस O महामारी O ने O दोहरा O संकट O पैदा O किया O है O और O इससे O स्वास्थ्य O और O अर्थव्यवस्था O , O दोनों O पर O काफी O प्रतिकूल O असर O हुआ O है O । O संकट O और O उथल O - O पुथल O के O इस O दौर O में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्र O को O बेहतर O बनाने O पर O फोकस O के O साथ O - O साथ O सबको O स्वास्थ्य O सुविधा O ' O की O दिशा O में O तेजी O से O काम O करने O की O जरूरत O है O । O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O ( O सार्वभौमिक O स्वास्थ्य O कवरेज O ) O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O ( O यूएचसी O ) O के O तहत O किसी O तरह O के O वित्तीय O बोझ O के O बिना O सभी O लोगों O को O बेहतर O गुणवत्ता O वाली O स्वास्थ्य O सुविधा O मुहैया O कराने O की O बात O है O , O जिसमें O बीमारियों O की O रोकथाम O , O इलाज O समेत O अन्य O तरह O की O स्वास्थ्य O सुविधाएं O भी O शामिल O हैं O । O वैश्विक O स्तर O पर O कोविड O - O 19 O के O अनुभव O ने O साबित O किया O है O कि O सतत O विकास O से O जुडे O कुछ O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O में O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O योजना O कारगर O हो O सकती O है O । O यूएचसी O की O दिशा O में O आगे O बढ़ने O के O लिए O , O स्वास्थ्य O प्रणाली O को O मजबूत O करने O की O जरूरत O है O । O मैं O घर O गया O तो O देर O तक O सोचता O रहा O , O स्कूलों O की O हालत O पर O , O शिक्षा O के O प्रति O अभिभावकों O की O उदासीनता O पर O , O मैं O इस O सच O को O आत्मसात O नहीं O कर O पा O रहा O था O । O मेरी O जगह O जो O टीचर O था O वह O ताकतवर O राजनेता O था O और O मेरा O स्थान O वापस O नहीं O देना O चाहता O था O , O इसलिए O मुझे O उससे O लड़ O कर O अपनी O कक्षा O वापस O लेनी O पडी O । O इसलिए O मैंने O क्षेत्र O का O दौरा O किया O । O लोगों O के O आर्थिक O स्तर O , O शैक्षिक O स्तर O , O जनसंख्या O से O जुड़ा O डेटा O इकट्ठा O किया O और O उसका O आकलन O किया O । O मैंने O पाया O कि O उन O गांवों O में O पुरुषों O की O अपेक्षा O महिलाएं O अधिक O पढ़ी O - O लिखी O थीं O , O यह O सचमुच O रोचक O खोज O थी O मेरे O लिए O । O तो O मैंने O स्कूली O शिक्षा O में O महिलाओं O की O मौजूदगी O और O उनके O सशक्तिकरण O पर O अधिक O जोर O दिया O । O इसलिए O मैंने O कम्युनिटी O एंगेजमेंट O प्रोग्राम O की O शुरुआत O की O । O मैं O उनके O सामुदायिक O कार्यक्रमों O में O शिरकत O करने O लगा O । O अभिभावकों O पर O उनकी O कन्याओं O को O वहां O भेजने O के O लिए O जोर O नहीं O डाला O जाता O था O , O केवल O उनके O साथ O मेल O - O मिलाप O और O यह O बताना O कि O शिक्षा O कैसे O परिवर्तन O लाती O है O । O यदि O आप O शिक्षित O हैं O तो O किस O तरह O के O मौके O आपको O मिल O सकते O हैं O , O आप O कैसी O दुनिया O देख O सकते O हैं O ! O इसलिए O ये O सब O प्रयास O मेरे O लिए O मददगार O साबित O हुए O । O उन्हें O महसूस O होने O लगा O कि O यह O व्यक्ति O कुछ O नया O करने O की O कोशिश O कर O रहा O है O । O दूसरा O काम O जो O मैंने O किया O वह O यह O कि O कक्षा O में O बच्चों O को O लगातार O आने O के O लिए O प्रेरित O करना O । O इसलिए O मैंने O उनके O पास O जाना O शुरू O किया O , O उन्हें O रोज O घर O से O स्कूल O लाने O लगा O । O मेरा O आधा O समय O उन्हें O घर O से O स्कूल O लाने O में O बीतता O था O । O उसके O बाद O मैंने O क्लासरूम O में O कुछ O नया O करने O की O सोची O । O वह O राजी O हुए O और O मुझे O लैपटॉप O ले O दिया O । O मैं O विद्यार्थियों O से O पूछता O था O कि O वे O लैपटॉप O पर O क्या O देखना O चाहते O हैं O , O वे O किसी O फिल्म O या O गीत O का O नाम O बताते O तो O उन्हें O वह O दिखाया O जाता O । O यह O केवल O विद्यार्थियों O को O साथ O जोड़ने O का O प्रयास O मात्र O था O । O वह O केवल O मनोरंजन O से O जुड़ा O पक्ष O था O , O शिक्षा O का O नहीं O । O उसके O कुछ O समय O बाद O मैंने O एंटरटेनमेंट O को O एजुकेशन O से O जोड़ O कर O ' O एजुटेनमेंट O ' O से O जुड़ा O प्रयास O शुरू O किया O । O यानी O गेम्स O और O ऐसी O ही O अन्य O कुछ O चीजें O , O जिनकी O मदद O से O वे O कुछ O सीख O भी O सकें O । O तो O ये O आरंभिक O कदम O थे O जिन्हें O मैंने O गांव O के O स्कूल O में O शैक्षिक O कार्यशैली O में O बदलाव O करने O के O लिए O आरंभ O किया O था O । O प्रश्न O : O गांव O के O शैक्षिक O क्षेत्र O में O परिवर्तन O लाने O का O यह O अद्भुत O प्रयास O आपने O किया O । O दुनिया O भर O में O ऐसे O अध्यापक O हैं O जो O अपनी O सीमाओं O के O अंतर्गत O समाज O में O ऐसे O ही O सकारात्मक O परिवर्तन O लाने O का O प्रयास O कर O रहे O हैं O । O हम O सबने O सुना O कि O कैसे O आपने O पुरस्कार O - O राशि O भी O अन्य O प्रतियोगियों O के O साथ O बांटने O का O निर्णय O लिया O । O क्या O समाज O के O सबसे O निचले O स्तर O के O अनुभवों O को O दुनिया O के O अन्य O अध्यापकों O के O साथ O साझा O करने O का O भी O आपका O विचार O है O जिससे O यह O यात्रा O आगे O चल O सके O ? O उस O राशि O से O वे O अपने O नवीन O प्रयास O जारी O रख O सकेंगे O और O यदि O दूर O - O दराज O के O बच्चों O के O पास O कोई O नए O विचार O हैं O तो O मैं O उन्हें O अपनी O कक्षा O से O परिचित O करा O सकूंगा O । O यह O विकास O करने O के O साझे O प्रयास O की O तरह O होगा O । O यह O अनुभव O मुझे O बतौर O टीचर O और O इंसान O विकसित O होने O में O भी O मदद O देगा O । O इससे O हमारे O बच्चों O की O सोच O - O समझ O का O दायरा O भी O विस्तृत O होगा O , O वह O केवल O अपने O गांव O या O शहर O से O आगे O सोचना O आरंभ O करेंगे O । O नदियों O के O खादर O और O बांगर O भूमि O का O चिन्हांकन O और O संरक्षण O , O आर्द्र O भूमि O , O खास O तौर O पर O खादर O और O बांगर O क्षेत्र O की O आर्द्र O भूमियों O , O शहरी O आर्द्र O भूमियों O , O जल O स्रोतों O और O छोटी O नदियों O के O संरक्षण O की O परियोजनाओं O पर O अमल O किया O जा O रहा O है O । O (( O जैव - खेती O , O इको O - O कृषि O , O औषधीय O पौधारोपण O और O पानी O के O उपयोग O की O दक्षता O में O सुधार O लाकर O सतत O कृषि O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O मांग O पक्ष O के O प्रबंधन O , O वर्षा O जल O संचयन O , O जलसंभर O मानचित्रण O और O भूमिगत O जल O स्रोतों O का O पुनर्भरण O प्रगति O पर O है O । O पिछले O प्रयासों O से O भिन्न O , O जन O भागीदारी O इस O मिशन O का O केन्द्रीय O विषय O है O । O नदी O तटों O का O सुधार O किया O गया O है O , O उन्हें O साफ O - O सुथरा O बनाया O गया O है O । O जनता O की O भागीदारी O से O घाटों O को O गंदगी O से O भरे O स्थान O से O सुंदर O नदी O तटों O का O रूप O दिया O जा O रहा O है O । O इन O लोगों O को O कौशलों O का O प्रशिक्षण O दिया O गया O है O और O उन्हें O अपनी O आजीविका O सुधारने O में O भी O मदद O दी O जाती O है O जिसके O लिए O उन्हें O नदी O और O जैव O विविधता O के O संरक्षण O के O कार्य O से O जोड़ा O जाता O है O । O वैज्ञानिक O मानचित्रण O के O विभिन्न O पक्षों O जैसे O उच्च O रिजॉल्यूशन O वाले O डीईएम O और O सक्षम O डेटाबेस O के O लिए O लिडार O मानचित्रण O से O जल O स्रोतों O के O मानचित्रण O , O सूक्ष्म O जीवाणुओं O संबंधी O विविधता O , O मात्स्यिकी O , O जैव O विविधता O और O जलक्षेत्रों O के O हेली O - O सर्वेक्षण O से O प्राप्त O प्रमाणों O पर O आधारित O निर्णय O करने O में O मदद O मिलती O है O । O प्राकृतिक O , O निर्मित O और O अमूर्त O धरोहर O के O लिए O अनोखे O सांस्कृतिक O मानचित्रण O के O जरिए O पर्यटन O , O धरोहर O और O रोज़गार O के O परम्परागत O अवसरों O का O विकास O किया O जा O सकता O है O । O संपादकीय O : O संतुष्टि O का O रास्ता O क्या O आपको O यह O शिकायत O रहती O है O कि O आपका O बिजली O का O बिल O क्या O बढ़ा O - O चढ़ाकर O भेजा O गया O है O और O जब O आप O अपनी O बात O रखने O के O लिए O बिजली O के O दफ्तर O जाते O हैं O तो O आपको O वहां O से O भगा O दिया O जाता O है O । O या O आपकी O कॉल O बहुत O अधिक O ड्रॉप O होती O है O और O आपको O पता O ही O नहीं O चलता O कि O समस्या O दूर O करने O के O लिए O किससे O शिकायत O की O जाए O । O हममें O से O अधिकतर O लोगों O को O कभी O न O कभी O ऐसी O समस्याओं O का O सामना O करना O ही O पड़ता O है O , O जिनका O समाधान O किसी O सरकारी O अधिकारी O या O संस्था O से O कराना O होता O है O । O और O जब O भी O हम O समस्या O हल O कराने O की O कोशिश O करते O हैं O या O केवल O जवाब O ही O मांगते O हैं O तो O कोई O हमारी O बात O ही O नहीं O सुनता O । O कोई O भी O व्यवस्था O पूरी O तरह O निर्दोष O नहीं O होती O । O खामियों O की O गुंजाइश O हमेशा O बनी O रहती O है O , O लेकिन O अगर O ये O खामियां O लोगों O के O बुनियादी O हितों O को O ही O प्रभावित O करने O लगें O तो O उन्हें O अपनी O तकलीफें O दूर O कराने O का O पूरा O अधिकार O है O । O शिकायत O करने O वाले O ग्राहक O के O लिए O यह O दिखाने O का O अच्छा O अवसर O हो O सकता O है O कि O आप O कितने O अच्छे O हैं O । O इसीलिए O जनशिकायत O निवारण O को O अच्छे O प्रशासन O वाले O लोकतंत्र O की O बुनियाद O कहा O जाता O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O विभिन्न O सरकारों O ने O सुशासन O का O प्रयास O करते O हुए O आम O आदमी O की O तकलीफें O दूर O करने O के O लिए O व्यवस्था O तैयार O करने O की O कोशिश O की O है O । O दुर्भाग्य O से O विभिन्न O संगठनों O के O नागरिक O घोषणापत्र O कोरे O दस्तावेज O ही O बनकर O रह O गए O और O ग्राहकों O की O हालत O पहले O जैसी O ही O रह O गई O । O आरटीआई O लोक O शिकायत O निवारण O के O मामले O में O ऐतिहासिक O सुधार O साबित O हुआ O क्योंकि O इसने O निवारण O का O जिम्मा O उस O मामले O से O जुड़े O अधिकारियों O पर O डाल O दिया O और O दंड O का O प्रावधान O भी O किया O । O इसके O कारण O संबंधित O अधिकारी O अथवा O संगठन O समय O पर O शिकायत O दूर O करने O के O लिए O ही O विवश O नहीं O हुए O बल्कि O भ्रष्टाचार O में O भी O कमी O आई O क्योंकि O शिकायतकर्ता O को O फाइलों O में O लिखी O टिप्पणियों O समेत O समस्या O से O जुड़े O सभी O दस्तावेज O हासिल O हो O जाते O हैं O और O जवाबदेही O तय O हो O जाती O है O । O ई O - O प्रशासन O और O न्यूनतम O शासन O , O अधिकतम O प्रशासन O की O अवधारणा O बढ़ने O के O साथ O ही O वेब O और O मोबाइल O पर O आधारित O शिकायत O निवारण O प्लेटफॉर्मों O पर O जोर O बढ़ता O गया O है O । O विभिन्न O सेवाओं O से O जुड़ी O शिकायतें O दूर O करने O के O लिए O विभिन्न O नियामकीय O प्रणालियां O भी O आरंभ O की O गई O हैं O , O जैसे O दूरसंचार O के O लिए O ट्राई O , O बैंकिंग O के O लिए O बैंक O लोकपाल O , O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O लिए O एमसीआई O आदि O । O महिलाएं O अक्सर O आबादी O का O सबसे O अधिक O संवेदनशील O हिस्सा O होती O हैं O , O जिनके O साथ O घर O और O कार्यस्थल O में O उत्पीड़न O का O खतरा O होता O है O । O हालांकि O महिलाओं O को O घरेलू O हिंसा O और O घर O तथा O कार्यस्थल O पर O उत्पीड़न O से O बचाने O के O लिए O विभिन्न O प्रकार O के O कानून O हैं O जैसे O कार्यस्थल O पर O महिला O यौन O उत्पीड़न O अधिनियम O , O 2013 O दहेज O निरोधक O अधिनियम O , O 1961 O घरेलू O हिंसा O अधिनियम O , O 2005 O । O फिर O भी O महिलाएं O शिकार O बनती O ही O रहती O हैं O । O समस्याओं O से O निपटने O के O लिए O सरकार O ने O हाल O ही O में O शी O बॉक्स O ( O सेक्सुअल O हेरासमेंट O इलेक्ट्रॉनिक O बॉक्स O ) O आरंभ O किया O है O , O जो O प्रत्येक O महिला O को O किसी O भी O प्रकार O के O उत्पीड़न O की O शिकायत O करने O की O एकल O खिड़की O प्रदान O करता O है O । O सभी O नीतियों O और O गतिविधियों O के O लिए O जनता O के O प्रति O सरकार O की O जवाबदेही O ही O लोकतंत्र O का O मूल O है O । O और O प्रभावी O तथा O सक्षम O शिकायत O निवारण O प्रणाली O ही O नागरिकों O में O विश्वास O कायम O कर O सकती O है O और O उन्हें O यह O आश्वासन O दे O सकती O है O कि O सरकार O ' O जनता O की O है O और O जनता O के O लिए O है O । O ' O योजना O : O विकास O को O समर्पित O मासिक O लोक O प्रशासन O उन्होंने O (( O और O आधार O को O असाधारण O प्रणाली O बताया O है O जिनसे O गरीबों O के O बीच O धन O के O वितरण O की O लागत O में O काफी O कमी O आयी O है O । O इस O योजना O ने O निचले O स्तर O पर O ऋणदाताओं O को O देश O में O हर O तरह O के O व्यवसायों O को O कर्ज O देने O में O सक्षम O बनने O में O मदद O की O है O । O कृषि O क्षेत्र O में O सुधार O के O लिये O हाल O में O जो O विधेयक O पारित O किये O गये O हैं O उनसे O किसानों O को O नये O बाजार O और O प्रौद्योगिकी O का O लाभ O मिलेगा O । O देश O इन O चुनौतियों O का O सुविचारित O रणनीतियों O के O जरिये O सामना O कर O रहा O है O । O उसने O कोविड O 19 O का O सामना O विश्व O के O किसी O भी O अन्य O देश O की O तुलना O में O बेहतर O ढंग O से O किया O है O । O परिणामस्वरूप O जिन O वस्तुओं O में O सीमा O शुल्क O बढ़ाया O गया O है O , O उनकी O कीमत O बढ़ O गई O है O जबकि O कुछ O वस्तुएं O सस्ती O हुई O हैं O । O निष्कर्ष O यह O कृषि O , O ग्रामीण O विकास O , O शिक्षा O , O रोजगार O व O निवेश O पर O विशेष O ध्यान O देते O हुए O संवृद्धि O उन्मुख O सिद्ध O होगा O । O वहनीय O आवास O को O बढ़ावा O देने O , O रियल O एस्टेट O सेक्टर O को O बढ़ावा O देने O , O संवृद्धि O की O गति O को O तेज O करने O और O बाधाओं O को O दूर O करते O हुए O कारोबार O को O सरल O बनाने O के O लिए O वित्त O मंत्री O द्वारा O उपयुक्त O प्रयास O किए O गए O हैं O । O सरकार O द्वारा O खर्च O की O जा O रही O बड़ी O राशि O से O कृषि O व O उद्योग O की O धीमी O संवृद्धि O में O तेजी O आएगी O । O किसानों O की O आय O को O बढ़ाने O के O लिए O संरचनागत O बदलावों O व O कृषि O क्षेत्र O में O पूर्ण O बदलाव O करने O की O जरूरत O है O । O हालांकि O यह O बजट O प्रस्तावों O का O हिस्सा O नहीं O है O । O इसी O प्रकार O , O सभी O स्तरों O पर O शिक्षा O के O विधिक O तथा O न्यायिक O बदलावों O में O भी O संरचनागत O बदलावों O की O जरूरत O है O । O मौजूदा O व्यवस्था O व O अर्थव्यवस्था O लोगों O की O जरूरतों O के O अनुरूप O नहीं O है O । O नीति O आयोग O को O नए O तरीके O से O सोचने O की O जरूरत O है O । O ऐड O - O ऑन O दृष्टिकोण O मौजूदा O व्यवस्था O के O साथ O फाइन O टूयूनिंग O से O अपेक्षित O परिणाम O नहीं O मिल O रहे O । O * O विकास O : O इसमें O सरकार O का O वित्तीय O समावेशन O एजेंडा O और O अन्य O प्रमुख O क्षेत्रीय O और O संरचनात्मक O सुधार O शामिल O हैं O । O * O अविनियमन O : O वित्तीय O मध्यस्थता O और O बचत O प्रवृत्ति O में O नीतिगत O सुधार O । O * O जनसांख्यिकी O : O युवा O और O डिजिटल O रूप O से O सुसज्जित O आबादी O का O प्रभुत्व O । O * O विघटन O : O इसमें O डिजिटलीकरण O और O बैंकिंग O तथा O दूरसंचार O का O एकीकरण O शामिल O है O । O प्रौद्योगिकी O से O बदलेंगे O बैंक O भविष्य O में O प्रौद्योगिकी O बैंकिंग O रूपरेखा O को O परिभाषित O करेगी O । O ग्राहकों O का O बैंकों O के O साथ O संवाद O करने O का O तरीका O पूर्णतः O बदल O जाएगा O । O उदाहरण O के O लिए O ग्राहकों O के O मोबाइल O फोन O पर O विभिन्न O ऑफरों O की O पेशकश O , O वैयक्तिक O संपर्क O के O लिए O होम O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O सिस्टम O का O उपयोग O , O प्रभावी O बिक्री O के O लिए O फेस O डिटेक्शन O प्रौद्योगिकी O का O उपयोग O ऐसे O कुछ O तरीके O हैं O जिनके O माध्यम O से O प्रौद्योगिकी O भविष्य O में O बैंकिंग O की O सहायता O करेगी O और O यह O कहने O की O आवश्यकता O नहीं O है O कि O मोबाइल O बैंकिंग O और O मोबाइल O भुगतान O व O वाणिज्य O वास्तव O में O भविष्य O की O बैंकिंग O है O । O इस O संबंध O में O जैम O ट्रिनिटी O ( O जनधन O - O आधार O - O मोबाइल O ) O में O बैंकिंग O का O रूप O परिवर्तित O करने O की O क्षमता O है O । O बैंकों O को O ऐसे O नवाचारों O पर O ध्यान O केंद्रित O करना O होगा O जो O प्रतिस्पर्धा O को O बढ़ाते O हैं O और O ग्राहकों O के O लिए O बेहतर O और O सस्ती O सेवाएं O मुहैया O करा O पाएं O । O बैंक O भी O अपने O इंफ्रास्ट्रक्चर O को O संयुक्त O उद्यमों O में O मिलाकर O पैमाने O और O सर्वोत्तम O प्रथाओं O की O खोज O कर O सकते O हैं O । O इसके O साथ O - O साथ O , O मौजूदा O प्रौद्योगिकी O सेवा O प्रदाताओं O को O ग्राहकों O के O प्रमाणीकरण O , O धोखाधड़ी O की O जांच O , O भुगतान O प्रसंस्करण O , O अकाउंट O इंफ्रास्ट्रक्चर O , O केवाईसी O प्रसंस्करण O जैसी O आउटसोर्सिंग O उपयोगिताएं O भविष्य O के O लिए O महत्वपूर्ण O कदम O हो O सकते O हैं O । O नकदरहित O और O शाखारहित O बैंकिंग O शाखारहित O बैंकिंग O राजस्व O सृजन O और O लागत O प्रबंधन O में O पैमाने O की O मितव्ययिता O को O प्राप्त O करने O में O मदद O कर O सकती O है O । O विकसित O देशों O में O शाखारहित O बैंकिंग O की O बढ़ती O प्रवृत्ति O के O कारण O बैंकिंग O की O पारंपरिक O शाखाएं O बंद O होने O की O ओर O अग्रसर O हैं O । O एटीएम O उपयोग O में O नवाचार O बुनियादी O ढांचा O वित्तपोषण O : O नींव O का O निर्माण O इसके O अतिरिक्त O , O इंफ्रास्ट्रक्चर O ऋण O फंड O , O हरित O बैंकिंग O और O वायबिलिटी O गैप O फंडिंग O के O रूप O में O नयी O व्यवस्थाएं O होंगी O । O एमएसएमई O के O लिए O नये O मॉडल O कलस्टर O आधारित O वित्तपोषण O , O प्रौद्योगिकी O उन्नयन O के O लिए O पूंजीगत O रियायत O नीति O , O मुद्रा O बैंक O , O क्रेडिट O गारंटी O योजनाएं O , O इन्क्यूबेशन O केंद्र O और O स्टार्ट O अप O सुविधाएं O जैसी O नयी O व्यवस्थाएं O आगामी O वर्षों O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाएंगी O । O प्रतियोगिता O और O समेकन O नवाचार O , O प्रतिस्पर्धा O करने O और O व्यवसाय O में O बने O रहने O जैसे O उपाय O सहक्रियाशील O समेकन O का O मार्ग O प्रशस्त O करेंगे O । O * O खाता O संख्या O पोर्टेबिलिटी O ( O मोबाइल O नंबर O पोर्टेबिलिटी O की O तर्ज O पर O ) O । O * O बिग O डेटा O विश्लेषिकी O का O कुशल O लाभ O । O * O खुदरा O कर्ज O का O प्रतिभूतिकरण O । O निष्कर्ष O किसानों O को O उनके O खेत O में O और O आसपास O चेकडैम O , O तालाब O आदि O बनाने O के O लिए O वित्तीय O और O तकनीकी O सहायता O प्रदान O की O गई O । O सामुदायिक O प्रेरण O और O उनके O सहयोग O के O लिए O जल O और O स्वच्छता O प्रबंधन O संगठन O के O तहत O , O गैर O सरकारी O संगठनों O के O साथ O भागीदारी O की O गई O थी O । O ताकि O व्यर्थ O न O जाए O अवसर O 73वें O संविधान O संशोधन O ने O राज्यों O को O राज्य O स्तरीय O पंचायती O अधिनियम O बनाने O का O अधिकार O देते O हुए O अपेक्षा O की O थी O कि O वे O ग्राम O सभाओं O को O “ O स्वयं O में O सरकार O ' O के O उनके O दर्ज O के O अनुरूप O कार्य O करने O का O अवसर O देंगी O । O सरकार O के O मंत्रालय O व O विभाग O होते O हैं O । O राज्यों O ने O इसी O तर्ज O पर O ग्राम O पंचायतों O को O वित्त O , O नियोजन O , O प्रशासन O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O , O कृषि O , O जल O , O स्वास्थ्य O कार्य O संबंधी O समितियों O के O गठन O के O अवसर O तो O दिए O , O किंतु O ग्रामसभा O को O महत्वहीन O ही O रखा O । O अपनी O ग्राम O पंचायत O की O पंचवर्षीय O योजना O खुद O बनाने O और O उसे O मंजूर O करने O का O सर्वोपरि O अधिकार O ग्रामसभाओं O को O सौंप O दिया O गया O । O अब O जल O जीवन O मिशन O ने O इसी O लोकतांत्रिक O दिशा O में O आगे O बढ़ने O का O जज्बा O दिखाया O है O । O गौर O कीजिए O कि O ग्राम O स्तरीय O पानी O समितियां O पहले O से O हैं O । O ग्राम O स्तरीय O पेयजल O प्रबंधन O का O दायित्व O पहले O भी O पानी O समिति O का O ही O था O । O किंतु O यह O पहली O बार O हुआ O है O कि O ग्राम O स्तरीय O पेयजल O प्रबंधन O की O तैयारी O , O नियोजन O , O डिजाइन O , O क्रियान्वयन O , O प्रचालन O , O खरीद O , O कनेक्शन O देना O , O पानी O का O वितरण O , O खाता O , O रिकॉर्ड O , O कर्मचारी O की O नियुक्ति O , O काम O की O निगरानी O आदि O की O सम्पूर्ण O जिम्मेदारी O व O अधिकार O वास्तव O में O पानी O समितियों O को O सौंप O दिए O गए O हैं O । O इसका O दस्तावेजी O सबूत O देखना O हो O , O तो O जल O जीवन O मिशन O द्वारा O ग्राम O पंचायत O तथा O पानी O समितियों O द्वारा O घरों O में O स्वच्छ O जल O प्रदान O किए O जाने O संबंधी O मार्गदर्शिका O देखिए O । O सरपंच O को O देखरेख O की O जिम्मेदारी O सौंपी O गई O है O । O पानी O समिति O चयन O में O सहयोग O , O प्रशासन O - O पंचायत O के O बीच O समन्वय O , O रिकॉर्ड O रखने O तथा O ग्राम O सभा O बैठक O बुलाने O की O जिम्मेदारी O पंचायत O सचिव O की O है O । O जल O ग्रामसभा O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O पानी O प्रबंधन O की O ग्राम O कार्य O योजना O के O संबंध O में O अंतिम O निर्णय O देने O का O अधिकार O , O ग्रामसभा O का O है O । O प्रत्येक O घर O को O पानी O कनेक्शन O देना O अनिवार्य O अवश्य O किया O गया O है O , O किंतु O साथ O में O शुल्क O तय O करने O तथा O अक्षम O उपभोक्ता O को O जलोपयोग O शुल्क O में O छूट O देने O का O अधिकार O भी O पानी O समिति O को O होगा O । O पानी O समिति O को O दिए O ये O अधिकार O यह O सुनिश्चित O कर O सकें O कि O नई O पेयजल O व्यवस्था O , O पानी O के O बिल O में O मनमानी O वृद्धि O व O रखरखाव O के O नाम O पर O लूट O का O पर्याय O न O बन O सकें O , O इसके O लिए O पानी O समितियों O को O पूरी O ईमानदारी O , O सहभागिता O व O सक्षमता O से O अपने O दायित्व O का O निर्वाहन O करना O होगा O । O अच्छी O बात O यह O भी O है O कि O नकदी O के O अलावा O वस्तु O व O श्रम O के O रूप O में O प्राप्त O अंशदान O भी O स्वीकार्य O होगा O । O सामुदायिक O अक्षमता O की O स्थिति O में O अंशदान O किश्तों O में O देने O की O छूट O रहेगी O । O पानी O समिति O को O अधिकार O दिया O गया O है O कि O व्यक्तिगत O अक्षमता O की O स्थिति O में O अंशदान O में O छूट O दे O सके O । O प्रेरक O प्रावधान O है O कि O परियोजना O सफल O होने O पर O प्रतिशत O अंशदान O के O बराबर O धनराशि O को O प्रोत्साहन O राशि O के O रूप O में O वापस O किया O जाएगा O । O यह O अवसर O पथ O प्रदर्शक O बन O सकता O है O - O जल O जीवन O मिशन O ने O तो O मार्गदर्शी O निर्देश O लिखकर O दे O दिए O हैं O । O अब O गांवों O की O परीक्षा O है O कि O वे O इनको O पालने O में O अपनी O समझ O , O साझा O , O सदाचार O और O सक्रियता O का O कितना O विवेकपूर्ण O इस्तेमाल O करते O हैं O । O नल O से O जल O पहुंचाने O में O जल O जीवन O मिशन O द्वारा O प्रदत्त O यह O लोकतांत्रिक O अवसर O , O गांवों O को O लोकतांत्रिक O आजादी O देने O की O यात्रा O का O पथ O प्रदर्शक O बन O सकता O है O । O स्कूल O आधारित O मूल्यांकन O के O अलावा O , O शिक्षा O प्रणाली O का O आकलन O करने O के O लिए O समय O - O समय O पर O राष्ट्रीय O उपलब्धि O सर्वेक्षण O ( O एनएएस O ) O भी O किया O जाएगा O । O हितधारकों O की O भागीदारी O - O किसी O भी O कार्यक्रम O को O सफल O और O संधारणीय O बनाने O का O मुख्य O कारक O सभी O हितधारकों O की O भागीदारी O पर O निर्भर O है O । O विस्तारित O शैक्षणिक O सहायता O प्रदान O करने O के O लिए O माता O - O पिता O तथा O समुदाय O की O भागीदारी O और O भी O महत्वपूर्ण O है O । O हाल O में O कोविड O - O 19 O महामारी O ने O औपचारिक O स्कूली O शिक्षा O प्रणाली O की O सीमाओं O और O सीखने O की O प्रक्रिया O की O निरंतरता O सुनिश्चित O करने O में O माता O - O पिता O की O भागीदारी O के O महत्व O को O भी O प्रदर्शित O किया O है O । O निष्कर्ष O - O इससे O राज्यों O को O विकास O पर O अपना O खर्च O बढ़ाने O में O बड़ी O सहूलियत O हो O गई O । O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O को O युक्तिसंगत O बनाना O : O समय O के O साथ O महत्वपूर्ण O समितियों O / O उपसमूहों O की O सिफारिशों O के O बाद O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O की O संख्या O काफी O बढ़ O गई O है O । O नीति O आयोग O के O साथ O प्रत्येक O मंत्रालय O / O विभाग O से O प्रत्येक O योजना O के O अंतर्गत O आवंटन O के O लिए O पारदर्शी O मानदंड O तैयार O करने O की O सिफारिश O की O गई O एवं O नीति O आयोग O को O व्यय O की O प्रभावशीलता O बढ़ाने O एवं O परिणाम O बेहतर O करने O के O लिए O तीसरे O पक्ष O से O मूल्यांकन O कराने O का O जिम्मा O दिया O गया O । O केंद्रीकृत O नियोजन O एवं O विवेकाधीन O अनुदान O के O युग O का O अंत O : O सामान्य O अंतरण O एवं O बिना O शर्त O अंतरण O में O बढ़ोतरी O के O साथ O ही O पूर्ववर्ती O योजना O आयोग O द्वारा O दी O जाने O वाली O अतिरिक्त O केंद्रीय O सहायता O , O विशेष O योजनागत O सहायता O , O विशेष O केंद्रीय O सहायता O को O समाप्त O कर O दिया O गया O । O वस्तु O एवं O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O का O क्रियान्वयन O : O आदर्श O चुनाव O आचार O संहिता O - O शासन O संचालन O पर O असर O आदर्श O चुनाव O आचार O संहिता O ( O एम. O सी. O सी. O ) O उम्मीवारों O और O राजनीतिक O दलों O के O व्यवहार O से O संबंधित O दिशानिर्देश O हैं O जो O निर्वाचन O आयोग O द्वारा O चुनाव O की O घोषणा O की O तारीख O से O लागू O हो O जाते O हैं O । O एम. O सी. O सी. O के O तहत O सरकारी O संसाधनों O का O चुनावी O गतिविधियों O में O उपयोग O करने O तथा O वित्तीय O अनुदान O और O नयी O योजनाओं O की O घोषणा O करने O आदि O पर O रोक O होती O है O ताकि O मतदाता O इनके O प्रलोभन O में O आकर O सत्तारूढ़ O पार्टी O के O पक्ष O में O वोट O न O डालें O । O चुनाव O संबंधी O ये O पाबंदियां O सिर्फ O चुनाव O आचार O संहिता O के O लागू O होने O के O बाद O की O सीमित O अवधि O में O नयी O योजनाओं O की O घोषणाओं O पर O लागू O होती O हैं O । O इनका O असर O पहले O से O चल O रही O योजनाओं O , O कार्यक्रमों O और O कार्य O पर O नहीं O पड़ेगा O । O विधानसभा O चुनाव O में O यह O संहिता O उस O समय O सत्तारूढ़ O राज्य O सरकार O पर O लागू O होती O है O जो O पूरी O तरह O युक्तिसंगत O है O । O उप O चुनाव O के O दौरान O आदर्श O चुनाव O आचार O संहिता O संबंधित O जिलों O में O ही O लागू O होती O है O । O इस O तरह O चुनाव O के O दौरान O आदर्श O आचार O संहिता O लागू O होने O से O शासन O संचालन O पर O न्यूनतम O असर O पड़ता O है O । O स्थानीय O निकायों O के O चुनाव O यहां O हमने O स्थानीय O निकाय O चुनावों O को O चर्चा O में O शामिल O नहीं O किया O है O जिनका O आयोजन O विभिन्न O सांविधिक O संगठनों O , O जैसे O संबंधित O राज्यों O के O चुनाव O आयोगों O की O निगरानी O , O दिशानिर्देश O और O नियंत्रण O में O किया O जाता O है O । O फिलहाल O , O स्थानीय O निकाय O चुनावों O के O लिए O अलग O - O अलग O तरह O के O मतदान O केन्द्र O बनाये O जाते O हैं O । O बार O - O बार O चुनाव O होने O से O मतदाताओं O के O कुछ O वर्गों O में O चुनाव O के O प्रति O ऊब O पैदा O हो O जाती O है O । O मतदाताओं O की O बेहतर O भागीदारी O से O हमारे O चुनावों O की O विश्वसनीयता O और O बढ़ेगी O । O इसकी O आवश्यकता O / O व्यवहार्यता O , O इसके O फायदे O और O नुकसान O को O लेकर O भविष्य O में O विभिन्न O स्तरों O पर O और O अधिक O छानबीन O और O विश्लेषण O किए O जाने O की O जरूरत O है O । O जल O शक्ति O अभियान O पहल O के O प्रमुख O क्षेत्र O : O * O जल O संरक्षण O और O वर्षा O जल O संचय O । O * O पारम्परिक O और O अन्य O जल O स्रोतों O / O तालाबों O का O जीर्णोद्धार O । O * O रिचार्ज O और O रियूज O ढांचे O । O * O जलसंभर O विकास O । O * O सघन O वनीकरण O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O 2.0 O की O आवश्यकता O मलजल O के O कुप्रबंधन O से O उत्पन्न O स्वास्थ्य O संबंधी O जबरदस्त O खतरे O को O दूर O करने O के O लिए O भी O है O । O भूजल O की O वार्षिक O निकासी O इसके O पुनर्भरण O से O अधिक O होने O से O मांग O पक्ष O का O प्रबंधन O वक्त O की O जरूरत O बन O गया O था O । O अटल O भूजल O योजना O इसी O उद्देश्य O के O लिए O खास O तौर O पर O बनायी O गयी O । O सूक्ष्म O सिंचाई O के O बारे O में O केन्द्र O द्वारा O प्रायोजित O योजना O का O उद्देश्य O ड्रिप O और O स्प्रिंकलर O विधियों O से O सिंचाई O जैसे O प्रौद्योगिकी O आधारित O उपयुक्त O उपायों O से O कृषि O क्षेत्र O में O पानी O के O उपयोग O में O दक्षता O को O बढ़ाना O और O किसानों O को O पानी O की O बचत O और O संरक्षण O करने O वाली O टेक्नोलॉजी O का O इस्तेमाल O करने O को O प्रेरित O करना O है O । O इसका O उद्देश्य O देश O की O सूक्ष्म O सिंचाई O की O कुल O संभावित O क्षमता O का O फायदा O उठाना O और O इस O क्षेत्र O में O क्षमता O की O कमी O को O दूर O करना O है O । O हमारे O लिए O यह O बडे O उत्साह O का O वक्त O है O , O जब O देश O का O भाग्य O बदलने O वाला O है O । O उन्होंने O पानी O का O महिमामंडन O करते O हुए O उसे O ईश्वर O का O दर्जा O दिया O है O और O हमें O हर O घर O के O प्रत्येक O व्यक्ति O तक O स्वच्छ O पेयजल O पहुंचाने O के O लिए O पानी O परमेश्वर O का O आशीर्वाद O प्राप्त O करने O को O प्रोत्साहित O किया O है O । O इस O संबंध O में O मंत्रालय O निश्चित O रूप O से O ईश्वर O का O काज O या O सेवा O कार्य O ही O कर O रहा O है O । O ग्रामीण O घरों O में O नल O के O जरिये O जल O आपूर्ति O की O स्थिति O : O विकास O पथ O स्मार्ट O फ्रेट O ऑपरेशन O ऑप्टिमाइजेशन O एंड O रियल O टाइम O इन्फॉर्मेशन O ( O स्फूर्ति O ) O स्फूर्ति O एप्लिकेशन O की O प्रमुख O विशेषताएं O निम्न O प्रकार O से O हैं O : O * O इस O एप्लिकेशन O से O भौगोलिक O सूचना O प्रणाली O जीआईएस O व्यू O पर O मालगाड़ियों O की O आवाजाही O का O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O * O मालढुलाई O के O कारोबार O पर O नजर O रखी O जा O सकती O है O । O * O क्षेत्रीय O / O मंडलीय O यातायात O का O तुलनात्मक O विश्लेषण O हो O सकता O है O । O * O नए O यातायात O और O गंवाए O गए O यातायात O का O विश्लेषण O हो O सकता O है O । O * O भूस्थानिक O व्यू O के O साथ O रेक O की O आरंभ O से O अंत O तक O आवाजाही O को O दिखाता O है O । O * O रोजाना O के O प्रदर्शन O का O मूल्यांकन O करने O के O लिए O इंटरचेंज O बिंदुओं O पर O संभावित O यातायात O दिखाता O है O । O * O माल O की O चढ़ाई O और O ढुलाई O से O संबंधित O संपत्तियों O के O उपयोग O के O मामले O में O प्रत्येक O क्षेत्र O और O मंडल O का O प्रदर्शन O देखा O जा O सकता O है O । O * O सेक्शन O , O मंडल O और O क्षेत्रों O में O सेक्शनवार O प्रदर्शन O की O निगरानी O से O यातायात O का O मार्ग O तय O करने O में O मदद O मिलेगी O । O * O फ्रेट O टर्मिनल O और O साइडिंग O की O बेहतर O निगरानी O हो O सकेगी O ताकि O रेक O में O वृद्धि O सुनिश्चित O हो O सके O । O एमपीलैड O योजना O के O लिए O धन O आवश्यक O दस्तावेज O प्राप्त O होने O पर O तथा O एमपीलैड्स O संबंधी O दिशानिर्देशों O के O प्रावधानों O के O अनुसार O नोडल O जिला O अधिकारियों O को O जारी O किया O जाएगा O । O एमपीलैड O योजना O के O अंतर्गत O स्थानीय O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O टिकाऊ O संपत्तियों O जैसे O पेयजल O , O शिक्षा O , O जन O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O एवं O सड़क O आदि O के O अनुरूप O टिकाऊ O संपत्तियों O के O निर्माण O से O पूरे O देश O की O जनता O को O लाभ O होगा O । O प्रमुख O क्षेत्रों O में O एफडीआई O नीति O बनी O और O भी O उदार O प्रधानमंत्री O की O अध्यक्षता O में O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O प्रत्यक्ष O विदेशी O निवेश O ( O एफडीआई O ) O नीति O में O कई O संशोधनों O को O मंजूरी O दे O दी O है O । O उनका O उद्देश्य O एफडीआई O नीति O को O उदार O तथा O सरल O बनाना O है O ताकि O देश O में O कारोबार O करना O सुगम O हो O जाए O । O बदले O में O इससे O देश O में O अधिक O एफडीआई O आएगा O , O जिससे O निवेश O , O आय O एवं O रोजगार O में O वृद्धि O होगी O । O संशोधनों O के O प्रमुख O बिंदु O इस O प्रकार O हैं O : O * O एफआईआई O / O एफपीआई O को O प्राथमिक O बाजार O के O जरिये O पावर O एक्सचेंजों O में O निवेश O की O अनुमति O । O * O एफडीआई O नीति O में O ' O चिकित्सा O उपकरणों O ' O की O परिभाषा O बदली O गई O । O प्रत्यक्ष O विदेशी O निवेश O ( O एफडीआई O ) O आर्थिक O वृद्धि O का O प्रमुख O वाहक O और O देश O के O आर्थिक O विकास O के O लिए O ऋण O से O इतर O धन O का O स्रोत O है O । O हाल O ही O में O सरकार O ने O रक्षा O , O निर्माण O विकास O , O बीमा O , O पेंशन O , O अन्य O वित्तीय O सेवाओं O , O संपत्ति O पुनर्गठन O कंपनियों O , O प्रसारण O , O नागर O विमानन O , O औषधि O , O ट्रेडिंग O जैसे O कई O क्षेत्रों O में O एफडीआई O नीति O को O उदार O बनाया O है O । O सरकार O द्वारा O किए O गए O उपायों O के O कारण O देश O में O एफडीआई O की O आवक O बढ़ी O है O । O इससे O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O विकास O के O लिए O एकीकृत O विकास O की O रूपरेखा O बनाने O में O मदद O मिली O है O । O इसमें O अन्य O बातों O के O साथ O प्रमुख O रूप O से O समाप्त O न O होने O वाले O केंद्रीय O संसाधन O का O प्रशासन O सम्मिलित O है O । O यह O मंत्रालय O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O विकास O से O जुड़ी O विभिन्न O परियोजनाओं O के O लिए O दूसरे O मंत्रालयों O और O विभागों O से O समन्वय O करता O है O । O इसके O साथ O ही O पूर्वोत्तर O क्षेत्र O के O राज्यों O की O विशेष O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O के O लिए O नीतियों O में O परिवर्तन O के O लिए O विभिन्न O केंद्रीय O मंत्रालयों O और O विभागों O के O बीच O समन्वय O का O कार्य O भी O करता O है O । O वो O हमें O बताते O हैं O कि O वे O अपनी O तक़लीफों O से O कैसे O बाहर O आए O । O रंज O से O खुगर O हुआ O इसा O तो O मिट O जाता O है O रंज O , O मुश्किलें O मुझ O पर O पड़ीं O इतनी O कि O आसां O हो O गई O । O ( O जब O इंसान O दुःख O का O अभ्यस्त O हो O जाता O है O तब O उसे O दुःखों O से O तकलीफ O नहीं O होती O मुझ O पर O इतनी O मुश्किलें O पड़ी O कि O वे O भी O अब O आसान O हो O गईं O ) O । O 20वीं O शताब्दी O में O उर्दू O शायरी O की O जुबान O और O लहज़े O में O काफी O बदलाव O आ O गया O । O यहां O तक O कि O उनकी O रोमानी O शायरियों O में O भी O गरीबों O और O लाचारों O के O लिए O सरोकार O नज़र O आता O है O । O साहित्य O में O उर्दू O शायरी O सबसे O लोकप्रिय O विधा O रही O है O । O मुशायरा O ( O कवि O सम्मेलन O ) O में O हॉल O और O प्रेक्षागृह O पूरे O भरे O होते O हैं O , O जहां O उर्दू O शायरी O के O प्रेमी O अपने O चहेते O शायर O को O लीन O होकर O सुनते O हैं O । O उर्दू O गद्य O / O नस्र O - O उर्दू O नस्र O का O सबसे O पहला O दस्तावेज O हमें O 15वीं O शताब्दी O के O आसपास O दक्कनी O उर्दू O में O मिला O है O । O इससे O पहले O के O नस्र O ज्यादातर O सूफी O संतों O द्वारा O उनके O शागिर्दों O को O धर्म O का O ज्ञान O सिखाने O के O लिए O थे O । O दक्षिण O में O नस्र O लेखन O चलता O रहा O था O । O इस O वजह O से O ब्रिटिश O अधिकारियों O को O आम O लोगों O से O बातचीत O करने O की O जरूरत O पड़ने O लगी O थी O , O और O यह O स्थानीय O भाषा O को O जाने O बिना O संभव O ही O नहीं O था O । O अंग्रेज O अधिकारियों O के O लिए O पाठ्य O पुस्तक O और O अध्ययन O सामग्री O तैयार O करने O के O लिए O कई O लेखकों O को O नियुक्त O किया O गया O था O । O उर्दू O उपन्यासों O ने O अपनी O जड़ें O दास्तान O या O लंबी O परी O कथाओं O में O खोजी O । O उनकी O सरल O भाषा O और O सुलझी O हुई O शैली O ने O काल्पनिक O कहानियों O या O लेखों O की O रूपरेखा O को O पूरी O तरह O बदल O दिया O । O लेखक O समाचार O पत्र O बिजनेस O स्टैंडर्ड O में O आर्थिक O विषयों O के O संपादक O हैं O । O आर्थिक O नीतियाँ O , O कराधान O और O माइक्रो O इकोनॉमिक्स O इनके O मुख्य O विषय O रहे O हैं O । O मौजूदा O दिवाला O और O शोधन O अक्षमता O संहिता O ( O आईबीसी O ) O यह O संहिता O पहले O की O निपटान O प्रणाली O से O बिल्कुल O अलग O है O क्योंकि O यह O कॉरपोरेट O देनदार O के O खिलाफ O निपटान O प्रक्रिया O को O शुरू O करने O की O जिम्मेदारी O लेनदार O को O सौंपती O है O । O पहले O की O व्यवस्था O इससे O अलग O थी O । O उसमें O देनदार O ही O निपटान O प्रक्रिया O चालू O करता O था O , O जबकि O लेनदार O को O बकाया O कर्ज O की O वसूली O के O लिए O कानूनी O कार्रवाई O करनी O पड़ती O थी O । O पिछले O कई O वर्षों O से O भारतीय O अर्थव्यवस्था O धीमी O गति O से O बढ़ O रही O थी O । O हालांकि O व्यक्तियों O और O पार्टनरशिप O कंपनियों O के O लिए O इस O संहिता O के O प्रावधानों O को O अभी O अधिसूचित O नहीं O किया O गया O है O । O चूंकि O इस O संबंध O में O फिलहाल O नियम O जारी O नहीं O किये O गये O हैं O । O कोई O व्यक्ति O या O कंपनी O दिवालिया O तब O होते O हैं O जब O वे O अपने O द्वारा O लिये O गये O ऋण O को O चुकाने O में O असमर्थ O होते O हैं O । O इस O स्थिति O से O निपटने O के O लिए O कर्ज O को O पुनर्गठित O किया O जाता O है O । O फिर O भी O अगर O कर्ज O का O निपटारा O नहीं O होता O तो O व्यक्ति O के O खिलाफ O कानूनी O कार्रवाई O की O जा O सकती O है O । O अगर O मामला O किसी O कंपनी O का O होता O है O तो O कर्ज O के O पुनर्गठन O का O विकल्प O तलाशने O के O बाद O दूसरा O विकल्प O यह O होता O है O कि O ऋणदाताओं O को O भुगतान O करने O के O लिए O परिसंपत्तियों O को O बेच O दिया O जाए O । O व्यापार O को O सुविधाजनक O बनाने O के O लिए O न O सिर्फ O उसमें O प्रवेश O के O रास्ते O सरल O बनाए O जाने O चाहिए O , O बल्कि O उससे O निकासी O भी O सहज O होनी O चाहिए O । O दिवालिया O होने O की O स्थिति O में O व्यापार O से O निकासी O की O प्रक्रिया O समयबद्ध O होनी O चाहिए O । O इस O अधिनियम O के O लागू O होने O से O पहले O दिवाला O समाधान O प्रक्रिया O में O लंबा O समय O लग O जाता O था O । O मुकदमेबाजी O में O भी O समय O बर्बाद O होता O था O । O जैसे O संविदा O अधिनियम O , O बैंकों O और O वित्तीय O संस्थानों O में O बकाया O ऋणों O की O वसूली O अधिनियम O , O वित्तीय O आस्तियों O के O प्रतिभूतिकरण O एवं O पुनर्निर्माण O और O प्रतिभूति O हित O का O प्रवर्तन O अधिनियम O इत्यादि O । O इस O कारण O अपेक्षित O परिणाम O नहीं O प्राप्त O हो O रहे O थे O । O साथ O ही O बीमार O औद्योगिक O कंपनियां O ( O विशेष O प्रावधान O ) O अधिनियम O और O कंपनी O अधिनियम O , O 1956 O के O प्रावधान O भी O प्रभावहीन O थे O । O लेकिन O इन O दशकों O पुराने O कानूनों O का O भी O कोई O लाभ O नहीं O मिल O रहा O था O । O योजना O टीम O कई O स्थल O विभिन्न O नदियों O के O किनारे O और O नदी O घाटियों O में O बताए O गए O हैं O । O ऐतिहासिक O परिप्रेक्ष्य O ऐतिहासिक O काल O के O दौरान O ( O छठी O शताब्दी O ईसा O पूर्व O के O बाद O ) -NEL (( O महाराष्ट्र - में O मौर्यों O का O शासन O ( O चौथी O शताब्दी O ईसा O पूर्व O से O दूसरी O शताब्दी O ईसा O पूर्व O ) O देखा O जाता O है O । O यह O राज्य O का O बहुत O फलता O - O फूलता O दौर O था O । O इस O अवधि O में O पश्चिमी O दुनिया O के O साथ O अंतर्राष्ट्रीय O व्यापार O पूरे O जोरों O पर O था O । O विज्ञान O एवं O प्रौद्योगिकी O हमारे O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O में O देश O के O सार्वजनिक O के O साथ O ही O साथ O निजी O क्षेत्र O के O उद्योग O भी O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभा O रहे O हैं O । O मानव O जीवन O के O अस्तित्व O के O लिए O रोटी O , O कपड़ा O और O मकान O चिरकाल O से O मूलभूत O आवश्यकताएं O रही O हैं O । O आधुनिक O काल O में O मानव O के O लिए O कला O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O देखरेख O और O सफाई O भी O उतनी O ही O आवश्यक O हो O गई O हैं O । O हम O जैसे O - O जैसे O विकासशील O देश O से O विकसित O देश O बनने O की O दिशा O में O प्रगति O कर O रहे O हैं O वैसे O - O वैसे O ही O हमारी O बुनियादी O जरूरतें O भी O बदलती O जा O रही O हैं O । O हमारे O दैनिक O जीवन O में O संगीत O की O बहुत O अहम O भूमिका O है O । O इनमें O से O कई O विधाएं O तो O वैदिक O काल O से O चली O आ O रही O हैं O और O अनेक O विधाएं O समय O के O साथ O विकसित O हुई O हैं O जबकि O कुछ O विधाएं O समय O बीतने O के O साथ O विस्मृत O हो O चुकी O हैं O । O इसका O भाव O यह O है O कि O साहित्य O , O संगीत O और O कलाओं O की O जानकारी O से O रहित O मनुष्य O बिना O पूंछ O और O सींगों O वाले O पशु O के O समान O ही O होता O है O । O ऐसे O पशु O को O अपूर्ण O ही O माना O - O समझा O जाएगा O ; O इसी O प्रकार O साहित्य O , O संगीत O और O कलाओं O का O ज्ञान O न O रखने O वाले O व्यक्ति O को O ज्ञानी O या O विद्वान O नहीं O कहा O जा O सकता O । O शिक्षा O के O हर O स्तर O पर O संगीत O की O विशेष O भूमिका O है O । O स्कूली O शिक्षा O के O दौरान O तो O इसका O महत्व O और O भी O अधिक O होता O है O । O परंतु O फिर O भी O देश O के O अधिकांश O विद्यालयों O में O संगीत O को O बहुत O कम O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O अक्सर O संगीत O को O पाठ्यक्रम O में O न O रखकर O पाठ्येतर O गतिविधि O माना O जाता O है O । O यदि O संगीत O को O स्कूली O शिक्षा O से O हटाकर O बाहर O कर O दिया O जाएगा O या O इसे O कम O महत्व O दिया O जाएगा O तो O युवा O पीढ़ी O संगीत O के O असीम O लाभ O पाने O से O वंचित O रह O जाएगी O । O वास्तव O में O होना O तो O यह O चाहिए O कि O स्कूलों O में O विद्यार्थियों O के O लिए O संगीत O के O व्यापक O कार्यक्रम O पूरी O लगन O और O उत्साह O से O आयोजित O किए O जाएं O । O स्कूलों O में O संगीत O का O महत्व O : O संगीत O से O विभिन्न O विषयों O के O बीच O समन्वय O रखने O में O मदद O मिलती O है O । O संगीत O शिक्षा O से O बच्चों O में O संगीत O के O प्रति O रुचि O तो O विकसित O होती O ही O है O , O साथ O ही O , O गणित O से O जुड़ी O प्रतिभा O का O भी O विकास O होता O है O और O विषयों O की O बारीकियां O समझने O तथा O इतिहास O का O ज्ञान O अर्जित O करने O की O बौद्धिक O क्षमता O भी O उनमें O विकसित O होने O लगती O है O और O फिर O ग्रेड O सुधारने O ( O बेहतर O प्रदर्शन O करने O ) O , O बौद्धिक O कौशल O बढ़ाने O और O संज्ञान O लेने O की O क्षमता O बढ़ाने O में O भी O उन्हें O निश्चित O सफलता O प्राप्त O होती O है O । O इससे O उनकी O बुद्धि O कुशाग्र O होती O है O और O वे O अधिक O क्षमता O से O विषयवस्तु O ग्रहण O करने O में O समर्थ O बनते O हैं O , O उनमें O आनंद O की O अनुभूति O जागृत O होने O लगती O है O , O भावनात्मक O विकास O होने O के O साथ O ही O बच्चों O में O तनाव O का O स्तर O घटता O चला O जाता O है O । O संगीत O से O बच्चों O में O अनुशासन O आता O है O और O लगन O पैदा O होती O है O । O संगीत O सीखने O और O संगीत O का O अभ्यास O करने O से O बच्चों O में O समय O का O महत्व O जानने O और O समय O का O प्रबंधन O करने O की O क्षमता O पनपती O है O जिससे O उन्हें O आवश्यक O मुद्दों O पर O अधिक O ध्यान O देने O की O समझ O आती O है O । O जीवन O के O प्रारंभिक O काल O में O ही O इन O मूल्यों O का O विकास O होने O से O बच्चों O को O जीवन O में O आगे O चलकर O अनेकानेक O लाभ O प्राप्त O होते O हैं O । O यदि O बच्चों O में O प्री O - O प्राइमरी O या O प्राइमरी O - O प्राथमिक O - O पूर्व O अथवा O प्राथमिक O - O स्तर O पर O इन O गुणों O का O विकास O हो O जाए O तो O वे O हाई O - O स्कूल O में O पढ़ाई O - O लिखाई O का O बोझ O सहज O ही O सरलता O से O सह O लेंगे O और O उस O स्तर O पर O उनका O प्रदर्शन O निश्चय O ही O कहीं O बेहतर O होगा O । O इस O तरह O की O कवायद O का O मकसद O न O सिर्फ O ज़्यादा O उपयोगी O और O मजबूत O सुविधाओं O का O निर्माण O करना O है O , O बल्कि O ऐसी O सुविधाओं O के O जरिये O गांवों O में O रहने O वाले O लोगों O में O नई O ऊर्जा O का O संचार O करना O है O जिनका O नियमित O तौर O पर O इस्तेमाल O किया O जाता O है O । O इस O तरह O के O उपायों O के O साथ O - O साथ O सीसी O नालों O , O सोक O पिट O , O सड़कों O की O मरम्मत O और O रखरखाव O , O बिजली O से O जुड़ी O आधारभूत O संरचनाओं O ( O खंबे O , O तार O और O ट्रांसफॉर्मर O वगैरह O ) O को O बेहतर O बनाने O पर O भी O जोर O दिया O गया O । O इन O कोशिशों O से O बेहतर O स्वास्थ्य O , O ऊर्जा O की O बचत O और O वित्तीय O मोर्चे O पर O सकारात्मक O असर O जैसे O परिणाम O देखने O को O मिले O हैं O । O पल्ले O प्रगति O कार्यक्रम O की O शुरुआत O के O बाद O से O राज्य O में O डेंगू O और O अन्य O संक्रामक O ( O खास O तौर O पर O जानवरों O से O फैलने O वाली O ) O बीमारियों O में O भारी O गिरावट O आई O है O । O गौरतलब O है O कि O राज्य O में O मिशन O भागीरथ O के O तहत O घर O - O घर O पीने O का O पानी O पहुंचाने O की O योजना O पर O काम O पहले O ही O पूरा O हो O चुका O है O । O हरित O और O जलवायु O परिवर्तन O प्रबंधन O के O लिए O ' O हरित O हार्म O ' O अभियान O के O तहत O राज्य O के O हर O जिले O में O वृक्षारोपण O के O लिए O लक्ष्य O आवंटित O किए O गए O हैं O । O इस O कार्यक्रम O के O तहत O मुख्य O फोकस O राज्य O की O हर O प्रमुख O सड़क O , O गांवों O को O जोड़ने O वाली O सड़क O और O अंदरूनी O सड़कों O पर O अलग O - O अलग O तरह O के O पेड़ O - O पौधे O लगाने O पर O है O , O ताकि O सड़कों O के O आसपास O का O नजारा O बेहतर O हो O सके O और O आसपास O के O गांवों O में O प्रदूषण O में O भी O गिरावट O हो O । O दरअसल O , O खाली O या O बंजर O जमीन O पर O ऐसे O पार्क O बनाने O का O प्रस्ताव O है O । O इससे O ऐसी O जगहों O पर O हरियाली O का O प्रसार O भी O हो O सकेगा O जहां O इन O चीजों O का O अभाव O है O । O पल्ले O प्रगति O कार्यक्रम O के O तहत O हाल O में O मंडल O स्तर O पर O ग्रामीण O पार्क O स्थापित O करने O का O सिलसिला O शुरू O हुआ O है O । O ये O पार्क O मुख्य O तौर O पर O मंडल O मुख्यालय O में O मौजूद O होते O हैं O । O ऐसे O पार्क O का O मकसद O न O सिर्फ O ग्रामीण O इलाकों O में O पौधारोपण O है O , O बल्कि O इसे O रणनीतिक O मकसद O से O सरकारी O जमीन O पर O स्थापित O किया O गया O है O , O ताकि O ऐसी O जमीन O को O अतिक्रमण O से O बचाया O जा O सके O । O जीएसटी O का O सफर O इससे O जीएसटी O राजस्व O के O साथ O ही O समूची O अर्थव्यवस्था O के O उबरने O के O रुख O का O स्पष्ट O संकेत O मिलता O है O । O इस O काल O में O जीएसटी O राजस्व O में O तेजी O से O बढ़ोतरी O का O रुख O कोविड O 19 O की O वैश्विक O महामारी O के O बाद O अर्थव्यवस्था O के O तेज O गति O से O उबरने O का O स्पष्ट O संकेत O है O । O फर्जी O बिलों O के O खिलाफ O कड़ी O निगरानी O , O जीएसटी O , O आयकर O और O आयात O कर O सूचना O प्रौद्योगिकी O प्रणाली O समेत O अनेक O स्रोतों O के O आंकड़ों O के O गहन O विश्लेषण O तथा O प्रभावशाली O कराधान O व्यवस्था O ने O भी O पिछले O कुछ O महीनों O में O टैक्स O राजस्व O में O लगातार O वृद्धि O में O योगदान O किया O है O । O राजनीतिक O पहल O , O लोक O वित्त O , O विभिन्न O साझीदारों O से O सहयोग O और O आमजन O की O सहभागिता O के O दम O पर O सरकार O ने O व्यापक O परिवर्तन O के O लिए O सफलता O का O मंत्र O प्राप्त O किया O है O । O लिहाजा O , O जल O जीवन O मिशन O केवल O पेयजल O उपलब्धता O प्रदान O करने O वाला O ही O नहीं O , O बल्कि O कार्यस्थल O और O अर्थव्यवस्था O में O महिलाओं O की O सहभागिता O बढ़ाने O वाला O अभियान O है O , O जिसके O आधार O पर O उन्हें O उनकी O महत्वाकांक्षाएं O पूर्ण O करने O के O लिए O अधिक O समय O मिलता O है O । O अभियान O के O आधार O पर O किशोर O बालिकाओं O को O शिक्षा O के O साथ O - O साथ O रजोधर्म O स्वच्छता O प्रबंधन O में O भी O मदद O मिलती O है O । O इसके O आधार O पर O हमारे O सभी O कार्यों O में O स्वच्छता O और O आरोग्यता O को O बढ़ावा O और O बच्चों O को O घर O और O बाहर O सुरक्षित O रखने O में O सहायता O मिलती O है O । O लोगों O और O विशेषकर O महिलाओं O और O बालिकाओं O के O जीवन O में O जल O की O सहभागिता O को O बढ़ाकर O , O उन्हें O लगातार O स्कूल O भेजना O , O अध्यापिकाओं O की O कम O अनुपस्थिति O सुनिश्चित O करना O और O उन्हें O नए O आरोग्य O अभ्यास O सिखाकर O बीमारियों O से O दूर O रखा O जा O सकता O है O । O बैंकिंग O क्षेत्र O : O कल O , O आज O और O कल O यह O वह O सीमा O रेखा O है O जो O वैश्विक O आर्थिक O इतिहास O में O आम O तौर O पर O घरेलू O उपभोग O में O कई O गुणा O विस्तार O से O जुड़ी O होती O है O । O इसमें O लोगों O की O जरूरतों O और O विलासिता O के O साथ O - O साथ O वस्तुएं O एवं O सेवाएं O खरीदने O की O क्षमता O में O भी O सुधार O देखने O को O मिलता O है O । O इस O आर्थिक O परिवर्तन O में O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O को O अग्रणी O भूमिका O निभानी O होगी O । O हम O न O केवल O बैंकिंग O सेवाओं O में O निरंतर O वृद्धि O देखने O जा O रहे O हैं O , O बल्कि O हम O समाधान O और O वितरण O के O बढ़ते O परिष्करण O को O भी O देखेंगे O । O सुधारों O पर O बैंकिंग O क्षेत्र O की O प्रतिक्रिया O इस O विषय O पर O चर्चा O प्रारंभ O करने O से O पहले O इसकी O संक्षिप्त O ऐतिहासिक O पृष्ठभूमि O को O जानना O भी O अनिवार्य O हो O जाता O है O । O हालांकि O यह O परिदृश्य O धीरे O - O धीरे O बदलना O शुरू O हो O गया O क्योंकि O अर्थव्यवस्था O में O ऋण O प्रसार O की O प्रक्रिया O में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O भूमिका O सहायक O बैंकों O से O बदलकर O मुख्य O उत्प्रेरक O के O रूप O में O हो O गयी O । O यह O तर्क O दिया O जा O सकता O है O कि O उपरोक्त O आंकड़े O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O के O मामले O में O पक्षपातपूर्ण O हैं O जिनके O कारण O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O बिना O वजह O का O भार O पड़ता O है O । O इसमें O वैश्विक O मानसिकता O के O साथ O प्रत्येक O व्यक्ति O की O समृद्ध O और O जटिल O रचनात्मक O क्षमता O के O विकास O पर O विशेष O जोर O दिया O गया O है O । O एनईपी O ( O नई O शिक्षा O नीति O ) O विद्यार्थियों O को O विवेचनात्मक O प्रश्न O पूछने O , O समस्या O के O समाधान O और O रचनात्मकता O की O भावना O के O साथ O ' O ज्ञान O प्राप्त O करने O के O लिए O शिक्षा O ' O की O ओर O बढ़ने O में O सक्षम O करेगी O । O विज्ञान O और O गणित O के O साथ O - O साथ O पाठ्यक्रम O और O व्यवसाय O में O कला O , O शिल्प O , O मानविकी O , O गेम्स O , O खेल O - O कूद O , O भाषा O , O साहित्य O , O संस्कृति O और O मूल्य O शामिल O होंगे O । O इससे O छात्रों O को O आत्म O - O बोध O और O विमुक्ति O के O समग्र O विकास O में O मदद O मिलेगी O । O शिक्षा O दोनों O को O विकसित O करेगी O - O ज्ञान O संबंधी O सामाजिक O और O व्यवहारिक O गंभीर O कौशल O विकसित O करेगी O - O जिसमें O अन्य O बातों O के O अलावा O सांस्कृतिक O जागरूकता O और O सहानुभूति O , O दृढ़ता O और O धैर्य O , O टीम O वर्क O , O नेतृत्व O , O संवाद O शामिल O हैं O , O जिसे O ' O व्यवहारिक O कौशल O ' O भी O कहा O जाता O है O । O उनकी O गूढ़ O और O प्रेरणादायक O दृष्टि O का O प्रताप O जो O हमेशा O से O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O की O परिकल्पना O के O निरूपण O और O उसके O कार्यान्वयन O की O ताकत O रहा O है O । O पोषकता O का O पक्ष O अहम O - O जल O - O स्रोत O सुरक्षा O की O दृष्टि O से O आइए O आगे O बढ़ें O । O गौर O करें O कि O स्वच्छ O मतलब O कचरा O मुक्त O शुद्ध O मतलब O स्वच्छ O भी O , O पोषक O भी O । O अब O चूंकि O कोई O आंकड़ा O कोई O भी O नई O व्यवस्था O बनाने O से O पहले O यह O सुनिश्चित O तो O करना O ही O होगा O कि O पेय O - O जलापूर्ति O का O मूल O स्रोत O पोषक O तत्वों O से O युक्त O भी O हो O और O हानिकारक O तत्वों O से O मुक्त O भी O । O क्यों O ? O जल O जीवन O मिशन O की O विशेषता O एवं O तैयारियां O - O जल O जीवन O मिशन O द्वारा O की O तैयारियों O का O विश्लेषण O करें O : O प्रत्येक O परिसम्पत्ति O की O जियो O टैगिंग O । O प्रत्येक O कनेक्शन O होगा O सेंसरयुक्त O । O कनेक्शनधारी O का O आधार O नंबर O होगा O दर्ज O । O राज्य O प्रमाणित O पानी O परीक्षण O प्रयोगशालाओं O का O बनाया O जा O रहा O देशव्यापी O नेटवर्क O । O सूचना O व O पारदर्शिता O के O लिए O डिजिटल O प्लेटफॉर्म O । O फील्ड O किट O जांच O की O उपलब्धता O । O अशुद्धि O पाए O जाने O पर O जल O शुद्धिकरण O संयंत्र O । O मरम्मत O व O रखरखाव O का O प्रशिक्षण O व O अभियांत्रिकी O विभाग O की O सहयोगी O भूमिका O । O शुद्धता O सुनिश्चित O करने O में O नई O तकनीकें O सहायक O सिद्ध O होगी O । O गुणवत्ता O तथा O मात्रा O की O दूरदर्शी O निगरानी O आवश्यक O है O ही O । O किंतु O वह O झरनों O , O तालाबों O , O झीलों O , O नदियों O आदि O सतही O स्रोतों O को O सीधे O पीने O योग्य O बनाने O के O लक्ष्य O की O ओर O बढ़ने O में O जनभागीदारी O के O बिना O केवल O सरकार O के O कंधों O पर O सब O कुछ O डाल O कर O नहीं O रहा O जा O सकता O । O जल O स्वावलम्बन O सूत्र O जल O निकासी O एवं O संचयन O में O संतुलन O स्थापित O करने O में O जवाबदेही O सुनिश्चित O वाली O नीति O यह O हो O कि O जिसने O प्रकृति O से O जितना O और O जैसा O लिया O , O वह O प्रकृति O को O कम O से O कम O उतना O और O वैसी O गुणवत्ता O का O जल O लौटाए O ; O किसान O भी O , O फैक्टरी O मालिक O भी O । O 2 O . O बाध्यता O हो O कि O सभी O ग्राम O पंचायतें O अधिकारिक O रूप O से O प्रत्येक O न्याय O पंचायत O क्षेत्रवार O भूजल O - O निकासी O की O एकसमान O अधिकतम O गहराई O तय O करें O । O पालन O नहीं O करने O पर O संबंधित O व्यक्ति O के O शासकीय O योजना O लाभ O वापस O लिए O जा O सकें O । O 3 O . O जलवायु O परिवर्तन O के O संकेत O सावधान O कर O रहे O हैं O कि O यदि O समय O रहते O नहीं O चेता O गया O तो O परम्परागत O खेती O बचेगी O नहीं O । O यदि O हमारा O इलाका O बाढ़ O क्षेत्र O से O सुखाड़ O क्षेत्र O होने O की O ओर O अग्रसर O है O , O तो O भी O धान O , O गन्ने O जैसी O फसलों O को O सिर्फ O इसलिए O बोते O जाना O कि O परम्परा O से O हम O इन्हें O ही O बो O रहे O हैं O ; O क्या O समझदारी O होगी O ? O आवश्यक O है O कि O जल O और O वायु O बदल O रहें O हैं O तो O कृषि O चक्र O , O बीजों O के O चुनाव O और O सिंचाई O के O तौर O - O तरीके O भी O बदलें O । O रासायनिक O उर्वरकों O , O खर O - O पतवार O व O कीटनाशकों O ने O पानी O की O गुणवत्ता O की O गारण्टी O छीन O ली O है O । O प्राकृतिक O खेती O की O ओर O लौटे O बगैर O यह O गारण्टी O हमेशा O असंभव O ही O रहने O वाली O है O । O अतः O स्थानीय O भूगोल O तथा O जलवायु O अनुकूल O बीजों O , O प्रजातियों O , O तौर O - O तरीकों O व O खान O - O पान O को O प्राथमिकता O देकर O अपनाएं O । O धरती O सिर्फ O जरूरत O पूर्ति O के O लिए O है O । O अतः O सिर्फ O आजीविका O चलाने O वाली O कृषि O हो O । O अधिक O धन O की O मांग O करने O वाले O ग्रामीण O सपनों O की O पूर्ति O के O लिए O उपलब्ध O ग्राम्य O उत्पाद O , O शिल्प O व O कौशल O आधारित O आय O मार्ग O प्रशस्त O करने O पर O ध्यान O दिया O जाए O । O शौचालय O के O टैंक O भी O तल O से O सील O नहीं O किए O गए O । O इस O कारण O आज O नहीं O तो O कल O , O निकटस्थ O जल O स्रोत O प्रदूषित O होने O की O आशंका O है O । O 5 O . O विशेष O रूप O से O उद्योगों O और O चारदीवारीयुक्त O आवासीय O परिसर O वाली O नई O बसावटों O को O उनके O उपयोग O का O पानी O स्वयं O शोधित O करने O तथा O शोधित O जल O के O पुर्नोपयोग O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O जाए O । O उनके O सीवेज O को O पाइप O से O जोड़ने O की O बजाय O , O उनके O परिसर O के O भीतर O शोधित O करने O की O विशेष O प्रोत्साहन O योजना O बनाई O जाए O । O शोधित O मल O को O खाद O के O रूप O में O इस्तेमाल O किया O जाए O । O 6 O . O सभी O राज्य O व O केन्द्र O शासित O क्षेत्र O अपने O अधिकार O क्षेत्र O की O प्रत्येक O नदी O , O जल O संरचना O तथा O वन O / O उद्यान O क्षेत्र O की O भूमि O का O चिन्हीकरण O , O सीमांकन O तथा O उसका O भू O - O उपयोग O अधिसूचित O करें O । O ऐसी O भूमि O के O भू O - O उपयोग O बदलने O की O इजाजत O किसी O को O नहीं O हो O । O इसी O तर्ज O पर O पंचायती O पानी O समितियों O तथा O संबंधित O स्वयंसेवी O प्रतिनिश्चयों O हेतु O ' O ग्राम्य O जल O प्रबंधन O प्रेक्टिशनर्स O कोर्स O ' O तैयार O किया O जा O सकता O है O । O ऐसे O प्रशिक्षितों O व O तकनीकी O सलाहकारों O की O अतिरिक्त O सेवाएं O लेने O के O लिए O क्षेत्र O पंचायत O वार O पैनल O तैयार O किए O जा O सकते O हैं O । O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O के O अलावा O विभिन्न O राज्य O सरकारें O भी O किसानों O की O ज़रूरतें O पूरी O करने O हेतु O उनके O लिए O सामाजिक O सुरक्षा O की O योजनाएं O चला O रही O हैं O । O योजना O में O दुर्घटना O में O जान O गंवाने O वाले O तथा O दुर्घटना O में O ही O अपंग O हो O चुके O किसानों O को O शामिल O किया O जाता O है O । O योजना O के O अंतर्गत O पशु O के O हमले O , O नक्सल O हमले O , O हत्या O , O बिजली O के O झटके O आदि O को O भी O दुर्घटना O माना O जाता O है O और O उसके O शिकार O होने O वाले O को O यथोचित O मुआवजा O दिया O जाता O है O । O योजना O में O पंजीकृत O किसानों O को O दुर्घटना O में O मृत्यु O होने O अथवा O स्थायी O अपंगता O होने O पर O बीमा O का O लाभ O दिया O जाता O है O । O बीमा O का O समूचा O प्रीमियम O राज्य O सरकार O भरती O है O ; O किसान O को O कृषि O कामगारों O के O लिए O चलाई O जा O रही O अनूठी O सामाजिक O सुरक्षा O योजना O के O अंतर्गत O खुद O को O पंजीकृत O भर O कराना O होता O है O । O इनमें O मृत्यु O , O अपंगता O , O बीमारी O , O स्वास्थ्य O , O चोट O , O बेरोज़गारी O और O विभिन्न O प्रकार O की O दुर्घटनाएं O शामिल O हैं O । O ऐसे O कार्यक्रम O ज़मीनी O स्तर O पर O प्रभावी O और O व्यापक O बुनियादी O ढांचे O के O साथ O लागू O करने O होते O हैं O ताकि O अंतिम O व्यक्ति O तक O इनकी O पहुंच O सुनिश्चित O हो O सके O । O ऐसी O योजनाओं O के O विवरण O तथा O लाभ O विभिन्न O माध्यमों O के O जरिये O प्रचारित O किए O जाने O चाहिए O ताकि O किसानों O के O सामाजिक O कल्याण O पर O उनका O अधिक O से O अधिक O प्रभाव O हो O सके O । O क्या O आप O जानते O हैं O ? O नीली O क्रांति O समुद्री O मत्स्यपालन O क्षेत्र O में O सामाजिक O - O आर्थिक O रूप O से O पिछड़े O कारीगरों O एवं O लघु O स्तरीय O मछुआरों O की O बहुलता O है O , O जिनका O जीवन O एवं O आजीविका O महासागरों O एवं O समुद्रों O पर O निर्भर O है O । O इस O महत्वाकांक्षी O योजना O का O लक्ष्य O मत्स्यपालन O क्षेत्र O का O टिकाऊ O तथा O जवाबदेही O भरा O विकास O करना O है O मगर O साथ O में O मछुआरों O तथा O मत्स्यपालन O किसानों O की O सामाजिक O सुरक्षा O एवं O कल्याण O के O कुछ O प्रमुख O प्रावधान O भी O इसमें O शामिल O किए O गए O हैं O । O जब O मछुआरों O का O समुद्र O में O प्रवेश O प्रतिबंधित O होता O है O अथवा O जिस O अवधि O में O मछलियां O बहुत O कम O मिलती O हैं O , O उस O दौरान O सामाजिक O - O आर्थिक O रूप O से O कमज़ोर O सक्रिय O एवं O पारंपरिक O मछुआरा O परिवारों O को O आजीविका O और O पोषण O सहायता O प्रदान O की O जाती O है O । O बीमा O वाले O हिस्से O के O तहत O दिया O जाने O वाला O मुआवजा O इस O प्रकार O है O - O जल O संकट O को O हल O करने O के O लिए O सरकार O पहले O से O ही O कई O पहलुओं O पर O काम O कर O रही O है O , O लेकिन O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O की O विभिन्न O योजनाओं O के O कार्यान्वयन O को O आसान O बनाने O के O लिए O विभिन्न O हितकारकों O को O कई O मुद्दों O पर O विचार O करने O की O आवश्यकता O है O । O यह O समूचा O अभियान O विभिन्न O हितधारकों O के O विचारों O के O साथ O जल O क्षेत्र O में O मेरे O अनुभवों O को O देखते O हुए O संकल्पित O किया O गया O था O । O यह O अभियान O लोगों O द्वारा O चलाया O जाएगा O और O यह O लोगों O का O अभियान O होगा O । O परियोजना O का O मुख्य O घटक O पर्यावरण O और O जल O संरक्षण O के O बारे O में O काम O करने O के O लिए O स्थानीय O साधनों O का O उपयोग O करके O परियोजना O की O प्रभावशीलता O और O कम O लागत O वाले O तरीकों O को O बढ़ाने O के O लिए O डेटा O एनालिटिक्स O का O उपयोग O करना O होगा O । O पेड़ों O को O बचाने O के O लिए O चिपको O आंदोलन O जैसी O परिवर्तन O की O स्थानीय O कहानियों O और O स्थानीय O संस्कृति O के O विषयों O का O उपयोग O जल O संसाधनों O के O संरक्षण O और O पर्यावरण O की O रक्षा O के O लिए O नई O पहल O की O कार्यनीतियों O के O लिए O जाएगा O । O इस O अभियान O में O भाग O लेने O वाले O पर्यावरणविद O लंबे O समय O के O अनुभव O और O सुसंगत O उद्यमशीलता O को O संयोजित O करने O में O सक्षम O होंगे O । O इस O ऐप O के O माध्यम O से O प्रतिभागियों O को O उचित O और O उपयोगी O जानकारी O दी O जाएगी O । O इसके O अलावा O इस O क्षेत्र O में O अनुभव O भी O साझा O किए O जा O सकते O हैं O । O ये O हैं O - O संगठनात्मक O आउटरीच O सामग्री O ( O सोशल O मीडिया O और O डेटा O एनालिटिक्स O ) O । O इन O युवा O पेशेवरों O की O भूमिका O स्थानीय O मुद्दों O , O प्रशासनिक O संरचना O को O समझने O और O जल O प्रशासन O में O अंतर्दृष्टि O प्राप्त O करने O के O लिए O संबंधित O राज्यों O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O की O सरकारों O के O साथ O काम O करना O है O । O इस O सीख O का O उपयोग O करते O हुए O , O वे O पानी O के O मुद्दों O पर O उद्यमशीलता O / O उद्यमता O समाधान O विकसित O करेंगे O और O सरकार O को O सर्वोत्तम O उपायों O को O लागू O करने O और O बढ़ाने O में O भी O मदद O करेंगे O । O हमें O यदि O भविष्य O को O बचाना O है O और O संधारणीय O विश्व O का O निर्माण O करना O है O तो O पानी O के O सही O , O बहुआयामी O महत्व O का O एहसास O करने O का O यह O उपयुक्त O समय O है O । O जीएसटी O भरपाई O निधि O में O कमी O को O पूरा O करने O के O लिए O विशेष O उधार O व्यवस्था O जीएसटी O में O स्थानीय O करों O को O शामिल O करने O और O उसके O कारण O राजस्व O घाटे O में O आशंका O को O देखते O हुए O ( O राज्यों O को O क्षतिपूर्ति O ) O अधिनियम O , O 2017 O लागू O किया O गया O । O हालांकि O कुछ O मामूली O विवरणों O की O पुष्टि O होना O बाकी O है O , O जो O कुछ O समय O में O हो O जाएगी O । O जल O जीवन O मिशन O के O बारे O में O उनका O आकलन O सकारात्मक O , O उत्साहजनक O और O प्रशंसनीय O है O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O बाद O - O स्वच्छ O भारत O अभियान O 2.0 O ने O जो O शानदार O कार्य O किया O है O वह O भी O मंत्रालय O द्वारा O क्रियान्वित O किया O जा O रहा O उतना O ही O महत्वपूर्ण O कार्यक्रम O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O 2.0 O बडे O सही O समय O में O शुरू O किया O गया O है O । O कचरे O की O मात्रा O कम O करने O के O लिए O उपयुक्त O सामुदायिक O कार्रवाई O और O कचरे O का O सही O तरीके O से O निस्तारण O करना O आज O के O समय O की O आवश्यकता O बन O गया O है O । O और O हमने O विक्रेता O के O रूप O में O बाजार O में O ऐसा O किया O क्योंकि O माँग O आपूर्ति O से O कहीं O अधिक O थी O । O बढ़ती O आवश्यकताओं O के O साथ O दवा O उद्योग O के O लिए O सामग्री O की O भी O बहुत O माँग O थी O । O और O ऐसी O परिस्थितियों O में O वाणिज्य O अपने O आप O में O पर्याप्त O नहीं O था O ; O वास्तव O में O , O प्रभावी O पहुँच O के O लिए O संपर्कों O की O आवश्यकता O थी O । O आपूर्ति O का O पता O लगाना O , O बातचीत O करना O और O अनुबंध O करना O भारतीय O कूटनीति O की O प्राथमिकता O बन O गई O । O और O सुपुर्दगी O के O लिए O इसने O अपने O घुटने O टेक O दिए O । O और O वह O यह O है O कि O कहीं O और O क्या O हो O रहा O है O इससे O हमारा O दैनिक O जीवन O प्रभावित O होता O , O चाहे O वे O समस्याएँ O हों O या O समाधान O हों O । O इसलिए O , O अगली O बार O जब O आप O कोई O विदेश O यात्रा O देख O रहे O हों O , O किसी O महत्वपूर्ण O रिश्ते O पर O चर्चा O सुन O रहे O हों O , O या O विदेश O में O हमारे O हितों O के O बारे O में O कोई O बहस O पढ़ O रहे O हों O , O तो O याद O रखें O कि O इसका O सीधा O असर O आपकी O भलाई O पर O पड़ O सकता O है O । O विदेश O नीति O केवल O संकट O की O स्थिति O में O ही O मायने O नहीं O रखती O है O । O यह O सचमुच O आपकी O सुरक्षा O , O आपकी O नौकरी O , O आपके O जीवन O की O गुणवत्ता O , O और O जैसा O कि O हमने O हाल O ही O में O खोजा O है O , O यहाँ O तक O कि O आपके O स्वास्थ्य O को O भी O निर्धारित O कर O सकती O है O । O यह O जो O आपके O प्रिय O है O उसे O आकार O देती O है O : O जैसे O गर्व O , O मूल्य O , O प्रतिष्ठा O और O छवि O । O और O इन O सभी O कारणों O से O और O भी O अधिक O के O लिए O , O यह O महत्वपूर्ण O है O कि O आप O दुनिया O में O अधिक O से O अधिक O रुचि O लें O । O 10. O अब O मैं O इसकी O पड़ताल O करता O हूँ O कि O विदेश O नीति O का O आपके O लिए O व्यक्तिगत O रूप O से O क्या O अर्थ O हो O सकता O है O । O लेकिन O विदेश O नीति O की O जरूरत O के O लिए O आपका O विदेश O में O होना O जरूरी O नहीं O है O ; O यह O देश O में O भी O उतना O ही O मायने O रखती O है O । O और O फिर O निवेश O , O प्रौद्योगिकी O और O सर्वोत्तम O प्रथाओं O की O खोज O के O साथ O अर्थव्यवस्था O है O । O और O कुल O मिलाकर O , O वे O जो O करते O हैं O वह O रोजगार O का O विस्तार O करना O और O आपके O जीवन O की O गुणवत्ता O में O सुधार O करना O है O । O और O ध्यान O रहे O यह O वैश्वीकरण O का O युग O है O । O मेरा O मानना O है O कि O भारतीय O कला O और O संस्कृति O फिबोनाचि O अनुक्रम O के O रूप O में O विकसित O होती O रही O है O और O यह O विकास O - O प्रक्रिया O जारी O है O । O बहिर्मुखी O कुंडली O या O चक्र O ( O स्पाइरल O ) O जैसे O इस O स्वरूप O में O विकास O की O अनंत O संभावनाएं O हैं O । O इस O कुंडली O में O अच्छे O - O बुरे O नए O विचार O , O विश्वास O , O शैलियां O और O जीवन O - O मूल्य O भी O निहित O हैं O और O ऐसे O पुराने O विचार O , O शैलियां O , O मूल्य O आदि O भी O सिमटे O हुए O हैं O जो O उनके O ऊपर O अनेक O परतें O चढ़ O जाने O की O वजह O से O बाहर O से O नजर O और O पकड़ O में O नहीं O आ O पाते O हैं O । O लेकिन O यह O ' O प्राचीन O ' O नष्ट O नहीं O होता O , O जीवित O रहता O है O और O ' O नये O ' O को O समझ O देता O हुआ O निरंतर O टिका O रहता O है O । O ' O नया O ' O अपनी O विशिष्ट O और O ज्यादा O स्पष्ट O पहचान O के O साथ O नज़र O आता O है O क्योंकि O चक्रिक O संरचना O के O बाहर O की O ओर O होने O से O इसे O साफ O नज़र O आने O का O लाभ O मिलता O है O । O लेकिन O इस O कुंडली O के O सबसे O बाहरी O बिन्दु O पर O स्थित O व्यक्ति O भी O भारतीय O कला O और O संस्कृति O , O इसके O सम्पूर्ण O ज्ञान O और O मेधा O की O विरासत O को O , O कुंडली O की O सम्पूर्णता O में O ग्रहण O करता O है O । O कोई O भी O जागृत O आत्मा O , O शोधकर्ता O और O अन्वेषी O इस O कुंडली O की O गहनतम O गहराइयों O में O जा O सकता O है O , O स्रोत O तक O पहुंच O सकता O है O और O इसमें O निहित O धरोहर O और O मेधा O को O नये O सिरे O से O समझ O सकता O है O , O ग्रहण O कर O सकता O है O । O इतिहासकार O , O पुरातत्वविद O , O दार्शनिक O , O धर्म O - O मर्मज्ञ O , O विरासत O के O अध्येता O और O संस्कृति O पर O मात्र O विहंगम O , O जिज्ञासु O दृष्टि O डालने O वाले O यही O तो O करने O का O प्रयास O करते O हैं O । O भारतीय O दर्शन O सौंदर्य O तथा O ललित O अनुभवों O को O महत्व O देता O है O और O यह O प्रवृत्ति O भारतीय O कला O और O संस्कृति O को O हर O स्तर O पर O जीवंत O रखती O है O । O कोई O भी O महान O कलाकृति O , O चाहे O वह O संगीत O हो O , O नृत्य O हो O या O चित्र O हो O - O आत्मा O को O स्पर्श O करती O है O और O हमें O भाव O - O विह्वल O कर O देती O है O । O जब O ऐसे O अनुभव O को O देने O वाला O कलाकार O प्रतिभाशाली O हो O और O ग्रहण O करने O वाला O जिज्ञासा O तथा O निजी O विकास O के O उन्नत O स्तर O पर O हो O , O तभी O यह O जादू O और O उदात्त O आध्यात्मिक O अनुभव O संभव O हो O पाता O है O । O मंदिरों O के O मध्य O में O स्थित O प्रांगणों O में O प्रायः O आयोजित O शास्त्रीय O संगीत O और O नृत्य O कार्यक्रम O ईश्वर O को O अर्पण O माने O जाते O थे O । O इस O प्रक्रिया O में O भक्तों O को O मिलने O वाला O आनंद O , O इस O नृत्य O - O संगीत O का O मुख्य O उद्देश्य O नहीं O होता O था O । O प्राचीन O काल O में O उद्देश्य O की O पवित्रता O , O एकाग्रता O और O आत्मा O को O आध्यात्मिक O अनुभव O की O ऊंचाइयों O पर O ले O जाने O का O प्रयास O होता O था O । O बदलते O देश O - O काल O के O साथ O , O कलाकारों O के O उद्देश्य O और O दृष्टि O भी O बदलने O लगे O । O राजाओं O - O नवाबों O के O कलाओं O के O संरक्षक O बन O जाने O पर O , O प्रस्तुतियों O का O स्थान O मंदिर O के O प्रांगण O से O हटकर O दरबारों O में O हो O गया O । O कला O का O उद्देश्य O ईश्वर O की O आराधना O की O बजाय O राजा O को O खुश O करना O हो O गया O । O कपड़ा O व्यापारियों O और O उद्योग O के O विरोध O तथा O असंतोष O के O कारण O उत्पादन O में O अस्थायी O मंदी O आई O क्योंकि O कोई O बाजार O से O उत्पाद O नहीं O उठा O रहा O था O । O कुछ O वस्त्र O संबंधी O वस्तुओं O पर O जीएसटी O दरों O में O परिवर्तन O का O प्रभाव O - O वस्त्र O संगठनों O और O कारोबारियों O ने O सरकार O के O सामने O जीएसटी O से O जुड़े O तमाम O मसलों O पर O अपनी O चिंताएं O जताई O , O जिनमें O - O (आ) O कपड़े O से O जुड़े O सभी O प्रकार O के O जॉब O वर्क O पर O जीएसटी O समाप्त O करने O (इ) O वस्त्र O पर O आयात O शुल्क O बढ़ाने O (ई) O हस्तशिल्प O और O हस्तनिर्मित O हथकरघा O उत्पादों O को O जीएसटी O से O मुक्त O किए O जाने O आदि O की O मांग O थी O । O ऐसे O आपूर्तिकर्ताओं O को O केवल O तभी O जीएसटी O देना O होगा O , O जब O वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O की O जाएगी O । O इससे O छोटे O सेवा O प्रदाताओं O पर O अनुपालन O का O खर्च O कम O हो O जाएगा O । O इन O सभी O कदमों O से O कपड़ा O उद्योग O को O वैश्विक O उत्पाद O एवं O मांग O रुझानों O के O अनुरूप O बढ़ावा O मिलने O की O संभावना O है O । O कुछ O समस्याएं O अब O भी O हैं O , O जिनसे O मानव O निर्मित O रेशों O से O बनने O वाले O वस्त्र O के O उद्योग O पर O गंभीर O प्रभाव O पड़ेगा O । O उत्पादक O को O यह O उत्पाद O सुरक्षित O ढंग O से O लौटाये O जाने O पर O अमानत O की O रकम O उपभोक्ता O को O लौटा O दी O जाती O है O । O लेकिन O निर्माताओं O ने O इसका O विरोध O करते O हुए O इसमें O ढिलाई O देने O की O मांग O की O । O ई O - O कबाड़ O मौजूद O रिसाइकिलिंग O परिदृश्य O और O मुद्‌दे O भारत O में O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O नीतियां -NETI (( O 2011 - से O ही O हैं O मगर O इन O पर O अमल O ढीला O रहा O है O । O नीतिगत O बदलावों O के O जरिये O इस O क्षेत्र O को O औपचारिक O बनाने O की O लगातार O कोशिश O की O गयी O है O । O लेकिन O जमीनी O स्तर O पर O इस O प्रयास O को O लेकर O कठिनाइयां O बरकरार O हैं O । O पहला O मुद्दा O मूल्य O का O है O । O औपचारिक O रिसाइकिल O कर्ताओं O की O तुलना O में O अनौपचारिक O तौर O पर O रिसाइकिल O करने O वालों O का O संचालन O खर्च O कम O होता O है O । O उन O पर O कोई O ऊपरी O खर्च O और O अन्य O प्रशासनिक O शर्तों O को O पूरा O करने O का O दबाव O नहीं O रहता O । O इसलिये O वे O मूल्यवान O धातुओं O वाले O ऊंची O कीमत O के O इलेक्ट्रॉनिक O ई O - O कबाड़ O के O लिये O बेहतर O कीमत O दे O सकते O हैं O । O संग्रहकर्ता O भी O ज्यादातर O अनौपचारिक O ही O हैं O जिनकी O मांग O तुरंत O नकद O भुगतान O की O होती O है O । O सरकार O और O बहुपक्षीय O संगठनों O ने O इस O वित्तीय O अंतर O को O सब्सिडी O और O आर्थिक O सहायता O से O भरने O की O कोशिश O की O है O । O मगर O इस O तरह O की O रणनीति O हमेशा O नहीं O चल O सकती O । O अनौपचारिक O नेटवर्क O सुस्थापित O होने O के O साथ O ही O सामाजिक O पूंजी O संबंधों O पर O आधारित O है O । O दूसरी O ओर O उत्पादक O जिम्मेदारी O संगठन O अब O तक O खुद O को O स्थापित O नहीं O कर O सके O हैं O । O इसलिये O व्यावहारिक O संख्या O में O संग्रहकर्ताओं O तक O उनकी O पहुंच O नहीं O बन O पायी O है O । O अक्सर O इन O अक्षमताओं O की O वजह O से O ईपीआर O लक्ष्य O अधूरे O रह O जाते O हैं O । O उत्पादक O अपने O ईपीआर O लक्ष्य O को O पूरा O करने O के O लिये O नियमित O तौर O पर O धन O खर्च O नहीं O करते O । O अनुपालन O , O पारदर्शिता O और O ई O - O कबाड़ O प्रवाह O पर O नजर O रखने O की O क्षमता O के O अभाव O में O अनुचित O बाजार O लाभ O पैदा O हुए O हैं O । O इसके O परिणामस्वरूप O काफी O बड़े O परिमाण O में O ई O - O कबाड़ O उन O तक O नहीं O पहुंच O रहा O जो O पर्यावरण O के O लिये O सुरक्षित O ढंग O से O इसकी O रिसाइक्लिंग O करते O हैं O । O यह O बजट O का O मानवीय O पक्ष O है O । O इन O सबसे O ईंधन O के O इस्तेमाल O में O कटौती O होगी O , O और O वनों O की O कटाई O में O कमी O आएगी O और O महिलाओं O की O परेशानियां O भी O कम O होंगी O । O ये O योजनाएं O भारतीय O महिलाओं O को O सम्मान O दिलाने O में O मददगार O होंगी O । O हालांकि O ऐसा O समझा O जा O सकता O है O कि O क्या O ऐसा O लक्ष्य O प्राप्त O किया O जा O सकता O है O क्योंकि O प्रभावी O कार्यान्वयन O की O कमी O हो O सकती O है O । O जमीनी O स्तर O पर O भ्रष्टाचार O सरकारी O योजनाओं O का O लाभ O लक्ष्य O समूह O तक O पहुंचने O की O दिशा O में O प्रतिकूल O प्रभाव O डालेगा O । O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O व O सामाजिक O सुरक्षा O शिक्षा O व O स्वास्थ्य O सशक्त O राष्ट्र O के O निर्माण O के O लिए O काफी O आवश्यक O है O । O शिक्षा O जहां O राष्ट्र O की O संपदा O में O योग O देने O के O लिए O मानव O संसाधन O का O उपयोग O करने O और O बेहतर O जीवन O के O लिए O आय O सृजन O में O समर्थ O बनाती O है O वहीं O स्वास्थ्य O ऐसे O मानव O संसाधन O को O बनाए O रखने O में O मदद O करता O है O । O यह O संसार O को O प्रकृति O का O सबसे O नायाब O तोहफा O है O । O जीडीपी O की O प्रतिशतता O के O रूप O में O शिक्षा O के O क्षेत्र O में O आवंटन O अन्य O ब्रिक O देशों O की O तुलना O में O कम O है O । O इसी O तरह O इस O बजट O में O टीबी O पोषण O सहयोग O के O लिए O बड़ी O राशि O का O आवंटन O स्वागत O योग्य O है O । O इससे O बीमा O के O कारोबार O को O बढ़ावा O मिलेगा O और O देश O में O रोजगार O सृजन O होगा O । O इससे O विभिन्न O क्षेत्रों O के O लोगों O को O बड़े O शहरों O में O जाने O व O समस्या O का O सामना O करने O के O बजाय O अपने O शहर O के O निकट O ही O बेहतर O स्वास्थ्य O सेवाएं O मिल O सकेंगी O । O अनंत O संभावनाएं O वैश्विक O महामारी O के O दौर O ने O विज्ञान O और O इसके O आविष्कारों O के O प्रति O आम O आदमी O का O नजरिया O बदल O दिया O है O । O विश्व O भर O में O जन O - O जीवन O और O गतिविधियों O को O कई O बार O लगभग O थाम O चुके O वायरस O के O खिलाफ O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O ही O उम्मीद O की O किरण O के O रूप O में O उभरे O । O वैज्ञानिक O , O चिकित्सक O , O आविष्कारकर्ता O और O तकनीकी O विशेषज्ञ O मिल O - O जुलकर O विश्व O को O इस O आपदा O से O मुक्त O करने O में O जुटे O हैं O । O इस O महामारी O से O पहले O मानव O - O जाति O पैसे O , O सत्ता O , O सफलता O और O तमाम O भौतिकवादी O सुखों O को O जो O महत्व O देती O रही O थी O , O विज्ञान O के O महत्व O का O अहसास O होने O से O अब O वे O प्राथमिकताएं O बदल O रही O हैं O । O महामारी O से O निजात O दिला O सकने O वाले O टीकों O , O इसे O रोकने O की O कार्यनीतियों O और O इसकी O लहरों O पर O नजर O रखने O के O प्रयासों O में O , O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O ने O लगातार O सक्रिय O नेतृत्व O दिया O है O । O जब O वायरस O ने O दुनिया O के O कामकाज O के O तरीके O बदल O दिए O थे O , O प्रौद्योगिकी O ने O ही O मानव O - O जाति O की O मदद O करने O की O राह O दिखाई O थी O । O कमियों O के O बावजूद O ऑन-लाइन O कक्षाओं O ने O विद्यार्थियों O को O शिक्षा O पूरी O करने O का O अवसर O दिया O था O । O कार्यालयों O में O घर O से O काम O करने O ( O वर्क O फ्रॉम O होम O ) O की O व्यवस्थाएं O की O गईं O । O प्रौद्योगिकी O के O न O रहते O अगर O यह O संभव O न O हो O पाता O तो O न O जाने O कितने O रोजगार O समाप्त O हो O जाते O , O अथवा O कर्मचारियों O के O दफ्तर O आने O की O स्थिति O में O न O जाने O कितनी O जिंदगियों O के O लिए O संकट O खड़ा O हो O जाता O । O धन O के O डिजिटल O लेनदेन O की O मदद O से O तेजी O से O कारोबार O जारी O रहा O और O मुद्रा O के O हाथों O से O लेन O - O देन O से O होने O वाले O संक्रमण O की O आशंका O बचाई O । O यात्राओं O तथा O बाजारों O और O सार्वजनिक O स्थानों O पर O आने O - O जाने O पर O रोक O लगाई O जा O सकी O तथा O आरटी O - O पीसीआर O टेस्ट O , O पीपीई O किट O , O सेनीटाइज़र O तथा O टीके O वाजिब O कीमत O पर O सुलभ O कराए O गए O । O कंप्यूटर O पर O इन O पंक्तियों O को O लिखते O समय O मेरे O डेस्क O पर O सेनीटाइज़र O की O शीशी O है O , O मोबाइल O हैंडसेट O है O , O स्टैपलर O है O , O पेन O है O , O और O मेरे O चेहरे O पर O मुंह O तथा O नाक O को O ढकते O हुए O मास्क O है O । O कुछ O जिज्ञासु O व्यक्तियों O के O बनाए O इन O आविष्कारों O के O बिना O कैसे O हमारा O काम O चल O रहा O होता O ? O मामूली O मशीनों O से O लेकर O जटिलतम O यंत्रों O तक O , O इन O सभी O आविष्कारों O ने O हमारे O जीवन O को O निश्चित O स्वरूप O दिया O है O । O विज्ञान O विकास O का O जन्मदाता O है O । O विज्ञान O की O संभावनाएं O अनंत O हैं O । O वैज्ञानिक O ज्ञान O के O इस O अनंत O विस्तार O से O युवा O पीढ़ी O को O परिचय O कराना O हम O सब O की O जिम्मेदारी O है O । O वैज्ञानिक O दृष्टिकोण O और O विवेकपूर्ण O सोच O विकसित O करने O से O विज्ञान O की O दुनिया O में O करिअर O बनाने O तक O की O यह O यात्रा O सबके O लिए O सुलभ O होनी O चाहिए O । O इसमें O व्यावहारिक O विज्ञान O , O कृत्रिम O मेधा O ( O आर्टिफिशियल O इंटेलिजेंस O ) O , O रोबोटिक्स O जैसे O विषयों O पर O ध्यान O केन्द्रित O किया O गया O है O और O विद्यार्थियों O के O साथ O कम O आयु O यानी O बचपन O से O ही O इंटरएक्टिव O प्रयोगशालाओं O के O जरिए O विज्ञान O को O मजेदार O , O रोचक O और O जानकारीपूर्ण O बनाने O पर O जोर O दिया O गया O है O । O इस O नीति O में O अनुसंधान O के O लिए O धन O मुहैया O कराने O और O नवाचारों O को O प्रोत्साहन O देने O का O भी O प्रावधान O है O । O विज्ञान O के O कुछ O चर्चित O किंतु O अल्पज्ञात O क्षेत्रों O - O जैसे O नैनोटेक्नोलॉजी O , O भूचुंबकीय O , O परमाणु O ऊर्जा O , O पृथ्वी O विज्ञान O आदि O के O बारे O में O जानकारी O दी O गई O है O । O आज O जब O आप O इस O अंक O को O पढ़ O रहे O हैं O , O विश्व O भर O की O प्रयोगशालाओं O में O अनेक O आविष्कार O , O शोध O , O यहां O तक O कि O सफल O - O असफल O प्रयोग O जारी O हैं O । O विज्ञान O की O सफलताओं O की O तरह O , O असफलताएं O भी O बहुत O कुछ O सिखाती O हैं O । O हर O नई O सफलता O या O विफलता O के O साथ O , O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O हमें O अनंत O संभावनाओं O और O मानवता O के O लिए O नई O उम्मीदों O की O ओर O ले O जाते O हैं O । O प्रश्न O - O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O ( O वीओसी O ) O की O मौजूदा O स्थिति O क्या O है O ? O देश O में O सामुदायिक O नमूनों O में O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O महत्व O के O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O इस O प्रकार O हैं O : O अल्फा O , O बीटा O , O गामा O और O डेल्टा O । O प्रश्न O - O डेल्टा O प्लस O वेरिएंट O क्या O है O ? O उत्तर O - O बी. O 1.617.2.1 O ( O एवाई O - O 1 O ) O या O जिसे O आमतौर O पर O डेल्टा O प्लस O वेरिएंट O के O रूप O में O जाना O जाता O है O , O यह O अतिरिक्त O म्यूटेशन O के O साथ O डेल्टा O वेरिएंट O को O दर्शाता O है O । O अधिकार O और O दायित्व O अगर O मानव O जाति O का O लक्ष्य O ही O स्वतंत्र O रहना O है O तो O उसको O प्रशासन O की O क्या O जरूरत O है O ? O लोक O प्रशासन O की O आवश्यकता O क्यों O है O ? O क्या O लोक O का O प्रबंधन O या O उसको O प्रशासित O किया O जाना O ज़रूरी O है O अथवा O लोक O तथा O समाज O को O स्थायित्व O देने O के O लिए O प्रशासकों O की O आवश्यकता O है O ? O क्या O लोक O प्रशासन O का O दायरा O मात्र O प्रबंधकीय O संसाधनों O तक O सीमित O है O अथवा O इसके O साथ O व्यवस्था O के O व्यापक O मुद्दे O जुड़े O हैं O ? O लोक O प्रशासन O पर O विचार O करते O समय O हमें O इन O व्यापक O क्षेत्रों O के O बारे O में O भी O सोचना O होगा O । O जब O भी O तुम्हें O संदेह O हो O या O तुम्हारा O अहं O तुम O पर O हावी O होने O लगे O , O तो O यह O कसौटी O अपनाओ O - O जो O सबसे O गरीब O और O कमज़ोर O आदमी O तुमने O देखा O हो O , O उसकी O शकल O याद O करो O और O अपने O दिल O से O पूछो O कि O जो O कदम O उठाने O का O तुम O विचार O कर O रहे O हो O , O वह O उस O आदमी O के O लिए O कितना O उपयोगी O होगा O । O लोक O प्रशासन O ऐसी O व्यवस्था O है O जो O सुनिश्चित O करे O कि O जो O भी O कार्य O सोचे O या O किए O जा O रहे O हैं O वे O सबसे O निर्धन O - O वंचित O व्यक्ति O सहित O सभी O लोगों O के O विकास O , O भलाई O और O खुशहाली O के O लिए O हों O । O प्रशासन O या O प्रबंधन O का O कार्य O मानव O शरीर O की O कार्य O - O प्रणाली O की O तरह O है O । O मस्तिष्क O शरीर O के O सभी O प्रमुख O अंगों O को O काम O करने O और O जीवित O रहने O के O लिए O संदेश O भेजता O है O ; O हृदय O ताजा O रक्त O धमनियों O के O जरिए O शरीर O के O हर O अंग O तक O पहुंचाता O है O ; O शरीर O के O हर O अंग O का O अपना O विशिष्ट O कार्य O है O और O हर O अंग O को O अपने O विकास O और O जिंदा O रहने O के O लिए O पर्याप्त O पोषण O चाहिए O । O लोक O प्रशासन O किसी O भी O सरकार O के O काम O - O काज O का O तंत्रिका O केंद्र O है O जो O सुनिश्चित O करता O है O कि O शरीर O ( O यानी O देश O - O समाज O में O ) O के O सभी O काम O ठीक O से O हो O रहे O हैं O और O अगर O कहीं O कुछ O गलत O हो O रहा O होता O है O तो O पहले O से O ही O निर्धारित O प्रक्रियाओं O को O अपनाते O हुए O समय O रहते O हस्तक्षेप O कर O गलती O ठीक O कर O ली O जाती O है O । O इसलिए O प्रशासन O में O निष्पक्षता O का O सही O आधार O है O कि O सभी O के O साथ O समान O व्यवहार O किया O जाए O । O अब O ऐसी O स्थिति O की O कल्पना O करें O कि O शरीर O के O किसी O हिस्से O में O घाव O हो O जाए O जिसका O ठीक O होना O ज़रूरी O है O , O लेकिन O श्वेत O रक्त O कोशिकाएं O थोड़ा O अतिरिक्त O प्रयास O कर O तुरंत O वहां O जाने O से O मना O कर O दें O तो O घाव O में O सड़न O आ O जाएगी O । O इसलिए O प्रशासन O से O जुड़े O व्यक्ति O के O लिए O कर्तव्य O और O ज़िम्मेदारी O का O अहसास O बेहद O ज़रूरी O है O । O अगर O मस्तिष्क O अथवा O हृदय O अचानक O अवकाश O ले O लें O या O बहुत O थका O होने O या O आलस O की O वजह O से O काम O करना O टाल O दें O तो O शरीर O के O लिए O कितना O घातक O हो O सकता O है O ! O इसीलिए O प्रशासन O के O अंतर्गत O आने O वाली O हर O प्रणाली O का O कुशल O तथा O उत्पादक O होना O और O सही O समय O पर O अपना O काम O करना O आवश्यक O है O । O अगर O हाथ O , O केवल O मस्तिष्क O को O खुश O करने O के O लिए O ही O प्लेट O से O अखरोट O उठाए O और O इसके O बदले O में O मस्तिष्क O हृदय O को O निर्देश O दे O कि O उस O हाथ O को O कुछ O अतिरिक्त O खून O पहुंचा O दे O तो O क्या O होगा O ? O इसी O तरह O भ्रष्टाचार O पूरी O व्यवस्था O में O असंतुलन O और O विकृति O पैदा O कर O सकता O है O । O सक्षम O प्रशासक O बनने O के O लिए O देश O और O देशवासियों O के O प्रति O सेवाभाव O होना O अनिवार्य O है O । O ' O शासन O ' O में O ' O प्र O ' O उपसर्ग O जोड़ने O से O ' O प्रशासन O ' O शब्द O बनता O है O । O ' O प्र O ' O उपसर्ग O किसी O शब्द O को O अधिक O सशक्त O बनाता O है O । O इसलिए O , O ' O प्रशासन O ' O , O ' O शासन O ' O को O ज्यादा O कारगर O बनाता O है O । O ' O शासन O ' O ( O सरकार O ) O की O नीतियों O पर O कारगर O तरीके O से O अमल O ' O प्रशासन O ' O ही O कराता O है O । O सत्ता O और O अधिकारों O वाले O पदों O पर O आसीन O व्यक्तियों O के O लिए O यह O कथन O हमेशा O प्रासंगिक O रहेगा O । O वे O रोपाई O के O लिए O किसानों O को O ऋण O दिया O करते O थे O , O कटाई O के O मौसम O में O उनकी O फसलों O की O खरीद O करते O थे O और O उनके O परिवहन O की O भी O व्यवस्था O करते O थे O । O स्थानीय O शासक O उनकी O इन O सेवाओं O का O काफी O सम्मान O करते O थे O , O जिनके O कारण O उनकी O अर्थव्यवस्था O सुदृढ़ O रहती O थी O और O करों O का O संग्रह O बढ़ता O था O । O " O व्यावसायिक O कर्ज O का O उल्लेख O यह O साबित O करता O है O कि O लेन O - O देन O प्राचीन O काल O में O भी O लंबी O समयावधि O के O लिए O कर्ज O की O व्यवस्था O विद्यमान O थी O । O विचलन O उपरोक्त O परंपरा O अंग्रेजों O ने O नष्ट O की O । O भारतीय O व्यापारियों O के O वर्चस्व O के O कारण O उनका O शासन O खतरे O में O रहता O था O क्योंकि O ये O व्यापारिक O घराने O शासन O तक O को O धन O दिया O करते O थे O और O उनके O मनोनुकूल O न O होने O पर O विद्रोहियों O द्वारा O शासन O पलटवाया O भी O करते O थे O । O बड़े O बैंकरों O की O इस O व्यवस्था O के O अतिरिक्त O पूरे O देश O में O छोटे O साहूकारों O तथा O महाजनों O की O भी O बड़ी O श्रृंखला O विद्यमान O थी O । O अंग्रेजों O के O काल O में O इन O पर O नियंत्रण O करने O के O लिए O कई O कानून O बनाए O गये O । O भारतीय O साख O बाजार O : O विकेंद्रीकण O का O उदाहरण O उस O सदस्य O से O हुई O आय O को O प्रत्येक O सदस्य O में O बराबर O मात्रा O में O बांट O दिया O जाता O है O । O इस O प्रकार O यह O छोटे O स्तर O पर O लघु O और O मध्यम O व्यापारियों O को O सरलता O से O पूंजी O उपलब्ध O करवाता O है O । O उपसंहार O निष्कर्ष O यह O है O कि O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O हमेशा O से O विकेंद्रित O और O राज्यनिरपेक्ष O रही O है O । O यही O व्यवसाय O के O हित O में O भी O है O । O व्यवसाय O का O राज्याश्रित O होने O से O केवल O नुकसान O ही O हैं O और O वह O देश O कभी O विकास O नहीं O कर O सकता O । O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O में O एकमात्र O आवश्यकता O है O न्याय O की O उपलब्धता O की O । O अंग्रेजों O से O पहले O राज्य O इसे O उपलब्ध O करवाया O करते O थे O और O इसलिए O अंग्रेजों O से O पहले O विशेषकर O हिंदू O शासकों O के O शासन O में O कभी O भी O आम O जनता O पीड़ित O नहीं O रही O । O अंग्रेजों O के O काल O में O कागजों O का O महत्व O बढ़ने O पर O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O को O न्याय O व्यवस्था O से O बाहर O कर O दिया O गया O । O अच्छा O तो O यह O होगा O कि O बैंक O सुधारों O के O आधुनिक O युग O में O हम O फिर O से O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O में O भी O पीड़ित O को O न्याय O दिलाने O की O व्यवस्था O करें O । O कागजों O के O बिना O मौखिक O आर्थिक O व्यवहारों O में O होने O वाली O गड़बड़ियों O को O पकड़ने O में O राज्य O को O अपना O सामर्थ्य O बढाना O चाहिए O , O तभी O यह O संभव O है O । O महानुभावों O , O देवियों O और O सज्जनों O , O देवियों O और O सज्जनों O , O हमने O विभिन्न O क्षेत्रीय O और O अंतर्राष्ट्रीय O महत्व O के O मुद्दों O पर O भी O विचारों O का O आदान O - O प्रदान O किया O । O हम O अपनी O बहुआयामी O साझेदारी O को O और O मजबूत O करने O के O प्रयासों O को O गति O देने O पर O भी O सहमत O हुए O । O 4. O आर्थिक O संबंध O द्विपक्षीय O संबंधों O को O मजबूत O करते O हैं O । O हम O द्विपक्षीय O व्यापार O का O और O अधिक O विस्तार O करने O पर O सहमत O हुए O जो O फिलहाल O अपेक्षाकृत O कम O है O । O हमारे O व्यापारिक O समुदाय O को O चाहिए O कि O वह O परस्पर O जुड़ाव O को O और O गहरा O करें O , O एक O दूसरे O के O नियमों O की O बेहतर O समझ O बनाएं O और O व्यापार O तथा O निवेश O के O नए O क्षेत्रों O की O पहचान O करें O । O 6. O किसी O भी O तरह O की O व्यापार O व्यवस्था O के O लिए O कनेक्टिविटी O यानी O कि O संपर्क O होना O बहुत O जरुरी O है O । O 9. O हमारे O देश O सदियों O पुरानी O सभ्यता O और O सांस्कृतिक O संबंधों O को O साझा O करते O हैं O । O बातचीत O के O दौरान O , O मैंने O एक O दूसरे O के O क्षेत्र O में O नियमित O सांस्कृतिक O कार्यक्रम O आयोजित O करने O के O महत्व O को O रेखांकित O किया O । O 10. O हमने O लोगों O को O प्रभावित O करने O वाली O कोविड O - O 19 O महामारी O के O प्रभावी O प्रबंधन O पर O सघन O सहयोग O की O आवश्यकता O पर O जोर O दिया O । O सभ्यता O की O शुरुआत O से O ही O शिक्षा O भारतीय O समाज O की O बुनियाद O रही O है O । O इसमें O समाज O से O संवाद O तथा O ज्ञान O और O इसके O उपयोग O के O बीच O संबंध O की O ज्यादा O संभावना O थी O । O हमारी O मौजूदा O शिक्षा O प्रणाली O ब्रिटिश O ढांचे O पर O आधारित O है O । O हमारे O देश O में O शिक्षा O के O महत्व O पर O काफी O जोर O दिया O जाता O है O । O शिक्षा O क्षेत्र O के O विकास O के O साथ O ही O अनेक O चुनौतियां O भी O सामने O आयी O हैं O । O उत्कृष्टता O पर O ज्यादा O ध्यान O दिये O जाने O से O शिक्षा O अधिक O ज्ञानोन्मुख O बन O गयी O है O । O लिहाजा O , O अर्जित O ज्ञान O के O समाज O में O उपयोग O का O महत्व O घटा O है O । O सामुदायिक O भागीदारी O शिक्षा O को O समाज O से O जोड़ने O वाली O महत्वपूर्ण O कड़ी O है O । O यह O अहम O है O कि O समुदाय O अपने O स्वामित्व O का O शैक्षिक O प्रयासों O तक O विस्तार O करें O । O दूसरी O ओर O शैक्षिक O संस्थान O अपने O कार्यक्रमों O और O सेवाओं O को O समाज O के O सशक्तिकरण O में O लगायें O । O इससे O शिक्षा O और O समुदायों O के O बीच O अंतर O - O संबंध O विकसित O होगा O । O लचीलापन O संस्थागत O स्तर O पर O सामुदायिक O भागीदारी O का O अधिक O अवसर O प्रदान O करता O है O । O स्वायत्तता O से O संस्थानों O को O ताकत O मिलती O है O । O लचीले O और O स्वायत्त O संस्थान O समाज O के O साथ O अंतर O - O संबंध O के O लिये O कार्यक्रमों O को O डिजाइन O और O विकसित O करने O के O वास्ते O आजाद O हैं O । O इस O नीति O में O शिक्षा O में O समुदाय O की O प्रत्यक्ष O और O परोक्ष O भूमिका O को O स्पष्ट O किया O गया O है O । O समुदाय O की O प्रत्यक्ष O भूमिकाओं O में O आंगनवाड़ियों O को O शिक्षा O के O दायरे O में O लाना O , O विभिन्न O स्तरों O पर O कौशलों O को O जोड़ना O , O शिक्षा O को O संपूर्ण O और O बहुविषयक O बनाना O तथा O अनुभव O के O जरिये O ज्ञानार्जन O की O ओर O ध्यान O केंद्रित O करना O शामिल O है O । O नीति O में O स्वायत्तता O का O माहौल O बनाने O , O शिक्षा O के O मुख्य O पाठ्यक्रम O से O स्थानीय O कौशलों O को O जोड़ने O तथा O समुदाय O को O प्रभावित O करने O वाले O अनुसंधान O पर O जोर O दिया O गया O है O । O स्कूली O शिक्षा O में O सामुदायिक O भागीदारी O - O समुदाय O सही O मायनों O में O स्कूली O शिक्षा O का O अभिन्न O अंग O हैं O । O स्कूली O शिक्षा O को O संवारने O में O इनकी O बड़ी O भूमिका O है O । O स्थानीय O समुदाय O सक्रिय O हों O और O स्कूलों O की O गतिविधियों O में O हिस्सा O ले O तभी O गांव O के O विद्यालय O प्रभावी O ढंग O से O काम O करते O हैं O । O फट O गया O हूँ O मैं O तले O से O , O कट O गया O हूँ O मैं O गले O से O , O लद O गया O मेरा O जमाना O , O हो O गया O हूँ O अब O पुराना O । O आ O पड़ी O है O जान O पर O , O रुकने O लगे O सब O काम O मेरे O । O हो O कहां O , O मेरी O खबर O लो O अब O तो O मोचीराम O मेरे O ! O बांस O की O टहनियों O को O हिलाते O हुए O , O नीम O की O पत्तियों O को O गिरते O हुए O , O धूप O की O बाह O में O बाह O डाले O हुए O , O यह O हवा O चुलबुली O खिलखिलाके O चली O ! O पैदल O , O नंगे O पांव O जी O , O चली O गिलहरी O गाँव O जी O । O रहती O थी O वह O बड़े O शहर O में O लेकिन O फिर O भी O बहुत O दुखी O थी O । O भीड़ O - O भड़क्के O , O शोर O - O शराबे O , O से O वह O काफी O ऊब O चुकी O थी O । O चुभती O थी O काँटों O के O जैसी O उसे O वहाँ O की O छांव O जी O । O चलो O चलें O , O हम O चलकर O , O देखें O गिरे O हुए O सूखे O पत्तों O पर O । O मजा O आएगा O जब O गाएंगे O , O जोर O - O जोर O से O पत्ते O मिलकर O । O चरमर O - O चरमर O , O चरमर O - O चरमर O , O चरमर O - O चरमर O , O चरमर O - O चरमर O । O जरा O देखें O कि O बच्चे O के O मन O में O आमों O के O आने O का O उल्लास O कैसा O है O - O देखो O पानी O की O शैतानी O , O ओहो O ! O चला O गया O पानी O ! O अभी O न O पोंछा O लगा O फर्श O पर O बर्तन O जूठे O पड़े O हुए O हैं O । O कैसे O पृजा O - O अर्चन O होगा O - O दादा O जी O भी O कुढ़े O हुए O हैं O । O मम्मी O के O बर्तन O खड़के O हैं O - O पानी O , O पानी O , O पानी O ! O रोजमर्रा O की O चीजों O की O और O घर O की O साफ O - O सफाई O भी O जरूरी O है O । O इसी O लिहाज O से O घर O में O पुताई O की O भी O बड़ी O अहमियत O है O । O हालांकि O पुताई O के O बाद O घर O कैसे O निखर O सा O जाता O है O , O जरा O उसका O भी O यह O बढ़िया O चित्र O देखें O - O ऐसा O स्कूल O जिसमें O कोई O रोक O - O टोक O नहीं O और O खेलकूद O की O आज़ादी O हो O । O खिलौने O हमेशा O से O बच्चों O को O आकर्षित O करते O रहे O हैं O । O पर O भला O कैसा O हो O वह O खिलौना O ? O चलो O खिलौना O ढूंढें O ऐसा O , O चाहे O पास O न O पैसा O , O मन O ही O मन O हम O उसे O बनाएं O अरे O , O खिलौने O जैसा O ! O यह O समूचे O बुनियादी O ढांचा O विकास O के O लिए O वित्तीय O सहायता O प्रदान O करता O है O और O मौजूदा O आवास O ऋण O कंपनियों O को O पुनर्वित्त O प्रदान O करता O है O । O बैंक O ने O विकास O एवं O जोखिम O प्रबंधन O , O परियोजना O ऋण O , O पुनर्वित्त O परिचालन O , O संसाधन O जुटाने O एवं O प्रबंधन O जैसे O विशेषीकृत O विभाग O बनाए O हैं O । O यह O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मझोले O उद्यम O ( O एमएसएमई O ) O क्षेत्र O के O संवर्द्धन O , O वित्तपोषण O एवं O विकास O के O लिए O और O इसी O प्रकार O की O गतिविधियों O में O लगी O संस्थाओं O के O कामकाज O के O समन्वयन O के O लिए O प्रधान O वित्तीय O संस्था O के O तौर O पर O काम O करता O है O । O ( O क O ) O एमएसएमई O को O ऋण O देने O के O लिए O बैंकों O / O वित्तीय O संस्थाओं O को O परोक्ष O सहायता O अर्थात्‌ O पुनर्वित्त O प्रदान O करना O और O ( O ख O ) O जोखिम O पूंजी O , O सतत O वित्त O , O प्राप्य O वस्तुओं O के O लिए O वित्तपोषण O , O सेवा O क्षेत्र O के O लिए O वित्तपोषण O आदि O । O प्रधानमंत्री O ने O उनसे O उनके O पसंदीदा O पंच O और O पसंदीदा O खिलाड़ी O के O बारे O में O भी O पूछा O और O उन्हें O शुभकामनाएं O दीं O । O उन्होंने O उनकी O ट्रेनिंग O में O आहार O के O महत्व O के O बारे O में O भी O पूछा O । O उन्होंने O खेलते O समय O हाथ O में O तिरंगा O पहनने O की O उनकी O प्रथा O के O बारे O में O बातचीत O की O । O उन्होंने O पूछा O कि O क्या O नृत्य O के O प्रति O उनका O जुनून O उनके O खेल O में O तनाव O घटाने O का O काम O करता O है O । O प्रधानमंत्री O ने O उनकी O चुनौतियों O का O जिक्र O करते O हुए O पूछा O कि O वह O उनसे O कैसे O निपटती O हैं O । O उन्होंने O टेनिस O के O खेल O में O डबल्स O मुकाबलों O में O अपने O साथी O के O साथ O तारतम्यता O और O समीकरण O के O बारे O में O भी O उत्सुकता O से O बात O की O । O उन्होंने O कहा O कि O सभी O एथलीट O में O प्रतिबद्धता O और O प्रतिस्पर्धा O की O भावना O है O । O उन्होंने O कहा O कि O सभी O एथलीट O इस O बात O के O गवाह O हैं O कि O आज O देश O कैसे O अपने O प्रत्येक O खिलाड़ी O के O साथ O नई O सोच O और O नए O दृष्टिकोण O के O साथ O खड़ा O है O । O आपकी O प्रेरणा O देश O के O लिए O महत्वपूर्ण O है O । O उन्होंने O कहा O कि O एथलीटों O को O अपनी O पूरी O क्षमता O के O साथ O खुलकर O खेलने O और O उन्हें O अपने O खेल O एवं O तकनीक O में O सुधार O करने O को O सर्वोच्च O प्राथमिकता O दी O गई O है O । O प्रधानमंत्री O ने O खिलाड़ियों O को O समर्थन O देने O के O लिए O हाल O के O वर्षों O में O किए O गए O विभिन्न O बदलावों O को O भी O रेखांकित O किया O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O खिलाड़ियों O के O लिए O बेहतर O प्रशिक्षण O शिविर O लगाने O और O उन्हें O बेहतर O उपकरण O देने O का O प्रयास O किया O गया O । O आज O खिलाड़ियों O को O ज्यादा O इंटरनेशनल O एक्सपोजर O भी O प्रदान O किया O जा O रहा O है O । O उन्होंने O कहा O कि O चूँकि O खेल O से O जुड़ी O संस्थाओं O ने O खिलाड़ियों O के O सुझावों O को O प्राथमिकता O दी O है O , O इसलिए O इतने O कम O समय O में O काफी O सारे O बदलाव O हुए O हैं O । O उन्होंने O इस O बात O पर O भी O खुशी O व्यक्त O की O कि O पहली O बार O इतनी O बड़ी O संख्या O में O खिलाड़ियों O ने O ओलंपिक O के O लिए O क्वालीफाई O किया O है O । O भारतीय O खिलाड़ियों O को O संबोधित O करते O हुए O प्रधानमंत्री O ने O # O Cheer4India O की O लोकप्रियता O का O भी O उल्लेख O किया O । O उन्होंने O कहा O कि O ओलंपिक O में O हिस्सा O लेने O जा O रहे O सभी O देशवासियों O का O आशीर्वाद O उनके O साथ O है O । O जागृत O गांव O तीव्रता O से O गहरे O हो O रहे O जल O - O संकट O से O लड़ने O के O लिए O , O हमारे O पास O एकजुट O होने O के O अलावा O कोई O विकल्प O नहीं O है O । O भूजल O को O कई O बार O अदृश्य O स्रोत O की O संज्ञा O दी O जाती O है O । O यह O सब O लोगों O की O जरूरत O भी O है O । O यह O अधिकांशतः O निःशुल्क O है O और O उनको O आसानी O से O उपलब्ध O है O जिनके O पास O इसे O निकालने O के O साधन O मौजूद O हैं O । O यह O नहरों O , O आर्द्र O प्रदेशों O और O जंगलों O जैसे O महत्वपूर्ण O पारिस्थितिकी O तंत्र O की O बुनियाद O के O तौर O पर O भी O काम O करता O है O । O फिर O भी O यह O अधिकतर O अदृश्य O स्रोत O ही O है O और O इसे O इस्तेमाल O करने O वालों O को O भूजल O को O बनाए O रखने O वाली O जलदाई O जमीन O के O बारे O में O जानकारी O नहीं O होती O और O वे O इस O साझा O - O स्रोत O के O सुनियोजित O एवं O संधारणीय O इस्तेमाल O से O भी O अनजान O रहते O हैं O । O भारतीय O संदर्भ O देश O में O भोजन O की O उपलब्धता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O भूजल O ने O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O बेहिसाब O और O असंधारणीय O तौर O पर O भूजल O निकाले O जाने O से O इसमें O भारी O कमी O आई O और O पर्यावरण O पर O नकारात्मक O असर O पड़ा O है O । O शुद्ध O पेयजल O की O कमी O से O स्वास्थ्य O पर O विपरीत O असर O के O कारण O रोजगार O का O भारी O नुकसान O हुआ O और O लोगों O को O प्रवासित O भी O होना O पड़ा O है O । O इस O तरह O , O पानी O की O कमी O का O गहरा O असर O पड़ता O है O । O वहीं O , O जलवायु O परिवर्तन O के O कारण O समस्या O में O भारी O वृद्धि O हुई O है O , O जिसके O चलते O वर्षा O ढांचे O में O अनियमितता O के O कारण O भूजल O में O कमी O देखी O गई O है O । O भूजल O की O कमी O और O मलिनता O का O छोटे O और O हाशिये O पर O पड़े O सीमांत O किसान O , O महिलाएं O और O समाज O के O पिछडे O वर्ग O के O लोगों O पर O सबसे O ज्यादा O असर O पड़ता O है O । O आर्थिक O आंकड़ों O से O परे O , O विकास O में O इन्हें O भी O ध्यान O में O रखना O चाहिए O : O ( O क O ) O संधारणीयता O - O भविष्य O में O पर्यावरणीय O या O आर्थिक O समस्याएं O पैदा O किए O बिना O संसाधनों O का O विवेकपूर्ण O उपयोग O और O ( O बी O ) O समावेशन O - O खाद्य O सुरक्षा O , O स्वास्थ्य O , O रहने O की O स्थिति O , O सांप्रदायिक O सद्भाव O , O शैक्षिक O और O रोजगार O के O अवसरों O पर O फोकस O के O साथ O समाज O के O सभी O वर्गों O के O लिए O समान O अवसरों O के O नीतिगत O उपाय O । O इससे O सामाजिक O नवाचारों O के O विकास O को O बढ़ावा O मिलेगा O और O विशेष O रूप O से O प्रयोगशाला O से O जमीन O की O दूरी O को O कम O करके O और O विचारों O / O समाधानों O के O पूर्व O - O ऊष्मायन O के O लिए O प्रौद्योगिकी O संचालित O सहायता O प्रदान O करेगा O । O डिज़ाइन O का O विकास O , O समाज O का O सशक्तीकरण O : O * O समाज O के O साथ O समानुभूति O * O नवाचार O मानसिकता O * O समाज O की O आवश्यकताओं O को O पूरा O करना O * O अनुकूलुनशीलता O के O माध्यम O से O संधारणीयता O ग्रामीण O आबादी O वाले O क्षेत्रों O में O संपत्ति O / O संपत्तियों O के O सटीक O सीमांकन O एवं O पारदर्शी O भूमि O स्वामित्व O अधिकार O के O कारण O ग्राम O पंचायतें O उन O राज्यों O में O संपत्ति O कर O का O निर्धारण O तथा O संग्रह O बेहतर O ढंग O से O कर O सकेंगी O , O जहां O उन्हें O यह O कार्य O दिया O गया O है O । O इस O प्रकार O राजस्व O का O उनका O अपना O स्रोत O तैयार O होगा O , O जिसका O उपयोग O विभिन्न O विकास O कार्यों O में O किया O जा O सकता O है O । O कोर्स O नेटवर्क O नवाचार O एवं O सभी O भूमि O सर्वेक्षणों O के O लिए O अभूतपूर्व O अवसर O प्रदान O करता O है O । O कोर्स O प्रणाली O भूमि O माप O की O व्यवस्था O का O कायाकल्प O कर O सकती O है O । O चेन O , O कंपस O अथवा O प्लेन O टेबल O सर्वेक्षण O के O तरीके O हटाकर O अब O हाथों O में O पकड़े O जाने O वाले O रोवर O तथा O एंटीना O की O मदद O से O जियो O - O लोकेशन O आधारित O सटीक O तरीकों O का O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O तब O तक O इस O सर्वेक्षण O के O पुराने O रिकॉर्ड O की O जियो O - O रेफरेंसिंग O की O जा O सकती O है O बशर्ते O विरासत O के O पुराने O रिकॉर्ड O के O साथ O उनके O मेल O की O चुनौती O पूरी O की O जा O सके O । O योजना O ने O देश O में O ड्रोन O व्यवस्था O को O भी O रफ्तार O दी O है O । O इस O प्रकार O स्वामित्व O योजना O का O लक्ष्य O गांवों O एवं O उनके O निवासियों O के O सशक्तीकरण O के O माध्यम O से O ग्राम O पंचायत O का O सर्वागीण O विकास O है O , O जिससे O अंत O में O ग्रामीण O भारत O आत्मनिर्भर O बन O जाएगा O । O इससे O वहां O इलाज O पर O नकद O खर्चों O को O कम O करने O में O मदद O मिली O है O । O साथ O ही O , O जमीनी O स्तर O पर O मौजूद O कार्यकर्ताओं O की O मदद O से O तत्काल O कार्रवाई O की O गई O , O ताकि O संक्रमित O मामलों O की O पहचान O कर O इस O बीमारी O को O और O फैलने O से O रोका O जा O सके O । O इन O कार्यकर्ताओं O द्वारा O लोगों O को O बड़े O पैमाने O पर O जागरूक O भी O किया O गया O । O सरकारी O और O निजी O अस्पतालों O में O सुविधाएं O बढ़ाकर O जांच O प्रयोगशालाओं O की O संख्या O में O भी O बढ़ोतरी O की O गई O । O न O सिर्फ O लोगों O में O जागरूकता O फैलाने O बल्कि O सेवाओं O की O डिलीवरी O के O मामले O में O भी O यहां O की O स्थानीय O आबादी O की O भूमिका O अहम O रही O है O । O इस O तरह O , O उसने O साबित O किया O कि O सफलता O दृढ़ O राजनीतिक O इच्छाशक्ति O और O सामुदायिक O स्तर O पर O सहयोग O के O जरिये O मिलती O है O । O यूएचसी O में O निवेश O से O बनेगी O बात O कोरोना O की O वजह O से O यूएचसी O संबंधी O कोशिशों O को O झटका O लगा O है O । O इस O वजह O से O सेवाओं O की O गुणवत्ता O और O दक्षता O भी O प्रभावित O हुई O है O । O हालांकि O , O उम्मीद O अभी O बाकी O है O । O निवेश O में O बढ़ोतरी O और O यूएचसी O को O लागू O करने O की O प्रक्रिया O फिर O से O तेज O होने O की O संभावना O है O । O इस O घोषणा O पत्र O में O पिछले O कुछ O वर्षों O के O दौरान O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O खर्च O में O हुई O बढ़ोतरी O पर O चिंता O जताई O गई O थी O । O साथ O ही O , O यह O भी O कहा O गया O था O कि O प्राथमिक O लोगों O की O स्वास्थ्य O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O केंद्र O सबसे O बेहतर O , O असरदार O और O समावेशी O माध्यम O हैं O । O घोषणा O पत्र O के O मुताबिक O , O स्वास्थ्य O संबंधी O मौजूदा O आधारभूत O संरचना O पर O बोझ O कम O करने O के O लिए O रोकथाम O संबंधी O उपायों O पर O भी O काम O करने O की O जरूरत O है O । O इससे O स्वास्थ्य O के O क्षेत्र O में O समग्र O तरीके O से O काम O करने O में O मदद O मिलेगी O । O नए O डेवलपमेंट O इम्पैक्ट O बॉन्ड O बनाकर O और O स्वास्थ्य O क्षेत्र O के O बजट O में O बढ़ोतरी O के O जरिये O यूएचसी O को O फिर O से O पटरी O पर O लाया O जा O सकता O है O । O लिहाजा O , O स्वास्थ्य O क्षेत्र O के O लिए O मजबूत O वित्तीय O ढांचा O तैयार O करना O बेहद O जरूरी O है O । O हालांकि O , O सिर्फ O आवश्यक O स्रोतों O ( O जैसे O कर O राजस्व O ) O से O फंड O इकट्ठा O करना O इसके O लिए O पर्याप्त O नहीं O होगा O । O यूएचसी O कार्यक्रम O के O बढ़ावे O के O लिए O सरकारी O फंडिंग O अहम O है O , O लेकिन O फंडों O को O इकट्ठा O करने O , O प्रशासनिक O लागत O कम O करने O और O जवाबदेही O तय O करने O में O निजी O क्षेत्र O की O भूमिका O भी O कारगर O हो O सकती O है O । O कोविड O - O 19 O से O निपटने O की O भारतीय O रणनीति O वे O स्वदेशी O टीकों O के O विकास O , O देखभाल O के O स्थान O पर O ही O निदान O और O पारंपरिक O ज्ञान O आधारित O उपचारों O में O सहयोग O कर O रहे O हैं O । O वे O अनुसंधान O के O लिये O संसाधनों O की O व्यवस्था O के O साथ O ही O सेवाएं O भी O मुहैया O करा O रहे O हैं O । O टीका O विकास O के O लिये O वातावरण O सुदृढ़ीकरण O इनमें O सरकारी O और O निजी O अस्पताल O , O क्लिनिक O और O प्रतिष्ठित O शैक्षिक O संस्थान O शामिल O हैं O । O , O , O , O जैसे O प्रमुख O मोबाइल O चिपसेट O निर्माताओं O ने O अपनी O रिलीज O में O नेव O आई O सी O को O शामिल O किया O है O । O इन O चिपसेटों O का O उपयोग O करते O हुए O , O और O ने O पहले O से O ही O नेव O आई O सी O सिग्नल O प्राप्त O करने O में O सक्षम O प्रोसेसर O के O साथ O मोबाइल O हैंडसेट O जारी O किए O हैं O । O इसे O गगनयान O कार्यक्रम O को O लागू O करने O और O निरंतर O तथा O किफायती O मानव O अंतरिक्ष O यान O उड़ान O गतिविधियों O के O लिए O प्रमुख O केंद्र O के O रूप O में O कार्य O करने O का O उत्तरदायित्व O सौंपा O गया O है O । O पैड O एर्बोट O टेस्ट O उड़ान O , O लॉन्च O पैड O में O आकस्मिकता O के O मामले O में O चालक O दल O को O निकालने O के O लिए O सीईएस O की O क्षमता O का O प्रदर्शन O था O । O यह O संस्थान O , O एयरोस्पेस O इंजीनियरिंग O और O इलेक्ट्रॉनिक्स O तथा O संचार O में O विशेषज्ञता O के O साथ O स्नातक O डिग्री O और O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्रों O में O स्नातकोत्तर O कार्यक्रम O प्रदान O करता O है O । O यह O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकी O के O प्रसार O को O बढ़ाएगा O और O देश O के O भीतर O अंतरिक्ष O अर्थव्यवस्था O को O बढ़ावा O देगा O । O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O के O सामने O कई O चुनौतियां O हैं O । O इसकी O योजना O भारी O तथा O अधिक O सक्षम O और O कुशल O उपग्रहों O के O निर्माण O की O है O । O छोटे O उपग्रह O प्रक्षेपण O यान O , O वायु O श्वस्न O रॉकेट O प्रणोदन O और O पुनः O प्रयोग O योग्य O रॉकेट O प्रौद्योगिकी O के O प्रदर्शन O से O संबंधित O अनुसंधान O और O विकास O गतिविधियां O भी O जारी O हैं O । O ऐसे O सिनेमा O में O आम O तौर O पर O किसी O राज्य O या O क्षेत्र O की O कहानियां O होती O हैं O । O इस O तरह O का O सिनेमा O , O लोगों O के O लिए O अपने O देश O के O बारे O में O जानने O का O सबसे O बेहतर O स्त्रोत O है O । O दुर्भाग्य O से O , O इस O दिशा O में O लोगों O की O दिलचस्पी O बढ़ाने O के O लिए O हमने O कभी O काम O नहीं O किया O । O इसके O बावजूद O , O क्षेत्रीय O और O अन्य O फिल्मों O के O बीच O गैर O - O बराबरी O काफी O ज्यादा O है O । O दुख O की O बात O यह O है O कि O अक्सर O हमारे O नीति O निर्माता O और O नौकरशाह O भी O इसकी O तारीफ O करते O नजर O आते O हैं O । O उम्मीद O बाकी O है O : O इन O तमाम O कमियों O और O चुनौतियों O के O बावजूद O अभी O भी O बेहतरी O की O उम्मीद O बाकी O है O । O इस O देश O के O लिए O कला O और O संस्कृति O पर O परिपक्व O राष्ट्रीय O नीति O बनाने O की O जरूरत O है O , O जो O लोगों O को O इस O माध्यम O का O लाभ O उठाने O में O योगदान O कर O सके O । O कहने O का O मतलब O है O कि O सिनेमा O न O सिर्फ O लोगों O का O मनोरंजन O करे O , O बल्कि O लोगों O को O शिक्षित O और O जागरूक O भी O करे O । O चूंकि O सिनेमा O ऐसी O कला O है O जिसके O निर्माण O में O काफी O पैसे O खर्च O होते O हैं O और O इसमें O कमाई O की O भी O संभावना O होती O है O , O इसलिए O कॉरपोरेट O घराने O और O गलत O तरीके O से O कमाई O करने O वाले O भी O इस O काम O से O जुड़ O जाते O हैं O । O ऐसे O में O रचनात्मक O कला O ( O क्रिएटिव O आर्ट O ) O से O जुडे O संस्थानों O में O जरूरी O बदलाव O कर O उन्हें O मजबूत O बनाने O की O जरूरत O है O , O ताकि O वे O संविधान O के O दायरे O में O पूरी O स्वतंत्रता O के O साथ O काम O कर O सकें O । O सिनेमा O से O जुड़े O बीते O वर्षों O के O निष्पक्ष O विश्लेषण O और O स्वस्थ O आलोचना O के O जरिये O हम O बेहतर O ढंग O से O आगे O बढ़ O सकते O हैं O । O हमारा O इतिहास O ऐसे O उदाहरणों O से O भरा O है O जहां O राज्य O ने O लोक O कलाओं O के O संरक्षण O और O संवर्द्धन O में O अहम O भूमिका O निभाई O । O क्या O यह O शर्म O की O बात O नहीं O है O कि O दुनिया O भर O में O सबसे O ज्यादा O फिल्में O बनाने O वाले O देश O को O सिनेमा O की O दुनिया O में O गंभीरता O से O नहीं O लिया O जाता O ? O मैं O यहां O विभिन्न O भारतीय O दूतावासों O और O वाणिज्य O दूतावासों O को O लेकर O अपने O अनुभव O के O बारे O में O भी O बताना O चाहूंगा O । O चूंकि O दूतावास O हमारे O देश O का O प्रतिनिधित्व O करते O हैं O , O इसलिए O वहां O पर O ऐसी O फिल्में O दिखाने O की O जरूरत O है O जिससे O विदेशी O नागरिक O हमारे O देश O से O जुड़ O सकें O । O सिनेमा O को O प्रोपगेंडा O बनाने O की O किसी O भी O तरह O की O कोशिश O का O असर O उल्टा O होता O है O । O कुछ O देशों O को O इसका O बुरा O नतीजा O भी O भुगतना O पड़ा O है O । O बहरहाल O , O सिनेमा O को O राजनीति O या O प्रोपगेंडा O का O हथियार O बनाना O बड़ी O भूल O होगी O । O यह O बेहतर O चरित्र O निर्माण O और O रचनात्मकता O बढ़ाने O का O माध्यम O है O । O इसमें O मानवता O को O एकजुट O करने O की O ताकत O है O । O आधारभूत O संरचना O व O उद्योग O आधारभूत O संरचना O के O अर्थव्यवस्था O का O संवृद्धि O ड्राइवर O होने O पर O जोर O देते O हुए O वित्त O मंत्री O आधारभूत O संरचना O में O निवेश O के O लिए O भी O काफी O चिंतित O हैं O । O रेलवे O , O विमानन O व O अर्थव्यवस्था O के O डिजिटलीकरण O में O बड़ी O राशि O आवंटित O की O गई O है O । O रोजगार O शिक्षित O युवाओं O में O बेरोजगारी O की O दर O काफी O अधिक O है O जिससे O काफी O निराशा O व्याप्त O है O , O जिसे O तत्काल O ठीक O किए O जाने O की O जरूरत O है O । O कर O प्रस्ताव O यह O हमेशा O सही O रहता O है O कि O स्थिरता O को O बनाए O रखने O के O लिए O कर O नीति O में O न्यूनतम O परिवर्तन O हो O । O तदनुसार O , O उन्होंने O कर O दर O , O व्यक्तिगत O व O कॉर्पोरेट O दोनों O को O अपरिवर्तित O रखा O है O । O इससे O म्युचुअल O फंड O हाउसेस O द्वारा O उनके O निवेशकों O को O दी O जाने O वाली O निवल O राशि O में O कमी O होगी O । O एलटीसीजी O बाजार O का O प्रतिकूल O प्रभाव O अनावश्यक O है O । O * O विकास O : O इसमें O सरकार O का O वित्तीय O समावेशन O एजेंडा O और O अन्य O प्रमुख O क्षेत्रीय O और O संरचनात्मक O सुधार O शामिल O हैं O । O * O अविनियमन O : O वित्तीय O मध्यस्थता O और O बचत O प्रवृत्ति O में O नीतिगत O सुधार O । O * O जनसांख्यिकी O : O युवा O और O डिजिटल O रूप O से O सुसज्जित O आबादी O का O प्रभुत्व O । O * O विघटन O : O इसमें O डिजिटलीकरण O और O बैंकिंग O तथा O दूरसंचार O का O एकीकरण O शामिल O है O । O प्रौद्योगिकी O से O बदलेंगे O बैंक O भविष्य O में O प्रौद्योगिकी O बैंकिंग O रूपरेखा O को O परिभाषित O करेगी O । O ग्राहकों O का O बैंकों O के O साथ O संवाद O करने O का O तरीका O पूर्णतः O बदल O जाएगा O । O उदाहरण O के O लिए O ग्राहकों O के O मोबाइल O फोन O पर O विभिन्न O ऑफरों O की O पेशकश O , O वैयक्तिक O संपर्क O के O लिए O होम O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O सिस्टम O का O उपयोग O , O प्रभावी O बिक्री O के O लिए O फेस O डिटेक्शन O प्रौद्योगिकी O का O उपयोग O ऐसे O कुछ O तरीके O हैं O जिनके O माध्यम O से O प्रौद्योगिकी O भविष्य O में O बैंकिंग O की O सहायता O करेगी O और O यह O कहने O की O आवश्यकता O नहीं O है O कि O मोबाइल O बैंकिंग O और O मोबाइल O भुगतान O व O वाणिज्य O वास्तव O में O भविष्य O की O बैंकिंग O है O । O इस O संबंध O में O जैम O ट्रिनिटी O ( O जनधन O - O आधार O - O मोबाइल O ) O में O बैंकिंग O का O रूप O परिवर्तित O करने O की O क्षमता O है O । O बैंकों O को O ऐसे O नवाचारों O पर O ध्यान O केंद्रित O करना O होगा O जो O प्रतिस्पर्धा O को O बढ़ाते O हैं O और O ग्राहकों O के O लिए O बेहतर O और O सस्ती O सेवाएं O मुहैया O करा O पाएं O । O बैंक O भी O अपने O इंफ्रास्ट्रक्चर O को O संयुक्त O उद्यमों O में O मिलाकर O पैमाने O और O सर्वोत्तम O प्रथाओं O की O खोज O कर O सकते O हैं O । O इसके O साथ O - O साथ O , O मौजूदा O प्रौद्योगिकी O सेवा O प्रदाताओं O को O ग्राहकों O के O प्रमाणीकरण O , O धोखाधड़ी O की O जांच O , O भुगतान O प्रसंस्करण O , O अकाउंट O इंफ्रास्ट्रक्चर O , O केवाईसी O प्रसंस्करण O जैसी O आउटसोर्सिंग O उपयोगिताएं O भविष्य O के O लिए O महत्वपूर्ण O कदम O हो O सकते O हैं O । O नकदरहित O और O शाखारहित O बैंकिंग O शाखारहित O बैंकिंग O राजस्व O सृजन O और O लागत O प्रबंधन O में O पैमाने O की O मितव्ययिता O को O प्राप्त O करने O में O मदद O कर O सकती O है O । O विकसित O देशों O में O शाखारहित O बैंकिंग O की O बढ़ती O प्रवृत्ति O के O कारण O बैंकिंग O की O पारंपरिक O शाखाएं O बंद O होने O की O ओर O अग्रसर O हैं O । O बुनियादी O ढांचा O वित्तपोषण O : O नींव O का O निर्माण O इसके O अतिरिक्त O , O इंफ्रास्ट्रक्चर O ऋण O फंड O , O हरित O बैंकिंग O और O वायबिलिटी O गैप O फंडिंग O के O रूप O में O नयी O व्यवस्थाएं O होंगी O । O एमएसएमई O के O लिए O नये O मॉडल O कलस्टर O आधारित O वित्तपोषण O , O प्रौद्योगिकी O उन्नयन O के O लिए O पूंजीगत O रियायत O नीति O , O मुद्रा O बैंक O , O क्रेडिट O गारंटी O योजनाएं O , O इन्क्यूबेशन O केंद्र O और O स्टार्ट O अप O सुविधाएं O जैसी O नयी O व्यवस्थाएं O आगामी O वर्षों O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाएंगी O । O प्रतियोगिता O और O समेकन O नवाचार O , O प्रतिस्पर्धा O करने O और O व्यवसाय O में O बने O रहने O जैसे O उपाय O सहक्रियाशील O समेकन O का O मार्ग O प्रशस्त O करेंगे O । O * O खाता O संख्या O पोर्टेबिलिटी O ( O मोबाइल O नंबर O पोर्टेबिलिटी O की O तर्ज O पर O ) O । O * O बिग O डेटा O विश्लेषिकी O का O कुशल O लाभ O । O * O खुदरा O कर्ज O का O प्रतिभूतिकरण O । O निष्कर्ष O एकत्र O कर O इसे O अनौपचारिक O कारोबारियों O को O बेचा O जाता O है O । O ये O कारोबारी O या O तो O इसकी O मरम्मत O करते O अथवा O इसे O किसी O रिसाइकिल O कर्ता O को O बेच O देते O हैं O । O रिसाइकिल O कर्ता O इस O उत्पाद O का O ज्वलन O या O निक्षालन O के O जरिये O अथवा O पिघला O कर O विखंडन O करता O है O । O भारतीय O इलेक्ट्रॉनिक्स O क्षेत्र O ने O पिछले O दशक O में O जबर्दस्त O प्रगति O की O है O । O इलेक्ट्रॉनिक्स O वस्तुओं O के O स्वदेश O में O उत्पादन O और O आयात O में O वृद्धि O के O साथ O ही O ई O - O कबाड़ O उत्सर्जन O में O भी O तेजी O आयी O । O इससे O इस O क्षेत्र O पर O नियामक O नियंत्रण O की O आवश्यकता O महसूस O की O जाने O लगी O । O विकसित O देशों O में O अक्सर O ई O - O कबाड़ O की O रिसाइक्लिंग O का O खर्च O बहुत O ज्यादा O होता O है O । O इन O देशों O में O टूटे O और O खराब O उपकरणों O के O निस्तारण O के O लिये O कंपनियों O को O भुगतान O करना O पड़ता O है O । O इसलिये O विकसित O राष्ट्रों O की O कई O कंपनियां O अपने O ई O - O कबाड़ O को O विकासशील O देशों O में O भेजने O के O अपेक्षाकृत O किफायती O विकल्प O को O अपनाती O हैं O । O इस O स्थिति O ने O गैर O - O सरकारी O संगठनों O को O जागरूकता O अभियान O चलाने O के O लिये O प्रेरित O किया O । O बहुराष्ट्रीय O संस्थाओं O ने O भी O इस O ओर O ज्यादा O ध्यान O देना O शुरू O कर O दिया O । O इन O नियमों O में O ई O - O कबाड़ O का O प्रबंधन O जिम्मेदार O ढंग O से O करने O की O बात O कही O गयी O थी O । O इसके O अलावा O सरकार O ने O सूचना O प्रौद्योगिकी O निर्माता O संघ O ( O एमएआईटी O ) O और O अन्य O औद्योगिक O संगठनों O के O सुझाव O पर O पंजीकरण O और O ई O - O कबाड़ O प्रबंधन O दिशा O - O निर्देश O जारी O कर O इलेक्ट्रॉनिक्स O रिसाइक्लिंग O उद्योग O को O औपचारिक O रूप O देने O की O ओर O ध्यान O दिया O । O इन O नियमों O में O एक्स्टेंडेड O प्रोड्यूसर O रिस्पांसिबिलिटी O ( O ईपीआर O ) O यानी O विस्तारित O उत्पादक O जिम्मेदारी O का O भी O प्रावधान O किया O गया O था O । O इसके O तहत O उपयोग O की O जा O चुकी O इलेक्ट्रॉनिक O वस्तुओं O को O एकत्र O और O रिसाइकिल O करने O की O जिम्मेदारी O उत्पादक O को O सौंपी O गयी O । O ईपीआर O के O तहत O कबाड़ O प्रबंधन O का O भार O निर्माताओं O पर O डाले O जाने O से O सैद्धांतिक O रूप O से O पर्यावरण O के O ज्यादा O अनुकूल O उत्पादों O के O डिजाइन O के O लिये O माहौल O तैयार O हुआ O । O माना O गया O कि O चूंकि O निस्तारण O का O खर्च O निर्माताओं O को O उठाना O है O इसलिये O वे O अपने O उत्पादों O में O कम O जहरीली O और O आसानी O से O रिसाइकिल O होने O वाली O सामग्री O का O उपयोग O करेंगे O । O लक्ष्य O के O अभाव O और O ढीले O नियामक O परिवेश O के O कारण O उत्पादक O उपयोग O किये O जा O चुके O अपने O सामान O का O संग्रह O सुनिश्चित O करने O के O लिये O प्रेरित O नहीं O हुए O । O नीति O और O व्यवहार O भारत O समेत O तमाम O विकासशील O देशों O को O सबके O लिए O स्वास्थ्य O ' O का O लक्ष्य O प्राथमिकता O सूची O में O सबसे O ऊपर O रखने O की O जरूरत O है O । O यह O न O सिर्फ O मानव O संसाधन O का O विकास O सुनिश्चित O करता O है O , O बल्कि O हमारी O आगामी O पीढ़ियों O के O लिए O भी O इसका O काफी O महत्व O है O । O विकासशील O देशों O को O अपने O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O स्वास्थ्य O बजट O का O हिस्सा O बढ़ाना O होगा O । O साथ O ही O , O स्वास्थ्य O पर O प्रति O व्यक्ति O कुल O खर्च O में O सरकारी O खर्च O की O हिस्सेदारी O को O भी O बढ़ाने O की O आवश्यकता O है O । O सबके O लिए O स्वास्थ्य O सुविधाओं O को O लेकर O पहली O बार O इस O तरह O की O पहल O की O गई O थी O । O इसका O मकसद O स्वास्थ्य O सुविधाओं O के O मामले O में O समानता O को O बढ़ावा O देना O और O सभी O समुदायों O की O स्वास्थ्य O जरूरतों O को O पूरा O करना O था O । O इसके O अलावा O , O यूडीएचआर O ( O मानवाधिकारों O की O सार्वभौम O घोषणा O ) O के O अनुच्छेद O 3 O में O साफ O तौर O पर O सभी O को O जीवन O , O स्वतंत्रता O और O सुरक्षा O का O अधिकार O होने O की O बात O कही O गई O है O । O “ O स्वयं O ” O पोर्टल O से O वे O छात्र O लाभान्वित O हो O रहे O हैं O जिनकी O डिजिटल O क्रांति O तक O पहुंच O सीमित O है O और O जो O ज्ञान O आधारित O अर्थव्यवस्था O की O मुख्यधारा O में O शामिल O होने O में O नाकाम O रहे O हैं O । O मैंने O केन्द्रीय O मंत्री O के O तौर O पर O विभिन्न O विभागों O का O पदभार O संभालते O हुए O प्रधानमंत्री O के O सक्रिय O समर्थन O से O कई O बदलाव O किये O हैं O । O * O नयी O औद्योगिक O नीति O : O इस O नीति O का O प्रस्ताव O किया O और O विभिन्न O हितधारकों O के O साथ O राष्ट्रव्यापी O विचार O - O विमर्श O के O जरिये O इसे O अंतिम O रूप O दिया O । O * O व्यापार O संवर्धन O : O व्यापार O संवर्धन O में O ज्यादा O केन्द्रित O नजरिया O अपनाने O की O दिशा O में O कदम O उठाये O । O * O निवेश O संवर्द्धन O के O लिये O कदम O उठाये O । O * O प्रौद्योगिकी O और O नवाचार O के O लिये O प्रयास O किये O । O * O स्टार्टअप O पारिस्थितिकी O को O बढ़ावा O दिया O । O * O नीति O - O निर्माण O को O भविष्योन्मुख O बनाया O गया O । O * O उड्डयन O उद्योग O का O संवर्द्धन O : O क्षेत्रीय O संपर्क O योजना O “ O उड़ान O " O को O लागू O किया O । O * O ग्राहक O पर O ध्यान O : O रेलवे O के O बारे O में O ऐतिहासिक O तौर O पर O माना O जाता O था O कि O वह O ग्राहकों O का O कम O खयाल O रखता O है O । O मैंने O इस O दृष्टिकोण O को O बदला O और O रेलवे O में O उपयोगकर्ताओं O को O यात्री O के O बजाय O ग्राहक O माना O जाने O लगा O । O * O योजना O निर्माण O और O निवेश O : O रेलवे O परियोजनाओं O के O लिये O वित्त O व्यवस्था O के O तौरतरीकों O में O परिवर्तन O किया O । O विभिन्न O नवाचारी O उपायों O के O साथ O ही O बजट O के O बाहर O से O भी O संसाधन O जुटाये O गये O । O * O आधारभूत O संरचना O का O सृजन O : O बुनियादी O संरचनाओं O के O सृजन O पर O खर्च O और O कनेक्टिविटी O में O सुधार O में O काफी O इजाफा O हुआ O । O * O संवहनीयता O : O संवहनीयता O को O रेलवे O की O रणनीति O का O अभिन्न O अंग O बनाया O गया O । O * O प्रशासन O और O पारदर्शिता O : O मैं O पारदर्शिता O का O कट्टर O पक्षधर O रहा O हूं O । O रेलवे O के O प्रशासन O में O सुधार O लाने O के O लिये O प्रौद्योगिकी O और O कामकाज O के O विभाजन O का O सहारा O लिया O गया O । O मैंने O थोड़े O से O समय O में O ही O वैश्विक O नेताओं O और O विचारकों O से O बातचीत O करने O के O अलावा O दुनिया O भर O में O प्रतिनिधि O मंडलों O का O नेतृत्व O किया O है O । O वे O देश O में O सहकारिता O आंदोलन O को O बढ़ावा O देने O और O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O मजबूत O बनाने O के O लिये O काम O करेंगे O । O वे O उद्यमिता O , O अनुसंधान O और O उच्च O गुणवत्ता O वाले O बांस O उत्पादों O के O संवहनीय O ढंग O से O व्यापार O को O बढ़ावा O देने O के O मकसद O से O काम O करेंगे O । O चरण O - O II O देशवासियों O ने O भी O पूरे O जोश O - O खरोश O से O सेना O का O मनोबल O बढ़ाया O । O पाकिस्तानी O सेना O को O सबसे O भयंकर O दमन O के O लिए O इस्तेमाल O किया O । O स्वतंत्रता O प्राप्ति O के O बाद O भारतीय O सैन्य O इतिहास O का O यह O स्वर्णिम O विजय O अवसर O था O । O दूसरे O विश्व O युद्ध O के O बाद O यह O सबसे O बड़ी O सैनिक O विजय O थी O । O दुनिया O तेजी O से O बदल O रही O थी O । O इसने O मौजूदा O उपायों O में O हुई O प्रगति O की O समीक्षा O की O और O बैंकों O के O विलय O , O पूंजी O की O पर्याप्तता O और O नियम O - O कानून O से O जुड़े O कई O और O उपायों O का O प्रस्ताव O किया O । O हालांकि O , O बाकी O देशों O में O यह O जीडीपी O अनुपात O और O उधारी O के O अनुपात O का O मामला O काफी O ज्यादा O था O । O वित्तीय O क्षेत्र O में O सुधार O पर O बनी O कमेटी O में O देश O की O मैक्रो O अर्थव्यवस्था O और O नियामकीय O ढांचे O , O वित्तीय O समग्रता O और O घरेलू O वित्तीय O विकास O को O लेकर O भी O सुझाव O दिए O गए O थे O । O इसकी O अहम O सिफारिशें O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O कामकाज O और O प्रबंधन O को O बेहतर O बनाना O था O , O जिनकी O देश O के O बैंकिंग O सेक्टर O में O बड़े O पैमाने O पर O मौजूदगी O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O दबदबा O आज O भी O देश O के O बैंकिंग O सिस्टम O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O यानि O सरकारी O बेंकों O की O हिस्सेदारी O काफी O ज्यादा O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O प्रदर्शन O पूरे O बैंकिंग O सिस्टम O के O प्रदर्शन O की O नुमाइंदगी O करता O है O । O बैंकों O की O गैर O - O निष्पादित O संपत्तियों O ( O एनपीए O ) O में O इनका O सबसे O बड़ा O योगदान O है O । O वक्त O बीतने O के O साथ O हालात O और O खराब O हुए O हैं O । O एनपीए O में O बढ़ोतरी O से O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O की O सेहत O पर O भी O बुरा O असर O पड़ा O है O और O इसका O असर O रिटर्न O ऑन O एसेट्स O ( O आरओए O ) O और O रिटर्न O ऑन O इक्विटी O ( O आरओई O ) O रेशियों O में O भी O नजर O आता O है O । O हालांकि O , O प्राइवेट O बैंक O भी O एनपीए O की O बढ़ती O हिस्सेदारी O से O परेशान O हैं O । O इसके O अलावा O , O बैंकों O की O संपत्तियों O की O गुणवत्ता O और O मुनाफे O में O भी O गिरावट O हो O रही O है O । O बैंकों O के O मुनाफे O में O गिरावट O की O मुख्य O वजह O जोखिम O से O जुड़े O प्रावधानों O में O बढ़ोतरी O , O कर्ज O के O राइट O ऑफ O और O नेट O इंटरेस्ट O इनकम O में O गिरावट O है O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O इस O तरह O की O दिक्कतों O के O कारण O औद्योगिक O क्षेत्र O से O जुड़े O कर्ज O के O वितरण O में O सुस्ती O आ O गई O है O । O इससे O बैंकों O की O अंतरराष्ट्रीय O पूंजी O जरूरतों O की O क्षमता O भी O सीमित O हुई O है O । O एनपीए O ज्यादा O रहने O से O बैंकों O को O बासल O - O 3 O के O तहत O बड़ी O पूंजी O की O जरूरतें O पूरी O करने O में O भी O दिक्कत O होगी O । O सरकार O ने O इस O चुनौती O से O निपटने O के O लिए O बैंकों O को O फंड O दिया O है O । O इसके O बुरे O नतीजों O में O बैंकों O की O कर्ज O ग्रोथ O में O और O गिरावट O , O बैंकों O के O मुनाफे O और O पूंजी O पर्याप्तता O अनुपात O में O गिरावट O शामिल O हैं O । O ये O फंड O न O सिर्फ O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O को O पूंजी O की O न्यूनतम O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O मदद O करेंगे O , O बल्कि O बैंकों O को O अपनी O बैलेंस O शीट O को O साफ O करने O और O बैड O कर्ज O को O कवर O करने O में O भी O मदद O मिलेगी O । O इंद्रधनुष O योजना O में O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O बैंकिंग O सुधार O को O और O व्यापक O बनाने O की O बात O है O । O हालांकि O , O इसके O अमल O पर O पूरी O तरह O से O काम O नहीं O हो O पाया O है O । O साथ O ही O , O इंसॉल्वेंसी O और O बैंकरप्सी O कोड O ( O आईबीसी O ) O भी O एनपीए O की O चुनौती O से O निपटने O के O लिए O चैनल O मुहैया O कराता O है O । O वैश्विक O संदर्भ O : O गहराई O और O प्रतिस्पर्धा O वित्तीय O मजबूती O न O सिर्फ O बैंकिंग O सिस्टम O के O आकार O को O बढ़ाने O में O अहम O है O , O बल्कि O यह O आर्थिक O वृद्धि O और O गरीबी O कम O करने O से O भी O जुड़ी O है O । O उज्ज्वला O योजना O के O अतिरिक्त O ' O प्रधानमंत्री O सौभाग्य O योजना O एवं O अमृत O कार्यक्रम O , O महिलाओं O के O सशक्तिकरण O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभायेगा O । O अमृत O योजना O , O महिलाओं O के O श्रम O हनन O को O रोकेगी O क्योंकि O घरेलू O उपयोग O के O लिए O पानी O का O प्रबंध O , O महिलाओं O का O ही O दायित्व O माना O जाता O है O । O परन्तु O महिला O स्वावलंबन O पर O केंद्रित O बजट O में O , O जिस O घोषणा O का O अभाव O खला O वह O था O महिलाओं O के O लिए O , O स्टार्टअप O योजनाओं O के O नियमों O में O ढिलाई O का O । O आर्थिक O सहायता O के O संबंध O में O कौशल O विकास O एवं O उद्यमिता O मंत्रालय O की O सकारात्मक O सोच O के O बावजूद O अनेक O अड़चनें O हैं O । O इसलिए O आवश्यकता O है O व्यावहारिक O कमियों O को O दूर O करने O की O । O नशा O मुक्ति O और O पुनर्वास O की O प्रक्रिया O में O बुनियादी O ढांचे O और O प्रशिक्षित O पेशेवरों O की O आवश्यकता O होती O है O । O आज O यहां O हमारा O जमावड़ा O कोविड O - O 19 O के O खिलाफ O लड़ाई O में O भी O आपकी O सफलता O का O उत्सव O है O । O जिन O परियोजनाओं O के O बारे O में O मैंने O बात O की O है O , O उनमें O से O कई O , O उच्च O प्रभाव O वाली O सामुदायिक O विकास O परियोजनाओं O की O अवधारणा O और O कार्यान्वयन O को O दुनिया O भर O में O स्थानीय O और O नगर O परिषदों O द्वारा O पूरा O किया O जाता O है O । O वास्तव O में O यही O परिभाषा O है O , O जो O वास्तव O में O इन O परियोजनाओं O को O अलग O करती O है O । O और O यह O ऐसा O करता O है O क्योंकि O इसमें O स्थानीय O स्वामित्व O और O स्थानीय O खरीद O शामिल O है O , O यह O समय O पर O कार्यान्वयन O सुनिश्चित O करता O है O क्योंकि O परिषदों O की O उनकी O सफलता O में O प्रत्यक्ष O हिस्सेदारी O होती O है O । O और O मैं O फिर O से O जोर O देकर O कहना O चाहूँगा O कि O मैं O यहाँ O पहली O बार O आया O हूँ O , O मेरी O और O मेरे O प्रतिनिधिमंडल O की O मेजबानी O करने O के O इस O विशेष O भाव O के O लिए O , O बहुत O गर्मजोशी O और O भव्य O आतिथ्य O के O लिए O मैं O धन्यवाद O देता O हूँ O । O आपका O बहुत O - O बहुत O धन्यवाद O । O यह O बहुत O क्रांतिकारी O कदम O था O क्योंकि O आज़ादी O के O बाद O से O लगातार O अंग्रेजी O माध्यम O की O वजह O से O केवल O वे O लोग O ही O इस O सेवा O में O आते O थे O जो O अंग्रेजी O माध्यम O में O देश O या O विदेश O में O पढ़े O होते O थे O । O भारतीय O भाषाओं O में O पढ़ने O वाले O गरीब O आदिवासी O के O लिए O कोई O जगह O नहीं O थी O । O जब O तक O वे O किसी O भारतीय O भाषा O को O नहीं O जानते O हों O , O कैसे O जनता O के O दुख O - O दर्द O को O समझेंगे O और O न O केवल O भाषा O उन्हें O अपनी O भाषाओं O का O साहित्य O भी O जानना O चाहिए O । O इस O कदम O ने O भारतीय O नौकरशाही O का O रूप O सचमुच O में O जनवादी O बना O दिया O । O इसे O तुरंत O भारतीय O भाषाओं O के O पक्ष O में O बदलने O की O जरूरत O है O । O इसीलिए O भर्ती O प्रक्रिया O का O प्रश्न O महत्वपूर्ण O हो O जाता O है O । O देखा O जाए O तो O आज़ादी O के O इतने O वर्षो O के O बाद O इन O सेवाओं O का O ऐसा O भारतीयकरण O होना O चाहिए O था O जिससे O भारतीय O भाषाओं O के O ज्यादा O से O ज्यादा O पढ़े O हुए O नौजवान O इन O सेवाओं O में O शामिल O हो O पाते O । O क्या O देश O को O औपनिवेशक O मानसिकता O से O मुक्ति O नहीं O चाहिए O ? O क्या O भारतीय O भाषाएं O इतनी O कमजोर O हैं O ? O और O यह O कि O क्या O भारतीय O भाषाओं O में O पढ़े O हुए O नौजवान O कमतर O साबित O हुए O हैं O ? O निश्चित O रूप O से O नौकरशाही O हमारी O शिक्षा O व्यवस्था O में O जुड़ी O है O लेकिन O भर्ती O प्रक्रिया O को O भी O ऐसा O बनाने O की O जरूरत O है O जिससे O नौकरशाही O और O ज्यादा O जमीनी O अनुभव O प्राप्त O करे O और O संवेदनशील O बने O । O वन O सेवा O , O इंजीनियरिंग O सेवा O , O मेडिकल O सेवा O जैसी O सेवाओं O में O भी O सरकार O को O इस O पक्ष O पर O ध्यान O देने O की O जरूरत O है O । O वैसे O तो O समय O - O समय O पर O कई O सुधार O हुए O हैं O जैसे O निबंध O का O पेपर O शामिल O करना O , O ' O रूसी O , O चीनी O जैसे O विषयों O को O बाहर O करना O ' O , O लेकिन O कुछ O कमियाँ O लगातार O बनी O हुई O हैं O । O अन्य O भाषाओं O में O व्याकरण O केवल O भाषाओं O की O भौतिक O विशेषताओं O से O संबंधित O है O , O अक्षरों O से O शुरू O होकर O वाक्यों O और O काव्य O घटकों O के O गठन O के O साथ O समाप्त O होता O है O । O " O एकीकृत O और O विघटित O करने O के O लिए O , O सभी O जन्मों O में O होने O वाला O भाग्य O , O नायक O और O नायिका O को O पूरा O करने O के O लिए O है O । O माना O जाता O है O कि O वही O जोड़ी O सभी O जन्मों O में O पति O - O पत्नी O बनी O रहती O है O । O मुलाई O - O मिलन O का O इंतजार O कर O रहे O प्रेमी O कुरिन्जी O - O प्रेमियों O का O मिलन O मारुथम O - O प्रेमियों O द्वारा O मुंह O फेर O लेना O नेथल O - O दयनीय O मनोदशा O पलाई O - O जुदाई O । O प्रत्येक O ' O थिनई O ' O जीवन O शैली O का O अपना O उचित O मौसम O तथा O दिन O और O रात O समयांतराल O होता O है O । O कवि O को O प्रेम O प्रकरण O के O बारे O में O सीधा O उच्चारण O करने O का O अधिकार O नहीं O है O । O सभी O संगम O प्रेम O कविताओं O में O इस O तरह O की O नाटकीय O अभिव्यक्ति O पूरी O तरह O से O बनी O हुई O है O । O ये O ' O ध्वनि O ' O सिद्धांत O से O अधिक O हैं O । O विकास O पथ O : O संसद O के O नए O भवन O का O शिलान्यास O संसद O की O नई O इमारत O ' O आत्म O निर्भर O भारत O ' O अभियान O का O हिस्सा O है O । O आज़ादी O के O बाद O जनता O की O संसद O के O निर्माण O का O यह O पहला O ऐतिहासिक O अवसर O होगा O । O संसद O की O नई O इमारत O अत्याधुनिक O सुविधाओं O से O लैस O होने O के O साथ O - O साथ O ऊर्जा O की O खपत O को O भी O कम O करेगी O । O साथ O ही O , O त्रिकोण O के O आकार O वाली O इस O इमारत O में O सुरक्षा O से O जुड़ी O तमाम O सुविधाएं O मौजूद O होंगी O । O यह O इमारत O मौजूदा O संसद O भवन O के O पास O में O ही O है O । O नई O इमारत O में O भारतीय O संस्कृति O के O विविध O रंग O देखने O को O मिलेंगे O । O इसमें O अलग O - O अलग O क्षेत्रों O की O कला O , O हस्तकला O , O वस्त्र O और O स्थापत्य O कला O की O झलक O देखने O को O मिलेगी O । O इस O इमारत O के O ढांचे O में O शानदार O गैलरी O के O लिए O प्रावधान O किया O गया O है O , O जहां O आम O लोगों O की O पहुंच O होगी O । O संसद O की O नई O इमारत O के O निर्माण O में O हरित O तकनीक O वाले O संसाधन O का O इस्तेमाल O किया O जाएगा O और O इस O तरह O पर्यावरण O के O अनुकूल O तौर O - O तरीकों O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O साथ O ही O , O इससे O रोजगार O के O अवसर O भी O पैदा O होंगे O । O नए O संसद O भवन O का O निर्माण O आर्थिक O बेहतरी O में O भी O योगदान O करेगा O । O इस O भवन O में O ध्वनि O के O बेहतर O इंतजाम O के O लिए O अच्छी O गुणवत्ता O वाली O ऑडियो O - O विजुअल O सुविधाएं O , O ज्यादा O लोगों O के O लिए O बैठने O की O आरामदेह O व्यवस्था O के O साथ O - O साथ O आपातकालीन O स्थिति O में O बाहर O निकलने O के O लिए O भी O इंतजाम O किए O जाएंगे O । O इस O इमारत O में O उच्च O ढांचागत O सुरक्षा O मानकों O का O पालन O किया O जाएगा O । O * O नया O संसद O भवन O और O मौजूदा O संसद O भवन O मिलकर O समूह O के O तौर O पर O काम O करेंगे O । O * O इससे O संसद O का O कामकाज O और O बेहतर O तरीके O से O संपन्न O हो O सकेगा O । O * O मौजदा O संसद O भवन O , O नया O संसद O भवन O , O संसद O की O लाइब्रेरी O , O उपभवन O और O सांसदों O का O चैंबर O , O ये O सभी O विधायिका O ( O लेजिस्लेटिव O ) O एनक्लेब O में O होंगे O । O सभ्यतागत O नम्र O शक्ति O : O प्रधानमंत्री O ने O योग O और O अध्यात्म O जैसी O भारतीय O विरासत O से O सम्पन्न O सॉफ्ट O पावर O के O माध्यम O से O दुनिया O के O छोरों O पर O बसे O भारतीयों O के O साथ O संवेदनशील O संपर्क O स्थापित O किया O । O इसके O पीछे O उनका O दृष्टिकोण O यह O था O कि O भारत O दूसरे O देशों O द्वारा O निर्मित O मूल्यों O , O नियमों O और O सरोकारों O पर O न O चलकर O अपने O मूल्यों O और O सरोकारों O पर O आधारित O नीतियों O का O निर्माण O करे O । O इसके O बाद O सन्निकट O पड़ोसी O आते O हैं O यानी O खाड़ी O और O पूर्वी O एशियाई O देश O , O जो O सही O अर्थों O में O प्रत्यंत O या O सीमावर्ती O राज्य O हैं O । O इसलिए O विदेश O नीति O में O वरीयता O का O क्रम O भी O इसी O अनुसार O होना O चाहिए O । O उन्होंने O अपने O पहले O कार्यकाल O की O शुरूआत O ही O ' O डिप्लोमैसी O विद O नेबरहुड O फर्स्ट O ' O से O की O । O सार्वभौमिक O भाईचारे O की O ओर O : O यानि O हम O अब O केवल O इंडियन O सबकांटिनेंटल O ब्रदरहुड O या O साउथ O एशियन O ब्रदरहुड O तक O सीमित O नहीं O रहना O चाहते O बल्कि O इन O सीमाओं O से O परे O जाकर O एशियन O ब्रदरहुड O या O उससे O भी O आगे O यूनिवर्सल O ब्रदरहुड O यानी O सार्वभौमिक O भाईचारा O तक O रास्ता O तय O करना O चाहते O हैं O । O इस O दृष्टि O से O सबसे O पहले O वे O देश O आते O हैं O जो O पूर्वी O और O दक्षिण O पूर्वी O एशियाई O क्षेत्र O में O स्थित O हैं O इसके O बाद O मध्य O - O पूर्व O के O देश O आते O हैं O । O पूरब O की O ओर O देखने O पर O ट्रांस O - O पैसिफिक O क्षेत्र O सबसे O पहले O नजर O आता O है O जो O अब O इंडो O - O पैसिफिक O स्ट्रेटेजी O का O हिस्सा O है O । O भारतीय O - O प्रशांत O क्षेत्र O : O 13. O हमारी O चर्चाओं O में O इस O बात O पर O भी O बल O दिया O गया O कि O हम O अंतर्राष्ट्रीय O स्तर O पर O प्रासंगिक O मुद्दों O पर O संयुक्त O राष्ट्र O सहित O क्षेत्रीय O और O बहुपक्षीय O मंचों O पर O सहयोग O जारी O रखेंगे O । O महानुभवों O , O देवियों O और O सज्जनों O तथा O मीडिया O से O आए O मित्रों O - O आपका O बहुत O बहुत O धन्यवाद O ! O जिन O गांवों O में O निर्धारित O गुणवत्ता O वाला O भूजल O पर्याप्त O मात्रा O में O मौजूद O है O उनमें O स्थानीय O जल O स्रोत O पर O आधारित O पाइप O के O माध्यम O से O पानी O आपूर्ति O की O ग्राम O स्तरीय O योजना O बना O कर O सभी O घरों O को O कनेक्शन O दिया O जायेगा O । O जिन O गांवों O में O भूगर्भीय O प्रदूषण O वाला O पानी O पर्याप्त O मात्रा O में O उपलब्ध O है O उनमें O ग्राम O स्तरीय O जल O आपूर्ति O योजना O में O शोधन O संयंत्र O को O भी O शामिल O किया O जा O रहा O है O । O भरोसेमंद O जल O स्रोत O के O अभाव O से O ग्रस्त O पानी O की O तंगी O वाले O , O सूखा O प्रभावित O और O रेगिस्तानी O इलाकों O में O तथा O जल O की O अत्यंत O खराब O गुणवत्ता O वाले O क्षेत्रों O में O शोधन O संयंत्र O समेत O बड़े O पैमाने O पर O पानी O वितरण O की O प्रणाली O बनायी O जा O रही O है O । O ऐसी O क्षेत्रीय O जल O आपूर्ति O योजनाओं O के O जरिये O यह O सुनिश्चित O किया O जायेगा O कि O इस O तरह O के O सभी O इलाकों O में O हर O घर O में O पाइप O से O पानी O पहुँचाया O जा O सके O । O आदिवासी O , O पर्वतीय O और O वन O क्षेत्रों O में O गुरुत्वाकर्षण O या O सौर O ऊर्जा O आधारित O जल O आपूर्ति O योजनाओं O का O प्रबंध O किया O जा O रहा O है O । O इस O तरह O की O योजनाओं O के O संचालन O और O रखरखाव O का O खर्च O अपेक्षाकृत O कम O होने O के O कारण O इन्हें O चलाना O आसान O होता O है O । O पहाड़ियों O और O पर्वतों O में O पेयजल O के O भरोसेमंद O स्रोत O के O तौर O पर O झरनों O का O दोहन O किया O जा O रहा O है O । O गर्म O और O ठंडे O रेगिस्तानों O में O नवाचारी O प्रौद्योगिकीय O समाधानों O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O प्रौद्योगिकी O का O उपयोग O जल O जीवन O मिशन O में O पारदर्शिता O , O जवाबदेही O , O धन O का O सदुपयोग O और O सेवा O की O डिलीवरी O सुनिश्चित O करने O के O लिये O प्रौद्योगिकी O का O इस्तेमाल O किया O जा O रहा O है O । O घरों O में O दिये O जा O रहे O नल O कनेक्शन O को O परिवार O के O मुखिया O की O आधार O संख्या O से O जोड़ा O गया O है O । O इसके O अलावा O सभी O तरह O की O वित्तीय O लेन O - O देन O सार्वजनिक O वित्त O प्रबंधन O प्रणाली O ( O पीएफएमएस O ) O के O जरिये O की O जा O रही O है O । O प्रगति O जल O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O , O नवाचार O , O निर्यात O की O तैयारी O और O सतत O विकास O लक्ष्य O ( O एसडीजी O ) O ने O महत्वपूर्ण O रूप O से O सकारात्मक O ध्यान O आकृष्ट O किया O है O । O इस O सूची O में O स्कूल O शिक्षा O क्षेत्र O की O समग्र O प्रभावशीलता O और O दक्षता O को O प्रभावित O करने O वाले O संकेत O शामिल O हैं O । O उदाहरण O के O लिए O , O ' O स्वास्थ्य O सेवा O क्षेत्र O की O उपलब्धियों O ( O यानी O पर्फोर्मेन्स O इन O हेल्थ O इनिशिएटिव O ) O ' O से O संबंधित O सूचकांक O स्वास्थ्य O के O क्षेत्र O में O राज्यों O की O समग्र O उपलब्धियों O के O साथ O ही O साथ O स्वास्थ्य O के O क्षेत्र O में O हुए O बदलावों O , O शासन O और O प्रक्रियाओं O में O हुए O वार्षिक O सुधारों O को O प्रस्तुत O करता O है O । O इसी O तरह O , O संयुक्त O जल O प्रबंधन O सूचकांक O विस्तारपूर्वक O यह O दर्शाता O है O कि O समय O के O साथ O राज्यों O ने O जल O से O संबंधित O मामलों O पर O किस O प्रकार O प्रगति O की O है O , O जिसमें O उच्च O प्रदर्शन O करने O वालों O को O मान्यता O देने O के O साथ O - O साथ O सभी O राज्यों O की O ओर O से O गहन O संलग्नता O और O निवेश O के O लिए O क्षेत्रों O की O पहचान O की O जाना O शामिल O है O । O इस O सूची O में O स्कूल O शिक्षा O क्षेत्र O की O समग्र O प्रभावशीलता O और O दक्षता O को O प्रभावित O करने O वाले O संकेत O शामिल O हैं O । O इसने O हमारे O महत्वाकांक्षी O ' O आकांक्षी O जिला O कार्यक्रम O ' O में O प्रतिस्पर्धा O का O कारक O जोड़ O दिया O है O , O जिसका O उद्देश्य O इन O जिलों O के O शासन O में O सुधार O लाना O तथा O जमीनी O स्तर O पर O सरकारी O एजेंसियों O और O संगठनों O के O बीच O प्रभावी O तालमेल O पर O ध्यान O केंद्रित O करते O हुए O मानव O विकास O संकेतकों O को O बढ़ाकर O राष्ट्रीय O औसत O तक O ले O जाना O है O । O इनके O अतिरिक्त O , O इन O जिलों O से O शासन O की O अनेक O उत्कृष्ट O पद्धतियां O उभरकर O सामने O आई O हैं O , O जिन्हें O बढ़ाया O जा O रहा O है O और O कुछ O राज्यों O में O ब्लॉक O स्तरों O पर O दोहराया O जा O रहा O है O । O सरकार O ने O यह O योजना O किसी O व्यक्ति O अथवा O परिवार O की O पोषण O की O स्थिति O को O प्रभावित O करने O वाली O स्वच्छता O और O स्वास्थ्य O सेवाओं O तक O पहुंच O जैसे O अनेक O परस्पर O संबद्ध O कारकों O पर O विचार O करते O हुए O उचित O संचालन O ढांचा O प्रदान O करने O के O लिए O प्रारंभ O की O थी O । O प्रधानमंत्री O कृषि O सिंचाई O योजना O का O रोडमैप O सभी O राज्यों O और O संघशासित O प्रदेशों O के O साथ O साझा O किया O गया O है O । O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O व्यवस्था O उत्पादित O वस्तुओं O का O व्यापार O होना O तो O स्वाभाविक O ही O है O और O उत्पादन O और O व्यापार O में O धन O की O आपूर्ति O के O लिए O बैंकिंग O या O महाजनी O या O साहूकारी O की O व्यवस्था O होना O भी O उतना O ही O स्वाभाविक O है O यदि O थी O तो O कैसी O थी O ? O नगद O लेन O - O देन O की O पृष्ठभूमि O बैंकिंग O का O मुख्य O काम O धन O का O लेन O - O देन O है O । O धन O का O लेन O - O देन O यानि O ऋण O लेना O और O ऋण O देना O । O ऋण O की O बात O करें O तो O हमें O तुरंत O सूदखोर O कहे O जाने O वाले O साहूकारों O और O महाजनों O की O याद O आती O है O । O इस O व्यवस्था O के O मूल O सिद्धांतों O का O प्रारंभ O वेदों O से O ही O हो O जाता O है O । O वेदों O में O ब्याज O पर O ऋण O देने O - O लेने O की O व्यवस्था O को O कुसीद O कहा O है O । O यही O शब्दावली O बाद O के O वैदिक O वांग्मय O में O भी O प्रयोग O की O गयी O है O । O वैदिक O प्रेरणा O तो O हमें O कर्ज O मुक्त O रहने O के O लिए O कहती O है O । O ब्रह्मसूत्रों O में O कहा O है O - O अनृणास्याम O यानि O हम O कर्जमुक्त O रहें O । O वणिक्पथं O कुसीद O च O वैश्यस्य O कृषियेव O च O ॥ O अर्थात्‌ O ( O गौ O आदि O पालतू O ) O पशुओं O की O रक्षा O , O विद्या O - O धर्म O आदि O की O वृद्धि O के O लिए O दान O देना O , O नित्य O अग्निहोत्र O करना O , O वेदादि O शास्त्रों O का O अध्ययन O करना O और O ब्याज O पर O धन O लेना O - O देना O और O कृषि O करना O वैश्यों O के O कर्तव्य O हैं O । O जब O दूना O धन O आ O जाए O तो O उसके O आगे O कौड़ी O न O लेवें O , O न O देवें O । O जितना O न्यून O ब्याज O लेवेगा O , O उतना O ही O उसका O धन O बढ़ेगा O । O कभी O धन O का O नाश O नहीं O होगा O और O कुसंतानें O उसके O कुल O में O न O होंगी O । O कुसीद O की O प्राचीन O व्यवस्था O का O ही O आगे O चलकर O महाजनी O या O फिर O साहूकारी O व्यवस्था O में O रूपांतरण O हुआ O । O घरेलू O औरतें O भी O सामान O गिरवी O रखकर O ब्याज O पर O धन O देती O थीं O । O इस O प्रकार O यह O व्यवस्था O पूरी O तरह O विकेंद्रित O व्यवस्था O थी O । O लोगों O की O योजना O ग्रामीण O विकास O की O प्रक्रिया O असल O में O विभिन्न O भौतिक O , O प्रौद्योगिकीय O , O आर्थिक O , O सामाजिक O - O सांस्कृतिक O और O संस्थागत O कारकों O का O ही O परिणाम O होती O है O । O यह O भी O देखा O गया O है O कि O विभिन्न O राज्यों O में O विकेन्द्रीकरण O की O प्रक्रिया O परस्पर O भिन्न O है O । O ग्रामीण O लोगों O के O आर्थिक O - O सामाजिक O कल्याण O को O सुधारने O के O उद्देश्य O से O ग्रामीण O क्षेत्रों O का O विकास O वास्तव O में O बहु O - O आयामी O और O व्यापक O अवधारणा O है O जिसके O अंतर्गत O कृषि O और O अन्य O संबद्ध O गतिविधियों O का O विकास O तथा O सामाजिक O - O आर्थिक O अवस्थापना O , O सामुदायिक O सेवाओं O और O सुविधाओं O का O विकास O और O इन O सबसे O बढ़कर O ग्रामीण O क्षेत्र O में O मानव O संसाधनों O का O विकास O किया O जाता O है O । O विभिन्न O राज्यों O में O विकेन्द्रीकरण O की O प्रक्रिया O में O काफी O भिन्नता O है O । O बजट O स्वास्थ्य O के O कुछ O सामाजिक O और O पर्यावरणीय O निर्धारकों O को O संबोधित O करता O है O । O इससे O उनकी O प्रतिरक्षा O बढ़ेगी O और O उपचार O में O सुधार O होगा O । O खुले O शौच O से O जुड़े O स्वास्थ्य O संबंधी O खतरों O को O कम O करने O के O लिए O स्वच्छ O भारत O मिशन O के O स्वच्छता O घटक O को O अधिक O शौचालयों O के O निर्माण O के O माध्यम O से O बढ़ाया O जाएगा O । O इसके O लिए O घरों O के O बाहर O और O भीतर O के O परिवेश O को O प्रदूषणमुक्त O किया O जाएगा O । O गरीब O महिलाओं O को O रसोई O गैस O कनेक्शन O प्रदान O करने O के O लिए O उज्ज्वला O योजना O का O विस्तार O किया O जाएगा O ताकि O वे O और O उनके O छोटे O बच्चे O ठोस O बायोमास O ईंधन O को O जलाने O से O होने O वाले O वायु O प्रदूषण O से O बच O सकें O । O सांस O संबंधी O रोगों O , O हृदय O विकार O , O कैंसर O , O बच्चों O में O अस्थमा O और O सांस O संबंधी O संक्रमण O और O यहां O तक O कि O मधुमेह O के O खतरों O को O भी O वायु O प्रदूषण O के O नियंत्रण O से O कम O किया O जाएगा O । O साथ O ही O यह O स्वास्थ्य O प्रणाली O को O क्षमतापूर्ण O बनाने O की O दिशा O में O किए O गए O ठोस O प्रयासों O पर O भी O आधारित O है O । O राज्यों O के O लिए O ऐसा O करना O आवश्यक O है O ताकि O वे O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O सरकारी O वित्त O पोषण O का O अपना O वादा O पूरा O कर O सकें O । O बहुस्तरीय O , O बहु O - O कुशल O कार्यबल O में O निवेश O , O जो O स्वास्थ्य O देखभाल O के O सभी O स्तरों O पर O उच्च O गुणवत्ता O वाली O सेवाएं O प्रदान O करने O में O सक्षम O हो O , O आवश्यक O है O । O इसके O साथ O ही O , O मजबूत O विनियामक O और O निगरानी O प्रणालियां O भी O होनी O चाहिए O । O स्वास्थ्य O सेवा O के O क्षेत्र O में O बिगुल O बज O चुका O है O लेकिन O कूच O करना O अभी O बाकी O है O । O सामाजिक O रूप O से O कमजोर O वर्गों O के O लिए O आवंटन O ओबीसी O के O लिए O प्री O - O मैट्रिक O छात्रवृत्ति O हेतु O , O छात्रवृत्ति O की O दरों O को O महत्वपूर्ण O रूप O से O बढ़ाया O गया O है O । O कपड़े O के O सामान O की O कीमतों O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O वस्त्र O उत्पादन O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O जीएसटी O के O पहले O और O बाद O की O अवधि O में O वस्त्र O उत्पादों O के O माहवार O उत्पादन O के O आकड़े O उपलब्ध O नहीं O हैं O । O वस्त्र O निर्यात O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O इससे O भी O पता O चलता O है O कि O वस्त्र O निर्यात O में O तेजी O आई O है O । O वस्त्र O आयात O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O इसका O कारण O आयात O शुल्क O में O कमी O और O अन्य O बाजार O संबंधी O कारक O हो O सकते O हैं O । O क्षेत्र O विशेष O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O लोक O शिकायत O समाधान O से O लोकतंत्र O का O सशक्तिकरण O इन्टरनेट O आधारित O ये O वेब O प्रौद्योगिकियाँ O निःसन्देह O ही O जन O शिकायत O समाधान O के O संबंध O में O मील O का O पत्थर O साबित O होंगी O । O जिससे O महिलाएं O कार्यस्थल O पर O स्वयं O को O सुरक्षित O महसूस O कर O पाएंगी O । O किसी O भी O राष्ट्र O की O प्रगति O , O स्थायित्व O तथा O जीवंतता O , O वहां O के O नागरिकों O की O शासन O के O प्रति O शिकायतों O के O प्रभावी O निपटान O पर O निर्भर O करती O है O । O निश्चित O ही O स्वच्छ O भारत O अभियान O , O आजादी O के O बाद O लागू O योजनाओं O में O सबसे O तेजी O से O क्रियान्वित O होने O वाली O योजना O है O । O आने O वाले O वर्षों O में O इसका O असर O भारतीय O नागरिकों O के O अच्छे O स्वास्थ्य O पर O भी O देखा O जा O सकेगा O । O महिलाओं O के O साथ O अत्याचार O चाहे O घर O में O हो O या O सड़क O पर O , O सभी O से O मुक्ति O के O लिए O कानून O बने O हैं O जिन्हें O पूरी O निष्ठा O से O लागू O करने O की O जरूरत O है O । O विकास O पथ O स्मार्ट O फ्रेट O ऑपरेशन O ऑप्टिमाइजेशन O एंड O रियल O टाइम O इन्फॉर्मेशन O ( O स्फूर्ति O ) O यातायात O के O प्रवाह O को O योजनाबद्ध O बनाने O और O मालढुलाई O के O काम O को O यथेष्ट O स्तर O तक O पहुंचाने O में O मदद O के O इरादे O से O रेल O मंत्रालय O ने O माल O प्रबंधकों O के O लिए O बड़ी O डिजिटल O पहल O करते O हुए O स्मार्ट O फ्रेट O ऑपरेशन O ऑप्टिमाइजेशन O एंड O रियल O टाइम O इन्फॉर्मेशन O ( O स्फूर्ति O ) O ऐप O पेश O किया O है O , O जिसमें O भौगोलिक O सूचना O प्रणाली O ( O जीआईएस O ) O के O व्यू O और O डैशबोर्ड O का O प्रयोग O करते O हुए O माल O ढुलाई O के O कारोबार O की O निगरानी O और O प्रबंधन O की O सुविधा O मौजूद O है O । O स्फूर्ति O एप्लिकेशन O की O प्रमुख O विशेषताएं O निम्न O प्रकार O से O हैं O : O * O इस O एप्लिकेशन O से O भौगोलिक O सूचना O प्रणाली O जीआईएस O व्यू O पर O मालगाड़ियों O की O आवाजाही O का O पता O लगाया O जा O सकता O है O । O * O मालढुलाई O के O कारोबार O पर O नजर O रखी O जा O सकती O है O । O * O क्षेत्रीय O / O मंडलीय O यातायात O का O तुलनात्मक O विश्लेषण O हो O सकता O है O । O * O नए O यातायात O और O गंवाए O गए O यातायात O का O विश्लेषण O हो O सकता O है O । O * O भूस्थानिक O व्यू O के O साथ O रेक O की O आरंभ O से O अंत O तक O आवाजाही O को O दिखाता O है O । O * O रोजाना O के O प्रदर्शन O का O मूल्यांकन O करने O के O लिए O इंटरचेंज O बिंदुओं O पर O संभावित O यातायात O दिखाता O है O । O * O माल O की O चढ़ाई O और O ढुलाई O से O संबंधित O संपत्तियों O के O उपयोग O के O मामले O में O प्रत्येक O क्षेत्र O और O मंडल O का O प्रदर्शन O देखा O जा O सकता O है O । O * O सेक्शन O , O मंडल O और O क्षेत्रों O में O सेक्शनवार O प्रदर्शन O की O निगरानी O से O यातायात O का O मार्ग O तय O करने O में O मदद O मिलेगी O । O * O फ्रेट O टर्मिनल O और O साइडिंग O की O बेहतर O निगरानी O हो O सकेगी O ताकि O रेक O में O वृद्धि O सुनिश्चित O हो O सके O । O सांसद O क्षेत्र O विकास O योजना O 12वीं O पंचवर्षीय O के O बाद O भी O जारी O एमपीलैड O योजना O के O अंतर्गत O स्थानीय O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O टिकाऊ O संपत्तियों O जैसे O पेयजल O , O शिक्षा O , O जन O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O एवं O सड़क O आदि O के O अनुरूप O टिकाऊ O संपत्तियों O के O निर्माण O से O पूरे O देश O की O जनता O को O लाभ O होगा O । O प्रमुख O क्षेत्रों O में O एफडीआई O नीति O बनी O और O भी O उदार O प्रधानमंत्री O की O अध्यक्षता O में O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O प्रत्यक्ष O विदेशी O निवेश O ( O एफडीआई O ) O नीति O में O कई O संशोधनों O को O मंजूरी O दे O दी O है O । O उनका O उद्देश्य O एफडीआई O नीति O को O उदार O तथा O सरल O बनाना O है O ताकि O देश O में O कारोबार O करना O सुगम O हो O जाए O । O बदले O में O इससे O देश O में O अधिक O एफडीआई O आएगा O , O जिससे O निवेश O , O आय O एवं O रोजगार O में O वृद्धि O होगी O । O संशोधनों O के O प्रमुख O बिंदु O इस O प्रकार O हैं O : O * O एफआईआई O / O एफपीआई O को O प्राथमिक O बाजार O के O जरिये O पावर O एक्सचेंजों O में O निवेश O की O अनुमति O । O * O एफडीआई O नीति O में O ' O चिकित्सा O उपकरणों O ' O की O परिभाषा O बदली O गई O । O प्रत्यक्ष O विदेशी O निवेश O ( O एफडीआई O ) O आर्थिक O वृद्धि O का O प्रमुख O वाहक O और O देश O के O आर्थिक O विकास O के O लिए O ऋण O से O इतर O धन O का O स्रोत O है O । O हाल O ही O में O सरकार O ने O रक्षा O , O निर्माण O विकास O , O बीमा O , O पेंशन O , O अन्य O वित्तीय O सेवाओं O , O संपत्ति O पुनर्गठन O कंपनियों O , O प्रसारण O , O नागर O विमानन O , O औषधि O , O ट्रेडिंग O जैसे O कई O क्षेत्रों O में O एफडीआई O नीति O को O उदार O बनाया O है O । O सरकार O द्वारा O किए O गए O उपायों O के O कारण O देश O में O एफडीआई O की O आवक O बढ़ी O है O । O कोविड O 19 O के O दौरान O संघीय O शासन O संचालन O लेकिन O केन्द्र O - O राज्य O संबंधों O का O दायरा O समय O के O साथ O - O साथ O नयी O परिस्थितियां O उत्पन्न O होने O से O बदल O गया O है O । O उदाहरण O के O लिए O वस्तु O और O सेवा O कर O की O शुरुआत O के O बाद O संबंधों O में O स्पष्ट O बदलाव O आए O हैं O । O ये O बदलाव O केन्द्र O द्वारा O राजनीतिक O सत्ता O के O कभी O - O कभार O बेढंगे O तरीके O से O इस्तेमाल O की O वजह O से O भी O होते O हैं O । O वैसे O आम O तौर O पर O बदलाव O की O आवश्यकता O को O लेकर O मोटे O तौर O पर O सहमति O भी O रहती O है O । O प्रारंभिक O चुनौतियों O के O बाद O संघ O सरकार O ने O राज्यों O को O महामारी O के O प्रकोप O से O निपटने O और O सामाजिक O सुरक्षा O के O उपाय O लागू O करने O , O उनकी O स्वास्थ्य O सुविधाओं O को O सुदृढ़ O करने O और O स्थानीय O स्तर O के O लॉकडाउन O का O प्रबंधन O करने O के O लिए O पर्याप्त O गुंजाइश O छोड़ी O और O स्वायत्तता O भी O दी O । O चूंकि O स्वास्थ्य O राज्य O का O विषय O है O , O राज्यों O ने O अधिकतर O मामलों O में O संघ O सरकार O के O साथ O अपने O राजनीतिक O समीकरणों O का O ध्यान O रखे O बिना O अपने O क्षेत्राधिकार O में O स्वास्थ्य O सेवा O उपलब्ध O कराने O वाले O मुख्य O एजेंट O और O प्रशासन O करने O वालों O के O रूप O में O कार्य O किया O और O केन्द्र O की O भूमिका O समन्वयकारी O रही O । O देशव्यापी O लॉकडाउन O के O शुरुआती O दौर O में O राज्य O सरकारों O ने O केन्द्र O से O इसका O प्रशासन O जारी O रखने O का O अनुरोध O किया O । O चूंकि O राष्ट्रीय O लॉकडाउन O में O लगभग O सभी O आर्थिक O गतिविधियों O को O बंद O करना O जरूरी O था O , O इसलिए O राज्य O सरकारों O के O राजस्व O में O जबरदस्त O गिरावट O आयी O । O लॉकडाउन O ने O केन्द्र O पर O राज्यों O की O वित्तीय O निर्भता O को O और O भी O बढ़ा O दिया O । O कृषि O क्षेत्र O में O सुधारों O का O असर O राज्यों O की O स्वायत्तता O पर O पड़ O सकता O है O , O लेकिन O ये O देश O के O विकास O और O खुशहाली O के O लिए O जरूरी O हैं O । O हाल O के O कृषि O सुधारों O से O लंबे O समय O से O चली O आ O रही O कृषि O विपणन O प्रणाली O में O बदलाव O आएगा O जिसमें O कृषि O संबंधी O व्यापारिक O गतिविधियों O को O राज्यों O की O सीमा O के O भीतर O ही O सीमित O कर O दिया O गया O था O और O उस O पर O राज्य O का O एकाधिकार O हो O गया O था O । O भारत O की O राष्ट्रीय O विकास O योजनाओं O जैसे O बेटी O बचाओ O बेटी O पढ़ाओ O , O स्वच्छ O भारत O , O मेक O इन O इंडिया O की O सफलता O और O स्कूली O शिक्षा O तथा O स्वास्थ्य O देखभाल O को O सार्वभौमिक O बनाने O के O उद्देश्य O से O की O गई O पहल O , O यह O सुनिश्चित O करने O में O महत्वपूर्ण O होगी O कि O मानव O विकास O में O तेजी O आए O और O सबका O विकास O की O प्रधानमंत्री O की O परिकल्पना O को O साकार O किया O जा O सके O और O सतत O विकास O लक्ष्यों O के O प्रमुख O सिद्धांत O - O “ O विकास O में O कोई O छूटे O नहीं O ' O को O भी O प्राप्त O किया O जा O सके O । O सरकार O ने O अपनी O क्षमता O बढ़ाने O के O लिए O सोच O समझ O कर O लोक O सेवा O में O सुधार O किया O ताकि O नीतियों O को O प्रभावी O और O कुशलतापूर्वक O कार्यान्वित O किया O जा O सके O । O अनकॉविनेटेड O ( O अप्रसंविदाबद्ध O ) O लोक O सेवा O की O शुरुआत O केवल O प्रशासन O के O निचले O स्तर O पर O भारतीयों O को O प्रवेश O देने O के O लिए O की O गई O थी O । O विशेष O सेवा O में O भारतीय O वन O सेवा O , O इंपीरियल O पुलिस O और O भारतीय O राजनीतिक O सेवा O जैसे O विशिष्ट O विभाग O थे O जिनके O सदस्य O प्रसंविदाबद्ध O लोक O सेवा O या O भारतीय O सेना O से O लिए O जाते O थे O । O इनमें O से O कुछ O हैं O भारतीय O विदेश O सेवा O , O भारतीय O लेखा O परीक्षा O एवं O लेखा O सेवा O , O भारतीय O सांख्यिकी O सेवा O , O भारतीय O आर्थिक O सेवा O , O भारतीय O सूचना O सेवा O , O भारतीय O रेलवे O सेवा O इत्यादि O । O समूह O ख O की O सेवाओं O में O निम्नलिखित O श्रेणियां O शामिल O हैं O - O केंद्रीय O सचिवालय O सेवा O , O भारतीय O भौगोलिक O सर्वेक्षण O , O भारतीय O प्राणी O सर्वेक्षण O , O केंद्रीय O सचिवालय O आशुलिपिक O सेवा O । O सरकार O ने O अपनी O क्षमता O बढ़ाने O के O लिए O सोच O समझ O कर O लोक O सेवा O में O सुधार O किया O ताकि O नीतियों O को O प्रभावी O और O कुशलतापूर्वक O कार्यान्वित O किया O जा O सके O । O हाल O के O समय O में O प्रौद्योगिकी O उन्नयन O , O अधिक O विकेंद्रीकरण O तथा O सामाजिक O सक्रियता O के O कारण O वैश्विक O स्तर O पर O बदलाव O तेज O हुआ O है O । O सरकार O समझ O रही O है O कि O इन O बदलावों O के O असर O से O सेवाओं O की O प्रभावी O डिलीवरी O , O पारदर्शिता O , O जवाबदेही O और O कानून O के O शासन O के O जरिए O बेहतर O प्रशासन O की O अपेक्षा O बढ़ O रही O है O । O लोक O सेवा O , O सरकार O का O प्रमुख O अंग O है O इसलिए O उसे O लोगों O की O आकांक्षाओं O को O पूरा O करने O के O लिए O बदलते O समय O के O अनुसार O कदम O से O कदम O मिलाना O होगा O । O ' O सुधार O ' O का O उद्देश्य O लोक O सेवा O का O पुनर्विन्यास O कर O उसे O जन O सेवाएं O प्रदान O करने O हेतु O ओजस्वी O , O कारगर O और O जवाबदेह O तंत्र O बनाना O है O जो O सदाचार O एवं O सत्यनिष्ठा O , O निष्पक्षता O और O तटस्थता O के O मूल्यों O से O संचालित O हो O । O सुधार O से O तात्पर्य O है O नागरिकों O तक O पहुंचने O वाली O जन O सेवाओं O की O गुणवत्ता O बढ़ाना O तथा O सरकार O के O मूल O क्रियाकलाप O की O क्षमता O में O संवर्धन O करना O जिसके O फलस्वरूप O सतत O विकास O की O दिशा O में O आगे O बढ़ा O जा O सके O । O भारतीय O लोक O सेवाओं O की O कमियां O * O क्षमता O निर्माण O में O कमजोरी O * O अकुशल O प्रोत्साहन O प्रणालियां O जिसमें O ईमानदार O और O उत्कृष्ट O लोक O सेवकों O को O सराहने O की O बजाय O भ्रष्ट O और O अक्षम O लोगों O को O सम्मानित O किया O जाता O है O । O * O समयातीत O नियम O और O कार्य O प्रक्रियाएं O जो O लोक O सेवक O के O प्रभावी O ढंग O से O काम O करने O में O बाधा O उत्पन्न O करती O हैं O । O लेकिन O ये O सभी O भूजल O के O स्तर O पर O निर्भर O हैं O जो O अधिकांश O गांवों O और O शहरों O में O घटता O जा O रहा O है O या O फिर O प्रदूषित O हो O रहा O है O । O अतः O लोग O जितनी O जरूरत O , O सिर्फ O उतना O निकालते O हैं O । O ताजा O निकालते O हैं O । O कुआँ O - O हैंडपम्प O से O मिलने O वाले O पानी O की O आपूर्ति O व O रखरखाव O का O खर्च O न्यूनतम O होता O है O । O बिल O नहीं O देना O पड़ता O । O कुआं O - O हैंडपम्प O से O पानी O लेने O के O लिए O बिजली O , O ईंधन O जैसे O सतत O खर्च O वाले O बाहरी O संसाधन O पर O निर्भर O रहने O की O जरूरत O नहीं O होती O । O उनका O यह O भी O मानना O है O कि O यदि O नगरों O तथा O भौगोलिक O विषमता O के O चलते O पहाड़ी O इलाकों O के O हर O परिवार O को O नल O से O पानी O पहुंचाने O की O आवश्यकता O को O एकबारगी O मंजूर O कर O भी O लिया O जाए O , O तो O मैदानी O गांवों O के O पाइप O से O पानी O के O अनुभव O प्रतिकूल O हैं O । O पाइप O से O पानी O की O उपलब्धता O , O लोगों O को O पानी O के O मामले O में O पराधीन O बनाती O है O । O नल O से O पानी O के O नगरीय O अनुभव O : O नल O - O जल O प्रबंध O के O संबंध O में O नगरीय O अनुभवों O से O गहरा O कोई O और O नहीं O सिखा O सकता O । O ब्याज O और O शुल्क O मिलाकर O लागत O इससे O भी O ज्यादा O । O सीख O स्पष्ट O है O कि O स्रोत O समृद्ध O - O सुरक्षित O तो O जल O गारण्टी O सुरक्षित O । O जलापूर्ति O तंत्र O , O यदि O पानी O को O गुरुत्वाकर्षण O अनुकूलता O के O अनुसार O स्रोत O से O गंतव्य O तक O पहुंचाने O के O सिद्धांत O पर O आधारित O है O तो O लागत O कम O आएगी O ; O व्यवधान O भी O कम O होंगे O । O यह O बीमारी O अंगों O में O कसाव O के O साथ O फड़फडाहट O जैसे O लक्षण O लेकर O आती O है O । O स्पष्ट O है O कि O नल O से O पानी O के O साथ O जल O स्रोत O की O सुरक्षा O और O उन्हें O संरक्षित O करने O की O भी O आवश्यकता O होगी O । O रसायन O , O कपड़ा O , O चमड़ा O , O ताप O - O विद्युत O आदि O अधिक O प्रदूषक O उद्योगों O के O प्रदूषण O पर O नियंत्रण O की O कोशिशें O जब O तक O लीकप्रूफ O नहीं O हो O जाती O , O तब O तक O जलापूर्ति O का O स्रोत O चाहे O सतही O अथवा O भूगर्भीय O , O हम O उसके O साफ O होने O की O गारण्टी O नहीं O दे O सकते O । O विश्व O पटल O पर O भारतीय O साहित्य O क्या O भारतीय O साहित्य O विश्व O साहित्य O में O अपना O स्थान O बनाने O के O योग्य O है O ? O विभिन्न O ' O संपर्क O क्षेत्रों O ' O के O साथ O भारतीय O भाषाओं O में O रचित O साहित्य O से O विश्व O साहित्य O का O ज्ञानात्मक O मूल O विचार O क्या O हो O सकता O है O । O भारतीय O साहित्य O बहुभाषी O , O बहु O - O क्षेत्रीय O और O बहुसांस्कृतिक O होने O के O नाते O , O अपने O दृष्टिकोण O में O भी O विविध O है O । O इस O स्थान O को O मेजबान O संस्कृति O की O राष्ट्रीय O परंपरा O और O उसके O अपने O स्वयं O के O लेखकों O की O वर्तमान O आवश्यकताओं O द्वारा O कई O मायनों O में O परिभाषित O किया O जाता O है O । O हालांकि O , O विभिन्न O गैर O - O पश्चिमी O मूल O के O समालोचकों O ने O विश्व O - O साहित्य O के O शाही O , O नव O - O औपनिवेशिक O , O पश्चिम O - O केंद्रित O एजेंडे O की O पहचान O की O है O जो O यूरोपीय O - O अमेरिकी O सैद्धांतिक O संरचनाओं O और O अंग्रेजी O भाषा O में O लेखन O के O अपने O विशेषाधिकार O के O द्वारा O सीमा O व्यवस्थाओं O को O बढ़ावा O देता O है O । O देश O भर O में O सरकारी O अधिकारी O , O अध्यापक O वर्ग O और O अभिभावक O विमर्श O कर O रहे O हैं O कि O कैसे O स्कूलों O को O पुनः O खोलकर O उन्हें O कोविड O - O 19 O की O पहुंच O से O दूर O रखा O जाए O । O इस O संबंध O में O शौचालयों O में O जल O की O निरंतर O व्यवस्था O से O न O केवल O बच्चों O की O स्वच्छता O सुनिश्चित O होगी O बल्कि O रजोधर्म O के O दिनों O में O किशोर O कन्याओं O और O अध्यापिकाओं O को O भी O स्कूलों O से O दूर O न O रहने O की O प्रेरणा O मिलेगी O । O दरअसल O , O स्कूल O और O आंगनवाड़ी O केंद्र O बच्चों O के O जीवन O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाते O हैं O और O ये O शिक्षा O एवं O सामाजीकरण O के O महत्वपूर्ण O स्थल O होते O हैं O । O आखिर O , O यही O वे O क्षेत्र O हैं O जहां O बच्चे O सकारात्मक O और O स्वस्थ O आचार O - O व्यवहार O सीखते O हैं O जबकि O माताओं O को O यहां O देखभाल O और O अभिभावकत्व O से O जुड़ी O योग्यता O के O गुर O सीखने O को O मिलते O हैं O । O इसलिए O , O उक्त O सुविधाओं O के O अभाव O में O स्वच्छता O और O आरोग्यता O से O जुड़ीं O बुनियादी O आदतों O को O नहीं O सिखाया O जा O सकता O । O और O कहना O ना O होगा O कि O सफाई O कर्मियों O को O संक्रमण O रोकथाम O और O नियंत्रण O उपायों O को O अमल O में O लाना O बेहद O जरूरी O होता O है O । O इनमें O भी O , O पिछड़े O समुदायों O और O क्षेत्रों O की O हालत O अधिक O खराब O थी O । O कुछ O अन्य O अध्ययनों O के O अनुसार O , O पानी O तक O पहुंच O के O कारण O विद्यार्थियों O , O विशेषकर O बालिकाओं O की O स्कूली O अनुपस्थिति O में O भी O कमी O देखी O गई O है O । O इसके O अलावा O , O जल O के O सतत O इस्तेमाल O में O निवेश O की O उम्मीद O के O साथ O - O साथ O महिलाओं O एवं O बालिकाओं O का O समय O बचाने O का O भी O लक्ष्य O इससे O जुड़ा O है O जिन्हें O पानी O के O लिए O घरों O से O दूर O जाना O पड़ता O है O । O अखिल O भारतीय O सेवाओं O और O यहां O तक O कि O राज्यों O से O जुड़ी O सेवाओं O की O प्रशिक्षण O अकादमियों O में O भी O प्रशिक्षण O के O लिए O सिनेमा O या O किसी O क्रिएटिव O माध्यम O का O कभी O इस्तेमाल O नहीं O किया O गया O , O जिससे O प्रशिक्षणों O में O सिनेमा O जैसे O माध्यम O को O शामिल O कर O लोगों O के O जीवन O के O अलग O - O अलग O पहलुओं O के O बारे O में O नौकरशाहों O और O नीति O निर्माताओं O की O समझ O को O बेहतर O बनाया O जा O सकता O था O । O ऐसा O नहीं O किए O जाने O के O परिणाम O हम O साफ O तौर O पर O देख O सकते O हैं O । O कहानी O कहने O की O परंपरा O : O कहानी O की O ताकत O कला O का O यह O रूप O हमारी O सभ्यता O के O लिए O बेहद O अहम O है O । O प्राचीन O काल O में O राजा O अपने O साथ O ऐसे O लोग O रखते O थे O जो O उन्हें O नियमित O तौर O पर O कहानियां O सुनाया O करते O थे O । O हालांकि O , O शासकों O या O राजाओं O के O लिए O यह O सिर्फ O मनोरंजन O का O माध्यम O नहीं O था O । O इन O कहानियों O से O उन्हें O लोगों O और O समाज O की O जटिलताओं O को O समझने O में O मदद O मिलती O थी O । O कहानियों O के O माध्यम O से O राजा O अपनी O रियासत O में O हो O रही O गतिविधियों O के O बारे O में O वास्तविक O और O व्यावहारिक O जानकारी O हासिल O कर O पाते O थे O । O इससे O राजा O को O काफी O कुछ O सीखने O को O मिलता O था O और O उन्हें O अपनी O गलतियों O के O बारे O में O भी O आत्मनिरीक्षण O करने O का O मौका O मिलता O था O । O वह O कविता O और O साहित्य O के O भी O जानकार O थे O । O खड़ी O पहाड़ी O ढलान O और O उच्च O ढाल O वाली O जल O निकासी O प्रणालियों O के O साथ O गहरी O घाटियां O इस O क्षेत्र O की O विशेषता O है O । O पार्वतिकी O और O वर्षा O वितरण O का O स्वरूप O भीषण O बाढ़ O की O स्थिति O में O क्षति O का O प्रतिमान O और O कटाव O के O हॉट O स्पॉट O तय O करते O हैं O । O इस O तरह O की O बाढ़ O में O हफ्तों O से O लेकर O महीनों O तक O व्यापक O हाइड्रोग्राफ O हो O सकते O हैं O । O वर्षा O की O इन O घटनाओं O के O दौरान O , O हिमनदों O और O भूस्खलन O से O बांधित O झीलें O टूट O जाती O हैं O , O बाढ़ O परिमाण O बढ़ O जाता O है O और O बहु O - O शिखर O बाढ़ O हाइड्रोग्राफ O का O कारण O बनता O है O । O * O ग्रामीणों O को O साहूकारों O से O उधार O न O लेना O पड़े O इसके O लिए O बैंकों O को O सरल O ऋण O वितरण O प्रक्रियाओं O का O विकास O करना O चाहिए O और O उनकी O प्रक्रियाओं O में O लचीलापन O भी O होना O चाहिए O । O * O ग्रामीणों O को O सेवाएं O प्रदान O करने O के O लिए O बैंकों O को O अपने O एटीएम O नेटवर्क O को O ग्रामीण O और O बिना O बैंक O वाले O क्षेत्रों O में O बढ़ाने O की O जरूरत O है O । O इसके O साथ O पर्याप्त O सुरक्षा O उपायों O के O साथ O - O साथ O वित्तीय O साक्षरता O अभियानों O को O भी O शुरू O किया O जाना O चाहिए O । O * O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O छोटी O लेनदेन O के O साथ O जुड़ी O लागत O को O कम O करने O के O लिए O घरेलू O रूपे O कार्ड O का O उपयोग O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O बैंक O बहुउद्देशीय O कार्ड O जारी O करने O की O संभावना O तलाश O सकते O हैं O जो O डेबिट O कार्ड O , O केसीसी O और O ग्रामीण O क्षेत्रों O की O जरूरत O के O अनुसार O जीसीसी O के O रूप O में O कार्य O कर O सकते O हैं O । O * O गरीब O ग्रामीणों O के O साथ O काम O करने O के O लिए O बैंकों O को O बैंकिंग O के O मानवीय O पक्ष O के O संबंध O में O अपने O कर्मचारियों O को O बीसी O को O लैस O करने O के O लिए O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O शुरू O करना O होगा O । O * O अर्थपूर्ण O वित्तीय O समावेश O करने O के O लिए O बैंकों O को O बड़े O किसानों O की O तुलना O में O छोटे O किसानों O को O ऋण O देने O को O वरीयता O देनी O चाहिए O । O * O बैंकों O को O अपने O सीबीएस O प्लेटफार्म्स O की O स्केलेबिलिटी O सुनिश्चित O करनी O चाहिए O । O * O ग्रामीण O बैंकिंग O के O लिए O प्रभावी O ढंग O से O इलेक्ट्रॉनिक O लाभ O हस्तांतरण O प्रणाली O को O बढ़ावा O देने O की O आवश्यकता O है O । O * O रोजगार O और O अन्य O अवसरों O को O बढ़ावा O देकर O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O ऋण O अवशोषण O क्षमता O बढ़ाने O के O लिए O सरकार O / O बैंकों O को O कदम O उठाने O चाहिए O । O जल O जीवन O मिशन O : O हर O घर O जल O इस O मॉडल O को O अपनाने O से O निर्माण O के O लिए O भुगतान O वाले O तरीके O में O आमूल O परिवर्तन O आ O गया O है O और O भुगतान O को O कार्य O निष्पादन O से O जोड़ O दिया O गया O है O । O इसके O बाद O सहायक O नदियों O के O लिए O भी O परियोजनाएं O शुरू O की O गयी O हैं O । O पानी O की O गुणवत्ता O में O सुधार O की O पुष्टि O निगरानी O केन्द्रों O के O जरिए O हो O चुकी O है O और O आम O लोगों O को O भी O साफ O दिखाई O देती O है O । O घाटों O की O स्वच्छता O में O सुधार O , O ठोस O अपशिष्ट O को O नदी O में O मिलने O से O रोकने O , O सतही O जल O की O सफाई O और O शहरी O स्थानीय O निकायों O को O साफ O करने O की O क्षमता O में O सुधार O से O नदियों O की O सफाई O में O बड़ी O मदद O मिली O है O । O बैंको O बीकाना O के O अंतर्गत O व्यवहार O परिवर्तन O संवाद O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O हासिल O करने O के O साथ O समाप्त O नहीं O हो O जाता O , O बल्कि O इस O लक्ष्य O को O हासिल O करने O के O बाद O भी O व्यवहार O में O परिवर्तन O का O संवाद O जारी O रहता O है O । O इस O प्रकार O अभियान O की O निरंतरता O सुनिश्चित O रहती O है O । O अक्सर O बच्चों O की O छोटी O टोलियाँ O इसमें O सबसे O आगे O रहती O हैं O । O व्यवहार O बदलने O का O प्रयास O समय O बीत O जाने O के O बाद O हासिल O सफलता O पलट O न O जाए O इस O खतरे O को O कम O करता O है O । O जैसा O कि O प्रधानमंत्री O ने O बार O - O बार O बताया O है O , O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O की O स्थिति O को O प्राप्त O करना O और O बनाए O रखना O पूरे O राष्ट्र O की O सामूहिक O जिम्मेदारी O है O , O यह O सभी O का O साझा O सरोकार O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O आम O जनता O की O सोच O में O रच O - O बस O चुका O है O । O इसमें O हर O कोई O शामिल O है O । O यह O जनता O का O अभियान O है O और O जनता O के O लिए O है O । O यह O जेंडर O सेंसिटिव O सूचना O , O व्यवहारगत O बदलाव O दिशानिर्देशों O तथा O विभिन्न O जन O शिक्षा O गतिविधियों O को O प्रमोट O करती O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O : O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O इस O जिम्मेदारी O को O पूरा O करने O में O मंत्रालय O अन्य O सभी O मंत्रालयों O , O राज्य O सरकारों O , O स्थानीय O संस्थाओं O , O एनजीओं O , O विश्वसनीय O संगठनों O , O मीडिया O व O अन्य O स्टेकधारकों O के O साथ O मिलकर O लगातार O काम O कर O रहा O है O । O यह O प्रयास O प्रधानमंत्री O के O उस O आह्वान O पर O आधारित O है O कि O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O होनी O चाहिए O न O कि O सिर्फ O स्वच्छता O विभाग O की O । O इस O प्रक्रिया O में O काफी O कम O समय O में O कई O विशेष O पहल O व O प्रोजेक्ट्स O शुरू O हुए O हैं O । O सभी O स्टेकधारकों O से O मिल O रही O प्रतिक्रियाएं O काफी O उत्साहवर्द्धक O हैं O । O स्वच्छता O पखवाड़ा O नमामि O गंगे O स्वच्छता O कार्य O - O योजना O ( O एसएपी O ) O एसएपी O स्वच्छता O हेतु O अपनी O तरह O का O अनूठा O अंतरमंत्रालयीय O कार्यक्रम O है O जो O कि O प्रधानमंत्री O के O इस O नजरिए O कि O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O है O का O साकार O रूप O है O । O स्वच्छ O आइकॉनिक O स्थान O ( O एसआइपी O ) O इस O पहल O का O लक्ष्य O इन O स्थानों O की O सफाई O को O बेहतर O करना O है O । O स्वच्छ O शक्ति O प्रधानमंत्री O ने O इस O अवसर O पर O सभा O को O संबोधित O किया O । O दरवाजा O बन्द O मीडिया O अभियान O उन्होंने O कहा O कि O “ O स्वच्छता O को O स्वभाव O बनाना O होगा O - O अपने O देश O को O स्वच्छ O रखना O हमारी O सामूहिक O जिम्मेदारी O है O । O '' O अतः O , O ओडीएफ O प्लस O का O दर्जा O हासिल O करने O के O लिए O किसी O गांव O को O ये O बातें O सुनिश्चित O करनी O होंगी O : O साथ O ही O , O महिलाओं O के O लिए O अलग O शौचालय O हों O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O दूसरे -NEN चरण O के O लिए O नियोजन O स्वच्छ O भारत O अभियान O स्वच्छता O के O लिए O विकेन्द्रीकृत O उपायों O को O बढ़ावा O देता O है O । O इसलिए O , O यह O जरूरी O है O कि O हर O ग्राम O पंचायत O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O और O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O अपने O गांव O के O लोगों O के O लिए O एकीकृत O तरीके O से O ग्राम O कार्य O योजना O तैयार O करे O और O इसमें O महिलाओं O और O अन्य O वंचित O लोगों O की O ज्यादा O से O ज्यादा O भागीदारी O सुनिश्चित O की O जा O सके O । O दरअसल O , O इसका O मकसद O यह O है O कि O ग्राम O कार्य O योजना O के O अमल O का O फायदा O सभी O लोगों O को O बराबर O - O बराबर O मिल O सके O । O इस O योजना O को O ग्राम O सभा O में O पेश O कर O सभी O की O अनुमति O ली O जानी O चाहिए O । O जहां O तक O जिला O स्तर O की O बात O है O , O तो O ग्राम O कार्य O योजनाओं O को O इकट्ठा O करने O के O बाद O हर O जिले O को O जिला O स्वच्छता O योजना O तैयार O करनी O होगी O । O राज्य O जल O और O स्वच्छता O समिति O की O तरफ O से O हर O साल O तय O की O गई O तारीख O के O मुताबिक O , O जिलों O को O हर O साल O योजना O तैयार O करनी O होगी O । O राज्य O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O हर O साल O परियोजना O कार्यान्वयन O योजना O ( O पीआईपी O ) O और O सालाना O कार्यान्वयन O योजना O ( O एआईपी O ) O तैयार O करनी O होगी O , O ताकि O जिला O स्वच्छता O योजनाओं O पर O एकीकृत O तरीके O से O काम O कर O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O के O लक्ष्यों O को O हासिल O किया O जा O सके O । O साथ O ही O , O राज्य O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O हर O साल O 1 O मार्च O तक O इन O योजनाओं O को O एकीकृत O प्रबंधन O सूचना O प्रणाली O ( O आईएमआईएस O ) O पर O अपलोड O करना O होगा O । O क्षमता O निर्माण O स्वच्छाग्रही O , O स्वच्छ O भारत O अभियान O ( O ग्रामीण O ) O के O असली O सिपाही O हैं O । O लोगों O के O व्यवहार O में O बदलाव O और O शौचालयों O के O निर्माण O व O इस्तेमाल O को O बढ़ावा O देने O में O इनकी O अहम O भूमिका O रही O है O । O ये O स्वच्छाग्रही O इन O अभियानों O के O साथ O लगातार O जुडुकर O क्षमता O को O और O मजबूत O बनाने O और O लोगों O को O प्रोत्साहित O करने O में O अपनी O सक्रिय O भूमिका O निभा O सकते O हैं O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O का O व्यापक O असर O वैश्विक O एजेंसियों O का O अध्ययन O स्वच्छ O भारत O अभियान O ने O बचाई O जिंदगी O स्वच्छ O भारत O अभियान O में O संसाधनों O का O उपयोग O स्वच्छ O भारत O अभियान O ने O पर्यावरण O को O भी O बचाया O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O निवेश O पर O लाभ O ) O स्वच्छ O भारत O मिशन O ने O पैसे O बचाए O स्वच्छ O भारत O मिशन O ने O पैदा O किया O रोजगार O अपशिष्ट O प्रबंधन O और O ग्रामीण O नियोजन O - O इससे O जुड़ी O गतिविधियों O में O अपशिष्ट O प्रबंधन O के O लिए O नियोजन O , O सफाई O और O गांवों O को O आत्मनिर्भर O बनाने O और O सतत O जीवनशैली O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O आधारभूत O संरचना O विकसित O करना O शामिल O हैं O । O इन O योजनाओं O के O विभिन्न O चरणों O के O तहत O तय O किए O गए O विकास O संबंधी O लक्ष्य O स्वच्छता O और O ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O के O दायरे O में O आते O हैं O । O इनका O मकसद O ज़रूरी O आधारभूत O संरचना O मुहैया O कराना O , O जलवायु O परिवर्तन O संबंधी O प्रबंधन O , O वित्तीय O प्रबंधन O से O जुड़ी O शिक्षा O का O प्रसार O , O योजनाओं O में O लोगों O की O ज़्यादा O से O ज़्यादा O भागीदारी O और O समावेशी O शासन O प्रणाली O सुनिश्चित O करना O है O । O इन O उपलब्धियों O के O जरिये O सरकार O राज्य O की O ग्रामीण O आबादी O को O सामाजिक O , O मनोवैज्ञानिक O और O शारीरिक O मोर्चे O पर O बेहतर O माहौल O मुहैया O कराना O चाहती O है O । O जमीनी O स्तर O पर O हासिल O अनुभव O से O पता O चलता O है O कि O लोगों O के O व्यवहार O में O बदलाव O के O लिए O सफाई O - O कर्मियों O ने O उनके O घर O पर O ही O सूखे O और O गीले O कचरे O को O अलग O करना O शुरू O किया O , O ताकि O वे O अगली O बार O से O खुद O से O ऐसा O कर O सकें O । O साथ O ही O , O कचरे O को O अलग O - O अलग O रखने O के O बारे O में O जागरूकता O फैलाने O के O लिए O आकर्षक O नारों O का O भी O सहारा O लिया O गया O । O इसी O तरह O , O नियमित O तौर O पर O घरों O का O कचरा O इकट्ठा O करने O , O सूखा O और O गीला O कचरा O इकट्ठा O करने O के O लिए O अलग O - O अलग O दिन O तय O करने O और O हर O वॉर्ड O में O दीवारों O पर O पेटिंग O के O जरिये O सूचना O फैलाने O पर O जोर O दिया O गया O । O इन O तमाम O कोशिशों O की O वजह O से O कचरा O इकट्ठा O करने O में O मानवाधिकारों O पर O आधारित O नजरिया O अपनाने O में O मदद O मिली O । O इसके O अलावा O , O गांवों O में O पालतू O जानवरों O से O फैलने O वाले O कचरे O से O निपटने O के O लिए O भी O पहल O की O गई O । O इसके O तहत O , O राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O कानून O ( O नरेगा O ) O के O तहत O बकरी O और O कई O अन्य O जानवरों O के O लिए O ठिकाने O तैयार O किए O गए O हैं O । O पशुओं O के O रहने O के O लिए O तैयार O किए O गए O ये O ठिकाने O गांवों O की O रिहाइश O से O दूर O हैं O और O इसके O लिए O निजी O लाभार्थियों O की O जमीन O का O इस्तेमाल O किया O गया O है O । O इस O तरह O के O प्रयासों O का O मतलब O यह O भी O है O कि O इन O ठिकानों O की O सफाई O , O रखरखाव O और O सुरक्षा O के O लिए O सीमित O संख्या O में O लोगों O को O तैनात O किया O गया O है O । O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O इस O बात O का O ध्यान O रखा O गया O कि O आयुर्वेदिक O समेत O सभी O प्रकार O की O संभावित O दवाओं O का O सख्त O क्लिनिकल O परीक्षण O हो O ताकि O उनकी O प्रभावोत्पादकता O का O वैज्ञानिक O सबूत O उपलब्ध O रहे O । O निगरानी O : O सीरो O व्यापकता O और O जीनोम O अनुक्रमण O बड़े O पैमाने O पर O निगरानी O के O जरिये O आबादी O में O संक्रमण O में O वृद्धि O को O शुरुआत O में O ही O रोका O जा O सकता O है O । O ' O नियमन O और O नियामक O समर्थन O इसके O जरिये O उद्योग O को O पहले O चरण O के O क्लिनिकल O परीक्षण O की O मंजूरी O मिलने O के O बाद O टीकों O के O भंडारण O की O इजाजत O भी O दे O दी O गयी O । O यह O अधिसूचना O उद्योग O के O लिये O समर्थकारी O और O विश्वास O पैदा O करने O वाली O रही O । O नियामक O प्रक्रियाओं O को O आमूल O सुधार O के O जरिये O स्थाई O कुशल O प्रणाली O में O तब्दील O करने O की O ज़रूरत O को O समझते O हुए O अनुमतियां O तेजी O से O प्रदान O करने O की O व्यवस्था O की O गयी O । O वैश्विक O महामारी O के O प्रकोप O ने O हमारी O तैयारी O में O खामियों O को O भी O उजागर O कर O दिया O । O उद्योग O और O शिक्षा O जगत O दोनों O के O लिये O सामंजस्यपूर्ण O सीटी O प्रोटोकॉलों O के O साथ O क्लिनिकल O परीक्षण O अनुसंधान O का O ठोस O नेटवर्क O टीका O विकास O की O बुनियाद O होता O है O । O इनमें O से O कुछ O ही O परीक्षणों O का O मकसद O स्पष्ट O उत्तर O ढूंढना O था O । O इस O स्थिति O से O सबक O लेते O हुए O भविष्य O में O ज्यादा O व्यावहारिक O अनुसंधान O व्यवस्था O डिजाइन O की O जानी O चाहिये O । O यह O स्पष्ट O था O कि O बड़े O पैमाने O पर O किसी O उत्पाद O को O तेजी O से O बाजार O में O लाने O के O लिये O खरीद O प्रणाली O को O स्वदेश O में O विकसित O उत्पादों O के O अनुकूल O होना O चाहिये O । O अधिकांश O भारतीय O किटों O को O खरीद O के O वैसे O विशेष O विवरणों O का O सामना O करना O पड़ता O है O जिनका O झुकाव O ज्यादातर O स्थापित O मानदंडों O की O तरफ O है O । O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O देखें O तो O इस्तेमाल O में O आसान O परीक्षण O बाजार O में O उभर O रहे O हैं O । O कोविड O - O 19 O से O मुकाबले O के O दौरान O कई O अन्य O कोशिशें O भी O की O गयीं O जिनका O जिक्र O इस O आलेख O में O नहीं O हुआ O है O । O बेशक O इस O वैश्विक O महामारी O ने O हमें O खराब O वक्त O दिखाया O है O । O मगर O इस O दौरान O भारतीय O विज्ञान O और O वैज्ञानिकों O ने O उम्मीद O की O कसौटी O पर O खरा O उतरते O हुए O उद्योग O के O साथ O सहयोग O और O तालमेल O के O जरिये O हर O तरह O से O समाधान O प्रस्तुत O किया O । O उसने O अभूतपूर्व O राजनीतिक O इच्छाशक्ति O दिखाते O हुए O शासन O , O शिक्षा O जगत O और O उद्योग O के O बीच O सहयोग O के O जरिये O देश O की O आबादी O को O न्यायपूर्ण O ढंग O से O और O समानता O के O आधार O पर O रिकॉर्ड O समय O में O टीका O उपलब्ध O कराया O । O विश्व O के O ज्यादातर O देश O ऐसा O करने O में O नाकाम O रहे O हैं O । O भारतीय O वैज्ञानिक O समुदाय O टीकों O , O पीपीई O , O वेंटिलेटर O , O निदान O किट O जैसी O बहुत O सारी O चीजों O पर O गर्व O कर O सकता O है O । O लेकिन O अभी O काफी O कुछ O और O करने O की O ज़रूरत O है O । O देश O के O शासन O और O राजनीतिक O नेतृत्व O का O ध्यान O इस O ओर O है O । O 17. O महामारी O के O दौरान O पर्यटन O क्षेत्र O काफी O प्रभावित O हुआ O था O । O हाल O ही O में O , O विश्व O स्तर O पर O और O देश O के O भीतर O पर्यटन O प्रवाह O काफी O तेजी O से O बढ़ने O लगा O है O । O मिशनों O को O सरकार O में O सभी O हितधारकों O के O साथ O घनिष्ठ O समन्वय O में O काम O करने O के O लिए O कहा O गया O है O , O जिसमें O पर्यटन O , O नागरिक O उड्डयन O , O आयुष O और O संस्कृति O मंत्रालयों O के O साथ O - O साथ O उनके O देशों O में O संचालित O होने O वाली O भारतीय O एयरलाइंस O शामिल O हैं O । O 18. O कोविड O - O 19 O महामारी O ने O दुनिया O भर O से O विभिन्न O चिकित्सा O उपकरणों O और O प्रौद्योगिकियों O की O आपूर्ति O की O आवश्यकता O को O देखा O । O दुनिया O भर O में O नई O और O उभरती O प्रौद्योगिकियों O पर O इनपुट O प्राप्त O करने O के O लिए O हमारे O मिशन O विदेशों O में O हमारे O कान O और O आंखें O हैं O । O उन्हें O देश O में O उपयोग O के O लिए O सर्वोत्तम O संभव O तकनीक O प्राप्त O करने O के O लिए O इनपुट O प्रदान O करने O का O काम O सौंपा O गया O है O । O यह O न O केवल O राजनीतिक O या O रणनीतिक O क्षेत्रों O में O काम O करने O पर O लागू O होता O है O बल्कि O हमारे O पड़ोसियों O के O साथ O आर्थिक O संबंधों O को O गहरा O करने O पर O भी O लागू O होता O है O । O व्यापार O में O बाधाओं O को O कम O करने O और O वस्तुओं O तथा O लोगों O की O निर्बाध O आवाजाही O को O सुविधाजनक O बनाने O पर O निरंतर O ध्यान O देने O के O साथ O , O हम O पड़ोस O में O अपने O कुछ O प्रमुख O भागीदारों O के O साथ O द्विपक्षीय O व्यापार O में O उल्लेखनीय O वृद्धि O देखने O में O सक्षम O हुए O हैं O । O इसका O कारण O यह O है O कि O हमारे O पड़ोसी O देशों O में O आर्थिक O विकास O और O व्यापार O बुनियादी O ढांचे O और O सीमा O पार O संपर्क O में O सुधार O पर O हमारे O जोर O के O साथ O , O हमारा O पड़ोस O भारतीय O उद्योग O के O लिए O कुछ O महान O आर्थिक O अवसर O प्रदान O करेगा O । O कुछ O आगामी O क्षेत्र O जो O भारतीय O उद्योग O के O लिए O आकर्षक O हो O सकते O हैं O , O उनमें O वाहन O संयोजन O , O जल O विद्युत O , O औषधीय O और O सुगंधित O पौधे O और O फार्मास्यूटिकल्स O शामिल O हैं O । O पात्रों O के O गुणों O को O निरूपित O करने O के O लिए O कमल O के O फूल O , O लिली O , O चमेली O , O कुत्ता O , O गाय O , O बाघ O , O भालू O , O हाथी O , O केकड़ा O , O मगरमच्छ O , O मधुमक्खी O , O मछली O , O शार्क O , O आम O फल O , O कटहल O , O केला O , O गन्ना O , O बांस O और O ऐसी O कई O अन्य O चीजों O को O प्रतीक O बताया O गया O है O । O खूबसूरती O , O अनुग्रह O , O सहानुभूति O , O घृणा O , O क्रूरता O , O क्रोध O और O इस O तरह O के O अन्य O भाव O , O सभी O प्रतीकात्मक O रूप O से O सचित्र O हैं O । O सुझाव O गहराई O से O अधिक O सूक्ष्म O हैं O और O अच्छी O प्रतिभा O के O हैं O और O उपलब्ध O पाठ O के O माध्यम O से O झांकने O के O आदी O लोगों O द्वारा O माना O जा O सकता O है O । O प्रेमियों O के O बीच O बहुत O ही O सूक्ष्म O रूप O से O व्यक्त O रोमांच O और O परमानंद O को O शानदार O तरीके O से O वार्तालाप O में O चित्रित O किया O गया O है O । O इनके O नमूने O इस O प्रकार O हैं O : O इस O तरह O अतिरंजित O प्रेरणाओं O का O वर्णन O होता O है O । O कविता O के O विभिन्न O घटकों O का O वर्णन O किया O गया O है O और O कविता O के O नियमों O को O विस्तार O से O बताया O गया O है O । O पहला O भाव O शारीरिक O बोध O है O । O उसके O साथ O दूसरा O जीभ O का O है O । O उसके O साथ O तीसरा O नाक O का O है O । O उसके O साथ O चौथा O आंख O का O है O । O उसके O साथ O पांचवाँ O कान O का O है O । O उसके O साथ O छठा O है O मन O का O । O तो O भक्ति O हो O गई O , O अच्छी O तरह O से O साकार O । O वनस्पतियों O के O विभिन्न O चरण O - O नवोदित O , O पुष्पक O , O मुरझाने O , O सड़ने O की O अवस्था O और O प्रत्येक O चरण O में O उनके O नाम O बताए O गए O हैं O । O विभिन्न O जंतुओं O के O बच्चों O के O नाम O भी O बताए O गए O हैं O । O संक्षेप O में O , O इस O काम O का O यह O हिस्सा O वास्तव O में O प्राचीन O तमिलों O के O उपयोग O में O पाए O जाने O वाले O वैज्ञानिक O कारकों O का O व्याकरण O है O । O संक्षेप O में O पुरातन O तमिल O व्याकरण O तोल्कप्पियम O में O कई O विलक्षणताएं O हैं O जैसे O : O नई O उपलब्धियां O * O भुगतान O करने O से O पहले O परिसंपत्तियों O की O जिओ O - O टैगिंग O अनिवार्य O होगी O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O बैंकों O का O आकार O , O चुनौतियों O से O निपटने O की O उनकी O क्षमता O और O पूंजी O का O उनका O स्तर O वित्तीय O बाजारों O के O सुचारु O रूप O से O काम O करने O के O लिए O बेहद O अहम O हैं O । O बैंकिंग O सिस्टम O के O लिए O मुख्य O चुनौतियों O में O उनकी O अनिष्पादित O संपत्तियों O में O बढ़ोतरी O और O बड़ी O संख्या O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O की O मौजूदगी O है O । O इन O वजहों O से O बैंकों O को O औद्योगिक O कर्ज O मुहैया O कराने O और O अंतरराष्ट्रीय O पूंजी O की O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O दिक्कतों O का O सामना O करना O पड़ता O है O । O इन O चुनौतियों O से O निपटने O के O लिए O मौजूदा O उपाय O पर्याप्त O नहीं O रहे O हैं O । O इनकी O जमा O और O कर्ज O के O बिजनस O में O भी O काफी O बढ़ोतरी O हुई O । O ग्राहकों O की O सेवा O की O गुणवत्ता O अच्छी O नहीं O थी O और O मुनाफा O भी O कम O होने O लगा O । O कमेटी O की O कई O सिफारिशों O को O लागू O किया O गया O । O इनमें O एसएलआर O और O सीआरआर O में O कटौती O , O बाजार O के O हिसाब O से O ब्याज O दर O तय O किया O जाना O और O नए O प्राइवेट O और O विदेशी O बैंकों O को O खोला O जाना O शामिल O था O । O लेकिन O सूचना O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O हमने O विलक्षण O प्रगति O की O है O । O इससे O जुड़े O कई O क्षेत्रों O , O विशेषकर O सेवा O के O क्षेत्र O में O हम O दुनिया O में O अग्रणी O स्थान O पर O हैं O । O ऐसा O ही O कुछ O अन्य O कंपनियां O भी O कर O रही O हैं O । O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O हो O रही O तरक्की O अनायास O ही O नहीं O है O । O यह O इस O क्षेत्र O में O सरकार O की O ओर O से O किए O जाते O रहे O निवेश O से O भी O स्पष्ट O होता O है O । O मौजूदा O सरकार O के O पिछले O कार्यकाल O में O इस O क्षेत्र O में O न O सिर्फ O निवेश O ने O गति O पकड़ी O है O बल्कि O उसके O दायरे O का O भी O व्यापक O विस्तार O हुआ O है O । O चुनौतियों O से O निकली O आगे O की O राह O : O भारतीयों O द्वारा O विकसित O ग्रामीण O टेलीफोन O एक्सचेंज O सामने O आए O जो O कठोर O परिस्थितियों O में O और O बिना O एयर O कंडीशनिंग O के O काम O कर O सकते O थे O । O चूंकि O मकसद O देश O को O आत्मनिर्भर O बनाना O था O इसलिए O सार्वजनिक O क्षेत्र O में O विकसित O तकनीक O को O खुले O दिल O से O निजी O कंपनियों O को O मुफ्त O में O हस्तांतरित O किया O गया O । O बाद O में O बहुत O सारी O स्वदेशी O निजी O कंपनियां O भी O इस O दौड़ O में O शामिल O हुईं O और O दफ्तरों O का O कंप्यूटरीकरण O शुरू O हुआ O । O खुलकर O , O बिना O किसी O डर O या O पक्षपात O के O । O आज O मेरा O सचिव O नोट O लिखकर O मेरे O विचारों O से O असहमति O व्यक्त O कर O सकता O है O । O यदि O आप O केवल O इस O भय O से O अपनी O बात O खुलकर O नहीं O कहना O चाहते O हैं O कि O इससे O आपके O मंत्री O महोदय O नाराज़ O हो O जाएंगे O तो O फिर O आपकी O कोई O ज़रूरत O नहीं O है O । O ये O लोग O मान O - O सम्मान O और O आदर O के O लिए O काम O करने O वाले O हैं O और O इन्हें O जनता O का O स्नेह O मिलना O ही O चाहिए O । O इसलिए O उपरोक्त O तथ्यों O पर O विचार O करना O आवश्यक O है O और O सत्ता O में O आने O वालों O को O इन O बुनियादी O सिद्धान्तों O को O लागू O करना O ही O होगा O । O व्यवस्था O के O रोग O का O विश्लेषण O अधिकारियों O और O व्यवस्था O के O दैनिक O व्यवहार O में O कई O प्रकार O की O खामियां O दिखती O हैं O । O अफसरशाही O पर O अक्सर O ' O लालफीताशाही O ' O ( O अकारण O देरी O करने O ) O का O आरोप O लगाया O जाता O है O और O कई O तरीके O अपनाकर O निर्णय O न O ले O पाने O का O दोष O भी O लगाया O जाता O है O । O कुछ O उदाहरण O नीचे O दिए O जा O रहे O हैं O - O ऐसे O में O जब O संबद्ध O अधिकारी O बॉस O के O पास O जाते O हैं O तो O उक्त O चर्चा O हो O ही O नहीं O पाती O । O इससे O निर्णय O लेने O की O प्रक्रिया O में O देरी O हो O जाती O है O । O इससे O और O भी O ज्यादा O देरी O होती O है O और O स्थिति O बिगड़ने O से O अधीनस्थ O सहयोगी O या O बिचौलिए O भ्रष्ट O तरीके O अपनाने O को O मजबूर O कर O देते O हैं O । O नतीज़ा O यह O होता O है O कि O उस O अधिकारी O की O छवि O धूमिल O हो O जाती O है O और O साख O बिगड़ने O की O बात O पंख O लगाकर O दूर O - O दूर O तक O पहुंच O जाती O है O । O इस O कार्रवाई O का O कोई O उचित O / O उपयुक्त O कारण O भी O नहीं O बताया O जाता O । O राज्यों O में O सिविल O सेवा O बोर्ड O केवल O औपचारिक O भूमिका O निभाते O हैं O और O उनका O कार्य O केवल O सत्तारूढ़ O लोगों O या O ' O ऊपर O ' O से O आने O वाले O प्रस्तावों O को O स्वीकृति O देकर O आगे O बढ़ाने O तक O ही O सीमित O रहता O है O । O असल O में O देखा O जाए O तो O ईमानदारी O और O पारदर्शिता O का O लक्ष्य O तो O बुरी O तरह O पिछड़ O जाता O है O । O ऐसा O या O तो O राजनैतिक O संबंधों O और O समर्थन O के O कारण O या O फिर O जाति O , O धर्म O या O समुदाय O आधारित O कारणों O से O होता O है O । O यही O वजह O है O कि O अन्य O कई O योग्य O अधिकारी O इस O पद O के O कार्य O का O अनुभव O ले O ही O नहीं O पाते O जबकि O हर O पद O पर O काम O करने O में O अलग O प्रकार O की O चुनौतियां O , O समस्याएं O और O अवसर O आते O हैं O । O और O ऐसे O में O वहां O जमकर O बैठे O अधिकारी O में O दम्भ O , O चालबाजी O और O अकड़ O आ O जाती O है O । O इसी O प्रकार O कई O ऐसे O पद O होते O हैं O जहां O कोई O काम O नहीं O होता O , O कोई O फाइल O नहीं O आती O और O न O ही O कोई O सुविधा O होती O है O । O इन O फिजूल O किस्म O के O पदों O पर O ऐसे O नकारा O और O निठल्ले O अधिकारी O भेजे O जाते O हैं O जिन्हें O दंड O देना O होता O है O । O इस O तरह O इन O पदों O के O लिए O पैसे O , O समय O और O साधनों O की O बर्बादी O होती O है O । O पसन्दीदा O पदों O और O फिजूल O पदों O पर O तबादले O की O आड़ O में O भ्रश्नचार O का O जाल O भी O फैलता O रहता O है O । O और O आखिर O में O उदारीकरण O , O निजीकरण O और O वैश्वीकरण O की O नीतियों O पर O विचार O करें O तो O हम O पाएंगे O कि O नीतिगत O फैसला O कई O बार O इसी O आधार O पर O ले O लिया O जाता O है O कि O सार्वजनिक O ( O सरकारी O ) O क्षेत्र O खराब O है O और O निजी O क्षेत्र O बेहतर O होता O है O । O इसी O आधार O पर O कई O कंपनियों O के O शेयर O या O फिर O पूरी O कंपनी O को O ही O बेच O दिया O जाता O है O और O इसे O ' O विनिवेश O ' O का O नाम O दे O दिया O जाता O है O । O फिर O , O विकास O कार्यों O की O बढ़ा O - O चढ़ाकर O खबरें O देना O और O नुकसान O की O बात O छुपाकर O रखना O भी O संविधान O की O शपथ O का O अनादर O है O । O दुर्भाग्य O से O कुछ O प्रशासनिक O अधिकारी O ऐसा O करते O हैं O जो O सरासर O गलत O है O । O निष्कर्ष O में O कहा O जा O सकता O है O कि O लोकतांत्रिक O व्यवस्था O में O जन O प्रतिनिधि O सत्ता O की O बागडोर O संभाले O रहें O लेकिन O प्रशासनिक O अधिकारियों O को O दिशानिर्देश O देते O रहें O कि O उनकी O सलाह O को O अन्यथा O नहीं O लिया O जाएगा O । O इन O सेवाओं O के O पास O अवसर O हैं O कि O नए O तरीके O अपनाकर O चुनौतियों O को O हराएं O और O देश O की O सेवा O में O भरपूर O योगदान O करें O । O जलवायु O संकट O और O पानी O का O भविष्य O : O भारतीय O अनुभव O भारतीय O अनुभव O न O केवल O हमारे O , O बल्कि O पूरे O विश्व O के O शिक्षण O के O लिए O बहुमूल्य O है O कि O जल O - O प्रबंधन O को O कैसे O नया O रूप O दिया O जाए O कि O वह O किफायती O और O टिकाऊ O हो O । O ऐसा O प्रबंधन O जन O - O समुदायों O के O हाथों O में O होगा O और O विकेंद्रीकृत O रूप O में O स्थानीय O स्तर O पर O इसमें O पानी O के O स्रोतों O के O पुनर्भरीकरण O और O पानी O के O बार O - O बार O इस्तेमाल O हो O सकने O की O व्यवस्था O होगी O । O जल O - O प्रबंधन O हर O व्यक्ति O का O काम O और O जिम्मेदारी O होनी O चाहिए O । O कोविड O - O 19 O के O दौर O में O हमने O समझा O है O कि O स्वच्छ O पानी O का O मुद्दा O कितना O महत्वपूर्ण O है O । O महामारी O से O बचाव O का O यही O तरीका O था O कि O हम O बार O - O बार O साफ O पानी O से O हाथ O धोएं O । O मेरा O यह O भी O मानना O है O कि O पानी O के O अभाव O की O स्थिति O के O ज्यादा O बढ़ने O के O बावजूद O , O ऐसा O होना O अनिवार्य O नहीं O है O कि O शहरों O में O पानी O खत्म O हो O जाए O और O हमारे O पास O पीने O को O पानी O न O बचे O । O हर O साल O यह O बर्फ O और O बारिश O के O रूप O में O आता O है O । O ज्यादा O महत्वपूर्ण O बात O यह O भी O है O कि O कृषि O को O छोड़ O कर O , O हम O पानी O का O पूरी O तरह O उपभोग O नहीं O करते O । O हम O इसका O इस्तेमाल O करके O इसे O वापस O कर O देते O हैं O । O इसलिए O , O इसका O शोधन O कर O इसे O फिर O इस्तेमाल O के O लायक O बनाया O जा O सकता O है O । O इस O तरह O , O इस O क्षेत्र O में O हम O भविष्य O को O बदल O सकते O हैं O । O इसका O मतलब O है O कि O जल O प्रबंधन O की O हमारी O नीति O और O व्यवहार O सही O हों O । O अच्छी O बात O यह O है O कि O पानी O के O बारे O में O समझ O बढ़ी O है O । O यानी O पानी O को O जमा O करके O दूर O - O दूर O तक O इसकी O आपूर्ति O के O लिए O बांध O और O नहरें O बनाना O । O भारतीय O साहित्य O का O उद्भव O यह O पुरातन O समय O से O ही O ऐसा O रहा O है O । O उप O - O महाद्वीप O में O रचित O साहित्य O की O विविधता O को O देखकर O हर O कोई O आश्चर्यचकित O हो O जाएगा O । O देश O में O भाषाओं O , O भाषा O परिवारों O और O बोलियों O की O संख्या O काफी O अधिक O है O । O इसमें O हर O कोई O किसी O भी O औपचारिक O वर्गीकरण O पर O अधिक O ध्यान O दिए O बिना O अपनी O स्वयं O की O साहित्यिक O रचना O करने O में O सक्षम O था O । O यही O कारण O है O कि O प्रत्येक O भाषा O में O साहित्य O का O समृद्ध O संग्रह O हुआ O था O । O इसे O उप O - O महाद्वीप O में O फारसी O में O रचित O ग्रंथों O से O आसानी O से O समझा O जा O सकता O है O । O दुनिया O के O कई O हिस्सों O में O सभ्यता O की O शुरुआत O से O बहुत O पहले O ही O भारतीय O , O साहित्य O सृजन O में O रुचि O ले O रहे O थे O और O विभिन्न O शैलियों O में O साहित्य O की O रचना O कर O रहे O थे O । O * O राष्ट्रीय O खाद्य O सुरक्षा O अधिनियम O ( O एनएफएसए O ) O के O अंतर्गत O राशन O कार्डों O की O राष्ट्रव्यापी O पोर्टेबिलिटी O हेतु O तकनीक O तथा O डेटा O से O लैस O बैग O प्रणाली O * O देश O भर O में O किसी O भी O स्थान O पर O एनएफएसए O प्रवासियों O को O खाद्य O सुरक्षा O उपलब्ध O कराना O * O राशन O कार्ड O विस्तृत O विवरण O और O योग्यता O की O जानकारी O देश O भर O में O किसी O भी O ई O - O प्वाइंट O ऑफ O सेल्स O डिवाइस O पर O उपलब्ध O * O राशन O कार्डों O की O राज्यों O के O भीतर O और O राज्यों O की O सीमा O से O बाहर O पोर्टेबिलिटी O की O सुविधा O । O यह O ऐप O उन O लोगों O के O लिए O विशेष O रूप O से O लाभकारी O होगा O जो O अपनी O आजीविका O के O लिए O अपने O मूल O निवास O स्थान O से O किसी O अन्य O स्थान O पर O जाते O हैं O । O इसके O तहत O कोविड O - O 19 O महामारी O के O दौरान O विशेष O रूप O से O प्रवासी O मजदूरों O को O लाभ O पहुंचा O और O वे O सब्सिडी O पर O खाद्यान्न O प्राप्त O कर O सके O । O लॉकडाउन O के O दौरान O लाभार्थी O जहां O भी O थे O वहीं O पर O इस O सुविधा O का O लाभ O उठाते O हुए O खाद्यान्न O प्राप्त O कर O सके O । O इसके O अंतर्गत O किसी O भी O एफपीएस O के O चयन O की O सुविधा O उपलब्ध O नहीं O थी O । O यह O व्यवस्था O सभी O एनएफएसए O लाभार्थियों O को O , O विशेष O रूप O से O प्रवासी O लाभार्थियों O को O सहूलियत O देती O है O । O इसके O अंतर्गत O लाभार्थी O अपने O हिस्से O का O पूरा O राशन O या O उसका O कुछ O हिस्सा O देश O की O किसी O भी O सस्ती O दर O की O दुकान O यानी O एफपीएस O से O लेने O का O अधिकारी O है O बायोमेट्रिक O या O आधार O प्रमाणन O से O यह O लाभ O उठाया O जा O सकता O है O । O इस O सिस्टम O की O मदद O से O ही O ऐसे O प्रवासी O श्रमिकों O के O परिवार O के O सदस्यों O के O घर O वापसी O की O स्थिति O में O बचे O हुए O राशन O को O उसी O राशन O कार्ड O से O अन्य O स्थान O से O प्राप्त O करने O की O भी O सुविधा O मिलती O है O । O भूचुंबकत्व O अनुप्रयोग O भू O - O चुंबकत्व O के O सामाजिक O अनुप्रयोग O हैं O और O यह O विज्ञान O किसी O न O किसी O रूप O में O पूरी O मानवता O के O हितों O से O जुड़ा O है O । O इस O धरती O पर O जीवधारियों O का O जीवन O ही O अनिवार्य O रूप O से O भूचुंबकीय O - O क्षेत्र O से O जुड़ा O है O । O भूकंपों O और O सुनामी O जैसी O प्राकृतिक O आपदाओं O की O पूर्व O - O चेतावनी O प्रणालियों O में O इसका O उपयोग O किए O जाने O के O प्रयास O किए O जा O रहे O हैं O । O चुंबकीय O क्षेत्र O धरती O के O अंदर O शुरू O होता O है O और O इसके O विविध O घटकों O तथा O संरचनाओं O से O होकर O गुजरता O है O । O इसलिए O धरती O के O अंदर O की O हलचलों O को O समझने O में O इसकी O बड़ी O उपयोगिता O है O । O कुछ O संरचनाएं O और O पदार्थ O विद्युत O - O चुंबकीय O तरंगों O को O आकर्षित O , O तो O कुछ O प्रतिकर्षित O करते O हैं O । O विद्युत O - O चुंबकीय O संचालक O तथा O इसे O प्रतिकर्षित O करने O वाली O संरचनाओं O की O सही O समझ O होने O से O प्राकृतिक O आपदाओं O और O प्राकृतिक O संसाधनों O के O स्रोतों O का O पता O लगाने O में O मदद O मिल O सकती O है O । O भू O - O चुंबकत्व O तथा O संबंधित O क्षेत्रों O में O अनुसंधान O करने O वाला O यह O अग्रणी O संस्थान O है O । O विश्व O भर O के O चोटी O के O वैज्ञानिकों O के O बीच O , O अपने O अनुसंधान O कार्यों O के O लिए O इन O विवरणों O की O भारी O मांग O रहती O है O । O यह O धरती O की O परतों O का O अध्ययन O करता O है O , O तो O वायुमंडलीय O स्तरों O का O भी O अध्ययन O करता O है O । O यह O संस्थान O भूकंपीय O तरंगों O से O पृथ्वी O के O बारे O में O जानकारी O एकत्र O करता O है O , O तो O बाधारहित O संचार O के O लिए O रेडियो O तरंगों O का O भी O इस्तेमाल O करता O है O । O ये O आंकड़े O तो O भू O - O चुंबकीय O अनुसंधान O के O लिए O खजाने O जैसे O हैं O । O इतनी O बड़ी O अवधि O के O गतिशील O विवरणों O का O यह O बेजोड़ O तथा O अनूठा O भंडार O है O । O साथ O ही O शिकायतकर्ता O इसी O वेब O पोर्टल O से O जुड़े O सी O - O एम O सेल O वर्चुअल O पोर्टल O पर O अपनी O शिकायत O दर्ज O करा O सकते O हैं O एवं O अपनी O दर्ज O की O गयी O पूर्व O शिकायतों O को O ट्रैक O भी O कर O सकते O हैं O । O इस O वेब O पोर्टल O को O केंद्र O स्तर O पर O मौजूद O शिकायत O निवारण O विभाग O से O भी O जोड़ा O गया O है O जिससे O लोग O केंद्र O स्तर O की O प्रणाली O और O राज्य O स्तर O की O प्रणाली O को O देख O एवं O समझ O सकें O । O इस O पोर्टल O से O राजस्व O , O पुलिस O , O आवास O , O भूजल O , O सिंचाई O , O मत्स्य O पालन O , O श्रम O , O उद्योग O , O समाज O कल्याण O , O नगर O निगम O , O चिकित्सा O और O स्वास्थ्य O , O बिजली O और O अन्य O विभाग O जुड़े O हुए O हैं O । O पोर्टल O आधार O संख्या O के O माध्यम O से O शिकायत O रिकॉर्ड O करेगा O । O इसका O उपयोग O करके O , O लोग O अपने O आवेदन O की O प्रगति O को O ट्रैक O कर O सकते O हैं O । O शिकायत O सरकार O के O पंजीकृत O ट्रैक O और O संबंधित O विभाग O को O भेज O दी O जाएगी O । O हेल्पलाइन O - O लोक O शिकायत O और O निवारण O मॉड्यूल O ( O पीजीआरएम O ) O , O जिसे O हेल्पलाइन O भी O कहा O जाता O है O । O पूर्वोत्तर O राज्यों O में O शिकायत O निवारण O तंत्र O - O इस O पंजीकरण O संख्या O का O उपयोग O उसकी O शिकायतों O की O स्थिति O , O अनुस्मारक O भेजने O के O लिए O और O कार्रवाई O की O स्थिति O को O देखने O के O लिए O किया O जा O सकता O है O । O यह O सॉफ्टवेयर O वार्षिक O संचालन O योजना O और O बजट O की O त्वरित O तैयारी O के O लिए O बेहतर O रूप O में O काम O करेगा O जबकि O लागत O में O उतार O - O चढ़ाव O की O जांच O के O लिए O परियोजनाओं O को O समय O पर O कार्यान्वित O करके O भ्रष्टाचार O और O निधियों O का O दुरूपयोग O रोकने O के O लिए O पारदर्शिता O को O सुनिश्चित O किया O जाएगा O । O यह O सॉफ्टवेयर O परियोजना O प्रबंधन O , O वार्षिक O योजना O , O तीसरे O पक्ष O की O निगरानी O और O फ़ाइल O प्रबंधन O जैसे O बहुमुखी O मॉड्यूल O प्रदान O करता O है O । O राज्यों O में O जनशिकायत O निवारण O प्रणाली O की O सीमाएं O - O विभिन्न O राज्यों O में O विभिन्न O मॉडल O हैं O किंतु O सभी O जगह O समस्याएं O लगभग O समान O ही O हैं O । O इसके O साथ O ही O , O कुल O मिलाकर O स्वास्थ्य O संकेतकों O के O सुधार O का O श्रेय O प्रत्येक O आर्थिक O हैसियत O के O नागरिकों O को O प्रदत्त O बुनियादी O स्वास्थ्य O ढांचे O और O सेवाओं O के O विकास O को O भी O दिया O जा O सकता O है O । O स्वास्थ्य O क्षेत्र O में O सुधार O करने O के O साथ O - O साथ O नागरिकों O की O बुनियादी O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O वाली O सेवाओं O की O उपलब्धता O और O सुलभता O सुधारने O पर O भी O बल O दिया O गया O है O । O इन O सेवाओं O में O स्वच्छता O ( O स्वच्छ O भारत O मिशन O ) O , O मल O व्ययन O , O स्वच्छ O पेयजल O शामिल O हैं O । O इसके O साथ O - O साथ O विश्व O में O सबसे O विशाल O स्वास्थ्य O कार्यक्रम O , O सबके O लिए O टीकाकरण O कार्यक्रम O ने O अनेक O उल्लेखनीय O परिणाम O हासिल O किए O हैं O । O इस O महत्वपूर्ण O समय O में O हर O क्षेत्र O से O समर्पित O और O ईमानदार O जन O नेताओं O के O दल O का O होना O अपरिहार्य O है O । O नागरिकों O द्वारा O इसकी O मांग O की O जानी O चाहिए O और O इसे O राष्ट्र O - O राज्य O द्वारा O स्पष्ट O और O सचेत O रूप O से O पोषित O किया O जाना O चाहिए O । O सुशासन O से O संबंधित O उपरोक्त O बिंदुओं O के O अलावा O भारतीय O लोकतंत्र O और O राजनीति O के O लिए O सबसे O बड़ा O खतरा O आज O देश O के O विभिन्न O समुदायों O के O बीच O एकता O का O अभाव O है O । O यदि O यथास्थिति O को O फिर O से O बनाए O रखा O जाता O है O तो O यह O भारतीय O लोकतंत्र O , O राजनीति O और O शासन O के O लिए O सार्थक O होगा O । O इस O महत्वपूर्ण O पड़ाव O पर O हम O भारतवासियों O को O वास्तविक O लोकतंत्र O , O राजनीति O और O सुशासन O को O देखने O के O लिए O समर्पित O , O निस्वार्थ O और O ईमानदार O शासकों O / O प्रशासकों O की O आवश्यकता O है O । O हम O सभी O को O हमेशा O ' O लोकतंत्र O , O राजनीति O और O शासन O ' O के O आदर्श O को O मिलकर O बनाए O रखना O चाहिए O । O इस O पीली O धातु O की O गतिशीलता O अद्भुत O है O । O भारतीय O अर्थव्यवस्था O पर O इसके O प्रभाव O को O नजरंदाज O नहीं O किया O जा O सकता O है O , O क्योंकि O इसका O प्रभाव O सीधे O तौर O पर O विनिमय O दर O प्रबंधन O , O राजकोषीय O नीति O और O समग्र O वित्तीय O स्थिरता O आदि O पर O पड़ता O है O । O पहला O , O स्वर्ण O को O दूसरी O परिसंपत्ति O में O बदलना O , O दूसरा O , O स्वर्ण O की O आपूर्ति O का O नियमन O , O तीसरा O , O स्वर्ण O तस्करी O पर O लगाम O लगाना O , O चौथा O , O घरेलू O स्तर O पर O भौतिक O स्वर्ण O की O मांग O को O कम O करना O और O पांचवां O , O घरेलू O बाजार O में O स्वर्ण O की O कीमत O को O निचले O स्तर O पर O बनाये O रखना O आदि O । O माना O जा O रहा O है O कि O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O के O तहत O इन O बिन्दुओं O की O अनदेखी O नहीं O की O जायेगी O । O स्वर्ण O को O विदेशी O मुद्रा O का O विकल्प O भी O माना O जाता O है O । O इसे O वस्तु O एवं O वित्तीय O परिसंपत्ति O का O मिश्रण O भी O कहा O जाता O है O । O उदारीकरण O के O इस O दौर O में O स्वर्ण O नीति O पूंजीगत O खाता O परिवर्तनीयता O ( O सीएसी O ) O से O जुड़ी O है O । O आम O बोलचाल O की O भाषा O में O पूर्ण O सीएसी O स्थानीय O मुद्रा O को O राशि O पर O बिना O किसी O प्रतिबंध O के O विदेशी O मुद्रा O के O लिए O आदान O - O प्रदान O करने O की O अनुमति O देती O है O । O तायपोर O समिति O की O रिपोर्ट O में O सीएसी O के O लिये O समग्र O स्वर्ण O नीति O को O लागू O करना O जरूरी O बताया O गया O है O । O समिति O के O मुताबिक O बैंकों O के O माध्यम O से O स्वर्ण O जमा O व O स्वर्ण O संचय O योजना O एवं O म्यूचुअल O फंड्स O के O द्वारा O एक्सचेंज O ट्रेडेड O गोल्ड O फंड्स O जैसे O स्वर्ण O से O जुड़े O वित्तीय O उत्पादों O को O विकसित O करने O की O जरूरत O है O । O कहा O जा O रहा O है O कि O वित्तीय O सुधारों O और O सीएसी O के O बीच O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O समायोजन O स्थापित O करने O का O काम O करेगी O । O स्वर्ण O पर O चर्चा O राष्ट्रीय O आय O या O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O इसके O योगदान O को O समझे O बिना O अधूरी O है O । O जीडीपी O में O इसके O योगदान O को O बढ़ाने O के O लिये O आवश्यक O सुधारात्मक O कदम O उठाने O की O जरूरत O है O । O बावजूद O इसके O , O स्वर्ण O को O पूंजी O निर्माण O का O हिस्सा O नहीं O माना O जाता O है O । O पहला O , O मौद्रिक O स्वर्ण O , O दूसरा O , O बहुमूल्य O धातु O के O रूप O में O और O तीसरा O , O औद्योगिक O उद्देश्यों O की O पूर्ति O हेतु O । O अस्तु O , O स्वर्ण O खरीद O को O न O तो O भौतिक O बचत O माना O जाता O है O और O न O ही O यह O माना O जाता O है O कि O इसकी O घरेलू O स्तर O पर O खपत O हुई O है O , O जिसका O प्रभाव O राष्ट्रीय O आय O की O गणना O और O जीडीपी O पर O पड़ता O है O । O स्वर्ण O को O उत्पाद O के O वर्ग O में O शामिल O करने O से O इसका O इस्तेमाल O लोगों O द्वारा O किया O जायेगा O , O लेकिन O उसे O पीएफसीई O में O नहीं O शामिल O किया O जायेगा O । O इससे O राष्ट्रीय O आय O की O गणना O और O जीडीपी O के O आंकड़ों O के O त्रुटिपूर्ण O रहने O की O आशंका O बनी O रहती O है O । O ये O विकासात्मक O पहलू O बच्चे O को O जटिल O जीवन O स्थितियों O से O निपटने O में O सक्षम O बनाते O हैं O । O योग्यता O - O प्रत्येक O विकासात्मक O लक्ष्य O के O लिए O दक्षताओं O की O पहचान O की O गई O है O । O योग्यताएं O निर्दिष्ट O करती O हैं O कि O बच्चे O क्या O जानेंगे O , O क्या O करने O में O सक्षम O होंगे O , O या O जब O वे O किसी O पाठ्यक्रम O या O कार्यक्रम O में O भाग O लेंगे O या O पूरा O कर O लेंगे O तो O प्रदर्शित O करने O में O सक्षम O होंगे O । O योग्यता O - O आधारित O शिक्षा O में O , O शिक्षण O और O सीखना O , O इन O बुनियादी O दक्षताओं O को O प्राप्त O करने O पर O केंद्रित O होता O है O जिसे O सीखने O के O परिणामों O के O माध्यम O से O मापा O जा O सकता O है O । O सीखने O के O परिणाम O और O इसका O संहिताकरण O - O सीखने O के O परिणाम O विशिष्ट O और O मापने O योग्य O विवरण O होते O हैं O जो O यह O वर्णन O करते O हैं O कि O कोई O विद्यार्थी O वास्तव O में O क्या O करने O में O सक्षम O होगा O । O विद्या O प्रवेश O - O विद्या O प्रवेश O का O उद्देश्य O विविध O स्थितियों O से O आने O वाले O सभी O बच्चों O को O उम्र O और O एफएलएन O पर O फोकस O के O साथ O सभी O बच्चों O के O विकास O और O सीखने O के O लिए O मजबूत O नींव O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O उपयुक्त O प्रारंभिक O पठन O अनुभव O प्रदान O करना O है O । O मुख्य O विशेषताएं O : O * O पढ़ाई O छोड़ना O कम O करना O और O रूपांतरण O दर O में O सुधार O । O * O सीखने O के O लिए O प्रेरक O माहौल O का O निर्माण O । O * O नवाचार O शिक्षण O और O अनुभवात्मक O लर्निंग O । O * O निष्ठा O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O के O माध्यम O से O शिक्षक O सशक्तिकरण O । O * O बच्चे O का O समग्र O विकास O । O उनमें O प्राथमिक O रूप O से O बुनियादी O धातु O और O उनके O उत्पाद O , O सीमेंट O और O उनके O उत्पाद O , O टेक्सटाइल O , O अवसंरचना O ( O इन्फ्रास्ट्क्चर O ) O आदि O इससे O प्रभावित O हैं O । O इस O स्थिति O के O कारण O समझना O वांछनीय O है O , O जिनमें O से O कुछ O इस O प्रकार O हैं O : O - O * O अपने O पिछले O कर्ज O के O इतिहास O के O कारण O अयोग्य O उधारकर्ताओं O को O उधार O देने O से O बढ़ते O बैलेंस O शीट O के O आकार O में O अधिकता O । O * O वैश्विक O क्षमता O व O मांग O - O आपूर्ति O की O स्थिति O में O तालमेल O बिठाए O बिना O मांग O की O प्रत्याशा O में O क्षमता O विकसित O करने O के O लिए O उधार O लिया O गया O । O * O विभिन्न O कारणों O से O परियोजनाओं O को O पूरा O करने O में O देरी O हुई O । O * O प्राप्तियों O की O वसूली O बहुत O खराब O थी O । O * O कारपोरेट O इक्विटी O जारी O करके O या O अन्य O ऋण O साधनों O के O जरिये O पूंजी O बाजार O से O पूंजी O जुटाने O में O सक्षम O नहीं O था O और O दोगुना O फायदा O उठाने O के O लिए O इक्विविटी O के O रूप O में O उधार O लिए O गए O धन O का O इस्तेमाल O किया O । O बैंकों O ने O इक्विटी O की O प्रकृति O के O बारे O में O जानकारी O नहीं O ली O । O * O अति O आशावादी O अनुमानों O की O वजह O से O व्यावसायिक O विफलता O । O * O विस्तार O व O आधुनिकीकरण O के O लिए O धन O का O इस्तेमाल O । O जिन O उद्देश्यों O के O लिए O धन O उधार O लिया O गया O , O उसका O इस्तेमाल O उनके O लिए O नहीं O किया O गया O । O * O जान O - O बूझकर O ऋण O अदायगी O में O चूक O , O कर्ज O के O धन O का O निजी O उपयोग O , O धोखाधड़ी O , O गलत O विनियोग O आदि O । O * O बैंकों O के O पास O धन O के O अंतिम O उपयोग O पर O निगरानी O रखने O के O लिए O कौशल O का O अभाव O और O फर्जी O कंपनियों O आदि O के O जाल O के O जरिये O उधारकर्ता O द्वारा O धन O का O अन्य O उद्देश्यों O के O लिए O उपयोग O । O * O क्रेडिट O मूल्यांकन O में O कमी O और O अनुचित O तत्परता O । O विकास O की O तेज O गति O के O दौरान O जब O नया O एनपीए O उत्पन्न O होता O है O तो O वह O विकास O की O ओट O में O छिप O जाता O है O । O सकल O एनपीए O अनुपात O खतरनाक O रूप O में O नहीं O दिखता O है O , O क्योंकि O विभाजक O ( O अग्रिम O ) O अंश O ( O एनपीए O ) O की O तुलना O में O ज्यादा O तेजी O से O बढ़ता O है O । O प्रभावशाली O निगरानी O के O जरिये O बैंकों O को O उभरती O हुई O परिस्थितियों O के O बारे O में O सतर्क O रहना O चाहिए O था O । O ऊपर O बताये O गये O कारणों O के O लिए O सुधार O के O कदम O उठाने O के O साथ O - O साथ O जान O - O बूझकर O कर्ज O न O चुकाने O वाले O उधारकर्ताओं O एवं O अति O आशावादी O परियोजनाओं O हेतु O कर्ज O देने O से O इन्कार O कर O देना O चाहिए O था O । O नियमों O का O पालन O नहीं O करने O वाले O उधारकर्ताओं O को O गैर O - O सहयोगी O या O जान O - O बूझकर O कर्ज O न O चुकाने O वालो O के O नाम O घोषित O करने O चाहिए O थे O । O 15. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O अपना O मकान O अथवा O निवास O स्थान O छोड़ने O पर O मजबूर O करना O या O करवाना O । O अधिनियम O की O धारा O 3 O ( O 1 O ) O के O अनुसार O जो O कोई O भी O यदि O वह O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O और O इस O वर्ग O के O सदस्यों O पर O निम्नलिखित O अत्याचार O का O अपराध O करता O है O तो O कानून O उसे O दण्डनीय O अपराध O मानेगा O - O 1. O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O को O जबरन O अखाद्य O या O घृणाजनक O पदार्थ O खिलाना O या O पिलाना O । O 2. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O शारीरिक O चोट O पहुंचाना O या O उनके O घर O के O आसपास O या O परिवार O में O उन्हें O अपमानित O करने O या O क्षुब्ध O करने O की O नीयत O से O कूड़ा O - O करकट O , O मल O या O मृत O पशु O का O शव O फेंक O देना O । O 3. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O शरीर O से O बलपूर्वक O कपड़ा O उतारना O या O उसे O नंगा O करके O या O उसके O चेहरे O पर O पेंट O पोत O कर O सार्वजनिक O रूप O में O घुमाना O या O इसी O प्रकार O का O कोई O ऐसा O कार्य O करना O जो O मानव O के O सम्मान O के O विरूद्ध O हो O । O 4. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O की O भूमि O पर O से O गैर O कानूनी O - O ढंग O से O खेती O काट O लेना O , O खेती O जोत O लेना O या O उस O भूमि O पर O कब्जा O कर O लेना O । O 5. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O गैर O कानूनी O - O ढंग O से O उसकी O भूमि O से O बेदखल O कर O देना O ( O कब्जा O कर O लेना O ) O या O उसके O अधिकार O क्षेत्र O की O सम्पत्ति O के O उपभोग O में O हस्तक्षेप O करना O । O 6. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O को O भीख O मांगने O के O लिए O मजबूर O करना O या O उन्हें O बंधुआ O मजदूर O के O रूप O में O रहने O को O विवश O करना O या O फुसलाना O । O 7. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O को O वोट O ( O मतदान O ) O नहीं O देने O देना O या O किसी O खास O उम्मीदवार O को O मतदान O के O लिये O मजबूर O करना O । O 8. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O विरूद्ध O झूठा O , O परेशान O करने O की O नीयत O से O उसे O पूर्ण O अपराधिक O या O अन्य O कानूनी O आरोप O लगा O कर O फंसाना O या O कारवाई O करना O । O 9. O किसी O लोक O सेवक O ( O सरकारी O कर्मचारी O / O अधिकारी O ) O को O कोई O झूठी O या O तुच्छ O सूचना O अथवा O जानकारी O देना O और O उसके O विरूद्ध O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O क्षति O पहुंचाने O या O क्षुब्ध O करने O के O लिये O ऐसे O लोक O सेवक O की O विधिपूर्ण O शक्ति O का O प्रयोग O करना O । O 10. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O जानबूझकर O जनता O की O नजर O में O जलील O कर O अपमानित O करना O , O डराना O । O 11. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O महिला O सदस्य O का O अनादार O करना O या O उसे O अपमानित O करने O की O नीयत O से O शील O भंग O करने O के O लिए O बल O का O प्रयोग O करना O । O 12. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O की O किसी O महिला O का O उसकी O इच्छा O के O विरूद्ध O या O बलपूर्वक O यौन O शोषण O करना O । O 13. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O द्वारा O उपयोग O में O लाये O जाने O वाले O जलाशय O या O जल O स्त्रोतों O को O गंदा O कर O देना O अथवा O अनुपयोगी O बना O देना O । O 14. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O को O किसी O सार्वजनिक O स्थान O पर O जाने O से O रोकना O , O रूढ़ीजन्य O अधिकारों O से O वंचित O करना O या O ऐसे O स्थान O पर O जाने O से O रोकना O जहां O वह O जा O सकता O है O । O 15. O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O अपना O मकान O अथवा O निवास O स्थान O छोड़ने O पर O मजबूर O करना O या O करवाना O । O क्रूरतापूर्ण O हत्या O के O अपराध O के O लिए O मृत्युदण्ड O की O सजा O है O । O अधिनियम O की O धारा O 3 O ( O 2 O ) O के O अनुसार O कोई O भी O व्यक्ति O जो O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O और O - O यदि O वह O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O खिलाफ O झूठी O गवाही O देता O है O या O गढ़ता O है O जिसका O आशय O किसी O ऐसे O अपराध O में O फँसाना O है O जिसकी O सजा O मृत्युदंड O या O आजीवन O कारावास O जुर्माने O सहित O है O । O और O इस O झूठी O गढ़ी O हुई O गवाही O के O कारण O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O को O फाँसी O की O सजा O दी O जाती O है O । O तो O ऐसी O झूठी O गवाही O देने O वाले O मृत्युदंड O के O भागी O होंगे O । O आग O अथवा O किसी O विस्फोटक O पदार्थ O द्वारा O किसी O ऐसे O मकान O को O नष्ट O करता O है O जो O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O द्वारा O साधारणतः O पूजा O के O स्थान O के O रूप O में O या O मानव O आवास O के O स्थान O के O रूप O में O या O सम्पत्ति O की O अभिरक्षा O के O लिए O किसी O स्थान O के O रूप O में O उपयोग O किया O जाता O है O , O वह O आजीवन O कारावास O के O साथ O जुर्माने O से O दण्डनीय O होगा O । O धारा O - O 14 O ( O विशेष O न्यायालय O की O व्यवस्था O ) O के O अन्तर्गत O इस O अधिनियम O के O तहत O चल O रहे O मामले O को O तेजी O से O ट्रायल O ( O विचारण O ) O के O लिये O विशेष O न्यायालय O की O स्थापना O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इससे O फैसले O में O विलम्ब O नहीं O होता O है O और O पीड़ित O को O जल्द O ही O न्याय O मिल O जाता O है O । O धारा O - O 17 O के O तहत O इस O अधिनियम O के O अधीन O मामले O से O संबंधित O जाँच O पड़ताल O डी. O एस. O पी. O स्तर O का O ही O कोई O अधिकारी O करेगा O । O कार्यवाही O करने O के O लिये O पर्याप्त O आधार O होने O पर O वह O उस O क्षेत्र O को O अत्याचार O ग्रस्त O घोषित O कर O सकेगा O तथा O शांति O और O सदाचार O बनाये O रखने O के O लिए O सभी O आवश्यक O उपाय O करेगा O तथा O निवारक O कार्यवाही O कर O सकेगा O । O धारा O - O 18 O के O तहत O इस O अधिनियम O के O तहत O अपराध O करने O वाले O अभियुक्तों O की O जमानत O नहीं O होगी O । O धारा O - O 21 O ( O 1 O ) O में O कहा O गया O है O कि O इस O अधिनियम O के O प्रभावी O ढंग O से O कार्यान्वयन O के O लिये O राज्य O सरकार O आवश्यक O उपाय O करेगी O । O ( O 2 O ) O ( O क O ) O के O अनुसार O पीड़ित O व्यक्ति O के O लिये O पर्याप्त O सुविधा O एवं O कानूनी O सहायता O की O व्यवस्था O की O गई O है O । O ( O ख O ) O इस O अधिनियम O के O अधीन O अपराध O की O जाँच O पड़ताल O और O ट्रायल O ( O विचारण O ) O के O दौरान O गवाहों O एवं O पीड़ित O व्यक्ति O के O यात्रा O भत्ते O और O भरण O - O पोषण O के O व्यय O की O व्यवस्था O की O गई O है O । O ( O ग O ) O के O अन्तर्गत O सरकार O पीड़ित O व्यक्ति O के O लिये O आर्थिक O सहायता O एवं O सामाजिक O पुनर्वास O की O व्यवस्था O करेगी O । O ( O घ O ) O के O अनुसार O ऐसे O क्षेत्र O की O पहचान O करना O तथा O उसके O लिये O समुचित O उपाय O करना O जहाँ O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O पर O अत्यधिक O अत्याचार O होते O हैं O । O अनुसूचित O जाति O और O अनुसूचित O जनजाति O अत्याचार O निवारण O अधिनियम O 1995 O यह O नियम O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O अत्याचार O निवारण O अधिनियम O 1989 O का O ही O विस्तार O है O । O अधिनियम O के O अधीन O दर्ज O मामले O को O और O अधिक O प्रभावी O बनाने O तथा O पीड़ित O व्यक्ति O को O त्वरित O न्याय O एवं O मुआवजा O दिलाने O के O लिये O अनुसूचित O जाति O , O अनुसूचित O जनजाति O अत्याचार O निवारण O नियम O 1995 O पारित O किया O गया O है O । O धारा O 5 O ( O 1 O ) O ( O थाना O में O थाना O प्रभारी O को O सूचना O संबंधी O ) O - O इसके O अनुसार O अधिनियम O के O तहत O किये O गये O अपराध O के O लिये O प्रत्येक O सूचना O थाना O प्रभारी O को O दिये O जाने O का O प्रावधान O है O । O यदि O सूचना O मौखिक O रूप O से O दी O जाती O है O तो O थाना O प्रभारी O उसे O लिखित O में O दर्ज O करेंगे O । O लिखित O बयान O को O पढ़कर O सुनायेंगे O तथा O उस O पर O पीड़ित O व्यक्ति O का O हस्ताक्षर O भी O लेंगें O । O थाना O प्रभारी O मामले O को O थाना O के O रिकार्ड O में O पंजीकृत O कर O लेगें O । O साथ O ही O , O सरकार O द्वारा O बैंकों O को O बाजार O में O ऋणपत्र O बेचने O की O अनुमति O देने O की O स्थिति O में O , O बैंकों O को O धन O प्राप्त O करने O तथा O अपना O ऋण O आधार O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O दूसरी O ओर O , O यदि O बैंकों O को O ऋणपत्र O बेचने O की O अनुमति O नहीं O मिलने O की O स्थिति O में O ये O निवेश O के O रूप O में O ब्याज O प्राप्त O करने O का O जरिया O बनेंगे O । O विमुद्रीकरण O के O बाद O बैंकिंग O प्रणाली O में O आई O पैसों O की O बाढ़ O के O मद्देनजर O भी O ऋणपत्र O जारी O करना O सही O दिशा O में O उठाया O गया O कदम O है O । O बैंक O अन्यथा O केवल O पूंजी O की O प्रचुरता O के O कारण O ही O ऋण O नहीं O दे O देते O । O ऋणपत्र O जारी O करने O का O महत्व O दिवाला O और O दिवालियापन O कोड O के O नजरिए O से O भी O मापा O जा O सकता O है O । O जबकि O कई O कर्जदार O खातों O का O समाधान O करने O जा O रहे O हैं O , O ऐसे O में O बैंकों O द्वारा O कटौती O का O भार O वहन O करने O की O संभावना O से O इनकार O नहीं O किया O जा O सकता O । O ये O कंपनियां O अर्थव्यवस्था O के O बहुत O महत्वपूर्ण O क्षेत्रों O का O प्रतिनिधित्व O करती O हैं O । O रेटिंग O एजेंसी O के O अनुसार O क्षेत्रों O के O संबंध O में O , O विद्युत O क्षेत्र O में O सामान्य O कटौती O की O आवश्यकता O होगी O जबकि O धातु O और O निर्माण O क्षेत्र O में O आक्रामक O कटौती O अपेक्षित O है O । O सामान्य O या O आक्रामक O कटौती O की O आवश्यकता O वाली O कंपनियों O ने O ऋण O द्वारा O वित्तपोषित O पूंजीगत O व्यय O को O अपनाया O है O । O हालांकि O , O मांग O में O कमी O या O परियोजनाओं O के O विनियामक O संबंधी O मामलों O में O उलझने O के O कारण O समय O और O लागत O में O बढ़ोतरी O होने O से O , O इन्हें O अलाभकारी O रूप O से O ऋण O प्रदान O किया O गया O था O । O रेटिंग O एजेंसी O का O कहना O है O , O “ O अर्थव्यवस्था O का O व्यापक O हित O इसी O में O है O कि O बाजार O से O बाहर O होने O की O बजाय O कटौती O के O कड़वे O घूंट O को O पी O लिया O जाए O । O पुनर्पूंजीकरण O ऋणपत्र O विधेयक O में O यहां O पर O ठीक O बैठते O हैं O । O फिर O भी O इस O बारे O में O अधिक O स्पष्टता O तब O आएगी O जब O सरकार O अन्य O बातों O के O साथ O - O साथ O धनराशि O , O जारीकर्ता O , O ग्राहक O , O टिकट O के O आकार O तथा O कूपन O की O दर O के O बारे O में O सटीक O विवरण O की O घोषणा O करेगी O । O हालांकि O यह O देखना O काफी O रोचक O है O कि O ऋणपत्र O जारी O करने O का O वृहत्‌ O अर्थव्यवस्था O , O खासतौर O से O राजकोषीय O घाटे O , O पर O क्या O प्रभाव O पड़ता O है O । O किंतु O ईएसआई O अधिनियम O में O नियोक्ता O तथा O कर्मचारी O का O संबंध O होना O आवश्यक O था O , O जो O कृषि O क्षेत्र O में O नहीं O होता O है O । O पिछले O कई O वर्षों O में O मनरेगा O मुख्य O कार्यक्रम O बनकर O उभरा O है O , O जो O सामाजिक O असमानता O दूर O कर O और O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O संपत्ति O सृजन O के O ज़रिए O सतत O विकास O का O आधार O तैयार O कर O गरीबी O से O सर्वांगीण O तरीके O से O निपटता O है O । O संसाधनों O का O बड़ा O हिस्सा O प्राकृतिक O संसाधन O प्रबंधन O से O जुड़े O कार्यों O ( O चेक O डैम O , O तालाब O , O पारंपरिक O जल O निकायों O के O पुनरुद्धार O , O खेत O के O बांध O , O जल O संरक्षण O , O सिंचाई O कार्यों O आदि O ) O पर O खर्च O किया O जाता O है O , O जिससे O फ़सल O के O रकबे O तथा O उपज O में O बढ़ोतरी O के O माध्यम O से O किसानों O के O लिए O अधिक O आय O सुनिश्चित O होती O है O । O समुदाय O और O व्यक्तिगत O लाभार्थियों O के O लिए O टिकाऊ O संपत्तियों O ( O बकरी O के O बाड़े O , O गाय O - O भैंस O के O बाड़े O , O वर्मी O - O कंपोस्ट O के O गड्ढे O , O पानी O सोखने O वाले O गड्ढे O आदि O ) O के O सृजन O से O वंचित O तबके O को O वैकल्पिक O सतत O आजीविका O हासिल O करने O में O मदद O मिली O है O । O ठोस O कचरा O प्रबंधन O कार्यों O से O गांव O अधिक O साफ O हुए O हैं O , O आय O बढ़ी O है O और O गरीबों O को O विविधता O भरी O आजीविका O मिली O है O । O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O ( O डे O - O एनआरएलएम O ) O सामाजिक O सुरक्षा O की O अनूठी O योजना O है O , O जिसका O लक्ष्य O ग़रीब O परिवारों O को O लाभकारी O स्व O - O रोज़गार O तथा O कौशलयुक्त O सवैतनिक O रोज़गार O के O अवसर O प्रदान O कर O गरीबी O कम O करना O है O । O सहायता O तब O तक O जारी O रहती O है O , O जब O तक O समय O गुजरने O के O साथ O उनकी O ( O स्वयं O सहायता O समूह O के O सदस्यों O की O ) O आय O में O अच्छी O खासी O वृद्धि O नहीं O हो O जाती O , O उनका O जीवन O स्तर O नहीं O सुधर O जाता O और O वे O अति O दरिद्रता O से O बाहर O नहीं O आ O जाते O । O स्वयं O सहायता O समूह O इन O कोषों O का O प्रयोग O अपनी O सूक्ष्म O - O ऋण O अथवा O निवेश O योजनाओं O के O अनुसार O अपने O सदस्यों O को O आय O सृजित O करने O वाली O सामाजिक O - O आर्थिक O गतिविधियों O के O लिए O कर्ज O देने O में O करते O हैं O । O हिंदी O , O पंजाबी O , O उर्दू O और O अंग्रेजी O में O उनका O लेखन O उनकी O अपूर्व O बौद्धिक O प्रतिभा O और O व्यापक O अध्ययनवृत्ति O का O परिचायक O है O । O क्रांतिकारी O के O वैयक्तिक O , O राजनीतिक O , O सामाजिक O और O बौद्धिक O जीवन O की O अंतरंगता O को O उद्घाटित O करते O ये O दस्तावेज O स्वाधीनता O संग्राम O का O दहकता O इतिहास O हैं O जिसे O पढ़ना O और O जानना O आज O के O पाठक O की O बुनियादी O जरूरत O है O ताकि O वह O अपनी O जड़ों O से O , O अपनी O परंपरा O से O जुड़ O सके O और O अपने O वर्तमान O को O समझ O सके O । O इन्हें O अलग O - O अलग O पुस्तक O के O रूप O में O भी O पढ़ा O जा O सकता O है O और O सिलसिलेवार O संबद्ध O दस्तावेजों O के O रूप O में O भी O । O मुद्रणकला O का O प्रचार O होने O के O पूर्व O किसी O रचना O या O कलाकृति O से O किसी O के O आर्थिक O लाभ O उठाने O का O कोई O प्रश्न O नहीं O था O । O इसलिये O कापीराइट O की O बात O उसके O बाद O ही O उठी O है O । O कापीराइट O का O उद्देश्य O यह O है O कि O रचनाकार O , O या O कलाकार O या O वह O व्यक्ति O अथवा O संस्था O जिसे O कलाकार O या O रचनाकार O ने O अधिकार O प्रदान O किया O हो O उस O कलाकृति O और O रचना O से O निर्धारित O अवधि O तक O आर्थिक O लाभ O उठा O सके O तथा O दूसरा O कोई O इस O बीच O उससे O उस O रूप O में O लाभ O न O उठा O पाए O । O मांटिविडियो O करार O के O सिवाय O शेष O सभी O करार O अमरीकी O देशों O के O बीच O संपन्न O आपसी O समझौते O थे O । O इतने O समझौतों O और O करारों O के O कारण O स्थिति O इतनी O पेचीदा O हो O गई O थी O कि O कोई O सर्वमान्य O विश्वव्यापी O समझौता O आवश्यक O हो O गया O था O । O यह O भी O व्यवस्था O रखी O गई O कि O इस O अवधि O के O बाद O भी O इसका O सदस्य O होने O में O किसी O प्रकार O की O बाधा O नहीं O है O । O इस O समझौते O की O कुछ O मुख्य O बातें O इस O प्रकार O हैं O - O 2. O किसी O विदेशी O रचना O के O लिये O किसी O संस्था O के O वास्ते O यह O आवश्यक O नहीं O कि O वह O चित्रकार O के O देश O में O निर्धारित O अवधि O से O अधिक O लंबी O अवधि O के O लिये O संरक्षण O प्रदान O करे O । O 3. O अनुवाद O के O लिये O लेखक O से O अधिकारपत्र O लेना O आवश्यक O है O । O लाइसेंस O उस O अवस्था O में O भी O दिया O जा O सकता O है O यदि O पिछले O संस्करण O की O प्रति O भी O बाजार O में O उपलब्ध O न O हो O । O इसमें O शर्त O यह O लगाई O गई O है O कि O लेखक O को O उचित O पारिश्रमिक O दिया O जाए O और O अनुवाद O ठीक O ठीक O हो O । O इस O मंडल O को O किन्हीं O किन्हीं O मामलों O में O दीवानी O अदालतों O के O अधिकार O प्राप्त O हैं O । O रजिस्ट्रार O के O आदेशों O के O विरोध O में O इस O मंडल O में O अपील O भी O की O जा O सकती O है O । O इसके O आदेशों O के O विरुद्ध O उच्च O न्यायालय O में O अपील O की O जा O सकती O है O । O कापीराइट O की O परिभाषा O में O कहा O गया O है O - O साहित्यिक O , O अभिनयात्मक O , O संगीत O संबंधी O , O कला O संबंधी O , O फिल्म O निर्माण O संबंधी O या O रिकॉर्ड O संबंधी O जो O भी O निर्दिष्ट O कार्य O किया O जाए O उसके O संबंध O में O रचनाकार O या O कलाकार O को O , O या O जिसे O अधिकृत O किया O जाए O उसे O , O एकाधिकार O प्राप्त O हो O । O यह O अधिकार O हस्तांतरित O भी O किया O जा O सकता O है O । O विशेष O कार्यों O के O लिये O अलग O अलग O किस्म O के O प्रतिलिप्यधिकार O प्रदान O किए O गए O हैं O । O यदि O किसी O रचना O का O रेडियो O प्रसारण O हो O और O उसके O साथ O उचित O व्यवहार O न O हो O तो O वह O कापीराइट O का O उल्लंघन O नहीं O माना O जाएगा O । O यह O व्यवस्था O भी O की O गई O है O कि O पुस्तकालय O चाहें O तो O किसी O पुस्तक O की O प्रतिलिपि O करा O सकते O हैं O किंतु O वह O विक्रयार्थ O प्रस्तुत O नहीं O की O जा O सकती O । O विधान O के O विरुद्ध O आचरण O करनेवाले O को O दंड O देने O तथा O रचनाकार O को O हुई O क्षति O की O पूर्ति O कराने O की O भी O व्यवस्था O इस O अधिनियम O में O कर O दी O गई O है O । O यदि O किसी O लेखक O की O रचना O को O तोड़ O मरोड़कर O इस O रूप O में O प्रस्तुत O किया O जाए O कि O उससे O उसकी O प्रतिष्ठा O को O आघात O लगे O तो O उस O मामले O में O भी O रचनाकार O की O क्षतिपूर्ति O कराने O की O व्यवस्था O अधिनियम O में O की O गई O है O । O यह O एकजुटता O , O निश्चित O रूप O से O , O लंबे O समय O तक O बनी O रहती O है O । O युवा O जन O खेलों O की O ओर O तभी O प्रेरित O होंगे O जब O उन्हें O नज़र O आएगा O कि O उनके O प्रिय O खिलाड़ियों O को O नायकों O जैसा O सम्मान O और O धन O मिलेगा O और O पुराने O खिलाड़ियों O की O तरह O वे O अभावों O में O नहीं O जिएंगे O । O खिलाड़ियों O को O मान O - O सम्मान O मिलने O से O अनेक O बच्चे O और O युवा O खेलों O से O जुड़ने O के O लिए O प्रेरित O होंगे O । O भले O ही O उनमें O सभी O विजेता O नहीं O बन O पाएंगे O लेकिन O खेल O उन्हें O जीतने O की O प्रवृत्ति O सिखा O देंगे O जो O जीवन O के O अनेक O क्षेत्रों O में O उनके O काम O आएगी O । O मेरे O अनेक O उद्योगपति O मित्रों O ने O मुझे O बताया O कि O जब O वे O खिलाड़ियों O को O नौकरी O पर O रखते O हैं O तो O वे O दबाव O की O स्थितियों O में O भी O सही O तरीके O से O काम O कर O पाते O हैं O , O बेहतर O निर्णय O ले O पाते O हैं O और O खराब O परिस्थितियों O और O झटकों O से O भी O जल्दी O उबरते O हैं O । O मेरे O परिवार O के O लिए O भी O खेल O - O कूद O वरदान O जैसे O रहे O हैं O जिनसे O हमें O सुख O - O समृद्धि O मिली O है O । O मैं O खेलों O का O कृतज्ञ O हूं O । O क्या O वे O सभी O श्रेष्ठ O खिलाड़ी O नहीं O थे O ? O निश्चय O ही O वे O श्रेष्ठ O खिलाड़ी O थे O और O इस O गुण O की O वजह O से O वे O बुलंदियां O हासिल O कर O सके O । O जब O तक O दवाई O नहीं O , O तब O तक O ढिलाई O नहीं O , O इसलिए O - O मास्क O लगाएं O । O अपने O हाथों O को O अच्छी O तरह O साफ O रखें O । O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O ने O हमेशा O देश O के O समग्र O विकास O को O प्राप्त O करने O के O लिए O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकियों O के O विकास O और O उपयोग O की O ओर O ध्यान O केंद्रित O किया O है O । O लिहाजा O बच्चों O के O दिमाग O का O अनुभव O जितना O बेहतर O होगा O , O उनके O सीखने O की O क्षमता O और O उनका O विकास O उतना O ही O ज्यादा O होगा O । O खास O तौर O पर O , O दिमाग O का O वह O हिस्सा O , O जहां O से O स्पष्ट O सोचने O की O क्षमता O , O आत्म O नियंत्रण O , O समय O प्रबंधन O , O लक्ष्य O को O लेकर O तैयारी O आदि O कौशल O विकसित O होते O हैं O । O इसलिए O , O अगर O बच्चों O को O ऐसे O अवसर O उपलब्ध O नहीं O कराए O जाते O हैं O , O तो O वे O सीखने O से O वंचित O रह O सकते O हैं O और O उनके O भविष्य O पर O प्रतिकूल O असर O हो O सकता O है O । O लिहाजा O , O यह O निवेश O बच्चों O पर O सबसे O ज़्यादा O असर O डालता O है O । O " O बच्चे O के O पालन O - O पोषण O के O लिए O पूरे O गांव O की O जरूरत O होती O है O । O बच्चे O बेशक O खुद O से O समझना O शुरू O कर O देते O हैं O , O लेकिन O उनके O सीखने O - O समझने O का O माध्यम O परिवार O के O बड़े O लोग O , O शिक्षक O आदि O ही O होते O हैं O । O ये O लोग O बच्चों O के O खान O - O पान O के O साथ O - O साथ O उनकी O सुरक्षा O , O देखभाल O आदि O का O ध्यान O रखते O हैं O । O वे O अपने O पास O - O पड़ोस O में O अपने O समकक्ष O बच्चों O के O साथ O खेलते O हैं O । O इस O दौरान O भी O उनकी O सीखने O की O प्रक्रिया O जारी O रहती O है O । O “ O बच्चे O उन O सभी O चीजों O से O सीखते O हैं O जो O वे O देखते O हैं O । O वे O जहां O भी O रहते O हैं O , O वहीं O से O सीखते O हैं O । O वे O सिर्फ O खास O जगहों O से O नहीं O सीखते O । O घर O और O पास O - O पड़ोस O में O सीखने O की O इस O प्रक्रिया O को O बेहतर O कैसे O बनाया O जा O सकता O है O ? O बच्चों O के O लिए O सीखने O की O प्रक्रिया O को O ज़्यादा O बेहतर O बनाया O जा O सके O , O इसके O लिए O क्या O करना O होगा O ? O इन O बच्चों O को O और O किस O तरह O के O सहयोग O की O ज़रूरत O है O ? O इसके O तहत O आंगनवाड़ी O केंद्र O भी O अहम O भूमिका O निभा O रहे O हैं O । O आंगनवाड़ी O और O स्कूलों O में O क्षमता O निर्माण O , O जागरूकता O फैलाने O , O कार्यक्रमों O को O लागू O करने O आदि O गतिविधियों O में O गैर O - O सरकारी O संगठनों O की O भी O अहम O भूमिका O रही O है O । O इन O संगठनों O ने O इस O दिशा O में O सरकार O के O साथ O मिलकर O काम O किया O है O । O अतः O कृषि O समुदाय O के O लिए O और O विशेषकर O छोटे O सीमांत O किसानों O के O लिए O सामाजिक O सुरक्षा O की O योजना O बनाना O तथा O लागू O करना O एकदम O सही O है O । O छोटी O जोत O वाले O मांग O में O कमी O ; O ढुलाई O ( O लॉजिस्टिक्स O ) O के O कुशल O एवं O किफायती O साधनों O की O सीमित O उपलब्धता O ; O और O मोलतोल O करने O की O कम O क्षमता O के O कारण O अपनी O कृषि O उपज O का O उचित O मूल्य O हासिल O नहीं O कर O पाते O हैं O । O सर्वेक्षण O में O यह O भी O दिखा O कि O छोटे O किसानों O की O संख्या O बढ़ने O के O साथ O ही O कृषि O योग्य O भूमि O का O विभाजन O भी O बढ़ O गया O । O निकट O भविष्य O में O किसानों O की O आय O दोगुनी O करने O के O लक्ष्य O को O देखते O हुए O यह O चलन O नीति O - O निर्माताओं O के O लिए O चिंता O का O कारण O है O । O इसीलिए O कृषक O समुदाय O और O विशेषकर O छोटे O सीमांत O किसानों O के O लिए O सामाजिक O सुरक्षा O की O योजना O बनाना O एवं O लागू O करना O एकदम O सही O है O । O उनकी O कल्पना O में O किसान O , O खेतिहर O मजदूर O और O कृषि O तथा O संबद्ध O क्षेत्रों O में O काम O करने O वाले O कृषि O कामगार O शामिल O थे O । O इन्होंने O कई O पुस्तकें O और O आलेख O लिखे O हैं O और O रेडियो O / O टीवी O टॉक O शो O / O साक्षात्कार O में O भाग O लिया O है O । O इस O साल O के O बजट O का O विश्लेषण O देश O की O मौजूदा O आर्थिक O , O सामाजिक O व O राजनीतिक O परिस्थितियों O के O आलोक O में O किया O जाएगा O । O इनमें O से O कुछ O सूचकांक O भारतीय O अर्थव्यवस्था O की O प्रतिरोध O क्षमता O को O दर्शाते O हैं O । O मुझे O यह O कहते O हुए O काफी O प्रसन्नता O हो O रही O है O कि O विमुद्रीकरण O तथा O जीएसटी O आदि O जैसे O संरचनागत O बदलावों O से O हुई O बाधाओं O से O संवृद्धि O तथा O अर्थव्यवस्था O के O अन्य O सूक्ष्म O आर्थिक O मानदंडों O पर O प्रतिकूल O प्रभाव O नहीं O पड़ा O । O उन O बदलावों O से O हुए O असंतुलन O को O काफी O हद O तक O दूर O कर O लिया O गया O है O । O एनपीए O की O बड़ी O राशि O व O राज्य O चालित O बैंकों O में O पूंजी O लगाने O की O समस्या O दूसरी O चुनौती O है O । O आर्थिक O संवृद्धि O व O मौद्रिक O समेकन O ये O मानचित्र O या O प्रतीक O किसी O भी O देश O का O आधिकारिक O प्रतिनिधित्व O नहीं O करते O हैं O । O क्रियान्वयन O के O साथ O ही O साथ O क्रियान्वयन O के O बाद O के O चरणों O के O उद्देश्यों O की O प्राप्ति O को O ध्यान O में O रखते O हुए O जल O - O जीवन O मिशन O को O विशेष O रूप O से O केन्द्रित O किया O जा O रहा O है O । O क्रियान्वयन O के O दौरान O पारदर्शिता O , O उत्तरदायित्व O और O जनता O के O धन O के O विवेकपूर्ण O व्यय O की O आवश्यकता O है O जबकि O इसकी O गति O और O पैमाना O ग्रामीण O स्तर O पर O “ O निगरानी O डैशबोर्ड O ' O के O माध्यम O से O सुनिश्चित O किया O जा O रहा O है O । O प्रत्येक O योजना O की O जानकारी O को O जल O जीवन O मिशन O एकीकृत O प्रबंध O प्रणाली O ( O सेंट्रल O जेजेएम O इंटिग्रेटेड O मैनेजमेंट O इन्फॉर्मेशन O सिस्टम O ) O में O संग्रहित O किया O जा O रहा O है O , O जिसमें O लागत O का O विवरण O , O आधारभूत O संरचना O तथा O गांव O के O प्रत्येक O घर O के O जल O - O स्रोतों O का O विवरण O दिया O जा O रहा O है O । O सार्वजनिक O वित्त O प्रबंधन O प्रणाली O का O प्रयोग O राज्यों O या O केंद्रशासित O प्रदेशों O द्वारा O ऑनलाइन O भुगतान O के O लिए O सुनिश्चित O किया O जा O रहा O है O । O प्रत्येक O घर O में O नल O के O पानी O का O कनेक्शन O उपलब्ध O कराने O के O लिए O घर O के O मुखिया O की O आधार O संख्या O को O जोड़ा O जा O रहा O है O । O इन O समस्याओं O के O कारण O कई O मामलों O में O घर O की O महिलाओं O को O काफी O कठिनाइयों O का O सामना O करना O पड़ता O है O , O कई O बार O उन्हें O घंटों O पैदल O चलकर O पानी O लाना O पडता O है O । O इस O वजह O से O कई O बार O उन्हें O जल O जनित O बीमारियां O हो O जाती O हैं O जिन्हें O आसानी O से O रोका O जा O सकता O है O अगर O जल O आपूर्ति O योजना O क्रियाशील O रहती O । O इस O वजह O जो O अवरोध O होता O है O वह O सिर्फ O शारीरिक O और O मानसिक O नहीं O होता O , O बल्कि O अगर O हम O मजदूरी O या O वेतन O में O नुकसान O और O स्वास्थ्य O सेवा O में O हुए O खर्च O की O गणना O करें O तो O वह O आर्थिक O भी O होता O है O । O कई O गांव O तो O काफी O दूरदराज O में O स्थित O हैं O और O वहां O शारीरिक O रूप O से O पहुंचना O बहुत O ही O मुश्किल O है O , O जिससे O निगरानी O की O परम्परागत O विधि O अप्रभावी O हो O जाती O है O । O यहां O तक O कि O दूसरे O गांवों O में O इन O मुद्दों O या O समस्याओं O की O दृश्यता O भी O काफी O कम O ही O हो O पाती O है O । O दिवालियापन O प्रतिवेदन O और O शिकायतों O के O समाधान O के O लिए O विनियम O अधिसूचना O यदि O शिकायत O गंभीर O है O और O दुर्भावनापूर्ण O नहीं O है O तो O शुल्क O वापस O कर O दिया O जाएगा O । O हालांकि O मौखिक O साहित्य O का O प्रभुत्व O भी O बना O रहा O । O भाषाओं O तथा O बोलियों O की O बड़ी O संख्या O और O मौखिक O परंपराओं O के O मजबूत O आधार O के O कारण O यह O आश्चर्य O की O बात O नहीं O लगती O । O आज O , O देश O की O मौखिक O और O आदिवासी O परंपराओं O को O महत्व O नहीं O दिया O जाता O , O लेकिन O यह O अच्छी O तरह O याद O रखा O जाना O चाहिए O कि O मौखिक O से O लेखन O परंपरा O तक O की O प्रक्रिया O धीमी O गति O से O चलते O हुए O साहित्य O के O उद्भव O के O इस O मकाम O पर O पहुंची O है O । O प्रिंटिंग O प्रेस O आने O के O साथ O , O समय O - O समय O पर O नई O - O नई O लेखन O प्रणालियां O भी O आती O गईं O और O भारतीय O साहित्य O ने O कभी O पीछे O मुड़कर O नहीं O देखा O । O सब O के O लिए O शिक्षा O शुरू O किए O जाने O के O साथ O , O लेखकों O और O पुस्तकों O की O संख्या O तेजी O से O बढ़ी O । O लेकिन O , O आधुनिक O और O समकालीन O साहित्यिक O परिदृश्य O में O आने O से O पहले O , O अनुवाद O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O । O अनुवाद O शब्द O की O भावना O के O अंतर्गत O अधिकांश O श्रेण्य O ग्रंथों O को O स्थानीय O सांस्कृतिक O परिवेश O के O अनुरूप O प्रत्येक O क्षेत्र O और O भाषा O के O लिए O अनुकूलित O किया O गया O था O । O ये O शाब्दिक O अनुवाद O नहीं O थे O , O लेकिन O मूल O ग्रंथों O की O भावना O के O साथ O कोई O छेड़छाड़ O नहीं O की O गई O थी O । O कई O धार्मिक O और O अन्य O ग्रंथों O को O स्थानीय O सांस्कृतिक O परिवेश O में O अनुकूलित O और O एकीकृत O किया O गया O था O । O अनुवाद O का O यह O पहलू O , O कार्य O और O भूमिका O , O केवल O भारतीय O साहित्य O के O विकास O की O पहचान O या O आधार O नहीं O है O , O बल्कि O भारतीय O संस्कृति O की O ही O देन O है O । O शुरू O से O ही O भारतीय O सभ्यता O की O बहुभाषी O और O बहुसांस्कृतिक O प्रकृति O को O देखते O हुए O यह O दुखद O है O । O लगभग O सभी O शैलियाँ O , O विशेष O रूप O से O गद्य O और O कविता O लेखन O कम O या O ज्यादा O देशभक्ति O के O उत्साह O पर O केंद्रित O थी O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O विकास O की O तीव्र O गति O का O मुख्य O कारण O यह O है O कि O वे O ग्राहकों O की O उभरती O जरूरतों O को O निरन्तर O पूर्ण O करने O में O सफल O हुए O हैं O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O बेहतर O ग्राहक O अनुभव O पर O अपना O ध्यान O केंद्रित O करने O में O सक्षम O हैं O । O विंटेज O स्वाभाविक O रूप O से O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O अधिकांश O बैंकों O ने O औद्योगिक O व O बुनियादी O ढांचे O के O वित्तपोषण O के O साथ O अपनी O बैलेंस O शीट्स O को O व्यापारिक O रूप O से O नीचे O गिरावट O को O निमंत्रण O दिया O था O । O अपेक्षाकृत O नये O विंटेज O ने O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O को O नवीनतम O प्रौद्योगिकी O में O गहन O समाधानों O में O निवेश O करने O और O उनकी O क्षमताओं O को O बढ़ाने O में O मदद O की O जो O ग्राहक O अनुभव O को O सुधारने O के O अलावा O नये O राजस्व O मंचों O के O लिए O खोज O करने O में O महत्वपूर्ण O हैं O । O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O तेजी O की O है O । O उत्पादकता O बैंकों O के O आमदनी O अनुपात O - O सीआई O - O ( O कर्मचारी O व्यय O , O अन्य O परिचालन O व्यय O ) O / O ( O शुद्ध O ब्याज O आय O , O अन्य O आय O ) O की O लागत O का O विश्लेषण O करने O पर O हमें O सार्वजनिक O और O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बीच O नितांत O अंतर O देखने O को O मिलता O है O । O यह O मौजूदा O शेयरधारकों O को O पर्याप्त O लाभ O प्रदान O करता O है O और O आगे O के O विस्तार O के O लिए O और O अधिक O पूंजी O जुटाने O का O अवसर O प्रदान O करता O है O । O त्वरित O कार्य O निष्पादन O नये O युग O के O अधिकतर O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O सही O प्रतिभा O की O भर्ती O करने O में O उल्लेखनीय O रूप O से O लचीले O हैं O , O जबकि O यह O भी O सुनिश्चित O करना O होगा O कि O मुआवजा O और O अवधारण O नीतियां O आकर्षक O हों O । O इसके O अलावा O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O भी O दबाव O व O नुकसान O की O जल्दी O पहचान O के O संबंध O में O फैसले O लेने O में O भी O तेज O हैं O । O उसके O बाद O वे O उसके O समाधान O / O पुनर्प्राप्ति O को O सुनिश्चित O करते O हैं O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंक O * O सीआरआईएलसी O के O निर्माण O ( O बड़े O ऋणों O से O संबंधित O सूचना O का O केन्द्रीय O भंडार O ) O और O आईबीसी O ( O दिवाला O और O दिवालियापन O संहिता O ) O के O कार्यान्वयन O ने O सूचना O साझा O करने O और O थमी O हुईं O परिसंपत्तियों O के O समाधान O हेतु O संस्थागत O ढांचा O प्रदान O किया O है O । O हालांकि O यह O सही O समय O में O लिया O गया O निर्णय O है O और O इससे O यह O सुनिश्चित O होगा O कि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंक O बेसल O III O नियामक O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O में O सक्षम O होंगे O , O इसमें O बैंकों O के O लिए O विकास O पूंजी O के O लिए O स्थान O भी O शामिल O है O जो O बेहतर O आंकड़े O प्रदर्शित O करने O में O सक्षम O हैं O । O अगली O पीढ़ी O की O बैंकिंग O धारा O - O 7 O ( O 1 O ) O - O के O तहत O इस O अधिनियम O के O तहत O किये O गये O अपराध O की O जाँच O डी. O एस. O पी. O स्तर O का O पुलिस O अधिकारी O करेगा O । O नियुक्ति O के O समय O पुलिस O अधिकारी O के O अनुभव O , O योग्यता O तथा O न्याय O के O प्रति O संवेदनशीलता O का O ध्यान O रखा O जायेगा O । O इस O रिपोर्ट O को O एस. O पी. O तत्काल O राज्य O के O डी. O जी. O पी. O को O अग्रसारित O करेंगे O । O धारा O - O 11 O ( O 1 O ) O में O यह O प्रावधान O किया O गया O है O कि O मामले O की O जाँच O पड़ताल O , O ट्रायल O ( O विचारण O ) O एवं O सुनवाई O के O समय O पीड़ित O व्यक्ति O उसके O गवाहों O तथा O परिवार O के O सदस्यों O को O जाँच O स्थल O अथवा O न्यायालय O जाने O आने O का O खर्च O दिया O जायेगा O । O धारा O 12 O ( O 1 O ) O में O कहा O गया O है O कि O जिला O मजिस्ट्रेट O और O एस. O पी. O अत्याचार O के O घटना O स्थल O का O दौरा O करेंगे O तथा O अत्याचार O की O घटना O का O पूर्ण O ब्यौरा O भी O तैयार O करेंगे O । O Scheduled O Caste O and O Scheduled O Tribe O ( O Prevention O of O Atrocities O ) O Act O , O 1989 O स्थानीय O स्तर O पर O अनचाहे O गर्भ O को O हटाने O के O बहुत O से O उपाय O उपलब्ध O हैं O । O आमतौर O पर O गांवों O में O लोग O जड़ी O - O बूटी O तथा O आयुर्वेद O का O सहारा O लेते O हैं O । O परन्तु O यह O शायद O ही O काम O करता O है O और O गर्भ O बढ़ता O जाता O है O । O गाँव O के O स्तर O पर O दाईयों O के O काम O करने O का O तरीका O अलग O होता O है O । O कुछ O दाईयाँ O योनि O के O रास्ते O पतली O लकड़ी O डालकर O गर्भ O गिराने O का O काम O करती O हैं O । O कुछ O डागरीन O इस O काम O के O लिए O लोहे O की O छड़ O का O इस्तेमाल O करती O हैं O । O कुछ O मामलों O में O इन O तरीकों O से O सफलता O मिलती O है O । O परन्तु O आमतौर O पर O ऐसे O तरीकों O से O परेशानियाँ O बढ़ O सकती O हैं O । O हर O वर्ष O गर्भपात O के O दौरान O अनेकों O महिलाएं O मौत O की O शिकार O होती O हैं O । O मौत O का O कारण O अत्याधिक O रक्त O - O स्राव O , O बुखार O या O सफाई O के O दौरान O गर्भाशय O का O फट O जाना O हो O सकता O है O । O इस O फेलोशिप O के O दौरान O , O प्रत्येक O फैलो O सतत O विकास O लक्ष्यों O के O बारे O में O उद्यमशीलता O कौशल O , O जीवन O कौशल O और O जागरूकता O हासिल O करेगा O । O * O सामाजिक O नवाचार O : O सामाजिक O नवाचार O नए O सामाजिक O कार्य O हैं O जिनमें O समाज O को O विस्तारित O और O मजबूत O करने O के O उद्देश्य O से O नवाचार O की O सामाजिक O प्रक्रियाएं O शामिल O हैं O । O * O समस्या O समाधान O , O योजना O बनाने O और O प्रोटोटाइप O बनाने O में O डिजाइन O के O सिद्धांतों O को O कैसे O लागू O किया O जाए O , O इस O पर O डिजाइन O सोच O में O समुदायों O को O संरचित O मॉड्यूल O की O पेशकश O करना O । O * O प्रत्येक O व्यक्ति O को O समग्र O रूप O से O समुदाय O के O सामने O आने O वाली O समस्याओं O से O निपटने O के O लिए O विचार O करने O , O प्रभावी O तरीके O अपनाने O और O राष्ट्र O को O बदलने O में O योगदान O करने O में O सक्षम O बनाना O । O * O सतत O विकास O लक्ष्यों O के O बारे O में O जागरूकता O फैलाकर O और O नवोन्मेष O के O माध्यम O से O सामुदायिक O स्तर O पर O इन O लक्ष्यों O पर O काम O करने O में O नवप्रवर्तकों O की O सहायता O करके O इच्छुक O सामुदायिक O नवप्रवर्तकों O को O आवश्यक O कौशल O और O टूलकिट O प्रदान O करना O । O * O ऐसा O माहौल O बनाना O जहां O विभिन्न O समुदाय O एक O - O दूसरे O से O सीख O सकें O और O इन O समुदायों O के O बीच O बातचीत O के O परिणामस्वरूप O आदान O - O प्रदान O की O बाधाओं O को O दूर O करके O और O सुधार O को O प्रोत्साहित O करके O एक O - O दूसरे O के O देशी O ज्ञान O को O पूरक O बना O सकें O । O * O कुशल O उत्पादन O और O बुनियादी O ढांचे O के O निर्माण O के O अंतिम O लक्ष्य O के O साथ O स्थानीय O और O राष्ट्रीय O मित्रों O / O आकाओं O द्वारा O समर्थित O भंडार O के O माध्यम O से O पारंपरिक O और O स्वदेशी O ज्ञान O का O निर्माण O । O अधिकारिता O : O * O प्रासंगिक O व्यावसायिक O पेशकश O , O प्रौद्योगिकी O सहायता O तक O पहुंच O , O परामर्श O , O प्रासंगिक O हितधारकों O के O नेटवर्क O , O वैज्ञानिक O तथा O सूचना O भंडार O , O और O आमतौर O पर O अनुकूल O और O सहायक O वातावरण O प्रदान O करके O स्टार्टअप O के O माध्यम O से O वाणिज्यिक O विचारों O का O पोषण O करना O । O * O समुदाय O की O जरूरतों O के O लिए O नवाचार O को O प्रोत्साहित O करना O - O नए O उद्यम O निर्माण O और O सामुदायिक O विकास O के O लिए O उपयुक्त O तकनीकी O विचारों O की O पहचान O , O निर्माण O , O त्वरण O और O परिवर्तन O के O लिए O सक्रिय O कार्यक्रम O को O बढ़ावा O देना O और O चलाना O । O * O प्रौद्योगिकी O तथा O नवाचार O , O व्यापार O तथा O उद्यमता O और O सरकार O तथा O नीति O के O इंटरफेस O के O चुनिंदा O क्षेत्रों O में O संसाधनों O , O नेटवर्क O , O दक्षताओं O और O विशेष O विशेषज्ञता O के O निर्माण O में O सक्रिय O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O चलाना O । O * O समाधान O - O संचालित O डिजाइन O सोच O के O माध्यम O से O समुदायों O में O समस्या O - O समाधान O के O दृष्टिकोण O को O प्रोत्साहित O करना O । O सहयोग O : O विस्तृत O औद्योगिकीकरण O , O कारखानों O के O प्रसार O , O सड़कों O के O निर्माण O के O लिए O जंगलों O के O कटाव O , O विशाल O बांधों O और O विद्युत O उत्पादन O गृह O के O निर्माण O के O लिए O नदियों O को O रोकने O , O यातायात O के O साधनों O की O गतिविधियों O और O लोगों O के O पलायन O ने O पारिस्थितिकी O में O गंभीर O गड़बड़ी O पैदा O की O है O । O जिसके O फलस्वरूप O पर्यावरण O परिवर्तन O और O भूमंडलीय O ताप O में O वृद्धि O को O नकारा O नहीं O जा O सकता O है O । O इन O सारे O विकासों O ने O भू O - O राजनीति O के O साथ O मिलकर O मानवता O को O खतरे O में O डाल O दिया O है O और O हमें O यह O नहीं O पता O कि O वर्तमान O की O संकटमय O परिस्थिति O के O आत्मघाती O तरीकों O से O कैसे O उबरा O जाए O । O प्रकृति O पारिस्थितिकी O संरक्षण O की O चुनौतियों O की O भयावहता O और O जलवायु O परिवर्तन O दहला O देने O वाला O है O और O अब O इस O बात O की O आवश्यकता O है O कि O हमारी O सोच O और O व्यवहार O में O बदलाव O लाया O जाए O । O इस O मुद्दे O का O केंद्र O बिंदु O यह O है O कि O हम O हमारी O सभ्यता O की O प्रक्रिया O के O संरक्षण O के O लिए O किस O प्रकार O नये O और O संवेदनशील O निर्माण O की O ओर O बढ O सकते O हैं O । O यह O वर्णित O किया O जा O सकता O है O कि O बड़ी O संख्या O में O प्रजातियां O विलुप्त O हो O चुकी O हैं O । O हम O कोरोना O वायरस O की O महामारी O कोविड O - O 19 O का O सामना O कर O रहे O हैं O , O जिसने O पूरे O विश्व O को O अपनी O चपेट O में O ले O रखा O है O । O मानव O विकास O की O शक्ति O भर्ती O की O प्रक्रिया O में O पारदर्शिता O और O आसानी O वर्तमान O में O सरकारी O नौकरी O चाहने O वाले O विभिन्न O एजेंसियों O द्वारा O आयोजित O अनेक O परीक्षाएं O देते O हैं O उम्मीदवारों O को O साल O में O कई O बार O फीस O देने O के O अलावा O भर्ती O केन्द्रों O तक O लंबा O सफर O तय O करना O पड़ता O है O । O मानव O संसाधन O का O सर्वोत्तम O इस्तेमाल O उच्च O जीवन O स्तर O , O जिंदगी O की O गुणवत्ता O में O वृद्धि O , O संसाधनों O के O न्यायोचित O और O समावेशी O वितरण O तथा O समाज O के O अंदर O शत्रुता O की O आशंका O में O कमी O जैसे O बेहतर O सामाजिक O परिणाम O लाता O है O । O आर्थिंक O रूप O से O कुशल O मानव O पूंजी O अर्थव्यवस्था O के O अंदर O संपन्नता O , O नवाचार O और O मूल्य O संवर्द्धन O में O इजाफा O करती O है O । O भारतीय O लोक O प्रशासन O के O प्रति O सरकार O के O दृष्टिकोण O के O पीछे O भी O यही O सिद्धांत O है O । O प्रधानमंत्री O ने O लाल O फीताशाही O और O अफसरशाही O की O अकुशलताओं O को O घटाने O के O सिलसिले O में O सरकार O के O ' O न्यूनतम O सरकार O और O अधिकतम O शासन O ' O के O अपने O मंत्र O को O कई O बार O दोहराया O है O । O इसके O पीछे O उनका O मकसद O जहां O कहीं O भी O गैर O - O जरूरी O हो O , O वहां O सरकार O की O भूमिका O और O मौजूदगी O को O घटाना O है O । O प्रधानमंत्री O ने O इसी O संदर्भ O में O संसद O में O हाल O ही O में O कहा O था O कि O सरकार O के O व्यवसाय O में O होने O की O कोई O तुक O नहीं O है O । O उन्होंने O गैर O - O जरूरी O आधिकारिक O प्रक्रियाओं O को O घटाने O पर O जोर O दिया O है O । O ये O बयान O सिर्फ O प्रधानमंत्री O के O उद्गार O भर O नहीं O हैं O । O सरकार O के O नजरिये O को O नजदीक O से O देखें O तो O पता O चलेगा O कि O उनका O शासन O इस O काम O को O कितना O महत्व O देता O है O । O ये O उपक्रम O बैंकिंग O से O लेकर O दूरसंचार O , O बीमा O और O कोयला O क्षेत्रों O तक O मौजूद O हैं O । O प्रधानमंत्री O समेत O शासन O तंत्र O की O उच्च O हस्तियां O पिछले O कई O वर्षों O से O इन O उपक्रमों O में O सरकार O की O बहुसंख्यक O हिस्सेदारी O के O विनिवेश O की O बात O करती O रही O हैं O । O इसके O पीछे O उद्देश्य O इन O विशाल O प्रतिष्ठानों O में O उत्पादकता O के O विकास O और O बेहतर O व्यावसायिक O कामकाज O के O लिये O इनका O कॉर्पोरेटीकरण O करना O है O । O इनसे O प्रशासनिक O कामकाज O , O धन O की O बर्बादी O और O संसाधनों O के O अकुशल O उपयोग O से O होने O वाले O सरकारी O खर्च O में O कमी O आती O है O । O इसके O अलावा O करदाताओं O के O धन O के O बेहतर O और O ज्यादा O पारदर्शी O इस्तेमाल O और O अधिक O प्रतिस्पर्धा O से O जनता O को O भी O लाभ O पहुंचता O है O । O उसे O उम्मीद O है O कि O कोविड़ O 19 O की O वैश्विक O महामारी O के O बावजूद O वह O विनिवेश O के O ज्यादातर O लक्ष्यों O को O प्राप्त O कर O सकेगी O । O बेरोजगार O युवाओं O को O कुटीर O उद्योगों O से O जोड़ें O लेकिन O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O पर O ज्यादा O जोर O नहीं O दिया O गया O इसलिए O ग्रेजुएट O पोस्ट O ग्रेजुएट O बेरोजगारों O की O फौज O करोड़ों O में O तैयार O हो O गयी O है O वो O तो O मोटी O कमाई O वाली O नौकरी O पाना O चाहते O हैं O । O ऐसी O मानसिकता O से O देश O में O सुस्ती O और O आलस्य O का O माहौल O पैदा O हो O रहा O है O । O ऐसा O होने O पर O ही O सरकार O की O सफलता O वास्तविक O मानी O जाएगी O । O इसलिए O यह O जरूरी O हो O जाता O है O उच्च O शिक्षित O बेरोजगारों O का O ध्यान O इस O तरफ O आकृष्ट O कर O उन्हें O जीवन O में O खुशहाली O लाने O का O भरोसा O जगायें O । O मध्यमवर्गीय O नौजवानों O को O नौकरी O नहीं O मिलती O है O तो O वो O बिजनेस O कर O लेते O हैं O । O उन्हें O धन O मुहैया O करने O के O लिए O पारदर्शी O सिस्टम O अपनाना O चाहिए O । O इनके O विकास O के O लिए O सिर्फ O सरकार O की O जवाबदेही O ही O नहीं O है O वरन O उन O रिटायर्ड O नौकरशाहों O की O जवाबदेही O बननी O चाहिए O जो O अपने O बेटे O बेटियों O के O लिए O सब O कुछ O लुटा O देते O हैं O । O जब O इन O काबिल O लोगों O की O ऐसी O अस्वस्थ O मानसिकता O है O तो O इसे O बदलने O के O लिए O कौन O पहल O करेगा O । O उच्च O - O शिक्षित O गरीब O नौजवान O अपनी O तथा O अपने O परिवार O की O भूख O मिटाने O के O लिए O कहीं O परेशान O होकर O छोटी O मोटी O नौकरी O करने O लगते O हैं O । O उन्हें O इस O स्थिति O से O संतोष O नहीं O होता O है O और O घुट O घुट O कर O जिंदगी O भर O मरते O हैं O । O हमें O हमेशा O याद O रखना O चाहिए O कि O विकसित O देशों O की O जनसंख्या O बड़ी O तेजी O से O अधेड़ O होती O जा O रही O है O । O टेलीकॉम O सेवा O प्रदाता O नेटवर्क O में O अर्जित O अतिरिक्त O स्पेक्ट्रम O का O विकास O यह O नीलामी O साइमलटेनियस O मल्टीपल O राउंड O एसेंडिंग O ( O एसएमआरए O ) O विधि O द्वारा O हुई O थी O । O नीलामी O का O समापन O के O बाद O अंतिम O परिणाम O सरकार O की O जांच O और O स्वीकृति O का O विषय O होता O है O । O इस O नीलामी O में O टेलीकॉम O सेवा O प्रदाता O नेटवर्क O में O अतिरिक्त O स्पेक्ट्रम O के O प्रयोग O के O साथ O यह O आशा O की O जा O सकती O है O कि O इनकी O सेवा O और O गुणवत्ता O से O देशभर O के O टेलीकॉम O ग्राहकों O का O अनुभव O बेहतर O होगा O । O नीलामी O के O जरिये O स्पेक्ट्रम O के O प्रयोग O का O अधिकार O जीतने O के O बाद O अधिकृत O टेलीकॉम O सेवा O प्रदाता O इस O बात O के O लिए O सक्षम O होंगे O कि O वे O अपनी O नेटवर्क O क्षमता O को O बढ़ा O सकते O हैं O जहां O नये O लोग O भी O अपनी O सेवा O शुरू O कर O सकते O हैं O । O नीलामी O में O बोली O लगाने O वालों O को O कुछ O मानदंडों O का O पालन O करना O होता O है O जैसे O - O “ O ब्लाक O साइज O ' O - O इसमें O बोली O लगाने O वाले O अपनी O बोली O जमा O कर O सकते O हैं O , O “ O स्पेक्ट्रम O कैंप O ' O - O जिसमें O नीलामी O के O समापन O के O बाद O प्रत्येक O बीडर O स्पेक्ट्रम O की O अधिकतम O संख्या O को O प्रयोग O कर O सकता O है O , O ' O रोल O - O आउट O ऑब्लीगेशन O ' O ( O दायित्व O का O पालन O ) O और O “ O पेमेंट O टर्म O ' O ( O भुगतान O की O शर्ते O ) O आदि O । O इसमें O वायरलाइन O सेवाएं O नहीं O हैं O क्योंकि O स्पेक्ट्रम O के O लिए O स्पेक्ट्रम O प्रयोग O शुल्क O को O नीलामी O के O माध्यम O से O जीता O जाता O है O । O पर्याप्त O स्पेक्ट्रम O उपलब्धता O से O टेलीकॉम O सेवा O की O गुणवत्ता O में O बढ़ोत्तरी O होगी O । O यह O प्रासंगिक O है O कि O आज O के O समय O में O टेलीकॉम O विभाग O आधारभूत O संरचना O प्रदान O करने O में O अहम O है O , O साथ O ही O इसका O आर्थिक O विकास O करने O , O प्रत्यक्ष O और O परोक्ष O रोजगार O उत्पन्न O करने O और O डिजिटल O भारत O के O प्रसार O से O गहरा O संबंध O है O । O शिक्षा O पर O फोकस O के O तहत O कुछ O अतिरिक्त O सीखने O के O लिए O डिजिटल O तकनीक O के O इस्तेमाल O के O अलावा O शिक्षा O और O शिक्षकों O की O गुणवत्ता O को O बेहतर O किया O जाएगा O । O यह O कार्यक्रम O गरीब O लोगों O को O इस O बात O का O भी O आश्वासन O देगा O कि O उनके O परिवार O में O कैंसर O , O हृदय O की O बीमारी O या O किडनी O फेल O होने O जैसी O गंभीर O बीमारी O का O पता O लगने O पर O सरकार O उनकी O स्वास्थ्य O जरूरतों O का O खयाल O रखेगी O । O टेक्सटाइल O और O चमड़ा O क्षेत्र O को O बजट O में O और O बढ़ावा O दिया O गया O है O । O ढांचा O विकास O के O मामले O में O सरकार O ने O मौजूदा O और O नई O रोड़ O , O रेल O और O शहरी O अवसंरचना O परियोजनाओं O को O फंड O देने O के O लिए O महत्वाकांक्षी O योजना O का O ऐलान O किया O है O । O इसके O तहत O इसमें O अतिरिक्त O बजटीय O संसाधनों O और O उधारी O को O जोड़ा O जाएगा O । O जीएसटी O लागू O होने O के O कारण O तत्कालिक O तौर O पर O मची O उथल O - O पुथल O और O अप्रत्यक्ष O कर O के O मोर्चे O पर O राजस्व O की O अनिश्चितता O के O बावजूद O केंद्रीय O बजट O ने O राजकोषीय O कंसॉलिडेशन O और O इसके O संतुलन O के O लिए O दूरदर्शी O रोडमैप O पेश O किया O है O । O अगर O ऐसा O होता O है O , O तो O सरकार O के O पास O कार्यक्रमों O की O फंडिंग O के O लिए O और O पैसा O उपलब्ध O होगा O । O कुल O मिलाकर O , O यह O बजट O विकास O के O लिए O है O । O यह O बजट O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O में O नई O जान O फूंकने O और O नए O रोजगार O तैयार O करने O वाला O है O । O इसके O कारोबार O का O दायरा O सूक्ष्म O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यम O हैं O । O अब O बैंक O के O रूप O में O इसके O गठन O से O यह O साबित O किया O जा O चुका O है O कि O लक्ष्य O आधारित O बैंकिंग O की O प्रासंगिकता O अभी O भी O बरकरार O है O । O यह O बैंक O राज्य O और O क्षेत्रीय O स्तर O के O मध्यवर्ती O समन्वयकों O के O साथ O भागीदारी O करेगा O , O ताकि O लघु O व O सूक्ष्म O व्यवसाय O उद्यमों O के O अंतिम O छोर O पर O स्थित O वित्तपोषकों O को O वित्त O उपलब्ध O कराया O जा O सके O । O इन O पहलकदमियों O को O " O शिशु O " O , O " O किशोर O " O तथा O " O तरुण O " O नाम O दिए O गए O हैं O , O जो O वृद्धि O / O विकास O के O चरण O और O लाभग्राही O सूक्ष्म O इकाई O व O उद्यमी O की O निधिक O आवश्यकताओं O के O द्योतक O हैं O । O साथ O ही O वे O विकास O व O वृद्धि O के O अगले O चरण O का O भी O बोध O करते O है O । O इसका O कारण O क्या O है O ? O सबसे O अधिक O तक॑संगत O तो O यह O है O कि O चूंकि O सम्पूर्ण O आर्थिक O व्यवस्था O का O नियंत्रक O बाजार O की O शक्तियां O होती O हैं O । O भारतीय O बैंकिंग O व्यवहार O इसके O बाद O अगले O कुछ O दशकों O में O बैंकिंग O का O स्वरूप O लगातार O बदलता O रहा O । O आरंभिक O दशकों O में O इसकी O विशिष्टता O यह O रही O कि O ऋण O का O प्रवाह O अत्यधिक O विनियमित O था O । O हमारा O वैक्सीन O सहयोग O इसके O सामर्थ्य O और O पहुंच O को O बढ़ा O सकता O है O । O हमारे O B2B O और O G2G O सौदे O बेहतर O कनेक्टिविटी O और O विश्वसनीय O आपूर्ति O श्रृंखला O में O योगदान O कर O सकते O हैं O । O यह O स्वाभाविक O रूप O से O हमारी O नीतियों O में O परिलक्षित O होगा O । O धन्यवाद O । O चंद्रयान O - O 2 O कक्षित्र O ( O ऑर्बिटर O ) O अंतरिक्ष O यान O को O अभीष्ट O कक्षा O में O पहुंचाया O गया O था O । O मोबाइल O टेलीफोनी O के O लिए O प्रोटोकॉल्स O विकसित O करने O वाली O वैश्विक O मानक O संस्था O - O तीसरी O पीढ़ी O की O साझेदारी O परियोजना O ( O 3जीपीपी O ) O ने O नाविक O को O स्वीकृति O दी O है O और O प्रमुख O मोबाइल O चिपसेट O विनिर्माताओं O ने O अपने O उत्पादों O में O नाविक O को O शामिल O किया O है O । O इसके O अलावा O , O जीपीएस O आधारित O जियो O संवर्धित O नेवीगेशन O ( O गगन O ) O के O माध्यम O से O इसरो O नागरिक O उड्डयन O उपयोगों O के O लिए O आवश्यक O तथा O भारतीय O हवाई O क्षेत्र O में O बेहतर O हवाई O यातायात O प्रबंधन O उपलब्ध O कराने O के O लिए O सटीकता O और O समग्रता O के O साथ O उपग्रह O आधारित O नेविगेशन O सेवाएं O उपलब्ध O करा O रहा O है O । O गगनयान O परियोजना O का O उद्देश्य O निर्धारित O अवधि O के O लिए O निम्न O भू O - O कक्षा O ( O लो O अर्थ O ऑर्बिट O - O लियो O ) O में O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O क्षमता O को O प्रदर्शित O करना O और O मिशन O की O समाप्ति O के O पश्चात O सुरक्षित O वापस O लाना O है O । O यह O क्रू O एस्केप O सिस्टम O ( O सीईएस O ) O की O अर्हता O प्राप्त O करने O के O लिए O परीक्षणों O की O श्रृंखला O की O पहली O कड़ी O है O । O पैड O एबॉर्ट O परीक्षण O उड़ान O , O लॉन्च O पैड O पर O किसी O तरह O की O आकस्मिक O स्थिति O उत्पन्न O होने O पर O चालक O दल O को O सुरक्षित O निकालने O के O लिए O सीईएस O की O क्षमता O का O प्रदर्शन O था O । O यह O संस्थान O एयरोस्पेस O इंजीनियरिंग O और O इलेक्ट्रॉनिक्स O और O संचार O में O विशेषज्ञता O सहित O स्नातक O डिग्री O तथा O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्रों O में O स्नातकोत्तर O कार्यक्रम O की O पेशकश O करता O है O । O इससे O देश O के O भीतर O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकी O के O प्रसार O में O वृद्धि O होगी O और O अंतरिक्ष O अर्थव्यवस्था O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O लॉकडाउन O के O दौरान O रोजगार O लंबे O समय O तक O तालाबंदी O के O परिणामस्वरूप O दैनिक O वेतनभोगी O श्रमिकों O का O रोजगार O नहीं O रहा O और O आय O का O नुकसान O हुआ O । O काम O की O भारी O मांग O को O पूरा O करने O के O लिए O विभाग O ने O मनरेगा O योजना O को O लागू O करने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O । O इसने O संकट O के O समय O ग्रामीण O गरीबों O के O लिए O आजीविका O का O साधन O सुनिश्चित O किया O और O निम्न O आर्थिक O स्तर O वाले O लोगों O को O , O इन O पौधों O का O पोषण O करके O आय O का O स्रोत O उत्पन्न O करने O में O मदद O की O । O तालाब O सफाई O अभियान O यह O अभियान O तालाबों O से O पानी O और O गाद O निकालकर O उन्हें O मानसून O के O मौसम O के O लिए O तैयार O करने O के O लिए O शुरू O किया O गया O । O इसने O न O केवल O उन O लोगों O को O काम O दिया O , O जिनकी O महामारी O के O कारण O नौकरी O चली O गई O थी O , O बल्कि O पारंपरिक O तालाबों O का O कायाकल्प O भी O किया O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O स्वयं O सहायता O समूहों O द्वारा O मास्क O बनाना O बढ़ती O मांग O के O बीच O , O इन O समूहों O की O सदस्यों O ने O उचित O मूल्य O पर O मास्क O , O एप्रन O और O दस्ताने O बनाकर O कोविड O - O 19 O की O रोकथाम O में O महत्वपूर्ण O योगदान O दिया O । O लॉकडाउन O अवधि O के O दौरान O मास्क O बनाने O से O इन O स्वयं O सहायता O समूहों O को O आजीविका O कमाने O और O राष्ट्र O की O सेवा O करने O का O अवसर O मिला O । O मिशन O फतेह O के O तहत O जागरूकता O अभियान O विभाग O ने O ' O मिशन O फतेह O ' O के O तहत O ग्राम O पंचायतों O को O बड़े O पैमाने O पर O घर O - O घर O जाकर O जनसंपर्क O अभियान O आयोजित O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O , O ताकि O लोगों O को O अनिवार्य O चिकित्सा O प्रोटोकॉल O के O बारे O में O जागरूक O किया O जा O सके O , O और O उन्हें O महामारी O से O बचाया O जा O सके O । O 8. -NEN क्षमता O निर्माण O , O अध्ययन O सामग्री O के O सृजन O , O उपयोगकर्ता O की O प्रतिक्रिया O के O विभिन्न O पहलुओं O के O बारे O में O आईजीओटी O कर्मयोगी O द्वारा O उपलब्ध O कराए O गए O डाटा O का O विश्लेषण O करना O तथा O दक्षता O निर्धारण O और O नीतिगत O सुधार O हेतु O क्षेत्रों O का O चयन O करना O । O सहयोगी O और O सहभागी O क्षमता O निर्माण O तंत्र O का O प्रबंधन O और O नियमन O करने O में O एकसमान O दृष्टिकोण O सुनिश्चित O करने O हेतु O क्षमता O निर्माण O आयोग O गठित O करने O का O भी O प्रस्ताव O किया O गया O है O । O आयोग O की O भूमिका O इस O प्रकार O होगी O - O * O लोक O सेवाओं O के O क्षमता O निर्माण O से O जुड़े O सभी O केंद्रीय O प्रशिक्षण O संस्थानों O के O कामकाज O का O निरीक्षण O करना O । O * O आंतरिक O और O बाहरी O फैकल्टी O तथा O संसाधन O केद्रों O सहित O साझा O अध्ययन O संसाधन O का O सृजन O करना O । O * O संबद्ध O विभागों O के O साथ O क्षमता O निर्माण O योजनाओं O के O कार्यान्वयन O का O समन्वय O और O निरीक्षण O करना O । O प्रशिक्षण O और O क्षमता O निर्माण O , O शिक्षणशास्त्र O तथा O कार्यप्रणाली O के O मानकीकरण O पर O सिफारिशें O देना O । O * O सभी O लोक O सेवाओं O के O करियर O के O मध्य O में O सामान्य O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O हेतु O नियम O स्थापित O करना O । O * O सरकार O को O एचआर O प्रबंधन O तथा O क्षमता O निर्माण O के O क्षेत्रों O में O आवश्यक O नीतिगत O उपायों O का O सुझाव O देना O । O वित्तीय O आवश्यकता O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O के O सभी O उपयोगकर्ताओं O के O कार्य O - O निष्पादन O के O मूल्यांकन O हेतु O उपयुक्त O निगरानी O और O मूल्यांकन O ढांचा O स्थापित O किया O जाएगा O ताकि O प्रदर्शन O के O मुख्य O संकेतकों O को O डैशबोर्ड O पर O दिखाया O जा O सके O । O निष्कर्ष O नागरिकों O तक O सेवाएं O कुशलतापूर्वक O पहुंचाने O के O उद्देश्य O से O लोक O सेवा O क्षमता O के O निर्माण O के O लिए O कार्य O संस्कृति O का O कायाकल्प O , O सार्वजनिक O संस्थानों O का O सुदृढ़ीकरण O तथा O आधुनिक O प्रौद्योगिकी O को O अपनाकर O लोक O सेवा O क्षमता O में O क्रांतिकारी O कायाकल्प O का O प्रस्ताव O है O । O इस O कार्यक्रम O में O मैनग्रोव O का O संरक्षण O और O नमक O बर्दाश्त O करने O वाली O बाकी O प्रजातियों O का O संरक्षण O शामिल O है O । O इस O मकसद O के O लिए O हेलफाइट O का O जैविक O बगीचा O तैयार O किया O गया O है O । O मोटे O अनाज O का O राष्ट्रीय O वर्ष O लिहाजा O , O मोटे O अनाजों O के O संरक्षण O के O लिए O जैव O घाटी O को O तैयार O करना O उपयोगी O होगा O । O इस O तरह O के O कार्यक्रम O में O कई O तरह O के O छोटे O खाद्य O उद्योग O भी O होने O चाहिए O , O जो O नाश्ते O से O जुडे O प्रसंस्करित O मोटे O अनाजों O की O व्यापक O किस्मों O पर O आधारित O हैं O । O कृषि O के O क्षेत्र O में O महिलाओं O का O सशक्तिकरण O पशुपालन O और O मछली O पालन O किसान O क्रेडिट O कार्ड O न O सिर्फ O फसलों O की O खेती O से O जुड़े O लोगों O को O बल्कि O मछली O पालन O , O पोल्ट्री O और O समुद्री O खेती O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O भी O मुहैया O कराए O जाने O चाहिए O । O बकरी O - O भेड़ O पालन O और O पोल्ट्री O उत्पादों O जैसे O कामों O से O किसानों O की O अतिरिक्त O आमदनी O में O पर्याप्त O बढ़ोतरी O हो O सकती O है O । O इससे O ऐसे O सीजन O में O मछुआरा O परिवारों O को O आमदनी O बढ़ाने O में O भी O मदद O मिल O सकती O है O , O जब O पुनरुत्पादन O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O मछली O पकड़ने O पर O रोक O है O । O चावल O जैव O पार्क O यह O पार्क O किसानों O को O यह O दिखाएगा O कि O बायोमास O उपयोग O के O जरिये O किस O तरह O से O उनकी O आमदनी O में O बढ़ोतरी O की O जाए O । O लिहाजा O , O चावल O के O पुआल O , O भुस्सी O और O दानों O से O मूल्य O संवर्द्धित O उत्पाद O तैयार O किए O जाएंगे O । O दालों O के O मामले O में O भी O इस O तरह O के O जैवपार्क O तैयार O किए O जा O सकते O हैं O । O इससे O किसानों O को O बायोमास O के O हर O हिस्से O से O आमदनी O और O रोजगार O हासिल O करने O में O मदद O मिलेगी O । O पर्यावरण O के O हिसाब O से O खुद O को O ढालना O कम O से O कम O हर O प्रखंड O स्तर O पर O पर्यावरण O जोखिम O प्रबंधन O से O जुड़े O शोध O और O विकास O के O केंद्र O तैयार O करना O जरूरी O है O । O पर्यावरण O में O बदलाव O बड़ी O आपदा O का O सबब O बन O सकता O है O और O इसके O शमन O व O इसके O हिसाब O से O परिस्थिति O तैयार O करने O के O लिए O तत्काल O कदम O उठाने O की O जरूरत O है O । O एमएसएसआरएफ O के O साथ O प्रशिक्षण O मैन्युअल O उपलब्ध O है O , O जो O प्रशिक्षकों O के O प्रशिक्षण O अभियान O को O अंजाम O दे O सकता O है O । O कृषि O स्कूलों O की O स्थापना O इसी O तरह O जमीन O से O जमीन O का O अभियान O खेती O में O कौशल O से O जुड़े O काम O के O फैलाव O की O प्रक्रिया O को O तेज O कर O सकता O है O । O पेरी O ( O चौतरफा O ) O शहरी O बागवानी O क्रांति O शहरी O और O पेरी O - O शहरी O " O बागवानी O क्रांति O " O उपभोक्ता O के O लिए O और O स्थिर O कीमतों O का O मार्ग O प्रशस्त O कर O सकती O है O । O साथ O ही O , O हमें O खाद्य O सामग्री O की O गुणवत्ता O ऊंची O रखने O और O इसे O कीटनाशकों O के O अवशेषों O से O मुक्त O रखना O भी O सुनिश्चित O करना O चाहिए O । O ऐसे O में O हम O ऊंची O गुणवत्ता O वाली O और O सुरक्षित O खाद्य O सामग्री O के O साथ O सप्लाई O की O स्थिरता O सुनिश्चित O कर O सकते O हैं O । O और O इसने O यात्रा O और O व्यापार O पर O प्रतिकूल O रूप O से O असर O डाला O है O , O जिसका O परिणाम O यह O हुआ O कि O विश्व O स्तर O पर O मंदी O आ O गई O , O यहां O तक O कि O अर्थव्यवस्था O में O भी O मंदी O आ O गई O । O इन O सबका O परिणाम O यह O हुआ O कि O निम्न O और O मध्यम O आय O वर्ग O के O लोगों O को O काफी O नुकसान O का O सामना O करना O पड़ O रहा O है O , O साथ O दिहाड़ी O मजदूरी O करने O वालों O के O लिए O जीविका O का O साधन O जुटाना O बड़ी O चुनौती O बन O गया O । O यह O आग O बड़ी O संख्या O में O लोगों O के O पलायन O और O मृत्यु O का O कारण O बनी O थी O । O उन्होंने O इसे O जलवायु O परिवर्तन O से O जोड़कर O न O देखकर O सिर्फ O वन O प्रबंधन O से O जोड़कर O देखा O । O विज्ञान O इसने O धन O , O राजनैतिक O सहयोग O और O जन O समर्थन O के O आधार O पर O प्रमुखता O दी O , O इसने O अर्थव्यवस्था O को O बड़े O पैमाने O पर O प्रभावित O किया O जो O उद्योगों O और O सेवाओं O पर O आधारित O है O । O वर्तमान O समय O में O प्रौद्योगिकी O व्यापक O और O शक्तिशाली O होती O जा O रही O है O , O और O यह O आने O वाले O दशकों O में O भी O जारी O रहेगी O । O सूचना O और O संचार O क्रांति O बड़ी O ही O शीघ्रता O से O हमारे O सम्प्रेषण O की O शैली O को O परिवर्तित O करती O जा O रही O है O । O इसने O उत्पादों O , O सांस्कृतिक O मूल्यों O और O सूचना O के O वैश्वीकरण O को O प्रेरित O किया O । O यह O बाजार O और O व्यापार O को O एकीकृत O कर O रही O है O । O अत्यधिक O लालसा O , O दोषपूर्ण O योजनाएं O , O असंवेदनशील O राजनीति O और O कल्पना O के O अभाव O में O हमने O भयप्रद O स्थिति O को O निमंत्रण O दिया O है O । O मूल्य O - O विहीन O तकनीकी O ने O नीचे O की O ओर O जाते O मार्ग O की O गति O को O और O भी O तीव्र O कर O दिया O है O । O जलवायु O परिवर्तन O और O भूमंडलीय O तापक्रम O वृद्धि O गंभीर O समस्या O उत्पन्न O कर O रहे O हैं O । O सबसे O बड़ा O प्रदूषक O कार्बन O डाइऑक्साइड O का O उत्सर्जन O है O । O इसे O तीव्र O गति O से O बदलने O के O लिए O हमें O बाजार O की O शर्तों O को O बदलना O होगा O । O यह O लाभ O के O सिद्धांत O पर O आधारित O है O । O इस O बदलाव O से O तात्पर्य O बाजार O में O लेन O - O देन O की O आम O प्रक्रिया O का O अस्वीकरण O है O ताकि O मानवीय O सरोकार O लंबे O समय O तक O चले O । O क्या O हम O इस O प्रमुख O बदलाव O के O लिए O तैयार O हैं O ? O और O अब O बुद्धिमत्ता O की O बारी O आती O है O । O बुद्धिमत्ता O दक्षिण O के O राज्यों O में O शिकायत O निवारण O प्रणाली O के O कार्य O न O करने O की O शिकायतें O भी O देखी O गयी O हैं O । O लोक O शिकायत O निवारण O में O प्रयुक्त O तकनीक O - O भावी O रूपरेखा O - O उपर्युक्त O कमियों O के O बावजूद O आज O के O समय O में O राज्यों O द्वारा O शिकायत O निवारण O प्रणाली O को O जनता O के O हितों O के O अनुरूप O बनाए O जाने O से O शासन O की O मूल O भावना O एवं O संविधान O के O आदर्शों O की O पूर्ति O संभव O हुई O है O । O राज्यों O एवं O केंद्र O के O मध्य O समन्वय O बनाने O की O दिशा O में O प्रधानमंत्री O द्वारा O ' O प्रगति O ' O कार्यक्रम O ने O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभायी O है O । O महिला O किसानों O को O सामुदायिक O संसाधन O व्यक्तियों O एवं O विस्तार O एजेंसियों O द्वारा O आजीविका O की O दृष्टि O से O महत्वपूर्ण O क्षेत्रों O ( O किचन O गार्डन O तैयार O करने O और O पोषण O की O दृष्टि O से O बागवानी O करने O , O अधिक O पोषण O वाली O किफायती O अथवा O न्यूनतम O खर्च O वाली O खुराक O तैयार O करने O , O नवीनतम O कृषि O एवं O संबद्ध O प्रौद्योगियों O , O प्रसंस्करण O एवं O मूल्यवर्धन O , O ग्रामीण O शिल्प O आदि O ) O में O प्रशिक्षण O दिया O जा O रहा O है O । O कार्यक्रम O के O दायरे O में O शहरी O तथा O ग्रामीण O नागरिक O आते O हैं O , O जिनमें O बड़ी O संख्या O में O किसान O , O ग्रामीण O शिल्पी O , O खेतिहर O मजदूर O तथा O उनके O परिवार O शामिल O हैं O । O कार्यक्रम O लक्षित O समूहों O के O लिए O परिभाषित O तथा O व्यवस्थित O पेंशन O एवं O कल्याण O योजनाओं O के O ज़रिये O क्रियान्वित O किया O जा O रहा O है O । O कई O अन्य O सरकार O प्रायोजित O कार्यक्रम O आय O सृजन O , O कौशल O विकास O एवं O वित्तीय O समावेश O की O गतिविधियों O के O माध्यम O से O किसानों O की O सामाजिक O सुरक्षा O में O योगदान O कर O रहे O हैं O । O मदद O का O हाथ O बढ़ाना O : O अधिकतर O भारतीय O किसान O विशेषकर O छोटे O और O सीमांत O किसान O बुआई O के O सीज़न O में O आर्थिक O संकट O से O जूझते O हैं O , O जिसके O कारण O अक्सर O वे O कर्ज O के O जाल O में O फंस O जाते O हैं O । O प्रधानमंत्री O किसान O सम्मान O निधि O ( O पीएम O - O किसान O ) O नाम O की O इस O योजना O का O लक्ष्य O खेती O में O काम O आने O वाली O विभिन्न O सामग्री O खरीदने O के O लिए O किसानों O की O वित्तीय O मदद O करना O है O ताकि O फ़सल O का O स्वास्थ्य O अच्छा O रहे O और O प्रत्येक O फसल O चक्र O के O अंत O में O अनुमानित O कृषि O आय O के O अनुरूप O उचित O उपज O सुनिश्चित O हो O । O इससे O वे O ऐसे O खर्च O पूरे O करने O के O लिए O साहूकारों O पर O अनुचित O निर्भर O होने O से O बच O जाते O हैं O और O सुनिश्चित O होता O है O कि O खेती O की O गतिविधियां O बिना O रुकावट O चलती O रहें O । O छोटे O एवं O सीमांत O किसानों O के O पास O बुढ़ापे O में O आजीविका O चलाने O के O लिए O या O तो O बहुत O कम O बचत O होती O है O या O होती O ही O नहीं O है O । O प्रधानमंत्री O किसान O मानधन O योजना O ( O पीएमकेएमवाई O ) O नाम O की O इस O योजना O का O लक्ष्य O छोटे O और O सीमांत O किसानों O को O पेंशन O के O जरिये O सामाजिक O सुरक्षा O चक्र O प्रदान O करना O है O । O कुछ O महिलाओं O का O गर्भ O पूरे O समय O ठहर O नहीं O पाता O है O । O कभी O - O कभी O शरीर O गर्भ O को O प्रतिक्रियात्मक O रूप O से O , O स्वयं O ही O गिरा O देता O है O । O इसे O स्वतः O गर्भपात O कहते O हैं O ( O मिसकैरेज O ) O । O कुछ O स्त्रियाँ O गर्भ O गिराने O का O फैसला O करती O हैं O । O उसे O उत्प्रेरित O गर्भपात O कहते O हैं O । O गर्भपात O कराने O का O फैसला O हमेशा O ही O कठिन O होता O है O । O इस O फैसले O के O निम्न O कारण O हो O सकते O हैं O : O अनियोजित O तथा O अवांछित O गर्भ O के O कारण O पति O पत्नी O दोनों O गर्भ O धारण O की O प्रक्रिया O से O बिल्कुल O अनजान O हैं O । O स्वास्थ्यकर्मी O यह O सोचता O है O कि O कुछ O महिलाएं O इन O साधनों O के O उपयोग O के O लिए O अभी O कम O आयु O की O हैं O । O महिलाओं O के O साथ O बलात O संभोग O किया O जाता O है O । O परिवार O नियोजन O के O साधन O उपलब्ध O नहीं O हैं O या O उन्हें O ठीक O से O इस्तेमाल O नहीं O किया O जाता O है O , O या O फिर O विफल O हो O जाते O हैं O , O या O फिर O जब O तक O उसे O बच्चे O पैदा O करने O के O लिए O विवश O किया O जाता O है O । O गर्भपात O कराना O सुरक्षित O रहता O है O , O अगर O गर्भपात O करना O असुरक्षित O होता O है O , O अगर O : O महत्त्वपूर्ण O : O न O तो O स्वयं O अपनी O योनि O , O या O गर्भाशय O में O कोई O वस्तु O डालें O और O न O ही O किसी O अप्रशिक्षित O व्यक्ति O को O ऐसा O करने O दें O । O इससे O आपकी O जान O जा O सकती O है O । O जब O किसी O महिला O को O अवांछित O गर्भ O ठहर O जाता O है O , O तो O उसे O सुरक्षित O तथा O क़ानूनी O गर्भपात O की O स्वास्थ्य O सेवाएं O उपलब्ध O होनी O चाहिए O । O लेकिन O गर्भपात O संबंधित O कानून O विभिन्न O देशों O में O अलग O - O अलग O हैं O । O विभिन्न O कारणों O से O गर्भपात O कराना O अक्सर O ही O कठिन O होता O है O । O हो O सकता O है O कि O डॉक्टर O तथा O स्वास्थ्य O कर्मियों O को O यह O पता O ही O न O हो O कि O वास्तव O में O इसके O बारे O में O कानून O क्या O कहता O है O । O वे O खुले O रूप O से O गर्भपात O करने O के O लिए O तैयार O न O हों O , O या O फिर O ऐसा O करने O के O लिए O काफी O पैसा O वसूल O कर O सकते O हैं O । O हो O सकता O है O महिलाओं O को O भी O यह O पता O न O हो O कि O उनके O देश O में O गर्भपात O कानून O स्वीकृत O , O या O उपलब्ध O है O । O इसके O अंतर्गत O उन O परिस्थितियों O को O परिभाषित O किया O गया O , O जिनमें O महिला O गर्भ O को O समाप्त O कराके O अनावश्यक O मृत्यु O से O बच O सकती O है O । O इस O कानून O के O अंतर्गत O गर्भपात O करने O की O अनुमति O है O , O अगर O : O ( O क O ) O गर्भ O को O जारी O रखने O से O महिला O के O शारीरिक O तथा O मानसिक O स्वास्थ्य O को O खतरे O की O आशंका O है O । O ( O ख O ) O यह O खतरा O हो O कि O पैदा O होने O वाला O बच्चा O गंभीर O शारीरिक O या O मानसिक O विकलांगताग्रस्त O हो O सकता O है O । O ( O ग O ) O गर्भ O बलात्कार O के O परिणामस्वरूप O हुआ O है O । O ( O घ O ) O गर्भ O परिवार O नियोजन O साधन O के O विफल O होने O के O कारण O हुआ O है O । O गैर O कानूनी O गर्भपात O कानून O द्वारा O निर्धारित O परिसीमाओं O से O बाहर O किया O गया O गर्भपात O गैरकानूनी O माना O जाता O है O । O अगर O गर्भपात O कानूनी O रूप O से O नहीं O किया O गया O है O , O तो O गर्भपात O कराने O वाली O महिला O तथा O गर्भपात O करने O वाले O , O दोनों O को O गिरफ्तार O किया O जा O सकता O है O । O अधिकतर O ऐसा O नहीं O होता O है O । O लेकिन O जहां O गर्भपात O क़ानूनी O रूप O से O वैध O नहीं O है O , O वहां O असुरक्षित O गर्भधारण O तथा O असुरक्षित O गर्भपात O के O कारण O अनेक O महिलाएं O मौत O का O शिकार O हो O जाती O हैं O । O जो O धनराशि O महिलाओं O को O स्वास्थ्य O सेवाओं O की O जटिलताओं O का O उपचार O करने O में O लग O जाती O है O । O इसे O द्वितीय O त्रिमास O का O गर्भपात O कहते O हैं O और O यह O महिलाओं O के O लिए O अधिक O जोखिमपूर्ण O होता O है O । O तदापि O , O वास्तविक O रूप O में O , O गर्भ O की O सुरक्षित O रूप O से O चिकित्सकीय O समाप्ति O की O सेवाएं O अनेक O महिलाओं O को O , O विशेषतः O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O , O या O ठीक O उपलब्ध O ही O नहीं O होती O हैं O , O अथवा O वे O उनका O उपयोग O नहीं O कर O पाती O हैं O । O परिणामस्वरूप O उन्हें O गैर O क़ानूनी O रूप O से O गर्भपात O कराने O को O विवश O होना O पड़ता O है O । O जब O ये O सुविधाएं O उपलब्ध O भी O हों O , O तो O यह O महत्वपूर्ण O है O कि O उनकी O गुणवत्ता O किस O प्रकार O की O है O । O इसे O सामाजिक O रूप O से O अच्छा O नहीं O समझा O जाता O है O । O इसके O अतिरिक्त O गर्भपात O कराने O वालों O को O एकांत O और O गोपनीयता O नहीं O मिलती O हैं O । O इन O कारणों O से O उन O महिलाओं O के O लिए O गर्भपात O सुरक्षित O रूप O से O करना O कठिन O हो O जाता O है O , O जो O गरीब O हैं O , O या O स्वास्थ्य O सेवाओं O से O भली O भांति O परिचित O नहीं O हैं O । O दुर्भाग्यवश O अधिसंख्य O स्थानों O पर O केवल O वही O महिलाएं O सुरक्षित O गर्भपात O करा O पाती O हैं O , O जो O निजी O डॉक्टर O की O फीस O देने O में O समर्थ O हैं O । O गर्भस्थ O भ्रूण O का O लिंग O पता O करने O के O बाद O गर्भपात O तथा O महिला O भ्रूण O हत्या O जैसी O अवैध O क्रियाएं O निष्पादित O की O जाती O हैं O । O कई O स्थानों O पर O लड़कियों O को O जन्म O के O तुरंत O बाद O मार O दिया O जाता O है O । O यद्यपि O यह O परीक्षण O काफी O सीमा O तक O सामान्य O तथा O अल्पविकसित O शिशुओं O के O जन्म O की O रोकथाम O में O समर्थ O है O , O तदापि O यह O अनेक O लड़कियों O के O जन्म O लेने O से O पहले O ही O उनकी O हत्या O के O लिए O भी O जिम्मेवार O है O । O इस O प्रकार O , O ऐम्नीओसेन्टीसिस O का O आजकल O गर्भस्थ O शिशु O का O लिंग O पता O करने O के O लिए O दुरुपयोग O किया O जाता O है O । O ऐसे O परीक्षणों O की O लिखित O रिपोर्ट O भी O नहीं O दी O जाती O है O । O गर्भपात O कराने O का O आपका O निर्णय O प्रायः O इस O बात O पर O निर्भर O करेगा O कि O आपके O क्षेत्र O में O सुरक्षित O गर्भपात O कराने O की O सुविधाएं O उपलब्ध O हैं O , O या O नहीं O । O यह O इस O पर O भी O निर्भर O करता O है O कि O गर्भपात O , O या O पैदा O होने O वाला O बच्चा O आपके O जीवन O को O किस O प्रकार O प्रभावित O करेगा O । O इन O प्रश्नों O पर O विचार O करने O से O आपको O निर्णय O लेने O में O सहायता O मिलेगी O : O अगर O आप O किसी O का O गर्भपात O कराने O के O लिए O निर्णय O लेने O में O सहायता O कर O रही O हैं O , O तो O : O ध्यान O रखिए O कि O उसे O आपकी O सम्माननीय O सलाह O तथा O मैत्रीपूर्ण O सहारे O की O आवश्यकता O है O । O उसके O इस O निर्णय O के O बारे O में O किसी O और O को O तब O तक O न O बताएं O , O जब O तक O वह O महिला O स्वयं O न O चाहे O । O गर्भाशय O से O गर्भ O गिराने O के O लिए O प्रशिक्षित O स्वास्थ्य O कर्मचारी O निम्न O तरीकों O का O उपयोग O कर O सकता O है O : O सक्शन O द्वारा O गर्भपात O ( O वैक्यूम O एस्पिरेशन O , O एम. O वी. O ए. O ) O यह O प्रक्रिया O महिला O को O बेहोश O किये O बिना O की O जा O सकती O है O , O हालांकि O कभी O - O कभी O दर्द O कम O करने O के O लिए O गर्भाशय O ग्रीवा O में O दर्द O नाशक O दवाई O का O इंजेक्शन O लगा O दिया O जाता O है O । O जब O वैक्यूम O एस्पिरेशन O हाथों O से O किया O जाता O है O तो O इसे O “ O मैन्युल O वैक्यूम O एस्पिरेशन” O ( O एम. O वी. O ए. O ) O कहते O हैं O । O इसे O आम O तौर O पर O किसी O अस्पताल O , O या O स्वस्थ्य O केंद्र O , O या O डॉक्टर O के O दवाखाने O में O किया O जा O सकता O है O । O इस O तरीके O से O “ O डाईलेशन O व O क्यूरेटाज O ( O डी. O एंड O सी. O ) O ” O की O तुलना O में O जटिलताएं O कम O होती O हैं O । O कुछ O स्थानों O पर O एम. O वी. O ए. O का O उपयोग O माहावारी O की O अनियमितता O को O ठीक O करने O के O लिए O भी O किया O जाता O है O । O महिला O को O यह O पता O भी O न O हो O कि O वह O गर्भवती O है O । O सिर्फ O उसकी O माहावारी O आने O में O देर O हो O गयी O हो O । O इसे O मासिक O चक्र O नियमतिकरण O ( O एम. O आर. O ) O कहते O हैं O । O कैनुला O की O तुलना O में O क्यूरेटर O अधिक O लंबा O होता O है O और O क्योंकि O यह O अधिक O पैना O होता O है O , O इसलिए O इसे O डालने O से O पहले O गर्भाशय O की O ग्रीवा O को O चौड़ा O करना O आवश्यक O है O । O इस O प्रक्रिया O में O थोडा O दर्द O हो O सकता O है O । O यह O थोड़ी O दर्दनाक O प्रक्रिया O है O और O वैक्यूम O एस्पिरेशन O के O मुकाबले O इसमें O अधिक O खर्च O आता O है O । O इसे O आम O तौर O पर O शल्य O क्रिया O कक्ष O में O और O महिला O को O बेहोश O करने O के O बाद O ही O किया O जाता O है O । O औषधियों O द्वारा O गर्भपात O ( O चिकित्सकीय O गर्भपात O ) O आजकल O कुछ O देशों O में O डॉक्टरों O तथा O स्वास्थ्यकर्मियों O द्वारा O गर्भपात O करने O के O लिए O कुछ O दवाईयों O का O उपयोग O किया O जाता O है O । O कुछ O ऐसी O खबरें O भी O मिली O हैं O कि O वास्तव O में O , O गर्भपात O कराने O के O नाम O पर O , O इन O दवाईयों O का O दुरुपयोग O किया O जा O रहा O है O । O ये O मां O तथा O बच्चे O के O लिए O अत्यंत O खतरनाक O हो O सकती O हैं O । O यह O बताना O हमेशा O आसान O नहीं O होता O है O कि O गर्भपात O सुरक्षित O होगा O , O या O नहीं O । O जहां O गर्भपात O कराना O है O , O वहां O जाने O का O प्रयास O करें O , O या O किसी O ऐसी O महिला O से O ये O सब O प्रश्न O पूछे O , O जो O पहले O जा O चुकी O हों O : O महत्वपूर्ण O बात O गर्भपात O कराना O इन O परिस्थितियों O में O अधिक O खतरनाक O हो O सकता O है O , O अगर O - O अपूर्ण O गर्भपात O अपूर्ण O गर्भपात O उसे O कहते O हैं O जब O गर्भपात O के O पश्चात O भी O गर्भ O का O कोई O अंश O गर्भाशय O में O रह O जाए O । O अगर O ऐसा O होता O है O , O तो O गर्भ O को O पूरी O तरह O से O साफ़ O कराने O के O लिए O तुरंत O किसी O अस्पताल O जाएं O । O अगर O आप O ऐसा O नहीं O करती O हैं O , O तो O आपको O गंभीर O जटिलताएं O हो O सकती O हैं O और O आपकी O मृत्यु O भी O हो O सकती O है O । O तत्कालिक O जटिलताओं O में O गंभीर O संक्रमण O के O कारण O शरीर O में O जहर O फ़ैल O जाना O । O गर्भाशय O फट O जाना O , O सदमा O या O मृत्यु O होना O सम्मिलित O हैं O । O दीर्घकालीन O जटिलताओं O में O फैलोपियन O नलिकाओं O में O गर्भ O ठहरना O ( O एक्टोपिक O गर्भ O ) O तथा O संतानहीनता O हो O सकती O है O । O ‘ O डी. O एंड O सी. O ’ O द्वारा O गर्भपात O प्राय: O अस्पतालों O में O ही O किया O जाता O है O । O दवाइयों O द्वारा O गर्भपात O केवल O ऐसे O स्वास्थ्य O केंद्रों O तथा O अस्पतालों O में O ही O किया O जाना O चाहिए O , O जहां O एम. O बी. O ए. O तथा O डी. O एंड O सी. O की O सभी O सुविधा O हो O । O तदापि O इस O तरीके O के O अपने O खतरे O हैं O और O इसके O बारे O में O फैसला O करने O से O पहले O उन O पर O विचार O करना O चाहिए O । O जब O आप O गर्भपात O के O लिए O किसी O स्वास्थ्य O केंद्र O या O अस्पातल O में O जाएं O , O तो O वहां O आपका O सम्मान O व O स्वागत O होना O चाहिए O । O किसी O परामर्शदाता O को O आपके O निर्णय O के O बारे O में O , O आपसे O बातचीत O करनी O चाहिए O और O गर्भपात O के O लिए O उपयोग O किए O जाने O वाले O तरीकों O तथा O खतरों O के O बारे O में O उसे O आपको O बताना O चाहिए O । O नीचे O दिया O गया O विवरण O आपको O यह O बताता O है O कि O आप O सुरक्षित O गर्भपात O के O दौरान O क्या O आशा O कर O सकती O हैं O । O इनसे O भिन्न O गर्भपात O खतरनाक O हो O सकता O है O । O इसके O अलावा O , O किसी O को O आपके O साथ O परिवार O नियोजन O के O साधनों O की O चर्चा O करनी O चाहिए O । O आप O गर्भपात O वाले O दिन O से O ही O कोई O साधन O इस्तेमाल O कर O सकती O हैं O । O तुरंत O किसी O डॉक्टर O को O दिखाएं O । O लेकिन O पहली O माहावारी O में O गर्भपात O से O यह O रक्त O स्राव O बहुत O हल्का O हो O जाना O चाहिए O । O अगर O गर्भपात O से O पहले O किसी O से O बात O नहीं O कर O पायी O तो O अब O किसी O से O बात O करें O । O अपनी O भावनाओं O के O बारे O में O किसी O विश्वसनीय O व्यक्ति O से O बात O करके O आप O हल्का O तथा O अच्छा O महसूस O करेंगी O । O अगर O आपको O इनमें O से O कोई O भी O लक्षण O नजर O आ O रहा O है O तो O शीघ्रातिशीघ्र O चिकित्सा O सहायता O प्राप्त O करें O : O परिवार O नियोजन O के O बहुत O से O साधनों O को O अपना O असर O दिखाने O में O समय O लगता O है O । O इसलिए O , O जितनी O जल्दी O हो O सके O , O किसी O से O परिवार O नियोजन O के O बारे O में O चर्चा O करें O और O इनमें O से O कोई O भी O साधन O इस्तेमाल O करना O शुरू O कर O दें O । O याद O रखें O : O गर्भपात O को O परिवार O नियोजन O के O विकल्प O के O रूप O में O उपयोग O नहीं O करना O चाहिए O । O उसे O तुरतं O किसी O स्वास्थ्य O केंद्र O या O अस्पताल O जा O कर O अपना O उपचार O कराना O चाहिए O । O ऐसे O मामलों O में O अधिकतर O वैक्यूम O एस्पिरेशन O या O डी. O एंड O सी. O का O उपयोग O करके O गर्भाशय O की O संपूर्ण O सफाई O की O जाती O है O । O इसी O बीच O , O अगर O वाहन O , O या O चिकित्सा O सहायता O मिलने O में O देर O होती O है O , O तो O यह O जानकारी O बहुत O सहायक O हो O सकती O है O । O योनि O से O अत्यधिक O रक्त O स्राव O यह O आम O तौर O पर O गर्भाशय O में O गर्भ O के O कुछ O अंश O रह O जाने O के O कारण O होती O है O । O गर्भाशय O अपने O आपको O सिकोड़ O कर O बंद O नहीं O कर O पाता O है O और O खून O जाना O प्रायः O बंद O हो O जाता O है O । O कभी O - O कभी O गर्भाशय O की O ग्रीवा O में O रिसाव O रोकने O के O लिए O गर्भाशय O की O ग्रीवा O में O टांके O लगाना O आवश्यक O है O । O जब O ऐसा O हो O , O तो O थोड़े O ही O समय O में O वह O अत्यधिक O रक्त O खो O बैठती O है O , O तब O वाहन O का O प्रबंध O होने O तक O , O खून O के O बहने O को O बंद O करने O का O प्रयास O करें O । O खून O बहना O रोकने O के O लिए O ऐसी O महिला O , O जिसे O बहुत O खून O जा O रहा O है O , O अपने O गर्भाशय O को O सिकोड़ O कर O सख्त O करने O के O लिए O उसकी O मालिश O कर O सकती O है O । O वह O इसे O या O तो O स्वयं O कर O सकती O है O , O या O किसी O से O करवा O सकती O है O । O ऐसा O करने O के O लिये O पीठ O के O बल O लेट O कर O , O या O टांगों O पर O बैठ O कर O , O पेट O के O निचले O भाग O को O कड़ाई O से O दबाएं O या O उसकी O मालिश O करें O । O अगर O गर्भाशय O या O उसकी O ग्रीवा O में O कोई O गर्भ O का O अंश O फंसा O रह O गया O है O , O तो O वह O टांगों O पर O उकडू O बैठ O कर O कुछ O इस O प्रकार O जोर O लगाने O से O स्वयं O ही O निकलने O में O सफल O हो O सकता O है O , O जैसे O शौच O करने O या O प्रसव O के O समय O जोर O लगाया O जाता O है O । O अगर O इन O तरीकों O से O बात O बनती O नजर O आ O रही O हो O , O तो O शीघ्रातिशीघ्र O चिकित्सकीय O सहायता O प्राप्त O करें O । O महिला O को O एंटीबायोटिक्स O की O जरुरत O पड़ेगी O तथा O इनके O बावजूद O भी O उसे O गर्भाशय O की O सफाई O की O आवश्यकता O पड़ O सकती O है O । O अत्यधिक O रक्त O स्राव O के O लिए O आपातकालीन O सहायता O जब O तक O गर्भाशय O की O सफाई O नहीं O हो O जाती O है O , O तब O तक O कोई O प्रशिक्षित O दाई O , O जो O पेल्विक O परीक्षण O करने O में O सक्षम O हो O , O इन O उपायों O का O पालन O करके O खून O बहने O को O बंद O करने O का O प्रयास O कर O सकती O है O : O महत्वपूर्ण O : O क्योंकि O महिला O के O गर्भाशय O की O ग्रीवा O खुली O हुई O होती O है O , O इसलिए O उसकी O योनि O के O अंदर O कुछ O भी O डालना O खतरनाक O हो O सकता O है O । O ऐसा O करने O से O उसे O गंभीर O संक्रमण O हो O सकता O है O । O निम्नलिखित O क़दमों O को O तभी O उठायें O जब O रक्त O इतना O अधिक O हो O कि O महिला O की O जान O को O खतरा O है O । O यह O जानने O के O लिए O कि O रक्त O स्राव O को O अधिक O कब O मानते O हैं O , O अगर O वह O होश O में O है O , O तो O उसे O तरल O पदार्थ O अधिक O मात्रा O में O पीने O को O दें O । O उसे O तुरंत O अस्पताल O ले O जाएं O , O चाहे O आप O सोचती O हैं O कि O आपने O गर्भ O के O सारे O टुकड़े O निकाल O दिये O हैं O और O खून O जाना O बंद O हो O गया O है O । O उसके O गर्भाशय O की O सफाई O करना O फिर O भी O आवश्यक O है O । O अगर O खून O बहना O बंद O नहीं O होता O है O , O तो O अस्पताल O ले O जाते O समय O भी O उसके O पेट O के O निचले O भाग O की O मालिश O करती O रहें O । O शरीर O के O अंदर O रक्त O स्राव O से O भी O शॉक O हो O सकता O है O । O लक्षण O : O अगर O रोगी O होश O में O है O तो O कैसा O करें O : O अगर O वह O बेहोश O है O तो O ऐसा O करें O : O स्वास्थ्यकर्मी O की O प्रतीक्षा O न O कीजिए O । O शॉक O से O पीड़ित O महिला O को O तुरंत O नजदीक O डॉक्टर O या O अस्पताल O ले O जाइए O । O उसे O चिकित्सकीय O सहायता O की O तुरंत O आवश्यकता O है O । O गंभीर O संक्रमण O वह O होता O है O , O जो O खून O में O फैल O गया O हो O । O गंभीर O संक्रमण O बहुत O खतरनाक O होता O है O और O इससे O शॉक O भी O हो O सकता O है O । O संक्रमण O के O कारण O : O मामूली O संक्रमण O के O लक्षण O : O मामूली O संक्रमण O का O उपचार O : O मामूली O संक्रमण O गंभीर O रूप O धारण O न O कर O ले O , O इसके O लिए O जरूरी O है O कि O तुरंत O नीचे O बतायी O गई O दवाईयों O से O इसका O उपचार O करें O । O अगर O ये O दवाईयां O उपलब्ध O नहीं O हैं O , O तो O अन्य O काम O आ O सकने O वाली O वैकल्पिक O दवाईयों O के O लिए O इस O पुस्तक O के O हरे O पृष्ठ O देखिए O । O जो O महिला O स्तनपान O करा O रही O हो O , O उसे O केवल O वे O दवाईयां O दी O जानी O चाहिए O जो O प्रसव O के O पश्चात O होने O वाले O गर्भपात O के O संक्रमणों O के O उपचार O के O लिए O दी O जाती O हैं O । O गंभीर O संक्रमण O के O लक्षण O : O गंभीर O संक्रमण O के O उपचार O आतंरिक O चोट O ( O शरीर O के O अंदर O चोट O ) O गर्भपात O में O शरीर O के O अंदर O चोट O आम O तौर O पर O ऐसे O नुकीले O / O पैने O औजारों O से O लगती O है O , O जो O गर्भाशय O में O आरपार O हो O कर O छेद O बना O देते O हैं O । O इस O तरह O की O कोई O वस्तु O शरीर O के O अन्य O आतंरिक O अंगों O , O जैसे O फैलोपियन O नलिकाओं O , O आंतों O तथा O मूत्राशय O को O भी O चोट O पहुंचा O सकती O है O । O जब O किसी O महिला O को O आतंरिक O चोट O हो O , O तो O उसके O शरीर O के O अंदर O काफी O खून O बह O सकता O है O । O लेकिन O योनि O से O कोई O रक्त O स्राव O नहीं O होता O है O । O बेहोश O या O मूर्छित O होना O गर्भपात O के O पश्चात O बेहोश O होना O , O अधिक O खून O बह O जाने O , O आंतरिक O अंगों O की O अत्यधिक O चोटों O , O या O संक्रमण O के O कारण O , O शॉक O का O लक्षण O हो O सकता O है O । O अगर O कोई O महिला O मूर्छित O हो O जाती O है O , O तो O उसे O पर्याप्त O मात्रा O में O तरल O पदार्थ O पीने O को O दें O और O उसकी O हालत O पर O निगाह O रखें O । O यहां O कुछ O ऐसे O कार्यों O का O विवरण O दिया O जा O रहा O है O , O जिन्हें O कोई O भी O महिला O , O या O महिलाओं O का O समूह O , O किसी O समुदाय O में O गर्भपात O के O कारण O होने O वाली O रुग्णता O तथा O मौतों O को O रोकने O के O लिए O , O कर O सकता O है O : O आपकी O सहायता O चाहने O वाली O महिला O : O गर्भपात O कराने O वाली O बहुत O सी O महिलाओं O को O कोई O सुविधा O देने O से O इंकार O कर O दिया O जाता O है O , O या O उनके O साथ O दुव्यर्वहार O किया O जाता O है O । O कईयों O को O उनकी O इस O करतूत O के O लिए O शर्मिंदा O किया O जाता O है O और O दंड O के O रूप O में O उन O पर O ध्यान O नहीं O दिया O जाता O है O । O आपके O व्यक्तिगत O विचार O कुछ O भी O हों O , O गर्भपात O कराने O वाली O महिलाओं O के O विषय O में O कोई O राय O नहीं O बनाएं O , O बल्कि O उनके O साथ O मैत्रीपूर्ण O व्यवहार O करें O और O उनसे O सहानभूति O रखें O । O हममें O से O किसी O को O भी O , O जीवन O में O कभी O न O कभी O ऐसी O स्थिति O का O सामना O करना O पड़ O सकता O है O । O दूसरी O महिलाओं O के O साथ O वैसा O ही O व्यवहार O करें O , O जैसा O आप O स्वयं O , O या O अपनी O बेटी O के O साथ O चाहती O हैं O । O कपास O एवं O जूट O कच्चे O जूट O के O मूल्य O पर O भी O जीएसटी O का O कोई O प्रभाव O नहीं O हुआ O । O कपड़े O पर O जीएसटी O के O कारण O वस्त्र O व्यापार O संगठनों O / O बुनकरों O का O विरोध O / O चिंता O इस O क्रम O में O सुरक्षित O लेनदारों O को O पूरी O बकाया O राशि O दी O जाएगी O । O असुरक्षित O लेनदारों O को O कारोबारी O लेनदारों O से O ऊपर O रखा O गया O है O । O इसके O बाद O सरकार O का O बकाया O चुकाया O जाएगा O । O इस O प्रक्रिया O से O समस्याएं O भी O उत्पन्न O होंगी O । O चूंकि O इस O वरीयता O क्रम O में O कुछ O बिल्डरों O को O नहीं O रखा O गया O है O । O इसलिए O मकान O के O खरीदारों O को O समस्या O का O सामना O करना O पड़ O सकता O है O । O कुछ O विरोधों O के O बाद O दिवाला O और O शोधन O अक्षमता O बोर्ड O ने O मकान O के O खरीदारों O को O नया O फॉर्म O एफ O जारी O किया O है O लेकिन O वे O अभी O भी O वरीयता O क्रम O में O शामिल O नहीं O हैं O । O संहिता O के O लागू O होने O के O बाद O अन्य O समस्याएं O भी O उत्पन्न O हो O सकती O हैं O । O हेयरकट O का O अर्थ O है O , O ऋण O में O छूट O देना O । O सिनर्जीज़ O - O डोरे O ऑटोमोटिव O एल्यूमीनियम O अलॉय O व्हील्स O का O निर्माण O और O विश्वस्तरीय O कार O निर्माता O कंपनियों O को O उनकी O आपूर्ति O करती O थी O । O उसके O दिवालिया O होने O पर O उसका O अधिग्रहण O सिनर्जीज़ O कास्टिंग O ने O किया O । O बिजली O , O इस्पात O , O सड़क O अवसंरचना O और O वस्त्र O जैसे O क्षेत्रों O की O कंपनियों O की O इसमें O बड़ी O हिस्सेदारी O है O । O इन O मामलों O के O हल O होने O से O कॉरपोरेट O ऋणदाताओं O को O लाभ O होगा O । O हालांकि O , O शुरुआत O धीमी O है O । O दूसरी O समस्या O यह O है O कि O प्रमोटर O ही O अपनी O कंपनियों O के O लिए O बोलियां O लगा O रहे O हैं O । O इसका O हल O निकालने O के O लिए O संहिता O के O अंतर्गत O नियमों O को O संशोधित O किया O गया O है O ताकि O संदिग्ध O प्रमोटर O कंपनियों O पर O दोबारा O कब्जा O न O कर O पाएं O । O ऐसा O करने O से O ऋणदाताओं O की O शंकाओं O और O भय O को O दूर O किया O जा O सकेगा O । O चूंकि O ऋणदाता O इस O बात O के O लिए O परेशान O होते O हैं O कि O समस्या O उत्पन्न O करने O वाले O ही O कम O कीमत O में O कंपनी O दोबारा O हासिल O न O कर O लें O । O संहिता O के O अंतर्गत O डीफॉल्टर O किसी O भी O कंपनी O को O दोबारा O नहीं O खरीद O पाएंगे O क्योंकि O समिति O द्वारा O उनकी O जांच O की O जाएगी O । O दिवालिया O कंपनियों O के O लिए O बोली O लगाना O भी O मुश्किल O होगा O क्योंकि O इससे O संबंधित O नियमों O को O भी O सख्त O बनाया O गया O है O । O संशोधित O नियमों O के O अंतर्गत O दिवालिया O पेशेवर O के O लिए O यह O सुनिश्चित O करना O अनिवार्य O है O कि O प्रस्तावित O ऋण O योजना O की O पूरी O जांच O की O गयी O है O । O इस O योजना O में O ऐसे O सभी O विवरण O शामिल O होने O चाहिए O जिनकी O मदद O से O प्रमोटरों O सहित O निपटान O का O प्रस्ताव O रखने O वालों O का O मूल्यांकन O किया O जा O सके O । O यह O देखा O जा O सके O कि O वे O भरोसेमंद O हैं O अथवा O नहीं O । O किंतु O मानव O निर्मित O धागे O से O बने O कपड़ों O की O कीमतें O उसी O दौरान O बढ़ O गई O । O उपरोक्त O अवधि O में O कपड़ा O उत्पादन O भी O कुछ O कम O हो O गया O । O किंतु O भारतीय O वस्त्र O उद्योग O के O सामने O कई O चुनौतियां O हैं O , O जिनमें O प्रतिस्पर्धी O देशों O की O लागत O के O मुकाबले O ऊंची O लागत O , O गैर O प्रतिस्पर्धी O कर O ढांचे O समेत O विभिन्न O कारणों O से O वैश्विक O बाजार O में O मिल O रही O कड़ी O प्रतिस्पर्धा O भी O शामिल O है O । O यह O विनिर्माता O से O उपभोक्ता O तक O वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O पर O लगने O वाली O एकल O कर O प्रणाली O है O । O केंद्र O तथा O राज्य O सरकारों O के O सभी O अप्रत्यक्ष O कर O जीएसटी O में O ही O समाहित O हो O गए O हैं O । O प्रत्येक O चरण O पर O दिए O जाने O वाले O इनपुट O टैक्स O का O क्रेडिट O यानी O वापसी O मूल्यवर्धन O के O बाद O के O चरणों O में O होती O रहेगी O - O प्रत्येक O चरण O में O मूल्यवर्धन O होने O पर O ही O कर O वसूला O जाएगा O । O कपड़े O पर O जीएसटी O की O दर O रेशम O और O जूट O के O अलावा O सभी O प्रकार O के O वस्त्र O पर O जीएसटी O लगाया O गया O है O । O कपड़े O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O वस्त्र O उद्योग O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O का O आकलन O मूल्य O , O उत्पादन O , O कपड़े O के O आयात O - O निर्यात O , O रोजगार O आदि O के O आंकडों O से O किया O जाता O है O । O अध्ययनों O से O पता O चला O है O कि O सार्वजनिक O एजेंसियों O और O उपलब्ध O संसाधनों O के O बीच O सहयोग O , O नागरिकों O के O लिए O सार्वजनिक O सेवाएं O पहुंचाने O में O ' O सहयोगात्मक O ' O परिणाम O दे O सकता O है O । O हालांकि O , O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O के O प्रयासों O और O संबंधित O आदेशों O के O बावजूद O , O कई O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O का O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O में O अभिसरण O वर्षों O से O परिलक्षित O नहीं O होता O है O । O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O के O लिए O क्षेत्रीय O निधि O आवंटन O कुछ O क्षेत्रों O तक O सीमित O है O जहां O केंद्रीय O या O राज्य O वित्त O आयोग O के O फंड O और O महात्मा O गांधी O राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O योजना O ( O मनरेगा O ) O जैसी O योजनाओं O से O मुख्य O वित्त O पोषण O प्रदान O किया O जाता O है O । O सड़क O निर्माण O , O पानी O और O स्वच्छता O के O क्षेत्रों O में O आवंटन O का O प्रतिशत O , O अन्य O क्षेत्रों O की O तुलना O में O अधिक O है O । O यह O स्पष्ट O रूप O से O दर्शाता O है O कि O ग्राम O पंचायतों O को O इन O क्षेत्रों O से O संबंधित O अन्य O योजनाओं O या O कार्यक्रमों O से O उपलब्ध O संसाधनों O के O अभिसरण O की O अधिक O आवश्यकता O है O । O हालांकि O , O इस O विश्लेषण O से O यह O निष्कर्ष O नहीं O निकलना O चाहिए O कि O जिन O क्षेत्रों O में O निधि O आवंटन O का O प्रतिशत O कम O है O , O उन्हें O स्थानीय O स्तर O पर O पर्याप्त O राशि O नहीं O मिलती O है O । O कई O सरकारी O विभाग O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O विकासात्मक O कार्यक्रमों O को O लागू O करते O हैं O , O लेकिन O अक्सर O कार्यक्रम O अलग O - O अलग O विभागों O द्वारा O चलाए O जाते O हैं O , O इसलिए O प्रयासों O का O दोहराव O हो O सकता O है O , O अतः O अधिक O अभिसरण O की O आवश्यकता O है O । O मनरेगा O , O दीनदयाल O अंत्योदय O योजना O , O राष्ट्रीय O ग्रामीण O आजीविका O मिशन O , O स्वच्छ O भारत O मिशन O - O ग्रामीण O पोषण O आदि O जैसी O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O लागू O की O जाने O वाली O सभी O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O के O दिशानिर्देश O स्पष्ट O रूप O से O ग्राम O पंचायत O स्तर O पर O योजना O तैयार O करने O पर O जोर O देते O हैं O । O श्रम O बजट O सहित O संबंधित O विभागों O की O सभी O योजनाएं O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O से O निर्गत O होंगी O , O हालांकि O स्वीकृत O गतिविधियों O का O कार्यान्वयन O संबंधित O विभागों O द्वारा O किया O जा O सकता O है O । O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O के O माध्यम O से O विभिन्न O संबंधित O विभागों O की O सभी O योजनाओं O और O कार्यक्रमों O के O अभिसरण O से O , O इनके O दोहराव O से O बचा O जा O सकेगा O , O वित्तीय O बोझ O कम O होगा O और O वांछित O परिणामों O की O उपलब्धि O में O तेजी O आएगी O । O क्षमता O निर्माण O की O आवश्यकता O इससे O पंचायतें O जमीनी O स्तर O पर O जरूरतों O को O पूरा O करने O के O लिये O विक्रेताओं O और O सेवा O प्रदाताओं O से O विभिन्न O प्रकार O की O सेवाएं O प्राप्त O कर O सकेंगी O । O कोविड O 19 O के O बाद O के O समय O में O मजबूत O शासन O प्रणालियों O को O समझा O गया O है O । O ग्राम O पंचायतें O निचले O स्तर O पर O भरोसेमंद O डाटा O एकत्र O करने O के O लिये O विशिष्ट O स्थिति O में O हैं O । O इसलिये O ग्राम O पंचायतों O की O क्षमता O का O उपयोग O आवश्यक O है O । O उपरोक्त O हस्तक्षेपों O से O देश O के O स्थानीय O शासन O का O ढांचा O सुदृढ़ O होगा O और O पंचायत O कर्मियों O का O प्रौद्योगिकीय O कौशल O बढ़ेगा O । O मुद्रा O को O छपवाने O , O उसकी O सार्वभौमिक O पहुंच O सुनिश्चित O करने O , O रखरखाव O और O प्रबंधन O पर O रिजर्व O बैंक O को O काफी O बड़ा O खर्च O वहन O करना O पड़ता O है O । O इसके O लिए O सरकार O जो O तंत्र O प्रस्तुत O करेगी O , O उसे O देखना O और O भी O उत्साहजनक O होगा O । O रुपया O अब O जेब O में O रखने O तक O सीमित O नहीं O होगा O । O इसे O जल्दी O जारी O किया O जा O सके O , O इसके O लिए O वित्त O मंत्रालय O और O रिजर्व O बैंक O के O बीच O अब O तक O कई O दौर O की O मंत्रणा O हो O चुकी O है O । O पर O जो O रुपया O डिजिटल O स्वरूप O में O जारी O किया O जाएगा O वह O भौतिक O स्वरूप O में O नहीं O होगा O , O डिजिटल O मोड O में O ही O होगा O । O अलबत्ता O कानूनी O मान्यता O पुख्ता O तौर O पर O रहेगी O । O किसी O भी O वस्तु O या O सेवा O के O भुगतान O के O रूप O में O उसे O स्वीकार O करना O ही O होगा O । O लेनदेन O में O इसका O चलन O भी O आम O मुद्रा O की O तरह O ही O होगा O । O पर O इसका O उपयोग O डिजिटल O रूप O में O ही O किया O जाएगा O । O इसे O डिजिटल O बटुए O में O रख O सकेंगे O । O उसी O से O भुगतान O और O आनलाइन O खरीदारी O संभव O होगी O । O बुनियादी O रूप O से O दोनों O में O काफी O अंतर O है O । O उसके O परिणामस्वरूप O देश O की O जनता O गहरे O शोक O और O विषाद O में O डूब O गई O । O इस O सबकी O अभिव्यक्ति O हिन्दी O साहित्य O में O हुई O । O देश O के O विभाजन O और O सांप्रदायिक O दंगों O के O दौरान O जो O हिंसा O और O हैवानियत O के O दृश्य O सामने O आए O उनसे O जनमानस O क्षुब्ध O हो O उठा O । O इस O क्षोभ O की O अभिव्यक्ति O हिन्दी O के O कुछ O लेखकों O की O रचनाओं O में O हुई O । O ऐसे O लेखकों O में O सबसे O उल्लेखनीय O हैं O अज्ञेय O । O अतः O , O सत्य O की O अभिव्यक्ति O हेतु O अधिकार O एवं O प्रभाव O युक्त O समेकित O व्यक्तित्व O ही O उपयुक्त O कारक O होता O है O । O लेखक O से O विमुख O होने O वाली O लेखनी O उसके O बाद O जीवित O रहती O है O और O भावी O पीढ़ियों O द्वारा O बांची O जाती O है O । O हमारे O बीच O ' O लिखित O ' O एवं O ' O मौखिक O प्रतिरूपित O ' O काव्य O ग्रंथ O मौजूद O हैं O । O विदेशी O बौद्धिकों O के O आगमन O के O बाद O भारतीय O इतिहास O में O लेखन O कला O का O पदार्पण O देखा O जाता O है O और O ब्रिटिश O शासन O तंत्र O में O जाकर O लेखन O साहित्य O का O उद्भव O हुआ O । O अभिलेखन O अपने O आप O में O लेखन O का O विशुद्ध O रूप O होता O है O । O यह O स्थानिक O और O स्मारक O रूपी O होता O है O , O जिसका O अर्थ O कि O यह O दिक् O में O निहित O और O वर्तमान O की O किसी O घटना O का O गुणगान O करने O वाला O । O मृत्यु O के O इंतजार O में O बाणों O की O शैय्या O पर O लेटे O भीष्म O का O वर्णन O ' O किसी O ऐतिहासिक O घटना O के O पाषाण O शिलालेख O ' O सा O दिखता O है O । O अपनी O प्रकृति O में O लिखित O काव्यरचना O का O रूप O , O लेखन O की O स्थानिकता O के O कारण O ' O सीमित O ' O होता O है O । O इसका O आरंभ O , O मध्य O और O अंत O होता O है O । O इसका O नकारात्मक O पक्ष O यह O है O कि O सहज O मेधावी O नौजवान O सफल O होने O की O बजाय O बड़ी O उम्र O के O नौजवान O , O रटने O की O क्षमता O के O बूते O इन O सेवाओं O में O शामिल O हो O रहे O हैं O , O सर्वश्रेष्ठ O मेधा O नहीं O । O इसलिए O प्रशिक्षण O को O आमूलचूल O बदलने O की O जरूरत O है O । O जब O तक O उन्हें O देश O की O सच्चाई O , O उसके O भूगोल O , O उसके O समाज O , O गरीबी O , O परंपराओं O से O रूबरू O व्यावहारिक O रूप O से O नहीं O कराया O जाएगा O , O नौकरशाही O या O अफ़सरशाही O असरदायक O नहीं O बन O सकती O । O इन O प्रशिक्षण O केंद्रों O में O ऐसे O योग्य O सक्षम O संवेदनशील O अधिकारियों O की O तैनाती O की O जरूरत O है O जिनके O जीवन O और O प्रशासनिक O कार्य O से O नए O प्रशिक्षु O प्रेरणा O ले O सकें O , O न O कि O ऐसे O लोगों O को O तैनात O किया O जाए O जो O किसी O निजी O स्वार्थ O या O नकारापन O की O वजह O से O वहाँ O हैं O । O लेकिन O जब O वहाँ O भत्ते O आदि O कई O गुना O बेहतर O बढ़ा O दिए O गए O तब O भी O सच्चे O अर्थों O में O वे O लोग O तैनात O नहीं O हो O पाए O जो O बेहतर O होते O । O फिर O इन O सुविधाओं O के O लिए O दौड़ O शुरू O हो O गई O । O यह O प्रश्न O भी O उतना O ही O महत्वपूर्ण O है O । O इनको O ऐसे O सांचे O में O डालने O की O जरूरत O है O जिससे O बेईमानी O से O तो O बचें O ही O , O सुविधाओं O की O दौड़ O में O भी O शामिल O न O हों O । O जनता O के O हित O में O साहसिक O निर्णय O भी O ले O पाएं O । O नौकरशाही O या O लोक O प्रशासन O तंत्र O में O सुधार O के O लिए O कई O बार O कमेटी O आदि O बनी O हैं O जिनमें O महत्वपूर्ण O हैं O साठ O के O दशक O में O संथानम O कमेटी O तो O 90 O के O दशक O में O एन O एन O बोहरा O कमेटी O । O इस O बीच O राज्य O सरकारें O भी O अपने O - O अपने O ढंग O से O कदम O उठाती O रही O हैं O , O जिनका O लब्बोलुआब O यह O है O कि O सर्वोच्च O सेवा O के O इन O अधिकारियों O को O राजनीतिक O हस्तक्षेप O से O कैसे O दूर O रखा O जाए O । O इनमें O बढ़ते O भ्रष्टाचार O पर O कैसे O लगाम O रखी O जाए O । O उसके O पीछे O तर्क O यही O था O कि O यदि O लोक O सेवकों O को O मूलभूत O सुविधाएं O मिलती O रहेंगी O तो O शायद O वे O भ्रष्टाचार O की O तरफ O नहीं O जाएंगे O । O लेकिन O पिछले O आंकडे O बताते O हैं O कि O भ्रष्टाचार O में O बहुत O ज्यादा O सुधार O नहीं O हुआ O है O । O यहाँ O भी O सुधार O की O जरूरत O है O । O इस O पक्ष O पर O भी O दृढ़ता O से O कार्यान्वयन O की O जरूरत O है O । O मौजूदा O सरकार O की O इच्छाशक्ति O यह O बताती O है O कि O वह O ऐसे O सुधारों O के O लिए O कृतसंकल्प O है O । O जमीन O के O रिकॉर्ड O , O सफाई O अभियान O , O मैला O ढोने O के O काम O से O मुक्ति O से O लेकर O रेलवे O में O टिकट O आरक्षण O , O शिक्षा O जैसे O महत्वपूर्ण O कार्य O लोक O प्रशासन O के O काम O इन O अधिकारियों O ने O नई O प्रक्रिया O से O निभाए O हैं O और O लगातार O लोकहित O में O निभा O रहे O हैं O । O नौकरशाही O के O शीर्ष O में O यह O बदलाव O निचले O स्तर O तक O असर O पैदा O करेगा O । O लोक O प्रशासन O में O हम O सब O को O यह O समझने O की O जरूरत O है O कि O हम O जनता O के O सेवक O हैं O उनके O हाकिम O नहीं O , O अंग्रेजी O काल O की O औपनिवेशक O मानसिकता O को O ऐसे O ही O कदमों O से O बदला O जा O सकता O है O । O पुस्तक O चर्चा O ( O प्रकाशन O विभाग O की O नई O पुस्तकें O ) O यह O किताब O भारतीय O राजनीति O के O इस O पुरोधा O के O व्यक्तित्व O व O उपलब्धियों O से O आज O की O पीढ़ी O का O परिचय O कराती O है O । O मतदान O में O विश्वास O यह O संकलन O साहस O , O बलिदान O , O आशा O , O रचनात्मकता O , O उत्साह O तथा O चुनावों O की O कहानियों O को O प्रतिबिंबित O करता O है O । O चुनाव O भारतीय O लोकतंत्र O के O महाकुंभ O हैं O । O चुनाव O का O संबंध O जनता O , O उनकी O पसंद O , O उनके O सपने O और O उनकी O आकांक्षाओं O से O है O । O चुनाव O अधिकारी O स्थानीय O समुदाय O की O मदद O से O कठिन O भू O - O भाग O , O विभिन्न O सामाजिक O - O राजनीतिक O परिस्थितियों O , O विधि O और O व्यवस्था O संबंधी O समस्याओं O को O तो O सुलझाते O ही O हैं O , O मतदाता O वर्ग O की O उदासीनता O या O जागरूकता O की O कमी O के O प्रति O भी O उन्हें O सजग O रहना O पड़ता O है O । O ये O नायक O अपने O कर्तव्य O का O पालन O करने O हेतु O अपने O व्यक्तिगत O जीवन O में O तो O त्याग O करते O ही O है O , O कभी O - O कभी O अपनी O जान O की O बाजी O तक O लगा O देते O हैं O । O यह O समान O रूप O से O परियोजनाओं O के O ज़रिये O समाजों O को O पाटने O के O बारे O में O है O । O यह O कनेक्टिविटी O के O बारे O में O है O , O यह O संपर्कों O के O बारे O में O है O , O यह O सहयोग O के O बारे O में O है O । O हमारे O साथ O आसियान O राजदूतों O की O उपस्थिति O भी O उतनी O ही O प्रासंगिक O है O । O आपका O बहुत O - O बहुत O धन्यवाद O । O योजना O में O प्रकाशित O लेखों O में O व्यक्त O विचार O लेखकों O के O अपने O और O व्यक्तिगत O हैं O । O योजना O में O प्रकाशित O विज्ञापनों O की O विषयवस्तु O के O लिए O योजना O उत्तरदायी O नहीं O हैं O । O योजना O में O प्रकाशित O आलेखों O में O प्रयुक्त O मानचित्र O व O प्रतीक O आधिकारिक O नहीं O हैं O , O बल्कि O सांकेतिक O हैं O । O ये O मानचित्र O या O प्रतीक O किसी O भी O देश O का O आधिकारिक O प्रतिनिधित्व O नहीं O करते O हैं O । O योजना O लेखकों O द्वारा O आलेखों O के O साथ O अपने O विश्वसनीय O स्रोतों O से O एकत्र O कर O उपलब्ध O कराए O गए O आंकड़ों O / O तालिकाओं O / O इन्फोग्राफिक्स O के O संबंध O में O उत्तरदायी O नहीं O है O । O इस O अवधि O के O समाप्त O होने O के O बाद O ही O योजना O प्राप्त O न O होने O की O शिकायत O करें O । O योजना O की O सदस्यता O की O जानकारी O लेने O तथा O विज्ञापन O छपवाने O के O लिए O संपर्क O करें O - O खादी O और O ग्रामोद्योग O में O रोजगार O संर्वधन O - O युवाओं O को O ग्रामीण O स्तर O पर O रोजगार O उपलब्ध O कराने O हेतु O सरकार O बजट O में O खादी O और O ग्रामोद्योग O क्षेत्र O में O रोजगार O सृजन O को O बढ़ावा O दे O रही O है O । O इससे O परंपरागत O उद्योगों O के O पुनर्सृजन O एवं O बाजार O संवर्धन O और O विकास O सहायता O योजना O पर O बल O दिया O जायेगा O । O ग्रामीण O स्तर O पर O स्वयं O सहायता O समूह O एवं O सहकारी O समितियों O के O माध्यम O से O रोजगार O के O अवसर O उपलब्ध O कराने O तथा O स्वरोजगार O हेतू O कौशल O विकास O प्रशिक्षण O और O आर्थिक O एवं O प्रौद्योगिकी O सहायता O उपलब्ध O कराने O की O योजना O संचालित O हो O रही O है O । O कृषि O क्षेत्र O में O रोजगार O - O ग्रामीण O स्तर O पर O कृषि O का O व्यावसायीकरण O और O औद्योगीकरण O कर O कृषि O में O मौजूद O प्रच्छन्न O बेरोजगारी O को O दूर O किया O जा O सकता O है O । O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O के O दायरे O में O अभी O तक O कुछ O ही O फसलें O थीं O । O वित्त O मंत्री O ने O कहा O कि O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O का O लाभ O सभी O किसानों O को O नहीं O मिल O पाता O है O , O इसलिए O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O बढ़ा O देना O ही O पर्याप्त O नहीं O है O । O बाजार O में O कृषि O उत्पाद O का O मूल्य O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O से O कम O होने O की O स्थिति O में O सरकार O या O तो O कृषि O उत्पाद O को O न्यूनतम O समर्थन O मूल्य O पर O खरीदेगी O अथवा O किसी O अन्य O पुख्ता O व्यवस्था O के O अंतर्गत O कृषकों O को O फसल O का O उचित O दाम O दिलाएगी O , O जिससे O किसानों O को O उपज O की O गारंटी O मिल O सकेगी O । O कृषि O आय O बढ़ाने O के O लिए O डेयरी O , O पशुपालन O , O मत्स्य O व O पोल्ट्री O इत्यादि O के O विकास O पर O जोर O दिया O जा O रहा O है O । O किसान O क्रेडिट O कार्ड O की O सुविधा O का O विस्तार O मत्स्य O एवं O पशुपालन O तक O कर O दिया O गया O है O । O शीघ्र O नष्ट O होने O वाली O फसल O जैसे O टमाटर O , O प्याज O और O आलू O इत्यादि O की O कीमतों O को O अनिश्चितता O से O बचाने O के O लिए O सरकार O आपरेशन O फ्लड O की O तर्ज O पर O ' O आपरेशन O ग्रीन O ' O आरंभ O करने O जा O रही O है O । O ' O आपरेशन O ग्रीन O ' O किसान O उत्पादक O संगठनों O , O कृषि O संभार O तंत्र O , O प्रसंस्करण O ईकाइयों O , O व्यावसायिक O प्रबंधन O में O सामंजस्य O स्थापित O करेगा O । O वर्तमान O में O कृषि O क्षेत्र O में O सबसे O बड़ी O मुश्किल O उत्पादकता O बढ़ाने O की O बजाय O फसल O का O समुचित O मूल्य O दिलाना O है O । O इससे O किसानों O को O अपने O उत्पाद O राष्ट्रीय O स्तर O पर O बेचने O की O सुविधा O प्राप्त O हो O सकेगी O । O युवाओं O की O आत्मनिर्भरता O हेतु O राष्ट्रीय O योजनाएं O : O * O कृषि O एवं O खाद्य O प्रसंस्कारण O में O रोजगार O * O प्रधानमंत्री O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O * O स्वरोजगार O योजना O * O मुद्रा O योजना O * O प्रधानमंत्री O कौशल O विकास O योजना O * O खादी O व O ग्रामोद्योग O में O रोजगार O संवर्धन O कैसे O कमियां O होंगी O दूर O ? O छोटी O बचत O योजनाओं O में O छोटों O से O और O छोटों O के O लिए O जमा O करने O को O लेकर O कई O तरह O की O दिक्कतें O हैं O । O इस O बारे O में O स्पष्ट O प्रावधान O नहीं O है O कि O छोटी O बचत O योजनाओं O में O छोटे O यानी O अल्पव्यस्क O पैसा O जमा O करा O सकते O हैं O या O नहीं O । O * O बच्चों O / O अल्पवयस्कों O की O ओर O से O छोटी O बचत O योजनाओं O में O पैसा O लगाने O को O लेकर O प्रस्तावित O कानून O में O स्पष्ट O प्रावधान O होगा O । O इससे O बच्चों O के O बीच O जमा O की O संस्कृति O को O विकसित O करने O में O मदद O मिलेगी O । O * O बच्चों O की O तरफ O से O अभिभावक O पैसा O जमा O कर O सकते O हैं O । O प्रस्तावित O कानून O के O तहत O ऐसे O अभिभावकों O के O अधिकार O और O जिम्मेदारियां O स्पष्ट O की O जाएंगी O । O मौजूदा O कानून O के O तहत O अल्पवयस्क O के O नाम O खोले O गए O खातों O में O नामांकन O को O लेकर O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O कानून O में O यह O भी O कहा O गया O है O कि O खाताधारक O की O अगर O मृत्यु O हो O जाए O और O वहां O नामांकन O नहीं O है O , O साथ O ही O रकम O तय O सीमा O से O ज्यादा O है O तो O वह O पैसा O कानूनी O उत्तराधिकारी O को O सौंपा O जा O सकता O है O । O इसके O लिए O अभिभावक O को O उत्तराधिकार O प्रमाण O - O पत्र O लेना O होता O है O । O अब O ऐसे O तमाम O झंझटों O को O दूर O करने O के O लिए O कुछ O प्रावधान O किए O गए O हैं O । O मसलन O , O * O अल्पवयस्कों O के O नाम O खोले O गए O खातों O में O नामांकन O का O प्रावधान O होगा O * O यदि O अल्पवयस्क O की O मृत्यु O हो O जाए O और O उसके O नाम O के O खाते O में O नामांकन O नहीं O किया O गया O है O तो O वहां O पर O पूरी O जमा O रकम O कानूनी O उत्तराधिकारी O को O दी O जाएगी O । O * O सबसे O बड़ी O बात O यह O है O कि O नामांकन O अनिवार्य O होगा O , O ताकि O किसी O भी O तरह O की O आकस्मिक O परिस्थिति O से O निबटा O जा O सके O । O पब्लिक O प्रॉविडेंट O फंड O के O लिए O बदलाव O - O अब O नयी O व्यवस्था O में O ऐसी O परेशानियां O दूर O हो O सकेंगी O । O पीपीएफ O व O दूसरी O तमाम O छोटी O बचत O योजनाओं O में O खाता O बंद O करना O ज्यादा O आसान O हो O जाएगा O । O फिलहाल O , O नयी O समय O सीमा O क्या O होगी O और O उसके O लिए O क्या O शर्तें O पूरी O करनी O होंगी O , O इसके O लिए O सरकार O अधिसूचना O जारी O करेगी O जिसके O बाद O ही O जमाकर्ताओं O को O नयी O सुविधाओं O का O फायदा O मिल O सकेगा O । O नामांकन O से O जुड़े O अधिकार O - O मौजूदा O कानूनों O के O प्रावधान O के O तहत O यदि O जमाकर्ता O की O मृत्यु O हो O जाए O और O वहां O पर O नामांकन O किया O गया O है O तो O बकाया O रकम O नामित O व्यक्ति O को O अदा O कर O दी O जाती O है O । O शिक्षा O प्रणाली O का O उद्देश्य O मानव O को O ऐसा O भला O इंसान O बनाना O है O जिसकी O सोच O और O कार्य O युक्तिसंगत O हो O , O जिसमें O दया O और O सहानुभूति O हो O , O साहस O एवं O संकटों O का O सामना O करने O की O क्षमता O हो O , O वैज्ञानिक O दृष्टिकोण O हो O तथा O नैतिकता O एवं O मूल्यों O के O साथ O रचनात्मक O कल्पनाशक्ति O हो O । O इसका O ध्येय O ऐसे O सक्रिय O और O सार्थक O नागरिक O तैयार O करना O है O जो O हमारे O संविधान O में O निहित O तत्वों O के O अनुरूप O समतापूर्ण O , O समावेशी O तथा O बहुलतावादी O समाज O के O निर्माण O में O योगदान O कर O सकें O । O विश्वभर O में O शिक्षा O क्षेत्र O में O तेज़ी O से O बदलाव O हो O रहे O हैं O । O नीति O में O शिक्षकों O की O भूमिका O के O महत्व O पर O भी O जोर O दिया O गया O है O । O इसमें O कहा O गया O है O कि O “ O शिक्षक O वास्तव O में O हमारे O बच्चों O के O भविष्य O और O उनके O माध्यम O से O देश O के O भविष्य O को O आकार O देते O हैं O । O शिक्षकों O को O गुरु O कहकर O भी O संबोधित O किया O जाता O है O । O यह O भारतीय O संस्कृति O में O शिक्षक O को O गुरु O कहने O की O परंपरा O बहुत O प्राचीन O है O जिससे O पता O लगता O है O कि O हमारे O समाज O में O सदियों O से O शिक्षकों O को O अपना O सबसे O सम्मानित O सदस्य O समझा O जाता O रहा O है O । O वे O पीढ़ी O दर O पीढ़ी O कौशल O , O ज्ञान O एवं O आचार O - O व्यवहार O सिखाने O का O जो O पावन O कार्य O करते O हैं O यह O उसका O सम्मान O है O । O हालांकि O समय O के O साथ O बड़े O पैमाने O पर O उनके O शोषण O के O कारण O बच्चों O को O लायक O बनाने O वाले O इन O सृजनहारों O की O भूमिका O के O प्रति O उदासीनता O का O रवैया O देखा O गया O है O । O किंतु O लगातार O बदलते O विश्व O में O , O शिक्षकों O को O केंद्र O में O रखते O हुए O , O शिक्षा O व्यवस्था O में O आमूल O - O चूल O सुधार O की O आवश्यकता O है O । O विभिन्न O समुदायों O को O जिन O समस्याओं O का O सामना O करना O पड़ता O है O , O उससे O उच्च O अधिकारियों O को O अवगत O कराने O में O ही O कई O दिन O लग O जाते O हैं O । O ऊपर O वर्णित O चुनौतियों O के O समाधान O के O लिए O जल O जीवन O मिशन O डिजिटल O रूट O का O समर्थन O करता O है O , O ताकि O प्रत्येक O गांव O में O जल O आपूर्ति O की O निगरानी O प्रभावी O ढंग O से O की O जा O सके O । O यह O ना O सिर्फ O उस O स्थान O का O प्रभावी O ढंग O से O निगरानी O और O प्रबंध O करेगा O , O बल्कि O उच्च O अधिकारिंयो O , O जन O - O प्रतिनिधियों O और O जनता O को O वास्तविक O समय O में O समस्या O की O जानकारी O भी O देगा O । O इन O परियोजनाओं O के O लिए O प्रायोगिक O अध्ययन O किया O गया O जिसमें O यह O प्रमाणित O हुआ O कि O तकनीकी O सक्षम O वास्तविक O समय O ( O रियल O टाइम O ) O की O निगरानी O सकारात्मक O व्यावहारिक O बदलाव O की O अगुवाई O करता O है O , O जिसके O फलस्वरूप O ग्रामीण O समुदायों O को O सामाजिक O - O आर्थिक O और O स्वास्थ्य O मानदंडों O में O सुनिश्चित O और O अर्थपूर्ण O लाभ O मिला O है O ; O जल O स्रोतों O की O लंबे O समय O तक O निरंतरता O : O वास्तविक O समय O के O आधार O पर O टी.वी. O स्क्रीन O डेशबोर्ड O पर O भूमिगत O जल O के O तेजी O से O घटते O स्तर O को O देखते O हुए O समुदायों O में O वर्षा O जल O संरक्षण O की O संरचना O और O जलविभाजन O के O प्रबंधन O के O प्रति O जागरुकता O आई O है O । O अब O स्थानीय O समुदाय O संचालकों O द्वारा O नियमित O रूप O से O कीटाणुशोधन O किया O जाने O लगा O । O इन O चुनौतियों O को O स्वीकार O कर O उसका O समाधान O ढूंढने O के O लिए O स्टार्ट O अप O और O उद्यमियों O , O के O साथ O भागीदारी O की O गई O । O घरेलू O स्तर O तक O जल O की O गुणवत्ता O के O प्रमाण O के O लिए O जल O जांच O प्रयोगशालाएं O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O और O जन O स्वास्थ्य O और O अभियांत्रिकी O विभाग O के O नियंत्रण O में O हैं O , O इसे O जनता O के O लिए O खोला O गया O ताकि O जल O के O नमूनों O की O जांच O हो O सके O । O इसका O भी O उल्लेख O किया O गया O है O कि O जल O गुणवत्ता O परीक्षण O डाटा O जैसे O प्रयोगशाला O में O जांच O का O डाटा O , O गांवों O में O फील्ड O टेस्ट O किट O ( O एफ O टी O के O ) O और O संवेदक O यंत्र O से O लिये O गए O डेटा O को O वेब O पोर्टल O जिसे O जेजेएम O - O डबल्यूक्यूएसआईएस O ( O जल O जीवन O मिशन O - O जल O गुणवत्ता O जांच O और O निरीक्षण O ) O में O डाला O जाएगा O ताकि O डाटा O को O दोबारा O से O जांचा O जा O सके O और O उस O आधार O पर O समस्या O का O निदान O तुरंत O किया O जा O सके O । O जब O यह O यंत्र O बन O जाएगा O तब O जल O की O गुणवत्ता O की O जांच O के O लिए O इसका O प्रयोग O घर O में O ही O किया O जा O सकेगा O । O इससे O लोगों O का O विश्वास O सप्लाई O किये O हुए O जल O पर O बढ़ेगा O और O उन्हें O नल O का O पानी O पीने O के O लिए O प्रोत्साहित O भी O करेगा O और O जल O शुद्धिकरण O संयंत्र O में O होने O वाले O अनावश्यक O खर्च O को O भी O कम O करेगा O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O रहने O वाले O लोगों O के O जीवन O को O आसान O करने O और O घरेलू O स्तर O तक O पीने O योग्य O पानी O उपलब्ध O कराने O के O उद्देश्य O से O जल O जीवन O मिशन O राज्य O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O सहयोग O से O देश O भर O में O पहुंच O रहा O है O । O इसकी O बड़ी O दिलचस्प O कहानी O है O । O ऐसा O दूसरे O मौकों O पर O भी O हुआ O है O । O संकट O को O ताकत O में O बदलने O का O संकल्प O : O पुरुषार्थ O की O पहचान O संकट O के O समय O पर O ही O होती O है O । O इन O प्रश्नों O का O जवाब O हां O में O हो O इसके O लिए O आवश्यक O है O कि O सूचना O प्रौद्योगिकी O और O विनिर्माण O उद्योग O अपने O भीतर O मौजूद O अपार O संभावनाओं O को O साकार O करके O दिखाएं O । O ' O आत्मनिर्भर O भारत O ' O और O ' O लोकल O के O लिए O वोकल O ' O की O बात O करके O प्रधानमंत्री O ने O विकास O और O राष्ट्रीय O स्वाभिमान O की O नई O खिड़कियां O , O नए O द्वार O खोले O हैं O । O राष्ट्रीय O डिजिटल O स्वास्थ्य O मिशन O : O इस O मिशन O के O अंतर्गत O सभी O नागरिकों O को O स्वास्थ्य O पहचान O पत्र O दिए O जाएंगे O । O हर O नागरिक O के O पहचान O पत्र O में O उसकी O हर O बीमारी O , O हर O जांच O , O डॉक्टरों O द्वारा O दी O गई O तमाम O दवाओं O की O सूचनाओं O के O साथ O - O साथ O उनकी O रिपोर्ट O भी O रहेंगी O । O इसे O देश O में O किसी O भी O स्थान O पर O देखा O जा O सकेगा O और O सूचना O प्रौद्योगिकी O की O मदद O से O संपन्न O होने O वाली O यह O परियोजना O सभी O के O लिए O उपयोगी O होगी O - O स्वयं O नागरिकों O के O लिए O , O चिकित्सकों O के O लिए O , O सरकार O के O लिए O और O बीमा O क्षेत्र O के O लिए O । O यदि O सरकार O ने O चाहा O तो O वह O स्वास्थ्य O संबंधी O शोध O और O कृत्रिम O मेधा O जैसे O क्षेत्रों O के O लिए O भी O इसका O प्रयोग O करने O पर O विचार O कर O सकती O है O । O इसमें O सभी O डॉक्टरों O के O साथ O - O साथ O नैदानिक O परीक्षण O और O निर्धारित O दवाओं O के O परिणाम O शामिल O होंगे O । O नागरिक O यह O निर्णय O लेने O के O लिए O स्वतंत्र O होगा O कि O वह O स्वास्थ्य O पहचान O पत्र O को O ' O आधार O ' O के O साथ O जोड़ना O चाहता O है O या O नहीं O । O यह O कार्ड O सरकारी O दफ्तरों O , O अस्पतालों O , O पैथालॉजिकल O लैब O और O फार्मा O कंपनियों O में O भी O इस्तेमाल O किया O जा O सकेगा O । O स्वास्थ्य O पहचान O पत्र O स्वैच्छिक O होगा O । O यदि O किसी O व्यक्ति O को O यह O नहीं O चाहिए O तो O यह O उसका O निर्णय O है O । O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O अनुभवों O के O आधार O पर O बाद O में O इसे O राज्यों O में O भी O लॉन्च O किया O जाएगा O । O लोग O यहां O संतों O के O पास O अपनी O आध्यात्मिक O संतुष्टि O के O लिए O आया O करते O थे O । O भाषा O के O नज़रिये O से O यह O विभिन्न O आगंतुकों O के O मिलने O की O अनोखी O प्रक्रिया O थी O , O जिसने O उर्दू O के O विकास O में O काफी O मदद O की O । O दरबारी O भाषा O पारसी O से O हटकर O , O सूफी O संत O आम O लोगों O की O भाषा O में O बातचीत O करते O थे O । O कई O अन्य O भाषाओं O के O जैसे O ही O उर्दू O में O भी O काव्य O का O विकास O गद्य O ( O नस्र O ) O से O पहले O ही O हुआ O है O । O गोरी O सोवे O सेज O पर O , O मुख O पर O डारे O केस O । O ( O गोरी O अपने O बिस्तर O पर O सो O रही O है O , O उसका O चेहरा O उसके O लंबे O बालों O से O ढंका O हुआ O है O । O उन्होंने O साहित्य O के O उन O विचारों O को O नकार O दिया O जो O प्रेम O और O खूबसूरती O तथा O स्वच्छंद O सोच O पर O आधारित O होते O थे O । O इसने O नस्र O में O विद्वतापूर्ण O , O वस्तुनिष्ठता O और O भावाभिव्यक्ति O की O स्पष्टता O के O मानकों O को O जोड़ा O और O अनुभवजन्य O दृष्टिकोण O पर O ज़ोर O दिया O । O यह O एकीकृत O और O अभिनव O नजरिया O है O जिसके O अंतर्गत O ग्रामीण O भारत O में O हर O किसी O के O दिमाग O में O स्वच्छता O और O साफ O - O सफाई O सबसे O ऊपर O है O । O बैंको O बीकाना O के O अंतर्गत O व्यवहार O परिवर्तन O संवाद O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O हासिल O करने O के O साथ O समाप्त O नहीं O हो O जाता O , O बल्कि O इस O लक्ष्य O को O हासिल O करने O के O बाद O भी O व्यवहार O में O परिवर्तन O का O संवाद O जारी O रहता O है O । O इस O प्रकार O अभियान O की O निरंतरता O सुनिश्चित O रहती O है O । O अक्सर O बच्चों O की O छोटी O टोलियाँ O इसमें O सबसे O आगे O रहती O हैं O । O व्यवहार O बदलने O का O प्रयास O समय O बीत O जाने O के O बाद O हासिल O सफलता O पलट O न O जाए O इस O खतरे O को O कम O करता O है O । O जैसा O कि O प्रधानमंत्री O ने O बार O - O बार O बताया O है O , O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O की O स्थिति O को O प्राप्त O करना O और O बनाए O रखना O पूरे O राष्ट्र O की O सामूहिक O जिम्मेदारी O है O , O यह O सभी O का O साझा O सरोकार O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O आम O जनता O की O सोच O में O रच O - O बस O चुका O है O । O इसमें O हर O कोई O शामिल O है O । O यह O जनता O का O अभियान O है O और O जनता O के O लिए O है O । O यह O जेंडर O सेंसिटिव O सूचना O , O व्यवहारगत O बदलाव O दिशानिर्देशों O तथा O विभिन्न O जन O शिक्षा O गतिविधियों O को O प्रमोट O करती O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O : O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O इस O जिम्मेदारी O को O पूरा O करने O में O मंत्रालय O अन्य O सभी O मंत्रालयों O , O राज्य O सरकारों O , O स्थानीय O संस्थाओं O , O एनजीओं O , O विश्वसनीय O संगठनों O , O मीडिया O व O अन्य O स्टेकधारकों O के O साथ O मिलकर O लगातार O काम O कर O रहा O है O । O यह O प्रयास O प्रधानमंत्री O के O उस O आह्वान O पर O आधारित O है O कि O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O होनी O चाहिए O न O कि O सिर्फ O स्वच्छता O विभाग O की O । O इस O प्रक्रिया O में O काफी O कम O समय O में O कई O विशेष O पहल O व O प्रोजेक्ट्स O शुरू O हुए O हैं O । O सभी O स्टेकधारकों O से O मिल O रही O प्रतिक्रियाएं O काफी O उत्साहवर्द्धक O हैं O । O स्वच्छता O पखवाड़ा O नमामि O गंगे O स्वच्छता O कार्य O - O योजना O ( O एसएपी O ) O एसएपी O स्वच्छता O हेतु O अपनी O तरह O का O अनूठा O अंतरमंत्रालयीय O कार्यक्रम O है O जो O कि O प्रधानमंत्री O के O इस O नजरिए O कि O स्वच्छता O सबकी O जिम्मेदारी O है O का O साकार O रूप O है O । O सभी O यूनियन O मंत्रालयों O / O विभागों O ने O इसे O साकार O करने O के O लिए O उपयुक्त O बजट O प्रावधानों O के O साथ O अर्थपूर्ण O तरीके O से O काम O करना O शुरू O कर O दिया O है O । O एसएपी O कार्यान्वयन O स्वच्छ O आइकॉनिक O स्थान O ( O एसआइपी O ) O इस O पहल O का O लक्ष्य O इन O स्थानों O की O सफाई O को O बेहतर O करना O है O । O स्वच्छ O शक्ति O प्रधानमंत्री O ने O इस O अवसर O पर O सभा O को O संबोधित O किया O । O दरवाजा O बन्द O मीडिया O अभियान O उन्होंने O कहा O कि O “ O स्वच्छता O को O स्वभाव O बनाना O होगा O - O अपने O देश O को O स्वच्छ O रखना O हमारी O सामूहिक O जिम्मेदारी O है O । O '' O बहु O - O विषयक O दृष्टिकोण O जल O शासन O जल O शासन O यानी O जल O के O समग्र O प्रबंधन O में O विभिन्न O मोर्चों O पर O कई O मुद्दों O पर O कार्रवाई O की O आवश्यकता O है O । O इन O मुद्दों O की O जटिलता O को O देखते O हुए O , O इनसे O प्रभावी O ढंग O से O निपटने O के O लिए O बहु O - O विषयक O दृष्टिकोण O की O आवश्यकता O है O । O इन O सब O से O ऊपर O , O जल O जैसे O बहुमूल्य O संसाधन O के O सतत O उपयोग O के O लिए O , O इससे O संबंधित O मुद्दों O के O बारे O में O जागरूकता O और O समुदाय O प्रेरण O को O , O कार्यनीति O के O केंद्र O में O रखना O भी O महत्वपूर्ण O है O । O भूवैज्ञानिक O और O अन्य O कारकों O की O वजह O से O इस O मात्रा O का O पूर्ण O उपयोग O नहीं O हो O पाता O है O । O बढ़ती O जनसंख्या O , O शहरीकरण O , O औद्योगिकीकरण O , O जल O प्रदूषण O और O अकुशल O उपयोग O के O कारण O देश O के O सीमित O जल O संसाधन O दबाव O में O हैं O । O जल O शासन O के O मुद्दे O उपरोक्त O संदर्भ O को O देखते O हुए O , O जल O शासन O से O संबंधित O कई O मुद्दे O हैं O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O विकास O की O तीव्र O गति O का O मुख्य O कारण O यह O है O कि O वे O ग्राहकों O की O उभरती O जरूरतों O को O निरन्तर O पूर्ण O करने O में O सफल O हुए O हैं O । O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O बेहतर O ग्राहक O अनुभव O पर O अपना O ध्यान O केंद्रित O करने O में O सक्षम O हैं O । O विंटेज O स्वाभाविक O रूप O से O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O अधिकांश O बैंकों O ने O औद्योगिक O व O बुनियादी O ढांचे O के O वित्तपोषण O के O साथ O अपनी O बैलेंस O शीट्स O को O व्यापारिक O रूप O से O नीचे O गिरावट O को O निमंत्रण O दिया O था O । O अपेक्षाकृत O नये O विंटेज O ने O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O को O नवीनतम O प्रौद्योगिकी O में O गहन O समाधानों O में O निवेश O करने O और O उनकी O क्षमताओं O को O बढ़ाने O में O मदद O की O जो O ग्राहक O अनुभव O को O सुधारने O के O अलावा O नये O राजस्व O मंचों O के O लिए O खोज O करने O में O महत्वपूर्ण O हैं O । O जबकि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ने O तेजी O की O है O । O उत्पादकता O बैंकों O के O आमदनी O अनुपात O - O सीआई O - O ( O कर्मचारी O व्यय O , O अन्य O परिचालन O व्यय O ) O / O ( O शुद्ध O ब्याज O आय O , O अन्य O आय O ) O की O लागत O का O विश्लेषण O करने O पर O हमें O सार्वजनिक O और O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O के O बीच O नितांत O अंतर O देखने O को O मिलता O है O । O यह O मौजूदा O शेयरधारकों O को O पर्याप्त O लाभ O प्रदान O करता O है O और O आगे O के O विस्तार O के O लिए O और O अधिक O पूंजी O जुटाने O का O अवसर O प्रदान O करता O है O । O त्वरित O कार्य O निष्पादन O नये O युग O के O अधिकतर O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O सही O प्रतिभा O की O भर्ती O करने O में O उल्लेखनीय O रूप O से O लचीले O हैं O , O जबकि O यह O भी O सुनिश्चित O करना O होगा O कि O मुआवजा O और O अवधारण O नीतियां O आकर्षक O हों O । O इसके O अलावा O निजी O क्षेत्र O के O बैंक O भी O दबाव O व O नुकसान O की O जल्दी O पहचान O के O संबंध O में O फैसले O लेने O में O भी O तेज O हैं O । O उसके O बाद O वे O उसके O समाधान O / O पुनर्प्राप्ति O को O सुनिश्चित O करते O हैं O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंक O * O सीआरआईएलसी O के O निर्माण O ( O बड़े O ऋणों O से O संबंधित O सूचना O का O केन्द्रीय O भंडार O ) O और O आईबीसी O ( O दिवाला O और O दिवालियापन O संहिता O ) O के O कार्यान्वयन O ने O सूचना O साझा O करने O और O थमी O हुईं O परिसंपत्तियों O के O समाधान O हेतु O संस्थागत O ढांचा O प्रदान O किया O है O । O हालांकि O यह O सही O समय O में O लिया O गया O निर्णय O है O और O इससे O यह O सुनिश्चित O होगा O कि O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंक O बेसल O III O नियामक O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O में O सक्षम O होंगे O , O इसमें O बैंकों O के O लिए O विकास O पूंजी O के O लिए O स्थान O भी O शामिल O है O जो O बेहतर O आंकड़े O प्रदर्शित O करने O में O सक्षम O हैं O । O अगली O पीढ़ी O की O बैंकिंग O एकता O में O अटूट O शक्ति O “ O देशीय O सरकार O में O एकता O और O सहयोग O अनिवार्य O तत्व O हैं O । O “ O - -NEP (( O सरदार - वल्लभभाई - पटेल - हालांकि O , O यह O सहकारी O और O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O पर O आधारित O संघीय O संरचना O का O नव O युगीन O दृष्टिकोण O है O जिसे O नीति O आयोग O के O गठन O के O साथ O परिभाषित O और O पुनर्मूल्यांकित O किया O गया O है O । O प्रत्येक O सरकार O अपने O क्षेत्र O में O स्वायत्त O है O । O संघ O , O राज्य O और O समवर्ती O सूचियां O केंद्र O और O राज्य O के O दायित्वों O और O कार्यों O का O सीमांकन O करते O हैं O । O यह O एकता O के O साथ O - O साथ O विविधता O को O स्वीकार O करना O और O सराहना O है O और O साथ O ही O सीमाओं O का O सम्मान O करने O के O साथ O - O साथ O सीमाओं O से O परे O जाना O है O । O ऐसी O संरचना O के O लिए O दी O जाने O वाली O सबसे O आम O उपमा O है O ' O मस्तिष्क O ' O और O ' O शरीर O के O अंग O ' O । O जिस O तरह O से O वे O एक O दूसरे O के O साथ O सम्पूर्ण O सामंजस्य O में O काम O करते O हैं O उसी O प्रकार O संघवाद O की O भावना O , O मन O और O आत्मा O भी O है O । O पूरे O शरीर O के O सुचारु O संचालन O और O विकास O के O लिए O प्रत्येक O अंग O दूसरे O पर O निर्भर O है O । O विविधताओं O और O स्वायत्तता O की O मांग O के O प्रति O उत्तरदायी O राज्य O शासन O विधि O ही O सहकारी O संघवाद O का O आधार O हो O सकती O है O । O हालिया O महामारी O ने O हमें O इस O संबंध O में O कई O सबक O सिखाए O हैं O । O सभी O सीमाओं O और O संसाधनों O की O परिणति O वायरस O के O साथ O सामूहिक O संघर्ष O में O हुई O है O । O जितना O निर्बाध O सामंजस्य O केंद्र O और O राज्यों O के O बीच O होगा O और O जितनी O रचनात्मक O सहमति O से O वे O दोनों O एक O दूसरे O के O सहयोगी O और O प्रतिपूरक O होंगे O उतना O ही O वे O साथ O साथ O इस O संकट O से O गुजरते O हुए O उसका O मजबूती O से O सामना O करने O में O सक्षम O होंगे O । O इसका O गठन O भारतीय O रिजर्व O बैंक O अधिनियम O 1934 O के O प्रावधानों O के O मुताबिक O किया O गया O था O । O इसके O अलावा O , O देश O के O हित O में O करेंसी O और O क्रेडिट O सिस्टम O का O संचालन O करना O ; O लगातार O जटिल O होती O जा O रही O अर्थव्यवस्था O के O लिए O मौद्रिक O नीति O का O आधुनिक O ढांचा O तैयार O करना O और O वृद्धि O दर O के O मकसद O को O ध्यान O में O रखते O हुए O कीमतों O में O स्थिरता O बनाए O रखना O । O ' O मौद्रिक O नीति O में O केंद्रीय O बैंक O के O नियंत्रण O के O तहत O मौद्रिक O उत्पादों O के O इस्तेमाल O के O सिलसिले O में O चीजें O तय O की O जाती O हैं O और O इसका O मकसद O अधिनियम O में O तय O लक्ष्यों O को O हासिल O करना O होता O है O । O भारतीय O रिजर्व O बैंक O अधिनियम O , O 1934 O के O तहत O इस O जिम्मेदारी O का O साफ O तौर O पर O जिक्र O है O । O मौद्रिक O नीति O का O मुख्य O मकसद O वृद्धि O दर O के O लक्ष्य O को O ध्यान O में O रखते O हुए O कीमतों O में O स्थिरता O को O बनाए O रखना O है O । O सतत O और O टिकाऊ O वृद्धि O दर O के O लिए O कीमतों O में O स्थिरता O अहम O शर्त O है O । O हालिया O पहल O इसका O मकसद O महंगाई O दर O के O लचीले O ढांचे O को O वैधानिक O आधार O प्रदान O कर O इसका O अमल O करना O था O । O कोविड O - O 19 O से O मुकाबला O इसने O विश्व O भर O में O स्वास्थ्य O सेवा O की O तैयारियों O की O कड़ी O परीक्षा O ली O । O इस O संकट O से O मुकाबले O की O त्वरित O प्रतिक्रिया O कार्य O योजना O बनाने O और O लागू O करने O में O हर O देश O को O संघर्ष O करना O पड़ा O । O प्रत्येक O देश O ने O अपनी O आर्थिक O और O स्वास्थ्य O सेवा O संबंधी O विशिष्टताओं O तथा O वैज्ञानिक O तैयारियों O के O अनुकूल O कार्य O योजना O के O मॉडल O विकसित O किये O । O बैठक O में O वेब O पोर्टल O , O रोगियों O के O संपर्क O में O आये O व्यक्तियों O की O पहचान O के O लिये O ऐप O , O हैंडबुक O तथा O आरटी O - O पीसीआर O जांच O से O संबंधित O प्रयोगशाला O नियमावली O तैयार O करने O के O बारे O में O महत्वपूर्ण O फैसले O किये O गये O । O इन O फैसलों O को O तेजी O से O लागू O किया O गया O । O नियामकों O और O नियामक O विभागों O से O कहा O गया O कि O वे O मंजूरी O देने O की O प्रक्रिया O में O तेजी O लायें O , O क्लिनिकल O परीक्षणों O के O लिये O सुसंगत O प्रोटोकॉल O बनायें O और O कार्मिक O सुरक्षा O उपकरणों O - O पर्सनल O प्रोटेक्शन O इक्विपमेंट O ( O पीपीई O ) O के O मापदंडों O का O तत्काल O मानकीकरण O करें O । O इसके O अलावा O यह O परिणाम O आधारित O कार्य O निष्पादन O के O मूल्यांकन O की O दक्षता O में O सुधार O लाने O के O लिए O कार्यपद्धति O में O सुधार O ला O रहा O है O और O अपने O मानव O संसाधन O आधार O पर O मजबूत O बना O रहा O है O । O इसके O अतिरिक्त O , O नीति O आयोग O सभी O राज्यों O में O एसडीजी O की O प्रगति O पर O पैनी O नजर O बनाए O हुए O है O । O साथ O ही O प्रौद्योगिकी O आधारित O समयोचित O निगरानी O क्षमताएं O ( O यानी O रियल O - O टाइम O टेक्नोलॉजी O - O बेस्ड O मॉनिटरिंग O केपेसिटीज O ) O स्थापित O करने O के O लिए O उनके O साथ O संपर्क O बनाए O हुए O है O , O जिनसे O प्रत्येक O राज्य O में O विकास O की O प्रक्रिया O में O एसडीजी O को O मुख्य O धारा O में O लाने O में O मदद O मिलेगी O । O एआईएम O स्कूलों O के O विद्यार्थियों O में O अटल O टिंकरिंग O लैब O ( O एटीएल O ) O के O माध्यम O से O नवाचारी O मानसिकता O को O बढ़ावा O दे O रहा O है O , O जो O अटल O उद्भवन O केद्रों O ( O एआईसी O ) O द्वारा O प्रोत्साहित O स्टार्ट O - O अप्स O में O योगदान O करेंगे O । O इस O लक्ष्य O की O प्राप्ति O के O प्रयासों O के O तहत O , O निरंतर O और O समावेशी O विकास O सुनिश्चित O कर O सकने O वाली O नयी O आधारशिला O रखने O की O दिशा O में O निरंतर O ढांचागत O सुधार O महत्वपूर्ण O होंगे O । O सभी O के O लिए O रोजगार O के O साधनों O का O सृजन O करने O वाली O त्वरित O , O निरंतर O और O स्वच्छ O वृद्धि O का O लक्ष्य O हासिल O करने O के O लिए O उपयुक्त O वास्तविक O और O सामाजिक O अवसंरचना O में O निवेश O करना O पहली O आवश्यकता O है O । O नीति O आयोग O अपनी O बौद्धिक O व्यापकता O और O गहराई O के O साथ O (( O भारत -NEL को O इन O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O में O सहायता O देने O के O लिए O बहुत O उपयुक्त O स्थिति O में O मौजूद O है O । O अब O इन O सुधारों O को O अक्षरशः O लागू O करना O तथा O देश O को O वृद्धि O के O अगले O मोर्चे O तक O पहुंचने O में O सहायता O करना O राज्यों O पर O निर्भर O करता O है O । O इस O सुधार O को O लागू O करने O तथा O पैदावार O में O उल्लेखनीय O बढ़ोतरी O करने O तथा O किसानों O की O आमदनी O दोगुनी O करने O का O मार्ग O प्रशस्त O करने O का O दायित्व O अब O राज्य O सरकारों O का O है O । O कोविड O 19 O में O राजकोषीय O संघवाद O यह O शत्रु O है O - O सिविअर O एक्यूट O रेस्पिरेट्री O सिंड्रोम O कोरोना O वायरस O - O 2 O ( O सार्स O - O कोव O - O 2 O ) O नाम O का O बेहद O संक्रामक O विषाणु O । O इस O विषाणु O से O उत्पन्न O कोविड O - O 19 O रोग O ने O इस O सदी O का O सबसे O बड़ा O स्वास्थ्य O संकट O पैदा O कर O दिया O , O पूरी O दुनिया O में O सबका O जीवन O उथल O - O पुथल O कर O दिया O , O अर्थव्यवस्थाओं O को O बर्बाद O कर O दिया O , O परिवारों O का O नाश O कर O दिया O , O जिसके O कारण O लोगों O की O जान O जा O रही O है O और O वे O अशक्त O हो O रहे O हैं O । O इस O विषाणु O ने O जितनी O बड़ी O संख्या O में O लोगों O को O शिकार O बनाया O वैसा O पहले O कभी O नहीं O हुआ O । O प्रधानमंत्री O के O नेतृत्व O में O सरकार O ने O सहकारी O संघवाद O का O मंत्र O अपनाकर O कोविड O - O 19 O के O खिलाफ O अनुकरणीय O संघर्ष O किया O है O । O शुरुआती O चरणों O में O संक्रमण O का O फैलाव O रोकने O के O लिए O लॉकडाउन O और O शारीरिक O दूरी O रखने O के O जो O उपाय O अपनाए O गए O उनके O कारण O आर्थिक O गतिविधियां O लगभग O ठप्प O हो O गई O थीं O । O राजस्व O वसूली O में O भारी O कमी O हुई O जबकि O खर्चों O में O बेइंतेहा O बढ़ोतरी O होती O गई O । O राज्यों O को O खर्चों O के O लिए O राजकोषीय O सहायता O की O जरूरत O थी O । O इस O संक्रमण O से O लड़ने O , O आर्थिक O गतिविधियों O को O स्फूर्ति O देने O और O जन O सेवाएं O प्रदान O करने O के O मानदंडों O के O संरक्षण O के O लिए O केंद्र O सरकार O ने O अनेक O उपाय O अपनाकर O राज्यों O को O पर्याप्त O संसाधन O उपलब्ध O कराए O हैं O । O राज्यों O के O लिए O उधार O सीमा O में O बढ़ोतरी O अतिरिक्त O उधार O सुविधा O के O आधे O पर O कोई O शर्त O नहीं O थी O जबकि O शेष O राशि O को O निश्चित O , O मापने O योग्य O और O व्यावहारिक O सुधार O उपायों O के O साथ O जोड़ा O गया O । O सकल O राज्य O घरेलू O उत्पाद O चौथाई O प्रतिशत O उधार O अनुमति O के O लिए O इनमें O से O प्रत्येक O क्षेत्र O में O सुधार O उपायों O को O पूर्ण O करना O अनिवार्य O हो O गया O । O जल O जीवन O मिशन O ने O तो O मार्गदर्शी O निर्देश O लिखकर O दे O दिए O हैं O । O अब O गांवों O की O परीक्षा O है O कि O वे O इनके O पालन O में O अपनी O समझ O , O साझा O , O सदाचार O और O सक्रियता O का O कितना O विवेकपूर्ण O इस्तेमाल O करते O हैं O । O यह O गर्व O की O बात O है O और O ऐतिहासिक O पहल O है O कि O जब O किसी O केन्द्रीय O सरकार O ने O 73वें O संविधान O संशोधन O की O लोकतांत्रिक O भावना O के O अनुरूप O स्थानीय O जल O प्रबंधन O की O योजना O , O क्रियान्वयन O , O कर्मचारी O , O निगरानी O और O संस्थागत O अधिकारों O को O वास्तव O में O उन O गांवों O को O सौंपने O का O कार्य O किया O है O , O जिन्हें O पानी O पीना O है O । O पेयजल O की O अशुद्धि O से O मरने O वालों O की O संख्या O बढ़ी O थी O । O जल O उपलब्धता O लगातार O घटती O जा O रही O है O । O जाहिर O है O पुराने O ढर्रे O से O निकल O कर O नया O रास्ता O चुनना O जरूरी O हो O गया O था O । O ग्रामीण O , O नगरीय O , O हर O घर O को O नल O से O जल O देने O का O पथ O । O उपभोक्ता O को O जल O प्रबंधन O की O जवाबदेही O सौंपने O का O पथ O । O परम्परा O , O प्यासे O को O कुएं O के O पास O जाने O का O निर्देश O देती O रही O है O । O नल O , O पानी O को O प्यासे O के O पास O ले O जाने O वाला O अविष्कार O है O । O पेयजल O यदि O सीधे O हेण्डपंप O अथवा O कुएं O से O मिले O , O तो O क्या O सभी O को O शुद्ध O पीने O का O पानी O मिलने O की O गारण्टी O असंभव O होगी O ? O क्या O हर O घर O को O नल O से O जल O पहुंचा O देने O मात्र O से O गारण्टी O संभव O हो O जाएगी O ? O इन O प्रश्नों O के O उत्तर O पाए O बगैर O न O तो O शुद्ध O पेयजल O प्राप्ति O को O लेकर O जरूरी O सावधानियों O के O प्रति O सजग O हुआ O जा O सकता O है O और O न O ही O उन O व्यवस्थाओं O तथा O मार्गदर्शी O निर्देशों O के O महत्व O को O समझा O जा O सकता O है O , O जो O जल O - O जीवन O मिशन O के O दस्तावेज O में O दर्ज O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O कहा O कि O उनकी O अद्भुत O यात्रा O तीरंदाजी O के O जरिए O आम O तोड़ने O से O शुरू O हुई O थी O । O प्रधानमंत्री O ने O उनके O परिवार O से O भी O बातचीत O की O और O उनके O अथक O प्रयासों O की O सराहना O की O । O पिता O का O निधन O हो O जाने O के O बावजूद O अपने O लक्ष्य O से O न O डगमगाने O के O लिए O प्रधानमंत्री O ने O उनकी O काफी O प्रशंसा O की O । O एथलीट O ने O इससे O उबरने O के O दौरान O अपने O परिवार O और O दोस्तों O से O मिले O व्यापक O सहयोग O को O याद O किया O । O यहीं O से O ' O इंडिया O सेंट्रिक O एक्सटरनल O पालिसी O ' O या O भारत O केन्द्रित O विदेश O नीति O की O शुरुआत O हुई O । O आज O जब O हम O इस O विषय O पर O बात O कर O रहे O हैं O तब O विश्व O कोविड O - O O महामारी O के O साथ O - O साथ O आर्थिक O मंदी O , O अनिश्चितता O और O संक्रमण O के O दौर O से O गुजर O रहा O है O । O विश्वनीति O की O वैचारिकी O ऐसे O चौराहे O पर O ठिठकी O हुई O दिख O रही O है O जहां O पर O कहना O मुश्किल O हो O जाता O है O कि O भावी O विश्व O शक्ति O का O केन्द्र O कौन O होगा O । O यह O योजना O सीजीएचएस O दरों O और O प्रावधानों O पर O आधारित O है O । O राज्य O सरकार O द्वारा O संचालित O सभी O अस्पताल O , O अनुमोदित O अस्पताल O और O सार्वजनिक O निजी O भागीदारी O अस्पताल O मानदंडों O और O नियमों O और O शर्तों O के O अनुसार O इस O योजना O के O तहत O चिकित्सा O सुविधाएं O प्रदान O करने O के O लिए O पात्र O होंगे O । O गंभीर O आपात O स्थिति O में O , O सक्षम O प्राधिकारी O से O उचित O संदर्भ O के O बाद O रेफरल O अस्पतालों O में O उपचार O की O अनुमति O दी O जाएगी O । O प्रथम O चरण O में O पंजीकृत O लाभार्थियों O को O आईपीडी O एवं O डे O - O केयर O की O कैशलेस O सुविधा O उपलब्ध O कराई O जाएगी O । O उल्लेखनीय O है O कि O वर्तमान O में O कई O निजी O एवं O सार्वजनिक O क्षेत्र O की O बीमा O के O नयी O उक्त O दर O की O तुलना O में O काफी O अधिक O प्रीमियम O दर O पर O सीमित O कवर O की O पारिवारिक O स्वास्थ्य O बीमा O पॉलिसी O जारी O कर O रहे O हैं O , O जिनमें O कई O मेडिकल O खर्च O उनके O स्वास्थ्य O बीमा O प्लान O में O शामिल O नहीं O होते O । O ओपीजी O एवं O रूटीन O चैकअप O लाइफ O सपोर्ट O मशीनों O का O खर्च O । O आरजीएचएस O में O वैश्विक O महामारी O कोरोना O एवं O ब्लैक O फंगस O का O इलाज O भी O शामिल O है O जबकि O अन्य O बीमा O कंपनियों O के O प्लान O में O इन्हें O शामिल O कराने O के O लिए O अतिरिक्त O प्रीमियम O देना O होता O हैं O । O आरजीएचएस O में O राज्य O सरकार O के O सभी O पेंशनर्स O को O रक्त O चिकित्सा O सुविधा O उपलब्ध O करायी O जाएगी O । O इस O योजना O में O निजी O अस्पतालों O , O एवं O इमेजिंग O सेंटर्स O का O एम्प्लिमेंट O किया O जा O चुका O है O । O - O पूरी O तरह O से O ऑनलाइन O और O स्वचालित O प्रणाली O परिवार O की O लाभार्थी O स्थिति O के O लिए O पहचाना O गया O डेटाबेस O ( O जन O आधार O ) O आरजीएचएस O वेब O - O पोर्टल O पर O एचबीईसी O ( O लागू O करें O और O सिस्टम O को O मंजूरी O ) O द्वारा O अस्पताल O पैनल O - O ऑनलाइन O और O पारदर्शी O प्रक्रिया O अस्पताल O स्तर O पर O ही O पूर्व O प्राधिकार O अस्पतालों O को O ऑनलाइन O भुगतान O प्रणाली O आरजीएचएस O के O तहत O दावा O निपटान O दावा O निपटान O प्रक्रिया O आरजीएचएस O पोर्टल O के O माध्यम O से O आरजीएचएस O के O आईटी O प्लेटफॉर्म O पर O होगी O और O प्रत्येक O लाभार्थी O का O इलेक्ट्रॉनिक O मेडिकल O रिकॉर्ड O ( O ईएमआर O ) O आरजीएचएस O कार्ड O धारक O के O ई O - O वॉलेट O में O रखा O जाएगा O । O इसलिए O जनशिकायतें O सुनकर O शीघ्र O ही O कुशलतापूर्वक O उनका O समाधान O करने O के O वास्ते O जरूरी O है O कि O प्रशासनिक O अधिकारी O को O विभिन्न O मुददों O , O विभागों O , O नियमों O और O दायित्वों O की O अच्छी O जानकारी O हो O । O इसलिए O स्वास्थ्य O , O कृषि O , O रक्षा O आदि O विविध O क्षेत्रों O से O जुड़ी O शिकायतों O के O प्रभावी O एवं O तत्काल O समाधान O के O लिए O प्रशासनिक O अधिकारी O को O सभी O विषयों O की O संतुलित O जानकारी O होना O जरूरी O है O न O कि O किसी O क्षेत्र O की O विशेषज्ञ O जानकारी O मात्र O होना O । O फिर O भी O , O उच्च O स्तर O पर O पहुंचकर O विशेषज्ञ O जानकारी O अधिकारियों O के O लिए O उपयोगी O सिद्ध O हो O सकती O है O । O इसके O लिए O शैक्षिक O योग्यता O , O रुचि O और O अनुभव O ही O आधार O बन O सकते O हैं O । O प्रौद्योगिकी O के O विकास O और O सामाजिक O - O आर्थिक O परिवर्तनों O को O देखते O हुए O यह O सुनिश्चित O करना O होगा O कि O इन O क्रांतिकारी O बदलावों O के O कारण O कहीं O हमारे O नीतिगत O सुधार O न O पिछड़ O जाएं O । O इससे O ब्यूरोक्रेसी O में O नई O ऊर्जा O और O सोच O आई O है O । O ये O लोग O अपनी O व्यवसायिक O योग्यता O और O विशेषज्ञ O जानकारी O से O प्रशासनिक O सेवाओं O को O और O सशक्त O बना O रहे O हैं O । O कहा O जा O सकता O है O कि O ये O लोग O देश O के O प्रशासन O तंत्र O में O क्रांतिकारी O सुधार O ला O रहे O हैं O । O पिछले O कुछ O दशकों O में O मैं O ऐसे O कई O सिविल O सेवा O अधिकारियों O से O मिला O जिन्होंने O देश O की O प्रगति O और O उन्नति O में O जबरदस्त O योगदान O किया O है O । O उनके O कार्य O को O बारीकी O से O देखकर O मुझे O यह O समझ O आया O कि O वकील O किसी O भी O सिविल O सेवा O में O कुशलता O से O काम O करने O में O सफल O हो O सकते O हैं O । O लॉ O कॉलेजों O में O अपना O पक्ष O प्रस्तुत O करने O की O कला O , O वाकपटुता O , O वाद O - O विवाद O प्रतियोगिता O आदि O के O जरिये O उन्हें O निपुण O बना O देते O हैं O और O ड्राफ्ट O लिखने O की O कला O भी O भली O प्रकार O सीख O लेते O हैं O । O उनमें O समग्र O सोच O विकसित O हो O जाती O है O । O इनके O साथ O ही O , O लॉ O कॉलेज O संवैधानिक O मूल्यों O और O नैतिक O सिद्धान्तों O की O भी O शिक्षा O देते O हैं O जो O कैरियर O ब्यूरोक्रेट O के O लिए O बेहद O उपयोगी O होती O है O । O तभी O तो O विद्यार्थी O अब O लॉ O की O पढ़ाई O ज्यादा O पसंद O करने O लगे O हैं O । O अतः O यह O जरूरी O है O कि O विविध O सामाजिक O - O आर्थिक O पृष्ठभूमि O और O शैक्षिक O योग्यता O वाले O युवा O ज्यादा O से O ज्यादा O संख्या O में O प्रशासनिक O सेवाओं O में O आएं O और O राष्ट्रनिर्माण O के O महान O कार्य O में O सहयोग O करें O । O जन O स्वास्थ्य O में O नए O प्रयोग O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O को O मजबूत O करने O , O जन O स्वास्थ्य O व्यय O बढ़ाने O और O वित्तीय O प्रसार O अधिक O से O अधिक O करने O के O प्रयासों O के O साथ O - O साथ O हमें O सामूहिक O कार्रवाई O के O जरिए O जन O स्वास्थ्य O में O नए O प्रयोगों O हेतु O ऐसे O सामर्थ्यकारी O माहौल O की O आवश्यकता O है O जो O उन्हें O किफायती O साधन O प्रदान O कर O सकें O जिन्हें O इसकी O सबसे O अधिक O आवश्यकता O है O । O जब O तक O हर O व्यक्ति O संरक्षित O नहीं O होगा O और O किसी O को O भी O आवश्यक O स्वास्थ्य O सेवा O के O दायरे O से O बाहर O नहीं O छूटने O दिया O जाएगा O , O तब O तक O हम O सबके O लिए O स्वास्थ्य O का O लक्ष्य O हासिल O करने O का O सपना O नहीं O देख O सकते O । O कोविड O - O 19 O महामारी O ने O जन O स्वास्थ्य O के O महत्व O को O सबसे O आगे O लाकर O खड़ा O कर O दिया O है O । O इस O महामारी O ने O हमें O सिखा O दिया O है O कि O रोग O सरहदों O में O बंधा O नहीं O रहता O और O किसी O वर्ग O विशेष O , O राष्ट्र O या O समुदाय O तक O खुद O को O सीमित O नहीं O रखता O । O जब O तक O हर O व्यक्ति O संरक्षित O नहीं O होगा O और O कोई O व्यक्ति O आवश्यक O स्वास्थ्य O सेवा O के O दायरे O से O बाहर O नहीं O छूटने O दिया O जाएगा O । O तब O तक O हम O ' O सबके O लिए O स्वास्थ्य O ' O का O लक्ष्य O हासिल O करने O का O सपना O भी O नहीं O देख O सकते O । O इसीलिए O अब O “ O सबके O लिए O स्वास्थ्य O ' O पर O संवाद O केन्द्रित O करने O की O महत्वपूर्ण O आवश्यकता O पहले O से O कहीं O अधिक O है O । O ' O सबके O लिए O स्वास्थ्य O ' O में O निहित O अवधारणा O का O सीधा O संबंध O ' O सबके O लिए O स्वास्थ्य O सेवा O के O प्रसार O ' O यानी O यूनिवर्सल O हेल्थ O कवरेज O ( O यूएचसी O ) O की O अवधारणा O से O है O । O इसका O सीधा O सा O अर्थ O है O कि O हर O व्यक्ति O को O , O हर O जगह O किसी O वित्तीय O कठिनाई O के O बिना O आवश्यक O स्वास्थ्य O सेवाएं O सुलभ O हों O , O अर्थात O सभी O व्यक्ति O महंगी O स्वास्थ्य O सेवा O के O खर्च O से O पड़ने O वाले O वित्तीय O बोझ O से O बचे O रहें O । O यह O वित्तीय O बोझ O उन्हें O गरीबी O में O धकेल O सकता O है O । O स्वास्थ्य O और O वैश्विक O विकास O की O परस्पर O निर्भरता O को O देखते O हुए O यह O अवधारणा O सतत O विकास O लक्ष्यों O में O भी O उल्लिखित O है O जिन O पर O भारत O ने O हस्ताक्षर O किए O हैं O । O इसका O उद्देश्य O सबके O लिए O स्वास्थ्य O सेवा O के O प्रसार O की O व्यवस्था O करना O और O सबके O लिए O सुरक्षित O एवं O असरदार O दवाएं O और O टीके O सुलभ O कराना O भी O है O । O इसे O लोगों O का O , O लोगों O द्वारा O और O लोगों O के O लिए O मिशन O कहा O गया O । O पंचायत O के O मान्यता O प्राप्त O सामाजिक O स्वास्थ्य O कार्यकर्ता O ( O आशा -NEO ) O और O आंगनवाड़ी O कार्यकर्ता O , O स्कूल O शिक्षक O , O युवा O स्वयंसेवक O और O स्वास्थ्य O कार्यकर्ता O अभियान O को O चलाने O के O लिए O बड़े O पैमाने O पर O जुटे O । O इससे O पहले O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O लोगों O ने O सैंपलिंग O और O टीकाकरण O का O विरोध O किया O था O । O इसलिए O , O समुदायों O को O इस O बारे O में O जागरूक O करना O अधिक O महत्वपूर्ण O था O कि O टीकाकरण O क्या O है O और O इसका O उद्देश्य O क्या O है O । O इस O बारे O में O प्राथमिक O जानकारी O के O अभाव O में O ग्रामीण O अफवाहों O और O भ्रामक O जानकारी O से O गुमराह O हो O रहे O थे O । O इससे O टीकों O की O झिझक O से O लड़ने O में O मदद O मिली O , O आशंकाओं O को O कम O किया O गया O , O इसकी O स्वीकृति O सुनिश्चित O की O गई O और O अधिक O नागरिकों O को O इसका O लाभ O उठाने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O गया O । O ग्रामीण O जनता O को O सजग O बनाना O विभाग O ने O राज्य O के O सभी O सरपंचों O के O साथ O कई O व्हाट्सएप O ग्रुप O बनाए O थे O । O मीडिया O को O जारी O करने O के O लिए O सूचना O और O जनसंपर्क O विभाग O को O दैनिक O जागरुकता O श्रव्य O - O दृश्य O संदेश O भी O भेजा O गया O । O विभाग O ने O आईईसी O गतिविधियों O का O प्रसार O करने O के O लिए O फेसबुक O और O ट्विटर O पर O आधिकारिक O पेज O बनाए O । O इसके O अलावा O , O गांव O स्तर O पर O सरपंचों O द्वारा O पर्चें O तैयार O किए O गए O तथा O वितरित O किए O गए O और O सार्वजनिक O स्थानों O पर O चिपकाए O गए O थे O । O वायरस O से O संबंधित O ई O - O लर्निंग O सामग्री O को O क्षेत्रीय O भाषा O में O विकसित O किया O गया O और O सरपंचों O , O पंचों O तथा O गांवों O में O परिवारों O को O बीमारी O , O इसके O लक्षणों O और O रोकथाम O के O बारे O में O जागरूक O करने O के O लिए O प्रसारित O किया O गया O । O विभाग O ने O महामारी O का O मुकाबला O करने O और O कोविड O की O झिझक O को O दूर O करने O के O लिए O अग्रिम O पंक्ति O के O कार्यकर्ताओं O के O क्षमता O निर्माण O के O लिए O विभिन्न O ऑनलाइन O प्लेटफार्मों O का O उपयोग O किया O । O पृथक्कीकरण O ( O आइसोलेशन O ) O और O उपचार O विभाग O ने O लोगों O को O हल्के O लक्षणों O के O मामलों O में O भी O परीक्षण O कराने O , O अपने O को O आइसोलेट O करने O और O बाद O में O टीका O लगवाने O के O लिए O प्रेरित O किया O । O ग्राम O पंचायतों O में O टेस्ट O , O ट्रैक O एंड O ट्रीट O पर O केंद्रित O स्क्रीनिंग O कैंप O आयोजित O किए O गए O । O सामुदायिक O स्वास्थ्य O अधिकारी O ( O सीएचओ O ) O और O सहायक O नर्सों O दाइयों O ( O एएनएम O ) O को O रैपिड O एंटीजन O परीक्षण O करने O के O लिए O प्रशिक्षित O किया O गया O । O विभाग O ने O ग्राम O पंचायतों O को O कोविड O रोगियों O की O निरंतर O निगरानी O के O लिए O आइसोलेशन O वार्ड O स्थापित O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O किया O । O मिशन O तंदुरुस्त O अभियान O के O तहत O ग्राम O पंचायतों O ने O कोविड O पॉजिटिव O रोगियों O को O निःशुल्क O उपयोगिता O किट O प्रदान O की O । O होम O आइसोलेटेड O मरीजों O की O लगातार O निगरानी O की O जा O रही O थी O और O उन्हें O परिवार O के O प्रत्येक O सदस्य O के O लिए O आटा O , O चना O और O चीनी O युक्त O भोजन O किट O दी O गई O थी O । O ग्राम O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O विभाग O ने O पंचायती O राज O संस्थाओं O के O प्रतिनिधियों O और O अधिकारियों O को O कोविड O - O 19 O महामारी O की O संभावित O तीसरी O लहर O को O रोकने O के O लिए O मिलकर O काम O करने O का O निर्देश O दिया O है O । O ऐसी O लेखिकाओं O में O कुछ O पुरानी O पीढ़ी O की O थीं O तो O कुछ O नई O पीढ़ी O की O । O स्त्री O लेखन O की O यह O प्रवृत्ति O और O परंपरा O हिन्दी O साहित्य O में O आगे O चलकर O और O अधिक O विकसित O और O व्यापक O हुई O । O नए O स्त्री O - O लेखन O में O स्त्रियां O अधिक O आत्मचेतस O और O बुद्धिवादी O हुईं O और O (( O महादेवीजी - ने O जो O ' O श्रृंखला O की O कड़ियां O ' O के O माध्यम O से O स्त्री O मुक्ति O की O चिंता O और O चर्चा O की O थी O , O उसका O इस O दौर O में O विकास O हुआ O और O साथ O ही O विश्वभर O में O जो O स्त्री O मुक्ति O का O आंदोलन O चल O रहा O था O , O उसके O बोध O के O साथ O हिन्दी O की O लेखिकाओं O का O लेखन O आगे O बढ़ा O और O नए O प्रकार O के O स्त्री O - O विमर्श O की O शुरुआत O हुई O । O वे O अनेक O विधाओं O में O लेखन O कर O रही O थीं O और O कर O रही O हैं O । O इस O नए O दौर O में O आत्मबोध O और O जगतबोध O दोनों O की O अभिव्यक्ति O करने O वाली O विधा O के O रूप O में O स्त्रियों O की O लिखी O अनेक O आत्मकथाएं O भी O सामने O आई O हैं O । O दुनिया O के O विभिन्न O भागों O में O जो O समाजवादी O व्यवस्थाएं O थीं O , O उनका O विघटन O हो O चुका O था O या O हो O रहा O था O । O उस O विघटन O के O साथ O ही O पूंजीवादी O शोषण O और O दमन O से O मुक्ति O का O समाजवादी O स्वप्न O भी O टूटकर O बिखर O रहा O था O । O उसके O साथ O ही O उपभोक्तावाद O और O बाज़ार O की O संस्कृति O का O जादुई O असर O लोगों O के O दिलो O - O दिमाग O पर O छा O रहा O था O । O क्योंकि O भूमंडलीकरण O का O लक्ष्य O है O , O पूंजीवाद O को O दिग्विजयी O बनाना O , O सारी O दुनिया O का O पश्चिमीकरण O करना O , O जिसका O वास्तविक O अर्थ O है O अमेरीकीकरण O । O इसलिए O हिन्दी O की O नई O पीढ़ी O की O सार्थक O रचनाशीलता O भूमंडलीकरण O की O प्रक्रिया O और O उसके O प्रभावों O का O प्रतिरोध O करती O हुई O आगे O बढ़ O रही O है O । O इसके O साथ O ही O जनसंचार O , O टेक्नोलॉजी O और O आभासी O संसार O ने O भी O साहित्य O और O साहित्यकार O को O प्रभावित O किया O है O । O इससे O प्रकृति O , O समाज O व O संस्कृति O के O प्रति O संवेदनशीलता O कहीं O न O कहीं O प्रभावित O हो O रही O है O । O नई O पीढ़ी O के O कवियों O के O नामों O के O बारे O में O विचार O किया O जाए O तो O अनेक O नाम O सामने O आते O हैं O जो O अपनी O सार्थक O रचनाओं O से O हिन्दी O कविता O को O समृद्ध O कर O रहे O हैं O । O कहानी O और O उपन्यास O के O क्षेत्र O में O नए O लेखकों O के O साथ O अनेक O वरिष्ठ O कथाकार O भी O सृजनरत O हैं O । O हरिपाल O त्यागी O का O ' O ननकू O का O पाजामा O ' O , O योगेंद्रदत्त O शर्मा O का O ' O रेगिस्तान O में O खरगोश O ' O तथा O हरीश O तिवारी O का O ' O मैली O मुंबई O का O छोक्रा O लोग O ' O भी O इस O दौर O के O उल्लेखनीय O उपन्यास O हैं O । O खुशी O की O बात O है O कि O गुलजार O सरीखे O बड़े O कथाकार O ने O भी O बच्चों O के O लिए O लिखा O । O हालांकि O बाल O साहित्य O की O इस O महत्वपूर्ण O विधा O में O अभी O बहुत O कुछ O और O किए O जाने O की O दरकार O है O । O वर्तमान O दौर O में O बाल O नाटकों O के O क्षेत्र O में O भी O काफी O सक्रियता O देखने O को O मिलती O है O । O अपनी O इसी O असाधारण O कल्पनाशीलता O और O खिलंदडी O अभिव्यक्ति O के O बल O पर O वे O ऐसे O विषयों O पर O भी O जोरदार O नाटक O रचकर O दिखाती O हैं O जिन O पर O लिखने O से O लोग O घबराते O हैं O । O हालांकि O बाल O नाटकों O के O विशाल O केनवस O पर O अभी O काफी O कुछ O छूटा O हुआ O है O । O काश O , O नई O पीढ़ी O के O नए O कथाकार O इधर O आएं O , O तो O बाल O साहित्य O की O इस O महत्वपूर्ण O विधा O में O नए O पंख O लगेंगे O और O नई O उड़ानें O संभव O होंगी O । O इसी O तरह O बाल O साहित्य O की O अन्य O विधाओं O , O खासकर O बाल O जीवनियों O और O बाल O ज्ञान O - O विज्ञान O साहित्य O में O निरंतर O लिखा O जा O रहा O है O , O पर O इन O दिशाओं O में O अभी O और O बहुत O - O कुछ O किया O जाना O बाकी O है O । O बच्चों O के O लिए O संस्मरण O , O यात्रा O - O वृत्तांत O , O इंटरव्यू O , O अच्छी O पहेलियों O और O सुंदर O तथा O कल्पनापूर्ण O चित्रकथाओं O में O जितना O काम O होना O चाहिए O था O , O अभी O नहीं O हुआ O । O इसी O तरह O बालिकाओं O को O केंद्र O में O रखकर O लिखी O गई O अच्छी O कहानियां O और O उपन्यास O कम O हैं O । O समाज O के O निर्धन O , O दलित O तबके O और O झोंपड़पट्टियों O के O बच्चों O को O नायक O बनाकर O लिखी O गई O ऐसी O अच्छी O और O भावपूर्ण O रचनाएं O भी O हमारे O पास O अधिक O नहीं O हैं O , O जो O उनके O दर्द O , O तकलीफों O और O विपरीत O स्थितियों O में O भी O आगे O बढ़कर O कुछ O कर O दिखाने O के O साहस O को O सामने O लाएं O । O शायद O तभी O हिंदी O बाल O साहित्य O का O परिदृश्य O विश्वस्तरीय O हो O सकेगा O , O जिस O पर O आने O वाली O पीढ़ियां O भी O नाज O करेंगी O । O प्राकृतिक O गैस O के O इस्तेमाल O को O प्रोत्साहन O कोयले O और O तेल O पर O निर्भरता O को O कम O किये O जाने O की O आवश्यकता O है O तथा O इसके O लिये O कोयले O और O तेल O के O स्थान O पर O गैर O पारंपरिक O ऊर्जा O स्रोतों O जैसे O सौर O तथा O पवन O ऊर्जा O के O अलावा O प्राकृतिक O गैस O को O अधिक O - O से O - O अधिक O उपयोग O में O लाना O अच्छा O विकल्प O होगा O । O ऊर्जा O उपयोग O में O प्राकृतिक O गैस O की O हिस्सेदारी O को O बढ़ाकर O यह O कार्य O किया O जा O सकता O है O । O यद्यपि O प्राकृतिक O गैस O अर्थव्यवस्था O में O प्राकृतिक O गैस O मूल्य O श्रृंखला O के O सभी O क्षेत्रों O - O उत्पादन O ( O घरेलू O एवं O अंतर्राष्ट्रीय O ) O से O बाजारों O ( O वर्तमान O एवं O उभरते O हुए O ) O तक O परिवहन O ( O पाइपलाइन O एवं O एलएनजी O ) O और O वाणिज्यिक O ( O मूल्य O निर्धारण O , O कराधान O ) O तथा O विनियामक O मुद्दों O के O संदर्भ O में O नीतिगत O सुधार O किये O जाने O की O आवश्यकता O है O । O वैविध्यपूर्ण O और O प्रचुरता O : O प्राकृतिक O गैस O के O कई O उपयोग O हैं O और O यह O सभी O जीवाश्म O ईंधनों O में O ( O सबसे O नया O ) O है O । O इसके O अलावा O , O यह O भारतीय O उपमहाद्वीप O में O प्रचुर O मात्रा O में O उपलब्ध O है O । O सरल O संक्रमण O ऊर्जा O विकल्प O : O जल O जीवन O मिशन O केन्द्र O सरकार O के O अग्रणी O कार्यक्रमों O में O शामिल O है O । O इस O कार्यक्रम O के O अंतर्गत O आवश्यक O घटकों O के O रूप O में O जल O स्रोतों O को O पानी O से O लबालब O बनाए O रखने O के O उपायों O जैसे O भूमिगत O जल O स्रोतों O का O पुनर्भरण O , O गंदे O पानी O को O साफ O करके O फिर O से O इस्तेमाल O करने O , O जल O संरक्षण O और O वर्षाजल O संचय O को O भी O शामिल O किया O गया O है O । O जल O जीवन O मिशन O पानी O को O लेकर O सामुदायिक O दृष्टिकोण O अपनाने O और O जल O संरक्षण O को O जनांदोलन O बनाकर O इसे O हर O व्यक्ति O की O प्राथमिकता O बनाने O पर O आधारित O है O । O यह O सुंदर O गांव O बड़ा O ही O अलौकिक O प्रतीत O होता O है O । O सर्दियों O के O मौसम O में O कड़ी O ठंड O से O यहां O सब O कुछ O जम O जाता O है O और O घाटी O बर्फीले O तूफान O की O चपेट O में O आ O जाती O है O । O चाहे O वर्षा O हो O या O बर्फ O गिरे O , O चाहे O रात O हो O या O दिन O , O चाहे O जो O सड़क O हो O या O जो O भी O ऊंचाई O हो O , O जल O जीवन O मिशन O सभी O घरों O में O पाइपलाइनों O के O जरिए O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्धता O सुनिश्चित O कर O रहा O है O । O लेकिन O जल O जीवन O मिशन O की O टीम O के O लिए O पानी O उपलब्ध O कराना O अपने O अधिकार O क्षेत्र O के O उल्लंघन O जैसा O था O क्योंकि O उसे O नीति O पर O अमल O की O जिम्मेदारी O सौंपी O गयी O थी O , O लेकिन O हमारे O लिए O यह O परमेश्वर O को O लोगों O के O घरों O में O लाने O जैसा O था O । O यह O ऐसा O कार्य O था O जो O मानवता O और O ईश्वर O दोनों O की O ही O सेवा O में O किया O जा O रहा O था O । O इसी O से O मंत्रालय O के O इतनी O तेजी O से O इस O काम O को O करने O की O तत्परता O के O कारण O का O पता O चल O जाता O है O । O इस O साल O कई O अन्य O गांवों O , O जिलों O और O राज्यों O में O कई O परिवारों O को O पाइप O लाइनों O के O जरिए O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्ध O करा O दिया O जाएगा O । O बेहतर O बैंकिंग O की O ओर O बचत O की O अवधारणा O दुनिया O की O विभिन्न O संस्कृतियों O में O हमेशा O से O रही O है O । O मुद्रा O / O सोने O की O मुहरें O बर्तनों O में O इकट्ठी O करने O और O उन्हें O जमीन O के O भीतर O दबा O देने O का O काम O प्राचीन O काल O में O पूरी O दुनिया O में O किया O गया O है O । O साम्राज्य O में O कर O के O रूप O में O एकत्र O किये O गये O या O अपने O अधीन O जागीरदारों O / O राज्यों O से O शुल्क O के O रूप O में O वसूले O गये O धन O को O राजकोष O में O रखा O जाता O था O । O आधुनिक O बैंकिंग O के O आविष्कार O के O साथ O ही O धन O घरों O से O बैंकों O में O पहुंच O गया O । O लोगों O को O धन O और O गहने O बैंकों O में O जमा O करना O अधिक O सुरक्षित O लगा O क्योंकि O वहां O उनकी O संपत्ति O की O सुरक्षा O के O लिए O अलग O कमरे O होते O हैं O । O बैंकों O ने O जमा O धन O पर O ब्याज O भी O दिया O , O जिससे O अतिरिक्त O आय O हो O गयी O । O बैंकों O ने O उस O जमा O राशि O को O विभिन्न O शेयरों O और O प्रतिभूतियों O में O निवेश O करना O शुरू O कर O दिया O । O इस O तरह O निवेश O बैंकिंग O और O कारपोरेट O बैंकिंग O की O नयी O व्यवस्था O आरंभ O हुई O । O सरकारी O धन O भी O राजा O के O खजाने O से O निकलकर O केंद्रीय O बैंक O में O पहुंच O गया O , O जो O धीरे O - O धीरे O मौद्रिक O नीति O का O नियामक O भी O बन O गया O । O इस O बड़े O सुधार O से O यह O सुनिश्चित O हो O गया O कि O बैंक O को O होने O वाले O किसी O भी O घाटे O का O ग्राहकों O पर O असर O नहीं O पड़ेगा O या O बैंक O ग्राहकों O की O रकम O का O दुरूपयोग O नहीं O कर O पाएंगे O । O उसके O बाद O के O वर्षों O में O धीरे O - O धीरे O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O नियमन O के O लिए O अन्य O व्यवस्थाएं O बनायी O गयी O । O ये O बैंक O ग्राहकों O की O संतुष्टि O प्राप्त O करने O के O मामले O में O सार्वजनिक O बैंकों O के O मुकाबले O अधिक O सफल O साबित O हुए O और O कॉर्पोरेट O बैंकिंग O तथा O खुदरा O बैंकिंग O में O मुख्य O स्तंभ O बन O गये O । O उनसे O सीख O लेते O हुए O सार्वजनिक O बैंक O भी O ग्राहकों O के O अधिक O अनुकूल O बनने O लगे O और O उन्होंने O अपने O कामकाज O में O प्रौद्योगिकी O से O जुड़े O सुधार O लागू O किये O । O अनिष्पादित O संपत्तियों O ( O एनपीए O ) O की O समस्या O सफल O बैंकिंग O की O राह O में O बहुत O बड़ा O रोड़ा O रही O है O । O जन O - O धन O योजना O और O डीबीटी O जैसी O योजनाओं O के O माध्यम O से O बैंकिंग O के O जरिये O वित्तीय O समावेश O पर O सरकार O का O बहुत O जोर O है O । O कम O साक्षरता O , O बैंकिंग O सेवाओं O की O अनुपलब्धता O आदि O के O कारण O बड़ी O तादाद O में O ग्रामीण O जनता O अब O भी O बैंकिंग O प्रणाली O के O प्रति O सहज O अनुभव O नहीं O करती O है O । O सरकार O ने O बैंकिंग O कॉरेस्पांडेंट O की O नियुक्ति O कर O इस O समस्या O का O समाधान O करने O का O प्रयास O किया O है O । O ये O कॉरैस्पांडेंट O बैंकों O तथा O ग्रामीण O जनता O के O बीच O कड़ी O का O काम O करते O हैं O । O अपने O धन O पर O अपना O नियंत्रण O हो O तो O तनाव O बहुत O कम O हो O जाता O है O और O सक्षम O बैंकिंग O व्यवस्था O हर O किसी O के O जीवन O से O यह O तनाव O दूर O करने O की O कुंजी O है O । O “ O सबसे O पहले O राज्य O ' O दृष्टिकोण O : O प्रमुख O आलेख O नीति O आयोग O : O संघवाद O की O नई O परिभाषा O नीति O आयोग O विकास O योजनाओं O का O निरूपण O और O उनकी O समीक्षा O करने O के O लिए O राज्यों O के O साथ O साझेदारी O के O जरिए O सहकारी O और O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O को O बढ़ावा O देने O के O दोहरे O अधिदेश O का O पालन O करने O के O लिए O प्रयत्नशील O है O । O राज्य O की O स्थायी O विरासत O राजनीतिक O ताकत O और O इच्छाशक्ति O , O प्रशासन O और O शासन O के O साथ O - O साथ O हार्ड O पावर O ( O यानी O सैन्य O और O आर्थिक O संसाधन O ) O और O सॉफ्ट O पावर O ( O यानी O कूटनीति O , O संस्कृति O आदि O ) O सहित O अनेक O कारकों O से O परिभाषित O की O गई O है O । O राज्य O इनमें O से O अपने O पास O उपयोग O के O लिए O उपलब्ध O सबसे O महत्वपूर्ण O साधन O - O औपचारिक O संस्थाओं O के O जरिए O अपनी O भूमिका O को O परिभाषित O करता O है O । O ये O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O से O संबंधित O मौजूदा O दौर O की O चुनौतियों O को O समझने O और O सुलझाने O के O प्रति O राज्य O के O दृष्टिकोण O को O प्रतिबिम्बित O करती O हैं O । O ” O योजना O आयोग O ने O विकास O की O राह O दिखाने O के O लिए O वित्तीय O संसाधनों O को O प्राथमिक O लीवर O के O रूप O में O इस्तेमाल O कर O पंचवर्षीय O योजनाओं O के O माध्यम O से O संचालन O किया O । O किंतु O मानव O निर्मित O धागे O से O बने O कपड़ों O की O कीमतें O उसी O दौरान O बढ़ O गई O । O उपरोक्त O अवधि O में O कपड़ा O उत्पादन O भी O कुछ O कम O हो O गया O । O किंतु O भारतीय O वस्त्र O उद्योग O के O सामने O कई O चुनौतियां O हैं O , O जिनमें O प्रतिस्पर्धी O देशों O की O लागत O के O मुकाबले O ऊंची O लागत O , O गैर O प्रतिस्पर्धी O कर O ढांचे O समेत O विभिन्न O कारणों O से O वैश्विक O बाजार O में O मिल O रही O कड़ी O प्रतिस्पर्धा O भी O शामिल O है O । O यह O विनिर्माता O से O उपभोक्ता O तक O वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O पर O लगने O वाली O एकल O कर O प्रणाली O है O । O केंद्र O तथा O राज्य O सरकारों O के O सभी O अप्रत्यक्ष O कर O जीएसटी O में O ही O समाहित O हो O गए O हैं O । O प्रत्येक O चरण O पर O दिए O जाने O वाले O इनपुट O टैक्स O का O क्रेडिट O यानी O वापसी O मूल्यवर्धन O के O बाद O के O चरणों O में O होती O रहेगी O - O प्रत्येक O चरण O में O मूल्यवर्धन O होने O पर O ही O कर O वसूला O जाएगा O । O कपड़े O पर O जीएसटी O की O दर O रेशम O और O जूट O के O अलावा O सभी O प्रकार O के O वस्त्र O पर O जीएसटी O लगाया O गया O है O । O कपड़े O पर O जीएसटी O का O प्रभाव O वस्त्र O उद्योग O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O का O आकलन O मूल्य O , O उत्पादन O , O कपड़े O के O आयात O - O निर्यात O , O रोजगार O आदि O के O आंकडों O से O किया O जाता O है O । O चिकित्सा O विधान O और O जैव O - O भंडार O जाइडस O कैडिला O ने O डीबीटी O - O बीआईआरएसी O के O सहयोग O से O एंटी O वायरल O औषधि O विराफिन O ( O पेगिलेटेड O इंटरफेरॉन O अल्फा O - O 2बी O ) O विकसित O की O है O । O इस O दवा O को O कोविड O - O 19 O के O मामूली O संक्रमण O के O इलाज O के O लिये O आपातकाल O में O सीमित O इस्तेमाल O के O लिये O मंजूरी O दी O गयी O है O । O इसी O तरह O मोनोक्लोनल O एंटीबॉडी O आधारित O दवाओं O पर O भी O काम O चल O रहा O है O । O नमूनों O की O साझेदारी O के O लिये O दिशानिर्देश O अधिसूचित O किये O गये O हैं O । O जैव O भंडारों O से O निदान O किटों O के O सत्यापन O तथा O टीके O के O प्रभाव O और O प्रतिरक्षा O जनकता O के O आकलन O में O सहूलियत O हुई O है O । O नियामक O सरलीकरण O * O त्वरित O प्रतिक्रिया O नियामक O फ्रेमवर्क O - O इसका O मकसद O सभी O नैदानिक O औषधियों O और O टीकों O के O लिये O नियामक O मंजूरियों O में O तेजी O लाना O है O । O * O पुनःसंयोजक O डीएनए O अनुसंधान O और O जैव O नियंत्रण O विनियम O और O दिशानिर्देश O - O ये O अनुसंधान O और O विकास O के O उद्देश्य O से O कोविड O - O 19 O के O नमूनों O के O प्रबंधन O के O लिये O अंतरिम O प्रयोगशाला O जैवसुरक्षा O दिशानिर्देश O हैं O । O ये O कार्यक्रम O व्यवसाय O परामर्श O , O वित्त O व्यवस्था O , O उद्योग O के O साथ O संपर्क O , O कानूनी O सलाह O तथा O कोविड O - O 19 O और O उसके O बाद O के O समय O में O स्थापित O रहने O से O संबंधित O थे O । O कई O अन्य O समाधानों O का O भी O शुभारंभ O किया O जा O रहा O है O । O इनमें O दूरस्थ O रोगी O निगरानी O आईसीयू O बिस्तर O उपकरण O और O शीत O श्रृंखला O लॉजिस्टिक्स O के O तहत O दूरदराज O के O इलाकों O में O टीकों O को O पहुंचाने O के O लिये O टीका O वाहक O प्रणाली O शामिल O है O । O इनके O आलेख O मुख्य O रूप O से O आर्थिक O व O बैंकिंग O विषयों O पर O अनेकानेक O पत्र O - O पत्रिकाओं O में O प्रकाशित O हो O चुके O हैं O । O स्वर्ण O पर O चर्चा O राष्ट्रीय O आय O या O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O में O इसके O योगदान O को O समझे O बिना O अधूरी O है O । O जीडीपी O में O इसके O योगदान O को O बढ़ाने O के O लिये O आवश्यक O सुधारात्मक O कदम O उठाने O की O जरूरत O है O वैसे O , O बजट O में O घोषित O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O नई O संकल्पना O नहीं O है O । O योजना O के O आगाज O के O समय O इसका O मकसद O था O परिवारों O और O संस्थानों O में O बिना O उपयोग O के O पड़े O स्वर्ण O को O मुख्यधारा O में O लाना O , O ताकि O स्वर्ण O आयात O , O काले O धन O एवं O तस्करी O में O कमी O आये O । O इस O योजना O के O माध्यम O से O सरकार O स्वर्ण O उपभोक्ताओं O की O आय O भी O बढ़ाना O चाहती O थी O । O बहरहाल O , O इस O योजना O के O अपेक्षित O परिणाम O नहीं O निकल O सके O । O वित्त O मंत्री O इस O योजना O को O नये O कलेवर O में O फिर O से O लेकर O आना O चाहते O हैं O , O जिसमें O पुरानी O खामियों O की O पुनरावृत्ति O नहीं O होगी O । O वित्त O मंत्री O यह O भी O चाहते O हैं O कि O देश O के O स्वर्ण O एक्सचेंजों O को O नियमित O किया O जाये O तथा O उन्हें O उपभोक्ताओं O एवं O कारोबारियों O के O अनुकूल O बनाया O जाये O । O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O के O तहत O बृहद O स्तर O पर O काम O करने O एवं O सुधार O लाने O का O प्रस्ताव O है O , O ताकि O स्वर्ण O आयात O एवं O निर्यात O में O संतुलन O बनाया O जा O सके O । O वहीं O , O रत्न O एवं O आभूषण O निर्यात O संवर्धन O परिषद O ( O जेजीईपीसी O ) O स्वर्ण O आभूषण O निर्यात O में O बढ़ोतरी O करने O के O लिये O प्रयासरत O है O । O इसके O संचय O को O लेकर O भारतीयों O की O दीवानगी O सदियों O पुरानी O है O । O इसे O सामाजिक O रीति O - O रिवाजों O , O परंपराओं O , O नकदी O का O विकल्प O , O संपार्श्विक O मुद्रास्फीति O से O बचाव O आदि O के O संदर्भ O में O अपरिहार्य O माना O जाता O है O । O स्वर्ण O आभूषण O स्त्री O धन O के O रूप O में O महिलाओं O को O आर्थिक O एवं O सामाजिक O रूप O से O सुरक्षित O बनाता O है O । O स्त्री O धन O उसे O कहते O हैं O , O जिसे O विवाह O के O समय O दुल्हन O को O उसके O माता O - O पिता O उपहार O के O रूप O में O देते O हैं O । O छात्रों O को O स्थानीय O उद्योगों O , O व्यवसायों O , O कलाकारों O और O शिल्पकारों O के O साथ O प्रशिक्षण O के O अवसर O मुहैया O कराये O जायेंगे O । O साथ O ही O वे O अपने O या O अन्य O उच्चतर O शिक्षा O संस्थानों O में O शिक्षकों O और O अनुसंधानकर्ताओं O के O साथ O अनुसंधान O का O प्रशिक्षण O ले O सकेंगे O । O छात्र O खेल O , O संस्कृति O , O पर्यावरण O क्लबों O और O सामुदायिक O सेवा O परियोजनाओं O के O जरिये O अपनी O विद्या O के O व्यावहारिक O पक्ष O से O सक्रियता O से O जुड़ O सकेंगे O । O इनका O मकसद O खास O तौर O से O उच्चतर O शिक्षा O संस्थानों O में O सामुदायिक O भागीदारी O को O बढ़ावा O देना O है O । O संस्थानों O में O सामुदायिक O भागीदारी O का O क्रियान्वयन O : O सामुदायिक O भागीदारी O की O गहराई O इस O बात O पर O निर्भर O करती O है O कि O संस्थान O अपने O संचालन O , O शिक्षण O और O ज्ञानार्जन O , O अनुसंधान O तथा O संस्थानिक O विकास O में O समुदायों O को O शामिल O करने O को O कितनी O प्राथमिकता O देते O हैं O । O नीति O ने O संस्थानों O को O समाज O का O अभिन्न O अंग O बनने O का O रास्ता O दिखाया O है O । O उसने O स्पष्ट O किया O है O कि O संस्थान O किस O तरह O समाज O से O संसाधन O हासिल O कर O समुदायों O के O साथ O ज्ञान O को O बांट O सकते O हैं O । O नीति O में O स्पष्ट O तौर O पर O बताया O गया O है O कि O सामुदायिक O भागीदारी O क्यों O जरूरी O है O और O इसे O बेहतर O बनाने O के O लिये O विद्यालयों O , O महाविद्यालयों O और O विश्वविद्यालयों O को O क्या O करना O चाहिये O । O अब O यह O संस्थानों O की O जिम्मेदारी O है O कि O नीति O में O बतायी O गयी O दिशा O में O आगे O बढ़ें O । O विद्यालयों O और O महाविद्यालयों O के O सामने O अब O इस O नीति O को O इसकी O मूल O भावना O और O सक्रियता O के O साथ O लागू O करने O की O चुनौती O है O । O सामुदायिक O भागीदारी O को O संस्थानों O की O दृष्टि O , O उद्देश्य O , O लक्ष्यों O और O योजनाओं O में O शामिल O कर O इसे O संस्थागत O रूप O दिये O जाने O की O जरूरत O है O । O सामुदायिक O भागीदारी O को O शिक्षण O , O ज्ञानार्जन O और O अनुसंधान O के O अन्य O क्षेत्रों O के O साथ O जोड़ने O के O लिये O संस्थागत O प्रणालियों O को O विकसित O करना O होगा O । O उन्हें O उम्मीद O है O कि O मौजूदा O निर्देशों O के O अलावा O उन्हें O सरकार O और O संचालन O समितियों O से O कुछेक O दिशानिर्देश O भी O मिलेंगे O । O लेकिन O उन्हें O भी O अपने O स्तर O पर O सक्रियता O दिखाते O हुए O सामुदायिक O भागीदारी O को O लागू O करना O चाहिये O । O पहला O , O वे O सरकार O से O मिलने O वाले O दिशानिर्देशों O को O लागू O करें O । O दूसरा O , O सरकार O और O अन्य O संबंधित O संस्थाओं O से O दिशानिर्देश O नहीं O मिलने O की O स्थिति O में O भी O वे O नीति O की O भावना O के O अनुरूप O उसे O लागू O करें O । O वे O टीमों O का O गठन O कर O योजनाएं O बनायें O और O सामुदायिक O हितधारकों O को O साथ O लेते O हुए O उन्हें O लागू O करें O । O संस्थान O ही O समाज O के O साथ O अंतर O - O संबंध O कायम O कर O सकते O हैं O । O इसे O हासिल O करने O के O लिये O संस्थानों O को O अपने O हितधारकों O को O बताना O होगा O कि O वे O समाज O का O हिस्सा O हैं O । O इसलिये O अपनी O जरूरतों O को O पूरा O करने O के O लिये O उन्हें O समाज O को O संस्थान O के O नजदीक O लाना O होगा O । O नयी O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O में O सामाजिक O संपर्क O की O जरूरत O को O शिक्षा O के O जरिये O पूरा O करने O की O कोशिश O की O गयी O है O । O इन O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O में O सरकारी O संस्थाओं O , O गैर O - O सरकारी O संगठनों O और O अन्य O संस्थानों O की O भूमिका O महत्वपूर्ण O है O । O सबके O सहयोग O से O ही O इस O तरह O के O संपर्क O के O लिये O समुचित O माहौल O और O अवसर O बन O सकेगा O । O शिक्षा O का O उद्देश्य O सिर्फ O ज्ञान O हासिल O करना O नहीं O होना O चाहिये O । O नयी O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O का O लक्ष्य O समाज O और O शिक्षा O के O बीच O खाई O को O दूर O करना O है O । O शिक्षा O को O समाज O का O हिस्सा O होना O चाहिये O । O समाज O को O सहक्रियात्मक O संबंध O के O लिये O शैक्षिक O संस्थानों O के O योगदान O की O दरकार O है O । O यह O संबंध O तभी O मजबूत O हो O सकता O है O जब O संस्थान O अपने O किरदार O को O समझते O हुए O सामुदायिक O भागीदारी O को O वास्तविकता O में O बदलने O के O लिये O काम O करें O । O * O प्रारंभिक O शिशु O विकास O , O देखभाल O और O शिक्षा O - O * O नेशनल O मिशन O ऑन O फाउंडेशनल O लिटरेसी O एंड O न्यूमेरेसी O - O * O बहुभाषिकता O और O भाषा O की O शक्ति O - O * O बोर्ड O परीक्षा O में O सुधार O - O बोर्ड O परीक्षाओं O को O बनाया O जाएगा O आसान O , O इनमें O महीने O भर O की O पढ़ाई O की O परीक्षा O लेने O के O बजाए O मूल O क्षमताओं O की O ली O जाएगी O परीक्षा O । O * O समान O और O समावेशी O शिक्षा O - O शिक्षा O के O लिए O सामाजिक O - O आर्थिक O रुप O से O वंचित O समूहों O , O बालिकाओं O , O सामाजिक O - O सांस्कृतिक O पहचान O वाले O बच्चों O पर O जोर O दिया O जाएगा O । O * O शिक्षकों O के O लिए O व्यावसायिक O मानक O - O * O स्कूल O शिक्षा O के O लिए O मानक O व्यवस्था O और O मान्यता O - O * O व्यावसायिक O शिक्षा O - O नई O शिक्षा O नीति O में O सभी O भाषा O , O बोलियों O का O सम्मान O है O और O देखा O जाए O तो O इसीलिए O इस O नीति O में O मातृभाषाएं O और O स्थानीय O भाषाएं O दोनों O को O जगह O दी O गई O है O । O इसलिए O इस O नीति O की O आत्मा O को O समझकर O आगे O बढ़ेंगे O तो O राष्ट्रहित O सधेगा O । O शिक्षक O पढ़ाते O वक्त O वहां O की O स्थानीय O भाषा O , O शब्दों O , O परंपरा O , O लोक O कथा O आदि O को O साथ O रखते O हुए O बच्चों O के O बीच O संवाद O करेगा O तो O वे O रटने O की O प्रवृत्ति O से O तो O दूर O होंगे O उन्हें O पढ़ने O का O आनंद O भी O आएगा O और O यही O नई O शिक्षा O नीति O का O मूल O मंत्र O है O । O अंग्रेजी O के O वर्चस्व O ने O बच्चों O को O सही O शिक्षा O से O और O दूर O कर O रखा O है O । O नौकरी O कैसे O मिलेगी O ? O न O जाने O कितने O कुतर्क O लेकर O विरोधी O आगे O आ O जाते O हैं O । O और O यही O शिक्षा O नीति O का O उद्देश्य O है O कि O अपनी O भाषाओं O में O पढ़ेंगे O तो O आगे O चलकर O कोई O भी O विदेशी O भाषा O जरूरी O नहीं O कि O वह O अंग्रेजी O ही O हो O , O उसे O भी O जल्दी O आत्मसात O करेंगे O और O जल्दी O रचनात्मकता O दे O पाएंगे O । O दुनिया O भर O के O अनुभव O इस O बात O के O गवाह O हैं O कि O किसी O भी O देश O के O लिए O देश O में O बदलाव O के O लिए O शिक्षा O सबसे O महत्वपूर्ण O औज़ार O है O और O हर O शिक्षा O का O वाहन O भाषा O होती O है O । O वह O भाषा O जो O सदियों O के O बाद O उस O समाज O से O निकलती O है O , O गढ़ी O जाती O है O , O अपने O को O , O उस O संस्कृति O को O सभ्यता O के O साथ O आत्मसात O करती O है O । O लेकिन O आज़ादी O के O बाद O जैसे O - O जैसे O स्वतंत्रता O के O संघर्ष O में O शामिल O महापुरुष O कम O होते O गए O , O भारतीय O भाषाएं O भी O अंग्रेजी O के O मुकाबले O जानबूझकर O पीछे O रख O दी O गईं O । O भारतीय O लोकतंत्र O पर O ऐसे O लोगों O का O कब्जा O बढ़ता O गया O जो O विदेशों O में O अंग्रेजी O में O पढ़कर O आए O थे O । O इन्होंने O ऐसा O हौवा O खड़ा O किया O कि O यदि O अंग्रेजी O नहीं O रहेगी O तो O देश O टूट O जाएगा O , O देश O पिछड़ O जाएगा O , O विज्ञान O और O तकनीक O का O विकास O कैसे O होगा O । O कुछ O तथाकथित O स्वार्थी O तत्व O इसे O लागू O करने O में O अडंगा O लगाते O रहे O । O वैसे O राजकोषीय O घाटा O बढ़ेगा O या O नहीं O , O यह O लेखा O पद्धति O पर O निर्भर O करता O है O । O इस O बीच O , O ऋणपत्र O जारी O करने O के O साथ O ही O बैंकिंग O क्षेत्र O में O व्यापक O सुधार O किए O जाने O भी O जरूरी O हैं O । O सरकार O ने O इस O ओर O संकेत O किया O है O और O इसके O लिए O प्रतिबद्ध O भी O है O । O मुख्य O बात O यह O है O कि O यह O आसानी O से O मिलने O वाला O पैसा O नहीं O है O । O इसके O साथ O बहुत O सारे O सुधार O जुड़े O हुए O हैं O । O ” O * O इससे O देश O में O निवेश O की O बेहतर O परिस्थितियां O पैदा O होंगी O । O आर्थिक O गतिविधियों O में O बढ़ोतरी O होने O से O रोजगार O निर्माण O के O सामर्थ्य O का O भी O विकास O होगा O । O * O इससे O भारतीय O नागरिकों O को O बैंक O में O रोजगार O प्राप्ति O के O अवसर O मिलेंगे O । O सैद्धांतिक O रूप O से O इस O स्टेज O पर O कैबिनेट O की O मंजूरी O बैंक O की O सदस्यता O प्राप्त O करने O हेतु O ली O गई O है O । O पीड़ित O भागीदारी O और O हानिपूर्ति O प्रभाग O , O पीड़ितों O के O अपने O आवेदन O को O सक्षम O बनाने O के O लिए O हानिपूर्ति O कार्यवाहियों O को O उचित O प्रचार O देने O के O लिए O जिम्मेदार O होता O है O । O यह O स्पष्ट O नहीं O है O कि O संघर्ष O को O समाप्त O करने O के O लिए O समझौते O के O हिस्से O के O रूप O में O मानवाधिकारों O का O हनन O करने O वालों O को O माफी O देने O में O सुलह O प्रक्रिया O में O किस O हद O तक O समर्थ O है O । O कभी O - O कभी O यह O तर्क O दिया O जाता O है O कि O अपमानजनक O शासनों O से O सत्ता O के O शांतिपूर्ण O हस्तांतरण O के O लिए O माफी O की O अनुमति O आवश्यक O है O । O का O वित्त O पोषण O सदस्य O देशों O के O योगदान O द्वारा O होता O है O । O साँचा O - O ICC O summary O table O परन्तु O दुर्भाग्य O से O देशवासी O कई O बार O व्यापक O असमानताओं O , O अन्याय O या O भारतीय O संविधान O में O आश्वासित O सामाजिक O अपेक्षाओं O का O , O चयन O की O पूर्ति O के O ना O होने O का O अनुभव O करते O हैं O । O निहित O स्वार्थों O के O परोक्ष O अभिप्रायों O को O पूरा O करने O के O लिए O इसके O दुरुपयोग O के O कारण O ' O लोकतंत्र O ' O शब्द O की O मूल O अवधारणा O , O जन O धारणा O और O दर्शन O की O प्रतिष्ठा O घटी O है O । O लोकतंत्र O की O परिभाषा O तब O तक O अधूरी O है O जब O तक O इसे O सामाजिक O और O व्यक्तिगत O संदर्भों O में O परिभाषित O नहीं O किया O जाता O । O फिर O भी O हमारे O देश O में O हाल O के O वर्षों O में O यह O देखा O गया O है O कि O राजनेताओं O और O निर्वाचित O व्यक्तियों O के O रवैये O और O व्यवहार O तथा O राजनीतिक O दलों O के O कार्य O , O उनके O कामकाज O के O तरीके O , O संगठन O और O अभियानों O के O तरीके O ' O लोकतंत्र O ' O की O अवधारणा O और O दर्शन O को O कमजोर O करते O हैं O । O हमने O बाहुबल O , O धन O शक्ति O और O व्यर्थ O प्रचार O की O खबरों O को O उनके O साधन O और O तरीकों O के O रूप O में O प्रचारित O करते O हुए O देखा O और O अनुभव O किया O है O । O उम्मीदवारों O और O राजनीतिक O दलों O द्वारा O बड़े O पैमाने O पर O झूठे O वादे O भी O उनके O चुनावी O रैलियों O और O घोषणापत्रों O में O स्पष्ट O रूप O से O दिखाई O देते O हैं O । O पिछले O कुछ O वर्षों O के O दौरान O चुनावों O के O बाद O भी O अनावश्यक O और O अनुचित O दल O बदली O की O घटनाओं O में O वृद्धि O देखी O गयी O है O । O लोकतांत्रिक O आदर्श O ' O लोगों O के O लिए O , O लोगों O द्वारा O , O लोगों O की O सरकार O ' O के O विशुद्ध O विचार O विभिन्न O पहलुओं O को O दर्शाते O हैं O । O उनमें O राजनीतिक O विशिष्टताएं O शामिल O हैं O जिन्हें O लोकतांत्रिक O सामाजिक O जीवन O के O उद्देश्य O के O संदर्भ O में O मूलभूत O रूप O से O महत्वपूर्ण O माना O जा O सकता O है O , O जैसेकि O अभिव्यक्ति O की O स्वतंत्रता O , O अपने O जीवन O को O संचालित O करने O वाले O कारकों O को O तय O करने O में O लोगों O की O भागीदारी O , O नेताओं O की O सार्वजनिक O जवाबदेही O और O सत्ता O का O समान O वितरण O । O इसलिए O , O जब O हम O भारतीय O लोकतंत्र O की O बात O करते O हैं O तो O हमारा O मतलब O केवल O यह O नहीं O है O कि O इसकी O राजनीतिक O संस्थाएं O और O प्रक्रियाएं O लोकतांत्रिक O हैं O , O बल्कि O यह O भी O है O कि O भारतीय O समाज O और O प्रत्येक O भारतीय O नागरिक O लोकतांत्रिक O है O जो O सामाजिक O क्षेत्र O और O व्यक्तिगत O व्यवहार O में O समानता O , O स्वतंत्रता O , O बंधुत्व O , O धर्मनिरपेक्षता O और O न्याय O के O बुनियादी O लोकतांत्रिक O मूल्यों O को O दर्शाता O है O । O रक्षा O भारतीय O सशस्त्र O सेनाओं O की O यात्रा O चरण O - O I O अपेक्षाकृत O युवा O और O अनुभवहीन O भारतीय O अधिकारियों O को O रातोंरात O मध्यम O और O वरिष्ठ O स्तरों O के O पदों O पर O नियुक्त O करके O संघर्ष O में O झोंक O दिया O था O । O जो O सैन्य O बल O कभी O सशक्त O औपनिवेशिक O सैन्य O बल O था O वह O कोरियाई O युद्ध O में O मोबाइल O आर्मी O सर्जिकल O अस्पताल O के O संचालन O और O असल O स्थिति O से O निपटने O के O लिए O भेजी O गई O 60वीं O पैराशूट O फील्ड O एंबुलेंस O प्लाटून O के O रूप O में O विफल O रहा O । O इस O सेना O में O पहले O जैसी O ऊर्जा O या O साहस O नहीं O दिखाई O दिया O । O कर्ज O न O लौटाने O वालों O पर O सख्त O कार्रवाई O हो O बैंक O सेवाएं O खास O से O आम O हो O गईं O कालान्तर O में O सरकारी O बैंकों O में O शिथिलता O आने O लगी O , O सेवा O का O स्तर O गिरने O लगा O फलस्वरूप O देश O में O निजी O और O विदेशी O बैंकों O को O पैर O पसारने O का O अवसर O मिला O । O आज O बैंकों O के O सामने O अनुत्पादक O एनपीए O की O बड़ी O समस्या O है O जो O देश O की O अर्थव्यवस्था O को O भारी O नुकसान O पहुंचा O रही O है O । O आज O देश O में O मुट्ठी O भर O लोग O ऐसे O पैदा O हो O गये O हैं O जिनका O उद्देश्य O ही O बैंकों O से O ऋण O लेकर O उसका O दुरूपयोग O करना O , O विलासिता O में O खर्च O करना O और O उसे O बैंकों O को O नहीं O लौटाना O हो O गया O है O । O देश O में O बैंकों O का O ऋण O लौटाने O के O संबंध O में O नैतिक O पतन O हुआ O है O यह O चिंता O का O विषय O है O । O बैंक O ऋणों O का O जो O दुरूपयोग O कर O रहे O हैं O उनके O लिए O कठोर O दण्ड O की O व्यवस्था O होनी O चाहिए O ताकि O बैंकों O / O वित्तीय O संस्थाओं O के O ऋण O न O चुकाने O की O प्रवृति O पर O अंकुश O लगाया O जा O सके O । O व्यवसायिक O / O कृषि O चक्रों O के O कारण O संकट O में O फंसे O ऋणियों O के O लिए O उचित O नियम O बनाये O जाये O ताकि O वे O वास्तविक O संकट O से O निजात O पा O सकें O । O दिवालिया O कानून O समय O की O मांग O है O । O जो O लोग O बैंक O , O सरकार O और O आम O आदमी O के O पैसे O से O खेल O रहे O हैं O और O उन्हें O हानि O पहुंचा O रहे O हैं O उन्हें O बाजार O में O बने O रहने O का O अधिकार O नहीं O है O । O उनको O बाजार O से O बाहर O करने O एवं O कठोर O दण्ड O की O व्यवस्था O होनी O चाहिए O ताकि O गलत O इरादों O से O सार्वजनिक O धन O के O दुरूपयोग O को O रोका O जा O सके O । O व्यापार O चक्रों O के O कारण O जो O ईकाइयां O संकट O में O हैं O उनके O उद्धार O के O लिए O उचित O नीतियां O भी O आवश्यक O हैं O । O परम्परागत O भारतीय O बैंकिंग O व्यवस्था O बैंकिंग O के O विकास O का O रोचक O वर्णन O करती O है O । O लोक O शिकायत O निवारण O तंत्र O को O मजबूत O बनाना O होगा O यदि O जन O शिकायत O निवारण O को O अधिक O से O अधिक O गतिशील O बनाया O जाए O तो O देश O में O रामराज्य O के O आदर्श O पूरी O तरह O से O साकार O होने O लगेंगे O । O लोगों O को O सार्वजनिक O जन O सुविधा O मुहैया O होती O रहे O और O वे O इसका O जिम्मा O उठाने O के O लिए O आगे O आएं O । O जब O भी O देश O में O पार्षद O और O ग्राम O प्रधान O के O चुनाव O होते O हैं O तो O हर O नेता O शासन O पर O लोक O शिकायत O के O नाम O पर O आरोप O लगाकर O जनता O को O सुनाता O है O कहीं O बिजली O नहीं O आ O रही O है O कहीं O पानी O की O किल्लत O कहीं O सड़क O पर O गड्डे O कहीं O पुल O रेलिंग O विहीन O है O । O सीवर O चोक O की O समस्या O । O इसी O तरह O हम O सबको O ऐसी O अन्य O समस्याओं O से O रूबरू O होना O पड़ता O है O ! O शहरों O में O ही O सीवर O लीक O होने O से O लोगों O के O पास O बदबू O सूंघने O के O अलावा O कोई O चारा O नहीं O बचता O है O । O इस O स्थिति O से O बचने O के O लिए O लोक O शिकायत O निवारण O तंत्र O को O प्रोत्साहन O देना O जरूरी O हो O जाता O है O । O चाहे O देश O में O कितनी O खुशहाली O आ O जाय O या O विकसित O देशों O को O प्रौद्योगिकी O के O मामलों O में O पिछाड़ O दें O । O शहरों O में O जनकल्याण O समितियां O आम O आदमी O की O सहभागिता O का O सुंदर O उदाहरण O हैं O । O पंचायती O राज O संस्थानों O की O भूमिका O लिहाजा O , O स्वच्छ O भारत O अभियान O ( O ग्रामीण O ) O को O लागू O करने O में O ग्राम O पंचायत O की O भूमिका O अहम O है O । O अभियान O के O दूसरे -NEN चरण O में O भी O पंचायती O राज O संस्थानों O की O बड़ी O और O काफी O महत्वपूर्ण O भूमिका O है O । O ग्राम O पंचायत O के O ढांचे O में O काम O करने O वाले O सभी O संस्थानों O और O समितियों O को O अपने O कार्यक्रमों O में O स्वच्छता O को O प्राथमिकता O देनी O होगी O । O निगरानी O और O मूल्यांकन O विभाग O यह O काम O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O और O जिलों O के O साथ O मिलकर O कर O रहा O है O । O इसके O तहत O यह O पता O लगाया O जाएगा O कि O लोगों O के O व्यवहार O में O बदलाव O के O लिए O पर्याप्त O जागरुकता O गतिविधियां O चलाई O गईं O या O नहीं O । O साथ O ही O , O गांव O का O खुले O शौच O से O मुक्ति O का O दर्जा O बरकरार O है O या O नहीं O , O गांव O स्वच्छ O दिखता O है O या O नहीं O । O निगरानी O संबंधी O गतिविधियों O का O मकसद O अभियान O के O लिए O बेहतर O और O असरदार O नतीजे O हासिल O करना O है O । O संचालन O संबंधी O दिशा O - O निर्देशों O में O गुणवत्ता O और O परिमाण O के O स्तर O पर O प्रगति O की O निगरानी O की O बात O कही O गई O है O । O आगे O की O राह O इन O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O की O दिशा O में O राज्य O और O जिला O स्तर O पर O योजना O तैयार O कर O इस O पर O अमल O शुरू O हो O गया O है O । O इस O अभियान O को O लेकर O सरपंचों O की O अगुवाई O में O गांवों O में O नए O किस्म O का O उत्साह O है O । O यह O सरकार O को O छोटी O अवधि O के O लिए O कर्ज O भी O देता O है O , O ताकि O प्राप्तियों O और O भुगतान O में O अंसतुलन O को O तत्काल O दूर O किया O जा O सके O । O ग्राहक O सेवाओं O में O सुधार O की O पहल O कटे O - O फटे O नोटों O को O छोड़ने O और O बेहतर O नोट O इकट्ठा O करने O के O लिए O इंसेंटिव O * O बैंक O शाखाओं O को O मुद्रा O बदलने O की O सुविधा O देना O * O बैंकों O को O नोटों O और O सिक्कों O के O वितरण O और O दूर O - O दराज O तक O पहुंच O के O लिए O बैंकों O को O बिजनेस O कॉरस्पॉन्डट्स O और O कैश O इन O ट्रांजिट O कंपनियों O की O सेवा O लेने O के O लिए O इजाजत O देना O * O ' O पैसा O बोलता O है O ' O नामक O ज्ञानवर्धक O माइक्रो O - O साइट O तैयार O करना O , O इसमें O बैंक O नोट O पर O लोगों O को O जागरूकता O के O लिए O फिल्म O भी O शामिल O है O सार्वजनिक O कर्ज O का O प्रबंधन O ब्याज O दर O , O समय O और O कर्ज O जुटाने O जैसी O चीजें O कैश O की O हालत O और O बाजार O की O उम्मीदों O पर O निर्भर O करती O हैं O । O इस O तरह O के O ट्रांसफर O ई O - O कुबेर O नामक O कंप्यूटर O सिस्टम O के O जरिये O होते O हैं O । O भुगतान O और O सेटलमेंट O सिस्टम O की O निगरानी O भुगतान O और O सेटलमेंट O सिस्टम O की O निगरानी O केंद्रीय O बैंक O का O काम O है O । O बैंक O की O निगरानी O के O मौजूदा O सिस्टम O के O जरिये O सुरक्षा O और O दक्षता O के O लक्ष्यों O को O बढ़ावा O दिया O जाता O है O । O साथ O ही O , O इस O निगरानी O में O जरूरी O पाए O जाने O पर O सिस्टम O में O बदलाव O भी O किए O जाते O हैं O । O पेमेंट O और O सेटलमेंट O सिस्टम O पर O निगरानी O बनाकर O केंद्रीय O बैंक O सिस्टम O की O स्थिरता O बनाए O रखने O और O इससे O जुड़े O जोखिम O को O कम O कर O इस O सिस्टम O में O लोगों O का O भरोसा O कायम O कर O अपनी O भूमिका O का O निर्वाह O करता O है O । O उपभोक्ता O जागरूकता O और O संरक्षण O : O हालिया O पहल O इसे O उपभोक्ता O संरक्षण O में O वैश्विक O स्तर O पर O बेहतर O परंपराओं O को O ध्यान O में O रखते O हुए O तैयार O किया O गया O है O । O * O निष्पक्ष O तरीके O से O बर्ताव O का O अधिकार O * O पारदर्शिता O का O अधिकार O * O उपयुक्तता O का O अधिकार O * O निजता O का O अधिकार O * O शिकायतों O के O निपटारे O और O मुआवजे O का O अधिकार O । O जल O है O तो O कल O है O विश्व O की O समस्त O सभ्यताएं O पानी O के O किनारे O ही O फली O - O फूली O हैं O । O सभी O नागरिकों O को O शुद्ध O जल O मिलना O ही O चाहिए O । O शुद्ध O जल O का O संबंध O नागरिकों O के O स्वास्थ्य O से O भी O जुड़ा O हुआ O है O । O यह O सौभाग्य O की O बात O है O कि O अब O इस O ओर O तेजी O से O कार्य O हो O रहा O है O । O अधिक O से O अधिक O लोगों O की O पहुंच O शुद्ध O नल O के O जल O तक O हो O रही O है O । O सरकार O ने O अपनी O नीतियों O और O फैसलों O में O जल O प्रशासन O को O महत्व O दिया O है O । O प्रधानमंत्री O कृषि O सिंचाई O योजना O , O हर O खेत O को O पानी O अभियान O , O प्रति O बूंद O अधिक O फसल O अभियान O , O नमामि O गंगे O मिशन O , O जल O जीवन O मिशन O , O अटल O भूजल O योजना O , O महत्वपूर्ण O योजनाएं O हैं O । O इन O योजनाओं O की O सफलता O पर O ही O देश O का O आर्थिक O सामाजिक O विकास O निर्भर O करता O है O । O इन O योजनाओं O में O स्थानीय O समुदाय O को O अधिक O से O अधिक O जोड़ा O जाए O ताकि O इन O योजनाओं O के O क्रियान्वयन O पर O और O इन O पर O हो O रहे O व्यय O पर O निगरानी O रहे O और O लोगों O को O विकास O की O अनुभूति O हो O । O संग्रहणीय O अंक O योजना O के O ' O हर O घर O जल O ' O विशेषांक O में O स्वच्छ O पेय O जल O , O भूजल O का O अंधाधुंध O दोहन O , O जैव O अपघटनशील O ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O , O अवजल O प्रबंधन O जैसे O ज्वलंत O मुद्दों O पर O विचार O किया O गया O है O , O इससे O यह O संग्रहणीय O और O दुर्लभ O अंक O बन O गया O है O । O सम्पादकीय O में O जल O से O संबंधित O सभी O मुद्दों O पर O प्रकाश O डाला O गया O है O । O आज O पूरी O दुनिया O में O पानी O की O भारी O किल्लत O है O , O अतः O जरूरी O है O कि O प्रत्येक O नागरिक O को O स्वच्छ O जल O सहज O रूप O से O उपलब्ध O हो O । O देश O के O महानगरों O में O बोतल O बंद O पानी O का O जो O रिवाज O चल O पड़ा O है O , O हमें O इसे O रोकना O होगा O । O ने O सभी O घरों O को O स्वच्छ O पेय O जल O उपलब्ध O कराने O का O संकल्प O लिया O है O , O इस O संबंध O में O उन्होंने O कई O योजनाओं O की O शुरुआत O की O है O । O सम्पादकीय O में O विचारणीय O प्रश्न O रखा O गया O है O , O वह O यह O कि O जल O स्रोतों O के O पुनर्भरण O और O अवजल O प्रबंधन O के O जरिए O गंदे O पानी O को O फिर O से O उपयोग O में O लाने O योग्य O बनाना O , O जल O संरक्षण O और O रेन O हार्वेस्टिंग O , O जैसे O अधिक O वैज्ञानिक O उपायों O से O ही O देश O को O मौजूदा O जल O संकट O से O उबारा O जा O सकता O है O । O जलवायु O संकट O का O सामना O कर O रही O पूरी O दुनिया O और O विशेष O रूप O से O भारत O को O , O हमें O जल O प्रणालियों O में O निवेश O बढ़ा O कर O उन्हें O ज्यादा O टिकाऊ O बनाना O है O । O बेकार O बह O रहे O पानी O का O संग्रहण O करने O के O साथ O ही O पानी O की O हर O बूंद O का O किफायती O इस्तेमाल O करना O होगा O । O ये O समस्याएं O हैं O : O (आ) O वस्त्र O आयात O , O (इ) O जमा O हुए O इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O की O वापसी O की O अनुमति O नहीं O मिलना O , O (ड) O हस्तनिर्मित O हथकरघा O एवं O हस्तशिल्प O उत्पादों O को O जीएसटी O के O दायरे O से O छूट O नहीं O मिलना O आदि O । O निष्कर्ष O किंतु O मानव O निर्मित O धागे O से O बने O कपड़ों O की O कीमतें O उसी O दौरान O बढ़ O गईं O । O उपरोक्त O अवधि O में O कपड़ा O उत्पादन O भी O कुछ O कम O हो O गया O । O क्षेत्र O विशेष O के O आंकड़े O बताते O हैं O कि O उपरोक्त O अवधि O में O रेशम O उत्पादन O तथा O उससे O मिलने O वाले O रोजगार O में O वृद्धि O हुई O । O इससे O पता O चलता O है O कि O जीएसटी O के O क्रियान्वयन O के O समय O कपड़ा O उद्योग O में O मंदी O आई O , O लेकिन O दीर्घावधि O में O जीएसटी O उत्पादन O , O निर्यात O तथा O रोजगार O सृजन O की O दृष्टि O से O कपड़ा O उद्योग O की O वृद्धि O की O गति O बढ़ाएगा O । O इसकी O मुख्य O वजह O सरकारी O विभाग O और O आवेदक O या O उपभोक्ता O के O बीच O मौजूद O सूचनाओं O की O प्रणाली O का O व्यवस्थित O नहीं O होना O है O । O सरकार O के O पास O सभी O तरह O की O सूचनाएं O होती O हैं O , O लेकिन O मुमकिन O है O कि O वह O इसे O सार्वजनिक O पटल O पर O नहीं O पेश O करे O । O साथ O ही O , O हो O सकता O है O कि O आवेदक O या O ग्राहक O के O पास O प्रक्रिया O का O पालन O करने O के O लिए O जागरूकता O या O सूचना O नहीं O हो O । O इसके O अलावा O , O शिकायत O निपटारा O तंत्र O की O कमी O और O उपभोक्ताओं O के O पास O काम O कराने O के O लिए O बिचौलिए O के O पास O जाने O के O सिवा O कोई O विकल्प O न O होने O जैसी O समस्याएं O भी O हैं O । O इसका O मकसद O सिस्टम O की O गड़बड़ियों O से O निपटना O है O । O हालांकि O , O सूचना O साझा O तंत्र O और O शिकायत O निपटारा O विकल्प O , O दोनों O के O लिहाज O से O इस O सुधारवादी O उपाय O के O असर O को O लेकर O बार O - O बार O चिंताएं O जताई O गई O हैं O । O इसके O बावजूद O नागरिक O घोषणापत्र O की O अहमियत O को O कमतर O नहीं O आंका O जा O सकता O है O । O अब O मौजूदा O वक्त O की O जरूरत O है O कि O इस O कार्यक्रम O को O पुनर्जीवित O किया O जाए O और O इसे O सरकारी O विभागों O में O फिर O से O लागू O किया O जाए O , O ताकि O वे O न O सिर्फ O अपने O उपभोक्ताओं O बल्कि O खुद O के O प्रति O भी O जवाबदेह O बनें O । O नागरिक O घोषणापत्र O का O विकास O इसका O मकसद O लोगों O की O जरूरतों O और O उम्मीदों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O सार्वजनिक O सेवाओं O की O तरफ O फिर O से O ध्यान O केंद्रित O करना O था O । O इसमें O नागरिक O घोषणापत्र O लागू O करने O वाले O सार्वजनिक O सेवा O प्रदाताओं O के O कुछ O सिद्धांतों O को O अपनाने O की O बात O कही O गई O थी O । O इनमें O ये O बातें O शामिल O थीं O - O * O सेवा O का O स्तर O तय O करना O * O खुलेपन O और O पारदर्शिता O पर O बल O * O आखिरी O उपभोक्ता O की O सहभागिता O और O उससे O सलाह O * O पसंद O को O बढ़ावा O और O प्रोत्साहन O * O सभी O के O साथ O बिना O भेदभाव O वाला O व्यवहार O * O मामला O गलत O दिशा O में O जाने O पर O उसे O दुरुस्त O करना O * O संसाधनों O का O असरदार O इस्तेमाल O * O नवोन्मेष O और O सुधार O * O अन्य O प्रदाताओं O के O साथ O मिलकर O काम O करना O । O बेशक O उन O देशों O ने O इस O अभियान O का O नाम O अलग O - O अलग O रखा O । O जब O तक O बैंक O गलत O इरादे O और O उधारकर्ताओं O की O तरफ O से O गलत O प्रतिनिधित्व O को O साबित O नहीं O करता O , O तब O तक O उधारकर्ता O के O खिलाफ O जान O - O बूझकर O चूक O के O लिए O आपराधिक O कार्यवाही O शुरू O करना O कठिन O होता O है O । O एसएआरएफएईएसआई O ( O सरफेसी O ) O अधिनियम O बैंकरों O को O आरोपित O संपत्ति O पर O कब्जा O करने O और O बिना O अदालत O के O हस्तक्षेप O के O उसकी O नीलामी O करने O की O अनुमति O देता O है O । O जैसाकि O अक्सर O होता O है O बैंकरों O को O हराने O के O लिए O डिफाल्टर O सभी O साधनों O का O इस्तेमाल O करते O हैं O ताकि O उन्हें O संपत्ति O की O नीलामी O न O करने O दी O जाए O । O प्राधिकृत O अधिकारियों O के O खिलाफ O वे O गलत O आरोप O लगाते O हैं O या O उनके O खिलाफ O अत्याचार O के O आपराधिक O मामले O दायर O कर O देते O हैं O । O हालांकि O कुछ O मामलों O में O बैंक O का O प्रबंधन O इस O तरह O से O परेशान O अधिकारियों O के O बचाव O में O सक्रिय O रूप O से O आगे O आता O है O । O ऐसी O घटनाओं O से O कार्यबल O का O उत्साह O भंग O होता O है O और O वसूली O टॉस O का O विषय O बन O जाता O है O । O * O सरकारी O कर्मचारी O के O अभियोजन O के O लिए O उनके O द्वारा O कथित O तौर O पर O किये O गये O किसी O भी O अपराध O , O चाहे O उसने O कार्यकारी O या O अपने O आधिकारिक O कर्तव्य O के O निष्पादन O के O रूप O में O किया O हो O , O के O लिए O ऐसा O आवश्यक O है O । O आधिकारिक O कर्तव्य O का O अर्थ O है O कि O सरकारी O कर्मचारी O द्वारा O अपनी O सेवा O के O दौरान O वह O कार्य O या O चूक O की O गयी O हो O और O इस O तरह O के O कार्य O या O चूक O उसके O कर्तव्य O के O हिस्से O के O रूप O में O की O गयी O हो O , O जिसे O आगे O अपनी O प्रकृति O में O भी O आधिकारिक O होना O चाहिए O । O किसी O भी O सुरक्षित O ऋणदाता O या O सुरक्षित O ऋणदाता O के O किसी O भी O अधिकारी O या O प्रबंधक O के O किसी O भी O अधिकार O का O उपयोग O करते O हुए O या O उधारकर्ता O ने O इस O अधिनियम O के O तहत O कोई O भी O कार्य O या O चूक O सद्भावना O के O तहत O की O हो O तो O उसके O खिलाफ O कोई O मुकदमा O , O अभियोजन O या O अन्य O कानूनी O कार्यवाही O नहीं O होगी O । O बैंक O पुनर्पूंजीकरण O पीएसबी O के O तुलन O पत्रों O पर O एनपीए O का O भार O पड़ने O से O बैंकों O की O ऋण O देने O की O क्षमता O पर O प्रतिकूल O प्रभाव O पड़ा O है O जिससे O निजी O निवेश O और O निजी O क्षेत्र O के O कुल O पूंजी O निर्माण O में O भी O रुकावट O आई O है O । O अब O हम O ऋण O पत्रों O को O देखते O हैं O और O यह O समझने O की O कोशिश O करते O हैं O कि O इससे O बैंकिंग O प्रणाली O को O किस O तरह O लाभ O होगा O । O कौन O सा O बैंक O ऋणपत्रों O के O जरिए O कितनी O पूंजी O प्राप्त O करने O वाला O है O , O इस O संबंध O में O जल्द O ही O घोषणा O होने O वाली O है O । O ऋणपत्र O जारी O करने O के O दौरान O यह O कहा O गया O था O कि O ऋणपत्र O फ्रंट O लोडेड O होंगे O । O अब O हम O यह O पता O लगाते O हैं O कि O पुनर्पुंजीकरण O ऋणपत्र O कैसे O कार्य O करेगा O और O इससे O व्यवस्था O पर O क्या O प्रभाव O पड़ने O की O संभावना O है O । O यह O संभावना O है O कि O सरकार O ऋणपत्र O जारी O करेगी O और O बैंक O इन्हें O सीधे O प्राप्त O करेंगे O । O इस O दौरान O मुख्य O राशि O कहीं O नहीं O जाएगी O बल्कि O खाते O में O प्रविष्टि O होगी O । O अब O बस O यह O देखना O बाकी O है O कि O सरकार O ऋण O देने O वालों O को O बाजार O में O ऋणपत्र O बेचने O की O अनुमति O देती O है O अथवा O नहीं O । O बंदरगाह O , O पर्यटन O , O सौर O ऊर्जा O , O एरोस्पेस O और O रक्षा O , O सूचना O प्रौद्योगिकी O , O उद्योग O , O स्टार्टअप O , O कृषि O और O वाणिज्य O , O कपड़ा O और O वस्त्र O , O इलेक्ट्रॉनिक्स O , O विरासत O पर्यटन O , O पवन O ऊर्जा O , O सामान्य O प्रोत्साहन O , O उत्पादन O और O जैव O प्रौद्योगिकी O जैसे O क्षेत्रों O में O नयी O नीतियां O लागू O की O गयी O हैं O । O राज्य O में O अपनायी O गयी O पहले O उत्पादन O , O बाद O में O अनुमति O की O नीति O से O सूक्ष्म O , O लघु O और O मझोले O उद्यमों O ( O एमएसएमई O ) O को O काफी O लाभ O हुआ O है O । O खदानों O और O खनिजों O की O नीलामी O ऑनलाइन O की O जा O रही O है O । O इसके O साथ O ही O पंचायती O राज O की O तत्कालीन O योजनाओं O , O जिनमें O पीईएआईएस O भी O थी O , O का O केंद्र O - O समर्पित O योजना O आरजीपीएसए O में O विलय O कर O दिया O गया O । O पंचायतों O के O लिए O प्रोत्साहन O की O योजना O भी O आरजीपीएसए O के O तहत O ही O चलाई O जा O रही O थी O । O राष्ट्रीय O पंचायत O पुरस्कार O इसी O दिन O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O देने O के O उद्देश्य O से O राष्ट्रीय O पंचायत O पुरस्कार O प्रदान O किए O जाते O हैं O । O पुरस्कार O पाने O वाली O पंचायतों O को O अन्य O सभी O पंचायतों O के O लिए O आदर्श O माना O जाता O है O जिनसे O उन्हें O प्रेरणा O मिलती O है O । O पुरस्कारों O की O श्रेणियां O इस O पुरस्कार O का O मूल O उद्देश्य O ग्रामसभा O को O जनसहयोग O , O सामूहिक O निर्णय O और O सामाजिक O ऑडिट O की O संस्था O के O रूप O में O प्रचारित O करना O है O । O यह O पुरस्कार O सेवाओं O और O सार्वजनिक O हित O के O कार्यों O के O क्षेत्र O में O सबसे O अच्छा O काम O करने O वाली O पंचायत O को O दिया O जाता O है O । O ये O विषय O आधारित O श्रेणियां O हैं O : O * O साफ O - O सफाई O * O नागरिक O सेवाएं O ( O पेयजल O , O स्ट्रीट O लाइट O , O बुनियादी O सुविधाएं O ) O * O प्राकृतिक O संसाधनों O का O प्रबंधन O * O सीमांत O वर्ग O की O सेवा O ( O महिलाएं O , O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O , O विकलांगजन O , O वरिष्ठ O जन O ) O * O सामाजिक O क्षेत्र O में O प्रदर्शन O * O आपदा O प्रबंधन O * O ग्राम O पंचायतों O को O समर्थन O देने O वाले O स्वैच्छिक O संगठन O / O व्यक्ति O * O राजस्व O जुटाने O के O क्षेत्र O में O नवाचार O * O ई O - O गवर्नेंस O यह O पुरस्कार O मोटे O तौर O पर O प्रत्येक O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O में O पंचायतों O / O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O की O संख्या O के O अनुपात O में O दिया O जाता O है O । O पुरस्कारों O की O संख्या O तय O करने O के O मानदंड O इन O क्लस्टरों O में O पिछले O कुछ O महीनों O से O प्रशिक्षण O का O काम O चल O रहा O है O । O साथ O ही O , O प्रसंस्करण O , O पैकेजिंग O आदि O के O लिए O जरूरी O मशीन O की O खरीद O भी O की O जा O रही O है O । O हाल O ही O में O जनजातीय O समुदाय O के O लोगों O द्वारा O कच्चे O माल O का O उत्पादन O और O प्रसंस्करण O भी O शुरू O कर O दिया O गया O है O । O बन O दुर्गा O क्लस्टर O वीडीवीकेसी O क्लस्टर O में O इमली O , O शाल O के O बीज O आदि O से O शाल O शैंपू O , O इमली O वाले O अलग O - O अलग O उत्पाद O तैयार O किए O जाएंगे O । O इसका O मकसद O जंगलों O में O रहने O वाले O जनजातीय O लोगों O के O लिए O वन O धन O केंद्र O स्थापित O कर O जंगल O से O जुडे O छोटे O - O छोटे O उत्पादों O को O बेहतर O बनाकर O उनकी O ब्रांडिंग O और O मार्केटिंग O करना O है O । O इससे O इन O लोगों O के O लिए O आजीविका O का O इंतजाम O हो O सकेगा O । O पहले O की O व्यवस्था O इससे O अलग O थी O । O 1 O ) O सेवा O का O मानक O समय O ; O 2 O ) O प्रयोकता O का O पंजीकरण O ; O 3 O ) O प्रत्येक O रिकॉर्ड O और O प्रयोक्ता O के O लिए O विशिष्ट O पहचान O ; O 4 O ) O सूचना O प्रस्तुत O करना O ; O 5 O ) O व्यक्ति O की O पहचान O और O सत्यापन O ; O 6 O ) O सूचना O का O प्रमाणीकरण O ; O 7 O ) O सूचना O का O सत्यापन O ; O 8 O ) O आंकड़ों O की O सत्यता O ; O 9 O ) O तृतीय O पक्षकारों O को O सूचना O तक O पहुंच O प्रदान O करने O के O लिए O सहमति O की O रूपरेखा O ; O 10 O ) O प्रणाली O की O सुरक्षा O ; O 11 O ) O सूचना O की O सुरक्षा O ; O 12 O ) O जोखिम O प्रबंधन O रूपरेखा O ; O 13 O ) O सूचना O का O संरक्षण O ; O और O 14 O ) O सूचना O का O परिष्करण O । O सेवा O प्रदान O करते O समय O सूचना O उपयोगिता O लागू O तकनीकी O मानदंडों O के O अनुसार O होगी O । O हालांकि O इन्हें O अभी O अधिसूचित O नहीं O किया O गया O है O । O राष्ट्रीय O कंपनी O कानून O अधिकरण O के O क्षेत्राधिकार O में O कंपनियां O और O लिमिटेड O लायबिलिटी O पार्टनरशिप O आएंगी O और O ऋण O वसूली O अधिकरण O के O अधिकार O क्षेत्र O में O व्यक्ति O और O पार्टनरशिप O कंपनियां O आएंगी O । O यह O संहिता O समस्याग्रस्त O कंपनियों O के O निपटान O के O लिए O समयबद्ध O प्रक्रिया O तैयार O करती O है O । O यह O संहिता O पहले O की O निपटान O प्रणाली O से O बिल्कुल O अलग O है O क्योंकि O यह O कॉरपोरेट O देनदार O के O खिलाफ O निपटान O प्रक्रिया O को O शुरू O करने O की O जिम्मेदारी O लेनदार O को O सौंपती O है O । O पहले O की O व्यवस्था O इससे O अलग O थी O । O उसमें O देनदार O ही O निपटान O प्रक्रिया O चालू O करता O था O , O जबकि O लेनदार O को O बकाया O कर्ज O की O वसूली O के O लिए O कानूनी O कार्रवाई O करनी O पड़ती O थी O । O हालांकि O कॉरपोरेट O देनदार O भी O इस O निपटान O प्रक्रिया O के O लिए O आवेदन O कर O सकता O था O । O छोटी O कंपनियों O के O लिए O यह O प्रावधान O थोड़ा O भिन्न O है O । O निपटान O प्रक्रिया O के O दौरान O ऋणदाता O आकलन O करता O है O कि O देनदार O के O कर्ज O का O पुनर्गठन O किया O जाए O या O कारोबार O को O पुनर्जीवित O किया O जाए O । O इस O दौरान O लेनदार O किसी O प्रकार O का O दावा O नहीं O कर O सकता O । O अगर O निपटान O प्रक्रिया O सफल O नहीं O होती O तो O परिसंपत्ति O की O बिकवाली O प्रक्रिया O शुरू O हो O जाती O है O । O लाइसेंसशुदा O दिवाला O पेशेवरों O ( O आईपीज़ O ) O द्वारा O निपटान O प्रक्रियाएं O चालू O की O जाती O हैं O । O इसके O लिए O उसे O इनसॉल्वेंसी O परीक्षा O भी O पास O करनी O होगी O । O कोई O अन्य O व्यक्ति O भी O राष्ट्रीय O दिवाला O परीक्षा O पास O करके O आईपी O बन O सकता O है O । O वह O देनदार O की O परिसंपत्तियों O और O कंपनी O के O प्रबंधन O को O नियंत्रित O करता O है O तथा O सूचना O केंद्र O ( O इनफॉरमेशन O यूटिलिटी O ) O से O देनदार O की O वित्तीय O जानकारी O एकत्र O करता O है O । O वह O लेनदार O समिति O का O गठन O करता O है O । O कॉरपोरेट O देनदार O से O संबंधित O लेनदारों O को O छोड़कर O शेष O सभी O वित्तीय O लेनदार O इस O समिति O के O सदस्य O होते O हैं O । O ऑपरेशनल O लेनदारों O को O भी O समिति O का O हिस्सा O होना O चाहिए O लेकिन O बिना O मतदान O के O अधिकार O के O । O संहिता O प्रावधान O करती O है O कि O परिसंपत्तियों O को O बेचने O के O बाद O जो O धन O प्राप्त O होगा O , O उसका O वितरण O किस O प्रकार O किया O जाएगा O । O इसी O प्रकार O प्रमोटरों O की O ऋण O योग्यता O और O विश्वसनीयता O की O कड़ी O जांच O की O जा O सकेगी O । O हालांकि O , O नीलामी O प्रक्रिया O में O प्रमोटरों O के O शामिल O होने O का O मामला O अभी O अस्पष्ट O है O । O फिलहाल O सरकार O ने O संहिता O में O संशोधन O के O लिए O अध्यादेश O जारी O किया O है O । O इस O संबंध O में O अध्यादेश O ने O संहिता O में O धारा O 29 O को O शामिल O किया O है O । O इसके O अतिरिक्त O कॉरपोरेट O जमानतदार O भी O इन O कंपनियों O की O नीलामी O प्रक्रिया O में O शामिल O नहीं O हो O सकते O । O इसमें O होल्डिंग O कंपनी O या O स्ट्रेस्ड O एसेट्स O के O प्रमोटरों O से O संबंधित O पक्ष O भी O शामिल O हैं O । O यहां O ' O प्रमोटरों O से O संबंधित O पक्ष O ' O की O परिभाषा O का O उल्लेख O किया O जाना O जरूरी O है O । O क्या O वह O इस O नीलामी O प्रक्रिया O में O भाग O लेने O के O योग्य O है O ? O कंपनी O के O निर्देशक O बोर्ड O में O उसका O कोई O प्रतिनिधित्व O नहीं O है O , O न O ही O प्रबंधकीय O निर्णयों O में O उसकी O कोई O भागीदारी O है O । O इसलिए O संबंधित O पक्ष O की O परिभाषा O में O स्पष्टता O होनी O चाहिए O जिससे O यह O पता O चले O कि O किसे O नीलामी O प्रक्रिया O में O भाग O लेने O की O अनुमति O है O और O किसे O नहीं O । O चूंकि O दूसरी O सूची O के O लिए O बैंकों O को O दिवालिया O निपटान O के O लिए O काफी O समय O दिया O जा O रहा O है O । O अध्यादेश O में O इस O संबंध O में O तो O प्रावधान O मौजूद O हैं O । O फिलहाल O अधिकरण O इस O मामले O की O सुनवायी O कर O रहा O है O । O दृष्टिकोण O इस O अभियान O के O लक्षित O कार्य O हैं O - O जल O संरक्षण O और O वर्षा O जल O संचयन O ; O पारंपरिक O तथा O अन्य O जल O निकायों O / O टैंकों O , O पुनरुपयोग O व O पुनर्भरण O संरचनाओं O का O पुनर्निमाण O ; O जल O संभर O विकास O और O सघन O वनीकरण O । O इस O अभियान O के O मूल O में O सामुदायिक O जागरूकता O और O प्रेरणा O है O । O घरों O में O पाइप O जलापूर्ति O पानी O की O कमी O का O सबसे O ज्यादा O प्रभाव O उन O महिलाओं O पर O पड़॒ता O है O , O जिन्हें O पानी O लाने O के O लिए O काफी O ऊर्जा O और O समय O खर्च O करना O पड़ता O है O । O जल O उपयोग O क्षमता O में O सुधार O सिंचाई O और O उद्योगों O में O जल O उपयोग O दक्षता O में O सुधार O के O माध्यम O से O पानी O की O बचत O की O काफी O संभावनाएं O हैं O । O जल O प्रदूषण O यह O , O कैच O द O रेन O और O सही O फसल O जैसे O अभियानों O के O माध्यम O से O पानी O को O सीमित O संसाधन O के O रूप O में O देखने O और O इसके O सदुपयोग O के O लिए O विभिन्न O हितधारकों O को O सक्षम O बनाता O है O । O संशोधित O योजना O निम्नलिखित O भागों O को O मुहैया O कराती O है O - O • O रसोई O लागत O के O लिए O निम्नलिखित O दर O से O सहायता O का O प्रावधान O - O उपर्युक्त O बढ़ी O हुई O केंद्रीय O सहायता O पात्रता O के O लिए O राज्य O सरकारों O / O केंद्रशासित O प्रशासनों O को O न्यूनतम O सहायता O उपलब्ध O कराना O आवश्यक O है O । O • O राज्य O सरकारों O द्वारा O घोषित O सूखा O प्रभावित O क्षेत्रों O में O गर्मियों O की O छुट्टियों O में O पका O हुआ O भोजन O उपलब्ध O कराने O के O लिए O सहायता O का O प्रावधान O । O अतः O उद्देश्य O के O लिए O अन्य O विकास O कार्यों O के O साथ O राज्य O सरकारों O से O सकारात्मक O सहयोग O की O अपेक्षा O है O । O o O खाना O पकाने O के O उपकरण O ( O स्टोव O , O चूल्हा O इत्यादि O ) O o O खाद्यान्न O तथा O अन्य O सामग्री O के O भंडारण O के O लिए O कंटेनर O o O खाना O पकाने O और O खिलाने O के O लिए O बर्तन O इसमें O शामिल O है O - O • O सूचना O का O अधिकार O अधिनियम O के O अंतर्गत O सूचना O का O प्रदर्शन O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O उन O सभी O स्कूलों O और O केंद्रों O से O , O जहां O यह O कार्यक्रम O लागू O किया O जा O रहा O है O स्वविवेक O के O आधार O पर O सूचना O प्रदर्शन O के O लिए O कहा O जाता O है O । O इस O सूचना O में O सम्मिलित O है O - O o O प्राप्त O खाद्यान्न O की O मात्रा O , O प्राप्ति O की O तारीख O o O उपयोग O किए O खाद्यान्न O की O मात्रा O o O अन्य O खरीदे O गए O , O उपयोग O में O लाए O गए O अंश O o O मध्याह्न O भोजन O पाने O वाले O बच्चों O की O संख्या O o O दैनिक O मेन्यू O o O कार्यक्रम O में O शामिल O सामुदायिक O सदस्यों O का O रोस्टर O • O राज्य O सरकार O के O अधिकारियों O द्वारा O निरीक्षण O राजस्व O विभाग O , O ग्रामीण O विकास O , O शिक्षा O और O महिला O और O बाल O विकास O , O खाद्य O , O स्वास्थ्य O जैसे O अन्य O संबंधित O क्षेत्रों O के O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O अधिकारियों O से O जिन O स्कूलों O में O कार्यक्रम O लागू O किया O जा O रहा O है O वहां O निरीक्षण O के O लिए O कहा O जाता O है O । O • O भारतीय O खाद्य O निगम O ( O एफसीआई O ) O की O जिम्मेदारी O एफसीआई O के O डिपो O में O पर्याप्त O खाद्यान्न O निरंतर O उपलब्ध O रहे O इसकी O जिम्मेदारी O एफसीआई O की O है O ( O उत्तर O पूर्वी O राज्यों O के O मामले O में O खाद्यान्न O मुख्य O वितरण O केंद्रों O पर O उपलब्ध O रहना O चाहिए O ) O । O एनपी O - O एनएसपीई O , O 2006 O के O लिए O , O एफसीआई O को O उपलब्ध O सर्वश्रेष्ठ O गुणवत्ता O के O खाद्यान्न O जारी O करने O का O आदेश O है O जो O किसी O भी O हालत O में O कम O से O कम O फेयर O एवरेज O क्वालिटी O ( O एफएक्यू O ) O का O होगा O । O • O बच्चों O के O जीवन O के O मौलिक O अधिकार O के O लिए O बच्चों O के O अच्छे O पोषण O के O लिए O । O • O बच्चों O के O अच्छे O स्वास्थ्य O के O लिए O । O • O बच्चों O की O अच्छी O शिक्षा O के O लिए O । O • O बच्चों O में O अच्छी O सामजिक O समता O के O लिए O । O • O बच्चों O में O स्वच्छ्ता O , O स्वच्छ्ता O एवं O सफाई O के O लिए O । O • O बच्चों O के O जीवन O के O मौलिक O अधिकार O के O लिए O । O कार्यक्रम O की O चुनौतियाँ O FCI O से O कई O बार O आवंटन O समय O पर O प्राप्त O नहीं O होता O है O , O जिसके O कारण O मध्याह्न O भोजन O योजना O प्रभावित O होती O है O । O राज्य O खाद्य O निगम O भी O इस O समय O खाद्यान्न O संवेदको O को O उपलब्ध O नहीं O कराती O है O । O FCI O के O द्वारा O Bag O पर O MDM O अंकित O करने O का O निर्णय O हुआ O था O , O जिस O पर O अमल O नहीं O हो O रहा O है O । O फलतः O - O चावल O की O गुणवत्ता O पर O नियंत्रण O नहीं O हो O पाता O है O । O FCI O का O बेहतर O तालमेल O SFC O के O साथ O नहीं O हो O पाता O है O । O विद्यालय O स्तर O पर O प्रतिदिन O मेनू O का O पालन O नहीं O होने O सम्बन्धित O समस्या O अनुश्रवण O समिति O की O बैठक O समय O पर O नहीं O होना O । O विद्यालय O शिक्षा O समिति O के O स्तर O पर O समन्वय O की O कमी O । O भले O ही O इस O व्यवस्था O में O ब्याज O के O निर्धारण O पर O आज O की O भांति O किसी O का O नियंत्रण O नहीं O था O परंतु O इस O पर O राज्य O का O नियंत्रण O निश्चित O रूप O से O था O । O जब O भी O न्यायकारी O शासन O व्यवस्था O रही O , O तब O हमेशा O ही O महाजनी O या O साहूकारी O समाजहित O में O ही O रही O । O केवल O अराजक O स्थितियों O में O ही O यह O व्यवस्था O शोषणकारी O बनी O । O पहली O यह O कि O वह O पूरी O तरह O विकेंद्रित O व्यवस्था O थी O और O दूसरी O यह O कि O इस O व्यवस्था O में O राज्य O की O भूमिका O केवल O नियामक O भर O की O ही O थी O , O आज O की O भांति O संचालक O और O नियंत्रक O की O नहीं O । O इस O व्यवस्था O में O भी O कई O स्तर O विकसित O हुए O थे O । O 1. O सबसे O निचले O स्तर O पर O ग्रामीण O साहूकार O या O महाजन O थे O । O 2. O उससे O ऊपर O बड़े O सेठ O तथा O नगर O सेठ O हुआ O करते O थे O । O कुछेक O स्थानों O पर O ये O सेठ O जमींदार O भी O बन O गए O थे O । O 3. O सबसे O ऊपर O जगत O सेठ O बने O । O हालांकि O यह O शब्दावली O मुगल O काल O में O विकसित O हुई O परंतु O यदि O हम O शब्द O को O छोड़कर O भाव O पर O ध्यान O दें O तो O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O व्यापारियों O को O धन O देने O वाले O सेठ O भी O पूरे O देश O में O पाये O जाते O थे O । O जगत O सेठ O : O साख O संस्था O इस O प्रकार O हम O पाते O हैं O कि O ब्याज O पर O धन O देने O वाली O घरेलू O औरतों O , O छोटे O - O छोटे O महाजनों O और O साहूकारों O से O यह O व्यवस्था O विकसित O होती O गयी O और O इसका O स्वरूप O अंतरराष्ट्रीय O हो O गया O । O " O वास्तव O में O व्यापार O में O धन O की O आवश्यकता O पड़ती O ही O है O और O धन O की O आपूर्ति O करने O का O काम O ही O बैंकिंग O कहलाता O है O । O उत्पादित O वस्तुओं O का O व्यापार O होना O तो O स्वाभाविक O ही O है O और O उत्पादन O और O व्यापार O में O धन O की O आपूर्ति O के O लिए O बैंकिंग O या O महाजनी O या O साहूकारी O की O व्यवस्था O होना O भी O उतना O ही O स्वाभाविक O है O । O उन्होंने O यहां O कई O सहयोगी O पाये O जिनमें O कुछ O मारवाड़ी O भी O थे O । O बाजार O आधारित O अर्थव्यवस्था O के O निर्माण O में O मारवाड़ी O जगत O सेठों O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O थी O । O टिम्बरबर्ग -NEP ने O अपनी O पुस्तक O में O इन O मारवाड़ी O जगत O सेठों O का O अच्छा O वर्णन O किया O है O । O कुछ O मारवाड़ी O घराने O स्थानीय O विद्रोहियों O को O भी O धन O दिया O करते O थे O । O बात O केवल O मुगल O शासकों O तक O ही O सीमित O नहीं O थी O । O ये O मारवाड़ी O घराने O लगभग O सभी O शासकों O चाहे O वे O हिंदू O हों O या O मुस्लिम O , O को O कर्ज O दिया O करते O थे O । O प्लासी O का O प्रसिद्ध O युद्ध O भी O मूलतः O बंगाल O के O जगत O सेठ O के O कारण O हुआ O । O जगत O सेठ O का O कहना O था O कि O नवाब O कोई O भी O रहे O , O कर्ज O तो O राज्य O ने O लिया O था O , O उसे O चुकता O करना O ही O चाहिए O । O इससे O पहले O के O सभी O राजा O इस O परिपाटी O का O पालन O करते O थे O । O इस O पर O जगत O सेठ O ने O उसे O अपदस्थ O करने O में O अंग्रेजी O सेना O की O सहायता O ली O । O पठन O के O लिए O आकलन O - O इसमें O शिक्षा O के O इस O प्राथमिक O उद्देश्य O पर O ध्यान O दिया O गया O है O कि O शिक्षार्थी O ज्ञान O प्राप्त O करेगा O , O जो O हासिल O किया O गया O है O उसे O समझेगा O और O समस्याओं O को O हल O करने O के O लिए O उस O ज्ञान O के O अनुप्रयोग O में O सूचित O निर्णय O लेगा O । O यदि O शिक्षार्थी O सामग्री O और O अपने O दैनिक O जीवन O के O बीच O संबंध O बनाने O में O असमर्थ O है O , O तो O सामग्री O अर्थ O खो O देती O है O । O स्कूलों O को O ऐसा O वातावरण O प्रदान O करना O चाहिए O जहां O विद्यार्थी O कक्षा O के O बाहर O विषयों O , O सामग्री O और O कौशल O के O साथ O - O साथ O स्कूल O और O जीवन O के O बीच O संबंधों O को O देखने O की O क्षमता O विकसित O कर O सकें O । O मूल्यांकन O में O विद्यार्थियों O के O ज्ञान O , O कौशल O , O दृष्टिकोण O , O क्षमता O और O विश्वास O के O बारे O में O सभी O संभावित O स्रोतों O से O जानकारी O एकत्र O करना O , O उसका O दस्तावेजीकरण O करना O और O इस O डेटा O का O उपयोग O सूचित O निर्देशात्मक O निर्णय O लेने O , O प्रक्रियाओं O को O परिष्कृत O या O पुनर्गठित O करने O और O अंततः O विद्यार्थियों O के O सीखने O में O सुधार O करने O के O लिए O करना O शामिल O है O । O आधारभूत O स्तर O पर O , O स्कूल O - O आधारित O मूल्यांकन O , O सीखने O की O प्रगति O पर O नजर O रखने O का O सबसे O उपयुक्त O तरीका O है O । O स्कूल O - O आधारित O मूल्यांकन O ( O एसबीए O ) O का O मुख्य O उद्देश्य O पाठ्यचर्या O में O वांछित O सीखने O के O परिणामों O को O प्राप्त O करने O में O व्यक्तिगत O , O कक्षा O की O गतिविधियों O के O सामूहिक O प्रभाव O और O घर O पर O अनुभव O को O देखना O है O । O स्कूल O - O आधारित O मूल्यांकन O विकेंद्रीकृत O तरीके O से O शिक्षा O की O गुणवत्ता O की O निगरानी O में O मदद O करेगा O । O यह O दिन O - O प्रतिदिन O के O अवलोकन O और O प्राप्त O परिणामों O के O दस्तावेजीकरण O के O साथ O - O साथ O स्वास्थ्य O तथा O पोषण O की O स्थिति O के O संदर्भ O में O बच्चों O के O विकास O और O सीखने O के O अनुभवों O , O कलाकृति O , O खेल O अभ्यास O , O संगीत O आदि O में O कक्षा O में O और O बाहर O उनके O व्यवहार O सहित O उनकी O भागीदारी O के O आधार O पर O किया O जाएगा O । O इस O स्तर O पर O आकलन O सक्षमता O को O पहचानने O , O प्रोत्साहित O करने O और O अतिरिक्त O सहायता O की O आवश्यकता O वाले O क्षेत्रों O की O पहचान O करने O और O सीखने O / O विकासात्मक O अंतराल O को O दूर O करने O के O लिए O किया O जाता O है O । O उन्होंने O महिला O सशक्तीकरण O को O तरजीह O देते O हुए O लैंगिक O समानता O को O बढ़ावा O देने O वाला O बजट O पेश O किया O । O उनके O कार्यकाल O में O राज्यव्यापी O मां O अन्नपूर्णा O योजना O ' O शुरू O की O गयी O । O योजना O का O लक्ष्य O गांवों O में O ग्रामीण O आबादी O में O मकान O रखने O वाले O ग्रामीण O परिवारों O के O मालिकों O को O अधिकार O का O रिकॉर्ड O उपलब्ध O कराना O और O संपत्ति O स्वामियों O को O संपत्ति O कार्ड O प्रदान O करना O है O । O इससे O ऋण O तथा O अन्य O वित्तीय O सेवाओं O के O लिए O ग्रामीण O आवासीय O संपत्तियों O का O मुद्रीकरण O करने O में O मदद O मिलेगी O । O स्वामित्व O योजना O के O प्रमुख O उद्देश्य O इस O प्रकार O हैं O : O * O ग्रामीण O भारत O के O नागरिकों O द्वारा O संपत्ति O का O वित्तीय O संपत्ति O के O रूप O में O इस्तेमाल O * O ग्रामीण O नियोजन O के O लिए O सटीक O भूमि O रिकॉर्ड O तैयार O करना O * O संपत्ति O से O जुड़े O विवादों O में O कमी O का O साधन O बनना O * O संपत्ति O कर O तय O करने O में O मदद O प्राप्त O करना O * O सर्वेक्षण O के O लिए O बुनियादी O ढांचे O तथा O जीआईएस O ( O जियोग्राफिक O इन्फॉर्मेशन O सिस्टम O ) O मानचित्र O तैयार O करना O , O जिनका O उपयोग O कोई O भी O विभाग O अथवा O एजेंसी O कर O सकेंगे O । O भूमि O सर्वेक्षण O का O यह O तरीका O श्रमसाध्य O , O समय O बरबाद O करने O वाला O , O महंगा O होता O है O तथा O इसमें O मानवीय O एवं O उपकरण O की O त्रुटियां O संभव O हैं O । O स्वामित्व O योजना O में O बहुत O बड़े O क्षेत्र O का O एकदम O सटीक O सर्वेक्षण O बहुत O कम O समय O में O करने O के O लिए O सर्व O ग्रेड O ड्रोन्स O तथा O कोर्स O नेटवर्क O ( O कंटिन्यूअसली O ऑपरेटेड O रेफरेंस O स्टेशन्स O ) O का O प्रयोग O किया O जाता O है O । O साथ O ही O दृष्टि O रेखा O के O बगैर O ही O बहुत O कम O खर्च O में O ऐसे O मानचित्र O मिल O जाते O हैं O , O जिनका O संपादन O किया O जा O सकता O है O और O जिनमें O जियो O टैग O भी O जोड़े O जा O सकते O हैं O । O उच्च O रिजॉल्यूशन O युक्त O और O सटीक O चित्र O आधारित O मानचित्रों O से O उन O क्षेत्रों O में O संपत्ति O स्वामित्व O के O सबसे O टिकाऊ O रिकॉर्ड O तैयार O करने O में O मदद O मिलती O है O , O जिन O क्षेत्रों O में O पीढ़ी O दर O पीढ़ी O राजस्व O रिकॉर्ड O नहीं O होते O हैं O । O ऐसे O सटीक O चित्र O आधारित O मानचित्र O जमीन O पर O भौतिक O माप O एवं O भूमि O खंडों O को O मापने O की O तुलना O में O बहुत O कम O समय O में O भूमि O का O स्पष्ट O सीमांकन O उपलब्ध O करा O देते O हैं O । O इतना O ही O नहीं O , O इन O मानचित्रों O में O माप O की O त्रुटियां O आम O तौर O पर O नहीं O होती O हैं O , O जो O पुराने O तरीके O में O नजर O आती O हैं O । O * O किसानों O एवं O उपभोक्ताओं O के O हित O में O आलू O , O टमाटर O , O और O प्याज O की O कीमतों O में O उतार O - O चढ़ाव O की O समस्या O से O निपटने O के O लिए O " O ऑपरेशन O ग्रीन्स O " O लांच O किया O जाएगा O । O * O निम्न O एवं O मध्यम O वर्ग O को O निःशुल्क O एलपीजी O कनेक्शन O , O बिजली O और O शौचालय O सुलभ O कराने O हेतु O उज्ज्वला O , O सौभाग्य O , O और O स्वच्छ O मिशन O के O लिए O अधिक O लक्ष्य O तय O । O अनुसूचित O जातियों O के O लोगों O से O जुड़े O कल्याण O कोष O को O बढ़ावा O मिला O । O * O वरिष्ठ O नागरिकों O को O प्रस्तावित O राहत O : O * O धारा O 194ए O के O तहत O टीडीएस O काटने O की O आवश्यकता O नहीं O । O सभी O सावधि O जमा O योजनाओं O और O आवर्ती O जमा O योजनाओं O के O तहत O प्राप्त O ब्याज O पर O भी O लाभ O मिलेगा O । O * O प्रत्यक्ष O कर O संग्रह O में O और O अधिक O दक्षता O एवं O पारदर्शिता O सुनिश्चित O करने O के O उद्देश्य O से O आपसी O संपर्क O लगभग O पूरी O तरह O समाप्त O करने O के O लिए O देश O भर O में O ई O - O निर्धारण O शुरू O करने O का O प्रस्ताव O । O जैसा O कि O देश O के O शिक्षण O संस्थानों O से O अपेक्षा O की O जाती O है O , O ऐसे O कई O प्रमुख O संस्थानों O में O पहले O से O ही O आवश्यक O बुनियादी O ढांचा O है O और O वे O मौजूदा O अभियान O के O लिए O अपनी O क्षमताओं O को O बढ़ाने O के O इच्छुक O हैं O । O इस O अभियान O से O कृषि O क्षेत्र O को O बहुत O अधिक O लाभ O हुआ O है O । O केन O - O बेतवा O लिंक O परियोजना O के O लिए O ऐतिहासिक O समझौता O ज्ञापन O पर O उसी O दिन O हस्ताक्षर O किए O गए O जिस O दिन O , O इस O अभियान O की O शुरुआत O की O गई O थी O । O यह O वर्षा O जल O संचयन O के O उप O - O उत्पाद O के O रूप O में O जल O बंटवारे O के O महत्व O को O भी O दर्शाता O है O । O और O भूजल O को O कम O होने O से O रोकता O है O । O पानी O की O कमी O के O कारण O , O घरेलू O और O सिंचाई O उद्देश्यों O के O लिए O इसकी O उपलब्धता O कम O होकर O खतरनाक O स्तर O तक O पहुंच O गई O । O इस O स्थिति O में O जिला O प्रशासन O और O ग्राम O पंचायतों O ने O क्षेत्र O को O इस O संकट O से O उबारने O के O लिए O मिट्टी O के O बंधनों O के O माध्यम O से O वर्षा O जल O संचयन O शुरू O करने O का O निर्णय O लिया O । O यह O अभियान O ग्रामीण O आजीविका O में O योगदान O देने O के O अलावा O , O निकट O भविष्य O में O अधिक O ग्रामीण O परिवारों O को O पाइप O के O जरिए O पेयजल O उपलब्ध O कराने O के O जल O जीवन O मिशन O के O लक्ष्य O को O भी O आगे O बढाएगा O । O इस O अभियान O से O शहरी O बस्तियों O में O सड़कों O पर O जलभराव O होने O और O उन्हें O इससे O होने O वाले O नुकसान O से O बचाने O में O भी O मदद O मिलेगी O । O इससे O शहरी O बाढ़ O को O भी O रोका O जा O सकेगा O । O जल O संकट O अंततः O दुनिया O की O वास्तविकता O होगी O और O इससे O वही O लोग O सुरक्षित O होंगे O जो O तेजी O से O प्रयास O करेंगे O और O तत्काल O कदम O उठाएंगे O । O वे O एसडीजी O से O जुड़ी O स्थानीय O समस्याओं O के O समाधान O के O लिये O उपलब्ध O संसाधनों O का O कुशल O और O अधिकतम O इस्तेमाल O करने O में O सक्षम O बनती O हैं O । O पंचायतों O को O योजना O और O सेवाओं O की O डिलीवरी O में O उनके O अच्छे O काम O के O लिये O पुरस्कार O और O वित्तीय O प्रोत्साहन O दिये O जाते O हैं O । O इससे O पुरस्कार O विजेता O नवोन्मेषी O कार्य O और O दूसरों O के O लिये O अनुकरणीय O मिसाल O कायम O करने O के O लिये O उत्साहित O होते O हैं O । O इसके O परिणामस्वरूप O स्थानीय O स्तर O पर O समग्र O सुशासन O के O लिये O वातावरण O तैयार O होता O है O । O इसके O अलावा O सूचना O , O शिक्षा O और O संचार O ( O आईईसी O ) O की O गतिविधियां O भी O चलायी O जा O रही O हैं O । O इन O गतिविधियों O का O लक्ष्य O समर्थन O , O जागरूकता O और O प्रचार O के O जरिये O पंचायतों O की O अंदरूनी O क्षमता O का O निर्माण O और O उनके O कामकाज O में O सुधार O के O लिये O सभी O उपलब्ध O मीडिया O मंचों O का O उपयोग O कर O बेहतर O और O ज्यादा O प्रभावी O संचार O है O । O कोषों O , O कार्यो O और O कर्मियों O का O विकेंद्रीकरण O वह O स्थानीय O स्तर O पर O शासन O के O लक्ष्य O को O सही O मायनों O में O हासिल O करने O की O दिशा O में O प्रयत्नशील O है O । O विषयों O के O विकेंद्रीकरण O के O लिहाज O से O विभिन्न O राज्यों O के O प्रदर्शन O में O काफी O असमानता O है O । O अध्ययनों O के O अनुसार O कई O राज्यों O में O विकेंद्रीकरण O बहुत O अच्छा O हुआ O है O । O दूसरी O ओर O अन्य O राज्यों O में O इस O दिशा O में O काम O चल O रहा O है O । O इसमें O जो O संकेतक O चुने O गये O उनसे O हस्तांतरित O संस्थाओं O , O कार्यों O और O कर्मियों O पर O पंचायतों O के O वास्तविक O नियंत्रण O की O स्थिति O के O बारे O में O जानकारी O मिलती O है O । O साथ O ही O उनकी O वित्तीय O स्वायत्तता O , O विकास O कोष O के O उपयोग O तथा O अवसंरचना O और O प्रशासनिक O तंत्र O की O स्थिति O के O बारे O में O पता O चलता O है O । O इसके O अलावा O ग्रामीण O इलाकों O में O अवसंरचनात्मक O बदलावों O और O जनता O की O बढ़ती O आकांक्षाओं O के O मद्देनजर O नीचे O वर्णित O क्षेत्रों O में O पंचायतों O के O पुनर्विन्यास O की O आवश्यकता O है O । O देश O के O समावेशी O सामाजिक O और O आर्थिक O विकास O के O लिये O ग्रामीणों O के O संपत्ति O अधिकारों O को O सुनिश्चित O करना O जरूरी O है O । O मंत्रालय O ने O इस O दिशा O में O ' O स्वामित्व O ” O योजना O चलायी O है O । O इसके O जरिये O ड्रोन O सर्वेक्षण O प्रौद्योगिकी O का O इस्तेमाल O कर O ग्रामीणों O के O मकानों O के O संपत्ति O रिकॉर्ड O तैयार O किये O जा O रहे O हैं O । O पंचायतों O के O लिए O प्रोत्साहन O पुरस्कार O विजेताओं O को O और O भी O बढ़िया O काम O करने O की O प्रेरणा O मिलती O है O और O उनके O विशेष O प्रयासों O को O देख O - O जान O कर O सभी O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O ग्रामीण O समुदायों O में O भी O अधिक O लगन O से O काम O करने O की O ललक O पैदा O होती O है O । O इसी O के O परिणामस्वरूप O स्थानीय O स्तर O पर O सर्वागीण O सुशासन O लाने O का O वातावरण O बनता O है O । O पुरस्कार O हमेशा O प्रेरणा O का O स्रोत O होते O हैं O । O इस O योजना O के O माध्यम O से O राज्यों O के O अधिकार O पंचायतों O तक O आबंटित O करके O विकेन्द्रीकरण O की O प्रक्रिया O में O केन्द्रीय O प्रयास O भी O शामिल O हो O गया O । O अनेक O सीमाओं O और O बंधनों O के O बावजूद O देशभर O में O कई O पंचायतें O उल्लेखनीय O कार्य O कर O रही O हैं O । O प्रधानमंत्री O ने O आगे O उल्लेख O किया O था O , O डिजिटल O और O भौतिक O बुनियादी O ढांचे O के O आधुनिकीकरण O की O सबसे O बड़ी O परियोजनाओं O को O महामारी O के O दौरान O अभूतपूर्व O गति O मिली O । O 8. O एफडीआई O व्यवस्था O को O और O उदार O बनाया O गया O है O । O अंतरिक्ष O , O रक्षा O और O परमाणु O ऊर्जा O जैसे O पहले O से O प्रतिबंधित O क्षेत्रों O को O अधिक O से O अधिक O निजी O भागीदारी O के O लिए O खोल O दिया O गया O है O । O सरकार O आर्टिफिशियल O इंटेलिजेंस O , O जियोस्पेशियल O सिस्टम O और O ड्रोन O , O सेमीकंडक्टर्स O , O स्पेस O इकोनॉमी O , O जीनोमिक्स O और O फार्मास्युटिकल्स O , O ग्रीन O एनर्जी O और O क्लीन O मोबिलिटी O सिस्टम O जैसे O महत्वपूर्ण O क्षेत्रों O में O अधिक O से O अधिक O अनुसंधान O एवं O विकास O का O समर्थन O कर O रही O है O । O गतिशक्ति O का O देश O भर O में O निर्बाध O संपर्क O और O माल O , O लोगों O और O सेवाओं O की O आवाजाही O को O बढ़ावा O देने O पर O परिवर्तनकारी O प्रभाव O पड़ेगा O । O इन O प्लेटफार्मों O ने O महामारी O के O खिलाफ O हमारी O लड़ाई O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O यह O बड़ी O अर्थव्यवस्थाओं O में O सबसे O अधिक O होगा O । O निर्यात O के O लिए O यह O आंकड़ा O पहली O बार O यहाँ O तक O पहुंचा O है O । O 14. O अब O मैं O कोविड O के O बाद O की O अवधि O में O हमारे O उद्योग O के O लिए O विदेश O में O व्यापार O और O निवेश O के O अवसरों O को O बढ़ावा O देने O में O विदेश O मंत्रालय O द्वारा O निभाई O गई O भूमिका O पर O आता O हूं O । O भारतीय O मिशन O और O केंद्र O विदेशों O में O हमारे O आर्थिक O हितों O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O अन्य O सरकारी O मंत्रालयों O और O हमारे O चैंबरों O के O साथ O मिलकर O काम O करते O हैं O । O 15. O महामारी O ने O व्यापार O और O निवेश O प्रोत्साहन O कार्य O पर O नए O सिरे O से O जोर O देने O की O आवश्यकता O को O और O रेखांकित O किया O है O । O आत्मनिर्भर O बनने O के O हमारे O राष्ट्रीय O लक्ष्य O में O योगदान O देने O की O अनिवार्यता O ने O आर्थिक O कूटनीति O के O क्षेत्र O में O मंत्रालय O के O प्रयासों O पर O अधिक O ध्यान O केंद्रित O किया O है O । O प्रधानमंत्री O ने O निर्देश O दिया O है O कि O भारतीय O मिशनों O के O प्रदर्शन O का O मूल्यांकन O व्यापार O और O पर्यटकों O की O आमद O को O बढ़ावा O देने O और O भारतीय O कंपनियों O को O प्रौद्योगिकी O हस्तांतरण O की O सुविधा O के O आधार O पर O किया O जाना O चाहिए O । O विदेशों O में O भारतीय O मिशनों O को O अपने O काम O में O 3टी O को O मुख्यधारा O में O लाने O के O लिए O कहा O गया O है O । O 16. O मंत्रालय O व्यापार O और O निवेश O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O मिशनों O के O काम O के O महत्व O पर O जोर O देता O रहा O है O । O यह O हमारी O संस्कृति O , O संस्कार O और O सोच O का O हिस्सा O है O । O तो O क्या O अब O विश्व O में O शांतिपूर्ण O सहअस्तित्व O की O परिकल्पना O को O लेकर O आगे O बढ़ा O जा O सकता O है O ? O वह O अपने O हितों O को O देखते O हुए O दुनिया O के O दूसरे O देशों O के O साथ O रिश्ते O बना O रहा O है O और O बहुपक्षीय O संस्थाओं O व O गुटों O में O अपनी O स्थिति O मजबूत O करने O में O सफल O हो O रहा O है O । O हालांकि O शीतयुद्ध O काल O में O गुटनिरपेक्षता O शांतिपूर्ण O सक्रियता O के O साथ O आगे O बढ़ी O जिसके O नाम O कुछ O खास O उपलब्धियां O भी O रहीं O हैं O जिन्हें O इतिहास O कभी O नहीं O भुला O सकता O । O क्या O आप O जानते O हैं O ? O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O को O भी O नया O रूप O दिया O जाएगा O जिससे O लोग O बाधामुक्त O तरीके O से O गोल्ड O डिपाजिट O अकाउंट O खोल O सकें O । O सरकार O देश O में O विनियमित O गोल्ड O एक्सचेंज O की O उपभोक्ता O अनुकूल O और O व्यापार O कुशल O प्रणाली O की O स्थापना O भी O करेगी O । O इससे O स्वर्ण O व्यापार O में O बिचौलियों O की O समाप्ति O के O अलावा O इस O उद्योग O को O अधिक O परिपक्व O और O डिजिटल O रूप O से O उन्नत O बनाने O में O निश्चित O रूप O से O सहायता O मिलेगी O । O इससे O ग्रामीण O भारत O में O किसी O व्यापारी O द्वारा O सोना O खरीदना O आसान O एवं O व्यावहारिक O बन O जाएगा O । O बिचौलियों O ने O बड़ी O मात्रा O में O बेहिसाब O नकद O लेनदेन O को O प्रोत्साहित O किया O जो O अब O इतिहास O की O बात O बन O गई O है O । O इस O योजना O का O उद्देश्य O भारतीय O लोगों O के O घरों O में O रखे O गए O स्वर्ण O भंडार O को O सुरक्षित O करने O के O साथ O - O साथ O उसे O उपयोग O में O लाना O था O । O इस O योजना O का O प्रमुख O उद्देश्य O घरेलू O मांग O को O कम O करके O देश O के O सोने O के O आयात O को O कम O करना O था O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O स्वर्ण O जमाकर्ताओं O को O उनके O धातु O खातों O में O स्वर्ण O जमा O कर O के O ब्याज O कमाने O की O सुविधा O प्रदान O करती O है O । O जैसे O ही O धातु O खाते O में O स्वर्ण O जमा O कराया O जाता O है O वैसे O ही O उस O पर O ब्याज O अर्जित O होना O शुरू O हो O जाता O है O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O की O विशेषताएं O निम्नलिखित O हैं O : O सोने O का O आसान O भंडारण O - O यह O योजना O सोने O का O भंडारण O करने O में O न O सिर्फ O उसकी O सुरक्षा O प्रदान O करती O है O बल्कि O योजना O परिपक्व O होने O पर O धारक O को O धन O या O भौतिक O स्वर्ण O के O रूप O में O वापस O देने O की O सुविधा O देती O है O । O परंपरागत O रूप O से O , O भारतीय O लोग O अपनी O कीमती O धातुओं O को O बैकों O के O लॉकरों O में O रखते O हैं O और O वे O बैंकों O को O उनकी O लॉकर O सुविधाओं O के O लिए O वार्षिक O शुल्क O का O भुगतान O करते O हैं O । O इस O स्वर्ण O को O शादी O या O परिवार O के O कार्यक्रमों O में O पहनने O के O लिए O या O उसे O बेचने O के O लिए O ही O निकाला O जाता O है O । O निष्क्रिय O स्वर्ण O का O उपयोग O - O पुराने O या O बिना O उपयोग O वाले O स्वर्ण O को O घर O या O बैंक O लॉकर O में O बेकार O रखा O जाता O है O । O इस O प्रकार O सोना O बेकार O पड़ा O रहता O है O और O इसका O लाभकारी O उपयोग O नहीं O हो O पाता O है O । O यहां O तक O कि O इसको O बेचने O के O बाद O यह O तत्काल O धन O प्रदान O करता O है O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O न O सिर्फ O ब्याज O का O धन O अर्जित O करेगी O बल्कि O परिपक्वता O पर O सोने O को O नकद O में O बदलने O का O भी O विकल्प O प्रदान O करती O है O जो O सोने O की O कीमत O में O बढ़ोतरी O का O लाभ O प्रदान O करती O है O । O जमा O करने O में O लचीलापन O - O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O के O अंतर्गत O आभूषण O , O जवाहरात O , O सिक्कों O या O सोने O की O ईंट O जैसे O किसी O भी O रूप O में O सोने O को O जमा O कराया O जा O सकता O है O । O इस O योजना O में O रत्नजड़ित O सोने O को O जमा O कराने O की O अनुमति O नहीं O है O । O मात्रा O में O लचीलापन O - O इसकी O कोई O अधिकतम O सीमा O नहीं O है O । O सुविधाजनक O अवधियां O - O समयावधि O समाप्त O होने O से O पहले O निकासी O करने O पर O केवल O नाममात्र O का O शुल्क O जुर्माने O के O रूप O में O लगाया O जाता O है O । O आकर्षक O ब्याज O दर O - O स्थापना O दिवस O से O आत्मनिर्भरता O तक O उनके O कार्यकाल O में O कई O विश्वविद्यालयों O की O स्थापना O की O गयी O । O राज्यों O को O केंद्र O से O अंतरण O सामान्य O उद्देश्य O वाला O अंतरण O वास्तव O में O वित्त O आयोग O के O जरिये O राज्य O सरकारों O को O मिलने O वाली O बिना O शर्त O धनराशि O होता O है O । O केंद्र O से O होने O वाले O अंतरण O का O बड़ा O हिस्सा O इसी O से O आता O है O । O यह O केंद्रीय O करों O को O राज्य O के O पास O अंतरित O करने O के O मानक O एवं O सहायता O अनुदान O के O वितरण O के O सिद्धांत O की O सिफारिश O करता O है O । O राज्यों O को O बचा O हुआ O केंद्रीय O अंतरण O विशेष O उद्देश्य O वाले O अंतरण O के O रूप O में O होता O है O , O जिसे O सशर्त O अंतरण O भी O कहा O जा O सकता O है O क्योंकि O ये O अंतरण O किसी O विशेष O उद्देश्य O के O लिए O होते O हैं O , O जो O अधिकतर O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O , O श्रम O , O कौशल O विकास O जैसे O सामाजिक O क्षेत्र O में O होते O हैं O , O जो O राष्ट्रीय O विकास O के O एजेंडे O का O हिस्सा O होते O हैं O और O राज्यों O की O सीमाओं O से O परे O होते O हैं O । O योजना O आयोग O के O अंतरण O में O फॉर्मूला O पर O आधारित O सामान्य O केंद्रीय O सहायता O तथा O विशेष O योजना O सहायता O , O बाहरी O सहायता O वाली O परियोजनाओं O के O लिए O सहायता O जैसे O विवेकाधीन O अंतरण O शामिल O होते O थे O । O स्थानीय O निकायों O को O संसाधनों O का O अंतरण O संविधान O संशोधन O अधिनियम O के O तहत O राज्य O विधान O मंडलों O को O कुछ O जिम्मेदारियां O , O शक्तियां O एवं O अधिकार O पंचायतों O तथा O नगर O पालिकाओं O को O सौंपने O होते O हैं O ताकि O विकेंद्रीकरण O बढ़े O और O योजनाओं O के O क्रियान्वयन O में O , O निर्णय O लेने O में O पारदर्शिता O लाने O , O जवाबदेही O सुनिश्चित O करने O एवं O परिणामों O पर O नजर O रखने O में O समुदायों O की O हिस्सेदारी O अधिक O हो O । O धन O का O बेहतर O उपयोग O सुनिश्चित O करने O के O लिए O राजकोषीय O संघवाद O की O पुनर्परिभाषा O समसामयिक O आवश्यकताओं O तथा O विकास O की O प्राथमिकताओं O को O देखते O हुए O समय O के O साथ O संघवाद O का O विकास O हुआ O है O । O पिछले O वर्ष O कुछ O बड़ी O घोषणाएं O हुई O , O जिन्होंने O केंद्र O - O राज्य O राजकोषीय O संबंधों O में O ढांचागत O बदलाव O ला O दिए O :- O राज्यों O को O दी O जाने O वाली O बिना O शर्त O राशि O में O वृद्धि O : O राज्यों O को O कर O अंतरण O एवं O अनुदान O समेत O वित्त O आयोग O से O अंतरित O होने O वाली O राशि O राज्यों O को O अंतरण O का O प्रमुख O स्रोत O रही O है O । O खाद्य O प्रसंस्करण O उद्योग O में O रोजगार O - O कृषि O प्रसंस्करण O एवं O मूल्य O संवर्धन O प्रौद्योगिकी O द्वारा O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O कृषि O उत्पादों O को O नष्ट O होने O से O बचाने O के O साथ O प्रशिक्षित O एवं O अप्रशिक्षित O युवाओं O को O बड़े O पैमाने O पर O रोजगार O के O अवसर O उपलब्ध O कराये O जा O सकते O हैं O । O खाद्य O प्रसंस्करण O क्षेत्र O में O निवेश O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O प्रधानमंत्री O कृषि O संपदा O योजना O आरंभ O की O गई O है O । O श्रमिकों O के O कल्याणार्थ O योजना O - O अकुशल O श्रमिकों O को O कौशल O विकास O और O प्रशिक्षण O देने O के O साथ O - O साथ O रोजगार O के O अवसर O मुहैया O कराने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O मेक O इन O इंडिया O योजना O - O देश O में O रोजगार O सृजन O और O उद्यमशीलता O को O बढ़ाने O के O लिए O प्रधानमंत्री O ने O ' O मेक O इन O इंडिया O ' O योजना O का O शुभारंभ O किया O है O । O मेक O इन O इंडिया O उद्यमशीलता O को O बढावा O देने O के O लिए O ' O ईज़ O ऑफ O डूइंग O बिजनेस O ' O को O सर्वाधिक O मान्यता O देता O है O । O मेक O इन O इंडिया O पहल O से O राष्ट्रीय O और O अंतरराष्ट्रीय O निवेशकों O और O व्यापारिक O समुदाय O में O अद्भुत O उत्साह O पैदा O हुआ O है O । O कर O छूट O मिलने O से O लघु O एवं O मध्यम O उद्यमों O के O पास O निवेश O के O लिए O अधिक O धनराशि O होगी O , O इससे O युवाओं O के O लिए O बड़े O पैमाने O पर O रोजगार O का O सृजन O होगा O । O मुद्रा O योजना O - O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O संसाधनों O एवं O जरूरतों O के O आधार O पर O गांव O - O गांव O , O शहर O - O शहर O में O छोटे O व O लघु O उद्यमों O की O स्थापना O से O देश O की O अर्थव्यवस्था O के O विकास O के O साथ O - O साथ O बेरोजगारी O दर O में O भी O कमी O आएगी O । O मुद्रा O योजना O का O मुख्य O लक्ष्य O ' O जिनके O पास O धन O नहीं O उसे O धन O उपलब्ध O कराकर O स्वावलंबी O बनाना O है O ' O । O खेलकूद O प्रोत्साहन O योजना O - O देश O में O खेलकूद O के O क्षेत्र O में O करियर O बनाने O तथा O युवाओं O को O खेल O के O प्रति O आकर्षित O करने O के O लिए O सरकार O ने O कई O महत्वपूर्ण O कदम O उठाए O हैं O । O प्रशिक्षण O प्रतिष्ठानों O में O आधारभूत O अवसंरचना O का O विकास O करने O तथा O प्रशिक्षित O प्रशिक्षकों O की O तैनाती O करने O के O साथ O - O साथ O आधुनिक O खेल O उपकरणों O से O लैस O करने O का O प्रयास O किया O गया O है O । O सरकार O इस O योजना O के O अंतर्गत O देश O में O खेलों O के O विकास O का O खाका O तैयार O कर O रही O है O । O युवाओं O को O प्रोत्साहन O देने O के O लिए O खिलाडियों O को O दिए O जाने O वाले O भत्ते O में O भी O बढ़ोतरी O कर O दी O गई O है O । O देश O के O विकास O एवं O आर्थिक O उन्नयन O में O युवाओं O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O है O । O युवाओं O की O सक्षमता O का O कुशल O उपयोग O कर O देश O को O वैश्विक O स्तर O पर O आर्थिक O रूप O से O समृद्ध O बनाया O जा O सकता O है O । O आजादी O के O बाद O से O ही O मानव O संसाधन O विकास O और O सक्षमता O निर्माण O की O दिशा O में O कई O महत्वपूर्ण O कदम O उठाए O गए O हैं O । O जरूरत O इन O प्रस्तावों O और O योजनाओं O का O जमीनी O स्तर O पर O ईमानदारीपूर्वक O क्रियान्वयन O और O लागू O करने O की O है O । O बहमनी O साम्राज्य O के O विघटन O के O बाद O , O राज्य O के O विभिन्न O हिस्सों O पर O निजामशाही O और O आदिलशाही O का O शासन O था O । O तब O से O यह O राज्य O देश O में O सभी O मोर्चों O पर O अग्रणी O रहा O है O । O रोजगार O : O युवाओं O को O आत्मनिर्भर O बनाने O का O प्रयास O : O सरकार O बढ़ती O जनसंख्या O की O रोजगार O आवश्यकताओं O की O पूर्ति O के O लिए O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O अवसरों O के O साथ O बड़े O औद्योगिक O प्रतिष्ठानों O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यमों O तथा O कृषि O क्षेत्र O में O रोजगार O सृजन O का O प्रयास O कर O रही O है O । O देश O के O तीव्र O आर्थिक O विकास O में O युवाओं O की O बहुमुखी O प्रतिभा O , O ऊर्जा O , O और O रचनात्मक O क्षमता O का O उपयोग O करने O के O लिए O सरकार O साक्षरता O दर O में O वृद्धि O के O साथ O ही O गुणात्मक O शिक्षा O एवं O कौशल O उन्नयन O के O विकास O पर O बल O दे O रही O है O । O युवाओं O के O समेकित O विकास O और O समृद्धि O तथा O बेरोजगारी O से O मुक्ति O दिलाने O हेतु O सरकार O कई O योजनाएं O संचालित O कर O रही O है O । O गुणात्मक O शिक्षा O की O दिशा O में O पहल O - O आजादी O के O बाद O देश O की O साक्षरता O दर O में O तीव्र O वृद्धि O हुई O है O । O बजट O में O शिक्षा O की O गुणवत्ता O सुधारने O के O लिए O सरकार O स्कूलों O में O प्रौद्योगिकी O के O प्रयोग O पर O बल O देने O जा O रही O है O । O गुणवत्तायुक्त O शिक्षा O के O लिए O शिक्षकों O को O नियमित O प्रशिक्षण O दिया O जाना O आवश्यक O है O । O बजट O में O शिक्षकों O को O प्रशिक्षित O करने O के O लिए O एकीकृत O बीएड O कार्यक्रम O शुरू O करने O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O । O उच्च O शिक्षा O हेतु O बजटीय O पहल O - O सरकार O उच्च O शिक्षा O के O तीव्र O विकास O एवं O इसे O रोजगारोन्मुख O बनाने O की O दिशा O में O प्रयासरत O है O , O जिससे O उच्च O शिक्षा O प्राप्त O युवा O वर्ग O को O रोजगार O की O तलाश O में O भटकना O न O पड़े O । O इस O पहल O के O वित्तपोषण O के O लिए O उच्चतर O शिक्षा O वित्तपोषण O एजेंसी O ( O हेफा O ) O को O तैयार O किया O जाएगा O । O इसी O ' O अनकॉविनेटेड O ' O सेवा O को O बाद O में O भारतीय O सिविल O सेवा O ( O आईसीएस O ) O का O नाम O दिया O गया O और O इन O अधिकारियों O का O दायित्व O महारानी O की O ओर O से O यहां O के O मामलों O को O संभालना O और O निपटाना O था O । O ये O सिविल O सेवाएं O बाद O में O ' O स्टील O फ्रेम O ' O नाम O से O जानी O गई O जो O पहले O विशाल O ब्रिटिश O साम्राज्य O का O नियंत्रण O बनाये O रखने O का O दायित्व O निभा O रही O थीं O । O संविधान O सभा O की O बहसों O के O दौरान O भारतीय O सिविल O सेवा O के O अधिकारियों O को O बनाए O रखने O पर O तथा O उनकी O भूमिका O और O निष्ठा O पर O विस्तार O से O चर्चा O और O बहस O की O गई O और O यह O चर्चा O भी O हुई O कि O क्या O स्वतंत्रता O के O बाद O भी O यह O व्यवस्था O लागू O रखना O बुद्धिमानी O होगी O । O फिर O भी O परीक्षा O पास O करने O वालों O में O भारतीयों O की O संख्या O अच्छी O - O खासी O थी O । O वे O आगे O चलकर O अंतरराष्ट्रीय O न्यायालय O में O पहले O भारतीय O जज O ( O न्यायाधीश O ) O बने O । O आखिर O हम O वैश्विक O नागरिक O हैं O और O यदि O वैश्विक O नागरिक O की O भूमिका O में O रहना O है O तो O जानना O होगा O कि O अन्य O स्थानों O के O लोग O कैसे O सोचते O हैं O , O उनका O व्यवहार O कैसा O है O । O तो O मेरा O मानना O है O कि O यह O गठबंधन O मुझे O और O शिक्षा O जगत O के O लिए O बहुत O लाभकारी O रहेगा O । O मैं O प्रत्येक O सप्ताह O के O अंत O में O मैं O जो O भी O डिजिटल O कंटेंट O तैयार O करता O था O , O उसे O अपने O कम्प्यूटर O से O छात्रों O के O मोबाइल O फोन O में O ट्रांसफर O कर O देता O था O । O हालांकि O , O कुछ O दिक्कतें O भी O थीं O , O जैसे O कई O बार O फाइलें O करप्ट O हो O जाती O थीं O , O या O उनके O हैंडसेट्स O के O अनुरूप O नहीं O होती O थीं O । O फिर O ऐसे O छात्र O भी O थे O जो O स्कूल O नहीं O आते O थे O , O वे O दूर O रहते O थे O और O मैं O भी O रोज O उनसे O संपर्क O नहीं O कर O सकता O था O । O उनके O साथी O कक्षा O में O जो O पढ़ते O थे O , O उनकी O उस O तक O पहुंच O कैसे O हो O , O इस O पर O सोचना O भी O जरूरी O था O । O किताबें O उनको O दी O जा O सकती O थीं O , O परंतु O उन्हें O समझाने O वाले O की O भी O जरूरत O होती O थी O । O मैं O सोच O में O पड़ O गया O कि O ऐसा O कैसे O होता O है O ! O सबसे O पहले O मुझे O मालूम O नहीं O था O कि O मुझे O क्या O खोजना O है O , O फिर O मैंने O इमेज O के O सहारे O खोज O की O । O मुझे O अहसास O हुआ O कि O हम O भी O यह O कर O सकते O हैं O । O उसमें O पहले O अभिभावकों O के O लिए O , O निर्देश O थे O , O जो O सबसे O पहले O आते O थे O । O उसके O बाद O बच्चों O की O मोबाइल O डिवाइसों O पर O उनके O लिए O कंटेंट O दिखता O था O । O प्रश्न O : O क्या O आप O ऐसे O कुछ O नवीन O अनुभव O साझा O करना O चाहेंगे O जो O आपके O जैसे O शिक्षकों O को O देश O भर O में O लाभ O पहुंचा O सकें O , O विशेषकर O महामारी O के O दिनों O में O जबकि O निम्न O वर्ग O के O बच्चों O को O समानता O की O आवश्यकता O है O । O यदि O आपके O पास O मोबाइल O डिवाइस O है O तो O आप O वहां O तक O पहुंच O सकते O हैं O , O यदि O नहीं O , O तो O आप O उस O दायरे O से O बाहर O हैं O । O देश O के O दूर O - O दराज O के O इलाकों O में O तकनीकी O पहुंच O की O कमी O के O कारण O यह O परिदृश्य O दिखता O है O । O दूसरी O चीज O , O डिजिटल O कंटेंट O से O जुड़ी O है O । O अभी O हम O डिजिटल O कंटेंट O की O ओर O जाने O की O दिशा O में O शुरू O ही O हुए O हैं O और O यह O अभी O प्रारंभिक O चरण O में O है O । O यदि O वीडियो O देखकर O विद्यार्थी O कुछ O समझता O है O , O फिर O भी O उसके O पास O संसाधनों O की O कमी O है O , O जो O उसे O रोकती O है O । O घर O पर O उसे O सुविधाएं O चाहिए O । O प्रश्न O : O बेशक O , O जिन O बच्चों O के O पास O घरों O में O वैसी O सुविधाएं O हैं O , O उन्हें O भी O ऑनलाइन O क्लासों O के O बावजूद O दोतरफा O संवाद O प्राप्त O नहीं O हो O रहा O है O । O सेवोत्तम O हिंदी O शब्दों O सेवा O और O उत्तम O का O संयोग O है O जिसका O मतलब O उत्तम O सेवा O अर्थात O सेवाओं O में O उत्कृष्टता O लाना O है O । O सेवोत्तम O मॉडल O का O विकास O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O सर्वोत्तम O परिपाटियों O , O हितधारकों O से O परामर्श O और O वैधता O के O अध्ययन O के O बाद O विशेषज्ञों O की O मदद O से O किया O गया O था O । O यह O ढांचा O सरकारी O विभागों O को O अपनी O लोक O सेवा O डिलीवरी O सुधारने O में O मदद O करता O है O । O प्रायोगिक O परियोजना O के O रूप O में O सेवोत्तम O - O इन O सभी O संगठनों O ने O प्रायोगिक O जगहों O में O मानकों O की O घोषणा O की O और O उन्हें O कार्यान्वित O किया O । O सेवोत्तम O की O कार्य O प्रणाली O - O इनके O तहत O उन O सभी O सेवाओं O को O परिभाषित O किया O जाता O है O जो O कोई O विभाग O उपलब्ध O कराता O है O तथा O ग्राहकों O की O पहचान O करता O है O । O प्रत्येक O सेवा O के O लिए O मानक O और O मापदंड O निर्धारित O करता O है O । O निर्धारित O मापदंडों O पर O खरा O उतरने O की O क्षमता O का O विकास O करता O है O । O मानक O हासिल O करने O के O लिए O कार्य O करता O है O एवं O निर्धारित O मानकों O के O आधार O पर O कार्यनिष्पादन O की O निगरानी O करता O है O । O स्वतंत्र O तंत्र O के O जरिए O प्रभाव O का O मूल्यांकन O करता O है O तथा O निगरानी O एवं O मूल्यांकन O परिणामों O के O आधार O पर O निरंतर O सुधार O करता O है O । O अच्छी O तरह O स्थापित O शिकायत O प्राप्ति O प्रणाली O , O सभी O उपभोक्ताओं O के O लिए O अनुकूल O , O उसका O व्यापक O प्रचार O , O समय O पर O पावती O देना O , O समाधान O के O लिए O समय O सीमा O , O समाधान O के O लिए O की O गई O कार्रवाई O का O संचार O , O अपील O का O मंच O और O प्रणालीगत O सुधार O के O लिए O शिकायत O की O आशंका O वाले O क्षेत्रों O का O विश्लेषण O । O सेवोत्तम O मॉडल O की O गुणवत्ता O को O सुधारने O के O व्यापक O उद्देश्य O के O साथ O विकसित O किया O गया O है O । O * O प्रथम O घटक O , O प्रभावी O चार्टर O कार्यान्वयन O की O आवश्यकता O साथ O ही O नागरिकों O को O बेहतर O जानकारी O देना O और O बेहतर O सेवाओं O की O मांग O करने O के O लिए O उन्हें O सशक्त O बनाना O । O * O तीसरा O घटक O , O एक्सीलेंस O इन O सर्विस O डिलिवरी O । O साथ O ही O सी O - O एम O हेल्पलाइन O , O पंचायत O - O महापंचायत O , O जन O - O दर्शन O , O सुशासन O संस्थान O , O समाधान O पोर्टल O , O ई O - O भुगतान O व्यवस्था O आदि O को O भी O कई O स्तरों O पर O लागू O किया O गया O है O । O सी O - O एम O हेल्पलाइन O - O प्रदेश O भर O के O सब O सरकारी O संस्थान O व O अन्य O को O इसके O प्रति O उत्तरदायी O बनाया O गया O है O । O समाधान O ऑनलाइन O - O समाधान O ऑनलाइन O की O लोकप्रियता O से O विगत O माहों O में O शिकायतों O की O संख्या O तथा O उनके O निराकरण O की O संख्या O बढ़ी O है O । O आपकी O राय O : O विषय O समझने O में O काफी O मददगार O जिससे O हिंदी O साहित्य O के O शोधार्थी O और O भारतीय O इतिहास O के O अध्ययनकर्ता O को O भी O विषय O समझने O में O काफी O मददगार O साबित O हुई O है O । O सबसे O बड़ी O बात O यह O कि O साहित्य O का O जब O उद्भव O हुआ O तो O वह O वाच्चिक O माध्यम O ही O था O बाद O के O दिनों O में O भाषा O , O कला O , O संस्कृति O को O संरक्षण O प्रदान O करने O के O उद्देश्य O से O लिखित O माध्यम O विकसित O किया O गया O । O तब O , O अभी O की O तरह O कागज O का O विकास O नहीं O हुआ O था O । O जिस O कारण O पेड़ों O की O पत्तियों O व O छाल O पर O ही O लेखन O परंपरा O की O शुरुआत O हुई O । O प्राचीनतम O साहित्य O का O विकास O विश्वपटल O पर O कैसे O हो O ? O इसके O साथ O ही O सूचना O क्रांति O के O दौर O में O ई O - O प्लेटफार्म O के O माध्यम O से O बाल O साहित्य O को O बढ़ावा O देकर O भावी O पीढ़ी O के O बच्चों O तथा O बालमन O को O संवारने O की O दिशा O में O बाल O साहित्य O के O योगदान O पर O भी O चर्चा O है O । O आशा O है O आगे O भी O ऐसे O साहित्य O पर O केंद्रित O अंक O आते O रहेंगे O ताकि O बच्चों O , O प्रतियोगी O विद्यार्थियों O और O शोधार्थियों O को O गहन O अध्ययन O करने O में O मददगार O साबित O हो O सकें O । O बजट O का O अच्छा O विश्लेषण O किसी O भी O देश O के O लिए O मानव O - O पूंजी O में O निवेश O ही O सर्वोत्तम O निवेश O होता O है O । O मानवपूंजी O में O निवेश O से O लक्षित O वर्ग O का O कल्याण O तो O होता O ही O है O , O साथ O ही O देश O भी O बहुमुखी O विकास O के O मार्ग O पर O अग्रसर O होने O लगता O है O । O परंतु O सच O यह O है O कि O अध्यापक O इस O संबंध O में O प्रशिक्षित O नहीं O हैं O । O उन्हें O छात्रों O के O सामने O पढ़ाने O का O प्रशिक्षण O मिलता O है O । O महामारी O के O कारण O उन्हें O ऑनलाइन O टीचिंग O में O आना O पड़ा O है O , O और O वे O अपने O पुराने O तरीके O से O ही O पढ़ा O रहे O हैं O , O जिस O कारण O छात्रों O को O वह O कमी O दिखती O है O । O ऑनलाइन O अध्यापन O , O फेस O - O टू O - O फेस O टीचिंग O से O पूरी O तरह O भिन्न O है O । O अन्य O अध्यापकों O को O इसका O ज्ञान O अक्सर O नहीं O होता O । O वे O कैमरा O शुरू O करके O ब्लैकबोर्ड O पर O लिखना O शुरू O कर O देते O हैं O । O मैं O यहां O उनको O दोष O नहीं O दे O रहा O हूं O क्योंकि O उन्हें O वैसा O प्रशिक्षण O नहीं O मिला O । O प्रश्न O : O फिर O भी O वे O शिक्षा O देने O के O लिए O अपना O सर्वश्रेष्ठ O प्रयास O करते O हैं O , O इस O पर O क्या O सोचना O है O आपका O ? O इसलिए O हमें O अध्यापकों O को O प्रशिक्षित O करना O होगा O ताकि O वे O ऑनलाइन O टीचिंग O के O मुफीद O हो O सकें O । O प्रश्न O : O आपने O नीति O निर्माण O की O बात O की O । O नई O शिक्षा O नीति O पर O आपकी O क्या O राय O है O । O इसमें O प्रादेशिक O भाषाओं O पर O फोकस O किया O गया O है O । O कई O वर्ष O बीत O चुके O हैं O और O हम O पुराने O ढर्रे O पर O ही O चल O रहे O हैं O । O नई O नीति O विद्यार्थी O केंद्रीय O नीति O पर O ध्यान O दे O रही O है O । O और O विद्यार्थियों O के O संबंध O में O अध्यापकों O की O सोच O - O समझ O पर O भी O ध्यान O दे O रही O है O । O उनका O प्रशिक्षण O , O उनका O पाठ्यक्रम O , O उनकी O तकनीक O पुरानी O है O । O तो O यह O शिक्षा O नीति O शिक्षा O का O परिदृश्य O बदलेगी O , O सशक्तिकरण O का O काम O भी O करेगी O । O इसमें O कंटीन्युअस O प्रोफेशनल O डेवलपमेंट O प्रोग्राम O जैसे O फीचर्स O भी O हैं O , O जो O मेरे O जैसे O अध्यापकों O को O नया O ज्ञान O , O नया O तौर O - O तरीका O सीखने O में O मदद O करेंगे O । O बच्चों O और O युवाओं O को O आप O क्या O संदेश O देना O चाहेंगे O ? O उन्हें O माता O - O पिता O या O साथियों O के O दबाव O में O नहीं O आना O चाहिए O । O आप O क्या O करना O चाहते O हैं O , O उसे O समझें O , O जानें O और O उस O पर O कायम O रहें O । O अपनी O रुचि O के O क्षेत्र O में O ही O सर्वश्रेष्ठ O करने O का O प्रयास O करें O । O अभिभावक O चाहते O हैं O कि O उनका O बच्चा O वैज्ञानिक O बने O , O इंजीनियर O बने O , O आईएएस O बने O परंतु O कोई O भी O बच्चे O की O आवाज O सुनने O को O तैयार O नहीं O । O इसलिए O मेरी O क्लास O में O बच्चों O की O आवाज O सुनी O जाती O है O । O विद्यार्थियों O और O युवाओं O को O अपने O अंदर O की O आवाज O सुननी O चाहिए O । O आपकी O राय O आत्मनिर्भरता O की O ओर O इसके O अलावा O समावेशी O विकास O पर O भी O अहम O प्रस्तुति O रही O । O “ O जल O जीवन O मिशन O ' O पर O “ O गागर O में O सागर O ' O जैसा O अंक O “ O जल O ' O देखने O में O छोटा O सा O शब्द O है O , O लेकिन O यह O अपने O आप O में O संपूर्ण O संसार O के O जीवन O को O समाहित O किए O हुए O है O । O कोई O भी O अभियान O सिर्फ O सरकार O द्वारा O सफल O नहीं O बनाया O जा O सकता O बल्कि O उसके O लिए O जन O साधारण O की O अद्वितीय O भूमिका O होती O है O । O सरकार O और O जन O सहयोग O के O माध्यम O से O जल O का O भी O उचित O प्रबंधन O करके O सतत O विकास O लक्ष्यों O को O प्राप्त O किया O जा O सकता O है O । O भारतीय O साहित्य O के O प्रति O रुचि O बढ़ी O भारतीय O उप O - O महाद्वीप O में O रचित O साहित्य O की O विविधता O को O देखकर O हर O कोई O आश्चर्यचकित O हो O जायेगा O । O खास O तौर O से O सिविल O सर्विसेज O तथा O प्रतियोगी O परीक्षाओं O में O बैठने O वाले O स्टूडेंट O के O लिए O यह O अंक O लाभकारी O साबित O होगा O । O शिक्षा O अन्य O बातों O के O अलावा O सांस्कृतिक O जागरूकता O और O सहानुभूती O दृढ़ता O और O धैर्य O , O टीम O वर्क O , O नेतृत्व O , O संवाद O सहित O ज्ञान O संबंधी O सामाजिक O और O व्यावहारिक O कौशल O विकसित O करती O है O । O प्राचीन O काल O से O , O हमारी O शिक्षा O प्रणाली O में O ज्ञान O , O प्रज्ञ O और O सत्य O को O सर्वोच्च O मानव O लक्ष्य O के O रूप O में O रखा O गया O है O । O विश्व O ज्ञान O प्रणाली O के O लिए O समृद्ध O विरासतों O को O आगे O ले O जाते O हुए O उनके O योगदान O को O दुनिया O भर O में O सराहा O और O महत्व O दिया O गया O है O । O हालांकि O , O दुख O की O बात O है O कि O भारतीय O शिक्षा O प्रणाली O के O मूल O तत्व O को O बाद O के O युगों O में O कुचला O गया O । O दूसरी O श्रेणी O को O वे O मंत्री O देखते O थे O , O जिन्हें O गवर्नर O प्रांतीय O विधानमंडल O के O निर्वाचित O सदस्यों O में O से O चुनते O थे O । O हालांकि O केंद्रीय O राजस्व O से O तय O अनुदानों O की O प्रणाली O चलती O रही O , O जिससे O प्रांतों O के O बीच O असंतुलन O बढ़ O गया O मगर O इससे O विकेंद्रीकरण O की O प्रक्रिया O को O गति O भी O मिली O । O संविधान O सभा O में O भारतीय O संविधान O की O संघीय O प्रकृति O पर O खासी O चर्चा O हुई O । O संघवाद O संविधान O का O मूल O तत्व O बन O गया O । O प्रस्तावित O संविधान O के O अंतर्गत O दोहरी O शासन O व्यवस्था O के O केंद्र O में O संघ O तथा O परिधि O पर O राज्य O होंगे O तथा O दोनों O के O पास O संविधान O में O उल्लिखित O अपने O - O अपने O क्षेत्रों O में O संप्रभु O अधिकार O होंगे O । O केंद्र O और O राज्य O दोनों O के O पास O अलग O - O अलग O विधायी O , O कार्यकारी O एवं O न्यायिक O व्यवस्थाएं O हैं O । O संविधान O की O सातवीं O अनुसूची O में O केंद्र O एवं O राज्यों O की O शक्तियों O एवं O कार्यों O की O सीमा O तय O की O गई O है O जैसे O केंद्रीय O सूची O , O राज्य O सूची O एवं O समवर्ती O सूची O । O केंद्रीय O सूची O के O विषयों O में O परमाणु O ऊर्जा O , O रक्षा O , O राष्ट्रीय O राजमार्ग O , O रेलवे O , O वायुमार्ग O तथा O बड़े O स्तर O वाले O क्षेत्र O शामिल O हैं O । O केंद्र O की O सूची O में O ऐसे O विषय O हैं O , O जो O राज्यों O के O भीतर O विकास O की O अच्छी O खासी O संभावना O से O जुडे O हैं O । O संविधान O में O केंद्र O तथा O राज्य O दोनों O के O कराधान O अधिकार O स्पष्ट O किए O गए O हैं O और O राजस्व O तथा O कुछ O अन्य O संसाधनों O की O साझेदारी O तय O करने O वाले O सिद्धांत O भी O दिए O गए O हैं O । O वस्तु O एवं O सेवा O कर O ( O जीएसटी O ) O को O केंद्र O एवं O राज्यों O के O बीच O साझा O करना O होता O है O और O उसके O लागू O होने O के O बाद O आयकर O ( O कंपनी O एवं O व्यक्तिगत O ) O का O पूरा O अधिकार O केंद्र O के O पास O आ O गया O है O , O जबकि O राज्यों O को O स्टांप O शुल्क O , O अल्कोहलयुक्त O पेय O पर O उत्पाद O शुल्क O , O वाहनों O के O पंजीयन O एवं O वाणिज्यिक O उपयोग O तथा O कुछ O अन्य O छोटे O करों O के O संग्रह O का O अधिकार O मिल O गया O है O । O हाल O के O वर्षो O में O मूलभूत O शिक्षा O पर O नए O सिरे O से O ध्यान O देना O शिक्षा O क्षेत्र O में O सबसे O सकारात्मक O प्रयास O है O । O बच्चों O को O बहुआयामी O , O बहु O - O स्तरीय O , O खेल O - O आधारित O , O गतिविधि O - O आधारित O और O पूछताछ O - O आधारित O शिक्षा O प्रदान O करना O महत्वपूर्ण O है O । O यह O सुनिश्चित O करना O कि O बच्चे O जल्दी O और O अच्छी O तरह O से O पढ़ना O सीखें O , O हर O बच्चे O को O स्कूली O शिक्षा O के O प्राथमिक O स्तर O पर O सीखने O का O समान O अवसर O प्रदान O करने O की O पक्की O व्यवस्था O करने O का O सबसे O महत्वपूर्ण O तरीका O है O । O विभिन्न O शोधों O ने O स्पष्ट O रूप O से O इंगित O किया O है O कि O मूलभूत O शिक्षा O बाद O की O कक्षाओं O में O सफल O शैक्षणिक O विकास O की O आधारशिला O है O और O इसे O सीखने O का O प्रवेश O द्वार O माना O जाता O है O । O इसके O अलावा O , O मूलभूत O शिक्षा O में O निवेश O करने O से O कई O दीर्घकालिक O लाभ O हैं O , O जैसे O कि O बेहतर O जीवन O परिणाम O और O उच्च O आर्थिक O विकास O । O आंतरिक O यात्रा O अपने O आप O में O खतरनाक O और O जटिल O है O । O अधिक O भीड़भाड़ O और O जाम O के O कारण O सीमाएँ O और O भी O अधिक O खतरनाक O हैं O । O और O अत्यधिक O प्रभावित O शहरों O में O , O गोलाबारी O और O हवाई O हमलों O के O कारण O खुले O में O बाहर O निकलने O का O भौतिक O खतरा O भी O है O । O अब O यह O समय O है O जब O आप O वास्तव O में O सहयोग O और O निष्कासन O के O लिए O अपनी O सरकार O की O ओर O देखते O हैं O । O और O निश्चित O रूप O से O , O तब O संपूर्ण O विदेश O नीति O तंत्र O हरकत O में O आ O जाता O है O जैसा O कि O उसने O ऑपरेशन O गंगा O के O माध्यम O से O किया O था O । O यह O परिवहन O की O सुविधा O प्रदान O करने O के O द्वारा O ऐसा O करता O है O , O और O इसमें O ट्रेन O और O बसें O शामिल O हैं O । O यह O सीमा O पार O करने O को O सुनिश्चित O करने O के O लिए O सीमा O अधिकारियों O को O नियोजित O करता O है O । O अब O तालिबानी O चौकियों O के O नियंत्रण O वाले O शहर O को O नेविगेट O करने O के O अलावा O , O आप O अच्छी O तरह O से O पूछ O सकते O हैं O कि O यह O कितना O मुश्किल O हो O सकता O है O । O खैर O , O मैं O आपको O बताता O हूँ O कि O यह O कितना O मुश्किल O था O । O अब O यह O , O असाधारण O रूप O से O जटिल O संचालन O के O रूप O में O प्रतीत O हो O सकता O है O । O लेकिन O यह O वास्तव O में O इससे O कहीं O अधिक O था O ; O इसके O पीछे O वर्षों O के O रिश्ते O थे O जो O वास्तव O में O जरूरत O के O समय O काम O आए O थे O । O वास्तव O में O , O यह O मानव O इतिहास O में O सबसे O बड़ा O रिकॉर्ड O किया O गया O निकासी O अभ्यास O है O । O लोगों O की O आवाजाही O हिमशैल O का O केवल O ऊपरी O सिरा O भर O थी O । O और O इसने O पर्यटकों O और O छात्रों O से O लेकर O पेशेवरों O और O श्रमिकों O तक O , O यहाँ O तक O कि O तीर्थयात्रियों O , O मछुआरों O और O नाविकों O तक O सभी O को O घेरे O में O ले O लिया O । O यहाँ O भी O , O राजनीतिक O नेताओं O और O राजनयिकों O द्वारा O किए O गए O प्रयास O रंग O लाए O । O सरकार O और O हितधारकों O के O बीच O संबंध O तथा O हितधारकों O के O मध्य O आपसी O तालमेल O : O सरकार O , O निजी O क्षेत्र O , O उद्योगों O , O व्यावसायिक O प्रतिष्ठानों O , O शैक्षिक O संस्थानों O , O गैर O - O सरकारी O संगठनों O , O नागरिक O संस्थाओं O इत्यादि O के O बीच O तालमेल O के O लिये O प्लेटफॉर्म O की O स्थापना O । O लेकिन O केन्द्र O , O राज्य O , O जिला O और O स्थानीय O शासन O के O बीच O अंतर O - O संचालकता O से O संबंधित O जटिलताएं O अब O भी O मौजूद O हैं O । O मगर O ऑनलाइन O सेवा O और O दूरसंचार O अवसंरचना O के O सूचकांकों O में O वह O फिसल O गया O । O वह O इनसे O निपटने O तथा O नागरिकों O के O नजरिये O से O सेवा O प्रदाता O प्रणाली O की O समग्र O प्रभावशीलता O विकसित O करने O के O लिये O नये O कदम O उठा O रहा O है O । O देश O शहरी O और O ग्रामीण O ई O - O शासन O अवसंरचनाओं O के O बीच O अंतर O को O मिटाने O की O कोशिश O में O जुटा O है O । O इसके O पीछे O उद्देश्य O भारतीय O ई O - O शासन O के O ढांचे O को O विकसित O कर O अंतर्राष्ट्रीय O स्तर O का O बनाना O है O । O बायोमेट्रिक O पहचान O योजना O आधार O ने O ई O - O शासन O में O डिजिटल O क्रांति O ला O दी O है O । O प्रधानमंत्री O जन O धन O योजना O , O महात्मा O गांधी O राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O कानून O , O खाद्य O और O सार्वजनिक O वितरण O प्रणाली O तथा O गरीबी O उन्मूलन O और O कल्याण O से O संबंधित O कई O अन्य O वित्तीय O समावेशन O योजनाओं O में O इस O संख्या O का O इस्तेमाल O किया O जा O रहा O है O । O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O योजना O इस O योजना O के O तहत O सामान्य O नागरिकों O की O बुनियादी O जरूरतों O को O पूरा O करने O के O लिये O इन O सेवाओं O को O किफायती O रखने O और O कुशलता O , O पारदर्शिता O और O विश्वसनीयता O सुनिश्चित O करने O पर O ध्यान O दिया O जा O रहा O है O । O एनईजीपी O के O सफल O क्रियान्वयन O के O लिये O निम्नलिखित O रणनीतियाँ O , O दृष्टिकोण O और O तौर O - O तरीके O अपनाये O जा O रहे O हैं O - O * O एनईजीपी O के O क्रियान्वयन O की O निगरानी O और O इसमें O तालमेल O के O लिये O समुचित O शासन O प्रणालियों O का O विकास O * O केन्द्रीकृत O योजना O , O विकेन्द्रित O क्रियान्वयन O * O सरकार O और O निजी O क्षेत्र O के O बीच O साझीदारी O * O समग्रता O के O तत्व O * O राष्ट्रीय O और O राज्य O स्तरों O पर O कार्यक्रम O का O दृष्टिकोण O * O मिशन O की O तरह O चलायी O जा O रही O परियोजनाओं O ( O एमएमपी O ) O पर O मंत्रालयों O का O स्वामित्व O प्रश्न O - O दूसरी O दवा O लेने O के O कितने O दिन O बाद O गर्भपात O हो O जायेगा O । O कभी O कभी O गर्भपात O अपूर्ण O भी O रह O जाता O है O । O प्रश्न O - O किसी O महिला O को O यह O कैसे O पता O चलेगा O कि O गर्भपात O अधूरा O ही O रह O गया O है O । O इसके O लक्षण O हैं O । O जबाव O - O यूँ O तो O अधूरे O गर्भपात O की O जानकारी O चिकित्सक O ही O कर O सकते O हैं O पर O कुछ O लक्षण O इस O प्रकार O हैं O : O - O सवाल O - O दवा O द्वारा O गर्भपात O की O मुख्य O जटिलता O क्या O है O । O जबाव O - O उपुर्युक्त O सभी O स्थितियों O में O शल्य O चिकित्सा O द्वारा O गर्भपात O को O पूर्ण O करवा O लेना O चाहिए O । O डॉक्टर O की O सलाह O द्वारा O तुरंत O ही O इलाज O पूरा O करवा O लें O । O अन्यथा O यह O परेशानी O का O कारण O बन O सकता O है O । O सवाल O - O असफलता O की O संभावना O कितनी O है O । O सवाल O - O अत्यधिक O रक्तस्राव O किसे O कहते O हैं O । O आयोग O इससे O पहले O चुनावी O अधिसूचना O जारी O नहीं O कर O सकता O । O चुनाव O की O अधिसूचना O जारी O होने O से O कुछ O दिन O पूर्व O चुनाव O कार्यक्रम O की O घोषणा O की O जाती O है O जो O चुनाव O से O जुड़े O सभी O संबद्ध O पक्षों O के O लिए O अग्रिम O नोटिस O की O तरह O होती O है O । O इसलिए O भू O - O चुंबकीय O आंकड़ों O के O अध्ययन O के O लिए O विशेषज्ञों O की O आवश्यकता O थी O । O पृथ्वी O के O पारभाषी O क्षेत्र O को O भी O ठीक O से O समझ O पाने O की O ज़रूरत O थी O । O धरती O की O बाहरी O परत O की O चट्टानों O में O स्थित O चुंबकीय O खनिजों O के O जरिए O क्यूरी O तापमान O की O गणना O की O जाती O है O जिससे O पृथ्वी O की O पपड़ी O और O आवरण O के O बीच O चुंबकीय O संक्रमण O क्षेत्र O का O पता O चलता O है O । O इन O गणनाओं O से O महाद्वीपीय O और O महासागरीय O क्षेत्रों O के O संरचनात्मक O ढांचे O की O क्षेत्रीय O विकृतियों O का O भी O पता O चलता O है O । O दूरसंवेदी O चुंबकीय O आंकड़ों O की O मदद O से O खनिजीय O क्षेत्रों O और O भूविवर्तनीय O दरारों O का O भी O वर्गीकरण O आसान O हो O जाता O है O । O चुंबकीय O खनिजों O की O जलवायु O परिवर्तनों O और O पर्यावरणीय O बदलावों O को O समझने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O है O । O भौतिक O - O रासायनिक O परिस्थितियों O के O अपरिवर्तित O रहने O पर O ये O खनिज O काफी O स्थायी O होते O हैं O , O लेकिन O इनमें O बदलावों O के O प्रति O ये O बहुत O संवेदनशील O होते O हैं O । O वातावरण O के O साथ O संतुलन O बनाए O रखने O के O लिए O ये O पदार्थ O अपने O आप O को O बदल O लेते O हैं O । O चुंबकीय O खनिजों O के O स्वरूप O में O आए O परिवर्तनों O की O प्रयोगशाला O में O जांच O करने O से O मौसम O और O पर्यावरण O के O परिवर्तन O के O रुझान O का O जायजा O लिया O जा O सकता O है O । O सौर O चुम्बकत्व O का O पृथ्वी O सहित O आकाशीय O पिंडों O पर O असर O पड़ता O है O । O सूर्य O से O निकलते O ऊर्जावान O कणों O का O पृथ्वी O के O चुंबकीयमंडल O , O आयनमंडल O , O मध्यमण्डल O और O तापमंडल O पर O असर O पड़ता O है O । O सूर्य O की O लपटों O , O सूर्य O के O प्रभामंडल O ( O कोरोना O ) O से O बड़ी O मात्रा O में O निकलते O पुंज O , O तेज O गति O वाली O सौर O हवाएं O और O ऊर्जावान O कण O - O निरंतर O गतिशील O अवस्था O में O रहते O हैं O । O पृथ्वी O का O भी O स्वरूप O चुंबकीय O है O । O पृथ्वी O के O क्रोड O और O बाहरी O आवरण O की O सीमा O पर O इसका O भू O - O चुंबकीय O क्षेत्र O निर्धारित O और O अनुकृत O होता O है O । O इस O चुंबकीय O क्षेत्र O की O रेखाएं O पृथ्वी O की O विभिन्न O परतों O से O होकर O गुजरती O हैं O और O हमारे O गृह O को O संरक्षण O - O कवच O प्रदान O करती O हैं O । O यह O कवच O हानिकारक O विकिरणों O को O रोकता O और O विचलित O कर O देता O है O । O इसीलिए O पृथ्वी O पर O जीवन O सुरक्षित O रहता O है O और O विद्युत O संचार O बना O रहता O है O । O इन O आवेशित O कणों O के O परस्पर O संपर्क O से O ध्रुवीय O क्षेत्रों O में O प्रकाश O - O पुंज O ( O औरोरा O ) O बनते O हैं O । O पृथ्वी O पर O चुंबकीय O तूफान O आने O की O स्थिति O में O ये O ' O प्रकाशमयी O पट्टिकाएं O ' O ज्यादा O सक्रिय O हो O जाती O हैं O । O सौर O हवाएं O अंतरिक्ष O में O सभी O दिशाओं O में O निरंतर O प्रवाहित O होती O रहती O हैं O । O पृथ्वी O पर O इन O तरंगों O को O महसूस O किया O जाता O है O । O इनके O परस्पर O संपर्क O और O वातावरण O में O विद्युत O चुंबकीय O तरंगों O को O मौसम O - O वैज्ञानिक O वेधशालाओं O में O रिकॉर्ड O किया O जाता O है O । O सूर्य O की O सतह O और O इसके O वातावरण O में O ऊष्मा O और O ऊर्जा O के O जटिल O अंतर्सबंध O से O तापमान O में O अंतर O पैदा O होता O है O । O सूर्य O के O क्षेत्र O में O पैदा O होने O वाली O तरंगें O और O कण O बहुत O तेज O गति O से O बाहर O निकलते O हैं O । O इन O सभी O बलों O की O वजह O से O आवेशहीन O और O आवेशित O कणों O के O बीच O टकराव O होता O है O जिससे O वे O आवेश O का O लेन O - O देन O करते O हैं O ताकि O उनके O बीच O ऊर्जा O और O संवेग O का O हस्तांतरण O हो O सके O । O इन O वेधशालाओं O में O सौर O चक्रों O के O पूर्ण O होने O का O समय O और O अवधि O रिकॉर्ड O करने O के O भी O प्रयास O किए O जाते O हैं O । O विशेषज्ञ O अब O मानने O लगे O हैं O कि O सूर्य O ऊर्जा O के O स्तर O में O परिवर्तनों O का O पृथ्वी O पर O तापमान O के O घटने O - O बढ़ने O पर O असर O होता O है O । O सौर O प्रभाव O से O हवा O की O गति O , O ताप O और O दाब O में O वैश्विक O परिवर्तन O होने O से O वायुमंडल O ज्वार O बनते O हैं O । O वे O नियमित O रूप O से O वायुमंडल O में O सभी O स्थानों O पर O होते O हैं O । O इनके O अलावा O बीच O में O छोटे O ज्वार O उठते O - O थमते O रहते O हैं O । O सूर्य O के O विभिन्न O ऊंचाइयों O पर O विकिरण O , O इसके O अवशोषण O और O तेज O के O मंद O पड़ने O से O परिचालित O ये O ज्वार O सूर्यास्त O की O दिशा O में O पश्चिम O की O ओर O बढ़ते O हैं O । O निश्चित O पूंजी O व्यय O में O निम्न O व्यय O शामिल O हैं O - O घ O ) O बिक्री O स्थल O आदि O । O संस्थाओं O द्वारा O निर्मित O उत्पाद O उनके O द्वारा O प्रत्यक्ष O रूप O से O फुटकर O विक्रेता O और O थोक O विक्रेता O के O माध्यम O से O बेचे O जाते O हैं O ; O या O अप्रत्यक्ष O रूप O से O खादी O भंडार O ( O सरकार O द्वारा O संचालित O खादी O बिक्री O केंद्र O ) O के O माध्यम O से O । O इन O उत्पादों O को O आयोग O द्वारा O आयोजित O प्रदर्शनियों O के O माध्यम O से O विदेशों O में O भी O बेचा O जाता O है O । O ये O देश O भर O में O किसी O भी O एफएमसीजी O कंपनी O के O लिए O अभूतपूर्व O हैं O । O राष्ट्रीय O चरखा O संग्रहालय O साथ O ही O इधर O लिखी O जा O रही O कविताओं O से O इतना O जरूर O पता O चल O जाता O है O कि O अब O बाल O कविता O पहले O जैसी O नहीं O रही O , O जो O कुछ O सीमित O विषयों O के O इर्द O - O गिर्द O ही O घूमती O थी O । O बल्कि O पूरा O का O पूरा O जीवन O ही O बाल O साहित्य O की O चौहद्दी O में O आ O गया O है O , O और O बाल O साहित्यकार O उसे O बखूबी O व्यक्त O कर O रहे O हैं O । O इस O लिहाज O से O बाल O कविताओं O का O परिदृश्य O तो O व्यापक O हुआ O ही O है O , O साथ O ही O साफ O - O सुथरे O शब्दों O में O बड़ी O गहरी O व्यंजनाएं O भी O देखने O को O मिल O जाती O हैं O । O इसलिए O रोचक O कहानी O सुनने O की O उत्सुकता O उसके O भीतर O से O कभी O नहीं O जाती O । O फिर O भी O सच्चाई O यह O है O कि O कहानी O बदल O गई O है O । O पूरी O बाबा O देखते O हैं O कि O कुछ O भूखे O , O अधनंगे O बच्चे O उन्हीं O जूठी O प्लेटों O को O चाट O रहे O हैं O । O पूरी O बाबा O उन O अधनंगे O , O मैले O बच्चों O को O प्यार O से O पास O बुलाते O हैं O । O पूरियों O वाली O दुकान O पर O ले O जाकर O उन्हें O बड़े O प्यार O और O इज्जत O से O पूरी O खिलाते O हैं O । O फिर O सहज O ही O कुछ O बातें O होने O लगीं O पूरी O बाबा O और O बच्चों O में O । O और O उन्होंने O मन O ही O मन O कुछ O फैसला O कर O लिया O । O वे O बच्चों O को O साथ O लेकर O बैठते O और O कुछ O पढ़ाते O - O लिखाते O । O यों O पूरियों O से O चलकर O कहानी O बच्चों O के O स्कूल O तक O चली O आई O । O कहने O को O यह O विज्ञान O कथा O है O , O पर O किसी O विज्ञान O कथा O को O कितना O सरस O और O दिलचस्प O फ्लेवर O दिया O जा O सकता O है O , O यह O इस O बेहद O पठनीय O और O बिल्कुल O नए O अंदाज O की O विज्ञान O कथा O को O पढ़कर O जाना O जा O सकता O है O । O उपन्यास O के O अंत O में O सारे O जानवर O जुलूस O बनाकर O फैक्टरी O तक O जाते O हैं O और O वह O कर O गुजरते O हैं O , O जो O शायद O इनसानों O की O दुनिया O में O भी O नजर O नहीं O आता O । O * O इसमें O जल O वितरण O पर O विचार O के O लिए O ग्राम O पंचायत O , O निगरानी O समितियों O और O जल O पंचायतों O की O स्थापना O कर O जल O सुरक्षा O योजनाएं O शामिल O हैं O । O उपयोगी O जल O की O मात्रा O प्रतिवर्ष O क्यूबिक O मीटर्स O ( O बीसीएम O ) O तक O रहती O है O और O इस O उपलब्धता O में O देश O और O काल O के O अनुसार O अंतर O होता O है O । O इसके O लिए O हमें O मांग O पक्ष O पर O अधिकाधिक O ध्यान O देना O होगा O । O आपूर्ति O - O पक्ष O मध्यवर्तन O या O हस्तक्षेप O अतीत O में O जल O क्षेत्र O से O जुड़ी O योजनाओं O के O कारण O भूजल O उपलब्धता O की O स्थिति O में O कुछ O सुधार O ज़रूर O हुआ O था O , O परंतु O किफायत O न O बरतने O के O कारण O इसकी O मांग O में O कमी O लाने O पर O ध्यान O केंद्रित O नहीं O किया O गया O । O इन O योजनाओं O में O आंशिक O या O ना O के O बराबर O सामुदायिक O दखल O के O कारण O ऊपर O से O नीचे O तक O कमी O रही O । O साथ O ही O , O इनमें O से O अधिकांश O योजनाओं O को O अकेले O ही O अमल O में O लाया O गया O , O जिससे O अन्य O जारी O योजनाओं O का O समुचित O लाभ O उठाना O संभव O नहीं O हो O सका O । O वहीं O , O अधिकांशत: O गैर O - O सरकारी O क्षेत्रों O में O सामुदायिक O स्तर O पर O चल O रहे O भूजल O प्रबंधन O के O अनुभवों O को O भी O इन O योजनाओं O में O शामिल O नहीं O किया O गया O था O । O सामुदायिक O पहल O देश O में O भूजल O स्रोत O गहरे O संकट O से O जूझ O रहे O थे O , O इसलिए O भूजल O प्रबंधन O से O जुड़ी O योजनाओं O में O परिवर्तन O करने O पर O विचार O किया O गया O । O हालांकि O , O ऐसे O उदाहरण O इक्का O - O दुक्का O ही O थे O और O क्षेत्र O के O अनुसार O व्यापक O स्तर O पर O उन O पर O काम O किए O जाने O की O जरूरत O थी O । O अटल O जल O - O मांग O प्रबंधन O में O सुधार O इस O पहल O को O संस्थागत O करने O के O लिए O सरकारी O दखल O की O जरूरत O महसूस O की O गई O । O राज्य O और O जिला O स्तरों O पर O संस्थानों O को O सशक्त O करना O , O सामुदायिक O एकजुटता O , O पानी O के O अधिक O किफायती O इस्तेमाल O के O लिए O मौजूदा O योजनाओं O को O जोड़ना O , O और O पानी O के O संबंध O में O किफायत O बरतने O के O लिए O सामुदायिक O सोच O में O परिवर्तन O लाने O के O प्रयासों O पर O जोर O देने O की O जरूरत O महसूस O हुई O । O इस O दिशा O में O अटल O भूजल O योजना O ( O अटल O जल O ) O महत्वपूर्ण O कदम O साबित O हुआ O है O । O अटल O जल O का O उद्देश्य O भूजल O प्रबंधन O के O मामले O में O सामुदायिक O पहल O को O आगे O बढ़ाना O है O । O योजना O का O प्रमुख O लक्ष्य O विभिन्न O योजनाओं O को O जोड़कर O भूजल O स्रोतों O का O बेहतर O प्रबंधन O करना O है O । O स्थानीय O समुदायों O को O एकजुट O कर O सरकारी O संस्थानों O और O नागरिक O समाज O की O मदद O से O भूजल O प्रबंधन O की O दिशा O में O कार्य O करने O वाला O यह O अग्रणी O और O अनोखा O प्रयोग O है O । O सांकेतिक O मानकों O के O संसाधन O संवितरण O परिणाम O आधारित O इस O योजना O की O प्रमुख O विशेषता O चुनिंदा O संकेतकों O के O संबंध O में O राज्यों O को O कार्य O के O आधार O पर O वित्तीय O प्रोत्साहन O ( O डिस्बर्समेंट O लिंक्ड O इंडिकेटर्स O - O डीएलआई O ) O देना O है O । O डीएलआई O का O चुनाव O उन O गतिविधियों O के O आधार O पर O किया O जाता O है O जो O भूजल O के O संधारणीय O प्रबंधन O , O मापन O और O पहचान O में O आसानी O पर O आधारित O होती O हैं O और O साथ O ही O यह O नतीजे O पाने O में O साझीदारों O की O क्षमता O पर O भी O निर्भर O करता O है O । O यह O अधिनियम O उस O प्रत्येक O व्यक्ति O पर O लागू O होता O है O जो O अनुसूचित O जाति O एवं O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नही O है O तथा O वह O व्यक्ति O इस O वर्ग O के O सदस्यों O का O उत्पीड़न O करता O है O । O अत्याचार O के O अपराध O अत्याचार O के O अपराधों O के O लिए O दंड O - O ( O 1 O ) O कोई O भी O व्यक्ति O जो O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O - O ( O i O ) O अनुसूचित O जाति O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O अन्य O घृणाजनक O पदार्थ O पीने O या O खाने O के O लिए O मजबूर O करेगा O । O ( O ii O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसुचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O परिसर O या O पड़ोस O में O मल O - O मूत्र O कूड़ा O पशु O - O शव O या O कोई O अन्य O घृणाजनक O पदार्थ O इकट्ठा O करके O उसे O क्षति O पहुंचाने O , O अपमानित O करने O या O क्षुब्ध O करने O के O आशय O से O करेगा O . O ( O iii O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O शरीर O से O बलपूर्वक O कपड़े O उतारेगा O या O उसे O नंगा O या O उसके O चेहरे O या O शरीर O को O पोतकर O घुमाएगा O या O किसी O प्रकार O का O कोई O अन्य O ऐसा O कार्य O करेगा O जो O मानव O के O सम्मान O के O विरुद्ध O है O ( O iv O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O स्वामित्वाधीन O या O उसे O आबंटित O या O किसी O सक्षम O प्राधिकारी O द्वारा O उसे O आबंटित O किए O जाने O के O लिए O अधिसूचित O किसी O भूमि O को O सदोष O अधिभोग O में O लेगा O या O उस O पर O खेती O करेगा O या O उसे O आबंटित O भूमि O को O अंतरित O करा O लेगा O ; O ( O v O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O उसकी O भूमि O या O परिसर O सदोष O कब्जा O करेगा O या O किसी O भूमि O , O परिसर O या O जल O पर O उसके O अधिकारों O के O सपनों O में O हस्तक्षेप O करेगा O ( O vi O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O बेगार O करने O के O लिए O या O सरकार O द्वारा O लोक O प्रयोजनों O के O लिए O अधिरोपित O किसी O अनिवार्य O सेवा O से O भिन्न O अन्य O समरूप O प्रकार O के O बलात्श्रम O या O बंधुआ O मजदूरी O के O लिए O विवश O करेगा O या O फुसलाएगा O . O ( O vi O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O मतदान O न O करने O के O लिए O या O किसी O विशिष्ट O अभ्यार्थी O के O लिए O मतदान O करने O के O लिए O या O विधि O द्वारा O उपबंधित O से O भिन्न O रीति O से O मतदान O करने O के O लिए O मजबूर O या O अभिवस्त O करेगा O । O ( O vii O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O के O विरुद्ध O मिथ्या O , O द्वेषपूर्ण O या O तंग O करने O वाला O वाद O या O दांडिक O या O अन्य O विधिक O कार्यवाही O संस्थित O करेगा O - O ( O viii O ) O किसी O लोक O सेवक O को O कोई O मिथ्या O या O तुच्छ O जानकारी O देगा O और O उसके O द्वारा O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O क्षति O पहुंचाने O या O क्षुब्ध O करने O के O लिए O ऐसे O लोक O सेवक O से O उसकी O विधिपूर्ण O शक्ति O का O प्रयोग O कराएगा O - O ( O ix O ) O जनता O को O दृष्टिगोचर O किसी O स्थान O पर O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O का O अपमान O करने O के O आशय O से O साशय O उसको O अपमानित O या O अभित्रस्त O करेगा O ( O x O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O की O किसी O महिला O का O अनादर O करने O या O उसकी O लज्जा O भंग O करने O के O आशय O से O हमला O या O बल O प्रयोग O करेगा O - O ( O xi O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O की O किसी O महिला O की O इच्छा O को O अधिशासित O करने O की O स्थिति O में O होने O पर O उसी O स्थिति O का O प्रयोग O उसका O लैंगिक O शोषण O करने O के O लिए O , O जिसके O लिए O वह O अन्यथा O सहमत O नहीं O होती O , O करेगा O - O ( O xii O ) O किसी O पोत O , O जलाशय O या O किसी O अन्य O उद्गम O के O जल O को O जो O आम O तौर O पर O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O द्वारा O उपयोग O में O लाया O जाता O है O , O दूषित O या O गंदा O करेगा O जिससे O कि O वह O उस O प्रयोजन O के O लिए O कम O उपयुक्त O हो O जाए O जिसके O लिए O उसका O आम O तौर O पर O प्रयोग O किया O जाता O है O । O ( O xii O ) O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O सार्वजनिक O निगम O के O स्थान O के O मार्ग O के O किसी O दिजन्य O अधिकार O से O वंचित O करेगा O या O ऐसे O सदस्य O को O बाधा O पहुंचाएगा O , O जिससे O कि O वह O ऐसे O सार्वजनिक O अभिगम O के O स्थान O का O उपयोग O करने O या O वहां O पहुंचने O से O निवारित O हो O जाए O जहां O जनता O के O अन्य O सदस्यों O या O उसके O किसी O भाग O को O उपयोग O करने O का O या O पहुंचने O का O अधिकार O है O . O ( O 2 O ) O कोई O भी O व्यक्ति O जो O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O नहीं O है O - O ( O i O ) O मिथ्या O साक्ष्य O देगा O जिससे O उसका O आशय O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O को O किसी O ऐसे O अपराध O के O लिए O जो O तत्समय O प्रवृत्त O विधि O द्वारा O मृत्यु O दंड O से O दंडनीय O है O , O दोष O सिद्ध O कराना O है O या O वह O यह O जानता O है O कि O इससे O उसका O दोष O सिद्ध O होना O संभाव्य O है O , O वह O आजीवन O कारावास O से O और O जुर्माने O से O दंडनीय O होगा O ; O और O यदि O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O निर्दोष O सदस्य O को O ऐसे O मिथ्या O या O गढ़े O हुए O साक्ष्य O के O फलस्वरूप O दोष O सिद्ध O किया O जाता O है O और O फाँसी O दी O जाती O है O तो O यह O व्यक्ति O , O जो O ऐसा O मिथ्या O साक्ष्य O देता O है O या O गढ़ता O है O मृत्यु O दंड O से O दंडनीय O होगा O । O ( O iv O ) O अग्नि O या O किसी O विस्फोटक O पदार्थ O द्वारा O रिष्टि O करेगा O जिससे O उसका O आशय O किसी O ऐसे O भवन O को O जो O अनुसूचित O जाति O या O अनुसूचित O जनजाति O के O किसी O सदस्य O द्वारा O साधारणतः O पूजा O के O स्थान O के O रूप O में O या O मानव O आवास O के O स्थान O के O रूप O में O या O संपत्ति O की O अभिरक्षा O के O लिए O किसी O स्थान O के O रूप O में O उपयोग O किया O जाता O है O , O नष्ट O करता O है O या O वह O यह O जानता O है O कि O उससे O ऐसा O होना O संभाव्य O है O , O वह O आजीवन O कारावास O से O और O जुर्माने O से O दंडनीय O होगा O ; O ( O vi O ) O यह O जानते O हुए O या O यह O विश्वास O करने O का O कारण O रखते O हुए O कि O इस O अध्याय O के O अधीन O कोई O अपराध O किया O गया O है O , O वह O अपराध O किए O जाने O के O किसी O साक्ष्य O को O अपराधी O को O विधिक O दंड O से O बचाने O के O आशय O से O गायब O करेगा O या O उस O आशय O से O अपराध O के O बारे O में O कोई O ऐसी O जानकारी O देगा O जो O वह O जानता O है O या O विश्वास O करता O है O कि O वह O मिथ्या O है O , O वह O उस O अपराध O के O लिए O उपबंधित O दंड O से O दंडनीय O होगा O - O यह O अधिनियम O अनुसूचित O जाति O एवं O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्यों O के O विरुद्ध O किए O गए O अपराधों O के O निवारण O के O लिए O है O , O अधिनियम O ऐसे O अपराधों O के O संबंध O में O मुकदमा O चलाने O तथा O ऐसे O अपराधों O से O पीड़ित O व्यक्तियों O के O लिए O राहत O एवं O पुनर्वास O का O प्रावधान O करता O है O । O सामान्य O बोलचाल O की O भाषा O में O यह O अधिनियम O अत्याचार O निवारण O ( O Prevention O of O Atrocities O ) O या O अनुसूचित O जाति O / O जनजाति O अधिनियम O कहलाता O है O । O यह O अनुसूचित O जातियों O और O जनजातियों O में O शामिल O व्यक्तियों O के O खिलाफ़ O अपराधों O को O दंडित O करता O है O । O यह O पीड़ितों O को O विशेष O सुरक्षा O और O अधिकार O देता O है O । O यह O अदालतों O को O स्थापित O करता O है O , O जिससे O मामले O तेज़ी O से O निपट O सकें O । O कुछ O ऐसे O अपराध O जो O भारतीय O दंड O संहिता O में O शामिल O हैं O , O उनके O लिए O इस O कानून O में O अधिक O सज़ा O निर्धारित O की O गयी O है O । O अनुसूचित O जाति O और O अनुसूचित O जनजातियों O के O सदस्यों O के O विरुद्ध O होने O वाले O क्रूर O और O अपमानजनक O अपराधों O , O जैसे O उन्हें O जबरन O अखाद्य O पदार्थ O खिलाना O या O उनका O सामाजिक O बहिष्कार O करना O , O को O इस O क़ानून O के O तहत O अपराध O माना O गया O है O । O यदि O कोई O व्यक्ति O किसी O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O से O व्यापार O करने O से O इनकार O करता O है O तो O इसे O आर्थिक O बहिष्कार O कहा O जाएगा O । O निम्न O गतिविधियाँ O आर्थिक O बहिष्कार O की O श्रेणी O में O आएँगी O - O किसी O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O के O साथ O काम O करने O या O उसे O काम O पर O रखने O / O नौकरी O देने O से O इनकार O करना O । O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O के O सदस्य O को O सेवा O न O प्रदान O करना O अथवा O उन्हें O सेवा O प्रदान O करने O नहीं O देना O । O सामान्यतः O व्यापार O जैसे O किया O जाता O है O उस O तरीके O में O बदलाव O लाना O क्योंकि O अनुसूचित O जाति O / O अनुसूचित O जनजाति O का O सदस्य O इसमें O शामिल O है O । O सामाजिक O बहिष्कार O तब O होता O है O जब O कोई O व्यक्ति O किसी O व्यक्ति O के O साथ O संपर्क O में O आने O से O इनकार O करता O है O या O उसे O अन्य O समूहों O से O अलग O रखने O की O कोशिश O करता O है O । O सरकारी O अधिकारियों O के O कर्तव्य O - O FIR O / O शिकायत O दर्ज O करना O ; O हस्ताक्षर O लेने O से O पहले O पुलिस O थाने O में O दिए O गए O बयान O को O पढ़ O कर O सुनाना O ; O जानकारी O देने O वाले O व्यक्ति O को O बयान O की O प्रतियाँ O देना O ; O पीड़ित O या O गवाह O का O बयान O रिकॉर्ड O / O दर्ज़ O करना O ; O दस्तावेज़ O तैयार O करना O और O दस्तावेज़ों O का O सटीक O अनुवाद O करना O । O वास्तव O में O अछूत O के O रूप O में O दलित O वर्ग O का O अस्तित्व O समाज O रचना O की O चरम O विकृति O का O द्योतक O है O । O इस O अधिनियम O में O छुआछूत O संबंधी O अपराधों O के O विरूद्ध O दण्ड O में O वृद्धि O की O गई O है O तथा O दलितों O पर O अत्याचार O के O विरूद्ध O कठोर O दंड O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इस O अधिनियम O के O अन्तर्गत O आने O वाले O अपराध O संज्ञेय O गैरजमानती O और O असुलहनीय O होते O हैं O । O इसके O आयात O एवं O निर्यात O में O संतुलन O स्थापित O करने O से O देश O में O विदेशी O मुद्रा O की O बढ़ोतरी O होगी O , O भुगतान O संतुलन O घाटे O में O कमी O आयेगी O और O कारोबारी O आयात O शुल्क O देने O से O बचेंगे O । O जरूरत O इस O बात O की O भी O है O कि O राष्ट्रीय O आय O की O गणना O एवं O जीडीपी O में O इसके O वास्तविक O योगदान O को O दर्शाया O जाये O । O मौजूदा O कमियों O को O दूर O करने O के O लिये O सरकार O ने O बजट O में O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O का O प्रस्ताव O किया O है O । O उम्मीद O है O कि O इस O नीति O की O मदद O से O स्वर्ण O से O जुड़ी O समस्याओं O का O दीर्घकालिक O समाधान O निकाला O जा O सकेगा O और O स्वर्ण O को O म्यूचुअल O फंड O एवं O पेंशन O फंड O की O तरह O बचत O के O विकल्प O के O रूप O में O विकसित O किया O जायेगा O । O बैंकों O में O स्वर्ण O खाते O खोलने O से O स्वर्ण O के O आयात O में O कमी O आयेगी O और O लोगों O को O बेकार O पड़े O स्वर्ण O आभूषणों O से O आय O भी O होगी O । O प्रस्तावित O नीति O को O अमलीजामा O पहनाने O से O स्वर्ण O तस्करी O और O स्वर्ण O के O जरिये O काले O धन O के O सृजन O पर O भी O लगाम O लगेगी O । O सामाजिक O रूप O से O कमजोर O वर्गों O के O लिए O छात्रवृत्तियां O रुपये O ओबीसी O के O लिए O प्री O - O मैट्रिक O छात्रवृत्ति O हेतु O , O छात्रवृत्ति O की O दरों O को O महत्वपूर्ण O रूप O से O बढ़ाया O गया O है O । O मौखिक O परंपरा O और O भारतीय O साहित्य O भारतीय O संस्कृति O का O मूल O उस O सजीव O व्यक्ति O में O निहित O होता O है O जो O ना O केवल O संस्कृति O के O मानकों O को O व्याख्यायित O करता O है O , O बल्कि O संदर्भ O के O तौर O पर O भी O क्रियाशील O दिखता O है O । O ये O मानक O तब O तक O अर्थहीन O हैं O जब O तक O ये O बोलचाल O और O क्रियात्मक O रूप O नहीं O लेते O और O मस्तिष्क O , O बोली O एवं O क्रिया O को O मिलाकर O एकीकृत O इकाई O नहीं O बनते O । O प्राचीन O भारतीय O साहित्य O का O वृहत O अंश O मौखिक O अर्थात O बोले O गए O शब्द O की O अभिव्यक्ति O स्वरूप O है O और O जहां O तक O उसके O संरक्षण O का O प्रश्न O है O , O वह O भी O मौखिक O परंपरा O से O संबंध O रखता O है O । O विदेशी O बौद्धिकों O के O आगमन O के O बाद O भारतीय O इतिहास O में O लेखन O कला O का O पदार्पण O देखा O जाता O है O और O ब्रिटिश O शासन O तंत्र O में O जाकर O लेखन O साहित्य O का O उद्भव O हुआ O । O हमें O यह O तथ्य O समझना O होगा O कि O लेखन O की O आवश्यकता O को O ब्रिटिश O अदालतों O ने O सशक्तता O प्रदान O की O क्योंकि O अंग्रेज O स्थानीय O गवाहों O के O बयानों O पर O विश्वास O नहीं O कर O सकते O थे O । O साथ O ही O , O हमें O यह O भी O मानना O होगा O कि O पश्चिमी O सभ्यता O पुस्तक O केंद्रित O है O , O परंतु O भारतीय O संस्कृति O के O संदर्भ O में O पुस्तक O वैसा O अधिकार O एवं O प्रभाव O नहीं O रखती O है O । O भक्ति O आंदोलन O ने O वंचित O वर्गों O को O अमानवीय O स्थितियों O से O मुक्त O करने O और O उन्हें O बिना O किसी O बाधा O के O ईश्वर O की O पूजा O - O आराधना O का O अधिकार O देने O का O बीड़ा O उठाया O और O उपासना O तथा O मुक्ति O का -NEN (( O एक - नया O मार्ग O प्रशस्त O किया O । O भक्ति O आंदोलन O ने O असमानता O और O रूढ़ियों O को O नकार O दिया O । O भक्ति O आंदोलन O ने O असंख्य O निर्धनों O - O वंचितों O के O मन O आंदोलित O कर O दिए O । O संतों O ने O स्थानीय O जन O - O भाषा O में O भक्ति O - O गीत O गाए O । O बड़ी O संख्या O में O आम O जन O वारकरी O पंथ O से O जुड़ने O लगे O । O उन्हें O लगा O कि O यहां O उन्हें O स्वीकार्यता O , O सम्मान O और O ईश्वर O तक O पहुंचने O का O मार्ग O मिल O रहा O है O । O इस O काल O में O पहली O बार O मराठी O में O श्रेष्ठ O साहित्य O का O सृजन O हुआ O । O इस O काल O में O , O भाषा O और O साहित्य O में O , O मानव O जीवन O के O उच्च O मूल्यों O की O स्थापना O हुई O । O भक्त O कवियों O ने O ईश्वर O के O प्रति O समर्पण O पर O बल O दिया O । O उन्होंने O अपने O लेखन O से O अपने O समय O की O रूढ़ियों O के O खिलाफ O विद्रोह O किया O । O तीर्थों O की O यात्राएं O करते O हुए O इन O संतों O ने O जन O - O साधारण O को O जागृत O किया O , O उन्हें O अशिक्षा O के O अंधकार O से O बाहर O निकाला O । O इस O प्रारम्भिक O काल O की O साहित्यिक O शैली O को O प्राचीन O मराठी O कहा O जाता O है O । O वह O पेशे O से O दर्जी O थे O । O वह O बड़े O प्रतिभाशाली O कवि O थे O । O उनकी O भाषा O , O अपेक्षाकृत O अधिक O आधुनिक O है O जिसमें O छंदों O और O शैली O की O शुद्धता O का O ध्यान O रखा O गया O है O । O उन्होंने O प्रभु O की O आराधना O में O ' O अभंग O ' O लिखे O । O इस O काल O में O मुख्यतः O अध्यात्म O और O ईश्वर O के O प्रति O प्रेम O और O भक्ति O का O साहित्य O रचा O गया O । O इस O दौर O में O मराठी O साहित्य O में O प्रायः O शून्यता O रही O । O मगर O इसके O बावजूद O कृषि O उत्पादन O लगातार O बढ़ O रहा O है O और O नयी O ऊंचाइयां O छू O रहा O है O । O भावी O योजनाएं O : O इस O तरह O बढ़ती O आबादी O खाद्य O और O पोषण O सुरक्षा O के O लिए O चुनौती O उत्पन्न O कर O रही O है O क्योंकि O शहरीकरण O , O लोगों O के O जीवन O स्तर O में O सुधार O , O खान O - O पान O की O आदतों O में O बदलाव O जैसे O अनेक O कारणों O से O विविध O कृषि O उत्पादों O की O मांग O बढ़ O रही O है O । O ये O चुनौतियां O खेती O की O जमीन O की O उर्वराशक्ति O में O गिरावट O , O उसमें O पोषक O तत्वों O की O कमी O , O नये O जैव O दबाव O पैदा O होने O और O जलवायु O परिवर्तन O के O कारण O बार O - O बार O बाढ़ O और O सूखे O से O और O गहराती O जा O रही O हैं O । O इतना O ही O नहीं O , O यह O कार्य O कम O कार्बन O उत्सर्जन O करने O वाली O टेक्नोलॉजी O के O उपयोग O से O करना O होगा O ताकि O हमारे O पारिस्थितिकीय O तंत्र O पर O कोई O प्रतिकूल O असर O न O पड़े O और O साथ O ही O , O किसानों O की O आमदनी O दुगना O करने O के O लक्ष्य O को O भी O प्राप्त O करना O होगा O क्योंकि O हमारे O देश O में O कृषि O फायदेमंद O व्यवसाय O नहीं O रह O गयी O है O । O इस O चुनौती O से O निपटना O वर्तमान O कृषि O उत्पादन O प्रणाली O के O लिए O बड़ी O चुनौती O बन O गया O है O । O नए O कृषि O कानून O : O ऐतिहासिक O सुधार O * O किसानों O को O शोषण O के O भय O के O बिना O सागानता O के O आधार O पर O प्रसंस्करणकर्ताओं O ( O प्रोसेसर्स O ) O , O एग्नीगेरर्स O , O थोक O विक्रेताओं O , O बड़े O खुदरा O कारोबारियों O , O निर्यातकों O आदि O के O साथ O जुड़ने O में O सक्षम O बनाएगा O । O * O किसानों O की O आधुनिक O तकनीक O और O बेहतर O इनपुट O तक O पहुंच O भी O सुनिश्चित O होगी O , O विपणन O की O लागत O में O कमी O आएगी O और O किसानों O की O आय O में O सुधार O होगा O । O * O वैश्विक O बाजारों O में O कृषि O उपज O की O आपूर्ति O हेतु O निजी O क्षेत्र O का O निवेश O आकर्षित O करने O के O उत्प्रेरक O का O काम O होगा O । O * O किसान O प्रत्यक्ष O रूप O से O विपणन O से O जुड़ O सकेंगे O , O जिससे O बिचौलियों O की O भूमिका O खत्म O होगी O और O उन्हें O अपनी O फसल O का O बेहतर O मूल्य O मिलेगा O । O * O किसानों O को O पर्याप्त O सुरक्षा O दी O गई O है O और O समाधान O की O स्पष्ट O समय O सीमा O के O साथ O प्रभावी O विवाद O समाधान O तंत्र O भी O उपलब्ध O कराया O गया O । O * O किसानों O को O अधिक O विकल्प O मिलेंगे O , O बाजार O की O लागत O कम O होगी O और O उन्हें O अपनी O उपज O की O बेहतर O कीमत O मिल O सकेगी O । O * O निर्बाध O व्यापार O सुनिश्चित O करने O के O लिए O इलेक्ट्रॉनिक O रूप O से O प्रस्तावित O इलेक्ट्रॉनिक O ट्रेडिंग O प्लेटफॉर्म O । O सेवोत्तम O हिंदी O शब्दों O सेवा O और O उत्तम O का O संयोग O है O जिसका O मतलब O उत्तम O सेवा O अर्थात O सेवाओं O में O उत्कृष्टता O लाना O है O । O सेवोत्तम O मॉडल O का O विकास O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O सर्वोत्तम O परिपाटियों O , O हितधारकों O से O परामर्श O और O वैधता O के O अध्ययन O के O बाद O विशेषज्ञों O की O मदद O से O किया O गया O था O । O यह O ढांचा O सरकारी O विभागों O को O अपनी O लोक O सेवा O डिलीवरी O सुधारने O में O मदद O करता O है O । O प्रायोगिक O परियोजना O के O रूप O में O सेवोत्तम O - O इन O सभी O संगठनों O ने O प्रायोगिक O जगहों O में O मानकों O की O घोषणा O की O और O उन्हें O कार्यान्वित O किया O । O सेवोत्तम O की O कार्य O प्रणाली O - O इनके O तहत O उन O सभी O सेवाओं O को O परिभाषित O किया O जाता O है O जो O कोई O विभाग O उपलब्ध O कराता O है O तथा O ग्राहकों O की O पहचान O करता O है O । O प्रत्येक O सेवा O के O लिए O मानक O और O मापदंड O निर्धारित O करता O है O । O निर्धारित O मापदंडों O पर O खरा O उतरने O की O क्षमता O का O विकास O करता O है O । O मानक O हासिल O करने O के O लिए O कार्य O करता O है O एवं O निर्धारित O मानकों O के O आधार O पर O कार्यनिष्पादन O की O निगरानी O करता O है O । O स्वतंत्र O तंत्र O के O जरिए O प्रभाव O का O मूल्यांकन O करता O है O तथा O निगरानी O एवं O मूल्यांकन O परिणामों O के O आधार O पर O निरंतर O सुधार O करता O है O । O अच्छी O तरह O स्थापित O शिकायत O प्राप्ति O प्रणाली O , O सभी O उपभोक्ताओं O के O लिए O अनुकूल O , O उसका O व्यापक O प्रचार O , O समय O पर O पावती O देना O , O समाधान O के O लिए O समय O सीमा O , O समाधान O के O लिए O की O गई O कार्रवाई O का O संचार O , O अपील O का O मंच O और O प्रणालीगत O सुधार O के O लिए O शिकायत O की O आशंका O वाले O क्षेत्रों O का O विश्लेषण O । O सेवोत्तम O मॉडल O की O गुणवत्ता O को O सुधारने O के O व्यापक O उद्देश्य O के O साथ O विकसित O किया O गया O है O । O * O प्रथम O घटक O , O प्रभावी O चार्टर O कार्यान्वयन O की O आवश्यकता O साथ O ही O नागरिकों O को O बेहतर O जानकारी O देना O और O बेहतर O सेवाओं O की O मांग O करने O के O लिए O उन्हें O सशक्त O बनाना O । O साथ O ही O सी O - O एम O हेल्पलाइन O , O पंचायत O - O महापंचायत O , O जन O - O दर्शन O , O सुशासन O संस्थान O , O समाधान O पोर्टल O , O ई O - O भुगतान O व्यवस्था O आदि O को O भी O कई O स्तरों O पर O लागू O किया O गया O है O । O सी O - O एम O हेल्पलाइन O - O प्रदेश O भर O के O सब O सरकारी O संस्थान O व O अन्य O को O इसके O प्रति O उत्तरदायी O बनाया O गया O है O । O समाधान O ऑनलाइन O - O समाधान O ऑनलाइन O की O लोकप्रियता O से O विगत O माहों O में O शिकायतों O की O संख्या O तथा O उनके O निराकरण O की O संख्या O बढ़ी O है O । O सहायक O नदियों O के O जंक्शनों O , O चैनलों O के O व्यापक O खंडों O , O छतों O के O ऊपर O , O गुफाओं O और O नदियों O के O किनारे O चट्टानी O तटबंधों O के O पीछे O होने O वाली O इस O तरह O की O घटनाएं O आम O हैं O । O ये O वे O स्थान O हैं O जहां O बाढ़ O की O गति O में O अचानक O कमी O आती O है O । O इन O तलछटों O की O ऊंचाई O नदी O के O स्तर O से O ऊपर O होती O है O , O जो O बाढ़ O में O वृद्धि O के O स्तर O के O बारे O में O सूचित O करती O है O और O इन्हें O डिफरेंशियल O ग्लोबल O पोजिशनिंग O सिस्टम O ( O डीजीपीएस O ) O का O उपयोग O करके O ठीक O से O मापा O जा O सकता O है O । O इन O तलछटों O को O चारकोल O स्पेक्स O पर O ऑप्टिकली O - O स्टिम्युलेटेड O ल्यूमिनेसेंस O ( O ओएसएल O ) O और O सीएएमएस O डेटिंग O तकनीकों O का O उपयोग O करके O दिनांकित O किया O जा O सकता O है O । O सैटेलाइट O इमेज O और O लिडार O ( O लाइट O डिटेक्शन O एंड O रेंजिंग O ) O डेटा O का O उपयोग O बाढ़ O के O परिमाण O के O मानचित्रण O के O लिए O किया O जा O सकता O है O । O इस O डेटा O को O उम्दा O पैमानों O पर O सटीकता O से O तैयार O करके O सार्थक O उपयोग O के O मानचित्रण O में O मदद O ली O जा O सकती O है O । O बाढ़ O के O वेग O को O आम O तौर O पर O करंट O मीटर O , O ध्वनिक O डॉपलर O करंट O प्रोफाइलर O , O ट्रेसर O और O फ्लोटर्स O का O उपयोग O करके O मापा O जाता O है O । O डॉपलर O करंट O प्रोफाइलर O सबसे O सटीक O होगा O क्योंकि O यह O विभिन्न O गहराइयों O पर O प्रवाह O वेग O को O माप O सकता O है O और O हलचल O का O औसत O बता O सकता O है O । O बाढ़ O के O पानी O के O तलछट O भार O को O , O बाढ़ O के O दौरान O तलछट O निगरानी O गेज O या O लेजरइन O - O सीटू O स्कैटरिंग O से O लैस O सेंसर O और O ट्रांसमिसोमेट्री O या O भौतिक O रूप O से O नमूने O द्वारा O मापा O जा O सकता O है O । O सैटेलाइट O डेटा O भी O तलछट O भार O पर O सामान्यीकृत O विचार O प्राप्त O करने O में O मदद O कर O सकता O है O । O यह O मॉडल O हिमालयी O क्षेत्र O पर O किए O जाने O वाले O फोकस O , O परिमाण O और O ढांचागत O विकास O के O प्रकार O को O तय O करने O में O मदद O कर O सकता O है O । O बड़े O निगरानी O नेटवर्क O , O ऐतिहासिक O और O भूवैज्ञानिक O अभिलेखागार O का O उपयोग O करके O डेटा O संग्रह O की O लंबे O समय O की O श्रृंखला O तैयार O की O जानी O चाहिए O । O भूस्खलन O और O हिमनद O झील O निगरानी O प्रणाली O स्थापित O की O जानी O चाहिए O और O उसे O आईओटी O के O माध्यम O से O बाढ़ O प्रबंधन O केंद्रों O से O जोड़ा O जाना O चाहिए O । O बाढ़ O के O स्तर O और O बाढ़ O हाइड्रोग्राफ O पर O डेटा O के O संयोजन O का O उपयोग O बाढ़ O के O प्रबंधन O और O विनाश O को O कम O करने O के O लिए O किया O जा O सकता O है O । O सामाजिक O बुनियादी O ढांचे O के O मानचित्रों O के O साथ O संयुक्त O उपग्रह O छवियों O / O लिडार O का O उपयोग O करके O तैयार O किए O गए O बाढ़ O के O नक्शों O का O यदि O जीआईएस O प्लेटफॉर्म O और O कृत्रिम O बुद्धिमता O ( O एआई O ) O पर O डेटासेट O की O लंबी O श्रृंखला O का O उपयोग O करके O विश्लेषण O किया O जाता O है O , O तो O बाढ़ O की O घटनाओं O और O क्षति O पैटर्न O के O पूर्वानुमान O मॉडल O उपलब्ध O कराए O जा O सकते O हैं O । O इससे O मिशन O की O रफ्तार O और O उसके O विस्तार O का O अंदाजा O लगाया O जा O सकता O है O । O जेजेएम O ने O ' O हर O घर O जल O ' O सुनिश्चित O करने O के O लिये O राज्यों O के O बीच O स्वस्थ O प्रतिस्पर्धा O को O जन्म O दिया O है O । O निष्कर्ष O जल O जीवन O मिशन O के O लक्ष्य O को O हासिल O करने O के O मकसद O से O स्थानीय O समुदायों O को O ग्रामीण O जलापूर्ति O प्रणाली O के O लिये O योजना O निर्माण O , O क्रियान्वयन O , O प्रबंधन O , O संचालन O और O रखरखाव O का O प्रशिक्षण O देकर O उनका O सशक्तिकरण O जरूरी O है O । O इस O योजना O में O विभाग O आधारित O और O निर्माण O आधारित O दृष्टिकोण O के O बजाय O सेवा O की O डिलीवरी O का O नजरिया O अपनाया O गया O है O । O इसके O तहत O लक्ष्य O रखा O गया O है O कि O सशक्त O समुदाय O अपने O गांवों O में O जल O आपूर्ति O का O प्रबंधन O खुद O करें O । O उनके O पास O हर O घर O को O निर्धारित O गुणवत्ता O वाले O पानी O की O स्थाई O आधार O पर O नियमित O और O पर्याप्त O मात्रा O में O आपूर्ति O सुनिश्चित O करने O के O लिये O कौशल O होना O चाहिए O । O * O एकीकृत O बाल O विकास O योजनाएं O * O इंदिरा O गांधी O मातृत्व O सहयोग O योजना O * O प्रधानमंत्री O सुरक्षित O मातृत्व O योजना O * O राष्ट्रीय O एड्स O नियंत्रण O कार्यक्रम O * O राष्ट्रीय O वेक्टर O - O जनित O रोग O नियंत्रण O कार्यक्रम O * O शहरी O वेक्टर O - O जनित O रोग O योजना O * O संशोधित O राष्ट्रीय O टीबी O नियंत्रण O कार्यक्रम O * O राष्ट्रीय O वनीकरण O कार्यक्रम O * O राष्ट्रीय O क्लोरोफ्लूरोकार्बन O खपत O रोकने O की O योजना O * O राष्ट्रीय O ग्रामीण O पेयजल O कार्यक्रम O * O स्वच्छ O भारत O अभियान O * O कायाकल्प O और O शहरी O रूपांतरण O के O लिए O अटल O मिशन O ( O अमृत O ) O * O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O * O राष्ट्रीय O ज्ञान O नेटवर्क O * O राष्ट्रीय O ई O - O गवर्नेंस O योजना O * O स्टेट O वाइड O एरिया O नेटवर्क O * O डिजिटल O इंडिया O कार्यक्रम O न्यूनतम O आवश्यकता O सूचकांक O न्यूनतम O आवश्यकता O सूचकांक O तक O पहुंच O में O सुधार O करने O वाली O सर्वेक्षण O रिपोर्टों O से O स्वास्थ्य O संकेतकों O में O सुधार O हुआ O है O और O शिक्षा O संकेतकों O में O भविष्य O में O सुधार O के O साथ O सहसंबंध O स्थापित O हुआ O है O । O ये O वो O लोग O थे O , O जिन्होंने O अपनी O पसंद O या O फिर O जबर्दस्ती O अनमने O मन O से O नवगठित O सीमाओं O को O पार O किया O । O अखिल O भारतीय O स्तर O पर O शरणार्थियों O को O शिक्षा O , O रोज़गार O के O अवसर O और O व्यवसाय O शुरू O करने O के O लिए O आसान O ऋण O जैसी O कई O योजनाएं O उपलब्ध O कराई O गईं O । O इस O पुस्तक O में O आस्था O और O उम्मीदें O बंधाती O अनगिनत O कहानियाँ O हैं O । O हमारा O प्रयास O अतीत O को O फिर O से O देखना O और O परखना O है O क्योंकि O यह O पुस्तक O विभाजन O और O उसके O बाद O की O हृदय O विदारक O घटनाओं O का O विवरण O भी O देती O है O । O लेकिन O इस O कार्य O को O सरकार O ने O किया O । O जिस O तरह O से O फँसे O हुए O शरणार्थियों O को O सुरक्षित O रूप O से O निकाला O गया O और O फिर O उन्हें O अपने O पैरों O पर O खडे O होने O में O मदद O की O गई O , O इन O सबका O इस O पुस्तक O में O दिया O विवरण O उस O दौर O की O घटनाओं O को O मानों O सजीव O कर O देता O है O । O इसे O दोहराने O की O आवश्यकता O नहीं O है O कि O यह O पुस्तक O उन O मूल्यों O को O सहेजती O है O , O इसलिए O इसके O विरासत O वाले O पहलू O को O संरक्षित O करने O के O लिए O हर O संभव O प्रयास O किया O गया O है O । O इसे O बिना O किसी O बदलाव O के O शब्दश: O वैसे O ही O देने O का O प्रयास O किया O गया O है O । O आधुनिक O पाठकों O की O बेहतर O समझ O के O लिए O , O वर्तमान O में O शहरों O या O अन्य O जगहों O के O नए O नाम O , O जब O भी O यह O पहली O बार O पुस्तक O में O प्रयोग O में O आए O हैं O , O वहाँ O कोष्ठक O में O दिए O गए O हैं O । O यहाँ O तक O कि O उस O समय O के O प्रमुख O व्यक्तियों O के O नाम O से O पहले O आने O वाले O नियमित O सम्मान O ( O श्री O , O श्रीमती O या O कुमारी O ) O को O भी O उस O समय O के O रिपोर्ताज O लेखन O के O तरीके O को O दर्शाने O के O लिए O जस O का O तस O बरकरार O रखा O गया O है O । O सामुदायिक O आजीविका O सहयोग O - O देश O में O गरीबी O घटाने O के O उपायों O को O ज्यादा O प्रभावी O बनाने O के O लिये O इनमें O संवहनीय O प्रक्रियाओं O को O अपनाकर O निर्धन O परिवारों O के O आजीविका O विकास O पर O जोर O दिया O गया O है O । O एनआरएलएम O विविधतापूर्ण O कृषि O पारिस्थितिकी O में O विभिन्न O पेशों O से O जुड़े O गरीबों O के O लिये O आवश्यकता O आधारित O हस्तक्षेप O को O बढ़ावा O देता O है O । O राज्य O ने O एनआरएलएम O के O लक्ष्य O को O प्राप्त O करने O में O अपनी O सामाजिक O पूंजी O को O बढ़ाने O की O संभावना O का O समुचित O उपयोग O किया O है O । O कृषि O और O संबंधित O क्षेत्रों O में O मौजूदा O चुनौतियां O राज्य O के O ज्यादातर O किसान O सीमांत O कृषक O हैं O । O वे O अपने O जीवन O निर्वाह O के O लिये O कृषि O से O संबंधित O अनेक O गतिविधियों O पर O निर्भर O करते O हैं O । O उर्वरक O के O इस्तेमाल O में O असंतुलन O , O सघन O खेती O तथा O बीजों O और O पौधों O की O गुणवत्ता O में O कमी O जैसे O कारणों O का O जमीन O की O उर्वरता O और O उत्पादकता O पर O विपरीत O प्रभाव O पड़ा O है O । O इन O वजहों O से O मवेशियों O पर O निर्भरता O बढ़ी O है O । O बड़ी O संख्या O में O जलाशय O अकुशल O प्रबंधन O और O कम O उत्पादन O की O समस्याओं O से O प्रभावित O हैं O । O खेती O की O लागत O बढ़ने O के O साथ O ही O उसमें O श्रम O की O जरूरत O भी O घट O रही O है O । O लिहाजा O , O बड़ी O संख्या O में O ग्रामीण O युवा O खेती O से O राज्य O के O अंदर O या O बाहर O ज्यादा O लाभकारी O गैर O - O कृषि O रोजगारों O की O ओर O पलायन O कर O रहे O हैं O । O राज्य O में O मौजूदा O स्थिति O में O कृषक O परिवारों O की O महिलाओं O को O उत्पादन O प्रणाली O में O प्राथमिकता O मिल O रही O है O । O परिवारों O के O पुरुष O ज्यादा O फायदेमंद O रोजगार O की O तलाश O में O गांव O से O पलायन O कर O चुके O हैं O । O राज्य O में O मानव O शक्ति O और O अप्रयुक्त O प्राकृतिक O संसाधनों O के O लिहाज O से O अपार O संभावनाएं O मौजूद O हैं O । O मौजूदा O समस्याओं O से O निपटने O के O लिये O विस्तार O की O पारंपरिक O प्रणाली O पर O निर्भर O रहना O उचित O नहीं O होगा O । O धनार्जन O के O साथ O ज्ञानार्जन O के O अनुठे O विचार O के O तहत O मुख्यमंत्री O प्रशिक्षुता O ( O एप्रेंटिसशिप O ) O योजना O की O शुरुआत O की O गयी O है O । O कलाकारों O को O मंच O मुहैया O कराने O तथा O कला O और O संस्कृति O के O प्रचार O के O लिये O राज्य O में O पहली O बार O कला O महाकुंभ O शुरू O किया O गया O । O सबसे O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O कि O इस O तरह O की O प्रतिबद्धताओं O के O कारण O समाज O के O कमजोर O तबके O को O पानी O से O संबंधित O बीमारियों O से O बचाने O में O मदद O मिलेगी O और O साथ O ही O पानी O संग्रह O करके O रखने O के O अथाह O परिश्रम O से O भी O मुक्ति O मिलेगी O , O जो O कि O मुख्य O रूप O से O महिलाओं O और O लड़कियों O को O करना O पड़ता O है O । O लड़कियों O के O पास O पढ़ाई O के O लिए O अधिक O समय O बच O सकेगा O और O महिलाओं O के O पास O उनके O बच्चों O की O देखभाल O तथा O अन्य O गतिविधियों O के O लिए O भी O अधिक O समय O मिल O सकेगा O । O हमें O ग्रामीण O आबादी O को O सुरक्षित O और O पर्याप्त O पानी O उपलब्ध O कराने O में O समुदायों O सहित O विभिन्न O हितधारकों O को O शामिल O करने O के O लिए O प्रभावी O रणनीति O विकसित O करने O की O आवश्यकता O है O । O साथ O ही O इसकी O स्थिरता O सुनिश्चित O करना O भी O महत्वपूर्ण O है O । O जिसके O लिए O हम O निम्नलिखित O का O प्रस्ताव O करते O हैं O - O अभिसरण O : O स्वास्थ्य O और O जल O गाँवों O / O प्रखंडों O में O पानी O की O योजनाओं O को O प्राथमिकता O दें O , O जहां O पानी O से O संबंधित O बीमारी O की O घटनाएं O ( O डायरिया O , O मिट्टी O से O संक्रमित O हेल्मिन्थ्स O , O लसीका O फाइलेरिया O , O काला O आजार O आदि O ) O अधिक O हैं O । O यद्यपि O एमएसएमई O सेक्टर O ने O कमोबेश O इसका O स्वागत O किया O है O , O लेकिन O विस्तृत O ब्यौरे O के O बिना O इस O बारे O में O टिप्पणी O करना O कठिन O होगा O । O यदि O ज्यादा O से O ज्यादा O बड़े O कॉरपोरेट्स O ब्रांड O मार्केट O तक O पहुंच O बनाने O में O सक्षम O होते O हैं O तो O एमएसएमई O के O लिए O अधिक O से O अधिक O बैंक O फंड O उपलब्ध O हो O सकेंगे O । O कुल O मिलाकर O , O बजट O की O दिशा O सकारात्मक O प्रतीत O होती O है O । O कृषि O और O बुनियादी O संरचना O के O लिए O व्यापक O परिव्यय O जीडीपी O विकास O दर O बढ़ाने O के O लिए O जरूरी O मांग O को O प्रोत्साहित O करेगा O । O रोजगार O सृजन O के O लिए O एमएसएमई O को O बेहतर O विकल्प O समझा O जा O रहा O है O । O आशा O है O कि O एमएसएमई O क्षेत्र O में O निवेश O बढ़ेंगे O और O इच्छित O सफलता O हासिल O होगी O । O मध्याह्न O भोजन O योजना O हमारे O देश O की O महत्वपूर्ण O योजना O है O जिसके O तहत O स्कूली O बच्चों O को O सभी O कार्य O दिवसों O पर O मुफ्त O भोजन O प्रदान O किया O जाता O है O । O शिक्षा O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सरकारों O ने O स्कूलों O में O भले O ही O कुछ O वर्षो O से O मध्याह्न O भोजन O योजना O की O शुरुआत O की O है O , O लेकिन O इसका O इतिहास O काफी O पुराना O है O । O तब O मदरसा O में O हिंदू O बच्चे O भी O शिक्षा O ग्रहण O करते O थे O । O इतिहासकारों O ने O अपनी O पुस्तकों O में O मदरसा O के O बारे O में O काफी O कुछ O विस्तार O से O लिखा O है O । O छात्रों O को O दोपहर O का O भोजन O और O वस्त्र O भी O दिया O जाता O था O । O यहां O के O छात्र O हाफिज O व O आलिम O की O डिग्री O लेने O के O बाद O इस्लाम O की O रोशनी O फैलाने O बाहर O जाते O हैं O उद्देश्य O , O मध्याह्न O भोजन O योजना O के O उद्देश्य O हैं O - O • O सुविधाहीन O वर्ग O के O गरीब O बच्चों O को O कक्षाओं O में O नियमित O उपस्थित O रहने O तथा O कक्षाओं O की O गतिविधियों O पर O ध्यान O केंद्रित O करने O के O लिए O प्रोत्साहित O करना O । O • O गर्मियों O की O छुट्टियों O के O दौरान O सूखा O प्रभावित O क्षेत्रों O में O प्राथमिक O स्तर O के O बच्चों O को O पोषण O सहायता O उपलब्ध O कराना O । O विश्व O जल O दिवस O के O अवसर O पर O ' O वर्षा O जल O संचयन O अभियान O ' O का O शुभारंभ O - O उन्होंने O कहा O कि O देश O की O वर्तमान O पीढ़ी O की O जिम्मेदारी O आने O वाली O पीढ़ियों O के O लिए O अपनी O जिम्मेदारी O को O निभाना O है O । O उन्होंने O जोर O देकर O कहा O कि O सरकार O ने O अपनी O नीतियों O और O फैसलों O में O जल O प्रशासन O को O प्राथमिकता O दी O है O । O उन्होंने O प्रधानमंत्री O कृषि O सिंचाई O योजना O , O हर O खेत O को O पानी O अभियान O , O प्रति O बूंद O अधिक O फसल O अभियान O और O नमामि O गंगे O मिशन O , O जल O जीवन O मिशन O तथा O अटल O भूजल O योजना O के O बारे O में O बात O की O । O उन्होंने O कहा O कि O इन O सभी O योजनाओं O पर O तेजी O से O काम O किया O जा O रहा O है O । O यह O परियोजना O नदियों O को O आपस O में O जोड़ने O के O लिए O राष्ट्रीय O परिप्रेक्ष्य O योजना O की O पहली O परियोजना O है O । O इस O तरह O यह O सतत O विकास O लक्ष्य O को O हासिल O करने O में O अन्य O विकासशील O देशों O के O लिये O आदर्श O बन O सकता O है O । O इस O मिशन O से O निर्माण O उद्योग O को O बढ़ावा O मिलेगा O , O रोजगार O के O अवसर O पैदा O होंगे O और O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O को O मजबूती O मिलेगी O । O ग्रामीण O घरों O में O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O सुनिश्चित O किये O जाने O से O महिलाओं O को O कम O मेहनत O करनी O पड़ेगी O । O इससे O उन्हें O शिक्षा O हासिल O करने O , O अपने O बच्चों O को O पढ़ाने O , O नया O कौशल O सीखने O और O आजीविका O के O बेहतर O विकल्पों O को O खोजने O के O लिये O समय O मिल O सकेगा O । O सेवा O पहुँचाने O पर O जोर O जेजेएम O का O लक्ष्य O सिर्फ O आधारभूत O संरचना O तैयार O करने O का O नहीं O है O । O इसमें O हर O ग्रामीण O घर O में O पीने O योग्य O पानी O की O आपूर्ति O सुनिश्चित O करने O पर O जोर O दिया O जा O रहा O है O । O इसके O तहत O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O इंजीनियरों O तथा O राजमिस्त्री O , O प्लंबर O , O फिटर O और O पंप O ऑपरेटर O जैसे O काम O करने O वाले O स्थानीय O निवासियों O की O दक्षता O बढ़ाने O के O लिये O बड़े O पैमाने O पर O प्रशिक्षण O कार्यक्रम O चलाये O जा O रहे O हैं O ताकि O हर O घर O तक O सेवा O की O नियमित O आपूर्ति O सुनिश्चित O की O जा O सके O । O जल O जीवन O मिशन O के O लिये O प्राथमिकता O वाले O क्षेत्रों O की O पहचान O की O गयी O है O । O दूषित O जल O के O इस्तेमाल O से O पानी O से O पैदा O होने O वाले O रोग O होते O हैं O । O देश O के O कुछ O हिस्सों O में O भूमिगत O जल O में O आर्सेनिक O , O फ्लोराइड O , O लोहा O , O नाइट्रेट O और O भारी O धातुओं O का O प्रदूषण O तथा O खारापन O पाया O जाता O है O । O जेजेएम O के O तहत O उन O गांवों O को O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O में O तरजीह O दी O गयी O है O जिनमें O अच्छी O गुणवत्ता O वाला O पानी O उपलब्ध O नहीं O है O । O इसके O लिये O प्रणाली O के O निर्माण O में O समय O लगने O की O दशा O में O फौरी O उपाय O के O तौर O पर O सामुदायिक O जल O शोधन O संयंत्र O लगाने O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O विभिन्न O राज्यों O और O संघ O शासित O प्रदेशों O में O आम O जनता O के O लिये O पेयजल O की O गुणवत्ता O की O जाँच O करने O वाली O प्रयोगशालाएं O खोली O गयी O हैं O । O इनमें O मामूली O रकम O देकर O पानी O के O नमूनों O की O जाँच O करायी O जा O सकती O है O । O इससे O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O में O सुधार O लाने O और O पानी O से O होने O वाले O रोगों O को O घटाने O में O मदद O मिलेगी O । O इसका O फायदा O समूची O ग्रामीण O आबादी O तथा O खास O तौर O से O गर्भवती O महिलाओं O और O बच्चों O जैसे O संवेदनशील O समूहों O को O होगा O । O बच्चों O पर O विशेष O ध्यान O दूषित O पानी O से O पैदा O होने O वाली O बीमारियों O की O चपेट O में O ज्यादातर O बच्चे O ही O आते O हैं O । O वे O अपना O काफी O समय O स्कूल O , O आंगनवाड़ी O केन्द्र O या O आश्रमशाला O में O गुजारते O हैं O । O इसलिए O इन O संस्थाओं O में O नल O के O जरिए O पीने O लायक O पानी O की O आपूर्ति O की O व्यवस्था O को O तरजीह O दी O गयी O है O । O पानी O हर O किसी O का O सरोकार O इसके O लिए O स्वास्थ्य O क्षेत्र O के O साथ O काम O करने O की O आवश्यकता O होगी O ताकि O आम O स्वास्थ्य O - O आधारित O लक्ष्यों O की O पहचान O की O जा O सके O और O संयुक्त O रूप O से O सहमत O लक्ष्य O क्षेत्रों O के O लिए O कार्यान्वयन O योजना O विकसित O की O जा O सके O । O इसे O मूलभूत O रूप O से O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O द्वारा O वार्षिक O कार्यक्रम O कार्यान्वयन O योजनाओं O को O विकसित O करने O के O लिए O बाध्य O किया O जा O सकता O है O । O ऐसा O करने O के O लिए O , O निगरानी O क्षमता O को O मजबूत O किया O जाना O चाहिए O । O यह O दृष्टिकोण O पानी O की O मात्रा O और O गुणवत्ता O के O लिए O जोखिम O की O पहचान O करेगा O , O ताकि O जब O वे O सामने O आएं O तो O समस्याओं O को O ठीक O करने O की O पारंपरिक O प्रणाली O के O विपरीत O सुधारात्मक O कार्रवाई O को O सक्षम O किया O जा O सके O । O इसमें O समुदाय O और O स्थानीय O सरकार O की O भागीदारी O महत्वपूर्ण O है O । O इस O दृष्टिकोण O पर O राष्ट्रीय O और O राज्य O / O केन्द्र O शासित O प्रदेशों O के O मास्टर O प्रशिक्षकों O का O विकास O इस O दिशा O में O पहला O कदम O होगा O । O यह O सत्यापन O के O रूप O में O कार्य O करेगा O कि O जल O प्रणालियां O सुरक्षित O पानी O की O आपूर्ति O कर O रही O हैं O । O जल O गुणवत्ता O और O उपलब्धता O पर O प्रमुख O मापदंडों O को O शामिल O करने O के O लिए O वर्तमान O डैशबोर्ड O का O विस्तार O करने O से O जल O जीवन O मिशन O की O समग्र O उपलब्धि O को O समझने O में O मदद O मिलेगी O । O सुरक्षित O पानी O बीमारियों O को O रोकने O और O पोलियो O जैसी O बीमारियों O के O उन्मूलन O की O स्थिति O को O बनाए O रखने O के O लिए O महत्वपूर्ण O है O । O पानी O और O स्वास्थ्य O के O बीच O का O संबंध O स्पष्ट O है O । O हालांकि O , O हम O आम O तौर O पर O अलगाव O में O काम O करते O हैं O । O इसलिए O , O जल O जीवन O मिशन O से O अधिकतम O स्वास्थ्य O लाभ O के O लिए O स्वास्थ्य O के O साथ O जुड़कर O काम O करने O के O तरीके O को O बदलने O की O तत्काल O आवश्यकता O है O । O जल O क्षेत्र O का O लक्ष्य O जल O प्रणालियों O और O नलों O का O निर्माण O करना O होगा O , O लेकिन O यदि O नल O सुरक्षित O पानी O नहीं O देते O और O खास O तौर O पर O तब O पानी O नहीं O देते O जब O जरूरत O हो O तो O योजनाओं O का O संपूर्ण O महत्व O ही O समाप्त O हो O जाएगा O । O अतः O पेयजल O की O सुरक्षा O , O उपलब्धता O और O स्थिरता O सुनिश्चित O करने O के O लिए O समुदाय O और O स्थानीय O सरकार O की O भागीदारी O के O साथ O पानी O के O लिए O स्वास्थ्य O आधारित O लक्ष्य O रखने O और O सक्रिय O और O निवारक O दृष्टिकोण O की O आवश्यकता O है O । O बैंकिंग O सिस्टम O में O बड़े O बैंकों O का O दबदबा O होता O है O और O इसमें O कुछ O नए O खिलाड़ी O भी O हैं O । O भविष्य O की O बात O देश O को O आने O वाले O वक्त O में O मजबूत O और O पर्याप्त O पूंजी O से O लैस O बैंकिंग O सिस्टम O बनाना O चाहिए O । O कर्ज O मुहैया O कराने O और O संसाधनों O के O बेहतर O आवंटन O के O लिए O इसकी O क्षमता O भी O बढ़नी O चाहिए O । O बैंकिंग O सिस्टम O को O मजबूत O बनाने O के O लिए O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O कई O अन्य O उपाय O भी O करने O होंगे O । O मसलन O कॉरपोरेट O गवर्नेंस O में O सुधार O , O बिजनेस O से O जुड़ी O बाधाओं O को O कम O करना O , O वित्तीय O देखरेख O के O काम O में O सुधार O , O बेहतर O कॉरपोरेट O डेट O मार्केट O विकसित O करना O और O कर्ज O की O रिकवरी O का O असरदार O सिस्टम O । O पहला O बैंकों O को O खास O तौर O पर O सरकारी O इकाइयों O के O कामकाज O में O सुधार O और O इन्हें O मजबूत O बनाना O । O ये O सुधार O पुनर्पूंजीकरण O की O तरह O भी O अहम O हैं O और O इन O पर O भी O साथ O - O साथ O काम O करने O की O जरूरत O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O अनुभव O बताते O हैं O कि O एनपीए O की O समस्या O से O निपटने O के O लिए O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O वाले O कदम O काफी O कारगर O रहे O हैं O । O इसके O तहत O वित्तीय O नियमन O और O निगरानी O को O मजबूत O किया O गया O , O कॉरपोरेट O गवर्नेंस O को O बेहतर O बनाया O गया O और O पारदर्शिता O बढ़ाई O गई O । O कुछ O हद O तक O सरकार O पहले O ही O बैंकों O के O कामकाज O को O बेहतर O बनाने O की O जरूरत O को O स्वीकार O कर O चुकी O है O । O इंद्रधनुष O योजना O ने O बैंक O अधिकारियों O से O जुड़े O रोजगार O पर O नजर O रखने O के O लिए O स्वतंत्र O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O बनाने O का O सुझाव O दिया O था O । O अगर O वाकई O में O स्वतंत्र O ब्यूरो O का O गठन O किया O जाता O है O , O तो O इसका O सरकारी O बैंकों O के O कामकाज O पर O गहरा O असर O होगा O । O ज्यादा O जवाबदेही O बैंकों O की O कर्ज O देने O के O सिस्टम O में O बेहतरी O सुनिश्चित O कर O सकती O है O । O हमें O यह O पक्का O करने O की O जरूरत O है O कि O इस O पर O अमल O समयबद्ध O तरीके O से O हो O । O सुधार O का O दूसरा O क्षेत्र O कॉरपोरेट O बॉन्ड O मार्केट O विकसित O करना O है O । O बॉन्ड O मार्केट O को O वित्त O के O अहम O साधन O के O तौर O पर O बैंकों O के O पूरक O बनने O की O जरूरत O है O । O लिक्विड O और O डीप O बॉन्ड O मार्केट O फर्मों O को O सस्ते O में O कर्ज O जुटाने O में O मदद O करेंगे O । O आदर्श O स्थिति O के O तहत O आने O वाले O समय O में O कॉरपोरेट O कर्ज O के O साधन O के O तौर O पर O बॉन्ड O मार्केट O की O हिस्सेदारी O बढ़ेगी O और O उचधारी O में O बैंकों O की O हिस्सेदारी O घटेगी O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O का O तीसरा O क्षेत्र O बैंकिंग O क्षेत्र O को O लगातार O प्रतिस्पर्धी O बनाए O रखना O है O । O बैंकों O के O लिए O ' O ऑन O - O टैप O ' O ( O हमेशा O या O कभी O भी O ) O लाइसेंस O की O नई O पॉलिसी O इस O दिशा O में O सकारात्मक O कदम O है O । O हालांकि O , O बैंकिंग O सेक्टर O में O प्रवेश O से O जुड़ी O बाधाओं O को O कम O करने O के O लिए O शर्तों O में O और O ढील O दी O जा O सकती O है O । O सब्सिडियरी O ढांचे O की O वकालत O करना O न O केवल O बैंकिंग O सेक्टर O में O घुसने O के O लिए O प्रोत्साहित O करेगा O , O बल्कि O इससे O वैश्विक O झटकों O का O खतरा O भी O सीमित O करने O में O मदद O मिलेगी O । O लंबे O वक्त O में O प्रतिस्पर्धा O बढ़ने O से O बैंकिंग O सेक्टर O की O क्षमता O और O मुनाफे O में O बेहतरी O आएगी O । O भविष्य O में O होने O वाले O सुधार O के O जरिये O इन O क्षेत्रों O में O और O बेहतरी O आनी O चाहिए O और O पिछली O गलतियों O से O भी O सीखने O की O जरूरत O है O । O प्रश्न O : O अपने O बचपन O के O बारे O में O बताएं O । O शिक्षा O को O लेकर O आप O क्या O सोचते O थे O और O परिवार O का O कैसा O सहयोग O रहा O ? O मेरा O भाई O पढ़ाई O - O लिखाई O में O काफी O तेज O था O , O दसवीं O और O बारहवीं O की O परीक्षाओं O में O अव्वल O रहा O था O । O वह O सचमुच O होनहार O था O , O परंतु O मेरा O रुझान O हमेशा O कम्प्यूटर O की O ओर O था O , O बचपन O से O ही O । O मैं O शिक्षा O प्राप्ति O के O पारंपरिक O तरीके O से O नहीं O जुड़ा O था O , O कक्षा O में O बैठना O और O बोरिंग O लैक्चर्स O सुनना O । O प्रश्न O : O मूल्य O शिक्षा O प्रदान O करने O में O क्या O आपको O उस O समय O और O आज O के O बीच O अंतर O महसूस O होता O था O ? O वह O हमारे O स्कूल O के O सालाना O समारोह O में O मुख्य O अतिथि O के O तौर O पर O निमंत्रित O थे O । O उस O समय O मैंने O अंडाकार O कम्प्यूटर O स्क्रीन O डिजाइन O की O थी O । O उन्होंने O वह O देखी O और O बहुत O तारीफ O की O । O वह O मेरे O लिए O प्रेरणा O का O समय O था O । O उस O समय O मैंने O कम्प्यूटर O क्षेत्र O में O समाज O के O लिए O काम O करने O का O फैसला O किया O था O । O वे O मेरे O भाई O को O देखते O थे O कि O वह O अच्छा O विद्यार्थी O है O , O होनहार O है O , O परंतु O मैं O औसत O छात्र O हूं O । O इसलिए O वे O मेरे O लिए O चिंतित O रहते O थे O । O मैंने O पांचवीं O कक्षा O से O कम्प्यूटर O साइंस O का O चुनाव O किया O , O हालांकि O , O वह O ऐच्छिक O विषय O था O और O हमें O उसके O लिए O अतिरिक्त O फीस O देनी O पड़ती O थी O , O लेकिन O मैं O अपने O अभिभावकों O को O लगातार O कहता O कि O मुझे O कम्प्यूटर O सीखना O है O , O हालांकि O , O उस O समय O वह O बहुत O नया O विषय O था O । O प्रश्न O : O क्या O आपको O लगता O है O कि O ऐसी O धारणा O बन O चुकी O है O कि O सरकारी O नौकरी O प्राप्त O करने O के O बाद O काम O समाप्त O हो O जाता O है O । O परंतु O ऐसा O उन O लोगों O के O लिए O नहीं O है O जो O सचमुच O समाज O के O लिए O कुछ O करना O चाहते O हैं O । O और O आपके O मामले O में O साफ O दिखता O है O कि O सफर O वहां O से O आरंभ O होता O है O । O सरकारी O नौकरी O के O बाद O वेतन O आदि O की O सुनिश्चितता O होने O के O बाद O ऐसा O लगता O है O कि O अब O सब O ठीक O है O । O वे O छात्र O जो O देश O का O भविष्य O होते O हैं O और O अपने O आप O में O बहुत O नई O सोच O रखने O वाले O और O ऊर्जा O से O भरपूर O होते O हैं O । O इसलिए O आपको O भी O उनके O साथ O पूरी O ऊर्जा O से O ही O जुड़ना O पड़ता O है O । O निस्संदेह O , O हम O द्विपक्षीय O दौरों O और O बहुपक्षीय O मंचों O के O अवसर O पर O एक O - O दूसरे O से O मिलते O रहे O हैं O । O हमारे O द्विपक्षीय O संबंध O कई O क्षेत्रों O में O बढ़ते O रहे O हैं O और O हमने O अपने O एजेंडे O का O विस्तार O करके O अपने O सहयोग O में O विविधता O लाई O है O । O आज O की O हमारी O बैठक O में O , O हमें O समसामयिक O मुद्दों O और O चिंताओं O पर O कुछ O विस्तार O से O चर्चा O करने O का O अवसर O मिलेगा O । O मुझे O हमारी O चर्चाओं O की O प्रतीक्षा O है O । O और O मैं O आपसे O अनुरोध O करूंगा O कि O आप O अपनी O मीडिया O टिप्पणी O दें O । O इससे O परिवहन O , O आवास O , O प्रशिक्षण O , O मतदान O और O मतदान O में O काम O आने O वाली O सामग्री O के O रखरखाव O आदि O के O खर्च O में O बचत O की O जा O सकती O है O । O मतदाताओं O की O संख्या O में O वृद्धि O से O यह O संख्या O और O बढ़ O सकती O है O । O निर्वाचन O आयोग O की O यह O नीति O रही O है O कि O वह O मतदान O केन्द्रों O में O मशीनों O में O किसी O भी O गड़बड़ी O की O आशंका O को O ध्यान O में O रखते O हुए O कुछ O अतिरिक्त O यूनिट्स O भी O रखता O है O । O चुनाव O में O इन O मशीनों O का O इस्तेमाल O करने O पर O भंडारण O और O सुरक्षा O पर O होने O वाले O आवर्ती O खर्च O पर O भी O काफी O बड़ी O राशि O खर्च O करनी O होगी O । O इस O तरह O ईवीएम O मशीनों O से O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O एकसाथ O कराने O पर O चुनाव O खर्च O में O कोई O बड़ी O कमी O आने O की O संभावना O नहीं O है O । O बहरहाल O , O राजनीतिक O दलों O के O लिए O लोकसभा O और O विधानसभा O चुनाव O साथ O - O साथ O कराने O से O चुनाव O प्रचार O के O खर्च O में O काफी O बचत O हो O सकती O है O । O राजनीतिक O पार्टियां O व्यापक O चुनाव O प्रचार O करती O हैं O , O खास O तौर O पर O आम O चुनावों O में O । O मतदाताओं O से O संपर्क O साधने O के O लिए O वे O कई O तरीकों O , O जैसे O जन O सभाओं O , O रैली O , O रोड O शो O , O छोटी O नुक्कड़ O सभाओं O आदि O का O उपयोग O किया O जाता O है O । O इसके O अलावा O प्रिंट O मीडिया O , O इलेक्ट्रॉनिक O मीडिया O और O अन्य O मंचों O में O विज्ञापन O दिये O जाते O हैं O , O मतदाताओं O से O व्यक्तिगत O संपर्क O साधा O जाता O है O और O कई O अन्य O उपाय O भी O किये O जाते O हैं O । O शीर्ष O नेताओं O की O रैलियां O आयोजित O करने O और O जनसंचार O माध्यमों O में O दिये O जाने O वाले O विज्ञापनों O पर O भारी O लागत O आती O है O । O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O साथ O कराने O से O राजनीतिक O पार्टियों O का O चुनाव O प्रचार O का O खर्च O काफी O कम O किया O जा O सकता O है O । O उन्होंने O खिलाड़ियों O और O टीमों O को O अपने O प्रशिक्षण O पर O पूरा O ध्यान O देने O एवं O अपना O सर्वश्रेष्ठ O प्रदर्शन O करने O और O इस O प्रकार O आने O वाली O प्रतिस्पर्धाओं O में O अधिक O से O अधिक O पदक O जीतकर O देश O को O गौरवान्वित O करने O की O सलाह O भी O दी O । O योग्य O एवं O उच्च O गुणवत्ता O वाले O सहयोगी O कर्मचारियों O को O आकर्षित O करने O के O लिए O , O उनके O पारिश्रमिक O में O उल्लेखनीय O वृद्धि O की O गई O है O । O खिलाड़ियों O को O मिलने O वाले O पुरस्कार O और O धन O राशि O : O ध्यानचंद O खेल O रत्न O : O मेजर O ध्यानचंद O खेल O रत्न O को O हॉकी O के O जादूगर O ध्यानचंद O की O याद O के O तौर O पर O दिया O जाता O है O । O मेजर O ध्यानचंद O खेल O रत्न O के O बाद O यह O सबसे O बड़ा O पुरस्कार O है O । O द्रोणाचार्य O पुरस्कार O प्रशिक्षकों O यानी O ट्रेनर्स O को O उनकी O ट्रेनिंग O के O लिए O दिया O जाता O है O । O जिनकी O ट्रेनिंग O के O जरिए O खिलाड़ी O अपने O नाम O कई O मेडल O जीतकर O लाते O हैं O । O खेल O हमारे O राष्ट्र O के O समग्र O विकास O के O लिए O काफी O महत्वपूर्ण O है O । O इस O जबरदस्त O क्षमता O को O वैश्विक O मंच O पर O प्रदर्शित O करने O की O जरूरत O है O । O यह O समय O है O कि O हम O युवा O प्रतिभाओं O को O प्रेरित O करें O , O उन्हें O शीर्ष O स्तर O का O बुनियादी O ढांचा O और O उच्चतम O स्तर O का O प्रशिक्षण O दें O । O इसमें O अपवाद O भी O थे O , O लेकिन O मुख्य O रूप O से O जोर O इसी O पर O था O । O उसके O बाद O वह O दौर O आया O , O जिसमें O भारतीय O साहित्य O का O कुछ O नए O रूप O में O उदय O हुआ O । O वास्तव O में O , O इस O अवधि O में O कहानियों O तथा O उपन्यासों O से O प्रेरित O कई O लोगों O और O भारतीय O सिनेमा O का O उद्भव O भी O हुआ O । O समकालीन O परिदृश्य O में O , O कई O नई O शैलियां O और O उप O - O शैलियां O - O काल्पनिक O , O विज्ञान O कथा O , O फ्लैश O कथा O , O नए O अवतार O में O पौराणिक O कथाएं O , O इंस्टाग्राम O कविता O आदि O अस्तित्व O में O आई O हैं O । O तेजी O से O आगे O बढ़ती O तकनीक O और O डिजिटल O दुनिया O ने O लेखक O और O पाठक O के O बीच O की O खाई O को O कम O किया O है O । O वास्तव O में O , O इसने O कई O युवाओं O को O गंभीरता O से O साहित्य O के O प्रति O प्रोत्साहित O किया O है O । O स्व O - O प्रकाशन O और O डिजिटल O प्लेटफार्मों O ने O भी O इसमें O मदद O की O है O । O नई O उप O - O शैलियों O की O गुणवत्ता O पर O चिंता O व्यक्त O करने O वाले O स्वर O भी O सुनाई O देते O हैं O , O लेकिन O लेखक O को O लगता O है O कि O यह O आने O वाले O वर्षों O में O ऐसा O नहीं O होगा O और O यह O चिंता O का O विषय O भी O नहीं O है O । O भारतीय O साहित्य O ने O हमेशा O रास्ते O में O आने O वाली O छोटी O - O मोटी O रुकावटों O के O बावजूद O स्वयं O को O फिर O से O मजबूत O करने O के O नए O तरीके O खोजे O हैं O । O लेखक O को O विश्वास O है O , O भारतीय O साहित्य O आने O वाले O दशकों O तथा O शताब्दियों O में O और O अधिक O चमकेगा O । O बाल O साहित्य O का O उभरना O सभी O को O प्रसन्न O होने O के O लिए O बाध्य O करता O है O । O हालांकि O , O कविता O प्रकाशन O कम O हो O रहा O है O , O अधिक O से O अधिक O प्रकाशक O बाल O साहित्य O की O ओर O आकर्षित O हो O रहे O हैं O । O भारतीय O साहित्य O की O हमेशा O से O अपनी O अनूठी O शैली O रही O है O । O उपन्यास O हों O या O कहानियां O या O कविताएं O या O नाटक O , O भारतीय O साहित्य O सब O में O बहुत O मजबूत O हो O रहा O है O । O उम्मीद O की O तुलना O में O प्रक्रिया O धीमी O हो O सकती O है O , O लेकिन O यह O निरंतर O नई O ऊँचाइयों O को O छूता O रहेगा O , O क्योंकि O कहा O जाता O है O कि O दौड़ O वही O जीतता O है O जो O भले O ही O धीरे O चले O लेकिन O निरंतर O आगे O बढ़ता O रहे O । O प्रतिनिधिमंडल O ने O तर्क O दिया O कि O ‘ O उनकी O साम्राज्य O की O सेवा O ’ O के O लिए O उन्हें O पृथक O सामुदायिक O प्रतिनिधित्व O दिया O जाये O । O मुस्लिम O लीग O ने O मुसलमानों O को O साम्राज्य O के O प्रति O निष्ठा O प्रकट O करने O की O शिक्षा O दी O तथा O मुस्लिम O बुद्धिजीवियों O को O कांग्रेस O से O पृथक O रखने O का O प्रयास O किया O । O इसके O अतिरिक्त O कांग्रेस O द्वारा O प्रतिवर्ष O सुधारों O की O मांग O करने O , O नरम O दल O को O संतुष्ट O करने O , O अतिवादियों O के O प्रभाव O को O कम O करने O तथा O क्रांतिकारी O राष्ट्रवाद O को O रोकने O के O लिये O भी O सुधार O किया O जाना O आवश्यक O हो O गया O था O । O इस O अधिनियम O के O अनुसार O , O केंद्रीय O एवं O प्रांतीय O विधान O परिषदों O में O निर्वाचित O सदस्यों O की O संख्या O में O वृद्धि O कर O दी O गयी O । O प्रांतीय O विधान O परिषदों O में O गैर O - O सरकारी O बहुमत O स्थापित O किया O गया O । O किंतु O गैर O - O सरकारी O सदस्यों O में O नामांकित O एवं O बिना O चुने O सदस्यों O की O संख्या O अधिक O थी O , O जिसके O कारण O निर्वाचित O सदस्यों O की O तुलना O में O अभी O भी O उनकी O संख्या O अधिक O बनी O रही O । O निर्वाचित O सदस्य O अप्रत्यक्ष O रूप O से O चुने O जाते O थे O । O स्थानीय O निकायों O से O निर्वाचन O परिषद O का O गठन O होता O था O । O ये O प्रांतीय O विधान O परिषदों O के O सदस्यों O का O निर्वाचन O करती O \ O करते O थे O । O प्रांतीय O विधान O परिषदों O के O सदस्य O केन्द्रीय O व्यवस्थापिका O के O सदस्यों O का O निर्वाचन O करते O थे O । O इस O अधिनियम O द्वारा O मुसलमानों O के O लिये O पृथक O सामुदायिक O प्रतिनिधित्व O प्रणाली O लागू O की O गयी O । O साथ O ही O मुसलमानों O को O प्रतिनिधित्व O के O मामले O में O विशेष O रियायत O दी O गयी O । O मुस्लिम O मतदाताओं O के O लिये O आय O की O योग्यता O को O भी O हिन्दुओं O की O तुलना O में O कम O रखा O गया O । O व्यवस्थापिका O सभाओं O के O अधिकारों O में O वृद्धि O की O गयी O । O सदस्यों O को O आर्थिक O प्रस्तावों O पर O बहस O करने O , O उनके O विषयों O में O संशोधन O प्रस्ताव O रखने O , O उनको O कुछ O विषयों O पर O मतदान O करने O , O प्रश्न O पूछने O , O साधारण O प्रश्नों O पर O मतदान O करने O , O साधारण O प्रश्नों O पर O बहस O करने O तथा O सार्वजनिक O हित O के O प्रस्तावों O को O प्रस्तुत O करने O का O अधिकार O दिया O गया O । O व्यवस्थापिकाओं O को O इतने O अधिकार O देने O के O पश्चात O भी O गवर्नर O जनरल O तथा O गवर्नरों O को O व्यवस्थापिकाओं O में O प्रस्तावों O को O ठुकराने O का O अधिकार O था O । O कांग्रेस O द्वारा O प्रतिवर्ष O स्वशासन O की O मांग O करने O के O पश्चात O भी O मार्ले O ने O स्पष्ट O तौर O पर O उसे O ठुकरा O दिया O । O सरकार O इन O सुधारों O द्वारा O नरमपंथियों O एवं O मुसलमानों O को O लालच O देकर O राष्ट्रवाद O के O उफान O को O रोकना O चाहती O थी O । O सरकार O एवं O मुस्लिम O नेताओं O ने O जब O भी O द्विपक्षीय O वार्ता O की O , O उसका O मुख्य O विषय O पृथक O निर्वाचन O प्रणाली O ही O रहा O किंतु O वास्तव O में O इस O व्यवस्था O से O मुसलमानों O का O छोटा O वर्ग O ही O लाभान्वित O हो O सका O । O सुधारों O को O कार्यान्वित O करते O हुये O बहुत O - O सी O गड़बड़ियां O उत्पन्न O हो O गयीं O । O संसदीय O प्रणाली O तो O दे O दी O गयी O परंतु O उत्तरदायित्व O नहीं O दिया O गया O , O जिससे O भारतीय O नेताओं O ने O विधान O मण्डलों O को O सरकार O की O कटु O आलोचना O करने O का O मंच O बना O लिया O । O इससे O प्रभाव O तो O मिला O पर O शक्ति O नहीं O । O शासन O का O उत्तरदायित्व O अन्य O वर्ग O को O और O शक्ति O अन्य O वर्ग O को O सौंप O दी O । O ऐसी O स्थिति O पैदा O हो O गयी O कि O विधानमण्डल O तथा O कार्यकारिणी O के O बीच O कड़वाहट O बढ़ O गयी O तथा O भारतीयों O और O सरकार O के O सम्बंध O और O बदतर O हो O गये O । O भारतीयों O ने O स्वशासन O की O मांग O की O तथा O उन्हें O ‘ O हितवादी O निरंकुशता O ’ O सौंप O दी O गयी O । O हाँ O । O इस O प्रकिया O में O जाँच O के O बाद O पहली O दवा O ( O मिफी O ) O खाने O के O लिए O दी O जाती O है O । O दूसरी O गोली O खाई O जा O सकती O है O अथवा O योनि O में O रखी O जा O सकती O है O । O परन्तु O किसी O प्रसूति O विशेषज्ञ O या O अनुभवी O डॉक्टर O के O निर्देश O पर O ही O इन्हें O खरीदा O जा O सकता O है O । O पहली O दवा O गर्भ O के O अंदर O के O भ्रूण O को O हटाने O का O काम O करती O है O जबकि O दूसरी O दवा O से O गर्भाशय O का O मुँह O खुलता O है O तथा O भ्रूण O निकलने O में O सहायता O करती O है O । O यदि O कोई O महिला O दवा O से O गर्भपात O कराना O चाहती O हो O तो O उसे O तथा O उसके O साथी O को O इसकी O पूरी O प्रक्रिया O पर O परामर्श O दिया O जाना O चाहिए O । O उन्हें O निम्नलिखित O बिंदुओं O पर O जानकारी O अवश्य O दें O :- O यदि O बच्चा O बढता O रहा O तो O उसमें O जन्मजात O विकृति O की O पूरी O संभावना O रहती O है O । O यदि O महिला O उपर्युक्त O बातों O को O समझ O न O पा O रही O हो O या O इमरजेन्सी O में O शल्य O विधि O के O लिए O तैयार O न O हो O तो O दवा O न O दें O । O बैंकिंग O सिस्टम O में O बड़े O बैंकों O का O दबदबा O होता O है O और O इसमें O कुछ O नए O खिलाड़ी O भी O हैं O । O भविष्य O की O बात O देश O को O आने O वाले O वक्त O में O मजबूत O और O पर्याप्त O पूंजी O से O लैस O बैंकिंग O सिस्टम O बनाना O चाहिए O । O कर्ज O मुहैया O कराने O और O संसाधनों O के O बेहतर O आवंटन O के O लिए O इसकी O क्षमता O भी O बढ़नी O चाहिए O । O बैंकिंग O सिस्टम O को O मजबूत O बनाने O के O लिए O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O कई O अन्य O उपाय O भी O करने O होंगे O । O मसलन O कॉरपोरेट O गवर्नेंस O में O सुधार O , O बिजनेस O से O जुड़ी O बाधाओं O को O कम O करना O , O वित्तीय O देखरेख O के O काम O में O सुधार O , O बेहतर O कॉरपोरेट O डेट O मार्केट O विकसित O करना O और O कर्ज O की O रिकवरी O का O असरदार O सिस्टम O । O पहला O बैंकों O को O खास O तौर O पर O सरकारी O इकाइयों O के O कामकाज O में O सुधार O और O इन्हें O मजबूत O बनाना O । O ये O सुधार O पुनर्पूंजीकरण O की O तरह O भी O अहम O हैं O और O इन O पर O भी O साथ O - O साथ O काम O करने O की O जरूरत O है O । O वैश्विक O स्तर O पर O अनुभव O बताते O हैं O कि O एनपीए O की O समस्या O से O निपटने O के O लिए O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O वाले O कदम O काफी O कारगर O रहे O हैं O । O इसके O तहत O वित्तीय O नियमन O और O निगरानी O को O मजबूत O किया O गया O , O कॉरपोरेट O गवर्नेंस O को O बेहतर O बनाया O गया O और O पारदर्शिता O बढ़ाई O गई O । O कुछ O हद O तक O सरकार O पहले O ही O बैंकों O के O कामकाज O को O बेहतर O बनाने O की O जरूरत O को O स्वीकार O कर O चुकी O है O । O इंद्रधनुष O योजना O ने O बैंक O अधिकारियों O से O जुड़े O रोजगार O पर O नजर O रखने O के O लिए O स्वतंत्र O बैंक O बोर्ड O ब्यूरो O बनाने O का O सुझाव O दिया O था O । O अगर O वाकई O में O स्वतंत्र O ब्यूरो O का O गठन O किया O जाता O है O , O तो O इसका O सरकारी O बैंकों O के O कामकाज O पर O गहरा O असर O होगा O । O ज्यादा O जवाबदेही O बैंकों O की O कर्ज O देने O के O सिस्टम O में O बेहतरी O सुनिश्चित O कर O सकती O है O । O हमें O यह O पक्का O करने O की O जरूरत O है O कि O इस O पर O अमल O समयबद्ध O तरीके O से O हो O । O सुधार O का O दूसरा O क्षेत्र O कॉरपोरेट O बॉन्ड O मार्केट O विकसित O करना O है O । O बॉन्ड O मार्केट O को O वित्त O के O अहम O साधन O के O तौर O पर O बैंकों O के O पूरक O बनने O की O जरूरत O है O । O लिक्विड O और O डीप O बॉन्ड O मार्केट O फर्मों O को O सस्ते O में O कर्ज O जुटाने O में O मदद O करेंगे O । O आदर्श O स्थिति O के O तहत O आने O वाले O समय O में O कॉरपोरेट O कर्ज O के O साधन O के O तौर O पर O बॉन्ड O मार्केट O की O हिस्सेदारी O बढ़ेगी O और O उचधारी O में O बैंकों O की O हिस्सेदारी O घटेगी O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O का O तीसरा O क्षेत्र O बैंकिंग O क्षेत्र O को O लगातार O प्रतिस्पर्धी O बनाए O रखना O है O । O बैंकों O के O लिए O ' O ऑन O - O टैप O ' O ( O हमेशा O या O कभी O भी O ) O लाइसेंस O की O नई O पॉलिसी O इस O दिशा O में O सकारात्मक O कदम O है O । O हालांकि O , O बैंकिंग O सेक्टर O में O प्रवेश O से O जुड़ी O बाधाओं O को O कम O करने O के O लिए O शर्तों O में O और O ढील O दी O जा O सकती O है O । O सब्सिडियरी O ढांचे O की O वकालत O करना O न O केवल O बैंकिंग O सेक्टर O में O घुसने O के O लिए O प्रोत्साहित O करेगा O , O बल्कि O इससे O वैश्विक O झटकों O का O खतरा O भी O सीमित O करने O में O मदद O मिलेगी O । O लंबे O वक्त O में O प्रतिस्पर्धा O बढ़ने O से O बैंकिंग O सेक्टर O की O क्षमता O और O मुनाफे O में O बेहतरी O आएगी O । O भविष्य O में O होने O वाले O सुधार O के O जरिये O इन O क्षेत्रों O में O और O बेहतरी O आनी O चाहिए O और O पिछली O गलतियों O से O भी O सीखने O की O जरूरत O है O । O इसने O संयुक्त O राष्ट्र O के O फेडरल O कम्युनिकेशन O कमीशन O ( O एफसीसी O ) O को O रेडियो O स्पेक्ट्रम O लाइसेंस O की O नीलामी O आबंटन O के O लिए O निर्णय O लेने O की O भूमिका O में O मदद O की O । O आधुनिक O शैली O की O नीलामी O का O विस्तार O निजी O मॉडल O और O एक्स O - O आंते O असिमेट्रिज O ( O भविष्य O की O विषमता O ) O में O हो O गया O है O । O विक्रे O ने O यह O भी O पाया O कि O फर्स्ट O - O प्राइस O नीलामी O , O असंयमित O बोली O लगाने O वालों O के O लिए O अप्रभावी O रही O है O , O सेकेंड O प्राइस O और O इंग्लिश O नीलामी O के O विरोध O में O , O जो O कि O हमेशा O से O प्रभावशाली O रही O हैं O । O यह O राजस्व O उत्पत्ति O के O मुद्दों O के O कारण O होता O है O । O यह O अपवादात्मक O रूप O से O बड़े O मूल्यों O में O शामिल O होता O है O , O और O सरकारें O बढ़ते O राजस्व O और O स्पेक्ट्रम O के O दक्षतापूर्ण O आबंटन O के O बीच O में O चुनौतिपूर्ण O दुविधा O ( O ट्रेड O ऑफ O ) O का O सामना O करती O हैं O । O इस O साल O के O नोबेल O पुरस्कार O विजेता O ने O संबद्ध O वस्तुओं O के O व्यापार O में O बाधा O उत्पन्न O करने O वाले O विषयों O को O उल्लेखनीय O ढंग O से O संबोधित O किया O है O । O स्पेक्ट्रम O नीलामी O में O बोली O लगाने O वाले O आमतौर O पर O समपूरक O लाइसेंस O के O संयोजन O को O प्रमुखता O देते O हैं O जो O कि O पूरक O उत्पादों O से O ज्यादा O जटिल O है O । O उदाहरण O के O लिए O फोन O - O सेवा O प्रदाता O प्रायः O बड़े O क्षेत्र O को O समाविष्ट O करना O चाहते O हैं O और O इसलिए O वे O निकट O के O भौगोलिक O क्षेत्रों O के O लाइसेंस O के O लिए O वरीयता O देते O हैं O । O कार्यक्षमता O केंद्रित O होने O के O कारण O संभावित O समाधान O यह O है O कि O विक्रे O - O क्लार्क O - O ग्रोव्स O ( O वीसीजी O ) O नीलामी O का O प्रयोग O किया O जाए O । O इसे O निजी O मूल्यों O की O रूपरेखा O में O लागू O किया O जाता O है O और O सेकेंड O प्राइस O नीलामी O का O सामान्यीकरण O किया O जाता O है O । O बहु O - O वस्तु O नीलामी O की O शुरुआती O डिजाइन O में O बृहत O रूप O से O इन O समस्याओं O को O पृथक O रखा O गया O है O । O ये O हैं O - O एसएमआरए O , O जिनका O विवरण O साइमलटेनियस O असेंडिंग O नीलामी O ( O एसएए O ) O के O रूप O में O किया O गया O है O , O कॉम्बीनेटोरियल O क्लॉक O नीलामी O ( O सीएए O ) O और O इंसेंटिव O नीलामी O । O स्पेक्ट्रम O बिक्री O के O लिए O एसएमआरए O नीलामी O डिजाइन O का O प्रयोग O विश्व O भर O में O किया O जाता O है O । O पहला O , O बेहतरीन O लाभकारी O आपूर्तिकर्ताओं O ने O लागत O को O कम O किया O । O दूसरा O इसने O धन O को O सख्त O कर O ( O टैक्स O ) O निर्धारण O की O जगह O बाजार O से O उत्पन्न O किया O । O सूर्य O के O “ O निष्क्रिय O ' O होने O की O स्थिति O में O भी O ये O प्रक्रियाएं O होती O रहती O हैं O । O लेकिन O सौर O ' O तूफान O ' O की O स्थिति O में O ये O चरम O पर O पहुंच O जाती O हैं O । O आयनमंडल O और O चुंबकीय O मंडल O परस्पर O सम्बद्ध O प्रणालियां O हैं O जो O सूर्य O तरंगों O से O ऊर्जा O और O संवेग O को O ऊपरी O वायुमंडल O तक O पहुंचाती O हैं O । O इन O अति O - O सुचालक O प्लाज्मा O वाले O क्षेत्रों O से O विभिन्न O धारा O - O युग्म O प्रवाहित O होते O रहते O हैं O । O चुंबकीय O स्पंदनों O सहित O , O सेकेंडों O से O लेकर O दिनों O के O अंतराल O में O पैदा O होने O वाली O इन O तरंगों O की O वजह O से O ही O भू O - O चुंबकीय O क्षेत्र O में O जमीनी O परिवर्तन O होते O हैं O । O आयनमंडल O और O चुंबकीयमंडल O के O अध्ययन O से O इन O मंडलों O और O सौर O हवाओं O में O ऊर्जा O और O संवेग O के O प्रवाह O का O आकलन O किया O जाता O है O । O ऐसे O अध्ययनों O से O मेग्नेटोपौज O की O स्थिति O में O पुनः O चुंबकीय O संपर्क O , O सौर O हवाओं O के O दबाव O में O परिवर्तनों O के O चुंबकीयमंडल O की O प्रतिक्रिया O , O और O विस्कस O - O लाइक O इंटरएक्शंस O की O प्रक्रिया O समझने O में O मदद O मिलती O है O । O पृथ्वी O तथा O अन्य O ग्रहीय O चुंबकीय O मंडलों O में O मिलने O वाले O प्लाज्मा O अपनी O तापगतिकीय O संतुलन O की O स्थिति O में O नहीं O होते O , O इसलिए O उनमें O कुछ O मात्रा O में O मुक्त O ऊर्जा O होती O है O । O ये O मुक्त O ऊर्जा O स्रोत O विभिन्न O भू O - O चुंबकीय O सीमावर्ती O परतों O ( O बाउड्री O लेयर्स O ) O में O , O जैसे O मेग्नेटोपौज O बाउंड्री O लेयर O , O प्लाज्मा O - O शीट O बाउंड्रीलेयर O , O पोलरकैप O बाउंड्री O लेयर O आदि O में O , O अनेक O प्रकार O के O प्लाज्मामोड O पैदा O कर O देते O हैं O । O चुंबकीय O खनिजों O से O पृथ्वी O पर O हुए O महाद्वीपीय O विचलन O के O बारे O में O भी O पता O चलता O है O । O ध्रुवों O के O अपनी O स्थिति O से O खिसकने O ( O पोलरवांडरिंग O ) O और O चुम्बकीय O ध्रुवों O के O आवेश O बदलने O ( O मैग्नेटिकरिवर्सल O ) O की O धारणाएं O भूवैज्ञानिकों O को O चकित O करती O रही O हैं O । O महासागरों O में O चुंबकीय O बैंडिंग O का O पता O चलने O से O पृथ्वी O की O सतह O की O प्लेटों O की O गतिशीलता O ( O प्लेट O टेक्टोनिक्स O ) O और O समुद्रों O के O फैलाव O ( O सीफ्लोरस्प्रेडिंग O ) O की O धारणाएं O बनीं O । O इस O जानकारी O से O प्राकृतिक O संसाधनों O का O पता O लगाने O के O बारे O में O वैज्ञानिकों O की O सोच O में O जबर्दस्त O बदलाव O आया O । O प्लेटों O की O सीमाएं O और O इनके O बीच O की O दरारों O वाले O इलाके O खनिज O - O प्राप्ति O के O सबसे O अच्छे O क्षेत्र O नजर O आए O । O पृथ्वी O के O चुंबकीय O क्षेत्र O की O ऊर्जा O को O पैदा O करने O वाले O डायनामों O के O बारे O में O अब O हम O बहुत O कुछ O और O काफी O स्पष्टता O के O साथ O जानते O हैं O । O इस O संस्थान O में O सौर O प्रक्रियाओं O , O पृथ्वी O में O चल O रही O प्रक्रियाओं O तथा O चुंबकीय O , O आयन O और O वायुमंडल O से O जुड़े O आंकड़े O हैं O । O निश्चित O रूप O से O , O विविध O लेकिन O परस्पर O सम्बद्ध O क्षेत्रों O के O इन O विवरणों O से O ऐसी O नई O दृष्टि O और O परिप्रेक्ष्य O मिल O सकते O हैं O , O जैसे O पहले O कभी O सोचे O भी O नहीं O गए O हों O । O अनेक O विषयों O के O समन्वित O अध्ययन O से O पृथ्वी O की O पपड़ी O और O सतह O से O जुड़ी O अनेक O प्रक्रियाओं O के O बीच O परस्पर O निर्भरता O का O पता O चला O है O । O भूकंप O - O जन्य O तरंगें O जब O सतह O पर O या O सतह O के O नीचे O चलती O हैं O तो O वायुमंडल O में O विचलन O पैदा O करती O हैं O । O इन O विचलनों O से O आयनमण्डल O से O होते O हुए O वायुमंडल O में O झटकों O से O तरंगें O बनती O हैं O । O सतह O और O वायुमंडल O में O फैल O रही O इन O तरंगों O से O भूकंपशीलता O के O रुझान O को O समझने O में O मदद O मिलती O है O । O भू O - O चुंबकत्व O निरंतर O परिवर्तनशील O है O अतः O इसका O निरंतर O अध्ययन O आवश्यक O है O । O अपनी O धरती O और O सौरमंडल O के O बारे O में O बेहतर O जानकारी O हासिल O करने O के O लिए O इस O भू O - O चुंबकत्व O के O क्षेत्र O में O निरंतर O अनुसंधान O जरूरी O है O । O रोजगार O के O अवसरों O को O बढ़ाने O के O लिए O नई O पहल O वित्त O मंत्री O ने O स्थायी O अवधि O के O रोजगार O की O सुविधा O को O सभी O क्षेत्रों O के O लिए O बढ़ाने O की O भी O जानकारी O दी O । O उन्होंने O जोर O दिया O कि O जल्द O ही O सरकार O एमएसएमई O की O गैर O - O कार्यनिष्पादन O परिसम्पत्तियों O और O दबावपूर्ण O खातों O की O समस्या O के O प्रभावी O समाधान O के O उपायों O की O घोषणा O करेगी O । O वित्त O मंत्री O ने O औपचारिक O क्षेत्र O में O अधिक O महिलाओं O को O रोजगार O देने O के O लिए O प्रोत्साहन O देने O के O लिए O प्रयास O करने O पर O जोर O दिया O । O उन्होंने O कहा O कि O इससे O परिवारों O की O आय O में O वृद्धि O होगी O । O वित्त O मंत्री O ने O यह O घोषणा O की O कि O प्रधानमंत्री O कौशल O केंद्र O कार्यक्रम O के O तहत O सरकार O देश O के O प्रत्येक O जिले O में O महत्वाकांक्षी O आदर्श O कौशल O केंद्रों O की O स्थापना O कर O रही O है O । O उन्होंने O कहा O कि O उन्होंने O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O और O कॉर्पोरेट O कंपनियों O को O ट्रेड O इलेक्ट्रॉनिक O रिसीवेबल O डिस्काउंटिंग O सिस्टम O ( O टीआरईडीएस O ) O में O शामिल O होने O तथा O इसे O जीएसटीएन O से O जोड़ने O का O प्रस्ताव O किया O है O । O उन्होंने O यह O भी O बताया O कि O उद्यम O पूंजी O निधि O तथा O उनकी O वृद्धि O और O देश O में O वैकल्पिक O निवेश O निधि O के O सफल O संचालन O के O लिए O वातावरण O को O सुदृढ़ O करने O के O लिए O अतिरिक्त O उपाय O किए O जाएंगे O । O लेखकों O से O अनुरोध O - O पत्रिका O में O हर O माह O आगामी O अंक O का O केंद्रीय O विषय O प्रकाशित O किया O जाता O है O । O लेखकों O से O अनुरोध O है O कि O प्रकाशन O हेतु O केंद्रीय O विषय O के O अनुसार O ही O रचनाएं O भेजें O । O * O रचनाएं O भेजते O समय O रचना O की O प्रति O अपने O पास O अवश्य O रखें O । O सामान्यतः O रचनाएं O वापस O नहीं O भेजी O जातीं O । O रचना O की O वापसी O के O लिए O यथाउचित O मूल्य O के O टिकट O और O पता O लिखा O लिफाफा O भेजें O । O इससे O हमारी O स्वदेशी O मैनुफेक्चरिंग O मजबूत O होगी O तथा O रोजगार O सृजन O में O भी O मदद O मिलेगी O । O स्टार्टअप O इंडिया O के O जरिये O बूट O कैंप O , O हेकाथॉन O और O ऑनलाइन O प्रतियोगिताओं O समेत O बड़ी O संख्या O में O कार्यक्रम O नियमित O तौर O पर O आयोजित O किये O जा O रहे O हैं O । O इस O पहलकदमी O के O जरिये O समूचे O देश O में O स्कूली O शिक्षा O के O समय O से O ही O नवाचार O और O उद्यमिता O की O संस्कृति O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O ब्रॉडबैंड O हाइवे O के O विकास O , O सबके O लिये O मोबाइल O संपर्क O , O सार्वजनिक O इंटरनेट O कार्यक्रम O और O ई O - O शासन O में O काफी O प्रगति O हुई O है O । O आधार O , O स्मार्ट O सिटीज O मिशन O , O भीम O यूपीआई O , O रूपे O , O जीएसटी O पहचान O संख्या O , O गवर्नमेंट O ई O - O मार्केटप्लेस O और O डिजिलॉकर O भी O डिजिटल O इंडिया O कार्यक्रम O के O दायरे O में O आते O हैं O । O (( O भारत - नेट O विश्व O का O सबसे O बड़ा O ग्रामीण O ब्रॉडबैंड O कनेक्टिविटी O कार्यक्रम O है O । O आधार O संख्या O को O प्रत्यक्ष O लाभ O हस्तांतरण O ( O डीबीटी O ) O योजना O से O जोड़ O दिये O जाने O से O सरकारी O धन O का O दुरुपयोग O रोकने O में O काफी O मदद O मिली O है O । O सरकार O ने O 2014 -NETI में O जन O धन O योजना O शुरू O की O थी O । O संपादकीय O : O संतुष्टि O का O रास्ता O क्या O आपको O यह O शिकायत O रहती O है O कि O आपका O बिजली O का O बिल O क्या O बढ़ा O - O चढ़ाकर O भेजा O गया O है O और O जब O आप O अपनी O बात O रखने O के O लिए O बिजली O के O दफ्तर O जाते O हैं O तो O आपको O वहां O से O भगा O दिया O जाता O है O । O या O आपकी O कॉल O बहुत O अधिक O ड्रॉप O होती O है O और O आपको O पता O ही O नहीं O चलता O कि O समस्या O दूर O करने O के O लिए O किससे O शिकायत O की O जाए O । O हममें O से O अधिकतर O लोगों O को O कभी O न O कभी O ऐसी O समस्याओं O का O सामना O करना O ही O पड़ता O है O , O जिनका O समाधान O किसी O सरकारी O अधिकारी O या O संस्था O से O कराना O होता O है O । O और O जब O भी O हम O समस्या O हल O कराने O की O कोशिश O करते O हैं O या O केवल O जवाब O ही O मांगते O हैं O तो O कोई O हमारी O बात O ही O नहीं O सुनता O । O कोई O भी O व्यवस्था O पूरी O तरह O निर्दोष O नहीं O होती O । O खामियों O की O गुंजाइश O हमेशा O बनी O रहती O है O , O लेकिन O अगर O ये O खामियां O लोगों O के O बुनियादी O हितों O को O ही O प्रभावित O करने O लगें O तो O उन्हें O अपनी O तकलीफें O दूर O कराने O का O पूरा O अधिकार O है O । O शिकायत O करने O वाले O ग्राहक O के O लिए O यह O दिखाने O का O अच्छा O अवसर O हो O सकता O है O कि O आप O कितने O अच्छे O हैं O । O इसीलिए O जनशिकायत O निवारण O को O अच्छे O प्रशासन O वाले O लोकतंत्र O की O बुनियाद O कहा O जाता O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O विभिन्न O सरकारों O ने O सुशासन O का O प्रयास O करते O हुए O आम O आदमी O की O तकलीफें O दूर O करने O के O लिए O व्यवस्था O तैयार O करने O की O कोशिश O की O है O । O लोक O शिकायत O विभाग O द्वारा O तैयार O किए O गए O नागरिक O घोषणापत्र O के O घटकों O में O संगठन O की O दृष्टि O एवं O मिशन O उद्घोषणा O , O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O विवरण O और O उसका O इस्तेमाल O करने O की O विधि O शामिल O है O । O दुर्भाग्य O से O विभिन्न O संगठनों O के O नागरिक O घोषणापत्र O कोरे O दस्तावेज O ही O बनकर O रह O गए O और O ग्राहकों O की O हालत O पहले O जैसी O ही O रह O गई O । O आरटीआई O लोक O शिकायत O निवारण O के O मामले O में O ऐतिहासिक O सुधार O साबित O हुआ O क्योंकि O इसने O निवारण O का O जिम्मा O उस O मामले O से O जुड़े O अधिकारियों O पर O डाल O दिया O और O दंड O का O प्रावधान O भी O किया O । O इसके O कारण O संबंधित O अधिकारी O अथवा O संगठन O समय O पर O शिकायत O दूर O करने O के O लिए O ही O विवश O नहीं O हुए O बल्कि O भ्रष्टाचार O में O भी O कमी O आई O क्योंकि O शिकायतकर्ता O को O फाइलों O में O लिखी O टिप्पणियों O समेत O समस्या O से O जुड़े O सभी O दस्तावेज O हासिल O हो O जाते O हैं O और O जवाबदेही O तय O हो O जाती O है O । O ई O - O प्रशासन O और O न्यूनतम O शासन O , O अधिकतम O प्रशासन O की O अवधारणा O बढ़ने O के O साथ O ही O वेब O और O मोबाइल O पर O आधारित O शिकायत O निवारण O प्लेटफॉर्मों O पर O जोर O बढ़ता O गया O है O । O हाल O ही O में O आरंभ O की O गई O कुछ O प्रणालियां O हैं O - O विभिन्न O मंत्रालयों O और O विभागों O से O जुड़ी O शिकायतें O प्राप्त O करने O की O प्रक्रिया O को O सुचारू O तथा O एकीकृत O बनाने O के O लिए O लोक O शिकायत O निवारण O विभाग O द्वारा O आरंभ O की O गई O वेब O आधारित O लोक O शिकायत O निवारण O प्रणाली O सीपीग्राम्स O ( O केंद्रीकृत O लोक O शिकायत O निवारण O एवं O निगरानी O प्रणाली O ) O आम O आदमी O की O शिकायतें O दूर O करने O और O केंद्र O तथा O राज्य O सरकारों O के O कार्यक्रमों O एवं O परियोजनाओं O की O निगरानी O करने O के O लिए O संवादपरक O प्लेटफॉर्म O प्रगति O ( O प्रो O - O एक्टिव O गवर्नमेंट O एवं O टाइमली O इप्लीमेंटेशन O ) O नागरिकों O को O जोड़ने O वाला O मंच O माईगॉव O और O कर O से O जुड़ी O शिकायतों O को O कागजों O के O बगैर O ही O निपटाने O के O लिए O ई O - O निवारण O आदि O । O विभिन्न O सेवाओं O से O जुड़ी O शिकायतें O दूर O करने O के O लिए O विभिन्न O नियामकीय O प्रणालियां O भी O आरंभ O की O गई O हैं O , O जैसे O दूरसंचार O के O लिए O ट्राई O , O बैंकिंग O के O लिए O बैंक O लोकपाल O , O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O लिए O एमसीआई O आदि O । O महिलाएं O अक्सर O आबादी O का O सबसे O अधिक O संवेदनशील O हिस्सा O होती O हैं O , O जिनके O साथ O घर O और O कार्यस्थल O में O उत्पीड़न O का O खतरा O होता O है O । O हालांकि O महिलाओं O को O घरेलू O हिंसा O और O घर O तथा O कार्यस्थल O पर O उत्पीड़न O से O बचाने O के O लिए O विभिन्न O प्रकार O के O कानून O हैं O जैसे O कार्यस्थल O पर O महिला O यौन O उत्पीड़न O अधिनियम O , O 2013 O दहेज O निरोधक O अधिनियम O , O 1961 O घरेलू O हिंसा O अधिनियम O , O 2005 O । O फिर O भी O महिलाएं O शिकार O बनती O ही O रहती O हैं O । O समस्याओं O से O निपटने O के O लिए O सरकार O ने O हाल O ही O में O शी O बॉक्स O ( O सेक्सुअल O हेरासमेंट O इलेक्ट्रॉनिक O बॉक्स O ) O आरंभ O किया O है O , O जो O प्रत्येक O महिला O को O किसी O भी O प्रकार O के O उत्पीड़न O की O शिकायत O करने O की O एकल O खिड़की O प्रदान O करता O है O । O सभी O नीतियों O और O गतिविधियों O के O लिए O जनता O के O प्रति O सरकार O की O जवाबदेही O ही O लोकतंत्र O का O मूल O है O । O और O प्रभावी O तथा O सक्षम O शिकायत O निवारण O प्रणाली O ही O नागरिकों O में O विश्वास O कायम O कर O सकती O है O और O उन्हें O यह O आश्वासन O दे O सकती O है O कि O सरकार O ' O जनता O की O है O और O जनता O के O लिए O है O । O ' O उन्हें O आगे O की O कार्यवाही O तक O स्वतंत्र O रहने O की O अनुमति O दी O गई O । O रोम O संविधि O के O तहत O , O अपील O चैंबर O में O इस O तरह O का O कदम O केवल O तभी O किया O जा O सकता O है O जब O प्री O - O ट्रायल O चैम्बर O की O छुट्टी O मंजूर O कर O ली O गई O हो O । O हालांकि O आरंभिक O जांच O के O बाद O इनमें O से O अधिकांश O मामले O अदालत O के O अधिकार O - O क्षेत्र O से O स्पष्ट O रूप O से O बर्खास्त O कर O दिए O गए O . O इस O फ्रेमवर्क O में O देशों O से O प्राप्त O रिपोर्टो O की O समीक्षा O के O लिए O अंतर्राष्ट्रीय O प्रक्रिया O बनाने O का O भी O प्रावधान O है O । O ईटीएफ़ O के O जरिए O प्राप्त O जानकारी O को O वैश्विक O आकलन O में O शामिल O किया O जाएगा O और O इससे O जलवायु O परिवर्तन O पर O नियंत्रण O रखने O के O लिए O दीर्घकालीन O लक्ष्यों O की O दिशा O में O प्रगति O की O समीक्षा O की O जाएगी O । O इसी O के O आधार O पर O अगले O दौर O में O ज्यादा O बड़े O लक्ष्य O रखने O के O लिए O समुचित O सुझाव O दिए O जा O सकेंगे O । O अब O तक O की O उपलब्धियां O : O अनेक O देश O , O क्षेत्र O , O नगर O और O कंपनियां O कार्बन O का O स्तर O बिल्कुल O नहीं O बढ़ने O देने O के O लक्ष्य O तय O कर O रहे O हैं O । O ये O प्रवृत्तियां O बिजली O और O परिवहन O क्षेत्रों O में O ज्यादा O स्पष्ट O नज़र O आ O रही O हैं O और O इन O क्षेत्रों O में O पहल O करने O वालों O के O लिए O नए O व्यापारिक O अवसर O उपलब्ध O हो O रहे O हैं O । O एआईपीए O के O अन्य O प्रमुख O कार्य O हैं O - O एआईपीए O जलवायु O परिवर्तन O से O जुड़े O क्षेत्रों O में O निजी O क्षेत्र O और O बहु O / O द्विपक्षीय O एजेंसियों O के O योगदान O का O भी O जायजा O लेगी O और O जलवायु O परिवर्तन O पर O नियंत्रण O के O लिए O निजी O क्षेत्र O और O बहु O / O द्विपक्षीय O एजेंसियों O के O योगदान O को O राष्ट्रीय O प्राथमिकताओं O के O अनुरूप O ढालने O के O लिए O भी O दिशा O - O निर्देश O उपलब्ध O कराएगी O । O वर्तमान O शिकायत O झूठी O शिकायतों O के O आधार O पर O उनके O पुत्र O द्वारा O दायर O की O गयी O है O जो O कभी O साबित O नहीं O होगी O । O इसलिए O वर्तमान O शिकायत O न्यायालय O की O प्रक्रिया O का O दुरूपयोग O है O , O जिसकी O कार्यवाही O की O अनुमति O नहीं O दी O जा O सकती O है O । O बैंक O अधिकारियों O के O पक्ष O में O इस O अधिनियम O से O संबंधित O विभिन्न O न्यायिक O घोषणाओं O के O बावजूद O इस O प्रक्रिया O ने O अपनी O चमक O खो O दी O है O और O बैंक O इतने O ताकतवर O नहीं O हैं O कि O इस O अधिनियम O के O तहत O वसूली O कर O सकें O । O यह O बेहद O जरूरी O है O कि O सरकार O कानून O में O संशोधन O करे O ताकि O जिला O कलक्टर O व O जिला O मजिस्ट्रेट O के O लिए O यह O अनिवार्य O हो O कि O वे O जब O प्राधिकृत O अधिकारी O द्वारा O इस O कानून O के O तहत O आवेदन O किया O जाये O तो O संपत्ति O का O भौतिक O कब्जा O बैंकों O को O सौंपें O । O उधारकर्ताओं O के O पास O अन्य O तरह O के O उपाय O भी O होते O हैं O जिनसे O वे O बैंकों O के O प्रयासों O को O विफल O करने O के O लिए O बाधाएं O उत्पन्न O करते O हैं O । O उधारकर्ता O लंबे O समय O तक O बैंकों O के O साथ O खेल O खेलते O रहते O हैं O । O वे O कानूनी O दर O पर O ब्याज O का O भुगतान O करते O हैं O , O समय O पर O किस्त O या O अन्य O कर O आदि O चुकाते O हैं O लेकिन O बैंक O ब्याज O में O कमी O के O उनके O अनुरोध O पर O विचार O नहीं O करता O है O और O उनके O पिछले O उत्कृष्ट O आचरण O के O लिए O पुरस्कृत O करता O है O , O जो O बहुत O कम O क्रेडिट O और O डिफॉल्ट O के O जोखिम O का O संकेत O करता O है O । O वे O दुख O व्यक्त O करते O हुए O कहते O हैं O कि O बेइमान O उधारकर्ता O धन O को O दूसरे O कामों O में O लगाने O के O बाद O विभिन्न O पुनर्रचना O योजनाओं O के O तहत O ब्याज O दर O में O छूट O और O किस्त O चुकाने O में O निषेध O के O जरिये O अपने O व्यवसाय O को O आसानी O से O चलाने O की O व्यवस्था O कर O लेते O हैं O । O जाहिर O तौर O पर O वे O अपने O उत्पादों O के O विपणन O बनाम O बेइमान O उधारकर्ता O के O रूप O में O हानि O उठाते O हैं O । O वे O सवाल O उठाते O हैं O कि O क्या O बेइमानी O पर O भी O कोई O प्रीमियम O होता O है O ? O क्या O ईमानदार O उधारकर्ताओं O को O पीड़ा O होनी O चाहिए O ? O यही O समय O था O जब O प्रधानमंत्री O के O शब्द O मेरे O जेहन O में O गूंजने O लगे O । O एनपीए O जैसे O दानव O को O नष्ट O करने O के O लिए O अब O इन्सोल्वेंसी O एवं O बैंकरप्सी O कोड O जैसे O ब्रह्मास्त्र O का O उपयोग O किया O जाएगा O । O इसकी O प्रभावकारिता O उचित O और O न्यायसंगत O समाधान O खोजने O के O लिए O इस O कानून O का O इस्तेमाल O करने O वालों O की O इच्छाशक्ति O और O ईमानदार O इरादे O पर O निर्भर O करेगी O । O ऐसे O में O कानून O के O असली O उद्देश्यों O को O खत्म O करने O के O किसी O के O बुरे O उद्देश्यों O को O समझना O और O उसे O नष्ट O करना O बेहद O जरूरी O है O । O आईबीसी O के O तहत O संकल्प O निर्णय O के O जरिये O विवेक O पर O आधारित O होना O चाहिए O । O हालिया O अध्यादेश O जानबूझकर O ऋण O न O चुकाने O वाले O उधारकर्ताओं O को O कर्ज O की O राशि O दूसरी O जगह O खर्च O करने O के O बाद O अपनी O कंपनी O वापस O खरीदने O से O रोकता O है O या O अपने O खातों O को O एनपीए O बनाने O वाले O ऐसे O प्रमोटरों O की O अराजकता O को O चुनौती O देता O है O । O सरकार O ने O जिस O तत्परता O से O काम O किया O है O , O वह O उल्लेखनीय O है O और O एनपीए O की O समस्या O से O व्यवस्था O को O छुटकारा O दिलाने O का O इरादा O स्पष्ट O है O साथ O ही O वह O किसी O को O भी O व्यवस्था O से O खेलने O की O इजाजत O नहीं O देता O है O । O ऐसा O जान O - O बूझकर O कर्ज O न O चुकाने O वालों O के O ताबूत O में O अंतिम O कील O ठोकने O के O लिए O किया O जाता O है O । O ये O उपाय O उन O लोगों O के O रवैये O पर O अच्छा O प्रभाव O डालेंगे O , O जो O बैंकों O से O धन O उधार O लेते O हैं O और O मानते O हैं O कि O उसे O न O चुकाना O उनका O जन्मसिद्ध O अधिकार O है O । O गुमराह O उधारकर्ताओं O का O हिसाब O - O किताब O करने O का O समय O आखिरकार O आ O ही O गया O है O । O आगे O बढ़ने O के O लिए O बैंकों O को O निधियों O के O अंतिम O उपयोग O का O पता O लगाने O के O लिए O ' O फारेंसिक O ऑडिट O ' O की O जरूरत O होगी O । O उधारकर्ताओं O के O उचित O उद्यम O का O पता O लगाने O के O लिए O बिग O डाटा O एनालिटिक्स O और O अन्य O सूचना O प्रौद्योगिकी O आधारित O समाधानों O का O उपयोग O करना O चाहिए O , O जैसाकि O फिनटेक O कंपनियां O करती O हैं O । O बैंकों O को O अपनी O मानव O संसाधन O ( O एचआर O ) O नीतियों O को O बेहतर O बनाकर O युवा O कार्यबल O को O प्रशिक्षित O करना O होगा O और O उनके O कौशल O को O उन्नयन O करना O होगा O , O जिसकी O फिलहाल O कमी O है O । O सरकार O को O अपनी O ओर O से O बैंकों O के O बोर्ड O में O ऐसे O पेशवरों O की O नियुक्ति O करनी O होगी O , O जिन्हें O डोमेन O का O ज्ञान O हो O और O बैंकों O के O कामकाज O का O पर्याप्त O अनुभव O हो O । O बैंकों O के O बोर्ड O में O स्वच्छ O ट्रैक O रिकॉर्ड O वाले O एमडी O और O ईडी O जैसे O सेवानिवृत्त O कार्यकारी O का O चयन O जांच O - O पड़ताल O के O लायक O है O । O कामकाज O के O भार O का O सामना O करने O के O लिए O जजों O की O संख्या O बढ़ायी O जा O सकती O है O । O व्यक्तियों O , O उद्यम O स्वामियों O और O भागीदारी O में O चलने O वाली O कंपनियों O के O दिवालियापन O के O मामले O सामने O आने O से O इसकी O कमी O तीव्रता O से O महसूस O की O जाएगी O । O दिवालियापन O से O संबंधित O संहिता O लागू O होने O के O बाद O उधार O लेने O की O संस्कृति O और O बैकों O द्वारा O कर्ज O देने O की O संस्कृति O भविष्य O में O ज्यादा O सुरक्षित O होगी O । O ऐसे O में O निश्चित O रूप O से O बैंक O राहत O की O सांस O लेंगे O । O उल्लेखनीय O बदलाव O के O लिए O सरकार O प्रशंसा O की O पात्र O है O । O निश्चित O रूप O से O उधारकर्ताओं O की O मानसिकता O में O परिवर्तन O आएगा O । O लोक O सेवाओं O में O सुधार O लोक O सेवा O , O सरकार O के O कामकाज O के O संचालन O के O लिए O आवश्यक O है O । O लोक O सेवा O की O यह O औपनिवेशक O विरासत O वैश्वीकरण O के O इस O तेजी O से O बदलते O युग O में O भी O चली O आ O रही O है O । O इसी O संदर्भ O में O लोक O सेवा O में O सुधार O सुशासन O का O अतिआवश्यक O अंग O हो O गया O है O । O सेवाओं O को O कारगर O ढंग O से O जन O - O जन O तक O पहुंचाने O हेतु O लोक O सेवा O में O नई O सोच O और O पुनः O अभिविन्यास O की O आवश्यकता O है O । O लोक O सेवा O देश O की O प्रशासनिक O मशीनरी O की O रीढ़ O है O । O अर्थशास्त्र O के O अनुसार O नौकरशाही O के O ऊंचे O स्तर O में O मंत्री O और O अमात्य O शामिल O होते O थे O । O मंत्री O , O राजा O के O सबसे O ऊंचे O दर्ज O के O सलाहकार O और O अमात्य O लोक O सेवक O हुआ O करते O थे O । O मनसबदारी O प्रणाली O मूल O रूप O से O लोक O सेवकों O का O समूह O थी O जिन्हें O असैन्य O या O सैन्य O सेवा O में O तैनात O किया O जाता O था O । O स्वतंत्रता O पश्चात O : O स्वतंत्रता O के O बाद O भारतीय O लोक O सेवा O प्रणाली O में O ब्रिटिश O ढांचे O के O कुछ O तत्वों O जैसे O शैक्षिक O उपलब्धियों O पर O आधारित O खुली O प्रवेश O प्रणाली O और O स्थाई O कार्यकाल O को O एकीकृत O प्रशासनिक O व्यवस्था O के O तौर O पर O जारी O रखा O गया O । O लोक O सेवाओं O का O वर्गीकरण O इस O अध्याय O का O नाम O केद्र O और O राज्यों O के O अंतर्गत O सेवाएं O रखा O गया O है O । O संविधान O में O सेवाओं O के O प्रकार O और O श्रेणियों O का O विस्तारपूर्वक O वर्णन O नहीं O किया O गया O है O । O संविधान O के O अनुसार O हम O सेवाओं O को O निम्नलिखित O श्रेणियों O में O वर्गीकृत O करते O हैं O - O पंचायती O राज O संस्थाओं O तथा O अन्य O संबद्ध O सरकारी O विभागों O में O समन्वय O रखकर O ग्राम O स्तर O पर O योजना O बनाना O जबरदस्त O चुनौतीपूर्ण O कार्य O है O । O इन O योजनाओं O में O सभी O आर्थिक O , O सामाजिक O और O भौतिक O मानदंड O कवर O किए O जाएंगे O और O उनका O उद्देश्य O ग्रामीण O क्षेत्र O में O सामाजिक O - O आर्थिक O परिवर्तन O से O क्रांति O लाना O रहेगा O । O आर्थिक O आयाम O : O गरीबी O दूर O करना O और O रोजगार O के O नए O अवसर O जुटाना O । O गरीबों O और O कम O आय O वाले O परिवारों O की O भागीदारी O सुनिश्चित O करने O के O लिए O क्षमता O और O अवसर O उपलब्ध O कराना O ताकि O देश O में O चल O रही O आर्थिक O विकास O प्रक्रिया O का O लाभ O प्राप्त O कर O सकें O । O सामाजिक O आयाम O : O कम O आय O वाले O परिवारों O और O वंचित O वर्गों O का O सामाजिक O विकास O , O सामाजिक O संकेतकों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O अक्षमताएं O दूर O करना O , O स्त्री O - O पुरुष O समानता O को O बढ़ावा O देना O और O महिला O सशक्तीकरण O पर O जोर O देना O तथा O कमजोर O वर्गों O के O लिए O सुरक्षा O व्यवस्था O मुहैया O कराना O । O राजनीतिक O आयाम O : O अनुसूचित O क्षेत्रों O में O महिलाओं O और O अनुसूचित O जाति O एवं O अनुसूचित O जनजाति O समुदायों O सहित O गरीबों O और O कम O आय O वाले O सभी O परिवारों O को O ग्राम O स्तर O पर O और O उससे O आगे O भी O समान O रूप O से O भाग O लेने O के O अवसर O उपलब्ध O कराना O । O गांवों O में O लगाए O जाने O वाले O सार्वजनिक O सूचना O बोर्डों O के O माध्यम O से O ग्राम O पंचायतों O को O विभिन्न O योजनाओं O के O तहत O मिलने O वाले O फंडों O के O इस्तेमाल O को O पारदर्शी O बनाया O जा O सकेगा O । O * O पदोन्नति O और O मनोनयन O में O सर्वांगी O असंगतियां O । O * O पर्याप्त O पारदर्शी O और O जवाबदेही O प्रक्रियाओं O का O अभाव O - O व्हिसिल O ब्लोअर O यानि O चेतावनी O देने O वालों O के O लिए O कोई O सुरक्षा O भी O नहीं O है O । O * O मनमाने O और O सनक O से O किए O गए O तबादले O - O कार्यकाल O की O असुरक्षा O से O संस्थानीकरण O में O बाधा O आती O है O । O * O राजनीतिक O हस्तक्षेप O और O प्रशासनिक O मिलीभगत O * O पदोन्नतियों O , O कार्य O आवंटन O और O कामों O में O कुछ O विशिष्ट O सेवाओं O का O वर्चस्व O । O संरचनात्मक O मुद्दे O सामान्य O अधिकारी O बनाम O विशेषज्ञ O अधिकारी O : O लोक O सेवाओं O की O स्थापना O मुख्यतः O सरकारी O योजनाओं O और O कार्यक्रमों O के O कार्यान्वयन O , O कानून O - O व्यवस्था O बनाए O रखने O तथा O सरकारी O आदेशों O को O लागू O करने O जैसे O शासन O के O मुख्य O कामकाज O करने O हेतु O की O गई O है O । O हालांकि O , O वैश्वीकरण O और O आर्थिक O सुधारों O के O आरंभ O होने O से O बदलती O जरूरतों O के O कारण O शासन O की O भूमिका O में O परिवर्तन O आया O है O । O अतः O प्रौद्योगिकी O के O क्रमिक O विकास O ( O उदाहरणस्वरूप O साइबर O सुरक्षा O ) O और O जटिल O कारोबारी O , O व्यापारिक O एवं O कानूनी O पहलुओं O के O कारण O नई O चुनौतियां O उत्पन्न O हुई O हैं O जिसका O सरकार O को O मार्ग O निर्देशन O करना O होगा O । O इसलिए O नीतिगत O स्तर O पर O क्षेत्र O विशिष्ट O ज्ञान O के O लिए O ( O विशेषज्ञ O अधिकारियों O की O ) O अधिक O मांग O है O । O नए O सुधार O : O मिशन O कर्मयोगी O नागरिकों O को O सेवा O देने O हेतु O दक्षता O निर्माण O नीतिगत O ढांचा O संस्थागत O ढांचा O दक्षता O ढांचा O डिजिटल O अध्ययन O सामग्री O ढांचा O आईजीओटी O कर्मयोगी O इलेक्ट्रॉनिक O मानव O संसाधन O प्रबंधन O प्रणाली O मूल्यांकन O एवं O आकलन O ढांचा O मिशन O कर्मयोगी O : O आम O आदमी O हेतु O लाभ O नागरिकों O की O जरूरतों O के O लिए O लोक O सेवकों O को O उत्तरदायी O बनाया O जा O रहा O है O लोक O सेवाओं O के O एचआर O प्रबंधन O में O आमूल O परिवर्तन O लाना O सुनिश्चित O करना O कि O सही O पद O पर O सही O दक्षता O के O साथ O सही O व्यक्ति O हो O लोक O सेवक O को O नागरिकों O की O जरूरत O हेतु O अधिक O कुशल O , O कारगर O , O जवाबदेही O और O उत्तरदायी O बनाना O । O कार्यक्रम O से O शासकीय O प्रणाली O की O गुणवत्ता O में O उल्लेखनीय O सुधार O होगा O अपने O पहले -NEN कार्यकाल O से O ही O प्रधानमंत्री O लोक O सेवाओं O में O सुधार O पर O जोर O दे O रहे O हैं O । O इसमें O कहा O गया O है O कि O नियमों O की O जगह O भूमिकाओं O को O , O संपर्कहीनता O की O जगह O तालमेल O , O बहु O - O विभागीय O संपर्क O को O महत्व O दिया O जाएगा O तथा O क्षमता O निर्माण O के O अनवरत O कार्यक्रम O होंगे O । O सुधार O का O मूलभूत O उद्देश्य O जन O केंद्रित O लोक O सेवा O ' O का O निर्माण O करना O है O जो O आर्थिक O वृद्धि O और O जनकल्याण O के O लिए O हितकारी O सेवाओं O का O विकास O और O डिलीवरी O करने O में O सामर्थ्यवान O हो O । O तदनुसार O मिशन O कर्मयोगी O में O नियम O आधारित O प्रशिक्षण O की O जगह O भूमिका O आधारित O प्रशिक्षण O को O महत्व O दिया O गया O है O । O अधिक O जोर O व्यवहारात्मक O परिवर्तन O पर O दिया O गया O है O । O राष्ट्रीय O लोक O सेवा O क्षमता O निर्माण O कार्यक्रम O को O इस O तरह O से O बनाया O गया O है O कि O यह O भारतीय O संस्कृति O और O संवेदनाओं O की O परिधि O में O रहने O के O साथ O - O साथ O दुनिया O भर O की O सर्वश्रेष्ठ O कार्य O पद्धतियों O एवं O संस्थानों O से O अध्ययन O संसाधन O प्राप्त O कर O सके O । O और O इसका O मकसद O साफ O और O सही O नोटों O की O पर्याप्त O आपूर्ति O सुनिश्चित O करना O है O । O जिम्मेदारी O / O लक्ष्य O : O नियमन O का O मकसद O जमाकर्ताओं O के O हितों O की O रक्षा O करना O , O बैंकिंग O कामकाज O का O व्यवस्थित O विकास O और O संचालन O और O बैंकिंग O सिस्टम O और O वित्तीय O स्थिरता O को O सेहतमंद O बनाना O है O । O बदलाव O : O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O के O विकास O और O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O बेहतर O चलन O के O आधार O पर O अपनाए O गए O नियमों O के O मद्देनजर O नियामकीय O कामकाज O में O भी O बदलाव O हुआ O है O । O यूनिवर्सल O बैंक O लाइसेंस O नीति O जोखिम O भरी O संपत्तियों O ( O स्ट्रेस्ड O एसेट O ) O का O प्रबंधन O बैंकों O की O ऐसी O संपत्तियों O के O असरदार O प्रबंधन O के O लिए O बैंकों O को O दिशा O - O निर्देश O जारी O किए O गए O थे O । O इसमें O कई O चीजों O के O अलावा O बैंकिंग O सिस्टम O को O वित्तीय O मुश्किलों O के O बारे O में O जल्दी O भांपने O और O इससे O निपटने O के O लिए O तत्काल O कदम O उठाने O की O बात O कही O गई O थी O । O सहकारी O बैंकों O का O नियमन O इसमें O छोटी O अवधि O के O और O लंबी O अवधि O के O सहकारी O उधार O ढांचे O भी O शामिल O हैं O । O उदारीकरण O के O बाद O बैंक O का O ध्यान O फिर O से O केंद्रीय O बैंक O के O मुख्य O कामकाज O मसलन O मौद्रिक O नीति O , O बैंकों O की O निगरानी O और O नियमन O , O भुगतान O पद्धति O की O देखरेख O और O वित्तीय O बाजारों O के O विकास O पर O हो O गया O । O इस O पर O विचार O करते O हुए O कि O औपनिवेशिक O समय O के O दौरान O भाषाओं O में O सुधार O और O असम्मति O की O महत्वपूर्ण O प्रस्तुति O की O गई O थी O , O यह O दावा O झूठा O साबित O होता O है O कि O अंग्रेजी O साहित्य O में O वैश्विक O चिंताओं O की O अभिव्यक्ति O की O जाती O है O और O भारतीय O भाषाओं O का O साहित्य O स्थानीय O चिंताओं O , O सांस्कृतिक O जड़ों O और O संकीर्ण O सामाजिक O विचारों O पर O केंद्रित O है O । O अधिकांश O भारतीय O लेखक O द्विभाषी O या O बहुभाषी O हैं O । O लेखकों O द्वारा O चुने O गए O भाषाई O विकल्प O उनसे O संबधित O बहु O भाषाई O सांस्कृतिक O जगत O में O उनके O काम O पर O बहुपरती O संवेदनाओं O में O उनकी O संलिप्तता O को O दर्शाते O हैं O । O भारतीय O साहित्य O का O अखंड O दृष्टिकोण O पहले O से O ही O औपनिवेशिक O समय O के O बाद O चुनौती O बना O हुआ O है O । O इसलिए O , O तुलनात्मक O प्रतिमान O जो O प्रत्येक O भाषा O की O साहित्यिक O परंपरा O के O एकीकरण O के O रूप O में O परिभाषित O करते O हैं O , O उन्हें O भाषा O साहित्य O में O कई O जटिल O , O विवादास्पद O और O दोहरे O स्वर O वाले O तर्कों O में O वांछित O होते O पाया O गया O है O । O साथ O ही O इसकी O स्थिरता O सुनिश्चित O करना O भी O महत्वपूर्ण O है O । O यद्यपि O कई O देश O इस O महत्वाकांक्षी O लक्ष्य O को O अभी O तक O हासिल O नहीं O कर O पाए O हैं O । O सतत O विकास O लक्ष्य O ( O ) O 6 O के O तहत O तय O उद्देश्यों O के O बावजूद O भी O पानी O , O स्वच्छता O जैसे O मुद्दे O अंतर्राष्ट्रीय O एजेंडे O पर O अभी O भी O प्रभावी O रहे O हैं O । O जल O जीवनदायी O है O , O फिर O भी O यह O रोगजनकों O और O विषैले O रसायनों O का O वाहक O है O , O जिसका O सेवन O करने O से O बीमारियां O और O मौतें O होती O हैं O । O डायरिया O रोग O , O हैजा O , O टाइफाइड O , O पोलियो O , O हेपेटाइटिस O ए O तथा O ई O जैसे O जल O जनित O रोग O हैं O । O कोविड O - O 19 O महामारी O ने O पानी O के O लक्ष्यों O में O तेजी O लाने O की O आवश्यकता O को O उजागर O किया O है O । O कई O रोग O वाहक O जो O लसीका O फाइलेरिया O , O डेंगू O , O मलेरिया O , O जापानी O एन्सेफलाइटिस O , O आदि O जैसे O रोगों O को O जल O निकायों O में O प्रजनन O करते O हैं O । O लिम्फेडेमा O रोगियों O ( O लसीका O फाइलेरिया O ) O के O लिए O रुग्णता O प्रबंधन O और O विकलांगता O की O रोकथाम O के O लिए O पानी O आवश्यक O है O । O आर्सेनिक O और O फ्लोराइड O प्रभावित O क्षेत्रों O में O , O पीने O का O पानी O लोगों O को O इन O रसायनों O के O संपर्क O में O ला O सकता O है O और O लंबे O समय O तक O संपर्क O में O रहने O से O आर्सेनिकोसिस O और O फ्लोरोसिस O हो O सकता O है O । O इसके O अलावा O , O सुरक्षित O पेयजल O का O बच्चों O की O पोषण O स्थिति O पर O सकारात्मक O प्रभाव O पड़ता O है O और O यह O घरेलू O आर्थिक O नुकसान O को O रोकता O है O और O देश O की O समग्र O अर्थव्यवस्था O को O भी O प्रभावित O करता O है O । O इस O अभियान O की O मुख्य O बातों O में O केंद्र O और O राज्य O सरकार O की O योजनाओं O की O एकसूत्रता O , O केंद्र O , O राज्य O स्तर O के O प्रभारी O अधिकारियों O और O डीएम O , O राज्य O के O साथ O मिल O - O जुलकर O काम O करना O , O योजनाओं O के O समायोजन O , O रियल O टाइम O आंकड़े O , O जिलों O के O बीच O प्रतिस्पर्धा O और O जन O आंदोलनों O से O प्रेरणा O आदि O शामिल O हैं O । O इन O जिलों O का O चुनाव O उपलब्ध O प्रकाशित O सरकारी O आंकड़ों O और O राज्यों O की O जांच O पड़ताल O के O बाद O तैयार O मापदंडों O का O इस्तेमाल O कर O किया O गया O है O । O नीति O आयोग O इस O कार्यक्रम O के O संचालक O की O भूमिका O में O होगा O । O जिले O का O चुनाव O करते O वक्त O राज्यों O की O क्षमता O को O भी O ध्यान O में O रखा O गया O , O क्योंकि O कार्यक्रम O राज्य O सरकारों O द्वारा O चलाए O जाएंगे O । O नीति O आयोग O मदद O के O तौर O पर O समन्वय O का O काम O करेगा O और O इन O जिलों O में O प्रदर्शित O आंकड़ों O के O लिए O मजबूत O सिस्टम O ( O एमआईएस O ) O भी O तैयार O करेगा O । O इस O कार्यक्रम O का O मुख्य O मकसद O संबंधित O जिलों O में O सामाजिक O सूचकांकों O को O सुधार O कर O जीवन O स्तर O और O बुनियादी O ढांचा O बेहतर O करना O और O नागरिकों O की O आमदनी O का O स्तर O भी O बढ़ाना O है O । O अवसरों O में O व्यापक O विभिन्नता O और O किसी O जिले O की O तरफ O से O पेश O चुनौतियों O के O मद्देनजर O खास O जिले O को O ध्यान O में O रखते O हुए O आदर्श O केपीआई O का O चुनाव O किया O गया O है O , O जो O जिले O के O कायाकल्प O या O अहम O बदलाव O में O तमाम O पक्षों O की O प्रतिबद्धताओं O और O कोशिशों O को O समेटता O है O । O स्वास्थ्य O और O पोषण O से O जुड़े O केपीआई O में O मां O और O बच्चे O का O स्वास्थ्य O ; O नवजात O पोषण O ; O प्रसव O पूर्व O देखभाल O और O पोषण O ; O प्रतिरक्षा O ; O स्वास्थ्य O के O लिए O अन्य O ढांचा O और O मानव O संसाधन O शामिल O हैं O । O जन O भागीदारी O - O अधिकांश O ग्रामीण O घरों O में O ढिबरी O या O छोटा O दीपक O जलाते O थे O । O पेट्रोमैक्स O का O खर्च O हर O कोई O वहन O नहीं O कर O पाता O था O अतः O सार्वजनिक O जगह O या O केंद्र O में O रखे O जाने O के O लिए O पंचायत O ही O इसे O खरीदती O थी O , O इसलिए O इसे O पंचलाइट O कहा O जाता O था O । O इसके O बावजूद O दूसरी O टोली O के O व्यक्ति O की O मदद O लेना O सभी O को O नागवार O गुजर O रहा O था O । O आज O पंचायतें O शासन O की O आधारभूत O संस्था O हैं O । O स्थानीय O शासन O की O लोकतांत्रिक O त्रि O - O स्तरीय O प्रणाली O का O उद्देश्य O गांवों O के O आर्थिक O , O सामुदायिक O और O सामाजिक O विकास O के O लिए O पंचायतों O को O शक्तियों O , O धन O और O जिम्मेदारियों O का O हस्तांतरण O करना O है O । O उन्हें O वित्तीय O रूप O से O सुदृढ़ O बनाए O रखने O के O लिए O केंद्र O और O राज्यों O के O माध्यम O से O धन O उपलब्ध O कराया O जाता O है O । O ये O संस्थान O नियोजन O और O विकास O की O प्रक्रिया O में O “ O लोगों O की O भागीदारी O “ O को O सुगम O बनाते O हैं O । O वे O स्थानीय O रूप O से O उपलब्ध O संसाधनों O की O पहचान O सुनिश्चित O करते O हैं O और O सहभागी O योजना O और O अभिसरण O के O माध्यम O से O सभी O समुदायों O की O स्थानीय O जरूरतों O को O पूरा O करते O हैं O । O राष्ट्रीय O महत्व O के O विषयों O पर O प्रमुख O योजनाओं O के O प्रभावी O और O कुशल O कार्यान्वयन O में O पंचायतों O की O महत्वपूर्ण O भूमिका O होती O है O । O भूमि O के O स्वामित्व O के O लिए O हाल O ही O में O शुरू O की O गई O स्वामित्व O योजना O जैसे O कई O सुधार O हैं O , O जो O वित्तीय O लाभ O और O संसाधनों O के O बेहतर O प्रबंधन O को O भी O जोड़ O रहे O हैं O । O प्रौद्योगिकी O का O इष्टतम O उपयोग O हमारे O देश O के O ग्रामीण O परिदृश्य O को O भी O बदल O रहा O है O । O कोविड O - O 19 O की O पहली O और O दूसरी O लहर O के O दौरान O , O शहरों O से O विपरीत O प्रवास O यानी O गांव O वापसी O के O कारण O , O पंचायतों O ने O ग्रामीण O आबादी O के O बीच O वायरस O के O प्रसार O को O रोकने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O । O ग्राम O पंचायतों O ने O वायरस O के O संचरण O को O धीमा O करने O और O वायरस O से O जुड़ी O मृत्यु O दर O को O कम O करने O के O लिए O , O उनकी O क्षमता O अनुसार O व्यापक O व्यवस्था O लागू O की O । O जनभागीदारी O और O प्रभावी O स्थानीय O शासन O के O माध्यम O से O वे O आवश्यक O स्वास्थ्य O सुविधाएं O प्रदान O करने O और O समय O पर O टीकाकरण O सुनिश्चित O करने O में O सबसे O आगे O काम O कर O रहे O हैं O । O महामारी O ने O इस O बात O पर O प्रकाश O डाला O है O कि O ग्रामीण O आबादी O की O भलाई O और O सेवाओं O के O बेहतर O वितरण O के O लिए O पंचायती O राज O संस्थाओं O ( O पीआरआई O ) O के O कार्यों O में O कैसे O सुधार O आवश्यक O है O , O जो O देश O के O बाकी O हिस्सों O में O बुनियादी O सुविधाओं O के O लिए O उन O पर O निर्भर O है O । O पंचायत O और O उसके O पदाधिकारियों O के O कामकाज O में O पारदर्शिता O , O जिम्मेदारी O और O जवाबदेही O लाना O भी O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O के O इंजन O के O रूप O में O उनकी O भूमिका O को O मजबूत O कर O रहा O है O । O कपास O एवं O जूट O कच्चे O जूट O के O मूल्य O पर O भी O जीएसटी O का O कोई O प्रभाव O नहीं O हुआ O । O कपड़े O पर O जीएसटी O के O कारण O वस्त्र O व्यापार O संगठनों O / O बुनकरों O का O विरोध O / O चिंता O इस O समूह O को O समूचे O साल O लगातार O सहायता O दी O जाती O है O । O क्षेत्रीय O स्तर O पर O जांच O से O परिवारों O के O कवरेज O और O आवश्यकता O आधारित O प्रौद्योगिकी O के O इस्तेमाल O के O लिहाज O से O इस O मॉडल O के O प्रभाव O के O स्तर O का O पता O चलता O है O । O यह O मॉडल O कृषक O परिवारों O में O पर्यावरण O के O अनुकूल O प्रौद्योगिकी O के O उपयोग O को O बढ़ाने O में O सफल O रहा O है O । O राज्य O के O सभी O कृषि O जलवायु O क्षेत्रों O में O निम्नलिखित O अवलोकन O आम O तौर O पर O पाये O गये O हैं O - O साथ O ही O कम O समय O में O बड़ी O संख्या O में O ऐसे O परिवारों O तक O पहुंच O बनायी O जा O सकती O है O । O इसलिये O वे O कृषि O और O संबंधित O गतिविधियों O से O जुड़ी O समस्याओं O और O संभावनाओं O को O बेहतर O ढंग O से O समझते O हुए O विस्तार O कार्य O में O प्रभावी O साबित O होते O हैं O । O * O टीम O समुदाय O की O जिन O परंपराओं O की O पहचान O करती O है O उनसे O उसके O सदस्यों O के O ज्ञान O का O भंडार O समृद्ध O होता O है O । O किसानों O की O पसंद O और O उत्पादन O पर O प्रभाव O - O उनका O झुकाव O आसान O तथा O उत्पादन O बढ़ाने O और O फसल O को O नुकसान O से O बचाने O वाली O वैसी O प्रौद्योगिकियों O और O फसलों O की O ओर O होता O है O जिनसे O घाटे O में O कमी O आये O और O लाभ O में O इजाफा O हो O । O टीकों O के O पूर्व O - O क्लिनिकल O और O क्लिनिकल O विकास O में O तेजी O लाने O के O लिये O पशु O चैलेंज O अध्ययन O सुविधाओं O और O प्रतिरक्षा O परख O प्रयोगशालाओं O को O सहायता O दी O जा O रही O है O । O यह O फैसला O टीकों O का O बैच O परीक्षण O बढ़ाने O की O ज़रूरत O को O ध्यान O में O रखते O हुए O किया O गया O है O । O इस O फैसले O को O लागू O करने O के O लिये O धन O की O व्यवस्था O पीएम O - O केयर्स O कोष O से O की O गयी O है O । O पैक्ट O कार्यक्रम O इसका O मकसद O पड़ोसी O देशों O में O टीका O विकास O गतिविधियों O को O बढ़ावा O देना O है O । O इन O देशों O में O क्लिनिकल O परीक्षण O क्षमता O बढ़ाने O के O लिये O प्रशिक्षण O कार्यक्रमों O का O आयोजन O किया O जा O रहा O है O । O कोविड O निदान O और O परीक्षण O दूरदराज O के O इलाकों O में O कोविड O की O जांच O के O लिये O पहली O संक्रामक O रोग O सचल O प्रयोगशाला O विकसित O और O तैनात O की O गयी O है O । O कोविड O जीनशास्त्र O सूचना O , O शिक्षा O और O संचार O पंचायत O प्रणाली O हमारी O संस्कृति O और O सभ्यता O का O अभिन्न O अंग O रही O है O । O गांव O में O ढिंढोरा O पिटवाकर O या O कोटवार O के O माध्यम O से O राज्यादेश O को O जन O - O जन O तक O पहुंचाया O जाता O था O । O स्वतंत्रता O के O उपरांत O संविधान O के O 73वें O संशोधन O के O माध्यम O से O देश O में O पंचायती O राज O व्यवस्था O के O लिए O बुनियादी O ढांचे O के O साथ O - O साथ O व्यवस्था O को O अधिदेशित O करते O हुए O ग्राम O पंचायतों O को O अत्यधिक O सशक्त O बनाया O गया O है O । O पंचायतें O आज O ग्रामीण O क्षेत्र O में O आर्थिक O विकास O और O सामाजिक O न्याय O के O लिए O उत्तरदायी O संस्थान O हैं O और O ग्राम O रूपांतरण O के O अभिकर्ता O के O रूप O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभा O रही O हैं O । O पंचायतें O शासन O की O सभी O योजनाओं O का O अंतिम O अभिसरण O बिंदु O हैं O । O इलेक्ट्रॉनिक O माध्यमों O ने O संचार O की O पद्धति O में O आमूलचूल O परिवर्तन O किया O है O । O टीवी O , O मोबाइल O , O इंटरनेट O , O सोशल O मीडिया O अब O ग्रामीण O अंचलों O में O भी O संचार O के O अनिवार्य O माध्यम O हैं O । O बदलते O दौर O में O संचार O के O अत्याधुनिकतम O साधन O अब O पंचायती O राज O संस्थाओं O के O लिए O भी O सबसे O बेहतर O साधन O हैं O । O आज O के O सूचना O प्रौद्योगिकी O युग O में O डिजिटल O कवरेज O के O दायरे O में O आने O वाली O पंचायतों O की O संख्या O बहुत O अधिक O है O । O डिजिटल O सशक्तीकरण O के O कारण O अब O पंचायतें O भी O सूचना O , O संचार O की O दिशा O में O तीव्र O गति O से O कार्य O कर O रही O हैं O । O पंचायती O राज O संस्थाओं O द्वारा O सूचना O , O शिक्षा O तथा O संचार O ( O आईईसी O ) O गतिविधियों O के O माध्यम O से O जनजागरुकता O का O सबसे O उत्कृष्ट O उदाहरण O कोविड O - O 19 O के O संकटकाल O में O देखने O को O मिला O है O । O सफलता O का O मंत्र O सिविल O सर्विसेज़ O की O परीक्षा O मैराथन O दौड़ O की O तरह O है O , O जिसका O मकसद O जीत O हासिल O करना O होता O है O । O सफल O उम्मीदवारों O की O रणनीतियों O में O कई O बातें O आम O होती O हैं O , O जैसे O कि O कड़ी O मेहनत O , O प्रेरणा O , O समय O का O बेहतर O प्रबंधन O , O समर्पण O , O संकल्प O , O आत्मविश्वास O , O सुनियोजित O तरीके O से O अध्ययन O , O सकारात्मक O रवैया O , O धैर्य O , O वैकल्पिक O विषयों O के O चुनाव O और O स्मार्ट O तरीके O से O तैयारी O । O ये O सब O सिविल O सर्विसेज़ O परीक्षा O के O पहले O या O दूसरे O चरण O में O सफल O होने O के O मंत्र O हैं O । O प्रारंभिक O परीक्षा O के O लिए O रणनीति O सिविल O सर्विसेज़ O की O प्रारंभिक O परीक्षा O शुरुआती O बाधा O है O और O इसे O बेहद O सावधानी O के O साथ O पार O करने O की O जरूरत O होती O है O । O किसी O भी O उम्मीदवार O को O हमेशा O यह O ध्यान O में O रखना O चाहिए O कि O प्रारंभिक O परीक्षा O छंटनी O की O प्रक्रिया O है O , O न O कि O चयन O प्रक्रिया O । O पहले O प्रयास O में O सिविल O सर्विसेज़ O में O सफल O होने O का O मंत्र O - O * O पढ़ाई O के O लिए O अपने O हिसाब O से O समय O - O सारणी O तैयार O कर O इसका O पालन O सुनिश्चित O करें O * O पाठ्यक्रम O में O शामिल O सामग्री O को O पूरा O पढ़ें O और O कोई O भी O हिस्सा O न O छोड़ें O * O मूल O स्रोतों O या O किताबों O से O बेहतर O नोट्स O बनाएं O * O परीक्षा O के O दृष्टिकोण O से O अवधारणा O और O तथ्यों O को O समझें O और O उनका O इस्तेमाल O करें O * O अलग O - O अलग O अध्यायों O और O विषयों O के O आधार O पर O मॉक O टेस्ट O का O अभ्यास O करना O जरूरी O है O । O इससे O आपको O असली O परीक्षा O का O अहसास O मिलेगा O और O खुद O को O सुधारने O में O भी O मदद O मिलेगी O देश O की O आर्थिक O वृद्धि O की O संभावनाओं O से O जुड़े O रुझान O जहां O सकारात्मक O हैं O , O वहीं O हमारा O सामाजिक O क्षेत्र O विकास O की O कुछ O चुनौतियों O से O जूझ O रहा O है O । O विभिन्न O सर्वेक्षणों O के O नतीजे O भी O चुनौतीपूर्ण O तस्वीर O पेश O करते O हैं O । O हालांकि O , O अगर O आंकडों O की O तह O में O जाएं O , O तो O तस्वीर O अलग O जान O पड़ती O है O और O इन O सूचकांकों O के O लिहाज O से O हालात O उतने O डरावने O नहीं O हैं O जितने O राष्ट्रीय O स्तर O पर O नजर O आते O हैं O । O सतत O जीवन O - O यापन O प्रमुख O आलेख O , O बदलनी O होगी O जीवन O - O शैली O स्वास्थ्य O पर्यावरण O के O प्रति O हमें O सचेत O करने O वाला O सूचक O है O । O जीवन O - O शैली O से O जुड़े O संकटों O को O दूर O रखने O के O लिए O अपने O स्वास्थ्य O और O पर्यावरण O के O स्वास्थ्य O के O बीच O सामंजस्य O बनाना O ही O होगा O । O भारतीय O चिकित्सा O अनुसंधान O परिषद O ( O आईसीएमआर O ) O द्वारा O वित्तपोषित O यह O अध्ययन O कुछ O डॉक्टरों O ने O किया O था O । O इसके O निष्कर्ष O चिंताजनक O थे O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O , O शहरी O इलाकों O की O तुलना O में O मधुमेह O का O प्रकोप O कम O है O । O लेकिन O ज्यादा O चिंताजनक O निष्कर्ष O यह O था O कि O ज्यादा O आमदनी O वाले O शहरों O में O , O वहां O रहने O वाले O धनवान O लोगों O की O तुलना O में O , O गरीबों O में O मधुमेह O का O प्रतिशत O ज्यादा O था O । O दूसरे O शब्दों O में O , O समृद्ध O शहरों O के O अमीर O लोगों O ने O खान O - O पान O की O अच्छी O आदतें O अपना O ली O हैं O । O लेकिन O गरीब O लोग O अब O अस्वास्थ्यप्रद O खान O - O पान O के O जाल O में O फंसते O जा O रहे O हैं O । O अध्ययन O के O अनुसार O , O गांवों O में O भी O सामाजिक O - O आर्थिक O दृष्टि O से O ज्यादा O बेहतर O हालत O वाले O लोग O मधुमेह O की O चपेट O में O आ O रहे O हैं O । O अध्ययन O में O कहा O गया O कि O " O यह O महामारी O का O संक्रमण O काल O है O । O " O इतनी O बड़ी O संख्या O में O शहरी O गरीबों O और O गांवों O में O गरीबी O से O ऊपर O उठ O रहे O लोगों O में O बीमारी O के O फैलाव O से O कभी O भी O स्थिति O काबू O से O बाहर O हो O सकती O है O । O अब O हम O भोजन O के O अभाव O अथवा O कुपोषण O की O बजाय O गलत O और O अनावश्यक O खानपान O के O दौर O में O पहुंच O रहे O हैं O । O हमें O इस O प्रवृत्ति O को O रोकना O ही O होगा O । O हम O गरीबों O की O बीमारियां O - O कुपोषण O से O हैजा O तक O - O झेल O रहे O हैं O । O लेकिन O हम O अमीरों O की O बीमारियां O - O जैसे O कैंसर O और O मधुमेह O भी O झेल O रहे O हैं O । O इससे O भी O बुरी O बात O यह O है O कि O , O जैसे O के O अध्ययन O से O पता O चलता O है O - O गरीबों O के O लिए O अमीरों O की O बीमारियां O झेलना O कठिन O है O लेकिन O वे O इनसे O ग्रस्त O हो O रहे O हैं O । O ऐसी O स्थिति O में O बीमारी O की O रोकथाम O की O नीति O अपनाने O की O जरूरत O है O । O हम O जानते O हैं O कि O चिकित्साकर्मी O इन O बीमारियों O को O असंक्रामक O बीमारियां O ( O एनसीडी O ) O कहते O हैं O । O ये O हमारी O जीवन O - O शैली O से O जुड़ी O हैं O । O हम O क्या O खाते O हैं O ? O कैसी O हवा O में O सांस O लेते O हैं O ? O कैसे O पर्यावरण O में O रहते O हैं O ? O ये O ' O विषैले O ' O विकास O के O घटक O हैं O । O यह O विकास O का O ऐसा O मॉडल O है O जिसमें O हम O पहले O प्रदूषण O फैलाते O हैं O और O फिर O उसे O दूर O करने O की O सोचते O हैं O । O यह O ऐसा O मॉडल O है O जिसमें O हम O अपने O भोजन O को O औद्योगीकृत O - O रासायनिक O बनाते O हैं O , O अस्वास्थ्यप्रद O ' O जंक O ' O खाते O हैं O और O फिर O कसरत O करने O जिम O में O जाने O या O जैविक O तरीके O से O उपजाया O भोजन O खाने O के O बारे O में O सोचते O हैं O । O लेकिन O प्रश्न O यह O है O कि O क्या O हम O इस O बदलाव O से O बच O नहीं O सकते O ? O क्या O हम O गरीब O और O अस्वास्थ्यप्रद O जीवन O - O शैली O वाले O होने O की O बजाय O अमीर O और O स्वास्थ्यप्रद O जीवन O - O शैली O वाले O नहीं O हो O सकते O ? O हम O ऐसी O बीमारियों O वाली O जीवन O - O शैली O क्यों O अपनाएं O जिससे O हम O आसानी O से O बच O सकते O हैं O ? O इसीलिए O बदलाव O आवश्यक O हो O जाता O है O । O यहीं O हमें O अपने O स्वास्थ्य O और O पर्यावरण O के O स्वास्थ्य O के O बीच O महत्वपूर्ण O कड़ी O को O जोड़ना O है O । O हमारी O नदियों O की O मौत O के O साथ O हमें O प्रदूषित O पानी O नजर O आ O रहा O है O । O यही O पानी O देश O में O बच्चों O की O मृत्यु O के O लिए O सबसे O ज्यादा O जिम्मेदार O है O । O आज O घरों O में O स्वच्छ O ईंधन O न O होने O से O महिलाओं O को O लकड़ी O - O उपलों O के O धुएं O में O खाना O बनाना O पड़ता O है O जिससे O सांस O की O बीमारियां O होती O हैं O । O इसी O धुएं O से O जो O प्रदूषण O फैलता O है O वह O हमारे O वातावरण O में O हवा O को O जहरीली O बना O रहा O है O । O इस O तरह O , O स्वास्थ्य O पर्यावरण O की O स्थिति O का O सूचक O है O । O इस O समझ O का O नारा O था O , O बरसात O सब O जगह O होती O है O और O पानी O की O मांग O भी O सभी O जगह O है O । O इसलिए O , O बारिश O होते O ही O इसके O पानी O को O समेट O कर O रखें O । O इस O समय O तक O , O यह O बात O भी O समझ O में O आ O गई O थी O कि O जमीन O के O नीचे O का O भूजल O , O जिसे O अब O तक O ' O छोटा O ' O संसाधन O समझा O जाता O था O , O वास्तव O में O पेयजल O और O सिंचाई O का O ' O बड़ा O ' O संसाधन O है O । O शहर O दूर O स्थित O जल O - O स्रोतों O पर O ज्यादा O से O ज्यादा O निर्भर O होते O गए O । O वहां O से O पानी O को O पंप O करके O लाने O में O वितरण O में O होने O वाला O पानी O का O नुकसान O तो O था O ही O , O बिजली O की O लागत O भी O बढ़ती O थी O । O इस O तरह O , O पानी O महंगा O होता O गया O और O इसका O साधन O - O सम्पन्न O और O अन्य O लोगों O के O बीच O वितरण O बेहद O असमानता O के O साथ O होने O लगा O । O जल O - O आपूर्ति O कम O होने O से O लोगों O ने O जमीन O के O अंदर O के O भूजल O को O खींचना O बढ़ा O दिया O लेकिन O इसको O फिर O से O भरने O के O कोई O प्रयास O नहीं O हुए O । O शहरों O में O मकानों O और O संपत्ति O के O कारोबारियों O ने O तालाबों O और O अन्य O जल O - O स्रोतों O को O सुखा O डाला O । O इस O तरह O , O जमीन O में O पानी O का O स्तर O और O नीचे O चला O गया O । O इससे O भी O बड़ी O बात O यह O थी O कि O पानी O की O आपूर्ति O प्रदूषण O से O जुड़ी O थी O । O जितनी O ज्यादा O पानी O की O आपूर्ति O होगी O , O उतना O ही O गंदा O पानी O बढ़ेगा O । O पानी O की O सफाई O की O पर्याप्त O व्यवस्था O न O होने O से O नदियों O - O तालाबों O का O प्रदूषण O बढ़ता O है O जिससे O साफ O पानी O की O उपलब्धता O कम O होती O है O और O पानी O साफ O करने O की O लागत O भी O बढ़ती O है O । O कुछ O वर्ष O बाद O , O शोध O से O पता O चला O कि O ज्यादातर O शहरी O निवासी O भूमिगत O जल O - O मल O प्रबंधन O व्यवस्था O ( O अंडरग्राउंड O सीवरेज O नेटवर्क O ) O से O भी O नहीं O जुड़े O हैं O जिसमें O ज्यादा O पूंजी O और O संसाधन O लगते O हैं O । O वास्तव O में O ज़्यादातर O लोग O घर O की O जगह O पर O ही O ' O जल O - O मल O निस्तारण O ( O सीवरेज O ) O व्यवस्था O से O जुड़े O हैं O जिसमें O घर O का O जल O - O मल O - O सेप्टिक O टैंकों O या O फिर O , O मामूली O टैंकों O या O फिर O आसपास O की O खुली O नालियों O में O ही O निपटाया O जाता O है O । O नमामि O गंगे O नदी O संरक्षण O के O लिए O अवसंरचना O यह O हमारी O सांस्कृतिक O और O आध्यात्मिक O चेतना O का O आधार O है O । O इसके O लिए O कई O प्रयास O किये O गये O । O राष्ट्रीय O स्वच्छ O गंगा O मिशन O ( O नेशनल O मिशन O फॉर O क्लीन O गंगा O - O एनएमसीजी O ) O नमामि O गंगे O मिशन O को O लागू O करने O वाली O एजेंसी O है O । O पहले O के O प्रयासों O से O अलग O नमामि O गंगे O नदी O की O सफाई O या O कुछ O गिने O चुने O शहरों O में O नदी O की O सफाई O तक O सीमित O नहीं O है O , O बल्कि O इसमें O नदी O केन्द्रित O और O समूचे O नदी O थाले O पर O आधारित O दृष्टिकोण O को O अपनाकर O नदी O के O समग्र O संरक्षण O पर O जोर O दिया O जाता O है O । O अभिशासन O में O सुधार O और O संस्थाओं O का O सशक्तिकरण O इस O दृष्टिकोण O को O देश O की O अन्य O नदियों O के O संरक्षण O के O लिए O लागू O किया O जाने O वाला O आदर्श O बुनियादी O सिद्धांत O माना O जाता O है O । O लेखक O राष्ट्रीय O स्वच्छ O गंगा O मिशन O के O महानिदेशक O हैं O । O ओएसआर O की O सफलता O की O कहानी O आगे O का O रास्ता O ग्रामीण O नागरिकों O को O स्वच्छता O , O पेयजल O , O प्राथमिक O स्वास्थ्य O , O स्ट्रीट O लाइट O , O सड़कें O आदि O जैसी O बुनियादी O सेवाएं O प्रदान O करने O की O जिम्मेदारी O कुल O मिलाकर O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O पर O है O । O हालांकि O उन्हें O कुछ O कर O और O गैर O - O कर O राजस्व O एकत्र O करने O का O अधिकार O है O , O ज्यादातर O मामलों O में O , O उनकी O व्यय O आवश्यकताओं O की O तुलना O में O उनके O स्वयं O के O संसाधनों O से O प्राप्त O राजस्व O काफी O कम O होता O है O । O जहां O ई O - O ग्रामस्वराज O , O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O को O वास्तविक O समय O के O डिजिटल O माध्यमों O के O जरिए O कार्यों O के O नियोजन O , O निष्पादन O , O लेखांकन O , O निगरानी O तथा O नियंत्रण O और O वित्तीय O लेनदेन O की O पूरी O प्रक्रिया O के O लिए O सक्षम O बनाता O है O , O वहीं O ऑडिटऑनलाइन O पारदर्शिता O और O जवाबदेही O की O दिशा O में O उनके O खातों O की O ऑडिटऑनलाइन O को O सक्षम O बनाता O है O । O सरकार O ने O सूचना O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O कई O बड़े O कदम O उठाए O हैं O । O अत्यंत O नवोन्मेष O दिखाते O हुए O आर्थिक O विकास O के O नए O अवसर O पैदा O किए O गए O हैं O - O कहीं O नए O मार्ग O खोलकर O तो O कहीं O पुराने O मार्गों O को O बंद O करके O । O दूसरी O ओर O जन O - O भावनाओं O का O वर्तमान O उबाल O भी O सिद्ध O करता O है O कि O इस O देश O का O आम O आदमी O उठने O और O जागने O की O प्रक्रिया O में O है O । O संदेश O जहां O पहुंचना O था O , O वहां O पहुंचा O है O - O न O सिर्फ O उपभोक्ताओं O के O स्तर O पर O , O बल्कि O व्यापारियों O , O उद्योगपतियों O और O सरकारों O के O स्तर O पर O भी O । O हमारे O उद्यमी O और O विकासकर्ता O चंद O दिनों O में O ही O लगभग O हर O चीनी O एप्लीकेशन O का O विकल्प O ले O आए O । O मित्रों O , O नमस्ते O , O चिंगारी O , O जियो O मीट O ऐसे O ही O कुछ O उदाहरण O हैं O । O कौन O जाने O विकास O का O अनुकूल O वातावरण O मिलने O पर O ये O एप्लीकेशन O कितने O बड़े O हो O जाएं O । O दूसरे O देशों O की O सूचना O प्रौद्योगिकी O कंपनियों O पर O अपने O यहां O पाबंदी O और O अपने O यहां O की O आईटी O कंपनियों O को O दूसरे O देशों O में O पाँव O जमाने O के O लिए O हर O उचित O - O अनुचित O मदद O । O ऐसा O प्रोत्साहन O दिया O भी O जा O रहा O है O । O डिजिटल O इंडिया O में O निहित O संभावनाएं O : O संकेत O स्पष्ट O हैं O । O इन O सभी O क्षेत्रों O के O उपघटक O हैं O और O इनका O संबंध O अनेक O मंत्रालयों O और O विभागों O से O है O । O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O प्रभाग O ( O एनईजीडी O ) O मुख्य O सूचना O अधिकारियों O के O लिये O ई O - O शासन O नेतृत्व O कार्यक्रम O चला O रहा O है O । O यह O नीति O और O कार्यक्रम O स्तर O के O उन O अधिकारियों O के O लिये O है O जो O केन्द्र O और O राज्य O के O मंत्रालयों O और O विभागों O की O ई O - O शासन O परियोजनाओं O और O पहलकदमियों O से O जुडे O हैं O । O इस O कार्यक्रम O का O उद्देश्य O संबंधित O मंत्रालयों O में O ई O - O शासन O चैम्पियनों O को O तैयार O करना O है O । O इससे O सरकार O में O सभी O स्तरों O पर O ई O - O शासन O पहलकदमियों O के O क्रियान्वयन O में O तेजी O आयेगी O । O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O सेवा O डिलीवरी O आकलन O ( O एनईएसडीए O ) O एनईएसडीए O का O मकसद O राज्य O और O केन्द्र O के O स्तर O पर O विभिन्न O विभागों O और O मंत्रालयों O के O रोजमर्रा O के O कामकाज O में O ई O - O शासन O फेमवर्क O के O उपयोग O को O बढ़ावा O देना O है O । O एनईएसडीए O के O तहत O आकलन O के O मानदंडों O में O अभिगम्यता O , O उपयोग O में O आसानी O , O प्रयोजन O सेवा O की O डिलीवरी O , O समेकित O सेवा O डिलीवरी O , O सामग्री O उपलब्धता O , O सूचना O सुरक्षा O और O निजता O तथा O स्थिति O और O अनुरोध O की O ट्रैकिंग O शामिल O हैं O । O ई O - O शासन O और O कोविड O 19 O की O वैश्विक O महामारी O मौजूदा O वैश्विक O महामारी O के O दौर O में O संचार O , O नेतृत्व O और O नीति O निर्माताओं O , O प्रशासन O और O समाज O के O बीच O तालमेल O के O जरूरी O तत्व O के O रूप O में O ई O - O शासन O की O केन्द्रीय O भूमिका O हो O गयी O है O । O ई O - O शासन O की O पहलकदमियों O के O जरिये O स्थापित O डिजिटल O प्रौद्योगिकी O ज्ञान O के O आदान O - O प्रदान O , O सहयोगात्मक O अनुसंधान O को O बढ़ावा O देने O और O नागरिकों O को O पारदर्शी O दिशा O - O निर्देश O मुहैया O कराने O की O महत्वपूर्ण O स्रोत O बन O गयी O है O । O कोविड O 19 O मामलों O के O ऑनलाइन O आंकड़ों O , O लॉकडाउन O के O दिशा O - O निर्देशों O , O यात्रा O प्रतिबंधों O , O अस्पतालों O में O खाली O बिस्तरों O का O पता O लगाने O , O ऑक्सीजन O सिलिंडर O उपलब्ध O कराने O तथा O वित्तीय O सहायता O और O राहत O के O वितरण O इत्यादि O से O संबंधित O काम O ई O - O शासन O अवसंरचना O के O माध्यम O से O ही O किये O गये O । O जनधन O आधार O मोबाइल O ( O जैम O ) O डिलीवरी O प्रणाली O वैश्विक O महामारी O के O दौरान O जनसाधारण O की O मदद O के O लिये O नकद O भुगतानों O , O सार्वजनिक O वितरण O प्रणाली O के O जरिये O खाद्यान्नों O की O आपूर्ति O और O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O योजना O के O तहत O राहत O सामग्री O के O वितरण O का O मुख्य O वाहक O बन O गयी O । O आरोग्य O सेतु O और O कोविन O ऐप O कोविड O मरीजों O का O पता O लगाने O और O टीकाकरण O के O प्रबंधन O में O नागरिकों O और O सरकार O की O मदद O करने O के O ई O - O शासन O के O मुख्य O साधन O हैं O । O अस्पतालों O में O भीड़भाड़ O को O घटाने O के O लिये O ई O - O चिकित्सक O टेली O - O विडियो O परामर्श O सुविधा O शुरू O की O गयी O है O । O तेज O प्रतिक्रिया O और O संकट O का O अनुमान O लगाने O के O लिये O स्मार्ट O सिटी O की O अवसंरचना O का O उपयोग O किया O गया O । O इन्हें O कोविड O 19 O नियंत्रण O केन्द्रों O में O तब्दील O कर O दिया O गया O । O इन O केन्द्रों O ने O (( O कोविड - 19 - से O निपटने O के O काम O में O रियल O टाइम O डेशबोर्डों O और O विडियो O मॉनिटरों O का O इस्तेमाल O किया O । O कोविड O 19 O मामलों O का O पता O लगाने O , O खुले O हुए O दवाखानों O की O पहचान O करने O और O अस्पताल O की O क्षमता O की O निगरानी O के O लिये O रियल O - O टाइम O डेशबोर्डों O , O विडियो O मॉनिटरों O और O ड्रोनों O का O इस्तेमाल O किया O गया O । O क्रायोजेनिक O प्रौद्योगिकी O में O बहुत O कम O तापमानों O पर O द्रव O हाइड्रोजन O एवं O द्रव O ऑक्सीजन O का O भंडारण O शामिल O है O । O केयर O मॉड्यूल O ने O अपनी O वापसी O यात्रा O शुरू O की O और O थोड़ी O देर O बाद O पृथ्वी O के O वायुमंडल O में O दोबारा O प्रवेश O कर O गया O । O भारतीय O अंतरिक्ष O कार्यक्रम O ने O देश O के O समग्र O विकास O का O लक्ष्य O हासिल O करने O के O लिए O सदैव O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकियों O के O विकास O और O उपयोग O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O है O । O इसने O दोबारा O इस्तेमाल O करने O योग्य O प्रक्षेपण O यानों O और O मानव O अंतरिक्ष O उड़ान O के O लिए O कई O प्रौद्योगिकियों O को O आवश्यक O सिद्ध O किया O । O बाद O में O , O जब O चंद्रयान O - O 1 O ने O निर्णायक O रूप O से O चंद्रमा O की O सतह O पर O पानी O के O अणुओं O की O खोज O की O , O तो O इसे O अभूतपूर्व O खोज O के O रूप O में O व्यापक O सराहना O मिली O । O यही O कारण O है O कि O केवल O कुछ O ही O देश O यह O क्षमता O हासिल O कर O पाए O हैं O । O इसकी O क्रायोजेनिक O तकनीक O में O बहुत O कम O तापमान O पर O तरल O हाइड्रोजन O और O तरल O ऑक्सीजन O का O भंडारण O शामिल O है O । O बहुत O कम O तापमान O पर O काम O करने O के O लिए O उपयोग O की O जाने O वाली O सामग्री O , O द्रुतशीतन O प्रक्रिया O , O इंजन O मापदंडों O की O परस्परक्रिया O , O क्रायोजेनिक O चरण O के O विकास O को O बहुत O ही O चुनौतीपूर्ण O और O जटिल O कार्य O बनाती O है O । O केयर O मॉड्यूल O ने O अपनी O वापसी O की O यात्रा O शुरू O की O और O थोड़ी O देर O बाद O , O फिर O से O पृथ्वी O के O वायुमंडल O में O प्रवेश O किया O । O जनता O का O बजट O आपका O पैसा O कहां O गया O , O इस O संबंध O में O अटकलबाजी O के O बजाय O बजट O यह O बता O रहा O है O कि O आपका O पैसा O कहां O जाना O है O । O हम O सभी O घरेलू O खर्च O से O जुड़े O बजट O तैयार O करने O की O अहमियत O के O बारे O में O जानते O हैं O , O जहां O आपको O जरूरत O के O हिसाब O से O आमदनी O और O खर्च O के O बारे O में O जागरूक O रहना O पड़ता O है O । O हम O मशहूर O कहावत O " O आमदनी O अठन्नी O खर्चा O रुपैया O " O से O भी O वाकिफ O हैं O । O ऐसे O घर O में O जहां O खर्च O पर O नियंत्रण O नहीं O है O , O आमदनी O का O मामला O पूरी O तरह O से O गड़बड़ा O जाता O है O । O बजट O तैयार O करने O का O मतलब O यह O है O कि O आप O योजना O बनाएं O और O बजट O को O नियंत्रण O से O बाहर O नहीं O जाने O दें O । O किसी O भी O देश O का O बजट O नागरिकों O की O बेहतरी O से O तनिक O भी O कम O अहम O नहीं O होता O । O देश O के O काबिल O प्रशासक O विभिन्न O मुद्दों O से O आय O का O आकलन O करने O के O बाद O उसके O हिसाब O से O खर्च O को O समायोजित O करते O हैं O । O घरेलू O बजट O की O तरह O देश O के O बजट O में O भी O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O , O बुनियादी O ढांचे O के O रखरखाव O आदि O के O लिए O आवंटन O होते O हैं O । O इसमें O सरकार O ने O अपने O आवंटनों O को O लेकर O संतुलन O साधने O की O कोशिश O की O है O , O ताकि O वह O कार्यक्रम O की O योजना O तैयार O करे O और O कृषि O , O ग्रामीण O विकास O , O अवसंरचना O और O स्वास्थ्य O जैसे O महत्वपूर्ण O क्षेत्रों O में O फंड O आवंटित O कर O सके O । O सरकार O ने O कृषि O के O लिए O अपने O बजटीय O आवंटन O के O तहत O कृषि O संबंधी O सुधारों O पर O जोर O दिया O है O । O कृषि O आवंटनों O में O कई O तरह O की O पहल O के O जरिये O महत्वपूर्ण O बदलाव O को O अंजाम O देने O की O बात O है O । O महिला O स्वयं O सहायता O संगठनों O के O लिए O ऊंचे O लक्ष्यों O , O सौभाग्य O के O जरिये O निम्न O और O मध्य O वर्ग O की O चिंताओं O से O निपटे O जाने O की O संभावना O है O । O साथ O ही O , O मछली O पालन O और O पशु O पालन O के O लिए O कोष O तैयार O करना O व O राष्ट्रीय O बांस O मिशन O का O पुनर्गठन O किसानों O की O आय O बढ़ाने O और O गाँवों O से O जुड़े O क्षेत्र O में O उद्यमिता O के O लिए O मौके O तैयार O करने O पर O सरकार O के O फोकस O का O हिस्सा O हैं O । O बजट O में O स्वास्थ्य O क्षेत्र O पर O काफी O ध्यान O दिया O गया O है O । O बुजुर्गों O के O लिए O सम्मानजनक O जीवन O सुनिश्चित O करने O के O मकसद O से O बजट O में O कई O ऐलान O किए O गए O हैं O । O इससे O युवाओं O के O लिए O रोजगार O तैयार O करने O और O स्वरोजगार O के O मौके O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O सरकार O ने O देश O के O लोगों O के O लिए O जीवन O जीने O की O सहूलियत O पर O फोकस O कर O व्यापार O सुगमता O में O सुधार O और O आगे O बढ़ाया O है O । O कुल O मिलाकर O , O यह O बजट O अर्थव्यवस्था O के O अहम O क्षेत्रों O में O समग्र O विकास O की O दिशा O में O काम O करते O हुए O लोगों O की O जिंदगी O पर O असर O डाल O रहा O है O । O इससे O , O जल O जीवन O मिशन O के O अंतर्गत O कार्य O की O रफ्तार O और O स्तर O तथा O सरकार O की O प्रतिबद्धता O का O पता O चलता O है O । O अभियान O के O अंतर्गत O राज्यों O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O दूर O - O दराज O तथा O अब O तक O उपेक्षित O रहे O क्षेत्रों O के O स्कूलों O और O आंगनवाडियों O तक O पाइप O के O जरिए O पानी O सप्लाई O को O प्राथमिकता O देने O का O अधिकार O दिया O गया O । O प्रधानमंत्री O सहित O सरकार O के O उच्चतम O स्तर O के O नेतृत्व O और O प्रतिबद्धता O के O कारण O ही O इस O अभियान O को O व्यापक O सफलता O प्राप्त O हुई O । O इसका O अधिकांश O श्रेय O योजना O की O सम्मिलित O और O समावेशी O प्रकृति O को O जाता O है O , O जिसने O इसे O आगे O बढ़ाया O । O अनेक O सरकारी O मंत्रालयों O एवं O विभागों O ने O एकजुट O होकर O कर्मियों O को O प्रशिक्षित O करने O का O बीड़ा O उठाया O , O जिन्होंने O स्थानीय O समुदायों O के O साथ O ऐसे O संस्थानों O को O चिह्नित O किया O जिनकी O जरूरत O सबसे O अधिक O थी O । O अभियान O के O अंतर्गत O महिलाओं O को O केवल O लाभान्वित O ही O नहीं O बल्कि O समस्या O निवारक O , O स्वयंसेवी O समूहों O की O कार्यकर्ता O , O अध्यापक O और O आंगनवाड़ी O कर्मी O के O तौर O पर O देखा O जाता O है O , O जिन्होंने O समुदायों O को O पाइप O से O पानी O की O सप्लाई O से O जुड़े O सूचना O प्रसार O की O महत्वपूर्ण O जिम्मेदारी O उठाई O । O अभियान O को O अमल O में O लाने O के O लिए O , O इसके O आरंभिक O चरण O में O सीमित O गतिशीलता O के O समय O स्कूलों O और O आंगनवाडियों O में O जल O सप्लाई O डेटा O प्राप्त O करना O चुनौतीपूर्ण O कार्य O था O । O रेडियो O फ्रिक्वेंसी O स्पेक्ट्रम O आबंटन O दोनों O ने O कई O प्रगतिशील O और O महत्वपूर्ण O प्रारूप O और O रूप O - O रेखाओं O का O विकास O किया O है O । O उनके O द्वारा O नीलामी O के O अन्य O प्रारूप O हैं O - O शेयर O नीलामी O , O कॉम्बीनीटोरियल O क्लॉक O नीलामी O , O और O इंसेंटिव O नीलामी O । O उस O समय O बने O उक्त O विभाग O ने O राजनय O के O क्षेत्र O में O अपनी O भूमिका O का O निरंतर O विकास O किया O । O आज O की O भारतीय O विदेश O सेवा O उसी O विभाग O का O आधुनिक O रूप O है O । O बेहतर O प्रबंधन O के O लिए O ब्रिटिश O सत्ता O ने O विदेश O विभाग O को O पुनर्गठित O करने O का O फैसला O किया O । O नवगठित O देश O के O लिए O संस्थाओं O के O नए O नाम O और O संरचना O जरूरी O थी O । O और O हमारे O फसल O त्योहारों O की O जीवंतता O हमारे O जीवन O को O हमेशा O आनंदमय O और O खुशहाल O बनाती O है O । O ये O हमारी O विरासत O , O इतिहास O और O आकांक्षाओं O के O प्रतिबिंब O हैं O । O तो O , O जैसा O कि O हम O दुनिया O भर O में O अपनी O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O , O हमारी O स्वतंत्रता O का O त्योहार O मना O रहे O हैं O , O इसे O सफल O बनाने O में O हम O आपके O पूरे O दिल O से O समर्थन O और O भागीदारी O चाहते O हैं O । O धन्यवाद O । O हर O घर O जल O बार O - O बार O सूखे O के O प्रकोप O , O बढ़ते O मरुस्थलीकरण O और O पानी O की O अपर्याप्त O उपलब्धता O से O आज O दुनिया O भर O में O पानी O की O किल्लत O महसूस O की O जा O रही O है O । O मानवीय O विकास O के O लिए O स्वच्छ O पेयजल O की O आपूर्ति O सुनिश्चित O करना O बेहद O जरूरी O है O । O जल O प्रबंधन O को O चिरस्थायी O बनाए O रखने O के O लिए O आम O लोगों O को O केन्द्र O में O रखकर O रणनीति O बनायी O गयी O है O ताकि O उनकी O भागीदारी O को O प्रोत्साहित O और O सुनिश्चित O किया O जा O सके O । O कोविड O - O 19 O महामारी O के O दौर O में O लोगों O को O इस O बात O का O अहसास O हुआ O कि O ' O हाथों O को O धोना O ' O उनके O पास O महामारी O से O बचाव O का O सबसे O आसान O और O बेहतरीन O उपाय O है O । O साफ O - O सफाई O और O आरोग्य O के O लिए O पाइप O लाइनों O के O जरिए O स्वच्छ O जल O की O आपूर्ति O भी O अत्यंत O महत्वपूर्ण O है O । O मिशन O के O जरिए O जल O - O स्रोत O की O निरंतरता O बनाए O रखने O के O लिए O अनिवार्य O उपाय O करने O का O भी O प्रावधान O किया O गया O है O । O इन O उपायों O में O जल O स्रोतों O का O पुनर्भरण O और O अवजल O प्रबंधन O के O जरिए O गंदे O पानी O को O फिर O से O उपयोग O में O लाने O योग्य O बनाना O , O जल O संरक्षण O और O वर्षा O जल O संचय O भी O शामिल O हैं O । O जल O जीवन O मिशन O पानी O के O बारे O में O सामूहिक O दृष्टिकोण O अपनाने O पर O आधारित O है O जिसमें O पानी O के O लिए O जनांदोलन O चलाकर O इसे O हरेक O व्यक्ति O की O प्राथमिकताओं O में O शामिल O किया O जाता O है O । O इसमें O सबसे O बड़ी O चुनौती O जल O आपूर्ति O प्रणाली O की O निरंतरता O बनाए O रखने O की O है O । O जल O जीवन O मिशन O में O पानी O से O जुड़ी O बुनियादी O ढांचा O परियोजनाओं O की O कमियों O की O पहचान O की O गयी O है O और O मिशन O में O इस O बात O पर O जोर O दिया O गया O है O कि O इसका O उद्देश्य O निरंतरता O बनाए O रखना O है O ताकि O पाइप O लाइनों O और O नलों O से O पानी O की O आपूर्ति O जारी O रह O सके O । O इससे O पहले O चलाए O गये O स्वच्छ O भारत O अभियान O ने O स्वच्छता O को O प्राथमिकता O बनाकर O और O देश O को O खुले O में O शौच O की O बुराई O से O मुक्ति O दिलाकर O पहले O ही O बुनियाद O तैयार O कर O दी O है O । O अब O स्वच्छ O भारत O अभियान O 2.0 O के O अंतर्गत O जब O अपघटनशील O ठोस O अपशिष्ट O प्रबंधन O , O अवजल O प्रबंधन O और O मलजल O प्रबंधन O के O कार्यक्रमों O से O अगले O स्तर O तक O ले O जाने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O भूजल O ने O देश O की O खाद्य O सुरक्षा O सुनिश्चित O करने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O इसके O साथ O ही O निर्णय O लेने O की O प्रक्रिया O में O नियोजन O से O लेकर O क्रियान्वयन O , O प्रबंधन O , O संचालन O और O ग्रामीण O पेयजल O आपूर्ति O योजनाओं O के O अनुरक्षण O जैसे O कार्यों O में O महिलाओं O को O शामिल O करना O बहुत O जरूरी O है O । O देश O भर O के O गांवों O में O दीर्घकालीन O जल O सुरक्षा O के O लिए O महिलाओं O को O ग्रामीण O पेय O जल O आपूर्ति O योजनाओं O में O भागीदार O बनाया O जाना O चाहिए O । O इस O योजना O का O मुख्य O उद्देश्य O वर्तमान O में O चल O रही O विभिन्न O योजनाओं O को O समेकित O कर O भूजल O संसाधनों O के O प्रबंधन O में O सुधार O लाना O है O । O सूक्ष्म O सिंचाई O प्रणालियों O पर O आधारित O प्रधानमंत्री O कृषि O सिंचाई O योजना O का O उद्देश्य O कृषि O क्षेत्र O में O ड्रिप O सिंचाई O व O स्प्रिंकलर O जैसी O उपयुक्त O टेक्नोलॉजी O का O उपयोग O करके O पानी O के O उपयोग O की O दक्षता O बढ़ाना O और O किसानों O को O पानी O की O किफायत O तथा O संरक्षण O करने O वाले O टेक्नोलॉजी O संबंधी O उपायों O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O प्रेरित O करना O है O । O यह O बात O बड़ी O दिलचस्प O है O कि O किस O तरह O भारतीय O अनुभव O अत्यंत O बहुमूल्य O रहा O है O । O इसने O विश्व O को O सिखाया O है O कि O किस O तरह O सबको O पानी O सुलभ O कराया O जा O सकता O है O और O इसकी O आपूर्ति O निरंतर O जारी O रखी O जा O सकती O है O । O ऐसी O पहलों O के O तहत O पानी O को O समुदायों O के O नियंत्रण O में O दिया O जाता O है O और O विकेन्द्रित O दुबारा O भराई O ( O रिचार्ज O ) O तथा O फिर O से O इस्तेमाल O पर O ध्यान O केन्द्रित O किया O जाता O है O । O भारतीय O सिनेमा O में O योगदान O के O लिए O उन्हें O पद्म O श्री O और O पद्म O भूषण O समेत O कई O सम्मानों O से O पुरस्कृत O किया O जा O चुका O है O । O हमारा O संविधान O बनाने O वाले O लोग O बेहद O प्रतिभाशाली O थे O । O किसी O खास O मुद्दे O पर O शासन O प्रणाली O से O जुड़े O लोगों O की O समझ O कैसी O है O , O इसी O से O तय O होता O है O कि O कैसी O नीतियां O बनेंगी O और O उन O पर O अमल O कितने O कारगर O ढंग O से O हो O सकेगा O । O शासन O प्रणाली O से O जुड़े O लोगों O में O मुद्दों O को O लेकर O समझ O के O स्तर O से O ही O किसी O बड़े O और O बेहतर O लक्ष्य O की O सफलता O या O असफलता O की O संभावनाओं O का O आकलन O किया O जा O सकता O है O । O अगर O किसी O मुद्दे O या O पहलू O को O बुनियादी O स्तर O पर O ही O बेहतर O ढंग O से O समझने O की O कोशिश O की O जाए O , O तो O राष्ट्र O के O निर्माण O के O लिए O बेहतर O नीति O बन O सकेगी O । O सिनेमा O को O संचार O का O सबसे O सशक्त O और O लोकप्रिय O माध्यम O कहा O जा O सकता O है O । O हालांकि O , O देश O की O स्वतंत्रता O के O बाद O से O नीति O निर्माण O के O स्तर O पर O यह O कला O का O सबसे O उपेक्षित O स्वरूप O रहा O है O । O इस O वजह O से O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O के O सिस्टम O में O कला O और O संस्कृति O से O जुड़े O प्रशिक्षण O के O लिए O सीमित O गुंजाइश O थी O । O इससे O अनुभवी O और O काबिल O नेताओं O के O लिए O मुश्किलें O और O बढ़ O गईं O । O सिनेमा O इस O वजह O से O भी O जरूरी O अहमियत O हासिल O नहीं O कर O पाया O , O क्योंकि O उस O वक्त O बड़े O पैमाने O पर O धारणा O थी O कि O यह O सिर्फ O मनोरंजन O का O माध्यम O है O और O इसे O किसी O और O नजरिये O से O नहीं O देखा O जा O सकता O । O यह O बात O नीति O निर्माताओं O की O कल्पना O से O परे O थी O कि O राष्ट्र O निर्माण O में O सिनेमा O का O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O ' O ' O इसी O बदलाव O का O प्रतिनिधित्व O करता O है O । O ये O समूह O पारंपरिक O , O परमाणु O , O जैविक O और O रासायनिक O हथियारों O और O प्रौद्योगिकी O का O नियमन O करते O हैं O । O इस O एलायंस O का O उद्देश्य O सौर O ऊर्जा O के O तीव्र O प्रसार O के O जरिए O पेरिस O जलवायु O समझौते O को O लागू O करने O में O योगदान O देना O है O । O दोनों O बहुत O चिंतित O हुए O । O उनकी O चिंता O की O वजह O भी O थी O । O इस O दौरान O दोनों O ने O ही O किसी O गर्भनिरोधक O का O इस्तेमाल O नहीं O किया O था O । O वे O अभी O बच्चा O नहीं O चाहते O थे O । O यही O अनचाहा O गर्भ O है O । O दोनों O ही O अपनी O गर्भवस्था O को O आगे O नहीं O बढ़ाना O चाहती O हैं O । O ऐसे O ही O बहुत O से O दम्पति O होते O हैं O , O जो O गर्भावस्था O को O आगे O नहीं O बढ़ाना O चाहते O हैं O । O सामाजिक O विषयों O पर O शोध O में O रुचि O है O । O शैक्षिक O संस्थान O जीएस O वर्ल्ड O में O अकादमिक O प्रमुख O भी O हैं O । O विभिन्न O राज्यों O में O विभिन्न O मॉडल O हैं O किंतु O सभी O जगह O समस्याएं O लगभग O समान O ही O हैं O । O शासन O को O चलाने O वाले O प्रशासन O का O जनता O के O प्रति O उत्तरदायी O होना O एवं O सरकारी O सेवाओं O की O डिलीवरी O तय O समय O सीमा O में O करना O ही O सुशासन O की O प्रथम O शर्त O है O । O शिकायत O निवारण O तंत्र O का O मजबूत O ढांचा O एवं O उसका O व्यवहारिक O क्रियान्वयन O इस O पूरी O प्रक्रिया O की O सबसे O अहम O कड़ी O है O । O आजादी O के O बाद O प्रशासन O की O औपनिवेशिक O मानसिकता O , O जिसमें O सरकारी O सेवाओं O एवं O योजनाओं O को O जनता O तक O पहुंचाना O सरकारी O कृपा O माना O जाता O है O , O को O समाप्त O करने O के O लिए O ही O शिकायत O निवारण O तंत्र O को O मजबूत O किया O जाना O जरूरी O है O । O आगे O इस O लेख O में O कुछ O राज्यों O की O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O उल्लेख O किया O गया O है O । O यह O कानून O इतना O लोकप्रिय O हुआ O कि O इसका O अनेक O प्रदेशों O ने O भी O अनुकरण O किया O । O जिनमें O अधिकांश O शिकायतों O हेतु O ऑनलाइन O आवेदन O भी O किए O जा O सकते O हैं O । O विदेशी O मुद्रा O प्रबंधन O इसकी O वजह O इसकी O सीमित O उपलब्धता O थी O । O देश O में O विदेशी O मुद्रा O प्रबंधन O के O शुरुआती O दौर O में O इसकी O सीमित O आपूर्ति O के O कारण O फोकस O सिर्फ O मांग O को O कम O कर O कर O विदेश O मुद्रा O के O नियंत्रण O पर O था O । O मुद्रा O विनिमय O के O लिए O वैधानिक O अधिकार O विदेशी O मुद्रा O नियमन O कानून O , O 1947 O ( O फेरा O ) O के O जरिये O मिला O । O इसके O बाद O इसे O और O व्यापक O बनाते O हुए O विदेशी O मुद्रा O नियमन O कानून O , O 1973 O लाया O गया O । O विदेशी O मुद्रा O को O संचालित O करने O वाले O नियमों O में O व्यापक O स्तर O पर O ढील O की O पहल O की O गई O । O विदेशी O मुद्रा O विभाग O से O बदलकर O इसका O नाम O मुद्रा O नियंत्रण O विभाग O कर O दिया O गया O है O । O शहरी O और O अर्द्ध O - O शहरी O इलाकों O में O ग्राहकों O की O वित्तीय O जरूरतों O को O पूरा O करते O हैं O । O गैर O - O बैंकिंग O वित्तीय O संस्थानों O का O नियमन O इस O स्कीम O के O तहत O व्यावसायिक O बैंकों O , O प्राथमिक O सहकारी O बैंकों O और O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंकों O के O खिलाफ O शिकायतों O को O निपटाया O जाता O है O । O आपने O अपनी O आबादी O का O टीकाकरण O किया O है O , O और O आपकी O अर्थव्यवस्था O ने O लचीलापन O और O सुधार O दिखाया O है O । O और O मैं O आपको O उस O उपलब्धि O के O लिए O बधाई O देता O हूं O । O महामारी O के O दौरान O हमारे O सहयोग O ने O एकजुटता O प्रदर्शित O की O है O , O एकजुटता O जो O डिजाइन O , O गति O , O और O हमारी O प्रतिक्रिया O के O पैमाने O के O संदर्भ O में O सामने O आई O है O । O और O जब O मैं O कोविड O से O निपटने O के O आपके O मॉडल O के O बारे O में O सुनता O हूं O , O तो O ईमानदारी O से O , O हम O आपकी O संतुष्टि O को O साझा O करते O हैं O । O मंत्री O महोदय O , O आपने O और O मैंने O आज O हमारी O द्विपक्षीय O साझेदारी O पर O व्यापक O चर्चा O की O । O हमने O विभिन्न O क्षेत्रों O में O चल O रही O परियोजनाओं O और O पहलों O का O जायजा O लिया O । O हमने O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O , O व्यापार O और O निवेश O , O और O पर्यटन O को O देखा O । O हम O कल O इनमें O से O कुछ O परियोजनाओं O का O उद्घाटन O और O शुभारंभ O देखेंगे O । O आपने O प्रतिष्ठित O ग्रेटर O माले O कनेक्टिविटी O प्रोजेक्ट O के O बारे O में O भी O बात O की O है O जिसमें O वास्तव O में O राजधानी O के O परिवहन O परिदृश्य O को O बदलने O की O क्षमता O है O । O भू O - O तकनीकी O सर्वेक्षण O जारी O है O । O विदेश O मंत्री O जी O , O आपने O और O मैंने O क्षमता O निर्माण O और O प्रशिक्षण O के O क्षेत्र O में O की O गई O प्रगति O को O स्वीकार O किया O है O । O और O मैं O आपको O विश्वास O दिलाता O हूं O कि O हम O आने O वाले O वर्ष O में O भी O उस O स्थिति O को O बनाए O रखने O के O लिए O सभी O प्रयास O करेंगे O और O हर O तरह O के O प्रोत्साहन O देंगे O । O प्रमुख O सेवा O क्षेत्रवार O प्रदर्शन O और O इस O क्षेत्र O के O विकास O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सरकार O की O नई O नीतियां O निम्नानुसार O हैं O : O पर्यटन O - O आईटी O - O बीपीएम O - O रियल O ईस्टेट O - O आर O एंड O डी O - O अंतरिक्ष O - O इसके O अंतर्गत O मिशन O अंत्योदय O सर्वेक्षण O पर O आधारित O कमियों O को O नियोजन O के O अगले O दौर O में O दूर O करने O के O लिए O सामने O लाया O जाता O है O और O विभिन्न O मंत्रालयों O की O विभिन्न O योजनाओं O के O बारे O में O जानकारी O साझा O की O जाती O है O ताकि O सूचित O योजना O बनाई O जा O सके O । O इस O ग्राम O पंचायत O ने O पिछले O कुछ O वर्षों O में O विकास O गतिविधियों O के O लिए O निर्मल O पुरस्कार O और O सर्वश्रेष्ठ O ग्राम O पंचायत O पुरस्कार O सहित O कई O पुरस्कार O जीते O हैं O । O कुछ O साल O पहले O तक O , O इस O ग्राम O पंचायत O में O बुनियादी O सुविधाएं O उपलब्ध O नहीं O थीं O । O जागरूकता O के O लिए O घर O - O घर O जाना O और O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O तथा O मनरेगा O के O अभिसरण O के O साथ O शौचालयों O के O निर्माण O से O यह O ग्राम O पंचायत O खुले O में O शौच O से O मुक्त O पंचायत O बन O गई O है O और O इस O प्रकार O नागरिकों O पर O स्वास्थ्य O व्यय O का O दबाव O कम O हो O गया O है O । O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O गामीण O ) O के O तहत O , O सूखे O और O गीले O कचरे O को O अलग O - O अलग O करने O के O लिए O घर O - O घर O जाकर O कचरा O संग्रहण O के O साथ O ठोस O और O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O की O पहल O की O गई O । O कचरे O को O खाद O में O तब्दील O कर O दिया O गया O है O जिसका O उपयोग O खेती O के O लिए O किया O जाता O है O । O ग्राम O पंचायत O ने O ग्राम O क्षेत्र O को O प्लास्टिक O मुक्त O रखने O के O लिए O एकल O उपयोग O प्लास्टिक O पर O प्रतिबंध O लगा O दिया O है O । O डिजिटल O / O ऑनलाइन O कक्षाओं O के O लिए O आधुनिक O सुविधाओं O के O साथ O इनका O निर्माण O किया O गया O है O । O ग्राम O पंचायत O ने O अभिसरण O के O जरिए O रोजगार O के O अवसर O प्रदान O करके O मजदूरी O चाहने O वालों O के O लिए O आजीविका O के O साधन O उपलब्ध O कराने O का O प्रयास O किया O है O । O ग्राम O पंचायत O के O सहयोग O से O ग्रामीण O , O दूध O बेचकर O अपनी O आजीविका O चला O रहे O हैं O । O कई O केंद्रीय O और O राज्य O योजनाओं O - O मनरेगा O , O स्वच्छ O भारत O मिशन O ( O ग्रामीण O ) O , O दीनदयाल O अंत्योदय O योजना O , O राष्ट्रीय O ग्रामीण O स्वास्थ्य O मिशन O , O आदि O के O अभिसरण O के O कारण O , O पशुओं O के O लिए O मवेशी O आवास O - O गृह O , O वर्मीकम्पोस्ट O इकाई O सहित O कई O विकासात्मक O गतिविधियां O संचालित O की O गई O हैं O । O इस O पहल O से O स्वयं O सहायता O समूहों O के O सदस्य O और O ग्रामीण O लाभान्वित O हो O रहे O हैं O । O पशु O खाद O को O कम्पोस्ट O बनाने O के O लिए O कच्चे O माल O के O रूप O में O इस्तेमाल O किया O गया O है O , O और O इस O खाद O तथा O वर्मीकम्पोस्ट O , O दोनों O को O स्थानीय O बाजार O में O बेचा O जा O रहा O है O । O गैर O सरकारी O संगठनों O की O मदद O से O , O सभी O गाँवों O ने O पेयजल O सुरक्षा O हासिल O करने O के O लिए O अपने O गाँव O की O कार्य O योजना O तैयार O करना O शुरू O कर O दिया O । O जिसमें O ग्राम O पंचायत O की O उप O - O समिति O के O रूप O में O पानी O समिति O के O नाम O से O मशहूर O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समिति O बनाने O का O प्रावधान O किया O गया O । O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समिति O / O पानी O समिति O , O गांवों O में O पेयजल O स्रोत O प्रबंधन O , O पीने O के O पानी O की O आपूर्ति O , O घरेलू O अपशिष्ट O जल O प्रबंधन O और O संचालन O तथा O रखरखाव O का O आधार O बन O गई O । O इसके O कारण O स्थानीय O समुदाय O के O साथ O गाँव O - O स्तर O पर O जिम्मेदार O और O उत्तरदायी O नेतृत्व O का O विकास O हुआ O । O वर्षा O जल O संचयन O और O जलदायी O स्तर O के O कृत्रिम O पुनर्भरण O के O लिए O बड़े O पैमाने O पर O काम O किया O गया O , O ताकि O स्थानीय O जल O स्रोत O पूरे O वर्ष O भर O बने O रहें O । O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समिति O / O पानी O समिति O ने O हर O घर O से O जल O वितरण O शुल्क O एकत्र O करने O का O निर्णय O लिया O , O ताकि O जल O आपूर्ति O प्रणालियों O का O संचालन O और O रखरखाव O ठीक O से O हो O सके O । O इससे O भूजल O पुनर्भरण O में O मदद O मिली O । O उन्हें O ज्ञानपीठ O अवार्ड O और O पद्म O भूषण O से O भी O सम्मानित O किया O गया O था O । O उर्दू O पत्रकारिता O - O भारतीय O स्वतंत्रता O संग्राम O में O अपनी O जान O गंवाने O वाले O वे O पहले O उर्दू O पत्रकार O थे O । O आजादी O के O बाद O उर्दू O अखबारों O ने O खबरें O और O विचार O देना O जारी O रखा O । O उर्दू O अखबारों O और O पत्रिकाओं O ने O पाठकों O के O बीच O अच्छी O लोकप्रियता O हासिल O कर O ली O थी O । O डिजिटलीकरण O की O चुनौती O को O स्वीकारते O हुए O अब O ये O ई O - O पेपर O में O आ O रहे O हैं O । O द O नेशनल O काउंसिल O फॉर O प्रोमोशन O ऑफ O उर्दू O लैंग्वेज O ( O एनसीपीयूएल O ) O / O उर्दू O भाषा O विकास O परिषद O - O जहां O तक O सरकार O द्वारा O भाषा O के O विकास O का O सवाल O है O तो O यह O बताना O अहम O है O कि O इसमें O एनसीपीयूएल O का O महत्वपूर्ण O योगदान O रहा O है O । O उर्दू O के O विकास O के O लिए O राष्ट्रीय O नोडल O एजेंसी O एनसीपीयूएल O , O प्रमुख O संयोजक O के O रूप O में O कार्य O करती O है O साथ O ही O यह O उर्दू O भाषा O के O विकास O और O शिक्षण O के O लिए O जांच O प्राधिकरण O भी O है O । O उर्दू O के O विकास O के O लिए O एनसीपीयूएल O ने O कई O मार्ग O अपनाए O हैं O जिनमें O उर्दू O भाषा O में O पुस्तक O प्रकाशन O , O दूरस्थ O शिक्षा O , O व्यवसायिक O प्रशिक्षण O , O ऑनलाइन O पाठ्यक्रम O , O तकनीकी O प्रशिक्षण O शामिल O हैं O । O उर्दू O भाषा O को O विज्ञान O और O तकनीकी O विकास O से O जोड़ने O के O लिए O एनसीपीयूएल O कई O मान्यता O प्राप्त O संस्थाओं O द्वारा O तकनीकी O पाठ्यक्रम O जैसे O कम्प्यूटर O एप्लीकेशन O , O बिजनेस O अकाउंटिंग O एंड O मल्टी O लिंगुअल O - O डीटीपी O ( O काबा O - O एमडीटीपी O ) O पाठ्यक्रम O , O कैलीग्राफी O संचालन O किया O जाता O है O । O निष्कर्ष O - O उर्दू O साहित्य O , O विशेषकर O इसकी O शायरी O ने O विश्व O भर O के O कला O प्रेमियों O और O साहित्य O के O पाठकों O में O रुचि O पैदा O की O है O । O तकनीकी O विकास O के O चलते O आज O के O ज़माने O में O भाषा O अपने O बोलने O वाले O लोगों O तक O नये O - O नये O जरियों O से O पहुंच O पा O रही O है O । O तकनीकी O में O तेजी O से O हो O रहे O विकास O ने O जीवन O को O पूरी O तरह O से O बदल O दिया O है O । O तेज़ O रफ्तार O भरी O आज O की O जिंदगी O में O इत्मिनान O के O पल O पुराने O ज़माने O की O बात O हो O गई O है O । O जिस O प्रकार O कई O लोग O अब O पढ़ने O के O लिए O डिजिटल O डिवाइस O का O प्रयोग O करने O लगे O हैं O , O उसी O प्रकार O भाषा O और O उनकी O लिपियों O को O भी O अपने O पाठकों O तक O पहुंचने O के O लिए O तकनीक O को O अपनाना O होगा O । O जैसा O कि O इस O भाषा O को O बोलने O वाले O विश्व O के O सभी O हिस्सों O में O हैं O , O उर्दू O यह O आशा O कर O सकती O है O कि O लोगों O के O साथ O इसका O विस्तृत O और O गहन O प्रयोग O सोशल O मीडिया O के O माध्यम O से O सीमा O से O परे O विश्व O भर O में O हो O । O क्योंकि O अच्छे O साहित्य O को O इस O प्रकार O परिभाषित O किया O गया O है O कि O जो O समय O और O स्थान O के O बंधन O के O परे O होता O है O । O आर्थिक O प्रगति O का O कदम O वित्तीय O सेवाओं O के O सचिव O के O रूप O में O , O उन्होंने O बैंकिंग O सुधार O की O दिशा O में O कई O नई O रणनीतियां O बनाई O । O राजस्व O सचिव O के O रूप O में O उन्होंने O आयकर O , O उत्पाद O शुल्क O और O सेवा O कर O में O कई O सारी O करोन्मुख O पहल O की O । O इस O बजट O का O फोकस O कृषि O और O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O पर O ज्यादा O पैसे O खर्च O करना O है O , O ताकि O किसानों O की O आमदनी O बढ़ाने O में O मदद O के O अलावा O इससे O वस्तुओं O और O सेवाओं O के O लिए O मांग O तैयार O हो O सके O । O साथ O ही O इससे O निजी O निवेश O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O बजट O में O ग्रामीण O ढांचे O और O ग्रामीण O रोजगार O तैयार O करने O को O लेकर O अधिकतम O पैसा O खर्च O करने O का O प्रावधान O है O । O ग्रामीण O आजीविका O कार्यक्रम O के O लिए O बजट O आवंटन O में O बढ़ोतरी O की O गई O है O , O जिसके O तहत O स्वयं O सहायता O समूहों O ( O खासतौर O पर O महिलाओं O ) O को O फंड O और O बैंक O लोन O के O जरिये O मदद O की O जा O रही O है O । O इससे O कृषि O क्षेत्र O से O जुड़ी O गतिविधियां O तैयार O करने O में O मदद O मिलेगी O और O प्राथमिक O कृषि O उत्पादों O का O मूल्य O संवर्द्ध O भी O होगा O । O " O ऑपरेशन O फ्लड O " O दूध O क्षेत्र O के O लिए O बेहद O कारगर O रहा O था O । O ' O ऑपरेशन O ग्रीन O ' O के O तहत O उत्पादन O और O खपत O के O केंद्रों O को O ठीक O तरीके O से O जोड़ा O जाएगा O और O इन O उत्पादों O को O पहुंचाने O और O ले O जाने O के O लिए O जरूरी O इंतजाम O तैयार O किए O जाएंगे O । O साथ O ही O , O जहां O भी O जरूरी O होगा O , O इन O फसलों O के O लिए O किसान O उत्पादक O संगठनों O ( O एफपीओ O ) O की O मदद O से O वेयरहाउस O और O प्रोसेसिंग O की O नई O क्षमता O तैयार O की O जाएगी O । O इससे O कृषि O प्रसंस्करण O क्षेत्र O में O पेशेवर O रवैये O को O प्रोत्साहन O मिलेगा O । O नवाचार O कपड़ा O उद्योग O में O नैनो O तकनीक O नैनो O तकनीक O का O इस्तेमाल O विभिन्न O क्षेत्रों O में O किया O जा O रहा O है O । O इस O तरह O , O नैनो O आयामों O में O आकार O और O ढांचा O तैयार O कर O , O पदार्थ O के O गुणों O में O बदलाव O किए O जा O सकते O हैं O , O ताकि O ज़रूरी O मकसद O हासिल O किया O जा O सके O । O इस O तरह O की O बेहतरीन O प्रौद्योगिकी O ने O सभी O क्षेत्रों O में O अपनी O संभावनाओं O को O साबित O किया O है O और O कपड़ा O उद्योग O भी O इस O मामले O में O अपवाद O नहीं O है O । O कपड़ा O उद्योग O कई O तरह O की O ज़रूरतों O को O पूरा O करता O है O , O जिसमें O उपभोक्ता O उत्पाद O भी O शामिल O हैं O । O उपभोक्ता O उत्पादों O में O पहनने O वाले O कपड़े O , O घर O से O जुड़े O साजो O - O सामान O , O बाथरूम O में O इस्तेमाल O की O जाने O वाली O चीजें O , O ऑटोमोबाइल O , O सैन्य O , O बायोमेडिकल O , O इलेक्ट्रॉनिक O और O प्रौद्योगिकी O में O काम O आने O वाले O कपड़े O आदि O शामिल O हैं O । O एडवांस O ( O बेहतर O गुणवत्ता O वाले O ) O कपड़ों O को O स्मार्ट O और O इंटरैक्टिव O होना O चाहिए O यानी O ये O कपड़े O ज़रूरतों O के O हिसाब O से O अपना O प्रभाव O छोड़ O सकते O हों O । O स्मार्ट O इंटरैक्टिव O कपड़े O , O वातावरण O में O विद्युतीय O , O थर्मल O , O रासायनिक O , O चुंबकीय O या O अन्य O तरह O के O प्रभावों O को O समझ O सकते O हैं O । O साथ O ही O , O इन O प्रभावों O के O हिसाब O से O खुद O को O ढाल O सकते O हैं O या O प्रतिक्रिया O व्यक्त O कर O सकते O हैं O । O हम O अब O कपड़ों O को O लेकर O नई O पीढ़ी O की O उम्मीद O और O पसंद O के O बारे O में O बात O करते O हैं O । O एप O अपने O डैशबोर्ड O पर O प्रतिक्रियाओं O , O अस्पतालों O की O कुल O संख्या O , O संतुष्ट O व O असंतुष्ट O उत्तरदाताओं O की O कुल O संख्या O , O प्रदर्शित O करता O है O जो O काफी O स्पष्ट O है O । O जो O स्पष्ट O नहीं O है O वह O यह O कि O इन O प्रतिक्रियाओं O को O कैसे O देखा O जाता O है O और O उन्हें O कैसे O प्रदर्शित O किया O जाता O है O । O बोर्ड O का O गठन O उपभोक्ताओं O की O आवश्यकताओं O को O पूरा O करने O और O स्वास्थ्य O उद्योग O की O प्रगति O की O दिशा O में O बेंचमार्क O तय O करने O के O लिए O हुआ O है O । O उद्योग O , O उपभोक्ता O , O सरकार O , O समेत O सभी O स्टेकधारकों O से O समर्थन O प्राप्त O बोर्ड O अपने O परिचालन O में O पूर्णतः O स्वायत्त O है O । O बोर्ड O के O पास O शिकायतों O व O परिवादों O के O निपटान O की O अपनी O व्यवस्था O निर्धारित O है O किंतु O यह O व्यापक O तौर O पर O उसके O साथ O पंजीकृत O अस्पतालों O व O हेल्थकेयर O प्रोवाइडर्स O के O दायरे O में O आता O है O । O यदि O चिकित्सक O व्यावसायिक O दुराचार O का O दोषी O पाया O जाता O है O तो O संबंधित O परिषद O आवश्यक O सज़ा O या O रजिस्टर O से O चिकित्सक O का O नाम O हमेशा O के O लिए O या O किसी O खास O समय O तक O के O लिए O हटाने O का O निर्देश O दे O सकता O है O । O ऐसी O कार्रवाई O को O निवारक O के O तौर O पर O प्रदर्शित O किया O जाता O है O । O संहिता O के O तहत O किसी O उल्लंघन O में O रोगी O के O प्रति O लापरवाही O , O रोगी O के O हितों O को O प्राथमिकता O न O देना O , O लिंग O निर्धारण O जांच O करना O शामिल O हैं O । O राष्ट्रीय O उपभोक्ता O हेल्पलाइन O पर O भी O संपर्क O किया O जा O सकता O है O और O चिकित्सा O संबंधी O लापरवाही O के O लिए O शिकायत O दर्ज़ O कर O सकते O हैं O । O नियमों O के O अनुसार O प्रत्येक O मामले O में O सेवा O व O दक्षता O का O संतुलन O होना O चाहिए O । O सभी O निजी O व O सरकारी O अस्पतालों O में O प्रभावी O प्रवर्तन O प्रणाली O की O अनुपस्थिति O काफी O दुखद O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O 2017 O के O वादों O के O अनुसार O विनियामक O प्राधिकरण O का O गठन O इस O दिशा O में O काफी O कारगर O होगा O । O दूसरी O ओर O , O नीति O आयोग O ' O सबसे O पहले O राज्य O ' O दृष्टिकोण O से O मार्गदर्शित O है O । O उसके O मूलभूत O सिद्धांतों O में O सहकारी O संघवाद O ( O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O के O बीच O सहयोग O ) O और O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O ( O राज्यों O के O बीच O स्वस्थ O प्रतिस्पर्धा O को O प्रोत्साहन O ) O शामिल O हैं O । O नीति O आयोग O विकास O योजनाओं O का O निरूपण O और O उनकी O समीक्षा O करने O के O लिए O राज्यों O के O साथ O साझेदारी O के O जरिए O सहकारी O और O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O को O बढ़ावा O देने O के O दोहरे O अधिदेशों O का O पालन O करने O के O लिए O प्रयत्नशील O है O । O नीति O आयोग O ने O राज्य O सरकारों O और O केंद्रीय O मंत्रालयों O के O बीच O सीधे O मुद्दों O पर O आधारित O संवाद O के O लिए O मंच O भी O उपलब्ध O कराया O है O और O इस O प्रकार O लंबित O मामलों O के O त्वरित O समाधान O में O भी O सहायता O प्रदान O की O है O । O इसके O अलावा O , O नीति O आयोग O ने O द्वीपों O के O विकास O के O लिए O कुछ O प्रमुख O पहलों O को O निरूपित O किया O है O , O जिन्हें O उपयुक्त O प्राधिकरणों O द्वारा O गृह O मंत्रालय O के O समग्र O मार्गदर्शन O के O अंतर्गत O कार्यान्वित O किया O जा O रहा O है O । O यह O इस O बात O की O भी O परिकल्पना O करता O है O कि O आने O वाले O महीनों O में O पूर्वोत्तर O के O नीति O फोरम O की O तरह O ही O , O निकटस्थ O राज्यों O की O अन्य O क्षेत्रीय O परिषदों O का O भी O गठन O किया O जा O सकता O है O । O इससे O निकटस्थ O राज्यों O में O से O प्रत्येक O के O विकास O के O पथ O का O निरूपण O करते O समय O समान O क्षेत्रीय O मसलों O और O चुनौतियों O को O शामिल O किया O जा O सकेगा O । O नीति O आयोग O अपने O क्षेत्रवार O सूचकांकों O को O सार्वजनिक O क्षेत्र O में O प्रस्तुत O करने O के O माध्यम O से O प्रतिस्पर्धी O संघवाद O को O सैद्धांतिक O रूप O से O बढ़ावा O देता O है O । O सरकारी O तौर O पर O इसे O ही O मान्यता O मिली O । O इसी O के O अनुरूप O नई O खुल O रही O शिक्षण O संस्थाओं O में O भाषा O के O शिक्षण O की O व्यवस्था O हुई O । O आज़ादी O के O आंदोलन O ने O इसे O अपनी O भाषा O बनाया O । O साहित्य O के O विस्तार O ने O हिंदी O को O दूर O - O दराज O तक O फैलाया O । O परंतु O काव्य O में O नई O प्रवृत्तियां O आरंभ O हुईं O और O खड़ी O बोली O संस्कारित O होकर O काव्य O की O भाषा O भी O बन O गई O । O आजादी O के O बाद O जनमाध्यमों O , O शिक्षा O - O संस्थानों O आदि O के O जरिए O हिंदी O का O व्यापक O प्रचार O - O प्रसार O हुआ O । O वर्तमान O समय O में O हिंदी O ' O हिंदी O भाषी O प्रदेशों O ' O की O भाषा O है O । O हिंदी O का O शब्द O भंडार O संस्कृत O के O तत्सम O , O तद्भव O , O ब्रज O , O अवधी O , O मैथिली O , O उर्दू O , O फारसी O , O भोजपुरी O , O मगही O , O बुंदेली O आदि O की O व्यापक O शब्द O - O संपदा O से O समृद्ध O है O । O नए O संचार O माध्यमों O में O हिंदी O के O अनुप्रयोग O ने O हिंदी O को O और O विस्तार O दिया O है O । O हिंदी O की O व्याप्ति O , O व्यापकता O आदि O कंप्यूटर O , O लैपटाप O , O मोबाइल O पर O देवनागरी O लिपि O के O सुगम O इस्तेमाल O की O तकनीक O विकसित O हो O जाने O के O बाद O से O तेजी O से O बढ़ी O है O और O बढ़ती O जा O रही O है O । O देश O भर O में O हिंदी O के O विविध O रूप O प्रचलित O हैं O । O इन्हें O पूर्वी O हिंदी O , O पश्चिमी O हिंदी O , O राजस्थानी O , O पहाड़ी O , O बिहारी O के O रूप O में O बांटा O जा O सकता O है O । O ये O रूप O अपने O क्षेत्र O की O बोलियों O से O समन्वित O होकर O प्रयोग O किए O जाते O हैं O । O पर O लिखित O व O मुद्रित O हिंदी O परिनिष्ठित O हिंदी O कहलाती O है O । O पर O भाषा O का O विकास O , O समय O , O इतिहास O और O जनता O के O प्रवाह O से O तय O होता O है O । O हिंदी O का O अब O जो O बोलचाल O का O , O लेखन O और O साहित्य O का O , O समाचार O पत्र O - O पत्रिकाओं O और O दृश्य O - O श्रव्य O माध्यमों O का O रूप O निखर O कर O आया O है O , O उसका O शब्द O - O भंडार O अत्यंत O व्यापक O है O , O वह O केवल O संस्कृत O के O आग्रह O पर O नहीं O टिका O है O । O उसमें O उर्दू O की O रवानी O है O तो O स्थानीय O बोलियों O की O छटा O भी O । O यही O हिंदी O की O सुंदरता O , O प्रभावशीलता O और O संभावना O का O सूचक O भी O है O । O हिंदी O भाषा O के O विकास O से O जुड़ी O जो O नकारात्मक O व O निराश O करने O वाली O बात O है O , O वह O यह O कि O यह O भाषा O उच्च O शिक्षा O का O माध्यम O नहीं O बन O सकी O । O यही O नहीं O यह O अब O प्राथमिक O व O माध्यमिक O शिक्षा O के O माध्यम O के O रूप O में O भी O तेजी O से O ह्रास O को O प्राप्त O हो O रही O है O । O इसका O परिणाम O विज्ञान O , O दर्शन O , O कला O , O साहित्य O , O तकनीकी O आदि O क्षेत्रों O में O मौलिक O चिंतन O और O मौलिक O कार्य O के O अभाव O के O रूप O में O सामने O आएगा O । O ये O बांध O टूट O सकते O हैं O और O नीचे O के O क्षेत्रों O में O बाढ़ O का O कारण O बन O सकते O हैं O । O हिमालयी O क्षेत्रों O में O बाढ़ O की O घटनाएं O सामान्य O हैं O और O ये O प्राकृतिक O सतह O प्रक्रियाओं O और O वर्षा O वितरण O के O कारण O होती O हैं O । O हालांकि O , O बाढ़ O की O भयावहता O समग्र O भूविज्ञान O , O भौगोलिक O स्थिति O , O झीलों O के O जलग्रहण O क्षेत्र O में O व्यापक O वितरण O , O भूस्खलन O क्षेत्र O और O वर्षा O के O कारण O होती O है O । O बाढ़ O का O मानचित्रण O पहले O बिंदु O के O लिए O नदियों O और O नालों O में O बाढ़ O के O स्तर O की O सटीक O माप O की O आवश्यकता O होती O है O जो O सामान्य O रूप O से O नदी O मापक O स्टेशनों O पर O किया O जाता O है O । O इन O स्टेशनों O को O अब O अत्याधुनिक O इंटरनेट O ऑफ O थिंग्स O और O रडार O से O लैस O किया O जा O सकता O है O ताकि O डेटा O को O दूरस्थ O स्थानों O और O बाढ़ O प्रबंधन O केंद्रों O तक O त्वरित O रूप O से O प्रेषित O किया O जा O सके O । O रडार O तीव्र O वर्षा O के O स्थानों O और O तूफान O के O अस्थायी O विकास O पर O नजर O रखने O में O मदद O कर O सकता O है O । O बाढ़ O में O वृद्धि O के O वेग O से O जलनिकासी O नेटवर्क O के O दक्षतापूर्वक O सतह O के O प्रवाह O को O चैनल O तक O पहुंचाने O के O बारे O में O पता O लग O सकता O है O । O यह O , O जल O निकासी O घनत्व O , O ढाल O , O और O वनस्पति O क्षेत्र O , O आदि O जैसे O मापदंडों O का O कारक O होगा O और O वर्षा O की O घटना O के O चरम O तथा O हाइड्रोग्राफ O के O बीच O अंतराल O को O भी O तय O करेगा O । O सतर्कता O प्रणाली O और O निकासी O को O सक्रिय O करने O के O लिए O इस O समय O अंतराल O का O आंकलन O महत्वपूर्ण O है O । O इस O संदर्भ O में O बाढ़ O का O कारण O भी O महत्वपूर्ण O है O जैसे O क्षेत्रीय O भीषण O वर्षा O से O बाढ़ O के O स्तर O में O धीरे O - O धीरे O वृद्धि O होगी O जबकि O ग्लेशियल O झील O विस्फोट O से O बाढ़ O और O भूस्खलन O झील O विस्फोट O से O बाढ़ O के O स्तर O में O तेजी O से O वृद्धि O होगी O । O इसलिए O , O विभिन्न O स्तरों O पर O समग्र O डेटा O में O बाढ़ O का O स्तर O / O वेग O माप O शामिल O होना O चाहिए O । O इसके O लिए O भूवैज्ञानिक O अभिलेखों O की O समझ O की O आवश्यकता O है O । O सेंटीमीटर O से O मीटर O तक O के O और O रेत O तथा O गाद O से O बने O दलदल O भूमि O के O जल O संसाधन O - O स्लैक O वाटर O डिपॉजिट्स O ( O एसडब्ल्यूडी O ) O व्यष्टि O बाढ़ O घटना O के O कारण O होते O हैं O । O जल O शक्ति O अभियान O - O केंद्रीय O गतिविधियां O - O * O जल O संभरण O विकास O * O लक्षित O संचार O * O रीयलटाइम O मॉनिटरिंग O डैशबोर्ड O * O अंतरिक्ष O प्रौद्योगिकी O का O प्रयोग O * O सघन O वनीकरण O * O बोरवैल O पुनर्भरण O ढांचों O का O पुनर्प्रयोग O * O परंपरागत O और O अन्य O जल O निकायों O / O टैंकों O का O नवीनीकरण O * O जल O संरक्षण O और O वर्षा O - O जल O संचयन O * O जल O संभरण O विकास O जल O जीवन O मिशन O * O स्थानीय O स्तर O पर O पानी O की O समेकित O मांग O और O आपूर्ति O का O प्रबंधन O । O * O केंद्र O और O राज्यों O की O अन्य O योजनाओं O के O साथ O अभिसरण O किया O जाएगा O । O * O खेती O में O पुनर्प्रयोग O के O लिए O वर्षा O - O जल O संचयन O , O भूजल O पुनर्भरण O और O घरेलू O अपशिष्ट O जल O प्रबंधन O के O वास्ते O स्थानीय O संरचना O का O निर्माण O । O इस O कार्यक्रम O का O उद्देश्य O देश O के O हिमालयी O और O प्रायद्वीपीय O क्षेत्रों O में O प्रमुख O नदियों O को O जोड़ने O के O माध्यम O से O पानी O की O कमी O को O दूर O करना O सुनिश्चित O करना O है O । O नदियों O को O आपस O में O जोड़ने O के O कार्यक्रम O पर O संबंधित O राज्य O सरकारों O के O साथ O आम O सहमति O तक O पहुंचने O के O लिए O जमीन O तैयार O की O गई O । O ग्राम O पंचायत O विकास O योजनाएं O विकेंद्रीकरण O के O समर्थकों O द्वारा O किए O गए O अध्ययन O के O अनुसार O स्थानीय O स्तर O पर O सत्ता O और O प्राधिकार O का O हस्तांतरण O कई O तरह O से O स्थानीय O शासन O की O व्यवस्था O को O बढ़ावा O देने O में O सहायक O हो O सकता O है O । O पंचायत O प्रणाली O स्थानीय O स्वशासन O की O संस्थाओं O के O रूप O में O विकसित O हो O रही O है O । O लोकतांत्रिक O विकेंद्रीकरण O का O सिद्धांत O इस O धारणा O पर O आधारित O है O कि O स्थानीय O मामलों O में O समुदाय O की O अधिक O भागीदारी O से O सरकार O द्वारा O विशेष O रूप O से O समाज O में O गरीब O और O वंचित O समूहों O के O जीवन O में O सुधार O लाने O के O उद्देश्य O से O प्रदान O की O जाने O वाली O सेवाओं O की O गुणवत्ता O में O सुधार O होगा O । O 73वें O संविधान O संशोधन O ने O ग्रामीण O भारत O के O लिए O विकेन्द्रीकृत O स्थानीय O शासन O का O औपचारिक O त्रिस्तरीय O ढांचा O तैयार O किया O है O जिसमें O महिलाओं O , O अनुसूचित O जातियों O , O अनुसूचित O जनजातियों O और O अन्य O सुविधाविहीन O समुदायों O को O शासन O में O भागीदार O के O रूप O में O शामिल O करने O पर O विशेष O जोर O दिया O गया O है O । O मंत्रालय O , O पंचायतों O को O पर्याप्त O प्राधिकार O और O अधिकार O देने O के O लिए O संवैधानिक O अधिदेश O की O भावना O का O पालन O करते O हुए O देश O के O ग्रामीण O क्षेत्रों O के O लिए O आर्थिक O विकास O और O सामाजिक O न्याय O के O लिए O योजनाओं O की O तैयारी O और O कार्यान्वयन O के O संबंध O में O , O उन्हें O स्थानीय O स्वशासन O की O संस्थाओं O के O रूप O में O कार्य O करने O में O सक्षम O बनाता O है O । O पिछले O कुछ O दशकों O में O , O इस O अधिदेश O का O पालन O करने O और O निर्वाचित O ग्राम O पंचायतों O के O माध्यम O से O विकास O कार्यों O पर O लोगों O के O अधिक O नियंत्रण O के O लिए O ग्राम O पंचायतों O को O अधिकारों O के O हस्तांतरण O में O महत्वपूर्ण O प्रगति O हुई O है O । O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O - O जीपीडीपी O : O व्यापक O नियोजन O यह O योजना O प्रक्रिया O गांव O के O समुदाय O के O सदस्यों O द्वारा O विकेन्द्रीकृत O नियोजन O की O सुविधा O प्रदान O करती O है O । O इससे O आपको O अपनी O कमजोरियों O के O बारे O में O पता O करने O में O मदद O मिलेगी O । O इससे O आप O अपनी O तैयारी O , O ज्ञान O , O रफ्तार O और O सटीक O जानकारी O के O स्तर O का O भी O पता O लगा O सकेंगे O * O विषयों O को O बार O - O बार O देखना O - O पढ़ना O जरूरी O है O । O * O हालांकि O , O सीएसएटी O - O सी O सैट O सिर्फ O अर्हता O हासिल O करने O ( O क्वॉलिफाई O ) O के O लिए O है O , O लेकिन O इसे O भी O गंभीरता O से O लिया O जाना O चाहिए O * O समाचारों O और O सम O - O सामयिकी O पर O नियमित O रूप O से O नजर O रखें O और O विषयों O के O अलावा O राष्ट्रीय O व O अंतरराष्ट्रीय O घटनाओं O से O जुड़ी O नई O सूचनाओं O के O बारे O में O जानकारी O रखें O * O सोने O से O पहले O उन O विषयों O का O मनन O करें O जिनका O आपने O पूरे O दिन O अध्ययन O किया O । O इस O तरह O विषयों O से O जुड़ी O आपकी O स्मरण O शक्ति O कई O गुना O बढ़ O जाएगी O ' O सिविल O सर्विसेस O परीक्षा O में O क्या O करें O , O क्या O नहीं O करें O * O परीक्षा O के O बारे O में O कभी O चिंता O नहीं O करें O , O क्योंकि O ऐसा O करने O से O आपको O किसी O तरह O की O मदद O नहीं O मिलेगी O * O तैयारी O के O दौरान O हमेशा O आत्मविश्वास O बनाए O रखें O * O इस O दौरान O मानसिक O उतार O - O चढ़ाव O देखने O को O मिल O सकता O है O , O लेकिन O सफलता O हासिल O करने O के O लिए O इन O पर O विजय O पानी O होगी O * O अगर O आपने O पूरे O पाठ्यक्रम O के O हिसाब O से O पढ़ाई O की O है O , O तो O तैयारी O के O स्तर O को O लेकर O चिंतित O न O हों O * O ओएमआर O शीट O में O लापरवाही O वाली O गलतियाँ O न O करें O * O जवाब O देने O से O पहले O सभी O विकल्प O पढ़ें O वैकल्पिक O विषय O के O चुनाव O को O लेकर O रणनीति O * O विषय O का O चुनाव O अपनी O दिलचस्पी O और O स्नातक O के O अपने O विषय O के O आधार O पर O करें O * O हालांकि O , O यह O जरूरी O नहीं O है O कि O आपका O विषय O आपकी O डिग्री O से O जुड़ा O हो O * O इस O बात O का O भी O विश्लेषण O करें O कि O आपके O द्वारा O चुना O गया O विषय O सामान्य O अध्ययन O और O निबंध O के O लिए O कितना O उपयोगी O है O * O यह O देखें O कि O क्या O चुने O गए O विषय O के O लिए O कोचिंग O की O जरूरत O है O * O विषय O के O लिए O पूरी O तैयारी O करने O में O कितना O समय O लगेगा O * O स्तरीय O किताबों O और O नोट्स O की O उपलब्धता O भी O जरूरी O है O * O यह O देखें O कि O विषय O के O लिए O स्नातक O स्तर O पर O तैयारी O की O जरूरत O है O या O परा O - O स्नातक O स्तर O पर O । O एमबीबीएस O , O बीएसएसी O ( O कृषि O ) O , O बीवीएससी O जैसे O विषयों O के O लिए O सिर्फ O स्नातक O स्तर O के O पाठ्यक्रम O के O आधार O पर O तैयारी O की O जरूरत O होती O है O । O हालांकि O , O भूगोल O , O लोक O प्रशासन O और O इतिहास O जैसे O विषयों O में O परा O - O स्नातक O स्तर O के O पाठ्यक्रम O के O आधार O पर O तैयारी O करनी O पड़ती O है O * O वैकल्पिक O विषय O का O चुनाव O कर O लेने O के O बाद O आपको O इसे O बार O - O बार O बदलना O नहीं O चाहिए O , O क्योंकि O किसी O भी O वैकल्पिक O विषय O के O उम्मीदवारों O की O सफलता O दर O हर O साल O अलग O - O अलग O हो O सकती O है O मुख्य O परीक्षा O के O लिए O रणनीति O * O पहले O पढ़ाई O के O लिए O बेहतर O योजना O तैयार O करें O और O इसके O बाद O नियमित O तौर O पर O इसका O पालन O भी O करें O * O सम O - O सामयिकी O के O लिए O रोज O अध्ययन O करें O और O नई O सूचनाओं O से O खुद O को O वाकिफ O रखें O * O नियमित O तौर O पर O पढ़ाई O करें O * O हर O विषय O के O लिए O तय O अंक O के O हिसाब O से O उस O पर O समय O दें O ( O सभी O विषयों O पर O ध्यान O देना O भी O जरूरी O है O ) O * O अलग O - O अलग O विषय O के O लिए O तय O किए O गए O समय O के O हिसाब O से O पढ़ें O , O ताकि O पढ़ाई O में O बोरियत O न O हो O * O उम्मीवादर O जब O पहली O बार O पढ़ाई O करें O तो O अहम O बिंदुओं O को O चिह्नित O या O हाइलाइट O कर O सकते O हैं O त़ाकि O उन्हें O पढ़ने O के O बाद O उसे O दोहराने O में O ज़्यादा O समय O न O लगे O । O किसी O सामग्री O को O पहली O बार O पढ़ने O का O मकसद O यह O है O कि O आप O पाठ्य O सामग्री O को O घटाकर O आधा O करें O यानि O इसमें O से O गैर O - O जरूरी O बिंदुओं O को O हटा O दें O । O * O पिछले O साल O के O सवालों O के O आधार O पर O लिखने O का O भी O अभ्यास O करें O * O असली O परीक्षा O का O सामना O करने O के O लिए O आप O कितने O तैयार O हैं O , O यह O समझने O के O लिए O नियमित O तौर O पर O मॉक O टेस्ट O करें O * O अभ्यास O ही O गुरु O है O , O मुख्य O परीक्षा O के O लिए O यही O मंत्र O है O * O कोचिंग O में O पढ़ने O वाले O उम्मीदवारों O को O मॉडल O टेस्ट O को O गंभीरता O से O लेना O चाहिए O * O प्रारंभिक O और O मुख्य O परीक्षा O की O तैयारी O से O जुड़ा O मुख्य O अंतर O यह O है O कि O प्रारंभिक O परीक्षा O का O मॉक O टेस्ट O , O किसी O तीसरे O पक्ष O की O मदद O के O बिना O ऑनलाइन O या O ऑफलाइन O किया O जा O सकता O है O । O हालांकि O , O मुख्य O परीक्षा O के O मामले O में O तीसरे O पक्ष O का O मूल्यांकन O जरूरी O है O । O इसमें O किसी O विशेषज्ञ O या O अच्छे O कोचिंग O संस्थान O की O मदद O ली O जा O सकती O है O * O मुख्य O परीक्षा O का O मकसद O न O सिर्फ O उम्मीदवार O की O याददाश्त O या O सूचना O संबधी O क्षमता O का O आकलन O करना O है O , O बल्कि O इसमें O उनकी O बौद्धिक O क्षमता O और O चीजों O को O समझने O की O गहराई O को O भी O परखा O जाता O है O । O सामान्य O अध्ययन O में O आपके O पास O किसी O तरह O का O विकल्प O नहीं O होता O है O । O सवालों O की O प्रकृति O , O पेपर O के O हिसाब O से O अलग O - O अलग O होती O है O । O हालांकि O , O उम्मीदवारों O को O तेजी O से O जवाब O लिखने O होंगे O - O सवाल O कई O होंगे O और O शब्द O सीमा O भी O ज्यादा O होगी O * O मुख्य O परीक्षा O में O पूछे O गए O सवालों O के O जवाब O लिखते O समय O उम्मीदवार O का O नजरिया O बिल्कुल O स्पष्ट O होना O चाहिए O । O उम्मीदवारों O के O पास O परीक्षा O भवन O में O सोचने O का O बिल्कुल O वक्त O नहीं O होता O और O प्रश्न O पत्र O मिलने O के O तुरंत O बाद O उन्हें O जवाब O देना O पड़ता O है O । O अतः O , O सवाल O चुनने O और O जवाब O देने O का O तरीका O बुद्धिमानी O भरा O होना O चहिए O : O बाल O साहित्य O का O परिदृश्य O शायद O तभी O हिंदी O बाल O साहित्य O का O परिदृश्य O विश्वस्तरीय O हो O सकेगा O , O जिस O पर O आने O वाली O पीढ़ियां O भी O नाज़ O करेंगी O । O आज O के O बाल O साहित्य O के O सामने O कई O चुनौतियां O हैं O और O संभावनाओं O के O ऐसे O क्षितिज O भी O , O जिनकी O शायद O पहले O कल्पना O भी O नहीं O की O जा O सकती O थी O । O हमारा O जीवन O , O जीवन O - O शैली O और O आसपास O का O परिवेश O बदलेगा O तो O बच्चे O पर O इसका O असर O भला O क्यों O न O होगा O ? O इनमें O सबसे O बड़ा O बदलाव O तो O धीरे O - O धीरे O हमारे O परिवारों O का O एकल O परिवार O में O बदलते O जाना O है O , O जिसने O पारिवारिक O संबंधों O की O आत्मीयता O और O लगाव O को O बहुत O कुछ O धुंधला O दिया O है O । O इस O कारण O बच्चे O पहले O से O कहीं O ज्यादा O अकेलापन O महसूस O करने O लगे O हैं O । O बच्चों O के O खेल O तेजी O से O गायब O हो O रहे O हैं O तथा O कॅरियर O के O बोझ O से O दबा O बच्चा O आज O निपट O अकेला O और O दोस्तविहीनता O के O घेरे O में O है O । O लिहाजा O जिस O समय O में O हम O जी O रहे O हैं O , O उसमें O बहुत O कुछ O पहले O से O अलग O और O नया O - O नया O सा O है O । O चाहे O विज्ञान O और O टेक्नोलॉजी O में O हो O रहीं O नई O चमत्कारी O खोजें O हों O या O फिर O जीवन O को O देखने O - O समझने O का O नजरिया O और O नई O - O नई O जीवन O - O शैलियां O , O सब O कुछ O हैरतअंगेज O और O अनूठा O है O । O वे O अपने O ही O नहीं O , O अपने O आसपास O की O दुनिया O के O बारे O में O भी O सोचते O हैं O और O यहां O तक O कि O देश O - O दुनिया O की O बड़ी O - O बड़ी O समस्याओं O की O भी O उन्हें O जानकारी O है O । O और O निश्चय O ही O इसका O जायजा O लिया O जाए O , O तो O बड़ी O बड़ी O विस्मयपूर्ण O स्थितियां O देखने O को O मिली O हैं O । O चलिए O , O सबसे O पहले O बाल O कविताओं O की O ही O बात O की O जाए O । O इधर O की O बाल O कविताओं O की O सबसे O बड़ी O खासियत O यह O है O कि O उनमें O बच्चों O का O मन O कुछ O अधिक O खुला O है O । O इसी O तरह O नए O - O नए O विषयों O को O बाल O साहित्य O की O चौहद्दी O में O लाने O की O कोशिश O बाल O कवियों O में O दिखाई O पड़ती O है O , O और O वे O उन O पर O इतनी O मोहक O कविताएं O रच O डालते O हैं O कि O यकीन O नहीं O होता O कि O बाल O कविता O यह O भी O हो O सकती O है O ! O केंद्रीय O बजट O : O व्यापार O सुगमता O के O उपाय O सरकार O देश O भर O में O कारोबार O सुगमता O को O बेहतर O बनाने O की O दिशा O में O लगातार O प्रयासरत O है O । O उनके O इस O नजरिए O ने O सभी O सरकारी O एजेंसियों O को O नीतियों O , O नियमों O व O प्रणालियों O में O कई O सुधार O लाने O को O प्रेरित O किया O है O । O सभी O राज्यों O ने O इन O सुधारों O व O बदलावों O को O एक O दूसरे O के O साथ O रचनात्मक O प्रतियोगिता O के O भाव O से O मिशन O मोड O में O लिया O है O । O इस O कार्यक्रम O के O तहत O कार्य O निष्पादन O का O मूल्यांकन O प्रयोक्ता O ( O यूजर O ) O की O प्रतिक्रिया O के O आधार O पर O होगा O । O महा O लेखानियंत्रक O द्वारा O सरकार O के O बजट O , O लेखा O , O व्यय O व O नकद O प्रबंधन O आदि O कार्यों O के O लिए O वेब O आधारित O सरकार O एकीकृत O वित्तीय O प्रबंधन O सूचना O प्रणाली O ( O जीआइएफएमआइएस O ) O का O प्रबंधन O किया O जा O रहा O है O । O केंद्रीय O जन O प्रबंध O पोर्टल O प्रबंधन O संबंधी O सभी O सूचनाओं O के O लिए O एकल O प्वॉइंट O एक्सेस O प्रदान O करता O है O । O सरकार O मशीन O द्वारा O पठनीय O प्रारूप O में O प्रकट O सूचना O प्रदान O करने O की O व्यवहार्यता O पर O भी O विचार O कर O रही O है O । O कन्याओं O के O लिए O योजनाएं O सही O दिशा O में O : O आर्थिक O सर्वेक्षण O जेंडर O समानता O अंर्तनिहित O रूप O से O बहुआयामी O मुद्दा O है O । O एजेंसी O ( O प्रजनन O पर O महिलाओं O का O निर्णय O लेने O की O क्षमता O , O स्वयं O पर O खर्च O करना O , O उनके O परिवार O पर O खर्च O और O उनकी O गतिशीलता O एवं O स्वास्थ्य O से O संबंधित O है O ) O , O प्रवृत्तियों O ( O महिलाओं O / O पत्नियों O ) O के O विरुद्ध O हिंसा O के O बारे O में O और O पुत्रों O की O आदर्श O संख्या O के O सापेक्ष O पुत्रियों O की O आदर्श O संख्या O से O संबंधित O है O ) O और O परिणाम O ( O अंतिम O बच्चे O के O लिंग O अनुपात O द्वारा O जांची O गई O “ O पुत्र O प्राथमिकता O ' O महिला O रोजगार O , O गर्भनिरोध O का O विकल्प O , O शिक्षा O स्तर O , O विवाह O के O समय O आयु O , O पहले O जन्म O पर O आयु O और O महिलाओं O द्वारा O अनुभव O की O गई O शारीरिक O या O लैंगिक O हिंसा O ) O जिसका O लक्ष्य O समाज O में O महिलाओं O की O स्थिति O , O भूमिका O और O सशक्तिकरण O को O दर्शाता O है O । O पुरूषों O के O पक्ष O में O मनमाने O लिंग O अनुपात O से O ' O मिसिंग O ' O महिलाओं O की O पहचान O हो O पाई O । O सर्वेक्षण O में O यह O विचार O अभिव्यक्त O किया O गया O है O कि O इन O घृणित O श्रेणियों O को O इतिहास O बनाना O समाज O का O उद्देश्य O होना O चाहिए O । O सर्वेक्षण O में O सरकार O के O ' O बेटी O बचाओ O बेटी O पढ़ाओ O ' O और O ' O सुकन्या O योजना O ' O का O भी O जिक्र O किया O गया O है O । O समृद्धि O योजना O में O और O अनिवार्य O मातृत्व O अवकाश O नियम O सही O दिशा O में O सही O कदम O है O । O मौखिक O परंपरा O और O भारतीय O साहित्य O भारतीय O संस्कृति O का O मूल O उस O सजीव O व्यक्ति O में O निहित O होता O है O जो O ना O केवल O संस्कृति O के O मानकों O को O व्याख्यायित O करता O है O , O बल्कि O संदर्भ O के O तौर O पर O भी O क्रियाशील O दिखता O है O । O ये O मानक O तब O तक O अर्थहीन O हैं O जब O तक O ये O बोलचाल O और O क्रियात्मक O रूप O नहीं O लेते O और O मस्तिष्क O , O बोली O एवं O क्रिया O को O मिलाकर O एकीकृत O इकाई O नहीं O बनते O । O प्राचीन O भारतीय O साहित्य O का O वृहत O अंश O मौखिक O अर्थात O बोले O गए O शब्द O की O अभिव्यक्ति O स्वरूप O है O और O जहां O तक O उसके O संरक्षण O का O प्रश्न O है O , O वह O भी O मौखिक O परंपरा O से O संबंध O रखता O है O । O विदेशी O बौद्धिकों O के O आगमन O के O बाद O भारतीय O इतिहास O में O लेखन O कला O का O पदार्पण O देखा O जाता O है O और O ब्रिटिश O शासन O तंत्र O में O जाकर O लेखन O साहित्य O का O उद्भव O हुआ O । O हमें O यह O तथ्य O समझना O होगा O कि O लेखन O की O आवश्यकता O को O ब्रिटिश O अदालतों O ने O सशक्तता O प्रदान O की O क्योंकि O अंग्रेज O स्थानीय O गवाहों O के O बयानों O पर O विश्वास O नहीं O कर O सकते O थे O । O साथ O ही O , O हमें O यह O भी O मानना O होगा O कि O पश्चिमी O सभ्यता O पुस्तक O केंद्रित O है O , O परंतु O भारतीय O संस्कृति O के O संदर्भ O में O पुस्तक O वैसा O अधिकार O एवं O प्रभाव O नहीं O रखती O है O । O इस O प्रकार O प्रौद्योगिकी O नागरिकों O को O सशक्त O बनाने O का O माध्यम O है O तो O सरकार O के O उत्तरदायित्वों O का O पैमाना O भी O । O उल्लेखनीय O है O कि O प्रधानमंत्री O का O दृष्टिकोण O भी O " O न्यूनतम O सरकार O - O महत्तम O शासन O " O पर O ज्यादा O बल O देने O का O रहा O है O । O कामकाज O की O प्रक्रियाओं O को O सरल O बनाने O तथा O मजबूत O प्रौद्योगिकी O के O इस्तेमाल O के O अलावा O , O जनशिकायत O निवारण O जवाबदेही O प्रशासन O का O बहुत O ही O महत्वपूर्ण O कारक O होता O है O । O यह O प्रणाली O ऐसी O वेब O प्रौद्योगिकी O पर O आधारित O है O , O जिसका O लक्ष्य O देश O के O किसी O भी O हिस्से O से O किसी O भी O वक्त O , O किसी O भी O मंत्रालय O / O विभाग O / O संगठन O से O संबंधित O शिकायत O डालने O की O प्रक्रिया O को O सुगम O बनाना O है O । O इस O प्रणाली O के O तहत O शिकायत O करने O पर O सिस्टम O से O प्राप्त O विशिष्ट O पंजीयन O संख्या O के O सहारे O अपनी O शिकायत O की O स्थिति O का O पता O भी O लगाया O जा O सकता O है O । O इतना O ही O नहीं O , O मैनुअली O प्राप्त O शिकायतों O को O डिजिटाइज्ड O करके O सिस्टम O पर O अपलोड O भी O किया O जाता O है O । O यह O प्रणाली O मंत्रालयों O / O विभागों O को O उचित O कार्रवाई O करने O तथा O कार्रवाई O रिपोर्ट O अपलोड O करने O में O मददगार O साबित O होती O है O । O इसे O शिकायतकर्ता O अपनी O विशिष्ट O पंजीयन O संख्या O की O मदद O से O ऑनलाइन O देख O भी O सकता O है O । O शिकायतों O के O निपटारे O के O दौरान O इस O प्रणाली O के O दायरे O में O आने O और O न O आने O वाली O शिकायतों O में O विभेद O करना O भी O महत्वपूर्ण O होता O है O । O इस O प्रणाली O के O तहत O उन O शिकायतों O को O नहीं O लिया O जाता O , O जो O या O तो O अदालत O के O विचाराधीन O लंबित O हों O , O निजी O अथवा O पारिवारिक O विवाद O हों O , O आरटीआई O से O संबंधित O मामले O हों O , O देश O की O क्षेत्रीय O अखंडता O या O अन्य O देशों O के O साथ O दोस्ताना O संबंधों O को O प्रभावित O करने O वाली O चीजें O हों O तथा O सलाह O व O परामर्श O की O प्रकृति O वाले O पत्राचार O हों O । O जनशिकायत O प्रणाली O इससे O इन O विभागों O के O लिए O की O गयी O शिकायतें O सीपीग्राम्स O के O माध्यम O से O केंद्रीय O मंत्रालयों O / O विभागों O एवं O राज्य O सरकारों O को O ऑनलाइन O स्थानांतरित O हो O जाती O हैं O । O इसके O लिए O वह O मदद O करते O हुए O विभिन्न O क्षेत्रों O में O पारदर्शी O रैंकिंग O के O जरिये O स्वस्थ O प्रतिस्पर्धा O को O बढ़ावा O देता O है O । O नीति O आयोग O द्वारा O आरंभ O किए O गए O कुछ O सूचकांक O शिक्षा O सूचकांक O ; O स्वास्थ्य O सूचकांक O ; O समग्र O जल O प्रबंधन O सूचकांक O ; O सतत O विकास O के O लक्ष्य O सूचकांक O आकांक्षी O जिलों O के O प्रदर्शन O हेतु O डेल्टा O रैंकिंग O हैं O । O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O विभिन्न O क्षेत्रों O में O आंकड़े O डालने O तथा O अन्य O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O मुकाबले O अपने O प्रदर्शन O पर O नजर O रखने O एवं O तीसरे O पक्ष O से O आंकड़ों O का O सत्यापन O कराने O में O मदद O के O लिए O गतिशील O रियल O टाइम O ( O बिना O देर O किए O ) O आधारित O पोर्टल O बनाए O गए O हैं O । O जब O जिले O एक O - O दूसरे O से O स्पर्धा O करेंगे O तो O राज्य O अधिक O मजबूत O बनकर O उभरेंगे O और O जब O राज्य O एक O - O दूसरे O से O होड़ O करेंगे O तो O राष्ट्र O अधिक O मजबूत O होगा O । O इससे O हमें O ' O प्रतिस्पर्धी O लोकवाद O ' O की O प्रवृत्ति O कमजोर O करने O और O उसके O बजाय O “ O प्रतिस्पर्धी O सुशासन O ' O की O प्रवृत्ति O बढ़ाने O में O मदद O मिलेगी O । O आगे O की O राह O दक्षता O तथा O निष्पक्षता O के O बीच O संतुलन O बिठाने O की O चुनौती O हमेशा O ही O संघवाद O का O अहम O पहलू O रही O है O । O केंद्र O - O राज्य O संबंधों O के O मामले O में O सबसे O बड़ी O उपलब्धि O यह O भी O है O कि O राज्यों O को O देश O की O वृद्धि O का O ही O नहीं O बल्कि O देश O भर O में O नागरिकों O के O जीवन O में O सुधार O का O भी O वाहक O माना O जा O रहा O है O । O कोविड O संकट O से O निपटने O का O हालिया O अनुभव O इस O बात O का O सफल O उदाहरण O है O कि O दुनिया O भर O में O हाहाकार O मचाने O वाली O महामारी O से O लड़ने O के O लिए O केंद्र O और O राज्यों O ने O किस O तरह O साथ O मिलकर O काम O किया O । O इसी O तरह O सतत O विकास O के O लक्ष्यों O को O स्थानीय O रूप O प्रदान O करने O के O कदम O भी O उठाए O गए O हैं O ताकि O उप O - O राष्ट्रीय O स्तरों O पर O विशेष O कदमों O की O पहचान O की O जा O सके O । O केंद्र O और O राज्य O के O संबंधों O का O देश O के O वित्त O पर O अहम O राजकोषीय O प्रभाव O होता O है O जैसे O कुल O ऋण O को O केंद्र O तथा O राज्य O के O बीच O साझा O करने O का O अनुपात O , O राजकोषीय O मामलों O में O अचूकता O , O ग्रामीण O एवं O शहरी O स्थानीय O निकायों O के O सशक्तिकरण O , O सब्सिडी O को O युक्क्तिसंगत O बनाने O तथा O राजकोषीय O दृष्टि O से O अनुत्पादक O नीतियों O को O रोकने O के O लिए O उपयोगकर्ता O शुल्क O में O सुधार O । O लगातार O बदलती O आर्थिक O स्थितियों O , O नई O तकनीकों O के O विकास O एवं O नए O शासन O ढांचे O के O उद्भव O के O कारण O केंद्र O एवं O राज्य O के O स्तर O पर O सार्वजनिक O वित्तीय O प्रबंधन O प्रणाली O में O , O केंद्र O प्रायोजित O योजनाओं O के O प्रभावी O प्रबंधन O में O , O दक्ष O सरकारी O खरीद O प्रणाली O में O , O वित्तीय O सूचना O में O पारदर्शिता O के O मामले O में O , O एकसमान O लेखा O प्रक्रियाओं O में O , O राज्यों O में O प्रत्यक्ष O लाभ O अंतरण O तथा O लाभार्थियों O की O एकीकृत O सूची O में O नए O सुधारों O की O आवश्यकता O है O । O राज्य O स्तर O , O जिला O स्तर O या O खंड O स्तर O पर O सर्वश्रेष्ठ O प्रदर्शन O करने O वालों O को O पुरस्कृत O करने O की O व्यवस्था O होनी O चाहिए O । O दोतरफा O संचार O के O रास्ते O हर O समय O खुले O रहने O चाहिए O ताकि O समस्याएं O तेजी O से O सुलझ O जाएं O तथा O विकास O में O बाधा O नहीं O पड़े O । O राज्य O स्तर O पर O अक्सर O यह O देखा O गया O है O कि O राज्य O वित्त O आयोग O की O प्रमुख O सिफारिशों O पर O पर्याप्त O ध्यान O नहीं O दिया O जाता O है O । O कई O मामलों O में O , O सिफारिशों O को O बिना O कारण O बताए O खारिज O कर O दिया O जाता O है O या O उन्हें O कार्रवाई O रिपोर्ट O के O माध्यम O से O स्वीकार O कर O लिया O जाता O है O लेकिन O लागू O नहीं O किया O जाता O है O , O क्योंकि O सरकारी O आदेश O जारी O नहीं O किए O जाते O हैं O । O कुछ O मामलों O में O , O इन O आदेशों O के O जारी O होने O के O बावजूद O , O धनराशि O जारी O नहीं O की O जाती O है O । O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O की O अधिक O से O अधिक O वित्तीय O स्वतंत्रता O में O योगदान O करने O के O लिए O , O उनके O स्वयं O स्रोत O राजस्व O को O भी O बढ़ाया O जाना O चाहिए O । O इससे O पंचायतों O के O राजस्व O तथा O व्यय O - O संबंधी O निर्णयों O के O बीच O की O कड़ी O भी O मजबूत O होगी O , O जो O सेवाओं O से O संबंधित O प्रावधानों O में O दक्षता O के O साथ O - O साथ O जवाबदेही O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O भी O आवश्यक O है O । O इस O दिशा O में O निम्नलिखित O कार्यों O पर O विचार O किया O जा O रहा O है O : O इस O कर O को O लगाने O के O लिए O संपत्तियों O के O बाजार O मूल्य O का O आकलन O आवश्यक O है O । O वर्तमान O में O अपनाई O जा O रही O विभिन्न O विधियों O में O से O वर्गीकृत O प्लिंथ O क्षेत्र O - O आधारित O मूल्यांकन O सबसे O वैज्ञानिक O , O पारदर्शी O और O उपयोगकर्ता O के O अनुकूल O तरीका O प्रतीत O होता O है O । O इस O प्रमुख O बाधा O को O ध्यान O में O रखते O हुए O , O कर O प्रशासन O और O प्रवर्तन O को O स्वयं O सहायता O समूहों O या O अन्य O एजेंसियों O को O आउटसोर्स O किया O जा O सकता O है O । O स्वयं O स्रोत O राजस्व O बढ़ाने O के O साथ O - O साथ O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O के O लिए O विभिन्न O हितधारकों O को O प्रोत्साहन O भी O दिया O जा O सकता O है O । O पानी O , O स्ट्रीट O लाइट O , O स्वच्छता O शुल्क O आदि O जैसे O उपयोगिता O शुल्क O संग्रह O के O लिए O इसे O और O भी O विस्तारित O किया O जा O सकता O है O । O निष्कर्ष O पंचायती O राज O संस्थाएं O ग्रामीण O आबादी O के O आर्थिक O विकास O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाती O हैं O और O इस O जिम्मेदारी O को O पूरा O करने O के O लिए O पर्याप्त O वित्तीय O हस्तांतरण O उनके O लिए O बहुत O आवश्यक O है O । O इन O स्थानीय O स्व O - O शासन O संस्थानों O को O सौंपी O जाने O वाली O भूमिका O में O वृद्धि O को O देखते O हुए O , O पंचायत O वित्त O की O मात्रा O में O पर्याप्त O बढ़ोत्तरी O करना O आवश्यक O है O । O इस O प्रकार O , O इन O संस्थाओं O द्वारा O निभाई O जाने O वाली O महत्वपूर्ण O भूमिका O से O संयुक्त O राष्ट्र O के O सतत O विकास O लक्ष्यों O की O प्राप्ति O में O विकास O का O लंबा O रास्ता O तय O किया O जा O सकेगा O , O जिसके O लिए O हमारा O देश O पूरी O तरह O से O प्रतिबद्ध O है O । O पूरे O राज्य O में O भूजल O तालिका O में O लगातार O सुधार O हो O रहा O है O । O राज्य O - O व्यापी O पेयजल O ग्रिड O के O निर्माण O के O साथ O , O जल O और O स्वच्छता O प्रबंधन O संगठन O तथा O बड़े O पैमाने O पर O जल O संरक्षण O अभियानों O के O माध्यम O से O विकेन्द्रीकृत O संवर्द्धन O , O मांग O - O संचालित O , O समुदाय O - O प्रबंधित O पेयजल O आपूर्ति O कार्यक्रम O को O बढ़ावा O देने O के O साथ O , O राज्य O में O टैंकरों O और O रेलवे O रेक O के O माध्यम O से O पेय O जल O की O ढुलाई O बीते O दिनों O की O बात O हो O गई O है O । O इसके O अलावा O , O अब O महिलाओं O और O बच्चों O को O पानी O लाने O के O लिए O लंबी O दूरी O तय O करने O की O आवश्यकता O नहीं O । O इसने O सभी O के O लिए O जल O सुरक्षा O हासिल O करने O और O इसके O संरक्षण O के O लिए O सरकार O को O जल O शक्ति O अभियान O शुरू O करने O के O लिए O भी O प्रेरित O किया O । O निस्संदेह O इससे O तीव्र O सामाजिक O - O आर्थिक O विकास O तथा O उच्च O आर्थिक O विकास O सुनिश्चित O हो O सकेगा O । O भारतीय O साहित्य O का O उद्भव O यह O पुरातन O समय O से O ही O ऐसा O रहा O है O । O उप O - O महाद्वीप O में O रचित O साहित्य O की O विविधता O को O देखकर O हर O कोई O आश्चर्यचकित O हो O जाएगा O । O इस O विविधता O की O कुंजी O भारतीय O उपमहाद्वीप O की O भाषाई O बहुलता O और O किसी O भी O भाषा O या O संस्कृति O से O मिली O सभी O श्रेष्ठ O बातों O को O ग्रहण O करने O की O लोगों O की O इच्छा O है O । O देश O में O भाषाओं O , O भाषा O परिवारों O और O बोलियों O की O संख्या O काफी O अधिक O है O । O इसमें O हर O कोई O किसी O भी O औपचारिक O वर्गीकरण O पर O अधिक O ध्यान O दिए O बिना O अपनी O स्वयं O की O साहित्यिक O रचना O करने O में O सक्षम O था O । O यही O कारण O है O कि O प्रत्येक O भाषा O में O साहित्य O का O समृद्ध O संग्रह O हुआ O था O । O इसे O उप O - O महाद्वीप O में O फारसी O में O रचित O ग्रंथों O से O आसानी O से O समझा O जा O सकता O है O । O वास्तव O में O मध्यकाल O के O दौरान O , O उप O - O महाद्वीप O में O रचित O ' O फारसी O साहित्य O की O मात्रा O फारस O में O रचित O साहित्य O की O मात्रा O से O काफी O अधिक O थी O । O दुनिया O के O कई O हिस्सों O में O सभ्यता O की O शुरुआत O से O बहुत O पहले O ही O भारतीय O , O साहित्य O सृजन O में O रुचि O ले O रहे O थे O और O विभिन्न O शैलियों O में O साहित्य O की O रचना O कर O रहे O थे O । O खुले O में O शौच O को O रोकने O के O लिए O उनके O दिलचस्प O उपाय O हैं O , O जैसेकि O कोई O खुले O में O शौच O करता O हो O तो O सीटी O बजाना O , O गाने O गाते O हुए O जागरूकता O फैलाना O । O वे O खुले O शौच O के O हानिकारक O प्रभाव O से O लोगों O को O अवगत O कराने O में O उत्साह O के O साथ O जुट O जाते O हैं O । O वे O सुबह O - O सवेरे O गांव O में O खेतों O एवं O आम O स्थलों O जहां O लोग O खुले O शौच O जाया O करते O हैं O , O में O पहुंच O जाते O हैं O और O लोगों O से O शौचालय O बनाने O और O उसका O उपयोग O करने O के O लिए O कहते O हैं O । O जब O तक O शौचालय O न O बने O तब O तक O मल O पर O मिट्टी O डाल O कर O उसे O ढक O देने O की O सलाह O देते O हैं O , O ताकि O खुले O शौच O से O जुड़ी O बीमारियों O के O फैलने O से O बचाव O हो O सके O । O इसके O अलावा O , O बच्चे O घर O - O घर O जाकर O स्वच्छ O भारत O अभियान O का O संदेश O देते O हैं O । O ये O बच्चे O क्योंकि O गांव O - O समाज O के O ही O बच्चे O हैं O , O इसलिए O वे O जब O लगातार O लोगों O को O टोकते O हैं O या O स्वच्छता O का O संदेश O देते O हैं O तो O लोग O बुरा O नहीं O मानते O । O इस O प्रकार O वानर O सेना O समाज O के O भीतर O से O उसे O प्रेरित O और O जागरूक O करने O का O बेहद O कारगर O माध्यम O है O । O वानरसेना O और O अन्य O ऐसे O उदाहरणों O से O यह O स्थापित O हुआ O है O कि O समाज O के O भीतर O से O स्वच्छता O अभियान O के O हरावलों O को O विकसित O करने O की O कार्यप्रणाली O ऊपर O से O निर्देशित O कमांड O श्रृंखला O की O तुलना O में O अधिक O बेहतर O , O प्रेरक O और O प्रभावशाली O है O । O इस O कार्यशैली O से O खुले O में O शौच O मुक्त O ग्राम O विकसित O करने O के O लक्ष्य O को O हासिल O करने O के O लिए O पूरे O समाज O में O एकता O विकसित O होती O है O । O राष्ट्रीय O स्तर O पर O , O जमीनी O स्तर O पर O किए O जा O रहे O कामों O को O बल O प्रदान O करने O के O लिए O विभिन्न O कार्यक्रम O और O आयोजन O किए O जाते O हैं O । O इनके O अंतर्गत O किए O जा O रहे O कामों O को O संदेश O के O रूप O में O प्रचारित O करने O , O इनकी O चर्चाओं O को O ताजा O रखने O और O जनआंदोलन O को O गुंजायमान O रखना O भी O अभियान O का O महत्वपूर्ण O अंग O है O । O इन O ब्रांड O एंबेसडरों O द्वारा O मास O मीडिया O के O माध्यम O से O सामाजिक O गतिशीलता O को O बढ़ावा O देने O से O राष्ट्रीय O स्तर O पर O अभियान O को O जबरदस्त O मान्यता O मिली O है O । O मुख्यधारा O के O फिल्म O उद्योग O में O भी O स्वच्छता O के O सरोकार O ने O अपनी O जगह O बनाई O है O । O इसमें O स्वच्छता O के O संदेश O , O इसके O प्रति O जागरूकता O के O साथ O जमीनी O हकीकत O को O भी O उजागर O किया O गया O है O और O इस O अभियान O द्वारा O धरातल O पर O किए O गए O कामों O को O भी O बताया O गया O है O । O भारतीय O क्रिकेट O टीम O ने O भी O धब्बों O को O साफ O कर O अभियान O में O सहभागिता O की O , O स्वच्छता O पर O लघु O वीडियो O बनाए O गए O , O जो O उनके O मैचों O के O टीवी O शो O के O दौरान O प्रसारित O हुए O । O इसने O अभियान O को O गति O प्रदान O की O और O इसे O नयी O ऊंचाई O पर O पहुंचाया O । O समाज O की O सहभागिता O बढ़ने O के O साथ O स्वच्छ O भारत O अभियान O ( O ग्रामीण O ) O आगे O बढ़ा O है O । O गरीबों O और O वंचितों O को O आसानी O से O ऋण O प्रदान O करने O के O उद्देश्य O से O उन्हें O जीसीसी O जारी O करना O । O इसके O बावजूद O हमारी O ग्रामीण O आबादी O का O बड़ा O हिस्सा O अभी O भी O आर्थिक O रूप O से O बहिष्कृत O और O साहूकारों O के O चुंगल O में O है O जो O गंभीर O चिंता O का O विषय O है O । O इसके O अतिरिक्त O खराब O भौतिक O और O सामाजिक O बुनियादी O ढांचा O भी O वित्तीय O सेवाओं O तक O पहुंच O को O प्रभावित O करता O है O । O ग्रामीण O भारत O के O बिजलीकरण O की O वास्तविकता O कुछ O इस O प्रकार O है O : O ऋण O और O बचत O खाते O की O सुविधा O बढ़ाने O के O लिए O बैंकों O द्वारा O गैर O - O सरकारी O संगठनों O , O स्व O - O सहायता O समूहों O जैसे O मध्यस्थों O , O बैंकिंग O कॉरेसपॉन्डेंट्स O और O बिजनेस O फेसिलिटेटर्स O जैसे O अर्ध O औपचारिक O डिलिवरी O चैनल्स O का O प्रयोग O किया O जाता O है O । O हालांकि O ये O चैनल O अपने O मौजूदा O रूप O में O सीमित O सेवाएं O प्रदान O करते O हैं O और O इनमें O कई O समस्याएं O भी O हैं O । O इसका O कारण O यह O है O कि O ग्रामीण O परिवारों O की O आय O और O व्यय O अनियमित O होता O है O । O इसलिए O इन O इलाकों O में O बैंकों O के O ऋण O गैर O - O निष्पादक O होते O हैं O । O चूकिं O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O मानसून O पर O निर्भर O रहती O है O । O राजनीतिक O पार्टियां O लाभ O पाने O के O लिए O ऋण O छूट O भी O देती O हैं O जिससे O बैंकों O का O संकट O बढ़ता O है O । O गाँवों O में O जमा O राशि O और O ऋण O दोनों O का O आकार O कम O होता O है O जिसका O अर्थ O यह O है O कि O बैंकों O को O प्रत्येक O शाखा O में O अधिक O ग्राहकों O की O जरूरत O होती O है O । O चूकिं O बहुत O से O ग्रामीण O साक्षर O नहीं O हैं O और O इसलिए O वे O एटीएम O , O फोन O बैंकिंग O आदि O का O उपयोग O नहीं O कर O पाते O । O सामाजिक O विषयों O पर O शोध O में O रुचि O है O । O शैक्षिक O संस्थान O जीएस O वर्ल्ड O में O अकादमिक O प्रमुख O भी O हैं O । O विभिन्न O राज्यों O में O विभिन्न O मॉडल O हैं O किंतु O सभी O जगह O समस्याएं O लगभग O समान O ही O हैं O । O शासन O को O चलाने O वाले O प्रशासन O का O जनता O के O प्रति O उत्तरदायी O होना O एवं O सरकारी O सेवाओं O की O डिलीवरी O तय O समय O सीमा O में O करना O ही O सुशासन O की O प्रथम O शर्त O है O । O शिकायत O निवारण O तंत्र O का O मजबूत O ढांचा O एवं O उसका O व्यवहारिक O क्रियान्वयन O इस O पूरी O प्रक्रिया O की O सबसे O अहम O कड़ी O है O । O आजादी O के O बाद O प्रशासन O की O औपनिवेशिक O मानसिकता O , O जिसमें O सरकारी O सेवाओं O एवं O योजनाओं O को O जनता O तक O पहुंचाना O सरकारी O कृपा O माना O जाता O है O , O को O समाप्त O करने O के O लिए O ही O शिकायत O निवारण O तंत्र O को O मजबूत O किया O जाना O जरूरी O है O । O आगे O इस O लेख O में O कुछ O राज्यों O की O शिकायत O निवारण O प्रणाली O का O उल्लेख O किया O गया O है O । O यह O कानून O इतना O लोकप्रिय O हुआ O कि O इसका O अनेक O प्रदेशों O ने O भी O अनुकरण O किया O । O इस O कानून O को O संयुक्त O राष्ट्र O संघ O ने O लोक O सेवा O प्रदाय O की O श्रेणी O में O पुरूस्कृत O किया O । O जिनमें O अधिकांश O शिकायतों O हेतु O ऑनलाइन O आवेदन O भी O किए O जा O सकते O हैं O । O हालांकि O मौखिक O साहित्य O का O प्रभुत्व O भी O बना O रहा O । O भाषाओं O तथा O बोलियों O की O बड़ी O संख्या O और O मौखिक O परंपराओं O के O मजबूत O आधार O के O कारण O यह O आश्चर्य O की O बात O नहीं O लगती O । O आज O , O देश O की O मौखिक O और O आदिवासी O परंपराओं O को O महत्व O नहीं O दिया O जाता O , O लेकिन O यह O अच्छी O तरह O याद O रखा O जाना O चाहिए O कि O मौखिक O से O लेखन O परंपरा O तक O की O प्रक्रिया O धीमी O गति O से O चलते O हुए O साहित्य O के O उद्भव O के O इस O मकाम O पर O पहुंची O है O । O प्रिंटिंग O प्रेस O आने O के O साथ O , O समय O - O समय O पर O नई O - O नई O लेखन O प्रणालियां O भी O आती O गईं O और O भारतीय O साहित्य O ने O कभी O पीछे O मुड़कर O नहीं O देखा O । O सब O के O लिए O शिक्षा O शुरू O किए O जाने O के O साथ O , O लेखकों O और O पुस्तकों O की O संख्या O तेजी O से O बढ़ी O । O लेकिन O , O आधुनिक O और O समकालीन O साहित्यिक O परिदृश्य O में O आने O से O पहले O , O अनुवाद O का O सहारा O लेना O पड़ता O है O । O अनुवाद O शब्द O की O भावना O के O अंतर्गत O अधिकांश O श्रेण्य O ग्रंथों O को O स्थानीय O सांस्कृतिक O परिवेश O के O अनुरूप O प्रत्येक O क्षेत्र O और O भाषा O के O लिए O अनुकूलित O किया O गया O था O । O ये O शाब्दिक O अनुवाद O नहीं O थे O , O लेकिन O मूल O ग्रंथों O की O भावना O के O साथ O कोई O छेड़छाड़ O नहीं O की O गई O थी O । O कई O धार्मिक O और O अन्य O ग्रंथों O को O स्थानीय O सांस्कृतिक O परिवेश O में O अनुकूलित O और O एकीकृत O किया O गया O था O । O अनुवाद O का O यह O पहलू O , O कार्य O और O भूमिका O , O केवल O भारतीय O साहित्य O के O विकास O की O पहचान O या O आधार O नहीं O है O , O बल्कि O भारतीय O संस्कृति O की O ही O देन O है O । O शुरू O से O ही O भारतीय O सभ्यता O की O बहुभाषी O और O बहुसांस्कृतिक O प्रकृति O को O देखते O हुए O यह O दुखद O है O । O लगभग O सभी O शैलियाँ O , O विशेष O रूप O से O गद्य O और O कविता O लेखन O कम O या O ज्यादा O देशभक्ति O के O उत्साह O पर O केंद्रित O थी O । O मुख्य O विशेषताएं O : O * O विद्यार्थियों O , O शिक्षकों O , O अभिभावकों O और O समुदायों O को O शामिल O करना O । O * O पठन O परिणाम O हासिल O करने O में O प्रत्येक O बच्चे O की O प्रगति O की O निगरानी O । O यह O सुनिश्चित O करने O के O लिए O इस O स्थिति O पर O तत्काल O अधिक O ध्यान O केंद्रित O करने O की O आवश्यकता O है O कि O विद्यार्थी O प्रत्येक O कक्षा O में O वांछित O पठन O क्षमता O हासिल O करने O में O सक्षम O हों O । O मूलभूत O शिक्षा O , O बच्चों O की O पढ़ने O और O अर्थपूर्ण O ढंग O से O समझने O की O क्षमता O को O महत्व O देने O के O साथ O - O साथ O वास्तविक O जीवन O में O बुनियादी O गणितीय O संक्रियाओं O का O उपयोग O करती O है O । O नीति O में O स्पष्ट O रूप O से O कहा O गया O है O कि O यदि O मूलभूत O शिक्षा O में O सुधार O के O लिए O तत्काल O कदम O नहीं O उठाए O जाते O तो O पूरी O नीति O अप्रासंगिक O हो O जाएगी O । O शिक्षार्थियों O का O समग्र O विकास O : O अपने O परिवार O के O लिए O पीने O का O पानी O लाना O इसका O मुख्य O हिस्सा O होता O है O । O लड़कियों O के O स्कूल O में O दाखिला O लेने O में O सबसे O बड़ी O बाधा O परिवार O के O लिए O पीने O का O पानी O जुटाने O की O उनकी O जिम्मेदारी O ही O है O , O खास O तौर O पर O गरीब O परिवारों O की O लड़कियों O के O लिए O । O मानसून - की O वर्षा O और O भूजल O पर O भारी O निर्भरता O के O कारण O पानी O की O उपलब्धता O में O उतार O - O चढ़ाव O की O वजह O से O उनकी O मुसीबतें O और O भी O बढ़ O जाती O हैं O । O स्त्री O - O पुरुष O असमानता O की O स्थिति O पर O तो O इसका O और O भी O बुरा O असर O पड़ता O है O । O यह O सर्व O विदित O है O कि O भीषण O सूखे O जैसी O मौसमी O आपदा O से O समाज O के O दुर्बल O वर्गों O पर O विनाशकारी O असर O पड़ता O है O । O इससे O उनके O मवेशी O मर O जाते O हैं O और O फसल O चौपट O हो O जाती O है O । O इसका O खामियाजा O महिलाओं O और O बालिकाओं O को O भुगतना O होता O है O और O वे O ही O सबसे O अधिक O नुकसान O झेलती O हैं O । O इससे O उनकी O शारीरिक O बढ़वार O रुक O जाती O है O जिसका O दूरगामी O असर O पीढ़ियों O तक O चलता O रहता O है O । O इसलिए O यह O जरूरी O है O कि O प्रत्येक O परिवार O को O स्वच्छ O पेयजल O उपलब्ध O कराया O जाए O ताकि O हमारी O मानवीय O पूँजी O सुरक्षित O रहे O और O हमारी O भावी O पीढ़ियों O के O बच्चों O की O बढ़वार O न O रुके O । O रोजगार O : O युवाओं O को O आत्मनिर्भर O बनाने O का O प्रयास O : O सरकार O बढ़ती O जनसंख्या O की O रोजगार O आवश्यकताओं O की O पूर्ति O के O लिए O स्थानीय O स्तर O पर O उपलब्ध O अवसरों O के O साथ O बड़े O औद्योगिक O प्रतिष्ठानों O , O लघु O एवं O मध्यम O उद्यमों O तथा O कृषि O क्षेत्र O में O रोजगार O सृजन O का O प्रयास O कर O रही O है O । O देश O के O तीव्र O आर्थिक O विकास O में O युवाओं O की O बहुमुखी O प्रतिभा O , O ऊर्जा O , O और O रचनात्मक O क्षमता O का O उपयोग O करने O के O लिए O सरकार O साक्षरता O दर O में O वृद्धि O के O साथ O ही O गुणात्मक O शिक्षा O एवं O कौशल O उन्नयन O के O विकास O पर O बल O दे O रही O है O । O युवाओं O के O समेकित O विकास O और O समृद्धि O तथा O बेरोजगारी O से O मुक्ति O दिलाने O हेतु O सरकार O कई O योजनाएं O संचालित O कर O रही O है O । O गुणात्मक O शिक्षा O की O दिशा O में O पहल O - O आजादी O के O बाद O देश O की O साक्षरता O दर O में O तीव्र O वृद्धि O हुई O है O । O बजट O में O शिक्षा O की O गुणवत्ता O सुधारने O के O लिए O सरकार O स्कूलों O में O प्रौद्योगिकी O के O प्रयोग O पर O बल O देने O जा O रही O है O । O गुणवत्तायुक्त O शिक्षा O के O लिए O शिक्षकों O को O नियमित O प्रशिक्षण O दिया O जाना O आवश्यक O है O । O बजट O में O शिक्षकों O को O प्रशिक्षित O करने O के O लिए O एकीकृत O बीएड O कार्यक्रम O शुरू O करने O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O । O उच्च O शिक्षा O हेतु O बजटीय O पहल O - O सरकार O उच्च O शिक्षा O के O तीव्र O विकास O एवं O इसे O रोजगारोन्मुख O बनाने O की O दिशा O में O प्रयासरत O है O , O जिससे O उच्च O शिक्षा O प्राप्त O युवा O वर्ग O को O रोजगार O की O तलाश O में O भटकना O न O पड़े O । O इस O पहल O के O वित्तपोषण O के O लिए O उच्चतर O शिक्षा O वित्तपोषण O एजेंसी O ( O हेफा O ) O को O तैयार O किया O जाएगा O । O दूसरे O लोगों O से O शारीरिक O दूरी O बनाए O रखने O के O लिए O अपने O कार्यालय O की O सीटों O को O फिर O से O व्यवस्थित O करें O हमारी O मदद O करें O , O ताकि O आप O सुरक्षित O रहें O सफाई O , O दवाई O , O कड़ाई O जीतेंगे O कोरोना O से O लड़ाई O इस O क्षेत्र O में O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O पर O खर्च O काफी O कम O है O । O हालांकि O , O कुछ O देशों O ने O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O पर O खर्च O में O बढ़ोतरी O कर O यूएचसी O की O दिशा O में O प्रगति O हासिल O की O है O । O इन O उपायों O का O इन O देशों O पर O सकारात्मक O असर O देखने O को O मिला O है O । O हमारे O पड़ोसी O देशों O की O सफलता O की O कहानियां O इस O बात O को O समझने O में O मददगार O साबित O हो O सकती O हैं O कि O यूएचसी O पर O केंद्रित O उनकी O स्वास्थ्य O प्रणाली O का O मौजूदा O महामारी O में O किस O तरह O बेहतर O ढंग O से O इस्तेमाल O किया O गया O । O इस O देश O ने O वित्तीय O संसाधन O जुटाने O के O लिए O सार्वजनिक O - O निजी O सहयोग O की O व्यापक O रणनीति O तैयार O की O जिससे O कोरोना O महामारी O की O चुनौतियों O से O बेहतर O ढंग O से O निपटने O में O मदद O मिली O । O यहां O पर O इलाज O और O रोकथाम O के O लिए O अलग O - O अलग O क्षेत्र O बनाकर O काम O किया O जा O रहा O है O और O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O में O भी O काफी O सुधार O किया O गया O है O । O इसके O अलावा O , O जरूरी O सामानों O के O वितरण O तंत्र O पर O निगरानी O के O लिए O उच्चस्तरीय O कार्यबल O का O गठन O किया O गया O है O । O इसके O तहत O पूरे O समाज O को O ध्यान O में O रखकर O काम O किया O जा O रहा O है O । O इसके O अलावा O , O लॉकडाउन O और O यात्रा O संबंधी O पाबंदियों O को O सख्ती O से O लागू O करने O एवं O जांच O और O इलाज O पर O काफी O जोर O दिया O गया O है O । O नई O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O युवा O शहरी O महिलाओं O में O प्रजनन O संबंधी O बीमारियों O की O बढ़ती O हुई O घटनाओं O का O समाधान O करेगी O । O सरकार O बांझपन O की O स्थिति O से O जुड़ी O पॉलिसिस्टिक O डिंबग्रथि O रोग O , O एंडोमैट्रोरियोंसिस O , O और O फाइब्रायड्स O की O रिपोर्ट O से O चिंतित O है O । O नई O स्वास्थ्य O नीति O में O शहरी O महिलाओं O की O स्वास्थ्य O समस्याओं O के O लिए O अनेक O प्रावधान O रखे O गये O हैं O । O इस O योजना O में O प्रजनन O संबंधी O बीमारियों O की O बढ़ती O हुई O संख्या O को O देखते O हुए O इसके O समाधान O के O लिए O तेजी O से O और O सावधानीपूर्वक O कार्य O किये O जाने O पर O जोर O दिया O गया O है O । O नई O पीढ़ी O को O स्वस्थ O बनाने O के O लिए O महिलाओं O का O परिवार O , O समाज O और O राष्ट्र O पर O हितकारी O प्रभाव O होता O है O क्योंकि O प्रत्येक O महिला O को O अपने O चुने O हुए O क्षेत्र O , O अपने O बच्चों O के O लिए O माता O और O शिक्षक O तथा O सामूहिक O मूल्यों O के O संरक्षक O के O नाते O पेशेवर O रूप O में O बहुत O प्रकार O के O कार्य O करने O पड़ते O हैं O । O मातृ O मृत्युदर O कम O करना O और O वंचित O परिवेश O से O आने O वाली O महिलाओं O के O पोषण O स्तर O में O सुधार O लाना O , O मां O और O बच्चे O के O विकास O कार्यक्रमों O में O मजबूती O लाना O जैसे O क्षेत्र O मुख्य O हैं O । O इसके O अलावा O नई O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O नीति O प्रजनन O स्वास्थ्य O , O एनीमिया O और O जीवन O शैली O के O कारण O होने O वाले O अनेक O गैर O - O संचारी O रोग O की O समस्या O का O समाधान O करेगी O । O यह O पूरे O राष्ट्र O के O लिए O खतरनाक O संकेत O है O । O सामाजिक O समूह O से O इस O चुनौती O से O निपटने O में O सरकार O की O मदद O करने O का O भी O उन्होंने O आह्वान O किया O । O सरकार O सामाजिक O , O धार्मिक O , O छात्र O एवं O परोपकारी O समूहों O से O इस O संकट O से O मुकाबला O करने O में O सहायता O चाहती O है O ’’ O । O संकट O की O इस O वर्तमान O स्थिति O में O फिट O रहने O के O लिए O उन्होंने O योग O की O तरफ O इशारा O करते O हुए O कहा O कि O योग O विश्व O को O भारत O की O देन O है O और O यह O शरीर O को O ठीक O रखने O का O सबसे O अच्छा O तरीका O है O । O इससे O मानसिक O शांति O और O ध्यान O केंद्रित O करने O की O शक्ति O मिलती O है O । O इसलिए O मेरी O यह O सलाह O है O कि O बीमारियों O से O प्रतिरोध O बनाने O के O लिए O रोजाना O निर्धारित O समय O पर O पर्याप्त O कैलोरी O युक्त O संतुलित O भोजन O लिया O जाए O । O जंक O फूड O का O त्याग O करना O भी O बहुत O आवश्यक O है O । O खेल O मानसिक O और O शारीरिक O स्वास्थ्य O को O सुनिश्चित O करता O है O । O पुरूष O प्रधान O युग O में O वे O भी O अग्रणीय O रहीं O । O प्रशिक्षण O प्राप्त O करने O के O बाद O ये O प्रत्याशी O काम O करना O शुरू O कर O देते O हैं O । O दुर्भाग्य O से O , O वरिष्ठ O अधिकारियों O ने O संबद्ध O अधिकारी O का O पक्ष O लिया O और O अंततः O एफए O की O टिप्पणी O को O निरस्त O कर O दिया O । O तीसरे O , O जहां O तक O परम्परागत O व्यवस्था O का O सवाल O है O , O यह O व्यवस्था O अधीनस्थ O सहयोगियों O के O काम O के O निरीक्षण O , O निगरानी O और O दिशानिर्देश O में O तो O उपयोगी O है O पर O कई O दफा O अधीनस्थ O कर्मचारी O को O जाति O , O धर्म O , O क्षेत्र O , O भाषा O आदि O के O आधार O पर O फायदा O पहुंचाने O के O लिए O इन O नियमों O को O तोड़ O - O मरोड़ O दिया O जाता O है O । O पक्की O तरह O स्थापित O और O समय O की O कसौटी O पर O खरे O पाए O गए O नियमों O का O भी O उल्लंघन O किया O जाता O है O जिससे O व्यवस्था O संबंधी O कई O समस्याएं O खड़ी O हो O जाती O हैं O , O यहां O तक O कि O अधीनस्थ O कर्मचारी O आदेश O मानने O से O भी O इंकार O करने O लग O जाता O है O । O चौथे O , O श्रम O विभाजन O के O बारे O में O सर्वोत्तम O परिणाम O प्राप्त O करने O के O लिए O अधिकारों O और O दायित्वों O के O संतुलित O विभाजन O का O सिद्धान्त O अपनाया O जाना O चाहिए O वर्ना O बिना O किसी O जिम्मेदारी O के O अधिकार O मिल O जाने O से O तानाशाही O और O भ्रष्टाचार O पनपेंगे O । O गुमनामी O में O रहने O से O तात्पर्य O है O अकारण O प्रचार O और O प्रोपेगंडा O के O चक्कर O में O पड़े O बिना O चुपचाप O जनहित O के O लिए O कार्य O करते O रहना O । O प्रशासनिक O अधिकारी O से O आशा O की O जाती O है O कि O सार्वजनिक O कार्यों O का O निपटारा O तुरन्त O ( O समय O - O सीमा O के O भीतर O ) O और O मूल O नियमों O का O उल्लंघन O किए O बिना O किया O जाए O । O अंतिम O यह O कि O स्थायित्व O और O निरन्तरता O की O भावना O से O भविष्य O सुधारने O के O विचार O से O प्रशासनिक O सेवाओं O से O समाज O में O संतुलन O और O दूरदर्शिता O आते O हैं O । O विशेषकर O अखिल O भारतीय O सेवाओं O ( O भारतीय O प्रशासनिक O सेवा O , O भारतीय O विदेश O सेवा O और O भारतीय O पुलिस O सेवा O ) O में O विभिन्न O समुदायों O , O उप O - O संस्कृतियों O , O क्षेत्रों O , O भाषाओं O इत्यादि O पर O आधारित O विविधता O में O एकता O का O समग्र O राष्ट्रीय O दृष्टिकोण O पूरा O करने O का O अवसर O मिलता O है O । O लेकिन O , O स्थायित्व O और O निरन्तरता O से O यह O मतलब O भी O नहीं O निकाल O लेना O चाहिए O कि O परिवर्तन O की O सोची O ही O न O जाए O क्योंकि O परिवर्तन O तो O प्रकृति O का O नियम O है O , O इसलिए O प्रशासनिक O अधिकारियों O को O जनता O की O भलाई O और O देश O की O समृद्धि O के O लिए O परिवर्तन O अपनाने O होंगे O । O स्थायित्व O , O सुरक्षा O और O स्थिरता O की O भावना O तो O इसलिए O होनी O जरूरी O है O कि O अधिकारी O कहीं O लालच O या O लोभवश O भ्रष्ट O तरीके O न O अपना O लें O । O फिर O भी O भ्रष्टाचार O तो O मौजूद O है O ही O । O इसे O रोकने O के O लिए O तुरन्त O कड़ी O और O प्रभावी O कार्रवाई O जरूरी O है O । O ये O उतने O ही O कुशल O हैं O जितने O हम O हैं O । O कटाई O के O बाद O फसल O को O बचाना O , O खाद्य O पदार्थों O की O उपलब्धता O बढ़ाने O के O समान O है O । O अनुसंधान O और O विकास O में O निवेश O : O कृषि O वैज्ञानिकों O ने O इस O संबंध O में O अतीत O में O जो O शानदार O योगदान O किया O उसकी O बार O - O बार O सराहना O हुई O है O । O दुर्भाग्य O से O अनुसंधान O और O विकास O गतिविधियों O का O कोई O केन्द्रीय O ( O फोकस O ) O विषय O तय O न O होने O से O और O वित्तीय O संसाधनों O की O कमी O से O यह O प्रणाली O दबाव O में O है O । O अपनी O अनुसंधान O और O विकास O प्रणाली O पर O विश्वास O कायम O रखने O के O लिए O हमारा O पिछला O अनुभव O पर्याप्त O होना O चाहिए O । O इसमें O जलवायु O परिवर्तन O , O जैव O विविधता O , O छोटे O किसानों O की O समस्याओं O और O विपणन O संबंधी O सुधारों O के O माध्यम O से O चुनौतियों O से O निपटने O और O किसानों O को O फायदा O पहुंचाने O की O क्षमता O है O । O इसलिए O इस O पर O निवेश O करना O बहुत O जरूरी O है O । O नयी O टेक्नोलॉजी O के O विकास O में O निवेश O का O संसाधनों O के O समुचित O उपयोग O की O दक्षता O पर O सीधा O असर O पड़ता O है O । O इसी O तरह O शिक्षण O और O प्रसार O गतिविधियां O भी O बड़ी O लाभप्रद O साबित O हुई O हैं O और O इन्हें O बढ़ावा O दिया O जाना O चाहिए O । O योजना O के O प्रारंभ O में O ही O वित्तीय O वचनबद्धताओं O में O अंतराल O रहता O है O और O अब O तो O यह O वार्षिक O आधार O पर O बढ़ता O जा O रहा O है O । O इससे O अनुसंधान O कार्यक्रमों O को O किसी O तर्कसंगत O परिणति O तक O पहुंचना O मुश्किल O होता O जा O रहा O है O । O कृषि O कानूनों O में O ऐतिहासिक O सुधार O : O ये O हैं O : O किसान O उत्पाद O व्यापार O और O वाणिज्य O ( O संवर्धन O तथा O सुविधा O ) O अधिनियम O 2020 O ( O व्यापार O और O वाणिज्य O अधिनियम O ) O ; O किसान O ( O सशक्तिकरण O और O संरक्षण O ) O कृषि O आश्वासन O और O कृषि O सेवा O अनुबंध O अधिनियम O , O ( O अनुबंधित O खेती O अधिनियम O ) O और O आवश्यक O वस्तुएं O ( O संशोधन O ) O अधिनियम O 2020 O , O जिसमें O आवश्यक O संशोधन O किये O गये O । O इन O नीतिगत O बदलावों O से O किसानों O को O निर्धारित O मंडियों O से O मुक्ति O मिलेगी O और O वे O अपनी O उपज O किसी O भी O जगह O बेच O कर O अधिकतम O दाम O हासिल O कर O सकेंगे O । O उपज O को O बेचने O में O प्रतिस्पर्धा O उत्पन्न O होने O से O किसानों O को O लाभ O मिलेगा O । O अनुबंधित O खेती O अधिनियम O में O किसानों O को O कंपनियों O , O खुदरा O व्यापारियों O और O कृषि O संबंधी O फर्मों O आदि O के O साथ O अनुबंध O करने O की O व्यवस्था O की O गयी O है O जिससे O वे O पहले O से O तय O दाम O पर O कोई O फसल O पैदा O कर O सकेंगे O । O इससे O उस O वस्तु O के O दामों O में O उतार O - O चढ़ाव O का O कोई O असर O नहीं O पड़ेगा O और O वे O अपनी O उपज O के O लिए O अनुबंध O में O निर्धारित O दर O पर O दाम O पा O सकेंगे O । O इस O तरह O के O विस्तृत O बदलावों O के O आने O से O किसान O अब O आधुनिक O टेक्नोलॉजी O के O उपयोग O की O स्वतंत्रता O चाहते O हैं O । O ऐसे O कई O उदाहरण O हैं O जिनसे O पता O चलता O है O कि O नीति O निर्माताओं O ने O इस O तरह O के O उत्पादों O को O फसलों O में O इस्तेमाल O करने O में O जान O - O बूझकर O बाधाएं O उत्पन्न O कीं O । O अगर O उत्पादकता O और O मुनाफा O बढ़ाने O के O मार्ग O में O आसन्न O चुनौतियों O को O कम O करना O है O तो O विपणन O क्षेत्र O के O मौजूदा O सुधारों O की O ही O तरह O कुछ O आधान O प्रबंधन O , O जोखिम O प्रबंधन O और O प्रसार O सेवाओं O में O कुछ O नीतिगत O परिवर्तन O करने O होंगे O और O उच्चतर O उत्पादकता O संबंधी O नीतियों O को O उचित O प्राथमिकता O देनी O होगी O । O कृषि O नीतियों O से O विस्तृत O अर्थों O में O चहुमुखी O विकास O और O आर्थिक O व्यवहार्यता O की O रफ्तार O में O तेजी O आनी O चाहिए O । O देश O को O अपनी O नीतियों O को O आधान O प्रधान O की O बजाय O टेक्नोलॉजी O और O कौशल O प्रधान O बनाना O चाहिए O । O देश O को O अपनी O नीतियों O में O बदलाव O करना O चाहिए O और O उन्हें O आधान O प्रधान O की O बजाय O टेक्नोलॉजी O और O कौशल O प्रधान O बनाना O चाहिए O । O निष्कर्ष O : O लेकिन O जैसे O - O जैसे O देश O की O आबादी O बढ़ O रही O है O , O आने O वाले O समय O में O मौजूदा O चुनौतियां O विकराल O रूप O लेती O जाएंगी O । O इसके O अलावा O कृषि O उत्पाद O विपणन O के O क्षेत्र O में O मौजूदा O सुधारों O की O ही O तरह O कई O नीतिगत O बदलाव O भी O करने O होंगे O ताकि O टेक्नोलॉजी O और O कौशल O प्रधान O खेती O पर O जोर O बना O रहे O । O यही O नहीं O , O उपयुक्त O नीतिगत O सुधारों O से O कृषि O से O जुड़े O तमाम O हितधारकों O के O मन O में O भरोसा O कायम O करने O में O मदद O मिलेगी O । O यह O बीते O वर्षों O में O विकास O के O विभिन्न O चरणों O से O गुजरा O है O । O लेकिन O आजादी O के O तुरंत O बाद O स्थितियों O में O बदलाव O आना O शुरू O हो O गया O । O सरकार O ने O पंचवर्षीय O योजनाओं O के O जरिये O औद्योगीकरण O पर O ध्यान O केन्द्रित O किया O । O महलनवीस O मॉडल O पर O तैयार O दूसरी O योजना O में O औद्योगीकरण O को O प्राथमिकता O दी O गयी O । O हालांकि O सिविल O सेवकों O की O जवाबदेही O और O सत्यनिष्ठा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O तंत्र O प्रदान O किया O गया O है O , O लेकिन O तर्क O दिया O जाता O है O कि O दंड O देने O की O पूरी O प्रक्रिया O बहुत O उबाऊ O और O समय O लेने O वाली O है O । O इन्हें O नीचे O संक्षेप O में O प्रस्तुत O किया O गया O है O : O हालांकि O , O इस O बात O पर O भी O जोर O देने O की O आवश्यकता O है O कि O सही O आचरण O के O मानदंडों O को O केवल O कानूनों O और O नियमों O के O कठोर O प्रवर्तन O के O माध्यम O से O लागू O नहीं O किया O जा O सकता O है O और O दृष्टिकोण O में O परिवर्तन O बहुत O महत्वपूर्ण O है O । O संस्थागत O एवं O विधायी O ढांचा O : O शासन O की O कुशल O और O प्रभावी O प्रणाली O के O लिए O शासन O में O ईमानदारी O नितांत O आवश्यक O है O । O नैतिकता O और O सत्यनिष्ठा O को O अलग O - O अलग O करके O नहीं O देखा O जा O सकता O । O सुशासन O विश्वास O और O भरोसे O पर O टिका O होता O है O । O शासन O में O ईमानदारी O से O सार्वजनिक O जीवन O में O जवाबदेही O , O पारदर्शिता O और O सत्यनिष्ठा O सुनिश्चित O किया O जाना O अपेक्षित O है O । O उपरोक्त O ढांचा O काफी O व्यापक O है O , O फिर O भी O अन्य O देशों O की O तरह O हमारे O पास O सरकारी O अधिकारियों O के O लिए O आचारनीति O संहिता O और O व्हिसल O ब्लोअर O संरक्षण O अधिनियम O आदि O जैसे O कानून O नहीं O हैं O । O मौजूदा O मजबूत O ढांचे O के O बावजूद O , O व्यवस्था O में O कुछ O ऐसे O लोग O हैं O जो O अपने O फायदे O के O लिए O अधिकारों O का O दुरुपयोग O करते O हैं O । O मौजूदा O तंत्र O के O अलावा O विभिन्न O कार्यों O में O इस O प्रकार O जवाबदेही O और O पारदर्शिता O को O बढ़ाया O जा O सकता O है O : O हमारे O पास O प्रत्येक O श्रेणी O में O सफलता O की O कहानियां O हैं O । O कुछ O प्रवेश O - O श्रेणी O के O पदों O पर O साक्षात्कार O को O समाप्त O करने O के O सरकार O के O हालिया O निर्देशों O ने O चयन O प्रक्रिया O में O पारदर्शिता O को O बढ़ावा O दिया O है O । O रेलवे O द्वारा O यात्री O टिकटों O की O बुकिंग O के O लिए O और O नगर O निकायों O द्वारा O जन्म O तथा O मृत्यु O प्रमाण O - O पत्र O जारी O करने O और O संपत्ति O कर O के O भुगतान O के O लिए O सूचना O प्रौद्योगिकी O के O उपयोग O के O उदाहरण O सर्वविदित O हैं O । O निष्कर्ष O सरकारी O अधिकारी O और O कर्मचारी O समाज O का O हिस्सा O हैं O और O किसी O हद O तक O वे O भी O सामाजिक O मानदंडों O से O प्रभावित O होते O हैं O । O साथ O ही O , O शासन O संरचना O का O हिस्सा O होने O के O नाते O , O उन्हें O अधिक O जिम्मेदार O होना O चाहिए O और O हर O समय O निष्कपट O दिखना O चाहिए O । O लोगों O को O देश O के O कानूनों O का O पालन O करने O के O लिए O प्रेरित O करके O और O साथ O ही O अपराधियों O को O बहुत O कठोर O दंड O देकर O इसे O अधिक O मजबूत O और O प्रभावी O बनाने O की O आवश्यकता O है O । O (( O सित्तवे - बंदरगाह - को O जल्द O से O जल्द O चालू O करने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O लेकिन O मैं O इस O बारे O में O स्पष्ट O कर O दूं O कि O हम O कहां O हैं O । O हमने O वास्तव O में O इस O बहुत O ही O जटिल O उद्यम O के O साथ O संघर्ष O किया O है O , O लेकिन O इसे O पूरा O करने O में O कोई O कसर O नहीं O छोड़ने O के O लिए O पहले O से O कहीं O अधिक O दृढ़ O संकल्प O हैं O । O ये O सभी O निश्चित O रूप O से O परिणामी O हैं O । O उनमें O से O प्रत्येक O अधिक O से O अधिक O पहुंच O , O अवसरों O , O संसाधनों O और O बाजारों O से O लाभान्वित O होने O के O लिए O खड़ा O है O । O इसके O तहत O सड़क O और O राजमार्ग O संपर्क O , O नवीकरणीय O ऊर्जा O , O वन O प्रबंधन O , O शहरी O सुविधाएं O और O स्वास्थ्य O देखभाल O प्रणालियों O को O मजबूत O करने O जैसे O विविध O क्षेत्रों O में O परियोजनाएं O शामिल O हैं O । O इसका O उद्देश्य O इस O क्षेत्र O को O बांस O आधारित O उत्पादों O के O लिए O नवाचार O और O डिजाइन O के O केंद्र O के O रूप O में O विकसित O करना O है O । O इस O क्षेत्र O में O संस्थानों O का O चयन O करें O । O गर्भ O की O सफाई O के O प्रत्येक O चरण O में O उसके O जीवन O साथी O को O शामिल O करना O लाभदायक O होता O है O । O पुरुष O साथी O को O इस O बात O के O लिए O प्रोत्साहित O करें O कि O वह O पूरी O प्रक्रिया O में O खुले O रूप O से O भाग O ले O । O यह O उनके O भविष्य O में O गर्भ O निर्धारण O सुनिश्चित O करने O में O मदद O करेगा O । O साथ O ही O , O दोनों O , O विचार O कर O किसी O गर्भनिरोधक O का O चयन O कर O सकेंगें O । O आप O गर्भपात O की O आसान O विधि O के O बारे O में O लोगों O को O सरल O तरीके O से O बता O सकते O हैं O । O गर्भ O की O सफाई O शुरुआती O दौर O में O करनी O चाहिए O । O इसके O महत्व O पर O आप O इन्हें O शिक्षित O कर O सकते O हैं O । O इस O सन्दर्भ O में O आपके O परामर्श O की O भूमिका O महत्वपूर्ण O है O । O 3. O अरब O जगत O सहस्राब्दी O से O अधिक O समय O से O मानव O सभ्यता O का O उद्गम O स्थल O रहा O है O । O इसके O रणनीतिक O महत्व O के O परिप्रेक्ष्य O में O अरबी O दुनिया O में O विकास O ने O हमारे O साझा O इतिहास O को O प्रभावित O किया O है O और O वैश्विक O स्तर O पर O उसका O गहरा O प्रभाव O सतत O बना O हुआ O है O । O आज O इस O क्षेत्र O के O समक्ष O मौजूद O चुनौतियों O से O निबटने O के O हमारे O तरीके O अंतर्राष्ट्रीय O शांति O और O सुरक्षा O पर O महत्वपूर्ण O प्रभाव O डाल O सकते O हैं O । O ज्यादा O दिन O नहीं O हुए O जब O अरब O देशों O के O कुछ O हिस्सों O में O भारतीय O रुपये O का O चलन O वैध O मुद्रा O के O रूप O में O था O । O इसने O अरब O भारत O सहयोग O मंच O का O निर्माण O किया O , O जिसमें O ऊर्जा O , O पर्यावरण O संरक्षण O , O निवेश O , O खाद्य O सुरक्षा O , O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O और O मानव O संसाधन O विकास O जैसे O कई O क्षेत्रों O में O प्रगतिशील O सहयोग O पर O सहमति O हुई O । O अरब O लीग O के O साथ O हमारे O जुड़ाव O को O गहरा O करने O के O लिए O कई O अन्य O पहलों O की O भी O परिकल्पना O की O गई O है O जिसमें O ऊर्जा O संगोष्ठी O , O मीडिया O संगोष्ठी O और O कुछ O महीने O पहले O सफलतापूर्वक O आयोजित O अरब O - O भारत O ऊर्जा O मंच O का O पहला O संस्करण O शामिल O है O । O अध्यक्ष O महोदय O , O 7. O अरब O लीग O ने O इस O क्षेत्र O में O सुरक्षा O और O स्थिरता O के O लिए O सकारात्मक O योगदान O दिया O है O । O इस O क्षेत्र O में O सशस्त्र O संघर्ष O से O जूझ O रहे O देशों O को O मानवीय O सहायता O उपलब्ध O कराने O में O भी O वह O सबसे O आगे O है O । O अरब O लीग O ने O इस O क्षेत्र O में O संघर्ष O की O रोकथाम O और O समाधान O के O लिए O मध्यस्थता O करने O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O हम O इस O बात O को O प्रमुखता O के O साथ O कहते O हैं O कि O अरब O लीग O सामान्य O रूप O से O इस O क्षेत्र O के O लोगों O और O विशेष O रूप O से O महिलाओं O और O अल्पसंख्यकों O के O लिए O शांति O के O हमारे O संयुक्त O प्रयास O में O योगदान O दे O सकता O है O । O इस O क्षेत्र O में O शांति O पहल O पर O अरब O लीग O और O उसके O सदस्य O देशों O के O साथ O नियमित O और O लगातार O परामर्श O सामान्य O समाधान O और O सार्थक O परिणाम O प्राप्त O करने O में O योगदान O देगा O ; O • O दूसरा O , O विशेष O रूप O से O (( O के O विशेष O दूतों O और O विशेष O प्रतिनिधियों O तथा O अरब O लीग O के O बीच O नियमित O समन्वय O के O माध्यम O से O क्षेत्रीय O स्तर O पर O व्यापक O समन्वय O के O प्रयास O किए O जाने O चाहिए O ; O • O तीसरा O , O पुनर्निर्माण O और O आर्थिक O विकास O के O माध्यम O से O संघर्ष O के O बाद O शांति O बहाली O में O लीग O और O उसके O सदस्य O देशों O के O साथ O जुड़ाव O समान O रूप O से O महत्वपूर्ण O है O ; O तथा O • O चौथा O , O संबंधित O देशों O और O क्षेत्र O की O स्थिरता O सुनिश्चित O करना O , O और O लोगों O , O विशेष O रूप O से O महिलाओं O और O अल्पसंख्यकों O का O कल्याण O , O ऐसे O सभी O प्रयासों O में O सबसे O आगे O होना O चाहिए O । O हमारा O विश्वास O है O कि O ये O इस O क्षेत्र O में O अधिक O शांति O और O स्थिरता O कायम O करने O में O योगदान O देगें O । O अध्यक्ष O महोदय O ! O आपका O धन्यवाद O ! O आपकी O राय O अपने O स्वास्थ्य O और O पर्यावरण O के O स्वास्थ्य O के O बीच O सामंजस्य O - O इसमें O मानव O तथा O पर्यावरण O संबंध O पर O प्रकाश O डालते O हुए O बताया O है O कि O जीवनशैली O से O जुड़े O संकटों O को O दूर O रखने O के O लिए O अपने O स्वास्थ्य O और O पर्यावरण O के O स्वास्थ्य O के O बीच O सामंजस्य O स्थापित O करना O ही O होगा O । O शिक्षा O , O गरीबी O , O जेंडर O इन O सब O कारकों O का O हमारी O सेहत O से O सीधा O संबंध O है O । O अतः O हमें O संतुलित O आहार O के O सेवन O पर O बल O देना O चाहिए O क्योंकि O वर्तमान O दौर O में O विविध O बीमारियां O रासायनिक O खाद्य O पदार्थों O व O असंतुलित O भोजन O के O सेवन O से O उत्पन्न O हुई O हैं O । O अतः O ऐसी O स्थिति O में O समाज O को O जैविक O अनाज O के O उत्पादन O पर O बल O देना O चाहिए O । O इस O महामारी O ने O हमें O सामाजिक O , O मनोवैज्ञनिक O , O भावनात्मक O , O चिकित्सकीय O , O मनोस्वास्थ्य O और O आर्थिक O तौर O पर O बुरी O तरह O से O सताया O है O । O महामारी O के O प्रकोप O से O उत्पन्न O स्थिति O से O निपटने O के O लिए O वर्तमान O में O कोविड O प्रोटोकॉल O का O पालन O सुनिश्चित O करके O और O टीका O लगवा O कर O विषाणु O के O फैलाव O को O रोका O जा O सकता O है O । O राह O दिखाने O वाला O अंक O उन्होंने O गांधीवाद O के O मूल्यों O को O अपने O नित्य O जीवन O में O अपनाने O पर O बल O दिया O है O । O गांधीवाद O की O अवधारणा O के O अनुसार O , O हर O वह O व्यक्ति O गांधीवादी O है O , O जो O अपने O दायित्वों O के O निर्वहन O के O प्रति O समर्पित O रहता O हो O ; O जो O अहिंसक O विचारधारा O का O समर्थक O हो O अर्थात O जो O किसी O भी O माध्यम O से O हिंसा O न O करता O हो O ; O जो O साहसी O हो O अर्थात O जो O सत्य O बोलने O और O असत्य O का O विरोध O करने O का O साहस O रखता O हो O ; O जो O मानवतावादी O व O लोकतांत्रिक O मूल्यों O का O संरक्षक O हो O अर्थात O जो O मानव O सेवा O व O कल्याण O को O सर्वोपरि O रखता O हो O ; O और O जो O बौद्धिक O , O विवेकशील O व O सहनशील O हो O । O गांधीवाद O के O अनुसार O , O किसी O भी O व्यक्ति O के O मन O को O अपनी O वाणी O से O दुख O पहुंचाना O भी O हिंसा O है O । O गांधीवाद O रामराज्य O की O अवधारणा O से O प्रभावित O है O । O यह O आपसी O विद्वेष O व O असहिष्णुता O की O भावना O , O धार्मिक O , O साम्प्रदायिक O व O जातीय O कट्टरता O का O विरोध O करता O है O और O इसे O सम्पूर्ण O सृष्टि O के O अस्तित्व O के O लिए O खतरा O बताता O है O । O मनुष्य O अपने O समस्त O दुःखों O व O समस्याओं O से O गांधीवाद O को O अपने O जीवन O में O लागू O कर O मुक्त O हो O सकता O है O । O सामाजिक O बदलाव O के O लिये O लोक O प्रशासन O लेकिन O केन्द्र O , O राज्य O , O जिला O और O स्थानीय O शासन O के O बीच O अंतर O - O संचालकता O से O संबंधित O जटिलताएं O अब O भी O मौजूद O हैं O । O देश O शहरी O और O ग्रामीण O ई O - O शासन O अवसंरचनाओं O के O बीच O अंतर O को O मिटाने O की O कोशिश O में O जुटा O है O । O सरकारों O को O संयोजक O और O सेवा O प्रदाता O होने O के O नाते O अपने O नागरिकों O की O मांगों O को O पूरा O करने O के O लिये O सूचना O और O संचार O प्रौद्योगिकी O अपनाने O की O दरकार O होती O है O । O मौजूदा O समय O में O प्रभावी O और O कुशल O सरकार O के O लिये O सरल O , O नैतिक O , O जवाबदेह O , O जिम्मेदार O और O पारदर्शी O शासन O जरूरी O हो O गया O है O । O उसने O बदलाव O को O तेजी O से O अपनाते O हुए O अच्छी O शासन O नीति O की O ओर O त्वरित O प्रगति O की O है O । O ई O - O शासन O का O मकसद O सरकार O के O नागरिकों O और O व्यावसायिक O उद्यमों O के O साथ O संवाद O तथा O एजेंसियों O के O दरमियान O संबंधों O को O सुविधाजनक O , O पारदर्शी O , O मैत्रीपूर्ण O , O प्रभावी O और O किफायती O बनाना O है O । O सूचना O , O संवाद O , O व्यवहार O और O बदलाव O । O ई O - O शासन O आधुनिक O युग O में O किसी O लोकतांत्रिक O देश O को O जनता O की O उम्मीदों O पर O खरा O उतरने O में O मदद O करता O है O । O इसके O लिये O वे O निम्नलिखित O विशेषताओं O को O अपना O कर O समेकित O बैक O - O ऑफिस O अवसंरचना O विकसित O करेंगी O - O क्षैतिज O संयोजन O : O सरकारी O एजेंसियों O के O बीच O तालमेल O के O लिये O प्लेटफॉर्म O की O स्थापना O । O अवसंरचना O संयोजन O : O अंतर O - O संचालकता O से O संबंधित O मुद्दों O के O समाधान O के O लिये O संयोजक O प्लेटफॉर्म O की O स्थापना O । O मानकों O का O गैर O अनुपालन O होने O पर O अधिनियम O के O तहत O लाइसेंस O को O निरस्त O किया O जा O सकता O है O और O अधिनियम O में O तयशुदा O दंड O लगाया O जा O सकता O है O । O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O में O अधिनियम O के O तहत O अंतिम O या O स्थाई O पंजीकरण O हेतु O पूर्वापेक्षा O के O तौर O पर O शिकायत O कक्ष O का O होना O आवश्यक O नहीं O है O । O पंजीकरण O के O आवेदन O के O लिए O भी O इस O प्रभाव O वाले O वचनपत्र O या O प्रकटीकरण O की O भी O अपेक्षा O नहीं O है O । O इससे O स्पष्ट O होता O है O कि O देश O में O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O से O संबंधित O एकल O केंद्रीय O विनियामक O रूपरेखा O में O भी O वैयक्तिक O रोगी O अधिकारों O के O प्रवर्तन O का O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O हाल O ही O में O संशोधित O उपभोक्ता O संरक्षण O अधिनियम O ( O सीपीए O ) O 1986 O के O तहत O उपभोक्ता O शिकायत O दर्ज O कर O सकता O है O परंतु O जन O स्वास्थ्य O प्रतिष्ठानों O के O साथ O सीपीए O की O प्रयोज्यता O देश O के O विभिन्न O न्यायालयों O द्वारा O उपभोक्ता O व O सेवाओं O की O भिन्न O - O भिन्न O व्याख्याओं O की O वजह O से O विवादास्पद O है O । O सीपीए O के O अनुसार O , O उपभोक्ता O वह O है O जो O वस्तुएं O खरीदता O है O और O सेवाओं O का O लाभ O उठाता O है O और O सेवाओं O का O अभिप्राय O स्वास्थ्य O सेवा O समेत O विभिन्न O सेवाओं O से O है O परंतु O इसका O अर्थ O निःशुल्क O सेवा O प्रदान O करना O नहीं O है O । O अतः O ऐसा O लगेगा O कि O जन O स्वास्थ्य O प्रतिष्ठानों O के O साथ O सीपीए O की O प्रयोज्यता O को O अलग O किया O जाए O जहां O सामान्यतः O सेवाएं O निःशुल्क O दी O जाती O हैं O । O रोगी O अपने O द्वारा O प्रस्तुत O प्रतिक्रिया O को O देख O भी O सकता O है O । O प्राप्त O प्रतिक्रियाओं O का O संकलन O व O विश्लेषण O किया O जाता O है O और O उसे O डैशबोर्ड O के O रूप O में O दृष्टिगोचर O किया O जाता O है O जिसे O विभिन्न O स्टेकधारक O , O जिला O , O राज्य O व O राष्ट्रीय O स्तर O पर O देख O सकें O । O मेरा O अस्पताल O जन O सुविधाओं O के O मध्य O स्वास्थ्य O सेवा O डिलिवरी O की O गुणवत्ता O बढ़ाने O में O सरकार O की O मदद O करता O है O जिससे O रोगी O को O प्रभावी O व O समुचित O सेवा O प्राप्त O होगी O । O मेरा O अस्पताल O अंततः O रोगी O उन्मुख O , O उत्तरदायी O स्वास्थ्य O सेवा O ( O हेल्थ O केयर O ) O सिस्टम O स्थापित O करने O में O मददगार O होगा O । O इस O हेल्पलाइन O की O सबसे O बड़ी O विशेषता O यह O होगी O कि O यह O शिकायत O निवारण O के O बाद O शिकायतकर्त्ता O को O फोन O कर O के O फीडबैक O भी O प्राप्त O करेगी O । O इस O अधिनियम O ने O पारदर्शिता O के O मामले O में O काफी O बेहतर O कार्य O किया O है O । O इस O पोर्टल O के O माध्यम O से O परिवादी O स्वयं O या O विभिन्न O नागरिक O समूहों O द्वारा O अपनी O शिकायत O दर्ज O करा O सकते O हैं O । O इस O पोर्टल O में O शिकायतकर्ताओं O की O सुविधा O हेतु O दायर O किए O जाने O वाले O विषयों O की O सूची O लोक O शिकायत O प्राप्ति O केंद्रों O एवं O वेबसाइट O पर O उपलब्ध O करायी O जाती O है O । O सार्वजनिक O सेवाओं O के O प्रदान O में O अपनी O भूमिका O में O परिवर्तन O लाने O के O लिए O ' O स्वागत O ' O ने O प्रतिष्ठित O ' O संयुक्त O राष्ट्र O लोक O सेवा O पुरस्कार O ' O जीता O । O राजस्थान O सम्पर्क O जन O सामान्य O की O शिकायतों O को O दर्ज O करने O और O समस्याओं O का O निराकरण O पाने O का O अभिनव O प्रयास O है O । O इस O पर O जनता O को O निम्नलिखित O सुविधाएं O मिलेंगी O : O 1. O बिना O कार्यालय O में O उपस्थित O हुए O समस्याओं O को O ऑनलाइन O दर्ज O करने O की O सुविधा O । O 2. O पंचायत O समिति O एवं O जिला O स्तर O पर O राजस्थान O सम्पर्क O केन्द्रों O पर O निःशुल्क O रूप O से O शिकायतों O को O दर्ज O कराने O की O सुविधा O । O गैर O - O सरकारी O और O समुदाय O आधारित O संगठन O ई O - O कबाड़ O का O सुरक्षित O निस्तारण O सुनिश्चित O करने O के O तौर O - O तरीकों O का O प्रचार O - O प्रसार O कर O सकते O हैं O । O वे O इस O बात O की O निगरानी O भी O कर O सकते O हैं O कि O कॉरपोरेट O और O रिसाइकिल O करने O वाले O स्वास्थ्य O और O सुरक्षा O के O मानदंडों O का O पालन O करें O । O निष्कर्ष O ई O - O कबाड़ O की O समस्या O के O आकार O और O जटिलता O में O वृद्धि O की O रफ्तार O इसे O नियंत्रित O करने O की O हमारी O रणनीतियों O की O प्रभावशीलता O से O अधिक O तेज O है O । O इस O स्थिति O में O जल्दी O बदलाव O आने O की O संभावना O नहीं O दिखाई O देती O । O हमारी O नीति O में O उत्पादकों O की O ओर O से O जागरूकता O अभियान O चलाये O जाने O की O बात O कही O गयी O है O । O लेकिन O इसमें O जिम्मेदारी O से O उपभोग O को O बढ़ावा O देने O और O खपत O के O स्तर O में O कमी O लाने O के O लिये O नागरिकों O को O शामिल O करने O के O फ्रेमवर्कों O का O सरासर O अभाव O है O । O इसका O मकसद O ई O - O कबाड़ O की O असंगठित O क्षेत्र O में O रिसाइक्लिंग O के O खतरों O के O बारे O में O जनता O में O जागरूकता O पैदा O करना O था O । O इसके O जरिये O जनसाधारण O को O ई O - O कबाड़ O का O निस्तारण O करने O के O वैकल्पिक O तरीकों O के O बारे O में O शिक्षित O किया O गया O । O औपचारिक O माध्यमों O से O निस्तारण O और O उपभोग O के O संवहनीय O तरीकों O को O बढ़ावा O देने O के O लिये O सतत O प्रयास O महत्वपूर्ण O हैं O । O देश O में O ई O - O कबाड़ O की O रिसाइक्लिंग O को O मजबूत O करने O की O व्यापक O संभावना O मौजूद O है O । O इस O दिशा O में O कुछ O प्रगति O भी O हुई O है O । O लेकिन O जागरूकता O अभियानों O , O कौशल O विकास O , O मानव O पूंजी O निर्माण O तथा O देश O के O अनौपचारिक O क्षेत्र O में O सुरक्षा O के O पर्याप्त O उपाय O अपनाते O हुए O प्रौद्योगिकी O लाने O के O संबंध O में O काफी O काम O किया O जाना O बाकी O है O । O देश O में O बेशकीमती O खनिज O संसाधनों O की O बहुत O तंगी O है O । O इस O विश्लेषण O का O उद्देश्य O नीति O निर्माताओं O को O बाजार O आधारित O प्रणालियों O के O जरिये O रिसाइक्लिंग O क्षमता O में O सुधार O के O उपायों O के O बारे O में O बताना O है O । O ये O उपाय O सब्सिडी O आधारित O कोशिशों O की O मौजूदा O नीति O से O अलग O हैं O । O संवहनीय O व्यावसायिक O समाधान O और O जनता O की O सक्रिय O भागीदारी O ईपीआर O लक्ष्यों O की O समयबद्ध O प्राप्ति O को O निर्देशित O कर O सकते O हैं O । O आपकी O राय O पंचायती O राज O पर O जानकारी O से O परिपूर्ण O अंक O प्रमुख O आलेख O में O ग्रामसभा O के O जरिए O शासन O में O जन O भागीदारी O शीर्षक O से O ग्रामसभा O का O कामकाज O , O विभिन्न O राज्यों O में O ग्राम O सभाएं O और O आज O के O संदर्भ O में O इनकी O आवश्यकता O और O प्रासंगिकता O का O रोचक O तरीके O से O वर्णन O किया O गया O है O । O साथ O ही O लेखक O ने O ग्राम O सभाओं O के O कामकाज O को O प्रभावी O बनाने O के O उपायों O का O सुझाव O दिया O है O , O जिनमें O ग्राम O सभाओं O में O लोगों O की O भागीदारी O बढ़ाना O , O सालाना O कैलेंडर O तैयार O करना O , O साथ O ही O एक्शन O टेकन O रिपोर्ट O यानी O कार्यवाई O रिपोर्ट O और O एजेंडा O बनाने O का O कार्य O शामिल O है O । O डिजिटल O स्थानीय O शासन O उदीयमान O प्रौद्योगिकियां O देश O के O आर्थिक O और O सामाजिक O विकास O लक्ष्यों O में O लगातार O तालमेल O बना O रही O हैं O । O लेकिन O इसे O प्राप्त O करना O तभी O संभव O है O जब O हमारे O गांवों O को O स्थानीय O शासन O के O प्रौद्योगिकी O आधारित O ढांचे O के O साथ O आर्थिक O विकास O के O आत्मनिर्भर O केंद्रों O में O तब्दील O कर O दिया O जाये O । O इसका O उद्देश्य O पंचायती O राज O संस्थाओं O - O पंचायती O राज O इंस्टीट्यूशंस O ( O पीआरआई O ) O के O कामकाज O में O आमूलचूल O बदलाव O लाकर O उन्हें O विकेन्द्रित O स्वशासन O निकायों O के O रूप O में O ज्यादा O पारदर्शी O , O जवाबदेह O और O प्रभावी O बनाना O है O । O इससे O स्थानीय O शासन O में O सुधार O आयेगा O और O जमीनी O स्तर O पर O लोकतंत्र O प्रभावी O ढंग O से O काम O कर O सकेगा O । O हर O घर O जल O और O ऊर्जा O क्षेत्र O में O आत्मनिर्भरता O सहित O विभिन्न O आलेख O सरकार O द्वारा O किये O जा O रहे O विकास O कार्यों O और O उनसे O आत्मनिर्भरता O की O ओर O बढ़ते O हुए -NEL (( O भारत - की O कहानी O बयां O करते O हैं O । O लेखक O के O अनुसार O कोविड O - O 19 O महामारी O के O समय O उपजी O चुनौतियों O ने O स्पष्ट O बता O दिया O था O कि O " O जो O आपका O है O , O वही O सिर्फ O आपका O है O । O साहसिक O सुधारों O से O आत्मनिर्भरता O मानकों O का O गैर O अनुपालन O होने O पर O अधिनियम O के O तहत O लाइसेंस O को O निरस्त O किया O जा O सकता O है O और O अधिनियम O में O तयशुदा O दंड O लगाया O जा O सकता O है O । O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O में O अधिनियम O के O तहत O अंतिम O या O स्थाई O पंजीकरण O हेतु O पूर्वापेक्षा O के O तौर O पर O शिकायत O कक्ष O का O होना O आवश्यक O नहीं O है O । O पंजीकरण O के O आवेदन O के O लिए O भी O इस O प्रभाव O वाले O वचनपत्र O या O प्रकटीकरण O की O भी O अपेक्षा O नहीं O है O । O इससे O स्पष्ट O होता O है O कि O देश O में O क्लिनिकल O ( O रोगविषयक O ) O प्रतिष्ठानों O से O संबंधित O एकल O केंद्रीय O विनियामक O रूपरेखा O में O भी O वैयक्तिक O रोगी O अधिकारों O के O प्रवर्तन O का O कोई O प्रावधान O नहीं O है O । O हाल O ही O में O संशोधित O उपभोक्ता O संरक्षण O अधिनियम O ( O सीपीए O ) O 1986 O के O तहत O उपभोक्ता O शिकायत O दर्ज O कर O सकता O है O परंतु O जन O स्वास्थ्य O प्रतिष्ठानों O के O साथ O सीपीए O की O प्रयोज्यता O देश O के O विभिन्न O न्यायालयों O द्वारा O उपभोक्ता O व O सेवाओं O की O भिन्न O - O भिन्न O व्याख्याओं O की O वजह O से O विवादास्पद O है O । O सीपीए O के O अनुसार O , O उपभोक्ता O वह O है O जो O वस्तुएं O खरीदता O है O और O सेवाओं O का O लाभ O उठाता O है O और O सेवाओं O का O अभिप्राय O स्वास्थ्य O सेवा O समेत O विभिन्न O सेवाओं O से O है O परंतु O इसका O अर्थ O निःशुल्क O सेवा O प्रदान O करना O नहीं O है O । O अतः O ऐसा O लगेगा O कि O जन O स्वास्थ्य O प्रतिष्ठानों O के O साथ O सीपीए O की O प्रयोज्यता O को O अलग O किया O जाए O जहां O सामान्यतः O सेवाएं O निःशुल्क O दी O जाती O हैं O । O रोगी O अपने O द्वारा O प्रस्तुत O प्रतिक्रिया O को O देख O भी O सकता O है O । O प्राप्त O प्रतिक्रियाओं O का O संकलन O व O विश्लेषण O किया O जाता O है O और O उसे O डैशबोर्ड O के O रूप O में O दृष्टिगोचर O किया O जाता O है O जिसे O विभिन्न O स्टेकधारक O , O जिला O , O राज्य O व O राष्ट्रीय O स्तर O पर O देख O सकें O । O मेरा O अस्पताल O जन O सुविधाओं O के O मध्य O स्वास्थ्य O सेवा O डिलिवरी O की O गुणवत्ता O बढ़ाने O में O सरकार O की O मदद O करता O है O जिससे O रोगी O को O प्रभावी O व O समुचित O सेवा O प्राप्त O होगी O । O मेरा O अस्पताल O अंततः O रोगी O उन्मुख O , O उत्तरदायी O स्वास्थ्य O सेवा O ( O हेल्थ O केयर O ) O सिस्टम O स्थापित O करने O में O मददगार O होगा O । O इनमें O से O हर O लक्ष्य O बच्चों O और O उनके O स्वास्थ्य O से O जुड़ा O है O और O इस O तरह O हर O लक्ष्य O इस O धरती O के O स्वास्थ्य O से O जुड़ा O है O । O सतत O विकास O लक्ष्यों O के O इस O मानवीय O चेहरे O से O ही O हमारी O प्रगति O परिभाषित O होनी O चाहिए O । O लेकिन O अब O भी O हम O बहुत O कम O ही O इन O बातों O को O जोड़ O कर O देख O पा O रहे O हैं O । O अब O हमें O ज्यादा O नमक O , O चीनी O और O चर्बी O वाली O तथा O कम O पोषक O तत्वों O वाली O खाद्य O - O सामग्री O पर O रोक O लगाने O के O लिए O कड़ी O कार्रवाई O करनी O होगी O । O हम O यह O भी O जानते O हैं O कि O अर्थव्यवस्थाओं O का O निर्माण O ही O विषैले O पदार्थों O की O बुनियाद O पर O होता O है O । O जितने O ज्यादा O आप O धनवान O होते O हैं O , O स्वास्थ्य O सेवाओं O पर O उतना O ही O ज्यादा O बोझ O पड़ता O है O और O इन O सेवाओं O की O कीमत O उतनी O ही O बढ़ती O जाती O है O । O याद O रखें O कि O गरीबों O की O बीमारियों O का O उपचार O हमेशा O सरल O और O सस्ता O होता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O हैजा O पानी O में O रोगाणुओं O की O वजह O से O होता O है O और O पानी O को O इनसे O मुक्त O करना O आसान O है O । O दूसरी O ओर O , O कैंसर O भी O उसी O पानी O में O कुछ O रसायनों O की O थोड़ी O - O सी O मात्रा O की O वजह O से O हो O सकता O है O लेकिन O इनसे O पानी O को O मुक्त O करना O काफी O महंगा O है O । O इसी O तरह O , O जलवायु O परिवर्तन O , O जो O जीवन O - O शैली O से O जुड़ी O सबसे O भीषण O आपदा O है O , O और O स्वास्थ्य O को O सतत O विकास O लक्ष्यों O से O जोड़ना O अब O बहुत O जरूरी O हो O गया O है O । O शहरों O में O रह O रहे O लोग O अब O जानने O लगे O हैं O कि O मौसमों O में O बदलाव O की O वजह O से O संक्रामक O रोग O बढ़ने O लगे O हैं O । O मौसमों O में O गर्मी O और O सर्दी O बढ़ने O से O गरीबों O पर O ज्यादा O मार O पड़ती O है O । O लेकिन O , O इसके O लिए O मात्र O विश्व O स्वास्थ्य O संगठन O के O निर्देशों O की O जरूरत O नहीं O है O । O हमारी O संस्थाओं O को O इस O सच्चाई O को O समझना O होगा O । O खराब O पर्यावरण O - O यानी O वायु O तथा O जल O प्रदूषण O , O कूड़े O के O ढेर O और O खाद्य O - O सामग्री O में O विषैले O तत्वों O का O होना O - O और O स्वास्थ्य O के O बीच O संबंध O एकदम O स्पष्ट O है O और O इसका O समाधान O जरूरी O है O । O हम O इस O जिम्मेदारी O से O बच O नहीं O सकते O । O अच्छी O बात O यह O है O कि O पर्यावरण O के O प्रति O हमें O सचेत O करने O वाला O एकमात्र O सूचक O भी O हमारा O स्वास्थ्य O ही O है O । O हम O पर्यावरण O को O बेहतर O बनाने O के O लिए O तब O खड़े O होंगे O जब O हमें O पता O चलेगा O कि O इसके O बिगड़ने O का O असर O सीधे O हम O पर O पड़ O रहा O है O । O ऐसा O इसलिए O हुआ O है O कि O जब O प्रदूषण O के O बेकाबू O हो O जाने O से O जाड़ों O में O सार्वजनिक O स्वास्थ्य O की O स्थिति O बेहद O खराब O हो O जाती O है O , O और O तब O हवा O में O विषैले O तत्वों O और O हमारे O शरीर O का O संबंध O लोगों O को O समझ O में O आने O लगता O है O । O लोग O बदलाव O इसलिए O चाहने O लगते O हैं O क्योंकि O उन्हें O उनके O स्वास्थ्य O और O पर्यावरण O के O बीच O संबंध O समझ O में O आने O लगता O है O । O प्रदूषण O की O यह O समझ O महत्वपूर्ण O भी O है O और O उस O स्थिति O से O भिन्न O भी O है O जब O कीटनाशकों O के O घुलने O से O हमारा O पानी O प्रदूषित O होता O है O । O अपने O स्वास्थ्य O से O इस O प्रदूषण O का O संबंध O समझना O लोगों O के O लिए O थोड़ा O कठिन O होता O है O । O इसी O तरह O , O जल O प्रदूषण O की O तुलना O में O , O सूखती O - O प्रदूषित O होती O नदियों O का O अपने O घर O के O नल O के O पानी O से O संबंध O को O समझना O हमारे O लिए O ज्यादा O कठिन O होता O है O । O अगर O हमें O थोड़ा O समझ O आता O भी O है O तो O हमारे O पास O तो O घर O में O वाटर O फिल्टर O लगा O लेना O अथवा O बाजार O से O पीने O के O पानी O की O बोतलें O खरीदने O का O विकल्प O होता O है O । O साथ O ही O , O वायु O को O प्रदूषित O करने O वाले O कारकों O का O स्वरूप O इतनी O तेजी O से O बदल O रहा O है O कि O हमारे O घरों O के O एयर O प्यूरिफायर O इन O मारक O प्रदूषकों O का O मुकाबला O करने O के O लिए O इतनी O तेजी O से O बदले O नहीं O जा O सकते O । O इसलिए O , O हमें O बदलाव O लाना O ही O होगा O । O अगर O वायु O प्रदूषण O कम O करने O के O लिए O हमें O अपनी O डीजल O वाली O कार O को O छोड़ O कर O किफायती O और O सुविधाजनक O बस O या O मेट्रो O में O जाना O पड़ेगा O तो O हम O ऐसा O करेंगे O । O क्योंकि O यह O हमारे O हित O में O है O । O हम O अपना O व्यवहार O इसलिए O नहीं O बदलेंगे O कि O वह O इस O धरती O के O हित O में O है O , O बल्कि O इसलिए O बदलेंगे O कि O यह O हमारे O भी O हित O में O है O । O अच्छी O बात O यह O है O कि O जो O हमारे O हित O में O है O वह O धरती O के O हित O में O भी O है O । O यह O सब O के O हित O में O है O । O जाहिर O है O , O कुमारव्यास O प्रमाणित O करना O चाहते O हैं O कि O वह O उत्प्रेरित O कवि O हैं O और O उनका O काव्य O उत्तम O श्रेणी O का O है O । O परंतु O उनके O विवरण O का O ब्यौरा O आश्चर्यजनक O तौर O पर O अस्पष्ट O दिखता O है O । O कुमारव्यास O अपनी O लेखनशैली O को O कुछ O असामान्य O बताते O हैं O । O परंतु O लेखन O असामान्य O इसलिए O है O क्योंकि O उसमें O लेखन O से O इतर O वाचन O के O गुण O दिखते O हैं O । O वाचन O क्रिया O सहज O होती O है O और O उसमें O रुकावट O नहीं O होती O । O यों O भी O बोलते O समय O आप O किसी O शब्द O को O नहीं O हटा O सकते O क्योंकि O वाचन O अपरिवर्तनीय O होता O है O । O वाचन O क्रिया O समर्पित O कार्य O है O और O बोला O गया O शब्द O जिम्मेदारी O से O परिपूर्ण O होता O है O । O ऐसा O समाज O जहां O बोला O गया O शब्द O सर्वोपरि O और O नैतिक O प्रभुत्व O रखता O है O , O उस O समाज O से O भिन्न O होता O है O जहां O लिखित O शब्द O को O सत्य O का O दस्तावेज O माना O जाता O है O । O उक्त O समाज O में O व्यक्ति O की O पहचान O उसके O वाचन O पर O आधारित O होती O है O । O ऐसे O समाज O में O विवादों O एवं O झगड़ों O के O समय O पुस्तकों O के O स्थान O पर O बड़े O - O बूढ़ों O के O संदर्भ O दिए O जाते O हैं O । O संस्कृत O के O अलावा O , O अन्य O सभी O भारतीय O भाषाएं O जब O लेखन O श्रेणी O तक O पहुंची O तो O लेखन O तथा O मौखिक O परंपराओं O से O प्रेरणा O प्राप्त O कर O उनका O साहित्य O विकसित O हुआ O । O भारत -NEL में O मौखिक O परंपरा O साक्षरता O पूर्व O युग O से O संबद्ध O नहीं O है O जिसे O आमतौर O पर O सभ्यता O की O प्राथमिक O स्थिति O माना O जाता O है O । O मौजूदा O शताब्दी O में O भी O लोक O - O परंपराएं O जीवित O रही O हैं O । O परंपराओं O के O इस O कौतूहलपूर्ण O सहअस्तित्व O के O मुख्य O कारण O का O तथ्य O है O कि O हालांकि O आमतौर O पर O दोनों O के O मूल्य O अलग O हैं O , O परंतु O नैतिक O रूप O से O दोनों O एक O दूसरे O से O बहुत O अलग O नहीं O हैं O । O भारत -NEL में O सांस्कृतिक O और O आध्यात्मिक O अनुभव O कभी O साक्षरता O के O मोहताज O नहीं O रहे O । O हमारे O अनेक O रहस्यवादी O एवं O संत O निरक्षर O थे O , O परंतु O उन्होंने O कलात्मक O काव्य O रचना O की O है O । O कथन O में O छिपे O हुए O मिथ्याभासी O तत्व O पर O गौर O करना O होगा O । O कथन O उस O अथाह O सौंदर्यशास्त्रीय O एवं O काव्य O अनुभवों O की O संभावना O को O दर्शाता O है O जिसका O लाभ O कोई O निरक्षर O व्यक्ति O भी O ले O सकता O है O । O इसी O तरह O , O हमारे O अनेक O संत O और O रहस्यवादी O निरक्षर O रहे O , O परंतु O उन्होंने O गहरे O आध्यात्मिक O अनुभवों O से O युक्त O काव्यरचना O की O । O भारतीय O साहित्य O में O लेखन O परंपरा O आधुनिक O युग O में O आरंभ O हुई O क्योंकि O सभी O लेखक O साक्षर O रहे O हैं O । O अब O सुने O जाने O की O बजाय O कविता O लिखी O जा O रही O है O । O लेखन O परंपरा O का O असर O आधुनिक O काव्यधारा O पर O छन्दरूप O में O देखा O जा O सकता O है O । O के O कथन O ' O छंद O नहीं O अपितु O छंदबद्ध O दलीलें O कविता O का O निर्माण O करती O हैं O ' O को O हमारे O कवियों O ने O पूरी O निष्ठा O से O माना O और O नतीजा O रहा O कि O आजकल O सभी O कवि O छंदमुक्त O काव्य O रचना O कर O रहे O हैं O । O अपने O काव्य O को O पुरानी O छंद O परंपरा O से O मुक्त O कर O कवियों O ने O छंदमुक्तता O में O पनाह O ली O है O । O पुराने O छंद O हमारी O श्रुति O क्षमता O को O पसंद O आते O थे O और O चूंकि O आज O कविता O पढ़ी O जा O रही O है O , O इस O कारण O उसमें O संगीत O की O गुंजाइश O नहीं O रही O । O अपने O काव्य O में O हमें O लोक O - O छंदों O की O गूंज O सुनाई O पड़ती O है O और O इसी O कारण O वाचन O के O समय O हमारी O कविताओं O का O महत्व O बढ़ O जाता O है O । O हमें O नहीं O पता O कि O शहरीकरण O और O औद्योगिकीकरण O के O आधुनिक O समय O में O मौखिक O परंपरा O का O क्या O होगा O । O पूर्ण O साक्षरता O अभियान O की O रफ्तार O बढ़ी O है O और O हम O जानते O हैं O कि O यह O मुद्दा O पूरी O तरह O राजनीतिक O है O । O अतः O सर्वश्रेष्ठ O प्रयास O परंपरा O के O कुछ O गुणों O को O बचाकर O ही O किया O जा O सकता O है O । O यानी O हमारी O कुछ O धार्मिक O पद्धतियां O जिनमें O वाचन O आवश्यक O है O और O ऐसी O कुछ O कला O शैलियां O , O वाकपटुता O जिनका O अभिन्न O अंश O होती O हैं O , O काफी O कारगर O तरीके O हो O सकते O हैं O । O शहरी O आबादी O खासतौर O पर O फल O और O सब्जियों O की O मांग O करती O है O । O लिहाजा O , O पेरी O - O शहरी O कृषि O कार्यक्रम O प्रासंगिक O है O । O राष्ट्रीय O खाद्य O सुरक्षा O कानून O 2013 O जन O वितरण O प्रणाली O में O मोटे O अनाजों O और O बाकी O फसलों O को O शामिल O करने O का O प्रावधान O मुहैया O कराता O है O । O इस O तरह O की O फसलों O में O दिलचस्पी O बहाल O करने O में O वाजिब O कीमत O और O बड़े O पैमाने O पर O खरीद O अहम O है O । O अगर O इसकी O खरीद O और O खपत O में O तेजी O आती O है O , O तो O किसान O इसका O और O उत्पादन O करेंगे O । O खाद्य O सुरक्षा O कानून O 2013 O में O जन O वितरण O प्रणाली O ( O पीडीएस O ) O के O तहत O रागी O , O ज्वार O , O बाजरा O जैसे O मोटे O अनाजों O को O खाद्य O बास्केट O में O शामिल O किया O गया O है O । O अब O यह O पूरी O तरह O से O जाना O जाता O है O कि O इस O तरह O के O मोटे O अनाज O न O सिर्फ O पोषणकारी O होते O हैं O बल्कि O पर्यावरण O के O लिहाज O से O भी O चुस्त O हैं O और O वे O बारिश O के O बंटवारे O के O लिहाज O से O ज्यादा O लचीले O हैं O । O सूखी O खेती O वाले O इलाकों O में O बड़े O पैमाने O पर O इन O पोषक O और O पर्यावरण O के O लिहाज O से O लचीली O फसलों O की O बड़े O पैमाने O पर O खेती O सुनिश्चित O करने O के O लिए O हमें O बड़ा O बाजार O भी O पक्का O करना O पड़ेगा O । O सौभाग्य O से O रागी O , O बाजरा O , O ज्वार O और O कई O अन्य O मोटे O अनाजों O पर O आधारित O कई O खाद्य O प्रसंस्करण O कंपनियों O का O वजूद O सामने O आ O रहा O है O । O हमें O यह O पक्का O करने O की O जरूरत O है O कि O खाद्य O सुरक्षा O कानून O और O स्कूल O भोजन O कार्यक्रम O दोनों O के O तहत O पोषणकारी O मोटे O अनाजों O का O पर्याप्त O उपयोग O हो O सके O । O साथ O ही O , O सरकार O को O इस O तरह O की O फसलों O को O " O खराब O दाना O " O करार O देने O का O चलन O बदलना O चाहिए O । O इन O फसलों O को O " O पर्यावरण O के O लिहाज O से O स्मार्ट O पोषणकारी O अनाज O " O कहा O जाना O चाहिए O । O अगला O साल O दालों O का O अंतरराष्ट्रीय O साल O है O और O दालें O पर्यावरण O के O लिहाज O से O स्मार्ट O और O प्रोटीन O से O भरपूर O होती O हैं O । O इस O तरह O की O फसलों O की O खेती O और O खपत O के O लिए O उपयुक्त O नीतिगत O समर्थन O के O जरिये O कुपोषित O महिलाओं O और O बच्चों O की O सबसे O ज्यादा O संख्या O वाले O देश O के O तौर O पर O हमारी O पहचान O को O खत्म O करना O मुमकिन O होगा O । O ऊंची O उपज O और O सुनिश्चित O मार्केटिंग O से O छोटे O किसानों O के O लिए O इन O फसलों O का O आकर्षण O बढ़ेगा O । O फिलहाल O , O उत्पादन O और O कटाई O के O बाद O तकनीकों O के O बीच O असमानता O है O , O जिससे O उत्पादकों O और O उपभोक्ताओं O दोनों O को O नुकसान O होता O है O । O इसको O ध्यान O में O रखते O हुए O खाद्य O प्रसंस्करित O उद्योगों O की O सख्त O जरूरत O है O । O कटाई O के O बाद O की O तकनीक O में O बड़े O निवेश O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O मूल्य O संवर्द्धित O उत्पादों O को O तैयार O करना O होगा O । O कोल्ड O स्टोरेज O और O कोल्ड O चेन O की O जरूरत O है O । O मुझे O उम्मीद O है O कि O जल्दी O खराब O होने O वाले O कमोडिटीज O के O संरक्षण O में O किसानों O की O सहभागिता O और O प्रौद्योगिकी O व O सरकारी O नीति O इस O असमानता O को O दूर O करेंगी O । O मौजूदा O बजट O ने O इस O असमानता O को O दूर O करने O के O लिए O प्रक्रिया O शुरू O कर O दी O है O । O जल O जीवन O मिशन O - O हर O घर O जल O नल O के O जरिए O हर O घर O स्वच्छ O जल O पहुँचा O कर O जीवन O सुगमता O में O सुधार O जल O जीवन O मिशन O में O न्यायसंगतता O और O समावेशन O पर O जोर O दिया O गया O है O । O इसका O मकसद O हर O ग्रामीण O घर O में O निर्धारित O गुणवत्ता O वाले O पानी O की O नल O के O जरिए O पर्याप्त O मात्रा O में O नियमित O और O स्थाई O आपूर्ति O सुनिश्चित O करना O है O । O इससे O गांववासियों O के O जीवन O स्तर O में O सुधार O आयेगा O । O इस O मिशन O का O उद्देश्य O देशवासियों O के O जीवन O स्तर O में O सुधार O लाना O और O उनकी O जिंदगी O की O सुगमता O को O बढ़ाना O है O । O ईमेल O ; O as O . O jjm O @ O gov O . O in O , O mksahoo O . O ias O @ O nic O . O in O कपड़ा O व्यापारियों O और O उद्योग O के O विरोध O तथा O असंतोष O के O कारण O उत्पादन O में O अस्थायी O मंदी O आई O क्योंकि O कोई O बाजार O से O उत्पाद O नहीं O उठा O रहा O था O । O कुछ O वस्त्र O संबंधी O वस्तुओं O पर O जीएसटी O दरों O में O परिवर्तन O का O प्रभाव O - O वस्त्र O संगठनों O और O कारोबारियों O ने O सरकार O के O सामने O जीएसटी O से O जुड़े O तमाम O मसलों O पर O अपनी O चिंताएं O जताई O , O जिनमें O - O (आ) O कपड़े O से O जुड़े O सभी O प्रकार O के O जॉब O वर्क O पर O जीएसटी O समाप्त O करने O (इ) O वस्त्र O पर O आयात O शुल्क O बढ़ाने O (ई) O हस्तशिल्प O और O हस्तनिर्मित O हथकरघा O उत्पादों O को O जीएसटी O से O मुक्त O किए O जाने O आदि O की O मांग O थी O । O ऐसे O आपूर्तिकर्ताओं O को O केवल O तभी O जीएसटी O देना O होगा O , O जब O वस्तुओं O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O की O जाएगी O । O इससे O छोटे O सेवा O प्रदाताओं O पर O अनुपालन O का O खर्च O कम O हो O जाएगा O । O इन O सभी O कदमों O से O कपड़ा O उद्योग O को O वैश्विक O उत्पाद O एवं O मांग O रुझानों O के O अनुरूप O बढ़ावा O मिलने O की O संभावना O है O । O कुछ O समस्याएं O अब O भी O हैं O , O जिनसे O मानव O निर्मित O रेशों O से O बनने O वाले O वस्त्र O के O उद्योग O पर O गंभीर O प्रभाव O पड़ेगा O । O प्रौद्योगिकी O में O भारतीय O स्वास्थ्य O सेवा O तंत्र O में O क्रांतिकारी O बदलाव O लाने O की O क्षमता O है O । O इसलिये O कोविड O - O 19 O के O बाद O के O तेज O बदलावों O के O दौर O में O प्रौद्योगिकी O को O स्वास्थ्य O सेवा O में O सबसे O आगे O रहना O चाहिये O । O प्रौद्योगिकी O से O स्वास्थ्य O सेवा O में O कुशलता O सुनिश्चित O की O जा O सकती O है O जिससे O खर्चों O में O कमी O आयेगी O । O विभिन्न O सेवा O प्रदाताओं O के O बीच O तुलना O संभव O होने O से O स्वास्थ्य O सेवा O की O गुणवत्ता O भी O बढ़ेगी O । O इससे O साक्ष्य O आधारित O उपचार O को O बढ़ावा O मिलेगा O तथा O दवाओं O की O जानकारी O और O निजी O इलेक्ट्रॉनिक O रिकॉर्ड O तक O पहुंच O से O रोगियों O का O सशक्तिकरण O होगा O । O इसके O साथ O ही O स्वास्थ्य O सेवा O का O उसके O पारंपरिक O दायरों O के O बाहर O विस्तार O भी O किया O जा O सकेगा O । O सेवाओं O की O डिजिटल O डिलीवरी O ने O सरकार O के O साथ O नागरिकों O के O संपर्क O के O तौर O - O तरीके O को O सरल O बनाया O है O । O इससे O नागरिकों O को O विभिन्न O सेवाओं O को O प्रभावी O ढंग O से O हासिल O करने O और O अपने O जीवन O स्तर O को O सुधारने O में O मदद O मिली O है O । O वे O सबसे O निचले O स्तर O पर O डिजिटल O साक्षरता O फैलाने O में O सक्रिय O भूमिका O निभा O रहे O हैं O । O यह O अनेक O चैनलों O , O भाषाओं O और O सेवाओं O वाला O ऑल O - O इन O - O वन O एकल O और O संयुक्त O मोबाइल O ऐप O है O । O इस O तरह O के O प्रयासों O से O सरकार O प्रौद्योगिकी O तक O नागरिकों O की O पहुंच O बढ़ाकर O अपनी O नागरिक O सेवाओं O का O विस्तार O कर O रही O है O । O यह O सेवा O आकाशीय O बिजली O गिरने O की O आशंका O के O बारे O में O मानचित्र O के O जरिये O चेतावनी O भी O देती O है O । O सरकार O की O ओर O से O जारी O ये O सभी O नागरिक O केंद्रित O दस्तावेज O भारतीय O कानूनों O के O अंतर्गत O वैध O हैं O । O इसके O अलावा O पासपोर्ट O जारी O करने O के O लिये O उसकी O पासपोर्ट O सेवा O के O साथ O बातचीत O चल O रही O है O जिससे O नागरिक O सेवाओं O के O डिजिटल O आच्छादन O में O वृद्धि O होगी O । O खास O तौर O से O भारतीय O संदर्भ O में O कृषि O के O क्षेत्र O में O भी O प्रौद्योगिकी O की O काफी O प्रासंगिकता O है O । O किसान O ड्रोन O की O तैनाती O और O प्रौद्योगिकी O आधारित O कृषि O पर O जोर O देश O के O कृषकों O के O लिये O फायदेमंद O हैं O । O प्रौद्योगिकी O आधारित O कृषि O के O तहत O नियमित O जांच O की O प्रक्रियाओं O से O उत्पादों O की O गुणवत्ता O सुनिश्चित O की O जा O सकेगी O । O खेती O के O लिये O ऑर्गेनिक O पदार्थों O के O इस्तेमाल O की O स्वीकार्यता O के O स्तर O में O काफी O अंतर O है O । O खास O तौर O से O फसल O बचाव O के O उपायों O में O रसायनों O के O इस्तेमाल O में O कमी O काफी O हद O तक O संभव O हुई O है O । O सीआरपी O जिन O उपायों O का O प्रदर्शन O कर O रहे O हैं O उनमें O से O गैर O - O कीटनाशक O प्रबंधन O - O नॉन O पेस्टीसाइड्स O मैनेजमेंट O ( O एनपीएम O ) O को O कृषक O परिवारों O ने O प्राथमिकता O दी O है O । O सुधार O की O संभावना O जिन O पहलुओं O पर O ज्यादा O ध्यान O देने O की O जरूरत O है O वे O हैं O - O * O ऑरर्गेनिक O खेती O के O लिये O जरूरी O कच्चे O माल O की O कम O उपलब्धता O किसानों O को O पर्यावरण O के O अनुकूल O तौरतरीकों O को O जारी O रखने O से O रोकती O है O । O * O पोलट्री O चारा O , O पक्षियों O और O पशुओं O का O नियमित O टीकाकरण O , O मछलियों O का O भोजन O , O सरसों O और O दालों O का O प्रसंस्करण O और O जलाशयों O का O अधिकतम O उपयोग O वे O क्षेत्र O हैं O जिनमें O सुधार O की O जरूरत O है O । O * O जैव O - O इनोकुलेंट O , O कृमि O और O अन्य O उपयोगी O सामग्रियों O जैसे O कच्चे O माल O की O आवश्यकता O को O देखते O हुए O सरकार O को O हस्तक्षेप O करना O चाहिये O । O * O कृषि O और O इससे O संबंधित O क्षेत्र O में O कच्चे O माल O के O उत्पादन O और O सेवा O डिलीवरी O में O स्वरोजगार O की O व्यापक O संभावना O का O उपयोग O किया O जाना O चाहिये O । O कुटीर O उद्योगों O की O सही O ढंग O से O स्थापना O कर O उनके O लिये O समुचित O वित्त O प्रबंध O किया O जाये O तो O उदीयमान O क्षेत्रों O में O बड़ा O संख्या O में O शिक्षित O युवाओं O को O रोजगार O मिल O सकता O है O । O निष्कर्ष O : O विविधता O और O अलग O - O अलग O जरूरतें O हमारे O देश O में O किसी O भी O विकास O पहल O के O लिये O चुनौती O हैं O । O पिछले O कुछ O दशकों O में O सेवाओं O के O बेहतर O प्रबंधन O और O प्रभावी O डिलीवरी O के O लिये O संस्थागत O आधार O को O मजबूत O करने O में O समुदाय O आधारित O संस्थाओं O को O तरजीह O दी O गयी O है O । O परिवर्तन O के O लिये O नवोन्मेष O की O समूची O प्रक्रिया O में O सामुदायिक O बुद्धिमता O को O शामिल O किया O जा O रहा O है O । O लेकिन O यह O निस्संदेह O समुदाय O की O अपनी O रणनीति O के O विकास O की O संभावना O को O व्यापक O बनाता O है O । O इसमें O ऋण O की O जरूरत O को O प्रशिक्षण O और O विस्तार O से O जोड़ने O की O आवश्यकता O पर O जोर O दिया O गया O है O । O इससे O संस्थाओं O को O सुदृढ़ O बनाकर O और O आजीविकाओं O के O विकास O के O जरिये O ग्रामीण O निर्धनता O घटाने O के O एनआरएलएम O के O व्यापक O लक्ष्यों O को O पूरा O किया O जा O सकेगा O । O धन्यवाद O ज्ञापन O पुस्तक O चर्चा O योग O ( O सचित्र O ) O तपस्विभ्योडऔधिको O योगी O ज्ञानिभ्योडपि O मतोधिक: O । O कर्मिभ्यश्चाधिको O योगी O तस्माद्योगी O भवारजुन O ॥ O वह O परम O सत्य O को O पा O लेने O वालों O से O भी O श्रेष्ठ O है O । O धर्मग्रंथों O को O कर्म O में O ढालने O वालों O से O भी O वह O श्रेष्ठ O है O । O योग O भारतीय O सभ्यता O की O अनुपम O उपलब्धि O है O । O अब O इसका O प्रचार O विश्व O के O कोने O - O कोने O में O हो O चला O है O । O योग O का O शाब्दिक O अर्थ O संयोग O है O । O आम O तौर O पर O इस O शब्द O का O उपयोग O आत्मा O और O ब्रह्म O के O मिलन O , O उनके O संयोग O को O दर्शाने O के O लिए O किया O जाता O है O । O जब O यह O संयोग O हो O जाता O है O तो O उसे O ही O ईश्वर O का O प्रत्यक्षीकरण O कहा O जाता O है O । O लेकिन O यह O कर्म O योग O , O ज्ञान O योग O , O भक्ति O योग O और O राज O योग O के O सम्मिलित O अभ्यास O से O ही O प्राप्त O किया O जा O सकता O है O । O अतः O योग O व्यापक O अर्थों O में O आत्मिक O अनुशासन O ही O है O । O वेदांत O में O संपूर्ण O भक्ति O है O तो O सांख्य O में O सौंदर्य O की O तरफ O झुकाव O है O । O न्याय O और O वैशेषिक O शाखा O में O योग O साधना O का O जिक्र O आता O है O । O उपनिषद O और O वेदों O में O भी O सांख्य O योग O की O चर्चा O है O । O इसकी O वजह O से O रिसाइकिलकर्ताओं O को O अपनी O सामग्री O वैश्विक O स्तर O पर O धातु O गलाने O वालों O को O निर्यात O करनी O पड़ती O है O । O इसलिये O उन्हें O प्रसंस्करण O के O खर्च O तथा O निकाले O गये O धातु O की O गुणवत्ता O और O मात्रा O के O लिहाज O से O निस्सारण O का O वास्तविक O मूल्य O नहीं O मिल O पाता O । O अगर O इन O सामग्रियों O का O प्रसंस्करण O स्वदेश O में O ही O हो O तो O देश O में O धातु O सुरक्षा O और O संसाधनों O की O कुशलता O में O इजाफा O होगा O ( O नीति O आयोग O , -NETI (( O 2017 - ) O । O आधुनिक O समाज O जीवन O स्तर O में O सुधार O के O साथ O ही O अपने O उपभोग O में O संसाधन O केन्द्रित O हो O गया O है O । O इससे O इलेक्ट्रॉनिक O उत्पादों O की O मांग O में O वृद्धि O के O साथ O ही O उनकी O उम्र O भी O कम O हुई O है O । O उत्पादक O के O उत्पाद O को O प्रचलन O से O हटाने O से O संबंधित O योजना O और O अमानत O वापसी O की O नीतियों O के O बारे O में O जागरूकता O की O कमी O तथा O मरम्मत O के O अपर्याप्त O विकल्पों O की O वजह O से O उपभोक्ता O इलेक्ट्रॉनिक O उत्पादों O को O अन्य O घरेलू O कचरे O के O साथ O फेंक O देते O हैं O । O इससे O अनौपचारिक O बाजार O में O आने O वाले O ई O - O कबाड़ O की O छंटाई O को O लेकर O समस्या O पैदा O हो O जाती O है O । O हितधारक O विश्लेषण O सरकार O इस O समूची O प्रक्रिया O में O बड़ा O उत्प्रेरक O है O । O लिहाजा O , O उसे O प्रशुल्कों O और O सब्सिडी O पैकेजों O के O जरिये O ई O - O कबाड़ O की O रिसाइकिलिंग O की O मांग O बढ़ाने O का O किन्स O का O दृष्टिकोण O अपनाने O से O बचना O चाहिये O । O इसके O परिणामस्वरूप O ई O - O कबाड़ O की O रिसाइक्लिंग O के O लिये O अपेक्षित O बाजार O बनाने O में O काफी O मदद O मिलेगी O । O मौजूदा O नीतियों O का O जोर O इसी O दिशा O में O होना O चाहिये O इसलिये O सरकार O की O भूमिका O अनिवार्य O हो O जाती O है O । O हमारे O जीवन O के O हर O पहलू O में O प्रौद्योगिकी O की O दखल O बढ़ती O जा O रही O है O । O इससे O बाजार O में O इलेक्ट्रॉनिक O उत्पादों O की O मांग O में O इजाफा O हो O रहा O है O । O इसके O साथ O ही O उपकरणों O की O उपयोगिता O की O मियाद O भी O घट O रही O है O । O प्रौद्योगिकी O के O तेजी O से O उन्नयन O तथा O उपकरणों O की O विशेषताओं O और O प्रदर्शन O में O सुधार O की O वजह O से O लोग O उत्पादों O को O उनकी O उपयोगिता O की O मियाद O पूरी O होने O से O पहले O ही O बदल O देते O हैं O । O यह O महत्वपूर्ण O है O कि O उपभोक्ता O किसी O उत्पाद O के O उपयोग O की O मियाद O पूरी O होने O तक O उसका O इस्तेमाल O करे O । O इसके O बाद O वह O पर्यावरण O के O प्रति O पूरी O तरह O सजग O रहते O हुए O उत्पाद O की O मरम्मत O की O संभावना O और O उसे O बदलने O के O विकल्पों O के O बीच O चयन O करे O । O उत्पादक O अपने O इलेक्ट्रॉनिक O उत्पादों O को O इस O तरह O डिजाइन O करें O कि O वे O ज्यादा O सुरक्षित O , O टिकाऊ O तथा O मरम्मत O और O रिसाइकिल O करने O योग्य O हों O जिससे O ई O - O कबाड़ O में O कमी O आयेगी O । O सबसे O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O कि O वे O जहरीली O सामग्री O का O इस्तेमाल O कम O करें O । O निर्माण O की O अधिक O कुशल O प्रक्रिया O से O उपयोग O की O जाने O वाली O ऊर्जा O में O भी O कमी O आयेगी O । O निर्माताओं O को O नये O उत्पादों O के O लिये O दुर्लभ O तत्वों O का O उत्खनन O करने O के O बजाय O रिसाइकिल O किये O जाने O योग्य O सामग्री O का O फिर O से O इस्तेमाल O करना O चाहिये O । O सीखने O के O लिहाज O से O यह O आयु O वर्ग O बेहद O अहम O होता O है O । O शारीरिक O , O सामाजिक O , O भावनात्मक O , O भाषा O आदि O संबंधी O विकास O के O लिए O यह O दौर O महत्वपूर्ण O माना O जाता O है O । O ये O तमाम O चीजें O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O ( O अर्ली O चाइल्डहुड O केयर O एंड O एजुकेशन O - O ईसीसीई O ) O के O तहत O आती O हैं O । O इस O आयु O वर्ग O में O बच्चों O के O सीखने O की O प्रक्रिया O , O उनके O व्यवहार O और O सेहत O पर O सबसे O ज़्यादा O असर O देखने O को O मिलता O है O । O जलवायु O परिवर्तन O और O महामारी O के O कारण O पैदा O हुई O स्थितियों O के O कारण O ऐसे O ज्यादातर O छोटे O बच्चों O की O सीखने O की O प्रक्रिया O पर O बुरा O असर O पड़ा O है O । O कोविड O - O 19 O महामारी O के O कारण O पैदा O हुई O चुनौतियों O के O बावजूद O तीसरी O लहर O की O शुरुआत O से O कुछ O समय O पहले O तक O स्कूलों O में O बच्चों O की O वापसी O देखने O को O मिली O थी O । O बहरहाल O , O हमें O देश O के O नौनिहालों O के O लिए O अवसरों O को O बढ़ाने O की O ज़रूरत O है O । O हमारा O भविष्य O इस O बात O पर O निर्भर O करता O है O कि O तेजी O से O बदलती O इस O दुनिया O में O हमारे O छोटे O बच्चों O को O सीखने O और O अपने O भविष्य O का O निर्माण O करने O का O कितना O अवसर O मिलता O है O । O कोविड O - O 19 O महामारी O ने O छोटे O बच्चों O के O लिए O समस्या O और O जटिल O कर O दी O है O । O हालांकि O , O बाद O में O वह O स्कूल O गई O , O लेकिन O 8वीं O में O उसे O पढ़ाई O छोड़ने O पर O मजबूर O होना O पड़ा O । O उसे O लगता O है O कि O वह O पीढ़ियों O से O चली O आ O रही O इस O समस्या O को O दूर O कर O सकती O है O । O न्यूरो O विज्ञान O ने O हमें O बताया O है O कि O बच्चे O का O दिमाग O इंद्रियों O से O जुड़ी O गतिविधियों O ( O मसलन O देखना O , O सुनना O , O सूंघना O , O स्वाद O चखना O ) O को O ज़्यादा O से O ज़्यादा O बढ़ावा O देने O से O विकसित O होता O है O । O मां O द्वारा O बच्चे O को O लोरी O सुनाना O या O पिता O का O बच्चे O के O साथ O खेलना O ऐसे O शुरुआती O अनुभव O हैं O । O कई O तरह O की O एजेंसियों O के O शामिल O होने O और O अनेक O पहल O के O बावजूद O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O अब O भी O चुनौती O बनी O हुई O है O । O बिना O तैयारी O के O स्कूल O भेजना O : O खास O तौर O पर O सामाजिक O - O आर्थिक O रूप O से O कमजोर O बच्चों O के O मामले O में O यह O समस्या O ज़्यादा O गंभीर O है O । O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O में O बड़े O पैमाने O पर O निवेश O से O बच्चों O को O बेहतर O ढंग O से O स्कूल O के O लिए O तैयार O किया O जा O सकेगा O और O इन O अहम O लक्ष्यों O को O पूरा O किया O जा O सकेगा O - O बच्चों O का O बेहतर O स्वास्थ्य O सुनिश्चित O करना O , O बच्चों O को O बेहतर O संवाद O के O लिए O तैयार O करना O और O बच्चों O को O सीखने O के O लिए O प्रोत्साहित O करना O और O उन्हें O पास O - O पड़ोस O के O माहौल O से O जोड़ना O । O " O सभी O छोटे O बच्चों O के O लिए O देखभाल O और O शिक्षा O की O बेहतर O सुविधा O का O लक्ष्य O जल्द O से O जल्द O हासिल O किया O जाना O चाहिए O । O बहरहाल O , O इन O दिशा O - O निर्देशों O का O पालन O बेहद O जरूरी O है O । O * O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O का O स्तर O बढ़ाना O । O * O बच्चों O की O देखभाल O करने O वालों O का O सशक्तिकरण O , O ताकि O सीखने O के O अवसर O उपलब्ध O हो O सकें O । O मौजूदा O दौर O में O माता O - O पिता O को O लगता O है O कि O अभी O तो O खेलने O के O दिन O हैं O । O निपुण O भारत O हमें O इस O तरह O की O बाधाओं O से O निपटने O में O मदद O करता O है O कि O अगर O माता O - O पिता O / O देखभाल O करने O वाले O पढ़े O - O लिखे O नहीं O हैं O और O शिक्षा O में O उनकी O कोई O भूमिका O नहीं O है O या O उनकी O भूमिका O सिर्फ O बच्चों O को O स्कूल O भेजने O तक O सीमित O है O । O इसमें O प्रस्ताव O किया O गया O है O कि O छोटे O बच्चों O की O देखभाल O और O शिक्षा O को O जनआंदोलन O बनाने O के O लिए O पोलियो O उन्मूलन O या O स्वच्छ O भारत O जैसे O सफल O अभियान O चलाने O होंगे O । O इसके O तहत O बच्चों O की O दिन O भर O की O हर O गतिविधि O को O सीखने O और O दिमागी O विकास O को O ध्यान O में O रखते O हुए O मजेदार O खेल O की O तरह O पेश O करना O है O । O बच्चा O हमेशा O सीखता O रहता O है O , O इसलिए O खेल O भी O सीखने O की O प्रक्रिया O है O । O ' O दिशा O - O निर्देशों O ' O में O उन O गतिविधियों O के O बारे O में O बताया O गया O है O जिनके O जरिये O बच्चे O की O सीखने O की O प्रक्रिया O बेहतर O हो O सकती O है O , O जैसे O कि O अलग O - O अलग O तरह O के O बर्तनों O से O ड्रम O बनाना O , O प्रकृति O से O जुड़ाव O , O स्थानीय O माहौल O में O फूल O , O पेड़ O , O पत्ते O , O तितलियों O , O कीट O , O पतंगों O को O देखने O - O समझने O के O लिए O बच्चों O को O प्रोत्साहित O करना O । O भाषा O कौशल O : O ज्ञान O संबंधी O कौशल O : O * O बच्चों O को O किसी O तस्वीर O का O पैटर्न O दोहराने O और O इसे O पूरा O करने O को O कहा O गया O । O प्री O - O मैथ O ( O शुरुआती O गणित O ) O का O कौशल O : O खादी O , O हाथ O से O काते O गए O और O बुने O गए O कपड़े O को O कहते O हैं O । O ये O इस O प्रकार O हैं O - O सामाजिक O उद्देश्य O - O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O रोजगार O उपलब्ध O कराना O . O आर्थिक O उद्देश्य O - O बेचने O योग्य O सामग्री O प्रदान O करना O आयोग O विभिन्न O योजनाओं O और O कार्यक्रमों O के O कार्यान्वयन O और O नियंत्रण O द्वारा O इन O उद्देश्यों O को O प्राप्त O करने O का O प्रयास O करता O है O । O योजनाओं O और O कार्यक्रमों O के O क्रियान्वयन O की O प्रक्रिया O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उद्योग O मंत्रालय O से O आरम्भ O होती O है O , O जो O इन O कार्यक्रमों O का O प्रशासनिक O प्रमुख O होता O है O । O खादी O और O ग्रामोद्योग O आयोग O इसके O बाद O इस O धनकोष O का O प्रयोग O अपने O कार्यक्रमों O का O कार्यान्वयन O करने O के O लिए O करता O है O । O आयोग O इस O काम O को O प्रत्यक्ष O तौर O पर O अपने O राज्य O कार्यालयों O के O माध्यम O से O सीधे O खादी O और O ग्राम O संस्थाओं O एवं O सहकारी O संस्थाओं O में O निवेश O करके O ; O या O अप्रत्यक्ष O तौर O पर O खादी O और O ग्रामोद्योग O बोर्डों O के O माध्यम O से O करता O है O , O जो O कि O भारत O में O राज्य O सरकारों O द्वारा O संबंधित O राज्य O में O खादी O और O ग्रामोद्योग O को O बढ़ावा O देने O के O उद्देश्य O से O निर्मित O वैधानिक O निकाय O हैं O । O तत्पश्चात O , O खादी O और O ग्रामोद्योग O बोर्ड O खादी O और O ग्राम O संस्थानों O / O सहकारिताओं O / O व्यवसायियों O को O धन O मुहैया O कराते O हैं O । O ब्याज O अनुवृत्ति O पात्रता O प्रमाणपत्र O ( O ISEC O ) O योजना O , O खादी O कार्यक्रम O के O लिए O धन O का O प्रमुख O स्रोत O है O । O इस O योजना O के O तहत O , O बैंक O द्वारा O सदस्यों O को O उनकी O कार्यात्मक O / O निश्चित O राशि O की O आवश्यकताओं O की O पूर्ति O करने O के O लिए O ऋण O प्रदान O किया O जाता O है O । O वास्तविक O ब्याज O दर O और O रियायती O दर O के O बीच O के O अंतर O को O आयोग O द्वारा O अपने O बजट O की O अनुदान O मदद O के O तहत O वहन O किया O जाता O है O । O सरकार O द्वारा O खादी O और O खादी O उत्पादों O की O बिक्री O पर O छूट O उपलब्ध O कराई O जाती O है O ताकि O अन्य O कपड़ों O की O तुलना O में O इनके O मूल्यों O को O सस्ता O रखा O जा O सके O । O छूट O केवल O आयोग O / O राज्य O बोर्ड O द्वारा O संचालित O संस्थाओं O / O केन्द्रों O द्वारा O की O गई O बिक्री O और O साथ O ही O खादी O और O पॉलीवस्त्र O के O निर्माण O में O संलग्न O पंजीकृत O संस्थाओं O द्वारा O संचालित O बिक्री O केन्द्रों O पर O ही O दी O जाती O है O । O हाल O ही O में O , O वित्त O मंत्रालय O ने O सूक्ष्म O , O लघु O और O मध्यम O उद्योग O मंत्रालय O से O खादी O और O ग्रामोद्योग O के O लिए O अपनी O छूट O योजनाओं O को O पुनः O बनाने O के O लिए O कहा O है O । O गैर O - O योजनाकृत O मदद O के O तहत O प्रदान O किया O गया O धन O मुख्य O रूप O से O आयोग O के O प्रशासनिक O व्यय O के O लिए O होता O है O । O धन O मुख्य O रूप O से O अनुदान O और O ऋण O के O माध्यम O से O प्रदान O किया O जाता O है O । O इस O मदद O के O अंतर्गत O व्यय O में O शामिल O हैं O - O कार्यकारी O पूंजी O व्यय O और O निश्चित O पूंजी O व्यय O । O वित्तीय O संस्थाएं O किसी O भी O देश O की O वित्तीय O व्यवस्था O की O महत्वपूर्ण O अंग O होती O हैं O क्योंकि O वे O अर्थव्यवस्था O के O विभिन्न O क्षेत्रों O के O माध्यम O से O दीर्घकालिक O वित्त O अथवा O ऋण O मुहैया O कराती O हैं O । O इसे O वैश्विक O निर्यात O ऋण O एजेंसियों O की O तर्ज O पर O निर्यात O ऋण O प्रदान O करने O के O लिए O भारतीय O निर्यात O - O आयात O बैंक O अधिनियम O , O 1981 O के O अंतर्गत O स्थापित O किया O गया O था O । O यह O विभिन्न O प्रकार O के O उत्पादों O तथा O सेवाओं O के O जरिये O उद्योगों O और O लघु O एवं O मझोले O उद्यमों O ( O एसएमई -NEO ) O की O वृद्धि O को O गति O देता O है O । O इसमें O प्रौद्योगिकी O का O आयात O तथा O निर्यात O उत्पाद O का O विकास O , O निर्यात O उत्पादन O , O निर्यात O विपणन O , O लदान O से O पहले O तथा O लदान O के O बाद O ऋण O एवं O विदेश O में O निवेश O शामिल O हैं O । O यह O आयातकों O तथा O निर्यातकों O को O वित्तीय O सहायता O मुहैया O कराता O है O और O विभिन्न O वित्तीय O संस्थाओं O के O बीच O कड़ी O का O काम O भी O करता O है O ताकि O भारतीय O वित्तीय O बाजार O का O समग्र O विकास O सुनिश्चित O हो O सके O । O आधुनिकीकरण O , O उपकरणों O की O खरीद O , O अधिग्रहण O आदि O के O लिए O सावधि O ऋण O दिए O जाते O हैं O । O निर्यातकों O के O लिए O बैंक O वेयरहाउसिंग O ऋण O , O निर्यात O के O लिए O ऋण O ( O लाइन O ऑफ O क्रेडिट O ) O उपलब्ध O कराता O है O । O बैंक O द्वारा O मुहैया O कराई O जाने O वाली O फंडेड O पूंजी O योजना O में O दीर्घकालिक O कार्यशील O पूंजी O , O नकद O प्रवाह O के O लिए O ऋण O शामिल O हैं O और O गैर O फंडेड O पूंजी O योजना O में O लेटर O ऑफ O क्रेडिट O लिमिट O , O गारंटी O लिमिट O शामिल O हैं O । O फिल्म O उद्योग O के O मामले O में O बैंक O फिल्म O निर्माण O के O लिए O नकदी O और O विदेशी O बाजार O में O प्रदर्शन O के O लिए O धन O मुहैया O कराता O है O । O बैंक O मानव O संसाधन O प्रबंधन O , O अनुसंधान O एवं O नियोजन O , O आंतरिक O ऑडिट O जैसी O विशेषीकृत O सेवाएं O भी O देता O है O । O इसका O मुख्यालय O मुंबई -NEL में O है O । O समिति O की O रिपोर्ट O में O ग्रामीण O विकास O से O जुड़े O ऋण O संबंधी O मसलों O पर O अनवरत O ध्यान O देने O , O मजबूत O दिशा O देने O तथा O केंद्रित O प्रयास O करने O के O लिए O नई O सांगठनिक O व्यवस्था O की O आवश्यकता O रेखांकित O की O गई O । O संघवाद O की O चुनौतियां O और O आगे O का O रास्ता O वह O विदेश O मंत्रालय O और O इंटरनेशनल O लेबर O स्टैंडर्ड्स O में O नीतियों O के O निर्माण O और O क्रियान्वयन O में O शामिल O रही O हैं O । O भारतीय O संविधान O ने O देश O में O ऐसी O राजनीतिक O प्रणाली O की O व्यवस्था O की O है O जिसका O स्वरूप O संघीय O है O । O इसके O साथ O ही O भारतीय O संविधान O में O संघीय O सरकार O को O राज्यों O की O तुलना O में O अधिक O शक्तिशाली O बनाया O गया O है O । O यहां O तक O कि O भारतीय O अंग्रेजी O लेखक O भी O स्वदेशी O साहित्यिक O परंपराओं O के O प्रति O सतर्क O हैं O । O वर्षों O से O भारतीय O साहित्यकारों O ने O ज्ञान O विन्यास O के O द्वारा O पश्चिमी O ज्ञानवाद O के O सार्वभौमिक O दावों O की O सीमाओं O को O उजागर O किया O है O , O जो O बहुभाषी O और O छिद्रपूर्ण O हैं O , O और O जहां O स्थानीय O तथा O वैश्विक O का O द्वंद O नहीं O है O । O इतने O अधिक O मलयालम O , O मराठी O , O कन्नड़ O , O हिंदी O और O उर्दू O लेखकों O के O लेखन O में O वैश्विक O चिंताओं O से O कौन O इनकार O कर O सकता O है O ? O दलित O तथा O आदिवासी O लेखन O में O उभरते O परिवर्तनों O और O महिलाओं O की O आवाज O ने O पहचान O , O संस्कृति O और O राष्ट्र O के O एकात्मक O विचारों O का O मुकाबला O किया O है O । O प्रवास O अब O केवल O भारतीय O मूल O के O अंग्रेजी O के O लेखकों O के O लिए O ही O नहीं O रह O गया O है O । O विविध O और O यहां O तक O कि O उभयभावी O महत्वाकांक्षी O क्षेत्रों O में O काम O करते O हुए O तथा O बाहर O दृष्टिपात O के O साथ O - O साथ O आंतरिक O अनुभूति O करते O हुए O , O भारतीय O साहित्य O क्षेत्रीय O , O राष्ट्रीय O और O अंतरराष्ट्रीय O स्तर O पर O विद्यमान O हैं O । O उन्होंने O इस O बात O पर O भी O संतोष O व्यक्त O किया O कि O न O केवल O बच्चों O को O विश्व O स्तरीय O उपचार O मिलेगा O बल्कि O हर O तरह O की O सर्जरी O निःशुल्क O की O जाएगी O । O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O , O गरीबों O और O वंचितों O के O लिए O उनका O काम O आज O भी O हमें O प्रेरित O करता O है O । O ” O बच्चों O के O अभिभावकों O और O शिक्षकों O को O स्कूल O परिसर O के O कार्यक्रमों O में O भागीदारी O के O लिये O आमंत्रित O किया O जायेगा O । O आंगनवाड़ियों O ने O अब O तक O माताओं O और O बच्चों O के O पोषण O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O है O । O इसलिये O आंगनवाड़ियों O को O शिक्षा O से O जोड़े O जाने O से O उनके O दायरे O का O विस्तार O होता O है O । O वे O अभिभावकों O और O समुदायों O को O जरूरी O पोषण O और O स्वास्थ्य O सेवा O के O साथ O ही O शुरुआती O बाल O शिक्षा O मुहैया O कराने O में O सक्षम O बनाती O हैं O । O समूह O स्कूलों O की O अवधारणा O से O विद्यालयों O के O निर्माण O और O शिक्षा O को O बढ़ाने O में O समुदाय O की O भूमिका O निर्धारित O होती O है O । O इससे O वे O अपने O शिक्षकों O तथा O ज्ञान O और O भौतिक O संसाधनों O को O साझा O कर O सकते O हैं O । O लेकिन O इससे O सबसे O बड़ा O लाभ O आसपास O के O समुदायों O को O होगा O । O विस्तृत O आधार O वाले O स्कूल O परिसरों O और O समूहों O से O स्थान O और O स्थिति O के O अनुरूप O नवोन्मेषों O को O बढ़ावा O मिलेगा O । O स्थानीय O प्रबंधन O विशेषज्ञ O स्कूल O समूहों O के O प्रशासन O और O प्रबंधन O का O जिम्मा O उठा O सकते O हैं O । O गैर O - O सरकारी O लोकोपकारी O संगठनों O को O स्कूल O बनाने O और O विकसित O करने O के O लिये O प्रोत्साहित O किया O जाता O है O । O स्कूलों O के O प्रबंधन O और O विकास O में O सामुदायिक O भागीदारी O हो O तो O वे O नतीजों O को O हासिल O करने O के O लिये O ज्यादा O सक्रिय O होते O हैं O । O स्कूलों O के O विकास O में O सामुदायिक O भागीदारी O की O संसाधनों O , O प्रक्रियाओं O और O नतीजों O के O लिहाज O से O विद्यालय O के O सुधार O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O होती O है O । O नीति O में O ज्ञानार्जन O को O ज्यादा O प्रभावी O बनाने O तथा O बुनियादी O साक्षरता O और O अंक O ज्ञान O के O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O में O समुदाय O , O पूर्व O छात्रों O और O स्वयंसेवियों O की O भागीदारी O का O सुझाव O दिया O गया O है O । O ये O केंद्र O समुदाय O के O लिये O सामाजिक O , O बौद्धिक O और O स्वैच्छिक O गतिविधियों O को O बढ़ावा O देंगे O । O शिक्षण O के O बाद O के O समय O में O होने O वाली O इन O गतिविधियों O से O सामाजिक O एकजुटता O को O प्रोत्साहन O मिलेगा O । O उच्चतर O शिक्षा O में O सामुदायिक O भागीदारी O : O उच्चतर O शिक्षा O में O सामुदायिक O भागीदारी O से O सिद्धांत O और O व्यवहार O के O बीच O दूरी O मिटती O है O । O शिक्षा O अगर O समाज O की O समस्याओं O की O पहचान O कर O उनका O समाधान O नहीं O करे O तो O वह O बेमानी O है O । O इसलिये O उच्चतर O शिक्षा O संस्थानों O और O समुदायों O के O बीच O गहरा O संवाद O महत्वपूर्ण O है O । O शिक्षा O और O समुदायों O के O बीच O चोली O - O दामन O का O संबंध O है O । O शिक्षा O को O समाज O की O समस्याओं O का O हल O ढूंढने O में O योगदान O करना O चाहिये O । O दूसरी O तरफ O समाज O को O भी O पाठ्यक्रम O विकास O , O शिक्षण O और O ज्ञानार्जन O तथा O अनुसंधान O की O गतिविधियों O में O संस्थानों O की O सहायता O करनी O चाहिये O । O विश्वविद्यालय O और O महाविद्यालय O उच्चतर O शिक्षा O के O बहुविषयक O संस्थान O में O तब्दील O हो O जायेंगे O । O वे O गुणवत्तापूर्ण O शिक्षण O , O अनुसंधान O और O सामुदायिक O भागीदारी O के O साथ O स्नातकोत्तर O और O स्नातक O कार्यक्रम O संचालित O करेंगे O । O बहुविषयक O दृष्टिकोण O से O उनके O लचीले O और O नवोन्मेषी O पाठ्यक्रम O समाज O की O जरूरतों O से O जुड़ेंगे O । O चयन O आधारित O क्रेडिट O प्रणाली O - O च्वाइस O बेस्ड O क्रेडिट O सिस्टम O ( O सीबीसीएस O ) O पाठ्यक्रमों O के O विविधतापूर्ण O सम्मिश्रण O को O जन्म O देगी O । O ज्ञानार्जन O के O आधार O को O विस्तृत O बनाने O के O लिये O सामुदायिक O सेवा O , O पर्यावरण O और O मूल्य O आधारित O शिक्षा O जैसे O क्षेत्रों O से O संबंधित O पाठ्यक्रमों O का O सुझाव O दिया O गया O है O । O इसके O अलावा O जलवायु O परिवर्तन O , O प्रदूषण O , O कचरा O प्रबंधन O , O स्वच्छता O , O जैव O विविधता O संरक्षण O , O जैविक O संसाधन O और O जैव O विविधता O प्रबंधन O , O वन O और O वन्य O जीव O संरक्षण O तथा O संवहनीय O विकास O और O जीवन O शैली O जैसे O क्षेत्रों O में O परियोजनाओं O का O सुझाव O भी O दिया O गया O है O । O मूल्य O आधारित O शिक्षा O में O मानवीय O , O नैतिक O , O संवैधानिक O और O वैश्विक O मानव O मूल्यों O तथा O जीवन O कौशल O का O विकास O शामिल O है O । O इसमें O सेवा O और O सामुदायिक O कार्यक्रमों O में O भागीदारी O को O भी O रखा O गया O है O । O इस O पर O विचार O करते O हुए O कि O औपनिवेशिक O समय O के O दौरान O भाषाओं O में O सुधार O और O असम्मति O की O महत्वपूर्ण O प्रस्तुति O की O गई O थी O , O यह O दावा O झूठा O साबित O होता O है O कि O अंग्रेजी O साहित्य O में O वैश्विक O चिंताओं O की O अभिव्यक्ति O की O जाती O है O और O भारतीय O भाषाओं O का O साहित्य O स्थानीय O चिंताओं O , O सांस्कृतिक O जड़ों O और O संकीर्ण O सामाजिक O विचारों O पर O केंद्रित O है O । O अधिकांश O भारतीय O लेखक O द्विभाषी O या O बहुभाषी O हैं O । O लेखकों O द्वारा O चुने O गए O भाषाई O विकल्प O उनसे O संबधित O बहु O भाषाई O सांस्कृतिक O जगत O में O उनके O काम O पर O बहुपरती O संवेदनाओं O में O उनकी O संलिप्तता O को O दर्शाते O हैं O । O भारतीय O साहित्य O का O अखंड O दृष्टिकोण O पहले O से O ही O औपनिवेशिक O समय O के O बाद O चुनौती O बना O हुआ O है O । O इसलिए O , O तुलनात्मक O प्रतिमान O जो O प्रत्येक O भाषा O की O साहित्यिक O परंपरा O के O एकीकरण O के O रूप O में O परिभाषित O करते O हैं O , O उन्हें O भाषा O साहित्य O में O कई O जटिल O , O विवादास्पद O और O दोहरे O स्वर O वाले O तर्कों O में O वांछित O होते O पाया O गया O है O । O इसी O बीच O नई O कहानी O के O कथाकार O उपन्यास O संबंधी O नए O प्रयोग O कर O रहे O थे O । O ये O सभी O आलोचक O बाद O के O दिनों O में O भी O आलोचना O लिखते O रहे O हैं O और O उनकी O अनेक O महत्वपूर्ण O आलोचना O पुस्तकें O बाद O में O प्रकाशित O हुई O हैं O । O हिन्दी O साहित्य O के O परिदृश्य O से O गायब O होने O वाली O विधाओं O में O प्रमुख O है O गद्य O काव्य O । O नई O विधाओं O में O काव्य O नाटक O प्रमुख O है O । O कभी O - O कभी O साहित्य O के O विकास O में O समाज O और O राजनीति O की O घटनाएं O निर्णायक O मोड़ O का O काम O करती O हैं O । O दूसरी O ओर O सत्ताधारी O दल O और O राजनैतिक O शोषण O से O त्रस्त O किसानों O ने O क्रांतिकारी O परिवर्तन O के O लिए O संघर्ष O की O शुरुआत O की O जिसने O देश O के O काफी O बड़े O हिस्से O को O प्रभावित O किया O । O उस O कृषि O क्रांति O को O नक्सलबाड़ी O आंदोलन O भी O कहा O जाता O है O । O इसके O साथ O ही O अकविता O और O अकहानी O के O कई O रचनाकार O , O बदली O हुई O राजनैतिक O चेतना O और O सामाजिक O बोध O से O संपन्न O होकर O नए O ढंग O की O कविता O , O कहानी O और O उपन्यास O लिखने O लगे O । O ऐतिहासिक O सुधार O : O कृषि O : O आगे O का O रास्ता O लेकिन O जैसे O - O जैसे O जनसंख्या O बढ़ O रही O है O , O वर्तमान O चुनौतियां O विकराल O रूप O धारण O करती O जा O रही O हैं O । O भारतीय O कृषि O : O सफलता O की O गाथा O भारतीय O कृषि O राष्ट्रीय O अर्थव्यवस्था O का O अत्यंत O महत्त्वपूर्ण O क्षेत्र O है O क्योंकि O देश O की O आबादी O का O बड़ा O हिस्सा O कृषि O और O संबंधित O क्षेत्रों O में O लगा O हुआ O है O । O बेरोजगार O युवाओं O को O कुटीर O उद्योगों O से O जोड़ें O लेकिन O लघु O एवं O कुटीर O उद्योगों O पर O ज्यादा O जोर O नहीं O दिया O गया O इसलिए O ग्रेजुएट O पोस्ट O ग्रेजुएट O बेरोजगारों O की O फौज O करोड़ों O में O तैयार O हो O गयी O है O वो O तो O मोटी O कमाई O वाली O नौकरी O पाना O चाहते O हैं O । O ऐसी O मानसिकता O से O देश O में O सुस्ती O और O आलस्य O का O माहौल O पैदा O हो O रहा O है O । O ऐसा O होने O पर O ही O सरकार O की O सफलता O वास्तविक O मानी O जाएगी O । O इसलिए O यह O जरूरी O हो O जाता O है O उच्च O शिक्षित O बेरोजगारों O का O ध्यान O इस O तरफ O आकृष्ट O कर O उन्हें O जीवन O में O खुशहाली O लाने O का O भरोसा O जगायें O । O मध्यमवर्गीय O नौजवानों O को O नौकरी O नहीं O मिलती O है O तो O वो O बिजनेस O कर O लेते O हैं O । O उन्हें O धन O मुहैया O करने O के O लिए O पारदर्शी O सिस्टम O अपनाना O चाहिए O । O इनके O विकास O के O लिए O सिर्फ O सरकार O की O जवाबदेही O ही O नहीं O है O वरन O उन O रिटायर्ड O नौकरशाहों O की O जवाबदेही O बननी O चाहिए O जो O अपने O बेटे O बेटियों O के O लिए O सब O कुछ O लुटा O देते O हैं O । O जब O इन O काबिल O लोगों O की O ऐसी O अस्वस्थ O मानसिकता O है O तो O इसे O बदलने O के O लिए O कौन O पहल O करेगा O । O उच्च O - O शिक्षित O गरीब O नौजवान O अपनी O तथा O अपने O परिवार O की O भूख O मिटाने O के O लिए O कहीं O परेशान O होकर O छोटी O मोटी O नौकरी O करने O लगते O हैं O । O उन्हें O इस O स्थिति O से O संतोष O नहीं O होता O है O और O घुट O घुट O कर O जिंदगी O भर O मरते O हैं O । O हमें O हमेशा O याद O रखना O चाहिए O कि O विकसित O देशों O की O जनसंख्या O बड़ी O तेजी O से O अधेड़ O होती O जा O रही O है O । O इस O पोर्टल O से O राजस्व O , O पुलिस O , O आवास O , O भूजल O , O सिंचाई O , O मत्स्य O पालन O , O श्रम O , O उद्योग O , O समाज O कल्याण O , O नगर O निगम O , O चिकित्सा O और O स्वास्थ्य O , O बिजली O और O अन्य O विभाग O जुड़े O हुए O हैं O । O पोर्टल O आधार O संख्या O के O माध्यम O से O शिकायत O रिकॉर्ड O करेगा O । O इसका O उपयोग O करके O , O लोग O अपने O आवेदन O की O प्रगति O को O ट्रैक O कर O सकते O हैं O । O शिकायत O सरकार O के O पंजीकृत O ट्रैक O और O संबंधित O विभाग O को O भेज O दी O जाएगी O । O हेल्पलाइन O - O इस O पंजीकरण O संख्या O का O उपयोग O उसकी O शिकायतों O की O स्थिति O , O अनुस्मारक O भेजने O के O लिए O और O कार्रवाई O की O स्थिति O को O देखने O के O लिए O किया O जा O सकता O है O । O यह O सॉफ्टवेयर O वार्षिक O संचालन O योजना O और O बजट O की O त्वरित O तैयारी O के O लिए O बेहतर O रूप O में O काम O करेगा O जबकि O लागत O में O उतार O - O चढ़ाव O की O जांच O के O लिए O परियोजनाओं O को O समय O पर O कार्यान्वित O करके O भ्रष्टाचार O और O निधियों O का O दुरूपयोग O रोकने O के O लिए O पारदर्शिता O को O सुनिश्चित O किया O जाएगा O । O यह O सॉफ्टवेयर O परियोजना O प्रबंधन O , O वार्षिक O योजना O , O तीसरे O पक्ष O की O निगरानी O और O फ़ाइल O प्रबंधन O जैसे O बहुमुखी O मॉड्यूल O प्रदान O करता O है O । O राज्यों O में O जनशिकायत O निवारण O प्रणाली O की O सीमाएं O - O विभिन्न O राज्यों O में O विभिन्न O मॉडल O हैं O किंतु O सभी O जगह O समस्याएं O लगभग O समान O ही O हैं O । O मतलब O कानून O के O प्रावधान O और O सर्वोच्च O अदालत O के O बीच O विवाद O की O स्थिति O । O अब O प्रस्तावित O कानून O में O नामांकन O से O जुडे O अधिकार O को O साफ O कर O दिया O है O जिससे O आगे O किसी O भी O तरह O से O विवाद O की O स्थिति O नहीं O बने O । O विक्षिप्तों O , O दिव्यांगों O के O खाते O - O मौजूदा O कानूनों O के O तहत O ऐसे O खातों O के O परिचालन O को O लेकर O कोई O स्पष्ट O प्रावधान O नहीं O है O । O अब O प्रस्तावित O कानून O के O जरिए O इन O खामियों O को O दूर O करने O की O कोशिश O की O जा O रही O है O । O उम्मीद O है O कि O जब O प्रस्तावित O कानून O के O तहत O नियम O बनेंगे O तो O वहां O पर O इस O बात O की O स्पष्ट O व्याख्या O होगी O कि O विक्षिप्तों O या O दिव्यांगों O के O खातों O का O परिचालन O कौन O कर O सकता O है O , O उसके O लिए O जरूरी O शर्त O क्या O होगी O । O विविध O प्रावधान O - O मौजूदा O कानून O के O तहत O शिकायतों O के O निबटारे O के O लिए O स्पष्ट O इंतजाम O तो O नहीं O ही O है O , O साथ O ही O योजनाओं O के O लिए O तकनीक O का O इस्तेमाल O और O ब्याज O दर O तय O करने O के O आधार O को O लेकर O साफ O - O साफ O कुछ O नहीं O कहा O गया O है O । O यही O नहीं O शिकायतों O के O निबटारे O के O लिए O लोकपाल O की O नियुक्ति O करने O का O भी O प्रावधान O होगा O । O इससे O छोटी O बचत O योजनाओं O से O जुड़े O विवादों O का O समुचित O और O तेजी O से O निबटारा O संभव O हो O सकेगा O । O मौजूदा O और O नए O जमाकर्ताओं O / O निवेशकों O पर O असर O - O कायदे O - O कानून O में O बदलाव O की O बात O सामने O आने O के O बाद O किसी O भी O जमाकर्ता O के O मन O में O सबसे O पहले O यह O सवाल O आना O स्वाभाविक O है O कि O उनके O हितों O पर O क्या O असर O पड़ेगा O ? O क्या O आयकर O में O मिलने O वाली O छूट O खत्म O हो O जाएगी O ? O आयकर O में O राहत O और O ब्याज O दर O तय O करने O की O मौजूदा O व्यवस्था O पहले O की O तरह O कायम O रहेगी O और O जमाकर्ताओं O को O जो O भरोसा O दिलाया O गया O है O , O वह O बरकरार O रहेगा O । O दरअसल O , O इस O आशंका O के O पीछे O वजह O पीपीएफ O कानून O का O खत्म O होना O है O । O यह O कहा O जाने O लगा O कि O जब O कानून O ही O नहीं O रहेगा O तो O उसके O प्रावधानों O के O तहत O मिलने O वाली O सुरक्षा O भी O नहीं O रहेगी O । O इस O समय O अगर O किसी O व्यक्ति O के O खिलाफ O कानूनी O कार्रवाई O कर O चल O - O अचल O संपत्ति O जब्त O की O जाती O है O तो O उसमें O पीपीएफ O में O जमा O रकम O को O शामिल O नहीं O किया O जाता O । O इसका O मतलब O यह O हुआ O कि O पीपीएफ O जमा O को O कुर्क O नहीं O किया O जा O सकता O । O आम O तौर O पर O छोटी O बचत O योजनाओं O को O लेकर O यह O आलोचना O की O जाती O है O कि O यहां O ब्याज O दर O काफी O कम O है O । O नतीजतन O लोग O इन O योजनाओं O के O बजाए O शेयर O बाजार O और O म्यूचुअल O फंड O में O पैसा O लगाते O हैं O । O ऐसे O निवेशकों O को O लगता O है O कि O वे O रातोंरात O काफी O ज्यादा O कमाई O कर O सकते O हैं O । O लेकिन O वे O भूल O जाते O हैं O कि O शेयर O बाजार O में O जोखिम O बहुत O ही O ज्यादा O है O और O फायदे O का O किसी O तरह O का O पूर्वानुमान O लगाना O बेहद O मुश्किल O है O । O ज्यादातर O लोग O सुनी O - O सुनायी O बातों O पर O भी O निवेश O करते O हैं O जिसमें O हाथ O जलने O की O खासी O आशंका O होती O है O । O छोटी O बचत O योजनाओं O में O ऐसी O कोई O बात O नहीं O होती O । O यहां O यह O भी O ध्यान O रखना O जरूरी O है O कि O छोटी O बचत O योजनाओं O पर O बैंकों O की O बचत O योजनाओं O और O मियादी O जमा O से O कहीं O ज्यादा O ब्याज O मिलता O है O । O अंत O में O यह O याद O रखना O जरूरी O है O कि O सरकार O का O मूल O मंत्र O है O , O ' O मिनिमम O गवर्नमेंट O , O मैक्सिमम O गवर्नेंस O । O दूसरे O शब्दों O में O कहें O तो O सरकार O नहीं O , O शासन O ज्यादा O महत्वपूर्ण O है O । O इसी O कोशिश O में O सरकार O का O जोर O कानून O के O जाल O को O खत्म O करने O और O नियमों O को O सरल O व O सहज O बनाने O पर O है O । O छोटी O बचत O योजनाओं O को O लेकर O ताजा O पहल O इसी O प्रयास O का O हिस्सा O है O । O इस O प्रयास O से O बचत O को O बढ़ावा O मिलेगा O ही O , O साथ O ही O बेहद O आसानी O से O जमा O करने O की O भी O सुविधा O मिलेगी O । O सरकार O का O कहना O है O कि O वह O छोटे O बचतकर्ताओं O और O खास O तौर O पर O बालिकाओं O के O लिए O की O जाने O वाली O बचत O और O बुजुर्गों O की O ओर O से O की O जाने O वाली O बचत O से O जुड़े O हितों O को O बहुत O ज्यादा O प्राथमिकता O देती O है O । O उम्मीद O है O कि O कानून O में O फेरबदल O के O बाद O इस O प्राथमिकता O में O भी O कोई O बदलाव O नहीं O होगा O । O कोविड O 19 O के O मामलों O का O पता O लगाने O , O एकांतवास O की O निगरानी O और O शहर O के O विभिन्न O विभागों O के O बीच O तालमेल O और O लॉजिस्टिक्स O में O ऐप्स O की O प्रमुख O भूमिका O रही O । O चुनौतियां O और O आगे O का O रास्ता O कोविड O 19 O के O प्रकोप O के O दौरान O ई O - O शासन O परियोजनाओं O के O दायरे O का O अप्रत्याशित O गति O से O विस्तार O हुआ O । O इनमें O अनेक O नयी O विशेषताओं O और O नवाचारी O ई O - O अवसंरचना O को O जोड़ा O गया O । O सरकार O को O कोविड O के O बाद O की O स्थिति O में O निम्नलिखित O उपायों O के O जरिये O प्रभावशाली O * O ई O - O शासन O विकसित O करने O की O दरकार O है O - O ई O - O शासन O अवसंरचना O की O सरकारी O विभागों O और O एजेंसियों O के O बीच O अंतर O - O प्रचालकता O * O समावेशी O ई O - O शासन O ढांचे O का O विकास O ताकि O कोई O भी O इसके O दायरे O से O बाहर O नहीं O छूटे O * O प्रभावशाली O डाटा O संरक्षण O कानून O और O प्रशासनिक O विनियमों O का O निर्माण O * O सूचनाओं O की O चोरी O और O दुरुपयोग O से O बचने O के O लिये O डाटा O सुरक्षा O का O विकास O * O समावेशी O डिजिटल O पारिस्थितिकी O बना O कर O डिजिटल O विभाजन O घटाना O । O समावेशन O के O लिये O ई O - O साक्षरता O तथा O ज्यादा O उपयोग O के O वास्ते O सुलभता O को O बढ़ाना O * O संवहनीय O विकास O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O के O लिये O अनिवार्य O क्षेत्र O निर्दिष्ट O सेवा O पर O ध्यान O केन्द्रित O करना O * O सेवा O डिलीवरी O में O सुधार O के O लिये O नवीन O प्रौद्योगिकियों O को O अपनाना O और O समेकित O सेवा O डिलीवरी O पर O ध्यान O केन्द्रित O करना O । O ऐतिहासिक O परिप्रेक्ष्य O : O प्रमुख O आलेख O ब्यूरोक्रेसी O यानी O अफसरशाही O देश O के O प्रशासनिक O तंत्र O की O रीढ़ O है O जो O सरकार O की O स्थायी O कार्यकारिणी O शाखा O भी O है O । O इस O लेख O के O दूसरे O भाग O में O सिविल O सेवाओं O में O भर्ती O हुए O उन O शुरुआती O भारतीयों O की O बात O शामिल O की O गई O है O जो O संस्थागत O मूल्यों O और O प्रतिबद्धता O के O प्रति O अडिग O आस्था O रखते O हैं O । O इस O बारे O में O लेख O के O तीसरे O भाग O में O चर्चा O की O गई O है O जिसमें O संविधान O और O सिविल O सेवा O का O विश्लेषण O किया O गया O है O । O चौथे O भाग O में O भारतीय O सिविल O सेवा O की O अग्रणी O नेतृत्व O वाली O भूमिका O की O चर्चा O है O और O पांचवें O भाग O में O भारतीय O सिविल O सेवाओं O के O समक्ष O चुनौतियों O और O उनमें O अपेक्षित O सुधारों O का O उल्लेख O किया O गया O है O । O इस O पुरस्कार O में O कोई O नकद O प्रोत्साहन O राशि O नहीं O दी O जाती O । O चयन O के O मानदंड O और O तौर O - O तरीके O खंड O स्तरीय O समिति O , O जिला O स्तरीय O समिति O , O राज्य O पंचायत O कार्य O आकलन O समिति O और O क्षेत्र O जांच O दलों O द्वारा O किए O गए O व्यापक O आकलन O के O आधार O पर O और O पंचायत O द्वारा O उपलब्ध O कराई O गई O जानकारी O को O ध्यान O में O रखकर O पंचायतों O का O चयन O किया O जाता O है O । O पुरस्कारों O की O संख्या O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O से O प्राप्त O नामांकन O के O हिसाब O से O तय O होती O है O । O पुरस्कार O राशि O का O उपयोग O जीतने O वाली O पंचायत O सार्वजनिक O हित O के O कार्यों O के O लिए O करती O है O जैसे O लोगों O के O लिए O आजीविका O के O साधन O जुटाना O , O परिसंपत्तियां O बनाना O , O नागरिक O सुविधाओं O का O निर्माण O करना O और O उनकी O मरम्मत O कराना O और O विभिन्न O योजनाओं O के O लिए O केन्द्र O से O मिलने O वाली O राशि O में O भरपाई O करना O । O आउट O - O रीच O प्रसन्नता O की O बात O है O कि O राष्ट्रीय O पंचायत O पुरस्कार O देशभर O में O जागरूकता O फैलाने O और O जानकारी O के O आदान O - O प्रदान O का O माध्यम O बन O गए O हैं O जिससे O पंचायतों O की O सफलताओं O और O उपलब्धियों O को O जन O - O जन O तक O पहुंचाया O जाना O संभव O हुआ O है O तथा O राष्ट्रहित O के O कार्यों O में O लगे O सभी O लाभार्थियों O को O प्रोत्साहन O मिलता O है O । O मंत्रालय O देशभर O की O पंचायतों O की O भागीदारी O बढ़ाने O के O लिए O बराबर O प्रयास O कर O रहा O है O । O इससे O अन्य O पंचायतें O भी O प्रेरित O होंगी O । O इसके O लिए O इलेक्ट्रॉनिक O , O प्रिंट O और O सोशल O मीडिया O की O मदद O से O स्थानीय O स्तर O से O राष्ट्रीय O स्तर O तक O प्रचार O किया O जाना O चाहिए O । O योजना O की O उपलब्धियां O इन O वर्षों O में O प्राप्त O की O गई O सफलताएं O / O उपलब्धियां O नीचे O दी O जा O रही O हैं O : O समूची O प्रक्रिया O को O पारदर्शी O और O प्रभावी O बनाने O तथा O कार्य O तेजी O से O निपटाने O के O उद्देश्य O से O राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O से O कहा O गया O कि O पंचायतें O परिषदों O से O नामांकन O भेजने O का O पूरा O काम O ऑनलाइन O निपटाने O को O कहें O । O उन O ग्राम O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O देने O के O लिए O यह O पुरस्कार O शुरू O किया O गया O जिन्होंने O अपनी O जीपीडीपी O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेश O के O निर्दिष्ट O दिशानिर्देशों O के O अनुरूप O तैयार O की O है O । O इससे O राष्ट्रीय O पुरस्कारों O की O आउटरीच O का O पता O चलता O है O । O इस O अवधि O में O इन O पुरस्कारों O के O लिए O अनेक O पहल O / O सुधार O किए O गए O हैं O और O पंचायतों O की O ओर O से O नामाकंन O भेजे O जाने O से O लेकर O आगे O तक O की O समूची O प्रक्रिया O ऑनलाइन O बना O दी O गई O तथा O विशेष O क्षेत्रों O पर O पंचायतों O का O ध्यान O खींचने O के O लिए O पुरस्कारों O की O नई O श्रेणियां O / O विषय O शुरू O किए O गए O हैं O । O हालांकि O व्यापक O विचार O - O विमर्श O के O बाद O पुरस्कारों O की O नई O - O नई O श्रेणियां O बनाई O गईं O और O लक्ष्य O प्राप्त O करने O के O वास्ते O पुरस्कार O प्रणाली O में O सुधार O की O प्रक्रिया O लगातार O जारी O है O और O इसमें O बदलती O हुई O प्राथमिकताओं O को O पूरी O तरह O ध्यान O में O रखा O जा O रहा O है O । O पहले O की O व्यवस्था O में O ग्रामसभा O के O आचरण O और O परिणाम O पर O खास O ध्यान O दिए O बिना O विकास O योजना O तैयार O करने O और O प्रक्रिया O - O आधारित O पुरस्कार O देने O पर O जोर O रहता O था O । O ये O प्राथमिकताएं O व्यक्तिगत O होती O थीं O और O इनका O मूल्यांकन O बेहद O मुश्किल O होता O था O । O इसीलिए O प्रदर्शन O की O गुणात्मकता O को O आधार O मानकर O परिणाम O - O आधारित O मानक O अपनाए O गए O जो O ठोस O विकास O का O मूल O आधार O होते O हैं O । O इस O प्रणाली O की O मांग O बढ़ी O है O और O इस O पर O ध्यान O भी O केंद्रित O किया O जा O रहा O है O । O यह O वह O सीमा O रेखा O है O जो O वैश्विक O आर्थिक O इतिहास O में O आम O तौर O पर O घरेलू O उपभोग O में O कई O गुणा O विस्तार O से O जुड़ी O होती O है O । O इसमें O लोगों O की O जरूरतों O और O विलासिता O के O साथ O - O साथ O वस्तुएं O एवं O सेवाएं O खरीदने O की O क्षमता O में O भी O सुधार O देखने O को O मिलता O है O । O इस O आर्थिक O परिवर्तन O में O भारतीय O बैंकिंग O प्रणाली O को O अग्रणी O भूमिका O निभानी O होगी O । O हम O न O केवल O बैंकिंग O सेवाओं O में O निरंतर O वृद्धि O देखने O जा O रहे O हैं O , O बल्कि O हम O समाधान O और O वितरण O के O बढ़ते O परिष्करण O को O भी O देखेंगे O । O सुधारों O पर O बैंकिंग O क्षेत्र O की O प्रतिक्रिया O इस O विषय O पर O चर्चा O प्रारंभ O करने O से O पहले O इसकी O संक्षिप्त O ऐतिहासिक O पृष्ठभूमि O को O जानना O भी O अनिवार्य O हो O जाता O है O । O हालांकि O यह O परिदृश्य O धीरे O - O धीरे O बदलना O शुरू O हो O गया O क्योंकि O अर्थव्यवस्था O में O ऋण O प्रसार O की O प्रक्रिया O में O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O की O भूमिका O सहायक O बैंकों O से O बदलकर O मुख्य O उत्प्रेरक O के O रूप O में O हो O गयी O । O यह O तर्क O दिया O जा O सकता O है O कि O उपरोक्त O आंकड़े O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O परिसंपत्ति O गुणवत्ता O के O मामले O में O पक्षपातपूर्ण O हैं O जिनके O कारण O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O पर O बिना O वजह O का O भार O पड़ता O है O । O ग्राम O पंचायत O के O स्वशासन O , O पारदर्शी O और O जवाबदेह O कार्यप्रणाली O के O लिए O ग्राम O सभा O महत्वपूर्ण O है O । O ग्राम O सभा O वह O मंच O है O जो O प्रत्यक्ष O , O सहभागी O लोकतंत्र O को O सुनिश्चित O करता O है O । O आईसीसी O गतिविधियों O को O ग्राम O सभा O के O माध्यम O से O प्रसारित O किए O जाने O का O कार्य O पंचायतों O द्वारा O किया O जा O रहा O है O । O ग्राम O पंचायत O विकास O योजनाओं O की O निर्माण O में O अधिकाधिक O जनभागीदारी O सुनिश्चित O हो O और O ग्राम O सभाओं O के O माध्यम O से O विकास O योजना O के O लिए O सुझाव O आएं O इस O पर O विगत O वर्षों O से O बल O दिया O जा O रहा O है O । O संचार O , O शिक्षा O एवं O सूचना O गतिविधियों O के O माध्यम O से O इस O महत्वपूर्ण O कार्य O में O जनभागीदारी O को O बढ़ाया O जा O रहा O है O । O ऑनलाइन O डैशबोर्ड O आज O के O डिजिटल O युग O में O सूचना O एवं O संचार O का O सशक्त O माध्यम O है O । O आप O अपने O घर O में O बैठकर O देश O के O किसी O भी O कोने O की O रियल O टाइम O जानकारी O प्राप्त O कर O सकते O हैं O । O इन O डैशबोर्ड O में O पंचायत O स्तर O पर O योजना O के O क्रियान्वयन O की O जानकारी O प्राप्त O की O जा O सकती O है O । O यह O डैशबोर्ड O ग्रामीण O स्थानीय O निकायों O जैसे O ग्राम O पंचायतों O द्वारा O ग्राम O स्वास्थ्य O , O स्वच्छता O एवं O पोषण O समिति O ( O वीएचएसएनसी O ) O द्वारा O किए O जा O रहे O कोविड O कंटेंमेंट O एवं O उपचार O उपायों O की O जानकारी O तो O प्रदान O करता O ही O है O । O पंचायत O द्वारा O कोविड O - O 19 O के O प्रति O जागरुकता O के O लिए O की O जा O रही O गतिविधियों O का O डाटा O भी O प्रदान O करता O है O । O डिजिटल O युग O में O आज O सोशल O मीडिया O भी O सूचना O एवं O संप्रेषण O का O महत्वपूर्ण O माध्यम O है O । O यह O पत्रिका O मंत्रालय O के O अधिकारिक O पोर्टल O पर O डिजिटल O फॉर्म O में O भी O उपलब्ध O है O । O इस O वीएपी O में O गाँव O के O स्तर O पर O सभी O उपलब्ध O संसाधनों O के O तालमेल O से O इन O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O की O योजना O का O विस्तृत O विवरण O दिया O जाना O है O । O इस O समग्र O दृष्टिकोण O से O संसाधनों O के O न्याय O संगत O उपयोग O के O जरिए O जल O सुरक्षा O हासिल O करने O में O सहायता O मिलेगी O । O जल O जीवन O मिशन O का O सूत्र O वाक्य O “ O भागीदारी O निर्माण O , O जीवन O परिवर्तन O ' O है O । O इसके O तहत O ग्राम O जल O और O स्वच्छता O समितियों O ( O वीडब्ल्यूएससी O ) O को O योजना O बनाने O , O संसाधन O जुटाने O , O समुदायों O को O जोड़ने O , O सूचनाओं O के O प्रसार O और O महिला O भागीदारी O बढ़ाने O का O प्रशिक्षण O देने O में O क्रियान्वयन O समर्थन O एजेंसी O ( O आईएसए O ) O के O रूप O में O गैरसरकारी O , O समुदाय O आधारित O और O स्वैच्छिक O संगठनों O तथा O स्वयं O सेवा O समूहों O की O मदद O ली O जा O रही O है O । O इसके O माध्यम O से O पानी O को O हर O किसी O का O सरोकार O बनाने O का O प्रयास O किया O जा O रहा O है O । O इस O योजना O का O मकसद O ग्रामीण O समुदाय O और O ग्राम O पंचायतों O के O सहयोग O से O जल O संरक्षण O करना O है O । O जेजेएम O का O उद्देश्य O पेयजल O के O क्षेत्र O में O काम O करने O वाले O संगठनों O तक O पहुँच O कर O जनसाधारण O की O विशाल O क्षमता O का O उपयोग O करना O है O । O मिशन O में O उन O ट्रस्टों O , O फाउंडेशनों O और O गैरसरकारी O संगठनों O को O क्षेत्रीय O साझीदार O के O रूप O में O शामिल O किया O जा O रहा O है O जो O जेजेएम O के O लक्ष्यों O की O समयबद्ध O प्राप्ति O के O मकसद O से O समुदायों O को O संगठित O करने O और O उनकी O क्षमता O बढ़ाने O के O लिए O योगदान O के O इच्छुक O हैं O । O महिलाएं O पेयजल O क्षेत्र O में O सबसे O महत्वपूर्ण O हितधारक O हैं O । O इसलिये O जल O जीवन O मिशन O के O हर O कदम O से O उन्हें O जोड़ने O पर O ध्यान O दिया O गया O है O । O क्रियान्वयन O की O रणनीति O हर O घर O में O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O सुनिश्चित O करने O के O लिए O स्थितियों O के O अनुरूप O अलग O - O अलग O रणनीति O अपनायी O जा O रही O है O । O जिन O गांवों O में O पाइप O के O माध्यम O से O पानी O आपूर्ति O की O प्रणाली O पहले O से O मौजूद O है O उनमें O इसका O आकलन O कर O जरूरी O सुधार O किये O जा O रहे O हैं O । O इन O गांवों O में O हर O घर O को O नल O के O जरिए O जल O आपूर्ति O के O कनेक्शन O दिये O जा O रहे O हैं O । O और O इससे O पहले O कि O मैं O उनके O संदेश O और O उनके O जीवन O के O बारे O में O बोलूँ O , O मैं O अपनी O शुभकामनाएं O देने O में O महावाणिज्य O दूत O के O साथ O जुड़ना O चाहूँगा O । O तो O , O मेरी O तरफ O से O आप O सबको O हार्दिक O बधाई O । O उन्होंने O लोकतंत्र O के O वास्तविक O अर्थ O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O रूढ़िवादी O राजनीति O से O परे O सोचा O । O आप O सभी O जानते O हैं O , O वह O इसकी O मसौदा O समिति O के O अध्यक्ष O थे O । O मैंने O इसी O कनेक्शन O के O बारे O में O बात O की O थी O । O उन्होंने O इसी O विश्वविद्यालय O से O अर्थशास्त्र O में O मेजर O , O मास्टर्स O और O पीएचडी O की O पढ़ाई O पूरी O की O । O उनके O दृष्टिकोण O में O , O सबसे O गहरा O प्रभाव O अमेरिकी O लोकाचार O का O था O । O आम O आदमी O का O कल्याण O और O उनके O सामाजिक O - O आर्थिक O और O राजनीतिक O अधिकारों O की O रक्षा O - O ये O उनके O लिए O विश्वास O की O वस्तुएँ O थीं O । O वे O स्वरोजगार O और O उद्यमिता O के O हिमायती O थे O । O अमेरिकी O कार्य O नीति O और O प्रतिस्पर्धात्मकता O जो O उन्होंने O यहां O रहते O हुए O देखी O और O जिन्हें O उन्होंने O आत्मसात O किया O , O उनका O विकास O , O आर्थिक O अवसरों O , O आय O सृजन O और O नौकरी O - O सृजन O के O बारे O में O उनके O विचारों O को O आकार O देने O में O बड़ा O प्रभाव O पड़ा O । O